रूद्रम अग्निहोत्री,एक 26 साल का लड़का जो लड़कियों को अपने पैरों के जूतों के समान मानता था, उसके आगे लड़कियों के कोई इजात नहीं था ,रूद्रम के लिए सिर्फ एक औरत मायने रखता था वो थी उसके मां । अपने मां के फोर्स करने से एक ऐसी लड़की से शादी कर लेता है जिस... रूद्रम अग्निहोत्री,एक 26 साल का लड़का जो लड़कियों को अपने पैरों के जूतों के समान मानता था, उसके आगे लड़कियों के कोई इजात नहीं था ,रूद्रम के लिए सिर्फ एक औरत मायने रखता था वो थी उसके मां । अपने मां के फोर्स करने से एक ऐसी लड़की से शादी कर लेता है जिसे वो कभी देखना भी नहीं चाहता था लेकिन वहीं चांदनी 21 साल की थी,देखने में कोई अप्सरा, अपने मन में पता नहीं क्या छुपाया था जो उसे अंदर ही अंदर खा रहा था । अब इस कहानी में देखना ये है कि चांदनी ओर रूद्रम के जिंदगी कैसी मोड़ लेगी ।
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रात गहरा रहा था एक बड़े से हवेली में एक कमरे सन्नाटे से पसरा हुआ था एक लड़की अपने घुटनों को समित कर बेड से टिक कर बैठी थी वहीं कमरे के चारों तरफ कांच बिखरा पड़ा था, एक दम से उस लड़की के सिने में दर्द उठने लगा उसके कान में एक आवाज गूंजने लगा " तुम मेरे साथ जो की थी आज वही तुम्हारे साथ हो रही हैं चांदनी " चांदनी दर्द में बोली " नहीं मैंने किसी के साथ कुछ नहीं किया " , उसके कान में किसी के जोर जोर हंसने के आवाज आई वो वहीं बेहोश हो गई ।
वहीं कुछ देर बाद एक खाली सुनसान सड़क पर एक गाड़ी खड़ा था जिसके बोनट पर रूद्रम लेट कर पता नहीं कौन से ख्यालों से डूबा हुआ था उसके आंखो के सामने एक सिन चल रहा था जहां दो लड़कियां थे और एक लड़का जाना लड़का 18 साल का था वहीं दोनों 12 13 साल के लड़कियां थे ।