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Journey Of rebirth

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Mitali Tiwari

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Description

एक लड़की जो बचपन में अपने परिवार से बिछड गई थी, सालो बाद घर लौटी । लेकिन उसके हिस्से में सिर्फ बेरूखी आई , क्योंकि उसके माता - पिता ने अपना सारा प्यार अपनी गोद ली हुई बेटी पर न्योछावर कर दिया । एक दर्दनाक हादसे में आग में जलकर उसकी मौत हो गई भगवान ने...

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Journey of rebirth

Heroine

Total Chapters (13)

Page 1 of 1

  • 1. Chapter 1

    Words: 514

    Estimated Reading Time: 4 min

    एक इमारत में आग लगी हुई थी। कई लोग आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे। तभी एक लगभग पचास वर्षीय जोड़ा, डर से कांपते हुए, चिल्लाया, "अवनी! अवनी! कोई मेरी बेटी को बचाओ!" तभी उन्हें एक लड़की दिखाई दी, जिस पर जलता हुआ दरवाज़ा गिर गया था। दोनों उसे बचाने की कोशिश करने लगे।

    वहीं, उस लड़की की उम्र की ही एक और लड़की उस जोड़े को एक खंभे के पीछे से देख रही थी। उसने जल्दी से अपने चेहरे और हाथ-पैर थोड़े जला लिए और किनारे हटकर चिल्लाई, "डैड, मॉम, मुझे बहुत दर्द हो रहा है!" औरत पहली लड़की को छोड़कर दूसरी लड़की के पास आ गई। उसके चेहरे पर दर्द और परेशानी साफ़ दिख रही थी।

    औरत रोते हुए बोली, "कामिनी, बेटा, तुम यहाँ कैसे आई? उठो जल्दी!" उसने उसे उठाने की कोशिश की। लड़की रोने का नाटक करते हुए बोली, "मॉम, मेरा पैर जल गया है। मुझसे उठा नहीं जा रहा है।" वह औरत परेशान हो गई और चिल्लाई, "विक्रम! विक्रम! पहले कामिनी की मदद करो! उसका पैर जल गया है, वह उठ नहीं पा रही है!"

    वह आदमी पहली लड़की से बोला, "अवनी, तुम यहीं हमारा इंतज़ार करना। मैं कामिनी को बाहर छोड़कर आता हूँ।" वह दूसरी लड़की के पास गया, उसे अपनी पीठ पर बिठाया और बाहर ले जाने लगा। औरत भी उनके पीछे-पीछे जा रही थी। वहीं, दूसरी लड़की पहली लड़की को देखकर मुस्कुराने लगी।

    वहीं, पहली लड़की अपनी माँ को आवाज़ दे रही थी, "मॉम, मुझे बचाओ!" औरत पहली लड़की की ओर देख रही थी। जैसे ही वह उसके पास जाने वाली थी, दूसरी लड़की ने उनका ध्यान अपनी ओर खींचते हुए कहा, "मॉम, मुझे बहुत दर्द हो रहा है।" औरत ने कहा, "मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगी।"

    वहीं, पहली लड़की उन्हें देख रही थी। उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। उसने धीमी आवाज़ में कहा, "मॉम, मैं आपकी जैविक बेटी हूँ।" तभी उस लड़की पर जलती हुई दीवार गिर गई। उसकी मौत हो गई।

    जैसे ही उसके माँ-बाप को कुछ गिरने की आवाज़ आई, दोनों ने पीछे मुड़कर देखा जहाँ अवनी थी। दोनों को सदमा लगा।

    तभी दूसरी लड़की ने फिर से उनका ध्यान अपनी ओर खींचते हुए कहा, "मॉम-डैड, मुझे बहुत दर्द हो रहा है। मैं भी मर जाऊँगी।" दोनों का ध्यान जल्दी से कामिनी की ओर गया। दोनों उसे लेकर अस्पताल चले गए।

    क्या होगा आगे? जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी।

  • 2. Journey Of rebirth - Chapter 2

    Words: 811

    Estimated Reading Time: 5 min

    पहली पहली लड़की (अवनी) ने अपने आपको एक अलग जगह पर पाया। उसने अपने हाथ, पैर और चेहरा छूकर जाँचा। वह अपने आप से बड़बड़ाने लगी, "ये मैं कहाँ हूँ? मैं तो आग में जलकर मर गई थी ना, फिर मैं यहाँ कैसे? ये कौन सी जगह है? मैं यहाँ कैसे आई?" तभी उसे एक आवाज़ सुनाई दी। उसने उस ओर देखा, पर कोई दिखाई नहीं दिया। तभी उसे फिर से आवाज़ आई जो कह रही थी, "मास्टर, मेरा नाम तारा है। मुझे भगवान जी ने आपके पास भेजा है। अभी आप स्वर्ग में हैं।"


    आपके मरने के बाद आपकी फैमिली की बहुत बुरी तरह से मौत हुई है।

    तभी अवनी बोली, "मतलब मैं कुछ समझी नहीं।"

    तारा बोली, "मास्टर, आपकी फैमिली की सारी प्रॉपर्टी आपकी एडॉप्टेड सिस्टर, जिसको आपकी फैमिली ने बेदिल बना दिया था, उसने अपने नाम कर ली। आपकी फैमिली कर्ज़ में डूब गई। आपके मॉम-डैड ने सुसाइड कर लिया और आपके सारे भाइयों ने भी अपनी जान गँवा दी।"


    इतना सुनकर अवनी को बहुत बुरा लगा। लेकिन जब उसे अपने साथ हुई नाइंसाफी याद आई तो उसने कहा, "मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता किसी से। जब उन लोगों ने मुझे उस आग में मरने के लिए छोड़ दिया तो मैं क्यों उनकी फ़िक्र करूँ?"


    तभी तारा ने कहा, "मास्टर, एक बार सामने भी देख लीजिए।" अवनी सामने देखने लगी।


    सामने सारे दृश्य दिखाई देने लगे; कैसे उसके मॉम-डैड ने सुसाइड किया, कैसे उसके सारे भाइयों ने अपनी जान गँवा दी। उसे अपने भाइयों के मरने के दृश्य भी दिखाई दिए। उन सबकी मौत को देखकर उसकी आँखों से अनजाने में आँसू बह रहे थे।


    तभी अवनी को फिर से तारा की आवाज़ सुनाई दी, "आपको भगवान जी की तरफ़ से एक मौका दिया गया है। आपको एक मिशन दिया जा रहा है। आपको अपनी फैमिली के सामने फ़ेक डॉटर का असली चेहरा लाना होगा और उसके सारे रिश्ते-नाते, उनके साथ सब तोड़ने होंगे। आपको उनका फ़ेट बदलना होगा। इसमें मैं आपकी मदद करूँगी।"


    तभी अवनी ने तारा से पूछा, "लेकिन तुम तो मुझे दिखाई ही नहीं दे रही हो। मुझे तो सिर्फ़ तुम्हारी आवाज़ आ रही है।"

    तारा ने कहा, "सब मैं तुम्हें बाद में बताऊँगी।"


    तारा के इतना कहते ही वहाँ एक रोशनी चमकी। उस रोशनी के प्रकाश से अवनी की आँखें बंद हो गईं। जैसे ही उसने अपने आपको एक कमरे में पाया, यह उसी अनाथालय का कमरा था जहाँ अवनी कपूर फैमिली में जाने से पहले रहती थी। यह देखकर अवनी बोली, "मैं यहाँ कैसे?" तभी उसे तारा की सारी बातें याद आ गईं। फिर वह सामने की तरफ़ देखकर बोली, "शायद ये वही समय है जब मैं अपने परिवार में वापस जाऊँगी।" ये सब याद करके सोची, "अब तक तो मॉम डैड मुझे लेने आ गए होंगे और अभी यहाँ पर शायद अम्मा मुझे बुलाने आ रही होगी।"


    तभी उसके रूम के दरवाज़े पर दस्तक हुई और अम्मा अंदर आते हुए बोली, "अवनी बेटा, चलिए आपके माता-पिता आपको लेने आए हैं। आज से आप अपने असली परिवार के साथ अपने नए सफ़र की शुरुआत करेंगी। इसलिए जल्दी से नीचे आ जाइए, ठीक है?"


    "आप चलिए अम्मा, मैं अभी आती हूँ," अवनी ने कहा। अवनी की बात सुनकर अम्मा नीचे चली गई। फिर अवनी ने खुद को तैयार करके नीचे गई तो सामने विक्रांत जी और मीरा जी खड़े, उसे मुस्कुराते हुए देख रहे थे। उसके आते ही विक्रांत जी उसके पास आए और मुस्कुराते हुए कहा, "चले बेटा, अपने घर। तुम चलोगी ना हमारे साथ?" अवनी ने मुस्कुराकर हाँ में गर्दन हिला दी।


    अवनी की बात सुनकर विक्रांत जी अम्माजी की तरफ़ देखकर और हाथ जोड़कर बोले, "आपका बहुत-बहुत शुक्रिया जो आपने इतने समय तक हमारी बच्ची का ध्यान रखा।" फिर उन्होंने अपनी कोट की जेब से एक चेक निकालकर अम्मा को दिया और साथ में यह भी कहा, "यह उनके परिवार की तरफ़ से इस अनाथालय के बच्चों के लिए एक छोटी सी भेंट है। प्लीज़ मना मत करिएगा।"


    अम्मा ने चुपचाप वह चेक ले लिया और खुशी से अवनी को विदा किया। अवनी भी सबसे मिलकर अपने माता-पिता के साथ गाड़ी में बैठकर चली गई और अपने पिछले जन्म की यादों में खो गई।


    क्या होगा आगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी।

  • 3. Journey Of rebirth - Chapter 3

    Words: 740

    Estimated Reading Time: 5 min

    अवनी अपनी पिछली जिंदगी के बारे में सोचते हुए कब नींद में चली गई, उसे पता ही नहीं चला।


    ये देखकर ड्राइव कर रहे विक्रांत जी और उनके पास बैठी मीरा जी के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई। एक नज़र उन्होंने दोनों उसे देखा, फिर से सामने देखने लगे।


    वैसे तो कपूर परिवार के पास काफी सारे नौकर-चाकर और ड्राइवर हैं, पर विक्रांत जी अपनी बेटी को खुद ही लेकर आना चाहते थे। इसलिए उन्होंने किसी को भी साथ नहीं लिया था और खुद ही गाड़ी चला रहे थे, पर उनके पीछे बॉडीगार्ड्स की फौज चल रही थी। इससे पता चलता है कि कपूर फैमिली काफी अमीर और पावरफुल है।


    अब आते हैं कहानी पर।


    अवनी अभी सो ही रही थी कि किसी ने उसे आवाज़ देने लगा। जब उसने आँखें खोलकर देखा, तो उसे विक्रांत जी दिखाई दिए जो उसे जगा रहे थे।


    जब अवनी उनकी तरफ देखती है तो वह कहते हैं, "अवनी बेटा, चलिए, घर आ गया है।"


    तभी विक्रांत जी के पीछे से मीरा जी आगे आकर अवनी को गाड़ी से उतारती हैं। वहीं अवनी भी कोई नुकुर किए बिना गाड़ी से उतर जाती है।


    मीरा जी अवनी के पास आते हुए कहती हैं, "अवनी, अंदर आओ। यह तुम्हारा ही घर है।" विक्रांत जी और मीरा जी दोनों अवनी को अंदर ले जाते हैं और उसे हॉल में रखे सोफे पर बैठाते हैं।


    तभी उसकी ही उम्र की एक लड़की, जो दिखने में खूबसूरत थी, पर अवनी से कम, उसने ठंड में भी वन पीस ड्रेस पहन रखा था। वह मटकते हुए अपने हाथ में कॉफी का कप लिए अवनी के पास आ रही थी। अवनी समझ जाती है कि वह क्या करने वाली है।


    वह अपने मन में सोचने लगती है, "पिछले जीवन में भी ऐसा ही हुआ था। तुम मेरे लिए कॉफी लाई थीं और मुझे देने के बहाने सारी कॉफी तुमने जानबूझकर अपने ऊपर गिरा ली थी। और फिर मेरे ऊपर यह इल्ज़ाम लगाया था कि मुझे तुम बिल्कुल भी पसंद नहीं आई, इसलिए मैंने तुम्हारे ऊपर गर्म कॉफी डाल दी। मैंने मॉम-डैड को कितना समझाया कि मैंने कुछ भी नहीं किया, पर उन्होंने मेरी बात ही नहीं सुनी।"


    उन्होंने तुम्हारी साइड ली और मॉम-डैड के सामने अपनी अच्छी इमेज बनाए रखने के लिए तुमने मॉम-डैड को मुझे डाँटने से भी मना कर दिया था।


    तभी मीरा जी और विक्रांत जी अपने आस-पास नज़रें दौड़ाते हुए मन में कहते हैं, "यह कौन बोल रहा है? यह आवाज़ कहाँ से आ रही है?"


    तभी कामिनी अवनी के पास आती है। जैसे ही वह अवनी को कॉफी देने वाली होती है, वह कॉफी अपने ऊपर गिरा लेती है और जोर से चिल्लाने लगती है, "सिस्टर, तुम मेरे साथ ऐसे कैसे कर सकती हो?"


    वहीं मीरा जी और विक्रांत जी जल्दी से कामिनी के पास आ जाते हैं। मीरा जी कामिनी के हाथ पर फूंक मारने लगती हैं।


    कामिनी रोने का नाटक करते हुए कहती है, "डैड, मॉम देखो, अवनी ने मेरे ऊपर गर्म कॉफी गिरा दी।"


    वहीं अवनी कहती है, "आई एम सॉरी कामिनी, मैंने आपके ऊपर कॉफी जानबूझकर नहीं गिराई।" फिर अवनी मीरा जी और विक्रांत जी की तरफ देखते हुए कहती है, "मॉम-डैड, शायद कामिनी को मेरा यहाँ आना पसंद नहीं आया। मुझे लगता है वापस अनाथालय चले जाना चाहिए।"


    मीरा जी और विक्रांत जी अवनी की बात सुनकर परेशान हो जाते हैं। दोनों कामिनी की तरफ देखते हुए कहते हैं, "कामिनी, शायद तुम्हें कोई गलतफ़हमी हुई है। अवनी तुम्हारे साथ ऐसा क्यों करेगी?"


    मीरा जी: "हाँ बेटा, ज़रूर तुम्हें कोई गलतफ़हमी हुई है। देखो, अवनी तुमसे माफ़ी भी माँग रही है। उसे माफ़ कर दो।"


    अवनी अपने मन में: "कामिनी सिस्टर उर्फ कामिनी, यह ट्रिक तुमने पिछली लाइफ में भी मुझ पर इस्तेमाल की थी।"


    वहीं, मीरा जी और विक्रांत जी को फिर से वही आवाज़ सुनाई देती है। वे इस बार अवनी की तरफ देखने लगते हैं।


    क्या होगा आगे, जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी।

  • 4. Journey Of rebirth - Chapter 4

    Words: 614

    Estimated Reading Time: 4 min

    अवनी ने मन ही मन सोचा, " अब मैं अपनी इस नई जिंदगी में अपने साथ कुछ भी बुरा नहीं होने दूँगी।"

    मीरा जी ने मन में सोचा, "अवनी तो बिल्कुल शांत खड़ी है। उसने तो एक शब्द भी नहीं कहा है, पर यह अवनी की ही आवाज है।"

    विक्रांत जी ने मन में सोचा, "पिछली जिंदगी? नई जिंदगी? क्या है? पर ऐसा लगता है, अवनी कामिनी से काफी नफरत करती है।"

    तभी विक्रांत जी और मीरा जी का ध्यान कामिनी की आवाज पर गया।

    कामिनी: "डैड, मुझे दर्द हो रहा है। क्या यह जलने का निशान रह जाएगा?"

    मीरा जी: "विक्रांत, आप खड़े क्या हैं? जल्दी से डॉक्टर को कॉल करो। देखो, कामिनी का हाथ जलने की वजह से लाल पड़ गया है। अगर इसकी बॉडी पर निशान रह गया तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी। यह एक बड़ी स्टार है, इसके शरीर पर एक भी निशान नहीं रहना चाहिए।"

    विक्रांत जी: "हाँ, मैं अभी डॉक्टर को कॉल करता हूँ। वे जल्दी ही यहाँ पहुँच जाएँगे।"

    मीरा जी और विक्रांत जी कामिनी को उसके कमरे में ले जाने लगे।

    अवनी ने मन में सोचा, "मेरे भोले-भाले मॉम-डैड, आप दोनों कामिनी की सारी बातों पर विश्वास कर लेते हो, जो भी वह आपसे कहती है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि उसने आप दोनों को बिल्डिंग से कूदकर सुसाइड करने पर मजबूर कर दिया।"

    मीरा जी पीछे मुड़कर अवनी की तरफ देखते हुए मन में सोचीं, "कामिनी काफी समझदार और आज्ञाकारी है। वह हमसे बहुत प्यार भी करती है। तो वह हमें कैसे मार सकती है? यह तो इम्पॉसिबल है। ऐसा कभी नहीं हो सकता।"

    विक्रांत जी, अवनी की तरफ देखते हुए सोचे, "हमने कामिनी को अठारह साल तक पाला है। उसे हमसे बेहतर कौन जान सकता है कि कामिनी कैसी है? वह हमारे साथ ऐसा कभी कर ही नहीं सकती है।"

    मीरा जी और विक्रांत जी दोनों ही समझ गए थे कि वे सब बातें अवनी के मन की हैं, जो वे सुन पा रहे थे।

    कामिनी ने उन्हें आवाज दी, "मॉम-डैड, आप रुके क्यों गए? प्लीज चलिए।"

    मीरा जी और विक्रांत जी कामिनी के साथ उसके कमरे में चले गए।

    थोड़ी देर में दोनों कामिनी को उसके कमरे में छोड़कर नीचे आ गए। अवनी हॉल में बैठी उनका ही इंतज़ार कर रही थी। अवनी जैसे ही मीरा जी को देखती है, वह उनसे पूछती है, "मेरा रूम कौन सा है?"

    अवनी जानती थी कि उसके लिए कोई कमरा तैयार नहीं किया गया है, पर फिर भी वह उनसे पूछती है।

    मीरा जी: "प्रिंसेस, अपनी मॉम को माफ़ करना, जल्दी-जल्दी में आपका रूम रेडी करवाना भूल गई। मैं अभी सीमा से कहकर तुम्हारे लिए रूम रेडी करवाती हूँ।"

    तभी सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए कामिनी आई। वह नीचे आकर फिर से अपने मॉम-डैड को बुलाने आई थी, जो उसे ऊपर कमरे में छोड़कर नीचे अवनी के पास आ गए थे। वह बिल्कुल भी मीरा जी और विक्रांत जी को अवनी के पास नहीं जान देना चाहती थी। अगर वे दोनों अवनी के साथ समय बिताने लगे तो मीरा जी और विक्रांत जी तो उसे भूल ही जाएँगे।

    क्या होगा आगे, जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी।

  • 5. Journey Of rebirth - Chapter 5

    Words: 2072

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब आगे


    कामिनी नीचे आती हैं और मासूम सा चेहरा बनाकर मीरा जी की बाहे पकड़ते हुए कहती है - मॉम , क्यो न आज अवनी मेरे साथ मेरे रूम में सो जाए। इसी कारण मैं अपनी बहन के साथ टाइम भी बिता सकती हूँ और फिर हम दोनो एक दूसरे को अच्छे से जान भी लेगे ।



    जैसे हो अवनी कामिनी की बात सुनती है वह समझ जाती है कि कामिनी क्या करना चाहती है उसके साथ वह जल्दी जल्दी से मना करते हुए कहती है मुझे नही रहना तुम्हारे साथ तुम्हारे कमरे में ।


    अवनी के इस तरह से मना करने से ही मीरा जी , विकांत जी और कामिनी , अवनी की तरफ देखने लगते हैं।




    कामिनी उदास सा चेहरा बनाते हुए कहती है मॉम डैड क्या मैंने कुछ गलत कहा है ? क्या अवनी खुश नही है मेरे साथ से।



    अवनी - नही नही मुझे कोई पोब्लम नहीं है । मै तो बस तुमको डिस्टब नहीं करना चाहती हूँ ' और मुझे बस अपना खुद का एक कमरा चाहिए ।



    फिर अवनी मीरा जी और विक्रांत जी की तरफ देखते हुए कहती है क्या मुझे इतने बड़े घर मे एक रूम भी नही मिल सकता ?



    मीरा जी मुस्कुराते हुए बोली क्यू नही बच्चा ।


    तभी विक्रांत जी भी बोले अवनी बेटा ये तुम्हारा ही घर है । तुम्हें यहाँ पर जो भी रूम पसंद आए तुम उसे ले सकती हो ।



    मीरा जी अवनी से बोली चलो में तुम्हे रूमस दिखाती हूँ तुम्हे जो भी पसंद आए तुम उसे ले सकती हो।


    मीरा जी अवनी को रूम दिखाने के लिए ले जाती है।


    वही विक्रांत जी और कामिनी उन्हें जाता हुआ देख रहे थे।


    कामिनी उदास चेहरा बनाते हुए बोली - डैड , क्या मैंने कुछ गलत किया है ? अवनी को देखकर ऐसा लगता है वह मुझे बिल्कुल भी पसंद नही करती ।


    विक्रांत जी उसे समझाते हुए बोले - ऐसा कुछ नही है कामिनी बेटा , तुम कुछ ज्यादा ही सोच रही हो। अवनी तो तुमसे आज पहली बार ही मिली है तो फिर वह तुम्हे नापसंद कैसे कर सकती है ?


    अवनी जो जाते हुए कामिनी और विक्रांत जी की बाते सुन रही थी वह उनकी तरफ देखते हुए मन में कहती है - of course मै इसे बिल्कुल भी पसंद नही करती हूँ। पसंद क्या मै तुम से नफरत करती हूँ ।


    वही विक्रांत जी और मीरा जी को फिर से जैसे ही अवनी की मन की बात सुनाई देती है वह अवनी की तरफ देखने लगते है ।


    अवनी अपने मन मे - मेरी पिछली जिंदगी में जब में कामिनी के असली रूप से अनजान थी और उसकी बात मान कर उसके रूम मे चली गई ली तो इसने चुपके से अपनी डाइमंड नैकलेस मेरे बैग में डाल दिया था और फिर मुझ पर अपना डाइमंड नैकलेस चोरी करने का इल्जाम भी लगा दिया था।



    मॉम डैड ने भी सिर्फ इसकी ही बातो पर विश्वास कर लिया था और मुझे एक अंधेरे कमरे में रहने की सजा दी थी जहाँ पर इसने उस रूम मे जंगली चूहे छोड दिए थे । उन चूहो ने तो मुझे काटा भी था । जिसकी वजह से मुझे उन छोटे छोटे चूहो से भी डर लगने लगा ।




    अवनी उस सीन को याद करने लगती है जब उसे रूम में बंद कर दिया गया था । वह बार बार किसी को अपनी मदद के लिए बुला रही थी । पर उसकी आवाज कोई भी सुन नही रहा था । वही उसके पैरो को वह जंगली चूहें काट रहे थे । जिस वजह से वह रूम मे रखी हुई पुरानी सी अलमारी में छुप गई। कुछ समय बाद वह उस में बेहोश भी हो गई थी ।



    अवनी अपनी सोच से बाहर आते हुए कामिनी को देखते हुए अपने मन में कहती है अब मैं कभी भी दुबारा तुम्हारी इन बाहियात चालो में नही फसने बाली । और न मै उस दर्दनाक तकलीफ को और सहने वाली हूँ। ये सब सोचते हुए उसकी आंखो में कुछ आंसू थे।



    तभी उसे अपने कंधे पर एक हाथ महसूस होता है वह पिछे पलटकर देखती है उसकी मॉम उसे ही देखकर प्यारी सी मुस्कान और अपनी प्यार भरी आंखो से देख रही थी।



    मीरा जी उसे चलने के लिए कहती है । वह अवनी को कई सारे कमरे दिखाती है पर उसे एक लास्ट वाला रूम सबसे ज्यादा पसंद आता है पूरे रूम मे सूरज की रोशनी फैली हुई थी । balcony से भी काफी अच्छा नजारा दिख रहा था ।



    रूम भी काफी सुंदर था। मीरा जी उस रूम को मेड से साफ करने के लिए कहती है । थोडी ही देर में रूम भी साफ हो जाता है । मीरा जी अवनी को रेस्ट करने के लिए कहकर रूम से चली जाती है ।



    अवनी के रूम से बाहर आकर वह अपने आप में बडबडाते हुए कहती है अवनी , कामिनी के बारे में इतना बूरा कैसे सोच सकती है ? क्या मैने अवी को वापस घर लाकर सही कीया है ? या कही मैंने अवनी को वापस घर लाकर कुछ गलत तो नहीं किया ? फिर वह सोचते सोचते ही विक्रांत जी के पास चली जाती है ।





    वही थोडी देर मे डॉक्टर भी कामिनी के हाथ को चेक करके चले जाते है । कामिनी इस वक्त अपने रूम मे थी। डॉक्टर ने को हाथ बिताने से मना किया था । वही कामिनी बाथरूम में जाकर अपने हाथ को ठंडे पानी के नीचे कर भीगो रही थी । उसे बहुत तकलीफ भी हो रही थी । वह बाथरूम का सामामन इधर उधर फैंकने लगती है । और गुस्से में चिल्लाते हुए कहती है ।



    मै मौम डैड को कभी तुम्हारे पास नहीं जाने दूंगी । वह सिर्फ मेरे मोम डैड है । यहां की एकलौती princess मैें थी , मैं हूं और मै ही रहूंगी। तुम्हे मै इस घर से निकाल कर ही रहूंगी । मौम डैड के सामने तुमको इतना बदनाम करूंगी की वह तुम्हारी सक्ल और नाम से भी नफरत करने लगे गे। आज जितनी तकलीफ मुझे हो रही है उससे कई गुना तकलीफ मै तुम्हे दूंगी ।



    कामिनी बाथरूम से निकल कर रूम में आ जाती है । और अपने हाथ पर मेडिसीन लगने लगती है । फिर वह अपनी अलमारी खोल कर उसमें से अपना डाइमंड नैकलेस निकालती है उसे देखकर शैतान मुस्कान उसके चेहरे पर आ जाती है । वह डाइमंड नैकलेस को देखते हुए कहती है मै तुम्हे यहां से निकाल कर हीं रहूंगी अवनी। ये सिर्फ मेरी फैमिली है तुम्हारी नही।



    वह अवनी के रूम की तरफ चली जाती है । अवनी के रूम पास पहुंच कर वह रूम के दरवाजा को खटखटाती है । कुछ देर बाद ही अवनी अपने कमरे का दरवाजा खोलती है ।



    कामिनी अवनी को देखकर मुस्कुराते हुए कहती है अवनी वो मुझे नींद नहीं आ रही है तो क्या हम तुम्हारे रूम में बैठकर कुछ देर बातें कर सकते हैं ?



    अवनी कामिनी को देखकर मुस्कुरा देती है फिर वह अपने मन में कहतीे हैं तुम अभी भी मुझ पर चोरी का इल्जाम लगाना चाहती हो । पर मैं इस बार ऐसा कुछ भी नहीं होने दूंगी।



    अवनी मुस्कुराते हुए कामिनी से कहती है क्यों नहीं। अंदर आओ दोनों रूम में चले जाते हैं कामिनी उसके बेड पर जाकर बैठ जाती है। और फिर वह पूरे रूम में अपनी नजरें दौडा ने लगती है।



    कामिनी , अवनी को देखते हुए कहती है । मै जानती हूं तुम मुझे पसंद नहीं करती हो । जो आज मेरा है उस पर तुम्हारा हक था। पर ये सब मैने जानबूझकर नही किया । न हीं मै तुम्हारा हक लेना चाहती हूं । अगर तुम मुझे यहां से जाने के लिए कहोगी तो मै इस घर से चली जाऊंगी। कामिनी ये सब मासूम सा चेहरा बनाकर कह रही थी । कोई और होता तो उसकी बातो में आ जाता।



    पर ये अवनी थी । अवनी अपने मन में कहती है पिछली जिंदगी में भी तुमने मुझसे ये सब कहा था । जो मैने सच मान लिया और मैने तुमको अच्छा समझ लिया । जो कि मेरी लाइफ की सबसे बडी गलती थी। पर अब और नहीं। मै तुम्हारी मर्जी नहीं चलने दूंगी।



    अवनी अपनी सोच से बाहर आते हुए कहती है । तुमको बस ये बात करनी थी ।



    कामिनी बैड से खडी होकर मासूम सा चेहरा बनाते हुए- तुम मौम डैड की असली बेटी हो । इन सब पर तुम्हारा हक है । पर मै इस घर मै 18 साल से हूं । मौम डैड का मेरे साथ बहुत strong bond है । अगर मै यहां से चली गई तो वह टूट जाएंगे । इसलिए मै यहां हूं।



    अवनी अपने दोनो हाथ फोल्ड करके कठोर आवाज मे उससे कहती है - तुम क्या कहना चाहती हो साफ कहो।



    कामिनी - मै चाहती हूं । तुम मुझे अपनी रियल सिस्टर की तरह accept कर लो । हम एक ही परिवार है। मेरे साथ तुम्हारा ऐसा बरताब देखकर मौम , डैड , और भाईयों को बुरा लगेगा। फिर वह तुम्हारे साथ कुछ भी कर सकते है । मुझे blame मत करना।



    अवनी - ओ तो तुम मुझे अपनी power देखा रही हो। तुम मुझे धमकी दे रही हो ।



    अवनी कठोर आवाज में - तुम्हारी बाते खत्म हो गई हो तो तुम यहां से जा सकती हो । मुझे तुम में और तुम्हारी बातो में कोई interest नही है । you can go now.



    कामिनी एक फेक स्माइल देते हुए- मैं अब तुम्हे परेशान नहीं करूंगी । Good night 😴 इतना कहकर वह मुस्कुराते हुए वहां से चली जाती है।



    उसके जाते ही अवनी बैड पर रखे pillow को हटाती है । जैसे वह pillow को हटाती है उसे वहा पर कामिनी का डाइमंड नैकलेस दिख जाता है । वह नैकलेस को देख मुस्कराने लगती है । और फिर वह मुस्कराते हुए कहती है तुम और तुम्हारी ये घटिया चाले. इस नैकलेस को मुझे इसकी असली जगह दिखानी होगी ।



    वह नैकलेस को अपने रूम की खिडकी से बाहर फैंक देती है । बैड पर आराम से फैलकर सो जाती है ।



    सुबह के समय



    कामिली की आवाज पूरे कपुर विला में गुंज रही थी । कामिनी चिल्ला चिल्लाकर शोर मचा रही थी मौम - डैड हमारे घर में कोई चोर घूस गया है। वह जोर जोर से रोने का नाटक भी कर रही थी।



    मीरा जी और विक्रांत जी उसके पास आते है।



    विक्रांत जी उससे पूछती है - क्या हुआ कामिनी बेटा ? तुम रो क्यो रही हो । कामिनी मीरा जी के हाथ को पकडते हुए कहती है । मॉम आपने जो डाइमंड नैकलेस मुझे गिफ्ट किया था वह चोरी हो गया है ।



    मीरा जी - बेटा अपने रूम में देखो वही होगा ।



    विक्रांत जी - हा , बेटा अपने रूम में ही ध्यान से चैक करो । कपुर विला के security बहुत टाइट है । कोई चोर यहा घुस ही नही सकता ।



    मीरा जी - और हमारे घर के servants काफी वफादार है वह ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर सकते । वह हमारे यहां 20 सालो से काम कर रहे है ।



    कामिनी उदास सा चेहरा बनाते हुए कहती है - शायद उसे अवनी ने चूरा लिया है । वह ही यहां कल आई है।



    कामिनी को अवनी का नाम लेते ही मीरा जी को अवनी की मन की बाते याद आ जाती है । जब अवनी पिछली जिंदगी में कामिनी के रूम में गई थी तो कामिनी ने अपना नैकलेस अवनी के बैग मे डाल दिया था और अवनी पर चोरी का इलजाम लगा दिया था।



    मीरा जी अपने सोच से बाहर आती है फिर वह कामिनी की तरफ देखते हुए कहती है । बेटा अवनी ऐसा नही कर सकती । तुम्हे शायद कोई गलत फहमी हुई है।



    वह कल रात तक तो वह मेरे गले में ही था।जब मै उसके रूम में गई। मै उसके रूम के अलावा कहीं नहीं गई। अवनी को मेरा नैकलेस बहुत पसंद भी आया था।



    तभी पीछे से अवनी की आवाज आती है तुम मुझ पर चोरी का इल्जाम लगा रही हो। तो क्यों न तुम मेरे सामान और मेरे रूम की तलाशी ले लो ?



    कामिनी - अवनी मेरे कहना का वो मतलब नहीं है। पर वो नैकलेस मेरे लिए बहुत important है वह मुझे मॉम ने गिफ्ट किया था ।



    अवनी बोली - तो फिर तुम उसे ढूंढ लो । कामिनी अवनी के रूम की तरफ चली जाती है । वही मीरा जी और विक्रांत जी भी कामिनी के पिछे अवनी के रूम की तरफ चले जाते है ।



    आगे कहानी में क्या होने वाला है जानने के लिए पढें मेरी कहानी ।

  • 6. Journey Of rebirth - Chapter 6

    Words: 524

    Estimated Reading Time: 4 min

    कामिनी अवनी के कमरे में अलमारी, टेबल, बाथरूम, सब जगह चेक कर रही थी। वह बेड के पास वाली टेबल के दराज़ में चेक करने लगी, मतलब दिखावा कर रही थी। उसने चोरी से बेड के तकिए की ओर देखा। उसे पता था उसने अपना नेकलेस तकिए के नीचे रखा था। वह चुपके से मुस्कुराने लगी।

    फिर उसने गंभीर चेहरा बनाकर बेड के तकिए के पास जाकर तकिया हटाया। वहाँ नकली छिपकली देखकर वह डर गई।

    अवनी उस नकली छिपकली को अपने हाथ में उठाते हुए बोली, "ये तो नकली है! तुम इसे देखकर डर गई? ये मेरी फेवरेट है। ये मेरे दोस्त ने मुझे गिफ्ट किया था। मुझे उसके अलावा किसी ने कुछ गिफ्ट नहीं किया।"

    मीरा जी और विक्राम जी को अवनी के लिए बुरा लगा।

    विक्राम जी थोड़े गुस्से में बोले, "कामिनी, तुम यहाँ अपना नेकलेस ढूँढने आई थी। क्या वह तुम्हें मिला?"

    कामिनी सोचने लगी, "मुझे अच्छे से याद है मैंने कल रात उसे तकिए के नीचे ही रखा था।"

    कामिनी अपने पिता की ओर देखते हुए बोली, "शायद अवनी ने उसे कहीं और छिपा दिया हो।"

    अवनी, कामिनी की ओर देखते हुए बोली, "मैं तुम्हारे नेकलेस को क्यों छिपाऊँगी?"

    तभी कामिनी भोला सा चेहरा बनाते हुए अवनी से बोली, "अवनी, मैं जानती हूँ तुम्हें वह नेकलेस बहुत पसंद आया था। पर मॉम ने वह मेरे २०वें जन्मदिन पर मुझे गिफ्ट किया था। वह मेरे लिए बहुत कीमती है। तुम चाहे मेरी सारी ज्वेलरी ले लो, पर वो डायमंड नेकलेस मुझे वापस कर दो।"

    अवनी अपने मन में सोचने लगी, "वाह! नेकलेस तुम्हें मेरे कमरे में नहीं मिला तो तुम मासूम चेहरा बनाकर यह कह रही हो कि मैंने उसे कहीं छिपा दिया। सच में तुम्हारा यह भोला चेहरा देखकर कोई भी पिघल जाएगा। इसमें कोई हैरानी नहीं, पिछली जिंदगी में पूरी फैमिली तुम्हारे इसी भोले से चेहरे को देखकर तुम्हारी हर बात को सही मानती थी। वह तुम्हारे हर जाल में फँस जाती थी।"

    मीरा जी और विक्राम जी को अवनी की मन की बातें साफ़ सुनाई दे रही थीं। मीरा जी और विक्राम जी एक-दूसरे का चेहरा देखने लगे।

    मीरा जी थोड़े गुस्से में बोलीं, "कामिनी, तुमने और कमरों को चेक भी नहीं किया। और तुम्हें क्यों लगता है कि वह नेकलेस अवनी ने ही चुराया है? तुम बिना सबूत के अवनी पर इस तरह से इल्ज़ाम कैसे लगा सकती हो?"

    विक्राम जी बोले, "कामिनी, ध्यान से अपने कमरे में ही चेक करो।"

    कामिनी बोली, "पर डैड, मैं श्योर हूँ वो नेकलेस अवनी ने ही लिया है।"

    तभी एक मेड अंदर आई। उसने कामिनी से कहा, "कामिनी मेम, क्या यह आपका नेकलेस है?"

    मीरा जी बोलीं, "हाँ, यह वही नेकलेस है जो मैंने कामिनी को गिफ्ट किया था।" वह मेड की ओर देखते हुए उससे पूछीं, "यह तुम्हें कहाँ मिला?"

    वह नेकलेस कहाँ मिला होगा, उस मेड को जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी।

  • 7. Journey Of rebirth - Chapter 7

    Words: 592

    Estimated Reading Time: 4 min

    मेड ने कहा, "मेम, यह हमे कामिनी मेम के कपड़ों में मिला, जिन्हें हम लॉन्ड्री के लिए ले जा रहे थे।"


    कामिनी ने उस नेकलेस को हाथ में लेते हुए उसे जाँचा। वह उसका ही नेकलेस था क्योंकि नेकलेस के बीच में उसके नाम के अक्षर लिखे हुए थे।


    कामिनी ने नेकलेस देखते हुए कहा, "ये मेरे कपड़ों में कैसे हो सकता है? ये तो..." कामिनी कुछ और कह पाती, उससे पहले अवनी बोली, "ये तो मेरे कमरे में होना चाहिए था।"


    अवनी ने उदास सा चेहरा बनाते हुए मीरा जी और विक्रम जी की ओर देखते हुए कहा, "मॉम-डैड, मैं भले ही अनाथाश्रम में पली-बढ़ी हूँ, मैं मानती हूँ वहाँ इतनी अच्छी चीजें देखने को नहीं मिलतीं। पर इसका मतलब यह नहीं कि मैं चोरी करूँ।"


    मीरा जी ने कहा, "अवनी, मॉम-डैड को तुम पर पूरा भरोसा है। तुम कुछ गलत नहीं कर सकती।"


    विक्रम जी गुस्से में कामिनी की ओर देखते हुए बोले, "कामिनी, अभी के अभी अवनी से माफ़ी माँगो।"


    कामिनी ने कहा, "पर डैड..."


    मीरा जी गुस्से में बोलीं, "क्या हमने तुम्हें यही सिखाया है? तुमने अवनी पर चोरी का इल्ज़ाम लगाया है। अभी के अभी उससे माफ़ी माँगो।"


    अवनी ने कहा, "इट्स ओके। मैं जानती हूँ आपने इसे अठारह साल तक पाला है, जब मैं आपसे दूर थी। आपने इसे बहुत प्यार दिया है। अब आप मेरी वजह से कामिनी पर गुस्सा मत कीजिए। मुझ पर इल्ज़ाम लगना आम बात है।"


    कामिनी रोने का नाटक करते हुए बोली, "मैं इस पर इल्ज़ाम नहीं लगा रही। शायद इसने ही यह नेकलेस मेरे कपड़ों में डाल दिया हो।"


    विक्रम जी गुस्से में चिल्लाए, "बस बहुत हुआ कामिनी! वह नेकलेस तुम्हारे ही कपड़ों में मिला, तुम कह रही हो अवनी ने इसे तुम्हारे कमरे में जाकर तुम्हारे कपड़ों में डाल दिया। यह तो अपने कमरे से बाहर भी नहीं गई थी!"


    "तुम अभी के अभी अवनी से माफ़ी माँगो।"


    कामिनी बिना माफ़ी माँगे रोते हुए वहाँ से चली गई। आज तक उसके मॉम-डैड ने उसे डाँटा तक नहीं था, दूर की बात है ऊँची आवाज़ में बात करना।


    मीरा जी ने विक्रम जी की ओर देखते हुए कहा, "विक्रम, शायद हमने कामिनी को बिगाड़ दिया है?"


    विक्रम जी ने कहा, "ऐसी नहीं है। उसे थोड़ा बुरा लगा अवनी का ऐसे अचानक यहाँ आ जाना। तुम चिंता मत करो।"


    अवनी मन में सोच रही थी, "काश मॉम-डैड मुझ पर भी उतना ही भरोसा करें जितना कामिनी पर करते हैं। नहीं, कामिनी के जितना नहीं, आधा भी काफी है।"


    मीरा जी और विक्रम जी ने अवनी की मन की बातें सुन ली थीं। वे अवनी के पास जाते हुए बोले, "अवनी बेटा, तुम्हें क्या चाहिए? मॉम-डैड तुम्हारे लिए सब ले आएंगे।"


    विक्रम जी ने भी कहा, "अपने मॉम-डैड को बताओ तुम्हें क्या अच्छा लगता है। हम तुम्हारे लिए वही मँगवा देंगे। तुम अपने भाइयों से भी कुछ भी माँग सकती हो।"


    अवनी ने कहा, "थैंक्स, मॉम एंड डैड। मुझे कुछ नहीं चाहिए।"


    विक्रम जी और मीरा जी एक-दूसरे को देखते हैं। फिर दोनों अवनी के कमरे से बाहर चले जाते हैं।

  • 8. Journey Of rebirth - Chapter 8

    Words: 558

    Estimated Reading Time: 4 min

    कुछ घंटे बाद, अवनी, विक्रम जी और मीरा जी हॉल में सोफ़े पर बैठी हुई थीं। मीरा जी अपने फ़ोन में अवनी को नेकलेस के साथ-साथ और भी चीजें दिखा रही थीं; जैसे बैग, जूते, जैकेट, ड्रेसेस, ज्वेलरी आदि। सभी चीजें काफी हाई ब्रैंड की थीं।

    मीरा जी: अवनी बेटा, तुमको इनमें से जो भी पसंद आए, मैं वो सभी चीजें ऑर्डर कर दूँगी।

    विक्रम जी: अवी, मैंने सुना तुम भी एक्ट्रेस बनना चाहती हो? तुम्हारा तीसरा भाई एंटरटेनमेंट कंपनी का सीईओ है। मैंने उससे तुम्हें कुछ अच्छी फिल्मों में रोल दिलाने के लिए कहा है।

    अवनी: डैड, मैं खुद की मेहनत से सब कुछ करना चाहती हूँ। मुझे किसी की मदद की ज़रूरत नहीं है। वैसे भी, मैंने अभी अपना एक्टिंग करियर ही शुरू किया है।

    मीरा जी: बेटा, वह तुम्हारी भी कंपनी है। हम तुम्हें बस तुम्हारा हक़ दे रहे हैं। वैसे, क्या तुम्हें रेहान कपूर पसंद है? मैंने तुम्हारे भाई से उसी के साथ एक मूवी अरेंज करने के लिए कहा है।

    तभी अवनी को परी की आवाज़ आती है।
    परी: मास्टर, रेहान कपूर ही आपका सोलमेट है। आपको उसे अपना बनाना होगा। यह भी आपके मिशन में शामिल है। आपको कामिनी और रेहान को एक-दूसरे के करीब नहीं आने देना है।

    अवनी (अपने मन में): मुझे वह आदमी नहीं चाहिए जो उस एक्टिंग की दुकान कामिनी को पसंद करता हो।

    विक्रम जी और मीरा जी ने अवनी के मन की बात सुन ली थी। वे दोनों अवनी को ही देख रहे थे।

    तभी कामिनी भी वहाँ आ जाती है। उसके हाथ में कुछ ड्रेसेस थीं। वह मासूम सा चेहरा बनाते हुए कहती है, "सुबह जो भी हुआ, वह मेरी गलती थी। मुझे तुम पर चोरी का इल्ज़ाम नहीं लगाना चाहिए था। मैं आपके लिए कुछ ड्रेसेस लाई हूँ। ये बिल्कुल नई ड्रेसेस हैं। मैंने आज तक इन्हें पहना भी नहीं है। तुम इन्हें मेरी सॉरी समझकर एक्सेप्ट कर लो।"

    विक्रम जी: जिसे अपनी गलती का अहसास हो जाता है और वह अपनी गलती को सुधारने की कोशिश करता है, वही अच्छा बच्चा होता है।

    मीरा जी: अवनी, तुम तो अच्छी बच्ची हो, कामिनी को माफ़ कर दो। देखो, वो तुम्हारे लिए सॉरी गिफ़्ट भी लाई है। तुम दोनों का फ़िगर भी सेम है, ये ड्रेसेस तुम्हें फ़िट हो जाएँगी।

    अवनी उन ड्रेसेस को ले लेती है। तभी उसे एक ड्रेस पर दाग दिख जाता है।

    अवनी: ये ड्रेस तो...

    कामिनी: क्या हुआ अवनी? ये ड्रेस बड़े भाई ने स्पेशली मेरे लिए डिज़ाइन की थी। ये कस्टमाइज़्ड कपड़े हैं। ये बहुत ही कीमती हैं।

    मीरा जी अवनी से पूछती हैं: क्या हुआ अवनी? क्या तुम्हें ये ड्रेस पसंद नहीं आई? अगर तुम्हें ये पसंद नहीं आई तो रहने दो, मैं तुम्हारे बड़े भाई से तुम्हें पसंद के ड्रेसेस डिज़ाइन करने के लिए कह दूँगी।

    आखिर क्यों अवनी ने कामिनी से ड्रेस लेने से मना कर दिया? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी।

  • 9. Journey Of rebirth - Chapter 9

    Words: 623

    Estimated Reading Time: 4 min

    अवनी ने कहा, "ऐसी बात नहीं है, ये मुझे तसल्ली नहीं देती। ये ड्रेसेज़ तो काफी अच्छी हैं, पर यह ड्रेस तो ख़राब है और इस पर कुछ दाग भी लगे हुए हैं।"

    कामिनी अवनी की बात सुनकर घबरा गई। उसने अवनी से ड्रेसेज़ छीनते हुए कहा, "शायद मैं गलत ड्रेसेज़ लेकर आ गई हूँ। मैं दूसरी ड्रेसेज़ लाती हूँ।" वह ड्रेसेज़ लेकर वहाँ से भाग गई।

    मीरा जी और विक्रम जी थोड़ा असहज महसूस कर रहे थे। माहौल ठीक करने के लिए विक्रम जी ने फीकी सी मुस्कान के साथ कहा, "कामिनी थोड़ी सी लापरवाह है। हँ हँ हँ।"

    अवनी मन ही मन सोच रही थी, 'कामिनी लापरवाह नहीं है। आप दोनों ही भोले हो। वह आपके इसी भोलेपन का फायदा उठाती है। वो कपड़े कस्टमाइज़्ड नहीं, बल्कि सस्ते थे, जो उसने मुझे देने के लिए नौकरानी से माँगे थे।'

    मीरा जी और विक्रम जी अवनी के मन की बातें सुनकर हैरान हो गए। दोनों ने मन ही मन सोचा, 'नौकरानी के कपड़े?' दोनों को गुस्सा भी आ रहा था। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि कामिनी ऐसा भी कर सकती है।

    विक्रम जी ने मीरा जी से कहा, "कामिनी से कह देना कि वह अपने कपड़े अवनी को न दे। हम अवनी के लिए खुद उसकी पसंद के कपड़े ऑर्डर कर देंगे।"

    विक्रम जी ने मीरा जी से फिर कहा, "पिछले हफ़्ते मैंने कुछ ज्वेलरी ऑर्डर की थी, उसमें से कुछ ज्वेलरी जो अवनी को पसंद आए, दे देना।"

    मीरा जी ने कहा, "ठीक है।" वह वहाँ से ज्वेलरी लेने जा ही रही थीं कि तभी विक्रम जी और मीरा जी को अवनी के मन की आवाज़ सुनाई दी।

    अवनी अपने मन में सोच रही थी, "ज्वेलरी? कामिनी ने तो उन्हें पहले ही बेच दिया होगा। वह वहाँ होगी ही नहीं। बल्कि जो भी गिफ्ट सभी भाइयों और माँ-डैड ने उसे दिए थे, उसने वे सब बेच दिए हैं। उसमें इतनी हिम्मत है कि उसने तो सारे फंड्स और प्रॉपर्टी को अपने नाम करना भी शुरू कर दिया है। अब उसके पास बहुत पैसा जमा हो चुका है। यहाँ तक कि जो भी गिफ्ट वह आपको देती है, वह भी नकली ही होते हैं। जो भी कीमती चीज़ें उसने डैड को दी हैं, जो उन्होंने अपने स्टडी रूम में सजाकर रखे हैं, वह सभी भी नकली हैं। उनकी कीमत पाँच सौ रुपये से ज़्यादा नहीं होगी।"

    विक्रम जी और मीरा जी अवनी के मन की बातें सुनकर हैरान हो गए। वे दोनों एक-दूसरे को देखने लगे। फिर दोनों जल्दी से स्टडी रूम की तरफ चले गए।

    अवनी ने उन्हें हड़बड़ी में जाते हुए देखा और कहा, "इनको क्या हो गया? ये इतनी हड़बड़ी में क्यों गए हैं?"

    मीरा जी ने विक्रम जी से कहा, "विक्रम, कामिनी प्रॉपर्टी और फंड्स को अपने नाम कैसे कर सकती है? हम उसे अट्ठारह साल से जानते हैं, वह तो बहुत मासूम है।"

    विक्रम जी हैरान होकर बोले, "क्या तुम भी अवनी के मन की बातें सुन सकती हो?"

    मीरा जी ने कहा, "हाँ। मैंने वह सब सुना जो अवनी मन में कह रही थी।"

    विक्रम जी ने कहा, "उसने फंड्स और प्रॉपर्टी अपने नाम किए हैं या नहीं, हमें पहले कन्फर्म करना होगा। जब तक हम अपनी आँखों से नहीं देख लेते, तब तक हम अवनी की बातों पर भरोसा नहीं कर सकते। यह भी हो सकता है कि अवनी को कोई गलतफ़हमी हुई हो।"

  • 10. Journey Of rebirth - Chapter 10

    Words: 597

    Estimated Reading Time: 4 min

    विक्रम जी ने कहा, "हमें पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि अवनी ने धन और समस्या अपने नाम की है या नहीं। जब तक हम अपनी आँखों से नहीं देख लेते, तब तक हम अवनी की बातों पर भरोसा नहीं कर सकते। यह भी हो सकता है कि अवनी को गलतफहमी हो।"


    दोनों अपने-अपने कमरों की ओर गए। जैसे ही उन्होंने कमरों के दरवाज़े खोले, सामने का नज़ारा देखकर वे गुस्से से लाल हो गए।


    मीरा जी को सबसे ज़्यादा गुस्सा आ रहा था। कमरे में एक नौकरानी विक्रम जी की शर्ट पहने हुए थी। वह उसे सूँघ रही थी और शर्ट के साथ नाचते हुए कह रही थी, "हब्बी, आप बहुत शैतान हो! मुझे काम करना है। रोमांस हम बाद में करेंगे।"


    मीरा जी झट से कमरे में गईं और नौकरानी को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। वह दांत पीसते हुए बोलीं, "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे हब्बी की शर्ट को हाथ लगाने की और मेरे हब्बी को हब्बी कहने की? मैं तुम्हें आज ज़िंदा नहीं छोडूंगी! तुम मेरे हब्बी के साथ रोमांस का सपना देख रही थीं, अब मैं तुम्हारा सपना पूरा करती हूँ!" वह नौकरानी पर थप्पड़ों की बौछार कर रही थीं।


    विक्रम जी के लिए मीरा जी का यह व्यवहार नया था। आज उन्हें अपनी पत्नी पर और अपनी पसंद पर गर्व हो रहा था। वे प्यार से अपनी पत्नी को निहार रहे थे। तभी दरवाज़े के पास अवनी यह तमाशा देख रही थी। वह भी सामने का नज़ारा देखकर मज़े ले रही थी। वह मन ही मन कह रही थी, "वाह, मॉम कितनी कूल है! मारो मॉम इस डायन को! इसकी हिम्मत कैसे हुई डैड पर गंदी नज़र डालने की! मॉम और ज़ोर से, और ज़ोर से!"


    विक्रम जी और मीरा जी को अवनी की मन की बात सुनाई दे गई। वे अवनी को वहाँ खड़ा देखकर चौंक गए। जैसे ही अवनी ने अपने माँ-बाप की नज़रें अपने ऊपर महसूस कीं, उसने अपने दाँत दिखा दिए और वहाँ से भाग गई।


    मीरा जी शांत हुईं और चिल्लाकर गार्ड्स को बुलाया। दो हट्टे-कट्टे गार्ड वहाँ आ गए। मीरा जी ने उन्हें आदेश दिया, "अभी के अभी इस औरत को घर से बाहर निकाल दो!"


    दोनों गार्ड नौकरानी को वहाँ से ले गए।


    मीरा जी और विक्रम जी ने लॉकर खोला। लॉकर खोलते ही दोनों हैरान हो गए क्योंकि वह पूरी तरह खाली था। दोनों को बड़ा झटका लगा।


    विक्रम जी ने मीरा जी से कहा, "देखो, हमारी प्यारी बेटी, जिसे हमने अट्ठारह साल तक पाला, उसने सच में सारा जेवर बेच दिया है।"


    दोनों फिर स्टडी रूम की ओर चले गए। वहाँ का लॉकर खोला तो उसमें भी कुछ नहीं था। उन्हें दूसरा झटका लगा।


    विक्रम जी बोले, "उसने प्रॉपर्टी पेपर भी चुरा लिए हैं और आधिकारिक मुहर भी।"


    मीरा जी को अभी भी भरोसा नहीं हो रहा था। मीरा जी बोलीं, "कामिनी ऐसा नहीं कर सकती?"


    विक्रम जी ने कहा, "उसके और मेरे अलावा लॉकर का पासवर्ड कोई नहीं जानता। यह सब उसी का काम है। अवनी जो कह रही है, वही सच है।"

  • 11. Journey Of rebirth - Chapter 11

    Words: 585

    Estimated Reading Time: 4 min

    मीरा जी को अभी भी भरोसा नहीं हो रहा था। "कामिनी ऐसा नहीं कर सकती?" मीरा जी ने पूछा।


    विक्रम जी ने उत्तर दिया, "उसके और मेरे अलावा लॉकर का पासवर्ड कोई नहीं जानता। यह सब उसी का काम है। अवनी जो कह रही है वही सच है।"


    मीरा जी ने कहा, "इसका मतलब वह आज तक मासूम होने का नाटक कर रही थी।"


    विक्रम जी अपनी डेस्क से पेंटिंग्स, घड़ियाँ, और बर्तन, जो दिखने में काफी कीमती थे, चेक करने लगे।


    जैसे ही उन्होंने पेंटिंग्स को छुआ, उनका रंग हाथ से ही साफ होने लगा। उन्होंने घड़ियों को भी थोड़ा घिसकर देखा। उनका भी रंग उतर रहा था।


    "ये सब भी फेक है!" विक्रम जी थोड़े गुस्से में बोले।


    इसी बीच, बाहर से आई कामिनी काफी जल्दी से स्टडी रूम की तरफ जा रही थी। घर में एक मेड ने उसे इन्फॉर्म कर दिया था कि सर और मैम स्टडी रूम की तरफ हड़बड़ी में गए हैं। शायद उन्हें कुछ शक हुआ है। वह मेड कामिनी की चमची थी।


    स्टडी रूम में, मीरा जी अपने हाथ और गले में बंधे ब्रेसलेट उतारकर चेक करने लगीं। उनका भी रंग हल्का सा घिसने पर उतर रहा था।


    "ये भी नकली है!" मीरा जी गुस्से में बोलीं, "हम उसे इतने पैसे देते हैं। वह असली गिफ्ट्स खरीद सकती थी। बट उसने फिर भी हमें फेक गिफ्ट्स दिए। वह कितनी कमीनी है!"


    तभी बाहर से कामिनी चिल्लाते हुए आई, "मॉम! डैड!" मीरा जी और विक्रम जी जल्दी से सारा सामान डेस्क में डाल दिया।


    दोनों ने अपने आप को नॉर्मल कर लिया।


    कामिनी अंदर आते हुए बोली, "मॉम, डैड आप दोनों यहां क्या कर रहे हैं? और अवनी कहाँ है? देखो, मैंने उसके लिए भी बिल्कुल अपने जैसा ही डायमंड नेकलेस लाया हूँ।"


    मीरा जी ने थोड़े सख्त लहजे में कहा, "इसे तुम ही रख लो। हमारे पास बहुत पैसे हैं। तुम्हारे डैड की कंपनी बैंकरप्ट नहीं हुई है कि हम अपनी बेटी के लिए एक गिफ्ट भी न खरीद सकें।" मीरा जी ने अपनी बेटी पर ज़ोर दिया।


    "मॉम, आप ऐसा क्यों कह रही हैं? मैंने कुछ गलत किया है क्या? आप ऐसे क्यों बात कर रही हैं?" कामिनी ने पूछा।


    मीरा जी ने कहा, "सॉरी बेटा, वो तुम्हारे डैड की कंपनी में कुछ प्रॉब्लम आ गई है। बस उसी वजह से परेशान हूँ।"


    "क्या हुआ डैड की कंपनी में?" कामिनी ने पूछा।


    विक्रम जी ने बताया, "हमारी कंपनी एक बहुत बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, उससे हमें काफी प्रॉफिट होगा। बट २० करोड़ की कमी हो रही है।"


    वहीं कामिनी मन ही मन खुश होने लगी। शायद मॉम-डैड को मेरे बारे में कुछ भी पता नहीं लगा, ये अच्छी बात है।


    मीरा जी और विक्रम जी, कामिनी के रिएक्शन को नोटिस कर रहे थे।


    मीरा जी ने कहा, "अगर ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा तो हमें २०० करोड़ का प्रॉफिट होगा।"


    २०० करोड़ सुनकर कामिनी की आँखें बड़ी हो गईं।


    "डैड, क्या आपको सच में पैसे की कमी हो रही है?" कामिनी ने पूछा।


    विक्रम जी ने कहा, "हाँ बेटा, पर तुम चिंता मत करो। चाहे जितनी बड़ी प्रॉब्लम हमें फेस क्यों न करनी पड़े, हम तुम्हारी पॉकेट मनी से एक भी पैसा कम नहीं करेंगे।"


    क्या होगा आगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी।

  • 12. Journey Of rebirth - Chapter 12

    Words: 673

    Estimated Reading Time: 5 min

    मीरा जी ने कहा, "सॉरी बेटा, वो तुम्हारे डैड की कंपनी में कुछ प्रॉब्लम आ गई है। बस उसी वजह से परेशान हूँ।"


    कामिनी ने पूछा, "क्या हुआ डैड की कंपनी में?"


    विक्रम जी ने बताया, "हमारी कंपनी एक बहुत बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, उससे हमें काफी प्रॉफिट होगा। पर २० करोड़ की कमी हो रही है।"

    वही कामिनी मन ही मन खुश होने लगी। शायद मॉम-डैड को मेरे बारे में कुछ भी पता नहीं लगा, ये अच्छी बात है।


    वही मीरा जी और विक्रम जी, कामिनी का रिएक्शन नोटिस कर रहे थे।


    मीरा जी ने कहा, "अगर ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा तो हमें २०० करोड़ का प्रॉफिट होगा।"


    २०० करोड़ सुनकर कामिनी की आँखें बड़ी हो गईं।


    कामिनी ने पूछा, "डैड, क्या आपको सच में पैसों की कमी हो रही है?"


    विक्रम जी ने कहा, "हाँ बेटा, पर तुम चिंता मत करो। चाहे जितनी बड़ी प्रॉब्लम हमें फेस क्यों न करनी पड़े, हम तुम्हारी पॉकेट मनी से एक भी पैसा कम नहीं करेंगे।"


    कामिनी मन में सोचने लगी, "इतनी छोटी सी रकम को इतनी बड़ी रकम से कैसे कंपेयर कर सकते हैं। चाहे जो हो जाए, मुझे इनकी हेल्प करनी होगी ताकि मैं कुछ पैसों के बदले ज्यादा पैसे ले सकूँ।"


    कामिनी ने विक्रम जी से कहा, "डैड, आप चिंता मत करो। मैं आपको २० करोड़ दे दूँगी। आप अपना प्रोजेक्ट कंप्लीट करो।"


    मीरा जी ने पूछा, "बेटा, तुम इतने पैसे कहाँ से लाओगी?"


    कामिनी ने जवाब दिया, "मॉम, मैं अपनी सारी ज्वेलरी, बैग्स और कपड़े बेच दूँगी। उनसे सारे पैसे, ८० तो मिल ही जाएँगे। मैं आपको ८० करोड़ दे दूँगी।"


    विक्रम जी ने पूछा, "सच में क्या तुम्हारी चीजें बेचकर इतना पैसा मिल जाएगा?"


    कामिनी ने कहा, "ऑफ़ कोर्स डैड। मेरे पास बहुत कीमती चीजें हैं।" वह जल्दी से वहाँ से चली गई।


    वही मीरा जी और विक्रम जी एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे।


    थोड़ी देर में कामिनी वापस स्टडी रूम में आ गई। उसने अपना क्रेडिट कार्ड विक्रम जी को देते हुए कहा, "डैड, इस कार्ड में ८० करोड़ हैं।"


    विक्रम जी ने कामिनी से क्रेडिट कार्ड ले लिया। उन्होंने कहा, "मेरी प्यारी बेटी, कितनी समझदार है! मैं तुम्हें इसके बदले एक बहुत बड़ा रिवॉर्ड दूँगा।" उन्होंने उसके सामने एक फ़ाइल रख दी।


    कामिनी ने उस फ़ाइल को देखते हुए विक्रम जी से पूछा, "डैड, ये क्या है?"


    विक्रम जी ने बताया, "बेटा, कंपनी के कुछ शेयर्स और प्रॉपर्टी का ३० परसेंट तुम्हें दे रहा हूँ।"


    वह कंपनी के शेयर्स और प्रॉपर्टी का ३० परसेंट सुनकर कामिनी इतनी खुश हो गई कि उसने बिना पढ़े उन पेपर्स पर साइन कर दिए।


    कामिनी को उन पेपर्स पर साइन करते देख मीरा जी और विक्रम जी खुश हो गए।


    कामिनी ने साइन करने के बाद खुशी से कहा, "थैंक यू डैड।"


    वही विक्रम जी और मीरा जी भी मुस्कुरा दिए।


    कामिनी ने कहा, "मॉम, डैड, मैं अपने कमरे में जाती हूँ।"


    कामिनी वहाँ से चली गई।


    उसके जाते ही विक्रम जी और मीरा जी के चेहरे पर बड़ी स्माइल आ गई। वे फ़ाइल पर कामिनी के साइन देखकर मुस्कुराने लगे।


    ये पेपर्स कामिनी से सारे फंड्स और प्रॉपर्टी वापस लेने के पेपर्स थे, जो विक्रम जी ने अपने असिस्टेंट से कहकर बनवाए थे। जो फंड्स और प्रॉपर्टी कामिनी ने धोखे से अपने नाम की थी, वह आज विक्रम जी ने वापस ले लिए थे।


    कपूर फ़ैमिली इंडिया की टॉप ३ कंपनी थी। भला उनको पैसों की कमी कैसे हो सकती है? २०० करोड़ तो कपूर कंपनी कुछ घंटों में ही कमा लेती है। भला उन्हें पैसों की कमी कैसे पूरी हो सकती है? कामिनी सच में पागल थी जो वह इतना भी नहीं समझ पाई। ये सब तो बस उससे सब कुछ वापस लेने का बहाना था।


    क्या होगा आगे? क्या कामिनी को पता चलेगा? सच जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी।

  • 13. Journey Of rebirth - Chapter 13

    Words: 503

    Estimated Reading Time: 4 min

    अब तक आपने पढा

    कपूर परिवार भारत की शीर्ष 3 कंपनियों में से एक थी। उन्हें पैसों की कमी कैसे हो सकती थी? २०० करोड़ तो कपूर कंपनी कुछ घंटों में ही कमा लेती थी। उन्हें पैसों की कमी कैसे हो सकती थी? कामिनी सच में पागल थी जो वह इतना भी नहीं समझ पाई। यह सब तो बस उससे सब कुछ वापस लेने का बहाना था।

    वो कहते हैं ना, tit for tat।


    अब आगे


    कुछ समय बाद, हॉल में नौकरानियाँ काफी सारे जेवर, बैग, जूते, कपड़े और मेकअप का सामान लेकर खड़ी थीं।

    अवनी उन्हें लालच भरी नज़रों से देख रही थी। वह सब अवनी को काफी पसंद आया। विक्रम जी और मीरा जी अवनी को खुश देखकर खुश थे।

    तभी अवनी उदास हो गई। विक्रम जी और मीरा जी अवनी के अचानक उदास होने से कन्फ्यूज़ होकर उसे देखने लगे।

    अवनी अपने मन में सोच रही थी, "यह सब शायद कामिनी के लिए है।"

    मीरा जी और विक्रम जी ने उसके मन की बात सुन ली और उसे उसके उदास होने का कारण भी समझ गए।

    मीरा जी अवनी के पास आईं और उससे कहा, "अवनी, यह सब तुम्हारा ही है। इसमें कामिनी का कुछ भी नहीं है।"

    यह सुनकर अवनी खुश हो गई। तभी अवनी के मन में आया, "एक मिनट, मौम डैड का व्यवहार कुछ बदला-बदला सा लग रहा है।"

    तभी परी की आवाज आई, "मास्टर, आपके मौम डैड के सामने कामिनी का असली चेहरा आ गया है। उन्होंने सारे फंड्स और प्रॉपर्टी, यहाँ तक कि पैसे भी ले लिए हैं। आपको आपकी लाइफ जीने के ३ साल बढ़ा दिए गए हैं। यानी आप ३ साल ज़्यादा जिंदा रह सकती हैं। अगर आपने सारे मिशन पूरे कर लिए तो आप काफी लंबी लाइफ जी सकती हैं।"

    तभी कामिनी भी वहाँ आ गई। वहाँ रखे सामान को देखकर उसकी आँखों में चमक आ गई। उसने विक्रम जी से कहा, "डैड, जब आपकी कंपनी में प्रॉब्लम हो गई थी, तो आपने इतनी महंगी चीज़ें क्यों खरीदीं?"

    विक्रम जी ने कहा, "प्रॉब्लम्स तो आती-जाती रहेंगी। हम बस अवनी के घर वापस आने के लिए वेलकम पार्टी रखना चाहते हैं। उसी के लिए हमने अवनी के लिए कुछ गिफ्ट्स खरीदे हैं।"

    कामिनी हैरान हो गई। उसने कहा, "वेलकम पार्टी?"

    मीरा जी ने कामिनी का रिएक्शन देखकर समझ लिया कि उसे अच्छा नहीं लगा। मीरा जी ने कामिनी से कहा, "क्यों तुम खुश नहीं हो, मौम डैड अपनी बायोलॉजिकल बेटी को दुनिया के सामने इंट्रोड्यूस कर रहे हैं?"

    कामिनी ने कहा, "मौम, ऐसी बात नहीं है। मैं तो बहुत खुश हूँ।"

    विक्रम जी ने कहा, "कामिनी, तुम बहुत समझदार हो। देखो, जैसे ही तुम्हें पता चला कि डैड की कंपनी में प्रॉब्लम हो गई है, तो तुमने हमारी मदद भी की। मैं यह पार्टी इसलिए रख रहा हूँ ताकि हम पार्टी के द्वारा बड़े-बड़े लोगों से जानकारी इकट्ठा कर सकें, जिससे हमें आगे और भी फायदा होगा।"

    कामिनी ने कहा, "आई नो, डैड।" वह वहाँ से कुछ और कहे बिना चली गई।



    क्या होगा आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी ।