यह कहानी है वेदिका की जो पैदा होते ही अपने परिवार से दूर हो गई पर जब सालों बाद अपने परिवार के पास आई तो उसे लगा कि अब उसे परिवार का प्यार मिलेगा पर उसकी खुशी इस वक्त टूट गई जब उसने देखा कि उसकी जगह पर एक दूसरी लड़की ने ले ली जो उसके परिवार वालों ने ग... यह कहानी है वेदिका की जो पैदा होते ही अपने परिवार से दूर हो गई पर जब सालों बाद अपने परिवार के पास आई तो उसे लगा कि अब उसे परिवार का प्यार मिलेगा पर उसकी खुशी इस वक्त टूट गई जब उसने देखा कि उसकी जगह पर एक दूसरी लड़की ने ले ली जो उसके परिवार वालों ने गोद ली थी वेदिका ने अपने परिवार वालों की अपने तरफ थोड़ा सा प्यार पाने की बहुत कोशिश की पर अंत में क्या हुआ जब उसे समझ में आया तब वह अपनी आखिरी सांसे गिन रही थी तब उसने सोच लिया था अगर भगवान ने उसे दूसरा मौका दिया तो वह इन सबके लिए नहीं चाहिए खुद के लिए जाएगी और उसके साथ हुई है ना इंसाफी का बदला भी लगा यह कहानी एक रिवेंज की अपने साथ हुए हर उन अन्य की जो इसके साथ हुई है अब देखना है यह है कि यह कहानी कहां तक जाए पढ़ते रहिए मेरी कहानी reborn of mysterious devil queen
वेदिका की मौत
Side Villain
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एक खंडार पड़ी फैक्ट्री में आग लगी हुई थी, पर उसके अंदर दो लोग फंसे हुए थे हम इतनी तेज थी कि कोई भी वहां से निकाल नहीं सकता वहां पर पुलिस और मीडिया और फायर ब्रिगेड की गाड़ी अभी मौजूद थी जो आग बुझाने की कोशिश कर रही थी
Media , सूत्रों से पता चला है की मशहूर बिजनेसमैन की बेटी जिनका किडनैप हुआ था वह इस फैक्ट्री के अंदर फंसे हुए हैं पर इतनी तेज है कि कोई भी उन्हें बचाने के लिए अंदर नहीं जा पा रहा है ,
वही उसे फैक्ट्री के अंदर एक लड़की जख्मी हालत में जमीन पर गिरी हुई थी , उसके सामने एक लड़की खड़ी हुई थी चारों तरफ आग लगी हुई थी पर उसे लड़की को कुछ फर्क नहीं पड़ रहा वह उसे घायल पड़ी लड़की की तरफ देखकर बोलती है देखन आज भी सबसे पहले यह लोग मुझे ही बचाएंगे
घायल पड़ी लकड़ी जो मुश्किल से अपनी आंखें खोल पा रही थी , क्यों किया तुमने ऐसा ,
तुम्हारा क्या बिगाड़ा था,
दूसरी लड़की , ओ वेदिका तुम कितनी भोली हो , और इसी भोलेपन का तो मैं फायदा उठाया अब देखो ना तुम्हारे परिवार में तुम नही तुम्हारे मां-बाप ना तुम्हारे भाई तुमसे प्यार करते हैं वह लोग सिर्फ मुझसे प्यार करते हैं
और तुमने यहां आकर सबसे बड़ी गलती की क्योंकि मैं इस परिवार की इकलौती प्र प्रिंसेस थी तो तुम्हें यहां आने की क्या जरूरत थी इसलिए मैं तुमसे नफरत करती हूं
तुम देखना चाहोगी कैसे वह लोग सबसे पहले मुझे बचाएंगे
तभी उन्हें कुछ कदमों की आवाज आने लगती है तो देखते हैं कि वहां से कुछ लोग आ रहे हैं
यह देखकर वेदिका को थोड़ी आस लगती है कि कोई तो उसे बचा ही लेगा , उन लोगों को देखकर अपनी पूरी कोशिश करके लगती है आवाज हेल्प हेल्प मुझे बचाओ , जब वह लोग पास आते हैं तो देखते हुए दिखा तो यह तो उसके दो भाई है उसे तो लग रहा था कि वह लोग उसे बचा लेंगे
, वेदिका के दोनों भाई उसे देख लेते हैं तो वेदिका अपने हाथ उठाकर बोलती है भाई मुझे बचा लीजिए मुझे बहुत चोटे आई है
वेदिका के भाई कुछ देर तो वेदिका को देखते हैं पर जैसे ही उसकी मदद करना चाहते थे तभी वहां पर एक आवाज आती है भाई मुझे बचा लीजिए मै देखो तो मेरे ऊपर कितना बड़ा पिलर गिरने वाला है
इतना सुना था कि दोनों भाई उसे दिशा में भागते हैं क्योंकि वहां पर तो उनकी जान से प्यारी उनकी बहन jo bhi
वेदिका देख रही थी कि उसकी गोद ली हुई बहन के लिए उसके सगे भाइयों ने उसे छोड़ दिया
यह देखने के बाद भी कि यहां पर कितनी ज्यादा आग लगी हुई है उसके दोनों भाई गोद ली हुई बहन के तरफ चले गए उसे बचाने के लिए
जिसे कुछ हुआ ही नहीं उसे किडनैपर्स ने तो उसे टॉर्चर किया और इ इस बहन को चोट नहीं पहुंचा सारे टॉर्चर मैं ने शाह और आखिर में मुझे क्या मिला यह सिला मिला मुझे
वह देख रही थी कि कैसे उसके दोनों भाई उसकी गोद ली हुई बहन को लेकर जा रहे थे और उसको यहां करने की हालत में में छोड़कर
पर उसके अंदर अभी भी एक आज थी कि वह उसकी उनकी सगी बहन है तो वह लोग उसे जरूर बचाएंगे
, भाई मेरी मदद तो कीजिए देखो ना यहां पर कितनी अगा लगी हुई है
उसके दोनों भाई एक नजर उसको देखते हैं और बोलते हैं , रेवा को तुमसे ज्यादा चोट लगी है उसे अस्पताल पहुंचाना सबसे ज्यादा जरूरी है
, वेदिका शोक में थी , रेवा को चोट लगी है पर कहां वह तो सही सलामत है बस उसके पैर में हल्की से खरोचे तो आई है और वह क्या उसका पूरा शरीर जख्मी है और तो वह बड़ी मुश्किल से कुछ बोल पा रही है , उन लोगों को उसकी जख्म नहीं दिखे और और रीवा के सिर्फ मामूली से चोट उनके लिए बहुत बड़ी चोट है ,
पर वह कुछ तो नहीं कर सकती थी ना वह तो बस देख रही थी कैसे उसके दोनों भाई रेवा को इस आग से बजाते हुए बाहर लेकर जा रहे थे जा रहे थे , जहां कुछ देर पहले उसकी आंखों में एक उम्मीद थी कि वह यहां से जिंदा बच सकती है अब उसकी जगह उसकी आंखों में एक खालीपन ने ले लिया था ,
जैसे ही वह लोग बाहर पहुंचे वह आग लगी हुई फैक्ट्री अपने आप ही नीचे गिर गई और सब कुछ तबाह हो गया उसे आग में वेदिका भी दब कर रह गई और वहीं पर उसकी कहानी खत्म हो गई
तभी हम देखते हैं कि वेदिका के शरीर से एक सफेद रोशनी निकलती है , थोड़ी देर में वह एक लड़की का रूप ले लेती है , उसे लड़की ने पूरे के पूरे सफेद कपड़े पहने हुए थे , वह लड़की नीचे पड़ी वेदिका की लाश को देख रही थी जो इस आग में जलकर उसका शरीर पूरा का पूरा कला हो चुका था
(आप लोग समझ गए होंगे यह वेदिका की आत्मा है ,)
उसके पेट में एक बहुत बड़ी लोहे की रोड फांसी हुई थी ,
वेदिका की आत्मा बस एक तक अपनी शरीर को देख रही थी , तभी यह क्या वेदिका की आत्मा अचानक से कहीं और पहुंच गई , तो देखी है यह तो उसका घर था , वहां पर देख रही थी कि कैसे उसकी गोद ली गई बहन रीवा का उसके परिवार वाले बहुत अच्छे से ध्यान रख रहे थे ,
तभी वहां से पर किसी का फोन बचता है तो वेदिका की आत्मा देखी है यह तो उसके पापा का फोन है , वेदिका के पापा फोन उठाते हैं तो उधर से कुछ कहा जाता है तो वह धम से सोफे पर बैठ जाते हैं , सारे परिवार वाले उनसे उन्हें देखने लगते हैं , तो वेदिका के पापा बोलते हैं ,वेदिका को बचाया नहीं गया उसकी मौत हो गई , यह सुनकर सब लोग शौक जरूर हुए थे पर किसी की आंखों से एक बूंद आंसू भी नहीं आया ,
वही रेवा अपना रोना शुरू कर देती है , मुझे बचाना ही नहीं चाहिए था अगर आप लोग वेदिका को बचा लेते तो वह हम सबके बीच होती मेरा क्या है मैं उसे आग में जलकर मर भी जाती तो मुझे कोई अफसोस नहीं होता कम से कम मै खुश तो होती कि मेरी बहन बच जाती थी
यह कहकर वह रोने लगती है , वेदिका की की मां रेवा को रोता देख उसे चुप करती है , चुप हो जा मेरी बच्ची तुझे बुरा महसूस करने की जरूरत नहीं है शायद से उसे लड़की की जिंदगी यही तक थी इसलिए उसकी मौत हो गई इसमें तो हम कुछ नहीं कर सकते यह तो भगवान की मर्जी है ना ,
पर अचानक से तेज आवाज आती है तो सब लोग उसे समय देखते हैं तो वहां पर , उनके बड़े भाई खड़े हुए थे अपने परिवार के साथ , और यह आवाज कि उनके बड़े भाई की पत्नी के नीचे गिरने की , वह बस एक ही चीज बड़बड़ा रही थी वेदिका वेदिका नहीं रही वेदिका मार कैसे सकती है नहीं मेरी बच्ची मुझे छोड़कर नहीं जा सकती वह औरत अपने पति की तरफ देखकर बोलते हैं आप इसे कहिए ना कि ऐसा गंदा मजाक ना करें वेदिका की मां उसे औरत को संभालने के लिए जाती और बोलती जीजी अपने आप को संभाली है वह लड़की अब इस दुनिया में नहीं रही , इतना सुनने था कि वह औरत वेदिका की मां को एक जोरदार थप्पड़ मारती है ,
अरे कैसी मा हो तुम तुम्हारी अपनी सगी बेटी मर गई है और तुम्हारी आंखों से एक बूंद आंसू भी नही रो नहीं तुम और कैसे तुम अपनी कचरा जैसी बेटी को संभाल रही हो तुम्हें अफ़सोस भी नहीं है कि तुम्हारी खुद की बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही
अरे जब हमारा दुश्मनी मरता है तो हम उनके दुख में शामिल होने के लिए दो-चार आंसू बहा देते हैं पर तुम तो अपनी सगी बेटी की मौत पर ऐसे रिएक्ट कर रही हो कि कुछ हुआ ही नहीं अरे कम से कम झूठे आंसू तो बह लेती ,
वही यह सब चीज वेदिका की आत्मा देख रही थी अचानक से scene फिर से बदलता है , तो वह देखी है कि उसका जला हुआ शरीर एक सफेद कपड़े में लिपटा हुआ था वहां पर कुछ लोग बैठे हुए थे , जो उसके अंतिम संस्कार में आए हुए थे , पर यह क्या उसके खुद के सगे मां-बाप और भाई बहन ऐसे खड़े हुए थे जैसे कि वह उसे जानते तक भी नहीं
पर उसके बड़े पापा बड़ी मां और उनके दो बेटे , तो बस के शरीर को देख रहे थे ऐसा लग रह कि उनकी जिंदगी अब यही पर रुक गई है ,
वेदिका की आत्मा यह सब देखकर रोने लगती है , मैं कितनी गलत थी मैं पागल थी जो इन लोगों के लिए ना जाने मैं क्या-क्या नहीं किया पर इन लोगों को तो मेरी मौत का जरा सा भी अफसोस नहीं है , देखो तो ऐसे खड़े हुए कि जैसे किसी तमाशा में आए हुए हैं इनके लिए मैंने अपनी जिंदगी के इतने साल और अपने सपनों को इन लोगों के लिए बर्बाद कर दिए
भगवान बिना मुझसे क्या खेल खेल रहे हैं मुझे यह सब दिख रहे कि मैं मरने के बाद भी चैन से ना रह पाऊं ,
तभी वह देखी है कि दरवाजे से कुछ लोग आ रहे हैं उन लोगों को देखकर उसकी रोती हुई आत्मा भी बड़ी खुश हो गई , बड़े समय बाद आप लोगों को दिखा पर आप लोगों को मैं छू नहीं सकती
वह लोग जल्दी से वेदिका के शरीर के पास पहुंचते हैं , वेदिका वेदिका को देख कर तो उन लोगों का भी हाल बुरा हो गया , तभी उनमें से ए एक बुजुर्ग बोलता है वेदिका को लेकर यहां से चलो
इतना किया नहीं था कि उनके साथ लोग वेदिका को एक खूबसूरत से अथी पर लेट आते हैं ,
इन लोगों को देखकर तो वहां मौजूद लोग परेशान थे कि यह लोग आखिर है तो है कौन पर वेदिका के शरीर को ले जाता दे वेदिका के दादाजी जो चुपचाप बैठे हुए थे जल्दी से उन लोगों के पास आते हैं और बोलते हैं कहां लेकर जा रहे हो मेरी पोती को ,
वही बुजुर्ग आदमी बोलता है , वहीं जहां पर उसे खुशी मिलेगी हमने तुम लोगों के पास अपनी फूल से बच्चे को भेजा था पर तुम लोगों ने हमारे पास हमारी बच्ची की क्या हालत करके भेज रहे हो तुम लोग , अगर मेरे बस में होता तो मैं अपनी बच्ची को यहां कभी नहीं भेजता
, वेदिका के दादाजी , वेदिका का शरीर यही रखो तुम लोग होते कौन है उसे लेकर जाने वाले , इतना बोलना ही था कि वेदिका के बड़े पापा के परिवार खड़े होते हैं और वेदिका के बड़े पापा बोलते हैं यह लोग है वेदिका के असली परिवार जो उसके मौत पर सच में दुखी है नई इन लोगों की तरह चुपचाप खड़े होकर बस तमाशा देख रहे हैं ,
अरे इन लोगों को तो शर्म आनी चाहिए कि आज वेदिका का अंतिम संस्कार का दिन है कम से कम दो बूंद झूठे आंसू तो बहा देते पर देखो ना कैसे अपनी कचरे से उठे भी बेटी का ख्याल रख रहे हैं ,
यह सच भी था यहां पर किसी की लाश पड़ी हुई है पर वहां पर वेदिक के तीनों भाई तो रीवा के खातेदारी में लगे पड़े हुए हैं कि उसकी लाडली बहन को कुछ चाहिए तो नहीं
सबको अपनी तरफ देखता पाकर रीवा फिर से मासूम बनने की नाटक करते हुए बोलती है , मुझे भी चोट आई टीटो डॉक्टर ने मुझे दवाई दी थी अभी मेरा दवाई खाने का टाइम है इसलिए मैं दवाई लेने से पहले खाना खा रही हूं क्या इसमें गलत है क्या
, वेदिका की बड़ी मां जो वेदिका की मौत का सातवां बर्दाश्त नहीं कर पाए वह बस बेजान पुतले की तरह खड़ी हुई थी अचानक होश में आई , क्या कहा तुम्हें चोट लगी थी कहां पर है बताओ मुझे तो तुम्हारे सिर पर एक भी खरोच की निशानी लग रहे पर मेरी बच्ची का देखा तुमने शरीर पूरी जगह चोटों से भरी पड़ी हुई थी किडनैप तुम दोनों का हुआ था पर जख्म मेरे बच्चे के शरीर पर कैसे ऊपर वहां मौजूद किसी के पास इस सवाल का जवाब नहीं था
जो लोग वेदिका के शरीर को लेने आए थे वह लोग इस्तेमाल से एक नजर जरूर देखे जरूर है पर बोलते हैं हम अपने बच्चों का अंतिम संस्कार इन पापियों के घर में नहीं करेंगे हम अपनी बच्ची को अपने घर लेकर जा रहे हैं जहां पर सब लोग उस सच में प्यार करते हैं
वह लोग लेकर जा ही रहे थे तभी वेदिका के बड़े पापा बोलते हैं क्या हम भी अपने बच्चे की आ आखरी क्रिया क्रम में चल सकते हैं क्योंकि अब मैं यहां पर वापस नहीं आना चाहता
वेदिका के दादाजी क्या कह रहे हो तुम , वेदिका के बड़े पापा तो गलत क्या कहा पापा जी अपने वेदिका को यहां लाकर ही गलती की वह जहां थी वहीं खुश थी पर आपको तो यह लग रहा था हमारे घर की बच्ची किसी और के यहां पड़े यह तो उनके पास शर्म की बात है
और क्या-क्या ख थे वेदिक को कि हम उसे कुछ भी तकलीफ नहीं देंगे पर जब से मेरी बच्ची इस घर में आई उसे तो बस तकलीफ ही तकलीफ मिली आप तो बाद खून खून करते थे ना तो एक कचरे के लिए अपने खुद के खून के साथ ही ऐसा होते हुए कैसे देख लिया
उसके साथ क्या जाति होती थी आप देखते थे ना , उसके साथ क्या जाति होती थी आप लोग देखे थ मेरे साफ-साफ कहा था ना कि वेदिका को हमें दे दीजिए हम उसका बहुत अच्छा सा ध्यान रख लेंगे पर आपका क्या कहना था यह वेदिका का परिवार है वह लोग वेदिका का ध्यान रख लेंगे
तो देखी क्या ध्यान रखा इन लोगों ने तो मेरी बच्ची को मार डाला और मैं अब एक खूनी परिवार के साथ नहीं रह सकता इसलिए आज से अभी से मेरा आप लोगों से किसी भी तरह का रिश्ता नहीं है मैं अपने परिवार को लेकर यहां से हमेशा के लिए जा रहा हूं अब रही अपने इस कचरे जैसे परिवार के साथ
यह कहकर वेदिका के शरीर को लेकर वहां से चले जाते हैं ,
फिर से जग बदलता है तो वेदिका देखी है कि , उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा है , सब लोग उसे ज्यादा को वह सबको रोना आ रहा था
वही वेदिका की आत्मा देख रही थी कि सब लोग जो उसके अपने थे जो सच में उससे प्यार करते थे उसके जाने से सच में दुखी थे , वेदिका की आत्मा रोते हुए सब कुछ देख रही थी आखिर में उसे अग्नि के हवाले कर दिया जाता है
, वह यह देखकर खुश थी कि उसका अंतिम संस्कार उसके चरणों वालों ने किया किसी झूठे लोगों ने नहीं किया वरना उसकी आत्मा बड़ी तकलीफ में रहती ,
वेदिका की आत्मा , मुझे खुशी है मेरा अंतिम संस्कार मेरे सच में चाहने वालों ने किया अब मैं खुशी-खुशी सुकून से रह सकती हूं ,
यह कहने के साथी उसकी आत्मा हवा में कहीं गायब हो जाती है
वही वेदिका की आत्मा वहां से हवा में कहीं गायब हो जाती है
अचानक से एक खूबसूरत सा नजारा देखने को मिलता है ,
खूबसूरत से फूल पौधे जिम एक अलग से ही चमक थी और वहां पर रंग बिरंगी तितलियां और न जाने अनेक पंछी उड़ रहे थे वहां पर एक सुंदर सा तालाब था जिसमें बहुत सारे हंस थे
क्योंकि यह एक स्वर्ग है( स्वर्ग कैसा होता है मुझे नहीं मालूम यह तो मेरी इमेजिन है तो प्लीज इसे माइंड मत करना)
उसे स्वर्ग से दो लोग एक आदमी एक औरत पृथ्वी पर देख रहे थे , आदमी( फरिश्ता) , औरत( परी) ,
परी फरिश्ते की तरफ देखकर बोलती है , , इस कन्या के साथ बहुत बुरा हुआ , Farishta यह तो है कि इस कहिए के साथ बुरा हुआ पर इसके भाग्य में तो यह पहले से ही लिखा था क्योंकि यह कर्म है क्योंकि इस कन्या के असली माता-पिता ने बहुत से लोगों को दुख पहुंचा थे जिस वजह से इस कन्या के भाग्य में दुख अपने आप ही लिखा गया था
परी पर , इस कन्या का क्या कसूर बचपन में पैदा होते ही अपने परिवार से दूर हो गई सालों बाद मिली तभी इसकी जिंदगी दुखों से भरी थी ,
फरिश्ते , पर संसार का तो यही रीत है ना सुख से पहले दुखों का सामना करना पड़ता है तभी तो हमें सुख की प्राप्ति होती है
परी , पर अब तो इस कन्या का जीवन तो समाप्त हो गया ना
, नहीं अभी तो इस कन्या के जीवन में बहुत कुछ होना बाकी है इस कन्या का जीवन का अंत नहीं यह तो इस कन्या के जीवन की नई शुरुआत है ,
परी , हम कुछ समझ नहीं
फरिश्ते , हम समझने वाले कौन होते हैं यह तो प्रभु की लीला है
परी , मतलब क्या है आपका
Farishta , मतलब तो यही है कि यह कन्या कोई मामूली कन्या नहीं है एक दिव्या कन्या है जिसका जन्म बड़े उद्देश्य के लिए हुआ था पर वह अभी पूरा नहीं हुआ है पर उन्हें यह उद्देश्य पूरा करना ही है इस वजह से भगवान ने इन्हें एक और मौका दिया है पर इस मौके को यह व्यर्थ ना करें हमें इस कन्या की सहायता करनी है ,
परी , अगर यह वही दिव्य कन कन्या है तो हम जरूर इसकी सहायता करेंगे
यह कहकर दोनों वापस पृथ्वी की तरफ देखने लगते हैं
एक छोटे से कमरे में एक छोटी सी लड़की एक छोटे से बेड पर लेटी हुई थी उसे कमरे में बहुत अंधेरा था रोशनी के नाम पर तो बाहर से आ रही चांद की रोशनी थी बस ,
उसे रोशनी में हम देख सकते हैं कि उसे बेड पर लेटी लड़क लड़की का शरीर पूरी तरह से पसीने में भीगा हुआ था
वह लड़की अपने आप में ही बड़बड़ा रही थी , नहीं मुझे बचलो लो मुझे इस आग से बचा लो मुझे मरना नहीं है मुझे भी बचा लो मुझे भी अपने साथ लेकर चलो
तभी एक तेज आवाज के साथ उसे लड़की की आंख खुलती है वह लड़की बहुत भयंकर तरीके से हाफ रही थी उसका पूरा शरीर पसीने से भिनगा हुआ था
, वह लड़की चार तरफ देखती है तो कहती है मैं कहां हूं यह कौन सी जगह है मैं तो मर गई थी ना क्या वह सपना था इतना भयंकर सपना पर ऐसा लग रहा था मैं उसे सपने को महसूस किया है ऐसा लग रह कि मैं उसे सपने को जी चुकी हूं ,
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा क्या यह मेरा भविष्य है यह सच में एक भयानक सपना था
तभी उसे लड़की की नजर सामने लगे छोटे से टूटे-फूटे शीशे पर जाती है ,
वह लड़की भाग कर उसे शीशे की तरफ जाती है , यह चेहरा इतना बदल कैसा गया ,
मैं कहां हूं यह मेरा चेहरा नहीं था मैं ऐसे बिल्कुल नहीं थी
ऐसा चेहरा तो सालों पहले रहता था मेरा , तभी वह अपने आप को ध्यान से देखती है तो पार्टी है वह सिर्फ 10 साल की बच्ची थी
, मैं 10 मैं छोटी कैसे हो गई मेरी उम्र तो 22 23 साल की थी ना , इतना कहना था कि उसके कैलेंडर पर नजर पड़ती है तो
तो कैलेंडर देखकर शॉक हो जाती है क्योंकि कैलेंडर पर 2025 लिखा हुआ था
ऐसा क्या हो सकता है मेरी मौत तो 2038 मैं हो गई थी ना
1 मिनट यह कमरा तो वही है जहां मैं रहती थी
वही छोटा सा कैमरा जब मैं इस परिवार में आई थी पर कुछ सालों बाद मैंने यह कमरा छोड़कर बाहर रेंट पर एक छोटा सा कमरा ले लिया था
मतलब कि भगवान है मुझे फिर से मौका दिया है अपने साथ हर उसे अन्य का बदला लेने का मतलब कि वह सपना नहीं वह सच था अगर सच है तो बच के रहना तुम सब लोग खासकर मेरी बहन तुमने मेरे साथ हर बार गलत किया
और मेरी नाम का परिवार देखना मैं तुम्हें कैसे खून के आंसू न ना रुलाया तो मेरा नाम वेदिका नहीं ,
वेदिका कैलेंडर पर टाइम देखी है तो आज 15 मार्च 2025 का मतलब कि उसे इस परिवार में आए हुए 1 साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है ,
पर इन लोगों ने इसे अभी तक अपनाया नहीं और वह पागलों की तरह इन लोगों की प्यार के लिए क्या-क्या करती थी
उनके लिए खाना बनाना उनके कपड़े धोना यहां तक कि उनके गंदे जूते तक भी साफ करके रखती थी , पर इन लोगों को उसे पर बिल्कुल भी तरस नहीं आया पर यह लोग इसे एक कचरे की तरह दिखते थ
अब होगा मेरे बदले की शुरुआत मेरे इंतकाम की शुरुआत पर उससे पहल मुझे अपने आप को मजबूत बनाना होगा दुनिया की सबसे ताकतवर लड़की बनना होग इसके आगे कोई नहीं देख पाए ऐसी शख्सियत बना होगा
फिर होगा इन लोगों की बर्बादी की शुरुआत ,
इसकी शुरुआत तो मैं आज ही से करूंगी
वेदिका बाहर गहरे अंधेरे को देखते हैं क्योंकि आधी रात हो चुकी थी सभी लोग सो रहे थे ,
बाहर बहुत ज्यादा सन्नाटा था पर वेदिका के अंदर तो एक अलग ही तरह की तूफान चल रही थी
वेदिका बाहर की तरफ देख रही थी तभी वहां पर एक आवाज आई , तो तुम्हें पता चल गया
कौन है और किसकी आवाज़ है जो वेदिका के पास आया था प्लीज मेरी इस कहानी को ढेर सारा प्यार दीजिए और मुझे बहुत सारा सपोर्ट की जरूरत है और जो लोग मेरी यह कहानी पढ़ रहे हैं मैं उनको बता दूं
तो चलिए शुरू करते हैं कहानी को
वही वेदिका बाहर अंधेरे को देख रही थी तभी उसको कुछ आवाज आती तो पीछे मुड़कर देखती है तो
उसके सामने एक बूढ़ा आदमी खड़ा हुआ था जिसने ऊपर से नीचे तक सफेद कपड़े पहने हुए थे यहां तक की उसके दाढ़ी और मुझे भी सफेद ही थी उसके हाथ में एक लाठी थी पर उसके आसपास एक शांति एक सुकून भरी रोशनी थी
वेदिका तो उसे बूढ़े आदमी को देखकर हैरान हो गई थी कि आखिर यह है तो है कौन
,
वेदिका आप कौन हैं और मेरे कमरे में क्या कर रहे हैं , बूढ़ा आदमी में कौन हूं मैं वह हूं जिसने तुम्हें बचाया जिसने तुम्हें वापस से जिंदा किया तुम्हें एक और मौका दिया
वेदिका मतलब कि आपने मुझे वापस से जिंदा किया , जिंदा तो मैं तुम्हें किया पर अपनी मर्जी से नहीं किसी और की मर्जी से
, वेदिका मतलब किसने मुझे जिंदा करने के लिए आपको बोला
, बूढ़ा आदमी ,तुम्हें तो सब कुछ जानने की कुछ ज्यादा ही जल्दी है
बूढ़ा आदमी तुम सबसे पहले मेरे बारे में जान लो , मैं हूं द एक देवदूत
, जो तुम्हें तुम्हारा कर्तव्य बताने आया है तुम्हें फिर से यह जिंदगी सिर्फ तुम्हारे लिए नहीं इस संसार को बचाने के लिए दिया गया है
वेदिका कंफ्यूज भरी नजरों से उसे देवदूत को देख रही थी , वही देवदूत वेदिका के अंदर उठे सवालों को अच्छे से समझ रहा था, तुम्हें तुम्हारे सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे पर उससे पहले तुम्हें यहां से मौजूद 50 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर बहुत पुराना मंदिर है वह मंदिर है शिव और पार्वती का तुम्हें वहां पहुंचना होगा पर ध्यान रहे तुम्हारा रास्ता आसान नहीं होगा तुम्हारी हर रास्ते में एक कठिनाई खड़ी रहेगी अगर तुम उन कठिनाइयों को पर कर मंदिर में पहुंच जाओग
तो तुम्हें तुम्हारे सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे
अगर तुम इस कार्य में सफल नहीं हुई तो तुम्हारी मृत्यु इस वक्त हो जाएगी और तुमसे यह जीवन छीन लिया जाएगा
पर ध्यान रहे वहां पर तुम्हें अपने जीवन का असली सत्य पता चलेगा
जल्दी करो तुम्हें वहां पर सुबह होने से पहले पहुंचना होगा यह कहकर साथ खुद देवदूत वहां से चला जाता है
, वेदिका क्या है मेरी जिंदगी का सत्य क्यों मिला मुझे यह जिंदगी , क्या यह जिंदगी मुझे अपने दुख को खत्म करने के लिए नहीं दिया
अब तो मुझे वहां पहुंचना ही होगा
मेरा जिंदगी का सत्य क्या है ,
इतना कहने के साथी वेदिका उसे छोटे से कमरे से निकाल कर अपनी मंजिल की तरफ अपना कदम बढ़ा लेती है
वेदिका को चलते-चलते बहुत देर हो गई थी उ उसने अपना आधा रास्ता पार कर लिया अब वेदिका के चेहरे पर थकान नजर आ रही थी पर वह रुकने का नाम नहीं ले रही थी क्योंकि सुबह होने में ज्यादा समय नहीं बचा था
वही वेदिका जब थोड़े दूर आगे जाती है तो ऐसा लगता है कि कोई उसके आसपास है अचानक से हवाएं बहुत तेज चलने लगती है
अचानक से वहां पर बहुत डरावनी डरावनी से आवाज आने लगती हैं , तुम इससे आगे नहीं जा सकती वेदिका हम तुम्हें इससे आगे नहीं जाने देंगे लौट जाओ यहां से अगर तुमने एक कदम भी बढ़ाया तो हम तुम्हारी जान ले लेंगे ,
वेदिका उसे आवाज की तरफ देखकर बोलती है , कौन हो तुम और तुम मुझे आग जाने से क्यों रोक रहे हो और बात रही मुझे जान से मारने की मैं तो पहले ही मर चुकी हूं तो और क्या मारोगे तो मुझे
इतना कहकर वेदिका अपने आगे के कदम बढ़ाती है जैसे ही वह थोड़ा और आगे चलती है उसके सामने कुछ काली परछाइयां आने लगती है , और डरावनी आवाज में बोल रहे थे हम तुम्हें वहां पहुंचने नहीं देंगे
वेदिका मैं वहां पहुंच कर ही रहूंगी हिम्मत है तो मुझे रोक के दिखाओ ,
वही वह परछाई देखा जब देखने की वेदिका वापस नहीं जाने वाली तो वह अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करती हैं जिस वजह से वेदिका अपनी जगह से थोड़ी दूर जाकर गिरती है और उसके हाथों पैरों में चोटे भी आ जाती हैं , वह कालि परछाई वेदिका की तरफ देखकर बोलते हैं अभी भी वक्त है वापस चले जाओ वरना तुम्हारी जान चली जाएगी
अब तो वेदिका को गुस्सा आ रहा था अचानक से वह अपनी आंखें बंद करती है और तेज आवाज के साथ कहाती है तुम लोगों के अंदर इतनी हिम्मत कि तुम मुझे वहां जाने से रोक सको
अचानक से वह अपनी आंखें खोलता है यह क्या उसकी आंखें तो , दो अलग रंगों में बट गई , एक आंख का रंग काला , जबकि दूसरे आंख में पांच अलग-अलग रंगों की आंखें थी
वेदिका की आंखें देख कर वह मौजू वह कई परछाइयां डर जाते हैं ,
तुम्हारी आंखों का रंग कैसे बदल गया तुम कौन हो क्या तुम वही देव कन्या हो जिसकी भविष्यवाणी सालों पहले की गई थी
अब तो हमें तुम्हें मारना ही होगा क्योंकि तुम हमारा कल हो , यह कहकर वह अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके आंखों का गोला बनाते हैं पर यह क्या वह 🔥 का गोला वेदिका तक पहुंच पाती अचानक वहां पर बारिश शुरू हो गई
जिस वजह से वह आग का गोला अपने आप ही बूछ जाता है , जैसे ही वह कई परछाइयां देखते हैं कि उनका वर बेकार चला गया तो वह तीनों मिलकर एक साथ वेदिका पर हमला करते हैं पर यह क्या अचानक से वेदिका के शरीर से एक सुनहरी रोशनी निकलती है और उसे रोशनी से एक पंछी निकलता है वह पंछी इतना बड़ा था कि उसके सामने वह तीनों परछाई चीटियों के बराबर नजर आ रही थी
वह पंछी एक तेज आवाज के साथ उन तीनों परछाइयां पर टूट पड़ता है थोड़े समय बाद वह तीनों काली परछाइयां वहां पर मौजूद नहीं थी
और वह सुनहरा पंछी वापस से वेदिका के शरीर में चला जाता है
और वेदिका के शरीर में जाते ही बेटी का के शरीर में
जाते ही वेदिका का शरीर पर जो लगी चोटे थी वह अपना भी ठीक हो जाती है
फिर क्या वेदिका अपने रास्ते पर चल पड़ती है क्योंकि सुबह होने में ज्यादा समय बाकी नहीं रह गया
यह क्या था आखिर वेदिका की असली पहचान है क्या जानने के लिए मेरे साथ बनते रहिए इस स्टोरी पर
और इस चैप्टर में ढेर सारा आप सभी का प्यार चाहिए तो प्लीज कमेंट लाइक कर स्टोरी अच्छी लग रही है तो रेटिंग जरूर दीजिएगा
सॉरी सॉरी कल चैप्टर नहीं दे पाई कल थोड़ी बिजी थी
अब आते हैं चैप्टर पर ,
पिछले चैप्टर में था हमने पढ़ा है था कि वेदिका को उसे मंदिर तक पहुंचाने के लिए वह अपने सफ़र पर निकल चुकी थी पर रास्ते में उसे रोकने के लिए तीन काली परछाइयां आती है जो उसे पर हमला कर देती है पर वेदिका के अंदर से एक अलग तरह की शक्ति निकलती है जो उन तीनों कार्य शक्तियों का नाश कर देती है
Ab aage
उन तीनों काली परछाइयां को हर आने के बाद वेदिका अपने सफ़र में आगे पड़ती है क्योंकि सुबह होने से पहले पहले उसे उसे मंदिर तक पहुंचना होगा क्योंकि सुबह होने में ज्यादा समय नहीं बचा है बस कुछ घंटे की ही यह रात थी
वह थोड़ा और आगे जाती है तभी अचानक से यह क्या बेल टाइप की जड़े वेदिका को अपने अंदर जकड़न लगती है ,
जिससे वेदिका का दाम घुटने लगता है ,
अचानक वहां पर तेज हवाएं चलती है , तुम यहां से आगे नहीं जा सकती अगर तुम्हें आगे जाना है तो हमारे सवालों के जवाब दो वरना यहां से वापस चले जाओ अगर आगे जाने की कोशिश की तो मौत से सामना होगा
वेदिका मैं मौत से नहीं डरती उसका सामना करके ही मैं आई हूं , मुझे बस अपने सवालों के जवाब चाहिए कि मेरा अस्तित्व क्या है उस्तक पहुंचने के लिए कोई भी मुझे नहीं रोक सकता चाहिए ब्राह्मण मेरे रस्ते में क्यों ना आ जाए
यह तो फिर भी तुम्हारे कुछ सवाल है पूछो तुम्हारे सवाल मैं जवाब देने के लिए तैयार हूं ,
तो तुम इस परीक्षा के लिए तैयार हो तो ठीक है मेरी कुछ पहेलियों का जवाब दो अगर तुमने सही उत्तर दिया तो तुम अपनी मंजिल की तरफ आगे जा सकती हो
वरना यह बेल तुम्हारे शरीर को और तेजी से जगड़ते जाएंगे
ठीक है मेरी पहली Sawal ,
उगता नहीं , पर ढलता हूं , पैर नहीं , पर चलता हूं
चलो मेरी इस पहेली का जवाब दो
( वैसे आप लोग भी इस पहेली का जवाब दीजिएगा)
वही वेदिका , उगता नहीं हूं पर ढलता हूं पैर नहीं है पर चलता हूं , ऐसी कौन सी चीज है सोच वेदिका सोच यह तेरी जिंदगी का सवाल है ,
तुम्हारा समय शुरू हो चुका है , तुम्हारे पास सबसे ज्यादा वक्त नहीं है वेदिका जल्द से जल्द हमारा सवालों का जवाब दो वरना हार मानकर वापस चले जाओ
वेदिका तेजी से चलती है मैं यहां से वापस नहीं जाऊंगी जब तक मेरे सवालों के जवाब नहीं मिल जाता
तो ठीक है हम तुम्हारे जवाब का इंतजार कर रहे हैं , पहले की जड़ करने से वेदिका को बहुत दर्द हो रहा था पर अचानक वेदिका के जब से एक सिक्का नीचे गिरता है वह दिखाओ उसे सिक्के को देखते हैं और पहली दोहराती है वह उगता नही ं पर ढलता हूं पैर नहीं पर चलता हूं मिल गया जवाब
वेदिका मुझे मिल गया जवाब इसका जवाब है सिक्का क्योंकि वह उठ नहीं सकता हम उसे डालकर बनाते हैं उसके पैर नहीं होते पर उसके आकार के वजह से वह चल सकता है
अनजान आवाज , सही जवाब अब दूसरा सवाल
ना किसी से झगड़ा ना किसी से लड़ाई फिर भी मेरी होती है पिटाई
बताओ मैं कौन
वेदिका , ना किसी से झगड़ा ना किसी से लड़ाई फिर भी हो मेरी होती पिटाई कौन है यह चीज
वेदिका हां याद आया ढोल , Anjan आवाज कैसे , वेदिका ढोल ऐसा चीज है जिसको हम पीट कर बजाते हैं चाहे हमारे घर में किसी भी तरह का त त्यौहार हो शादी हो या किसी भी तरह का फंक्शन हम ढोल का इस्तेमाल करते हैं
अनजान आदमी सही जवाब अब तीसरा सवाल ,
ना ही मैं कुछ खाता हूं ना ही मैं कुछ पीता हूं फिर भी मैं सभी के घरों की रखवाली करता हूं बताओ क्या ,
वेदिका यह तो बहुत ही आसान सवाल है , ताला
अनजान आदमी तुम बहुत होशियार हो इसलिए मैं तुम्हारा दर्द थोड़ा काम कर देता हूं यह बोलकर उन बैलों को वेदिका के शरीर से हटा देता है ,
अब अगला सवाल इसका जवाब जल्दी देना क्योंकि तुम्हारे पास समय नहीं है वेदिका ,
वेदिका मैं तैयार हूं ,
आवाज , चार है रनिया और एक है राजा , हर एक काम है उनका साझा ,
बताओ मैं क्या
, वेदिका पहले का आंसर सोचने लगती क्योंकि उसके पास बिल्कुल भी समय नहीं था , सोचते सोचते उसकी नजर अपने हाथों में जाती है
वह चार उंगलियों को देखती चार रानिया , एक राजा यानी कि अंगूठा
हर हर काम साथ में मिलकर करते हैं
वेदिका , मिल गया जवाब हाथों की उंगलियों और अंगूठा
अनजान आदमी मैंने सही सोचा था तुम बहुत समझदार हो आज तक मेरी एक पहेली भी किसी ने नहीं सुलझा पाए पर तुमने तो चार सुलझा दी अब आते हैं आखरी सवाल पर
इसका जवाब दे दिया तो तुम अपने मंजिल की तरफ जा सकती हो ,
तीन अक्षरों का मेरा नाम उल्टा सीधा एक ही नाम बताओ मैं क्या ,
वेदिका तीन अक्षरों का मेरा नाम उल्टा भी एक ही नाम आएगा सीधा फिर से भी एक ही नाम आएगा क्या आएगा क्या आएगा
तभी वेदिका की नजर पास मौजूद एक झील पर जाती है उसे झील के अंदर खिलौने वाली बोर्ड थी
उसे बोर्ड को देखते ही वेदिका को शेयर तक तो उसको देखते हैं फिर अचानक उसके दिमाग में पहली का जवाब आ जाता है
वेदिका मिल गया मुझे जवाब जहाज हम सीधा भी बोलेंगे तो जहाज ही आएगा और उल्टा भी बोलेंगे तो जहाज आएगा
तभी वहां पर एक रोशनी होती है उसे रोशनी से एक आदमी निकलता है , वह आदमी बहुत ही हैंडसम जवान आदमी था उसने सफेद कोट पैंट पहना हुआ था , वह आदमी अपने आप को देखने लगता है , शुक्रिया वेदिका तुमने मुझे आजाद कर दिया इ इस श्राप से
मैं सालों से यहां पर फंसा हुआ था मुझे श्राप दिया गया था कि जब तक तुम्हारे पांच पहेलियां का सही जवाब नहीं दे देता कोई तब तक तुम इस श्राप से आजाद नहीं हो पाओगे कितने लोग आए पर किसी ने भी एक भी जवाब नहीं दिया पर आज तुमने सारे जवाब देकर मुझे आजाद करवा दिया
तुम्हारा मैं शुक्रिया कैसा करूं कितने साल से मैं यहां पर था
Vedika शुक्रिया कहने की कोई जरूरत नहीं है मुझे खुशी है कि मैं आपको श्राप से आजाद कर पाई पर क्या मैं जा सकती हूं क्योंकि मेरे पास समय नहीं है
आदमी हां हां क्यों नहीं रुको मैं तुम्हारी मदद कर देता हूं
आदमी अपने हाथों से कुछ करता है तभी वहां पर एक बहुत बड़ा बाज आ जाता है , तुम्हारी मंजिल तक पहुंचाने के लिए यह बाज तुम्हारी मदद करेगा डरो मत यह तुम्हें कुछ नहीं करेगा
जल्दी जाओ और बैठ जाओ तुम्हारे पास समय नहीं है ,
वेदिका जल्दी से उसे पांच के ऊपर बैठ जाती है और उसे आदमी की तरफ देखकर शुक्रिया बोलकर वहां से चली जाती है
वह आदमी वेदिका की तरफ देखकर बोलता है उम्मीद करता हूं तुम्हें तुम्हारी पहचान पता चल जाए यह कहकर वह वहां से कहीं गायब हो जाता है
कैसा लगा आज का चैप्टर जरूर बताना और मेरी यह पहेलियां कैसी लगी यह भी बताना