यह कहानी हैं अरमान और वेदिका की। अरमान मुंबई का एक जाना-माना बिजनसमेन है। दुनिया उसे उसके नाम और रुतबे से पहचानती है क्योंकि आम लोगों ने कभी उसका चेहरा नहीं देखा है। अरमान की लाइफ मे एक पाँच साल का बच्चा है जिसे वो जान से ज्यादा प्यार करत है। अफवाये... यह कहानी हैं अरमान और वेदिका की। अरमान मुंबई का एक जाना-माना बिजनसमेन है। दुनिया उसे उसके नाम और रुतबे से पहचानती है क्योंकि आम लोगों ने कभी उसका चेहरा नहीं देखा है। अरमान की लाइफ मे एक पाँच साल का बच्चा है जिसे वो जान से ज्यादा प्यार करत है। अफवाये कहती है वो बच्चा अरमान का है लेकिन अरमान ने कभी इस बारे मे बात नहीं की। वही वेदिका जो की एक मिडिया रिपोर्टर है उसका ट्रांसफर मुंबई होता हैकंपनी उसे अरमान राजवंश का इंटेरब्यू लेने का टास्क देती है लेकिन बदकिस्मती से वेदिका अपने पहले काम मे ही फेल हो जाती है। लेकिन वो हार नहीं मानती और अरमान को अपना गोल बना लेती है। क्या वेदिका अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएगी? अरमान क्यों दुनियाँ की नज़रों मे नहीं लाना चाहता की उस बच्चे से उसका क्या संबंध हैं?
Arman
Hero
वेदिका
Heroine
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मुंबई शहर,
मौसम अत्यंत खराब था। ऐसा लग रहा था मानो अभी-अभी भारी वर्षा होने वाली है। तभी एक छोटे से घर में एक लड़की के चिल्लाने की आवाज़ आई। वह गुस्से में चिल्ला रही थी, “वेदिका, उठ जाओ! सुबह के नौ बज चुके हैं और तुम अभी भी सो रही हो। दुनिया उठकर अपना काम कर लेती है और तुम्हें बस सोना होता है। तुम भूल गई हो क्या? आज तुम्हारे जॉब का पहला दिन है और अगर तुमने समय पर नहीं पहुँची ना, तो तुम्हारा प्रमोशन कैंसिल हो जाएगा। बड़ी मुश्किल से तुम्हें यह प्रमोशन मिला है और तुम पहले ही दिन अपने प्रमोशन को खोना चाहती हो?”
वेदिका बेड पर बेढंगे तरीके से सो रही थी। उसका एक हाथ बेड से नीचे लटका हुआ था, बाल भी नीचे लटक रहे थे। उसके कपड़े कमर से ऊपर हो चुके थे और वह मुँह खोलकर सो रही थी, जैसे उसे दुनिया की कोई खबर ही न हो। तभी, वेदिका को पुकारने वाली लड़की कमरे में आई।
वेदिका को इस तरह सोते हुए देखकर वह लड़की गुस्से में मुँह बनाते हुए बोली, “यह लड़की ना, अभी भी बच्चों जैसी है। पता नहीं इसे इसकी मम्मी ने यहाँ क्यों भेज दिया? कोई भी काम इसे नहीं आता है। देखो वेदिका, मैं काम पर जा रही हूँ। मैंने नाश्ता बना दिया है और नाश्ता टेबल पर रख दिया है, तो तुम चुपचाप नहा लो और नाश्ता करके काम के लिए निकल जाना। मुझे वैसे भी बहुत लेट हो रहा है।”
यह कहकर वह लड़की अपने सैंडल पहनकर जल्दी से घर से बाहर निकल गई। जैसे ही घर का दरवाज़ा बंद हुआ, वेदिका की आँखें खुलीं और वह अपनी आँखें मलते हुए बोली, “सोनिया मेरी जान, मुझे अभी और सोना है। क्या तुमने सच में नाश्ता बना दिया? वैसे तुम ना बहुत अच्छी हो। मुझे तो भूख भी लगी है। वैसे तो काम पर जाने का मन नहीं कर रहा है, लेकिन क्या करूँ? अगर नहीं जाऊँगी ना तो वह खडूस मेरी जान ले लेगी। वैसे भी उसने कल रात मुझे बहुत परेशान किया है।”
यह कहते हुए वेदिका ने अपनी आँखें खोलीं, तो उसे महसूस हुआ कि कमरे में कोई नहीं है। तभी उसे याद आया कि सोनिया तो चली गई। यह याद करते ही वेदिका जल्दी से बिस्तर से उठी और दस मिनट के अंदर नहाकर तैयार होकर नाश्ता करने आई। अब वेदिका के पास नाश्ता करने का भी वक्त नहीं था। उसे भूख भी लगी थी, लेकिन उसने जल्दी से एक ब्रेड में जाम लगाया और उसे खाते हुए अपनी सैंडल पहनने लगी। उसने अपना बैग लिया और सैंडविच खाते हुए ही घर से बाहर निकल गई। जल्दबाजी में जाने की वजह से उसने घर का गेट लॉक नहीं किया था और इस बात का उसे ध्यान भी नहीं रहा।
वह जल्दी से बाहर आई। उसने टैक्सी रोकी, लेकिन उस वक्त टैक्सी नहीं मिली। क्योंकि बाहर मौसम बहुत खराब था। बहुत ठंडी हवाएँ चल रही थीं और वेदिका, जिसने एक कैजुअल ड्रेस पहनी हुई थी, वह भी हवा में उड़ने लगी। वेदिका को बहुत गुस्सा आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि पूरी दुनिया की टैक्सियाँ एक ही दिन में खत्म हो गई हैं। वेदिका ने अपने फ़ोन में ऑनलाइन टैक्सी बुक करने की कोशिश की, पर ऑनलाइन भी सब कुछ बंद था। इसलिए वह जल्दी-जल्दी वहाँ से भागने लगी। उसे किसी भी हालत में अपने ऑफिस जाना था।
चलते-चलते अचानक उसने देखा कि एक ऑटो ड्राइवर बाहर फ़ोन पर किसी से बात कर रहा है। वेदिका जल्दी से उसके पास गई और घबराते हुए बोली, “ड्राइवर भैया, प्लीज़ मुझे मेरी कंपनी पहुँचा दीजिये। अगर मैं लेट हो गई ना तो मेरी नौकरी चली जाएगी। आप ही एक आखिरी उम्मीद हो भैया। अगर आप मेरी मदद नहीं करोगे तो कौन करेगा? मैं आपकी छोटी बहन जैसी हूँ ना। क्या आप चाहते हो कि आपकी छोटी बहन की नौकरी चली जाए? अब मेरी नौकरी चली गई ना, तो मैं सच में मर जाऊँगी। आप नहीं जानते हो मुझे पैसों की कितनी ज़रूरत है? प्लीज़ आप मेरी मदद कर दीजिये।”
वेदिका की इतनी लंबी बातें सुनकर ऑटो ड्राइवर हैरान हो गया। वैसे तो आज उसकी ड्यूटी नहीं थी, लेकिन वेदिका को परेशान देखकर उसे अच्छा नहीं लगा और उसने कहा, “ठीक है, तुम आओ बैठ जाओ। मैं तुम्हें छोड़ देता हूँ।”
यह कहते ही उसने वेदिका को देखा और वापस आगे की ओर देखा। तभी वेदिका जल्दी से ऑटो में बैठते हुए बोली, “भगवान आपका भला करे। आप सच में बहुत अच्छे हो।”
वेदिका की बातों ने ड्राइवर के चेहरे पर मुस्कान ला दी और वह एड्रेस पूछकर वहाँ से निकल गया। पर आधे रास्ते पहुँचते ही ड्राइवर ने महसूस किया कि उसकी ऑटो की बैटरी खत्म हो रही है।
उसने पीछे घूमकर वेदिका को देखते हुए कहा, “सॉरी बेटा, लेकिन शायद मेरा ऑटो खराब हो रहा है। लगता है तुम्हें यहाँ से आगे खुद जाना पड़ेगा। चिंता मत करो, आगे तुम्हें कुछ ऑटो मिल जाएँगे। तुम चाहो तो उसे ले लेना। मैं तुम्हें इससे आगे नहीं ले जा सकता हूँ।”
ऑटो ड्राइवर की बातें सुनकर वेदिका ने घड़ी में समय देखा। ऑफिस पहुँचने में उसके पास केवल पंद्रह मिनट बचे हुए थे और अगर वह पैदल चलेगी, तो शायद पंद्रह मिनट में पहुँच जाएगी। इसलिए वह जल्दी से बाहर निकली और ऑटो ड्राइवर को पैसे देकर वहाँ से भागते हुए जाने लगी। मौसम इतना खराब नहीं था कि वेदिका को गर्मी महसूस हो रही हो, लेकिन ज्यादा भागने की वजह से उसे साँस लेने में तकलीफ़ हो रही थी। अचानक उसे महसूस हुआ कि उसकी साँस फूलने लगी है। फिर वह रोड के बीच में जाकर खड़ी हो गई। अचानक उसे महसूस हुआ कि एक गाड़ी, जो आगे की ओर से आ रही है, वह अचानक उसे टक्कर मारने वाली है।
वेदिका इससे पहले कि वह वहाँ से भाग पाती, उसने तुरंत अपनी आँखों पर हाथ रख लिए और जोर से चिल्लाई। पर तभी वह गाड़ी ठीक वेदिका के पैरों के सामने आकर रुक गई। वेदिका को ऐसा लगा जैसे वह मर चुकी है। अब उसका कुछ नहीं हो सकता है। वही अचानक से गाड़ी रुकने की आवाज़ सुनकर वेदिका ने अपनी आँखें खोलीं और खुद को इस हालत में देखा। फिर भी वेदिका को ऐसा लग रहा था जैसे उसकी आत्मा गाड़ी के सामने खड़ी है। वह अपने हाथ और पैर को देखते हुए चिल्लाते हुए बोली, “मैं मर गई? मैं तो मर गई हूँ। मैं ऑफिस कैसे जाऊँगी? भगवान सबका भला करे, लेकिन भगवान ने मेरा भला क्यों नहीं किया? इसने मुझे मार दिया। इडियट कुत्ते कहीं के! तुमने मुझे जान से मार दिया। बाहर निकलो तुम! मैं तुम्हें छोड़ूंगी नहीं।”
यह कहते हुए वेदिका गाड़ी के गेट के पास पहुँच गई। वेदिका को ऐसा लग रहा था जैसे वह अब आत्मा बन चुकी है, तो अंदर बैठा आदमी उसे नहीं देखेगा और वह इसी का फ़ायदा उठाकर उन लोगों को सबक सिखाएगी। उसने जमीन से एक पत्थर उठाया और वह पत्थर गाड़ी के शीशे पर मारा। आगे बैठा ड्राइवर यह सब देखकर हैरान था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? क्योंकि उसके पीछे जो आदमी बैठा हुआ था वह सबसे ज़्यादा खतरनाक लग रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे अंदर एक शैतान अब अपने हाथों से किसी का खून करने वाला है।
वेदिका उस वक्त गुस्से में थी। वह पहले ही घबराई हुई थी और गाड़ी में बैठा इंसान बाहर नहीं निकल रहा था। लेकिन इससे पहले कि वह दोबारा पत्थर उठाती, ड्राइवर के बगल में बैठे आदमी ने गाड़ी का दरवाज़ा खोला और जल्दी से बाहर आ गया। वेदिका की नज़र उसके चेहरे पर गई। उस इंसान का चेहरा धूप में चमक रहा था; उसकी काली आँखें प्यारी लग रही थीं। उसे देखकर वेदिका ने आह भरी और कहा,
“इतना हैंडसम लड़का? भगवान सबका भला करता है, पर मेरा नहीं। मुझे इतना हैंडसम लड़का तब मिला जब मैं मर चुकी हूँ! आप ऐसा कैसे कर सकते हैं भगवान? इसकी आँखें कितनी प्यारी हैं! मैं इसकी गाड़ी पर पत्थर फेंकने वाली थी! यह तो मुझसे बहुत बड़ा पाप हो रहा था। नहीं, मुझे उनसे माफ़ी मांगनी चाहिए। लेकिन मैं माफ़ी कैसे मांगूँ? कितनी अफ़सोस की बात है! उसके सामने इतनी सुंदर प्यारी लड़की और वह मुझे देख भी नहीं सकता है।”
वेदिका यह सारी बातें खुद से ही कह रही थी। सामने वाला इंसान, उसकी बातें सुन रहा था। उसने गंभीर होकर कहा,
“मैडम, आप ज़िंदा हैं। आप मरी नहीं हैं, और गलती आपकी है। आपको गाड़ी के सामने नहीं आना चाहिए था। इस वक़्त हम आपको छोड़ रहे हैं, लेकिन अगली बार कोशिश कीजिएगा कि हमारी गाड़ी से दोबारा टक्कर ना हो। वरना आप सोच भी नहीं सकती हैं कि अंदर बैठा इंसान आपके साथ क्या करेगा?”
यह कहते हुए वह आदमी गाड़ी में बैठ गया और ड्राइवर को इशारा किया। गाड़ी वहाँ से निकल गई, लेकिन वेदिका को समझ नहीं आ रहा था कि वह इंसान उसे कैसे देख रहा था। तभी वहाँ के कुछ लोग उसे देखने लगे। वेदिका को एहसास हुआ कि वह सच में ज़िंदा है; उसे कुछ नहीं हुआ है। यह देखते ही उसने घड़ी में समय देखा। उसके पास बचा हुआ समय भी खत्म हो चुका था। अब ऑफिस जल्दी पहुँचने से कोई फायदा नहीं था। वह जानती थी कि अगर वह ऑफिस पहुँच भी गई, तो उसे बॉस से काफी कुछ सुनना पड़ेगा। यह सोचकर वेदिका आगे बढ़ने लगी। कुछ दूरी पर उसे एक ऑटो मिला और वह ऑटो में बैठकर ऑफिस के लिए निकल गई। थोड़ी देर में वह ऑफिस के मेन गेट के पास पहुँची तो देखा, उसके कुछ कलीग्स वहाँ से निकल रहे थे। वेदिका को देखकर उनमें से एक कलीग ने हँसते हुए कहा,
“तुम फिर लेट हो गई! अब तो तुम्हें कोई नहीं बचाने वाला है। तुम पहले वाले पुराने ऑफिस में भी ऐसे ही लेट आई थी और अब नए में भी! जबकि तुम्हें पता है कि यहाँ का बॉस कितना खतरनाक है। उसकी बातों में ही ज़हर साफ़ नज़र आता है, और तुम्हें उनकी बात सुनना ज़्यादा पसंद आ गया है।”
कलीग की बातें सुनकर वेदिका ने मुँह बनाते हुए कहा,
“मुझे कोई शौक नहीं उनकी बातें सुनने का! मैं जल्दी आ रही थी, लेकिन अचानक से रास्ते में मेरा एक्सीडेंट हो गया। इसलिए मुझे लेट हो गया। इसमें मेरी कोई गलती नहीं है।”
वेदिका की बातें सुनकर उस आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा,
“इस बात पर तो हम सब यकीन कर लेंगे, लेकिन बॉस? वह तो कभी यकीन नहीं करेंगे। हो सके तो उनके सामने बचकर रहना। आज वह बहुत गुस्से में है क्योंकि उनका झगड़ा उनकी वाइफ़ से हुआ है।”
उसकी बातें सुनकर वेदिका मुँह बनाकर उसके पास आई और कहने लगी,
“यह तो बहुत गलत है! हमारे बॉस झगड़ा घर से करके आते हैं और गुस्सा हम पर निकालते हैं। अब इससे पहले कि और लेट हो जाए, हमें अंदर चलना चाहिए। वैसे तो मैं जानती हूँ कि आज मुझे फिर सुनना पड़ेगा, इसीलिए मैंने सब इंतज़ाम करके रखा है।”
यह कहते ही वेदिका आनंद के साथ ऑफिस के अंदर गई। ऑफिस के लिविंग एरिया में पहुँचकर उन्होंने देखा कि सब लोग इकट्ठे हुए हैं; उनका बॉस भी वहीं बैठा हुआ है। जब कंपनी के बॉस, मिस्टर सुरेश मेहता ने वेदिका को देखा, तो वह ताली बजाते हुए कहने लगे,
“आओ वेदिका, तुम्हारा ही इंतज़ार था। आख़िर तुम दोबारा लेट हो गई! पुराने कंपनी में भी तुम्हारी यही शिकायत थी, और नई कंपनी में भी तुम्हारी यही शिकायत बनने वाली है।”
सुरेश मेहता की बात सुनकर वेदिका माफ़ी मांगते हुए बोली,
“आई एम सॉरी सर, मैं लेट होना नहीं चाहती थी। पर मैं क्या करती? अचानक से मेरा छोटा सा एक्सीडेंट हो गया। इसलिए मैं लेट हो गई। मैं अगली बार से लेट नहीं होऊंगी। मैं प्रॉमिस करती हूँ, मैं आगे से कोई गलती नहीं करूंगी और इस गलती की सज़ा आप जो भी दोगे, मैं वह पूरी करूंगी।”
वेदिका की बातें सुनकर मिस्टर सुरेश मेहता मुस्कुराते हुए बोले,
“अच्छा, तुम्हें जो बोलूँगा तुम वह करोगी? ठीक है, टेबल पर एक फ़ाइल रखी हुई है। उसे लेकर तुम पहले पढ़ो और फिर तुम्हें उनका इंटरव्यू लेना है। याद रखना, इंटरव्यू में जो सवाल पूछे जाएँगे, वह सब सवाल इस फ़ाइल में लिखे हुए हैं और तुम्हें अच्छे से इंटरव्यू लेना है। कोई भी गलती नहीं होनी चाहिए, और अगर तुमने इंटरव्यू ले लिया ना, तो मैं तुम्हारी सभी गलतियों को एक दिन में माफ़ कर दूँगा। और आगे भी अगर तुम कोई गलती करोगी तो मैं तुम्हें यह सोचकर माफ़ कर दूँगा कि तुमने यह इंटरव्यू पार कर लिया है।”
सुरेश मेहता की बातें सुनकर वेदिका को बहुत खुशी हुई। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि एक नॉर्मल इंटरव्यू लेने के लिए उसे इतनी जल्दी माफ़ कर दिया जा रहा है। यह सोचकर वह खुश होकर बोली,
“बस इतनी सी बात? ठीक है, मैं इंटरव्यू लेने के लिए तैयार हूँ। आप फ़िकर मत कीजिए। यह वेदिका कश्यप बहुत ही अच्छे से इंटरव्यू लेगी और आपको किसी चीज़ की शिकायत का मौका नहीं देगी।”
वेदिका के जोश को देखकर मिस्टर सुरेश मेहता मुस्कुराते हुए बोले,
“बस यही हिम्मत बनाकर रखना, क्योंकि जब तुम इंटरव्यू लोगी ना, शायद तुम्हारी यह हिम्मत खत्म भी हो सकती है। अब बाकी तुम्हें जो भी पूछना है, वह मैनेजर से पूछ लेना, यानी कि अपने दोस्त आनंद से।”
यह कहकर मिस्टर सुरेश मेहता वहाँ से चले गए। सुरेश मेहता के जाते ही ऑफिस के सभी एम्प्लॉयी वेदिका को ऐसे देख रहे थे, जैसे वेदिका ने कोई बड़ी बात कर दी हो। वेदिका भी हैरान थी उन लोगों की नज़रें देखकर। वह कन्फ़्यूज़ होकर लोगों से बोली,
“क्या हुआ? तुम सब मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो? कहीं जलन तो नहीं हो रही है कि मुझे इतना बड़ा काम मिला है?”
वेदिका की बात सुनकर एक महिला स्टाफ हँसते हुए बोली,
“हमें क्यों जलन होगी? हमें तो यह काम चाहिए ही नहीं। तुम्हें अंदाजा भी है सुरेश मेहता, यानी हमारे बॉस ने, तुम्हें कौन सा काम दिया है? कैसा इंटरव्यू लेने को कहा है? जरा एक बार फाइल खोलकर पढ़ लेती, फिर कुछ कहने की हिम्मत रखती।”
उसकी बातें सुनकर वेदिका असमंजस में थी। उसने तुरंत फाइल खोली और उसमें रखे सभी कागज़ पढ़ने शुरू किये। सब कुछ सामान्य था, लेकिन जैसे ही इंटरव्यू लेने वाले के कंपनी का नाम सामने आया, उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। क्योंकि इंटरव्यू उसे किसी और का नहीं, बल्कि अरमान राजवंश का लेना था। राजवंश इंडस्ट्री के सबसे बड़े मालिक, जिनके इशारों पर न जाने कितनी कंपनियाँ चलती हैं। जिनके इशारों पर दुनिया के बड़े-बड़े लोग भी चलते हैं। उनके सामने मिनिस्टर भी नज़रें नीचे करके खड़ा रहता है और आज तक किसी ने उन्हें नहीं देखा है। गिने-चुने लोग होंगे जिन्होंने अरमान राजवंश को देखा होगा। वह भी तब जब अरमान की मीटिंग उनके साथ होती थी।
यह देखकर वेदिका के हाथों से फाइल फिसलकर नीचे गिर गई। आनंद ने यह देखकर गहरी साँस लेते हुए कहा, “मैं तुम्हें कहता हूँ ना, खुश होने से पहले कोई फाइल चेक कर लिया करो। बहुत शौक था ना सर के सामने महान बनने का? अब देख लिया? मैं जानता था वह इंसान कुछ न कुछ गड़बड़ करेगा। वह कभी भी अच्छा काम नहीं करता है। अब तुम्हें यह करना ही होगा। अगर तुमने यह नहीं किया ना, तो शायद वह तुम्हें नौकरी से निकाल सकता है। यह सोच लो कि अगर तुम्हें अपनी नौकरी बचानी है, तो तुम्हें यह इंटरव्यू लेना ही होगा। मैं जानता हूँ यह थोड़ा मुश्किल है, लेकिन मैं यह भी जानता हूँ कि तुम यह कर सकती हो।”
आनंद की बात सुनते ही वेदिका मुँह बनाते हुए बोली,
“भगवान सबका भला करे, पर मेरा भला क्यों नहीं करता? यह मुश्किल है। बहुत मुश्किल है। जिस इंसान को मैंने देखा भी नहीं है, उसका इंटरव्यू कैसे ले सकती हूँ? और दूसरी बात, मैंने तो सुना है कि वह किसी राक्षस से कम नहीं है। तो फिर तुम कैसे कह सकते हो कि मुझे यह समस्या हल करनी चाहिए? क्या तुममें से कोई उनका इंटरव्यू नहीं ले सकता है? मैं इसके बदले पैसे दे दूँगी।”
वेदिका की बातें सुनकर आनंद हँसते हुए बोला,
“तुम यहाँ पर किसी की जान माँगो ना, वह भी देने को तैयार हो जाएगा, लेकिन अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेने को कभी तैयार नहीं होगा। अब यह काम तुम्हें मिला है, तो तुम खुद ही करो। हाँ, मैं तुम्हारी थोड़ी मदद कर सकता हूँ। यह पता करने में कि अरमान किस वक़्त कहाँ रहेगा। अगर तुम्हें अरमान का इंटरव्यू अभी लेना है, तो तुम्हें इस वक़्त एयरपोर्ट जाना होगा। क्योंकि वह आज एयरपोर्ट के लिए निकल रहे हैं।”
आनंद की बातें सुनकर वेदिका असमंजस में कहती है,
“वह एयरपोर्ट के लिए निकले हैं? मतलब वह यहाँ नहीं रहेंगे? तो फिर जब वह आयेंगे, तो मुझे उनका इंटरव्यू तब लेना होगा? तो फिर इसमें दिक्क़त क्या है? मुझे नहीं लगता कि वह जल्दी आने वाले हैं।”
वेदिका की बातें सुनते ही आनंद मुस्कुराते हुए बोला,
“मेरी जान, तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूँ कि वह एयरपोर्ट किसी को लाने गए हैं और जिसे लाने गए हैं ना, वह उनके काफी करीब है। इतने करीब कि वह पूरी दुनिया भी उसके लिए बदल सकते हैं। ऐसा समझ लो। इसीलिए तुम्हें एयरपोर्ट जाना है। उनसे मुलाक़ात करनी है और उनसे रिक्वेस्ट करना है कि तुम उनका इंटरव्यू लेना चाहती हो। कोशिश करना, तुम जीतकर आओगी। मुझे तुम पर पूरा भरोसा है। आखिर मैं अपने सबसे अच्छे दोस्त को इतना दिलासा तो दे ही सकता हूँ।”
यह कहकर आनंद मुस्कुराकर वहाँ से चला गया। आनंद को इस तरह से जाते हुए देखकर वेदिका को बहुत गुस्सा आया। उसने दिलासा भरी नज़रों से उन लोगों को देखना शुरू कर दिया, जो उसे दया भरी नज़रों से देख रहे थे। मदद तो सब करना चाहते थे। आखिर इसमें उन लोगों को भी अरमान को देखने का मौका मिलेगा। लेकिन इस वक़्त उनमें से कोई भी वेदिका की मदद नहीं कर सकता था। ऐसे में वे सभी अपने काम में वापस लग गए। वेदिका के पास दूसरा रास्ता नहीं था। उसने अपना बैग उठाया और वही फाइल लेकर ऑफिस से बाहर चली गई। उसने देखा मौसम अभी भी खराब है। किसी भी वक़्त बारिश हो सकती है। उसने सामने एक ऑटो ड्राइवर को देखा और तुरंत उसके अंदर बैठ गई। वेदिका का तो मन कर रहा था कि वह एयरपोर्ट न जाकर सीधे घर चली जाए, लेकिन उसे अपनी नौकरी भी बहुत प्यारी थी। यह एक ऐसी नौकरी थी जहाँ उसे बहुत अच्छा वेतन मिलता था। भले ही काम थोड़ा थकावट भरा था, लेकिन उसे इज़्ज़त भी बहुत मिलती थी। वहाँ के सभी लोग बहुत अच्छे थे। सब उसे अपना मानते थे। यह सब सोचकर वेदिका ड्राइवर से बोली,
“भैया, मुझे एयरपोर्ट ले चलो और वहाँ पास में अगर कोई खाई हो तो प्लीज मुझे उसमें धक्का दे देना।”
वेदिका की बातें सुनकर ऑटो ड्राइवर असमंजस में पीछे घूम गया, जैसे कि वह किसी कार्टून को देख रहा हो। वहीं वेदिका को जब एहसास हुआ कि उसने क्या कह दिया है, तो वह बात बदलते हुए बोली,
“अरे भैया, मैं कह रही हूँ कि मुझे एयरपोर्ट जाना है, तो प्लीज मुझे वहाँ ले चलो।”
वेदिका की बात सुनकर ड्राइवर मुस्कुराते हुए बोला,
“मैडम, लगता है आप ज़्यादा परेशान हैं, तभी तो आप बहकी-बहकी बातें कर रही हैं। वैसे आप इतनी परेशान क्यों हैं? एयरपोर्ट जाने के लिए भी कोई परेशान होता है क्या? आप लोग तो इतने लकी हो जिनको एयरपोर्ट के अंदर जाने की भी इजाजत मिलती है। वरना हम तो पैसेंजर को एयरपोर्ट के कुछ दूरी के दरवाज़े के पास छोड़कर ही आते हैं।”
ड्राइवर की बात सुनते ही वेदिका मुँह बनाते हुए बोली,
“मुझे भी कोई शौक नहीं वहाँ जाने का। मुझे तो इंटरव्यू लेना है, वह भी अरमान राजवंश का।”
वेदिका ने इतना ही कहा था कि तभी ऑटो ड्राइवर ने एकदम से जोर से ब्रेक मारा। अचानक ब्रेक लगने पर वेदिका का चेहरा आगे आ गया। वहीं ऑटो ड्राइवर भी एकदम से धक्का खा गया। वेदिका ने यह देखकर अपने दिल पर हाथ रखकर खुद को शांत करते हुए कहा,
“भगवान सबका भला करे, पर मेरा भला नहीं करता। क्या आप मुझे एयरपोर्ट पहुँचने से पहले ही जान से मारना चाहते हो? अभी मैं मर जाती। वैसे भी सुबह भी मरते-मरते बची। पता नहीं किसका चेहरा देख लिया, जो मेरा दिन खराब जा रहा है।”
वेदिका की बातें सुनकर ड्राइवर घबराते हुए बोला,
“माफ़ करना मैडम, वह अरमान राजवंश का नाम सुनकर मेरा शरीर काँपने लगा था। आप सच कह रही हैं? आप अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेने जा रही हैं? क्या आपने उन्हें देखा है? वह कैसे दिखते हैं? क्या मैं भी उन्हें देख सकता हूँ?”
ड्राइवर की बात सुनते ही वेदिका गुस्से में बोली,
“मैंने उन्हें नहीं देखा है, तो मैं आपको क्या दिखाऊँगी? मुझे ऑलरेडी उनके पास जाने का मन नहीं है और आप चाहते हैं कि मैं आपको दिखाऊँ? ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता। आप चुपचाप गाड़ी चलाइये और मुझे एयरपोर्ट सही-सलामत समय पर पहुँचा दीजिये। वैसे भी मैं लेट होने में पार्वती की डिग्री लेकर बैठी हूँ। क्योंकि जब भी मैं कहीं जाती हूँ, खासकर इमरजेंसी में, तो मुझे लेट हो जाता है।”
वेदिका की बकबक सुनकर ऑटो ड्राइवर ने गहरी साँस ली और उसे एयरपोर्ट छोड़ने के लिए निकल गया। कुछ घंटों में वेदिका एयरपोर्ट पहुँच चुकी थी। पर जैसे ही उसने एयरपोर्ट पर कदम रखा, उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। वहाँ एक लम्बी लाइन में दस से ज़्यादा गाड़ियाँ लगी हुई थीं और हर गाड़ी के पास एक पुलिस अधिकारी तैनात था। ऐसा लग रहा था जैसे वहाँ की सुरक्षा बहुत बढ़ा दी गई हो। लेकिन वेदिका अभी भी उलझन में थी कि आखिर यह सब किसलिए किया गया है? इतनी सुरक्षा तो किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को मिलती है, पर यहाँ ऐसा कुछ नहीं लग रहा था।
यह सोचकर वेदिका आगे बढ़ी, तभी उसने कुछ रिपोर्टरों को देखा, जो दूसरे चैनलों से थे।
यह देखकर वेदिका मुँह बनाते हुए बोली,
"ये लोग भी यहाँ आ चुके हैं? अगर इन्होंने मेरा काम छीन लिया तो? नहीं, मुझे कैसे भी करके इंटरव्यू लेना होगा। बस एक बार उसे देखने का मौका मिल जाए, फिर तो मैं उसे यूँ पकड़ लूँगी और इंटरव्यू लेकर ही रहूँगी।"
यह सोचकर वेदिका अपने मन में बातें कर ही रही थी कि अचानक कई सारे मीडिया वाले उसे धक्का देते हुए आगे बढ़ने लगे। जब वेदिका को होश आया तो उसने देखा कि वह जिस इंसान का इंटरव्यू लेना चाहती थी, वह एयरपोर्ट से बाहर आने वाला था। यह देखकर वेदिका जल्दी से अरमान राजवंश की गाड़ी के पास जाने लगी। लेकिन वहाँ की सुरक्षा ने उसे रोक दिया। बाकी रिपोर्टरों में से किसी की भी हिम्मत नहीं हुई थी कि वह गाड़ी के पास जाएँ। लेकिन वेदिका को इस बारे में कोई अंदाजा नहीं था। वह सुरक्षा गार्डों को भी हटाते हुए आगे बढ़ना चाहती थी।
जब बाकी रिपोर्टरों ने वेदिका की हरकतें देखीं तो उन्हें उसके लिए बहुत बुरा लगा। वे सोच रहे थे कि अब वेदिका के साथ क्या होगा? वह जिस तरह हरकत कर रही थी, उसे देखकर अरमान राजवंश उसके साथ क्या करेगा?
इधर, वेदिका सुरक्षा गार्डों को धक्का देते हुए गाड़ी की तरफ बढ़ी, पर तभी पुलिस वालों ने उसे रोक लिया और गुस्से में चिल्लाते हुए कहा,
"ए लड़की! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई बॉडीगार्ड को धक्का देकर यहाँ आने की? तुम्हें अंदाजा भी है तुम क्या कर रही हो?"
पुलिस की बात सुनते ही वेदिका मासूम बनते हुए बोली,
"मुझे पता है मैं क्या कर रही हूँ। लेकिन क्या करूँ? मुझे अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेना है और अगर मैंने ऐसा नहीं किया तो मेरी नौकरी चली जाएगी। प्लीज, एक बार मुझे उन्हें देखने दीजिए। मैं फिर यहाँ से चली जाऊँगी।"
वेदिका की बातें सुनकर सभी पुलिस वाले एक-दूसरे को देखने लगे। जैसे वे सोच रहे हों कि क्या इस लड़की को अरमान राजवंश के बारे में कुछ भी पता नहीं है? क्या वह यह नहीं जानती कि वह जिस तरह हरकत कर रही है, उसे जानने के बाद अरमान राजवंश उसकी ज़िंदगी के साथ क्या करेगा? पुलिस के चेहरों पर परेशानी देखकर वेदिका को भी डर लगने लगा। वह हैरान थी कि अरमान राजवंश के बारे में उसने पूरी बात भी नहीं कही और पुलिस इतनी घबरा रही है। इससे पहले कि वह कुछ कह पाती, तभी एक लड़का वहाँ आया। पहले तो वेदिका को उसका चेहरा दिखाई नहीं दिया। लेकिन जैसे ही वेदिका ने उसका चेहरा देखा, उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं और वह चिल्लाते हुए बोली,
"तुम वही हो जिसने मुझे जान से मारने की कोशिश की थी? तुम यहाँ क्या कर रहे हो?"
वेदिका को सामने देखकर वह लड़का भी हैरान हुआ। लेकिन उसकी बात सुनते ही उसने गुस्से में कहा,
"मिस, पहली बात तो तुमने गाड़ी के बीच में आने की कोशिश की थी, ना कि मेरी गाड़ी ने तुम्हें मारा है। और एक सेकंड, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यहाँ आने की?"
सामने खड़े लड़के की बातें सुनकर वेदिका मुँह बनाते हुए बोली,
"तुम्हें अंदाजा भी है मैं कौन हूँ? मैं यहाँ अपने बॉयफ्रेंड का इंटरव्यू लेने आई हूँ। तुम्हें पता है मेरा बॉयफ्रेंड कौन है? अरमान राजवंश! और मैं उसी से मिलने के लिए आई हूँ। और अगर तुमने मुझसे गंदे तरीके से बात करने की कोशिश की ना, तो मैं अरमान, यानी अपने बॉयफ्रेंड को बोल दूँगी कि वह तुम्हें ख़त्म कर दे। तुम नहीं जानते मेरे बॉयफ्रेंड कितने ताकतवर हैं? अगर मैंने एक बार उसे तुम्हारा चेहरा दिखा दिया ना, तो वह तुम्हारा चेहरा ऐसा बिगाड़ देगा कि तुम खुद भी उसे नहीं पहचान पाओगे।"
वेदिका की बात सुनते ही वहाँ मौजूद सभी लोग दंग रह गए। किसी को भी समझ नहीं आ रहा था कि वेदिका क्या कह रही है? वह खुद को अरमान राजवंश की गर्लफ्रेंड बता रही थी। क्या वेदिका सच में अरमान के बारे में कुछ नहीं जानती थी? हालाँकि रिपोर्टरों को कहीं न कहीं वेदिका की बात सच लग रही थी और वे अपने चैनल पर यह सीन रिकॉर्ड करने लगे। उन्हें लगा शायद उनके चैनल पर यह मसाला बन जाएगा और यह बहुत वायरल होगा। तभी वेदिका के सामने खड़ा इंसान, देव सक्सेना, उसके सामने आकर उसे ऊपर से नीचे देखने लगा और हँसते हुए बोला,
"क्या कहा तुमने? तुम अरमान राजवंश की गर्लफ्रेंड हो? क्या तुम 100% शेयर हो? मतलब ऐसा तो नहीं कि तुमने अभी-अभी सपना देखा हो?"
देव सक्सेना की बात सुनकर वेदिका मुँह बनाते हुए बोली,
"मैं सपना? तुम्हें क्या लगता है मैं झूठ कह रही हूँ? अगर यकीन नहीं है तो ठीक है। अभी मुझे यहाँ से अंदर जाने दो। जैसे ही मुझे मेरा बॉयफ्रेंड, यानी अरमान राजवंश, मिल जाएगा, मैं तुम्हें बता दूँगी।"
वेदिका की बात सुनकर देव सक्सेना ने मुँह बनाते हुए कहा,
“मेरे चेहरे पर बेवकूफ़ दिखाई दे रहा है? मतलब तुम्हें लग रहा है कि मैं तुम्हारी इन झूठी बातों को मानकर तुम्हें अंदर जाने दूँगा? तुम जिस अरमान राजवंश की बात कर रही हो ना, मैं उस अरमान राजवंश का पर्सनल असिस्टेंट हूँ और मैं तुम्हें ही रोकने के लिए आया हूँ। क्योंकि अगर किसी ने भी उनका इंटरव्यू लेने की कोशिश की तो वह उस इंसान के साथ-साथ उसके चैनल को भी बर्बाद कर दूँगा। तुम्हारे पास मौका है, यहाँ से चली जाओ। वरना बेइज़्ज़त करना मुझे भी आता है।”
देव सक्सेना की बात सुनते ही वेदिका को एक अलग ही झटका लगा। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह जिस इंसान के सामने झूठ पर झूठ बोल रही थी, वह इंसान अरमान राजवंश का असिस्टेंट निकला, वह भी पर्सनल असिस्टेंट। वेदिका को अब ऐसा लग रहा था जैसे उसने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली हो। वह अपना सर पीटते हुए आसमान की ओर देखकर मन ही मन कहती है,
“भगवान सबका भला करे पर मेरा भला नहीं करता। अब मैं क्या करूँ? मेरी यह जुबान ना किसी दिन मुझे जान से मार देगी। पता नहीं कहाँ मैं क्या बोल देती हूँ? मुझे इनसे बचने के लिए कुछ तो कहना होगा।”
वेदिका के चेहरे पर रंग उड़ा हुआ देखकर देव ने पुलिस को देखते हुए कहा,
“इन सबको यहाँ से निकालो। कोई भी नहीं बचना चाहिए।”
देव सक्सेना इतना कहकर वहाँ से चला गया। उसके जाते ही पुलिस वाले सभी रिपोर्टरों को वहाँ से हटा चुके थे। अब बस बची थी वेदिका, जो बेचारी खुद ही वहाँ से चली गई थी। क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था जैसे अब वह किसी के सामने चेहरा दिखाने के लायक नहीं बची है। एक तो पुलिस वालों के सामने भी उसकी इंसल्ट हो गई। हालाँकि, कुछ रिपोर्टरों को देव की बातें सुनाई नहीं दे रही थीं। इसलिए उन्हें लग रहा था जैसे अब वे एक मसालेदार खबर पहुँचाने वाले हैं।
इधर, देव वापस एयरपोर्ट के अंदर आ गया। उसने देखा कि वीआईपी लाइन के पास सिर्फ़ एक इंसान आराम से बैठा हुआ है और अपने हाथों में एक मैगज़ीन पढ़ रहा है। यह देखकर वह उसके बगल में आकर बैठ गया। तभी उसके बगल में बैठे अरमान राजवंश ने बिना उसे देखे हुए कहा,
“तमाशा ख़त्म हुआ?”
अरमान की बात सुनते ही देव, जो अब तक सीरियस एक्सप्रेशन के साथ चुपचाप बैठा हुआ था, वह एकदम से जोर-जोर से हँसने लगा। देव को इस तरह से हँसता हुआ देखकर अरमान राजवंश ने अपनी एक भौं उठाते हुए कहा,
“मैंने हँसने के लिए नहीं कहा है। क्या तमाशा ख़त्म हुआ या फिर अभी भी तमाशा हो रहा है? मैंने कहा था ना अगर किसी रिपोर्टर ने उसकी तस्वीर लेने की हिम्मत की तो फिर मैं क्या करूँगा? उन लोगों को भी अंदाज़ा नहीं है।”
अरमान राजवंश को गुस्से में देखकर देव ने अपनी हँसी को शांत करते हुए कहा,
“तमाशा? तुम्हें तो बाहर आना चाहिए था। इतना बड़ा तमाशा हुआ। अभी-अभी एक लड़की थी, नाम तो मुझे याद नहीं है। लेकिन हाँ, मुझे लग रहा है शायद उसे तुम्हारे बारे में कुछ भी पता नहीं है। वह अंदर आने के लिए, यानी कि तुम्हारा इंटरव्यू लेने के लिए कह रही थी कि तुम उसके बॉयफ्रेंड हो और वह तुम्हारे सामने मेरा चेहरा लेकर आएगी ताकि तुम मेरे चेहरे को ऐसा बिगाड़ो कि मैं तुम्हें ना पहचान सकूँ। मैं मतलब तुम मुझे, मैं खुद को ना पहचान सकूँ। मैं कोई पागल थोड़ी हूँ। थोड़ी देर मुझसे बात करने के बाद उसकी ज़ुबान लड़खड़ाने लगी। मैंने अपनी ज़िन्दगी में पहली बार ऐसी रिपोर्टर को देखा है जो खुलेआम तुम्हें अपना बॉयफ्रेंड बना रही थी।”
देव सक्सेना की बात सुनते ही अरमान ने अपनी आँखें छोटी करके कहा,
“बॉयफ्रेंड? क्या उसे पता नहीं है कि मैं किस रिलेशनशिप से इस दुनिया में जाना जाता हूँ?”
अरमान राजवंश की बात सुनते ही देव सक्सेना ने मुस्कुरा कर कहा,
“हो सकता है वह नई रिपोर्टर हो इसलिए उसे कुछ पता नहीं है। पर कोई बात नहीं, मैंने फ़िलहाल के लिए सभी को वहाँ से भगा दिया है। बाहर पुलिस और बॉडीगार्ड, सबसे सिक्योरिटी बढ़ाकर रखी है। जैसे ही फ़्लाइट लैंडिंग करेगी हम उसी वक़्त पीछे के रास्ते से निकल जाएँगे ताकि हमें कोई ना देखे।”
देव की बात सुनते ही अरमान ने मैगज़ीन को बंद किया और उठ गया। जब देव ने देखा तो वह समझ गया कि फ़्लाइट लैंडिंग कर चुकी है और उसने अपने पोजीशन में आकर अपने पीछे खड़े तीन लोगों को देखा, जो अरमान राजवंश के सबसे गहरे बॉडीगार्ड थे। जिनकी नज़रों से ही कितनों की न जाने मौत हो जाए। अगर किसी एक बॉडीगार्ड की नज़र एक बार अरमान के दुश्मन पर पड़ जाए तो वह दुश्मन चाहे कितना भी गुफ़ा में क्यों ना चला जाए, वह वहाँ से भी उसे ढूँढ कर ले आए। उन दोनों को देखकर देव ने गहरी साँस लेकर कहा,
“रवि, मोहित, राघव, तुम तीनों को पता है तुम्हें क्या करना है? तो अब जाकर अपने काम में लग जाओ और हाँ, घर से अगर किसी का भी कॉल आए तो मत उठाना। हम थोड़ी ही देर में वापस आ रहे हैं।”
यह कहते हुए उसने अपने कोट को ठीक किया और अरमान के साथ अंदर की ओर जाने लगा। वैसे तो एयरपोर्ट पर किसी भी पब्लिक को या फिर किसी भी वीआईपी इंसान को अंदर तब तक जाने की परमिशन नहीं मिलती जब तक उनकी कोई फ़्लाइट ना हो। लेकिन अरमान के साथ ऐसा बिल्कुल भी नहीं था। अरमान को रोकने की किसी की हिम्मत नहीं थी। वहाँ की जगह को पूरी तरह से खाली कर दिया गया था। बचे थे तो सिर्फ़ वहाँ पर काम करने वाले लोग, जो अरमान की पर्सनालिटी को देखकर ऐसे खो गए थे जैसे उन्होंने पहले कभी ऐसे इंसान को ना देखा हो। अरमान के चेहरे पर वह सुंदरता, उसकी हरी आँखें, उसके गालों के बगल में एक छोटा सा तिल, उसके सेट किये हुए बाल, उसे इतना ज़्यादा अट्रैक्टिव बना रहे थे कि कोई लड़की अगर उसे एक बार देख ले तो वह उसके लिए जान देने को भी तैयार हो जाए और बिल्कुल देव भी वैसा ही था। अरमान जिस तरह से एक गुरूर, एक घमंड के साथ रहता था, देव भी लोगों के सामने बिल्कुल वैसे ही रहता था।
अरमान ने जब देखा कि फ़्लाइट लैंडिंग हो चुकी है और उस फ़्लाइट से तीन लोग बाहर आ रहे हैं तो, उसने एकदम से अपने एक्सप्रेशन को चेंज किया और अपने दोनों पॉकेट में हाथ रखकर चुपचाप नीचे की ओर जाने लगा।
यह देखकर देव ने मुस्कुराते हुए कहा,
“अब तो इन दोनों के बीच में अगर कोई तीसरा जाने की कोशिश करेगा तो शायद अरमान उस तीसरे को अपनी नज़रों से हमेशा के लिए गायब कर देगा।”
अरमान राजवंश मीटिंग एरिया से बाहर निकलकर नीचे पहुँचे। तभी एक छोटा बच्चा भागता हुआ उनके कदमों के पास आया और तुरंत उनके पैरों से लिपटकर बोला,
“पापा आप आ गए? आपको पता है पूरे रास्ते सिर्फ मैंने आपको मिस किया।”
छोटे बच्चे की आवाज बहुत प्यारी लग रही थी। उसकी आँखें बिल्कुल अरमान की तरह हल्की नीली थीं। उसका सुंदर चेहरा बहुत प्यारा लग रहा था और उसके फूले हुए गाल टमाटर जैसे लग रहे थे। उसके छोटे-छोटे दांत और छोटी-छोटी उंगलियाँ बहुत सुंदर लग रही थीं। अरमान राजवंश ने पहले सामने खड़ी औरत को देखा और फिर उस छोटे बच्चे को अपनी गोद में उठाया। बच्चे ने देखा कि उसके पापा कुछ नहीं बोले, तो वह शिकायत करते हुए बोला,
“पापा आपने अहान राजवंश को इग्नोर कर दिया? आप ऐसे कैसे कर सकते हो? आपको पता है ना मुझे इग्नोर करना पसंद नहीं, तो फिर आपने मेरे सवालों का जवाब क्यों नहीं दिया? अब अहान आपसे नाराज हो गया।”
अहान की बातें सुनकर अरमान राजवंश ने उसे एक नज़र देखा और फिर आगे चलते हुए कहा,
“मैं अपने बेटे को कभी इग्नोर नहीं करता। आपको पता है ना, जब मैं अपने बेटे के पास होता हूँ तो मुझे आसपास कोई नहीं चाहिए, इसीलिए मैं चुप था। लेकिन अब मैं आपसे बात कर सकता हूँ। बताइए आपका प्रोग्राम कैसा रहा? किसी ने आपको परेशान तो नहीं किया?”
अरमान की बातें सुनकर अहान मुस्कुराते हुए बोला, “नहीं पापा, किसी ने मुझे परेशान नहीं किया। आपको पता है वहाँ पर सब लोग बहुत अच्छे थे। सब ने मुझे बहुत प्यार दिया और शीला आंटी ने तो मुझे बहुत अच्छे से रखा। वो मुझे समय-समय पर खाना भी खिलाती थीं। वह बहुत अच्छी हैं।”
यह कहकर अहान ने पीछे मुड़कर एक औरत को देखा, जो लगभग 40-45 साल की लग रही थी और उसके हाथ में अहान का बैग था। यह देखकर अहान हल्का सा मुस्कुराया और अपने पापा के गले लग गया। अरमान राजवंश अपने बेटे के साथ बाहर आए और सामने देव सक्सेना को देखा, जो अरमान के आने का इंतज़ार कर रहा था। उन्हें देखते ही वह भागकर अहान के पास आया और उसे अपनी गोद में लेते हुए बोला,
“मेरे छोटे शहजादे, कैसे हो आप?”
देव की आवाज सुनकर अहान मुस्कुराते हुए बोला,
“चाचू आपको क्या लगता है? मैं कैसा हो सकता हूँ? आपको पता भी है मैं आपसे कितना नाराज हूँ? आपने मुझे कल वीडियो कॉल नहीं किया था। मैं इंतज़ार कर रहा था। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?”
अहान की बात सुनते ही देव मुस्कुराते हुए बोला,
“बेटा, आपके चाचू कल बहुत बिजी थे। काम ज़्यादा होने की वजह से मुझे खुद फोन चलाने का मौका नहीं मिला। वरना आपको पता है ना मैं आपको रोज़ रात को वीडियो कॉल करता हूँ और बताएँ, मैंने आपको बहुत मिस किया। पर आपके पापा ने आपको बिल्कुल भी मिस नहीं किया। वे तो बस दिन में आपको मिस करते हैं। रात में ज़्यादातर काम करते हैं। वह तो मैं ही था जो बार-बार आपके बारे में बात कर रहा था। वरना पूछिए अपने पापा से, वे तो हमेशा कहते रहते हैं कि उसे बाहर रहना चाहिए। वह बाहर रहेगा तभी सब कुछ सीखेगा।”
देव की बात सुनते ही अरमान उसे घूरने लगे। तभी उन्होंने अहान को अपनी गोद में लिया और देव को देखते हुए कहा,
“जाकर गाड़ी तैयार करो और हाँ, ध्यान रहे आसपास कोई भी रिपोर्टर नहीं होना चाहिए। अगर कोई नज़र आ गया तो तुम्हें पता है उसके साथ क्या करना है?”
अरमान की बात सुनते ही देव समझ गया। इसलिए वह बॉडीगार्ड के साथ वहाँ से चला गया। वह औरत, जो अहान के साथ आई थी, अहान का बैग वहाँ छोड़कर चुपचाप चली गई। उसे पता था कि उसका काम यहीं तक था और आगे उसका काम तभी होगा जब अरमान राजवंश उसे कॉल करेंगे। थोड़ी देर में वे सब गाड़ी में बैठकर निकल गए। बाहर रिपोर्टर अरमान के बाहर निकलने का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन किसी को भी पता नहीं था कि अरमान निकल चुके हैं। काफी देर बीत चुकी थी।
इधर दूसरी तरफ वेदिका गुस्से में घर पहुँच चुकी थी। वह जानती थी कि ऑफिस जाने से कुछ नहीं होने वाला है। उसे सबके मुँह से कुछ न कुछ सुनने को मिलेगा और सब उसे देखकर हँसेंगे भी। इसलिए उसने सोच लिया था कि वह कैसे भी करके अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेगी और उसके लिए चाहे उसे कुछ भी करना पड़े। उसने तुरंत अपना लैपटॉप निकाला और जल्दी से सोशल मीडिया ओपन किया। पहले तो वह सोशल मीडिया पर अरमान राजवंश की सोशल आईडी ढूँढने लगी, पर उनके कई सारे सोशल आईडी फेक बने हुए थे। ऐसे में समझ नहीं आ रहा था कि असली कौन है और नकली कौन सा है? क्योंकि उन सब में कहीं भी अरमान राजवंश की तस्वीर नहीं थी। वेदिका को बहुत गुस्सा आ रहा था। उसे लग रहा था जैसे किसी ने उसके अहंकार को ठेस पहुँचाई हो। उसने तुरंत एक बड़ा लेक्चर लिखा, जिसमें उसने टाइप करते हुए लिखा,
“राजवंश इंडस्ट्री के सबसे बड़े मालिक मिस्टर अरमान राजवंश, खुद को क्या समझते हैं? आप बहुत बड़े महान इंसान हैं? सब लोग आपसे डरते हैं? लेकिन एक बात याद रखिएगा, कोई इंसान आपसे नहीं डरता। वे सब आपको देखना नहीं चाहते हैं। आपको ऐसा लगता है कि जैसे अपना चेहरा दिखा देंगे, तो सब आपको भगवान समझेंगे? ऐसा कुछ भी नहीं होगा। आप बिल्कुल भी अच्छे इंसान नहीं हैं। आपको तमीज़ तक नहीं है। आपके बॉडीगार्ड को भी कोई तमीज़ नहीं है। पता नहीं लोग आपके पीछे क्यों भागते हैं? मैं तो पब्लिक से यही कहूँगी कि आप जैसे इंसान से दूर रहने में ही फायदा है। ना तो किसी ने आपको देखा है, ना कोई आपके बारे में बात करता है। फिर भी आप कंपनी चलाते हैं? कंपनी चलाते हैं या फिर कोई गैरकानूनी काम करते हैं, जो अपना चेहरा छुपाकर घूम रहे हैं? अगर इतनी हिम्मत है ना तो मुझे इंटरव्यू देकर दिखाइए। अगर आपने इनकार किया ना तो मैं समझ जाऊँगी कि आप डरते हैं। आपको डर लगता है कहीं आपकी सच्चाई मैं सबके सामने ना लेकर आ जाऊँ।”
यह लिखकर वेदिका ने जल्दी से उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। वैसे तो वेदिका को लगा था कि उसका यह लिखा हुआ लेक्चर ज़्यादा लोग नहीं देखेंगे, पर दो घंटे के अंदर ही वह लेक्चर इतनी तेज़ी से वायरल हुआ कि वह सिर्फ़ भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी वायरल होने लगा और उसमें बहुत सारे लाइक्स, कमेंट, शेयर होने लगे। हालाँकि वेदिका लेक्चर लिखने और सोशल मीडिया पर अपलोड करने के बाद लैपटॉप बंद कर चुकी थी, क्योंकि वह बहुत गुस्से में थी। उसका मन कर रहा था कि वह अभी अपनी माँ के पास चली जाए, लेकिन वह अभी-अभी अपने प्रमोशन को लेकर वापस यहाँ आई हुई थी। ऐसे में वह वापस अपने घर पर नहीं जा सकती थी। इसलिए गुस्से में किचन में जाकर वह अपने लिए कुछ बनाने लगी। दो घंटे बीतने के बाद जब उसके फ़ोन पर उसकी फ़्रेंड सानिया का कॉल आया, तो उसने फ़ोन उठाकर स्पीकर पर रखा। फ़ोन के दूसरी तरफ़ से सानिया, जो हमेशा सामान्य आवाज़ में बात करती है, एकदम से चिल्लाते हुए बोली,
“वेदिका यह तुमने क्या किया? तुम पागल हो गई हो? तुम्हारा दिमाग सही जगह पर है या नहीं? तुम यहाँ पर काम करने आई हो या फिर अपने नाम को दबाने आई हो? तुम ऐसा कैसे कर सकती हो? तुमने देखा भी है तुमने क्या कर दिया है?”
सानिया को ऐसे चिल्लाते हुए देखकर वेदिका मुँह बनाते हुए बोली,
“क्या हुआ है? तुम चिल्ला तो ऐसे रही हो जैसे मैंने ना जाने कितना बड़ा पहाड़ उलट दिया हो। आखिर हुआ क्या है? इतना चिल्ला क्यों रही हो? तुम तो अभी ऑफिस में होनी चाहिए, तो फिर तुम मुझे कॉल करके चिल्ला कैसे सकती हो?”
वेदिका की बात सुनते ही सानिया अपना सर पीटते हुए बोली,
“तुम सच में पागल हो। तुम्हें अंदाज़ा भी है, तुमने क्या किया है? तुमने सोशल मीडिया पर अरमान राजवंश के बारे में इतना कुछ कैसे बोल सकती हो?”
सानिया की बात सुनते ही वेदिका मुँह बनाते हुए बोली,
“क्या कहा? पर तुम्हें कैसे पता चला? मतलब अच्छा हाँ, मुझे याद आया तुम ही तो मेरी फ़्रेंड लिस्ट में हो ना? इसलिए तुमने देख लिया होगा। लेकिन सच कहूँ तो मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था। वह इंसान ऐसा कैसे कर सकता है? उसने मुझे इंटरव्यू देने से इनकार किया है। उसकी वजह से मुझे कितना कुछ झेलना पड़ रहा है। मेरी जॉब भी जा सकती है।”
वेदिका की बात सुनते ही सानिया गुस्से में बोली,
“मेरी माँ, सिर्फ़ मैंने नहीं पढ़ा है। ज़रा एक बार सोशल मीडिया ओपन करके देखो। करोड़ों लोगों ने उसे देख लिया है। उस पर लाइक, कमेंट, शेयर बहुत हो चुके हैं। यहाँ तक कि कमेंट में कुछ लोग तो तुम्हारे ख़िलाफ़ भी हो चुके हैं। क्योंकि उनमें से बहुत सारी लड़कियाँ या कहें कि बहुत सारे लोग अरमान राजवंश के बहुत बड़े फ़ैन हैं। भले ही उन्होंने उसे देखा नहीं है लेकिन बिना देखे भी उन लोगों ने अरमान राजवंश को अपना आदर्श बनाया है और तुमने इस अरमान राजवंश के ख़िलाफ़ इतना कुछ कहा है और तुम्हें क्या लगता है? तुम यह सब करोगी तो तुम्हारी जॉब नहीं जाएगी? तुम्हारी यह सबसे बड़ी गलती है। इसमें सिर्फ़ तुम्हारी जॉब नहीं जाएगी बल्कि तुम्हारी जान भी जा सकती है। तुमने अरमान राजवंश के ख़िलाफ़ कुछ कहा है, पुलिस तो तुम्हारे घर तक पहुँच जाएगी।”
सानिया की बात सुनते ही वेदिका को ऐसा लगा जैसे उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई हो। जैसे उसने कोई बहुत बड़ा गुनाह कर दिया हो। वह जल्दी से लैपटॉप लेकर वापस सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट देखने लगी। जैसा कि सानिया ने कहा था, वह बिल्कुल सच था। उसके पोस्ट किए हुए लेक्चर पर बहुत ज़्यादा शेयर हो चुके थे और कमेंट इतने हो चुके थे कि ऐसा लग रहा था जैसे सारे लोग उसे ही गालियाँ दे रहे हैं। लेकिन उनमें से बहुत सारे लोग अच्छे भी थे जो उसका साथ भी दे रहे थे। वेदिका को कहीं न कहीं डर लग रहा था। सानिया ने जब देखा कि वेदिका चुप हो गई तो उसने फ़ोन काट दिया। वेदिका अब सोच में पड़ गई थी कि उसे क्या करना है? इधर दूसरी तरफ़ अरमान अपने बेटे के साथ घर पहुँच चुके थे। इस वक़्त अरमान को इन सब के बारे में कुछ भी पता नहीं था। जैसे ही वह घर पहुँचे, उन्होंने देखा कि उनका पूरा परिवार हॉल में बैठकर टीवी देख रहा है। अहान ने अपनी फैमिली को देखते ही खुश होकर कहा,
“दादू मैं आ गया।”
अहान की आवाज़ सुनकर सभी घरवालों की नज़र एक साथ उसके चेहरे पर गई। आमतौर पर अहान को देखकर पूरा परिवार खुश रहता है, लेकिन इस वक़्त सबके चेहरों पर एक अलग सा भाव था। देव ने यह नोटिस किया तो उसकी नज़र टीवी पर चल रही न्यूज़ पर गई, जिसे देखकर उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं और उसने तुरंत अपना फ़ोन निकालकर सोशल मीडिया चेक किया। वेदिका के अपलोड किए हुए पोस्ट को देखकर उसके कदम लड़खड़ाने लगे। अरमान राजवंश ने वहाँ का माहौल नोटिस किया, तब उन्होंने अहान को देखते हुए कहा,
“आप अपने कमरे में जाइए। थोड़ी देर बाद जब मैं बुलाऊँगा तब जाकर पूरे परिवार से मिल लीजिएगा। आप काफी थक गए होंगे, इसलिए अभी आपको आराम करना है।”
यह कहते ही उन्होंने एक नौकर को इशारा किया जो अहान को लेकर वहाँ से चला गया। अहान के जाते ही देव अरमान के पास आकर घबराते हुए बोला,
“मुझे नहीं पता यह सब कैसे हुआ? यह काम उसी लड़की का है जो एयरपोर्ट पर तमाशा कर रही थी। यह लड़की तो बहुत शातिर निकली और लोग इसे सपोर्ट भी कर रहे हैं।”
देव की बात सुनते ही अरमान बिना किसी को कुछ बोले स्टडी रूम की तरफ़ चले गए। देव समझ गया कि अरमान ज़रूर कोई निजी बात करना चाहते हैं, इसलिए वह भी जल्दी से अरमान राजवंश के पीछे स्टडी रूम में पहुँच गया। थोड़ी देर चुप रहने के बाद अरमान ने देव को देखते हुए कहा,
“इस लड़की को इन्फॉर्म करो और बोलो कल 11:00 बजे समय पर ऑफिस आने के लिए। उसे इंटरव्यू चाहिए ना तो उसे इंटरव्यू मिलेगा।”
अरमान राजवंश की बात सुनकर देव हैरान होकर बोला, “लेकिन तुम तो किसी के सामने नहीं आते, तो फिर इंटरव्यू कैसे दे सकते हो?”
देव की बात सुनकर अरमान राजवंश ने गंभीर होकर कहा,
“मैंने जितना कहा है, उतना करो। जिस तरह से उसने पूरे सोशल मीडिया पर अनाउंस किया है कि मैंने, यानी अरमान राजवंश ने, उसके साथ बदतमीजी करने की कोशिश की है, तो अब इस तरह तुम पूरे सोशल मीडिया पर यह अनाउंस करो कि अब अरमान राजवंश खुद इस लड़की को सिर्फ़ इंटरव्यू देगा और उसके जो भी सवाल होंगे, उन सभी सवालों के जवाब उसे अच्छी तरीके से मिलेंगे।”
अरमान की बात कुछ अलग ही सुनाई दे रही थी। देश के लिए यह बहुत नया था। क्योंकि इससे पहले अरमान ने कभी किसी भी रिपोर्टर को इंटरव्यू के लिए हां नहीं कहा था। यहाँ तक कि कई सारे रिपोर्टरों की नौकरी अरमान ने बर्बाद कर दी थी। लेकिन इस लड़की की बात कुछ अलग थी। उसका घमंड काफी अलग था और अब बात अरमान राजवंश के नाम पर आ गई थी। किसी की इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह अरमान राजवंश का नाम इस्तेमाल करके पूरे सोशल मीडिया पर फेमस होने की कोशिश करे। लेकिन वेदिका ने जो किया, वह देखकर अरमान का खून खौल रहा था। अगर इस वक़्त वेदिका उसकी नज़र के सामने होती, तो शायद अब तक उसकी चिता जल रही होती।
अगले दिन पूरे सोशल मीडिया पर अफरा-तफ़री मची हुई थी। आखिर अरमान राजवंश एक रिपोर्टर को इंटरव्यू देने वाला था। यह बात इतनी तेज़ी से फैलने लगी कि सभी न्यूज़ चैनलों पर वेदिका की बातें हो रही थीं। हालाँकि वेदिका की तस्वीर अभी तक सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं हुई थी। क्योंकि बेचारी वेदिका को जब यह बात पता चली कि अब अरमान राजवंश खुद अपना इंटरव्यू देना चाहता है, तब से वेदिका डर से बुरी तरह घबराई हुई थी।
वेदिका इस वक़्त अपने घर में टीवी देख रही थी। तभी सोनिया किचन से बाहर आकर वेदिका को दूध का गिलास देते हुए कहती है,
“यह लो, दूध पी लो। क्योंकि यही दूध पीने से तुम्हें शक्तियाँ मिलेंगी। जिस तरह से तुम हरकत कर रही हो ना, मुझे तो अब तुम्हारी फ़िक्र होने लगी है। आखिर तुम इतनी बड़ी प्रॉब्लम कैसे खड़ी कर सकती हो? तुम्हें दिखाई भी दे रहा है कि तुमने कितना बड़ा प्रॉब्लम उठा लिया है? अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेना कोई आम बात नहीं है। बड़े-बड़े मीडिया रिपोर्टर, जिन्हें लीजेंड कहा जाता है, उनमें भी इतनी हिम्मत नहीं है कि वे अरमान राजवंश का इंटरव्यू ले सकें और तुमने उसकी सोशल मीडिया पर जिस तरह से बेइज़्ज़ती की है ना, आई डोंट थिंक कि अरमान राजवंश इतनी आसानी से इंटरव्यू देने देगा। ज़रूर उसके दिमाग में कुछ चल रहा है। अरमान राजवंश को आज तक किसी ने नहीं देखा है। शायद तुम लकी लड़की होगी जो अरमान राजवंश को देखने वाली हो। लेकिन मुझे नहीं लगता है इसके बाद तुम्हारी आँखें भी बचेंगी।”
अपनी दोस्त सोनिया की बातों को सुनकर वेदिका डरते हुए कहती है,
“यार, भगवान सबका भला करता है, पर भगवान मेरा भला क्यों नहीं करता है? तुम भी मुझे डराने की कोशिश कर रही हो। मुझे नहीं पता था मेरी एक स्पीच देने पर इतना बड़ा बवाल हो जाएगा। मैं तो बस गुस्से में थी और गुस्से में न जाने मैंने क्या कह दिया और मैं… मुझे क्या पता था कि मेरे नॉर्मल अकाउंट के पोस्ट पर इतने सारे लाइक, कमेंट आ जाएँगे। मैंने ध्यान भी नहीं दिया कि मेरा अकाउंट पब्लिक है। सच कह रही हूँ, मुझे कुछ भी पता नहीं था और मैं अरमान राजवंश के बारे में ज़्यादा नहीं जानती हूँ। जितना मुझे लोगों से पता चला है, मुझे नहीं लगता है कि वह इतना खतरनाक भी होगा। मतलब तुम कह रही हो तो हो सकता है वह खतरनाक होगा। लेकिन अब देखो ना, वह खुद इंटरव्यू देने के लिए तैयार हो गया, तो हो भी सकता है कि वह सोच रहा हो कि मैं अच्छी लड़की हूँ। एक बार इंटरव्यू लेने में क्या जाता है?”
वेदिका की बातों को सुनकर सोनिया गहरी साँस लेकर कहती है,
“मैं तुम्हें इंटरव्यू लेने से मना भी नहीं कर रही हूँ और वैसे भी अब पूरी दुनिया भी तुम्हें मना करेगी ना, तो भी तुम मना नहीं कर सकती हो। क्योंकि जब अरमान राजवंश ने एक बार ऑर्डर दे दिया है ना, तो तुम क्या, उसकी पूरी दुनिया भी बदलने की कोशिश नहीं करेगी। इसीलिए अब जल्दी तैयार हो जाओ और जाओ। इंटरव्यू देने के लिए तुम्हारे पास केवल आधे घंटे का वक़्त है। तुम तब से टीवी देखी जा रही हो और तुम्हें यह भी ख्याल नहीं है कि ११:०० बजे तुम्हें इंटरव्यू लेना है? अभी फ़िलहाल के लिए मैं ऑफ़िस जा रही हूँ। आई डोंट थिंक कि वहाँ पर पता नहीं कितने सारे लोग मुझसे सवाल करेंगे? क्योंकि वहाँ पर सब लोग यह जानते हैं कि तुम मेरी बेस्ट फ़्रेंड हो।”
सोनिया की बातों को सुनकर वेदिका ने घड़ी में समय देखा। वैसे तो वह ऑफ़िस के लिए तैयार थी, लेकिन न्यूज़ देखने के चक्कर में उसका ध्यान पूरी तरह से हट चुका था। वह जल्दी से सोफ़े से अपना बैग उठाकर घर से बाहर निकलने लगी। तभी उसके फ़ोन पर उसके फ़्रेंड का कॉल आया। आनंद के कॉल को देखते ही वह फ़ोन उठाकर ऑटो ढूँढने के लिए सड़क पर गई। तभी फ़ोन की दूसरी तरफ़ से आनंद ने गुस्से में कहा,
“मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आखिर तुम करना क्या चाहती हो? तुम इतनी बड़ी बेवकूफ़ कैसे हो सकती हो? माना हमारे बॉस ने तुम्हें अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेने के लिए कहा था। लेकिन इस तरह से नहीं। तुम्हें अंदाज़ा भी है इस वक़्त हमारे बॉस कितने गुस्से में हैं? अगर इस वक़्त तुम उनके सामने आ जाओगी ना, तो वह तुम्हारी जान ले लेंगे। मेरी बात मानो। जल्दी से अरमान राजवंश से माफ़ी माँग लो और यह सब कुछ ख़त्म करो। बाकी का मैं संभाल लूँगा। मैं खुद सर से बात करूँगा और कहूँगा कि अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेने की ज़िम्मेदारी मैं लेता हूँ।”
आनंद की बातों को सुनकर वेदिका मुँह बनाते हुए कहती है,
“यार, बस तुम प्लीज़ चुप रहो। ऑलरेडी मैं बहुत परेशान हूँ और तुम मुझे और परेशान मत करो। मैंने सोच लिया है कि मैं अरमान राजवंश का इंटरव्यू लूँगी और मैं गारंटी देती हूँ कि इसका कोई तमाशा नहीं होगा और रही बात माफ़ी माँगने की, तो सोशल मीडिया की जगह मैं उनसे सामने से खुद माफ़ी माँग लूँगी। मैंने जो किया है, मैं जानती हूँ कि वह गलत है और मुझे इसका पछतावा भी है। अभी फ़िलहाल के लिए मैं ऑफ़िस जा रही हूँ। मैं ऑलरेडी लेट हूँ। मैं तुमसे बाद में बात करूँगी।”
यह कहते ही वेदिका ने फ़ोन रख दिया और तभी उसे एक ऑटो ड्राइवर दिखाई दिया। वेदिका जल्दी से ऑटो में बैठी और राजवंश कंपनी के लिए निकल गई। ठीक २५ मिनट बाद वेदिका एकदम राजवंश इंडस्ट्री के सामने ही रुकी हुई थी। उसने ऑटो ड्राइवर को पैसे दिए और कंपनी के अंदर जाने लगी। पूरे कंपनी को यह पता था कि आज एक रिपोर्टर आने वाली है, वह भी अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेने के लिए और उन सभी की नज़र दरवाज़े पर थी। क्योंकि वह लोग जानते थे कि जो भी अनजान व्यक्ति, यानी कि जो भी अनजान लड़की ऑफ़िस के अंदर आएगी, वही इकलौती होगी जो अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेगी और ऐसे में तभी वेदिका पूरी कंपनी को देखते हुए अंदर की ओर आ रही थी। कंपनी का जो मेन गेट था, वह पूरा का पूरा शीशे से बना हुआ था। वह दिखने में इतना खूबसूरत था और बाहर का इंसान अंदर का नज़ारा नहीं देख सकता था। लेकिन अंदर का इंसान बाहर का पूरा नज़ारा देख सकता था। वेदिका को तो यकीन नहीं हो रहा था कि वह इतनी बड़ी कंपनी में कभी आ भी सकती है। चारों तरफ़ सिर्फ़ सफ़ेद रंग की मार्बल लगी हुई थी। वहाँ पर हर एक सामान इतने महंगे दिख रहे थे कि अगर उसे कोई हाथ भी लगा लेना तो शायद उस पर उंगली उठ सकती थी। पूरी कंपनी को देखते हुए वेदिका आगे बढ़ रही थी। वहीँ सब लोगों की निगाहें वेदिका पर थीं। क्योंकि उन लोगों की नज़रों में वेदिका एक अनजान लड़की थी। साथ ही वेदिका के हाथ में एक माइक था, वहीँ दूसरे हाथ में उसने पर्स के साथ-साथ अपनी फ़ाइल को भी संभाल रखा था। सबको समझ आ चुका था कि यही वह लड़की है जो अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेने वाली है। वेदिका को बहुत अजीब लग रहा था। जिस तरह से सभी लोग उसे देख रहे थे, वह समझ चुकी थी कि इस वक़्त वह सब क्या सोच रहे होंगे?
वेदिका को अब खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा था और वह गुस्से में बड़बड़ाते हुए मन ही मन कहती है,
“भगवान सबका भला करे, पर मेरा क्यों नहीं कर रहे हैं? मुझे इतना गुस्सा आ रहा है ना। मैंने आखिर सोशल मीडिया पर वह सब क्यों कहा? ना जाने ये लोग मेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे? अब तो मुझे डर लग रहा है। पता नहीं अरमान राजवंश कैसा दिखता होगा? क्या मुझे इंटरव्यू लेना चाहिए या फिर आनंद की बात मानकर यहाँ से भाग जाना चाहिए? नहीं, अगर मैं भाग जाऊँगी तो सबको लगेगा मैं डरपोक हूँ और वेदिका कश्यप डरपोक नहीं है और मैं यह प्रूफ़ भी कर सकती हूँ। बस छोटा सा इंटरव्यू लेना है और मैंने कुछ गुनाह तो नहीं किया, जो वह मुझे जान से मारेगा।”
यह कहते-कहते वेदिका रिसेप्शनिस्ट के पास पहुँच गई। इससे पहले कि रिसेप्शनिस्ट वेदिका से कुछ कहती, तभी वहाँ पर देव सक्सेना आया, जो वेदिका से पहले भी मिल चुका था। वेदिका की खूबसूरती को देखकर देव को बहुत प्यार आ रहा था। जिस तरह से वह इतनी मासूम नज़र आ रही थी ना, देव को पता नहीं क्यों वह काफी अच्छी लगने लगी थी। लेकिन उसकी हरकतों ने देव को नाराज़ कर दिया था। जिस तरह से वह अरमान का पीछा करने के चक्कर में उसे बदनाम कर रही थी। यह सब देखकर देव को अच्छा नहीं लगा और उसने वेदिका के सामने आकर मुँह बनाते हुए कहा,
“चलो, अरमान राजवंश इंटरव्यू देने के लिए तैयार है। लेकिन याद रखना, अगर पाँच से ज़्यादा सवाल तुमने पूछने की कोशिश की, तो तुम्हारे कैमरे में जो भी वीडियो रिकॉर्ड होंगे, उसे भी डिलीट कर दिया जाएगा।”
देव की बातों को सुनकर वेदिका को एयरपोर्ट वाला सीन याद आ गया। उसे याद आया कैसे उसने देव के सामने कहा था कि वह अरमान राजवंश की गर्लफ्रेंड है। यह याद करके ना जाने क्यों उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया और उसे काफी ज़्यादा एम्बेरस्ड फील होने लगा। लेकिन फिर वह देव के साथ वहाँ से इंटरव्यू लेने के लिए मीटिंग में पहुँच गई। देव उसे मीटिंग रूम के अंदर लेकर आया और सामने बैठे शख्स की तरफ़ इशारा करते हुए कहा,
“वह जो पीठ करके बैठा हुआ है ना, वही अरमान राजवंश है और आपको उसी का इंटरव्यू लेना है। इस वक़्त कमरे में आप दोनों के अलावा कोई नहीं रहेगा, तो आप इस बात का ध्यान रखिएगा कि ज़्यादा करीब जाने की कोशिश मत कीजिएगा। अगर कोई परेशानी होगी तो यहाँ पर बेल बटन है। आप इसे बजा दीजिएगा। कोई भी आपकी मदद करने के लिए पहुँच जाएगा।”
यह कहकर देव जल्दी से केबिन से बाहर चला गया। देव के जाते ही वेदिका सामने कुर्सी पर बैठ गई और अपने सामने बैठे हुए अरमान राजवंश के चेहरे को देखने की कोशिश करने लगी। हालाँकि अरमान कुर्सी पर पीठ करके बैठा हुआ था। जैसे ही उसने कुर्सी घुमाई, उसने सामने बैठी एक सुंदर लड़की को देखा। वह अरमान को देखकर ज़्यादा इम्प्रेस नहीं हुई। लोगों ने तो उसकी बहुत तारीफ़ की थी, लेकिन सामने बैठा इंसान कोई खास नहीं लग रहा था। वह नॉर्मली सभी लोगों की तरह दिख रहा था। यह देखकर वेदिका मन ही मन कहती है,
“यह अरमान राजवंश? इसी के लिए लाखों लड़कियाँ मरती हैं? पर मुझे तो यह कुछ खास पसंद नहीं आया। पता नहीं इसमें ऐसा क्या है, जो इतनी सारी लड़कियाँ इसके प्यार में पागल हैं? मुझे तो लगता है इसके प्यार में नहीं, इसकी प्रॉपर्टी में पागल होंगी और इस बेवकूफ़ को लगता होगा इसके प्यार में पागल हैं। खैर मुझे क्या? मुझे तो बस इसका इंटरव्यू लेना है और यहाँ से निकलना है।”
यह कहकर वेदिका मुस्कुराते हुए कहती है,
“हेलो मिस्टर अरमान राजवंश, माइसेल्फ़ वेदिका कश्यप और आज मैं आपका इंटरव्यू लेना चाहती हूँ। आई नो मेरी बदतमीज़ी के चक्कर में आपकी थोड़ी बदनामी हो गई है और मैं उसकी वजह से आपसे माफ़ी भी माँगती हूँ।”
वेदिका ने अरमान राजवंश को देखकर मन ही मन बातें कीं। इधर, एक बड़े केबिन में तीन-चार लोग सीसीटीवी फुटेज पर सब कुछ देख रहे थे। देव ने वेदिका को अरमान राजवंश से बात करते देखा तो अपने बगल वाले को देखकर मुस्कुराया और कहा,
“तुम्हारा दिमाग तो बहुत शातिर है। मुझे लगा था तुम खुद सामने जाकर इंटरव्यू लोगे। पर तुमने अपने भाई को भेज दिया। मानना पड़ेगा, तुम्हारा चेहरा किसी ने नहीं देखा है। इसका फायदा तुम बहुत अच्छे से उठाते हो। पर मुझे समझ नहीं आ रहा है, अगर वह नकली अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेकर अपने ऑफिस जाएगी तो उसका बॉस क्या करेगा? क्योंकि कहीं न कहीं उसके बॉस ने तुम्हें देखा ही है।”
देव की बातें सुनकर अरमान राजवंश, जो पेन पकड़कर उसे टेबल पर घुमा रहा था, गंभीर नज़रों से सीसीटीवी फुटेज की तरफ़ देखते हुए बोला, “अगर कोई मुझसे चालाकी करने की कोशिश करेगा तो मैं क्या शांत बैठा रहूँगा? अब उसे पता चलेगा अरमान राजवंश क्या चीज है! कंपनी में सब लोग जानते हैं कि वेदिका इस वक़्त किससे इंटरव्यू ले रही है और गलती से भी अगर किसी ने वेदिका को सच बताया तो उन लोगों को अपनी नौकरी गँवानी पड़ेगी।”
अरमान की बात सुनकर देव मुस्कुराया और वापस सीसीटीवी फुटेज देखने लगा। इधर, वेदिका, जिसे अरमान समझ रही थी, अपने सवाल को निकालकर मुस्कुराते हुए बोली,
“सो मिस्टर अरमान राजवंश, मेरा पहला सवाल: आप इतने ताकतवर हैं, ऐसा लोग कहते हैं। आपने बहुत से लोगों की मदद की है, यह भी लोग ही कहते हैं। लेकिन कभी आप अपना चेहरा सामने लेकर क्यों नहीं आते? ऐसा तो नहीं कि आप बदसूरत... मेरे कहने का मतलब है, आप अच्छे नहीं लगते हैं। आप देखने में काफी अच्छे हैं। आपको सब लोग पसंद भी करते हैं, तो आपको नहीं लगता है इसका फायदा उठाकर आपको सबके सामने आना चाहिए?”
वेदिका के सवाल को सुनकर नकली अरमान, यानी कि अरमान राजवंश का छोटा भाई अर्जुन राजवंश, मुस्कुराते हुए बोला,
“मिस वेदिका, मैं तो सबके सामने आना चाहता हूँ, लेकिन फिर सोचता हूँ अगर मेरे चेहरे को सबने देख लिया तो मैं खुलकर बाहर नहीं जा पाऊँगा। सब लोग मेरा पीछा करते रहेंगे और मेरी तस्वीर भी वायरल हो जाएगी। क्या पता कोई मुझे अपना क्रश बना ले और मैं नहीं चाहता हूँ कि कोई मेरे प्यार में इतनी पागल हो जाए कि वह अपने आप को मारने की भी कोशिश करे। सुसाइड, आप समझ रही हैं ना? मैं क्या कह रहा हूँ?”
अर्जुन राजवंश की बात सुनकर वेदिका मन ही मन बोली,
“कौन पागल लड़की इसके चेहरे को देखकर सुसाइड करने की कोशिश करेगी? ठीक है, यह बहुत खूबसूरत है। लेकिन कोई पागल ही होगी जो इसकी खूबसूरती को देखकर सुसाइड करेगी। आम इंसान की तरह तो दिखाई ही दे रहा है। ऐसा तो नहीं है कि भगवान ने इसे अलग से राजकुमार बनाया है। खैर, मुझे क्या? होगी कोई लड़की इसके प्यार में पागल। मुझे तो बस अपना काम ख़त्म करके यहाँ से निकलना है।”
यह सोचकर वेदिका मुस्कुराते हुए बोली,
“ओके, मेरा दूसरा सवाल: खबरों के मुताबिक हमें यह पता चला है कि आपका एक पाँच साल का बेटा है। लेकिन कभी आपने इस पर चर्चा नहीं की, न आपकी शादी की खबर निकली है और न यह कहा गया है कि आपका किसी के साथ अफ़ेयर था। तो फिर वह बच्चा है किसका? और अगर किसी का है तो आप उसे सामने क्यों नहीं आने देते हैं? आपने खुद को भी छुपा कर रखा है और अपने बच्चों को भी...”
वेदिका का यह सवाल सुनकर अर्जुन ने एक नज़र सीसीटीवी फुटेज को देखा। उसे पता था कि उसका भाई इस सवाल को सुनकर एकदम शैतान बन चुका होगा, और उसने बिल्कुल सही सोचा था। वेदिका का यह सवाल अरमान को बहुत गुस्सा दिला रहा था। इधर अर्जुन मुस्कुराते हुए बोला,
“सो मिस वेदिका, अब आप मुझे यह बताइए, अगर इस वक़्त मेरी जगह आप होतीं और आप किसी पॉवरफुल वूमेन से कम नहीं होतीं, आपके कई शायद दुश्मन होते, तो आप अपने बच्चों को क्या सोशल मीडिया पर अपलोड करतीं? मेरे कहने का मतलब है, उनकी तस्वीरें अपलोड करना चाहतीं? आपको नहीं लगता है एक पॉवरफुल इंसान को सब कुछ पर्सनल रखना चाहिए? और वह मेरा बच्चा है। मेरी शादी हुई है या नहीं हुई है, मेरा अफ़ेयर है या नहीं है, यह सवाल आपका पूछने का कोई हक़ नहीं बनता है, क्योंकि यह मेरा पर्सनल मैटर है। अगर आपका सवाल हो गया है तो प्लीज़ आप यहाँ से जा सकती हैं। अदरवाइज़ मैं अब आगे कोई सवालों का जवाब नहीं दूँगा।”
अर्जुन की बात सुनते ही वेदिका घबराहट में बोली,
“आई एम सॉरी, मैं यह सवाल नहीं करना चाहती थी। यह तो लोगों की डिमांड थी। इसलिए मैं पूछ रही थी। मैं अभी सवाल नहीं करूंगी और मैं समझ चुकी हूँ कि आप अपने बच्चों को क्यों प्राइवेट करके रखे हैं। आई अंडरस्टैंड। सो मेरा तीसरा सवाल: काफी सारे लोगों ने सुना है कि आप अपनी कंपनी के साथ बहुत ज़्यादा स्ट्रिक्ट हैं। अगर कोई भी दूसरी कंपनी आपको धोखा देने की कोशिश करती है तो आप उन्हें गायब कर देते हैं। मतलब उनके साथ ऐसा कुछ करते हैं कि वह इंसान की ख़बर दूसरे दिन न्यूज़ में दिखाई भी नहीं देती है और वह इंसान दोबारा कहीं दिखता भी नहीं है। तो क्या इसका मतलब यह है कि आप और आपकी पूरी टीम उस इंसान को ख़त्म कर देती है?”
वेदिका की बात सुनकर अर्जुन ने गहरी साँस लेकर कहा,
“ऐसा कह सकते हैं, क्योंकि मेरे अंदर बहुत सारे लोग आते हैं जिनका नाम शायद मैं यहाँ नहीं लूँगा। क्योंकि अगर ले लूँगा ना तो मेरे चाहने वाले उनके पास भी पहुँच जाएँगे। अपना चौथा सवाल पूछिए।”
अर्जुन की बात सुनते ही वेदिका मुस्कुराते हुए बोली,
“मेरा चौथा सवाल: लोगों ने तो यह भी कहा है कि आपकी अपनी फैमिली से नहीं बनती है। मतलब आप ज्यादातर बाहर आना पसंद करते हैं तो फिर आप अपने बच्चों को समय कैसे देते हैं?”
वेदिका के सवाल सुनकर अर्जुन ने फिर से गहरी साँस लेकर कहा,
“मेरी फैमिली से नहीं बनती है क्योंकि मैं ज्यादातर काम में लगा रहता हूँ और ऐसा नहीं है कि मैं अपनी फैमिली से प्यार नहीं करता हूँ। वह मेरे लिए सब कुछ है। पर मेरा काम भी मेरे लिए बहुत इम्पॉर्टेन्ट है और रही बात मेरे बच्चे की तो उसके लिए तो मेरा काम भी कुछ नहीं है।”
अर्जुन राजवंश के जवाब को सुनकर वेदिका मुस्कुराते हुए बोली,
“ओके, तो मेरा पाँचवाँ और आख़िरी सवाल: आख़िर क्या आप अभी लोगों के सामने नहीं आना चाहते हैं? मतलब ऐसा कह सकते हैं कि आप खुद को इसलिए छुपा रहे हैं क्योंकि आपने बहुत गुनाह किया है? यह सवाल मेरे नहीं हैं। काफी सारे पब्लिक के, जो सोशल मीडिया पर मेरे कमेंट में... मतलब कमेंट में बोल रहे थे, तो बस इसलिए मैं पूछना चाहती हूँ।”
वेदिका की बात सुनकर अर्जुन खुश होकर बोला,
“ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आप कहो तो मैं आज ही लोगों के सामने आ जाऊँगा, या फिर अभी आप इंटरव्यू ले रही हैं ना, यह जो आप एक बार अपने ऑफिस में सबको दिखा दीजिएगा। उसके बाद इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दीजिएगा। फिर तो सब लोग मुझे पहचान जाएँगे। आख़िर आप ही तो मेरा इंटरव्यू ले रही हैं।”
अर्जुन की बातें सुनकर, जिसे वेदिका अरमान राजवंश समझ रही थी, उसे यह देखकर काफी अजीब लग रहा था। उसने अपने दोस्त के मुँह से जितना अरमान राजवंश के बारे में सुना था, वह अरमान राजवंश इतना खतरनाक तो लग नहीं रहा था। यह तो बिल्कुल बच्चों की तरह बात कर रहा था। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि यह पाँच साल के बच्चे का बाप है। वेदिका को थोड़ा अजीब तो लगा, लेकिन उसे अब यहाँ से जाना था। उसका जो काम था वह ख़त्म हो चुका था। अब तो बस उसे कैसे भी करके ऑफिस जाकर यह वीडियो अपने शैतान खड़ूस बॉस को दिखाना था ताकि उसका प्रमोशन हो सके और वह काफी सारे पैसे भी कमा सके। यह सोचकर वेदिका खुश होकर बोली,
“थैंक यू मिस्टर अरमान राजवंश। आपके साथ इंटरव्यू लेकर मुझे बहुत अच्छा लगा। सोचा नहीं था इंटरव्यू इतनी आसानी से हो जाएगा। अब मैं चलती हूँ। आई होप हमारी मुलाक़ात दोबारा न हो।”
यह कहकर वेदिका मुस्कुरा कर वहाँ से चली गई। वेदिका के जाने के बाद अर्जुन, जो अब तक शांत था, एकदम से अपना पेट पकड़कर जोर-जोर से हँसने लगा। वह सच में बहुत ज़्यादा हँस रहा था। लग रहा था जैसे उसने किसी कार्टून को देख लिया हो। वह हँस ही रहा था कि तभी देव केबिन में आया और उसने तुरंत अर्जुन के सर पर टप्पी मारते हुए कहा,
“बस भी करो।”
देव की आवाज़ सुनकर अर्जुन ने अपनी हँसी को रोककर कहा,
“क्या भाई, आपने देखा नहीं कैसे मैं कार्टून से बात कर रहा था? या नहीं, मतलब सच में यह अरमान राजवंश... मतलब भाई के बारे में कुछ भी नहीं जानती है? अगर इसे पता होता ना तो शायद मेरे पहले ही सवाल में ही यह मुझे पहचान जाती। पर उसे पता तक नहीं चला कि मैं अरमान राजवंश नहीं बल्कि उनका छोटा भाई अर्जुन राजवंश हूँ।”
अर्जुन की बातें सुनकर देव ने गहरी साँस लेकर कहा,
“हमारा प्लान तो यही था ना। अब सब कुछ क्लियर हो चुका है। अब उसे सबक मिलने वाला है। बहुत शौक था इंटरव्यू लेने का। अब मैं जानता हूँ इन सब के बाद वह अपना चेहरा दोबारा दिखाई नहीं देगी। फ़िलहाल के लिए अब तुम घर जा सकते हो और हाँ, घर पर अगर कोई तुमसे पूछे तो किसी को कुछ भी मत बताना और फ़िक्र मत करो, तुम्हारा यह इंटरव्यू किसी के सामने नहीं आएगा। यह वीडियो देखते ही पहले तो उसके ऑफिस वाले उसे कंपनी से बाहर निकालेंगे।”
देव की बातें सुनकर अर्जुन ने उसे देखते हुए कहा,
“वह सब तो ठीक है लेकिन भाई का मूड कैसा है? क्योंकि जब उसने आहान के बारे में सवाल किया तो मुझे लगा शायद इस वक़्त भाई बहुत गुस्से में होंगे।”
अर्जुन की बातें सुनकर देव को अचानक से कुछ याद आया। जब वेदिका अर्जुन से अरमान समझकर बात कर रही थी और कैसे वह अपने ही सवालों में उलझी जा रही थी? वह सब देखकर अरमान के चेहरे पर किस तरह से हल्की सी मुस्कुराहट आई थी। जिसे देखकर देव भी बहुत ज़्यादा हैरान हो गया था। यह याद करते ही उसने अर्जुन को देखते हुए कहा,
“सवाल सुनकर अरमान को तो गुस्सा बहुत आया था। इतना कि वह गुस्से में मीटिंग रूम में ही आने वाला था। लेकिन मैंने रोक लिया था। पर उसके बाद के सवाल को सुनकर और वेदिका के उलझने को देखकर अरमान के चेहरे पर एक अलग मुस्कुराहट थी। वह शैतानों की मुस्कुराहट नहीं थी। वह बहुत अलग थी और मैंने वह मुस्कुराहट इससे पहले अरमान के चेहरे पर कभी नहीं देखी थी। मैं नहीं जानता हूँ कि वह आख़िर किस चीज में मुस्कुरा रहा था? लेकिन वेदिका जो भी है, है तो कमाल की। मैं तो चाहता हूँ कि उससे मुलाक़ात दोबारा हो। आख़िरकार उसकी वजह से अरमान के चेहरे पर मुस्कुराहट तो आई। हालाँकि ऐसा पॉसिबल तो नहीं है कि दोबारा मुलाक़ात होगी। क्योंकि अब जो बेचारे लड़की के साथ होने वाला है वह तो भगवान ही जाने।”
देव की बात सुनकर अर्जुन, जो पहले से सपने में पहुँच चुका था, अचानक से लड़खड़ाने लगा। देव ने उसे संभाला तो अर्जुन ने अपने ख्यालों से बाहर निकलकर कहा,
“क्या आप सच कह रहे हैं? अरमान भाई मुस्कुरा रहे थे? ऐसा हो ही नहीं सकता है। ज़रूर उनके चेहरे पर शैतानी मुस्कुराहट होगी। क्योंकि वह जब भी किसी चीज को हासिल करते हैं उनके चेहरे पर शैतानी मुस्कुराहट हमेशा रहती है। आपको गलतफ़हमी हुई होगी। खैर अब मैं चलता हूँ। मेरा काम हो चुका है।”
यह कहकर अर्जुन मुस्कुराते हुए वहाँ से चला गया। अर्जुन के जाते ही देव ने मुँह बनाते हुए कहा,
“मैं जानता था मेरी इस बात पर कोई यकीन नहीं करेगा और करेगा भी क्यों? सब जानते हैं अरमान राजवंश कैसा इंसान है? उसके चेहरे पर मुस्कुराहट, एक प्यारी सी स्माइल भी नहीं आ सकती है। अपने बेटे से भी मिलता है तो उसके चेहरे पर एकदम सीरियसनेस भरी रहती है। वह मुस्कुराएगा क्या? और अगर मैं यह बात घरवालों को बताऊँगा अभी तो सब मुझे ही पागल समझेंगे और कहेंगे कि मैं कोई सपना देख रहा हूँ। इससे बेहतर तो यही है कि मैं चुपचाप इन बातों को भूल जाऊँ।”
वेदिका आज बहुत खुश थी क्योंकि उसने अपने बॉस का काम पूरा कर लिया था। अब ऑफिस में उसका ओहदा और बढ़ जाएगा, और सब उसकी तारीफ करेंगे। यह सोचते-सोचते वह कब ऑफिस पहुँच गई, उसे पता ही नहीं चला। सब लोग उसका इंतज़ार कर रहे थे। उसने पहले ही इन्फॉर्म कर दिया था कि उसने इंटरव्यू ले लिया है। सुरेश मेहता खुद, फूलों का बुके लिए, वेदिका का स्वागत कर रहे थे। वेदिका को यह सब सपना लग रहा था। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि आज ऑफिस के सभी लोग इतने खुश हैं। वह मन ही मन सोच रही थी कि काश उसकी दोस्त सोनिया वहाँ होती, तो वह इस वक्त उसकी वीडियो बना रही होती। यह पल वेदिका के लिए बहुत अच्छा था। वह खुश होकर सुरेश मेहता के पास गई और मुस्कुराते हुए बोली,
“आखिरकार मैंने आपका दिया हुआ काम 24 घंटे के अंदर कर दिया। मैं जानती हूँ मेरे काम करने का तरीका थोड़ा अलग था। लेकिन, मैंने अरमान राजवंश का इंटरव्यू ले लिया।”
वेदिका की बातें सुनकर सुरेश मेहता मुस्कुराए। तभी आनंद ने खुश होकर वेदिका को गले लगाते हुए कहा,
“मुझे बहुत खुशी हो रही है कि तुमने अपना काम पूरा कर लिया। अब तुम्हारी तारीफ बनती है। लेकिन उससे पहले हम यह वीडियो देखना चाहते हैं। हम देखना चाहते हैं कि आखिर अरमान राजवंश कैसा दिखता है? वैसे तो मैंने उसे देखा है, पर काफी साल हो गए हैं। शायद चेहरा बदल गया होगा। इसलिए पहले तुम हमारे साथ अंदर चलो।”
यह कहते ही आनंद और बाकी सब वेदिका को ऑफिस के अंदर ले गए। कुछ ही समय में हॉल में सब कुछ तैयार था। हॉल के बीचों-बीच एक बड़ा सा प्रोजेक्टर लगा हुआ था। वेदिका ने अपना कैमरा आनंद को दे दिया था। आनंद ने कैमरा लैपटॉप में कनेक्ट करके प्रोजेक्टर पर दिखाना शुरू कर दिया। जैसे ही इंटरव्यू शुरू हुआ, वेदिका का चेहरा सबसे पहले आया, जब वह अरमान राजवंश से सवाल कर रही थी। उसके बाद, जैसे ही कैमरा अरमान राजवंश, यानी उसके छोटे भाई अर्जुन राजवंश के चेहरे पर गया, सब लोग हैरान हो गए। वह लोग यह देखकर हैरान नहीं हो रहे थे कि वह अरमान राजवंश असली है या नकली, बल्कि यह देखकर कि अरमान राजवंश ऐसा दिखता है? लेकिन उस ऑफिस में केवल एक ही, या यूँ कहें कि दो ही व्यक्ति थे, जो अरमान राजवंश के चेहरे को देखकर दंग रह गए थे। आनंद को समझ आ गया था कि सामने बैठा इंसान अरमान राजवंश बिलकुल भी नहीं है। लेकिन सुरेश मेहता को यकीन था कि वह अरमान राजवंश नहीं है, क्योंकि उन्होंने हाल ही में एक अवार्ड फंक्शन में अरमान राजवंश को देखा था और वह उसका चेहरा नहीं भूल सकते थे। जैसे ही प्रोजेक्टर पर वीडियो चल रहा था, सब लोग खुश हो रहे थे। उन्हें लग रहा था कि वेदिका जिसका इंटरव्यू ले रही है, वह सच में अरमान राजवंश है। वेदिका भी बहुत खुश थी। लेकिन जैसे ही उसने अपने बॉस, सुरेश मेहता के बदलते हुए एक्सप्रेशन देखे, वह कंफ्यूज होकर बोली,
“क्या हुआ सर? आप खुश नहीं हैं क्या? मुझे कुछ और सवाल पूछने चाहिए थे। पर आपको यह बात पहले बतानी चाहिए थी। मेरे पास केवल पाँच सवाल थे, जो मैंने पूछ लिए। आप चाहें तो इन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकते हैं। और वैसे भी, उन्होंने खुद कहा है कि मैं अपलोड कर दूँगी, तो वह मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। वह खुद चाहते हैं कि उनका चेहरा लोगों के सामने आए। उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं है। बस उनके पर्सनल मैटर, यानी उनके बच्चों और फैमिली को हमें सोशल मीडिया पर नहीं दिखाना है।”
वेदिका की बात सुनकर सुरेश मेहता गुस्से में उठ खड़े हुए और अपने हाथ को टेबल पर जोर से मारते हुए बोले,
“जस्ट शट अप, आर यू मैड? टेल मी आर यू मैड? तुम किसका इंटरव्यू लेकर आई हो? मैंने तुम्हें अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेने के लिए कहा था, ना कि अर्जुन राजवंश का।”
अपने बॉस की बातें सुनकर वेदिका कंफ्यूज होकर बोली,
“आप क्या बात कर रहे हैं? मैंने अरमान राजवंश का इंटरव्यू लिया है। और अब अर्जुन राजवंश आखिर कौन है? और मैं सच कह रही हूँ, यह अरमान राजवंशी हैं। इन्होंने खुद अपना इंट्रो दिया था।”
वेदिका की बातें सुनकर सब लोग दंग रह गए। सुरेश मेहता गुस्से में बोले,
“तुम्हें बेवकूफ बनाया गया है। तुमने ऐसी हरकत की है! तुमने अरमान राजवंश को सोशल मीडिया पर बदनाम किया है। उसके नाम का इस्तेमाल करके खुद का फायदा उठाया है। क्या तुम्हें लगता है कि इतनी आसानी से वह तुम्हें इंटरव्यू लेने देंगे? जब मुझे पता चला कि तुम अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेने जा रही हो, मुझे शक हो गया था। पर फिर मैंने सोचा, हो सकता है तुम्हारा लक अच्छा हो। पर यहाँ तो अरमान राजवंश ने बहुत अच्छी चाल चली थी। उसने तुम्हें बेवकूफ बनाया है और जिस इंसान का तुम इंटरव्यू लेकर आई हो, वह कोई और नहीं, बल्कि अरमान राजवंश का छोटा भाई अर्जुन राजवंश है। तुमने जो काम दिया था, वह भी नहीं किया और अब तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हें इस ऑफिस में रहने दूँगा? अभी के अभी मेरे ऑफिस से गेट आउट हो जाओ।”
सुरेश मेहता की बातें सुनकर वेदिका हैरान होकर बोली,
“नहीं, ऐसा नहीं हो सकता है। मैं अरमान राजवंश का इंटरव्यू ले रही हूँ। आपको गलतफहमी हुई है। भले ही मैंने उन्हें नहीं देखा, लेकिन उन्होंने सवालों के जवाब बहुत अच्छे से दिए हैं। वह भला ऐसा कैसे कर सकते हैं?”
वेदिका की बातें सुनकर आनंद ने उसे समझाते हुए कहा,
“वेदिका, सुरेश सर बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। यह अरमान राजवंश नहीं है, बल्कि उनका छोटा भाई अर्जुन राजवंश है, जो सोशल मीडिया पर काफी फेमस है। तुमने एक बार इसके चेहरे को सर्च कर लिया होता, तो तुम्हें पता चल जाता। तुम रिपोर्टर बन गई हो, लेकिन फिर भी तुम्हें काफी सारे लोगों की जानकारी नहीं है। यह अरमान राजवंश नहीं है। मैंने भी उसे एक बार देखा है, सालों पहले, लेकिन फिर भी मैं उसे पहचान सकता हूँ। पर यह अर्जुन राजवंश है।”
आनंद की बातों ने वेदिका को एक बहुत बड़ा झटका दिया था। वह यकीन नहीं कर पा रही थी कि वह जिस इंसान को सामने अरमान राजवंश समझ रही थी, वह इंसान अरमान राजवंश था ही नहीं। यानी कि उसे अरमान राजवंश ने धोखा दिया था। इतना बड़ा धोखा मिलेगा, उसने कभी नहीं सोचा था। वेदिका को जैसे अब कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। तभी सुरेश मेहता गुस्से में वेदिका पर चिल्लाते हुए बोले,
"अब तुम्हारा यहां कोई काम नहीं है। इसलिए चुपचाप यहां से चली जाओ। और अगर तुम चाहती हो कि मैं तुम्हें वापस नौकरी पर रखूँ, तो तुम्हें अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेना होगा। जिस दिन तुम उसका इंटरव्यू मेरे सामने लेकर आ जाओगी, उस दिन तुम्हें तुम्हारी नौकरी मिलेगी। वरना तब तक अपना यह चेहरा मुझे मत दिखाना। वैसे भी मैंने तुम्हारी बहुत गलतियाँ माफ़ की हैं। हर बार मैं तुम्हें माफ़ करूँ, इतना भी अच्छा इंसान नहीं हूँ मैं।"
यह कहकर सुरेश मेहता गुस्से में चले गए। वेदिका को बहुत गुस्सा आ रहा था। अंदर वह टूट रही थी। अब वह कैसे अपनी माँ को कॉल करके कहेगी कि उसकी नौकरी चली गई? अब वह कैसे अपनी सैलरी के आधे पैसे बचाकर अपनी माँ को भेजेगी? इकलौता जॉब तो उसकी वही था, जिससे वह इतने पैसे कमा रही थी। उसका रहना, खाना, पीना सब हो रहा था। यह सब सोचकर वेदिका की आँखों में आँसू आ गए। आनंद को अच्छा नहीं लग रहा था। पर वह कुछ कर भी नहीं सकता था। अगर वह इस वक़्त वेदिका की मदद करेगा तो उसका बॉस उसे भी जॉब से निकाल देगा और इस वक़्त आनंद ऐसा नहीं होना चाहता था। वेदिका को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? ऑफिस के सभी लोग उसे देखकर हँस रहे थे। तभी एक लड़की हँसते हुए बोली,
"तुमने कहा था कि हम तुमसे जल रहे हैं। आखिर तुमने देख लिया ना हम क्यों अपना चेहरा बना रहे थे? हम सब अरमान राजवंश की हरकतों को जानते हैं। भले ही हमने उन्हें देखा नहीं है लेकिन उनके बारे में जितना सुना है, वह इंसान बहुत खतरनाक है। अब तो मुझे समझ नहीं आ रहा है कि तुम ज़िंदा भी रहोगी या नहीं? क्योंकि तुमने बहुत बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है।"
उस लड़की की बातों को सुनकर आनंद ने गुस्से में कहा,
"बस करो सारिका। इस वक़्त वेदिका ऑलरेडी परेशान है और तुम उसे और परेशान कर रही हो? देखो जो हो गया वह हो गया। हम इसके बारे में कोई बात नहीं करेंगे। वेदिका तुम मेरी बात सुनो। तुम कोशिश करो कि तुम अरमान राजवंश का इंटरव्यू ले सको और मैं भी तुम्हारी इसमें मदद करूँगा। लेकिन फ़िलहाल के लिए तुम्हें अब यहां से जाना होगा। अगर तुम नहीं जाओगी तो बेकार में सुरेश सर हम सब पर गुस्सा करेंगे।"
आनंद की बातों को सुनकर वेदिका अपने आँसुओं को साफ़ करके वहाँ से चली गई। वेदिका इस वक़्त बहुत टूट चुकी थी। उसने एक ऑटो लिया और घर के लिए डायरेक्ट निकल गई। थोड़ी देर बाद जब वह घर पहुँची तो उसने देखा उसकी दोस्त सानिया पहले से मौजूद थी। सानिया के चेहरे पर परेशानी दिख रही थी। एक तो पहले से ही सानिया को लग रहा था कुछ तो बड़ा होने वाला है। उसने जैसे ही वेदिका को देखा, वह हैरान होकर बोली,
"क्या हुआ? तुम रो क्यों रही हो?"
सानिया की बातों को सुनकर वेदिका, जो अब तक अपने सूखे हुए आँसुओं के साथ घर के अंदर आई हुई थी, वह तुरंत सानिया के पास जाकर उसे कसकर लगाकर फूट-फूट कर रोने लगी। कुछ देर तक रोने के बाद वह सानिया से अलग होकर बोली,
"तुम सही कह रही थी। अरमान राजवंश बहुत खतरनाक है। उसने अपनी चाल कैसे चल दी? मुझे पता भी नहीं चला। उसने मुझे धोखा दिया।"
सानिया ने जब वेदिका की बातों को सुना तो वह कंफ़्यूज़ होकर बोली,
"यह तुम क्या कह रही हो? तुम तो अरमान का इंटरव्यू लेने के लिए गई थी ना और तुम्हें खुद कॉल आया था इंटरव्यू के लिए? तुम परेशान क्यों हो? तुमने इंटरव्यू लिया है ना? क्या वहाँ पर कुछ हुआ है?"
सानिया की बातों को सुनकर वेदिका ने अपने आँसुओं को साफ़ किया। लेकिन इससे पहले कि वह कुछ कहती, तभी सानिया ने अपने फ़ोन को देखा जिस पर उसकी दोस्त का कॉल आ रहा था। यह देखकर वह वेदिका से बोली,
"2 मिनट में अभी आती हूँ।"
इतना कहकर उसने फ़ोन उठाया तो फ़ोन की दूसरी तरफ़ से उसकी दोस्त चिल्लाकर बोली,
"सानिया तुम्हारी दोस्त पागल हो गई है क्या? उसके पास दिमाग नहीं है। उसने क्या किया है? वह सच में महा पागल है।"
अपने दोस्त की आवाज़ सुनकर और अपनी बेस्ट फ़्रेंड के बारे में इतना सब कुछ सुनकर सानिया गुस्से में बोली,
"क्या बात है राधिका? तुम वेदिका के बारे में इतना कुछ क्यों कह रही हो? देखो मैंने पहले भी कहा था कि मैं सब कुछ सुन सकती हूँ, लेकिन वेदिका के खिलाफ़ कुछ भी नहीं सुनूँगी।"
सानिया की बातों को सुनकर राधिका मुँह बनाते हुए बोली,
"देखो मुझे तुम्हारी दोस्त वेदिका से कोई मतलब भी नहीं है। मुझे तुम्हारी फ़िक्र थी इसलिए मैंने सोचा तुमसे पूछ लूँ। लगता है तुम्हें कुछ पता भी नहीं है। जाकर सोशल मीडिया ओपन करके देखो, वहाँ बवाल हो चुका है। यह न्यूज़ पूरी तरह से फैल चुकी है कि तुम्हारी दोस्त, मतलब वेदिका, अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेने के लिए गई थी। लेकिन उसने अरमान राजवंश की जगह उसके भाई अर्जुन राजवंश का इंटरव्यू ले लिया। हालांकि ठीक है, किसी को पता नहीं है वेदिका तुम्हारी दोस्त है। लेकिन मुझे तो पता है ना इसलिए मैंने सिर्फ़ तुम्हें कॉल किया। आखिर वह इतनी बड़ी बेवकूफ़ हो जैसे हरकत कैसे कर सकती है? तुम्हें अंदाजा भी है उसने किससे पंगा लिया है? ऑलरेडी उसने अपने सोशल मीडिया पर अरमान राजवंश के बारे में न जाने कितना कुछ कहा और अब और बवाल खड़ा कर रही है। मुझे तो लगता है उसका बाहर जाना भी मुश्किल हो चुका है।"
राधिका की बातें सुनकर सानिया को झटका लगा। उसने तुरंत फोन काटकर सोशल मीडिया चेक किया। जैसा राधिका ने बताया था, सोशल मीडिया पर अफरा-तफरी मची हुई थी। सब जगह वेदिका के बारे में बुराइयाँ चल रही थीं। कई लोग उस पर हँस भी रहे थे। "कितनी बड़ी बेवकूफ लड़की है, अरमान राजवंश का इंटरव्यू लेने गई और उसने इसे धोखा दे दिया, इसे उल्लू बना दिया," ऐसी बातें लिखी जा रही थीं। यह सब देखकर सानिया समझ गई कि वेदिका क्यों परेशान है। उसने अपना फोन किनारे रखा और वेदिका को सोफे पर बिठाते हुए पानी का गिलास दिया।
"कोई बात नहीं वेदिका, यह तो होता रहता है। यह कुछ दिन की बात है। बाद में सब ठीक हो जाएगा। तुम इन सारी बातों को भूल जाओ। तुम्हें अपने काम पर ध्यान देना है।"
सानिया की बातें सुनकर पानी पी रही वेदिका अचानक रुक गई और सानिया के चेहरे को देखकर बोली,
"तुम किस काम की बात कर रही हो? इस काम की, जहाँ मैं काम करती हूँ? मुझे नौकरी से निकाल दिया गया है और कहा गया है कि जब तक मैं अरमान राजवंश का इंटरव्यू नहीं ले लेती, तब तक मुझे वापस नौकरी पर नहीं रखा जाएगा। मुझे समझ नहीं आ रहा है मैं क्या करूँ? मेरी नौकरी एक पल में चली गई। मुझे नहीं पता था अरमान राजवंश से पंगा लेने का इतना बड़ा अंजाम मिलेगा मुझे।"
वेदिका की बातें सुनकर सानिया को दूसरा झटका लगा। उसकी नौकरी चली गई थी! इतनी बड़ी बात कैसे हो सकती है? नौकरी जाना मतलब वेदिका का करियर खत्म होना और उसे घर वापस जाना पड़ेगा। लेकिन सानिया यह नहीं चाहती थी। वह नहीं चाहती थी कि वेदिका अभी घर जाए। उसके गाँव के हालात देखते हुए वेदिका का गाँव से दूर रहना ही बेहतर था। यह सोचकर सानिया ने वेदिका का हाथ पकड़कर कहा,
"देखो वेदिका, मैं जानती हूँ तुम बहुत परेशान हो। लेकिन मेरी बात ध्यान से सुनो। अगर तुम अरमान राजवंश से पर्सनली मिलकर माफी मांगोगी, तो वह तुम्हें माफ कर देगा और हो सकता है, वह तुम्हें वापस नौकरी भी दिला दे। लेकिन तुम्हें अपने इगो को साइड रखकर अरमान राजवंश से माफी माँगनी होगी। देखो, मैं जानती हूँ तुम सोच रही होगी माफी माँगना बहुत बड़ा हो जाएगा। लेकिन तुम खुद सोचो ना, तुमने गलती की ना? गलती तुम्हारी है। यहाँ पर तुम्हें सोशल मीडिया पर किसी के बारे में ऐसा नहीं कहना चाहिए था।"
सानिया की बातें सुनकर वेदिका रोते हुए बोली,
"हाँ, मैं मानती हूँ गलती मेरी है। मैं उनसे माफी कैसे माँगूँगी? जबकि मुझे पता भी नहीं है वह कौन है और कहाँ रहते हैं? मुझे तो यह भी नहीं पता है वह कब कहाँ जाते हैं, तो तुम ही बताओ ना मैं उनसे कैसे मिलूँगी?"
वेदिका की बातें सुनकर सानिया मुस्कुराते हुए बोली,
"तुम उसकी फिक्र मत करो। मैं एक दोस्त को जानती हूँ, जो हर चीज की खबर रखता है। मैं उससे पता करने की कोशिश करती हूँ कि अरमान राजवंश कल क्या करने वाला है और कहाँ जाने वाला है। ऑफिस से तुम्हें जानने मिलेगा नहीं, यह तो मैं जानती हूँ। क्योंकि वहाँ सब लोग तुम्हें पहचान चुके हैं। इसीलिए, जैसे ही मुझे पता चलेगा अरमान राजवंश मीटिंग के लिए कहीं गया है, तो मैं तुम्हें तुरंत बताऊँगी। तुम 5 मिनट इंतज़ार करो, मैं अभी पता करके बताती हूँ।"
यह कहकर सानिया अपना फोन लेकर बालकनी में चली गई। वेदिका ने यह देखकर दीवार पर लगी भगवान की फोटो को देखते हुए कहा,
"भगवान सबका भला करे, पर भगवान मेरा भला क्यों नहीं करता? इसे में मेरी क्या गलती है? हाँ, मैंने गलती की है, पर इतनी भी बड़ी गलती नहीं की कि मेरी नौकरी ही चली जाए। प्लीज आप कुछ मदद कीजिए। मुझे मेरी नौकरी बहुत प्यारी है और अगर मुझे नौकरी पाने के लिए अरमान राजवंश के पैरों पर भी गिरना पड़ेगा, तो मैं वह भी करूंगी। क्योंकि मुझे अपनी माँ को परेशान नहीं करना है। मेरी माँ बहुत कमजोर है और अगर उन्हें यह पता चला कि मैं यहाँ आकर अपनी नौकरी खो बैठी हूँ, तो वह बहुत ज्यादा परेशान हो जाएंगी।"
वह यह सब सोच ही रही थी कि सानिया भागते हुए वेदिका के पास आकर बोली,
"वेदिका, मुझे पता चल गया, कल अरमान राजवंश सेवन स्टार होटल जाने वाला है। उनकी एक जापानीज़ व्यक्ति के साथ मीटिंग होने वाली है। तुम मीटिंग खत्म होने के तुरंत बाद उनके पास जा सकती हो और उनसे माफी माँग लेना। तुमने उनका चेहरा नहीं देखा है। लेकिन याद रखना, सेवन स्टार होटल में सबसे VIP रूम, जो थर्ड फ्लोर पर हैं, वहाँ पर तुम्हें अरमान राजवंश पक्का मिल जाएगा। जो इंसान सबसे ज्यादा दिखने में शैतानी रूप लगे, समझ जाना वही अरमान राजवंश होगा। देखो, मैंने उन्हें एक बार देखा था, वह भी शायद काफी पुरानी तस्वीर थी, ठीक से नहीं ली गई थी। लेकिन हाँ, लोगों के मुँह से मैंने यह सुना है कि उनका औरा बहुत ज्यादा ताकतवर है। कोई भी इंसान उनके सामने टिक नहीं पाता है। तो तुम्हें यह सब जानकर उन्हें पहचानने में ज्यादा आसानी होगी।"
सानिया की बातें सुनकर वेदिका को एक आईडिया मिल गया। यह सोचते ही वेदिका खुश होकर बोली,
"तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया सानिया। तुम नहीं होती तो पता नहीं मेरा क्या होता? तुम ही एक लौती मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो जो मेरे बारे में इतना सोच रही हो। मैं कल ही अरमान राजवंश से मिलकर उनसे माफी माँग लूँगी और मुझे वापस मेरी नौकरी चाहिए। मैं अभी जा रही हूँ अपने कमरे में प्रैक्टिस करने के लिए। मेरा मतलब, तुम्हें तो पता है ना कि मैं जल्दी किसी से माफी नहीं माँगती हूँ। क्योंकि जब तक गलती पूरी तरह से मेरी नहीं होती है, और यहाँ पूरी गलती मेरी भी नहीं है। इसलिए मुझे थोड़ी प्रैक्टिस करनी होगी और हाँ, मैं थोड़ी स्पीच तैयार कर लेती हूँ, ताकि मैं उन्हें कह सकूँ।"
वेदिका की बातें सुनकर सानिया अपना सर पीटते हुए बोली,
"वेदिका, तुम्हें स्पीच तैयार करने की कोई ज़रूरत नहीं है। अरमान राजवंश के सामने जाते ही तुम्हारे दिल में जो भी बात होगी, तुम आराम से कह देना। क्योंकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें स्पीच से ज़्यादा दिल से निकली हुई बात अच्छी लगती है। क्या पता तुम्हारे दिल से निकली हुई बात उन्हें अच्छी लगे और वह तुम्हें माफ़ कर दें। इसलिए ज़्यादा इस बारे में मत सोचो और जाकर आराम करो। क्योंकि कल तुम्हें सुबह 11:00 बजे जाना है।"