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My Psycho Professor

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Author Charu

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न्यूयॉर्क मे पली बडी़ कश्ती एक अमीर मॉर्डन और खुबसूरत लडकी है,जिसके लिए उसकी लाइफ उसके मॉम और डैड है, और वह जॉइंट फैमिली के concept को नही समझती, उसके लिए उसकी आजादी ही सबकुछ है, तो वही दक्ष एक हैंडसम और ऐरोगेंट कॉलेज प्रोफेसर के लिए उसकी फैमिली से ब...

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दक्ष

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कश्ती

Heroine

Total Chapters (5)

Page 1 of 1

  • 1. My Psycho Professor - Chapter 1

    Words: 829

    Estimated Reading Time: 5 min

    नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश

    मंदिर मे हाथ जोडे एक लड़का जिसकी हाइट लगभग 6 फुट ,गोरा रंग तीखी नाक और एक दम दिखने मे हैडसम था और जो मंदिर मे शिव तांडव कर रहा था।

    जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्‌।डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्‌जटाकटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी विलोलवीचिवल्लरी विराजमानमूर्धनि।

    धगद्धगद्धगज्ज्वल ल्ललाटपट्टपावके किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम:धराधरेंद्रनंदिनी विलासबन्धुबन्धुर स्फुरद्दिगंतसंतति प्रमोद मानमानसे।कृपाकटाक्षधोरणी निरुद्धदुर्धरापदि क्वचिद्विगम्बरे मनोविनोदमेतु वस्तुनिजटाभुजंगपिंगल स्फुरत्फणामणिप्रभा कदंबकुंकुमद्रव प्रलिप्तदिग्व धूमुखे।मदांधसिंधु रस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे मनोविनोदद्भुतं बिंभर्तुभूत भर्तरि

    सहस्रलोचन प्रभृत्यशेषलेखशेखर प्रसूनधूलिधोरणी विधूसरां घ्रिपीठभूः।भुजंगराजमालया निबद्धजाटजूटकः श्रियैचिरायजायतां चकोरबंधुशेखरः ..........


    वो लडका शिव जी का ध्यान लगाए ता़डव कर रहा था, मंदिर मे आते जाते सभी लोग उस लडके को देखकर कह रहे थे कि यह शिव जी का बहुत बडा़ भक्त है। पूजा करने के बाद जब वह लड़का बाहर आकर अपनी कार की तरफ जाता है। लड़का मंदिर से बाहर आकर अपनी कार मे बैठकर अपना फोन चैक करता है तो उसमे बहुत सारे मिसकोल थे।


    लड़का परेशान होते हुए कहता है-" कबीर ने इतनी सारी कॉल की है घर मे सब ठीक तो है ना यही सोच वह लड़का कबीर को कॉल करता है।

    तीन चार रिंग के बाद कॉल रिसिव होता है, कबीर परेशान होते हुए कहता है-"हैलो दक्ष भाई आप ठीक हो??


    दक्ष कबीर से कहता है-" हां मै ठीक हूं घर मे सब ठीक है तुम्हारे इतने मिसकॉल थे"??


    हां हां भाई सब ठीक है वो तो आप फोन नही उठा रहे थे इसलिए हम परेशान हो गए। मै मंदिर मे था और फोन गाडी़ मे था और वैसे भी तुम जानते हो आज मे शिव जी मे ध्यान लगाता हू। ओह सॉरी भाई आप घर आइए तब बात करते है। दोनो थोडा बात कर फोन रख देते है।


    अंबानी परिवार का परिचय-दक्ष के दादा जी- सुंदर अंबानी जिनका हीरो का व्यापार है, और एक छोटी सी दुकान से बहुत बडे शर्म का सफर अपनी मेहनत और अपनी पत्नी रूप अंबानी के साथ से हासिल किया है।


    दक्ष की दादी- सुहासी अंबानी एक हाउस वाइफ है और पूरे परिवार को एक मोती की तरह एक माला में सजा कर रखती है जिन्होंने सुंदर अंबानी का हर दुख सुख में साथ दिया है और जिनके साथ और त्याग की वजह से ही आज अंबानी परिवार शहर के इतना बड़ा परिवार है, सुहासी शादी से पहले एक कॉलेज प्रोफेसर थी जो अपने ही कॉलेज में पढाया करती थी लेकिन शादी के बाद उन्होने जॉब छोडकर बोर्ड आॉफ मेंबर बन गई तब से उनका कॉलेज उनके रिश्तेदार संभालते थे लेकिन अब उनके कॉलेज को उनके दोनों पोते दक्ष और कबीर संभालते हैं।


    सुंदर अंबानी और सुहासी अंबानी के दो बेटे हैं जिनमें उनका बड़ा बेटा आदित्य अंबानी है जो उनका कारोबार ही संभालता है,और अपने पिता की ही तरह सच्चाई और मेहनत से बिजनेस संभालता है। और उनकी पत्नी अदिति अंबानी जो की एक हाउसवाइफ है ।

    आदित्य अंबानी और अदिति अंबानी के दो बच्चे हैं जिनमें उनका बड़ा बेटा कबीर अंबानी जो की उनका बिजनेस और साथ-साथ कॉलेज के मैनेजमेंट को भी संभालता है।और उनकी एक बेटी है जिसका नाम कुहू है वह अभी 12th क्लास के एग्जाम दी है।

    सुंदर अंबानी के दूसरे बेटे शुभ अंबानी है ,जो अपना सपना पूरा करके करके एक कॉरपोरेट कंपनी खोले हैं और उसी कंपनी को संभालते हैं जो कंपनी शहर ही नहीं देश की भी सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। शुभ की पत्नी का नाम शगुन अंबानी है , जो की एक कुशल ग्रहणी है और उनका एक एक ही सपना है अपने परिवार को एक साथ जुड़े रखने का।

    शुभ और शगुन का एक ही बेटा है जिसका नाम दक्ष अंबानी है, जो अपने ही कॉलेज मे एक कॉलेज प्रोफेसर होने के साथ-साथ कॉलेज का बोर्ड कॉफी मेंबर भी है।

    वहीं दूसरी तरफ बिरला परिवारकिरन बिरला - जिनका मसालों का व्यापार है, और उनका बडा़ बेटा दीपक बिरला और बहु ज्योति बिरला उनके फैमिली बिजनेस को संभालती है। दीपक और ज्योति के दो बच्चे है कशिश बिरला और मिहिर बिरलाकशिश बिरला एक सुंदर, कुशल, सुशील लडकी है जो कभी अपना कॉलेज कम्पलीट की है और अब कॉलेज प्रोफेसर बनना चाहती है। मिहिर बिरला एक हैंडसम लडका है, जो कभी BBA final year का स्टूडेंट है, और पढाई मे बहुत होशियार है।


    किरन बिरला के दूसरे बेटे रोहन बिरला है जो न्यूयॉर्क मे अपनी पत्नी राधा और बेटी कश्ती के साथ रहते है।

    रोहन बिरला न्यूयॉर्क के टॉप बिजनेस मेन मे से एक है, जिनका बिजनेस लगभग हर देश मे फैला हुआ है, और उनकी पत्नी राधा बिल उनके साथ उनके बिजनेस में उनका हाथ बटाती है।

    रोहन बिरला की एक ही बेटी है जिसका नाम कश्ती बिल्ला है जो अभी 12th के पेपर दी है और सिर्फ 18 साल की है।

    बिरला परी देहरादून ही नही देश के सबसे अमिर परिवारो मे से एक है, और अपनी एकता के लिए जाना जाता है। लेकिन क्या होगा जब मॉर्डन फैमिली की न्यूयॉर्क मे पली-पढी कश्ती यहां आएगी।?

    आज के चैप्टर में हमने बिरला और अंबानी परिवार दोनों का ही इंट्रोडक्शन दे दिया है अब हम कल से कहानी की शुरुआत करेंगे।

  • 2. My Psycho Professor - Chapter 2

    Words: 955

    Estimated Reading Time: 6 min

    सुबह की पहली किरण जब एक लड़की के चेहरे पर पड़ती है तो एक लड़की अंगड़ाई लेते हुए उठती है वह दिखने में बहुत खूबसूरत थी चेहरा दूध के जैसा गोरा चेहरे पर जो स्माइल थी वह सभी को मुस्कुराने पर मजबूर कर दे आंखों में इतनी गहराई जैसे जाने कितने राज दफन हो यह लड़की और कोई नहीं कस्ती थी जो घड़ी में टाइम देखते हुए एकदम से बेड में बैठकर कहती है।

    ओह माय गॉड.... 10 बज रहे है आज फिर अलार्म की वजह से मुझे जल्दी उठना पडा़ सोचा था आफटर एग्जामस आराम से सोकर उठूंगी बट नही बेस्टी के होते ऐसे कहा पोसिबल, जरूर उन्होने ही मेरे रूम मे जल्दी उठने का अलार्म लगाया होगा।


    कस्ती जल्दी से बैड से उठकर फ्रेश होने चली जाती है और नहा धोकर स्लीवलेस टॉप और ब्लू सोर्टस पहने सिढियो से उतरकर डाइनिंग टेबल मे आते हुए अपने पापा को हग करते हुए गाल मे किस करके गुड मोर्निग डैड कहती है।

    "गुड मोर्निंग माय प्रिंसेज उठ गई आप बट आज फिर लेट।!"

    डैड यहां न्यूयॉर्क मे मै ही एक हूं जोकि छुट्टियो मे भी जल्दी उठती है मेरे फ्रेंडस तो नाइट आऊट पार्टीज करते है इंजाॉय करते है और सुबह सोते है।"


    बेटा आइ नो देट बट डांट फोरगेट यू आर अ इंडियन गर्ल एंड इंडियन गर्लस ऐसे नाइट आऊट पार्टीज करके रात भर घर से बाहर नही रहती।" रोहन बिरला बोले जोकि कस्ती के डैड है।

    कस्ती अपने आप मे बडबडाती है-" हो गया मेरे डैड का मेरा भारत देश महान, जल्दी उठो,पूजा करो,एंड ओल..."
    रोहन कस्ती को आंख दिखाते हुए कहते है-" प्रिंसेज मै सब सुन रहा हूं।"

    कस्ती सकपका के रोहन से बात बदलते हुए कहती है- डैड I need to talk to you about something?

    रोहन अब नाश्ता करते हुए कहते है- हां बोलो??

    कस्ती हिचकिचाते हुए रोहन से कहती है- डैड.. वो डैड ... एक्चुयली......

    रोहन कस्ती की ओर देखकर कहते है-"लिसिन कस्ती अगर तुम चाहती हो,मै तुम्हे तुम्हारे उन आवारा दोस्तो के साथ लेट नाइट पार्टी मे जाना अलाउड करू सो देटस नोट पोसिबल फिर चाहे तुम अपनी बेस्टी को परमिशन लेने को बोलो" ।

    कस्ती -"नो डैड ऐसी बात नही एक्चुयली मै कहना चाहती हूं Can we go to India??"

    रोहन खाना बीच मे रोककर हैरानी से कस्ती की ओर देखकर कहते है-"what??? Say it again???"


    कस्ती -" डैड क्या हम इंडिया चले कुछ दिनो के लिए वैसे भी मेरी छुट्टिया है।"

    रोहन खुश होते हुए कस्ती को कहते है-" रियली बेटा तुम इंडिया जाना चाहती हो?? "हां डैड मैं इंडिया जाना चाहती हू"!

    रोहन को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की कश्ती इंडिया जाने के लिए तैयार हो गई है क्योंकि वह जानता था कश्ती को इंडिया जाना बिलकुल पसंद नहीं था। रोहन एक बार फिर से कश्ती से कंफर्म करते हुए कहता है बेटा तुम सच में इंडिया जाना चाहती होकस्ती अब इरिटेड होते हुए-" हां डैड मै इंडिया जाना चाहती हूं"।

    रोहन खुश हो जाते है। डैड ज्यादा खुश मत हो मैं इंडिया बसने नहीं जा रही हूं , बस कुछ दिन के लिए घूमने जाना चाहती हूं क्योंकि मेरी कशिश दी से बात हुई है और वह बता रही थी की दादी की तबीयत आजकल ठीक नहीं रहती और आप तो जानते हैं पिछले कुछ सालों से दादी को डॉक्टर ने ट्रैवल के लिए मना किया है इसलिए वह यहां नहीं आए इसलिए मैं बस उनसे मिलने के लिए कुछ दिन के लिए इंडिया जाना चाहती हूं और वैसे भी कशिश दी की शादी भी तो है अगले महिने तो हम शादी भी एंजॉय कर लेंगे।

    रोहन कश्ती से कहते हैं बेटा मैं जानता हूं तुम्हारी दादी की तबीयत ठीक नहीं है लेकिन मैं तुम्हें इसीलिए नहीं बताया क्योंकि तुम उनके लिए परेशान होती और इंडिया तो तुम जाना नहीं चाहती थी इसलिए मैंने सोचा रहने देते हैं वैसे भी मन ठीक है, पर बेटा आर यू स्योर तुम इंडिया जाना चाहती हो?

    " हां डैड मे जाना चाहती हूं, आप तो जानते है मै दादी से एक साल से नही मिली सिर्फ वीडियो कोल मे बात हुई और अब वो इतनी दूर आ नही सकती तो हम चलते है वैसे भी मेरे एग्जाम्स हो गए और कॉलेज एडमिसन मे अभी टाइम है कुछ दिन वहां रहकर आते है।"


    " ओके कस्ती हम चलते है इंडिया।"


    दोनो साथ मे ब्रेकफास्ट करते है और फिर कस्ती रूम मे चली जाती है।


    रोहन परेशान होते हुए। कहता है-" कस्ती इंडिया जाने के लिए तो रेडी है पर इंडिया जाकर उसकी पुरानी कडवी यादे ताजा ना हो जाए, वह फिर से सदमे मे ना चली जाए"???

    तभी राधा बाहर से आते हुए कहती है-" क्या हुआ मन को और उनकी तबीयत को?


    रोहन कहते है-मां की तबियत थोडा खराब हो गई थी ,आज कशिश ने फोन पर बताया तो कस्ती मां से मिलने इंडिया जाना चाहती है"।

    आप क्या कह रहे है मां की तबियत खराब है पर हमे तो पता नही और ना ही किसी ने भी नही बताया।"


    रोहन राधा को शांत कराते हुए कहता है-" मां ठीक है बस बीपी बढ गया था, मुझे भाई साहब और भाभी ने बता दिया था लेकिन मैं तुम दोनों को इसलिए नहीं बताया क्योंकि तुम दोनों खान का परेशान होते मां आप पहले से बेहतर है।


    राधा अब शांत होकर फिर खुश होते हुए कहती है-" पर इन सब मे एक बात अच्छी हुई कि कस्ती इंडिया जाना चाहती है वो भी इतने सालो बाद।"


    रोहन परेशानी के भाव लिए कुछ सोचने लगते है।राधा रोहन से कहते हैं मैं जानती हूं आप क्या सोच रहे हैं लेकिन आप चिंता मत कीजिए हम मिलकर कश्ती को संभाल लेंगे। वही दूसरी तरफ जब इंडिया मे पूरे बिरला परिवार को कश्ती और उसके पापा के आने की खबर मिलती है तो सभी खुशी से झूम उठते हैं।

  • 3. My Psycho Professor - Chapter 3

    Words: 802

    Estimated Reading Time: 5 min

    DASB College

    दक्ष क्लास मे लेक्चर ले रहा था, और क्लासरूम मे लडकिया बाते कर रही थी। सभी की नजर लेक्चर में न होकर दक्ष खरीद की हुई थी।
    एक लडकी जिसकानआम दिया था बोली "ओह माय गॉड ये कितने हॉट है"??
    दूसरी लडकी सेम बोली" राइट ही इज सो हैंडसम"।
    पाखी बोली तुम लोग चुप रहो सर ने सुन लिया तो तुम दोनो की खैर नही।
    हल्के शोर शराबे से सामने बोर्ड मे पढा रहे प्रोफेसर पीछे मुडकर देखकर कहते है-" हे यू स्टेड्अप!
    लड़किया डर जाती है और खडी़ हो जाती है।गेट आऊट...जी... लड़कियो ने साथ मे कहा।I sad get out from my class.
    लडकिया डर के क्लास से बाहर चली जाती है और सामने बोर्ड मे खडा प्रोफेसर पढाने लगता है।
    दिया यार ये दक्ष सर कितने अकडू है??

    पाखी मुस्कराते हुए कहती है-"तुम्हे पहले ही कहा था कि चुप हो जाओ, सभी स्टुडेंटस ऐसे ही उन्हे डेविल प्रोफेसर नही कहते"।
    अभी सब लड़कियां आपस में बात कर ही रही होती है कि तभी दक्ष क्लास में लेक्चर लेने के बाद बाहर आता है।

    क्लास से बाहर आकर दक्ष देखता है तो तीनो लडकिया क्लास के बाहर ही खडी़ है ।दक्ष एक नजर उन दोनों को देखने के बाद वहां से जाने लगता है तभी,पाखी दक्ष को आवाज देते हुए कहती है-" सर वि आर सॉरी हमे क्लास मे बाते नही करनी चाहिए थी।"

    दक्ष के जाते हुए कदम रुक जाते हैं और वहां मुड़कर उनकी और खडा़ होकर देख कहता है-" इटस ओके।क्लास मे पढा़ई मे फोकस करना चाहिए ना कि बातो मे, नेक्स्ट टाइम ऐसा हुआ तो डायरेक्ट तुम्हारे पेरेंट्स को बुलाया जाएगा

    दक्ष ऐसा कहकर तेजी से वहां से निकल जाता है और पीछे खडी़ पाखी,दिया और सेम उसे जाते देख हैरान रह जाती है।

    " यार सर कितने ऐरोगेंड है"। दिया ने कहा, सभी मुंह बना लेते है।

    पाखी मुस्करा कर कहती है-"अब इतना हॉट प्रोफेसर हो तो पढाई मे किसका मन लगेगा।"

    तभी क्लास से बाहर आता हुआ शिवम हंसते हुए कहता है-" गर्लस अपने दिल की धडकनो को संभालो, सर गए।"

    सब शिवम को मारते है और पाखी कहती है-"शिवम स्टुपिड तुम ज्यादा नही बोल रहे हो, जब तुम्हे किसी पर क्रश होगा तब बताऊंगी मै"।सब ऐसे ही मस्ती करते हुए कैंटीन मे चले जाते है।

    दक्ष स्टाफ रूम मे जाकर बैठता है तो सभी टीचरस उसको देखती रह जाती है।

    दक्ष की स्मार्टनेस देख सब उस पर फिदा हो जाते थे पर दक्ष इतना ऐरोगेंड और एटिटूयड मे रहता था कि किसी की उससे फालतू बात करने की हिम्मत नही होती थी।

    चेयर मे बैठते हुए दक्ष कहता है-"और भई शिवम कैसे हो, और लंदन से कब आए??

    शिवम मुस्कराकर कहता है-" बस यार कल ही आया"! दक्ष कहता है-" अभी तुम घर में अंकल आंटी से मिलकर आए"।

    नहीं यार मैं मॉम डैड से नहीं मिला तुम तो जानते हो कि वह मुझे हमेशा कल बकरे की तरह देखते हैं उन्हें मैं पसंद ही नहीं हूं तो उनसे मिलकर क्या ही करूंगा। दक्ष शिवम को समझाते हुए कहता है-" यार अंकल का कहना गलत नही है तुम अंकल के एकलौते बेटे हो और अपना इतना बडा़ फैमिली बिजनेस छोड़कर तुम ये प्रोफेसर की जॉब कर रहे हो, तो नाराज तो होंगे ही"

    शिवम मुंह बनाते हुए दक्ष को कहता है-" लुक मुझे कौन समझा रहा है जो खुद अपना इतना बडा़ फैमिली बिजनेस मे एक छोटी सी प्रोफेसर की जॉब कर रहे हो।"

    दक्ष शिवम को लुकस देते हुए कहता है-" मेरी बात और है , मेरी फैमिली मे किसी को कोई परेशानी नही है"।

    शिवम मुस्कराकर कहता है-" जानता हूं यार पर तुझे तो पता है हमने कॉलेज टाइम मे ही डिसाइड किया था कि हम इसे ही अपना प्रोफेशन बनाएंगे इसलिए तो हम दोनो यहां तुम्हारे कॉलेज मे प्रोफेसर है और जैसमिन भी USA की सबसे बडी़ युनिवर्सटी मे प्रोफेसर है। बोलते बोलते शिवम चुप हो जाता है और अब उसे एहसास होता है कि उसने क्या कह दिया।

    शिवम बात बदलते हुए कहता है-" अरे छोड़ ये सब बाते ये बता कि आजकल कबीर कहा है हमारे साथ हैग आउट पर नही जाता बस कॉलेज मे मिलता है।"

    दक्ष मुस्कराते हुए कहता है-" अब वो हमसे क्यो मिलेगा?? अब वो अपनी मंगेतर कशिश के साथ बिजी रहता है।"

    शिवम हंसते हुए कहता है-" हां यार सही है उसका भी गर्लफ्रेंड बना ली उसको मंगेतर भी बना ली और अब बीवी भी बन जाएगी उसने तेरा भी वेट नही किया, ये नही कि पहले बडे़ भाई की शादी हो जाए??"

    दक्ष शिवम के पंच मारते हुए कहता है-" तू भी ना. पहली बात तो वो मुझसे सिर्फ 6month ही छोटा है और दूसरी बात मै शादी नही करना चाहता तो वो मेरा वेट क्यो करेगा, कबीर तो शादी के लिए तैयार नही था अभी पर मेरे कसम देने पर ही वो रेडी हो गया और फैमिली भी मान गई।"

  • 4. My Psycho Professor - Chapter 4

    Words: 1010

    Estimated Reading Time: 7 min

    शिवम सिरियस होते हुए दक्ष को कहता है-" यार तू कब तक ऐसे ही रहेगा, कभी ना कभी तो शादी करनी ही है, और कही ऐसा तो नही कि तू अभी भी उसका वेट कर रहा है"??

    दक्ष गुस्से से कहता है-" तू पागल ह है क्या?? तेरा दिमाग खराब है क्या मै किसी का वेट नही कर रहा शादी न करना मेरा खुद का डिसीजन है।"

    शिवम कुछ सोचते हुए मन मे कहता है-" दक्ष मै जानता हूं तू अभी भी अपने अतीत मे उलझा हुआ है बट आइ प्रे टू गॉड कि तेरी लाइफ मे भी प्यार आए और तू पहले वाला दक्ष बन जाए।"

    दक्ष शिवम के कंधे मे हाथ रखते हुए कहता है-" क्या हुआ किस सोच मे खो गया"??

    कुछ नही कुछ भी तो नही!"

    और फिर दोनो कुछ देर बात करके अपनी अपनी क्लास अटेंड करने चले गए

    न्यॉयर्क कश्ती का घर

    रोहन इंडिया फोन करके अपनी मां से उनकी तबियत पूछते है तो उसे रिलेक्स करते हुए कहती है मै ठीक हूं।

    किरन कहती है-"पर मैने सुना है कि तुम और कश्ती इंडिया आ रहे है"??

    रोहन गंभीर स्वर मे कहते है-" मां सिर्फ मै और कश्ती नही हमारे साथ राधा भी आ रही है इंडिया"!

    किरन गुस्से मे से कहती है-" क्या कहा तुमने?? वो औरत हमारे घर मे कदम भी नही रखेगी।"

    रोहन किरन को समझाते हुए कहता है-" मां आप अब तो राधा को अपना लिजिए इतने साल हो ग ए है उस बात को, आपको पता है कश्ती से वो कितना प्यार करती है, कश्ती को मां की कमी न हो इसलिए उसने कभी अपने बच्चे नही होने दिये।"

    किरन अपनी बात मे अडिग रहते हुए कहती है-"तुम कुछ भी कह लो उसकी रगो मे भी वही खून है जिसमे सिर्फ धोखा है!"

    रोहन किरन को लाख समझाता है पर वह मानने के लिए तैयार नही थी पर इस बार उसने सोच लिया था कि वो राधा को भी अपने साथ इंडिया ले जाएगा ।

    इसलिए वो अपना लास्ट हथियार कश्ती को इस्तेमाल करते हुए कहता है-" मां देखिए कश्ती राधा के बिना इंडिया नही आएगी और अगर इंडिया आकर कश्ती को पास्ट की बातो से कोई परेशानी हुई तो सिर्फ राधा ही उसे हैंडल कर सकती है और अगर आप नही चाहती कि राधा आए तो ठीक है मै अकेला ही आ जाता हूं"।

    किरन कुछ कहती उससे पहले मिहिर अंदर आते हुए कहता है-"दादी काशिश दी के ससुराल वाले आ गए।"

    दादी को फोन मे बाते करते देख मिहिर चुप हो जाता है तो किरन उसे जाने का इशारा करती है।

    रोहन फोन मे सब सुन चुका था, वह सवालिया नजरो से कहता है-" मां काशिश के ससुराल वाले आए है"??

    किरन जी गंभीर स्वर मे कहती है-"हां वो लोग आए है।

    थोडा रूककर किरन कहती है-" रोहन तुम उस औरत को भी अपने साथ ले आओ वैसे भी तुम सगाई मे नही थे तो वो लोग तुम्हारे बारे मे पूछ रहे थे उस समय तो हमने बहाना बना दिया पर अब नही बना पाएंगे।"

    रोहन खुश होते हुए कहता है-" ठीक है मां हम कल ही इंडिया आ रहे है।"इतना कहकर रोहन फोन रख देता है।

    और किरन गुस्से मे कहती है-" एक बार फिर हम अपने बच्चो की खुशी के लिए झुक रहे है। पर उस औरत को हम बिल्कुल माफ नही करेंगे। और किरन हॉल मे चली जाती है।

    रोहन खुश होते हुए राधा और कश्ती को बुलाते है।

    कश्ती ने कहा -"क्या हुआ डैड आपने बुलाया"??

    रोहन मुस्कराकर कहता है-" हां बेटा हम कल रात की फ्लाइट से इंडिया जा रहे है पैकिंग कर लो।"

    कश्ती खुश होते हुए रियली डैड आइ एम सो हैपपी ओके बाय मै पैकिंग करती हूं। कश्ती वहां से चली जाती है।

    राधा उदास होते हुए रोहन से कहती है-" रोहन मै आपकी पैकिंग कर देती हूं।"

    रोहन राधा का हाथ पकड़ते हुए कहती है-" सिर्फ मेरी नही अपनी भी"।

    राधा हैरानी से रोहन की ओर देखकर कहती है-"सच..... मां मान गई।"

    रोहन हां मे सिर हिलाता है।

    राधा एक बार फिर पूछते हुए कहती है-" आप मजाक तो नही कर रहे है ना सच मे मांजी मान ग ई"??

    रोहन मुस्कराकर कहता है-" तुम्हारी कसम मां मान गई"!

    राधा खुश होकर रोहन को गले लगाते हुए कहती है-"ओह रोहन आज मै बहुत खुश हूं, मै क्या करू समझ नही आ रहा" ।

    रोहन राधा को खुश देख मुस्करा रहा था और राधा बोले जा रही थी। तीनो इंडिया आने की तैयारी करने लगते है।

    दूसरी तरफ इंडिया मे बिरला हाऊस मे कशिश के ससुराल वाले किरण का वेट कर रहे थे तभी किरण मुस्कुराते हुए हाल में आकर सुहासी को हाथ जोड़कर नमस्ते करते हुए कहती है नमस्कार समधन जी आई बैठिए ना।

    सुहासी और सुंदर अंबानी कशिश के होने वाले दादा ससुर और दादी सास थे, जो शादी से संबंधित डिसकस के लिए वहां आए थे।

    सुहासी की किरण से कहती है -" आप जानती है शादी की डेट पंडित जी ने अगले महीने की 16 तारिख की निकाली है।

    लेकिन हम चाहते थे की शादी में आपके न्यूयॉर्क वाले बेटा और उनकी फैमिली भी आ जाते तो अच्छा होता आप तो जानते हैं की रिश्तेदार कैसे-कैसे बातें बनाते हैं और लोगों का हम मुंह बंद नहीं कर सकते हम इसी विषय में आपसे बात करने आए थे"!

    सुंदर जी बात को संभालते हुए कहते हैं ," "किरण जी हम जानते हैं कि आपका परिवार का मामला है और आपके बेटे अपना बिजनेस वहीं पर संभालते हैं लेकिन अगर घर की शादी में ही आपके बड़े बेटे नहीं आएंगे तो लोग तरह-तरह की बातें करेंगे और हम नहीं चाहते की शादी का माहौल किसी भी तरह से खराब हो"।

    किरन के चेहरे मे अब चिंता के भाव आ गए, और वह सोचने लगी, " आखिर हमने पहले ये क्यो नही सोचा? की अपना पारिवारिक मतभेद बाहर नही दिखाने चाहिए"!

    पर किरण परेशान थी कि इतने सालों में कभी उनका बेटा और पोती इंडिया नहीं आए , तो क्या कशिश की शादी में आयेंगे?

    वही दूसरी तरफ किरन के चेहरे के भाव देखकर सब परेशान हो गए। और उन्हें लगा कि शायद किरण उनकी बात नहीं मानेगी।

  • 5. My Psycho Professor - Chapter 5

    Words: 749

    Estimated Reading Time: 5 min

    किरन के चेहरे मे परेशानी के भाव देख सुंदर जी कहते है, " अगर कुछ वजह है तो हम जबरदस्ती नही करेंगे आपसे"!
    दीपक किरण को खोया देख कंधे मे हाथ रख कहता है, " मां आप कहां खो गई"!

    किरन दीपक की आवाज से ख्यालो से बाहर आकर कहती है, " जी..
    सुंदर जी कहते है, " आपको जैसा सही लगे वैसा कीजिए, हमारा मकसद आपको परेशान करना नही था"!

    किरण मुस्कुरा कर कहती है ," अरे भाई साहब ऐसी बात नही है, भाई साहब बहन जी आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए मैंने अपने बेटे रोहन से बात कर ली है वह लोग कल ही इंडिया आ रहे हैं शादी के लिए इसलिए आप बेफिक्र रही है शादी में वह लोग भी मौजूद रहेंगे।

    किरण की बात सुनकर सुंदर और सुहासी रिलैक्स हो जाते हैं तभी वहां पर कशिश चाय लेकर आती है और सुंदर और सुहासी के पैर छूकर उनका चाय देती है।

    सुहासी मुस्कुरा कर कशिश से कहती है बेटा अब तो हम रोज कुछ दिनों बाद आपके ही हाथ की चाय पियेंगे तैयार है ना आप हमारे घर में आने के लिए।

    कशिश शरमा कर हां मे सिर झुका लेती है।

    सुहासी जी कहती है, " हम कह रहे है समधन जी आपने बहुत अच्छे संस्कार दिए है अपनी बच्ची को वरना आजकल के बच्चे तो मॉर्डन कहलाने के नाम पर बत्तमीज और बेशर्म हो गए है, लेकिन कशिश बहुत सुलझी हुई प्यारी बच्ची है, और हमने अपने बच्चो को भी यही संस्कार दिए है"!

    सुहासी बोली, " हां सही कहां आपने, और आपके बच्चो को भी हमने देखा है, हम खुशकिस्मत है की हमे दामाद के रूप मे कबीर बेटा मिले"!

    सुहासी बोली, " बस अब जल्दी से शादी हो जाए, और अपनी बहु को अपने घर ले जाए, फिर अगले साल अपने पर पोता पोती खिलाएंगे"!
    सुहासी की बात सुनकर काशिश शर्मा कर वहां से चले जाती हैं।

    काशिश को शर माता देख सब मुस्कराने लगते है।

    कुछ देर सुहासी और सुंदर जी किरण और दीपक ज्योति से बात कर कर अंबानी हाउस के लिए निकल जाते हैं।

    बिरला और अंबानी दोनो ही परिवार मे कशिश और कबीर की शादी की तैयारी हो रही थी।

    लो यहां तो अंबानीज और बिरला पहले ही रिश्तेदार बनने वाले हैं और अब तो कश्ती भी इंडिया आ रही है अब दक्ष और कश्ती का सामना होने वाला है क्या होने वाला है ?

    अगले दिन

    कश्ती रोहन और राधा के साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर जैसे ही पहुंचती है, एक अजीब सी बेचैनी उसके मन में होने लगती है आज पूरे 10 साल बाद वह इंडिया वापस आई थी फिर खुद को समेंटे हुई कश्ती राधा और रोहन के पास जाती है और मुस्कराकर अपने डैड के पास जाकर कहती है-"डैड लगेज आ गया चले घर"!

    रोहन मुस्कराकर कहते है-"कश्ती हम रूडकी से होते हुए देहरादून जाएंगे, एक बार हम देहरादून चले गए तो वहां से रूड़की आना नही होगा, राधा अपने मायके भी नही गई है पिछले दस साल से"!

    कश्ती गुस्से मे कहती है-"डैड मै नही जाऊंगी रूडकी"!

    रोहन कश्ती को समझाते हुए कहते है-"देखो काशु बेटा राधा का तो सोचो , उसने हमारे लिए इंडिया छोडा़ ,अपना परिवार छोडा, और हम एक बार देहरादून गए तो वहां से रूडकी नही आ पाएंगे!"

    राधा मुस्कराते हुए कहती है-"रोहन रहने दीजिए हम रूडकी नही जाएंगे।"

    राधा कश्ती के गालो मे हाथ रखते हुए कहती है-"हम देहरादून चलते है काशु"!

    कश्ती को राधा के लिए बुरा लगता है इसलिए वो राधा के गले लगते हुए कहती है-"सॉरी बैस्टी मै कभी आपके बारे मे नही सोचती , हमारी वजह से आप न्यूयॉर्क मे इतनी दूर रहती है अपने अपनो से , और अब इंडिया आई है तो मेरी वजह से उनसे न मिल पाए मै ऐसे होने नही दूंगी"!

    कश्ती रोहन की ओर जाते हुए कहती है-"डैड आप मॉम के साथ रूडकी जाइए, मै देहरादून चली जाती हूं"!

    रोहन कश्ती को मना करते हुए कहते है-"नही कश्ती तुम अकेले नही जाओगी, हम भी साथ चलते है और वैसे भी तुम अकेले जाओगी तो मां को पता चल जाएगा हम रूडकी गए है"!

    काशु रोहन को समझाते हुए कहती है-"डैड डांट वरी मै कैब बुक कर लूंगी एंड आप दादी की टेंशन मत लो मै उन्हे कहूंगी कि आपकी दिल्ली मे एक मिटिंग थी इसलिए आप मिटिंग करके आएंगे'!

    कश्ती भी मना करती है लेकिन कश्ती अपनी कसम देकर उन्हे मना लेती है।

    रोहन कश्ती के लिए एक कैब बुक करते है और कश्ती को देहरादून भेज देते है और खुद कैब करके रूडकी के लिए निकल जाते है।