Novel Cover Image

तेरे इश्क मे पागल

User Avatar

Miss Novelist

Comments

0

Views

99

Ratings

1

Read Now

Description

इसमें मेन किरदार मे है साहिल और रैना पर आपको जबरदस्त रोमांस और क्यूट लव देखने को मिलेगा सागर और रिमझिम के किरदारों मे भी 🤗 यह स्टोरी फुल फैमली लव स्टोरी और मैरिड लाइफ स्टोरी है जिसमे आपको वह सब मिलेगा जो एक हार्ट टचिंग और दिल को जैसे जीत लेने वाली...

Characters

Character Image

जिब्रान अली

Hero

Character Image

ज़ैद

Hero

Character Image

गौरव

Hero

Total Chapters (32)

Page 1 of 2

  • 1. तेरी इश्क मे पागल - Chapter 1

    Words: 1469

    Estimated Reading Time: 9 min

    जब रैना अपनी बहन मीता की बेटी रिया की शादी में आई तो उसे यहां बहुत मजा आ रहा था, एक तो वो वैसे ज्यादा कहीं आती-जाती नही थी और जो कभी मौका मिला तो अपनी फ़्रीडम की सारी कसर निकाल ही लेती।

    वो शादी में अपनी कुछ दोस्त सनम और पूजा के साथ आई थी।
    रिया की सेम उम्र होने की वजह से रिया उसकी भांजी कम दोस्त ज्यादा थी और ये तो आप भी समझ सकते हैं दोस्त की शादी और फिर उसमें बाकि के सारे दोस्तो का इकठ्ठा हो आना.... मजा ही कुछ और होता है😊


    रैना को शादी में बहुत मजा आ रहा था और उसे वैसे भी शादियां देखना और शादी की वो प्यारी-प्यारी हैप्पीनेस वाली रशमें बहुत अच्छी लगा करती थी, सो वो इस शादी में भी बहुत मस्तमौला थी और फुल इंजॉय कर रही थी।


    अपने दोस्तों के साथ शादी में आए हुए उसे आज दूसरा दिन हुआ था, घर में शादी का माहौल था और सब अपने-अपने में बिजी थे।
    जहाँ कोई काम कर रहा था, वहीं कोई एकदूसरे के साथ टाइमपास में लगा था तो कोई मस्ती-कॉमडी गॉसिप कर रहा था तो कोई भागदौड़.... अरे सब बिजी थे फुली एंजॉयमेंट थी वहां आये सभी मेहमानों की दूर और करीबी रिश्तेदारों की🤗


    रैना को थोड़ा एकांत चाहिए था तो वो चुपचाप से महफिल से दूर अकेले झन्नाटे सी जगह में आ गई और एक चेयर डाल कर आराम से बैठ गई।
    उसे अभी कुछ देर ही हुई थी वहां अकेली बैठे हुए की एक लड़की उसके पास आई थी जो दिखने में सत्तरह-अठ्ठरह साल की प्यारी सी और बेहद ही खूबसूरत हंसमुख सी लड़की थी।

    वो लड़की रैना के पास आकर एक दूसरी चेयर खिसकाते हुए उसके करीब ही बैठ गई रैना ने उस पर एक नजर डाली और वापस अपना मोबाइल देखने लगी।


    हाय दी...क्या कर रहीं हैं आप? "वो लड़की काफी खुशदिली और अपनेपन से रैना से बोली थी जिसे रैना सुना अनसुना करे अपने फोन में लगी रही।।
    दी...दी क्या कर रहीं हैं आप?  "उस लड़की ने दुबारा से पूछा था।


    रैना चौककर बोली।...."कौन मैं....मैं?


    और कौन है यहां पर,कोई नही ना तो मैं आपसे ही बात कर रही हूं दी? "वो लड़की हंसकर बोली तो रैना उसकी तरफ मुड़ गई और उसे इस बार गौर से देखा था तो उस लड़की ने उसी तरह हंसते हुए वापस कहा!!
    दी मैं आप ही से बात कर रही हूं!



    रैना भी खुश होकर बोली।.... "सॉरी मैंने तुम्हे देखा नहीं और ना ही सुना था तुम्हारी बात को।


    ईट्स फाइन! "रैना झेंप गई थी पर वो लड़की उसे एकटक देखती ही रही।।
    मैं कल से इस शादी में आई हूं ये मेरे अंकल यानी मेरे पापा के दोस्त का घर है उन्ही की बेटी की शादी है।


    ओह...सो गुड और मैं अपनी बहन के घर आई हूं जिसकी शादी है वो मेरी दीदू की बेटी है और मेरी दोस्त।  "रैना ने सिम्पली जवाब दिया था।।


    वाव!! यू नो मैं जब से यहां आई हूं और आपको देख रही हूं आप ज्यादातर अकेली ही रहती है.... ऐसा क्यो? लड़कीं ने पूछा।


    रैना बोली।...."हां क्योंकि मुझे अकेलापन पसंद है और ज्यादा भीड़ भाड़ वगैरह में मुझे अच्छा नहीं लगता है।


    सच...मेरे भैया की ही तरह! "वो लड़की एकदम से झन्नाटे से बोली तो रैना बेचारी चौक गई।
    मेरे साहिल भाई को भी महफिल में बोरिंग होने लगती है।


    रैना फॉरमैलिटी में पूछा।... "अच्छा, ऐसा क्या?


    हां सच में, एनीवे आई एम रिमझिम! "वो लड़की जल्दी से बोली।


    रैना  हैरत से बोली।.... "क्या रिमझिम?


    रिमझिम  ने कहा.... "अरे मेरा नाम रिमझिम है!


    रैना ने हंसकर कहा।.... "वाव.... नाइस नेम!


    थैंक्यू! मेरी मम्मी ने रखा है मेरा नाम और दी आपका नाम क्या है? "रिमझिम ने पूछा।


    नहीं मेरा नाम कुछ खास नहीं! "रैना ने उस लड़की को टालते हुए कहा था जो बेवजह ही उसके करीब होती जा रही थी और बार-बार उससे बात करने की कोशिश रही थी जबकि,
    रैना ने उसे आज से पहले कभी देखा भी नहीं था और ना ही वो दोनो ही एकदूसरे को जानती, पहचानती थी या कभी मिली ही थी।।


    रिमझिम मुस्कुराकर बोली।... "कोई बात नहीं दी आपका नाम अच्छा नहीं है, ईट्स ओके पर बताइये तो!


    मैंने कहा ना मेरा नाम मुझे पसंद नहीं और इसीलिए मैं अपना नाम ज्यादा लेती ही नही हूं। "रैना बोरीयत से बोली।


    रिमझिम ने तपाक से कहा।... "क्यों नाम खूबसूरत क्यों नहीं आप तो इतनी ज्यादा प्रिटी है?


    तो तुम मेरी क्लास ले रही हो ना, कहां से हूँ मैं प्रिटी आई नो मय पर्सनालिटी? "रैना ने अफसोस जताया था।।


    ऐसा क्यो बोलती है दी? मुझे तो आप वाकई प्यारी सी परी लग रहीं हैं, प्लीज बताइए ना आपका नाम। "रिमझिम जिद पर उतर आई।


    नही और मैं जानती हूँ मैं प्रिटी नही मुझे अंदाजा है अपने सांवले-ब्लेक कलर और अगली से इस फेस का। "रैना ने टूटे हुए दिल से कहा था जैसे उसे दुख हुआ था खुद की बनावट पर ही!!


    ये आपका भ्रम है जो आप खुदको ऐसा बोल रही है क्योकि आप तो बहुत ज़्यादा अच्छी है एन, आई एम श्योर आपका नाम भी बहुत अच्छा ही होगा।


    मेरा नाम रैना है! "रैना ने जल्दी से कहा था ताकि उस लड़की से पीछा छूट जाए और वो उसके पास से चली जाए पर वो भी शायद अपने नाम की एक ही थी जो जाने के बजाय अपनी चेयर रैना के और भी पास ले आई थी।।


    ओह मय गॉड इतना प्यारा नाम है आपका और आप कहती हैं खूबसूरत नहीं ईट्स टू मच दी!


    थैंक यू सो मच! "रैना यूँ ही बोली।


    रिमझिम ने कहा।.... "एन हां दी आप भी बहुत खूबसूरत हैं बहुत ज्यादा प्यारी सी।


    रिमझिम प्लीज,  मुझे पता है मैं क्या हूँ और कितनी खूबसूरत हूं तो प्लीज् मुझे चने के झाड़ पर मत चढ़ाओ तुम?


    क्या मैं आपको दी बोल सकती हूं?


    श्योर! क्यों नहीं?


    तो आप मेरी दोस्त बनोगी क्या और आप मुझसे फ्रेंडशिप करोगी, प्लीज!


    फ्रेंडशिप!! "रैना धीरे से मन मे बोली।


    रिमझिम खुशदिली में चूर थी।.... "यस, मैं भी यहां शादी में अकेली बोर हो रही हूं कल से आई हूं कोई दोस्त ही नहीं बनी मेरी अब तक बट, आप मुझे थोड़ा डिफरेंट लग रही है आप मुझसे फ्रेंडशिप करेंगे, प्लीज् दी?


    हां ठीक है! "अब रैना को भी उसकी मासूम सी बातें बेहद अच्छी लगने लगी थी क्योंकि उस लड़की के चेहरे पर बेहद ही मासूमियत झलक रही थी जो रैना को अच्छी लगी और उसने फौरन ही अपना हाथ उससे फ्रेंडशिप के लिए आगे फैला दिया था।।


    चलिए मैं आपको अपनी मम्मी से मिलवाती हूं! "रिमझिम ने रैना का हाथ अपने दोनो हाथों में समेट सा लिया था मानो उसे रैना को दुबारा खुद से दूर नही होने देना था और रैना हाथ छूटते ही गायब हो जाने को थी।।

    रिमझिम हँसकर बोली।.... "मैं आपको अपनी मम्मी से मिलवाऊंगी तो वो भी बहुत खुश होंगी


    क्यों? "रैना सवालिया से उसे देखने लगा।


    मम्मी बहुत अच्छी है मेरी! "रिमझिम क्यूट सी लग रही थी इस वक्त।


    अच्छा! ऐसा क्या?


    हां! और आपको उनसे मिलना जरूरी है।


    बट व्हाई?


    अरे चलिये तो! "रिमझिम ने रैना का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचा था और दोनों एक साथ हंसती हुई आगे बढ़ गई थी।।


    रिमझिम ने रैना को कुछ दूर पर छोड़कर फिर अपनी माँ रेखा को अकेले में ले जाकर उनसे जाने क्या-क्या, कितना कुछ और क्यो कहा था कि उन्होंने भी हंसते हुए मुस्कुराते और निहायती अपनेपन से रैना के सर पर अपना हाथ रख दिया था और हंसती हुई उसे आशीर्वाद देती रहीं।

    रैना अभी रिमझिम की मम्मी से बात ही कर रही थी जब रिमझिम ने उसका हां दुबारा से पकड़कर अपनी तरफ खींचा था।


    क्या हुआ रिमझिम? "रैना ने उससे पूछा।


    मम्मी को छोड़िये दी आप मेरे साथ चलिये! "रिमझिम उसे खींचते हुए बोली।


    अरे पर तुम्हारी मम्मी मुझसे बात कर रहीं हैं ऐसे कैसे मैं उन्हें इग्नोर कर दूँ?


    मम्मी मैं मेरी फ्रेंड को अपने साथ ले जाऊँ क्या आप बाद में इनसे मिल लीजिएगा प्लीज् मम्मी? "रिमझिम ने इस बार रैना के बजाय अपनी माँ से कहा था तो उन्होंने बेहद ही चाहत से अपनी छोटी सी बेटी का गाल थपथपाया दिया।


    रिमझिम फिरसे बोली।.... "मम्मी प्लीज् आप माइंड ना करना मैं रैना दी को ले जाऊँ इन्हें किसी और से मिलवाना है??


    ठीक है मेरी प्रिंसेस! "रेखा ने प्यार से कहा और रैना से बोली।.... "जाओ रैना मिल लो इसकी दोस्तो से।


    थैंक्स मॉम! "रिमझिम उनसे लिपट गई ओर रैना का हाथ पकड़े आगे बढ़ गई।


    रैना ने उसका गाल छूकर प्यार से कहा।.... "रिमझिम तुम कितना क्यूट हो यार!


    बहुत ज्यादा क्यूट हूँ मैं! अब आप चलिये यहां से मैं आपको किसी और से मिलवाती हूं? "रिमझिम शरारत से हंस दी।


    पर किससे? "रैना ने पूछा।


    रिमझिम उसी तरह बोली।.... "अरे चलिए तो पहले!


    नही तुम पहले बताओ किससे मिलवाओगी रिमझिम? "रैना ने कहा पर रिमझिम बिना कुछ बोले उसे खींचती हुई घर के बाहर ले आई थी।।



    और आगे............

  • 2. रिमझिम का जबरदस्ती रैना को भाभी बुलाना - 2

    Words: 1128

    Estimated Reading Time: 7 min

    बहुत ज्यादा क्यूट हूँ मैं! अब आप चलिये यहां से मैं आपको किसी और से मिलवाती हूं? "रिमझिम शरारत से हंस दी।


    पर किससे? "रैना ने पूछा।


    रिमझिम उसी तरह बोली।.... "अरे चलिए तो पहले!


    नही तुम पहले बताओ किससे मिलवाओगी रिमझिम? "रैना ने कहा पर रिमझिम बिना कुछ बोले उसे खींचती हुई घर के बाहर ले आई थी।।

    रिमझिम रैना को जबर्दस्ती खींचते हुए बाहर ले आई और एक लड़के की तरफ इशारा करते हुए बोली जो किसी काम मे बिजी था।.... "वो देखिए दी वो सामने जो लड़का खड़ा है ना!


    कौन लड़का?  "रैना ने अनजान होते हुए पूछा था और बाहर की और जस्ट सामने देखने लगी जहां पर शादी में आये अनगिनत लोग खड़े थे।।


    अरे वह जो ब्लैक शर्ट में है ना क्यूटू सा हैंडसम और स्मार्ट सा सबसे अलग चॉकलेटी बॉय! "रिमझिम ने दुबारा कहा।



    पर यहां पर तो बहुत सारे ब्लैक शर्ट वाले हैं तुम किसकी बात कर रही हो रिमझिम?


    ओके मै अभी उनके पास जाकर उनको दिखाकर वहीं से इशारा करती हूं  आपको, ठीक है ना!


    नहीं, नही रहने दो रिमझिम यहीं से बताओ क्या बात है? "रैना ने घबराते हुए रिमझिम को पकड़ लिया था कि कहीं वो वाकई में वहां से किसी लड़के को पकड़कर लायेऔर  उसके सामने ना खड़ा कर दे।।


    रैना ने आहिस्तगी स्व पूछा।.... "बताओ रिमझिम कौन है वो और उससे क्यो मिलवाना चाहती हो तुम मुझे?


    हां तो दी वो जो लड़का है ना जो यहां पर सबसे ज्यादा हैंडसम लग रहा है वह मेरे भाई है.... साहिल!


    ओह! "रैना ने धीरे से सर हिला दिया।


    रिमझिम ने पूछा।...." हां, वैसे दी वो आपको दिखे कि नहीं?


    हां देखा मैंने! "रैना ने रिमझिम की उंगली की इशारे के तरफ देखा था तो उसे वहां पर एक लड़का दिखाई दिया जो वाकई में रिमझिम की बातों की तरह ही बेहद स्मार्ट और एक शानदार पर्सनालिटी का हैंडसम सा बंदा था।।


    रिमझिम मासूमियत से पूछा।.... "दी वो आपको पसंद आया ना, मिलवाऊं क्या उनसे? 


    रिमझिम ने पूछा तो रैना ने उसे हैरानी से देखा था।.... "मतलब?


    मतलब कि वह लड़का आपको पसंद तो आया ना? "रिमझिम ने फिरसे लड़के की तरफ देखते हुए रैना से पूछा।


    रिमझिम की बाते रैना को समझ नही आ रही थी वो हैरत से बोली।.... "क्यो, तुम ये क्यो पूछ रही हो? तुम्हारा भाई है तो अफ्कोर्स अच्छा है।


    वह लड़का सभी लड़कियों को पसंद ही आता है और सब इनसे प्यार करने लगतीं है पर वह किसी को भी घास नहीं डालते क्योंकि उन्हें मम्मी और पूरी फैमली की पसंद  से शादी करनी है। "रिमझिम गर्व से बोली। 


    ये बहुत अच्छी बात है पर यह सब तुम मुझे क्यों बता रही हो रिमझिम?
    "रैना रिमझिम को देखते हुए बोल रही थी।.... "बिल्कुल रिमझिम फैमली की पसन्द से शादी करना ये तो सबसे बेस्ट होता है।


    दी मैं ये सब आपको इसलिए बता रही हूं क्योंकि कल मेरे साहिल भाई आपको बार-बार देख रहें थे और मुझे लगता है इन्हें आप पसन्द हो। "रिमझिम सडनली बोली


    हें....व्हाट रिमझिम! "रैना हैरान रह गई।


    यस दी मैं सच कह रही हूं मेरे भय्यू कभी किसी लड़की को पलटकर नही देखते कोई कितना भी भाव क्यो ना दे लेकिन मैंने इनको कल कई बार आपको देखते हुए पाया और मुझे फील हुआ कि ये जरूर आपको पसन्द करते हैं पर कह नही सकते ना ही आपसे और ना ही घर मे ही किसी से? "रिमझिम ने सीरियसली बोलना शुरु किया और बोलती ही रही।

    रैना दी साहिल भाई घरवालों से कभी नही कहेंगे कि ये किसी को पसन्द करते हैं या अपनी मर्जी से किसी से शादी करना चाहते हैं...फिर चाहे ये किसी को कितना ही क्यो ना प्यार करते हो पर चुप ही रहेंगे?
    ये घरवालों से आपके लिए बात नही कर सकेंगे तो क्या हुआ मैं हूं ना रैना दी, जब मेरे भय्यू अपनी फैमली केलिये खुदकी खुशी से कोम्प्रोमाईज़ कर सकते हैं तो हम तो....!   

    दी मैं और मेरा परिवार साहिल भय्यू की खुशी ही चाहता है।  "रिमझिम बोलती रही और रैना सबकुछ चुपचाप से खड़ी सुन रही थी।।

    साहिल भाई को लगता है वो फैमली की पसन्द से शादी करेंगे तो सब खुश होंगे पर हम सबको लगता हैं जब वो अपनी मैरीड लाइफ में खुश रहेंगे तो ही हम सबको भी ख़ुशी मिलेगी।

    रैना दी मेरे साहिल भाई शायद आपको लाइक करते हैं और मैं चाहती हूँ आप ही उनकी बीवी बनकर उनकी लाइफ में आएं! 
    उनकी मर्जी से नही बल्कि उनके पूरे परिवार की मर्जी से और वो बोले ना बोले हम सब उनको खूब समझते हैं इसीलिए मैं चाहती हूं आप सिर्फ उनकी बने।


    रैना जो हैरत से आंखें फाड़े कबसे रिमझिम की बातें सुन रही थी एकदम से झल्लाकर बोली।.... "रिमझिम आर यू मैड? इतनी छोटी सी हो और ऐसी बाते! तुम अपने भाई को खुश देखना चाहती हो ईट्स वेरी नाइस पर तुम बीच मे मुझे क्यो ला रही हो?


    रिमझिम शरारत से हंसने लगी।.... "क्योकि भाई मेरी पसन्द से ही भाभी लाएंगे!


    रैना उसी तरह बोली।.... "हां तो! मैं क्या करूँ इसमे?


    आपको ही करना है दी क्योकि मेरी पसंद आप ही हो और आज से आप मेरी भाभी हुई। "रैना ने बोरियत से कहा था तो रिमझिम काफी रिलैक्स होते हुए कूल सी बोली थी।।
    मेरी भाभी और मेरे साहिल भाई की होने वाली वाइफ।


    व्हाट? "रैना एकदम से चौक गई थी।।
    रिमझिम यह तुम क्या बोल रही हो?


    मैं सच बोल रही हूं! जबसे मैंने आपको इस शादी में देखा है मुझे भी आप बहुत पसंद आई है और आप मुझे इतना अच्छी लगने लगी कि मैं आपसे बात करना चाहती थी पर मौका ही नही मिला और जब मौका मिला तो....😊
    इसीलिए तो मैंने आपको अपनी मम्मी से भी मिलवाया है ताकि, घर जाते ही मैं आपके और साहिल भाई केलिए मम्मी से बात कर सकूं।

    रैना को समझ नहीं आ रहा था वो रिमझिम से क्या कह कर बात करें जो अब पूरी तरह से रैना से खुलकर बात कर रही थी


    रैना सर पकड़कर बोली।.... "ओह गॉड रिमझिम तुम्हारा दिमाग खराब है क्या यह सब क्या बकवास कर रही हो?


    बकवास नहीं कर रही भाभी यहां पर बहुत सारी लड़कियां हैं जो बहुत खूबसूरत हैं पर उन सब में आप मुझे डिफरेंट लगी हो क्योकि आप वाकई मेरी सांवली सी शरबती और मीठी सी भाभी के लायक लड़की लगी हो...कसम से।  "रिमझिम ने तो और भी बहुत कुछ कहा था पर रैना तो बस उस एक भाभी लफ्ज में ही अटककर रह गई थी।।


    व्हाट...भा...भाभी। "रैना सुलग ही उठी थी।


    यस भाभी! आप मेरे साहिल भाई से शादी करोगी तो मेरी तो भाभी ही हुई ना! "रिमझिम शरारत से बोली।


    ओह गॉड रिमझिम बस करो प्लीज्... मैं जा रही हूं, बाय! "रैना पांव पटखती हुई वहां से वापस घरके अंदर चली गई थी और रिमझिम हंसती रही फिर दौड़कर अपने भाई साहिल के पास आ गई।।



    और आगे...........

  • 3. साहिल हैंडसम हंक - 3

    Words: 1620

    Estimated Reading Time: 10 min

    ओह गॉड रिमझिम बस करो प्लीज्... मैं जा रही हूं, बाय! 

    रैना पांव पटखती हुई वहां से वापस घरके अंदर चली गई थी और रिमझिम हंसती रही फिर दौड़कर अपने भाई साहिल के पास आ गई।।


    क्या कर रहे हो साहिल भाई? "रिमझिम ने साहिल से पूछा।


    अरे गुड़िया यहां पर अंकल की बेटी की शादी में आया हूं तो काम तो करना ही पड़ेगा ना! "साहिल हल्का सा मुस्कुरा दिया अपनी बहन को देखकर।।
    रिमझिम देखना यहां सब कितना काम करवा रहें हैं यार तेरे भाई से!


    कोई बात नहीं भाई अंकल की बेटी की शादी में ही तो आपको अपनी भी शादी का जुगाड़ लग गया ना? "रिमझिम नॉटी अंदाज से साहिल के सामने आकर खड़ी हो गई।


    मतलब? "साहिल ने पूछा।


    मतलब कि आपकी बहन ने यहां अपने लिए भाभी और आपके लिए बीवी ढूंढ ली है भाई....वाव!


    अरे वाह रिमझिम तू तो बहुत ही स्मार्ट लड़की निकली स्वीटी!  "साहिल ने उसकी नाक होले से छूकर मुस्कराते हुए कहा।
    तू अब बड़ी हो गई है छोटू!


    अब पुलिसवाले की बहन हूं तो इतना तो स्मार्ट होना ही पड़ेगा, पता है भाई वह लड़की ना मम्मी को तो बहुत ही ज्यादा पसंद आई और मुझे तो बहुत-बहुत और बहुत ही अच्छी लगी एन, आई एम श्योर वो आपको भी पसन्द आयेंगी। "रिमझिम खुशदिली से बोल रही थी।
    भाई मैंने उन्हें मम्मी से मिलवा दिया है और घर जाते ही हम इस टॉपिक पर बात करेंगे ठीक है ना!!


    हां ठीक है रिम्मी जैसा तुम कहो। "साहिल ने उसे अंगूठा दिखाते हुए मुस्कुराकर हांमी भर दी थी और रिमझिम हंसती हुई वहां से वापस चली गई।।


    साहिल वापस अपने काम में लग गया जब रैना की दीदी का बेटा सागर उसके पास चला आया था।।


    सागर -  क्या बात है साहिल भाई रिमझिम क्या कह रही थी?


    अरे यार मैंने खुद नहीं सुना उसने क्या कहा मैं तो बस हां मैं और नहीं में सर हिला रहा था जो समझा यूँ ही बोल दिया? "साहिल ने पलकें झपकते हुए कहा था


    व्हॉट पर वो तो कुछ कह रही थी ना मैंने गेट पर से देखा था साहिल भाई? "सागर हंसता हुआ पर हैरत से बोला।


    हां कह तो रही थी पर मुझे उसकी बातें सुनाई नहीं दी क्योंकि मेरे कान में ईयर फोन लगा था और मुझे नहीं पता उसने क्या-क्या बोला और क्यो? "साहिल ने हंसते हुए एक आंख दबाकर कहा था तो सागर भी हंसने लगा।।

    उन दोनो ने रिमझिम की मासूमियत पर एक साथ कहकहे लगाए थे।


    सागर ने हंसकर कग।.... "वाह भाई आपने तो रिमझिम को फूल ही बना दिया अगर उसे पता चला तो आपका सर खा जाएगी वो।


    साहिल भी खुश होकर बोला।.... "अरे सिर्फ सर नहीं खा जाएगी वह मुझे जान से मार डालेगी!


    यह तो है! "दोनों खिलखिला दिए थे और साहिल वापस से सीढ़ी के ऊपर चढ़ गया था रेलिंग सजाने के लिये।।


    साहिल वापस सागर के साथ शादी की तैयारियों में लग गया था और कुमकुमो का भारी बंडल सागर के गले मे था।


    सागर ने बनावटी गर्व से कहा।...."साहिल भाई ऐसी लाइटिंग करूंगा ना मैं अपनी रिया दी की शादी का कि सब मुझे शादियों का मास्टरशेफ मानेगे।


    पागल उसे मास्टरशेफ नही वैडिंग प्लैनर कहते हैं मास्टरशेफ तो खाना बनाने वाले को कहा जाता है। "साहिल ने सागर के सर पर चमाट लगाते हुए कहा।


    हां हां वही सेम टू सेम😊


    सागर और साहिल दोनो मस्तियाँ कर रहें थे जब साहिल के बड़े भाई अमर और उसकी भाभी ने आवाज दी थी तो वह उनकी तरफ चला आया।.... "हे लिसेन साहिल जरा यहां आओ।


    क्या बात है अमर भाई? " साहिल उसकी तरफ आते हुए बोला।


    साहिल तुम जरा अपनी भाभी को लेकर मार्केट चली जाओ यार दूल्हे केलिए कुछ शगुन का सामान खरीदना है जो रह गया था एंड अभी ऐनटाइम पर मम्मी ने बताया है तो जरा जल्दी करना? "अमर ने सीरियसली और नोर्मली बेहद सादगी से कहा था।।


    वो तो ठीक है भाई पर मैं नहीं जाऊंगा भाभी को लेकर आप क्यों नहीं जाते मम्मी ने तो आपसे ही बोला होगा ना कि अपनी वाइफ को ले जाओ और शॉपिंग कराओ और आप मुझे फंसा रहे हैं....व्हाई? "साहिल ने काफी नटखट तरीके से शरारत में एक आंख दबाते हुए कहा था जिस पर उसकी भाभी को हंसी आ गई थी।
    " "बोलिये भाई भला मैं क्यों जाऊं? ये बीवी तो आपकी हैं, आप लेकर जाइए।


    साहिल में कह रहा हूं ना मुझे और भी काम है तुम भाभी के साथ चले जाओ यार, प्लीज्।  "अमर ने रिक्वेस्ट भी की थी तो ऑर्डर की तरह।।


    भाई यह आप लोगों का ठीक है, वो घर मे सबसे छोटी बहन मिस रिमझिम रानी हमारे घर की जान और आप जो घर के सबसे बड़े हो तो पूरे घर की शान
    और मैं...मैं बेचारा बीच का बिचौलिया घर का कुत्ता हूं क्या? "साहिल ने सब एक ही सांस में कह डाला था।।

    मुझे कोई कुछ समझता ही नहीं मैं घरवालों का दुलारा क्यो नही?  "साहिल ने रोना रोया था जब उसकी भाभी ने उसका कान पकड़कर घुमा दिया।।


    साहिल के भाभी राधा उसे प्यार से देखते हुए बोली।...." अरे मेरे प्यारे देवर जी ये रोना-धोना, आंसू बहाना घर चलकर कर लेना अभी चलो मेरे साथ जल्दी मुझे लेट हो रहा है।


    उफ्फ.... कान की वाट मत लगाइए, लोग देखेंगे तो मेरी इज्जत का फालूदा हो जायेगा, प्लीज् भाभी! साहिल ने शरारत से कहा।


    तो चल रहे हो या नही? राधा ने बनावटी डाँटती नजरो से पूछा।


    चलूंगा ना, अफ्कोर्स चलूंगा भाभी पहले छोड़िये तो, प्लीज् लड़कियां देख रहीं हैं समझा कीजिये!  "साहिल ने उसी तरह शरारत से कहते हुए अपने सामने देखा था जहां शादी में आये हुए बहुत से रिश्तदार खड़े थे।

    साहिल ने अपनी भाभी का इशारा एक तरफ कर दिया था जहां कई सारी गर्ल्स खड़ी वाकई में उस पर हंस ही दी थी।।


    राधा उसके क्यूट से फेस को देखते हुए हंस कर बोली।...."समझती हूं बच्चू मैं सब समझती हूं!



    मेरी प्यारी भाभी! "साहिल ने उसे पुकारा।


    राधा  ने भी उसी तरह कहा।.... "बोले मेरे प्यारे देवर!


    ओके ठीक है, चलिये! "साहिल हंसता हुआ अपनी बाइक की तरफ आ गया था और साथ ही उसकी भाभी भी।।

    भाभी आज तो हम दोनों मार्केट में फुल मजा करेंगे ठीक है ना!


    हां ठीक है इसीलिए तो मैं तुम्हारे भाई के साथ नहीं गई ताकि तुम्हारे साथ घूमने जा सकूँ! "साहिल ने जितनी शरारत से कहा था उसकी भाभी उतने ही फनी मूड में हंसते हुए बोली।
    चलो हम दोनों आज सारा दिन मार्केट में मजे करेंगे, घूमेंगे, फिरेंगे, खाएंगे।


    हां भाभी वही तो, बिल्कुल आज हम दोनो आजाद हैं। "दोनों अभी निकलने ही वाले थे जब दौड़ती हुई रिमझिम भी वहीं चली आई थी।।


    रिमझिम - साहिल भय्या, भाभी आप दोनों कहीं जा रहे हो क्या?   


    हां जानू हम मार्केट जा रहे हैं कुछ जरूरी काम था।  "साहिल ने अपनी बहन का गाल प्यार से छूकर कहा था।
    " "तुम्हे कुछ काम है क्या रिमझिम?


    रिम्मी हम अभी आ जाएंगे बेटा तुम्हे कुछ चाहिए तो बता दो मैं ले आऊँगी? "इस बार साहिल की भाभी राधा ने रिमझिम का गाल थपथपाया था तो वो खुशदिली से चहक उठी थी।।


    रिमझिम खुश होकर बोली।.... "वाव! आप लोग मार्केट जा रहें हैं... नाइस मुझे भी चलना है भाई!


    ओह हेलो हम वहां कोई गोलगप्पे खाने नहीं जा रहे हैं समझी ना! काम से जा रहे हैं। "रिमझिम ने काफी उतावलेपन से कहा था तो साहिल ने उसे डांटती नजरो से देखा था।।


    राधा ने रिमझिम की तरफ देखते हुए पूछा।.... "रिम्मी तुम वहां क्या करोगी? हम बस अभी थोड़ी देर में ही वापस आ जाएंगे जरा सा ही तो काम है।


    ठीक है भाभी आप दोनों वहां पर अपना काम कर लीजिएगा और गोलगप्पे मुझे खिला दीजिएगा।  "साहिल और उसकी भाभी कुछ कह पाते की रिमझिम ने फौरन ही कितने आराम से अपनी राय पेश की थी।


    साहिल रिमझिम को इनकार करता कि उसकी भाभी राधा फौरन ही रिमझिम के साइड हो आई थीं।..... "ठीक है रिम्मी तुम चलो हमारे साथ मैं तुम्हे तो इंकार कर नही सकती। 
    राधा मुस्कुराते हुए बोली थी आखिर राधा को भी तो अपनी नन्द बहुत प्यारी थी और वो उसे उसके दोनो भाइयों अमर और साहिल जितना ही लाड-दुलार करती थी।।


    थैंक्यू भाभी!   "रिमझिम मुस्कुराती रही और साहिल जल गया था।।


    भाभी यह ठीक है आपका, आप दो पल में अपनी ननंद की साइड हो जाती हैं और मुझे अकेला कर देती हैं। "साहिल जैसे रूठ ही गया था।।
    ये गलत बात है भाभी


    राधा ने हंसकर कहा।.... "हां तो देवर जी रिमझिम मेरी प्यारी ननंद नहीं है क्या मय प्रिंसेज?


    ठीक है चलो अब लेट हो रहा है मैं भाई से गाड़ी की चाबी लेकर आता हूं बाइक से ट्रिपल नहीं जा सकते। "साहिल ने कहा और आगे बढ़ गया गाड़ी लेने। 


    ठीक है साहिल हम गेट पर रुकते हैं! "राधा रिमझिम का हाथ पकड़े हुए बोली।


    साहिल ने कहा।.... "तुम भी भाभी के साथ जाओ रिम्मी मैं वहीं आता हूँ।


    रिमझिम एकदम ही बोली।.... "लिसेन भाई!


    अब क्या है रिमझिम मैडम जी?  "साहिल ने पूछा।


    रिमझिम ने प्यार से कहा।.... "साहिल भाई अब जब की हम कार से ही जा रहे हैं अपनी तो मैं मेरी कुछ फ्रेंड्स को भी साथ लेलूं क्या, प्लीज् भाई, प्लीज् भाभी?


    अरे नही नही....कुछ फ्रेंड्स को क्यों रिम्मी डार्लिंग पूरे मोहल्ले को इकट्ठा कर लो ना? "साहिल ने इरिटेशन से कहा था जिसका रिमझिम पर कोई असर नहीं हुआ और वह दौड़ते हुए घर के अंदर चली गई थी अपने दोस्तों को बुलाने।।।

          
    और आगे...........

           
    और अब आप लोगों को तो पता ही होगा रिमझिम किसे बुलाने गई है? तो क्या रिमझिम जिसे बुलाने गई है वो वाकई उसके साथ गोलगप्पे खाने जाएगी भी या नही?😊
    और अगर नही जाएगी तो क्या होगा, और जो जाएगी तो क्या-क्या होगा
    यह जानने के लिए पढ़ेंगे हम इसका नेस्ट पार्ट....थोड़ा सा वेट एन वाच


    Rida Khan

  • 4. रिमझिम लाई रैना को साहिल के पास - 4

    Words: 1362

    Estimated Reading Time: 9 min

    रिमझिम गई तो साहिल और राधा एक दूसरे का चेहरा देखते रह गए थे।

    भाभी पता नहीं यह किसे बुलाकर लाएगी अभी दो दिन हुए नहीं इसे यहां आए हुए और दोस्त भी बन गए?  "साहिल ने हैरत और तंज से कहा।
    " "पागल कहीं की!


    अरे साहिल तुम इतना क्यों रिएक्ट कर रहे हो? बच्ची है अभी कोई लड़की मिल गई होगी दोस्ती हो गई, जस्ट चिल।  "राधा ने साहिल के ऑफ हुए मूड को देखा तो उसे समझाते हुए कहा था।


    भाभी मैं रियेक्ट नहीं कर रहा बस यह सोच रहा हूं कि यह पागल लड़की कितनी जल्दी किसी पर भी भरोसा कर लेती है, आई मीन हद है ना भाभी?
    अब आप खुद सोचिए ऐसे कैसे हम किसी को अपने साथ कहीं भी ले जा सकते हैं?


    रिमझिम की दोस्त है तो रिमझिम की ही तरह होगी साहिल तुम हर जगह अपना प्रोफेशन को बीच मे ले आते हो? "राधा ने इस बार मुस्कुराकर कहा था तो साहिल उनको गौर से देखने लगा।


    मतलब....मैं कुछ समझा नहीं भाभी?


    मतलब तुम पुलिस में हो तो हर वक्त, हर जगह और हर किसी पर शक ही करते रहोगे क्या मेरे प्यारे देवर? "राधा खुलकर हंसी थी तो साहिल भी मुस्कुरा दिया और अपने बालों में हाथ फेरने लगा।

    साहिल तुम बस गाड़ी निकालो और चलो अब चुपचाप ज्यादा टाइम नहीं है हमारे पास लौटना भी है।


    हां तो पहले आप की प्यारी ननद तो आ जाए हमारे पास वक्त नहीं है पर उसके पास तो वक्त ही वक्त है ना। "साहिल और राधा एक दूसरे से बात कर रहे थे और इधर रिमझिम रैना के पीछे पड़ी थी।।


    प्लीज् रैना भाभी आप मेरी बात तो सुनिए चलिए ना हमारे साथ प्लीज्, बहुत मजा आएगा।  "रिमझिम साहिल और राधा को छोड़कर सीधा रैना के पास आई थी और उसे अपने साथ मार्केट ले जाने केलिए बार बार फोर्स कर रही थी जिसे नकारकर रैना सीढ़ियां चढ़ने लगी थी जब,
    रिमझिम ने उसका हाथ पकड़कर खींचा था और बड़ी ही मासूमियत से जिद पर उतर आई।।

    भाभी आप मेरी बात क्यों नहीं सुन रही, प्लीज्?


    रिमझिम तुम सुनो मेरी बात आइंदा मुझे भाभी मत बुलाना नहीं तो मैं.....!!


    अब भाभी को भाभी नहीं बुलाऊँ तो क्या कहूँ?  "रैना जितने गुस्से में उसे डांटने ही वाली थी कि उसकी बात काटकर रिमझिम ने प्यार से कहा था।।
    आप मेरी होने वाली भाभी ही तो हैं।


    उफ्फ....रिमझिम मैं तुम्हें किस एंगल से भाभी लगती हूं और मुझ में ऐसा क्या है जो तुम मेरा मजाक उड़ा रही हो यूं भाभी भाभी बकवास करके?  "रैना को गुस्से के साथ ही अपने सांवली रंगत पर थोड़ा दुख भी हुआ था।
    रिमझिम जाओ यहां से!


    अगर मजाक होता तो सबके सामने आप की इंसल्ट करती है पर मैं आपको दिल से पसंद करने लगी हूं मैं आपका मजाक नहीं बना रही ये सच है और अब देखना आप ही मेरे साहिल भैया की लाइफ में आओगी आप बहुत प्रिटी हैं।  "रिमझिम ने उसकी बातों के बीच छिपे उसके अफसोस को जैसे पढ़ लिया था तो वो काफी दिल से बोली थी।
    आई थिंक मेरे साहिल भाई भी आपको पसन्द करते हैं मेरा दिल कहता है।


    साहिल भैया, साहिल भैया तुम्हारे साहिल भैया आखिर है क्या कि वह जो चाहेंगे वही होगा मुझ पर भी उनकी ही मर्जी चलेगी सोचना भी मत? "रैना रिमझिम को वॉर्न करने को अपने उसी गुस्सेल अंदाज में बोली थी तो उसे हंसी आ गई।


    हां क्यो नही उनकी मर्जी तो चलेगी ही आप पर लेकिन अभी नही शादी के बाद। "वो मुस्कान छुपाये शरारत से बोली।
    मेरे साहिल साहिल पुलिस है और अगर आपने मुझे अब और परेशान किया ना तो आई स्वैर मैं उनसे बोलकर आपको जेल में डालवादूंगी।।


    देखो रिमझिम मेरा मूड मजाक का बिल्कुल भी नहीं है इसलिए प्लीज्,  तुम ऐसे भाभी मत बोला करो मुझे प्लीज यार समझने की कोशिश करो अगर यहां किसीने ये सब सुन लिया तो मेरी तो.....!!  "रैना एकदम से ही रिक्वेस्ट पर उतर आई थी।
    मेरे साथ साथ मेरी दीदू का भी नाम खराब होगा।


    कोई कैसे सुन सकता है और भला मैं आपका नाम खराब थोड़ी ना होने दूंगी आप मेरी भाभी हो फ्यूचर भाभी मैं आपको सबके सामने तभी भाभी बोलूंगी जब आप मेरे.....!! "रिमझिम कुछ बोल ही रही थी जब रैना ने उसकी बात काट दी।


    रिमझिम अब तुम जाओ यहां से मेरा मूड ऑलरेडी खराब हो चुका है अब और तुम ज्यादा देर मेरे पास रही तो शायद में बर्दाश्त ना कर पाऊँ। "रिमझिम पर जब रैना की  डांट और रिक्वेस्ट का भी कोई असर ना हुआ तो वो और भी ज्यादा झल्ला गई थी।
    दूर रहो मुझसे समझी तुम!


    डांट क्या आप तो मुझे मार ही लीजिए ये आपका हक है भाभी? "रिमझिम पर रैना की बातों का कुछ असर कहां हो रहा था?
    रैना जितना झल्ला रही थी उस पर गुस्सा कर रही थी रिमझिम को उतना ही मजा आ रहा था।।


    अब चलिए मेरे साथ! "रिमझिम ने उसका हाथ पकड़कर एक झटके से खींचा था तो वह जो दो सीढ़ियां ऊपर चढ़ चुकी थी रिमझिम के साथ ही खींची चली गई,
    जब रिमझिम जबरदस्ती हाथ पकड़े खींचते हुए रैना को अपने साथ बाहर आई थी तो उसके चेहरे से साफ लग रहा था कि वो कितना अपसेट थी और मजबूर।

    साहिल ने उसकी ओर ही आ रहीं एक नजर उन दोनो लड़कियों को देख था जब रैना पर नजर गई तो मानो कहीं ना कहीं उसके दिल में एक तार छिड़ गया था।


    अरे यह तो वही लड़की है जिसे मैंने कल देखा था।  "साहिल मन में ही बोला था पर उसका लहजा इतना तेज हो गया था कि उसके पास खड़ी राधा ने साफ सुना।


    कौन सी लड़की साहिल तुम इसे जानते हो क्या? "राधा ने पूछा तो साहिल इधर-उधर देखने लगा।


    नहीं भाभी मैं तो...बस मैं तो बस यूं ही बोल रहा था...वो मैने एक बार इसे देखा था यहीं शादी में ही...मैं इसे कैसे जान सकता हूं भाभी? "साहिल ने फौरन ही बात बदली थी और एक बार फिर से रैना को देखने लगा यह वही लड़की तो थी जिसने पहली बार साहिल जैसे लड़के के दिल का दरवाजा खटखटाया था।


    रिमझिम छोड़ो मुझे प्लीज मैं कहीं नहीं जाऊंगी?  "रैना एक बार फिरसे बोली थी।


    लेकिन दोस्त मैं आपको ले जाऊंगी यह मेरी जिद है। "रिमझिम ने उसे इग्नोर करते हुए कहा।


    रिमझिम यह कैसी जिद है मुझे बिल्कुल पसंद नहीं?


    देखिए अगर आप मेरे साथ नहीं चलेंगीं तो फिर मैं आपको भाभी बोलूंगी क्या वो आपको चलेगा क्या?


    नहीं, नहीं भाभी नहीं प्लीज अगर यहां किसीने सुना तो.....!!


    तो अगर आप चाहती हैं कि मैं भाभी की जगह आपको दीदी बुलाऊं तो आप वही कीजिए जो मैं बोलती हूं और चलिए चुपचाप मेरे साथ। "रिमझिम ने उसकी बात काटते हुए कहा।
    दी मैं आपको किडनैप करके नहीं ले जा रही मैने आपकी दीदी से यानी मेरी आंटी से पूछा है और उन्होंने इजाजत दी है कि मैं आपको अपने साथ पानीपूरी खिलाने ले जा सकती हूं।


    क्या.... मेरी दीदी से? "रैना हैरत से बोली।


    हां...और उन्होंने कहा कि आप जा सकती हैं मेरे साथ।


    लेकिन मुझे नहीं जाना मेरा मन नहीं है गोलगप्पे खाने का। "रैना ने एक और बहाना लगाया था


    अरे तो आप मत खाइएगा मैं खाऊंगी आप देख लीजिएगा बस।


    मैं क्यों देखूंगी भला?


    तो फिर खा लीजिएगा।


    ओह गॉड मैं तुम्हें कैसे समझाऊं? "रैना ने अपना सर पीट लिया था और क्योकि रिमझिम पर उसकी कोई भी बात कुछ असर नही कर पा रही थी


    दी आप बस मेरे साथ चलिए मुझे कुछ नहीं समझना?  "रिमझिम ने रैना का हाथ पकड़कर खींचा था तो वह बिन डोर खींची चली आई गाड़ी के पास साहिल और राधा खड़े थे।


    रिम्मी तो यह है तुम्हारी दोस्त।  "राधा ने बेहद प्यार से रिमझिम का गाल छूकर पूछा था और उसकी नजर सीधा रैना पर टिक गईं जबकि खुद साहिल भी उसे ही कनखियों से देख रहा था वो भी सबसे नजरे बचाये।
    साहिल तो जैसे कहीं ना कहीं रैना के चेहरे में खो ही गया था जिससे रैना भी बेखबर थी।


    यस भाभी यह मेरी दोस्त है और इनका नाम है रैना... रैना नाम है। "रिमझिम ने रैना का नाम काफी तेज और दुबारा से दोहराया था जिसे साहिल साफ़ सुन सके क्योंकि उसने साहिल को ही तो सुनाया था।।


    और आगे..............

  • 5. रैना पर साहिल की नॉटी नजर- 5

    Words: 1576

    Estimated Reading Time: 10 min

    रिम्मी तो यह है तुम्हारी दोस्त।  "राधा ने बेहद प्यार से रिमझिम का गाल छूकर पूछा था और उसकी नजर सीधा रैना पर टिक गईं जबकि खुद साहिल भी उसे ही कनखियों से देख रहा था वो भी सबसे नजरे बचाये।
    साहिल तो जैसे कहीं ना कहीं रैना के चेहरे में खो ही गया था जिससे रैना भी बेखबर थी।


    यस भाभी यह मेरी दोस्त है और इनका नाम है रैना... रैना नाम है। "रिमझिम ने रैना का नाम काफी तेज और दुबारा से दोहराया था जिसे साहिल साफ़ सुन सके क्योंकि उसने साहिल को ही तो सुनाया था।


    नाइस नेम। "साहिल के मुंह से अचानक ही निकला था और अगले ही पल वो झेंप गया क्योकि रैना समेत राधा औऱ रिमझिम ने उसे एक साथ देखा था।
    अब... आ... भाभी मेरा मतलब है अच्छा नाम है ना।


    हां....बहुत अच्छा नाम है। "राधा ने प्यार से मुस्कुराकर कहा था जबकि रिमझिम ने साहिल को नॉटी नज़रो से देखा तो वो अपने सर पर हाथ फेरते हुए दूसरी साइड मुड़ गया था।


    थैंक्स छोटी बहन हो तो तेरे जैसी🤗 तेरी दोस्ती भी हुई तो इसीसे।  "साहिल मन मे हंसा था जबकि राधा रैना से बाते करने लगी थी।।


    रिमझिम नाम और तुम्हारी दोस्त दोनो ही बहुत प्यारी है! "राधा ने धीरे से कहा था।


    थैंक्स भाभी और रैना भाभी....मेरा मतलब है दी रैना दीदी यह मेरी राधा भाभी है मेरे बड़े भैया अमर की वाइफ।  "रिमझिम ने अपनी बात काटकर बीच मे ही चेंज किया था।

    और यह मेरे छोटे भाई हैं मेरे साहिल भय्या। "रिमझिम ने रैना का इंट्रोडक्शन कराया था तो रैना जो अबतक बिना किसी एक्सप्रेशन या बिना किसी रिएक्ट के चुपचाप खड़ी थी फौरन ही राधा के सामने हाथ फैला दिया हैंडशेक को फिर जल्दी से हाथ को वापस खींचा और नमस्ते करके राधा के सामने जोड़ दिए।


    नम.... नमस्ते भाभी! "रैना के मुंह से मुश्किल से ही निकला था और ये सब इतना जल्दी जल्दी हुआ था कि रैना की घबराहट पर राधा को हंसी आ गई और और उसने उसे गले लगा लिया।


    तुम इतना अपसेट क्यो हो रैना बी हैप्पी यार रिमझिम की तरह आज से हम भी फ्रेंण्ड ही हैं, ओके ना! "राधा की मुस्कान पर रैना को थोड़ी राहत पहुंची थी।


    अरे रैना दी आप ऐसे क्यों मुंह लटका कर खड़ी हैं अभी तो हम लोग घूमने जा रहे हैं खूब इंजॉय करेंगे चेहरे पर स्माइल लाइए ना प्लीज? "रिमझिम ने जानबूझकर रैना को छेड़ा था।

    क्यों साहिल भाई... मैंने बिल्कुल सही कहा ना? "इस बार रिमझिम ने सीधा साहिल की तरफ देखा था जो रैना को दिल मे उतर जाने वाली तलबभरी नजरों से देख रहा था।
    उसकी आंखों में चमक आ गई थी रैना को अपने इतने सामने देखकर जब रिमझिम की आवाज पर चौक गया।।


    हां....कक... क्या कहा तुमने रिमझिम हां... हां सही बात है? "साहिल को कुछ समझ नहीं आया तो उसने उल्टा सीधा ही अटकते फ़टकते हुए कहा?
    रिमझिम सही कह रही है!


    भय्या मैंने क्या कहा है आपने सुना भी है या यूं ही....!! "रिमझिम ने पूछा जब आहिल फौरन बोला।


    रिमझिम अब चलो यार प्लीज देर हो रही है मुझे।  "रिमझिम ने साहिल को शरारत भरी नजरों से देखते हुए छेड़ा था तो जैसे साहिल अपनी झेंप और चोरी छुपाने केलिए फौरन ही गाड़ी का फ्रंट डोर खोलकर ड्राइविंग सीट पर आकर बैठ गया जिस पर रिमझिम को हंसी आ गई थी।


    चलो रिमझिम बैठो जल्दी, तुम भाई के साथ बैठ जाओ मैं पीछे तुम्हारी दोस्त के साथ ठीक है ना.....!! "राधा ने कहा।


    नहीं, नहीं भाभी आप... ये... ये क्या कह रही है... नेवर?  "इससे पहले राधा अपनी बात पूरी करती की रिमझिम फौरन ही बोल पड़ी थी।
    नही भाभी मेरी रैना दी आपके साथ क्यों बैठेंगी भला?


    अच्छा तो तुम बैठ जाओ पीछे इसके साथ मैं बैठ जाती हूं साहिल के साथ आगे। "राधा ने रिमझिम की बात टालते हुए नासमझी के आलम में कहा और फ्रंट डोर खोलकर आगे बढ़ गई जब रिमझिम ने उसका हाथ पकड़ कर पीछे अपनी तरफ खींच लिया।


    अरे यार भाभी आप बैठिए मेरे साथ पीछे रैना दी को फ्रंट सीट पर बैठने दीजिए ना, प्लीज् आप समझती क्यो नही?


    कक... क्या... क्या कहा तुमने? "राधा से पहले इस बार रैना चौक गई।


    अरे डोंट वरी रैना दी मेरे साहिल भाई कुछ नहीं करेंगे?  "रिमझिम ने फ्लो फ्लो में कहा था और दिल मे सोचने लगी।
    यार मैं इन दोनों को करीब लाना चाहती हूँ पर यहां सब मेरा प्लान बिगाड़ने पर ही क्यो तुले हुए हैं?


    कुछ कह क्या तुमने रिमझिम? "राधा ने सर झुकाए सोचो में खोई रिमझिम से पूछा था।


    नही तो भाभी...रैना दी आप बैठिए ना भय्यू के साथ प्लीज् यह बहुत ही डीसेंट ब्वॉय हैं मैं कह रही हूं ना।  "रिमझिम ने एक आंख दबाते हुए हंसकर कहा था तो राधा के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई और साहिल भी मंद मंद मुस्कुराया था।


    रिमझिम मेरे कहने का मतलब यह नहीं था तुम भी ना।  "रैना झिझक सी गई थी रिमझिम की बात पर।
    तुम बैठ जाओ ना मैं पीछे बैठ जाऊंगी रिमझिम।  "रैना ने धीरे धीरे कहा।


    नहीं रैना दी ऐसा नहीं हो सकता।


    उफ्फो रिमझिम वह कह रही है ना कि वह पीछे बैठेगी क्यों परेशान कर रही हो बेचारी को? "राधा ने रिमझिम को समझाते हुए रैना की साइड ली थी।
    रिमझिम यह तुम्हारी न्यू फ्रेंड है बेटा ये अभी इतनी फ्रेंडली नहीं हुई है और ना ही हम सब में इतना घुल मिल गई हो कि हमारे साथ इस तरह.... तुम जाकर आगे बैठो।


    अरे भाभी आप तो इतना जल्दी चेंज भी हो गई ननद के बजाय देवरानी का रंग चढ़ गया आप पर तो अरे वाह भई वाह। "रिमझिम ने दिल ही दिल में हंसते हुए खुद से कहा था और फिर राधा का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया

    भाभी वही तो मैं भी कह रही हूं कि रैना दी मेरी न्यू फ्रेंड हूं यानि की मेहमान और हम मेहमान को पीछे कैसे बैठा सकते हैं यह तो इनकी इंसल्ट होगी ना?


    क्या माइंड पाया है मेरी बहन ने ये तो मुझसे भी दस कदम आगे जाएगी?  "साहिल ने सर खुजाते हुए शरारत से सोचा था और सामने खड़ी रैना को देखने लगा जो,
    अपना दुपट्टा दोनों हाथों की मुठ्ठियों में पकड़े उस पर अपनी अंगुलियां और जोर से कसती जा रही थी मानो उसके पास अब कोई ऑप्शन ना बचा हो रिमझिम से बचने का


    जाइए ना रैना दी बैठिए! "रिमझिम ने रैना का इशारा फ्रंट डोर की तरफ किया था और खुद राधा के साथ आकर पीछे बैठ गई।


    जल्दी कीजिए प्लीज हमें आज और अभी मार्केट पहुंचना है अगर दो-तीन दिन का वक्त मेरे पास और होता तो शायद मैं आपके लिए यहीं रुका रहता। "साहिल ने स्टेरिंग को ध्यान से देखते हुए रैना को ही जताया था जिस पर उसने चौककर उसे देखा और फौरन ही दो कदम आगे बढ़ आई।


    बैठिए ना रैना दी प्लीज जल्दी कीजिए मजा आएगा पानीपूरी का। "रिमझिम ने कहा तो रैना मन मारकर आखिरकार गाड़ी में बैठी ही गई थी, कुछ भी था रिमझिम उसे लेकर आई थी वह भी उसकी बहन से पूछकर अब उसे उनके साथ जाना तो था ही।

    रैना के बैठते ही साहिल ने गाड़ी आगे बढ़ा दी थी आधा रास्ता खामोशी से कट गया और रिमझिम राधा के साथ बातों में लग गई थी जबकि,
    रैना चुपचाप सामने देख रही थी तो कभी खिड़की से बाहर।

    साहिल कई बार आदत के मुताबिक सरसरी तौर पर एकाद नजरें रैना पर डाल लेता और फिर स्टेरिंग पर अचानक ही जाने क्यो साहिल ने गाड़ी को जोर से ब्रेक लगाया था जिससे बेखबर अनजान बैठी रैना पूरी तरह से एकदम ही आगे की ओर झुक गई थी?


    इससे पहले उसका सर सामने टकराता साहिल ने अपना हाथ उसके चेहरे के सामने किया था जिससे रैना का चेहरा साहिल के हाथ पर टिक गया और उसके होंठ सीधा साहिल की कलाई को टच कर गए थे।


    आप....आप ठीक हैं ना!  "साहिल ने जल्दी से पूछा था जिस पर रैना वापस संभलकर बैठ गई।


    जी, जी मैं.... मैं ठीक हूं। "रैना ने अपने दोनों हाथों से अपने दुपट्टे को पकड़ा था और खुद को सीट पर संभालते हुए बैठ गई वहीं साहिल के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आई थी क्योंकि,
    उसकी शर्ट की आस्तीने जो ऊपर चढ़ी हुई थी जिससे उसकी शर्टलेस कलाई ने रैना के होठों का एक नरम मुलायम स्पर्श पा लिया था।


    सॉरी वह सामने छोटा बच्चा आ गया था इसलिए मुझे यूँ एकदम ही गाड़ी रोकनी पड़ी सो सॉरी। "साहिल ने रैना की आंखों में झांका था जहां वह असहज बैठी हुई थी।
    आपको चोट तो नहीं लगी ना?


    जी नहीं ईट्स ओके मैं ठीक हूं कोई बात नहीं? "रैना ने सरसरी तौर पर कहा और साहिल से नजर बचाकर खिड़की से बाहर देखने लगी थी।


    यह हसीन सी प्यारी कली शर्मीली है या फिर इसके अंदर एटीट्यूड ज्यादा है बाई गॉड समझ नहीं आया मुझे। "साहिल ने दिल ही दिल में खुद से कहा था और वापस गाड़ी स्टार्ट कर दी।
    कुछ भी हो पर है बड़ी ही दिलफरेब😍

    रिमझिम के चेहरे पर एक खुशी की लहर दौड़ गई थी उसने फौरन ही अपने पास बैठी राधा को गले से लगा लिया।


    वाह भाभी एम सो हैप्पी! "रिमझिम ने ठहाके से हंसते हुए कहा था।


    क्या हुआ रिमझिम तुम इतना खुश क्यों हो रही हो? "राधा जो हर चीज से अनजान थी वह रिमझिम की ख़ुशी के पीछे छिपे राज को ना समझ सकी तो धीरे से पूछा था।
    क्या हुआ रिम्मी?


    कुछ नहीं भाभी आप नहीं समझेंगी!  "वो सीधी होकर बैठ गई।।।


                 और आगे...........

  • 6. नाजुक लड़की विद गोलगप्पे - 6

    Words: 1358

    Estimated Reading Time: 9 min

    साहिल ने मेन मार्केट में लाकर गाड़ी रोकी थी और जहां गोलगप्पे के एक ठेले को देखते ही रिमझिम ने फटाफट गाड़ी का दरवाजा खोल कर उधर ही दौड़ लगा दी थी।।

    वाव मय लव....आई लव यू पानीपुरी!


    अरे रिमझिम आराम से बेटा क्या कर रही हो  "साहिल ने फ़िक्रमन्दी से कहा जबकि तबतक तो रिमझिम वहां से जा चुकी थी राधा और रैना अभी भी गाड़ी में ही थे।


    मैं उसे जाकर देखती हूं, ये लड़की भी ना गोलगप्पे देखकर पूरी तरह से पागल ही हो जाती है। "राधा फौरन ही गाड़ी की दूसरी साइड से दरवाजा खोलकर बाहर आई थी और रिमझिम के पीछे लपकी
    रिमझिम रुको क्या कर रही हो?

    राधा और रिमझिम के जाते ही रैना भी जल्दी जल्दी फ्रंट डोर का दरवाजा खोलने लगी थी बाहर निकलने के लिए पर दरवाजा अटक गया था।
    उसके साथ ही साहिल भी अभी तक गाड़ी
    की ड्राइविंग सीट पर बैठा हुआ शायद रैना के उतरने का इंतजार कर रहा था।

    रैना अपने चेहरे पर बिना कोई एक्सप्रेशन लाये, बेकरारी छुपाये और बिना साहिल को जताए खामोशी से धीरे-धीरे डोर खोलने की कोशिश कर रही थी लेकिन वह हर बार नाकाम रह जाती।


    क्या हुआ, एनी प्रॉब्लम? "जब काफी देर हुआ रैना कुछ ना बोली और चुपचाप बैठी रही तो साहिल को ही एक बार फिरसे अपनी चुप्पी तोड़नी पड़ी।

    आप जाइए रिमझिम है वहां पर मैं और भाभी कुछ सामान खरीदकर आते हैं। "साहिल को हैरत हुई थी कि वो उतर क्यो नही रही?


    वो...वो डोर...डोर नहीं खुल रहा शा...शायद अटक....!!  "रैना ने मंद मंद लहजे में नजर नीचे झुकाए अपनी प्रॉब्लम को हल्के से साहिल के सामने रखा था जिस पर साहिल को वह नाजुक सी लड़की उस वक्त बेइंतेहा प्यारी लगी थी।
    चेहरे पर हया की लाली आंखों में नजाकत होठों पर मासूमियत लिए इस वक्त रैना एक बार फिरसे साहिल के दिल में उतरती चली गई।

    वो जाने कितनी देर तक बिना पलक झपकाये उसे यूं ही देखता रहा जबकि रैना उसका वेट कर रही थी शायद वो कुछ करे या कहे?


    प्लीज आप हेल्प कीजिए डोर नहीं खुल रहा है। "रैना ने साहिल की नजरों की तपिश अपने चेहरे पर महसूस की तो एक बार फिर से उसी तरह धीरे से बोली थी जब साहिल अचानक ही चौक गया जैसे नींद से बाहर आया हो।


    हूं...हूं...हां मैं करता हूं! "साहिल ने डोर को झटके से धक्का दिया था तो वह खुल गया और जिसके खुलते ही रैना बिना सांस लिए फौरन ही एक पल गवाये गाड़ी से बाहर आई थी और बिना साहिल की तरफ देखें जल्दी-जल्दी चलती हुई रिमझिम के पास पहुंच गई।


    रिमझिम तुम लोग यहां पानीपुरी खाओ मैं और भाभी शॉपिंग करके आते हैं...चलिए भाभी।  "साहिल ने रिमझिम से कहते हुए एक नजर रैना को देखने के बाद राधा से कहा था।


    हां ठीक है भाई आप लोग आराम से आइएगा हमें कोई जल्दी नहीं है, क्यों रैना दी?  "रिमझिम ने पानीपुरी मुंह में रखते हुए हंसकर कहा था और उसकी आवाज जो पानीपुरी की वजह से बंधी बंधी सी धंसी हुई सी आई थी उस पर राधा और साहिल को हंसी आ गई।


    ठूंस लो तुम पेट भर के हम जा रहे हैं मेरा छोटा सा पेटूराम। "साहिल ने कहा और आगे बढ़ गया उसके साथ ही राधा भी वहां से चली गई अब रिमझिम और रैना ठेले के करीब आ गईँ।

    थोड़ी देर बाद साहिल और राधा हाथ में कुछ शॉपिंग बैग्स लिए वहीं चले आए थे जहां रैना और रिमझिम अभी तक पानीपुरी खाए जा रही थी।

    ओह गॉड कितना खाओगी तुम, तुम मोटी हो जाओगी रिमझिम बस? "साहिल ने रिमझिम का हाथ थाम कर उसके हाथ मे फंसी पानीपुरी अपने मुंह मे डालते हुए कहा था तो वो बच्चों की तरह खिलखिलाकर हंस दी।
    अब बस करो रिमझिम, इंन्फ!


    भाई आप लोग इतना जल्दी कैसे आ गए और देर लगानी चाहिए थी ना? "रिमझिम ने मानो शिकायत की थी।
    अभी तो टाइम भी नही बीता कुछ?


    नो हम जल्दी नहीं आए हैं रिमझिम बल्कि तुम काफी देर से पानीपूरी में खोई हुई हो अब बस करो।  "इस बार राधा ने भी उसकी प्लेट में आखिरी बची हुई पानीपुरी उठाकर अपने मुंह में रख ली थी।
    रिमझिम ने मुंह टेढ़ा करके साहिल को देखा जो अब खामोश होकर कहीं ना कहीं रैना को ही देख रहा था जो चुपचाप खड़ी थी।


    साहिल भाई उन्हें मत देखिए इनको इनके पैसे दीजिए गोलगप्पे के जो मैने और रैना दी ने खाएं है, जल्दी। "रिमझिम ने साहिल को छेड़ते हुए धीरे से कहा और ठेलेवाले की तरफ इशारा कर दिया था तो साहिल चौक गया जबकि,
    रैना ने भी फौरन ही नजर उठाकर रिमझिम की ओर देखा था और साहिल ठेलेवाले के पास आ गया।।


    भाई कितने हुए आपके? "साहिल ने आगे बढ़कर पूछा।


    जी डेढ़ सौ रुपये। "पानीपुरी वाले ने कहा तो साहिल चौक उठा।


    कक... क्या...इतना,  इन दोनों फूल जैसी बच्चियों ने इतने सारे गोलगप्पे खा लिए क्या वाकई क्या, आई कांट बिलीव दिस यार ऐसा भी क्या खिलाया इनको?  "साहिल ने अपना वॉलेट निकाला और जैसे ही पैसे पानीपुरी वाले की तरफ बढ़ाएं थे रैना तुरंत ही बोल उठी।।


    आप...आप रहने दीजिए मैं पेमेंट कर दूंगी इनका।


    अरे रैना दी भाई के पास बहुत पैसे हैं यह पुलिसवाले हैं यू डोंट वरी इन्हें बिल पे करने दीजिए ना। "रिमझिम ने रैना का हाथ थामते हुए कहा तो साहिल ने उसे घूरती नजरों से देखा।


    हां मेरे पास पैसों का पेड़ है ना। "साहिल ने होंठ ही होंठ में धीरे से कहा था और फिर रैना से तकल्लुफ से बोला।
    नहीं नही ईट्स ओके मैं तो मजाक कर रहा था, कोई बात नहीं मैं हूं ना म पैसे दे दूंगा।।


    नहीं तो मै अपने पैसे दे दूंगी। "इस बार रैना ने थोड़ी तेज आवाज में कहा था और अपने पर्स से पैसे निकालकर ठेलेवाले की तरफ बढ़ा दिए।
    यह लीजिए भैया हमारे पैसे काट लीजिए जितने हुए हैं।


    ओह हो बड़ी ही खुद्दार लड़की है ये तो भाभी।  "साहिल ने मुस्कुराकर राधा के कान में धीरे से कहा तो राधा के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई थी और अपनी कोहनी से साहिल के पेट पर मार दी।


    हर लड़की ख़र्चा कराने वाली नही होती बच्चू😌


    यह क्या है रैना दी आप हमें गैर क्यों समझ रही हैं मैं आपकी दोस्त हूं ना और यह मेरे भाई है तो अगर इनके पैसो से आप कुछ खा लेंगी तो क्या....??


    नहीं रिमझिम नो मुझे पसंद नहीं ये। "रैना ने रिमझिम की बात काट दी थी।
    मैं अपने ऊपर किसी से ख़र्चा नहीं करवाती कभी?


    ठीक है फिर आप अपने ही पैसे दीजिए क्योंकि मेरे साहिल भाई आपके लिए गैर हैं मेरे लिए नहीं। "रिमझिम ने मुंह बनाकर थोड़ा गुस्से में कहा था और साहिल की तरफ देखा।
    भाई मेरे पैसे आप ही दीजिए इन्हें इनके हिस्से के पैसे देने दीजिए।


    नहीं रिमझिम ऐसी कोई बात नहीं है प्लीज्, मैं तो बस....!! रैना रिमझिम के नाराजगी से नर्वस हो गई।


    कोई बात नहीं रैना दी मैं सच में आपकी गैर ही तो हूं अगर अपनी होती तो आप ऐसा नहीं करती? "इससे पहले रैना कुछ और बोलती कि रिमझिम ने उसे बीच में ही टोका था और फौरन ही गाड़ी की तरफ चली गई।

    रैना ने अपने पैसे दिए और वह भी रिमझिम के पीछे गाड़ी के पास आई थी और इस बार वो रिमझिम के ही साथ पीछे बैठ गई।


    हमारी रिमझिम तो अच्छे अच्छों को बिगाड़ देती है और बिगड़े हुए को सुधार देती हैं फिर यह खुद्दार लड़की क्या चीज है? "साहिल ने हंसकर कहा और पानीपुरी वाले को पैसे देकर राधा के साथ वह भी गाड़ी में आकर बैठ गया था।।


    इस बार सारा रास्ता फिर से खामोशी से ही बीता था रिमझिम ने रैना की तरफ से मुंह फेर लिया जो रैना को बहुत बुरा लग रहा था उसने ऐसा तो नहीं चाहा था कि रिमझिम को हर्ट हो।
    उसे कितना भी रिमझिम पर गुस्सा आ रहा था उसे भाभी बोलने पर लेकिन फिर भी रिमझिम एक छोटी सी बच्ची थी जो बेहद प्यारी और मासूमियत भरी थी जिस पर कहीं ना कहीं रैना को प्यार भी आया था और अब जब वह उससे नाराज थी तो उसे खुद पर ही गुस्सा आ रहा था कि उसने उसका दिल क्यों दुखा दिया??




    और आगे.............

  • 7. आशिक हुआ साहिल - 7

    Words: 1557

    Estimated Reading Time: 10 min

    इस बार सारा रास्ता फिर से खामोशी से ही बीता था रिमझिम ने रैना की तरफ से मुंह फेर लिया जो रैना को बहुत बुरा लग रहा था उसने ऐसा तो नहीं चाहा था कि रिमझिम को हर्ट हो।
    उसे कितना भी रिमझिम पर गुस्सा आ रहा था उसे भाभी बोलने पर लेकिन फिर भी रिमझिम एक छोटी सी बच्ची थी जो बेहद प्यारी और मासूमियत भरी थी जिस पर कहीं ना कहीं रैना को प्यार भी आया था और अब जब वह उससे नाराज थी तो उसे खुद पर ही गुस्सा आ रहा था कि उसने उसका दिल क्यों दुखा दिया??



    घर आते ही रिमझिम बिना रैना से बात किए गाड़ी से बाहर निकलकर चली गई उसके पीछे ही राधा भी।
    रैना भी जाने ही वाली थी जब साहिल फौरन ही उसके सामने आकर खड़ा हो गया।


    कहां जा रहीं हैं चलिए मेरे पैसे निकालिए जल्दी? "साहिल उसके सामने खड़ा बोल रहा था।


    जी, जी मैं कुछ समझी नहीं? "रैना को साहिल के अंदाज पर हैरत हुई।


    मैं समझाता हूं। "साहिल ने कहा और दो कदम और रैना के सामने आ गया जिससे रैना असहज महसूस करने लगी और जल्दी से दो कदम पीछे हट गई।


    आप ये क्या कर रहे हैं? "रैना धीरे से बोली।


    मैंने तो कुछ नहीं किया है?  "साहिल ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठाए थे।
    मिस रैना जी, चलिए मेरे पैसे निकालिए अब।


    किस बात के पैसे? "रैना को साहिल की बात सचमे समझ नहीं आई थी।
    आप कहना क्या चाहते हैं, प्लीज् साफ साफ बोलिये कौनसे पैसे...कैसे पैसे?


    आपने गोलगप्पे खाए तो उसके पैसे खुद ही दिए क्योंकि आप खुद्दार हैं बहुत अच्छी बात है पर....!  "साहिल दो पल को रुका और फिर बोला।
    पर आप जो मेरी गाड़ी में बैठकर गई मार्केट तक और फिर उधर से मेरी ही गाड़ी से वापस भी आई हैं तो हुए ना मेरे भी पैसे आई मीन मेरी गाड़ी के...तो चलिए निकालिए।


    आप तो ऐसे बोल रहे हैं जैसे आप कोई ऑटो वाले हैं या मैने कोई कैब बुक किया था? "रैना धीरे से पर थोड़ा उजाट अंदाज में बोली।


    वही तो बात है अगर ऑटो से जाती तो किराया देती ना तो अब मेरी गाड़ी से गई है तो मुझे किराया दीजिए। "साहिल ने बनावटी गंभीरता से कहा था जबकि उसके दिल में कहीं ना कहीं हलचल मची हुई थी और उसे रैना पर जी भरकर हंसी आ रही थी।।


    कयय...क्या...की...किराया आपकी गाड़ी का किराया? "रैना घबरा गई थी।


    जी हां किराया मेरा डीजल कितना जल गया पता है कुछ महंगाई का आपको, चलिए दो सौ रुपए निकालिए।


    दो सौ रुपये! "रैना ने अपने होठों पर जबान फिराते हुए आंखें बड़ी करते हैरत से कहा था।
    इतना महंगा किराया कबसे हो गया?


    जी हां दो सौ रुपये! "साहिल की आंखों में शरारत ही शरारत थी जिसे हड़बड़ी में रैना महसूस कर पाने के बजाए दिल ही दिल में परेशान हो गई थी।


    अगर मैं नॉर्मली किसी ऑटो से जाती तो बीस तीस रुपये ही पड़ते, तो यह लीजिए आपके बीस रुपये। "रैना ने बीस का नोट उसकी तरफ बढ़ाया और चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई थीं।


    ओय मैडम हेलो...अगर आप नोर्मल ऑटो से जाती तब बीस रुपये होते पर अब क्योंकि यह ऑटो नहीं मेरी कार है तो मैं बीस नही दो सौ रुपये ही लूंगा ना चलिए जल्दी निकालिए पैसे मुझे और भी काम है।


    मेरे पास इतने पैसे अभी नहीं है मैं घर से लाकर देती हूं। "रैना ने जाने के लिए जैसे ही कदम बढ़ाया था साहिल एक बार फिर से उसके सामने आकर खड़ा हो गया।


    भला मुझे क्या भरोसा आप पर, कहीं आप अंदर जाएं और फिर शादी का घर है यही कहीं खो जाएं तो, मैं आपको अपने पैसों के लिये कहां ढूंढता फिरूंगा? "साहिल को मजा आ रहा था रैना को यूँ हैरान परेशान होता देखकर।
    पहले आप मुझे मेरे पैसे दीजिए फिर जाइए जहां जाना है आपको नहीं तो आप मुझे जानती नहीं शायद मैं अपने पैसे उसूल करना अच्छे से जानता हूं...हां।


    अरे यह...यह क्या बात हुई...यह तो सरासर नाइंसाफी है आप...आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?


    मैं ऐसा ही कर सकता हूं और ऐसा ही करूंगा।


    देखिए...प्लीज!


    आप देखिए....मेरे पैसे मुझे दीजिए और यहां से जाइए नहीं तो मैं आपको जेल में डाल सकता हूं किराया ना चुकाने के जुर्म में समझी आप।  "साहिल ने अपने होठों को दांतो तले सख्ती से दबाए हुए कहा था क्योंकि उसे हंसी आ रही थी और डर था कि कहीं उसकी हंसी रैना के सामने ही ना फूट पड़े।

    साहिल को खुद ही कहां पता था कि रैना ऐसा रिएक्शन कर सकती हैं कि उसे यकीन हो जाएगा कि वो सच मे उससे अपनी गाड़ी का किराया मांग रहा है?


    देखिये मिस्टर आप पुलिसवाले हैं तो क्या कुछ भी करेंगे...क्या?  "रैना ने मासूमियत से कहा था।


    जी हां मैं कुछ भी करूंगा क्योंकि मैं रिश्वतखोर पुलिसवाला हूं? "इस बार साहिल जोर से हंसा था क्योंकि अब उससे और कंट्रोल नहीं हो पाया था।
    साहिल की हंसी पर रैना जलभून गई और गुस्से से तमतमाती हुई वहां से जाने लगी थी।


    मैं अपने पैसे आपसे लेकर ही रहूंगा आप मुझे जानती नही है। "साहिल ने उसे पीछे से पुकारा था तो वो गुस्से और झल्लाहट में वापस पलटकर उसकी ओर देखने लगी।


    मुझे आपको जानना भी नही है समझे आप!


    और अगर मैं कहूँ कि मैं आपको जानना चाहता हूं और आपको भी मुझको जनाकर रहूंगा तो! "साहिल कॉन्फिडेंस से कहते हुए उसकी नज़रो से नजर मिलाकर बोला।।


    तो मैं कहूँगी आप पागल है अपना इलाज करवाइए।  "रैना ने बनावटी मुस्कान में कुढ़कर जलते हुए कहा था।


    क्या कहा, पागल!  "साहिल धीरे से सर झटककर हंस दिया था।


    जी हां पागल।  "रैना ने कहा और वापस मुड़कर जाने लगी जब सागर अचानक ही उसके कंधो पर कूदा था और उसके गले मे हाथ डाले हंस दिया।


    मासी, क्या हुआ मासी आप यहां क्या कर रहीं हैं? "सागर ने उसका गाल खींचते हुए कहा तो रैना भी सबकुछ भूलती हुई मुस्कुरा दी थी पर साहिल को बुरा लगा था।


    सागर! "साहिल ने सागर को आवाज दी और उसके हाथ रैना के गले से हटा दिए जो उसे नापसंद गुजरे थे।


    अरे साहिल भाई आप, आप भी यहीं है, एनीवे मीट मय लवली लवली मासी...रैना मासी।  "सागर ने साहिल को देखा तो और भी खुश हो गया था और जब उसने रैना से साहिल का इंट्रो करवाया तो साहिल ने राहत की सांस ली थी।


    ओह...तो ये इसकी मासी है मैं तो डर ही गया था जाने क्या क्या सोचकर?  "साहिल ने अपने आपको ही कोसा था।
    साहिल तू पागल है क्या अगर कोई और लड़का होता किसी और रिश्ते का तो क्या ये लड़की उसे इतना क्लोज आने देती क्या भला?


    क्या हुआ साहिल भाई आप किस सोच में पड़ गए? "सागर की आवाज पर साहिल चौक गया था।


    नही, कुछ नही...ये तुम्हारी मासी हैं?


    हां भाई, बताया था ना मैने आपसे मेरी मासी के बारे में ये वहीं हैं।


    वाव यार ये तो रिश्तों से मेरे करीब ही होती जा रही है। "साहिल ने एक बार फिर खुदसे ही कहा था और मुस्कुरा दिया जो सागर तो नही समझा पर रैना को गुस्सा जरूर दिला गया।
    इससे पहले सागर कुछ कहता कि रैना वहां से चली गई थी।


    अरे इन्हें क्या हुआ? "सागर ने साहिल की तरफ देखते हुए कहा।


    कुछ नही शायद तेरी मासी बहुत गुस्सेल हैं सागर?


    हां ये तो है गुस्सा तो इनमें कूट कूटकर भरा है। "साहिल ने सागर के कंधे पर हाथ रखा और आगे बढ़ गया।


    यह लड़की तो मेरे दिल के तार छेड़ रही है यार यह पक्का मुझे पागल करके ही छोड़ेगी इतना क्यो मेरे दिलोदिमाग पर छाई चली जा रही है ये? "साहिल ने अपने दिल पर हाथ रखते हुए खुद से कहा और रैना को एक नजर पलटकर देखा जो जल्दी जल्दी घर के अंदर जा रही थी।।


    साहिल भाई चलिए मैं आपको अपने चाचू से मिलवाता हूं मेरे रंश चाचू अभी अभी आए हैं रिया दीदी की शादी में आपको तो पता ही है ना वह न्यूयॉर्क में रहते हैं काफी टाइम बाद आये हैं। "सागर ने साहिल के साथ चलते हुए हंसकर कहा था साहिल जो रैना में ही खोया हुआ था सागर की आवाज पर चौक गया।


    हां...क्या कहा तूने? "साहिल ने अब सागर की तरफ देखा।


    क्या हुआ साहिल भाई आर यू फाइन आप प्लीज् रैना मासी की बातों का बुरा मत मानना वह दिल की बहुत अच्छी हैं बस उन्हें कभी कभी गुस्सा आ जाता है,
    वैसे क्या हुआ उन्होंने आपको कुछ कह दिया क्या?


    क्या.... नहीं तो... क्यो...वह मुझसे कुछ कहे तो यार यही तो मैं चाहता हूं?


    मतलब?  "साहिल जो बेखुदी में बोल गया था उस पर सागर ने नासमझी से पूछा।


    नही कुछ नही...तू कुछ कह रहा था ना तू बोल, ये छोड़?    


    हां मैं कह रहा था कि चलिए रंश चाचू शायद अपने कमरे में होंगे वो आपको पूछ भी रहें थे कल जब आप पुलिसस्टेशन गए हुए थे।


    हां चल ठीक है। "साहिल ने उसका कंधा ठोका।


    आज शाम को रंश चाचू और उनके दोस्त मिलकर मेरे कमरे में पार्टी करने वाले हैं आप भी शामिल जरूर होना रंश चाचू आपके भी तो दोस्त है ना।


    या... करेक्ट। "साहिल ने रंश के नाम पर बेतवज्जो से कहा था क्योकि बचपन से ही उसकी रंश से कुछ खास नही बनती थी और यही वजह थी कि,
    वो हमेशा से ही राज के घर कम आया करता था पर सागर से मिलना कभी नही छोड़ा था।।


                   और आगे............

  • 8. रैना की टककर जोर की - 8

    Words: 1161

    Estimated Reading Time: 7 min

    रैना दी आपको रिया दीदी ने बुलाया है ऊपर अपने रूम में। "रैना अभी जो घर के अंदर आई ही थी कि पीछे से एक छोटे बच्चे ने आवाज दी थी और कहकर चला गया तो रैना वापस पलटकर सीधा अपनी भांजी रिया के कमरे में आ गई थी।
    वहां उसकी दोस्त सनम और पूजा पहले से ही रिया के साथ बैठी हुई थीं।।


    अरे रैना कहां गई थी तू हम कब से तेरा वेट कर रहे हैं? "रैना को देखते ही सनम ने कहा जबकि रैना का तो मूड ऑफ था वह आकर उन तीनों के पास बेड पर ही बैठ गई।


    कहीं नहीं बस यहीं थी। "रैना ने बोरियत से कहा।


    यहाँ कहां थी तू मैंने तो तुझे सब जगह ढूंढा पर तू मुझे कहीं नहीं मिली? "इस बार पूजा ने उसे गौर से देखकर पूछा।


    अरे हां यार वह मैं थोड़ा बाहर गई थी गोलगप्पे खाने और मुझे.....!!


    तेरी तो ऐसी की तैसी रैना की बच्ची कमीनी कहीं की झूठी!  "इससे पहले रैना कुछ और बोल पाती की सनम जो पहले से ही बेड पर हाथ पैर चढ़ाए बैठी हुई थी रैना के उसके पास बैठते ही उसे एक जोर से लात मारी थी जिससे वो लड़खड़ाकर जमीन पर जा गिरी।


    क्या कर रही है पागल? "रैना जमीन पर ही बैठे हुए बोली।.... "सनम तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या?


    हां...यहां हम तेरा वेट कर रहे हैं और तू वहां गोलगप्पा पार्टी कर रही थी तेरी हिम्मत कैसे हुई अकेले जाने की हमें नहीं ले जा सकती थी क्या अपने साथ? "पूजा ने उसे घुरते हुए कहा था जो उस वक्त किसी मुजरिम की तरह जमीन पर सीधी लेट गई थी।


    अरे यार मैं कोई अपनी खुशी से थोड़े नहीं गई थी जबरदस्ती ले जाई गई थी।


    हां तू तो कहीं रानी महारानी है ना जो सब तुझसे जबरदस्ती करेंगे वह भी खाने केलिए, बड़ी आई?  "सनम ने फुंफकारते हुए कहा तो वहाँ मौजूद दो तीन लड़कियों को रैना पर खुलकर हंसी आ गई।
    वो सब उसे निहारते हुए बाहर चली गईं तो जहां अब रैना आराम से अपनी तीनो फ्रेंड्स से बाते कर सकती थी।


    अरे मै सच कह रही हूं यार पूजा बताया था ना वह रिमझिम है ना, वही सत्रह साल की लड़की जो छोटी लड़की कम दादिअम्मा ज्यादा है। 
    रैना ने इरिटेशन से कहते हुए जैसे उन तीनों को कुछ याद दिलाया?...." हां तो वही लड़की मुझे ले गई थी जबर्दस्ती।


    रिमझिम...रिमझिम साहिल की बहन वो तेरे पीछे अभी तक पड़ी है...उफ्फ यार, यार वह तुझे क्यों मिली मुझे क्यों नहीं?
    काश वह मुझे भाभी भाभी बोलती और मुझसे अपने भाई का टांका भिड़ा देती यार ओह मय गॉड तुझे पता है रैना उसका भाई साहिल कितना हैंडसम है। "पूजा पागलों की तरह एक्साइटेड होकर बोली जिस पर रैना का तो मुंह बन गया था पर रिया और सनम खिलखिलाकर हंस दी।

    तू तो पागल है इतने अच्छे स्मार्ट लड़को के पीछे लड़कियां घूमती है पर....!!


    पर मुझे नही घूमना उसके पीछे और ना ही वो मेरे पीछे है बस उसकी बहन का बचपना है और उस रिमझिम की बच्ची को तो मैं छोडूंगी नही अच्छा सबक सिखाऊंगी बहुत टॉर्चर कर रही है यार वो मुझे। "रैना ने रिया से कहा क्योंकि उसे पता था सनम और पूजा तो साहिल के खिलाफ एक लफ्ज भी सुनने वाली नही।


    मासी आप क्यो टेंशन ले रही है रिम्मी ऐसी ही है ज़िद्दी अपने भाई से बहुत प्यार करती है ना तो बस....?
    पर साहिल भाई को मैं अच्छे से जानती हूं मासी आजतक उन्होंने किसी लड़की की तरफ आंख उठाकर देखा भी नही। "रिया ने उसे समझाया।.... "रिम्मी आपको भाभी बोलकर तंग कर रही पर साहिल भाई बहुत प्यारे है


    प्यारा तो है मैने भी देखा है नजर हटती ही नही उस पर से, उसे एक बार देखने के बाद मुझे मौका मिले तो मैं तो प्रपोज ही कर दूं उसको। "पूजा खुशी से उछल गई थी।


    बेशर्म को देखो जरा, जाकर पूछ लो ना कि मिस्टर साहिल मुझे आपसे शादी करनी है आप फ्री हैं क्या? "रैना ने पूजा को मुंह चिढ़ाते हुए तपकर कहा।


    हां पर क्या फायदा उसकी नज़रो ने तो तुझे चुना है ना जो उसकी बहन साफ बता चुकी है...हुंह?
    इन आँखों ने तो देखा था उन्हें पर उनकी नजरे ही कहीं और जा टकराईं कि अब कुछ और कैसे देखे मेरी नजरे एक उनको देखने के बाद "पूजा ने मुंह सिकोड़ कर शायराना अंदाज में कहा जब सनम को हंसी आ गई।


    यह बात तो सही है पूजा मैंने भी देखा है साहिल को बंदा तो डैशिंग है। "सनम चुलबुले पन से बोली।


    हां पर उसने तो किसी को भी नहीं देखा और उसकी बहन ने देखा भी तो इस रैना खडूस लड़की को मैने सुना है अक्सर लड़के उसी लड़की को अपनाते है जो उसकी बहन का भा जाए। "पूजा ने हौले से सनम को आंख मारते हुए हंसकर कहा।


    वही तो पूजा फिर रिमझिम ने तो इसे भाभी के रूप में इतना खुद पर हावी कर लिया है कि अपनी मम्मी तक से मिलवा दिया है और अब बस....!!  "सनम और पूजा ने हाई-फाई लेते हुए रैना को छेड़ने को अपनी अधूरी बात बीच मे ही छोड़ी थी।
    पूजा ये तो हुई अब साहिल की ही देख लेना तू।


    गॉड.... हद है यार... यहां मैं इतनी प्रॉब्लम में हूं और तुम दोनों को अपनी पड़ी है ठरकी लड़कियों कहीं की!
    मेरा तो मन करता है मैं उस रिमझिम की बच्ची का सर फोड़ दूं कैसे भाभी भाभी करती रहती है किसी ने सुन लिया तो मेरी तो वाट लग जाएगी, मैं क्या करूं परेशान हो गई हूं उससे? "रैना अपना सर पकड़कर वापस बेड पर आकर बैठ गई।


    अरे ओ पागल तू कुछ करना भी नहीं समझी तू क्या तू जानती नहीं उसका भाई पुलिस में है दो मिनट भी नहीं लगाएगा तुझे जेल में डालने केलिए? "पूजा और सनम आराम से बोली थी।
    क्यो जवानी जेल में काटना चाहती है?


    तुम दोनो मुझे डरा रही हो क्या... तुम लोग मेरी दोस्त हो या दुश्मन? "रैना ने दोनो को घूरकर देखा।


    अब तक तो दोस्त ही थी लेकिन जब से तूने गोलगप्पे में मेरा हिस्सा नहीं लगाया तब से मैं तेरी दुश्मन हो गई हूँ। "सनम मासूमियत से बोली थी तो रैना ने सर ही पीट लिया।


    रिया तूने मुझे क्यों बुलाया है यह बता इन दोनों का तो दिमाग खराब है? "रैना ने सनम और पूजा को इग्नोर करते हुए रिया से पूछा।


    हां वह मासी आपको मम्मी ढूंढ रही थी शायद उन्हें कोई काम हो। "रिया जल्दी से बोली।


    मतलब तूने नहीं बुलाया मुझे।


    नहीं बुलाया तो मैंने ही था लेकिन मम्मी के कहने पर आप उनके रूम में जाकर देख लीजिए शायद वह वही होंगी। "रिया की बात पर रैना पैर पटखती हुई गुस्से में पूजा और सनम को घूरती जल्दी-जल्दी मीता के कमरे की तरफ जा रही थी जब सामने से आ रहे एक लड़के से जोर से टकरा गई।

    टक्कर इतनी जोरदार थी कि इससे पहले वह लड़का रंश रैना को पकड़कर संभाल पाता रैना धड़ाधड़ाकर सीढ़ियों पर गिर गई।


           

    और आगे.............

  • 9. एंट्री रंश की - 9

    Words: 1257

    Estimated Reading Time: 8 min

    आह मम्मी बचाओ मुझे। "रैना दर्द के मारे जोर से चीख उठी थी और वहीं जमीन पर जल्दी से संभलकर बैठ गई।
    उसके पैर में चोट लगी थी जहां से खून बहने लगा था जिसे देखकर रैना को और भी रोना आ गया।


    मम्मी मेरा पैर तो गया अब मैं चलूंगी कैसे क्या करूँ? "रैना जो मुंह मे आ रहा था बकबकाते हुए आंसू बहाती रोती जा रही थी।।


    आ...अरे...अरे आप ठीक तो है ना... ज्यादा चोट तो नही लगी? "रैना के सामने ही खड़ा रंश जिससे उसकी टक्कर हुई थी यानि मीता का देवर वो भी रैना के ही करीब घुटनो के बल बैठ गया था और काफी फिक्र से पूछा था।
    आपको चोट तो नहीं लगी!


    इतनी चोट लगी है आपको दिख नहीं रही क्या अब क्या जान चली जाती तब दिखता आपको कुछ?  "रंश ने काफी भोलेपन से पूछा था जिस पर रैना को गुस्सा ही आ गया।

    ओह...सॉरी एम सो सॉरी मैं वो...!!


    क्या सॉरी... आपके सॉरी बोल देने से मेरी चोट ठीक हो जाएगी क्या मेरा कितना सारा कीमती खून बह गया?  "रैना उसकी बात काटते हुए तुनककर बोली।


    हां वह तो है बहुत खून बह रहा है ये तो अब मैं इस कीमती खून को वापस आपके अंदर जाने को कैसे कहूं? "रंश ने थोड़ा झुककर अपने सामने आल्थी-पालथी जमाए बैठी रैना का चेहरा देखा जो किसी मासूम से छोटे बच्चे की तरह रोए जा रही थी।

    उसने अपने पैर को अपने दोनों हाथों से पकड़ रखा था और उस पर फूक मार रही थी और रंश के दिल मे कोई अजीब सी फिलिंग की झुरझरी सी उठ रही थी।


    मैंने देखा नहीं था, चलिए मैं आपको हॉस्पिटल लेकर चलता हूं। "रंश ने रैना के चेहरे पर बिखरे बालो को समेटने केलिए हाथ आगे बढ़ाया था ताकि उसे और कई पल यूँ ही देख सके पर अचानक ही रुक गया।


    क्या...हॉस्पिटल?  "रैना ने एक नजर उठाकर सामने बैठे रंश को देखा जो उसे ही देख रहा था।


    हां अफ्कोर्स, आपको चोट लगी है ना मेरी वजह से तो मैं ही आपको हॉस्पिटल भी ले जाऊंगा ना, कम से कम इससे मेरा पछतावा तो कम होगा ना।


    ओह.... वाव तो मतलब कि आप अपना पछतावा कम करना चाहते हैं... एक तो मेरा खून बहा दिया, पैर तोड़ दिया ऊपर से आप पछताना भी नहीं चाहते वैसे आंखे तो है आपके पास पर आपको दिखाई नहीं देता क्या?  "रैना को गुस्सा ही आ गया था अब उस पर।


    जी मुझे तो दिखाई देता है पर आप भी तो तीर की तरह दौड़ती हुई आ रही थी थोड़ी बहुत गलती आपकी भी तो है। "रंश ने अपना पक्ष रखा था पर उसे रैना की बातों का बुरा लगने के बजाय उस पर प्यार आ रहा था और हंसी भी।


    अच्छा इसका मतलब है मेरी ही सारी गलती हो तुम तो बहुत ज्यादा मासूम हो ना इतनी भारी बॉडी लेकर चलने से पहले एक बार आजू-बाजू देखना भी चाहिए ना।  "रैना तो अब जैसे फट ही पड़ी थी।

    रंश के लंबे चौड़े डीलडौल उसकी अच्छी खासी एक परफेक्ट सेव की बॉडी और आकर्षित पर्सनाल्टी को एक नजर घूरते हुए गुस्से में उसके मुंह में जो भी आया वह उसे सुनाए ही जा रही थी।

    इतना भारी भरकम शरीर... सम्भलकर चलने की जरूरत तो आपको है।


    अरे अब ऐसा भी तो ना बोले प्लीज् आपको क्या पता कितनी मेहनत से ऐसी बॉडी बनाई है मैंने? "रंश को वाकई रैना और उसकी बिना सर पैर की मासूम बातो पर हंसी आ रही थी पर वह अपनी मुस्कुराहट को अपने अंदर ही छुपाए हुए बेहद बनावटी गंभीरता से बोला था।
    नजर मत लगाइए मेरी बॉडी को।


    अच्छा तो ऐसी बॉडी आपने इसलिए बनाई है ताकि दूसरों को टक्कर मारते फिरे।


    अरे नही नही यह तो गलती से हो गया मुझे मांफ कर दीजिए ना प्लीज्, आई एम सो सॉरी मिस।  "रंश भी जमीन पर ही पांव फैलाकर बैठ गया था और बाकायदा अपने हाथ रैना के सामने जोड़ दिए।
    एनीवे मेरा नाम रंश है, मैं कल ही इंडिया आया हूं मैंने आपको यहां पहले कभी नहीं देखा और आप.....!!


    मैं यहां आपसे अपना इंट्रोडक्शन नहीं करवा रही और आप चाहे जो कोई भी हो मुझे इससे क्या?


    ओह तो इसका मतलब है आप मुझे माफ नहीं करेंगी।


    नहीं बिल्कुल नहीं। "रैना ने सर दूसरी तरफ घुमा लिया था।


    अगर आपने मुझे माफ नहीं किया तो मुझे बहुत गिल्टी फील होगा और मैं बेचैन रहूंगा मिस, प्लीज्। "रंश के होठों पर एक गहरी सी मुस्कान फैल गई।


    हां तो अच्छा ही है ना इस चोट की वजह से मैं जितना दर्द में रहूंगी मुझे चोट देने की वजह से आपको भी उतना ही बेचैन तो रहना ही चाहिए ना और मैं आपको तब तक माफ नहीं करूंगी जब तक मेरा दर्द ठीक नहीं हो जाता। "उसने जैसे अपना आखिरी फैसला सुनाया था।


    अच्छा तो यह बात है!


    हां बिल्कुल यही। "रैना ने गुस्से में कहते हुए उठने की कोशिश की थी पर दर्द के मारे कराहकर वापस वही जमीन पर गिरते हुए बैठ गई।
    आह मम्मी आउच... मुझसे तो चला भी नहीं जा रहा।।


    मैं कुछ हेल्प कर दूं क्या आपकी?  "रंश ने अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाया।


    नही बस चोट देने वालों से मैं मदद नहीं मांगती वह लोग बेमुरव्वत होते हैं जैसे कि आप।


    अरे मैंने बोला ना गलती से हो गया मैंने जानबूझकर नहीं किया है।


    हां जानबूझकर तो मैं आपसे टकराई हूं ना क्योंकि मुझे बड़ा मजा आ रहा था एक तो लोग गलतियां करते हैं ऊपर से मानते भी नहीं। "रैना सीढ़ियों की रेलिंग के सहारे धीरे-धीरे ऊपर जाने लगी और वही खड़ा रंश उसे एकटक देखता रहा।

    अचानक ही उसके चेहरे पर गहरी सी मुस्कान आ गई,  कितना अच्छा लगा था उसे और दिल में कुछ फील सा हुआ।
    रैना का वो मासूम सा रोना और उसे बच्चों की तरह डांटना रंश काफी देर तक खड़ा रैना को देखता रहा जब उसके दोस्तों की टोली ने आकर उसे घेर लिया था।।


    क्या बात है रंश तू यहां क्या कर रहा है यार अकेले अकेले? "अभय ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा तो रंश जैसे होश में आया हो वो चौक उठा था।


    कक... क्या...कहीं नहीं... कुछ भी तो नहीं कहां?  "वो हकलाने लगा था।


    वैसे तेरी इंफॉर्मेशन के लिए बता दूं कि यह लड़की जो तू पहली बार देख रहा है यह कोई और नहीं है बल्कि तेरे ही भाई राज की वाइफ यानी तेरी भाभी की छोटी बहन है मिस रैना जी। "रंश के दूसरे दोस्त देव ने हंसते हुए कहा।
    और जो तेरे साथ बचपन में खेली है, तूने इसे नहीं पहचाना क्या बे?


    ओय यार देव पहचाना तो उसने भी शायद इसे नहीं इतने दिनों बाद जो मिले हैं आखिर ये दोनों। "अभय भी हँसकर बोला।


    ओह आई सी तो यह ही रैना, इसे तो मीता भाभी और राज भाई ने ही बचपन से पाला है ना जो पहले यहीं मेरे ही घर मे ज्यदातर रहती थी।  "रंश को अब सब खुली किताब सा पढ़कर समझ आया था।


    हां क्योंकि इसके मम्मी पापा कार एक्सीडेंट में गुजर गए थे पर तू उस पर इतना नजर क्यों गड़ाए हुए है मेरी समझ नहीं आ रहा क्या बात है रंश... रंश तू उसे लाइन तो नहीं मार रहा?  "रंश के दोस्त देव और अभय ने एक दूसरे से हाई-फाई लेते हुए हंसकर ठहाके मारते हुए कहा तो रंश नजरे नीचे झुका गया और फिर तुरंत ही उन दोनों के सर पर एक साथ तमाचा जड़ दिया।।


    तुम दोनों बहुत दूर का सोचते हो शादी में आए हो मेरी भतीजी की जाकर काम करो ओके, मैंने तुम लोगों को यूं फ्री में ठूंसने के लिए नहीं बुलाया है यहाँ।।।



    और आगे...........


                   

  • 10. रैना सबकी दुलारी - 10

    Words: 1017

    Estimated Reading Time: 7 min

    ओह आई सी तो यह ही रैना, इसे तो मीता भाभी और राज भाई ने ही बचपन से पाला है ना जो पहले यहीं मेरे ही घर मे ज्यदातर रहती थी।  "रंश को अब सब खुली किताब सा पढ़कर समझ आया था।


    हां क्योंकि इसके मम्मी पापा कार एक्सीडेंट में गुजर गए थे पर तू उस पर इतना नजर क्यों गड़ाए हुए है मेरी समझ नहीं आ रहा क्या बात है रंश... रंश तू उसे लाइन तो नहीं मार रहा?  "रंश के दोस्त देव और अभय ने एक दूसरे से हाई-फाई लेते हुए हंसकर ठहाके मारते हुए कहा तो रंश नजरे नीचे झुका गया और फिर तुरंत ही उन दोनों के सर पर एक साथ तमाचा जड़ दिया।।

    तुम दोनों बहुत दूर का सोचते हो शादी में आए हो मेरी भतीजी की जाकर काम करो ओके, मैंने तुम लोगों को यूं फ्री में ठूंसने के लिए नहीं बुलाया है यहाँ।।


    * * * * * * * *


    क्या हुआ रैना तू ऐसे लंगड़ाकर क्यों चल रही है बच्चे? "रैना जब ढ़पकते हुए मीता  के पास आई थी तो जहां मीता पहले से ही रूम में अपना कोई काम कर रही थी रैना को देखकर घबरा गई और फौरन ही उसको संभालते हुए उसे लाकर बेड पर बैठा दिया।।
    यह चोट कैसे लगी तुझे क्या हुआ है?


    अरे नही नथिंग दीदी कोई बात नहीं बस थोड़ी सी ठोकर लग गई थी? "रैना ने बेतवज्जो से यूँ ही बोला था।


    थोड़ी सी क्या होती है... कितना खून बह रहा है पैर से और तू कह रही है... रुक तू मैं अभी तेरे जीजू को बोलती हूं वह तुझे हॉस्पिटल से पट्टी करवा लाएंगे?  "मीता बेहद परेशान हो उठी थी रैना का पैर जख्मी देखकर जैसे उन्हें खुद पर दर्द महसूस हुआ था आखिर,
    रैना बहन कहां थी वो तो उसकी बेटी थी जिसे उसने अपने हाथों से पाला था?


    दीदी रहने दीजिए ना प्लीज खामखा जीजू को परेशान करेंगी आप, मैं ठीक हूं।


    कुछ ठीक नहीं है तू मैं अभी आती हूं तू यहीं बैठ? "मीता उसे वहीं छोड़कर फौरन ही अपने रूम से बाहर आ गई थी।


    ओह मय गॉड पहले वह रिमझिम फिर साहिल और अब यह लड़का सब यहां मेरे ही दुश्मन क्यों बने पड़े हैं मुझे इस शादी में आना ही नहीं चाहिए था क्या? "रैना ने अपने सर के बाल नोच डाले थे और गुस्से में वही बेड पर सीधी सीधी लेट गई।

    कुछ ही वक्त बीता था जब उसकी बहन मीता और जीजू राज कमरे में आए थे।


    क्या हुआ रैना को... बेटा तुम ठीक तो हो ना... हां बोलो?  "राज के चेहरे पर काफी परेशानी थी उन्होंने फ़ौरन ही बेड पर लेटी रैना का पैर थाम लिया था और वहीं जमीन पर ही घुटनों के बल बैठ गए।
    रैना उन्हें बच्चों की तरह प्यारी थी क्योंकि बचपन से ही तो उन्होंने भी तो मीता के साथ मिलकर रैना को परवरिश दी थी।
    रैना तुम ठीक तो हो ना बेटा?


    जीजू मैं ठीक हूं दीदी खुद तो खामखा परेशान हो ही रही है और आपको भी परेशान कर दिया। "रैना उठकर बेड पर ही बैठ गई।


    राज तुम इसे छोड़ो और प्लीज इसको हॉस्पिटल लेकर जाओ ना कितना खून बह रहा है, जल्दी करो।


    दीदी, प्लीज् जीजू को और भी काम है मैं यहीं घर पर ही पट्टी कर लूंगी ना आप फस्ट एड किट ले आइए!


    पर रैना....!!


    ठीक है आप रहने दीजिए मैं खुद ही कर लूंगी।  "इससे पहले मीता कुछ और बोलती रैना खुद ही झटके से बेड से नीचे उतरी और अलमारी में रखा फर्स्ट एड किट निकाल कर बैठ गई तो राज को हंसी आ गई।


    अच्छा ठीक है इतना गुस्सा क्यों कर रही हो मैं करती हूं ना। "मीता रैना के गुस्से पर पिघल गई थी और उसके नजाकत भरे नखरे पर आकर उसके सामने बैठ गई उन्होंने राज को घूरा।

    आपको बड़ी हंसी आती है इसके पागलपन पर... चल ला मुझे दे मैं करती हूं।  "मीता उसके हाथ से कॉटन लेते हुए उसका पैर साफ करने लगी थी।


    मीता तुम एक काम करो नीचे जाओ शादी की तैयारियां पड़ी है ये मैं करता हूं। "राज ने फौरन ही मीता के हाथ से कॉटन ले ली।
    और वैसे भी मेरी बच्ची को तुम्हारे हाथों से ज्यादा दर्द होगा... है ना रैना बच्चा, मैं करूंगा ना तो इसे बिल्कुल भी पता नहीं चलेगा।


    ये हुई ना बात जीजू!  "रैना और राज ने मीता पर हंसते हुए ताली ली थी तो मीता नाराज हो गई पर जो बनावटी ही थी।।


    हां हां मैं तो दुश्मन हूं ना इसकी बस तुम दोनों जानो।  "मीता राज को घूरते हुए वहां से चली गई थी।
    मैं जरा सागर को देख लूं जब से वह उसका चाचू विदेश से आया है और साहिल मिल गया है वो तो अपनी मां को भूल ही बैठा है सारा दिन मस्ती।  "मीता चली गई थी और राज रैना के पैर के पास बैठ गए।

    राज और मीता का बेटा सागर और बेटी रिया राज के छोटे भाई रंश और मीता की बहन रैना की हम उम्र के ही थे अपने दोनो बच्चों की ही तरह मीता और राज ने रैना और रंश को पाला था।।


    रैना मीता के चाचा की बेटी थी जिसके पैरेंट्स एक्सीडेंट में गुजर गए थे और जिस गाड़ी में वो दोनो थे उसी में मीता की पूरी फैमली मां-बाप भाई-भाभी और बहन भी थे सबने एक साथ दुनिया से विदा लिया था बस मीता के भाभी बची थी पर उन्होंने रैना की देखरेख करने से साफ इंकार कर दिया क्योकि उनके भी अपने तीन बच्चे थे।

    अपना परिवार खोकर मीता को दो साल की रैना मिली थी जो उसके पास रुकने की वजह से उस गाड़ी में नही थी और जिंदा बच गई।
    मीता ने रैना को अपनी बेटी समझा और अपने ससुराल ले आई जहाँ पहले से ही सिर्फ राज ओर उनका छोटा भाई रंश ही थे और कोई नही?


    राज ने रैना को अपना लिया और फिर खुद उनके भी दो बच्चे सागर और रिया उनकी लाइफ में आये जिससे उनका परिवार पूरा हो गया पर उनका प्यार कभी रैना और रंश केलिए कम ना हुआ था, यह चारो ही एक साथ खेलते हुए बड़े हुए थे।।।


               और आगे.............

  • 11. रैना और रंश की मस्ती - 11

    Words: 1688

    Estimated Reading Time: 11 min

    रैना किचन में काम कर रही थी जब रंश उधर से ही गुजरा तो वह रैना को इस तरह बिजी देखकर वहीं किचन के दरवाजे पर ही रुक गया था और एकटक रैना को ही देखता रहा।
    काफी वक्त तक वो उसमें खोया हुआ उसे निहारता रहा कि जब अचानक ही वो किसी काम से पीछे मुड़ी थी और दरवाजे पर हंसते हुए मुस्कुराते खड़े रंश को देखकर जैसे चौक गई?


    आप.... आप यहां।  "रैना की आवाज में घबराहट थी जबकि रंश अब किचन में आकर खड़ा हो गया और उसे उसी तरह देखते हुए पूछा।


    आपका पैर अभी कैसा है, क्या अभी भी दर्द हो रहा है क्या? "रंश के लहजे में फिक्र साफ थी।


    हां तो... जब दर्द दिया है तो दर्द होगा ही ना अफ्कोर्स है। "रैना रंश को इग्नोर करते हुए वापस सब्जियां काटने लगी थी।


    देखिए प्लीज मुझे माफ कर दीजिए आई, आई एम रियली सॉरी, प्लीज् जब तक आप मुझे माफ नहीं करेंगी मुझे बुरा फील होता रहेगा और मैं बहुत शर्मिंदा भी हूं।


    मैंने बोला ना जब तक मुझे दर्द होता रहेगा आपको बुरा फील होना ही चाहिए कि आपने मुझे दर्द दिया है।  "रैना एक एटीट्यूड वाले अंदाज में बोली थी जिसमें रंश को हंसी आ गई पर वो चुप ही रहा।

    देखिए मिस्टर मैं दर्द में हूं तो आपको भी शर्मिंदा तो होना ही चाहिए ना। "रैना उसी तरह रूठेपन से बच्चों की बोलती रंश के दिल मे हलचल मचा रही थी जिससे वो खुद तो बेखबर ही थी पर अब रंश को उसकी मासूमियत पर हंसी आ गई।।

    अरे आप हंस क्यों रहे हैं... क्या मैंने कोई जोक सुनाया क्या?


    नही तो बस यूँ ही... सॉरी! "रंश ने अपने होठों पर अंगुली रख ली पर मुस्कराहट में कोई कमी नही हुई।


    एनीवे आप यहां क्या कर रहे हैं आपको कोई काम था क्या? "रैना ने वापस कहा।


    ओह हो रैना प्लीज, यार अब भी बस करो ना।  "रंश ने एकदम से ही रैना के करीब आकर उसके सब्जी काट रहे हाथो के करीब स्लैब पर बैठते हुए अचानक ही कहा तो वो चौक उठी।


    कक... क्या... क्या कहा आपने, आपको... आपको मेरा नाम कैसे पता?  "रैना को हैरत हुई थी क्योंकि जहां तक उसे याद था वो उस लड़के से तो पहली बार मिल रही थी।।


    ओह कम ऑन रैना तुम क्या सच में मुझे पूरी तरह से भूल गई हो?  "इस बार रंश ने उसका हाथ थाम लिया था और उसी तरह बोला।
    अरे भई मैं रंश हूं रंश, राज भाई का छोटा भाई...सागर और रिया का चाचू और तुम्हारा बचपन का दोस्त जिसके साथ तुम बचपन में खेलती कम झगड़ती ज्यादा थी।

    हम दोनों स्कूल फ्रेंड हैं रैना तुम भूल गई क्या मुझे.... हाऊ यार?  "रंश ने सबकुछ एक ही सांस में कहा था जबकि रैना बस उसे एकटक देखती रही फिर अचानक ही एकदम से खिलखिलाकर हंस दी।


    ओह माय गॉड तुम... तुम रंश हो। "रैना ने खुशी में उछलते और उसकी बात काटते हुए उसके गले लगकर हंसते हुए कहा और जब वो बेख्याली में पूरी तरह रंश के गले से लगी हुई थी कि,
    तभी उसी पल किचन के दरवाजे से गुजर रहे साहिल ने उसके हंसी के उन कहकहो की गूंजती आवाज सुनी तो उसकी नजर किचन की तरफ उठ गई और जब उसने रैना को रंश के इतने करीब देखा तो वह अपनी नजर हटाना ही भूल गया।

    साहिल और दो कदम आगे आकर किचन के दरवाजे से टेक लगाये टिककर खड़ा हो गया था वहीं रैना और रंश दोनो ही उसके वहां होने से अनजान थे।


    रंश.... ओह गॉड तुम रंश हो सचमे उफ्फ.... मैंने तुम्हें सचमें नहीं पहचाना था तुम… तुम कब आए? आई मीन तुम यहां... क्या बोलूं मैं मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा? "रैना मारे खुशी के अटकते-फ़टकते हुए कट-कटकट बोली थी।।


    हां रैना वह मैं एक्चुलि....!!  "रंश ने टूटे फूटे लफ्जों में कुछ बोलना चाहा था फिर रुक गया क्योंकि रैना अभी तक उसके गले से लगी हुई खड़ी थी और उसकी इतनी करीबी रंश को अच्छा लगा और दिल को राहत भी पहुंची थी पर साथ में थोड़ा अजीब सा भी महसूस हो रहा था जिससे उसके बदन में झुरझरी सी दौड़ गई,
    वही रैना ने भी जब महसूस किया कि वह रंश के बेहद करीब हो आई है इतना कि दोनो की सांसे ही नही धड़कने भी आपस मे टकरा रहीं है तो उसने जल्दी से रंश के गले से अपनी बाहें निकाल ली और दो कदम पीछे हट गई थी।।


    स.... सॉरी... सॉरी वह मैं... मैं एक्साइटमेंट में फ्लो-फ्लो में शायद...सॉरी रंश।


    इट्स ओके रैना वी आर फ्रेंड।  "रैना ने सर झुकाए हुए धीरे से कहा था तो रंश उसकी  झेंप मिटाने को टॉपिक चेंज करने लगा।
    कैसी हो तुम रैना?


    फाइन.... रंश मैंने तुम्हें बहुत बचपन में देखा था तब से आज, अब!


    हां वह मैं अपनी स्कूल की पढ़ाई के बाद न्यूयॉर्क चला गया मामू के पास और वही कॉलेज की पढ़ाई पूरी की और अब वही सेटल भी हो गया हूं तो मैं इंडिया ज्यादा नहीं आता।
    रिया की शादी में राज भाई ने फोर्स किया था तो आना पड़ा और वैसे भी रिया मेरी इकलौती भतीजी है मुझे तो आना ही था तो आ गया। "रंश सब एक ही बार में बोल गया और हंसता हुआ वो रैना को ही देखता रहा जो खुद भी पूरी तरह उसमे और उसकी बातों में खोई हुई थी।।


    वैसे रैना मैंने भी तुम्हें पहचाना नहीं था सुबह जब हम टकराए तो तब तक भी मैं तुम्हें नहीं जान पाया था बट तुम्हारे अंदाज से मुझे कुछ डाउट जरूर हुआ था पर जब बाद में अभय ने बताया कि तुम रैना हो मेरी दोस्त तो उसके बाद तो.....!! "रंश ने अपने सामने खड़ी रैना को गौर से देखा जो अब पूरी तरह से चेंज हो चुकी थी।
    बचपन मे वो उसे जैसे छोड़कर गया था अब वह उससे कहीं ज्यादा हसीन और दिलकश लग रही थी जिसकी ओर रंश को खिंचाव सा फील हुआ।


    अरे हां तब तो मुझे भी नहीं पता था कि तुम कौन हो?  "रैना ने हंसते हुए कहा तो रंश अपने ख्यालों से बाहर निकला।


    हां लेकिन रैना मैंने तुम्हें बताने की कोशिश तो की थी ना, पर तुमने तो मुझ पर चढ़ाई ही कर दी... ओह गॉड इतना डांटा कि मेरी सुनना तो दूर तुम तो....!! "रंश ने शरारत से कहते हुए अपनी बात अधूरी छोड़ी थी जिस पर रैना झेंप गई।।


    सॉरी रंश वो मुझे बहुत दर्द हो रहा था ना और इरिटेशन में मैंने तुमको कुछ ज्यादा ही सुना दिया... एम रियली सॉरी?


    सॉरी किस लिए रैना गलती मैंने की थी तो तुम्हारी डांट तो पड़नी ही थी ना वैसे एक बात तो है रैना तुम बिल्कुल चेंज हो गई हो... पतली दुबली डरावनी सी चुड़ैल के बजाय बेपनाह खूबसूरत। "रंश ने पूरी ईमानदारी से कहा।।


    तुम भी तो कहां पहले मोटूराम हुआ करते थे और अभी देखो कितना हैंडसम हो गए हो बिल्कुल चॉकलेटी हीरो?  "रैना ने उसके कांधे पर पंच मारते हुए शरारत से हंसकर कहा था और दरवाजे पर खड़े साहिल की ये सब अब बर्दाश्त से बाहर जा रहा था।


    उसे गुस्सा क्यो आ रहा था, क्यो वो रैना को रंश के पास नही देख पा रहा था, क्यो उसका मन कर रहा था वो रैना को वहां से खींचकर बाहर ले जाये और
    क्यो उसका दिल उसे बार कह रहा था वो यहां से चला जाये या फिर अपनी आंखें बंद कर ले? "ये सवाल साहिल ने अपने आप से किये थे पर जवाब कुछ नही था।

    उसे पता था रैना पर उसका कोई हक नही और वो कुछ भी करे उसकी मर्जी पर फिर भी साहिल को रैना पर गुस्सा आ रहा था और वो दरवाजे का बाजू पकड़े उसपर अपने हाथ कसते चला जा रहा था।।


    थैंक गॉड रैना कि तुम मुझसे गुस्सा नहीं हो यार। "रंश ने एक लंबी सुकून वाली सांस लेते हुए कहा था।


    क्यो... किसलिए? "रैना को वाकई समझ नही आया था।
    कैसा गुस्सा रंश?


    अरे मैंने जो गलतियां की है... सुबह तुम्हारे पैर में चोट लग गई मेरी वजह से और दूसरा जो मैने....!!  "रंश ने अब कहते हुए सर झुका लिया जिसे रैना समझ नहीं सकी


    और दूसरा क्या रंश? "रैना ने उसके साथ ही स्लैब से सटते हुए उसकी आंखों में झांका था।


    दूसरा यही रैना कि हम दोनों 10th स्टैंडर्ड में थे और मैने तुम्हें प्रपोज कर दिया था वो भी पूरे स्कूल के सामने। "रंश ने अफ़सोस से कहा और साहिल को ये सच्चाई एक झटका दे गई।।


    वह तो मैं कब का भूल गई रंश इनफैक्ट मैं तो अब.....!!  "इससे पहले रैना कुछ और बोल पाती कि उसकी नजर साहिल पर पड़ी थी जो दरवाजे पर खड़ा उसे ही देख रहा था और रैना की बात कट गई।


    इनफैक्ट क्या रैना, बोलो... बताओ ना प्लीज् क्या तुम्हें सचमे बुरा नही लगा था तो क्या तुम....!!  "रंश ने हैरत से पूछा।

    रैना मतलब तुम मुझसे नाराज नहीं थी और मैं पागल स्कूल ही छोड़कर चला गया कि तुमसे नजर नहीं मिला पाऊंगा।  "रंश को हैरत के साथ-साथ खुशी भी हुई थी।
    रैना तुम वाकई मुझसे नाराज नहीं हो तो क्या तुमको भी वो अच्छा....!!


    नहीं रंश मैं बिल्कुल नाराज नहीं!  "रैना ने साहिल की तरफ देखते हुए रंश को बीच मे ही टोकते हुए बेध्यानी से कहा।


    थैंक गॉड रैना तुमने मेरे मन हल्का कर दिया यार मैं बहुत गिल्ट में था! "रैना ने साहिल की आंखों में एकटक देखते हुए रंश की बात का जवाब दिया और सर नहीं मैं हिला दिया जिस पर रंश किसी छोटे बच्चे की तरह खुश होता हुआ उसके गले से लग गया।

    थैंक्यू रैना!  "रंश ने रैना की गर्दन के पास चेहरा छुपाते हुए कहा जब,
    रैना का कोई जवाब और कोई रिएक्शन नहीं आया तो रंश ने सर उठाकर रैना को देखा जो चुपचाप किचन के दरवाजे पर देख रही थी और जब रंश ने उसकी नजरों का पीछा किया तो दरवाजे पर खड़े साहिल को देखकर वह भी चौक गया और जल्दी से रैना से दूर हट कर खड़ा हो गया।


    अरे साहिल तुम... तुम यहां... कब आए तुम साहिल?  "रंश ने काफी स्पीड में पूछा जबकि साहिल और रैना की नजरें तो एकदूसरे में उलझी हुईं थीं।


             और आगे.........


    🙏🙏🙏🙏 प्लीज् अच्छी लगे तो कमेन्ट्स करना नही भूले😊

  • 12. रैना ने किया सागर को तंग -12

    Words: 1313

    Estimated Reading Time: 8 min

    थैंक्यू रैना!  "रंश ने रैना की गर्दन के पास चेहरा छुपाते हुए कहा जब,
    रैना का कोई जवाब और कोई रिएक्शन नहीं आया तो रंश ने सर उठाकर रैना को देखा जो चुपचाप किचन के दरवाजे पर देख रही थी और जब रंश ने उसकी नजरों का पीछा किया तो दरवाजे पर खड़े साहिल को देखकर वह भी चौक गया और जल्दी से रैना से दूर हट कर खड़ा हो गया।


    अरे साहिल तुम... तुम यहां... कब आए तुम साहिल?  "रंश ने काफी स्पीड में पूछा जबकि साहिल और रैना की नजरें तो एकदूसरे में उलझी हुईं थीं।


    काफी देर पहले और शायद मैंने आप लोगों को डिस्टर्ब कर दिया!  "साहिल ने दांत पीसते हुए कहा।


    अरे नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है साहिल हम दोनों दोस्त हैं तुम्हें तो पता है ना मैंने अपना बचपन यही बिताया है रैना मेरी बचपन की दोस्त है और....!!


    हां मैंने सुना।  "साहिल किचन के अंदर आते हुए बोला वह बात तो रंश से कर रहा था पर उसकी नजरें अभी तक रैना पर ही थी।
    और तुम दोनों बचपन से काफी क्लोज भी हो शायद?  "साहिल ने तुक्का लगाते हुए कहा।


    अरे नहीं वह तो बस हम दोनों बचपन में यूं ही...वैसे तुम्हें कुछ काम था क्या? "रंश बिना कुछ समझे उसी तरह हंसते हुए साहिल से बात करता रहा।


    नहीं कुछ काम नहीं था बस यूं ही चला आया प्यास लगी थी पानी पीने? "साहिल ने आगे बढ़कर फ्रिज से पानी की बोतल निकाली और चुपचाप वहां से चला गया।


    ए साहिल रुको मैं भी आता हूं! "रंश ने दौड़ते हुए एक ही छलांग में साहिल का पीछा किया था और उसके कंधों पर अपने दोनों हाथ रख दिए जबकि रैना वही चुपचाप खड़ी रह गई थी।


    यह मुझे ऐसे क्यों देख रहा था मैंने कुछ गलत किया क्या?  "रैना ने अपने आपसे ही कहा ।
    कहीं यह मेरे बारे में कुछ गलत तो नहीं सोच रहा पर रंश मेरा दोस्त है और दोस्तों से तो मिल ही सकते हैं ना....ओह गॉड ये लड़का मुझे अपनी इन नज़रो से मार देगा। "रैना ने सर झटकते हुए कहा और वापस अपने काम में लग गई।।।


                  **************


    रैना जब लगड़ाती हुई सागर के रूम में आई तो वह बेड पर बैठा वीडियो गेम खेल रहा था।

    क्या बात है मासी आपके पैर में क्या हुआ आप ऐसे लंगड़ाकर क्यों चल रही है?  
    "सागर ने फिक्रमंदी से दौड़ते हुए उसके पास आकर कहा।


    बस बस रहने दे अब और टॉर्चर मत कर जब से यह चोट लगी है इस चोट के दर्द से ज्यादा मैं इसके बारे में लोगो को बताते-बताते थक गई हूं जिसे देखो यही पूछ रहा है यह कैसे लगी, कब लगी, क्यों लगी?
    अभी तेरी मम्मी पापा एक घंटे तक मेरी खिंचाई करते रहे हैं अब तुम तो मत शुरू हो जाना काफी वक्त हो गया चोट लगे और तुझे अब दिख रहा है मेरा दर्द। "रैना ने बेपरवाही से कहा था और आकर धप से सागर के बेड पर बैठ गई।।


    मासी आप यहां क्यों आई हैं? "सागर ने उसे अपने रूम में देखा तो सब भूलकर एक झटके में पूछा।


    क्यों आई हूं मतलब....अरे सोना है मुझे और क्यों आई हूँ मैं?


    नही नही यार मासी यह गलत बात है यह मेरा रूम है मैं इसे....!


    हां तुम्हारा रुम है तो मासी भी तो मैं तेरी ही हूं ना मेरे भानजे।


    रैना मासी आप.... आप रिया दी के बेडरूम में क्यों नहीं रहती हैं जब देखो तब आप मेरे ही रूम में क्यो आ जाती हैं? "सागर ने उलझन से कहा।


    वहां ऑलरेडी सनम और पूजा है और अभी तो तेरी रिश्तेदारों की दो तीन लड़कियां और भी रिया के रूम में कब्जा जमा चुकी हैं तो मैं कहां जाऊंगी बताओ तुम्हारे ही रूम में तो आऊंगी ना? "रैना बात क्लियर करते हुए बेड पर आकर बैठ गई।


    नो मासी ईट्स नॉट गुड आप मेरे बेड पर कब्जा जमाए हुए हैं आज तो बेड पर मैं ही सोऊंगा।


    तुम बेड पर सोओगे तो क्या मैं सोफे पर सोऊंगी क्या?


    हां बिल्कुल ही! "रैना के पूछते ही सागर फौरन बोला था और बेड पर आ गया।


    नालायक लड़के! "इससे पहले सागर कुछ और बोलता कि रैना ने उसके गाल पर एक थप्पड़ मारा।
    मासी से जबान लड़ाता है तुझे पता है ना मुझे सोफे पर नींद नहीं आती।


    हां हां जैसे कि मुझे तो सोफे पर ही सोने की आदत है!  "सागर गाल सहलाता हुए जलकर बोला था और जाकर सोफे पर बैठ गया।
    मैं तो चाहता हूं रात में बेड के चारो पाये टूट जाएं और आप जमीन पर गिर पड़े, बिस्तर में खूब सारे कॉकरोच, मच्छर, खटमल, कीड़े-मकोड़े पड़ जाएं जो आपको रातभर काट-काटकर खा जाएं!
    जाओ मासी ऐसी बद्दुआ देता हूं मैं आज आपको।  "सागर ने झल्लाते हुए चिढ़कर कहा था जिस पर रैना को हंसी आ गई और उसने लपककर सागर का सर अपने दोनों हाथों से थाम लिया।


    अरे मेरा बच्चा तुम कितने अच्छे हो, चल अब जल्दी से मेरे पैर की मालिश कर दे बहुत दर्द हो रहा है? "रैना को रूठा हुआ सा सागर बेपनाह प्यारा लग रहा था और ये सच भी था वो उसके लिए सबसे खास ही था खुद उसकी बहन मीता से भी ज्यादा जिसे रैना को तंग करने में काफी मजा भी आया करता था।।


    क्या.... मैं नहीं करूंगा पैर मालिश कल आपने मुझसे अपने सर की मालिश करवाई थी और अब पैर की.... मैं आपका सेवक नहीं हूं जो आप की सेवा करता रहूंगा?


    अरे मेरा नौकर नहीं तू तो मेरी जान है और मासी की सेवा करने से फल मिलता है मैं तुझे आशीर्वाद दे देती हूं सागर कि....!!


    मुझे नहीं चाहिए आपका आशीर्वाद पर मैं आज आपके पैरों की मालिश नहीं करूंगा और जाइए आप यहां से आज मेरा बेडरूम खाली नहीं है।  "सागर को जैसे अचानक याद आया था कुछ तो वो रैना की बात काटते हुए उसी तरफ रूठेपन से बोला।


    क्यों आज तेरे बेडरूम में तेरी वाइफ आने वाली है क्या?


    मासी प्लीज!  "रैना ने हंसकर उसे छेड़ा था जिस पर सागर उसके करीब आकर बैठ गया।
    मासी आज रंश चाचू ने अपने कुछ फ्रेंड्स के साथ मिलकर मेरे रूम में एक छोटी सी पार्टी ऑर्गनाइज़ कर रहे हैं और मैं और बाकि सब भी.... अभी सब आने ही वाले हैं आप जाइए यहां से।


    ओह तो ऐसा है इधर आ मेरे पास! "रैना ने प्यार से सागर को अपने पास बुलाया और उसके आते ही एक और थप्पड़ उसे जड़ दिया।
    यह मेरे जीजू का घर है और यहां तुम सभी दुमछल्लो की कोई पार्टी नहीं होगी समझे तुम।  "रैना ने बनावटी एटीट्यूड और गुस्से में कहा था जबकि सच तो यही कि सागर को परेशान करके उसे हमेशा की ही तरह आज भी बेहद हंसी आ रही थी।।


    आपकी जानकारी केलिए बता दूँ कि आपके जीजू का ही बेटा हूं मैं और इस नाते यह घर मेरा भी है और मैं आज अपने सभी दोस्तों के साथ यहां पार्टी करना चाहता हूं, बस छोटी सी.... सो प्लीज मासी आप यहां कैसे सो सकती हैं आज?


    मतलब तुम लोग यहां शोरशराबा करोगे आज रातभर और सबकी नींद खराब करोगे है ना।  "रैना ने एक और दलील रखी।


    मासी मैं शोर-शराबे की बात नहीं कर रहा हूं यहां पार्टी में सब लड़के ही होंगे आप यहां अकेले कैसे रह पाएंगी और सोएंगी ये बोल रहा हूं मैं?  "सागर कुछ कहते हुए चुप हो गया जब ,
    रैना ने उसका हाथ पकड़ा और उसे उसके बेडरूम के पीछे के दरवाजे की तरफ ले आई जो शीशे का था।

    दरवाजे के उस पार बना स्विमिंग पूल और बड़ा सा मैदान दिखाते हुए रैना सागर की तरफ पलटी।


    अगर पार्टी करनी है तो रूम से बाहर जाकर करो वहां स्विमिंग पुल के पास घर के पीछे कोई डिष्टर्ब नही होगा,  यहां मुझे सोना है और मैं यही सोऊंगी? "रैना ने कहा और लापरवाही से चलती हुई वापस बेड पर आ कर लेट गई जिस पर सागर ने पैर जमीन पर जोर से पटका था।।


           और आगे.........

  • 13. इम्बेरिस रैना - 13

    Words: 1138

    Estimated Reading Time: 7 min

    ये मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी दुश्मन है किसी दिन मैं इन्हें मार ही ना डालूं? "सागर ने जलते हुए सोचा।
    अरे मासी आप समझती क्यों नहीं आपको मुझे परेशान करने में कितना मजा आता है यार?


    हां मुझे बहुत मजा आता है! "सागर की झल्लाहट पर रैना ने मासूममियत से कहा था।।
    चल अब तू जल्दी से अपनी पार्टी कर नहीं तो आकर मेरे पैर की मालिश कर और अगर ऐसा.....!!


    ए सागर चल जल्दी कर सारे इंतजाम हो गए ना पार्टी के!  "इससे पहले रैना कुछ और बोलती कि रंश के साथ तीन चार लड़के एकदम से ही सागर के रूम में आए थे और उनके पीछे ही साहिल भी था।
    रैना जो सागर के सामने खड़ी थी और उसका दुपट्टा बेड पर पड़ा हुआ था एक साथ इतने लड़कों को देखकर उसने जल्दी से अपना दुपट्टा उठाकर गले में डाला और सीधी होकर खड़ी हो गई।


    अरे रैना तुम यहां क्या कर रही हो यह तो सागर का रूम है ना! "रंश ने हैरत से खामोश खड़ी रैना से पूछा जबकि बाकी के और सारे लड़के भी बस उसे ही एकटक देख रहें थे।


    वो.... वो मैं.... रिया के रूम में जगह नहीं थी तो मैं सागर के रूम में आ गई क्योकि मेरी नींद पूरी होनी चाहिए ना दिन में इतना काम होता है कि....!!  "रैना ने सर झुकाए हुए दबी आवाज में लरजकर कहा जबकि रैना को वहां ऐसे खड़ी देखकर साहिल का मूड ऑफ हो गया था।।


    जाइए अब यहां से!  "साहिल उन सभी अनजान लड़कों के सामने आकर रैना के जस्ट सामने खड़ा हो गया और दबे लहजे में ही खीजते हुए गुस्से में जताते रैना से बोला था।

    सागर ने बताया नहीं यहां सभी लड़के आज...आप यहां क्या कर रही हैं चलिए जाइए।  "साहिल ने सभी लड़को की तरफ देखते हुए अपनी बात आधीअधूरी ही छोड़ी जो रैना को रश्क से निहार रहें थे।।


    अरे साहिल भाई रहने दीजिए मासी को सो जाने दीजिए कमरे मे हम पार्टी कहीं और कर लेंगे,कबसे मैं इन्हें समझाने की कोशिश कर रहा था पर यह जब मेरी नहीं सुन रही तो आपकी क्या सुनेंगी? "सागर ने जल्दी से रैना की साइड ली थी क्योंकि उसे समझ आया था कि साहिल गुस्से में है रैना को इस तरह इतने सारे लड़कों के सामने खड़ा देखकर और खुद रैना भी अंकम्फर्टेबल थी उस वक्त।।


    कहां कर लेंगे? "एक लड़का बोला।।


    क्यों ना हम रंश चाचू के रूम में चलें... क्यो चाचू?  "सागर ने हंसकर बात टाली थी।


    हां यह सही रहेगा रैना तुम यहीं सो जाओ ठीक है।  "रंश के जवाब पर सागर सभी लड़कों के साथ बाहर चला गया तो रंश रैना के पास आ गया।

    रैना अगर मुझे पहले पता होता तुम यहां हो तो मैं इन सब को लेकर यहां नहीं आता एम सो सॉरी स्वीटी।  "रंश ने मुस्कुराते हुए उसकी ठुड्डी को हौले से छूकर कहा।


    इट्स ओके रंश कोई बात नहीं सॉरी तो मैं हूँ जो मैंने तुम लोगों का प्लान खराब कर दिया।  "रैना ने कहा रंश से था पर उसकी नजरे साहिल पर टिकी हुईं थी जो अभी तक वहीं खड़ा था।
    थैंक्स साहिल जी!


    क्यो? "साहिल में आंखे छोटी करते हुए पूछा


    बस यूं ही!  "रैना को आज पहली बार साहिल से कुछ अपनापन सा सुकून भरा फील हुआ जब साहिल उन लड़कों के सामने आकर खड़ा हो गया जिससे रैना किसीको नजर ना आये।।


    रैना!  "रंश ने उसे धीरे से आवाज दी तो वो साहिल को छोड़कर उसे देखने लगी थी।।


    सॉरी रंश तुम्हारी पार्टी.....!!


    अरे तो क्या हुआ रैना कोई बात नहीं तुम  आराम से सो जाओ, ओके गुड नाईट स्वीटी स्वीट ड्रीम्स। "रंश वहां से चला गया तो साहिल जो अब तक चुपचाप खड़ा रैना को घूर रहा था।
    सबके जाते ही वह धीरे-धीरे से उसकी तरफ बढ़ने लगा और उसे अपनी तरफ आते देख रैना भी धीरे-धीरे पीछे की ओर जाती रही।


    आप...आप क्या कर रहे हैं? "रैना ने धीरे से कहा था उसको घबराहट के साथ-साथ थोड़ी हैरत भी हुई थी जब साहिब उसी तरह धीरे-धीरे चलता हुआ एकदम उसके सामने आकर खड़ा हो गया।


    आपमे कोई मैनर्स नहीं है ना, इतना बड़ा घर है इतने सारे लोग हैं यहां पर सब को जगह मिल गई सोने केलिए बस एक आपको ही भटकना पड़ा।  "साहिल ने गुस्से में अपने माथे पर हाथ रगड़ते हुए उसको घूरकर कहा और फिर एक झटके में उसका हाथ थाम लिया।।


    छो.... छोड़िये मुझे यह क्या.... आप क्या कर रहे हैं ये... छोड़िए!  "रैना सहम गई थी।।


    पता भी है तुम्हारी यह गलती तुम पर कितनी भारी पड़ सकती है, शादी का घर है हर तरह के लोग हैं यहां, किसकी नियत किसकी नजर कैसी है कौन जानता है?     


    आप तो ऐसे कह रहे हैं जैसे कि....!!


    जैसे कि क्या? "रैना कुछ कहना चाहती थी जब साहिल ने तेज आवाज में उसकी बात रिपीट की थी तो वह डर से उछल गई।।


    आप... आप मुझसे ऐसे कैसे बात कर सकते हैं और... और किस अधिकार से आप मुझ पर इतना गुस्सा निकाल रहे हैं?
    पुलिस में है तो सब पर शक ही करते रहेंगे क्या और मैं कौनसा आपके पास अपनी कोई कम्प्लेन लेकर आई हूं....??


    अधिकार....अधिकार भी बता ही दूंगा आपको मैं बस वक्त आने दो!  "साहिल ने दुबारा उसकी बात काट दी थी और उसी तेवर में बोला था।


    मैंने आपको थैंक्स कहा क्योकि मुझे अपने प्रोटेक्ट किया था लेकिन आपका मुझ पर हक नही कोई जो आप मुझे.....!!


    हक नही है तभी चुप हूँ अगर हक होता तो अब तक आपको तो.... खैर ये मेरे अंकल का घर है और मैं नही चाहता यहां कुछ भी ऐसा हो जिसकी वजह से अंकल आंटी को प्रोब्लम हो


    अरे मैं बस!  "रैना जल्दी से कुछ कहने ही वाली थी जब साहिल को खुदको घूरता देख एकदम से चुप होकर सर झुका लिया।
    उसे भी तो बुरा लगा था ना अचानक इतने लड़कों के बीच।
    सॉरी शायद आप ठीक.....!!


    बस!  "रैना ने कुछ कहना चाहा था जब साहिल ने उसे हाथ के इशारे से चुप करा दिया और रूम से बाहर निकल आया और पूरे हक से बोला था।
    मैं रूम में बाहर से ताला मार रहा हूं।


    नहीं आप ऐसा नहीं कर सकते रुको। "रैना  दौड़ते हुए साहिल के पीछे आई थी पर तब तक साहिल ने कमरे से बाहर निकलकर डोर लॉक कर दिया था।
    रैना ने दरवाजा जोर-जोर से पीटा था पर साहिल ने उसे अनसुना कर दिया।।


    एम खोलो मुझे, मुझे आप बाहर से बन्द क्यों कर रहे है, प्लीज ओपन द डोर?


    अब यह डोर सुबह ही खुलेगा, चुपचाप सो जाओ जाकर।  "साहिल ने कहा और वहां से चला गया तो रैना ने गुस्से में अपनी दोनों मुठ्ठियाँ भींच ली थी।


    यह अपने आप को समझता क्या है, गॉड😠 ये दोनों भाई-बहन मेरे पीछे क्यों पड़े हैं आखिर मैं क्या करूँ? "उसने पैर पटखते हुए दोनों हाथों से अपना सर पकड़ लिया था ओर वही जमीन पर ही बैठ गई।।



    और आगे...........


        

  • 14. साहिल ने किया रैना को कमरे मे लॉक - 14

    Words: 1718

    Estimated Reading Time: 11 min

    साहिल रैना को बाहर से लॉक करके  लड़कों के बीच पार्टी में चला गया था और वो वहीं जमीन पर पैर पटखते हुए तिलमिलाकर दरवाजे से ही टिककर बैठ गई थी।

    छोडूंगी नहीं मैं इन भाई-बहन को.... हां नही के, अच्छा खासा यहां मैं शादी में आई थी इंजॉय करने और इन दोनों ने मेरी एंजॉयमेंट की ऐसी की तैसी कर दी।  "रैना जमीन पर बैठी उसी पर हाथ पैर मारती हुई गुस्से में झल्ला रही थी।।


    रात बीती थी और सुबह का पहला पहर हुआ था,  सभी बाहरी लड़के अपने-अपने घर चले गए और रंश, साहिल और सागर भी सोने केलिए लेट गए थे जब साहिल को रैना के बारे मे याद आया।

    साहिल तुरंत ही दबे पांव चुपके से बाहर आ गया घर में पूरा सन्नाटा था शायद अभी सब सो रहे थे।

    साहिल ने सागर के रूम की तरफ कदम बढ़ा दिए और जैसे ही वो रूम का दरवाजा खोलकर अंदर आया तो रैना उसे दरवाजे से ही टेक लगाए सोती हुई मिली क्योकि,
    वो शायद वहीं जमीन पर ही दरवाजा पीटते हुए नींद की गहराई में खो गई थी।


    साहिल ने हल्के से दरवाजा खोला और अंदर आ गया सामने बैठी गहरी नींद में सो रही रैना को देखकर साहिल घुटनों के बल उसके सामने बैठ गया था।
    वह दो पल के लिए उसके चेहरे में खो गया था जो उस वक्त सोती हुई दुनिया से बेखबर बेइंतेहा प्यारी लग रही थी, चेहरे पर बिखरे बाल, होंठो पर खामोशी, बंद आंखें एक मुकम्मल खूबसूरत सा चेहरा...साहिल को अपने दिल के अंदर कुछ गुदगुदाहट सी महसूस हुई थी।।


    सोती हुई कितनी प्यारी लगती है पर जब मुंह खोलती है तो जहर ही बोलना होता है खासकर मेरे लिए...पागल कहीं की जब  इतना बड़ा बेड पड़ा है फिर जमीन में सोने की क्या जरूरत थी?  "साहिल ने हाथ बढ़ाकर उसे बाहों में भरना चाहता कि उसे बेड पर आराम से लेटा दे पर अगले ही पल वह रुक गया।

    भला वो रैना को इस हालत में कैसे छू सकता था जब वह पूरी तरह से होश में ही नहीं थी और वो उसके लिए अनजान भी थी और एक गैर लड़की भी जिसे छूना साहिल में गवारा नहीं समझा और फिर उसने धीरे से उसके गाल पर थपथपाया।।
    उठो...उठो रैना!


    हहम्म.....हां... क्या... क्या हुआ? "रैना ने आधखुली आंखों से सामने देखा था जहां साहिल उसके पास बैठा उसे ही भरपूर नजरों से देख रहा।
    रैना ने साहिल को अपने पास पाया तो जाने ही क्यो बस वो फौरन ही उससे लिपट गई थी और रोने लगी।।


    सा.... साहिल.... साहिल आप... आप यहां.... प्लीज्, मुझे बचा लीजिए...मैं... बचा लीजिए मुझे... आपने बिल्कुल सही कहा था वह लोग आए थे....आए थे वह लोग यहां और वो...! "रैना पागलों की तरह साहिल से लिपटी जारोक्तार रो रही थी और कट कटकर बोलती हुई कुछ कहना चाह रही थी पर उसकी आवाज उसकी सिसकियों के बीच में ही दबी जा रही थी।

    रैना अब बोलना छोड़कर बस कुछ देर तक साहिल से लिपटी उसके सीने पर सर रखे यूँ ही रोती रही वहीं खुद साहिल का भी बुरा हाल था।
    उसे कहां पता था कि रैना इस तरह से बदहवास हो सकती है और उसके अचानक हुए इस रिएक्शन से वो घबराने लगा?


    क्या हुआ रैना बोलो.... रैना एवरीथिंग इज फाइन,  तुम कहना क्या चाहती हो, कौन...कौन आया था यहां..क्या हुआ?


    साहिल आपने...आपने जो बोला वही हुआ पता नहीं कौन था रात में मेरे रूम का दरवाजा पीट रहा था और अंदर आने की कोशिश भी की पर वह तो शुक्र है जो आपने बाहर से लॉक लगाया था और दरवाजा नहीं खुला तो वह वापस चले गए नहीं तो आज पता नहीं क्या.... मेरे साथ पता नहीं क्या हो जाता साहिल?
    थैंक यू,  थैंक यू सो मच आप.... आप बहुत अच्छे इंसान हैं मैं... आपकी वजह से मैं.... मुझे माफ कर दीजिए मैंने आपको गलत समझा था।  "रैना उसी तरह रोती हुई बेबसी से मचलकर बोली।

    उसने साहिल को मजबूती से अपनी गिरफ्त में ले रखा था और खुद साहिल ने भी अपने हाथों की दोनों बांहे उसके इर्द-गिर्द फैलाकर उसे अपने वजूद में समेट लिया था जिसमे रैना बच्चों की तरफ कपकपाती हुई खुदको महफूज फील कर रही थी।।


    वह कुछ देर उसी तरह शांत बैठा रहा और रैना बिलख-बिलखकर रोती रही, साहिल को सब समझ आ गया था कि जरूर रात में रंश की ही पार्टी से कोई लड़के रैना के रूम की तरफ आए होंगे और उन्होंने ही कुछ किया होगा?
    यह सोचकर उसका गुस्से से माथा ठनक गया था पर इस वक्त वह चुप ही रहा क्योकि सेफ थी और अगर वह कुछ बोलता तो शायद रैना की ही बदनामी होती।

    वह किसी से कुछ नहीं कह सकता था पर इस वक्त बेबसी से उससे पूरी तरह से बेफिक्री में और मासूमियत से लिपटी हुई वो लड़की उसे अपने वजूद में बेइंतेहा अपनी सी लगी।



    रैना तुम ठीक हो ना!  "साहिल ने धीरे से चेहरा झुका कर रैना को देखा जो उसकी गर्दन में सर छुपाए सीने पर दोनों हाथ रखे सिसक रही थी।


    हां, हां मैं ठीक हूं.... मुझे कुछ नही हो सकता.... नेवर।


    रैना मैं तूमको कुछ होने भी नहीं दूंगा ये मेरा वादा है तुमसे!  "साहिल ने मन में सोचा फिर उससे बोला।
    रैना यहां अब कोई नहीं है, क्या हुआ है तुम ठीक तो हो पक्का ना तुम डरो मत मैं हूँ यहां पर तुम्हारे साथ? "साहिल ने अपने सीने से चिपकी हुई रैना को देखा जो इस वक्त डरी-डरी सी सहमी हुई वह प्यारी और नाजुक सी लड़की साहिल को अपने दिल में उतरती हुई महसूस हुई थी।।


    हां, हां मैं ठीक हूं!  "उसने धीरे से कहा था और उसी तरह साहिल को और कसके दबोच लिया साहिल भी चुप हो गया।
    कुछ देर उसी तरह बीत गए जब अचानक ही रैना को एहसास हुआ था और वह एक झटके से साहिल से अलग हो गई।।


    आई एम सॉरी... सॉरी वह मैं....!!


    इट्स ओके कोई...कोई बात नहीं रैना तुम ठीक हो ना?  "रैना दूर खिसकते हुए उठकर खड़ी हो गई तो साहिल भी उठते हुए उसी तरह फिक्रमंदी से पूछा।
    क्या बात है?


    नहीं कुछ नहीं मैं ठीक हूं और.... और प्लीज यह बात घर मे किसी को भी बताना मत आई एम सॉरी एंड थैंक यू।  "रैना ने घबराई हुई आवाज में सर नीचे करके कहा और फ़ौरन ही दरवाजा खोलकर बाहर निकल गई तो साहिल ने उसकी खुशबू अपने बदन में महसूस की थी और अपने सीने पर हाथ रखकर हल्का सा मुस्कुरा दिया।


    तुम ना भी कहती तब भी मैं यह बात किसी से श्येर नहीं करता रैना लेकिन पता तो मैं लगाकर ही रहूंगा तुम्हें परेशान करने की आखिर जुर्रत भी किसने की? "साहिल के चेहरे पर गुस्से की एक लकीर सी आ थी उसे रंश पर भी गुस्सा आया था क्यों उसने शादी में बाहरी लोगों को बुलाया वह भी रात को इस तरह??


    साहिल कमरे से निकलकर छत पर आ गया था कुछ देर तक वैसे ही मदहोश सा टहलता रहा फिर वही लगे बिस्तर पर लेट गया।
    साहिल उस लड़की के ख्यालो से बाहर ही नहीं आ पा रहा था।

    यह लड़की पक्का मुझे पागल करके ही छोड़ेगी अपना दीवाना क्यो बनाये जा रही हो तुम मुझे मिस रैना? "साहिल ने सर खुजाते हुए अपने दिल में कहा और चेहरे पर मुस्कान लिए वह सोने की कोशिश करने लगा।।


    इधर रैना का घबराहट से बुरा हाल था सबसे पहले तो वह रात जिसमें दो तीन लड़कों ने उसके रूम का दरवाजा खटखटाया था जिस वजह से वह वैसे ही डरी हुई थी और सुबह साहिल से लिपटकर रोना!
    रैना को रह रहकर यह सब याद आ रहा था और वह दिल ही दिल में शर्मिंदगी महसूस कर रही थी।

    जाने क्या सोच रहा होगा वह लड़का मेरे बारे में मैं उसके इतने करीब कैसे चली गई ओह माय गॉड.... गॉड क्यो? "रैना किचन में काम करते हुए हड़बड़ा रही थी और उसके हाथ अब तक कांप रहे थे जिस वजह से बर्तन छूट-छूटकर इधर-उधर किचन में ही गिरकर फैल गए।

    मैंने क्यों पकड़ा उसे क्यों गई मैं उसके करीब किसी को पता चला तो खासकर वो रिमझिम की बच्ची तो मुझे और भी तंग करेगी वो? "रैना ने सिरदर्दी से अपना माथा पीट लिया था।
    हे मेरे ईश्वर आप मेरे ही पीछे क्यों पड़े हैं... क्यो गॉड???


                     **********
    आज मौसम में कुछ अलग ही सर्दी आई तो सभी लोग घर के बाहर बने बडे से गार्डन में इकट्ठा बैठे धूप सेक रहे थे।
    सब अपनी-अपनी बातों में और कुछ लोग शादी की तैयारियों में फुल बिजी थे इंटरटेनमेंट का एक माहौल था और वहीं राधा, साहिल की मां रेखा और मीता समेत कुछ औरतें शादी का कोई सामान फैलाये बैठी हुई थी।

    आज रंश, सागर रिया के ससुराल हल्दी और कुछ सामान लेकर जाने वाले थे साथ ही रैना को भी जाना था।।

    समान पैक करते हुए जब सबकी नजर अचानक ही घर के अंदर से उनकी ओर आ रही रैना पर पड़ी जो आज पहले से कहीं ज्यादा अलग लग रही थी।
    हमेशा सूट, इंडियन ड्रेस में होने वाली वो लड़की आज एक वेस्टर्न ड्रेस पहने जब उन सबके बीच चाय की ट्रे लिए आई तो सुबह की सर्दी का वह मौसम, रैना का वह निखरा हुआ था सा अलग ही एक रूप सबको दो पल ठहर जाने पर मजबूर कर गया था।

    साहिल भी वहीं था जो बस पुलिसस्टेशन केलिए निकलने ही वाला था चाय का वेट कर रहा था।

    रैना को वो नया अंदाज पूरी तरह से बदला हुआ उसका यह अलग ही रूप सबने एक नजर भर कर उसे देखा।


    ओह माय गॉड रैना तुम कितनी प्यारी लग रही हो आज, तुम ऐसे कपड़े रोज क्यों नहीं पहनती यार? "सनम उसके हाथ से चाय की ट्रे लेते हुए बेहद खुशी से बोली।
    तुम इस वेस्टर्न ड्रेस में एकदम जच रही हो रैना ये जीन्स ये कपड़े.... ये जरूर डिजाइनर होंगे कहां से लिये?
    यू नो रैना ऐसी ड्रेसेस तुम रोज पहना करो बाई गॉड बहुत सूट करते हैं तुम पर और बहुत प्यारी लग रही हो तुम।


    हां तो सनम दीदू, प्यारी क्यों नहीं लगेगी ये आखिर मासी किसकी है? "सागर ने अपना कॉलर चढ़ाते हुए एक अभिमान से कहा था और सबको हंसी आ गई।
    वहीं बैठे साहिल, राधा और रिमझिम वगैरा भी रैना को एकटक देख रहे थे साहिल ने रैना को अलग ही नज़रो से देखा था और फिर उसके साथ खड़े रंश को देखकर कुढ गया।।।


                   और आगे..........

    प्लीज् फ्रेंड्स पढ़कर कमेन्ट्स जरूर करें...... प्लीज्🙏🙏🙏💓

  • 15. साहिल की बाहो मे रैना15

    Words: 1248

    Estimated Reading Time: 8 min

    रैना आज पूरी तरह से किसी भी एंगल से वह पुरानी रैना नहीं लग रही थी वेस्टर्न ड्रेस खुले बाल, हल्का मेकअप, ऊंची हील वो साहिल की नजरों से होकर दिल में जा समाई थी।

    सबकी नजरें रैना पर थी जब राधा भी उसके पास आ गई।


    अरे वाह रैना तुम वाकई बहुत ब्यूटीफुल लग रही हो आज कहीं जा रही हो तुम? "राधा ने कहा।


    हां वह आज हम लोग....जी भाभी जी आज मैं.....!!


    अरे हां राधा भाभी वो रैना भी आज मेरे और सागर के साथ रिया की ससुराल जा रही हैं हल्दी लेकर।  "इससे पहले रैना कुछ बोल पाती कि उसके पीछे ही आ रहा रंश जल्दी से बोला था और आकर रैना के बराबर से और राधा के सामने खड़ा हो गया।
    उसकी नजरें भी सिर्फ और सिर्फ रैना पर ही टिकी हुई थी।।

    साहिल चेयर पर बैठा वह सब देख रहा था और फिर उठकर जाने लगा।


    साहिल देखना जरा ये रैना है हमारी रिमझिम की दोस्त..प्यारी लग रही है ना आज ये अलग सी?  "राधा ने हंसते हुए पूछा जबकि साहिल ने नागवारी से रैना को बस एक नजर देखा और बिना रुके वहां से चला गया।
    जाते-जाते वह रैना के ही बगल से निकला था और दो पल रुककर उस पर एक नजर डाली।।

    लिसेन जब इंडियन ड्रेसेज़तुम पर सूट करते हैं तो फिर ऐसे कपड़े पहनने की क्या जरूरत थी, कोई मन्नत है क्या? "साहिल ने इतना कहा और वहां से चला गया जबकि रैना की सांसे जरूर ऊपर नीचे होने लगी थी उसकी करीबी से।।


    अच्छा तो यही सरप्राइज था रंश का तुम्हारे लिए...क्यों रैना? "जहां वो साहिल की बातों में उलझकर रह गई थी वही मीता भी उसके पास आकर प्यार से बोली।
    रंश ही लाया है ना यह तुम्हारे लिए?


    हां दीदी! "रैना ने धीरे से कहा था पर वहां से जाते हुए साहिल ने उसे साफ सुना था।


    बहुत जच रहा है तुम पर! "मीता ने कहा।


    मम्मी आखिर ये चॉइस किसकी है मेरे रंश चाचू की। "सागर ने हंसते हुए मीता की हां में हां मिलाई।


    यस भतीजे...और भाभी भला मैं रैना केलिए कुछ लेकर आऊँ और वह इस पर जचे ना यह तो हो ही नहीं सकता...है ना रैना? "रंश ने हंसते सागर और मीता के बाद एक आंख दबाकर पास खड़ी रैना को देखा था तो वह भी हल्का सा मुस्कुरा दी।।


    मैं जाकर बाकी की तैयारी देख लेती हूं उसके बाद तुम लोग रिया की ससुराल केलिए निकल जाना और हां कोशिश करना जल्दी वापस आने की। "मीता ने बात खत्म करते हुए जल्दी-जल्दी कहा और वहां से जाने लगी उनके साथ ही रैना भी पलटकर घर के अंदर चली गई लेकिन,
    उसे पता नहीं था कि वह अभी भी रंश की नजरों में कैद में थी।
    रंश रैना को तबतक देखता रहा जबतक वह नजरों से ओझल ना हो गई।।


    मीता दीदी में एक बार रिया से मिल लूं उसके बाद निकलती हूं। "रैना ने मीता से कहा।


    हां, पर जल्दी करना रैना कहीं देर ना हो जाए बाहर सागर और रंश तुम्हारा वेट कर रहे हैं। "रैना मीता से मिलने के बाद सीढ़ियां चढ़कर ऊपर आ गई।
    अभी उसने आखिरी सीढ़ी पर पैर रखा ही था जब रिमझिम उसे पीछे से पुकारती हुई दौड़ी चली आई।


    रैना दी, रैना दी रूकिए! "रैना ने पीछे मुड़कर देखा तो रिमझिम सीढ़ियां चढ़ती उसके पीछे ही दौड़ती हुई आ रही थी।


    अब यह मेरे पीछे क्यों आ रही है क्या मुसीबत मेरे गले पड़ी है? "उसने मन मे बोरियत से सोचा।


    रैना दी रुकिए तो रैना दी!


    हां बोलो! "रैना ने इरिटेशन से कहा और रिमझिम जो रैना के पास आ चुकी थी और वो झल्लाते हुए रिमझिम के जस्ट सामने हाथ बांधकर खड़ी हो गई।
    क्या कहना है कहो?


    रैना भाभी यू आर सो गुड लुकिंग😊 आई एम हेप्पी आप बहुत ज्यादा प्रिटी लग रही हो मुझे तो और....!!


    पहले तो मैं तुम्हारी भाभी नहीं हूं और दूसरा में हमेशा प्रिटी लगती हूं और हेप्पी होने की कोई जरूरत नहीं है ज्यादा मक्खन मत लगाओ मुझे तुम? "रैना का अंदाज बेहद रूढ़ था जिस पर रिमझिम को थोड़ा अफसोस हुआ पर और वह सर झुकाकर खड़ी हो गई।

    मैं तुमसे कितनी बार कह चुकी हूं मैं तुम्हारी भाभी नहीं हूं और ना ही तुम्हारी भाभी कभी बनूंगी और मुझे ऐसा शौक भी नहीं है फिर भी तुम मेरे पीछे क्यों पड़ी हो, मैंने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा जो तुम.....??


    भाभी नहीं हो पर भाभी बनोगी जरूर आई प्रॉमिस।  "इस बार रिमझिम ने मुस्कुराते हुए शरारत से कहा जब रैना ने अपना सर पीट लिया।


    भाभी बोलोगी... बोलोगी भाभी.... बोलो तुम भाभी बोलकर दिखाओ। "रैना ने रिमझिम का कान पकड़ते हुए उसे जोर से गुस्से में घुमाकर कहा।
    अब बोलकर दिखाओ भाभी तुम


    अच्छा, तो मतलब अगर वह तुम्हें भाभी बोलेगी तो तुम उसकी जान ही ले लोगी है ना...क्या बात है? "ये आवाज रैना के पीछे से आई थी जो साहिल की थी।
    रैना ने जैसे ही सुना वह फौरन ही रिमझिम का कान छोड़कर सीधी खड़ी हो गई मानो उसे घबराहट हुई थी साहिल का इस तरह से उसका यह रूप देखना जब वह रिमझिम पर अपना गुस्सा निकाल रही थी।


    भाई आप, भाई देखिए ना इनको अगर मैं भाभी बोलती हूं तो यह मुझे ऐसे ही टॉर्चर करती हैं, मुझे कितना दुख पहुंचाती हैं आपको पता है? "रिमझिम ने मासूमियत से कहते हुए रैना की शिकायत साहिल से की और दौड़कर कर उसके पास आ गई थी।


    भाई मुझे यही भाभी चाहिए जैसी भी है मुझे बहुत पसंद है इनका कान खींचना भी पसंद है मुझे...मुझे बहुत मजा आया लेकिन ये नही मानती इनसे कहिए ना कि यह मुझसे यह ना कहा करे कि मैं इन्हें भाभी ना बोलूं मैं तो इन्हें भाभी ही मान चुकी हूं। "अठ्ठारह साल की रिमझिम बेहद मासूमियत से बोल रही थी।

    लेकिन भाभी बोलते ही देखा इन्होंने आपने मेरे साथ क्या किया?


    हां मैंने देखा तुम जाओ यहां से तुम्हें राधा भाभी ने बुलाया है इस भाभी को तो मैं देख लूंगा। "साहिल ने रिमझिम के सर पर हाथ फेरते हुए मुस्कुराकर कहा और सीधा रैना की नजरों में झांका जो उस से दो कदम दूर खड़ी इधर-उधर बगले झांक रही थी।।


    ठीक है!  "रिमझिम फौरन ही वहां से चली गई तो साहिल चलता हुआ रैना के पास आ गया।
    और बोला।.... "मिस रैना यह क्या था?


    क्या...क्या था?  "रैना ने धीरे से फुसफुसाकर कहा।


    यही जो आपने ने अभी अभी मेरी बहन के साथ किया!


    हां तो आपकी बहन ने भी मेरे साथ जो किया है वह भी आपसे छुपा नहीं है!


    हां मुझसे छुपा नहीं है पर मैं इतना जरूर जानता हूं कि उसकी इतनी भी बड़ी गलती नहीं है जो आपने उसे सजा दी, दोबारा मेरी बहन को नुकसान पहुंचाया ना तो....!!


    हां तो क्या कर लेंगे आप, मुझे पता है आप पुलिस में है और जेल में डाल देंगे मुझे मैं जेल चली जाऊंगी कोई बात नहीं यही बोलेंगे ना आप पर अपनी बहन से कहिए मुझे भाभी ना बोला करें? "आज रैना ने भी डटकर साहिल का सामना करना चाहा।


    ओह... मतलब आप जेल से नहीं डरती बस भाभी से डरती हो।  "साहिल को रैना की उन बातों पर दिल ही दिल में हंसी तो आई पर वह इस वक्त सख्त ही बना रहा।


    जी हां! "रैना ने धीरे से कहा और वहां से जाने लगी जब अचानक ही उसका पैर फिसला और वह धड़धड़ाते हुए गिरने ही वाली थी जिसे साहिल ने अपनी बाहों में भर लिया।
    दो पल का सन्नाटा रहा और रैना साहिल की बाहों में झूलती हुई एकटक उसको ही देख रही थी।।




         और आगे..........

  • 16. घर से कहां गायब हो गई रैना - 16

    Words: 1234

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब उठोगी भी या यूं ही पड़ी रहोगी, खड़ी हो जाओ!  "साहिल ने रैना की नजरों में झांकते हुए कहा तो रैना हड़बड़ाकर सीधी खड़ी हो गई।


    आप...आपने किससे पूछकर मुझे टच किया?


    गिर जाती तो सारे फैशन की ऐसी की तैसी हो जाती। "साहिल मजाक में बोला।


    हां तो मैं गिरती, मुझे चोट लगती आपको इससे क्या...कह देती हूं अपनी बहन से बोल दीजिए मुझे आइंदा भाभी ना बोले? "रैना खुद ही झेंप गई थी साहिल की छुअन से।।


    और अगर ना कहूँ तो! "साहिल ने बेझिझक उसके चेहरे को देखते हुए कहा जिस पर वो वैसे ही शर्मिंदा सी खड़ी रही।।


    आप दोनों मेरे पीछे क्यों पड़े हैं मैंने क्या किया है? "रैना बुदबुदाते हुए बोली।


    अच्छा मैं आपके पीछे पड़ा हूं बड़ा ज्ञान रखती है आप तो और हाँ आइंदा ऐसे कपड़े पहनकर मेरे सामने कभी मत आना, जाकर चेंज करो इनको।  "साहिल ने कहा और मुड़कर जाने लगा जब रैना को और भी ज्यादा गुस्सा आ गया।


    आपका यह कौनसा हक है जो मुझ पर जताना चाहते हैं, मैं कुछ भी करूं...कुछ भी पहनूं...कहीं भी जाऊं आपको इससे क्या?


    कहा ना जाकर चेंज करो! "साहिल बेध्यानी से बोला।


    नहीं करूंगी! "रैना ने हटधर्मी से कहा और वहां से जाने लगी जब साहिल ने उसका हाथ पकड़कर अपनी और खींच लिया।


    वो तुम्हारे लिए कुछ भी लाएगा तो आप उसे यूज जरूर करोगी ऐसा कोई जरूरी तो नहीं ना?  "साहिल की बात में जलन थी जिसे रैना ने इतना समझा नही था।


    रंश मेरा दोस्त है और आपको तो मैं जानती भी नहीं फिर मैं आपकी बात कैसे मानूं और रंश मेरा अपना है?


    क्यों भूल गई क्या रिमझिम आपको भाभी कहती है? "रैना के गुस्से पर साहिल को शरारत सूझी और वह जो अबतक गुस्सा हो जाना चाहिए था एकदम से ही नरम दिल से मुस्कुराते हुए अदा से बोला।


    वो उसकी खुशफहमी है आप उस पर अमल ना करें तो ज्यादा ही बेहतर है। "रैना ने जलकर जवाब दिया।


    और अगर मैं कहूं कि मैं इस पर अमल कर चुका हूं तो!     


    सब्जी की तरह काट दूंगी मैं आपको!


    पर मैं तो सब्जी खाता ही नहीं आई लव चिकन!


    ओह गॉड तुम दोनों भाई बहन मिलकर मेरा खून पी जाओगे क्या? "रैना ने दिल ही दिल में जलते हुए सोचा और अपना हाथ साहिल से उसी तरह छुड़ाती रही जिसे साहिल ने आभी भी वेसे ही थाम रखा था।


    आप चिकन बनाओगी ना मेरे लिए! साहिल हंसकर बोला।


    मैं आपकी नौकरानी नहीं हूं,  छोड़िए मेरा हाथ।


    अच्छा तो मतलब आप नौकरानी नहीं मेरी बीवी बनना चाहती हो, है ना!


    यह मैंने कब कहा....देखिए मिस्टर आप अपनी जबरदस्ती अपने कैदियों पर निकाला कीजिए मुझ पर नहीं?


    मैंने आपसे कौन सी जबरदस्ती की है जरा बताओगी मुझे? "इस बार साहिल ने काफी तवज्जों से आंखें छोटी करते हुए पूछा तो बदले में वो उसे इग्नोर करते हुए उससे अपना हाथ छुड़ाने में लगी रही।।


    प्लीज लीव मी, मुझे दर्द हो रहा है छोड़िए मेरा हाथ!  "साहिल ने उसका हाथ और भी मजबूत थाम लिया जिससे दर्द के मारे रैना के चेहरे पर सिकन आ गई और वो अपने दूसरे हाथ से अपनी कलाई छुड़ाने की कोशिश करती हुई जब थक गई तो धीरे से साहिल से रिक्वेस्ट की।.... "प्लीज् छोड़िये।
    इस बार साहिल ने एक झटके में उसका हाथ छोड़ दिया।।


    अगर ऐसे ही पहले बोलती तो कबका छोड़ देता अकड़ दिखाने वाले लोग मुझे पसंद नहीं मिस रैना।



    अरे रैना मैं तुम्हें कबसे ढूंढ रहा हूं जल्दी चलो यार देर हो रही है? "इससे पहले वो कुछ बोलती कि रंश की आवाज पर वह साहिल को एक नजर देखती हुई फौरन ही सीढ़ियां उतरने लगी।
    रैना नीचे हाल में पहुंचने तक साहिल को  उसी तरह पीछे पलट- पलटकर देखती रही जो ऊपर खड़ा उसे ही देखकर नॉटी तरीके से मुस्कुरा रहा था।।।


                    **********

    साहिल जब शाम को ड्यूटी से वापस लौटा तो घर में पूरी तरह से सन्नाटा मचा हुआ था मीता, राज और घर के कुछ चुनिंदा फैमिली मेंबर जो बहुत ही करीबी थे,
    साहिल के घरवालो के समेत सभी लोग हाल में बैठे बेहद परेशान लग रहे थे और सबके चेहरे पर हवाइयां उड़ी हुई थी जबकि, मीता और साहिल की माँ रेखा के गले लगी हुई टूसीटर पर बैठी सिसक रही थी।


    साहिल ने घर का नजारा देखा तो उसे कुछ अनहोनी का अंदेशा हुआ वह दरवाजे से धीरे-धीरे चलता हुआ सीधा राधा के पास आकर खड़ा हो गया।


    क्या हुआ भाभी एवरीथिंग इज फाइन, सब इतना उदास क्यों लग रहे हैं? "साहिल ने सबकी ओर देखते हुए हैरानी परेशानी से पूछा।


    साहिल बात ही ऐसी हो गई है वह....वह आज शाम से रैना.....!!


    अरे साहिल, साहिल अच्छा हुआ तुम आ गए बेटा मैं तुम्हारा ही वेट कर रही थी अब तुम्ही मेरी उम्मीद हो। "इससे पहले राधा साहिल को कुछ बताती कि मीता फौरन ही दौड़ती हुई साहिल के पास आ गई और उसी तरह रोते हुए साहिल का हाथ थाम लिया।।


    साहिल रैना,  रैना को! "मीता दर्द में आगे कुछ बोल नहीं पाई थी और फफक फफककर रोने लगी जबकि साहिल पर तो जैसे एक बिजली आकर गिरी थी।
    उसके चेहरे की हवाइयां उड़ गई थी रैना का नाम सुनकर और उसे वहां आसपास ना पाकर।।


    क्या हुआ रैना को बोलिए, बताइये आंटी कहां है रैना, क्या हुआ उसे, बोलिये, कोई कुछ बताएगा भी मुझे...प्लीज!  "मीता तो चुप ही हो गई थी पर बाकी सब लोग भी एकदम शांत खड़े रहे तो साहिल को और भी घबराहट होने लगी।

    कोई मुझे कुछ बताएगा भी या नही, क्या हुआ है, कहां है रैना? "साहिल झल्लाते हुए चीखने को था।


    साहिल रैना शाम से घर नहीं आई है, पता नहीं कहां गई, उसका फोन भी नहीं लग रहा बेटा? "इस बार राज ने सब एक ही सांस में बोला और रैना के बारे में बताते हुए उनकी आवाज भी भर आई थी।

    पता नहीं कहां होगी मेरी बच्ची ऐसा तो कभी नहीं करती, वह तो इस शहर में नई है और कभी अकेले घर से बाहर भी नहीं जाती पर आज जब से रिया की ससुराल से आई है वह पता नहीं कहां गुम है?
    हम सब बहुत परेशान हैं साहिल तुम ही कुछ करो बेटा प्लीज?


    यह आप लोगों ने मुझे पहले क्यों नहीं बताया अंकल...गॉड? "साहिल ने कहा तो राज ने सर झुका लिया और वहां मौजूद सभी एकदूसरे को देखने लगे।


    वह साहिल राज और मीता भाभी चाहते है कि यह बात पुलिसस्टेशन में ना जाए बेकार में इशू होगा तो रैना.....!!  "साहिल की मां कुछ कहते हुए चुप हो गई जबकि साहिल को समझ आ गया था।


    मम्मी पुलिसस्टेशन में कंप्लेंन करवाने की कोई जरूरत नहीं थी पर मुझे तो इनफॉर्म करना ही था ना? "साहिल को अब भी अफसोस हो रहा था।
    मैं उसको कहीं से भी ढूंढकर लाऊंगा अंकल यू डोंट वरी आप बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए? "साहिल ने अपनी बात कंटिन्यू करते हुए राज के कंधों पर हाथ रख दिए और उन्हें सहारा देते हुए सोफे पर बिठा दिया।

    आंटी आप भी बिल्कुल भी मत घबराइए मैं रैना को कुछ नहीं होने दूंगा उसे सही सलामत ही घर लेकर आऊंगा यह मेरा आपसे प्रॉमिस है। "साहिल ने मीता को सांत्वना देने के साथ ही एक नजर बाकी सब को देखा था और फौरन ही लंबे-लंबे कदम बढ़ाता वापस घर से बाहर चला गया।।


    मेरी बच्ची पता नहीं कहां भटक रही होगी, रैना तुम ठीक हो बस मेरी यही भगवान से पार्थना है? "मीता ने रोते हुए कहा और हाथ उठाकर रैना के लिए हजार दुआएं कर डाली।।।



    और आगे..............


         

  • 17. साहिल की फ़िक्र या छुपी मोहब्बत - 17

    Words: 1609

    Estimated Reading Time: 10 min

    साहिल मीता और राज से प्रॉमिस करके घर से तो निकल आया था लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह रैना को कहां ढूंढे और कैसे कुछ पता लगाएं?
    पुलिस स्टेशन में कंप्लेन करने पर या फिर अपनी पूरी पुलिस फोर्स को काम पर लगा देने से शायद यह काम आसान हो सकता था लेकिन साहिल यह नहीं चाहता था।


    उसने अपना फोन निकालकर किसी को कॉल किया ।


    हां सुनो रेहान मैं तुम्हें एक फोटो सेंड कर रहा हूं इसके बारे में जल्द से जल्द पता लगाना है लेकिन हां ध्यान रहे अपने ऑफिसर्स में से बस चुनिंदा भरोसेमंद लोगों को ही काम पर लगाना ये मेरी फैमिली मेंबर है ओके। "साहिल ने जल्दी-जल्दी रेहान को काम समझाया था और फोन काटकर जेब में डाला।


    वो जीप लेकर निकल पड़ा था वैसे भी साहिल का एक अच्छा रिकॉर्ड था क्योंकि वह कभी कोई काम ना तो अधूरा छोड़ता था और ना ही कोई गलत तरीका अपनाता अच्छों के साथ अच्छा और बुरे के साथ बुरा होने में उसे दो पल का भी समय नहीं लगता।

    हजार मुजरिम छूट जाए पर एक बेगुनाह को सजा ना मिले यह फंडा साहिल का नहीं था वह मुजरिमों को ढूंढ ही निकालता बिना किसी बेगुनाह को पता चले।


    कोई और मसला होता तो अबतक साहिल काफी आगे तक बढ़ जाता लेकिन यह बात उसकी फैमिली की थी खासकर रैना की जिस पर तो वह एक अंगुली भी उठते नहीं देख सकता था।
    वो जिस पर एक खरोंच भी बर्दाश्त नहीं कर सकता था भला उसका इस तरह से गायब हो जाना उसे कैसे सहन होता?


    साहिल अपनी गाड़ी लिए इधर-उधर रातभर भटकता रहा पर तब भी उसे रैना के बारे में कुछ भी मालूम नहीं हुआ और इधर उधर की खाक खंगालते हुए भी उसे रैना का कोई क्लू नहीं मिला।


    साहिल का बेबसी से दिल जल रहा था तो उसने गाड़ी एक सुनसान जगह पर लाकर रोक दी और गाड़ी से गुस्से में बाहर निकल आया।
    उसने भरपूर ताकत में जोर से गाड़ी के शीशे पर एक पंच मारा तो जिससे गाड़ी का शीशा चकनाचूर हो गया और कई सारे कांच के टुकड़े उसके हाथ में चुभ गए।

    उसका पूरा हाथ जख्मी था और खून के कतरे बहकर जमीन पर गिरने लगे पर साहिल को उसका कोई भी ख्याल नहीं रहा वह तो अपना सुधबुध खो बैठा क्योकि आज पहली बार वो इतना मजबूर जो हुआ था।


    कहां, कहां, कहां हो तुम रैना कहां... प्लीज कहां हो तुम? "साहिल टूट सा गया और वहीं जमीन पर घुटनों के बल बैठते हुए चीख पड़ा।
    रैना तुम्हें मैं कहां ढूंढू, कहा हो तुम आ जाओ ना यार प्लीज्?


                     *********

    रात का दूसरा पहर था शायद जब साहिल निराश और निढाल कदमों से वापस घर लौटा।

    उसे रैना तो नहीं मिली थी लेकिन अब उसने ठान लिया था कि वह घरवालों से बात करके रैना को ढूंढने में एक ठोस कदम उठाएगा और यही सोचकर वह राज से मिलने घर आया था लेकिन,
    घर में कदम रखते ही वह ठिठक ही गया था अब भी सब लोग हॉल में ही इकट्ठा थे और उन सबके बीच में बैठी रैना भी सबकी तरह बेहद खुश नजर आ रही थी।


    वह हंसते हुए मुस्कुराते मीता की गोद में सर रखकर लेटी हुई सब से बेपरवाह मुस्कान के साथ बातें कर रही थी जबकि साहिल का उसको देखकर ही खून खोल गया और वह बिना कुछ सोचे समझे तमतमाते हुए उसके पास आकर खड़ा हो गया।


    रैना समेत बाकी सबकी नजरें उसके गुस्सेल, चेहरे पर जम गई थी और साहिल बस रैना को कुछ देर घूरता रहा जबकि रैना की तो सांसे रुक गई थी साहिल को अपने सामने देखकर पर,
    इससे पहले वह कुछ बोलती कि साहिल ने उसका मुंह पकड़कर उसे अपने सामने खड़ा किया था।


    बहुत हंसी आ रही है तुम्हें बहुत ज्यादा खुश हो, है ना....यहां हम सबकी जान जा रही थी तुम्हारे घर में ना पाकर।
    तुम्हें पता भी है जब मुझे मालूम पड़ा कि तुम घर से गायब हो तो मुझ पर क्या बीत रही थी इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकती तुम?

    कहां गई थी तुम इतनी रात को वह भी बिना किसी को बताए, बोलो? "साहिल गुस्से में बोलता ही जा रहा था और रैना का मुंह आपने एक हाथ की चुटकी से पकड़े उसे और जोर से दबाता जा रहा था जिससे रैना का दर्द से बुरा हाल था और उसकी आंखों में आंसू तैर गए।


    साहिल के इस तरह से मुंह दबाने से शायद रैना रोने ही लगी थी पर उसकी नम आंखों का साहिल पर कोई असर नहीं हुआ था वह बस उसे डांटता ही रहा।


    तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इतनी रात को बिना किसी को कुछ बताएं घर से ऐसे बाहर जाने की, तुम्हारी इस लापरवाही की वजह से मैं कितना बेचैन हुआ हूं तुम्हें पता है?
    कहां कहां भटकता रहा मैं तुम्हारे लिए और कितना डर गया था मैं तुम्हारे लिए कि कहीं तुम और तुम यहां.....??


    सा....साहिल.... साहिल छोड़ो बेटा इसे क्या कर रहे हो?  "इससे पहले साहिल गुस्से में कुछ और बोलता या फिर उसकी वजह से रैना को और दर्द होता कि,
    उसकी मां रेखा ने फौरन ही आगे बढ़कर साहिल का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया था और उन्होंने बंद लहजे में धीरे से कहा।


    रेखा ने वहां मौजूद सबकी ओर देखते हुए साहिल को एक नजर कुछ इस तरह से देखा था कि साहिल को मानो अपनी गलती का एहसास हुआ था और उसने फौरन ही रैना का मुंह छोड़ दिया।
    साहिल जैसे काफी देर बाद होश में आया हो और वह सर झुकाए अब चोर नजरों से सब की ओर देख रहा था।


    आई... आई एम सॉरी... सॉरी रैना वह मैं बस थोड़ा सा!  "साहिल ने कट कटकर एक्सक्यूज़ किया।


    कोई बात नहीं साहिल मुझे पता है तुम रैना केलिए परेशान थे और रातभर इसे ढूंढते रहे गलती भी तो की है इसने, इसे तो पनिशमेंट मिलनी ही चाहिए थी। "साहिल जो झेंप गया था और किसी से नजरें मिलाने के बजाय वह रैना को भी देखने से हिचकिचा रहा था कि मीता ने जल्दी से आगे बढ़कर बात संभाली थी जबकि,
    मीता समेत हैरान तो राज, सागर, रंश और वहां मौजूद सभी थे खुद रैना को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था।


    साहिल इस तरह उस पर अपना हक क्यों जता रहा है भला एक अनजान लड़की केलिए जिससे कोई जान पहचान ना हो साहिल उसके लिए इतना परेशान क्यों था और परेशान भी था तो वह सबके सामने भला उसे डांट कैसे सकता था?

    रैना की आंखों में दर्द के आंसू तो थे ही साथ में साहिल के इस अंदाज से वह कहीं ना कहीं खो भी गई थी।


    साहिल रैना अकेली नहीं गई थी कहीं बल्कि रंश के साथ गई थी और हमें इस बात का कोई अंदाजा नहीं था क्योंकि रंश तो वैसे भी आधी आधी रात तक घर से बाहर रहता है अपने दोस्तों के साथ तो मुझे लगा आज भी वह कहीं और गया होगा अपने किसी फ्रेंड के घर और रैना जाने कहां होगी?
    अगर मुझे पता होता कि ये रंश के साथ गई है तो इतना इशू ही ना होता। "मीता के बाद राज ने साहिल को समझाते हुए अपनी बात रखी और उसके कंधे पर हाथ रखकर मानो अपनी गलती कुबूल कर रहे थे।

    मैंने रैना को कॉल किया पर इसकी बैटरी डेट थी इसलिए शायद कॉल नहीं उठा पाई और हम और ज्यादा परेशान हो गये।


    इट्स ओके अंकल कोई बात नहीं बस मैं तो... सॉरी मैं कुछ ज्यादा ही हाइपर हो गया बेकार में और......!!  "साहिल कुछ बोलने को हुआ था पर उसके लफ्ज लड़खड़ा गये और वह एक बार फिर से राज को देखते हुए सर झुका गया।


    साहिल की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह रैना से नजर मिला सके जब अचानक ही उसके हाथ पर राधा की नजर गई तो वह दौड़ते हुए उसके पास आई।


    साहिल,  साहिल यह तुम्हारे हाथ में क्या हुआ है... इतना खून बह रहा है? "राधा ने साहिल का हाथ थाम लिया और घबराते हुए साहिल से सवाल कर नहीं थी जबकि, वह चुपचाप खड़ा रहा।


    यह चोट कैसे लगी क्या हुआ है तुमको कुछ बोलोगे भी? "साहिल की मां रेखा ने भी जब साहिल का हाथ इस तरह से जख्मी खून से सना देखा तो तड़प गई।
    ओह माय गॉड पूरा हाथ जख्मी है क्या हुआ है कैसे लगी ये चोट तुम्हे?


    नहीं मम्मी.... कुछ नहीं बस यूं ही थोड़ी सी शायद?


    इसे तुम थोड़ी सी चोट बोल रहे हो कितना खून बह रहा है तुम्हारे हाथ से। "रेखा ने साहिल को डांट ही दिया।


    चलो साहिल भाई, भाई हम हॉस्पिटल जलते हैं ना प्लीज्! "सागर ने जल्दी से कहा पर साहिल ने इंकार कर दिया।


    ऐसी छोटी-छोटी बेकार की चोटों केलिए हम पुलिसवाले हॉस्पिटल नहीं जाते सागर, मैं यही घर पर ही पट्टी करलूंगा इट्स ओके कोई बात नहीं? "साहिल ने सागर को टालते हुए बनावटी मुस्कान से कहा पर उसकी चोर नजर सिर्फ रैना पर ही थी जो खुद भी साहिल की चोट को देखकर कहीं ना कहीं परेशान थी।


    मैं दवाई लेकर आती हूं। "रैना फौरन ही दवाई लेने चली गई सब साहिल का वो कुछ देर पहले वाला अंदाजे रूप भुलाकर उसकी चोट में खो गयें थे।।।


                  *********

    रंश.... लिसेन बेटा क्या तुम रैना से शादी करोगे अगर तुम्हारी मर्जी हो तो हम तुमसे बस पूछ रहे हैं? "रंश मीता और राज के रूम में उनके बेड पर बैठा था और वो दोनों उसके सामने खड़े थे।।।


                   और आगे............


    आगे की स्टोरी आगे के पार्ट में लेकिन यार आप लोग कमेंट क्यों नहीं करते यह तो बताइए।
    रीडर्स आते हैं रेटिंग्स भी कभीकभार आ ही जाती है लेकिन कमेंटस बिल्कुल नहीं आते ऐसा क्यों.... कोइन्स से नहीं तो कम से कम कमेंटस करके ही प्रोत्साहित किया कीजिए, प्लीज् फ्रेंड्स🙏🤗😊😊😊

  • 18. रैना कीशादी रंश के साथ - 18

    Words: 1026

    Estimated Reading Time: 7 min

    देखो रंश रैना को हमने बचपन से पाला है और अब मैं नहीं चाहती कि मैं उसे वापस गांव भेजूं जहां मेरी भाभी उसे....!

    रंश तुम तो जानते ही हो ना कि मेरी भाभी उसको जरा भी पसंद नहीं करती इसीलिए मैं चाहती हूं वह अब उनके साथ ना रहे बल्कि यही रहे लेकिन,
    मैं उसे यहां भी बेवजह ज्यादा दिनो तक रोक नहीं सकती और अगर उसकी शादी तुमसे हो गई तो फिर मेरी सारी चिंता ही खत्म हो जाएगी।  "मीता धीरे धीरे बोलते  सकुचते मन से उम्मीद भरी नजरों से रंश को देख रही थी


    लेकिन अगर तुम चाहो तो... तुम्हारी मर्जी हो तो ही मैं कदम आगे बढ़ाऊंगी नहीं तो कोई बात नहीं रंश?
    बेटा मैं बस पूछ रही हूं तुम्हे फोर्स नही कर रही ना ही अपना फैसला तुम पर लाद रही हूं।  "मीता बेहद गहराई से कहती हुई अपना एक-एक लफ्ज को रंश को समझा रही थी।

    रंश अगर तुम्हें रैना पसंद हो और अगर तुम चाहो तो ही मैं बात आगे बढ़ाऊंगी नही तो यहीं बात को दबा......!!


    अरे अफ्कोर्स.... अफ्कोर्स भाभी क्यों नहीं ये तो आपका हक है मेरी लाइफ के फैसले लेने का और ये फैसला तो! "रंश के तो जैसे मन की बात हो गई थी वह फौरन ही मीता की बात काटता हुआ उठकर खड़ा हो गया और उसी तरह खुश होकर बेताबी से बोला।।

    मुझे तो यकीन नहीं हो रहा कि आप यह बात मुझसे कह रही है भाभी जबकि यह तो मैं खुद आपसे बोलना चाह रहा था बस मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी।



    रंश तुम्हें जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं हम तुम पर कोई जबर्दस्ती का अपना फैसला नहीं थोपना चाहते अगर तुम्हें मंजूर हो तो ही तुम.....!  "राज ने कहा।


    अरे यार भाई हंड्रेड परसेंट मुझे रैना पसंद है और मैं खुद ही आप दोनों से उसके लिए बात करना चाहता था पर सोचा शायद आप माइंड करे।  "रंश ने जल्दी से अपने भाई राज को भी उनकी बात के बीच में ही टोका था और फौरन हंसते हुए खुश होकर उनके कंधे पर अपना चेहरा रख दिया।

    भाई एम सो हैप्पी भाई मैं बता नहीं सकता मैं कितना खुश हूं कि आप लोगों ने मेरे मन की बात पढ़ ली जो मैं बोल नहीं सकता था उसे आप लोगों ने खुद ही मेरे सामने लाकर रख दिया।
    थैंक यू सो मच भाई मैं.... मैं वाकई में खुश हूँ, मुझे उससे शादी करने में प्रॉब्लम नही बल्कि मेरा ड्रीम है ये।


    रंश तुम पक्का खुश हो ना पहले एक बार अच्छे से सोच लो हमे कोई जल्दी नही है अभी?


    लेकिन भाई मुझे जल्दी ही है क्योकि मैं सोच समझ चुका हूँ और अभी मेरे पास टाइम ज्यादा नही है।


    कब जा रहे हो तुम वापस? "इस बार मीता ने पूछा।


    रिया की शादी वाले दिन ही शाम को और भाभी या तो मुझे इस बार ही शादी करनी होगी और या तो फिर न्यूयॉर्क से वापस छुट्टी लेकर आना पड़ेगा जिसमे टाइम बहुत जायेगा और मेरी काम कि......!!


    नही तुम काम से ज्यादा छुट्टियां मत लेना वो तुम्हारा फ्यूचर है अभी नई जॉब है ना तो मिस मत करो कुछ भी?


    वही तो भाई और रैना भी मेरा फ्यूचर बने मैं ये दिल से चाहता था और अब उसे भी मुझे मिस नही करना।  "रंश की तो खुशियां सम्भालते नही बन रहा था जैसे।
    भाई क्या इस शादी से रैना.... वो तो खुश होगी ना, आपने उससे बात की?


    रंश मैंने रैना से बात की थी इस बारे में तुमसे पहले ही।  "मीता को रंश का रैना केलिए परवाह देखकर अच्छा लगा और वो मुस्कुरा दी।


    तो बोलिए फिर भाभी उसने क्या कहा?


    रंश उसे क्या कहना था बचपन से लेकर आज तक उसके सारे फैसले हम ही तो करते आए हैं इस बार भी जब मैंने तुम्हारे लिए उससे पूछा तो उसने बस हां में गर्दन हिला दी क्योंकि,
    उसे पता है कि मैं और राज जो भी उसके लिए फैसला लेंगे वह सही ही होगा हमेशा की तरह।


    तो भाभी इट्स ओके मैं भी तैयार हूं!  "रंश इत्मीनान से उसी तरह मुस्कुराया था।


    अच्छा रंश तुम ज्यादा दिनों केलिए तो आए नहीं हो इसीलिए मैंने सोचा था कि रिया की शादी के तुंरत बाद तुम्हारी शादी करूंगा लेकिन अब जब शादी में अभी दो-तीन दिन का टाइम है।  "राज बहुत ही सीरियसली पर एक मुस्कान से बोल रहे थे।
    इसलिए मीता और मैंने फैसला किया है कि रिया के साथ ही उसी मंडप पर हम तुम्हारे और रैना के भी फेरे लगवा ही दे.... तुम क्या कहते हो?


    ग्रेट आइडिया भाई मेरे लिए भी जो आप करेंगे वह सही होगा।  "रंश ने फौरन मंजूरी दी थी जाहिर सी बात थी वह भी तो बचपन से रैना को चाहता था और एक बार तो उसने उसको यह बात खुलकर बताई भी थी जिस पर रैना ने कोई रियेक्ट नहीं किया।

    रंश को लगा वह गुस्सा हो गई है और बस इसीलिए तो वह न्यूयॉर्क चला गया था सबकुछ छोड़-छाड़कर लेकिन अब जब रैना खुद ही उसके पास चलकर आ रही थी उसकी किस्मत से जुड़ने तो उसका प्यार तो मुकम्मल होना ही था।


    राज और मीता के भी दिल से एक बड़ा बोझ निकल गया था उन्हें यकीन नहीं था कि रंश इतनी जल्दी मान जाएगा लेकिन जब रंश और रैना दोनों ही इस रिश्ते केलिए राजी हो गए तो वह दोनों बेहद खुश थे।
    दोनो ने रंश को ढेरो आशीर्वाद और प्यार दे डाला था।


    रंश हमें तुमसे यही उम्मीद थी बेटा कि हमारी परवरिश में कोई खोट नहीं हो सकती आज मैं बहुत खुश हूं मैं अभी सबको ये बताकर आता हूं कि अब मेरे घर में डबल खुशियां आने वाली है।
    मेरी बेटी, मेरे भाई और मेरी साली की शादी डबल नही ये ट्रिपल खुशियां है। "राज खुशी से मानो झूमते हुए बाहर निकल गए थे।।


    भाभी मैं रैना से बात करके आता हूं एक बार प्लीज!  "रंश ने पीछे से अपना सर खुजाते हुए शरारत से मीता को देखा था जिस पर उनको हंसी आ गई।


    हां, हां जाओ क्यों नहीं अब तो वो तुम्हारी ही है भई, क्यो नही?


    थैंक यू भाभी!   "रंश ने फौरन ही मीता का हाथ पकड़कर चूम लिया था और दौड़ते हुए कमरे से बाहर निकल गया।।


         
    और आगे........

  • 19. रैना की किस्मत कौन, रंश या साहिल - 19

    Words: 1097

    Estimated Reading Time: 7 min

    राज और मीता के भी दिल से एक बड़ा बोझ निकल गया था उन्हें यकीन नहीं था कि रंश इतनी जल्दी मान जाएगा लेकिन जब रंश और रैना दोनों ही इस रिश्ते केलिए राजी हो गए तो वह दोनों बेहद खुश थे।
    दोनो ने रंश को ढेरो आशीर्वाद और प्यार दे डाला था।


    रंश हमें तुमसे यही उम्मीद थी बेटा कि हमारी परवरिश में कोई खोट नहीं हो सकती आज मैं बहुत खुश हूं मैं अभी सबको ये बताकर आता हूं कि अब मेरे घर में डबल खुशियां आने वाली है।
    मेरी बेटी, मेरे भाई और मेरी साली की शादी डबल नही ये ट्रिपल खुशियां है। "राज खुशी से मानो झूमते हुए बाहर निकल गए थे।।


    भाभी मैं रैना से बात करके आता हूं एक बार प्लीज!  "रंश ने पीछे से अपना सर खुजाते हुए शरारत से मीता को देखा था जिस पर उनको हंसी आ गई।


    हां, हां जाओ क्यों नहीं अब तो वो तुम्हारी ही है भई, क्यो नही?


    थैंक यू भाभी!   "रंश ने फौरन ही मीता का हाथ पकड़कर चूम लिया था और दौड़ते हुए कमरे से बाहर निकल गया।।



    रंश जब नीचे आया तो रैना दो तीन लड़कियों के साथ किचन में ही मिल गई थी तो उसने सबको वहां से जाने केलिए बड़े ही आराम से मना लिया था।
    सब लड़कियां मुंह टेढ़ा करके उस पर गुस्सा करते हुए वहां से जाने लगी थी और उनके पीछे ही रैना भी।

    रैना जैसे ही किचन से बाहर निकलने वाली थी रंश ने उसका हाथ पकड़कर वापस खींच लिया।


    तुम कहां जा रही हो, तुम यहीं रुको मुझे तुमसे कुछ बात करनी है? 


    क्या है रंश छोड़ो मेरा हाथ प्लीज?  "रैना ने धीरे से कहा था और अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की थी जिसे रंश ने आहिस्ता से छोड़ भी दिया।


    मुझे तुमसे कुछ बात करनी है रैना?


    क्या?


    यू लव मी?


    व्हाट?


    वही तो मैं सोच रहा हूं कि क्या मैं वाकई पागल था क्या.... अच्छा खासा तुम्हारे साथ रहता पर नहीं मैं तो डरकर भाग गया था कि कहीं तुम मुझ पर गुस्सा ना करो और आज.... आज फाइनली तुम मेरी होने वाली हो रैना आई एम सो एक्साइटेड? "रंश ने अपने दोनों हाथों से अपना सर सहलाते और बेहद खुशी जाहिर करते हुए बोला था जैसे उसे समझ नहीं आ रहा था वह कैसे और क्या बोले?

    रैना तुम वाकई मुझसे शादी करना चाहती हो ना.... आई मीन तुम्हें कोई एतराज तो नहीं वैसे आई एम सो हैप्पी रैना?  "रंश ने दीवार से लगी खड़ी रैना के जस्ट सामने खड़े होते हुए उसकी आंखों में झांका था।

    रैना मैं तो एक्सेप्ट ही नहीं कर पा रहा कि जो मैंने चाहा था वह मुझे मिल रहा है पर तुम, तुम खुश होना।


    जी मैं खुश हूं रंश, जो मेरी दीदी और जीजू चाहेंगे मैं वही करूंगी क्योंकि उन्होंने मेरी भलाई का ही हमेशा सोचा है और आज भी जब इस शादी में उनकी रजामंदी है तो जाहिर सी बात है यह मेरे लिए सही डिसीजन ही होगा और मैं खुश हूं।  "रैना ने नजरे नीचे किए हुए धीरे-धीरे कहा था।


    वाव, मतलब कि तुम भी मुझसे प्यार करती हो और कहीं ना कहीं तब भी करती थी जब मैंने तुम्हें प्रपोज किया था तभी तो तुमने कुछ ज्यादा रिएक्ट नहीं किया
    और उस दिन भी जब मैंने यहीं इसी जगह पर किचन में ही तुमसे दुबारा सॉरी बोला था उसके लिए तो तब भी तुम कुछ कहने वाली थी लेकिन....!!


    रंश प्लीज्!  "रैना ने रंश की बात काटते हुए जल्दी से कहा था जिसका रंश पर कुछ खास असर नही हुआ था।
    रंश जाओ यहां से कोई देख लेगा?


    देखता है तो देख लेने दो अब तो हमारी शादी होने वाली है ना तो फिर किस बात का डरना मेरी जान?  "रंश के चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान थी जिसे रैना ने नजरें उठाकर देखा तो हया से वापस उसकी नजरे नीचे झुक गई।


    एक बात बोलूं रैना!


    बोलो!  "रैना ने उसी तरह नजरें नीचे किए हुए कहा था जब रंश उसके और करीब आ गया और रैना जिस दीवार से लगी खड़ी थी उसने उसी दीवार पर रैना के आजू बाजू अपने हाथ फैलाकर उसको अपने करीब कर लिया था।

    रंश रैना के करीब होता गया और उसकी लंबी पलको को रैना ने अपने होंठो पर महसूस किया था।
    रंश हौले से उसके सर पर अपने होंठ रखने ही वाला था और जिससे रैना की आंखें बंद हो गई।


    रंश ने उसके बालों में धीरे से अपने हाथ फिराए थे और उसका माथा चूमने को थोड़ा और नीचे झुका था जब,
    अचानक ही रैना के जहन में साहिल का चेहरा घूम गया जिससे जाने ही क्यों उसने फौरन ही एक झटके में आंख खोल दी।

    रंश को अपने इतने करीब पाकर उसने उसके सीने पर जल्दी से दोनों हाथ रखते हुए उसे खुद से अलग किया था जिस पर रंश को हैरत हुई थी।


    क्या हुआ रैना?


    नहीं कुछ नहीं पर प्लीज मुझे यह सब पसन्द नही रंश?


    ओह सॉरी, सॉरी रैना आइंदा ऐसी गलती नहीं होगी और मैं.... अरे साहिल तुम, तुम यहाँ।  "इससे पहले रंश भी रैना की ही तरह अपने लफ्जों को जोड़ता हुआ कुछ कह पाता कि सामने किचन के दरवाजे पर खड़े साहिल को देखकर वो रैना से और दो कदम दूर हट गया।
    तुम्हें कुछ चाहिए था क्या साहिल?


    हां मैं पानी, मैं थोड़ा पानी पीने आया था बस! "साहिल ने आहिस्ता से कहा और खामोश हो गया। 


    ओह गॉड ये कितना पानी पीता है जब भी मैं रैना के करीब आने की कोशिश करता हूं यह पानी पीने आ जाता है?  "रंश ने अपने दिल में सोचा था और चेहरे पर बनावटी मुस्कान लिए साहिल की तरफ देखने लगा जो चुप्पी साधे रैना को ही निहार रहा था और रैना साहिल की तपिश को अपने चेहरे पर महसूस करती हुई जमीन निहार रही थी।


    तो तुमने पानी पिया, आओ ले लो पानी साहिल!  "रंश ने किचन के दरवाजे से हटते हुए कहा था जब साहिल वापस मुड़कर जाने लगा।


    नहीं अब मेरी प्यास बुझ गई नहीं चाहिए पानी मुझे!   "साहिल के लफ्जों में कुछ ऐसा था जिससे रंश तो अनजान ही था पर रैना कहीं ना कहीं कुछ फील जरूर कर गई थी कि जरूर उसने रंश को उसके करीब देख लिया है?
    रैना ने जाते हुए साहिल पर नजर डाली थी और एक लंबी, गहरी सांस ली फिर रंश को
    देखकर धीरे से जबर्दस्ती मन से मुस्कुरा दी जो उसे ही प्यार भरी मुस्कान से देख रहा था।।।


                                 और आगे............

    कौन है रैना की किस्मत में साहिल या रंश और कहानी का ऐसा कौन सा मोड़ कब कहां जाने वाला है,
    जानने के लिए जल्दी जल्दी पढ़ेंगे हम स्टोरी का नेस्ट पार्ट🙏😊

  • 20. रिमझिम और सागर का रोमांस- 20

    Words: 1297

    Estimated Reading Time: 8 min

    यहां क्या कर रही हो रिमझिम तुम ऐसे छत पर अकेली क्यों बैठी हो?  "रिमझिम जो  छत की रेलिंग पकड़े उसी के सहारे टेक लगाए कुर्सी पर चुपचाप आंखें मूंदे अकेली बैठी थी कि,
    सागर ने आकर धीरे से उसके कान में कहा था तो रिमझिम ने आंखें खोलकर उसे देखा और फिर आंखे मूंद ली थी।

    क्या हुआ मेरी एंजेल को सागर खुद भी वहीं जमीन पर ही उसके पैरों के पास आकर बैठ गया तो रिमझिम चौक गई।


    सागर तुम नीचे क्यों बैठे हो?  "वो तुरंत उठकर खड़ी हो गई थी।
    " "ये वही सागर तो था जिसमे रिमझिम की जान बसती थी और खुद सागर भी रिमझिम पर दिलोजान से फिदा था।।


    क्योंकि मेरी रानी ऊपर बैठी है ना तो मुझे तो नीचे ही बैठना है जानेमान!   "सागर ने उसे कंधो से पकड़कर वापस कुर्सी पर बैठा दिया था और फिर उसके पैरों के पास बैठकर उसकी गोद मैं अपना सर टिका दिया।

    अब बोलो क्या बात है जो मेरी जान इतना अपसेट है कि तन्हाई में आकर बैठ गई जबकि उसे तो मेरी बाहों में आकर अपनी तन्हाई मिटानी थी?


    मेरा मूड ऑफ है?


    अच्छा... और क्यों है मूड ऑफ मेरी परी का ये तो बताए?   "सागर ने उसकी गोद में ही लेटे-लेटे उसकी नाक पर उंगली से प्यार से छुआ था जिस पर जल्दी से रिमझिम ने उसका हाथ पकड़ लिया और अपने गले से लगा लिया।


    बस मूड ऑफ है तो है सागर और मैं तुम्हे क्यो बताऊं?


    क्या मैं तुम्हारा मूड ठीक करने केलिए कुछ कर सकता हूं जान?   "इस बार सागर ने शरारत से रिमझिम की आंखों में देखा था जो उसका हाथ पकड़े अपनी गर्दन में कुछ इस तरह से छुपाए हुई थी जैसी वह सागर को कहीं खोना नहीं चाहती थी,
    अब सागर की उंगलियां भी उसकी गर्दन में धीरे-धीरे हरकत कर रही थी।

    बोलो मेरी जान.... बोलो न क्या करूँ मैं तुम्हारा इलाज अभी?


    उफ्फ, सागर मत करो ना प्लीज!   "रिमझिम ने अपने दोनों हाथों में उसके हाथ को कसके दबा लिया था क्योंकि सागर की उंगलियां उसकी गर्दन और चेहरे पर कुछ इस तरह से थिरक रही थी कि रिमझिम के पूरे बदन में जैसे सिहरन सी होने लगी थी।


    क्यों.... क्यो ना करूं ये तो मेरा हक है तुम पर समझी तुम?


    अच्छा हक.... कौन सा हक?   "रिमझिम ने शरारत से कहा था।
    " "तुम आज तक साहिल भाई से तो बात नहीं कर पाए कि मुझसे प्यार करते हो और बड़े आये हक जताने वाले।


    मैं डरता नहीं उनसे, कहो तो अभी बात कर लूं जाकर।   "सागर ने काफी एटीट्यूड दिखाते हुए कहा था।


    हां, हां करो ना वो देखो साहिल भाई भी यहीं आ गए है।  "रिमझिम ने अपना इशारा सीढ़ियों की तरफ किया था जबकि सागर तुरंत ही उसकी गोद से उठकर बैठ गया।


    कहां, कहां है साहिल भाई, कहां?  "सागर के चेहरे पर एक साया सा आकर गुजरा था जिस पर रिमझिम को हंसी आ गई।


    बस यही है तुम्हारी निडरता, डर गए ना तुम मैं मजाक कर रही थी पागल?   "रिमझिम उसी तरह हंसती रही तो सागर ने अपने एक हाथ से अपना सर खुजाते हुए मासूमियत से उसको देखा था।


    शिट यार.....गॉड!    


    क्या हुआ आशिकी कहां गई?   "रिमझिम कहकहे लगा रही थी सागर की हालत पर।


    बहुत हंसी आ रही है ना तुम्हे, अभी तो मूड ऑफ था तुम्हारा, मतलब मेरा करीब आना तुमको बहुत ही पसंद है....राइट।


    अरे, मैंने ऐसा कब कहा?


    लेकिन मुझे तो फील हुआ ना!


    नही, ऐसा कुछ नहीं है? "सागर जो रिमझिम पर मदहोश सा हुआ झुकने लगा था तो रिमझिम ने उसके सीने पर अपने हाथ रखकर उसे पीछे धकेल दिया।


    जाओ यहां से सागर प्लीज्!


    पर मैं तो अब तभी जाऊंगा जब यहां कुछ मिलेगा मुझे?


    क्या चाहिए?


    अभी बताता हूं! "सागर ने अपना एक हाथ रिमझिम के सर के पीछे उसके बालों में उलझा दिया था और दूसरे हाथ से उसके दोनों हाथों को पकड़कर उन्हें दीवार से लगा दिया।


    स.... सागर क्या कर रहे हो, अगर कोई देख लेगा तो?


    देख लेने दो!


    क्या सोचेंगे यार प्लीज् हटो?


    अब उन्हें क्या सोचना है यह भी हम ही सोचेंगे क्या?   


    सागर लीव मी हट हटो....!   "इससे पहले रिमझिम कुछ और बोल पाती कि सागर ने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए थे और कई पल ऐसे ही निकल गए।

    कुछ देर बाद सागर ने रिमझिम को अपनी बाहों से आजाद करते हुए उसके होठों को भी रिहा कर दिया था।


    अब बोलो मूड ऑफ है क्या?  "सगर ने उसी तरह मदहोशी में और शरारत से पूछा था तो रिमझिम भी फौरन उसके सीने से लिपट गई थी।


    तुमको पाकर मैं सचमे सबकुछ भूल जाती हूँ तुममें ऐसा क्या है सागर....सागर आई लव यू, लव यू सो मच


    आई लव यू टू रिम्मी।  "सागर ने उसे पूरी तरह से अपनी बाहों में भर लिया था


              *************

    रात का दूसरा तीसरा पहर था और साहिल अपने रूम में करवटें बदलता हुआ बड़ी मुश्किलो से सो पाया था कि उसे अपने रूम के दरवाजे पर एक हल्की सी आहट महसूस हुई थी जिस पर वह फौरन ही उठकर बैठ गया।

    रूम की लाइट ऑन की तो सामने रैना खड़ी मिली जो शायद चोर कदमो से सबसे छुपकर वहां आई थी।


    तुम, तुम यहां क्या कर रही हो इतनी रात को मेरे कमरे में? "साहिल हैरान-परेशान सा टूटे-फूटे लफ्जों में बोला था।


    जी... जी वो... आपके हाथ की चोट अब कैसे हैं साहिल?  "रैना के होंठ धीरे से हिले थे।


    फाइन...मैं ठीक हूँ!   "साहिल अब भी उसी तरह आंखे बड़ी किये हुए हैरान खड़ा था।


    जी वो मैं आपके लिए दवाई लेकर आई थी मेरे गांव की जड़ी बूटियों का बना लेप और इससे आपको काफी जल्दी आराम मिल जाएगा। "रैना धीरे धीरे से कपकपाहट में बोली थी और साहिल बेड पर बैठते हुए बस उसे ही देखता रहा जो अपने हाथों में कोई लेप लिए असमंजस और घबराहट में खड़ी उसके हाथ को बेचैनी से देख रही थी जिस पर पट्टी बंधी हुई थी।


    नही रहने दो... अब ठीक है मेरा हाथ कोई प्रॉब्लम नही तुम जा सकती हो?


    सॉरी मैंने आपको इतनी रात में डिस्टर्ब किया, वह दिन में टाइम नहीं था ना इसलिए अभी याद आया और.....!!


    और तुम्हें नींद नहीं आई इसलिए फौरन भागी चली आई बिना इस बात का ख्याल किए कि इतनी रात को तुम्हें किसी लड़के के रूम में नहीं जाना चाहिए... राइट।  "रैना जो अपनी अधूरी बात पर ही चुप हो गई थी उसे साहिल ने पूरी करते हुए कहा था।


    नहीं वह मैं बस सोने ही वाली थी जब ये दवाई....लेकिन अब क्या फायदा आपके हाथ पर तो पट्टी बंधी है अब ये लेप कैसे लगाएंगे आप?  "रैना की नजरें अब भी साहिल के हाथ पर ही थी।
    मैं ये सुबह आपको दे जाऊंगी अभी आप सो जाइए।  "रैना मुड़कर जाने लगी थी तो साहिल फौरन उठकर खड़ा हो गया


    लगा दो!   "साहिल ने अपने हाथ की पट्टी को दूसरे हाथ से खेलते हुए अपना चोट भरा जख्मी हाथ रैना के सामने कर दिया जिसे देखकर रैना बेचैनी से तड़प उठी।

    साहिल की चोट अब भी काफी गहरी थी जिसकी कच्ची पट्टी खुल जाने की वजह से वह घाव और भी साफ़ और खून भरा दिख रहा था जिस पर रैना का दिल थर्रा उठा था।


    क्या हुआ चोट देखकर डर गई क्या, ऐसी छोटी मोटी चोटे तो हम पुलिसवालों को हमेशा लगती ही रहती है ईट्स ओके तुम जा सकती हो?  "साहिल को रैना की हालत समझ आ रही थी कि वह खून देखकर कितना घबरा गई है।
    उसने उसके हाथ से वो लेप ले लिया और खुद ही घाव पर लगाने लगा जिससे दर्द की शिद्दत से उसके चेहरे पर शिकन आ गई थी।

    वह बेड पर बैठा लेप लगा ही रहा था जब रैना ने जल्दी से आगे बढ़कर वापस उससे वो लेप लिया और खुद ही जख्म पर फूंक मारते हुए धीरे-धीरे अपनी एक उंगली से लगाने लगी।।।



    और आगे.................