आदित्य राजवंश............ हमारी कहानी के हीरो हैंडसम चार्मिंग गुड लुकिंग लेकिन जितने यह दिखने में अच्छे हैं उतने ही ज्यादा यह रूड है उम्र 25 साल, 6.5 हाइट, नीली आंखें ,सिल्की बाल जो उसके माथे पर हर टाइम बिखरे ही रहते हैं हल्की बियर्ड, 8 पैक्स, मस्... आदित्य राजवंश............ हमारी कहानी के हीरो हैंडसम चार्मिंग गुड लुकिंग लेकिन जितने यह दिखने में अच्छे हैं उतने ही ज्यादा यह रूड है उम्र 25 साल, 6.5 हाइट, नीली आंखें ,सिल्की बाल जो उसके माथे पर हर टाइम बिखरे ही रहते हैं हल्की बियर्ड, 8 पैक्स, मस्कुलर बॉडी कुल मिलाकर हर लड़की का दिल धड़कने की हिम्मत रखने वाला इनकी ऑलरेडी शादी हो चुकी है लेकिन उनकी वाइफ उनके साथ नहीं रहती इनका एक छोटा सा बेबी है जिसका नाम अविनाश राजवंश उर्फ़ अवी है उसकी उम्र अभी ढाई साल ही है उनकी फैमिली में इनकी मॉम निकिता उनकी सिस्टर प्रीति राजवंश और भी लोग हैं जिनके बारे में हम आगे बताएंगे....... ________________ हमारी हीरोइन दृष्टि शर्मा बड़बोली मस्त मौला लड़की जिनकी बातें कभी खत्म नहीं होती दिखने में बेहद क्यूट सी लड़की उम्र 21 साल गहरी काली आंखें घनी पलके जो आंखों पर चार चांद लगा देती हैं छोटे रेड हॉट सीधी नाक हाइट 5 पॉइंट 3 इंच इनको आप लड़ाका भी कह सकते हैं😂 इनकी एक बेस्ट फ्रेंड है जिसका नाम शानवी उफऺ शानू है.... यह इनकी बेस्ट फ्रेंड है जो की एक डॉक्टर भी है दूसरा राहुल जिनको दृष्टि लाइक करती है स्टोरी में अभी और भी कैरेक्टर है जिनके बारे में आगे बताते जाएंगे सो लेट्स स्टार्ट द स्टोरी......
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chapter 1......!!
आदित्य ने कहा, "मॉम, मैंने आपसे एक बार कहा है, तो आप एक ही बात बार-बार क्यों दोहरा रही हैं?"
निकिता जी ने कहा, "क्योंकि मुझे अवी की चिंता है।"
आदित्य ने कहा, "मॉम, मैं तो हूँ ना उसके लिए।🙄"
निकिता जी ने कहा, "सच में? जिसको अपने ऑफिस से समय नहीं मिलता, वह अवी को क्या समय देगा?"
आदित्य ने कहा, "लेकिन मॉम, मैं फिर से वह सब नहीं झेल सकता।😖....."
निकिता जी ने कहा, "आदित्य, मेरा विश्वास कर लो, जो लड़की मैं तुम्हारे लिए चुनूंगी ना, वह बेस्ट होगी।"
आदित्य ने निराश होकर कहा,😞 "मॉम, मैं अब से अवी को अपना पूरा समय दूँगा।"
निकिता जी ने कहा, "आदित्य, तू कुछ भी कह ले, पर एक माँ की कमी पूरी नहीं कर सकता।" आदित्य अब बिल्कुल चुप था। निकिता जी ने कहा, "लाइफ को सेकंड चांस देना गलत नहीं है। ज़रूरी तो नहीं है ना कि जो पहले हुआ, वह फिर से हो।"
आदित्य ने पूछा, "और अगर ऐसा ही हुआ तो?"
निकिता जी ने कहा, "मैं तुझे विश्वास दिलाती हूँ, इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा। और वैसे, पहले तूने अपनी मर्ज़ी की, इसलिए यह सब हुआ, क्योंकि तेरी चॉइस बेकार थी। पर इस बार मुझे यह फैसला लेने दे।"
आदित्य ने कहा, "तो ठीक है।"
निकिता जी ने हैरानी से पूछा,😳 "क्या-क्या कहा तूने? तू सच में मान गया?"
आदित्य ने कहा, "हाँ, लेकिन सिर्फ़ अवी के लिए।"
निकिता जी ने कहा, "बहुत अच्छा किया, आदित्य। मैं गारंटी के साथ कहती हूँ कि जो लड़की मैं चुनूंगी, वह अवी को असली माँ से भी ज़्यादा प्यार करेगी और वह तुझे भी अच्छे से झेल लेगी।" आदित्य उनकी बात को इग्नोर करता हुआ बोला, "मुझे देर हो रही है, मैं चलता हूँ।" वह जल्दी से सीढ़ियाँ चढ़ता हुआ अपने रूम में गया, जहाँ उसका क्यूट सा अवी अपनी बुआ के साथ खेल रहा था। यह देखकर वह मुस्कुरा उठा। तभी उसकी बहन प्रीति बोली, "अरे आदित्य!"
आदित्य ने कहा, "बहुत खुश लग रहे हो दोनों।☺"
प्रीति ने कहा, "क्या बताऊँ, सुबह से हँस रहा है बस। इसका भी कुछ पता नहीं, कभी रोता रहता है, तो कभी बिना वजह ही हँसता रहेगा।" आदित्य ने यह सुनकर अवी को प्यार से अपनी गोदी में उठाकर उसके माथे पर किस करके वापस प्रीति को देते हुए कहा, "मैं ऑफिस जा रहा था, तो सोचा देख लूँ।"
प्रीति ने पूछा, "तुम्हारी मॉम से बात हुई?"
आदित्य ने कहा, "हम दोनों ने बाय बोला" और वहाँ से चला गया। प्रीति भी अवी को लेकर नीचे लिविंग एरिया में आ गई।
प्रीति ने कहा, "मॉम! मॉम!"
निकिता जी ने कहा, "हाँ, बोलो।"
प्रीति ने कहा, "आदित्य मान गया..."
निकिता जी ने कहा, "हाँ।"
प्रीति ने पूछा, "आप मज़ाक तो नहीं कर रही हो ना?"
निकिता जी ने कहा, "बिल्कुल नहीं, प्रीति। मुझे भी विश्वास नहीं हुआ था, बट वह सच में मान गया।"
प्रीति ने कहा, "पर अब तो आप जल्दी से एक अच्छी सी भाभी ढूँढ लो मेरे लिए..."
निकिता जी ने कहा, "हाँ, और मैं अभी मंदिर जा रही हूँ।"
प्रीति ने कहा, "तो आप अवी को भी साथ ले जाओ। मुझे मेरी फ़्रेंड से मिलने जाना है।"
निकिता जी ने कहा, "ठीक है।" फिर निकिता जी अवी को अपने साथ लेकर मंदिर जाने लगीं।
प्रीति ने कहा, "अरे मॉम, कार में जाओ ना!"
निकिता जी ने कहा, "मैंने मन्नत माँगी थी कि अगर आदित्य शादी के लिए मान गया, तो मैं पैदल मंदिर जाकर प्रसाद चढ़ाऊँगी।"
प्रीति ने कहा, "पर मॉम, बाहर बहुत धूप है।"
निकिता जी ने कहा, "कोई बात नहीं।"
प्रीति ने कहा, "पर अवी..."
निकिता जी ने कहा, "वह तो स्ट्रॉलर में होगा ना।" प्रीति ने कहा, "मैं बोल रही हूँ, आप कार से जाओ। ऐसे चक्कर आ जाएँगे आपको।"
निकिता जी ने कहा, "कुछ नहीं होगा, बच्चे। तू टेंशन मत ले।" निकिता जी अवी को लेकर मंदिर पहुँचीं। उन्होंने वहाँ पर पंडित जी से कहकर पूजा करवाई। पूजा करवाने के बाद जैसे ही वह मंदिर से बाहर निकलीं, उन्हें अचानक ही चक्कर आए। जैसे ही वह गिरतीं, सामने से किसी ने उनको पकड़ लिया।
लड़की ने कहा, "अरे आंटी जी, संभाल कर।"
निकिता जी ने कहा, "थैंक यू, बेटा।"
लड़की ने कहा, "आप मेरे साथ चलिए, मैं आपको ड्रॉप कर देती हूँ।"
निकिता जी ने कहा, "अरे नहीं, मैं चली जाऊँगी।"
लड़की ने कहा, "बिल्कुल नहीं। अपना नहीं, तो इस क्यूट से बेबी के बारे में ही सोच लीजिए। अगर आपको फिर से चक्कर आ गए, तो..."
निकिता जी ने कहा, "लेकिन मैं तुम्हें जानती भी नहीं हूँ..."
लड़की ने कहा, "तो जान लेते हैं। मेरा नाम दृष्टि शर्मा है। सब प्यार से दिशु कहते हैं। आप कुछ भी बुला सकती हैं।"
निकिता जी ने कहा, "मैं रीता राजवंश, और यह अविनाश, मैं इसकी दादी हूँ।"
दृष्टि ने कहा, "देखा, कितना टाइम लगता है जान पहचान में! अब तो चलिए!😁"
निकिता जी मुस्कुराते हुए🤭 बोलीं, "ठीक है।" दृष्टि ने अपने हाथ आगे करते हुए कहा, "चलिए।" दृष्टि ड्राइविंग कर रही थी। निकिता जी और अविनाश भी उनके साथ फ्रंट सीट पर ही बैठे थे।
दृष्टि ने पूछा, "वैसे, आप यहाँ इतनी धूप में क्यों आईं?"
निकिता जी ने कहा, "अरे, वह मैंने मन्नत माँगी थी, वह पूरी हो गई, इसलिए मुझे यहाँ पैदल आना पड़ा। और रही बात अवी की, घर पर कोई नहीं था, तो मुझे इसे अपने साथ ही लाना पड़ा।"
दृष्टि ने पूछा, "इसकी माँ कहाँ है?" निकिता जी उसकी बात सुनकर बिल्कुल चुप सी हो गईं।
दृष्टि ने कहा, "आई एम सॉरी, रियली सॉरी आंटी। मुझे ऐसे पर्सनल सवाल नहीं पूछने चाहिए थे।"
निकिता जी ने कहा, "इट्स ओके..." दृष्टि नॉनस्टॉप बोले जा रही थी। निकिता जी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा रही थीं। अवी उनकी गोद में सो चुका था। निकिता जी को अब बेहद कमज़ोरी महसूस होने लगी।
निकिता जी ने कहा, "अरे दृष्टि, रुको।" दृष्टि ने झटके से कार रोकी और निकिता जी की ओर मुड़कर देखा।
निकिता जी ने कहा, "यह गलत रास्ता है, दृष्टि।"
दृष्टि ने कहा, "नहीं, बिल्कुल सही रास्ता है।" दृष्टि कार को अब सीधे अस्पताल के सामने आकर रोकती है।
निकिता जी ने कहा, "अरे दृष्टि!🙄"
दृष्टि ने कहा, "आंटी, आप बहुत सवाल करती हो। हम यहाँ आए हैं क्योंकि आपको डॉक्टर को दिखाना है।"
निकिता जी ने कहा, "पर मुझे इसकी ज़रूरत नहीं है।"
दृष्टि ने कहा, "आई कैन सी, आप बहुत वीक लग रही हैं।"
निकिता जी ने कहा, "पर बेटा..."
दृष्टि ने कहा, "नहीं, मुझे कुछ नहीं सुनना।" वह उन्हें कार से बाहर निकालकर हॉस्पिटल के अंदर ले गई और सीधे जाकर डॉक्टर के केबिन में रुकती है।
डॉक्टर ने कहा, "अरे दृष्टि, तू यहाँ? तुझे कुछ हुआ है क्या?"
दृष्टि ने कहा, "अरे नहीं, शानू। मुझे कुछ नहीं हुआ। तुम्हें इनको अटेंड करना है।"
निकिता जी ने कहा, "वैसे, मुझे कुछ भी नहीं हुआ है।"
दृष्टि ने कहा, "झूठ, शानू। इनको ना रास्ते में चक्कर आ गए थे।" शानू ने कहा, "आप मेरे साथ चलिए।" उनके जाने पर अविनाश रोने लगा।
दृष्टि ने कहा, "ये मुझे दे दीजिये और चले जाइये।"
निकिता जी ने कहा, "तुम इसे संभाल पाओगी?"
दृष्टि ने कहा, "अरे आप टेंशन मत लो। मेरी बच्चों के साथ बहुत बनती है।😎"
शानू ने कहा, "हाँ, आंटी। इसकी बच्चों के साथ बहुत बनती है, क्योंकि यह खुद बहुत बड़ी बच्ची है।😂"
दृष्टि ने कहा, "शानू, तुझे यहाँ अपना काम करना है, वह कर। मेरी बेइज़्ज़ती मत कर, समझी?"
शानू ने कहा, "तेरी बेइज़्ज़ती कहाँ कर रही हूँ, मेरी जान?"
दृष्टि ने कहा, "हाँ, हाँ। मुझे सब पता है। आंटी, आप इसकी बात बिल्कुल मत मानना और अविनाश, मुझे देखकर आप जाओ।"
निकिता जी ने कहा, "ओके।" वह दोनों वहाँ से गए। तभी निकिता जी का फ़ोन बजने लगा और दूसरी तरफ़ से अवी भी तेज-तेज रो रहा था।
दृष्टि ने कहा, "अरे बेबी, चुप हो जा। यू आर गुड, बाय वेरी हैंडसम, वेरी स्मार्ट। प्लीज़ स्टॉप क्राइंग।"
दृष्टि ने कहा, "यार, इतनी तारीफ़ कोई मेरी कर दे, तो मैं एक सेकंड में चुप हो जाऊँ। पर यह तो रोए जा रहा है।" वह यह उदास चेहरा लेकर बोल रही थी। वह अविनाश को गले से लगाकर उसकी पीठ रब करने लगी। कुछ ही देर में अविनाश चुप हो गया, लेकिन फ़ोन तो बजे ही जा रहा था। उस पर आदि लिखा हुआ था।
दृष्टि ने सोचा, "उठाऊँ या नहीं? क्या करूँ? ऐसे किसी का फ़ोन नहीं उठाना चाहिए। अपने आप बंद हो जाएगा।" वह फ़ोन को पिक नहीं करती, लेकिन बार-बार कॉल आने से वह इरिटेटेड हो चुकी थी, तो उसने झटके से फ़ोन उठा लिया।
आदित्य ने कहा, "हेलो मॉम, कहाँ हैं आप? मैं इतनी देर से आपको कॉल कर रहा हूँ, आप उठा क्यों नहीं रही हैं? आप ठीक हो ना? कुछ हुआ तो नहीं? अवी ठीक है? आप कुछ बोल क्यों नहीं रही हो? बोलिए मॉम!" दृष्टि अभी कुछ बोलती, तभी आदित्य फिर बोल उठा, "क्या हुआ मॉम?"
दृष्टि गुस्से से बोली, "शट अप! बिल्कुल चुप! हाँ, अब कुछ मत बोलना। इतनी देर से सुन रही हूँ मैं... मुझे बोलने का मौका भी नहीं दे रहे, चपड़-चपड़ लगे हुए हो!"
आदित्य ने अपने मोबाइल को घूरते हुए कहा, "एक्सक्यूज़ मी?"
दृष्टि ने कहा,😏 "मुझे ज़्यादा बहस नहीं करनी। मैं तुम्हें बता दूँ कि तुम्हारी मॉम मेरे साथ रीवा हॉस्पिटल में है।"
आदित्य ने पूछा, "क्या? उनको क्या हुआ? वह ठीक तो है ना?"
दृष्टि ने कहा,😏 "हाँ, वह बिल्कुल ठीक है। उनको रास्ते में बस चक्कर आ गए थे, तो मैं उन्हें यहाँ ले आई। तुम्हें तो कोई परवाह है नहीं उनकी। इतनी धूप में पैदल भेज दिया!"
आदित्य ने हैरानी से कहा, "क्या!😳"
दृष्टि ने कहा, "अच्छा, अब मेरा साथ बहस मत करो। तुम्हें तुम्हारी इनफॉर्मेशन मिल गई।" और फ़ोन कट कर देती है।
आदित्य ने सोचा, "मुझे जल्दी से मॉम के पास जाना चाहिए।" वह जल्दी से कार की चाबी उठाकर ऑफिस से निकल गया।
पहला अध्याय कैसा लगा? कमेंट करके ज़रूर बताइए। थैंक यू!