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Lustful Desires🔥(𝐁𝐋 𝐎𝐑 𝐆𝐋 𝐋𝐕 𝐒𝐓𝐎𝐑𝐘)

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Fictitious Writer| Falak

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Author’s Note / Disclaimer The original version of this story, titled "Stolen Kisses" was written as a straight couple romance. However, I am now rewriting and transforming it into a BL (Boys' Love) and GL (Girls' Love) version under the new t...

Total Chapters (4)

Page 1 of 1

  • 1. Lustful Desires🔥 Promo

    Words: 1002

    Estimated Reading Time: 7 min

    Author’s Note / Disclaimer

    The original version of this story, titled “Love, Lust and Friendship,” was written as a straight couple romance. However, I am now rewriting and transforming it into a BL (Boys' Love) and GL (Girls' Love) version under the new title: “Crushed Under Lust.”

    Set in an elite school where every student is a master manipulator, this story dives into a world where cold wars simmer beneath charming smiles, and intimacy blooms in the darkest corners of rivalry and emotional chaos. Behind the uniforms lie secrets, strategies, and dangerously addictive connections.

    Please be advised that this story explores dark romance, with intense themes of emotional and physical breakdowns, obsessive love, and intimidation dynamics. It contains explicit 18+ content, smut, and psychological tension that may be triggering for some readers.

    Genres: 18+ | BL | GL | Dark Romance | Smut | Psychological | Obsessive Love | Emotional Drama | School Romance | Mind Games

    This story is now being uploaded under the name “Love, Lies & Obsession.”

    It is an original work, fully conceptualized, written, and owned by me.

    All rights reserved. No part of this work may be copied, reposted, or reproduced without permission.

    Intended for mature audiences only. Readers...

    **Follow the Story!**

    This is just the beginning, and the story is about to take exciting turns! Stay tuned to follow the characters' journey, feel their emotions, and witness their dreams unfold.

    Share your thoughts, leave comments, and let us know where you'd like the story to go. Your feedback can make the story even more special. Keep following to see what happens next! Don't miss out on the romance, the drama, and the twists that await. Follow now and be a part of the adventure!))

    •°•°•°•°•°

    राधा की तबियत खराब थी और बेरी उससे मिलने आई थी..

    बेरी और राधा एक ही बेड पर लेटी हुई थी,,राधा उसके गर्दन पर बांहे कसे उसे ही प्यार से देख रही थी..

    “तू बस जल्दी से ठीक हो जा…!!बेरी ने उसके आँखों से चश्मा उतारते हुए कहा तो दोनों ही बेताबी से एक दूसरे के होंटो को चूमने लगी..

    दोनों को कोई होश ही ना रहा..

    बेरी उसके होंटो को ऐसे चुम रही थी कि जैसे कितनी दिन की पियासी हो..

    राधा ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली तो बेरी ने अपनी ज़ुबान से उसे सक किया..

    फिर राधा को आराम से उसने सोफे पर बिठा दिया..

    राधा लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी..

    “तुझे मैं बहुत अच्छा फील करवाती हूं ताकि तेरा सिर दर्द दूर हो जाए..”बेरी ने अपने होंटो पर ज़ुबान फेरते हुए राधा की तरह बहकती नज़रो से देखा..

    राधा की पेंट उसने आराम से निचे उतार फ़ेंकी,,राधा एक ब्लैक पेंटी पहने हुए थी..

    राधा ने अपनी टांगे खोल ली,,बेरी ने उसके गोरी टांगो को चूमा और शिद्दत से दांतो से काटने लगी..

    “अहह…!!राधा सिसक पड़ी तो बेरी तिरछी मुस्कान लिए अपनी उंगलियां राधा के मुंह में डाल गई,,राधा ने अच्छे से उसकी उंगलियों को सक किया और गिला कर दिया..

    फिर बेरी ने उसकी पेंटी को निचे खिसकाया जहाँ राधा आलरेडी बहह रही थी..

    बेरी उसके गुलाबी पंखुड़ी को देख बेताब हो उठी और अपना चेहरा करीब ले जाके ज़ुबान से अच्छी तरह चाटा…

    “अह्ह्ह्ह स…सक….इट यस यस…..अह्ह्ह बे….री…..!!

    राधा सिसकती ही रही..

    बेरी ने अपनी गीली उंगलियां राधा के गहराई में डाली तो राधा छटपटा उठी,,वह बुरी तरह कराहने लगी..

    बेरी तेज़ी से उंगलियां अंदर बाहर कर अपनी ज़ुबान से उसकी पंखुडियो के मुंह को सहला रही थी..

    “ममम…अह्हह्ह्ह्ह…हहहहहह….ये…..ब ……..

    राधा के मुंह से अजीब अजीब आवाज़े सिसकियाँ बन कर निकल रही थी..

    बेरी ने चेहरा उठाया और राधा के सीने के गर्दन पर झुकी बाईट करने लगी और निचे उसकी दो उंगलियां तेज़ी से चल रही थी..

    राधा प्लेज़र की आखिरी हद तक थी तभी उसने बेरी को कसके पकड़ लिया और झटके खाती हुई छूट गई..

    लेकिन बेरी रुकी नहीं और राधा को आराम से उठाकर गोद में बिठा लिया और अब तीन उंगलियां अंदर बाहर तेज़ी से करने लगी…

    राधा बेरी के हाथ पकड़ने की नाकाम कोशिश करती रही लेकिन बुरी रुकी नहीं,,राधा की सांसे बेहद तेज़ होगई..

    बेरी ने राधा को नार्मल करने के लिए उसके होंटो पर होंट रख दिए लेकिन राधा से अब बर्दास्त नहीं हो रहा था इसलिए वह बेरी के होंट छोड़े बुरी तरह सिसक रही थी..

    बेरी ने अपनी उंगलियों में गाढ़ी सफ़ेद मलाई महसूस की तो समझ गई कि राधा कम कर गई थी..

    बेरी उसके गर्दन और पूरे चेहरे पर चूमती रही..

    “डेट्स माई गर्ल…!!बेरी ने उसे कसके बांहो में जकड़ लिया..

    राधा को पहली बार इतना मज़ा आया था ऊपर से वह सारी टेंशन भी भूल गई थी..

    राधा आहिस्ता आवाज में बोली…”लव यु…लव यु सो सो मच….!!

    बेरी भी मुस्कान लिए बोली,,”लव यु टू स्वीटहार्ट…!!

    फिर राधा के पीछे कमर पर हाथ ले जाके वह मसलने लगी…

    थोड़ी ही देर में राधा बेरी के ऊपर बैठी सिसक रही थी,,बेरी तेज़ी से उसके गहराई में ज़ुबान डाले मिठास चख रही थी..

    “ब…बेरी इनफ…होगा…होगया…!!राधा बेडशीट मुठियो में जकड़ गई लेकिन बेरी ने उसे इतनी आसानी से नहीं छोड़ा,,वह उसके कमर को पकड़े आगे पीछे करती ही रही फिर ज़ब राधा थक गई तो बेरी उसके हाथ पकड़ अपने निचे ले गई..

    “बस कुछ नहीं ज़रा सा छू ले मुझे सुकून मिल जायेगा…”बेरी उसके हाथ को पकड़े निचे रगड़ती फिर वह भी डिस्चार्ज होगई तो राधा को सीने से लगाए लेट गई..

    It's_Just_Beginning..🔥

    (ओके देन ये स्टॉलेन किसेस ही स्टोरी है बट क्यूंकि मुझे उसका प्लॉट कुछ खास पसंद नहीं आया जिसकी वजह से मैं इसे बिलकुल नए अंदाज़ में लिख रही हूं...

    bl और gl वर्शन में,मचयूर एंड समट एंड 18+....तो पढ़े क्यूंकि थोड़ी स्पाइसी होगी बट स्टोरी अच्छी होगी एंड जिन्हे नहीं पसंद कोई नहीं वह नहीं पढ़े...होम्योफोबीक लोग दूर रहे क्यूंकि अगर lgbtq को लेकर उनकंफर्टबल हैँ तो कोई नहीं...आप नार्मल स्टोरी पढ़ सकते हैँ...

    बाकि अब कहानी बदली होगी और किरदार वही बस नए अंदाज़ में मिलेंगे तो पढ़े एंड कमैंट्स ज़रूर करें..

    मैं पास्ट में सुमन की भी थोड़ी बहुत स्टोरी दिखाउंगी जो gl स्टोरी ही होगी तो बस सपोर्ट करते रहये❣️)

  • 2. Lustful Desires🔥 Chapter 1

    Words: 1585

    Estimated Reading Time: 10 min

    वक़्त पानी के बुलबुले की तरह पल भर में गायब होता जा रहा था...

    सुमन की जिंदगी पूरी तरह बदल गई थी ज़ब से बच्चे बड़े हुए थे उसने कॉलेज जाना भी छोड़ दिया क्यूंकि उसने बस शोकिया नौकरी की थी ऊपर से अब दो बच्चे नहीं 3 बच्चे हो गए थे...

    सुमन की जिंदगी में सिर्फ समर और राधिका नहीं अब स्वाति भी आगई थी...

    5 साल की छोटी स्वाति अब सबकी जान बन गई थी..

    अब तो राधिका अग्निहोत्री पूरे 18 साल की हो गई थी और अब वह हाई स्कूल भी जाने लगी थी...

    राधिका को सब प्यार से राधा कहते थे...

    समर 14 साल का था और बहुत ज़िद्दी और शरारती था लेकिन पूरे घर में वह राधा को बहुत परेशान करता था जिसकी वजह से सात्विक और सुमन की डांट उसे पड़ती थी..

    आलिया उसकी कज़न भी राधा की हम उम्र थी लेकिन दोनों अलग अलग फील्ड़ में थे...

    आलिया को डॉक्टर बनना था और राधा को इंजीनियर...

    राधा का आज आपने नए स्कूल में पहला दिन था...

    राधा को बहुत अकेलापन महसूस हो रहा था क्यूंकि प्राइमरी स्कूल की सारी उसकी दोस्त दूर होगई थी सब ही अलग अलग फिल्ड में चला गया था कोई तो हाईर स्टडीज के लिए शहर ही छोड़ कर चला गया था...

    राधा ने यहाँ तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की थी,, बोर्ड के एग्जाम के बाद वह कॉमर्स लिए पढ़ रही थी... उसको बस अपनी जिंदगी में कामयाबी हासिल करनी थी जिसके लिए वह बहुत मेहनत कर रही थी..

    राधा स्कूल यूनिफार्म पहन आँखों में बड़ा सा ग्लासेज लगा कर बेग हाथों में लिए खड़ी चिल्ला कर बोली...

    "मम्मी जा रही हूं...."

    सुमन उसकी आवाज सुन उसकी टिफ़िन बॉक्स ले आई..

    "क्या मम्मी...मैं अब कोई छोटी सी बच्ची नहीं हु... और मैं तो टिफिन केंटीन से कर लुंगी...."राधा मुंह बना के बोली..

    "शटअप और हाँ पहला दिन है सबसे अच्छे से बाते करना और दोस्ती भी कर लेना... किसी से कोई झगड़ा नहीं, कोई मार पिट नहीं,, बड़ी हो गई है तो खुद में मेचयूरीटी लाओ... "सुमन की बात पर राधा उसके गाल को चुम कर बाहर निकलने को हुई तभी समर उस से टकरा गया..

    "अंधों की तरह क्यों चल रहा है...."राधा चीख कर बोली..

    "तु खुद होगी अंधी... पहले बात करना सिख... बदतमीज़ कहीं की...!!समर भी उंगलियों के बिच बाइक की चाबी घुमाता हुआ अकड़ के बोला..

    "तमीज से तो तुझे बात करनी चाहिए... पूरे 4 साल तुझसे बड़ी हु....दीदी बोला कर समझा, गधा कहीं का..."राधा उसके कंधे पर मुक्का जमा कर बोली तो समर दर्द से चिल्ला दिया..

    "मार डाला रे.... पापा मम्मी....."

    समर की आवाज सुन सुमन दौड़ती हुई आई और खतरनाक नज़र से दोनों को घूर कर बोली..

    "कितनी बार समझाया.... भाई बहन हो तुम दोनों,, जानवरों की तरह लड़ो नहीं,, तुम दोनों का बस चले तो एक दूसरे को नोच खाओ....."

    राधा जल्दी से बोली...

    "माँ ये आज फिर.... स्कूल से बंक मार कर बाइक रेसिंग को गया था...!!

    सुमन झुकी और और आपने पैरों से स्लीपर उतार कर हाथो में ले लिया...

    "राधा तु स्कूल जा आज इस समर को तो मैं बताउंगी... और सात्विक जी को आने दे.... आज अगर तु घर से बाहर निकला तो खेर नहीं..."सुमन मुठिया बंद कर ग़ुस्से में बोली..

    राधा मुस्कुराती हुई बाहर निकल गई..समर को मार पड़ने की बहुत ख़ुशी थी...

    राधा जैसे ही बाहर निकली उसे राधे दिखा जो खास कर उसे पिक करने आया था..

    "चाचू.... आप,, अंदर आए ना...."

    राधा ने कहा..

    "नहीं.... बाद में आऊंगा तुम आजाओ स्कूल तुम्हे ड्राप करना है....सात्विक भाई ने कहा था वरना तुम तो जानती हो वह होता तो तुम्हे खुद छोड़ने जाता..."

    राधे मुस्करा कर बोला तो राधा दौड़ कर आई और मेरसीडीस में बैठ गई...

    राधे को राधिका जान से भी ज़्यादा प्यारी थी...

    ज़ब सात्विक घर पर नहीं होता तो सब कुछ राधे ही हेंडल करता था...

    राधा की आपने चाचू से बहुत अच्छी बॉन्डिंग थी, सिर्फ राधे से ही नहीं शांति चाची भी उसकी दोस्त जैसी थी...

    रास्ते भर राधे ने राधा को बहुत समझाया और उसे मोटीवेट भी किया और ढेर सारे बेस्ट ऑफ़ लक के साथ उसे स्कूल के अंदर ले आया और प्रिंसिपल ऑफिस जा कर राधिका को ले कर खास कर बात किया ताकि उसे कोई भी परेशानी ना हो...

    राधा को उसकी क्लास टीचर मन्नत शिखावत के साथ भेज दिया गया और राधे भी प्रिंसिपल को राधा का ख्याल रखने का बोल कर स्कूल से निकल गया..

    स्कूल में लड़कियां वाइट शर्ट और ब्लु लॉन्ग स्कर्ट पहनती थी... वही लड़के वाइट शर्ट और ब्लू पेंट पहनते थे... बाक़ी टाई तो लड़की और लड़के दोनों गले में बांधते थे...

    मन्नत मेम उसकी क्लास टीचर थी...

    मन्नत मेम के साथ वह अपने क्लास में आई जहाँ लडके, लड़कियां सब उसे घूर रहे थे..

    "स्टूडेंट्स.... प्लीज साइलेंस....."

    मन्नत मेम की आवाज पर सब खामोश होगये...

    "ये राधिका अग्निहोत्री है... न्यू एडमिशन,, ये आज से आप लोगों को अटेंड करेंगी... सो बी फ्रेंडली और हाँ एक दूसरे की मदद करना...

    फिर वह राधा की तरफ देख कर बोली..."तुम एक महीना लेट हो, और हमारा सेलेब्स आगे निकल गया है.... इसलिए तुम किसी से नोट्स ले लेना या कोई भी परेशानी हो तो तुम मुझसे पूछ सकती हो..."

    राधा ने थैंक्यू कहा और मन्नत मेम ने उसे क्लास की टॉपर लड़की के साथ बैठाया...

    मन्नत मेम क्लास से निकलने वाली ही थी तभी वह रुकी और बोली...

    "मैं दो मिनट में आरही हु तब तक सब खामोश रहेंगे... और हाँ समीर नोट्स ज़ेरोक्स कर राधिका को दे देना..."

    "ओके डोंट वरी मैडम..."लास्ट बेंच से किसी लड़के की गंभीर आवाज़ आई..

    राधा फर्स्ट रॉव में लगे एक लड़की के साथ बैठी थी...

    राधा थोड़ा झिझक रही थी क्यूंकि सारे क्लास की लड़कियां और लड़के उसे ही घूर रहे थे, कुछ आपस में खुसर फुसर भी कर रहे थे, कुछ हँस रहे थे…

    राधा के साथ बैठी लड़की उसका चेहरा देख, कुछ याद करने की कोशिश में लगी थी।

    "सात्विक अंकल.... तुम्हारे पापा हैं ना..." वह लड़की बोली। तो राधा हैरान सी हो गई।

    "तुम्हें कैसे पता.... एक मिनट, तुम बेरी हो ना..." राधा ने अब उसकी तरफ नज़र उठाकर गौर से देखा। तो दोनों खुशी से चीखते हुए गले लग गईं।

    "ओह्ह्ह माय गुडनेस... वही! मैं कब से सोच रही थी, तुम्हें कहीं देखा है..." बेरी बोली।

    राधा भी बोली, "यार बेरी, सॉरी.... मैं तो भूल ही गई थी। शायद हम नर्सरी में साथ थे, फिर 4 क्लास तक तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड रही थीं।"

    बेरी हँस दी। "हाँ, उसके बाद मेरा स्कूल चेंज हो गया था... पर तुम मुझे हमेशा याद थीं, मेरी प्यारी सी राधा रानी।"

    राधा ने भी उसके गाल खींच दिए।

    देखते-देखते वे दोनों ऐसी लग रही थीं, जैसे सालों पुराना बिछड़ा हुआ कोई दोस्त यार मिल गया हो।

    अब बाकी क्लास में राधा को कोई दिलचस्पी नहीं थी, क्योंकि वह बेरी की दोस्त बन गई थी। बेरी से पूरा क्लास डरता था और अच्छे-अच्छों की उसके सामने बोलती बंद हो जाती थी।

    राधा आँखों पर चश्मा ठीक करती हुई बोली,

    "वैसे ये समीर कौन है? मेम ने कहा उससे नोट्स लेना है।"

    बेरी उसकी बात सुन पीछे मुड़ी, तो राधा भी पीछे मुड़ी।

    लास्ट बेंच पर एक 19 साल का बेहद हैंडसम लड़का बैठा था, जो उन दोनों की ही तरफ देख रहा था। उसकी आँखें हरी थीं, बहुत ही अट्रैक्टिव सी ग्रीन आँखें,,वह बहुत ज़्यादा हेंडसम लड़का था..

    पर राधा को कोई दिलचस्पी ना हुई..

    "यही है समीर... मुझे तो इसकी शक्ल से ही नफ़रत होती है। पता नहीं खुद को क्या समझता है... बस देखने में बहुत ज़्यादा हैंडसम है और आँखें ग्रीन हैं। बाकी कोई भी खास बात नहीं है।" बेरी मुँह बनाकर बोली।

    राधा हँस दी। वह बेरी को बचपन से जानती थी। अगर उसे किसी चीज से चिड़चिड़ापन लगे, तो वह उसकी शक्ल तक देखना गवारा नहीं करती थी।

    "वैसे मुझे क्या यार....मुझे तो सिर्फ अपनी बेरी उर्फ़ बरखा से मतलब है..”राधा उसके गले में बांहे डाल गई..

    राधा की बात पर बेरी भी मुस्कुरा दी।

    "हाँ, तुझे मेरे इलावा किसी से बात करने की कोई ज़रूरत नहीं है... खासकर इस समीर से ज़रा बचकर रहना। थोड़ा अजीब सा है... लास्ट बेंच में बैठता है और जल्दी किसी से बात भी नहीं करता।" बेरी उसे अब सब के बारे में बताने लगी।

    राधा सोचने लगी। वह खुद कितनी शरीफ है, यह बस वही जानती थी। राधा अच्छे से जानती थी, उसे अपने ऊपर अब कण्ट्रोल रखना है। हर बात का जवाब उसे मार-पीट से नहीं देना है। झगड़े से दूर रहना है और पढ़ाई पर कंसंट्रेट करना है।

    फिर क्लास टीचर मन्नत मेम आईं, तो राधा का सारा फोकस पढ़ाई पर चला गया। सारे क्लासेज अटेंड करने के बाद राधा ऑफिस रूम जाकर अपना नाम और नंबर वगैरह रजिस्टर कर आई।

    बेरी उसके साथ-साथ ही थी। बेरी ने उसे पूरा स्कूल दिखाया। यह हाई सेकेंडरी स्कूल कम और कॉलेज ज़्यादा लग रहा था, क्योंकि यह बहुत ही बेस्ट स्कूलों में से एक था।

    फिर राधा वाशरूम आई जहाँ बेरी ने उसे पीछे से बांहो में जकड़ लिया..

    “सचमे मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं कभी तुझसे मिल भी पाउंगी..पर शायद भगवान को भी यही मंजूर था इसलिए हम दुबारा से मिल गए..”

    राधा अपने पेट में कसे बेरी के हाथों पर प्यार से हाथ रख सहलाने लगी..”अब हम साथ रहेंगे…”

    बेरी बस उसके कंधे पर अपना चेहरा टिकाये राधा के बदन से उठती खुशबु में डूबने लगी..

    “वैसे तेरी हाईट मुझसे ज़्यादा लम्बी होगई है..”राधा पीछे मुड़ी और बेरी की तरफ मुड़ गई..

    बेरी शरारती अंदाज़ में बोली..”कोई ना तुझे गोद में आराम से उठा लुंगी..”

    “हट….!!राधा उसके बाज़ू में मुक्का मार कर हँस पड़ी..

    Continued...

  • 3. Lustful Desires🔥 Chapter 2

    Words: 1057

    Estimated Reading Time: 7 min

    राधा जब लाइब्रेरी आई, तो सारे स्टूडेंट्स दिखे, जो शायद उसके क्लासेज से थे और कुछ सीनियर भी थे।

    बेरी कैंटीन गई थी, इसलिए राधा अकेली थी।

    राधा अपने स्लेबस के हिसाब से किताबें लेकर एक खाली टेबल पर बैठ गई। तभी उसके सामने कोई आ बैठा।

    "ये सारे नोट्स हैं... और कुछ चाहिए तो कहना।" समीर सामने आ बैठा था।

    राधा सारे नोट्स को देखकर बोली, "शुक्रिया... और एक बात थी..."

    समीर उसकी तरफ आँखें उठाकर देखने लगा।

    "ये देखो ना... यहाँ कोई भी किताब स्लेबस के हिसाब से नहीं मिल रही है।" राधा सामने रखी किताब की तरफ इशारा करके बोली।

    "ये लाइब्रेरी बेकार है। पता नहीं कौन से ज़माने से यहाँ ये पुरानी, ओल्ड स्लेबस की किताबें पड़ी हैं। तुम्हें सब बाहर से किताबें लेनी पड़ेंगी, और हो सके तो जल्द से जल्द कोई अच्छी कोचिंग सेंटर ज्वाइन कर लो।" समीर गंभीरता से बोला।

    राधा थोड़ा परेशान हो गई और अपना चश्मा उतारकर आँख मलने लगी।

    "ज़्यादा परेशान होने की ज़रूरत नहीं है... किसी भी कोचिंग सेंटर को ज्वाइन कर लो... वहाँ से तुम्हें सारे नोट्स मिल जाएँगे।" समीर लापरवाही से बोला।

    राधा सर पकड़े बैठी रही।

    "ये तुम इतनी बड़ी ग्लासेज लगाती हो..." समीर ने उसका मूड लाइट करने को कहा।

    "हाँ यार, आदत है। कुछ दिखता नहीं है।" राधा हल्का सा मुस्कुरा दी।

    "ओह्ह्ह फिर लेंस लगाया करो... ये अजीब नहीं लगता, मतलब इतना बड़ा चश्मा.....!!" समीर उसकी तरफ देखकर बोला।

    राधा की हज़ेल आँखें काफ़ी खूबसूरत थीं। ऊपर से उसका निखरा-बिखरा सा रूप... गोरा, दूधिया रंग और भूरे लम्बे बाल जो पोनीटेल में बंधे थे।

    समीर राधा के चेहरे पर ही अटक गया था, तभी पीछे से बेरी की आवाज़ आई।

    "लगता है तुम दोनों की दोस्ती हो गई है।"

    समीर उसकी तरफ देख अपनी आँखें छोटी करके बोला, "तुम्हें कोई प्रॉब्लम है क्या....!!"

    राधा उन दोनों को देखने लगी, जो एक-दूसरे को खतरनाक नज़रों से घूर रहे थे।

    बेरी उसकी तरफ देख गुस्से से बोली, "प्रॉब्लम तो बहुत है... क्योंकि राधा सिर्फ मेरी है, मेरी दोस्त है... और तुम चुपचाप यहाँ से खिसको, वरना....!!"

    समीर हाथ झाड़ता हुआ उठा और बोला, "बस यही सोचकर चुप हूँ, क्योंकि तुम एक लड़की हो। बाकी मुझे तुमसे मुँह लगने का कोई शौक नहीं है।"

    समीर वहाँ से चला गया।

    बेरी तमीलाई हुई समीर को जाते हुए देखने लगी।

    "बदतमीज़..." बेरी बोली और राधा के साथ बैठ गई।

    "बेरी, प्लीज़... मैं पहले ही 4 या 5 बार प्राइमरी स्कूल से सस्पेंड हो चुकी हूँ... और अब मैं कुछ भी लड़ाई-झगड़ा नहीं चाहती। अगर इस बार मेरी कम्प्लेन घर तक पहुँची ना, तो मम्मी मुझे घर पर बैठा देगी।" राधा अनायास ही सिर झुका गई।

    बेरी ने उसे सांत्वना देने के लिए उसके हाथ पर अपना हाथ रखा, ताकि वह थोड़ा बेहतर फील करे।

    बेरी ने उसे हँसाने के खातिर कहा, "ये तो वही बात हुई, सात चूहें खाकर......"

    राधा सिर उठाकर उसे घूरने लगी, तो बेरी झट से बोली, "मेरा मतलब है रानी, कि तुझे मुझसे ज़्यादा कौन जानता होगा, बचपन से मार-पीट, लड़ाई-झगड़ा करना और अब तू इतनी शरीफ हो गई है... ये बात हज़म नहीं हुई...!!"

    राधा तशन से बोली, "शरीफ हो गई हूँ, वरना तेरी इस बात पर तेरा मुँह तोड़ देती... वैसे अब मुझे सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई पर फोकस करना है।"

    बेरी उसके हाथ पर हाथ मारकर रह गई।

    “सिर्फ पढ़ाई…मुझे मत भूल जाना समझी..”

    राधा ने इधर उधर देखा और बेरी के गालो में ज़ोरदार चुम्मी दे दी..

    “अब्बे….अगल बगल भी देख लिया कर…!!बेरी चारों तरफ नज़रे दोड़ाने लगी लेकिन अच्छा था सब लाइब्रेरी में अपने अपने ग्रुप में बैठे पढ़ रहे थे..

    फिर स्कूल टाइम खतम हुआ तो बेरी की मेरसीडीस आई,,युवी ड्राइविंग सीट पर बैठा गंभीरता से बेरी के स्कूल के गेट से निकलने का वेट कर रहा था..

    जैसे ही बेरी आई युवी बाहर आके झुक कर बोला..”प्रिंसेस आज आपका दिन केसा गया..!?

    “बहुत बढ़िया…चलो अब सिर उठा लो…कितनी बार कहा मेरे स्कुल के बाहर तमाशा मत किया करो…!!बेरी को शर्मिंदगी सी हुई..

    राधा के लिए ये कुछ नया नहीं था क्यूंकि बेरी थी ही इतनी अमीर और युवी उसका खास बॉडीगार्ड..

    “आजाओ मैं तुझे घर ड्राप कर दूंगी..!!बेरी ने कहा तो राधा हाँ में गर्दन हिलाती मेरसीडीस में आ बैठी..

    राधा ने धियान दिया की ड्राइवर की सीट और उनके सीट के दरमियाँ एक मिरर वॉल है..

    “हाँ चल अब तू आगई है तो सुकून सा लग रहा है..”बेरी उसके कंधे पर सिर टिका गई..

    “तू कोई छोटी बच्ची नहीं है जो ये ड्रामा कर रही है…!!राधा चिढ़ गई तो बेरी ने उसके स्कर्ट के ऊपर से ही उसके थाई में ज़ोरदार चुटकी भरी तो राधा उछल कर रहगई..

    “तू कितनी कमीनी बन गई है…!!

    “मुझे तेरे फिगर से जलन होती है,,मतलब तू कितनी सील्म ट्रिम सी है..”बेरी उसके कमर पर बाज़ू लपेट गई..

    “जलन हाहाहाहा…!!

    तेरे पास जो है वह मेरे पास नहीं है…!!राधा डबल मीनिंग वाली बातें कर बेरी की उभरे हुए चेस्ट की तरह इशारा कर गई..

    बेरी ने एक घुसा झुका कर उसके पीठ पर जड़ दिया..

    “बेशर्म…!!

    राधा लेकिन ड्रामा करती हुई उसके सीने से लग गई..

    “मुझे थोड़ा सा तो फायदा उठाने दे,,ये कितने बड़े और मुलाइम है..”राधा बेरी के सीने में मुंह रगड़ने लगी..

    बेरी सीहर उठी लेकिन दूसरे ही पल उसने राधा के बालों को मुठियो में जकड़ लिया..

    “तेरा कुछ नहीं हो सकता…!!बेरी ने लम्बी सांस ली और उसका चेहरा ज़ोर से अपने सीने में दबा लिया और खुद आँखे मुंदे सीट से सिर टिकाये बैठ गई..

    राधा बस उसके सीने से लगी रही..

    राधा ने ये बस हंसी मज़ाक़ के लिए किया था लेकिन अब उसे अजीब सी बेचैनी उठती हुई महसूस हो रही थी..

    ये फीलिंग्स जो दिल में पैदा हो रहे थे ये अजीब थे,,पहली बार उसे इतनी बेक़रारी सी हो रही थी…

    वही बेरी आँखे मुंदे पड़ी थी..

    “ये…ये मैं क्या सोच रही हूं…मैं एक लड़की हूं…!!राधा दूर हुई और अब गंभीरता लिए बेरी को देखने लगी जो उससे उम्र में 2 या 3 साल बड़ी थी लेकिन उसका बदन कसा हुआ था..

    गुदाज़ सा मुलाईम ज़िस्म जिससे भीनी भीनी मेहंगी परफ्यूम की खुसबू आती थी..

    राधा ने चेहरा जल्दी से फेर लिया और खुद को नार्मल करने के लिए मेरसीडीस के विंडो से बाहर देखने लगी..

    बेरी की धड़कने भी बढ़ गई थी..

    इसमें कोई पूछने वाली बात नहीं थी कि उसे राधा कितनी पसंद थी लेकिन अब उसके पूरे ज़िस्म ओ जान में चुभन सी हो रही थी..

    𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...

  • 4. Lustful Desires🔥 Chapter 3

    Words: 1461

    Estimated Reading Time: 9 min

    राधा ज़ब घर आई तो सुमन उसके चेहरे पर ख़ुशी देख बोली..”पहला दिन स्कुल में केसा रहा…”

    राधा अपनी मम्मी के गले लगती हुई बोली..”बहुत ही अच्छा रहा मम्मी…और आपको पता है मुझे मेरी बचपन की बेस्टी बेरी भी मिल गई..”

    सुमन याद करती हुई बोली..”वही बेरी ना जो बचपन में मेरसीडीस में आती थी..!?

    राधा बैग सोफे पर फेंकती हुई बोली..”हाँ मम्मी वही,,वह बिलकुल नहीं बदली है बल्कि आज भी मैं उसके ही मेरसीडीस में बैठ कर आई हूं..”

    सुमन बस राधा की बातें सुनती रही फिर राधा थक हार कर अपने रूम में चली गई..

    रूम में आते ही राधा ने अपने चेहरे को हाथों में छुपा लिया..

    “ये सब मैं क्या सोच रही हूं…पागल होगई हूं क्या…!?

    राधा को रह रह कर बेरी की खुसबू अपने साँसो में उतरती हुई महसूस हो रही थी..

    “नह…नहीं…नहिई वह मेरी बस दोस्त है…अगर मैंने ज़्यादा सोचा तो हमारी दोस्ती भी टूट जाएगी…

    हाँ हम दोस्त हैँ…और दोस्तों में तो हंसी मज़ाक़,,फ़्लर्ट सब चलता है..!!राधा ने हर तरह से खुद को समझाया…

    फिर वह वाशरूम कपड़े बदलने गई तो चौंक गई,,वह गीली हो रही थी…

    उसके थाई में गिला पानी सा कुछ बेहह रहा था..

    “शिट…मैं इतनी हॉर्नी कब से होगई,,बेरी के टच से ही मैं गीली होगई हूं…सिर्फ उसे सोच सोच कर मेरा हाल बेहाल हो रहा है..”

    राधा ने कपड़े उतारे और बाथटब में बैठ कर टांगे फैलाई बैठी रही..

    राधा ने आँखे बंद कर ली और खुद अपने आप को छूने लगी और सिसकियाँ भरने लगी..

    “उफ्फ्फ बेरी….बे….बेरी….!!राधा ने अपने हाथ से टांगो के बिच चूहा फिर तेज़ी से ऊँगली डाले तेज़ी से सिसकती रही..

    “ब…बे…ब…बी…बेरी…टच…टच मी..प्लीज….अह्ह्ह्ह हहहहहह…ममममम….!!

    राधा बेरी का नाम लिए आँखे मुंदे उसे अपने सामने इमेजिन कर रही थी..

    वह तेज़ी से रगड़ खाती रही तभी उसकी पूरी बॉडी अकड़ी और वह कपकपा उठी…

    राधा ने अपनी उंगलियां को आँखों के सामने कर शर्म से देखा..

    “मैं लेस्बियन नहीं हूं फिर भी बेरी को देख मैं आउट ऑफ कण्ट्रोल हो रही हूं…!!

    राधा ने दुबारा से आँखे मुंद ली..

    _______

    दूसरे दिन राधा ज़ब स्कूल पहुंची तो बेरी गार्डन में बैठी थी...

    राधा ने फ़ोन स्विच ऑफ कर दिया, स्कूल में फोन अलावड़ तो था लेकिन क्लासेज में फ़ोन साइलेंट रखना था..

    राधा भी सीधा गार्डन की तरफ चली गई जहाँ बेरी उसे देख उसकी तरफ बढ़ गई..

    "क्या हुआ... तू यहाँ क्यों बैठी है..."

    राधा उसकी परेशानी देखती हुई बोली..

    "अरे रानी... तुझे क्या बताऊ मेरा फोन गायब हो गया है... वही मैं ढूंढ रही हूं..."बेरी फिर से अपना बेग चेक करने लगी..

    "कहीं किसी ने चोरी तो नहीं कर ली.....!!

    राधा सोचती हुई बोली...

    "चोरी.... वह भी मेरे बेग से,,, इतनी हिम्मत किस की होगई... "बेरी अपनी आँखों को छोटी कर बोली..

    राधा तिरछी मुस्कान लिए बोली..."मानती हूं तुझसे सब डरते है क्यूंकि तू क्लास की मॉनिटर है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि चोरी नहीं हो सकती... ज़्यादा ओवर कॉन्फिडेंस होना अच्छा नहीं है...."

    बेरी उसकी बात सुन सोचने लगी फिर बोली.. "राधा माँ आपके चरण..... आप इतनी समझदार कब से होगई..."

    राधा चिढ के बोली.. "प्लीज यार... मेरा मज़ाक मत बनाया कर.... कभी रानी तो कभी राधा माँ बोलती है..."

    बेरी उसके गले में बांहे डाल कर ज़ोर से हंसने लगी..

    "अरे पागल छोड़ मुझे..."राधा उसके कमर पर मुक्का मार के बोली..

    दोनों में मस्ती होने लगा... हँसते कूदते दोनों क्लास में पहुंची तो सारा क्लास खामोश हो गया..

    बेरी फर्स्ट बेंच पर आके बैठ गई,,राधा भी उसके बगल वाली सीट में आके बैठ गई..

    "वैसे बेरी... क्लास में हमेशा फर्स्ट रेंक कौन लाता है..."राधा कब से ये सवाल करना चाह रही थी...

    "मैं.... या समीर... हम दोनों में टफ कम्पटीशन लगी रहती है... अगले साल बस एक नंबर से मैं सेकेंड आई थी... इसलिए भी मुझे उससे चिढ़ और पता नहीं क्यों अजीब सी नफ़रत होती है..."बेरी नाक चढ़ा के बोली उसकी करली बाले चेहरे पर बार बार आरही थी..

    राधा ने सोचा उसे ज़्यादा मेहनत करनी पड़ेगी...

    "तू फिर टेंशन लेने लगी... मुझे पता है तुझे हमेशा फर्स्ट आने की आदत है,, इतना ज़्यादा सोच मत रानी बस अपनी जिंदगी को एन्जॉय कर...."बेरी उसके गले में बांहे डाल के बोली तो राधा भी ठंडी सांस भर कर रह गई..

    तभी समीर आया और उन दोनों को एक नज़र देख लास्ट बेंच पर जा बैठा,, समीर को देख सारी लड़कियां संभल के बैठ गई थी और उसे अपनी तरफ अट्रैक्ट करने केलिए क्यूट सी हरकते करने लगी..

    फिर थोड़ी देर बाद क्लास टीचर आई तो सब का ध्यान लेक्चर पर चला गया...

    क्लास के बाद ज़ब ब्रेक मिला तो सब क्लास से निकल गये क्यूंकि आधे घंटे बाद फिर एक क्लास था तब तक सब नाश्ता करने, कोई वाशरूम और कोई लाइब्रेरी जाके बैठ गया था..

    बेरी ऑफिस रूम चली गई थी क्यूंकि उसे कुछ ज़रूरी काम था...

    राधा क्लास में ही बैठी बुक्स में आँखे गड़ाए मार्कर से इम्पोर्टेन्ट कोटशन हाईलाइट कर रही थी...

    तभी कॉपी पर लिखते हुए उसका पेन निचे बेंच से गिर गया...

    राधा "शिट" बोल कर जैसे ही झुकी, उससे पहले ही समीर ने झुक के उसका पेन को उठा लिया..

    "ओह्ह्ह थँक्यू...."राधा समीर के हाथो से पेन लेती हुई बोली..

    "मैंने सुना है तुम ने वॉलीबॉल टीम रिसेंटली ज्वाइन किया है..."समीर के कहने पर राधा ने सिर हिला दिया..

    "ये लो ये फॉर्म पर अपना नाम, रोल नंबर और पेरेंट्स का फ़ोन नंबर लिख कर मुझे दो..."समीर ने अपने हाथ में पकड़ी हुई फ़ाइल से एक पेपर निकाल कर राधा की तरफ बढ़ा दिया...

    राधा ने जल्दी से सब फील उप कर उसकी तरफ पेपर बढ़ा कर कहा..."वैसे तुम्हे कैसे पता चला कि मैं वॉलीबॉल टीम में जोइनिंग हुई हूं...."

    समीर गंभीर आवाज में बोला... "मैं तुम्हारे टीम का कैप्टेन हूं..."

    "क्या...... राधा को झटका लगा वह उठ खड़ी हुई....

    "लड़के, लड़कियां एक ही टीम में है क्या....!!

    समीर को उसके चेहरे पर हैरत देख यक़ीन होगया कि राधा को कुछ भी पता नहीं है...

    "ये को-एजुकेशन वाला स्कूल है... यहाँ लड़के लड़कियां साथ पढ़ते है तो स्पोर्ट्स में भी साथ में होंगे...."समीर ने उसे सरल भाषा में सब समझा दिया..

    राधा क्यूंकि प्राइमरी से ही गर्ल्स स्कूल में पढ़ी थी इसलिए उसके लिए ये सब नया था..

    "डोंट वरी अबाउट दिस... हर चीज डिसिप्लिन से होती है.. स्पोर्ट्स क्लब में भी रूल्स मेंटेन किए जाते है.... तो चिंता मत करो..."समीर को लगा शायद वह लड़को से डर रही है...

    "ओके.... थेंक्स अगेन.... शुक्रिया तुम्हारा...."राधा ने कहा और वापस से बेंच पर बैठ गई..

    समीर वापस चला गया था...

    राधा डरती नहीं थी बस उसे ये बात सता रही थी कहीं वह गेम के दौरान किसी लड़के वड़के की पिटाई ना करदे... क्यूंकि उससे गुस्सा कण्ट्रोल जो नहीं होता था...

    राधा ने बेरी को एक मोटी गाली दी क्यूंकि अभी तक वह वापस नहीं आई थी,,राधा किताब वगेरा समेट कर लाइब्रेरी चली गई...

    लाइब्रेरी आज खाली खाली था,कुछ लड़के लड़कियां बैठे पढ़ रहे थे वही एक साइड समीर बैठा मोबइल ऑन किए कॉपी पर नोट्स उतार रहा था..

    राधा लास्ट रॉव में जाके किताबें चेक करने लगी... किताब मिल तो गए थे लेकिन बहुत ज़्यादा ऊपर वाले सेल्फ में थी... जहाँ तक उसका हाथ नहीं जा रहा था वह लम्बी थी लेकिन इतनी ज़्यादा भी नहीं,,5 फुट 4 इंच की हाईट उसे दुशवारी बना रही थी...

    तभी किसी ने पीछे से उसे अपने गोद में उठा लिया,,राधा सकपका गई क्यूंकि पीछे बेरी खड़ी थी..

    “यारर तूने तो मुझे डरा ही दिया..”राधा ने किताब सेल्फ से निकाल लिया तब बेरी ने उसे निचे उतारा तो दोनों के दरमियाँ बड़ी कम दुरी बची..

    दोनों की सांसे एक दूसरे से टकरा रही थी..

    “यारर ये तो कोई स्कुल ड्रामा वाला सीन होगया…!!राधा हँस पड़ी ताकि सिचुएशन नार्मल हो जाए..

    “मतलब मैं तेरी जिंदगी की हीरो हुई क्यूंकि मैंने तुझे यूँ गोद में उठाकर हेल्प जो की…”

    राधा उसके कानो में झुकती हुई बोली..”तू हीरो नहीं बल्कि मेरी हीरोइन है..”

    बेरी की धड़कने एक पल के लिए रुक गई..

    राधा आँखों में चश्मा सही करती हुई बोली..”मोबाइल का क्या बना..”

    बेरी ठंडी सांस भर कर बोली..”कुछ भी नहीं..बल्कि टीचर ने मुझे ही बातें सुनाई..”

    राधा प्यार से उसका हाथ थामते हुए बोली..”मिल जायेगा…परेशान ना हो..”

    बेरी ने उसे बुकसेल्फ के रेक से लगाते हुए कहा..”अब इतने प्यार से मत बोल..”

    राधा ने उसके चेहरा दूसरा तरफ घुमाया और उसके गालों में अपने होंट रख दिए..

    “रानी….तू बहुत बदमाश होगई है..”

    “तेरा ही असर है..”राधा की बात सुन बेरी उसका हाथ पकड़के गर्ल्स वाशरूम ले आई..

    “सिर्फ गालों में किश नहीं चलेगा..मेरे होंटो पर भी कर्म फरमा दे…”

    राधा बेरी की फ़्लर्ट सुन हंसने लगी..

    “दोस्तों में तो हर चीज चलता है…”राधा ने बेरी के होंटो पर नरमी से अपने होंट रख दिए..बेरी बस उसके कमर और हाथ फिराती रही..

    राधा को कुछ समझ नहीं आरहा था कि उसके साथ हो क्या रहा है…!?

    वह आखिर बेरी के हलके से स्पर्श से इतनी बेकाबू क्यों होती जा रही थी…

    𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...