मोहब्बत एक बहुत ही खूबसूरत शब्द है और एक खूबसूरत अहसास भी लेकिन जब ये मोहब्बत परवान चढ़ती है तो जुनून का रूप ले लेती हैं क्या होगा जब एक पुलिस वाला हार बैठेगा माफिया क्वीन अपना सब कुछ और वही माफिया क्वीन को प्यार होगा माफिया किंग से और माफिया किंग ह... मोहब्बत एक बहुत ही खूबसूरत शब्द है और एक खूबसूरत अहसास भी लेकिन जब ये मोहब्बत परवान चढ़ती है तो जुनून का रूप ले लेती हैं क्या होगा जब एक पुलिस वाला हार बैठेगा माफिया क्वीन अपना सब कुछ और वही माफिया क्वीन को प्यार होगा माफिया किंग से और माफिया किंग हार बैठेगा एक मासूम सी लड़की पर अपना दिल तो कैसी होगी इन दोनो माफियाओं की प्रेम कहानी। किसको मिलेगा अपना सच्चा प्यार क्या लिखा होगा किस्मत ने इनके साथ...
अनाया रायजादा
Heroine
अध्याय मल्होत्रा 🔥
Hero
कियान खन्ना
Side Villain
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(इसमें किसी वास्तविक घटना, स्थान या व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। यह काल्पनिक कहानी है और सिर्फ मनोरंजन के लिए है।")
ट्रेलर ....
एक लड़की कॉलेज के टेरेस पर अकेले शांति से खड़ी थी वो दिख तो शांत रही थी लेकिन उसके अंदर न जाने कितना बड़ा तूफान उठ रहा था की तभी एक जोरदार की आवाज के साथ छत का दरवाजा खुलता है और वहा से एक लड़का गुस्से में अपने लंबे लंबे कदमों से उस लड़की के पास आता है।
उसका गुस्सा अभी इतना तेज था की उसके हाथो की नसे भी नजर आ रही थी वो लड़का उस लड़की के करीब आते ही एक झटके में उसे अपनी तरफ घुमा देता है वो लड़की उसे इतने गुस्से में देख कर हैरान नही होती क्युकी उसे इस बात का अंदाजा था की ये बेदर्द माफिया हमेशा गुस्सा में रहता है।
वो लड़का उस लड़की को देख कर कहता है :– चाहती क्या हो तुम मुझसे ( चिल्लाते हुए ) हाआआ.....। मैने तुमसे क्या मांगा है अपनी पूरी लाइफ में बस यही ना की मेरी लाइफ से दूर रहो मुझे खुशी से जीने दो तो फिर क्यों मुझे और श्वेता को दूर करने की कोशिशों में लगी हुई हो। ( चेतावनी देते हुए ) तुम आज ही उन लोगो से मना करोगी हमारी शादी नही हो सकती मैं श्वेता से प्यार करता हूं जिंदगी हैं मेरी वो। क्राइम पार्टनर की तरह न सही एक अच्छे दोस्त की तरह ही ( हाथ जोड़ते हुए ) मेरे ऊपर अहसान कर दो।
अनाया शांति से उस लड़के को देख कर कहती हैं :– मैं इसमें कुछ नही कर सकती। जिस तरह तुम श्वेता से प्यार करते हो उससे दूर नही होना चाहते उसी तरह मैं भी तुमसे प्यार करती हु तुमसे दूर नही हो सकती तुम मेरी जिंदगी हो अध्याय मेरा जुनून हो और मैं तुम्हे पाने के लिए हर हद को पार कर सकती हु चाहे तुम मेरी किस्मत में हो या नही हो तुम मेरे ही रहोगे अध्याय मल्होत्रा 🔥।
अनाया की बात अध्याय के लिए पेट्रोल में आग का काम कर रही थी और अब तो अध्याय का गुस्सा हर हद को पार करते हुए अध्याय पर हावी हो गया था वो एक झटके में अनाया की गर्दन को दबाते हुए दीवार से लगा कर उसे उठाने लगता है इस वक्त अध्याय की आंखे आग उगल रही थी वही अनाया के होठों पर इस वक्त डेविल स्माइल थी जैसे की वो कोई जंग जीत गई हो जब अध्याय अनाया को इस तरह मुस्कुराते देखता है तो उसका गुस्सा और बढ़ जाता है और वो और तेजी से उसका गला दबाते हुए कहता है .....
अध्याय :– मैं तुम्हे छोडूंगा नही अ....
अध्याय आगे कुछ कह पाता उससे पहले ही एक मीठी सी आवाज उसके कानो में आती हैं तो वो अनाया को छोड़ देता है अनाया जमीन पर गिर कर जोर जोर से खांसने लगती हैं और मासूम सी शक्ल बना कर उस आवाज की तरफ देखने लगती है वहा एक मासूम सी लड़की खड़ी हुई थी जो डरी हुई अपने मुंह पर हाथ रखे अनाया को देख रही थी अध्याय जब उस लड़की की तरफ देखता है तो वो हैरान रह जाता है अध्याय उस लड़की को देख कहता है ...
अध्याय :– श्वेता तुम यहां।
श्वेता उसे देखते हुए कहती हैं ..
श्वेता :– आप बहुत बुरे और घटिया इंसान हैं जिसके दिल में किसी के लिए कोई फीलिंग नही है आप उन्हे जान से मारने वाले थे सिर्फ इस वजह से की वो अपने परिवार के आगे मजबूर हैं हमे नफरत है आपसे।
अपनी बात कह कर श्वेता वहा से चली जाती हैं और अध्याय बस लचारी से श्वेता को देखते रह जाता है और अनाया खुशी से।
🔥🔥
__________________________________________________
लखनऊ
रात 2 बजे
लखनऊ के सुन सान इलाके में एक घर बना हुआ था जो आधा से ज्यादा डैमेज हुआ सा लग रहा था शायद इस घर में पहले कभी आग लगी थी जिसकी वजह से उस घर का रंग काला नजर आ रहा था देखने पर साफ पता चल रहा था की इस घर को एक बार नही बल्कि ना जाने कितनी बार आग का सामना करना पड़ा है और वही उस घर की क्यारी में लगे पेड़ जिसकी जड़े पड़े में से लटक रही थी। वही उसी पेड़ से लपटी हुई कुछ बेले जो उस घर की छत पर चारो ओर फैली थी। और उसे भयानक बना रही थी और वही लगे या हम कह सकते हैं जमीन में बिछे Venus Flytrap ( ये एक प्रकार का पेड़ रूपी बेल होती है इसकी पत्तियां अलग तरह की स्ट्रक्चर में होती ये पत्तियां किसी कुल्हड़ की भाती होती है और उस पर एक ढक्कन जेसी स्ट्रक्चर भी होती है) जिस पर आकर अचानक ही कोई इंसेक्ट आकर बैठा ही था की अचानक से उस पत्ती का ढक्कन खुला और वो इंसेक्ट अंदर चला गया ( हम आपको बता दे की ये पत्तियां मांस भक्षी होती है इसलिए वो ज्यादातर जीवित जीवो को खा जाती है)।
ये Venus Flytrap तो भयानक लग रहे थे जो उस घर को भूतिया दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे अगर वहा कोई कमजोर दिल इंसान जाए तो उसको तो हार्ट अटैक ही आ जाए 😨।
देखने में तो लग रहा था की उस घर में कोई नही रहता है। वही उस घर में किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज जो उस पूरे एरिया में दहशत फैला रही थी।
अंदर घर में सोफे पर बैठे दो लोग जिनका चेहरा अंधेरे में साफ नही दिख रहा था दोनो ने अपने अपने एक एक पर को दूसरे पर चढ़ाया हुआ था मगर दोनो का बैठने का या कह सकते हे पैर को रखने का तरीका अलग अलग था जहा एक तरफ एक इंसान लडको की तरह बैठा था तो वही दूसरा इंसान लड़कियों की तरह बैठा हुआ था वही उनके सामने कुछ दूरी पर एक आदमी को उल्टा लटकया हुआ था और उसके नीचे आग लगाई हुई थी जिससे उस आदमी के बाल तो जल चुके थे और अब बारी थी उसके सर के जलने की आग का ताप इतना तेज था की उस आदमी की नाक से लगातार खून बह रहा था और उसके चेहरे से होता हुआ उन आग की लपटों में मिल रहा था उस आदमी के जिस्म पर एक पेंट के अलावा कोई कपड़ा नहीं था।
वो आदमी तड़प रहा था चीख रहा था चिल्ला रहा मगर वहा कोई नही था जो उसकी पुकार सुनता यहां तक कि वहा खड़े ढेर सारे काले कपड़े पहने लोग जिनकी शर्ट पर चीते की तस्वीर बनी थी उन्हे इस सब से जैसे फर्क ही नहीं पढ़ रहा था। वही सोफे पर बैठे वो दो इंसान के लिए तो ये किसी शरबत से मीठी आवाज का काम रही थी।
की तभी उसमे से एक इंसान खड़ा होता है और उन आग की लपटों की ओर बड़ जाता है जैसे जैसे वो इंसान आग की लपटों की तरफ बढ़ रहा था वैसे वैसे उस इंसान की आंखों में उन आग की लपटों की परछाई नजर आ रही थी।
उसकी आंखो को देख कर लग रहा था मानो उसकी ही आंखो में वो लपटे वो आग लगी हो। वो इंसान थोड़ा ओर पास आता है तो उसका चेहरा साफ नजर आने लगता है
बेहद खूबसूरत चेहरा , खड़ी नाक , काली गहरी बड़ी बड़ी आंखें, कोमल से मुलायम होठ, गोल चेहरा जिससे उसका चेहरा थोड़ा भरा भरा सा लग रहा था मानो उसके चेहरे की शोभा बड़ा रहा था ,और प्रॉपर जॉ लाइन जो उसे बला की खूबसूरत बना रही थी। की तभी वो लड़की जो अभी उन आग की लपटों के सामने खड़ी थी वो अपने सर से अपनी हड्डी की कैप उतरती है तो उसके बाल साफ नजर आने लगते लंबे घने काले बाल रेशम की तरह मुलायम। फुल मेंटेन बॉडी।
वो लड़की उस आदमी को देखते हुए कहती हैं :– तुम्हे क्या लगा अनाया रायजादा से बच पाना इतना आसान है भले ही अनाया रायजादा से तुम बच सकते हो लेकिन द माफियास क्वीन से नही।
अपनी आवाज को ऊंचा कर वो लड़की यानी की माफियास क्वीन उस आदमी का सर थोड़ी देर के लिए आग में से उठाती हैं तो वो आदमी उस माफिया क्वीन को देख डर जाता है जो अभी आग के कारण हो रही रोशनी से बेहद ही खतरनाक लग रही थी जिसे देख कर उस आदमी को उस माफिया क्वीन की आंखो मे जल रही आग से ज्यादा ये आग सुकून दे रही थी उस आदमी की तो मानो जान ही हलक में आ गई की तभी वहा सोफे पर बैठा वो आदमी अपनी जगह से खड़ा होता है और वहा कुछ ही समय में एक साथ तीन से चार बार गोलियां चलने की आवाज आती है।
ये गोलियां उसी इंसान ने चलाई थी जो उस लटके हुए आदमी की रस्सी को चीरते हुए निकल गई की तभी वो आदमी उस आग में गिर जाता है और वो इंसान आगे बढ़ कर वहा रखी पेट्रोल से भरी टंकी को वहा डाल देता है जिससे वहा आग और तेज बढ़ जाती हैं की तभी वो इंसान वहा खड़ी माफिया क्वीन ( अनाया और माफिया क्वीन दोनो एक ही है कन्फ्यूज्ड ना हो जाना ) की कलाई पकड़ कर एक झटके के साथ अपनी ओर खींच लेता है जिससे माफिया क्वीन उस आग से दूर हो जाती हैं और उस इंसान के सीने से जा लगती हैं।
आग की उन तेज लपटों से वहा एक रोशनी छा गई थी उस इंसान ने माफिया क्वीन को उसकी कमर से पकड़ा हुआ था और माफिया क्वीन ने उसके सीने पर दोनो हाथ रखे हुए थे उन दोनो को इस बात से जरा भी फर्क नही पढ़ रहा था की वो किस पोजीशन में खड़े हैं उनकी नजर तो उन आग की लपटों की तरफ थी जो लगातार देहेक रही थी और उन्ही लपटों में से भयानक आवाज आ रही थी।
की तभी उस आग की रोशनी उस इंसान पर पढ़ती है और इंसान का चेहरा भी अब दिखने लगा था गुस्से से भरा वो आदमी आग में जलते हुए चिल्लाते हुए आदमी को नफरत से देख कर कहता हैं ...
" बहुत बड़ी गलती की हैं तुमने हमसे दुश्मनी करके और उसका तो हिसाब तुम्हे मर कर ही चुकाना होगा और उसको भी जिसने तुन्हे यहां भेजा था .."
Countinue........
आखिर कौन हैं ये इंसान जो इस माफिया क्वीन के साथ खड़ा है और कौन हैं ये माफिया क्वीन ??
और क्या मकसद हैं इन दोनो का और क्यूं ये दोनो उस आदमी को सजा दे रहे थे और क्यों इन लोगो ने उस आदमी की जान ली
आपको स्टोरी कैसी लगी और आज का पार्ट कैसा था मुझे कमेंट करके जरूर बताएं मुझे आपके रिएक्शन का इंतजार रहेगा।?(इसमें किसी वास्तविक घटना, स्थान या व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। यह काल्पनिक कहानी है और सिर्फ मनोरंजन के लिए है।")
ट्रेलर ....
एक लड़की कॉलेज के टेरेस पर अकेले शांति से खड़ी थी वो दिख तो शांत रही थी लेकिन उसके अंदर न जाने कितना बड़ा तूफान उठ रहा था की तभी एक जोरदार की आवाज के साथ छत का दरवाजा खुलता है और वहा से एक लड़का गुस्से में अपने लंबे लंबे कदमों से उस लड़की के पास आता है।
उसका गुस्सा अभी इतना तेज था की उसके हाथो की नसे भी नजर आ रही थी वो लड़का उस लड़की के करीब आते ही एक झटके में उसे अपनी तरफ घुमा देता है वो लड़की उसे इतने गुस्से में देख कर हैरान नही होती क्युकी उसे इस बात का अंदाजा था की ये बेदर्द माफिया हमेशा गुस्सा में रहता है।
वो लड़का उस लड़की को देख कर कहता है :– चाहती क्या हो तुम मुझसे ( चिल्लाते हुए ) हाआआ.....। मैने तुमसे क्या मांगा है अपनी पूरी लाइफ में बस यही ना की मेरी लाइफ से दूर रहो मुझे खुशी से जीने दो तो फिर क्यों मुझे और श्वेता को दूर करने की कोशिशों में लगी हुई हो। ( चेतावनी देते हुए ) तुम आज ही उन लोगो से मना करोगी हमारी शादी नही हो सकती मैं श्वेता से प्यार करता हूं जिंदगी हैं मेरी वो। क्राइम पार्टनर की तरह न सही एक अच्छे दोस्त की तरह ही ( हाथ जोड़ते हुए ) मेरे ऊपर अहसान कर दो।
अनाया शांति से उस लड़के को देख कर कहती हैं :– मैं इसमें कुछ नही कर सकती। जिस तरह तुम श्वेता से प्यार करते हो उससे दूर नही होना चाहते उसी तरह मैं भी तुमसे प्यार करती हु तुमसे दूर नही हो सकती तुम मेरी जिंदगी हो अध्याय मेरा जुनून हो और मैं तुम्हे पाने के लिए हर हद को पार कर सकती हु चाहे तुम मेरी किस्मत में हो या नही हो तुम मेरे ही रहोगे अध्याय मल्होत्रा 🔥।
अनाया की बात अध्याय के लिए पेट्रोल में आग का काम कर रही थी और अब तो अध्याय का गुस्सा हर हद को पार करते हुए अध्याय पर हावी हो गया था वो एक झटके में अनाया की गर्दन को दबाते हुए दीवार से लगा कर उसे उठाने लगता है इस वक्त अध्याय की आंखे आग उगल रही थी वही अनाया के होठों पर इस वक्त डेविल स्माइल थी जैसे की वो कोई जंग जीत गई हो जब अध्याय अनाया को इस तरह मुस्कुराते देखता है तो उसका गुस्सा और बढ़ जाता है और वो और तेजी से उसका गला दबाते हुए कहता है .....
अध्याय :– मैं तुम्हे छोडूंगा नही अ....
अध्याय आगे कुछ कह पाता उससे पहले ही एक मीठी सी आवाज उसके कानो में आती हैं तो वो अनाया को छोड़ देता है अनाया जमीन पर गिर कर जोर जोर से खांसने लगती हैं और मासूम सी शक्ल बना कर उस आवाज की तरफ देखने लगती है वहा एक मासूम सी लड़की खड़ी हुई थी जो डरी हुई अपने मुंह पर हाथ रखे अनाया को देख रही थी अध्याय जब उस लड़की की तरफ देखता है तो वो हैरान रह जाता है अध्याय उस लड़की को देख कहता है ...
अध्याय :– श्वेता तुम यहां।
श्वेता उसे देखते हुए कहती हैं ..
श्वेता :– आप बहुत बुरे और घटिया इंसान हैं जिसके दिल में किसी के लिए कोई फीलिंग नही है आप उन्हे जान से मारने वाले थे सिर्फ इस वजह से की वो अपने परिवार के आगे मजबूर हैं हमे नफरत है आपसे।
अपनी बात कह कर श्वेता वहा से चली जाती हैं और अध्याय बस लचारी से श्वेता को देखते रह जाता है और अनाया खुशी से।
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लखनऊ
रात 2 बजे
लखनऊ के सुन सान इलाके में एक घर बना हुआ था जो आधा से ज्यादा डैमेज हुआ सा लग रहा था शायद इस घर में पहले कभी आग लगी थी जिसकी वजह से उस घर का रंग काला नजर आ रहा था देखने पर साफ पता चल रहा था की इस घर को एक बार नही बल्कि ना जाने कितनी बार आग का सामना करना पड़ा है और वही उस घर की क्यारी में लगे पेड़ जिसकी जड़े पड़े में से लटक रही थी। वही उसी पेड़ से लपटी हुई कुछ बेले जो उस घर की छत पर चारो ओर फैली थी। और उसे भयानक बना रही थी और वही लगे या हम कह सकते हैं जमीन में बिछे Venus Flytrap ( ये एक प्रकार का पेड़ रूपी बेल होती है इसकी पत्तियां अलग तरह की स्ट्रक्चर में होती ये पत्तियां किसी कुल्हड़ की भाती होती है और उस पर एक ढक्कन जेसी स्ट्रक्चर भी होती है) जिस पर आकर अचानक ही कोई इंसेक्ट आकर बैठा ही था की अचानक से उस पत्ती का ढक्कन खुला और वो इंसेक्ट अंदर चला गया ( हम आपको बता दे की ये पत्तियां मांस भक्षी होती है इसलिए वो ज्यादातर जीवित जीवो को खा जाती है)।
ये Venus Flytrap तो भयानक लग रहे थे जो उस घर को भूतिया दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे अगर वहा कोई कमजोर दिल इंसान जाए तो उसको तो हार्ट अटैक ही आ जाए 😨।
देखने में तो लग रहा था की उस घर में कोई नही रहता है। वही उस घर में किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज जो उस पूरे एरिया में दहशत फैला रही थी।
अंदर घर में सोफे पर बैठे दो लोग जिनका चेहरा अंधेरे में साफ नही दिख रहा था दोनो ने अपने अपने एक एक पर को दूसरे पर चढ़ाया हुआ था मगर दोनो का बैठने का या कह सकते हे पैर को रखने का तरीका अलग अलग था जहा एक तरफ एक इंसान लडको की तरह बैठा था तो वही दूसरा इंसान लड़कियों की तरह बैठा हुआ था वही उनके सामने कुछ दूरी पर एक आदमी को उल्टा लटकया हुआ था और उसके नीचे आग लगाई हुई थी जिससे उस आदमी के बाल तो जल चुके थे और अब बारी थी उसके सर के जलने की आग का ताप इतना तेज था की उस आदमी की नाक से लगातार खून बह रहा था और उसके चेहरे से होता हुआ उन आग की लपटों में मिल रहा था उस आदमी के जिस्म पर एक पेंट के अलावा कोई कपड़ा नहीं था।
वो आदमी तड़प रहा था चीख रहा था चिल्ला रहा मगर वहा कोई नही था जो उसकी पुकार सुनता यहां तक कि वहा खड़े ढेर सारे काले कपड़े पहने लोग जिनकी शर्ट पर चीते की तस्वीर बनी थी उन्हे इस सब से जैसे फर्क ही नहीं पढ़ रहा था। वही सोफे पर बैठे वो दो इंसान के लिए तो ये किसी शरबत से मीठी आवाज का काम रही थी।
की तभी उसमे से एक इंसान खड़ा होता है और उन आग की लपटों की ओर बड़ जाता है जैसे जैसे वो इंसान आग की लपटों की तरफ बढ़ रहा था वैसे वैसे उस इंसान की आंखों में उन आग की लपटों की परछाई नजर आ रही थी।
उसकी आंखो को देख कर लग रहा था मानो उसकी ही आंखो में वो लपटे वो आग लगी हो। वो इंसान थोड़ा ओर पास आता है तो उसका चेहरा साफ नजर आने लगता है
बेहद खूबसूरत चेहरा , खड़ी नाक , काली गहरी बड़ी बड़ी आंखें, कोमल से मुलायम होठ, गोल चेहरा जिससे उसका चेहरा थोड़ा भरा भरा सा लग रहा था मानो उसके चेहरे की शोभा बड़ा रहा था ,और प्रॉपर जॉ लाइन जो उसे बला की खूबसूरत बना रही थी। की तभी वो लड़की जो अभी उन आग की लपटों के सामने खड़ी थी वो अपने सर से अपनी हड्डी की कैप उतरती है तो उसके बाल साफ नजर आने लगते लंबे घने काले बाल रेशम की तरह मुलायम। फुल मेंटेन बॉडी।
वो लड़की उस आदमी को देखते हुए कहती हैं :– तुम्हे क्या लगा अनाया रायजादा से बच पाना इतना आसान है भले ही अनाया रायजादा से तुम बच सकते हो लेकिन द माफियास क्वीन से नही।
अपनी आवाज को ऊंचा कर वो लड़की यानी की माफियास क्वीन उस आदमी का सर थोड़ी देर के लिए आग में से उठाती हैं तो वो आदमी उस माफिया क्वीन को देख डर जाता है जो अभी आग के कारण हो रही रोशनी से बेहद ही खतरनाक लग रही थी जिसे देख कर उस आदमी को उस माफिया क्वीन की आंखो मे जल रही आग से ज्यादा ये आग सुकून दे रही थी उस आदमी की तो मानो जान ही हलक में आ गई की तभी वहा सोफे पर बैठा वो आदमी अपनी जगह से खड़ा होता है और वहा कुछ ही समय में एक साथ तीन से चार बार गोलियां चलने की आवाज आती है।
ये गोलियां उसी इंसान ने चलाई थी जो उस लटके हुए आदमी की रस्सी को चीरते हुए निकल गई की तभी वो आदमी उस आग में गिर जाता है और वो इंसान आगे बढ़ कर वहा रखी पेट्रोल से भरी टंकी को वहा डाल देता है जिससे वहा आग और तेज बढ़ जाती हैं की तभी वो इंसान वहा खड़ी माफिया क्वीन ( अनाया और माफिया क्वीन दोनो एक ही है कन्फ्यूज्ड ना हो जाना ) की कलाई पकड़ कर एक झटके के साथ अपनी ओर खींच लेता है जिससे माफिया क्वीन उस आग से दूर हो जाती हैं और उस इंसान के सीने से जा लगती हैं।
आग की उन तेज लपटों से वहा एक रोशनी छा गई थी उस इंसान ने माफिया क्वीन को उसकी कमर से पकड़ा हुआ था और माफिया क्वीन ने उसके सीने पर दोनो हाथ रखे हुए थे उन दोनो को इस बात से जरा भी फर्क नही पढ़ रहा था की वो किस पोजीशन में खड़े हैं उनकी नजर तो उन आग की लपटों की तरफ थी जो लगातार देहेक रही थी और उन्ही लपटों में से भयानक आवाज आ रही थी।
की तभी उस आग की रोशनी उस इंसान पर पढ़ती है और इंसान का चेहरा भी अब दिखने लगा था गुस्से से भरा वो आदमी आग में जलते हुए चिल्लाते हुए आदमी को नफरत से देख कर कहता हैं ...
" बहुत बड़ी गलती की हैं तुमने हमसे दुश्मनी करके और उसका तो हिसाब तुम्हे मर कर ही चुकाना होगा और उसको भी जिसने तुन्हे यहां भेजा था .."
Countinue........
आखिर कौन हैं ये इंसान जो इस माफिया क्वीन के साथ खड़ा है और कौन हैं ये माफिया क्वीन ??
और क्या मकसद हैं इन दोनो का और क्यूं ये दोनो उस आदमी को सजा दे रहे थे और क्यों इन लोगो ने उस आदमी की जान ली
आपको स्टोरी कैसी लगी और आज का पार्ट कैसा था मुझे कमेंट करके जरूर बताएं मुझे आपके रिएक्शन का इंतजार रहेगा।
की तभी उस आग की रोशनी उस इंसान पर पढ़ती है और इंसान का चेहरा भी अब दिखने लगा था भूरी गहरी बड़ी बड़ी आंखे जो रोशनी के कारण चमक रही थी , गोरा रंग , चेहरे पर हल्की बियर्ड , गोल चेहरा , खड़ी नाक v शेप्ड थोडी, परफेक्ट जॉ लाइन, घुंघराले बाल , कसी हुई बॉडी , 6 फीट की हाइट का ये बंदा सच में कहर ढा रहा था। और उप्पर से उसका एक्सप्रेशन लेस चेहरा।
अभी भी दोनो उस आग को देख रहे थे उनकी आंखों में इस इंसान के लिए बेहिसाब गुस्सा और नफरत नजर आ रही थी की तभी वो लड़का माफिया क्वीन कर कंधे पर हाथ रखते हुए कहता है ......
लड़का :– चलो अनाया तुम्हे घर जाने के लिए लेट हो रहा है।
उसकी बात सुनकर अनाया हा में सिर हिलाती है और अपने कदम बाहर की ओर बड़ा देती हैं वही वो लड़का अपने पास खड़े गार्ड को देख कर उस आग को देखते हुए कहता है ......
लड़का :– पता करो कौन हैं जिसकी इतनी मजाल की मुझ पर यानी की माफिया किंग पर हमला करवाए। कल तक वो इंसान हमारे कदमों में चाहिए।
ये कह कर वो लड़का यानी की माफिया किंग एक शार्प नजर उस घर में दौड़ता है और वहा से बाहर निकल जाता है।
बाहर खड़ी अनाया माफिया किंग का इंतजार कर रही थी की तभी वहा पर माफिया किंग आ जाते है उसे देख कर अनाया कहती हैं ...
अनाया :– अध्याय हमे सीधे रायजादा मैंशन छोड़ देना।
अध्याय मतलब की माफिया किंग अनाया की बात सुनकर हा में गर्दन हिलाते हुए ड्राइविंग सीट पर जाकर बैठ जाता है अध्याय के बैठते ही अनाया भी जल्दी से पैसेंजर सीट पर जा कर बैठ जाती हैं।
अनाया के बैठते ही अध्याय उस सुनसुना सड़क से तेजी से कार को दौड़ा देता है।
1 hour बाद
अध्याय की कार एक बड़े से बंगलो के आगे रुकती हैं कार के रुकते ही अनाया अध्याय को बाय बोलकर अपने पैरो में पहने हुए जूते निकाल कर हाथ में ले लेती हैं।
अध्याय जब अनाया को ये हरकते करते हुए देखता है तो न में गर्दन हिलाते हुए बाहर देखने लगता है अनाया अध्याय की कार से बाहर निकलती ही है की अध्याय तेज स्पीड के साथ वहा से निकल जाता है और देखते ही देखते अनाया की आंखो से ओझल हो जाता है।
अध्याय के जाते ही अनाया अपने घर की ओर देखती है एक बड़ा से मैंशन जो किसी महल से कम नहीं लग रहा था उस मैंशन के चारो ओर गार्डन बना हुआ था जिसमे लखनऊ के खास एंड मशहूर ट्यूलिप फ्लॉवर्स भी लगे हुए थे जो इस मैंशन को खास बना रहे थे चारो और लगे बड़े बड़े खूबसूरत पेड़। गार्डन में किसी कार्पेट की तरह बिछी हुई घास जो उस माहौल को और भी खुशनुमा बना रही थी। वहा कोई भी नही था ना कोई गार्ड था ना कोई घर का इंसान।
अनाया मैंशन के दरवाजे पर खड़े होकर किसी को कॉल करके कहती हैं :– दरवाजा खोलिए हम आ गए हैं। और आज आप कोई बेवकूफी नही करोगे दरवाजा खोल कर सीधे वहा से गायब हो जाना। Ohk।
अनाया की बात सुनकर वहा से किसी औरत की आवाज आती हैं :– ohk
थोड़ी देर में मैंशन का दरवाजा खुलता है लेकिन अब वहा कोई नही था अनाया दबे कदमों के साथ मैंशन में आकर धीरे धीरे मैंशन का दरवाजा बंद करती हैं वो अपने हाथो में जूते लिए धीरे धीरे दबे कदमों के साथ रूम में जाने लगती हैं 🤫।
अनाया थोड़ी ही देर में अपने रूम में पहुंच कर चैन की सांस लेती हैं। उसका रूम पूरा पिंक और व्हाइट कलर का था देखेने पर ये रूम किसी राजकुमारी के रूम से कम नहीं लग रहा था।
कमरे के बीचों बीच एक किंग साइज बेड था जो सर्कल शेप में था और बहुत ही अच्छा लुक दे रहा था। अनाया अपनी माफिया गिरी से बहुत ज्यादा थक गई थी इसलिए वो साइड जाकर आराम से बेड पर लेट जाती हैं और थोड़ी ही देर में नींद की आगोश में चली जाती है।
सुबह 8 बजे
रायजादा मैंशन
अनाया आराम से अपने बेड पर सो रही थी उस बेड के आगे वो एक छोटी सी बच्ची लग रही थी जो सोते हुए बहुत मासूम लग रही थी अगर कोई रात के बाद उसे अब देखता तो यकीन ही नहीं करता की ये वही माफिया क्वीन है जो रात को एक कत्ल करके आई थी किसी की तड़पा तड़पा के जान ली थी।
की तभी लगातार कोई उसके रूम के दरवाजे को नॉक कर रहा था दरवाजे पर से आती लागतार आवाजों के कारण अनाया एक ही झटके से आंखो में गुस्सा लिए खड़ी हो जाती हैं और घूर कर उस दरवाजे को देखती है। की तभी उसकी नज़र खड़ी पर जाती हैं जो इस वक्त 9 बजा रही थी।
घड़ी में वक्त देखने के बाद अनाया को अहसास होता है की वो कितनी देर से सो रही थी इसलिए वो अपने आप को शांत करते हुए दरवाजे की ओर बड़ जाती हैं।
दरवाजे पर हुई एक और खटखटाहट के कारण वो फिर से गुस्से में भर आती हैं और एक ही झटके में तेज आवाज के से साथ दरवाजा खोलती है।
जैसे ही वो सामने खड़े इंसान को देखती है तो उसका सारा गुस्सा शांत हो जाता है और मुंह बनाते हुए चेंजिंग रूम में घुस जाती हैं। उसकी इस हरकत को देख कर वहा खड़ी महिला जो उम्र में 70 साल की लग रही थी , होठों पर प्यार भरी मुस्कान , काली आंखे जो चेहरे पर पढ़ रही झुर्रियों के कारण छोटी लग रही थी उन लगा नजर का चश्मा , चेहरे पर एक अलग ही नूर , पूरे सफेद बाल , वैल मेंटेन बॉडी, मार्डन टाइप कपड़े पहने ये महिला बहुत ही ओसम लग रही थी।
वो महिला जाकर बेड पर बैठ जाती है की तभी अनाया चेंजिंग रूम से निकल कर बाथरूम में घुस जाती है वो महिला जो अभी जाकर बैठी ही थी कुछ नौकरों को आवाज देती है जो ढेर सारा नाश्ता लेकर सीधे अनाया के रूम में रख कर चले जाते हैं।
थोड़ी ही देर में अनाया बाल पूछते हुए बाथरूम से बाहर निकलती हैं और वो चेंजिंग रूम की तरफ जा ही रही थी की तभी वहा बैठी वो महिला कहती हैं ............
महिला :– क्या तुम उसे सच में पसंद नहीं करती हो ............
Countinue.........
आखिर कौन हैं ये महिला अनाया के साथ क्या संबंध है इनका ?
कौन हैं ये अध्याय मल्होत्रा..?
थोड़ी ही देर में अनाया बाल पूछते हुए बाथरूम से बाहर निकलती हैं और वो चेंजिंग रूम की तरफ जा ही रही थी की तभी वहा बैठी वो महिला कहती हैं ............
महिला :– क्या तुम उसे सच में पसंद नहीं करती हो ......
अनाया उस महिला की बात सुनकर कहती हैं ........
अनाया :– किसकी बात कर रहे हो दादी ?
दादी :– अध्याय की बात कर रहे हैं हम क्या तुम्हे सच में पसंद नहीं है वो ?
अनाया :– ओह अध्याय मल्होत्रा।
अनाया चेंजिंग रूम की तरफ जाते हुए बात को पूरी करते हुए कहती हैं :– अम्बिका रायजादा आप चाहती क्या हो ?
अम्बिका ( अनाया की दादी ) चेंजिंग रूम में आते हुए:– यही की दोनो परिवार चाहते हैं की आप दोनो शादी कर लो और दोनो परिवारों के बीच एक नए रिश्ते की शुरुआत हो।
अनाया :– दादी। आपको नही लगता ये बहुत ज्यादा हो रहा है अब आप ही बताओ दोनो परिवार के रिश्ते संभालने के लिए आपको हम ही मिले थे क्या ? और दूसरी बात मुझे आयु बस अपने दोस्त के लिए सही लगता है ना की लाइफ पार्टनर के लिए। मुझे वो बिल्कुल पसंद नहीं। वो एक पत्थर दिल इंसान हैं जिसके सीने में दिल तो है मगर इमोशन नही। उसका दिल सिर्फ उसे जीने में मदद करता है बाकी किसी के लिए उसके दिल में कोई फीलिंग नही ...........
अनाया आगे कुछ कह पाती की तभी अम्बिका बीच में बोल उठती है :– अच्छा तो वजह उसका पत्थर दिल होना है।
अनाया जब अम्बिका की बाते सुनती है तो अपने आपको कांच में देखते हुए बालो को सेट करते हुए कहती हैं .........
अनाया :– जी हा और उसकी यही हरकतों के कारण मेरी गारंटी है की उस इंसान से मुझे कभी प्यार नही होगा चाहे आप लोगो के फोर्स करने के बाद हमारी शादी क्यू ना हो जाए।
अनाया की बात सुनकर अम्बिका उसे एक नजर घूर कर देखती है फिर उसके बालो को बांधते हुए कहती हैं ...........
अम्बिका :– तो मैडम जी हम आपको बता दें की आप भी किसी पत्थर से कम नहीं है आपका दिल तो उनसे भी ज्यादा बेदर्द है।
अनाया :– तभी तो दादी मैं चाहती हूं की जिस तरह मैं बेदर्द हु मेरा लाइफ पार्टनर ना हो। वो ऐसा इंसान हो जिसके सीने में दिल हो उस दिल में इमोशन हो मेरे लिए बेइंतिहा प्यार हो न की अध्याय जैसा बेदर्द हो जिसके दिल में इमोशन ही ना हो और न ही मेरे लिए मोहब्बत हो। अध्याय की मोहब्बत जुनून का सबब है इससे अच्छा की मैं उसकी नफरत झेल लू।
अनाया की बात सुनकर अम्बिका जी कहती हैं :– और तुम्हे लगता है उसकी नफरत इतनी आसान होगी जिस इंसान की मोहब्बत ही कहर ढा सकती है उसकी नफरत तो सुनामी ला सकती है। इससे बेहतर होगा की तुम उसकी मोहब्बत चुनो।
अनाया :– नही दादी मैं मर जाऊंगी लेकिन कभी अध्याय से मोहब्बत नही करूंगी और न ही शादी।
अम्बिका जी :– शट आप।
अम्बिका जी जो कब से अनाया को समझाने की कोशिश कर रही थी अनाया के मरने वाली बात को सुनकर गुस्से से भर आती हैं उनकी आंखे अब लाल हो चुकी थी अनाया को जब अहसास होता है की उसने अभी अभी क्या गलती की है तो वो झट से उठ कर अम्बिका जी के गाल पर किस करते हुए उन्हे सॉरी कहती हैं लेकिन अब अम्बिका जी का तो सारा मुंड खराब हो चुका था इसलिए वो जाते हुए कहती हैं .............
अम्बिका जी :– तुम्हारे रूम में तुम्हारा ब्रेकफास्ट आ चुका है खा कर कॉलेज के लिए निकल जाना।
दूसरी ओर
एक बड़ा सा घर जिसके इंट्रेंस पर बड़े बड़े अक्षरों में लिखा हुआ था
" मल्होत्रा मैंशन"।
उस घर में चारो ओर हरियाली थी वहा के फाउंटेन को स्विमिंग पूल में लगाया हुआ था और वो फाउंटेन बहुत ही प्यारा लग रहा था उसकी खूबसूरती उसकी यूनिक होने का सबूत दे रही थी घर में लगे बड़े छोटे हर तरह के पेड़ बीच से निकलता रास्ता , एक तरफ लगा झूला जिसे बोगेनवेलिया की बेल से सजाया हुआ था। जो झूले को बहुत ही नेचुरल लुक दे रही थी हम कह सकते है की वहा का माहौल बहुत ही नेचुरल था जो भी इंसान देखता मंत्र मुग्ध हो जाता।
वही उस मैंशन के अंदर बहुत ही एलिगेंट और यूनिक चीजों से सजाया हुआ था। उस मैंशन के जिम रूम में एक लड़का जो कबसे पुल अप कर रहा था अब अपने हाथो को ढीला छोड़ते हुए खड़ा हो जाता है और अपने पास रखी बॉटल हो उठा अपने उपर डाल लिया।
वो लड़का अभी रूम से बाहर निकल ही रहा था की उसके सामने एक कांच आ जाता है कांच को देख कर वो लड़का उसमे अपने आप को देखते हुए कहता है ............
लड़का :– नोट बेड अध्याय मल्होत्रा। चाहे तुम दिल से कितने ही खतरनाक हो मगर चेहरे से किसी भी लड़की के दिल की धड़कन रोक सकते हो 😏।
जी हा ये अध्याय मल्होत्रा है जो कल रात माफिया किंग के रूम में अपना कहर ढा रहे थे ये इंसान भले ही कितना ही खतरनाक क्यू ना हो मगर ये हे तो बहुत हैंडसम जिसके पीछे न जाने कितनी लडकिया मरती है इसे पाना चाहती हैं इसकी जिंदगी में आना चाहती हैं। मगर ये लड़का जो इतना घमंडी है की इसने आज तक अनाया के अलावा किसी को हाथ भी नही लगाया।
वो भी सिर्फ इस लिए क्योंकि अनाया उसकी बचपन की दोस्त है उसके साथ उसका बचपन बीता है और अब उसकी क्राइम पार्टनर भी है।
अध्याय जिम रूम से सीधे अपने रूम में जाता है और जल्दी से तैयार होकर वहा से निकल जाता है।
वही अनाया भी अपना ब्रेकफास्ट करके निकल जाती है
अध्याय और अनाया अपनी अपनी अपनी कार में बैठ कर अपनी मंजिल की ओर निकल गए थे।
थोड़ी देर में अनाया और अध्याय की कार्स एक साथ एक बड़ी सी बिल्डिंग के आगे आकर रूकी .......
Countinue.................
आखिर क्यों अनाया नही चाहती अध्याय को अपनी जिंदगी में ?
क्या अध्याय कर पाएगा अनाया को स्वीकार ..?
पार्ट कैसा लगा समीक्षा और रेटिंग दे कर जरूर बताना और हमे फॉलो करना ना भूले हो सके तो स्टिकर भी दे देना।
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मिलते हैं नेक्स्ट पार्ट में तब तक के लिए खुश रहो हस्ते रहो मुस्कुराते रहो byyyyyyyyy
अध्याय जिम रूम से सीधे अपने रूम में जाता है और जल्दी से तैयार होकर वहा से निकल जाता है।
वही अनाया भी अपना ब्रेकफास्ट करके निकल जाती है ....
अध्याय और अनाया अपनी अपनी अपनी कार में बैठ कर अपनी मंजिल की ओर निकल गए थे।
थोड़ी देर में अनाया और अध्याय की कार्स एक साथ एक बड़ी सी बिल्डिंग के आगे आकर रूकी थी।
ये एक कॉलेज था जिसका नेम इंडिया के टॉप 5 और लखनऊ के टॉप वन आता था चाणक्य कॉलेज ( काल्पनिक नेम )।
अध्याय और अनाया की नजर एक दूसरे पर पढ़ती है और वो अपनी अपनी कार को पार्किंग में लगा कर कार से बाहर निकल जाते हैं अध्याय अनाया के पास आकर उसे साइड हग करता है l
लेकिन अनाया कोई रिस्पॉन्स नही करती क्योंकि उसका मुंड तो पहले से ही खराब हो गया था अध्याय और अनाया थोड़ी देर में कॉलेज के अंदर होते हैं अध्याय अनाया के पीछे पीछे चल रहा था और अनाया आगे आगे चल रही थी की तभी उसे एक आवाज आती हैं .....
"Hey you"
अनाया जब इस आवाज को सुनती है तो उस और देखती है वहा कुछ लड़के खड़े हुए थे और उनमें बीच में खड़ा लड़का अनाया अपने पास आने का इशारा कर रहा था अध्याय जब ये देखता है तो उसकी मुट्ठी कस जाती है वो आगे जाने लगता है की तभी अनाया उसे हाथ से रोक देती हैं अनाया के रोकने से अध्याय अपनी जगह रुक जाता है और अनाया उन लडको की ओर बड़ जाती हैं।
वहा खड़ा हर इंसान का शरीर ठंडा पड़ गया था लेकिन वो लोग मक्कारो की तरह हंस रहे थे अनाया जब उनके पास पहुंचती हैं तो उनमें से एक लड़का कहता है .............
लड़का :– hmm कॉलेज में नई आई हो क्या ?
की तभी दूसरा लड़का बोलता है :– ए घूर क्या रही है आंखे नीचे कर जानती नही क्या हमे। जो इतनी हिम्मत हो रही है तेरी।
उस लड़के के इतना बोलने पर भी अनाया उन्हे लगातार घूर रही थी जिससे उस लड़के ने अनाया के बालो की ओर हाथ बड़ा दिए वो अनाया के बाल पकड़ने ही वाला था की तभी एक जोर दार आवाज के साथ वो इंसान जमीन पर पड़ा हुआ था।
किसी के इस एक्शन को देख कर अनाया भी हैरान रह गई उसे तो समझ नही आ रहा था की ये सब उसके लिए किसने किया वो अपने मन में ही कहती हैं .................
अनाया :– क्या ये उस पत्थर दिल इंसान अध्याय ने किया है
अनाया को तो जैसे अपनी कही बात पर भी विश्वाश नही हो रहा था। इसलिए अपनी बात को कन्फर्म करने के लिए अनाया अपने पीछे मुड़ कर देखती है तो उसने जो सोचा था वही सच हुआ ये सब अध्याय ने किया था अनाया के लिए।
यही सोच कर अनाया तो जैसे अध्याय में खो गई थी और वही अध्याय उन तीनो चारो लडको की अच्छे से बिना डिटर्जेंट के धुलाई कर रहा था।
अध्याय जब उन लोगो को अच्छे से मार लेता है तो अनाया की तरफ देखता है जो बिना किसी होश के उसी को ही देख रही थी अब अनाया का ध्यान अध्याय पर गया कितना हैंडसम इंसान हैं न ये लड़का इसमें कोई कमी नहीं है इस लड़के की परफेक्ट बॉडी सिक्स पैक एब्स एक दम परफेक्ट चेहरा। क्या बंदा है ये एक दम हीरो।
अनाया अपनी सोच में ही डूबी हुई थी की कोई उसकी आंखों के सामने कोई अपना हाथ हिलाता है जिसे देख कर उसे होश आता है की वो इतनी देर से क्या कर रही थी।
वही भीड़ में खड़ी एक मासूम लड़की भोला सा मासूम चेहरा, भूरी बड़ी बड़ी आंखे , गालों पर पढ़ते डिंपल, हल्के भूरे बाल, थोड़ा भरा पूरा शरीर ना ज्यादा मोटा ना ज्यादा पतला। गुलाब से कोमल होठ , गोरा रंग। मतलब लड़की बड़ी मासूम खूबसूरत भोली भाली लग रही थी देखने भर से ये लड़की यही कोई 21 साल की लग रही थी।
उस लड़की की निगाहे भी अध्याय पर ही थी वो न जाने अध्याय को कब से देख रही थी अब उसके चेहरे से अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो रहा था की वो अध्याय को किस नजरो से देख रही है क्या ये लड़की अध्याय से डर रही है या उसे पसंद कर रही है कह पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा था
की तभी वहा एक और लड़की आती हैं ये लड़की भी दिखने में 21 साल की ही लग रही थी लेकिन मासूमियत नाम का कोई भाव इस लड़की पर जरा भी नजर नही आ रहा था इस लड़की के हाव भाव से कोई भी अंदाजा लगा सकता था की ये लड़की कितनी घमंडी और मतलबी किस्म की है, गोरा रंग, काली बड़ी बड़ी आंखे , खड़ी नाक , गुलाब से नाजुक कोमल होठ।
वो लड़की अध्याय को देखते हुए कहती हैं :– hey you ज्यादा हीरो बनना आ रहा है क्या ? क्या लगा रखा है ये ?
अध्याय जिसका ध्यान अभी अनाया की तरफ था उस लड़की की आवाज सुनकर उसकी और देखता है तो वो लड़की एक बार को तो अध्याय में खो जाती है लेकिन फिर अपने उभरते हुए जज्बातों को छुपाते हुए कहती हैं ..........
लड़की :– देखो जिस तरह तुमने इन लडको को मारा है इनका पे भी करो। और वैसे भी ये लड़के सिर्फ यहां उस लड़की को बुला रहे थे उससे बात कर रहे थे तुम्हे क्या जरूरत थी बीच में आने की।
इस लड़की की बाते सुनकर तो अध्याय अब बोर होने लगता है वो उस लड़की को देखते हुए कहता है ..........
अध्याय ;– पहली बात की तुम कौन हो इस बीच में बोलने वाली और दूसरी बात की अगर मैने इन लडको का इलाज नहीं करवाया तो आई तीसरी बात ये मेरी दोस्त है कोई इसे हर्ट करे मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगता और वैसे तुम्हे क्या प्रॉबलम है मैं इसका साथ दू या न दू।
उस लड़की को बहुत गुस्सा आया ये लड़का कितना बोलता है कितना ये बाहर से हैंडसम दिखता है उतना ही अंदर से जहर है हर बात में जहर उगलता है इसे इंसान नही नाग होना चाहिए 😂😂😂 ये लड़की अपने मन में न जाने क्या क्या अनाब शनाब बोले जा रही थी की तभी उसके कानो के अध्याय की आवाज आती हैं।
अध्याय ;– चिंता न करो मै क्या हु ये जान कर तो तुम नाग को भी भूल जाओगी ..........
Countinue..........
आखिर कौन हैं ये लड़की जो इतना बोला रही है और ये क्यू उन लडको की साइड ले रही है ?
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अध्याय ;– चिंता न करो मै क्या हु ये जान कर तो तुम नाग को भी भूल जाओगी ..........
वो लड़की :– और तुम्हे लगता है की प्रिया खन्ना तुमसे डर जायेगी हर गिज नही। ( अध्याय की तरफ उंगली प्वाइंट करते हुए ) तुम जानते नही हो मैं किसकी बहन हु अगर मैने अपने भाई को बुलाया ना तो सारी हीरो गिरी निकल जायेगी तुम्हारी। और तुम मेरे सामने खड़े भी नही हो पाओगे गिड़गिड़ाओगे मेरे सामने।
अध्याय को तो जैसे इस लड़की के बोलने से कोई फर्क नहीं पढ़ रहा था उसने तो बस इस लड़की की एक ही बात पर ध्यान दिया था और वो बस उसका नेम था प्रिया खन्ना।
अध्याय प्रिया को देखते हुए कहता है;– अच्छा। जरा बताना तो तुम्हारी उम्र क्या है और हा प्लीज क्लास भी बताना मैं भी तो देखूं आज से पहले मैने इतने पावरफुल भाई की लाडली बहन को क्यू नही देखा जो आज मेरे सामने खड़े हो कर कबसे अपने भाई के गीत गा रही है।
प्रिया जब अध्याय की बात सुनती है तो तिनकते हुए जवाब देती है :– 21 साल की हु मैं। और BCA लास्ट ईयर की स्टूडेंट हु।
अध्याय :– अच्छा। ठीक है तो बुला लो अपने मोस्ट पॉवरफुल ब्रदर को जरा हम भी तो देखे कौन है ये तुम्हारा भाई।
और प्रिया जल्दी से अपना फोन निकाल कर किसी को कॉल करती हैं और जैसे ही काला उठता है बोलना शुरू कर देती है :– भाई एक निहायती बत्तमीज लड़का है कबसे मेरे साथ बत्तमीज़ी कर रहा है आप जल्दी से कॉलेज आइए और इस दो कोढ़ी के लड़के को इसकी औकात दिखाइए।
अध्याय अपनी बात कह कर प्रिया के सामने खड़ा हो जाता है वही अनाया भी हैरानी से ये सब होते देख रही थी। की तभी अध्याय का ध्यान उस भीड़ में खड़ी लड़की की तरफ जाता है जो बेहद ही मासूम नजर आ रही थी की तभी उस लड़की नजर अध्याय से जा मिलती है और वो लड़की अपनी नजर अध्याय से हटा लेती है और इधर उधर देखने लगती है मगर अध्याय को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पढ़ा हो वो तो लगातार इस फूल से नाजुक लड़की को देख रहा था जो उसके सामने खड़ी थी अध्याय तो जैसे भूल ही गया था की वो कहा खड़ा है किस हालात में खड़ा है वो तो बस इस मासूम चेहरे को निहारे जा रहा था जो उसे असीम सुख दे रहा था।
थोड़ी ही देर में पुलिस की गाड़ी आती जो सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है अनाया और वो लड़की भी वहा देखने लगते है लेकिन अब भी अध्याय उस लड़की को दीवानों की तरह देख रहा था।
तभी उस पुलिस की जीप में से एक लड़का निकलता है जो देखने में लगभग 24 साल का लग रहा था, वो लड़का था तो गोरा बट उसके चेहरे पर आती गहरी बियर्ड के कारण उसके आधे से ज्यादा चेहरा ढका हुआ था , काली बड़ी बड़ी आंखे , छोटे बट सलीके से सेट किए बाल , 5.9 फीट हाइट , कसी हुई बॉडी 4 पैक एब्स।
वो लड़का देखने बड़ा हैंडसम लग रहा था वहा खड़ी हर लड़की की निगाह में अध्याय के बाद वो ऐसा लड़का था जो हैंडसम था और इस कॉलेज में आया था।
हर लड़की की निगाह तो उस पर अटक गई थी और उस लड़के की निगाहे अनाया पर अब वहा की स्तिथि ये थी की उस लड़के की नजरे अनाया पर थी और अनाया की नजरे अध्याय पर और अध्याय को नजरे उस लड़की पर और वो लड़की भी अब अध्याय को देख रही थी। और वही खड़ी प्रिया घूरते हुए अपने अंदर नफरत लिए अनाया को देख रही थी अब तो उसकी नफरत उसकी आंखो में भी नजर आने लगी थी और वहा खड़ी भीड़ इन सबको देख रही थी ( कुछ ज्यादा ही देखना दिखाना हो गया 😂)
वो लड़का अब अनाया के सामने आकर खड़ा हो जाता है और जब अनाया की नजर उस लड़के की वर्दी पर लगी बेच पर जाती हैं तो वो उसका नाम अपने मन में धीरे से पढ़ती है ....
अनाया :– इंस्पेक्टर कियान खन्ना।
वही प्रिया जो कबसे नफरत से अनाया को देख रही थी कियान के पास आकर खड़ी हो जाती हैं और उसके गले लगे हुए कहती हैं ...
प्रिया :– भाई इस लड़के ने बहुत बदतमीजी की मैने बस इनसे यही कहा था की इन लडको जिस तरह बेरहमी से उन्हे मारा है उसी तरह उनका इलाज भी करवाए।
प्रिया की बातो से कियान को होश आता है तो वो प्रिया को देखते हुए कहता है :– कहा है वो लड़के ?
उसका कहना भर था की प्रिया पल भर भी नही लगती उन्हे बुलाने में जैसे उसने तो यही चाहा था और जो वो चाह रही थी वही हो रहा था इसलिए उसके चेहरे पर अब खुशी ने पहरा दे दिया था।
उन लडको की हालत देख कर कियान किसी को आवाज लगाते हुए कहता है :– रघु।
ये आवाज सुनते ही एक आदमी जो अपना मोटा पेट संभाले कुछ खाता हुआ आ रहा था। उसे इस तरह देख कर कियान पहले तो न में गर्दन हिलाता है फिर वापिस अध्याय को देखने लगता है जब वहा वो रघु नाम का कांस्टेबल आ जाता है तो कियान अध्याय को देखते हुए कहता है .............
कियान :– जरा इस हीरो को प्यार से तो अंदर बिठाइए।
रघु कियान की बात सुनकर उसे ले जाने लगता है और अध्याय वो तो बस पागलों की तरह उस लड़की को देख रहा था की तभी प्रिया उस लड़की को देखते हुए आवाज लगाती हैं ...........
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आखिर क्या नाम है इस लड़की का और कौन है ये लड़की ?
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रघु कियान की बात सुनकर उसे ले जाने लगता है और अध्याय वो तो बस पागलों की तरह उस लड़की को देख रहा था की तभी प्रिया उस लड़की को देखते हुए आवाज लगाती हैं ...........
प्रिया :– श्वेता चल ना देर हो रहा है पहले ही।
प्रिया आगे आती हैं और श्वेता का हाथ पकड़ कर ले जाती है तभी अध्याय के मुंह से अचानक ही निकल पढ़ता है ......
"श्वेता "।
अध्याय तो श्वेता के सपनो में खोया हुआ था उसे तो होश भी नही था की उसके साथ क्या हो रहा है तभी कियान के सामने अनाया आ जाती है और उसे रोकते हुए कहती हैं............
अनाया :– ये आप क्या कर रहे हैं आप। छोड़िए इन्हे। देखिए आप लोग हमे जानते नही है की हम कौन हैं आप हमे हल्के में ले रहे है हमारी एक आवाज में आप अर्श से फर्श पर आ सकते है।
अनाया की बात सुनकर कियान कहता है :– अच्छा। तो बताओ कौन हो तुम। और अगर इनकी बेल चाहिए आपको तो आप थाने आकर इनकी बेल करा लेना।
कियान अपनी बात कह कर अनाया के सामने हाथ जोड़ देता है और वहा खड़े रघु के बैठ पर हाथ मारते हुए कहता है ......
कियान :– अरेस्ट करो उन्हे और जीप में डालो ( अनाया की तरफ देख कर ) और मैडम आप थाने आकर बता देना की आप कौन है।
कियान जीप में बैठ कर अध्याय को लेकर चला जाता है उसके जाते ही अनाया किसी को कॉल करती हैं और अपनी कार की ओर बढ़ जाती हैं और कार में बैठ कर थाने के लिए निकल जाती हैं।
थाने में
कियान अध्याय को लेकर थाने आ जाता है और एक धक्के के साथ उसे जेल के अंदर धकेल देता है अध्याय उसकी इस हरकत पर घूर कर देखता है उसकी आंखे अब लाल हो चुकी थी हाथो की मुट्ठी कसने की वजह से उसके हाथो को नसे विजिबल होने लगी थी।
कियान जब उसे खुद को घूरता हुआ पाता है तो जेल के पास आते हुए कहता है ...........
कियान :– क्या घूर रहा है ऐसे ?
अध्याय हस्ते हुए :– बहुत चर्बी चढ़ी हुई है ना अपनी पुलिस की वर्दी पर बहुत घमंड है ना तुझे। तू जानता नही है मैं कौन हु। एक बार मुझे बाहर आने दो फिर बताता हु की तुम्हारी औकात क्या है।
अध्याय का ये कहना भर था की कियान गुस्से में भर उठता है और दरावज खोल कर अंदर जाने ही वाला होता है की तभी एक मीठी मगर गुस्से से भरी आवाज आती है ......
" ऐसी गलती कभी मत करना की अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़े"।
इस आवाज को सुनकर कियान को बहुत सुकून मिलता है और वो अपने सामने खड़ी लड़की को देखने लगता है ये अनाया थी जो कियान की गाड़ी का पीछा करते हुए ही आ गई थी।
कियान अपने सर को मसलते हुए अनाया के पास आ जाता है और उसे देखते हुए कहता है :– मेने पहले भी बोला था मैडम मैं इन्हे ऐसे नही छोडूंगा आपको इनकी बेल करानी होगी।
अनाया :– अच्छा। बट हमे लगा की आपको कमिशनर साहब का फोन आ गया होगा।
अनाया की बात सुनकर कियान शक भरी नजरो से देखने लगता है वही अध्याय के चहेरे पर भी कुटिल मुस्कान आ जाती है। की तभी कियान का फोन बज उठता है और वो अपने फोन को कान पर लगता है जहा से एक कड़क आवाज उसके कानो ने पढ़ती है.....
फोन पर :– तुम्हारे अंदर दिमाग है भी या नही। तुम जानते भी हो कौन है वो अध्याय मल्होत्रा है वो इंडिया के टॉप बिजनेसमैन का बेटा है वो तो अच्छा हुआ की अनाया रायजादा ने हमे बता दिया वरना अगर इनके फादर को पता चलता न तो पूरा थाना सर पर उठा लेते।
कियान उनकी बात सुनकर घूर कर अध्याय को देखता है फिर फोन पर कमिश्नर से कहता है :– जी सर जैसा आप कहेंगे मैं वैसा ही कर दूंगा।
कियान की बात सुनकर कमिश्नर कहते है :– वो तो तुम वैसे भी करते और उन्हें बिना किसी प्रॉबलम के बाहर निकालो।
कियान :– ओके सर।
कियान फोन कट करता है और अध्याय को बाहर निकालता है अध्याय अपनी डेविल स्माइल के साथ उसे देखते हुए कहता है ....
अध्याय :– कहा था न कियान खन्ना। मुझे पकड़ पाना इतना आसान भी नहीं है तुम लोगो के लिए।
अध्याय एक नजर कियान को देखता है और वहा रखी टेबल पर रखा कियान का चश्मा उसी के सामने पहन कर एटीट्यूड के साथ वहा से निकल जाता है और वहा अब कियान और अनाया थे अनाया कियान को देखते हुए कहती हैं ...........
अनाया :– आइंदा फिर कभी अध्याय को अरेस्ट करने की या उससे उलझने की कोशिश भी की न तो मुझसे बुरा कोई नही होगा।
अनाया भी अपनी आखिरी बात कह कर चली जाती है और वहा कियान बस उन दोनो को देखता रह जाता है लेकिन जैसे ही उसे होश आता है वो एक ही झटके में वहा रखी उस टेबल को उठा कर फेक देता है इस वक्त उसकी आंखो में बेहिसाब नफरत और गुस्सा था जो वो इन निर्जीव चीजों पर अचानक ही उसका गुस्सा बेहद बढ़ जाता है और एक जोरदार आवाज के साथ चिल्लताता है .....
कियान :– मैं तुमसे हार नहीं मानूंगा अध्याय मल्होत्रा तुम्हारी असलियत सबके सामने लाकर ही रहूंगा और तुम वो तुम्हारा क्राइम पार्टनर कुछ नही कर सकेंगे देखते रह जाओगे तुम लोग।
वही दूसरी और अध्याय गुस्से में जाकर अनाया की कार पर जोर से अपना हाथ मरता है तो अनाया अपनी कार के साथ अध्याय का ये बिहेव देख कर गुस्से से भर उठती हैं और अध्याय को देखते हुए कहती हैं ..........
अनाया :– माना की तुम्हारे अंदर दिल नही है मगर इसका मतलब ये नही है की तुम्हारे अंदर दिमाग भी नही है।
अध्याय अनाया की बात सुनकर उसकी तरफ पलटता है और हैरानी से उसके भावो को समझने की कोशिश करता है और तभी कहता है ...
अध्याय :– दिमाग तो तुम्हारे अंदर नही है एक गाड़ी पर मुझ से लड़ने के लिए तैयार हो रही हो और अगर इतनी ही प्यारी है तुम्हे ऐसी गाड़ियां तो नई खरीद लेना मैं पैसे दे दूंगा।
अध्याय की ये बाते सुनकर अनाया गुस्से से भर उठती हैं ....
Countinue.......
आखिर क्या चाहता है कियान अध्याय से ?
पार्ट कैसा लगा समीक्षा और रेटिंग दे कर जरूर बताना और हमे फॉलो करना ना भूले हो सके तो स्टिकर भी दे देना।
मिलते हैं नेक्स्ट पार्ट में तब तक के लिए खुश रहो हस्ते रहो मुस्कुराते रहो।
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अध्याय :– दिमाग तो तुम्हारे अंदर नही है एक गाड़ी पर मुझ से लड़ने के लिए तैयार हो रही हो और अगर इतनी ही प्यारी है तुम्हे ऐसी गाड़ियां तो नई खरीद लेना मैं पैसे दे दूंगा।
अध्याय की ये बाते सुनकर अनाया गुस्से से भर उठती हैं और उसकी तरफ उंगली प्वाइंट करते हुए कहती हैं :– जबान संभाल कर बात करो अध्याय मल्होत्रा। तुम मेरे दोस्त हो इसलिए यहां सही सलामत खड़े हो वरना अगर तुम्हारी जगह यहां कोई और होता ना तो आई स्वियर जिंदा ना होता।
अध्याय :– ओ रियली। ये न भूलो अनाया रायजादा की मैं कौन हु वरना अगर में अध्याय मल्होत्रा न होता ना तो भी एक माफिया किंग होता लेकिन अगर तुम अनाया रायजादा ना होती ना तो कभी माफिया क्वीन नही होती। अपनी दादी का राज पाठ संभाल लेने से कोई असली माफिया नही बन जाता उसके लिए लड़ना पड़ता है एंड वन मोर थिंग जहा तक मुझे पता है तुम सिर्फ और सिर्फ दिल से काम लेती हो दिमाग से नही। दिमाग में तो तुम्हारे सिर्फ और सिर्फ गुस्सा होता है। तुम सिर्फ एक कमजोर लड़की हो और कुछ नही।
और यही बात थी जो अनाया को अंदर तक कोंध गई थी उसके दिल के हजार टुकड़े हो गए थे उसका गला भर आया था आंखे बस बंद करने की देरी थी आंखे बंद होते ही हर आंसू तड़प कर निकल पढ़ता मगर वो एक माफिया क्वीन थी उसका कमजोर होना सही नही था और आज जो अध्याय ने कहा था उसे सुन कर तो वो बिल्कुल भी कमजोर नहीं पढ़ना चाहती थी इसलिए वो अध्याय से पीठ करके खड़ी हो जाती है और अपने आंसुओ को सुखाने लगती है उसने अब मान लिया था की अध्याय के सच में दिल नही है वो सिर्फ सिर्फ बेदिल इंसान हैं जिसको किसी की फीलिंग की कद्र नहीं।
अनाया फिर से अध्याय की तरफ देखती है और एक डेविल स्माइल पास करते हुए कहती हैं :– हां वो तो हैं। तुम्हारे जैसी बेरहम नही हु ना। लेकिन जिस दिन इस दिमाग पर गुस्सा हावी हुआ न तो मुझसे ज्यादा बेरहम कोई नही होगा खुद अध्याय मल्होत्रा भी नही न ही अम्बिका रायजादा। अब चलो तुम्हे तुम्हारी मंजिल तक पहुंचा कर आती हु।
अनाया अपनी बात कह कर कार में बैठ जाती हैं और अध्याय भी आकर पैसेंजर सीट पर बैठ जाता है। पूरे रास्ते दोनो के बीच कोई बात नही हुई थी जहा एक तरफ अध्याय सारे रास्ते श्वेता के बारे में सोच रहा था कौन थी कहा से आई थी। वही अनाया सारे रास्ते बस यही सोचती आ रही थी की अध्याय ने उसे ऐसा क्यों कहा क्योंकि ये पहली बार था जब अध्याय ने उससे इस तरह की बात की तभी उसके दिमाग में एक अतीत की धुंधली सी बात याद आती हैं...
फ्लैश बैक
जब अध्याय और अनाया 18 साल के थे तब अध्याय अनाया के सामने खड़ा था और उसे समझाते हुए कह रहा था .....
अध्याय :– मेरी बात मानो अनाया इन सब चक्करों में मत पड़ो। अगर तुम्हारी दादी ने कह दिया की तुम उनकी जगह ले लो तो तुम ऐसा करोगी।
अनाया :– मेरे लिए जरूरी है अगर मैं वो कर सकती हु तो करूंगी मेरा माफिया बनना जरूरी है।
जब अध्याय को लगने लगता है की अनाया उसकी बात नही मानेगी तो वो अचानक से कहता है :– मैं भी माफिया बनूंगा।
उसकी आवाज सुनकर अनाया हैरानी के साथ कहती हैं :– क्या ...?? मगर क्यू ...
अध्याय :– क्योंकि मैं तुम्हारे जैसा बनना चाहता हु।
फ्लैश बैक एंड
और यही बात याद आते ही अचानक से अनाया के दिमाग में एक बात घूम जाती हैं वो अपने मन में कहती हैं ..........
अनाया :– क्या अध्याय मेरे लिए माफिया बना था ? क्यूंकि में कमजोर हु उसकी नज़रों में।
इसी के साथ अनाया एक जोर दार ब्रेक लगाती है वही अध्याय भी अनाया के इस एक्शन पर होश में आता है और उसे देखने लगता है तो अनाया उसे इशारा करते हुए बताती है की वो मल्होत्रा मैंशन पहुंच गए।
अनाया हॉर्न बजाती है तो कोई गार्ड आकर मल्होत्रा मैंशन के इंट्रेस गेट को खोल देता है अनाया गाड़ी को मैंशन पार्किंग की तरफ पार्क कर देती हैं अध्याय तो सीधा कार से निकल कर अंदर चला जाता है वही अनाया भी अपनी कार पार्क करके अंदर आ जाती हैं वो अंदर आ कर किसी को आवाज लगाते हुए कहती हैं ...........
अनाया :– नेहा आंटी कहा है आप ?
अनाया ने अभी किसी को आवाज लगाई ही थी की तभी वहा एक 45 साल के लगभग उम्र की महिला आती है मेंटेन बॉडी, लंबे काले बाल , खड़ी नाक , ओवरल फेस , परफेक्ट जॉ लाइन विजिबल , भूरी बड़ी बड़ी आंखे , सिल्क की पहनी हुई डिजाइनिंग साड़ी पहनी ये महिला बहुत ही भोली भाली मालूम पढ़ रही थी।
अनाया को देख कर उनके चेहरे पर अलग ही खुशी नजर आने लगी थी वो खिल उठी थी अनाया को देख कर सीढ़ियों से चहकते हुए नीचे आति है और अनाया को गले लगाते हुए कहती हैं ....
महिला :– बहुत दिनों बाद आई जो आयु ( अनाया) आप। आपको पता है आपके अंकल और मैं कितना मिस कर रहे थे आपको। माना की आजकल आप बिजी रहती हैं और ज्यादा आयु ( अध्याय ) के साथ नही रहती हैं लेकिन क्या आप सिर्फ यहां आयु ( अध्याय ) के लिए ही आती है। हमे भी तो आपसे मिलने की लगती हैं।
अनाया उन महिला की बात सुनकर खुश होते हुए कहती हैं :– तभी तो आए हैं नेहा आंटी वरना तो बाहर से ही अध्याय को छोड़ कर चले जाते।
अनाया की बात सुनकर नेहा जी प्यार से अनाया का माथा चूम लेते हैं और अनाया भी इसके बदले उनके गाल पर किस कर लेती हैं की तभी उनके कानों में एक जानी पहचानी सी आवाज आती है ....
" अरे वाह सारा प्यार अपनी नेहा आंटी को दे देना विक्रम अंकल के लिए कुछ न रखना।"
अनाया को जब ये आवाज आती हैं तो उसके चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल आ जाती है अपने विक्रम अंकल और नेहा आंटी के पास आकर अनाया तो अध्याय का किया गया बिहेव भी भूल गई थी .....
Countinue...............
आखिर क्यू बना अध्याय माफिया ? क्या सच में वो अनाया को कमजोर समझता है ??
कैसा लगा आज का पार्ट समीक्षा और रेटिंग दे कर जरूर बताना और हमे फॉलो करना ना भूले हो सके तो स्टिकर भी दे देना।
मिलते हैं नेक्स्ट पार्ट में तब तक के लिए खुश रहो हस्ते रहो मुस्कुराते रहो byyyyyyyyy
" अरे वाह सारा प्यार अपनी नेहा आंटी को दे देना विक्रम अंकल के लिए कुछ न रखना।"
अनाया को जब ये आवाज आती हैं तो उसके चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल आ जाती है अपने विक्रम अंकल और नेहा आंटी के पास आकर अनाया तो अध्याय का किया गया बिहेव भी भूल गई थी।
अनाया के सामने खड़ा ये आदमी 50 की उम्र का लग रहा था , हल्के सफेद बाल , गोरा रंग , वैल मेंटेन बॉडी, देखने मात्र से ही कोई भी कह दे की बहुत सरल स्वभाव के इंसान हैं और ये सच भी था सामने खड़े विक्रम मल्होत्रा भले ही कितने बड़े ही बिजनेस टायकून क्यू ना हो वो है तो बहुत ही सरल स्वभाव के इंसान। जिस तरह अध्याय पैसों के कारण लोगो पर धोस जमाता था उसी के ऑपोजिट विक्रम मल्होत्रा पैसों से लोगो को नई जिंदगी दिया करते थे गरीबों को मदद में हर पल आगे रहते थे इसी कारण अनाया भी उन्हे बहुत मानती थी उनकी इज्जत किया करती थी।
वही विक्रम और नेहा मल्होत्रा की जान थी अनाया। वो लोग तो उसे अपनी बेटी की तरह मानते थे।
अनाया को आज कितने दिनों बाद देख कर दोनो पति पत्नी बहुत खुश थे।
वही अध्याय के कमरे में
अध्याय कुछ सोचते हुए अपना फोन उठाते हुए किसी को लगाता है तभी दूसरी तरफ से आवाज आती हैं:– yes बॉस बोलिए क्या करना है।
अध्याय :– श्वेता नाम की लड़की है पता करो उसके बारे में ( की तभी उसके दिमाग में प्रिया आती जो श्वेता का हाथ पकड़ कर उसे ले जा रही थी ये याद आते ही वो अपने आदमी से कहता है ) प्रिया खन्ना नाम की लड़की के साथ रहती हैं BCA लास्ट ईयर की स्टूडेंट है 21 ईयर के आस पास की उम्र होगी उसकी। शाम तक सारी जानकारी चाहिए उसके बारे में।
दूसरी तरफ से आवाज आती है :– ओके सर।
अध्याय अब फोन कट कर देता है की तभी कोई उसके रूम का डोर नोक करता है आवाज सुनकर अध्याय जाकर दरवाजा खोलता है तो वहा एक मेड होती हैं उसे देख कर अध्याय कहता है ........
अध्याय :– क्या बात है ?
अध्याय ने ये बहुत ही खतरनाक तरीके से पूछा था जिससे सामने खड़ी मेड कांप उठी थी डर से उसके पसीने छूटने लगे थे उसके तो गले से भी आवाज नहीं निकल रही थी की तभी अध्याय गुस्से में बोलता है ......................
अध्याय :– मुझे अपना सवाल बार बार दोहराने की आदत नही है।
मेड :– वो नीचे आपको लंच के लिए बुला रहे हैं नेहा मैम ने कहा है की आप जल्दी नीचे आ जाइए।
अध्याय मेड की बात सुनकर हा में गर्दन हिला देता है और दरवाजा फिर से उनके मुंह पर बंद कर देता है ये देख कर मेड के जान में जान आती है।
वही अंदर अध्याय जाकर बेड पर लेट जाता है और अपने आप से ही कहता है .......
अध्याय :– पता नही कौन थी वो लड़की मुझे तो सिर्फ उसका नाम ही पता है वो भी सिर्फ श्वेता। ना जाने कहा रहती हैं कैसे रहती हैं। ( अपने आप को ही डाटते हुए ) मैं क्यू उसके बारे में इतना सोच रहा हु वो कोई भी हो मुझे उससे क्या।
अध्याय अपने आपको समझाने में जद्दोजहेद में था न जाने उसे क्या हो रहा था की वो अपने आप से ही हार रहा था और जब से उसने ये कहा था की उसे उस लड़की से क्या मतलब है ये कहने भर से ही उसके दिल में एक अनकहा दर्द उसके सीने में उठ रहा था।
वही नीचे
अनाया वहा से जा चुकी थी नेहा जी और विक्रम जी जैसे फिर से अकेले पड़ गए थे उनके चेहरे जो पहले खिले हुए लग रहे थे अब उदास हो गए थे दोनो डाइनिंग टेबल पर बैठ कर एक दूसरा का चेहरा देख रहे थे की तभी नेहा जी विक्रम जी से कहती हैं .........
नेहा जी :– अनाया जब भी इस घर में आती है ना तो एक अलग ही रौनक हो जाती हैं मानो जैसे ये घर भी उसके आने की खुशियां मनाता है। बस अब कैसे भी करो कुछ भी करो आपको अध्याय को जैसे भी मनाना है मनाओ। मुझे बस अनाया अपने घर में अपनी बहु के रूप में आनी चाहिए। ( विक्रम जी का हाथ पकड़ते हुए ) प्लीज 🥺।
विक्रम जी नेहा जी की नौटंकी देख कर ना में गर्दन हिला कर कहते हैं :– ओके बाबा। अध्याय को तो हम मना लेंगे लेकिन अनाया का क्या वो तो अध्याय को अपने दोस्त ही मानती हैं बस और कुछ नही।
विक्रम जी अब और कुछ कह पाते की तभी उन्हे अध्याय के आने की आहट सुनाई देती हैं तो वो चुप हो जाते हैं और नेहा जी से बिजनेस रिलेटेड बात करने लगते हैं तो अध्याय भी उन्हे ज्वाइन कर लेता है।
ये माहौल देख कर तो कोई भी कह सकता था की ये फैमिली सच में एक बहुत बड़ी बिजनेस फैमिली है जिसके हर एक सदस्य को बिजनेस से रिलेटेड हर एक छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बाते पता है।
असल में अध्याय भी बिजनेस में मास्टर कर रहा था और अनाया भी क्योंकि दोनो का अपना फैमिली बिजनेस संभालना था।
रात 8 बजे
रायजादा मैंशन
अनाया अकेली डाइनिंग टेबल पर बैठी हुई थी की तभी वहा पर अम्बिका जी आ जाती है जिन्हे देख कर अनाया अपनी जगह से खड़ी होती हैं और अम्बिका जी के कहने पर वापस बैठ जाती है तभी अम्बिका जी अनाया को देखते हुए कहती हैं .............
अम्बिका जी :– मुझे आज आपके हर कदम और चाल के बारे में लगातार जानकारी मिली है। मल्होत्रा का नाम लेकर जो आपने उन्हे हमारे नाम से डराया था वो भी हमे पता चला।
अम्बिका की बात सुनकर अनाया को याद आया की उसने जब कमिश्नर से बात की थी तब उसने क्या कहा था ........
फ्लैश बैक
कियान के जाने के बाद अनाया ने कमिश्नर साहब को कॉल किया था कॉल उठाने के बाद अनाया कमिश्नर को सीधे ही धमकी देते हुए कहती है ...........
अनाया :– कमिश्नर साहब ( क्मीशनर ने जब अनाया के नाम से अपने लिए कमिश्नर सुना तो वो बैठे बैठे कांपने लग गए अनाया के बात आगे बढ़ाते हुए कहा ) भूल गए क्या हम रायजादा को।
कमिश्नर साहब रायजादा का नाम सुनकर अपना थूक निगलते हुए कहते हैं :– नहीं बिल्कुल नही। भला अम्बिका रायजादा को कोई भूल सकता है क्या .. ........
Countinue...........
आखिर कौन थी अम्बिका जिसका खोफ अनाया और अध्याय से भी ज्यादा था और क्यू वो कमिश्नर अम्बिका के नाम से डर रहा था ?
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अनाया :– कमिश्नर साहब ( क्मीशनर ने जब अनाया के नाम से अपने लिए कमिश्नर सुना तो वो बैठे बैठे कांपने लग गए अनाया के बात आगे बढ़ाते हुए कहा ) भूल गए क्या हम रायजादा को।
कमिश्नर साहब रायजादा का नाम सुनकर अपना थूक निगलते हुए कहते हैं :– नहीं बिल्कुल नही। भला अम्बिका रायजादा को कोई भूल सकता है क्या।
अनाया अपने माथे को अपनी उंगलियों से मसलते हुए कहती हैं :– क्या बात कर रहे हो कमिश्नर साहब हम अम्बिका रायजादा की पोती है अनाया रायजादा।
अनाया की बात सुनकर कमिश्नर अपने मन में सोचता है :– हे भगवान पहले इसकी दादी कम थी मेरी जिंदगी हराम करने के लिए जो अब ये लड़की आई है मेरा तो जीना मुश्किल कर रखा है इन रायजादास् ने।
कमिश्नर के चेहरे से ही पता चल रहा था की वो इन सब ई कितना तंग आ चुका है की तभी अनाया अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहती हैं ......
अनाया :– देखिए कमिश्नर साहब आपके अंदर काम करने वाले एक इंस्पेक्टर ने हमारे दोस्त को अरेस्ट कर लिया है वो भी बिना किसी मतलब के छोटी सी लड़ाई थी बस। और अगर उन्होंने आधे घंटे में हमारे दोस्त को नही छोड़ा तो आप तो जानते हैं अम्बिका रायजादा आपको आपकी जॉब से निकलवा सकती हैं।
कमिश्नर को अब डर लगने लगा था उन्हे याद आने लगा था की।किस तरह अम्बिका रायजादा उन्हे परेशान किया करती थी उन्हे इसी शहर में रहना था अम्बिका रायजादा ने कई बार इनकी पोस्टिंग कराई थी और हर बार इन्हे यही भेज दिया जाता था इस वजह से इनकी वाइफ भी परेशान हो गई थी और अबकी बार इनके साथ फिर ऐसा हुआ तो उन्होंने डाइवोर्स लेने तक की बात कह दी थी।
ये याद आते ही कमिश्नर साहब कहते हैं :– क्या नाम है उस इंस्पेक्टर का ?
अनाया डेविल स्माइल के साथ :– कियान खन्ना। और हा याद रखना की यहां पर अम्बिका रायजादा का नाम नहीं आना चाहिए आप दादी की जगह विक्रम मल्होत्रा का नाम लेंगे क्योंकि जिन्हे अरेस्ट किया गया है वो अध्याय मल्होत्रा है। गॉट ईट
कमिश्नर :– गॉट ईट
फ्लैश बैक एंड
अनाया अपने ही खयालों में खोई हुई थी की तभी वो अपने ख्यालों से बाहर आती हैं तो देखती है की अम्बिका जी उसे ही देख रहे थे या कह सकते हैं घूर रहे थे। अनाया ये देख कर अपने दांत दिखा देती हैं और नीचे देखने लगती है तभी अम्बिका जी कहती हैं .......
अम्बिका जी :– जो भी करना है अपने बल पर करो मेरा नाम लेकर लोगो को डराना बंद करो अनाया। आइंदा मेरे पास ऐसी कोई शिकायत न आए।
अम्बिका जी आगे कुछ कह पाती की उससे पहले ही उनके कानो एक आवाज पढ़ती है ..
" किस शिकायत की बात कर रही है आप मां। अनाया ने फिर किसी से झगड़ा किया क्या "।
ये प्यारी सी मीठी सी आवाज सुनकर अनाया और अम्बिका जी दोनो उस तरफ देखने लगते हैं वहा खड़ी 45 साल के लगभग की महिला , गोरा रंग , काली बड़ी बड़ी आंखें, खड़ी नाक, वैल मेंटेन बॉडी, उनका बोलने का तरीका चलने का तरीका सीधे साफ बता रहा था की ये बिजनेस वूमेन है।
अम्बिका जी उनकी बात को घुमाते हुए कहती हैं :– अदिति तुम हमारी बातो पर बहुत ध्यान देती हो। तुम अपने काम से काम रखो।
अदिति जी :– मां आप भी ना। और अगर मैं अपनी बेटी के बारे में जान लूंगी तो क्या गलत है इसमें...
अदिति जी आगे कुछ कह पाती उससे पहले ही अनाया कह उठती हैं :– नही गलत है और न ही आपको कोई हक है मेरे बारे में जानने का। मैं सिर्फ और सिर्फ आपकी बेटी हु इससे ज्यादा कुछ नहीं मैं आपकी बेटी हो सकती हु लेकिन आप मेरी मां नही हो सकती हो ..
अनाया की आंखे इस वक्त आग उगल रही थी उसकी आंखो मे एक अलग अनकहा सा दर्द नजर आ रहा था जिसे वो किसी को नही बता पाती है अनाया अपने सारे इमोशन लिए ये बाते कह रही थी की तभी उसके कानो में एक भारी आवाज पढ़ती है .......
" जबान संभाल कर बात करो अनाया मां है वो आपकी "।
अनाया ये आवाज सुनते ही आवाज की ओर देखने के बजाय वो अपना ध्यान खाने की ओर लगा देती हैं और ऊपरी मन से खाना खाने लगती उसकी आंखे अब भी भरी थी लेकिन मजाल है की उसकी आंखो से एक आंसू का कतरा भी बाहर निकला हो।
अनाया की ये हरकत देख कर वो शख्स अनाया के सामने खड़ा हो जाता है लेकिन अनाया ने अब भी उन्हे नही देखा था 50 साल की उम्र का ये शख्स अनाया को अपनी सुनी आंखो से देख रहा था उनके बाल भी हल्के सफेद थे , बॉडी भी वैल मेंटेन थी।
वो अनाया के सामने वाली ही कुर्सी पर बैठ जाते हैं अदिति जी जैसे ही अनाया के सर पर हाथ फेरने वाली थी की अनाया अपनी जलती हुई निगाहों से उन्हे देखने लगती है जिससे अदिति जी लचारगी से अपना हाथ दूर हटा देती है और अम्बिका जी की तरफ देखने लगती हैं अम्बिका जी जब अदिति जी को खुद को देखता पाती हैं तो आंखो के इशारों से उन्हे हिम्मत रखने को बोलती है और ये जान कर वो एक बार और अनाया की तरफ देखती है और उनकी आंखों से आंसू की एक धार बह गई। जिन्हे उन्होंने अपने हाथो से साफ कर फिर से मुस्कुराते हुए अनाया के पास बैठ गई।
अभी चारो शांत बैठे थे किसी के मुंह से एक शब्द नही निकल रहा था की तभी अम्बिका जी पास में बैठे उस आदमी से कहती हैं ...
अम्बिका :– आनन्द तुमने अब क्या सोचा है अनाया के बारे में।
आनन्द :– मां में सोच रहा था की अनाया की मास्टर्स पूरी होने वाली है तो कंपनी में एक नया प्रोजेक्ट आया है तो मैं वो प्रोजेक्ट अनाया को से दें दूंगा।
आनन्द जी आगे कुछ कहते उससे पहले ही अनाया कह उठती हैं:– दादी मुझे इनके बिजनेस से एक फूटी कोढ़ी नही चाहिए ये को इतना बड़ी रायजादा इंडस्ट्री खड़ी है इन्होंने ये इंडस्ट्री इन्हे ही मुबारक हो ...........
Countinue..........
आखिर क्यू अनाया नाराज हैं अपने मम्मी पापा से और क्यू वो नही चाहती रायजादा इंडस्ट्री को अपने हाथ में लेना ??
पार्ट कैसा लगा समीक्षा और रेटिंग दे कर जरूर बताना और हमे फॉलो करना ना भूले हो सके तो अपने दोस्तो के साथ भी शेयर करे 👍🏻।
मिलते हैं नेक्स्ट पार्ट में तब तक के लिए खुश रहो हस्ते रहो मुस्कुराते रहो 😊😊
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आनन्द जी आगे कुछ कहते उससे पहले ही अनाया कह उठती हैं:– दादी मुझे इनके बिजनेस से एक फूटी कोढ़ी नही चाहिए इतनी बड़ी रायजादा इंडस्ट्री खड़ी है इन्होंने ये इंडस्ट्री इन्हे ही मुबारक हो मुझे नही चाहिए।
आनन्द जी अनाया की बात सुनकर भड़क उठते हैं :– और तुम बताओ तो जरा मैं ये सब किसको दूंगा। तुम्हारे अलावा कौन हैं हमारा हाआआआआ ..
अब आनन्द जी की आवाज तेज होने लगी थी जिससे अनाया जरा भी नही डरी बल्कि उनकी आंखों में लगातार देख रही थी अनाया में इस वक्त माफिया नजर आ रहा था उसे सामने बैठा इंसान अपने दुश्मन से कम नहीं लग रहा था।
अनाया और कोई बेखड़ा खड़ा करती की उससे पहले ही अदिति जी बोल उठती हैं :– अनाया ये क्या बत्तमिज़ी हैं। ये कौन सा तरीका है अपने डैड से बात करने का हां।
बस ये सुनना था की अनाया का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है उसकी आंखे एक दम लाल हो जाती हैं। आंखो की नसे विजिबल होने लगी थी अचानक अनाया अपनी जगह से इस तरह उठती हैं की पीछे रखी कुर्सी एक झटके के साथ नीचे गिर जाती है।
अनाया गुस्से में अपने दोनो हाथ टेबल पर रखते हुए कहती हैं :– अच्छा। मैने किया तो गलत हो गया आप लोग करो तो सही होगा। ( सोचने की एक्टिंग करते हुए ) हम्म्म। कमाल है ना मॉम जब एक बच्चे को अपने मां बाप की जरूरत होती है तब वो उसके साथ नही होते उनकी ग्रांड मां उन्हे संभालती हैं और मां बाप क्या करते हैं ? ( अपने ही किए गए सवाल का जवाब देते हुए ) पैसे कमाते हैं जी भर के दिन रात उन चीजों में उलझ जाते हैं जहा से पैसे मिलते हैं। और मुझे ऐसी चीज नही चाहिए जिससे मुझे बचपन से नफरत हो। नफरत है मुझे रायजादा इंडस्ट्री से नफरत है नफरत नफरत है ..। उसने मुझसे मेरा बचपन छीना है मेरे मॉम डैड को छीना है वो दिन दूर नही की मैं उस रायजादा इंडस्ट्री को तबाह बर्बाद कर दूंगी।
अनाया इस वक्त इतने गुस्से में थी की अब चाह कर भी खुद को नही रोक पा रही थी इसलिए वो वहा से सीधे अपने रूम में चली जाती हैं और छोड़ जाती है अपने नफरत से भरे हर एक शब्द को जो अब तक आनन्द और अदिति रायजादा के कानो में गूंज रहे थे और उनका दिल चीख चीख कर कह रहा था की "आज जो उनकी बेटी है जो उनसे इतनी नफरत करती हैं उसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ वो लोग है "।
अनाया ने बचपन से कभी भी किसी के सामने अपने जज्बात नही आने दिए वो हमेशा सबको टाल दिया करती थी लेकिन आज अनाया में इतनी हिम्मत नही थी की वो खुद को रोक पाए आज उसके जज्बात सबके सामने थे जहा सुनी आंखो से आनन्द और अदिति एक दूसरे को देख रहे थे वही अम्बिका जी को अपनी लाडली के लिए बुरा लग रहा था साथ ही अपने घर के बिगड़ते माहौल को देख कर उनका मन भर आया था।
आज आज वो पहला दिन था जहा सालो बाद अम्बिका जी की आंखो में कोई दर्द नजर आ रहा था जब से अनाया उनकी लाइफ में आई थी तबसे उन्होंने दर्द नाम का नामोनिशान मिटा दिया था यही सब सोचते हुए अम्बिका जी अपनी जगह से उठती हैं और अपने बेटे बहु को तसल्ली देते हुए अपने कमरे की ओर बढ़ जाती है।
(ना जाने इस घर में कितने राज दफन है यहां हर कोई किसी न किसी से कोई न कोई बात छुपा रहा था कोई अपने जज्बात तो कोई अपनी परेशानी। इस घर में खुशियां तो थी लेकिन नाम की अभी तो यहां से कितने राजो से पर्दा हटना बाकी है। {ये Mickey की तरफ से आप लोगो के लिए एक सस्पेंस है 😁} )
अनाया का रूम
अनाया अपने कमरे के अंधेरे कोने में चुपचाप बेड पर बैठ जाती है, तकिए को अपने चेहरे के साथ घिर लेती है और शांतिपूर्ण रूप से रोती है। उसकी आवाज कोई नहीं सुन पाता है, और वह अपनी आंसूओं को बंद करने की कोशिश करती है, लेकिन उनका आसपास का वातावरण उसे अधिक अकेलापन महसूस कराता है।
अब वो थोड़ा अपने आप को शांत करती हैं और अपने पास रखे एक फोटो को उठा कर देखने लगती हैं जो किसी छोटी उम्र के मासूम बच्चे का था और वही उसके पास एक और लड़की खड़ी थी अनाया प्यार से उस लड़के फोटो पर हाथ फेरने लगती है...
अम्बिका जी का रूम
अम्बिका जी सीधे अपने रूम मे आते ही वहा पर लगी एक अलमीरा का दरवाजा खोलती हैं और वहा से एक तस्वीर बाहर निकलती हैं ये किसी नौजवान की तस्वीर थी देखने भर से पता लग रहा था की ये इंसान यही कोई 40 या 45 साल का होगा इस इंसान में थोड़ी बहुत आनन्द रायजादा की झलक थी ।
अम्बिका रायजादा उस तस्वीर को लेकर बेड पर बैठ जाती हैं और प्यार से उस तस्वीर को देखते हुए कहती है .....
अम्बिका जी :– तुषार तुम्हारे जाने के बाद से मैं कितनी अकेली गई थी जैसे मेरी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा कही छूट गया हो लेकिन तभी मेरी ज़िंदगी में हमारी पोती अनाया आई तबसे मेरा सिर्फ एक ही मकसद था अनाया को सबसे बेहतर बनाना उसे खुश रखना उसकी जिंदगी की हर एक खुवाहिशो को पूरा करना बस यही मेरी जिंदगी थी मुझे नही पता था की अनाया को मेरे बावजूद उसके मां पापा की भी जरूरत थी मेने कभी भी अदिति और आनन्द को ये नही कहा की वो अनाया का भी ख्याल रखे मैं एक अच्छी दादी नही बन पाई तुषार जी। उसके गुस्सा उसकी नफरत सब मेरी वजह से है मैने उसे माफिया बना दिया ( अम्बिका जी अपनी बात कह कर फूट फूट कर रो दी )....
अम्बिका जी इन सब का जिम्मेदार खुद को मान रही थी वही दूसरी तरफ अनाया के दिल में अपने मां पापा कर लिए बेहिसाब नफरत ने जन्म ले लिया था वही अदिति और आनन्द इन सब सर टूट चुके थे उन्हे इस बात का अंदाजा नहीं था की उनकी बेटी उनसे इतनी नफरत करती है। अब ये तो किस्मत ही तय करने वाली थी की उनकी किस्मत में क्या था जो उन्हे एक दूसरे से बांधे रख रहा था ...
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आखिर अनाया के हाथ में किसकी तस्वीर थी ..????
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