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The Rich Men

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Aman Aj

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"द रिच मैन" – एक कहानी जो दिल को छू जाएगी। ये कहानी है एक अमीर आदमी की, जिसकी ज़िंदगी प्लेबॉय स्टाइल में मज़े करते हुए गुजर रही थी। लेकिन फिर अचानक उसकी मुलाकात होती है शनाया से – एक लड़की जो उसकी दुनिया को हिला कर रख देती है। शनाया से मिलने...

Total Chapters (28)

Page 1 of 2

  • 1. The Rich Men - Chapter 1

    Words: 898

    Estimated Reading Time: 6 min

    सुबह अभी ठीक से हुई भी नहीं थी मगर पूरे घर में भगदड़ मच गई थी। किसी महल की तरह दिखने वाले घर में व्हाइट ड्रेस और ब्लैक कलर की स्कर्ट पहनी लड़कियाँ इधर से उधर दौड़ रही थीं। किसी को भी ठीक से समझ नहीं आ रहा था क्या किया जाए और क्या नहीं। अव्यवस्था का यह तूफ़ान, एक आँधी की तरह, अचानक थम गया। एक ठंडी, शांत, किसी काली साएं की तरह दिखने वाली एक लड़की, दरवाज़े से प्रवेश की। एक ख़ूबसूरत, पर गंभीर चेहरे वाली लड़की, ब्लैक बिज़नेस सूट में, हाथ में एक फ़ाइल लिए। उसकी उपस्थिति ही एक शक्तिशाली आदेश थी। वह बोली, "रुको।" उसके कहते ही जो जहां पर था वह वहीं पर रुक गया। वह कमरे में आई और बोली ,"अगर तुम लोगों ने पहले ध्यान दिया होता तो यह सब नहीं होता, सर ने यह विला, मिसटर ओबेरॉय से 3 दिन पहले खरीदा था, तुम सब के साथ, अब तक तुम सब लोगों को इस कर के हिसाब से तैयार कर देना चाहिए था, आखिर क्या चाहिए तुम लोगों को? क्या तुम लोग यह चाहती हो सर तुम लोगों को भी मिस्टर ओबेरॉय की तरह इस घर से धक्के मार के बाहर निकाल दे? बताओ?" वह जोर से चिल्लाई जिसे सभी की दिल की धड़कन बढ़गई। उसके शब्दों के बाद सन्नाटा छा गया। हर नौकरानी, डर और असमंजस से भर गई, सब अपनी-अपनी जगह जम गई। उसने फ़ाइल खोली और एक-एक करके ऑर्डर देने लगी। "रसोई की देखरेख करने वाली, आप सुबह का नाश्ता तुरंत तैयार करें। बाग़ में काम करने वाली, आप फूलों की सजावट देखें, और घर साफ़-सफ़ाई में लगी रहें। बाकी सब, अपने-अपने काम में लग जाइए। मुझे एक घंटे में पूरी रिपोर्ट चाहिए।" उसका आदेश सख्त, लेकिन व्यवस्थित था। वह कुशलता से काम बँटवा रही थी, अपनी तेज नज़रों से किसी की भी गलती को नहीं छोड़ रही थी। एक घंटे के अंदर, घर में अव्यवस्था की जगह व्यवस्था छा गई थी। वह कोशिश कर रही थी किसी भी तरह की कमी ना रहे। मिस्टर ओबेरॉय का यह आलीशान घर वह किसी दुल्हन की तरह सजाना चाहती थी वह भी सिर्फ और सिर्फ अपने सर के लिए। जल्दी उसके फोन पर एक मेल आया जिसे उसने चेक किया। उसमें लिखाथा ,"15 मिनट में सर यहां पर आ रहे हैं।" यह पढ़ते ही उसने सभी नौकरानी की तरफ दोबारा देखा। सब की सब एक से बढ़कर एक खूबसूरत लड़कियां थी जो अलग-अलग कंट्री से थी कोई रशियन थी तो कोई चीन से तो कोई कोरियासे। उसने कुछ खूबसूरत लड़कियों का सेलेक्शन किया और उन्हें छोड़कर बाकी सब को जाने के लिए कादिया। वह उनसेबोली ,"तुम सब, ध्यान रहे सर से मिलने का मौका तुम सबको पहले मिल रहा है, उनके खाने से लेकर उनके यहां रहने तक हर एक चीज का ख्याल तुम लोगों कोरखना है, जो वह कहे वह करना है, ए बात समझमें?" उन सभी लड़कियों ने हमें सरहिला दिया। ठीक 15 मिनट बाद दरवाजे पर एक धीमी कदमों की आवाज आई। एक लंबी कद काठी का शख्स जिसने कस्टमर सूट पहन रखा था वह घर के अंदर आया। उसके ठीक पीछे चार और लोग थे जो उसके बॉडीगार्ड थे मगर वह दरवाजे के पास आते ही रुक गए। वह सच में पूरे घर को एक नजर देखा और फिर उसे लड़की को जो अभी भी फाइल लेकर खड़ी थी। फिर अपने कदम आगे बढ़ाएं और बिना कुछ कहे ही सीडीओ से ऊपर के कमरे में चलागया। फाइल संभाली लड़की ने दो नौकरानी की तरफ इशारा कियाऔर कहा ,"जूस चाय कॉफी पीने के लिए जो भी अवेलेबल है सबका सब लेकर आओ, 5 मिनट में सब कर के रूम में होना चाहिए्" फिर वह भी सीडीओ से उसे आदमी के पीछे चल रही है जो अभी-अभी ऊपरगया था। ऊपर के कमरे में भी शांति और रहीशी थी। एक बड़ा कमरा जो काफी सारी महंगी चीजों से भराहुआ था। कमरे के बीचो-बीच एक आलीशान बेड जिसकी कीमत का अंदाजा भी नहीं लगायाजा सकता था। वह शख्स खिड़की के पास खड़ा था और बाहर की तरफ देखरहा था। मैनेजर उसके पास आई और बाहर की तरफ देखते हुएबोली ,"यहां का नजारा कितना अच्छा है ना? एक खूबसूरत नजारा जिसमें हमें नेचर की खूबसूरती नजर आती है। देखना, आपके यहां रहकर बहुत अच्छालगेगा।" उसने अपने दोनों हाथ अपनी जेब में डाल रखे थे वह बिना पीछेमूढ़े बोला ,"मैं यहां रहने के लिए नहीं आया हूं, और ना ही यहां का यह खूबसूरत नजारादेखने, यह कितना भी खूबसूरत क्यों ना हो मगर मेरे लिए किसी नरक से काम नहीं है, इस महल को हासिल करना मेरी एक जिद्दी थी, जिसे मैं हासिल कर दिया है। श्री ओबेरॉय कभी पता चल गया होगा, जो चीज में हासिल करने के बारे में सोच लेता हूं फिर मुझे कोई भी उसे हासिल करने से रोक नहींसकता।" मैनेजर थोड़ा सा हिचकी जाने लगी थी ,"सर.. " वह पीछे मोड ,"मगर यह महल यह बस एक शुरुआत है, मेरा असली काम अभी बाकी है। ओबेरॉय के पास अभी भी बहुत कुछ है और मुझे वह भी हासिल करना है। मैं उसके पास एक जवानी तक नहींछोड़ने वाला।" मैनेजर ने कहा ,"मगर सर आपको नहीं लगता यह कुछ ज्यादा होजाएगा?" वह पलटा और दोबारा खिड़की की तरफ देखनेलगा ,"नहीं मुझे बिल्कुल भी नहीं लगता, श्री ओबेरॉय के इस महल को मैं उसकी खबर बनाऊंगा, और यह बात में पूरा दिल‌ से कह सकता हूं सिर्फ तुम्हारे सामने नहीं बल्कि लाखों लोगों के सामने भी ् "

  • 2. The Rich Men - Chapter 2

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 3. The Rich Men - Chapter 3

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 4. The Rich Men - Chapter 4

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 5. The Rich Men - Chapter 5

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 6. The Rich Men - Chapter 6

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 7. The Rich Men - Chapter 7

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 8. The Rich Men - Chapter 8

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 9. The Rich Men - Chapter 9

    Words: 1020

    Estimated Reading Time: 7 min

    विनम्र लिफ्ट में अकेला नीचे जा रहा था। उसने केवल दो मंजिल नीचे जाने के लिए लिफ्ट ली। जैसे ही लिफ्ट दो मंजिल नीचे आई, विनम्र ने बाहर निकलकर पास की लिफ्ट देखी की वह कौन-सी फ्लोर पर जा रही है‌। वह फ्लोर पर जा रही थी। यह देखकर विनम्र वापस आया और अपनी सूची में 83वें फ्लोर को ओके किया। विनम्र की लिफ्ट भी 73वें फ्लोर पर जाने लगी। विनम्र फिलहाल सिक्योरिटी गार्ड का रूप धारण किए हुए था और जब तक वह इस रूप में था, तब तक वह किसी और का रूप नहीं ले सकता था। कुछ देर में लिफ्ट का दरवाजा खुला और विनम्र सीधे 73वें फ्लोर पर था जहाँ सारे सैनिक दीवारों पर लगी लाइनों में खड़े थे। सुरक्षा इतनी कड़ी थी कि अगर कोई घुसपैठ करता, तो सैनिक इतनी गोलियाँ चलाते कि उसके शरीर के चिथड़े उड़ जाते। क्योंकि विनम्र सिक्योरिटी गार्ड की ड्रेस में था, वह आराम से सैनिकों के बीच चल सकता था। सैनिकों के बीच से चलते हुए, विनम्र उस दरवाजे की ओर जाने लगा जहाँ सारे सिक्योरिटी गार्ड्स ने एक रास्ता बनाकर इस ओर इशारा किया था कि वे लोग इसी दरवाजे से अंदर गए हैं। जल्दी ही विनम्र दरवाजे के पास पहुँचा और देखा कि दरवाजा थोड़ा सा खुला था। विनम्र दरवाजे से अंदर चला गया। जैसे ही वह अंदर पहुँचा, उसने अपना चेहरा नहीं बदला, बल्कि अंदर के माहौल का अवलोकन किया। बड़ा आलीशान, महल जैसा कमरा, जहाँ किसी को यह भनक तक नहीं लग सकती थी कि कौन कहाँ क्या कर रहा है, क्योंकि कमरे इतने बड़े थे। दीवारों के पास ढेर सारे सैनिक खड़े थे, बीच में काले रंग के सूट पहने सिक्योरिटी गार्ड थे और उनके बीच सोफ़े पर सात लोग बैठे थे, जिनकी मीटिंग हो रही थी। इनमें एक वह लड़की थी जो प्रेसिडेंट की राइट हैंड थी और अभी-अभी आई थी, एक सिक्योरिटी एडवाइज़र, एक शायद जनरल था और दो लोग और थे जिन्हें विनम्र पहचान नहीं पा रहा था, जबकि एक लड़की वह थी जिसके लिए विनम्र यहाँ आया था— आन्या। विनम्र उसे देख रहा था। विनम्र ने कुछ सैनिकों को जहाँ एक आदमी बात कर रहा था, देखा। विनम्र कमरे में मौजूद एक खंभे के पीछे छिप गया और वहाँ से बाहर निकलकर उसने एक सैनिक का रूप ले लिया। वह एक सैनिक की तरह चलने लगा और किसी को उस पर शक भी नहीं हो रहा था, क्योंकि इतने सारे सैनिकों के बीच में कोई धोखेबाज़ निकलेगा, इसके बारे में कोई नहीं सोच सकता था। हेंग ने आन्या से कहा, “तुमने जो कहा है, मैं उसे सच मान लेती हूँ, मगर तुम्हारे पास सबूत क्या है? बिना सबूत के तुम्हें पता है, मैं इस पर यकीन नहीं करूँगी और न ही प्रेसिडेंट।” आन्या ने अपनी जेब में हाथ डाला और कुछ फ़ोटो बाहर निकालकर रख दीं। आन्या ने भी एक काले रंग का सूट पहन रखा था और उसके हाथों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह आज ही किसी और जगह पर जाने की तैयारी कर रही थी। आन्या बोली, “सबूत तुम्हारी आँखों के सामने हैं, इन फ़ोटो को ध्यान से देखो। तुम इसमें आराम से देख सकती हो कैसे मैंने सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल किया था। बात यहीं तक खत्म नहीं होती। मैं तुमसे सिर्फ सुदर्शन चक्र का सौदा नहीं करने वाली हूँ, बल्कि इससे भी आगे की चीज़ है; दूसरी दुनिया जैसी चीज़, जिसे तुम लोग बस एक मिथक मानते हो। कई दूसरी दुनियाओं के रास्तों के बारे में भी मुझे पता है, जहाँ जाकर तुम्हें ऐसी-ऐसी चीज़ें मिलेंगी जिनकी तुम लोगों ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। एक ऐसी दुनिया जहाँ राक्षस रहते हैं और वहाँ का हर राक्षस यहाँ आने के बाद किसी सुपर सोल्जर से कम नहीं होगा। मगर इसके लिए तुम लोगों को सबसे पहले सुदर्शन चक्र हासिल करना होगा, फिर तुम राक्षसों की दुनिया में जाकर उन पर अपना जोर चला सकते हो और उन्हें अपनी बात मानने के लिए मजबूर भी कर सकते हो। फिर यहाँ आकर उनका इस्तेमाल करके सभी देशों को युद्ध में हरा सकते हो।” यह कहकर आन्या पीछे हटी और बोली, “वैसे तो अगर किसी के पास सुदर्शन चक्र होगा, तो वह बिना किसी सेना के ही बड़े से बड़े देश को हरा देगा, लेकिन फिर भी अगर यह हो कि एक तरफ़ सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करके युद्ध लड़ा जा रहा है, तो दूसरी तरफ़ बॉर्डर की सुरक्षा भी दी जा सकती है।” हेंग फ़ोटो देख रही थी और हर फ़ोटो को देखने के बाद उसकी आँखों में गहरापन बढ़ता जा रहा था। काफी सारी फ़ोटो देखने के बाद वह बोली, “ठीक है, मगर तुम्हें हमसे क्या चाहिए?” आन्या ने दोबारा खुद को आगे किया और बोली, “यह सुदर्शन चक्र मेरे पास था, मगर मैं इसे गलती से खो दी, अब मैं इसे दोबारा हासिल करना चाहती हूँ, लेकिन यह मैं नहीं कर पाऊँगी जब तक मेरे पास उस लड़के को मजबूर करने के लिए कुछ ऐसा न हो जिससे उसे मजबूर होना ही पड़े और सुदर्शन चक्र वापस देना पड़े। मुझे तुम लोगों से वह चाहिए जो सिर्फ़ तुम लोगों से ही मैं उम्मीद कर सकती हूँ।” विनम्र और प्रेसिडेंट की राइट हैंड दोनों ही आन्या को दिलचस्प नजरों से देख रहे थे और उसके जवाब का इंतज़ार कर रहे थे। आन्या ने कुछ देर तक कुछ नहीं कहा, फिर वह बोली, “मैं चाहती हूँ कि तुम लोग अपने हाइड्रोजन बम का एक्सेस मुझे दो; एक हाइड्रोजन बम का एक्सेस ताकि मैं उस लड़के को धमका सकूँ। इस वक़्त भारत में वह और बाकी लोग मेरी फैलाई गई बीमारी से छुटकारा पाने में लगे हुए होंगे। ऐसे में अगर मैं उन्हें हाइड्रोजन बम की धमकी दे दूँ, तो उसके पास मुझे सुदर्शन चक्र देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं होगा।” यह सुनकर विनम्र के पैरों तले से जैसे जमीन खिसक गई। वह इस बात की उम्मीद नहीं कर सकता था कि आन्या इतनी गहरी चाल सोच सकती है। आन्या कुछ छोटा नहीं, बल्कि बहुत बड़ा करने का सोच रही थी और अगर यह हो गया, तो इसका मतलब था भारत का खात्मा। इसकी प्लानिंग काफी खतरनाक थी। आज से पहले उसने इतनी खतरनाक प्लानिंग अपने किसी भी दुश्मन से नहीं एक्सेप्ट की।

  • 10. The Rich Men - Chapter 10

    Words: 126

    Estimated Reading Time: 1 min

    ऐसा लग रहा था मानो यह पूरा समंदर ही जम गया हो। और इस जमे हुए समंदर के बीच में मौजूद इस जहाज का, समंदर के जमने की वजह से, जमुना तट पर चाँद की चाँदनी रोशनी में देवासी की नज़र जहाँ तक जा रही थी, वहाँ तक उसे बर्फ में जमा हुआ समंदर ही दिखाई दे रहा था। माहौल और वातावरण भी काफी ठंडा हो गया था। काफी ठंडी हवा चल रही थी और एक हल्की धुंध दिखाई दे रही थी। यह हल्की धुंध और चलने वाली हवा इतनी ठंडी थी कि देवासी के शरीर से टकराने मात्र से उसकी आंतरिक आग बुझ रही थी। हालाँकि, थोड़ी देर बाद वह दोबारा जाग रही थी, लेकिन उस ठंड का असर देवासी पर अवश्य हो रहा था।

  • 11. The Rich Men - Chapter 11

    Words: 1037

    Estimated Reading Time: 7 min

    विनम्र, संयोगिता और शंभू वहाँ मौजूद थे। विनम्र ने अभी-अभी बताया था कि आन्या किसी और आदमी से बात कर रही थी, जो अब एक बड़ी समस्या बन गई थी। विनम्र को भी उस आदमी के बारे में कुछ नहीं पता था, और अब उसके बारे में पता लगाना ज़रूरी था। संयोगिता ने थोड़ा सोचकर विनम्र से पूछा, “क्या तुम्हारे पास कोई आईडिया है? तुम्हारे दिमाग में कुछ तो होगा जिससे इस समस्या का समाधान ढूँढ़ सकें?” विनम्र ने थोड़ा सोचकर सिर हिलाया और कहा, “क्या ऐसा कभी हो सकता है कि मेरे पास किसी समस्या का समाधान न हो? मेरे पास इस समस्या का समाधान है, लेकिन यह थोड़ा मुश्किल भरा है, और मुझे नहीं लगता कि आप दोनों इसके लिए राज़ी होंगे।” शंभू घूर-घूर कर देखने लगा था क्योंकि अगर विनम्र कुछ भी बताने वाला है, तो वह कुछ ऐसा होगा जिसमें ढेर सारी मुसीबतें, ढेर सारी लड़ाइयाँ और पता नहीं कितना कुछ शामिल होगा। पहले भी विनम्र इसी तरह के समाधान बताता था। शंभू ने स्थिति का आकलन करते हुए कहा, “रहने दो भाई, जहाँ तक मुझे तुम्हारा पता है, तुम कभी भी कोई चीज़ अच्छे से नहीं बताते हो। मैं ही देखता हूँ मेरे पास कोई रास्ता है या नहीं।” यह कहकर शंभू थोड़ी देर सोचता रहा, मगर इसके बाद उसने अपने हाथ खड़े कर दिए और विनम्र से कहा, “नहीं, शायद मेरे पास कोई रास्ता नहीं है। चलो भाई, अब तुम ही बताओ क्या करना होगा और हम कैसे इस समस्या का समाधान ढूँढ़ेंगे?” विनम्र ने प्रिंस होटल की तरफ़ देखा और कहा, “हमारे पास इसके लिए एक ही रास्ता है: आन्या को बाहर निकालना होगा। जब आन्या बाहर निकलेगी, तभी हम उसे पकड़ सकते हैं। जब तक वह बाहर नहीं निकलेगी, तब तक हम उसे कुछ नहीं कर सकते। हम इतने सारे सुरक्षाकर्मियों को मार तो सकते हैं, लेकिन इसे मारने का मतलब होगा एक बड़ी जंग शुरू करना।” संयोगिता भी होटल की तरफ़ देखने लगी, “और उसे इस होटल से बाहर निकालने के लिए तुम क्या करोगे? हर कुत्ते को बाहर बुलाने के लिए एक हड्डी दिखानी पड़ती है। आन्या को तुम ऐसी कौन सी हड्डी दिखाओगे कि वह उसकी ओर भागे?” विनम्र ने गहरी साँस ली और कहा, “हमारे पास दूसरा रास्ता भी है: मैं खुद को उनके हवाले कर दूँगा। उन्हें सिर्फ़ मेरी ही तलाश है, और आन्या को भी इसी वजह से रोका गया है। अगर मैं खुद को उनके हवाले कर दूँगा, तो वे आन्या को छोड़ देंगे और मुझे पकड़ लेंगे। तब हम आन्या को पकड़ लेंगे।” संयोगिता गुस्से से विनम्र के कंधे पर मारते हुए बोली, “तुम्हें पता भी है ये लोग कौन हैं? ये जानवर हैं! अगर तुम उनके हाथों में चले गए, तो ये तुम्हारी चमड़ी उधेड़ देंगे! तुम जानते नहीं हो नॉर्थ कोरिया वाले कितने ख़तरनाक होते हैं। तुम्हारी चमड़ी उधेड़कर ये तुम्हें गर्म पानी में उबालेंगे। उससे भी इनका मन नहीं भरेगा, तो तुम्हारी उधड़ी हुई त्वचा पर नमक-मिर्च डालेंगे और फिर शायद गर्म तेल में डालकर तुम्हें तल भी देंगे।” शंभू अब संयोगिता की तरफ़ देखने लगा था क्योंकि उसकी धमकी काफी ख़तरनाक लगने लगी थी। नॉर्थ कोरिया भले ही ख़तरनाक न हो, मगर संयोगिता के कहने के बाद शंभू को भी डर लगने लगा था। शंभू ने अपने हाथ जेब में डालते हुए कहा, “भाई, ये कौन सी दुनिया में लाकर फँसा दिया है तुमने मुझे? मुझे अभी घर जाना है। बताओ मुझे क्या करना होगा, मुझे अभी घर जाना है!” विनम्र ने उसकी तरफ़ देखा और कहा, “तुम्हें इतना घबराने की ज़रूरत नहीं है। ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। तुम्हें पता है हमारे पास ‘सुदर्शन चक्र’ है, जिसके ज़रिए मैं जब चाहूँ तब आजाद हो सकता हूँ। मैं इनके हाथ नहीं लगूँगा। मैं एक भ्रमजाल’ क्रिएट करूँगा जिससे उन्हें लगेगा कि उन्होंने मुझे पकड़ लिया है। हालाँकि यह एक मुश्किल भ्रमजाल होगा, और मुझे भी नहीं पता मैं इसे कैसे बना पाऊँगा, लेकिन इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है। एक बार उन्हें यह लगने लगेगा कि उन्होंने मुझे पकड़ लिया है, तब वे आन्या को जाने देंगे।” संयोगिता बोली, “और इस बात की क्या गारंटी है कि वे आन्या को छोड़ देंगे, तब हम उसे पकड़ लेंगे?” विनम्र ने संयोगिता के कंधे पर हाथ रखा और कहा, “मुझे तुम पर और मेरे दोस्त पर पूरा यकीन है। तुम दोनों किसी भी हाल में उसे यहाँ से जाने नहीं दोगे। एक बार आन्या को बाहर निकालने के बाद, कुछ देर तक तुम लोगों को हालात को समझना होगा, जब तक कि मैं उन सैनिकों को चकमा देकर फिर से उनके ग्रुप से बाहर नहीं आ जाता। तब तक तुम लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि आन्या तुम लोगों को चकमा देकर न भाग जाए।” शंभू डरते हुए बोला, “भाई, तुम हमें अलग ही मुसीबत में डाल रहे हो यार! तुम्हारे पास कोई और रास्ता भी होगा। ज़रूरी थोड़ी है कि हमारे पास यही एक ही रास्ता है?” विनम्र ने अपने दोनों हाथ अपनी कमर पर रखे और पूछा, “तुम भी अपना दिमाग लगा चुके हो और संयोगिता भी अपना दिमाग लगा चुकी है। जब तुम दोनों के दिमाग लगाने से रास्ता नहीं मिला, तो मेरे और सोचने से रास्ता कैसे मिलेगा? मेरे पास बस यही एक रास्ता है, और यही रास्ता काम करेगा। तुम लोग अपना दिमाग लगाना बंद करो और जो मैंने कहा है, उस पर ध्यान दो। मैं अपने भ्रमजाल का इस्तेमाल करके तुम दोनों को यहाँ से बाहर निकाल दूँगा। फिर जैसे ही आन्या को बाहर ले जाने के लिए कहा जाएगा, मैं सुरक्षाकर्मियों के साथ जाऊँगा और फिर बीच रास्ते में ही उसे हड़प लूँगा। मेरी बात समझ में आई या मुझे तुम्हें अलग तरीके से समझाना होगा?” विनम्र ने अपनी योजना बता दी थी। संयोगिता और शंभू ने कुछ देर तक कुछ नहीं कहा, फिर दोनों ने सिर हिला दिया, जिसका मतलब था कि अब उनके पास इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है। विनम्र सैनिकों की तरफ जाने लगा वही संयोगिता और शंभु के दिल की धड़कन बढ़ गई। शंभु संयोगिता से बोला ,"आज तो हमारी वाट लगने वाली है मैंने कभी नहीं सोचा था हमारे इतने बुरे दिन आएंगे?" संयोगिता ने उसे जवाब मेंकहा "मुझे भी कुछ ऐसा लग रहा है अब क्या कर सकते हैं अगर इसमें यह रास्ता निकाला है तो यही सही। "

  • 12. The Rich Men - Chapter 12

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 13. The Rich Men - Chapter 13

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 14. The Rich Men - Chapter 14

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 15. The Rich Men - Chapter 15

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 16. The Rich Men - Chapter 16

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 17. The Rich Men - Chapter 17

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 18. The Rich Men - Chapter 18

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 19. The Rich Men - Chapter 19

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 20. The Rich Men - Chapter 20

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min