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β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️

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Fictitious Writer| Falak

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Description

वान्या जो लड़का बनके बॉयज हॉस्टल में रह रही है और अधीरा जो कि सेम कॉलेज और हॉस्टल में है,,क्या होगा ज़ब अधीरा को हो जायेगा विनय(वान्या जो की असल में लड़की है)उससे प्यार...हंसी से लोट पोट,पागलपन से ... सिर्फ यही एक लड़का बनने में उसे कितनी परेशानी पेश आत...

Total Chapters (42)

Page 1 of 3

  • 1. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - प्रोमो

    Words: 1027

    Estimated Reading Time: 7 min

    (नोट:-ये कहानी बस मनोरंजन के लिए लिखी जा रही है,तो इसे कहानी ही समझ के पढ़े...

    मैं उम्मीद करती हूं आप सब को कहानी पसंद आये,प्लीज कमैंट्स करे और हौसला बढ़ाये...अगर आपको ना पसंद आये तो मत पढ़ये लेकिन प्लीज नेगेटिव कमैंट्स कर मेरा जज़्बा और हिम्मत ना तोड़े क्यूंकि लिखने में बहुत मेहनत लगती है इसलिए क़दर करे....

    बाक़ी सारे रीडर्स को ढेर सारा प्यार जो मुझे सपोर्ट करते है ♥️🩵❣️❤️)

    तो चलिए शुरू करते है छोटे से प्रोमो के साथ...

    आप कोनसी फ़िल्म देख रहे हो…!!विनय अधीरा के बगल में लेट गया..

    “इंग्लिश फ़िल्म है…तू भी देखेगा….!!अधीरा उसके कंधे पर एक बाज़ू डालता उसकी तरफ मोबाइल बढ़ाता हुआ बोला…

    विनय ने ज़ब फ़िल्म देखि तो उसका चेहरा शर्म से लाल पड़ गया,और वह शर्म से उठ बैठा…

    “छी ये किस तरह की फ़िल्म है…!!

    अब्बे तो ऐसे शर्मा रहा है जैसे तू कोई दूध पिता बच्चा है…!!

    विनय के गाल तक शर्म से लाल हो गए थे…

    “ओह्ह गॉड और क्या क्या देखना पड़ेगा…ये लड़के ऐसे क्यों है और ऐसी अजीब गंदी हरकत क्यों करते है….अब इसे कैसे बताऊं मुझे शर्म आरही है…

    “क्या सोचने लगा…उस दिन भी तूने ऐसे ही तमाशा लगाया था,,,अरे बड़ा हो जा कब तक शर्माता रहेगा…!!अधीरा उसे घूर के बोला..

    वान्या अगर इसे शक होगया तो सब कचरा होजायेगा,इतने दिन का बना बनाया खेल खतम होजायेगा और हॉस्टल वाले मुझे लात मारकर निकाल देंगे…!!

    नहीं ऐसी कोई बात नहीं है…चलिए साथ में देखते है…!!विनय मुस्कान लिए बोला और अधीरा वापिस से उसके कंधे पर बाज़ू डाल कर फ़िल्म ऑन कर गया…

    विनय फ़िल्म के सीन देख कभी आँखे बंद कर लेता,,कभी अधीरा को देखने लगता जो बड़े मज़े से फ़िल्म देख रहा था..

    ब्रो ऐसी फ़िल्म क्यों देखते हो,कोई मोटिवेशन वाली फ़िल्म देखा करो…!!

    हाहाहाहा…मेरा भोला सा क्यूट सा छोटू…कल कॉलेज में देखा नहीं वह शिवि तुझपे फ़िदा हो रही थी लेकिन तू…एक नंबर गधा है कुछ समझता ही नहीं है…!!अधीरा ज़ोर ज़ोर से उसके पीठ पर हाथ मारने लगा..

    “ये हमेशा मुझे इतने ज़ोर से क्यों मारता रहता है,,मैं इसे पंचिंग बेग दिखती हूं क्या…!!विनय मन में सोचने लगा..

    टेक इट इजी मेन…और हाँ मैं आपकी तरह सख्त लोंडा हूं किसी लड़की के जाल में इतनी आसानी से नहीं फंसने वाला…!!विनय सीना चौड़ा कर बोला..

    वाह्ह्ह छोटे बहुत सही जारहा है…चल रात काफ़ी होगई है सोजाओ…कल सुबह फिर से वही पुरानी कॉलेज की जिंदगी शुरू होगी..!!अधीरा बोलकर टी.शर्ट उतारने लगा और विनय फिर शर्म से यहाँ वहाँ देखने लगा..

    “अरे तुझे गर्मी वर्मी नहीं लगती क्या,,रोज़ रात को टी.शर्ट पैंट पहन के कौन सोता है…चल आज सारे कपड़े उतार कर सो….!!

    विनय ने ज़ब सुना तो उसकी हालत पतली होगई….

    नहीं ब्रो मैं ऐसे ही ठीक हूं…मैं कम्फर्ट में हूं आप सो जाए मुझे असाइनमेंट कम्पलीट करना है…!!विनय घबरा के बोला तो अधीरा गुडनाइट बोलकर अपने बेड पर जाके सोगया…

    विनय बाद में अपने दिल में सोचने लगा..

    एक बात तो है फ़िल्म देख मुझे भी मज़ा आया…!!

    अब मुझे लग रहा है मैं पूरी तरीके से लड़का बन गई हूं…

    विनय भी थोड़ी देर बाद किताब कॉपी समेट ऊपर ड्रोम में चढ़ सोने की तयारी करने लगा…

    रात सिर पर चढ़ गई थी और अधीरा और विनय अपने अपने बेड पर सो रहे थे…

    विनय का बेड ऊपर था और अधीरा का निचे लेकिन दिल एक दूसरे से जुड़े हुए थे…

    विनय नींद में सिमट के सो रहा था…

    प्लीज स्टॉप अधि…मुझे बहुत सारे काम है…!!

    विनय खुद को अधीरा के गोद में बैठा देख रहा था…

    अधीरा के हाथ उसके पेट पर बंधे थे,,अधीरा ने विनय के आँखों से ग्लासेस हटा कर कहा…

    मैं तुझे ज़ब भी किश करने जाता हूं ये तेरा चश्मा मेरे नाक में अड़ जाता है….

    अधीरा उसका चश्मा उतार कर साइड टेबल पर रख गया…

    आई लव यु सो सो सो मच विनय…

    मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूं…!!

    अधीरा अपने होंटो से विनय के होंट बुरी तरह रगड़ने लगा…

    अधि….मैं तो एक लड़का हूं ना….!!

    विनय उदासी से बोला…

    अधीरा कसके उसके निचे होंटो पर दाँत गड़ाए हुए बोला…

    मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता….

    प्यार अंधा होता है…और मेरा प्यार भी तेरे लिए अंधा है…

    अधीरा विनय के होंटो को दांतो से खिंच कर चबाने लगा तो विनय जी जान से काँप गया…

    विनय की नाजुक उंगलियां अधीरा के शर्ट के बदन से छेड़ छाड़ करने लगी…

    अधीरा ने उसके दोनों हाथ पीठ पर बांध दिए और उसके कंधे से शर्ट को फाड़ कंधे को चूमने काटने लगा…

    विनय आँख बंद किये अधीरा के बालों में हाथ फेर रहा था…

    विनय आँख खोल कर हड़बड़ा कर उठ बैठा और यहाँ वहाँ देखने लगा…

    हेंह्ह्ह्ह सपना था…

    कितना घटया सपना था..

    अधीरा को विनय से प्यार होगया है…

    नहीं नहीं अगर ऐसा कुछ भी हुआ ना तो मेरी कहानी खतम होजायेगी…!!विनय ने अपने बगल छोटे से वाल क्लॉक में देखा तो 3 बज रहे थे…

    विनय वापिस से सो गया…

    निचे वाले ड्रोम में अधीरा तकये को सीने से लगाए बेचैनी से करवट बदल रहा था…

    अधीरा धीरे धीरे नींद में चला गया…

    अधीरा का दिमाग़ फिर से सपने बुनने लगा..

    विनय और अधीरा अकेले क्लासरूम में थे और विनय अधीरा के सीने से लगे काँपे जारहा था…

    अधीरा ने बेदर्दी से उसकी एक टांग पकड़ के उठा रखी थी और विनय के जिनस के ज़िप खोले वह मुस्कुरा रहा था…

    विनय का चेहरा लाल पड़ा था..

    अधीरा जूनून से विनय को जकड़े प्यार लुटा रहा था..

    विनय की सिसकियाँ अधीरा को अपने कानो में सुनाई दे रही थी और विनय वाइल्डली उसके जिनस को खींच कर खोलने की कोशिश में लगा था…

    अधीरा ने करवट बदली और झट से आँख खोल ली..

    अब्बे ये कैसा सपना था…

    अधीरा खिड़की से बाहर निकली चमकीली धुप पर नज़र पड़ते ही चौंक गया..

    विनय नहा धो कर अपने ड्रोम में बैठा नोट्स के ज़ेरोक्स चेक कर रहा था..

    अधीरा ने ज़ोर से सिर पर हाथ मार ली..

    ये मुझे आजकल हो क्या रहा है…!!

    लड़की तक तो ठीक था अब लड़कों से रोमांस…बाप रे सोच के ही अजब सी चीड़ मच रही है…

    अगर ऐसा चलता रहा मैं गे बन जाऊंगा…

    विनय और मैं….!!!!ये तो मैं सोच भी नहीं सकता…!!

    अधीरा ना जाने क्यों अपनी ही सोच पर हंसने लगा..

    It's just beginning 🦋♥️🌸

  • 2. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 1

    Words: 1081

    Estimated Reading Time: 7 min

    वान्या ने बंगलोर के सबसे बड़े यूनिवर्सिटी में क़दम रखा और उसकी आँखे ख़ुशी से चमक उठी...

    आखिरकार....आखिरकार मैं यहाँ अपने मेहनत के बलबूते पहुंच ही गई....बस अब मेरा इनके कॉलेज में हो जाए फिर में ग्रेजुएशन की डिग्री लिए डेड के पास जाउंगी....हीहीही...!!वान्या भागती हुई अंदर गई वह इतने बड़े यूनिवर्सिटी कैंपस को देख जोश में आगई थी...

    लेकिन जैसे ही वह ऑफिस रूम पहुंची उसकी सारी ख़ुशी उड़न छू होगई क्यूंकि एडमिशन के लिए गर्ल्स कॉलेज में सीट खाली नहीं थी,आलरेडी सारे सीट फुल थे...
    वान्या ने ज़ब ये देखा तो उसका सिर ही चकरा गया मतलब उसका कर्रिएर शुरू होने से पहले ही खतम....

    "ओह्ह्ह मैं इतने दूर आई हूं....और मुझे ये सब देखना पड़ रहा है...मैंने क्या क्या ना सोचा था और अब मेरे साथ....मुझे घर वापिस नहीं जाना,डेड बहुत मज़ाक़ उड़ाएंगे और अंकल टेडी...सब मिलकर मुझपे हँसे गे....!!
    वान्या ने प्रिंसिपल रूम में जाके भी मालूम किया लेकिन उसे निराशा ही मिली...

    वान्या दुखी मन से जाने लगी ज़ब उसे एक लड़के से टककर होगई...

    सॉरी ब्रो...आराम से देख कर चला कर....!!वान्या के कंधे पर प्यार से हाथ रख वह लड़का आगे बढ़ गया था...

    वान्या ग्रीन चेक शर्ट और प्लाज़ू पहने बालों को जुड़े में बांधे हुए थी और क्यूंकि वह कैप पहन के थी इसलिए वह दूर से देखने में लड़का लग रही थी...

    "ब्रो...यार ब्रो नहीं सिस हूं मैं....लड़के और लड़की में फ़र्क़ नहीं दीखता....!!वान्या बाहर आई और उदास होकर एक छोटे से बंगलो में गई जो कबाड़खाना लग रहा था..

    "ओह्ह्ह तुम आगई....जल्दी आओ ये बहुत ही टेस्टी पास्ता बनाया है....!!मुस्कान चेहरे से मास्क हटा के एक साइड से निकली...

    वान्या साइड टेबल पर बैठ गई और कैप उतार के बालो को खोल लिया...

    क्या होगया...तेरा मीटर डाउन क्यों है....!!?
    मुस्कान उसकी तरफ पास्ता और हॉट चॉकलेट शेक बढ़ा के वही टेबल पर बैठ गई..

    "पहले तू बता...तू मज़ाक़ तो नहीं उड़ाएगी....!!
    वान्या चोप सटीक उठा के पास्ता खाने लगी..

    "अच्छा....अच्छा समझ गई तेरा एडमिशन नहीं हुआ है....वॉव मैं कितना ख़ुश हूं अब डेड को फ़ोन कर बताउंगी कि मंडप सजा दीजिये...लड़की शादी के लिए राज़ी है...!!

    वान्या के चेहरे पर उदासी उतर आई और सुनहेरी चमकती आँखे नम हो उठी...

    "नहीं करनी मुझे शादी....ज़बरदस्ती है क्या...!?
    वान्या पास्ता एक साइड रख टेबल से उछल कर निचे हुई और मुस्कान की तरफ देख बोली..

    "तू मुझसे बड़ी है...तेरी शादी पहले होगी लेकिन नहीं,,,सब घर पर मेरे पीछे पड़े है....तेरे तो खूब मज़े है यहाँ पर रह रही है,तेरे लिए डेड ने अलग से लेब भी बनवा दिया है...रोज़ नए नए एक्सपेरिमेंट करती है...साइंटिस्ट बन गई है और मेरा क्या....मैं तुझसे 6 साल छोटी हूं और सब मेरे पीछे पड़े रहते है...मैं बड़ी होगई हूं कोई बच्ची नहीं हूं.....!!

    मुस्कान उसके हिस्से का भी पास्ता खाने लगी और बोली..."ये बता तू अब क्या चाहती है.....!!

    "फिलहाल तो नहीं पता,,लेकिन प्लीज मुस्कान दी डेड को मत बताना कि मेरा एडमिशन नहीं हुआ है वरना वह टेंशन में आजायेंगे और फिर किसी बिजनेसमैन के बेटे से मेरा रिश्ता फिक्स कर देंगे....!!वान्या रिक्वेस्ट करने लगी...

    ओके,,पर तुझे अपने लिए जल्दी फैसला लेना होगा क्यूंकि मैं ज़्यादा दिन डेड से झूठ नहीं बोल पाऊँगी...!!
    मुस्कान सख्ती से बोली...

    वान्या तिरछी स्माइल लिए सीढ़िया चढ़ के अपने रूम में चली गई...
    मुस्कान बेबस थी,वान्या को उसने माँ के गुज़र जाने के बाद बहुत ही लाड प्यार से पाला था....सब घरवाले उसकी बहुत केयर करते थे लेकिन वान्या बहुत सियानी थी...
    वीरांश दीक्षित ने दोनों बेटियों की बहुत अच्छी परवरीश की थी....एक सनकी साइंटिस्ट बन गई और दूसरी सनकी स्क्रिप्ट राइटर बन गई...
    वान्या को बचपन से लिखने का बेहद शोक था और वह स्कूल के ड्रामो के लिए स्क्रिप्ट भी लिखा करती थी....

    लेकिन जैसा के देसी पेरेंट्स होते है वैसे ही वीरांस जी चाहते थे वान्या जल्द से जल्द शादी कर अपने घर की हो जाए...
    लेकिन वान्या को आगे और पढ़ाई करनी थी इसलिए वह घर से भाग कर मुस्कान के पास आगई,,मुस्कान उसका बैक सपोर्ट थी...

    पूरा दिन वान्या लैपटॉप में सर्च करते हुए निकाल दिया...

    मुस्कान कहती रही कि..."मशहूर कॉलेज है यहाँ सीट मिलना मुश्किल है...!!

    सुबह हुआ तो वान्या के कमरे से एक बेहद हैंडसम लड़का निकला...
    मुस्कान जो उठके नाश्ता बनाने में बिज़ी थी अचानक यूँ सामने खड़े लड़के को देख चौंक गई और गुस्से से बोली..

    "वान्या....ये क्या हुल्या बना के घूम रही हो.....!!

    वान्या अपने छोटे बालों को विक से ढके,टी शर्ट के ऊपर शर्ट पहने ब्लू जींस पहने खड़ी थी,,आँखों में छोटे फ्रेम वाला चश्मा,,हाथो में लड़को वाली घड़ी और लड़के वाले बूटस....
    वह किसी भी एंगेल से इस वक़्त लड़की नहीं लग रही थी...

    "मैंने फैसला कर लिया है....!!वान्या की आवाज भारी निकल रही थी..

    "तूने वॉइस चेंजिंग टेबलेट मेरी बिना इजाज़त के इस्तेमाल खा लिए....!??दिमाग़ ठिकाने पर है की नहीं....!!!
    मुस्कान चीख के बोली...

    "मैं कॉलेज जा रही हूं....बॉयज डिपार्टमेंट में एडमिशन हो रही है,,वहाँ काफ़ी सीटज़ है मेरा भी काम बन जायेगा....!!वान्या अपने विक के बालों में हाथ फेर मासूमियत से बोली...

    "दिमाग़ घास चरने गया है....!!लड़को के डिपार्टमेंट और हॉस्टल में रहना चाहती है,,जानती है कितना बड़ा रिस्क है,,अगर डेड को पता चल गया ना हम दोनों का काम तमाम कर देंगे....!!
    मुस्कान को बहुत बड़े शॉक में थी...

    "कुछ नहीं पता चलेगा....और पापा को बताएगा कौन...!??
    आप कुछ नहीं बताएगी और प्लीज विनय दीक्षित के नाम से फेक डॉक्यूमेंट और हायर सेकेंडरी के रिजल्ट बना दीजिये...!!
    वान्या ने रात भर जाग कर सब प्लान कर लिया था...

    "देख तू यहाँ आराम से बैठ,,बंगलोर में और भी कॉलेज है...मैं कुछ जुगाड़ लगा कर तेरा एडमिशन करवा दूंगी...देख ये सब करने की कोई ज़रूरत नहीं है....!!मुस्कान उसे प्यार से समझाने लगी...

    "आप मेरा साथ देंगी या नहीं.....मुझे कुछ नहीं सुनना है,,आप साफ साफ बता दीजिये वरना मैं भी डेड को बता दूंगी कि आपका निकली बॉयफ्रेंड मैं ही हूं जिसे आपने 3 साल पहले डेड से मिलवाया था...
    वान्या डेविल स्माइल के साथ बोली...

    मुस्कान खामोश होगई,वान्या ने एक बार हैंडसम लड़के का गेटप ले कर मुस्कान के बॉयफ्रेंड बनने का एक्टिंग किया था जिससे उसकी शादी का खतरा टल गया था...

    मुस्कान ने ठंडी सांस भरी और उसके कपड़े को देखा वह समझ गई कि वान्या अब पीछे नहीं हटने वाली....

    "तूने सीने पर इनविसिबल स्ट्राप लगाए है....!!ठीक है मैं कुछ नहीं बोल रही लेकिन...लेकिन इसका मतलब ये हरगिज नहीं तू मनमानी करेगी....
    मुस्कान के पास वान्या की बात मानने के इलावा दूसरा कोई ऑप्शन नहीं था..

    वान्या ने एक तिरछी मुस्कुराहट से मुस्कान को देखा और बाय बोलकर चली गई और इसी वक़्त से वह अपनी पहचान मिटा कर विनय बन गई थी...

    To_be_continued....

  • 3. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 2

    Words: 1025

    Estimated Reading Time: 7 min

    इम्पोर्टेन्ट नोटिस:-(वान्या को आगे कहानी में मैं विनय ही लिखूँगी तो कंफ्यूज मत होना)...

    विनय ज़ब कॉलेज पहुंचा तो आज उसके दिल में नई उम्मीद की किरण जागी हुई है…

    विनय ने एडमिशन फॉर्म लिया और फिलअप करने लगा…
    नाम विनय दीक्षित,उम्र 23 और गार्डियन नेम वीरांश दीक्षित….
    विनय जल्दी से बस फॉर्म भर लेना चाहता था,उसे बहुत ज़्यादा एक्ससिटेमेंट होने लगा था..

    “ओह्ह्ह बहुत मज़ा आएगा,बस एक बार मेरा एडमिशन हो जाए फिर मैं कुछ ना कुछ कर गर्ल्स डिपार्टमेंट में चली जाउंगी…!!
    विनय मन में सोच रहा था,पर वह ये नहीं जानती थी अब जिंदगी उसकी झंड होने वाली थी और उसे बहुत ही खतरनाक टाइप वाला मज़ा आने वाला था जो उसने पूरी जिंदगी में कभी महसूस नहीं किया था…

    विनय फॉर्म फिलअप कर इधर उधर कैंपस में देखने लगा…
    विनय ने कुछ लड़कियो को आते देखा तो वह ख़ुशी से उसकी तरफ बढ़ गया और बोला..

    “सिस आप बता सकती है कि एडमिशन फीस….
    अॉच….
    विनय पूरी बात भी नहीं कर पाया था की किसी ने उसके चेहरे पर बेदर्दी से एक थप्पड़ लगाया था..
    होंट फट गए और खून बहने लगा,,विनय को लगा उसके कान झंझना से गए है..

    भाई…आपने इसे क्यों मारा….!!वह लड़की गुस्से से आग बगूला होगई थी..

    इस की इतनी हिम्मत की ये तुझसे छेड़खानी कर रहा था…!!एक बॉडीबिल्डर साँवले रंग का लड़का विनय की तरफ देख नफ़रत से बोला..

    “शिवाय मैंने अपनी कानों से सुना है,,ये छोटू बेचारा बस शिवि से एडमिशन फीस के बारे में पूछ रहा था..!?
    एक और लड़के की आवाज आई…

    विनय को लगा वह किन जानवरों के बिच फंस गया है..
    विनय उठा और अपना गाल सेहला के दूसरे लड़के की तरफ देखने लगा जिसने हीरो की तरह एंट्री कर उसे बचा लिया था…

    गोरा दूधया रंग,बड़ी बड़ी नीली आँखे,तीखे नैन नकश…आइडियल हाईट और कसरती जिम में बना सॉलिड बदन…
    वह सच में कोई ग्रीक मेन की तरह लग रहा था…

    तुम्हे ज़्यादा चोट तो नहीं आई….!!वह लड़का अपने रुमाल से विनय के होंट में लगे खून को साफ करने लगा..

    “इट्स ओके…मैं ठीक हूं बस लगता है ग़लतफ़हमी होगई है…सॉरी…!!विनय ने शिवि की तरह देख सॉरी कहा जो उसे बहुत मीठी नज़रो से देख रही थी..

    शिवाय विनय के पीछे खड़े लड़के को नफ़रत से घूर रहा था..
    शिवि ने अपने भाई का बाज़ू खींच वहाँ से ले गई..

    विनय क्यूंकि नया आया था इसलिए उसे कुछ घंटा समझ ना आया था..

    “आपका बहुत शुक्रिया ब्रो…विनय झुक के अदब से बोला..

    “ब्रो नहीं अधीरा….अधीरा श्रीवास्तव….नाम तो सुना होगा…!!अधीरा स्टाइल में बोला..

    विनय बोला…”नहीं मैं पहली बार नाम सुन रहा हूं….!!

    अधीरा हँस दिया और बोला…”नाइस जोक…चल तेरा एडमिशन करवाते है…!!
    अधीरा के बाज़ू में हाथ डाल कर उसे वहाँ से घसीट कर ले गया..

    अधीरा ने चुटकीयों में उसके सारे काम करवा दिए…

    “वाह्ह्ह आप तो काफ़ी फेमस हो,,आपकी वजह से मेरा एडमिशन बिना किसी परेशानी से होगई….मैं कल सारे डॉक्यूमेंट ले आऊंगी…मतलब ले आऊंगा…!!

    कोई नहीं…तेरे भाई का बहुत नाम चलता है…कोई भी परेशानी हो तो बेझिझक अपने भाई को बोलयो…वैसे तूने कॉलेज और हॉस्टल देख लिया है…!?!अधीरा उसके गर्दन में बाज़ू डाले जोश में बोले जा रहा था..

    नहीं…अभी तो मैं नया आया हूं तो कुछ मालूम नहीं है…!!विनय का गर्दन दर्द करने लगा था..

    तब चल तुझे मैं पूरा कॉलेज दिखाता हूं…!!अधीरा उसे फिर घसीट कर अपने साथ ले गया…

    पूरे कॉलेज का एक एक कोना….अधीरा ने विनय को दिखा दिया था..

    विनय की सांस फूलने लगा था…

    बस करो ब्रो…मैं सच में थक गया हूं…!!विनय घुटने में हाथ रखे झुक कर लम्बी लम्बी सांस ले रहा था..

    “अब्बे तू तो बड़ा कमज़ोर निकला…देखने में ही कितना पतला दुबला लग रहा है…ढंग से खाया पिया कर….!!
    अधीरा उसके कमर पर एक ज़ोरदार हाथ मार कर बोला..

    “अह्ह्ह मेरी कमर…..!!
    विनय ने मन में कहा..

    “चल तू मुझे पसंद आया..आजसे तू अपने खास पंटरो में शामिल है,,हमारे ग्रुप में तेरा स्वागत है….!!अधीरा एक जूनून से उसके सामने सीने पर बाज़ू फोल्ड करता हुआ बोला..

    थेंक्यू…विनय की हालत अब भी खराब थी…

    ये लड़का बहुत अजीब है…ज़बरदस्ती ही मुझे अपने ग्रुप में शामिल कर रहा है,,लगता है थोड़ा सनकी है पर मेरा दिल कहता है ये अच्छा बंदा है…!!विनय दिल में सोचने लगा..

    अच्छा अधीरा….मैं अब चलता हूं,,घर पर दी इंतेज़ार कर रही होगी…सारे डॉक्यूमेंट भी कल आके सबमिट करवाना है…!!
    विनय ने हाथ मलते हुए कहा..

    अधीरा बोला…”शायद तुझे पता नहीं है,हमारे कॉलेज का रूल्स है कि जो यहाँ पढ़ता है उसे यहीं हमारे हॉस्टल में रहना पड़ता है…वैसे तू आया कहाँ से है…!!

    विनय को ये बात पहले ही मालूम थी…

    “मैं शिमला से आया हूं…इस कॉलेज में पढना मेरा सपना था जो आज आखिरकार पूरा होगया है…यहाँ मेरी बड़ी बहन रहती है उन्ही के यहाँ रुका हूं तो सारे कपड़े वगेरा दी के घर में है…बस वही जाके लाना है…!!
    विनय ने सब सच कहा था सिवाए अपने पहचान के,,जो उसने छुपा रखा था…

    तू अड्रेस बता…मैं तेरी बहन के घर भेज सारे सामान मंगवाता हूं….फीस वगेरा और डॉक्यूमेंट ये सब की चिंता तू मुझपे छोड़ दे,,वह सब का इंतेजाम हो जायेगा…अभी तू फिलहाल मेरे साथ हॉस्टल चल….!!

    अरे पर….सब बर्बाद हो जायेगा अगर मुस्कान दी का मुंह किसी दूसरे के सामने खुल गया तो….वह गुस्से की बहुत तेज़ है…!!
    विनय को कुछ समझ ही नहीं आरहा था आखिर ये अधीरा उसपे इतनी मेहरबानी क्यों दिखा रहा था…

    अधीरा फिर रास्ते भर उसके बारे में पूछता रहा…
    और बात बात पर वह कभी मुक्का तो कभी एक ज़ोरदार हाथ उसके पीठ पर जड़ देता…

    दोनों बात करते हुए हॉस्टल तक पहुंचे…कॉलेज से हॉस्टल बस 10 क़दम की दुरी पर था..

    हॉस्टल काफ़ी बड़ा था,,यहाँ पर दो हॉस्टल थे,एक लड़कियों का दूसरा लड़कों का…!!

    विनय ने अपना चश्मा सही करते हुए अधीरा की तरफ देखा..

    “एक बात पुछु आपसे…!?

    पूछ ले मुन्ना….!!अधीरा को वह कोई कम उम्र लड़का लग रहा था..

    आपने मेरी इतनी मदद क्यों की….!!
    विनय को अब भी शक हो रहा था कि आखिर ये बंदा उससे चाहता क्या है जो इतनी मदद किये जा रहा है…

    “हाहाहाहा…मैं वैसे सबकी मदद नहीं करता पर क्यूंकि तू मेरे ही क्लास में है इसलिए तेरी इतनी मदद की….और दूसरी मदद मैं क्लास प्रेसिडेंट हूं तो नए आये स्टूडेंट्स की मदद करना ही मेरी ड्यूटी है…

    To_be_continued....

  • 4. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 3

    Words: 1040

    Estimated Reading Time: 7 min

    अधीरा हँस के उसे प्यार से देख कर बोला...
    और हाँ उस शिवाय से बचके रहना वह हमारा खास दुश्मन है,,शिवाय को पसंद नहीं कोई भी उसकी बहन को नज़र उठाके भी देखे तो आइंदा से बी केयरफुल…!!

    विनय ने सोचा…”ये…मतलब ये क्लास प्रेसिडेंट है,,बट कितना अच्छा और नर्म दिल का है…थोड़ा अजीब है पर कितना रहम दिल है,ना ही इसमें कोई घमंड है और ना ही फालतू का ऐटिटूड…पर काश ये लड़की होता तो मेरी बेस्टी बन जाता,,चलो कोई नहीं…

    चल अब अंदर चलते है….!!अधीरा उसे लेकर हॉस्टल के अंदर चला गया…
    हॉस्टल के वार्डन अंकल से बात कर उसे रूम में रहने मिल गया,,वैसे बहुत सारी फॉर्मेलिटी थी लेकिन अधीरा ने सब शार्ट कट में करवा दिया..

    तुझे जिस भी कमरे में रहना है तू रह सकता है,वैसे में बता दूँ की एक रूम में दो लड़के रहते है…कमरा शेयर होता है और हाँ सब यहाँ तेरे भाई है तो किसी से डरना मत…!!
    अधीरा का समझाने का तरीका बहुत ही हँसमुख टाइप था वह हमेशा पॉजिटिव एनर्जी में रहने वाला बंदा था..

    ओके आपने इतना कुछ किया…मैं कैसे आपको शुक्रिया कहूंगा समझ नहीं आरहा है…!!वान्या ने अपनी पहचान,आवाज सब बदल ली थी लेकिन वह अपना अंदाज़ नहीं बदल पाई थी..

    “तू कुछ ज़्यादा ही डिसीन्ट है…मैंने पहली बार तेरी तरह कोई चिकना लड़का देखा है…!!अधीरा बोल के मुंह पर हाथ रख हंसने लगा..

    विनय ने ठंडी सांस भरी और वह हॉस्टल के कमरे देखने लगा..
    विनय के होश उड़ गए थे..
    क्यूंकि ये बॉयज हॉस्टल था तो यहाँ लड़के कॉज़ल घूम रहे थे..

    ओह्ह्ह गॉड ये क्या देख रही हूं…ये लोग इस तरह जानवरो की रहते है…मेरा दिल कर रहा है अभी भाग कर चली जाऊं…!!
    विनय दिल में सोच रहा था..

    अह्ह्ह्हह….एक रूम में एक लड़का सिर्फ हाफ पेंट पहने बैठा था..

    क्या होगया चीख क्यों रहा है…!!अधीरा ने रूम में जाते हुए कहा…

    “नहीं ब्रो चलो यहाँ से…मुझे यहाँ नहीं रहना…!!विनय उसका बाज़ू खिंचते हुए बोला..

    अरे पागल है क्या…ये फकरी काफ़ी अच्छा लड़का है तू इसके साथ रह और दोस्ती कर ले…!!अधीरा बोला तो फकरी भी दोनों को देखने लगा..

    नहीं…नहीं इसने तो पूरे कपड़े भी नहीं पहने है…मेरे को नहीं रहना है प्लीज चलिए यहाँ से….!!
    विनय बोल के बाहर निकल गया..

    सॉरी फकरी नया लड़का है…तुझे डिस्टर्ब किया…!!
    अधीरा भी चिढ के बाहर निकल आया..

    विनय को 5 6 कमरा दिखाया पर उसके नखरे खतम होने का नाम ही ले रहे थे..

    “छी…ये कमरा कितना गंदा है…!!

    नहीं इस कमरे से बदबू आरही है…!!

    “है भगवान….ये लड़के पूरे कपड़े क्यों नहीं पहनते….
    नहीं यहाँ भी नहीं रहना…
    इस कमरे में भी नहीं…

    इस लड़के को देख कर लगता है ये नहाना तो दूर मुंह भी सही से ना धोता होगा…!!

    विनय ने आज पूरे हॉस्टल के लड़को को भियानक गुस्सा दिला दिया था…कोई भी अब उसके साथ रूम शयेर कर रहने को तयार नहीं था..

    अधीरा सब को सॉरी कर थक गया था..

    आखिर में अधीरा ने तंग आके उसके गर्दन में एक ज़ोरदार हाथ मार दिया तो विनय दर्द से छटपटा गया..

    “तेरे इतने नखरे है…ऐसे में तेरा यहाँ गुज़ारा नहीं होने वाला…!!
    अधीरा ने उसपे तीखी नज़र ड़ालते हुए कहा..

    विनय गर्दन सहला के बोला…”इतनी ज़ोर से क्यों मारा भई….
    और मैं क्या करूँ आप ही बताओ,,मुझे साफ सुथरा माहौल पसंद है…लेकिन हॉस्टल में बहुत सब मेस्सी सा है…!!

    अब एक ही कमरा बचा है…वह है मेरा,,अगर तुझे वह भी पसंद ना आया तो…!!

    आजायेगा…पक्का आजायेगा पसंद….!!अधीरा की मार खाने की हिम्मत नहीं थी…

    अधीरा ने अपना कमरा दिखाया जो बाकि लड़को के कमरे से काफ़ी बहतर था..

    वॉव…कीचड़ में कमल खिलने के बराबर है…मुझे ये बहुत पसंद आया,,ओके मैं यहाँ रहूंगा…!!
    विनय खुश होके वहाँ बेड पर बैठते हुए बोला..

    “लेकिन मैं किसी के साथ रूम नहीं शेयर करता..लेकिन क्यूंकि ज़्यादा कमरे खाली नहीं है इसलिए मैं तुझे रहने की इजाज़त दे रहा हूं बाक़ी याद रखना मुझे साफ सफाई पसंद है…तो कमरा गंदा मत करना…!!
    अधीरा बोल ही रहा था कि विनय आते ही बेड पर चादर तय करने लगा…

    सारे कमरों में डबल बेड वाला ड्रोम था,ऊपर और एक निचे बेड काफ़ी यूनिक स्टाइल में सेट थे…

    शाम होते ही विनय थक गया और बिस्तर पर ऐसे ही सिमट के सो गया…

    दूसरी तरफ मुस्कान उसकी चिंता में घुटे जा रही थी,अभी तक वान्या का एक कॉल तक नहीं आया था..

    “आने दो आज इस लड़की को,,फिर बताउंगी….!!
    मुस्कान यही सब सोच रही थी ज़ब बेल की आवाज आई…

    मुस्कान भागते हुए गई..
    जैसे ही मुस्कान ने दरवाजा खोला सामने दो लड़के खड़े थे…

    “हेलो…ये विनय दीक्षित का घर है….!??

    विनय दीक्षित….कहीं वान्या पकड़ी तो नहीं गई…!?वह जेल तो नहीं चली गई!?गुंडों के हाथ तो नहीं लग गई….!??
    कहती थी उसे हर वक़्त हंसी मज़ाक़ ना करे ज़िन्दगी में सीरियस हो जाए,,माना की वह मेकअप में माहिर है और किसी का भी लुक ले सकती है लेकिन फिर भी है तो वह लड़की….
    मुस्कान ओवर थिंकिंग करने लगी थी..

    हमें उसका डॉक्यूमेंट और सामान दे दीजिये…उसका एडमिशन हॉस्टल में होगया है और उसने आपके लिए मेसेज भेजा है कि वह बिलकुल ठीक है और आप ज़्यादा टेंशन ना ले…!!
    दूसरा लड़का बोला जो मुस्कान को गहरी सोच में डूबे देख समझ गया था कि उसे अपने छोटे भाई की चिंता हो रही होगी…

    ओके…आप अंदर आये मैं अभी उसका सामान ले आती हूं….!!मुस्कान के दिल में राहत हुई की उसकी पगली बहन अपने प्लान में कामयाब होगई है…

    थोड़ी ही देर में मुस्कान ने फेक डॉक्यूमेंट जो विनय के नाम रजिस्टर थे वह उन लड़को के हवाले कर दिया…बाक़ी वान्या अपने साथ दो बड़े बड़े सूटकेस लाइ थी वह भी मुस्कान ने उन लड़कों को दे दिया और कहा…

    “बस यही सामान है…और प्लीज मेरे छोटे का ख्याल रखना आपलोग…मुझे उसकी बहुत फ़िक्र रहती है…!!

    वह लड़के मुस्कान को अच्छे से समझा के चले गए…
    मुस्कान सोचने लगी आखिर ये लड़की पूरे 3 साल लड़को के साथ बॉयज हॉस्टल में रहेगी कैसे…..!?
    बात सिर्फ बॉयज कॉलेज की होती तो एक हद तक सही भी था,,लेकिन लड़कों के साथ….वह भी एक जगह रहना…

    “पता नहीं भगवान ने वान्या को कैसी उलटी खोपड़ी दी है…उसे हमेशा से आसान चीज पसंद नहीं आती थी,वह ढूंढ ढूंढ कर मुश्किल चीज़े निकालती थी और उनके साथ मज़े में रहती थी…
    डर भी नहीं लगता था,हमेशा बेकअप प्लान के साथ चलती थी…

    To_be_continued....

  • 5. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 4

    Words: 1054

    Estimated Reading Time: 7 min

    विनय ज़ब सोकर उठा तो चौंक गया रात के 10 बज रहे थे…

    कमरे में अधीरा बैठा नोट्स बना रहा था..

    अधि….मैं कब से सोरहा हूं….!!

    शाम से….मैंने तुझे उठाना ज़रूरी नहीं समझा क्यूंकि तू बहुत ज़्यादा थका हुआ लग रहा था,,अब जा मुंह हाथ धो और खाना खा ले…!!

    अधीरा अपनी पढ़ाई में बिजी था…

    विनय उठा और सोचने लगा..

    “मैं तो डर गई थी पर कोई नहीं,,ये इतना ज़्यादा भी रिस्की नहीं है,,मेरा विक का ग्लू काफ़ी बढ़या है,मुझे तो लगा मैं सोऊंगी तो ये निकल जायेगा….लेकिन चलो काम तो बन गया और किसी को शक तक नहीं हुआ…!!

    विनय उठा और वाशरूम गया तो उसे उलटी आने लगी,वाशरूम बहुत ज़्यादा गंदा था…

    बड़ी मुश्किल से विनय ने बेसन पर झुक कर मुंह हाथ धोया…

    छी छी…ये सिर्फ कमरा साफ रखता है,,कभी वाशरूम नहीं धोता है क्या..!?

    कितना गंदा है…!!

    विनय ज़ब कमरे में आया तो खाना आ चूका था…

    “ये खाना है….!!विनय ने मोटे चावल की बनी खिचड़ी देखि…

    हाँ यहाँ ऐसा ही खाना मिलता है…मोटे चावल वाली खिचड़ी और पानी वाला दाल और सब्ज़ी,,ज़्यादा हुआ तो हफ्ते में एक बार चिकन….

    अधीरा मुस्करा के बोला..

    ओह्ह्ह….आपलोग के हलक से ये पार हो जाता है…!!विनय को उबकाई आने लगी..

    “हॉस्टल का खाना खाता कौन है..हम सारे लोग बाहर से अपने मन पसंद डिश आर्डर करते है….!!अधीरा अपना मोबाइल ऑन कर जोमाटो से पास्ता आर्डर करने लगा..

    “अधि मेरे लिए भी प्लीज…मुझसे ये खाना हलक के पार नहीं होगा…आप मुझसे पैसे लेलो पर कुछ ढंग का खाना आर्डर कर दो…!!

    ओके ओके चील…मैं इतना खुदगर्ज नहीं हूं छोटे…तेरे लिए भी आर्डर कर रहा हूं…लेकिन सुन ले पैसे मैं दूंगा…!!

    अधीरा उसकी टांग खींच रहा था..

    “क्यों ना हम खर्च बाँट ले…ताकि हम में से कोई शर्मिंदा ना हो…!!विनय दिल में सोचने लगा..

    विनय अपना सूटकेस देख खुश हुआ और बोला…

    “वाह्ह्ह भई वाह्ह…यहाँ के लोग तो 5g नेटवर्क की तरह स्पीड में काम करते है..इतनी जल्दी मेरा सामान भी ले आये,,मानना पड़ेगा बॉस…

    अधीरा उठके उसके पास आगया और उसके दो बड़े बड़े सूटकेस देखने लगा..

    “तुझे इतने कपड़ो की क्या ज़रूरत,,तू मेरे अंडरवियर और बनयान इस्तेमाल कर सकता है..भई है तू मेरा,,जो मेरा सामान है वह तेरा है…

    विनय के गाल शर्म से तमतमा उठे,वह अपनी फितरत में शामिल शर्म और हया छुपा नहीं सकती थी..

    “थेंक्यू भई…बट मुझे अपना हर चीज परसनल पसंद है…जानता हूं शेयरिंग़ इज़ केयरिंग,,लेकिन मैं हाईजीन मेंटेन करता हूं…

    ओह्ह्हो शर्मा रहा है…डर मत पगले तुझे दिल से दोस्त माना है मतलब तू दोस्त है..इसलिए जो चाहिए बोल देना…!!

    अधीरा उसके बालों में हाथ फेरने लगा जो काफ़ी सॉफ्ट थे…

    “ये पागल वागल है क्या…अरे नहीं चाहिए मुझे कुछ भी,,ये लड़कों की दोस्ती सच में इतनी पक्की होती है…जिगर गुर्दा फेफड़ा सब शेयर करने को तयार है…

    विनय मन में सोचने लगा..

    थोड़ी देर बाद विनय चुपके से सब सामान सेट करने लगा और अधीरा उसके हर एक हरकत को बड़े गौर से नोटिस कर रहा था..

    हर एक चीज को तरिके ओ सलीके से रखना…

    ये सारे इतने डब्बे किस चीज के है…!!

    अधीरा को उसके सामान को देख हैरत हो रही थी..

    ये सब क्रीम है…और ये मॉइस्चराइज़र और फेस वाश बॉडी वाश वगेरा है…!!

    विनय अपनी धुंकि में बोलता ही चला गया..

    हेंह्ह्ह क्रीम…और क्या क्या बोला तूने,ये सब तो लड़कियां यूज़ करती है…

    विनय के दिमाग़ में खटका,,वह क्या बोल गया है…

    शायद लड़के इतनी महंगी क्रीम वगेरा इस्तेमाल ना करते हों…

    “अब मैं समझा,,तू इसलिए इतना चिकना दीखता है…तू तो बड़ा अपनी स्किन केयर रूटीन मेंटेन करता है…!!

    अधीरा सोचते हुए बोला..

    हीहीही नहीं ऐसी कोई बात नहीं है,दरअसल मेरी दी ने ये सब समान रख दिया था,,उन्हें लगा पता नहीं खुद का ख्याल रख पाउँगा भी या नहीं….अब आप ही बोलो मैं उनके क्रीम क्या करूंगा लगा के….!!

    विनय ने बात को संभाल लिया..

    अधीरा एक एक डब्बा खोल कर स्मेल लेने लगा…

    वाह्ह्ह्ह यार…क्या मस्त खुसबू है…!!

    विनय को खतरे की घंटी बजती हुई दिखी..

    यही सब बातों में वक़्त निकल गया और उन दोनों का खाना भी डिलवर होकर आगया…

    दोनों ने आराम से खाया और वापिस अपने अपने काम में बिजी होगये…

    पता नहीं रोज़ बाहर का खाना खाके मेऱा गुज़ारा कैसे होगा…कहीं मेरा पेट खराब ना हो जाए…!!विनय अपने बेड पर लेटा सोच रहा था..

    ओये सुन…तू जाग कर है…!!

    अधीरा की आवाज निचे वाले ड्रम से आई तो विनय बोला..

    बोलिए मैं जाग कर हूं….!!

    अधीरा तारीफ करता हुआ बोला…”तेरी बहन को शायद तेरी बहुत फ़िक्र लगी हुई है,,उसने मनमित और गुरमीत से कहा था की वह तुझे कहे कि तू अपना ज़्यादा से ज़्यादा ख्याल रखे…लगता है तू पहली बार अपनी फैमिली से दूर हुआ है…!!

    हाँ ऐसा ही कुछ है…और बहन बहुत प्यारी होती है…जितना भी बड़ा हो जाऊंगा वह परवाह करना नहीं छोड़ती,,बिलकुल माँ जैसी होती है…!!विनय भी इमोशनल होगया…

    “लगता है तू घर का लाडला बेटा है…तेरी मम्मी भी बहुत परेशान होगी तब….!?

    अधीरा ने सवाल किया…

    विनय छत को तकते हुए बोला…”मेरी मम्मी इस दुन्या में नहीं है…ज़ब में 2 साल का था वह मुझे छोड़ के हमेशा के लिए चली गई…डेड और दीदी ने मुझे कभी उनकी कमी महसूस नहीं होने दी है…!!

    ओह्ह्ह सॉरी यारर…माँ क्या होती है ये सिर्फ वही लोग जानते है जिनकी माँ नहीं होती है…!!

    अधीरा उदासी से मुस्करा दिया..

    “आप ऐसा क्यों बोल रहे हो…भगवान हमारे साथ है ना और हमारी जिंदगी में कोई एक ऐसा चाहने वाला ज़रूर होता है जो हमें बेशुमार प्यार करता है…!!विनय उठ बैठा..

    “लेकिन जिसकी लाइफ में कोई ना हो उसे क्या करना चाहिए…क्या उसे मर जाना चाहिए….!!अधीरा गंभीर होगया..

    विनय निचे अपने बेड से सीढ़ियों से उतरा और अधीरा के पास आ बैठा…

    “ऐसी बातें नहीं करते,,भगवान नाराज होते है और हाँ किसने कहा मर जाना चाहिए…हमें आस पास जीने की वजह तलाश करनी चाहिए,,होसकता है कोई ऐसा मिल जाए जिसे हमारी ज़रूरत हो…

    विनय अधीरा को समझाने लगा..

    हम्म शायद…पर मेरी क़िस्मत इतनी अच्छी नहीं है….इसलिए शायद मैं अपनों से ज़्यादा दोस्तों पर जान देता हूं…दोस्त कभी भी धोकेबाज नहीं होते है..!!

    विनय उसकी बात सुन खाँसने लगा..

    “अच्छा अच्छा…मेरी दुआ कोई आपको अपना मिल जाए ताकि आपकी जिंदगी रंगीन हो जाए…!!विनय बोल के वापिस दो सीढ़िया चढ़ ऊपर अपने बेड में जा पसरा..

    वान्या….ये सब क्या है..दोस्ती यारी,धोकेबाजी…व्हाट रबीश,,,इस बंदे का दिमाग़ ही खराब है…!!

    विनय खुद से ही बातें कर रहा था..

    थोड़ी ही देर में दोनों को गहरी नींद आगई थी…

    To_be_continued…

  • 6. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 5

    Words: 892

    Estimated Reading Time: 6 min

    सुबह के 6 बजे विनय को चीखम चिल्ली की आवाज़े आने लगी..

    “ओफो क्या है…यहाँ दो मिनट चेन से सो भी नहीं सकती….!!

    विनय गुस्से से उठ बैठा देखा अधीरा ब्लैक टी.शर्ट और ट्रॉउज़र पहने कानो में हेडफोन लगाए शो लेस बांध रहा है..

    “भई इतने सवेरे सवेरे कहाँ जारहे हो…!?

    विनय ने सवाल किया…

    जॉगिंग करने जा रहा हूं वहाँ से जिम जाऊंगा फिर 7 बजे आके कॉलेज जाने की तयारी करूंगा…!!अधीरा परस फ़ोन उठाके बाहर निकल गया…

    ओह्ह्ह तभी इसके इतने मज़बूत डोले शोले है…ओहो अब मैं समझी ये इतना ज़्यादा फिट क्यों है….!!

    विनय ने बालों से विक हटाया और रूम लॉक कर शॉवर लेने चला गया…

    विनय बॉडी वाश पूरे बदन में मल मल कर लगा रहा था क्यूंकि पूरे हॉस्टल में अजीब सी बदबू फैली हुई थी…

    बालों को शेम्पू से धोके उसने बाल बांध लिए,क्यूंकि उसके बाल थ्री स्टेप में कटे थे तो ज़्यादा लम्बे नहीं थे…

    विनय बाहर आया और वापिस से अपने सीने में इनविसिबल पट्टीयां कसके लपेट लिया…ताकि उसका सीना फ्लैट लगे…

    फिर बालों को ड्राइर से सुखाया और विक पहन लिया…टी.शर्ट और टाइट जींस पहन वह आँखों में चश्मा लगाए तयार था…

    टी.शर्ट के ऊपर उसने एक ओपन जैकेट पहन ली…

    बेग कंधे पर टांग वह तयार खड़ा था..तभी अधीरा आगया जो पसीने से भीगा था..

    विनय का दिल ज़ोर से धड़कने लगा था,,चोड़े सीने से ब्लैक टी.शर्ट पसीने से चिपक गई थी और मज़बूत बाज़ू की हरि नसे….चेहरे और गर्दन पर पसीने की चमकती बुँदे…

    इसे अभी कोई लड़की देख ले तो एक ही नज़र में प्यार में पड़ जाएगी….उफ्फ्फ ये इतना हॉट क्यों है…!?

    विनय पलक झपकाना भूल गया था..

    विनय…बस दो मिनट रुक..मैं नहा के आता हूं फिर साथ में कॉलेज चलेंगे..

    अधीरा उसके कंधे पर ज़ोर से हाथ मारके वाशरूम चला गया…

    अरे लेकिन मैं लेट हो जाउंगी….!!विनय के मन में बात आई लेकिन 2 मिनट में ही अधीरा टॉवल लपेट कर बाहर आगया…

    पानी की नन्ही बुंदे उसके पूरे बदन में शबनम की तरह चमक रही थी..

    गोरा कसीला बदन…सिक्स पैक और बाईसेप्स…

    विनय का गला सूखने लगा..

    ऐसे क्या देख रहा है बे..इतनी हवस भरी निगाहों से घूर रहा है…!!अधीरा की बात पे विनय को होश आया और उसने खुद को मन में गालिया दी…

    “ओये वान्या भूल मत तू लड़की है…ऐसे बेशर्मो की तरह बेचारे लड़के को घूरे जारही है…पाप लगेगा पाप….!!

    विनय ने नज़रे चुरा ली…

    अधीरा जींस में बेलट लगाने लगा और खुद पर परफ्यूम छिड़क के बोला…

    “वह वाशरूम में तेरा रखा हुआ शेम्पू मैंने पूरा खतम कर दिया…उसकी काफ़ी अच्छी खुसबू थी…!!अधीरा अपने बालों को जेल से सेट करता हुआ बोला..

    क्या….विनय शॉक से उठ खड़ा हुआ…!!

    अरे वह बॉडीवाश था…इसने शेम्पू समझ के सब बालों में लगा लिया…ये लड़का गँवार है क्या…!??

    विनय का बस चलता तो वह अधीरा का गला घोंट देता…

    चल मैं तयार हूं…साथ में चलते है और याद रखना मैं तेरा उस्ताद हूं तू मेरा चेला है..मेरे पीछे पीछे ही रहना…!!

    अधीरा उसके गले में बाज़ू डाल उसे अपने साथ घसीट कर ले गया..

    कॉलेज पहुंच कर अधीरा ने उसे कई लड़कों से मिलवाया और विनय की दोस्ती करवाई…

    विनय क्लास में फर्स्ट बेंच में अधीरा के साथ बैठा था..

    सारे लड़के विनय को बहुत गौर से देख रहे थे…

    गोरी चिकनी बिना दाढ़ी मूंछ वाली चमड़ी..उसपे बाल माथे पर बेपरवाही से बिखरे हुए…आँखों में छोटे फ्रेम वाला चश्मा…और सबसे खास बात उसकी छोटी हाईट…

    वह कोई कमसिन लड़का लगता था..

    ये सब के सब मुझे क्यों घूर रहे है…क्या मैंने कुछ गड़बड़ कर दिया है…!?

    विनय सोच में डूबा था तभी क्लास में नील सर आये तो सब उठ कर गुडमॉर्निंग बोलने लगे..

    आते ही सर ने क्लास का माहौल गंभीर कर दिया..

    ऐसा लगता है ये सर काफ़ी स्ट्रिक्ट है…!!विनय ने सोचा था उसका इंट्रोडक्शन होगा लेकिन यहाँ तो बात ही दूसरी चल रही थी…

    जैसे तैसे कर क्लास खतम हुई विनय ने जो सर की लेक्चर सुन नोट्स लिखें थे उसकी फोटो सारे लड़के लेने लगे…

    अधीरा ने चीख के कहा…”मैं ग्रुप में सेंड कर दूंगा…तो टेंशन फ्री हो जाओ दोस्तों…!!

    अरे भई लेकिन मैंने मेहनत कर लिखी है और सबको ऐसे कैसे दे दूँ….क्लास के टाइम ये लोग सो रहे थे क्या…!?

    विनय के दिल में ये बात आई पर वह अधीरा के खिलाफ नहीं जाना चाहता था..

    यारर कोई लड़की क्यों नहीं है…!!मुझे मज़ा नहीं आरहा है..!!विनय का मुंह लटक गया था..

    मैंने जो सोचा था यहाँ वैसा तो कुछ भी नहीं है…मुझे बिलकुल भी अब अच्छा नहीं लग रहा है…पता नहीं क्यों मुझे लग रहा है मुझसे ग़लती होगई है…!!विनय अकेले ही केंटीन में जा बैठा…

    वहाँ कुछ मंचली लड़कियां भी बैठी विनय को देख रही थी साथ में उनके साथ शिवि भी बैठे चोरी चोरी विनय को मीठी नज़रो से देख रही थी..

    पहली लड़की…”ये शायद न्यू एडमिशन है…!!

    दूसरी लड़की…”हाँ कितना क्यूट है…बिलकुल कोरियान बॉयज की तरह दीखता है…पतले होंट,साफ रंगत और और…

    बस करो तुम दोनों…मैं जारही हूं भाई ने सुन लिया तो मुसीबत होगी…!!शिवि को गुस्सा आने लगा था..

    शिवि बिलकुल डॉल जैसी थी..नाजुक सी,,चीनी की गुड़या…

    शिवि ने देखा विनय सामने रखे बर्गर को ज़बरदस्ती खाने की कोशिश कर रहा है..

    “मनमित भई बोल रहे थे इसकी बहन काफ़ी फ़िक्र में घुली जा रही थी,शायद घर का लाडला राजा बेटा होगा..!!दोनों लड़कियां बोलके हंसने लगी तभी विनय ने भी पीछे मुड़ देखा तो वह सब विनय को देख शर्मा के यहाँ वहाँ देखने लगी..

    To_be_continued....

  • 7. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 6

    Words: 1200

    Estimated Reading Time: 8 min

    लड़कियां सारी विनय को ही देख एक दम शर्मा घबरा गई थी,,शिवि के भी चेहरे पे एक शर्मीली मुस्कान तेर गई थी..

    “चलो यारर,,मतलब मेरा चार्म लड़कियों पर काम कर रहा है…हम्म मैं हूं ही इतना हैंडसम…!!विनय उनकी तरफ देख हँस दिया…

    विनय अंदर ही अंदर हैप्पी डांस करने लगा..

    तभी विनय को याद आया उसने घर पे एक बार भी कॉल नहीं की है…
    विनय केंटीन से उठा और गार्डन में आ बैठा..
    मुंह से चविंगम निकाल उसने डेड को कॉल लगाया..

    हेलो डेड…हाँ हाँ इतने सारे सवाल मत करये…मुस्कान दी ने बताया होगा आपको…हांजी मेरा एडमिशन होगया है और हॉस्टल में रूम भी मिल गया…लड़कियां मेरी दीवानी भी होगई है…ओके बार बार कॉल कर मुझे डिस्टर्ब नहीं करये,,मैं अपना पूरा फोकस स्टडी में करना चाहता…मतलब चाहती हूं…हांजी डेड लव यु टू और अपना ख्याल रखये और टेडी को मेरी तरफ से ढेर सारा प्यार देना बाय…!!विनय की आवाज इस वक़्त काफ़ी सुरेली ओ बारीक़ निकल रही थी…

    विनय ने आस पास देखा कोई भी इस वक़्त नहीं था…
    विनय ने वापिस से एक चविंगम अपने मुंह में रख लिया और अच्छे से चबाने लगा ताकि उसका आवाज पहले की तरह भारी हो जाए..
    फिर विनय वाशरूम की तरफ चला गया,लेकिन अब यहाँ उसे सबसे बड़ी परेशानी का सामना करना था..
    विनय सोच रहा था वह गर्ल्स वाशरूम यूज़ करे या बॉयज…

    नहीं नहीं..मैं हूं तो असल में एक लड़की ही तो मुझे गर्ल्स वाशरूम यूज़ करना चाहिए..लेकिन किसीने देख लिया तो सब सत्यानाश हो जायेगा…!!
    विनय सोच ही रहा था कि पीछे से एक ज़ोरदार हाथ किसी ने मारा और कहा..

    “अब्बे लड़कियों के वाशरूम के पास खड़ा क्या सोच रहा….नॉटी नॉटी,,चल जल्दी निकल चल अगर किसी लड़की ने देख लिया तो चप्पल से मारेगी…!!
    अधीरा विनय का बाज़ू खींच बॉयज वाशरूम के पास लेगया..

    चल मुझे भी ज़ोर से लगी है..साथ में चलते है…मैं भी तो देखु तेरा कितना बड़ा है…!!
    अधीरा शरारत से बोलता हुआ विनय को खींच के अंदर ले जाने लगा..

    ये क्या हो रहा है…नहीं नहीं मुझे नहीं जाना है…भगवान बचा लीजिये प्लीज…!!
    विनय को ज़बरदस्ती खिंच तान के अधीरा अपने साथ वाशरूम ले आया बस क्या था वाशरूम में खड़े लड़के जो सुसु करने में बिजी थे वह भी चौंक गए और विनय ने आँखों पर हाथ ज़ोर से चीख पड़ा…

    अअअअअअअअअअ…..
    विनय भागा और बाहर निकल झुक के उलटी करने लगा…

    अधीरा उसके पीछे भागा और जल्दी से उसका पीठ सहलाने लगा..

    “पगला कहीं का….इतनी ज़ोर से चीख के क्यों भागा…तेरी तबियत ठीक नहीं है क्या…!?अधीरा को चिंता हुई..

    विनय उलटी कर वही पीलर से सहारा लिए खड़ा रहा…

    “बड़ा खतरनाक दृश्य था…अच्छा हुआ मैं भाग आई…छी मुझे तो बदबू से ही उलटी होगई…!!
    विनय मन में सोचने लगा और अधीरा पानी का बॉटल खोल विनय की तरफ बढ़ा गया..
    विनय ने दो तीन घूंट पानी के लिए और अधीरा की तरफ देख बोला..

    “सॉरी अधि लेकिन वाशरूम बहुत ज़्यादा गंदा है…मुझसे बर्दास्त नहीं हुआ…!!

    चल कोई नहीं…खुली हवा में चलते है…!!अधीरा की नज़र उसके भीगे गुलाबी होंट पे जम गई जो बहुत ही पतले और दिलकश थे…

    विनय अधीरा के बाज़ू से लगा गार्डन में आ बैठा…

    ऐसे नहीं चलेगा छोटे…तुझे यहाँ रहने की आदत डालनी होगी,,तेरी बहन को तुझसे बड़ी उम्मीदें है…खुद को खरा बना और हर जगह एडजस्ट करना सिख…!!
    मैं भी एक बिजनेसमेन का बेटा हूं,,मुझे सोने का निवाला खाने की आदत थी लेकिन आज देख मैं सबके साथ यूँ घुल मिल के रह हूं जैसे बरसो से यही रहता हूं…हमें हर जगह एक जैसा माहौल नहीं मिलता है..खुद को हर हालात में जिना सीखा…मर्द बन मर्द…!!अधीरा उसके कंधे को कसके पकड़ उसे मोटीवेट कर रहा था…

    हाँ मर्द बन जाऊंगा…पहले कंधे तो छोड़िए बहुत दुख रहे है…!!विनय दर्द से बिलबिला उठा तो अधीरा को पता नहीं क्यों उसपे बड़ा प्यार आया…

    अच्छा ये बता कौन कौन से गेम में तो माहिर है…!!

    अधीरा का सवाल सुन विनय ख़ुशी से बोला…”लूडो,हाईड एंड सिक…कॉप बैट,पकड़म पकड़ाई…घर घर और हाँ मुझे रिंगा रिंगा रोसेज भी आता है…!!

    अधीरा के सब दिमाग़ के ऊपर चला गया..

    ये सारे गेम्स के नाम है क्या…!!

    हाँ…आपने कभी नहीं खेले क्या…!?

    हाँ शायद…ना भी…तेरी बात तो निराली है,,मुझे आज पता चला ये गेम के नाम है…खेर छोड़ आ आज हमारा क्रिकेट मैच है…!!
    अधीरा जोश में बोला…

    ब्रो…मुझे क्रिकेट खेलना नहीं आता…!!
    विनय मासूमियत से बोला..

    हाहाहाहा…चल मज़ाक बंद कर और प्लेग्राउंड चलते है…!!
    अधीरा के साथ चलना मतलब घोड़े की सवारी करना…अधीरा बहुत तेज़ी से चलता था..

    दोनों मैदान में दौड़ते हुए आये…विनय की साँसे फूलने लगी थी..

    मैं दम्मे की बीमारी से मर जाउंगी..मेरी सांसे उखड़ जाएगी…!!!
    मन ही मन खुद को शांत करवाता विनय मैदान देखने लगा जो काफ़ी बड़ा था…
    चारो तरफ लड़के खेल रहे थे…कोई फुटबॉल खेल रहा था कोई वॉलीबॉल…और कोई क्रिकेट…

    दोस्तों ये विनय है ये भी हमारे साथ खेलेगा…!!
    अधीरा ने जैसे ऐलान कर दिया हो..

    सारे लड़के उसके करीब आगये…विनय उन सब के बिच छुप के रह गया…सब काफ़ी लम्बे चोड़े थे…

    ब्रो…अब भी वक़्त है यहाँ से भाग निकलते है…!!विनय ने अधीरा की तरफ देख कर कहा जो बैट उसकी तरफ बढ़ा रहा था..

    चल मेरे शेर…ऐसे छक्के मारना की सबके छक्के छूट जाए…!!अधीरा एक जूनून से बोला..

    विनय ने बेट पकड़ा तो उसे लगा उसका हाथ टूट जायेगा…

    ये कितना भारी है….इससे अगर किसी के सिर पर मारा तो वह सीधा यमराज से जा मिलेगा और ऐसे खतरनाक हथियर से लड़के खेलते है…!!
    विनय खड़ा बैट को संभालने की कोशिश करने लगा…सारे लड़के उसे अजीब नज़रो से घूर रहे थे वही अधीरा हँस रहा था..

    कुछ नहीं होता…डर मत,,बस बॉल को हिट करना है…!!अधीरा को अब भी लग रहा था की विनय ड्रामा कर रहा है…

    ये बड़ा कमज़ोर लड़का है..इससे तो एक बेट भी उठाया नहीं जा रहा है…
    बॉल उछालते हुए शिवाय उसके करीब आगया..

    विनय को याद आया ये तो वही है जिसने कल उसे थप्पड़ जड़ा था..

    अधीरा गुस्सा होगया और वहाँ आके बोला..”साले अपनी बकवास बंद कर…भूल गया कैसे मेरी टीम ने तुझे सिक्सर मारके हराया था…

    मुझे उम्मीद थी तू इस जैसे कमज़ोर लड़के से ही दोस्ती करेगा…आखिर ये भी तेरी तरह कमज़ोर जो है…मर्द होता तो मर्दो से दोस्ती करता ना के हिजड़ो….
    शिवाय बोल भी नहीं पाया था कि अधीरा का ज़बरदस्त घूँसा शिवाय के मुंह पर पड़ा और वह दूसरी तरफ जा गिरा..शिवाय के नाक से खून बहने लगा और बात बढ़ते देख दोनों के दोस्त बिच में आगये…

    विनय जल्दी से अधीरा का बाज़ू खींचने लगा लेकिन वह उससे बिलकुल नहीं खींच रहा था फिर भी वह कोशिश कर बोला..

    “प्लीज अधि नहीं….मेरी वजह से झगड़ा मत करये…चलिए यहाँ से…!!

    नहीं तो बिच में मत आ विनय…इसकी आदत है ये हमेशा कमज़ोरो का मज़ाक़ बनाता है…इसकी तो…
    अधीरा का हाथ बिच में ही विनय ने अपने कोमल हाथों में पकड़ लिया और कहा..

    “इसमें और आपमें फ़र्क़ है…मैं आपको इसकी तरह लड़ता झगड़ता नहीं देख सकता इसलिए मेरी बात मानिये और चलिए यहाँ से…आलरेडी बहुत सीन क्रिएट होगया है…!!
    विनय की बात सुन ना जाने क्यों अधीरा का दिल पिघल गया और वह खतरनाक नज़र शिवाय पर डालता हुआ विनय का हाथ पकड़ वहाँ से चला गया…
    सारे लोग अधीरा के जलते भड़कते गुस्से से वाक़िफ़ थे लेकिन आज विनय ने बहुत आराम से अधीरा का गुस्सा शांत करवा दिया था…

    To_be_continued....

  • 8. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 7

    Words: 1453

    Estimated Reading Time: 9 min

    विनय अधीरा को वापिस से हॉस्टल ले आया था..

    “तू क्यों बिच में आया…!!देखा नहीं तूने वह किस तरह सबके सामने तेरी इंसल्ट कर रहा था…!!
    अधीरा दबे दबे गुराहट भरी आवाज में बोला..

    “कॉमन मेन…टेक ा चील पिल..मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता ऐसे लोग हर जगह भरे पड़े है जो सिर्फ दूसरों का मज़ाक़ बनाते है पर अगर हम उनको जवाब उन्ही के भाषा में देने लगे तो उनमें और हममें कोई अंतर नहीं रहेगा…!!
    अधीरा उसकी बात सुन बहुत ज़्यादा प्रभावित हुआ…

    बातों में और बर्ताव में तू मुझसे भी बड़ा है…सच में तेरी ये बात साबित करती है कि मैंने तुझपे भरोसा कर ग़लत नहीं किया है..!!
    अधीरा की बात सुन विनय उसे झिलमिलाती नज़रो से देखने लगा..

    दोनों रूम में आये और अधीरा किताबें साइड रख बेड पर पसर गया..

    विनय ने नई शर्ट निकाली और वाशरूम जाने लगा तो अधीरा बोला..

    ओह्ह्ह शर्मिंले लड़के…टी.शर्ट चेंज करने वाशरूम कौन जाता है…!!

    वह…वह मैं…आप के सामने…मतलब…!!विनय हलकाने लगा..

    अब्बे नालायक हिंहनहरा है…जो बोलना है खुल के बोल और हाँ सुन मैं तुझे ये बता दूँ वाशरूम के दरवाजा का लॉक खराब है…!!अधीरा करवट बदल के विनय को देखने लगा जिसके डर से पसीने छूट रहे थे…

    इतना शर्माता क्यों है बे…मैं भी लड़का ही हूं,,जो तेरे पास है वही मेरे पास भी है…तू तो ऐसे शर्माता है जैसे तेरे पास कुछ अलग है….
    अधीरा मुंह चाप के हंसने लगा..

    मैं अच्छे से समझ रही हूं…लड़के लोग दोस्ती यारी में ऐसे ही बातें करते है…अधीरा बस मेरे मज़े ले रहा है क्यूंकि मैं लड़का होकर शर्मा रही हूं…!!विनय मन में सोच मुस्कराने लगा..

    विनय वाशरूम गया और मुंह हाथ धो के टी.शर्ट बदल आगया…

    मैं तेरी तरह पागल नहीं हूं इसलिए मैं कपड़े उतार कर सोता हूं वरना बदन में राशेस हो जायेंगे..!!
    अधीरा सिर्फ हॉफ पेंट पहने बैठा था..

    लड़कों को कुछ ज़्यादा ही गर्मी लगती है…!!
    विनय ने मन में सोचा और नोट्स वगेरा देखने लगा…

    कल जाके किताबें खरीदना है…!!विनय सलेब्स चेक करने लगा..

    तेरी हैंडराइटिंग कितनी प्यारी है..पूरे पेज में कितने साफ साफ लिखा है..पढ़ाई में भी काफ़ी इंटेलिजेंट है…आज क्लास में तेरी काफ़ी तारीफ हुई…!!अधीरा उसपे झुक उसके पीठ पर धबाधब मारने लगा..

    “भई मारते क्यों हो…ऐसे भी तो बात कर सकते हो…दिल के अच्छे हो पर मारते बहुत हो…!!विनय मुंह बनाके बोला तो अधीरा फिर हँस दिया और बोला..

    “मजबूत बना रहा हूं तुझे ताकि तू भी लड़ झगड़ सके…कल से तू भी मेरे साथ जिम चलेगा…!!
    अधीरा की बात पे विनय को बस अपनी मौत नज़दीक दिखाई देने लगी थी..

    और हाँ तुझे बताना भूल गया…ऊपर वाले ड्रोम की सीढ़िया टूट गई है तो तू चाहे तो मेरे बेड पर सो सकता है…!!अधीरा बोल कर लैपटॉप में कोई फ़िल्म लगाके देखने लगा..

    ओह्ह ओह्ह कोई नहीं…मुझे खुद को बदलना होगा…मैं लड़का हूं और ये भी लड़का है,,तो इसमें कोई बात नहीं है..!!विनय मन में उठते खतरनाक तूफान को दबा गया…

    देर रात तक वह नोट्स वगेरा बनाता रहा और ज़ब वह थक कर बेड पर बैठा,,अधीरा तब तक सो चूका था..

    इसका तो नहीं पता..पर मुझे इसके साथ एक ही बेड में नहीं सोना,,अगर मेरी नियत इसपर बिगड़ गई तो ये बेचारा किसी को मुंह दिखाने के क़ाबिल नहीं रहेगा…ये इतना हैंडसम क्यों है…क्यों है…!??

    विनय उसके मज़बूत बाजाओं को हसरत से देख रहा था..

    लगता है ज़्यादा ही पढ़ लिया है इसलिए दिमाग़ घूम रहा है..चुपचाप सो जा वान्या कल जो होगा देखा जायेगा…!!
    विनय आँखों से ग्लासेस उतार साइड टेबले पे रखा और बेड के एक साइड चिपक के सोगया…

    अधीरा की खराटों की आवाज से विनय की नींद उजड़ गई थी…
    विनय ने करवट बदल कर देखा तो अधीरा तक्या पकड़े बड़े ही मज़े से सो रहा था..

    एहहहहह पता नहीं मेरे रात कैसे कटेगी..ये तो क्या मज़े में है और मैं…मुझे नींद ही नहीं आरही है…इतने टाइट इनर पहनने की वजह से गर्मी भी लग रही है लेकिन…लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकती हूं…मजबूरी है…!!
    विनय ने गुस्से से अधीरा से तक्या छीन लिया और खुद उसपे पैर रख लेटा रहा..

    अधीरा ने बेचैनी से करवट ली और विनय को खींच के पकड़ के सो गया..

    अरे मैं तक्या नहीं हूं…छोड़ो मुझे…!!विनय उसके मज़बूत बाजाओं से बचने की नाकाम कोशिश करने लगा लेकिन अधीरा ने उसकी ये कोशिश भी खतम कर दी और उसपे एक पैर रख सोगया..

    मेरा दम घुट रहा है…इसकी गर्म चलती सांसे मेरे बदन में जलन पैदा कर रही है…!!
    विनय ने सोचा…
    अंदर से उसकी शर्म व हया उसपे हावी हो रही थी…
    इसी उधेड़बुन में रात गुज़र गई ज़ब सुबह हुई तो अधीरा चीखते हुए उठा और बोला..

    “अब्बे साले…तूने समझ क्या रखा है…मुझसे चिपक के क्यों सो रहा था…तूने मुझे किस तरह का लड़का समझ रखा है..!?

    विनय नींद में बोखला के उठा उसे ही देख रहा था..

    अधीरा उसे अजीब नज़रो से देखने लगा…

    विनय बोला..”इसमें मेरी कोई ग़लती नहीं है आपने ही मेरे कमर पर अपना भारी भरकम पैर रख दिया था..
    अधीरा उसे बस घूर रहा था..

    विनय वापिस से सो गया उसे नींद आरही थी..

    अधीरा उठके जिम और जॉगिंग के लिए चला गया..
    विनय ने नींद पूरी की और उठके शॉवर लिया…
    नहा धो के कॉलेज के लिए निकलने वाला था ज़ब उसे हॉस्टल का एक लड़का जोगिंदर मिल गया और वह पूरे रास्ते उसका दिमाग़ खाता रहा…

    जोगिंदर सोच रहा था अगर वह विनय से दोस्ती कर लेता है तो उसको पढ़ाई में काफ़ी मदद मिल जाएगी…
    लेकिन विनय उसे टालने पर अड़ा था..

    क्लासेस अटेंड करने के बाद विनय कॉलेज के बैकयार्ड में आ बैठा…वह कुछ देर अकेला रहना चाहता था..

    ये सब कुछ सही नहीं हो रहा है…अगर किसी को पता चल भी गया तो भियानक बेइज़्ज़ती होगी और शायद मार भी पड़े…लेकिन अब मैं पीछे नहीं हट सकती हूं इतना रिस्क मोल कर यहाँ तक पहुंच गई आगे भी ऊपरवाला संभाल लेगा…
    वह सब तो चलो मैं बर्दास्त कर भी लूँ लेकिन अधीरा मुझसे ना झेला जायेगा…मुझे अफेक्शन सा होने लगा है..और कल रात तो मैं ही जानती हूं किस तरह उसकी बांहो के हिसार में सोइ हूं…
    अह्ह्ह्हह मैं क्यों इतना ज़्यादा सोच रही हूं…पागल होगई हूं…!!
    विनय अपनी सोच को लगाम नहीं कस पा रहा था तभी वहाँ शिवि आकर बैठ गई..

    विनय ख़ामोशी से आसमान कि तरफ तकने लगा…

    “अब मैं इससे बात कैसे करू..शायद ये मेरी कुछ मदद कर पाए,,अरे यार फिर से नहीं,,मैं फिर भूल गई इसका भाई गुंडा है गुंडा कल अधि से किस तरह लड़ रहा था…!!
    विनय उठा और हाथ झाड़ के जाने के लिए मुड़ा तभी शिवि बोल पड़ी..

    “मुझे पता है…कल फिर भया और तुममें झगड़ा हुआ है…मैं भाई की तरफ से मांफी मांगने आई हूं,,सो सॉरी और अधीरा भाई को भी सॉरी कह देना…!!

    विनय मुस्करा के बोला..”अरे मांफी तुम क्यों मांग रही हो..और कल की बात थी खतम होगई,,हममें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा और अधि को भी मैंने समझा बुझा के शांत करवा दिया..तुम चिंता मत करो…!!

    शिवि मासूमियत से बोली..”तुम्हे कोई चोट तो नहीं आई…!!

    नहीं..बिलकुल नहीं जिसके साथ अधि जैसा दोस्त हो उसे भला चोट लग सकती है..!!विनय ना जाने क्यों अधीरा के तारीफ के पुल बांधे जा रहा था..

    “चलो तब अच्छा है..अगर कभी किसी तरह का मदद चाहिए हो तो ज़रूर बताना..!!शिवि बोल के मुस्कराने लगी..

    हाँ ज़रूर…क्यों नहीं…!!
    विनय भी अपने बालों में हाथ फेरे दाँत निकाल गया..

    ओह्ह्ह गॉड ये तो सच में बहुत क्यूट है..लगता ही नहीं उस गुंडे शिवाय की बहन है…!!विनय दिल में सोचने लगा..

    शिवि शर्मा के वहाँ से चली गई और अधीरा जो कब से पीलर के पीछे छिपा सब बात सुन रहा था वह सामने आया और बोला..

    “बहुत तेज़ निकल रहा है..सीधा शिवाय की बहन के साथ सेटिंग जोड़ रहा है…!!

    अरे अरे नहीं..ये तो ग़लत समझने लगा…!!
    मन की आवाज फिर से गूंज उठी..

    नहीं बॉस तुम ग़लत समझ रहे हो..वह तो मेरे बहन जैसी है…बस प्यारी सी है…!!विनय बोला तो अधीरा ने एक मुक्का उसके पीठ पर दे मारा..

    बाप रे…ये आखिर खाता क्या है…मेरी हड्डीयां टूट जाएंगी…!!विनय अंदर ही अंदर दर्द से बिलबिला उठा था..

    अब्बे ज़्यादा सियानपटी मत दिखा…बहुत देखा है मैंने…बहन बोल रहा है लेकिन दिल में तो लड्डू फुट रहे है..है ना…!!अधीरा उसकी गर्दन पकड़ झकझोर गया..

    लगता है तीन साल कॉलेज कम्पलीट होने से पहले ही मेरा ऊपर का टिकट कट जायेगा…!!
    विनय बस अधीरा की तरफ देख सोचने लगा..

    अधीरा उसका हाथ पकड़ उसे वहाँ से ले गया..

    तू तो बड़ा सॉफ्ट सॉफ्ट है..तेरे हाथ कितने मुलाइम है…ज़रा मेरे देख कितने खुदरे और सख्त है..!!अधीरा ने अपनी हथेली उसके सामने की जो काफ़ी बड़ी थी,लम्बी मज़बूत उँगलियाँ और नीली रगे साफ झलक रही थी…

    “ओहो…हैवी है भई…!!
    विनय कुछ अलग ही सोचने लगा था..

    अधीरा उससे बातों में लग गया और बार बार उसके होंट की तरफ देख बातों में अटकने लगता या फिर इधर उधर देख कुछ सोचने लगता..

    To_be_continued....

  • 9. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 8

    Words: 1238

    Estimated Reading Time: 8 min

    अधीरा हॉस्टल आके पूरे 2 घंटे पढ़ता था वही विनय भी उसके साथ बैठ ग्रुप स्टडी करता था..

    विनय को बाक़ी हॉस्टल के लड़कों से कोई मतलब नहीं था वह सिर्फ अधीरा के साथ कम्फर्ट महसूस करने लगा था..

    ज़ब पढ़ाई कम्पलीट होगई तो बाहर से खाना आर्डर करवा कर दोनों ने खाया और बेड पर बैठे बातों में लग गए..

    “चल चीड़या उड़ खेलते है…!!अधीरा उसका हाथ पकड़ बिस्तर पर रख बोला तो विनय ने शुरू किया..

    चीड़या उड़…
    उड़…
    कबूतर उड़…
    उड़…
    कपड़ा उड़…

    अधीरा रुका और बोला..”कपड़ा नहीं उड़ता…!!

    उड़ता है बॉस…हवा से उड़ता है…!!

    ओके ओके चल कंटिन्यू करते है…!!

    अधीरा बोलने लगा..

    “बतख उड़..
    उड़…
    कौवा उड़…
    उड़…
    स्पाइडर मेन उड़…
    उड़…
    बैटमैन उड़…
    उड़..
    पापा की परी उड़…

    उड़…विनय के मुंह से उड़ निकल गया…

    हाहाहाहा फंस गया….अधीरा ने उसकी तरफ ऊँगली से क्रॉस किया क्यूंकि अब विनय मार खाने वाला था..

    अरे लेकिन ये चीटिंग है…पापा की परियां बिच में कहाँ से आगई…!!
    विनय अधीरा को आस्तीन फोल्ड करते देख डर गया था..

    हाँ बेटा सब उड़ती है…मैंने तो ग़लत कहा पर तूने “उड़” क्यों बोला…!?
    अब मार खाने को तयार होजा…!!

    विनय उसे मुक्के बांध कर देख डर से आँखे बंद कर गया..

    “अरे यार…मैं पागल होगई हूं जो उलटे सीधे गेम खेलने के लिए हाँ बोल दिया..अब इस बॉक्सर से मार खानी पड़ेगी…!!

    लेकिन अधीरा ने तिरछी स्माइल कर उसकी तरफ देखा और उसके पैर खींच अपने हाथ में थाम लिया…विनय कुछ समझ पाता उससे पहले ही अधीरा ने उसके पैर में अपनी उंगलियां चलाते हुए गुदगुदी लगानी शुरू कर दी..

    विनय बेतहाशा हंसने लगा और अधीरा की मिन्नतें करने लगा..

    मुझे बहुत गुदगुदी लग रही है प्लीज रुक जाए…
    विनय की खिलखिलाती हंसी अंदर से फुट रही थी जो काफ़ी सुरेली थी..

    बॉस…रुक जाओ ना प्लीज,,मेरी जान निकल जाएगी…!!

    अधीरा को ना जाने क्यों बड़ा मज़ा आरहा था..

    अरे मैं तो गई…ये गुदगुदी इतनी शिद्दत से लगा रहा है…!!
    विनय की मन की आवाज गूंजने लगी..

    अधीरा काफ़ी देर बाद रुका और उसका पैर हाथो में लिए बड़े गौर से देखने लगा..

    तू वैक्स करवाता है…!!
    अधीरा की हंसी छूट गई..

    ओह्ह्ह मेरे पैर…इसने देख लिए क्या…!!
    विनय उठा और पैर समेट के बैठ गया..

    “नहीं ज़ब घर पर था ना तो दीदी ने मेरे पेरो का वैक्स कर दिया था…!!
    विनय ने एक बार फिर नया झूठ बोला..

    बाप रे..तेरे पैर और हाथ कितने गोरे है…कभी कभी मुझे लगता है तू लड़का नहीं है…!!!
    अधीरा दाँत निकाल के चिढ़ाने लगा..

    हुंह्ह्ह…मैं भई लड़का हूं,,हाँ थोड़ा अलग हूं और बचपन से ही मैं ऐसा सॉफ्ट सॉफ्ट हूं….मुद्दे की बात ये है की मेरी परवरीश मेरी बहन ने की है इसलिए उनके जैसा होगया हूं…!!विनय ने बहतरीन झूठ तराशा…

    ओह्ह्ह कोई बात नहीं…अब तू अपने भाई के साथ रह और लड़कों जैसा बेहेव करना सिख ले…!!अधीरा उसके गले में बाज़ू रखता हुआ आँख मारके बोला..

    हाँ हाँ अब मैं बाईसेक्सुअल बन जाउंगी…!!विनय अंदर ही अंदर हँस रहा था..

    तू आखिर किस साबुन से नहाता है यार,,तेरे बदन से बड़ी ज़बरदस्त भीनी भीनी खुसबू आरही है..!!अधीरा उसके कंधे के करीब अपना चेहरा ले जाके खुसबू अपने साँसो में उतारने लगा..

    अब्बे…ये क्या कर रहा है…!!
    विनय उससे दूर होता हुआ बोला..

    “बॉडीवाश से नहाया था और परफ्यूम मेरा ज़रा हार्ड स्मेल वाला है इसलिए खुसबू आरही है..!!विनय को लगा पता नहीं उसे और कितने झूठ बोलने पड़ेंगे..

    अधीरा उसे देखने लगा…

    विनय ने अपने सीने में हाथ फेरा जो अभी ज़ोर से धड़क रहा था..

    रात हुई तो मजबूरन विनय को अधीरा के बगल में सोना ही पड़ा क्यूंकि ड्रोम की सीढ़िया टूट गई थी और वह ऊपर किस तरह चढ़ता…यही डर था कहीं वह निचे ना गिर जाए…!!

    विनय ने आँखे बंद कर सोने की कोशिश की लेकिन फिर से वही हुआ जो नहीं होना चाहिए था…
    अधीरा ने अपना मजबूत बाज़ू नींद में विनय के कमर के तरफ बांध दिया,,एक पैर उसके पैर के बिच फंसा के अधीरा अपनी नींद में गुम था..

    मैं इसकी टेडी हूं क्या,,जो यूँ मुझे नींद में पकड़ के सोता है…
    इसे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा लेकिन मुझे बहुत कुछ हो रहा है.मैं तो पागल हो जाउंगी…मेरे दिल में आग जल रही है…ओह्ह्ह गॉड मैं क्या करूँ…मेरे जज़्बात तूफान की तरह उमड़ रहे है,मैं तो इसके बाज़ू में फिसल गई..

    विनय ने करवट बदल कर अधीरा को देखा एक हँसता मुस्कुराता मासूम चेहरा…काले बिखरे बाल और नीली आँखों पर बंद पलकें साया की हुई थीं…

    ये कितना क्यूट है…दिल कर रहा है इसे खा जाऊं…!!
    ओहो मैं लड़की हूं यार…कैसी बेशर्मी वाली बातें सोच रही हूं…!!
    विनय ने आँखे कसके बंद कर ली और नींद में जाने लगा..

    अधीरा अपने सपने के दुन्या में खोया था…
    सपने में एक लड़की धीरे धीरे उसके करीब आरही थी..

    आई लव यु….आई लव यु सो मच….
    वह लड़की उसके कानो में बोलकर गायब होगई..
    फिर अधीरा ने खुद को खुले आसमान के निचे पाया…पास ही वह लड़की उसका हाथ थामे खड़ी थी तभी अचानक अधीरा ने उस लड़की की तरफ देखा और लड़की उसके बांहो में सिमट गई…
    दोनों के लब एक दूसरे से जुड़े अपनी अपनी पियास बुझाने में लगे थे,,अधीरा उसके गले को अब चूमने लगा था,,धीरे धीरे वक़्त की गति बढ़ती गई और दोनों एक दूसरे में समा गए..

    अधीरा नींद में लम्बी लम्बी सांसे ले रहा था,,वह बहुत बेचैन सा आँखे बंद किये पसीने में भीग गया था…

    तभी अचानक अधीरा उठ बैठा और आँख पर हाथ रखे खिड़की के बाहर देखने लगा…सुबह होगई थी और आज इतवार का दिन था मतलब छुट्टी…

    विनय अपने बेग में ज़रूरी सामान रख रहा था..

    वाह्ह्ह आप उठ गए….अच्छा हुआ आपकी नींद टूट गई वरना मैं उठाने ही वाला था…मैं दरअसल दीदी के घर जा रहा हूं…!!
    विनय जैकेट पहन रहा था..

    ओके जाओ…पता नहीं यार आज मैं इतनी देर कैसे सोता रह गया…11 बज रहे है और मैं बिस्तर पर हूं…!!अधीरा भी उठ गया..

    आप ठीक तो है ना…

    हाँ ठीक हूं…तू आराम से जा और पहुंच कर कॉल करना…!!
    अधीरा तोल्या साइड टेबल से उठाकर वाशरूम चला गया..

    अब इसे क्या होगया…कल रात तक तो कितने अच्छे मूड में था और अभी कितना सीरियस है…ज़रूर सपने में शिवाय से मार पीट की होगी तभी इतना थका थका लग रहा है..!!विनय अपनी सोच पर हँस दिया और कमरे से निकल गया..

    अधीरा वाशरूम में खड़ा ठंडे शॉवर के निचे सिर झुकाएं खड़ा था..

    कल रात का सपना उसके दिमाग़ में छप सा गया था…

    अधीरा ने अपनी नीली आँखे कसके बंद कर ली जैसे वह उस लड़की का चेहरा याद करने की कोशिश कर रहा हो..

    आखिर कौन थी वह लड़की…
    जो मेरे दिल की धड़कनो को बेकाबू कर गई..
    ऐसा लगता है जो कुछ मैंने देखा वह सपना नहीं हक़ीक़त था…!!

    अह्ह्ह्ह नहीं…मैं उसका चेहरा याद नहीं कर पा रहा हूं…धुंदली सी तस्वीर है जो साफ नहीं हो रही है…

    मेरी आजतक कोई गर्लफ्रेंड भी तो नहीं रही..

    फिर क्यों मुझे वेट ड्रीम आरहे है…!!

    अधीरा अपने जलते बदन को ठंडक देता हुआ बाहर आया और टॉवल से बालों को पोंछने लगा तभी उसकी नज़र ज़मीन पर गिरे बटरफ्लाई क्लिप पे गई जो रेड स्टोन से जड़ा था..

    ये क्लिप किसका है…ज़रूर ये विनय के बेग से गिरा होगा…!!
    अधीरा सोचने लगा और क्लिप को बड़े जूनून से देखने लगा..

    कल रात के इंटेंस भरी रोमांस के बाद अधीरा का मूड बहुत ज़्यादा वाइल्ड हो गया था..
    अधीरा ने उस क्लिप को मुठियो में बंद कर लिया और वही खुसबू महसूस करने लगा जो विनय के आस पास होने से होती है..


    To_be_continued....

  • 10. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 9

    Words: 1079

    Estimated Reading Time: 7 min

    विनय अपने बहन के छोटे से बंगलो में पहुंचा जहाँ मुस्कान बैठी कोई मैगज़ीन पढ़ रही थी..

    मैं घर आगया…सॉरी आगई दीदी…!!विनय नकली विक को सिर से उतार के मुस्कान के पास आ बैठा..

    वान्या आई कांट बिलीव दिस की तुम…आखिर तुम ऐसी हरकत क्यों कर रही हो…
    तुम्हारे दिल में डर नाम की कोई चीज है भी या नहीं…!!
    हॉस्टल में 3 साल लड़कों के साथ रहना कोई मामूली बात नहीं है…!!

    मुस्कान की लेक्चर सुन विनय जो अब वान्या के रूप में आगई थी वह बोली..

    “पहले पहले तो मुझे भी कुछ अच्छा नहीं लग रहा था पर अब मज़ा आने लगा है..!!वान्या अधीरा को याद कर शर्मा गई..

    वान्या ने कल रात विनय बन अधीरा के होंटो में हलका सा किश कर लिया था..

    ओये क्या सोच रही है…आखिर तेरे दिमाग़ में चल क्या रहा है..!!
    मुस्कान गुस्से से टेबल पर हाथ मार के उठ गई..

    “मैं कुछ भी नहीं सोच रही हूं और हाँ लड़कों के साथ रहना इतना भी मुश्किल नहीं है..बस क्या ही बोलू एकदम मज़ा आरहा है,,ऊपर से सब हॉट लड़कियां मेरी दीवानी होगई है…!!

    बकवास बंद कर समझी…मैं वार्न कर रही हूं…तेरे खुराफाती दिमाग़ के कीड़े तुझे काट रहे है तभी तू इतनी शांत है…
    अगर कोई भी गड़बड़ हुई ना तो मैं तेरा साथ हरगिज नहीं दूंगी…बस अपना सब समझ लेना मैंने तेरा ठेका नहीं ले रखा है…बचपन से आजतक तेरी ग़लतियों का टोकरा मेरे सिर ही आता है…!!
    मुस्कान का दिमाग़ घूम गया था..

    “ओके ओके कूल…मेरा इरादा इस बार बहुत ही साफ है…मुझे सिर्फ पढ़ाई पे फोकस करना है…और हाँ डोंट वरी मैं बड़ी होगई हूं…!!वान्या कहाँ सुधरने वाली थी..

    एक मिनट…एक मिनट ये बड़ी होगई हूं से क्या मतलब है तेरा…!!
    मुस्कान फिर उसपे चढ़ दौड़ी..

    “मतलब मैं समझदार हूं और हाँ अपनी ज़िम्मेदारी समझती हूं….!!वान्या ने बात को संभाल लिया..

    मुस्कान का दिल जानता था आखिर वह वान्या की बेवकूफ़ी से कितना परेशान थी..

    वान्या…हर जगह अच्छे लोग नहीं मिलते…तू लड़की है कुछ तो समझ बेटा…अच्छे बुरे लोग हर जगह मौजूद होते है…अगर तुझे कुछ होगया तो…!!
    मुस्कान आँखों पर हाथ रखे रो पड़ी तो वान्या उसके पास गई और आहिस्ते से मुस्कान को गले लगा लिया..

    “दी..मुझे पता है आप मेरे लिए बहुत स्पेशल हो और आपको मेरी आपको बहुत फ़िक्र लगी रहती है लेकिन ट्रस्ट मी मैं जो कुछ भी कर रही हूं सिर्फ अपनी स्टडी के लिए कर रही हूं और बाक़ी मुझे आपकी तरह एक सनकी मिल गया है जो दिन रात मुझे मारता रहता है…!!

    क्या सनकी..तुझे क्यों मारता है…तू क्या बोल रही है यार…!!मुस्कान उलझन में उलझ गई..

    अधीरा नाम है…हम रोममेट है और साथ में सोते है…!!वान्या धुंकि में बोल गई..

    मुस्कान उससे अलग हुई और वान्या को अविश्वास नज़रो से देखने लगी..

    क्यों झटका लगा क्या!?…डोंट वरी वह मुझे लड़का समझता है…साथ में सोने का मतलब एक ही बेड है…!!वान्या सच्चाई उगल रही थी..

    अरे जाहिल वह तुझे लड़का समझता है लेकिन तू तो लड़की है ना…एक ही बेड पर,,एक साथ….ओह्ह्ह नो…मुझे तो सोच के ही डर लग रहा है…
    मुस्कान उसके चेहरे और हाथ पैर टटोल के देखने लगी जैसे कुछ ढूंढ रही हो..

    ओह्ह्ह कॉमन दी…हमारे बिच अभी तक कुछ नहीं हुआ है पर आगे की गारेंटी नहीं है…
    वान्या आराम से बैठ मुस्कान का फ़्रस्ट्रेशन बढ़वा रही थी..

    जानती भी है क्या बोल रही है बेशर्म लड़की….!!
    मुस्कान चीखने लगी..

    हाँ अच्छे से जानती हूं…आप ही बताये दी…एक बेहद हैंडसम लड़का मेरे आँखों के सामने 24 घंटा बिना शर्ट के घूमता है…अब मैं खुद पर कितना कण्ट्रोल करू,,आखिर मैं भी तो एक इंसान हूं,,मेरी नियत खराब हो गई तो बेचारे लड़के की इज़्ज़त लूट जाएगी…!!वान्या ने बेशर्मी से कहा बस मुस्कान उठी और दनादन उसे दो थप्पड़ जड़ दिए…

    वान्या थप्पड़ खाने के बाद भी बेशर्मी से हँसे जा रही थी और मुस्कान उसे कोस रही थी..

    थोड़ी देर बाद वान्या लंच कर अपने कमरे में तयार होने चली गई..
    ज़ब वह निचे आई तो उसके बाल खुले थे और वह पिले रंग के फ्रॉक में काफ़ी जच रही थी…

    कहाँ मेडम की सवारी चल दी…!!मुस्कान उसे इतना तयार देख सवाल करने लगी..

    बुक्स लेने जा रही हूं…जल्द ही लोटूंगी,,रात का खाना खाके मुझे वापिस हॉस्टल भी जाना है…!!
    वान्या फ्रॉक के ऊपर ब्लैक कोटि पहन सेंडल पैरों में पहन बाहर चली गई..

    ये लड़की भी ना…कभी नहीं सुधरेगी…भगवान ने मुझे कभी भाई की कमी महसूस नहीं होने दी…
    मुस्कान सोच में डूब गई..

    वान्या बंगलो से बाहर निकली और अधीरा ने उसे जो अड्रेस हॉस्टल में बतलाया था वही पैदल चल पड़ी…
    रास्ते में वह काफ़ी ख़ुश थी क्यूंकि अकेली थी और कोई ताना या मुक्का मारने वाला आस पास मौजूद ना था..

    वान्या 10 मिनट पैदल चल उस स्ट्रीट में पहुंची जहाँ से बुक्स स्टोर शुरू हो रहे थे..
    वान्या आर्ट्स वाले बुक्स स्टोर में गई और किताबें चेक कर लेने लगी..
    वह किताबें लेकर मुड़ी ही थी तभी उसकी नज़र बाक़ी लड़कों पर पड़ी जो उसकी ही तरफ आरहे थे…

    ओह्ह्ह गॉड…ये सारी पलटन यहाँ,,अब तो मैं गई,,अगर इन लोगों ने मुझे पहचान लिया तो..!!वान्या जल्दबाजी में वहाँ से भाग के निकलने लगी,,और इसी जल्दबाजी में उसका पैर पलट गया और उसके हाथों से किताब की शॉपर निचे गिर गया…
    और वान्या सीधा अधीरा के सीने से जा लगी….दो मिनट की ख़ामोशी रही क्यूंकि कोई भी कुछ समझ नहीं पारहा था कि आखिर हुआ क्या है…

    अधीरा ने उसे सहारा दिया और कहा..”आप ठीक तो है ना मैडम….!?

    वान्या ने कांपती पलकों की चिलमन से अधीरा को देखा,,अधीरा भी वान्या के चेहरे को बड़ी ही फुर्सत से देख रहा था..

    भूरी झील सी आँखे नीली आँखों से टकराई तो हवाओं में तेज़ी आगई और वान्या को सांस लेना मुश्किल सा लगने लगा..

    आज वह ही जानती थी वह जितना ज़्यादा अधीरा से भाग रही थी,,अधीरा उतना ही उसके करीब आरहा था..

    मैं…मैं ठीक हूं….!!
    वान्या की आवाज आई..

    ऐसा क्यों लग रहा है जैसे मैं इस लड़की से पहले मिल चूका हूं…!!
    अधीरा का दिल बड़ी तेज़ी से धड़क रहा था…

    वान्या ने नज़रे चुराई और हड़बड़ाहट में अपनी किताबें उठा कर वहाँ से निकल गई..

    अधीरा और बाक़ी लड़के उसे जाते हुए देखने लगे..
    अधीरा की नज़र अचानक ज़मीन पर पड़ी,एक किताब तो गिरी हुई रह गई थी…!!

    ये किताब तो हमारे कोर्स की है…!!अधीरा ने किताब को उठाया और अपने शर्ट से रगड़ के पोंछा…

    “पता नहीं क्यों इतनी जल्दी में निकल गई…चेहरा कुछ जाना पहचाना था,,शायद मैं इस लड़की से पहले मिल चूका हूं…!!अधीरा बुक स्टोर में गया जिससे कुछ देर पहले वान्या ने सारे बुक्स लिए थे…

    To_be_continued....

  • 11. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 10

    Words: 1174

    Estimated Reading Time: 8 min

    वान्या वापिस आई और रात का डिनर मुस्कान के साथ कर विनय का गेटअप कर वापिस हॉस्टल आगया…

    अधीरा बेड पर आँख बंद किये एक बुक को सीने से लगाए सो रहा था वही विनय आते ही परेशान होगया क्यूंकि उसने जो बुक्स आज खरीदी थी उनमें से एक पोलिटिकल की बुक गायब थी…

    उफ़फ पोल की बुक कहाँ चली गई…मैंने तो सारी बुक्स उठाई थी फिर वह कहाँ चली गई…!!विनय याद करने लगा ज़ब वह अधीरा से टकराया था तब सारी किताबें बिखर गई थी शायद उसने जल्दबाजी में पोल की किताब छोड़ दी थी..

    ओह्ह्ह फिर से नहीं…ये हमेशा मेरे साथ ही क्यों होता है…अब मैं वापिस नहीं जाने वाली…!!विनय थक के बैठ गया…

    मैं क्या करू…आईडिया अधीरा से हेल्प मांगती हूं….
    नो…नहीं…अधीरा से हेल्प हरगिज नहीं मांग सकती…आज इससे ही तो बुक्सटोर में टकराई थी…!!

    विनय चुपके से बेड पर आके बैठ गया और अधीरा को देखने लगा जिसके हाथों में एक बुक दबा हुआ था..

    ओह्ह्ह ये तो शायद पोल की बुक है…ये लोग भी आज बुक खरीदने स्टोर आये थे…!!विनय याद करने लगा..

    अधीरा ने करवट बदल कर विनय को देखा और बोला..

    तू कब आया बे…चल अब सोजा रात बहुत होगई है..!!
    अधीरा बोलकर उसे फिर से खींच के सुला गया और अपना पैर उसके कमर पर रख दिया…

    मुझे लगता है…अधि गे या बाईसेक्सुअल तो नहीं…लड़कियों से ज़्यादा इसे लड़कों में इंट्रेस्ट है…!!
    विनय आहिस्ते से बोला..

    तूने जो भी कहा मैंने सुन लिया…अब जल्दी से सोजा वरना उलटा हाथ कान के निचे पड़ेगा…!!अधीरा आँख बंद किये बड़बड़ाया..
    विनय ने सटकी मारी और चुपके से सोगया…
    रात होते होते फिर वही ड्रामेबाजी शुरू होगई..

    दोनों ही गहरी नींद में डूबे थे…

    विनय अधीरा के कमर पर हाथ रखे सुकून से सो रहा था वही अधीरा का सर उसके सीने से लगा था..

    विनय ने हलकी सी सिसकी ली और आँखे खोल के उठ बैठा तो देखा अधीरा फिर से उससे चिपक कर सो रहा है..

    क्या मैं करू इसका….ये घुस पट के सोने की आदत एक दिन हम दोनों को डूबा देगी…!!
    विनय उठा और वाशरूम चला गया ज़ब वह वापिस आया तो अधीरा बैठा जमाई ले रहा था..

    आज जिम जाने का दिल नहीं कर रहा है…चल मैं नहा के आता हूं फीर एखटे कॉलेज चलेंगे…!!

    विनय ने हाँ में सिर हिला दिया…
    अधीरा के रूम से जाते ही विनय पैंट को टाइटली बेलट से फिक्स कर गया..

    दोनों कॉलेज पहुंचे और क्लासेज कर अधीरा फुटबॉल खेलने चला गया…
    विनय केंटीन में ही बैठा रहा,,आर्ट्स की लड़कियां उसे घेरे खड़ी थी..

    “तुम्हारा फेस कितना ग्लो कर रहा है…!!
    गेती विनय का गाल छूके बोली..

    आखिर तुम चेहरे पर कोनसे क्रीम लगाते हो…!!रायशा अपना टिफ़िन खोलती हुई बोली..

    “हीहीही कुछ नहीं बस नेचुरल ग्लो है…!!विनय ज़बरदस्ती शर्मा के बोला..

    एक बात पूछनी थी…!!विनय काफ़ी काइंडली बोला..

    हाँ पूछो पूछो…!!सब लड़कियां सीरियस होगई..

    “मैं क्यूंकि हॉस्टल में रहता हूं इसलिए मुझे बाहर का खाना पड़ता है…तुममें से बहुत कोई अपने घर से नाश्ता लाती हो तो क्या तुम लोग थोड़ा ब्रेकफास्ट शेयर करोगी…!?

    विनय को बहुत शर्म आरही थी क्यूंकि उसने आजतक कभी किसी से ऐसे कुछ माँगा नहीं था..

    शिवि पिंक फ्लोरल प्रिंट के फ्रॉक पहने हाथ में कोल्ड कॉफ़ी लिए उन लोगों के पास आ बैठी…

    बस इतनी सी बात…मुझे लगा तुम्हे हमसे नोट्स वगेरा चाहिए होगा…!!लड़कियां खिलखिला के हंसने लगी..

    “वैसे हम सब भी हॉस्टल में रहते है और हॉस्टल में बने किचन में खाना बनाते है…!!प्रियंका ने कहा..

    तृषा बोली..”हममें से सिर्फ शिवि है जो हॉस्टल में नहीं रहती है तो शिवि तुमसे ज़रूर अपना ब्रेकफास्ट शेयर करेगी..

    विनय ने ना में गर्दन हिला दिया और बोला..”नहीं नहीं कोई बात नहीं…मैं तो ऐसे ही मज़ाक़ कर रहा था…तुमलोग परेशान ना हो मैं कुछ जुगाड़ लगा लूंगा…

    विनय शिवि की तरफ देख भाग खड़ा हुआ क्यूंकि वह शिवाय से और ज़्यादा दुश्मनी नहीं मौलना चाहता था..

    शिवि को बहुत बुरा लगा और वह उठके कॉलेज के बेक़यार्ड में आगई जहाँ विनय बैठा घुटने पर कोहनी टिकाये गहरी सोच में डूबा हुआ था…

    “हेय सुनो…तुम्हे भूक लगी होगी ना तो तुम ये खा लो…!!शिवि ने अपना टिफिन बॉक्स खोल विनय के हाथ में थमा दिया..

    नहीं यार प्लीज…मैं नहीं खा सकता,,अगर मैं ये खा लूंगा तो तुम क्या खाओगी…!!विनय को शर्मिंदगी हुई..

    हाहाहाहा डोंट वरी..मैं ब्रेकफास्ट हमेशा ज़्यादा लाती हूं…!!शिवि वही बैठ गई..

    विनय ने टिफिन में आलू की रोटी और गोबी की सब्ज़ी थी…

    मेरे मुंह से पानी गिर जायेगा…ये देखने में कितना टेस्टी लग रहा है और खुसबू…ये खुसबू मेरी जान लेकर रहेगी…!!विनय को इतने दिन बाद सुबह का नाश्ता ढंग का नसीब हुआ था..
    वरना रोज़ बर्गर या सैंडविच…जिससे विनय का दिल ओब सा गया था..

    रियली यार बहुत टेस्टी है…दीदी के हाथो का खाने का स्वाद याद आगया…कितना स्वादिस्ट है…!!
    विनय छोटे छोटे निवाले बना मज़े में खा रहा था और शिवि उसे ख़ुश देख सुकून से बैठी थी..

    ये तुमने बनाया है…

    हाँ अच्छे नहीं बने क्या…!?
    शिवि संभल के बैठ गई..

    अच्छे ये तो बहतरीन बने है…सुनो ना तुम मुझे इसके इंग्रेडिट्स बता सकती हो मैं भी आलू के परांठे बनाऊंगा…!!विनय जोश में बोला..

    शिवि शॉक रह गई..
    क्या तुम्हे खाना बनाना भी आता है…!!

    हाँ बचपन से ही मुझे नई नई डिशेस बनाने का बहुत शोक रहा है…मैं नई चीज ट्राई कर बनाता रहता हूं…!!
    विनय अपनी तारीफ करता हुआ बोला…
    शिवि ख़ुशी भरी हैरत से विनय को देख रही थी जो रियल में हस्बैंड मटेरियल था..

    बहुत बहुत शुक्रिया…मैं भी तुम्हारे लिए चिकन कटलेट बना के लाऊंगा…!!विनय शिवि का गाल प्यार से पकड़ के बोला और वहाँ से उठके चला गया..

    शिवि तो झटके में थी उसका दिल कर रहा था वह उछल उछल कर नाचना शुरू कर दे मतलब विनय जैसा परफेक्ट लड़का,,इतना लोविंग केयरिंग और परफेक्शन से भरा हुआ था..

    विनय जैसे ही आगे बढ़ा शिवाय का दोस्त रणवीर उसके सामने आगया…

    रणवीर शिवाय का बेस्टफ्रेंड था और शिवि को वह बहुत पसंद करता था और ज़ब शिवि को विनय के करीब देखा तो रणवीर से बर्दास्त नहीं हुआ…

    क्यों रे तुझे लड़कियों से बात करने का बड़ा शोक है…हर दूसरी लड़की से कॉलेज में दोस्ती लगाए बैठा है…शिवि पर तेरी गंदी नज़र है मैं पहले ही दिन समझ गया था…!!

    विनय को कुछ गड़बड़ सा लगा क्यूंकि अभी उसके साथ कोई भी नहीं था…वह लोग कॉलेज के जिस हिस्से में थे वहाँ बहुत कम ही स्टूडेंट्स आते थे…

    भाई आपको ग़लतफ़हमी हुई है..मैं शिवि को अपनी बहन समझता हूं इससे ज़्यादा और कुछ नहीं है…!!
    विनय डर से पीछे हटने लगा क्यूंकि रणवीर उसके करीब बढ़ते जा रहा था…

    रणवीर ने उसके शर्ट का कॉलर कसके पकड़ लिया और उसके जबड़े को अपनी सख्त मुठियो में दबाके बोला..

    “अगर आइंदा शिवि के आस पास दिखाई दिया,,तो साले ऐसी जगह मारूंगा कि जिंदगी भर याद रखेगा….!!
    रणवीर की आँखों में विनय अपने लिए इतनी बुरी तरह नफ़रत देख डर गया और उसके आँखों से आंसू गालो में लुढ़क गए तो रणवीर ने उसके कॉलर को झटक कर ज़मीन पर कसके धक्का दे दिया…

    विनय डर से वही बैठा रोने लगा और रणवीर उसे कमज़ोर समझ के मारने का इरादा कैंसिल कर वहाँ से चला गया..

    To_be_continued....

  • 12. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 11

    Words: 1066

    Estimated Reading Time: 7 min

    अधीरा फुटबॉल खेलने में बिजी था ज़ब फकरी दौड़ते हुए आया और चीखते हुए बोला…

    “अधि…जल्दी चल,,वह विनय….विनय को…

    अधीरा फुटबॉल पकड़के हुए बोला…

    क्या होगया विनय को…सुबह तो ठीक था…!!

    तू पहले मेरे साथ चल….

    अधीरा फकरी के साथ चला आया..

    रणवीर यूनियन रूम में बैठा अपने दोस्तों के साथ स्मोकिंग कर रहा था..

    अधीरा और उसके दोस्त सीधा यूनियन रूम में आये और अधीरा ने रणवीर को बिना कुछ सोचने समझने का मौक़ा दिए बगैर कॉलर से पकड़ के उठाया और यूनियन रूम से बाहर खींच लाया…

    चल तुझे बहुत शोक है ना सबके कॉलर पकड़ शर्ट फाड़ने का,,,चल आज तेरे कपड़े हम फाड़ते है…!!
    अच्छा खासा हंगामा खड़ा होगया..

    रणवीर को अधीरा कॉलेज के बीचो बिच ले आया,,रणवीर गुस्से से उठा और बोला..

    “साले तू मुझसे लड़ क्यों रहा है…!!

    फकरी और बाक़ी अभिनव सारे लड़के खड़े उसपे हँस रहे थे…

    क्यों तुझे लड़ने से डर लग रहा है..अकेले में कमज़ोर पाके विनय के सामने शेर बन रहा था…अब क्या होगया तेरी हवा टाइट होगई…!!

    रणवीर समझ गया ये लोग विनय का बदला लेने आये है..

    शिवाय भी अधीरा के पास आगया और बोला..

    आखिर तुमलोग रणवीर को बिना मतलब बुली क्यों रहे है…!!

    हम कर रहे है..अपने दोस्त से पहले पूछो के उसने क्या किया है…!!
    जोगिंदर सर्द लहजे में बोला..

    रणवीर उठा और बोला…”मैंने जो भी किया ठीक किया,,मुझे कोई पछतावा नहीं है…कल का आया लड़का शिवि से दोस्ती लगाए बैठा है…!!

    शिवाय शिवि का नाम सुन समझ गया कि रणवीर विनय की बात कर रहा है..

    “अपनी बहन को बुलवाओ और सबके सामने पूछो कि विनय ने उससे कोई बदतमीजी की है या नहीं….!!
    अधीरा बोला तो शिवाय ने रणवीर को एक खतरनाक नज़र से घुरा और शिवि को बुलाया..

    शिवि को कुछ समझ नहीं आया आखिर बात क्या हो रही है…
    सब लोग भीड़ लगाकर क्यों खड़े है…

    शिवाय ये सब नहीं चाहता था,,बार बार उसकी बहन का नाम लड़ाई झगड़े में क्यों घसीटा जा रहा था…

    शिवि…सच सच बताओ विनय ने तुमसे कोई बदतमीज़ी की है….!!
    शिवाय ने सबके सामने पूछा…

    कोई मुझे भी बताएगा आखिर मामला क्या है…और विनय बिच में कहाँ से आगया…और वह मुझसे बदतमीजी क्यों करने लगा….!!
    शिवि ने जैसे ही बात कही शिवाय का हाथ उठा और रणवीर के गाल पर पड़ गया…

    शिवि मुंह पर हाथ रखे शॉक में पड़ गई क्यूंकि रणवीर शिवाय का बचपन का दोस्त था…

    अधीरा और बाक़ी लोग बस रणवीर को घूर रहे थे…

    “मैंने तुझे कितनी बार मना किया रणवीर की पूरी बात जाने बिना,बगैर सोचे समझे किसी से लड़ाई झगड़ा मत किया कर लेकिन तेरे दिमाग़ में भूसा भरा हुआ है…!!

    रणवीर सिर्फ मुठियाँ भींच के रह गया..

    रणवीर को इसी पल से विनय से नफ़रत होने लगी थी..

    अधीरा के दिल तक सुकून उतरा था उसे याद आया ज़ब अधीरा और बाक़ी लड़के भी भागते हुए बैकयार्ड पहुंचे थे जहाँ विनय पीछे लाइब्रेरी की पुरानी सीढ़ियों पर बैठा
    अधीरा को आते देख विनय फौरन ही उसके सीने से जा लगा…

    क्या होगया तुझे…!!सब ठीक तो है ना तो रो क्यों रहा है…!!किसी ने कुछ बोला है क्या…!?
    अधीरा उसका चेहरा आंसू से भीगा देख बेचैनी से बोला..

    ये तेरे शर्ट के कॉलर कैसे फट गए और गालो पर उंगलियों के लाल निशान….!!
    अधीरा ने देखा वह बुरी तरह दबी आवाज में रो रहा है जैसे कोई मासूम छोटा बच्चा हो…चेहरा लाल पड़ा हुआ था..

    विनय ने उसे सब बातें अटक अटक कर बताई तो अधीरा विनय को वही छोड़ कॉलेज के अंदर चला गया..

    उस कमीने की इतनी हिम्मत…कि उसने विनय को डराया धमकाया….आज उसे मेरे हाथो से मरने से कोई नहीं बचा सकता है..!!

    अधीरा सब याद कर मुस्कुरा दिया कि उसे कुछ करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी,,शिवाय का थप्पड़ रणवीर को याद रहेगा..

    विनय से जाके मांफी मांग…!!शिवाय गुस्से से बोला..

    नहीं इसकी कोई ज़रूरत नहीं है…आजके लिए इतना तमाशा काफ़ी है…मैं और अब कुछ नहीं चाहता..प्लीज आपलोग मेरी वजह से आपस में लड़ये मत..
    मैं यहाँ सिर्फ पढ़ने आया हूं ना की रोज़ मार पीट करने के लिए,,,सारी ग़लती मेरी ही है…मैं ही सबसे बात करने लग जाता हूं ये सब मेरी ही ग़लती है…!!
    विनय अधीरा के पीछे से निकल कर सामने आया..

    शिवाय और रणवीर चौंक गए…
    विनय इस वक़्त बहुत ज़्यादा खूबसूरत लग रहा था…बाल बिखरे हुए और चेहरा रोने की शिद्दत से लाल पड़ गया था…विनय शर्ट का कॉलर मज़बूती से पकड़े नज़रे निचे किये खड़ा था..

    अधीरा को सच में विनय पर गर्व महसूस हो रहा था…
    बाक़ी सब लड़के लड़कियां भी विनय को हसरत भरी नज़रो से देख रहे थे…

    शिवि को सच में बहुत बुरा लगा की आज ये सब उसकी ही वजह से हुआ था…

    अधीरा विनय का हाथ पकड़ पूरे विश्वास से बोला..

    मेरे दोस्तों की बात ही अलग है…मुझे विनय पर प्राउड फील होरहा है कि इतना सब होने के बाद भी वह इतना खामोश है लेकिन मैं खामोश हरगिज नहीं रहेंगे…अगर आइंदा किसी ने इसकी तरफ आँख उठाकर भी देखा तो मैं उसकी आँखों में शीशा पिघला के डाल दूंगा…!!
    अधीरा की इतनी खतरनाक धमकी सुन विनय भी डर से काँप उठा..

    अधीरा विनय का हाथ पकड़ वहाँ से ले गया और शिवाय रणवीर को खा जाने वाली नज़रो से घूर के रह गया..

    आज पूरे हॉस्टल में विनय और रणवीर की लड़ाई की खबर आग की तरह फैली हुई थी..

    सारे लड़के अधीरा के कमरे में जमा टोली बनाये चीख रहे थे…सब के सब पूरी बात जानना चाहते थे..
    वही विनय दिवार से सिर टिकाये बैठा था..

    मुझे नहीं पता था लड़कों की लाइफ इतनी टफ होती है…!!
    विनय सोच रहा था..

    आज ज़ब रणवीर ने मेरा कॉलर पकड़ मेरा जबड़ा पकड़ा था तब मैं सच में डर गई थी…आज से पहले कभी भी मैंने किसी लड़के से लड़ाई झगड़ा तो दूर की बात है बहस तक नहीं की है…आज जो कुछ भी हुआ सब मेरी ग़लती की वजह से हुआ…मुझे आइंदा कभी शिवि से बात ही नहीं करनी…
    सिर्फ मेरी वजह से अधीरा की दुश्मनी शिवाय से बढ़ती जा रही है…
    मेरी ही ग़लती है…मैं कितनी कमज़ोर हूं कुछ भी नहीं कर पाई बस रोती रही…
    काश मैं इस हॉस्टल में ना आती और ना ही मेरी मुलाक़ात अधि से होती…!!
    विनय यही सब सोच रहा था ज़ब अधीरा ने चीखते हुए कहा..

    सब अपने अपने कमरे में जाओ और हमें भी अब आराम करने दो…!!
    सारे लड़के चले गए तो अधीरा ने रूम लॉक किया और ठंडी सांस ले कर विनय की तरफ देखने लगा..

    To_be_continued....

  • 13. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 12

    Words: 1068

    Estimated Reading Time: 7 min

    अधीरा ने रूम लॉक किया और ठंडी सांस ले कर विनय की तरफ देखने लगा..

    “तू ज़ब से कॉलेज से वापिस आया है तब से यूँ ही बैठा है…!!अधीरा उसके पास बैठता हुआ बोला..

    मेरी वजह से आपका झगड़ा हो रहा है…!!

    अधीरा हँस दिया और बोला..”अब्बे तेरी वजह से कुछ भी नहीं हुआ है…यूँ देवदास बना बैठा है..मेरे सामने मनहूस जैसी शक्ल बना के मत बैठ…तू मुझे ऐसे अच्छा नहीं लग रहा…!!

    विनय ने टेढ़ा मुंह कर अधीरा को देखा और मुस्करा दिया…

    अधीरा ने उसे कंधे से पकड़ के उठाया और कहा..

    “तुझे कॉलेज में सबके सामने इतना मोटिवेशन स्पीकर बनने की कोई ज़रूरत नहीं थी पर तूने सबके सामने भासण दिया जिससे वह शिवाय तुझे किस नज़र से घूर रहा था..तुझे ज़्यादा सबकी नज़रो में आने की ज़रूरत नहीं है…!!

    ओहो मैं बस नहीं चाहता कि मेरी वजह से शिवाय अपने बेस्टी से लड़ाई करे…!!विनय ने उदासी से कहा..

    अधीरा ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा..

    बेस्टी…हाहाहाहा…हाहाहाहा बेस्टी…रणवीर उसका बेस्टी…!!
    अधीरा पेट पकड़ कर बिस्तर पर लोट लोट कर हंसने लगा..

    हाहाहाहा…वैरी फनी…!!विनय चिढ गया..

    अधीरा हंसी कण्ट्रोल कर बोला..”तू इतना क्यूट क्यों है…इतना ज़्यादा स्वीट सा प्यारा सा छोटू सा….!!

    क्यूंकि मैं एक क्यूट लड़का हूं…!!
    विनय सीने पर हाथ बांधे कॉंफिडेंट से बोला तो अधीरा फिर हंसने लगा…

    हाहाहाहा…क्यूट लड़का….बार्बी वाला पिंकी लड़का….!!

    अरे ये इतना क्यों हँस रहा है…दिमाग़ सटक गया है क्या…!?
    विनय ने मन में सोचा..

    थोड़ी देर बाद अधीरा ने बड़ी मुश्किल से हंसी कण्ट्रोल की और सिगरेट निकाल के होंटो तले दबा लिया..

    “ये ले दो कश मार और सारे गम भूल जा…!!अधीरा ने विनय के हाथों में सिगरेट थमा दिया..

    ओह्ह्ह ये होती है सिगरेट…पपा को बहुत बार सिगरेट के कश लेते देखा है…!!विनय सिगरेट को उलट पलट के देख रहा था..

    उस्ताद इसका टेस्ट कैसा होता है…!!
    विनय की मासूमियत पर अधीरा उसे घूरने लगा..

    सिगरेट लोग पीते है…खाते नहीं है जो इसका कोई टेस्ट होगा…!!

    विनय मुंडी हिला के रह गया…

    ओह्ह्ह अच्छा अच्छा…
    विनय को कुछ समझ नहीं आया..

    अधीरा ने विनय और अपनी सिगरेट लाइटर से जलाई और लम्बे लम्बे कश लेने लगा..

    विनय ने एक कश लिया तो धुँवा अंदर फेफड़ों में गया तो खाँसते खाँसते उसकी हालत खराब होगई…

    इंज्यूरीस टू हेल्थ….
    विनय को टीवी की ऐड याद आगई की सिगरेट पिने से कैंसर होता है लोग मर जाते है..

    विनय खाँसते हुए लम्बी सांस लेकर बोला..”अधि स्मोकिंग मत करो ये सेहत के लिए नुकसान है…!!

    अधीरा ने सिगरेट पेरो तले कुचल दिया और बोला..

    तू पहला लड़का मुझे मिला है जिसने ये बात कही है…

    क्या मैंने फिर कोई स्टुपिड वाली बात कह दी…!!

    चल फिर कुछ पीते है…तुझे ड्रिंक में क्या पसंद है…
    सोडा,विस्की या देसी…

    भई मुझे तो नेम्बू पानी और लस्सी बहुत पसंद है…और इसके इलावा ऑरेंज जूस…!!विनय ने अधीरा की बात काट के एक्ससिटेड होकर कहा और उसके मुंह में पानी आगई..

    अधीरा ने फिर अजीब नज़रो से विनय को देखा तो विनय पजल होगया..

    ये मुझे फिर ऐसे क्यों देख रहा है….कहीं फिर मैंने कुछ ग़लत बात तो नहीं कह डाली…!!विनय मन में सोचने लगा..

    अधीरा ने फिर मुंह पर हाथ रख लिया और हंसी रोकने की नाकाम कोशिश करने लगा..

    अधीरा हँसते हँसते बेड पर गिर गया और हँसता ही रहा..

    मुझे तो अब सच में डर लगने लगा है…मेरी ज़ुबान सच में बहुत ज़्यादा चलती है,,पहले मुझे अधीरा की बात पूरी सुन्नी चाहिए फिर अपनी बात करनी चाहिए…मैं जोश में सब कुछ बोल देती हूं और ये हंसने लगता है…!!

    तू सच में यार क्या चीज है…!!अधीरा हँसते ही रहा और विनय का मुंह फिर एक बार फूल गया…
    अधीरा ने उसका हाथ खींच बेड पर गिरा लिया और उसे देखते हुए बोला..

    “चल थोड़ा माहौल बनाया जाए…!!
    अधीरा ने उसका गाल खींच के अपना मोबाइल ऑन किया और भोजपुरी गाना लगा के उठ बेड पर उठ खड़ा हुआ…

    अब देखना तेरा मूड कैसे खिल उठता है…!!
    अधीरा ने साइड में रखे स्पीकर से अपना ब्लूटूथ कनेक्ट कर लिया..

    ये किस तरह का वाहियात गाना है…

    बॉडी पे कईल बा ऐसन कढ़ाई....
    कपड़ा के भीतर से देता दिखाई,,
    बॉडी पे कईल बा ऐसन कढ़ाई...,,
    कपड़ा के भीतर से देता दिखाई
    कहवा से किनेलू..
    लगता कि तू घरही सियेलू...
    हीरोइन हो हीरोइन ता ना ना पीयेलू,,
    कहता आँखिया नशा में जियेलू....
    बतावा कहीं गांजा ता ना ना पीयेलू,,
    कहता आँखिया नशा में जियेलू..!!

    अधीरा हाथ हवा में कर काफ़ी अच्छे से स्टेप कर रहा था और विनय का हाथ पकड़ खींच के उसके कमर पर हाथ रख नाचने लगा तभी दरवाजा पर दस्तक हुई तो अधीरा ने दरवाजा खोल दिया जहाँ बाक़ी सब लड़के भी खड़े थे..

    अभिनव बोला..”भई अकेले अकेले मज़े कर रहे हो…

    प्रियांशु अंदर हाथ में बॉटल और चिप्स का पैकट लिए आया और बोला…

    “चलो साथ में झूमते है…!!

    जोगिंदर और बाक़ी सब लड़के भी अंदर आगये और देखते ही देखते कमरे का माहौल गर्म होगया…
    अच्छा खासा हंगामा हो रहा था और सब नाच कम और बंदरो की तरह उछल ज़्यादा रहे थे…

    अब्बे मिर्गी का दौरा आगया है क्या….
    ऐसे उछल रहा है….भई ये लोग कितने वाइल्डली डान्स कर रहे है…

    आगे के लिरिक्स पर रिषभ ने विनय का हाथ खिंच गोल से घुमा दिया…

    गुलाब जइसन खिलल बाडु...
    तू भवरा से मिलल बाडु...
    करत दिल के कतल बाडु...
    केकर मेहनत के फल बाडु...
    लाली वोठवा के ललचावे...
    करता दिलवा ए एलू एलू...
    हीरोइन हो हीरोइन ता ना ना पीयेलू...
    कहता आँखिया नसा में जियेलू...
    बतावा कहीं गांजा ता ना ना पीयेलू...
    कहता आँखिया नसा में जियेलू…

    फिर एक बार लिरिक्स चेंज हुए तो विनय भी सब कुछ भूल के उन लोगों के साथ मस्ती करने लगा…

    “ऐ राजा जी…बाजा बाजी की ना बाजी..

    गाना एक के बाद एक प्ले होता रहा और नॉनस्टॉप उछल कूद,हंगामा चलता ही रहा..
    आखिर में थक हार के विनय बिस्तर पर गिर गया और बाक़ी लोग भी नशे में टुन होकर अपने अपने रूम में चले गए…

    “ओह्ह्ह यार मज़ा आगया,,लड़के लोग कितना खुल के मस्ती करते है…मेरी तो अब सांसे फूलने लगी है पर बात ये है की मुझे आजसे पहले इतना मज़ा कभी नहीं आया…
    एक दिन सारे नखरे,झूठे दिखावे और स्टैण्डर्ड को साइड रख फूल मज़े में जिंदगी जी ली…
    तहज़ीब,सलिका और तरीका…भाड़ में गए…डिसिप्लिन वह क्या होता है!?
    मैं तो अभी लड़का हूं और ये सारी चीज़े जी भर के एन्जॉय करने दो…
    कोई रोक टोक नहीं,,कोई बाउंड्री नहीं…किसी चीज का डर नहीं है…
    विनय मन में सोचने लगा…

    अधीरा उसके बगल में नींद में चला गया था…

    To_be_continued....

  • 14. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 13

    Words: 1075

    Estimated Reading Time: 7 min

    सुबह हुई तो अधीरा और विनय कॉलेज पहुंचे…आज सब कोई विनय को ही देख रहा था…
    वह लड़कों सब से ज़्यादा वेल ड्रेसिंग करता था और साथ ही वह काफ़ी सबसे नरमी और प्यार से अच्छे लहजे में बात करता था…
    टीचरस का फेवरेट बन गया था..

    विनय क्लास के बाद ही खुद में काफ़ी कमज़ोरी महसूस करने लगा…

    पता नहीं मेरा पेट इतना क्यों दर्द कर रहा है…!!विनय पेट पकड़ के केंटीन में आ बैठा..

    विनय को अकेला पाके सारी लड़कियों ने उसे घेर लिया..
    सब उसे अपने अपने टिफिन से नाश्ता करवाने लगी..

    लेकिन पेट दर्द बढ़ता ही गया और विनय केंटीन से एक्सक्यूज़ कर उठ भागा..

    विनय वाशरूम के पास जाके खड़ा होगया और आँखे मीच के दिल में सोचा..

    “लगता है मेरा पीरियड आगया है…!!
    अगर किसी ने देख लिया तो बहुत बदनामी होगी…!

    विनय सोच ही रहा था की लेडीज वाशरूम से शिवि बाहर निकल आई और विनय को पसीने में भीगा देख घबरा गई..

    विनय….तुम ठीक हो…!?

    शिवि की आवाज सुन विनय आगे हाथ कर शिवि को अपने करीब आने से रोकते हुए बोला..

    हा हाँ मैं ठीक हूं…डो…डोंट वरी…
    विनय बोल के जैसे ही मुड़ा शिवि चौंक गई क्यूंकि उसके ब्लू जींस में लाल धब्बे साफ दिख रहे थे..

    विनय…रुको प्लीज…
    शिवि उसके पीछे दौड़ने लगी…

    विनय को चला भी सही से नहीं जा रहा था…शिवि को दौड़ के अपने करीब आते देख वह लड़खड़ा गया और शिवि के साथ साथ वह भी निचे गिर गया..
    विनय का विक खुलके निचे गिर गया और उसके काले बाल ज़मीन पर बिखर गए..

    शिवि की आँखे हैरत से फेल गई..

    तुम….तुम एक लड़की हो…!!

    विनय जल्दी से संभल गया और बाल समेट के वापिस से बालों में विक लगा लिया…

    तुम…विनय,,कौन हो तुम…!!
    विनय ने शिवि की तरफ देखा और गालो में दबे चविंगम निकाल के बोला..

    “मैं वान्या दीक्षित हूं….!!तुम प्लीज मुझे ग़लत मत समझो…मैं तुम्हे सब एक्सप्लेन कर दूंगी…!!
    विनय अपनी असली आवाज में बोल रहा था..

    शिवि ने मुंह पर हाथ रख लिया जैसे उसे अभी तक विनय की किसी भी बात पर यक़ीन ना आया हो…

    —----------______

    अधीरा बार बार बालकनी में टहल रहा था और दक्ष उसे समझा रहा था..

    “अब्बे जाके आराम कर….कब से यूँ खड़ा है,,विनय बस आता ही होगा…तू तो ऐसे टेंशन ले रहा है जैसे वह तेरी गर्लफ्रेंड हो…!!

    अधीरा किसी भी बात का जवाब नहीं देना चाहता था…

    शिवाय भी उसे पूरे हॉस्टल में बेकारारी से चक्कर लगाते देख थक गया था..
    हर कोई उसे समझा रहा था कि विनय अपनी दीदी के घर से वापिस लोट आएगा लेकिन अधीरा था की इंतेज़ार में नज़रे बिछाये बैठा था..

    विनय के चेहरे पर ख़ुशी थी और अब उसे काफ़ी अच्छा फील हो रहा था…
    शिवि ने अपना लम्बा कोट उसे दे दिया था और उसकी जींस भी बदल दी थी..

    विनय जैसे ही हॉस्टल में आया अधीरा दौड़ते हुए उसे कसके गले लगा के बोला…

    बिन बोले कहाँ चला गया था….!!
    तू पागल है क्या…!?
    मैं कितना डर गया था…
    वह तो अच्छा है शिवी ने बताया की तू अपनी दीदी के घर गया है वरना मैं तुझे पूरे कॉलेज में ढूंढने लगता…!!

    विनय की साँसे उखड़ने लगी थी..

    मैं ठीक हूं अधि…और प्लीज मुझे छोड़ो मुझे सांस नहीं आरही है…!!

    अधीरा ने उसे गुस्से में और टाइटली हग कर लिया तो विनय फड़फड़ा के रह गया..

    ये इतना पोसेसिव क्यों है….!!अपनी पोसेसिवनेस में मेरी जान लेकर ही ले लेगा..
    मैं इसकी दोस्त हूं लेकिन ये ट्रीट मुझे गर्लफ्रेंड की तरह कर रहा है…!!
    विनय दिल में सोचने लगा..

    अधीरा विनय को लेकर रूम में आगया..

    ये तूने कपड़े ऐसे क्यों पहन रखे है..!!अधीरा विनय का लम्बा कोट देखता हुआ बोला..

    हाँ बस ऐसे ही स्टाइल में पहन लिया…!!विनय कासुअली बोला..

    ब्रो मैं बोल रहा था की आज मैं ऊपर वाले ड्रोम में सोऊंगा…!!
    विनय ने अपनी हालत देखते हुए कहा..

    क्यों…मेरा मतलब है मेरे पास सोने में तुझे कांटे गड़ रहे है क्या…!!?
    अधीरा गुस्से से बोला..

    नहीं ब्रो…मैं आपको और परेशान नहीं करना चाहता…आप मेरे लिए पहले ही बहुत कुछ कर चुके हो अब मैं आपको ज़्यादा तकलीफ नहीं देना चाहता..!!विनय मुस्करा के अधीरा की तरफ देखने लगा..

    ओहो तू तो बड़ा हरीशचंद्र निकला…इतना ज़्यादा अच्छा है…
    अधीरा उसे घूरने लगा..

    विनय ने अपना बरोया बिस्तर समेटा और टूटी सीढ़ियों के सहारे ही ऊपर ड्रोम में चढ़ गया..
    अपना बिस्तर ठीक कर वह पेट को रब कर सोचने लगा..

    “मैं तो फालतू का डर रही थी बट शिवि ने मेरी बहुत हेल्प की….मुझे अपने साथ घर ले गई और कपड़े वगेरा भी चेंज करने को दिया…
    हॉट बेग से पेट की सिकाई कर काफ़ी दर्द में कमी आई और मेरे पास पेन रिलीफ मेडिसिन भी है…

    अधीरा अभी तक खड़ा ऊपर बेड पर बैठे विनय की हरकते नोटिस कर रहा था..
    विनय ने अंगड़ाई ली और गर्दन दाएं बाएँ झटकने लगा…

    अधि…मुझे कहना है…!!
    विनय कुछ आगे कहता की विनय हड़बड़ा के निचे गिर गया…
    अधीरा ने फुर्ती से विनय को गोद में उठा लिया वरना विनय की हड्डीयां ज़रूर टूट जाती…

    होह्ह्हह्ह्ह्ह….मैं ऊपर से निचे,,,मैं निचे गिर कैसे गिर गया…
    ये ड्रोम कितनी बेकार है…!!

    अधीरा ने उसे गोद में उठाए रखा था तभी शिवाय उनके कमरे में आगया क्यूंकि रूम लॉक नहीं था इसलिए शिवाय बेधड़क उनके कमरे में आ घुसा लेकिन विनय को अधीरा के गोद में डरे सहमे देख खुद गड़बड़ा गया..

    तू जैसा समझ रहा है वैसा कुछ भी नहीं है…!!अधीरा ने विनय को गोद से उतारा..

    शिवाय विनय की तरफ देख बोला…
    “ज़रा मेरे साथ 2 मिनट आना…तुमसे कुछ बातें करनी थी…!!

    विनय शिवाय के पीछे जाता लेकिन अधीरा ने उसे कमर से पकड़ अपने पास खींच लिया और बोला..

    जो भी बात करना है मेरे सामने करो…तुम लोगों का कोई भरोसा नहीं,,क्या पता विनय को फिर डराने धमकाने लग जाओ…!!

    शिवाय कूल एक्सप्रेशन के साथ बोला..”ओके लेकिन तुम मेरे और विनय के बिच में नहीं बोलोगे…
    शिवाय विनय की तरफ देखते हुए बोला..”तुम आर्ट्स स्टूडेंट हो और तुम्हारा हिस्ट्री काफ़ी अच्छा है…शिवि बता रही थी तुम काफ़ी अच्छा हिस्ट्री पढ़ाते हो और एक एक पॉइंट को क्लियर भी करते हो…
    बस यही था की शिवि को तुम घर पर ट्यूशन आके पढ़ा सकते हो…

    अधीरा कुछ बोलता उससे पहले ही विनय बोल पड़ा…

    क्यों नहीं…शिवि को पढ़ाने में मुझे ख़ुशी होगी…मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है..!!

    ओके फिर कल मुझसे कॉलेज के बाद आके मिलना…!!शिवाय बोलकर चला गया..

    विनय ख़ुश होगया वह जानता था ये सब ज़रूर शिवि का आईडिया होगा…वह उम्र में ज़रूर छोटी है लेकिन दिमाग़ उसका काफ़ी चलता है…

    To_be_continued....

  • 15. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 14

    Words: 1237

    Estimated Reading Time: 8 min

    शिवाय अपनी बात बोल कर चला गया ओर विनय शिवि को घर जाके ट्यूशन पढ़ाने के लिए राज़ी होगया मगर अधीरा का खून जलने लगा था..

    शिवाय के जाते ही अधीरा ने गुस्से से कहा..

    “तूने उसे हाँ क्यों बोला….!?

    ब्रो….जस्ट चील,,,शिवि अच्छी लड़की है ओर प्लस मेहनती स्टूडेंट है…!!
    विनय काफ़ी आराम से बोलने लगा..

    तू सच सच बता तेरे दिमाग़ में आखिर चल क्या रहा है…
    शिवाय तुझसे नफ़रत करता है ये बात याद रखना…ज़रूर ये कोई उसकी नई चाल होगी…
    अधीरा बोलता ही रहा ओर विनय किताब चेहरे पर किये अधीरा को देखता रहा..

    विनय ही अंदर से जानता था की उसे कितनी ख़ुशी मिल रही थी…

    रात भर दोनों की बनी नहीं…

    विनय उसे समझा रहा था लेकिन अधीरा धीरे धीरे गुस्से में भड़कता गया…
    दोनों की लड़ाई होगई ओर दोनों नाराज़गी में मुंह फुलाए सोगये…

    सुबह हुई तो अधीरा अपने रोटीन के हिसाब से सवेरे उठा ओर जॉगिंग करने चला गया इस बिच विनय ने नहा धो के तयार होगया…

    ज़ब अधीरा वापिस आया तो फिर से दोनों लड़ पड़े…

    तो तूने सोच लिया है…तू आज से शिवि के घर जाके पढ़ाएगा…!!

    हाँ ये मेरा फैसला है ओर इसमें ग़लत ही क्या है…
    इस तरह शिवाय ओर हमारे बिच दोस्ती की शुरुवात भी होगी…!!
    विनय बस झगड़ा खतम करना चाहता था..

    अधीरा का तन बदन सुलग उठा ओर वह अपनी नीली आँखे विनय के चेहरे पर गाड़े बोला…

    ओह्ह्ह अच्छा….अब मैं समझा,तेरी दोस्ती बड़े लोगों से होगई है इसलिए तू बदलने लगा है…
    ठीक ठीक है जा जो करना है कर….!!

    विनय को कुछ समझ ही नहीं आया…

    ओये ये पागल है क्या….मैं कुछ ओर बोल रही हूं ये कुछ ओर समझ रहा है….
    अरे दया रे दया इसे जलन हो रही है….!!

    विनय ओर अधीरा आज दोनों कॉलेज साथ नहीं गए थे…
    सारे क्लासेज करने के बाद अधीरा गुस्से में लाइब्रेरी में जा बैठा…

    विनय तो ख़ुशी से अब भी उछल रहा था…

    “चलो कुछ ही घंटो के लिए मैं किसी लड़की के साथ टाइम स्पेंड कर पाउंगी…
    अपनी जात बरादरी लड़कियों की बात ही अलग है…
    होहोहो मज़ा आयेगा….
    विनय गार्डन में गोल गोल घूम रहा था…

    गौतम उसके पास आके बोला…

    विनय….बात सुन ज़रा…!!

    विनय गौतम को देख संभल गया ओर बोला…

    हाँ बोलो भई….

    तेरी और अधीरा की लड़ाई हुई है क्या…!?
    गौतम का सवाल सुन विनय हँस के बोला..

    “अरे नहीं पता नहीं क्यों वह फालतू का नाराज हुए बैठा है…
    मैंने सिर्फ उसकी एक बात नहीं मानी तो मुझसे ही लड़ पड़ा ओर गुस्से में मुंह फुलाए है…!!

    गौतम कुछ सोचते हुए बोला…”तुझे उससे बात करनी चाहिए,,अधीरा को कभी मैंने इतना सीरियस ओर उदास नहीं देखा है…जबसे वह हॉस्टल आया है कभी वह निराश या दुखी नहीं होता…खुद भी हँसता है ओर दुसरो को हँसाता रहता है…दुसरो की मदद करता है,,हमेशा हर किसी से मोहब्बत से पेश आता है…
    तुझे एक बार अधीरा से मिल बैठ कर बात करनी चाहिए…!!

    हां हाँ ज़रूर….
    विनय बोला…

    गौतम चला गया…

    विनय गार्डन के हरि भरी घासो में बैठ के सोचने लगा…

    अधीरा बहुत सेंसिटिव टाइप बंदा है…मुझे ही शायद उसकी बात मान लेनी चाहिए थी….
    ओहो ये अधि का बच्चा….इतना ज़्यादा अच्छा क्यों है….ऊपर से मेरी इतनी फ़िक्र भी करता है…
    अब तो मुझे अपना आप उसके सामने छोटा लगने लगा है…वह इतना ही महान है…क्यूटी कहीं का….
    विनय ज़ब भी उसके बारे में सोचता तो उसके पेट में गुदगुदी होने लगती…

    प्यार होगया है क्या मुझे….भककक ऐसा कुछ भी नहीं है…!!विनय शर्मा के वही पैर पटकने लगा…
    दिल बहुत ज़्यादा ही खूबसूरत अहसास से महक उठा था…

    विनय उठ के अधीरा को पूरे कॉलेज में ढूढ़ने ही लगा था की उसे शिवि मिल गई..

    “अच्छा हुआ तुम मिल गई….मतलब मिल गए….अब चलो साथ में घर चलते है…!!
    शिवि उसका बाज़ू खिंचती हुई अपने साथ ले जाने लगी…

    रणवीर ओर उसके दोस्त की नज़र भी विनय ओर शिवि पर पड़ी तो रणवीर को अपनी बेइज्जती याद आगई…

    ये विनय बड़ा शाडा बनता है ना….मैं इसे बताऊंगा की रणवीर चौधरी से पंगा लेना कितना भारी पड़ सकता है….!!
    रणवीर नफ़रत से मन में सोचने लगा…

    शिवि ज़बरदस्ती विनय को अपने साथ आज फिर घर ले आई थी…
    विनय कल भी उसके घर आ चूका था…शिवि ने उसकी बहुत मदद की थी इसलिए वह उसके एहसान के बोझ तले दबा था..

    मम्मी मैं आगई ओर विनय को भी साथ लाइ हूं….
    वैसे मैंने इंट्रोडक्शन नहीं करवाया…ये विनय है विनय दीक्षित,,,यही आज से मुझे हिस्ट्री पढ़ाएगा…!!
    शिवि बोले जा रही थी…

    विनय सामने खड़ी 55 साल की भोली सी औरत को देख दंग रह गया,,बनारसी साड़ी में लिपटी लिपटाई वह पसीने में भीगी थी….
    शायद किचन से अभी निकल के बाहर आई थी…

    “बेटा बैठो ना….!!सुषमा आंटी बोली…

    नमस्ते आंटी जी…!!विनय ने हाथ जोड़ के नमस्ते किया ओर पैर छूके आशीर्वाद लिया…

    सुषमा जी प्यार से बोली…
    जीते रहो बेटा….खूब लम्बी उम्र जियो…

    शिवि दाँत निकाले खड़ी थी…

    “बेटा बस ये थोड़ी शरारती है…इसकी हरकतों का बुरा मत मानना ओर अच्छे से पढ़ाना…ज़्यादा नरमी भी मत करना ये सिर चढ़ जाएगी….डांटना मारना मेरी तरफ से छूट है बस ये अच्छे से पढ़ाई करे ओर मुझे क्या चाहिए…!!

    जी जी आंटी…
    विनय सिर झुका के बोला…

    वैसे बेटा तुम्हारी उम्र क्या है…!!सुषमा जी के ये सवाल बड़ा अजीब था..

    मैं मैं 27 साल का हूं…
    विनय के जो मुंह में आया उसने बोल दिया…

    ओह्ह्ह अपनी उम्र से काफ़ी छोटे लगते हो…खेर बहुत ही खूबसूरत नेन नकश है तुम्हारे….बिलकुल किसी सेहज़ादे की तरह हो…प्यारे से मासूम बच्चे लगते हो…!!सुषमा जी बोलकर हँस दी तो शिवि भी हंसने लगी…

    हाहाहाहा….ये लोग इतना हँस क्यों रहे हो…ज़ब से लड़का बनी हूं सब मुझपे हँस ही रहे है…!!विनय ने मन में सोचा..

    तभी शिवाय की आवाज दरवाजे से आई..

    माँ मैं आगया…खाना निकाल दो,मुझे हॉस्टल भी जाना है…!!

    हाँ आई….
    सुषमा जी चली गई ओर शिवि विनय का हाथ पकड़ उसे अपने कमरे में ले आई ओर दरवाजा लॉक कर दिया…

    विनय ने जल्दी से विक उतारा ओर अपना बाल लहराने लगी…

    कितने दिन होगये मैंने बालों में ना ठीक ढंग से घंगी की है ओर ना ही तेल से मालिश की है…रूखे सूखे होगये है…
    रोज़ जल्दी नहाती हूं ओर हड़बड़ी में ड्रायर से बाल सूखा के मोड़ लेती हूं….!!

    शिवि हँसते हुए बोली…
    कौन यक़ीन करेगा की इस खूबसूरत लड़के जैसे दिखने वाले हैंडसम फेस के पीछे एक ब्यूटीफुल सी प्रिंसेस छिपी है….जो जानबूझकर कर लड़का बन बॉयज हॉस्टल में रह रही है….
    हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी…तुम आखिर 24 घंटे लड़कों के साथ रह कैसे सकती हो…
    मेरा तो सोच के ही दम घुटता है…!!
    शिवि उसके आँखों से नकली चश्मा हटाने लगी…

    मजबूरी…हाय मजबूरी मजबूरी….
    तुम नहीं समझ सकती ओर वैसे भी मेरे बहन के अकॉर्डिंग मेरा दिमाग़ सटका हुआ है तो मैं कुछ भी कर सकती हूं….
    मुश्किल था नामुमकिन भी नहीं…मैंने वह भी कर दिखाया…वैसे ये मेरे लिए एडवेंचर से कम थोड़ी है…
    दिमाग़ हो तो आप जंगल में भी मंगल कर सकते है…
    ओर एक बात लड़के…मैंने इतने दिन उन लोगों के दरमियान रहके एक बात अच्छे से जान लिया है वह लोग बेचारे है मतलब वह लोग खुद ही बहुत सारी परेशानियों से झूझ रहे है…
    लड़के बुरे हरगिज नहीं है बस हालत उन्हें ऐसा बना देते है…बेचारे बड़े मासूम है,,अपने माँ बाप के सपनो के खातिर खुद को कुर्बान कर रहे है…
    डिप्रेस्ड है,फ्रूस्ट्रेटेड है लेकिन ज़िंदा है…
    हुंह्ह्ह्ह मैंने बहुत कुछ ऑब्जरवेड किया है जो तुम नहीं समझ पाओगी…

    वान्या के इतने लम्बे चोड़े भासण के बाद भी शिवि को कुछ समझ नहीं आया..

    To_be_continued....

  • 16. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 15

    Words: 1400

    Estimated Reading Time: 9 min

    शिवि के साथ वान्या बैठी गप्पे लड़ा रही थी…
    वान्या ये भी भूल गई थी कि विनय का बेसब्री से अधीरा को इंतेज़ार रहता है…

    लेकिन दो लड़कियां जहाँ मिल जाए वहाँ बातें खतम ही नहीं होती है…

    शिवि और वान्या अपने अपने स्कूल,कॉलेज के किस्से लिए बैठे थे…

    मैं तो हमेशा ऐसी ही मस्त रहती हूं पर ज़ब से विनय बनी हूं तब से विनय बन कर रह गई हूं…
    अब तो ये भी ठीक ढंग से याद नहीं कि अपना असल चेहरा आईने में कब देखा था…!!
    वान्या की बात सुन शिवि हंसने लगी..

    “सच में मुझे तो विनय पर क्रश आगया था…मेरा बस चलता तो मैं तुम्हे अपना बॉयफ्रेंड बना लेती पर उससे पहले ही तुम्हारी असलियत सामने आगई…!!

    वान्या ने अपने उप्पर लिप्स को देख कर कहा…
    हाँ लड़कियां मुझपे मरती है…अब मैंने सोच ही लिया है की लड़का हूं तो लड़कों की तरह फ़्लर्ट भी तो करना पड़ेगा ना….!!

    शिवि मुस्करा के बोली…”तुम कॉलेज में मेरा बॉयफ्रेंड बनने की एक्टिंग करो ना ताकि मैं सब लड़कियों को जला सकू…!!

    हेयय नहीं ये गलत है,,ऊपर से वह रणवीर और तुम्हारा बॉडीबिल्डर भाई मुझे हॉकी स्टिक से मारेगा…!!
    वान्या डर गई..

    अरे तो कुछ नहीं होगा…प्लीज मेरी बॉयफ्रेंड बन जाओ…
    यार सच में तुम कितनी कूल हो…
    कितनी प्यारी हो और क्यूटनेस तो तुम मैं कूट कूट के भरी है…

    वान्या अपनी तारीफ सुन फुले नहीं समा रही थी..
    तभी शिवि ने कुछ ऐसा कहा जिसपे वान्या सदमे में आगई…

    “वान्या मेरी भाभी बन जाओ…
    प्लीज प्लीज भाभी बन जाओ,,शिवाय भाई बहुत अच्छे है..

    अब्बे पागल वागल है क्या….
    मैं और शिवाय….
    ओह्ह्ह्हह्ह मैं तो सोच भी नहीं सकती…
    वह तो मेरे अधि का दुश्मन है और मैं उस से शादी….नो नेवर एवर…

    शिवि के आँखों में शरारत चमक उठी और वह बोली…

    ओयेहोये….मेरा अधि….मेरा अधीरा….
    लगता है अधीरा भई से तुझे प्यार होगया है…!!

    वान्या ने उसके सिर पर चपत लगाई और बोली..

    अपने पढ़ाई पर धियान दो….फालतू चीज़ो में दिमाग़ लगाने की ज़्यादा ज़रूरत नहीं है…!!वान्या सख्ती से बोली…

    शिवि वान्या से छोटी थी,,पर थी बहुत ज़्यादा होशियार और चलाक…

    वान्या शाम को तकरीबन 5 बजे हॉस्टल वापिस आई,,वह वही बेहाल सा हुल्या बनाये हुए थी…
    लड़कों वाली जैकेट,शर्ट और छोटे बालों का विक और आँखों में छोटे फ्रेम वाला चश्मा…

    आज इतने दिन बाद किसी लड़की से बात कर उसे काफ़ी अच्छा फील हो रहा था  ..

    हॉस्टल में आई तो शिवाय से भी मुलाक़ात होगई,शिवाय सिर्फ घर जाके खाना खाता था बाक़ी उसका बोरया बिस्तर तो हॉस्टल में ही था..

    तुम आज शिवि के साथ घर गए थे…!?

    हाँ वह मैंने आज से उसे पढ़ाई पर लगा दिया है….उन लोगों के एग्जाम में 3 महीने का वक़्त है फिर भी मेहनत जम के करनी चाहिए…
    विनय जोश में बोला..

    शिवाय अजीब तरिके से मुस्कान लिए विनय को देखने लगा तो विनय बोखला गया…

    अच्छे से पढ़ाना और हाँ याद रखना सिर्फ शिवि की ज़िद पर मैंने तुझे अपने घर आने की इजाज़त दी है…ज़्यादा फैलने की कोशिश मत करना…!!
    शिवाय एक बड़े भाई होने के नाते बोलने लगा..

    ओके ब्रो…मैं थक गया हूं तो कमरे में जाके आराम करूँगा..!!विनय बोलकर खिसक लिया…

    विनय ज़ब कमरे में आया तो अधीरा ओंधे मुंह होकर तक्या पकड़े सो रहा था…

    विनय के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आगई और वह बेग साइड पर रखता हुआ बेड पर बैठ गया..

    ओहो ये सोता हुआ कितना प्यारा लग रहा है…
    हाय मेरी नज़र ना लग जाए…
    मेरी क्यूटी प्यारु सा अधि…

    विनय ने हाथ आगे कर अधीरा का चेहरा उंगलियों से छूना चाहा लेकिन मन की आवाज फिर गूंज उठी..

    “ओ पगली होगई है क्या….फिर भूल गई तू एक लड़का है और तुझपे ऐसी हरकते सूट नहीं करती है…
    अधीरा लड़का है और तू भी एक लड़का है…तो सोच ले तुझे गे बन जायेगा….!!

    विनय ने हाथ पीछे कर लिया और फिलहाल अपनी बेताब आँखों से ही अधीरा का चेहरा चुम लिया और शर्मा के पैर और हाथ बेड पर मारने लगा..

    मेरा दिल बहुत करता है मैं अधीरा को बेशुमार प्यार दूँ लेकिन….लेकिन ये सब एक धोका है…जिस दिन अधीरा को पता चल गया कि मैं एक कमसिन हसीन कच्ची कली हूं वह उस दिन मुझे मसल कर रख देगा…
    ऐसे तो विनय समझकर मारता रहता है,विनय की जगह वान्या हूं तो मार मार कर बैगन का भरता बना देगा…!!

    विनय यही सब सोच रहा था ज़ब उसकी नज़र तकये के निचे दबी वही पोलटिकल की बुक पर पड़ी..

    अरे ये कोनसी किताब है जिसे अधीरा सीने से लगाए सोता है…!!
    विनय ने किताब तकये के निचे से टान ली और देखने लगा…

    शायद….ये वही किताब है जो मैंने….
    विनय यही सोच रहा था ज़ब अधीरा आँख मल कर ओबासी लेने लगा…

    विनय को सामने देख उसका मुंह दुबारा फूल गया और किताब छीन के करवट बदल के सोगया..

    इसकी ये ज़ालिम अदा….
    इसकी हॉट बॉडी,,ये बिना शर्ट के मेरे सामने सोता है….
    मैं खुद पर कण्ट्रोल कैसे रखूंगी…
    विनय फिर से खुमारी में डूब गया..

    आई लव यु सो सो मच….
    विनय के गाल शर्म से तमतमा गए और वह गुनगुनाने लगा..

    “चले ही जाना है,,,
    नज़र चुरा के यूँ…👀
    फिर थामी थी साजन तुमने,
    मेरी कलाई क्यों..❕❔
    किसी को अपना बना के छोड़ दे…🥲
    ऐसा कोई नहीं करता…👉🏻👈🏻
    बांहो में चले आआ,,❤️‍🔥
    हमसे सनम क्या पर्दा…🙈🌷

    अधीरा के कान इतनी मधुर आवाज में गुनगुनाते आवाज की रस भरी आवाज पर चुपके से मुस्करा दिया…

    पगला कहीं का…
    अधीरा मन ही मन हँस दिया..

    विनय शर्ट बदल के ढीला सा टी.शर्ट पहन अधीरा के बगल में ही लम्बा लेट होगया..

    रात के 2 बज रहे थे लेकिन विनय जागा हुआ था…

    अधीरा तक्या पकड़े गहरी नींद में सो रहा था..

    है रात अपनी..🌌
    जो तुम हो अपने…🌸💎
    किसी का डर हमें फिर क्या…🫶🏻🌼

    विनय की उंगलियां काफ़ी सरसराहट से अधीरा के चेहरे पर चल रही थी…

    अधीरा उसके नर्म मुलाइम उंगलियों के स्पर्श से नींद में बार बार बेचैन हो उठ रहा था और विनय को काफ़ी मज़ा आरहा था..

    अधीरा के चेहरे पर बनते बिगड़ते रंग विनय के मन को गुदगुदा रहे थे…
    विनय के लिए ये बेहद हसीन लम्हात थे जो अधीरा उसके पहलू में सोया हुआ था..

    विनय ने अपने अंगोंठे से उसके तपते जलते होंटो को रगड़ने लगी…

    ये कितना जानलेवा अहसास है….
    अच्छा हुआ है ये नींद का पक्का है वरना मेरे ठरकीपन की वजह से उठ बैठता और मुझे मार पड़ती…!!

    विनय यही सब करते करते सो गया और अधीरा के हाथ उसके कमर पर कसके बंध गए थे,,दोनों ही नींद में गुम थे…

    अधीरा की आँख खुली तो वह फिर खुले आसमान के निचे लेटा था और उसपे झुकी एक लड़की उसे बेहद मोहब्बत से नज़रो में समाए देख रही थी..

    अधि….मेरे अधि….!!
    अंधेरा होने की वजह से अधीरा उसका चेहरा साफ नहीं देख पा रहा था…

    रात की काली चादर आसमान ओढ़े सो रही थी,सामने समुन्द्र से उठती तूफानी लहरें अधीरा के दिल की धड़कनो में तरंग पैदा कर रही थी…

    कौन हो तुम….
    अधीरा उस लड़की की आँखों में देखता होले से लब खोल गया…

    तुम्हारी हूं…..बस तुम्हारी हूं…
    लड़की उसके सीने पर हाथ रख उसका माथा चूमने लगी…

    अधीरा कुछ नहीं बोला बस शिद्दत जूनून में उसे बांहो में कस गया…

    दो जवान दिल की धड़कने तेज़ी से धड़क रहे थे…
    ठंडे रेत पर दोनों लेट कर थे…

    अधीरा ने महसूस किया कि दोनों के होंटो के दरमियाँ कोई फासला ना रहा है…
    दोनों के होंट एक दूसरे से जुड़ कर प्यार लुटाने लगे थे और अधीरा के हाथ उसकी पतली कमर पर कसके बंधे थे…

    तभी वह लड़की थोड़ा शर्मा के पीछे हट गई…
    अधीरा ने चाँद की हलकी रौशनी में लड़की का उजला कुंदन जैसा दमकता रूप देखा तो चौंक गया…
    बिना पलक झपकाये वह उसे देखे जा रहा था…

    वह नीले रंग की साड़ी लपेटे अपने बाल पीठ पर खुले छोड़ सादगी में कमाल ढा रही थी…

    लड़की ने बेहद प्यार से अपने दोनों हाथ आगे कर बेसब्री से अधीरा को अपने करीब बुलाया तो अधीरा मुस्कुरा कर उसके पास आया और गोद में उठाकर उसपे प्यार लुटाने लगा…

    अधीरा….अधि….उठ जाओ….सुबह होगई है…
    विनय गला फाड़ के चीख रहा था..

    अधीरा हड़बड़ा के उठ बैठा और प्यारी सी मुस्कुराहट लिए मन में सोचा…
    फिर से वही सपना……

    अधीरा की इतनी प्यारी मुस्कुराहट पर विनय ने आइबरों चढ़ा कर सोचा…

    ज़रूर फिर आज सपने में शिवाय से मार पीट की होगी…

    अधीरा थोड़ा झिझक के उठा और जल्दी से भाग कर वाशरूम चला गया…

    विनय को तो कुछ समझ ही नहीं आया था…

    To_be_continued....

  • 17. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 16

    Words: 1152

    Estimated Reading Time: 7 min

    विनय ने आज फैसला कर लिया था की वह अधीरा से सीधे तरिके से बात करेगा कि आखिर वह नाराज मुंह फुलाए क्यों घूम रहा है…

    अधीरा ज़ब फ्रेश होकर आया तो बहुत ज़्यादा थका थका और सीरियस दिख रहा था…

    फिर से वैसा वेट ड्रीम….
    वह लड़की कुछ जानी पहचानी थी…
    मैं बहुत ज़्यादा ही खुद को गर्म महसूस कर रहा हूं….
    मेरा बदन तपती रेत की तरह जलने लगता है ज़ब मैं सपने के बारे में सोचता हूं…
    उसके हाथों का स्पर्श मेरे अंदर के आग को और ज़्यादा भड़का रहा है…
    ऐसा लगता है जैसे सच में उसने मुझे छुवा है…

    ब्रो मुझे आपसे ज़रूरी बात करना है…
    विनय ने नार्मली कहा…

    हाँ बोल सुन रहा हूं…
    अधीरा का लहजा बड़ा ही सीरियस था..

    “आप मेरी बात गौर से सुनो…मैं शिवि को पढ़ाने सिर्फ इसलिए जाता हूं ताकि हमारे और शिवाय के बिच की दुश्मनी खतम हो जाए…!!
    विनय बोलने लगा लेकिन अधीरा का धियान कहीं और ही था..

    तो प्लीज मुझसे यूँ मुंह फुला के नाराज मत रहो…
    मेरे से किसी की नाराज़गी नहीं बर्दास्त होती और अधीरा आप तो मेरे सबसे खास हो…!!

    ठीक है समझ गया….
    अधीरा बस इतना ही बोला…

    हेंह्ह्ह्ह समझ गया…मैं बोल क्या रही हूं और ये जवाब क्या दे रहा है…
    विनय ने मन में सोचा…

    अधीरा अचानक विनय की आँखों में देखते हुए बोला..

    विनय सुन…क्या कभी तुझे वेट ड्रीम आये है…!!

    हेंह ये क्या होता है….वेट ड्रीम…मतलब गिला सपना…!!विनय सोचने लगा..

    अब्बे मतलब सपने में किसी से इंटिमेट होना…या फिर रोमांटिक सपना ये समझ ले…!!

    क्या……!!सपने में रोमांस करना…
    नहीं ब्रो मैं इस तरह के सपने नहीं देखता…मैं बहुत ज़्यादा शरीफ हूं,मैंने कभी ये पाप नहीं किया है…!!
    विनय ने हाथ उठा के कहा..

    चल झूठी….तुझसे बड़ी ठरकी तो कोई होगी नहीं,,वह बेचारा तो फिर भी सपने में ये सोचता है,,मैं तो दिन दहाड़े होश में अधीरा पर गंदी नज़र रखती हूं और दिल में सिर्फ उलटे सीधे ख्याल आते है…!!
    विनय के अंदर वान्या की आवाज गूंजने लगी…

    अधीरा बेबसी से बोला…”यार मैं क्या करूँ…कुछ समझ ही नहीं आरहा है,,वह लड़की मेरा सुकून बर्बाद कर गई है…

    लड़की की नाम सुन विनय को लगा उसपे छत गिर गई है….वह लड़खड़ा के निचे धब से बैठ गया…

    ओये तुझे क्या होगया….!!
    तू ठीक है…

    अधीरा भी ज़मीन पर बैठते हुए बोला…

    ठीक हूं भई….ठीक हूं….!!विनय खुद को संभालने लगा…

    ओके चल उठ…आजा जल्दी उठ…!!अधीरा उसे उठा के अपने साथ बेड पर बैठा गया…

    दरअसल एक लड़की है…पता नहीं कौन है लेकिन दिल ओ दिमाग़ में छा गई है…ऐसा लगता है वह मेरे करीब है लेकिन ज़ब आँख खोलो तो ओझल हो जाती है…
    बहुत सताती है यारर…
    दिल में अजब सी चुभन होने लगी है…

    विनय को तो कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था..

    ये सुनने से पहले मेरे कान क्यों नहीं धक गए….
    मतलब अधीरा,,मेरा अधीरा किसी और लड़की के सपने देखता है…किसी और से प्यार करता है…
    मैं लूट गई,,बर्बाद होगई…मेरा प्यार अधूरा रह गया…!!
    विनय होंट दांतो तले बेदर्दी से कुचलने लगा..

    अधीरा उसकी तरफ देखने लगा तो वह दंग रह गया…
    विनय लापरवाही से होंट दांतो से कुचल रहा था…
    विनय के पतले गुलाबी होंट फट गए और खून बहने लगा…

    ओये क्या कर रहा है…खून बेहह रहा है…!!
    अधीरा अपने अंगूठे से उसके होंट के खून साफ करने लगा तो अधीरा चौंक गया…

    वैसा ही खूबसूरत अहसास….वैसी ही हुस्न की बारीकी…बिलकुल वही पतले होंट जो अधीरा को अपने माथे पर हर रात महसूस होते थे…

    ये तेरे होंट बिलकुल लड़की जैसे है…!!अधीरा खुमार में बोला तो विनय घबरा गया और बोला..

    “ऐसी बात नहीं है…!!
    विनय ने अधीरा का हाथ अपने होंट से हटा दिया…

    अच्छा मुझे याद आगया…तेरा एक सामान मेरे पास कई दिनों से पड़ा है…!!
    अधीरा बोलकर उठा और अपनी दराज़ से बटरफलाई क्लिप निकाल कर विनय की तरफ बढ़ा दिया…

    ये ले तेरे बतरफलाई क्लिप…!!

    विनय ने अच्छे से बात बनाई और कहा…”ये मेरी दीदी की निशानी थी…मैं घर से दूर हूं ना तो उनकी याद के लिए उनका बतरफलाई क्लिप अपने पास रखा था लेकिन ये अब टूट गया है…!!

    अधीरा को शर्मिंदा हुआ…

    सॉरी यार मुझसे टूट गई थी…

    विनय ने झूठ मुट की नाराज़गी से कहा…”कोई बात नहीं….मेरे पास इसका दूसरा जोड़ा रखा हुआ है…!!

    अधीरा ने ठंडा सांस लिया और एक बार फिर आँख बंद कर सपनो की राजकुमारी के बारे में सोचने लगा…

    अधि एक बात पुछु….!?

    पूछो….
    अधीरा आंख बंद किये ही बोला…

    आपकी कोई गर्लफ्रेंड है क्या…!?
    विनय उदास होगया…

    नहीं…बचपन से अब तक ऐसे ही निकम्मा निठला घूम रहा हूं…
    फालतू का किसी लड़की के दिल से खेलना और बाद में ये कहना की अब्बा अम्मा नहीं मान रहे और उस लड़की को छोड़ देना ये मेरी परवरीश में नहीं है…
    किसी मासूम की जिंदगी से खेलना,उसके मासूम जज़्बात,उसके दिल से खेलना मर्दानगी नहीं है….इसलिए मैं इन सब से दूर रहता हूं…
    तुझे भी समझा रहा हूं अपनी बहन का चेहरा याद रखना और दूसरी की बहन को भी उतनी इज़्ज़त देना जितना खुद की बहन की इज़्ज़त करता है…

    विनय अधीरा की बात सुन नम आँखों से बिना पलक झपकाये उसे बड़ी शिद्दत से देखने लगा…

    “आज मेरे दिल में अधीरा के लिए मोहब्बत इज़्ज़त बन के दुगनी होगई है…
    मेरे अधि को किसी की नज़र ना लगे…
    हाय मैं सदके जाऊं….
    विनय का दिल कर रहा था वह उसकी बालाएं ले,,अधीरा के गोद में सिर रख सो जाए पर ये नामुमकिन था..

    फिर बात करते करते दोनों उठे और कॉलेज आगये..

    कॉलेज आके विनय एक कोने में दबक कर बैठ गया और शिवि का तो हँसते हँसते हाल बुरा था…

    “मतलब तुम्हे सच में नहीं पता था की वेट ड्रीम क्या होता है…

    विनय चीड़ के बोला…”हाँ मुझे इतना नहीं पता था…
    मुझे लगा वह वेट ड्रीम होता है जो सोते हुए सुसु कर देते है..टीवी पर ऐड नहीं देते है लीकेज से बचाये,अच्छी निनी लाये मामी पोको पैन्ट्स वाले….

    शिवि हँसते हँसते बेहाल हो रही थी उसके आँखों के कोने भीग गए थे…

    हाहाहाहा…हाहाहाहा….
    अब तुम्हारा क्या होगा,,अधीरा ने तो सपने में ही सब कुछ निपटा लिया…!!
    शिवि हंसी रोक के बोली..

    सपने में ही किया है ना…असल में कोई लड़की नहीं है…
    अधीरा ने बताया की सपने में एक लड़की की धुंदली सी तस्वीर है जिसे वह साफ नहीं कर पारहा है…
    अधीरा को सपने वाली लड़की से प्यार है…
    अधीरा को मैंने आजतक इतना बेचैन नहीं देखा है…!!

    शिवि उसके कंधे पर ज़ोर से मार कर बोली..”मुझे ऐसा क्यों लग रहा है तू मुझसे कुछ समझ रहा है…!!

    विनय ने उसकी तरफ देखते हुए कहा…”मैं क्या छुपाऊँगी….बस कल रात मैंने अधीरा को….वह सोके था तो मैंने उसके नींद का थोड़ा एडवांटेज ले लिया…

    शिवि उसका गाल खींचने लगी…”अब मुझे समझ आया उसे इतने ज़्यादा रोमांटिक सपने क्यों आरहे है…
    नींद में तुमने उस बेचारे लड़का का फायदा उठाया…

    विनय उंगलियां मरोड़ता हुआ लज्जा के बोला..”ऐसी कोई बात नहीं है बस चुम्मी ली थी…!!

    शिवि धबादब उसके पीठ पर मारने लगी तभी शिवाय और रणवीर वहाँ आगये…

    To_be_continued....

  • 18. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 17

    Words: 1196

    Estimated Reading Time: 8 min

    शिवि विनय के पीठ  धबाधब मारने लगी तभी शिवाय और रणवीर वहाँ आगये…

    ये यहाँ क्या हो रहा है…!!
    रणवीर चीख कर बोला तो विनय डर से उछल गया…
    अलबता शिवि ढीटाई से खड़ी रही..

    भाई देखिए ना विनय कैसी बातें कर रहा है..!!शिवि आँख में आंसू भरके बोली तो शिवाय विनय की तरफ घूर के देखने लगा..
    विनय के रिड़ की हड्डी में सनसनी सी दौड़ गई..

    तूने ऐसा क्या बोला है जिससे शिवि के आँखों में आंसू आगये..!!शिवाय खतरनाक हद तक गुस्सा होगया…
    शिवि में उसकी जान बस्ती थी और शिवि को कोई हर्ट करे ये वह हरगिज बर्दास्त नहीं करता था..

    भाई..
    शिवि ड्रामाई अंदाज़ में बोली..

    ये विनय बोल रहा है ख़ुदकुशी कर लेगा…
    ये एक लड़की से प्यार करता है,अधिक्षा नाम है जिससे ये बहुत प्यार करता है…लेकिन वह विनय से प्यार नहीं करती और किसी और के सपने देखती है जिससे ये डिप्रेस्ड है और अब बोल रहा है ये अपनी नस काट लेगा…
    आपके आने से पहले मैं इसे समझा रही थी लेकिन ये मेरी बात नहीं सुन रहा है…!!

    शिवाय और रणवीर विनय को देखने लगे जो खुद झटके में दिख रहा था…

    शिवि की बच्ची बहुत बदमाश है…इसने ये क्या बोल दिया अब पता नहीं शिवाय और रणवीर मेरे बारे में क्या सोचेंगे…!!विनय मन में सोचने लगा..

    रणवीर आगे आया और विनय का कंधा थाम के बोला..

    शिवि सच बोल रही है…

    विनय अटक अटक के बोला..
    हाँ हाँ भई….

    रणवीर खुल के मुस्कुराया…
    ओह्ह्ह अच्छा मतलब ये शिवि को पसंद नहीं करता है…मैं तो फालतू का इसपे शक कर रहा था…

    शिवाय भी रणवीर के पास आया और रणवीर का हाथ विनय के कंधे से हटा कर बोला..

    “हमें क्या यार….चल हम चलते है….!!
    शिवाय विनय पर एक कड़ी नज़र डाल कर वहाँ से चला गया तो विनय ने ठंडी सांस ली तो शिवाय के जाते ही शिवी को आड़े हाथों लिया…

    तेरा दिमाग़ खराब है क्या…!?
    शिवाय के सामने क्या बकवास कर रही थी,,अधिक्षा कौन आगई और तू पागल है क्या….!!
    विनय शिवि का बाल खींचने लगा तभी शिवाय फिर वापिस बोलते हुए आया…

    विनय तुझे अधीरा ढूंढ….
    शिवाय दोनों को देख चौंक गया…
    जल्दी से दोनों एक दूसरे से अलग हुए और  दाँत निकाल कर इधर उधर देखने लगे..

    अब्बे साले तुझे कब से ढूंढ रहा हूं और तू यहाँ छिपा बैठा है….
    अधीरा गुस्से में मुक्का तान के वहाँ आया और विनय के कमर पर कसके मारने लगा..

    शिवि अपनी हंसी दबा के वहाँ से चली गई..
    शिवाय गुस्से से बोला…

    अधीरा छोड़ उसे…पागल है मार क्यों रहा है….!!
    शिवाय को गुस्सा आने लगा..

    तू चुप कर,ये मेरे और विनय का मामला है…अधीरा को ये बात बहुत बुरी लगी की उसके और विनय के बिच कोई तीसरा बोले…

    तू चल…तुझे बताता हूं….लड़की देख मुझे भूल जाता है…!!अधीरा उसे घसीट कर वहाँ से ले गया और शिवाय अपनी उंगलियां माथे पर फिराने लगा…

    अधीरा विनय को अपने साथ लाइब्रेरी में ले आया…

    अधि ग़ुस्सा क्यों हो रहे है…हम बस वहाँ हंसी मज़ाक़ कर रहे थे…!!विनय ने सफाई देनी चाही..

    बेटा तेरा हंसी मज़ाक निकालता हूं अच्छे से…
    शिवि से तेरी चिपका चिपकी बहुत बढ़ गई है…
    याद रखना शिवि का भाई बॉडीबिल्डर शिवाय है…!!

    हीहीहीहीही…अधि आप हो ना मेरे साथ,,आप मुझे शिवाय से बचा लेना…!!विनय दाँत निकाल कर बोला…

    ज़्यादा दाँत मत निकाल वरना तेरे दाँत तोड़ दूंगा….
    अधीरा खिसया के बोला…

    दोनों लाइब्रेरी के आखिरी रॉव में आ बैठे…

    तभी अधीरा गला खंखार कर बोला…”सुन मुझे तुझसे एक काम है…!!

    हाँ बोलो भई….
    विनय बेग उतार कर डेस्क पर रखता हुआ बोला..

    अधीरा थोड़ा झिझक के बोला…”तेरे मोबाइल में मैंने एक लड़की की पिक देखि थी….तू बता सकता है वह कौन है….!?

    विनय को सांप सूंघ गया…
    वान्या ये तूने क्या कर दिया…होम स्क्रीन वॉलपेपर में मैंने अपनी शिमला की पिक लगा रखी थी शायद अधीरा ने देख ली है…

    अधीरा विनय की तरफ ही देख रहा था जो काफ़ी नर्वस दिख रहा था…

    क्या होगया प्लीज कुछ तो बोल….!!

    वान्या जल्दी सोच…जल्दी सोच…अपना दिमाग़ चला….क्या बोलू क्या बोलू….हाँ हाँ मिल गया आईडिया….!!

    विनय ने अपना मोबाइल पासवर्ड से ऑन किया और होम स्क्रीन के वॉलपेपर में लगे अपनी ही तस्वीर दिखाते हुए बोला…

    ये मेरी ट्विंज बहन है…हम दोनों बिलकुल एक जैसे दीखते है…क्यूंकि हम दोनों ट्विंज है इसलिए शक्ल से लेकर अक़्ल हमारी सब मिलती जुलती है….!!
    हम दोनों को सारे लोग ट्विंज बटरफलाई कहते है क्यूंकि मैं और मेरी बहन डिट्टो सेम तो सेम दीखते है...!!

    अधीरा हाँ में गर्दन हिला गया..

    वाह्ह्ह क्या कहना…मेरा दिमाग़ है या मास्टरपिस….क्या दिमाग़ पाया है मैंने…
    मेरी तरह झूठ कोई बोल ही नहीं सकता है…
    ये झूठ भी मैं अपने बचने के खातिर बोल रही हूं…
    बहुत कमाल का था मेरा आईडिया….ओहो…!!
    विनय का दिल किया वह उठे और झूम झूम कर नाचे…

    अधीरा गहरी सोच में डूब गया..

    अधीरा ने तिरछी आँख कर विनय को देखा जो हूबहू मोबाइल में दिख रही लड़की की तरह दीखता था…

    अच्छा हुआ मैंने उप्पर लिप्स नहीं बनवाये तो मेरी हलकी हलकी मुंछे आगई है…
    हेहेहे….ये मुझे इतनी आसानी से नहीं पहचान पायेगा…!!
    विनय अंदर ही अंदर ख़ुशी में नाच रहा था..

    ओह्ह्ह अच्छा तेरी बहन है…!!अधीरा इतना ही बोला और बुक खोलकर बैठ गया..

    हेंह्ह्ह इसे क्या होगया फिर….ये उदास क्यों होगया…
    मैंने इसका दिल दुखाया है क्या…!?
    विनय अधीरा को सीरियस देख घबरा गया..

    अधीरा मन में सोचने लगा..

    विनय तुझे कैसे बताऊं की तेरी बहन ही वह मेरे सपने वाली लड़की है…
    ज़ब मैंने तेरे मोबाइल में पिक देखि तो मेरे सपने की धुंदली तस्वीर साफ होगई…
    ये वही लड़की है जो सपने में आके मेरे दिल के तार के सगरम को छेड़ गई है…
    तू उसका भाई है तेरे से उसके रिलेटेड बात कर तुझे गुस्सा नहीं दिलाना चाहता इसलिए अपनी ये बात दिल में ही रख लेता हूं…!!
    अधीरा को अब बार बार किताब में भी वही चेहरा दिखने लगा था…

    अधीरा ने किताब में सर मार लिया तो विनय मुंह पर हाथ रख अधीरा की दीवानो की तरह हरकत देखने लगा…

    अधि…आप ठीक तो हो ना…!?
    विनय की आवाज चिंता में डूबी थी..

    अधीरा कुछ नहीं बोला बस ज़बरदस्ती मुस्करा कर विनय के कंधे पर सर रख गया..
    विनय की सांस ही अटक गई..

    अधि….अधीरा मेरे कंधे पर सिर रखा हुआ है….
    ओह्ह्ह गॉड ये सच्ची मुचि में मेरे इतने करीब है….
    विनय का सोच ही दम निकलने लगा था..
    शर्म से कान की लोएँ भी लाल पड़ गई थी…

    क्लास और बाक़ी लड़के पीछे चल रहे सीन को एन्जॉय कर रहे थे…
    कुछ दोनों को देख हँस रहे थे…

    लाइब्रेरियन ग़ुस्से में चीख पड़ा…

    ज़्यादा शोर मत करें….और ज़्यादा हंसने का शोक चढ़ा है तो बाहर जाके हँसे…!!

    विनय को भी होश आया और वह अधीरा को पीछे धकेल के बोला..

    ब्रो व्हाट्स रोंग विथ यु…
    हम दोनों का सब मज़ाक़ बना रहे है…
    आज कल का ज़माना वैसे भी खराब चल रहा है…लोग हमें ग़लत नज़रये से देख रहे है…!!
    विनय लम्बी लम्बी सांस लेता पसीना माथे से साफ करने लगा….

    अरे कुछ नहीं बस सिर चकरा गया था…चल वापिस हॉस्टल चलते है…मेरा दिल किसी चीज में भी आज नहीं लग रहा है…!!
    अधीरा वही पोल की बुक सीने से लगा उठा और विनय भी लाइब्रेरी के रजिस्टर पर साइन कर अधीरा के पीछे पीछे चला आया…

    To_be_continued....

  • 19. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 18

    Words: 1440

    Estimated Reading Time: 9 min

    विनय और अधीरा वापिस हॉस्टल आये तो उनके रूम में वाशु खड़ा था..

    अधीरा भई काम होगया…मैंने ड्रोम की ऊपरी सीढ़ी को अच्छे से ठीक कर दिया है और अब निचे गिरने का कोई डर नहीं है…!!
    वाशु बोला तो विनय उसकी तरफ देख काफ़ी तमीज़ से बोला..

    थैंक्स वाशु….तुम्हारा बहुत शुक्रिया कि तुमने अपना क़िमती वक़्त निकाल हमारे लिए ये काम किया…!!

    वाशु हँसकर बोला..”अरे विनय तुम भी ना,,ये मैंने थोड़ी हॉस्टल के वार्डन ने कारपेंटर को बुलवा कर काम करवाया है…!!
    विनय भी मुस्करा दिया..

    अधीरा खड़ा बस तमाशा देख रहा था..

    मुझे लगता है अब तुम्हे अपने रूम में जाना चाहिए…
    वाशु और विनय दोनों चौंक गए और अधीरा को देखने लगे…

    हाँ हाँ भाई जा रहा हूं…चलो तुम लोग आराम करो….बाय विनय…
    वाशु जाते रूम से निकलते हुए बोला..

    विनय हाथ हिला के बाय करने लगा..

    बाय वाशु…

    चला गया है वह….बाहर तक छोड़ने जाओगे क्या…!!अधीरा को जलन होने लगी थी…

    विनय अपना बेग साइड में रख वाशरूम गया और हाथ मुंह धोकर ज़ब आया तो अधीरा बैठा खाना आर्डर कर रहा था…

    एक बात पुछु….
    विनय कुछ सोचने लगा..

    हाँ हाँ एक क्या हज़ार बात पूछ ले…!!अधीरा खाना आर्डर करते हुए एक नज़र विनय को भी देखने लगता…

    वह आपने ड्रोम की सीढ़ियां वाशु से बोल रिपेयर करवाई जिसके लिए आपका भी बेहद शुक्र गुज़ार हूं…
    लेकिन ऐसी भी क्या जल्दी की एक ही दिन में आपने ये काम हड़बड़ी में करवाई…

    अधीरा मोबाइल साइड रख हाथ मलते हुए बोला…

    हम साथ में नहीं सो सकते…तुझे पता होना चाहिए आज कल मेरी हालत सही नहीं है…रोज़ सुबह उठ मैं तेरे सामने शर्मिंदा नहीं होना चाहता और भी बहुत सारी बातें है जिसके लिए तू अभी बच्चा है इसलिए आज से हम अलग अलग सोयेंगे…!!

    अधीरा की बात सुन विनय को ख़ुश होना चाहिए था लेकिन उसके चेहरे पर पिलाहट छा गई..

    अह्ह्ह अधि से अलग सोना पड़ेगा…
    अधीरा का खूबसूरत,मासूम चेहरा देख रात को सोने की आदत पड़ गई है…
    सुबह भी उसका चेहरा देख उठने की आदत होगई है..
    अब मेरा क्या होगा…!!
    विनय मन में सोचता हुआ साइड टेबल में किताब कॉपी लिए पढ़ने बैठ गया…

    दो घंटा लगातार पढ़ने के बाद विनय ने अधीरा को देखा जो लेटे लेटे कोई फ़िल्म देख रहा था..

    आप कोनसी फ़िल्म देख रहे हो…!!विनय अधीरा के बगल में लेट गया..

    “इंग्लिश फ़िल्म है…तू भी देखेगा….!!अधीरा उसके कंधे पर एक बाज़ू डालता उसकी तरफ मोबाइल बढ़ाता हुआ बोला…

    विनय ने ज़ब फ़िल्म देखि तो उसका चेहरा शर्म से लाल पड़ गया,और वह शर्म से उठ बैठा…

    “छी ये किस तरह की फ़िल्म है…!!

    अब्बे तो ऐसे शर्मा रहा है जैसे तू कोई दूध पिता बच्चा है…!!

    विनय के गाल तक शर्म से लाल हो गए थे…

    “ओह्ह गॉड और क्या क्या देखना पड़ेगा…ये लड़के ऐसे क्यों है और ऐसी अजीब हरकत क्यों करते है….अब इसे कैसे बताऊं मुझे शर्म आरही है…

    “क्या सोचने लगा…उस दिन भी तूने ऐसे ही तमाशा लगाया था,,,अरे बड़ा हो जा कब तक शर्माता रहेगा…!!अधीरा उसे घूर के बोला..

    वान्या अगर इसे शक होगया तो सब कचरा होजायेगा,इतने दिन का बना बनाया खेल खतम होजायेगा और हॉस्टल वाले मुझे लात मारकर निकाल देंगे…!!

    नहीं ऐसी कोई बात नहीं है…चलिए साथ में देखते है…!!विनय मुस्कान लिए बोला और अधीरा वापिस से उसके कंधे पर बाज़ू डाल कर फ़िल्म ऑन कर गया…
    विनय फ़िल्म के सीन देख कभी आँखे बंद कर लेता,,कभी अधीरा को देखने लगता जो बड़े मज़े से फ़िल्म देख रहा था..

    ब्रो ऐसी फ़िल्म क्यों देखते हो,कोई मोटिवेशन वाली फ़िल्म देखा करो…!!

    हाहाहाहा…मेरा भोला सा क्यूट सा छोटू…कल कॉलेज में देखा नहीं वह शिवि तुझपे फ़िदा हो रही थी लेकिन तू…एक नंबर गधा है कुछ समझता ही नहीं है…!!अधीरा ज़ोर ज़ोर से उसके पीठ पर हाथ मारने लगा..

    “ये हमेशा मुझे इतने ज़ोर से क्यों मारता रहता है,,मैं इसे पंचिंग बेग दिखती हूं क्या…!!विनय मन में सोचने लगा..

    टेक इट इजी मेन…और हाँ मैं आपकी तरह सख्त लोंडा हूं किसी लड़की के जाल में इतनी आसानी से नहीं फंसने वाला…!!विनय सीना चौड़ा कर बोला..

    वाह्ह्ह छोटे बहुत सही जारहा है…चल रात काफ़ी होगई है सोजाओ…कल सुबह फिर से वही पुरानी कॉलेज की जिंदगी शुरू होगी..!!अधीरा बोलकर टी.शर्ट उतारने लगा और विनय फिर शर्म से यहाँ वहाँ देखने लगा..

    “अरे तुझे गर्मी वर्मी नहीं लगती क्या,,रोज़ रात को टी.शर्ट पैंट पहन के कौन सोता है…चल आज सारे कपड़े उतार कर सो….!!
    विनय ने ज़ब सुना तो उसकी हालत पतली होगई….

    नहीं ब्रो मैं ऐसे ही ठीक हूं…मैं कम्फर्ट में हूं आप सो जाए मुझे असाइनमेंट कम्पलीट करना है…!!विनय घबरा के बोला तो अधीरा गुडनाइट बोलकर अपने बेड पर जाके सोगया…

    विनय बाद में अपने दिल में सोचने लगा..

    एक बात तो है फ़िल्म देख मुझे भी मज़ा आया…!!
    अब मुझे लग रहा है मैं पूरी तरीके से लड़का बन गई हूं…

    विनय भी थोड़ी देर बाद किताब कॉपी समेट ऊपर ड्रोम में चढ़ सोने की तयारी करने लगा…

    रात सिर पर चढ़ गई थी और अधीरा और विनय अपने अपने बेड पर सो रहे थे…
    विनय का बेड ऊपर था और अधीरा का निचे लेकिन दिल एक दूसरे से जुड़े हुए थे…

    विनय नींद में सिमट के सो रहा था…

    प्लीज स्टॉप अधि…मुझे बहुत सारे काम है…!!
    विनय खुद को अधीरा के गोद में बैठा देख रहा था…
    अधीरा के हाथ उसके पेट पर बंधे थे,,अधीरा ने विनय के आँखों से ग्लासेस हटा कर कहा…

    मैं तुझे ज़ब भी किश करने जाता हूं ये तेरा चश्मा मेरे नाक में अड़ जाता है….
    अधीरा उसका चश्मा उतार कर साइड टेबल पर रख गया…

    आई लव यु सो सो सो मच विनय…
    मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूं…!!

    अधीरा अपने होंटो से विनय के होंट बुरी तरह रगड़ने लगा…

    अधि….मैं तो एक लड़का हूं ना….!!
    विनय उदासी से बोला…

    अधीरा कसके उसके निचे होंटो पर दाँत गड़ाए हुए बोला…

    मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता….
    प्यार अंधा होता है…और मेरा प्यार भी तेरे लिए अंधा है…
    अधीरा विनय के होंटो को दांतो से खिंच कर चबाने लगा तो विनय जी जान से काँप गया…
    विनय की नाजुक उंगलियां अधीरा के शर्ट के बदन से छेड़ छाड़ करने लगी…
    अधीरा ने उसके दोनों हाथ पीठ पर बांध दिए और उसके कंधे से शर्ट को फाड़ कंधे को चूमने काटने लगा…
    विनय आँख बंद किये अधीरा के बालों में हाथ फेर रहा था…

    विनय आँख खोल कर हड़बड़ा कर उठ बैठा और यहाँ वहाँ देखने लगा…

    हेंह्ह्ह्ह सपना था…
    कितना घटया सपना था..
    अधीरा को विनय से प्यार होगया है…
    नहीं नहीं अगर ऐसा कुछ भी हुआ ना तो मेरी कहानी खतम होजायेगी…!!विनय ने अपने बगल छोटे से वाल क्लॉक में देखा तो 3 बज रहे थे…

    विनय वापिस से सो गया…

    निचे वाले ड्रोम में अधीरा तकये को सीने से लगाए बेचैनी से करवट बदल रहा था…

    अधीरा धीरे धीरे नींद में चला गया…

    अधीरा का दिमाग़ फिर से सपने बुनने लगा..

    विनय और अधीरा अकेले क्लासरूम में थे और विनय अधीरा के सीने से लगे काँपे जारहा था…
    अधीरा ने बेदर्दी से उसकी एक टांग पकड़ के उठा रखी थी और विनय के जिनस के ज़िप खोले वह मुस्कुरा रहा था…

    विनय का चेहरा लाल पड़ा था..

    अधीरा जूनून से विनय को जकड़े प्यार लुटा रहा था..
    विनय की सिसकियाँ अधीरा को अपने कानो में सुनाई दे रही थी और विनय वाइल्डली उसके जिनस को खींच कर खोलने की कोशिश में लगा था…

    अधीरा ने करवट बदली और झट से आँख खोल ली..

    अब्बे ये कैसा सपना था…

    अधीरा खिड़की से बाहर निकली चमकीली धुप पर नज़र पड़ते ही चौंक गया..

    विनय नहा धो कर अपने ड्रोम में बैठा नोट्स के ज़ेरोक्स चेक कर रहा था..

    अधीरा ने ज़ोर से सिर पर हाथ मार ली..

    ये मुझे आजकल हो क्या रहा है…!!
    लड़की तक तो ठीक था अब लड़कों से रोमांस…बाप रे सोच के ही अजब सी चीड़ मच रही है…
    अगर ऐसा चलता रहा मैं गे बन जाऊंगा…
    विनय और मैं….!!!!ये तो मैं सोच भी नहीं सकता…!!
    अधीरा ना जाने क्यों अपनी ही सोच पर हंसने लगा..

    लगता है आप उठ गए है….गुडमॉर्निंग…!!

    गुडमॉर्निंग….
    अधीरा आँखों पर हाथ रख उठा और ऊपर वाली ड्रोम में बैठे विनय को घूरने लगा हर रोज़ उससे पहले ही उठ के नहा धो कर अपने कपड़े वगेरा भी खुद धो लेता था…

    “क्यों…आज भी आपको वेट ड्रीम आये क्या….!!!?
    विनय बोल के हँस दिया..

    तेरे आगे हाथ जोड़ता हूं अब मुझे कोई वेट सेट ड्रीम के बारे में बात नहीं करना…
    साला अजीब अजीब सपने आने लगे है जिनका कोई सिर पैर ही नहीं है…!!
    अधीरा कपड़े निकाल कर वाशरूम चला गया तो विनय ने सोचा..

    अब मैं क्या करूँ….मुझे क्यों ऐसे सपने आरहे है…
    अगर अधीरा को सपने के बारे में बताया ना तो वह जान से मार देगा..!!
    विनय डर से थूक गटक कर रह गया…

    To_be_continued....

  • 20. β(बिंदास)_L(लव)|ा डिफरेंट लवस्टोरी♥️ - Chapter 19

    Words: 1936

    Estimated Reading Time: 12 min

    संडे का दिन था और अधीरा और विनय बैठे घूमने जाने की प्लानिंग में लगे हुए थे..

    बता आखिर तू कहाँ जाना चाहता है…!!
    अधीरा विनय का गाल खींच कर बोला..

    मुझे घर जाना होगा वरना मुस्कान दी झाड़ू से मारेगी….एक तो मैं उनको ना कॉल कर पा रही हूं ना मेसेज,,पापा से भी बात हुए हफ्ते होगये है…!!

    ब्रो मैं होम सिक फील कर रहा हूं…!!विनय झूठ मुट का थकान लिए बोला ताकि अधीरा को यक़ीन हो जाए की उसे घर की बहुत याद आरही है…

    ओह्ह्ह अच्छा….मैं समझ सकता हूं तो क्यों ना तेरे घर चले…!!

    मेरे घर….नो नहीं,,मुस्कान दी मेरा गला दबा देगी अगर मैं अधीरा के साथ घर पहुंची…!!
    विनय को पता था उसकी बहन कितनी खतरनाक टाइप है अगर गुस्से में आजाये तो कच्चा चबा सकती है..

    वह अधीरा मेरी बहने थोड़ी ओवरपोसेसीव टाइप है….!!
    विनय को अब समझ नहीं आरहा था वह क्या झूठ बोले…

    अब्बे मैं तेरी गर्लफ्रेंड थोड़ी हूं जो तू इतना डर रहा है…
    तेरी बहन मेरी बहन….समझा…
    मैंने भी कई दिनों से घर का खाना नहीं खाया है…तेरी तरह हर लड़की मुझे अपने घर ले जाके भर पेट खाना नहीं खिलाती है…!!

    विनय समझ गया अधीरा शिवि की बात कर रहा है…
    विनय उसे इंकार नहीं कर पाया क्यूंकि अधीरा भी बहुत ज़्यादा होम सिक फील कर रहा था…

    ओके चलो चलते है…मिलकर मार खाएंगे…!!
    विनय बोल के उठा और अधीरा अपने नए कपड़े सूटकेस से निकाल तयार होने लगा..
    विनय भी अपने नकली बालों में हाथ फेरने लगा…

    विनय ने धियान दिया कि अधीरा आज कुछ ज़्यादा ही रेडी होने में वक़्त लगा रहा था..
    दो तीन बार तो शर्ट चेंज किये फिर बाल जेल से सेट कर आँखों में स्टाइलिश ग्लासेस लगाए और परफ्यूम की बॉटल से नहा गया..

    ओह्ह्ह मोरी मया….कसम से दया रे दया…
    ये लड़कवा हमार जान लेकर ही मानेगा…
    विनय शरारत से सोचने लगा और अधीरा की बालाएं दिल ही दिल लेने लगा..

    अधीरा की नीली आंखे और गोरी दूधया रंगत देख विनय का दिल किया वह अपने ही कपड़े फाड़ डाले…

    तेरे इतने दाँत क्यों निकल रहे है…जोकर लग रहा हूं क्या…!!
    अधीरा उसकी तरफ नज़रे उठाके बोला तो विनय उंगलियां मरोड़ता हुआ बोला..

    ब्रो तुम तो गज़ब का माल लग रहे हो….!!

    अधीरा ने हँसते हुए विनय के कंधे पर ज़ोर से मुक्का मार दिया तो विनय दर्द से कराह उठा..

    ओके ओके अब चलये वरना कोई बड़ा कांड हो जायेगा…!!
    विनय नहीं चाहता था वह अपना कण्ट्रोल लोज़ कर बोखला जाए..

    हाँ आजा चल…ये देख मेरी बाइक की चाबी,,आज बाइक पर चलेंगे….
    हॉस्टल कॉलेज से दो क़दम की दुरी पर है तो आज तक बाइक की सवारी करने की नौबत ही नहीं आई…
    मैंने बाइक दूर दराज़ इलाके के लिए रख छोड़ा है…!!अधीरा बोलते ही गया और विनय उसे प्यार भरी नज़रो से देख उसकी सुनता गया..
    अधीरा बाइक में चाबी डालता ऑन कर गया,विनय अधीरा के पीछे सीट में बैठा उसके पेट पर हाथ बांध गया…

    लेकिन….लेकिन अधीरा ने जैसे ही बाइक फूल स्पीड में आगे बढ़ाई विनय के तोते उड़ गए,अधीरा हैवी ड्राइवर था और वह हवा में घोड़े दोड़ाने के बराबर वह बाइक चलाता था..

    विनय ने डर से कसके अधीरा के पेट में अपनी पसीने से भीगे हाथों से अधीरा की शर्ट पकड़ ली तो अधीरा मुस्करा दिया…
    विनय के कोमल हाथ अधीरा के पेट में गुदगुदी पैदा कर रहे थे…

    अरे भई ये बाइक थोड़ा आहिस्ता नहीं चला सकता,,मेरा कलेजा मुंह को आरहा है…!!
    विनय हेलमेट पहने अधीरा को देखने लगा जो जल्द से जल्द उड़ कर पहुंचना चाहता था…

    15 20 मिनट बाद दोनों एक छोटे से बंगले के सामने खड़ी थे…

    हम पहुंच गए….
    लेकिन मैं पहले बता देता हूं….अगर दरवाजा खुला मिले तो झट से अंदर मत चले जाना…मेरे पीछे ही रहना और अगर उड़ती हुई चप्पल या फ्रंयिंग पेन उड़ती हुई आये तो जल्दी से निचे झुक जाना वरना भियानक चोट लग सकती है…
    मैं पहले ही वार्निंग दे रहा हूं….!!

    विनय अधीरा को सब समझा चूका था अधीरा थोड़ा पीछे हट के खड़ा होगया और विनय ने बेल बजाई और कहा..

    मुस्कन्या हम आगईली बनी…तनिक दरवाजा खोलना…(मुस्कान दी मैं आगया हूं ज़रा दरवाजा खोलना…)

    मुस्कान जो सुबह से घर की साफ सफाई में लगी थी वान्या की शैतानी आवाज सुन उठी और बोली…

    “अच्छा वान्या आई है,लगता है उसे मेरी याद आ ही गई…आज मार मार कर चमड़ी उधेड़ दूंगी…!!
    मुस्कान साइड में रखे झाड़ू लिए दरवाजे तक गई और झाड़ू पीछे पीठ के पास छिपा कर बाहर खड़े विनय को देख बोली…

    “तूने मुझे पागल पा रखा है….या मैं तेरी नौकर हूं,,ये घर है या मुसाफिर खाना ज़ब तेरा दिल चाहे गा तू मुंह उठा के…
    मुस्कान बोलते बोलते ख़ामोश होगई क्यूंकि साइड में अधीरा खड़ा था…

    ये कौन है….!!
    मुस्कान का लहजा बड़ा मज़बूत था..

    हेलो दी मैं अधीरा हूं….विनय का दोस्त,आज हमारी छुट्टी थी तो सोचा आपसे मिलने चला आऊं…!!

    मुस्कान ने अधीरा को ऊपर से निचे तक देखा,बंदा काफ़ी डेशिंग और मचयूर लग रहा था…
    हाथ में हेलमेट पकड़े दूसरे हाथ से विनय की टी.शर्ट का कोना पकड़े उसके पीछे खड़ा था..

    आजाओ अंदर….तुम दोनों का घर में स्वागत है…!!मुस्कान साइड आके खड़ी होगई और झाड़ू से वान्या की पिटाई का इरादा कैंसिल कर दिया…
    अधीरा ने आज उसे बचा लिया था वरना वह बहुत मार खाता..

    मुस्कान ने जल्दी जल्दी बाक़ी का बचा हुआ काम किया…
    विनय भी किचन में जाके मुस्कान की हेल्प करने लगा…

    अधीरा अकेला बैठा पूरे बंगले में नज़र घुमा रहा था,उसकी बेचैन नज़रे किसी को तलाश रही थी…खेर वह तो नहीं मिली लेकिन दिवार पर मुस्कान के साथ कश्मीर की फोटो बड़े फ्रेम में लटक रही थी…

    वान्या और मुस्कान दोनों हाथों में गुलाब के फूलों की टोकरी लिए कश्मीरी रीवायती लिबास पहने हँस रही थी…

    अधीरा उठ के उस तस्वीर के करीब आगया और वान्या की तस्वीर पर हाथ रखे अपनी बेताबी को शांत करवाने लगा…
    वान्या की तस्वीर देख आँखों को नूर और दिल को सुरूर मिल रहा था तभी मुस्कान और विनय बातें कर हॉल रूम में आये तो अधीरा शर्मा के बोला…

    “सॉरी आपको परेशान किया वह दरअसल मुझे घर की बहुत याद आरही थी…!!

    मुस्कान अधीरा के करीब आई और बड़ी बहन की तरह अधीरा के बालों में प्यार से हाथ फेर कर बोली…

    “कोई बात नहीं…मैं समझती हूं और तुम्हे शर्मिंदा होने की बिलकुल ज़रूरत नहीं है…ज़ब दिल करे विनय के साथ यहाँ आजाया करो..!!

    अधीरा की कोई बड़ी बहन नहीं थी वह एकलौता अपने घर का चश्म और चिराग था…भाई बहन का प्यार क्या होता है इस एहसास से वह बिलकुल अनजान था लेकिन विनय को डांटते डपते, उसकी परवाह करते देख अधीरा का दिल भर आया था..

    वह सॉरी मुझे पता नहीं था तुम्हे क्या पसंद है इसलिए मैंने कॉफ़ी बना दी…!!
    मुस्कान ने विनय की तरफ कड़ी नज़रो से देखा जो अधीरा को पूछे बिना ही बिस्किट्स अकेले खाने बैठ गया था…

    “विनय कैसे दोस्त हो…अधीरा को भी खिलाओ…!!
    मुस्कान खिसया के बोली..

    सामने ही तो रखा है,,अधीरा खा लेगा डोंट वरी दी…!!
    मुस्कान विनय की बात सुन पैरों से स्लीपर उतार कर सीधे उसके मुंह पर फेंक मारा…

    अधीरा ज़ोरो से हँस दिया…

    दीदी….दोस्त के सामने तो मेरी इज़्ज़त रख लीजिये…अधि के सामने मुझे मत मारये…!!
    विनय पैर पटक के बच्चो की तरह मुंह फुला कर रह गया…

    अधीरा अपनी हंसी दबा कर रह गया..

    मुस्कान किचन चली गई क्यूंकि उसे पता नहीं था की विनय आरहा है और अपने साथ साथ अपने दोस्त को भी ला रहा था पहले वह स्कूल के ज़माने में अपनी सेहलियो को साथ लाती थी अब मुस्टैंडे लड़कों को साथ लाने लगी थी…
    लेकिन मुस्कान को अधीरा और विनय की जोड़ी बहुत पसंद आई थी…

    मुस्कान का ओपन किचन था इसलिए वह हॉल में बैठे विनय और अधीरा को आराम से देख सकती थी…

    विनय अधीरा के कंधे पर हाथ रखे उसे मुस्कान और अपनी तारीफ कर रहा था…

    ये लड़की के दिल में ज़रा भी डर नहीं है…
    पता नहीं मम्मी ने इसे क्या खा के पैदा किया था…
    मुस्कान जितना भी ओपन माइंड की थी लेकिन सच तो वह जानती थी की विनय तो लड़की ही है….
    और वह किस तरह सो झूठ बोले बॉयज हॉस्टल में रह रही थी…

    भगवान जी इस लड़की को अक़्ल दीजिये…ये सच में कहीं भूल ना जाए की ये लड़की है….
    बैठी किस तरह है…!!
    मुस्कान को लगा उसका बीपी हाई हो जायेगा…

    अधीरा जिस तरह बार बार वान्या की तस्वीर की तरफ नज़र उठा के देख रहा था मुस्कान को कुछ गड़बड़ लगने लगी…

    मुस्कान ने दिन का खाना बनाया और रात के लिए कुछ स्पेशल बनाने का सोचा क्यूंकि वह दोनों ही बाहर का खाना खा खा कर पक गए थे…

    अच्छा अधीरा एक बात पुछु….!!मुस्कान उसके आगे खाना लगाती हुई सवाल करने लगी…

    जी पूछिए ना….!!अधीरा ने कहा…

    विनय अपने कमरे में गया था क्यूंकि उसके सीने में लगे इनविसिबल स्ट्राप पसीने से भीग गए थे…वह कमरे में इसलिए गया था ताकि अपना हुल्या ठीक कर सके…

    बेटा विनय अच्छे से तो पढ़ रहा है ना और तुम लोगों को ज़्यादा परेशान तो नहीं करता है..!!मुस्कान विनय के बारे में जानना चाहती थी क्यूंकि विनय उसे हॉस्टल वगेरा के बारे में कुछ नहीं बताता था…

    सबसे पहली बात विनय काफ़ी ब्राइट स्टूडेंट है….और वह तो ऐसा रहता है जैसे लगता है वह पूरे हॉस्टल में मौजूद ही नहीं है…अपने काम से काम रखता है,किसी से लड़ाई झगड़ा या बहस बाज़ी कुछ नहीं…
    सिर्फ कमरे में बैठा पढ़ता है या मुझसे बातें करता है…
    बाक़ी हाँ दीदी लड़कियों से उसकी दोस्ती बहुत है…!!अधीरा जानबूझकर बोला तो मुस्कान हंसने लगी…

    प्लीज थोड़ा उसका धियान रखना…वह कभी घर से दूर हॉस्टल में नहीं रहा है तो मुझे उसकी बड़ी चिंता लगी रहती है…!!मुस्कान समझ गई की चलो विनय ढंग से तो रह रहा है…

    और विनय के भाई बहन कहाँ है….!?
    अधीरा को बस वान्या की एक झलक देखनी थी…

    हेंह्ह्ह्ह विनय के भाई बहन….मैं ही उसकी बड़ी बहन हूं….!!मुस्कान को कुछ समझ ना आई…

    नहीं…विनय बता रहा था उसकी एक जुड़वाँ बहन भी है,,वान्या जिसे सब ट्विंज बटरफलाई कहते है…

    अधीरा की बात सुन मुस्कान को ज़ोर का झटका लगा…

    ये लड़की कितना झूठ बोलती है…दिमाग़ इसका बहुत ज़्यादा चलता है,इतनी झूठी कहानियाँ बनाती है और आखिर इसकी बातों पर सब यक़ीन कर भी कैसे लेते है…!!

    मुस्कान का अब सिर दर्द फटने लगा था..

    वह वान्या वह यहाँ नहीं रहती है…वह पापा के साथ शिमला में रहती है…!!
    मुस्कान से इतना झूठ नहीं बोला जाता था लेकिन विनय को बचाने के लिए उसे भी झूठ बोलना पड़ा…

    रात का डिनर तीनो ने एक साथ किया..
    मुस्कान बार बार विनय को आँखों से इशारा किये जारही थी कि अधीरा से थोड़ी बना के बैठे लेकिन वह मुस्कान को जला रही थी और गुस्सा दिलाने के लिए बार बार चिपका चिपकी के बैठी हुई थी…

    खाना खाके अधीरा और मुस्कान ने काफ़ी बातें की जिसमे विनय को कोई इंट्रेस्ट नहीं था क्यूंकि वह दोनों देश भर की पोलिटिकल मैटर,बढ़ी हुई महंगाई और ना जाने क्या क्या सीरियस टॉपिक पर बातें कर रहे थे जो विनय के सिर के ऊपर से गुज़र रहा था..

    घर पर भी पापा और अंकल की बातों में वान्या को कोई खास दिलचस्पी थी नहीं वह टीवी ऑन कर कार्टून या कोई गाना लगाकर बैठ जाती थी…

    तकरीबन 10 बजे दोनों मुस्कान से विदा लेकर निकले और अधीरा के साथ विनय बाइक पर बैठ मुस्कान को बाय कर चला गया…
    रास्ते में विनय को नींद आने लगी तो वह अधीरा के मज़बूत पीठ से लगा सोने लगा..
    अधीरा ने उसका हाथ पकड़ अपनी कमर पर बांध दिया ताकि वह नींद में गिरे नहीं…
    अधीरा काफ़ी सलो बाइक चला रहा था ताकि विनय की आँख ना खुले…

    अधीरा कुछ सोच मुस्कराने लगा…
    ये अहसास उसके लिए बड़ा खास था…

    To_be_continued....