22 साल की कुहू जो डायमंड होटल में एक वेटर का काम करती थी। उसकी जिंदगी में सिर्फ उसके पिता थे और उसके पिता दस साल से कोमा मे है , उनके इलाज के लिए को बहुत कड़ी मेहनत करती है लेकिन एक रात ने उसकी पूरी जिंदगी बदल दी जिस रात उसकी मुलाकात अभियुक्त रायचंद... 22 साल की कुहू जो डायमंड होटल में एक वेटर का काम करती थी। उसकी जिंदगी में सिर्फ उसके पिता थे और उसके पिता दस साल से कोमा मे है , उनके इलाज के लिए को बहुत कड़ी मेहनत करती है लेकिन एक रात ने उसकी पूरी जिंदगी बदल दी जिस रात उसकी मुलाकात अभियुक्त रायचंद से हुई। काली दुनिया का किंग जिसने कुहू के पैसों की कमी के हालातो का फायदा उठाया और उसे अपना गुलाम बना लिया। तो क्या कहूं कभी निकल पाएगी इस काली दुनिया के किंग के चंगुल से ? आखिर क्या वजह है कुहू को अपना गुलाम बनाकर रखने का? जाने के लिए आप पढ़िए "Monster's Cruel Romance"
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मुंबई, सपनों का शहर, जिसे गोल्डन सिटी भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए जी जान से मेहनत करते हैं। भारत का यह सबसे खूबसूरत और जाना-माना शहर है। मुंबई में सूरज उगने से पहले ही शहर में चहल-पहल शुरू हो जाती थी।
रात का समय था।
डायमंड होटल।
डायमंड होटल मुंबई का सबसे महँगा सात सितारा होटल था, जिसकी माँग करोड़ों में थी। डायमंड होटल के नाम की तरह ही इसकी शान भी थी। डायमंड होटल केवल मुंबई में ही नहीं, विदेशों में भी बहुत प्रसिद्ध था। इसलिए विदेशी पर्यटक भी इस होटल में आते थे।
डायमंड होटल के एक प्राइवेट कमरे में, दो आदमी सोफे पर बैठे थे। कमरे में एक लाल रंग की लाइट जल रही थी, जिससे कमरे का माहौल बहुत डरावना लग रहा था। कमरे में कई आदमी, काले कपड़े पहने और हाथों में बंदूक लिए, खड़े थे।
सोफे पर बैठे दोनों आदमियों ने काले रंग के बिज़नेस सूट पहने हुए थे। देखने में उनकी पर्सनैलिटी बिलकुल हीरो जैसी थी।
बायें सोफे पर बैठा आदमी एक महँगी घड़ी और एक हाथ में वाइन का गिलास लिए बैठा था। उसके बाल थोड़े उलझे हुए थे।
पतले होंठ, गोरा रंग, छह फुट पाँच इंच लम्बाई; ये सभी गुण उसे बहुत ही हैंडसम और एलिगेंट बना रहे थे, परन्तु उस आदमी के चेहरे पर कोई भाव नहीं था।
दायें सोफे पर बैठा आदमी भी वाइन पी रहा था। वह थोड़ा झुककर पीछे की ओर बैठा हुआ था। वह भी दिखने में बहुत हैंडसम और एलिगेंट लग रहा था।
वाइन पीने से उस आदमी का चेहरा हल्का लाल हो गया था, परन्तु उसे नशा नहीं चढ़ा था, क्योंकि दोनों को ही वाइन पीने की आदत थी।
उन दोनों आदमियों के पैरों के नीचे एक आदमी खून से लथपथ, घायल अवस्था में पड़ा हुआ था।
सोफे पर बैठे दोनों आदमी, अपनी गर्दन थोड़ी टेढ़ी करके, उस आदमी को देख रहे थे।
"अभियुक्त को खत्म कर दे। यह कुछ नहीं बताने वाला, राका का वफादार कुत्ता है ये," सोफे के दायें ओर बैठे आदमी ने अभियुक्त को देखते हुए कहा।
"सही कह रहे हो रिजवान, जो हमारे किसी काम के नहीं, उन्हें इस दुनिया में कोई काम नहीं," अभियुक्त ने अपने बगल में बैठे आदमी को देखते हुए कहा।
अभियुक्त तिरछा मुस्कुराया और अपनी कमर के पीछे से बंदूक निकालकर, बिना देर किए, अपने पैरों के नीचे पड़े खून से लथपथ आदमी को गोली मार दी।
तभी अभियुक्त और रिजवान को अपने कानों में कुछ टूटने की आवाज सुनाई दी। दोनों ने अपनी नज़रें उठाकर सामने दरवाजे की ओर देखा तो एक लड़की दिखाई दी, जिसने काले रंग की बहुत छोटी ड्रेस पहनी हुई थी।
उस लड़की के घने काले बाल उसकी कमर तक लहरा रहे थे। उसके हाथ में वाइन की बोतल थी जो इस समय टूटकर नीचे गिर गई थी। वह लड़की डर के मारे काँप रही थी।
उस लड़की की नज़रों में खौफ साफ़ दिखाई दे रहा था। उस लड़की को देखकर अभियुक्त की आँखें उसी पर टिक गईं।
रिजवान अभियुक्त की ओर देख रहा था। अभियुक्त को उस लड़की की ओर गौर से देखते हुए देखकर रिजवान थोड़ा हैरान हुआ, परन्तु उसने अपने चेहरे पर हैरानी नहीं आने दी।
दरवाजे पर खड़ी लड़की डर के मारे काँप रही थी। उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था। उसके गुलाबी होंठ काँप रहे थे।
"सब बाहर निकलो, पन्द्रह सेकंड के अंदर!" अभियुक्त ने अपनी गहरी आवाज़ में कहा। अभियुक्त के कहते ही वहाँ मौजूद सभी बॉडीगार्ड उस आदमी की लाश उठाकर दस सेकंड के अंदर कमरे से बाहर चले गए।
अभियुक्त रिजवान की ओर देखते हुए एक आँख मारता है। रिजवान तिरछा मुस्कुराया, सोफे से उठा और अपनी जैकेट उठाकर बाहर जाने लगा।
दरवाजे पर खड़ी लड़की अभी भी सदमे में थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि अभी-अभी क्या हुआ था, क्योंकि उसने अपनी ज़िन्दगी में पहली बार किसी को मर्डर करते हुए देखा था।
रिजवान उस लड़की को एक नज़र देखकर कमरे से बाहर चला गया। वह लड़की जल्दी से होश में आई और घबराते हुए दरवाजे से बाहर जाने लगी, परन्तु एक कदम बढ़ने से पहले ही, अभियुक्त ने उस लड़की का हाथ पकड़कर अंदर खींच लिया, दरवाज़ा बंद कर दिया और उसे दरवाज़े से लगा दिया।
यह सब कुछ इतना जल्दी हुआ था कि लड़की को कुछ समझ नहीं आ रहा था। लड़की की आँखें घबराहट से बहुत बड़ी हो गई थीं। यहाँ तक कि उसके दिल की धड़कन भी तेज हो गई थी।
"तुम्हारा नाम क्या है, कॉटन कैंडी...?" अभियुक्त ने अपना चेहरा उस लड़की के चेहरे के पास लाते हुए पूछा। लड़की अभियुक्त को अपने पास आते देख और ज़ोर से काँपने लगी।
"कु...कुहू...कुहू..." लड़की ने काँपते हुए होंठों से कहा।
"अच्छा नाम, कॉटन कैंडी..." कहते हुए अभियुक्त ने उस लड़की के कान पर हल्का सा काटा। कुहू की मुँह से एक चीख निकल गई।
तभी अचानक कुहू के रोएँ खड़े हो गए, क्योंकि अभियुक्त ने अपने ठंडे होंठ उसके गले पर रख दिए थे।
अब तक आपने पढ़ा ।
Nice name cotton candy....... कहते हुए अभियुक्त उस लड़की के कानों पर हल्का सा फाइट करता है तो, कुहू की मुंह से हल्की सी चीज निकल जाता है।
तभी अचानक से कुहू के रोंगटे खड़े हो जाते हैं क्योंकि अभियुक्त ने अपने ठंडे होठ उसके गर्दन पर रख दिया था ।
अब आगे ।
अभियुक्त के ठंडे होठों को अपने गर्दन पर महसूस कर कुहू के रोंगटे तो खड़े हो ही गए थे। साथ में उसकी बॉडी अंदर से और भी जोर से कपने लगी थी ।
Why are you trembling, Cotton Candy ! अभियुक्त अपने होठों को कुहू के गर्दन पर चलाते हुए अपनी मैग्नेटिक वॉइस में कहता है।
प... प्लीज....... ऐसा करना बंद करिए प्लीज । कुहू अपनी कपकपाती आवाज में कहती है।
कुहू की बात सुनकर अभियुक्त के होठों पर एक मिस्टीरियस स्माइल आ जाती है।
और अगर मैं तुम्हें ना छोडू तो ? अभियुक्त अपने होठों को कुहू के गर्दन से नीचे ले जाते हुए बोला ।
अभियुक्त के ऐसा करते ही कुहू के साथ एकदम से गहरी हो जाती है वह बहुत ही गहरी गहरी सांसों लेने लगती है उसके दोनों हाथ इस समय अभियुक्त के कब्जे थे।
प......प.... प्लीज मुझे जाने दीजिए मैं किसी को नहीं बताऊंगी इस मर्डर के बारे में मैं अपना मुंह तक नहीं खोलूंगी प्लीज मुझे जाने दीजिए। कुहू अपने रुवासी आवाज में रिक्वेस्ट करते हुए बोली ।
कुहू की बात सुनकर अभियुक्त अपना सिर ऊपर उठकर कुहू चेहरे की तरफ देखने लगता है और फिर तिरछी मुस्कान के साथ, My innocent cotton candy.... तुम चाहकर भी किसी को कुछ नहीं बता सकती हो । और तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि मैंने तुम्हें इस वजह से पकड़ा हूं क्योंकि तुमने मुझे मर्डर करते हुए देखी ।
अभियुक्त की बात सुनकर को एकदम से कंफ्यूज हो जाती है।
अगर इस वजह से आपने नहीं पकड़ा है, तो फिर किस वजह से पकड़ा है, मैं तो आपको जानती भी नहीं मैं इस होटल में वेटर का काम करती हूं प्लीज मुझे जाने दीजिए । कुहू अभियुक्त की तरफ देखते हुए अपने इनोसेंट वॉइस में बोली ।
कुहू की बात सुनकर अभियुक्त के होठों पर फिर एक बार मिस्टीरियस स्माइल आ जाती है। भूलने की आदत तुम्हें होगा cotton candy लेकिन मुझे नहीं । कहते हुए अभियुक्त अपने होठ कुहू के क्लिवज पर रख देता है।
अभियुक्त के ऐसा करते ही कुहू के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वही अभियुक्त कुहू के बॉडी से आ रही भिन्न-भीनी खुशबू को स्मेल कर रहा था ।
अभियुक्त के ऐसा करने की वजह से कोई एकदम से परेशान हो गई थी। कुहू के आंखों के सामने एक अंधेरी रात आने लगती है। जहां वह दर्द भरी चीखें ले रही थी।
उस दर्दनाक रात को याद करते हुए कुहू जोर से चीख पड़ती है और अचानक से अभियुक्त को जोर से धक्का दे देती है । अभियुक्त इस धक्के के लिए तैयार नहीं था । जिस वजह से वह पांच कदम पीछे चला जाता है ।
कुहू के ऐसा करते ही अभियुक्त की आंखें अचानक से डार्क हो जाती है। वह अपनी डार्क आंखों से कुहू को घुर कर देखा तो कुहू एकदम से कांप उठती ।
इस समय अभियुक्त बहुत ही डेंजरस दिख रहा था । जिस वजह से कुहू डर के मारे कांपने लगती है। वह एक बार फिर वहां से भागने की कोशिश करती लेकिन वह डोर को टच कर पाती उससे पहले, अभियुक्त कुहू को उसकी कमर से पकड़ लेता और खींचते हुए लाकर बैड पर पटक देता है ।
अभियुक्त के ऐसा करते ही कुहू जोर से सीख पड़ती है और रोने लगती है। How dare you cotton candy.... तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे धक्का देने की । Howwwwww....... अभियुक्त जोर से चिखते हुए कहता है तो कुहू डर के मारे कांपने लगती है।
तभी अचानक से अभियुक्त बेड पर चढ़ता है और कुहू के बालों को पीछे से अपने मुट्ठी में भर लेता है , अभियुक्त के ऐसा करते ही कुहू का चेहरा ऊपर की तरफ हो जाता है । अभियुक्त बिना देरी किए कुहू के होठों पर अपने होंठ रख देता है और उसके होठों को प्रेस करते हुए किस करने लगता है।
इस समय अभियुक्त बहुत ही गुस्से में कुहू के होठों को किस कर रहा था। लेकिन किस करने से ज्यादा वह बाइट कर रहा था जिस वजह से बहुत दर्द से छटपटा रही थी।
अभियुक्त का एक हाथ कुहू के बैक पर था अभियुक्त धीरे - धीरे कुहू के ड्रेस की जिप खोल रहा था । अभियुक्त कुहू के ड्रेस की जिप खोलकर उसके ड्रेस को उसके कंधे पर से हल्का सा नीचे खिसका देता है। और उसके कंधे पर किसेस देने लगता है।
वही कुहू बस दर्द से छटपटा रही थी, क्योंकि उसके दोनों हाथ abhiyukt ने अपनी एक हाथों से पकड़ रखा था। जिस वजह से वह कुछ कर भी नहीं पा रही थी ।
Abhiyukt कुहू को लेकर एकदम से बेड पर लेट जाता है और कभी उसके गर्दन तो कभी उसके चेस्ट पर किसेस देने लगता ।
आहहहह ! छोड़ो मुझे छोड़ो, तभी अचानक से को छटपटाते हुए चिल्ला कर बोली ।
कुहू ने इतनी जोर से चिल्लाई थी कि अभियुक्त उसे छोड़कर अपना सिर उठाकर उसका चेहरा देखने लगता जो रोने की वजह से हद से ज्यादा लाल हो गया था ।
दरिंदे हवसी इंसान छोड़ो मुझे, तुम सारे आदमी एक जैसे होते हो, जिस्म के भूखे एक नई नशे में मेरा फायदा उठाया और एक तुम जबरदस्ती कर रही हो मेरे साथ । कुहू जोर से चिल्लाते हुए रोकर रहती है।
कुहू की बात सुनकर अभियुक्त की आंखें एकदम से लाल हो जाती है उसके हाथों की नसें उभर कर ऊपर की तरफ दिखने लगी थी ।
किसकी इतनी हिम्मत हुई तुम्हें छूने की ! अभियुक्त गुस्से से चिल्लाते हुए कहता है, तो कुहू और जोर से रोते हुए,
न.... नहीं जानती मैं वह कौन था लेकिन क्यों पूछ रहे
नो तुम तुम भी तो मेरे साथ वही कर रहे हो जो उस जालिम इंसान ने पूरी रात मेरे साथ किया था ।
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Monster's cruel Romance
कुहू की बात सुन अभियुक्त की आँखें छोटी हो गईं। उसने उसकी कमर बहुत जोर से दबाई।
अभियुक्त के ऐसा करते ही कुहू की हल्की सी चीख निकल गई। वही अभियुक्त गुस्से से कुहू को किस करता रहा। फिर अचानक अपने होंठ उसके ब्रेस्ट पर रखकर अपने दांत गड़ा दिए। इस बार कुहू जोर से चिल्लाई। उसकी आँखों के कोनों से आँसू बहने लगे।
अभियुक्त अपने होंठ कुहू के ब्रेस्ट से हटाता है। कुहू के ब्रेस्ट पर अभियुक्त के दांतों के निशान साफ झलक रहे थे।
"Ahhhhhh! प्लीज मुझे छोड़ दीजिए! कौन है आप? मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं? मैंने आपका क्या बिगाड़ा है? मैं किसी को नहीं बताऊंगी। आप जो भी कुछ इस कमरे में हुआ था... प्लीज मुझे जाने दीजिए! Ahhhhhhhhh!" कुहू अपनी सहमी आवाज में कह रही थी कि तभी वापस एक जोरदार चीख उसके मुँह से निकली।
क्योंकि एक बार फिर अभियुक्त ने उसके ब्रेस्ट को बहुत ही जोरों से काट लिया था।
"My innocent cotton candy, तुम चाहकर भी किसी को कुछ नहीं बता सकतीं। पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं करना चाहिए।" अभियुक्त तिरछा मुस्कुराते हुए अपनी गहरी आवाज में बोला।
कुहू की आँखों से दर्द भरे आँसू निकल रहे थे। तभी कुहू को लगा कि अभियुक्त का हाथ उसकी कोमलता पर है। अभियुक्त के हाथ को अपनी कोमलता पर महसूस कर कुहू के शरीर में करंट सा दौड़ गया। उसके रोएँ खड़े हो गए। उसने अपनी बड़ी आँखों से अभियुक्त की तरफ देखा, जिसके होंठों पर इस समय शैतानी मुस्कराहट साफ नजर आ रही थी।
अभियुक्त कुहू की कोमलता को सहला रहा था। इस वजह से कुहू एकदम से सहम गई। उसने अपने पैर एक-दूसरे में जकड़ लिए। कुहू को ऐसा करते हुए देख अभियुक्त की आँखें छोटी हो गईं। उसने अपने पैरों से कुहू के पैरों को जकड़ते हुए अलग किया और उसके निजी कपड़ों को उसके शरीर से अलग कर दिया। ऐसा होते ही कुहू को अपने शरीर पर सौ चींटियाँ रेंगते हुए महसूस होने लगीं।
इस समय कुहू को बहुत शर्म आ रही थी। उसके आँखों के आँसू सूखने का नाम नहीं ले रहे थे। उसने अपने दोनों हाथों से अपने ब्रेस्ट को ढँक लिया। कुहू को ऐसा करते हुए देख अभियुक्त ने अपनी आँखें घुमाईं और उसके दोनों हाथों को पकड़कर ऊपर की तरफ कर दिया, और फिर अपने होंठ वापस उसकी गर्दन पर रख दिए।
अभियुक्त ऐसा करते ही कुहू लंबी-लंबी आहें भरने लगी। अभियुक्त का एक हाथ कुहू के शरीर पर था और उसने दूसरे हाथ से कुहू के दोनों हाथों को पकड़कर ऊपर उठाकर बिस्तर पर दबा रखा था।
अभियुक्त के हाथों के स्पर्श से कुहू बार-बार मचल रही थी। तभी अचानक अभियुक्त ने अपनी दो उंगलियाँ कुहू की कोमलता के अंदर घुसा दीं।
अभियुक्त के ऐसा करते ही कुहू के मुँह से एक जोरदार चीख निकल गई और उसकी कमर थोड़ी ऊपर की तरफ उठ गई। अभियुक्त तिरछा मुस्कुराते हुए उसके गर्दन पर काटा और अपनी उंगलियों को तेजी से चलाने लगा।
अभियुक्त के ऐसा करते ही कुहू मदहोशी भरी सिसकियाँ लेने लगी। वही अभियुक्त अपने होंठ उसकी गर्दन से हटाते हुए उसके ब्रेस्ट से लेकर उसके नाभि तक सब जगह चाटने लगा।
"आहहह! उम्मममम! ओह! Ahhhh!" कुहू लगातार मदहोशी भरी सिसकियाँ लेती जा रही थी।
"Seriously cotton candy.... तुम अंदर से उतनी ही मुलायम हो जितनी रुई की मिठाई।" अभियुक्त डेविल स्माइल के साथ बोला। अभियुक्त की बेशर्मी वाली बातें सुनकर कुहू के गाल जलने लगे।
ऐसे ही अभियुक्त कुछ देर तक कुहू के साथ फोरप्ले करता रहा और फिर अपने कपड़े उतारकर उसके ऊपर आ गया। कुहू डर और सहम कर अभियुक्त की तरफ देख रही थी।
"मैं तुम्हें आज अपना बनाकर रहूँगा। तुम सिर्फ़ मेरी हो।" अभियुक्त डेविल स्माइल करते हुए बोला और नीचे की तरफ झुकने लगा। कुहू डर के मारे अपनी आँखें मूँद लेती है।
वही अभियुक्त कुहू की तरफ झुकता जा रहा था, तभी अचानक टेबल पर रखा मोबाइल बजने लगा। अभियुक्त ने एक नज़र मोबाइल की तरफ देखा। इस समय उसके चेहरे पर गुस्सा साफ नजर आ रहा था। वह गुस्से से कुहू के ऊपर से उठा और टेबल से अपना मोबाइल उठाकर देखने लगा। मोबाइल की स्क्रीन पर सावन का नाम फ्लैश हो रहा था।
सावन का नाम देखकर अभियुक्त बिना देरी किए जल्दी से उसका कॉल रिसीव करता है। तभी सावन दूसरी तरफ से कुछ कहता है। सावन की बातें सुनकर अभियुक्त की आँखें काली पड़ गईं। उसने फोन कॉल काट दिया और अपने कपड़े पहनने लगा। अभियुक्त को कपड़े पहनते हुए देख कुहू ने थोड़ी राहत की साँस ली।
"Don't even think you saved me Cotton Candy. You are mine and you will always be with me now." अभियुक्त अपनी काली नज़रों से कुहू की तरफ देखते हुए बोला, फिर अपना ब्लेज़र उठाकर कमरे से बाहर चला गया। अभियुक्त के जाते ही कुहू बिस्तर पर उठकर बैठी। इस समय उसकी आँखें नम हो गई थीं।
कुहू बिस्तर के नीचे अपनी फटी हुई ड्रेस देखती है तो उसे और भी रोना आ रहा था।
"हे भगवान! कहाँ फँसा दिया मुझे! मैं तो इन्हें जानती भी नहीं और मेरे साथ इन्होंने इतना कुछ कर दिया! आखिर कौन है ये?" कुहू रोते हुए खुद से कहती है।
तभी अचानक उस कमरे में किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। कुहू ने जल्दी से चादर खींचकर अपने ऊपर डाल ली।
भगवान! कहाँ फँसा दिया मुझे! इन्हें जानती भी नहीं और इन्होंने मेरे साथ इतना कुछ कर दिया! आखिर कौन है यह? कुहू रोते हुए खुद से कहती है।
तभी, उस कमरे में किसी के कदमों की आहट हुई। आहट सुनकर कुहू ने झट से चादर खींचकर अपने ऊपर डाल ली।
कुहू अपने आप को ढँकने की कोशिश कर ही रही थी कि उसे अपनी कानों में एक लड़की की आवाज सुनाई दी। उसने नज़र उठाई तो सामने एक नौकरानी खड़ी थी, जिसके हाथों में कपड़े थे।
"मैम, ये कपड़े सर ने बोले हैं आपको देने के लिए।" इतना कहकर उसने कपड़े बिस्तर पर रख दिए और वहाँ से चली गई।
कुहू ने कपड़े उठाए और खुद को संभालते हुए बाथरूम चली गई। थोड़ी देर बाद वह कपड़े पहनकर कमरे में आई और बिना देर किए कमरे से बाहर निकल गई। इस समय कुहू की आँखों में आँसू साफ़ झलक रहे थे। वह जितनी तेज़ हो सके, उतनी तेज़ी से होटल से बाहर भागी।
अभियुक्त की कार एक वीरान जंगल में रुक गई। वह कार से बाहर निकला; उसके हाथों में बंदूक थी और आँखें गुस्से से लाल।
अभियुक्त तेज़ कदमों से आगे बढ़ता जा रहा था।
थोड़ी देर बाद वह एक खंडहर के पास पहुँचा।
खंडहर बेहद डरावना लग रहा था। तभी, अचानक उस खंडहर से एक आदमी की चीख सुनसान जंगल में गूंज उठी। उस आदमी की दर्द भरी चीख दिल दहला देने वाली थी।
अभियुक्त बेख़ौफ़ होकर खंडहर के अंदर गया। वहाँ बहुत से आदमी बंदूक लिए खड़े थे, और नीचे दो आदमी खून से लथपथ बिलख-बिलखकर रो रहे थे।
लेकिन जैसे ही उन आदमियों की नज़र अभियुक्त पर पड़ी, उनकी आँखें डर और हैरानी से फैल गईं। वे सब अभियुक्त को देखकर थर-थर काँपने लगे।
वहीं अभियुक्त अपनी गहरी नज़रों से उन सबको घूर रहा था। इस समय अभियुक्त के भाव एकदम डार्क हो गए थे; वह बहुत ही खतरनाक लग रहा था।
उसने अपनी बंदूक लोड की और आदमियों की ओर तानी। "रायचंद को सब कुछ बर्दाश्त है, लेकिन झूठ और गद्दारी नहीं!" अभियुक्त गुस्से से चिल्लाया और दोनों आदमियों के सीने में अपनी बंदूक की सारी गोलियाँ उतार दीं।
"ले जाओ इन दोनों की लाशें, अपने पालतू जानवरों को खिला दो।" इतना कहकर अभियुक्त पीछे मुड़ा और तेज़ रफ़्तार से वहाँ से चला गया।
लगभग आधे घंटे बाद अभियुक्त की कार रायचंद मेंशन के सामने रुक गई। रायचंद मेंशन जितना बाहर से खूबसूरत था, उतना ही अंदर से भी बड़ा और आलीशान था। वहाँ मौजूद सभी चीजें बहुत महँगी थीं। अभियुक्त अपनी कार से निकलकर अंदर गया।
रायचंद मेंशन के हाल के ऊपर बीचों-बीच एक बड़ा काँच का झूमर लगा था, जो बहुत महँगा लग रहा था। यहाँ तक कि हॉल में रखा सारा सामान—सोफ़े से लेकर फूलदान, टेबल और पर्दे—सब बहुत महँगे लग रहे थे।
रायचंद मेंशन में कम से कम 50-55 नौकर थे, क्योंकि यह किसी महल से कम नहीं था। इसे साफ़ करने के लिए इतने नौकरों की ज़रूरत थी।
अंदर आते ही अभियुक्त सीधे अपने प्राइवेट लिफ़्ट से अपने कमरे में चला गया। भले ही अभियुक्त का मेंशन बाहर से बंगले जैसा लगता था, लेकिन अंदर से इसकी सारी सुविधाएँ एक शाही होटल और महल जैसी थीं।
अभियुक्त जैसे ही अपने कमरे में पहुँचा, देखा कि कमरा अंधेरा था। अभियुक्त अपने कमरे में अंधेरा ही रखता था।
वह अंदर आया और दो बार ताली बजाई तो लाइट अपने आप जल गई।
मेंशन जितना आलीशान था, उतना ही आलीशान अभियुक्त का कमरा भी था। कम से कम पाँच-छह कमरों को मिलाकर बना था अभियुक्त का एक कमरा, और वह भी सिर्फ़ एक बेडरूम। अभियुक्त का पूरा कमरा काले और सफ़ेद रंग की डिज़ाइनिंग वाली दीवारों वाला था।
और सामने एक किंग साइज़ बेड था। बेड के ऊपर दीवार पर छह साल की एक लड़की की तस्वीर लगी थी, जो हाथों में गुलाब का फूल लिए खड़ी थी। उसके होठों पर एक दिलकश मुस्कान और चेहरे पर नूर था।
अभियुक्त अपने क़दम आगे बढ़ाते हुए बिस्तर के पास आया, जूते उतारकर बिस्तर पर चढ़ गया और उस तस्वीर को अपने हाथों से अलग ही अंदाज़ में छूने लगा।
"पहले से बहुत ज़्यादा हसीन हो गई हो, कॉटन कैंडी! उफ़्फ़! ज़हर अदा तुम्हारी, बहुत जहरीली है! लेकिन मेरा कहर सहने के लिए तैयार हो जाओ, कॉटन कैंडी! आज तो बच गई, लेकिन कब तक बचोगी? कल की सूरज की पहली किरण के साथ तुम्हारी आँखें मेरे मेंशन में खुलेंगी। मेरे कैद में आने के लिए तैयार हो जाओ, कुहू वर्मा!" अभियुक्त एक कातिलाना मुस्कराहट के साथ बोला।
रिजवान ने कहा, "आज तो तुम बच गई लेकिन कब तक बचोगी? कल कि सूरज की पहली किरण के साथ तुम्हारी आँखें मेरे मेंशन में खुलेंगी। मेरे कैद में आने के लिए तैयार हो जाओ, कुहू वर्मा।" कातिलाना मुस्कान के साथ अभियुक्त ने यह बात कही थी।
अगली सुबह शेखावत इंडस्ट्रीज में...
शेखावत इंडस्ट्रीज भारत की बिज़नेस रैंकिंग में दूसरे स्थान पर आने वाला एक प्रसिद्ध उद्योग था। और इस उद्योग का मालिक था रिजवान शेखावत। रिजवान शेखावत और अभियुक्त रायचंद दोनों व्यापारिक साझेदार और दोस्त थे।
इसीलिए इन दोनों से टक्कर लेने से पहले कोई भी सौ बार सोचता था, क्योंकि इनका रुतबा और ओरा दोनों ही बेहद खतरनाक थे। इस समय रिजवान, शेखावत इंडस्ट्रीज के 65वें तल पर बने अपने मास्टर केबिन में बैठा हुआ था।
रिजवान अपने किंग साइज़ चेयर पर दोनों पैर क्रॉस करके और सिर चेयर से पीछे टिकाकर बैठा था।
उसकी आँखें बंद थीं और चेहरे पर कोई भाव नहीं था। रिजवान के बाजू में एक लड़की खड़ी थी, जिसने काले रंग का फॉर्मल ड्रेस पहना हुआ था। वह बहुत खूबसूरत और आकर्षक थी।
उसके सामने वाली चेयर पर एक महिला बैठी हुई थी। वह महिला दोनों हाथ जोर-जोर से रगड़ रही थी और उसका दिल सौ की स्पीड से दौड़ रहा था।
"अगर तुम्हें जवाब नहीं मालूम, तो यहाँ से चली जाओ! इंटरव्यू के लिए यह तैयारी करके आई हो? एक छोटे से सवाल का जवाब नहीं है तुम्हारे पास? मेरे शेखावत इंडस्ट्रीज की CA क्या बनोगी!"
रिजवान ने गुस्से से तेज आवाज़ में कहा। रिजवान की आवाज़ सुनकर वह महिला डरकर तुरंत उसके केबिन से बाहर भाग गई।
रिजवान ने आँखें खोले बिना, रूखे स्वर में कहा, "लीना, इतने बेकार लोग इंटरव्यू के लिए आते हैं! एक भी काबिल नहीं है।"
लीना थोड़ी घबराहट में बोली, "सर, इसमें मैं क्या कर सकती हूँ?"
रिजवान ने आँखें खोलकर उसे घूरना शुरू कर दिया। लीना ने अपनी नज़रें नीचे झुका लीं। रिजवान ने गहरी साँस ली और सामने टेबल पर रखे एक स्विच को दबाया। केबिन का दरवाज़ा हल्का सा खुला। रिजवान ने अब तक पन्द्रह लोगों का इंटरव्यू ले लिया था और सभी फेल हो गए थे।
रिजवान सीधा बैठा और हाथ सिर पर रखकर चेहरा थोड़ा नीचे झुका लिया। लीना दरवाज़े की तरफ़ देख रही थी। तभी एक खूबसूरत लड़की, जिसने सफ़ेद शर्ट और लाल रंग की स्कर्ट पहनी हुई थी, हाथ में लाल रंग की फाइल लिए, होठों पर प्यारी सी मुस्कान, आँखों में चमक और चेहरे पर नूर लिए, आई।
वह लड़की सीधे जाकर रिजवान के टेबल के पास खड़ी हो गई। रिजवान का सिर नीचे झुका हुआ था और उसका चेहरा हाथ से ढँका हुआ था। इसलिए वह लड़की रिजवान का चेहरा नहीं देख पा रही थी। लीना रिजवान की तरफ़ देख रही थी।
"सर, इंटरव्यूअर..." लीना ने हल्की आवाज़ में कहा।
लीना की आवाज़ सुनकर रिजवान ने गहरी साँस ली और सीधा बैठा, लेकिन सामने नहीं देखा। "बैठ जाओ!"
रिजवान ने ठंडे स्वर में कहा। रिजवान की आवाज़ सुनकर सामने खड़ी लड़की की आँखें हैरानी से फैल गईं। उसके गुलाबी होठों पर एक अजीब सी कंपकपी आ गई।
आँखों में हल्के-हल्के आँसू आ गए। वह धीरे से सिर उठाकर सामने देखने लगी। जैसे ही उसकी नज़र रिजवान के चेहरे पर पड़ी, उसके कदम अपने आप पीछे हट गए। उसकी दिल की धड़कन तेज हो गई और उसके रोएँ खड़े हो गए।
लीना उस लड़की को रिजवान से डरते हुए देखकर हैरान थी। रिजवान लड़की के बैठने का इंतज़ार कर रहा था, लेकिन वह लड़की धीरे-धीरे पीछे हट रही थी। गहरी साँस लेते हुए वह जल्दी से पीछे मुड़ी और बाहर जाने लगी।
रिजवान ने सिर उठाकर उस लड़की की तरफ़ देखा। लड़की का चेहरा रिजवान के विपरीत था, इसलिए उसका चेहरा सही से नहीं दिख रहा था। लेकिन लड़की के शरीर का आकार और कद देखकर रिजवान झटके से अपनी चेयर से खड़ा हो गया।
"दरवाज़ा बंद करो!" रिजवान ने अचानक चिल्लाया। केबिन का दरवाज़ा अपने आप बंद हो गया। लड़की दरवाज़ा खोलने की कोशिश करती रही, लेकिन दरवाज़ा नहीं खुला। उसकी आँखें डर से और भी बड़ी हो गईं। रिजवान दोनों हाथ पैंट की जेब में डालकर उस लड़की को गौर से देख रहा था। लीना दोनों को देखकर हैरान थी।
"पीछे मुड़ो!" रिजवान ने ठंडे स्वर में कहा। लड़की पीछे नहीं मुड़ी।
"मैंने कहा, पीछे मुड़ो!" रिजवान जोर से चिल्लाया।
डर से काँपती हुई लड़की अचानक पीछे मुड़ गई। उसकी उंगलियाँ हाथ में ली हुई फाइल पर कस गई थीं।
रिजवान ने जैसे ही उस लड़की का चेहरा देखा, एक मिनट के लिए वह एकदम सुन हो गया।
"लीना, बाहर जाओ!" रिजवान ने ठंडे स्वर में कहा। लीना हैरान हुई, लेकिन रिजवान की बात टाल नहीं सकती थी। आखिर वह रिजवान की पर्सनल सेक्रेटरी थी और रिजवान उसका बॉस।
लीना दरवाज़े के पास खड़ी हो गई। रिजवान ने इशारा किया और केबिन का दरवाज़ा अनलॉक हो गया। लीना जैसे ही बाहर गई, रिजवान ने दरवाज़ा फिर से बंद कर दिया।
लड़की सहमी हुई नज़रों से रिजवान की तरफ़ देखने लगी, जो उसकी तरफ़ बढ़ रहा था। रिजवान के कदम पास आते देख लड़की पीछे हटने लगी। रिजवान उसके बहुत पास आ गया था। वह पीछे हटते हुए दीवार से जा लगी। रिजवान उसके ठीक सामने खड़ा हो गया। लड़की की नज़रें डर के मारे नीचे झुक गईं। उसकी बॉडी काँप रही थी।
आखिर कौन है यह लड़की?
आखिर क्या है रिजवान और इस लड़की का रिश्ता?
जानने के लिए आप मेरी कहानी के साथ जुड़े रहिए।