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Return of the devil girl

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Bhavya

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वाणी एक इमोशनलेस लड़की है। जिसका कारण है कुछ पुराने राज। अठारह साल बाद वो पहली बार अपने परिवार से मिलने जा रही है। वाणी के पांच भाइयों से कैसी होगी उसकी मुलाकात? और दूसरी तरफ है ईवान जो पहली ही मुलाकात में बन बैठा है वाणी का दुश्मन क्या वाणी खुद को ब...

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वाणी

Heroine

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ईवान

Hero

Total Chapters (30)

Page 1 of 2

  • 1. Return of the devil girl - Chapter 1

    Words: 959

    Estimated Reading Time: 6 min

    शाम का समय था, वाणी वर्मा परिवार के घर के सामने खड़ी थी। उसने एक गहरी सांस ली और अंदर चली गई।

    घर के आंगन में बीच में सफेद कपड़े पहने कुछ लोग बैठे थे। सामने एक बुजुर्ग महिला की तस्वीर थी जिसपर हार चढ़ा हुआ था।

    वाणी को देखते ही सबसे आगे बैठे हुए मिस्टर एंड मिसेज वर्मा की आंखों में हैरानी और गुस्सा था लेकिन क्योंकि बहुत सारे मेहमान वहां थे वो तो सिर्फ वाणी को घूर कर रह गए।

    वाणी ने उन दोनों को नजरंदाज किया और तस्वीर के सामने बैठ गई। इस परिवार मे वो बचपन से रही थी लेकिन सिर्फ दादी थी जो उसे सच में प्यार करती थी।

    मेहमानों के जाते ही सुधा वाणी पर चिल्लाने लगी, "अब क्यों आईं हैं यहां? तीन साल पहले घर से भाग गई थी ना? अब क्या करने आई है?"

    वाणी को बोलने का मौका दिए बिना वो फिर चिल्लाने लगी, "कहीं अपना हिस्सा मांगने तो नहीं आई? मैं बता रही हूं तुझे एक कौड़ी नहीं मिलेगी,,एक तो पहले ही इस बुढ़िया के अंतिम संस्कार में इतने पैसे खर्च हो गए,, पैसे क्या पेड़ पर उगते हैं? मरकर भी बुढ़िया ने पीछा नहीं छोड़ा,,"

    "बस बहुत हुआ दादी मां के अंतिम संस्कार में जितने पैसे लगे हैं वो मैं दे दूंगी आज रात मैं यहां रूकने वाली हूं मुझे डिस्टर्ब मत करना" कहकर वाणी चली गई। तीन साल पहले वो अपने मास्टर्स के साथ चली गई थी तब वो साथ में दादी मां को भी ले जाना चाहती थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया था उनका कहना था इसी घर में उनकी डोली आई थी और इसी घर से उनकी अर्थी जाएगी।

    वर्मा परिवार में सिर्फ दादी मां ने वाणी को प्यार दिया था बाकी सुधा और उसका पति किशोर एक नंबर के लालची और मतलबी इंसान थे।

    सुधा का मुंह खुला रह गया था, "क्या इसने ये कहा कि ये अंतिम संस्कार का खर्चा भरेगी?"

    किशोर ने सिर हिलाया, "मैंने भी यहीं सुना लेकिन इसके पास इतने पैसे आए कहां से?"

    "मुझे तो लगता है जरूर इसने किसी अमीर आदमी को फंसा रखा है" सुधा वाणी का खूबसूरत चेहरा याद करके बोली।

    दोनों की आंखों में लालच की चमक आ गई अब इस लड़की से पैसे ऐंठने होंगे।


    यहां वाणी दादी मां के कमरे में आकर उनकी एक एक चीज को छूकर उनका एहसास अपने दिल में उतार रही थी। वो आखिरी बार उन्हें देख भी नहीं पाई थी। तभी एक जोरदार आवाज के साथ खिड़की खुली और कोई अंदर आया, कोई घायल आदमी।

    वाणी झटके से मुड़ी, वो आदमी भी कमरे में किसी को देखकर चौंकना हो गया और वाणी के मुंह पर हाथ रख दिया कहीं वो चिल्ला ना दे। वाणी को किसी का भी टच पसंद नहीं था, उसकी सुंदर भौंहें तन गई उसने एक झटके से उस आदमी को धोबी पछाड़ खिला दी। और जब पलटकर देखा वो आदमी बेहोश हो गया था।

    इस सबमें इतनी आवाज हुई कि सुधा और किशोर वहां आ गए।

    "क्या खटर पटर मचा रखी है? रात में भी चैन नहीं है इस लड़की को" सुधा चिल्लाती हुई आई।

    दरवाजे की कुंडी खुली हुई थी। वाणी ने उस आदमी को किक मारकर बिस्तर के नीचे खिसका दिया। तभी सुधा वहां आ गई, "क्या हो रहा है यहां?"

    "मुझसे मेज गिर गई थी" वाणी ने शांत आवाज में कहा।

    "अब चुपचाप सो जाओ और हमें भी सोने दो"

    वाणी ने सिर हिलाया और सुधा के जाते ही दरवाजा बंद कर लिया।

    उसने उस आदमी को बाहर निकाला देखा तो उसके हाथ पर गोली लगी थी और एक उसके पेट पर जिसमें से बहुत तेजी से खून बह रहा था अगर समय पर इलाज नहीं हुआ तो ये आदमी सुबह का सूरज नहीं देख पाएगा।

    वैसे तो वाणी को इस आदमी को बचाने का बिल्कुल मन नहीं था। लेकिन अगर ये यहां मर गया तो उसके लिए परेशानी हो जाएगी।


    वाणी ने उसकी शर्ट निकाली और आधे घंटे में उसकी सर्जरी भी कर दी। उसे देखने से लग रहा था वो प्रोफेशनल सर्जन थी।

    वाणी खड़ी ही हुई थी कि उसका फोन बजने लगा देखा तो उसके सेकेंड मास्टर का फोन था।

    "तुम पहुंच गई? उन दोनों ने तुम्हें परेशान तो नहीं किया? हमने तुम्हारी असली फैमिली ढूंढ ली है मैं कार भेज रहा हूं तुम अपना वादा नहीं भूल सकती तुम्हें वहां जाना होगा,,"

    "मुझे सब याद है " वाणी की नजर उस आदमी की मस्क्यूलर चेस्ट पर गई लेकिन वाणी की आंखों में कोई इमोशन्स नहीं थे उसने उस आदमी की शर्ट उसपर डाली और वापस उस आदमी को बेड के नीचे धकेल दिया और खुद बिस्तर पर लेट गई।

    "तुम सुन भी रही हो??"

    "नहीं दोबारा बोलिए"

    "तुम!! देखो मैंने सबकुछ पता लगा लिया है मेहरा फैमिली बहुत अच्छी फैमिली है। तुम्हारे मां बाप से भी मैंने बात कर ली है वो तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और तुम्हारे पांच भाई भी है हर एक भाई जीनियस है अगर तुम्हारी जगह कोई और होता तो एक्साइटेड होकर नाच रहा होता और एक तुम हो इतनी अच्छी फैमिली मिलने के बाद भी तुम्हें कोई खुशी नहीं है" सेकेंड मास्टर ने शिकायत की।

    "आप जानते हैं मुझे किसी से मिलने में कोई इंट्रेस्ट नहीं है" वाणी की आवाज में अभी भी कोई भावना नहीं था ना गुस्सा, ना कोई उत्साह।

    "इसलिए तो तुम्हें वहां जाने की जरूरत है, जरूरत है भावनाओं को महसूस करने की इस दुनिया में बहुत खूबसूरत भावनाएं हैं प्यार, विश्वास, अपनापन, मां बाप का लाड़ प्यार, भाई बहनों की मस्ती, लेकिन तुम एक रोबोट की तरह हो हम नहीं चाहते तुम इसी तरह अपनी पूरी जिंदगी निकाल दो एक अठारह साल की लड़की चुलबुली और प्यारी होनी चाहिए तुम्हारे अंदर भी वो सारी भावनाएं हैं लेकिन तुम्हें बचपन से वो प्यार मिला ही नहीं हम सब चाहते हैं तुम वहां जाओ"


    "ओके"

  • 2. Return of the devil girl - Chapter 2

    Words: 609

    Estimated Reading Time: 4 min

    अगली सुबह वाणी ने सुधा को पैसे दिए, सुधा और किशोर वाणी से और पैसे ऐंठना चाहते थे लेकिन वाणी बहुत चालाकी से वहां से निकल गई थी।

    इसी समय दादी मां के कमरे में ईवान के बॉडीगार्ड्स उसे बेड के नीचे से निकाल रहे थे। ईवान के एक्सप्रेशन बहुत खतरनाक थे इतने की लग रहा था आसपास के दस किलोमीटर तक का एरिया बारूद से भरा हुआ है।


    "बॉस मालिक ने आपको तुरंत घर बुलाया है" - शम्भू कार के अंदर देखते हुए बोला। जहां ईवान आंखें बंद करके बैठा था। डॉक्टर उसका चेकअप कर रहे थे। ईवान की आंखों में एक ही सीन बार बार घूम रहा था कैसे उस लड़की ने पहले उसे धोबी पछाड़ दी और फिर किक मारकर बेड के नीचे धकेल दिया। हिम्मत कैसे हुई उसकी मेरे साथ ऐसा करने की? उसने मुझे किक मारी? हाओ डेर शी? और,,पूरी रात मुझे बेड के नीचे रखा??😡 ऐसा सोच सोचकर ईवान का दिमाग गर्म हो रहा था।

    "वैरी इंप्रेसिव" - वेलेस (ईवान का पर्सनल डॉक्टर) आश्चर्यचकित था - "आपका ट्रीटमेंट बहुत अच्छे से हुआ है"

    ईवान ने अपनी गहरी काली आंखें खोलकर अपने हाथ की ओर देखा 'तुम्हारे इस एहसान के लिए इस बार तुम्हें छोड़ रहा हूं लेकिन अगर तुम मुझे दोबारा मिली आय विल नोट स्पेयर यू'


    --


    वाणी मुंबई के लिए निकल गई। आज वो अठारह साल की थी और पहली बार अपने माता-पिता से मिलने वाली थी अपने पांच भाइयों से भी। वाणी इमोशनलेस थी उसे ना कोई उत्साह था ना कोई डर वो सिर्फ अपने मास्टर्स के लिए जा रही थी जो इस दुनिया में उसके लिए सबकुछ थे।


    मुंबई, मेहरा मेंशन


    रिद्धि (वाणी की मां) हॉल में चक्कर लगा रही थी। रिद्धि जी ने पिंक कलर की बनारसी साड़ी पहनी थी चालीस की उम्र में भी वो तीस की लगती थी। उनके चेहरे पर बैचेनी, खुशी, दुख, सभी भाव एकसाथ नजर आ रहे थे।


    उनके पति विराज सोफे पर बैठे थे उन्होंने वाइट कुर्ता पजामा पहना था वो बहुत रौबदार और आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक थे। अपनी पत्नी को आधे घंटे से चक्कर काटते देख उन्हें ही चक्कर आने लगे थे, "रिद्धि अब बस भी करो उसे लेने हमने ड्राइवर को भेजा है ना आ जाएगी वो"

    रिद्धि जी अपने पति पर भड़क उठी, "सब आपकी ग़लती है क्या जरूरत थी सिर्फ ड्राइवर को भेजने की हमें खुद जाना चाहिए था पता नहीं मेरी बच्ची क्या सोचेगी कि हमें उसकी कोई परवाह नहीं है"

    विराज जी ने सिर हिलाया तभी बाहर से बटलर की आवाज आई, "छोटी मेमसाब आ गई"

    रिद्धि भागते हुए दरवाजे तक गई। कार से एक लड़की बाहर निकली उसने वाइट शर्ट और ब्लैक पैंट्स पहनी थी कंधों तक काले बाल थे देखने में वो बेहद खूबसूरत थी जबकि उसने कोई मेकअप नहीं किया था ना कोई ज्वेलरी पहनी थी। वाणी बिल्कुल अपनी मां रिद्धि जैसी दिखती थी जैसे दोनों को एक ही सांचे से तराशा गया हो।

    वाणी जैसे ही अंदर आई रिद्धि ने उसका हाथ पकड़ने की कोशिश की जिसे वाणी ने अवाइड कर दिया उसे किसी का छूना बिल्कुल पसंद नहीं था।

    रिद्धि जी ने वाणी को गले लगा लिया उनकी आंखों में ख़ुशी के आंसू थे, "वाणी,,मेरी बच्ची" वाणी एकपल को फ्रीज हो गई वो रिद्धि को दूर करना चाहती थी लेकिन उसने अपनी मुठ्ठियां कसकर खुद को ऐसा करने से रोक लिया। कुछ तो था जो उसने पहली बार महसूस किया था।

    रिद्धि वाणी से अलग हुई और वाणी को विराज के पास ले जाकर बोली, "वाणी ये तुम्हारे पापा है"

    वाणी ने विराज की तरफ भावहीन नजरों से देखा।

    "रूक जाओ रिद्धि कुछ भी कहने से पहले हमें डीएनए टेस्ट करना होगा" विराज जी के चेहरे पर गंभीर भाव थे।

  • 3. Return of the devil girl - Chapter 3

    Words: 688

    Estimated Reading Time: 5 min

    "रूक जाओ रिद्धि कुछ भी कहने से पहले हमें डीएनए टेस्ट करना होगा" विराज जी के चेहरे पर गंभीर भाव थे।


    रिद्धि की आंखें हैरानी से फ़ैल गई, "ये क्या कह रहे हैं आप? मैं महसूस कर सकती हूं वाणी हमारी ही बेटी है एक मां अपने बच्चे को पहचानने में कभी ग़लत नहीं हो सकती"

    विराज जी अपनी पत्नी की तरह इमोशनल स्वभाव के नहीं थे, "हो सकता है इस लड़की ने प्लास्टिक सर्जरी करवाई हो तुम्हारे जैसा दिखने के लिए जिससे हमें इसपर शक ना हो"

    वाणी की आंखें जो पहले भावहीन थी अब सर्द हो गई थी, उसने अपना हाथ आगे कर दिया और अपनी इमोशनलेस आवाज में बोली, "कर लीजिए जो टेस्ट करना है"

    ये देखकर रिद्धि जी की आंखों में आंसू आ गए।


    विराज जी भी ग़लत नहीं थे पिछले कुछ सालों में दो तीन केस ऐसे हो चुके थे जहां लोगों ने इस बात का फायदा उठाने की कोशिश की कि मेहरा फैमिली अपनी खोई हुई बेटी को ढूंढ रहे हैं। इसलिए वो कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे।

    रिद्धि जी की आंखों में आंसू देखकर वाणी का दिल नर्म पड़ गया। कुछ ही समय में टेस्ट रिपोर्ट आ गई जिसमें साबित हो गया वाणी उनकी सगी बेटी है। रिपोर्ट देखकर विराज जी भी मुस्कुरा दिए, "फायनली हमारी फैमिली पूरी हो गई"

    "वाणी तुम्हारा कमरा मैंने तैयार करवा दिया है तुम जाकर आराम करो आज रात का डिनर हम सब साथ करेंगे मैंने तुम्हारे सभी भाईयों को बुला लिया है" रिद्धि जी प्यार से बोली।

    वाणी ने सिर हिलाया और ऊपर चली गई सेकेंड फ्लोर पर उसका कमरा था जिसके फर्नीचर और डेकोरेशन से लग रहा था सबकुछ अभी लिया गया हो।

    वाणी थकी हुई नहीं थी अपना सामान वार्डरोब में रखकर वो बाहर आ गई। अपने कमरे से निकलकर कुछ कदम चलते ही नीचे का लिविंग रूम दिखता था जहां अभी अभी एक लड़की अंदर आई थी।

    उस लड़की ने ब्लैक कलर की स्टाइलिश ड्रेस पहनी थी और चेहरे पर लाइट मेकअप था।

    सोफे पर बैठे रिद्धि जी और विराज की देखकर वो मुस्कुराते हुए अंदर आई, "मॉम डैड"

    ये थी नताशा जिसे मेहरा परिवार ने गोद लिया था।

    विराज जी नताशा को देखकर मुस्कुराए, "नताशा आओ यहां"

    नताशा उनके पास बैठ गई।

    "तुम्हारे लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है" रिद्धि जी बोली।

    "कैसी खुशखबरी मॉम?"

    "वाणी मिल गई"

    "वाणी?" नताशा के चेहरे पर कंफ्यूजन के भाव थे।

    "हमारी बेटी वाणी जिसे हम इतने सालों से ढूंढ रहे थे" रिद्धि जी खुश होकर बोली।

    नताशा का चेहरा पीला पड़ गया। वो वाणी जो इस घर की सगी बेटी है? अगर वो वापस आ गई तो उसका क्या होगा उनकी गोद ली हुई बेटी का??

    उसी समय वाणी सीढ़ियों से नीचे आ रही थी। नताशा ने सिर उठाकर उसे देखा और उसकी मुठ्ठियां कस गई। सिंपल सी टी-शर्ट लोवर और कंधे तक के काले बालों में दोनों हाथों को पॉकेट में डाले भी वो एलिगेंट लग रही थी।

    नताशा ने अपने इमोशन्स कंट्रोल किए और रिद्धि जी से बोली, "आपको यकीन है मॉम ये वाणी ही है? कोई बहरूपिया नहीं?"

    "वाणी आओ मम्मी के पास" रिद्धि जी वाणी को देखते ही नताशा को भूल गई थी इसलिए नताशा के सवाल पर भी उनका ध्यान नहीं गया।

    नताशा के मन में ईर्ष्या भर उठी। मॉम ने उसे हमेशा मां का प्यार दिया लेकिन अपनी असली बेटी मिलते ही ये मुझे भूल गई? क्या अब इस घर में सबका प्यार बंटने वाला है?

    विराज जी नताशा के एक्सप्रेशन नोटिस कर रहे थे वो भौंहें सिकोड़कर बोले, "हमने डीएनए टेस्ट कर लिया है वाणी हमारी बेटी है इसमें कोई संदेह नहीं है और तुम उसकी बड़ी बहन हो इसलिए तुम्हें ही वाणी का ध्यान रखना है"

    नताशा ने झूठी मुस्कान दी, "अफ्कोर्स डैड मैं वाणी का बहुत ध्यान रखूंगी"

    नताशा वाणी की तरफ देखकर बोली, "हैलो वाणी मैं तुम्हारी बड़ी बहन हूं नताशा मेहरा आज से इस घर में एक नहीं दो दो बेटी होंगी हाओ वंडरफुल" नताशा की बातों में व्यंग्य था।

    वाणी इमोशनलेस थी लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं था उसे सही ग़लत की पहचान नहीं थी नताशा से उसे कोई अच्छी फीलिंग नहीं आ रही थी, वाणी ने सिर्फ सिर हिला दिया।

  • 4. Return of the devil girl - Chapter 4

    Words: 524

    Estimated Reading Time: 4 min

    वाणी की कोल्ड पर्सनेलिटी देखकर नताशा को बुरा नहीं लगा बल्कि अच्छा लगा। मुझे कुछ करने की जरूरत ही नहीं है जब पांचों भाई का गुस्सा देखेगी तो खुद ही दुम दबाकर भाग जाएगी।

    उसी समय बटलर वहां आया, "मेडम शौर्य बाबा (वाणी के सबसे बड़े भाई) का फोन आया था उनकी आज जरूरी मीटिंग है तो वो आज रात डिनर के लिए घर नहीं आ पाएंगे"

    "क्या?" रिद्धि जी हैरानी से खड़ी हो गई तभी बटलर आगे बोला, "और लक्ष्य बाबा (वाणी का दूसरा भाई) का आज कॉम्पिटिशन है तो वो भी नहीं आएंगे"

    रिद्धि की भौंहें सिकुड़ गई, "रियान(तीसरा बेटा) ने भी फोन किया था कि वो और विवान(चौथा बेटा) बिजी हैं वो भी नहीं आएंगे" रिद्धि जी गुस्सा हो गई, "आखिर चल क्या रहा है? क्या मेरे बेटों के पास इतना भी समय नहीं है कि साथ में डिनर कर सके?"

    पांचवां बेटा आदित्य भी अपनी फिल्म की शूटिंग के लिए इंडिया से बाहर गया हुआ था मतलब वो भी नहीं आएगा मतलब पांचों भाइयों में से एक भी नहीं आने वाला? नताशा अंदर ही अंदर हंसी से लोटपोट हो रही थी। इसे कहते है करारा तमाचा। किसी भी भाई को अपनी सगी बहन के आने की कोई खुशी नहीं है।

    "मैंने पहले ही पांचों को बता दिया था फिर भी एक ने नहीं सुनी आने दो इनको खबर लेती हूं इनकी अच्छे से" रिद्धि जी का गुस्से में तमतमाया चेहरा देखकर नताशा के दिल को बहुत ठंडक मिल रही थी।

    "अब शांत भी हो जाओ सब बिजी हैं साथ में डिनर तो हम किसी और दिन भी कर सकते हैं" , विराज जी बोले।

    "बात डिनर की नहीं है आज का दिन स्पेशल है आज वाणी का हमारे घर में पहला दिन है" रिद्धि जी बोली।

    वाणी को सिर्फ अपनी मां से अपनापन महसूस हो रहा था उन्हें गुस्से में देखकर वो अपनी इमोशनलेस आवाज में बोली, "आप गुस्सा क्यों हो?"

    रिद्धि जी हैरान रह गयी जबसे वाणी आई थी ये उसका पहला वाक्य था। और रिद्धि जी महसूस कर पा रही थी उनकी बेटी जितनी सख्त दिखती है उतनी है नहीं उसे उनकी फ़िक्र है।

    "मैं तुम्हारे भाईयों पर गुस्सा हूं आज तुम्हारा इस घर में पहला दिन है और कोई भी तुम्हें वेलकम करने नहीं आया"

    वाणी को समझ नहीं आया इसमें गुस्सा या नाराज होने की क्या बात है? फिर भी अपनी मां का गुस्से से लाल चेहरा देखकर उसने कहा, "इट्स ओके मुझे बुरा नहीं लगा आप भी गुस्सा मत करो"

    रिद्धि जी को अपनी बेटी पर बहुत प्यार आया। कितनी क्यूट और समझदार है उनकी बेटी।

    वाणी का फोन बार बार बज रहा था जिसे उसने इरिटेट होकर उठाया और अपनी मां से बोली, "मैं बात करके आती हूं"

    "जाओ बेटा" रिद्धि जी ने प्यार से कहा।

    वाणी चली गई। विराज जी को वाणी का सख्त स्वभाव बिल्कुल पसंद नहीं आया। लड़कियां तो भोली भाली प्यारी सी होनी चाहिए बिल्कुल नताशा की तरह। और वाणी में इतना एटिट्यूड है।

    वहीं नताशा खुद परेशान थी उसे लगा था भाईयों के ना आने की खबर सुनकर वाणी रोएगी लेकिन इसे तो कुछ फर्क ही नहीं पड़ा। ये जैसी दिखती है वैसी है नहीं। मुझे सावधान रहना होगा।

  • 5. Return of the devil girl - Chapter 5

    Words: 1429

    Estimated Reading Time: 9 min

    वाणी ने फोन उठाया, "मरना है क्या?"

    "वाणी थैंक गॉड तूने फोन उठा लिया आर्या बता रही थी तू मुंबई में है?" कार्तिक की एक्साइटेड आवाज आई।

    वाणी ने अपनी भौंहें उचकाई, 'इस आर्या के पेट में कोई बात नहीं रूकती' , "बोलो नहीं तो मैं फोन रख रही हूं"

    "नहीं नहीं मैं बोल रहा हूं ये मेरी जिंदगी मौत का सवाल है,, मैंने बताया था ना डेमन्स क्लब के बारे में? उनके साथ आज हमारे टर्बो टाइटन्स का मैच है और हमारे जितने के चांस बहुत कम है तुम्हें आना होगा"

    "मैं नहीं आ रही"

    "प्लीज़ वाणु प्लीज प्लीज,, तुम्हें इस रेस के पांच गुना ज्यादा पैसे मिलेंगे प्लीज़ हमारी इज्जत का सवाल है" कार्तिक बेशर्मी से गिड़गिड़ाया।

    वाणी ने कुछ पल सोचा वैसे भी वो घर पर बोर हो रही थी, "ओके टाइम और लोकेशन भेजो"

    कार्तिक खुशी से उछल पड़ा।

    "मैं तुझे लेने आ जाऊंगा"

    "मैं खुद आ जाऊंगी" वाणी ने फोन रखा और अपने कमरे में चली गई।

    वो एक मेडिकल बुक पड़ रही थी कि दरवाजे पर दस्तक हुई।

    "कम इन"

    रिद्धि जी अंदर आई उनके हाथ में दूध का गिलास था।

    वाणी ने दूध पी लिया। उसने देखा उसकी मां बहुत परेशान लग रही है, "क्या हुआ?"

    "वाणी तुम अपने भाईयों से नाराज़ मत होना तुम्हारे पांचों भाई बहुत अच्छे हैं और तुम्हारा दूसरा भाई लक्ष्य तो मुंबई में ही है उसका कोई रेसिंग कॉम्पिटिशन चल रहा है एक हफ्ते से वो घर नहीं आया"

    वाणी के दिमाग की घंटी बजी 'कही ये वही रेसिंग कॉम्पिटिशन तो नहीं?', "कौनसा कॉम्पिटिशन?"

    "तुम्हारे भैया ने एक रेसिंग टीम बनाई है डेमन्स क्लब उसी का आज रात दूसरी टीम के साथ कॉम्पिटिशन है मैं लक्ष्य से कहूंगी तुम्हें भी अपने साथ ले जाकर वहां घूमाए"

    व्हाट अ कोइंसिडेंस!

    वाणी ने कुछ पल सोचा, उसके भैया ने कौन सा उसे कभी देखा है? वो उसे पहचान ही नहीं पाएंगे और इतने सारे पैसे कमाने का मौका वो यूंही नहीं छोड़ सकती।

    "क्या तुम गुस्सा हो?" रिद्धि जी वाणी को सोच में गुम देखकर बोली।

    "नहीं इतनी छोटी सी बात के लिए मैं गुस्सा नहीं हो सकती डोंट वरी"

    "देट्स गुड,, अच्छा अब तुम सो जाओ किसी भी चीज की जरूरत है तो मुझे बुला लेना"

    वाणी ने सिर हिलाया।

    रात को जब सब सो गए वाणी घर से बाहर निकल गई। गार्ड क्योंकि वाणी को जानता था उसने उसे नहीं रोका। वाणी नहीं जानती थी नताशा के कमरे की लाइट्स ऑन थी और उसने उसे बाहर जाते हुए देख लिया था।

    नताशा के होंठों पर कुटिल मुस्कान आ गई, "मुझे तो लगा था तू बहुत होशियार है पर तू एक नंबर की डफर निकली अब देख मैं क्या करती हूं" आज डैड कैसे वाणी के व्यवहार से असंतुष्ट थे ये नताशा ने देख लिया था अब बस जरूरत थी उस चिंगारी को भड़काने की।

    वाणी टेक्सी लेकर रेसिंग लोकेशन पर पहुंच गई। कार्तिक बाहर ही उसका इंतजार कर रहा था।

    "वाणी माय सेवियर" कार्तिक उसे अंदर ले गया।

    अंदर का नजारा देखकर वाणी कुछ एक्साइटेड आवाज में बोली, "नोट बेड"

    "ये यहां का सबसे बड़ा रेसिंग एरीना है लक्ष्य ने खुद इसमें इंवेस्ट किया है" कार्तिक बोला।

    वाणी के चेहरे पर कंफ्यूजन के भाव देखकर वो हैरान हो गया, "डोंट टेल मी तू लक्ष्य को नहीं जानती? ही इज़ गॉड ऑफ रेसिंग"

    "क्या मेरा जानना जरूरी है?" वाणी ने भौंहें उचकाई। कार्तिक की बोलती बंद हो गई।


    इस बार डेविल्स क्लब से सीधा लक्ष्य आने वाला था इसलिए टर्बो टाइटन्स घबरा गए थे। लक्ष्य से टक्कर लेने वाला उनकी टीम में कोई नहीं था। इसलिए आज कार्तिक ने हुक्म का इक्का निकाला था।


    "वो है लक्ष्य?" वाणी नीचे सिल्वर रेस सूट वाले आदमी को देखकर बोली।

    "हां वही है क्या तुम मेरे लिए उससे एक ऑटोग्राफ ले सकती हो?"

    "नो" वाणी ने हेलमेट पहना और कार का डोर ओपन करके अंदर बैठ गई।


    तभी डेविल्स क्लब के कुछ मेंबर्स जिन्होंने वाणी को देख लिया था आपस में बोलने लगे,

    "तो इसे बुलाया है टर्बो टाइटन्स ने?"

    "ये तो एक लड़की है क्या ये गॉड ऑफ रेसिंग से मुकाबला कर पाएगी?"

    "पर जो भी कहो है बहुत हॉट"


    कार्तिक का चेहरा गुस्से में लाल हो गया। वो उनसे भिड़ने ही वाला था कि वाणी ने हाथ दिखा दिया, "इनकी बोलती खुद बंद हो जाएगी"


    यहां लक्ष्य ने भी अपनी टीम को डांटा, "जस्ट शट योर माउथ"

    सब डरकर चुप हो गए।


    रेड रेसिंग कार ट्रैक पर आ गई थी। इसी के साथ सिल्वर रेसिंग कार भी उसके बराबर में खड़ी हो गई थी। लक्ष्य ने जब ड्राइविंग सीट की तरफ देखा उस लड़की की आंखों में कोंफीडेंस देखकर लक्ष्य बहुत एक्साइटेड हो गया।


    क्योंकि आज लक्ष्य रेसिंग करने वाला था देखने वालों की भीड़ बहुत ज्यादा थी।

    काउंट डाउन पूरा होते ही दोनों कार गन में से बुलेट की तरह निकल पड़ी। लोगों की हूटिंग शुरू हो गई।


    वाणी को तेज स्पीड बहुत एक्साइट करती थी। लेकिन उसकी रेड स्पोर्ट्स कार लक्ष्य की सिल्वर स्पोर्ट्स कार से एक निश्चित दूरी पर पीछे थी। ना ये दूरी कम हो रही थी ना बढ़ रही थी। लक्ष्य जानता था ये लड़की उसकी टक्कर की है।

    "ये लड़की है तो कमाल"

    "कमाल है लेकिन हमारे लक्ष्य से आगे नहीं निकल सकती"

    कार्तिक गुर्राया, "वो इसलिए क्योंकि उसने अभी अपनी पूरी ताकत नहीं दिखाई"

    इस बार का चैलेंज ट्रैक था जो बहुत ही घूमावदार और टेढ़ा-मेढ़ा रास्ता था। सबसे पहला मोड़ आ गया था जिसे वाणी ने खूबसूरती से पार कर लिया था लेकिन अभी भी वो लक्ष्य से पीछे थी।

    अब कार्तिक को भी डर लगने लगा था 'कमोन वाणी मुझे डराना बंद करो अगर तुम लक्ष्य से इसी तरह पीछे रही तो हम पक्का हार जाएंगे' और शायद वाणी ने कार्तिक की बात सुन ली थी क्योंकि आगे के लगातार डैंजरस मोड़ देखकर उसके होंठों पर डेविल स्माइल आ गई थी।

    जहां सब रेसर को स्पीड कम करनी पड़ती है वहां वाणी ने एक्सीलेटर दबाया और उसकी रेड स्पोर्ट्स कार आग की गोले की तरह नजर आने लगी।

    लक्ष्य भी चौंक गया, "शी इज़ क्रेज़ी मरना है क्या इसे"

    आगे लगातार खतरनाक मोड़ थे जिसपर जरा सी भी ग़लती और कार सीधा खाई में गिरती।


    जहां सबकी सांसें अटकी हुई थी वाणी ने फिनिशिंग लाइन क्रोस कर दी थी।

    "व्हाट अ मिरेकल!! शी वोन!! टर्बो टाइटन्स जीत गए टर्बो टाइटन्स ने गॉड ऑफ रेसिंग को हरा दिया" होस्ट इतना एक्साइटेड था कि उससे बोला भी नहीं जा रहा था।


    वाणी जैसे ही कार से निकली मीडिया उसकी फोटोज़ क्लिक करने लगी। वाणी ने अभी भी हेलमेट पहना था जिससे उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था। कार्तिक वाणी को मीडिया से बचाते हुए बाहर ले आया तभी लक्ष्य अपना हेलमेट मैनेजर को पकड़ाकर भागते हुए वाणी के पास आया, "केन वी टॉक? क्या तुम हमारी टीम ज्वाइन,,"

    "नो" लक्ष्य की बात पूरी हुए बिना ही वाणी उसे रिजेक्ट करके आगे बढ़ गई।

    लक्ष्य ने अपने मैनेजर को ब्लैंक नजरों से देखा, "इसने मुझे रिजेक्ट किया? रियली?"

    मैनेजर ने सिर हिलाया।

    "मुझे इसकी सारी इंफोर्मेशन चाहिए"

    "ओके बॉस"



    "वाणी यू आर सो कूल मुझे ये तो पता ही था तू जीत जाएगी पर इतने कूल स्टाइल में? मजा ही आ गया पता है आज का परफॉर्मेंस लक्ष्य का बेस्ट परफॉर्मेंस था फिर भी वो हार गया" कार्तिक वाणी की तारीफ करते थक ही नहीं रहा था। उसके हिसाब से वाणी एकदम परफेक्ट थी ना सिर्फ उसे रेसिंग आती थी वो मार्शल आर्ट्स में भी चैंपियन थी और इतनी कम उम्र में मेडिकल जीनियस भी और सोने पर सुहागा उसकी खूबसूरती।


    वाणी को लगा जैसे कोई उसे देख रहा है वाणी ने सिर घुमाया एक आदमी उसे देख रहा था लेकिन अंधेरे के कारण वाणी को उसका चेहरा नहीं दिखा वाणी उसे इग्नोर करके कार में बैठ गई। ये देखकर ईवान की भौंहें तन गई 'शी इग्नोर मी? हाओ केन शी?'


    ईवान यहां अपने एक दोस्त की जिद्द पर मैच देखने आया था पर यहां उसकी मुलाकात वाणी से हो गई थी।

    शम्भू ने जब देखा ईवान अभी भी उस कार की तरफ देखे जा रहा है वो बोला, "बॉस उस लड़की को पकड़कर लाना है?"

    "नहीं मुझे उसकी सारी इन्फोर्मेशन चाहिए" ईवान के होंठों पर डेविल स्माइल थी।


    ---



    वाणी घर पहुंची लाइट्स ऑन थी और लिविंग रूम में विराज जी और नताशा एकसाथ गंभीर चेहरे लिए बैठे थे और एक तरफ डरी सहमी सी रिद्धि जी बैठी थी।

    वाणी को आते देख विराज जी गुस्से में बोले, "कहां गई थी इतनी रात को? रात के एक बज रहे हैं"

    नताशा चिंता भरे चेहरे से, "आते ही तुमने दोस्त भी बना लिए? कहीं तुम किसी बुरी लत में तो नहीं पड़ गई ना? मुझे तो बहुत डर लग रहा है डैडी"

  • 6. Return of the devil girl - Chapter 6

    Words: 711

    Estimated Reading Time: 5 min

    वाणी को आते देख विराज जी गुस्से में बोले, "कहां गई थी इतनी रात को? रात के एक बज रहे हैं"

    नताशा चिंता भरे चेहरे से, "आते ही तुमने दोस्त भी बना लिए? कहीं तुम किसी बुरी लत में तो नहीं पड़ गई ना? मुझे तो बहुत डर लग रहा है डैडी"

    "कुछ भी बोले जा रही हो?" रिद्धि जी ने नताशा को डांट लगाई और वाणी के पास आकर प्यार से कहा, "वाणी कहां गई थी तुम? मैं कितना परेशान हो गई थी तुम मेरा फ़ोन भी नहीं उठा रही थी?"

    "कुछ काम था मैं ठीक हूं अपने कमरे में जाकर रेस्ट करना चाहती हूं" वाणी ने अपनी भावहीन आवाज में कहा। वो आजाद पंछी थी इस तरह के सवाल जवाब की उसे बिल्कुल आदत नहीं थी।

    विराज जी गुस्से में उठ खड़े हुए, "ये क्या तरीका है? यहां हम सब तुम्हारी चिंता कर रहे हैं और तुम हमें ये एटिट्यूड दिखा रही हो?"

    वाणी की आंखें सर्द हो गई।

    रिद्धि जी ने तुरंत दोनों को शांत कराया, "अब आ गई है ना बच्ची सही सलामत हमारे लिए यहीं बहुत है" फिर उन्होंने वाणी की तरफ देखा, "तुम्हारे डैड सही कह रहे हैं तुम्हें कम से कम बताकर जाना चाहिए था आगे से ध्यान रखना, ओके?"

    वाणी ने सिर हिलाया और ऊपर चली गई।

    नताशा खुश थी भलेही इस बार मॉम ने वाणी को बचा लिया लेकिन शक का बीज मैंने बो दिया है एक ना एक दिन तो वाणी का काम तमाम होकर रहेगा।


    वाणी के जाने के बाद ही लक्ष्य भी घर आया, उसे देखकर विराज जी डांटते हुए बोले, "ये कोई समय है घर आने का?"

    "क्या बात है? लेट नाइट मीटिंग चल रही है क्या?" लक्ष्य कूल अंदाज में बोला।

    ये देखकर रिद्धि जी गुस्से में बोली, "अब आ रहा है तू? तुझसे कहा था वाणी आ रही है उससे मिलना है लेकिन नहीं,,साहब को अपनी रेस से फुर्सत मिले तब ना?"

    "मम्मी मेरी प्यारी मम्मी आप ना हंसते हुए ज्यादा अच्छी लगती हो" लक्ष्य रिद्धि जी को गले लगाकर बोला।

    "हट बदमाश,," रिद्धि जी ने उसे आंखें दिखाई और विराज जी के साथ ऊपर चली गई।

    नताशा लक्ष्य के पास आई, "भैया,,"

    लक्ष्य ने सिर हिलाया, "क्या बातें चल रही थी?"

    नताशा को यहीं तो मौका चाहिए था उसने वाणी की बात बढ़ चढ़ाकर बता दी हालांकि इससे लक्ष्य को कोई खास फर्क नहीं पड़ा क्योंकि वो कभी वाणी से मिला नहीं था।


    अगली सुबह वाणी ने ट्रैक सूट पहना उसकी मॉर्निंग एक्सरसाइज की आदत थी। और मेहरा मेंशन में तो बहुत बड़ा गार्डन भी था जो उसकी प्रेक्टिस के लिए परफेक्ट था।

    वाणी अपने कमरे से बाहर निकली उसी समय लक्ष्य भी ट्रैक सूट पहने अपने कमरे से निकला।

    "तुम वाणी हो?"

    वाणी ने सिर हिलाया। शायद लक्ष्य ने उसे पहचाना नहीं था।

    वाणी नीचे जाने लगी तो लक्ष्य भी उसके पीछे भागा, "मॉर्निंग एक्सरसाइज के लिए जा रही हो साथ में चलते हैं" पता नहीं कैसे लक्ष्य के मुंह से ये सब निकल गया। जबकि नताशा ने कितनी बार कोशिश की लेकिन लक्ष्य उसे अपने साथ कभी नहीं लेकर गया था।

    "मार्शल आर्ट्स प्रेक्टिस" वाणी गार्डन में आ चुकी थी।

    "तुम्हें मार्शल आर्ट्स आता है?" लक्ष्य चौंक गया।

    जवाब में वाणी आलरेडी अपने मूव्स प्रेक्टिस करने लगी थी, उसकी वो स्ट्रैट किक, वो हैवी पंच, लक्ष्य की बोलती बंद हो गई। वो बस मुंह खोले उसे देखे जा रहा था।

    "मुझे ही देखना है या एक्सरसाइज भी करनी है?" वाणी हैंड टॉवल से अपने माथे का पसीना पोंछकर बोली।

    लक्ष्य झेंप गया, "आज के लिए छुट्टी" लक्ष्य ने अपनी बोटल से पानी का सिप लिया देखा वाणी के पास पानी नहीं था उसने अपनी बोटल आगे की। जिसे देखकर वाणी के होंठ सिकुड़ गए और वो सीधे अंदर जाने लगी।

    लक्ष्य हैरानी से उसके पीछे भागा, "क्या तुम इसलिए नहीं पी रही ये मेरा झूठा पानी है? कमोन हम ब्रदर सिस्टर है"

    "नो थैंक्स" वाणी ने बिना उसकी तरफ देखे कहा।

    "कहीं तुम मायसोफोबिक तो नहीं?"

    "तुम्हें कैसे पता?" वाणी ने उसे देखा।

    "ओह तो तुम्हें सच में मायसोफोबिया है रियान को भी है" लक्ष्य मुस्कुराकर बोला।

    वहीं उन दोनों को इस तरह साथ में अंदर आते देखकर नताशा जल भुन कर राख हो गई। ये तो बड़ी चालाक निकली आते ही लक्ष्य पर अपना जादू चला दिया 😡 लेकिन ये हुआ कैसे?

  • 7. Return of the devil girl - Chapter 7

    Words: 576

    Estimated Reading Time: 4 min

    उन दोनों को इस तरह साथ में अंदर आते देखकर नताशा जल भुन कर राख हो गई। ये तो बड़ी चालाक निकली आते ही लक्ष्य पर अपना जादू चला दिया 😡 लेकिन ये हुआ कैसे?

    वहीं रिद्धि जी दोनों भाई बहन को साथ देखकर बहुत खुश हुई। लिविंग रूम में सोफे पर बैठे विराज जी अखबार पढ़ रहे थे, वाणी ने रूककर उन्हें देखकर सिर हिलाया। उसने बहुत सोचा और इस नतीजे पर पहुंची कि उसकी मां सही कह रही थी उसे अपनी आदतें बदलनी होंगी उसके पिता उससे बड़े हैं और उसे उनका सम्मान करना चाहिए।

    विराज जी भी वाणी के लिए सम्मान से खुश थे।

    तभी नताशा तेज आवाज में बोली, "वाह वाणी कल रात इतनी लेट आई और आज सुबह इतनी जल्दी उठ गई?"

    "मुझे आदत है" कहकर वाणी अपने कमरे में शॉवर लेने चली गई।

    लक्ष्य भी चला गया उसे लगा नताशा अजीब बिहेव कर रही है।


    ब्रेकफास्ट के बाद रिद्धि वाणी को जबरदस्ती शोपिंग के लिए ले गई। वाणी यहां सिर्फ एक छोटा सा बेग लेकर आई थी ये देखकर रिद्धि को बहुत दुख हुआ। मेहरा फैमिली की राजकुमारी के पास ढंग के कपड़े भी ना हो ऐसा कैसे हो सकता है?


    लक्ष्य भी उनके साथ जाना चाहता था लेकिन उसे अपनी टीम का कुछ काम आ गया उसे उस मिस्ट्री गर्ल को भी ढूंढना था जिसने उसे हरा दिया था।


    यहां ईवान भी काफी बिजी था पहले तो अपने ऊपर हुए हमले का बदला लेना और फिर कंपनी का काम।

    आज वो क्लब में अपने दोस्त सार्थक से मिलने आया था।

    सार्थक के पास एक लड़की चिपककर बैठी थी। जिसे देखकर ईवान की भौंहें सिकुड़ गई। सार्थक ने उस लड़की को इशारा किया और वो मुंह बनाकर चली गई।


    "कैसा है अब?"

    ईवान ने वाइन का गिलास उठाया और आंखें बंद करके लेजी मगर सेक्सी आवाज़ में बोला, "परेशान हूं"

    "परेशान और तू? कौन है वो बंदा जो ईवान सिंह राठौड़ को परेशान कर सकता है?"

    तभी शम्भू अंदर आया, "बॉस इंफोर्मेशन मिल गई है"

    "कंटिन्यू" ईवान ने वैसे ही आंखें बंद किए कहा।

    "वो मिस वाणी मेहरा है आपकी फियांसे" शम्भू थोड़ा डरते हुए बोला। ईवान की आंखें एकदम से खुल गई, "माय फियांसे?"

    पर वो फियांसे तो बचपन से लापता थी ना? इसका भी शम्भू ने तुरंत जवाब दे दिया, "वो वापस मिल गई है"

    "इंट्रेस्टिंग" ईवान की होंठों पर एविल स्माइल आ गई। उसने अपने हाथ में पकड़ा वाइन का गिलास घुमाया और उसकी आंखों के सामने वाणी की कोल्ड एंड इमोशनल आंखें घूम गई जो बहुत मिस्टीरियस थी जैसे उनमें बहुत राज छिपे हो।

    "आखिर चल क्या रहा है कोई मुझे भी बताएगा?" सार्थक चिढ़कर बोला। ईवान ने उसे सबकुछ बताया सिवाय इस बात को छोड़कर कि वाणी ने उसे बेड के नीचे धकेल दिया था। आखिर उसकी इमेज का सवाल था।

    सब सुनकर सार्थक हंसने लगा, "कुछ तो खास है इस लड़की में और मुझे लगता है तुम दोनों की किस्मत जुड़ी हुई है तभी तो वो तेरी फियांसे निकली"

    "किस्मत का तो पता नहीं लेकिन उससे हिसाब बराबर जरूर करना है"

    ---


    रिद्धि जी किचन में सर्वेंट्स के साथ खाना बना रही थी, तभी विराज जी गुस्से में दहाड़ते हुए अंदर आते हैं,

    "कहां है वाणी?? वाणी!!!"

    रिद्धि जी जल्दी से हाथ धोकर बाहर आती है, "क्या हुआ क्यों चिल्ला रहे हैं?"

    "सब तुम्हारी लाडली बेटी की वजह से" विराज जी ने अपने हाथ में पकड़ी फाइल उन्हें पकड़ा दी, "खुद ही देख लो"

    रिद्धि जी ने जब पढ़ा उनकी आंखें चौड़ी हो गई।

  • 8. Return of the devil girl - Chapter 8

    Words: 506

    Estimated Reading Time: 4 min

    "आपने वाणी को इंवेस्टीगेट किया? वो हमारी बेटी है" रिद्धि जी अविश्वास से बोली।

    "बेटी है इसलिए हमारा जानना जरूरी है कि वो कहां रही कैसे रही" विराज जी ने आगे गुस्से में कहा, "देखा तुमने बचपन से ही उसका कितना गन्दा रिकॉर्ड है? अपने क्लासमेट्स के साथ झगड़ना, टीचर्स से बहस करना और तो और फाइटिंग करना हर ग़लत काम में नंबर वन हैं वो"

    "तो उसमें उस नादान की क्या ग़लती है? वो तो बच्ची है लेकिन हम मां बाप होकर भी उसकी रक्षा नहीं कर पाए पता नहीं क्या क्या सहा होगा मेरी बच्ची ने,,और आप,,आप उसे ही कोस रहे हैं?" रिद्धि जी की आंखों में आंसू देखकर विराज जी घबरा गए, "तुम रो क्यों रही हो? आओ बैठो" उन्होंने अपनी पत्नी को सोफे पर बिठाया और पानी दिया।

    तभी बाहर से नताशा आई और माहौल गर्म देखकर बोली, "क्या हुआ मॉम?"

    "कुछ नहीं तुम जाकर किचन देखो हम अभी आते हैं" रिद्धि जी ने फाइल उठाई और विराज जी के साथ ऊपर कमरे में चली गई। नताशा शक भरी नजरों से उस फाइल को देखने लगी।



    ---

    शाम को लक्ष्य और शौर्य दोनों समय से घर आ गए। शौर्य सबसे बड़ा था। देखने में वो हैंडसम और मेच्योर था। फैमिली बिजनेस वहीं संभालता था। आज जब रिद्धि जी वाणी को लेकर मॉल गई जो मेहरा फैमिली का ही मॉल था, शौर्य ने अपनी बहन वाणी को देखा था और उसके दिल में भी वाणी का अच्छा इंप्रेशन था।

    लक्ष्य ने पता लगाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसे उस मिस्टीरियस लड़की का कुछ पता नहीं चला।

    लक्ष्य और शौर्य खाने के वक्त वाणी का बहुत ध्यान रख रहे थे तभी विराज जी एकदम से कहते हैं, "वाणी खाने के बाद स्टडी रूम में मिलना मुझे तुमसे बात करनी है"

    रिद्धि जी ने विराज जी आंखें दिखाई लेकिन उन्होंने उन्हें नजरंदाज कर दिया।

    "डैड क्या हुआ? जो कहना है यहीं कह दीजिए ना" लक्ष्य वाणी का बचाव करते हुए बोला। भाईयों में से जब भी कोई ग़लती करता था उनके पिता इसी तरह स्टडी रूम में बुलाकर क्लास लगाते थे। और लक्ष्य अपनी क्यूट सी बहन को डांट से बचाना चाहता था‌।

    "चुपचाप खाना खाओ" विराज जी ने डांटा और ऊपर चलें गए।

    वाणी को इस सबसे कोई फर्क नहीं पड़ा हां वो ये जरूर समझ गई थी विराज मेहरा को वो बिल्कुल पसंद नहीं है। पर जिन लोगों की उसके दिल में जगह नहीं उनकी बातों का भी उसपर कोई असर नहीं होता था। वाणी चुपचाप सूप पी रही थी।

    नताशा तो कबसे मौके की तलाश में थी, वो हंसते हुए बोली, "आते ही ऐसा क्या कर दिया कि डैड इतना गुस्सा है?

    वाणी ने हल्की इरीटेशन के साथ नताशा को देखा, "इतना क्यूरस हो तो जाकर खुद ही पूछ लो"

    नताशा का चेहरा काला पड़ गया, "इतना एटिट्यूड क्यों दिखा रही हो?"

    "नताशा!" रिद्धि जी ने उसे डांटा तो नताशा चुप होकर बैठ गई।

    "वाणी तुम आराम से डिनर करो मैं तुम्हारे पापा से बात करती हूं" वाणी ने सिर हिलाया। रिद्धि जी उसके सिर पर हाथ रखकर ऊपर चली गई।

  • 9. Return of the devil girl - Chapter 9

    Words: 675

    Estimated Reading Time: 5 min

    डिनर के बाद लक्ष्य और शौर्य क्रिकेट मैच देख रहे थे नताशा पहले ही जा चुकी थी वाणी ऊपर जा रही थी, क्योंकि रिद्धि जी को गए हुए काफी देर हो गई थी।

    तभी पीछे से शौर्य ने आवाज दी, "वाणी इधर आओ"

    वाणी आकर उनके पास बैठ गई, लक्ष्य ने वाणी की नाक खींच दी, "तुम इतनी डंब क्यों हो? ऊपर डैड की डांट सुनने जा रही थी?"

    वाणी ने लक्ष्य को घूरते हुए अपनी नाक पकड़ ली। जिसपर लक्ष्य और हंसने लगा, "हाओ क्यूट"

    "लक्ष्य!" शौर्य ने डांटा तो लक्ष्य आज्ञाकारी बच्चे की तरह चुप हो गया।

    "डैड को मॉम संभाल लेंगी" शौर्य ने वाणी से कहा, "ऐसा क्या हुआ जो डैड इतने गुस्से में है?"

    "वो तो हमेशा ही गुस्से में रहते हैं" वाणी का मुंह बन गया ये देखकर लक्ष्य को फिर हंसी आ गई, "कोई नहीं हम है ना तुम्हारे साथ जब भी हममें से किसी को डैड की डांट पड़ती है हम एक दूसरे को बचा लेते हैं क्यों भाई?" लक्ष्य ने शौर्य को देखकर आंख मारी।

    वाणी उन दोनों को देखकर बोली, "आप सभी की बोंडिंग बहुत अच्छी है"

    "वाणी अब तुम भी हमारी टीम का हिस्सा हो खुद को कभी अकेला मत समझना ओके?" शौर्य ने प्यार से कहा। वाणी के मन में एक मीठी सी फीलिंग आई। तो ऐसे होते हैं भाई बहन?


    ---

    यहां रिद्धि जी गुस्से में स्टडी रूम में आई, "क्यों बुलाया आपने वाणी को ऊपर? मेरे मना करने के बाद भी उसे डांटना चाहते हैं?"

    विराज जी ने अभी अभी फोन रखा था, "वो सब छोड़ो अभी ईवान का फोन आया था"

    "कौन ईवान?"

    "ईवान राठौड़ जिससे वाणी की शादी तय हुई थी"

    ये सुनकर रिद्धि जी के एक्सप्रेशन बदल गए, "वो क्यों फोन कर रहा है?"

    "शादी की बात आगे बढ़ाने के लिए"

    "कभी नहीं मैं उस घर में अपनी बेटी कभी नहीं भेजूंगी आपने सुना है ना वो लड़का कैसा है?" रिद्धि जी फिर इमोशनल हो गई। पूरा शहर जानता था ईवान राठौड़ एक डैंजरस लड़का था जिससे सब दूर ही रहना चाहते थे। कहां उनकी फूल सी नाज़ुक बेटी और कहां वो डेविल।

    "हम मना नहीं कर सकते" विराज जी चाहते थे ये शादी हो जाए राठौड़ फैमिली से रिश्ता जोड़कर उनके बिजनेस को बहुत फायदा होगा।

    "विराज तुम्हारे अंदर दिल नाम की चीज है या नहीं ?" रिद्धि जी की आंखों में आंसू आ गए, "मेरी बच्ची इतने सालों बाद मुझे मिली है और तुम आते ही उसे निकालना चाहते हो??"


    नताशा कान लगाकर सब सुन रही थी। मॉम कितनी झूठी निकली इनके लिए सिर्फ एक ही बेटी है वाणी मैं तो कुछ हूं ही नहीं, हुंह। अगर वाणी की शादी इस ईवान से हो जाए तो मजा ही आ जाएगा सुना बड़ा खतरनाक आदमी है वाणी की जिंदगी तो नर्क बन जाएगी और उसके जाते ही इस घर पर मैं राज करूंगी पहले की तरह सिर्फ एक बेटी होगी नताशा मेहरा।


    शौर्य ऊपर आया और देखा नताशा दरवाजे पर कान लगाए खड़ी शैतानी मुस्कान दे रही है,

    "तुम क्या कर रही हो यहां?" शौर्य ने अपनी कड़क आवाज में पूछा। नताशा उछल पड़ी फिर खुद को शांत दिखाते हुए बोली, "मैं मॉम डैड को देखने आई थी मुझे उनकी चिंता हो रही थी कहीं वाणी की वजह से वो फिर से लड़ने ना लग जाए"

    "ठीक है तुम जाओ अपने कमरे में"

    "गुडनाईट भैया" नताशा आज्ञाकारी बेटी की तरह चली गई।


    शौर्य अंदर आया, रिद्धि जी उसे हाथ पकड़कर अंदर ले आई, "तू बिल्कुल सही समय पर आया है देख ना तेरे डैड क्या कह रहे हैं?"

    विराज जी ने शौर्य को सारी बताई जिसे सुनकर शौर्य की भी भौंहें सिकुड़ गई। ये मामला तो ज्यादा ही गंभीर निकला।

    "मैं मां के साथ हूं पहली बात तो वाणी अभी बहुत छोटी है और दूसरी सबसे बड़ी बात ईवान उसके लिए सही लड़का नहीं है"

    "पर,," विराज जी अपने बड़े बेटे से पूछकर ही कोई बड़ा फैसला लेते थे लेकिन इस बार उनके विचार नहीं मिल रहे थे। उनके बोलने से पहले ही रिद्धि जी बोल पड़ी, "मैं वाणी की शादी उस लड़के से नहीं होने दूंगी बस"

  • 10. Return of the devil girl - Chapter 10

    Words: 679

    Estimated Reading Time: 5 min

    विराज जी को हार माननी पड़ी। शौर्य फैसला करता है वो कल सुबह ही राठौड़ मेंशन जाकर शादी के लिए मना कर देगा। अभी अभी तो उसकी जिंदगी में क्यूट बहन आई है वो उसे ऐसे ही जाने नहीं दे सकता था। और वो ईवान सिंह राठौड़ उसकी बहन से बारह साल बड़ा था। उन दोनों की शादी? इंपोसिबल।



    सुबह नाश्ते की टेबल पर विराज जी वाणी से कहते हैं, "वाणी अपने भैया के साथ राठौड़ मेंशन जाकर सब एक्सप्लेन कर देना"

    "क्या एक्सप्लेन करना है?"

    विराज जी शादी के बारे में वाणी को बताते हैं जिसे सुनकर वाणी भौंहें सिकोड़कर बोली, "तो मैं क्यों जाऊं? जिसने शादी तय की है वहीं तोड़ेगा"

    विराज जी का चेहरा गुस्से में लाल हो गया। इस लड़की को उनकी हर बात नकारनी होती है।

    शौर्य ने वाणी को समझाया तब जाकर वाणी समझी और जाने के लिए मान गई। लक्ष्य ने ये जिम्मेदारी अपने भाई के ऊपर छोड़ दी थी।

    यहां सबकुछ सुनकर नताशा घबरा गई, शादी टूट जाएगी तो ये चुड़ैल घर से कैसे निकलेगी? नहीं मुझे कुछ करना होगा, "मैं भी वाणी के साथ चलूंगी उसे सपोर्ट करने के लिए"

    "कोई जरूरत नहीं है" वाणी ने भावहीन आवाज में कहा।

    नताशा का चेहरा काला पड़ गया, "पर मैं,,"

    "बस! मैं जा रहा हूं ना" शौर्य की रौबदार आवाज सुनकर नताशा मन मारकर रह गई।


    ---


    राठौड़ मेंशन


    राठौड़ मेंशन बहुत ही बड़ा और आलीशान सफेद रंग का महल जैसा घर था। ईवान पैर पर पैर चढ़ाकर स्टाइल से हॉल के बीचोंबीच रखें सोफे पर बैठा था। सामने शौर्य और वाणी बैठे थे।

    शौर्य समझाता है कि वाणी अभी छोटी है और ये शादी नहीं करना चाहती पर ईवान का सारा ध्यान वाणी की तरफ था जो सिर झुकाकर फोन में कुछ कर रही थी जैसे उसका इस बात से कोई मतलब ना हो। क्या ये लड़की सच में मुझे भूल गई? ईवान सोचे जा रहा था।

    "मिस्टर राठौड़ आय होप आप समझेंगे ये शादी नहीं हो सकती" फायनली ईवान शौर्य की तरफ देखता है और उसके चेहरे पर चार्मिंग स्माइल आ जाती है, "इतनी क्या जल्दी है शादी तोड़ने की? मैं ये शादी नहीं तोड़ना चाहता"

    शौर्य हैरान हो गया जितना सोचा था ये आदमी उससे भी ज्यादा चालाक निकला। तभी शौर्य को इंपोर्टेंट कॉल आया है और वो एक्सक्यूज मी कहकर बाहर चला जाता है।

    ईवान तुरंत वाणी के पास आ गया, "तुम सच में मुझे नहीं जानती?'

    वाणी उसके हैंडसम चेहरे को बिल्कुल अपने पास देखकर पीछे खिसक गई, "क्या हम पहले कभी मिले हैं?"

    ईवान ने वाणी की आंखों में देखा ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा था कि वो झूठ बोल रही है, ईवान दांत किटकिटाकर बोला, "वर्मा हाउस, खिड़की से कूदना और बुलेट अब कुछ याद आया?"

    वाणी ने दिमाग पर जोर डाला और उसके दिमाग में मस्क्यूलर चेस्ट और एड पैक एब्स घूमे जिसे उसने ब्लैक शर्ट फेंककर ढका था, "ओह तो तुम वो हो?"

    "हां जी मेडम मैं वहीं हूं" ईवान ने एविल स्माइल दी, "और अब हमारी शादी होने वाली है इट्स रियली आ मिरेकल"

    वाणी की भौंहें तन गई, "तुमसे कहा है ना ये शादी नहीं होगी"

    "लेकिन मैंने मना नहीं किया ये शादी तो होकर रहेगी" ईवान के होंठों पर स्माइल दी और आंखों में शैतानी चमक। वाणी ने मुंह फेर लिया इस बेशर्म आदमी से उसके भैया ही डील करेंगे।

    "मेरे साले साहब का वेट कर रही हो? लेट मी टेल यू मैं जो चाहता हूं पाकर रहता हूं"

    पीछे खड़े शम्भू ने अपनी आंखें घुमाई। उसे पहले क्यों नहीं पता था बॉस इतने बेशर्म भी है? शादी से पहले ही साले साहब?

    "और मैं कोई सामान नहीं हूं" वाणी ने भी चैलेंजिंग अंदाज में कहा। दोनों की नजरों एक दूसरे से युद्ध कर रही थी तभी शौर्य वहां आता है, "हमने क्लियर कर दिया है हमारी तरफ से शादी के लिए ना है"

    "शादी दादाजी ने तय की थी उनकी इजाजत के बिना ये रिश्ता नहीं टूट सकता मैं उनसे बात करूंगा" ईवान वापस अपने लेजी स्टाइल में आ गया।

    शौर्य और क्या कह सकता था वो वाणी को लेकर चला गया। ये ईवान जरूरत से ज्यादा चालाक निकला।

  • 11. Return of the devil girl - Chapter 11

    Words: 586

    Estimated Reading Time: 4 min

    "आप जाइये मैं खुद घर चली जाऊंगी" वाणी ने नोटिस किया शौर्य बार बार घड़ी देख रहा है।

    "नहीं पहले तुम्हें घर छोड़ दूं"

    "मैं सच में चली जाऊंगी मैं कोई छोटी बच्ची नहीं हूं"

    "अच्छा ठीक है और आज जो हुआ उसकी टेंशन मत लेना डैड को मैं समझा दूंगा"

    वाणी को फिर वहीं स्वीट सी फीलिंग ने घेर लिया, "थैंक्यू यू भैया"

    शौर्य चौंक गया वाणी ने पहली बार जो उसे भैया कहा था, शौर्य ने खुश होकर वाणी का सिर थपथपाया, "गुड गर्ल"

    वाणी के गाल एकदम से लाल हो गए। शौर्य को लगा उसकी बहन कितनी क्यूट है।


    वाणी पैदल ही चल रही थी शौर्य की स्माइल याद करके वाणी ने फैसला किया वो रिद्धि जी को भी मां बोलेगी। वो भी बहुत खुश हो जाएंगी।

    "वाणी मेमसाब?"

    वाणी ने पलटकर देखा वो गिरिधर काका थे, रंधावा फैमिली के बटलर। रंधावा फैमिली उसके मास्टर्स की फैमिली थी। गिरिधर काका यहां एक आर्ट एक्जिबिशन के लिए आए थे जो उसके सेकेंड मास्टर ने रखवाई थी।


    "मेमसाब आप भी चलिए ना एक्जिबिशन देखने?" काका ने कहा तो वाणी उनके साथ चली गई। ये एक बहुत ही हाई प्रोफाइल एक्जिबिशन थी जहां सिर्फ वीआईपी या स्पेशल स्टेटस के लोग सिर्फ इंविटेशन से ही एंट्री कर सकते थे।

    गिरिधर काका वाणी को कॉफी पिलाते हैं, वाणी उनसे पूछती है, "इस बार भी सेकेंड मास्टर ने मेरी पेंटिंग्स एक्जिबिशन में तो नहीं लगा दी?"

    "लगवाई है फस्ट फ्लोर पर" गिरिधर काका मुस्कुराए। वाणी को अपनी पेंटिंग्स कुछ खास पसंद नहीं थी लेकिन मास्टर मानते थे वाणी बहुत टेलेंटेड है तीनों मास्टर्स के लिए वाणी उनकी प्रिंसेस थी उनकी प्यारी बेटी जिसका टेलेंट वो दुनिया को दिखाना चाहते थे।

    वाणी ने सिर हिलाया, फस्ट फ्लोर पर सबसे ज्यादा एक्सपेंसिव पोंटिंग थी।



    दूसरी ओर इसी बिल्डिंग में नताशा अपनी दोस्तों से घिरी हुई थी,

    "नताशा तुझे कैसे इंविटेशन मिला? मैंने सुना है सिर्फ बहुत हाई स्टेटस के लोगों को ही इंविटेशन मिला है?"

    "मैंने डैड से कहा वो मुझे किसी चीज के लिए मना नहीं करते" नताशा मुस्कुराकर बोली।

    "हाओ लकी! अंकल तुझसे बहुत प्यार करते हैं"

    "आज हमे भी नताशा की वजह से यहां आने का मौका मिला यू आर सो स्वीट"

    नताशा मुस्कुराते हुए अपने दोस्तों की चापलूसी के मजे ले रही थी। इतने दिन डैड के सामने गिड़गिड़ाने का कुछ तो फायदा हुआ।

    "मैंने सुना है यहां ऐके की पेंटिंग भी है?"

    "हां ऐके की पेंटिंग फस्ट फ्लोर पर है चलो चलते हैं"


    नताशा फस्ट फ्लोर पर आती है और अपनी सहेलियों के साथ पेंटिंग्स देखने लगती है। उसी पेंटिंग की बिल्कुल जानकारी नहीं थी वो बस अपना स्टेटस दिखाने के लिए सिर उठाकर एटिट्यूड से घूम रही थी तभी उसकी नज़र वाणी पर पड़ती है जो एक बुजुर्ग आदमी के साथ हंस मुस्कुराकर बात कर रही थी। उस आदमी ने ब्लैक बिजनेस सूट पहना था और देखने में ही हाई स्टेटस का लग रहा था। नताशा ने अबतक वाणी को इस तरह मुस्कुराते हुए नहीं देखा था नताशा की आंखें छोटी हो गई कौन है ये आदमी जिससे इतना हंस हंसकर बातें कर रही है? जरूर इसका शुगर डैडी होगा इसी के साथ इसका चक्कर चल रहा है। नहीं तो इतनी बड़ी एक्जिबिशन में इसे इंविटेशन कैसे मिला? नताशा के गंदे दिमाग में गंदा विचार ही आना था। वो सोचने लगी अगर डैड को पता चला उनकी बेटी का बुड्ढे के साथ चक्कर है तो वो तो गुस्से में कांप जाएंगे फिर आएगा मजा। नताशा की आंखों में शैतानी चमक आ गई और वो अपने फोन से वाणी और गिरिधर जी की फोटोज़ लेने लगी।

  • 12. Return of the devil girl - Chapter 12

    Words: 549

    Estimated Reading Time: 4 min

    नताशा फोटोज़ ले रही थी तभी वहां से गुजर रहे स्टाफ मेंबर ये देख लेता है, "मिस आप यहां फोटोज़ नहीं ले सकती"

    नताशा उसे डांटते हुए, "मैंने किसी पेंटिंग की फोटो ली? नहीं ना तुम अपना काम करो"

    "आप यहां कोई भी फोटो नहीं ले सकती प्लीज़ इन्हें डिलीट करिए"

    दोनों की बहसबाजी होता देख कुछ लोग रूककर उन्हें देखने लगे थे।

    "कौन है ये लड़की? इसे यहां के रूल्स भी नहीं पता?"

    "पता नहीं कैसे कैसे लोग घुसे चले आते हैं"

    खुद की बेज्जती होता देख नताशा फोटो डिलीट कर देती है, "हो गया अब जाओ यहां से"

    शोर शराबे के कारण वाणी ने भी नताशा को देख लिया था। गिरिधर जी पर एक्जीबिशन संभालने की जिम्मेदारी थी इसलिए वो चले जाते हैं। वाणी को अकेला देखकर नताशा उसके पास जाकर उसकी मजाक उड़ाती है, "मानना पड़ेगा तुम्हें क्या चीज़ हो? पहले तो राठौड़ फैमिली से शादी का रिश्ता तोड़कर भोली और मासूम बनने का नाटक किया ताकि घर से निकलना ना पड़े और अब इस अमीर बुड्ढे को फंसा लिया" नताशा ने घृणा भरी नजरों से सिर हिलाया, "और फंसाया भी तो बुड्ढा जो तुम्हारे दादा की उम्र का है"

    "क्या बकवास कर रही हो?" वाणी की आंखें सर्द हो गई।

    "मैं बकवास कर रही हूं? मतलब तुम कुछ भी करो और दूसरा बोले भी ना?"

    वाणी को नताशा की घटिया बातें सुनने में कोई इंट्रेस्ट नहीं था वो जाने लगी थी कि नताशा ने उसका हाथ पकड़ लिया और अपना पैर उसके पैर से उलझाकर उसे गिराने की कोशिश की पर क्योंकि वाणी फिजिकली फिट थी वो लड़खड़ाकर ही संभल गई लेकिन नताशा सीधे जमीन पर जा गिरी उसके हाथ में पकड़ा जूस का गिलास उड़ गया और सामने लगी पेंटिंग को भिगो दिया।

    नताशा वाणी को देखकर रोनी सूरत बनाकर बोली, "मैं डैड से कुछ नहीं कहूंगी,, तुम्हें मुझे धक्का देने की जरूरत नहीं थी,," फिर पेंटिंग को देखते हुए जो ओरेंज जूस से रंग गई थी, "ओ माई गॉड!! ये क्या किया वाणी? ऐके की पेंटिंग बिगाड़ दी?? पता है कितनी महंगी है ये"

    तमाशा देखने कुछ लोग इकट्ठे हो गए और स्टाफ भी आ गया।

    "मेम आपको इस पेंटिंग की कीमत देनी होगी" स्टाफ मेंबर ने कहा।

    "क्या?? लेकिन पेंटिंग इसने बिगाड़ी है" नताशा ने वाणी को उंगली दिखाई। उसकी दोस्तों ने नताशा को खड़ा किया और उसका साथ देते हुए बोली, "हां हमने भी देखा वाणी ने पेंटिंग खराब की है"

    "मिस आपको हमारे साथ चलना होगा" स्टाफ मेंबर वाणी की तरफ देखकर पोलाइटली बोला।

    "यहां सर्विलेंस कैमरा है ना? उससे पता चल जाएगा कौन गुनहगार हैं" वाणी के चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे।

    "ओके" स्टाफ को भी ये बात ठीक लगी। लेकिन नताशा सकपका गई, "सर्विलेंस देखने की क्या जरूरत है? मेरी दोस्त और बाकी सब लोगों ने देखा है वाणी को मुझे धक्का देते हुए"

    नताशा ने वाणी के पास आकर कान में फुसफुसाया, "देख ग़लती हम दोनों की है आधा आधा कर लेते हैं नहीं तो डैड को पता चला वो तुझपर बहुत गुस्सा करेंगे"

    वाणी उससे दूर हो गई, "आर यू मेड?? तुमने गलत किया है तो सजा भी तुम ही भुगतो" वाणी इमोशन्स के मामले में भलेही कमजोर थी लेकिन बेवकूफ बिल्कुल नहीं थी।

    नताशा गुस्से में वाणी को कुछ कहने वाली थी तभी एक रौबदार आवाज आई, "इन दोनों को लाउंज में लेकर आओ"

  • 13. Return of the devil girl - Chapter 13

    Words: 520

    Estimated Reading Time: 4 min

    नताशा गुस्से में वाणी को कुछ कहने वाली थी तभी एक रौबदार आवाज आई, "इन दोनों को लाउंज में लेकर आओ"

    "रियान भाई?" नताशा दहशत में फुसफुसाईं। रियान तीसरे नंबर का बेटा था और सबसे ज्यादा खतरनाक और वाणी की तरह कम बोलने वाला था। नताशा घर में सबसे ज्यादा उसी से डरती थी।

    रियान ने स्टाफ से कहा और कुछ ही देर में वाणी और नताशा वीआईपी लाउंज में रियान के सामने बैठी थी। मेहरा फैमिली के सारे सदस्य दिखने में खूबसूरत थे। पांचों भाई भी एक से बढ़कर एक थे। रियान एक कोल्ड वंपायर की तरह था। गोरा रंग, छः फुट की हाइट, कोल्ड एंड डेंजरस ग्रे आइज जिनमें कोई ज्यादा देर देखने की हिम्मत नहीं करता। उसने ब्लैक शर्ट और ब्लैक ट्राउजर्स पहने थे और फिलहाल वो गुस्से में नताशा को घूर रहा था।

    "बुद्धु तो तुम थी ही अब बेशर्म भी बन गई? बाहर आकर मेहरा फैमिली का नाम खराब करने में बहुत मज़ा आता हैं ना तुम्हें?" रियान ने सर्द आवाज में कहा, नताशा समझ गई रियान ने उसे वाणी को धक्का देते हुए देख लिया है।

    "भैया आय एम सॉरी,, मुझसे ग़लती हो गई" नताशा ने तुरन्त अपनी आंखों से नकली आंसू टपका दिए।

    "ग़लती की है तो सजा भी मिलेगी अस्सी हजार निकालो इस पेंटिंग की कीमत" रियान भी डिटेक्टिव था उसे इन नकली आंसूओं से रत्तीभर फर्क नहीं पड़ा।

    "अस्सी हजार??" नताशा सदमे में चिल्लाई। वहीं वाणी अबतक कुछ नहीं बोली थी वो लेजी स्टाइल में ये तमाशा देख रही थी।

    "भैया सॉरी,,प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो और डैड को मत बताना"

    "माफी मुझसे नहीं वाणी से मांगो"

    नताशा के होंठ भींच गए जैसे काले पानी की सजा दे दी हो। वाणी को उसमें और उसकी माफी दोनों में कोई इंट्रेस्ट नहीं था, "रहने दो बस मेरे सामने कम से कम आना" कहकर वाणी पॉकेट में दोनों हाथ डाले कूल अंदाज में चली गई।



    ----


    घर पहुंचकर नताशा का मुंह लटका हुआ था ये देखकर रिद्धि जी बोली, "क्या हुआ किसी ने कुछ कहा है क्या?"

    "नहीं मॉम बस थोड़ी थकान है" नताशा को ये डर सता रहा था जब डैड को ये खबर पता चलेगी तो उसकी आज्ञाकारी और इनोसेंट इमेज का क्या होगा?

    नताशा के जाते ही रियान भी घर आ जाता है, जिसे देखकर रिद्धि जी डांटते हुए कहती हैं, "मिल गई फुर्सत घर आने की?"

    "सॉरी मॉम एक केस में बहुत ज्यादा बिजी था" रियान ने सोफ्टली कहा। वो सिर्फ अपनी मां से ही इतने प्यार से बात करता था।

    "वाणी से मिले या नहीं?"

    "हां मॉम मिल लिया शी इज क्यूट" रियान वाणी का कोल्ड इमोशनलेस चेहरा याद करके बोला।

    रिद्धि जी खुश हुई कि लक्ष्य और शौर्य की तरह रियान को भी वाणी पसंद आई।

    यहां नताशा विराज जी को पहले ही मिलकर सबकुछ बता देना चाहती थी इससे पहले कोई और बताएं। लेकिन विराज जी अपने दोस्तों के साथ गोल्फ खेलने गए थे और वहीं उन्हें खबर मिल जाती है कि नताशा ने ऐके की पेंटिंग खराब कर दी और एक्जिबिशन में तमाशा किया।

    वो नताशा को स्टडी रूम में बुलाकर डांटते हैं, "आज तुमने हमारी बहुत बेज्जती की मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी"

  • 14. Return of the devil girl - Chapter 14

    Words: 555

    Estimated Reading Time: 4 min

    वो नताशा को स्टडी रूम में बुलाकर डांटते हैं, "आज तुमने हमारी बहुत बेज्जती की मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी"

    नताशा रोते हुए, "पर डैड मेरी बात तो सुनिए"

    "सुनना क्या है? जानती हो तुम्हारी वजह से मेरे दोस्तों के सामने मुझे कितना शर्मिंदा होना पड़ा?" विराज जी को सबसे ज्यादा प्यार अपने खानदान की इज्जत से था‌।

    "आय एम सॉरी डैड लेकिन बस एक बार मेरी बात सुन लीजिए फिर चाहे जो सजा दे देना" नताशा का चेहरा रोते रोते लाल हो गया ये देखकर विराज जी को उसपर दया आ गई आखिर वो अपनी इस गोद ली हुई बेटी नताशा को सबसे ज्यादा मानते थे, "बोलो क्या बोलना चाहती हो"


    "डैड आज वाणी शौर्य भैया के साथ राठौड़ मेंशन जाने वाली थी राईट?"

    "हम्म" विराज जी ने सहमति जताई

    "लेकिन जब मैंने वाणी को एक्जिबिशन में देखा मैं चौंक गई उसके साथ भैया भी नहीं थे उसे वहां एंट्री कैसे मिली होगी?"

    विराज जी की भौंहें तन गई।

    "फिर मैंने उसके साथ एक अधेड़ उम्र के आदमी को देखा जिससे वो बहुत हंस हंसकर बात कर रही थी आप ही सोचिए अगर कोई जानकार वाणी को ऐसे देख लेता तो हमारे खानदान की क्या इज्जत रह जाती?" नताशा ने बातों को इस कदर घुमाया कि विराज जी वहीं सोचने लगे जो नताशा चाहती थी। उनकी तनी हुई नसें देखकर नताशा आंखों में शैतानी चमक लिए आगे बोली, "मुझे हमारे परिवार की इज्जत की परवाह थी इसलिए मैं वाणी के पास गई और उसे समझाया कि ऐसा ग़लत काम उसे शोभा नहीं देता पता है डैड वो उल्टा मुझपर ही चिल्लाने लगी कि मैं अपने काम से काम रखूं और गुस्से में उसने मुझे धक्का दे दिया और इसी वजह से वो पेंटिंग,,खराब हो गई लेकिन मैं जानती हूं वाणी अभी नादान है उसकी ग़लती नही है मैंने उसकी तरफ से सारा इल्जाम अपने ऊपर ले लिया और हर्जाना भी भर दिया"

    "वाणी!!!!" विराज जी चिल्लाते हुए उठ खड़े हुए, "वो बत्तमीज बेशर्म लड़की!! हमारे खानदान की इज्जत मिट्टी में मिलाकर ही उसे चैन मिलेगा!" 😡

    "क्या तुम सच कह रही हो? जो तुमने कहा उसपर तुम्हें पूरा यकीन है??" विराज जी ने पूछा। आखिर ये बहुत बड़ा इल्जाम था।

    नताशा ने विराज जी का हाथ पकड़ लिया, "डैड मैं आपसे कभी झूठ बोल सकती हूं? मैं बिल्कुल सच कह रही हूं अगर फिर भी आपको यकीन नहीं आता तो ये देखिए मैंने उनकी फोटोज़ ली थी" नताशा ने अपना फोन आगे कर दिया। अच्छा हुआ जो स्टाफ ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया था और ये फ़ोटो उसने रिसाइकिल बिन से रिकवर कर ली।

    फोटो में साफ दिख रहा था वाणी और एक अधेड़ उम्र का आदमी हंसते हुए बातें कर रहे थे। विराज जी ने इन कुछ दिनों में वाणी को कभी इस तरह हंसते हुए नहीं देखा था।

    "पता नहीं वाणी किस मजबूरी में है जो उसे ये कदम उठाना पड़ा?" नताशा आग में घी डालते हुए बोली। नताशा की चालाकी और ऊपर से विराज जी को पहले ही वाणी पसंद नहीं थी इस सबके चलते उन्हें पूरा यकीन हो गया कि वाणी गलत कामों में पड़ गई है और उसका इस बुड्ढे के साथ चक्कर है।

    विराज जी की आंखें गुस्से में लाल हो गई उनके हाथ थरथरा उठे, "बुलाकर लाओ उस बत्तमीज लड़की को मेरे सामने आज अगर उसे सबक ना सिखाया तो हमारा नाम भी विराज मेहरा नही"

  • 15. Return of the devil girl - Chapter 15

    Words: 518

    Estimated Reading Time: 4 min

    "अभी के अभी उस लड़की को मेरे सामने लेकर आओ" विराज जी गुस्से में दहाड़े।

    "डैड मैं अभी वाणी को लेकर आती हूं शांति से बात करना" नताशा खुशी से चहकती हुई बाहर निकली।

    वाणी घर में एंटर ही हुई थी कि नताशा की तेज आवाज आई, "वाणी डैड तुम्हें स्टडी रूम में बुला रहे हैं"

    "वाणी को? लेकिन क्यों?" रिद्धि जी कंफ्यूज थी।

    "आखिर तुमने क्या कहा डैड से?" रियान गुस्से में था।

    "कुछ भी तो नहीं" नताशा रियान की नजरों से घबरा गई लेकिन ये मौका किसी हाल में नहीं छोड़ना चाहती थी उसने वाणी को जल्दी से ऊपर भेजने की कोशिश की, "वाणी जाओ जल्दी से"

    वाणी को ग़लत फीलिंग आ रही थी नताशा को देखते हुए वो उपर चली गई।

    वहीं रिद्धि जी के पूछने पर रियान उन्हें सबकुछ बता देता है इस बार जब नताशा बात घुमाने की कोशिश करती है तो रियान उसे डांटकर चुप कर देता है।


    यहां वाणी स्टडी रूम का दरवाजा खोलकर अंदर घुसती है, "आपने बुलाया मुझे?"

    विराज जी वाणी के आते ही उसपर गरज पड़े, "ये कोई तरीका है अपने डैड से बात करने का? तुम्हारे अंदर संस्कार नाम की चीज नहीं है पता नहीं हमारे मेहरा खानदान तुम जैसी बत्तमीज लड़की पैदा कैसे हो गई??"

    वाणी ने कदम ही रखा था कि उसपर उल्टे सीधे शब्दों की बौछार हो गई, वाणी तो क्या कोई आम इंसान भी गुस्सा हो जाए,

    "बत्तमीज लड़की? लेकिन मैंने किया क्या है?"

    "तो अब मुझे अपने मुंह से सबकुछ कहना होगा तुम्हारी हरकतें इतनी शर्मनाक है कि मुझे तो कहते हुए भी शर्म आ रही है" विराज जी वाणी को घृणा भरी नजरों से देखकर बोले।

    "नताशा ने कुछ कहा और आपने मान लिया?" वाणी समझ गई थी जरूर ये सब नताशा का ही किया धरा है। लेकिन उसके पिता होने के नाते क्या उन्हें मुझपर जरा भी यकीन नहीं है? मास्टर तो कहते थे तुम्हारे डैड बहुत अच्छे और बड़े आदमी हैं तुम्हें राजकुमारी की तरह रखेंगे लेकिन यहां तो उसे इंसान भी नहीं समझा जा रहा।

    "जब तुममें करने की हिम्मत है तो औरों के कहने से क्यों डर रही हो? आज मैं तुम्हें सबक सिखाकर रहूंगा"

    "किस अधिकार से?" वाणी की नजरें एकदम ठंडी थी।

    "मैं तुम्हारा बाप हूं हमने तुम्हें किस चीज की कमी रखी है? खाना, पीना, पैसा क्या कमी थी तुम्हें जो तुम इतनी नीच हरकत पर आ गई? अब तुम बाहर जाकर आदमियों को फंसा रही हो??"

    वाणी की भौंहें तन गई। उसकी मुठ्ठियां कस गई। वहीं विराज जी ने जब देखा वाणी की नजरें एक पल को भी नहीं झुकी वो और गुस्सा हो गए उन्हें वाणी का यहीं एटिट्यूड बिल्कुल पसंद नहीं था।

    "क्या दिया है आपके परिवार ने मुझे?" वाणी के सवाल से विराज जी के गुस्से की सीमा पार हो गई और उनका हाथ उठ गया, "हाओ डेर यू!"

    थप्पड़ इतना तेज था कि वाणी का चेहरा एक तरफ झुक गया और वो लड़खड़ा गई। उसका हाथ अपने गाल पर चला गया जो भट्टी की तरह तप रहा था। जिंदगी में पहली बार किसी ने उसपर हाथ उठाया था वो भी उसके सो कॉल्ड डैड ने। बिना पूरा सच जानें।

  • 16. Return of the devil girl - Chapter 16

    Words: 1017

    Estimated Reading Time: 7 min

    थप्पड़ इतना तेज था कि वाणी का चेहरा एक तरफ झुक गया और वो लड़खड़ा गई। उसका हाथ अपने गाल पर चला गया जो भट्टी की तरह तप रहा था। जिंदगी में पहली बार किसी ने उसपर हाथ उठाया था वो भी उसके सो कॉल्ड डैड ने। बिना पूरा सच जानें।


    शोर सुनकर रिद्धि जी, रियान, शौर्य और नताशा भी ऊपर आए और उन्होंने ये सीन देखा।

    रिद्धि जी वाणी की तरफ लपकी और उसका हाथ हटाकर देखा, वाणी के गोरे गाल पर पांच उंगलियों के निशान साफ नजर आ रहे थे।

    रिद्धि जी का कलेजा छ्लनी हो गया और वो अपने पति पर भड़क उठी, "तुम पागल हो गए हो? मेरी बेटी पर हाथ कैसे उठाया तुमने??"

    "डैड आप,,," शौर्य भी अचंभित था।

    रियान की भौंहें तनी हुई थी, "आपने वाणी पर हाथ क्यों उठाया? क्या नताशा ने सबकुछ नहीं बताया आपको?" कहते हुए उसने नताशा को घूरा जो खुद सदमे में विराज जी को देख रही थी।

    डैड ने वाणी को थप्पड़ मारा? सीरियसली? मजा ही आ गया इतने दिनों की सारी भड़ास निकल गई।


    "कितनी बत्तमीज हो गई है ये लड़की कोई मैनर्स नहीं है ना बात करने की तमीज" विराज जी का हाथ अब भी गुस्से में थरथरा रहा था।

    वाणी ने धीरे से रिद्धि जी को पीछे किया और विराज जी आंखों में देखते हुए बोली, "मैंने क्या ग़लत कहा? आपने मुझे क्या दिया है? सिर्फ दो दिन हुए हैं मुझे यहां आए हुए आज से पहले आप सबके बिना ही रही हूं सच सुनने की हिम्मत नहीं है आपमें तो उसका गुस्सा मुझपर क्यों निकाल रहे हैं?" वाणी की आंखें आंसूओं से भर गई थी। जिसका एहसास उसे भी नहीं हुआ था। बस उसका दिल बहुत दुख रहा था।



    रिद्धि जी की आंखों में आंसू आ गए। अपनी बेटी की इस हालत की जिम्मेदार वहीं थी और यहां आकर भी उसे प्यार की जगह अपमान मिल रहा था और वो कुछ नहीं कर पा रही थी।

    रियान को लगा था एक्जिबिशन की बात पर डैड गुस्सा है लेकिन ये बात तो कुछ और ही निकली लेकिन फिर भी उसे शक था कि नताशा ने ही कुछ किया है। नहीं तो डैड इतना गुस्सा कभी नहीं करते।


    ---


    रिद्धि जी वाणी के सूजे हुए गाल पर आइस पैक लगा रही थी रह रहकर उनकी आंखों से आंसू की बूंदें टपक पड़ती।

    "आप क्यों रो रही है? मैं ठीक हूं" वाणी अब दुखी नहीं थी उसे सिर्फ गुस्सा आ रहा था कि बिना बात के उसे चाटा पड़ गया।

    "डोंट वरी वाणी मुझे बताओ क्या हुआ था? मैं तुम्हारे पापा से माफी मंगवाकर रहूंगी" रिद्धि जी ने वाणी को अपने सीने से लगा लिया। उनकी बेटी कितनी प्यारी और समझदार है पता नहीं उनके पति को ये क्यों नहीं दिखता?

    वाणी को मां के आंचल में बहुत सूकून मिला। अपने पिता और नताशा के कारण उसका यहां रहने का बिल्कुल मन नहीं था लेकिन मां और भाईयों के लिए प्यार ने उसे रोक रखा था।


    स्टडी रूम में शौर्य अपने पिता से नाराज़ होकर कहता है, "डैड ये आपने ठीक नहीं किया अगर कोई बात थी तो प्यार से समझाई जा सकती थी वाणी पर हाथ उठाना कौनसा तरीका था? ऐसे उसके मन में क्या इमेज बनेगी हमारी?"

    "और उसकी क्या इमेज है? जब देखो नाक ऊंची किए घूमती है ना ऊंचे खानदान की लड़की के कोई संस्कार है ना तरीका" विराज जी अभी भी गुस्से में उबल रहे थे शौर्य ने सिर हिलाया इस समय कुछ भी कहने का कोई असर नहीं होगा।

    रियान ने नताशा की ओर देखा जो विराज जी का कंधा थपथपाकर पानी देकर बहुत संस्कारी बनने का ढोंग कर रही थी, "तुमने बताया डैड को? कैसे तुमने वाणी को फंसाया था?"

    नताशा आंखें बड़ी करके, "फंसाया था कि क्या मतलब है भैया? मैंने कुछ भी जानबूझकर नहीं किया"

    रियान की आंखें सर्द हो गई।

    शौर्य समझ गया कोई तो बात है नहीं तो उसका भाई फालतू में किसी के पीछे नहीं पड़ता।

    वहीं विराज जी रियान के नताशा को इस तरह घूरकर देखने से गुस्सा हो गए, "ये क्या तरीका है अपनी बहन से बात करने का? जैसे वो कोई क्रिमिनल हो"

    रियान ने मौका दिया था नताशा को जब वो इतनी चालाकी दिखा रही है तो उसे खुद ही सच बोलना होगा,

    "आज एक्जिबिशन में नताशा ने पहले वाणी को गिराने की कोशिश की लेकिन जब नाकामयाब रही तो उल्टा वाणी को फंसा दिया"

    नताशा रियान को रोकना चाहती थी लेकिन रियान ने उसे मौका ही नहीं दिया, "इसने ही एके की पेंटिंग खराब की जिसके अस्सी हजार रूपए मैंने भरे हैं"

    शौर्य भी चौंक गया उसे नताशा कुछ खास पसंद तो पहले से ही नहीं थी लेकिन इतनी चालबाज निकलेगी ये उसे भी आज पता चला था।

    "मेरे पैसे लौटा देना" रियान ने सख्ती से कहा। नताशा का चेहरा पीला पड़ गया था।

    विराज जी ने अविश्वास से रियान को देखा, "तुम सच कह रहे हो?"

    "बिल दिखाऊं आपको" रियान की आवाज व्यंग्य था।

    विराज जी ने नताशा की तरफ देखा जो सिर झुकाए खड़ी थी, वो चिल्लाए, "जाओ अपने कमरे में एक हफ्ते तक तुम्हारा घर से निकलना बंद और अगले महीने की पॉकेट मनी भी नहीं मिलेगी जाओ अब"

    नताशा चुपचाप चली गई। मुड़ते ही उसके होंठों पर शैतानी मुस्कान बिखर गई। डैड उसी की साइड लेते हैं वाणी को जो चाटा पड़ा उसके सामने ये सजा कुछ नहीं।


    रियान अपने पिता के भेदभाव से असंतुष्ट था, "वाह नताशा अब आपकी सगी बेटी से बढ़कर है उसने आज अपने असली रंग दिखा दिए संभल जाइए नहीं तो बहुत देर हो जाएगी" कहकर रियान विराज जी का गुस्से से तमतमाया चेहरा इग्नोर करके चला गया।

    "रियान ठीक कह रहा है अगर आप इसी तरह नताशा और वाणी में भेदभाव करते रहे तो एक दिन वो आपसे बहुत दूर हो जाएगी" शौर्य ने समझाया।

    "तुम भी निकलो यहां से जिसे देखो उसकी तरफदारी करता रहता है उसकी गलतियां किसी को नहीं दिखती" विराज जी ने शौर्य को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया।

    शौर्य सिर हिलाकर चला गया।

    विराज जी ने अपनी भौंहों पर उंगलियां घुमाई। आज के हालातों को देखकर अगर वो नताशा को नहीं बचाएंगे तो इस घर में उसकी जगह ही नहीं रहेगी।

  • 17. Return of the devil girl - Chapter 17

    Words: 546

    Estimated Reading Time: 4 min

    तीनों भाईयों ने अलग अलग उपाय करके वाणी की सूजन कम करने की कोशिश की लेकिन अगली सुबह भी वाणी के गाल पर उंगलियों के निशान साफ दिख रहे थे। उसकी त्वचा बहुत गोरी और मुलायम थी इसलिए निशान और भी उभरकर आ रहे थे।

    ब्रेकफास्ट के लिए जब वाणी नीचे आई विराज जी भी चौंक गए क्या उन्होंने इतनी तेज मारा? वो थोड़ा गिल्टी फील करने लगे लेकिन ऐसा दिखा नहीं सकते थे।

    तभी लक्ष्य जो रातभर ट्रेनिंग के लिए बाहर था घर आया और आते ही सबसे पहले वाणी के पास आया, "गुडमॉर्निंग क्यूटी" तभी उसकी नज़र वाणी के लाल गाल पर गई और उसे बहुत गुस्सा आया, "किसने किया ये? किसकी इतनी जुर्रत कि लक्ष्य मेहरा की बहन पर हाथ उठाया? नाम बोलो उसका उसका तो मैं कचूंबर बना दूंगा"

    वाणी ने एक ठंडी नजर विराज जी पर डाली और वापस अपने सिर झुकाकर ब्रेकफास्ट करने लगी।

    लक्ष्य ने विराज जी को देखा जो उसे खा जाने वाली नज़रों से घूर रहे थे लक्ष्य हैरान था उसने अपने भाईयों की तरफ देखा जिन्होंने कंधे उचका दिए घर का माहौल थोड़ा अजीब था।

    "वाणी क्यों ना हम घूमने चले?" लक्ष्य अपने पिता को तो कुछ नहीं सकता था लेकिन वाणी का उदास चेहरा भी उसे अच्छा नहीं लग रहा था।

    "हां आज मौसम भी बहुत अच्छा है" शौर्य बोला।

    "मैं भी चलूंगा" रियान बोला।

    "वाणी जाओ बेटा अपने भाईयों के साथ घूम आओ" रिद्धि जी प्यार से बोली वाणी तैयार होने ऊपर चली गई वैसे भी घर में दो ऐसे इंसान थे जिनकी शक्ल देख देखकर उसका पारा हाई हो रहा था।

    सभी भाई वाणी को रेसिंग लोकेशन पर ले गए। यहां पहुंचकर वाणी को फायनली अच्छा लगा।

    "पता है वाणी अभी कुछ दिन पहले मैं एक मिस्टीरियस लड़की से हार गया कार्तिक से मैंने कितना पूछा लेकिन वो नाम उगलने को तैयार नहीं है"

    वाणी मुस्कुराई लेकिन सच नहीं बताया।

    उसे खुश देखकर बाकी भाई भी खुश थे तभी,,

    "व्हाट अ कोइंसिडेंस तुम भी यहां हो?" ईवान चार्मिंग स्माइल के साथ वाणी के पास आकर खड़ा हो गया।

    पीछे खड़ा शम्भू मुंह बनाकर सोचने लगा मालिक कितने झूठे हैं वो वाणी पर नजर रखते हैं और जानबूझकर उनके पीछे यहां आए हैं।

    "तुमपर किसी ने हाथ उठाया?" वाणी के गाल पर उंगलियों के निशान देखकर ईवान के दिल में ज्वाला भड़क उठी।

    "तुमसे मतलब?" वाणी ने आंखें दिखाईं।

    लक्ष्य एकदम से प्रोटेक्टिव मोड में आ गया और वाणी को अपने पीछे कर लिया, "कौन हो तुम?"

    "तुम्हारा होने वाला जीजा"

    "व्हाट??" लक्ष्य ने आंखें बड़ी करके शौर्य को देखा।

    "मिस्टर राठौड़ हम ये रिश्ता तोड़ चुके हैं" शौर्य की आवाज में सख्ती थी।

    "लेकिन हमारी फैमिली ने नहीं तोड़ा दादाजी और डैड जल्द ही तुम्हारे घर सगाई की डेट फिक्स करने आने वाले हैं" ईवान के एक्सप्रेशन ऐसे थे जैसे उसे तीनों सालों की खा जाने वाली नजरें महसूस नहीं हो रही।

    "मैं तुमसे शादी नहीं करूंगी" कहकर वाणी रेसिंग ट्रैक की तरफ जाने लगी कि ईवान उसके पीछे आकर बोला, "मेरा भी आज रेसिंग का मन है साथ में करते हैं"

    "ओके लेकिन मेरी एक शर्त है" वाणी ने चैलेंजिंग स्माइल दी, "अगर मैं जीती तो तुम मेरे सामने कभी नहीं आओगे"

    ईवान के एक्सप्रेशन डार्क हो गए फिर कुछ सोचकर उसके होंठों पर डेविल स्माइल आ गई, "और अगर मैं जीता?"

  • 18. Return of the devil girl - Chapter 18

    Words: 650

    Estimated Reading Time: 4 min

    ओके लेकिन मेरी एक शर्त है" वाणी ने चैलेंजिंग स्माइल दी, "अगर मैं जीती तो तुम मेरे सामने कभी नहीं आओगे"

    ईवान के एक्सप्रेशन डार्क हो गए फिर कुछ सोचकर उसके होंठों पर डेविल स्माइल आ गई, "और अगर मैं जीता?"

    "नो चांस" वाणी पूरे कोंफीडेंस से बोली।

    और उसके इस एटिट्यूड ने एक बार फिर ईवान का दिल धड़का दिया।

    "अगर मैं जीता तो तुम्हें मुझसे शादी करनी होगी"

    "ओके" वाणी को यकीन था वो कभी नहीं हारेगी।

    वहीं उसके तीनों भाई घबरा गए,

    "वाणी क्या कर रही हो? इतनी बड़ी शर्त वो भी इस डेंजरस आदमी से?" लक्ष्य वाणी को साइड में खींचकर बोला।

    "डोंट वरी उससे छुटकारा पाने का यहीं सबसे अच्छा मौका है" वाणी ने उसका हाथ थपथपाया और रेसिंग ट्रैक की तरफ बढ़ गई।

    उसने लक्ष्य की सिल्वर कार सलेक्ट की थी जो देश की वन ऑफ द बेस्ट स्पोर्ट्स कार थी।

    वहीं ईवान की ब्लैक स्पोर्ट्स कार थी जो उसकी मिस्टीरियस एंड डेंजरस पर्सेनालिटी के लिए परफेक्ट थी।



    जैसे ही वाणी ने कार स्टार्ट की और हवा की रफ्तार से दौड़ाई लक्ष्य की आंखें हैरानी से फ़ैल गई,,, "वाणी,,"

    "क्या हुआ?" रियान बोला।

    "वाणी वहीं मिस्टीरियस लड़की है जिसे मैं ढूंढ रहा था" लक्ष्य गहरी सांस लेकर बोला और अपने भाईयों को सारी बात बताई।

    रियान और शौर्य भी हैरान रह गए, "मतलब वाणी ने तुझे हरा दिया? गॉड ऑफ रेसिंग को?"

    "वाणी हमारी फैमिली का ट्रेज़र है पता नहीं और क्या क्या सीक्रेट्स है उसके अंदर" लक्ष्य को अपनी बहन से और प्यार हो गया।


    वहीं रेसिंग ट्रैक पर ईवान रियर व्यू मिरर से सिल्वर कार को देख रहा था उसकी आंखों में हैरानी और एक्साइटमेंट थी। उसे नहीं पता था वाणी इतनी अच्छा ड्राइव करती है। वहीं वाणी को जल्द ही अपनी ग़लती का एहसास हो गया उसने अपनी पूरी जान लगा दी थी लेकिन ईवान उससे आगे ही था। वाणी के एक्सप्रेशन खराब हो गए उसने गुस्से में दांत किटकिटाए 'ये आदमी भोले बनने का सिर्फ नाटक कर रहा था' ईवान की ड्राइविंग स्किल्स आलरेडी लक्ष्य को पार कर चुकी थी।



    ईवान आसानी से ये रेस जीत गया। वाणी बाहर निकली और अपने बालों में हाथ घुमाया, उसका ये एक्शन बहुत ही कूल एंड सेक्सी था।

    "तुम बहुत स्किल्ड हो अगर हमने साथ में प्रेक्टिस की तो कहना मुश्किल होगा कौन जीतेगा" ईवान ने ये बात दिल से कहीं थी। वो लो प्रोफाइल रखता था ऐसी बहुत चीजें थीं जो दूसरों को नहीं पता थीं।

    "आय लॉस्ट" वाणी ने कहा और शर्त याद करके उसके एक्सप्रेशन डार्क हो गए, बहुत लंबे समय से वो सिर्फ जीतती आई थी शायद इसलिए उसे अपनी स्किल्स पर अभिमान हो गया था जो ईवान ने चकनाचूर कर दिया। पर परेशानी ये थी कि वो सच में शादी नहीं करना चाहती थी।

    "डोंट वरी तुम्हारी मर्जी के बिना तुमसे शादी नहीं करूंगा" ईवान मुस्कुराया।

    वाणी ने उसे शक भरी नजरों से देखा, "सच में?"

    "मैं तुम्हारी नज़रों में इतना बुरा हूं क्या कि तुमसे जबरदस्ती करूंगा?" कहते हुए ईवान बिल्कुल उसके पास आ गया। दोनों के चेहरों में बस एक इंच का फासला था और ईवान की गर्म सांसें वाणी को अपनी गर्दन पर महसूस हो रही थी, "तुम सच में मुझे पसंद नहीं करती? जरा सा भी नहीं?" ईवान ने अपनी गहरी आवाज़ में पूछा वाणी ना कहना चाहती थी लेकिन जब उसने ईवान की आंखों में देखा वो सबकुछ भूल गई। ईवान की आंखें ब्राउन रंग की थी बहुत गहरी और खूबसूरत।

    जब तीनों भाई वहां आए उन्होंने ये सीन देखा। रियान ऊंची आवाज में बोला, "क्या कर रहे हो तुम?" लक्ष्य ने वाणी को ईवान से दूर खींच लिया। और तीनों भाई ईवान को घूरने लगे।

    ईवान को बहुत इरीटेशन हुई इतना अच्छा मूमेंट था और ये बीच में टपक पड़े। ईवान जी नहीं जानते थे ये तो सिर्फ शुरूआत थी भविष्य में सिर्फ तीन नहीं वाणी के लिए पांच भाइयों से लड़ना होगा क्योंकि पांचों भाई अपनी बहन के लिए पोसेसिव है।

  • 19. Return of the devil girl - Chapter 19

    Words: 670

    Estimated Reading Time: 5 min

    "बॉस आपने मेडम को जाने क्यों दिया? इतना अच्छा मौका क्यों छोड़ दिया?" शम्भू वाणी को जाते देख बोला।

    ईवान के होंठों पर डेविल स्माइल थी, "वो रेत की तरह है जितना मुठ्ठी में भींचोगे उतना ही वो हाथ से फिसलती जाएगी"

    शम्भू को कुछ समझ तो नहीं आया लेकिन उसने सिर हिला दिया।



    वाणी अभी भी ईवान के बारे में सोच रही थी उसके भाइयों को लगता है वो शादी की वजह से परेशान हैं,

    "डोंट वरी वाणी अगर तुम्हें शादी नहीं करनी तो कोई तुम्हें फोर्स नही कर सकता - लक्ष्य कहता है।

    "हां उस ईवान को हम संभाल लेंगे" रियान बोला।

    "नहीं उसकी जरूरत नहीं है ईवान ने कहा है कि वो मेरी मर्जी के बिना मुझसे शादी नहीं करेगा"

    "क्या? ईवान ने ऐसा कहा?" लक्ष्य को यकीन नहीं हुआ। शौर्य को भी लगा ईवान कोई चाल चल रहा है।



    जब सब घर आते हैं रिद्धि जी लंच बना रही थी। नताशा अपने कमरे में बंद थी और विराज जी बाहर गए हुए थे। दोनों दुश्मनों को ना देखकर वाणी की भूख भी बढ़ गई और उसने ज्यादा ही खा लिया।

    "मॉम वाणी के लिए युनिवर्सिटी सलेक्ट की?" शौर्य बोला।

    "हां फ्लोएड युनिवर्सिटी" दरअसल उनका पांचवां बेटा आदित्य जो एक्टर था वो इसी युनिवर्सिटी में था। रिद्धि जी को लगा आदित्य वाणी का ध्यान रखेगा।

    वाणी भी इसी युनिवर्सिटी में जाना चाहती थी इसलिए उसने हां कर दी।



    ---

    जब वो अपने रूम में आती है उसे अपने मास्टर का विडियो कॉल आता है, जैसे ही वाणी कॉल पिक करती है तीन आदमियों के चेहरे स्क्रीन पर शो होते हैं जो बच्चों की तरह एक दूसरे को धक्का देकर स्क्रीन पर ज्यादा दिखने की कोशिश कर रहे थे।

    अपने मास्टर्स को देखते ही वाणी के होंठों पर स्माइल आ जाती है जो बहुत ही रेयर था।

    "वाणी तुम्हें किसी ने थप्पड़ मारा? मेहरा फैमिली तुम्हें ठीक से तो रखती है ना?" सेकेंड मास्टर गुस्से में बोले।

    वाणी ये बात भूल ही गई थी वो अपना चेहरा घुमा लेती है, "मैं ठीक हूं मास्टर और मॉम और भैया भी बहुत अच्छे हैं"

    "झूठ मत बोलो हमसे कोई बात छिपाने की जरूरत नहीं है" थर्ड मास्टर गुर्राए।

    "मैं सच बोल रही हूं मॉम ने मेरा एडमिशन फ्लोएड युनिवर्सिटी में करवा दिया है जहां मैं चाहती थी मॉम बहुत अच्छी है"

    "अच्छा? मैं आध्या को भेज दूंगा युनिवर्सिटी में वो तुम्हे प्रोटेक्ट करेगी" फस्ट मास्टर बोले।

    "इसकी जरूरत नहीं है" वाणी ने मना किया लेकिन उसके मास्टर्स नहीं माने।



    यहां ईवान के दादाजी रघुवीर सिंह राठौड़ अपने बेटे अर्जुन राठौड़ के साथ पुरानी हवेली पहुंचे। पुरानी हवेली में वाणी के दादा दादी रहते थे।

    उन्होंने सुमंत मेहरा (वाणी के दादा) से सगाई के बारे में बात की।

    बाहर निकलकर अर्जुन जी अपने पिता से बोले, "डैड क्या हम जल्दी नहीं कर रहे?"

    "हमने ईवान को किसी लड़की के सीरियस कभी नहीं देखा और उसकी शादी की उम्र भी हो गई है हम कुछ नहीं करेंगे तो बात आगे कैसे बढ़ेगी?"

    अर्जुन जी ने सिर हिलाया।


    उनके जाने के बाद सुमंत जी ने विराज और रिद्धि को मिलने बुलाया। और सगाई की बात की। रिद्धि जी हैरान हो गई, "लेकिन हमने तो मना किया था? वो लोग ऐसे कैसे आकर शादी की बात कर सकते हैं?"

    "बहु हम तुम्हारी भावनाएं समझते हैं लेकिन सोचकर देखो वो लोग कितना ऊंचा ओहदा रखते हैं फिर भी वाणी का हाथ मांगने खुद हमसे मिलने आए और ईवान जैसा लड़का फिर कहां मिलेगा? उसके पास किस चीज की कमी है? और इस संबंध से हमारे बिजनेस को भी फायदा होगा" रिद्धि जी को समझाते हुए आखिर में वो मेन कारण पर आ गए। सुमंत जी एक महत्वकांक्षी इंसान थे और विराज उनपर गया था। रिद्धि जी ने जब मदद के लिए अपने पति की तरफ देखा उन्होंने उन्हें नजरंदाज किया। अगर वाणी से इतना बड़ा फायदा हो सकता है तो इससे अच्छा क्या होगा?

    रिद्धि जी का दिल भर आया इससे ज्यादा यूजलेस उन्होंने खुद को पहले कभी नहीं समझा था। वो एक ऐसी मां थी जो अपनी बेटी की खुशियों को नहीं बचा सकती।

  • 20. Return of the devil girl - Chapter 20

    Words: 673

    Estimated Reading Time: 5 min

    वाणी ने जब अपनी मां को रोते हुए देखा उसका गुस्सा सांतवे आसमान पर पहुंच गया और वो सीधा ईवान से मिलने पहुंची।

    ईवान वाणी का गुस्से में लाल चेहरा देख चौंक गया।

    "तुम एक नंबर के झूठे हो तुमने तो कहा था मेरी मर्जी के बिना शादी नहीं करोगे अब ये क्या हैं? तुमसे बात नहीं बनी तो अपने दादाजी और डैड को बीच में ले आए?" वाणी गुस्से में बोली।

    "एक मिनट पहले तुम पानी पीयो" ईवान ने उसे पानी दिया लेकिन वाणी ने नहीं लिया बल्कि अपनी लाल आंखों से घूरती रही।

    ईवान ने गहरी सांस ली, "मैंने कुछ नहीं किया दादाजी और डैड मुझे बताकर नहीं गए थे वैसे तुम्हें मुझसे सगाई करने के नाम पर इतना गुस्सा क्यों आ रहा है? मैं इतना बुरा हूं?"

    "क्योंकि तुम्हारी वजह से मेरी मॉम दुखी हैं" वाणी उसे गुस्से में घूरकर बोली।

    ईवान ने भौंहें उछाली।


    कुछ देर बाद मेहरा मेंशन में।

    रिद्धि जी के सामने सोफे पर ईवान बैठा था। और उनके पास वाणी। अभी वाणी घर से बहुत गुस्से में निकली थी और वापस आई तो साथ में ये लड़का था।

    "हैलो आंटी मेरा नाम ईवान है"

    रिद्धि जी ने सिर हिलाया।

    "शायद आपको मेरे बारे में कोई गलतफहमी है लेकिन आपको इतनी जल्दी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए"

    ये सुनकर रिद्धि जी नाराज होकर बोली, "मेरी वाणी सिर्फ अठारह साल की है तुम्हें क्या अधिकार है इतनी जल्दी उसे रिश्ते में बांधने का?"

    वैसे तो शादी की बात पक्की हो गई थी लेकिन फिर भी ईवान यहां था और रिद्धि जी की डांट सुन रहा था।

    ईवान समझ गया प्रोब्लम कहां है वो बोला, "मैं मानता हूं वाणी अभी छोटी है ठीक है हम ये सगाई दो साल बाद करेंगे जब वाणी बीस साल की हो जाएगी मैं उसका इंतजार करूंगा"

    ईवान ने वाणी को देखा जो अविश्वास से बोली, "तुम सच कह रहे हो?"

    "मैंने तुमसे कभी झूठ बोला है?"

    वाणी ने सोचा ये आदमी कितना भी बुरा हो लेकिन उसे देखकर गलत फीलिंग नहीं आती।

    वहीं ईवान को एहसास होता है उसे इस इमोशनलेस लड़की से प्यार हो गया है नहीं तो वो क्यों इस तरह यहां आता? क्यों अपना टाइम वेस्ट करता? ये उसका स्टाइल नहीं था। इसका सिर्फ एक ही जवाब था उसे प्यार हो गया है।

    वाणी ने अपनी मां की तरफ देखा जिन्होंने सहमति में सिर हिलाया।

    "ठीक है अब तुम जा सकते हो" वाणी ने ईवान से कहा।

    ईवान एक पल को उसे देखता रह गया फिर हंसा, "मतलब काम निकल गया तो टाटा गुडबाय?"



    ईवान निकला ही था कि लक्ष्य, शौर्य और रियान भागते हुए आए।

    "कहां है वो?" लक्ष्य इधर उधर देखते हुए बोला।

    "कौन कहां है?" रिद्धि जी भी तीनों को एकसाथ इस समय घर देखकर हैरान थी।

    "अरे वहीं ईवान उसकी हिम्मत कैसे हुई हमारी बहन को धमकाने की?" रियान बोला।

    शौर्य की भौंहें भी तनी हुई थी।

    उन सबके एक्सप्रेशन देखकर वाणी की बोलती बंद हो गई ऐसा लग रहा था जैसे जंग लड़ने आए हो।

    "ईवान ने कहा है वो अपने दादाजी से बात करेगा और अभी शादी नहीं होगी" वाणी ने जवाब दिया।

    "सच? वो इतना भला मानुष तो नहीं लगता?" लक्ष्य ने दांत किटकिटाए।

    रिद्धि जी ने अपने बेटों को शांत करवाया हालांकि उनका दिल खुशी से झूम रहा था। उनके पति भलेही उनके दिल की बात नहीं समझते थे लेकिन भगवान ने उन्हें आज्ञाकारी बेटे देकर सारी कमी पूरी कर दी।



    ---


    अगले दिन जब वाणी नीचे आई, डाइनिंग टेबल पर एक नए सदस्य को देखकर चौंक गई। वो था आदित्य मेहरा अपने भाईयों में सबसे छोटा। आदित्य एक पोप्युलर एक्टर था ज्यातातर समय शूटिंग के लिए बाहर ही रहता था। पांचों भाई देखने में एट्रेक्टिव थे लेकिन पांचों की अलग अलग स्पेशलिटी थी। जहां शौर्य मेच्योर हैंडसम सीईओ था वहीं आदित्य की चार्मिंग ब्यूटी थी। उसके चेहरे पर दिलकश मुस्कान रहती थी जो लड़कियों को दिवाना बना देती।

    फिलहाल नताशा आदित्य के पास बैठी बातें किए जा रही थी। ऐसा लग रहा था दोनों बहुत क्लोज़ है। वाणी ने अबतक नताशा को किसी भाई से इतना क्लोज नहीं देखा था।