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FAKE LOVER

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spiritual lover

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अब तक आपने कहीं ऐसी कहानी पड़ी होगी जिसमें एक लड़का और एक लड़की के बीच नफरत जुनून और बेइंतहा प्यार होता है पर आपने कभी देखी है दो लड़कों की प्रेम कहानी एक लड़के  के लिए लड़के का जुनून प्यार मोहब्बत . .  . मेरी यह कहानी है दो ऐसे लोगों की जहां द...

Total Chapters (17)

Page 1 of 1

  • 1. FAKE LOVER - Chapter 1

    Words: 608

    Estimated Reading Time: 4 min

    इस कहानी को लिखने के पहले मैं आप लोगों से यह बात जरुर कहना चाहूंगी कि यह कहानी बस सभी लोगों के मनोरंजन के लिए है और यह मेरी पहली BL story  है तो प्लीज सभी लोग मुझे थोड़ा सपोर्ट करना

    तो चलिए आज हम अपनी कहानी में आगे बढ़ते हैं l

    Fake lover : - " Trailer "

    एक कमरे में इस वक्त बहुत ही सीरियस माहौल था । एक लड़का एक हैंडसम शर्टलेस लड़के के सामने खड़ा हुआ था । उसके चेहरे पर परेशानी साफ-साफ दिखाई दे रही थी। वही उस लड़के के हाथों में कुछ पेपर्स थे और उसकी निगाह है उस लड़के के चेहरे पर ही टिकी हुई थी । उस लड़के के चेहरे पर एक शातिर मुस्कुराहट थी।
    लड़का उन पेपरों को अपने सामने खड़े लड़के की ओर बढ़ाते हुए कहता है : - " तुम्हें जो चाहिए वह मैं तुम्हें देने के लिए तैयार हूं । लेकिन उसके लिए तुम्हें मेरा फेक  लवर बनना होगा। "


    वह लड़का  जो अब तक उन पेपरों को देख रही था। और यह समझने की कोशिश कर रहाथा कि यह पेपर किसके हैं । उस लड़के की बात सुनकर उसके मुंह से हैरानी से निकलता है  : - " कॉन्ट्रैक्ट लवर??  "


    लडका अपने कांपते हाथों से उस पेपर को अपने हाथों में लेता है । जो उस लड़के ने उसकी और बधाई हुए थे।


    लडका उस पेपर को देखते हुए ही उसे लड़के से कहती है :- "  तुम्हें ऐसा क्यों लगता है मैं एक अनजान आदमी से प्यार का नाटक करने के लिए और उसका कॉन्ट्रैक्ट लवर बनने के लिए तैयार हो जाऊंगा ? ओर वो भी ऐक लडके से ! "


    वह लड़का चालाकी से मुस्कुराते हुए कहता है :- "  तुम्हारे पास इसके अलावा कोई रास्ता है क्या? वैसे भी हम दोनों को एक दूसरे की जरूरत है और फैसला तुम्हारे हाथ में है तुम्हें क्या करना है मिस्टर l "


    उस लड़के की बात सुनकर लडके के चेहरे पर परेशानी साफ-साफ दिखाई देने लगती है। वह खुद से ही बडबडाते हुए कहता है " यह कहां फंस गया मैं ?  "

    लडके की सिचुएशन इस वक्त इस तरह थी कि उसकी एक और कुआं था तो दूसरी ओर खाए। अगर वह उसे कॉन्ट्रैक्ट पर साइन नहीं करता तो भी उसके लिए परेशानी थी और साइन करता तो भी ।  उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह करें तो क्या करें ??


    लडका खुद से ही बुदबुदाते हुए परेशानी में अपने सर को पकड़ लेता है और कहता है :-  " क्या पता था मेरा एक गलत फैसला मुझे यहां पहुंचा देगा? मेरी एक गलती मुझे एक अनजान आदमी का कॉन्ट्रैक्ट लवर बनने के लिए मजबूर कर देगी l"

    कोन है ये आदमी ?और क्यूं उस लडके को अपनी फेक लवर बनाना चाहता है ? ऐसी क्या परेशानी है उस लडके को ? कोन सी गलती कर बैठा है वो लड़का ? क्या वो लडका मानेगा इस ऑफर को या नही ????.....


    मैं पहली बार एक BL लव स्टोरी  लिखने की ट्राई कर रही हूं तो प्लीज आप सभी लोग मेरा सपोर्ट करना और मुझे कमेंट करके यह बात जरूर बताना कि आपको मेरी यह स्टोरी कैसी लग रही है

    तो यह है इस कहानी का ट्रेलर आप लोग इसे पढ़ कर मुझे जरूर बताना कि आप लोगों को यह भाग कैसा लगा और प्लीज मुझे रेटिंग देना और कमेंट करना बिल्कुल भी मत बोलना और प्लीज प्लीज मुझे फॉलो भी करें  . . . .



    थैंक यू मेरे डियर रीडर्स मेरी इस कहानी को पढ़ने के लिए ।
    Thank you so much  . .  . . . . ❤
    Always be happy  . . . . . . . ☺😀

  • 2. FAKE LOVER - Chapter 2

    Words: 834

    Estimated Reading Time: 6 min

    रात के 1:00 बज रहे थे और एक लड़का रेलवे स्टेशन पर बैठा कब से किसी का इंतजार कर रहा था ।
    लड़का जिसका नाम ईशान है वह परेशान होकर बस एक तक रेलवे स्टेशन के मेन गेट की ओर ही देख रहा था ।


    ईशान परेशानी से कहता है :- " यह आलिया अभी तक आई क्यों नहीं ? ट्रेन आने में बस कुछ ही देर बची है पता नहीं यह आलिया कहां रह गई ?



    वह लड़का अपने आसपास नज़रें दौड़ाता है , पूरा स्टेशन इस वक्त खाली था । खाली स्टेशन पर इस वक्त सिर्फ वह और कुछ दो-तीन गुंडे मवाली जैसे आवारा लड़के ही थे । जो हंसते हुए ईशान की और ही देख रहे थे।



    ईशान उन आवारा लड़कों को अपनी ओर देखाता पाकार थोड़ा घभरा जाता है। वह परेशानी से आसपास देख रहा था । आस-पास पूरा अंधेरा ही था बस कुछ ही लाइट जली हुई रही थी । और वह भी कभी जल्दी तो कभी भूत जाया करती थी । जो कि इस वक्त वहां का माहौल थोड़ा डरावना बना रही थी । ईशान को अब वहां अकेले बैठने में डर भी लग रहा था ।



    ईशान अपने आप से ही कहता है : - " पता नहीं यहां आज ऐसा माहौल क्यों है । ऊपर से आज ही बिजली को भी जाना था । सिर्फ कुछ ही लाइट है वह भी ठीक से जल नहीं रही है । कभी बुझ रही है तो कभी जल रही है जैसे इसमें कोई भूत आ गया हो । यह कितना डरावना लग रहा है जैसे मैं कोई हॉरर मूवी के सीन देख रहा हूं । ऊपर से यह आल्या भी अभी तक नहीं आई । पता नहीं कहां रह गई है एक बार फोन करके देख लेता हूं । आखिर वह अभी तक है कहां ??? "


    वह अपने बैग से फोन निकलता है और आल्या को फोन करने लगता है । पर इस वक्त फोन में नेटवर्क ही नहीं था । वह फोन को पकड़े हुए ही परेशानी से कहता है : - " आहह आज क्या हो रहा है इस फोन में भी । अभी ही नेटवर्क जाना था थोड़ी देर पेहले तो नेटवर्क अच्छे से चल रहा था । पता नहीं आज ही के दिन यह सब क्यों हो रहा है ? क्या मेरे साथ ही यह सब होना जरूरी है ? "



    वह अपने फोन में नेटवर्क पकड़ने के लिए सीट से खड़ा होकर आगे की ओर चलने लगता है और फोन में नेटवर्क आ रहा है कि नहीं वह देखने लगता है । थोड़ा आगे जाकर ही उसे अपने फोन में नेटवर्क आने लगता है तो वह जल्दी से आल्या को फोन लगा देता है। पर आल्या फोन नहीं उठाती है।



    इशान ओर दो तिन बार फोन लगाता है पर आल्या फोन नहीं उठाती है। रिंग तो जा रही थीं पर फोन कोई भी उठा नहीं रहा था । जिस बजह से इशान परेसान हो जाता है । उसके दिमाग में उलूल जूनून से सवाल उठाने लगते हैं।




    इशान फोन को देख कर परेशानी से केहता है : - " नेटवर्क तो अब सही से आ रहा है। ओर रिंग भी जा रही है। ये आल्या मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही है ? कहीं उसे कूछ हूआ तो नहीं ना । ( अपने ही सवाल का जवाब देते हूऐ ) नहीं इशान क्या सोच रहे हो कूछ नही हूआ है उसे। "

    परेशानी उसके चेहरे पर साफ साफ दिखाई दे रही थीं। उसके आंखों में साफ़ साफ़ नजर आ रहाथा इस वक्त उसे आल्या के लिए न जाने कैसे कैसे उलूल जूलूल सवाल आ रहै थे। ओर वो उसे ओर ज्यादा परेशान कर रहे थे।



    इशान अब परेशान होकर आल्या को बार बार फोन लगाने लगता है । पर फिर भी आल्या का फोन उठ नहीं रहा था। हर बार बस रिंग जा रही थीं पर फोन कोइ पिकअप नहीं कर रहा था।


    तभी इशान के दीमाग में ऐक खयाल आता है। जिसे सोच कर वो खुद से ही कहता है : - " कहीं उसने अपना प्लान तो नहीं बदल दिया ? " यह सोचकर ही इशान एक पल को स्तब्ध रेह जाता है ओर उसकी आंखों में नमी आ जाती है। वो उदास हो जाता है। ओर उदास निगाहों से ऐंट्रेंस की ओर देखने लगता है।



    पर फिर ऐक बार अपने आप को होसला देकर केहता है : - " नहीं नहीं वो ऐसा नहीं कर सकती । मैं ही खामखां ज्यादा सोच रहां हू । वो बस आती ही होगी मूजे उसका इंतज़ार करना चाहिए। ओर अभी ट्रेन भी कहां आई है। वो पहोच जाये गी मे उसका इंतजार करता हू .... "


    क्रमशः

    सब को क्या लगता है आगे क्या होगा?
    क्या आलिया आयेगी यहाँ या फिर ईशान जो सोच रहा था वह सही था ?





    मैं आप लोगों को फिर एक बार कह देता हूं मेरी यह कहानी एक BL love story he.....
    जिसे मैं पहली बार ही लिख रही हूं तो प्लीज आप सभी लोग मेरा सपोर्ट करना
    Thank you all readers
    Always be happy all... 😇🙃

  • 3. FAKE LOVER - Chapter 3

    Words: 957

    Estimated Reading Time: 6 min

    कहानी के इस एपिसोड को समझने के लिए । आप लोग कृपया इसके आगे के एपिसोड जरूर पढ़ें । तभी आपको यह एपिसोड समझ आएगा ।


    अब तक हमने जाना कैसे ईशान रेलवे स्टेशन पर आल्या का इंतजार कर रहा था । पर आल्या ना तो वहां आई थी और ना ही उसने ईशान का फोन उठाया था । ईशान इस बात से परेशान और उदास हो गया था । अब आगे  . . . . . .. . .




    ईशान परेशानी में अभी भी रेलवे स्टेशन पर ही बैठा हुआ था । एक हफ्ते पहले की घटना इंसान के आंखों के सामने घूमने लगती है ।


    एक हफ्ते पहले ......


    ईशान अपने कॉलेज की छत पर खड़ा हुआ था और ऊपर खुले आसमान को देख रहा था l  उसकी आंखों में इस वक्त उदासी छाई हुई थी l  तभी कोय आकर अचानक से ही उसे पीछे से पकड़ कर गले लगा लेता है l 



    यह और कोई नहीं इंसान की गर्लफ्रेंड आल्या थी , आल्या ईशान के गले लगे ही उसके गाल पर किस कर देती है और कहती है  : - " हे बेबी तुम आ गए। "



    ईशान परेशानी से पीछे मुड़ता है और गभरा कर आल्या से कहता है  : - " तुम जानती हो ना यहाँ आना माना है । किसी ने हमें देख लिया तो ? तुम जानती हो ना क्या होगा ?


    आल्या इशान को अपनी ओर घुमा कर उसे गले लगा कर कहती है : - " उफ़ ईशान बेबी इतना डरोगे तो जियोगे कब ! कोई नहीं देखेगा हमें । सिर्फ यही जगह है जहां हम दोनों मिल सकते हैं। "


    ईशान परेशान होकर आल्या से केहता है : - " तुम्हारा पता नहीं लेकिन आल्या मुझे कॉलेज से नहीं निकलना । यह हमारा आखरी साल है कॉलेज का और मैं कोई भी बखेड़ा नहीं चाहता । तुम्हें पता है ना मैं यह सब ऑफेंड नहीं कर सकता  । "


    आल्या ईशान से थोड़ा दूर जाकर थोड़ा नाराज होते हुए कहती है : - "  उरे ईशान बेबी तुम्हें तो मुझ पर भरोसा ही नहीं है । मैं कह रही हूं ना कोई नहीं पकड़ेगा हमें । और मैं आलिया आहूजा हूं किसी की हिम्मत नहीं है मुझे और मेरे बॉयफ्रेंड को कुछ कह सके ।  "



    ईशान परेशान होकर ही आल्या को समझाते हुए  केहता है : - " आल्या ऐसी बात नहीं है । बस मुझे थोड़ा डर लग रहा है । मैं तुम्हारी तरह कोई ट्रस्टी का बेटा नहीं हू । जो मुझे यहां देखकर कोई मुझे कुछ नहीं कहेगा । "



    आल्या उसकी बात सुनकर उसके एक हाथ को पकड़ कर उसे हिलाते हुए अपने चेहरे पर दुनिया जहां की मासूमियत लाकर कहती है  : - " अच्छा ठीक है पहले तुम यह तो सुन लो मेने तुम्हें यहाँ क्यों बुलाया था  । "



    ईशान आल्या को देखकर कहता है  : - " अच्छा चलो जल्दी से बताओ फिर हम यहां से चलते हैं । हमें यहां ज्यादा देर नहीं रुकना चाहिए । "


    आल्या ईशान के हाथ को पकड़े हुए ही केहती है  : - " हम दोनों के लिए एक गुड न्यूज़ है । जिसे सुनकर तुम खुशी के मारे नाचने लगोगे । "


    ईशान आल्या की बात सुनकर एक्साइटेड हो जाता है । और यह उसकी आंखों में दिख रही चमक को देखकर साफ-साफ पता चल रहा था कि वह इस वक्त कितना एक्साइड है ।  यह जानने के लिए कि आखिर आल्या उसे क्या बताने वाली है ।  और अपनी उसी  एक्साइटमेंट में आल्या से कहता है  : - " अच्छा आब जल्दी बताओ क्या गुड न्यूज़ है मुझे तो बिल्कुल भी वेट नहीं हो रहा है । "



    उसकी यह एक्साइटमेंट देखकर आल्या के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ जाती है । और वह मुस्कुराते हुए ही ईशान से कहती है  : - " पापा हम दोनों के रिश्ते के लिए मान गए हैं ।  और आब तुम्हारे भाई और भाभी को ही मानना है । "



    आल्या की बात सुनकर पहले तो ईशान बहुत ज्यादा खुश होता है ।  पर उसकी खुशी ज्यादा देर उसके चेहरे पर रहती नहीं है , ओर वह अचानक ही परेशानी का रूप ले लेती है ।  जिसे उसके चेहरे पर साफ देखा जा सकता था  । इस वक्त ईशान का चेहरा अचानक से ही खिले हुए फूलों से मुरझाया हुआ फूल बन गया था ।



    आल्या जो कब से ईशान को ही देख रही थी । उसने उसके चेहरे के बदलते हाव-भाव को देख लिया था । वह सुबह से ही ईशान को नोटिस कर रही थी । ईशान को परेशान देखकर आल्या आखिर में उससे पूछ ही लेती है  : - " मैं तुम्हें सुबह से नोटिस कर रही हूं बहुत परेशान लग रहे हो ! कुछ हुआ है क्या ? जो मुझे नहीं मालूम ।  "




    क्रमशः

    आखिर आप लोगों को क्या लगता है ऐसी क्या बात हो गई जो ईशान अब तक एक्साइटेड था ओर जिसके चेहरे पर  खुशी दिखाई दे रही थी वह अचानक से ही परेशानी में बदल जाती है ? ? ? ?


    आखिर क्या हुआ है ईशान के साथ जो वह इतना परेशान है  ? ? ?


    प्लीज आप सब लोग मेरी इस कहानी को पढ़े और मुझे कमेंट करके बताइए कि आप लोगों को मेरी यह कहानी कैसी लग रही है । और प्लीज मुझे फॉलो करें और रेटिंग और कमेंट भी दे ।  और साथ ही साथ मेरी दूसरी कहानियों को भी अगर आपको अच्छा लगे तो पढ़े। और मेरी यह कहानी पर कमेंट और रेटिंग के साथ-साथ लाइक और रिव्यू भी दे . . . . .


    Thank you my all readers  . . . . . . . . . 🥰😍
    Be happy all my readers. . . . . . . . . . . . . . . 😊☺

  • 4. FAKE LOVER - Chapter 4

    Words: 1240

    Estimated Reading Time: 8 min

    इस एपिसोड को समझने के लिए आप लोग इसके आगे का एपिसोड जरूर रीड करें...


    अब तक हमने देखा ईशान एक हफ्ते पहले की यादों में खो जाता है । जहां आल्या ने उसे बताया था कि उसके पापा उसकी और ईशान की शादी के लिए मान गए। ईशान कूछ सोच कर परेशान हो जाता है। अब आगे . . . . .


    ईशान की परेशानी देखकर आल्या उससे कहती है : - "  बेबी क्या हुआ है ? तुम्हें मैं सुबह से देख रही हूं बहुत ज्यादा परेशान लग रहे हो !!कुछ हुआ है क्या? "


    ईशान परेशानी से ही आल्या से कहता है :- "  मुझे बहुत टेंशन हो रही है आल्या। "
    आल्या ईशान के हाथों को पकड़ कर प्यार से उसे केहती है :- " तुम्हें किस बात की टेंशन हो रही है ? मैं हूं ना तो मुझे बता सकते हो क्या हुआ है? "



    ईशान आल्या के हाथों पर अपनी पकड़ को करते हुए परेशानी से कहता है  :- "  मुझे बहुत टेंशन हो रही है आल्या अगले हफ्ते हम ग्रेजुएट हो जाएंगे । जैसे ही मेरी पढ़ाई खत्म होगी भाभी मेरी शादी अपनी उस आवारा मेकअप की दुकान बहन मीनाक्षी से करवा देंगे। "




    आल्या अपने हाथों पर मजबूत होती ईशान की पकड़ को महसूस कर सकती थी। और उसका डर भी समझ रही थी। वह ईशान को शांत करने के लिए खुद भी उसके हाथों को मजबूती से थामते हुए कहती है  :- " तुम परेशान मत हो बेबी में पापा से बात करती हूं । सब कुछ सही हो जाएगा। "



    आल्या की बात सुनकर ईशान को थोड़ी शांति तो मिलती है। पर अभी भी उसके मन का डर कम नहीं हो रहा था। वह इस वक्त बहुत ही ज्यादा परेशान था ।


    वह आल्या को देख अपने दिल में छुपा हुआ दर्द बाहर निकलते हुए कहता है  :- " जब से मम्मी पापा मुझे छोड़कर गए हैं। कोई भी मुझे प्यार नहीं करता । तुम्हें पता है जो भाई मुझ पर अपनी जान छिड़कते थे वह अब मेरी तरफ देखना भी नहीं चाहते। वह तो बस अब हर चीज में भाभी का ही साथ देते हैं । उन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे उनका कोई छोटा भाई ही नहीं । अगर मैं उनसे कुछ कहता हूं तो वह मुझ पर ही गुस्सा होते हैं। "



    दरअसल ईशान की मुलाकात आल्या से 10 साल पहले स्कूल में हुई थी। तब से ही वह दोनों बेस्ट फ्रेंड बन गए थे। बाद में ईशान के मां पापा की 5 साल पहले एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी । तब आल्या हर पल ईशान के साथ रहती थी । आल्या ने ही ईशान को संभाला था । उसका ख्याल रखा था । उसके मां पापा के जाने के बाद ईशान बहुत ज्यादा अकेला पड़ गया था । और उसे अकेलेपन में आल्या ने हीं उसका साथ दिया था । ईशान का भाई तो बस उसकी भाभी की बातें ही सुनने लगा था । उसे तो जैसे ईशान की कोई तकलीफ कोई दुख दर्द दिखाई ही नहीं दे रहा था।






    जब 2 साल पहले आल्या ने उसे प्रपोज किया तो ईशान उसे मना नहीं कर पाया । क्योंकि आल्या ही ऐक ऐसी थी जो उसके अकेलेपन का सहारा थी । और इसीलिए उसने उसका प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया था। ईशान के लिए वह सिर्फ उसकी बहुत अच्छी दोस्त थी । उसने उसे कभी भी उस नजर से नहीं देखा था । वह उस लड़की का दिल भी नहीं तोड़ सकता था। जिसने उसे उसके बुरे से बुरे वक्त में संभाला था ।

    ईशान आल्या को देखकर बच्चों की तरह रोते हुए कहता है  :- " मैं अब क्या करूं आल्या तुम कुछ करो ना मैं उसे मेकअप की दुकान चुड़ैल मीनाक्षी से शादी नहीं करना चाहता । तुम्हें पता है ना वह कैसी है और तुम उसे अच्छी तरह से जानती भी हो । तुमने देखा है ना मैं उसे लड़की से कैसे शादी कर सकता हूं। "


    आल्या ईशान को शांत करने के लिए अपने गले से लगा लेती है। और कहती है  :- " मैं कोशिश करके देख चुकी हूं ईशान तुम्हारे घर वाले मानने को तैयार ही नहीं है । लेकिन तुम चिंता मत करो हम दोनों को कोई अलग नहीं कर सकता । मैं पापा से बोलकर जल्दी ही कुछ ना कुछ करवाती हूं। "



    ईशान की पकड़ आल्या पर कश जाती है । आल्या ही एक ऐसी लड़की थी जो उसके माता-पिता के जाने के बाद उसका जीने का सहारा बनी थी । वरना तो सब ने उसे इस जालिम दुनिया में अकेला छोड़ दिया था । दर-दर भटकने के लिए । किसी को भी ईशान की कोई परवाह नहीं थी। और इसीलिए अब आल्या ही ईशान के लिए सब कुछ बन गई थी ।



    आल्या ईशान के आंसू पोछते हुए कहती है   :- ' अच्छा अब तुम चुप हो जाओ देखो कैसे तुम्हारी यह छोटी सी नाक किसी लाल टमाटर सी हो गई है । और तुम जानते हो ना मुझे यह आंसू तुम्हारी आंखों में बिल्कुल पसंद नहीं है। और यह टमाटर सी नाक तुम पर बिल्कुल भी अच्छी नहीं लग रही जोकर लग रहे हो तुम जोकर। यह बोलकर वह हंसने लगती है ।



    आल्या की बात पर ईशान के होठों पर मुस्कुराहट आ जाती है । वह जानता था कि आल्या उसे हंसाने के लिए ही यह सब बोल रही थी । आल्या ईशान को खुश देखकर खुश हो जाती है । और कहती है  :- " तुम्हें पता है पापा ने मुझे मुंबई जाने की परमिशन दे दी। मुझे वहां एक जोब भी मिल गई है । और अगले हफ्ते हम दोनों मुंबई जा रहे हैं । अब तुम मेरे साथ रहोगे और जो काम करना है तुम वहां कर सकते हैं। "



    ईशान उसकी बात सुनकर खुश तो था पर परेशान भी था। वह आल्या को देखकर कहता है  :- " पर मैं कैसे जा सकता हूं ? "

    आल्या सवालिया नजरों से देखते हुए कहती है :- "  क्यों तुम क्यों नहीं जा सकते यहाँ से !!"

    इशान अपनी नज़रें चुराते हुए  :- " यहां मेरे मम्मी पापा की यादें है । मेरी बचपन की यादें मेरा वजूद सब यही सें तो है । मैं यहां की मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं। मैं यहां से दूर कैसे जाऊं । और भाई को अगर यह बात पता चली तो तुम्हें पता है ना क्या होगा? "



    आल्या ईशान को समझाते हुए  :- " बेबी मुझे पता है पर तुम चिंता मत करो मैं सब संभाल लूंगी।  अंकल और आंटी को यह जानकर खुश होगे कि तुम अपने जीवन में आगे बढ़ रहे हो ।  ना कि यहां रहकर दूसरों की वजह से अपनी जिंदगी खराब कर रहे हो। "


    क्रमशः


    आप लोगों को क्या लगता है ईशान मुंबई जाएगा?

    क्या आल्या सच में इंसान से प्यार करती है या फिर कुछ और ही मामला है?

    ईशान के भाई को अगर पता चलेगा कि ईशान मुंबई जा रहा है तो क्या होगा?


    इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आप सभी लोग मेरे साथ जुड़े रहिए और मेरी यह कहानी पढ़ने रही और साथ में प्लीज लाइक कमेंट रेटिंग स्टिकर और फॉलो भी करना आप लोगों की कमेंट को पढ़कर ही मुझे आगे लिखने के लिए प्रेरणा मिलती है तो प्लीज प्लीज मुझे कमेंट करके बताना कि आप लोगों को मेरी यह कहानी कैसी लग रही है ताकि मैं आगे से कंटिन्यू कर सकूं अगर आपको यह कहानी पसंद नहीं आ रही है तो मैं इसे अभी से ही बंद कर देता हूं

  • 5. FAKE LOVER - Chapter 5

    Words: 1216

    Estimated Reading Time: 8 min

    क्या आप लोगों को मेरी यह कहानी पसंद नहीं आ रही है। जो आप लोग इस कहानी को सिर्फ आधा पढ़कर छोड़ दे रहे हैं । और कोई मुझे कमेंट करके भी नहीं बता रहा कि आप लोगों को मेरी यह कहानी कैसी लग रही है। प्लीज मुझे कमेंट करके बताया था । कि मुझे पता चले कि मैं इस कहानी को आगे कंटिन्यू करूं या नहीं।

    अब तक हमने देखा कैसे इंसान अपना सारा दर्द आल्या के सामने बयान करता है। आल्या ही ऐक अकेली दुनिया में उसका सहारा थी । आल्या उसे मुंबई जाने की बात कहती है । तो ईशान उसे मना कर देता है तो आल्या उसे उसकी मम्मी पापा की याद दिला कर उसे मना लेती है। अब आगे ......


    आल्या ईशान को समझती है तो ईशान समझ जाता है। वह इशान को उसकी बात सही लग रही थी । यहां वह रहता तो उसकी भाभी जरूर उसे उसकी उस चुड़ैल बहन के साथ ही बंद देती। और वह मुंबई गया तो वह अपनी जिंदगी खुलकर जी सकता था । अपना कैरियर बन सकता था । और ईशान का तो सपना था मुंबई जाकर अपना कैरियर बनाना।



    वह खुश होकर आल्या से कहता है :- "  आल्या थैंक यू मेरे लिए यह सब करने के लिए । कब से मैं मुंबई एक बार जाना चाहता था । और अपना कैरियर बनाना चाहता था। फाइनली मुझे मौका मिल रहा है । एक नई जिंदगी शुरू करने का। "


    ईशान की बात सुनकर आल्या भी खुश हो जाती है। ईशान अब बहुत ज्यादा खुश था । वह खुशी से चाहकते हुए कहता है  : - " मैं अपनी लाइफ में कुछ बनना चाहता हूं। साबित करना चाहता हूं मैं खुद को । और आल्या तुम्हारी वजह से सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी वजह से मुझे मुंबई जाकर एक मौका मिल रहा है । मैं बहुत खुश हूं आल्या बहुत-बहुत ज्यादा खुश हूं। "




    यह कहते हुए वह आल्या को उसके हाथों से पकड़ कर गोल-गोल घूम रहा था । और खुशी के मारे चक रहा था। और उछाल रहा था । ईशान की बात सुनकर आल्या बच्चों की तरह मुंह फुला लेती है । वह इशान से मुंह दूसरी और करके कहती है  :- " और मुझे तो लगा था तुम मेरे साथ रहने के लिए एक्साइड होगे  पर तुम तो मुझे भूल ही गए हूह ..... । "




    आल्या की बात सुन और उसका गुब्बारे की तरह फुला हुआ मुंह देखकर ईशान को पहले तो हंसी आ जाती है । पर वह जानता था अगर वह हंस तो फस । इसलिए वह अपनी मुस्कान को छुपा कर आल्या को मानते हुए कहता है :- "  तुम्हारे साथ रहने के लिए तो मैं हमेशा एक्साइटेट होता हूं । और अभी जो यह खुशी मुझे मिली है वह भी तो तुम्हारी वजह से ही मिली है। "



    यह कहते हुए इशान आल्या का सर चूम लेता है । आल्या के होठों पर मुस्कान आ जाती है । ईशान कहता है  :- " यह भी क्या कोई बताने की जरूरत है मुझे । तुम्हारे सिवा और हेही कौन मेरा यहां। " -  यह बोलते हुए उसकी आंखें फिर एक बार ना हो जाती है।




    आल्या ईशान के आंसू पूछते हुए कहती है  :- "  आई लव यू इशाल . . . .  सबसे ज्यादा प्यार करती हूं मैं तुमसे । इस दुनिया में चाहे कोई तुम्हारे साथ हो ना हो मैं हर वक्त हर मुसीबत में हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी । प्रॉमिस मैं तुम्हें छोड़कर कभी नहीं जाऊंगी। "



    आल्या की बात सुनकर ईशान के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है ।आल्या जैसे ही इसान के होठों की ओर बढ़ती है। ईशान उसे बीच में ही रोक देता है । आल्या उसे सवालिया नजरों से देखने लगती है । ईशान अपना सर ना में हिलाते हुए कहता है  :- " तुम्हें पता है ना यह सब मुझे पसंद नहीं है । यह सब अभी नहीं । और हम दोनों जब शादी कर लेंगे उसके बाद तुम्हें जो करना है वह कर लेना अभी नहीं। "



    ईशान को किसी की आवाज सुनाई देती है तो वह वापस से वर्तमान में आ जाता है।



    ईशान आवाज की ओर देखा है तो उसके सामने वही आवारा लड़के खड़े थे । और उसे ही देख रहे थे इंसान एक पल को तो उन्हें देखकर डर गया था । पर अगले ही पल उसने अपने दर पर काबू कर लिया था । ऐसा नहीं था कि उसे डर नहीं लग रहा था डर तो अभी भी उसे लग ही रहा था । बस जाहिर नहीं होने दे रहा था।




    सामने खड़े लड़कों को देखकर यह साफ-साफ पता चल रहा था कि वह सभी अभी तूने होकर आए हैं । और वह चारों लोकेशन को ही ऊपर से नीचे तक अजीब नजरों से देख रहे थे।



    ईशान बहुत ही ज्यादा हैंडसम और देसी लड़का था वह एक चॉकलेटी बॉय था । उसकी स्किन लड़कियों की तरह ही नाजुक और सेंसिटिव थी और उसका दिल भी मासूम और सेंसिटिव था । वह किसी को भी दर्द में नहीं देख सकता था । वह बहुत ही सॉफ्ट हार्टेड था उसकी आंखें गहरी काली थी। जिसमें मासूमियत कूट-कूट कर भरी थी। उसकी वह बड़ी-बड़ी घनी पलके । 



    उसके पतले गुलाबी गुलाब की पंखुड़ी जैसे होता और  होठों के बगल में छोटा सा काला तिल था। जो उसकी खूबसूरती में चार चांद लग रहा था । मुस्कुराते वक्त उसकी आंखें बंद हो जाया करती थी और उसके गालों पर डिंपल दिखने लगते थे । मुस्कुराते वक्त वह बहुत ही ज्यादा कर ढाता था । उसकी वह मुस्कान इतनी मोहब्बत थी कि कोई भी उसमें मोहित हो जाए । चाहे वह लड़के हो या लड़कियां ।



    इस वक्त ईशान के सामने चार लोग खड़े थे। जो उसे ही देखे जा रहे थे उन चारों में से एक आदमी आगे जाकर ईशान को ऊपर से नीचे तक देखते हुए अपने अंगूठे से अपने होठों को सहलाते हुए कहता है  :- " क्या माल है बे इसके साथ खेलना तो बनता है। "


    उसे लड़के की बात सुनकर ईशान का चेहरा पीला पड़ जाता है । उसे कुछ अनहोनी होने की आशंका होने लगती है । और उसे उन लड़कों से डर भी लग रहा था । वह अपने कदम पीछे की ओर लेने लगता है । वह चारों लड़के उसकी और आगे बढ़ने लगते हैं । दूसरा लड़का जिसके हाथ में अभी भी एक दारू की बोतल पड़ी हुई थी । वह ईशान को देखते हुए अपनी लड़खड़ाती हुई आवाज में कहता है  :- " बेबी तुम मुझसे दूर क्यों जा रहे हो मेरे पास आओ मैं तुम्हें जन्नत दिखाऊंगा। "



    ईशान को उसे लड़के की बात सुनकर उसे पर धिन आ रही थी। और उसकी इतनी घटिया बातें सुनकर ईशान को अब डर भी लग रहा था कहीं यह लोग उसके साथ कुछ कर ना दे।

    क्रमशः


    आखिर इन चारों लड़कों से ईशान कैसे बच पाएगा

    क्या यह चारों लड़के ईशान की मासूमियत का फायदा उठा लेंगे


    आगे क्या होगा इस कहानी में यह जानने के लिए आप सभी लोग मेरे साथ जुड़े रहिए और इस कहानी को आगे भी पढ़ते रहिए और अपना प्यार देते रहिए और प्लीज मुझे कमेंट करके बताना कि आप लोगों को मेरी यह कहानी पसंद आ रही है या नहीं क्योंकि कितने ही लोग मेरी यह कहानी आधी पढ़ कर छोड़ रहे हैं

    Thank you all readers
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  • 6. FAKE LOVER - Chapter 6

    Words: 1029

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक हमने देखा  कैसे वह लड़क  को परेशान कर रहे थे परेशान अब उनसे डरने लगा था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर वह करें तो क्या करें अब आगे......


    उन आदमियों की घटिया बातें सुनकर इंसान को आप डर और घबराहट हो रही थी उसे आलिया की बहुत ज्यादा याद आ रही थी जब भी कोई उसे परेशान करता था तो आलिया और उसका दोस्त मलई दोनों ही उसे हर बदमाशों से या फिर उस की रैगिंग करने वालों से हमेशा बचा लिया करते थे




    पर आज वह दोनों ही यहां पर नहीं थे कॉलेज में सबसे ज्यादा खूबसूरत था इसलिए सभी लोग उसे बहुत ज्यादा जलते थे और उसकी हर पल रैगिंग करते थे या फिर उसका मजाक बनाया करते थे वहां पर उसके दोनों दोस्त ही उसकी हमेशा मदद करते थे




    पर अभी उसके वह दोनों ही प्रोटेक्टर उसके पास यहां नहीं थी तीसरा आदमी किस के हाथ को पकड़ लेता है और इंसान को अपनी ओर खींचते हुए कहता है कहां चले बेबी तुम्हें ऐसे तो हम जाने नहीं देंगे चलो चलो हमारे साथ तुम्हें पार्टी करते हैं बड़ा मजा आएगा जन्नत मिल जाएगी तुम्हें जन्नत




    ईशान को उन लोगों से डर लग रहा था वह चारों आदमी बॉडी में उससे कहीं बड़े थे और उनकी ताकत भी ईशान से ज्यादा थी ईशान उन लोगों से छूटने की कोशिश कर रहा था पर उसकी ताकत इतनी कम थी कि वह हल भी नहीं पा रहा था






    चौथा आदमी ईशान के करीब आकर उसके चेहरे पर उंगली फिर आने लगता है वह अपनी उंगलियां ईशान के गलों से लेकर होठों और गले तक फिर आ रहा था ईशान को यह सब बहुत ही ज्यादा डरा रहा था उसके साथ आज तक किसी ने भी ऐसा कुछ नहीं किया था यह पहली बार था जब वह ऐसी सिचुएशन को फेस कर रहा था इसलिए उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि वह करें तो क्या करें




    ईशान के दोनों हाथों को एक आदमी ने पकड़ कर रखा था ईशान उनसे छूटने की कोशिश कर रहा था पर बेचारे में अब सोचने समझने की क्षमता ज्यादा नहीं बची थी




    आप सब लोग भी सोच रहे होंगे की लड़के किसी लड़के को कैसे छेड़ सकते हैं पर ऐसा भी होता है मैंने ऐसे कहीं कैसे देखे हैं जिसमें ऐसा ही हुआ हो और यह कलयुग है यहां पर सब कुछ हो सकता है अब तो यहां पर लड़कियों के साथ-साथ लड़के भी सेफ नहीं है कहीं ऐसे लोग होते हैं  जो अपनी डिजायर को पूरा करने के लिए ना तो कोई जेंडर देखते हैं और ना ही कुछ और उन्हें तो बस अपनी डिजायर ही पूरी करनी होती है







    और आज ईशान भी उन्हें जैसे लोगों का एक शिकार हो रहा था वह लड़का जो बहुत ही मासूम हो उन्हें ऐसी चीजों की क्या ही खबर होगी और वैसे भी ईशान ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी उसे पहले से ही बायोलॉजी में बिल्कुल भी इंटरेस्ट नहीं और वह ऐसी चीजों से हमेशा दूर ही भगत था वह आलिया तक को अपनी ज्यादा करीब नहीं आने देता था तो आज तो उसके साथ यह सब हो रहा था तो उसका डरना और घबराना लाजिमी ही था




    ईशान का चेहरा पूरा पीला पड़ गया था और उसके चेहरे पर पसीना भी आने लगा था उसे देखकर यह साफ-साफ पता चल रहा था कि वह इस वक्त कितना डरा हुआ है उसकी आंखों से अब तो आंसू भी बहने लगे थे


    ईशान कैसे भी करके अपना एक हाथ उसे गुंडे से छुड़ा लेता है और उसी हाथ से अपने बैग में कुछ ढूंढने लगता है वह गुंडे इस वक्त नशे में थे इसीलिए ही ईशान अपना हाथ छुड़ा पाया था



    थोड़ी देर बाद ईशान की आंखों में थोड़ी सी चमक आ जाती है जैसे कि वह तक जो ढूंढ रहा था वह उसे मिल गया हो वह अपने हाथ को बैक से बाहर निकलता है और फिर अपनी मजबूती से अपने दूसरे हाथ को छुड़ाकर उसमें जितनी भी ताकत थी उसे लगाकर अपने सामने खड़े दो आदमियों को धोखा दे देता है



    उसके सामने खड़े दोनों आदमी ने बहुत ज्यादा पी रखी थी इसलिए वह आदमी उससे थोड़े से दूर चले जाते हैं ईशान अपने हाथ में पड़ी हुई लाल रंग की चीज कौन आदमियों की और फेंक देता है और फिर अपने बैग में से एक छोटा सा चाकू निकाल लेता है और उन आदमियों की और कर देता है





    किसान ने मिर्ची को उन आदमियों की ओर फेंका था जिस वजह से उड़ा आदमियों की आंखों में मिर्ची चली जाती है और आंखों में जलन की वजह से जो आंखें नशे की वजह से थोड़ी थोड़ी खुली रही थी वह खुला भी नहीं पाती है और वह सभी गुंडे वहीं बैठकर चिल्लाने लगते हैं


    इशान किशन के पीछे जो और दो गुंडे थे वह ईशान की और बढ़ते हैं परेशान अपना चाकू उन्हें दिखा देता है वह गुंडे डरते तो नहीं थे पर इस वक्त नशे में थे इसलिए थोड़ा ईशान से दूर रहना ही सही समझते हैं भले ही उन लोगों को नशे में ज्यादा बहन नहीं था पर वह इतना तो अभी समझ रहे थे कि अगर वह इस हालत में ईशान की ओर गई तो सच में किसान उन्हें कहीं वह चाकू मार ना दे



    ईशान अपने कदम पीछे की ओर लेने लगता है तभी ईशान पीछे किसी से टकरा जाता है तो एक पल के लिए तो ईशान की आंखें डर के मारे बंद हो जाती है उसे तो अब लगा था कि वह गया ही है और उसके हाथ से डर की वजह से वह चाकू भी जो अब तक उसने थोड़ी घणी हिम्मत जताकर अपने हाथों में पड़ा हुआ था नीचे गिर जाता है


    क्रमशः

    आखिर ईशान के पीछे कौन है क्या वह गुंडे फिर से इंसान को पकड़ लेंगे

    क्या ईशान उन गुंडो से बच पाएगा या फिर उनका शिकार बन जाएगा


    आगे क्या होगा यह जानने के लिए आप सभी लोग मेरे साथ जुड़े रहिए और प्लीज प्लीज मेरी यह कहानी अगर आपको पसंद आ रही हो तो प्लीज कमेंट और रेटिंग जरूर दें
    और मेरी यह कहानी काल्पनिक है इसे कोई अपने दिल पर ना लगे


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  • 7. FAKE LOVER - Chapter 7

    Words: 1252

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक हमने देखा कैसे इंसान अपनी थोड़ी हिम्मत उठाकर देखने से मिर्ची निकलता है और अपने सामने खड़े दो लोगों को धक्का देकर उनकी आंखों में मिर्ची डाल देता है और फिर अपने हाथ को छुड़ाकर अपने बैग से एक छोटा सा चप्पू निकाल कर उन गुंडो को अपने से दूर रहने के लिए कहकर पीछे है ही रहा था कि तभी वह किसी से टकरा जाता है और उसका चाकू उसके हाथ से छूट जाता है अब आगे



    ईशान डरते डरते पीछे की ओर पेलता है तो उसके पीछे उसका दोस्त मलई खड़ा हुआ था उसे देखकर ईसान की जान में जाना चाहती है वह डरकर मलई के पीछे चला जाता है और कहता है तुम तुम आ गए मुझे बहुत डर लग रहा था यह लोग बहुत गंदे हैं मुझे यह कैसे छू रहे थे वह मुझे बहुत गंदा लग रहा था तुम मुझे बचा लो तुम आ गए हो तो वह मुझे डर नहीं है वरना मुझे तो लगा था मैं अब जिंदा ....... यह सब कहते हुए ईशान की जुबानी लड खडा रही थी




    इससे आगे कुछ केक उससे पहले ही बोले उसके मुंह पर हाथ रख देता है और उसे बोलने से रोक देता है अपना सर ना में इलाज आते हुए कहता है अगर इससे आती है तूने कुछ भी कहा ना तो एक थप्पड़ दूंगा मैं तुम्हें


    मलई की बात सुनकर ईशान एकदम से चुप हो जाता है  कोई चुपचाप से अपने होठों पर अपनी उंगली रख देता है उसकी ऐसी बचकानी हरकतें देखकर मलई के चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कुराहट आ जाती है पर जैसे ही उसकी नजर उन गुंडो की ओर पड़ती है तो वापस से उसकी आंखें गुस्से से लाल हो जाती है



    मलई बहुत ही स्ट्रांग लड़का था और उसकी बॉडी उसने जिम में पसीना बहाकर बनाई हुई थी वह हैंडसम भी था और ईसान जितना नहीं मलई और ईशान की मुलाकात कॉलेज में हुई थी और तब से ही वह दोनों एक दूसरे के दोस्त बन गए थे मलई की दोस्ती आल्या से भी हो गई थी



    वह गुंडे जैसे ही इंसान के सामने किसी और को देखते हैं तो उन्हें गुस्सा आ जाता है एक गुंडा गुस्से से अपनी लड़खड़ाती आवाज में कहता है ए लड़के तुझे दिखाई नहीं दे रहा वह हमारा दोस्त है और उसके सामने से हट जा और उसे मेरे पास आने दे


    मलई जब उसकी बात सुनकर भी उसकी बातों का कोई जवाब नहीं देता है और ईशान को देखकर उसका हाथ पकड़ कर अपने साथ लेकर जाने लगता है  । तो उसे गुंडे को थोड़ा गुस्सा आ जाता है और वह गुंडा उसे देखकर  उन दोनों के सामने आते हुए से केहता है एक लड़के तुझे मेरी बात समझ में नहीं आ रही क्या अगर तुझे करने का इतना ही शौक है तो यहां यहां पर भी वरना यहां से चला जा यह हमारा शिकार है इसे हमसे कोई नहीं छीन सकता और अगर तू बीच में आया तो जान से जाएगा इसलिए पहले ही तुझे चेतावनी दे रहा हूं पहली फुर्सत में यहां से निकाल



    घुटने की बात सुन और उसकी हरकतें देखकर मलिक को हंसी आ जाती है वह गुंडा पूरा नशे में चूर था उसे इतना भी होश नहीं था कि वह अपनी आंखें ठीक से खुली रख सके पर फिर भी वह ऐसे गुस्से में बात कर रहा था जैसे वह अभी के अभी मलई को मार कर उसका भरता बना देगा



    उसे गुंडे की हालत ऐसी नहीं थी कि वह इस वक्त मलई  से लड़ सके या फिर उसे हाथ भी लगा सके उसकी ऐसी हरकतें और बटन ऑन पर ही मलई को हंसी आ रही थी



    वाले को हंसते हुए देखकर बाकी के दो घुटने भी उसकी और आ जाते हैं और उन तीनों को ही बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था और बाकी के दो जिनकी आंखों में ईशान ने मिर्ची फिटिंग फेंकी थी वह तो आप उठने की हालत में भी नहीं थी उन्हें अपनी आंखों में बहुत ज्यादा जलन हो रही थी इसीलिए वह तो एक तरफ बैठे हुए अपनी आंखों को ही मुसल रहे थे और दर्द के मारे चिल्ला रहे थे




    उन तीन गुंडो में से एक गुंडा मलई और बढ़ते हुए गुस्से से कहता है लगता है इस लड़के को मेरी बात समझ में नहीं आ रही चलो इसे भी उसे लड़के के साथ उठाकर लेकर चलते हैं और मजे करते हैं आज तो दो मछली जान में फस गई है बड़ा ही मजा आने वाला है



    वह गुंडा मलई को हाथ भी लगा पता उससे पहले ही वह जमीन पर गिर गया और उसका हाथ उसके शरीर से अलग हो गया हो उतना साथ दर्द हो रहा था और उस गूगल की चिखे के दर्द के मारे आसपास गूंज रही थी वहां का नजारा देखकर ईशानी भी डर गया था इसलिए वह वहां पर एक बेंच के पीछे जाकर बैठ जाता है




    पर उसे यह सब देखने में मजा भी आ रहा था क्योंकि अब तक जो लोग उसे परेशान कर रहे थे हम उनकी हालत खराब होने वाली थी ।





    बाकी के दोनों गुंडे जब देखते हैं कि उनके साथी की क्या हालत हो गई है तो वह एक साथ मलई पर हमला करने के लिए आगे बढ़ते हैं और उन दोनों की हालत भी ए सिर्फ दो-तीन मिनट में पतली कर देता है एक गुंडे के पैरों के बीचों-बीच मुलई ने लात मारी जिस वजह से वह गुंडा वहीं जमीन पर नीचे बैठकर सीख रहा था




    दूसरा गुंडा जो की मलई पर पीछे से बाहर करने को था उसकी गर्दन पकड़ के उसके पेट में एक गुस्सा मलई ने इतनी जोर से मारा था कि उसके मुंह से खून तक निकल आया था ।


    थोड़ी ही देर में मुलई ने उन तीनों गुंडो को मार मार कर अधूरा कर दिया था तभी वहां पुलिस भी आ जाती है और वह गुंडो को पकड़ कर वहां से चली जाती है





    उन सबके वहां से जाने के बाद मलई अपने आसपास देखा है तो ईशान उसे  कहीं भी नजर नहीं आता वह आसपास देखा है तो ईशान एक बेंच के पीछे बैठा हुआ उसे नजर आता है वह उसके पास चला जाता है तो इंसान खड़े होकर उसके गले लग जाता है और कहता है अगर आज तुम नहीं आते तो सच में मेरा क्या ही होता




    ईशान की बात सुनकर मलई मुस्कुराते हुए जब तक तेरा यह दोस्त जिंदा है तब तक तुम्हें कुछ नहीं हो सकता मैं तो तुम्हें कुछ बताने के लिए आया था आल्या नहीं मुझे यहां पर भेजा है


    मलई की बात सुनकर ईशान उसे सवाल या नजरों से देखने लगता है  और कहता है पर आल्या ने तुम्हें यहां क्यों भेजा है वह अभी तक क्यों नहीं थोड़ी देर में हमारी ट्रेन आ जाएगी हमें यहां से जाना है अगर अभी हम यहां से नहीं गए तो भैया को जरूर पता चल जाएगा और फिर मैं कभी भी यहां से नहीं जा पाऊंगा



    ईशान की बात सुनकर मलई उसे कहता है तुम्हें आज ही यहां जा रहे हो

    यह सुनकर ईशान खुश हो जाता है और कहता है तो आल्या अभी तक क्यों नहीं आ रही वह कब आ रही है

    ईशान की बात पर मलई ईशान को कुछ कहता है जिसे सुनकर ऐसा थोड़ा परेशान हो जाता है


    क्रमशः

    आगे क्या होगा इस कहानी में आप लोगों को क्या लगता है क्या होगा यह जानने के लिए आप सभी लोग मेरे साथ जुड़े रहिए और मेरी इस कहानी को लाइक लाइक और समीक्षा जरूर देना रेटिंग भी देना और मुझे फॉलो भी करना

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  • 8. FAKE LOVER - Chapter 8

    Words: 1343

    Estimated Reading Time: 9 min

    सॉरी मेरी तबीयत खराब होने की वजह से मैं आप लोगो को कुछ वक्त से एपिसोड नहीं दे पा रहीं थीं ओर आजका एपिसोड दोबारा नहीं पढ़ पाई हूं तो अगर स्पेलिंग मिस्टेक हो तो आज के दिन के लिए चला लेना और इस एपिसोड को समझने के लिए आगे के एपिसोड जरूर पढ़ना चलिए शुरू करते हैं हमारी कहानी



    अब तक हमने देखा कैसे उन गुंडो को मलई बहुत ज्यादा पिटाई करता है और पुलिस का करूं गुंडो को पकड़ कर ले जाती है मलई से जब ईशान पूछता है कि आल्या अभी तक क्यों नहीं आई क्या वह आज मुंबई नहीं जा रहे हैं तो उसके सवाल में मुलई ईशान से कहता है कि तुम आज ही जा रहे हो । और बाद में ईशान को कुछ बताता है जिसे सुनकर ईशान थोड़ा परेशान हो जाता है अब आगे



    ईशान जब मलई की बात सुनता है तो परेशान हो जाता है वह परेशानी से ही मलई से कहता है तुम यह क्या कह रहे हो मैं अकेला की मुंबई जाऊंगा आलिया भी मेरे साथ आ रही है उसने कहा था हम दोनों साथ जाएंगे मैंने तो मुंबई देखा भी नहीं है मैं वहां अकेला कैसे रहूंगा




    ईशान के सवाल पर मलई उसके कंधे पर हाथ रखते हुए ईशान से कहता है मैं जानता हूं तुमने मुंबई नहीं देखा पर आलिया अभी मुंबई नहीं आ सकती क्योंकि आज उसे कुछ अर्जेंट काम आ गया है उसका अभी तुम्हें कॉल आएगा तुम मुझसे ही बात कर लेना वह तो उसने मुझे तुम्हें यह बैग देने को बोला था मैं इसलिए यहां आया था



    ईशान उसमें को ले लेता है और सवालिया नजरों से मलई को देखते हुए कहता है इस बैग में क्या है इतना भारी क्यों लग रहा है
    मलई जब ईशान की बात सुनता है तो उसे कहता है यह तो हम नहीं जानते आलिया ने बाग तुम्हें देने को कहा है और यह भी कहा है इस बैक को संभाल कर रखना


    ईशान मन में कहीं सवाल थे वह मलई से पूछना चाहता था पर वह कुछ कहता उससे पहले ही मलई उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहता है तुम चिंता मत करो यह आल्या ने भेजा है और अब मैं चलता हूं मुझे देर हो रही है


    यह कहकर वह ईशान की कोई बात सुने बिना ही वहां से चला जाता है ईशान कभी उसे बैग को तो कभी मलाई को देख रहा था जो कि उसे रेलवे स्टेशन से बाहर की ओर जा रहा था उसके दिमाग में कई सवाल थे उसे समझ नहीं आ रहा था कि आलिया क्यों आज उसके साथ नहीं आ रही और उसने यह बैग क्यों भेजा है और इस बैग में आखिर है क्या जो कि यह बैग इतना भारी-भारी लग रहा है



    ईशान अभी यह सब सो ही रहा था तभी उसका फोन बजता है ईशान जब फोन को देखा है तो उसकी स्क्रीन पर एक अनजान नंबर दिखाई दे रहा था ईशान सोच रहा था यह किसका फोन होगा क्या मुझे इस उठाना चाहिए नहीं कहीं कोई स्कीम होगा तो पर मुझे इस उठा लेना चाहिए कहीं किसी का जरूरी कॉल होगा तो


    यह सब अपने ही मन में सोचते सोचते ईशान फोन को उठाकर अपने कान के पास ले जाता है तो सामने से उसे एक जानी पहचानी आवाज सुनाई देती है



    सामने से आल्या बात कर रही थी जो ईशान के फोन उठाते ही इंसान से कहती है हेलो ईशान तुम्हें वह बैग मिल गया ना


    ईशान  जब आल्या की आवाज सुनता है तो उसे कहता है देख तो मुझे मिल गया है लेकिन तुम कहां हो हमारी ट्रेन बस 5 मिनट में ही आने वाली है तुम मजाक कर रही थी ना तुम आ रही हो ना मलई ऐसा क्यों बोल कर गया कि मुझे अकेले ही मुंबई जाना है




    आल्या ईशान के सवाल सुनकर थोड़ा परेशानी से अपनी गिल्ट भरी आवाज में रहती है सॉरी ईशान बेबी मैं तुम्हारे साथ नहीं चल सकता हूं



    यह सुनकर ही ईशान को जैसे एक झटका लगा था और उसके हाथ से फोन छुट्टे छुट्टे बचा था। उसे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था की मलई ने जो कहा था वह सच वह तो अभी तक यही सोच रहा था कि शायद मलई उसके साथ मजाक कर रहा था और उसे परेशान करने के लिए वह सब बोल रहा था



    अपनी बात को कंफर्म करने के लिए ईशान आल्या से कहता है तुम मजाक कर रही हो ना आल्या क्या मतलब है तुम नहीं चल शक्ति यह प्लान तुम्हारा था मुंबई जाने का वहां पर सेटल होने का और तुम मना कर रही हो तुम मजाक कर रही हो ना सच-सच बताओ तुम इतना बड़ा मजाक मेरे साथ नहीं कर सकती



    ईशान की बात सुनकर आल्या गिल्ट भारी टन में कहता है मैं एक प्रॉब्लम में फस गई हूं मुझे यहां रुकना होगा प्लीज मुझे एक हफ्ते का टाइम दो तुम तब तक किसी होटल में रुक जाना प्रॉमिस में एक हफ्ते में आ जाऊंगी और फिर हमने जो सपने देखे थे वह सब पूरे होंगे




    ईशान जब आल्या को परेशान और गिल्टी भरा हुआ देखा है तो उसे आल्या पर विश्वास हो जाता है और वह आल्या से कहता है मुझे यकीन  है तुम मेरा विश्वास कभी नहीं तोडूंगी जल्दी से जल्दी अपना काम खत्म कर और मुंबई आ जाना मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा ठीक है



    ईशान की बात सुनकर आल्या के चेहरे पर मुस्कान रात आ जाती है और वह ईशान से कहती है मुझे पता था तुम मुझे जरूर समझोगे सॉरी एक अनजान शहर में तुम्हें अकेली भेज रही हूं लेकिन जल्दी ही मैं आ जाऊंगी और फिर हम दोनों साथ ही रहेंगे और बहुत मजे करेंगे


    आल्या की बात पर ईशान सहमति जाता देता है और कहता है ठीक है तुम जल्दी आ जाना मैं तुम्हारा वेट करूंगा


    आल्या की फिर से आवाज सुनाई देती है जो कि ईशान से कह रहा था जब तक मैं मुंबई ना हम मैं तुम्हें जो भेज दिया है उसे खोलना मत अपना और उसे बाग का ध्यान रखना जल्द ही में भी तुम्हारे पास आ जाऊंगा



    आल्या की बात सुनकर ईशान मन ही मन सोचने लगता है ऐसा भी क्या है इस बैग में जो यह आल्या मुझे बार-बार इसका ध्यान रखने के लिए कह रही है


    ईशान अभी अपने मन में यही सोच रहा था कि तभी उसके कानों में आया की आवाज सुनाई देती है जो कि इंसान से कह रही थी ईशान बाय-बाय जल्दी ही हम मुंबई में मिलेंगे अभी मैं फोन रखती हूं



    यह बोलकर आल्या फोन रख देती है ईशान बस फोन को देखते ही रह जाता है उसे आल्या पर यकीन तथा कि वह जरूर एक हफ्ते बाद उसके पास आ जाएगी पर कहीं ना कहीं उसके मन में कहीं सवाल थे जैसे कि उसके पास जो यह बैग था उसमें क्या है और आल्या उसे इतना संभाल कर रखने का और उसे खोलने के लिए भी मना कर रही थी




    ईशान अभी यही सोच रहा था कि तभी उसे कुछ याद आता है और वह कहता है मुझे अपने साथ कुछ ऐसी चीज ले लेनी चाहिए जो मेरी खुद की प्रोटेक्शन के लिए काम आए यहां मेरे साथ यह हुआ है जबकि यह मेरा शहर है तो मैं जहां जा रहा हूं वह तो मेरा शहर भी नहीं है अगर वहां मेरे साथ कुछ हो गया तो इसलिए वह सामने की दुकान से वापस से एक छोटी सी छोटी और पेपर स्प्रे के साथ-साथ चटनी खरीद लेता है



    तभी उसकी ट्रेन भी आ जाती है तो ईशान ट्रेन में बैठकर मुंबई के लिए निकल जाता है



    क्रमशः


    आप लोगों को क्या लगता है क्या आलिया सच में एक हफ्ते बाद मुंबई जाएगी



    आखिर कैसा रहेगा ईशान का मुंबई जाने का ट्रेन का सफर

    आप लोगों को क्या लगता है आगे क्या होगा इस कहानी
    आगे जानने के लिए आप सभी लोग मेरे साथ जुड़े रहिए और मेरी इस कहानी को आगे पढ़ते रहिए साथ में मुझे कमेंट करके बताना कि आप लोगों को मेरी यह कहानी कैसी लग रही है और प्लीज मुझे रेटिंग स्टिकर और कमेंट देना बिल्कुल भी ना भूलेख




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  • 9. FAKE LOVER - Chapter 9

    Words: 1155

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक हमने देखा कैसे ईशान को आल्या का फोन आता है। आल्या इंसान को मुंबई आने से मना करती हैं। और उसे अकेले ही मुंबई जाने को बोलता है और उसके साथ ही उसे एक  बैग दिया था जिसे खोलने के लिए उसने मना किया था। ईशान की ट्रेन आ जाती है और वह मुंबई की ट्रेन में चला जाता है । ईशान का मुंबई का सफर कैसा रहेगा चलिए जानते हैं अब आगे.......




    आल्या का घर .....

    आल्या इस वक्त आराम से अपने बेड पर बैठे हूइ थी । उसके हाथ में ऐक सराब की बोतल थी। वो उस बोतल से ऐक ऐक घूट भर रही थीं। इश वक्त आल्या के चेहरे पर ऐक अलग ही चमक दिखाई दे रही थीं। उसे देख कर ऐसा तो बिलकुल भी नहीं लग रहा था कि वो किसी परेशानी में है।




    आल्या शराब की ऐक घूट लेते हुए अपने सामने बेढे अपने पापा ओर ऐक लडके को देख कर ऐक टेढ़ी मूस्कान देकर कहती है :- " चलो आपना काम तो हो गया है बकरा बना गया जाल में। अब बस सब सही से हमारे प्लान के हिसाब से पूरा हो जाये। "




    आल्या की बात पर उसके पापा मिस्टर  भूपेंद्र चौधरी कूडीलता से मूस्कूराते हूऐ केहते है :- " हाँ आखिर उस लडके को आज के दिन के लिए तो पाला था ओर तेरे करिब रेहने दिया था। वरना उस जैसे गरीब गंदिनाली के किडे को में अपनी बेटी के पास भी ना आने दु। "



    अपने पापा की बात पर आल्या कूछ सोच कर केहती है :- " वैसे वो माल बड़ा ही आच्छा था। बस मूजे चखने को नहीं मिला साला। "



    आल्या की बात पर उसकी बगल में बैठा वो लडका जो कि ओर कोई नहीं मलई ही था वो आल्या के हाथ को पकड कर केहता है :- " बेबी कहाँ तूम उस गरीब की बात कर रही हो मे हूना मूजे चखलेना। मे तो पूरा का पूरा तूम्हारा ही हू ना। "  - ये केहते हूऐ मलय आल्या के हाथों को आपने अंगूठे से सेहला  रहा था। 




    मलय के ऐसे आंखों को सहलाने से आल्या बहकने लगी थी। उन दोनों को ऐसे देखकर मिस्टर भूपेंद्र चौधरी उसे कमरे से बाहर चले गए थे । जैसे ही उन दोनों को कमरे के डोर को बंद होने की आवाज सुनाई दी तो मलय  खड़े होकर कमरे की कुंडी अंदर से लगा देता है । और फिर मुस्कुराते हुए चलते हुए आल्या की करीब आने लगता है।





    आल्या उसको अपने करीब आता हुआ देख रही थी और वहां बेड पर बैठे हुए ही मुस्कुरा रही थी । मलय  जैसे ही आल्या के करीब पहुंच जाता है आल्या खड़ी होकर उसके गले में अपनी बहन फंसा लेती है। आल्या को अपने करीब देखकर मलय   अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ लेता है । 




    आल्या अपने एक हाथ को मलय के गार्डन के पीछे वही दूसरे हाथ को उसके बालों में लगाकर उसके सर को नीचे झूका कर अपने होठों को उसके होठों से जोड़ देता है।  दोनों ही एक दूसरे से किस करने लगते हैं । मलई आहिस्ते-आहिस्ते से आल्या के निचले होठ को चूम रहा था। धीरे-धीरे उन दोनों की किस पैशनेट होने लगती है और नॉर्मल किस से फ्रेंच किस में बदल जाती है ।



    आल्या  किस करते-करते ही मलय के शर्ट के बटन को खोलना लगती है और उसकी चेस्ट पर हाथ फिर आने लगती है । जिस वजह से मलय  और एक्साइटेड होने लगता है । वो आल्या को लेकर वही बेड पर गीर जाता है। आब आल्या निचे ओर मलय उसके उपर था।



    इश बिच  उनके होंठ एक दूसरे से लगातार जुड़े हुए थे । मलय के हाथ आब आल्या की  पूरी बॉडी पर हरकत कर रहे थे । मलय आल्या के होठों को छोड़कर आप अपने होठों को उसके गालों पर नाक पर और फिर गर्दन से होते हुए उसके क्लीवेज तक फिर आने लगा था ।




    उसके ऐसा करने की वजह से आल्या के मुंह से अलग-अलग सी आवाज से निकल रही थी। जो मलय को  और भी ज्यादा उत्तेजित कर रही थी । मलय के हाथ आब  आलथ्या की कमर को सहलाने छोड़कर ऊपर की ओर पढ़ रहे थे और उसकी चेस्ट पर आ गए थे।



    मलय अब  धीरे-धीरे आल्या की चेस्ट को सहला रहा था और कभी-कभी बार उसे मसला भी रहा था ।  आल्या मलय के शर्ट को उसकी बॉडी से अलग कर देती है । मलय भी आल्या के टोप फाड़ देता है। और उत्तेजित होकर अपने होंठ उसकी चेस्ट पर फिर आने लगता है और एक हाथ से उसकी दूसरी चेस्ट को दबाने लगता है । इस वजह से आलिया के मुंह से सेक्सी सेक्सी आवाज निकल रही थी ।





    आल्या और मलय के कपड़े थोड़ी देर में ही कमरे में बिखरे हुए थे और वह दोनों एक दूसरे में खो गए थे । वही बहार बेठे भूपेंद्र   चौधरी अपने फोन पर कुछ बात कर रहे थे । सामने से फोन पर आवाज आती है  :- " माल पहुंच गया ना वह सही सलामत मेरे पास पहुंचना चाहिए अगर नहीं पहुंचा तो मैं तुम्हारा क्या हाल करूंगा पता है ना । "



    भुपेंद्र चौधरी मुस्कुराते हुए  फोन पर कहता है  :- " सरकार आपका काम अच्छी तरह से हो गया है दोनों ही माल कल तक आपके पास पहुंच जाएंगे। वह बैग उसके पास ही है आपको जो करना है उसके साथ कर सकते हैं। मैंने आपसे कहा था वह पूरा किया बस मुझे मेरे पैसे मिल जाने चाहिए । "




    सामने से सरकार की आवाज आती है :- "  तू पैसों की चिंता ना कर बस मुझे माल हर महीने पहुंच जाना चाहिए और तुम्हें तुम्हारे पैसे मिल जाएंगे । "


    भुपेंद्र जी मुस्कुराते हुए ही  फोन पर सरकार से कहते हैं : - "  आप बस पैसा पहुंचाओ आपको अच्छा-अच्छा माल हर महीने मिल जाएगा इस बार जो माल मैंने भेजा है उसे देखकर तो आप बहुत खुश हो जाएंगे और आपके पास आने वाले बड़े-बड़े लोग भी ।  बस आपके आदमियों को बोलना कि वह उसे सही समय पर वहां से उठा ले । "


    ऐसे ही वह दोनों थोड़ी देर बात करते हैं तो फिर भूपेंद्र चौधरी फोन कर देता है उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट थी ।



    क्रमशः


    आगे क्या होगा इस कहानी में

    क्या आलिया ईशान को धोखा दे रही है और यह मलाई और आलिया एक साथ क्यों है


    आगे क्या होगा आप लोगों को क्या लगता है यह सब जानने के लिए आप सभी लोग मेरे साथ जुड़े रहिए और प्लीज मुझे रेटिंग लाइक कमेंट और सब्सक्राइब भी कर ले मेरी दूसरी स्टोरी भी पड़े और मुझे बताएं कि मेरी स्टोरी आपको पसंद आ रही है या नहीं



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  • 10. FAKE LOVER - Chapter 10

    Words: 1071

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक हमने देखा कैसे आल्या और मलय ने भूपेंद्र जी की साथ मिलकर ईशान को धोखा दिया था l बस बचपन से वह लोग अब तक उसका उसे ही करते आए थे और आज तो वह लोग उसे कुछ ऐसा कर दिया था जो कि आगे चलकर इंसान के लिए बहुत बड़ा तूफान उसकी जिंदगी में लाने वाला था । तो चलिए अब देखते हैं आगे क्या हो गा ईशान की जिंदगी में ......


    रतलाम (  मध्य प्रदेश   )......

    रतलाम मध्य प्रदेश का एक जाना पहचाना सहेर है। जिसे प्राचीन समय में रत्नपुरी के नाम से जाना जाता था । रतलाम का नाम महाराजा रतन सिंह और उनके पुत्र राम सिंह के सहयोग से रतनराम हुआ । जो बाद में अपभ्रंशों के रूप में बदलते हुए क्रमशः रतराम और फिर रतलाम के रूप में जाना जाने लगा ।




    रतलाम शहर को ब्रिटिश काल से ही एक वाणिज्यक केंद्र का दर्जा प्राप्त है । रतलाम जो मध्य प्रदेश राज्य के मालावास क्षेत्र के उत्तर पश्चिम भाग में एक शहर है । जो कि भारत में सोने के आभूषण खरीदने के लिए भी लोकप्रिय स्थान है ।


    रतलाम जिले में एक सम्रद ऐतिहासिक परंपरा है और कहीं ऐतिहासिक महत्व के स्थान है जिन में आकर्षण बीबरोड तीर्थ  (जैन मंदिर) , कैक्टस गार्डन, खरमौर पक्षी अभ्यारण , श्री नागेश्वर तीर्थ, धोलावाड़ बांध आदि का समावेश होता है।


    रतलाम का एक छोटा सा गांव जो कि माही नदी के किनारे स्थित है । कृष्णा नगर ( काल्पनिक नाम ) नामका ऐक गाव था। जो रतलाम शहेर से बस ५ किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित था।  कृष्णा नगर गाँव हरियाली से भरपूर था। वहाँ गाव के आसपास बहुत सारे खेत ओर हरे भरे पहाड़ थे। जो उस  कृष्णा नगर की शूदरता को ओर बढाता था। कृष्णा नगर मे कही बडे बडे मकान थे। गाव में माही नदी के किनारे ऐक ज्यादा बडा तोहफा नहीं पर बहूत छोडा भी नहीं ऐसा ऐक बंगला था।




    उस बंगले के मेन डोर पर बडे बडे अक्षरों में कपूर हाउस लिखा हूआ था। उस घर के आगे एक छोटा सा गार्डन था । जिसमें एक और झूला लगा हुआ था वहां चारों ओर कहीं सारे बड़े-बड़े पेड़ थे जो कि उस आंगन मैं छांव दे रहे थे और घर के पास ही कहीं सारे अलग-अलग फूलों के पौधे भी लगे हुए थे आंगन में बीचो-बीच एक तुलसी का बड़ा सा पौधा था जो की एक सुंदर से गमले में लगा हुआ था ।






    उसे घर के पीछे की ओर एक छोटा सा स्विमिंग पूल था और उसके बाद वहां पर खेती की गई हुई थी जिस्म अलग-अलग फलों की ओर फूलों की खेती थी ।



    उसे घर में एक छोटा सा होल उसे अटैच किचन और डाइनिंग हॉल था । नीचे दो कमरे थे और ऊपर के मेल पर तीन कमरे थे । वह घर बाहर से जितना सुंदर था उससे कहीं ज्यादा वह अंदर से सुंदर दिखता था । उसे घर के सेकंड फ्लोर पर बाहर की और बड़े-बड़े अक्षरों से लिखा हुआ था आराधना निवास।



    यह घर ईशान के पापा महेंद्र कपूर और उनकी धर्मपत्नी आराधना कपूर का था। हाँ था क्योंकि अब तो वह इस दुनिया में है ही नहीं । इस घर में ईशान उसके भाई भाभी और उसका छोटा सा भतीजा रहते  हैं।



    तो चलिए अब हम ईशान के परिवार का थोड़ा सा इंट्रो ले लेते हैं ।


    महेंद्र कपूर :-

    ईशान के पापा  - महेंद्र कपूर कृष्णा नगर गांव के एक छोटे से बिजनेसमैन थे जिन्होंने रतलाम शहर में अपने खाने-पीने की प्रोडक्ट्स का एक छोटा सा बिजनेस खोल रखा था । उनका स्वभाव बहुत ही ज्यादा अच्छा था यह गरीबों की बहुत ज्यादा मदद करते थे हां थोड़े गुस्से वाले थे पर इनमें दया भावना बहुत ज्यादा थी । इन्होंने कृष्णा नगर गांव में एक अनाथालय और वृद्ध आश्रम खोला हुआ था ।



    आराधना कपूर :- " ईशान कि मॉम "


    यह एक हाउसवाइफ के साथ-साथ बिजनेस वूमेन भी थी उन्होंने उसे समय में एग्रीकल्चर की पढ़ाई की थी और वह घर के पीछे के खेतों में बहुत सारे फुल फॉर्म के पौधों की खेती करती थी और महेंद्र जी के साथ उनकी कंपनी संभालने में मदद करती थी । ईशान आराधना जी का लाडला बेटा था । अब इनकी नेचर की बात करें तो आराधना जी स्वभाव में बहुत ही ज्यादा हंसमुख और सबका दिल से ख्याल रखने वाली थी । जहां महेंद्र जी थोड़ा गुस्सैल थे तो वही आराधना जी बहुत शांत और सुरजी हुई थी ।



    तुषार कपूर :- " ईशान के बड़े भाई "



    तुषार को महेंद्र जी और आराधना जी ने गोद लिया हुआ था । इनका स्वभाव महेंद्र जी की तरह थोड़ा गुस्सैल था और यह बहुत ही ज्यादा स्ट्रोक थे । इन्हें काम में एक भी गलती बिल्कुल भी पसंद नहीं है । उन्होंने लव मैरिज की थी । अपनी धर्मपत्नी और अपने बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं और साथ ही साथ वह ईशान से भी बहुत ज्यादा प्यार करते हैं । पर कुछ गलतफहमियों की वजह से इस वक्त ईशान और उन में थोड़ी दूरियां आ गई है ।


    नलिनी कपूर :- " ईशान की भाभी "


    नलिनी अपने पति तुषार और अपने बेटे से से बहुत ज्यादा प्यार करती है  । यह थोड़ी लालची स्वभाव की हो गई है जो कि वह पहले तो नहीं थी पर अभी किसी के बहकावे में आकर  वह ऐसी हो गई है । नलिनी दिखने में बुक में बहुत ज्यादा सुंदर । इनका स्वभाव अपने पति और बच्चे के लिए बहुत ज्यादा केयरिंग है । पर इन्हें ईशान ज्यादा पसंद नहीं है जिसके पीछे के कारण हमें अगर कहानी में पता चलेगा ।


    अबीर कपूर :- " ईशान का भतीजा "


    अबीर अभी 7 साल का हुआ है। ईशान की और अबीर की आपस में बहुत ज्यादा बनती है ।अबीर  बहुत ज्यादा शैतान है । वह सिर्फ अपने पापा तुषार से ही डरते हैं अपनी मां की बातों को तो वह ध्यान में ही नहीं लेते हैं । उन्हें अपनी मां का अपने चाचा को परेशान करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता  है। पर अपने पापा की डांटना पड़े इसलिए वह कुछ बोल भी नहीं पाते थे । कबीर बहुत ही ज्यादा क्यूट और हैंडसम है । इतनी छोटी उम्र में भी उनकी स्कूल की सारी लड़कियां उनके पीछे फिदा है ।

    क्रमशः

    तो आज तो हमने ईशान के फैमिली के बारे में जाना कल आगे के एपिसोड में हम कहानी में आगे बढ़ेंगे ।

    Thank you my all readers
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  • 11. FAKE LOVER - Chapter 11

    Words: 1163

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक हमने ईशान के परिवार के बारे में थोड़ा जान लिया परिवार में सब कैसे हैं कौन है और ईशान से कितना प्यार करता है कौन ईशान को बिल्कुल पसंद नहीं करता तो चलिए अब कहानी में आगे बढ़ते हैं....


    रतलाम कपूर हाउस .....


    बड़े से हॉल में बिछू बीच सोफे रखे हुए थे और उन सोफों के बीच एक बड़ी सी कांच की टेबल थी। जिस पर बीच में एक सुंदर सा फ्लावर वास रखा हुआ था । वहीं सोफे पर एक औरत जिसने एक चंदेरी साड़ी जो कि मध्य प्रदेश में बहुत ही ज्यादा प्रख्यात है वह पहनी हुई थी । वह सारी गुलाबी रंग की थी जो कि उसे औरत पर बहुत ज्यादा अच्छी लग रही थी। उस औरत ने अपने चेहरे पर मेकअप किया हुआ था और बालों को एक झूडे में बांधकर  रखा हुआ था। कानों में बड़ी-बड़ी इयररिंग्स पहनी हुई थी और माथे में बीचो-बीच सिंदूर लगाया हुआ था । वह दिखने में बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी पर उसने अपने चेहरे पर मेकअप भी किया हुआ था । जो उसे औरत को और ज्यादा खूबसूरत बना रहा था ।





    यह महिला नलिनी कपूर थी । जो की सोफे पर बैठी हुई अपने एक पैर पर दूसरा पर चढ़कर अपने हाथों में फोन को पकड़े हुए किसी से बात कर रही थी । उसके चेहरे पर घमंड साफ-साफ दिखाई दे रहा था । उसे देखकर ही समझ आ रहा था कि इसमें अपने पैसों का कितना ज्यादा घमंड है ।




    वह फोन पर बात करते हैं अपने एक हाथ से अपने नाखूनों को देख रही थी । फोन पर सामने जो महिला थी वह नलिनी से कहती है  :- " क्या हुआ नीलू बेटा वह तेरा देवर शादी के लिए तैयार हो गया ना । "



    यह फोन पर जो सामने से बात कर रहा था वह नलिनी की चाची थी । नलिनी की मॉम का देहांत उसे जन्म देते ही हो गया था इसलिए बचपन से ही नलिनी को उसकी चाची ने पाल पुष्कर बड़ा किया था । नलिनी की चाची बहुत ही ज्यादा लालची और घमंडी महिला थी । कुरान उसकी वजह से ही नलिनी भी थोड़ी लालची और घमंडी थी ।




    किसी ने सही ही कहा है जैसे संगत वैसी रंगत नलिनी अपनी चाची के साथ  बचपन से ही रही है इसलिए उसमें ऐसे ही गुण आए हैं । नलिनी उनकी बात सुनकर कहती है :-  "  छोटी मां आप चिंता मत करो मैं तुषार से बात करली है। उनकी बात ईशान नहीं टाल सकता। इसलिए उसे मीनाक्षी से शादी करनी ही होगी। फिर सब हमारा ही होगा यह सब जो उसे नालायक का है वह सब हमारा होगा सिर्फ और सिर्फ हमारा । मैं इस घर की मालकिन बनूंगी और उसे नालायक पर अपना हुकुम चलाऊंगी । फिर देखती हूं वह कैसे मुझे अपनी ऊंची आवाज में बात करता है । "


    यह कहते हुए नलिनी की आंखों में और उसकी बातों में ईशान के लिए गुस्सा और नफरत दोनों साफ-साफ दिखाई दे रहा था । नलिनी उसकी बात पर उसकी छोटी मां श्रीमती सुलोचना जी  के चेहरे पर एक अलग ही शातिर मुस्कुराहट आ जाती है । उनके दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था । जिस बात से अभी नलिनी बहुत अनजान थी। जो कि नलिनी की जिंदगी बदल देने वाला था ।




    सुलोचना की नलिनी को कहती है  :- " हम बस तुम वैसा ही करना जैसा जैसा मैं तुम्हें करने को कहती हूं। फिर देखो तुम कैसे वहां की मालकिन बनती हो और वह तुम्हारा देवर कैसे तुम्हारी मुट्ठी मैं आ जाता है। "



    नलिनी बात कर रही थी की तभी उसे करके बाहर कार के रुकने की आवाज सुनाई देती है । नलिनी को समझते देर नहीं लगती आखिर बाहर अभी आया कौन होगा । वह सुलोचना की से कहती है  :- " अच्छा छोटी मां अभी में फोन रखती हूं तो कर आ गए हैं। मैं आपसे बाद में बात करूंगी आप अपना ध्यान रखना । "



    सुलोचना जी भी नलिनी को अपना ध्यान रखने का बोल  और फोन कट कर देती है । गली में जल्दी से घर के डोर के पास चली जाती है और उसे खोल बाहर चली जाती है । बाहर जाते ही उसे सामने तुषार दिखता है जो की थकाहारा अभी-अभी ऑफिस से आया था । इस वक्त उसका चेहरा देखकर ही जाहिर हो रहा था कि वह कितना ज्यादा थका हुआ है । मैं अपने एक हाथ में अपना लैपटॉप बैग पड़ा हुआ था और एक हाथ में तीन-चार फाइल्स पड़ी हुई थी । जिसे संभालते हुए वह घर के अंदर ही आ रहा था ।




    नलिनी तुषार के पास जाकर उसके हाथ से देख लेते हुए कहती है  :-  " आज आप इतना लेट हो गए रात के 2:00 बजने वाले हैं चलिए आप जल्दी से फ्रेश हो जाइए मैं आपके लिए खाना लगवाती  हू। "




    तृषार नलिनी बात सुनकर उसके गालों पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए कहता है :- "  तुम्हें मैंने कहा था ना मैं आज लेट आऊंगा तुम सो जाना फिर भी तुम क्यों जाग रही हो। तुम सोई क्यों नहीं अभी तक? हुह ......




    नलिनी प्यार से मुस्कुराते हुए तृषार से कहती है   :- " मुझे आपके बिना नींद कहां आती है। तृष बेबी और आपको खाना खिलाना भी तो जरूरी है ना वरना आप बिना खाए ही सो जाते । चलिए अब जल्दी से जाकर फ्रेश हो जाए मैं खाना गरम करके रखती हूं तब तक । "




    नलिनी  तृषार से बहुत प्यार करती थी बस उसे ईशान फूटी आंख भी पसंद नहीं था क्योंकि मिस्टर महेंद्र कपूर अपनी सारी प्रॉपर्टी उसमें से ज्यादा तरीका ईशान के नाम कर दिए थे और तुषार के नाम पर बस कुछ ही किया हुआ था । ऐसा सिर्फ नलिनी को लगता था और इसीलिए उसे ईशान पसंद नहीं था ।




    नलिनी की बात पर  तृषार उसे मुस्कुराकर देखते हुए कहता है :- "  अभी और ईशु सो गए क्या ❓ "

    ईशान का नाम सुनते ही नदी उनके चेहरे पर उसके लिए नफरत दिखने लगती है पर वह जल्दी से अपने भावों को छुपा लेती है ताकि तृषार उसे देखना ले । नलिनी को पहले इंसान से कोई भी दिक्कत नहीं थी ।  पर उसकी छोटी मां ने उसे ईशान के खिलाफ इतना भड़का दिया था कि अब उसे ईशान से नफरत हो गई थी। पर उसे अभी यह नहीं पता था कि एक दिन उसकी यह छोटी मां उसका ही घर उजाड़ देगी ।


    क्रमशः


    आगे क्या हो गई इस कहानी में यह हम कल जानेंगे आज के लिए बस इतना ही प्लीज प्लीज प्लीज सब लोग मुझे रेटिंग देना बिल्कुल भी ना बोले और कमेंट करके बताएं कि मेरी यह कहानी आप लोगों को कैसी लग रही है और जल्दी ही अब दो दिनों के बाद हमारी कहानी के सेकंड लीड हीरो की एंट्री होने वाली है तो आप लोग बताइए उसके लिए आप कितना एक्साइटेड है.......



    Thank you my all readers jo meri story ko read karte he or jo comment karte he unke liye to ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🥰🥰🥰😍😍😍😍💕💕💕💕😘😘😘😘😘😘😘


    Always be happy😊😁😁☺☺😁😊😊😁☺☺

  • 12. FAKE LOVER - Chapter 12

    Words: 1056

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक हमने देखा कैसे तृषार को नलिनी ईशान के खिलाफ भड़का रही थी और  तृषार उसकी  चिकनी चटनी बातों में आ भी गया था । चलिए अब देखते हैं आगे क्या होगा



    ईशान का नाम सुनते ही नलिनी के चेहरे पर नफरत दिखने लगती है । पहले नलिनी को ईशान से कोई प्रॉब्लम नहीं थी। पर उसकी छोटी मां ने उसे ईशान के खिलाफ भड़का दिया था । तब से ही उसे ईशान से नफरत हो गई थी और उसे इंसान बिल्कुल भी पसंद नहीं था । पर उसे यह पता नहीं था कि उसकी छोटी मां उसका ही घर एक दिन उजाड़ देगी।




    तुषार की बात पर उसे देखते हुए नलिनी अपने होठों पर मुस्कुराहट लाकर कहती है  :- " हां आपका लाडला बेटा शैतानी कर करके थक गया तो सो गया । "


    तुषार जब देखा है कि नलिनी ने ईशान के बारे में उसे कुछ नहीं बताया है तो एक बार फिर वह नलिनी से पूछता है :- "  और इशू वह सो गया क्या और उसने खाना खा लिया क्या ? "



    श्रीसार के दोबारा पूछने पर नलिनी अपने चेहरे पर जबरदस्ती परेशानी के भाव लाते हुए तृषार से कहती है :- " देवर जी अभी तक घर नहीं आए हैं। मुझे उनकी चिंता हो रही थी मैंने उन्हें फोन लगाया तो उन्होंने मुझे बहुत कुछ सुनाया और यह भी । ओर कहा कि मैं उनकी जिंदगी में दखलअंदाजी ना करू। मैं उनकी जिंदगी बर्बाद कर रही हूं । ( ट्रूसर के एक हाथ को पकड़ कर्नलिनी आंसू बहते हुए  ) और आप तो जानते हैं ना मुझे उनकी चिंता हो रही थी बस इसलिए मैंने उन्हें फोन लगाया था पर देवर जी तो मुझे ही भला बुरा सुना रहे थे कहने लगे कि मैं आपके कान भर्ती हूं । मैं आपको उनसे दूर कर दिया , आपके रिश्ते में दरार डाल दी । क्या आपको भी ऐसा लगता है ? क्या सच में मैं आपकी जिंदगी में आकर गलती कर दी ? "


    यह कहते हुए नलिनी की आंखों से झूठे आंसू बह रहे थे और उसके चेहरे पर मायूसी छाई हुई थी जैसे उस सच में ईशान की बातों का बहुत बुरा लगा हो और उसे पछतावा हो रहा हो कि उसकी वजह से इंसान और तुषार की बीच  झगड़ा हो रहे हैं । और वही उन सब की दोस्ती है ।




    अपनी प्यारी बीवी की आंखों में आंसू देख कर तुषार का दिल पिघल जाता है पर उसकी बातें सुनकर उसे ईशान पर बहुत गुस्सा आता है वह गुस्से में कहता है  :- " मां पापा के चले जाने के बाद यह लड़का कुछ ज्यादा ही बिगड़ गया है आज आने दो उसे मैं बताता हूं आज कुछ ज्यादा ही बदतमीज नहीं हो गया हहै। "





    तुषार की बात सुनकर एक पल के लिए तो नलिनी के चेहरे पर शैतानी मुस्कुराहट बिखर जाती है । जैसे कि वह यही चाहती हो पर अगले ही पल वह अपनी मुस्कान को अपनी झूठी परेशानी के पीछे छुपा लेती है ।



    अपने पति को ईशान पर गुस्सा करते देखा नलिनी मन ही मन खुश हो रही थी।  वह तो यही चाहती थी कि उसका पति ईशान के साथ झगड़ा करें और उन दोनों का रिश्ता बिगड़ जाए । ताकि यहां की सारी प्रॉपर्टी उसके पति और उसके बच्चे की हो जाए ।




    यहां हर रोज यही महाभारत होती थी । नलिनी किसी न किसी बहाने से ट्रूसर को ईशान के खिलाफ फड़कती थी । और ट्रूसर अपनी प्यारी बीवी की चिकनी चिकनी बातों में आ भी जाता था ।


    फिर क्या था दोनों भाइयों के बीच झगड़ा हो जाता था ईशान को अब ऐसे लगता था कि उसका भाई जो बचपन से उसे बहुत प्यार करता था वह अब उससे प्रॉपर्टी के लिए नफरत करने लगा है । ईशान को उसे वह प्रॉपर्टी देने में कोई प्रॉब्लम भी नहीं थी और उसकी भाभी ही उसकी सबसे बड़ी प्रॉब्लम हो गई थी । ईशान को ही सिर्फ लगता था कि तुषार प्रॉपर्टी के लिए उससे झगड़ा करता है जबकि ऐसा कुछ था नहीं क्योंकि उसे तो कुछ सच्चाई पता ही नहीं थी कि उसके पीछे यहां क्या होता था ।




    तृषार तो अभी भी उससे बहुत प्यार करता था पर कंपनी का काम और फिर नलिनी की बातों में वह आज आया करता था । उसे लगता था कि ईशान आल्या के साथ रहकर थोड़ा बिगड़ गया है । क्योंकि आल्या तुषार को बिल्कुल भी पसंद नहीं थी। आलिया तुषार को आल्या अपने भाई के लिए बिल्कुल भी अच्छी चॉइस नहीं लगती थी । बात पर दोनों भाई का हर रोज झगड़ा होता था ।


    नलिनी को तो इन सब में अपना ही फायदा दिख रहा था वह अपनी छोटी मां के कहने पर सब कर रही थी ।उसे अपनी छोटी मां की बातें सही लगती थी । पर उसे यह पता नहीं था कि आगे चलकर उसकी यही हरकत है उसे बड़ी मुसीबत में डाल देगी । जब उसके प्यार और उसके रिश्ते पर बात बन आएगी । एहसास होगा कि उसने क्या गलती की थी ।


    तुषार ने जब नलिनी की आंखों में आंसू देख तो उसे उसके लिए बहुत बुरा लगा और ईशान पर भी बहुत गुस्सा आया । तुषार गुस्से में ईशान के लिए कहता है :- " यह लड़का दिन-ब-दिन बदतमीज होता जा रहा है इसका तो अब मुझे कुछ करना ही होगा जब से मामा पापा हमें छोड़कर गए हैं यह ऐसा बदतमीज हो गया है किसी से बात करने की तमीज नहीं है उसमें आज आने दो उसे में बताता हूं उसे पर अभी तो वह है कहां यह पता लगाना है। "



    क्रमशः


    आप लोगों को क्या लगता है क्या तुम सर को पता चलेगा कि इंसान उन सब को छोड़कर यहां से चला गया है  ?

    ईशान को आल्या के धोखा देने के बारे में पता चलेगा तो क्या होगा?

    ईशान जब मुंबई पहुंचेगी तो उसके साथ क्या होने वाला है क्या वह उन सब से बच पाएगा ?


    सवाल तो यहां कितने है पर एक का भी जवाब हमारे पास नहीं है और अगर इन सवालों के जवाब जानने है तो  आप सभी लोग मेरे साथ जुड़े रहिए और आप लोगों को अगर मेरी स्टोरी में कुछ चेंज करना हो या कोई बात आपको सजेस्ट करनी हो तो आप बता सकते हैं जैसे कि मैं आगे इसमें क्या लिख सकती हूं वगैरा-वगैरा......



    Thank you so much my all readers
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  • 13. FAKE LOVER - Chapter 13

    Words: 1042

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक हमने देखा  कैसे नलिनी के आंसू देखकर तृषार  को बहुत बुरा लगता है और ईशान के ऊपर उसे गुस्सा भी आता है । और गुस्से में ही वह ईशान की बदतमीजी के लिए उसे डांट लगाने का सोचता है। अब आगे .......



    यह बोलकर दूसरा अपने फोन में ईशान का नंबर डायल करने लगता है। रिंग तो जा रही थी पर कोई कॉल उठा नहीं रहा था। यह देखकर तृषार  को ईशान के लिए चिंता भी हो रही थी और उसकी लापरवाही के लिए बहुत ज्यादा गुस्सा भी आ रहा था। 



    तृषार के गुस्से को हवा देते हुए नलिनी नाटक करते हुए कहती है :- " तृषार  आप देवर जी पर खान का गुस्सा कर रहे हैं वह अपनी उसे दोस्त आलिया के घर पर गए होंगे और कॉलेज का कुछ काम होगा तो लेट हो गए होंगे आप चिंता मत करो वह आ जाएंगे आप उन पर गुस्सा मत करना वरना उन्हें शायद लगेगा मेरी वजह से आप उस पर गुस्सा कर रहे हैं




    तृषार  जब नलिन की यह बात सुनता है तो अपने गुस्से को शांत करते हुए मुस्कुरा कर नलिनी के चेहरे को अपने हाथों में प्यार से पढ़ते हुए कहता है तुम कितनी अच्छी हो नलिनी जो तुम्हें मेरी और ईशान की इतनी परवाह है और एक फोन नालायक जो तुम्हें ही गलत बोलता है मुझे ही उसे समझना होगा वरना वह और बदतमीज हो जाएगा और मैंने उसे कितनी बार कहा है उसे लड़की से दूर रहे वह लड़की अच्छी नहीं है पर उसे मेरी बात समझ ही नहीं आती है अब तुम ही बताओ मैं गुस्सा ना हो उस पर तो क्या करूं


    यह कहते हुए तुषार के भाव लगातार बदल रहे थे वह पहले तो नलिनी को मुस्कुराहट कर कह रहा था पर बीच में ईशान पर थोड़ा गुस्सा और आखिर में ईशान के लिए परवाह उसके चेहरे पर साफ-साफ दिखाई दे रही थी अपने पति को ईशान के लिए चिंता करते देखकर नलिनी को ईशान से और नफरत हो रही थी



    तुषार की बात पर नलिनी अपने चेहरे पर जबरदस्ती से परेशानी के भाव लाकर उसे परेशानी भरे लेजर में रहती है आप इतना गुस्सा मत करो आपके लिए यह अच्छा नहीं है देवर जी आ जाएंगे आप चिंता मत करो अभी आप फ्रेश हो जाओ मैं आपके लिए खाना लगा देता हूं



    तुषार भी उसकी बात मान लेता है और वहां से कमरे में चला जाता है उसके चेहरे पर ईशान के लिए अभी भी परेशानी दिख रही थी तुषार के वहां से जाते ही नलिनी के चेहरे पर जो परेशानी का मुखौटा था वह एकदम से गायब हो जाता है और उसकी जगह उसकी आंखों में नफरत की आज दिखने लगती है जो अब आप समझ ही गए होंगे किसके लिए है का कोर्स हमारे मासूम और नादान ईशान के लिए


    दूसरी तरफ ट्रेन में ईशान अपनी सीट पर आंखें बंद करके अपना सर सीट से लगाए बैठा हुआ था उसकी हाथ से नाम थी वह रो रहा था उसने अपने बैग को अपने सीने से लगाए हुए ही उसे पर अपनी दोनों हाथों की मजबूत पकड़ बनाई हुई थी उसकी आंखों से आंसू लुढ़क कर उसके गालों से होते हुए उसकी व्हाइट शर्ट को भिगो रही थी



    यह आंसू उसकी आंखों से अपनी पुरानी यादें याद करके बह रहे थे उसके होठों पर एक मुस्कुराहट थी जो धीरे-धीरे दर्द भरी मुस्कराहट में बदल रही थी उसके हाथ पहले तो मुस्कुरा रहे थे क्योंकि वह अपने बचपन की अपने मम्मी पापा की और अपने भाई के साथ बीते हसीन यादों में खोया हुआ था और फिर वही मुस्कान दर्द में बदल गई जब उसे अपने मम्मी पापा के देहांत के बाद का वक्त उसके भाई का उसे इग्नोर करना उसे पर गुस्सा करना और उसकी भाभी मां की नफरत याद आने लगी




    ईशान की बड़ी-बड़ी आंखों में से आंसू जर्जर करके बह रहे थे और इस वजह से उसकी आंखें लाल हो गई थी उसका यह सफर अपनी हसीन और दर्द भरी यादें याद करते हुए ही आधा ताई हो गया था वह अभी अपनी दर्द भरी यादों में खोया हुआ था कि तभी उसे आलिया की याद आ गई पहले आलिया को याद करके उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई क्योंकि आलिया ने हर पल उसका साथ दिया था वह उसके साथ बिताए हुए फलों को याद करने लगा तभी उसे आलिया का कुछ दिनों से बदला हुआ बढ़ता हुआ याद आने लगा जो की ईशान के प्रति कुछ बदला बदला सा था वह उसे ठीक से बात नहीं करती थी और कभी-कभी तो इग्नोर भी कर देती थी





    आलिया का यह व्यवहार ईशान के दिल को और उसके मन को चोट तो पहुंचना था पर वह उसके बुरे वक्त में उसके साथी यह सोचकर ही वह उन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था और सोचता था कि शायद आलिया का अपने काम और पढ़ाई की वजह से ऐसा कर रही है पर आज आज उसके दिमाग में आलिया को लेकर कहीं सवाल थे और उसे सवाल का जवाब उसके पास नहीं था




    वह अब अपनी सवालों की दुनिया में खो गया उसके दिमाग में रह रहकर यही सवाल चल रहा था कि आलिया आज क्यों नहीं आई उसके साथ उसने उसे वह बैक क्यों दिया और उसे बैग को खोलने से इंकार क्यों किया आखिर ऐसी क्या मजबूरी हो गई जो वह आज उसके साथ नहीं आई और आखिर उसे बाग में है क्या कहीं वह अब उसके साथ नहीं रहना चाहती ऐसा तो नहीं ?



    क्रमशः


    आप लोगों को क्या लगता है आगे क्या होगा इस कहानी में


    आगे जानने के लिए आप सभी लोग मेरे साथ मेरी यह कहानी पढ़ते रहिए और मुझे रेटिंग लाइक और कमेंट देना बिल्कुल भी ना भूले प्लीज प्लीज प्लीज मुझे सब्सक्राइब करें और मेरी दूसरी कहानी भी रीड करें



    ईशान के मन में सवाल तो बहुत थे पर उसके एक भी सवाल का जवाब उसके पास नहीं था

    क्या ईशान को अपने सवालों के जवाब मिलेंगे

    आप लोगों को क्या लगता है आगे क्या होगा जाने के लिए मेरे साथ जुड़े रहिए


    आई एम सॉरी मैंने वन वीक के लिए आपको यह स्टोरी नहीं दी है पर कल से आपको हर रोज या फिर एक दिन के अंतराल पर मेरी यह स्टोरी मिल जाया करेगी



    Thank you so much  all readers for read my story 😍😍😍😍😍😍😍😍

    Always be happy😊😊😊😁☺☺☺☺

  • 14. FAKE LOVER - Chapter 14

    Words: 1021

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक हमने देखा ईशान अपने नए सफर पर निकल गया था और उसने अपनी अच्छी और बुरी यादों को याद करते हुए अपना आधा सफर तभी कर लिया था । उन यादों में ही उसे आलिया की याद आ जाती है और फिर उसे आलिया का बदला हुआ बिहेवियर आ जाता है । जो कि उसके दिलों में सभी सवाल छोड़ गया था जिसके जवाब उसके पास नहीं थे चलिए अब आगे . . . . .



    ईशान सवालों को सोते हुए खिड़की से बाहर देख रहा था उसकी आंखों में न जाने क्यों आंसू बह रहे थे पर यह आंसू क्यों थे यह उसे अभी नहीं पता था उसे आलिया पर अब भी पूरा भरोसा था इसलिए वह अपने दिमाग में आ रहे इन बुरे ख्याल आते को झटक देता है और खिड़की से बाहर देखने लगता है पर बाहर जो अब तक अंधेरा था वह धीरे-धीरे से रोशन होने लगा था इस वक्त सुबह के 6:00 रहे थे हल्के हल्के से बादलों के बीच से सूरज की की में झांकने लगी थी आसमान में सब और लालिमा छाई हुई थी ।




    इशान  एक टक उगते सूरज को देख रहा था। और सोच रहा था कि काश यहां आकर उसके जीवन में भी ऐसे ही उजाला हो जाए वह अपने करियर में जो पाना चाहता है वह पापाले। वह जो छोड़ कर आया है उसे भूल कर अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहता था इसलिए वह अपने सारे ख्यालों को छोड़कर आंखें बंद करके बैठ जाता है ।





    मूंबई ....


    मुंबई  जो भारत में महाराष्ट्र राज्य में समुद्र के स्थित एक बहुत ही खूबसूरत शहर है । मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है जिसे पहले बॉम्बे के नाम से जाना जाता था । मुंबई को फैशन राजधानी और बॉलीवुड का दिल कहा जाता है । मुंबई को मायानगरी भी कहा जाता है । मुंबई, भारत के प्रमुख महानगरीय शहरों में से एक, एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। यह मुख्य रूप से बड़े बाजारों, मंत्रमुग्ध कर देने वाले समुद्र तटों, ऊंची इमारतों और उत्तम पांच सितारा होटलों के लिए प्रसिद्ध है।





    महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को "सपनों का शहर" या "मायानगरी" कहा जाता है। वर्षों से इसे मायानगरी कहा जाता रहा है क्योंकि यह नागरिकों के लिए असीमित अवसर प्रदान करता है । मुंबई दुनिया का सबसे अमीर शहर और भारत का सबसे अमीर शहर है।गेटवे ऑफ़ इंडिया, हाजी अली दरगाह, एलीफैंटा केव्स, और जुहू बीच मुंबई के सबसे मशहूर पर्यटक स्थलों में से एक है।



    मालाबार हिल ....




    मुंबई के दक्षिणी सिरे पर स्थित, मुंबई का यह सबसे महंगा क्षेत्र सुंदर अरब सागर का तीन-तरफा दृश्य प्रस्तुत करता है। यह हैंगिंग गार्डन और समुद्र तटीय चौपाटी के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, इसमें असंख्य सामाजिक सुविधाएं और अत्याधुनिक भौतिक बुनियादी ढांचे शामिल हैं।


    वही समुद्र तट पर एक सबसे बड़ा बांग्ला जो बाहर से दिखे ने में किसी महल की तरफ लग रहा था ।  वह बाहर से पूरा व्हाइट कलर से बना हुआ था और उसे बंगले के चारों ओर गार्डन था । वही आगे गार्डन मैं बीचो-बीच एक बड़ा सा फाउंटेन था। जोकि उस गार्डन की खूबसूरती को और बढ़ा रहा था । गार्डन बहुत ही भरा पड़ा था और उसने बहुत सारे फूल लगे हुए थे जो की अलग-अलग तरह के बहुत ही खोज ली और किसी में कभी ना देखे होंगे वैसे भी फूल वहां पर थे।


    पीछे बेटियर्ड में एक बड़ा सा स्विमिंग पूल भी था । जो पीछे का आधा एरिया कवर करता था वही उस स्विमिंग पूल के बगल में ही टेबल्स और कुर्ती लगाए हुए थे और वहां पर अच्छे से सिटिंग एरिया बनाया हुआ था । वही बंगलो के पीछे के डोर से समुद्र साफ-साफ दिखाई दे रहा था जो की बिल्कुल नीले रंग के आसमान की तरह ही था वहां का नजर आप बहुत ही खूबसूरत था जो कि किसी की भी आंखों में भा जाए।



    वह बांग्ला ( मेंशन) बाहर से जितना खूबसूरत था उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत वह अंदर से था । बड़े से बंगले में इस वक्त सिर्फ और सिर्फ दो से तीन मेल सर्वेंट ही काम कर रहे थे। बाकी वहां पर कोई भी नहीं था । मेंशन के सेकंड फ्लोर पर एक कमरे में बिल्कुल अंधेरा था सिर्फ एक टेबल पर पड़े हुए लैपटॉप की ही रोशनी थी । वहाँ बस लैपटॉप पर किसी की उंगलियां कैसे नाच रही थी जैसे कोई संगीत बज रहा है । काम करते हुए सामने बैठे सेक्स का चेहरा हल्की रोशनी में दिखाई दे रहा था जो की बहुत ही ज्यादा खूबसूरत और हैंडसम था । इतनी कम रोशनी में भी उसका चेहरा चमक रहा था जैसे वह कोई हीरा हो ।





    उसे शख्स के चेहरे पर थोड़ा गुस्सा दिखाई दे रहा था और गुस्से में ही उसकी उंगलियां लैपटॉप पर नाच रही थी । वह लड़का अपने कानों में पहरी हुए ब्लूटूथ में किसी से बात कर रहा था वह के गुस्से में कहता है मैंने आपसे कितनी बार बोला है मैं आपकी बात बिल्कुल भी नहीं मानूंगा मुझे उन सब चीजों का बिल्कुल भी शौक नहीं है मैं आपकी तरह अपनी जिंदगी बर्बाद नहीं करना चाहता इसलिए दोबारा मुझे इस बारे में बिल्कुल भी मत कहना । " इतना कहकर ही फोन कट जाता है ।




    फोन पर सामने जो शख्स था वह बस हेलो हेलो करते ही रह जाता है जबकि यहां पर कमरे में बैठा हुआ सक्स गुस्से में टेबल पर एक मुक्का मार देता है। वो अपने सर को चेयर पर रेस्ट करते हुए अपनी आंखों को बंद करके खुद को शांत करने की कोशिश करने लगता है।


    थोड़ी देर में जब उसका गुस्सा थोड़ा शांत हो जाता है तो वह वापस से अपने लैपटॉप पर कुछ काम करने लगता है अब उसके चेहरे पर कोई भी भाव दिखाई नहीं दे रहे थे। इसलिए समझ पाना मुश्किल था कि वह आखिर क्या सोच रहा है और क्या कर रहा है। बस उसकी लंबी-लंबी उंगलियां लैपटॉप पर नाच रही थी ।


    क्रमशः


    आप लोगों को क्या लगता है आगे क्या होगा इस कहानी और आखिर में जो नया शख्स है वह कौन है ?
    और क्या ईशान की जो मन में जो सवाल थे वह जायस थी या फिर उसका कोई वहवहम?

  • 15. FAKE LOVER - Chapter 15

    Words: 1284

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक हमने देखा कैसे ईशान उगते सूरज को देखकर सो रहा था कि उसके जीवन में भी ऐसे ही उजाला हो जाए। वहीं दूसरी और कोई अंजन लड़का किसी फोन कॉल से परेशान है अब आगे....




    रतलाम....


    सुबह के 7:00 रहे थे सूरज अब तक आसमान में निकल गया था अभी समर का टाइम चल रहा था इसीलिए सूरज सुबह 5:30 बजे ही निकलना शुरू हो जाता था और 6:00 बजे तक तो हर तरफ अपनी रोशनी से उजाला कर देता था  ।  कपूर हाउस  तुषार परेशानी से होल में चहल कदमी कर रहा था। वो अपने फोन पर बार-बार  से किसी को कॉल लगाने की कोशिश कर रहा था । हर बार रिंग तो जा रही थी पर कोई कॉल उठा नहीं रहा था और आखिर में तो फोन ही स्विच ऑफ हो गया था ।




    तृषार के चेहरे पर परेशानी साफ-साफ झलक रही थी और उसे देखकर साफ पता चल रहा था कि वह इस वक्त बहुत ज्यादा परेशान और घबराया हुआ है । यह सब इसलिए था क्योंकि शाम से अब तक ईशान वापस घर नहीं आया था और उसका फोन भी नहीं लग रहा था । तुषार को अब उसकी बहुत ज्यादा चिंता हो रही थी पर वह 24 घंटे से पहले पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज नहीं कर सकता था ।



    नलिनी को तो जैसे इस बात से कोई परवाह ही नहीं थी। वह तो आराम से डाइनिंग रूम में बैठकर खाना खा रही थी और ईशान को न जाने क्या से क्या सुन रही थी। क्योंकि उसकी वजह से उसका पति इस वक्त परेशान हो रहा था । जो कि उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रहा था ।



    नलिनी जब देखी है कि तुषार अभी भी ईशान के लिए परेशान है तो वह तुषार के पास चली जाती है और दिखावा करते हुए अपने आंखों में आंसू लाकर तुषार से कहती है  :- " तुषार बेबी तूम ना एक बार उसे आल्या के घर जाकर देखना चाहिए । शायद ईशान वही हो जो कि वह ज्यादातर उसके साथ ही रहता है और तुम पता है ना वह दोनों कितने अच्छे दोस्त हैं । मुझे लगता है वह वही होंगे और रात को देरी हो गई होगी तो शायद उसने घर आना ठीक नहीं समझा होगा और आल्या ने भी मना किया होगा उसे घर आने से । शायद फोन की बैटरी खत्म हो गई होगी इसलिए फोन स्विच ऑफ बता रहा है । तुम चिंता मत करो वह शाम तक आ जाएगा  । वैशेभी आल्या तो है ना उसके साथ तो आप उसकी चिंता क्यों कर रहे हैं । उसकी दोस्त है वह आ जाएगा आप चिंता मत करिए ।





    तुषार जो पहले से ही परेशान था नलिनी की बात सुनकर उसे थोड़ा गुस्सा आ जाता है। क्योंकि नलिनी ईशान की चिंता न करने के लिए बोल रही थी । जबकि वह जानती थी कि आल्या और उसका वह घटिया बाप बिल्कुल भी अच्छे इंसान नहीं है । यही सोचकर आज तुषार को नलिनी पर थोड़ा गुस्सा आ जाता है और वह अपनी फ्रस्ट्रेशन आवाज में कहता है :- "  मैं पहले से ही एक तो यहां परेशान हूं और तुम हो कि मुझे परेशान होने से लिए मना कर रही हो। तुम्हें पता है ना वह आदमी कितना घटिया है। वह अपने फायदे के लिए किसी का भी इस्तेमाल कर सकता है और तुम उसे पर विश्वास करने के लिए कह रही हो । "



    तुषार को गुस्से में देखकर नलिनी एकदम से चुप हो जाती है क्योंकि वह समझ गई थी कि दूसरा रात सच में गुस्से में है । अब आज उसकी डाल यहां नहीं गलने वाली है । तुषार परेशानी से ही और थोड़े गुस्से में वहां से चला जाता है और आल्या की घर की ओर निकल जाता है ।



    मुंबई मालाबार हिल्स.....



    एक आदमी  जो कि जिम एरिया में अभी पुश अप कर रहा था  ।  उसने सिर्फ लोअर पहना हुआ था ऊपर उसने कुछ भी नहीं पहना था  ।  उसका पूरा शरीर पसीने से भीगा हुआ था  ।  पुश अप करते हुए उसके डोले शोले साफ-साफ दिखाई दे रहे थे  ।  अगर इस वक्त उसे आदमी को कोई लड़की तो क्या है लड़का भी देख ले तो उसके प्यार में गिर जाए  ।  उसे लड़के पर से अपनी नजर हटाना ही भूल जाए  ।  वह जब घड़ी में देखा है तो सुबह के 7:00 रहे थे वह टाइम देखकर फ्रेश होने के लिए चला जाता है ।




    यह वही आदमी था जो कल शाम को  किसी का फोन आने की वजह से गुस्से में आग बबूला हो गया था । चलिए आज हम उसे आदमी के बारे में थोड़ा जान लेते हैं । आखिर यह गुस्सैल और अकड़ की दुकान है कौन जो रात रात भर बिना सोए ही काम करता है ।


    तो यह जो लड़का है वह है रिहांश सिंह राठौड़ । दिखने में बहुत ही ज्यादा हैंडसम और डैशिंग है इनके 8 पैक  एप्स और डोले शोले है जो कि इन्हें देखकर ही पता चलता है कि इन्होंने जिम में बहुत ज्यादा मेहनत करके बनाई है । उसका हैंडसम सा फेस जिस पर उसकी वह सुंदर सी आंखें और पतले गुलाबी होंठ और उसकी जो लाइन आआआआहह किसी को भी अपना दीवाना बनाने के लिए काफी थी । उसे लड़के को देखकर जाहिर था की लड़कियां ही नहीं लड़के भी उसे देखते ही रह जाते ।




    यह किसी बॉलीवुड के हीरो से काम नहीं लगते थे । रिहांश मुंबई का सबसे बड़ा बिजनेस टाइकून है और पूरे एशिया पर राज करता है । यह एशिया का  मोस्ट हैंडसम और बैचलर बिजनेस टाइकून है जिसके पीछे पूरे एशिया की लड़कियां पागल है पर किसी की भी आज तक हिम्मत नहीं हुई उसके सामने बात करने की या फिर उसके पास भी आने की । क्योंकि रिहांश को लड़कियों से सख्त नफरत है और सबसे ज्यादा उसे प्यार और शादी के नाम से ही नफरत है अब यह क्यों है यह हमें आगे ही पता चलेगा ।


    दूसरी और ईशान अपने फोन में आ रहे कॉल से परेशान हो जाता है क्योंकि यह कॉल किसी और के नहीं उसके भाई के ही थे ।पर वह अभी कॉल उठाना नहीं चाहता था क्योंकि उसे अब थोड़ी घबराहट हो रही थी कि अगर उसने कॉल उठाया तो वह अपने भाई को आकर जवाब क्या देगा? ईशान को ऐसा लगता था कि उसका भाई बदल गया है । पर ईशान को तो आज भी अपने भाई से बहुत ज्यादा प्यार था ।



    ईशान जब बार-बार अपने भाई का फोन आता देखा है तो वह फोन को स्विच ऑफ करने का सोचता है । वो जैसे ही फोन बंद करने के लिए बटन प्रेस करने ही वाला होता है कि तभी उसके फोन पर एक मैसेज आता है। ईशान को न जाने क्यों वह मैसेज खोलने में थोड़ी घबराहट हो रही थी। पर फिर वह हिम्मत करके उसे मैसेज को खोल ही लेता है  ।  जैसे ही वह उसमें मैसेज को खोलना है तो उसकी आंखें फटी की फटी रह जाती है और उसके आंखों से लगातार आंसू गिरने लगते हैं ।


    क्रमशः

    आखिर मैसेज में ऐसा क्या है जो ईशान की आंखें फटी की फटी रह गई और आंखों से आंसू गिरने लगे?

    क्या तुषार ईशान के बारे में पता लग पाएगा ?

    आप लोगों को क्या लगता है आगे क्या होगा मेरी इस कहानी में ?

    आगे जानने के लिए आप सभी लोग मेरे साथ जुड़े रहिए और मेरी यह कहानी पढ़ते रहिए और कल से मैं आपको इस कहानी के हर रोज एपिसोड दूंगी तो अब से इस कहानी को हर रोज पढ़ने के लिए रेडी हो जाएगी और साथ में अच्छे-अच्छे कमेंट भी करना और मुझे रेटिंग देना लाइक करना और मुझे फॉलो करके सब्सक्राइब भी करना। और प्लीज प्लीज प्लीज मेरी और कहानियों को भी पढ़ना ।

  • 16. FAKE LOVER - Chapter 16

    Words: 1637

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब तक हमने देखा कैसे तुषार ईशान के लिए परेशान हो रहा था और नलिनी उसे कुछ कहती है तो वह नलिनी पर गुस्सा हो जाता है और ईशान को ढूंढने के लिए निकल जाता है । दूसरी और हमारी कहानी में हमारे दूसरे में लीड रिहांश सिंह राठौड़ की एंट्री हो गई है । तो वहीं तुषार के फोन से परेशान होकर किस जैसे ही अपना फोन बंद करने को जाता है तो उसे कुछ मैसेज आता है । वो उस मेंसेज को देखकर ईशान की बड़ी-बड़ी आंखों से आंसू निकलने लगते हैं अब आगे...... 


    ईशान जैसे ही फोन पर आए हुए मैसेज को देखा है उसकी आंखें बड़ी-बड़ी हो जाती है और उनमें से मोटे-मोटे आंसू गिरने लगते हैं जो की उसके गालों से होते हुए उसकी शर्ट को भिगो रहे थे उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह जो नहीं चाहता था वही हुआ हो उसके हाथ से फोन गिर जाता है वह अब अपने होश खोने लगता है बस उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे



    दरअसल ईशान के फोन पर  उसके एक दोस्त का मैसेज था  ‌। जोकि बस उसका क्लास फ्रेंड था जो उसे हर रोज आल्या से दूर रहने के लिए कहता था । वो लडका कहता था कि आल्या अच्छी लड़की नहीं है पर ईशान ने कभी भी उसकी बात नहीं मानी थी। और इसी वजह से ईशान ने उसे लड़के से अपनी दोस्ती तक तोड़ दी थी क्योंकि वह आल्या के बारे में उसे कहता था और ईशान को यह अच्छा नहीं लगता था ।





    फोन में इस वक्त आल्या और मलई की आल्या के कमरे की तस्वीर थी । जो की कल रात की ही थी जिसमें वह दोनों एक दूसरे से बहुत ज्यादा करीब थे । यह देखकर तो ईशान के सोचने समझने की शक्ति ही खत्म हो गई थी । उसे तो इस फोटो पर विश्वास ही नहीं हो रहा था और इसीलिए उसकी बड़ी-बड़ी आंखों से बड़े-बड़े आंसू निकल रहे थे । जो कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे  ।




    ईशान अपने आप से कुछ ना कुछ बोले जा रहा था वह खुद से ही इस बात पर विश्वास न करने के लिए कह रहा था ।  " नहीं नहीं ईशान यह झूठ है यह लड़का फिर से तुम्हें  आल्या के खिलाफ भड़काने  की कोशिश कर रहा है । उसने पहले भी तो कहीं बार ऐसा किया है ना ।  क्या तुझे अपनी आल्या पर भरोसा नहीं है?

    एक वही है जिसने तेरे हर बुरे वक्त में तेरा साथ दिया है । तो तू ऐसे उस पर शक नहीं कर सकता और हर बार इस अरहान को आल्या ने गलत भी तो साबित कर दिया था ना। मुझे लगता है यह उससे बदला लेने के लिए ही यह सब कर रहा है। यह तस्वीर जरूर एडिट की हुई होगी। हां मैं सही सोच रहा हूं आल्या मुझे कभी धोखा नहीं दे सकती। वह मुझसे कितना प्यार करती है इसीलिए तो मुझे यहां भेज दिया । आलिया ने मेरे लिए जितना किया है उतना तो कोई अपना भी नहीं करता मैं ऐसे आल्या पर शक नहीं कर सकता । "




    ईशान को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे वह खुद को ही तसल्ली दे रहा हो कि उसने जो अभी-अभी यह फोटो देखी है वह गलत है। पर अब ईशान को यह बात सच लगने लगी थी क्योंकि आल्या का बिहेवियर उसके लिए बदल गया था ।  ओर ऊपर से आल्या आज उसके साथ ना चलकर  वही रतलाम में रह गई थी और उसे अकेला यहां भेज दिया था । अब उसे उसे लड़के की बातों पर थोड़ा-थोड़ा विश्वास हो रहा था पर फिर भी वह यह बात अभी भी मनाना नहीं चाहता था इसीलिए वह खुद को ही तसल्ली दे रहा था ।



    उसके दिमाग में अब फिर से कहीं सारे सवाल चलने लगे थे । अब जो पहले उसके मन में सवाल थे और उसके दिल में जो डर था उसे वह सच होता हुआ नजर आ रहा था। पर उसका दिल था कि इस बात पर अब विश्वास नहीं करना चाहता था । वह अपने फोन को नीचे से उठता है और उसे स्विच ऑफ कर देता है । इस वक्त अब किसी से कुछ भी कहने या बात करने के मूड में नहीं था । बहुत रोना आ रहा था और वह खुद की ही किस्मत को खुश रहा था कि आखिर उसके साथ ही ऐसा क्यों होता है ।






    भले ही वह अरहान की बातों पर यकीन नहीं करना चाहता था पर दिल में कहीं डर लग रहा था कि और हां जो कह रहा है वह सच है उसे उसे पर थोड़ा-थोड़ा यकीन हो रहा था सोच सोच कर उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे । थोड़ी देर पहले ही उसने सूरज को देखकर जो अपने मन में सोचा था कि अब उसकी जिंदगी में रोशनी का उजला होने वाला है उसे वह अब वापस से अपनी जिंदगी में अंधेरा होता हुआ नजर आ रहा था । अपने बैग को अपने हाथों के बीच पकड़ उसे पर अपना चेहरा टिका देता है और रोने लगता है । अब रोटी-रोटी उसकी  आंख कब लग गई उसे पता ही नहीं चलता ।



    रतलाम ......


    तुषार अपनी गाड़ी को यहां से वहां रास्ते पर दौड़ा रहा था और अभी भी उसे इंसान का कुछ पता नहीं चला था था कर वो अपनी गाड़ी को आल्या के घर की ओर लेकर जाने लगता है ।

    तुषार की गाड़ी जैसे ही आल्या के घर के बाहर रूकती है दो गार्ड उसे अंदर जाने से रोक देते हैं। तुषार को उन लोगों को बहुत गुस्सा आ रहा था वह उनसे लड़ने झगड़ने लगता है और अंदर जाने के लिए कहने लगता है। पर वह बॉडीगार्ड्स थे कि उसे अंदर जाने ही नहीं दे रहे थे ।



    सर को अब गुस्सा आने लगता है वह उन दोनों बॉडीगार्ड्स को पीटने लगता है। और घर के अंदर जबरदस्ती चला जाता है । तुषार ईशान का  नाम लेकर उसे पुकारने पर तभी दो और गार्ड आकर उसे पकड़ लेते हैं  । उनसे लड़ने लगता है तभी वहां पर किसी की आवाज सुनाई देती है जिसे सुनकर बॉडीगार्ड तुषार को छोड़ देते हैं ।




    तुषार गुस्से में अपने सामने देख रहा था तुषार के सामने मिस्टर भूपेंद्र चौधरी खड़े हुए थे जिसके चेहरे पर एक कुटिल मुस्कुराहट थी । भूपेंद्र चौधरी कुटिलता से मुस्कुराते हुए तुषार को देखकर कहते हैं  :- " मुझे पता था तुम यहां जरूर आओगे मैं तुम्हारी ही कब से राह देख रहा था । "




    तुषार गुस्से में आगे बढ़ता है और भूपेंद्र चौधरी को गुस्से में देखते हुए कहता है :- " मेरा भाई कहां है ? "

    तुषार को गुस्से में देखकर भूपेंद्र चौधरी हंसते हुए कहते हैं :- "  उसे तो जहां पहुंचना था वह अब तक पहुंच गया होगा ।  "

    उसकी बात सुनकर तुषार को समझ आ जाता है कि जरूर ईशान के साथ कुछ गलत हुआ है। यह सोचकर ही उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है और वह गुस्से में आगे बढ़कर भूपेंद्र चौधरी की कॉलर को पकड़ लेता है और गुस्से से ही कहता है :- "  मेरा भाई कहां है ? मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं। बताओ मेरा भाई कहां है ? क्या किया है तुमने उसके साथ ? "




    भूपेंद्र चौधरी तुषार से अपनी कॉलर को छुड़ाते हुए कहते हैं  :- " तेरा भाई वही है जहां उसे होना चाहिए था अब वह तुम्हें कभी वापस नहीं मिलेगा । मैं उसे वहां भेजा है जहां से वह कभी वापस नहीं आ सकता । " ये केहकर वो जोरो से हंसने लगते हैं ।  और फिर तुषार के कंधे को थपथपाते हुए कहते हैं  :- " मैंने कहा था ना तू मेरी बात मान जा वरना मैं तुम्हारे भाई के साथ ऐसा करूंगा कि तुम कभी भूल नहीं पाओगे । देखा तुमने मेरी बात नहीं मानी तो अब तुम्हारा भाई वहां है जहां से तुम उसे कभी ढूंढ नहीं पाओगे ।  "


    भूपेंद्र चौधरी की बात सुनकर तुषार को बहुत गुस्सा आता है पर उसे पछतावा भी होता है कि आखिर क्यों उसने भूपेंद्र चौधरी की बात पहले नहीं मानी अगर उसने मान ली होती है तो आज ईशान उसके पास होता । वह गुस्से में ही आगे बढ़कर भूपेंद्र चौधरी के चेहरे पर एक मुक्का जड़  देता है । यह मौका इतनी जोरो का था कि भूपेंद्र चौधरी के होठों के किनारो से खून निकलने लगता है  ।  कुछ बॉडीगार्ड्स जाकर तुषार को पीछे से पकड़ लेते हैं ।



    भूपेंद्र चौधरी अपने एक हाथ से अपने होठों के किनारो से खून पहुंचते हुए कहता है  :; " तुम्हें यह बहुत महंगा पड़ेगा तुषार कपूर इसकी सजा अब तुम्हारा भाई भुगतेगा । "  वह गार्ड से तुषार को बाहर निकलने का इशारा कर देता है ।






    ईशान उन बॉडीगार्ड से छूटने की कोशिश कर रहा था और भूपेंद्र से गुस्से में ही बोल रहा था :- "  मेरे भाई को अगर ऐक खरोंच भी आई तो मैं तुम्हें जिंदा जला दूंगा । तुम याद रखना  ....... "


    वह बस बोल ही रहा था और बॉडीगार्ड से छूटने की कोशिश कर सकता था ।पर तुषार उन हेट गेट बॉडीगार्ड से छूट नहीं पा रहा था । वह बॉडीगार्ड उसे चौधरी हवेली से बाहर निकाल देते हैं ।



    क्रमशः

    आखिर भूपेंद्र चौधरी तुषार को किस बात के बारे में बोल रहे हैं ?
    क्या तुषार ईशान के बारे में पता लग पाएगा?
    अब ईशान का आगे का फैसला क्या होगा क्या वह अरहान की बातों पर भरोसा करेगा या फिर अभी भी उसे आल्या पर ही भरोसा है ?


    आगे क्या होगा इस कहानी में जानने के लिए आप सभी लोग मेरे साथ जुड़े रहिए और मुझे सजेशन भी देना कि मैं कहानी को और बेहतर कैसे बना सकती हूं

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  • 17. FAKE LOVER - Chapter 17

    Words: 1097

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक हमने देखा कैसे अरहान ईशान के फोन पर आल्या और मलई की तस्वीर भेजता है। जिसे दुख देखकर ईशान यकीन तो नहीं करना चाहता था पर न जाने की उसे उसे पर यकीन हो रहा था । पर फिर भी वह अपने आप दिल को तसल्ली दे रहा था । वहीं दूसरी ओर तुषार जब भूपेंद्र चौधरी से मिलता है तो उसे ईशान के बारे में पता चलता है और ईशान के बारे में जानकर तुषार को बहुत गुस्सा आता है। गुस्से में वह भूपेंद्र चौधरी पर हाथ उठा देता है । पर भूपेंद्र चौधरी के गार्ड उसे हवेली से बाहर निकाल देते हैं । चलिए अब देखते हैं क्या होगा आगे......




    रिहांश के कमरे में वह अब तक फ्रेश होकर रेडी हो गया था उसने एक ब्लैक थ्री पीस सूट पहना हुआ था । जो कि उसकी पर्सनालिटी पर बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था। उसने अपने एक हाथ में ब्रांडेड वॉच पहनी हुई थी और एक हाथ में महादेव के नाम का पहना हुआ था । उसने अपने पैरों में ब्रांडेड ब्लैक जूते पहने हुए थे और बालों को साली कैसे सेट किया हुआ था ।  आंखों पर ब्लैक गॉगल्स लगाए हुए वो  इस लूक ( look ) में वह कतही  जहर लग रहा था। अगर कोई लड़की इस वक्त उसे देख ले तो अपनी नज़रे उस पर से हटाना भूल जाए ।




    वह एक नजर खुद को आईने में देखा है और कमरे से बाहर निकल जाता है।  जैसे ही सीडीओ को उतारते हुए उसकी नजर हाल में जाती है तो उसकी आंखें सर्द हो जाती है उनमें गुस्सा दिखाई देने लगता है । वह रोग से चलते हुए होल में आ जाता है। और हाल में बैठे शख्स को इग्नोर करते हुए ही वहां से आगे बढ़ जाता है ।




    रिहांश अभी हॉल के डोर के पास पहुंचा ही था कि तभी उसे किसी की सख्त आवाज सुनाई देती है । जो कि किसी और कि नहीं हाल में सोफे पर अपने एक पैर पर दूसरा पर चढ़ा रोब से बैठे हुए शख्स की ही थी । जो की रिहांश को रोकते हुए कह रहे थे  :- " रुक जाओ । हमें आपसे कुछ बात करनी है । "




    रिहांश बिना पीछे मुड़ ही अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए अपनी रॉबली आवाज में कहता है  :- " मैंने आपसे कितनी बार कहा है मैं आपसे कुछ भी बात नहीं करना चाहता ।  आप यहां से  जा सकते हैं । "


    सोफे पर बैठा हुआ व्यक्ति अपनी हल्की गुस्से भरी आवाज में कहता है  :- " अपने पितासे कोई ऐसी बात करता है क्या ? इतनी भी तमीज नहीं है या फिर अपनी तमीज भूल गए हो । "


    रिहांश जो अब तक अपने गुस्से को शांत करने की कोशिश कर रहा था । उसे अपने पापा की बात सुनकर गुस्सा आ जाता है और वह गुस्से में ही पीछे मोड़ते हुए अपनी लाल आंखों से अपने डैड को देखते हुए  अपने दांतों को एक दूसरे से भिचते हुए कहता है :- "  मिस्टर राठौर  ....  किस हक से आप मुझे यह कह रहे हैं? आप अपना हक उसी दिन खो चुके थे जब आपने वह सब किया था । इसलिए इज्जत से कह रहा हूं यहां से चले जाइए वरना में सच में अपनी तमीज भूल जाऊंगा । "




    रिहांश की बात सुनकर मिस्टर संजय सिंह राठौड़ को भी गुस्सा आ जाता है और वह गुस्से से सॉफ से खड़े होते हुए रिहांश को घूर कर कहते हैं :- " बाप  हु मैं तेरा और बेटा है तू मेरा  .... इसी हक से मैंने यह सब कहा है । तू भले ही यह न माने पर यह सच तो नहीं बदलने वाला ना कि खून हो तुम मेरा । "




    रिहांश का गुस्सा हर बीते पल के साथ बढ़ता ही जा रहा था और उसके गुस्से की वजह से आसपास का माहौल बहुत गर्म हो गया था। वह गुस्से में अपने हाथों की मुट्ठियों बांधकर अपने दांतों को भिंचते हुए  कहता है :- " यही तो सबसे बड़ी प्रॉब्लम है कि मुझ में आपका खून है । काश की में आपका खून नहीं होता ।  यह सोचकर ही मुझे गुस्सा आता है कि मुझे मेरी रगों में आप जैसे  इंसान का खून दौड़ता है । "





    रिहांश की बात सुनकर संजय जी को भी गुस्सा आ जाता है और वह गुस्से में रिहांश के पास आकर उसे मारने के लिए अपना हाथ बढ़ा देते हैं पर बीच में ही उनका हाथ रुक जाता है । रिहांश गुस्से में उन्हें देखते हुए कहता है  :- " क्यों क्या हुआ रुक क्यों गए? मारिए ना आखिर इसके सिवा आपको आता भी क्या है । "



    संजय जी अपना हाथ नीचे कर लेते हैं और वहां से चले जाते हैं। उनके जाने के बाद रिहांश भी गुस्से में उसे बड़े से  बंगले से बाहर निकल जाता है और अपनी गाड़ी में बैठकर ऑफिस की ओर चला जाता है ।




    तुषार अपने ऑफिस में बैठा हुआ था उसके हाथ में एक फाइल पड़ी हुई थी ।पर उसका ध्यान तो उसे फाइल पर था ही नहीं। वह तो आपनी हीं किसी सच में गूम था। उसकी आंखें नम हो गई थी वह खुद से ही शिकायत कर रहा था  :- " मैंने ही उसका अच्छे से ध्यान नहीं रखा। आई एम सॉरी मामा पापा मैं आपका दिया हुआ वादा निभा नहीं पाया । मैं आपके बेटे को उस लड़की से बचा नहीं पाया । मैंने उसे खो दिया पता नहीं अब वह कहां होगा ?कैसा होगा ? क्या कर रहा होगा ?बस वह ठीक हो जहां भी हो । यह सब सिर्फ और सिर्फ मेरी ही वजह से हुआ है । काश मैं पहले उसे भूपेंद्र चौधरी की बात मान ली होती तो यह सब नहीं होता । "




    यह कहते हुए तुषार की आंखों से आंसू उसके गालों पर आ जाते हैं और उसकी शर्ट पर गिरते हुए उसे भी होने लगते हैं । तुषार इस वक्त बहुत बड़े गिल्ट में था उसे लग रहा था कि सिर्फ उसकी वजह से ही ईशान अभी उसके पास नहीं है और वह अपने मां पापा को दिया हुआ वादा नहीं निभा पा रहा है ।




    तुषार अभी यह सब सो ही रहा था कि तभी उसके फोन पर किसी का मैसेज आता है ।  और उसमें मैसेज को देखकर तुषार की आंखें एकदम से लाल हो जाती है और उसमें गुस्सा दिखाई देने लगता है  ।



    क्रमशः


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