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मायावन

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Vishal Varshney

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कहते है मायावन के अंदर एक रहस्यमई किला है और उस किला में है सोमरस जिसे पीने कोई भी इंसान हमेशा जवान हो सकता है उसे कभी भी बुढ़ापा नही आयेगा। लेकिन मायावन की माया के कारण आजतक कोई नही पहुंच पाया है। शर्वाणी जिसे खौफ और रहस्यमई चीजों उनको जानने का बहुत...

Total Chapters (6)

Page 1 of 1

  • 1. मायावन - Chapter 1

    Words: 915

    Estimated Reading Time: 6 min

    "रुको रुको मेरे लिए टैक्सी तोह कोई रोको" एक लड़की जो टैक्सी को रोक रही थी उसका पैर काफी चोटिल था। वह मदद के लिए पुकार रही थी लेकिन उसके के लिए कोई टैक्सी वाला टैक्सी नही रोक रहा था। उसका नाम अम्बा था। क्योंकि वह मायावन से बचकर आ रही थी। तभी एक लड़की स्कूटी रोकती है। जिसका नाम शर्वाणी है। वह पूछती है, "क्या हुआ तुम इतनी घबराई हुई क्यूं हो और तुम्हारा नाम क्या है।"
    वह लड़की जिसका नाम अम्बा था। वह शर्वाणी से कहती है, "मेरा नाम अम्बा है क्या मुझे लिफ्ट मिल सकती है मैं मायावन से बचकर भागी हूं वहां...........।"
    शर्वाणी उसे स्कूटी पर बैठा लेती है पूछते हुए बोलती है, "क्या है वहां।"
    अम्बा, शर्वाणी को बताते हुए बोलती है, "मैं मायावन के जंगलों से अपनी जान बचाकर भाग कर आई हूं वोह जंगल नरभक्षी लोगों, पिशाचों और डायनों न जाने क्या है उस मायावन का राज, वहां जो भी जाता है लौटकर वापस नही आता है, मैने अपनी जान बड़ी मुश्किल से बचाई है।"
    शर्वाणी को डायनों और पिशाचों में इंट्रेस्ट था इसलिए उसने इंट्रेस्ट के साथ अम्बा से पूछा, "आखिर तुम वहां क्यों गई थी।"
    अम्बा ने कहा, "वोह मैं वहां सोमरस को पीने गई थी।"
    शर्वाणी ने सवाल पूछते हुए कहा, "यह सोमरस क्या होता है।"
    अम्बा बोलती है, "सोमरस की एक बूंद को जो पी लेता है वह कभी भी बूढ़ा नही होता है वोह हमेशा जवान रहता है।"
    शर्वाणी बोलती है, "सच में ऐसा होता है।"
    अम्बा बोलती है, "हां सच में, पर मायावन मे सोमरस को ढूंढ पाना बहुत ही मुश्किल काम है।"
    शर्वाणी पूछती है, "यह मायावन कहां है।"
    तभी अम्बा बोलती है, "मुझे यही उतरना है।"
    अम्बा एक शमशान जगह पर उतरती है जिसे देखकर शर्वाणी कहती है, "क्या सच में तुम्हे यही उतरना है।"
    अम्बा बोलती है, "हां मुझे यही उतरना है।"
    शर्वाणी बोलती है, "पर तुम्हारे पैर में तोह चोट लगी हुई है तुम अकेले कैसे जाओगी।"
    तभी शर्वाणी अपनी स्कूटी रोकती है और अम्बा स्कूटी से उतरती है तब शर्वाणी की नजर अम्बा की चोट पर पड़ती है, जिसे देखकर शर्वाणी शॉक्ड हो जाती है क्यूंकि अम्बा के पैर पर कोई चोट का निशान नहीं था।
    जब तक शर्वाणी, अम्बा से कुछ पूछ पाती तब तक अम्बा अचानक गायब हो चुकी थी।
    अम्बा के अचानक गायब हो जाने के कारण शर्वाणी थोड़ी से घबरा जाती है इसलिए वोह वहां से घर के लिए निकल जाती है।
    रास्तेभर शर्वाणी के दिमाग में मायावन ही छाया हुआ था। शर्वाणी सोच रही कि मायावन कैसे जाया जाए। घर पहुंचते ही वह सबसे पहले अपने दादा जी जोकि अब वह इस दुनिया में नही रहे उनके रूम में जाती है क्यूंकि उसके दादा को रहस्यमयी वस्तुओं और जगहों में काफी इंट्रेस्ट था और वोह इन सब की रोचक जानकारियां अपनी डायरी में लिखा करते थे।
    शर्वाणी अपने दादा जी की डायरी को ढूंढती है आखिरकार उसे डायरी मिल जाती है। वह जल्दी से डायरी खोलती है और डायरी में मायावन जाने का रास्ता देखती है। डायरी में आखरी पन्ने पर मायावन के बारे में लिखा था।
    वह पढ़ती है कि मायावन जाने का केवल एक रास्ता है और वोह रास्ता नीली गुफा के अंदर से होकर जाता है। उस नीली गुफा तक पहुंचने का रास्ता काली गुफा में से होकर जाता है और काली गुफा भूचालगढ़ के जंगल के दक्षिण दिशा में है और गुफा में............।
    डायरी के आखरी पन्ने पर इतना ही लिखा था। इसके बाद शर्वाणी अपने रूम में जाती है और दरवाजे को अंदर से लॉक कर देती है और अपने फोन में सर्च करती है भूचालगढ़ के जंगलों के बारे में उसे मैप से केवल भूचालगढ़ जाने का रास्ता ही मिलता है। शर्वाणी को मायावन जाने का रास्ता नहीं मिलता है। शर्वाणी को एडवेंचर्स काफी पसंद थे इसलिए उसके मन में मायावन जाने की दिलासा पैदा हुई।
    शर्वाणी ने जाने का प्लान बनाया और अपने दोस्तों को घर बुलाया।
    शर्वाणी के दोस्तों का परिचय इस प्रकार है,
    नील - नील दिखने में हैंडसम, स्मार्ट एंड टॉल है उसकी मस्क्युलर बॉडी थी जिसे देखकर लड़किया उसकी बॉडी और सुंदरता की दीवानी थी। लेकिन नील शर्वाणी से एक तरफा प्यार करता था। शर्वाणी के लिए वोह किसी भी हद तक जा सकता है।
    अंश - अंश भी दिखने हैंडसम है और वोह भी शर्वाणी से प्यार करता है लेकिन वोह थोड़ा सा डरपोक भी है लेकिन शर्वाणी की मदद करने से पीछे कभी नही हटता। अंश तलवारबाजी में माहिर है।
    शनाया - दिखने में स्मार्ट एंड ब्यूटीफुल के साथ इंटेलिजेंट हैं और शनाया को रहस्यमई किताबो को पढ़ना बेहद पसंद है और उसे एडवेंचर काफी पसंद है। शनाया नील से एक तरफा प्यार करती है।
    रूहान - रूहान थोड़ा शर्मिला और डरपोक टाइप का लड़का है लेकिन उसे चुड़ैलो और डायनों, भूत, पिशाचों के बारे में विशेष जानकारी है और वोह शनाया से प्यार करता है लेकिन अपने दिल की बात आज तक उसने शनाया से नही की है।
    निक्की - निक्की को भी एडवेंचर काफी पसंद है और उसे काला जादू भी आता है और लोगों और जानवरों को वश में भी करना आता है। और वो अंश से प्यार करती है लेकिन उसने ये बात आज तक अंश को नहीं बताई है।
    जब शर्वाणी अपने पांचों दोस्तों को बताती है कि मायावन के बारे में तोह सभी को इंट्रेस्ट आता है और सभी मायावन जाने को तैयार हो जाते है।
    तभी निक्की बोलती है, "क्या हम भूचालगढ़ के जंगल कैसे पहुचेंगे और फिर मायावन का कैसे पता लगायेगे।"
    क्या शर्वाणी और उसके दोस्त भूचालगढ पहुंच पाएंगे ?
     
     
     

     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 2. मायावन - Chapter 2

    Words: 782

    Estimated Reading Time: 5 min

    तभी निक्की बोलती है, "क्या हम भूचालगढ़ के जंगल कैसे पहुचेंगे और फिर मायावन का कैसे पता लगायेगे।"
    नील बोलता है, "वैसे मायावन में जाने का आइडिया गलत तोह नही है पर वहां हम सोमरस की पहचान कैसे करेंगे।"
    शर्वाणी बोलती है, "पहले हम मायावन पहुंचे तो सही फिर उसका भी पता लग जायेगा।"
    शनाया बोलती है, "तोह भूचालगढ़ के एडवेंचर में हमें कब निकलना है।"
    रूहान बोलता है, "अगर वहां भूत, पिशाच मिलेंगे तोह मैं नहीं जा पाऊंगा।"
    शनाया बोलती है, "कोई जाए या न जाए पर मैं तोह जाऊंगी तो guy's कौन कौन चलेगा।"
    शनाया के इतना बोलते ही रूहान की ओर सभी देखते है, अब बात सिंपल से थी अगर शनाया जायेगी तोह रूहान कैसे पीछे रह सकता है उसने भी हां में सिर हिला दिया, अब सभी फ्रेंड्स भूचालगढ़ जाने को राजी हो गए।
    सुबह - सुबह सभी दोस्त शर्वाणी के घर पहुंचते है और निकल पड़ते है भूचालगढ़ के जंगल की ओर, तभी रास्ते में नील शर्वाणी को एकटक निहारता है यह बात अंश नोटिस करता है।
    अब सभी दोस्त भूचालगढ़ के प्रवेश करने वाले होते है कि तभी एक अघोरी बाबा, शर्वाणी उसके दोस्तों को रोकते कहते है, "जिस मकसद से तुम जा रहे हो उसके लिए तुम्हे बहुत कुछ खोना होगा, वरना......।" इतना बोलकर वोह अघोरी बाबा अचानक चला जाता है।
    यह सब सुनकर रूहान बहुत डर जाता है, और कंपकपाती आवाज में बोलता है, "guy's एक बार फिर से सोच लो हमारा जाना ठीक नही है, अभी जो अघोरी बाबा ने कहा तोह वोह सही हो गया तोह।"
    "तोह हम सब मारे जायेंगे।" ऐसा शनाया, रूहान को डराते हुए बोलती है।
    निक्की, रूहान और शनाया से बोलती है, "guy's ये बकवास बाते बंद करो ऐसा कुछ नही होगा। हम सब सुरक्षित वापस आयेंगे।"
    शर्वाणी अपने दोस्तों से बोलती है, "guy's हमे बहुत ही सावधानी से जंगल में प्रवेश करना है और हम किसी भी हालत में एक दूसरे का साथ नही छोड़ेगे, समझे सभी।" 
    इतना कहकर शर्वाणी और उसके दोस्त भूचालगढ़ के जंगल में प्रवेश करते है और दक्षिण दिशा की और आगे बढ़ते है।
    दक्षिण दिशा में चलते चलते दोपहर हो जाती है लेकिन उन्हें काली गुफा के बारे में कोई भी सुराग नहीं मिलता है तभी अचानक एक काला कबूतर आता है और शर्वाणी के सिर पर बैठ जाता है। 
    यही अच्छा मौका था निक्की के लिए निक्की उस काले कबूतर को वश में कर लेती है और इस काले कबूतर उसकी आंख में देखते हुए उस काले कबूतर से पूछते हुए बोलती है, "बताओ इस जंगल में काली गुफा किधर है हमें वहां तक ले चलो।"
    तभी वह काला कबूतर दक्षिण दिशा की ओर आगे आगे उड़ने लगता है और शर्वाणी और उसके दोस्त पीछे पीछे जाने लगते है।
    तभी रास्ते में उस काले कबूतर को एक आदिवासी औरत मार देती है, और शर्वाणी और उसके दोस्त हैरान हो जाते है और आदिवासी लोग शर्वाणी और उसके दोस्तों को घेर लेते है। वे आदिवासी लोग शर्वाणी और उसके दोस्तों को आदिवासी सरदार के पास ले जाते है। आदिवासी सरदार को हिंदी बोलना आता था।
    इसलिए उस आदिवासी सरदार ने पूछा, "तुम लोग यहां क्यों आए हो और उस काले कबूतर के पीछे क्यूं चल रहे थे।"
    शर्वाणी, निक्की की और इशारा करती है तभी निक्की कहती है, "वोह हम जंगल में सैर करने आए थे मेरा मतलब घूमने आए थे और हमने जिंदगी में काला कबूतर पहली बार देखा था इसलिए हम इसके पीछे चल रहे थे।" इतना कहते ही निक्की, उस आदिवासी सरदार को अपने वश में कर लेती है।
    उस कबीले में आदिवासी सरदार को ही हिंदी आती थी इसलिए निक्की जो बात कर रही थी वो किसी के समझ में नहीं आ रही थी इसलिए निक्की ने कबीले के सरदार को वश में किया और पूछा, "यह काली गुफा कहां है।"
    वश में होने के कारण कबीले का सरदार सीधे सीधे बोलता है, "यहां से तीन मील की दूरी पर काली घाटी पड़ती है और उस काली घाटी को पार करकर ही भेड़ियों की घाटी पड़ती है और उसके बाद काली गुफा आती है।"
    फिर निक्की बोलती हैं, "अब हम सभी को जाने दो।"
    कबीले का सरदार अपने आदिवासी लोगों से शर्वाणी उसके दोस्तों को छोड़ने को कहता है। शर्वाणी और उसके दोस्तों को आदिवासी कबीले के लोग छोड़ देते है।
    शर्वाणी और उसके दोस्त काली घाटी की और आगे बढ़ने लगते है। तभी नील कहता है, "guy's हमें थोड़ा सा रेस्ट करना चाहिए वैसे भी चलते चलते मैं काफी थक गया हूं। सभी लोग रेस्ट करने की बात को मान जाते है और वही पर सो जाते है। 
    जैसे ही शर्वाणी की आंखे खुलती है तोह वह हैरान और डर हो जाती हैं।
    आखिर शर्वाणी ने ऐसा क्या देखा जिससे वो हैरान और डर जाती है ?
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 3. मायावन - Chapter 3

    Words: 1033

    Estimated Reading Time: 7 min

    जैसे ही शर्वाणी की आंखे खुलती है तोह वह हैरान और डर हो जाती हैं।
    क्यूंकि उसके चारों और पानी ही पानी था, शर्वाणी और उसके दोस्त के नाव में बेहोशी की अवस्था में पड़े हुए थे। शर्वाणी अपने दोस्तों को होश में लाती है। जब सभी दोस्त होश में आ जाते है तोह सभी डर जाते है और नील कहता है है, "यह हम कहां आ गए और यह नाव अपने आप कैसे तैर रही है।"
    तभी शनाया अपनी पॉकेट से दिशासूचक यंत्र निकलती है और देखती है कि दिशासूचक यंत्र उत्तर दिशा में है तभी शनाया बोलती है, "यह नाव हमें उल्टी दिशा में ले जा रही है हम उत्तर दिशा में जा रहे है।"
    तभी अंश बोलता है, "हम इस नाव को कैसे रोकें अगर यह नाव नही रोकी गई तोह हम कभी भी मायावन नही जा पाएंगे।"
    तभी निक्की अपने काले जादू का प्रयोग करके नाव को दक्षिण दिशा में मोड़ देती है। और कुछ घंटों में नाव किनारे पर आ जाती है।
    नाव से उतरते समय अंश बोलता है, "कि हम नाव पर कैसे पहुंचे कोई तोह है जो हम पर नजर रख रहा है।"
    तभी शर्वाणी और उसके दोस्तों पर बाजों का अटैक होता है। फिर निक्की अपने काले जादू का प्रयोग करके उन बाजों को अपने वश में कर लेती है और बाजों से कहती है, "हम सबको काली घाटी ले चलो।"
    जैसे ही बाज उड़ना शुरू करते है कुछ ही दूरी पर जाकर सभी बाज मरकर जमीन पर नीचे गिर जाते है। और रूहान और अंश काफी डर जाते है। 
    तभी नील कहता है, "अब हम कैसे पहुचेंगे कोई तो जो हमें आगे बढ़ने से रोक रहा है आखिर कौन ?"
    शनाया बोलती है, "दिशासूचक यंत्र के जरिए हम पहुंच सकते है।"
    तभी शर्वाणी बोलती है, "मेरे पास एक छोटा सा नक्शा है जिसके जरिए हम काली गुफा तक पहुंच सकते है।"
    निक्की बोलती है, "यहां फोन के नेटवर्क नही आ रहे है मैं अपने घर वालों से कॉन्टैक्ट कैसे करूं।"
    शर्वाणी बोलती है, "इस भूचालगढ़ का नक्शा नेट की साइट्स पर भी नही है अगर किसी को कुछ हो गया तोह हम घर पर कॉन्टैक्ट भी नही कर सकते और तो और यहां हमें चौकन्ना रहना होगा कोई भी जानवर हम पर कभी भी अटैक कर सकता है।"
    रूहान डरते हुए बोलता है, "तोह क्या हम कभी भी अपने घर नहीं पहुंच पाएंगे।"
    शर्वाणी, रूहान को समझाते हुए बोलती है, "हम सब घर पहुंचेंगे अगर हम सभी एक साथ रहेंगे तब इसलिए हम एक जुट होकर सभी मुसीबतों का सामना करना है।
    शर्वाणी और उसके दोस्त घाटी से थोड़ी दूरी पर उन्हें एक बूढ़ी औरत मिलती है जो दिखने में काफी डरावनी दिखती थी वो शर्वाणी और उसके दोस्तों को रोकते हुए कहती है, "तुम जहां जा रहे हो वहां से कोई वापस नही आता है, जो जाता है वोह मार खाता है, जो जाता है वोह मार खाता है, तुम लोग भी वही गलती करने जा रहे हो, तुम लोगों को वोह मार खाएगा तुम लोग वहां मत जाओ वरना वोह खा जायेगा।"
    निक्की, उस बूढ़ी औरत से बोलती है, "कौन मार कर खा जायेगा आप किसके बारे में कह रही है।" निक्की उस औरत को वश में करने ही वाली थी कि वोह बूढ़ी औरत भाग जाती है और निक्की उसे वश में नहीं कर पाती है।
    शर्वाणी बोलती है, "शायद कोई जानवर होगा जो हमें मार कर खा सकता है।"
    "या कोई दानव या चुड़ैल जो हमको मारकर खा जायेगी।" रूहान ने डरते हुए कहा।
    शनाया बोलती है, "रूहान ऐसा कुछ नही होगा या तोह कोई जानवर होगा जो इंसानों को मारकर खाता हो।"
    "इंसानों को मारकर खाता हो हम भी तोह इंसान हैं क्या वोह हमको भी खा जायेगा।" रूहान ने फिर से डरते हुए कहा।
    "ओहो तुम अपनी बकवास बातें अपनी पॉकेट में रखो समझे वरना तुमको वोह जानवर पहले खाएगा।" शनाया, रूहान से बोलती हैं।
    तभी आकाश में बिजली कड़कती है और बारिश होने लगती है। सभी लोग अपने अपने बैग से छाता निकालते है और और काली घाटी की ओर बढ़ने लगते है। तभी रास्ते में कुछ ऐसा होता है कि सबकी रूह कांप जाती है
    शर्वाणी और उसके दोस्त देखते है कि पेड़ो पर इंसानों की हड्डियों के ढांचे लटके हुए है जिन्हे देख कर सभी डर जाते है। तभी रूहान कंपकपाती आवाज में बोलता है, "guy's अब भी हमारे पास मौका है लौटने का हमें लौटना चाहिए, मैने आज तक इतना डरावना एडवेंचर नही किया है मुझे बहुत ज्यादा डर लग रहा है।"
    तभी नील कहता है, "मुझे इस एडवेंचर में बहुत मजा आ रहा है सच थोड़ा डरावना है पर है मजेदार।"
    शर्वाणी बोलती है, "हमे कदम कदम पर सतर्क रहना होगा वरना कब किसी भी समय कोई भी जानवर हमला कर सकता है और रूहान तुम डरो मत कुछ नही होगा हम सब तुम्हारे साथ है।"
    निक्की बोलती है, "ये सब असली इंसानों की हड्डियां है इन पर से किसी ने मांस नोच नोच कर खाया है।"
    शर्वाणी बोलती है, "मैप के अनुसार हमें इसी रास्ते से जाना होगा तभी हम मायावन तक पहुंच पाएंगे।"
    सभी दोस्त आगे रास्ते पर चलते चलते आखिरकार काली घाटी में पहुंच जाते है लेकिन शर्वाणी और उसके दोस्तों को पता ही नही था कि वे काली घाटी पहुंच गए है।
    तभी अचानक दो काले कौआ शर्वाणी और अंश के सिर पर चोंच मारकर उड़ जाते है जिनसे शर्वाणी और अंश के सिर पर चोट लग जाती है और वोह दो कौआ फिर से अटैक करने वाले होते है कि तभी निक्की अपने काले जादू से उन्हें वश में कर लेती है और उन दो काले कौआ से पूछती है, "काली घाटी कहां है हमे वहां ले चलो।"
    तभी वोह दोनो कौआ वही बैठ जाते है और काऊ काऊ की आवाज करने लग जाते है तभी निक्की समझ जाती है कि काली घाटी यही है वो अपने दोस्तो से बोलती है, "guy's हम काली घाटी में ही है।"
    शर्वाणी, शनाया और नील खुशी के कारण उछलने लगते है। तभी उनके सामने वोह आ जाता है जिससे शर्वाणी और उसके दोस्तों की रूह कांप जाती है।
    आखिर किसने शर्वाणी और उसके दोस्तों को नाव में डालकर बहा दिया था जिसकी वजह से वो रास्ता भटक गए थे ?
    शर्वाणी और उसके दोस्तो पर कौन नजर रख रहा है ?
     

  • 4. मायावन - Chapter 4

    Words: 1011

    Estimated Reading Time: 7 min

    शर्वाणी, शनाया और नील खुशी के कारण उछलने लगते है। तभी उनके सामने वोह आ जाता है जिससे शर्वाणी और उसके दोस्तों की रूह कांप जाती है। उसके पैरो के कम्पन के कारण सभी के सभी नीचे गिर जाते है।
    वोह कोई और नहीं मौत का दानव नोचमार था उसके एक हाथ में मौत का हथौड़ा और दूसरे हाथ में बड़े बड़े नाखून और उसके दांत पीले तथा उसका चेहरा बहुत ही डरवाना एवम भयानक था उसकी एक आंख फूटी हुई और दूसरी आंख बिल्कुल काली थी। उसकी लंबाई दस फुट लंबी थी।जिसे देखकर रूहान की पैंट गीली हो गई। लेकिन निक्की ने हिम्मत के साथ उसे ललकारते हुए कहा, "हिम्मत हैं तोह मुझे मार के दिखा तेरी शक्ल जैसे कोई सड़ा हुआ कद्दू जैसी है हिम्मत है तोह मुझे मार के दिखा।"
    इतना कहते ही निक्की उसे वश में करने की कोशिश करती लेकिन उसकी कोशिश नाकाम हो जाती है और मौत का दानव नोचमार अपना हथौड़ा निक्की को मारता है लेकिन निक्की बच निकलती है और भागते हुए शर्वाणी से बोलती है, "इसको मारना पड़ेगा वरना यह हम सबको नोच नोच के खा लेगा।"
    रूहान जिसको भूत, पिशाचों आदि की काफी अच्छी जानकारी थी। रूहान बोलता है, "यह एक दानव है इसको मारने के लिए हमे इसकी कमजोरी के बारे में पता लगाना होगा।"
    सभी छह दोस्तो अलग अलग दिशाओं में भागने लगते है।
    तभी निक्की ने दो कौआ को वश में किया था उनसे पूछते हुए बोलती है, "बताओ इस दानव की कमजोरी क्या है।"
    कौआ उड़कर जाता है और नोचमार की आंखों में हल्की से चोंच मारने ही वाला होता है की तब तक नोचमार दोनो कौओं को पकड़कर कच्चा चबा जाता है। 
    निक्की समझ जाती है कि मौत का दानव को कैसे मारना है।
    इधर मौत का दानव नोचमार डरावनी आवाज में बोलता है, "मैं नोचमार तुम सभी को कच्चा चबा जाऊंगा अब देखो मेरा वार।"
    इतना कहकर वह अंश पर हथौड़े से वार करता है लेकिन अंश हथौड़े के नीचे से निकलकर बच जाता है। इस तरह नोचमार को और गुस्सा आ जाता है।
    इधर निक्की, शर्वाणी को देख रही थी कि वह किस दिशा में भाग रही है लेकिन निक्की को शर्वाणी कही नजर नहीं आती है। निक्की को अंश दिखाई देता है, वह उसे आवाज लगाते हुए बोलती है, "अंश तुम अपने बैग से तलवार निकालो और इस दानव की आंख को फोड़ दो वोह मार जायेगा। ये सब बात शर्वाणी और मौत का दानव नोचमार भी सुन लेता है और मौत का दानव नोचमार, निक्की को अपने हाथो से जकड़ लेता है तभी शर्वाणी अपने बैग से धनुष निकालकर मौत के दानव की आंख में तीर मार देती है जिससे मौत का दानव का खात्मा हो जाता है। और सभी दोस्त मिलते है लेकिन शनाया और नील गायब होते है।
    निक्की सभी से बोलती है, "नील और शनाया कहां है कही वोह किसी और मुसीबत में तोह नही।"
    शर्वाणी और अंश आवाज लगाते हुए बोलते है, "नील नील, शनाया शनाया।"
    चारों दोस्त मिलकर आवाज लगाते है लेकिन उनका कोई अता पता नहीं चल पाता है। 
    तभी निक्की पेड़ पर बैठी काली कोयल पर काला जादू करकर उसे अपने वश में कर लेती है और उससे कहते हुए बोलती है, "ले चल हमें हमारे दोस्तों के पास ले चल हमारे दोस्तों के पास।"
    वोह कोयल काली घाटी के पूरब दिशा में उड़ती है सभी दोस्त उस कोयल को फॉलो करते है और वोह कोयल काली घाटी के काले बरगद के पेड़ पर बैठ जाती है। सभी दोस्त वही रूक जाते है वोह देखते हैं कुछ दूरी पर उनके दोस्त नील और शनाया उल्टे लटके हुए है। सभी चारो दोस्त डर जाते है।
    क्योंकि नील और शनाया उल्टे लटके हुए थे और उनके चारो और नरभक्षी लोग नाच रहे थे प्रत्येक नरभक्षी आदमी और औरत सात आठ फुट लंबे थे और उनके दांत नुकीले थे वोह लोग आज रात को नील और शनाया को कच्चा चबाने वाले थे। यह बात निक्की को काली कोयल ने बताई। निक्की ने तीनों दोस्तों से बोला, "हमारे पास आज रात तक का ही समय है शनाया और नील को बचाने का इन नरभक्षी मानुषो से।"
    शर्वाणी, अपने तीनों दोस्तों को प्लान के बारे में बताते हुए बोलती है, "अगर हम इस प्लान पर अच्छी तरह काम करे तोह हम बहुत आराम से इन लोगों से शनाया और नील को छुड़ा लेंगे।"
    रूहान बोलता है, "मेरी नॉलेज के अनुसार, इन लोगों का भी एक नरभक्षी सरदार होता है हमे उसे पहचानना होगा।"
    निक्की, "तोह समझो काम हो गया।" इतना कहकर निक्की उस काली कोयल को बुलाती है और उससे कहती है, "जो इन नरभक्षियो का सरदार है उसके सिर पर बैठ जाना।"
    काली कोयल उड़ने लगती है और जैसे ही वो नीचे आती है कि उसे एक नरभक्षी मानुष उस कोयल को मारकर कच्चा खा जाता है। और निक्की और उसके तीनों दोस्तों को समझ में नहीं आता कि नरभक्षी असली सरदार कौन है।
    तभी अंश बोलता है, "अब हम कैसे पता लगायेगे कि असली नरभक्षी सरदार कौन है, सच में मायावन तक पहुंचने में हमारी वाट लग जायेगी।"
    शर्वाणी बोलती है, "एक प्लान फेल हुआ तोह हमारे पास दूसरा प्लान है इसमें थोड़ा रिस्क है। इतना कहकर शर्वाणी, निक्की की और इशारा करती हैं।
    तभी निक्की, नरभक्षियों को सामने आ जाती है और उनमें से एक नरभक्षी पर काला जादू करके उस नरभक्षी को अपने वश में कर लेती है और वोह नरभक्षी जो वश में हुआ था उससे बोलती है, "मुझे इन नरभक्षियो से बचाओ और मुझे अपने सरदार के पास ले जाओ।"
    निक्की ने एक नरभक्षी को वश में किया था लेकिन बाकी नरभक्षी, निक्की पर अटैक करने वाले होते है कि तभी जो नरभक्षी वश में हुआ था वो सभी नरभक्षियो को रोक लेटा है और निक्की को नरभक्षियो से बचाता है तब निक्की बोलती है, "मुझे अब अपने सरदार के पास ले जाओ।"
    जो निक्की ने वश में किया था नरभक्षी को वोह निक्की को नरभक्षियो के सरदार के पास ले जाता है।
    जैसे ही निक्की, नरभक्षी सरदार के पास पहुंचती है तो उसकी रूह कांप जाती है।
    क्या शनाया और नील बच पाएंगे नरभक्षियों मानुषो से ?
    पढ़िए "मायावन" सिर्फ "storymania" app पर।
     
     
     

  • 5. मायावन - Chapter 5

    Words: 1013

    Estimated Reading Time: 7 min

    जैसे ही निक्की, नरभक्षी सरदार के पास पहुंचती है तो उसकी रूह कांप जाती है।
    वोह देखती है कि नरभक्षियों के तीन तीन सरदार थे इसलिए निक्की पहले डर जाती फिर वोह अपने काले जादू से एक नरभक्षी सरदार को वश में कर लेती है और उससे कहती है, "जिनको तुमने पकड़ा है उन्हे छोड़ दो वरना यह दोनो सरदार तुम्हे खा जायेगे। वोह उन सरदारों से अपनी भाषा में कहता है, "क्या तुम मुझे खा जाओगे।"
    फिर एक एक सरदार निक्की की तरफ झपटा तभी निक्की ने उस पर काला जादू किया वश में करने को लेकिन वश में नहीं कर पाती लेकिन शर्वाणी उस नरभक्षी सरदार के हाथ में तीर मार देती है और वोह घायल हो जाता है ।
    जिस नरभक्षी सरदार को निक्की ने वश में किया था उसको दूसरा नरभक्षी सरदार मार देता है और निक्की जान बचाकर भागने लगती है तभी एक नरभक्षी निक्की पर गरसे से अटैक करता है लेकिन निक्की द्वारा किए गए साधारण नरभक्षी मानुष उसे मार देता है और निक्की की जान बच जाती है और निक्की और शर्वाणी के पीछे नरभक्षी मानुष भागने लग जाते हैं।
    निक्की और शर्वाणी भागते भागते और नरभक्षियों को चकमा देकर भेड़ियों की घाटी में पहुंच जाते है। 
    निक्की और शर्वाणी देखते है कि चारों ओर हड्डियां ही हड्डियां पड़ी हुई है तभी वहां एक बड़ा सा भेड़िया आता है और जो निक्की और शर्वाणी को घूरकर देखता है जैसे कि वोह साक्षी और निक्की को अभी खा जायेगा लेकिन निक्की उस पर काला जादू करके उसे वश में कर लेती है और कहती है, "हमे हमारे दोस्तों को बचाना है वोह काले घाटी में हैं, हमे तुम्हारी और तुम्हारे साथियों की मदद चाहिए हम तुम्हारे दोस्त है हम तुम्हारी रक्षा करेंगे अगर तुम हमारी रक्षा करोगे तोह।"
    निक्की ने भेड़िया को वश में कर लिया था और उस भेड़िया ने एक खूंखार आवाज निकाली। जिससे बहुत सारे छोटे छोटे खूंखार भेड़िए चारों ओर से निक्की और शर्वाणी को घेर लेते हैं और निक्की, शर्वाणी को घूरने लगते हैं लेकिन इस बड़े भेड़िया के कारण कोई भी निक्की और शर्वाणी पर हमला नही करते है और वो भेड़िया अपनी आवाज में उन छोटे छोटे भेड़ियों से कुछ कहता है जिससे सभी भेड़िए काली घाटी की ओर बढ़ने यानी चलने लगते है और निक्की और शर्वाणी उनके पीछे पीछे चलने लगते है।
    थोड़ी देर में सभी भेड़िए काली घाटी में नरभक्षियों पर हमला कर देते है और उन नरभक्षियो का खात्मा कर देते है।
    और इस प्रकार नील और शनाया को नरभक्षियों से बचा लिया जाता है। और फिर निक्की उस बड़े भेड़िए से कहती है, "आज से काली घाटी तुम्हारी हुई और तुम इस पर राज करो अब से तुम पर कोई खतरा नहीं है अब तुम्हे कोई नही मारेगा बस एक मदद और हमें काली गुफा तक पहुंचा दो।"
    बड़ा भेड़िया पहले निक्की के गले लगता है और फिर निक्की को अपने पैरो से एक मानचित्र बनाता है और आगे की रास्ते की ओर इशारा करता है।
    शर्वाणी इस मानचित्र को अपनी एडवेंचर डायरी में बना लेती है।
    अब शर्वाणी और उसके दोस्त निकल पड़ते है काली गुफा की ओर।
    रास्ते में रूहान निक्की से बोलता है, "wow निक्की तुम वोह कर सकती हो जो कोई सोच नही सकता और तुम सच में ग्रेट से भी सुपर ग्रेट हो हमें सच सच बताना क्या तुमने हमें कभी वश में तोह नही किया।"
    निक्की हंसते हुए बोलती है, "नही मैने तुम लोगों पर कभी काला जादू नहीं किया और न ही करूंगी यह मेरा प्रोमिश।"
    तभी अंश, शर्वाणी से बोलता है, "शर्वाणी मुझे भूख लग रही है और मेरे बैग में कुछ खाने को नहीं है क्या तुम्हारे पास है।"
    तभी अचानक एक बूढ़ी औरत रहस्यमई तरीके से आ जाती है और कर्कश आवाज में कहती है, "बेटा मैंने कुछ नहीं खाया है तीन दिनों से क्या तुम मुझे कुछ खाने को दे सकते हो।
    सभी दोस्तो को उस बूढ़ी औरत पर दया आ जाती है, और उस बूढ़ी औरत को शर्वाणी थोड़ा सा खाना दे देती है लेकिन थोड़ी देर में वो सारा भोजन खा जाती है इसके बाद निक्की भी अपना सारा खाना उस बूढ़ी औरत को दे देते है। एक एक करके सभी दोस्त उस बूढ़ी औरत को अपना सारा खाना दे देते है और सभी दोस्तो का खाना खत्म हो जाता है तब वह बूढ़ी औरत कहती है, "बेटा मुझे और भूख लगी है अब तुम लोगों का मांस खाऊंगी।" इतना कहकर वह बूढ़ी औरत चुड़ैल बन जाती है और कहती है अब मैं तुम सबको खाऊंगी। सभी दोस्त काफी डर जाते है।
    तभी निक्की अपने काला जादू का इस्तेमाल करके उसकी आंखो में धूल झोंक देती है और सभी दोस्त एक दिशा में भाग जाते है और एक बड़े काले पत्थर के पीछे छिप जाते है।
    वह चुड़ैल अपनी आंखों को साफ कर भयंकर और डरावनी आवाज में बोलती है, "मैं एक भयकारिका चुड़ैल और मुझसे बच पाना मुश्किल हैं और जो मुझसे बच गया उसका जी पाना मुश्किल है।"
    और उन्हें ढूढने लग जाती है।
    तभी रूहान धीरे से निक्की से बोलता है, "क्या तुम्हारा जादू चुडैलो पर नही चल सकता और तुम उस चुड़ैल को वश में नहीं कर सकती।
    निक्की धीरे से बोलती है, "नही मै चुडैलो को वश में नहीं कर सकती लेकिन तुम्हे तो चुडैलो की कमजोरी के बारे में पता होगा न।"
    रूहान धीरे से बोलता हैं, "डर के कारण मैं सब कुछ भूल जाता हूं, चुडैलो और डायनों की कमजोरी उनकी चोटी और जीभ में होती है।"
    तभी वोह चुड़ैल भयानक और डरावनी आवाज में बोलती है, "मेरा भोजन कहां छुपा है कहां है मेरा भोजन मुझे भूख लगी है जल्दी से बाहर आओ जल्दी से बाहर आओ वरना मैं आ जाऊंगी।"
    इधर पत्थर के पीछे छिपकर निक्की एक जादुई धागा बनाती और बोलती है, "तुम लोग आगे से उसके सामने आना और मै और अंश पीछे से उसकी चोटी काट देंगे ठीक है और उसको डरकर दिखाना है अंदर से नही डरकर नही दिखाना है।
    निक्की के प्लान के अनुसार शर्वाणी, शनाया, नील और रूहान उस चुड़ैल के सामने आ जाते है।
    क्या शर्वाणी और उसके दोस्त उस भयकारिका चुड़ैल से बच पाएंगे ?
     
     
     
     
     
     

  • 6. मायावन - Chapter 6

    Words: 1022

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    निक्की के प्लान के अनुसार शर्वाणी, शनाया, नील और रूहान उस चुड़ैल के सामने आ जाते है। और उस चुड़ैल से शनाया बोलती है, "तुम दिखने में बहुत ही बदसूरत हो तुम हमें क्यूं खाना चाहती हो समझ आया तुम्हे भूख लगी है और तुम्हारे पास भोजन नहीं है इसलिए तुम हमको खाना चाहती हो।"
    तभी चुड़ैल भयानक आवाज में बोलती है, "नही तुम मुझको बेवकूफ बना रहे हो तुम्हारे दो दोस्त कहां है, अगर वोह नही आए तोह मैं तुम्हे आग के ऊपर भुनकर खाऊंगी।"
    तभी अंश पीछे से आकर एक ही बार में चोटी काट देता है और उस चोटी पर जादुई धागा बांध देती है और इस चुड़ैल की चोटी कटते ही वह जलकर भस्म हो जाती है।
    निक्की उस चुड़ैल की चोटी को अपने बैग में रख लेती है तभी शर्वाणी, निक्की से पूछते हुए बोलती है, "आखिर तुम इस चोटी का क्या करोगी इससे बैटर है कि तुम इसे जला दो।"
    निक्की बोलती है, "इसे जलाने से कोई फायदा नही है इससे अच्छा यह होगा इसे मै अपने पास रख लूं आगे ये हमारे शायद काम भी आ सकती है।"
    रूहान डरते हुए निक्की से बोलता है, "यह हमें कोई नुकसान तोह नही पहुचायेगी।"
    निक्की बोलती है, "नही यह हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी, इसकी चिंता तुम मत करो और आगे चलो।"
    शर्वाणी और उसके दोस्त निकल पड़ते है आगे के रास्ते।
    वोह थोड़ी दूरी चल ही पाते है कि सभी को जोर की भूख लगने लगती है तभी शर्वाणी को एक काले आम का पेड़ दिखाई देता है शर्वाणी नील से कहते हुए बोलती है, "देखो वोह रहा काले आम का पेड़ चलो वहां काले आम खाते हैं।"
    तभी सभी काले आम के पेड़ के पास जाते है और नील पेड़ो पर चढ़ने में माहिर था इसलिए वोह पेड़ पर चढ़ जाता है और काले आम तोड़कर सबसे पहले खुद ही खा लेता है। आम खाने के बाद उसके पेट में अचानक दर्द उठता है और वह पेड़ से नीचे गिरकर बेहोश हो जाता है और उसका शरीर काला पड़ जाता है।
    सभी दोस्त काफी घबरा जाते है और शर्वाणी बोलती है, "शायद यह कोई जहरीला फल है जिसको खाकर नील का शरीर काला पड़ गया है।"
    तभी वहां पर एक अघोरी बाबा आ जाते है और वोह देखते है कि नील का शरीर काला पड़ गया है वह सभी से पूछते हुए बोलते है, "क्या हुआ इस बालक को क्या इसने इस जंगल का कोई फल खाया था क्या ?"
    शर्वाणी, अघोरी बाबा से बोलती है, "हां बाबा इसने एक काला आम खाया था जिसकी वजह से यह बेहोश तथा इसका शरीर काला पड़ गया है।"
    अघोरी बाबा बोलते है, "तोह इस बालक का बच पाना मुश्किल है।"
    तभी निक्की अघोरी बाबा से बोलती है, "बाबा इसको बचने का कोई उपाय नहीं है कोई तोह उपाय जरूर होगा हमारे दोस्त को बचाने का।"
    अघोरी बाबा बोलते है, "एक उपाय है इसे बचाने का वोह है ब्रह्मकमल, जिसको लाना बहुत ही मुश्किल है।"
    शर्वाणी बोलती है, "हम अपने दोस्त को बचाने के लिए हर मुश्किल का सामना कर सकते है हम सभी अपने दोस्त को बचाने के लिए जान की कुर्बानी भी दे सकते है बस आप यह बता दीजिए ब्रह्मकमल मिलेगा कहा।"
    अघोरी बाबा बताते हुए बोलते है, "तुम्हे ब्रह्मकमल लाने के लिए पहले दलदली रास्ता पार करना होगा फिर डायनों की गुफा फिर तुम्हे पथरीली रास्ते पर मिलेगा ब्रह्मकमल।"
    शर्वाणी बोलती है, "बाबा हमे दलदली भूमि पर जाने का रास्ता बताइए।"
    अघोरी बाबा अपने बैग में से एक मानचित्र देता है और कहता हैं, "यह लो मानचित्र इस मानचित्र को संभाल कर रखना समय समय पर यह तुम्हारी मदद अपने आप करेगा।"
    शनाया, नील के पास रूक जाती है आखिर वो नील से एक तरफा प्यार जो करती थी।
    शर्वाणी और उसके तीनों दोस्त निकल जाते है ब्रह्मकमल लेने के लिए।
    मानचित्र के अनुसार शर्वाणी और दोस्त दलदली भूमि पर पहुंचते है तभी निक्की बोलती है, "हम इस दलदली भूमि को कैसे पार करेंगे।"
    तभी वहां पर एक जिन आ जाता है, और बोलता है, "मैं पार करवाऊंगा आपको यह दलदली रास्ता बस मेरी एक शर्त है पूछो पूछो बच्चो कैसी शर्त।"
    सभी एक साथ बोलते है, "कैसी शर्त।"
    जिन बोलता है, "मेरे है दो हाथ और इन्ही दो हाथों से में दो लोगो को ले जा पाऊंगा।"
    सभी चारों दोस्तों में तय हुआ कि सबसे पहले शर्वाणी और निक्की जायेगी।
    वोह जिन अपने दोनो हाथो में निक्की और शर्वाणी को उठा लेता है और जब वह आधे रास्ते में पहुंच जाता है तो जिन डरावनी आवाज में निक्की और शर्वाणी से कहता है, "अब मैं तुमको खाऊंगा मुझे भूख लगी है और तुम्हारा मांस बड़ा ही मुलायम होगा जिसका स्वाद अति स्वादिष्ट होगा, बोलो बोलो सबसे पहले मैं किसको खाऊं जल्दी जल्दी बोलो बोलो।"
    जिन के ऐसा कहते ही निक्की और शर्वाणी डर जाते और उसी समय निक्की अपने काला जादू करके जिन की आंखो में दलदल का कीचड़ आंखो में डाल देती है जिससे निक्की और शर्वाणी नीचे गिरते है और दलदल में हो रहे बरगद के पेड़ में फंस जाते है।
    शर्वाणी और निक्की के गिरते ही बरगद का पेड़ दलदल में धसने लगता है तभी निक्की अपने बैग से चुड़ैल की चोटी निकालती हैं और इस चोटी पर काला जादू करके उसे पेड़ की एक शाखा से बांध देती हैं और अपने काले जादू से बरगद के पेड़ को धसने से रोकती है।
    तभी जिन अपनी आंखे साफ करता है और अपने जादू से शर्वाणी को कैद कर लेता है लेकिन निक्की चुड़ैल की चोटी से उस जिन को बांध देती है और जिन चोटी से बंध जाने के कारण जल कर भस्म हो जाता है और शर्वाणी, जिन की कैद से आजाद हो जाती है और जिन के मरते ही दलदली भूमि हरी भरी हो जाती है।
    इस प्रकार निक्की को मदद से शर्वाणी बच जाती है, शर्वाणी, निक्की को गले लगाकर बोलती है, "आज तू न होती तो हम कभी बच नहीं पाते तू सच में ग्रेट है।"
    तभी रूहान और अंश भी वहां आ जाते है। रूहान बोलता है, "यहां से बच गए अब डायनों की गुफा से कैसे बचेंगे।"
    क्या ब्रह्मकमल शर्वाणी और उसके दोस्तो को मिल पाएगा ?
    क्या नील की जान बच पाएगी ?