वेद मेहरा एक प्लेबॉय और आयाश बिजनेसमैन है। जिसके बिस्तर पर हर रोज एक नई लड़की होती है। उसे अक्सर एक लड़की का सपना आता है। उस लड़की का संबंध उसके अतीत से है। उसका संबंध उसके इंडिया छोड़ने से पहले का है। अब 5 साल बाद फिर इंडिया लौट रहा है। क्या वह फिर... वेद मेहरा एक प्लेबॉय और आयाश बिजनेसमैन है। जिसके बिस्तर पर हर रोज एक नई लड़की होती है। उसे अक्सर एक लड़की का सपना आता है। उस लड़की का संबंध उसके अतीत से है। उसका संबंध उसके इंडिया छोड़ने से पहले का है। अब 5 साल बाद फिर इंडिया लौट रहा है। क्या वह फिर मिलेगा उसे लड़की से। कहीं उसके इंडिया छोड़ने की वजह वह लड़की तो नहीं। आखिर कौन है वह लड़की। क्या किया है वेद मेहरा ने उस लड़की के साथ। जब वह लड़की उसके सामने आएगी तो आगे क्या होगा। तो पढ़ते रहिए मेरी कहानी तेरी तलब सिर्फ स्टोरी मानिया पर
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मुंबई की रात, अरब सागर के ऊपर जगमगाता Grand Mirage Hotel।
आज यहां हाई-सोसाइटी का सबसे बड़ा इवेंट था — “मेहता क्रिएशन्स” का न्यू फैशन लाइन लॉन्च।
रोशनी, कैमरों की फ्लैश और महंगे परफ्यूम की खुशबू से भरा माहौल।
ब्लैक सिल्क गाउन में, डायमंड ईयररिंग्स और कॉन्फिडेंट स्माइल के साथ, आन्या मीडिया से घिरी थी।
वो फैशन हाउस की प्रिंसेस थी — बिज़नेस में भी तेज़, और पब्लिक में भी चार्मिंग।
उसकी हंसी में वो मासूमियत थी, जो ग्लैमर में कम ही बचती है।
भीड़ में अचानक हलचल हुई।
डार्क नेवी सूट, परफेक्ट शेव और आंखों में एक अजीब-सी चमक के साथ विक्रम राठौड़ एंट्री करता है।
लोग फुसफुसाने लगे — “रियल-एस्टेट और नाइटलाइफ़ का किंग… विक्रम राठौड़!”
विक्रम ने जैसे ही आन्या को देखा, उसकी चाल धीमी हो गई।
वो सीधे उसके पास गया, हाथ बढ़ाया —
"Miss Mehta… शहर की सबसे खूबसूरत शाम और उसकी सबसे खूबसूरत वजह, एक साथ।"
आन्या ने हल्के से मुस्कुराते हुए हाथ मिलाया —
"और आप… जिनके बारे में कहा जाता है, जो चाहते हैं… ले लेते हैं।"
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रणवीर चौहान — साइलेंट गार्जियन
इसी बीच, बैकस्टेज सिक्योरिटी मॉनिटर पर नज़र गड़ाए खड़ा था रणवीर चौहान।
काली शर्ट, शार्प जबड़ा, और आंखों में वो ठंडा फोकस जो सिर्फ प्रोफेशनल्स में होता है।
वो इस इवेंट का सिक्योरिटी हेड था — लेकिन उसकी रुचि सिर्फ एक चीज़ में थी: विक्रम राठौड़।
उसने अपने टीम मेंबर से कहा —
"विक्रम के मूव्स पर नज़र रखो… ये यहां सिर्फ शो देखने नहीं आया।"
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पहला डांस
म्यूज़िक धीमा हुआ, और विक्रम ने आन्या को डांस के लिए हाथ बढ़ाया।
भीड़ की नज़रों के बीच, दोनों डांस फ्लोर पर थे — आन्या सहज थी, विक्रम की नज़रों में एक अजीब-सा वादा था।
दूर से रणवीर ने देखा — और उसकी आंखें तुरंत विक्रम की कलाई पर एक छोटे से टैटू पर टिक गईं — एक सांप, जो अपनी पूंछ खुद काट रहा था।
रणवीर का चेहरा सख्त हो गया। वो निशान उसने पहले एक बहुत ही डार्क फाइल में देखा था।
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एपिसोड एंड सीन
डांस के बाद, विक्रम झुककर आन्या के कान में बोला —
"कभी सोचा है… कुछ पिंजरे सोने के भी होते हैं?"
आन्या ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा —
"हाँ, लेकिन उनमें रहना किसे अच्छा लगेगा?"
दूर से रणवीर ने ये पल देखा और बुदबुदाया —
"कभी-कभी… सोना ही सबसे बड़ा जाल होता है।"
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अगर आप चाहें तो अगले एपिसोड में मैं लिख सकता हूँ कि रणवीर पहली बार आन्या को चेतावनी देता है, और आन्या उसे overprotective stranger समझकर इग्नोर कर देती है, जिससे विक्रम का जाल और भी गहरा हो जाता है।
पांच सालों के बाद वो देश लौटने वाला था। तकरीबन 5 साल पहले उसने एमबीए कंप्लीट की थी और नया-नया ऑफिस ज्वाइन किया था।शराब के नशे में किसी बड़े सियासत दान के बेटे को ठोक दिया था। उसकी डेथ तो नहीं हुई थी मगर हाल काफी क्रिटिकल थी। उसके डैड ने उसे उस वक्त देश से बाहर भेज दिया। कितने सालों में वह कभी इंडिया नहीं आया ।उसने मेहरा इंडस्ट्रीज का जो विदेश का बिजनेस था धीरे-धीरे वह सब संभाल लिया।
उसकी फैमिली इससे यहीं मिल लेती थी ।पहले वो डर के वजह से नहीं आया और फिर बिजनेस की वजह से। उसके उसके मॉम डैड उससे मिलने यही आ जाते थे ।मगर अब उसके डैड की तबीयत खराब रहने लगी थी। तो उसे वापस बुलाया। उसका बिजनेस पार्टनर चाहता था कि वह रोज को अपने साथ ले जाए। मगर वेद की रोज में एक रात से ज्यादा कोई दिलचस्पी नहीं थी ।
उसके डैड और मोम दोनों एयरपोर्ट पर उसकी वेट कर रहे थे। उसकी मॉम तो उसे देखकर बहुत खुश होती है ।
बस अब मैं तुम्हारी शादी कर दूंगी ।
कहीं नहीं जाने दूंगी तुम्हें ।वो उसे गले से लगाए हुए कहती है ।
तुम यहीं शुरू हो गई ।
हम शादी की बात नहीं करेंगे ।
यह फिर भाग जाएगा । वह लोग बाहर आकर गाड़ी में बैठ चुके । उसके दादा बलवंत मेहरा उसकी मॉम से कहने लगे।
डैड सच-सच बताओ, बीमार आप तो हो ।
दिखने में तो आप कहीं से बीमार नहीं लगते।
आपने बीमारी का बहाना किया है ना, मुझे बुलाने के लिए।
कोई आपको देखे तो यही कहे ,आप मेरे बड़े भाई हैं इतने फिट लग रहे हैं।
उसकी बात पर उसके दादा बलवंत मेहरा हंसने लगे।
तो फिर और क्या करता ।अब बिजनेस संभालो तुम
और इन छोटी-छोटी बातों को छोड़ो। वहां जाकर तुम्हारा कुछ ज्यादा ही दिल लग गया था ।
उसके मां ने कहा।
वह लोग घर पहुंच चुके थे। उनकी जॉइंट फैमिली थी और बलवंत मेहरा के दोनों भाई साथ रहते थे ।
उसके आने की खुशी में आज पूरी फैमिली दिन को घर पर थी।
मैं खाना लगवाती हूं तुम जाकर फ्रेश हो जाओ ।उसकी मॉम ने उससे कहा । वह फ्रेश होकर वापस नीचे आ गया था।
तो फिर कब तक जहां रहने का इरादा है। उसकी बडे चाचा रमेश ने कहा।
वैसे तुम्हारा जहां दिल तो लग जाएगा ।
5 साल बाद आए हो। उसकी छोटी चाची मौली भी कहने लगी।
तो और कहां जाएगा यही तो रहेगा ।
उसके डैडी ने खाना खाने खाते हुए।
कहीं भाई साहब ने इसकी शादी के लिए लड़की तो पसंद नहीं करली।
उसके छोटे चाचा बृजेश ने कहा।
और गिफ्ट क्या हो सकता है।
बिल्कुल लड़की ही होगी। तो क्या भाई आप अपनी मॉम डैड की पसंद की लड़की से शादी करने वाले हैं।
उसके चाचा का बड़ा बेटा वेदांत बोला।
क्यों आपने भी तो शादी अपनी मॉम डैड की मर्जी से की थी।
बृजेश की बाइक वाइफ रीना ने कहा।
मगर मैं अपनी मर्जी से शादी करूंगा ।
बड़े चाचा का बेटा दीपक कहने लगा।
अब तुम नहीं कहोगे कुछ ।
वेद ने सुधीर से कह।
अब मैं क्या बोलूं ।सुधीर ने कहा ,जो उसके छोटे चाचा का बड़ा बेटा था ।
मेरी तो खुद की सगाई होने जा रही है ,मॉम दाद की पसंद की लड़की है ।
और तुम्हारा क्या ख्याल है सुधांशु ।
वेद ने छोटे चाचा के छोटे बेटे से कहा ।
मैं तो अभी पढ़ रहा हूं ।
अभी शादी का नहीं सोचा।
वैसे वो दोनों दिखाई नहीं दे रही।
सिया और किया दोनों उसके चाचा की बेटियां थी।
वह दोनों कॉलेज के ट्रिप पर गई हुई हैं ,बाहर है।
उसकी माम ने कहा।
आप सब लोगों का क्या गया।
मैं कोई शादी नहीं करने वाला।
उसके डैड ने अपनी पॉकेट से चाबियां निकाली ।
यह तुम्हारा गिफ्ट ,तुम्हारे लिए पेंट हाउस त्यार करवाया है मैंने ।
तुम चाहो तो हमारे साथ रह सकते हो, चाहे वहां पर ।
बस तुम हमसे कभी-कभी मिलने आ जाया करो ।
बिजनेस देखना स्टार्ट करो ।
आपको कैसे पता, आप तो मेरे मन की हर बात बिना कहे ही जान लेते हैं।
उसके डैड उसे आजादी दे रहे थे। बलवंत की बात पर पूरी फैमिली एक दूसरे की तरफ देखने लगी ।उन्हें उम्मीद थी कि जहां पर नहीं रहेगा और इंडिया का बिजनेस कभी नहीं संभालेगा ।
देखिए भाई साहब फिर तो सभी बच्चे अलग रहना चाहेंगे । रमेश ने कहा ।
आप ग़लत रवायत डाल रहे हैं।
किसके पास क्या है ,मुझे कहने की जरूरत नहीं है।
मैं अपने पैसों से बनवा कर दे रहा हूं पेंट हाउस ।
सभी के फ्लैट तो सभी के पास है और उन फ्लैट्स में क्या करते हैं।
मुझे पता है और जो कोई जहां रहना चाहते हैं चाहे रह सकता है ।
मैं किसी को नहीं रोका। कहते हुए बलवंत अपनी जगह से उठ गया।
यह बात सच थी कि अगर सभी साथ थे तो लालच की वजह से।
सबसे ज्यादा शेयर्स बलवंत के पास थे और आप उसके बाद वेद के पास ।
वह उन्हें छोड़ना नहीं चाहते थे और आजादी सभी को चाहिए थी तो सभी ने अपनी आयाशी के अडे बनाए हुए थे। ऐसा नहीं था कि घर की औरतों को मर्दों के बारे में पता नहीं था ।मगर उन्हें अपनी आजादी चाहिए थी तो चुपचाप से भी एक दूसरे को सहन कर रहे थे ।
जैसे ही शाम हुई उस ने गाड़ी की चाबीउठाई और वह घर से बाहर जाने के लिए तैयार हुआ।
मॉम में जा रहा हूं। वेद कहने लगा ।
ठीक है खाने तक आ जाओगे ।
मॉम मैं किसी दोस्त के पास रहूंगा ।
इसलिए रात के खाने पर मेरा इंतजार मत करना ।कहते हुए वह बाहर निकल गया था ।
उसे जाते हुए उसकी मॉम सोचने लगी।
क्या हुआ। बलवंत ने उसे ऐसा सोचते देखकर पूछा ।
मुझे डर लगता है इससे और
आपने भी इससे पेंट हाउस गिफ्ट किया है ।
खुद ही अलग रहने की इजाजत दे दी ।
तुम अच्छे से जानती हो अगर हम इसे कंट्रोल करने की कोशिश करेंगे ।
तो हमें छोड़कर चला जाएगा ।मगर आजादी तो हमें देनी है।
अगर सच कहो तो यह मेरे जैसा है ।जैसा मैं था जबानी था ।
तुम मुझे मिली तो मैं बदल गया ।कोई ऐसी लड़की इसकी जिंदगी में आ जाए
जो इसकी जिंदगी को बांध दें।
जब तक वो इ से नहीं मिलती, यह ऐसे ही भागता रहेगा।
पता है मुझे यह किसी रात को किसी लड़की के साथ होगा।
मगर कोई फायदा नहीं रोकने में जो करता है करने दो ।
जब इसकी तकदीर में वह लड़की आएगी तो ,वो खुद अपनी तकदीर बदले गा ।
उम्मीद करती हूं इसकी लाइफ में वह लड़की जल्दी से आ जाए।
आज वेद सीधा एक क्लब में पहुंचा ।वहां पर एक उसका एक दोस्त इंतजार कर रहा ।
बहुत सालों के बाद इंडिया आए हो।
अच्छा है अब हम मिला करेंगे। उसके दोस्त मलिक ने कहा।
मिलते तो पहले भी थे । वह लोग बार काउंटर पर बैठ गए थे और एक ड्रिंक करने लगे थे ।
अब साल में एक बार मिलना थोड़ी कोई मिलना होता है ।उसने कहा।
वह दोनों एक दूसरे के साथ हंसी मजाक कर रहे थे कि वेद की नजर उसे क्लब के अंदर आता ही लड़की पर गई। जिसने रेड कलर की वन पीस ड्रेस पहनी हुई थी । बिल्कुल शॉर्ट ड्रेस, आगे से डीप गला, बेहद हॉट एंड सेक्सी लड़की थी वह। वेद उस लगातार घूरता रहा ।
कौन है ये। वेद ने कहा।
आहूजा खानदान की राजकुमारी है ,लाडली बेटी बाप का काफी बड़ा बिजनेस है
और क्लब में अक्सर आती है। नखरा इसका ऊंचा है। किसी की तरफ देखती भी नहीं।
मुझे ऐसी ही चीज पसंद है। जिनका नखरा थोड़ा ऊंचा हो ।
उनका उतना ही मजा आता है उनके साथ।
क्या सोच रहा है।
तुम्हारा इरादा ठीक नहीं लग रहा। मलिक ने हंसते हुए कहा।
क्या कहते हो तुम हिंदी में ,मुझे चोदना है इसे।
कोई तो चाहिए मुझे जहां पर । मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं है ।
तो आज इसी से काम चला लेंगे ।
प्लीज मेरी सीरीज पर कमेंट करें साथ में रेटिंग भी थे आपको मेरी सीरीज कैसी लग रही है कमेंट में बताएं मुझे फॉलो करना और भेज देना याद रखें। ही
क्या सोच रहा है।
तुम्हारा इरादा ठीक नहीं लग रहा। मलिक ने हंसते हुए कहा।
क्या कहते हो तुम हिंदी में ,मुझे चो दना है इसे।
कोई तो चाहिए मुझे जहां पर । मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं है ।
तो आज इसी से काम चला लेंगे ।
वह अपनी जगह से खड़ा हो गया और उस लड़की की तरफ जाने लगा। वह लड़की वहां पहले से खड़ी हुई लड़कियों से बात करने लगी थी ।वेद उस के पास से गुजरने लगा और उसने जानबूझकर अपनी बाजू उस से टकरा दी । उसके हाथ में जो गिलास था वह छलक गया और उस लड़की के कपड़ों पर वाइन गिर गई थी।
सॉरी ब्यूटीफुल मुझे पता नहीं चला ।
सचमुच मेरी गलती है।
इससे पहले वह लड़की बोलती वो सॉरी कहने लगा ।
कोई बात नहीं। उस लड़की के मुंह से निकला।
उसने भी वेद को ऊपर से लेकर नीचे तक देखा। वह भी उसकी लुक पर मर गई थी।
मैंने इस क्लब में आपको पहले नहीं देखा।
उस लड़की ने कहा।
मैं 5 साल बाद इंडिया वापस आया हूं
और देखिए आते ही एक खूबसूरत किसी लड़की के साथ टकरा गया ।
मेरी किस्मत अच्छी है ।
आपके कपड़े गंदे हो गए ।
यहीं होटल में मेरा कमरा बुक है ।
आप मेरे साथ रूम में चले। वहां पर साफ कर लीजिए। वेद ने उस लड़की ने ऑफर किया ।
उसकी बात पर वह लड़की मुस्कुराई!
ठीक है चलिए ।वो तैयार हो गई कमरे में जाने के लिए।
आप मॉडलिंग का काम करती है । वेद ने उसे कहा।
नहीं नहीं मैं माडलिंग नहीं करती ।
मैं तो अपने डैड के साथ बिजनेस संभालती हूं।
आप जैसी खूबसूरत लड़की और बिजनेस ।
ब्यूटी विद ब्रेन। वेद ने कहा।
वह दोनों कमरे में पहुंच गए थे।
मैंने तो आपका नाम पूछा ही नहीं ।उसने कहा।
वेद मेहरा नाम है मेरा। वेद ने कहा।
चलिए मैं वॉशरूम में जाकर साफ करके आती हूं। उसे लड़की ने कहा ।
अगर आपको मेरी कोई हेल्प चाहिए हो तो बता दीजिएगा ।
आप क्या हेल्प करेंगे ।वो लड़की कहने लगी।
दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे।
बोल कर बताऊं जां करके बताऊं ।
वेद ने शरारत के साथ कहा।
जो आपको अच्छा लगे। वो लड़की वेद के बिल्कुल पास आ गई ।
वेद ने लड़की की ड्रेस की जो जिप थी, उसे खोल दिया।
यह ड्रेस उतार कर मुझे दे दो।
मैं इसे क्लीन करवा दूंगा।
वेद ने उसकी पूरी जिप खोल दी थी और उसने भी कोई विरोध नहीं किया था । अब उसके शरीर पर केवल इनरवियर रह गए थे।
अब इनका भी कोई काम नहीं। वेद ने उसकी ब्रा में हाथ डाला।
उसने हल्का-हल्का सा दबाया ।उस लड़की की आंखें बंद हो गई थी और वो उसके होठों को सॉफ्टली किस करने लगा । जब दोनों को ही सांस आना मुश्किल हो गया तो वेद ने उसके होठों को छोड़ा। वेद ने उसे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लिटा दिया ।
वेद ने अपनी जैकेट उतार दी और फिर अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए उसे भी उतार दिया।वह लड़की केवल ब्रा और अंडरवियर में बेड पर लेटी हुई, उसी की तरफ देख रही थी। वो उस के ऊपर आ चुका था ।वेद में बिना उसकी ब्रा को खोलें उसके बू ब्स को बाहर निकाला और बच्चों की तरह पीने लगा।
वो लड़की अपनी आंखें बंद कर किए हुए एंजॉय कर रही थी। वेद ने एक को छोड़ा और फिर अब दूसरे को सक करने लगा । वेद ने उसका का दूध पीते हुए अपना हाथ उसके अंडरवियर में डाल दिया ।जैसे ही उसने अपने उंगली घुमाई लड़की ने एक जोरदार सिसकारी भरी।उस की खुशी उसके चेहरे पर नजर आ रही थी।
अब लड़की के हाथ वेद की पेंट पर चले गए।
इसे भी तो आजाद करो।
कोई काम तुम्हारे लिए भी रखा है । कहते हुए वेद बेड से खड़ा हो गया और उस ने अपनी बेल्ट को खोला ।
फिर पेंट को उतार दिया।
से क्स को थोड़ा सा इंटरेस्टिंग बनाया जाए। वेद बोला ।
बिल्कुल, मगर कैसे ।
उस लड़की ने कहा।वो भी इस रात को एंजॉय करना चाहती थी।वेद ने अपनी बेल्ट से उसके दोनों को बेड की बैक के साथ बांध दिया। अब वह बिना कपड़ों की लेटी हुई थी ।वेद उसके शरीर को चूम रहा था। वह लंबी-लंबी सांसें ले रही थी ।
अब जल्दी करो ना ।
मुझ से सहन नहीं होता ।
अब इस रात को इंटरेस्टिंग नहीं बनाना क्या ।
उसने उसकी थाईज पर चूमते हुए कहा ।
अब जल्दी करो। उसने अपने दोनों पैर फैला दिए।
मेरे अंदर इंटर क्यों नहीं कर रहे । उसकी बात पर वो मुस्कुराया।
उसने उसके अंदर उंगली डाल दी । और घुमाने लगा।
मैं मर रही हूं ।
जल्दी करो।
वेद ने उसकी बात नहीं सुनी थी। साथ दूसरी उंगली भी डाल दी ।
अब ठीक है।वो उसे तडफा रहा था।
मुझे और प्लेजर चाहिए ।उस लड़की ने कहा।
बिल्कुल मिलेगा मेरी जान, हर तरह का प्लेजर मिलेगा ।
मगर मुझे झेलना भी इतना आसान नहीं होगा। वेद उसे बोला ।
वह लड़की के न ग्न शरीर को चूम रहा था तो कहीं कहीं लव व्हाइट दे रहा था ।वह लड़की आंखें बंद किया हुए उसके अपने अंदर एंटर होने का वेट कर रही थी ।
जैसे ही वेद की हार्डनेस में उसकी सॉफ्टनेस के अंदर इंटर किया।
प्लेजर और दर्द की आंहें उसके मुंह से निकली।
फिर वह 2 घंटे तक उन दोनों को कोई होश ना रहा ।
मेरे हाथ खोल दो, मुझे इतना प्लेजर फील हो रहा है कि
मुझ से झेला नहीं जा रहा। उस लड़की ने कहा।
उस लड़की ने कितने लड़कों के साथ से क्स किया था मगर इतना प्लेजर कभी फील नहीं हुआ था।
बिल्कुल भी नहीं ।
आज तो तुम्हें खुश करने का दिन है।
अगर मेरे हाथ खोल दोगे तो मैं भी तुम्हें खुश कर दूंगी ।उस लड़की ने कहा।
वेद ने उसके हाथ नहीं खोले थे ।वेदांत के दोस्त का फोन भी आया। मगर वेद के पास उठाने का टाइम नहीं था आधी रात के बाद दोनों अलग हुए।
मेरे हाथ खोल दो, मुझे इतना प्लेजर फील हो रहा है कि
मुझ से झेला नहीं जा रहा। उस लड़की ने कहा।
उस लड़की ने कितने लड़कों के साथ से क्स किया था मगर इतना प्लेजर कभी फील नहीं हुआ था।
बिल्कुल भी नहीं ।
आज तो तुम्हें खुश करने का दिन है।
अगर मेरे हाथ खोल दोगे तो मैं भी तुम्हें खुश कर दूंगी ।उस लड़की ने कहा।
वेद ने उसके हाथ नहीं खोले थे ।वेदांत के दोस्त का फोन भी आया। मगर वेद के पास उठाने का टाइम नहीं था आधी रात के बाद दोनों अलग हुए।
जब सुबह उस लड़की की आंख खुली । वह वहां से जा चुका था।
मैंने तो उसका नंबर भी नहीं लिया ।उस लड़की ने सोचा।
चलो कोई बात नहीं इसी क्लब में फिर मिल जाएगा। वह वेद से बार-बार मिलना चाहती थी ।
भाई आप सुबह आए हो ।
डाइनिंग टेबल वेदांत ने पूछा।
हां ।बस थोड़ी देर पहले ही आया हूं।
आकर तैयार होकर सीधा जहां आ गया। वेद ने साफ-साफ कहा ।
आज ऑफिस जाना है।
आज वह अपने डैड के साथ ऑफिस ज्वाइन करने वाला था। कितने सालों बाद इंडिया आया था।
तुम इतने सालों के बाद वापस आए हो ।
तुम्हें बाहर की जगह घर रहना चाहिए ।उसके चाचा बृजेश ने कहा ।
छोड़ो इस बात को।
सभी जल्दी करो ऑफिस जाना है ।बलवंत मेहरा ने उस बात को खत्म किया।
ऐसा कुछ भी नहीं था जो उसे अपने बेटे के बारे में पता नहीं था क्योंकि वेद बहुत सालों के बाद इंडिया आया था। इसलिए बलवंत की पूरी नजर उस पर थी। वह नहीं चाहता था उसका बेटा किसी खतरे में पड़े। और वो ये भी जानता था कि बंदिशें में वेद को रखना नामुमकिन है । अगर उसने वेद पर सख्ती करने की कोशिश की तो वापस चला जाएगा।
मेरा ब्रेकफास्ट हो गया ।
चलिए ऑफिस चलते हैं। वेद अपनी जगह से खड़ा होता हुआ बोला।
तुम लोग भी ऑफिस आ जाना ।
मैं वेद को कंस्ट्रक्शन साइट पर लेकर जा रहा हूं।
हम लोग सीधे वहीं से ऑफिस पहुंच जाएंगे ।बलवंत ने कहा।
ठीक है आप जाइए।
ना चाहते हुए भी बृजेश बोला।
किसी को भी वेद का आना अच्छा नहीं लगा था ।क्योंकि अब सीधी सी बात थी बलवंत की जगह आप वेद सीईओ बनेगा । सभी समझते थे कि वह हमेशा में विदेश में सेट हो जाएगा और बलवंत के बाद उनमें से ही कोई मेरा इंडस्ट्री का सीईओ बनेगा। सभी ने एक दूसरे की तरफ देखा और अपनी-अपनी जगह से उठने लगे थे ।
शॉपिंग मॉल इस शॉपिंग मॉल की जिम्मेदारी तुम्हारी है।
इसका इंटीरियर डिजाइन कैसे तैयार करना है और इसे शहर का नंबर वन माल बनाना है।
बलवंत ने गाड़ी में बैठे हुए वेद से कहा।
यह तुम्हारा पहला प्रोजेक्ट है ।सामने मॉल की बिल्डिंग जिसका लिपाई का काम चल रहा था, 9 मंजिलें पूरी हो चुकी थी ।
जानते हो पूरी फैमिली यही सोचती है कि तुझ में वो काबिलियत नहीं है ।
तुम सिर्फ इसलिए ceo बनोगे कि तुम मेरे बेटे हो ।
मगर तुम्हें साबित करना होगा कि तुम बहुत काबिल हो ।
जो तुम्हारे पास है वह उन लोगों के पास नहीं।
मेरे और तुम्हारी मॉम के पास 51% शेयर्स हैं ।
तो डैड आपको लगता है ।
मुझ में इतनी काबिलियत है । वेद ने पूछा।
मेरा बेटा है, मुझे कैसे नहीं पता होगा ।
सिर्फ अपने गुस्से और जिद को कम करो ।
उस दिन उसे एक्सीडेंट की वजह भी तुम्हारी जिद थी।
ज्यादा स्पीड पर तुम गाड़ी चला रहे थे
और दूसरे को साइड तक देना नहीं चाहते थे !
इसकी सजा यह थी कि तुम इतने सालों के बाद इंडिया वापस आए हो।
तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ा होगा।
मगर तुम्हारी मॉम पल-पल रोई है।
मगर वह मुझसे मिलने आती तो थी वहां पर।
वेद ने कहा।
मां बाप मिलना नहीं चाहते ,साथ रहना चाहते हैं ।
जो लड़की तुम्हें पसंद हो ।हमें बता देना ।
हम तुम्हारी शादी कर देंगे ।बस हमारे अरमान है तुम्हारी शादी हो जाए।
तुम्हारे बच्चे हो। हम तुम्हारी फैमिली के साथ रहना चाहते हैं।
अगर तुम हमारे साथ नहीं रहना चाहते,
कम से कम एक शहर में तो रहो।
जब हम चाहे तुमसे मिलने आ जाए । बलवंत वेद खुल कर बात कर रहा था
डैड मैं अभी शादी के चक्कर में नहीं पड़ना चाहता ।
वेद ने कहा।
मैं तुम्हें यह नहीं कहता कि तुम अभी शादी करो ।
बिजनेस की तरफ ध्यान दो।
मेरे कहने का मतलब यह है अगर तुम्हें कोई लड़की पसंद आती है।
तो आंखें हम आंखें बंद करके तुम्हारी शादी कर देंगे ,जहां तुम कहोगे।
हम अपने बेटे की फैमिली के साथ रहना चाहते हैं। कहते हुए उसके डैड की आंखें भर बाहर आई थी।
डैड आप तो रोने लगे।
वो उनके गले लग गया।
मैं आपको छोड़कर कभी नहीं जाऊंगा।
हमें तुम्हारे बच्चों के साथ खेलना है ।
बिजनेस छोड़कर मैं और तुम्हारी मॉम तुम्हारे बच्चों को खिलाएंगे ।
तुम दोनों मियां बीवी अपनी जिंदगी जीना।
अपने बच्चों को हमें दे देना पालने के लिए ।उसके डैड उसे हर तरह से कन्वेंस करना चाहते थे कि वह हर हाल में उसके साथ हैं ।क्योंकि वह जिस तरह का जिद्दी और गुस्से वाला था । उन्हें डर था कि कहीं वो फिर कोई गलती ना कर बैठे ।
कोई शक नहीं था कि वह बहुत इंटेलिजेंट था और उसे अपने मॉम डैड से बहुत प्यार था।
आप फिक्र क्यों करते हैं ।
देखना मैं इस माल को मैं कैसे हैंडल करता हूं ।
रही बात मैरिज की और अभी तो मेरा कोई इरादा नहीं है ।
अगर आपके बच्चे चाहिए होंगे तो बता देना ।
बच्चे पैदा करने के लिए शादी की क्या जरूरत है। वेद ने शरारत के साथ कहा।
वेद के मिलवाने के लिए बोर्ड की मीटिंग है रखी गई थी। सभी उन्हीं का इंतजार कर रहे थे ।
सॉरी हम दोनों लेट हो गए ।
बलवंत ने मीटिंग रूम के अंदर आते ही कहा ।
कोई बात नहीं तो क्या हुआ। कमल शर्मा जो उनकी कंपनी की एक डायरेक्टर थी ,उसने कहा। वेद बोर्ड आफ डायरेक्ट से मिलता है।कुछ चेहरे ऐसे थे जिन्हें वह जानता था और कुछ चेहरे नए थे ।उसने सभी चेहरों में उसकी अपनी फैमिली के भी चेहरे थे । उसने ध्यान से देखा। वह जानता था कि ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि वह भाग जाएगा ।वह जहां नहीं रहेगा। मगर वेद जाने के लिए तो आया ही नहीं था । वह जहां का बिजनेस संभालने वाला था।
प्लीज मेरी सीरीज पर कमेंट करें साथ में रेटिंग भी थे आपको मेरी सीरीज कैसी लग रही है कमेंट में बताएं मुझे फॉलो करना और भी देना याद रखें।
वेद के मिलवाने के लिए बोर्ड की मीटिंग है रखी गई थी। सभी उन्हीं का इंतजार कर रहे थे ।
सॉरी हम दोनों लेट हो गए ।
बलवंत ने मीटिंग रूम के अंदर आते ही कहा ।
कोई बात नहीं तो क्या हुआ। कमल शर्मा जो उनकी कंपनी की एक डायरेक्टर थी ,उसने कहा। वेद बोर्ड आफ डायरेक्ट से मिलता है।कुछ चेहरे ऐसे थे जिन्हें वह जानता था और कुछ चेहरे नए थे ।उसने सभी चेहरों में उसकी अपनी फैमिली के भी चेहरे थे । उसने ध्यान से देखा। वह जानता था कि ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि वह भाग जाएगा ।वह जहां नहीं रहेगा। मगर वेद जाने के लिए तो आया ही नहीं था । वह जहां का बिजनेस संभालने वाला था।
मीटिंग पर खत्म होते ही उसके डैड उसे उसका ऑफिस दिखाने ले गए ।
देखो मैंने तुम्हारे आने से पहले ही तुम्हारी पसंद के हिसाब से तुम्हारा ऑफिस रेडी करवाया है।
उम्मीद है तुम्हें पसंद आएगा।
मेहरा ग्रुप का इंडस्ट्रीज का मेन ऑफिस ।
उसकी एक वॉल ग्लास की बनी हुई थी, जिससे सारा शहर दिखाई देता था। एक साइड साथ ही एक गेस्ट रूम भी था और गेस्ट रूम में एक छोटी सी किचन थी ।
गेस्ट रूम से एक दरवाजा बाहर की तरफ ही खुलता था जो बाहर की स्टेयर की तरफ जाता था ।
डैड यह बहुत ब्यूटीफुल है ।
आपका यह बाहर की सीढ़िया वाला आईडिया मुझे बहुत अच्छा लगा।
हां मुझे पता है ,जब मेरे बेटे को भागना होगा।
कम से तो वह जहां से भाग सकता है । याद रखना जो ऑफिस के पीछे जाकर निकलती हैं ।
सिर्फ स्टेयर हैं ,लिफ्ट नहीं है।
वह कोई बात नहीं है, आपका बेटा एक्सरसाइज करता है।
आपको क्या लगता है। स्टेयर से मुझे डर लगता है, उतरने में।वह हंसने लगा।
अच्छा तो तुम अपना काम स्टार्ट करो।
मैं अभी उस प्रोजेक्ट की फाइल भिजवाता हूं।बलवंत मेहरा उस माल के प्रोजेक्ट की बात कर रहा था। जो वो वेद को दिखा कर आया था ।
ठीक है दादा आप फाइल भेजिए। मैं देखता हूं ।
मैं आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट से किसी से कहता हूं ।
वह फाइल तुम्हारे पास पहुंच जाएगी। क्योंकि वेदांत उसका इंटीरियर डिजाइन पर काम करना चाहता था। इसीलिए वह उसी की फाइल मंगवा रहा था।
मे आई कम इन सर।
किसी ने उसके खुले हुए ऑफिस के डोर पर पहुंचकर कहा।
वेदांत जो ग्लास बाल से पूरा शहर देख रहा था ।बिना देखे उस की तरफ देखें बोला ।
फाइल टेबल पर रख दो।
वेद की पीठ तरफ देखती हुई उस लड़की ने कहा।
जी सर। उस लड़की ने फाइल टेबल पर रखी और जाने लगी ।
सुनो ।वेदांत जो चलकर टेबल तक आ गया था ।
वो लड़की जो लगभग उसकी केबिन से बाहर निकल चुकी थी उसे कहा ।
सुनो यह इंटीरियर प्रोजेक्ट की फाइल है ।
मुझे माल का प्लान चाहिए।
जो भी तुम लोगों के पास हो वह ले आओ।
वह लड़की वेद की बात पर घुमी ।
सर वह फाइल तो…
वेद का चेहरा देखते हुए उसे लड़की के शब्द उसके मुंह में ही रह चुके थे। वेदांत भी उसे हैरानी से देख रहा था ।
तुम
तुम जहां क्या कर रही हो।
वह लड़की अभी भी सदमे में थी । जितना वेद हैरान था उससे ज्यादा वह लड़की हैरान थी।
उसके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकला था ।
मैं तुमसे पूछ रहा हूं।
तुम जहां क्या कर रही हो ।
समझा मेरे बारे में पता लगाने के बाद, मेरा जहां आने का इंतजार कर रही हो।
और मेरे आते ही पहले दिन पहुंच गई मेरे सामने ।
तुम मुझे ऐसे ब्लैकमेल नहीं कर सकती।
अच्छे से जानता हूं मैं तुम जैसी लड़कियों को।
मुझे इस ऑफिस में तुम्हारा चेहरा नहीं देखना ।
निकल जाओ इस ऑफिस से, आज के आज ,
अभी के अभी ।वो बहुत गुस्से में था।
वह लड़की भाग कर वहां से चली गई। वह इतनी हैरान परेशान थी।अब उसकी लाइफ जब सही होने लगी थी तो वह वापस आ गया था ,उसके सामने ।और इस पर ही ब्लेम कर रहा था।
उसका जहां होना उस मानवी की समझ से बिल्कुल बाहर था ।वह पिछले दो सालों से जहां काम कर रहे थी। मगर उसे कभी नहीं देखा था और आज अचानक कहां से आ गया।
5 साल से जो चेहरा मुझे रोज रात को सोने नहीं देता
और मेरे इंडिया आने के पहले दिन वो जो लड़की जहां पर है।
मैं तो सोच रहा था पता नहीं बेचारी का क्या हुआ होगा।
मगर यह तो मेरा इंतजार कर रही है । वेद ने टेबल पर जो सामान पड़ा था। उसने गुस्से में हाथ मार कर नीचे गिरा दिया ।क्योंकि वह उसे मिलेगी उसने सोचा नहीं था।
इतने साल से मैं सो नहीं सका और
यह आराम से जहां पर मेरा इंतजार कर रही है ।जब सामान नीचे गिरा तो बाहर रिसेप्शन पर जो लड़की थी वह भाग कर आई ।
क्या हुआ सर।
इस ऑफिस को ठीक करो। कहता हुआ वेदा जो उसके गैस्ट रूम में जो दरवाजा था ।उस पिछले दरवाजे से निकला और सीडीओ से ऑफिस से बाहर चला गया। उसे पेंट हाउस का ख्याल आया जो उसके डैड से दिया था तो वह गाड़ी उठाकर वही चला गया ।वह बहुत बेचैन था।
रात हो चुकी थी, डिनर का टाइम होने वाला था ।मगर वेद अभी तक घर वापस नहीं आया था ।
आपने ऐसा कौन सा काम दिया है उसे
कि वह पहले दिन ही नहीं आया ।उसकी मॉम उसके डैड पर गुस्सा हो रही थी।
तुम्हारा गुस्सा हमेशा मुझ पर ही क्यों निकलता है ।
मुझ में इतनी हिम्मत नहीं कि तुम्हें और तुम्हारे बेटे को कंट्रोल कर सकूं।
उसे फोन करो और पता करो कि वह कहां है ।उसके डैड ने हंस कर कहा।
उसकी मां उसे फोन करने लगी ।पहली बार वेल जाती रही ।उसने फोन नहीं उठाया । उसकी माम ने दूसरी बार फिर फोन किया ।इस बार उसने पहले वेल परी उठा लिया ।
सॉरी माम में वॉशरूम में था ।
कहां हो बेटा। खाने का टाइम हो रहा है।
मैं पेंट हाउस में हूं ।
आज मैं नहीं आ रहा। प्लीज बात बात पर फोन मत किया करो ।
मुझे ऐसे जवाब देना पसंद नहीं। कहते हुए वेद ने फोन काट दिया।
तुम्हारा गुस्सा हमेशा मुझ पर ही क्यों निकलता है ।
मुझ में इतनी हिम्मत नहीं कि तुम्हें और तुम्हारे बेटे को कंट्रोल कर सकूं।
उसे फोन करो और पता करो कि वह कहां है ।उसके डैड ने हंस कर कहा।
उसकी मां उसे फोन करने लगी ।पहली बार वेल जाती रही ।उसने फोन नहीं उठाया । उसकी माम ने दूसरी बार फिर फोन किया ।इस बार उसने पहले वेल परी उठा लिया ।
सॉरी माम में वॉशरूम में था ।
कहां हो बेटा। खाने का टाइम हो रहा है।
मैं पेंट हाउस में हूं ।
आज मैं नहीं आ रहा। प्लीज बात बात पर फोन मत किया करो ।
मुझे ऐसे जवाब देना पसंद नहीं। कहते हुए वेद ने फोन काट दिया।
क्या हुआ क्या कहा उसने ।
उसकी मॉम उदास हो गई तो उसके डैड ने पूछा ।
मुझे इस लड़के की बहुत फिक्र है।
इतना गुस्सा अच्छा नहीं।
मालूम नहीं क्या हो गया ,किस के साथ लड़ाई हुई है।
वह नहीं आएगा आज भी घर।
पेंट हाउस पर रहेगा ।
आपको क्या जरूरत थी उसे पेंट हाउस गिफ्ट करने की ।
अब वो घर नहीं आने वाला।उसकी मॉम उसके डैड पर गुस्सा हो गई ।
अगर उसके पास अपना पेट हाउस था तो उसमें चला गया ।
अब हमें पता है वह वहां पर सेफ है ।
मैंने वहां पर सभी काम वालों का भी इंतजाम कर दिया है ।
किसी होटल में रहने से अच्छा है कि वह वहां है
तो अब हमें उसकी फिक्र करने की जरूरत नहीं।
मैंने सोच समझकर उसके लिए टेंट हाउस तैयार करवाया है।
यह तो आपने ठीक किया ।
उसकी माम कहने लगी।
अब तक तो मैंने ठीक किया नहीं किया था ।
अब तुम मेरी बात से सहमत हो।
तुम अपना मूड ठीक करो । उसके डैड ने कहा।वो उसकी माम को समझाने
कोई बात नहीं, ठीक हो जाएगा।
मेरे मूड की कोई बात नहीं है। उसकी मॉम ने कहा।
वेद अपने पेंट हाउस में बैठा हुआ था ।वो अपने बेडरूम में चेयर पर बैठा था और ड्रिंक पर ड्रिंक कर रहा था ।वो उस लड़की को भूलना चाहता था। पिछले 5 सालों से वो हर रात उसके सपने में आती थी और आज उसके ऑफिस में उसी का इंतजार कर रही है।
वह सोचता था कि पता नहीं क्या हुआ होगा उसका ।
मगर वह पहुंची हुई थी, उसने वेद को ढूंढ लिया था।
वेद का सिर घूम रहा था ।
वह अपनी आंखें बंद किए हुए बैठा था। उसके फोन पर कितनी सारी मिस कॉल थी ।मगर वह फोन नहीं उठा रहा था। सिर्फ अपनी माम का फोन उठाया था।माम के बाद जब मलिक का फोन आया तो उसने उठा लिया।
कहां हो तुम।
मैं तो क्लब में तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं।
जल्दी से आ जाओ।
नहीं मैं नहीं आ रहा ।
मेरा सिर दर्द कर रहा है । वेद ने कहा।
मैं अपने पेंट हाउस में हूं।
मेरे पास तुम्हारी कल की खूबसूरत फ्रेंड है ।
वह तुम्हारे बारे में पूछ रही है ।
दिल नहीं लग रहा उसका तुम्हारे बिना।
तो तुम्हारे पेंट हाउस पर भेज देता हूं ।
तुम्हारा सिर दर्द भी ठीक हो जाएगा।
उसने हंस कर कहा।
ठीक है भेज दो ।
मैं एड्रेस सेंड करता हूं। वेद ने कहा।
अच्छा है वह आ जाए ।
मैं इस लड़की को भूल जाऊं ।
उसके साथ मेरा टाइम भी अच्छा गुजर जाएगा ।
पिछली रात वेद भी भुला नहीं था।
तकरीर बना आधे घंटे में ही वह वहां पहुंच गई थी। वेद ने पेंट हाउस का दरवाजा खोला ।
लगता है मेरे बिना मन नहीं लगा तुम्हारा।
मेरे पेंट हाउस में तुम्हारा स्वागत है।
वेद ने मुस्कुराकर कहा।
वह दोनों तरफ उसके बेडरूम की तरफ जाने लगे थे ।कमरे में पहुंचते ही उसने अपने पैरों की हील उतार दी और सोफे पर बैठ गई।
मुझे नहीं पता था तुम वेद मेहरा हो।
तुमने मुझे बताया ही नहीं।
मैं तो सुनकर हैरान हो गई । शनाया आहुजा ने कहा।
तो क्या फर्क पड़ता है मैं वेद मेहरा हूं जां कोई और ।
वह भी उसके साथ सोफे पर ही आ गया था ।
पहले मैं हम दोनों के लिए ड्रिंक बनाती हुं।
वो उठकर ड ड्रिंक बनाने लगी।
जानते हो बेबी एक ही रात में तुमने मुझे अपना गुलाम बना लिया ।
शनाया आहुजा का दिल आज तक किसी पर नहीं आया था।
मगर एक ही रात में तुमने मुझे अपना गुलाम बना लिया।
कल जैसा जबरदस्त प्यार है हम आज भी करेंगे।
ड्रिंक पीने के बाद एक दूसरे के नजदीक होने लगे ।वह दोनों काफी नशे में हो चुके थे ।
उसने जो टाप पहना था।वो उतार दिया।वो उसकी गोद में आकर बैठ गई और वेद की टीशर्ट उतारने लगी। फिर उसने वेद की मस्कुलर बॉडी को टच किया।
मैं फैन हो गई तुम्हारी। कहते हुए वो अपनी इनरवियर की हुक खोलने लगी।
मैं भी बहुत सैक्सी हूं।
उसने बिल्कुल टापलेस होकर कहा। शनाया को अपनी सैक्सी बॉडी पर बहुत गुमान था।
शनाया वेद को किस करने लिए उसके चेहरे के नजदीक अपना चेहरा लेकर गई। जैसे ही वो उसे किस करने लगी। वेद ने उसे धक्का दे दिया।
वेद को उस लड़की में मानवी का चेहरा दिखाई देने लगा ।
तुम जहां पर क्या कर रहे हो।
पीछा क्यों नहीं छोड़ती । मैंने कहा तुम जहां पर क्या कर रही हो। उसने शनाया को धक्का दे दिया।
पागल हो गए हो क्या ।
वह नीचे गिर गई । शनाया सोफे से नीचे गिरी हुई पड़ी थी। उसे समझ नहीं आया था।
सारी । वेद ने उसे उठाते हुए कहा ।
तुम जाओ जहां से। मैं ठीक नहीं हूं ।
वेद ने उस को वहां से भेज दिया था।
मुझे उस लड़की से साफ-साफ बात करनी है ।
मैं उसे ऑफिस से निकाल दूंगा ।ऐसे ही उसने पूरी रात गुजारी थी। एक मिनट के लिए भी मानवी उसके दिमाग से नहीं निकल रही थी।
प्लीज मेरी सीरीज पर कमेंट करें साथ में रेटिंग भी दे आपको मेरी सीरीज कैसी लग रही है कमेंट में बताएं मुझे फॉलो करना और भी होगा ना याद रखें।
पागल हो गए हो क्या ।
वह नीचे गिर गई ।
सारी । वेद ने उसे उठाते हुए कहा ।
तुम जाओ जहां से। मैं ठीक नहीं हूं ।
वेद ने उस को वहां से भेज दिया था।
मुझे उस लड़की से साफ-साफ बात करनी है ।
मैं उसे ऑफिस से निकाल दूंगा ।ऐसे ही उसने पूरी रात गुजारी थी। एक मिनट के लिए भी मानवी उसके दिमाग से नहीं नहीं निकल रही थी।।
रात को वो सोया । शनाया के जाने के बाद भी वह कितनी देर तक ड्रिंक करता रहा। सुबह उसकी बहुत देर से आंख खुली। रात को ज्यादा पीने की वजह से उसका सिर दर्द कर रहा था ।उसने खाना भी नहीं खाया था ।उसकी कंडीशन बिल्कुल भी ठीक नहीं थी ।वह जैसे तैसे उठा वॉशरूम में गया चेहरा धोया और वह नीचे आ गया।
वह चाय पीना चाहता था।
तो अब मुझे चाय भी खुद बनानी पड़ेगी।
वह किचन में जाता हूआ अपना फोन देखने लगा। वो मैसेज चेक कर रहा था।उसके डैड का मैसेज था। उसके डैड ने कोई नंबर सेंड किया था । तुम्हें तुम्हारे घर के काम करने वाले लोग इस नंबर पर मिल जाएंगे।
फोन कर देना ,खाना बनाने के लिए कुछ देर पहुंच जाएगा और वह साफ-सफाई भी करवा देगा ।
वह अपने डैड का मैसेज देखकर मुस्कुराया ।
सचमुच मेरे डैड दुनिया के बेस्ट डैड हैं ।
उन्हें पता है उनके बेटे को क्या चाहिए। उसने फोन किया तो वेद का कुक वहां पहुंच गया था।
क्या मुझे ऑफिस जाना चाहिए ।
उसने अपनी कंडीशन को शीशे में देखा ।
मेरा दूसरा दिन है ऑफिस का ,मैं ऐसे ऑफिस नहीं जा सकता।
क्या इंप्रेशन रहेगा मेरा ।
क्यों ना मैं आज ऑफिस जाने की जगह माल जाऊं और
वहां का काम देखुं। वैसे भी वह फ्रेश होना चाहता था ।आज उस लड़की का चेहरा नहीं देखना चाहता था।
इसलिए वह तैयार होकर माल के लिए निकल गया था ।एक बार माल पहुंचा तो वह मॉल में इतना बिजी हुआ कैसे वही रात हो चुकी थी।मगर वह अपने काम से खुश था क्योंकि आज उसका जाना जरूरी था।
शाम को आज उसने पेंट हाउस जाने की जगह वह अपने घर चला गया।
क्या बात है भाई आज तो आप घर आ गए। उसे देखते ही वेदांत ने कहा।
चलो अच्छी बात है। आज वैसे भी हम सब लोग सगाई की प्लानिंग कर रहे हैं।
तो तुम घर के बड़े बेटे हो तुम्हें भी होना चाहिए ।उसकी चाची ने कहा ।
अच्छा तो फिर कब की है सगाई । वेद ने कहा।
15 दिन रह गए सगाई में।
उसकी माम कहने लगी।
तो फिर तो दिन ही बहुत थोड़े रहते हैं।
और नहीं तो क्या 15 दिन रह गए सगाई में
और पूरी तैयारी रहती है। उसकी छोटी चाची मौली कहने लगी।
तैयारी तो लड़की वालों को करनी है
और वह बेचारे तैयारी में लगे हुए हैं ।
उनकी तो पूरी फैमिली जयपुर पहुंच चुकी है ।उसके चाचा बृजेश ने कहा।
लड़की वाले दिल्ली की कोई बिजनेस फैमिली थी और और उनका संबंध राजस्थान जयपुर से था तो वह अपने शहर में शादी करना चाहते थे। जयपुर मैं उनकी कोई हवेली थी ।वहीं पर शादी होनी थी ।बहुत ही ट्रेडिशनल तरीके से वह लोग शादी करने वाले थे।
अच्छा तो सगाई जयपुर में हो रही है।
वेद ने पूछा।
डेस्टिनेशन वेडिंग होगी, बहुत दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। उसके डैड कहने लगे।
और हां वेद तुम्हारे भी कोई फ्रेंड हो तो बुला लेना।
शादी में उसके चाचा रमेश कहने लगे।
यह किया और सिया कब आएंगे। रीना बीच में बोली ।
दो-तीन दिन में आ जाएंगी ।रीना की सास रूपा ने कहा।
वैसे भी उन लड़कियों ने अपनी तैयारी कर रखी है ।
दोनों ही सेकंड ईयर में पढ़ती थी और दोनों ही कालज ट्रिप में गोवा गई हुई थी।
वेद तुम सगाई और शादी के लिए कपड़े बनवा लो ।
जहां पर बहुत से लोग तुमसे पहली बार मिलेंगे।उसकी मॉम कहने लगी ।
बिल्कुल क्या पता कोई लड़की वेद को भी पसंद आ जाए, वहां पर।
घर का बड़ा बेटा है। कायदे से तो सबसे पहले इसकी शादी होनी चाहिए।
उसकी चाचा ने हंसते हुए कहा ।
अचानक उसके चाचा के कहने पर पर वेद की नजरों में वह लड़की घूम गई। जिसे वह भूलना चाहता था ।वह से फिर याद आ गई ।
क्या हुआ मुझे लगता है वेद को कोई लड़की पसंद है ।
उसी के बारे में सोचने लगा।
देखो वेद तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है तो बुला लो।
हम भी मिलते हैं उस से। उसकी बड़ी चाचा रूपा मजाक करने लगी थी।
उसकी मॉम सीरियस होकर उसका चेहरा देख रही थी। जैसे ही रात का डिनर खत्म हुआ वेद कमरे में चला गया। उसकी मॉम उसके पीछे चली गई थी।
क्या हुआ कोई प्रॉब्लम है क्या।
सचमुच कोई लड़की है ।वो बहुत प्यार से पूछ रही थी।
कोई नहीं है,जिस दिन कोई होगी मैं आपको बता दूंगा।
वेद ने मुस्कुरा कर कहा। वह अपनी बात किसी से शेयर नहीं करता था, वह चुप रह गया।
रात को उस के डैड वॉशरूम जाने के लिए उठे। उन्होंने खिड़की से देखा वेद लॉन में घूम रहा है ,तो वह नीचे आ गए।क्या बात है बेटा , इतनी रात को जहां पर क्या कर रहे हो।
और अगर यही सवाल मैं आपसे पूछूं, इतनी देर को आप जहां पर क्यों हैं ।
वेद ने वापस सवाल किया।
एक बाप को कैसे नींद आए।
जिसका जवान बेटा रात को जहां घूम रहा है।
चलो तुम्हें भी नींद नहीं आ रही, मुझे भी नहीं आ रही।
दोनों बैठते हैं ।वह दोनों बहन झूले पर बैठ जाते हैं।
देखो बेटा ये मत समझना कि मैं तुम्हारा बाप हुं ।
दोस्त हूं मैं तेरा ,जब कोई बात शेयर करनी चाहो तो कर लेना।
तुम्हें गलत सलाह नहीं दूंगा और कोशिश करूंगा अपने बेटे की प्रॉब्लम सॉल्व कर सकुं।
उसके डैड ने उसके चेहरे की तरफ देखते हुए कहा ।
वह समझ रहे थे , वेद किसी उलझन में है।
चलो भाई मैं तो चलता हूं, मेरी बीवी ढूंढती हुई मुझे जहां आ जाएगी।
तुम्हें तो किसी का डर नहीं। मैं तो उस से बहुत डरता हूं ।कहते हुए वहां से उठने लगे ।
जाते-जाते उन्होंने फिर कहा।
जब चाहे शेयर कर लेना, एक दोस्त बनकर तुम्हें सही सलाह दूंगा ।
चाहे कैसी भी बात हो । जवानी में मैं भी तुम जैसा ही था,
बिल्कुल तुम जैसा।जब तक मैं तुम्हारी मां से नहीं मिला था।
सिया तुम यह क्या कर रही हो ।
समंदर के किनारे घूमते हुए किया सिया का हाथ पकड़ कर उसे साइड पर ले गई ।
क्यों क्या किया मैंने ।
सिया ने कहा।
तुम जिसके साथ दोस्ती कर रही हो,
तुम्हें पता है ना वह कैसा है और वैसे भी वह हमारा सीनियर है ।
हम लोग सिर्फ सेकंड ईयर में है और वह एमबीए कर रहा है।
वह तो मैं जानती हूं ,
मुझे बच्चे नहीं पसंद , क्या जो मेरे साथ सेकंड ईयर में पड़ते है ।
मैं उनके साथ दोस्ती करूंगी।
तुम समझती क्यों नहीं।
मैं तुम्हें क्या कहना चाहती हूं। सिया फिर कहने लगी।
चलो हम लोग होटल वापस चलते हैं ।
तुम जाओ मुझे नहीं जाना ।
मैं कोई बच्ची नहीं हुं।
जो उसे चाहिए मुझे भी वही चाहिए ।सिया ने साफ-साफ कहा ।
तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है ।
क्या होश में हो तुम ,क्या कहने लगी हो।
बिल्कुल मैं होश में हूं ।
हमारी फैमिली में सभी की अपनी अपनी लाइफ है ,सभी तो यही कर रहे हैं ।
वेदांत भाई इसकी शादी हो चुकी है रीना भाभी से ।
उसका अपनी सैकटरी के साथ अफेयर है।
छोटा भाई दीपक उसकी भी कितनी गर्लफ्रेंड है
मुझे पता है और फिर सुधीर भाई उसकी शादी हो रही है।
उसका भी मुझे पता है ,चाहे शादी हो घर वालों की मर्जी से कर रहा है।
मगर वह क्या करता है मैं सब जानती हूं ।
तो मैं क्यों नहीं जी सकती।
सिया पागल हो गई हो क्या ।
वह लड़कें हैं । और हम लड़कियां हैं ।
हम ऐसे नहीं कर सकते ।
क्यों नहीं कर सकते ,मेरे डैड मुझे उनका भी पता है ।
अगर घर पर पता चल गया तो क्या कहेंगे हम ।
सिया उसे समझा रही थी।
पता चल गया तो मैं संभाल लूंगी।
मुझे सभी के राज पता हैं ।
पता है डैड जिसके साथ रातें बिता रहे हैं ।
वह लड़की हमारे ही कॉलेज की तो डैड मुझे क्या कह सकेंगे।
मुझे जवाब देना आता है। मैं किसी से नहीं डरती ।
मेरी बात मानो तुम भी लाइफ को इंजॉय करो।
छोड़ो इन सब बातों को।
सिया आ जाओ ,तभी एक लड़के ने आवाज दी।
हूं आ रही हूं ।वो अपना हाथ छोड़ती हुई अपने दोस्त गौरव की तरफ चली गई।
गौरव सिया का सीनियर था और ट्रिप के दौरान वह दोनों साथ थे। किया उन दोनों को देखती रही । किया सिया को देखकर काफी परेशान हो रही थी। उसने सिया को समझने की कोशिश भी की थी मगर वह उसकी बात नहीं मान रही थी।
सिया तुम मुझे गलत कर रही हो । किया ने अपने आप से कहा।
फिर वह अपने रूम की तरफ चली गई क्योंकि जो सिया कर रही थी ,वह पसंद नहीं था।
गौरव और सिया दोनों समंदर के अंदर तक जाने लगे। सिया ने वाइट रंग की शॉर्ट ड्रेस पहनी हुई थी । समंदर की लहरों से बिल्कुल भिगो दिया। उसके ड्रेस की बिल्कुल ट्रांसलेट हो गई थी।
बेबी तुम्हारी बॉडी बहुत सेक्सी है। गौरव ने उसे बाहों में लेते हुए कहा ।
बहुत हॉट हो तुम। वह इंटेंसिव नजरों से सिया को देख रहा था। वह क्या चाहता था उसकी नजरों से साफ देख रहा था।
टंकी कितने हॉट हो। सिया ने उसकी मस्कुलर बॉडी को देखते हुए कहा।
जो टी-शर्ट में से साफ दिख रही थी।
गौरव ने आगे बढ़कर सिया को किस करने लगा । सिया अभी उसका साथ देने लगी थी।वह दोनों एक दूसरे में डूबे हुए दूसरे को किस कर रहे थे। किस करते हुए गौरव उसकी गीली बॉडी को हाथ से सहला रहा था। दोनों ही पूरी तरह से एक दूजे में डूबने को तैयार थे।
बेबी हमें कपड़े बदलने चाहिए
और भूख भी लग रही है ।कमरे में चले। गौरव ने सिया की आंखों में देखते हुए कहा गौरव का क्या इरादा था उसकी आंखें बता रही थी।
हां चो, मुझे भी भूख लग रही है।
होटल नजदीक ही होटल था। वह होटल में की तरफ चलने लगे थे। वह उसके साथ गौरव के रूम में चली गई ।
ऐसा करो तुम मुझे कपड़े बदलकर यह मेरी शर्ट पहन लो ।गौरव ने उसे अलमारी में से एक वाइट कलर की शर्ट निकाल कर दी ।
तभी रूम का दरवाजा नौक हुआ।गौरव दरवाजा खोलने चला गया और सिया बाथरूम में चेंज करने ।
तुम ।गौरव ने देखा उसका रूममेट था ।
तुम जाओ, ऐसा करो आज के लिए कोई और रूम बुक कर लो। गौरव ने उसे कहा।
कौन है तुम्हारे साथ। उसने पुछा।
सिया मेहरा।
गौरव ने हंस कर कहा।
तो आज वह आई है तुम्हारे साथ , हॉट एंड सेक्सी है।
अकेले-अकेले मजा लो गए।उसका रूममेट बोल रहा था।
उधार है मेरा तुम पर ।
पिछली बार जब मैं लाया था तो मैंने तुम्हें भी हिस्सा दिया था
और मुझसे ज्यादा तो तुमने इंजॉय किया था।
भूला नहीं हूं मैं।
पहले मुझे तो ट्राई करने दे।
अगले दिन वेद सुबह जल्दी उठा। रात को उसने ड्रिंक नहीं की थी। सोया तो वो देर से ही था। फिर भी वह फ्रेश फील कर रहा था।
उस लड़की को नौकरी से निकलना है ।उसने सोच लिया ।
वह मेरे ऑफिस में काम नहीं कर सकती।
वह क्या चाहती है मैं अच्छे से जानता हूं ।
मगर मैं किसी के झांसे में नहीं आने वाला।
मैं 5 साल से उस लड़की के बारे में सोचता रहा हूं।
कि मालूम नहीं कैसी होगी, किस हाल में होगी।
मगर वह मजे से मेरे ही ऑफिस में जॉब कर रही थी
और मेरे आने का इंतजार। यही सोचता हुआ वह ऑफिस जाने के लिए तैयार हो गया था।
ब्रेकफास्ट तो करते जाओ बेटा ।उसकी माम ने उसे कहा। क्योंकि वह हाल से बाहर निकल रहा था । उसके हाथ में गाड़ी की चाबी थी।
माम मुझे बहुत जल्दी है।
बहुत जरूरी काम है ऑफिस में ।
ब्रेकफास्ट अभी ऑफिस में ही कर लूंगा। कहते हुए वो हाल से बाहर निकल गया ।
उसे ऑफिस जाकर सबसे पहले मानवी के बारे में पता करना था ।ऑफिस में कोई नहीं पहुंचा था। उसके लिए जो असिस्टेंट उसके डैड ने हायर किया था ।उस ने फोन किया।
जल्दी से ऑफिस पहुंच जाओ ,
10 मिनट में। वरना तुम्हारी नौकरी गई ।
उसकी एक फोन कर पर वो बिना नहाए ऐसे ही कपड़े बदलकर भागता हुआ पहुंच गया था।
सर मैं पहुंच गया।
प्लीज मुझे नौकरी से मत निकालो।
तो ठीक है पहले मेरे लिए काफी और फिर मुझे एक लड़की की डिटेल चाहिए
जो हमारे ऑफिस में काम करती है।
क्या नाम है उसका,
कौन से डिपार्टमेंट में हैं सर। गौतम पूछने लगा।
उसकी बात पर वेद उसका नाम सोचने लगा। क्योंकि लड़की का चेहरा तो उसके सपनों में अक्सर आता था ।मगर नाम तो उसने कभी सोचा ही नहीं था ।
पहले तो मानवी था ।
अब भी मानवी होगा।
सर मैं ऑफिस में ज्यादा लोगों को नहीं जानता ।
मेरा अपॉइंटमेंट तो एकाउंट डिपार्टमेंट में हुआ था।
मगर सर को मेरा काम अच्छा लगा तो जब आप आने वाले थे ,
तो उन्होंने मुझे आपका असिस्टेंट बन दिया ।
मैं उसके बारे में पता लगा कर आता हूं, कहता हुआ गौतम वहां से बाहर चला गया।
मगर वह 15 मिनट में ही वापस आ गया ।
सर आप इसकी बात कर रहे हैं ।
गौतम के हाथ में फाइल थी। वह फाइल उसने वेद के आगे कर दी ।उसमें मानवी की फोटो भी लगी हुई थी।
हां किसी की बात कर रहा हूं । वेद ने कहा।
किसने कल रिजाइन कर दिया।गौतम ने बताया।
और अपना सारा सामान भी जहां से उठा कर ले गई।
सर आप चाहे तो मैं पता करवा सकता हूं ।
पता करवाओ ।
ठीक है सर । मैं अभी जाता हूं जो एड्रेस इस फाइल में है।
सुनो, इसके बारे में पता जरूर करना।
मगर इसे पता नहीं लगना चाहिए ।जरा ध्यान से ।
गौतम उसके बारे में पता करने के लिए चला गया। वेद मानवी के बारे में सोचने लगा। जब वेद ने नशे में उस सियासतदान के बेटे की गाड़ी के साथ एक्सीडेंट कर दिया और उसे लड़के की हालत का किसी सीरियस थी। उसे लड़के का पिता स्टेट की सरकार में मंत्री था।
उसके डैड ने उसे थोड़े दिनों के लिए शहर से बाहर जाने को कहा। ऐसी हाल वेद को अपना एक दोस्त याद आया जो उसके साथ कॉलेज में पढ़ता था ।उसका बहुत अच्छा दोस्त था और वह हमेशा उसे अपने गांव आने के लिए कहा करता था । वेद अपने दोस्त के पास हरियाणा चला गया। गांव में उसके दोस्त की काफी बड़ी जमींदारी थी।
वेद को ठहरने के लिए ऊपर का कमरा दिया गया ।जब सुबह उस की आंख खुली तो वो उठकर बाहर कमरे की बालकनी में आ गया ।उसे कमरे की बालकनी से जहां उसके दोस्त का पूरा घर दिखता था साथ ही ,उनके घर के साथ एक छोटा सा घर बना हुआ था ।वह घर भी पूरा दिखाई देता था। उसने देखा कि साथ वाले घर के आंगन में एक लड़की कपड़े धो रही है ।वह कपड़े धोती हुई खुद पूरी भीग चुकी थी। वेद का ध्यान उस लड़की पर था ।
काली आंखों वाली खूबसूरत सी लड़की लंबे-लंबे जिसके वाल थे। उसने बालों की चोटी बनाई हुई थी।वो उठ कर वह धुले हुए कपड़े सुखाने के लिए रस्सी पर डालने लगी थी। वेद उसे देखता ही रह गया था।
वेद
वेद !तभी पीछे कमरे से आवाज आई ।मगर वेद को सुनाई नहीं दिया। उसका दोस्त बाहर बालकनी में ही आ गया ।
यह मनु है।
बेचारी के मां-बाप नहीं है ,मामा मामी के पास रहती है। उसका दोस्त बोला।
उसके दोस्त के बोलने से वेद खुद का ध्यान उस लड़की से हटा ।
बस मैं तो गांव की खूबसूरती देख रहा था।
हां! खूबसूरती तो उसमें बहुत है। उसका दोस्त हंसा।
मगर बेचारी किस्मत की मारी है ।
वह दोनों अंदर आ गए और दिन के टाइम वेद अपने दोस्त के साथ अपने खेतों में चला गया ।वो सुबह वाली लड़की के बारे में बिल्कुल भूल गया था।
जब वह जीप में बैठकर खेतों से वापस आ रहे थे तो वही लड़की बस स्टैंड पर बस से उतरी । उसने सिंपल प्रिंटेड सलवार कमीज पहना हुआ था और गले में वैसा ही दुपट्टा था। चेहरे पर ना कोई मेकअप, ना कोई आंखों में काजल। सुबह जैसी ही चोटी बनाई हुई थी ।वह बस से उतरी और जल्दी-जल्दी गांव की तरफ जाने लगी।
वेद ने फिर का ध्यान कर उस पर था ।
कॉलेज से आई होगी। उसका दोस्त बोल बोला।
फाइनल के एग्जाम हो रहे हैं इसके, प्राइवेट पड़ती है।
सिर्फ एग्जाम देने ही बाहर जाती है ।उसके दोस्त ने बताया।
तभी वेद के फोन की वेल बजी। रिंग होने से वेद अतीत की यादों से बाहर आया ।गौतम का फोन था।
हां क्या हुआ । वेद ने पूछा ।
वह जहां पर नहीं है।
चली गई ।
मतलब वह जहां पर नहीं है । वेद ने कहा।
वह जहां पर किराए पर रहती थी, वहां से जा चुकी है।
मैं मकान मालकिन के पास ही खड़ा हूं।
कब चली गई। वेद ने सवाल किया ।
रात ,रात चली गई वह जहां से।
तभी वेद के फोन की वेल बजी। रिंग होने से वेद अतीत की यादों से बाहर आया ।गौतम का फोन था।
हां क्या हुआ । वेद ने पूछा ।
वह जहां पर नहीं है।
चली गई ।
मतलब वह जहां पर नहीं है । वेद ने कहा।
वह जहां पर किराए पर रहती थी, वहां से जा चुकी है।
मैं मकान मालकिन के पास ही खड़ा हूं।
कब चली गई। वेद ने सवाल किया ।
रात ,रात चली गई वह जहां से।
ठीक है तुम वापस आ जाओ ।वेद ने उसे कहा।
वेद सचमुच काफी परेशान हो रहा है ।उसने एक बार कहा और वह सचमुच ही चली गई।उसे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसे चली जाएंगी ।उसने तो आज सोचा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वो उसे पैसों का लालच देगा। मगर एक बार वेद ने कहा और वह नौकरी छोड़कर चली गई। यह बात उसकी शाम से बिल्कुल बाहर थी।
अगर वह उसी का इंतजार कर रही थी तो
तू ऐसे क्यों गई। क्या कोई बड़ा प्लान बना रही है।
कहीं उसका जहां नौकरी करना इत्तेफाक तो नहीं था। वेद अपने आप में काफी परेशान हो रहा था।उसका दिमाग मानवी में ही उलझा हुआ था ।
तभी उसके क्या उनका दरवाजा नाक हुआ।
मैं आ सकती हूं मिस्टर मेहरा ।
सामने कमल शर्मा खड़ी हुई थी और उसके साथ एक खूबसूरत सी लड़की भी थी ।कमल शर्मा जो कि कंपनी की एक डायरेक्टर थी। जिसकी उम्र तकरीबन 45 साल की होगी उसके साथ कोई 20 साल की लड़की थी।
आईए ,
आपको पूछने की क्या जरूरत है । वेद ने मुस्कुरा कर कहा।
इसे मिलो ये मेरी बेटी है रैना।
वेद ने उसकी तरफ देखा। उसने ब्लैक कलर की मिनी स्कर्ट के साथ छोटा सा टॉप पहना हुआ था ।
कोई काम था । वेद ने पूछा।
यह मेरी बेटी है। कॉलेज में पढ़ती है,
साथ में मॉडलिंग में भी ट्राई कर रही है। आज फ्री थी तो मेरे पास आई थी ।
मैंने सोचा आपसे मिलवा दुं।
कंपनी के अगले असाइनमेंट के लिए।
अगर मॉडलिंग में इसे चांस मिल जाए। कमल ने कहा।
मैं तो अभी कल ही आया हूं ।
कंपनी में अभी क्या हो रहा है ।
इसके बारे में ज्यादा नहीं पता।
हां फिर भी मैं कोशिश करूंगा कि मिस रैना को काम मिल जाए ।
वेद ने कहा।
अगर कोई और टाइम होता तो वो रैना से खुश होकर मिलता ।मगर इस टाइम उसका मन मानवी में इस कदर उलझा हुआ था। उसे कमल और रैना किसी की बातें अच्छी नहीं लग रही थी। वेद को जितना परेशान हो मानवी को ऑफिस में देखकर हुई थी ।उससे ज्यादा परेशान जिस तरह वह नौकरी छोड़ गई थी वह इसलिए था।
रैना तुम वेद को अपनी पिक भेज दो।
मॉडलिंग के लिए जरूरत होगी ना तुम्हारे बायोडाटा की। कमल शर्मा ने रैना से कहा ।
मेरे पास आपका नंबर नहीं है ।
रैना ने वेद से कहा । वेद ने उसे अपना नंबर दे दिया था ।
मेरे पास आपका नंबर आ गया है ।
अब मैं आपको अपनी बायोडाटा और फोटोग्राफ सेंड करूंगी ।
रैना कहने लगी ।
ठीक है।
तभी ऑफिस का दरवाजा खोलता हुआ गौतम अंदर आ गया ।
सॉरी ।जब उसने वेद के ऑफिस में कमल शर्मा और उसकी बेटी को बैठा देखा ।वह वापस जाने लगा ।
नहीं तुम आ जाओ। वेद ने उसे कहा ।
गौतम अंदर आ गया।
वैसे किसी के ऑफिस में आने से पहले उसका केबिन नाक करना चाहिए।
इतने बेसिक मैनर तो होने चाहिए।
आपको अपना असिस्टेंट बदल देना चाहिए। कमल को इस टाइम गौतम का आना अच्छा नहीं लगा था।
वह मेरा असिस्टेंट है ।
उसे मैंने ही परमिशन दी है कि वो बिना नौक के आ सकता है।
वरना मेरे ऑफिस में मेरी मर्जी के बिना कुछ नहीं होता ।
गौतम की जगह वेद ने जवाब दिया ।
मुझे जरुरी काम था । मैंने गौतम को उसी के लिए भेजा था।
अगर आपको ऐतराज ना हो तो मैं गौतम से बात कर सकता हूं। वेद ने कमल शर्मा को सीधा-सीधा कहा।
हां बिल्कुल वैसे भी हमें जाना है ।
कमल शर्मा और रैना दोनों वहां से खड़ी होकर ऑफिस से बाहर आ गई ।
मॉम आप तो कह रही थी कि वह मुझे देखते ही मुझ पर लट्टू हो जाएगा।
मगर उसने तो अच्छे से बात भी नहीं की।
रैना ने कहा।
तुम फिक्र क्यों करती हो ,यही तो तुम्हें करना है।
कि वह तुम पर लट्टू हो जाए ।
मैं किसी भी तरह तुम्हारी शादी वेद से करवाना चाहती हूं।
तुम किसी तरह वेद से प्रेग्नेंट हो जाओ ।
फिर मैं उसे काबू में कर लूंगी ।
इस पूरी कंपनी का होने वाला सीईओ है।
उसके पास सबसे ज्यादा शेयर्स हैं ।
समझती हो तुम ।मुझे नहीं पता कैसे ,पर उसे काबू में करो।
ठीक है मोम ,अगर आप कह रही हैं।
उसका नंबर मैंने ले लिया है ।अब रात को बात करूंगी उससे
और उसे अपनी फोटोग्राफी तो भेजनी है। वह दोनों मां बेटी कमल के ऑफिस में आ गई थी और वहीं बैठी बातें कर रही थी ।
कमल जिसने कभी बलवंत मेहरा पर डोरे डालने की कोशिश की थी। जो कभी बलवंत मेहरा की गर्लफ्रेंड भी रह चुकी थी। वह बलवंत मेहरा से शादी करना चाहती थी ।मगर उसकी बलवंत मेहरा की शादी वेदिका से हो गई और फिर चाह कर भी कमल शर्मा कुछ नहीं कर पाई थी। उसने बलवंत मेहरा की शादी के बाद भी उससे रिश्ता रखना चाहा मगर वो इन सब चीजों से पीछे हट गया था और उसे सिर्फ अपनी बीवी के सिवा किसी और में दिलचस्पी नहीं रही थी। अब वेद मेहरा को देखकर उसे अपनी बेटी को वेद मेहरा के पीछे लगा रही थी।
रैना का फोन कमल शर्मा के ऑफिस की मेज पर पड़ा था ।उसके फोन पर किसी का मैसेज आया ।वह उठा कर देखने लगी ।
कौन है ।कमल शर्मा ने पूछा।
वेदांत मेहरा है ,उसने मुझे ऑफिस में देख लिया था।
अपने ऑफिस में बुला रहा है ।
अब तुम इसका पीछा छोड़ दो।
वो शादीशुदा है ,हमारा कोई फायदा नहीं होने वाला है ।
वेद मेहरा पर ध्यान दो ।कमल शर्मा ने कहा ।
वह तो ठीक है मोम, पर यह हमें अंदर की खबरें दे सकता है।
मैं इसको तो मैंने बोतल में उतारा हुआ है।
इसकी शादी भी हो चुकी है तो इससे हमें कोई खतरा नहीं है ।
इससे हमारा फायदा ही होगा। रैना ने कहा।
बात तो तुम्हारी यह भी ठीक है ।
तो मोम ठीक है, मैं वेदांत के ऑफिस में जा रही हूं।
वह मुझे बुला रहा है।
और डार्लिंग आओ मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था। वेदांत में रैना को अपने ऑफिस में देख कर कहा ।
तुमसे मिलने ही तो मैं आई हूं जहां पर ।
आजकल तो मेरा फोन ही नहीं उठाते ,ना मुझसे मिलने आते हो। रैना ने ऑफिस के अंदर आते ही शिकायत की।
घर में सगाई और शादी की तैयारी चल रही है ।
हमेशा रीना मेरे आस-पास होती है ,इसीलिए तुमसे बात करना जरा मुश्किल हो जाता है।\
वेदांत ने ऑफिस का डोर लॉक करने लगा।
यह लॉक क्यों कर रहे हो । रैना जो वहां पर सोफे पर बैठ गई थी उसने कहा।
ताकि हमें कोई डिस्टर्ब ना कर सके।
वो उस के पास आ गया और अपना ब्लेजर उतरने लगा ।
जब भी तुम्हें देखता हूं मेरा कंट्रोल ही नहीं रहता ।
वेदांत ने उसकी थाई पर हाथ रखा ।
क्यों शादीशुदा हो ,बीवी है तुम्हारी ।
मेरी क्या जरूरत है । रैना बड़ी अदा से बोली ।
बीवी में वह बात कहां होती है जो गर्लफ्रेंड में होती है
और जो तुझ में है उसमें वह बात नहीं है ।वेदांत ने उसके जो छोटा सा टॉप पहना हुआ था उसके अंदर हाथ डाल दिया। रैना उठकर बिल्कुल उसके पास आ गई और उसे किस करने लगी ।
थोड़ी ही देर में उन दोनों के कपड़े बाहर सोफे पर एक साइड पर पड़े हुए थे और दोनों के आवाज़ कमरे में गूंज रही थी ।
वेदांत ने उसकी थाई पर हाथ रखा ।
क्यों शादीशुदा हो ,बीवी है तुम्हारी ।
मेरी क्या जरूरत है । रैना बड़ी अदा से बोली ।
बीवी में वह बात कहां होती है जो गर्लफ्रेंड में होती है
और जो तुझ में है उसमें वह बात नहीं है ।वेदांत ने उसके जो छोटा सा टॉप पहना हुआ था उसके अंदर हाथ डाल दिया। रैना उठकर बिल्कुल उसके पास आ गई और उसे किस करने लगी ।
थोड़ी ही देर में उन दोनों के कपड़े बाहर सोफे पर एक साइड पर पड़े हुए थे और दोनों के आवाज़ कमरे में गूंज रही थी ।
उसके बाद वेद अपने काम में बिजी हो गया था।
काम करना उसे पसंद था ।इस बात में कोई शक नहीं था।
जो काम वह शुरू करता उसे इतने ध्यान से करता था कि बिल्कुल डूब जाता था ।उसके दिमाग में मन भी की बात भी निकल गई थी ।मगर जैसे ही शाम को वह फ्री हुआ फिर उसके दिमाग में वही सवाल घूमने लगा ।
अगर वह उसका इंतजार कर रही थी,
तो उसके एक बार कहने पर ही वह क्यों काम छोड़ कर चली गई।वो यही सोचता हुआ वह ऑफिस से बाहर निकल गया । उसका मुड क्लब जाने का था ।वह मानवी की बात को बिल्कुल भूलना चाहता था ।घर पहुंच कर फ्रेश हुआ। वो नहा कर आया ही था कि उसके रूम का डोर नाक हुआ।
उसकी मॉम थी उसके हाथ में जूस का गिलास था ।
मामा आप क्यों लेकर आई
किसी सर्वेंट को भेज देती ।उसने कहा ।
मैंने सोचा इस बहाने से थोड़ा टाइम बेटे के साथ भी स्पेंड कर लूंगी।
कहीं जा रहे हो। उसने देखा वेद ने कपड़े चेंज करके शर्ट और जींस पहन रखी थी।
क्लब जा रहा हूं ।
कल तुम शादी के लिए अपनी शॉपिंग कर लो ।
दिन बहुत कम रह गए हैं।
ठीक है मोम कर लूंगा ।
अगर तुम कहो तो मैं तुम्हारे साथ चलुं।
ठीक है मोम हम दोनों चलेंगे । वेद जानता था कि उसकी मां उसे बहुत चाहती है और उसके साथ टाइम स्पेंड करना चाहती है।
वेद क्लब के लिए निकल गया था ।उसकी मॉम कुछ सोचती हुई नीचे आने लगी। असल में नेक्स्ट डे वेदांत की वाइफ रीना की छोटी बहन आ रही थी ।उसे पता था कि रीना की फैमिली चाहती है कि उसकी शादी वेद के साथ हो जाए और वह वेदिका को बिल्कुल भी पसंद नहीं थी। उसे डर था कि वह वेद पर अपना चक्कर चलाने की कोशिश करेगी और ऐसे हालात पैदा करेगी कि उसकी शादी वेद से हो जाए ।वह वेद से बात करना चाहती थी ।मगर उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वो वेद से खुल कर बात कर सके।
उसने वही बात रात को बलवंत के पास सामने रखी।उसकी बात सुनकर बलवान हंसने लगा ।
तुम अपने बेटे को बचा कर रखना चाहती हो।
इसीलिए तो फिक्र है ,वह ऐसा जाल बनेगी कि वेद शादी के लिए मजबूर हो जाए।
पता है रीना और वेदांत की शादी कैसे हुई है।
रीना तो फिर भी अच्छी लड़की है ,मगर उसकी छोटी बहन और उसकी मां
तुम अच्छे से जानते हो।
तुम फिकर मत करो, तुम सिर्फ भगवान से इतना मागो
कि तुम्हारे बेटे की लाइफ में सही लड़की आ जाए ।
जैसे तुम मुझे मिली थी, वैसे ही ।
मैं हूं ना मेरी हर तरफ नजर है ।
कहां क्या हो रहा है, कुछ नहीं छुपा मुझ से ।बलवंत ने बड़े प्यार से वेदिका को कहा।
ठीक है।
तुम सीरियस नहीं लेते मेरी बात को।
अच्छा मेरे पास आओ।
वेदिका जो बेड की साइड पर बैठी थी ,बिल्कुल बलवंत के साथ जाकर बैठ गई । बलवंत ने उसका हाथ पकड़ा कर कहा।
तुम्हारा बेटा बेवकूफ नहीं है,
बहुत चालाक है ।सच पूछो तो जरूर से ज्यादा चालाक है तुम्हारा बेटा ।
मानता हूं लड़कियों उसकी कमजोरी है, मगर वह बेवकूफी नहीं करता ।
समझी तुम और मैं हूं ना क्यों फ़िक्र करती हो तुम।
उसकी बात पर वेदिका का मुस्कुराई।
हां ऐसी अच्छी लगती हो ना ,मुस्कुराती हुई ।
अब बेटे का फिकर छोडो, उसके बाप का फिक्र करो। उसने वेदिक को खींचकर बाहों में ले लिया था।
कल हम लोग घर जा रहे हैं ।
किया ने सिया से कहा ।वह दोनों रात को अपने कमरे में थी ।
काश ये ट्रिप और लंबा हो जाए ।सिया कहने लगी ।
क्यों अब तुम्हें और क्या चाहिए ।
जो तुम चाहती थी तुम कर चुकी हो।
मैं अपनी जिंदगी बिल्कुल आजादी से जीना चाहती हूं ।
मुझे कोई रोक-टोक ना हो ।
मैं जैसे चाहूं रहूं ।
तो इसके लिए जरूरी है तुम अपनी पढ़ाई करो ।
अगर फाइनेंशली डिपेंडेंट होगी फिर ही तुम्हारी मर्जी चलेगी । किया ने कहा।
सिया सिगरेट निकाल कर पीने लगी।
तुम्हें इतनी बुरी आदतें हो चुकी हैं ।
इस बुरी आदतें नहीं लाइफ एंजॉय करना कहते हैं।ी तुम भी करो ना। तभी सिया का फोन बजने लगा ।गौरव का फोन था ।फोन नंबर देखकर उसके फेस पर स्माइल आ गई ।
बेबी तुम आ रही हो ना ।
गौरव ने कहा।
हां मैं थोड़ी देर में पहुंचती हूं।
सिया ने कह कर फोन काट दिया ।
तुम आज फिर जा रही हो।
बिल्कुल। सिया बेड से उठने लगी ।
सिया ऐसा मत करो ।
तुम कहो तो गौरव को मैं कमरे में बुला लेती हूं ।
दोनों बहने एक साथ एंजॉय करेंगी।
तुम मेरा छोड़ो, तुम गर्व के साथ इंजॉय करना अकेले में। कहते हुए सिया ने आंख दबा दी।
सिया कमरे के बाहर जाने लगी ।
कपड़े तो चेंज करती जाओ ।
क्योंकि सिया में क्रॉप टॉपर शार्ट पहनी हुई थी।
क्या फर्क पड़ता है और उतारने ही तो हैं ।कह कर वह वहां से चली गई। उसका इस तरह से करना सिया को बिल्कुल किया को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा था।
बलवंत का छोटा भाई रमेश और उसका बेटा वेदांत दोनों ऑफिस में थे। चाहे काफी रात हो गई थी मगर वह लोग घर नहीं आए थे ।उन दोनों के साथ वहां पर कोई और भी था ।
तो अब इस वेद का क्या करें।
मुझे लगा था कि आजकल बलवंत की तबीयत ठीक नहीं रहती
तो वह शायद मुझे कंपनी का सीईओ बना दे।
मगर देखो उसका बेटा लौट आया। रमेश ने वेदांत से कहा ।
उसकी आप फिकर मत करो डैड ।
काफी आयाश है वह और किसी से डरता भी नहीं।
उसके पीछे लगाने के लिए एक लड़की है मेरे पास ।
उसके साथ मेरी बात हो चुकी है।
मगर क्या काम हो जाएगा ।
कोशिश तो कर रहा हूं ।
ठीक है वैसे भी हम लोग शादी में काम से कम एक हफ्ते के लिए जयपुर होंगे।
तब काम की बात होगी नहीं, वहां पर यही सब तो होगा।
बहुत सही टाइम होगा जब तुम वेद को अपने रास्ते से हटा सको तो।
फिक्र मत कीजिए चाहे जो हो जाए वेद मेरे रस्ते में नहीं रहेगा।
सीईओ आप ही बनेंगे ।फिर यह ना हमारी हेल्प के लिए ।उनके साथ जो तीसरा था वेदांत ने उसकी तरफ इशारा किया।
ठीक है वैसे भी हम लोग शादी में काम से कम एक हफ्ते के लिए जयपुर होंगे।
तब काम की बात होगी नहीं, वहां पर यही सब तो होगा।
बहुत सही टाइम होगा जब तुम वेद को अपने रास्ते से हटा सको तो।
फिक्र मत कीजिए चाहे जो हो जाए वेद मेरे रस्ते में नहीं रहेगा।
सीईओ आप ही बनेंगे ।फिर यह ना हमारी हेल्प के लिए ।उनके साथ जो तीसरा था वेदांत ने उसकी तरफ इशारा किया।
वेद क्लब तो क्या मगर उसका मन बेचैन था बहुत जल्दी लौट आया था। क्योंकि उसका मन बहुत बेचैन था। उस लड़की का इस तरह से जाना उसे बहुत बेचैन कर रहा था ।
उसके जाने के बाद किसी का वेदांत को फोन आया।
वह तो रुका ही नहीं क्लब में ,जल्दी चला गया।
क्या कह रही हो तुम
वह तो जब क्लब जाता है तो रात को भी घर नहीं आता।
वही तो उसकी आयाशी का अड्डा है ।
वहां पर उसका एक परमानेंट रूम बुक है।वेदांत ने कहा ।
मगर आज वह चला गया ।
तो तुम्हारा जादू नहीं चला उस पर ।
उसने तो मेरी तरफ देखा भी नहीं
और तुम कह रहे थे कि वह लड़कियों को कभी ना नहीं कहता ।
कोई बात नहीं तुम अपनी कोशिश करती रहो।
याद है ना तुम्हें क्या करना है ।
तुम्हें उसके करीब आना है और ड्रिंक में उसे ड्रग मिला कर देनी है ।
और धीरे-धीरे उसे उसे ड्रग एडिट बनाना है।
क्योंकि वह सीईओ बने मैं ऐसा नहीं देख सकता ।
फिक्र मत कीजिए ,ऐसा ही होगा ।सामने से उस लड़की ने कहा ।
सुबह संडे था।ऑफिस का कोई प्रोग्राम नहीं था।लड़कों का वैसे भी डिजाइनर के पास जाने का प्रोग्राम बना हुआ था। वेदांत को छोड़कर दीपक ,सुधीर, सुधांशु तीनों भाई अपनी ड्रेस ट्राई करने के लिए जाने वाले थे ।वेदिका, रूपा और मौली तीनों देवरानी जेठानी को भी डिजाइनर के पास जाना था। उन्हें भी अपनी ड्रेस ट्राई करके देखनी थी।
आज का क्या प्रोग्राम है तुम तीनों का।
वेद ने पूछा।
भाई आप हमारे साथ चलो , आपको भी तो ड्रेस बनवानी है।
दीपक ने कहा।
सोच तो मैं भी यही रहा हूं ।
वेद वोला।
तो ठीक है हम लोग साथ में बाजार चलते हैं।
सभी को देखें मेहरा मेहरा फैमिली के लड़के कितने हैंडसम है। सुधांशु हंसने लगा ।
मॉम आपक आ रहे हो मेरे साथ।
उसकी मॉम जो वहीं पर थी। उससे पूछा ।
हां हम तीनों ही वही आ रहे हैं ।
चलो तुम लोग। हम लोग अलग गाड़ी से आएंगे ।
वेद दिखा तो ऐसे रहा था, जैसे वह बहुत शांत है ।लेकिन उसका मन बहुत बेचैन था ।इसीलिए वह उनके साथ जा रहा था क्योंकि वह अपनी स्ट्रेस को कम करना चाहता था।
इतना टाइम हो गया। अभी तक पंडित जी नहीं आए। मौली ने कहा ।क्योंकि आज पंडित जी आ रहे थे ।शादी की तारीख चाहे फाइनल थी मगर शादी के समान की तैयारी करवाने के लिए आना था ।
हम तो पंडित जी की वजह से ही तो बाजार से जल्दी आए ।
कि कहीं उन्हें हमारा इंतजार ना करना पड़े
मगर लगता है लेट हो गए। रूपा भी कहने लगी। क्योंकि वह तीनों देवरानी जेठानी इसीलिए जल्दी आ गई थी। बच्चे अभी बाजार में ही थे।जयपुर जो सामान वह लोग साथ लेकर जाने वाले थे। उसी को बताने वाले थे पंडित जी।
तुम इतना अपसेट क्यों हो रही हो मौली ।
पंडित जी आते ही होंगे। वेदिका उसे कहने लगी ।
कहीं फस गए होंगे।
तभी बाहर से एक काम वाला भागता हुआ आया ।
पंडित जी आ चुके हैं ।
वह बाहर हैं ।
उन्हें अंदर लेकर आओ। वेदिका ने कहा।
पंडित जी को देखकर तीनों देवरानी जेठानी अपनी जगह से खड़ी होकर पंडित जी को प्रणाम करने लगी ।
आज आपने देर कर दी पंडित जी ।
आप तो जल्दी आने वाले थे ।
असल में क्या है कि आज मैं टरैफु में फस गया था।
इसलिए मुझे देर हो गई थी। पंडित जी बताने लगे।
आप सारा सामान साथ लेकर आए हैं ।
जिसके बारे में पिछली बार बात हुई थी। मौली ने कहा ।
बहु रानी आपको ज्यादा फ़िक्र करती हैं।
आपके बेटे की शादी अच्छे से हो जाएगी।
क्यों फ़िक्र करती हो। उन्होंने मौली से कहा ।क्योंकि यह सच था कि मौली अपने बेटे की शादी को लेकर स्ट्रेस में थी। थोड़ी देर बाद पंडित जी ने सारा सामान उसे देकर समझा दिया था।
चाय नाश्ता करने के बाद पंडित जी वहां से जाने लगे ।
पंडित जी मुझे अपने बेटे वेद की कुंडली दिखानी थी ।
वेदिका ने कहा ।
तो इतनी देर से सोच क्या रही हो बड़ी बहु रानी,
मैं भी देख रहा था आप किसी दुविधा में थी।
बिल्कुल मैं उसे लेकर परेशान हूं ,वह कब शादी करेगा।
अब शादी होकर वह जीवन में सेटल हो जाए।
उसकी कुंडली बनाई थी ना मैंने ।
अभी है आपके पास।
वह संभाल कर रखी है।
मैं लेकर आती हूं ।
पंडित जी अक्सर घर में आते थे ।मगर उसने कभी उसकी कुंडली नहीं दिखाई थी। वेदिका कुंडली लेकर आ जाती है।
पंडित जी उसकी कुंडली बड़े ध्यान से देख रहे थे।
तुम्हारा बेटा बड़ा तकदीरवाला है ,
बिजनेस में जो काम करेगा उसमें कामयाब होगा।
बाप दादा का नाम रोशन करेगा।
तुम्हें भी बहुत चाहता है।
वह शादी करके जीवन में सेटल कब होगा।
मुझे लगा रहता है कि वह कहीं वापस ना चला जाए।
आजकल वैसे भी परेशान घूम रहा है, बताता भी कुछ नहीं।
उसकी कुंडली देखकर पंडित जी थोड़े परेशान हो गए।
क्या हुआ ,
पंडित जी वो शादी कभी नहीं करेगा क्या। वेदिका ने पूछा। क्योंकि उसकी हरकतें का जानती थी।
पंडित जी ने मौली की तरफ देखा ।
छोटी बहु रानी मुझे अपने बेटे के पुराने कपड़े लाकर दो।
जो उसने ना पहनने हों ,वहां हमारी बस्ती में गरीब लोगों में बांट दूंगा। उसकी शादी है उसे दुआएं लगेंगी ।
ठीक है ।वो वहां से चली गई ।अब रूपा और वेदिका रह गई थी।
बहु रानी आप भी बच्चों के कोई पुराने कपड़े हो तो दे दो ।
यही टाइम होता है जब दुआएं मिलती हैं । पंडित जी ने रूपा को भी वहां से भेज दिया।
जी ठीक है। रूपा भी वहां से चली गई ।
अब वहां पर वेदिका और पंडित जी अकेले रह गए थे।
देखो बहुरानी मैं नहीं जानता कि क्या सच्चाई है।
मगर इस कुंडली के हिसाब से तुम्हारे बेटे की शादी हो चुकी है।
क्या। वेदिका ने हैरानी से कहा ।
आप ध्यान से देखिए पंडित जी,
उसकी कोई शादी नहीं हुई ।
अगर शादी होती तो बहू घर में आती।
हम तो उसकी हर बात मानते हैं।
वह किसी को भी लाता तो हम मना थोड़ी करते हैं।
मगर हो भी सकता है 5 साल तक वह बाहर था।
किसी गोरी से शादी की हो और फिर तलाक ले लिया हो ।
वेदिका ने परेशान होकर कहा ।क्योंकि वेद क्या कर सकता था उसे भी पता था ।
नहीं नहीं कोई गोरी नहीं है ,
यही हमारे भारत की लड़की है ।
कोई तो तलाक नहीं हुआ और उसकी शादी का योग तो
5 साल पहले ही बन गया था।
एक बात और उसे पर खतरा है बहुत ज्यादा है ।
तब तक माली और रूपा भी वापस आ गई थी कपड़े लेकर ।
तो फिर वह खतरा कैसे टलेगा पंडित जी ।
खतरा तो बहुत भारी है ,उसकी जान पर भी है ।
और उसे बर्बाद करने वाले लोग भी कई हैं।
दो लड़कियों उसे बचा लेंगी।
यह दोनों लड़कियां जो उसकी जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण
स्थान रखेंगी और बहुत नसीब वाला है तुम्हारा बेटा ।
फिक्र मत किया करो ,वह तो इस घर की भी किस्मत
बन कर आया है ।उसके आने के बाद इस घर का नसीब चमक गया है। और साथ में तुम्हारा भी।
यह बात तो सच है पंडित जी।
मेरा नसीब तो उसके आने के बाद ही चमका है।
खतरा तो बहुत भारी है ,उसकी जान पर भी है ।
और उसे बर्बाद करने वाले लोग भी कई हैं।
दो लड़कियों उसे बचा लेंगी।
यह दोनों लड़कियां जो उसकी जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण
स्थान रखेंगी और बहुत नसीब वाला है तुम्हारा बेटा ।
फिक्र मत किया करो ,वह तो इस घर की भी किस्मत
बन कर आया है ।उसके आने के बाद इस घर का नसीब चमक गया है। और साथ में तुम्हारा भी।
यह बात तो सच है पंडित जी।
मेरा नसीब तो उसके आने के बाद ही चमका है ।
क्योंकि वेद के आने के बाद ही बलवंत मेहरा की आदतें चेंज हुई थी। पहले वह क्या था ।सभी जानते हैं। बलवंत मेहरा का गुस्सा, उसका स्वभाव और उसकी लाइफ में भी कितनी औरतें थीं।बलवंत और वेदिका की शादी एक मजबूरी थी। मगर वेद के आने की खबर से ही बलवान चेंज हो गया था कि कोई सोच भी नहीं सकता ।वो जो वेदिका को देखकर जीता था ।वह पहले ऐसा नहीं था।
तो क्या वह दो शादियां करेगा । मौली और रूपा अब वापस आकर वहां बैठ गई थी, उनमें से एक ने कहा।
मगर दो लड़कियों के साथ कैसे रहेंगा। रूपा कहने लगी।
मैंने कब कहा कि वह दो शादियां करेगा ।
पंडित जी रूपा की बात पर मुस्कुरा कर बोले।
आपने कहा दो लड़कियां ,
उसके ऊपर मुसीबत आएगी तो उसको बचाने के लिए आएंगी ।
पंडित जी उन सभी के सामने कोई बात नहीं करना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने बात यही खत्म की।
बड़ी बहु रानी उसका फिक्र करो मगर इतना भी नहीं।
कि बीमार हो जाओ। पंडित जी वेदिका को समझाने लगे।
मुझे जल्दी जाना है ।
पंडित जी कहकर वहां से खड़े हो गए ।वह चले गए थे।
अब दो लड़कियों वाली क्या बात हुई । रूपा कहने लगी।
ऐसा भी तो हो सकता है कि
उसकी बीवी और गर्लफ्रेंड ऐसे दो लड़कियां हो।
आजकल तो ऐसा भी होता है ।उन दोनों की बातों पर वेविका दोनों की तरफ देखने लगी।
देखो दीदी हम आपका दिल दुखाने के लिए नहीं कह रहे।
हम तो पंडित जी की बात कर रहे हैं।
जो होगा देखा जाएगा ।
वेदिका ने उन दोनों से ही बात करना जरूरी नहीं समझा था ।
वह जानती थी कि उसकी टेंशन और बढ़ जाएगी ।
वह तीनों देवरानी जेठानी मॉल में गई तो थी, मगर वापस आ गई थी ।क्योंकि पंडित जी आने वाले थे।वो अपनी ड्रेस ट्राई कर चुकी थी। मगर चारों लड़के अभी भी माल में थे ।
अभी और कितना टाइम लगेगा । वेद ने कहा, जो बोर हो रहा था।
उसने अपनी ड्रेस के लिए कपड़ा 10 मिनट में सेलेक्ट कर लिया था और वह फ्री हो चुका था।
भाई 10 मिनट लगेंगे । दीपक ने कहा।
उनसे बात करता हुआ वेद बुटीक के गेट पर आ गया । तभी उसकी नजर छोटी सी बच्ची पर गई जो जिसके हाथ में आइसक्रीम थी और वह खाते हुए वहां घूम रही थी। वेद उसे देख कर मुस्कुराया।
वह चलकर उसके पास गया।
हेलो ब्यूटीफुल क्या कर रही हो ।
वेद के बुलाने से उस लड़की ने वेद की तरफ देखा और फिर अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया ।
मैं आपसे बात कर रहा हूं।
वेद जो उसके सामने घुटनों पर बैठ गया था ,उसने कहा।
मॉम ने कहा है अजनबियों से बात नहीं करनी।
इसलिए मैं आपसे बात नहीं कर रही । उस छोटी बच्ची ने कहा।
तो हम फ्रेंडशिप कर लेते हैं।
फिर मैं अजनबी नहीं रहूंगा।
फ्रेंडशिप आपके साथ ।
वो लड़की ने यह कहकर वह सोचने लगी ।
मैं आइसक्रीम खा लूं पहले ,फिर बताती हूं ।
अभी मेरा दिमाग बहुत गर्म है ।
आपका दिमाग गर्म कैसे हो गया।
वेद ने कहा।
बस पूछो मत,
जब माम शॉपिंग करती है तो दिमाग गरम हो जाता है।
मेरी मॉम और उसकी फ्रेंड कब से गई है अन्दर ।
वह प्यारी सी बच्चीकहने लगी।
अच्छा तो उन्होंने आपको आइसक्रीम देकर बहला दिया।
ऐसा ही समझ लीजिए ।
आपकी आइसक्रीम भी खत्म हो गई
तो क्या ख्याल है मुझसे दोस्ती करने के बारे में ।
वेद ने फिर कहा। ऐसा नहीं था कि वेद को बच्चे प्यारे लगते थे। मगर इस छोटी बच्ची से बात करने में उसे काफी दिलचस्प हो रही थी। फिर वह टाइम पास कर रहा था ।अपने भाइयों का इंतजार कर रहा था।
हाथ कहां साफ करूं ।वह छोटी सी बच्ची बोली।
तो ये भी क्या मेरी टेंशन है ।
वेद ने कहा।
आप मुझसे दोस्ती करना चाहते हैं।
इसीलिए मैंने पूछ लिया।
वरना जाकर चुपके से मॉम के दुपट्टे से साफ करूंगी ।कहते हुए वह दुकान के अंदर जाने लगी।
मेरी बात तो सुनो ।
बाद में सुनती हूं। कहती हुई वह दुकान के अंदर चली गई।
तब तक सुधीर और सुधांशु भी अपने काम से फ्री हो चुके थे। वह लोग भी बाहर आ गए ।
क्या बात है बहुत खुश लग रहे हो ।
अंदर तो भाई आप बड़े मूड खराब के साथ खड़े थे।
एक छोटी बच्ची थी।
उसका दिमाग गरम हो रहा था ।इसलिए हंस रहा हूं।
वह लोग लिफ्ट से नीचे जाने लगे थे। उनके काम खत्म हो चुके थे। वह लिफ्ट कांच की बनी हुई थी उसमें से पूरा माल दिखाई दे रहा था। वेद की नजर मानवी पर गई। वो एक दुकान में से निकल रही थी ।
मानवी ।वेदों उसे देख कर बोला।
क्या हुआ भाई। दीपक ने पूछा।
कोई गर्लफ्रेंड मिल गई क्या ।
ऐसा ही समझ लो।
वो जल्दी से लिफ्ट से बाहर निकला। मगर तब तक मानवी भी वहां से जा चुकी थी । उसने आसपास वहां पर ढूंढने की कोशिश की । मगर वह नहीं मिली।
फोन कर लो। सुधीर ने कहा।
उसका नंबर नहीं है मेरे पास ।
चलो चलते हैं ।
क्यों ढूंढना नहीं है उसे ।
आप आराम से ढूंढो भाई हमें कोई जल्दी नहीं।दीपक ने कहा।
कहीं दिखाई नहीं दे रही ।
मैंने सभी जगह देख लिया ।
चलो पहले कुछ खा लेते हैं। वेद कहने लगा विचारों फूड कोर्ट की तरफ जाने लगे।
प्लीज मेरी सीरीज पर कमेंट करें साथ में रेटिंग भी दे आपको मेरी सीरीज कैसी लग रही है कमेंट में बताएं मुझे फॉलो करना और भी देना याद रखें।
उम्मीद करती हूं आपको मेरी सीरीज पसंद आ रही होगी।
उसका नंबर नहीं है मेरे पास ।
चलो चलते हैं ।
क्यों ढूंढना नहीं है उसे ।
आप आराम से ढूंढो भाई हमें कोई जल्दी नहीं।दीपक ने कहा।
कहीं दिखाई नहीं दे रही ।
मैंने सभी जगह देख लिया । वेद ने कहा।
चलो पहले कुछ खा लेते हैं। वेद कहने लगा वो चारों फूड कोर्ट की तरफ जाने लगे।
वह चारों भाई डिनर से पहले घर पहुंच गए थे ।।
क्या बात है ,लगता है आज चारों भाइयों ने खूब शॉपिंग की है ।
मगर वेदांत कहा है। बलवंत जो ऊपर से नीचे आ रहा था । उन लोगों को देखकर पुछने लगा।
वो तो हमारे साथ नहीं था।
वेद बोला ।वह सभी लोग आकर सोफे पर बैठ गए थे ।पीछे एक आदमी उनका सामान उठा कर ले आया था ।
लगता है पूरा माल ही खरीद लाए हो ।
यस मॉम ,बहुत शॉपिंग की है हम सभी ने।
वेदिका उन लोगों के आसपास आकर बैठ गई थी ।वह चेहरे से परेशान थी । रूप और मौली वह भी वहां आकर कर बैठ गई। पूरी फैमिली एक साथ बैठी थी ।
मुझे एक बात बतानी थी। रूपा कहने लगी।
पंडित जी आए थे आज।
हां वह कुछ सामान लेकर आने वाले थे ,
जो शादी के लिए जरूरी था। बलवंत मेहरा कहने लगा।
आज वेद के बारे में बता रहे थे वह। रूपा ने कहा।
क्या कहा ।
बलवंत ने पूछा।
वही तो मैं बता रही हूं ।
रूपा ने कहा। वेदिका रूपा के चेहरे की तरफ देखने लगी जो खुशी से बता रही थी ।मगर वही बात वेदिका को बहुत परेशान कर रही थी।
वेद की लाइफ में दो लड़कियां होंगी।
जो उसे सारे खतरों से बचाएंगी ।
अब तुम दो शादियां करने वाले हो वेद जां बीवी के साथ गर्लफ्रेंड रखोगे। रूप ने जानबूझकर कहा।
क्यों क्या कह रहे थे पंडित जी ।
वेद हंस कर कहो लगा।
कौन सी दो लड़कियां मेरी लाइफ की।
उसने अपनी मॉम की तरफ देखा ।वह भी देख रहा था कि उसकी मॉम काफी परेशान है।
इन औरतों की बातों में कहां पड़ गए तुम ।
हम लोगों को थोड़े ही दिनों में जयपुर जाना है
तो उसी की तैयारी करनी चाहिए ।बलवंत ने बात खत्म करनी चाही।
नहीं फिर भी बात तो सुनो पंडित जी ने कहा है कि
इस पर खतरा है ।दो लड़कियां इसे खतरे से बचाएंगी ।
और साथ में कहा ।
मेरा बेटा बहुत नसीब वाला है, इस घर की किस्मत बनकर आया है।
रूपा की बात काटती हुई वेदिका ने कहा।
सही बात है ना ,मेरी लाइफ की दो लड़कियां कहा है।
एक तो वह लड़की जिसे मैं शादी करुंगा
और दूसरी मेरी माम जो दुआओं से मेरा हर खतरा दूर करती है।
वेद ने अपनी मॉम का हाथ पकड़ लिया । उसकी बात पर वेदिका मुस्कुरा दी थी।
बिल्कुल सही है, ऐसा ही होगा।
आजकल के जमाने में दो बीवियां कौन रख सकता है ।दीपक के बीच में बोला। सुधीर और सुधांशु भी हंसने लगे थे। वहां का माहौल काफी हल्का-फुल्का हो गया ।जब रूप ने बात शुरू करें तो सभी लड़के एकदम चुप हो गए थे ।दीपक को अपनी मॉम का इस तरह से बात करना अच्छा नहीं लगा था।
चलो बच्चों तुम फ्रेश हो आओ ।
फिर खाना खाते हैं ।बलवंत ने बीच में कह दिया था ।वह समझ गया था कि रूपा जानबुझकर ऐसी बात कहेगी। जिससे वेद के साथ-साथ वेदिका का भी मूड खराब हो जाएगा ।
वह चारों उठकर वहां से चले गए थे। रात को खाना खाने के बाद वेद ने अपनी मॉम डैड का रूम नोक किया ।
खुला है । वेदिका ने कहा।
वेद अंदर आ गया।
तुम्हें कब से हूं नाक करने की जरूरत पड़ने लगी थी।
आ जाओ आज अच्छा लगा।
तुम चारों भाई साथ थे।
अपने भाई बहनों के साथ प्यार से रहना चाहिए ।
उनके साथ वक्त बिताया करो। बलवंत ने उसे कहा।
तुम्हें मेरी मॉम क्यों परेशान है ।
मैं तो वह पूछने आया था ।
सच-सच बताओ माम।
तो सुनो ।
वेदिका ने वेद को अपने पास बेड पर बिठा लिया ।
पंडित जी ने कहा है तुम्हारी शादी हो चुकी है
और वह भी 5 साल पहले ।
बहुत बड़ा खतरा है तुम पर मगर तुम बच जाओगे।
तुम्हारी लाइफ में दो लड़कियां होंगी जो तुम्हारी लाइफ में बहुत इंपॉर्टेंट होगी ।
अच्छा तो इसी दो लड़कियां इसी बात को लेकर चाची कह रही थी ।
अब आप स्ट्रेस मत लो ।
थोड़ी देर अपने मॉम डैड के साथ बातें करने के बाद वेद अपने कमरे में चला गया था।
मॉम की बात से उसके दिमाग में मानवी याद आ गई ।
उसे दिन उसने मानवी को बस से उतरते हुए देखा था और उसके बारे में उसका दोस्त बताने लगा।
वह घर आकर ऊपर अपने कमरे में चला गया ।बेड पर लेटे-लेटे अचानक उसे बाहर किसी के जोर-जोर से बोलने की आवाज आने लगी ।जो कि बालकनी की साइड आ रही थी। वो उठकर बाहर गया । उसके साथ वाले घर में देखा।
मानवी की मामी उस पर हाथ उठा रही थी ।
कोई काम ध्यान से नहीं करती।
सारे के सारे कांच के गिलास तोड़ दिए।
कौन देगा इसके पैसे। तुम्हारा मरी हुई मां देगी।
मानवी उसके सामने खड़ी हुई रो रही थी ।
क्यों इस पर हाथ उठाती हो।
जवान हो चुकी है ,अगर उसने वापस तुम्हें जवाब दे दिया तो।
घर से निकाल दूंगी ।
मुफ्त की रोटियां तोड़ती है ।उसकी मामी गुस्से से बोलती हुई अंदर चली गई।
मानवी रोती हुई कांच के टुकड़े इक्कठे करने लगी।कांच का एक टुकड़ा उसके हाथ में काम चला गया ।वो जल्दी से खड़ी हुई , बाहर साइड पर जो पानी की टूटी थी उसके नीचे हाथ कर लिया।
वेद ऊपर से देख रहा था ।उसे सचमुच मानवी के लिए बहुत बुरा लगा।
क्या शॉपिंग की है मानवी तुमने आज।
मानवी से उसकी सहेली रीता पूछने लगी ।आज वह दोनों शॉपिंग के लिए माल में गई थी।
प्लीज मेरी सीरीज पर कमेंट करें साथ में रेटिंग भी दे।आपको मेरी सीरीज कैसी लग रही है कमेंट में बताएं ।मुझे फॉलो करना और रिव्यू देना याद रखें।
क्या शॉपिंग की है मानवी तुमने आज।
मानवी से उसकी सहेली रीता पूछने लगी ।आज वह दोनों शॉपिंग के लिए माल में गई थी।
तुम मेरे साथ तो थी ।
हां मगर तुम्हारा ध्यान मुझ पर था कहां ।
फोन पर तुम अपने बॉयफ्रेंड के साथ बिजी थी ।
मानवी ने मजाक से कहा।
पता है ना कितने दिनों की बात बात हुई थी ।
इसलिए मुझे ध्यान नहीं। दृष्टि अपनी सफाई देने लगी। क्योंकि सच में अच्छी उसका ध्यान मानवी की शॉपिंग करने बल्कि उसके बॉयफ्रेंड करन के साथ हम बातों में बिजी थी।
परसों तो वह जहां से गया है।
कितने दिन हुए। मानवी ने कहा।
और हम कल जा रहे हैं जयपुर ,
तो वहीं पर तो हम काम करेंगे ।
वह वहीं पर होगा ,उसी की वजह से तो मुझे नौकरी मिली है।
तुझे याद है ना ।
हां हां बिल्कुल पता है, मुझे भी इस शादी का इंतजार है ।
अब हम दोनों उसी के टीम के साथ काम करने वाले हैं।
दृष्टि कहने लगी।
मैं खुश हूं कि मैं यह शहर छोड़ कर जा रही हूं।
मैं पूरी मेहनत के साथ काम करना चाहती हूं ।
मैंने पिछली काम से आसिफा दे दिया ।
मगर काम तो मुझे चाहिए था।
इधर मैंने नौकरी छोड़ दी और
मुझे भी काम मिल गया । करन का एहसान है मुझ पर।
अच्छा ही होगा, क्यों फ़िक्र करती हो तुम ।
इस काम में हम लोग शहर शहर घूमेंगे ,बहुत इंजॉय करेंगे ।
तुम्हें तो खुश होना ही है,
करन के साथ रहने को जो मिलेगा।
सभ समझती हूं मैं तुम्हें । मानवी दृष्टि को छेड़ने लगी।
चल अब मैं तुझे समान दिखती हूं
कि मैंने क्या शॉपिंग की है ।वह अपना सामान खोलने लगी ।
मानवी ने वेद के कहने पर नौकरी छोड़ दी थी । उसने किसी वेडिंग प्लानर की टीम ज्वाइन की थी। दोनों सहेलियां उसी के लिए जयपुर जाने वाले थी । जयपुर के किसी बड़े खानदान की डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए काम करने वाले थे वे लोग।
वेद अपनी मॉम से मिलकर अपने कमरे में चला गया ।पहले तो वह पंडित जी की कहीं हुई बातों के बारे में सोचने लगा ।
अगर वह पंडित मॉम को डराता नहीं तो उसे पैसे कहां से मिलेंगे।
इसी तरह हमेशा पंडित औरतों को डरा कर पैसे मिलते हैं।
मैं बेकार में परेशान हो रहा हूं ।
मैंने उसे नौकरी छोड़ने को कहा और वह छोड़कर चली गई।
वह भी तो लाइफ में आगे बढ़ चुकी होगी अब होगी ।
हो सकता है मुझे देखकर वह परेशान हो गई हो ,इसीलिए काम छोड़ दिया।
अपनी जिंदगी में शांति तो उसे भी चाहिए होगी।
मैं बेकार में अपना दिमाग खराब कर रहा हूं । वेद ने अपने आप से कहा ।
यह सोचकर वो बिल्कुल रिलैक्स हो गया था कि मानवी जिंदगी में आगे बढ़ चुकी है। इसीलिए इसीलिए वह काम छोड़ कर गई है। अब उसे शनाया की याद आने लगी ।उसने फोन उठाया और शनाया का नंबर मिलाने लगा । रिंग जाती रही मगर शनाया ने फोन नहीं उठाया था ।
लगता है मुझसे नाराज हो गई ।
मुझे उसे इस तरह से धक्का नहीं देना चाहिए था ।
मगर थोड़ी ही देर बाद शनाया का फोन वापस आ गया।
सॉरी डार्लिंग मैं वॉशरूम में थी,
इसलिए तुम्हारे फोन का पता नहीं चला ।
बोलो किस लिए फोन किया ।
आज मिलते हैं ।
वेद ने कहा।
ओके । शनाया कहने लगी।
मैं तुम्हारे पेंट हाउस नहीं आऊंगी।
नहीं ,होटल में मिलते हैं ।
अभी आ रहा हूं तुमसे मिलने के लिए ।
वेद कपड़े चेंज करके होटल के लिए निकल गया था ।जहां वो शनाया से वह मिलने वाला था । आज उसका मूड बहुत रिलैक्स था।
आज आप अपने भाइयों के साथ माल नहीं गए।
आपके चारों भाई एक साथ गए थे कपड़ों की शॉपिंग करने।
रीना ने कहा जो वेदांत के पास बेड पर बैठ गई थी ।
मुझे और भी काम है ।
उन सभी की तरह फ्री नहीं ,जो फालतू की शॉपिंग करते हैं ।
वेदांत ने बड़ी बेरुखी से रीना की बात का जवाब दिया ।
और आप कहां थे । रीना ने पूछा।
ऐसा नहीं था कि रीना को वेदांत की हरकतों के बारे में पता नहीं था ।वह जानती थी की उसके कितनी सारी औरतों के साथ रिश्ते हैं।
जरूरी है बताना कि मैं कहां था ।
तुम अच्छे से जानती हो मैं क्या करता हूं ,क्या नहीं करता ।
मैं किसी को बताना पसंद नहीं करता,
गुलाम नहीं हूं मैं तुम्हारा ।
मैं आपकी पत्नी हूं, आप मुझसे ऐसे कैसे बात कर सकते हैं ।
तो और कैसे बात करें।
हमारी शादी को 2 साल होने को है ।
मुझे नहीं लगता कि तुम कभी मुझे वारिस दे सकोगी ।
अगर अब सुधीर की शादी होने जा रही है ।
कहीं उनका बच्चा पहले आ गया तो देखना मुझ से बुरा कोई नहीं होगा।
अब इसमें मेरा क्या कसूर है।
मैं कौन सा मां नहीं बनना चाहती हूं ।
रीना ने कहा।
मैं नहीं जानता ,जो इस खानदान का पहला बच्चा होगा ।
उसे क्या हक मिलते हैं, तुम अच्छे से जानती हो ।
उसे बहुत सी प्रॉपर्टी गिफ्ट में मिलती है जो दूसरों बच्चों को नहीं मिलती ।
जो वेद के पास है वह हमारे पास नहीं है।
और मैं चाहता हूं जो हमारे बच्चे के पास हो,
जो दूसरों के पास नहीं होगा ।
मुझे लगता है तुम्हारे बच्चा नहीं होगा ।
वेदांत ने बड़े गंदे तरीके से कहा ।
रीना की आंखों में पानी आ गया।
अब नौटंकी करती है । वेदांत ने कहा ।
वो वापस अपना फोन से सकराल करने लगा था। तभी रीना बाहर जाकर बैठ जाती है। उसके फोन पर उसकी मॉम का फोन आने लगता है।
क्या हुआ तुम इतना धीरे-धीरे क्यों बोल रहे हो ।
उसकी मम्मी ने कहा ।
मां वही बात मेरे बच्चा क्यों नहीं हो रहा ,
इस बात को लेकर मुझे ताना देते हैं ।
अभी 2 साल ही तो हुए हैं ।
तुम दोनों की शादी को ।उसकी मां ने कहा ।
नहीं मां मैं बहुत ज्यादा परेशान हुं।
फिक्र मत करो हम लोग सुबह पहुंच जाएंगे ।
आज ही आ जाते मगर मगर किसी काम की वजह से हम नहीं आ सके।
हुआ तुम इतना धीरे-धीरे क्यों बोल रहे हो ।
उसकी मम्मी ने कहा ।
मां वही बात मेरे बच्चा क्यों नहीं हो रहा ,
इस बात को लेकर मुझे ताना देते हैं ।
अभी 2 साल ही तो हुए हैं ।
तुम दोनों की शादी को ।उसकी मां ने कहा ।
नहीं मां मैं बहुत ज्यादा परेशान हुं।
फिक्र मत करो हम लोग सुबह पहुंच जाएंगे ।
आज आ जाते मगर किसी काम की वजह से नहीं आ सके।
वेदांत के सिर से जैसे कोई भार उतर गया था ।वह खुश था कि वह फालतू की टेंशन से आजाद हो गया। उससे पहले यह बात समझ क्यों नहीं आई कि मानवी जिंदगी में आगे बढ़ चुकी है। उसे समझना चाहिए था।
जल्दी करो हम लोग लेट हो रहे हैं ।
सुबह ब्रेकफास्ट के टेबल पर एक सैंडविच उठाते हुए वेद ने सभी से कहा। वह आज तो फुल एनर्जी के साथ तैयार था ।
अरे तुम कब आई ।
वेद ने किया को देखा ,जो स्टार्स से नीचे उतरकर उन्हीं की तरफ आ रही थी ।वह भाग कर वेद के गले लग गई।
भाई हम रात को आए थे ।
अच्छा तो कैसा रहा तुम लोगों टिरप ।
बहुत अच्छा था ,बहुत इंजॉय किया ।किया कहने लगी।
और सिया कहां है ।
वह तुम्हारे साथ ही थी। उसे अकेला देखकर वेद ने पूछा।
वह अभी तक सो रही है, थकावट की वजह से उठी नहीं।
ठीक है किया ,हम लोग शाम को मिलेंगे ।
इस वक्त मैं ऑफिस जा रहा हूं ।
ठीक है भाई।
किया और वेद दोनों का शुरू से ही काफी अच्छा रिश्ता रहा था। किया स्वभाव की नर्म और मीठी थी ।जिस वजह से हर कोई उसे पसंद करता था ।वही सिय अपने भाई और पिता की तरह थी। घर में उसकी सभी से कम ही बनती थी।
सभी लोग ऑफिस के लिए निकल गए थे ।वेदांत और रमेश वह दोनों बाप बेटा अपनी चाल में लगे हुए थे। वेदांत जिस तरह से काम कर रहा था उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा था ।वेदा को फसाने की कोशिश तो वह कर रहे थे। मगर जो लड़की उन्होंने वेद देख के पीछे लगाई थी ।अभी तक वेद ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। शाम को वेद और मलिक दोनों पब में गए हुए थे।
वो दोनों डांस कर रहे थे तो एक लड़की बार-बार वेद से टकरा रही थी। मगर वेद उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था।
क्या बात है। वह लड़की तुम्हारे पास आ रही है।
तुम्हारे भाग रहे हो। मलिक ने कहा।
पता नहीं क्यों ,जब से मैं जहां पर आया हूं ।
मुझे अनजान लड़कियों से डर आने लगा है।
मैं किसी को नहीं जानता और ना के जहां के बारे में ज्यादा पता है ।
और उस शनाया का क्या ।
मैंने उस से इतना बुरा व्यवहार किया ।
फिर भी वह मेरे पास आ गई ।
इस लड़की का दिल क्यों तोड़ते हो।
अच्छा तो ऐसी बात है, तो तुम जोड़ दो।
दोनों दोस्त एक दूसरे के साथ मजाक कर रहे थे।
चलो वॉशरूम जाकर आते हैं। वेद ने मालिक से कहा ।
वह दोनों वहां से वॉशरूम एरिया की तरफ चले गए ।
क्या देख रहे हो । वेद ने मलिक से कहा।जो वॉशरूम से एक साइड होटल के रूम की साइड जाती थी ।मालिक उस तरफ देख रहा था ।
मुझे ऐसा लगा रमेश चाचा जी थे
और उसके साथ है उनके साथ एक लड़की थी।
गलतफहमी हुई होगी।
रमेश चाचा जी वह जहां नहीं हो सकते
और फिर लड़की के साथ थोड़ी होंगे ।
अच्छा हो सकता है मुझे ऐसे ही लगा हो ।
चलो यार अब नहीं चलते।
मेरा घर जाने का मुड है ।
वेद अभी तो तुमने इतनी ड्रिंक भी नहीं की है,
जितनी हमेशा पीते हो ।
आज मन नहीं है पता नहीं ।
क्यों । मलिक पूछने लगा।
उसने मानवी के में वाली बात किसी से नहीं की थी ।इसलिए उसने उस बात का जवाब नहीं दिया !
मॉम दाद के साथ वक्त बात बताऊंगा।
मुझे परेशान देखकर वह भी काफी परेशान हो जाते हैं।
ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी ।
वह लड़की जो वेद के साथ बार-बार टकरा रही थी , वहीं आ गई।
मुझे आपसे बात करनी थी। उस लड़की ने वेद के पास पहुंच कहा।
क्या काम है ।
एक्चुअली मैं आपका कई दिनों से पीछा कर रही हूं।
आपसे मिलने के लिए। वह लड़की मुस्कुरा कर कह रही थी।
उसकी बात पर वेद ने मलिक की तरफ देखा।
कहिए किस लिए ।
बस आपको देखा और आपकी दीवानी हो गई ।
इसलिए, उसने आकर वेद का हाथ पकड़ लिया और अपने दिल पर रखने लगी।
पता है मुझे आप किसी का दिल नहीं तोड़ते तो मेरा भी नहीं तोड़ेंगे।
देखिए आपका दिल धड़क रहा है।
वैसे आपको डॉक्टर के पास जाएं तो ज्यादा अच्छा होगा ।
चलो मलिक चलें । वेद ने मालिक से कहा और वहां से बाहर निकलने लगे ।
कुछ ज्यादा ही चिपकी रही है ।वेद कहने लगा।
वह दोनों वहां से निकल गए थे।
दरवाजा बंद कर दो ।रमेश मेहरा ने उस लड़की से कहा।
उस लड़की ने दरवाजा बंद कर दिया और रमेश के पास आ गई।
सर मुझे जल्दी जाना है आज।
क्यों जल्दी किस लिए।
सुबह मेरा कॉलेज होता है ,
अगर मैं जहां से सीधा जाऊंगी तो मैं लेट हो जाऊंगी ।
इसीलिए आप मुझे जल्दी फ्री कर दीजिए।
तुम यह क्या बोल रही हो।
तुम्हारे घर के खर्चे, तुम्हारे कॉलेज के खर्चे सभी इसी से चलते हैं।
मैं तुम्हारे खर्च क्यों उठता हूं ।अगर तुम मुझे खुश नहीं रखोगी ।
तो तुम्हारे खर्च कैसे पूरे होंगे। कहते हुए रमेश मेहरा ने उस खूबसूरती लड़की प्रियंका को अपनी तरफ खींच लिया।
जल्दी उतारो ,मुझे तुम मुझे बिना कपड़ों के ज्यादा अच्छी लगती हो।
रमेश मेहरा के कहने पर प्रियंका अपनी शर्ट उतार दी थी ।वो उसे हवस भरी नजरों से किसी से देख रहा था ।
अब जो कपड़े बचे हैं इन्हें भी उतार दो। रमेश मेहरा ने कहा। प्रियंका ने वैसे ही किया। उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे।
अच्छा तो अब जाकर पैग बनाओ और आकर मेरी गोद में बैठ जाओ ।
वो अपनी शर्ट उतरता हुआ बोला।वो जाकर सोफे पर बैठ गया था। प्रियंका जानती थी कि वह कैसे खुश होता है। उसमें जाकर पैग बनाया और जाकर उसकी गोद में बैठ गई थी।
जल्दी उतारो ,मुझे तुम मुझे बिना कपड़ों के ज्यादा अच्छी लगती हो।
रमेश मेहरा के कहने पर प्रियंका अपनी शर्ट उतार दी थी ।वो उसे हवस भरी नजरों से किसी से देख रहा था ।
अब जो कपड़े बचे हैं इन्हें भी उतार दो। रमेश मेहरा ने कहा। प्रियंका ने वैसे ही किया। उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए थे।
अच्छा तो अब जाकर पैग बनाओ और आकर मेरी गोद में बैठ जाओ ।
वो अपनी शर्ट उतरता हुआ बोला।वो जाकर सोफे पर बैठ गया था। प्रियंका जानती थी कि वह कैसे खुश होता है।
अगले दिन रीना की मॉम और छोटी बहन आ चुकी थी। वह दोनों बहने ही थी कोई भाई नहीं था ।
जैसे ही रीना की मॉम को उसके साथ अकेले बात करने का टाइम मिला ।वो रीना से पूछने लगी ।
क्या हुआ रीना ।
यह क्या हो रहा है।
माम वेदांत मुझसे झगड़ा करता है ।
मुझे बच्चा ना होने का ताना देता है।
रीना ने कहा।
तो तुम्हें डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
टेस्ट कराओ तुम सारे अपने।
मैं दवाई ले रही हूं ।
मगर डॉ वेदांत के टेस्ट के लिए कह रही है।
मगर वह जाने को तैयार नहीं।
तुम अपनी दवाई ध्यान से खाओ।
अभी वेदांत को मत बोलो ।
तुम उसका स्वभाव अच्छे से जानती हो।
मां इस आदमी के साथ मेरा दम घुटता है ।
मुझ से अच्छे से बात भी नहीं करता ।
किस तरह से मैंने जहां पर तुम्हारी शादी करवाई है ।
वरना यह इतने अमीर लोग हमारी हैसियत कहां है ।
ऐसी ऐश की जिंदगी ऐसे नहीं मिलती।
हमारी हैसियत वाले लोगों के साथ हमारी शादी कर देते ।
जहां पर आपको मेरी शादी नहीं करनी चाहिए थी।
पागल हो तुम, जैसी जिंदगी हम जीते हैं ।
वह भी कोई जिंदगी है।
मुझे तो लगा था तुम्हारी शादी करूंगी इस घर में ।
मेरा बुढापा भी सुधर जाएगा और तुम्हारी छोटी बहन की भी शादी
तुम अपने किसी न किसी देवर से करवा दोगी।
मगर तुमसे तो अपना ही घर नहीं संभालता ।
उसकी मां उसे समझाने लगी ।
अब तुम्हारी बहन से कहती हूं अगर तुम्हें उसे खानदान में शादी करनी है
तो किसी न किसी लड़के को खुद ही पटा ले ।
तुम्हारे आश्रय रही तो उसकी शादी इस घर में होने से रही ।
मां मैं क्या बात कर रही हूं
और आप क्या कह रही हो। रीना ने कहा।
देख मेरी जिम्मेदारी थी,
तुम्हें इतने अमीर घर में तुम्हारा ब्याह कर दिया।
अब आगे तुम्हें संभालना है, कैसे संभालना है ,पति को कैसे मुट्ठी में रखना है।
अब यह भी मुझे बताना पड़ेगा।
वह इतना बड़ा बिजनेसमैन है चाहे जो भी हो ।
शाम को थका हारा तो घर ही आता होगा ।
कमरे में तो वह तुम्हारे अकेली के पास होता है।
उसकी मां कहने लगी।
रीना मां को अपना दुख बताना चाहती थी ।मगर उसकी मां पर उसकी बातों का कोई असर नहीं हुआ। इसलिए उसने इस टॉपिक को यही स्टॉप करना बेहतर समझा।
चलो चलते हैं जहां से ।
वह अपनी मां को लेकर वापस नीचे चली गई थी।
उसकी मां हमेशा ही ऐसी बातें करती थी और जो रीना को बिल्कुल भी पसंद नहीं था।
वैसे अच्छा हुआ बहन जी आप आ गई।
रूपा ने कहा ।
मुझे लगा शादी का घर है ,हेल्प चाहिए होगी
तो मैं और करीना दोनों चली आई। रीना की मां ने कहा।
सही बात है, शादी का घर है काम तो बहुत है।
वेदिका ने भी कहा ।करीना का ध्यान उनकी बातों पर नहीं था। वह इधर-उधर देख रही थी ।क्योंकि घर में कोई भी लड़का दिखाई नहीं दे रहा था ।
उसकी मां उसे पूरा समझा कर लाई थी कि उसे अगर इस घर पर राज करना है तो वेद वेद के साथ अपना चक्कर चलाएं। क्योंकि सभी जानते थे वेद के पास इस कंपनी के सबसे ज्यादा शेयर्स हैं और कंपनी का बास वही बनेगा। जो कंपनी का बॉस बनेगा उसकी वाइफ की ही घर में चलेगी। इसीलिए उसका प्लान पूरा तैयार था ।
नहीं तो घर में दो लड़के और हैं दीपक और सुधांशु भी थे।मगर सुधांशु अभी छोटा था।वो दीपक में थोड़ा बहुत जरूरी इंटरेस्ट रखती थी।
मानवी बहुत थक चुकी थी ।वह लोग अभी वहां पहुंचे थे और आते ही उन्होंने बेडिंग प्लानर जिसके साथ काम करने आए थे, उसने उन सभी को बुलाया था।
हमें इस हवेली को बहुत अच्छे से सजाना है और हमें जहां पर दिन-रात काम करना होगा ।
शादी में इतने लोग आएंगे। हमारा काम देखेंगे।
हमें और काम मिलेगा। वेडिंग प्लानर शेखर गुप्ता कहने लगा ।
शेखर गुप्ता जो तकरीबन 45 साल का आदमी था और अपने काम में बहुत पर्फेक्ट माना जाता था। जहां पर डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए लोग उस काम करना पसंद करते थे ।वह अपने काम का पक्का और जवान का जरा रुखा था। काम करते वक्त किसको क्या कह दे, कभी इस बात का ख्याल नहीं करता था । उसके काम करने वाले नीचे सभी लोग उससे डरते थे।
आपका आज पहला दिन था ।
आपके चेहरे से लग रहा है ,
जैसे आपको यह काम पसंद नहीं ।उसने मानवी जो सबसे पीछे खड़ी थी , उससे कहा ।
मानवी यही नाम है ना आपका।
जी मानवी हुड्डा। मानवी ने कहा।
तुम्हें काम करन के कहने पर मिला है ,
याद रखो अगर तुम ध्यान से काम नहीं करोगी तो मैं निकाल दूंगा।
मुझे काम करने वाले लोग बेहद पसंद है ।
सभी ध्यान से सुन लो , काफी रात हो चुकी है।
सभी कमरों में जाकर रेस्ट करो, सुबह उठते ही काम पर लग जाएंगे ।
अभी आप लोगों का खाना लगा है।
खाइए और सो जाइए ।
यार मैं फांसी गई थी ।मानवी ने दृष्टि से कहा ।
कोई बात नहीं, तब थकी हुई हो।
इतना लंबा सफर करके आए हैं ।जब सर तुम्हारा काम देखेंगे तो तुमसे कोई शिकायत नहीं रहेगी।
देख लेना ऐसा ही होगा ।
वह गुजर रहे थे कि पास के बाथरूम से आवाज सुनाई दी।
इधर बाथरूम से कोई दरवाजा खटखटा रहा है। मानवी ने दृष्टि से कहा ।
मानवी उधर देखने चली जाती है। अंदर से किसी बच्चे की आवाज आआ रही थी।
मानवी ने बाथरूम का दरवाजा खोलती है ।
एक छोटा बच्चा था तकरीबन सात आठ साल का ।
क्या हुआ बेटा ।
आंटी मुझसे लॉक नहीं खुल रहा था।
बाहर से पता नहीं कैसे बंद हो गया। उसे बच्चों ने घबराए हुए कहा ।
तुम घबरा क्यों रहे हो, कोई बात नहीं ।
मानवी ने बड़े प्यार से उसे अपने साथ लगा लिया।
शशांक मैं तुम्हें ही ढूंढ रहा था ।
कहां थे तुम। तभी शेखर वहां पर आया।
आपका बच्चा है , मानवी उससे बोली ।
यह बाथरूम में बंद हो गया था ,थोड़ा घबराया हुआ है।
आंटी मुझसे लॉक नहीं खुल रहा था।
बाहर से पता नहीं कैसे बंद हो गया। उसे बच्चों ने घबराए हुए कहा ।
तुम घबरा क्यों रहे हो, कोई बात नहीं ।
मानवी ने बड़े प्यार से उसे अपने साथ लगा लिया।
शशांक मैं तुम्हें ही ढूंढ रहा था ।
कहां थे तुम। तभी शेखर वहां पर आया।
आपका बच्चा है , मानवी उससे बोली ।
यह बाथरूम में बंद हो गया था ,थोड़ा घबराया हुआ है।
मानवी तुम्हारा शुक्रिया शेखर ने मानवी से कहा कोई बात नहीं कहते हुए मानवी अपने कमरे में जाने लगी। जो कमरा उसे और दृष्टि उन दोनों को मिला हुआ था ।
शाम को ऑफिस से आने के बाद वेद घर के लोन में बैठा हुआ था ।वह लैपटॉप पर कोई काम कर रहा था ।
मेरा बेटा क्या कर रहा है।
उसकी मॉम मेड के साथ चाय की ट्रे लेकर आ गई।
इसी जहां रख दो। उसने मेड से कहा और मेड वहां से चली गई।
मॉम मॉल के लिए मैं कुछ डिजाइंस बना रहा हूं ।
एक्चुअली मैं थोड़ा डिफरेंट करना चाहता हूं । वेद ने बताया।
ठीक है बेटा, यह तो बहुत अच्छी बात है।
मगर वो तुम्हारे पास क्या कर रही थी।
वेदिका ने पूछा।
कौन। वेदांत ने कहा
उसे अपनी मॉम की बात समझ नहीं आई थी।
वहीं करीना, वह जहां बैठी हुई थी ना तुम्हारे पास।
वो क्या कह रही थी ।
उसे कोई काम चाहिए ।
अगर ऑफिस में कोई काम हो तो वह करना चाहेगी। वेद ने कहा।
दूर रहना उससे ,ज्यादा दोस्ती करने की जरूरत नहीं है ।
अगर उसे काम पर रखना होगा तो वेदांत है ना उसका जीजा ।
अपनी मॉम की बात सुनकर वेदांत हंसने लगा।
उन्होंने वेदांत को भी शादी के चक्कर में ऐसे ही फसाया था।
वह लड़की मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है।
इसलिए उससे दूर रहो ,मां बेटी इस घर में इसी इरादे से आई है ।
ठीक है मोम ,वेदांत ने हंसते हुए कहा ।
अब मैं अपनी बेचारी मॉम को क्या बताऊं।
लड़कियों को मुझे बच के रहना चाहिए ,मुझे लड़कियों से बचने की जरूरत नहीं है ।
उसे अपने मन में कहा ।
चाय ठंडी हो रही है।
उसकी मॉम ने कहा।
थोड़ी देर बाद उसकी मॉम वहां से चली गई थी ।मगर शादी के नाम पर उसे मानवी याद आ गई थी।
फ्लैशबैक
वह काफी दिन अपने दोस्त के गांव में रहा था और अक्सर ही हवा खाने के लिए कमरे से बाहर छत पर निकल जाता। छत पर से तो बिल्कुल ही उसका पूरा घर दिखाई देता था ।मानवी क्या करती, उसे पूरा दिखता। उसे कितनी गालियां पड़ती हैं ,सुबह से लेकर शाम तक ।उसे बहुत तरस आता था उस लड़की पर।
यह लड़की अपनी मामी को कभी जवाब नहीं देती।
वेद में अपने दोस्त हर्ष से पूछा।
जवाब कैसे देगी, इसकी मामी से तो उसकी मामा भी डरता है।
उसके दोस्त ने हंसकर कहा ।
नहीं यार ,फिर भी मेरा मन खराब हो जाता है।
जब उसकी मम्मी इसे गालियां निकालती हैं ।
मानवी आंगन में भाग भाग कर काम कर रही थी ।आंगन में ही बाहर चूल्हा बना हुआ था। जिस पर वह सब्जी बनाती और खाना पकाती थी ।
इन लोगों के पास गैस नहीं है क्या ।
यह सारा काम यही चूल्हे पर करती है। वेद ने पूछा।
जो अंदर किचन बना हुआ है, उसमें गैस है।
मगर गांव में ऐसा ही होता है। ज्यादातर लोग चूल्हे पर काम करते हैं।
खाना टेस्टी भी बनता है। वैसे मनु बहुत अच्छा खाना बनाती है।
कभी खिलाऊंगा तुझे।
क्या बात है लगता है।
बहुत पता है तुम्हें । वेद ने उसे छेड़ते हुए कहा ।
बहन जैसी है वह मेरी।
गांव की लड़की जहां पर बहन मानी जाती है। उसका दोस्त हर्ष ने कहा।
वेद अपने दोस्त हर्ष के साथ कभी खेत चला जाता, तो कभी बाजार चला जाता । उसकी अपने डैड से बात हो रही थी ।उन्होंने उसे अभी थोड़े दिन और वहीं रहने के लिए कह दिया था।
हर्ष और वेद दोनों मानवी के घर के आगे से गुजर रहे थे तो उसके मामा बाहर खड़े थे।
हर्ष। मानवी के मामा ने उन्हें बुला लिया ।
बेटा तुम्हारे दादाजी कैसे हैं ।
वह हर्ष से पूछने लगे।
पहले से ठीक है ।
हर्ष ने कहा।
मैं आऊंगा उनसे मिलने।
मामा कहने लगा।
ठीक है चाचा जी आ जाइए ।
यह तुम्हारा दोस्त है।
हर्ष वेद को भी मानवी के मामा से मिलवाता है ।
आओ बेटा आओ चाय पी कर जाना ।
हर्ष मना करने लगा ।
चाय नहीं छाछ जरूर पीकर जाना ।
वैसे भी मेहमान को ऐसे नहीं जाने देते। उसका मामा उन दोनों को जबरदस्ती घर के अंदर ले गया था ।
वहां आंगन में एक साइड पर पेड़ था। उसके नीचे एक खाट पड़ी हुई थी और वहां पर दो पुरानी सी कुर्सियां भी पड़ी थी । वह दोनों चेयर पर बैठ गए थे ,तो मामा खाट पर।
मन्नू बेटा जरा छाछ तो लेकर आना दो गिलास ।
मामा ने मानवी को आवाज़ लगाई।
थोड़ी ही देर में मनु ट्रे में दो गिलास रख कर ले आई थी । वेद ने उसकी तरफ देखा। बड़ी-बड़ी काली, आंखें गोरा रंग, नाक में छोटा था नोज पिन डाला हुआ था। कानों में भी छोटी-छोटी बालियां थी और एक हाथ में कांच की चूड़ियां। एक हाथ में कुछ भी नहीं था। दुपट्टा उसने गले में डाला हुआ था और पीछे चोटी बनाई हुई थी ।सिंपल सा गुलाबी रंग का प्रिंटेड सलवार सूट पहना था। मानवी उन दोनों को नमस्ते करती है और दोनों को लस्सी के गिलास देती है।
तुम्हारे एग्जाम हो गए मनु। हर्ष ने पूछा ।
हां भैया, बस एक रह गया है।
वह कल है।
आगे क्या इरादा है तुम्हारा।
बस इसकी शादी के लिए लड़का देख रहे हैं।
जल्दी ही शादी कर देंगे ।मनु की जगह मामा ने जवाब दिया ।मानवी वहां से चली गई थी।
वह थोड़ी देर वह दोनों थोड़ी देर इधर-उधर की बातें करते रहे। वेद का ध्यान जिस तरफ से मनु गई थी उसी तरफ था।हर्ष के साथ-साथ मामा ने भी नोटिस किया । प्लीज मेरी सीरीज पर कमेंट करें साथ में रेटिंग भी दे आपको मेरी सीरीज कैसी लग रही है कमेंट में बताएं मुझे फॉलो करना और व्यू देना याद रखें।.
तुम्हारे एग्जाम हो गए मनु। हर्ष ने पूछा ।
हां भैया, बस एक रह गया है।
वह कल है।
आगे क्या इरादा है तुम्हारा।
बस इसकी शादी के लिए लड़का देख रहे हैं।
जल्दी ही शादी कर देंगे ।मनु की जगह मामा ने जवाब दिया ।मानवी वहां से चली गई थी।
आगे क्या इरादा है तुम्हारा।
बस इसकी शादी के लिए लड़का देख रहे हैं।
जल्दी ही शादी कर देंगे ।मनु की जगह मामा ने जवाब दिया ।मानवी वहां से चली गई थी।
वह थोड़ी देर वह दोनों थोड़ी देर इधर-उधर की बातें करते रहे। वेद का ध्यान जिस तरफ से मनु गई थी उसी तरफ था।हर्ष के साथ-साथ मामा ने भी नोटिस किया ।
वेद ने कोई सोच समझ कर उसकी तरफ नहीं देखा था। उसने वैसे ही उसे लड़की की तरफ देखा था ,जो अंदर की तरफ जा रही थी ।उसका पहली बार वास्ता गांव से पड़ा था। वह अपनी जिंदगी में पहली बार गांव आया था और इतने दिनों तक कर रहा था। वह गांव से जुड़ी हर चीज को ध्यान से देख रहा था। मगर मनु को देखना उसके मामा को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा था।
चलें ।हर्ष ने वेद से कहा। वह दोनों वहां से बाहर आ गए थे।
तुम जाती हुई मनु की तरफ ऐसे क्यों देख रहे थे ।
यह गांव है, मार पड़ेगी। तुम्हें भी और साथ में मुझे भी ।
ध्यान रखा करो।
मैंने तो ऐसे ही देखा मुझे सोच रहा था कि इस लड़की की लाइफ कितनी मुश्किल है ।
घर का काम करती है ,पढ़ाई कर रही है।
मां-बाप नहीं है, मतलब कितनी डिफिकल्ट है ना उसकी जिंदगी ।
ऐसी जिंदगी जीनी बहुत मुश्किल होती होगी। वेद ने कहा।
जो सोचना है अपने मन में सोचो।
फिर कभी ऐसे मत देखना । उसके लिए भी मुश्किल हो जाएगा।
अच्छा छोड़ो इस बात को ,तुम्हारी कितनी गर्लफ्रेंड है ।
तुम्हें गिनती है क्या ।हर्ष ने उससे पूछा।
सभी के फोन आ रहे हैं।
वह मुझे बहुत मिस कर रही हैं ,मगर मैं किसी का फोन नहीं उठा रहा।
पता नहीं कब तक जहां फंसा रहूंगा ।अब तो इतने दिन हो गए । वेद बोला ।
क्यों तुम्हारा मन नहीं लग रहा।
अच्छा है ना इस बहाने से तुम जहां आ गए ।
तुम अपना शहर छोड़ कर जहां छोटे से गांव में कभी नहीं आते ।
वैसे क्या प्रोग्रेस है तुम्हारे कैस की ।
अंकल से बात हुई होगी तुम्हारी।
थोड़े दिन उन्होंने अभी और आने से मना किया है।
कह रहे थे जहां हो वहीं रहो ,तो वैसे मैं सोच रहा था ।
क्यों नाम अपनी किसी गर्लफ्रेंड को जहां बुला लेता हूं। वेद ने शरारत के साथ कहा।
अब ऊपर का कमरा तो है मेरे पास।
मेरे साथ कमरे में रह लेंगी।
उनका एडवेंचर भी हो जाएगा, गांव में आना उन शहर की लड़कियों के लिए
एडवेंचर से कम तो होगा नहीं।
कहीं सचमुच मत बुला लेना ।
हर्ष ने उसके आगे हाथ छोड़ दिए ।
तुम्हारे साथ-साथ मुझे भी घर से निकाल दिया जाएगा ,समझे तुम।
यह गांव है, जहां पर लड़की से बात भी हो जाए तो हल्ला हो जाता है।
उसकी बात पर वेद जोर से हंसने लगा ।
तुम्हें क्या लगा मैं सचमुच बुला लूंगा।
मैं तो बस ऐसे ही कह रहा था।
गांव में कोई नहीं आएगी जहां पर ।समझे तुम।
दोनों हंसते मुस्कुराते कमरे में पहुंच गए थे ।
मैं नहा कर चेंज करके आता हूं,
उसके बाद खाना यहीं ऊपर मंगवा लेंगे । हर्ष हंसते हुए तौलिया उठाकर हंसते नहाने चला गया था। वेद बालकनी की साइड का दरवाजा खोलता हुआ बाहर निकल गया था ।चाहे जैसा भी था मगर गांव आना उसे अच्छा लगा। जहां की ताजी हवा में सांस लेना उसे बेहद पसंद आया था।
वो कमरे से बाहर बालकनी में निकला ,उसने देखा मानवी आंगन में पढ़ रही थी। तभी उसकी मामी आई और उसने कहा ।
पढ़कर तुमने क्या करना है, काम की तरफ ध्यान दो।
शाम के खाने का टाइम हो रहा है।
उनकी बातें सुनकर मानवी ने बुक साइड पर रखी और खाना बनाने की तैयारी करने लगी। वह चूल्हे पर खाना बना रही थी ।उसकी बुक भी वही साइड पर पड़ी थी ।वह अपनी बुक उठाती और बीच-बीच में बुक देखने लगती है और साथ में सब्जी बना रही थी।
सीरियसली इन हालात में भी यह लड़की अपनी पढ़ाई को हैंडल कर रही है।
उसे उसे लड़की के साथ हमदर्दी होने लगी थी। उसकी मामी हर टाइम उसे बोलती रहती जो उसे ऊपर तक सुनाई देता था और वह लड़की चुपचाप अपने काम में लगी रहती थी।
जैसे ही हर्ष नहा कर बाहर निकला उसकी निगाहें वेद पर गई जो साइड वाले घर में बड़े ध्यान से देख रहा था ।
क्या देख रहे हो। हर्ष ने कहा ।
देख रहा था उसके एग्जाम हैं ,फिर भी उसे पढ़ाई की जगह काम करना पड़ रहा है।
उसकी मामी उसे बहुत बोलती है ।
सोच रहा था इसकी लाइफ कितनी डिफिकल्ट है ।
मगर हम उसकी कोई हेल्प नहीं कर सकते ।
हर्ष ने उसे समझाने के इरादे से कहा।
तब तक उन लोगों का खाना आ गया और वह खाना खाने लगे।
मैं तुम्हें एक खुशखबरी सुनाना तो भूल ही गया । हर्ष ने कहा।
क्या हुआ ।तुमने जिस यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए अप्लाई किया था।
वहां पर तुम्हारा एडमिशन हो गया क्या ।
हर्ष बाहर की किसी यूनिवर्सिटी में आगे की स्टडी करना चाहता था ।इसलिए उसने कोई ऑनलाइन टेस्ट दिया था और रिजल्ट का इंतजार कर रहा था। वेद को लगा वह उसी की बात कर रहा है ।
नहीं दीदी की सगाई तह हो गई है।
इसी इसी हफ्ते बस से ही 5 -6दिन रह गए।
अच्छा इसीलिए इतने लोग घर पर थे।
हां दिल्ली की कोई फैमिली है ,अच्छे लोग हैं ।
तो तो क्या दीदी लव मैरिज कर रही है।
इस गांव में लव मैरिज का नाम मत ले देना।
यहां पर सिर्फ अरेंज मैरिज होती है।
तो क्या तू भी ऐसे ही करेगा ।
पता नहीं मगर अगर लव मैरिज करता हूं तो
मेरे लिए मुश्किल बहुत ज्यादा होंगी ।
अभी दीदी की शादी होनी है उसकी शादी के बाद मेरा ही नंबर है।
तभी मैं सोचता हूं कि मेरा मैं जहां से निकल जाऊं ।
मैं अभी शादी नहीं करना चाहता ।
तो मत करो शादी । वेद ने कहा।
मेरे मना करने से क्या होगा।
अगर एक बार पिताजी ने कह दिया तो मैं मना नहीं कर पाऊंगा।
इसीलिए मैं इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेकर जहां से निकल जाऊंगा ।
एक बार जहां से गया तो दो-तीन साल तो मैं वापस नहीं आऊंगा। फिर देखा जाएगा।
प्लीज मेरी सीरीज पर कमेंट करें साथ में रेटिंग भी दे आपको मेरी सीरीज कैसी लग रही है कमेंट में बताएं मुझे फॉलो करना और रिव्यू देना याद रखें।
क्या तू भी ऐसे ही करेगा ।
पता नहीं मगर अगर लव मैरिज करता हूं तो
मेरे लिए मुश्किल बहुत ज्यादा होंगी ।
अभी दीदी की शादी होनी है उसकी शादी के बाद मेरा ही नंबर है।
तभी मैं सोचता हूं कि मेरा मैं जहां से निकल जाऊं ।
मैं अभी शादी नहीं करना चाहता ।
तो मत करो शादी । वेद ने कहा।
मेरे मना करने से क्या होगा।
अगर एक बार पिताजी ने कह दिया तो मैं मना नहीं कर पाऊंगा।
इसीलिए मैं यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेकर जहां से निकल जाऊंगा ।
एक बार जहां से गया तो दो-तीन साल तो मैं वापस नहीं आऊंगा। फिर देखा जाएगा।
वैसे तुम्हारा क्या इरादा है शादी का। हर्ष ने वेद से पूछा ।
तुम मेरी शादी की बात कर रहे हो। वेद हंसा।
तुम मेरे इतने साल से दोस्त हो ।
क्या नहीं जानते मेरे बारे में।
मैं जिंदगी में कभी शादी नहीं करने वाला।
हमारी तो हर रात सुहागरात है।वो कहने लगा ।
मगर जिंदगी में सेटल होने के लिए शादी तो करनी चाहिए।
कोई लाइफ पार्टनर चाहिए ,बच्चे चाहिए, जिंदगी में ऐसे तो नहीं चलती ।
एक उम्र के बाद जिंदगी में सभी की जरूरत होती है।
चाहे जो हो मैं शादी नहीं करूंगा ।
मैं किसी का एक का नहीं हो सकता ।
शादी करके किसी को धोखा देना जो अच्छी बात नहीं हो गई ।
वेद कहने लगा।दोनों दोस्त देर रात तक हंसी मजाक करते रहे। जिंदगी में वह दोनों क्या करना चाहते थे ।क्या उनके सपने थे, वह इसी बात के बारे में काफी देर तक डिस्कस करते रहे।
अगली सुबह काफी भाग दौड़ भरी थी।क्योंकि सगाई में दो-तीन दिन ही रहते थे तो घर में तैयारियां शुरू हो चुकी थी। हर्ष के साथ वेद को भी जल्दी उठा दिया गया था।
तुम्हें बाजार जाना होगा।
नाश्ते के बाद हर्षो पर वेद के पास पहुंचा, जो भी नहा कर निकला था।
मैं चला जाता हूं, कोई प्रॉब्लम नहीं।
यह मेरी जीप की चाबी पकड़ो और
जो सामान सामान दुकान पर पैक हो चुका है तुम उठा लाओ।
दुकान तो तुम जानते ही हो ।हम लोग पहले भी गए हैं। वेद हर्ष की जीप लेकर शहर के लिए निकल गया था ।
जैसे ही वह बस अड्डे पर पहुंचा, उसने देखा मानवी हैरान परेशान वहां पर खड़ी है और दुपट्टे से अपनी आंखें साफ कर रही थी। वेद ने मानवी के पास जाकर अपनी जीप रोक दी।
क्या हुआ तुम रो क्यों रही हो।
कोई प्रॉब्लम है क्या। वेद ने पूछा ।
नहीं कुछ नहीं ।मानवी ने कहा ।
तुम बता सकती हो,
मैं तुम्हारी हेल्प कर सकता हूं। मैं हर्ष का दोस्त हूं।
कल आया था तुम्हारे घर। तुमने पहचाना होगा।
वेद को लगा कि शायद उसे पहचाना नहीं ।
इसलिए नहीं बता रही।
वह मेरी बस निकल गई, मैं लेट हो गई।
मेरा एग्जाम है। मानवी ने कहा।
चलो मेरे साथ में ,शहर जा रहा हूं ।
जहां तुम कहोगी मैं छोड़ दूंगा। वेद ने मानवी को बैठने का इशारा किया।
नहीं ऐसे कैसे, मैं आपके साथ नहीं जा सकती।
मानवी कहने लगी ।
तुम्हारा लास्ट एग्जाम है, तुम्हारा फाइनल ईयर के पेपर है।
अगर एग्जाम नहीं दे पाओगे तो तुम्हारी सारी मेहनत बेकार हो जाओ ।
बाकी तुम्हारी मर्जी है । वेद ने जीप स्टार्ट करने लगा और जाने लगा।
!!रुको ।मानवी ने कहा ।
मैं आती हूं। मानवी किसी भी हाल में अपना पेपर नहीं छोड़ना चाहती थी। उसने जहां तक पहुंचाने के लिए जी तोड़ मेहनत की थी और साथ में अपनी मामी की इतनी सारी गलियां भी सही थी।वो किसी भी हाल में वह अपनी स्टडी कंटीन्यू रखना चाहती थी ।वह जानती थी के अगर वह जिंदगी में अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है तो पढ़ाई ही इसका एक रास्ता है। इसीलिए वह हर हाल में एग्जाम देना चाहती थी और ना चाहते हुए भी वेद के साथ चली गई।
मानवी उसके साथ आगे बैठ गई थी ।उसने सर पर दुपट्टा ले लिया था और वह थोड़ी घबराई हुई थी। उसे काफी लोगों ने उन्हें देख लिया और गांव में ऐसे किसी अनजान लड़के के साथ मानवी तो जाते देख बात उनके घर तक पहुंच चुकी थी।
जिस जगह मानवी ने कहा वेद ने उसे उतार दिया था।
बता दो कितने बजे तुम्हारा एग्जाम खत्म होगा।
मैं तुम्हें ले जाऊंगा।
नहीं कोई जरूरत नहीं है।
आते हुए मुझे बस मिल जाएगी ।
कहते हुए मानवी भी अपने एग्जाम देने के लिए अंदर चली गई।
जैसे ही मानवी एग्जाम देकर घर पहुंची , उसकी मामी उसे देखते ही शुरू हो गई।
तुम्हारी लाडली कहती है कि पेपर देने जा रही हूं।
मगर कहां गुलशरे उड़ा रही है ,पीछे जाकर देखा तो लिया करो ।
इसके मां-बाप तो मर गए, मगर सारी जिम्मेदारी मुझ पर छोड़ गए ।
यह किसके साथ मुंह काला कर रही है ध्यान तो दिया करो।
लोग तो हमें ही कहेंगे ।
हुआ क्या क्यों बोल रही हो लड़की को ।
थकीहारी पेपर देकर आई है। उसके मामा ने कहा।
वह हर्ष का दोस्त आया हुआ है ,उसके साथ गई थी शहर।
तुम्हें नहीं पता मगर सारा गांव जानता है यह बात।
मेरी बस निकल गई थी मामा ।
मैं इसीलिए गई थी और कोई बात नहीं ।मानवी ने रोते हुए कहा।
आगे से ख्याल रखना मानवी।
यह गांव है ,बात हवा की तरह फैलती है।
उसकी मां उसे समझाने लगा। वह जानता था कि मानवी कैसी लड़की है।
अब शादी करो इसकी ।
पढ़ाई लिखाई में क्या रखा है। बहुत हो चुकी है इसकी बहुत पढ़ाई ।
शादी के बाद चूल्हा ही फूंकना हैं ।
क्या जरूरत है इतना पढ़ने की ।
इतने पैसे लगते हैं इसकी पढ़ाई पर।
मैं ढूंढती हूं इसके लिए रिश्ता ।उसकी मामी कहने लगी।
तुम खड़ी खड़ी क्या देख रही हो।
चल अंदर चल। पेपर भी तुम्हारे खत्म हो गए ।
जाकर शाम के खाने की तैयारी करो ।उसकी मम्मी ने उसे गुस्से से कहा।
प्लीज मेरी सीरीज पर कमेंट करें साथ में रेटिंग भी दे आपको मेरी सीरीज कैसी लग रही है कमेंट में बताएं मुझे फॉलो करना और भी देना याद रखें।