Author’s Note / Disclaimer The original version of this story, titled "Stolen Kisses" was written as a straight couple romance. However, I am now rewriting and transforming it into a BL (Boys' Love) and GL (Girls' Love) version under the new t... Author’s Note / Disclaimer The original version of this story, titled "Stolen Kisses" was written as a straight couple romance. However, I am now rewriting and transforming it into a BL (Boys' Love) and GL (Girls' Love) version under the new title: “Lustful Desirs.”🔥 Set in an elite school where every student is a master manipulator, this story dives into a world where cold wars simmer beneath charming smiles, and intimacy blooms in the darkest corners of rivalry and emotional chaos. Behind the uniforms lie secrets, strategies, and dangerously addictive connections. Please be advised that this story explores dark romance, with intense themes of emotional and physical breakdowns, obsessive love, and intimidation dynamics. It contains explicit 18+ content, smut, and psychological tension that may be triggering for some readers.
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Author’s Note / Disclaimer
The original version of this story, titled “Love, Lust and Friendship,” was written as a straight couple romance. However, I am now rewriting and transforming it into a BL (Boys' Love) and GL (Girls' Love) version under the new title: “Crushed Under Lust.”
Set in an elite school where every student is a master manipulator, this story dives into a world where cold wars simmer beneath charming smiles, and intimacy blooms in the darkest corners of rivalry and emotional chaos. Behind the uniforms lie secrets, strategies, and dangerously addictive connections.
Please be advised that this story explores dark romance, with intense themes of emotional and physical breakdowns, obsessive love, and intimidation dynamics. It contains explicit 18+ content, smut, and psychological tension that may be triggering for some readers.
Genres: 18+ | BL | GL | Dark Romance | Smut | Psychological | Obsessive Love | Emotional Drama | School Romance | Mind Games
This story is now being uploaded under the name “Love, Lies & Obsession.”
It is an original work, fully conceptualized, written, and owned by me.
All rights reserved. No part of this work may be copied, reposted, or reproduced without permission.
Intended for mature audiences only. Readers...
**Follow the Story!**
This is just the beginning, and the story is about to take exciting turns! Stay tuned to follow the characters' journey, feel their emotions, and witness their dreams unfold.
Share your thoughts, leave comments, and let us know where you'd like the story to go. Your feedback can make the story even more special. Keep following to see what happens next! Don't miss out on the romance, the drama, and the twists that await. Follow now and be a part of the adventure!))
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राधा की तबियत खराब थी और बेरी उससे मिलने आई थी..
बेरी और राधा एक ही बेड पर लेटी हुई थी,,राधा उसके गर्दन पर बांहे कसे उसे ही प्यार से देख रही थी..
“तू बस जल्दी से ठीक हो जा…!!बेरी ने उसके आँखों से चश्मा उतारते हुए कहा तो दोनों ही बेताबी से एक दूसरे के होंटो को चूमने लगी..
दोनों को कोई होश ही ना रहा..
बेरी उसके होंटो को ऐसे चुम रही थी कि जैसे कितनी दिन की पियासी हो..
राधा ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली तो बेरी ने अपनी ज़ुबान से उसे सक किया..
फिर राधा को आराम से उसने सोफे पर बिठा दिया..
राधा लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी..
“तुझे मैं बहुत अच्छा फील करवाती हूं ताकि तेरा सिर दर्द दूर हो जाए..”बेरी ने अपने होंटो पर ज़ुबान फेरते हुए राधा की तरह बहकती नज़रो से देखा..
राधा की पेंट उसने आराम से निचे उतार फ़ेंकी,,राधा एक ब्लैक पेंटी पहने हुए थी..
राधा ने अपनी टांगे खोल ली,,बेरी ने उसके गोरी टांगो को चूमा और शिद्दत से दांतो से काटने लगी..
“अहह…!!राधा सिसक पड़ी तो बेरी तिरछी मुस्कान लिए अपनी उंगलियां राधा के मुंह में डाल गई,,राधा ने अच्छे से उसकी उंगलियों को सक किया और गिला कर दिया..
फिर बेरी ने उसकी पेंटी को निचे खिसकाया जहाँ राधा आलरेडी बहह रही थी..
बेरी उसके गुलाबी पंखुड़ी को देख बेताब हो उठी और अपना चेहरा करीब ले जाके ज़ुबान से अच्छी तरह चाटा…
“अह्ह्ह्ह स…सक….इट यस यस…..अह्ह्ह बे….री…..!!
राधा सिसकती ही रही..
बेरी ने अपनी गीली उंगलियां राधा के गहराई में डाली तो राधा छटपटा उठी,,वह बुरी तरह कराहने लगी..
बेरी तेज़ी से उंगलियां अंदर बाहर कर अपनी ज़ुबान से उसकी पंखुडियो के मुंह को सहला रही थी..
“ममम…अह्हह्ह्ह्ह…हहहहहह….ये…..ब ……..
राधा के मुंह से अजीब अजीब आवाज़े सिसकियाँ बन कर निकल रही थी..
बेरी ने चेहरा उठाया और राधा के सीने के गर्दन पर झुकी बाईट करने लगी और निचे उसकी दो उंगलियां तेज़ी से चल रही थी..
राधा प्लेज़र की आखिरी हद तक थी तभी उसने बेरी को कसके पकड़ लिया और झटके खाती हुई छूट गई..
लेकिन बेरी रुकी नहीं और राधा को आराम से उठाकर गोद में बिठा लिया और अब तीन उंगलियां अंदर बाहर तेज़ी से करने लगी…
राधा बेरी के हाथ पकड़ने की नाकाम कोशिश करती रही लेकिन बुरी रुकी नहीं,,राधा की सांसे बेहद तेज़ होगई..
बेरी ने राधा को नार्मल करने के लिए उसके होंटो पर होंट रख दिए लेकिन राधा से अब बर्दास्त नहीं हो रहा था इसलिए वह बेरी के होंट छोड़े बुरी तरह सिसक रही थी..
बेरी ने अपनी उंगलियों में गाढ़ी सफ़ेद मलाई महसूस की तो समझ गई कि राधा कम कर गई थी..
बेरी उसके गर्दन और पूरे चेहरे पर चूमती रही..
“डेट्स माई गर्ल…!!बेरी ने उसे कसके बांहो में जकड़ लिया..
राधा को पहली बार इतना मज़ा आया था ऊपर से वह सारी टेंशन भी भूल गई थी..
राधा आहिस्ता आवाज में बोली…”लव यु…लव यु सो सो मच….!!
बेरी भी मुस्कान लिए बोली,,”लव यु टू स्वीटहार्ट…!!
फिर राधा के पीछे कमर पर हाथ ले जाके वह मसलने लगी…
थोड़ी ही देर में राधा बेरी के ऊपर बैठी सिसक रही थी,,बेरी तेज़ी से उसके गहराई में ज़ुबान डाले मिठास चख रही थी..
“ब…बेरी इनफ…होगा…होगया…!!राधा बेडशीट मुठियो में जकड़ गई लेकिन बेरी ने उसे इतनी आसानी से नहीं छोड़ा,,वह उसके कमर को पकड़े आगे पीछे करती ही रही फिर ज़ब राधा थक गई तो बेरी उसके हाथ पकड़ अपने निचे ले गई..
“बस कुछ नहीं ज़रा सा छू ले मुझे सुकून मिल जायेगा…”बेरी उसके हाथ को पकड़े निचे रगड़ती फिर वह भी डिस्चार्ज होगई तो राधा को सीने से लगाए लेट गई..
It's_Just_Beginning..🔥
(ओके देन ये स्टॉलेन किसेस ही स्टोरी है बट क्यूंकि मुझे उसका प्लॉट कुछ खास पसंद नहीं आया जिसकी वजह से मैं इसे बिलकुल नए अंदाज़ में लिख रही हूं...
bl और gl वर्शन में,मचयूर एंड समट एंड 18+....तो पढ़े क्यूंकि थोड़ी स्पाइसी होगी बट स्टोरी अच्छी होगी एंड जिन्हे नहीं पसंद कोई नहीं वह नहीं पढ़े...होम्योफोबीक लोग दूर रहे क्यूंकि अगर lgbtq को लेकर उनकंफर्टबल हैँ तो कोई नहीं...आप नार्मल स्टोरी पढ़ सकते हैँ...
बाकि अब कहानी बदली होगी और किरदार वही बस नए अंदाज़ में मिलेंगे तो पढ़े एंड कमैंट्स ज़रूर करें..
मैं पास्ट में सुमन की भी थोड़ी बहुत स्टोरी दिखाउंगी जो gl स्टोरी ही होगी तो बस सपोर्ट करते रहये❣️)
वक़्त पानी के बुलबुले की तरह पल भर में गायब होता जा रहा था...
सुमन की जिंदगी पूरी तरह बदल गई थी ज़ब से बच्चे बड़े हुए थे उसने कॉलेज जाना भी छोड़ दिया क्यूंकि उसने बस शोकिया नौकरी की थी ऊपर से अब दो बच्चे नहीं 3 बच्चे हो गए थे...
सुमन की जिंदगी में सिर्फ समर और राधिका नहीं अब स्वाति भी आगई थी...
5 साल की छोटी स्वाति अब सबकी जान बन गई थी..
अब तो राधिका अग्निहोत्री पूरे 18 साल की हो गई थी और अब वह हाई स्कूल भी जाने लगी थी...
राधिका को सब प्यार से राधा कहते थे...
समर 14 साल का था और बहुत ज़िद्दी और शरारती था लेकिन पूरे घर में वह राधा को बहुत परेशान करता था जिसकी वजह से सात्विक और सुमन की डांट उसे पड़ती थी..
आलिया उसकी कज़न भी राधा की हम उम्र थी लेकिन दोनों अलग अलग फील्ड़ में थे...
आलिया को डॉक्टर बनना था और राधा को इंजीनियर...
राधा का आज आपने नए स्कूल में पहला दिन था...
राधा को बहुत अकेलापन महसूस हो रहा था क्यूंकि प्राइमरी स्कूल की सारी उसकी दोस्त दूर होगई थी सब ही अलग अलग फिल्ड में चला गया था कोई तो हाईर स्टडीज के लिए शहर ही छोड़ कर चला गया था...
राधा ने यहाँ तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की थी,, बोर्ड के एग्जाम के बाद वह कॉमर्स लिए पढ़ रही थी... उसको बस अपनी जिंदगी में कामयाबी हासिल करनी थी जिसके लिए वह बहुत मेहनत कर रही थी..
राधा स्कूल यूनिफार्म पहन आँखों में बड़ा सा ग्लासेज लगा कर बेग हाथों में लिए खड़ी चिल्ला कर बोली...
"मम्मी जा रही हूं...."
सुमन उसकी आवाज सुन उसकी टिफ़िन बॉक्स ले आई..
"क्या मम्मी...मैं अब कोई छोटी सी बच्ची नहीं हु... और मैं तो टिफिन केंटीन से कर लुंगी...."राधा मुंह बना के बोली..
"शटअप और हाँ पहला दिन है सबसे अच्छे से बाते करना और दोस्ती भी कर लेना... किसी से कोई झगड़ा नहीं, कोई मार पिट नहीं,, बड़ी हो गई है तो खुद में मेचयूरीटी लाओ... "सुमन की बात पर राधा उसके गाल को चुम कर बाहर निकलने को हुई तभी समर उस से टकरा गया..
"अंधों की तरह क्यों चल रहा है...."राधा चीख कर बोली..
"तु खुद होगी अंधी... पहले बात करना सिख... बदतमीज़ कहीं की...!!समर भी उंगलियों के बिच बाइक की चाबी घुमाता हुआ अकड़ के बोला..
"तमीज से तो तुझे बात करनी चाहिए... पूरे 4 साल तुझसे बड़ी हु....दीदी बोला कर समझा, गधा कहीं का..."राधा उसके कंधे पर मुक्का जमा कर बोली तो समर दर्द से चिल्ला दिया..
"मार डाला रे.... पापा मम्मी....."
समर की आवाज सुन सुमन दौड़ती हुई आई और खतरनाक नज़र से दोनों को घूर कर बोली..
"कितनी बार समझाया.... भाई बहन हो तुम दोनों,, जानवरों की तरह लड़ो नहीं,, तुम दोनों का बस चले तो एक दूसरे को नोच खाओ....."
राधा जल्दी से बोली...
"माँ ये आज फिर.... स्कूल से बंक मार कर बाइक रेसिंग को गया था...!!
सुमन झुकी और और आपने पैरों से स्लीपर उतार कर हाथो में ले लिया...
"राधा तु स्कूल जा आज इस समर को तो मैं बताउंगी... और सात्विक जी को आने दे.... आज अगर तु घर से बाहर निकला तो खेर नहीं..."सुमन मुठिया बंद कर ग़ुस्से में बोली..
राधा मुस्कुराती हुई बाहर निकल गई..समर को मार पड़ने की बहुत ख़ुशी थी...
राधा जैसे ही बाहर निकली उसे राधे दिखा जो खास कर उसे पिक करने आया था..
"चाचू.... आप,, अंदर आए ना...."
राधा ने कहा..
"नहीं.... बाद में आऊंगा तुम आजाओ स्कूल तुम्हे ड्राप करना है....सात्विक भाई ने कहा था वरना तुम तो जानती हो वह होता तो तुम्हे खुद छोड़ने जाता..."
राधे मुस्करा कर बोला तो राधा दौड़ कर आई और मेरसीडीस में बैठ गई...
राधे को राधिका जान से भी ज़्यादा प्यारी थी...
ज़ब सात्विक घर पर नहीं होता तो सब कुछ राधे ही हेंडल करता था...
राधा की आपने चाचू से बहुत अच्छी बॉन्डिंग थी, सिर्फ राधे से ही नहीं शांति चाची भी उसकी दोस्त जैसी थी...
रास्ते भर राधे ने राधा को बहुत समझाया और उसे मोटीवेट भी किया और ढेर सारे बेस्ट ऑफ़ लक के साथ उसे स्कूल के अंदर ले आया और प्रिंसिपल ऑफिस जा कर राधिका को ले कर खास कर बात किया ताकि उसे कोई भी परेशानी ना हो...
राधा को उसकी क्लास टीचर मन्नत शिखावत के साथ भेज दिया गया और राधे भी प्रिंसिपल को राधा का ख्याल रखने का बोल कर स्कूल से निकल गया..
स्कूल में लड़कियां वाइट शर्ट और ब्लु लॉन्ग स्कर्ट पहनती थी... वही लड़के वाइट शर्ट और ब्लू पेंट पहनते थे... बाक़ी टाई तो लड़की और लड़के दोनों गले में बांधते थे...
मन्नत मेम उसकी क्लास टीचर थी...
मन्नत मेम के साथ वह अपने क्लास में आई जहाँ लडके, लड़कियां सब उसे घूर रहे थे..
"स्टूडेंट्स.... प्लीज साइलेंस....."
मन्नत मेम की आवाज पर सब खामोश होगये...
"ये राधिका अग्निहोत्री है... न्यू एडमिशन,, ये आज से आप लोगों को अटेंड करेंगी... सो बी फ्रेंडली और हाँ एक दूसरे की मदद करना...
फिर वह राधा की तरफ देख कर बोली..."तुम एक महीना लेट हो, और हमारा सेलेब्स आगे निकल गया है.... इसलिए तुम किसी से नोट्स ले लेना या कोई भी परेशानी हो तो तुम मुझसे पूछ सकती हो..."
राधा ने थैंक्यू कहा और मन्नत मेम ने उसे क्लास की टॉपर लड़की के साथ बैठाया...
मन्नत मेम क्लास से निकलने वाली ही थी तभी वह रुकी और बोली...
"मैं दो मिनट में आरही हु तब तक सब खामोश रहेंगे... और हाँ समीर नोट्स ज़ेरोक्स कर राधिका को दे देना..."
"ओके डोंट वरी मैडम..."लास्ट बेंच से किसी लड़के की गंभीर आवाज़ आई..
राधा फर्स्ट रॉव में लगे एक लड़की के साथ बैठी थी...
राधा थोड़ा झिझक रही थी क्यूंकि सारे क्लास की लड़कियां और लड़के उसे ही घूर रहे थे, कुछ आपस में खुसर फुसर भी कर रहे थे, कुछ हँस रहे थे…
राधा के साथ बैठी लड़की उसका चेहरा देख, कुछ याद करने की कोशिश में लगी थी।
"सात्विक अंकल.... तुम्हारे पापा हैं ना..." वह लड़की बोली। तो राधा हैरान सी हो गई।
"तुम्हें कैसे पता.... एक मिनट, तुम बेरी हो ना..." राधा ने अब उसकी तरफ नज़र उठाकर गौर से देखा। तो दोनों खुशी से चीखते हुए गले लग गईं।
"ओह्ह्ह माय गुडनेस... वही! मैं कब से सोच रही थी, तुम्हें कहीं देखा है..." बेरी बोली।
राधा भी बोली, "यार बेरी, सॉरी.... मैं तो भूल ही गई थी। शायद हम नर्सरी में साथ थे, फिर 4 क्लास तक तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड रही थीं।"
बेरी हँस दी। "हाँ, उसके बाद मेरा स्कूल चेंज हो गया था... पर तुम मुझे हमेशा याद थीं, मेरी प्यारी सी राधा रानी।"
राधा ने भी उसके गाल खींच दिए।
देखते-देखते वे दोनों ऐसी लग रही थीं, जैसे सालों पुराना बिछड़ा हुआ कोई दोस्त यार मिल गया हो।
अब बाकी क्लास में राधा को कोई दिलचस्पी नहीं थी, क्योंकि वह बेरी की दोस्त बन गई थी। बेरी से पूरा क्लास डरता था और अच्छे-अच्छों की उसके सामने बोलती बंद हो जाती थी।
राधा आँखों पर चश्मा ठीक करती हुई बोली,
"वैसे ये समीर कौन है? मेम ने कहा उससे नोट्स लेना है।"
बेरी उसकी बात सुन पीछे मुड़ी, तो राधा भी पीछे मुड़ी।
लास्ट बेंच पर एक 19 साल का बेहद हैंडसम लड़का बैठा था, जो उन दोनों की ही तरफ देख रहा था। उसकी आँखें हरी थीं, बहुत ही अट्रैक्टिव सी ग्रीन आँखें,,वह बहुत ज़्यादा हेंडसम लड़का था..
पर राधा को कोई दिलचस्पी ना हुई..
"यही है समीर... मुझे तो इसकी शक्ल से ही नफ़रत होती है। पता नहीं खुद को क्या समझता है... बस देखने में बहुत ज़्यादा हैंडसम है और आँखें ग्रीन हैं। बाकी कोई भी खास बात नहीं है।" बेरी मुँह बनाकर बोली।
राधा हँस दी। वह बेरी को बचपन से जानती थी। अगर उसे किसी चीज से चिड़चिड़ापन लगे, तो वह उसकी शक्ल तक देखना गवारा नहीं करती थी।
"वैसे मुझे क्या यार....मुझे तो सिर्फ अपनी बेरी उर्फ़ बरखा से मतलब है..”राधा उसके गले में बांहे डाल गई..
राधा की बात पर बेरी भी मुस्कुरा दी।
"हाँ, तुझे मेरे इलावा किसी से बात करने की कोई ज़रूरत नहीं है... खासकर इस समीर से ज़रा बचकर रहना। थोड़ा अजीब सा है... लास्ट बेंच में बैठता है और जल्दी किसी से बात भी नहीं करता।" बेरी उसे अब सब के बारे में बताने लगी।
राधा सोचने लगी। वह खुद कितनी शरीफ है, यह बस वही जानती थी। राधा अच्छे से जानती थी, उसे अपने ऊपर अब कण्ट्रोल रखना है। हर बात का जवाब उसे मार-पीट से नहीं देना है। झगड़े से दूर रहना है और पढ़ाई पर कंसंट्रेट करना है।
फिर क्लास टीचर मन्नत मेम आईं, तो राधा का सारा फोकस पढ़ाई पर चला गया। सारे क्लासेज अटेंड करने के बाद राधा ऑफिस रूम जाकर अपना नाम और नंबर वगैरह रजिस्टर कर आई।
बेरी उसके साथ-साथ ही थी। बेरी ने उसे पूरा स्कूल दिखाया। यह हाई सेकेंडरी स्कूल कम और कॉलेज ज़्यादा लग रहा था, क्योंकि यह बहुत ही बेस्ट स्कूलों में से एक था।
फिर राधा वाशरूम आई जहाँ बेरी ने उसे पीछे से बांहो में जकड़ लिया..
“सचमे मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं कभी तुझसे मिल भी पाउंगी..पर शायद भगवान को भी यही मंजूर था इसलिए हम दुबारा से मिल गए..”
राधा अपने पेट में कसे बेरी के हाथों पर प्यार से हाथ रख सहलाने लगी..”अब हम साथ रहेंगे…”
बेरी बस उसके कंधे पर अपना चेहरा टिकाये राधा के बदन से उठती खुशबु में डूबने लगी..
“वैसे तेरी हाईट मुझसे ज़्यादा लम्बी होगई है..”राधा पीछे मुड़ी और बेरी की तरफ मुड़ गई..
बेरी शरारती अंदाज़ में बोली..”कोई ना तुझे गोद में आराम से उठा लुंगी..”
“हट….!!राधा उसके बाज़ू में मुक्का मार कर हँस पड़ी..
Continued...
राधा जब लाइब्रेरी आई, तो सारे स्टूडेंट्स दिखे, जो शायद उसके क्लासेज से थे और कुछ सीनियर भी थे।
बेरी कैंटीन गई थी, इसलिए राधा अकेली थी।
राधा अपने स्लेबस के हिसाब से किताबें लेकर एक खाली टेबल पर बैठ गई। तभी उसके सामने कोई आ बैठा।
"ये सारे नोट्स हैं... और कुछ चाहिए तो कहना।" समीर सामने आ बैठा था।
राधा सारे नोट्स को देखकर बोली, "शुक्रिया... और एक बात थी..."
समीर उसकी तरफ आँखें उठाकर देखने लगा।
"ये देखो ना... यहाँ कोई भी किताब स्लेबस के हिसाब से नहीं मिल रही है।" राधा सामने रखी किताब की तरफ इशारा करके बोली।
"ये लाइब्रेरी बेकार है। पता नहीं कौन से ज़माने से यहाँ ये पुरानी, ओल्ड स्लेबस की किताबें पड़ी हैं। तुम्हें सब बाहर से किताबें लेनी पड़ेंगी, और हो सके तो जल्द से जल्द कोई अच्छी कोचिंग सेंटर ज्वाइन कर लो।" समीर गंभीरता से बोला।
राधा थोड़ा परेशान हो गई और अपना चश्मा उतारकर आँख मलने लगी।
"ज़्यादा परेशान होने की ज़रूरत नहीं है... किसी भी कोचिंग सेंटर को ज्वाइन कर लो... वहाँ से तुम्हें सारे नोट्स मिल जाएँगे।" समीर लापरवाही से बोला।
राधा सर पकड़े बैठी रही।
"ये तुम इतनी बड़ी ग्लासेज लगाती हो..." समीर ने उसका मूड लाइट करने को कहा।
"हाँ यार, आदत है। कुछ दिखता नहीं है।" राधा हल्का सा मुस्कुरा दी।
"ओह्ह्ह फिर लेंस लगाया करो... ये अजीब नहीं लगता, मतलब इतना बड़ा चश्मा.....!!" समीर उसकी तरफ देखकर बोला।
राधा की हज़ेल आँखें काफ़ी खूबसूरत थीं। ऊपर से उसका निखरा-बिखरा सा रूप... गोरा, दूधिया रंग और भूरे लम्बे बाल जो पोनीटेल में बंधे थे।
समीर राधा के चेहरे पर ही अटक गया था, तभी पीछे से बेरी की आवाज़ आई।
"लगता है तुम दोनों की दोस्ती हो गई है।"
समीर उसकी तरफ देख अपनी आँखें छोटी करके बोला, "तुम्हें कोई प्रॉब्लम है क्या....!!"
राधा उन दोनों को देखने लगी, जो एक-दूसरे को खतरनाक नज़रों से घूर रहे थे।
बेरी उसकी तरफ देख गुस्से से बोली, "प्रॉब्लम तो बहुत है... क्योंकि राधा सिर्फ मेरी है, मेरी दोस्त है... और तुम चुपचाप यहाँ से खिसको, वरना....!!"
समीर हाथ झाड़ता हुआ उठा और बोला, "बस यही सोचकर चुप हूँ, क्योंकि तुम एक लड़की हो। बाकी मुझे तुमसे मुँह लगने का कोई शौक नहीं है।"
समीर वहाँ से चला गया।
बेरी तमीलाई हुई समीर को जाते हुए देखने लगी।
"बदतमीज़..." बेरी बोली और राधा के साथ बैठ गई।
"बेरी, प्लीज़... मैं पहले ही 4 या 5 बार प्राइमरी स्कूल से सस्पेंड हो चुकी हूँ... और अब मैं कुछ भी लड़ाई-झगड़ा नहीं चाहती। अगर इस बार मेरी कम्प्लेन घर तक पहुँची ना, तो मम्मी मुझे घर पर बैठा देगी।" राधा अनायास ही सिर झुका गई।
बेरी ने उसे सांत्वना देने के लिए उसके हाथ पर अपना हाथ रखा, ताकि वह थोड़ा बेहतर फील करे।
बेरी ने उसे हँसाने के खातिर कहा, "ये तो वही बात हुई, सात चूहें खाकर......"
राधा सिर उठाकर उसे घूरने लगी, तो बेरी झट से बोली, "मेरा मतलब है रानी, कि तुझे मुझसे ज़्यादा कौन जानता होगा, बचपन से मार-पीट, लड़ाई-झगड़ा करना और अब तू इतनी शरीफ हो गई है... ये बात हज़म नहीं हुई...!!"
राधा तशन से बोली, "शरीफ हो गई हूँ, वरना तेरी इस बात पर तेरा मुँह तोड़ देती... वैसे अब मुझे सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई पर फोकस करना है।"
बेरी उसके हाथ पर हाथ मारकर रह गई।
“सिर्फ पढ़ाई…मुझे मत भूल जाना समझी..”
राधा ने इधर उधर देखा और बेरी के गालो में ज़ोरदार चुम्मी दे दी..
“अब्बे….अगल बगल भी देख लिया कर…!!बेरी चारों तरफ नज़रे दोड़ाने लगी लेकिन अच्छा था सब लाइब्रेरी में अपने अपने ग्रुप में बैठे पढ़ रहे थे..
फिर स्कूल टाइम खतम हुआ तो बेरी की मेरसीडीस आई,,युवी ड्राइविंग सीट पर बैठा गंभीरता से बेरी के स्कूल के गेट से निकलने का वेट कर रहा था..
जैसे ही बेरी आई युवी बाहर आके झुक कर बोला..”प्रिंसेस आज आपका दिन केसा गया..!?
“बहुत बढ़िया…चलो अब सिर उठा लो…कितनी बार कहा मेरे स्कुल के बाहर तमाशा मत किया करो…!!बेरी को शर्मिंदगी सी हुई..
राधा के लिए ये कुछ नया नहीं था क्यूंकि बेरी थी ही इतनी अमीर और युवी उसका खास बॉडीगार्ड..
“आजाओ मैं तुझे घर ड्राप कर दूंगी..!!बेरी ने कहा तो राधा हाँ में गर्दन हिलाती मेरसीडीस में आ बैठी..
राधा ने धियान दिया की ड्राइवर की सीट और उनके सीट के दरमियाँ एक मिरर वॉल है..
“हाँ चल अब तू आगई है तो सुकून सा लग रहा है..”बेरी उसके कंधे पर सिर टिका गई..
“तू कोई छोटी बच्ची नहीं है जो ये ड्रामा कर रही है…!!राधा चिढ़ गई तो बेरी ने उसके स्कर्ट के ऊपर से ही उसके थाई में ज़ोरदार चुटकी भरी तो राधा उछल कर रहगई..
“तू कितनी कमीनी बन गई है…!!
“मुझे तेरे फिगर से जलन होती है,,मतलब तू कितनी सील्म ट्रिम सी है..”बेरी उसके कमर पर बाज़ू लपेट गई..
“जलन हाहाहाहा…!!
तेरे पास जो है वह मेरे पास नहीं है…!!राधा डबल मीनिंग वाली बातें कर बेरी की उभरे हुए चेस्ट की तरह इशारा कर गई..
बेरी ने एक घुसा झुका कर उसके पीठ पर जड़ दिया..
“बेशर्म…!!
राधा लेकिन ड्रामा करती हुई उसके सीने से लग गई..
“मुझे थोड़ा सा तो फायदा उठाने दे,,ये कितने बड़े और मुलाइम है..”राधा बेरी के सीने में मुंह रगड़ने लगी..
बेरी सीहर उठी लेकिन दूसरे ही पल उसने राधा के बालों को मुठियो में जकड़ लिया..
“तेरा कुछ नहीं हो सकता…!!बेरी ने लम्बी सांस ली और उसका चेहरा ज़ोर से अपने सीने में दबा लिया और खुद आँखे मुंदे सीट से सिर टिकाये बैठ गई..
राधा बस उसके सीने से लगी रही..
राधा ने ये बस हंसी मज़ाक़ के लिए किया था लेकिन अब उसे अजीब सी बेचैनी उठती हुई महसूस हो रही थी..
ये फीलिंग्स जो दिल में पैदा हो रहे थे ये अजीब थे,,पहली बार उसे इतनी बेक़रारी सी हो रही थी…
वही बेरी आँखे मुंदे पड़ी थी..
“ये…ये मैं क्या सोच रही हूं…मैं एक लड़की हूं…!!राधा दूर हुई और अब गंभीरता लिए बेरी को देखने लगी जो उससे उम्र में 2 या 3 साल बड़ी थी लेकिन उसका बदन कसा हुआ था..
गुदाज़ सा मुलाईम ज़िस्म जिससे भीनी भीनी मेहंगी परफ्यूम की खुसबू आती थी..
राधा ने चेहरा जल्दी से फेर लिया और खुद को नार्मल करने के लिए मेरसीडीस के विंडो से बाहर देखने लगी..
बेरी की धड़कने भी बढ़ गई थी..
इसमें कोई पूछने वाली बात नहीं थी कि उसे राधा कितनी पसंद थी लेकिन अब उसके पूरे ज़िस्म ओ जान में चुभन सी हो रही थी..
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...
राधा ज़ब घर आई तो सुमन उसके चेहरे पर ख़ुशी देख बोली..”पहला दिन स्कुल में केसा रहा…”
राधा अपनी मम्मी के गले लगती हुई बोली..”बहुत ही अच्छा रहा मम्मी…और आपको पता है मुझे मेरी बचपन की बेस्टी बेरी भी मिल गई..”
सुमन याद करती हुई बोली..”वही बेरी ना जो बचपन में मेरसीडीस में आती थी..!?
राधा बैग सोफे पर फेंकती हुई बोली..”हाँ मम्मी वही,,वह बिलकुल नहीं बदली है बल्कि आज भी मैं उसके ही मेरसीडीस में बैठ कर आई हूं..”
सुमन बस राधा की बातें सुनती रही फिर राधा थक हार कर अपने रूम में चली गई..
रूम में आते ही राधा ने अपने चेहरे को हाथों में छुपा लिया..
“ये सब मैं क्या सोच रही हूं…पागल होगई हूं क्या…!?
राधा को रह रह कर बेरी की खुसबू अपने साँसो में उतरती हुई महसूस हो रही थी..
“नह…नहीं…नहिई वह मेरी बस दोस्त है…अगर मैंने ज़्यादा सोचा तो हमारी दोस्ती भी टूट जाएगी…
हाँ हम दोस्त हैँ…और दोस्तों में तो हंसी मज़ाक़,,फ़्लर्ट सब चलता है..!!राधा ने हर तरह से खुद को समझाया…
फिर वह वाशरूम कपड़े बदलने गई तो चौंक गई,,वह गीली हो रही थी…
उसके थाई में गिला पानी सा कुछ बेहह रहा था..
“शिट…मैं इतनी हॉर्नी कब से होगई,,बेरी के टच से ही मैं गीली होगई हूं…सिर्फ उसे सोच सोच कर मेरा हाल बेहाल हो रहा है..”
राधा ने कपड़े उतारे और बाथटब में बैठ कर टांगे फैलाई बैठी रही..
राधा ने आँखे बंद कर ली और खुद अपने आप को छूने लगी और सिसकियाँ भरने लगी..
“उफ्फ्फ बेरी….बे….बेरी….!!राधा ने अपने हाथ से टांगो के बिच चूहा फिर तेज़ी से ऊँगली डाले तेज़ी से सिसकती रही..
“ब…बे…ब…बी…बेरी…टच…टच मी..प्लीज….अह्ह्ह्ह हहहहहह…ममममम….!!
राधा बेरी का नाम लिए आँखे मुंदे उसे अपने सामने इमेजिन कर रही थी..
वह तेज़ी से रगड़ खाती रही तभी उसकी पूरी बॉडी अकड़ी और वह कपकपा उठी…
राधा ने अपनी उंगलियां को आँखों के सामने कर शर्म से देखा..
“मैं लेस्बियन नहीं हूं फिर भी बेरी को देख मैं आउट ऑफ कण्ट्रोल हो रही हूं…!!
राधा ने दुबारा से आँखे मुंद ली..
_______
दूसरे दिन राधा ज़ब स्कूल पहुंची तो बेरी गार्डन में बैठी थी...
राधा ने फ़ोन स्विच ऑफ कर दिया, स्कूल में फोन अलावड़ तो था लेकिन क्लासेज में फ़ोन साइलेंट रखना था..
राधा भी सीधा गार्डन की तरफ चली गई जहाँ बेरी उसे देख उसकी तरफ बढ़ गई..
"क्या हुआ... तू यहाँ क्यों बैठी है..."
राधा उसकी परेशानी देखती हुई बोली..
"अरे रानी... तुझे क्या बताऊ मेरा फोन गायब हो गया है... वही मैं ढूंढ रही हूं..."बेरी फिर से अपना बेग चेक करने लगी..
"कहीं किसी ने चोरी तो नहीं कर ली.....!!
राधा सोचती हुई बोली...
"चोरी.... वह भी मेरे बेग से,,, इतनी हिम्मत किस की होगई... "बेरी अपनी आँखों को छोटी कर बोली..
राधा तिरछी मुस्कान लिए बोली..."मानती हूं तुझसे सब डरते है क्यूंकि तू क्लास की मॉनिटर है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि चोरी नहीं हो सकती... ज़्यादा ओवर कॉन्फिडेंस होना अच्छा नहीं है...."
बेरी उसकी बात सुन सोचने लगी फिर बोली.. "राधा माँ आपके चरण..... आप इतनी समझदार कब से होगई..."
राधा चिढ के बोली.. "प्लीज यार... मेरा मज़ाक मत बनाया कर.... कभी रानी तो कभी राधा माँ बोलती है..."
बेरी उसके गले में बांहे डाल कर ज़ोर से हंसने लगी..
"अरे पागल छोड़ मुझे..."राधा उसके कमर पर मुक्का मार के बोली..
दोनों में मस्ती होने लगा... हँसते कूदते दोनों क्लास में पहुंची तो सारा क्लास खामोश हो गया..
बेरी फर्स्ट बेंच पर आके बैठ गई,,राधा भी उसके बगल वाली सीट में आके बैठ गई..
"वैसे बेरी... क्लास में हमेशा फर्स्ट रेंक कौन लाता है..."राधा कब से ये सवाल करना चाह रही थी...
"मैं.... या समीर... हम दोनों में टफ कम्पटीशन लगी रहती है... अगले साल बस एक नंबर से मैं सेकेंड आई थी... इसलिए भी मुझे उससे चिढ़ और पता नहीं क्यों अजीब सी नफ़रत होती है..."बेरी नाक चढ़ा के बोली उसकी करली बाले चेहरे पर बार बार आरही थी..
राधा ने सोचा उसे ज़्यादा मेहनत करनी पड़ेगी...
"तू फिर टेंशन लेने लगी... मुझे पता है तुझे हमेशा फर्स्ट आने की आदत है,, इतना ज़्यादा सोच मत रानी बस अपनी जिंदगी को एन्जॉय कर...."बेरी उसके गले में बांहे डाल के बोली तो राधा भी ठंडी सांस भर कर रह गई..
तभी समीर आया और उन दोनों को एक नज़र देख लास्ट बेंच पर जा बैठा,, समीर को देख सारी लड़कियां संभल के बैठ गई थी और उसे अपनी तरफ अट्रैक्ट करने केलिए क्यूट सी हरकते करने लगी..
फिर थोड़ी देर बाद क्लास टीचर आई तो सब का ध्यान लेक्चर पर चला गया...
क्लास के बाद ज़ब ब्रेक मिला तो सब क्लास से निकल गये क्यूंकि आधे घंटे बाद फिर एक क्लास था तब तक सब नाश्ता करने, कोई वाशरूम और कोई लाइब्रेरी जाके बैठ गया था..
बेरी ऑफिस रूम चली गई थी क्यूंकि उसे कुछ ज़रूरी काम था...
राधा क्लास में ही बैठी बुक्स में आँखे गड़ाए मार्कर से इम्पोर्टेन्ट कोटशन हाईलाइट कर रही थी...
तभी कॉपी पर लिखते हुए उसका पेन निचे बेंच से गिर गया...
राधा "शिट" बोल कर जैसे ही झुकी, उससे पहले ही समीर ने झुक के उसका पेन को उठा लिया..
"ओह्ह्ह थँक्यू...."राधा समीर के हाथो से पेन लेती हुई बोली..
"मैंने सुना है तुम ने वॉलीबॉल टीम रिसेंटली ज्वाइन किया है..."समीर के कहने पर राधा ने सिर हिला दिया..
"ये लो ये फॉर्म पर अपना नाम, रोल नंबर और पेरेंट्स का फ़ोन नंबर लिख कर मुझे दो..."समीर ने अपने हाथ में पकड़ी हुई फ़ाइल से एक पेपर निकाल कर राधा की तरफ बढ़ा दिया...
राधा ने जल्दी से सब फील उप कर उसकी तरफ पेपर बढ़ा कर कहा..."वैसे तुम्हे कैसे पता चला कि मैं वॉलीबॉल टीम में जोइनिंग हुई हूं...."
समीर गंभीर आवाज में बोला... "मैं तुम्हारे टीम का कैप्टेन हूं..."
"क्या...... राधा को झटका लगा वह उठ खड़ी हुई....
"लड़के, लड़कियां एक ही टीम में है क्या....!!
समीर को उसके चेहरे पर हैरत देख यक़ीन होगया कि राधा को कुछ भी पता नहीं है...
"ये को-एजुकेशन वाला स्कूल है... यहाँ लड़के लड़कियां साथ पढ़ते है तो स्पोर्ट्स में भी साथ में होंगे...."समीर ने उसे सरल भाषा में सब समझा दिया..
राधा क्यूंकि प्राइमरी से ही गर्ल्स स्कूल में पढ़ी थी इसलिए उसके लिए ये सब नया था..
"डोंट वरी अबाउट दिस... हर चीज डिसिप्लिन से होती है.. स्पोर्ट्स क्लब में भी रूल्स मेंटेन किए जाते है.... तो चिंता मत करो..."समीर को लगा शायद वह लड़को से डर रही है...
"ओके.... थेंक्स अगेन.... शुक्रिया तुम्हारा...."राधा ने कहा और वापस से बेंच पर बैठ गई..
समीर वापस चला गया था...
राधा डरती नहीं थी बस उसे ये बात सता रही थी कहीं वह गेम के दौरान किसी लड़के वड़के की पिटाई ना करदे... क्यूंकि उससे गुस्सा कण्ट्रोल जो नहीं होता था...
राधा ने बेरी को एक मोटी गाली दी क्यूंकि अभी तक वह वापस नहीं आई थी,,राधा किताब वगेरा समेट कर लाइब्रेरी चली गई...
लाइब्रेरी आज खाली खाली था,कुछ लड़के लड़कियां बैठे पढ़ रहे थे वही एक साइड समीर बैठा मोबइल ऑन किए कॉपी पर नोट्स उतार रहा था..
राधा लास्ट रॉव में जाके किताबें चेक करने लगी... किताब मिल तो गए थे लेकिन बहुत ज़्यादा ऊपर वाले सेल्फ में थी... जहाँ तक उसका हाथ नहीं जा रहा था वह लम्बी थी लेकिन इतनी ज़्यादा भी नहीं,,5 फुट 4 इंच की हाईट उसे दुशवारी बना रही थी...
तभी किसी ने पीछे से उसे अपने गोद में उठा लिया,,राधा सकपका गई क्यूंकि पीछे बेरी खड़ी थी..
“यारर तूने तो मुझे डरा ही दिया..”राधा ने किताब सेल्फ से निकाल लिया तब बेरी ने उसे निचे उतारा तो दोनों के दरमियाँ बड़ी कम दुरी बची..
दोनों की सांसे एक दूसरे से टकरा रही थी..
“यारर ये तो कोई स्कुल ड्रामा वाला सीन होगया…!!राधा हँस पड़ी ताकि सिचुएशन नार्मल हो जाए..
“मतलब मैं तेरी जिंदगी की हीरो हुई क्यूंकि मैंने तुझे यूँ गोद में उठाकर हेल्प जो की…”
राधा उसके कानो में झुकती हुई बोली..”तू हीरो नहीं बल्कि मेरी हीरोइन है..”
बेरी की धड़कने एक पल के लिए रुक गई..
राधा आँखों में चश्मा सही करती हुई बोली..”मोबाइल का क्या बना..”
बेरी ठंडी सांस भर कर बोली..”कुछ भी नहीं..बल्कि टीचर ने मुझे ही बातें सुनाई..”
राधा प्यार से उसका हाथ थामते हुए बोली..”मिल जायेगा…परेशान ना हो..”
बेरी ने उसे बुकसेल्फ के रेक से लगाते हुए कहा..”अब इतने प्यार से मत बोल..”
राधा ने उसके चेहरा दूसरा तरफ घुमाया और उसके गालों में अपने होंट रख दिए..
“रानी….तू बहुत बदमाश होगई है..”
“तेरा ही असर है..”राधा की बात सुन बेरी उसका हाथ पकड़के गर्ल्स वाशरूम ले आई..
“सिर्फ गालों में किश नहीं चलेगा..मेरे होंटो पर भी कर्म फरमा दे…”
राधा बेरी की फ़्लर्ट सुन हंसने लगी..
“दोस्तों में तो हर चीज चलता है…”राधा ने बेरी के होंटो पर नरमी से अपने होंट रख दिए..बेरी बस उसके कमर और हाथ फिराती रही..
राधा को कुछ समझ नहीं आरहा था कि उसके साथ हो क्या रहा है…!?
वह आखिर बेरी के हलके से स्पर्श से इतनी बेकाबू क्यों होती जा रही थी…
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...
आलया राधा की सबसे क्लोज़ कज़न थी,,उसके शौर्य मामू की एकलौती बेटी जिससे राधा की गाढ़ी दोस्ती थी…
आलया बहुत दिनों बाद अपने कोचिंग सेंटर आई थी। आलया ने रेड क्रॉप टॉप पर ब्लैक प्लाज़ू पहना हुआ था। हाथों में बैग लिए, वह सीधा क्लास रूम की तरफ गई। वहाँ सारे स्टूडेंट्स जमा थे। उसे देखकर वे चौंक गए क्योंकि वह बहुत दिनों बाद कोचिंग आई थी। आलया के बॉब कट बाल पीठ पर खुले हुए थे। तभी उसकी सीट पर उसकी ही उम्र का लड़का आ बैठा।
"यार आलू, तुम तो चांदनी का चाँद हो गई... इतने दिनों बाद..." वह लड़का उसकी तरफ देखकर बोला।
आलया बैग से बुक्स निकाल कर खोलती हुई बोली, "चांदनी का चाँद नहीं... वह ईद का चाँद होता है... पहले मिशाल देना सीख लो।"
"तुम ही सिखा दो... क्योंकि तुम्हें देख तो मैं सब भूल जाता हूँ..." वह लड़का ठंडी साँस भरकर बोला।
आलया चिढ़कर बुक बंद कर बोली, "मुझे देख कर या फिर मेरे भाई कबीर को देख कर..!!
अलवीर अपनी मज़बूत कलाईयों पर बंधी घड़ी को देखते हुए गहरी मुस्कान लिए बोला, "अभी नवीन सर के आने में टाइम है।"
आलया आँखें दिखाकर बोली, "सर के आने में टाइम है तो बैठकर थोड़ा पढ़ लो।"
आलया ने देखा वह मुस्कुरा रहा था। उसके बाएँ गाल पर पड़ने वाला डिम्पल बहुत ही प्यारा था।
अलवीर उसे यूँ खुद को घूरता देख बोला, "क्या तुम्हे कबीर छुट्टी के वक़्त पीक करने आएगा..”
आलया फिर दाँत पीसकर रह गई।
आलया बोली, "अलवीर, तू मेरा नर्सरी से दोस्त है इसलिए तेरी बकवास सुन लेती हूँ, वरना तेरे जैसे को तो मैं मुँह तक ना लगाती।"
"इसलिए तो तू मेरी बेस्टी है... आलू... मेरी प्यारी सी आलू…!!
प्लीज बस एक बार कबीर से मिलवा दे..”
अलवीर उसके गाल खींचकर बोला।
"तेरा कुछ नहीं हो सकता..." आलया आखिर में मुस्कुरा दी।
फिर क्लास में टीचर आ गए तो सब खामोश हो गए। लेकिन पूरे क्लास में अलवीर आलया को तंग करता रहा, बात-बात पर उसे परेशान करता रहा। आलया बहुत ही खतरनाक तरीके से गुस्सा हो गई थी।
जैसे ही टीचर क्लास से बाहर गए और सारे स्टूडेंट्स निकलने लगे, तभी अनायास आलया ने अलवीर को कॉलर से पकड़ा और दीवार से लगाकर बोली,
"अब बोल... उस वक़्त बहुत बकबक कर रहा था... खुद तो हर साल बिना पढ़े-लिखे टॉप करता है और मुझे पढ़ने नहीं देता... अगर अब तूने मुझे क्लास में डिस्टर्ब किया तो तेरा गला दबा दूँगी... आजकल तू बहुत बदतमीज़ हो गया है।"
“यारर इसमें इतना गुस्सा होने वाली क्या बात है…!!अलविर डर सा गया..
“इट्स एवरीथिंग ओके आलया..!?किसी की आवाज पर दोनों चौंक कर सीधे हो गए..
सामने ही मुस्कान लिए कबीर खड़ा था..
अलविर इधर उधर देखने लगा और कबीर छोटे छोटे कदम उठाता हुआ दोनों के करीब आया..
कबीर अमेरिका में रहने की वजह से वह बिलकुल फॉरेनर लगने लगा था। ब्लैक टी-शर्ट और उसके ऊपर लेदर की जैकेट और ब्लैक पैंट पहने वह बहुत ही डैशिंग लग रहा था।
अलविर उसे करीब आता देख बिना पलक झपकाये उसे ही देखने लगा..
“हेलो…तुम शायद अलविर हो…!!
आलया तुम्हारे बारे में बहुत बातें करती है,,मैं आलया का कज़न कबीर हूं…!!कबीर अपने घुँघराले बालों में हाथ फेरने लगा।
अलविर ने काँपते हुए हाथों से कबीर से हाथ मिलाया..
आलया अजीब नज़रो से अलविर को घूरने लगी,,वह इतना तो जानती थी कि अलविर को कई सालों से कबीर पर करश है लेकिन उसे ये नहीं पता था कि कबीर को सामने देख अलविर इस तरह शर्माने लगेगा..
“ओह्ह हाँ मुझे याद आया,,मुझे दूसरी क्लास अटेंड करने जाना है तो मैं चलती हूं बाययय..”आलया ने कबाब में हड्डी नहीं बनना चाहा..
आलया चुपके से क्लास से निकलती बनी,,अब क्लास पूरा खाली था..
“आपसे मिल कर अच्छा लगा,,नाइस टू मिट यु…ओह्ह हाँ एक्चुअली मुझे भी क्लास में जाना है तो चलता हूं…”अलविर ने साइड से निकल जाना ही सही समझा..
कबीर ने उसका बाज़ू ज़ोर से पकड़ लिया..
“हमारी उम्र में सिर्फ 1 या 2 साल का ही फर्क होगा फिर ये आप जी जनाब कह कर क्यों बात कर रहे हो,,फॉर्मेलिटी साइड कर नार्मली बात करो…”
अलविर को तो समझ ही नहीं आया कि क्या बोले क्यूंकि कबीर की गहरी नज़रे उसपे ही टिकी थी..
“डु यू लाइक मी….!?
कबीर के मुंह से डायरेक्ट क्रिस्टल क्लियर बातें सुन अलविर के होश ही उड़ गए…
वह भी स्ट्रैट फॉरवर्ड था लेकिन इतना नहीं कि सामने वाले के मुंह पर ही बोल दे..
“व…वह…में…मैं…मी……!!अलविर को कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या बोले क्या नहीं..
कबीर निराश होकर बोला…”मतलब आलया ने मुझसे झूट बोला था कि तुम मुझे पसंद करते हो..!!?
ज़ब मैं अमेरिका में था तो वह रोज़ मुझे कॉल कर तुम्हारे बारे में बताती रहती है…
जाने अनजाने में ही सही पर तुम मुझे बहुत अच्छे लगने लगे…दिन भर की बातें,,साथ में सेल्फिज़ वगेरा…!!
मैं खुद को तुम्हारे बारे में सोचने से रोक ही नही पाया..!!
अलविर ने आलया को मन ही मन गाली दी क्यूंकि वह भी उसे कबीर की पिक्चर्स दिखा कर पकाती रहती थी और उसे कबीर पर क्रश आगया था..
“सॉरी एक्चुअली आपने इतना कुछ बोल दिया कि अब मुझे समझ नहीं आरहा कि क्या बोलू…!?
अलविर ने लम्बी सांस ली..
कबीर ने हाँ में गर्दन हिलाते हुए कहा..”मैं समझ सकता हूं…टेक योर टाइम…!!
अलविर ने कबीर के जैकेट का कोना पकड़ते हुए कहा..”हम्म्म लेकिन मुझे आप बड़े कूल लगते हैँ..”
कबीर बस हँस दिया..कबीर को उसे छेड़ने में बड़ा मज़ा आरहा था..
“हाहाहाहा चलो तुम्हे मैं पसंद तो आया..”
अचानक ही कबीर उसके बेहद करीब आके उसके ठुडी को ऊँगली से उठाए बोला..”मैं तुम्हारे साथ डेट पर जाना चाहता हूं,,तुम्हारे साथ छोटे छोटे लम्हें एन्जॉय करना चाहता हूं…”
अलविर की आँखे झिलमिला उठी..
कबीर ने उसके माथे पर होंट रख कहा..”और भी बहुत कुछ करना चाहता हूं..सही वक़्त आने दो सब पता चल जायेगा..”
कबीर ने उसके कानो के पास जाके गर्म सांस छोड़ी तो अलविर सीहर उठा..
वह अब भी झटके में था की कबीर इतना अपनी फीलिंग्स को लेकर बोल्ड क्यों है..
“कैन आई बी योर बॉयफ्रेंड…!?
“सोच….कर…—--______
कबीर उसकी बात काटते हुए बोला,,”सोचके मतलब…!!
सोचा तो उस चीज में जाता है ज़िसमे इंकार की गुंजाईश हो..!!
“ज..जी…!!अलविर की ज़ुबान लड़खड़ा सी गई क्यूंकि कबीर के हाथ उसके कमर पर चले गए थे..उसका चेहरा शर्म से लाल पड़ने लगा..
“मुझे…मुझे मंजूर है..”अलविर ने धड़कते दिल से कहा..
वह खुद भी तो यही चाहता था बस शर्म के कारण गूंगा बहरा बन गया था लेकिन उसने हिम्मत कर अपनी बात कह ही डाली..
“गुड…!!कबीर ने उसके गर्दन पर झुकना चाहा लेकिन अलविर ने उसे रोक दिया..
“हम अभी इंस्टिट्यूट में है…”अलविर ने कबीर को वक़्त और माहौल समझाया..
कबीर नरमी से उससे दूर हुआ..
“ज़ब इतना इंतेज़ार किया है तो थोड़ा और सही…”
कबीर मुस्कुरा कर क्लासरूम से बाहर चला गया..
कबीर के जाते ही अपना चेहरा शर्म से छुपाये अलविर दिवार से लगे बैठ गया..
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...
राधा बेरी के साथ बात करती हुई सीधा नेशनल कोचिंग सेंटर आई। बेरी ने उसका बैग उठा लिया था। क्योंकि राधा को एडमिशन लेना था, इसलिए राधा बेरी के साथ आई थी ताकि उसे कोई दिक्कत ना हो, और बेरी काफ़ी समझदार भी थी, इसलिए वह हर जगह संभाल लेती थी।
राधा और बेरी सीधा ऑफिस रूम में आए। बेरी ने राधा को बाहर ही रुकने को कहा और खुद अंदर चला गई । जब वह थोड़ी देर बाद बाहर निकली,तो मायूसी से बोली,
"चल, यहाँ से चलते हैं। क्योंकि यहाँ पर वह लोग सिर्फ़ अपने स्कूल के बच्चों का ही एडमिशन लेते हैं। और ऊपर से तू 1 महीने लेट है।"
"तो मतलब....नहीं होगा...?" राधा ने पैर पटक कर कहा।
बेरी ने ना में सिर हिला दिया।
फिर राधा उसके साथ दो-तीन कोचिंग सेंटर भी गई, जो काफ़ी अच्छे और पढ़ाई के मामले में फ़ेमस भी थे, लेकिन वहाँ से भी उन्हें मायूसी ही हाथ लगी।
बेरी ने लापरवाही से कहा,,इसमें उदास होने वाली कोई बात नहीं है…मैं किस दिन के लिए हूं,,मेरे घर आजाना संग में पढ़ेंगे..”
राधा ने सुक्रिया कहा और खामोश होगई..
राधा को कुछ गड़बड़ सी लगी कि कोई भी कोचिंग में उसे एडमिशन ना मिलना। ऐसा कैसे हो सकता है जबकि वह काफ़ी ब्राइट स्टूडेंट के साथ-साथ हाई सेकेंडरी स्कूल की लड़की थी? उसका स्कूल तो काफ़ी फ़ेमस था, फिर भी उसे एडमिशन नहीं मिलना...वह भी एक बेकार से रीज़न की वजह से कि वह एक महीना लेट है।
बेरी भी राधा के साथ आज उसके घर आई थी,,वह निचे उसकी मम्मी सुमन से बातों में लगी थी…
राधा ने स्कूल ड्रेस चेंज की, आँखों से चश्मा उतारकर वाशरूम गई, और जब वह बाहर आई तो टी-शर्ट और पैंट पहने हुए थी। तभी समर उसके कमरे में खाना रखकर जा चुका था।
"अच्छा किया मम्मी ने आज कमरे में ही खाना भेजवा दिया। बहुत ज़्यादा भूख लग रही थी।" राधा कॉच पर बैठी और खाना खाने लगी।
खाना खाकर वह कॉच पर ही पसर कर लेट गई। तभी उसका फ़ोन टन-टन बजने लगा।
"उफ़्फ़ अब कौन मर रहा है यार! ये ग्रुप से बहुत मैसेज आते हैं।" राधा उठी और मोबाइल लेकर बैठ गई।
अननोन नंबर से किसी का मैसेज था।
राधा ने नंबर चेक किया तो यह नंबर स्कूल और स्पोर्ट्स क्लब के ग्रुप में समीर के नाम से शो कर रहा था।
राधा ने मैसेज देखा, जहाँ "HI" लिखा हुआ था।
राधा ने भी "Hello" लिखा और सोचा देखते ही आगे से क्या रिप्लाई आता है। पर जब मैसेज सीन करके छोड़ दिया गया, तो राधा ने भी मोबाइल साइड रखकर सारे बर्तन उठाकर नीचे ले आई। किचन में बर्तन रखकर वह लिविंग रूम में आ गई,जहाँ बेरी अब भी सुमन से बातों में लगी थी और स्वाति को गोद में लिए खेल रही थी..
राधा बेरी को स्वाति के साथ हँसता खेलता देख वही दिवार से लग कर देखने लगी..
“काश वक़्त यही ठहर जाता…बेरी सचमे बहुत सुंदर है,,उसका दिल भी इतना ही नर्म और नाजुक है..”राधा को उसपे बड़ा प्यार आया लेकिन फिर ज़ब बेरी की नज़र उसपे गई तो वह चौंक कर सीधा होगई और नज़रे झुकाये अपने कमरे में भाग गई..
बेरी बस उसके मासूम हरकतों पर मुस्करा कर रहगई..
राधा सुकून से बेड पर लेट गई। पता नहीं कब वह गहरी नींद में चली गई।
ज़ब अचानक ही उसे अपने पेट पर किसी के हलके हाथों का स्पर्श महसूस हुआ तो उसने आँखे मलते हुए खोली..
बेरी वही उसके बगल में लेटी हुई थी..
“अरे तू घर नहीं गई…!?राधा उठ बैठी..
बेरी नाराज़गी जतला कर बोली..”अच्छा तो तू चाहती है कि मैं घर चली जाऊं..!?
“नहीं याररर….मेरा कहने का वह मतलब नहीं था…”राधा ने चश्मा साइड टेबल से उठाकर आँखों में लगाया..
बेरी भी उठ बैठी..”सुमन आंटी ने कहा की मैं भी थोड़ा आराम कर लू फिर रात का खाना खाके घर चली जाउंगी..”
राधा ने अंगड़ाई लेते हुए कहा..”चलो अच्छा है…”
बेरी उसके गोद में सिर रखे लेट गई..”तेरे पास रहती हूं तो मुझे सब कुछ हसीन लगता है वरना तू जानती है मेरी जिंदगी में सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा है..!!
राधा बेरी के फैमिली के बारे में सब जानती थी,,ये भी कि वह उस तरह मुंहफट और बदतमीज़ क्यों हुई है लेकिन अंदर से वह मोम की तरह थी..
“मैं हमेशा तेरे साथ हूं इसलिए आइंदा ऐसी बात मत कहना..”राधा ने उसकी हथेली झुक कर चुम ली..
बेरी के चेहरे पर गहरा सुकून छा गया..
राधा ना जाने क्यों बेरी की दिलकशी भरी मुस्कान देख खुद पर क़ाबू नहीं कर पाई और उसके चेहरे पर झुक कर अपने होंट रख चूमने लगी,,बेरी के चेहरे का हर हिस्सा उसने अपने जलते होंटो से तपीश बढ़ा दी..
बेरी बस उसके गर्दन पर प्यार से हाथ फिराती थी…
लेकिन उसे खुद नहीं पता चला की उसके हाथ कब राधा के सीने तक पहुंच गए हैँ..
राधा बेरी के निचे दबी हुई थी और दोनों के होंट आपस में मिले हुए सॉफ्टली स्मूच कर रहे हैँ,,कतरा कतरा एक दूसरे की पियास बुझाने में लगे थे..
बेरी का हाथ राधा के सीने को सहला रहा था..
तभी अचानक राधा रुक गई…
“अह्ह्हह्ह्ह्ह…हहहहहह…..!!
बेरी भी रुक गई और राधा के खुमारी भरी आंहे सुनने लगी..
“बेरी….!!
“रानी….मेरी बात सुन…रिलैक्स…कुछ नहीं हुआ…सब नार्मल है…”बेरी ने अपने बालों को समेटे हुए उठ बैठी..
बेरी को खुद पर गुस्सा आने लगा की वह बहुत ज़्यादा जज्बात में बहह कर जल्दबाजी कर रही थी..
राधा भी उठी और बेक़रारी से उसके गर्दन में बांहे डाल कर उसके गले लग गई,,राधा अपने पैरो को उसके कमर के में लपेटे लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी..
“तेरे साथ हर बिताया हुआ पल मेरे लिए बहुत खास है क्यूंकि तू भी मेरे लिए बहुत ज़्यादा खास है…”
बेरी राधा की प्यारी और मासूमाना बातें सुन उसके पीठ पर ज़ोर से बाज़ू कस उसे खुद से भींच लिया..
बेरी उसे गोद में लिए बैठी रही,,राधा उसके कानो को चूमती हुई काटने लगती तो कभी उसके गर्दन पर होंट रख चूमने लग जाती..
“रानी बस कर दे….वरना ऐसा ना हो मैं अपना कण्ट्रोल खो दूँ…”बेरी एक आँख बंद किये शरारती अंदाज़ में उसके कमर से निचे हाथ ले गई…
राधा बस किसी पांडा की तरह उससे चपकी रही..
वह बेरी को हर मुमकिन तरिके से सेडयुस करना चाहती थी पर ये इतना आसान काम नहीं था..
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...
राधा जैसे ही स्कूल पहुंची समीर भी अपनी बाइक स्टैंड पर लगाता हुआ उसे दिख गया...
राधा समीर से स्पोर्ट्स क्लब के सिलसिले में कुछ बात करना चाहती थी..
राधा जैसे ही आगे को बढ़ी बेरी उसका हाथ पकड़ अपने साथ ले गई..
“क्या बात है…!?राधा चिढ़ सी गई..
“अब मुझे तुझसे बात करने के लिए वजह ढूढ़नी पड़ेगी..”बेरी की आँखों में सर्दपन उतर गया तो राधा डर से जल्दी में ना में गर्दन हिला गई..
फिर दोनों ने एक दूसरे को चोर नज़र से देखा और कुछ याद कर नज़रे फेर गई..
दोनों नज़रे फेर कर साथ चल रही थी तभी अचानक एक लड़का हँसते हुए राधा के सामने आके बोला..."ओह्ह्ह तुम ही हो वह राधिका अग्निहोत्री.....वाह्ह्ह देखने में तो खूबसूरत हो पर दिमाग़ नहीं है क्या,,,तुमने हमारी टीम ज्वाइन की है...लड़कियां हमारे स्कूल की स्पोर्ट्स में हिस्सा नहीं लेती...
राधा थोड़ा हैरान रह गई पर बेरी मुठिया भींच के ग़ुस्से से बोली....
"अजय यादव....अपने काम से काम रखो समझे और आइंदा अपनी छोटी सोच को ज़ुबान पर लाया ना तो ज़ुबान खिंच लुंगी..."
बेरी की बात सुन अजय की सिट्टी पिट्टी गुल होगई..वह उलटे कदम भाग खड़ा हुआ..
"ये सब.....आखिर वह ये सब क्यों बोल रहा था...."राधा नासमझी से पूछने लगी..
"सच में रानी तू ना आजकल बहुत मासूम होगई है...या फिर हद से ज़्यादा बेवकूफ़ बन गई है....
दरअसल तू पहली लड़की ने जिसने स्कूल के स्पोर्ट्स क्लब में पार्टिसिपेट किया है....हमारे स्कूल की कोई भी लड़कियां किसी भी गेम या स्पोर्ट्स में हिस्सा नहीं लेती...तूने लिया है तो बस कुछ लड़को को बात हज़म नहीं हो रही है..."
बेरी की बात सुन राधा सोचने लगी बड़े अजीब लोग है यार....
तभी बेल बजी तो जल्दी से दोनों क्लास की और चली गई..
सारे क्लासेज अटेंड करने के राधा को स्पोर्ट्स क्लब जाना था पर पता नहीं क्यों उसे थोड़ा अजीब लग रहा था…
बेरी ने ठंडे ठार लहजे में कहा..”मैं हूं ना,,फिर परेशान क्यों हो रही है…मैं साथ चलूंगी..”
राधा के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान आगई और वह बेरी के साथ चल दी..
वह जैसे ही आईडी कार्ड एंट्री करवा के अंदर आई सारे लड़के उसे देख संभल के बैठ गए....
सब लोग आपस में खुसर फुसुर करने लगे तभी वहाँ समीर ढीले ढाले टी.शर्ट और हाफ पैंट में आया और सबकी तरफ एक काटदार नज़र डाली तो वापस से सब खामोश होगए…
“मुझे नहीं लगता कि तुम्हे यहाँ अपने साथ किसी दूसरे को भी ले कर साथ आना चाहिए..
इसकी इजाज़त नहीं है…!!
समीर और बेरी दोनों एक दूसरे को खतरनाक नज़रो से घूरने लगे..
“मैं इसे तुम जेसो लड़कों के बिच अकेला नहीं छोड़ सकती…मैं तो इसके साथ साये की तरह चिपकी रहूंगी…तुम्हे कोई प्रॉब्लम है क्या…!?
वैसे मिर्जा सर ने तो आज तक कभी दूसरे स्टूडेंट्स को क्लब में आने से रोकटोक नहीं किया तो तुम कौन होते हो…!?
समीर को ना ही बेरी में कोई दिलचस्पी थी और ना ही राधा में,,वह बस यहाँ अपना कैप्टेन होने का फर्ज निभा रहा था..
इसलिए उसे हर हाल में बर्दास्त करना पड़ेगा..
"हमारे स्पोर्ट्स क्लब में तुम्हारा स्वागत है...मैं समीर यहाँ का कैप्टेन हूँ और हमारे कोच मिर्ज़ा सर है तो अगर कोई भी प्रॉब्लम हो तो तुम बेझिझक हमसे कह सकती हो..."
समीर को लगा राधा पहली बार किसी स्पोर्ट्स क्लब में आई है लेकिन वह नहीं जानता था वह प्राइमरी स्कूल के ज़माने से स्पोर्ट्स में और बाक़ी एक्टिविटी में हमेशा फर्स्ट आती थी...
समीर उसे साथ उसके लॉकअप में ले गया जहाँ उसके कपड़े रखे थे....
राधा ने वह कपड़े लिए और चेंजिंग रूम की तरफ बढ़ गई,बाहर बेरी खड़ी पहरादारी करती रही..
तभी अंदर से राधा की आवाज आई..
“बेरी…क्या तुम बाहर खड़ी हो…!?
बेरी संभल कर खड़ी होगई..
“हाँ रानी बोल…कोई मदद चाहिए क्या…!?
राधा ने थोड़ा सा गेट खोल के बेरी को देखते हुए कहा..”प्लीज एक मिनट के लिए अंदर आ ना..!!
बेरी छोटे से चेंजिंग रूम में घुस गई तो राधा ने जल्दी से डोर लॉक किया..
बेरी ने राधा को गौर से देखा जो ओवरसाइज टी.शर्ट और घुटनो से ऊपर आती पैंट पहने,लेकिन पेंट कमर से बहुत ज़्यादा ढीला हो रहा था..
“यारर ये हद से ज़्यादा ढीला हो रहा है,,मेरे साइज से बड़ा है..”राधा ने जैसे ही कहा बेरी उसके सामने झुक कर घुटने के ब्ल बैठ गई..
बेरी ने अपनी कॉफ़ी राधा को पकड़ाते हुए कहा..”मुझे बस एक मिनट दे,मैं अभी इसे पिन उप कर देती हूं..ताकि फिलहाल के लिए काम आ सके लेकिन कोच को बोल कर अपने साइज के पेंट मंगवा लेना…”
बेरी ने अपने ड्रेस से दो पिन को मिला कर राधा के पेंट को कमर से मोड़ कर पिन उप कर दिया..
“ले होगया…!!बेरी ने जैसे ही कहा वापिस से राधा का पेंट सरक कर निचे गिर गया..
बेरी की नज़र उसकी रेड नेट वाली पेंटी पर चली गई,,राधा के गोरे गोरे थाई बहुत ही आकर्षक थे..
राधा अचानक ही सकपका गई और उसके हाथ में पकड़ी कॉफ़ी बेरी के चेहरे पर गिर गई..
“अह्ह्ह्ह शिट….सॉरी…..!!राधा को समझ ही नहीं आया की आखिर ये हो क्या रहा है..
बेरी उठते हुए बोली..”शुक्र है मैंने कोल्ड कॉफ़ी ली थी..”
“सो सॉरी बेरी..”राधा बेरी का चेहरा हाथों में थामे घबराते हुए उंगलियों से कॉफ़ी साफ कर रही थी..
बेरी के माथे से नाक और फिर होंटो तक कड़वी कॉफ़ी गिर गई थी..
“रानी..!!
इससे कोई फायदा नहीं होगा,अपने ज़ुबान का इस्तेमाल कर और जल्दी से साफ कर दे..”
राधा ने बिना देर किये अपने होंट बेरी के माथे पर रख दिए और अपने ज़ुबान से सारी कॉफ़ी चख कर साफ करने लगी…
बेरी के चेहरे पर अजीब सा सुकून उतर आया था..
राधा के कमर पर ऊँगली से गुदगुदाने लगी इधर राधा अपने ज़ुबान से उसके चेहरे को सक कर रही थी फिर ज़ब वह होंटो पर आई तो बेरी ने अपने होंट खोल दिए..
राधा उसके होंटो को चाट गई पर यहाँ पर उसे कड़वाहट की जगह मीठा मीठा स्वाद महसूस हुआ…
राधा को खुद पता नहीं चला की कब बेरी और उसकी ज़ुबान आपस में मिल गई है..
बेरी ने उसके पेंटी के ऊपर से ही अपनी उंगलियां रगड़ने लगी..राधा के शरीर में तेज़ कपन दौड़ गया था लेकिन वह चाहती थी कि बेरी और ज़्यादा उसे रफली टच करे…
राधा अब उसके गर्दन पर जगह जगह होंट रख चुम रही थी..
“ये सही वक़्त है…हमें खुद पर क़ाबू पाना होगा…”बेरी ने आहिस्ता से कहा तो राधा का मुंह फूल गया..
“रानी मेरी पहले पूरी बात समझ…तुझे अभी अपने स्पोर्ट्स में फोकस करना है..”बेरी उसके पेंटी को सरका गई थी..
राधा ने बेरी का हाथ झटक दिया और वापिस से पेंट पहनने लगी तो बेरी ने उसे पीछे से बांहो में जकड़ लिया..
“हाययय इतना गुस्सा…थोड़ा तो सब्र रख..”
“हम्म्म ठीक है..”राधा ने भी लम्बी सांस ली..
बेरी ने उसे पेंट पहनाया…
राधा चेंज कर बाहर निकल गई..
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗
राधा ने वह कपड़े लिए और चेंजिंग रूम में चली गई...
ज़ब वह वापस आई तो वह भी ओवरसाइज टी.शर्ट और घुटनो से ऊपर आती पैंट पहने,बालों की पोनी बनाए खड़ी थी...वह थी ही बहुत ज़्यादा खूबसूरत और अलग जो भी देखता उसे देखता ही रह जाता था…
समीर ने उसे लॉकअप की चाबी दे दी थी....
राधा समीर के सामने आती हुई बोली..."अब चले प्रैक्टिस के लिए.....!!
बेरी ने उसे थमब्स उप कर बेस्ट ऑफ लक किया..
समीर हाँ में अपनी गर्दन हिला गया....
समीर के साथ राधा को आते देख सब उसे ऊपर से निचे तक देखने लगे....राधा की गोरी टांगे खुली और दिख रही थी....पहली बार एक लड़की स्पोर्ट्स क्लब में आई थी तो उन लोगों को यक़ीन ही नहीं हो रहा था...
राधा को वह लड़का अजय भी दिखा जिससे आज सुबह बेरी ने बहस भी किया था...
4 लड़के थे,और एक समीर और राधा.....वॉलीबॉल खेलने के लिया 6 मेंबर की ज़रूरत पड़ती थी और 5 लड़के थे बस एक लड़की थी....
बाक़ी लोग जो क्रिकेट और दूसरे स्पोर्ट्स की प्रैक्टिस करने आए थे वह लोग भी राधा को घूर रहे थे...
"अगर तुम लोगों का घूरना बंद हो गया हो तो प्रैक्टिस शुरू करे..."समीर की आवाज पर सब होश में आगये...
समीर राधा को रूल्स समझाने लगा और राधा कान दबा के सुनती रही...राधा को खेलने का तरीका और बाक़ी सब पता था...
"सब अपनी पोजीशन ले लो....
राधा,समीर और अजय सामने की तरफ खड़े हो गए और बाक़ी तीन लड़के...विनोद,हार्दिक और जय पीछे की तरफ खड़े हुए...
अजय अचानक ही हँसता हुआ बोला..."राधा पहले तुम...तुम अटैक करो और हम डिफेन्स करेंगे...."
सब लड़के उसकी बात सुन हँस दिए...सिर्फ समीर ही जबड़े कसते हुए अजय को देखने लगा वह जानता था,,वह लोग राधा का मज़ाक बना रहे है...
"राधा....केयरफुल रहो ये लोग बहुत बदतमीज़ है..."समीर धीरे से उसकी तरफ झुकते हुए बोला क्यूंकि वह जानता था की उसके ग्रुप में सब कितने बदतमीज है..
"ओह्ह्ह....कोई नहीं मैं इन्हे बताती हूँ आखिर अटैक किसे कहते है..."राधा ने वॉलीबॉल को हाथों में पकड़ा और ज़ोर लगा के टेनेस नेट के उस पार फेका....
समीर ने आँखों में हाथ रख लिया और सोचने लगा क्या मुसीबत है…
वही बेरी चेयर पर पैर पर पैर चढ़ाये आराम से शो एन्जॉय कर रही थी क्यूंकि वह जानती थी कि अगर राधा ने सीरियसली ले लिया तो सबकी बेंड बज जाएगी..
तभी वॉलीबॉल पूरे ज़ोर के साथ अजय के मुंह पर जा लगा और वह दूसरे ही पल चित गिर गया...
क्यूंकि अजय कुछ ज़्यादा ही ओवर कॉन्फिडेंस हो रहा था इसलिए उसे लड़की समझ के हलके में ले रहा था...
अजय के गिरते ही बाक़ी के 3 सांस रोके खड़े राधा को देखने लगे...
फिर लगातार तीनो वार में उछल के राधा ने ऐसा अटैक किया कि सब ज़मीन पर गिर गए...
समीर ने जैसे ही आँखों से हाथ हटाया तो सब लड़के ज़मीन पर गिरे पड़े थे और राधा हाथों में वॉलीबॉल लिए उनके करीब बैठी उन्हें दिलासा दे रही थी...
"अरे भाई लोग उठो...इतनी जल्दी हवा टाइट होगई..."
सब उसकी बात सुन उठे और उसके करीब जाके ख़ुशी से उसे घेर के बोलने लगे...
अजय...."सॉरी यार मुझे नहीं पता था तुम इतनी अच्छी प्लेयर हो.."
हार्दिक बोला..."हमारे स्कूल में तुम जैसी टैलेंटेड लड़की भी है..."
विनोद..."सच्ची में राधा तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा.."
जय...."अगर तुम हमारी टीम में रहोगी तो हम सारे मैच जीत जाएंगे..."
राधा हंसती हुई शर्मा के बोली..."अरे अरे मैं इतना भी खास नहीं खेलती....पर अच्छा है अब हम एक टीम होकर खेलेंगे और ज़रूर जीतेंगे....बस हमें खुद में एकाई रखनी होगी..."
सब लड़को ने हाँ में गर्दन हिलाई...
समीर जो ये सब कब से देख रहा था वह उन सब के करीब आया और बोला..."आज के लिए इतना बहुत है...कल से प्रैक्टिस स्टार्ट करेंगे..."
“ओके…ग्रेट सब लोगों ने अच्छा किया..कल मिलते हैँ…!!
राधा बाय करती हुई बेरी की तरफ आई..
“वाह्ह्ह ये हुई ना मेरी शेरनी वाली बात….!!
तूने तो उन लोगों को उनकी औकात दिखा दी…एकदम गजबब्बब….!!बेरी उसकी तारीफ करने लगी…
राधा हंसती हुई उसके साथ बाहर चली आई…
________
दूसरे दिन स्कूल में…
राधा और बेरी दोनों ही आज लास्ट बेंच पर बैठी हुई थी और क्लास में टीचर बुक्स खोले लेक्चर दे रहे थे..
“यारर मैं बोर हो रही हूं…”राधा ने आहिस्ता से कहा तो बेरी उसके करीब चिपक कर बैठ गई..
“तू चाहे तो मैं तेरी बोरियत को दूर कर सकती हूं..”बेरी ने कहा तो राधा के गाल शर्म से तमतमा गए…
बेरी ने अपनी हथेली धीरे से राधा के थाई पर रख दिया फिर वह अपना हाथ सरकाती हुई उसके स्कर्ट के अंदर ले गई..
“हुंह्ह्ह्ह सेक्सी रानी…”बेरी ने उसके पेंटी के ऊपर से ही उंगलियां रगड़ना शुरु कर दिया तो राधा संभल कर बैठ गई और छटपटाने सी लगी..
बेरी की लम्बी तेज़ उंगलियां तेज़ी से हरकत कर रही थी…
“अहह बेरी…”राधा उसका बाज़ू पकड़े झुक गई तो मन्नत मेम ने राधा की तरफ देखते हुए कहा..”बेरी क्या हुआ तुम्हारी दोस्त को..!?
बेरी झुक कर अदब से बोली..”मेम शी इज़ फिलिंग अन वेल…!!
मन्नत मेम ने घबराते हुए कहा..”ओह्ह्ह आई सी…बेरी तुम राधा को कुछ देर के लिए गार्डन की खुली हवा में ले जाओ..”
“ओके मेम….
थेंक्स मेम…!!!
दोनों बाहर निकल गई और गार्डन के किनारे बने स्टोर रूम में बंद होकर किसिंग करने लगी..
बेरी उसके कमर को मसलती हुई शिद्द्त से चूमे जा रही थी..
वही राधा भी बेरी का पूरा साथ दे रही थी,,बिना रुके उसके होंटो से होंट मिलाये वह जैसे अपनी पियास बुझा रही थी..
राधा ने बेरी के बड़े बड़े बूब्ज़ को भी हलका हलका दबाना शुरु कर दिया था जिससे बेरी फुल जोश में आई उसके होंटो को सक करने लगी..
फिर बेरी उसके गर्दन पर आके लम्बी सांस लेने लगी,,उसकी खुसबू साँसो में उतार रही हो..
बेरी ने झुक कर उसके थाई में ज़ोर की चुटकी काटी तो राधा एक्ससिटेमेंट के मारे अपनी स्कर्ट खींच के निचे कर गई..
बेरी ने उसके पेंटी में हाथ डाले मसलने लगी..
राधा ने सिसकना चाहा लेकिन बेरी ने उसके मुंह पर हाथ रख इशारा किया कि गार्डन में कुछ स्टूडेंट्स बैठे हुए हैँ…
बेरी ने तेज़ी से अपनी दो ऊँगली गीलेपन की वजह से अंदर गहराई में समा गई तो राधा की आँखे अपने आप ही बंद होती गई..
बॉडी में सिरहन और निचे अजीब सी गुदगुदाहट सा महसूस हो रहा था..
पूरी बॉडी अपने आप ही जोश में आगई थी..
ममम…हह…मममम…हफ….न्नन्नम्म्म..
राधा आहिस्ता से अपनी सिसकियो को रोके हुई थी..
बेरी ने उंगलियां गहराई तक अंदर कर दी और फिर झटके से बाहर करने लगी…
“क्या तू अब भी मुझसे नाराज है…”बेरी ने उसके पीछे ज़ोर से अपना हाथ मारते हुए कहा तो राधा ने ना में गर्दन हिला दिया..
“गुड…!!बेरी ने राधा को गोद में उठा कर एक पुराने टेबल पर बैठा दिया,,राधा की दोनों टांगो को बेरी फैलाये निचे झुकी अपने ज़ुबान से सक करने लगी तो राधा ने अपने मुंह पर कसके हाथ जमा ली..
बेरी अपने ज़ुबान में नमी लिए ज़ुबान से तेज़ी से सक कर रही थी,,फिर एक ऊँगली डाल कर राधा को कम करने में हेल्प करने लगी….
राधा डिस्चार्ज होने लगी और पसीने में भीगी उसकी सांसे ऊपर निचे होने लगी..
बेरी ने राधा के निकलते गाढ़े सफ़ेद मलाई को चख कर गटक लिया..
“छी…थूक दे…पागल होगई है क्या…!?
राधा ने बेरी के सिर पर चपत लगाई तो बेरी कुछ भी नहीं बोली…
“रानी…तेरा रस तेरी तरह ही मिठास से भरा है..”बेरी ने अपने होंटो पर ज़ुबान फिराई तो राधा सिर पर हाथ मार कर रहगई..
बेरी ने अपनी भी स्कर्ट उतार कर राधा के फुले हुए हिस्से को खुद से रगड़ने लगी..
दोनों तेज़ तेज़ सांसे लेती बस एक दूसरे की निगाहों में देख रही थी…
राधा ने उसके फुले हुए दाने को मसला तो बेरी उसके कानो में दाँत गाड़ गई..
कुछ देर बाद दोनों ने अपने कपड़े ढंग से सही किये और कैंटीन में आके नाश्ता आर्डर कर पेट भर कर खाने लगी क्यूंकि वह दोनों ही बहुत थक गई थी और भूक भी बहुत तेज़ की लगी थी..
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...
राधा थकी हारी घर आई...
आज उसे कोई भी पिक करने नहीं आया था वह पैदल ही घर गई थी...
घर आते ही उसने सबसे पहले ड्रेस चेंज कर नाश्ता किया...फिर खाना खा कर सीधा अपने कमरे में चली आई..
राधा को अब भी बेरी के हाथों का सरसराता स्पर्श कमर में महसूस हो रहा था..
राधा अपने रूम में आई और बेरी को कॉल कर आराम से बेड में बैठ गई..
अब बेरी ही थी जो उसकी बिगड़ी हालत सुधार सकती थी..
“हेलो रानी…केसी है और मूड केसा है तेरा…!?
केसा महसूस कर रही है..!?
राधा ने एक गहरी सांस ली..
अपने स्पीकर पर एक ज़ोरदार किश कर वह हँस पड़ी..
“आये हाय इतना सुकून..!!बेरी भी हँस पड़ी..
राधा ने अपना चश्मा साइड रखते हुए कहा..”बेरी…मुझे फ़ोन सेग्स करना है..”
बेरी पहले तो खामोश होगई फिर बोली..”रानी..थोड़ा तो सब्र कर ले अगर ऐसे करेगी तो मैं भी अपना कण्ट्रोल लुज़ कर दूंगी..”
राधा तक्या उठाकर सीने से लगाती हुई नशीली आवाज में बोली..”और जो तूने आज मेरी वर्जिनीटी को लुज़ किया है…उसका क्या…!?
देख अब मेरी ज़िम्मेदारी तुझपे है…समझी ना..!!
राधा अब ज़िद्दी बच्ची की तरह नखरे करने लगी..
बेरी चिढ़ गई..”अभी कुछ देर पहले स्कुल में हम मिले,,प्यार किया…फिर भी तेरा मन नहीं भरा..!!
राधा साफ लफ्ज़ो में बोली..”ना…नहीं…नो…एंड नो मीन्स नो…!!
“बहुत बोलना सिख लिया है…”
“ओके फिर मुझे डीप किश कर चुप करवा दे..”राधा अपने गर्दन पर बेचैनी से हाथ फेरने लगी..
“ब..बे…बेरी…मुझे तेरी ज़रूरत है…पता नहीं क्यों…समझ कुछ नहीं आरहा है लेकिन ये आग बढ़ते ही जा रही है..”राधा का चेहरा शर्म से लाल पड़ने लगा..
बेरी ने दूसरी तरफ एक सुकून भरी सांस लेते हुए कहा..”रानी…हम बहक रहे हैँ…!!
राधा मदहोशी में बोली..”बहक जाने दे…रोक मत…”
“रानी……
“बेरी….
“लव यु….एंड उमहहहहहहहहहह….!!बेरी ने एक ज़ोरदार चुम्मी दे डाली…
“सिर्फ किश से काम नहीं चलेगा..”राधा अपने सीने को अपने हथेली से छू कर महसूस करने लगी..
“ओके फिर…अपनी टॉप उतार फेंक और ब्रा भी खोल दे…”बेरी की आवाज भारी होने लगी…
राधा ने वैसा ही किया और बिस्तर पर लेट गई..
बेरी ने नार्मल कॉल से वीडियो कॉल में स्विच कर लिया..
राधा ने कॉल उठाते ही बेरी को देखा जो खुद भी ब्लैक ब्रा पहने बैठी थी..
“उफ्फ्फ्फ़ रानी…तू मेरी नियत क्यों बिगाड़ रही है,,ऐसा ना हो कि मैं तेरे घर आजाऊं..”
बेरी ने राधा के निपलस को घूरते हुए कहा जिसे राधा लगातार मसले जा रही थी..
बेरी ने राधा को समझाते हुए कहा..”खुद को इस तरह से टच करना बंद कर…और जा अब कपड़े पहन ले…!!
राधा ने होंटो को दांतो तले दबा लिया..
“क्यों तुझसे को कण्ट्रोल नहीं हो रहा क्या…
आजा मुझे छू ले,,अपने हाथों से मुझे गर्म स्पर्श दे और मेरी कमर को बेदर्दी से मसल दे…”
बेरी ने आँखे तिरछी करते हुए कहा..”रानी…बहुत हुआ…!!
अपनी हॉटनेस कम कर वरना अभी मैं गिरती पड़ती तेरे घर में धाबा बोल दूंगी..”
राधा हँस पड़ी और अपने कपड़े पहनने लगी..
बेरी की लेकिन अब हालत बुरी होगई थी..
“तू कल स्कुल आ…फिर मैं तुझे फुर्सत से बताती हूं..”
बेरी ने अपने पेंटी में गिला पन महसूस कर राधा को कोसा जिसकी वजह से वह यूँ कम कर गई थी…
फिर नार्मल कॉल पर बेरी और राधा की बातें होने लगी…
राधा अब भी बेचैन थी,,वह बेरी से एक लम्बी सुकून वाली मुलाक़ात चाहती थी क्यूंकि आज स्कुल में आधी अधूरी मोहब्बत की पियास और ज़्यादा बढ़ा रही थी..
दूसरी तरफ बेरी अपने किंग साइज बेड पर उलटी होकर लेटी हुई राधा के बारे में सोच रही थी…
वह खुद को किस तरह काबू में किये हुए थी,,ये बात सिर्फ वही बहतर जानती थी..ऊपर से राधा हर तरह से उसे सेडयुस किये जा रही थी..
बेरी को कभी कभी खुद से डर लगने लगता था क्यूंकि वह जानती थी कि वह कितनी ज़्यादा रफ है…
वैसे ही उसका प्यार भी रफ टफ सा था,,जिसे वह ज़्यादा शो नहीं करती थी लेकिन अब मुश्किल हो रही थी..
बेरी ने आँखे मुंद ली..
•°•°•°•°
आलया कैफ़े में बैठी इम्पोर्टेन्ट नोट्स अलवीर से डिसकस कर रही थी पर अलवीर की बाहर आते जाते लोगों पर टिकी हुई थी..
"तुम्हारा ध्यान किधर है...."
आलया उसके आँखों के सामने चुटकी बजा के बोली..
"पता नहीं किधर है,,बस कुछ समझ नहीं आरहा है..."अलवीर को अब चिढ़ मच चुकी थी..
"तुम कभी नहीं सीरियस होकर पढ़ सकते...इस बार भी मिड टर्म एग्जाम में फ़ैल होना है क्या....!!
आलया गुस्से से बोली और चेहरे पर आते बालों को साइड किया...
"आलया..वह कबीर ने मुझे डेट पर बुलाया है और समझ नहीं आरहा कि कैसे तयार हो कर जाऊं..."अलवीर ने आशिकाना अंदाज़ में कहा तो आलया अपना नोट्स बेग रखती हुई वहाँ से उठ गई..
अलवीर समझ गया अब आलया का गुस्सा आसमान छू गया है…
यहाँ वह एग्जाम को ले कर परेशान थी और इधर इस लड़के पर आशिकी का भुत सवार था..
"अरे अरे मज़ाक कर रहा था....बैठो ना यार प्लीज...अब पक्का सीरियस होके पढूंगा..."अलवीर उसका बैग ज़बरदस्ती खिंच के उसे रोकते हुए बोला..
"तुम्हारे पास बहुत फालतू टाइम होगा लेकिन मेरे पास नहीं है...आज मुझे राधा को भी स्कूल से पिक करने जाना है...बहुत दिन होगए उससे मिले हुए....
आलया के मुंह से राधा का नाम सुन अलवीर के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आगई और उसके दांत दिखने लगे..
क्यूंकि कबीर आलया से ज़्यादा राधा के करीब था,,राधा और कबीर घर के बड़े बच्चे जो ठहरे..
"अगर इस बार तुमने राधा के सामने मेरा मज़ाक बनाया या कुछ उलटी सीधी बकवास की तो मैं उसके सामने ही बिना लिहाज किए तुम्हारा सिर फाड़ दूंगी..."आलया साफ धमका गई क्यूंकि अलवीर राधा के सामने काफ़ी चौड़ा होजाता था और उसका डर खत्म हो जाता था..
ओके आलू...मैं अच्छे बच्चे की तरह पेश आऊंगा..."अलवीर समझदार बच्चे की तरह सिर झुका के बोला लेकिन आलया को उसकी मासूमियत पर हरगिज यक़ीन नहीं था...अलवीर से किसी भी समझदारी की उम्मीद लगाना खुद के पेरो पर कुल्हाड़ी मारने बरबार था…
फिर अलविर और आलया दोनों कैफे से बाहर आई…
अलविर के बाइक पर आलया बैठते हुए बोली..”ब्राउन कलर कबीर का फेवरेट है,,तो ब्राउन टी.शर्ट जो मैंने तुम्हे बर्थडे पर गिफ्ट की थी वह पहन कर डेट पर जा सकते हो…हाँ लेकिन प्लीज कुछ उल जलूल हरकत मत कर देना जिस से पहले ही दिन ब्रेकअप हो जाए..”
अलविर दाँत पीस कर बोला..”मनहूस कहीं की….
कभी कुछ अच्छा नहीं कह सकती क्या…!?
यार अभी तो हमने डेट भी करना शुरू नहीं किया है..”
आलया ने हेलमेट पहनते हुए कहा..”हाँ हाँ मज़ा आएगा..कबीर के साथ रहना कितना सिर दर्द है सब पता चल जायेगा…!!
आलया हँस पड़ी तो अलविर मुंह टेढ़ा कर गया और बाइक फूल स्पीड में आगे बढ़ा गया..
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...
बेरी को बाय कह कर राधा स्कुल के मेन गेट तक पहुंची..
राधा स्कुल के बाहर खड़ी आलया का इंतेज़ार कर रही थी क्यूंकि आलया का मैसेज आया था..
"मैं थोड़ी देर में तुझे पिक करने आउंगी..."
राधा ने मोबाइल ऑफ़ किया और उसका इंतेज़ार करने लगी…
आलया अपनी स्टडी को ले कर थोड़ी बिज़ी रहने लगी जिसकी वजह से दोनों की मुलाक़ात कम होने लगी थी लेकिन आज आलया ने वक़्त निकाल कर राधा से मिलना चाहा..
थोड़ी देर में एक स्कूटी उसके सामने आ रुकी और आलया उसकी तरफ हेलमेट बढ़ाती हुई बोली..
"आजा जल्दी कर हम फिर आज लेट होगए है..."आलया हेलमेट पहनी हुई थी उसके छोटे बॉब कट बाल आँखों को ढ़के हुए थे...
राधा हेलमेट पहनती हुई आलया के साथ सीट पर बैठ गई तो देखा आलया के पास ही एक बुलेट बाइक खड़ी है,राधा समझ गई ये ज़रूर अलवीर है क्यूंकि आलया का वह एकलौता दोस्त था..
अलवीर वाइट शर्ट और ओवरसाइज कोट पहने,हेलमेट लगाए उसकी तरफ हाथ हिला गया तो राधा ने भी बस हाई कर दिया...
आलया ने स्कूटी स्टार्ट की और थोड़ी ही देर में वह लोग अपने फेवरेट रेस्टोरेंट फूडी मूडी में पहुंच गए थे...
आलया ने स्कूटी पार्किंग एरिया में पार्क की और अलवीर और राधा एक्ससिटेमेंट में अंदर पहुंच गए,वह लोग अक्सर यहाँ आते रहते थे इसलिए स्टॉफ मेंबर भी उन लोगों को पहचान गए थे...
तीनो अपनी टेबल पर आ बैठे...
अलवीर एक टक राधा को ही देखे जा रहा था जिससे आलया का पारा हाई हो रहा था,उसके सामने ही उसकी बहन को घूर रहा था...
"तुम सच में दिन ब दिन खूबसूरत होती जा रही हो..."अलवीर ठंडी आह भर के बोला...
राधा ने हंसी रोक ली क्यूंकि वह जानती थी अलवीर ये सब सिर्फ आलया को गुस्सा दिलाने के लिए कर रहा है..
"थैंक्यू...पर तुम्हारी दाल यहाँ नहीं गलने वाली....मैं आलरेडी किसी को डेट कर रही हूं..!!
राधा अपना चश्मा उतार के बेग में रखती हुई बोली..
आलया बोली..."राधा इसकी बात का प्लीज बुरा मत मानना...मैंने तुझे एक बार बताया था ना ये बेंच से सिर के बल उलटा गिर गया था तब से इसका दिमाग़ खिसक गया है...."
राधा ने हंसी रोक ली..
"हाँ राधा,,काश तुम मेरी बेस्टी होती तो मुझे आलया को झेलना ना पड़ता..."
अलवीर की बात सुन राधा से हंसी नहीं रुकी और वह हंसने लगी...
"तुम मुझे झेल रहे हो या मै तुम्हे....पता नहीं क्यों मैंने इसको बचपन में पेंसिल लिखने को दिया था ये आज तक मेरे पीछे लगा हुआ है..."आलया चिढ़ाने वाले अंदाज़ में बोली तो अलवीर ने उसके कंधे पर कोहनी टिका गया..
राधा उन दोनों को प्यार भरी नज़रो से देखने लगी...
"तुम लोग दोनों सच में बहुत लकी हो जो तुम दोनों की दोस्ती हुई और एक दूसरे के पक्के दोस्त बन गए....साथ में ही खेलते हो,झगड़ा करते हो और एक दूसरे का कितना ख्याल रखते हो...."
राधा ने कहा तो दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और हुंह कर के मुंह फेर लिया...
"दोस्ती कम और सिर दर्द ज़्यादा...."आलया उसे बेवेयर करती हुई बोली..
अलवीर शर्मा कर बोला.."मुझे वैसे भी आलू में कोई इंट्रेस्ट नहीं,,मुझे तो कबीर पसंद है…!!
"तुम से मैंने कहा था ना फालतू बकवास नहीं करोगे..."आलया उसके सिर पर मुक्का मार के बोली..
"अरे आलू बोलने दे ना उसे...वह बेचारा सचमे होप्लेस रोमांटिक लाइफ जी रहा है..."राधा अलवीर की साइड लेती हुई बोली..
"तू भी इससे कम नहीं है राधा..."आलया अब खाना खाने लगी थी..
"तुम्हे पता है कबीर ने खुद सामने से आके मुझे डेट पर चलने को कहा है.."अलवीर की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था...
"बोरिंग…क्या अलविर तुम इतने क्यूटी हो और अपने लिए कबीर जैसा बंदा ढूंढ लिया…
देखो मैं जज नहीं कर रही हूं,,मैं सबकी पसंद की इज़्ज़त करती हूं पर देखो मेरा भाई है इसलिए कह रही हूं कि पीछे हट जाओ वरना तुम पक जाओगे..”
अलविर का मुंह टेढ़ा होगया,,”यार आखिर तुम सब कबीर को इतना बुरा भला क्यों कहती रहती हो,बस मुझे वह पसंद है तो पसंद है और मैं कोई पीछे विछे नहीं हटने वाला…समझी ना..!!
आलया ने तीन कोल्ड कॉफ़ी आर्डर की और राधा की देखते हुए बोली.."इसकी बात पर मत आना ये लड़का पागल है कुछ भी बकता रहता है..इसपे इश्क का भुत सवार है..”
"अच्छा राधा ये सब छोड़,बेरी के बारे में बता...."आलया सीरियस होकर पूछ बैठी..
"हाँ बेरी....वह तेरे बारे में पूछ रही थी,,वह तुझसे मिलना भी चाहती थी,पर तू इतना लेट आई के वह घर के लिए निकल गई..."राधा अपनी आइसक्रीम खाते हुए बोली..
काफ़ी साल बीत हो गए ना ज़ब हम साथ किंडरगारटेन में पढ़ते थे...कितना मज़ा आता था और किसी दिन उसे घर पर बुलाना तो मुलाक़ात हो जाएगी..."आलया की बात पर राधा ने हाँ में सिर हला दिया...
अलविर चुपचाप अपनी कोल्ड कॉफ़ी पिता रहा फिर थोड़ी देर बाद उसे बोरियत होने लगी क्यूंकि दोनों की लड़कियों की बातें होने लगी थी..
अलविर एक्सक्यूज़ कर उठ गया,वह सीधा हॉस्टल के लिए निकल गया..
_____
अलविर ब्राउन टी.शर्ट पहने खुद पर परफ्यूम की बॉटल छिड़क रहा था..
“आखिर आज वह दिन आ ही गया ज़ब मैं कबीर के साथ डेट पर जा रहा हूं…”अलविर आधे घंटे से आईने के सामने खड़ा बाल संवार रहा था..
“ओह गॉड मैं परफेक्ट तो दिख रहा हूं ना..!!अलविर खुद से सवाल कर रहा था..
फिर थोड़े देर बाद वह बाइक की चाबीयां उछालता हुआ बाहर निकल गया..
कबीर आधे घंटे से समुन्दरी किनारे पर लगे बेंच पर बैठा अलविर का इंतेज़ार कर रहा था…
पर अलविर की कोई खबर ही नहीं थी..
कबीर समुन्द्र की लहरों में खोया था ज़ब उसे कबीर तेज़ भाग कर उसकी तरफ आता हुआ दिखा..
“सो…सॉरी…एक्चुअली मेरा बाइक आधे रास्ते में खराब होगया था..”
कबीर ने अलविर की तरफ पानी की बॉटल बढ़ाते हुए कहा..”इट्स ओके..टेक इट इजी..”
अलविर का सारा मूड खराब होगया क्यूंकि पहले ही डेट में उसका पहला इम्प्रैशन कचरा होगया था..
अलविर ने पानी पी कर बॉटल कबीर की तरफ बढ़ा दिया…
अलविर को कुछ समझ नहीं आरहा था,,उसने आस पास देखा तो एक या दो लोग ही समुन्दरी इलाके में टहल रहे थे…
शाम ढलने को थी..
“चलो…साथ चलते हैँ…!!कबीर ने अलविर की तरफ हाथ बढ़ाया तो कबीर ने काँपते हाथों से उसकी हथेली थाम ली..
अलविर बहुत कुछ बोलना चाहता था,,पूछना भी चाहता था लेकिन वह डर रहा था कि कहीं पहली डेट पर ही सब सत्यानाश ना हो जाए..
“उम्मम्मम कबीर हम समुन्दरी इलाके में क्यों आए हैँ,,मैं एक अच्छे रेस्टुरेंट जानता हूं तो वहाँ चले..”
कबीर ने अलविर का हाथ छोड़ उसकी कमर पकड़ अपने खिंचते हुए कहा..”रेस्टोरेंट में हमें प्राइवेसी नहीं मिलेगी..”
अलविर का दिल ज़ोर से धड़क उठा..
थोड़े ही दूर में अलविर के आँखों के सामने एक खूबसूरत सा डाइनिंग टेबल और दो कुर्सी दिखे…टेबल पूरा लज़ीज़ खानो से सज़ा हुआ था..
“सरप्राइज….तुम्हे मैं समुन्दरी इलाके में डिनर करवाना चाहता था इसलिए आज के लिए सब रिजर्वेशन करवा लिया..”
अलविर की आँखे चमक उठी..
“आह शुक्रिया कबीर…इतनी खूबसूरत और हसीन शाम बनाने के लिए..!!
कबीर कुछ नहीं बोला बस उसके तरफ आया और उसकी तरफ की कुर्सी खिसकाई तो अलविर बैठ गया..
कबीर सचमे एक जेंटलमैन की मिशाल था…
फिर कबीर भी आ बैठा और शांति सुकून भरे माहौल में दोनों ने डिनर किया…
कबीर की भूरी आँखे ग्लासेस से धूली सी साफ झलक रही थी..
“ये सी फ़ूड खाओ,,ये फिश सूप बहुत ही फेमस है…”
अलविर ने झिझकते हुए कहा..”वह..वह मुझे सी फ़ूड से अलेर्जी है..”
कबीर चौंक गया..
“ओह्ह्ह तो फिर मैं कुछ और…
अलविर शर्मिंदा होते हुए बोला..”नहीं इट्स ओके..मैं ठीक हूं..”
कबीर ने भी हाथ रोक लिया,उसने भी कुछ नहीं खाया..
“ओके फिर क्या ख्याल है,,वाक पर चलें…!!
कबीर की बात सुन अलविर उठ गया..
दोनों बिलकुल ख़ामोश थे..
“ये शायद ज़्यादा नहीं बोलता है..”अलविर मन ही मन खुद से कहने लगा..
“अलविर मुझे वैसे तो तुम्हारे बारे में आलया से सब पता चल ही गया फिर भी कुछ अपने बारे में बताओ या फिर मेरे बारे में कुछ जानना चाहोगे…!?
कोई भी सवाल मन में है तो पूछ लो..!!
अलविर मुस्कुरा पड़ा..”क्या ही पूछना..!!
आलया से सब पता चल ही जाता है उसे अपने भाई बहन के बारे में बातें करना बहुत पसंद है..”
कबीर अचानक हँस पड़ा..”हाहाहा ये तो तुमने सही कहा..”
अलविर की नज़रे हँसते खिलखिलाते कबीर पर टिक गई…
“हम एक दूसरे के बारे में काफ़ी हद तक जानते ही है फिर फॉर्मेलिटी हमपर सूट नहीं करती..”कबीर की बात पर अलविर ने मुंडी हिला दी..
अलविर को कबीर हर नज़र में और ज़्यादा अच्छा लगने लगता..
“बोरिंग…हुंह बलकी ये इतना प्यारा क्यों है….!!अलविर तो बस मर मिटा था..
कबीर रुका और अलविर के चेहरे को गौर से देखने लगा फिर मुस्कान लिए उसके चेहरे पर झुका तो अलविर ने आँखे मुंद ली..
कबीर ने उसके होंटो के करीब जाके अपने अंगूठे से साफ करते हुए कहा..”ये रेड सिल्ली सॉस तुम्हारे होंटो में लग गई थी..”
अलविर ने फौरन ही आँखे खोल ली..”ओह हो अच्छा..मैंने धियान ही नहीं दिया..”
कबीर ने प्यार से उसका चेहरा थामते हुए कहा..”इसमें आँखे बंद करने की क्या ज़रूरत थी..!?
अलविर ने चेहरा फेर लिया..
चेहरा शर्म से लाल पड़ने लगा था..दिल की धड़कने कबीर के करीब आने से तेज़ी से बढ़ने लगी थी..
“ये बंदा कुछ समझता वमझता क्यों नहीं है…!!
कबीर ने अनजान बनते हुए कहा..”लगता है तुम मुझसे डर रहे हो..!?
अलविर ने जल्दी से चेहरा कबीर की तरफ कर कहा..”नह…______
वह आगे कुछ बोल ही नहीं पाया क्यूंकि कबीर ने अपने लबों को अलविर के लबों पर रख शांत करवा दिया था..
कबीर ने अलविर के कमर पर बाज़ू बांध कर खुद के बेहद करीब खींच लिया..
अब कबीर की आँखे बंद होगई…
अलविर के होंट कबीर बड़े प्यार से स्मूच कर रहा था फिर कबीर ने उसके ज़ुबान को सक करना शुरू किया…
अलविर ने कबीर के शर्ट का कॉलर मुठियो में भींच लिया क्यूंकि कबीर की सॉफ्ट किश डीप किश में बदलती जा रही थी..
अलविर ने कबीर से अपना आप छुड़वाया..और दो कदम पीछे हट गया..
अलविर अपने होंटो में हाथ रखे लम्बी लम्बी सांस लेता हुआ कबीर को देख रहा था जो शरारती मुस्कान लिए उसे ही देखे जा रहा था..
“इतनी शर्म…!!
अलविर ने सोचा की ज़मीन फट जाए और वह उसमे समा जाए क्यूंकि कबीर की भूरी कांच सी आँखों से बचना बड़ा मुश्किल था..वह जज़्बातों की गहराई लिए उसे ही देख रहा था..
कबीर कदम कदम चलता उसके करीब आया और उठते लेहरो को देख बोला..”अजीब माहौल है,,दिल में भी जज़्बातों के बेलगाम तूफान उठ रहे हैँ और इधर भी लहरें ठठाके मार रही हैँ..”
अलविर ने नज़रे नीची कर ली तो कबीर ने उसे कसके सीने से भींच लिया..
“अह्ह्ह्ह मैं बर्दास्त कर लूंगा..बस थोड़ा सब्र ही तो दिखाना है..”कबीर की बात पर अलविर उसके सीने में मुंह छुपा गया..
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...
संडे का दिन था और राधा बैठी बोर हो रही थी,,उसे शाम में बेरी से मिलने उसके घर भी जाना था क्यूंकि राधा ने कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं की थी इसलिए बेरी ने प्लान बनाया था कि आज से वह दोनों साथ में स्टडी करेंगे..
राधा बहुत ख़ुश थी क्यूंकि उसे और ज़्यादा वक़्त बेरी के साथ बिताने मिल रहा था..
राधा यही सब सोच रही थी कि उसके दरवाजे पर दस्तक हुई,,राधा को लगा की मम्मी या समर होगा लेकिन ज़ब उसने दरवाजा खोला तो सामने आलया खड़ी थी..
“आलू तू…!!राधा की ख़ुशी का कोई ठिकाना ना रहा..
आलया अपना बैग बेड पर फेंकती हुई बोली..”"अब कुछ दिन साथ में रहना है..."आलया तिरछी नज़र से उसे देख के बोली तो राधा उछल के उसके कंधे पर चढ़ गई और बोली...
"बहुत मज़ा आएगा..."
आलया थी जो अब इसी कमरे में रहने वाली थी...
आलया और उसकी हाईट सेम थी तो आलया उसका भार नहीं सेह पाई और दोनों का बैलेंस बिगड़ गया तो दोनों फर्श पर गिर गई..
"हाँ मज़ा तो आएगा बस मेरे हाथ पैर मत तोड़ डालना..."आलया अपनी कमर सेहला के बोली तो राधा बस ख़ुशी से गले लगे रही...अलया भी बहुत खुश थी क्यूंकि एक वही उसकी एकलौती और सेम उम्र की बहन थी जिससे वह खुल के बात कर सकती थी...
बहन कम और दोस्त ज़्यादा थी....
“वैसे शौर्य मामू ने इजाज़त दी कैसे,,वह तो तुझे कहीं आने जाने नहीं देते हैँ..”राधा को हैरानी हुई क्यूंकि शौर्य मामू थोड़े सख्त मिजाज के थे..
“हाँ…बस चली आई यारर,,दिल लगा कर पढना है और मुझे लगा कि क्यों ना तेरे घर ही आ जाऊं…मूड भी फ्रेश हो जायेगा..”आलया बेड पर टेक लगा कर लेट गई…
“गुड सही किया..”राधा अलमारी खोल आलया के बैग से कपड़े निकाल कर सेट करने लगी..फिर दोनों में इधर उधर की बातें होने लगी..
शाम हुई तो राधा रेड लॉन्ग स्कर्ट एंड वाइट कुर्ती पहने,,बालों की पोनी किये हाथ में किताबें लिए बाहर जाने के लिए तयार खड़ी थी..
राधा ने एक बार आलया की तरफ देखा जो डेस्क में बैठी आधे घंटे से रट्टे मार रही थी..
“चल ना साथ चलते हैँ,तू भी बेरी से मिल लेगी..”राधा कब से उससे रिक्वेस्ट कर रही थी..
आलया ने बुक बंद करते हुए कहा..”नेक्स्ट टाइम राधा..अभी सच्ची मैं मुझे बहुत पढना है और अगर मैं बेरी के यहाँ गई ना तो सिर्फ गप्पे हाँकूंगी पढ़ाई नहीं कर पाउंगी..
इसलिए किसी दिन आराम से चलूंगी फिलहाल तू जा और मज़े कर…!!
आलया आँख मारती हुई शरारती अंदाज़ में मुस्करा पड़ी..
राधा ने उसपे एक खतरनाक नज़र डाली तो सुमन से इजाज़त ले कर चलती बनी…
बेरी का बॉडीगार्ड युवी राधा को पीकउप करने आया था,राधा मेरसीडीस में बैठकर बेरी के महल जैसे घर में आई…
युवी ने मेरसीडीस से निकल कर राधा के लिए डोर अनलॉक किया तो राधा सादगी से चलती हुई अंदर चली गई..
बेरी के पूरे पैलेस के इर्द गिर्द गार्ड्स ब्लैक थ्री पीस सूट पहने खड़े थे..
राधा के लिए ये सब कुछ नया था,,बेरी को प्रिंसेस की तरह ट्रीटमेंट दी जाती थी..
राधा लिविंग एरिया में जैसे ही पहुंची बेरी ने पीछे से आके उसे धर दबोचा..
“आआहहहहह…पागल तूने मुझे डरा ही दिया..!!राधा बेरी के यूँ पीछे से अचानक से आने की वजह से डर से उछल गई थी..
बेरी उसके गर्दन को चूमते हुए बोली..”रानी तुझे देख काबू कहाँ रहता है..”
राधा बेरी का बाज़ू अपने कमर से हटाती हुई बोली,,”मैं यहाँ सिर्फ पढ़ने आई हूं..”
बेरी मासूम बनती हुई उसके होंटो पर ऊँगली से पोक करती हुई बोली,,”अच्छा..वह कौन था जो रात को वीडियो कॉल में सिसकियाँ ले रहा था..सिर्फ कॉल पर उलटी सीधी बातें कर मुझे तड़पाती रहती है और ज़ब सामने आई है तो दूर भाग रही है..”
बेरी ब्लैक नाईट गाउन की डोरियाँ खोलते हुए बोली..”तुझे अब पनिशमेंट देनी ही पड़ेगी..!!
राधा के नज़रो से सामने बेरी सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी..
“तू…तू…क्या कर रही है…कोई घर में देख लेगा…!!राधा इधर उधर लिविंग एरिया में नज़रे घुमाने लगी..
“देख लेगा तो क्या हो जायेगा,,उन्हें भी तो पता चले मैं अपनी रानी के लिए कितना बेकरार थी…”बेरी ने उसे सोफे पर धक्का दे दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसके गालों को सख्ती से हाथों से दबाये उसके गोल हुए सुकड़े होंटो पर ज़ुबान की नमी देने लगी…
“क्या कह रही थी कॉल पर कि तुझे चुप करवा दूँ डीप किश से…बर्दास्त कर लेगी ना…कहीं तेरी सिसकियाँ छत से टकरा ना जाए…!!बेरी के आँखों में खुमारी से लाल डोरे पड़ने लगे थे…
राधा ने बेरी के बालों को मुठियों में जकड़ा और अपने चेहरे के करीब कर उसके होंटो को बाईट करने लगी..
“उम्म्म..अहह…हह….!!राधा बेरी के होंटो को बाईट करती हुई टीज करने लगी..
“रानी यू सच ा बिच….!!बेरी दर्द से हँस पड़ी..
फिर बेरी ने राधा ने होंटो पर होंट रगड़ कर उसके गर्दन को ज़ोर से पकड़ लिया ताकि वह अब पीछे ना हट सके..
बेरी जूनून से उसके होंटो को स्मूच करने लगी,,राधा का चेहरा तेज़ चलती साँसो की वजह से लाल पड़ने लगा..
ब…बे…र…मुझ….सांस…..
राधा को सांस लेने में दिक्कत होने लगी लेकिन बेरी को कोई फर्क नहीं पड़ा बलकी अब उसका हाथ गर्दन से होते हुए उसके टॉप के अंदर चला गया था…
बेरी ने धीरे धीरे बटन खोलने शुरू किये…
दूसरी तरफ अब वह राधा की ज़ुबान को बिना रुके सक किये जा रही थी..
“कमीनी….बस होगया…!!राधा ने अपना चेहरा फेर लिया..
बेरी से ये बर्दास्त नहीं हुआ कि राधा उससे मुंह मोड़ रही है…
बेरी ने बिना रहम किये उसके गर्दन में दाँत गाड़ दिए..
“अहहहहहहहहहहह…..!!राधा बेरी का चेहरा पकड़े अपने गर्दन से हटाने लगी लेकिन बेरी हटी नहीं..बलकी जिस जगह उसने ज़ोर से काटा था वहाँ ज़ुबान से सक करने लगी..
बेरी ने एक शिद्दत भरा स्पर्श उसके गर्दन पर छोड़ा और उठके बैठ गई..
वह राधा के कमर से निचे अपना भार दिए बैठी थी..
बेरी राधा के टॉप के बटन खोल चुकी थी और अब उसके वाइट ब्रा से झाँकती सीने की गोलाई को घूरे जा रही थी..
“हुंह्ह्ह तेरे बूब्ज़ तो छोटे छोटे हैँ…!!बेरी तिरछी मुस्कान लिए बोली..
राधा चिढ़ के बोली..”हाँ इसलिए क्यूंकि मैं तुझसे 2 साल छोटी हूं…!!
बेरी जानबूझकर चिढ़ाने लगी..”उम्र में क्या रखा है..क्लास की कई लड़कियों की बोबीज़ बड़े बड़े हैँ…”
राधा ने वापिस से अपना चश्मा आँखों में लगाते हुए कहा..”मतलब तेरा धियान क्लास में इन्ही चीज़ो पर रहता है..”
राधा को बहुत गुस्सा आया,,वह उठके अपने टॉप के बटन जल्दी जल्दी लगाने लगी..
“ओह माय माय…मेरी रानी तो मुझसे नाराज होगई..!!बेरी ने राधा को वापिस से सोफे पर धकेल दिया..
राधा आँखे तैरते हुए बोली..”तो नाराज ना हूं तो क्या हूं…मेरे सामने दूसरी लड़कियों का ज़िक्र कर रही है..
तो फिर मुझे डेट क्यों कर रही है जा जिसका फिगर अच्छा है उनसे जाके चिपक जा..!!
बेरी मुंह पर हाथ रख हंसी रोक गई वरना राधा उसका सिर फाड़ देती..
“अरे अरे बात तो तेरी सही है लेकिन मेरी जान जो बात तुझमे है वह बाकियों में कहाँ..!?
राधा ने बेरी को अपने करीब खिंचते हुए उसका चेहरा अपने सीने में दबा लिया….
“अगर ये छोटे छोटे हैँ तो इन्हे तू बड़ा कर दे…!!बेरी उसकी बातों का मतलब समझते हुए उसके टॉप को पूरी तरह खोल कर साइड में फेंक दिया..
कुछ ही देर में राधा का ब्रा भी फर्श में पड़ा था और बेरी के गोद में राधा चढी हुई बुरी तरह सिसक रही थी..
बेरी उसके निपलस को मुंह लिए सक कर रही थी और दूसरे हाथ से उसके बोब्ज़ को मसले जा रही थी..
“उम्मम्मम..अंह्म्मम्म्म्म…हहहहह……हाह्ह्ह्हहह्ह्ह्हह्हह्ह्हह्ह्ह्ह….अंहहहहहह,मममममममम ……..
राधा की सिसकियाँ तेज़ होती जा रही थी…
राधा अचानक ही बेरी के बालों में बेताबी से आँखे मुंदे हाथ फेरने लगी और एक तेज़ चीख के साथ वह कम कर गई…
बेरी ठहर गई..
“पर मैंने तो अभी शुरू ही किया था,,इतनी जल्दी,,अभी से…..!!बेरी को यकीन नहीं आया…
राधा आँखे मुंदे पसीने में गीली होगई थी और बुरी तरह वह हाँफने लगी थी..
बेरी ने उसे गोद में उठा लिया और प्यार से किश करने लगी,,राधा को अब कोई होश नहीं था वह बिना रुके बेरी के होंटो को चूमे जा रही थी…
बेरी गोद में उठाए उसे अपने रूम में ले आई…
राधा ने बेरी की भी ब्लैक उतार दी अब वह दोनों बेड पर एक दूसरे से बुरी तरह लिपटी हुई सिसक रही थी..
बेरी समझ गई थी कि राधा अब चरम सीमा तक पहुंच गई..
बेरी ने राधा के मुंह में दो उंगलियां डाली जिसे राधा सक कर गिला कर गई फिर बेरी ने उसका स्कर्ट निचे खिसका कर उसके दाने को उंगलियों से रगड़ने लगी और तीन उंगलियां गहराई में डाले वह अंदर बाहर करने लगी…
“बे….हह…बेरी….फक….जल्दी कर….प्लीज फ़ास्ट….फ़ास्ट……फक…….!!राधा बेरी के गर्दन में मुंह छुपा कर होंट दांतो तले दबा गई..
बेरी के चेहरे पर ईविल स्माइल आगई और उसने उंगलियां अचानक रोक दी तो राधा ने लम्बी सांस हवा में ख़ारिज की…
लेकिन दूसरे ही पल उसने तीन उंगलियों को तेज़ी से अंदर बाहर कर थ्रीस्टिंग करना शुरू कर दिया…
राधा ने बेरी के हाथों को रोकना चाहा लेकिन बेरी ने उसका हाथ दूसरे हाथ से पकड़ते हुए कहा..”माय बेबी…यू आल्सो वांट इट…!!
“नो…प्लीज सलो…बे…….बेरी प्लीज…प्लीज बी जेंटल….मैं मैं बस…अहहहहहहहहहह आई ऍम…….!!
राधा बोल ही नहीं पाई क्यूंकि बेरी ने उसके निचले होंटो को दांतो से काट कर खींचना शुरू कर दिया..
“सो सो हॉट….तू इतनी टाइट है की मेरी उंगलियों को अपनी गहराई में समाये जा रही है….!!बेरी खुद भी पसीने से भीग गई थी जबकि रूम में ऐसी ऑन था…
“अह्ह्ह्ह प्लीज…सलो….नो प्लीज…वहाँ नहीं…बेरी…वहाँ…नहीं….!!
बेरी अपनी उंगलियां धीरे धीरे तेज़ी से अंदर करती हुई बोली..”कहाँ रानी…..ओह अच्छा तू उस जगह सेन्सटिव है,,मुझे पहले से ही तेरे सारे सेन्सटिव स्पॉट पता है…!!
बेरी की बात पर राधा ने उसके कानो पर दांतो से काट लिया..
“अह्ह्ह रानी….क्यों मुझे उकसा रही है..!!बेरी ने अपनी उंगलियों को और तेज़ कर दिया कि राधा उसके गर्दन में बांहे लपेटे बुरी तरह कम कर गई…
पूरा बिस्तर गिला होगया और बेरी हंसती रही…
“वोहो रानी…तू इतनी गर्म निकलेगी मुझे नहीं पता था…!!बेरी ने अपनी उंगलियों को राधा के चेहरे के सामने किया जिससे सफ़ेद गाढ़ी पानी बहह रही थी..
“यु फकिंग अडोरेबल….!!बेरी की शैतानी मुस्कान देख राधा उसपे चढ़ गई..
“अब तू देख मैं तेरा क्या हशर करती हूं…!!
बेरी राधा का कमर सहलाने लगी..”रानी…मैं तो डर गई…!!
राधा बेरी पर टूट पड़ी और कमरे में सिर्फ बेरी की हंसी गूंजने लगी..
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...
आलया क्रिसटन बार के प्राइवेट रूम में बैठी सिगरेट होंटो में दबाये लम्बी लम्बी सांस ले रही थी…
तभी रूम का दरवाजा खुला और वेटर झुक कर अंदर चले आए…
वेटर ने वाइन की बॉटल टेबल पर रखी और वापिस से सिर झुका कर चलते बने…
आलया ने आज ब्लैक कलर की ऑन पीस घुटने तक आती ड्रेस पहन रखा था और वही उसके घुटने के सामने इशिका नज़रे झुकाये वाइट लॉन्ग स्कर्ट और चेरी कलर के शर्ट पहने पोनी किये हुए मासूमियत लिए काँप रही थी…
“तो अब तुम्हे और पैसे चाहिए…एक तो ईशान ने मेरी मेहंगी मेरसीडीस का नुकसान किया और मैंने कोई डन भरने को भी नहीं कहा…अब ऊपर से तुम कह रही हो की कुछ पैसे चाहिए…मेरे शक्ल पर बेवकूफ़ लिखा है क्या…!?
आलया का पूरा मूड खराब होगया..
“इशि प्लीज…मैं यहाँ कुछ वक़्त एन्जॉय करने आती हूं नाकि फिज़ूल में दिमाग़ खपाने…
पूरे महीने तो घर में रहके पढ़ने का ढोंग रचाना पड़ता है..कुछ वक़्त मिलते है तो सेल्फ एन्जॉयमेंट ढूढ़ने निकल जाती हूं…”
इशिका कुछ नहीं बोली बस आलया की बातें सुनती रही…
“तुम मुझे जैसे चाहो इस्तेमाल कर सकती हो…”इशिका कुछ देर बाद पूरी हिम्मत जुटा कर आलया को देखने लगी..
आलया के चेहरे पर खतरनाक मुस्कान आगई…”ओह्ह…ऐसा क्या…!!
आलया ने अपनी ड्रेस घुटने से ऊपर कर ली…
“देन सक मी ऑफ….!!आलया ने टांगे फैला ली…
इशिका को पहले झिझक हुआ फिर वह आलया के टांगो के बीचो बिच आई और अपने लम्बे बालों को समेट कर झुक गई..
आलया की आँखे सटिस्फैक्शन में बंद होती चली गई..
“वैरी गुड गर्ल…!!आलया ने उसके बालों को दोनों हाथों से समेटा…
इशिका ने अपनी ज़ुबान से उसके फुले हुए पंखुड़ी को सक करने लगी…
“अह्ह्ह…अहह…हहहह…हह…..हहह….गु…ड….गुड….कीप गोइंग……!!आलया ने इशिका के बालों को सहलाना शुरू किया…
इशिका ने अपनी दो उंगलियों से उसके पंखुड़ियों को अलग किया और होंटो से दाने को रगड़ने लगी तो आलया धीरे धीरे बेहने लगी…
इशिका समझ गई की अगर उसने तेज़ी से सकिंग जारी रखी तो आलया किसी भी पल कम कर जायेगी..
आलया ने तेज़ी से सिसकना शुरू किया…
“यू….जस्ट…डु इट…फ़ास्ट….गर्ल….कॉमन….फकिंग हॉट……अह्ह्ह…उम्म्म…अहमममममम……..हहहहहहहहहहहह…..हहहहह्ह्ह्हहहहहहहहहह….अहहहहहहह….!!
आलया ने ज़ोर से इशिका का चेहरा अपने टांगो के बीचो बिच दबा लिया…
इशिका उसकी गहराई में ज़ुबान डाले सक करती रही तभी आलया उसके मुंह में कम कर गई…
आलया का शरीर अकड़ गया और वह खिलखिलाती हंसी के साथ हँस पड़ी…
“ओह माय गॉड…यू आर सच ा फ़ास्ट लर्नर…!!
मैंने जैसा अगली बार सिखाया था वैसा ही तुमने आज किया…आई एम इम्प्रैसड….!!
आलया ने टिश्यू से खुद को साफ किया और अपने परस से ब्लैक कार्ड निकाल कर इशिका को दिया…
“जितना पैसा खर्च करना हो करो लेकिन मेरे एक मेसज पर तुम्हे सब काम छोड़ छाड़ कर मेरे पास भागते हुए आना होगा और मुझे सटिस्फीएड करना होगा…”
इशिका हाँ में गर्दन हिला गई…
कुछ देर बाद इशिका बाथरूम गई और मुंह धोने लगी..
इशिका अभी कुछ देर पहले हुई बातें याद कर अजीब सा महसूस करने लगी..
“ये सब पैसे के लिए ही सही लेकिन मैं आलया के करीब जाते ही बेकाबू हो जाती हूं…मेरी धड़कने तेज़ क्यों होने लगती है…!?
फिर आलया ने खुद से कहा..”मैं उसके लिए बस एन्जॉयमेंट का सामान हो,ज़ब उसका दिल भर जायेगा वह मुझे कचरे की तरह साइड फेंक देगी..मुझे कोई उम्मीद नहीं लगानी चाहिए…”
इशिका ख़ामोशी से खड़ी रही…उसका छोटा भाई ईशान जिसकी नादानी की वजह से वह आलया के चुंगल में फंस गई थी…
वरना इशिका भी इस प्राइवेट बार में वेटर और डांस गर्ल का काम करती थी…
यहाँ अमीर घर के बिगड़े हुए बच्चे आते थे और अपनी मन मर्जीयां चलाते थे…
ये क्लब सीक्रेटली लेस्बियन लड़कियों का अड्डा था,जहाँ कुछ मंचली लड़कियां अपनी जिस्मानी ज़रूरत पूरी करने आती थी..
इशिका यही सब सोच रही थी ज़ब किसी के सरसराते हुए हाथों का जानलेवा स्पर्श उसे कपकपी महसूस करवा गया..
“ज़ब तुम इतना लेट वाशरूम में लगाओगी तो मुझे तो चिंता होगी ही….हैं ना…!!आलया उसके कमर से निचे तक हथेली से सहलाती हुई उसके कानो में झुक कर कह रही थी…
“चलो जल्दी से आओ तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है…”आलया आँख मार कर हाईहिल पहनी शान से चली गई..
थोड़ी देर बाद ज़ब इशिका रूम में आई तो आलया ने उसे अपने गोद में बैठने का इशारा किया,,इशिका ख़ामोशी से बैठ गई..
आलया उसके गर्दन पर झुकी सॉफ्टली किश कर बाईट करने लगी और दूसरे तरह वह उसके शर्ट के बटन धीरे धीरे खोलने लगी…
ज़ब शर्ट के बटन खुल गए तो पिंक नेट ब्रा से उसके बूब्ज़ साफ झलकने लगे…
आलया के होंट सिटी के अंदाज़ में गोल हो गए…
वह हाथों में बोबीज़ लिए हलका हलका दबाने लगी…
इशिका बुरी तरह सूखे पत्ते की तरह कांपती हुई आलया के गले लग गई..
आलया एक शैतानी मुस्कान के साथ इशिका को वही कॉच पर लिटाये उसकी स्कर्ट निचे कर गई…
अपनी दो ऊँगली उसके गहराई में डाले तेज़ी से अंदर बाहर करती रही…
“अहह..हाहा….यहहहहहह…एहहहहह प्लीज होगया….बस क….र…..!!इशिका आगे कुछ बोल ही नहीं पाई क्यूंकि आलया ने उसके नाजुक गुलाबी लबों को अपने लबों से खामोश करवा दिया..
इशिका ने अपना मुंह पूरी तरह खोल दिया ताकि आलया अपनी ज़ुबान डाले रसीला पन निचोड़ सके…लेकिन आलया ने ऐसा कुछ भी नहीं किया बल्कि उसके ब्रा को पूरी तरह से खोल कर निचे फेंक पर उसके बोबीज़ पर टूट पड़ी…
उसके बोबीज़ को मसले वह पागलों की तरह कभी उसके निपलस को सक करती तो कभी बेदर्दी से बाईट करने लग जाती…
आलया ने होंटो को दांतो तले चबा लिया ताकि एक भी आवाज बाहर ना निकले क्यूंकि वह उसके सेन्सटिव पॉइंट पर हिट कर रही थी…
वही इशिका के पेंटी गीली चिपचिपी होकर बहे जा रही थी…
“अहहहहहहहहह…प्लीज…प्लीज…इनफ….आलया….होगया….बस प्लीज कण्ट्रोल योर सेल्फ…..!!इशिका उसका चेहरा अपने सीने से दूर करती हुई बेबसी के आखिरी हद तक बोली लेकिन उसकी बॉडी कुछ और चाहती थी…
आलया ने एक नज़र उसके गुलाबी पड़े निपलस को देखा और ज़ोर से हँस पड़ी…
“ये तो अब भी हार्ड हैँ…तुम्हारी बॉडी तो मुझे चाहती है बेबी…!!आलया ने उसके निपलस को उंगलियों के बिच हलका सा दबाया तो इशिका ने हलकी सी सिसकी ली…
“नहीं मैं अब कुछ भी नहीं चाहती….!!जैसे ही इशिका ने कहा आलया ने उसकी पेंटी पूरी तरह निचे कर अपनी तीन उँगलियाँ अंदर डाले रगड़ने कर बाहर करने लगी बस इशिका की हालत खराब होगई और बॉडी में तेज़ गर्मी पैदा होगई…वह इंकार नहीं कर सकती थी कि उसे कितना सुकून मिल रहा था फिर भी वह मुंह बनाये रही…
आलया ने झटके से अपनी उंगलियां बाहर खींच निकाली तो वह कम करने लगी…
आलया हलकी मुस्कान के साथ बोली..”अब वक़्त सरप्राइज का….!!
और आलया ने साइड से एक मोटा सा डिलडो निकाला तो इशिका घबरा गई…
आलया ने बिना वक़्त गवाए वह इशिका के गहराई में डाल दिया…
आलया तीखी मुस्कान के साथ डिलडो आराम से अंदर बाहर करती रही जैसे वह इशिका को पूरी तरिके से जतला रही हो कि वह सिर्फ उसकी है,,सिर्फ उसकी जिसे वह ज़ब भी चाहे खेल कर तोड़ मरोड़ कर फेंक सकती है…
इशिका से बर्दास्त नहीं हुआ और उसके आँखों में आंसू आगये तो आलया का दिल सीहर गया..
आलया ने डिलडो बाहर निकाल फेंका..
“अरे ये तो बस एक सेक्स टॉय था,,मैं इसे काफ़ी यूज़ करती थी तो सोचा तुम पर इसका क्या असर होगा और तुम कैसे रिएक्शन दोगी…”आलया उसके गालों पर दाँत गाड़े मस्ती में काटने लगी…
इशिका कुछ नहीं बोली तो आलया बस उससे लिपटी चूमती रही…
फिर दूसरे राउंड में आलया के ऊपर इशिका बैठी अपना कोमल बदन उससे रगड़ती रही…
दोनों एक साथ कम कर गई थी…
आलया ने लम्बी सांस ली और थोड़े देर बाद सिगरेट होंटो में दबाये मोबाइल चलाने लगी…
इशिका शॉवर ले कर जा चुकी थी…
आज के लिए आलया ने उसे बख्श दिया था…वरना उसे अपने पास वह बांध कर भी रख सकती थी…
खेर आलया ने सोचा की किसी चीज की इतनी भी बुरी लत लगनी अच्छी नहीं है,,वह तो बस टाइमपास कर रही है..
इशिका को पैसे की ज़रूरत थी और उसे सेग्स सटिस्फैक्शन की…
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...
आलया थकी हारी घर वापिस आई,,राधा अपने रूम में बैठी रूम की साफ सफाई करने में बिज़ी थी..
रात होने को थी और दोनों डिनर कर कमरे में आगये...राधा बिस्तर ठीक करने लगी तो आलया बोली..
आलया आराम से नाईटगाउन पहने किताब खोले तिरछी नज़रो से राधा को देख रही थी,जिसके गर्दन पर लव बाईट के निशान साफ नज़र आरहे थे…
आलया ने सवाल कर लिया..”तू और बेरी डेट कर रहे हैँ ना…!?
राधा ने हाँ में गर्दन हिला दिया,वह इस वक़्त स्कुल बैग में बुक्स सलीके से रख रही थी..
आलया ने फिर पूछा..”तू टॉप है या बॉटम…!?
राधा को इस तरह के ऊट पटांग सवालों की उम्मीद आलया से हरगिज नहीं थी..
राधा ने साफ लफ्ज़ो में कहा..”मैं बॉटम हूं..”
आलया हँस पड़ी..”यारर मुझे तो तू टॉप लगी थी…मतलब बचपन से मुझे लगता था की तू टॉप होगी रिलेशन में मगर तू तो बॉटम निकली…!!
राधा ने आलया की तरफ एक खतरनाक निगाह डाली..”मैं कोई बेवकूफ़ लड़की हूं नहीं और ना ही मैं बेरी के साथ टाइमपास कर रही हूं…हम दोनों रोमांटिक रिलेशनशिप में है और एक दूसरे की रेस्पेक्ट करते हैँ…मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता की मैं टॉप रहूँ या बॉटम…!!
फिर राधा तंज कसती हुई बोली…”कम से कम मैं सबके साथ मोहब्बत का झूटा खेल तो नहीं खेलती..!!
राधा आँखे दिखाती हुई बोली तो आलया किनारे जाके ख़डी होगई और बोली...
"ठीक है बहन अब से तुझे नहीं परेशान करूंगी... में बहुत बुरी हु ना...."
राधा उसके तरफ आई और बाज़ू खिंच के बेड पर बैठाती हुई बोली..
"आलया जिंदगी कोई मज़ाक़ नहीं है,,मुझे पता है तू ओपन माइंडेड है लेकिन अगर किसी एक को पसंद करती है तो सच्चे दिल से निभाने की हिम्मत कर….ऐसा ना हो बाद में तुझे सिर्फ पछतावा हो…”
आलया नाक चढ़ा के बोली..
"तू अपना देख और मेरी चिंता करना छोड़ दे…!!
“हाँ हाँ ठीक है... चल अब जल्दी से सोजा,, मुझे भी जल्दी सोना है कल स्कूल है मेरा....!!
राधा अलार्म सेट कर बिस्तर में लेट गई..
"तुम लोगो का नाम का स्कूल है.... हर चीज बिलकुल कॉलेज जैसी है.... कितनी आजादी है....!!
आलया अपने हाथों में लोशन लगाने लगी...
राधा कान दबा के सुनती रही और अपनी तरफ का लाइट ऑफ़ कर वह सोगई...
•°•°•°•°•°•°•°
सुबह राधा उठी तो कमरे में आलया नहीं थी...
राधा ब्रश कर नहा धो के स्कूल ड्रेस पहन ज़ब निचे आई तो आलया नाश्ता डाइनिंग टेबल पर लगा रही थी...
सात्विक बैठा न्यूज़पेपर पढ़ रहा था और समर पहले ही निकल चूका था...
स्वाति अभी तक सोई हुई थी…
राधा ने नाश्ता किया और स्कूल के लिए निकलती बनी..
राधा ने ट्रटलनेक पहन रखा था ताकि हिक्की और बाईट के निशान छुपा सके…
राधा जैसे ही स्कुल के बाहर आई वह किसी से ज़ोरदार तरिके से टकरा गई..
“ओह राधिका सॉरी याररर….!!सामने इशिका जल्दी जल्दी सॉरी बोल रही थी..
“इट्स ओके…!!राधा ने मुस्कान के साथ कहा…
वह इशिका को जानती थी,अच्छी खासी जान पहचान थी क्यूंकि दोनों सेम ही क्लास में थी..
राधा सबसे ही फ्रेंडली थी,लगभग क्लास में उसकी बातचीत सबों से थी…वह अच्छे लोगों के साथ अच्छे से पेश आती थी..
राधा क्लास में पहुंची तो इशिका अपने डेस्क पर जा बैठी,वह हार्दिक के साथ बैठती थी…
“लगता है तेरी दोस्ती सबसे अच्छे खासी होगई है..”बेरी राधा की तरफ झुक कर देखने लगी..
राधा ने सादगी से कहा..”हाँ,सब से अच्छी खासी जान पहचान होगई है…”
बेरी ने दूसरी तरफ मुंह फेर लिया क्यूंकि उसे पता नहीं क्यों लेकिन बड़ी जलन होने लगी थी..
बेरी ने थोड़े देर बाद कहा..”इसका मतलब है की तू अब मेरे बगैर रह लेगी..”
राधा बेरी के बातों का मतलब नहीं समझी..
“हेंह क्या मतलब…!?
बेरी ने गला खंखार कर कहना शुरू किया..”हमारे स्कुल में हर क्लास को तीन सेक्शन में बांटा जाता है,,मॉनिटर और टीचर्स वगेरा स्टूडेंट्स की लिस्ट तयार कर उन्हें सेक्शन A,B और C में डालते हैँ…
अब पता नहीं हम साथ एक ही सेक्शन में रहेंगे या नहीं…!!
राधा भी सोच में पड़ गई…
बेरी राधा के गाल खिंच के बोली..”अभी से टेंशन क्यों ले रही है..फिलहाल तो हम साथ है ना..!!
राधा ने बेरी का हाथ किसी मासूम बच्चे की तरह कसके थाम लिया जैसे कभी ना छोड़ने का इरादा हो..
फिर क्लास में टीचर आई तो दोनों का धियान पढ़ाई की तरफ खींच गया..
लेकिन राधा बेरी की बात सुन अंदर से बेचैन हो उठी थी,वह पता नहीं क्यों अब बेरी से एक पल के लिए भी दूर नहीं होना चाहती थी…पर उसे लगने लगा की वह कुछ ही सोच रही है..
पूरे क्लास में वह बेचैन सी रही,,कभी खिड़की के बाहर देखने लगती तो कभी बेरी का हाथ पकड़ लेती,,उसकी बेचैनी बेरी से छुपी नहीं रही..
आखिरकार क्लास खतम हुआ तो राधा बिना कुछ बोले उठके केंटीन चली गई..
केंटीन में बस वह ख़ामोशी से बैठी रही..तभी वहाँ पर बेरी आगई..
“तेरी तबियत तो ठीक है ना…!?
बेरी अपनी ठंडी हथेली उसके माथे पर रख टेम्परेचर चेक करने लगी..
“हम्म्म नार्मल है,,फिर क्या बात है जो तुझे परेशान कर रही है..”बेरी राधा के सिर पर प्यार से हाथ रख गई..
राधा बेधड़क उठ खड़ी हुई और बेरी का हाथ पकड़े उसे खींच कर स्कुल के पुराने बने हुए वाशरूम में ले आई…
ये पुराना गर्ल्स वाशरूम था,जो अब खंडर बन चूका था और पूरे स्कुल में हल्ला उड़ा हुआ था कि यहाँ भुत पिशाच रहते हैँ…
राधा वाशरूम का दरवाजा बंद कर चारो तरफ एक नज़र डाले बेरी के सीने से लग गई…
बेरी का माथा ठंका…
“उफ्फ्फ पता नहीं इस लड़की का क्या होगा…!!
राधा ना में गर्दन हिला गई..”मुझे बस तेरा ही क्लासमेट और सितमेट बनना है..”
बेरी तिरछी मुस्कुराहट के साथ बोली..”बस इतनी सी बात….!!
राधा का मुंह फूल गया..
“तेरे लिए ये इतनी सी बात होगी,,मेरे लिए तुझसे दूर जाना मुश्किल होता जा रहा है..”
“ओहो रानी…तेरी बातों से मैं फूल मूड में आगई हूं…”बेरी ने राधा के कमर पर बाज़ू कसे उसे खुद से सटा लिया..
बेरी ने राधा के कमर को धीरे धीरे मसलना शुरू किया..
“मैं जितना सोचती हूं खुद पर कण्ट्रोल रखु उतना ही तू मेरा मूड टर्न ऑन कर देती है..
तेरी बेवकूफ़ हरकते और बच्चों जैसी ज़िद मेरी कमज़ोरी बनती जा रही है…”बेरी झुक कर उसके ड्रेस के ऊपर से ही उसके बोबीज़ पर हलका सा बाईट कर गई..
राधा ने चीखना चाहा लेकिन बेरी ने उसके होंटो पर अपने होंट रख दिए…
राधा का मुंह पूरी तरह से खुल गया,,बेरी अपनी होंटो से उसके ज़ुबान को सक किये जा रही थी,,दूसरी तरफ उसके हाथ राधा के स्कर्ट के अंदर सरक रहे थे लेकिन राधा ने होश में आते हुए बेरी के हाथों को पकड़ लिया…
“टिफ़िन टाइम खतम होने वाला है और अभी हमारे दो क्लासेस भी हैँ…!!राधा बेरी को रिमाइंड करवा गई..
बेरी ने राधा को पीछे घुमाते हुए कहा…”तो….मुझे आधा अधूरा काम छोड़ने की आदत नहीं और खास कर तब ज़ब सामने मेरी राधा रानी हो…!!
बेरी ने उसके दोनों हाथों को टाई से बांध दिया और होंटो पर ऊँगली कर खामोश रहने का इशारा किया..
राधा को बहुत ज़्यादा घबराहट हुई क्यूंकि उसकी ही बेवकूफ़ाना हरकत की वजह से वह फंसी थी…
वैसे ये काफ़ी रिस्की था लेकिन क्यूंकि इस वाशरूम में कोई नहीं आता जाता था इसलिए वह दोनों सेफ थी..
बेरी ने उसकी स्कर्ट पीछे से उठाई और उसके पीछे हथेली से दो तीन बार ज़ोर से मारे जिससे राधा ने प्लेज़र से आँखे बंद कर दी…
बेरी ने उसकी पेंटी निचे खींच के थाई तक की फिर प्यार से सहलाने लगी…
बेरी ने अपनी दो उंगलियों को अपनी ज़ुबान की थूक से गिला किया और राधा के फुले हुए दाने को रगड़ने लगी..
बेरी की उंगलियां हमेशा की तरह आज तेज़ी से नहीं बलकी आराम से रगड़ खा कर गहराई में समा रही थी..
और यही राधा की हालत और ज़्यादा खराब कर रही थी…
राधा से बर्दास्त नहीं हो रहा था,,ऊपर से बेरी जानबूझकर उसके साथ खेल खेले जा रही थी..
“अह्ह्ह बेरी प्लीज फस…फ़ास्ट….फ़ास्ट…मैं…में…..अह्ह्ह ममममममम….!!राधा बेरी की तरफ पलटते हुए उसके गर्दन में बांहे डाले किश करने लगी..
“रानी मैं जेंटली रब कर रही हूं ताकि तुझे कोई हर्ट ना हो…!!बेरी ने आहिस्ते से दाने को रब किया तो राधा का खून खोल उठा और उसने बेरी के गर्दन पर दाँत गाड़ दिए…
बेरी दर्द से हँस पड़ी…”हाहाहाहा अब तो ये दर्द भी मीठा सा लगता है…”
“कमीनी….कुत्ती तू जानबूझकर कर रही है ना….!!राधा ने उसके घूंग्राले बालों को पीछे बेदर्दी से खिंचते हुए उसके कानो को बाईट करना शुरू किया..
बेरी फिर हँस पड़ी…”हाहाहाहा…यारर रानी गुदगुदी लग रही है…”
राधा निचे गीली हुई छूट रही थी…
“कॉमन यारर टाइम वेस्ट करना बंद कर…जल्दी फ़ास्ट..फ़ास्ट जैसे तू हमेशा अपने सिग्नेचर स्टाइल में रफली करती है…!!राधा बेरी के पूरे चेहरे पर होंट रखे चूमे जा रही थी..
“ओह्ह्ह तो तुझे मेरा रफ स्टाइल पसंद है..!!
लेकिन पहले मुझे प्लीज बोल…और थोड़ी और रिक्वेस्ट कर…तब में कुछ सोचूंगी…!!बेरी रुक गई और राधा के टांगो के बिच अपना टांग लपेट लिया..
“प्लीज माई फुट….तू बहुत बदमाश होगई है…”राधा उसे गर्दन से पकड़के झंझोड़ने लगी..
बेरी दाँत निकाले हंसती रही..
राधा ने अपने ग्लासेस साइड उतार कर रख दिए फिर बेरी को झुकाये दो तीन घुसा जड़ गई..
“ओच रानी…मुझपर थोड़ा रहम कर…तेरे मर्दाना हाथ से चोट बड़ी ज़ोरदार लगती है…”बेरी उसकी बंद मुठियाँ देख सकपका गई..
राधा ने तंज कसते हुए कहा..”मेरा दिमाग़ खराब ना किया कर….!!
फिर दोनों चौंक गई क्यूंकि बेल बज चुकी थी..
“ओह्ह्ह गॉड…सिर्फ 15 मिनट बाकि है…!!राधा ने अपने कपड़े जल्दी से सही किये और हाथ मुंह धोने लगी..
“अब भी 15 मिनट है ना….!!बेरी उसे पीछे से बांहो में जकड़ गई…
बेरी ने सेलेब पर बैठते हुए राधा की तरफ देखते हुए कहा..”मैंने तेरा तो मूड सही कर दिया लेकिन अब मेरा क्या होगा…!!
राधा कुछ समझी नहीं,,बेरी ने राधा का हाथ पकड़ अपने बूब्ज़ पर रख लिया…
“ये क….क्या…..!?
“ये बहुत ज़्यादा टाइट हो गए हैँ…ऐसा लग रहा है ब्रा को फाड़ कर बाहर आजायेंगे…बस जल्दी से इनका काम निपटा दे…!!
राधा जल्दी से उसके बोबीज़ को हाथों में लिए मसलने लगी और झुक कर कपड़े के ऊपर से ही स्मूच करने लगी…
बेरी की गर्म तेज़ सांसे फ़िज़ा में बेक़रारी घोलने लगी थी…
राधा से बर्दास्त नहीं हो रहा था,,उसका दिल कर रहा था की बेरी के शर्ट के बटन खोल वह बूबीज़ को सक करे…
बेरी ने अपने हाथ स्कर्ट में डाल दिए और राधा का बाज़ू पकड़े सिसकने लगी,,थोड़ी ही देर में वह कम कर गई…
बेरी ने खुद को साफ किया और राधा की तरफ देख कर बोली…”ये सब तेरी ग़लती है…अब आइंदा से स्कुल में कुछ भी नहीं,,ये बड़ा रिस्की है….समझी ना….!!
अगर तुझे ज़्यादा बेचैनी घुसी हो तो घर आजाया कर लेकिन नो मोर स्कुल फकिंग रोमांस….!!
बेरी ने कहा तो राधा ने उसके गर्दन पर हथेली फिराया और अपने ज़ुबान से लिक करने लगी…
फिर वह बेरी के गर्दन पर प्यार भरा स्पर्श छोड़कर पीछे हटी…
“ओके बट इसमें मेरी कोई ग़लती नहीं है…अगर आधी मेरी ग़लती है तो आधी तेरी भी है….!!
वैसे स्कुल में छुपछुप कर करने में मज़ा तो बहुत है लेकिन खतर भी बहुत है,,ऊपर से लगता है पियास ही नहीं बुझी है और मैं आग में भड़कने लगती हूं…”
बेरी ने उसके सिर पर चपत लगाया और दोनों शरीफ स्टूडेंट बन कर क्लासरूम पहुंच गई…
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...
(तो केसा लगा आज का पार्ट 🔥🔥 पढ़कर कमैंट्स ज़रूर कीजियेगा 🌷😘💋💅🏻)
अलविर अपने हॉस्टल रूम में लेटा हुआ खर्राटे ले रहा था,,वही उसका रूममेट वासु आँखों में मोटे मोटे फ्रेम वाला चश्मा लगाए किताबों में दिमाग़ खपा रहा था..
तभी वासु के मोबाइल वाइब्रेट होने लगा..
स्क्रीन पर “डाइन” लिखा हुआ था..
वासु के पतले कंधारी जैसे सुर्ख होंटो पर हलकी सी मुस्कान तेर गई,,वह उठके बालकनी आगया..
“हेलो…बोलो….!?
दूसरी तरफ से किसी ने एक मोटी सी गाली दे डाली..
“कुत्ते स्कुल क्यों नहीं आरहे हो…!?
वासु ने अपने तेल से चमपु बालों पर हाथ फिराते हुए कहा..”ओह्ह्ह अच्छा आज मेरी बहन को मेरी बड़ी चिंता हो रही है…”
“वासु…हम सब की क्लासेस चेंज होने वाले है…”
वासु ओबासी लेता हुआ बोला..”कोई नई बात…!?
ये तो हर साल होता है…!!
फिर से दूसरी तरफ से किसी ने गुस्से में ज़ोर से कान फाड़ देने की हद तक चीखते हुए कहा…”मुझसे ना ढंग से ज़रा बात किया करो,,बड़ी हूं तुमसे…!!
“सिर्फ 2 साल…..___
“खेर मुझे तुमसे फिज़ूल बहस करने का शौक नहीं है..मैंने ये कहने के लिए कॉल किया है की…..
वासु बात काट कर स्पीकर पर अपने होंट रख भारी आवाज में कहने लगा..”यही ना की अगर राधा मेरी क्लासमेट हो तो मैं उसका ख्याल रखु…”
“एक्साक्ट्ली…!!
वासु हँस पड़ा..
“तुमलोग चोरी चोरी चुपके चुपके इश्क लड़ा रही हो और शायद अब तो युवी से मुझे पता चला है की राधा आजकल घर काफ़ी आती रहती है…आखिर क्या खिचड़ी पक रही है…”
“हम्म्म हमलोग डेट कर रहे हो और मैं उसे ले कर डैम सीरियस हूं…!!
वासु चिढ़ कर बोला…”गुड…”
“हुंह्ह्ह चलो ठीक है फिर मैं कॉल कट करती हूं,,कल के लिए आल दी बेस्ट…बाय…!!
“बाययय…!!वासु ने कॉल कट कर दिया…
वासु जानता था की बेरी को राधा की कितनी फ़िक्र थी,,वह पोजेसीव होती जा रही थी…
और वह ये भी जानता था की कुछ लोगों को राधा और बेरी को संग में देखना गवारा नहीं था…
समीर को बेरी से बड़ी नफ़रत थी,,वह बेरी को निचे गिराने या तकलीफ पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता था…
_____
राधा बेरी के साथ क्लास में ख़ामोशी से बैठी थी…कुछ ही देर में सबके क्लास सेक्शन के बोर्ड की नोटिस लगने वाली थी,,फिर सब अपना अपना नाम चेक कर सेक्शन A,B और C में चले जाते,,मतलब सब अलग अलग होने वाले थे…
“पता नहीं मैं किस सेक्शन में जाउंगी…!?राधा अपने ख्यालों में खोई थी..
बेरी ने पीछे खड़े लड़के की तरफ इशारा करते हुए कहा..”वह क्लास मॉनिटर हार्दिक उसी के पास सारे सेक्शन और रोल नम्बर मौजूद है…वही थोड़े देर में बोर्ड में नोटिस लगाने वाला है..”
राधा ने ठंडी हवा में ख़ारिज किया तो बेरी ने उसका गाल मुठियो में भर लिया..
“इतना टेंशन क्यों ले रही है…!!
तभी समीर उन दोनों के बेंच के करीब आ खड़ा हुआ…
“अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारा और बेरी का नाम एक ही सेक्शन में डलवा सकता हूं…!!
“तुम्हे बिच में दलाली करने को किसने कहा..जाओ जाके अपना काम करो…ये मेरे और मेरी दोस्त के बिच का मामला है…अब तुम अपनी शक्ल मत दिखाना,निकलो यहाँ से…!!
बेरी कि बात पर समीर एक तीखी मुस्कान से उसे देखने लगा और राधा भी उसे दोनों हाथ उठाकर जाने का इशारा करने लगी…
समीर के जाने के बाद बेरी ने राधा का जबड़ा छोड़ दिया…राधा के गालो पर बेरी कि उंगलियों के निशान साफ दिखने लगे थे..
“तेरे हाथ बहुत भारी भरकम है…आराम से पकड़ना आइंदा मुझे…”राधा के होंट पाउट बन गए,,बेरी उसका प्यार से गाल सेहलाने लगा..
राधा और बेरी दोनों आँखों ही आँखों में कुछ इशारे हुए और दोनों पीछे मुड़ के समीर को देखने लगी..समीर हार्दिक से बात कर रहा था…
बेरी ने हुंह्ह्ह्ह कर के चेहरा फेर लिया..
“मुझे कुछ गड़बड़ लग रही है…!!
बेरी राधा को देखने लगी जो परेशानी से हार्दिक को घूर रही थी..
“हार्दिक समीर को बड़ा भाई मानता है,,मतलब समझ रही है ना…समीर मुझे कुछ खास पसंद नहीं है और उसे भी मुझसे नफ़रत है,,वह ज़रूर हम दोनों को अलग अलग सेक्शन में डाल देगा…
मनहूस मारा….!!
बेरी ने राधा को देखा जो कहीं खोई हुई हार्दिक और समीर को देखे जा रही थी,,बेरी उसका चेहरा अपनी तरफ मोड़ के बोली..
“नज़रे मुझपर रख…उसे आँख भर कर अगर देखा तो तेरी आँखे निकाल लुंगी…!!बेरी कि धमकी सुन राधा फीका मुस्करा पड़ी…
“तू कितनी ऑब्जसिव और पोजेसीव होती जा रही है..”
राधा ने थकन भरी आवाज में कहा,,मन में अब भी उसके डर बैठा था कि कहीं वह और बेरी अलग अलग सेक्शन ना चली जाए..
दूसरी तरफ..
हार्दिक खड़ा बोल रहा था..”समीर भाओ मुझसे ये नहीं होता…मैं क्लास मॉनिटर हूं कोई मोहल्ले की आंटी नहीं…मुझसे नहीं होगा…!!
समीर इशिका की तरफ देख बोला…”ठीक है फिर कोई बात नहीं..मैं तो तुम्हे छोटा भाई समझता था पर कोई नहीं….तुम्हारी मजबूरी समझता हूं…पर मुझे बहुत बुरा लगेगा ज़ब इशिका और तुम अलग हो जाओगे…”
इशिका दोनों की तरफ देख शर्मीली मुस्कान लिए आई और बोली…”गुडमॉर्निंग….हेलो बिग ब्रो…है…हेलो…हार्दिक…
हार्दिक संभल ना सका और लड़खड़ाई ज़ुबान में बोला..”हेलो इशिका….
समीर कुटिल मुस्कान लिए बोला…”हेलो इशिका…तब तुम तयार हो,आज हम सब से क्लास सैक्शन के हिसाब से अलग हो जायेंगे और मन्नत मेम सीट एक्सचेंज करने वाली है…”
“हाँ ब्रो…मैं तयार हूं और आपको भी बेस्ट ऑफ़ लक…आप लोगो का अच्छा है सब दोस्त लोग साथ में रहते है,मुझे तो डर लग रहा मैं अपनी फ्रेंड्स से अलग हो जाउंगी…और अगर मेम ने मुझे किसी लड़के के साथ बैठा दिया तो…”
“अरे डर क्यों रही हो…ऐसा कुछ नहीं होगा…”हार्दिक बोला तो इशिका बस मुस्कान लिए वहाँ से चली गई..
समीर अपनी टाई कसता हुआ बोला…”पता नहीं इशिका मुझे ब्रो क्यों कहती है…पूरे क्लास में सिर्फ वही एक लड़की है जिसने मुझे भाई बनाया हुआ है…कितनी ज़्यादा सीधी और मासूम है…”
हार्दिक अपने हाथ पीछे बालो में ले जाता हुआ इडियट की तरह खुद भी बलश करने लगा था…
“बड़े भाई…ग़लती होगई प्लीज मुझे किसी भी तरह इशिका की सैक्शन में रहने दो..मन्नत मेम ने इंचार्ज आपको ही बनाया है,आप मेरी हेल्प करो मैं आपकी हेल्प ज़रूर करूंगा…”
हार्दिक की बात सुन समीर विक्ट्री स्माइल के साथ ऑफिस रूम चला गया..
हार्दिक जानता था की समीर बेरी को राधा से अलग सेक्शन में रखना चाहता था ताकि वह बेरी को तड़पता हुआ देख सके,,बाकि उसे कोई खास दिलचस्पी थी नहीं..
हार्दिक की बात सुन समीर विक्ट्री स्माइल के साथ ऑफिस रूम चला गया..
थोड़ी देर बाद बेरी को सब लड़कियां पकड़े हार्दिक से दूर करने की कोशिश कर रही थी..
“छोड़ो मुझे मैं इसका खून पी जाउंगी…कुत्ता कमीना,हरामी साला…..
बेरी बहुत ही गालिया दे रही थी और बाक़ी लड़कियां उसे कूल डाउन करने की कोशिश में लगी थी..
“बरखा….सच में उसे लग जाएगी…”इशिका हार्दिक को सहारा दे कर उठाने लगी..
राधा सामने आई और बोली…”बेरी…तमाशा मत लगा ये मन्नत मेम ने फाइनल किया है…तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते…”
“तू जानती नहीं है….ये सब मैं जानती हूं हार्दिक ने किसके कहने पर किया है…ज़रूर इसने कुछ घोटाला किया होगा…!!
साइड में खड़े लड़को के साथ सिद्धार्थ के पसीने छूट गए थे क्यूंकि उसकी सीट बरखा के साथ जा मिली थी तभी वह गुस्से में तिलमिला उठी थी…
थोड़ी देर बाद सब सीट नंबर मैच कर बैठ गए…
समीर राधा के साथ बैठा था…
मन्नत मैडम क्लास में आई और बोर्ड पर सबके रोल नंबर लिखने लगी…सेक्शन A से C तक कितने लोग साथ होंगे…
बेरी ने गुस्से से सिर बेंच पर टिका लिया…क्यूंकि उसकी क्लास भी राधा से अलग होगई थी और वह दोनों साथ नहीं होंगे…
राधा का दिल भी धक्क से रह गया…
राधा ने बेरी की तरफ देखा जो माथे पर हथेली फेर रही थी…राधा को बहुत तकलीफ हुई क्यूंकि वह बेरी को अच्छे से जानती थी कि वह इस वक़्त कितनी अकेलेपन में घिरी थी..
राधा को जिस बात का डर था आखिरकार वही हुआ और वह ये बात अच्छे से जानती थी कि इसके पीछे समीर ही है…
अचानक एक लड़का पीछे से आके राधा के कंधे पर हथेली रखते हुए बोला..“चिंता मत करो….उसका नाम बरखा रमीन डिसुज़ा है,बेरी हमेशा खुद को संभाल लेती है और उसके क्लास में काफ़ी अच्छे स्टूडेंट है होप सो की उसकी उनसे बनती हो जाये…”
राधा ने आज पहली बार इस चसमिश लड़के को देखा था,,मोटे फ्रेम वाला चश्मा और तेल से चिपचिपे बाल और मेसी सा हुलया…
राधा ने गौर किया तो उसे याद आया की वह लास्ट बेंच पर बैठता है और ज़्यादा किसी से बातें करना पसंद नहीं करता है..
राधा ना में गर्दन हिला के बोली..”तुम नहीं समझोगे…मैं बस चाहती थी अगर हम एखटे ना भी बैठ पाते तो कम से कम एक ही क्लास में तो रहते…मैं बेरी के साथ रहना चाहती थी…”
वासु गर्दन हिला गया..“तुम सच में ऐसा चाहती हो….”
राधा आँखों की नमी पोंछ के बोली..“हाँ इसमें कोई शक नहीं है…मैं उसे बस ख़ुश देखना चाहती हूं…अगर हम एक ही क्लास में होते तो बहुत खुश होते…!!
“ओके मैं कुछ करता हूं..”वासु ने उसकी तरफ देखते हुए कहा..
आधी सी ज़्यादा क्लास खास कर लड़कियो की टोलिया बहुत उदास थी वह अलग होकर दूसरे क्लास जा रही थी…
सेक्शन A में राधा की सीट वासु के साथ सेकंड रॉव में था और ठीक उसके पीछे हार्दिक और समीर की सीट फिक्स हुई थी..
राधा चलती हुई समीर की तरफ बढ़ी…
हार्दिक राधा को देख संभल कर खड़ा होगया..
“हेलो राधिका….तब तुम्हारी सीट किस के साथ फिक्स हुई…!?
हार्दिक के सवाल पर राधा की ग्लासेस के पीछे सुनहेरी आँखे सर्द पड़ गई..
“तुम्हे तो पता होना चाहिए था..आखिर तुमने जो अपनी मनमर्जी चलाई है..”
समीर की हरी आँखों में तंज आगया..
“राधा…मैं समझ सकता हूं तुम इस वक़्त क्या महसूस कर रही हो,,बेरी और तुम बहुत करीब हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं की तुम हार्दिक पर शक करो…”
“मैं शक नहीं कर रही बल्कि मुझे यकीन है..”राधा की आवाज खतरनाक हद तक बदलने लगी..
हार्दिक के पसीने छूट गए लेकिन समीर ठीक राधा के सामने आ खड़ा हुआ..
“डोंट क्रॉस योर लिमिट…क्लास मॉनिटर से तुम ऐसे बात नहीं…
समीर की बात काट पीछे से वासु बोलता हुआ आया..”और तुम्हे एक लड़की से इस लहजे में बात नहीं करना चाहिए..”
हार्दिक को डर लगने लगा क्यूंकि वह नहीं चाहता था की ज़्यादा लोग इन्वॉल्व हों या पूरे क्लास में तमाशा हो,,अभी कुछ देर पहले ही बेरी के हाथों से थप्पड़ खा चूका था..
“ब्रावो…अब तुमने भी एंट्री ले ली…”समीर खीज के उसके भद्दे से मोटे ग्लासेस को देख रहा था..
“तुमलोग यूँ अपनी मनमानी नहीं कर सकते वरना हम….
समीर दो कदम आगे बढ़कर दो ऊँगली से उसके माथे पर चुटकी मार गया…
“वरना क्या कर लोगे…!?
मुझे डरा धमका रहे हो…!!
हार्दिक समीर का बाज़ू खिंचते हुए बोला..”समीर भाओ प्लीज…सब हमें देख रहे हैँ…”
वासु का अब खून खोलने लगा..
“वासु…मेरा मामला है…मैं हेंडल कर लुंगी प्लीज तुम इन सब में मत पड़ो,,हम इस बारे में मन्नत मेम से बात करेंगे…”राधा धीरे से वासु के करीब झुक कर बोली…
लेकिन ना तो वासु पीछे हटा ना ही समीर…
“मुझे अच्छे से पता है की तुमने ही हार्दिक को ब्लैकमेल कर राधा का नाम हेरफेर किया है..क्यूंकि तुम्हे दुसरो की ख़ुशी बर्दास्त नहीं होती है,,हुंह होगी भी कैसे जिंदगी भर तो धतकारे गए हो…”वासु की बात सुन राधा को पूरा माहौल गर्म होता महसूस हुआ..
हार्दिक समीर के माथे की नसे उभरता देख काँप गया..
“तुम्हारी ज़ुबान बहुत ज़्यादा नहीं चल रही है या फिर तुम अपनी ओकात भूल गए हो…”
वासु समीर के बिलकुल करीब आके खड़ा होगया..
“मुझे अपनी ओकात बहुत बेहतर तरिके से याद है लेकिन शायद तुम भूल गए हो की तुम एक…..
वासु कुछ बोल ही नहीं पाया क्यूंकि समीर ने उसके दोनों गालों पर कसके हथेली जमाये उसके होंटो पर अपने होंट रख गया..
राधा ने मुंह पर हाथ रख लिया वही हार्दिक का मुंह पूरा का पूरा खुल गया..
सब लोग भी झटके में आगये,,कुछ लोग मोबाइल निकाले दोनों की पिक्चर्स क्लिक करने लगे…
राधा ने ये एक्सपेक्ट हरगिज नहीं किया था,,मतलब एक डेंजर फाइटर मिंटो में रोमांटिक फाइट में बदल गई थी..
वासु अपना आप छुड़वाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन समीर की हाईट वेट उससे दुगनी थी…
समीर एक हाथ से उसके कमर को थामे और दूसरे हाथ से उसके गर्दन को दबोचे उसके होंटो को काटे जा रहा था…वासु की बर्दास्त की हद तक इंतिहा होगई थी क्यूंकि पूरा क्लास की नज़रे दिलचस्पी से दोनों पर ही थी…
बड़ी मुश्किल से वासु ने समीर को एक ज़ोरदार घुसा पेट में जड़ा तो वह हँसते हुए पीछे हट गया…
“साले हरामखोर….तेरी हिम्मत कैसे हुई…तुझ से बड़ा छिछोरा मैंने आज तक नहीं देखा….!!वासु गुस्से में तिलमिला उठा था,,उसका मोटा फ्रेम वाला चश्मा भी कहीं निचे फर्श पर गिर गया था…
राधा और बाकि लड़कियां उसकी नीली आँखे देख रही थी,,मतलब ये कुछ देर पहले वाला भुंडू सा लड़का इतना गजब लग रहा था,,होंटो से रस्ता हुआ खून और नीली आँखों में दुन्या जहांन की शर्मिंदगी,नफ़रत और गुस्सा के मिले जुले भाव लिए वह वासु को देख रहा था…
समीर अपने होंटो पर ज़ुबान फिराता हुआ बोला..”अहह तेरे होंट तो बड़े नाजुक और गुलाबी हैं…!!
“तेरी तो….साले….!!वासु गुस्से में उसका कॉलर पकड़ गया..
“अरे इतना एक्सटाइड मत हो,,स्कुल के बाद आराम से मुझसे मिलना…”समीर आगे कुछ कहता की वासु ने एक ज़ोरदार पंच उसके चेहरे पर जड़ दिया..
समीर का चेहरा दूसरी तरफ झुक गया…
पूरे क्लास में मौत जैसा सन्नाटा छा गया क्यूंकि समीर ख़ामोश तबियत का खतरनाक लड़का था…
समीर लेकिन अपना गाल सहला कर हँस पड़ा..
“नोट बेड…ये पंच काफ़ी हेवी था…”
वासु चिढ़ गया,,उसे लगने लगा की इस बंदे को मारना या कुछ कहना ही अपना वक़्त बर्बाद करने बराबर है…
राधा को तो अब भी अपने आँखों देखे पर यकीन नहीं आरहा था, मतलब अभी कुछ देर पहले समीर ने ज़बरदस्ती वासु को किश किया था पर अब हँस रहा था…
क्लास में खूसूरपुसूर होने लगी थी…
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗...
"Okay Then....Ab is story m dono dushmn h,,smir or vasu...bt inki dushmni pehli wali story jaisi nhi h blki inki dushmni school se hostel room tk or fir bedroom tk phunchegi🔥🔥🔥Enemies To Lovers wala scene h🤭♥️....kher maine phle bhi kha tha ki ye story gl bl dono h to enjoy kro...🍷🍸....
राधा तो सतके में आगई थी,वही इशिका और हार्दिक वगेरा भी झटके के हालत में थे…
कुछ देर बाद समीर के साथ वासु प्रिंसिपल रूम में बैठा था…
“तो आप बताना पसंद करेंगे की ये क्या हरकत थी…!?गहरी जाँचती शहद जैसी आँखे राज सर की दोनों लड़कों पर टिकी थी..
वासु टेबल पर हाथ मार कर उठता हुआ बोला..”सॉरी सर,बट प्लीज समीर को सख्त से सख्त सज़ा दीजिये…इसकी इतनी हिम्मत की इसने मुझे ज़बरदस्ती…..___
समीर आराम से बैठा मुस्करा रहा था…
“ज़बरदस्ती….ऐसा कुछ नहीं किया मैंने..एक्चुअली सर मुझे वासुदेव ने ही प्रोवोक किया था…
आप चाहे तो किसी से भी पूछ सकते हैँ,मैं राधा से बात कर रहा था तभी ये लड़का मेरे करीब आया और मेरे कानो में सरगोशी कर कहने लगा की मुझे बांहो में लो और चुम…….___
वासु गुस्से में उबलता हुआ बोला…”सररररऱ प्लीज मैंने ऐसी कोई भी बात नहीं की…आप चाहे तो राधा से पूछ सकते हैँ….!!
राज सर दोनों को कुत्तो की तरह लड़ता देख रहे थे..
उन्होंने गला खंखार कर कहा..”बेहेव योर सेल्फ एंड हाँ….ये ऑफिस रूम है और यहाँ तुम दोनों पढ़ने आते हो..अगर जवानी की आग इतनी ही ज़िस्म में भड़क उठी है तो स्कूल के बाहर रंगरलियां मनाओ…
तुम दोनों के लिए लास्ट वार्निंग है अगर इस केस के बाद मेरे पास तुम दोनों की कोई भी कम्प्लेन आई तो गार्डियन कॉल के साथ टीसी पकड़ा के स्कुल से निकलवा दूंगा..”
समीर लापरवाही से चेयर से उठता हुआ बोला..”ओके आप कोशिश कर देख लीजिये…”
वासु को तो अपनी कानो पर यकीन नहीं आया की ये लड़का आखिर प्रिंसिपल से किस लहजे में बात कर रहा है..
राज सर की आँखे समीर पर ही टिक गई..
“तुम्हारे जैसे बिगड़ैल अमीर बाप की एकलौती औलाद ऐसी ही होती है…मुझे कोई शौक नहीं है तुम पर टाइम वेस्ट करने का लेकिन ज़ब तक तुम स्कुल में हो तब तक तुम्हे रूल्स मानना होगा..”
समीर बड़बड़ा कर बाहर निकल गया..
फिर राज सर ने वासु को घुरा..
“समीर और बाकि लड़कों से दूर रहो…साथ ही अपना अग्गरेसिव बेहेवयर में सुधार लाओ…”
वासु आज से पहले कभी भी ऑफिस रूम में नहीं आया था,,आज पहली बार एक वाहियात हरकत की वजह से वह सब टीचर्स और प्रिंसपल के सामने शर्मिंदा होगया था..
वासु ख़ामोशी से सिर झुकाये ऑफिस रूम से बाहर निकल गया..
समीर हार्दिक के साथ खड़ा हँस रहा था..
“हाँ एक हफ्ते के लिए क्लास से ससपेंड कर दिया गया है..”
राधा वासु को बाहर निकलता देख भागती हुई उसके पीछे आई..
“व…वासु….आईं सो सॉरी…मेरी वजह से तुम्हे भी एक हफ्ते के लिए क्लास से ससपेंड कर दिया गया है…मैं सचमे बहुत ज़्यादा शर्मिंदा हूं..”
इशिका को तो कुछ समझ ही नहीं आरहा था…
वह नहीं जानती थी की कौन ग़लत है और कौन सही लेकिन वासु का मूड सही नहीं लग रहा था प्लस समीर को कोई फर्क नहीं पड़ा था…
वासु बिना किसी सवालों के जवाब दिए ख़ामोशी से आगे बढ़ गया…
उसने बस एक नज़र समीर पर डाली थी,,नफ़रत भरी नीली निगाहेँ ठंडे ठार हरी निगाहों से टकराई..समीर स्टाइल से एक आँख दबा गया…
वासु ने मुंह फेर लिया और चलता बना..
राधा खड़ी बस तमाशा देखती रही,उसे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था…मतलब उसकी वजह से ही ये सब कुछ हुआ था..
राधा थकी हारी घर आई...
आज उसे कोई भी पिक करने नहीं आया था वह पैदल ही घर गई थी...
घर आते ही उसने सबसे पहले ड्रेस चेंज कर नाश्ता किया...फिर खाना खा कर सीधा अपने कमरे में चली गई आज वह इतना थक गई थी कि समर के मुंह भी नहीं लगी क्यूंकि उसका लड़ने झगड़ने का मूड नहीं था..
राधा अपने रूम में आई और बेरी को कॉल कर आराम से बेड में बैठ गई और आज का सारा माजरा बयान करने लगी...
बेरी सब ख़ामोशी से सुनती रही फिर बोली..
"देख रानी...मुझे बताना तो नहीं चाहिए लेकिन समीर को मैं पर्सनली जानती हूँ...उसकी फॅमिली बैकग्राउंड बहुत खतरनाक टाइप है,ऊपर से बदनाम भी है लेकिन किसी की इतनी हिम्मत नहीं जो मुंह पर बोल सके...
वैसे उसके पापा एक इंटरनेशनल क्रिमिनल है....और काफ़ी साल जेल की सज़ा भी काट चुके है,,और उसकी मम्मा एक फेमस डेटक्टिव रह चुकी है...
राधा से रहा नहीं गया वह बोल पड़ी..."क्या.....उसकी मम्मी डेटक्टिव....और पापा....व्हाट ा रबीश....
बेरी दूसरी तरफ कॉल पर ठंडी सांस भर के बोली..."जानती हूँ थोड़ा शोकिंग है लेकिन ये हक़ीक़त है...और उसके पापा के खिलाफ आज तक कोई सबूत नहीं मिल पाया है बस एक समीर की मम्मा ही थी जिसने उनके खिलाफ सबूत जमा कर उन्हें कई साल जेल में रखा था...देख मैंने ये सब कहीं किसी न्यूज़ में पढ़ा था और एक आर्टिकल भी था सटिफिन जेक्शन पर तो मुझे इतना मालूम था...
राधा सोचते हुए बोली..
"ज़ब उन्होंने उसके खिलाफ करवाई की तो फिर शादी क्यों की....!?
बेरी तेज़ आवाज में बोली..."ये मैं क्या जानू जितना पता था बता दिया....लेकिन लोगों से अफवाह सुनी है की सटिफिन जेक्शन और समीरा के बिच बहुत ज़बरदस्त नफ़रत चली थी और बदला लेने के खातिर शादी की थी...
राधा सोचते हुए बोली..."हाँ समझ गई...वह नॉवेल में नहीं होता...बदले के लिए शादी...रिवेंज मैरिज....
बेरी ओबीसी लेकर बोली..."खेर रानी इतना सोचने की ज़रूरत नहीं है,वैसे भी वासु खुद अपना देख लेगा..वह कोई बच्चा नहीं है,अब वासु और समीर अपना समझे…
मेरे बस कहने का ये मतलब है की मेरी जान ज़्यादा टेंशन मत ले और आराम कर…यकीन तो मुझे भी नहीं आया ज़ब स्कुल ग्रुप चैट में मैंने दोनों की किश वाली फोटो देखि लेकिन बाद में मालूम चला की ये सच है…
मतलब क्या ही बोलू यार,ये समीर इतना छिछोरा निकलेगा ये नहीं पता था..छी मुझे तो सोचके ही शर्म सी आती है कि कैसे सबके सामने वासु को डिपली किश करने लगा और चेहरे पर शर्मिंदगी तक नहीं..अब इससे घटया क्या होगा…!?
राधा के दिमाग़ में बहुत सी बाते चलने लगी तभी बेरी बोली..
"उसके बारे में ज़्यादा मत सोच और जाके आराम कर....चल मुझे भी काम है बाय..."बेरी ने कॉल कट कर दिया लेकिन राधा के दिमाग़ में बहुत सारे सवाल कुलबुलाने लगे लेकिन वह जानती थी वह ये सब समीर से कभी नहीं पूछ पाएगी....
समीर से दोस्ती हुए 4 दिन भी ढंग से नहीं हुए थे और वह उसके बारे में इतना सोचने लगी थी...
तभी राधा चौंक गई...
"एक मिनट लेकिन इतना ज़्यादा डीपली बेरी को समीर के बारे में कैसे पता....!!!
आर्टिकल और न्यूज़ से इतना कैसे मालूम होगया....
उसने कहा था वह समीर को पर्सनली जानती है...!!
राधा को पता नहीं क्यों जलन सी होने लगी..
राधा ने सोचा कल स्कूल जाके सबसे पहले बेरी से पूछेगी की वह इतना सब कुछ समीर के बारे में कैसे जानती है....
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अलविर कबीर के साथ शॉपिंग पर आया था…
कबीर बहाने बहाने से अलविर की कमर को टच कर रहा था और अलविर सीहर उठ रहा था..
“हम पब्लिक पैलेस में है…”अलविर ने कबीर पर एक कड़ी नज़र डाली..
कबीर मासूम बनते हुए बोला…”तो अब क्या मुझे खुद पर कण्ट्रोल रखना होगा…!?
अलविर कुछ नहीं बोला,टी.शर्ट और पेंट लिए चेंजिंग रूम में चला गया..
कबीर ने दाएं बाएँ गर्दन घुमा कर देखा और वह भी चेंजिंग रूम में घुस गया…
अलविर ने जस्ट टी शर्ट ही उतारा ही था की उसकी नज़र कबीर पर चली गई..
“तुम अंदर कैसे आए…?
उफ्फ्फ किसी ने तुम्हे देखा तो नहीं…!?
अलविर ने दोनों हाथों से खुद को ढक लिया..
“हाय इतनी शर्म…अगर ऐसा करोगे तो मैं आउट ऑफ कण्ट्रोल हो जाऊंगा..”कबीर ने अलविर का हाथ पकड़के अपने पेंट के ज़िप के करीब रख दिया..
अलविर का चेहरा अचानक ही गुलाबी पड़ गया..
“ये…ये…तुम…..हारर…..
कबीर हाँ में गर्दन हिला कर बोला..”हाँ वही तो..मैं कब से हार्ड हूं लेकिन तुम कुछ समझ ही नहीं रहे हो..मैं यहाँ तुम्हारे करीब आने को तिल तिल मरे जा रहा हूं..”
अलविर घबरा कर दो कदम पीछे हट गया..
“ज़ब तुम्हारा बॉयफ्रेंड कोई प्लान बनाये तो उसे यूँ मॉल घुमाने नहीं लाते बल्कि किसी प्राइवेट पैलेस में बुलाते हैँ ताकि अगर उसका मूड बन जाए तो खुलके प्यार कर सके…”
अछ….अच्छा….में…ममम…..
कबीर ने अलविर के टूटे फूटे अल्फाज़ो में कोई धियान नहीं दिया और उसके होंटो को अपने होंटो से छुआ तो अलविर उसके बांहो में समा गया…
दोनों के होंट मिले तो कबीर पूरी तरह अपना कण्ट्रोल खो गया…
वह वाइल्डली उसके होंटो को काटता हुआ उसके निपलस को पिंच करने लगा…
“आह…अह्ह्ह क…कबीर….वेट….प्लीज…!!
अलविर को तेज़ दर्द का एहसास हुआ तो कबीर फौरन ही रुक गया…
एक लम्बी सांस ली और खुद ही मुंह पर हाथ रख हँस पड़ा..
“डर गए ना…!?
अलविर अजीब तरिके से कबीर को देखने लगा..
“हाहाहाहा डरो नहीं….मैं रिश्ते में ज़बरदस्ती का कायल नहीं हूं…तुम्हे जितना वक़्त चाहिए ले लो मगर मेरे होकर रहो…कभी दूर मत जाना..”
अलविर को कुछ समझ नहीं आया पर वह थोड़ा भावुक होगया…
कबीर के सीने से लगे बच्चों की तरह लाड जताने लगा..
“लेकिन तुम…तुम्हे दर्द नहीं होगा…तुम इतने हार्ड हो रहे हो..”अलविर को कबीर की फ़िक्र होने लगी..
कबीर ने ठंडी सांस भरते हुए कहा..”कुछ नहीं अभी थोड़ी देर में नार्मल हो जाऊंगा..”
अलविर ने अपनी टी शर्ट पहनी और घुटने के बल झुक कर बैठ गया..कबीर के पेंट की ज़िप खोली और उसका डीक निकाल लिया..
अलविर ने मन ही मन कहा..”ये तो बहुत बड़ा है..”
अलविर ने धीरे से अपने हाथों की गर्मी दे कर रगड़ा और अपनी ज़ुबान फेरी तो कबीर ने आँखे मुंद ली…अलविर का ये फर्स्ट टाइम था लेकिन फिर भी वह कोशिश कर रहा था क्यूंकि वह कबीर को तकलीफ में नहीं देख सकता था और कबीर हमेशा उसके इंकार की इज़्ज़त करता था..
“धीरे धीरे अपने मुंह में लो और आगे पीछे करो..लेकिन धियान से खुद को हर्ट करने की कोई ज़रूरत नहीं है..”
अलविर कबीर की बात समझता हुआ वैसे ही डीक को मुंह में लिए सक करने लगा और ज़ुबान से स्मूच भी करता रहा…
थोड़ी देर बाद कबीर ने आँखे खोली और एक तेज़ सिसकी के साथ अलविर के मुंह में ही कम कर गया…
“उम्म्म…हहहहहह…अलविर…वैरी गुड माय बॉय…!!
अलविर ने पूरा कम हलक के निचे उतार लिया…
“अलविर…नहीं तुम्हे इसकी कोई ज़रूरत नहीं थी,,खुद पर फोर्स नहीं करो…”
अलविर नज़रे चुराता हुआ बोला..”नहीं मैं कोई फ़ोर्स नहीं कर रहा हूं..बल्कि मुझे तुम्हारा टेस्ट बहुत अच्छा लगा..”
कबीर तिरछी मुस्कान लिए बोला..”बदमाश कहीं के…”
अलविर ने कुछ कहा नहीं लेकिन वह कबीर के साथ रिलेशन में और ज़्यादा आगे बढ़ना चाहता था लेकिन कबीर बहुत ज़्यादा सोफ्टी था,,मतलब की अगर वह उसे रुक जाने को कहता तो वह रुक जाता…
अगर अलविर की तबियत खराब होती तो वह मेडिसिन हॉस्टल भिजवा देता,,रात को नींद आती तो कॉल कट कर गुडनाइट और लव यु का मैसेज कर देता..
अलविर को अंदर से घबराहट हो रही थी की कहीं कबीर उससे बोर ना हो जाए और ब्रेकअप ना कर ले इसलिए वह कबीर को हर तरह की ख़ुशी देना चाहता था और कबीर जो चाहता था वही उसकी चाहत बन जाती थी…
अभी एक महीना भी नहीं हुआ था लेकिन कबीर इतना ज़्यादा समझदार था की अलविर को डर लगने लगा कहीं वह उसे छोड़ ना दे…जैसे की उसकी फैमिली ने उसे छोड़ दिया था…
थोड़ी देर बाद दोनों ड्रेसिंग रूम से चेंज कर निकले और फ़ूड जंक्शन की तरफ बढ़ गए…
अलविर का धियान उसके मोबाइल पर गया ही नहीं जहाँ आधे घंटे से उसके बिग ब्रो का मेसज आरहा था..
𝗖𝗢𝗡𝗧𝗜𝗡𝗨𝗘𝗗…