Novel Cover Image

मांझा इश्क दा 🩷

User Avatar

Poonam

Comments

5

Views

360

Ratings

1

Read Now

Description

किस्मत और मोहब्बत की जंग

Total Chapters (8)

Page 1 of 1

  • 1. मांझा इश्क दा 🩷 - Chapter 1

    Words: 1073

    Estimated Reading Time: 7 min

         वो रब के सजदे में सिर झुकाए, हाथ फैलाए अपने असद के लिए दुआ मांग रही थी ! कहते है जब दुआ दिल से मांगी हो तो वो कुबूल हो ही जाती है ! आज उसकी हर एक दुआ पर उसके असद का नाम था !


          दूसरी तरफ असद को भी बेसब्री से अपने एम बी बी एस के रिजल्ट का इंतजार था ! एक एक पल उसे भारी लग रहा था ! उसे पूरी उम्मीद थी कि  उसके दिल को  नाउम्मीदी नही मिलेगी ! उसने अल्लाह से ढेरो दुआए मांगते हुए ऑनलाइन रिजल्ट चैक किया तो उसकी आंखो में नमी भर आई क्योंकि अल्लाह ने उसकी दुआओ को कुबूल कर लिया था और उसने एम बी बी एस की परीक्षा अपने जिले में 17 वें स्थान से पास की थी !

                       अपनी लाइफ की सबसे बड़ी  नेहमत को वो अपनी अम्मी के साथ शेयर करने के लिए  रिजल्ट देखने के फौरन बाद अपनी अम्मी के पास आ गया ! उसकी अम्मी जो सुबह से उसके लिए दुआओं में लगी हुई थी ,अपने असद का चेहरा और उसकी नम आंखे देखकर असद के बिना कहे सब समझ गई और खुशी से उसे गले लगा लिया !  असद की आंखो से आंसू फिसल कर उसकी गाल पर आ गए ! इस दिन के लिए उसने दिन रात जी तोड़ मेहनत की थी !


      असद लखनऊ के पास एक छोटे से गांव में रहता था पर जमीन जायदाद के मामले में असद की फैमिली  कम नहीं थी ! उनके खानदान का एक ऊंचा रुतबा था ! लेकिन उनका घर ,उनके घर के लोग ,या यूं कहो उनके गांव के लोग अब भी पुरानी रिवायतों से घिरे हुए थे ! पूरे गांव में असद के दादू बशीर खान का अलग ही नाम और रुतबा था  ! लोग उनके  एहतराम में सिर झुकाते थे ! असद की फैमिली में उसके दादू के अलावा उसके ताया अब्बू अनवर खान उसकी ताई अम्मी सलीमा बेगम और उसके कजन नगमा और समीर शामिल थे !  और इसी हवेली में थी उसके दिल के करीब उसकी अम्मी दिलशाद अहमद खान,जो उसकी मुक्कमल दुनिया थी ! अब्बू अहमद खान का साया बचपन में ही उसके सिर से उठ गया था ! पूरे घर में उसके दादू बशीर खान के फैसले ही अमल में लाए जाते थे,चाहे वो फैसला कितना ही छोटा हो या बड़ा !


           समीर जहां ताया अब्बू के साथ पढ़ाई के बाद जमीन जायदाद में रिवायत  के हिसाब से उनके खानदानी काम में लग गया था वही असद ने आगे पढ़ने और डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखी तो पूरे घर में बवाल हो गया क्योंकि ये उनके घर के उसूलों के खिलाफ था कि उनकी औलाद खानदानी पेशे को छोड़कर कोई और काम करे ! ये असद ही जानता था कि उसने किस तरह इन रिवायतों मे घिरे लोगों को अपने अब्बू का सपना पूरा करने के लिए कन्विंस किया था ! उसके अब्बू अहमद खान का सपना था कि वो अपने बेटे असद अहमद खान को डॉक्टर बने देखना चाहते थे !


         असद बचपन से ही अपने दादू का चहेता था फिर भी असद ने बड़ी मुश्किल से अपने दादू को इस बात के लिए राजी किया था और अपने सपने की तरफ पहला कदम बढ़ाया था और इस बात से ताया अब्बू , ताई अम्मी और समीर मन ही मन उससे रुसवा हो गए थे पर बशीर खान के फैसले के खिलाफ जाना उनकी सोच से भी परे था ! सिर्फ नगमा और उसकी अम्मी उसकी इस खुशी में दिल से खुश थी ! यूं तो वो अपने घर अपनी रिवायतों से प्यार करता था पर जब से वो कुछ समझदार हुआ उसने अपने घर की औरतों की ख्वाहिशें ,उनका हक, हर कदम मर्दों की अना के आगे पिसते देखा ! हालाकि  इसके अब्बू की सोच ऐसी नही थी पर घर के बाकी मर्द इसी तरह की सोच रखते थे !  वो गलत देखकर भी खामोश रह जाता था क्योंकि उसकी अम्मी नही चाहती थी उनका बेटा घर की किसी रिवायत के खिलाफ जाकर अपने अब्बू के नाम को दागदार करे ! पर तमाम उम्र ये सब बर्दाश्त कर पाना असद के लिए बहुत मुश्किल था ! उसे खुशी थी कि  उसके अब्बू ने उसके लिए  ऐसा पेशा चुना जो उसे इस घर की ऊंची ऊंची दीवारों में उसे कैद ना कर पाए !


         असद के ये खबर सारे परिवार को सुनाने पर  सभी बहुत खुश हुए ,कई दिल से और कई सिर्फ दिखावे के लिए ! अम्मी असद को खुश देखकर खुश थी कि उसने अपने सपनो की मंजिल का पहला पड़ाव पार कर लिया था ,पर इसके साथ साथ  उसके दूर जाने का गम बार बार उनकी पलको को भिगोए जा रहा था ! असद की अगली मंजिल थी एक साल की इंटरनशिप ! असद के रैंक को देखकर मुंबई के सबसे बेस्ट हॉस्पिटल में मशहूर डा० आशुतोष सिन्हा के अंडर उसने इंटरनशिप करने का मौका मिल रहा था और ये बात असद के लिए  उसके अल्लाह की दी हुई एक और नेहमत थी


      मुंबई जाने से पहले उसने बचे  कुछ दिन अपनी अम्मी की मोहब्बत की छाव  में बिताए !  अम्मी के साथ  मोहब्बत के  बेहद अनमोल पल बिताते हुए  निश्चित दिन असद अपने सपनो की मंजिल  मुंबई की तरफ चल दिया !

    यहां असद अपने बेस्ट फ्रेंड  आदित्य के साथ एक छोटे से रेंट के फ्लैट में रहने वाला था ! आदित्य और असद ने एक साथ एम बी बी एस कंप्लीट की थी और उनकी खुशकिस्मती थी कि अब दोनो को एक साथ एक ही हॉस्पिटल में इंटरनशिप करने का मौका मिल रहा था ! असद के पहुंचने से पहले आदित्य मुंबई पहुंच चुका था और अपने छोटे से फ्लैट को साफ करके उसे अपने रहने के लायक बना दिया था बस उसे तहेदिल से असद के वहां पहुंचने का इंतजार था ! असद के वहां पहुंचते ही दोनो ने गले लग कर अपनी खुशी जाहिर की ! भले ही दोनो मे मजहब का भेद था पर इससे उनकी मोहब्बत और दोस्ती कभी इफेक्ट नहीं हुई थी ! देर रात बाते करने के बाद अपने सपनो को सच करने के लिए वो नींद के आगोश में चले गए !

      अगली सुबह उन दोनो के लिए बहुत खास थी !आज उनकी जिंदगी का बहुत इंपोर्टेंट दिन था ! जितनी शिद्दत से असद ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी ,उतनी ही शिद्दत  से वो अपनी इंटरनशिप पूरी करना चाहता था ताकि एक काबिल डॉक्टर बन सके और अपने अब्बू का सपना पूरा कर सके !


       कैसा होगा असद अहमद खान के सपनो का सफर .....??

  • 2. मांझा इश्क दा 🩷 - Chapter 2

    Words: 1028

    Estimated Reading Time: 7 min

    शनाया मंदिर में सुबह सुबह  ही गणपति जी के आगे प्रार्थना में जुटी हुई है ! लोग भगवान के आगे प्रार्थना करते है - नौकरी के लिए ,सक्सेस के लिए ,घर परिवार के लिए ,प्यार के लिए पर हमारी शनाया सबसे अलग है ! ये दुनिया की अनोखी लड़की है जो रिजल्ट लिस्ट में अपना नाम ना आने के लिए भगवान के आगे अलग अलग तरह के ऑफर रख रही है !


      शनाया बेटा  ! बस करो ,भगवान भी तुम्हारी बातो से पक गए होंगे ! भगवान के लिए उन्हें बक्श दो ! ब्रेकफास्ट तैयार हो गया है ,जल्दी आ जाओ ! मधु जी ने उसे आवाज लगाते हुए कहा ! उनकी बेटी के दिल दिमाग में इस वक्त क्या चल रहा था ,ये वो अच्छी तरह से जानती थी !


       शनाया ने बेमन से नाश्ता किया ! घड़ी की टिक टिक के साथ उसकी दिल की धड़कने बढ़ रही थी ! उसे लग रहा था जैसे वक्त आज कुछ ज्यादा ही धीमा चल रहा है  !

           आखिरकार उसका इंतजार खत्म हुआ ! अनिल जी ने ऑनलाइन रिजल्ट चैक करते हुए शनाया की तरफ घूर कर देखा और बोले - तुमने हमे बहुत निराश किया है  शनाया !

      अपने डैड के मुंह से बात सुनकर उसके मन में लड्डू फूटने लगे और उसने  एक बड़ा सा थैंक्यू गणपति बप्पा के नाम पर कर डाला ! पर ये खुशी उसने चेहरे पर जाहिर नही होने दी और अफसोस भरे लहजे से बोली - क्या हुआ डैड ? अब क्या कर सकते है ,मैने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की थी !

    अनिल जी अपनी बेटी की नौटंकी को अच्छी तरह से समझ रहे थे ! उन्होंने ने भी सीरियस अंदाज मे कहा -कोई बात नही बेटा ,टॉप लिस्ट मे ना सही पर फिर भी तुमने एम बी बी एस का एग्जाम क्लियर कर लिया ! हम तो इस बात से ही खुश हो जाएंगे !

    उनकी बात सुनकर जहां शनाया की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया वहां मधु जी इस बात से चहक उठी और खुश होते हुए शनाया को गले लगा लिया और बोली - आई एम प्राउड ऑफ यू ! मेरी बेटी ने ये कर दिखाया ! तुमने मेरी ख्वाहिश का मान रखा ! मै बहुत बहुत खुश हूं ! मै अभी मुंह मीठा करने के लिए मिठाई लाती हूं ! ये कहते हुए मधु जी खुशी खुशी किचन की तरफ बढ़ दी !


    डैड ! ये क्या है यार ? मुझे नही बनना डॉक्टर  !  मै करोड़पति अनिल ओबराय की इकलौती बेटी हूं ! मुझे कुछ करने की क्या जरूरत है ? लाइफ एंजॉय करने दीजिए ना मुझे ! शनाया ने उखड़े मूड के साथ अनिल जी से कहा जिसे किचन से आती हुई मधु जी ने सुन लिया और उन्होंने हाथ में पकड़ी मिठाई डाइनिंग टेबल पर पटकते हुए कहा - ठीक है तुम करो लाइफ एंजॉय ! मेरा क्या है ? आज हूं कल नही ! वैसे भी मेरे देखे सपनो को पूरा करने मे तुम अपनी लाइफ क्यो बर्बाद करो ! तुम जो चाहे करो ! ये कहते हुए मधु जी की आंखो में आंसुओ की बाढ़ आ गई !


      अपनी मम्मा की आंखो में आंसू देखकर शनाया का दिल एकदम से पिघल गया और वो जल्दी से उनके गले लगते हुए बोली -आई एम सॉरी मम्मा ! मै आपको हर्ट करना नही चाहती थी ! मै अपनी मम्मा का हर सपना पूरा करूंगी ! मै डॉक्टर बनूगी !

    प्रॉमिस ?  मधु जी ने शनाया की आंखो में देखते हुए पूछा  !

    शनाया ने हामी भरी तो मधु जी ने उसका माथा चूमते हुए कहा - आई लव यू शीनू !

    आई लव यू टू मम्मा ! शनाया ने चेहरे पर स्माइल लाते हुए कहा !


      मधु जी ! ये सब क्या है ? मै कभी तुम मां बेटी को समझ नही पाऊंगा  ! शनाया के अपने कमरे में जाते ही अनिल जी ने मधु जी से कहा तो मधु जी ने मुस्कुराते हुए कहा - ओबराय जी ! समझा कीजिए ! बच्चो को उन्ही के अंदाज मे हैंडल करना आना चाहिए ! आपकी कामचोर बेटी को सिर्फ इमोशनली काबू किया जा सकता है ! जानते हो ना उसका बस चले तो अपनी सारी जिंदगी शॉपिंग और पार्टी और मोज मस्ती  करने में गुजार दे ! ये अच्छी बात है कि हमे पैसों की कोई कमी नही है लेकिन फिर भी चाहे लड़का हो या लड़की वो अपने पैरो पर स्टेंड होने चाहिए  !और ओबराय जी ! यही हम मां बाप का फर्ज है कि हम लाड़ दुलार के साथ साथ अपने बच्चो को सही सीख दे ! पर जब बच्चे सही सीख पर चलने वाले ना हो तो अपनी उंगली टेडी करने में क्या बुराई है ?

    यू आर राइट ! मै आपकी हर बात से सहमत हूं  ! पर क्या यूं बिना मन के वो डॉक्टर बन जाएगी ?
    अनिल जी ने मधु जी के आगे सवाल रखा !

    आप शुरुवात तो करने दीजिए ,क्या पता मन बन जाए और कोशिश करना तो हमारी ड्यूटी है ! मधु जी ने मुस्कुराते हुए कहा तो अनिल जी लाजवाब हो गए !


       आखिर वो दिन आ गया जब शनाया को इंटरनशिप के लिए हॉस्पिटल जाना था ! अनिल जी के कहने पर डॉक्टर आशुतोष सिन्हा ने उसे अपने अंडर इंटरनशिप करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया था क्योंकि दोनो फैमिलीज में दोस्ताना संबंध थे  !

         मन ना होते हुए भी शनाया अपने मन को समझाते हुए अपनी बड़ी सी ब्लू कलर की गाड़ी में हॉस्पिटल की तरफ निकल गई ! मन कितनी ही उलझनों से घिरा था लेकिन जो भी था एक बात तो क्लियर थी कि उसे अपने पेरेंट्स से प्यार बहुत था और उन्हें वो दुखी नही दे सकती थी !

          अपनी ही सोच में गुम गाड़ी को तेज स्पीड मे दौडाती हुई वो अपनी मंजिल से बढ़ रही थी ,तभी उसकी सोच की तंद्रा टूटी जब उसे अहसास हुआ कि उसकी गाड़ी से एक बाइक को ठोकर लग गई और वो बाइक सवार बाइक समेत नीचे गिर गया ! इस बात का अहसास होते ही उसने तुरंत अपनी गाड़ी बैक की और बाइक के बराबर लाते हुए रोक दी !


      अंधी है क्या आप मोहतरमा ?  उस बाइक सवार ने शनाया पर चिल्लाते हुए कहा !


    जारी है ......!!!!

  • 3. मांझा इश्क दा 🩷 - Chapter 3

    Words: 1230

    Estimated Reading Time: 8 min

    असद आदित्य के साथ हॉस्पिटल के लिए निकल पड़ा ! असद बहुत ज्यादा एक्साइटेड लग रहा था ! बीच रास्ते में आदित्य ने असद को रोकते हुए कहा - असद ! यहां एक मिनट के लिए बाइक रोक  !

    असद - लेकिन हुआ क्या ?

    आदित्य - बाइक रोकेगा तब बताऊंगा ना !

    असद ने आदित्य के कहने पर बाइक रोकते हुए कहा - अब बोल क्या हो गया ?

    मुझे मंदिर जाना है ! मां ने कहा था कि हॉस्पिटल जाने से पहले भगवान के आगे प्रसाद जरूर चढ़ा देना ! आदित्य ने बाइक रुकवाने का कारण बताया तो असद ने हैरानी से कहा - अगर ऐसी बात थी तो पहले क्यों नहीं बताया ,हम घर से थोड़ा और जल्दी निकल आते !

    आदित्य - याद होता तो बताता ना ,अभी अभी मंदिर को देखकर मुझे मम्मी की कही बात याद आ गई ! अब अगर मन में आ ही गया है तो प्रसाद चढ़ा कर ही हॉस्पिटल चलेंगे !

    कभी कुछ याद भी रख लिया कर ,शाम को आंटी का फोन आने दे ,उनके लाडले की ये हरकत मै उन्हें बताऊंगा ! असद ने उसे छेड़ते हुए कहा !

    हां तू और कर ही क्या सकता है ,आग में घी डालने के अलावा ! आदित्य मुंह में ही बड़बड़ाया !

    क्या बोल रहा है ? असद ने आदित्य का कंधा थपथपाते हुए पूछा !

    कुछ नही ! मै ये कह रहा था मेरे भाई  कि तू किसी हलवाई से प्रसाद लेकर आ तब तक मै हम दोनो के लिए भगवान से प्रार्थना कर लेता हूं ! आदित्य ने बात बदल कर दांत  दिखाते हुए कहा !

    असद प्रसाद लेने के लिए निकल पड़ा ! अभी  थोड़ा आगे ही बढ़ा था कि शनाया की हवा से बाते करती बड़ी सी गाड़ी उसके बाइक से जा टकराई और वो बाइक समेत सड़क किनारे जा गिरा ! ये तो अल्लाह का शुक्र था कि उसे कोई गहरी चोट नहीं आई थी पर कीचड की वजह से उसके कपड़े गंदे हो चुके थे ! जब शनाया की गाड़ी पीछे आते हुए उसके बराबर आकर रूकी तो असद ने खड़े होते हुए गुस्से से कहा - अंधी है क्या आप मोहतरमा ?


    गाड़ी से बाहर निकलिए ,आप समझती क्या है अपने आप को ? असद ने गाड़ी के ग्लास विंडो पर नॉक करते हुए कहा !


    शनाया गाड़ी से बाहर निकली ! उसने आंखो से गॉगल्स हटाई ! उसकी पहनी ब्लैक ड्रेस के साथ उसकी कत्थई आंखे किसी को भी अपना दिल लुटाने पर मजबूर कर देती पर सामने असद अहमद खान था जिसके दिल में घर बना लेना किसी भी लड़की के लिए आसान नही होने वाला था !

    क्या प्रोब्लम है ? इतनी कौन सी आफत आ गई जो तुम ऐसे चिल्ला रहे हो ? शनाया ने स्टाइल से कहा तो असद का पारा हाई हो गया और वो गुस्से से बोला  - अपना लहजा देखिए मिस ,आपको तो मुझसे  इस सब के लिए माजरत  करनी चाहिए !

    व्हाट माजरत ? शनाया ने हैरानी से कहा और फिर कुछ पल रुक कर शनाया बोली - ओह आई सी ! अब मुझे समझ आया कि तुम क्या चाहते हो !

    शुक्र है अल्लाह का ,आपको समझ तो आया ! असद ने बेरुखी से कहा !

    शनाया ने गाड़ी से अपना पर्स उठाया और उसमे से बिना गिने जितने नोट उसके हाथ में आए उसने असद का हाथ पकड़ कर उसकी हथेली पर थमाते हुए कहा - आई थिंक इतने पैसों में तुम्हारा जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हो जाएगी और अगर बच जाए तो रख लेना ! कीप द चेंज ! ये कहते हुए शनाया गॉगल्स चढ़ाते हुए गाड़ी में बैठ गई और अगले ही पल असद की आंखो की पहुंच से दूर हो गई !


    उस लड़की की बदतमीजी पर असद की मुट्ठियां गुस्से से भींच गई ! पर फिलहाल इस बात को यही छोड़ देने के अलावा असद के पास और कोई ऑप्शन नहीं था और वैसे भी उसके आगे उससे भी बड़ी प्रोब्लम  आ खड़ी हुई थी कि उसके कपड़े खराब हो चुके थे और इन कपड़ो के साथ वो हॉस्पिटल नही जा सकता था !


        कुछ सोचते हुए वो जल्दी से प्रसाद लेते हुए आदित्य के पास पहुंचा जो उसकी ही राह देख रहा था ! असद को देखते ही आदित्य ने कहा - इतनी देर कहां लगा दी यार ? फिर उसके कपड़े देखकर हंसते हुए बोला - गली के बच्चो के साथ क्रिकेट खेलने लग गया था ?


    बेवजह दांत निकालना बंद कर ! मेरा मूड बहुत खराब है ये ना हो कि सारा गुस्सा तुझ पर निकल जाए ! असद ने गुस्से से कहा तो आदित्य एक दम से सीरियस हो गया और बोला - असद हुआ क्या है ?

      असद ने सारी बात बताकर आदित्य से कहा - देख आदि ! तू जल्दी से भगवान को प्रसाद चढ़ा और ये बाइक लेकर सही वक्त पर हॉस्पिटल पहुंच जा ! मै घर से चेंज करके हॉस्पिटल आ जाऊंगा !

    ऐसे कैसे यार ! हम दोनो घर चलते है और फिर एक साथ हॉस्पिटल चलते है ! आदित्य ने असद की बात से इंकार करते हुए कहा !

    नही आदि ! आज पहला दिन है और फर्स्ट इंप्रेशन बेहद खास होता है ! मै नही चाहता कि हम दोनो का इंप्रेशन खराब हो ,कम से कम तू तो वक्त से पहुंच सकता है ! असद ने कहा तो आदित्य तुरंत बोला - लेकिन असद ..!

    प्लीज डोंट वेस्ट टाइम !  तू जा यार ! असद ने मजबूत लहजे में कहा तो आदित्य मान गया ! भगवान के आगे प्रसाद चढ़ाते ही आदित्य हॉस्पिटल और असद कोई वाइकल पकड़ते हुए घर के लिए चल पडा  !

         कोशिश के बावजूद  असद को पता था कि वो काफी लेट हो चुका था ! हॉस्पिटल में लगभग सारे  इंटर्स पहुंच चुके थे सिवाय दो कैंडिडेट के ! एक असद और दूसरी प्रियंका ! एडमिनिस्टर के हेड डॉक्टर ने उन सभी इंटर्स को  कुछ हिदायते देते हुए डॉक्टर  आशुतोष के कैबिन में भेज दिया !

       इसके थोड़ी देर बाद ही असद हॉस्पिटल पहुंच गया ! रिसेपनिस्ट ने उन्हे एडमिनिस्टर डॉक्टर मेहरा के पास भेज दिया !  उनके  पास पहुंचते ही असद ने उनसे कहा - आई एम न्यू इंटर्न सर ! आई नो आई एम लेट !   आई एम सो सॉरी फॉर दिस !

      डॉक्टर निखिल मेहरा जिनकी उम्र कुछ ज्यादा नही लग रही थी उन्होंने मुस्कुराते हुए असद से कहा - तो तुम हो असद अहमद खान ?

    जी सर ! असद ने कहा !

      तुम्हारा सी. वी. काफी इंप्रेसिव है लेकिन डॉक्टर आशुतोष सिर्फ अच्छे काम से ही इंप्रेस होते है जिसमे तुम पहले दिन ही चूक गए हो !  कोशिश कर लो ,शायद बात बन जाए ! डॉक्टर आशुतोष अपने कैबिन में बाकी इंटर्स के साथ है ! डॉक्टर निखिल ने असद को पॉलाइटली कहा तो असद उनका शुक्रिया करते हुए डॉक्टर आशुतोष के कैबिन की तरफ बढ़ गया और वहां पहुंच कर उसने कैबिन के दरवाजे को नॉक किया तो डॉक्टर आशुतोष की आवाज आई - येस ?

    आई एम न्यू इंटर्न सर ! कैन आई कम इन ? असद ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा !

    डू यू नो दैट यू आर लेट ? डॉक्टर आशुतोष ने उसे ऊपर से नीचे देखते हुए कहा !

    आई नो सर एंड आई एम एक्सट्रीमली सॉरी सर ! असद ने फिर से कोशिश करते हुए कहा !


        असद की बात सुनकर डॉक्टर आशुतोष की कड़क आवाज आई - आई डोंट लाइक दिस वर्ड सॉरी !


    जारी है ....!!!

  • 4. मांझा इश्क दा 🩷 - Chapter 4

    Words: 1135

    Estimated Reading Time: 7 min

    अपनी मम्मा से किया वादा निभाने के लिए शनाया हॉस्पिटल पहुंच गई ! उसका हमेशा हसता खिलखिलाता चेहरा  मुरझाया सा लग रहा था ! उसके पहुंचने पर और भी कई इंटर्स वहां मौजूद थे ! सभी एक दूसरे से अपने आप को इंट्रोड्यूस करवा रहे थे जिनमे शनाया भी बेमन से शामिल थी ! तभी किसी ने अपना हाथ शनाया की तरह बढ़ा कर कहा - हाई शनाया ! हाउ आर यू ?

      उसके इस तरह बोलने के अंदाज से शनाया ने तुरंत पलके उठाकर उसे देखा और उसे देखते ही शनाया का मुरझाया चेहरा एकदम से खिल उठा और वो चहकते हुए बोली - वरुण तुम यहां ?

    कैसा लगा सरप्राईज ? वरुण ने मुस्कुराते हुए कहा !

    आई एम सो हैप्पी यार ! लेकिन तुमने बताया क्यो नही ? और तुम यहां मुंबई कब आए ? और मुझसे मिलने क्यो नही आए ? शनाया वरुण को देखकर इतनी एक्साइटेड हो गई कि वो एक के बाद एक उससे सवाल किए जा रही थी ! वरुण और शनाया बारहवी तक एक साथ पढ़े थे और दोनो बेस्ट फ्रेंड थे ! उसके बाद वरुण के पापा की जॉब की वजह से उन्हे दिल्ली में शिफ्ट होना पड़ा और उनकी ये दोस्ती सिर्फ कभी कभार के फोन कॉल्स तक सिमट कर रह गई ! अब उसके पापा ने फिर से मुंबई में अपना ट्रांसफर करवा लिया था ! लेकिन वरुण ने शनाया को सरप्राईज देने के लिए उसे कुछ नही बताया था!  बस वो यहां पहुंच अनिल जी से शनाया के बारे में अपडेट ले रहा था और उसने अनिल जी को भी इस बारे में शनाया को कुछ भी बताने से मना किया था ताकि उसे सरप्राईज कर सके !


    रिलैक्स यार ! सब कुछ बता दूंगा ,इतनी भी क्या जल्दी है ? मै कहां भागा जा रहा हूं ? यही तुम्हारे साथ इंटरनशिप कंप्लीट करने वाला हूं ! वरुण ने बताया तो शनाया खुशी से उसके गले लग गई !


       हॉस्पिटल में शनाया ,वरुण ,रजत ,शिविका, नेहा, आदित्य, लगभग सभी इंटर्स सही वक्त पर वहां मौजूद थे सिवाय दो कैंडिडेट के ! एक असद और दूसरी प्रियंका ! कुछ समय बाद उन्हें डॉक्टर आशुतोष के कैबिन में भेज दिया गया था !


       इंट्रोडक्शन के बाद डॉक्टर आशुतोष  इस पेशे से संबंधित कुछ जरूरी हिदायते दे रहे थे तभी उनके कैबिन पर किसी ने नॉक किया ! कैबिन का दरवाजा आधा खुला था जिससे सिर्फ डॉक्टर आशुतोष ही उसे देख पा रहे थे ! डॉक्टर आशुतोष ने असद की तरफ देखते हुए कहा - येस ?

    सर ! आई एम न्यू इंटर्न ! मे आई कम इन ?  असद ने रिस्पेक्टफुली कहा !

    डू यू नो दैट यू आर लेट ? डॉक्टर आशुतोष ने असद को देखते हुए कहा !

    येस सर एंड आई एम एक्सट्रीमली सॉरी फॉर दिस ! असद ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा !

    सॉरी ! आई डोंट लाइक दिस वर्ड सॉरी ! इस प्रोफेशन में सॉरी की कोई जगह नही है ! डॉक्टर आशुतोष ने गुस्से से कहा !


    सर प्लीज ! दोबारा ऐसी गलती नही होगी ! असद ने इल्तजा करते हुए कहा !

    ऐसा कीजिए आप कल से ज्वाइन कीजिए  ! आज के दिन मे ये समझने की कोशिश कीजिए कि इस प्रोफेशन में वक्त की अहमियत फर्स्ट प्रायोरिटी है ! नाउ यू कैन लीव ! इस बार डॉक्टर आशुतोष का लहजा कुछ नरम हुआ था !

    इसके बाद असद के पास बोलने को कुछ नही था ! उसने अपने कदम पीछे ले लिए ! वहां से पलटते ही आंखे नम हो गई ! हॉस्पिटल के बाहर कदम रखने लगा तो ऐसा लगा दिल को किसी ने कचोट कर रख दिया हो ! आज के दिन के लिए उसने क्या क्या सोच रखा था और पहले ही दिन उसके आडियल डॉक्टर आशुतोष की नजरो में उसकी इमेज खराब हो चुकी थी ! इस हॉस्पिटल से यूं ही वापिस चले जाना उसके दिल को ग्वारा नही हुआ ! वो वही रिसेप्शन पर बैठ कर हॉस्पिटल में  आ रहे पेशेंटस की छोटी मोटी मदद मे जुटा रहा ,वो चाहे किसी पेशेंट को व्हील चेयर से कहीं ले जाना हो या किसी पेशेंट को डॉक्टर के कैबिन तक पहुंचाना हो ! भले ही डॉक्टर आशुतोष की नजरो में उसकी इमेज सही नही बन पाई पर डॉक्टर निखिल मेहरा उसके इस हेल्पफुल नेचर से काफी प्रभावित हो गए !


       शाम को ड्यूटी खत्म होने के वक्त आदित्य ने असद को हॉस्पिटल  में ही पाया तो उसने हैरानी से कहा - तुम अभी तक यही हो ?

    बस तेरे बगैर घर जाने का मन ही नही किया  ! असद ने मुस्कुराते हुए कहा !

    आई एम सॉरी यार ! देखा जाए तो सब मेरी वजह से हुआ ! आदित्य ने इमोशनल होते हुए कहा !


       छोड़ ना यार ! वैसे भी इन सबके पीछे वजह तो कोई और ही थी ! असद के जहन में एक बार फिर शनाया की हरकत ताजा हो गई  !

      इससे पहले असद के मन में फिर से गुस्सा भर जाता उसने आदित्य से कहा - चल ना ! कुछ अच्छा सा खिला दे ,भूख के मारे जान निकली जा रही है और फिर मुझे एक एक बात जाननी है कि आज क्या क्या हुआ और सर ने क्या बताया !


      असद की बात पर आदित्य मुस्कुराते हुए उसके गले लग गया और बोला - चल ! आज मेरी तरफ से ट्रीट !


      दोनो पार्किंग एरिया से गुजरते हुए अपनी बाइक की तरफ बढ़ने लगे तो असद के कदम रुक गए और उसके मुंह से निकला - वेट ए मिनट !

    आदित्य - अब  क्या हुआ  ?

    ये वही कार है जिसने सुबह मेरी बाइक को गिराया था ! असद ने पार्किंग एरिया में खड़ी ब्लू कार की तरफ इशारा करते हुए कहा और उस कार की तरफ बढ़ने लगा तो आदित्य ने पूछा - क्या करने वाला है तू ?


    अगर कार यहां है ,तो वो नकचडी लड़की भी यहां होगी ,उससे हिसाब तो बराबर करना पड़ेगा ! असद ने गुस्से से कहा  और कार के पास जाकर उसके चारो टायर पंचर कर दिए !

        शनाया जब अपनी गाड़ी के पास पहुंची तो अपनी गाड़ी के चारो टायर पंचर देखकर हैरान रह गई ! इससे पहले वो कुछ सोच या समझ पाती उसकी नजर सामने खड़े असद पर पड़ी  ! शनाया असद के पास पहुंच कर गुस्से से बोली - ये तुम्हारी हरकत है ना ?


    बुरा लगा ? असद ने अफसोस भरे लहजे में पूछा और फिर अगले ही पल उसका हाथ पकड़कर उसकी हथेली में उसके ही दिए हुए रूपये वापिस रखते हुए कहा - अपनी गाड़ी रिपेयर करवा लीजिएगा ! ये कहकर आगे बढ़ने लगा लेकिन फिर पीछे मुड़कर उसके पास आकर बोला - और अगर पैसे बच जाए तो रख लीजिएगा ! कीप द चेंज ! असद ने पूरे एटीट्यूड से कहा और अपनी बाइक की तरफ बढ़ गया ! शनाया ने गुस्से से अपना पैर जमीन पर पटक दिया !


    जारी है ....!!!

  • 5. मांझा इश्क दा 🩷 - Chapter 5

    Words: 1149

    Estimated Reading Time: 7 min

                         इंशाल्लाह ! इस लड़की से दोबारा मुलाकात मत होने देना ! असद ने अपनी बाइक के पास आकर कहा !

    रिक्वेस्ट रिजेक्टेड ! आदित्य ने मुस्कुराते हुए कहा !

    व्हाट यू मीन ? असद ने उसे देखते हुए पूछा !


      आदित्य - मतलब ये मेरे भाई ! इस लड़की से तो अब हर रोज मुलाकात होगी !

    क्यो ? असद को एक बार फिर से गुस्सा आ गया था !

    क्योंकि ये भी एक इंटर्न है ,मेरी और तुम्हारी तरह ! मिस शनाया ओबराय ! आदित्य ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा !

    ये और इंटर्न ? ऐसा लगता है कोई फैशन से लीपी पूती नकचड़ी लड़की गलती से हॉस्पिटल पहुंच गई हो ! असद ने मुंह बनाते हुए कहा !

    क्या करे भई ! अब यही सच है ! छोड़ उसे ,चल ना ! अभी तो तुझे भूख लगी थी ! आदित्य ने बात बदलते हुए कहा !


    भूख तो इसे देखकर ही मर गई !  असद ने बाइक पर बैठकर उसे स्टार्ट करते हुए कहा और आदित्य के साथ वहां से चल दिया !  दूसरी तरफ शनाया के एक फोन पर उसके लिए दूसरी गाड़ी हाजिर हो चुकी थी और वो भी असद को मन ही मन कोसते हुए घर के लिए निकल चुकी थी !

     
         अगले दिन दुगुने जोश के साथ असद हॉस्पिटल पहुंच गया ! असद ने  बाकी इंटर्स के साथ इंट्रोडक्शन किया ! पर जब शनाया के सामने पहुंचा तो दोनो ने एक दूसरे को जलती निगाहों से देखा और एक दूसरे को इग्नोर करते हुए अलग अलग दिशा में चल दिए !

      
      सभी इंटर्स डॉक्टर आशुतोष के साथ मौजूद थे ! डा० आशुतोष ने उनके लिए कुछ देर पहले एक ऑपरेशन की केस फाइल स्टडी के लिए भेजी थी ! डा० आशुतोष ने केस से रिलेटेड उनके आगे एक सवाल रखा और सबसे पहले शनाया को उसका जवाब देने के लिए कहा ! डा० आशुतोष के इस तरह सबसे पहले उससे सवाल पूछने पर शनाया कन्फ्यूज्ड हो गई क्योंकि केस फाइल  स्टडी करने में उसे जरा सा भी इंटरेस्ट नहीं था ,उसने सोचा था कि बाकी सभी के जवाबों के हिसाब से वो भी कुछ बता देगी ,लेकिन उसकी ये ट्रिक काम नहीं कर पाई ! शनाया का जवाब ना दे पाना डा० आशुतोष को निराश कर गया !

        तब डा० आशुतोष की नजर असद पर पड़ी तो उन्हे कल उसके लेट आने वाली बात याद आ गई उन्होंने असद की तरफ इशारा करते हुए कहा - यू टैल मी , एस ए डॉक्टर तुम इस केस को कैसे हैंडल करते ?

      असद ने अपनी जगह पर खड़े होकर इस सवाल का ऐसा जवाब दिया जिसे सुनकर डा० आशुतोष के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई और उन्होंने ने कहा - वेल डन यंग मैन ! दिस इज ए करेक्ट वे टू हैंडल द पेशेंट ऐट दिस सिचुवेशन  ! नाम क्या है तुम्हारा ?

    सर असद ! असद अहमद खान ! असद ने खुश होते हुए कहा ! अपने आईडल से अपनी तारीफ सुनना उसके लिए छोटी बात नही थी ! जबकि उसका नाम सुनकर शनाया के मुंह के इंप्रेशन बिगड़े थे !

    सो असद ! तुम इस ऑपरेशन में मुझे अस्सिट करोगे ! आई वांट टू सी यू इन ऑपरेशन थिएटर   ! डा० आशुतोष अपना  फैसला सुनाते हुए वहां से चल दिए !

         डॉक्टर आशुतोष ने ऑपरेशन में अस्सिट करने के लिए सभी कैंडिडेट में से असद को चुना था ! ये उसके लिए बहुत बड़ी बात थी  ! उसकी आंखे तो ये सोच कर ही भर आई कि वो  ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टर आशुतोष के साथ होगा ,कल तक जिनके बारे में पढ़ा था ,सुना था ,आज उनसे इतने करीबी से सीखने का मौका मिलेगा ! आदित्य भी असद के लिए कल जहां दुखी था ,आज खुश हो गया था !


          दूसरी तरफ शनाया को तो ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी भारी मुसीबत से बच गई हो ,उसने मन ही मन गणपति बप्पा का शुक्रिया अदा किया कि वो इस बोरिंग ऑपरेशन में अपने दिन को खराब करने से बच गई ,अब उसके मन में इस सवाल का जवाब ना देने का मलाल नहीं रहा !


       लंच ब्रेक मे वो कैंटीन में वरुण के साथ इत्मीनान से चिल मारती हुई दिखाई दी ! वरुण ने उसके चेहरे की मुस्कुराहट को देखते हुए कहा - बड़ी खुश हो ? एनीथिंग स्पैशल ?

    नही ! मै तो हमेशा ही खुश रहती हूं ! शनाया ने नॉर्मल अंदाज मे कहा !

    वरुण - नही ,मुझे लगा कि शायद आज तुम्हे जो मौका मिल सकता था वो उस असद खान को मिल गया इसलिए शायद तुम्हारा मूड ऑफ होगा !

    इट्स ओके ना वरुण ! सभी को मौका मिलना चाहिए ! आज उसे मिला है ,कल हमें भी मिल जाएगा ! हमे तो बस कोशिश करते रहना है ! शनाया ने झूठा ज्ञान झाड़ते हुए कहा जबकि मन तो उसका खुशी से उछल रहा था !


       अच्छा ये बताओ कॉलेज में किसी से दोस्ती हुई ? वरुण ने शनाया से पूछा तो उसने जवाब दिया -  अरे ये कैसा सवाल है ? कॉलेज में तो कितने ही दोस्त होते है  !

    वरुण - शनाया तुम भी ना ! मै ऐसे वैसे दोस्त की बात नही कर रहा  ! मै  किसी खास दोस्त की बात कर रहा हूं ! आई मीन बॉयफ्रेंड ? कोई ऐसा जिससे तुम्हे प्यार हुआ हो ?

    नही ! दोस्त तो बहुत है पर ऐसा कोई स्पैशल वन नही है ! शनाया ने कहा तो वरुण के दिल मे एक सुकून सा उतर गया और उसने मुस्कुराते हुए कहा - ऐसा क्यों ?

    क्यो का क्या मतलब है आज तक कोई ऐसा मिला हो नही जिसके करीब आने से दिल धड़कने लग जाए ,जिसकी करीबी से सांसों में संगीत घुल जाए ! जिसके पास होने पर फिजाओं में कोई धुन बजने लगे ! जिसके प्यार से निहारने पर नजरे खुद बखुद झुक जाए ! और जिसके मुस्कुराने पर दिल में हजारों फूल खिल जाए ! जिसके सीने से लगाकर सारे गम ,तकलीफ दूर हो जाए और बस सुकून ही सुकून हो ! शनाया जैसे कल्पना की दुनिया में खो गई !

    शनाया ! तुम कितनी फिल्मी हो ! वरुण ने उसकी बातो पर मुस्कुरा कर कहा !

    जो भी हो ,ऐसी ही हूं मै और मेरे सपनो का शहजादा भी वही होगा जिससे मेरे ये सारे अहसास जीने लगेंगे ! अभी तक वो मुझे मिला नही ,लेकिन  मुझे मेरे सपनो का राजकुमार जरूर मिलेगा ! शनाया ने इतराते हुए कहा तो वरुण मुस्करा दिया और मन ही मन बोला - दिल की नजर से देखो शनाया  ,तुम्हारे सपने पूरे करने वाला तुम्हारे सामने मौजूद है !

       आज असद बहुत खुश था ! डॉक्टर आशुतोष ने ऑपरेशन के बाद उसकी अच्छी खासी तारीफ की थी ! ड्यूटी  खत्म होने पर वो बड़े अच्छे मूड के साथ चला जा रहा था कि शनाया जो बिना देखे उसकी तरफ चली आ रही थी ,अचानक से उससे टकरा गई और बचाते बचाते भी असद का फोन नीचे जा  गिरा !


    जारी है ....!!!



      

  • 6. मांझा इश्क दा 🩷 - Chapter 6

    Words: 1023

    Estimated Reading Time: 7 min

                          असद और शनाया अलग अलग दिशा से आते हुए एक दूसरे की तरफ बढ़ रहे थे ! असद जहां डॉक्टर आशुतोष की बातो को सोच कर खुश हो रहा था वही शनाया फोन से किसी के साथ गॉसिप करती बेध्यानी सी आती हुई असद से टकरा गई जिससे असद के हाथ में पकड़ा हुआ फोन  उसके हाथ से छूट कर उछल गया और असद की कोशिश के बावजूद जमीन पर जा गिरा !


    आपकी प्रोब्लम क्या है मिस शनाया ? आप देखकर नही चल सकती ?  असद ने शनाया पर चिल्लाते हुए कहा !

    आई कॉल यू लेटर ! शनाया ने कहा और रिलैक्स होते हुए फोन काटते हुए इत्मीनान से असद से कहा -  ये तो मै तुमसे भी कह सकती हूं ,तुम देखकर चल लेते ! मुझे ये समझ नही आता कि तुम्हे क्या प्रोब्लम है ?

    आप है मेरी प्रोब्लम ! जब भी सामने आती है कुछ ना कुछ गलत जरूर हो जाता है  ! असद ने गुस्से से कहा !

     
      तो किसने कहा मेरे सामने आने को ? या फिर ऑब्सेस हो गए हो मुझसे ? जहां मै जाती हूं वहीं पहुंच जाते हो ! शनाया ने स्टाइल मारते हुए कहा !


      ओ मोहतरमा ! इतनी गलतफहमियां मत पालिए ! एक क्लास है मेरा ! मै आप जैसी लड़की को तो अपने आस पास देखना तक पसंद ना करूं ! इतनी सस्ती चॉइस नही है मेरी ! असद ने भी एटीट्यूड से कहा !

    तुम्हारा क्लास तो मै अच्छी तरह से देख रही हूं ,एक मोबाइल के गिरने पर इतना सीन क्रिएट कर रहे हो ! वैसे इतना सीन क्रिएट करने की जरूरत नही है ,तुम टेंशन मत लो ,इसकी पेमेंट मै कर दूंगी ! शनाया ने गुस्से से कहा !

     
       यही कर सकती है आप ! हर चीज को पैसों में तोलना आता है आपको ! पैसों की कीमत आप जैसी अमीर बाप की बेटी को कैसे समझ आएगी ? लेकिन मै आपके जैसा बिल्कुल नही हूं ! मुझे चीजों की कदर है ,पैसों की कदर है,आपकी तरह नही कि पापा की परी अपने पापा के पैसों को दोनो हाथो से लुटाती रहे ! वैसे भी ये जो इतना घमंड है अपने पापा के पैसों की वजह से है ,उनका सरनेम हटा कर देखिए मिस शनाया  ,आपका कोई वजूद नहीं है ! असद ने उसकी बातो का करारा जवाब देते हुए कहा !


    हद है यार  ! मेरे पापा का पैसा ,मेरे पापा का नाम ! मै पैसा लुटाऊ ,घमंड करूं , जो चाहे करूं ,तुम्हे उससे क्या ? तुम भी करो ! तुम्हारे पास फादर नही है क्या ? शनाया जो अब बहुत इरिटेट हो चुकी थी ,गुस्से में बिना सोचे समझे कुछ भी बोले जा रही थी !


       उसकी बात असद को बुरी तरह चुभ गई  ! वो अपने पेरेंट्स को लेकर बहुत सेंसिटिव था  ! उसे शनाया से इस कदर बदतमीजी की उम्मीद नहीं थी ! शनाया के कहे लफ्जो ने उसके दिल में हलचल मचा दी ! उसकी आंखो में नमी भर आई और वो वहां से बिना बोले अपना मोबाइल उठाते हुए चल दिया ! शनाया समझ ही नही पाई कि अचानक से उसे हुआ क्या ?


      यहां क्या कर रही हो ? घर नही जाना क्या ?  वरुण ने उसके पास आकर कहा !

    चलो चलते है ! शनाया ने उसके साथ कदम बढ़ाते हुए कहा ! शनाया को चाहे असद से जितनी भी प्रोब्लम थी पर उसे अपनी प्रोब्लम खुद ही हैंडल करना पसंद था इसलिए वो इस मैटर मे भी वरुण या किसी और का इन्वॉल्वमेंट नही चाहती थी ! उसका शुरू से ही नेचर था कि वो अपने से रिलेटिड प्रोब्लम को खुद सुलझाने की कोशिश करती थी जब तक कोई बड़ी बात ना हो !


       दूसरी तरफ शनाया की बात ने असद को बहुत अपसेट कर दिया ! जब आदित्य ने वजह पूछी तो वो भी टाल गया लेकिन उसने मन ही मन सोच लिया कि वो ऐसी बदतमीज लड़की के अब मुंह नही लगेगा ! वो यहां अपने कैरियर के लिए आया है तो वो अब इन बेकार की बातो में उलझना ही नही चाहता था !


       रात के वक्त शनाया की आंखो से नींद गायब थी ! एक बार असद के कहे लफ्ज़ उसके दिमाग में घूम गए - अपने पापा का सरनेम हटा कर देखिए ,आपका कोई वजूद नहीं है !

       ये बात जहन में आते ही वो झल्ला उठी और बोली - ये क्या कर रहे हो बप्पा आप मेरे साथ ! पहले तो ऐसा काम जिसमे मेरा बिल्कुल मन नहीं लगता और ऊपर से मॉम डैड क्या कम थे जो ये लड़का मुझे हर बार सुनाने लग जाता है ! खुद तो जैसे बहुत महान है ना वो !  यू नो बप्पा ! आई हेट हिम ! पर आपको भी कुछ कहने का कोई फायदा नही है ,आपने तो मेरी बात सुनना कबका बंद कर दिया है ! मै बहुत नाराज़ हूं आपसे ! लोग कहते है आप जो करते हो उसमे कुछ ना कुछ अच्छाई छिपी होती है लेकिन इन सब में अच्छा क्या है ?  मुझे ये समझ नही आता !

       शनाया कुछ देर भगवान को कोसती रही और फिर नींद ना आने की वजह से टीवी ऑन करके बैठ गई !


      अगर मम्मी पापा की मुझे इस स्कूल में रखने की जिद्द है तो मै भी उन्ही की बेटी हूं ! अब देखिए मम्मी पापा मै स्कूल में ऐसा कुछ करूंगी कि स्कूल वाले खुद मुझसे स्कूल से निकाल देंगे !  टीवी पर चल रहे इस डेली सोप को देखकर शनाया की आंखो में चमक आ गई और दिमाग के घोड़े दौड़ने लगे  ! उसने उछलते हुए कहा - थैंक्यू बप्पा ! थैंक्यू सो मच ! मुझे ये रास्ता दिखाने के लिए ! मै जानती थी आप थोड़ा प्यार तो मुझसे करते ही हो !

      अगर मम्मी पापा की मुझे डॉक्टर बनाने की जिद्द है तो मै भी उन्ही की बेटी हूं ! अब देखिए मम्मी पापा मै हॉस्पिटल में कुछ ऐसा करूंगी कि वो खुद आकर कहेंगे कि आपकी बेटी डॉक्टर बनने के लायक ही नहीं है ! शनाया बिस्तर पर खड़े होकर स्टाइल से हुबहू उस डेली सोप को हीरोइन की तरह एक्टिंग करते हुए बोली और एक बार फिर खुशी से उछल पड़ी !


    जारी है ...!!!

  • 7. मांझा इश्क दा 🩷 - Chapter 7

    Words: 1178

    Estimated Reading Time: 8 min

                        सफेद रंग के अनारकली सूट के साथ रेड कलर का जयपुरी दुप्पटा पहने ,आंखो मे काजल ,होंठो पर हल्की लिपस्टिक और माथे पर छोटी सी बिंदी के साथ बहुत ही प्यारी सी लड़की ने हॉस्पिटल में एंटर किया ! उसके चेहरे से साफ जाहिर हो रहा था कि वो कुछ घबराई हुई सी थी !उसने रिसेप्शन पर पहुंच कर पूछा -  एडमिनिस्टर डॉक्टर निखिल मेहरा कहां मिलेंगे ?

    वो तो अभी हॉस्पिटल  में नही है आप थोड़ी देर बाद आकर मिल लीजिए ! रिसेप्शन पर बैठी लड़की ने बताया !

    उसकी बात सुनकर वो उदास हो गई और फिर उसने दूसरा सवाल किया - इंटर्न डॉक्टर्स कहां है ?

    आगे से लेफ्ट साइड के सेकंड रूम में ! उसे बताया गया तो वो उस तरफ चल दी ! चलते चलते उसने अपने पर्स में से डॉक्टर कोट और स्टेथस्कोप पहन लिया ! जैसे ही वो उस रूम में पहुंची सबकी निगाहे उसकी तरफ उठ गई ! शनाया के अलावा वहां बाकी सब मौजूद थे !

       सभी को अपनी तरफ देखते हुए उसने कहा - हाई आई एम प्रियंका !  आई एम ए इंटर्न !


       हाई प्रियंका ! आई एम  आदित्य ! सबसे पहले आदित्य ने उसकी तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा ! आदित्य की पहल के बाद  सभी ने उससे इंट्रोडक्शन कर लिया !


    प्रियंका ! एक सवाल पूछूं ? क्या तुम्हे ये पता नही है कि डॉक्टर आशुतोष थोड़े स्टिक किस्म के है ? रजत ने मुस्कुराते हुए कहा !

    सुना तो है मैने इस बारे में  ! प्रियंका ने कहा तो शिविका तुरंत बोल उठी - तब भी तुम दो दिन बाद ज्वाइन कर रही हो !

    तुम्हे पता है असद तो सिर्फ एक घंटा लेट था पहले दिन ,फिर भी इसकी वाट लग गई और तो और आज शनाया लेट है ,अभी अभी डॉक्टर आशुतोष उसके बारे में पूछ रहे थे ,जाने उसके साथ क्या होगा ? नेहा ने कहा तो वरुण ने एक बार फिर से शनाया का नंबर मिला दिया जोकि इस बार भी  बंद ही आ रहा था जबकि वरुण इससे पहले भी दो तीन बार  ट्राई कर चुका था ! वरुण शनाया को लेकर परेशान हो रहा था !


      सबकी बातो से प्रियंका की घबराहट और भी बढ़ गई जिसे देखते हुए असद ने कहा - कम ऑन गाइस  ! वो पहले ही परेशान दिख रही थी और अब तुम ऐसी बाते करके उन्हे और डरा रहे हो ! देखिए प्रियंका ! अगर आप लेट  हो तो आपके पास कोई वैलिड रीजन तो  होगा  ! डॉक्टर आशुतोष जितने स्टिक है ,उतने अंडरस्टैंडिंग भी है ! आई होप वो समझेंगे ! असद ने प्रियंका की तरफ रुख करते हुए कहा ! असद का इस तरह से कहने से उसका होंसला बढ़ सा गया !

    एक्चुअली मेरे दादू को कुछ दिन पहले अचानक से हार्ट अटैक आ गया  और जब तक वो स्टेबल नही होते तो  मै हॉस्पिटल कैसे ज्वाइन कर सकती थी ! प्रियंका ने मायूसी से कहा तो सभी उसकी सिचुवेशन पर संजीदा हो उठे !


       जब प्रियंका ने डॉक्टर आशुतोष को अपने देरी से हॉस्पिटल ज्वाइन करने की वजह बताई तो उन्होंने ने भी उसकी सिचुवेशन को  सिर्फ समझा ही नहीं बल्कि असद को प्रियंका की मदद करने के लिए कहा  !


      शनाया  जब हॉस्पिटल में आई तो वरुण ने तुरंत उसके पास आते हुए कहा - कहां रह गई थी यार ? तुमने फोन भी पिक किया  ! मुझे टेंशन हो रही थी तेरी ! वरुण ने अपनापन जताते हुए कहा !

    मुझे अपनी तबियत कुछ ठीक नही लग रही थी बस इसी वजह से लेट हो गई ! शनाया ने  उदासी जाहिर करते हुए कहा जबकि वो तो प्लान के मुताबिक अपनी एक्टिंग के जलवे बिखेर रही थी !

     अब ठीक हो तुम ?  एक फोन कर देती शनाया ! मै सब संभाल लेता ! वरुण ने फिक्रमंद होते हुए कहा !

    येस ! मच बैटर नाउ ! फोन तो रात को ही बैटरी डाउन होने की वजह से ऑफ हो गया था  ! सुबह  कुछ बेहतर फील हुआ तब फोन चेक किया ! सॉरी वरुण ! शनाया ने मासूम बनते हुए कहा !

    डोंट से सॉरी यार ! जाओ पहले डॉक्टर आशुतोष से मिल लो ! उन्होंने तुम्हारे आते ही तुम्हे उनके  कैबिन में भेजने को कहा है ! वरुण ने उसे बताया और उसे बेस्ट ऑफ़ लक कहते हुए वहां से चल दिया क्योंकि इस वक्त वो ऑन ड्यूटी पर था !


    आप मेरी मदद करोगे ? प्रियंका ने उम्मीद से असद की तरफ देखते हुए पूछा !

    क्यो नही ? आपको जब  भी जरूरत लगे आप बेझिझक मुझसे कह सकती है ! असद ने नरम लहजे में कहा !

    थैंक्यू असद ! जितना मै डर रही थी ,वैसा भी कुछ नही है ,आप सभी बहुत अच्छे है ! प्रियंका ने कहा तो असद भी मुस्कुरा दिया !


      असद प्रियंका के साथ डॉक्टर आशुतोष के कैबिन से बाहर निकलते हुए आ रहे थे दूसरी तरफ शनाया डॉक्टर आशुतोष से मिलने उस ओर बढ़ रही थी ! एक दूसरे के सामने आने पर एक बार फिर दोनो की निगाहे मिली और असद के जहन में उसकी कल की कही बात फिर से ताजा हो गई  और वो शनाया को ऐसे इग्नोर करते हुए आगे बढ़ गया जैसे उसे देखा ही ना हो !

        असद को  डॉक्टर कोट पहने एक अनजान लड़की के साथ देखकर और इस तरह नजरअंदाज करने पर शनाया थोड़ी कन्फ्यूज तो हुई पर अगले ही पल इस ख़्याल  को मन से छिटकते हुए खुद से  बोली -  अच्छा ही है , मै भी इससे उलझना नही चाहती ! शनाया !  फिलहाल तेरा टारगेट ये नही कुछ और है ! 


    डॉक्टर आशुतोष के कैबिन पर नॉक करने से पहले शनाया ने मन ही मन कहा - बप्पा संभाल लेना !

    शनाया के नॉक करने पर अंदर से डॉक्टर आशुतोष की आवाज आई - येस कम इन !

      शनाया अंदर आई तो डॉक्टर आशुतोष ने अपने दोनो हाथ अपने  सामने रखे  टेबल पर रखकर उसे देखते हुए कहा - मिस शनाया ! आपको याद है कि आज मॉर्निंग टाइम में आपकी चिल्ड्रन वार्ड के बच्चो को दवाई पिलाने की ड्यूटी थी जिसके लिए आप मौजूद नही थी और  अगर आप हॉस्पिटल नही आ रही थी तो आपने किसे इनफॉर्म किया कि आज आप वक्त पर नही आ पाएगी ? 


      शनाया उन्हे एक्सयूज देने वाली थी कि अचानक उसके दिमाग में ये बात घूम गई जब डॉक्टर आशुतोष ने असद को डांटते हुए कहा था कि उन्हें सॉरी सुनना पसंद नहीं  ! ये बात जहन में आते ही शनाया बोली - आई एम सॉरी सर ! आई एम सो सॉरी सर !


    आपने ड्यूटी टाइम अपना डॉक्टर कोट क्यों नही पहना  ? डॉक्टर आशुतोष ने  उसकी स्टाइलिश ड्रेस देखकर अगला सवाल किया !

    सॉरी सर ! शनाया ने फिर से वही जवाब दिया !

      आपका स्टैथ स्कोप कहां है ? आप कहां से लग रही कि आप इस हॉस्पिटल में इंटर्न डॉक्टर है ? डॉक्टर आशुतोष ने अगला सवाल किया !

    सॉरी सर ! वैरी सॉरी सर ! शनाया भी पीछे हटने वाली नही थी जिसे देखकर डॉक्टर आशुतोष का पारा हाई हो गया और उन्होंने चिल्लाते हुए कहा - इनफ मिस शनाया !


    जारी है ...!!!

  • 8. मांझा इश्क दा 🩷 - Chapter 8

    Words: 1066

    Estimated Reading Time: 7 min

    शनाया हॉस्पिटल में काफी देर से पहुंची और उसने लेट आने के बारे में किसी को इनफॉर्म करना जरूरी नहीं समझा और अपनी प्लानिंग के मुताबिक वो डॉक्टर आशुतोष के सामने विदआउट आई कार्ड , स्टेथ स्कोप, डॉक्टर कोट खड़ी उनके हर एक सवाल का जवाब सिर्फ सॉरी कहकर दिए जा रही थी जिससे डॉक्टर आशुतोष उससे अच्छे खासे नाराज़ होकर गुस्से से बोले - इनफ डॉक्टर शनाया !


       उनको इतने गुस्से में देखकर शनाया की तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई ,यही तो वो चाहती थी ! बस अब उसे डॉक्टर आशुतोष के अगले बोले जाने वाले डायलॉग का इंतजार था जिसमे उसे उम्मीद थी कि वो कहेंगे - मुझे नही लगता ,मिस शनाया ,आप डॉक्टर बनने के लायक हो ! बेहतर होगा आप इस प्रोफेशन को छोड़ दे !

    अपने दिल में छिपी बात डॉक्टर आशुतोष के मुंह से सुनने के लिए बेताब शनाया उनके सामने झूठी उदासी और मायूसी  का मुखौटा ओढ़े खड़ी थी !

    यहां इस प्रोफेशन में आपकी गलती की आपको कोई माफी नही मिलेगी ! डॉक्टर आशुतोष ने कहा तो शनाया का मन खुशी से नाचने को आतुर हो उठा लेकिन जब उन्होंने आगे की बात कही तो शनाया के अरमानों पर पानी फिर गया  ! डॉक्टर आशुतोष ने कहा - आपकी गलती की सजा मे आपको  आज हॉस्पिटल के बाद नाइट ड्यूटी करनी पड़ेगी और आप सभी केस फाइल्स को अपडेट करेगी ! रात भर बैठकर जब ये काम करेगी तब आपको अहसास होगा कि छोटी सी लापरवाही भी नुकसानदेह हो सकती है ! नाउ यू कैन लीव डॉक्टर शनाया !


         डॉक्टर आशुतोष की बातो से शनाया का मन बुझ गया और साथ ही साथ नाइट ड्यूटी की तलवार उस पर लटक गई जिसमे उसे इतना बोरिंग काम करना था ! वो मुंह लटका कर उनके कैबिन से बाहर निकल अपनी ड्यूटी वाले वार्ड की तरफ बढ़ गई !


         लंच टाइम में वरुण को शनाया का उतरा चेहरा देखकर अच्छा नहीं लगा और उसने अपनी पॉकेट में से उसके फेवरेट चॉकलेट निकालते हुए उसके आगे कर दिए ,जिसे देखकर शनाया बच्चो की तरह खुश हो गई और चहकते हुए बोली - वाव चॉकलेट ! आई लव ईट !

    आई नो ईट ! शनाया के चेहरे पर किसी भी सिचुवेशन में अगर कोई स्माइल ला सकता है तो वो है ये चॉकलेट ! वरुण  ने उसके चेहरे की खुशी देखकर खुश होते हुए कहा !

    करेक्ट ! तुम  कितनी अच्छी तरह से जानते हो ना मुझे ! शनाया ने कहा तो वरुण ने कहा - अरे दोस्त हो तुम मेरी ,बेस्ट फ्रेंड ! मै नही जानूगा तो और कौन जानेगा  ! वरुण ने कहा तो शनाया ने कहा - ये भी ठीक है !

    वरुण - शनाया तुम उदास मत रहा करो ,उदासी तुम्हे सूट नही करती !

    कोशिश करूंगी और अगर फिर भी उदासी मेरे पास आई तो तुम चॉकलेट खिला कर उसे भगा देना ! शनाया ने हंसते हुए कहा तो वरुण उसकी हंसी में खो गया !


       ड्यूटी खत्म होने के बाद सभी इंटर्स अपने घर की तरफ चल दिए  ! वही शनाया अपना मन मारकर फाइल्स अपडेट करने बैठ गई ! अपने सामने रखा फाइलों का पहाड़ देखकर उसका मन डूबने सा लगा !

       दूसरी तरफ डॉक्टर आशुतोष ने असद को एक केस फाइल स्टडी करने को कहा था और वो उसे स्टडी करने में इतना डूब गया कि उसे वक्त का अंदाजा ही नही हुआ ! आदित्य होता तो उसे अपने साथ घर चलने पर मजबूर कर देता पर आज आदित्य भी कुछ काम से जल्दी ही हॉस्पिटल से चला गया था और वो कल तक लौटने वाला था ! उसके बीना असद का भी घर जाने का मन नहीं हुआ !  इसलिए  उसने भी घर ना जाकर यही केस फाइल को स्टडी करने का मन बनाया था !


        दोनो इस वक्त हॉस्पिटल में मौजूद थे पर जहां एक के लिए यहां रुकना उसके सपने का एक हिस्सा था ,वहीं दूसरे के लिए यहां रुकना जी का जंजाल बन गया था  ! कुछ घंटे बाद हॉस्पिटल में एक इमरजेंसी केस आया जिसमे पेशेंट की हालत काफी सीरियस थी !  डॉक्टर आशुतोष को इमरजेंसी  बुलवाया गया और उनके आने से पहले असद ने पेशेंट को एडमिट करते हुए उसकी कंडीशन को देखते हुए कुछ जरूरी टेस्ट करवा दिए और उसे  स्टेबल करने के लिए प्राइमरी ट्रीटमेंट शुरू कर दिया ! आज असद की इतने सालो की हुई मेहनत का इम्तिहान  था ! उसके सामने  एक पेशेंट की इतनी सीरियस हालत थी और वो जो भी अपनी तरफ से कर सकता था ,पूरे दिल से कर रहा था !


         डॉक्टर आशुतोष के पहुंचने से पहले उसने पेशेंट के टेस्ट करवा कर ऑपरेशन थिएटर को ऑपरेशन के लिए बिल्कुल तैयार करवा दिया ! डॉक्टर आशुतोष जल्दी जल्दी मे हॉस्पिटल पहुंचे और पेशेंट को चैक करने लगे ,तभी असद ने पेशेंट के मौजूदा हालात का ब्योरा देते हुए पेशेंट के करवाए टेस्ट उनके आगे रख दिए ! डॉक्टर आशुतोष असद की काबिलियत और सूझ बूझ से काफी इंप्रेस हो गए ! वाकई पेशेंट की हालत गंभीर थी थोड़ी सी देरी से उसकी जान को खतरा हो सकता था ! पर असद की वजह से वो आते ही पेशेंट के  ऑपरेशन के लिए रेडी हो गए और उन्होंने इस ऑपरेशन में एक बार फिर असद को अस्सिट करने का मौका दिया जिसमे असद ने अपना हंड्रेड परसेंट दिया ! तीन घंटे के लगातार चल रहे ऑपरेशन के बाद अब पेशेंट खतरे से बाहर था ! डॉक्टर आशुतोष ने दिल से असद की लगन को एप्रिशिएट किया ! कुछ ही दिनों में अपने आइडल को दो बार ऑपरेशन में अस्सिट करना और उनसे सराहा जाना असद के लिए बहुत खुशी की बात थी !


         जहां असद इस पैशन के लिए पूरी तरह डेडिकेट था वही शनाया के लिए ये पैशन गले का फंदा बन गया था ! फाइल्स मे उलझी शनाया मन ही मन सोचने लगी - कहां तो मैने सोचा था कि आज मैं यहां से आजाद हो जाऊंगी और कहां इस हॉस्पिटल में इन फाइलों के बीच घिरी पड़ी हूं ! नही ! मै इतनी जल्दी हार नही मान सकती ! मुझे कुछ सॉलिड सोचना पड़ेगा !


       कुछ सोचते हुए शनाया के चेहरे पर स्माइल आ गई और वो बोली - ये फाइल्स ही मेरा काम आसान करेगी ! किसी भी पेशेंट के ट्रीटमेंट के लिए उसकी केस फाइल होना जरूरी है ,अगर कोई फाइल ही गायब हो जाए तो ? फिर तो डॉक्टर आशुतोष मुझे इस हॉस्पिटल से फायर कर ही देंगे !


    जारी है ...!!