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Possessive Nights🔥(BL OR GL LOVE STORY)कम्पलीट✔️

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Fictitious Writer| Falak

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Description

विधान और रूहान की मोहब्बत की जूनूनी दास्तां... जहाँ एक तरह मासूम और प्यारा सा रूहान मिडल क्लास फैमिली से बिलोंग करता है वही विधान अमीर बाप का एकलौता बेटा और पहली नज़र में रूहान का दीवाना बन जाता है,,तो क्या रूहान विधान की शिद्दत भरी मोहब्बत को झे...

Total Chapters (33)

Page 1 of 2

  • 1. Possessive Nights - Promo

    Words: 843

    Estimated Reading Time: 6 min

    Disclaimer:

    This is a BL (Boys' Love) Omegaverse story set in a hostel romance backdrop with mature and intense themes. It includes dark romance, erotic content, youngster smut, possessive dynamics, male pregnancy (mpreg), and emotional intensity. The story features Alpha-Omega relationships, power plays, psychological tension, and mpreg elements. Additionally, the story contains GL (Girls' Love) side characters and their romantic dynamics. It is strictly intended for adult readers (18+) only.

    If you are uncomfortable with LGBTQ+ themes, explicit storytelling, or intense emotional content, kindly refrain from reading.

    Homophobic individuals and unsolicited moral policing are not welcome.

    If this genre isn’t your preference, feel free to skip—no need to spread unwanted opinions.

    Genres: Erotic | LGBTQ+ | Smut | Dark Romance | Omegaverse | Hostel Romance | Youngster Smut | Male Pregnancy | Psychological | GL Side Story | Adult

    ---------

    “अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह प्लीज बेबी सलो….मत करो ना…!!

    विधान मोबाइल हाथों लिए बड़े मज़े से मूवी देख रहा था..

    वही रूहान नोट्स पढ़ रहा था वह चीड़ गया..

    “ये लड़का कितना गंदा है….!!

    “भाई तुझे जो भी देखना है आवाज आहिस्ता कर देख मैं यहाँ पढ़ रहा हूं,, तेरी तरह बेकार नहीं हूं…!!रूहान को अब खुद पर शर्म आनी लगी..

    “मैं कल ही वार्डन से बोलकर अपना रूम चेंज करवाता हूं,,तेरे जैसे रूममेट के साथ मेरा गुज़ारा नहीं होगा…!!

    रूहान को बेहद गुस्सा आया और वह बुक्स साइड कर अपनी तरफ की लाइट ऑफ कर सोने चला गया..

    जबकि वह आँखे बंद कर जागा हुआ था,,उसे डर था कहीं विधान उसकी इज़्ज़त पर ही हमला ना करदे…

    “सुन ना नाराज होगया क्या….!?विधान उसके बेड पर आके बैठ गया..

    “भाई….भाई तू मेरे बेड पर क्यों आगया…!!रूहान डर से उठके बैठ गया..

    विधान बोला…”भाई नहीं तू मुझे विधान बोल सकता है,,तू बहुत प्यारा है…!!

    रूहान को लगा किसी ने उसके सिर पर ठंडे पानी का घड़ा फोड़ दिया हो..

    “क्या मतलब है…देखो मैं उस टाइप का लड़का नहीं हूं…!!

    रूहान डर से पीछे हटने लगा बट विधान के आँखों में खुमारी बढ़ती ही गई..

    “हेय भगवान अब मैं क्या करूँ….अगर ये ऐसी हरकत करेगा तो मैं अपना बदला कैसे लूंगा…!!रूहान मन में खुद से बोला..

    विधान की तेज़ गर्म चलती सांसे उसे पिघला रही थी…

    “शर्मा रहा है….!!?

    विधान हँस पड़ा और उसके माथे पर किश कर उठ गया..

    रूहान ने ठंडी सांस भरी और अपने गुलाबी पड़ते चेहरे पर पसीना पोंछा…

    लेकिन विधान को शर्ट उतारता देख उसकी आँखे फ़टी की फ़टी रहगई..

    “क्या…कपड़े क्यों उतार रहे हो…!?रूहान की आवाज हलक में अटक गई..

    विधान के सिक्स पैक और मज़बूत दूधिया बाज़ू देख रूहान मुंह पर हाथ रख गया..

    रात का वक़्त था और डिम लाइट से कमरे का माहौल अजब सा नशा पैदा कर रहा था…

    “मुझे बहुत तेज़ गर्मी लग रही है…!!विधान की मुस्कान देख रूहान जल्दी जल्दी ना में गर्दन हिलाने लगा..

    विधान ने रूहान की तरफ देखा और कहा..”वह लड़की क्या नाम है उसका….!?

    हाँ सौम्या बता रही थी कि तेरी कोई जुड़वाँ बहन भी है…!?

    रूहान बोला…”हेंहहहहहहहह…किसने कहा मैं एकलौता हूं…”

    “अच्छा फिर….कोई नहीं है तब तो मुझे…मुझे तुझसे ही काम चलाना पड़ेगा…!!

    रूहान का तो डर से बुरा हाल हुए जा रहा था..

    विधान उसके करीब जाके बैठ गया और रूहान के सीने को टी.शर्ट के ऊपर से ही मसलने लगा..

    रूहान घबराहट और सिसकते हुए विधान के गले लग गया..

    विधान शरारत से मुस्कुराते हुए विधान के कमर को थाम लिया और किसी छोटे बच्चे की तरह गोद में बैठा लिया…

    विधान उसकी शर्म से झुकी नज़रो को देखा और उसका चेहरा पकड़ ऊपर उठाया और धीरे से अपने होंट उसके होंट के करीब ले जाके रुक गया..

    रूहान को बहुत बुरा लगा और वह झट से हिम्मत कर विधान के होंटो को अपने होंटो से सील गया..

    विधान समझ गया कि रूहान गर्म होगया है…

    विधान ने रूहान को अच्छे से बहका दिया था…

    फिर वह रुक गया जैसे होश में आगया हो और बोला..”वी…विधान ये ग़लत है…!!

    लेकिन विधान ने उसे गर्दन से पकड़ते हुए कहा…”तूने मुझे तड़पाया है अब अगर ग़लत सही की बात की तो माँ क़सम यही तुझे…

    विधान बोला नहीं उसके गालो पर मुठिया कस दी जिससे रूहान का मुंह खुल गया…

    विधान ने फौरन अपनी ज़ुबान रूहान के मुंह में डाल दी…

    रूहान भी बेकाबू होगया और विधान का साथ देने लगा..

    दोनों की ज़ुबान आपस में टकरा रही थी,,विधान का जूनून बढ़ता ही जा रहा था,,वह रूहान के होंटो का रस चख कर और ज़्यादा मदहोश होगया और होंटो पर बेदर्दी से काटने लगा..

    रूहान को अब कुछ ग़लत सही समझ ही नहीं आरहा था… विधान का हाथ उसके कमर को सहला रहा था…

    विधान ने रूहान को सांस लेने की मोहलत दी और कहा…”चल अब जल्दी से अपनी टी.शर्ट उतार…!!

    रूहान ने बिना वक़्त गवाए ही अपनी टी.शर्ट उतार दी और थोड़ी झिझक से सिमट गया..

    “वाह्ह्ह रे मेरे छोटे खरगोश तेरे निपलस तो लड़कियों जैसे बड़े ही गुलाबी है…!!विधान थोड़ी सख्ती से उसके सीने को उंगलियों के बिच मसलने लगा..

    “प्लीज ऐसा मत करो…!!रूहान को दर्द हुआ…

    “मैं तो करूंगा और अब हर रात यही करूंगा…!!विधान ने रूहान की पैंट खींच के उतारी और उसपे सवार होगया…

    It's_just_beginning...🔥😉

  • 2. Chapter 1

    Words: 1036

    Estimated Reading Time: 7 min

    रॉयल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसस का असेंबली हॉल नये स्टूडेंट्स की ख़ुश मिज़ाजी से भरा हुआ है..
    आज उनका पहला दिन है और मेडिकल अस्पिरेट्स की नये बैच का यह पहला कदम है अपने सपने की तरफ..
    सभी स्टूडेंट्स अपने सीट्स पर थोड़ा घबराये हुए बैठे हैँ…
    वही एक सीट पर विधान रॉय बैठा गहरी सोच में डूबा गंभीरता लिए बैठा था..उसकी काली आँखों में अजीब सी चमक थी और माथे पर कटे काले घनेरे बाल,और हैवी बियर्ड प्लस उसकी उसकी आइडियल हाईट वहाँ सब लोगों का धियान आकर्षित कर रही थी…
    मंच पर प्रिंसिपल पोडियम के पास आते हैँ,, अपना चश्मा ठीक करते हैँ…

    प्रिंसिपल का चेहरा थोड़ा सख्त है,, लेकिन उसमें एक नरम सी मुस्कान भी है जो सभी स्टूडेंट्स को वेलकम कर रही है..

    "गुड मॉर्निंग,,, स्टूडेंट्स रॉयल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसस में आप सबका सुवागत है..अपनी मेहनत कर कुछ ख़ास हासिल कर यहाँ तक पहुंच चुके हैँ,,इस इंस्टिट्यूट में आप सिर्फ डॉक्टर नही बनेंगे बल्कि अच्छे इंसान भी बनेंगे..!

    "जब आप अपने पहले सेमेस्टर की शुरुवात कर रहे हैँ,,तो याद रखें की आप सब में यह पॉटशियल है की आप सफल हो सकते हैँ.. मेहनत करें,,फोकस बने रहें,,और एक दूसरे का साथ दें..यह तो बस शुरुवात है एक ऐसे सफर की जो हमेशा सीखने और लोगों को इलाज देने वाला होगा..."

    प्रिंसिपल की बातें स्टूडेंट्स के दिमाग में बैठ गयी थी..

    सबसे लास्ट सीट पर रूहान वर्मा सहम कर बैठा हुआ था वह डर रहा था क्यूंकि वह यहाँ स्कालरशिप के ज़रिये पढ़ने आया था और उसने बहुत सुन रखा था कि यहाँ रगिंग होती है…
    रूहान की नीली आँखों में भी कई सपने थे,,उसका दूधिया गोरा रंग और भूरे बाल…गुलाबी सूखे पड़े होंट और एवरेज हाईट उसे सब लड़कों से ज़्यादा क्यूट और पोकी टाइप बनाता था…
    वह किसी कोरियन बॉय की तरह दीखता था,,चेहरे बेहद मासूम और उसकी यूँही दिलकश मुस्कान…

    हॉल रूम से बाहर निकल कर रूहान आँखों में चश्मा लगाया और अपने क्लास के टाइम टेबल चेक करने लगा..
    उसे क्यूंकि हॉस्टल में रहना था और सुबह 7 से क्लासेज स्टार्ट होंगी..
    बहुत ही ज़्यादा बिज़ी रूटीन होने वाली थी..
    वही विधान भी खड़ा बोर्ड में लगे शेड्यूल की पिक क्लिक कर रहा था..

    रूहान ने एक नज़र सामने खड़े विधान को देखा जो उससे हाईट में काफ़ी लम्बा था और उसकी मुस्कुलर परफेक्ट बॉडी टी.शर्ट के ऊपर से ही दिख रहे थे..

    “ये बेहद हैंडसम है….!!रूहान के दिल की धड़क थम सी गई..

    विधान मोबाइल हाथों में लिए लापरवाही से आगे बढ़ गया..

    रूहान ने ठंडी सांस ली..”यहाँ सब अमीर बाप के बिगड़ैल बच्चे ही एडमिशन लेते हैँ…मुझे बचके रहना चाहिए…”

    रूहान जैसे ही आगे बढ़ा विधि ने उसका रास्ता रोक लिया..

    “फर्स्ट सेमेस्टर….!!विधि की मुस्कान गहरी होगई वह बस रूहान को एक टक घूर रही थी..

    “जी…जी…!!

    विधि ने कहा..”चलो फिर आओ मेरे साथ…मैं तुम्हे कॉलेज दिखाती हूं…!!
    रूहान आराम से उसकी बातों में आगया और विधि उसे एक क्लास में ले आई जहाँ और भी लड़के बिना शर्ट के खड़े दुपट्टा ओढ़े ज़बरदस्ती डांस कर रहे थे..

    रूहान बहुत ज़्यादा घबरा गया..

    विधि के साथ रूहान को आता देख सौम्या हँस पड़ी..

    “विधि तू नया मुर्गा पकड़के लाइ है…!!सौम्या और बाकि सीनियर लड़कियां रूहान को देखने लगी..

    “चल शर्ट उतार और होजा शुरू…!!सौम्या ने रूहान के गालो में उंगलियां फिराई..

    “न…नहीं….प्लीज नहीं….”रूहान डर से पीछे हटने लगा..

    “शर्माता कायको है..हम लड़की लोग इज़्ज़त नहीं लौटेंगी…”विधि हँस पड़ी..

    “नहीं प्लीज….देखिए मेम ऐसा मत कीजिये…प्लीज इसके बदले आप जो कहयेगा मैं करूंगा…”रूहान घबरा गया..

    विधि और सौम्या सोच में पड़ गई…
    वही बाकि दूसरी लड़कियां बाकि सब लड़कों की वीडियोज़ बना रही थी..

    “ये यहाँ क्या हो रहा है…!!विधान की आवाज दरवाजे से आई तो विधि जल्दी से संभल कर खड़ी होगई..

    “कुछ नहीं भाई बस हंसी मज़ाक़….!!

    “विधि….सौम्या….!!विधान गुस्से से चीख पड़ा तो सब वहाँ से उलटे पैर भागे..

    “भाई सचमे हम बस मस्ती कर रहे थे…!!सौम्या इधर उधर देखने लगी..

    रूहान खड़ा खामोशी से जाने लगा..

    “ओये लड़के रुको…तुम बताओ क्या हम कुछ ग़लत कर रहे थे..”विधि ने आँखों से मासूमियत छलकाई..

    “नहीं ये लोग बस हंसी मज़ाक़ कर रही थी…!!रूहान ने जैसे ही कहा सौम्या और विधि खिल उठी और दोनों रूहान के अगल बगल आके खड़ी होगई..

    विधान की तेज़ नज़र रूहान पर गड़ गई जो मासूम सी शक्ल बनाये नज़रे नीची किये खड़ा था..
    विधान ने जूनून से सीने को मसला और वहाँ से चला गया..

    विधान के जाते ही दोनों ने जल्दी से रूहान के गालो पर ज़ोरदार किस्सी दे डाली..

    विधि और सौम्या ख़ुशी से उछल पड़ी....“थेंक्यू…थेंक्यू सो मच…”

    “वैसे तुम्हारा नाम क्या है क्यूटी…!!?

    “रूहान वर्मा…!!

    सौम्या बोली..”आज से तुम हमारे दोस्त हुए,,अगर तुम ना होते तो वह जल्लाद हमें मार डालता…!!

    “और रूहान नहीं आज से तुम हमारे बेस्टी हुए…हम तुम्हे रूही बुलाएंगे तुम्हे कोई प्रॉब्लम तो नहीं…!!विधि रूहान के गले लग गई..

    रूहान शर्मा के पीछे हटा..”जी जी आप दोनों का बहुत शुक्रिया…”

    “अव्व्व तुम्हारी आवाज कितनी प्यारी है,,तुम खुद भी बहुत प्यारे हो..”विधि हँस पड़ी..

    “वैसे मैं विधि…और ये मेरी गर्लफ्रेंड सौम्या है…”विधी ने सौम्या के कमर में हाथ डाल दिया..

    “जी…ख़ुशी हुई आप दोनों से मिलकर…!!रूहान को थोड़ा अजीब लगा..
    पर उसने सोचा वह भी क्या सोच रहा है,,प्यार तो किसी से भी हो जाता है..

    “आज से हम दोनों तेरी बहने अगर कोई भी परेशानी कॉलेज में या कोई बुल्ली करे तो हमें बताना…!!सौम्या आँख मार कर बोली..

    “जी ज़रूर…!!रूहान मुस्कुराहट लिए वहाँ से दोनों को बाय कर हॉस्टल की तरफ चलता बना..

    हॉस्टल पहुंच कर पता चला की एक रूम को दो स्टूडेंट्स शेयर करेंगे…
    रूहान ने सोचा उसे क्या वह तो छोटे से फ्लैट में भी एडजस्ट कर रहता था,,यहाँ तो फिर भी बड़े बड़े रूम थे..

    रूहान वार्डन से बात करते हुए सारे रूल्स समझ चूका था..
    फिर वह अपने रूम में आया जहाँ पहले ही विधान सेल्फ में अपनी किताबें सजा रहा था..

    रूहान हैरत भरी ख़ुशी से पूछ बैठा..“तुम….!?

    विधान बोला..”हाँ मैं भी फर्स्ट ईयर स्टूडेंट हूं…तुम भी….!?

    विधान उसकी तरफ देखने लगा..

    “मैं विधान…!!
    हमारे क्लासेज भी सेम है…!!

    “मैं रूहान…तुमसे मिलकर अच्छा लगा..!!
    रूहान ने दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया तो विधान एक गहरी मुस्कान लिए रूहान की तरफ बढ़ा और मज़बूती से रूहान का हाथ थाम गया..
    रूहान की नीली आँखों में नरमी उतरता देख विधान अजीब सी टिस दिल में उठता महसूस करने लगा..

    To_be_continued…

  • 3. Chapter 3

    Words: 898

    Estimated Reading Time: 6 min

    विधान उसकी तरफ देखने लगा..

    “मैं विधान…!!
    हमारे क्लासेज भी सेम है…!!

    “मैं रूहान…तुमसे मिलकर अच्छा लगा..!!
    रूहान ने दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया तो विधान एक गहरी मुस्कान लिए रूहान की तरफ बढ़ा और मज़बूती से रूहान का हाथ थाम गया..
    रूहान की नीली आँखों में नरमी उतरता देख विधान अजीब सी टिस दिल में उठता महसूस करने लगा.

    फिर विधान और रूहान अपने अपने कामों लग गए..
    दो बेड और दो स्टडी टेबल और साइड में बुकसेल्फ वगेरा थी,,एक ही कपबोर्ड था जिसमें जैसे तैसे कर विधान ने अपने कपड़े ठूंस दिए लेकिन रूहान ने बहुत ही सलीके से अपनी हर चीज जगह में रखी..

    विधान बस रूहान का अंदाज़ देखने लगा जो बाकि लड़कों से बहुत अलग थलग लग रहा था..

    रात को ज़ब सब निचे हॉस्टल की कैंटीन में आए तो सब लड़के रूहान से मिलकर दीवाने ही होगये..

    “जी आप सब से मिलकर बहुत अच्छा लगा…!!रूहान जिस तरह ठहर कर नरमी से बात करता था उस तरह सब उसके आगे पीछे घूमने लगे..

    “ओह्ह्ह ब्रो…मैं अभिषेक…!!अभिषेक आगे आया..

    नितेश और रतन,,सिन्हा बाकि सब में भी दोस्ती होगई बट वह सब बहुत ज़्यादा तु तड़ाक कर बातें करते थे..
    विधान बहुत ही सख्त मिजाज का था इसलिए उसने ज़्यादा किसी से बातचीत नहीं की और नाही दोस्ती यारी लगाई..

    ज़ब खाना खाके सब अपने कमरे में आगये तो रूहान टी.शर्ट बदलने लगा..
    वही विधान जो अपने बेड पर बैठा मोबाइल स्क्रॉल डाउन कर रहा था,,रूहान का गोरा बिना बालों का सीना देख बिना पलकें झपकाये उसे ही देखने लगा..
    रूहान का शरीर एक दम परफेक्ट था बट वह थोड़ा पतला दुबला नाजुक लड़का था..

    विधान उठा और बोल पड़ा..”रूहान सुन…ये तेरे निपलस लड़कियों जैसे गुलाबी क्यों हैँ…!?

    रूहान ने जल्दी से अपने सीने पर हाथ रख लिया और हड़बड़ी में टी.शर्ट पहनके बोला..”तुम किस तरह के सवाल पूछ रहे हो…!?

    विधान थोड़ा करीब खिसक आया और बोला…”तुझे देख तो लड़कियों का क्या लड़कों का भी दिल पिघल जायेगा…!!

    रूहान शर्मा गया और जल्दी से जाके बेड पर बैठ गया और आँखे मुंद कर करवट बदल के सोने चला गया क्यूंकि कल से उनके क्लासेज शुरू हो रहे थे..

    विधान भी ठंडी सांस लेकर बैठ गया और अपने पैंट में हलचल होता महसूस करने लगा..
    पैंट इतना टाइट होगया था जैसे अभी फट जायेगा..

    “आज तक कभी मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ है लेकिन रूहान तुझे देख मेरे पैंट में सिग्नल आने लगा…!!विधान ने बालों में हाथ फेरा और वाशरूम में जाके खुद को शांत करवाया…

    दूसरी तरफ रूहान को नींद नहीं आरही थी..

    विधान की तपीश से भरी बातें अंदर तक सुलगा गई थी..

    “विधान की आँखों में अजीब ही जूनून है…!!रूहान खुद से कहने लगा..

    दूसरी तरफ ज़ब विधान बाहर निकला तो पसीने से तर तेज़ सांसे ले रहा था..

    रूहान तो खुद से बातें करता आखिरकार सोगया लेकिन विधान जागा रहा और बोला…”मुझे इस हाल में छोड़कर सो रहा है,,कोई नहीं बस कुछ दिन और फिर देखता हूं तू मुझसे कैसे प्यार नहीं करता है…!!
    आज ज़ब तुझे देखा तभी तू दिल में बस गया,,क्या है तुझमे जो मेरा दिल तुझे पाने के लिए तड़पे जा रहा था…!!
    विधान हँस पड़ा और अपने बेड में जाके लेट गया लेकिन उसकी नज़रे रूहान के चेहरे पर फैली मासूमियत पर थी..

    “हाययय ये मुझे क्या हो रहा है…!!
    विधान सीने को मसलने लगा और आँखे बंद कर सो गया…

    दूसरी तरफ गर्ल्स हॉस्टल में विधि और सौम्या एक ही बेड पर सो रही थी..

    तभी विधि की आँखे खुली और वह उठ बैठी…

    “चल सौम्या उठ…कॉलेज जाना है…!!विधि उसपे झुकी प्यार से बोली..

    सौम्या ने आँखे खोली और विधि को गले लगा लिया..

    विधि शैतानी अंदाज़ में मुस्कुराई..”सुबह सुबह रोमांस…कॉलेज जाना है की नहीं…!?

    सौम्या ना में गर्दन हिला गई तो विधि ने जल्दी से उसके होंटो पर होंट रख दूरियां खतम कर ली…
    सौम्या के हाथ विधि के शर्ट के बटन खोलने लगे,,जैसे ही विधि के शर्ट के बटन खुले सौम्या बेरहमी से विधि के सीने को मसलने लगी..
    विधि जो सौम्या के होंटो को चुम रही थी वह जोश में आगई और सौम्या के होंटो को काटने लगी…

    सौम्या बेकरारी में भरी उसके दोनों बोबीज़ को मसल रही थी…
    विधि ने किश ब्रेक किया और सिसकने लगी..
    सौम्या को अच्छा मौका मिला और वह विधि को अपने निचे कर उसके ब्रा के हुक खोल पूरी तरह से सवार होगई..

    “सोमी…मेरी जान जल्दी कुछ कर बर्दास्त नहीं हो रहा है…!!विधि सौम्या के बालों में उंगलियां फिराने लगी..

    सौम्या ने विधि के निपलस को दांतो के बिच काटना शुरू किया तो विधि हद से ज़्यादा सिसकने लगी..
    सौम्या उसके सीने पर ज़ुबान फिरा रही थी और विधि बेडशीट पकड़े आंहे भर रही थी..

    तभी सौम्या ने उसके पेट पर आके ज़ुबान गाड़ दिये तो विधि ख़ुशी से सौम्या को देखने लगी जो अब विधि को मुस्कान लिए देख रही थी..

    विधि ने सौम्या को फिर बांहो में भरा और कहा..”मेरी जान…मुझे इतना प्यार करने के लिए शुक्रिया…!!

    विधि ने कहा और सौम्या के गर्दन को चाटने लगी…सौम्या की हरि आँखों में प्यार उमड़ने लगा..

    विधि अपना हाथ उसके पैंट के अंदर ले गई तो सौम्या काँप उठी….

    “विधि…!!

    “बोल मेरी जान सोमी…!!विधि की उंगलियां तेज़ी से चलने लगी तो सौम्या लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी..

    “आई लव यु विधि…!!सौम्या आँखे बंद कर गई..
    विधि मुस्करा पड़ी और उसे बेड पर गिरा कर उसके ऊपर आगई..

    फिर दोनों के कपड़े निचे फेंके हुए थे और कमरे में हंसने और कभी सिसकियो की आवाज गूंजती..

    To_be_continued…

  • 4. Chapter 4

    Words: 965

    Estimated Reading Time: 6 min

    रूहान ज़ब सुबह उठा तो विधान आलरेडी उठके नहा धोकर तयार अपने कपड़े पहन रहा था..

    रूहान ने उसकी तरफ देख गुडमॉर्निंग कहा जिसपे विधान ने सिर्फ हाँ में गर्दन हिला दी..

    फिर रूहान वाशरूम गया और शावर लेकर टॉवल लपेट कर बाहर आया तो उसकी पतली कमर पर पानी की बूंद फिसल रही थी..
    विधान बस खतरनाक नज़रो से रूहान को कपड़े निकालता हुआ पीछे से देखने लगा और उसके करीब जाके खड़ा होगया..
    जैसे ही रूहान पीछे मुड़ा वह चौंक गया..

    “ओह्ह्ह तुम तयार भी होगये…!!रूहान टी.शर्ट हाथों में लिए विधान की तरफ देखते हुए बोला..

    विधान बस उसकी नीली आँखों में देख रहा था…
    रूहान को थोड़ा असहज फील हुआ क्यूंकि विधान की हाईट उससे बहुत लम्बी थी प्लस वह हद से ज़्यादा सीरियस टाइप लगता था,,ज़्यादा बातें उनके दरमियाँ नहीं हुई थी पर ज़ब हुई थी तो रूहान को बहुत बेक़रारी महसूस होती थी…

    रूहान तयार होकर बाहर निकलने लगा की विधान ने उसे पीछे से पकड़ते हुए रोका और अपने भारी हथेली कमर पर रख मसलने लगा..
    रूहान को करंट लगा और वह बोल पड़ा..

    “ये…ये तुम क्या कर रहे हो…!?रूहान ने विधान का हाथ अपने कमर पर से झटका..
    विधान बिना कुछ बोले ही रूम से निकल गया..

    रूहान दरवाजे से लगा अपने दिल पर हाथ रख विधान का जूनूनी स्पर्श याद करने लगा जिसे याद करते ही रूहान मचल उठा..

    “फोकस..फोकस मैं ये सब सोचने यहाँ नहीं आया हूं…!!रूहान को खुद को होश में लाया और वह भी कॉलेज के लिए निकल गया..
    क्लास में प्रोफेसर नहीं आए थे लेकिन लगभग सब ही स्टूडेंट्स आगये थे..

    रूहान खाली सीट ढूंढ़ने लगा लेकिन उसे एक भी नहीं मिली…आखिरकार वह लास्ट बेंच पर जाके विधान के साथ बैठ गया..

    फिर थोड़ी देर बाद क्लास में प्रोफेसर आए तो सब उठके ग्रिट करने लगे…
    प्रोफेसर हितेश के इशारे पर सब अपनी सीट पर बैठ गए…

    प्रोफेसर ने छोटा सा अपना इंट्रोडक्शन दिया और सीधा सलेब्स पर आगये…

    रूहान सब बड़े गौर से सुनता रहा..

    विधान बस रूहान को देखता रहा जो बड़ी फोकस से लेक्चर सुन रहा था..

    विधान मुस्कुराहट लिए रूहान की तरफ खिसकते हुए बोला…”लगता है तू टॉपर है..”

    “हाँ मैं टॉपर हूं…”रूहान प्राउडली बोला..

    “ओह्ह्ह गुड….!!विधान इम्प्रेस हुआ..

    “सुन ना…तू इतना क्यूट फेस लिए कैसे पढ़ लेता है…”विधान हँस कर बोला तो रूहान भी हँस पड़ा..

    प्रोफेसर हितेश दोनों की तरफ आए और बोले…”लगता है पहले ही दिन आप दोनों को क्लास से ससपेंड होना है..”

    विधान लापरवाही से कंधे उचका गया जैसे कुछ सुना ही ना हो लेकिन रूहान उठके सिर झुका के बोला..”सॉरी प्रोफेसर आइंदा ग़लती नहीं होगी…”

    प्रोफेसर हितेश ने एक नज़र रूहान को देखा जो काफ़ी अदब से सिर झुकाये खड़ा था फिर विधान पर नज़र पड़ते ही वह उलटे पैर वहाँ से चलता बना..

    विधान को पूरा कॉलेज जानता था वह रॉय इंडस्ट्री का एकलौता वारिस था और उसके डेड विकास रॉय कॉलेज के सबसे बड़े ट्रस्टी थे…या यूँ समझ लो उनके ही दम पर कॉलेज चलता था…

    फिर रूहान ने नज़र विधान को देखा जो अब भी बेंच पर कोहनी टिकाये उसे ही देख रहा था..

    “उफ्फ्फ्फ़ ये कातिल नज़रे…!!रूहान घबरा उठा..

    क्लास खतम हुई तो रूहान लाइब्रेरी गया जहाँ उसने लाइब्रेरी कार्ड वगेरा के लिए फॉर्म फिलअप कर सबमिट किया और फिर वाशरूम आया…
    इस वक़्त वाशरूम में कोई नहीं था..

    रूहान ने पैंट की ज़िप जैसे ही खोली उसी वक़्त विधान दरवाजा खोलता हुआ आया और खुद भी लाइन में लगके सिटी बजाते हुए रूहान की तरफ देखने लगा..

    रूहान ने जल्दी से सुसु किया और पैंट की ज़िप बंद कर हाथ धोने लगा तभी विधान उसके करीब आता हुआ बोला…”तेरा तो बहुत छोटा हथियार है…”

    रूहान को लगा उसपे बिजली गिर गई हो..

    “ये तू…तुम केसी बातें कर रहे हो…!!रूहान के कान के लोए तक सुर्ख पड़ गए…
    शर्म बहुत आने लगी..

    विधान फिर बोला…”शर्माते हुए तू और भी ज़्यादा प्यारा लगता है…”

    रूहान चुप होगया..

    “कॉलेज में मेरे साथ ही रहा कर वरना मुझे डर है कहीं कोई तुझे मुझसे चुरा ना ले…!!विधान ने उसे पीछे से बांहो में जकड़ लिया…

    “छोड़ो…तुम पागल हो क्या…!?
    ये सब क्या कर रहे हो…!?
    रूहान डर से पसीने में भीगने लगा..

    “डर क्यों रहा है….!?
    डर मत और तुझे देख क़ाबू में रहना मुश्किल है…!!विधान ने अपना हाथ उसके पैंट के ऊपर ले गया..

    “देखो प्लीज मत करो,,कोई देख लेगा तो पता नहीं क्या सोचेगा…!!रूहान डर से वाशरूम के दरवाजे की तरफ देखने लगा..
    विधान उससे फिजिकली कहीं ज़्यादा स्ट्रांग था इसलिए रूहान उसके बांहो की कैद में फड़फड़ा के रहगया..
    विधान उसके पैंट के ऊपर से ही बेदर्दी से हथेली रख मसलने लगा,,रूहान बुरी तरह लम्बी लम्बी सांसे लेने लगा और अपने दोनों हाथों को सिंक पर कसके जमा लिया..

    रूहान के भी मचलते जज़्बात करवट लेने लगे,,विधान के हाथों का स्पर्श बहुत ज़्यादा जानलेवा था..

    “विधान भाई प्लीज मत करो मैं…मैं…!!
    विधान और ज़्यादा तेज़ी से मसलने लगा और बोला ….”भाई नहीं विधान….तेरे लिए सिर्फ मैं विधान हूं….!!

    विधान उसके कानो को चुमने लगा…
    थोड़ी ही देर में रूहान की हलकी सिसकी मुंह से निकली और वह वही डिस्चार्ज होगया…
    विधान उसके पेंट की ज़िप लगा कर बोला…”गुड….!!

    विधान वाशरूम से बाहर चला गया…

    रूहान आँखों में आंसू लिए खुद से बोला…”ये…ये मुझे क्या हो रहा है…मैं इतना उतावला क्यों हो रहा हूं..!!
    फिर जल्दी से रूहान ने पानी से खुद को साफ किया और बाहर निकल गया..

    “विधान…..!!रूहान ने सोच लिया अब वह विधान से दुरी बनाके रहेगा,,वह विधान के करीब रहके उसके प्यार में हरगिज नहीं पड़ेगा…

    “मैं तुझसे बदला लेकर रहूंगा विधान….तूम भी मेरी तरह तड़पोगे…!!रूहान खुद को कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा था…
    वह वापिस क्लास में जाके बैठ गया और विधान को इग्नोर कर क्लास में धियान लगाए बैठा रहा लेकिन अभी कुछ देर पहले जो हुआ वह बार बार दिमाग़ में घूम रहा था और बदन में तपीश बढ़ती जा रही थी..

    To_be_continued…

  • 5. Chapter 5

    Words: 1106

    Estimated Reading Time: 7 min

    रूहान ज़ब रात को हॉस्टल वापिस आया तो सब लड़के निचे कैंटीन में एखटा बातों में लगे थे..
    विधान वहाँ मौजूद नहीं था..

    “व्हाट्सप्प क्या बातें हो रही हैँ ब्रो…!!रूहान आराम से उनके दरमियाँ आगई..

    अभिषेक बोला..”कल हमारा फ्रेशर पार्ट है…और बस हम सब उसी की बातों में लगे हैँ…शबाब और शराब भी होंगी…”

    तनिष्क ना में गर्दन हिला गया..
    “बट सख्त सिक्योरिटी होगी,,हमें लड़कियों से दूर रहना ही चाहिए…”

    पुनीत हँस पड़ा..”तू इतना डर क्यों रहा है बे…अगर लड़कियां ना भी रही फिर भी फूल मज़े करेंगे..”

    रूहान भी ख़ुशी से बोला..”हाँ सब दोस्तों के साथ खाना पीना होगा..”

    विधान पीछे से आता हुआ गर्दन तिरछी कर बोला..”मुझे तो कहीं नहीं भूल गए…!!

    शरद जल्दी से बोल पड़ा..”ब्रो तुझे कैसे भूल सकते हैँ,,बस कल का सोचके ख़ुश हैँ…”

    सिद्धार्थ विधान के करीब आता हुआ बोला..”भाई तुझे केसी लड़कियां पसंद है…!?

    विधान की काली गहरी नज़रे रूहान के सरापे पर टिक गई…
    रूहान उसकी नज़र खुद पर महसूस कर सकपका गया..

    “मुझे तो लड़के पसंद है…!!विधान बड़े आसानी से ये बात कह गया जिसपे सब हँस पड़े..

    एली भी सिगरेट होंटो में दबाते हुए बोल पड़ा…”वैसे मैं भी बाईसेक्सुअल हूं…”

    सब लड़के एक साथ मुंह पर हाथ रख बोले….”ओह्ह्ह्हह्हह कर रह गए..!!

    रूहान तो बस सिमट कर बैठा रहा..

    सब इधर उधर की बातें कर हँस रहे थे फिर डिनर कर रूम में लोट गए..

    रूहान को रूम में जाने में बहुत डर लग रहा था फिर भी वह जाना तो उसे रूम में ही था..

    रूहान ज़ब रूम में आया तो उसने सोच लिया था कि उसे क्या करना है..

    रूहान हिम्मत कर बोला..”सुनो तुम…!?

    विधान आइबरों उठाकर उसकी तरफ देखने लगा जिससे रूहान की हिम्मत पल भर में हवा होगई..

    “तुम मुझसे दूर रहो वरना…..!!
    मैं वार्डन से बात कर रूम चेंज कर लूंगा…!!

    विधान अपनी दाढ़ी मसलने लगा और शैतानी मुस्कान लबों पर आगई..

    रूहान सहम गया…

    “ओके…समझ गया पर शर्त ये है की तुम खुद को क़ाबू में रख पाओगे…”
    विधान की उलटी बात सुन रूहान ने चेहरा झुका लिया…

    “हाँ…मुझे तुम में कोई इंट्रेस्ट नहीं है…!!रूहान ने साफ झूट कहा..

    “दिख रहा है इसलिए तो आँखे चुरा रहे हो…!!विधान ने ठंडी सांस भरी और बेड पर लेट गया..

    रूहान भी चुपके से बेड पर बैठ गया..

    “विधान…विधान रॉय….मुझमे और तुममें बहुत फर्क है…हम एक जैसे नहीं हैँ,,और हमारा कोई फ्यूचर भी नहीं है…”रूहान मन में सोचता हुआ कलसने लगा..

    रूहान सुबह तयार होकर कॉलेज गया तो सौम्या से टकरा गया..

    सौम्या जल्दी से बोल पड़ी..“अरे आज कॉलेज क्यों आगये,,तुम फर्स्ट ईयर वालो की तो आज फ्रेशर पार्टी रखी गई है…”

    रूहान खामोश रहा और बोला…”आपसे एक बात पुछु…!?

    सौम्या रूहान को परेशान देख बोली..”बोलो ना क्या हुआ…!?

    रूहान उदासी से बोला..”आप तो विधि से बहुत प्यार करती है और उसकी गर्लफ्रेंड भी हो तो तुम्हारे परिवार वालो को कोई प्रॉब्लम नहीं होगी…”

    सौम्या की हरि आँखे चमकी और वह रूहान का दोनों गालो को हथेली में थाम के बोली..”बिलकुल नहीं….और प्रॉब्लम हो भी तो क्या कर सकते हैँ…”
    हमें हक है अपने लाइफ पार्टनर को चुनने का और रूहान…हमेशा एक बात याद रखना प्यार रंग रूप,या फिर किसी खास जेंडर से ही होना नहीं देखता…
    वैसे ही मैं और विधि संग में बहुत ख़ुश थे,,पहले हम दोस्त हुआ करते थे पर एक ही रूम में रहके हमें एहसास हुआ की हम क्या फील करते हैँ…!!

    रूहान हाँ में गर्दन हिला गया..

    सौम्या आहिस्ता से बोली..”विधि ने मुझे पूरे गर्ल्स हॉस्टल के सामने प्रोपोज़ किया था फिर मैं उसकी गर्लफ्रेंड बन गई और हम बहुत ख़ुश हैँ…”

    रूहान भी मुस्करा पड़ा..
    “वाह्ह्ह्ह मुझे नहीं पता था आप दोनों इतना एक दूसरे को चाहती हो…!!

    सौम्या रूहान का हाथ पकड़के बैकयार्ड में ले आई..
    दोनो वहाँ के पुराने सीढ़ियों और आ बैठे..

    “तुम वैसे इतना परेशान क्यों हो…!?

    रूहान के गाल शर्म से लाल पड़ गए…
    “मुझे थोड़ा अजीब फील हो रहा है मतलब कैसे आपको समझाऊ,,दिल बहुत बेकरार है और तड़प रहा है…!!

    सौम्या शरारत से आँख मारती हुई बोली..”ओह्ह्ह अब समझी तुम्हे किसे से प्यार होगया है…!?

    रूहान ना में गर्दन हिला गया..

    “नहीं पता प्यार है या आकर्षण…!!
    लेकिन मैं जानता हूं मैं प्यार नहीं कर सकता,,मैं मिडल क्लास का मामूली लड़का हूं और मुझमे ऐसा कुछ खास भी नहीं है..”रूहान की नीली आँखों में उदासी देख सौम्या उसके कंधे पर मारने लगी..

    “कॉमन…वेक उप और अगर प्यार है तो उसे मौका दो अगर अट्रैक्शन है तो रहने दो पर यूँही खुद को बुरा भला मत कहो…!!

    “क्या मैं प्यार का इज़हार कर दूँ….!?रूहान की नीली आँखे बड़ी होगई..

    विधी भी वहाँ आती हुई बोली…”बिलकुल…!!

    सौम्या संभल कर बैठ गई..

    विधि ने सौम्या की तरफ देखते हुए कहा..”सोमी…यहाँ बैठी है और मैं तुझे पूरे कैंटीन में ढूंढ रही थी…!?

    सौम्या मुंह बना गई और बोली..”सॉरी बस रूहान थोड़ा परेशान था इसलिए उसे चेयरउप कर रही थी..”

    “हाँ बहुत शुक्रिया….आपसे बात कर मन हलका होगया..!!रूहान बाय कर दोनों की तरफ मुस्कुराता हुआ वहाँ से चला गया..

    रूहान के जाने के बाद सौम्या गंभीरता से बोली..”विधि क्या तूने प्रोफेसर युवान से नोट्स कलेक्ट कर लिए..!!

    विधि हाँ में गर्दन हिला गई..

    सौम्या फिर बोली..”चल फिर हॉस्टल चलते हैँ,,हमें वाइवा की भी तयारी करनी है..”
    विधि ने कुछ नहीं कहा और सौम्या के कमर पर बाज़ू कसती हुई उसे खुद से सटा गई..

    “पागल कोई देख लेगा…!!सौम्या नरमी से विधि के चेहरे पर आए बालों को साइड करती हुई उसकी भूरी आँखों में झाकने लगी..

    विधि बोली..”मुझे कोई डर नहीं है…!!
    और रही बात हमारी तो हमें क्या यारर,हम प्यार करते हैँ…”

    सौम्या की हरि आँखों में लालीमा छा गई..
    विधि कमर से हाथ निचे ले जाके सहलाने लगी..
    सौम्या ने अपने होंट विधि के होंट पर रख तड़प दूर की…
    विधि भी सौम्या का भरपूर साथ देने लगी,,दोनों के होंट आपस में जुड़े पियास मिटाने लगे..
    विधि ने उसे और ज़्यादा खुदसे चिपका लिया,,सौम्या ने अपना एक पैर उसके कमर पर लपेट लिया और रुक कर सांसे बाहाल करने लगी…

    विधि सौम्या के गर्दन पर झुकी जगह जगह दाँत गाड़ने लगी..

    “विधि प्लीज….मत कर चल हॉस्टल चलते हैँ…!!सौम्या ज़्यादा देर खुद की सिसकियाँ नहीं रोक सकती थी..

    विधि शरारत से बोली…”चल फिर हॉस्टल चलते हैँ,,साथ में शॉवर लेंगे और प्रेजेंटेशन की तयारी करेंगे..”
    सौम्या आँखे मुंद कर हाँ में गर्दन हिला गई..

    विधि को तो सौम्या की मासूमियत पर उमड़ उमड़ कर प्यार आरहा था लेकिन उसने खुद को कण्ट्रोल कर लिया…
    हॉस्टल की तरफ बढ़ते हुए विधि का हाथ सौम्या के सीने से बार बार टकराता रहा जिसपे सौम्या का बदन तपने लगा..

    हॉस्टल पहुंचते ही विधि ने सौम्या को गोद में उठाके वाशरूम ले गई…
    दोनों के उतरन कपड़े बाहर यूँही बिखरे पड़े थे…
    कुछ ही देर में अंदर वाशरूम से सौम्या की सिसकियाँ और चीखे बाहर आने लगी…

    To_be_continued…

  • 6. Chapter 6

    Words: 1189

    Estimated Reading Time: 8 min

    रूहान कासुअल सा ग्रीन टी.शर्ट और ब्लू जींस पहले बालों को सेट कर फ्रेशर पार्टी में पहुंचा जहाँ पहले से ही सब मौजूद थे..
    वही एक कोने में विधान हाथों में शराब लिए ख़ामोशी से हलक के निचे गटका रहा था..

    विधान की नज़र अपने क्यूटी पर पड़ी तो वह बस नज़र भरके उसे ही देखने लगा जो पूरी पार्टी में मासूम और भोलापन लिए सबसे अलग थलग साइड में जा बैठा था..

    विधान ने आज फुल्ली ब्लैक शर्ट और पैंट पहना था और लड़कियों की नज़र उसपे ही टिकी हुई थी..
    लड़के तो बस रूहान को देखकर छेड़ रहे थे और अभिषेक उसे बस लड़कियों की तरफ इशारे कर बहका रहा था मगर रूहान सिर्फ ना में गर्दन हिला रहा था…

    रोनित ने ज़बरदस्ती रूहान को शराब पीला दी…फिर रूहान बिना रुके एक ग्लास के बाद एक ग्लास शराब पीता ही रहा..

    “ओये इतनी शराब क्यों पी रहा है…बस कर अब..!!तनुज रूहान को रोकने लगा लेकिन रूहान को पूरी चढ़ गई थी..

    “भाई…शराब इसलिए पी रहा हूं ताकि हिम्मत आ जाए और मैं जिससे प्यार करता हूं आज उसके सामने जाके इजहार कर दूँ…!!
    बाकि सब लड़के चोंके फिर हँस हँस कर मज़ाक़ करने लगे..

    रूहान की नीली आँखों में पूरी तरह खुमारी उतर गई थी..
    रूहान ने कभी इतनी शराब नहीं पी थी इसलिए आज उसे खतरनाक नशा चढ़ गया था…

    रूहान की नीली आँखे सबसे अलग बैठे विधान पर टिक गई और उसके लबों पर एक प्यारी सी मुस्कान आगई..

    “वह कितना ज़्यादा हॉट बंदा है…!!रूहान ने मन में सोचा और सिर पकड़ लिया क्यूंकि सिर चकरा रहा था..

    “मैं…मैं वाशरूम से आता हूं…उलटी जैसा लग रहा है…!!रूहान जल्दी से डगमगाते कदमो से वाशरूम की तरफ गया और सिंक पर झुका उलटी करने लगा..

    “ज़ब शराब हज़म नहीं होती तो पीते क्यों हो…!?पीछे से विधान आके रूहान की कमर सहलाने लगा..
    फिर विधान ने उसके चेहरे पर ठंडे पानी डाली और मुंह धुलाया…

    “चलो बहुत देर होगई है हॉस्टल चलते हैँ..”
    विधान ने रूहान को गोद में उठाया और पिछले दरवाजे से बाहर निकल गया..

    रूहान बस विधान का चेहरा तके जा रहा था,,रूहान को विधान की काली गंभीरता लिए आँखों में अपने लिए बहुत चिंता दिखाई दी..
    जबकि रूहान नशे में था लेकिन विधान के स्पर्श से पिघलने लगा था..

    हॉस्टल के लड़के अभी तक फ्रेशर पार्टी से वापिस नहीं आए थे…

    विधान रूहान को रूम में ले आया और उसके बेड पर लेटा दिया और जाने लगा कि रूहान ने उसका बाज़ू पकड़ लिया..

    “विधु…सुनो ना…!!
    विधान ने सर्द निगाहेँ रूहान की नीली आँखों में गड़ा दी जो आज कुछ ज़्यादा ही ड्रामेटिक हो रहा था..

    “विधान से सीधा विधु…ये तो आज ज़्यादा ही नशे में लगता है…!!विधान वही उसके बेड पर ही बैठ गया..

    “हाँ बोलो क्या काम है…!!विधान सख्ती से रूहान के कमर पर बाज़ू रख अपनी तरफ खींच गया..
    रूहान थोड़ा सहम गया लेकिन वह विधान की काली गहरी आँखों में देखता हुआ बोलने लगा..”विधान तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो…खास कर तुम्हारी ये काली गहरी आँखे…ज़ब ज़ब तुम मुझे देखते हो तो दिल तेज़ी से धड़कता है…!!

    विधान रूहान के कमर को मसनले लगा और बोला…”अच्छा फिर मुझसे दूर रहने का नाटक क्यों करते हो…”

    रूहान मायूस होगया और विधान के दाढ़ी पर उंगलियां फिराने लगा..

    “बस डर लगता है,,मुझमे और तुममें बहुत फर्क है…!!

    “किस चीज का फर्क…!!

    रूहान कुछ नहीं बोला बस मुस्कुराता रहा..

    विधान ने उसे गोद में बिठाते हुए उसके कानो के लोए को दांतो तले कुचल गया जिससे रूहान उसकी शर्ट के कॉलर पकड़े सिसकने लगा..

    “बताओ किस चीज का फर्क है…वरना तुम्हारे ये होंट…आज इन को काट खाऊंगा…!!विधान के मज़बूत हाथ उसके सीने को मसलने लगे..

    “अह्ह्ह्हह विधान…प्लीज ऐसा मत करो…!!रूहान सीहर उठा और गर्दन पीछे की तरफ कर मचल उठा..

    विधान तो बस उसकी अदाओं पर दिल हारता चला गया और उसपे सवार होकर उसके गर्दन को चूमने लगा..
    रूहान विधान के बालों में प्यार से हाथ चलाने लगा वही विधान उसके गर्दन पर जगह जगह होंट रख शिद्दत से चूमता तो कभी दांतो से काट लेता..

    “वी….धान….विधान….अह्ह्ह्ह आहहहह बस करदो….मैं..मैं तुम्हे…तुमसे बहुत प्यार करता हूं बस बता नहीं पाया…!!रूहान के मुंह से टूटे फूटे अल्फाज़ निकल रहे थे..

    विधान रुक गया और बोला…”मेरा छोटा खरगोश….मुझसे प्यार करता है…!!विधान और रूहान के होंट एक दूसरे से जुड़ गए और रूहान जहाँ बड़े प्यार से विधान के होंटो को चुम रहा था वही विधान दांतो से काटता तो उसके होंट चूसने लग जाता..
    फिर दोनों के ज़ुबान आपस में टकराये और टकराते ही गए तब तक ज़ब तक रूहान की सांसे ना उखड़ने लगी..

    विधान ने जल्दी से अपनी शर्ट उतार फ़ेंकी और रूहान जो लम्बी लम्बी सांस लेता हुआ बेड पर बेसुध पड़ा था उसे उठाकर सीने से लगा लिया..

    “झूटा….झूट बोलता था कि मुझसे दूर रहेगा देख अब कैसे तड़प रहा है…!!

    “विधान…प्लीज मुझे प्यार करो…!!रूहान विधान के सीने पर ज़ुबान फेरने लगा..
    और रूहान की टी.शर्ट जूनून में आके एक झटके में फाड़ के निचे फेंक दी..

    विधान का जूनून देख एक पल के लिए रूहान सहमा लेकिन दूसरे ही पल जैसे ही विधान ने उसे बेड पर गिरा कर उसके निपलस पर होंट रख सक करना शुरु किया…
    रूहान कराहने लगा और उसकी सिसकियाँ सुन विधान का दूसरा हाथ रूहान के पैंट पर जाके रगड़ने लगा…

    विधान बिलकुल भी रहम नहीं कर रहा था बलकी वह उसके छोटे छोटे गुलाबी निपलस को दाँत से काट कर खींच रहा था…

    रूहान के आँखों में आंसू आगये और चेहरा लाल पड़ गया..
    विधान का ज़ब दिल भर गया तो वह उठा और रूहान के होंटो को वापिस से चूमने लगा..

    फिर अपनी पैंट उतार कर बोला..”सॉरी रूहान बट मैं खुद को कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा हूं…
    माफ़ करना अगर मैंने तुझे ज़्यादा दर्द पहुंचाया हो तो…!!

    रूहान उठा और और विधान की तरफ देख मोहब्बत से चूर लहजे में बोला…”विधान…शुक्रिया तुम्हारा…तुमने मुझे इतना प्यार किया,,और तुम्हारे दर्द में भी मेरे दिल की बेकरारी को करार मिल गया…मुझे तुम्हारा सारा प्यार चाहिए,,मुझे आज तक किसीने भी इतना प्यार नहीं किया है…!!

    विधान आइबरों उठाकर रूहान की नीली आँखों में देखने लगा जो पूरे नशे में था..

    “ये तुम्हारा फर्स्ट टाइम है…!!

    रूहान ने हाँ में गर्दन हिला दिया..
    फिर रूहान झुक कर बैठ गया और उसके टांगो के दरमियाँ आके सक करने लगा..

    विधान की आँखे सुरूर से बंद होती गई और वह रूहान के बाल पकड़के जल्दी जल्दी आगे पीछे कर आंहे भरने लगा…
    फिर थोड़ी ही देर बाद वह रूहान के मुंह में ही कम कर गया और रूहान उसके स्पर्म को हलक के निचे उतार गया…

    “विधान…तुम बहुत सेक्सी हो…!!

    विधान हँस पड़ा और रूहान को गोद में लेते हुए उसकी पैंट उतार फ़ेंकी और अपनी दो उंगलियां रूहान की पीछे डाल कर उसे तयार करने लगा…

    फिर रूहान अचानक ही चीख पड़ा ज़ब विधान पूरी तरह उसमे समा गया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा..
    रूहान भी गिला होगया और विधान आँखे बंद कर तेज़ तेज़ धक्के देने लगा..

    “मेरा छोटा खरगोश….आई लव यु खरगोश…!!विधान प्यार से तेज़ हाथ उसके कमर पर मारने लगा..

    रूहान की हालत खराब थी लेकिन क्यूंकि विधान उसे प्यार कर रहा था इसलिए दर्द भी थोड़ी देर में कम होने लगा..
    फिर विधान ने रूहान को बांहो में जकड़ सो गया…

    To_be_continued…

  • 7. Chapter 7

    Words: 966

    Estimated Reading Time: 6 min

    सुबह रूहान की आँख खुली तो वह दर्द से कराह उठा…

    विधान पहले ही जाग चूका था…

    रूहान उठा और विधान की तरफ देखने लगा जो सिर्फ एक लोअर में बैठा उसे ही तक रहा था..

    रूहान ने चादर कसके भींचते हुए कहा..”कल रात तुमने मेरे साथ क्या किया…मुझे पूरे बॉडी में दर्द हो रहा है…!!

    विधान मुस्कुरा पड़ा और चादर खींच के गौर से रूहान के सिमटे हुए बदन पर अपने काटे हुए लाल निशानो को देख मुस्कुरा पड़ा…

    “मेरे कपड़े….!!रूहान ने जल्दी से अपनी पैंट उठाके जल्दी से पहन ली..

    विधान सिर्फ मुस्कुराता रहा..

    “क्या तुम भूल गए कैसे रात में तुम मुझे खुद के करीब खींचके कह रहे थे की मुझे प्यार करो विधु…मुझे प्यार करो…ये दर्द मुझे अच्छा लग रहा है और मुझे चुम रहे थे…!!

    रूहान गुस्से में चीख पड़ा…”तुम झूट बोल रहे हो…!!
    विधान कुछ नहीं बोला और उसकी तरफ बढ़ने लगा फिर एक ही झटके में रूहान को गोद में उठाके बोला…”झूट…तो चलो अभी बेड पर साबित कर देता हूं…”

    रूहान घबरा गया और विधान के आँखों में देखने लगा…

    “मुझे निचे उतारो…!!रूहान नखरे दिखाता हुआ विधान के बाज़ू में मुक्का मारने लगा तो विधान ने उसे निचे उतार दिया और पीछे हाथ ले जाके रगड़ कर गरमाहट देने लगा…

    “क्या तुम फिर चाहते हो मैं तुम्हे अच्छी तरह प्यार करू…!!

    “नहीं…!!रूहान ने विधान का हाथ खुद पर से दूर झटका और वाशरूम जाके बंद होगया..
    और विधान के बारे में याद कर तेज़ तेज़ सांस लेने लगा..

    “अब मैं उससे नज़रे कैसे मिलाऊँगा…!!

    वही दूसरी तरफ विधान बेड पर सिल्वटों को देख रात को याद कर मुस्कुरा पड़ा..

    _____

    गर्ल्स हॉस्टल में सब लड़कियां मिलकर ग्रुप स्टडी में बिज़ी थी..
    एग्जाम नज़दीक थे और सब काफ़ी मेहनत कर रही थी..

    सौम्या उन सब मैं सबसे ज़्यादा स्मार्ट थी वह सबकी हेल्प कर रही थी और विधि बस मुस्कुरा कर सौम्या को देख रही थी..

    सौम्या रितु के बेहद करीब बैठी उसे इक्वशन सॉल्व कर स्टेप बाय स्टेप समझा रही थी…
    रितु बस सौम्या को ही देख रही थी जो झुकी हुई गंभीरता से हर चीज समझा रही थी..

    रितु ने अपना एक हाथ सौम्या के कमर पर रखा तो सौम्या चोंकि और उसकी तरफ देखने लगी..

    “वैसे तुम बहुत प्यारी लगती हो और करीब से तो और भी सुन्दर दिखती हो…!!रितु ने जैसे ही कहा विधि दोनों के करीब आई और सौम्या का हाथ खींच के उठाके अपने साथ रूम में ले आई..

    “विधी…इतना गुस्सा नहीं करते…हम सब बस दोस्त है और रितु मज़ाक़..
    विधि ने सौम्या के होंटो को गुस्से में कैद कर लिया और काटने लगी..
    सौम्या विधि को दूर करने की कोशिश में लग गई लेकिन विधि रुकी नहीं और उसके कमर में चुटकी काटी तो वह मुंह पूरी तरह खोल गई…
    सौम्या ने अपनी ज़ुबान उसके ज़ुबान के साथ मिलाया और चूसने लगी…

    सौम्या तो बस विधि की छूअन से पिघल रही थी..
    विधि ने अपना एक हाथ उसके टॉप के ऊपर रख सीने को मसलने लगी..

    सौम्या बुरी तरह सिसकने लगी….
    सौम्या ने विधि को दूर किया और कहा..”पागल होगई हो…अचानक क्या हुआ….!!

    विधि झुक कर बैठ गई और कहा…”बोला था ना मैंने मुझे अपनी चीज़ो को बाँटना नहीं पसंद….उस रितु ने तुझे छुआ कैसे…!!

    सौम्या कुछ नहीं बोली क्यूंकि विधि निचे बैठी आँखों में नमी ले आई थी..

    “विधि…चाहे रितु आए या कोई दूसरा….मैं सिर्फ और सिर्फ तुझसे प्यार करती हूं…!!

    विधि सौम्या के बालों को खींचती हुई बोली..”मुझे अच्छे से पता है लेकिन सॉरी सोमी अब तुझे पनिशमेंट तो मिलेगी…!!

    सौम्या विधि को स्कर्ट उतारते हुए देखने लगी..
    विधी उसके करीब आई और सौम्या का मुंह अपने टांगो के बिच दबा लिया…

    सौम्या की ज़ुबान लिक करने लगी और उसने दो उंगलियां विधी के अंदर डाल दिया…
    विधि सिसकियाँ लेने लगी और सौम्या तेज़ी से अपनी ज़ुबान चलाती रही…
    थोड़ी ही देर में विधि सौम्या के सिर को तेज़ी से टांगो के दरमियाँ दबाती हुई बहह निकली और वही ज़मीन पर गिरी हाँपने लगी..

    सौम्या लेकिन रुकी नहीं और झुक कर मलाई चाट गई..
    विधि ने सौम्या को खुद से लगाया और बोली…”लव…लव यु…सो मच….!!

    फिर सौम्या के पैंट को खोल कर फेंक दिया और उसपे बैठ कर उसके बोबीज़ को मसलती रही,,कभी मुंह में डालकर चुस्ती तो कभी दांतो से काटती…..
    और निचे ऊँगली भी तेज़ी से अंदर बाहर करती…
    सौम्या सिसकियाँ लेती रही और विधि उसकी हरि आँखों में देखती उंगलियों को गहराई तक ले जाती तो सौम्या की सांसे तेज़ हो जाती…

    “विधि…प्लीज थोड़ा आराम से….!!

    विधि और बेरहमी से करने लग जाती और कहती…”मेरी अगर बात नहीं मानी तो इससे भी ज़्यादा बुरी तरह सज़ा दूंगी…!!

    सोमया तड़प कर चीख रोकने की कोशिश में लग गई लेकिन विधि शैतानी मुस्कान लिए उसके होंटो से खेलती रहती पर चूमती नहीं…
    आखिरकार सौम्या विधि का चेहरा करीब किये होंट से होंट मिलाये चूमने लगी…

    सौम्या विधी के हाथों में छूट गई तो विधि अपनी उंगलियां चाट गई…
    फिर उसकी टांग उठाके चूमने लगी..

    दोनों ऐसे ही ज़मीन पर पड़ी मदहोश रही..
    सौम्या उठने को हुई की विधि ने उसे वापिस से बांहो में भर लिया और बेड पर पटक दिया और अपने बड़े बड़े बोबीज़ को उसके सीने पर रगड़ने लगी..

    “वी….धी….मत कर….जान निकल जाएगी…!!सौम्या ने विधि का हाथ अपने निचे से हटाने की जुर्रत की तो विधि झुक कर उसके गर्दन पर काटने लगी..

    “आहहहह अह्ह्ह्ह…ममममम मेरी प्यारी सोमी इतनी ज़्यादा….ज़्यादा गीली होगई…!!विधि उसके होंट को कभी चूसती तो काटने लग जाती…
    सौम्या के हाथ भी बहक कर विधि के निचले हिस्से में पहुंच गए तो विधि जोश में उसके सीने पेट को सहलाने लगी..
    विधि और सौम्या दोनों ही एक साथ कम हुई और सौम्या हँस पड़ी…

    विधि बस तेज़ तेज़ सांसे लेती रही…
    सौम्या उसके ऊपर बैठकर बोली…”क्यों थक गई ना…!!

    “रुक अभी बताती हूं….!!विधि उसके गालो को चूमने लगी तो सौम्या हंसती ही रही..
    फिर दोनों एक दूसरे की बांहो में जकड़ी खेलती रही…

    Continued…

  • 8. Chapter 8

    Words: 1373

    Estimated Reading Time: 9 min

    रूहान विधान को इग्नोर कर रहा था और एक ही रूम में रहके उससे नज़रे मिलाने से बच रहा था..

    विधान को तो बस उसकी हरकतों पर प्यार आरहा था,,वह उसका छोटा खरगोश मुंह फुलाए नज़रे नहीं मिला रहा था…

    आज भी दोनों कॉलेज से आए तो रूहान पहले शॉवर लेने जाने लगा तो विधान पहले चला गया..

    रूहान का तो पसीने से बुरा हाल हो रहा था प्लस हॉस्टल रूम में एक ही पंखा चलता था…ऊपर से इतनी तेज़ गर्मी…
    हॉस्टल तक ही आते आते हालत खराब हो जाती थी…

    रूहान बस बैठा पसीने से परेशान था…
    ज़ब विधान बिना ही टॉवल लपेटे ऐसे ही वाशरूम से बाहर निकल आया..
    रूहान चीख पड़ा तो विधान उसके करीब आया और कसके अपना हाथ उसके मुंह में जमा दिया..

    “चीख क्यों रहा है…!!

    रूहान ने ना में गर्दन हिला दिया तो विधान ने अपना हाथ उसके मुंह से हटा दिया और बोला…”मैं टॉवल ले जाना भूल गया था…!!

    रूहान की नज़र तो विधान के निचले हिस्से में बड़े से रोड पर टिकी थी…
    रूहान का गला सूखने लगा..

    “यू वांट टू सक…..!!?

    रूहान को होश आया और वह ना में जल्दी से गर्दन हिला गया लेकिन विधान समझ गया की उसका छोटा खरगोश क्या चाहता है…

    विधान वैसे ही उसके करीब आया और रूहान के गर्दन में हाथ डाल कर उसे निचे झुका दिया…

    “कॉमन सक इट….!!
    रूहान के आँखों के सामने इतना बड़ा विधान का रोड था…वह खुद को रोक नहीं पाया और हाथों में पकड़के मुंह में लेकर ज़ुबान फेरने लगा..

    “आह्हहहहहहह मेरे छोटे खरगोश….!!विधान आराम से बैठ गया और रूहान के सिर को आराम से आगे पीछे कर गया..

    रूहान बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रहा था पर विधान को देख खुद और कण्ट्रोल भी नहीं रहता था…
    रूहान काफ़ी देर तक सक करता रहा तभी अचानक विधान ने रूहान को रोका और कम होगया…

    “सो…सा…सॉरी…वह मैं….!!रूहान अटक अटक कर बोलने की कोशिश करने लगा..
    विधान ने झुक कर रूहान के होंटो को चुम लिया..

    “शर्मिंदा होने की कोई ज़रूरत नहीं है…तू भी इंसान है तेरए भी दिल ओ जज़्बात है…!!

    रूहान के गाल शर्म से लाल पड़ गए तो विधान उसे बांहो में जकड़ के बोला..”पगले बस कर वरना तुझे देख फिर कुछ गुस्ताखी कर दूंगा…!!

    रूहान जल्दी से नहाने के लिए वाशरूम भाग गया तो विधान मुस्कान लिए कपड़े पहनने लगा..

    रात हुई रूहान बुक्स खोलके बैठ गया..

    “अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह प्लीज बेबी सलो….मत करो ना…!!
    विधान मोबाइल हाथों लिए बड़े मज़े से मूवी देख रहा था..

    वही रूहान नोट्स पढ़ रहा था वह चीड़ गया..

    “ये लड़का कितना गंदा है….!!

    “भाई तुझे जो भी देखना है आवाज आहिस्ता कर देख मैं यहाँ पढ़ रहा हूं,, तेरी तरह बेकार नहीं हूं…!!रूहान को अब खुद पर शर्म आनी लगी..

    “मैं कल ही वार्डन से बोलकर अपना रूम चेंज करवाता हूं,,तेरे जैसे रूममेट के साथ मेरा गुज़ारा नहीं होगा…!!
    रूहान को बेहद गुस्सा आया और वह बुक्स साइड कर अपनी तरफ की लाइट ऑफ कर सोने चला गया..
    जबकि वह आँखे बंद कर जागा हुआ था,,उसे डर था कहीं विधान उसकी इज़्ज़त पर ही हमला ना करदे…

    “सुन ना नाराज होगया क्या….!?विधान उसके बेड पर आके बैठ गया..

    “भाई….भाई तू मेरे बेड पर क्यों आगया…!!रूहान डर से उठके बैठ गया..

    विधान बोला…”भाई नहीं तू मुझे विधान बोल सकता है,,तू बहुत प्यारा है…!!

    रूहान को लगा किसी ने उसके सिर पर ठंडे पानी का घड़ा फोड़ दिया हो..

    “क्या मतलब है…देखो मैं उस टाइप का लड़का नहीं हूं…!!
    रूहान डर से पीछे हटने लगा बट विधान के आँखों में खुमारी बढ़ती ही गई..

    “हेय भगवान अब मैं क्या करूँ….अगर ये ऐसी हरकत करेगा तो मैं  अपनी पढ़ाई कैसे करूंगा…!!रूहान मन में खुद से बोला..
    विधान की तेज़ गर्म चलती सांसे उसे पिघला रही थी…

    “शर्मा रहा है….!!?
    विधान हँस पड़ा और उसके माथे पर किश कर उठ गया..

    रूहान ने ठंडी सांस भरी और अपने गुलाबी पड़ते चेहरे पर पसीना पोंछा…
    लेकिन विधान को शर्ट उतारता देख उसकी आँखे फ़टी की फ़टी रहगई..

    “क्या…कपड़े क्यों उतार रहे हो…!?रूहान की आवाज हलक में अटक गई..

    विधान के सिक्स पैक और मज़बूत दूधिया बाज़ू देख रूहान मुंह पर हाथ रख गया..
    रात का वक़्त था और डिम लाइट से कमरे का माहौल अजब सा नशा पैदा कर रहा था…

    “मुझे बहुत तेज़ गर्मी लग रही है…!!विधान की मुस्कान देख रूहान जल्दी जल्दी ना में गर्दन हिलाने लगा..

    विधान ने रूहान की तरफ देखा और कहा..”वह लड़की क्या नाम है उसका….!?
    हाँ सौम्या बता रही थी कि तेरी कोई जुड़वाँ बहन भी है…!?

    रूहान बोला…”हेंहहहहहहहह…किसने कहा मैं एकलौता हूं…”

    “अच्छा फिर….कोई नहीं है तब तो मुझे…मुझे तुझसे ही काम चलाना पड़ेगा…!!

    रूहान का तो डर से बुरा हाल हुए जा रहा था..

    विधान उसके करीब जाके बैठ गया और रूहान के सीने को टी.शर्ट के ऊपर से ही मसलने लगा..
    रूहान घबराहट और सिसकते हुए विधान के गले लग गया..
    विधान शरारत से मुस्कुराते हुए विधान के कमर को थाम लिया और किसी छोटे बच्चे की तरह गोद में बैठा लिया…

    विधान उसकी शर्म से झुकी नज़रो को देखा और उसका चेहरा पकड़ ऊपर उठाया और धीरे से अपने होंट उसके होंट के करीब ले जाके रुक गया..

    रूहान को बहुत बुरा लगा और वह झट से हिम्मत कर विधान के होंटो को अपने होंटो से सील गया..
    विधान समझ गया कि रूहान गर्म होगया है…
    विधान ने रूहान को अच्छे से बहका दिया था…

    फिर वह रुक गया जैसे होश में आगया हो और बोला..”वी…विधान ये ग़लत है…!!

    लेकिन विधान ने उसे गर्दन से पकड़ते हुए कहा…”तूने मुझे तड़पाया है अब अगर ग़लत सही की बात की तो माँ क़सम यही तुझे…
    विधान बोला नहीं उसके गालो पर मुठिया कस दी जिससे रूहान का मुंह खुल गया…
    विधान ने फौरन अपनी ज़ुबान रूहान के मुंह में डाल दी…
    रूहान भी बेकाबू होगया और विधान का साथ देने लगा..
    दोनों की ज़ुबान आपस में टकरा रही थी,,विधान का जूनून बढ़ता ही जा रहा था,,वह रूहान के होंटो का रस चख कर और ज़्यादा मदहोश होगया और होंटो पर बेदर्दी से काटने लगा..

    रूहान को अब कुछ ग़लत सही समझ ही नहीं आरहा था… विधान का हाथ उसके कमर को सहला रहा था…

    विधान ने रूहान को सांस लेने की मोहलत दी और कहा…”चल अब जल्दी से अपनी टी.शर्ट उतार…!!

    रूहान ने बिना वक़्त गवाए ही अपनी टी.शर्ट उतार दी और थोड़ी झिझक से सिमट गया..

    “वाह्ह्ह रे मेरे छोटे खरगोश तेरे निपलस तो लड़कियों जैसे बड़े ही गुलाबी है…!!विधान थोड़ी सख्ती से उसके सीने को उंगलियों के बिच मसलने लगा..

    “प्लीज ऐसा मत करो…!!रूहान को दर्द हुआ…

    “मैं तो करूंगा और अब हर रात यही करूंगा…!!विधान ने रूहान की पैंट खींच के उतारी और उसपे सवार होगया…

    विधान ने रूहान का कमर पीछे से उठाते हुए थोड़ी थूक लगाई और झटके से रूहान के अंदर समा गया..
    रूहान बेडशीट को कसके पकड़ गया और दर्द बर्दास्त करने लगा..

    “कुछ देर बर्दास्त कर फिर सब सही हो जायेगा…!!विधान आराम से झटके मारना लगा..
    रूहान की सिसकयां तेज़ निकलने लगी..
    विधान उसकी आंहे सुन जूनून में आगया और तेज़ होता चला गया…
    आधे घंटे बाद विधान के गोद में रूहान बैठा राइड कर रहा था और विधान उसके निपलस को हाथों से मसल रहा था..

    “विधान..प्लीज बी जेंटल…!!

    “ओके मेरे खरगोश…!!विधान उठ बैठा और उसके गर्दन पर ज़ुबान चलाने लगा..

    “अहह…अह्ह्ह्ह प्लीज ऐसा मत करो…अह्ह्ह प्लीज….!!रूहान विधान को अपने गर्दन से दूर कर गया तो विधान उसके कमर और बाजाओं को बांधे रूहान के आँखों में देखने लगा..

    “यू लव मी….!!

    “यस आई डु बट….रूहान की नीली आँखे इधर उधर भटकने लगी तो विधान ने एक ज़ोरदार स्ट्रोक लगाया तो रूहान विधान के गले में बांहे डाल गया..

    “यस आई लव यु….!!
    आई निड यु…!!

    विधान उसके गालो को मज़बूती से पकड़ते हुए बोला..”डेट्स माय गुड बॉय….!!

    फिर थोड़ी देर बाद रूहान को बांहो में जकड़े विधान उसके ऊपर लगातार उसकी आँखों में देखे जा रहा था..

    “मुझसे शादी करोगे…!!

    “मैं…लेकिन मैं तो बहुत नार्मल लड़का हूं…!!रूहान हैरान रहगया..

    “तुम मेरे लिए बहुत ज़्यादा ही खास हो…मेरे छोटे खरगोश…!!
    रूहान थोड़ा शर्मा गया…

    रूहान की नीली आँखों में इकरार था..“अभी फिलहाल हम पढ़ाई पर धियान देना है फिर कुछ सोचेंगे…तब तक तुम मेरे बॉयफ्रेंड बन सकते हो..”

    “सोचेंगे क्या…अबसे तुम्हारा बॉयफ्रेंड हस्बैंड सब मैं ही हूं…!!विधान उसके नाक को काटने लगा..

    “अह्ह्ह ओके…!!रूहान ने विधान का चेहरा पकड़ा और दुबारा दोनों के होंट एक दूसरे से जुड़ गए…

    To_be_continued…

  • 9. Chapter 9

    Words: 1270

    Estimated Reading Time: 8 min

    रूहान उठा और वाशरूम से फ्रेश होकर बाहर निकला और हाईनेक वाली टी.शर्ट पहन ली क्यूंकि गर्दन में हर जगह विधान के हिकी के निशान थे..
    रूहान की नीली आँखे मुस्कुरा रही थी,,तभी विधान आँख मलता हुआ उठा और उसके करीब आता हुआ बोला…”गुडमॉर्निंग….दो मिनट रुकना मैं अभी तयार होकर तेरे साथ कॉलेज चलता हूं…”

    ओके…!!रूहान बाल संवारने लगा…

    विधान जल्दबाजी में नहा कर बाहर निकला और तयार होकर रूहान का हाथ पकड़े कॉलेज पहुंचा…
    रूहान थोड़ा शर्मा रहा था वही विधान पूरे हक से उसका हाथ पकड़े चल रहा था..
    कई लोगों की नज़र दोनों पर पड़ी…

    सौम्या और विधि भी दोनों को यूँ साथ देख मुस्कान लिए ख़ुश हुई…

    रूहान ने सारे क्लास अटेंड किये और फिर लाइब्रेरी से दो तीन बुक लिए…
    विधान बस ख़ामोशी से रूहान की गंभीरता देखते रहा…
    रूहान पहले ही दिन सब प्रोफेसर के नज़रो में आगया था क्यूंकि वह बेस्ट और इंटेलिजेंट स्टूडेंट था…
    वही विधान एवरेज स्टूडेंट था…

    रूहान जैसे ही केंटीन आया विधान ने उसे धरदबोचा…

    “क…क्या हुआ….!?

    विधान आइबरों उठाके बोला…”कुछ नहीं बस यही सोच रहा हूं की तू बड़ी मेहनत कर रहा है…डोंट वरी मेरे पास आलरेडी नोट्स हैँ और डरने का नहीं बस ये समझ ले कि मेडिकल कॉलेज मेरे बाप का ही है..”

    रूहान सीरियस होते हुए बोला..”फिर भी…विधान हमें स्टडी को सीरियस लेना चाहिए…”
    विधान ने रूहान की प्यारी नीली आँखों में सीरियसनेस देखि तो मुस्कुरा पड़ा..

    “ओके….मैं सीरियस हूं बट क्या तुम मुझे लेकर सीरियस हो…!!

    रूहान सकपका गया और शर्मिंदा होते हुए बोला..”विधान प्लीज कण्ट्रोल…मुझे बहुत हर्ट हुआ है और मैं सही से चल भी नहीं पा रहा हूं…”

    विधान उसके थाई पर हाथ रख मसलने लगा…”आदत हो जाएगी और मेरी आदत डाल लो क्यूंकि मैं बख्शने वाला नहीं हूं…”

    रूहान थोड़ा घबरा उठा और उसके गाल लाल पड़ गए,,वह इतना ज़्यादा शर्मा गया की उसके कान तक गुलाबी पड़ गए..

    विधान जूनून में अपनी दाढ़ी खुजाने लगा और रूहान की हालत देख उसकी आँखे शरारत से चमकी…
    रूहान के नीली आँखे शर्म से झुक गई ज़ब विधान उसके पैंट की ज़िप खोल गया..

    “वी…विधान हम पब्लिक पैलेस में है…!!रूहान ने आहिस्ता से कहा तो विधान उसकी तरफ झुकता हुआ बोला…”अपने चेहरे के एक्सप्रेशन को कण्ट्रोल में रखो,,कोई हमारी तरफ धियान नहीं दे रहा है..”
    क्यूंकि वह दोनों गोल टेबल में बैठे थे इसलिए वहाँ हॉस्टल के और भी लड़के आके बैठ गए…
    सब ने छोले पूड़ी आर्डर की और विधान की तरफ देख बातों में लग गए…
    रूहान मुठियाँ भींचे तेज़ तेज़ सांसे लेने लगा…
    “अहहहहहहहहहह…..अह्ह्ह्ह….!!विधान के हाथ तेज़ी से रगड़ कर गर्मी पैदा कर रहे थे…

    तृषाण रूहान की तरफ देख बोला..”क्या हुआ रूहान…तबियत तो ठीक है ना,,चेहरा लाल पड़ रहा है…!!?

    गौतम भी हैरानी से बोला…”ज़ब तबियत सही नहीं थी तो कॉलेज क्यों आए हो…!?

    विधान भारी आवाज में बोला…”सही बात….पर कोई नहीं मैं हूं ना,,मैं रूहान को हॉस्टल छोड़ आता हूं…!!
    विधान उठा और शैतानी मुस्कान के साथ रूहान को कंधे पर लाद लिया और सबको बाय कर हॉस्टल की तरफ बढ़ गया…

    हॉस्टल रूम पहुंचते ही रूहान ने बेताबी से विधान के होंटो को चूसना शुरू किया…
    विधान भी उसके गालो को मुठियो में दबाये दांतो से काटता रहा…
    विधान के ज़ुबान रूहान के होंटो का रस चख रहे थे,,वही रूहान की सांसे उखड़ने लगी तो विधान ने उसके निचले होंटो को पकड़के खिंचा और कहा…”बस बस…होगया लम्बी सांसे लो…!!

    रूहान ने लम्बी सांस ली और विधान के सीने में मुंह छुपा गया…

    “तुम मुझे यूँ तड़पाते क्यों हो क्यों इतना बेकरार कर रहे हो….!!
    रूहान मासूमियत से उसके सीने पर मुक्के मारने लगा..

    “अरे….नाराज हो क्या छोटे खरगोश….!!विधान ने उसके कमर को और ज़्यादा खुद से सटा लिया और रूहान की नीली आँखों में देखने लगा…

    “मैं आलरेडी तेरी वजह से डिस्चार्ज होगया हूं अब ज़्यादा नखरे मत दिखा…!!विधान जूनून से सीने को मलने लगा..
    रूहान ने अपनी टी.शर्ट जैसे ही उतारी विधान ने उसे गोदी में उठा लिया…
    रूहान के दोनों पैर विधान के कमर से जकड़ गए और रूहान और विधान के ज़ुबान आपस में टकराने लगे…
    विधान उसके ज़ुबान का रस निचोड़े जा रहा था और दूसरे हाथ से वह उसके निपलस को मसल रहा था…
    रूहान किश करते करते रुक जाता और सिसकने लगता तो विधान उसके गर्दन पर होंट रखे चूमने लगता…

    “विधान प्लीज….कुछ करो…!!रूहान मुंह बना गया तो विधान ने उसके पीछे एक ज़ोरदार हाथ मारा और अपनी पैंट उतार फ़ेंकी…
    रूहान ने आँखे मुंद ली और विधान के रोड को पकड़े महसूस करने लगा..

    विधान ने रूहान के होल में दो ऊँगली डाली और अंदर बाहर करने लगा तो रूहान ने दर्द से चादर को जकड़ लिया..

    “विधान ये मत करो प्लीज…दर्द होता है…!!रूहान के चेहरे पर शर्म की लाली चढ़ती जा रही थी…
    विधान ने तेज़ी से उंगलियों की हरकत बढ़ा दी और कहा…”ये मैं इसलिए कर रहा हूं ताकि तुझे दर्द कम हो और तू पहले से तयार हो…!!
    विधान के हाथ पूरे गीले होगये क्यूंकि रूहान भी डिस्चार्ज होगया था…

    विधान ने एक ठंडी सांस ली और झटके से उसमे समा गया…

    “आह्ह…प्लीज विधा…विधान थोड़ा आहिस्ता,,मुझे बहुत दर्द होता है…!!रूहान के आँखों में आंसू आगये तो विधान ने रूहान के होंटो पर वापिस से होंट रख दिए…
    रूहान का दर्द कम हुआ तो वह भी विधान की तरह बहक गया और कमर उठा उठाकर धक्के सहने लगा…
    विधान उसके कमर पर झुकता चूमता रहा और तेज़ी से अंदर बाहर होता रहा तब तक जबतक वह थक कर निचे नहीं गिर गया…
    रूहान की सांसे भी तेज़ थी पर वह विधान को प्यार भरी नज़रो से देखते हुए उसके बड़े और मोटे रोड को रगड़ रहा था…
    विधान की बॉडी थोड़ी ही देर में अकड़ गई और वह कम कर गया..
    विधान चादर ओढ़े रूहान को पीछे से बांहो में लिए उसके पीठ पर जगह जगह दाँत गाड़े चूमता तो कभी उसके कमर को सेहलाता…

    “मेरा खरगोश….!!

    “लव यु विधान…!!

    “ओये लव यु के बच्चे….रुक अभी बताता हूं…!!विधान उसपे चढ़ गया और रूहान को ज़ोर के झटके देने लगा जिसपे दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते हुए मुस्करा रहे थे…

    —----•••

    वही दूसरी तरफ आज सौम्या और विधि सब प्रेजेंटेशन देकर रिलैक्स फील कर रही थी…

    “आह्हः सचमे कॉलेज वाले थका ही देते हैँ…!!

    “सही कहा..मुझे तो नींद आरही है,,गुडमॉर्निंग विधी…!!सौम्या बेड पर पसर गई तो विधि जो उसके लिए दिन से तड़प रही थी वह ज़्यादा बर्दास्त नहीं कर पाई और सौम्या की पैंट खींच के उतार गई…
    सौम्या ब्लैक कलर की पैंटी पहनके सो रही थी…
    विधि के मुंह में पानी भर आया क्यूंकि गोरा बेदाग मोटे मोटे उसके थाई बहुत ही ज़्यादा सेक्सी थे..
    विधि ने आराम से उसकी पैंटी उतारी और चेहरा करीब कर चूमा तो सौम्या सिसक पड़ी और आँख खोल कर विधि को देखा जो मुंह से लार टपकाये बिच की ऊँगली से सहला रही थी..
    सौम्या ने उसका चेहरा लेकर टांगो के बिच दबा लिया और गर्दन पीछे कर मस्ती भरी सिसकी मुंह से निकालने लगी..

    विधी के लचकिली और गीली ज़ुबान सौम्या के गहराई तक उतर कर उसे फूल सटिस्फीएड कर रही थी…

    “उम्मम्मम ह्म्म्मम्म यस यस विधि कॉमन और तेज़ी से…..जल्दी कर प्लीज….!!सौम्या एक्ससिटेड होकर चीखने लगी तो विधि ने एक ऊँगली भी डाल दी और तेज़ी से सक करने लगी की थोड़ी ही देर में विधी के ज़ुबान में ही वह छूट गई और विधि अपनी ज़ुबान से सब चाट गई…
    फिर विधि उसके बोबीज़ को दोनों हाथों से वाइल्डली मसलने लगी..

    सौम्या बालों में हाथ फेरे बस आंहे भरती रही और विधि उसके टॉप के अंदर हाथ डाले बोबीज़ और निपलस के इर्द गिर्द हाथों का स्पर्श दिए मसलती रही…
    सौम्या ने अपना टॉप उतार फेंका और विधि के कपड़े भी उतार फेंके...
    दोनों ऐसी ही ही एक दूसरी ही लिपटी प्यार में डूबी रही...

    To_be_continued…

  • 10. Chapter 10

    Words: 1020

    Estimated Reading Time: 7 min

    सौम्या शॉवर लेकर बाहर निकली और गुनगुनाने लगी…

    “तू ही मेरा प्यार सनम,,
    तू ही मेरा हौसला…
    तेरी चाहत है मुझे..
    तू करदे मुझपर कर्म…

    विधि भी उसी वक़्त रूम में आई तो सौम्या को टॉवल लपेटे गुनगुनाते देख बेचैन हो उठी..

    “सोमी बहुत ख़ुश लग रही है…!!विधि उसके पीछे जा खड़ी हुई तो सौम्या हाँ में गर्दन हिला गई..

    “हाँ यार बहुत ख़ुश हूं और साथ ही उदास भी…हमारा लास्ट ईयर जो चल रहा है अभी फाइनल्स देना है और फिर हाउस जॉब करना होगा…!!

    विधि उसे पीछे से बांहो में जकड़ती हुई बोली..”उदास मत हो मेरी जान,,हम हमेशा साथ रहेंगे और रही बात हाउस जॉब की तो मैं विधान भाई से बात कर कुछ जुगाड़ लगा लुंगी..”

    सौम्या ख़ुशी से चहक पड़ी..”सच में…!!

    विधि हंसती हुई बोली…”मुच में…!!

    फिर विधि उसके कमर को सहलाती ही रही और बोली…”हम ज़ब डॉक्टर बन जायेंगे तो शादी कर लेंगे और हमेशा साथ में रहेंगे..”

    “विधि…मैं भी तेरे साथ रहना चाहती हूं,,हमेशा तुझमे समाई रहना चाहती हूं…”सौम्या भावुकता से विधि के गले लग गई तो विधि मुस्कुराई और सौम्या का मूड सही करती हुई बोली..”हमेशा…फिर तो रोज़ रात को तुझे प्यार करूंगी और और…
    विधि सौम्या की आँखों में झाकने लगी और झुक कर उसके गर्दन को चुम लिया…

    विधि ने सौम्या को बेड पर गिरा दिया और उसके ऊपर आके उसके होंटो को चूमने लगी…
    सौम्या तो बस विधि के स्पर्श से बेताब हो उठी थी..
    सौम्या ने जल्दी से विधि के क्रॉप टॉप को ऊपर उठाया और उसके ब्लैक ब्रा से झाँकते बोबीज़ को मसलने लगी…

    विधि रुक गई और उठ बैठी,,सौम्या भी उठ बैठी और विधि के ब्रा का हुक खोल कर साइड में फेंक दिया..
    विधि के बड़े बड़े बोबीज़ आज़ाद होगये…
    सौम्या ने अपना टॉवल भी निकाल फेंका और वापिस से विधि से लिपट गई…

    विधि आराम से बेड पर लेट गई और सौम्या उसके चेहरे पर बैठ गई…

    “अह्हह्ह्ह्ह…ममममम माय….यस यस विधि….!!सौम्या उसके चेहरे पर बैठकर मदहोशी में चीखने लगी…
    विधि की ज़ुबान सौम्या के नाजुक पंखुड़ियों को सक कर रही थी,,धीरे धीरे उसकी ज़ुबान सख्ती से अंदर बाहर करने लगी तो सौम्या की सिसकियाँ तेज़ होगई…

    सौम्या का गोरा बदन काँप उठा और वह निचे बेड पर गिरी बहह निकली..
    विधि अपने ज़ुबान पर लगी पानी को गटक गई और फिर से सौम्या के टांगो के बिच आके मिडल फिंगर अंदर डाल कर जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगी..
    सौम्या चीख पड़ी और विधि का हाथ पकड़ लिया लेकिन विधि झुकी उसके थाई को दांतो से काटने लगी..

    “वी…विधि प्लीज होगया अब…मैं…मैं दुबारा कम होने वाली हूं…!!सौम्या लड़खड़ाती आवाज में बोली तो विधि ने तेज़ी से दो ऊँगली डाल कर रफ्तार तेज़ की और झुक कर ज़ुबान से चूसने लगी…
    विधि तेज़ आवाज के साथ छूट गई और पूरा ब्लैंकेट गिला होगया..

    विधि लेकिन सौम्या से अलग ना हुई और सब माल पानी चख लिया..

    “आह्हहह मेरी जान सोमी…तू बहुत ज़्यादा मीठी है…तेरी गहराई से निकलने वाली चिकनी मलाई मेरा फेवरेट है…!!
    सौम्या बस तेज़ तेज़ सांसे लेती रही…

    विधि ने सौम्या के मुंह में अपनी ऊँगली डाल दी और वह अपने थूक से चूसने लगी..

    “विधि लव यु….लव यु सो मच…तेरे तरह मुझे कोई सुकून नहीं दे सकता है…!!सौम्या ने विधि के आँखों में देखते हुए कहा तो दोनों के ज़ुबान आपस में टकरा गए और सौम्या उसके सीने के उभारो को मसलती रही…
    फिर विधि आँखे मुंदे लेटी रही और सौम्या उसके पेट को चूमती रही…

    _____••

    दूसरी तरफ विधान और रूहान स्टडी में पूरी तरह बिज़ी थे…
    कॉलेज हॉस्टल और कोचिंग क्लासेस…

    आज भी विधान रूहान के साथ नोट्स बना रहा था ज़ब रूहान ने टोका…

    “विधान…ये डायग्राम सही से नहीं बना है..!!

    विधान ने फ़्रस्ट्रेशन से बालों में हाथ फेरते हुए कहा…”शिट…ये तीसरी बार मुझसे ग़लत हुआ है…!!

    रूहान विधान के कंधे पर हाथ रख बोला..”विधान कोई नहीं…मैं ये बना दूंगा…वैसे भी हम बहुत थक गए हैँ तो क्यों ना थोड़ी देर का ब्रेक लिया जाए..”
    विधान ने हाँ में गर्दन हिला दिया..

    रूहान ने पानी का बॉटल खोल थोड़ा पानी पिया और मोबाइल लिए बैठ गया…

    विधान ने गर्दन तिरछी कर दर्द से छुटकारा पाया और बोला…”रुहु…मेरे छोटे खरगोश मैं बहुत फ़्रस्ट्रेशन में हूं तो क्यों ना एक सेशन कर लिया जाए..”
    रूहान अचानक ही विधान की बात सुन शर्मा गया…

    विधान कुछ नहीं बोला और जूनून से रूहान का शर्म से लाल पड़ता चेहरा देखने लगा..

    रूहान विधान के करीब आया और अपनी नीली आँखों में बेक़रारी लिए बोला..”विधान आई आल्सो निड यु वेरी बेडली..”

    विधान ने रूहान के कमर को कसते हुए कहा..”तब पहले क्यों नहीं बताया की तू तड़प रहा है..”
    रूहान फिर शर्मा गया तो विधान ने उसके पैंट का ज़िप खोल पेनिस बाहर निकाला और थोड़े से अपने थूक से गिला कर रगड़ने लगा..

    रूहान के बदन में करंट सा दौड़ गया और वह विधान के गर्दन में बांहे डाल आंहे भरने लगा…..
    विधान को यूँ तो परेशानी हो रही थी इसलिए उसने आराम से रूहान से कहा..”ऐसे नहीं…तू कपड़े उतार दे…”

    रूहान ने फौरन ही सारे कपड़े उतार फेंके और विधान के होंटो पर टूट पड़ा…
    विधान और रूहान तेज़ी से किश करने लगे…
    रूहान विधान के होंटो को ज़ोर से दांतो से चिबाने लगा…विधान कुछ नहीं बोला और तेज़ी से अपने हाथ चलाता रूहान को ठंडा करने लगा…
    रूहान रुका और सिसकते हुए झटके खाता हुआ शांत होगया….

    विधान हँस पड़ा…”बाप रे…तुझे इतनी गर्मी चढी थी…”
    विधान उसके पीछे हाथ ले जाके अपनी पेंट उतार कर अपना मेनहुड रगड़ने लगा..

    “विधान…प्लीज तड़पाओ नहीं और जल्दी से अंदर डालो…!!रूहान ने रिक्वेस्ट की तो विधान ने एक ज़ोरदार झटके से उसमे समा गया..
    विधान ने उसे गोद में उठा लिया और उसके गर्दन पर ज़ुबान फेरता रहा और दूसरी तरफ रूहान आगे पीछे होकर झटके बर्दास्त करता रहा…

    विधान ने उसे ज़मीन पर पटक दिया और उसके निपलस को काटने लगा तो रूहान विधान के बालों में हाथ फेरता रहा…

    “अहहहहहहहहहह रूहान…..!!!
    विधान चिखा और रूहान के अंदर ही छूट गया तो रूहान मुस्कुरा पड़ा…
    दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुराये….
    रूहान बेचैनी में विधान के बॉडी से अपना बॉडी रगड़ता रहा…और विधान सटिस्फीएड होता हुआ रूहान के सीने से लगा आँखे मुंद गया..
    अब वह बहुत अच्छा महसूस कर रहा था...

    To_be_continued…

  • 11. Chapter 11

    Words: 1416

    Estimated Reading Time: 9 min

    रूहान मुंह फुलाए बैठा था..

    विधान केंटीन में दूसरे लड़कों के साथ हँस हँस कर बातें कर रहा था..

    “हाँ प्लीज…मेरे छोटे खरगोश का ख्याल रखना ज़रा मुझे यूनियन मीटिंग अटेंड करने जाना है…!!विधान ने रूहान के माथे को छुआ जो जल रहा था..

    “उफ्फ्फ बुखार….अभी भी वैसा है…!!विधान परेशान होगया तो अभिषेक बोला..”भाई होगया तेरी बीवी नहीं है जो तू इतना परेशान हो रहा है,,हम पीछे में इसका ख्याल अच्छे से रखेंगे और अभी डॉक्टर को कॉल किया हैं,,डॉक्टर भी आते होंगे..”

    रूहान ने भी हाँ में गर्दन हिलाया तो विधान ज़बरदस्ती मुस्कुराया और चला गया…
    विधान का जाना ज़रूर था क्यूंकि वह यूनियन कमिटी का हेड था..

    रूहान वापिस से लेट गया और डॉक्टर आके मेडिसिन बदलकर चला गया..
    शाम होते होते रूहान का बुखार पूरा उतर गया…

    विधान और विधि दोनों ही कमिटी के मीटिंग में शामिल थे…

    विधान बहुत ज़्यादा परेशान सा दिख रहा था,,वह बार बार मोबाइल ऑन कर टाइम देखता…
    जैसे तैसे कर मीटिंग खतम हुआ तो विधान विधि से गले मिलकर वापिस लोट आया..

    रूम में आते ही विधान की नज़र रूहान पर गई जिसके करीब ही अभिषेक और अभिमन्यु खड़े उससे बातें कर रहे थे और उसके करीब रोनित बैठा उसके सिर पर प्यार से हाथ फेर रहा था..
    रूहान मायूसी से मुस्कुरा रहा था..

    “रुहु…तू ठीक तो है ना…!!विधान की आवाज पर रूहान का चेहरा खिल गया..

    “तुम वापिस आगये…!!रूहान की नीली आँखे चमक उठी..

    विधान ने सब लड़कों की तरफ देखा और शर्मिंदगी से बोला…”यारों तुम्हारा बहुत शुक्रिया,,मेरे छोटे खरगोश का ख्याल रखने के लिए…अब तुम लोग भी जाओ आराम करो..”

    “अब्बे विधान…तेरा ये छोटा खरगोश तेरे बिना बहुत उदास था,,अच्छा हुआ तू आगया वरना ये तो हमसे कुछ बातें ही नहीं कर रहा था..”राजेश रूम में आता हुआ बोला..

    अभिषेक हँस कर बोला..”हम दोस्त है यार,,इतना तो हमारा फर्ज बनता है की हम एक दूसरे की मदद करे…”
    विधान ने अभिषेक के पीठ में मुक्का जड़ दिया तो सब हँस पड़े…

    फिर सब रूम से चले गए तो विधान ने ठंडी सांस ली और रूम का दरवाजा बंद किया..

    “ओये अब भी नाराज है क्या…!?

    रूहान चादर लपेट कर सोगया…”मुझसे बात मत करो जाओ कॉलेज की मीटिंग में…!!

    विधान नरमी से मुस्कुरा उठा और बोला..”अरे इतना गुस्सा…!?
    देख ले माफ़ करदे वरना पछतायेगा…!!

    रूहान कुछ नहीं बोला और ओंधे मुंह लेटा ही रहा..

    “मेरे प्यारे…प्यारे खरगोश मैं खुद बहुत परेशान था..कि तेरा बुखार कल से उतर क्यों नहीं रहा है और अब जाके मेरी जान में जान आई है और अब तू नखरे मत दिखा..”विधान ने रूहान का चादर एक झटके में खींच कर निचे फेंक दिया..

    “गंदे….बदमाश मुझसे बात मत करो जाओ बाकि दोस्तों से बात करो..”रूहान चीख पड़ा..

    “आले अलीले….!!विधान रूहान का गाल पकड़के खींचने लगा…

    रूहान गुस्से में विधान के सीने में मुक्के मारने लगा और फिर मुंह फुलाए उसके ही सीने से लग गया..

    “वाह्ह्ह्हह्ह मेरे खरगोश…बड़ा अच्छा है प्यार जताने का…
    मुझसे ही गुस्सा और मुझसे ही प्यार,,सच सच बता मुझसे ज़्यादा देर दूर नहीं रहा जाता ना…!!

    “चुप रहो….!!रूहान उसके शर्ट के ऊपर से ही सीने में दाँत गाड़ गया..

    “अह्ह्ह्ह…रूहान के बच्चे….जितना प्यार दिखा रहा हूं उतना ही तू बढ़ते जा रहा है…!!विधान ने उसके गर्दन पर हाथ रख चेहरा सामने किया तो रूहान ने उसके होंटो पर होंट रख दिए…
    विधान ने आँखे बंद कर ली….

    थोड़ी देर बाद रूहान बेड पर विधान के निचे दबा उसकी आँखों में देख रहा था…
    रूहान की नीली आँखे अब भी खफा खफा सी थी..

    “तू तो ऐसे नहीं मानेगा…!!विधान शैतानी मुस्कान लिए बोला तो रूहान मुंह फेर गया…

    “हिम्मत है तुझमे की मुझसे दूर रहसके…!!विधान तड़पाने वाले अंदाज़ में बोला तो रूहान उसके गले में बांहे डाल गया…

    “नहीं…नहीं मैं तुमसे दूर नहीं रह पाउँगा..!!रूहान रो पड़ा तो विधान गुस्से में बोला..”चुप…रोना नहीं,,मैं तेरी आँखों में आंसू बर्दास्त नहीं कर सकता..”

    विधान ने जूनून में अपनी शर्ट उतार कर निचे फेंक दी और रूहान पर टूट पड़ा…

    “अह्ह्ह…अह्ह्ह्हह प्लीज विधान वेट…अह्ह्ह्ह……नहीं करो…!!विधान रूहान के गर्दन पर झुका बेदर्दी से काटे जा रहा था..
    रूहान तो पहले घबराया शर्माया लेकिन विधान का स्पर्श मिलते ही बहक गया…

    रूहान पसीने में भीग गया और लम्बी लम्बी सांसे लेने लगा…
    विधान उसके सीने को सक कर रहा था..

    “एहहह…अह्ह्ह्ह…प्लीज फ़ास्ट,,और करो….विधान लव…लव यु….प्लीज लव मी….!!रूहान सिसकते हुए रूहान के बालों में हाथ फेर रहा था…

    रूहान के निपलस लाल पड़ गए और पूरे सीने में रूहान के दांतो और चूमने से निशान बन गया…
    रूहान ने विधान को अपने ऊपर किया और उसके होंटो को चूमने लगा..
    दोनों की ज़ुबाने आपस में टकरा कर खेलती रही..
    रात ज़्यादा गहराई तो रूहान थक कर विधान के सीने से लगकर सोगया…
    विधान ने आज रूहान पर रहम कर दिया क्यूंकि वह आलरेडी बीमार था..

    विधान ने रूहान को एक नज़र देखा जो उसके सीने से लगा किसी छोटे मासूम बच्चे की तरह सो रहा था..

    “कितना प्यारा है मेरा खरगोश…लव यु…मममम लव यु मेरा बच्चा सो मच…बस मुझसे दूर कभी मत जाना और नाराज…मैं तुझे कभी नाराज होने दूंगा ही नहीं…!!
    विधान ने उसका माथा चूमा और आराम से रूहान का सिर तकये में रख उठ खड़ा हुआ…

    विधान ने एक लम्बी अंगड़ाई ली और कपड़े अलमारी से लिए वाशरूम की तरफ बढ़ने लगा की रूहान उठ बैठा…

    “क्या…इस वक़्त क्या कर रहे हो…!?

    विधान कंधे उचका के लापरवाही से बोला..”मैं बहुत थका हूं बस शॉवर लेना चाहता हूं..”

    रूहान की आँखे छोटी होगई और वह विधान के सामने आ खड़ा हुआ.. “दिमाग़ सही ठिकाने पर तो है ना,,रात के 2 बज रहे हैँ और ठंड कितनी और तुम्हे इस वक़्त शॉवर लेना है…!!
    नहीं नहीं…जाओ जाके सो जाओ समझे,,आलरेडी मुझे दो दिन से बुखार चढ़ा हुआ है अब लगता है तुम्हे भी अपनी तबियत खराब करनी है…कोई ज़रूरत नहीं है रात को शॉवर लेने की,,सुबह तक का इंतेज़ार करो..”

    विधान की काली आँखे चमकी और वह गंभीरता से बोला..”इतना हक जमा रहा है और यूँ जो मेरी फ़िक्र कर रहा है अगर…अगर मैंने हक मांग लिया तो…!!

    रूहान जल्दी से दो कदम पीछे हट गया और बोला..”फिज़ूल बातें नहीं और जाके सो जाओ..”
    विधान ने पीछे से रूहान की कमर के इर्द गिर्द अपनी मज़बूत बांहे को जकड़ लिया..

    “शशशश…तूने मेरी नियत बिगाड़ दी और अब…अब मुझे अपनी गर्मी और शांति के लिए शॉवर की नहीं तेरी ज़रूरत है…!!विधान रूहान के कानो की लोए को चुम गया…
    रूहान सीहर उठा और बेचैनी से बोला…”विधान…!!

    विधान बेहद प्यार से बोला…”हम्म्म सुन रहा हूं….!!

    रूहान नाराज़गी से बोला…”तुम बहुत बुरे हो बहुत ज़्यादा समझे….!!

    “अच्छा….!!विधान जानबूझकर उसके कमर को खुद से और ज़्यादा करीब कर गया…
    विधान ने रूहान के ट्रॉउज़र को निचे किया और आराम से उसके पेनिस को हाथों में लिए रगड़ने लगा…

    “देख ये कितना छोटा है बिलकुल तेरे दिमाग़ जैसा…!!
    विधान हँस पड़ा और रूहान विधान का बाज़ू पकड़के वही झटके खाने लगा..

    ”शांत…शांत मेरे खरगोश….!!विधान ने उसे गोद में उठा लिया और वापिस से बेड पर लेटा दिया…

    रूहान ने शर्म से चेहरा ढक लिया…

    “उफ्फ्फ अदाएं तो देख…मेरी जान लेकर मानेगा क्या…!!विधान ने अपना पैंट भी उतार फेंका और उसके होल पर लाकर रगड़ने लगा….

    “विधान प्लीज तड़पाओ नहीं…जल्दी करो…!!रूहान की आवाज लड़खड़ा गई क्यूंकि विधान उसके टांगो को चुम रहा था…
    रूहान के दोनों टांग विधान की कमर से लिपट गए और वह पसीने में लतपथ हुए सिर से पैर तक गुलाबी पड़ गया…
    अब दर्द नहीं होता था क्यूंकि विधान की आदत होगई थी…

    विधान जानबूझकर तेज़ झटके देता की रूहान उससे बेकरार होकर लिपट जाता…

    “रुहु…मेरा सिर्फ मेरा रूहान….मेरा खरगोश….!!
    विधान उसकी नीली आँखों में देखता मुस्कुराहट लिए देखता तो रूहान उससे नज़रे नहीं मिलाता…

    “क्या हुआ…मज़ा नहीं आरहा क्या…!?

    “छी बेशर्म….!!रूहान बोलता तो विधान हँस पड़ता और उसके होंटो को काटने लगता…
    रूहान तेज़ तेज़ सांसे लेता रहा और हलकी सी सिसकी के साथ डिस्चार्ज होगया लेकिन विधान नहीं हुआ तो वह रूहान की हालत देख पीछे होगया और बोला…”अब इसका कुछ कर क्यूंकि ज़्यादा तू बर्दास्त कर नहीं सकता और ये भी….

    रूहान ने विधान के खड़े और अकड़े हथियार को देखा तो बोला…”मैं डिस्चार्ज होगया हूं और अब नहीं…!!

    “अब्बे कुछ कर…प्लीज…मैं…मैं तेरी तरह जल्दी छूटता नहीं हूं पता है ना तुझे…अब मुझे कौन शांत करवाएगा…!!विधान ने अपने हाथों से मसलने लगा तो रूहान झुक कर हाथों में पकड़ गया और पेनिस को मुंह में लिए तेज़ी से सक करने लगा जिससे विधान आँखे मुंद गया और रूहान के बालों में हाथ फेरते रहा और कुछ ही देर में वह भी डिस्चार्ज होगया…

    “अह्ह्ह्हह शुक्रिया…मेरे खरगोश…!!विधान ने रूहान को देखा जिसके मुंह में सफ़ेद मलाई लगी हुई थी..
    विधान ने उसे बेड पर धकेल दिया और एक बार फिर उसपे सवार होगया…

    To_be_continued…

  • 12. Chapter 12

    Words: 1066

    Estimated Reading Time: 7 min

    रूहान ज़ब आज यूनिवर्सिटी आया तो उसकी टककर सौम्या से होगई…

    रूहान झुक कर अदब से बोला..”केसी हैँ आप…!?

    सौम्या मुंह बना कर बोली..”मुझे क्या होना है मैं बिलकुल सही हूं पर तुम ही मुझे भूल गए हो…”

    रूहान ना में गर्दन हिला गया…

    “नहीं जी ऐसी कोई बात नहीं है बस फर्स्ट सेम के एग्जाम चल रहे हैँ और उसी में लगा हुआ है..”

    सौम्या ने रूहान के कंधे पर प्यार से हाथ रखते हुए कहा…”कोई भी परेशानी हो या कुछ नोट्स वगेरा चाहिए तो बेझिझक मुझे बताना..”
    रूहान मुस्कान लिए हाँ में गर्दन हिला गया..

    फिर सौम्या उससे बातें करते हुए यूनिवर्सिटी के कैंपस की ओर बढ़ने लगी..

    रूहान ने सवाल किया..“विधि केसी हैँ…!?

    सौम्या हँस कर बोली…”एकदम मस्त और तुझे कल ही याद कर रही थी…
    खेर हम तो लास्ट सेम है,,एग्जाम दे दिया है और बस रिजल्ट आउट होगा तो हम हॉस्टल से चली जायेंगे फिर देखते है आगे क्या होगा…!!

    रूहान ने अचानक ही पूछा..”क्या विधि और आप का झगड़ा हुआ है…!?

    सौम्या ने रूहान का गाल खिंचते हुए कहा..”नहीं…बिलकुल भी नहीं…बस हम थोड़े ज़्यादा ही टेंशन में है,,मेडिकल की डिग्री जो मिलने वाली है फिर हॉउस जॉब भी करना होगा…”

    रूहान हाँ में गर्दन हिला गया और बोला..”तो क्या आप लोग हमेशा साथ रहेंगी…”

    सौम्या रुकी और मुंह फुला कर बोली..”क्यों…हमें नज़र लगा रहे हो…!!
    मेरी बस यही ख्वाहिश है की मैं विधि के साथ पूरी उम्र गुज़ार दूँ और मुझे कुछ नहीं चाहिए सिर्फ विधि और उसका प्यार मेरे लिए काफ़ी है…”
    रूहान सौम्या की बातें सुन समझ गया की वह विधि से कितनी बेशुमार मोहब्बत करती है…

    रूहान सीने पर हाथ रखे सिर झुकाये गंभीरता से बोला…“मुझे नहीं पता…लेकिन मैं भी यही चाहता हूं कि विधान और मैं हमेशा साथ रहें..पर मुझे बहुत डर लगता है क्यूंकि मेरे और विधान के स्टेटस में बड़ा फर्क है…”

    “ओहो तुम ज़्यादा ही सोच रहे हो,,अगर प्यार करते हो तो अपने प्यार पर यकीन रखो..”सौम्या रूहान को हौसला देने लगी..

    फिर सौम्या आगे बढ़कर अपने क्लास चली गई…
    जहाँ क्लास खाली हो चुकी थी..

    विधि सौम्या को डांट लगाती हुई बोली…”ओहो…तो अब तू आरही है,,क्लास ज़ब खतम होगये…ऐसे भी आज क्लास में कुछ खास हुआ नहीं बस प्रोफेसर शिवाय हमसे कुछ क्वेश्चन आंसर कर रहे थे…”

    सौम्या ने तब ख़ुश होते हुए कहा..”तब अच्छा है मैं नहीं आई वरना मेरे कान पक जाते…”

    विधी अपना मोबाइल बैग में रखती हुई बोली..”वैसे तुझे देर कहाँ लग गई…”

    सौम्या ने मुस्कुराते हुए कहा…”अरे कुछ नहीं बस रूहान मिल गया था और हम बातों में लग गए…”

    विधी हाँ में गर्दन हिला गई…
    सौम्या उसके करीब आती हुई कानो में बोली..”रूहान मुझसे पूछ रहा था की क्या हम दोनों हमेशा साथ रहेंगे तो मैंने भी कह दिया हाँ हम दोनों हमेशा साथ रहेंगे..”

    विधि मुस्करा पड़ी और सेडुक्टिव आवाज में बोली…”हाँ बात तो तेरी सही है….फिलहाल तो क्लास में कोई नहीं है क्यों ना एक प्रैक्टिकल कर लिया जाए…”

    सौम्या तो हमेशा विधि के लिए तड़पती ही रहती थी…
    विधि और सौम्या ने एक दूसरे के आँखों में देखा तो सौम्या आहिस्ता से बोली..”फक मी प्लीज…”
    विधि सिटी बजाने के अंदाज़ में होंट गोल कर गई और सौम्या के स्कर्ट के ऊपर हाथ फेरती रही फिर धीरे धीरे अपना हाथ उसके लॉन्ग स्कर्ट के अंदर ले गई और उसकी पैंटी को खींच कर निचे कर अपनी उंगलियों से सेहलाने लगी…

    दूसरी तरफ सौम्या उसके गले लग गई और आँखे मुंद गई…

    “अह्हह्ह्ह्ह सौम्या तू हमेशा इतनी वेट क्यों रहती है…”विधी की उंगलियां अंदर चली गई तो सौम्या होंटो को दाँत से दबाये रही…

    “प्लीज आवाज नीची रखना क्यूंकि हम क्लास में हैं..”विधि तेज़ी से रगड़ने लगी तो सौम्या की आंहे निकलने लगी..

    “ओके…”सौम्या जैसी ही बोली तभी कुछ लड़कियां क्लास में आई तो विधि और सौम्या अलग हुई…

    “अरे तुम दोनों यहाँ क्या कर रही हो,,चलो केंटीन चलते हैँ…!!यशवती बोली तो विधि जल्दी से बोल पड़ी…”सॉरी गर्ल्स एक्चुअली सौम्या के पीरियड हिट कर गए हैँ इसलिए ये यहाँ कुछ देर अकेले रहना चाहती है..”

    प्रियंका बोली…”ओह्ह्ह…कोई नहीं फिर तुम वाशरूम जाओ और ये लो मैं हमेशा एक्स्ट्रा पेड्स रखती हूं…”
    सौम्या ने ज़बरदस्ती मुस्कुराते हुए पेड्स ले लिया और विधि का सहारा लिए वाशरूम चली आई…

    वाशरूम में इस वक़्त कोई नहीं था…
    सौम्या ने जल्दी से वाशरूम का डोर लॉक किया और विधि की तरफ देखा…

    विधि सौम्या के तरफ आई और बोली..”यूँ छुप छुपकर प्यार करने में बड़ा मज़ा आता है…”
    सौम्या की हरि आँखों में शरारत चमकी और वह विधि के होंटो पर होंट रख चूमने लगी…

    “सोमी….मेरी जान….!!विधि रुकी और सौम्या का स्कर्ट निचे खिसका के झुक कर बैठ गई और जल्दी से अपनी दो उंगलियां उसकी सॉफ्ट स्पॉट में ले गई तो सौम्या अपना स्कर्ट पकड़े कराहने लगी…
    सौम्या धीरे धीरे बेहह निकली तो विधि उठी और अपनी उंगलियां सौम्या के मुंह में डाल गई तो वह सक करने लगी फिर विधि हंसी और ऊपर से ही सौम्या के बूबीज़ को दबा गई और बोली..”कण्ट्रोल मेरी जान….हॉस्टल चलते हैँ फिर वहाँ कमरे में आज रात भर मैं तेरी सिसकियाँ ही सुनूंगी…!!
    सौम्या लज्जा के मुस्काई तो विधि को उसपे बहुत प्यार आया और उसने वापिस से अपने होंट उसके होंटो पर रख शिद्दत से चूमने लगी..

    —---------

    और ना जाने क्यों रूहान को घबराहट होने लगी..

    रूहान क्लास में आया तो विधान प्रोफेसर नताशा से बात कर रहा था…
    और बाकि लड़के भी प्रोफेसर नताशा को घेर कर खड़े थे…
    रूहान भी उनके करीब जा खड़ा हुआ लेक्चर सुनने लगा…

    थोड़ी देर बाद लेक्चर खतम हुआ तो रूहान विधान की तरफ बढ़ा लेकिन विधान अभिषेक से बातों में लग गया..
    अभिषेक हाथों में नोट्स लिए था और विधान मोबाइल से पिक्चर्स क्लिक कर रहा था…
    फिर विधान खुद ही रूहान के करीब आया तो रूहान आगे बढ़ गया…

    विधान रूहान के पीछे भागता हुआ आया और बोला..”ओये तुझे क्या हुआ…!?

    रूहान उदासी से बोला..”कुछ नहीं बस थोड़ी अजीब सी फिलिंग आरही है..”

    विधान बेशर्मी से उसके कमर को खींच के खुद से सटा गया और बोला…”अजीब सी फिलिंग…मतलब तेरे मूड स्विंग हो रहे हैँ क्या…!?
    रूहान शर्म से इधर उधर देखने लगा..”वी…विधान…लोग देख रहे हैँ दूर रहो…!!

    विधान ने इधर उधर देखा जहाँ सचमे लड़के लड़कियां उन्हें घूर घूर कर देख रही थी..

    “अच्छा फिर चल क्लास चलते हैँ अभी दो क्लासेस बाकि है…!!

    रूहान ने विधान की तरफ देखा और बोला..”नहीं…मेरा आज क्लास करने का मन नहीं है…”

    विधान ने रूहान की नीली आँखों में देखा और सवाल कर गया..”तब क्या करना चाहता है मेरा छोटा खरगोश…!!

    To_be_continued…

  • 13. Chapter 13

    Words: 776

    Estimated Reading Time: 5 min

    रूहान ने नज़रे फेर ली क्यूंकि उसके गाल गुलाबी पड़ने लगे थे…

    विधान ने ठंडी सांस ली और रूहान को खींच कर टॉप रूफ ले आया जहाँ कोई आता जाता नहीं था और यहाँ पर टूटे बेंच और पुराने टेबल वगेरा पड़े थे….

    “विधान…मुझे एक बात का डर लगा रहता है,,कहीं तू..तुम मुझे छोड़ तो नहीं…
    विधान ने रूहान के गालो को पकड़ा और बेदर्दी से अपने होंट उसके होंटो से मिला दिए…
    रूहान कुछ बोल ही नहीं पाया…

    “विधान…अह्ह्ह पहले मेरी बात सुनो प्लीज…!!रूहान ने विधान से अपने होंट बड़ी मुश्किलों से छुड़वाये लेकिन विधान ने उसके बालों को दुबारा से जकड़े होंटो को अपने होंटो से सील दिया…
    विधान हर बार की तरफ इस बार भी जूनून में आता बेकाबू होता पूरे हक से उसके होंटो को खींच खींच कर काट रहा था..

    रूहान उसके बांहो में मचलने लगा और दूर जाने की कोशिश में लग गया….

    रूहान ने विधान के सीने पर हाथ रख उसे दूर किया और बोला..”मुझ…मुझे सांस तो लेने दो…”

    विधान की काली आँखे अब भी रूहान के लाल होंटो पर टिकी थी…
    रूहान का दिल किया वह फिलहाल विधान की नज़रो से दूर चला जाए कोई शर्म की परत उसपे चढ़ गई थी…

    “अह्हह्ह्ह्ह….अह्ह्ह्ह मत करो….विधान…प्लीज स्टॉप इट…हम यूनिवर्सिटी में है कोई देख लेगा…!!रूहान पुराने टेबल पर बैठा सिसक रहा था और विधान आँखे मुंदे उसके गर्दन पर जगह जगह दाँत गड़ा रहा था…

    “विधान..मुझे…मुझे डर लगता है ….!!

    विधान रुका और उसके सीने को मसलने लगा तो रूहान बुरी तरह कांप उठा..

    विधान दोनों हाथों से उसके सीने को रगड़ते हुए बोला..”मुझसे डर लगता है…!?

    रूहान ना में गर्दन हिला गया और बोला..”न..नहीं…डर यह…तुम मुझे छोड़ तो नहीं दोगे….!?
    विधान ने रूहान की बात सुनते ही उसके टी.शर्ट को ऊपर कर उसके निपलस को दांतो से काटा…
    रूहान बस बेचैनी से विधान के बालों पर हाथ फेरता रहा….
    विधान उसके निपलस पर ज़ुबान फेरता उसके सीने को सक करता रहा….

    “हो…होगया…बहुत होगया…अब और नहीं…!!रूहान को लगा वह अपनी सिसकियाँ रोक नहीं पायेगा…

    विधान पीछे हटा तो रूहान के जान में जान आई लेकिन अगले ही पल विधान को पैंट से बेलट उतार कर दूर फेंकता देख वह डर गया…

    “घुटनो पर बैठ जाओ….!!

    रूहान समझ गया और घुटने पर बैठ गया तो विधान उसके करीब आया और पैंट से अपने पेनिस को निकाल कर रूहान के मुंह में दिया और उसका सिर पकड़ तेज़ी से आगे पीछे करने लगा….
    रूहान बड़े प्यार से ज़ुबान फेरता हुआ हाथों में पकड़े मसल भी रहा था….
    फिर थोड़ी देर बाद विधान उसके मुंह में ही कम होगया…

    “तो तुझे लगता है मैं एक धोकेबाज हूं जो तुझे प्यार कर छोड़ दूंगा…!!विधान ने रूहान को पुराने सोफे पर धकेल दिया और ज़बरदस्ती उसका पैंट उतार कर उसपे सवार होगया…

    रूहान डर से बोला..”नहीं…मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं बस…तुममें और मुझमे…हम दोनों में बहुत फर्क है कहीं तुम मुझे छोड़….अगहहहहहहहहहहह…..
    विधान ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और उसमे इंटर होकर तेज़ी से थीस्टिंग करने लगा…

    “ये सज़ा है….तेरे लिए सज़ा है कि तूने ऐसा कुछ सोचा….!!
    तुझे छोड़…अरे छोड़ना तो दूर की बात है तुझसे दूर तक नहीं जाऊंगा….क्यूंकि तू सिर्फ मेरा है,,सिर्फ मेरा….तेरे मेरे बिच में कोई नहीं दूसरा कभी नहीं आएगा और मैं समझता हूं कि तुझे किसी दूसरे को मेरे करीब देख जलन होती है लेकिन…लेकिन मेरा क्या ज़ब तू मुझे इग्नोर कर चला जाता है….हाँ….हाँ तू सिर्फ मेरा प्यार नहीं मेरा सब कुछ है….!!
    रूहान के आँखों से आंसू आगये तो विधान ने तेज़ी से झटके देने शुरू किये और झुक कर उसके आँखों पर अपने होंट रख शांत करवाया…

    “सॉरी…सॉरी विधान…मैं बस डर जाता हूं…”रूहान विधान के पीठ पर बांहे कस गया तो विधान ने और तेज़ी से झटके के साथ रूहान की सिसकियाँ तेज़ होने लगी…

    “अह्ह्ह…अह्ह्ह्ह आउच….विधान प्लीज बी जेंटल…आराम से….तुम्हारा मेनहुड बहुत बड़ा और सख्त है…!!रूहान रिक्वेस्ट करने लगा…
    लेकिन विधान ने उसे ज़्यादा बातें करने का मौका नहीं दिया और उसके होंटो को दुबारा चबाने लगा….
    फिर रूहान की ज़ुबान की मिठास को चूसने लगा,,रूहान भी विधान के ज़ुबान को तेज़ी से मिलाने लगा और इन्ही दौरान दोनों साथ में कम हुए तो विधान थक के रूहान पर गिर गया और तेज़ तेज़ साँसे लेने लगा..
    रूहान की टांगे कांपती रही…

    “विधान…मैं चल नहीं पाउँगा…!!

    विधान उसके गालो को चूमते हुए बोला…”मैं तुझे गोद में उठा लूंगा लेकिन भूलना नहीं की हॉस्टल जाके भी तुझे सज़ा मिलेगी..”

    रूहान कुछ नहीं बोला और विधान के सीने से सिर टिका गया…
    थोड़ी देर बाद रूहान अपने कपड़े पहन उठ खड़ा हुआ तो विधान ने उसे अपने पीठ पर उठा लिया और दोनों हॉस्टल लोट आए…
    रूहान तो अब शांत था,वही विधान उसे अपने पीठ पर उठाए मीठा स्पर्श महसूस कर रहा था…

    To_be_continued…

  • 14. Chapter 14

    Words: 1478

    Estimated Reading Time: 9 min

    रूहान और विधान के एग्जाम होने के बाद विधान हद से ज़्यादा रूहान के लिए तड़पने ही लगा क्यूंकि वह हॉलिडे में घर जाने का प्लानिंग कर रहा था…

    “तेरा जाना ज़रूरी है क्या…!?
    प्लीज मत जा…!?
    विधान रिक्वेस्ट करता तो रूहान मुस्करा पड़ता क्यूंकि दिन ब दिन विधान शिद्दत और पागलपन इख़्तियार करता जाता था,,वह एक पल भी रूहान से दूर नहीं रह पाता था..

    “विधान पता है मेरा बड़ा भाई परेशान होगा..उन्होंने मेरे लिए बहुत सेक्रेफाइस किये हैँ,,सिर्फ मुझे पढ़ाने लिखाने में खुद शादी नहीं की और मेरे लिए जॉब कर थकने लगा..”

    विधान ख़ुश होता हुआ बोला..”मैं भी तेरे भाई से मिलना चाहूंगा…रूहान मेरे खरगोश मैं भी तुझे अपनी फैमिली से मिलवाना चाहता हूं..”
    रूहान विधान के गोद में आ बैठा और सोचता हुआ बोला..”ये बहुत ज़्यादा जल्दी है,,अभी हमें एक दूसरे को और समझने का मौका देना चाहिए…!!

    विधान थोड़े चिढ़ से बोला..”इस बात का क्या मतलब है तेरा…!?
    मुझे तो पहले दिन से ही पसंद है और तुहि मेरा सब कुछ है…”

    रूहान विधान के होंटो पर अंगूठा फिराता हुआ बोला..”अच्छा….!!
    विधान ने रूहान के अंगोंठे को दांतो तले दबा लिया…
    रूहान ने अपने होंट विधान के होंटो से मिला दिए और चूमने लगा…

    “तू चला जायेगा तो मैं क्या करूंगा प्लीज मुझे भी साथ ले चल ना या फिर तुभी मेरे साथ मेरे घर चल…”विधान तड़प उठा…
    ये पहली बार था जो उसका यूँ दिल होल उठा था,,रूहान से दूर रहने का सोचके ही उसका दिल सन्नाटे में आजाता था,,बहुत बेचैनी होती थी और कुछ सोचने समझने की सालाहियत खतम हो जाती थी..

    रूहान ने विधान को इतना उदास देखा तो शरारत से बोला…”अभी तो फिलहाल नहीं जा रहा हूं तो तब क्यों ना….हम दोनों….समझ रहे हो ना…!!
    विधान फीकी मुस्कान लिए रूहान को तकता रहा…

    विधान कुछ नहीं बोला और ब्लैंकेट ओढ़े लेट गया…

    “अहह कॉमन विधान…ऐसे क्यों कर रहे हो…तुम इस तरह अच्छे नहीं लगते हो…!?
    रूहान मुंह फुला गया तभी उसके दिमाग़ में कुछ कोंधा…

    “यस क्यों ना विधान को स्पेशल ट्रीटमेंट दूँ यानि की प्रिन्स ट्रीटमेंट….!!
    आज सिर्फ मेरा विधु एन्जॉय करेगा…!!
    रूहान की नीली आँखों में नशा उतर आया और वह विधान के टांगो के बीचो बिच आ बैठा और विधान के पैंट की ज़िप चुपके से खोलके उसके सख्त पेनिस को हाथों लिए गरमाहट देने लगा…
    विधान की आँखे बंद थी तो रूहान ने जल्दी से झुक कर ज़ुबान फेरा और मुंह में लिए सक करने लगा और काफ़ी देर तक करता ही रहा की अचानक विधान ने आँखे खोली और एक झटके में कम कर गया…

    “छोटे खरगोश…बदमाशी नहीं…!!विधान ने आँखे दिखाई तो रूहान हँस पड़ा और अपना पैंट भी उतार कर विधान के पेनिस को अपने होल में रख राइड करने लगा…
    विधान उसके कमर को पकड़े प्यार से देखते रहा फिर अचानक ही विधान ने उसे अपने निचे दबाया और तेज़ी से झटके देने लगा…

    “बहुत बदमाशी कर ली अब तुझे सिर्फ सज़ा मिलेगी…!!विधान उसके पीछे ज़ोर ज़ोर से हाथ मारने लगा तो रूहान सिसकने लगा…
    विधान ने उसके टी शर्ट को ऊपर किया और निपल को पकड़ गया…
    रूहान विधान के गर्दन में मुंह दिए पसीने में भीग गया और विधान बस उसे काटता ही रहा…

    एक हफ्ते बाद ज़ब रूहान के साथ विधान उसके छोटे से बने कोज़ी से बंगलो में आया तो चौंक गया..

    “हीहीही ये ज़्यादा बड़ा तो नहीं है पर…

    विधान उसकी बात काट कर बोला..”ये दिखने में ही कम्फर्ट है…मुझे तो बाहर से बहुत पसंद आया…चल अंदर चलते हैँ…!!

    विधान और रूहान अंदर आए तो घर बहुत ही क्यूट क्यूट चीज़ो से सज़ा हुआ था और काफ़ी ब्राइट पेंट से जच रहा था…

    “ब्रो…आई ऍम बैक…!!रूहान की आवाज पर एक 30 साल का लड़का अप्रोन पहने किचन से बाहर आया और रूहान और उसके साथ खड़े लड़के को देख मुस्कुराया…

    “हेलो भाई…!!

    “हेलो यंग बॉय…एंड हेलो रूही कैसे हो तुम…!?
    ओह्ह्ह कितने पतले होगये हो,,खाना पीना वहाँ ढंग से नहीं मिलता क्या…!?
    विधान रूही सुन हंसी रोक गया..

    “ब्रो कितनी बार कहा मुझे रूही मत बोला करो,,कमसे कम दोस्तों के तो सामने नहीं…एंड बाय दी वे ये मेरा दोस्त और रूम पार्टनर है विधान…!!रूहान रीवान के गले लग गया…

    “हाँ हाँ ओके….आजाओ बाहर क्यों खड़े हो…हाथ मुंह धो लो तब तक मैं खाना लगवाता हूं…!!रीवान ने प्यार से दोनों के बालों पर प्यार से हाथ रखते हुए कहा तो दोनों मुस्करा दिए और विधान रूहान के साथ ऊपर वाले कमरे में चले गए…

    रीवान ने ठंडी सांस ली और वापिस किचन में आया तो अंगद बर्तन धो रहा था..

    “बच्चे लोग आगये क्या…!?अंगद की हरि आँखे ख़ुशी से चमकी तो रीवान बोला..”प्लीज अंगद जी बच्चों के सामने खुद पर कण्ट्रोल रखना वरना फिर मैं कभी आपसे बात नहीं करूंगा…
    वैसे भी आपको ये सब करने की कोई ज़रूरत नहीं है…!!

    अंगद की नज़रे रीवान पर टिक गई जो बहुत ज़्यादा सीरियस था..

    “मुझे लगता है तुम्हे अब रूहान को हमारे रिश्ते के बारे में बता देना चाहिए…!!

    रीवान गहरी सोच में पड़ गया और ना में गर्दन हिला गया..

    “नहीं…मुझे नहीं लगता और आप जानते हैँ…मैं रूहान को कुछ नहीं बता सकता प्लस हमारा रिश्ता बेनाम और यूँही ज़रूरतों पर बना हुआ है…”
    अंगद उसकी बात सुन अजीब नज़रो से देखने लगा…

    अंगद मायूसी से बोला…”सही बात है,,मैं वैसे भी तुम्हारा लगता ही कौन हूं…
    हम दोनों बस….

    नहीं मेरे कहने का वह मतलब नहीं था…..____
    रीवान कुछ और कहता की रूहान पीछे से आके उससे लिपट गया…

    “ओह्ह्ह अंगद जी भी यहाँ पर हैं….नमस्ते…!!

    “अरे वाह्ह रूहान…मेरा छोटा सा बच्चा…!!अंगद ने उसे सीने से लगा लिया…
    रात का डिनर सबो ने साथ में किया…

    यहाँ पर आके विधान को मालूम चला की अंगद एक्चुअली में इस घर का मालिक है और रीवान बस रेंट पर रह रहा लेकिन क्यूंकि वह अंगद के ऑफिस में काम करता है तो अंगद ने रीवान को साथ में रहने का ऑफर किया और हर महीने रीवान अपनी सैलेरी से रेंट कटवा लेता है…

    “वाह्ह्ह मुझे ख़ुशी है कि रूहान के अब दोस्त है…वरना पहले तो ये किसी से बात ही नहीं करता था…!!रीवान की बात पर विधान हँस दिया…

    अंगद प्यार से विधान की तरफ देख बोले..”तुम दोनों साथ में बहुत अच्छे लगते हो,,हमेशा साथ रहना और लड़ना झगड़ना नहीं…विधान ज़रा इस बेवकूफ़ का ख्याल रखना बड़ा लापरवाह है…”
    विधान ने हाँ में गर्दन हिला दिया तो रूहान गुस्से में मुंह फुला गया..

    “अंगद जी मैं कोई बच्चा नहीं हूं…!!रूहान का मुंह फूल गया तो सब हँस पड़े…
    फिर देर रात तक सब बात करते रहे और अपने कमरे में चले गए…

    रीवान ने महसूस किया की आज अंगद ने उसपे कोई खास धियान नहीं दिया और नाही उससे ज़्यादा बातें की…

    “वह मुझसे सचमे नाराज होगये क्या…!?
    रीवान चलता हुआ अंगद के रूम में आया और दस्तक दिया तो अंगद ने दरवाजा खोल लिया…

    “तुम…इस वक़्त…क्या हुआ बच्चे लोग सोगये…!!

    रीवान ने हाँ में गर्दन हिला दिया..

    “आप मुझसे नाराज है क्या…!?

    “नहीं बस अपनी जगह समझ गया हूं…तुम मुझे कभी अपना नहीं सकते पर कोई नहीं मैं तुम्हे हमेशा प्यार…
    अंगद कुछ बोल ही नहीं पाया ज़ब रीवान रोते हुए उसके सीने से लग गया…

    अंगद ने जल्दी से दरवाजा बंद कर उसे अंदर लिया क्यूंकि उसे डर था बच्चे उठ ना जाए…

    “अंगद जी…प्लीज…मुझसे बेरुखी…मत बरतये…!!
    अंगद मुस्कान लिए ना में गर्दन हिला गया तो गुस्से में रीवान अंगद के होंटो पर टूट पड़ा…
    अंगद अपना भार ना संभाल सका और ज़मीन पर गिर गया,,रीवान उसके ऊपर आके ज़बरदस्ती किश करने लगा..
    पहले तो अंगद ने कोई रिस्पांन नहीं किया फिर वह भी रीवान के कमर को मसलता हुआ किश में साथ देने लगा…

    “रीवान….!!

    “अंगद जी….!!

    दोनों की सांसे तेज़ होगई तो अंगद ने उसके होंटो पर ज़ुबान फेरा और स्मोच करता रहा…
    फिर अंगद उठा और अपनी पैंट उतार कर उलटा लेट गया…

    “कंडोम है तुम्हारे पास…!!

    “हम्म्म लेकिन मज़ा तो बिना कंडोम के आता है…!!रीवान हँस पड़ा तो अंगद ने कंडोम पहन लिया…
    और अच्छे तरह से रीवान के होल पर ज़ुबान से सक कर गीली करते हुए ऊँगली से बड़ी की और झटके से समा गया…

    “अह्ह्ह्हह अंगद जी…प्लीज आराम से….!!
    अंगद उसके बड़े बड़े फुले हुए ब्राउन निपलस को देख बेकाबू होगया और तेज़ी से बाईट करने लगा…
    रीवान हर झटके के साथ होंटो को दांतो तले दबा लेता और आँखे बंद कर अंगद के बालों में हाथ फेरता रहता..

    “रीवान…प्लीज ओपन योर आईज़…मेरी तरफ देखो…तुम्हारा अंगद तुमसे दूर रहके केसा बेहाल होगया था….!!अंगद ने कम किया और कंडोम साइड फेंकते हुए जोश में आके झटके देने लगा…

    “लव यु अंगद…जी….लव यू….सो सो सो सो सो मच….!!रीवान ने अंगद को देखा तो अंगद की आँखे भीग गई और वह जल्दी से रीवान से अलग होकर बैठ गया…

    “माफ़ कीजियेगा लेकिन सच तो ये है की मैं भी आपसे दूर नहीं रह पाता हूं…!!रीवान ने लम्बी सांस ली और छूट गया…
    अंगद ने ज़ब उसे देखा तो वापिस से उसके होंटो को कैद कर लिया और इस बार रीवान उसके गोद में बैठा रहा और अंगद बहुत ही प्यार से उसमे समाया…

    To_be_continued…

  • 15. Chapter 15

    Words: 1353

    Estimated Reading Time: 9 min

    रूहान और विधान दिन भर रीवान के आस पास मंडलाते रहते थे…
    सब एक साथ ही रहते थे इसलिए प्राइवेसी नाम की कोई चीज नहीं थी…

    रीवान रूहान के कमरे में बैठा उससे सवाल कर रहा था…”तो सचमे विधान सिर्फ तुम्हारा दोस्त है…!!

    हाँ…आप ये क्यों पूछ रहे हैँ प्लीज भाई मुझसे ऐसे सवाल मत कीजिये…”रूहान का मुंह फूल गया…

    रीवान हाथों में घड़ी पहनता हुआ बोला..”अच्छा बेटा मुझसे झूट…बचपन से तुम्हे पाला पोषा है और हाँ ज़ब तुम विधान के साथ होते हो ना तो दुन्या जहांन की ख़ुशी तुम्हारे चेहरे पर छाई होती है…”

    “हाँ क्यूंकि मुझे विधान अच्छा लगता है,,मतलब वह वाला अच्छा नहीं…आप यूँ मुस्कुराये नहीं…!!रूहान को शर्म सी आने लगी..

    “रीवान…क्यों परेशान कर रहे हैँ मेरे बच्चे को…हाँ….”अंगद ब्लैक थ्री पीस सूट पहने,,हाथों में महंगी घड़ी ओर बाल पूरे सेट किये वह तयार खड़े थे…

    “हाहाहाहा…बच्चे कितनी जल्दी बड़े हो जाते है…!!अंगद करीब आए और रूहान के बालों में प्यार से हाथ फेरा..

    “अच्छा ठीक है फिर हम ऑफिस के लिए चलते हैँ,,पीछे में घर का ख्याल रखना और हाँ नो मार पीट,नो लड़ाई….!!रीवान ने आँखे दिखाई तो रूहान हाँ में गर्दन हिला गया…

    फिर रीवान और अंगद ऑफिस के लिए निकल गए…

    विधान भी उठके नाश्ता कर सुस्ता रहा था क्यूंकि यहाँ कोई उसे कोई काम करने देता ही नहीं था…
    पूरी दामाद वाली फिलिंग आरही थी,,सिर्फ यही नहीं अंगद जी और रीवान भाई दोनों विधान की खातिरदारी में लगे रहते थे..

    तभी रूहान भी रूम से बाहर निकल आया…

    “गुडमॉर्निंग…

    “हुंह्ह्ह गुडमॉर्निंग नहीं…गुडफ़्टरनून…!!विधान हँस पड़ा..

    रूहान ने चहकते हुए कहा..“हाँ हाँ वही…भया और अंगद जी तो ऑफिस चले गए तो क्यों ना कोई रोमांटिक मूवी लगाके देखि जाए…”

    विधान उसके करीब आया और बोला…”रोमांटिक मूवी…बुरा आईडिया नहीं है…”
    फिर रूहान ने अपने पसंद की एक हॉलीवुड रोमांटिक मूवी लगा दी और दोनों बैठके देखने लगे…
    मूवी में स्टार्टिंग में ही काफ़ी बोल्ड और इंटिमेट सीन थे जिसे विधान पूरे एन्जॉयमेन्ट के साथ देख रहा था,,वही रूहान शर्म से पानी पानी हुए जा रहा था..

    “विधान…विधान…कोई दूसरी फ़िल्म देखते हैँ…!!

    “नहीं अच्छी तो है ये…!!विधान ने आराम से कहा और रूहान के कमर पर बाज़ू लपेट गया..

    “नहीं…नहीं ग़लती से ये वाली फ़िल्म लग गई….मैं कोई…

    “शशाशश…अच्छा है ना रोमांटिक माहौल बन गया…घर पर कोई नहीं है और इतने दिनों बाद यूँ हमें मौका मिला है….
    मैं तो इस मोके का पूरा फायदा उठाऊंगा…”
    विधान ने रूहान के बालों में रफली हाथ फेरा और उसके पेंट की ज़िप खोल कर अपने हाथ से गर्मी देने लगा…

    “वि…विधान ये सही…हमें खुद को क़ाबू में…अह्ह्ह हहहहह…..हहहहह…..हहहहह….वी…धान…उममममममममम…
    रूहान की आँखे बंद होगई और वह पूरी तरह बहक कर विधान के क़ाबू में चला गया…

    विधान के हाथ तेज़ी से चलते रहे…

    “विधान रुको…रुको मैं कम…कम कर….!!रूहान ने विधान का बाज़ू ज़ोर से पकड़ा और विधान के हाथ में कम कर गया…

    “गुड….वैरी गुड मेरे छोटे खरगोश….!!विधान अपने हथेली में चिकनाहट देख हँस पड़ा…

    “डु यू वांट ा राइड…!!विधान अपनी शर्ट उतार गया…

    “पहले मुझे किश करो…”रूहान विधान के सीने से लिपट गया…
    विधान ने उसके गालो को मुठियो में भरा और उसके होंटो पर टूट पड़ा…
    दोनों बेकाबू हुए तेज़ी से होंटो से होंटो मिलाये चुम रहे थे…
    विधान ने अपने ज़ुबान को रूहान के ज़ुबान से मिलाया और चूसने लगा…

    “अह्ह्ह्ह मेरे खरगोश…तेरे होंटो का मिठास….!!विधान रुका और रूहान को गोद में उठाके बिठा गया…
    रूहान लेकिन वापिस से विधान के होंटो को दांतो से कुचलने लगा,,उसे बहुत मज़ा आरहा था…विधान को कोई भी दर्द या तकलीफ का अहसास छूकर तक नहीं गुज़रा था बलकी वह रूहान के गर्दन और पीठ पर हाथ फेर रहा था…

    रूहान दांतो से विधान के होंटो को पकड़के खिंचता रहा तो कभी चूसने लग जाता फिर थक कर रुक गया…

    विधान दिलनशी लहजे में बोला…”अगर तू प्रेग्नेंट होगया तो…!?

    रूहान झिझक कर बोला…”मैं…प्रेग्नेंट…!?

    विधान ने तिरछी मुस्कान के साथ कहा…”और अगर मैंने कर दिया तो…!?

    रूहान ना में गर्दन हिला गया..

    “अच्छा है…फिर तो तुझे मैं आज छोड़ने नहीं वाला हूं…!!विधान ने रूहान के गर्दन पर दाँत गड़ा दिया तो रूहान सिसक पड़ा…

    विधान ने रूहान की नीली आँखों में देखा जो शर्म से झुके झुके थे और वह अपने होंट को दांतो तले दबा गया..

    “उफ्फ्फ्फ़….क्यों अपने और मेरे लिए मुश्किल पैदा कर रहा है…चल रूम में चलते हैँ….!!

    “विधान…थोड़ा सब्र रखो…थोड़ा तो सब्र रखो…!!रूहान विधान की बेताबी से घबरा गया…

    विधान रूहान को गोद में उठा गया…”अब ये सब्र जबर मुझसे नहीं होता…मै तेरी हालत को समझ रहा हूं,,अब तू भी मेरे हाल पर रहम खा….!!

    रूहान ने विधान के गले में बांहे डाल दी…

    विधान ने रूहान को अपने रूम में लाते हुए दरवाजा लॉक कर दिया…
    रूम में हलकी फुलकी रौशनी खिड़की से छन कर आरही थी और रूहान का उजला बदन दमक रहा था…

    विधान ने अपनी पैंट भी उतार दी और रूहान के ऊपर आगया…

    “लव यु मेरा खरगोश….!!

    “लव यु टू विधान…!!रूहान ने विधान को करीब खिंचते हुए अपने नाख़ून उसके पीठ में गाड़ दिए…
    विधान झटके से उसमे इंटर कर गया और जोश में थस्टिंग करने लगा…
    रूहान की सिसकयां हर झटके के साथ बढ़ती और घटती..

    “अहहहहहहहहहहह….अह्ह्ह अह्ह्ह्हह….उम्म्म ह्म्म्मम्म्म्म फ़ास्ट फ़ास्ट….विधान मैं बर्दास्त…न…नहीं कर पा रहा हूं ….!!रूहान बेचैनी में आहे भरने लग जाता…

    विधान ने उसके टांगो को कंधो पर रख लिया और उसके निपलस के इर्द गिर्द बने लाल निशान को देखने लगा जो उसके ही बाईट के निशान थे..
    विधान उसके अंदर ही कम कर गया और रूहान को सीने से लगाया उसके माथे से माथा टिकाये उसकी आँखों में देख मुस्कुराता रहा…
    रूहान लेकिन शर्मा गया और उसके सीने से लग उसके मज़बूत चोड़े सीने पर होंट रख चूमने लगा…
    विधान आँखे बंद कर सुकून से लेटा रहा…
    उसके लिए यही सुकून था की उसका छोटा खरगोश उसपे प्यार लुटा रहा है…

    दूसरी तरफ अंगद ने गाड़ी सुनसान रोड पर घुमाई तो रीवान ने पूछा…

    “अंगद जी…हम शायद ग़लत रस्ते जा रहे हैँ…”

    अंगद ने गंभीरता से कहा…”ये शॉर्टकट है…”

    रीवान खामोश होगया लेकिन तभी अंगद ने झटके के साथ गाड़ी रोक ली…

    अंगद ने चोर नज़र से रीवान को देखा..
    “घर पर बच्चों की वजह से तुम मुझपर बिलकुल धियान ही नहीं देते हो…!?

    रीवान ने ठंडी सांस ली…”तो अंगद जी आप मुझे यहाँ…शहर से इतनी दूर ये बताने लाये हैँ..”

    अंगद लाड से बोला..”हीहीही बिलकुल नहीं…इतनी दूर तुम्हे सबसे कुछ देर चुरा कर लाया हूं ताकि….
    रीवान ने अंगद की टाई खींच के अपने तरफ की और उनके होंटो पर होंट रख चुम गया…

    शाम ढलने को आगई थी और अंगद के फार्महाउस में रीवान और अंगद एक दूसरे में खोये हुए थे…
    अंगद हैरानी से रीवान को देख रहा था जो बार बार अंगद के होंटो को चुम कर शर्माता था…
    अंगद भी जूनून में आगे बढ़ा और कोट उतारते हुए एक तरफ फेंकते हुए रीवान को सोफे पर पटक दिया…

    “री…रीवान….तुम….तुम बहुत ज़्यादा गर्म होगये हो…!!अंगद रीवान की हरकते देख समझ गया था…
    रीवान सोफे पर से उठा और अपने बदन से सब कपड़े अलग कर वाशरूम में शॉवर ऑन कर खड़ा होगया…
    अंगद को रीवान की चिंता होने लगी लेकिन रीवान को इस हाल में देख उसके पैंट में कुछ सख्त होते जा रहा था…

    “अरे अंगद जी आए ना….!!
    अंगद ने ठंडी सांस ली और अपने भी सारे कपड़े उतार अंदर चला गया…
    जहाँ जाते ही रीवान झुक कर अंगद के सामने बैठ गया और उसके सख्त रोड को मुंह में लिए सक करने लगा…
    अंगद की आँखे सुरूर से बंद होगई और सांसे तेज़ होगई….
    रीवान बहुत तेज़ी से मुंह से अंदर बाहर कर रहा था तभी अंगद कम कर गया तो रीवान उठा…
    अंगद ने रीवान के बालों को सख्ती से जकड़ा और उसके हाथो को अपने एक हाथ में कैद किये उसके सीने पर पानी की गिरती नन्ही बूंदो को पिने लगा…

    “अंगद…जी प्लीज अब तड़पाये नहीं…नहीं ना….!!रीवान अपनी दोनों टांगे उसके कमर के गिर्द लपेटे अंगद के गोद में चढ़ गया…
    अंगद उसमे इंटर कर गया और वैसे ही आगे पीछे होने लगा…

    “यू लाइक इट….

    “यस…यस…अह्ह्ह्हह में…हहहहहह…जी…अंगद जी…..
    रीवान सिसकता रहा…

    फिर थोड़ी देर बाद रीवान और अंगद भीगा बदन लिए सोफे पर एक दूसरे से लिपटे बदन को रगड़ रहे थे…
    दोनों ही बड़े बेताब हुए जा रहे थे और अब अंगद भी आंहे भरने लगा था…

    To_be_continued…

  • 16. Chapter 16

    Words: 993

    Estimated Reading Time: 6 min

    रूहान और विधान पूरा महीना बड़े बर्दास्त के साथ गुज़ार कर वापिस हॉस्टल आए…

    विधान ही जानता था उसने कैसे इतने दिन खुद पर कण्ट्रोल कर रखा था,,बहुत कम ही मौका मिलता है रूहान के करीब उसे प्यार करे…
    पर हॉस्टल आते ही विधान के जान में जान आई…

    रूहान वापिस से अपने समेट कर तय लगा रहा था ज़ब विधान उसे पीछे से बांहो में जकड़े बोला…”एक बात कहूँ खरगोश…”

    हम्म्म….बोलो ना…!!रूहान ने विधान के गालो को छूकर कहा..

    विधान ने याद करते हुए कहा..“रीवान भाई और अंगद जी शायद एक दूसरे के लिए ही बने है…अंगद जी बहुत अच्छे है…”

    रूहान मुस्कान लिए बोले…”हम्म्म तुम भी तो बहुत अच्छे हो…!!
    विधान हँस पड़ा और बोला..”ओह्ह्ह…फिर रात को बेड पर रोना नहीं…”

    रूहान शर्म से लज्जा के बोला…”बेशर्म….!!

    “अभी रुको बेशर्मी दिखाता हूं…!!विधान ने पीछे से ही उसे गोद में उठा लिया और फिर उसके होंटो पर टूट पड़ा…

    “विधान…वी….रुको…ज़रा…विधा…
    रूहान ने जल्दी से विधान के होंटो पर हाथ रख दिया और कहा..”सब्र…थोड़ा और इंतेज़ार करो…अभी सब लड़के हॉलिडे से आए हैँ,,शायद कोई मिलने हमारे रूम में भी आजाये…”

    विधान अचानक ही सर्द भाव में बोला..”मुझे अपने छोटे खरगोश के इलावा किसी की चिंता नहीं है..”

    “समझ सकता हूं लेकिन वह भी तो हमारे दोस्त है….!!रूहान मुस्कान लिए बोला तो विधान ने चेहरा फेर लिया..

    “हम्म ठीक है लेकिन याद रखना…तू मुझे और नहीं तड़पा सकता..”

    “ओके बॉस…!!रूहान सल्यूट कर हँस पड़ा और विधान अपने चेहरे को छुपा गया क्यूंकि रूहान की हंसती हुई नीली आँखे और गहरे डिम्पल बहुत ज़्यादा प्यारे थे…
    विधान का हाथ उसके गर्दन के पीछे गया और रूहान ने भी अपने होंट विधान के गर्दन पर रख चुम लिया…

    विधान ने मन में कहा..”कोई इतना क्यूट कैसे हो सकता है…!!

    दूसरी तरफ गर्ल्स हॉस्टल में..

    विधि अपना बैग लिए रूम में आई जहाँ सौम्या उदास सी बेड पर लेटी थी…

    “वी…धी….!!सौम्या विधि को देखते ही दौड़कर उसके गले लग गई और फुट फुट कर रोने लगी…

    “अले अले मेरा बच्चा….बस बस सोमी बहुत होगया रोना..अब मैं आगई हूं ना…!!विधि सौम्या का सिर सहलाने लगी…

    विधि गंभीरता से बोली…”सॉरी सोमी पर क्या करू…विधान भाई तो घर गए नहीं इसलिए मजबूरी में मुझे जाना पड़ा वरना डेड हम में से एक का गला ज़रूर दबा देते..”

    सौम्या उसके सीने से लगी सुबकती रही…

    “पूरे 18 दिन बाद तू..तू आई है…तू..तुझे पट…पता है मैं..मैंने तुझे की…कितना याद किया….
    कॉल…मैसेज कर…मुझे रोना आता था..!!सौम्या आंसुओं के दरमियाँ सिसक कर बोलने की कोशिश कर रही थी…

    विधि का दिल चकनाचूर होगया क्यूंकि वह भी खुद पर बर्दास्त किये हुए थी…

    “सोमी…मेरी जान…क्या हालत बना ली….
    विधि ने सौम्या का चेहरा हाथों में थामा और प्यार से आंसू साफ किये…
    सौम्या एक बार फिर कसके सीने से लग गई तो विधि ने राहत की सांस ली…

    “ओके बाबा अब जहाँ भी जाउंगी तुझे साथ लेकर जाउंगी…पर तुझे ही सफर में….
    सौम्या ने विधि के होंटो पर शिद्दत से होंट रख लिए और चूमती रही…
    विधि ने अपना लॉन्ग कोट उतार फेंका और सौम्या का चेहरा थामे उसके चेहरे पर झुक कर अपने होंटो से जगह जगह रख सुकून बख्शने लगी..

    “थक कर आई हूं..बहुत तेज़ भूक लगी है…!!विधि ने सौम्या को गोद में आराम से उठा लिया…सौम्या उसके पीठ पर टांगे लिपटाये उसके कैद में आगई…
    विधि तेज़ी से उसके होंटो को निचोड़ कर शहद पी रही थी,,सौम्या भरपूर उसका साथ दे रही थी…

    “अह्ह्ह…हहहह….!!सौम्या के मुंह से हलकी सी सिसकी निकल गई ज़ब विधि ने उसे बेड पर पटक दिया..

    “क्यों सोमी डर लग रहा है..इतने दिनों बाद सब नया नया लग रहा है क्या….!?

    सौम्या ना में गर्दन हिला गई…”नहीं…बल्कि हर बार तेरे स्पर्श से मुझे नया अहसास जागता है…”

    विधि का दिल तेज़ी से धड़क उठा और वह सौम्या के दोनों हाथ जकड़े बोली…”अवववव मेरी प्यारी…”
    सौम्या मुस्कुराई तो विधि उसके गर्दन पर झुकी बाईट करने लगी…
    सौम्या मचलने लगी..

    “शशशशशष…मुझे ज़्यादा शोर पसंद नहीं है…!!विधि ने उसके कमर को सहलाया फिर उसके टॉप के अंदर हाथ डाला और उसके बोबीज़ को मसलने लगी…

    “अह्ह्हह्ह्ह्ह…विधि…….मममममम…हहहहह…!!

    कुछ ही देर में विधि ने सौम्या के सब कपड़े उतार फेंके और खुद उठके अपनी कुर्ती उतारने लगी…
    सौम्या बस बिस्तर से लगी तेज़ तेज़ सांसे ले रही थी…

    विधि ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और सौम्या की तरफ आँख मारा…

    “अब मैं क्या करू…..!?

    विधि सौम्या को गोद में लिए बैठ गई…”तुझे कुछ करने की ज़रूरत नहीं है,,वैसे भी मैंने तुझे बहुत सताया है ना तो आज उसकी भरपाई कर दूंगी…”
    सौम्या के गर्दन अपनी तरफ घुमाये वह उसके होंटो को चूमती तो कभी काट लेती फिर दूसरी तरफ उसके हाथ सौम्या के पेट से निचे पहुंच गए थे…

    विधि की दो उंगलियां आराम से फिसल कर अंदर चली गई और वह बड़े प्यार से अंदर बाहर करने लगी…
    इस बिच सौम्या दो बार कम कर गई…

    विधि हो…गया….प्लीज….

    विधि ने सौम्या को वापिस से धक्का दे दिया और उसके टांगो के बिच झुक के बैठ गई और अपना चेहरा करीब किये वह सौम्या के गीली पंखुड़ी को होंटो से सक करती रही…
    सौम्या तेज़ी से सिसकने लगी और विधि को दोनों हाथों से दूर धकलने लगी लेकिन वह कर नहीं पाई….

    “अहहहहहहहहहहह फक…….फक….फक……नो……नो…..वी….दी…धी…..फ़ास्ट….स्ट सक इट…डैम…..सक……

    सौम्या उसके बट में प्यार से स्लैप करने लगी…

    “आहिस्ता….सोमी….इतना ज़ोर….शोर नहीं करते वरना मैं….
    विधि वापिस से अपने ज़ुबान से उसके नाजुकी को तेज़ी से सक करती रही और दो उंगलियां अब भी सौम्या के गहराई से मालाई का खज़ाना निकाल रही थी…

    कुछ ही देर में सौम्या ने अपना हाथ मुंह पर रख लिया और उसका बदन अकड़ा और तेज़ झटके के साथ वह बहती ही गई…
    उसके दोनों टांगे काँप उठी…

    विधि ने सब चख लिया…

    सौम्या ने विधि को अपनी तरफ खिंचा अपना निचला धड़ बेक़रारी में उसके बदन से रगड़ने लगी…
    विधि ने होंटो को दांतो तले दबाया और वह भी छूट गई…

    “अहाहा….विधि….लव यु….यु….!!सौम्या विधि के बोबीज़ को मुंह में लिए चूसने लगी…

    “वैरी गुड….माय बेबी…..सोमी…दूध पीना है तुझे…!!विधि ने उसका चेहरा अपने बोब्ज़ के दरमियाँ दबा लिया…
    सौम्या हँस पड़ी और विधि उसे कसके बांहो में जकड़े रही…

    To_be_continued…

  • 17. Chapter 17

    Words: 1321

    Estimated Reading Time: 8 min

    रूहान वाइवा देकर लम्बी सांस लेता हुआ स्टॉफ रूम से बाहर निकल नीरज की तरफ मुस्कुराहट लिए बोला…”थेंक्स यार इतनी हेल्प करने के लिए,,सारे जवाब दिए मैंने और ख़ुशी हुई…”

    नीरज हाँ में गर्दन हिला कर आगे बढ़ गया…

    विधान आलरेडी लेब से प्रैक्टिकल का टेस्ट दे निकल चूका था…
    अब यूनिवर्सिटी के पिछले हिस्से m खड़ा सिगरेट पी रहा था…

    “भाई….मेरे प्यारे भया…!!विधि दाँत निकाल गई..

    विधान सर्द लहजे मे बोला…”काम बोल…क्या है…!!

    विधी मुस्कुराती हुई बोली…”वह अब हमारी इंटर्नशिप शुरू होने वाली है तो मैं सोच रही..

    विधान ने सिगरेट वही निचे पैरो तले मसला और विधि की तरफ घूम कर बोला..”यही ना की सौम्या और तुम्हारी एक ही डिपार्टमेंट मे इंटर्नशिप हो जाए…”

    विधि ज़ोर ज़ोर से हाँ मे गर्दन हिला गई तो विधान उसके बालों मे प्यार से हाथ फेर कर बोला…”समझ लो होगया…वैसे भी तुमने मेरे बदले इस बार डेड की डांट खाई है तो मैं कुछ टेढ़ा कर तुम्हे और सौम्या को एक जगह ही रखूंगा..”
    विधि उछल कर विधान के गले लग गई..

    “बेस्ट…बेस्ट भाई…मेरे बेस्ट भया हो…”

    विधान उसे दूर झिटकता हुआ बोला..”हाँ हाँ ठीक है…बस ख़ुश रहना..”
    विधान आगे बढ़ गया..

    विधि की मुस्कान गहरी होगई क्यूंकि विधान बहुत बदला बदला सा लग रहा था…
    विधान की सख्ती कम होती जा रही थी वरना पहले तो उससे बात तक करने की लोगों मे हिम्मत नहीं थी,,खुद विधि उसकी सगी बहन होकर काँप उठती थी…
    लेकिन अब…अब धीरे धीरे फ़िज़ाओं का रुख बदल रहा था क्यूंकि विधान को मोहब्बत जो होगई थी..

    विधान फिर क्लास मे आया तो सब जा चुके थे…

    “अरे विधान…कहाँ चले गए थे…!?

    रूहान की नीली आँखे विधान को गंभीरता लिए देख परेशान होगई…
    विधान ख़ामोशी से उसके तरफ आया और रूहान को कसके सीने से लगा लिया…
    रूहान को कुछ समझ नहीं आया लेकिन वह विधान को ऐसे बेजान नहीं छोड़ सकता था..

    “मेरे छोटे खरगोश…क्या हम हमेशा साथ रहेंगे…!?

    रूहान हँस पड़ा और विधान का मूड लाइट करते हुए बोला..”ये सब फालतू की बातें तो मैं सोचता हूं…तुम भी ना विधान क्या क्या सोचते रहते हो…!!
    मैं तुम्हे कभी छोड़कर नहीं जाऊंगा…!!

    विधान ने रूहान की आँखों मे मासूम मोहब्बत का इकरार देखा तो उसका माथा चुम लिया..

    “तुम भी ना डरा देते हो…चलो अब हॉस्टल चलते हैँ…!!रूहान विधान का हाथ खींच के बाहर ले आया..

    विधान अपने पुराने रव्वये के बारे मे सोचने लगा,,ज़ब उसकी जिंदगी बहुत वीरान और अँधेरी थी…
    विधान किसी से खुलके बात भी नहीं करता था,,क्यूंकि उसे लड़कियां पसंद नहीं आती थी…उसे बचपन से लड़कों मे दिलचस्पी था पर कोई दिल को लुभाने वाला मिला ही नहीं…
    फिर जिंदगी ने करवट बदली और हॉस्टल मे रूहान मिला बस उसी पल से विधान दीवाना बन गया…

    विधान की नज़रे बात करते खिलखिलाते रूहान पर थी जो उसके साथ बैठा रूम मे ढेरो बातें कर रहा था..

    “यू से यू लव मी…!!

    “यस…आई लव यु विधान…तुम अब मेरे सब कुछ हो…”रूहान थोड़ा शर्मा गया…

    विधान फिरसवाल कर गया..“पर हमेशा मुझे चाहोगे…!? 

    रूहान ने विधान का चेहरा हाथों मे थामा और कहा…”हमेशा…हमेशा…शायद अब हमारा रिश्ता कभी नहीं टूटेगा लेकिन…मैं तुमपे कभी बोझ नहीं बनूंगा..”

    विधान गुस्से मे बोला..”ये बोझ वाली बात कहाँ से आगई…”

    रूहान विधान के गले लगता हुआ बोला..”हम्म बोझ….तुम्हारे दिल पर बोझ है तो उतार दो…क्यूंकि ज़ब से यूनिवर्सिटी से आए हो खोये खोये से हो…”

    विधान ने लम्बी सांस ली और कहा…”कुछ नहीं बस थोड़ा ऐसे ही…खेर तू मेरा है ना बस मुझे और क्या चाहिए..”
    रूहान शर्म से विधान के गले मे बांहे कस गया तो विधान ने उसे बांहो मे जकड़ लिया..

    रूहान आँखे बंद किये था और विधान उसके होंटो को अपने होंटो मिला दिए…
    विधान आज बड़े आराम से चूमता और पीछे हट जाता तो रूहान सिसकने लग जाता ज़ब रूहान से बर्दास्त नहीं हुआ तो उसने विधान के पैंट की ज़िप जल्दबाजी मे खोली..

    “छो…छोटे खरगोश…एरर…वे..वेट तो कर…”विधान हड़बड़ा गया..

    रूहान ने विधान को पकड़ा और उसके कमर से टांगे लिपटाये लाड से लग गया..

    “मैं क्यों अपने बड़े से खम्बे जैसे बॉयफ्रेंड से दूर जाऊंगा…बल्कि अब तुम दूर करोगे तो भी नहीं जाऊंगा…समझे तुम…!!रूहान कड़क आवाज मे बोला और फिर उसके सीने मे मुक्के मारने लगा..
    विधान हँस पड़ा…

    “हाँ बाबा समझ गया…मैं बस आज विधि की बातें सुन परेशान होगया क्यूंकि वह और सौम्या पांच सालो से साथ है और एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैँ…”

    “मैं भी…मैं भी तो अपने विधान से बहुत प्यार करता हूं…लव यु…लव यु…..सो सो मच…”रूहान उसके बालों मे हाथ फेरने लगा..
    तभी अचानक विधान अपने बालों मे चलते रूहान के हाथों को जकड़ होंटो से चुम लिया…
    रूहान शर्मा गया और बोला..”ये तुम ऐसी हरकते क्यों करते हो…”

    विधान उसके गालो को मुठियों मे जकड़ते हुए कहा…”मेरा गोलू मोलू शर्माता क्यों है…”
    रूहान की नीली आँखे खुमार से झुक गई…
    विधान के हाथ रेंगते हुए उसके टी.शर्ट तक पहुंच गए और उसने रूहान की टी.शर्ट उतार फ़ेंकी…

    “मुझे तो समझ ही नहीं आता की तू आखिर मुझे मिल कैसे गया…और ज़ब मिल गया है तो मैं क्या करू…प्यार करू या बांहो मे भर लूँ या फिर बेशुमार चुम कर बहकता जाऊं…”
    रूहान ने बस विधान को खुद मे समाता गया…

    “कभी कभी इतना प्यार आता है कि दिल करता है बस खा जाऊं…”
    विधान ने उसके निपलस पर होंट रख सक करना शुरू किया…

    “हंफ…हंफ्फ्फ्फफ्फ्फ़…हहहह…अह्ह्ह्ह…
    हहहहह…..अहह……
    रूहान अपनी कमर तेज़ी से आगे पीछे कर आँखे मुंदे सिसकता रहा..

    विधान ज़ोरदार थ्रीस्टिंग करता रहा..विधान रूहान की वजह से गिला होता गया…

    विधान उसके निपलस को काटने लगा और उसके बम मे समाक करता रहा…
    रूहान तेज़ी से सांस लेने लगा क्यूंकि विधान उसके अंदर कम कर गया था…

    “विधान…तू..तुम प्रोटेक्शन क्यों यूज़ नहीं करते…!?रूहान थोड़े गुस्से मे बोला और खुद को चादर से लपेट गया..

    “क्यों तुझे डर है कि तू प्रेग्नेंट हो जायेगा…मुझे मालूम है तू एक ओमेगा है…”विधान ने दुबारा अपना रोड बेदर्दी से उसके होल मे इंटर कर आगे पीछे धक्के देने लगा…

    “तू…तुम ये…ये बात जानते हो और फिर भी…
    विधान मुस्कान लिए उसके गर्दन मे बाईट कर गया..

    “पगले डर मत…मैं ऐसा कभी कुछ नहीं करूंगा जिससे तू हर्ट हो…बस मेरा प्यार बर्दास्त करना सिख जा…!!विधान ने गर्दन पर तेज़ी से दाँत गाड़े तो रूहान मुंह पर हाथ रख मचलने लगा…
    रूहान अपना रोम रोम महकता महसूस कर रहा था…

    रूहान की टांगो मे दर्द होने लगा तो विधान ने उसे गोद मे बिठा लिया..
    रूहान राइड करने लगा और विधान की आँखों मे देखने से कतराता…
    तभी विधान ने उसके कमर को पकड़ तेज़ी से झटके देने शुरू किये तो रूहान की चीखे निकल गई..

    “व…वी….हनन….छोड़ो मैं….मैं….बस कमी…कम करने वाला हूं….!!रूहान ने जैसे ही आँखे खोली विधान की आँखों मे शरारत देख चिढ़ गया…
    रूहान की टांगे काँपने लगी और वह कम कर गया…

    विधान रुका नहीं और उसकी टांगो को चूमने लगा…

    “बदमाश…तुम बहुत बदमाश हो…!!रूहान का बस चलता तो वह गाली भी दे देता…

    “आई ऍम नोट कम्प्लीटेड….सो प्लीज….
    विधान ने अपने खड़े रोड की तरफ इशारा किया..

    “तुम हवसी हो…तुम्हे शांत करवाना इम्पॉसिबल है…”रूहान ने तीखी नज़रे बना ली…

    “मैं शांत नहीं हो सकता ज़ब मेरे खरगोश की आग मुझमे भड़क रही हो…!!

    “हट बेशर्म…!!रूहान ने तेज़ी से विधान के रोड को रगड़ना शुरू किया और झुक कर मुंह मे ले गया…
    अब रूहान की बारी थी विधान से बदला लेने की तो उसने हलके हलके हाथों का स्पर्श देना शुरू किया फिर ज़ुबान की गरमाहट सोनपी तो विधान आँखे बंद कर गया…

    “अह्ह्ह्हह मेरे खरगोश….बहुत खूब…बिलकुल सही जा रहा है…”विधान उसके बालों को सहलाने लगा और रूहान ने सकिंग की रफ्तार तेज़ की तो विधान के चेहरे पर सटिस्फैक्शन आगई…
    रूहान ने अपनी रफ्तार बनाई रखी और विधान उसके मुंह मे ही कम कर गया जिसे रूहान ने पी लिया…

    “ये नमकीन है…अजीब सा थू…..!!रूहान नाटक करता हुआ उलटी जैसा चेहरा बना गया..
    विधान ने उसकी नौटंकी समझी और उसे खींच के निचे दबा लिया..

    “अच्छा…फिर मैं आज तुझे चख लेता हूं…”विधान और रूहान की उंगलियों कस गई और रूहान तेज़ी से सिसकने लगा क्यूंकि विधान ने लाइट्स ऑफ़ कर रूहान को सबक सिखाने का सोचा था..

    To_be_continued…

  • 18. Chapter 18

    Words: 1056

    Estimated Reading Time: 7 min

    विधि और सौम्या साथ मे एक ही हॉस्पिटल मे इंटर्नशिप मिल गई थी…दोनों सर्जिकल डिपार्टमेंट मे साथ ही पेशेंट को हेंडल करती थी…

    दोनों मे मोहब्बत घटी नहीं बल्कि बढ़ती ही गई..
    और अब दोनों साथ मे फ्लेट मे लिव इन रिलेशन मे रहने लगी थी..बहुत ही ख़ुश और मस्ती मे जिंदगी गुज़र रही थी…
    सौम्या के घर मे सब विधि के बारे मे जानते थे लेकिन विधि के घर मे कोई भी उसके रिश्ते के बारे मे नहीं जानता था,,सिवाए विधान के…!!

    विधान ना सिर्फ उसका बड़ा भाई,बलकी गार्डियन और बेस्टफ्रेंड भी था…जिससे वह हर बात बेझिझक शेयर करती थी…
    विधान को अपनी बहन प्यारी थी क्यूंकि वह ठहरा एकलौता बच्चा लेकिन उसकी जिंदगी मे विधि के आने से बहार आगई थी..
    बचपन से ही विधान ने उसे लाड मे बहुत बिगाड़ रखा था और फिर यूँ कुछ हुआ कि उसकी जिंदगी मे सौम्या आई तो वह पूरी तरह बावली होगई क्यूंकि सौम्या उसे जान से भी प्यारी होगई थी…
    क्यूंकि वह अपने घर मे छोटी थी लेकिन सौम्या के आने के बाद उसे खुद एक छोटा बच्चा मिल गया,,सौम्या के नखरे बिलकुल किसी मासूम बच्चे जैसे थे जिसपे वह दिल लुटा गई…

    आज भी हॉस्पिटल से दोनों साथ मे लोटी और आते ही थक कर बेड पर गिर गई..

    “ये हॉस्पिटल…मुझे बहुत थका गया…”

    विधि ने उठके बाज़ू को झटका और कहा..”हाँ,,पेशंट की लाइन जो लगी रहती है पर हमारा ये काम है की दिल लगा कर अच्छे से प्रैक्टिकली सीखना…अब जितना पढ़ा है,,उतना ही ज़ाहिर तो करना है..हमने इन बीते 5 सालों मे बहुत कुछ सीखा है और अब कर दिखाने की बारी आई है..”

    सौम्या भी वाइट कोट उतार कर साइड फेंक गई..”हम्म बिलकुल सही कहा…आखिर हम डॉक्टर्स जो है..”

    विधि भी मुस्काई..
    फिर थोड़ी देर बाद दोनों ने डिनर किया और बेड पर लम्बा लेट होगई..

    विधि मोबाइल हाथों मे लिए स्क्रॉल डाउन कर रही थी और सौम्या उसके सीने से लगी बेचारगी से उसे देख रही थी…

    “डु यू वांट ा कडल सोमी…!?

    “यस आई वांनै वैरी बेडली…!!सौम्या हाँ मे गर्दन हिला गई..
    विधि ने मोबाइल साइड मे रखा और सौम्या के माथे पर बिखरे बालों को उंगलियों से साइड कर उसकी झिल सी नीली आँखों मे डूबने लगी..

    विधि धीरे से उसके चेहरे के करीब आई तो सौम्या ने आँखे बंद कर ली…
    विधि और सौम्या के लब आपस मे मिले और गहराई तक जुड़ते चले गए…
    विधि धीरे धीरे सौम्या को अपनी गरमाहट मे जला रही थी और वही दूसरी तरफ सौम्या पिघलने भी लगी थी..

    सौम्या तेज़ी से बस विधि के बांहो मे समा जाना चाहती थी लेकिन विधि आज बहुत ही सॉफ्टली गुज़र रही थी..
    विधि के हाथ सौम्या के गर्दन को सहलाते हुए उसके नर्म बोब्ज़ी पर गए और वह उसके टॉप के अंदर हाथ डाले ज़ोर से दबाने लगी तो सौम्या उसके होंट छोड़ लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी..

    थोड़ी देर तक यूँ खेल खेलने के बाद सौम्या का टॉप निचे फेंका हुआ था…
    विधि उसे गोद मे लिए उसके निपल को बाईट किये जा रही थी..

    “अहुँह्ह्ह…अहह..हहहहन्नन…उम्म्म..मम्मी…हहहह…अरहहहहहहह….
    सौम्या के मुंह से सिसकियाँ निकलनी शुरू होगई..
    विधि उसे और ज़्यादा करीब सटा के उसके बोबीज़ को मुंह मे लिए सक करती रही..

    “अंम्म्म्म…अह्हह्ह्ह्ह…विध…..हीईई…….हहहहहह…
    सौम्या गर्दन पीछे किये मचल उठी…

    विधि तेज़ी से उसके निपलस को बेदर्दी से ज़ुबान फेराने लगी..

    “इनफ…होगा….होगयय…बस्स्स्स……कर…..

    विधि ने उसके गर्दन पर दाँत गाड़ते हुए कहा..”ज़ब बर्दास्त नहीं कर सकती तो क्यों मुझे पोक करती है…मुझे उतावला कर खुद पीछे हटने मांग रही है..”
    विधि को गुस्सा आगया था..

    सौम्या हँस पड़ी और बोली..”वी..दही..विधि…मेरी विधि….!!

    सौम्या ने लड़खड़ाती ज़ुबान मे शब्दो को एखटा किया और कहा..”पगली मेरे इंकार मे इज़हार है..तू समझती नहीं है क्या..!?
    ज़ब मैं कहूँ बस होगया तो मतलब बस नहीं हुआ,,तुझे रुकना नहीं है बलकी और ज़्यादा बेरहमी और गहराई से मुझे प्यार करना है..”

    विधि कुछ नहीं बोली और गुस्से मे सौम्या के होंटो को दांतो से काटने लगी..

    सौम्या भी विधि के बड़े बड़े बोबीज़ को दबाने लगी..फिर सौम्या थके हुए अंदाज़ मे बेड पर लेट गई और विधि उसपे आके बैठ गई और राइड करने लगी..
    दोनों के गीली हुई पंखुड़ियाँ जुड़ी हुई थी और तेज़ी से रगड़ खा रही थी,,निचले धड़ मे लगी आग और ज़्यादा बढ़ने लगी…
    विधि तेज़ी से आगे पीछे होनी लगी..
    सौम्या की नाजुकी से गिला पन टपक पड़ा तो विधि रुकी और पीछे हट कर झुक कर दो उंगलियां डाल गई..

    “अहहहहहहहहहहहहहहहहहहह…..ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह…हहहहहह….हहहहहह….हह…..हहहन्नन्न…
    सौम्या की सिसकियाँ इतनी तेज़ हुई की चीखो मे बदल गई..

    विधि तेज़ी से उंगलियां अंदर गहराई तक डाले झटके के साथ अंदर बाहर करने लगी..

    “ममम…ममम…मम्मी…ओह्ह्ह्हह…उफ्फ्फ्फ़…मे…अह्ह्ह…मैं कम…कर जाउंगी….!!सौम्या ने विधि के कलाई को पकड़ कर रोकना चाहता लेकिन विधि ने उसके पीछे हाथ ले जाके थप्पड़ मारने शुरू किये तो वह रुक गई..
    विधि तेज़ी से उसके सेंसिटिव स्पॉट को हिट कर रही थी जिसकी वजह से सौम्या तकये मे सिर रखे मचल रही थी…
    विधि तेज़ उंगलियां गहराई तक जाती तो सौम्या सिसक पड़ती,,विधि की नज़रे सौम्या के चेहरे पर ही टिकी थी..

    “कॉमन हिट मी…हिट मी….वी…धी….!!सौम्या चिखी और उसका बदन अकड़ गया…
    विधि रुकी नहीं और उंगलियां झटके से बाहर निकाली तो सौम्या की टांगे काँप गई और सफ़ेद गाढ़ी मलाई गिरने लगी…
    विधि झुकी और बिना रुके तेज़ी से ज़ुबान डाले पहले मलाई चख गई और लिक करने लगी..
    इस बार उसने थोड़ा पंखुड़ी का बंद मुंह खोला तो वह जगह पूरी गीली चिपचिपी हो रही थी…
    विधि की ज़ुबान अंदर जैसे ही गई सौम्या फिर उछल गई और ना गर्दन मे हिलाने लगी…
    वह पेट मे तितलियाँ नहीं बलकी गुदगुदी सी महसूस कर रही थी…
    विधि चुमती रही फिर सौम्या से लगी बैठी उसकी आँखों मे झाँकती रही जहाँ मिलन के कई रुतें रोशन थी…

    सौम्या का हाथ बहक कर विधि को आराम दायक मसाज देने लगा…

    “तुझे अभी तक कुछ नहीं आया है…!!विधि हँस पड़ी…
    और सौम्या के मुंह मे अपनी उंगलियां डाल गई…
    विधि ने अपना हाफ पेंट उतार फेंका और सौम्या का चेहरा अपने टांगो के बिच दबा लिया..
    सौम्या ज़ुबान तेज़ी से चलाती लिक करती रही और विधि आँखे मुंदे सुखद अंदाज़ मे अपने होंट कुचलती रही..

    “वैरी..वैरी गुड…माय सोमी…माय बेब…!!विधि उसके बालों और हाथ फेरती रही और उसका चेहरा और तेज़ी से टांगो के बिच दबा गई..
    सौम्या तेज़ी से लिक कर रही थी और थोड़े ही देर मे विधि के गहराई से सफ़ेद मलाई निकल गया…
    फिर सौम्या ने तेज़ी से विधि के निचे हाथ ले गई और रगड़ा तो वह शांत हुई..

    To_be_continued…

  • 19. Chapter 19

    Words: 999

    Estimated Reading Time: 6 min

    रूहान बेड पर आराम कर रहा था..

    विधान थका हुआ जिम से पसीने से लथपथ वापिस आया तो अपनी स्लीपिंग ब्यूटी को सोता देख मुस्कुरा पड़ा..

    विधान शॉवर ले कर बाहर आया और ग्रीन चेक शर्ट और ब्लैक जींस पहने रूहान को उठाने लगा..

    रूहान आँखे मल कर उठा..

    “आज संडे है फिर कहाँ..!?
    इतने सुबह सुबह कहाँ जारहे हो..!?

    विधान अपनी गहरी काली आँखों से उसे घूर कर बोला..”ज़रूरी काम है,,तुम उठो और नाश्ता करो..”

    रूहान हाँ मे गर्दन हिला गया..

    “बाय…!!

    विधान अपनी दाढ़ी खुजाता हुआ जूनूनी अंदाज़ मे बोला..”छोटे खरगोश सिर्फ बाय…!!

    रूहान अब भी नींद मे था,,वह ओंघते हुए बोला..”ओके लव यु विधु…आई मिस यु,,जल्दी आना तुम्हारा इंतेज़ार रहेगा..”

    विधान ने एक भरपूर नज़र रूहान पर डाली जिसका गोरा निखरा सा रूप,,सुर्ख पड़ता नाक और नीली निगाहेँ जो नींद के खुमार से भरी थी..

    विधान ने एक लम्बी सांस ली और रूहान के गर्दन पर हाथ ले जाके सहलाने लगा..

    “क्या हुआ विधान…!?
    रूहान की नीली आँखे विधान पर जम गई..

    विधान के दिल से प्यार उमड़ उमड़ कर रूहान पर बरसने को तयार था..”उम्म्म इतना भी ज़रूरी काम नहीं है…”

    क्या….!?
    रूहान डर से अचानक पीछे हटता की विधान ने उसे ज़बरदस्ती बांहो मे जकड़ लिया…

    “अह्ह्ह्ह…हहहह….!!रूहान की सांसे एकदम तेज़ होगई..

    विधान उसके गर्दन पर बेशुमार चूमन देने लगा..
    “कितने…कितने दिन बाद…मेरा छोटा खरगोश मेरे बांहो मे आया है..”

    रूहान विधान के पीठ को प्यार से सहला कर बोला..”तो…तो तुम्हे मना किसने किया था…मैं तो तुम्हारा ही हूं…”

    विधान ने फौरन ही शर्ट उतार फेंका और दूसरे ही पल रूहान के ऊपर आके शिद्दत भरा स्पर्श उसके चेहरे पर छोड़ने लगा..

    “वी…धान…थोड़ा कण्ट्रोल करो…!!

    विधान उसकी बात सुन उसकी टी.शर्ट ऊपर कर निपलस पर उंगलियां फेरने लगा..
    फिर निचे झुक उसके निपलस को दांतो मे लिए बाईट करने लगा…

    “अह्ह्हह्ह्ह्ह…अहहहहहहहहहहहह,,हहहह…विधान…गो सलो….अंह्ह्ह्हह्ह….!!!

    विधान ने रूहान की आँखों मे देखा तो वह नज़रे फेर कर अपने मुंह पर हाथ रख गया…
    विधान की तिरछी मुस्कान लबों पर आगई…
    रूहान का चेहरा शर्म से लाल पड़ गया था…

    विधान के गीली ज़ुबान जैसे ही रूहान के निपलस से टकराई तो वह आँखे बंद कर सिसक पड़ा..

    “आअह्ह्हह्ह्ह…आहाह्ह्हह्ह्ह…हहहहह…
    उमममममममममम….अअअअअ…

    तभी विधान रुक गया तो रूहान पलट गया…

    रूहान ने अटकते हुए कहा..“र…रू…रुक क्यों गए…!?

    विधान ने रूहान के पेंट की तरफ इशारा किया तो वह झेप गया…
    रूहान का पेंट गिला होगया था…

    “हाहाहाहा….हाहाहाहा….!!विधान हँस पड़ा तो रूहान फिर झींप कर शर्मा गया..

    विधान शरारत से बोलने लगा…”तो मेरे लिए इतना तड़प रहा है कि पहले ही से तू…

    “मत बोलो ऐसे….तुम बहुत बदमाश हो….!!
    रूहान ने विधान के सीने मे मुक्के मारे तो विधान ने उसके दोनों हाथ पकड़के अपने करीब खींच लिया..
    विधान ने झटके से उसका पेंट उतारा और होल मे दो उंगलियां डाल के अंदर बाहर करने लगा तो रूहान हाँपने लगा…

    रूहान ने उसका पकड़ कर रोकने की कोशिश की तो विधान ने और ज़्यादा तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा…
    तभी रूहान को एक ज़ोरदार झटका लगा और कम कर गया..

    विधान के चेहरे पर रूहान को पाने का जूनून तेज़ी से सवार होगया…
    वही रूहान कम करने की वजह से हाँप रहा था…

    “विधान…प्लीज जल्दी कुछ करो…करो मैं वरना मर जाऊंगा….”रूहान की बॉडी की गर्मी बढ़ने लगी…
    विधान ने अपना रोड उसके होल पर रगड़ते हुए समा गया..

    रूहान की आँखे सटिस्फैक्शन से बंद होती गई…
    वही विधान थ्रूस्टिंग तेज़ी से करता रहा..

    विधान ने रूहान के कानो के करीब झुकते हुए आहिस्ता से कहा…”तुझे दर्द तो नहीं हो रहा है ना…!?

    रूहान ने विधान के कमर मे दोनों पैर लपेटते हुए कहा…”नही…अब मेरा होल थोड़ा लूज़ होगया है…अब तो तुम्हारी आदत होगई है…”

    विधान ने तेज़ झटके दिए तो रूहान ने विधान के पीठ पर नाख़ून गड़ाने शुरू किये…

    “तुझे तो मैं….मैं खा ही जाऊंगा…!!

    विधान उसके गर्दन पर काटने लगा…

    “किश मी विधान प्लीज…”रूहान की बात पर विधान रुका और बेदर्दी से अपने होंटो को उसके होंटो से मिला दिया..
    रूहान के होंट विधान से मिलते ही पूरी तरह खील गए…
    दोनों के होंट आपस मे मिल गए थे…

    रूहान ने उसके होंटो के चूसना शुरू किया…इधर विधान की झटको की तेज़ी बढ़ी तो दोनों साथ मे ही कम कर गए…

    विधान रुका और रूहान के चेहरे को पकड़के उसके गालो को चुम गया..

    “विधान…मे..मैं एक ओमेगा हूं…मैं प्रेग्नेंट हो सकता हूं…ऐसा ना हो कि हमसे कोई गुनाह हो जाए..”रूहान ने बेबसी मे कहा..

    विधान वापिस से उसे बांहो मे जकड़ता हुआ बोला…”तो…मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता…तू मुझे हर हाल मे मंजूर है…मेरे छोटे खरगोश….!!
    अगर तू प्रेग्नेंट भी हो जाए तो मैं तो उलटा ख़ुश हो जाऊंगा..मुझे एक छोटा विधान या छोटी…हम्म नहीं मुझे बेटा ही चाहिए,,अगर बेटी हुई तो सोचा नहीं है कि नाम क्या रखूंगा..”

    रूहान ब्लैंकेट से खुद को कवर करता हुआ बोला…”धानी….हीहीही…!!

    विधान गंभीरता से बोला..”नहीं…इतनी जल्दी नहीं,,पहले पढ़ाई कम्पलीट करेंगे फिर कुछ सोचेंगे…”
    रूहान ने हाँ मे गर्दन हिला दिया तो विधान फिर से उसके होंटो पर झुक गया..

    लेकिन विधान रुका और उठके बैठ गया तो रूहान चौंक गया…

    विधान ने उठके रूहान का ब्लैंकेट खींच लिया तो रूहान चीख पड़ा…”बेशर्म…कहीं के….!!

    विधान की तेज़ हंसी कमरे मे गूंज गई और वह रूहान को अपना शरीर हाथों से छुपाने की कोशिश करता हुआ देख बेशर्मी से बोला…”क्या फायदा छुपाकर…मैंने तो सब देख लिया है..”

    रूहान लज्जा गया…

    “तुम इतने बड़े बेशर्म निकलोगे मुझे नहीं पता था..”
    विधान ने वापिस से ब्लैंकेट उसपे ओढ़ा दिया…
    फिर कूद कर उसपे चढ़ गया..

    “तुझसे तो मेरा दिल ही नहीं भरता है यारर…क्या करू..क्या करू तू ही बता…”
    विधान की बात पर रूहान उसके ऊपर चढ़ आया और राइड करने लगा…

    आहहहहहहहह…अहहहहहहहहहहहहममममममम….हहजज्ज….सहहहहहहह….____
    विधान के रोड पर बैठा वह आगे पीछे होकर सिसक रहा था…

    “अहह…मेरे छोटे खरगोश… मुझे बेशर्म बोलकर खुद ऐसे तड़पा रहा है…!!
    विधान रूहान की पतली गोरी कमर पकड़के मसलने लगा…

    फिर विधान वाइल्ड होगया और रूहान को निचे दबाकर झटके देने लगा…
    रूहान सिसकने के साथ साथ विधान के गुदगुदी करने पर खिलखिला के हँस भी देता…
    दोनों की मस्ती मज़ाक़ और मिलन की खुसबू कमरे की फिज़ाओ मे गूंजने लगी..


    To_be_continued…

    (𝘚𝘖𝘙𝘙𝘠 𝘍𝘖𝘙 𝘓𝘈𝘛𝘌 𝘜𝘗𝘋𝘈𝘛𝘌...💕🌷
    𝘛𝘈𝘉𝘐𝘠𝘈𝘛 𝘒𝘜𝘊𝘏 𝘛𝘏𝘌𝘌𝘒 𝘕𝘏𝘐 𝘛𝘏𝘐..🥲🙏🏻)

  • 20. Chapter 20

    Words: 890

    Estimated Reading Time: 6 min

    सौम्या फ्री बैठी मोबाइल चला रही थी ज़ब विधि आई और मास्क उतारते हुए बोली..”शिट…मैं फिर आईडी घर पर भूल गई थी..”

    सौम्या सोचती हुई बोली..”कोई नहीं विधि…तू आराम कर बहुत थक गई होगी..”

    विधि ने लम्बी सांस ली और चेंज कर बेड पर आगई..

    सौम्या कुछ सोचके बोली..”तब तूने आगे क्या सोचा है..”

    विधि उसके तरफ पलट कर प्यार से बोली..”विधान भाई से बात करती हूं,,वह डेड से बात करेंगे..छोटी मोटी मँगनी की रस्म ही कर लेंगे..”
    सौम्या ख़ुशी से विधि के बांहो से सिमट गई तो विधि ने सुकून से आँखे मुंद ली..

    “एक…एक मिनट…विधि लेकिन बड़े तो विधान भाई है तो पहले उनकी शादी होगी ना..”

    विधि ने पूरी तरह आँखे खोल ली..

    “हाँ पर अभी वह शादी नहीं करना चाहते,,क्यूंकि जहाँ तक मुझे पता है रूहान राज़ी नहीं है,,वह पढ़ाई पर फोकस करना चाहता है…”

    सौम्या को पूरी बात समझ मे आगई तो उसने हाँ मे गर्दन हिला दिया..

    विधि तिरछी मुस्कान के साथ बोली..”तू उनका छोड़..और सिर्फ मेरे बारे मे सोच..!!

    सौम्या कुछ समझी नहीं..

    “मतलब…!?

    विधि ने उसके गालो मे हाथ रखा और उसके होंटो चुम लिया..
    सौम्या सीहर उठी और धीरे धीरे विधि का साथ देने लगी…

    विधि अचानक ही सौम्या के दोनों हाथ पकड़े बेडक्राउन से टाई उप कर उसका क्रॉप टॉप उतार गई..

    “ये अचानक…तुझे क्या होगया…!?

    विधि शैतानी मुस्कान के साथ बोली..”नहीं पता बस कल तो पैरो पर खड़े होने के काबिल नहीं रहेगी..”
    सौम्या उसकी बातें सुन शर्म से लाल पड़ गई..

    विधि ने ज़ुबान बाहर निकाली तो सौम्या ने उसके ज़ुबान को चूसना शुरू किया,,फिर ज़ुबान को सक करते करते सौम्या होंटो को काटने लगी..

    “शाबास…सोमी…!!
    विधि ने सौम्या का हाथ खोल दिया तो वह उठी और जल्दी से अपना हाथ टांगो के बिच ले गई और तेज़ी से सिसकने लगी..

    विधि भी गंभीरता से सौम्या की तड़प देखने लगी जो झुकी खुद ही सिसक रही थी..
    विधि ने सौम्या को पीछे से बांहो में जकड़ते हुए अपना हाथ उसके टांगो के बिच ले गई…
    सौम्या गीली हो चुकी थी और उसकी गुलाबी पंखुड़ियाँ फड़फड़ा रही थी..

    विधि ने प्यार से सहलाया तो वह काँप उठी,,विधि अपनी उंगलियों से ऊपरी हिस्से को रगड़ने लगी..
    सौम्या तेज़ तेज़ सांसे लेने लगी,,विधि और उसकी नीली आँखे टकराये तो दोनों के होंट आपस में मिल कर तेज़ी से प्यास बुझाने लगे…

    “अह्ह्ह्ह…हहहहहह…हम्म्म..हफ्फ्फ्फफ्फ्फ़…हहहहहहहहहहहहहहहह….हह..अंह्ह्ह्ह..!!
    सौम्या विधि के होंटो को छोड़ सिसकने लगी…

    विधि की दो उंगलियां गीली होगई थी और फिसल कर गहराई तक चली गई…
    विधि वाइल्ड होने लगी तो सौम्या उसके बांहो में मचलने लगी…
    सौम्या आलरेडी पहले ही कम कर चुकी थी…

    विधि ने एक हाथ से सौम्या के बोबीज़ को पकड़के मसलना जारी रखा और उसका दूसरा हाथ सौम्या के टांगो के बिच में तेज़ी से हरकत कर रहा था..

    “फ….फक…फक….वी…धी….!!सौम्या तेज़ी से चीखने लगी तो विधि रुक गई क्यूंकि सौम्या कम कर रही थी..

    विधि ने अपनी उंगलियां देखि जो सफ़ेद गाढ़ी चिपचिपी हो रही थी..
    सौम्या ने विधि के उंगलियों पर ज़ुबान फेरा और अच्छे बच्चे की तरह मुंह बनाये रही..

    “गुडगर्ल…!!विधि मुस्कुराई..

    सौम्या फिर आराम से बेड पर टांगे फैलाये लेट गई तो सौम्या अपना चेहरा उसके टांगो के बिच दबाये रही…

    न…ननणणही…नो…फ…माय…माय…गुडनेस….विधि….
    सौम्या ने विधि का चेहरा दूर करना चाहा लेकिन विधि वेदर्दी से उसके टांगो को अलग किये अपनी ज़ुबान उसकी गहराई में डाले सक करती रही..
    नाजाने कितने बार सौम्या कम कर चुकी थी…

    अहहहहहहहहह…हहहहहह..हहहहहहहहहहहह….विधि…छोड़…मैं…मैं…मर….मर गई…में…
    सौम्या ब्लैंकेट मुठियो में दबाये चीखती रही…
    विधि को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था,,वह जूनून में उसकी गुलाबी पंखुड़ी को होंटो में लिए चूस रही थी…

    “शशाशश्शश्शाश…मेरी जान सोमी…सच बता तुझे मज़ा नहीं आरहा क्या…!?
    क्या तू सचमे चाहती है मैं रुक जाऊ…!!
    विधि की शरारती अंदाज़ में रुक कर कहना सौम्या को ख़ामोश करवा गया…

    विधि के होंटो पर सफ़ेद पानी लगा हुआ था…

    सौम्या ने ना में गर्दन हिलाते हुए कहा..”मैं सटिस्फीएड होगई हूं लेकिन…बस..बस मैं बहुत होरनी हो रही हूं…तेरे स्पर्श से मेरी बेक़रारी बढ़ रही है..”

    “ओह्ह्ह अच्छा…ऐसा क्या..!!विधि ने उसे जानबूझकर छेड़ा तो सौम्या कुछ नहीं बोली…
    विधि उसके बगल में आके लेट गई और साइड टेबल से टिश्यू के डब्बे से टिश्यू पेपर लेकर अपना हाथ और चेहरा साफ किया..
    फिर सौम्या के टांगो को साफ कर उठने लगी कि सौम्या ने मायूसी से उसकी तरफ देखा…
    विधि ने सौम्या का माथा चूमा और उसके साथ लेट गई…
    थोड़ी देर बाद ही सौम्या ने विधि का हाथ पकड़ अपने टांगो के बिच ले जाके दबा दिया..

    “सोमी….!!

    “प्लीज…अब पक्का नखरे नहीं करूंगी…मुझे जितना होसके उतना प्यार कर…”सौम्या नज़रे शर्म से चुरा गई..
    विधि ने कुछ नहीं कहा वह जानती थी उसकी सोमी कितनी बदमाश है…

    विधि की उंगलियां फिर उसके पेट में गुदगुदाने लगी..
    इस बार सौम्या खिलखिला कर हंसने लगी…

    विधि अचानक ही सौम्या के गर्दन पर झुक कर ज़ुबान फिराने लगी..
    सौम्या इस बार सेक्सी अंदाज़ में आंहे भरने लगी..

    सौम्या ने कपड़े के ऊपर से ही विधि के बोबीज़ को दबाया तो विधि ने आँखे मुंद ली…
    कुछ ही देर में विधि के कपड़े भी पूरी तरह उतर गए और सौम्या की भारी होती सांसे कमरे में सुनाई देने लगी..

    विधि बिना रुके झटके से सौम्या के गहराई तक उंगलियां ले जाती तो सौम्या होंटो को दांतो तले दबा लेती..
    लेकिन ज़्यादा देर सौम्या टिक नहीं सकी और फिर बहह निकली…
    और इस बार वह विधि के बदन से चिपकी उसके चेहरे को चूमती रही…
    विधि आँखे बंद कर उसका प्यार भरा स्पर्श महसूस करती रही..

    To_be_continued…