Novel Cover Image

Diwangi Tere Ishq ki

User Avatar

🌹deepika07(⁠✷कविता05✷⁠)🌹

Comments

0

Views

5

Ratings

0

Read Now

Description

ये कहानी है अनंत सिंह राणा की , उसकी जुनूनी मोहब्बत की , उसकी दीवानगी की , अनंत जो की एक दिल फेक इंसान है और रोज एक नई लड़की के साथ अय्याशी करना उसका काम है एक दिन उसकी मुलाकात मीरा भार्गव से होती है जो की बेहद खूबसूरत और मासूम थी मासूम सी मीरा से उ...

Total Chapters (3)

Page 1 of 1

  • 1. Diwangi Tere Ishq ki - Chapter 1

    Words: 742

    Estimated Reading Time: 5 min

    (मध्य प्रदेश) राइजिंग मून होटल

    वो हल्की सी सर्दियों की शुरुआत भरी रात थी , चारों तरफ गहरा अंधेरा छाया हुआ था ... आसमान में तारे टिमटिमा रहे थे , हल्की ठंड के कोहरे ने रात को अपने आगोश में ले रखा था मानो वो उसे ठंड से बचना चाहता हो , वहीं दूसरी तरफ पैराडाइज होटल के एक कमरे का माहौल कुछ ज्यादा ही गर्म था , उस कमरे से दो लोगों की तेज चलती हुई सांसों की आवाज आ रही थी , वो आवाज कुछ इस तरह की कामुक थी , की कोई भी उन्हें सुनते ही समझ जाए की अंदर क्या चल रहा है , और सच भी यही था उस कमरे के अंदर एक लड़का और लड़की चादर में लिपटे हुए थे , और दोनो ही एक दुसरे के करीब थे।

    तभी अचानक टेबल पर रखा उस लड़के का फोन बज उठा , उसने जैसे ही स्क्रीन पर जाने पहचाने नंबर को देखा तो उसने फोन उठा लिया और वो अपनी गहरी आवाज में बोला !" जी दाऊ साहब कहिए आपने इतनी रात गए मुझे फोन किया , कोई बड़ी बात है क्या .. (मन में शंका लाते हुए) कोई परेशानी  है क्या जो वो जानता था उसके दाऊ साहब उसे इतनी रात गए परेशान नहीं करेंगे आखिर उनकी जान था वो  , तो उधर से कुछ कहा गया , जिससे उस लड़के की आंखें ठंडी पड़ गई और वो अपनी गहरी और मौत सी ठंडी आवाज में बोला !" आप बेफिक्र रहिए दाउद साहब मैं अभी इस मामले को हैंडल करता हूं , इतना कहकर उसने अपना फोन कट कर दिया और बिस्तर से उठ गया , वो अपने कपड़े पहनने लगा , तो वो लड़की उससे बोली!" क्या बात है इस वक्त कहां जा रहे हो तुम?

    तो उस लड़के ने अपनी ठंडी आंखों से उस लड़की की तरफ देखा , उसे उस लड़की का इस तरह खुद से सवाल करना पसंद नहीं आया था , उसने अपनी पॉकेट से एक नोटों की गड्ड़ी निकाली और उसे उस लड़की की तरफ उसके मुंह पर फेंक दिया और उससे बोला!" ये रही तुम्हारी कीमत एंड इट्स ओवर , दोबारा मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना और हां आगे से मुझसे सवाल करने की या मुझसे मिलने की हिम्मत मत करना समझी तुम , वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा , इतना कहकर जाने लगा कि तभी वो लड़की जो पहले उसकी बात सुनकर एक पल के लिए थोड़ी घबरा गई थी , पर उसे जाते देख उसे अच्छा नहीं लगा और वो हिम्मत करते हुए उससे बोली!" लेकिन तुम मुझे ऐसे छोड़ कर नहीं जा सकते , मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं ।

    वही उस लड़की की बात सुनकर उस लड़के की आंखें ठंडी पड़ गई और वो उस लड़की की तरफ पलटते हुए हल्की सी मुस्कुराहट से उसकी तरफ देखते हुए बोला !" प्यार करती हो मुझसे ?

    तो उस लड़की ने मुस्कुरा कर जल्दी से हां मैं सर हिला दिया , उसे लगा कि वो लड़का अब उसकी बातों में आ रहा है , वही वो लड़का उसके थोड़ा करीब आया और अपने हाथ से उसके चेहरे को गालों से पकड़ते हुए बोला!" अगर मुझसे प्यार करती हो , तो फिर सुमित और रोहन कौन है , क्या रिश्ता है तुम्हारा उनके साथ ?
    उसकी बात सुनकर उस लड़की का चेहरा सफेद पड़ गया ... ये देख वो लड़का मुस्कुरा दिया और उससे बोला!" क्या हुआ इतना घबरा क्यों गई , क्या लगा तुम्हे क्या मुझे पता नहीं चलेगा कि तुम मेरे साथ-साथ ऑलरेडी दो लोगों को चीट कर रही हो , और फिर भी मेरे सामने ये प्यार का नाटक , ये जानते हुए भी कि मैं कौन हूं फिर भी इतनी हिम्मत है तुममें कि मुझे धोखा दे सको तुम ?

    वो लड़की घबराहट भरे चेहरे से उसे देखने लगी , तो वो प्यार से उसके गाल को दबाते हुए बोला !" बेबी मैं आग हूं मुझसे खेलने की कोशिश मत करना , वरना जल जाओगी समझी तुम, इसीलिए अब अगर अपनी भलाई चाहती हो और चाहती हो कि तुम्हारा सच तुम्हारे लवी , डबी रोहन और सुमित को पता ना चले , तो चुपचाप से दफा हो जाओ यहां से और आगे कभी मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना , क्योंकि मुझे तुम्हारी जैसी लड़कियों में कोई इंटरेस्ट नहीं जो हर रोज एक नए लड़के के साथ अपनी रातें रंगीन करती है , इतना कहकर वो उस कमरे से बाहर निकाल कर चला गया , वही वो लड़की गुस्से से उसे घूरती रही।

  • 2. Diwangi Tere Ishq ki - Chapter 2

    Words: 890

    Estimated Reading Time: 6 min

    थोड़ी देर बाद लेक का पानी कल कल बहता हुआ पानी अपनी लहरों के मधुर संगीत से माहौल को खुशनुमा बना रहा था , वही उस के पास ही लेक की रेत पर खडी जीप के बोनट पर वही लड़का लेटा हुआ था , जो कुछ वक्त पहले उस लड़की के साथ था , उसने अपने एक हाथ को मोड कर अपनी आंखों पर रखा हुआ था , वही वो अपने दूसरे हाथ से धीरे-धीरे कश भरते हुए सिगरेट पी रहा था , उसकी सिगरेट का धुआं हवा में कोहरे की तरह घुल रहा था , वो शख्स देखने में बेहद अट्रैक्टिव था और उसकी उम्र से वो 26 से 27 साल का लग रहा था , चांद की रोशनी मैं उसका गठीला बदन और भी आकर्षक लग रहा था , उसने इस वक्त एक ब्लैक कलर की शर्ट पहन रखी थी और नीचे ब्लू कलर की जींस उसकी शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले होने के कारण उसका चौड़ा सीना भी साफ दिखाई पड़ रहा था।

    तभी उसके कानों में किसी के चिल्लाने की आवाज आने लगी ... तो उसने एकदम से अपनी आंखों पर से हाथ उठाया , जिससे उसकी गहरी काली आंखें चांद की रोशनी में चमक उठी ... वो उठकर अपनी गाड़ी के बोनट पर बैठ गया और एक सिगरेट का एक लंबा कश लिया फिर उसे फेंक दिया , उसके सिगरेट फैकते ही एक आदमी सीधा आकर उसके पैरों में गिरा और उस आदमी के पीछे कुछ लोग भी आकर खड़े हो गए जिससे वो आदमी वहां से भाग ना पाए , वो आदमी जमीन पर गिरे हुए ही सामने गाड़ी के बोनट पर बैठे हुए शख्स को अपनी डर भरी नजरों से देखने लगा , वही वो शख्स उसे देखते हुए मुस्कुरा दिया और अपनी गाड़ी के बोनस से उतरकर उसके सामने खड़ा हो गया और फिर अपने घुटनों के बल उस आदमी के सामने बैठते हुए मुस्कुरा कर अपनी सख्त आवाज में उससे बोला !" कैसे हो राजेश आज इतने दिनों बाद तुमसे मिलकर बड़ा अच्छा लगा , मेरे दिल को एक सुकून सा मिला है (फिर अपने चेहरे पर परेशानी लाते हुए) पर ये क्या तुम्हारी ये हालात कैसे , किसने किया तुम्हारा ये हाल ,!

    तो राजेश डरते हुए अपने हाथ उसके सामने जोड़कर रोते हुए उससे बोला!" प्लीज अनंत प्लीज माफ कर दो मुझे , मैं जल्दी ही तुम्हारे ताऊ जी के सारे पैसे और तुम्हारा माल लौटा दूंगा , बस तुम मुझे छोड़ दो मुझे एक मौका दो मैं वादा करता हूं इस बार मैं तुम्हारे साथ कोई धोखा नहीं करूंगा प्लीज।

    किसी को माफ करना या उसे एक मौका देकर छोड़ देना ये शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं है राजेश , इसीलिए अपने अंजाम का अंदाजा तुम्हें मुझे धोखा देने से पहले ही सोच लेना चाहिए था ,, क्योंकि 'ठाकुर अनंत सिंह राणा' से जो धोखा करता है , उसे बदले में सिर्फ और सिर्फ मौत ही मिलती है , कहते हुए उसने बिना किसी भाव के अपनी पॉकेट से अपनी लोडेड गन को निकाला और सीधा उसे राजेश के सर पर तानते हुए फायर कर दिया, जिससे एक क्षण बाद ही राजेश का शरीर बेजान होकर जमीन पर लुढ़क गया।

    वही अनंत राजेश के शरीर को बिना किसी भाव के देखते हुए उठकर खड़ा हुआ और फिर अपने खास आदमी राजीव की तरफ देखा , तो राजीव ने उसे देखकर अपना सर हां में हिला दिया और अपने आदमियों को इशारा किया , जिस पर उसके आदमियों ने राजेश की बॉडी को उठाकर तेजी से लेक के पानी में फेंक दिया , जिससे राजेश की बॉडी लेक के पानी में गायब हो गई , ये देख अनंत वापस से अपनी गाड़ी के बोनस से टिककर खड़ा हो गया और दूसरी सिगरेट जलाकर उसके कश लेते हुए सामने लेक में उठती लहरों को देखने लगा , कुछ पर शांति के बाद वो अपनी गहरी आवाज में राजीव की तरफ देखते हुए अपनी कोल्ड वॉइस में बोला !" इसके परिवार वालों का क्या हुआ?

    तो राजीव भी उसके बगल में खड़ा होते हुए अपनी सिगरेट को लाइटर से जलाते हुए उससे बोला!" उन सबको यहां से बाहर भेज दिया है कुछ दिनों के लिए , जब वो वापस आएंगे , तो इसकी प्रॉपर्टी का आधा हिस्सा उन्हें दे देंगे ,
    तो अनंत फिर से अपनी गहरी आवाज में उसकी तरफ देखते हुए बोला !" हम्म इस आदमी की गलती की वजह से इसके परिवार वालों को कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए ,
    इतना कहकर वापस से सामने देखने लगा .... वही राजीव भी कुछ पल खामोश रहा और फिर कुछ पल बाद वो अनंत की तरफ देखते हुए उससे बोला!" तुम्हारे लिए अंकल का फोन आया था , उन्होंने बुलाया है तुम्हें ! कुछ जरूरी बात करनी है तुमसे , इसीलिए अभी जाओगे या फिर सुबह।

    तो अनंत ने उसकी तरफ देखा और फिर अपनी सिगरेट का आखिरी कश लेते हुए उसे जमीन पर फेंक कर पैरों से रोंंदते हुए राजीव की तरफ देखकर बोला !" ताऊ जी ने बुलाया है तो फिर अभी जाऊंगा उनकी बात को सुबह तक कैसे टाल सकता हूं मैं , कह कर वो जाकर सीधा अपनी गाड़ी में ड्राइविंग सीट पर बैठ गया , तो राजीव ने मुस्कुराकर अपना कर हिलाया और फिर वो भी उसके बगल में पैसेंजर सीट पर जाकर बैठ गया , उनके आदमी भी उनके पीछे वाली जीप में बैठ गए और सभी गाड़ियां वहां से चल पड़ी।

  • 3. Diwangi Tere Ishq ki - Chapter 3

    Words: 610

    Estimated Reading Time: 4 min

    थोड़ी देर बाद ही अनंत की गाड़ी एक बड़ी सी हवेली के सामने रुकी , बाहर खड़े गार्ड ने जल्दी से हवेली का गेट खोल दिया , जिससे गाड़ी अंदर जा सके , पर अनंत अंदर ना जाकर वही गाड़ी से उतरा , तो उसकी नज़रें नेम प्लेट पर गई जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में रामराजा शांति भवन लिखा हुआ था , लेकिन उस पर लगी धूल मिट्टी को देख उसका पारा हाई हो गया , उसने आगे बढ़ाकर उस गार्ड को एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया और गुस्से में उसकी कॉलर पकड़कर उस पर चिल्लाते हुए बोला !'' ऐसे काम करते हो तुम लोग इस तरह अपनी ड्यूटी निभाते हो , नेम प्लेट पर कितनी धूल जमी हुई है पर तुमने इसे साफ तक नहीं किया , ये जानते हुए भी की ये नेम प्लेट सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि हमारे घर की आन बान है हमारी शान है और तु इसे ही गंदा रख रहा है , किस बात की तनख्वाह लेता है तु हां हमारे घर क्या मुफ्त की रोटियां तोड़ने आया है जो एक काम भी तुझसे ठीक से नहीं होता , जल्दी से साफ कर इसे वरना जान से मार दूंगा तुझे।
    तो गार्ड ने डरते हुए हां मैं सर हिलाया और उसके सामने हाथ जोड़ते हुए माफी मांगते हुए उससे बोला !''मुझे माफ कर दो छोटे सरकार मैं सुबह से ही यहां नहीं था मेरी जगह दूसरा गार्ड आज नौकरी पर था , जब आया तो अपनी ड्यूटी करने लगा इस वजह से मेरा ध्यान नेम प्लेट पर गया ही नहीं, मुझे एक मौका दे दो सरकारआगे से ऐसी गलती नहीं होगी , मैं अभी इसे साफ किया देता हूं ।

    अनंत गुस्से में फिर उसे कुछ कहने को हुआ , कि तभी पीछे से राजीव आगे आया और उसके कंधे पर हाथ रख उसे शांत करते हुए उससे बोला !''रहने दे ना अनंत , जाने दे जो हुआ सो हुआ , वो बोल रहा है ना आगे से ऐसी गलती नहीं करेगा , तो छोड़ दे उसे वैसे भी इस वक्त हमारा ताऊ जी से मिलना ज्यादा जरूरी है , देखे तो सही उन्होंने इतनी रात को तुझे क्यों बुलाया , क्या पता कोई परेशानी हो , तो ऐसे में यहां वक्त बर्बाद करने से अच्छा है हम उनके पास चले।

    उसकी बात सुनकर अनंत गहरी सांस लेकर खुद को शांत करने की कोशिश करने लगा , गुस्सा करने की वजह से उसकी सांस तेज हो गई थी , पर उसे राजीव की बात भी सही लगी , इसीलिए वो गार्ड को घूरते हुए अंदर की तरफ बढ़ गया। राजीव भी उस गार्ड को रिलैक्स होने का कहकर अनंत के पीछे चला गया , वही उसके और अनंत जाने के बाद गार्ड अपने हाथ जोड़ते हुए ऊपर की तरफ देखकर बोला!'' हे महादेव छोटे सरकार का गुस्सा तो आपके रुद्र अवतार के जैसा है , काश उनकी जिंदगी में भी कोई ऐसा आए जो उनके गुस्से को पल भर में शांत कर दे , उनके दिल में प्यार भर दे जैसे मां पार्वती ने किया था।

    अनंत हवेली के अंदर आया , तो उसकी नजर सामने सोफे पर बैठे अपने ताऊजी पर पड़ी , जो किसी गहरी सोच में डूबे हुए थे , ये देख अनंत उनके पास चला आया और फिर झुक कर उनके पांवों को छूते हुए उनसे बोला!'' प्रणाम ताऊजी कहिए क्या हुआ आपने इस वक्त मुझे बुलाया कोई जरूरी बात है क्या और इतने परेशान क्यों दिख रहे हैं आप ?

    बताओ की गहरी सांस लेकर उससे बोल बात ही कुछ परेशानी वाली है मेरे शेर तो फिर मैं शांत कैसे रह सकता हूं तुम्हें भी मैंने इसीलिए बुलाया है ताकि तुम इस परेशानी का हाल पास हो