Author's Note / Disclaimer: This story is a work of fiction that falls under the genres of BL (Boys' Love), dark romance, bold/smut themes, and is strictly meant for 18+ readers only. Please proceed only if you are comfortable with mature content,... Author's Note / Disclaimer: This story is a work of fiction that falls under the genres of BL (Boys' Love), dark romance, bold/smut themes, and is strictly meant for 18+ readers only. Please proceed only if you are comfortable with mature content, possessiveness, emotional intensity, and adult themes. The story revolves around a complicated and passionate love tale between a powerful businessman (slightly red-flag at first, but turns into a green forest over time) and a gentle, mysterious professor who is an Omega. The plot involves themes of obsession, emotional healing, and true love that slowly blossoms through inner battles and bold desires. If you're homophobic or uncomfortable with LGBTQ+ narratives, you're kindly requested to skip this story. Do not engage with the content if it doesn't align with your taste—but please do not leave unnecessary hate or low ratings. Respect the creator's space and the readers who enjoy such content.
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कियान दो घंटे से एक रिपोर्ट सॉल्व करने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसे उसका आंसर मिल ही नहीं रहा था…
तभी आस्तीन मोड़ता हुआ विरांश ऑफिस में दाखिल हुआ…
“क्यों क्या हुआ, सर…!?”
विरांश की नीली आंखें शोखी में चमकी, जिसे अनदेखा कर कियान ने चेहरा फिर से लैपटॉप में छुपा लिया…
“कुछ हेल्प चाहिए क्या…? मैंने तो सुना है आप अपने स्टूडेंट्स को भी चैलेंज दे देते हैं... अब खुद अटक गए क्या?”
विरांश की बात पर कियान को गुस्सा आया…
“आप प्लीज यहाँ से जाएं, विरांश… अगर ये प्रोजेक्ट रिपोर्ट फाइनल नहीं हुई तो बोर्ड मीटिंग में मेरी अच्छी खासी बेइज़्ज़ती होनी है…
मुझे कोई हेल्प नहीं चाहिए…!!”
विरांश हँस पड़ा… “अरे एक बिज़नेसमैन नहीं, बल्कि तुम्हारा हसबैंड तुम्हारी हेल्प करना चाहता है...
बस इसके बदले एक छोटा सा किश चाहिए…”
कियान की सुनहरी हज़ल आंखों में चिढ़ आ गई, लेकिन अगले ही पल विरांश उसके कानों के करीब झुक कर धीरे से फुसफुसाया…
“सोच लो… अगर तुमने गलती से भी गलती कर दी, तो शाम तक चलने के काबिल नहीं रहोगे…”
कियान ने होंठ चबा लिए…
विरांश ने उसके फूले हुए गालों पर होंठ रख दिया…
“मैं मम्मी को बता दूंगा…”
विरांश और ज़्यादा झुकता हुआ बोला…
“क्या बताओगे… कि तुम्हारा हस्बैंड तुमपे ग़लत नज़र रखता है? हमारी शादी हुई है… और इतना तो मेरा हक बनता है ना, सर…”
कियान ने नज़रे फेर ली, क्योंकि उसे इस बेशर्म आदमी से बहुत शर्म आती थी…
विरांश ने एक ठंडी सांस ली और कहा…
“अब तो तुम्हारी ये शर्म मुझे और ज़्यादा उकसाती है…”
कियान कुछ कहने ही वाला था कि विरांश के हाथ उसकी कमर पर सरकने लगे…
“अब मुझसे ये दूरियां बर्दाश्त नहीं होती…”
कियान का दिल ज़ोरो से धड़कने लगा क्यूंकि विरांश के करीब आते ही उसकी सांसे बेकाबू हो जाती थी..
विरांश ने उसका चेहरा अपनी तरफ बड़े से प्यार से किया और धीरे से अपने होंट उसके होंटो पर दबाओ डालते हुए रगड़ने लगा..
विरांश की गर्म जलती हुई सांसे कियान को अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी..
विरांश एक पल के लिए रुका फिर आँखों से अपने ग्लासेस हटा कर जल्दी से उसके होंटो को दुबारा से कैद में ले गया…
कियान बस उसके कॉलर को मुठियो में जकड़े आँखे मुंद गया..
विरांश उसपे झुका उसके होंटो से अपने होंट मिलाये साँसो में उतरने लगा..
कियान के नर्म मुलाइम होंट को वह बेदर्दी से काट कर चूमता रहा..वह बिना रुके डिपली किश कर रहा था लेकिन कियान के हाथ पैर ढीले पड़ गए और उसकी सांसे उखड़ने लगी तब जाके विरांश रुका…
कियान अपने होंटो पर हाथ रखे शर्म से गुलाबी पड़ गया..
“हाँ अगली बार तुम्हारे होंट को खा ही जाऊंगा…इतने ज़्यादा मीठे और मुलाइम…!!
विरांश उसके सीने पर हाथ फेरने लगा..
“मुझे तो तुम्हे सिर से पैर तक बेतहाशा चूमना है और भी बहुत कुछ करना है..”
“छी…केसी बातें करते हैँ…!!कियान शर्मिंदगी में चीख पड़ा…
विरांश को जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा हो..
“मैं तो ऐसी ही बातें करता है और अब तुम्हे मुझ जैसे ढीट के साथ पूरी जिंदगी गुज़ारना है,,कई रातें मिलेंगी जिनमे सिर्फ हम दोनों की खामोशियाँ बंद कमरे में मदहोशी बन जाएंगी…”
कियान के कान तक शर्म से सुर्ख पड़ गए..
विरांश ने उसे अपनी बांहो में समेट लिया और कमरे की तरफ बढ़ने लगा…
रूम में लाते ही विरांश ने कियान को बेड पर पटकते हुए अचानक ही सर्द आवाज में कहा…”जस्ट बेंड ओवर…!!
कियान का गला सुख गया क्यूंकि अब अकड़ दिखाता तो विरांश बुरी तरह से सज़ा देत..
विरांश की बात पर कियान पीछे घूम गया..
कियान की आँखे आज ज़्यादा ही शर्म से झुक रही थी लेकिन साथ ही इनमें चिढ़ भी छुपा था..
विरांश ने कियान के कानो में आहिस्ता से कहा..”इतना मुझे तड़पाया है अब उसकी सज़ा तो मिलेगी..!!
विरांश ने इतना कहकर उसकी टी शर्ट ऊपर कर प्यार से उसके पेट पर हाथ फिराने लगा..
“अह्ह्ह्ह…बेबी,,तुम कितने सॉफ्ट सॉफ्ट हो..”
विरांश ने उसे बेड पर धकेल दिया और खुद उसपे चढ़ गया..
“इतना मुझे डराया धमकाया बलकी मुझे जम कर तंग किया..लेकिन बेबी अब मेरी बारी है चुन चुन कर बदला लेने की..!!
कियान मुंह फेर कर बोला..”जो करना है करो..”
“हाहाहाहा रस्सी जल गया बल नहीं गया..!!
विरांश ने अपना शर्ट उतार फेंका और झुक कर उसके होंटो को प्यार से चुम गया..
विरांश के हाथ उसके टी.शर्ट के अंदर निपलस को मसल रहे थे…
“मैं रेडी नहीं हूं…वेट…!!कियान ने बहाना बनाया तो विरांश ने उसके टी.शर्ट को ही फाड़ फेंका और झुक कर उसके निपलस पर ज़ुबान फेरा…
अह्ह्ह…नहहहहहह…….हहहहहह…
विरांश ने जैसे ही उसके निपलस को दांतो से काटा कियान और ज़्यादा मचलने लगा..
“बेशर्म….तुम सचमे बेशर्म हो…!!कियान चीख पड़ा और तेज़ तेज़ सांसे लेने लगा..
विरांश ने उसकी बात पर ज़ोर से उसके गुलाबी पड़े निपल को सक किया तो कियान बेड पर पैर रगड़ने लगा..
“भला कोई अपने हस्बैंड से ऐसे बात करता है..”विरांश की बात पर एक ज़ोरदार लात कियान ने उसके सीने पर जड़ डाला..
“ओपप्स…भूल गया कि तुम एक जंगली बिल्ली जैसे हो जो करीब आने पर नोचता खसोटता है..”विरांश हंसने लगा..
कियान मुंह फेरे लेट गया…
“बेबी यूँ किसी को तड़पाना अच्छा नहीं होता,,खास कर तब ज़ब हम यूँ अकेले हों…!!विरांश ने उसके कमर से अपनी कमर सटा ली और दबाओ बढ़ाने लगा..
“ये सब कर कोई फायदा नहीं है..जाओ सो जाओ..”कियान के गाल शर्म से लाल पड़ते जा रहे थे..
पर जैसे विरांश ने कुछ सुना ही ना हो बलकी वह उसके पेंट के अंदर हाथ डाले तेज़ी से आगे पीछे करने लगा..
“इतनी जल्दी क्या है बेबी…अभी तो रात जवान है…!!विरांश ने गर्म सांस छोड़ी..
कियान ने ज़ोर से आँखे मुंद ली और विरांश के सीने से लग गया..
“वी….वीर…..___ श…रुक जाओ..अह्ह्ह्ह..हहहफ़्फ़्फ़ नहहहहहह…!!
कियान की सिसकियाँ तेज़ होने लगी…
थोड़ी देर बाद कियान की पेंट निचे फ़ेंकी हुई थी और विरांश उसमे समाया हुआ था..
“दर्द हो रहा है क्या…!?
कियान ने दाँत पीस लिए क्यूंकि अब इतना सब करने के बाद वह पूछ रहा था की दर्द हो रहा है की नहीं..
“ओये ऐसे घूरना बंद करो…वरना मैं तुम्हे किश कर लूंगा..”विरांश झुक कर उसके होंटो पर टूट पड़ा और थरस्टिंग शुरू कर दी..
विरांश इतनी तेज़ी से थरस्टिंग कर रहा था की कियान की चीखे निकलने लगी थी..
It's__Just__Beginning
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This story is a work of fiction that falls under the genres of BL (Boys' Love), dark romance, bold/smut themes, and is strictly meant for 18+ readers only. Please proceed only if you are comfortable with mature content, possessiveness, emotional intensity, and adult themes.
The story revolves around a complicated and passionate love tale between a powerful businessman (slightly red-flag at first, but turns into a green forest over time) and a gentle, mysterious professor who is an Omega. The plot involves themes of obsession, emotional healing, and true love that slowly blossoms through inner battles and bold desires.
If you're homophobic or uncomfortable with LGBTQ+ narratives, you're kindly requested to skip this story. Do not engage with the content if it doesn't align with your taste—but please do not leave unnecessary hate or low ratings. Respect the creator's space and the readers who enjoy such content.
This story is inspired by one of my straight romance stories, My Romantic Professor Wife. I am now reimagining it into a BL format with new dynamics and characters. The roles of Rimjhim and Ved are now portrayed by Kiyan and Viransh in this version.
Thank you for reading and supporting independent, bold storytelling. Enjoy the drama, desire, and love.
____________
(किरदार वही बस नए अंदाज़ में कहानी की नई शुरुआत और रोमांस भी बदला और नए अंदाज़ में..)
यूनिवर्सिटी के हॉल रूम में वाईस प्रिंसिपल रियान जी की आवाज गूंज उठी…
“आप सब स्टूडेंट्स का हमारे एडन यूनिवर्सिटी में स्वागत है... मैं रियान रॉय आपका स्वागत करता हूं…
मुझे उम्मीद है आप यहाँ के सारे रूल्स फॉलो करेंगे और ढेरों यादें बनाएंगे…
सिर्फ हम बुक्स और एग्जाम के ज़रिये बच्चों को नहीं मापते बल्कि उन्हें नई नई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है…
फिलहाल बस इतना ही… अब प्रोफेसर कियान अब से कुछ शब्द कहेंगे…!!”
पीछे बैठे सारे प्रोफेसर्स शांति से तालियाँ बजा रहे थे, वहीँ स्टूडेंट्स नीचे हॉल में बैठे स्टेज की ओर देखने लगे…
वाइट शर्ट पहने प्रोफेसर कियान को आता देख सब चौंक गए… उसकी उम्र बहुत कम लग रही थी।
"कैसे हो बच्चा लोग… उम्मीद करता हूं ठीक होगे। और अगर इस यूनिवर्सिटी में आए हो, तो ज़रूर अमीर बाप के बच्चे ही होगे…
जैसा कि पापा ने कहा—इस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के इलावा सब कुछ होगा, पढ़ाई छोड़कर… और हाँ, हम अमीरों से पैसे…"
कियान की आवाज अचानक बंद हो गई… माइक बंद हो गया था।
रियान ने उसे खूंखार नज़रों से देखा, तो कियान ने तुरंत मुंह बना लिया…
पूरे हॉल में स्टूडेंट्स की हँसी छूट गई।
तभी प्रोफेसर संग्राम ने माइक संभाला,
"लगता है हमारे प्रोफेसर कियान का गला खराब हो गया है… कोई बात नहीं, उनकी जगह मैं स्पीच दूंगा…!!"
कियान जाकर अपनी सीट पर बैठ गया, जहाँ प्रोफेसर माही और प्रोफेसर मानव उसके साथ हँस रहे थे…
लेकिन जैसे ही प्रिंसिपल रियान वहाँ आए, पूरा माहौल एकदम शांत हो गया।
"इंटरनस सेरेमनी के बाद मुझे ऑफिस में आकर मिलो..."
रियान जी चले गए, तो कियान समझ गया कि आज फिर उसकी क्लास लगने वाली है।
---
सेरेमनी खत्म हुई, तो कियान ऑफिस में आकर न्यू स्टूडेंट्स के नाम रजिस्टर करने लगा।
फिर उसने मोबाइल उठाया और अपनी मम्मी को मैसेज कर दिया…
"आपके पति आज फिर मुझ पर गरज बरस रहे हैं…!!"
दूसरी ओर उर्मिला जी का कोई रिप्लाई नहीं आया…
कियान और ज़्यादा डर गया — इसका मतलब घर पर भी क्लास लगेगी।
बालों में उंगलियाँ फेरते हुए उसने जुड़ा खोला और फिर हेयर जेल से स्टाइल बनाने लगा।
"मना किया था मम्मी को मुझे फॉर्मल सूट मत पहनाओ… लेकिन नहीं… अब इस टाइट शर्ट का क्या करूं…!!"
जैसे-तैसे उसने खुद को ठीक किया और बाहर निकला…
सारे स्टूडेंट्स को चहकते देख वह मुस्कुरा उठा…
हर कोई उसे देख कर कहता—"गुड मॉर्निंग, प्रोफेसर!"
और वह हल्के से मुस्करा के आगे बढ़ जाता।
फिर उसकी नज़र एक खाली क्लास पर पड़ी, जहाँ एक लड़का अकेला बैठा था।
कियान ने सोचा — "आज तो कोई क्लास नहीं है… फिर ये…?"
वह क्लास में गया, और जैसे ही अंदर पहुँचा—उसे ज़बरदस्त झटका लगा।
कोई लड़का उसकी तरफ पीठ किए… टी-शर्ट बदल रहा था…
कियान वहाँ से निकल जाना चाहता था लेकिन उस लड़के की बॉडी… उसकी शर्टलैस मस्क्युलर बॉडी…
कियान के हाथ-पैर ठंडे पड़ गए और गला सूखने लगा…
दिमाग झनझना उठा…
“प्रोफेसर, अगर आपका घूरना पूरा हो गया हो… तो आप जा सकते हैं…”
गंभीर, भारी आवाज़ कमरे में गूंज उठी।
कियान एकदम शर्मिंदा हो गया… उसने खुद को हल्का-सा झटका दिया और बड़बड़ाया—
“मैंने कुछ भी नहीं देखा है… ना तुम्हारी सेक्सी बॉडी, और ना ही तुम्हारे बाइसेप्स पे वो काला तिल…”
“आप सच में प्रोफेसर हैं?”
वो लड़का पीछे मुड़ा, लेकिन कियान ने उसकी बस नीली, खतरनाक आँखें देखीं…
फिर चेहरा फेर लिया और एक लंबी सांस लेकर कमरे से बाहर निकल गया।
पता नहीं क्यों… कियान मुस्कुरा दिया।
“एक मिनट… कमरे में तो हल्की रौशनी थी, लेकिन जहाँ मैं खड़ा था, वो जगह पूरी अंधेरी थी… फिर उसे कैसे पता चला कि मैं उसे घूर रहा हूं?
हाँ… मेरी आहट… और ये सैंडल की खटखट…”
कियान खुद से बड़बड़ाता हुआ ऑफिस रूम में बाकी स्टाफ के बीच जा बैठा।
थोड़ी देर की बातचीत के बाद वह उठकर बाहर निकल गया…
°°•••
कैंपस में जोरदार बारिश हो रही थी।
प्रोफेसर लोग और बाकी स्टाफ अपने-अपने मर्सिडीज और करोल्ला में बैठकर जा चुके थे…
आखिर में बस कियान और एक लड़का वहीं खड़े रह गए…
“सर… सुनिए…!!”
उस लड़के ने आवाज़ दी।
कियान ने देखा— साँवले रंग का, आकर्षक नौजवान, जिसमें कुछ तो खास था…
“हाँ, कहो…”
“आप ये छतरी मेरे दोस्त को दे दीजिएगा। मैं थोड़ी देर में निकलने वाला हूँ…”
“लेकिन मुझे कैसे पता चलेगा कौन है तुम्हारा दोस्त?”
कियान की भूरी आँखों में सवाल उभरा।
“सॉरी सर, मैंने अपना इंट्रोडक्शन नहीं दिया…
मैं हूं श्री… और मेरे दोस्त का नाम विरांश, विरांश राजपूत। हम दोनों न्यू एडमिशन हैं।”
“ओह अच्छा…”
“सर, सबसे बड़ी बात… उसकी आँखें नीली हैं।”
कहकर श्री बारिश में भीगता हुआ वहाँ से चला गया।
“क्या मुसीबत है… काश मना कर पाता…”
कियान छतरी खोलकर बारिश में निकल पड़ा।
“नीली आँखें… क्या अब मैं सबके आँखों का कलर चेक करता फिरूं?”
पूरे कैंपस में कोई नज़र नहीं आया।
बारिश तेज़ होती जा रही थी…
अचानक एक ज़ोरदार हवा चली और कियान का छाता दूर उड़ गया…
कियान छाता पकड़ने दौड़ा, लेकिन उसका कोट उसके पैरों में उलझ गया…
वह लड़खड़ा गया… और मुंह के बल गिरने ही वाला था कि किसी ने उसकी कमर कसकर थाम ली…
“संभल कर, प्रोफेसर…”
एक ठंडी, सख्त आवाज़ कानों में गूंजी।
“अह्ह… नहीं…!!”
कियान ने डर के मारे आँखें बंद कर लीं…
कियान को ज़ब अहसास हुआ वह सही सलामत है तो उसने आँखे खोली और सर्द नीली आँखों में देखा…
कियान एक पल के लिए ठहर सा गया..
विरांश का भी कुछ यही रिएक्शन था वह ख़ामोशी से खड़ा था..
“शु…शुक्रिया तुम्हारा…!!
विरांश बिना कुछ बोले आगे बढ़ने लगा तो कियान दौड़ता हुआ उसके करीब गया..
“सुनो…प्लीज क्या तुम विरांश हो…!?
विरांश ने पीछे मुड़ कर देखा..
“जी कहये….!!
“वह तुम्हारा दोस्त श्री…हाँ उसने मुझे छतरी दी थी जो कि हवाओं में उड़ गई इसलिए माफ़ कर देना तुम भीग रहे हो…!!
विरांश के लब मुस्कान में ढल गए थे क्यूंकि खुद भी कियान पूरी तरह बारिश में गीला हो गया था..
विरांश की नज़र कियान के गर्दन से बहती पानी की बुंदे सीने तक पहुंच रही थी,,
वाइट शर्ट पूरी तरह बदन से चिपक कर ट्रांसपेरेंट होगई थी, और उसकी दूधिया कमर कहर ढा रहा था..
विरांश चलता हुआ करीब आया और अपनी हुड्डी उतार कर कियान के कंधे पर रख दी..
“अरे नहीं…मैं ठीक हूं…वैसे भी मुझे बारिश पसंद है…!!”
कियान के गालों में मोटे मोटे लट चिपक गए थे..
“जी…लेकिन आपकी शर्ट….!!”
विरांश कियान के कानों में झुक कर बोला…
“आप ट्रांसपेरेंट हो रहे हैं…मुझे डर है कहीं मेरे इलावा कोई दूसरा भी वह सब ना देख ले जो अभी मैंने देखा है…”
कियान ने हुड्डी को मुठियो में दबोचा और जल्दी से पहनता हुआ घबराहट में विरांश के साइड से निकल गया..
कियान को खुद पर गुस्सा आया कि वह इतना लापरवाह कैसे हो गया…
कियान ने सोचा वह चुल्लू भर पानी में क्या ही डूब मरेगा ज़ब यूँ पूरी बारिश में भीग गया है…
विरांश की नीली नज़रे निगाहों में बस गई थी,,वह ज़ब भी विरांश की बातें याद करता सिहर उठता..
To_be_continued…
कियान ने हुडी को मुठ्ठियों में भींचा और जल्दी से पहनकर, घबराहट में विरांश के बगल से निकल गया...
उसे खुद पर गुस्सा आया... वो इतना लापरवाह कैसे हो गया...
"चुल्लू भर पानी में डूब मरूं यार... इतनी बारिश में भीग गया और ऊपर से उसके सामने...!!"
विरांश की नीली आंखें उसकी निगाहों में बस गई थीं... जब भी वो उसकी बातें याद करता, बदन सिहर उठता...
घर पहुंचते ही उर्मिला जी की तेज़ आवाज़ सुनाई दी...
"फिर भीग के आया है आज भी... कॉल नहीं कर सकता था? ड्राइवर को बुला लेता... इतना पैसा आखिर किस दिन के लिए है?"
कियान, हुडी की पॉकेट में हाथ डालते हुए बोला –
"मम्मी... आपको पता है ना मुझे बारिश कितनी पसंद है…!!"
वो बस यूँ ही खड़ा था कि पीछे से रियान जी की गूंजती आवाज़ आई –
"ये हुडी किसकी है?"
कियान एकदम खामोश हो गया...
"तुम तो जैसे हमें शर्मिंदा करने के लिए ही पैदा हुए हो... आज प्रोफेसर यादव बता रही थीं, तुम पानी में भीगे भागते नजर आए हो... इस यूनिवर्सिटी में मेरी एक इज़्ज़त है, और तुमने कोई कसर नहीं छोड़ी बेइज़्ज़ती की... बड़ी उमर हो गई है तुम्हारी, कल को तुम्हारी शादी करनी है, तब भी ऐसे ही बरताव करोगे क्या?"
कियान का सारा मूड खराब हो गया...
उर्मिला जी बोलीं –
"आप छोड़िए इन बातों को... अंदर आइए, मैं आपको गरम कॉफी देती हूं…"
रियान जी मुस्कराए और उर्मिला जी के साथ अंदर चले गए...
कियान ने हुडी को अपने सीने से लगा लिया...
"बचपन से आपने मुझे कभी समझा ही नहीं... सिर्फ कमियाँ निकालते आए हैं…!!"
कियान हल्की मुस्कान के साथ अपने कमरे में चला गया...
"छोटे मालिक... खाना तो खा लीजिए..."
पीछे से मेड की आवाज आती रही, लेकिन कियान अपने कमरे में बंद हो चुका था...
रियान जी ने उसे कभी वक़्त नहीं दिया था, और उर्मिला जी बस एक माँ बन कर रह गई थी..लेकिन सौतेली माँ हो कर भी उन्होंने कियान को कभी अकेला नहीं महसूस होने दिया था..उनके लिए कियान ही पूरी दुन्या था,लेकिन उर्मिला जी रियान साहब के साथ ज़बरदस्ती निभा रही थी,वह तो बस ममता के हाथों मजबूर कियान के लिए इस घर में मौजूद थी..
उसकी असली माँ रिमशा चौधरी भी इस घर में कभी खुश नहीं रहीं... रियान जी उनके साथ भी बेरुखी से पेश आते थे…
कियान दौलत के बीच पला-बढ़ा था... लेकिन मोहब्बत के बिना...
जब उसने पढ़ाई के बाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाने की इच्छा जाहिर की, तो उर्मिला जी ने हाँ कर दी...
वह कुछ वक्त यूनिवर्सिटी के खुले माहौल और दोस्तों के बीच बिता कर सब कुछ भूल जाता था...
कमरे में आकर कियान ने हुडी उतारी और बिस्तर पर फेंक दी...
"हर बार मेरे साथ ही क्यों होता है... और तुम्हें क्या ज़रूरत थी अपनी हुडी देने की... तुम्हें नहीं पता मेरे पैरेंट्स कितने टॉक्सिक हैं...!!"
वो हुडी से ही बात करने लगा...
"कोई मुझसे प्यार क्यों नहीं करता? और अगर मेरी शादी पापा जैसे किसी आदमी से हो गई तो? नहीं... मैं अपनी मर्जी से शादी करूंगा…!!"
कियान ने हुडी को हैंगर में टांगा और फिर उसकी तलाशी ली...
बस एक अधजली सिगरेट का टुकड़ा मिला...
"ओह... अब स्टूडेंट्स भी सिगरेट पीते हैं..."
कोई हैरानी नहीं थी..बल्कि कियान को शक हुआ की क्या सचमे वह स्टूडेंट भी था या नहीं..
कियान ने सिगरेट होंठों में दबाई और स्टाइल से पोज़ मारा –
"मैं हूं कियान रॉय... जो अब सिगरेट पीकर अपना ग़म भुला देगा...!!"
फिर हँसी फूट पड़ी...
हँसते-हँसते आंखें नम हो गईं...
"यार... मेरा भी मन करता है कोई मुझे बेइंतहा चाहे... मेरे मूड स्विंग्स झेले... और ज़रूरत पड़ी तो थप्पड़ भी मारे मेरी बेवकूफियों पर...!!"
विरांश की नीली आँखें उसकी आंखों में घूमने लगीं...
"वो बाकी सब से अलग क्यों लगा मुझे...?"
कियान ने दिल पर हाथ रखा...
"क्या वो ही है... मेरा कोई पुराना, अधूरा अधूरा रिश्ता…?"कियान ड्रामा करते रहा और खुद ही अपने ऊपर हँसता रहा..
शाम हुई तो कियान ने डार्क ब्लू कुरता पहना, और उसी रंग की जॉकेट कंधे पर डाली, बालों को सलीके से जमाया और बाहर निकल गया...
उर्मिला जी ने उसे देख कर मुस्कराते हुए कहा –
"इतना सज-धज के कहाँ जा रहे हो?"
"यूनिवर्सिटी में फ्रेशर्स को पार्टी मिली है मम्मी…!!"
"बहुत स्मार्ट लग रहे हो... अब किसी से प्यार है तो बता देना,,आजकल के लड़कों तो प्यार मोहब्बत करो रोग जल्द ही लग जाता है..?"
फिर थोड़े प्यार से बोलीं –
"वो प्रोफेसर मानव मुझे अच्छा लड़का लगता है... खानदानी है…"
"कॉमन मम्मी... वो सिर्फ मेरा दोस्त है, और मुझे शादी की कोई जल्दी नहीं है…"
कियान बाहर निकल गया..
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यूनिवर्सिटी पार्टी
कियान लापरवाही से चलता हुआ मेन हॉल तक पहुँचा…
हर तरफ म्यूज़िक, डांस और हँसी का शोर...
कियान बाकी प्रोफेसर्स के साथ बैठ गया...
प्रोफेसर माही बोले –
"बड़े स्मार्ट लग रहे हो आज…"
मानव एक लड़की को नाचते देख बोले –
"वो बड़ी चुलबुली लगी मुझे…"
कियान ने गर्दन घुमा कर कहा –
"मुझे तो सब स्टूडेंट्स प्यारे लगते हैं…"
वह जूस पीने लगा...
तभी उसे कुछ अजीब लगने लगा…
दिल की धड़कनें तेज़ होने लगीं...
"ये... ये मुझे क्या हो रहा है…?"
माही और मानव भी नज़र नहीं आए...
कियान जल्दी से बाहर आया, गहरी सांसें लेने लगा…
"ये ड्रग्स है…!! मेरे ड्रिंक में कुछ मिलाया गया है…!!"
उसे समझ आ गया... वही जूस था जो मानव ने ऑर्डर किया था…
उसने मोबाइल निकाला, लेकिन बैटरी डेड...
"लेकिन... मैंने तो चार्ज में लगाया था!!"
अब उसे अपने शरीर में गर्मी और बेचैनी महसूस होने लगी...
उसी वक्त विरांश बाइक की चाबी उछालता बाहर निकल रहा था...
कियान, लड़खड़ाते कदमों से उसके पास गया...
"सुनो.. प्लीज़... मुझे घर छोड़ दो... लगता है ड्रिंक में कुछ मिला दिया गया... मैं खुद पर काबू नहीं रख पा रहा हूं... प्लीज़..."
"ओके प्रोफेसर, मैं छोड़ देता हूं... लेकिन आप रहते कहाँ हैं?"
वह कुछ पूछता इससे पहले ही कियान उसकी बाहों में जकड़े उसे देखने लगा..
"प्लीज़... मुझे अकेला मत छोड़ना... मुझे तुम्हारी ज़रूरत है…"
कियान नीम बेहोशी में विरांश की शर्ट का कॉलर पकड़कर बोला...
विरांश की नीली आँखों में अजीब से जज़्बात उभरने लगे...
कियान की गर्म साँसें उसे अंदर तक महसूस हो रही थीं...
वीरांश ने आराम से कियान को गोद में उठाया और एक कॉल किया,उसके कॉल करते ही वहाँ बाहर 4-5 मेरसीडीज़ खड़ी होगई..
वीरांश का सेक्रेटरी उसके करीब आया,झुक कर कानो में बोला..”सर आप कहे तो मैं प्रोफेसर को घर छोड़ आऊं..!?
वीरांश ने एक नज़र कियान को देखा जो उसके कॉलर को मुठियो में जकड़े हांफ रहा था..
“नहीं इसकी कोई ज़रूरत नहीं है…!!वीरांश उसे गोद में लिए मेरसीडीस में आ बैठा और ड्राइवर इशारा पाते ही वहाँ से निकल गया,उसके पीछे पीछे सब मेरसीडीस चल पड़ी..
वीरांश कियान के माथे से पसीना रुमाल से साफ करने लगा..
“लगता है किसी ड्रग्स से इसका हिट साइकिल ट्रिगर होगया है..”वीरांश सोचने लगा..
(जिन लोगों को नहीं पता बता देती हूं जो लड़के ओमेगा होते हैँ उन्हें महीने में हिट साइकिल आते हैँ जिनमे उन्हें अपने पार्टनर की सख्त ज़रूरत होती है,6-7 दिन ये हिट साइकिल रहती है और इसमें अगर पार्टनर का साथ ना मिले तो हालत खराब या गंभीर अवस्था में बिगड़ सकती है…
बहुत से ओमेगा कुछ मेडिसिन खा कर हिट साइकिल को कण्ट्रोल करते हैँ बट मेडिसिन के साइड इफ़ेक्ट बहुत हैँ…
और ये हिट साइकिल बेस्ट पीरियड होता है ओमेगा के प्रेगनेंसी के लिए….
इन्हे अपने अल्फा पार्टनर के साथ सेग्स करने की ख्वाहिश जागती है और ये बहुत इमोशनल हो जाते है..)
वीरांश उसे अपने सफिरा विला में ले आया..
सारे सर्वेंट्स हैरान थे की आज पहली बार उनके बॉस ने किसी को बांहो उठाए रूम की तरफ जा रहे हैँ…
वीरांश एक डोमिनेट अल्फा था और बहुत ही ज़्यादा शांत और खतरनाक शोभाव का था..किसी में हिम्मत नहीं होती की कोई उसके आँखों में आँखे डाले बात कर सके..
वीरांश ने कियान को आराम से अपने किंग साइज बेड प लेटाया और ड्रावर खोल मेडिसिन चेक करने लगा..
कियान ने अपनी आँखे खोली,उसे सब धुंदला सा दिख रहा था और बदन में गर्मी शदीद बढ़ती जा रही थी..
कियान मुश्किल से उठा और पीछे घूमे वीरांश को ड्रावर से कुछ तलाश करता देख उसके करीब चला गया..
“सुनो तुम्हारे बदन से बहुत अच्छी खुसबू आरही है..!?कियान बोलकर उसके बदन से बच्चों की तरह लिपट गया..
“बेहेव….बेहेव…खुद पर कण्ट्रोल रखो…!!वीरांश ने कियान को दूर कर देना सही समझा लेकिन अब उसके भी धड़कने तेज़ी से बढ़ने लगी थी..
“उफ्फ्फ कहाँ फंस गया मैं….!?
कियान के आँखों में आंसू आगये..
“में…मैं…बो…बोझ…नहीं हूं…मेरी क्या ग़लती की…मैं कमज़ोर…मैं ऐसा हूं…!!
वीरांश ने पीछे घूम कर कियान को देखा तो खुद अपने माथे प हाथ मार लिया..
फिर शांति से बोला..”किसने कहा तुम बोझ हो..तुम जैसे भी हो अच्छे हो..”
कियान ने वीरांश की बात पर उसके सीने लग गया..
वीरांश के लिए खुद पर कण्ट्रोल करना मुश्किल हो रहा था..
कियान ने रोती हुई धुंदली आँखों से वीरांश को देखा…दोनों को खुद ही पता ना चला की कब दोनों के होंट एक दूसरे से मिल गए..
वीरांश कियान के गालों को मुठियो में जकड़े उसके ज़ुबान को अच्छे से सक कर रहा था,कियान के लिए ये सब पहली बार था इसलिए उसकी सांसे रुक रुक कर चल रही थी..
कियान वीरांश के निचे दबा दुबक गया था,वही वीरांश उसके शर्ट को खोलने लगा था..
“याद रखना तुम मेरे पास आए थे और अब दूर पीछे हटने का सोचना भी मत…!!वीरांश के आँखों में खतरनाक हद तक लाल डोरियाँ पड़ गई..
“अहह…!!कियान की आँखे पूरी तरह खुल गई क्यूंकि वीरांश के दांत उसके गर्दन पर गड़ चुके थे..
“अह्ह्हफ..हहहफ…हहहहहह…..!!कियान वीरांश के बालों को जकड़े अपने गर्दन से दूर कर गया..
वीरांश ने झुक कर अपने ऊँगली को होंटो पर रखा फिर कियान के पेंट की ज़िप खोल दी..
“प्लीज…जल्दी करो…मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा है…!!कियान को अब पूरा बदन चूर होता महसूस हो रहा था..
“दर्द होगा…!!
“थोड़ा सेह लूंगा…!!
“वैसे मेरा नाम वीरांश है प्रोफेसर…याद रखना प्रोफेसर वीरांश…वीरांश चौधरी…मैं चाहता हूं आप मेरे नाम ले कर मुझे पुकारे…!!वीरांश कियान को देखने लगा जो अब बेहोशी की हालत में आगया था तभी वीरांश ने अपनी पेंट भी निचे उतार फ़ेंकी और कियान में समा गया…
“वीरांशशशशश….!!कियान की चीख गुंजी और वह बेहोश होगया..
“शिट…..!!वीरांश रुक गया और कियान को एक नज़र देख मुस्कुरा दिया लेकिन ये मुस्कान पागलपन और जूनून वाली थी..
वह रुक तो गया और सिगरेट होंटो तले जलाये कियान के बगल में लेटे छेड़छाड़ करता ही रहा…
“तुम्हे शायद मुझसे ही मिलना था…!!वीरांश ने अपने ऊँगली से उसके गुलाबी पड़ते निपलस को हलका सा पिंच किया तो कियान का करवट बदल कर सो गया..
“अहह…मज़ा आगया..ये इतना बुरा भी नहीं था लेकिन तुम्हे इतनी जल्दी बेहोश नहीं होना चाहिए था..मुझे तुम्हे पता नहीं क्यों बहुत ज़्यादा चूमने का मन कर रहा है..बोलो इजाज़त है,,हाहाहाहा मैं तो भूल गया की तुम तो बेहोश हो..”वीरांश खुद ही बातें कर हंसने लगा..
वीरांश को नहीं पता था की उसे इतना बड़ा हुसन का खज़ाना हाथ लग जायेगा,वह तो बस स्टूडेंट बन कर कुछ ज़रूरी काम करने गया था और बदले में उसके दामन से एक सुर्ख होता गुलाब यूँ आ लिपटा…
To_be_continued…
कियान ने अपनी आँखे खोली और कराह कर करवट बदल लेना चाहा लेकिन कमर के निचे बेहद शदीद दर्द का एहसास जैसे ही हुआ,वह उठ बैठा और इधर उधर देखने लगा..
ना ही ये बड़ा सा महल और ना ही कमरा…दोनों ही अलग थे..
“मैं…कल मैं तो फ्रेशर पार्टी अटेंड करने गया था..फिर मैं यहाँ…!?
कियान बोलते बोलते रुक गया और रात में होने वाली बातों की धुंदली परछाई दिखने लगी..
“शिट मेरे हिट साइकिल हमेशा टाइम से पहले आ जाते हैँ..मुझे यहाँ से जल्दी निकलना होगा…!!कियान ने महसूस किया की वह सिर्फ ढीली ढाली सी टी.शर्ट पहने हुए हैँ,निचे पेंट तो गायब है..
“हेंह लेकिन रात को तो मैं पूरे कपड़े…..______
“मुझे तुम्हारी ज़रूरत है…____
कियान को जैसे ही सब याद आया उसने नज़रे शर्म से झुका ली और खुद को कोसा की आखिर वह कब खुद अपने ऊपर क़ाबू करना सीखेगा..
ये खतरनाक बात थी कि एक अजनबी के घर वह यूँही मुंह उठाए चला आया था और वन नाईट स्टैंड कर निकलते बनता..
कियान उठा तो उसकी गोरी टांगे दिखने लगी,कियान ने टी.शर्ट को निचे खींच कर अपनी थाई को छुपाया और इधर उधर नज़रे घुमा कर अपनी पेंट तलाशने लगा..
और वाशरूम के दरवाजे से लगा वीरांश सीने में बाज़ू फोल्ड किये काफ़ी दिलचस्पी से कियान को देख रहा था..
“प्रोफेसर मैं हेल्प कर दूँ…!?
कियान चौंक गया और पीछे मुड़ कर देखा तो फिर रूम में इधर उधर देखने लगा जैसे कोई भुत देख लिया हो…
“ए..व…वह..में…तू…तुम…वह….दरअसल….ये क्या…तुम्हारी महल….मैं माफ़ी…!!कियान को बहुत कुछ कहना और पूछना था,ऊपर से उसे माफी भी मांगनी थी..
वीरांश शर्टलेस खड़ा अब भी कियान की बातों का मतलब समझ रहा था..
“इट्स ओके…प्रोफेसर आप घबराये नहीं मैं कोई कमीना इंसान नहीं हूं…”वीरांश ने उसके करीब आते हुए कहा..
“हाँ…कल रात के लिए शुक्रिया,मैं आइंदा से ख्याल रखूंगा…मुझसे बहुत बड़ी गलती होगई..”कियान सिर झुकाये माफ़ी मांगने लगा..
वीरांश की नीली निगाहेँ उसके दूधया थाई पर टिकी थी..
वीरांश की हाईट काफ़ी लम्बी थी और कियान मुश्किल से उसके कंधो तक आरहा था..
“प्रोफेसर..आप बड़े मासूम हैँ…वैसे हर बार आपको अच्छे लोग रस्ते में नहीं मिलेंगे इसलिए खुद की बॉडी हिट का धियान रखे..”
कियान बस शर्मिंदगी में गर्दन तेज़ी से हाँ में हिलाने लगा..
वीरांश ने सोचते हुए कहा..”प्रोफेसर क्या आप फिलहाल किसी को डेट कर रहे हैँ…!?
कियान नार्मल लहजे में बोला..”नहीं मेरे मम्मी पापा की परमिशन नहीं है,उन्होंने कहा है की डायरेक्ट एक बार उनकी पसंद के अल्फा लड़के से शादी करूंगा..”
वीरांश हँस पड़ा..
“क्या बेकार सोच है…!?
क्या तुम्हारी कोई ख्वाहिश या पसंद नहीं है..!?
कियान ने ना में गर्दन हिला दिया..
वीरांश ने सिगरेट केश से एक सिगरेट निकालते हुए होंटो में दबा लिया..
“आपका मेरे बारे में क्या ख्याल है…!?
कियान ने साफ लहजे में कहा..”देखो…जो भी कल हुआ वह महज़ एक गलती था,मेरा कोई इंटेंशन नहीं है की मैं फिज़ूल में कोई रिश्ता बनाऊं…तुम इसे वन नाईट स्टैंड समझ कर भूल जाओ..”
वीरांश ने सिगरेट होंटो से निकाल कर हवा में सांस ख़ारिज की..
“मतलब आपके लिए ये आम बात है,आप कह तो ऐसे रहे हो जैसे ये वन नाईट स्टेंड आप पहले भी कई बार कर चुके हो….!!
कियान को ये बात सुन बहुत बुरा लगा लेकिन इस बार उसने कोई जवाब देना ज़रूरी नहीं समझा..
“हाँहाहा…आप भी बाकि लोगों की तरह निकले..!!
“अपनी बकवास बंद करो समझे…सब की अपनी अपनी मजबूरी होती है..और तुम तो ऐसा कह रहे हो जैसे मैंने कोई ज़ोर ज़बरदस्ती तुमपे की थी…हम दोनों ही एडल्ट हैँ और इतने समझदार है की मामलो और हालातों को समझ सके…अगर मुझसे गलती हुई है तो तुमसे भी हुई है…बात खतम…!!
वीरांश की नीली सर्द निगाहों में अजीब सा ठंडक उतर आया…
“मेरा तुमसे मन भर गया है और मुझे आइंदा कांटेक्ट करने की कोशिश भी मत करना..
और कॉमन साथ में सोने से इसका मतलब ये तो नहीं है ना की मैं तुम्हारी जागीर हूं या तुमने मुझे खरीद लिया है…तुम्हारे पोजेसीव और ऑब्जेसीव होना ही बड़ी मुश्किल है…इसलिए गुडबाय…!!
वीरांश के आँखों के सामने कुछ पुरानी कड़वी यादो ने उसे झंझोड़ा..!!
“ओह्ह्ह अच्छा…ऐसी बात है क्या….!!वीरांश ने कियान का बाज़ू पकड़के उसे वापिस से बेड पर पटक दिया…
बेड पर गिरते वक़्त कियान का सिर बेडक्राउन से टकरा कर बुरी तरह फट गया और खून बहने लगा…
लेकिन वीरांश को इस वक़्त कुछ दिखाई सुनाई नहीं दे रहा था…
“शायद तुम्हारा मन इसलिए भर गया है की क्यूंकि मैं तुम्हे अच्छे से सटिस्फीएड नहीं कर पाया…”वीरांश ने उसके पीठ पर दोनों हाथों को अपने हाथों में जकड़ लिया..
वीरांश कियान का चेहरा नहीं देख सका था क्यूंकि वह मुंह के बल उलट कर लेटा था..
“मैं तुम्हे दुबारा छोड़कर जाने के काबिल रहने दूंगा ही नहीं…!!
कियान का दर्द से बुरा हाल होने लगा,वह समझ नहीं पा रहा था की आखिर वीरांश क्या खुद में बड़बड़ाये जा रहा था और उसके साथ इतना बदतर सुलूक क्यों…!?
वीरांश ने उसकी टी.शर्ट कमर से ऊपर की और झटके से कियान में समा गया…
कियान ने होंटो को दांतो तले दबा लिया लेकिन आँखों से आंसू बेहह निकले..
वीरांश उसपे पूरा भार दिए बेदर्दी से थ्रीस्टिंग करने लगा…
कियान के लिए ये सब पहली दफा था और उसे दर्द की शिद्दत में आवाज हलक में ही अटक कर रहगई…
“बोलो…क्या कमी में मुझमे…!?
क्या मैं तुम्हे ख़ुश नहीं रखता नीव…या मुझसे ज़्यादा तुम्हे अपना एक्स बॉयफ्रेंड…..___
नीव…यू बलडी बासटर्ड…गिव मी योर फकिंग आंसर……!!!
लेकिन कियान ने कुछ नहीं कहा तो वीरांश पल के लिए थम गया और उसे पलट कर देखा…
कियान का माथा खून से भीगा था..
वीरांश ने हलके हाथों से कियान का गाल थपथपाया..
“प्रोफेसर…प्रोफ…प्रोफेसरररर…..!!
वीरांश जल्दी से उठ खड़ा हुआ और अपने कपड़े सही कर कॉल लगाया..
“डॉक्टर को जल्दी से भेजो…जल्दी..जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी भेजो…!!वीरांश वाशरूम की तरफ भागा और गिला टॉवल ले आया और कियान के माथे से बहते खून को साफ किया,फिर उसकी पूरी बॉडी को गीला कर पोंछा..
“हेय..हेय प्रोफेसर…होश में आओ ना प्लीज…वह मुझे…गलतफहमी,एक्चुअली…मेरी गलती है मुझे लगा तुम नीव हो,वह मैं…क्या….____
वीरांश कुछ बोल ही नहीं पाया क्यूंकि कियान बेहोशी में पड़ा था…
डॉक्टर रूम में जैसे ही आए वीरांश साइड जाके खड़ा होगया…
आधे घंटे बाद ज़ब डॉक्टर ने कियान की सर की ड्रेसिंग कर दी तो वीरांश की तरफ चला आया जो खिड़की के किनारे खड़ा सिगरेट पर सिगरेट फुनके जा रहा था..
“ये तुम किस लाइन में आगये,क्या तुम अब किडनैपपिंग और ज़ोर ज़बरदस्ती भी करने लगे हो..पास्ट के ट्रेउमा से निकल आओ और हाँ मुझे नहीं लगता की जो बीत जाता है वह कभी वापिस लौटता है…”डॉक्टर तंज कसते हुए बाहर निकल गए..
डॉक्टर आसिफ वीरांश के फैमिली डॉक्टर थे इसलिए सब हकीकत जानते थे..
ज़ब कियान को होश आया तो उसके आँखों के सामने उर्मिला जी रो रही थी…
“मम्मी….!!
“हाँ…कायु…मेरे बच्चे…!!उर्मिला जी ने उसे कसके गले लगा लिया..
वही रियान जी भी बैठे गंभीरता से सोच में डूबे थे…
कियान बस आँखे बंद किये पड़ा रहा..
“सॉरी अंकल…सब मेरी गलती है,आप प्लीज कियान को कुछ ना बोले…”वीरांश की आवाज पर कियान ने दुबारा से आँखे झट से खोल ली..
रियान जी ने एक मायूसी भरी नज़र उसपे डाली..
“गलती दरअसल मेरी है जो मैंने इसे पैदा किया…ज़ब ये पैदा हुआ और मुझे मालूम चला की मेरे घर एक कमज़ोर ओमेगा बच्चे ने जन्म लिया है तभी मुझे गला घोंट कर मार देना चाहिए…”रियान जी की बात पर कियान ने उर्मिला जी को कसके पकड़ लिया..
“अब इसे हमारे पास क्यों लाये हो…!?
वीरांश को कुछ समझ ही नहीं आया कि ये किस तरह की बातें कर रहे हैँ,उसे तो लगा था की वह 2-3 थप्पड़ ज़रूर खायेगा क्यूंकि उसने उनके बेटे को हर्ट किया है..
उर्मिला जी बिच में आती हुई बोली..”आप ये क्या बकवास किये जा रहे हैँ…!?
रियान जी ने लापरवाही से कहा..”जहाँ से भी लाये हो इसे वही फेंक आओ या अगर खुद रखना चाहो तो रख लो क्यूंकि अब ये मेरे घर में नहीं रहेगा..”
“क्या…आप क्या आखिर…..!?
रियान जी रुके और मुड़ कर बोले..”ज़्यादा हमदर्दी जताने की ज़रूरत नहीं है उर्मिला…!!
ये लड़का इसी क़ाबिल है,आज ये मामूली गलती हुई..कल फिर से गलती होगी और हम बस शर्मिंदा होते रहेंगे…इससे अच्छा है अभी ही जी कड़ा कर इसे हम घर से निकाल फेंके और तुम अगर ज़रा भी शर्म है तो इसे साथ ले जाओ…”
और इन सब में सिर पर हाथ रखे दर्द बर्दास्त करता हुआ कियान उर्मिला जी को देख रहा था…
उर्मिला जी का कलेजा फटने को था..
“कहा ना…हमदर्दी मत जताओं…ये तो तुम्हारा सगा बेटा भी नहीं है…ज़ब ये पैदा होते ही अपनी माँ को निगल गया और इससे क्या ही उम्मीद कर सकते हैँ…!!रियान जी ने बेहद ज़हरीले लहजे में कहा..
वीरांश सर्द भाव लिए कियान के करीब आया….
वीरांश को खतरनाक गुस्सा आरहा था पर वह गुस्सा दबाये बस इतना ही बोला..”ठीक है फिर…अब से मरने जीने का सब ताल्लुकात खतम….अपने बेटे का चेहरा देखने तक को तरस जायेंगे और हाँ भूल जाए की आपका कोई बेटा था क्यूंकि अब से ये मेरा हुआ…”
कियान ने दोनों हाथों से सिर पकड़ लिया..
“क्या मैं कोई चीज हूं..जिसे बाहर फेंक दो…या किसी और को देदो…मैं इंसान हूं सबसे पहले,मेरे जज़्बात और एहसास का क्या…!?
“तो चले बेबी….!!वीरांश ने अपना हाथ कियान की तरफ बढ़ाया तो कियान ने होंट भींच कर नफ़रत से उसकी तरफ देखा…
सिर्फ इस बंदे की वजह से आज उसकी जिंदगी में इतनी उथल पुथल मची थी..
“ओह्ह्ह सॉरी मैं तो भूल गया की तुममें चलने की भी हिम्मत नहीं है…उम्ममम्म कोई बात नहीं…!!वीरांश ने कियान के कमर में हाथ डाला और गोद में उठा कर एक नज़र रियान जी को देख कर बाहर की तरफ निकल गया..
उर्मिला जी का मुंह खुला का खुला रहगया…
मतलब आखिर ये सब हुआ क्या…इतनी जल्दी….जैसे वह घोड़े पर सवार हो…
To_be_continued…
वीरांश कियान को गोद में उठाए बाहर ले आया था लेकिन कियान वीरांश को मुक्का मारने लगा तो वीरांश ने उसे निचे उतार फेंका..
“क्यों किया….मेरे साथ ऐसा बताओ..!?
कियान कुछ आगे बोल ही नहीं पाया और आँखों में आंसू तेज़ी से बहने लगे और वह लड़खड़ाते कदमों से ही वहाँ से भाग खड़ा हुआ..
वीरांश बस मुस्कुराहट लिए उसे लंगड़ाते हुए भागते हुए देखते रहा..
कियान बस चलते जा रहा था उसे कुछ होश नहीं था की आखिर वह कहाँ जा रहा है..
कियान को लगा अब तो आँसू भी पलकों पर बोझ बन गए हैं…
अब वो भी खुद को रोक नहीं पा रहे… गालों पर लुढ़कते जा रहे थे…
"लेकिन मैंने कुछ भी नहीं किया है…!!
क्या ये मेरी गलती है की मैं एक ओमेगा हूं,बाकि लोगों से कमज़ोर हूं…”
क्या ये सब वीरांश ने जानबूझकर किया ताकि मैं अपने माँ बाप की नज़र में गिर जाऊं..!?
कियान ब्रिज के नीचे आकर बैठ गया…
बहते पानी को घूरता रहा… रेलिंग को कसके पकड़ लिया…
उसने ठान लिया था…
वो अपनी बेगुनाही साबित करके रहेगा…
लेकिन तब तक उसे किसी होटल या लॉज में ठहरना होगा…
मगर…
उसके पास पैसे नहीं थे…
कियान ने एक-एक करके सब दोस्तों को कॉल किया…
लेकिन किसी ने भी उसका कॉल नहीं उठाया…
और जिसने उठाया, उसने साफ इंकार कर दिया…
कियान ने एक बार फिर नीचे बहते पानी को देखा…
हथेली रेलिंग पर जमाई… और कूदने का फैसला कर लिया…
"कूदकर क्या फायदा है…? अभी पानी बहुत ठंडा है…
क्यों न सुबह का इंतज़ार करें?"
उसकी साँस थम गई…
सामने वीरांश खड़ा था… ग्रे हुडी पहने…
उसके चेहरे पर वही पुराना जानलेवा मुस्कुराहट थी…
कियान गुस्से में उसकी तरफ बढ़ा…
और उसके सीने पर घूंसे बरसाने लगा…
"सब… सब तुम्हारी वजह से हुआ…
क्यों किया तुमने ये सब!?
मेरी तुमसे क्या दुश्मनी थी हाँ!?
बोलो वीरांश!!"
कियान के हाथ रुक गए,वह कांपने लगा…
सब फिर से याद आ गया… और वो रो पड़ा…
वीरांश शांत खड़ा रहा…
फिर धीमे से बोला,
"रात बहुत हो गई है… चलो घर चलते हैं…"
उसने कियान को बाजू से पकड़कर उठाया…
"नहीं… नहीं जाना मुझे कहीं…
मेरे घर के दरवाज़े मेरे लिए बंद हो चुके हैं…
पर तुम्हें इससे क्या…!?
तुमने तो मुझे सिर्फ़ बर्बाद करने के लिए ये सब किया है…
बोलो क्यों किया मेरे साथ ऐसा!?"
वीरांश ने एक लंबी अंगड़ाई ली…
और फिर कियान को अचानक उठाकर कंधे पर डाल लिया…
"मैं थक गया हूँ… प्लीज़ घर चलकर बात करते हैं…!!"
कियान चीखता रहा…
"उतारो मुझे… कहीं नहीं जाना मुझे…!!"
उसने वीरांश की पीठ पर मुक्के बरसाए…
लेकिन वीरांश जैसे कुछ सुन ही नहीं रहा था…
वो तो बस उसे वहाँ से ले ही गया…
वीरांश ने अपने स्मार्ट वॉच में बटन क्लिक कर अपने ड्राइवर को इन्फॉर्म किया,थोड़ी ही देर में मेरसीडीस का दरवाजा खुला था और वीरांश ज़बरदस्ती कियान का कमर पकड़े बैठा था..
वीरांश उसे जबरन अपने विला में ले आया था…
कियान चुप था… गुस्से से, बेइज़्ज़ती से, थककर…वह बस अब लड़ना नहीं चाहता था..
कियान वीरांश के कमरे में ही बैठा था..वीरांश बगल वाले रूम था..
लेकिन जैसे-जैसे रात बढ़ी…
उसका बदन काँपने लगा…
सीने में घुटन… रगों में गर्मी दौड़ रही थी…
कमरे में अकेले होने के बावजूद… उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था…
वो खुद से बुदबुदा रहा था —
"नहीं… ये अभी नहीं हो सकता… कल रात को ही तो मेरी हिट साइकिल आके गुज़री है और अब फिर से…!!
हीट इतनी जल्दी कैसे आ गई…!?
उसका पूरा शरीर बिस्तर पर करवट बदलते हुए तड़प रहा था…
उसके गाल तप रहे थे, होठ सूख चुके थे…
टांगों के बीच कुछ भारी और बेचैन होने लगा था…
दरवाज़े के पार वीरांश था…
"नहीं… मुझे उससे कुछ नहीं चाहिए…"
कियान खुद से कहता रहा…
…पर फिर…
उसके पैर खुद उठ खड़े हुए…
नंगे पैरों से धीरे-धीरे दरवाज़े की ओर चले…
उसकी बॉडी उसके खिलाफ रियेक्ट कर रही थी और बस उसे अभी एक पार्टनर की सख्त ज़रूरत महसूस हो रही थी…
ये बेचैनी तकलीफ में बदलती जा रही थी और सिर में तेज़ दर्द उठने लगा,बदन पूरा टूट रहा था…
जब वीरांश ने कमरे का दरवाज़ा खोला —
वो नज़ारा देख उसके अंदर कुछ पागल हो गया…
कियान दीवार से टिके खड़ा था…शर्ट आधी खुली थी…आँखें झुकी थीं, पर होंठ काँप रहे थे…
"मुझे मत देखो इस तरह..."
कियान ने धीमे से कहा..”मैं कुछ भी मांगने नहीं आया हूँ…"
वीरांश उसकी तरफ बढ़ा…
आहट धीमी थी… पर कियान के बदन से उठने वाली मीठी खुसबू से कमरे माहौल महक उठा..
"तुम खुद चले आए हो…इस बार मैंने कुछ नहीं किया…"
उसकी आवाज़ में कोई शरारत नहीं… सिर्फ़ जुनून था…
कियान उसकी तरफ और करीब आया…
उसकी उंगलियाँ वीरांश की शर्ट की कॉलर पकड़ चुकी थीं…
"चुप रहो…मुझे नहीं पता मेरे साथ क्या हो रहा है लेकिन जो भी हो रहा है,वह सब तुम्हारी गलती है…!!
उसने लगभग फुसफुसा कर कहा…"बस… आज की रात… कुछ मत कहना…"
वीरांश ने उसकी कमर पकड़ ली…
धीरे से अपने सीने से लगाया…
"आज की रात के बाद… तुम सिर्फ़ मेरे रहोगे… ये मत भूलना…"
कमरे की हवा भारी हो चुकी थी…
बिस्तर पर गिरते ही, सांसें उलझ गईं…
वीरांश के निचे कियान बुरी तरह छटपटा रहा था,आज वह पूरे होश ओ हवास में था लेकिन फिर भी बेखुदी में डूब चूका था…
वीरांश ने उसे बड़े प्यार से थामा और उसके टी.शर्ट के अंदर अपनी ठंडी हथेली से सेहलाने लगा..
“तू…तुम्हारी बॉडी इतनी ठंड क्यों हो रही है…!!कियान सीहर उठा…
वीरांश ने झुक कर पूरी तरह उसके टी.शर्ट को ऊपर करते हुए बोला..”क्यूंकि मैं एक अल्फा हूं…!!
कियान को तो कुछ समझ ही नहीं आया क्यूंकि उसकी फैमिली में सिर्फ वही एकलौता ओमेगा था,बाकि उसके मोम डेड और सब कज़न अल्फा ही थे…
वीरांश ने जैसे ही उसके निपलस को उंगलियों के बिच हलका सा दबाया वैसे ही कियान के बॉडी में करंट दौड़ गया..
“हेय ये सब क्या कर रहे हो…मुझे अजीब फील हो रहा है..!!कियान ने वीरांश के बालों को खींच कर उसका सिर उठाया…
“तुम सिर्फ शांति से रहो,कुछ देर बाद तुम्हे बहुत प्लेज़र और सुकून भी मिलेगा..!!वीरांश ने कहा और वापिस से उसके निपलस को पिंच करते हुए हलका सा सॉफ्ट किश कर गया…
लेकिन जैसे जैसे रात गहराते गई कियान की सिसकियाँ पूरे कमरे का माहौल बहकाती रही…
“नहंह..अहह….!!
वीरांश अब उसके गर्दन में हाथ दिए होंटो को चूमे जा रहा था…
वीरांश उसके होंटो को खा ही जाने के इरादे से था..
कियान के निचले होंटो को वह बेदर्दी से कुचले जा रहा था..कियान से बर्दास्त नहीं हो रहा था…
“ओपन योर माउथ….!!वीरांश ने जैसे ही कहा,डरते डरते कियान ने हलका सा मुंह खोला,वीरांश ने बिना वक़्त गवाए उसके ज़ुबान से अपनी ज़ुबान टकराये सक करने लगा..
वीरांश उसके ज़ुबान की मिठास को बस चखे ही जा रहा था और उसका पूरा भार कियान के निचले हिस्से पर था…
कियान अब थक गया था और उसने चेहरा फेरते हुए लम्बी लम्बी सांसे लेते हुए खुद की साँसो को नार्मल किया..
वीरांश उसके कानो में झुक कर बोला..”बेबी इस बार माफ़ कर दे रहा हूं लेकिन अगली बार मुझसे मुंह फेरने की गलती मत करना..”
कियान ने उसकी आवाज में बेहद भारीपन महसूस किया था..
वीरांश ने उसके गुलाबी पड़ते कानो को देखा और दांतो से उसके कान की लोए को चबा गया..
“आह…क्या कर रहे हो..!?
“बेबी तुमसे प्यार कर रहा हूं…!!
कियान ने कुछ नहीं कहा क्यूंकि अब उसे नींद आरही थी…
वीरांश ने ड्रवार से कंडोम का पैकेट दांतो से फाड़ते हुए दूसरे हाथ से कियान की पेंट निचे उतार फ़ेंकी…
कियान की आँख पूरी तरह खुल गई..
“..ये…यह…तुम…क्या करने जा रहे हो…!?
वीरांश हँस पड़ा..
“मैं…तुम्हे क्या दिख रहा है..मैं तो बस अच्छे काम करने की शुरुआत करने जा…
कियान उसकी बातों को काटे बोला..”नहीं….मेरा वह मतलब नहीं था,,ये तो कंडोम है ना…!!
वीरांश ने एक बार गौर से देखते हुए बोला..”मेरी ज़ुबान में तो यही बोलते हैँ,तुम इसे कुछ और बोलते हो क्या..”
कियान को इस वक़्त इस इंसान पर बहुत गुस्सा आया..
“वह नहीं कह रहा है मतलब की इन सब चीज़ो की कोई ज़रूरत नहीं है…!!
“ओह माई…माई….!!
बेबी तुम तो बहुत आगे की सोचने लगे हो,शायद तुम्हे पता नहीं है की हिट साइकिल में अगर प्रोटेक्शन इस्तेमाल ना करो तो प्रेगनेंसी के चान्सेस बढ़ जाते हैँ…मैं नहीं चाहता तुम प्रेग्नेंट हो जाओ,उसके लिए तुम्हे पहले मेन्टली प्रेपेयर होना पड़ेगा…”
वीरांश की बिना सिर पैर की बातें सुन कियान ने खुद को अच्छे से ढक लिया..
कियान खींज के बोला..“अरे तुम पूरी बात समझते क्यों नहीं..!?
मैं कह रहा हूं की हमें इतना आगे बढ़ने की ज़रूरत नहीं है,बस फोरपले तक सही है…”
वीरांश का मुंह टेढ़ा होगया..
“क्या….!?
तुम बस फोरपले करना चाहते थे,मैं तो मेन कोर्स तक पहुंच चूका है…”
“तुम अब अपना समझो,मैं बस हलका फुल्का कडल मांग रहा था…पता नहीं तुम्हारे दिमाग़ में क्या कुछ चलता रहता है..”कियान करवट बदल कर सोगया..
वीरांश जो अब तक मुस्करा रहा था, अब उसके जबड़े भींच गए..
“मैंने तो तुम्हारा हिट साइकिल आराम से झेल लिया…पर क्या तुम मेरा रट झेल पाओगे,क्यूंकि मैं अपने रट में बहुत वाइल्ड हो जाता हूं…”वीरांश कियान के चेहरे पर झुकता हुआ आहिस्ता से बोला..
कियान के रोंगटे खड़े होगये,उसने अपनी आँखों से घर में अपने पापा का रट देखा था…
मम्मी तो फिर भी मेडिसिन लेकर शांत हो जाती थी लेकिन डोमिनेट अल्फा का रट बड़ा खतरनाक होता था…वह रूम से अपने पार्टनर को तो दूर की बात है,बेड से निचे पैर तक टीकाने नहीं देते थे..
वीरांश ख़ामोशी से उसके बगल में लेट गया लेकिन कियान के कमर पर वीरांश की हार्डनेस रगड़ती और चुभती हुई महसूस हो रही थी…
कियान की आँखे डर से बड़ी होगई क्यूंकि उसे याद आया की वह तो बिना पेंट पहने सोया हुआ है…
लाइट ऑफ हुई तो वीरांश ठंड लगे बकरी के बच्चे की तरह और ज़्यादा कियान से चिपक गया…
कियान तो सो चूका था पर वीरांश अपना मुंह उसके पीठ पर रगड़ रहा था..
“केसा बेदर्द इंसान है,मुझे यूँ हसीन ख्वाब में जगा कर खुद सो रहा है…”वीरांश ने कियान की पतली सी कताओदार कमर को पकड़े रब किया..
“हेंह कमर है या मखन का डब्बा,,हाथ फिसल जा रहा है…”वीरांश ने आँखे तिरछी कर कियान को सोते हुए देखा तो फिर उसका हाथ कमर से निचे बढ़ गया..
कियान का बदन नर्म ओ गुदाज़ और रोइ के गोले जैसा था..
वीरांश ने होंट दांतो तले दबा लिया और उसकी नीली आँखे खतरनाक हद तक बंद होगई..
“नहीं मुझे खुद पर कण्ट्रोल करना होगा…”वीरांश ने अपने पेंट की टाइट होती हालत देख बाथरूम जाना ही सही समझा क्यूंकि ऐसे तो ना उसे नींद आती और ना वह कियान को आराम से सोने देता इसलिए सब से पहले खुद को शांत करवाना ज़रूरी था..
ज़ब 15 मिनट बाद वीरांश बाथरूम से बाहर आया तो वह पसीने में भीग रहा था..
वीरांश आके कियान के बगल में लेट गया लेकिन जैसे ही कियान ने करवट बदल कर उसके सीने में बाज़ू रखा वह फिर से पूरी तरह टर्न ऑन होगया…
“फिर से नहीं….!!वीरांश ने एक नज़र पेंट पर डाली और कियान को देखा फिर…जो हुआ उसे उसकी उम्मीद नहीं थी..
सुबह ज़ब कियान की आँख खुली तो उसने बेड पर गीला पन देखा..
“हेंह वीरांश ने रात को बेड पर सुसु…..!!
कियान के हाथों में कुछ गाढ़ी चिपचिपी सी सफ़ेद चीज लग गई थी..
“यक्स छी…..वीरांश के बच्चे….!!कियान ज़ोर से चीख पड़ा और वाशरूम में घुसा वीरांश सिटी बजाते हुए शॉवर लेता रहा..
To_be_continued…
कियान शर्म से चेहरा लाल किये बस नज़रें घुमा घुमा कर कमरे को देखता रहा...
वीरांश उसकी चीखम चिल्ली सुन वाशरूम से बाहर आया तो कियान की साँसे ही अटक गई..
वीरांश टॉवल कमर के निचे लपेटे उसके सामने आ खड़ा हुआ था..
कियान कुछ देर के लिए सुन्न रहगया…
वीरांश के चोड़े सीने से फिसलती पानी की बुंदे और मुस्कुलर बॉडी….
और सबसे बड़ी बात टॉवल से ही लम्बा उभार मालूम चल रहा था..
“आपका घूरना होगया….!?
“हुंह…क्या मतलब नहीं….और ये क्या तरीका है,,छी तुम कितने गंदे हो…!!
वीरांश के तो सिर पर लगी और तलवो पर बुझी..
“अच्छा ऐसी बात है,शायद मैं ही था ना जो कल तक बांहो में आने के लिए तड़प रहा है…या फिर मैंने शर्ट के बटन…_______
कियान हड़बड़ा कर बोला..”ठीक है ठीक है…माफ़ करदो..मैं अपना हिट कण्ट्रोल नहीं कर पाता हूं…”
वीरांश ने उसके कमर पर बाज़ू कसके अपने गोद में उठा लिया..
कियान डर से उछल पड़ा और चीखने लगा..
“तुम्हे कुछ समझ नहीं आता क्या…!?
पागल हो…बेवकूफ़ मुझे निचे उतारो,मैं गिर जाऊंगा…प्लीज निचे उतारो…!!
कियान को डर लगने लगा क्यूंकि बंदे ने एक ही बाज़ू से कमर जकड़ कर उठा लिया था..
“अरे ऐसे कैसे…!!
अपने हस्बैंड के डोले शोले नहीं देखे क्या..कुछ तो भरोसा करो…”वीरांश इतरा कर बोला तो कियान ने अपना माथा पीट लेना चाहा…
“मैं अपने बेबी के साथ शॉवर लूंगा..”वीरांश की नीली आँखे उसके खुली गोरी थाई पर टिकी थी..मुंह में पानी भर आया..
“छिछोरे जैसी हरकते करना बंद करो…!!कियान का मन किया की वह दो थप्पड़ जड़ दे…
“अभी तुमने मेरा छिछोरापन देखा ही कहाँ है…!?
वीरांश ने उसकी पोजीशन चेंज की और दोनों हाथों से कमर पकड़े खुद से भींच लिया..कियान की सांसे ही अटक गई और दोनों टांगे उसके कमर से लिपट गई..
“हेय हेय स्टॉप…तुम…तू….अह्हह्ह्ह्ह वीरर……आंसह्ह्हह्ह्ह्ह…..!!वीरांश उसे दिवार से लगाए गर्दन पर दाँत गड़ाए काट कर वहाँ अपने जलते होंट रख रगड़ने लगा..
“वीरांश…स्ट….ा…..प…..प्लीज….ज़्ज़्ज़….!!कियान के गर्दन से लेकर कान तक सुर्ख पड़ गए थे…
वह अपने कमज़ोर हाथों से मुक्के बरसाने लगा क्यूंकि उसे कुछ सही नहीं लग रहा था,उसकी बॉडी झटके खाने लगी थी..
वीरांश के सरसराते हाथों की हरकते तेज़ी से कमर को मसले जा रही थी..
कियान ने कसके वीरांश के कंधे पर मुंह छुपा कर सांसे रोक ली…
“ये बंदा मेरी जान ले कर रहेगा…!!कियान ने मन में शर्म की चादर ओढ़ ली..
वीरांश उसे पांडा की तरह खुद से चिपकाये वाशरूम ले गया..
“प्लीज…तुम जाओ,मैं कोई छोटा बच्चा नहीं हूं जो खुद से नहा नहीं सकता…!!कियान बाथटब में बैठा घुटना समेटे झिझक कर वीरांश को देखने लगा जो अब भी उसे ही देखे जा रहा था…
वीरांश ने लम्बी सांस ली,फिर मुस्कान लिए बोला..”ओके…मैं बाहर वेट कर रहा हूं लेकिन बेबी ज़रा जल्दी शॉवर ले कर आना..वह क्या है ना मुझे ज़्यादा देर तुमसे जुदाई बर्दास्त नहीं होगी..”
वीरांश रूम लॉक कर बाहर निकल गया..
कियान अपना सिर पीटने लगा..क्यूंकि उसके सिर में अब भी बंडेज लगा था और हलकी हलकी दर्द की टीसे उठ रही थी..
“शिट…शिट…सब कुछ खतम होगया,अब मैं वीरांश से नज़रे कैसे मिलाऊँगा..ज़ब से मैं मिला हूं तबसे सब उलट पुलट हो रहा है…
ना मुझे मेरी बॉडी पर कण्ट्रोल रह रहा है और ना ही जज़्बातों पर…!!
कियान ये समझ नहीं पा रहा था की उसे बार बार हिट साइकिल क्यों आरही है जबकि हर हिट साइकिल का टाइम होता है और पूरे एक महीने बाद हिट साइकिल आती है…
वही बाहर वीरांश अपने बाल ड्राईर से ड्राई करता हुआ कोई मीठी सी धुन गुनगुना रहा था..
“मुझे लगता है कि मैं बहुत ज़्यादा जल्दबाजी कर रहा हूं लेकिन अब क्या करू…!?
ज़ब भी ये कम हाईट वाला बेबी फेस वाला कियान सामने होता है तो मेरे ख़्यालात वाइल्ड हो जाते हैँ…हाहाहाहा नाजाने कितने सालों बाद फिर से कोई दिल की धड़कनो को महका रहा है..”
वीरांश ने खुद को अब पूरी तरह तयार कर लिया की वह अब एक ज़िम्मेदार हस्बैंड बन कर दिखायेगा…
“कियान…बेबी तुम्हे अब कोई दुख छू कर भी ना गुज़रे ये ज़िम्मा मैं लेता हूं बस तुम मेरे आगोश में बंधे रहो..”वीरांश ने फिर अपनी कंपटी मसली..फिर से कियान का नर्म गर्म बदन आँखों के सामने आने लगा था…
वह नाजुक बांहे,गुलाबी होंट और कभी कभी चिढ़ जाना…
वीरांश अपने होंटो पर ज़ुबान फेराये रह गया…
ज़ब 10 मिनट बाद कियान बाथरोब बांधे वाशरूम से बाहर आया तो वीरांश पूरी तरह तयार हो चूका था..
ग्रेईश थ्री पीस सूट पहने वह टाई बांध रहा था..
“ओये तुम कहाँ जा रहे हो…!?
वीरांश ने उसका अक्स आईने में ही देख लिया था…
वह ब्लैक बाथरोब बांधे थोड़ा झिझक रहा था..
“ऐसे नहीं कहते और ये क्या…!?
अपने हस्बैंड को कोई ओये,तुम कहकर बुलाता है…!!वीरांश मुंह फुला गया..
कियान चिढ़ गया..“हस्बैंड….!!
सीरियसली…हमारी शादी कब हुई..!?
“हाँ हाँ हस्बैंड…मैं आजकल के ज़माने के रिलेशन को नहीं मानता इसलिए मैं तुम्हारा हस्बैंड हूं या आईडिया पसंद नहीं तो तुम मेरे हस्बैंड बन जाओ लेकिन अब तुम्हारी ज़िम्मेदारी मेरी है..!!वीरांश ने जैसे फैसला सुनाया..
कियान का मुंह हैरानी से खुला का खुला रह गया..
कियान कड़वे लहजे में बोला..”ज़्यादा हवा में उड़ने की ज़रूरत नहीं है क्यूंकि मैं तुम्हारे साथ इस विला में नहीं रहने वाला…समझे ना…!!
मेरे मोम डेड ने बेशक मुझे घर से निकाला है लेकिन इन सब में सारी गलती तुम्हारी थी…”
वीरांश सीने में हाथ बांधे सुनता रहा..
वीरांश कुछ देर खामोश रहा और फिर बोला...
"इसके पीछे गहरी वजह है… खैर इतना बता देता हूं कि मैं तुम्हारा दुश्मन नहीं हूं…"
और फिर हँस पड़ा...
"जिस घर और जिन लोगों के लिए तुम मुझसे लड़ रहे हो ना, वो तुम्हारे अपने नहीं हैं... बल्कि मैंने तुम्हें एक मुसीबत से निकाला है… अब तुम मेरे पास सुरक्षित हो..."
कियान ने तंज से मुस्कुरा कर कहा...
"मुझे तो तुमसे ज़्यादा डर लगता है…!!"
"और ये जान लो, मैं तुम्हारे इशारों पर नहीं चलने वाला… मैं यहाँ से चला जाऊंगा…!!"
कियान ने हिम्मत जुटा कर कहा।
वीरांश ने गंभीर लहजे में बोला…
"ठीक है, चले जाना… लेकिन याद रखना… अगर फिर कभी मुसीबत में फंसे, तो मैं बचाने नहीं आऊंगा…!!"
कियान ने वीरांश की नीली आँखों में उभरते खतरनाक जज़्बात देखे और एक बार फिर काँप कर रह गया…
"इतना डरते क्यों हो बेबी…!?
जबकि तुम मुझसे उम्र में बड़े हो... वैसे क्या उम्र है तुम्हारी…!?"
कियान ने झट से जवाब दिया…
"32."
वीरांश हँस पड़ा और इस बार कियान के पास बैठते हुए मज़ाकिया अंदाज़ में बोला…
"32!? लेकिन तुम्हारी हाइट तो बहुत कम है…
आई एम 28 ईयर्स ओल्ड… बट मेरी हाइट देखो…!!"
कियान चिढ़ गया…
"इसमें हँसने जैसा क्या है!?
मुझे अपनी हाइट से कोई दिक्कत नहीं… मुझे तुम्हारी तरह आइफ़ल टावर नहीं बनना!!"
वीरांश अचानक गंभीर हो गया…
"मुझे डर है… सिर्फ़ इस बात का… अगर कहीं हमारे बच्चे ने तुम्हारी हाइट ले ली तो…!!?"
कियान सकपका गया…
फिर वीरांश ने ड्रावर से एक रिंग निकाली और कियान की हथेली थामते हुए कहा…
“मेरी तरफ से एक छोटा सा तोहफा…फिलहाल के लिए इतना ही,ये बस समझ लो की हम इंगेजड है..!!
वीरांश ने कियान की उंगली में वो रिंग पहनाई…
कियान नीले और सिल्वर नग की चमक को देखकर हैरानी से उसकी तरफ देखने लगा…
"ये... अंगूठी…?"
"हाँ… मेरी तरफ से एक छोटा सा तोहफा…"
वीरांश की मुस्कान और गहरी होती चली गई…
"शु... शुक्रिया… लेकिन इसकी कोई ज़रूरत नहीं थी…"
कियान ने नज़रें चुरा लीं।
"ज़रूरत थी बेबी…जो कुछ तुम्हारे साथ हुआ, वो मेरी गलती थी… लेकिन मैंने वह सब किया क्योंकि तुम्हारी ज़िंदगी मेरे लिए सबसे अहम है…"
वीरांश की आवाज़ में जो गर्मी और जुनून था, वो कियान के कानों से उतरकर उसके दिल तक पहुँच गया…
कियान कुछ समझ नहीं पाया… लेकिन फिर वीरांश ने कहा…
"मैं बस तुम्हें पा लेना चाहता हूं…पर बेबी प्लीज़… इन फिजूल की बातों पर मत लड़ो… मुझे दूर रहना पसंद नहीं…
अगर तुमने ऐसा किया… तो बहुत पछताओगे…!!
मैं थोड़ा अग्रेसिव और सनकी हूं… लेकिन अपनी ओमेगा वाइफ यानि तुम्हारी इज़्ज़त करता हूं…!!
कियान को वीरांश थोड़ा अजीब लग रहा था क्यूंकि उनकी पहली मुलाक़ात में वीरांश ने उसे ज़ोर से बेड पर पटक दिया था और अपने गुस्से में उसने ये तक नहीं देखा था की कियान के सिर फट के खून बेहह रहा है..
“पर मुझे ये सब बहुत अजीब लग रहा है..मतलब की क्या ये सब सही है और मैं ऐसे कैसे तुमपे भरोसा कर लूँ…!?
वीरांश के चेहरे से जैसे पूरी गर्मी उतर गई… उसके ज़ख़्मी से एक्सप्रेशन देख कर कियान घबरा गया…
"मेरा मतलब ये नहीं था… मैं बस… थोड़ा वक़्त चाह रहा हूं…
आज ही मिले, आज ही सब कुछ... ये बहुत तेज़ है मेरे लिए…!!"
वीरांश की नीली आँखें कियान के पूरे शरीर पर एक गहरी, जमी हुई नज़र के साथ टिकी थीं…
"मैं समझ गया… लेकिन याद रखना…
मुझे धोखा देने वालों से नफ़रत है… बेहद सख़्त नफ़रत…"
वीरांश कहके ऑफिस के लिए निकल गया..
वीरांश के जाने के बाद कियान सोचने लगा कि किसी भी तरह यहाँ से निकल जाना…
वीरांश जैसा सनकी और खतरनाक अल्फा ओमेगा के लिए ज़हर था…
और वैसे भी ये जगह… ये भारी, अजीब विला..
यहाँ रहना नामुमकिन था…
शाम हुई तो विला के बाहर मेरसीडीस रुकी,वीरांश ऑफिस से थका हारा हुआ वापिस आया लेकिन कियान रूम से गायब था..
उसने गेस्ट रूम, किचन, टेरेस, हर जगह देखा… पर कियान गायब था…
वीरांश का चेहरा गुस्से से तमतमा गया — उसे खुद पर गुस्सा आया कि उसने एक बार फिर भरोसा किया…
वीरांश को फिर पुरानी बातें याद आगई..
“तुम्हारे साथ कौन रहना चाहेगा,तुम इतने पोजेसीव और ऑब्जेसीव हो…गुडबाय आइंदा मुझे कांटेक्ट मत करना..!!
वीरांश की रूह तक काँप गई,,मतलब फिर से एक और धोका…
वीरांश ने गुस्से में सामने पड़ी टेबल पर एक ज़ोरदार ठोकर मारी तो सब सामान टूट कर बिखर गए..
“लेकिन इस बार इतनी आसानी से नहीं…मैं तुम्हे जाने नहीं दूंगा….कियान….!!
वीरांश की गुस्से से माथे की नशे तन गई और वह अपने बॉडीगार्ड के साथ विला से बाहर निकल आया..
To_be_continued…
दूसरी तरफ कियान ढीली ओवरसाइज़्ड शर्ट में बाहर निकल आया था..
"अचानक से माही का कॉल क्यों आया…!?
कियान अब भी सोचो में गुम था,अभी कुछ घंटे पहले ही माही कॉल उसे आया था और माही ने दुख जताते हुए उसे अपने अपार्टमेंट में बुलाया ताकि वह पूरी कहानी जान सके..
उसे डर था कि कहीं वीरांश पीछे न आ जाए…वैसे भी कियान को यकीन था की वह वीरांश के ऑफिस के आने से पहले विला में पहुंच जायेगा और कियान ने खुद को लापरवाह कर लिया क्यूंकि उसे वीरांश के बारे में कहाँ कुछ पता था की बंदा कब ऑफिस जाता और विला वापिस आता है..
कियान केब कर रेशमी अपार्टमेंट पहुंचा जो 15th फ्लोर का था वह लिफ्ट से सीधा माही के फ्लैट के सामने पहुँचा… दरवाज़ा बंद नहीं था… अंदर से आवाज़ें आ रही थीं…
कियान आराम से अंदर अंदर गया तो माही और मानव उसे देखकर मुस्कुराये…
"कियान… ऐसे क्यों खड़े हो,कॉमन अंदर आजाओ..”माही ने प्यार से कहा..
कियान ख़ामोशी से अंदर चला आया..
“हमें बहुत दुख हुआ..ज़ब मुझे पता चला की तुम्हे रियान अंकल ने घर से निकाल दिया है..वैसे आखिर उन्होंने इतना बड़ा फैसला सुनाया क्यों…!?मानव को दिलचस्पी सी हुई..
“बस एक छोटी सी गलतफहमी है,,मैं जल्द ही उनसे बात कर सुलह करने की कोशिश करूंगा..!!कियान को पता नहीं क्यों माहौल में अजीब सा भारीपन महसूस हो रहा था..
दोनों शराब से छलकता ग्लास लिए हमदर्दी जताने वाले तो मूड में तो हरगिज नहीं लग रहे थे..
माही ने कियान के कंधे पर बाज़ू रखते हुए कहा..”वैसे तुम अभी फिलहाल कहाँ रह रहे हो..”
कियान ने थोड़ा पीछे खिसकते हुए कहा..”मैं एक दोस्त के यहाँ रह हूं..”
“हमारे इलावा तुम्हारे कोनसे दोस्त पैदा होगये…!?
मानव हँस पड़ा..
कियान उठते हुए बोला..”हैं…बहुत सारे हैँ और अब मुझे चलना चाहिए..”
कियान को कुछ गड़बड़ सी लग रही थी..
वह यहाँ बहुत कुछ कहने और सुनने और मदद माँगने के इरादे से आया था पर दोनों की निगाहों में हवस देख सहम सा गया था..
माही ने जल्दी से उसका कंधा थामा और सोफे पर बैठाया।
"डोंट वरी बेबी… अब तुम सेफ हो… हम हैं ना…"
मानव ने मुस्कराते हुए कहा… लेकिन उसकी आँखों में कुछ और ही था…
"तुम्हारे शर्ट से किसी अल्फा का स्ट्रांग फेरोमोन्स(सेंट/खुसबू) आरही है जो मुझे अजीब सा गंध लग रहा है… एक काम करो तुम जाके शावर ले लो…"
माही ने उसके शर्ट का कॉलर पकड़ते हुए हल्के से खींचा तो कियान झटके से पीछे हटा…
कियान ने देखा… दोनों के चेहरे बदल चुके थे… वहाँ दोस्ती नहीं,हवस दिख रही थी..
"क्या… क्या कर रहे हो तुम लोग…!?
दूर रहो मुझसे…!!"
कियान चीख पड़ा।
माही ने उसका हाथ कस कर पकड़ लिया…
"डर क्यों रहा है ओमेगा…?
हमें पता है तुम एक प्यारे से ओमेगा हो पर कमाल की दाद देनी पड़ेगी,,इतने साल हमारे साथ दोस्त बन कर रहे फिर भी अपनी फेरोमोन्स को छुपाये रखे..!!
"कमीने हो तुम…!!
शर्म आती है खुद पर कि तुम जैसे को दोस्त समझा…"
कियान की आंखों से आँसू निकल आए और उसने माही के चेहरे पर एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया।
माही तिलमिला गया… और गुस्से में आकर कियान को धक्का दे मारा… वह कांच की टेबल पर जा गिरा…
कांच चूर हो गया और उसके टुकड़े कियान की बांह में धँस गए…
दर्द, खून, और डर… तीनों एक साथ हावी हो गए…
कियान को याद आई वीरांश की बात…
“ठीक है चले जाना… लेकिन अगर मुसीबत में पड़े, तो मैं नहीं आऊँगा…”
कियान ने माही को अपनी बेल्ट निकालते देखा और आंखें बंद कर लीं…
"वीरांश… प्लीज़… मुझे बचा लो…प्लीज़… मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी यूँ बिन बताये विला से निकल कर….अब…में…मुझे…डर…ल…ग…रहा…है…._____
तभी खिड़की के शीशे से एक गोली अंदर आई… सीधी मानव के सिर में लगी… वह वहीं ढेर हो गया…
अगली ही पल माही भी ज़मीन पर गिरा — वीरांश की दूसरी गोली उसके सीने को चीर गई थी…
कियान ने डर से कांपते हुए अपने मुंह पर हाथ रख लिया और सिसकने लगा…
फर्श पर खून फैल चुका था…
कियान मुंह पर हाथ रखे खुद को नार्मल करने पर था क्यूंकि ये सब इतने अचानक हुआ की उसे कुछ समझ ही नहीं आया,,सांसे तेज़ी से उथल पुथल होगई थी और वह आँखे बंद किये काँपे जा रहा था..
दरवाज़ा धड़ाम से खुला…
और वीरांश अंदर दाखिल हुआ… उसकी आँखों में आग थी… लेकिन बाँहों में वही सुरक्षा…
“बेबी….!!
वीरांश की आवाज सुन…कियान ने गिरते पड़ते लड़खड़ाते कदमो के साथ भागता हुआ उसके सीने से लग गया..
"वी...वीरांश, प्लीज़...मुझे माफ कर दो...आइंदा कभी—"
कियान कुछ कह ही नहीं पाया कि रूम में वीरांश के बॉडीगार्ड सल्यूट कर आए..
"तुम लोगों का शुक्रिया…अब तुम लोगों कस काम यही खतम होता है तो विला जाके आराम करो.." वीरांश कियान की कमर थपकता हुआ अपने लॉयल गार्ड्स की तरफ देखने लगा जो सीने पर हाथ रखे झुक कर बाहर चले गए..
गार्ड्स के जाते ही वीरांश की नीली आंखों में गुस्से की आग धधक उठी, लेकिन चेहरे पर सिर्फ एक खौफनाक मुस्कान थी…
कियान का बाज़ू पकड़े वीरांश घसीटते हुए लिफ्ट से निचे ले आया और पार्किंग एरिया में खड़ी अपनी मेरसीडीस में दबोच कर बिठा दिया..खुद अपने ड्राइविंग सीट पर बैठा आंधी तूफान की स्पीड में मेरसीडीस को स्टार्ट कर ड्राइव करने लग..
कियान चुपचाप, कांपते हुए पीछे बैठा था… उसे सच में यमराज दिखने लगे थे…
वीरांश सुनसान हाईवे पर बाइक ऐसे दौड़ा रहा था मानो मौत को खुद पुकार रहा हो।
एक जगह वीरांश ने मेरसीडीस रोकी और कियान से उतरने को कहा...
"वी...वीरांश प्लीज़, मुझसे गलती हो गई…"
कियान हकलाया।
"खुद उतरोगे या मैं उतारूं...अपने तरीके से?"
वीरांश की आवाज़ बर्फ की तरह सर्द थी..
कियान डर के मारे तुरंत उतर गया..
वीरांश ने हेलमेट उतारा और उसके सामने आ खड़ा हुआ..
"प्लीज़ इस बार माफ कर दो...मैं कसम खाता हूं...बिना बताए कहीं नहीं जाऊंगा…"
वीरांश ज़ोर से हँस पड़ा…
उसकी हँसी सुनकर कियान का दिल काँप उठा..क्यूंकि ये हंसी बड़ी खतरनाक थी..
"जानते हो कियान...मेरी माँ ने भी मेरे डैड से ऐसे ही वादे किए थे...और फिर किसी और के साथ भाग गई..."
कियान कुछ नहीं बोला...
"ट्रस्ट...विश्वास...सब एक धोखा है मेरे लिए… मैं तुम्हे ज़बरदस्ती नहीं रोकूंगा… जा सकते हो...जहाँ चाहो उसके पास..."
वीरांश जाने के लिए मुड़ा, लेकिन कियान ने उसका हाथ कसकर पकड़ लिया…
“वीरांश प्लीज…तुम जैसा समझ रहे हो वैसा कुछ भी नहीं है..मैं तुम्हे छोड़कर नहीं भागा था,उनलोगों ने मुझे कॉल कर इमरजेंसी में बुलाया था और मैंने यकीन कर लिया की वह लोग मेरे गम में दुखी है..!!कियान अब आँख मल मल कर साफ करने लगा..
वीरांश बिना कुछ बोले अपनी मेरसीडीस की तरफ बढ़ने लगा..
“तुम्हे आखिर मुझपर यकीन क्यों नहीं है…में…मैं सचमे…मेरी ही गलती थी,,सब…सबकी…सब मैं..मेरी गलती…में…मेही…में…लोग…लोगों पर….__यकीन कर लेता हूं…मैं मर जाना चाहता हूं..!!कियान रूहाँसी सी आवाज में बोला और वही घुटने के बल बैठ रोने लगा..
वीरांश की आंखों में ठहराव आ गया,वह वापस मुड़कर आगया…
"मरने नहीं दूंगा तुम्हें…!!
इतनी आसानी से नहीं अभी तो तुम्हे मोहब्बत से भरना बाकि है…!!
वीरांश की आँखों में पागलपन था।
"वीरांश!!
कियान को झटके से उसने बांहो में उठा लिया था..
"माफ़ी चाहिए तो मेरी हर बात माननी होगी..."
"ठीक है… बस मुझे घर ले चलो…"
वीरांश उसका हाथ पकड़कर अपने सीने पर रखता हुआ बोला…
"अब मैं और भड़का हूं…"
वह बेरहमी से उसका हाथ मसलने लगा…
"डर…दर्द हो रहा है…"
कियान की आवाज़ काँप गई।
वीरांश ने फौरन उसका बाजू देखा—जो बुरी तरह ज़ख्मी था..
"ये…ये कैसे हुआ…!?
वीरांश को जैसे होश आया,कियान को अब और डर लगने लगा था,वीरांश का सारा खून उसकी कंपटी की नशो में बेहने लगा..
वीरांश नफ़रत से बोला..”उन कुत्तो को और ज़्यादा तड़पा तड़पा कर मारना चाहिए था,देखो तो मेरे छोटे से बेबी को कैसे तकलीफ पहुंचाई है..”
कियान चुप ही रहा…
रात के 12 बज रहे थे और कियान अपनी बाज़ू पर बंधी पट्टी को सहला रहा था..
एक सिर पर बेंडेज लगा था और अब पूरी बाज़ू भी ज़ख्मी थी..
कियान के लम्बे बाल जो की कंधो तक आते थे वह खुले हुए थे और वीरांश करीब ही बैठा उसे तके जा रहा था..
“याद है ना…तुम्हे अब से मेरी सब बातें माननी पड़ेगी..”वीरांश अब सुकून से मुस्कुरा दिया..
कियान हाँ में गर्दन हिला कर बेडक्राउन से गर्दन टिकाये बैठ गया..
वह इतना तो समझ गया था की वीरांश कोई मामूली इंसान नहीं है,कोई बड़ा अमीर बंदा है जो ना की सिर्फ विला में रहता है बल्कि उसके बस एक कॉल पर डॉक्टर्स की फौज आ खड़ी होती है,,जिसके विला के चारो तरफ बॉडीगार्डस मशीन गन लिए खड़े रहते थे और जो वक़्त आने पर किसी की भी जान ले सकते थे….और आज उसकी मुंह बोलती मिशाल कियान ने अपने आँखों से देखि थी..
“वीरांश…एक बात पुछु…!?
कियान की हलकी सी मासूम आवाज पर वीरांश सिर हिला गया..
“तुम आखिर कौन हो…!?
बहुत अमीर हो कोई इललीगल धंदा वंदा तो नहीं करते…!?कियान को शक हुआ..
वीरांश मुंह पर हाथ रखे हँस पड़ा…
ये बड़ी मज़ाकियां सी हंसी थी जिसे हँसते हँसते वीरांश पेट पकड़े झुक गया..
“पा…गल…मैं एक नार्मल बिज़नेसमेन हूं और हाँ भला कोई अपने हस्बैंड पर शक करता है क्या..!?वीरांश ने हंसी रोकते हुए झूटी नाराज़गी से कहा..
फिर कियान का चेहरा हाथों में थामते हुए उदासी से बोलने लगा..”छोटे से बेबी हो तुम फिर क्यों बार बार मेरा खून जलाते हो…!!
कियान…हम्म्म क्या बोलू तुम्हे,,ये दिखावा नहीं कर रहा की तुमसे बहुत मोहब्बत होगई है लेकिन मुझे बहुत डर लगता है की तुम्हे खो ना दूँ..मोहब्बत से भी बढ़कर तुम्हे देख मुझे सुकून सा मिलता है…मेरे साथ पहले भी ऐसा हुआ है..जिस जिस चीज को मैंने शिद्दत से चाहा है वह सब मुझे तबाह कर चले गए…तुम ने अगर ऐसा ही क्या तो मैं जीते जी मर जाऊंगा…”
कियान के आँखों में फिर आंसू आगये,वह पूरी तरह मुंह खोल कर रो दिया..
“व…से…विव्…में…से……ममम…गल….वी….से…..है….बु..गू_______
कियान जो कुछ भी बोल रहा था वह वीरांश गौर से सुन रहा था पर समझना बड़ा मुश्किल..क्यूंकि ये भाषा तो कुछ अलग ही ज़ुबान की थी..
“देखो बेबी…पहले रो लो फिर बोलो…रोना और बोलना एक साथ सही नहीं है..!!वीरांश जो अब सीरियस था कियान को इस तरह रोते देख हँस पड़ा क्यूंकि वह कुछ समझ नहीं पा रहा था और कियान रोते हुए बोले जा रहा था..
वीरांश सोचने लगा..”कोई रोते हुए इतना मासूम और फन्नी कैसे लग सकता है प्लस ये जो बोल रहा है मैं उसे ट्रांसलेट भी नहीं कर पा रहा हूं..”
“मोहब्बत नहीं हुई पर हो ही जाएगी…हाँ लेकिन वह पहली बार तुम्हारा मिलना…तुममें कुछ तो अलग बात थी कायु…!!वीरांश ने उसे सीने से लगा लिया क्यूंकि कियान को काफ़ी चोट आई थी..
“चलो बेबी…सो जाओ…अब कोई तुम्हे हर्ट नहीं करेगा…अगर किसी ने कोशिश भी की तो लाश बिछ जाएगी..!!वीरांश आहिस्ते से कहा..
एक हाथ से वह कियान का सिर प्यार से थपकता रहा,,कियान जल्द ही नींद की मीठी आगोश में चला गया..
विरांश ने काफ़ी आराम से उसे बेड पर लेटाया और उसके बाज़ू के पास मुलाइम तक्या रख ब्लेंकट ओढ़ा कर लम्बी सांस ली..
फिर झुक कर नरमी से उसके काले घनेरे बालों को चेहरे से हटाया…माथे पर होंट रख सुकून की आखिरी हद तक मुस्कुरा पड़ा और खुद सोफे पर जाके सो गया..लेकिन नज़रे अपने बेबी पर ही टिकी थी…
To_be_continued…
एक हाथ से वह कियान का सिर प्यार से थपकता रहा,,कियान जल्द ही नींद की मीठी आगोश में चला गया..
विरांश ने काफ़ी आराम से उसे बेड पर लेटाया और उसके बाज़ू के पास मुलाइम तक्या रख ब्लेंकट ओढ़ा कर लम्बी सांस ली..
फिर झुक कर नरमी से उसके काले घनेरे बालों को चेहरे से हटाया…माथे पर होंट रख सुकून की आखिरी हद तक मुस्कुरा पड़ा और खुद सोफे पर जाके सो गया..लेकिन नज़रे अपने बेबी पर ही टिकी थी…
सुबह हुई तो विरांश ने एक नज़र कियान को देखा जो अब तक सोया हुआ था..
विरांश की बेहद इम्पोर्टेन्ट मीटिंग थी पर पता नहीं क्यों उसे कियान को छोड़कर जाने का दिल नहीं कर रहा था..
विरांश के दिल में डर सा बैठ गया था की कहीं फिर से कियान उसे छोड़कर कहीं चला ना जाए..
“उफ्फ्फ्फ़ मैं ज़्यादा ही ओवरथिंक कर रहा हूं…!!विरांश ने बेड के साइड में बैठते हुए कियान को देखा जो पेट के बल सोया हुआ था…
विरांश ने गौर किया तो उसके लम्बे बाल दिखे…
“अच्छा इसलिए ये बालों की पोनी बनाये रहता है..!!विरांश ने कियान के बालों में प्यार से उंगलियां फिराई तो टुक से कियान ने आँखे खोल ली..
“गुडमॉर्निंग बेबी…!!
कियान के होंट खुले,वह हलकी आवाज में बोला..”वैरी गुडमॉर्निंग…!!
कियान उठ बैठा,कल रात ज़्यादा रोने की वजह से आँखे पफ्फी होगई थी..
विरांश को हंसी तो बहुत आई क्यूंकि कियान का चेहरा फुला फुला सा था..
वही कियान अपने बाज़ू को हिला डुला कर देख रहा था..
“विरांश अब दर्द काफ़ी कम है..!!कियान मुस्कान लिए बोला तो विरांश ने बस उसका माथा चुम लिया..
“ठीक है फिर…पूरे दिन आराम करो और हाँ याद से नाश्ता कर मेडिसिन ले लेना…आज शायद मेरे आने में लेट हो जाए..!!विरांश आलरेडी थ्री पीस सूट में तयार खड़ा था..
“फिर कहाँ जा रहे हो…!?कियान घबरा कर उठ खड़ा हुआ..
“बेबी ऑफिस..अगर काम नहीं करूंगा तो फ्यूचर कैसे सिक्योर करूंगा…अभी तो सिर्फ तुम्हारी ज़िम्मेदारी है,कल को बच्चे की ज़िम्मेदारी भी आएगी और मैं कोई लापरवाही पापा नहीं बनना चाहता..!!विरांश की एक भी बात कियान को समझ नहीं आई..
“अरे मैं क्या पूछता हूं तुम क्या बोलते हो…!?
जल्दी आना क्यूंकि मुझे अकेले रहने….____
विरांश मुंह पर हाथ रखे इमोशनल होगया..
“हाययय बेबी…ऐसे नहीं बोलते,मैं जानता हूं तुम मुझे मिस करोगे पर ऐसी बातें करोगे तो ऑफिस छोड़ छाड़ कर तुमसे ही चूमबुक की तरह चिपक जाऊंगा..”विरांश ने उसे बाज़ओं में कसके भर लिया..
“तुमसे कुछ कहना ही बेकार है..अच्छा ठीक है जाओ…बाय टेक के……__
कियान आगे कुछ बोल ही नहीं पाया..विरांश ने उसके होंटो को कैद में ले कर सॉफ्टली किश कर लिया था..
“ऐसे अपने हस्बैंड को गुडबाय किश कर ऑफिस के लिए भेजते हैँ…पर कोई नहीं तुम्हे मैं सब सीखा दूंगा..”विरांश अपने होंटो पर ज़ुबान फेरे बेक़रारी भरी नज़रो से कियान को देखने लगा..
“अच्छा प्लीज अब जाओ..!!कियान अपने होंट पर मीठा मीठा स्पर्श महसूस कर सीहर उठा था..
विरांश बाय कर जाता हुआ बोला..”बेबी आज रात को तयार रहना…तुम्हारा हस्बैंड बहुत बर्दास्त किये ऑफिस जा रहा है इसलिए इनाम के तोर पर पूरी रात बेड पर तुम्हारी हसीन सिसकियाँ सुनना चाहता है..”
कियान शर्म से पानी पानी होगया..
कियान पूरे दिन रूम में ही रहा..सर्वेंट्स टाइम टू टाइम उसे नाश्ता खाना देते रहे..
शाम के लगभग 6 बजे कियान दवाई खाके सो गया..
और उसकी नींद बड़ी पक्की होती थी,ज़ब 8 बजे तो विरांश थका हुआ घर आया और सोते हुए कियान को देख थकान भरी आवाज में बोला..”मुझे सचमे अब भूक लग रही है…!!
विरांश ने कियान के बदन को टटोला जो बेहद नर्म गर्म सा था…
“भूल गए बेबी…की मैंने क्या कहा था और ये कोनसा तरीका है…ज़ब तुम्हारा हस्बैंड घर आए तो उससे प्यार से मिलते हैँ और पूछते हैँ की आपका दिन केसा गुज़रा जी…!!
विरांश की नज़रो में गंभीरता उतर आई क्यूंकि वह ना जाने कब से खुद पर कण्ट्रोल किये था…
पूरे ऑफिस में और मीटिंग में सिर्फ उसे रह रहके कियान की चिंता हो रही थी इसलिए वह बार बार सर्वेंट्स को कॉल कर कियान के बारे में सवाल जवाब करता रहा..
विरांश के पास कियान का नम्बर नहीं था..
“ये सब मेरे साथ ही क्यों हो रहा है..!?
मैं फिर से ज़्यादा पोजेसीव बन रहा हूं,कियान मेरे बिना भी रह सकता है..सिर्फ एक मैं ही हूं जो तड़पे और मरे जा रहा हूं..!!विरांश ने उठ जाना चाहा लेकिन उसी वक़्त अंगड़ाई लेते हुए कियान उठ बैठा..
“विरांश…तुम आगये….प्लीज आइंदा मुझे यूँ अकेले छोड़कर मत जाना..!!कियान उछल कर उसके सीने से लग गया..
कियान ने शिकायती लहजे में कहा..”इतना बड़ा विला है,,कमरे की दीवारें काट खाने को दौड़ती हैँ…!!
तुम रहते हो तो अच्छा लगता है और यूँ अकेले रहने में बहुत डर सा लगता है…!!
विरांश ने कियान के गालो को हथेली में थामते हुए कहा..”तुमने सचमे मुझे मिस किया या सिर्फ सोते रहे..”
कियान का मुंह फूल गया..
“वह तो बस मेडिसिन का असर है वरना मैं दिन या शाम के वक़्त नहीं सोता हूं..”
विरांश हलकी सी मुस्कान के साथ कहा..”हम्म…तुम्हारी बोरियत दूर करने का एक इलाज है मेरे पास…!?
“वह क्या है…!?
क्या तुम मुझे दुबारा यूनिवर्सिटी में पढ़ाने की इजाज़त दे रहे हो,,वैसे पापा ने मुझे यूनिवर्सिटी से भी निकाल बाहर कर दिया है..!!कियान का चेहरा मुरझा सा गया..
“डोंट वरी तुम्हारा हस्बैंड है ना…!!विरांश ने जेसे ही कहा..
कियान हँस पड़ा…
“मुझे समझ नहीं आता..तुम मेरे हस्बैंड कैसे हुए क्यूंकि हमारी तो अभी तक शादी भी नहीं हुई है…!?
विरांश का खून जल सा गया..
“ओह्ह्ह बेबी..मतलब मैं तुम्हारा हस्बैंड नहीं हूं…!!विरांश दोनों बाज़ूओं को कियान के कमर में बेदर्दी से बांधते हुए कहा..
“ठीक है फिर…अब ज़ब तुम अपने ज़ुबान से इकरार ना कर लो मैं तुम्हे तब तक…___
न….नह….ह्ह्हह्ह……
विरांश ने उसकी हॉफ पेंट खींच के निचे उतार फ़ेंकी…
कियान ने सिर्फ हॉफ पेंट ही पहन रखा था क्यूंकि वह इसमें ज़्यादा कम्फर्टेबल महसूस करता था..
कियान शर्म से सिमट कर उसकी गोदी में बैठा रहा..
“बेबी…प्लीज रोना मत क्यूंकि आज मैं रहम करने के मूड में नहीं हूं….!!विरांश ने अपनी उंगलियों से उसके होंटो को रगड़ा,फिर उसके मुंह में दो उंगलियां डाल दी…
कियान को तो कुछ समझ ही नहीं आरहा था..
ये सब उसके लिए पहली दफा था..
वी…देखो मुझे बहुत डर लग रहा है…!!
To_be_continued…
विरांश की नीली निगाहों में अनकहा जूनून उतर आया था..
“डोंट वरी…रिलैक्स अदरवाइज़ यु हर्ट योरसेल्फ….!!
तुम्हे कुछ करने की ज़रूरत नहीं है बेबी…बस मेरी बांहो में समाये रहो…!!
अह्ह्ह…रुको…ये क्या….अहहहहहहहहहह हहहहहहह…नहहहहह…पल….प्लीज…..रुक जाओ…..
विरांश की उंगलियां तेज़ी से उसके होल के अंदर बाहर हो रही थी..
ये इतना इंटेंस था की कियान की बॉडी काँपने लगी थी…
“इट्स ओके…अपने मसल्स को स्ट्रेच करो..ये सिर्फ इसलिए है ताकि तुम्हे रेडी कर सकू ताकि तुम मेरा मिट खा सको…!!विरांश की लम्बी और सख्त उंगलियां अंदर में दबाओ तेज़ी से डाल रही थीं…कियान को गुदगुदी सी लगने लगी…
पूरे ज़िस्म में अजीब सी खलबली सी मच गई थी…सांसे खुद ब खुद तेज़ होती जा रही थी..
“इट्स ओके ना..!!
“नो…इट्स नोट ओके….!!कियान चीख पड़ा तो विरांश के चेहरे पर तिरछी मुस्कान आगई..
“पर मुझे क्या…मुझे कोई फर्क थोड़ी पड़ेगा हाँ अगर मैं तुम्हारा हस्बैंड थोड़ी हूं जो तुम्हारी चिंता करूंगा…!!
विरांश ने उंगलियां की हरकत तेज़ की तो कियान की पूरी बॉडी अकड़ गई और वह उसके हाथों में ही कम कर गया..
“डेट्स माय स्वीट बेबी…!!विरांश ने अपनी उंगलियों को कियान के चेहरे के सामने कर दिया जो पूरी गीली हो रही थी…
“सी…हाउ वेट…__
“शटअप…..!!कियान ने विरांश का बाज़ू अपने कमर से हटाने की कोशिश की..
“बेबी…ऐसी हरकत कर क्यों मुझे जूनून में ला रहे हो…मैं नहीं चाहता तुम्हे तड़पाऊ…!!विरांश ने उसे कमर से पकड़के अपने सामने कर लिया..
“यू नो व्हाट…जैसा की तुमने कुछ देर पहले कहा की मैं तुम्हारा हस्बैंड नहीं हूं फिर तो हम फक बड्डीज़ हुए जो सिर्फ एक दूसरे की फिज़ीक्ल निड्स को पूरा करते हैँ…फिर तुम्हे किस बात की शर्म आरही है…!?
कियान को लगा किसी ने उसके कान में गर्म जलती हुई सलाखे डाल दी हो..
“छी…तुम्हे शर्म नहीं आती…तुम किस तरह की बातें करते हो..!!??कियान को एक पल के लिए नफ़रत सी हुई..
विरांश गंभीरता से बोला..”बेबी…गुस्सा मत करो और सच्चाई का सामना करो…समाज में तो ऐसे रिश्ते को इससे ज़्यादा भी गलीज़ और घटये लफ्ज़ो से पुकारा जाता है…पर तुम्हे इससे क्या तुम तो वैसे भी बोल्ड सोच के हो..!!
कियान अब विरांश की पूरी बात समझ गया था..
विरांश ने अपने कोट निचे उतार फेंका और पेंट निचे कर कियान को अपने सीने से चिपका लिया…
कियान की सांसे ही अटक गई थी…
“ये बहुत बड़ा है…!!कियान विरांश की डीक की साइज देख डर गया..
विरांश ज़बरदस्ती चेहरे पर मुस्कान बनाये रखा..
“बेबी…ऐसी बातें कहकर मेरा दिल तो ना तोड़ो…मैं तुम्हे बस एन्जॉय करवाना चाहता हूं…तुम्हे बहुत प्लेज़र मिलेगा…”
कियान का मुंह टेढ़ा होगया क्यूंकि उसे याद था ज़ब पहली बार ज़बरन विरांश उसमे इंटर हुआ था तो सिर्फ दर्द ही दर्द मिला था..
विरांश ने कियान का मुंह टेढ़ा देखा तो उसे कमर से उठाकर झटके से उसमे समा गया..
“अहह…विरांश…तुम बहुत डीपली समा गए हो…!!कियान की बात पर विरांश ने भी होंट चबा लिए क्यूंकि कियान बहुत ज़्यादा टाइट था…
“इतना तुम्हे लुज़ करने के बाद भी तुम बहुत टाइट हो…उफ्फ्फ्फ़ कायु…..!!विरांश ने दुबारा थरस्टिंग की तो कियान के आँखों में आंसू आगये और उसने विरांश का बाज़ू थाम लिया..
“इट्स फील सो गुड….!!विरांश पसीने से भीग चूका था..
दोनों की नज़रे मिली तो कियान ने नज़रे फेर ली..
“विरांश प्लीज…ये पोजीशन बहुत अवकवर्ड है…!!कियान का चेहरा शर्म से धक गया था,ऊपर से अब ये बर्दास्त से बाहर था की बार बार विरांश और उसकी नज़रे टकरा रही थी…
विरांश ने उसकी टी.शर्ट उठाकर कियान के मुंह की तरफ बढ़ाई तो कियान ने दांतो से टी.शर्ट पकड़ लिया..
विरांश अब उसके निपलस को सक करने लगा…
ममममम…अह्ह्ह…वी….र….हहहहहह…अंह्म्मम्म्म्म…यय…उफ़…..
अहह विरांश..........____
कियान अपनी सिसकियाँ रोक नहीं पा रहा था..
विरांश समझ गया की ये यहाँ थोड़ा सेंसिटिव है..इसलिए बार बार उसका नाम तेज़ी से पुकार कर उसे जोश में ला रहा है...
विरांश ने अपनी ज़ुबान निपलस पर घुमाई तो कियान ने अपनी गर्दन पीछे कर हाँपने लगा..
विरांश अब उसके निपलस को दांतो के बिच लिए बाईट करने लगा…
“वि____रांश….यस…कॉमन….फ़ास्ट….अह्ह्हह्ह्ह्ह….मममममम….!!
विरांश रुक गया और हँस पड़ा,तेज़ी से उसके टी.शर्ट को पूरी तरह उतार फेंका ताकि कियान अच्छे से सिसक सके…
विरांश उसके कमर को पकड़े खुद में समाये जा रहा था…
“इट्स…टू डीप….!!कियान से बर्दास्त नहीं हुआ वह होंट को दांतो तले दबाये कम कर गया..
इतनी तेज़ी से वह कम कर गया था की विरांश की शर्ट तक गीली होगई थी..
“स…सॉरी…..!!कियान को शर्मिंदगी सी हुई पर विरांश के लिए ये नज़ारा बड़ा दिलकश था..
विरांश ने बस उसके बाज़ूओं को पकड़ थरस्टिंग करता रहा…आखिर में ज़ब विरांश भी डिस्चार्ज होगया..
विरांश ने अब उसे बेड पर लेटा दिया क्यूंकि अब वह इतना भी ज़ालिम नहीं था की अपने बेबी को तकलीफ देता..
दोनों के कपड़े फर्श पर लापरवाही से पड़े थे…
बस एक सफ़ेद चादर में कियान लिपटा विरांश के बांहो में मचल रहा था..
विरांश उसके होंटो को बेदर्दी से काटे जा रहा था…
कियान के पूरे बॉडी में बाईट के लाल निशान दिख रहे थे…
“वीर….होगया बस….!!कियान ने लम्बी सांस ली..
विरांश ने कुछ जवाब नहीं दिया बलकी उसके गालो को दबोचे उसकी भूरी कांच सी आँखों में देखने लगा…
कियान से तो उसकी आँखों में देखना दुशवार हो रहा था..
“विरांश…स्टॉप लुकिंग मी…!!कियान ने विरांश की आँखों पर हथेली रख दी..
“मुझसे खुद को कैसे छुपाओगे…मेरी आँखों में जो सुकून बन उतर रहे हो…मेरी रूह के ज़ख्मो पर तुम मरहम बन रहे हो कायु…”विरांश की ऐसी बातें कियान को ज़्यादा शर्माने पर मजबूर कर रही थी..
“तुम्हे डायलॉग देना अच्छा आता है…वैसे ये सब पिकअप लाइन तुम अपने पहले बॉयफ्रेंडस को इम्प्रेस करने के लिए भी ट्राई करते थे…!?कियान ने बस यूँही पूछ लिया..
“नहीं…वह सब तो वैसे भी मेरे लुक्स पर मर मिटते थे…एक तुम ही हो जिसपे इतनी मेहनत करनी पड़ रही है..”विरांश थकान भरी आवाज में एक्टिंग करने लगा..
कियान को और ज़्यादा दिलचस्पी हुई…
“और बताओ ना….!?
तुम्हारे बॉयफ्रेंड कैसे थे…कोई गर्लफ्रेंड भी रही..और क्या तुम…..!?
“कायु बेबी….एक अजनबी से इतने परसनल सवाल नहीं करते हैँ…!!विरांश तिरछी नज़र कर करवट बदल गया…
“हेंह पर तुमने तो कहा था की तुम मेरे हस्बैंड हो…!!कियान उसके पीठ पर मुक्के मारने लगा..
विरांश की बड़ी सी मुस्कान होंटो पर आगई और वह कियान के ऊपर आता हुआ बोला..”बेबी इसका मतलब है की तुम मुझे अपना हस्बैंड मानते हो…!!
वह…में….नहीं…..में….क……
विरांश ने झुक कर उसके गालो पर ज़ोरदार किश कर लिया..
कियान अपने गाल पर हथेली रगड़े विरांश की तरफ देखने लगा..
विरांश उसपे झुके उसके चेहरे पर होंट से हर जगह चूमने लगा…
थोड़े देर बाद कियान अपना मुंह खोले हुए था और विरांश उसकी छोटी सी ज़ुबान को अपने ज़ुबान से सक किये मिठास लिए जा रहा था..
विरांश ने उसके निपलस को उंगलियों से खिंचा तो कियान ने उसे खुद से दूर कर लिया..
“सो जाओ…रात के 3 बज रहे हैँ…!!
विरांश ने मासूमियत से कहा..”अभी तो पूरी रात बाकि है..”
कियान की ओह्ह अहह की आवाज भी आनी बंद होगई बस बिस्तर की सिलवटों के दरमियाँ दो बेचैन वजूद लिपटे हुए बेक़रारी समेट रहे थे..
To_be_continued…
कियान को और ज़्यादा दिलचस्पी हुई…
“और बताओ ना….!?
तुम्हारे बॉयफ्रेंड कैसे थे…कोई गर्लफ्रेंड भी रही..और क्या तुम…..!?
“कायु बेबी….एक अजनबी से इतने परसनल सवाल नहीं करते हैँ…!!विरांश तिरछी नज़र कर करवट बदल गया…
“हेंह पर तुमने तो कहा था की तुम मेरे हस्बैंड हो…!!कियान उसके पीठ पर मुक्के मारने लगा..
विरांश की बड़ी सी मुस्कान होंटो पर आगई और वह कियान के ऊपर आता हुआ बोला..”बेबी इसका मतलब है की तुम मुझे अपना हस्बैंड मानते हो…!!
वह…में….नहीं…..में….क……
विरांश ने झुक कर उसके गालो पर ज़ोरदार किश कर लिया..
कियान अपने गाल पर हथेली रगड़े विरांश की तरफ देखने लगा..
विरांश उसपे झुके उसके चेहरे पर होंट से हर जगह चूमने लगा…
थोड़े देर बाद कियान अपना मुंह खोले हुए था और विरांश उसकी छोटी सी ज़ुबान को अपने ज़ुबान से सक किये मिठास लिए जा रहा था..
विरांश ने उसके निपलस को उंगलियों से खिंचा तो कियान ने उसे खुद से दूर कर लिया..
“सो जाओ…रात के 3 बज रहे हैँ…!!
विरांश ने मासूमियत से कहा..”अभी तो पूरी रात बाकि है..”
कियान की ओह्ह अहह की आवाज भी आनी बंद होगई बस बिस्तर की सिलवटों के दरमियाँ दो बेचैन वजूद लिपटे हुए बेक़रारी समेट रहे थे..
कमरे में धूप की पतली रेखा जैसे ही पर्दों से छनकर आई, बिस्तर पर पड़ा शरीर हल्का-सा हिला…
कियान ने करवट बदलने की कोशिश की, पर एक ही पल में उसके होठों से हल्की सी सिसकारी फूट पड़ी...
"उह्ह..."
उसने आँखें कसकर मूँद लीं... कमर में तेज़ दर्द का एहसास हुआ..
हिम्मत करके खुद को सीधा किया, तो चादर खिसक गई और...
गर्दन से लेकर कॉलरबोन... सीना... पेट के किनारे... हर जगह लाल निशान, गहरे बाइट मार्क्स... हिक्की का जैसे समंदर..
उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा..
"विरांश...खुद पर जैसे कण्ट्रोल ही नहीं कर पाता है..."
उसने बुदबुदाया, और झटपट चादर खुद पर कसकर लपेट ली..
तभी रूम में विरांश आया, सफेद शर्ट के ऊपर बिखरे हुए गीले बाल, मुस्कुराता चेहरा... और हाथ में गरम कॉफ़ी का मग..
"अरे... मेरा बेबी जाग गया?"
उसने चाय टेबल पर रखी और बिस्तर के पास आकर बैठ गया..
कियान तुरंत चादर के अंदर और घुस गया।
"नहीं उठना मुझे... मुझे अकेला छोड़ दो... मुझे बहुत दर्द हो रहा है..."
उसकी आवाज़ बहुत धीमी थी,शर्म से भरी हुई।
विरांश हल्के से हँसा..
"अकेला छोड़ दूँ?"
उसने चादर के ऊपर से उसकी पीठ सहलाई..
"जिसे मैंने पूरी रात बाँहों में समेटा, उसे सुबह अकेला छोड़ दूँ..!?
नाइंसाफी होगी ये तो..."
कियान ने मुँह चादर से निकाल लिया..
"देखो... ये सब ठीक नहीं है... मेरी बॉडी देखी है तुमने..!?
विरांश ने शरारती मुस्कान के साथ चादर थोड़ा सरकाया..
"हर इंच देखा है... और हर जगह अपना नाम लिखा है..”
कियान का पूरा चेहरा गर्म हो गया..
"तुम्हे ज़रा भी शर्म नहीं आती..."
"नहीं आती... जब मेरा बेबी इतना प्यारा लगेगा तो मेरे होश खो ही जायेंगे..."
कियान ने चुभती नज़रो से विरांश को घुरा.."और अब उठने की हिम्मत नहीं हो रही मुझे... कमर में जान ही नहीं बची है..."
"तो मत उठो... मैं हूँ ना... उठाने के लिए भी... और सँभालने के लिए भी..."
कियान ने चादर और कस ली।
"घर में सर्वेंट्स घूमते हैँ और मैं सब निशान कैसे छुपाऊँगा..!?
"छुपाने की क्या ज़रूरत है? सबको पता होना चाहिए कि तुम किसके हो..."
"तुम्हे मज़ाक सूझ रहा है... और मैंने तो कुछ ज़्यादा ही______–
कियान बोलते बोलते रुक गया…
उसने खुद की गर्दन पर हाथ रखा,
"ये... ये सब जल रहा है...!"
विरांश ने धीरे से उसका चेहरा मोड़ा..
"बेबी क्यों परेशान हो रहे हैं..मैंने हर निशान बहुत प्यार से दिया है... और तुमसे वादा है, अगली बार और भी शिद्दत से तुम्हे चूमूंगा..”
कियान बस आँखें मूँदकर चुप हो गया..
शब्द नहीं निकले… शर्म की लहर पूरे जी जान में फेल गई थी..
विरांश ने धीरे से उसके माथे पर किस किया।
"चलो बेबी उठो अब..नहला भी दूंगा और नाश्ता भी करवा दूंगा..!!
फिर झुककर कान में फुसफुसाया—
"पर अगली बार सिर्फ वो जगहें छोड़ूँगा जहाँ कपड़े पहनने के बाद भी दिखती रहें..."
कियान ने झट से तकिया उसके मुँह पर फेंक दिया...
"अब बस... चुप रहो!"
और विरांश फिर वही...
धीमी,जीतने वाली मुस्कान लेकर बोला...
"तुम तो अब मेरे हो चुके हो,,अब शर्म नहीं, सिर्फ प्यार होगा वह भी बेशुमार होगा..”
कियान को तो समझ नहीं आरहा था की ये बंदा कितनी ढीटाई से बेशर्मी दिखा रहा है..
कियान ने जैसे ही खड़े होने की कोशिश की वह लड़खड़ा गया लेकिन विरांश ने उसे कमर से थाम लिया..
“बेबी अगर मुझसे मदद मांग भी लोगे तो कुछ बिगड़ नहीं जायेगा…”विरांश ने उसे कमर से जकड़ लिया..
कियान का तो दिल कर रहा था की ज़मीन फट जाए और वह उसमे समा जाए..
“इतना एम्बार्रास क्यों हो रहे हो अगर ऐसे ही शर्माते रहोगे और मुझसे झिझकते रहोगे तो….
कियान ने होंट दांतो तले बेदर्दी से चबा लिया..
“अरे अरे….क्या कर रहे हो…!?
इन सब चीज़ो के लिए मैं हूं ना…!!
विरांश ने बिजली की फुर्ती से उसके होंटो को दांतो तले काट लिया..
विरांश ने खुद पर बिलकुल भी क़ाबू नहीं किया बल्कि और ज़्यादा वह वाइल्ड होते जा रहा था..
कियान ने बड़ी मुश्किल से विरांश को धक्का दिया..
“जानवर…तुम बिलकुल जानवर हो…!!कियान की सांसे तेज़ तेज़ चलने लगी..
विरांश उसके कंधो पर दोनों हथेली जमा के बोला..”बेबी सच्ची में…मैं एक जानवर हूं क्यूंकि तुम्हे देख पता नहीं क्यों मैं बावला हो जाता हूं…सॉरी…!!
कियान का दिल किया वह विरांश के सीने में चढ़ कर ढेर सारे मुक्के बरसाए..
“सुनो…!!
“बोलो ना बेबी…!!
“सबसे पहले तो मुझे बेबी बोलना बंद करो…मैं यार कोई छोटा बच्चा नहीं हूं और हाँ…तुम्हे खुद पर कण्ट्रोल रखना सीखना होगा तभी मेरे साथ गुज़ारा होगा वरना मैं भाग जाऊंगा और फिर कभी….
विरांश की नीली आँखों में काले साये रेंग आए..
“कियान नहीं…..!!
आगे एक शब्द मत कहना…तुम जो चाहोगे वही होगा पर प्लीज ये छोड़कर जाने की बात की तो बिन मौत मर जाऊंगा…!!विरांश उसके सामने घुटने के बल बैठ गया..
कियान ने गला खंखार कर कहा..”ओके…पर तमीज से रहना और थोड़ा कम ठरक दिखाना…अगर मेरे साथ रहना है तो मेरे हिसाब से चलना होगा..”
विरांश उसके थाई पर सिर रख बोला..”ओके बॉस बेबी..मैं एक तमीज़दार और सलीकेदार हस्बैंड बनूंगा…”
कियान को तो बिलकुल भी इस मासूम चेहरे पर यकीन नहीं आया..
थोड़ी देर बाद कियान ने शॉवर लेकर विरांश के साथ डाइनिंग टेबल पर बैठा नाश्ता कर रहा था..
To_be_continued…
थोड़ी देर बाद कियान ने शॉवर लेकर विरांश के साथ डाइनिंग टेबल पर बैठा नाश्ता कर रहा था..
कियान ने नाश्ते के दौरान कहा..”विरांश मैं सोच रहा हूं की वापिस से जॉब करू…”
विरांश के हलक में ब्रेड का टुकड़ा अटक गया..
“जैसे तुम ठीक समझो..”
कियान गहरी सोच में डूब गया…
“पर पापा ने तो मुझे यूनिवर्सिटी से भी निकाल दिया है और अब वहाँ वापिस नहीं जाऊंगा…मेरी सेल्फ रेस्पेक्ट कहती है कि अब वापिस उस जगह ना जाऊं जहाँ से निकाला गया हूं..”
विरांश की आँखे चमक गई..
“सही कहा बेबी…!!
“पर ऐसे घर में हाथ पर हाथ रख नहीं बैठ सकता…कुछ ना कुछ तो करना होगा…!!
विरांश का चेहरा फिर लटक गया..
कियान ने विरांश के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा..”अब आप ही बताये मैं क्या करूँ…आप मेरी किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर की नौकरी लगा दे ना..!!
विरांश का चेहरा सर्द पड़ गया…
वह समझ गया की कियान हनी ट्रैप का इस्तेमाल उसपे कर रहा है..
विरांश का दिल ज़ोर से धड़का,वह जितना भी सर्द बन जाए पर कियान की प्यार भरे लहजे में पिघल ही गया..
विरांश ने लम्बा सांस लिया..
“ओके बेबी मैं कुछ करता हूं पर याद रखना उसके बदले मुझे भी कुछ चाहिए…!?
कियान ने ज़बरदस्ती अपनी मुस्कान बनाई रखी..
विरांश कुछ देर खामोश रहा फिर बोल पड़ा..”बेबी..प्रोफेसर की ही क्यों…!?
तुम मेरे ऑफिस में जॉब कर सकते हो..!
कियान होंट पिचका के बोला..”मुझे बिजनेस के बारे में जीरो नॉलेज है..!!
विरांश उसपे चढ़ दौड़ा..”मैं हूं ना..मैं सब सीखा दूंगा प्लस हम साथ ऑफिस जायेंगे और मेरा दिल….__
कियान उसकी बात काट कर बोला..”नोट इंट्रेस्टेड…!!
विरांश ने तिरछी मुस्कान के साथ कहा..”ठीक है फिर करता हूं कुछ….!!
कियान के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान आगई…
“तुम दक्ष से बहुत अलग हो…!!
गलती से विरांश के मुंह से फिसल गया..
“कौन दक्ष…!?कियान की भूवें सिकुड़ गई..
विरांश मासूम बनता हुआ बोला..”कोई भी तो नहीं…!?
कियान पाउट कर गया…
“अपने एक्स बॉयफ्रेंड का ज़िक्र मेरे सामने मत करना…”
विरांश की नीली आंखों में शरारत गहरा गई…उसने कियान का चेहरा थाम लिया..
“ओह… जलन हो रही है तुम्हें…” वह मुस्कराया…
कियान गुस्से में आ गया और खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगा…
विरांश ने उसके गर्दन से बाल हटाए और वहां पड़े अपने काटे हुए निशान पर होंठ रख दिए…
“वि…विरांश… प्लीज़… मत करो…!!”
कियान की आवाज़ हल्के से काँपी और उसने आंखें कसकर बंद कर लीं…
“अरे घबराओ मत… सब बताता हूं…!!”
विरांश ने उसे झटके से सामने किया और उसके गालों को अपने हाथों में लेकर गहरी नज़रें उसमें डाल दीं…
“ बेबी गलती से नाम ज़ुबान पर आ गया…
दक्ष… वो मेरा पास्ट था…पर तुम मेरा प्रेज़ेंट और फ्यूचर हो…”
कियान थोड़ा शर्मा गया और धीरे से विरांश के हाथों को हटाया…
“अब लगने लगा है कि तुम्हारा दिल कहीं ना कहीं मेरे नाम की धड़कनें गिनने लगा है…!!”
विरांश ने टेबल पर बाज़ू टिका कर उसका रास्ता रोक लिया…
“मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्यूंकि वह जो कोई भी रहा हो अब तुम मेरे हस्बैंड हो…!!
कियान ने सर्द लहजे में कहा, मगर विरांश ने उसकी कमर पकड़ उसे वहीं टेबल पर बिठा दिया…
“इतना हक जता रहे हो… अब अगर मैं कुछ कर बैठा तो फिर मत कहना कि शर्म आ रही है…!!”
विरांश ने अपना बाज़ू उसके कंधे पर टिका दिया…
कियान ने कोई जवाब नहीं दिया… पर उसके चेहरे पर खुशी नहीं थी…
विरांश ने एक गहरी सांस ली और उसके कंधे पर झुक कर उसे चूम लिया…
“बेबी मैं क्या करू,,मैं फिर बहक रहा हूं..और सब तुम्हारी वजह से हो रहा है,किसने कहा की इतने क्यूट तरिके से रियेक्ट करो…”
उसने कियान के होंठ के नीचे मौजूद तिल को अंगूठे से मसला…
कियान ने सिर ना में हिलाया…
“तुम ज़्यादा बढ़ो मत… मैं नहीं चाहता…”
लेकिन उससे पहले कि कियान कुछ कर पाए, विरांश ने उसकी गर्दन पकड़कर जबरदस्ती उसे चूम लिया…
उसके होंठों पर विरांश की प्यास थमने का नाम नहीं ले रही थी…
कियान का दिल ज़ोर से धड़कने लगा…
वो चाहकर भी खुद को नहीं रोक पाया…
कियान के होंटो की हालत कल रात से ही खराब हो रही थी और अब विरांश उनपे सितम ढा रहा था पर हर बार ज़ब विरांश के होंट उससे टकराते तो अजीब सी गुदगुदी सी पेट में होती..
कुछ ही देर में दोनों बेकाबू हो गए…
कियान ने उसकी बाज़ुओं को कस कर पकड़ लिया…
विरांश अब उसकी आंखों में झाँक रहा था… जैसे सिर्फ वही उसका हो…
फिर जैसे ही कियान भागने की कोशिश करता, विरांश ने कमर से पकड़कर हवा में उठा लिया…
“छोड़ो… प्लीज़… तुम बहुत बेदर्द हो…”
कियान की सांसें बेतरतीब हो चुकी थीं… लेकिन उसका चेहरा खुद ही विरांश की तरफ झुक रहा था…
“अगर ऐसा है तो मेरे इतने करीब क्यों आए…!?”
विरांश ने उसे सोफे पर गिराया और खुद उसके ऊपर आ गया…
कियान ने जैसे ही महसूस किया कि विरांश के हाथ उसकी शर्ट के नीचे जा रहे हैं, उसने हाथ पकड़ कर रोक लिया…
“क्यों रोक रहे हो…!?”
विरांश की आवाज़ गुस्से से कसी हुई थी…
“पागल हो गए हो क्या… इतनी जल्दी कैसे बहक जाते हो…!!”
कियान पसीने में भीग चुका था…
“तुम मेरे हो… तुम्हें देखना, छूना… मेरा हक है… हस्बैंड हूं तुम्हारा… बहकना तो बनता है…!!”
विरांश उसका सीना चूमते हुए कहने लगा…
कियान सिसक पड़ा… समझ नहीं आ रहा था कि उसे विरांश को रोके या अपने अंदर की बेचैनी को…
“सुनो…”
कियान ने उसका चेहरा पकड़कर सामने किया…
“बोलो ना…”
विरांश अब भी मुस्कुरा रहा था…
“हम एक-दूसरे को ठीक से जानते भी नहीं हैं… और सब कुछ बड़ी जल्दी हो रहा है..”
विरांश हँस पड़ा…
“कियान रॉय… पापा रियान रॉय, मम्मी उर्मिला रॉय…
ब्लड ग्रुप A+… पता – जावेद रोड, 23 लाइन…
बचपन से अकेलापन, यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर… कोई बॉयफ्रेंड नहीं रहा… पर शादी की जल्दी थी…”
कियान डर गया…
“तुम्हें ये सब कैसे पता…!?”
विरांश उठ बैठा,एक तिरछी मुस्कान के साथ बोलने लगा..
“पैसे देकर सब पता करवाया… क्योंकि मुझसे शादी करने वाले शख्स के बारे में जानना मेरा हक था… मुझे घर बसाना था…”
“झूठ… तुम झूठ बोल रहे हो…”
कियान का गला सूख गया…
“झूठ नहीं… सच… और अगर तुम मुझे जानना चाहते हो… तो और करीब आओ…
बेशक तुम मुझे बेशर्म कहो… लेकिन मैं ऐसा ही हूं…
और खुश हूं ये सोचकर कि अब तुम सिर्फ मेरे हो…”
विरांश हँस पड़ा…
कियान उसकी बातें सुनकर गुस्से में बड़बड़ाया और उसकी पीठ पर गुदगुदाते हुए मुक्के मारने लगा…
To_be_continued…
रात हुई तो कियान वही विरांश की टी-शर्ट और पजामा पहने, रूम के बाहर खड़ा अजीब तरह से घबरा रहा था,क्यूंकि वह कल रात की बातें दिमाग़ से निकाल नहीं पा रहा था..
“बेबी..तुम अंदर आ रहे हो या मैं गोद में उठाकर ले आऊं…?” अंदर से विरांश की आवाज आई तो कियान ने घबराहट में नीचे हॉल की तरफ जाने के लिए कदम उठाया ही था कि विरांश रूम से बाहर निकला और कियान का हाथ खींचकर उसे अपने सीने से लगा लिया…
“मैंने कहा ना बेबी…मुझे फिजूल का गुस्सा मत दिलाया करो…वरना…”
विरांश ने कियान के बालों को हल्की बेदर्दी से पीछे खींचा और उसकी गर्दन पर झुक कर जुनून से चूमने लगा…
“अह्ह प्लीज विरांश…होश में आओ…!!” कियान ने उसे पूरी ताकत से पीछे धकेल दिया…
“तुमसे कोई प्यार नहीं करेगा…अगर शादी भी हो गई तो तुम्हारी माँ जैसी वो भी छोड़ जाएगी…!!”
विरांश को फिर वही धुंधली यादें दिखाई देने लगीं। उसने सिर पकड़ लिया और आँखें मींच लीं…
“विरांश…क्या हो गया तुम्हें…?”
कियान उसके करीब गया और उसे बेड पर बिठाया।
“सॉरी बेबी…मैं थोड़ा…वह मैं बालकनी से ठंडी हवाएं खाके आता हूं…”
विरांश जल्दी से उठ खड़ा हुआ..
“कहीं नहीं जाओगे तुम…मेरे पास आओ…”
कियान ने उसका हाथ पकड़ा और उसका सिर अपने कंधे पर टिका लिया,,क्योंकि कियान की हाइट विरांश से छोटी थी, विरांश हल्का झुक गया और पूरे शरीर का वज़न कियान पर आ गया…
विरांश ने मासूमियत से कहा…“मैं भूल नहीं पा रहा हूं…क्या करूं बेबी…!”
कियान उसके बालों में हाथ फेरता हुआ बोला…“क्या भूल नहीं पा रहे हो…और तुम्हें रह रह कर क्या चुभ रहा है…?”
“कुछ ऐसी यादें…जिन्होंने मेरी पूरी ज़िंदगी की सारी खुशियाँ निगल लीं…!!
विरांश ने उसे बेड पर बिठाकर उसके गोद में सिर रख दिया…
“विरांश…मैं नहीं जानता तुम्हारे साथ क्या हुआ था…लेकिन मैं जानता हूं कि तुम बहुत ज़्यादा ओवरथिंक कर रहे हो…मैं नहीं कहता कि मुझपर भरोसा करो…लेकिन मैं तुम्हारे साथ हूं…!!”
कियान की आँखें भर गईं थीं…“खुद से बाहर निकलो…मैं हूं ना…!!”
“मेरी मम्मी कहती थीं कि मैं बिल्कुल उनकी तरह दिखता हूं…लेकिन अब जब वो नहीं रहीं तो बहुत याद आती हैं…”
कियान की आँखों में नमी तैर गई…
“फिर वो कौन हैं जिन्हें तुम अब मम्मी कहते हो…?”
विरांश बेचैन हो गया…
“पापा ने दूसरी शादी की ताकि मुझे माँ की कमी ना हो…लेकिन असली माँ से भी ज़्यादा मुझे उर्मिला जी ने प्यार दिया..मुझे नहीं पता ईश्वर कैसे होते हैँ पर मैंने अपनी माँ में उनकी झलक देखि है…”
कियान मुस्कराने की कोशिश करता है… “तुम्हें पता है, मेरा असली नाम काव्यांश है…”
विरांश ने कियान का माथा चूम लिया..
“बहुत खूबसूरत नाम है,इतना हसीन और दिलकश की मैं हज़ारों मर्तबा नाम दोहराता रहूँ….
मेरा काव्यांश…काव्यू….बेबी काव्यू….!!
“और कोई नहीं बेबी…मैं हूं ना,अब से मैं तुम्हे इतना प्यार दूंगा की तुम्हे सांस लेने का भी होश नहीं रहेगा..!!
विरांश ने उसे बाँहों में भर लिया…कियान खामोश रहा…आज उसे अपने पापा की भी बहुत याद आ रही थी…
“ओ बेबी…सुनो…”
विरांश शरारती अंदाज़ में बोलने लगा ताकि कियान का मूड लाइट हो जाए..
“हां बोलो, सुन रहा हूं…”
कियान उसकी नीली आँखों में देखता हुआ करवट बदल गया…
“तुम्हें पता है, एक हस्बैंड अपने वाइफई के साथ बंद कमरे में क्या करता है…!?
विरांश उसके पीठ पर अपनी हथेली रगड़ने लगा…
“चुपकर सो जाओ…!!”
कियान थोड़ा टेंशन में था, लेकिन उसके होंठ मुस्कुराहट नहीं रोक पाए…
विरांश ने कियान के कमर को जकड़ते हुए खुद से सटा लिया…
कियान ने आँखे मुंदते हुए ही कहा..”ओहो थोड़ा खिसक कर सो…मुझे तुम्हारी टांगो की हड्डी चुभ रही है..!!
विरांश ने कियान के कानो में झुकते हुए कहा..”मेरी दोनों टांगो के दरमियाँ हड्डी नहीं है..!!
कियान घबरा कर उठ बैठा..
“मैं आज से तुम्हारे साथ एक बेड पर नहीं सोऊंगा…!!
विरांश कोहनी के बल सिर टिकाये कियान को देखने लगा..
“ओह्ह्ह अच्छा ऐसी बात है क्या…!?
पूरा विला खाली है,जाओ जहाँ मन करे सो जाओ लेकिन मैं बता देता हूं की यहाँ मास्टर कैटस की आतमा घूमती है और जो अकेला सोता हुआ दिख जाता है उसे छत पर ले जाके…..____
“नहीईई….!!
कियान बहुत बड़ा डरपोक था,वह आज भी हॉरर मूवी देख कर मम्मी से लिपट कर सोने वाला बच्चों जैसा था..वाशरूम तक मम्मी को साथ ले कर जाता था..
विरांश ने तो ऐसे ही कुछ ही भी बकवास कर दिया था पर उसे नहीं मालूम था की कियान हाई लेवल वाला डरपोक है…
भुत,आतमा का नाम सुन उसकी फट पड़ती है…
थोड़ी देर बाद वह विरांश के सीने पर बाज़ू लपेटे आँखे बंद किये पसीने में छटपटाने लगा..
विरांश के चेहरे पर तिरछी मुस्कान थी..
“अहह बेबी….!!विरांश उसके कमर को मसले जा रहा था..
“प्लीज मुझे सोने दो…..!!कियान का होंट पाउट होगया..
विरांश का मजबूत बाज़ू के बीचो बिच कियान दब चूका था,और वह बहुत गंभीरता से कियान के फुले सुर्ख गालों को घूर रहा था…
“अब तक तुम कहाँ थे…!?
मुझे पहले क्यों नहीं मिले…!?
सचमे लगता है भगवान ने मुझे कोई बहुत बड़ा तोहफा दिया है…!!
“क…क्या…बोले जा रहे हो….!?कियान को तो कुछ समझ ही नहीं आरहा था..
“कुछ नहीं…बस तुम्हे देख कर बावला बन गया हूं…”विरांश ने अपना नाईटगाउन निचे उतार फेंका,अब वह सिर्फ लोअर में था..
“किया…पागल हो बिलकुल….क्या करना चाहते हो…इतनी ठंड में कौन कपड़े उतार कर सोता है…!!कियान उसपे बरस पड़ा..
विरांश की मोहब्बत में डूबी आवाज गुंजी…”देखा…कहा ना तुम बहुत अलग हो..
एकदम मासूम सा छोटा बच्चा..इसलिए तो तुम्हे बेबी बोलता हूं…!!
कियान को लेकिन कुछ गड़बड़ सा लग रहा था,क्यूंकि ये बंदा बेशर्म टाइप था…
“बेबी…अपना हाथ देना ज़रा…!!
“ये लो…लेकिन क्यों चाहिए..!!कियान ने अपनी दोनों हथेली बढ़ाई तो विरांश ने झपट ली और पीछे पीठ से लगा दी..
“आउच विरांश…दर्द हो रहा है..!!
कियान को तो घंटा कुछ समझ आरहा था..
विरांश ने उसके दोनों हाथों को पीछे पीठ से लगाते हुए उसके कपड़े निचे उतार फेंके…
कमरे की सारी लाइट्स ऑफ थी पर कियान की सिसकियाँ तेज़ी से गूंज रही थी…
विरांश की भारी साँसो की आवाज और कियान की सुबकती सिसकियाँ माहौल का तानाबाना बुन रही थी..
सुबह हुई तो कमरे में रौशनी पर्दे से छन कर आई..
कियान जल्दबाजी में कपड़े पहने वाशरूम जाने को हुआ..
उसे अब विरांश से कोई बात नहीं करनी थी,क्यूंकि विरांश बहुत ज़्यादा वाइल्ड सा हो जाता था और उसे आगे पीछे कुछ दिखाई सुनाई नहीं देता था..
कियान ने जैसे ही बेड से उठना चाहा,वापिस से सोते हुए विरांश ने उसे कमर से खींच कर अपने ऊपर गिरा लिया..
“सॉरी ना….गलती होगई…!!
कियान ने उसकी तरफ देखना भी ज़रूरी नहीं समझा…
विरांश उसके गर्दन में मुंह छुपाये उसके लम्बे बालों से खेलने लगा…
“बेबी तुम्हे हेयरकट की ज़रूरत है…!!विरांश ने धियान दिया था कि कियान हमेशा छोटी सी पोनी या हेयरबेंड लगाए रहता था..
“मुझे मेरे बाल पसंद है,तुम्हारे हिसाब से मैं अपना स्टाइल नहीं बदलने वाला..!!कियान ने बेरुखी से कहा क्यूंकि ये बंदा बस उसे कण्ट्रोल करना चाह रहा था..
विरांश का मासूम दिल डूब कर उभरा..
“तुम आज मुझसे कैसे बात कर रहे हो..!?
“ज़्यादा मासूम बनने की कोशिश मत करो..देखो पहले तुमने मेरी क्या हालत कर दी है..”कियान ने अपने गर्दन पर लाल निशानो की तरफ इशारा किया..
शर्म सी आने लगी क्यूंकि विरांश की नज़रे उसपे से हटती ही नहीं थी..
“ओके…ओके…अब से नो बाईट मार्क्स…नो किसिंग,नो हिक्की….कुछ भी नहीं करूंगा…!!विरांश ने दोनों हाथ उठा कर सरेंडर करते हुए कहा..
कियान बस उसे घूरता रहा क्यूंकि परसो भी उसने यही बात कही थी..
कियान ने विरांश के चेहरे पर नाख़ून से नोच खसोट डाले..
“तुम्हारी बातों का भरोसा कर ही मैं पछता रहा हूं…मैं सीधा साधा ज़रूर हूं लेकिन बेवकूफ़ नहीं..तुम्हारी आँखों में ही चौबीस घंटे हवस रहती है…
बेशर्म कहीं के…पता नहीं क्या क्या दिमाग़ में सोचते रहते हो…अगर ऐसा ही चलता रहा ना तो मैं बेड से कमर तक सीधी नहीं कर पाऊंगा…!!
विरांश को तो कियान का नोच खसोट बड़ा ही प्यारा लग रहा था..
“बेबी प्लीज मत करो…तुम्हारा ये अंदाज़ देख मैं….____
कियान उसके पेट पर कूद गया,विरांश बस आँखे मुंदे हलका सा सिसक पड़ा…
उसकी मन की आवाज शोर बन कर बेलगाम हो चुकी थी..
“समझ नहीं आरहा है मेरा क्या होगा…मैं पहले तो ऐसा नहीं था फिर अचानक से इस कायु को देख मेरे दिल को क्या होगया…
मेरे को बहुत ज़्यादा सुकून और ख़ुशी मिल रही है…मैं हमेशा अपने बेबी के साथ रहना चाहता हूं…!!
विरांश कोई जवाब नहीं दे रहा था जिसका फायदा कियान उठा रहा था और उसके मुंह पर तकये से मार रहा था…
तभी विरांश ने अपनी नीली आँखे झट से खोली और कियान को अपने निचे दबा लिया..
“रुको अभी बताता हूं….!!विरांश उसके पेट में गुदगुदी लगाने लगा…
“हिहाहा…हाहाहाहा…वी…रांश….हाहाहाहा छोड़ो….!!कियान की खिलखिलाती हंसी से कमरा गूंज उठा…
To_be_continued…
विरांश कमरे में घुसा तो उसकी नीली आँखें सीधे उसी पर अटक गईं…कियान, जो बेड पर उल्टा लेटा था..अपने मोबाइल में खोया हुआ।
"बेबी.." उसकी आवाज़ थोड़ी धीमी, मगर ठहरी हुई थी,वह टाई की नॉट ढीली करता हुआ आया…
"हूँ?" कियान ने सिर उठाया नहीं, बस एक भौं चढ़ा दी... और वो भूरी आँखें,, जो जितना गुस्सा दिखाती थीं, उतनी ही मासूम भी लगती थीं..
"फिर से तुमने मेरी शर्ट पहन ली..!? विरांश ने थोड़ी सख्ती से पूछा, लेकिन आवाज़ में प्यार छिपा था..
कियान ने अब मुड़कर देखा,, शरारती मुस्कान होठों पर फैल गई..
"क्यों इसमें तुम्हारा नाम लिखा है क्या और वैसे भी तुमने मेरी सारी टी.शर्ट फाड़ डाली है…!!
“आज मेरा बेबी ज़्यादा नहीं बोल रहा है..!?विरांश की तो सारी ऑफिस की थकान ही उतर गई थी..
क्यों जलन हो रही है…
क्यूट लग रहा हूँ ना..!? वैसे भी तुम्हारे कपड़े मेरे ऊपर ज़्यादा अच्छे लगते हैँ..”
"तुम्हें हर चीज़ चाहिए... मेरी शर्ट,,मेरी मोहब्बत और अब मेरा दिल..." विरांश ने आँखें सुकेड़ ली..लेकिन फिर भी उसके चेहरे पर मुस्कान थी..
कियान उठकर सीधा उसके सामने आ गया..
“ओहो तुम बहुत बोलते हो…!!
विरांश ने उसे अपनी बाहों में खींच लिया... लेकिन तभी...
“अरे हटो!” कियान ने हल्का सा धक्का दिया..
"तुम हमेशा बस मुझे छूने की फ़िराक में रहते हो!"
विरांश हँस पड़ा, "तुम हमेशा नखरे दिखाने की फ़िराक में रहते हो..."
"तुम चिपको टाइप हो…!!
विरांश बस मुस्कुरा दिया..क्यूंकि उसके पुराने जितने भी लव अफेयर्स रहें थे या पास्ट में दो तीन बॉयफ्रेंड थे उन्होंने विरांश को इम्प्रेस करने के बहुत एफर्ट लगाए थे…
और विरांश के करीब आने के लिए मचलते रहते थे पर एक ये लड़का था जिसे घंटा कोई फर्क पड़ता था बल्कि वह कुछ भी मुंह पर बोल देता था..
बस यही बात विरांश को जूनून दिलाती थी कि आखिर ये कायु इतना अलग क्यों है..
अब विरांश का पागलपन जाग गया...
उसने कियान को दीवार से सटा लिया — हल्के गुस्से में मगर बहुत जुनूनी...
"तुम जानते हो ना, तुम्हारे एक-एक नखरे पर मेरी साँसें अटक जाती हैं..!?
कियान की साँसें भी धीमी हो गईं...
"तुम पहले जाके अपने दिमाग़ का इलाज करवाओ,अगर मैं सांस भी तो तुम बहक जाते हो…पागल वागल हो क्या…!?
विरांश ने उसकी गर्दन के पास हल्का सा अपने होंठ छुआ...
"तुम मेरी कमजोरी हो बेबी..."
कियान के तो ये सुन सुन कर कान पक गए थे…
विरांश गर्दन अकड़ा कर बोला..”तुम्हे पता है कायु बेबी…मेरे जितने बॉयफ्रेंड रहे थे वह सब मुझपर जान छिड़कते थे..वह तो मैंने ही ब्रेकअप किया था वरना….___अह्ह्ह बेबी….!!
कियान ने विरांश के बालों को मुठियों में ले कर दबोचा…
“सुना किसे रहे हो…!?
और ये क्या ज़ब देखो तुम अपने रिलेशन का रोना रोते हो…अगर ऐसा है ना विरांश तो प्लीज जाओ उनके पास जाओ..मेरा दिमाग़ खराब मत करो…!!
कियान मुंह फेर कर चला गया..
विरांश तो बस कियान की भूरी आँखों में जलती भड़कती आग देख सुन्न रह गया..
जाहिर सी बात की कियान को बार बार विरांश के पास्ट रिलेशनशिप में कोई इंट्रेस्ट नहीं था…
और रही बात कियान के इस तरह बेहेव करने की तो….उसे बहुत तकलीफ होती थी ये सोचके की वह विरांश का पहला प्यार नहीं था और ना ही वह उससे पहले मिल पाया..इस पर बार बार विरांश का प्राउडली अपने एक्सेस का ज़िक्र करना कियान का खून खोलाता था..
विरांश ने धियान दिया की कियान शाम से बेडशीट में घुसा सो रहा है…
“ओये बेबी…क्या होगया…!!
कियान का कोई जवाब नहीं आया..
“उठो…शाम की चाय नाश्ता नहीं करना..!!
कियान की जलती हुई आवाज आई…”जाओ जाके अपने बॉयफ्रेंडस के साथ नाश्ता करो…”
फिर रात में भी ज़ब विरांश आया तो यही जवाब आया..
“डिनर नहीं करना क्या…!?
“जाओ जाके अपने एक्स बॉयफ्रेंड्स के साथ डिनर करो…!!
विरांश समझ गया कि आखिर मामला क्या है…
विरांश ने कियान को बहुत उठाने की कोशिश की पर आज वह बहुत ज़्यादा नाराज था…
आखिरकार थक हार कर विरांश ने बेडशीट को रोल पोल कर उसे अपने बांहो में भर लिया…
कियान का सिर्फ चेहरा बेडशीट से बाहर था,वह देखने से कोई ट्रटल लग रहा था..
“बेबी…इतनी भी क्या नाराज़गी जो सीधे मुंह बात भी नहीं कर रहे…!?
कियान का मुंह फूल गया…
“जाओ जाके अपने एक्स….
विरांश पहले ही उसकी बात कर बोलने लगा..”उनसे बात क्यों करना ज़ब मेरा दिल सिर्फ मेरे बेबी के लिए धड़कता है…!!
“झुटे…मक्कार और निहायती बेशर्म हो तुम….!!
कियान बेडशीट से निकला और तक्या उठाकर विरांश को मारने लगा..
“तुम्हारी हर बात में अपने आशिकों का ज़िक्र होता है और कहते हो की मुझसे प्यार करते हो…!!
“आई रियली रियली हेट यु….मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना बस…मैं जा रहा…..है…हूं……!!कियान के आँखों से आंसू बेहह निकले…
क्यूंकि अब ये हद से ज़्यादा हो रहा था..
विरांश ने दोनों बांहे फैलाई..
“ओके देन…गिम्मी ा हग…!!
कियान झट से उसके सीने से लग गया..
विरांश ने उसके आँखों से आंसू साफ किये और उसके आँखों को छुपाते लम्बी लटों को माथे से हटाया..
“सॉरी…एक्सट्रिमली सॉरी बेबी…मैं तो बस तुम्हे जेलस फील करवाना चाहता पर शायद मैं ही हूं जो पुरानी यादों को अलविदा नहीं कह पा रहा हूं…
मेरा मकसद तुम्हे हर्ट करना या तकलीफ देना हरगिज नहीं था…एक्चुअली मैं…वह मैं सचमे घटया निच इंसान हूं तभी तो जाने अनजाने में तुम्हे रुला दिया…
मैं दिल चीर कर दिखा सकता हूं की मेरे दिल में सिर्फ तुम हो,वह क्या है ना तुम सबसे इतने अलग हो की मुझे अपनी किस्मत पर यकीन ही नहीं आता है कि अचानक से तुम कहाँ से मुझे मिल गए और यू नो व्हाट….मेरे बन गए…!!
कियान कुछ नहीं बोला बस विरांश के बाज़ू में कसके चूँटी काटता रहा…
“उफ्फ्फ बेबी…!!विरांश ने बाज़ू सेहलाया…
कियान उसके सीने पर चढ़के बैठता हुआ बोला..”सच सच बताना तुम्हारे कितने बॉयफ्रेंड रहे हैँ…!?
विरांश ने मुस्कुरा कर आँखे मीच ली क्यूंकि अगर वह झूट बोलता तो कियान उसकी हालत खराब कर देता,और सच बात ये भी थी की उसे डर लगने लगा था…
“3 रहे थे…दो स्कुल टाइम में था और तीसरा…रहने दो तुम नाराज हो जाओगे…!!
“मैंने कहा मुझे सब बताओ वरना हशर नशर कर दूंगा…!!कियान मुक्के बरसाने लगा…
विरांश ने कियान के कमर पर उंगलियां फिराते हुए कहा…”कॉलेज टाइम में था,वह और मैं सीरियस रिलेशन में थे…दक्ष नाम था उसका और देखो तुम नाराज मत होना पर मेरी एंगेजमेंट उससे हुई थी..हम साथ में बहुत ख़ुश थे पर अचानक___मतलब उस वक़्त मैंने बिजनेस शुरू नहीं किया था तो नार्मली स्ट्रगल कर रहा था,हमारा रिश्ता बिगड़ने लगा और फिर ब्रेकअप..मेरी तरफ से नहीं उसने ही किया था..ये बोलकर चला गया की मैं लुज़र हूं और जिंदगी में कुछ नहीं कर पाउँगा और भी बहुत कुछ….___
उसके जाने के बाद फिर कोई रिलेशन नहीं बनाया मतलब मुझे नफ़रत सी होगई थी…!!
कियान ने गंभीरता से पूछा…”क्या तुम दोनों अब भी कांटेक्ट में हो…!?
विरांश हँस पड़ा..”नहीं बेबी…अब मैं इतना गिरा हुआ नहीं हूं की शादी के बाद भी रिलेशनशिप बनाये रखूं…मैं एक लॉयल हस्बैंड हूं…”
“वह तो देख लेंगे की तुम कितने लॉयल हो अगर मुझे धोका दिया ना तो छोडूंगा नहीं…!!कियान ने विरांश के हाथों को पकड़ लिया जो उसके कमर से निचे बढ़ने लगे थे..
“हाहाहाहा…ठीक है मुझे छोड़ना नहीं बस…और तुम्हे धोका देने की हिम्मत भी किस में है…!?
तुम एक बेबी बॉस हो..!!विरांश ने उसे अपने सीने में भींच लिया…
कियान ने झिझकते हुए पूछा…”एक बात बताना…क्या तुम सब रिलेशन में फिजिकल हुए थे,वह..मेरा मतलब की क्या तुम दोनों साथ में…..____
विरांश उसपे झुकता हुआ बोला…”अरे बेबी मैं तुम्हे लाइव प्रेजेंटेशन कर के दिखाता हूं की मैंने उसके साथ क्या किया था…!!
कियान बुरी तरह सिसक पड़ा…
“हेय स्टॉप….स्टॉप…इट्स टू डीप…!!कियान ने मुंह पर कसके हाथ जमा लिया…
विरांश ने उसकी कमर खुद से सटा कर कहा…”अरे नहीं बेबी तुम्हे भी तो पता चले की मैंने फिज़िकली ______
कियान को तो आगे पीछे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था,उसने विरांश के गर्दन में बांहे कस ली थी…
कियान के आँखों में होंट रख नमकीन पानी पी गया…
“बेबी….रिलेशन में तो रहा लेकिन इतनी मोहब्बत शायद ही किसी से कर पाया…लेकिन तुम्हारी बात अलग है क्यूंकि तुम मेरे लिए बहुत खास हो…!!विरांश ने कियान की हथेली होंटो से चुम ली..
विरांश का स्टैमिना हद से ज़्यादा था और कियान की हालत खराब होती जा रही थी…
कियान ने बेडशीट जकड़ ली क्यूंकि विरांश आज रुक जाने के मूड में हरगिज नहीं था…
“अह्ह्ह…वी…!!कियान के गर्दन पर दाँत गाड़े विरांश शिद्दत से चुम रहा था….
गर्दन से चूमते हुए वह उसके सीने तक आगया…
विरांश ने जैसे ही उसके निपलस को दांतो से बाईट किया कियान की तेज़ सिसकियाँ चीखो में बदल गई…
अपने होंट रखता वह सक करने लगा प्लस वह कियान में ही समाये हुए था…
दोनों ही पसीने से भीग चुके थे..
कियान सटिस्फैक्शन की लेवल तक पहुंच गया था..
“विरांश प्लीज किश मी…!!
विरांश ने उसके होंटो पर होंट रख दिए…दोनों को कोई होश ही नहीं था…
कियान उसके होंटो को काटने लगा क्यूंकि अब बस बर्दास्त की हद थी…
विरांश के कमर पर दोनों टांगे लपेटे कियान दबाओ डाल रहा था…
विरांश ने तेज़ी से थ्रर्स्ट किया तो कियान हाँफने लगा…
थोड़ी ही देर में विरांश कम्पलीट होगया…
बट ये थोड़ी देर रात के 3 बजा रहे थे..
कियान को सिर्फ टी.शर्ट पहनाये वह किचन ले आया ताकि उसे कुछ खिला पीला दे…
विरांश ने जल्दी से पास्ता बनाया तब तक कियान टेबल पर सिर रखे विरांश के पीठ को घूरता रहा जहाँ उसके नाखुनो के निशान साफ दिख रहे थे…
आधे घंटे बाद दोनों ने पास्ता खाया और फिर विरांश उसे कंधे पर उठाकर रूम में ले आया…
To_be_continued…
हलकी हलकी बारिश हो रही थी…मौसम अंगड़ाई ले कर करवटे बदल रही थी..
सफिरा विला में भी मोहब्बत की खुमारी छाई हुई थी मगर अब ये मोहब्बत दूरियों में बट गई थी..
क्यूंकि कियान ने विरांश को धमकी दी थी कि हर वक़्त रोमांस नहीं…
रोमांटिक मूड में बेन लगा दिया गया था…
कियान दिन भर बस बोर होता रहता था क्यूंकि विरांश दिन भर ऑफिस में रहता और शाम होते ही दौड़ता भागता यूँ घर पहुंचता जैसे उसके पीछे गुंडे पड़े हो…
रात को कियान उसके ऊपर पैर हाथ रखे सो जाता और बेचारा विरांश बर्दास्त किये आँखे मुंदे रहता…
आज विरांश के सिर में तेज़ दर्द था इसलिए वह ऑफिस नहीं गया…
बालकनी के झूले में वह लेट कर मोबाइल में बिज़ी था…
कियान गुस्से में हाथों में कॉफ़ी का कप लिए आया,टेबल पर रख विरांश को घुरा और फिर एक नज़र उसके मनहूस मारे मोबाइल को…जिसने उसे यहाँ भी आराम करने नहीं दिया था..
कियान ने मोबाइल छीन कर मीटिंग की ग्रुप कॉल कट कर दी..
“अगर घर बैठे भी ऑफिस वर्क ही करना था तो ऑफिस ही चले जाते…अपनी हालत तो देखो..आँखे लाल पड़ गई है,आँखों के निचे काले धब्बे पड़ गए है…
काम करना अच्छी बात है लेकिन किसी चीज को अपने ऊपर यूँ सवार कर लेना बड़ी ग़लत बात है…”
कियान ने विरांश का सिर उठा कर अपने गोद में रख लिया…
“आँखे बंद करो और सो जाओ…आज सिर्फ तुम्हे आराम करना है..!!कियान ने विरांश की नीली आँखों में नमी देख बुरा सा मुंह बना लिया..
“बेबी…बेबी मेरी इतनी चिंता…मुझे तो रोना आरहा है…मम्मी की याद आगई…!!विरांश ने झुटे मगरमछ के आंसू बहाये..
कियान चौंक गया,उसने प्यार से सिर को थपथपाया..
“होता है..मेरे साथ भी होता है,ज़ब मैं बीमार पड़ता था ना तो मुझे हर वक़्त अपने आस पास मम्मी चाहिए थी…नखरा करता था,खाना नहीं खाऊंगा बस उनके हाथों से दवाई खानी है…!!कियान मुंह पर हाथ रख हँस पड़ा…
फिर वह अचानक से गंभीरता लिए विरांश की तरफ देखने लगा..
विरांश मुस्कान लिए सो गया था..
कियान ने अपने मन में सोचा..”इससे मुझे ये याद आया की विरांश ने मुझे अपने बारे में तो बताया है पर अपने परिवार के बारे में कुछ भी नहीं बताया है…!?
कियान गहरी सोच में पड़ गया..
“कहीं विरांश की फेमली स्ट्रिक्ट तो नहीं या फिर हो सकता है उसे घर से निकाल दिया…_____
अरे नहीं नहीं…ये सब मैं क्या सोच रहा हूं,,ज़रूर विरांश बताना भूल गया होगा या फिर कोई और बात रही होगी इसलिए वह बताना नहीं चाहता है..!!
कियान भी झूले से टेक लगाए नाजाने कब सोगया…
वह वैसे ही बैठा रहा और उसकी गोद में विरांश गहरी नींद में उसकी हथेली थामे सोया रहा…
शाम को ज़ब आँख खुली तो विरांश घबरा कर उठ बैठा क्यूंकि कियान दोपहर से एक ही पोज़ में बैठा सो रहा था..
“उफ्फ्फ कायु…मुझे उठा देते…पर नहीं तुम खुद बेखबर हो कर सो गए..”विरांश झूले में सोने की वजह से अपने बॉडी में हलकी हलकी चुभन महसूस कर रहा था..
कियान को अपने गोद में उठाके वह रूम में ले आया..बेड पर आराम से सुला कर उसका माथा चुम गया…
“मैं शॉवर ले लेता हूं ताकि थकान उतर जाए…!!विरांश बाज़ू झटकते हुए वाशरूम की तरफ बढ़ गया..
कियान भी 5 मिनट बाद आँखे मल उठ बैठा…रूम में इधर उधर नज़र घुमाई पर विरांश नहीं था..
“अह्ह्ह मेरी गर्दन…!!कियान की गर्दन अकड़ी हुई लगी..
वह गर्दन को दाएं ओर घुमा नहीं पा रहा था..
“आलरेडी वेक उप बेबी…जाओ जाके शॉवर ले लो ताकि मूड फ्रेश हो जाए..”विरांश बाथरोब पहने तोलये से बाल पोंछते हुए कियान के सामने आ खड़ा हुआ..
“अरे लेकिन…मेरी गर्दन शायद एक तरफ पलट कर सोने की वजह से अकड़ गई है..”कियान ने विरांश की तरफ नज़रे उठाई तो वह झटके खा गया…
विरांश हमेशा शॉवर लेने के बाद बहुत ज़्यादा फ्रेश और हेंडसम लगता था…
विरांश बेड पर बैठते हुए कियान के गर्दन पर हथेली रखे बोला..”डोंट वरी बेबी,अभी तुम्हारे हस्बैंड की मैजिकल मसाज से सब अकड़न दूर भाग जाएगी..”
विरांश ने उसके गर्दन पर अपनी हथेली एंटी क्लॉक वाइज घुमानी शुरू की,फिर वह झटके से उसके गर्दन को दाएं बाएँ घुमा गया..
“अॉच…अह्हह्ह्ह्ह विरांश…आहिस्ता…!!
विरांश ने हलका हलका मसाज देना जारी रखा..”जो हुक्म…मेरे सरकार…!!
धीरे धीरे हाथों का लम्स,,या यूँ कहे की ऐसी गर्मी भरी स्पर्श…जिससे कियान की गर्दन की हड्डी से होती हुई उसकी रीढ़ की हड्डी में सिरहन पैदा होगई…
“अहह…विरांश….!!
विरांश थोड़ा हैरान होगया क्यूंकि कियान की आवाज़ काफ़ी सुरेली होगई थी..
“बेबी तुम ठीक तो हो ना…!?
कियान लेटते हुए बोला..”हाँ तुम्हारे हाथों में तो सचमे जादू है..तुम मसाज जारी रखो..!!
विरांश ने झुक कर कहा..”अगर ऐसी बात है तो मैं कपबोर्ड से मसाज ऑइल लाता हूं,तुम्हे और ज़्यादा सुकून और आराम मिलेगा..”
कियान ने शर्मीली मुस्कान दबा गया..
“ज़रूरत नहीं है..तुम्हारे हाथों का स्पर्श काफ़ी है…”
विरांश को तो पहले यकीन नहीं हुआ फिर उसने कियान की गर्दन और कान को घुरा जो गुलाबी पड़ गई थी,क्यूंकि उसने चेहरा तकये में दबाये पेट के बल लेटे हुए था..
“ओह बेबी…तुम मुझे बहुत परेशान कर रहे हो…अब बताओ मैं कैसे करू,ये बहुत मुश्किल है…मुझसे ये नहीं होगा..!!विरांश ने चेहरे पर हाथ रख कर बड़ी बेदर्दी से अपने धड़कते दिल को रोका वरना फिर कोई खता कर बैठता..
विरांश तेज़ी से उठके जाने लगा की कियान ने झटके से उसका हाथ थाम लिया..
“वी…विरांश रुको प्लीज…वह..वह एक्चुअली…में…मैं बोल रहा था की थोड़ा बहुत तो चलता है और सिर्फ….त…तुम समझ रहे हो ना…!!
विरांश को यकीन आना मुश्किल था क्यूंकि कियान ने नो रोमांस का बोर्ड लगाके उसे एक हफ्ते तक तड़पाये रखा था…
विरांश ने झट से कियान को बांहो में धर दबोचा..
कियान घबरा गया..”ओये इतना बेताब ना बनो बस थोड़ा सा कडल चाहिए….!!
विरांश ने कियान के गर्दन में मुंह छुपाते हुए कहा..”सॉरी बेबी पर मेरा थोड़े से प्यार से पेट नहीं भरता…मुझे भरपूर शिद्दत भरा प्यार चाहिए…”
कियान ने विरांश के बालों में उंगलियां फिराई..
“अच्छा ठीक है…लेकिन ____
“अह्ह्ह्ह….!!कियान की बातें सब ज़ुबान तक आते ही दम तोड़ गई क्यूंकि विरांश ने उसके लबों को अपने लबों से मिला लिया था…
विरांश उसके बालों को जकड़े उसकी गर्दन पीछे कर उसके होंटो को काटे जा रहा था..
कियान के होश जवाब देने लगे क्यूंकि विरांश हार्ड हो गया था और अपना भार उसपे दिए उसे तड़पाने लगा था...
विरांश ने उसके लबों पर ज़ुबान फेराई तो कियान के बदन में कपकपी दौड़ गई,वह भी अपनी ज़ुबान बाहर निकाल गया...
विरांश उसकी छोटी सी गीली ज़ुबान देख मुस्कान ना रोक सका क्यूंकि कियान को इतना एक्सपीरियंस नहीं था पर वह विरांश का पूरा साथ देता था...
विरांश ने अपनी ज़ुबान से उसके ज़ुबान को रगड़ा तो कियान हँसा...
"हीहीही गुदगुदी....!!
"इतने ज़्यादा स्वीट......!!विरांश उसके गालों पर दांत गाड़ गया..
"एहहहहह...क्या कर रहे हो दर्द हो रहा है...!!कियान का गाल चेरी जैसा कंधारी बना हुआ था...
"उम्म्म्म बेबी...तुम्हारे गाल भी बहुत टेस्टी है...जी करता है खा जाऊं...!!
कियान होंट पिचका गया क्यूंकि विरांश ने दोनों बाज़ूओं को घेर कर उसे भागने से रोक लिया था...
बाहर से तेज़ बिजली गिरने की आवाज आई और तेज़ बारिश शुरू होगई…
विरांश कियान को दिवार से लगाए उसके बाज़ूओं को जकड़े उसकी आँखों में देख रहा था..
“एस…ऐसे क्यों देख रहे हो…!!कियान तो लाज सी आई…चेहरा तमतमा कर लाल पड़ गया…
विरांश की मुस्कान गहरी होगई…”यही देख रहा हूं की तुम कितने टेस्टी हो..”
कियान को फिर कुछ समझ नहीं आया…
“क्या….मतलब मैं टेस्टी…मैं कोई खाने की चीज थोड़ी हूं…!!कियान मासूमियत से बोला तो विरांश हँस पड़ा…
कियान ना में गर्दन हिला गया क्यूंकि वह विरांश की आधी से ज़्यादा बातें समझ नहीं पाता था…
विरांश ने उसे गोद में उठा लिया...कियान के दोनों टांगे उसके कमर से लिपटी हुई थी...
कियान ने उसके बाथरोब की डोरियाँ खोली और उसके सीने में होंट रख चूमने लगा...
विरांश तो आँखे बंद कर स्वर्ग के आनंद लेने लगा...
कियान के पतले महकते होंट उसके चोड़े सीने को इतने प्यार से चुम रहे थे..विरांश होंटो को दांतो से दबा गया और बेड पर आ बैठा...
"बेबी बस....होगया वरना मैं पागल हो जाऊंगा..."
"ओह...वैसे क्या तुम्हे बेटर या अच्छा फील हुआ...!?
"हायईई....मैं तो मर गया....इतने प्यार से...इतने प्यार से....!!
विरांश ने उसके पेंट के अंदर हाथ डाला तो कियान ने चेहरा हाथों से छुपा लिया...
To_be_continued…
विरांश कियान को दिवार से लगाए उसके बाज़ूओं को जकड़े उसकी आँखों में देख रहा था..
“एस…ऐसे क्यों देख रहे हो…!!कियान तो लाज सी आई…चेहरा तमतमा कर लाल पड़ गया…
विरांश की मुस्कान गहरी होगई…”यही देख रहा हूं की तुम कितने टेस्टी हो..”
कियान को फिर कुछ समझ नहीं आया…
“क्या….मतलब मैं टेस्टी…मैं कोई खाने की चीज थोड़ी हूं…!!कियान मासूमियत से बोला तो विरांश हँस पड़ा…
कियान ना में गर्दन हिला गया क्यूंकि वह विरांश की आधी से ज़्यादा बातें समझ नहीं पाता था…
विरांश ने उसे गोद में उठा लिया...कियान के दोनों टांगे उसके कमर से लिपटी हुई थी...
कियान ने उसके बाथरोब की डोरियाँ खोली और उसके सीने में होंट रख चूमने लगा...
विरांश तो आँखे बंद कर स्वर्ग के आनंद लेने लगा...
कियान के पतले महकते होंट उसके चोड़े सीने को इतने प्यार से चुम रहे थे..विरांश होंटो को दांतो से दबा गया और बेड पर आ बैठा...
"बेबी बस....होगया वरना मैं पागल हो जाऊंगा..."
"ओह...वैसे क्या तुम्हे बेटर या अच्छा फील हुआ...!?
"हायईई....मैं तो मर गया....इतने प्यार से...इतने प्यार से....!!
विरांश ने उसके पेंट के अंदर हाथ डाला तो कियान ने चेहरा हाथों से छुपा लिया...
विरांश तो आँखे बंद कर स्वर्ग के आनंद लेने लगा...
कियान के पतले महकते होंट उसके चोड़े सीने को इतने प्यार से चुम रहे थे..विरांश होंटो को दांतो से दबा गया और बेड पर आ बैठा...
"बेबी बस....होगया वरना मैं पागल हो जाऊंगा..."
"ओह...वैसे क्या तुम्हे बेटर या अच्छा फील हुआ...!?
"हायईई....मैं तो मर गया....इतने प्यार से...इतने प्यार से....!!
विरांश ने उसके पेंट के अंदर हाथ डाला तो कियान ने चेहरा हाथों से छुपा लिया…
“डोंट टच इट….!!कियान ने मिम्याते हुए कहा जैसे कोई छोटा सा बिल्ली का बच्चा हो…
विरांश ने उसका पेंट पूरी तरह खींच के निचे किया,उसकी टांगो को उठाकर अपने कंधे पर रखा…
धीरे धीरे उसके थाई तक आते हुए होंट रख चूमता ही रहा…
विरांश के चेहरे पर शरारती मुस्कान छा गई..
“अह्ह्हह्ह्ह्ह….ओह्ह्ह्हह…ॉफ्फ्फ्फफ्फ्फ़फ्फ्फ्फफ्फ्फ़…..!!कियान ने विरांश का सिर के बालों को बेदर्दी से जकड़ लिया क्यूंकि वह उसके थाई को बाईट किये जा रहा था…
“व….वी……इट्स फील अमेजिंग…!!विरांश ने उसके गहराई में दो ऊँगली डाली और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा,साथ ही वह उसके डीक को झटके दे कर रगड़ रहा था…
“अहह…उम्म्म्म…अहमममम…ओह्ह्ह माययय….विरांश….सलो…सलो…मैं बस……!!कियान की बॉडी ने रियेक्ट करना शुरु कर दिया था..
विरांश की उंगलियां बेहद गहराई में पहुंचाई दबाओ डाल डालती थ्रर्स्ट कर रही थी कि तभी कियान मचलने लगा…
“विरांश…स्टॉप….प्लीज….मैं कम करने वाला….हूं….!!कियान ने हाँफ्ते हुए कहा पर विरांश रुका नहीं बल्कि कियान को झटके से उलटाये उसके कमर पर झुक गया…
“आराम से कम करो बेबी….मैं यही तो चाहता हूं की तुम मेरे हाथों में पिघल जाओ…तुम्हे आज मैं हाई लेवल तक सटिस्फीएड करूंगा…”विरांश ने अपनी रफ्तार तेज़ की तो कियान की सांसे तेज़ होगई,उसकी बॉडी अकड़ी और वह कम कर गया…
विरांश ने अपनी उंगलियों को देखा जहाँ कियान की मिल्की क्रीम लग गई थी..
“स्मेल नाइस…टेस्ट ओहोहो….!!विरांश उसके टांगो के बिच झुकता अपनी ज़ुबान से सक करने लगा…
“न….नहीं….विरांश…प्लीज…नहीं…..मैं गंदा हो रहा हूं…छी….थूक दो….पागल….होगये हो क्या…..!!कियान ने काफ़ी चिखा चिल्लाया पर विरांश को कोई फर्क ही नहीं पड़ा बल्कि वह तेज़ी से अपनी ज़ुबान से सक करता रहा…
कियान भी धीरे धीरे फिर से बुरी तरह छटपटाने लगा क्यूंकि विरांश अच्छे से जानता था की उसके सॉफ्ट स्पॉट को कैसे हिट करना है…
थोड़ी ही देर बाद कियान बेडक्राउन पकड़े घुमा था और विरांश उसे बांहो में जकड़े उसमे समाये थरस्टिंग कर रहा था…
“बेबी….से माय नेम प्लीज…..!!
“यू आर टोटली इनसेन….!!कियान पसीने से गीला मुंह खोले लम्बे लम्बे सांस ले रहा था…
विरांश ने ज़ोरदार थ्रर्स्ट की तो कियान बेडक्राउन छोड़े उसके ही बांहो में गिर गया…
कियान का चेहरा विरांश अपनी तरफ मोड़े उसके होंटो को स्मूच करने लगा…
“विरांश….प्लीज फ़ास्ट….मैं ज़्यादा देर टिक नहीं पाउँगा…”कियान ने विरांश का बाज़ू में नाख़ून गथा दिए…
विरांश ने कियान को गोद में पूरी तरह उठा लिया ताकि कियान को ज़्यादा थकावट ना हो…
विरांश का स्टैमिना कियान से बहुत ज़्यादा था,एक तो वह अल्फा ऊपर से उसके रगो में डोमिनेट अल्फा का जूनून दौड़ता था…
वह अपने ओमेगा को हर तरह से क्लेम कर अपना बनाते हैँ और उन्हें कभी अपनी मोहब्बत से रिहाई नहीं देते हैँ…
“तुम सिर्फ मेरे हो…मुझे छोड़कर जाने की कभी सोचना भी मत…!!विरांश ने उसके निपलस को उंगलियों के बिच हलका सा पिंच किया तो कियान ने आँखे मुंद ली…
वह बस अपने होश ओ हवास खोने वाला था…
“मैं कहीं……विरां….विरांश…तुम्हे कहीं नहीं छोड़कर जाऊंगा.. तुम मुझे मोहब्बत की बेड़ितों से बांधे पूरी उम्र अपने करीब रखना…”कियान के आँखों से आंसू बेहह निकले…
विरांश रुक गया,पता नहीं क्यों पर वह कियान को यूँ रोते और टूटे बिखरे हाल में हरगिज नहीं देखना चाहता था..
“हेय क्या तुम्हे हर्ट हुआ…बेबी बोलो ना तुम्हे कहीं कोई हर्ट तो नहीं हुआ ना…!!
शिट मैं ज़्यादा ही ओवरफ्लो होगया था…जस्ट ा मिनट मैं पानी लाता हूं…!!विरांश की नीली आँखों में चिंता की लकीर साफ दिखने लगी…
“न…नहीं…विरांश….आई लव यु…एंड आई डोंट थिंक की तुम्हारे बिना मुझे एक पल को करार आएगा…”कियान उससे लिपट कर रोने लगा..
विरांश ने सुकून का सांस लिया,,क्यूंकि उसने सुन रखा था की ओमेगा अक्स फिजिकली कनेक्शन के दौरान मेन्टली एंड इमोशनली टूट जाते हैँ और अपने पार्टनर से कम्फर्ट चाहते हैँ…
यही वह वक़्त होता है ज़ब ये अपने दिल की बातें हकीकत लफ्ज़ो में बयान करते हैँ…
विरांश ने कियान की आँखों में झांका..“जस्ट से इट….यू लव मी….!!
“यस….यस आई डु….आई लव यु टू….बट खुद पर भरोसा नहीं है…!!कियान टूटी हुई साख की तरह विरांश के दामन में आ गिरा…
विरांश लाजबाब होगया,मतलब वह समझ ही नहीं पा रहा था की आखिर इस लम्हें को कैसे संजोये रखे…!?
आखिर वह क्या कहे…!?
कियान धीरे से उसके पास आया…
“विरांश आई वांट ा चाइल्ड…हु एक्साक्ट्ली लुक लाइक यु….!!
कियान ने नम आँखों से विरांश को देखा और उसपे आके चढ़ कर बैठ गया..
विरांश ने लाइट ऑफ कर दी…
उस रात कियान बस विरांश पर राइड करता सिसकता रहा…
कमरे में दोनों की मधुर सिसकियो की आवज़े सरगम गा रही थी..
To_be_continued…
(सो सॉरी फॉर शार्ट पार्ट....टाइम नहीं था प्लस संडे का दिन तो बस आराम की जगह काम होता है ऊपर से बिन बुलाये रिश्तेदार...हज़ारो ताने और बस यही सब में मूड बिगड़ गया पर अब लम्बे पार्ट दूंगी...आज के लिए छोटू सा पार्ट पढ़ एडजस्ट कर लीजिये...
बाकि क्या कहने कियान के....🤭🤭प्यार का इज़हार भी कर दिया और अब विरांश नहीं रुकने वाला 😂😁🤌🏻😉तो कमैंट्स करना ना भूले 💎🩵
गुडनाइट क्यूटीज़....स्लीप टाइट 😉💕😘)
कियान हॉल रूम में बैठे लेपटॉप चला रहा था…
विरांश ग्रे थ्री पीस सूट पहने उसके करीब झुका बैठा था..
कियान ने अपनी नज़र लेपटॉप से हटाई और जल्दी से उसकी टाई की नॉट बाँधी…
“ओके…बेबी मैं चलता हूं…मेरा इंतेज़ार करना और कॉल करते रहना…!!
कियान बस हाँ में गर्दन हिला गया…
“बाय…बाय विरांश…हेव ा नाइस डे…!!कियान ने एक प्यारी सी मुस्कान उसकी तरफ उछाली..
“बाय बेबी…मिस मी….एंड डोंट ओवरथिंक,,अगर यूनिवर्सिटी में नहीं तो ऑफिस में जॉब मिल ही जाएगी…
और नहीं भी मिली तो मैं हूं ना..!!
मैं किस दिन के लिए कमा रहा हूं,रोज़ ऑफिस में घंटो फ़ाइलों में सिर फोड़ता रहता हूं…____
कियान विरांश की बातें कान दबा कर सुनता रहा..
कियान अच्छे से जानता था की विरांश उसे बस घर में में रखना चाहता था और ज़्यादा से ज़्यादा वह चाहता था की कियान उसके ऑफिस में एज़ ा परसनल असिस्टेंट ज्वाइन कर ले…
कियान…वह लिटरेचर में मास्टरज़ किये था और विरांश चाहता था की वह बिजनेस में हेल्प करे,मतलब कोई लॉजिक ही ना था…
विरांश ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डबल मास्टरज़ किये थे,उसे बिजनेस की अच्छी खासी नॉलेज थी…
वह ठहरा कॉमर्स का बंदा..
कियान ठहरा आर्ट्स एंड लिटरेचर का बंदा…
दोनों में फर्क था पर विरांश को तो कियान को देख आगे पीछे कुछ समझ ही नहीं आता था..
वह तो बस चाहता था की कियान ऑफिस में भी साथ रहे और घर में भी….
विरांश के ऑफिस जाने के बाद कियान अंगड़ाई ले कर उठा…
कियान के गर्दन में हलकी हलकी नीली रगों में लाल बड़े बड़े धब्बे दिख रहे थे..
कियान ने गर्दन में पिंक मफलर ओढ़ा और बाहर निकल आया..
कियान को बाहर आने जाने की कोई रोक टोक नहीं थी और वैसे भी सारे सफिरा विला के गार्ड्स उसे अच्छे से पहचान गए थे…
कियान के हथेली बर्फ सी ठंडी होने लगी थी,मौसम काफ़ी ठंडा हो गया था…
कियान अपनी ही सोचो में गुम कॉफ़ी शॉप पहुंच गया…
उम्मीद के मुताबिक कॉफ़ी शॉप में ज़्यादा भीड़ नहीं थी,साइड की सीट में उर्मिला जी उसे बैठी हुई दिखाई पड़ी..
कियान ख़ुशी से हाथ हिला कर हाई करता हुआ अपने मम्मी के करीब गया और बच्चों की तरह उनसे लिपट गया…
“केसा है मेरा बच्चा..”उर्मिला जी प्यार से उसका माथा चुम गई..
“ठीक हूं,,आप केसी हैँ…!?
आप इतनी कमज़ोर क्यों लग रही हैँ,,खाने और दवाई वगेरा टाइम से नहीं ले रही हैँ क्या….!?
कियान उर्मिला जी का चेहरा छूकर देखने लगा जो काफ़ी मुरझाया सा लग रहा था..
उर्मिला जी उसके हथेली को प्यार से चुम कर आंसू छुपा गई..”जिस माँ से उसकी जवान जहांन औलाद को जुदा कर दिया जाए उस माँ की हालत क्या ही होगी…!!
फिर कियान के साथ टेबल पर बैठती हुई बोलीं…”काव्यांश…तू बेटा ख़ुश तो है ना…!?
वह…वह लड़का…उसका क्या नाम है…!?
कियान जल्दी से बोला…”मम्मी विरांश…!!
उर्मिला जी बोलीं…”हाँ वही विरांश…तुझे अपने साथ ले गया था,पर बेटा मुझे एक पल करार ना आया…कोई तुझे यूँ मेरे नज़रो के सामने से ले गया और मैं कुछ भी नहीं कर पाई…उस माँ से ज़्यादा और कौन बेबस होगा जो अपने बच्चे की हिफाज़त तक नहीं कर….
कियान बात काट कर बोला..”मम्मी…खुद को दोष देना बंद कीजिये…आपकी कोई गलती नहीं है…अपने हमेशा मेरी फ़िक्र और हमेशा अपने दामन में समेटे रखा है तभी तो आज इतना जवान और सुंदर हो गया हूं…”
उर्मिला जी मुस्कराई…”हाँ हाँ बहुत सुन्दर…इतने हसीन और दिलकश की मेरी ही नज़र लग जाए…!!
कियान उनके गले में बांहो में हार डाले बोला…”आपकी नज़र भला कभी मुझे लग सकती है..”
उर्मिला जी बस उसकी मासूमियत पर उसे देखती रही..
फिर कुछ देर बाद बोली…”तू ख़ुश तो है ना और वह लड़का विरांश…उसने कहीं तुझे…..___
कियान का मुंह फूल गया…
“मम्मी…वह अच्छा बंदा है और प्लस…वह मैं…में….क…क्या….अच्छा है और प्यारा भी….बहुत ज़्यादा अच्छा है….हीहीही…!!
उर्मिला जी गला खंखार कर कियान को नज़रे झुकाये शर्माते हुए हंसी दबा गई…
“क्या तुम दोनों ने…..___
कियान फिर गड़बड़ा गया…
“न…नहीं ऐसा वैसा कुछ नहीं है…ये देखिए उसने मुझे अंगूठी पहनाई है मतलब की इंगेजमेंट रिंग…और तो और वह मुझे बहुत प्यार…मतलब की ख्याल रखता है…विरांश ने कहा है की बहुत जल्दी मुझसे शादी करना चाहता है पर मैं ही टाले जा रहा हूं…”
उर्मिला जी गंभीरता से बोली…”मेरी बात तो पूरी होने देते…!!
मैं ये कह रही थी की अच्छी बात है पर याद रहे अगर उसने तुम्हे कोई भी तकलीफ दी तो मेरा अल्फा डेंजरस रूप देखेगा…!!
कियान घबरा गया क्यूंकि जानता था उसकी मम्मी भी प्योर अल्फा ब्लड लाइन से है….
“हाँ…हाँ समझ गया…!!
उर्मिला जी कियान का गाल खींचने लगी…
“अपने पापा की तरफ से दिल मेला ना करना…मैं उन्हें समझाने की कोशिश करूंगी और हाँ वक़्त निकाल कर विरांश से मिलने आउंगी…”
कियान हाँ में गर्दन हिला गया क्यूंकि जानता था की उसकी मम्मी बस उसे दिलासा दे रही है..क्यूंकि उसके पापा किस नेचर के थे वह अच्छे से जानता था…
रियान जी ने बचपन से बस नफ़रत की थी और हमेशा बात बात पर उसपे हाथ उठाते थे…वह तो अच्छा है की उर्मिला जी बिजनेस कांटेक्ट मैरिज में रियान जी के साथ शादी में बंध गई तो उन्होंने कियान को सीने से लगाके पाला और सगी माँ से भी ज़्यादा मोहब्बत दी…
वह चाहती तो कांटेक्ट खतम होने के बाद भी रियान जी की बेरुखी के कारण उन्हें डाइवोर्स दे सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया क्यूंकि कियान से उन्हें बहुत लगाव होगया था…
“तो मैं जाऊं मम्मी…एक्चुअली मैं विरांश को बिन बताये आपसे मिलने आया था..!!कियान शर्मिंदा सा हुआ..
उर्मिला जी बोली..”कायु…हमेशा याद रखना की अगर तुम रिश्ता आगे निभाना चाहते हो तो कभी भी झूट मत बोलना…साथ ही अपने पार्टनर की वैल्यू करना…आइंदा अगर विरांश इज़ाज़त ना दे तो मुझसे मिलने की कोई ज़रूरत नहीं है…!!उर्मिला जी तिरछी मुस्कान के साथ बोली तो कियान का मुंह फूल गया…
उर्मिला जी ने उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और उठके चली गई…
कियान का मुंह तो टेढ़ा ही रहा मतलब की अब उसकी मम्मी भी विरांश की गुणगान कर रही थी…
कियान केफे से बिल पे कर निकला..
शाम की ठंडी हवाएं चल रही थी,कियान को खुली हवाओं में आके सुकून सा महसूस हुआ पर साथ में विरांश का ना होना भी खला…
काश विरांश होता तो हम दोनों सुहाने मौसम का मज़ा लेते…हाथों में हाथ डाले चलते….!!
कियान मन ही मन सोचे बलश करने लगा…
पीछे से एक महीन आवाज आई…
“ज़रा सुनना छोटे बच्चे…!!
कियान का मूड पल भर में खराब होगया…मतलब की बस उसकी हाईट कम थी लेकिन वह कोई छोटा बच्चा तो नहीं था..
कियान पीछे मुड़ा तो उसे अपने आँखों पर यकीन ना आया..
एक 45 या 46 साल का नीली आँखों वाला शख्स खड़ा था..
कियान ने गौर किया तो उसे लगा की उसने ये चेहरा पहले कहीं देखा है..
“बच्चे तुम्हे ये अड्रेस पता है क्या…!?वह नौजवान मर्द उसके सामने आके खड़ा होगया और अपने हाथों में पकड़े मोबाइल में लिखें अड्रेस को कियान के चेहरे के सामने कर दिया..
कियान ने मोबाइल में अड्रेस देखा और ना में गर्दन हिला दिया..
“सॉरी एक्चुअली मैं खुद यहाँ नया हूं इसलिए मुझे भी पता नहीं है…!!
कियान की बात पर वह कुछ कहता की पीछे से एक 55 साल का लम्बी हाईट वाला मर्द आके उसके कमर में हाथ डाल गया..
“डार्लिग….चलो मैंने लोकेशन ट्रेस कर ली हह……!!वह बोलते बोलते खामोश होगया और सामने खड़े कियान को घुरा…
कियान थोड़ा घबरा गया…
जल्दी से पहले वाले नौजवान मर्द ने कहा..”जान……डोंट बी रूड…इस बच्चे से मैं अड्रेस पूछ रहा था और तभी तुम आगये…!!
खेर…..
वह कियान की तरफ मुड़ा जो अब यहाँ से खिसकने को था क्यूंकि उसे डर लग रहा था..
“थेंक्स क्यूटी….वैसे तुम्हारी बॉडी से आती मीठी महक बता रही है की तुम एक ओमेगा है…अपने सेंट को छुपा कर रखने की कोशिश करो वरना तुम मुसीबत में पड़ सकते हो…”
कियान के तो पसीने छूट गए क्यूंकि वह पहले भी कई खतरनाक लोगों से मिल चूका था जिसने उसका फायदा उठाने की कोशिश की थी…
“ओये डरो नहीं…डोंट स्कैरेड…आई ऍम ा आल्सो ओमेगा….हाहाहाहा बाय बाय क्यूटी….!!वह आँख मार कर चलता बना…
कियान की तो हालत खराब होगई थी की कैसे कैसे लोग रहते हैँ…
वह सीधा भागता हुआ घर की तरफ बढ़ने लगा…गिरते पड़ते सफिरा विला पहुंचा…
तेज़ दौड़ने की वजह से उसकी सांसे तेज़ चलने लगी थी…
बाल बिखरे हुए पसीने से तर वह सफिरा विला पहुंचे लम्बा सांस लिए मुस्करा पड़ा पर पीछे से विरांश की आवाज सुन ज़ोर का झटका लगा..
“ओह्ह तो बेबी तुम्हे विला का रास्ता याद आ ही गया….
शाम से 7 बज रहे है…मेरे ऑफिस से आए एक घंटा हो चूका है…कॉल तुम पीक कर नहीं रहे,मोबाइल स्विच ऑफ जा रहा है…!!
विरांश पैर पर पैर चढ़ाये आराम से बैठा हुआ सर्द लहजे में बोला…उसकी नीली आँखों में खतरनाक गुस्से का सैलाब उमड़ रहा था…
कियान की धड़कने रुकने लगी क्यूंकि वह समझ गया की आज उसकी खेर नहीं…
To_be_continued...
कियान की तो हालत खराब होगई थी की कैसे कैसे लोग रहते हैँ…
वह सीधा भागता हुआ घर की तरफ बढ़ने लगा…गिरते पड़ते सफिरा विला पहुंचा…
तेज़ दौड़ने की वजह से उसकी सांसे तेज़ चलने लगी थी…
बाल बिखरे हुए पसीने से तर वह सफिरा विला पहुंचे लम्बा सांस लिए मुस्करा पड़ा पर पीछे से विरांश की आवाज सुन ज़ोर का झटका लगा..
“ओह्ह तो बेबी तुम्हे विला का रास्ता याद आ ही गया….
शाम से 7 बज रहे है…मेरे ऑफिस से आए एक घंटा हो चूका है…कॉल तुम पीक कर नहीं रहे,मोबाइल स्विच ऑफ जा रहा है…!!
विरांश पैर पर पैर चढ़ाये आराम से बैठा हुआ सर्द लहजे में बोला…उसकी नीली आँखों में खतरनाक गुस्से का सैलाब उमड़ रहा था…
कियान की धड़कने रुकने लगी क्यूंकि वह समझ गया की आज उसकी खेर नहीं…
“वह में….मैं मम्मी से मिलने गया था…!?कियान हिम्मत जुटा कर बोला..
विरांश ने उसके करीब आते हुए कहा..”मैंने कुछ पूछा क्या…!?
मुझे पता है तुम अपनी मम्मी से मिलने गए थे पर….वक़्त देखा है तुमने…!?
कायु बात यहाँ ये नहीं है की तुम किस से मिलने गए या क्यों बाहर गए,,बात यहाँ ये है की इतने देर क्यों कर दी और मोबाइल कहाँ रहता है तुम्हारा…!?
कियान जल्दी जल्दी अपने जैकेट की पॉकेट टटोलने लगा..
“ओह्ह…शायद मैं मोबाइल केफे में भूल आया…!?
उफ्फ्फ मुझे याद नहीं,,या फिर शायद रास्ते में कहीं गिर गया होगा…!!
विरांश की नीली आँखे खफा सी दिखनी लगी…
“मतलब की तुम्हे ये भी याद नहीं कि मोबाइल तुम्हारा कहाँ है…!?
पता नहीं तुम्हारा क्या होगा,,बच्चों जैसी हरकते करते हो और तुम्हे लगता है मुझे तुम्हारी फ़िक्र नहीं होगी…जानते हो ना दिन ज़माना कितना खराब है…ऐसे लापरवाही में नहीं रहते….!!
कियान ना में गर्दन हिला गया…
“विरांश मेरा यकीन करो…मैं कभी अपनी चीज़ें नहीं भूलता..बस आज ही गलती हुई है और रास्ते में मुझे कुछ लोग मिल….
विरांश की आँखे हैरानगी में बड़ी होगई…
“कैसे लोग…..कौन लोग थे…!?
कियान आराम से बोला…”कोई बुरे लोग नहीं थे बस कोई अड्रेस पूछ रहे थे पर क्यूंकि मैं खुद यहाँ पर नया हूं तो नहीं बता….__
विरांश उसकी बात काटते हुए बोला..”पागल हो….ऐसे किसी से बात नहीं करते…!?
पता नहीं कौन लोग होंगे,कैसे लोग होंगे…हर किसी की मदद नहीं करते…बहुत सारे ठग भी होते हैँ…!!
कियान ने तेज़ी से कहा..”नहीं…वह लोग मुझे अच्छे लोग लगे..उनकी उम्र मेरे मोम डेड जितनी थी और काफ़ी अच्छे लगे….!!
विरांश चीख कर उसका बाज़ू झंझोड़ कर बोला…”काव्यांश….होश में आओ….यहाँ लोग जैसे दीखते हैँ वैसे नहीं होते….!!
तुम कुछ नहीं जानते,,तुम बहुत मासूम हो..तुम्हे पता है तुम्हे विला में मौजूद ना देख मेरी क्या हालत बन गई थी…
अरे तुम्हे कितना कॉल लगाया पर तुम्हारा मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा था,,मुझे अजीब अजीब ख़्यालात आने लगे…मुझे पहली बार अजीब सा डर सताने लगा..कहीं तुम किसी मुसीबत में ना पड़ जाओ…!!
कियान विरांश के इतने ज़ोर से चिल्लाने पर अंदर ही अंदर कलस कर रह गया…
विरांश ने उसे ज़ोर से सीने से लगा लिया..
“शायद मैं ही ज़्यादा ओवरप्रोटीक्टिव हो रहा हूं पर मैं क्या करू….मेरा दिल मेरे बस में नहीं है…”विरांश ने इतने ज़ोर से कियान को सीने से लगाया की कियान भी काँप कर रह गया…
“सॉरी…!!कियान को शर्मिंदगी हुई और आज अपनी मम्मी की बात याद आई की हमेशा हर बात अपने पार्टनर से शेयर किया करो…
कियान सुबकते हुए कहा..”पर प्लीज मुझसे आइंदा चिल्ला कर ज़ोर आवाज में बात मत करना…मुझे बहुत डर लगता है…!!
विरांश को फौरन ही पछतावा हुआ..
“बेबी…मैं क्या करू…तुम ज़ब नज़र के सामने नहीं रहते तो मेरा कण्ट्रोल खुद से हट जाता है…सारे जज्बात उमड़ने लगते हैँ…”
कियान उसकी सब बातों को समझ रहा था पर उसका कलेजा काँप सा जाता था,,घर पर भी हमेशा उसके डेड उससे ज़ोर आवाज में चीख चिल्ला कर बात करते थे जैसे उसकी कोई इज़्ज़त ना हो..
विरांश कियान को खुद में खोये सिर झुकाये देख परेशान होगया…
तभी पीछे दरवाजे से आवाज आई…
“क्या हम अंदर आ सकते हैँ…!!वही नीली आँखों वाला नौजवान मर्द और उसके पीछे गंभीरता लिए उसका हस्बैंड खड़ा था..
कियान ने जल्दी से मुंडी घुमा कर देखा तो चौंक गया..
“बच्चे तुमने अपना मोबाइल रास्ते में गिरा दिया था..मैंने काफ़ी आवाज लगाई पर तुम तो ऐसा भाग निकले जैसे तुम्हारे पीछे गुंडे पड़े हो..”
विरांश का सारा मूड सत्यानाश हो गया..
“ओह्ह हाँ…मेरा मोबाइल…..!!कियान ने तिरछी नज़रो से विरांश को देखा जो चेहरे पर हाथ रखे ना में गर्दन हिला रहा था…
कियान के करीब झट से आके उस नौजवान मर्द ने उसका हाथ थाम लिया…”वैसे मेरा नाम रिवांश है और ये मेरे हस्बैंड मिराज….जैसे ये हैँ वैसे इनका नाम भी गजब है…!!
कियान को तो कुछ भी समझ नहीं आया की आखिर ये सब क्या हो रहा है…
अचानक ही मिराज की गंभीरता भरी आवाज गुंजी…”अभी किसी की चिल्लाने की आवाज गूंज रही थी…क्या ये बंदा तुमसे चीख चिल्ला कर बात कर रहा था…!?
कियान ने एक नज़र विरांश को देखा जो चिढ़ सा गया था…
“नहीं…मतलब हाँ…वह थोड़ी गलतफह….______
तड़ाख……
कियान बोल ही नहीं पाया की मिराज ने एक ज़ोरदार थप्पड़ विरांश को जड़ दिया…
“यही…बस इसी वजह से कोई तुम्हारे साथ टिकता नहीं है…अपने से कमज़ोर पर ही आवाज उठती है..!!
कियान के तो रोंगटे खड़े होगये…
रिवांश हँसते हुए कहा…”डोंट वरी क्यूटी…ये दोनों बाप बेटे ज़ब भी मिलते हैँ तब ऐसा ही होता है…
और ये बताओ की तुमने मुझसे झूट क्यों बोला की तुम्हे अड्रेस नहीं पता…जबकि तुम यही रहते हो…!!
कियान गड़बड़ा गया..
“में…मैं…मेरे को सचमे कुछ…नहीं पता…मतलब मैं यहाँ नया हूं…!!
“ओह्ह…खेर नाइस टू मिट यु…!!
मैं विरांश की ओमेगा मोम या डेड…तुम्हे जो सही लगे वह कह सकते हो…और ये विरांश के पापा मिराज हैँ…मेरे हस्बैंड...हेंडसम है ना…!!
“ओह…आप….मतलब सॉरी…मुझे पता नहीं था…आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा…”कियान ने झुक कर उनका पैर छुआ…फिर उनके हाथों को चुम कर अपनी आँखों से लगाया..
“अववववव….तुम तो सचमे बहुत ज़्यादा क्यूटी पाई हो…गॉड ब्लेस यु….हमेशा ख़ुश रहो…”रिवांश कियान के गालों को खींचने लगा..
“ज…जी शुक्रिया….मेरे गाल छोड़िए…दर्द कर रहे हैँ…!!
रिवांश को तो उसकी आवाज और गोलू मोलू सा गाल,थोड़े लम्बे बाल और छोटी सी हाईट….वह कोई छोटा सा बच्चा था…
उसके गालों में ढेरो किस्सी दे डाली…
विरांश गुस्से में कियान को अपने तरफ खिंचते हुए बोला…”स्टॉप इट…ये कोई सॉफ्ट टॉय नहीं है…कायु सॉरी टू से पर ये मेरी मोम्मी थोड़ी दिमाग़ से पैदल है..”
मिराज ने नाराज़गी से कहा…”बदतमीज…!!
रिवांश हाथ हिलाता हुआ बोला..”डार्लिग रहने दो…देखो तो सही विरांश कितना ज़्यादा प्यार में डूबा लग रहा है…”
मिराज ने तंज से कहा..”प्यार….हुंह कहीं फिर कोई इसे छोड़ ना जाए…”
विरांश को तो ये बात बिलकुल भी पसंद नहीं आई…
कियान झिझकते हुए बिच में बोल पड़ा..”मुझे माफ़ कीजियेगा लेकिन…ऐसा कुछ नहीं है,,मुझे बिच में तो नहीं बोलना चाहिए पर विरांश से ज़्यादा आज तक मुझे ने किसी ने इतना प्यार नहीं किया,प्लस ये मेरी बहुत चिंता करता है…मैं हमेशा विरांश की छोटी छोटी चीज़ो को नोटिस करता हूं ताकि इसे ख़ुश रख सकूं…मैं नहीं जानता विरांश के पास्ट में क्या कुछ हुआ था पर इसे कभी छोड़कर नहीं जाऊंगा..”
रिवांश ने मुंह पर हाथ रख अपनी नीली आँखों को घुमाया…
वही विरांश कियान की सारी बातें सुन बहुत इमोशनल होगया था…
मिराज ने ठंडी सांस भरी…”अच्छी बात है…वैसे भी मैं तुम्हारी नहीं बल्कि विरांश की बात कर रहा था…वह तुम्हे इतना तंग करेगा की तुम खुद ही उसे छोड़कर भाग जाओगे…ये थोड़ा सनकी है…!!
रिवांश ने हंसी रोक ली…
कियान बस पलकें झपका रहा था…
विरांश का तो बस खून खोल रहा था की कैसे माँ बाप है हमेशा उसकी ही बेइज्जती करते रहते हैँ…उसकी तारीफ करने के बजाए उलटा बुराई कर रहे थे…
To_be_continued…
कियान को रिवांश अपने साथ लिविंग रूम में ले आया था…रिवांश बहुत ज़्यादा बातूनी टाइप था,उसे कियान से बहुत सी बातें करनी थी…
“आप कॉफ़ी पिएंगे…मैं बना लाऊं…!!कियान ने उठते हुए सवाल किया..
रिवांश ने कियान का हाथ पकड़के वापिस से बिठा लिया..
“तुमने…अपना नाम नहीं बताया…!?
कियान सिर झुका कर माफ़ी मांग गया…”ओह…मुझे माफ़ कीजियेगा,,अचानक से आप लोग यूँ आए तो मैं पहले कुछ समझ ही नहीं पाया..खेर मेरा नाम कियान रॉय है और मैं यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था…”
रिवांश बहुत ज़्यादा इम्प्रेस हुआ…”वाह्ह्ह्ह…प्रोफेसर…फिर विरांश से कैसे मुलाक़ात हुई…”
कियान थोड़ा अटक गया क्यूंकि विरांश से उसकी मुलाक़ात अजीब हालातों में हुई थी…
“वह…वह मेरा…असल में एक छोटा सा हादसा हुआ था,मतलब की मेरा हिट साइकिल आगया था तो विरांश ने मेरी मदद की थी…”कियान को पता नहीं क्यों खुद पर शर्म आई…
“सच्ची में…..!!रिवांश जोश में आगया…
“हाययय ये तो कोई फ़िल्मी ड्रामे जैसा होगया…जहाँ एक बंदा नशे की हालत में बेकाबू हो जाता है और तभी होती है मेन हीरो की एंट्री….!!
शर्मिंदा होने वाली कोई बात नहीं है क्यूंकि मैं अच्छे से अपने बेटे को जानता हूं…थोड़ा बहुत ठरकी है लेकिन दिल का बुरा नहीं है इसलिए कई बार दिल तोड़वा बैठा…!!
कियान ने नहीं सोचा था की विरांश के पेरेंट्स इतने ज़्यादा फ्रेंक होंगे..
अगर उसके माँ बाप यहाँ होते तो डेड सीरियस चेहरा बनाये बातें करते…
रिवांश ने कियान के बालों में प्यार से हाथ फेरते हुए कहा..”हीहीही मेरी मुलाक़ात भी मिराज से उलटे सीधे हालातों में हुई थी..!!
मैं नार्मली अपने कॉलेज के फर्स्ट ईयर में था ज़ब मेरी जॉब एक छोटे से कैफे में लग गई थी…वहाँ अक्सर मिराज कॉफ़ी पिने आया करते थे…
बस हमारी वही रोज़ मुलाक़ात होती थी,फिर एक दिन पता चला की हम दोनों सेम ही कॉलेज में है…बस उनका कॉलेज का लास्ट ईयर था और मेरा फर्स्ट….!!
वह बिलकुल किसी से बात नहीं करते थे,बेड टेम्पर,बेड माउथ और हमेशा मारपीट…किसी से कुछ बात ही नहीं कहते थे…वही मैं हमेशा सबसे फ्रेंडली मिलता और बातें करता था जो की मिराज को सख्त नापसंद था..वह मुझे किसी से भी बात करने नहीं देते थे,ज़ब बिजनेस के सिलसिले से बाहर भी गए तो हर वक़्त मेरी जासूसी में लगे रहते थे…उन्हें डर था की मैं कहीं किसी और से सेट ना हो जाऊं या शादी ना कर लूँ…हीहीही वह उस ज़माने में भी इतने पागल थे और आज भी वैसे ही हैँ….
कियान को इंट्रेस्ट आने लगा…”फिर क्या हुआ…!?
रिवांश ने बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ कहा…”फिर क्या…ज़ब मैं इंटरशिप उनके ऑफिस में कर रहा था तो प्रेग्नेंट हो गया…मैं पहले तो बहुत डर गया था क्यूंकि हमारे फेमली हमारे रिश्ते के खिलाफ थे…इसलिए हमने अपना रिश्ता सबसे छुपाये रखा था पर हम दोनों ने किसी की ना सुनी और आगे बढ़ते गए…फिर शादी और विरांश का होना…हमने अपनी छोटी सी दुन्या बसा ली थी,बस हम ख़ुश थे….!!
कियान ने ख़ुशी से बच्चों की तरह तालियां बजाई..
“वाह्ह्ह्हह्ह ये तो बहुत ज़बरदस्त था…सचमे मिराज अंकल तो बहुत वफ़ादार हैँ…”
रिवांश की नीली आँखों में सुकून सा उतरा..”हाँ वह तो है…खेर कियान मेरा विरांश भी बहुत वफ़ादार और समझदार है पर उसे आज तक कोई सही पार्टनर ना मिला…
विरांश के पास्ट के रिलेशन बहुत ज़्यादा टोषिक रहे हैँ,सबने ही उसके सच्चे प्यार का मज़ाक़ बनाया,और एक ने तो अपनी खुदगर्जी में आके उसकी मोहब्बत को ठोकर मार कर विरांश का दिल ही तोड़ डाला..उस सदमे से बड़ी मुश्किल से वह बाहर निकला था…
वह बहुत ज़्यादा प्रोटीक्टिव सा बन जाता है ज़ब वह प्यार करता है…वह अपनी चीज़ो की हिफाज़त करना जानता है और साथ ही थोड़ा पोजेसीव सा हो जाता है…शायद तुम्हारे लिए ये सब अजीब हो पर वह पहले भी धोखा और दर्दनाक हकीकत से गुज़र चूका है इसलिए ऐसा हो गया है…
कियान कभी उसे छोड़कर मत जाना क्यूंकि अगर अब वह टूटेगा तो जुड़ नहीं पायेगा…!!
कियान की आँखे छलक आई…”जी मैं समझ गया…लेकिन वह विरांश ही था ज़ब मुझे मेरे घर से निकाल दिया गया था तो उसने सहारा दिया था तो उसे छोड़कर जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता है…”
रिवांश ने ठंडी सांस भरी…
फिर मन में कहा…”ये बाकियों से बहुत अलग है…बहुत ज़्यादा ही…!!
रिवांश ने कियान के गालों को थपथपाया…
“प्यारा बच्चा…!!
तभी विरांश लिविंग रूम में आया…कियान की आँखे भरी देख वह गुस्से से बोला…”ये…ये रो क्यों रहा है…!?
रिवांश ने बस लापरवाही से कहा…”कुछ खास नहीं…बस मैंने इसे तुम्हारे पुराने आशिकों के बारे में बता दिया की किस तरह तुम हर रिलेशन में सीरियस हो जाते थे और सबसे शादी करने के सपने देखने लगते थे…”
विरांश जल्दी से ना में गर्दन हिला दिया..”कायु…प्लीज…ऐसी कोई बात नहीं है…उस वक़्त मुझे उतनी अक्ल नहीं थी इसलिए…._____
कियान ने गंभीरता से रिवांश को देखा जो हंसी दबाने की नाकाम कोशिश कर रहा था…
रिवांश ने मासूमियत से कियान की तरफ देखते हुए कहा..”वैसे…तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड रहा है क्या….!?
कियान ने साफ लहजे में कहा…”नहीं मेरे घर में ये सब अल्लोव्ड नहीं था..मम्मी मुझे सबकी गंदी नज़रो से बचाये रखती थी और पापा बहुत स्ट्रिक्ट थे...”
“ओह्ह…मतलब की तुम कोरे काग़ज़ जैसे हो..”रिवांश को तो कियान पर ढेर सारा प्यार आया…
“तुम्हारी जैसी प्यारी औलाद हो तो माँ बाप सदके जाएँ…तुम विरांश को छोड़ो और हमारे साथ इंदौर चलो..”
विरांश ने कियान का बाज़ू खींच के उठाते हुए कहा…”ये कहीं नहीं जायेगा..क्यूंकि कायु सिर्फ मेरा है…”
कियान के गाल टमाटर की तरह लाल पड़ गए…
कियान विरांश को दूर करता हुआ भाग खड़ा हुआ क्यूंकि उसे बड़ी शर्म आने लगी थी…
वही पीछे विरांश और रिवांश हँस पड़े..
“कहाँ से ढूंढ लाये इसे….!!
बहुत प्यारा है,संभाल कर रखना…!!
विरांश हाँ में गर्दन हिला गया…
रिवांश उठता हुआ अंगड़ाई लेने लगा..”हम बस यहाँ 2 दिन ही रुकेंगे फिर चलते बनेगें…क्यूंकि तुम्हारी शादीशुदा लाइफ में डिस्टर्ब करना अच्छी बात नहीं है..”
विरांश झिझकता हुआ बोला..”मैंने अभी उससे शादी नहीं की…बस हम दोनों साथ में रह रहे हैँ…”
रिवांश चौंक गया…”क्या….!?
पर तुम दोनों को देख लगा तुम दोनों न्यूली मैरिड कपल हो…
क्या कर रहे हो विरांश…क्या चल रहा है तुम्हारे दिमाग़ में….!?
मिराज पीछे से आता हुआ बोला…”इतना अच्छा ज़ब लड़का मिल रहा है तो अभी तक शादी क्यों नहीं की…!?
तुम्हे पता है ना हमारी ख़ुशी तुम्हारी ख़ुशी में है…और हमें तो कोई प्रॉब्लम भी नहीं है,हम दोनों बस तुम्हे यहाँ चेक करने आए थे क्यूंकि इस बार नहीं चाहते थे की तुम फिर किसी से दिल लगाके पछताओ पर कियान प्यारा बच्चा है…”
विरांश ने दोनों की बातें आराम से सुनी…फिर सर्द लहजे में बोला…”सिर्फ मेरी ख़ुशी…!?
मेरी चाहत…!?
कियान का क्या…!?
वह अब भी मेंटली रेडी नहीं है,मैंने उसे बहुत करीब रहके ऑब्जरवड किया है..वह दिखाता तो है की बहुत ख़ुश है पर अंदर से उसकी रूह सिसकती रहती है…वह डरता है,घबरा जाता है…आज ज़ब मैंने उससे चीख कर बात किया तो वह बहुत सेहम गया,रोने लग गया इसलिए नहीं की उसे मुझसे ये उम्मीद नहीं थी बल्कि इसलिए की उसे बचपन से ऐसी ही ट्रीटमेंट के साथ पाला गया है…उसका ट्रेउमा बहुत खतरनाक है,वह मुझे अपना साथी,अपना हस्बैंड तो मानता है लेकिन हकीकत से दूर भागता है…
आप लोगों को क्या लगता है मैंने उसे कभी शादी के लिए पूछा नहीं होगा…!?
पर उसका जवाब कुछ भी नहीं है,वह डरता है कहीं मैं भी शादी के बाद उसके डेड की तरह ना बन जाऊं इसलिए वह मेरे साथ ऐसे ही रहना चाहता है…हम दोनों एक दूसरे के साथ रहके एक दूसरे को स्पेस दे रहे हैँ…मैं उसे हर तरह से महसूस करवाता हूं की वह सेफ है…और ज़ब तक कियान खुद से मेरी तरफ कदम नहीं बढ़ाता मैं भी उसपे कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नहीं करूंगा,,क्या ये मेरे लिए काफ़ी नहीं की वह मेरे साथ है…”
मिराज और रिवांश दोनों ही गंभीरता भरी ख़ामोशी लिए विरांश को देखने लगे फिर रिवांश घुटने के बल बैठता हुआ उसे सीने से लगा लिया..
“मुझे बहुत ख़ुशी है की मैंने तुम्हे जन्म दिया…ये पहली बार है ज़ब तुम इतनी गहराई से सोच रहे हो…कियान को हमेशा ख़ुश रखना…”
विरांश ने रिवांश के गर्दन में बांहे डाल ली…
मिराज सिर्फ मुस्करा दिया क्यूंकि आज उन्हें एहसास हुआ था की विरांश कितनी जल्दी बड़ा होगया था…
To_be_continued…