प्रकाशन ब्रह्माण्ड में स्थित अरबों आकाशगंगाओं में तैरते असंख्य ग्रहों में से एक ग्रह है पृथ्वी। पृथ्वी-जीवन से परिपूर्ण और रहस्यों से भरपूर। पृथ्वी की सबसे श्रेष्ठतम रचना है मानव। मानव जिसके पास है एक अतिविकसित मस्तिष्क। यही मस्तिष्क इसे पृथ्वी... प्रकाशन ब्रह्माण्ड में स्थित अरबों आकाशगंगाओं में तैरते असंख्य ग्रहों में से एक ग्रह है पृथ्वी। पृथ्वी-जीवन से परिपूर्ण और रहस्यों से भरपूर। पृथ्वी की सबसे श्रेष्ठतम रचना है मानव। मानव जिसके पास है एक अतिविकसित मस्तिष्क। यही मस्तिष्क इसे पृथ्वी पर रहने वाले करोड़ों जीवों से श्रेष्ठ बनाता है। इसी विकसित मस्तिष्क के कारण आज वह हर पल विकास के नये आयामों को स्पर्श कर रहा है। विज्ञान मन्थर गति से धीरे धीरे अपने कदम बढ़ा रहा है। विकास की नयी आधारशिला तैयार हो रही है। वह मानव जो कभी पेड़ों और गुफाओं में रहता था, आज अपने अतिविकसित मस्तिष्क के कारण अंतरिक्ष में निकलकर, अन्य ग्रहों की तरफ जीवनरूपी पदचिन्हों को तलाश रहा है। प्रक्षेपास्त्र, लेजर व परमाणु बम बनाने वाले हाथ अब मानव क्लोनिंग कर, अंतरिक्ष में स्पेस सिटी बनाने का सपना देख, ईश्वरीय शक्ति को भी चुनौती प्रदान करने लगा है। उसका मानना है कि अब वो पहले से अधिक विकसित है। परन्तु क्या यह सत्य है? इसका उत्तर तो सिर्फ अतीत की काली चादर में लिपटा कहीं गहराइयों में दफन है। वह रहस्य, सागर की अथाह गहराइयों में भी हो सकता है, या फिर अंतरिक्ष में फैली करोड़ों आकाशगंगाओं की अनंत गहराइयों में भी। रहस्य-एक ऐसा शब्द, जिसमें सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड जगत का सार छिपा हुआ है। आज भी मानव निरंतर रहस्यों की खोज के पीछे भाग रहा है, फिर चाहे वह सपनों का रहस्य हो, या फिर पुनर्जन्म का। यह सभी रहस्य मानव को अपनी ओर आकर्षित करते रहें हैं। कालचक्र- जिसे हम समयचक्र भी कहते हैं, समय समय पर चेतावनी स्वरूप, विकास की अन्धी दौड़ में भाग रहे मानव को कुछ ऐसे प्रमाण दिखा देता है, जो आज भी मानव मस्तिष्क से परे है। मानव लाख कोशिशों के बाद भी जब उस रहस्य को समझने में नाकामयाब हो जाता है, तो वह उसे पराविज्ञान का नाम देकर अनसुलझे रहस्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देता है और उससे दूर हट जाता है। बारामूडा त्रिकोण इसका जीता जागता उदाहरण है। मिस्र में खड़े विशालकाय पिरामिड, ईस्टर द्वीप की दैत्याकार मूर्तियां, ओल्मेक सभ्यता, इंका सभ्यता, माया सभ्यता, तियुतीहुआकान व अटलांटिस द्वीप के मिले कुछ ध्वंशावशेष, नाज्का सभ्यता के रेखाचित्र और ना जाने कितने ऐसे प्रमाण हैं, जो आज भी अतीत के मानव अतिविकसित होने की कहानी कह रहें हैं। अब सवाल यह उठता है कि यदि अतीत का मानव इतना ही विकसित था, तो उसके नष्ट होने का कारण क्या था? कहीं उसके नष्ट होने का कारण उसका प्रकृति से खिलवाड़, या उसका अतिविकसित होना ही तो नहीं था? क्या विकास की ही अंतिम सीढ़ी विनाश है? यदि ऐसा ही है, तो क्या हम एक बार पुनः विनाश की ओर अपने कदम बढ़ा रहें हैं? इन सभी सवालों का उत्तर जानने के लिए हमें एक बार फिर से अतीत में जाना पड़ेगा। लेकिन क्या अतीत में जाना सम्भव है? क्या हम जिस टाइम मशीन की कल्पना इतने वर्षों से कर रहें हैं, वह सम्भव है? यदि नहीं, तो फिर कैसे इन रहस्यों से पर्दा उठ सकता है? आइये बैठकर विचार करते हैं। लेकिन विचार तो कोरी कल्पना मात्र होगी। तो फिर क्या करें? तो फिर आइये क्यों न इस कहानी को ही पढ़ा जाए, शायद हमारे सवालों का जवाब इस कहानी में ही कहीं मिल जाए ....। ...
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प्रकाशन
ब्रह्माण्ड में स्थित अरबों आकाशगंगाओं में तैरते असंख्य ग्रहों में से एक ग्रह है पृथ्वी। पृथ्वी—जीवन से परिपूर्ण और रहस्यों से भरपूर। पृथ्वी की सबसे श्रेष्ठतम रचना है मानव। मानव, जिसके पास है एक अतिविकसित मस्तिष्क। यही मस्तिष्क इसे पृथ्वी पर रहने वाले करोड़ों जीवों से श्रेष्ठ बनाता है। इसी विकसित मस्तिष्क के कारण आज वह हर पल विकास के नए आयामों को स्पर्श कर रहा था।
विज्ञान मंद गति से धीरे-धीरे अपने कदम बढ़ा रहा था। विकास की नई आधारशिला तैयार हो रही थी। वह मानव जो कभी पेड़ों और गुफाओं में रहता था, आज अपने अतिविकसित मस्तिष्क के कारण अंतरिक्ष में निकलकर, अन्य ग्रहों की तरफ जीवनरूपी पदचिन्हों को तलाश रहा था। प्रक्षेपास्त्र, लेजर व परमाणु बम बनाने वाले हाथ अब मानव क्लोनिंग कर, अंतरिक्ष में स्पेस सिटी बनाने का सपना देख, ईश्वरीय शक्ति को भी चुनौती प्रदान करने लगा था। उसका मानना था कि अब वह पहले से अधिक विकसित है। परन्तु क्या यह सत्य था? इसका उत्तर तो सिर्फ अतीत की काली चादर में लिपटा कहीं गहराइयों में दफन था। वह रहस्य, सागर की अथाह गहराइयों में भी हो सकता था, या फिर अंतरिक्ष में फैली करोड़ों आकाशगंगाओं की अनंत गहराइयों में भी।
रहस्य—एक ऐसा शब्द, जिसमें सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड जगत का सार छिपा हुआ था। आज भी मानव निरंतर रहस्यों की खोज के पीछे भाग रहा था, फिर चाहे वह सपनों का रहस्य हो, या फिर पुनर्जन्म का। ये सभी रहस्य मानव को अपनी ओर आकर्षित करते रहे थे।
कालचक्र—जिसे हम समयचक्र भी कहते हैं, समय-समय पर चेतावनी स्वरूप, विकास की अंधी दौड़ में भाग रहे मानव को कुछ ऐसे प्रमाण दिखा देता था, जो आज भी मानव मस्तिष्क से परे थे। मानव लाख कोशिशों के बाद भी जब उस रहस्य को समझने में नाकामयाब हो जाता था, तो वह उसे पराविज्ञान का नाम देकर अनसुलझे रहस्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देता था और उससे दूर हट जाता था। बरमूडा त्रिकोण इसका जीता जागता उदाहरण है। मिस्र में खड़े विशालकाय पिरामिड, ईस्टर द्वीप की दैत्याकार मूर्तियाँ, ओल्मेक सभ्यता, इंका सभ्यता, माया सभ्यता, तियुतीहुआकान व अटलांटिस द्वीप के मिले कुछ ध्वंशावशेष, नाज़का सभ्यता के रेखाचित्र और ना जाने कितने ऐसे प्रमाण हैं, जो आज भी अतीत के मानव के अतिविकसित होने की कहानी कह रहे थे। अब सवाल यह उठता था कि यदि अतीत का मानव इतना ही विकसित था, तो उसके नष्ट होने
का कारण क्या था? कहीं उसके नष्ट होने का कारण उसका प्रकृति से खिलवाड़, या उसका अतिविकसित होना ही तो नहीं था? क्या विकास की ही अंतिम सीढ़ी विनाश है? यदि ऐसा ही था, तो क्या हम एक बार पुनः विनाश की ओर अपने कदम बढ़ा रहे थे? इन सभी सवालों का उत्तर जानने के लिए हमें एक बार फिर से अतीत में जाना पड़ता था। लेकिन क्या अतीत में जाना सम्भव था? क्या हम जिस टाइम मशीन की कल्पना इतने वर्षों से कर रहे थे, वह सम्भव थी? यदि नहीं, तो फिर कैसे इन रहस्यों से पर्दा उठ सकता था? आइए बैठकर विचार करते हैं। लेकिन विचार तो कोरी कल्पना मात्र होते थे। तो फिर क्या करें? तो फिर आइए क्यों न इस कहानी को ही पढ़ा जाए, शायद हमारे सवालों का जवाब इस कहानी में ही कहीं मिल जाए….
शैफाली के सपने
माइकल ने दरवाजे से प्रवेश करते हुए अपनी पत्नी मारधा से कहा, "पैकिंग पूरी हुई कि नहीं? याद है ना कल ही हमें शिप से सिडनी जाना है।"
मारधा ने पहले अपनी सो रही बेटी शैफाली पर एक नज़र डाली और फिर मुँह पर उंगली रखकर, माइकल से चीरे बोलने का इशारा किया। "शैफाली अभी-अभी सोई है, जरा धीरे बोलिए।"
माइकल, मारधा का इशारा समझ गया। इस बार उसकी आवाज धीमी थी। "मैं तुमसे पैकिंग के बारे में पूछ रहा था।"
"अधिकतर पैकिंग हो चुकी है। बस शैफाली और ब्रूनों का ही कुछ सामान बचा हुआ है।" मारधा ने धीमी आवाज में माइकल को जवाब दिया।
उधर ब्रूनों, माइकल की आवाज सुन, पूँछ हिलाता हुआ माइकल के पास आकर बैठ गया।
माइकल ने ब्रूनों के सिर पर हाथ फेरा और फिर मारधा से मुखातिब हुआ। "ये तो अलबर्ट सर ने ब्रूनों के लिए 'सन राइजिंग' पर व्यवस्था करवा दी, नहीं तो उस शिप पर जानवर को ले जाना मना है और ब्रूनों को छोड़कर शैफाली कभी नहीं जाती।"
"जाना भी नहीं चाहिए।" मारधा ने मुस्कुराकर ब्रूनों की तरफ देखते हुए कहा, "शैफाली खुद भी छोटी थी, जब आप ब्रूनों को लाए थे। देखते ही देखते शैफाली से कितना घुल-मिल गया है। इसके साथ रहते हुए तो शैफाली को अपने अंधेपन का भी एहसास नहीं होता।"
ब्रूनों फिर खुशी से पूँछ हिलाने लगा। मानो उसे सब समझ आ गया हो।
"अलबर्ट सर, कॉलेज में मेरे प्रोफेसर थे। मैं उनका सबसे फेवरेट स्टूडेंट था।" माइकल ने पुनः बोलना शुरू किया, "जैसे ही मुझे पता चला कि वो भी न्यूयॉर्क से सिडनी जा रहे हैं, तो मैं अपने आप को रोक न पाया। इसीलिए मैं भी उनके साथ इसी शिप से जाना चाहता हूँ।"
"मगर ये सफ़र 65 दिनों का है।" मारधा ने थोड़ा चिंतित स्वर में कहा, "क्या दो महीने तक हम लोग इस सफ़र में बोर नहीं हो जाएँगे?"
"अरे, यही तो ख़ास बात होती है शिप की! दो महीने तक सभी झंझटों से दूर। कितना मज़ा आएगा!" माइकल ने उत्साहित होकर कहा, "और ये भी तो सोचो, कि अलबर्ट सर को भी टाइम मिल जाएगा, शैफाली के साथ रहने का। वो ज़रूर इसकी परेशानियों को दूर करेंगे।"
इससे पहले कि मारधा कुछ और कह पाती, ब्रूनों की "कूँ-कूँ" की आवाज ने उनका ध्यान भंग किया।
ब्रूनों, सो रही शैफाली के पास खड़ा था और शैफाली को बहुत ध्यान से देख रहा था।
दोनों की ही नज़र अब शैफाली पर थी। जो बिस्तर पर सोते हुए कुछ अजीब सी करवट बदल रही थी। साथ ही साथ वह कुछ बड़बड़ा रही थी।
माइकल और मारधा तेज़ी से शैफाली की ओर भागे।
मारधा ने शैफाली को हिलाना शुरू कर दिया। पर वह बिल्कुल बेसुध थी।
शैफाली अभी भी नींद में बड़बड़ा रही थी। पर अब वो आवाजें, माइकल व मारधा को साफ़ सुनाई दे रही थीं: "अंधेरा... लहरें... रोशनी... फायर... लाम... कीड़े... द्वीप..."
मारधा, शैफाली की बड़बड़ाहट सुनकर अब बहुत घबरा गई थी। उसने तेज़ी से शैफाली को हिलाना शुरू कर दिया।
अचानक शैफाली झटके से उठ गई।
"क्या हुआ मॉम? आप मुझे क्यों हिला रही हैं?" शैफाली ने अपनी नीली-नीली आँखें चमकाते हुए कहा।
"तुम शायद फिर से सपना देख रही थी।" माइकल ने व्यग्र स्वर में कहा।
"आप ठीक कह रहे हैं डैड। मैं कुछ देख तो रही थी, पर मुझे कुछ ठीक से याद नहीं आ रहा।" शैफाली ने कहा।
"कोई बात नहीं बेटी, आप सो जाओ।" मारधा ने गहरी साँस लेते हुए कहा, "परेशान होने की ज़रूरत नहीं है।"
शैफाली दोबारा से लेट गई।
माइकल व मारधा अब शैफाली से दूर हट गए थे।
"ये कैसे संभव है मारधा?" माइकल ने दबी आवाज में कहा, "शैफाली तो जन्म से अंधी है, फिर इसे सपने कैसे आ सकते हैं? हर महीने ये ऐसे ही सपने देखकर बड़बड़ाती है।"
"आप परेशान मत हो माइकल।" मारधा ने गहरी साँस लेते हुए कहा, "माना कि जन्म से अंधे व्यक्ति सपने नहीं देख सकते, पर हमारी शैफाली भी कहाँ नॉर्मल है। देखते नहीं हो वह मात्र 12 साल की उम्र में अंधी होकर भी, अपने सारे काम स्वयं करती है और अजीब-अजीब सी पहेलियाँ बनाकर हल करती रहती है। शैफाली दूसरों से अलग है। बस..."
माइकल ने भी गहरी साँस छोड़ी और उठते हुए बोला, "चलो अच्छा, तुम बाकी की पैकिंग करो, मैं भी मार्केट से कुछ ज़रूरी सामान लेकर आता हूँ।"
आकर्षण
'सन राइजिंग' न्यूयार्क के बंदरगाह को छोड़कर मंद गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था। बंदरगाह छोड़ने के लगभग पाँच घंटे बीत चुके थे। दिसंबर का ठंडा महीना था और सूर्य अपनी चमकती किरणें बिखेरता हुआ, आसमान से सागर की लहरों पर अठखेलियाँ करता हुआ, अपनी परछाई को देखकर प्रसन्न हो रहा था।
मौसम ठंडा होने के कारण सूर्य की गुनगुनी धूप सबको अच्छी लग रही थी।
'सन राइजिंग' के डेक पर कई यात्री जमा थे। कोई डेक पर टहलकर गुनगुनी धूप का आनंद ले रहा था, तो कोई अपने खूबसूरत सफ़र और शानदार जहाज के बारे में बातें कर रहा था।
सब अपने-अपने काम में मशगूल थे। परंतु ऐलेक्स, जो एक खंभे से टेक लगाए खड़ा था, बहुत देर से दूर स्लीपिंग चेयर पर लेटी एक इटैलियन लड़की को देख रहा था।
वह लड़की दुनिया की नज़रों से बेखबर, बेफिक्री से लेटी हुई, सुनहरी धूप का आनंद लेते हुए, एक किताब पढ़ रही थी।
ऐलेक्स की निगाहें बार-बार उस लड़की पर और उसकी किताब पर पड़ रही थीं। दोनों के बीच की दूरी कम होने के कारण उसे किताब का नाम साफ़ दिखाई दे रहा था।
किताब का नाम 'वर्ल्ड फेमस बैंक रॉबरी' था। उसे समझ नहीं आया कि उसे यह नाम क्यों अटपटा सा लगा।
उस लड़की को देखते हुए उसे कितना समय बीत चुका था, पर उसकी नज़रें हटने का नाम नहीं ले रही थीं।
तभी एक आवाज़ ने उसका ध्यान भंग किया।
"हाय क्रिस्टी!" एक दूसरी लड़की अपना हाथ हिलाते हुए उस इटैलियन लड़की की ओर बढ़ी, जिसका नाम निश्चित ही क्रिस्टी था। "व्हाट ए सरप्राइज! तुम इस तरह से यहाँ शिप पर मिलोगी, ये तो मैंने कभी सोचा भी नहीं था।"
"ओऽऽऽ हाय लरिना!" क्रिस्टी ने हैरानी से किताब को नज़रों से हटाते हुए, लॉरेन पर नज़र डालते हुए, खुशी से उत्तर दिया। "तुम यहाँ शिप पर कैसे? अच्छा ये बताओ, कॉलेज से निकलकर तुमने क्या-क्या किया? इतने साल तक तुम कहाँ थीं? और..."
"बस-बस...!" लॉरेन ने क्रिस्टी का मुँह अपनी हथेली से बंद करते हुए कहा। "अब सारी बातें एक साथ पूछ डालोगी क्या? चलो चलते हैं, कॉफी पीते हैं। फिर आराम से एक-दूसरे से सारी बातें पूछेंगे।"
"तुम ठीक कहती हो। हमें कहीं बैठकर आराम से बात करनी चाहिए। और वैसे भी तुम मुझसे लगभग तीन साल बाद मिल रही हो। मुझे भी तो पता चले इन बीते हुए सालों में तुमने क्या-क्या किया?"
यह कहकर क्रिस्टी लगभग खींचती हुई लॉरेन को रेस्टोरेंट की ओर ले गई।
ऐलेक्स, जो अब तक दोनों सहेलियों की बातें ध्यान से सुन रहा था, उसकी निगाहें अब सिर्फ़ उस किताब पर थीं, जो वहाँ छूट गई थी।
वह धीरे-धीरे उस स्थान पर पहुँचा जहाँ वह किताब रखी हुई थी।
उसने अपनी नज़रें इधर-उधर घुमाईं। जब उसे विश्वास हो गया कि किसी की नज़रें उस पर नहीं हैं, तो उसने धीरे से झुककर किताब उठा ली।
वहीं खड़े-खड़े ऐलेक्स ने किताब का पहला पृष्ठ खोला। जिस पर अंग्रेजी में बहुत ही खूबसूरत लिखावट में 'क्रिस्टीना जॉस' लिखा था।
ऐलेक्स ने चुपचाप किताब बंद की और धीरे-धीरे वहाँ से चला गया।
लेकिन जाते-जाते वह अपने होंठों पर बुदबुदाया- "क्रिस्टी!"...?
कॉलेज की यादें
"अरे यार," क्रिस्टी ने हल्के से अपने माथे पर चपत लगाते हुए कहा, "हम इतनी देर से आपस में बातें कर रहे हैं। पर मैंने तुमसे अभी तक यह नहीं पूछा कि तुम्हारे उस ब्वॉयफ्रेंड का क्या हुआ? जो कॉलेज में तुमको चुपके-चुपके लेटर लिखा करता था।"
"छोड़ो यार," लॉरेन ने थोड़ा दुखी स्वर में कहा, "तुमने भी क्या याद दिला दिया?"
"क्या हुआ? वो तुझे छोड़कर भाग गया क्या?" क्रिस्टी ने मजाकिया अंदाज में बोला।
"भाग कर कहां जाएगा?" लॉरेन ने गहरी सांस भरते हुए जवाब दिया, "है तो अभी भी मेरे साथ, और वो भी इसी शिप पर।"
"इसी शिप पर?" क्रिस्टी ने हवा में हाथ नचाते हुए शायराना अंदाज में कहा, "अरे वाह! और ये तू सबसे बाद में बता रही है। अच्छा छोड़ो ये बता, तू उससे मुझे कब मिलवा रही है।"
"क्या खाक मिलवा रही हूं।" लॉरेन की आवाज में अभी भी दुख भरा था, "उसने इस शिप पर, मुझसे तक से तो मिलने से मना कर रखा है, फिर तुझे उससे कैसे मिलवाऊं?"
"ये क्या बात हुई?" क्रिस्टी ने चहककर कहा, "अरे वो तेरा ब्वॉयफ्रेंड है, या कोई जासूस! जो वह तुझसे भी नहीं मिलना चाहता।"
"वह कह रहा था कि उसके कुछ दुश्मन भी इसी शिप पर हैं, जो कहीं मुझे उससे मिलते देखकर मेरे पीछे ना पड़ जाएं।" लॉरेन ने कहा, "इसलिए उसने शिप पर मुझसे मिलने से मना कर रखा है।"
"अच्छा मिलवाना छोड़ो। उसकी कोई फोटो तो मुझे दिखा सकती हो। आखिर में भी तो देखें, कौन है वह सूरमा जो मेरी सहेली के रातों की नींद उड़ाए है।" क्रिस्टी ने लॉरेन के चेहरे के पास, हवा में हाथ हिलाते हुए कुछ मजाकिया अंदाज में कहा।
"हां फोटो तो दिखा सकती हूं।" लॉरेन ने स्वीकृति से सिर हिलाते हुए कहा, "मगर एक शर्त है, तुम और किसी से कुछ नहीं बताओगी।"
"अरे यार, मेरा इस शिप पर और कोई जानने वाला है ही नहीं। फिर भला मैं किसे बताऊंगी। लेकिन अगर तू नहीं मानती है, तो ले..... मैं प्रॉमिस करती हूं," क्रिस्टी ने बाकायदा चुटकी से गला पकड़ते हुए प्रॉमिस करने वाले अंदाज में कहा, "कि किसी से भी नहीं बताऊंगी।"
"फिर ठीक है। मैं तुम्हें कल उसकी फोटो जरूर दिखाऊंगी।" लॉरेन ने हामी भरते हुए कहा।
"अच्छा ये बता कि तेरे उन दोनों शौक का क्या हुआ?" क्रिस्टी ने एक के बाद तुरंत दूसरे सवाल का गोला दागा, "आज भी नयी-नयी भाषाएं सीख रही है या नहीं?"
"मैं जिंदगी में सब कुछ भूल जाऊं, पर अपने शौक को नहीं भूलती।" लॉरेन ने पूर्ण आत्मविश्वास भरे लहजे में कहा, "भाषाएं तो मैं आज भी सीख रही हूं। बल्कि यह कहा जाए, कि अब मुझे कुछ भाषाओं, जैसे फ्रेंच, उर्दू आदि में तो महारत हासिल हो गई है। बाकी रही बात दूसरा शौक डांस करने की। तो मैं आज भी वह कर रही हूं। बल्कि उसी की वजह से तो मैं आज इस शिप पर हूं।"
"मैं कुछ समझी नहीं।" क्रिस्टी ने ना समझने वाले भाव से लॉरेन की तरफ देखते हुए कहा।
"दरअसल कॉलेज से निकलने के बाद मैंने अपने इस शौक को प्रोफेशन बनाने के लिए सोचा।" लॉरेन ने अपनी बात को आगे बढ़ाया, "और फ्रांस की सबसे फेमस 'ड्रीम्स डांस ग्रुप' में अपना बायोडाटा भेजा। यहां पर मेरी किस्मत अच्छी रही, क्योंकि उस डांस ग्रुप की एक मुख्य डांसर की एक एक्सीडेंट में मौत हो जाने से उस समय वहां पर एक जगह भी खाली थी। उन्होंने मेरा बायोडाटा देखा और मुझे डांस टेस्ट के लिए बुलवा लिया। जिसमें मेरे अच्छे परफॉर्मेंस के कारण मुझे चुन लिया गया। उसी डांस ग्रुप को इस शिप पर डांस प्रोग्राम के लिए रखा गया है। इसलिए मैं उस ग्रुप के साथ आज यहां पर हूं।"
"एक मिनट, ड्रीम्स डांस ग्रुप........" क्रिस्टी ने अपने सीधे हाथ की तर्जनी उंगली से, अपनी दाहिनी कनपटी पर धीरे-धीरे चोट करते हुए, सोचने वाले अंदाज में कहा, "कहीं ये जेनिथ वाला डांस ग्रुप तो नहीं?"
"हां...... बिल्कुल ठीक। मैं उसी ग्रुप में इस समय परफॉर्म कर रही हूं और जेनिथ तो इस समय मेरी सबसे खास दोस्त है। यहां तक कि मैं और वो इस समय शिप में एक ही रूम में रुके हुए हैं।"
"अच्छा छोड़ो मेरी बातों को।" लॉरेन ने कुछ सेकंड रुककर फिर बोलना शुरू किया, "ये बताओ तुम मेरे बारे में ही पूछती रहोगी या फिर कुछ अपने बारे में भी बताओगी। तुम सुनाओ तुम आजकल क्या कर रही हो? तुम्हें भी तो जिमनास्टिक का बहुत शौक था। कॉलेज वाले सारे दोस्त तुम्हें 'रबर की गुड़िया' कहा करते थे।"
"कहां यार!" क्रिस्टी ने निराशा भरे स्वर में कहा, "कॉलेज से निकलने के बाद तो डैड ने मुझे 'कंप्यूटर सॉफ्टवेयर' के बिजनेस में फंसा दिया और उसमें मैं ऐसी फंसी, कि मुझे अपना शौक पूरा करने का टाइम ही नहीं मिला और जब से डैड एक्सपायर हो गए, तब से तो मेरे पास समय और भी नहीं बचा।"
"सॉरी यार! मुझे नहीं पता था कि तेरे डैड... लेकिन यह बता कि तेरे डैड तो अभी अच्छे-भले थे, फिर वह कैसे एक्सपायर हो गए?" लॉरेन ने क्रिस्टी के दुख में दुखी होते हुए कहा।
"दरअसल उनकी मौत स्वाभाविक नहीं थी।" कहते-कहते एकाएक क्रिस्टी का चेहरा लावे की तरह धधकने लगा, "बल्कि उनका मर्डर हुआ था।"
"मर्डर!" लॉरेन के शब्दों में आश्चर्य था।
"अरे छोड़ो यार!" क्रिस्टी ने सामान्य होते हुए, मुस्कुराने की एक असफल कोशिश करते हुए कहा, "किसी और टॉपिक पर बात करते हैं।"
"ना बाबा ना।" लॉरेन ने घड़ी पर निगाह डालते हुए, कुर्सी से उठते हुए कहा, "समय बहुत हो रहा है। आपस में बातें करते-करते समय का तो पता ही नहीं चला। शाम को हम लोगों का इस शिप पर पहला शो है। अभी शो के लिए हमें काफी तैयारियां भी करनी है। जेनिथ भी मेरी राह देख रही होगी, मुझे अब चलना चाहिए।"
यह कहते हुए उसने पास में रखे, उस कॉफी के बिल पर साइन कर अपना रूम नंबर डाल दिया, जो कुछ देर पहले उसके इशारे पर वेटर वहां रख गया था। और फिर क्रिस्टी को 'बाय' करती हुई, रेस्टोरेंट के दरवाजे से बाहर निकल गई।
क्रिस्टी उसे अंत तक देखती रही, जब तक कि वह उसकी नजरों से ओझल ना हो गई।
फिर धीरे से वह भी उठकर दरवाजे की तरफ चल दी।
अगर वह पीछे पलट कर देखती, तो उसे वह दो आंखें जरूर दिखाई दे जातीं, जो बहुत देर से खूनी नजरों से, लगातार उन पर और उनकी बातों पर नजर रखे थीं।
उसके जाने के बाद धीरे से वह साया भी उठा और रेस्टोरेंट के बाहर निकल गया।
डॉलर की खुशबू
ऐलेक्सा ने बहुत मुश्किल से क्रिस्टी का कमरा नंबर पता किया था। उसे क्रिस्टी का कमरा नंबर जानने के लिए एक वेटर को पटाना पड़ा था और उसे बीस डॉलर भी देने पड़े थे। अंततः वह कमरा नंबर 221 के आगे खड़ा था।
उसने पहले अपने हाथ में पकड़ी हुई विश्व-प्रसिद्ध बैंक डकैती की किताब को ठीक से पकड़ा और फिर खुद को देखते हुए, अपनी टाई की गाँठ सही की और गले को ठीक से खांसकर साफ किया।
अब उसके बाएँ हाथ की तर्जनी उंगली डोरबेल के बटन पर थी।
एक बार बटन दबाकर उसने जल्दी से हाथ हटा लिया, ताकि कई बार बेल बजने पर खोलने वाला गुस्से में न निकले।
कुछ देर इंतज़ार करने के बाद भी जब दरवाज़ा नहीं खुला, तो उसने डरते-डरते पुनः बेल बजाई।
तभी अंदर से कहीं सिटकनी खुलने की आवाज़ आई, और सिर में तौलिया लपेटे हुए क्रिस्टी ने दरवाज़ा खोला।
सिर पर लिपटा तौलिया और गले के आस-पास भीगा कपड़ा इस बात का द्योतक था कि वह नहा रही थी।
उसके चेहरे पर भी पानी की बूँदें ओस की तरह चिपकी हुई थीं।
ऐलेक्स मंत्रमुग्ध सा उस अप्रतिम सुंदरता की प्रतिमा को निहार रहा था। वह शायद यह भी भूल गया था कि वह यहां आया किसलिए था।
उधर, जब क्रिस्टी ने दो बार पूछने पर भी ऐलेक्स को सपनों की दुनिया से बाहर नहीं आता देखा, तो क्रिस्टी ने अपने दाहिने हाथ से दरवाज़ा छोड़कर, जोर से ऐलेक्स की आँखों के सामने चुटकी बजाते हुए कहा, "ऐ मिस्टर, मैं तुमसे ही कह रही हूँ। बार-बार घंटी क्यों बजा रहे थे? क्या काम है आपको?"
एकाएक ऐलेक्स ऐसे हड़बड़ा गया, जैसे वह सोते से जागा हो।
"हैलो, मेरा नाम 'ऐलेक्ज़ेंडर ओतानोव' है।" ऐलेक्स ने अपनी भूरी-भूरी आँखों से क्रिस्टी को निहारते हुए, अपना बायाँ हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा, "आप प्यार से मुझे ऐलेक्स कह सकती हैं।"
"हैलो," क्रिस्टी ने अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा, "मुझे क्रिस्टी कहते हैं, पर मैंने आपको पहचाना नहीं।"
ऐलेक्स ने धीरे से क्रिस्टी का हाथ उठाकर चूमा और फिर इस तरह शालीनता से उसे छोड़ा, मानो वह हाथ न होकर काँच का कोई शो-पीस हो।
क्रिस्टी की सवालिया निगाहें पुनः ऐलेक्स पर थीं।
ऐलेक्स ने धीरे से अपने दाहिने हाथ में पकड़ी हुई वह किताब, जिसे अब तक वह छिपाने का प्रयास कर रहा था, क्रिस्टी की ओर बढ़ा दी।
"यह किताब आप डेस्क पर ही भूल गई थीं, मैं इसे आपको वापस करने आया हूँ।" ऐलेक्स ने अपने स्वर को बहुत नम्र बनाते हुए जवाब दिया।
"ओह! थैंक्यू-थैंक्यू।" क्रिस्टी ने आभार प्रकट करते हुए किताब को धीरे से ले लिया।
उसकी निगाह फिर ऐलेक्स पर पड़ी, मानो वह पूछना चाहती हो कि क्या अब वह दरवाज़ा बंद कर सकती है।
पर ऐलेक्स की ओर से कोई जवाब न पाकर वह धीरे से पीछे हटी।
ऐलेक्स को ऐसा लगा कि यदि वह तुरंत कुछ न बोला, तो क्रिस्टी दरवाज़ा बंद कर लेगी।
"मुझे आपका कमरा नंबर पता करने के लिए बीस डॉलर खर्च करने पड़े।" ऐलेक्स हड़बड़ाकर बोला। फिर तुरंत चुप हो गया। उसे लगा कि वह जल्दबाजी में गलत बोल गया।
"बीस डॉलर?" क्रिस्टी ने हँसकर किताब का पिछला पेज ऐलेक्स के चेहरे के आगे करते हुए कहा, "आपने ज़्यादा दे दिया, मिस्टर। यह किताब तो मात्र पन्द्रह डॉलर की है। हाँ, लेकिन अब आप किताब मेरे पास लेकर आ ही गए हैं, तो फिर मैं आपके बीस डॉलर आपको ज़रूर दूँगी।"
यह कहकर जैसे ही क्रिस्टी अंदर जाने के लिए पलटी, ऐलेक्स ने उसे टोक दिया, "एक्स्कीज़ मी, मैंने आपसे पैसे तो नहीं माँगे।"
क्रिस्टी पुनः पलटते हुए बोली, "अच्छा, मैंने तो समझा आप शायद इसीलिए रुके हुए हैं।"
"नहीं, वो... क्या आप आज रात का डिनर मेरे साथ ले सकती हैं?" ऐलेक्स ने एकाएक घबराहट छोड़ पूर्ण आत्मविश्वास से क्रिस्टी की आँखों में झाँकते हुए कहा।
"व्हाट?" क्रिस्टी एकाएक ऐलेक्स के टॉपिक बदल देने से बौखला उठी।
"क्या आप आज रात का डिनर मेरे साथ ले सकती हैं?" ऐलेक्स ने किसी घिसे-पिटे टेप रिकॉर्डर की तरह रिप्ले होकर, फिर से वही डायलॉग दोहराया। इस बार क्रिस्टी के चेहरे पर एक अर्थपूर्ण मुस्कान उभरी।
वह धीरे से अपना चेहरा ऐलेक्स के चेहरे के सामने लाकर बोली, "सुनिए मिस्टर, मैं अजनबियों के साथ डिनर पर नहीं जाती। आप कोई और दरवाज़ा खटखटाएँ।"
यह कहकर वह फिर से दरवाज़ा बंद करने लगी।
यह देखकर ऐलेक्स ने पुनः एक बार उसे रोक दिया, "एक मिनट रुकिए तो। चलिए अच्छा, आप डिनर पर नहीं जाना चाहती हैं, तो मत जाइए, पर यह तो बता दीजिये कि हम कल कहाँ पर मिलें।"
"मैं अजनबियों से ज़्यादा बातें करना भी पसंद नहीं करती।" इस बार क्रिस्टी ने थोड़ा झुँझलाकर गुस्से में कहा, "अब आप जा सकते हैं, और हाँ, यह समझ लीजिए कि आपके बीस डॉलर बेकार चले गए।"
यह कहकर क्रिस्टी ने धड़ाक़ की आवाज़ के साथ दरवाज़ा बंद कर दिया।
ऐलेक्सा दरवाज़े पर अकेला रह गया। लेकिन उसके और दरवाज़े के बीच एक चीज़ और रह गई, और वह थी शैम्पू और सेंट की भीनी-भीनी खुशबू जो कुछ देर पहले क्रिस्टी के शरीर से उठ रही थी।
ऐलेक्स वहाँ कुछ देर खड़ा सोचता रहा और फिर जोर-जोर से साँस लेते हुए बुदबुदाया, "मेरे बीस डॉलर बेकार नहीं जाएँगे। बेकार नहीं जाएँगे, मिस क्रिस्टी। उससे ज़्यादा की तो मैं खुशबू ही यहाँ से ले जाऊँगा।"
ड्रीम डांस ग्रुप
सन राइजिंग का डिनर हॉल, सन राइजिंग की ही तरीके से, अत्यंत विशालकाय था। थोड़ी-थोड़ी दूर पर बड़े ही करीने से, कुछ गोल टेबल और उसके इर्द-गिर्द, चार-चार कुर्सियाँ लगी हुई थीं।
हॉल के एक साइड में, एक बहुत बड़ा अर्धचंद्राकार स्टेज बना था। जिसके चारों ओर कांच के लगे पारदर्शी पत्थरों के पीछे, सैकड़ों रंग की लाइटें लगी हुई थीं। स्टेज का फर्श और दीवारें भी, उसमें लगी लाइटिंग के कारण चमक उत्पन्न कर, एक अद्भुत छटा बिखेर रहे थे। वह हॉल उस समय किसी छोटे से स्टेडियम की भांति प्रतीत हो रहा था।
इसी स्टेज पर डांस ग्रुप को परफॉर्म करना था। स्टेज के एक किनारे पर अनाउंसमेंट के लिए एक लकड़ी का पोडियम लगा था, जिसमें एक माइक फिक्स था।
हॉल के एक साइड में एक बड़ा सा बार काउंटर भी बना था, जिसके पीछे दुनिया के हर अच्छे ब्रांड की बियर, व्हिस्की और शैम्पेन लगी थी।
डिनर हॉल की फर्श और छतों पर लगा शानदार कार्पेट, उसकी शोभा में चार चांद लगा रहा था। कुल मिलाकर वह हॉल सभी सुविधा से युक्त एक पाँच सितारा होटल सा नजारा प्रस्तुत कर रहा था।
हॉल की लगभग सभी कुर्सियाँ भरी हुई थीं। कुछ लोग डिनर ले रहे थे तो कुछ बियर और व्हिस्की की चुस्कियाँ ले रहे थे।
तभी स्टेज पर सफेद ड्रेस पहने कुछ लोग आकर खड़े हो गए। देखने से ही लग रहा था कि ये सभी शिप के चालक दल और उसके सहायक हैं।
तभी उनमें से एक व्यक्ति ने आगे आकर माइक को संभाल लिया। उसके कंधे पर झलक रहे स्टार और उसके सीने पर लटक रहे असंख्य मेडल, इस बात के सबूत थे कि वही इस शिप का कैप्टन है।
"लेडीज एंड जेंटलमैना कृपया ध्यान दें। मैं इस शिप का कैप्टन हूँ और आज इस शिप के पहले और ऐतिहासिक सफ़र में आप सभी का स्वागत करता हूँ। मैं चाहूँगा कि यह शिप सफलता के नए कीर्तिमान बनाए।"
कुछ क्षण रुककर कैप्टन ने फिर बोलना शुरू किया- "सबसे पहले मैं आप लोगों को अपना और अपने सहायक दल से परिचय कराना चाहूँगा। मेरा नाम सुयश है। मैं मूलतः भारत का रहने वाला हूँ। मुझे समुद्री यात्राओं का भरपूर अनुभव है।
मेरे इतने अनुभव की वजह से ही, मुझे इस शानदार शिप का कैप्टन बनाया गया है। मेरे पीछे खड़े, दाहिने से पहले व्यक्ति असिस्टेंट कैप्टन रोजर, इसके बाद सेकंड असिस्टेंट कैप्टन असलम, फिर सिक्योरिटी इंचार्ज लारा, उसके बगल उनके असिस्टेंट ब्रेडन, फिर…"
इस तरीके से कैप्टन, सभी का परिचय कराने के बाद पुनः बोला, "जैसा कि पहले मैं आप लोगों को बता दूँ कि मैं नियम और कानून का बहुत पक्का आदमी हूँ। मैं चाहता हूँ कि आप सभी लोग इस शिप पर एक परिवार की तरीके से रहें। किसी भी यात्री को अगर इस शिप पर, किसी तरीके की परेशानी आती है तो आप 555 नंबर पर सीधे सिक्योरिटी इंचार्ज से बात कर सकते हैं। आप सभी इस शिप पर पूरा इन्जॉय कर सकते हैं। यहाँ पर आप सभी की रुचियों को ध्यान में रखते हुए, लगभग सभी सुविधाएँ रखी गई हैं। आप इन सभी सुविधाओं का पूरा आनंद उठा सकते हैं। और अब अंत में मैं आपके इस खुशनुमा सफ़र की मंगल-कामना करता हूँ। और अब आपके लिए पेश है फ्रांस का मशहूर 'ड्रीम्स डांस ग्रुप'।"
इतना कहकर कैप्टन सुयश, माइक छोड़कर स्टेज से उतर गया और उसके साथ स्टेज से सारे चालक दल के लोग भी चले गए।
इसी के साथ पूरे हाल की लाइट धीमी कर दी गई।
हॉल में बिल्कुल सन्नाटा छा गया।
तभी स्टेज पर दूर कहीं से एक रोशनी, गोले के रूप में पड़ी। इस रोशनी के गोले में तेज चमक मारती हुई, गुलाबी पोशाक पहनी जेनिथ दिखाई दी।
इस तरीके से रोशनी का गोला थोड़ा स्टेज पर आगे बढ़ा। उस छोटे गोले के पीछे एक और रोशनी का बड़ा गोला उभरा। जिसमें लॉरेन सहित बाकी डांसर्स आते दिखाई दिए।
धीरे-धीरे हल्के म्यूजिक पर डांस शुरू हुआ। सभी मंत्रमुग्ध से इस शानदार डांस का आनंद उठा रहे थे।
"मजा आ गया यारा! फ्रांस की मशहूर डांसर जेनिथ, इस शिप पर। अब हमारा सिडनी तक का सफ़र बहुत अच्छा रहेगा।" जैक ने जॉनी के कंधे पर हाथ मारते हुए कहा।
"कहाँ कहाँ है जे.. नि.. थ?" जॉनी ने पैग उठाते हुए, लड़खड़ाती जुबान में पूछा।
"अरे वो देख, सामने स्टेज पर।" जैक ने स्टेज की ओर मुँह घुमाते हुए कहा।
"यार! मुझे तो पता… ही… नहीं था कि शिप पर जेनिथ भी है।" जॉनी पूरी तरह से नशे की तरंग में था।
"मुझे ही कहाँ पता था, वो तो कैप्टन ने इसके बारे में जब अनाउंसमेंट किया, तब मुझे पता चला।" जैक ने जेनिथ को देखते हुए कहा।
"क्या क… हा…ऽऽऽऽ कैप्टन ने इस… के बा…रे में भी अना…उंस किया…था।" जॉनी ने झूमते हुए कहा- "मैं तो समझा… कैप्टन खाली बकवास कर रहा था।"
"अबे पीना छोड़। डांस देख, डांस।" जैक ने जॉनी की खोपड़ी अपने हाथों से पकड़कर जबरदस्ती स्टेज की ओर घुमा दी।
"हा…ऽऽऽऽय यार क्या… नाचती है?" जॉनी ने अपना चेहरा घुमाते हुए कहा- "और इस…की सफेद… ड्रेस… कितनी शा…नदार है।"
"सफेद ड्रेस?" जैक ने आश्चर्य से जॉनी की ओर देखा, "पर जेनिथ तो गुलाबी ड्रेस पहने है।"
"फिर ये कौन ना…च रहा…है।" इस बार जॉनी के स्वर में उलझन के भाव थे।
जैक ने जॉनी की तरफ देखा और उसकी निगाहों का पीछा करते हुए जब उस दिशा में देखा, जिधर जॉनी देख रहा था, तो अपनी खोपड़ी पीट ली- "अरे गधे! तू जिसे जेनिथ समझ रहा है, वह वेटर है और वह ऑर्डर सप्लाई कर रहा है। कितनी बार कहा, कम पिया कर। पर मेरी मानता ही नहीं।"
"वह वेटर है! मैं तो उ…से ही जे…नि…थ समझ रहा…था…।" जॉनी ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा- "पर एक बात समझ में नहीं आ…ई, यह वेटर ना…च क्यों…रहा…है?"
"अरे! वो नहीं नाच रहा है। नशे के अधिक हो जाने से तेरी खोपड़ी झूम रही है।" जैक ने झुंझलाकर कहा और एक बार फिर उसकी खोपड़ी पकड़कर स्टेज की ओर घुमा दी।
उधर जेनिथ का डांस समाप्ति की ओर था।
अब रोशनी का गोला सिर्फ़ जेनिथ के ऊपर था। देखते ही देखते जेनिथ उछलकर एक पैर के पंजों पर खड़ी हो गई। उसका दूसरा पैर अब हवा में था। जेनिथ ने अब दोनों हाथों को दो अलग-अलग दिशाओं में फैलाकर, पंखे की भांति नाचना शुरू कर दिया। यह एक अलग तरह के डांस का प्रकार था, जिसे 'फुएट' के नाम से जाना जाता है।
धीरे-धीरे म्यूजिक में भी तेजी आती गई, और इसके साथ-साथ जेनिथ के घूमने की स्पीड भी तेज होती गई। कुछ ही सेकंड में वह इतनी तेजी से घूमने लगी कि उसका चेहरा भी दिखना बंद हो गया।
फिर धीरे-धीरे उसकी स्पीड कम होती गई, और म्यूजिक के बंद होते ही वो भी रुक गई।
उसके रुकते ही पूरा हॉल, तेज रोशनी और दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट से भर गया।
अभिवादन करके वह जैसे ही जाने के लिए पलटी, उसकी नज़र बार काउंटर पर बियर पी रहे एक व्यक्ति पर पड़ी। उसे देखकर वह होठों ही होठों में बुदबुदाई- "मेजर तौफीक, यहाँ पर…"
उसके बाद वह पलटी और अपने ग्रुप के साथ स्टेज से चली गई।
प्यार का अहसास ...
"लॉरेन! तुमने तौफीक को देखा?" जेनिथ ने लॉरेन के हाथ से कॉफी का मग पकड़ते हुए कहा। "जब हमारा डांस चल रहा था, तब वह उधर बार काउंटर के पास खड़ा था।"
"तौफीक .... मेजर तौफीक?" लॉरेन ने सोफे पर बैठते हुए, आश्चर्य भरे स्वर में पूछा। "वह यहां पर नहीं तो, मैंने तो उसे नहीं देखा।"
"वह इसी शिप पर है।" जेनिथ ने भावुक होते हुए कहा। "प्लीज लॉरेन, कहीं से उसका रूम नंबर पता करो। मैं उससे मिलना चाहती हूं।"
"ठीक है। अगर वह इसी शिप पर है तो मैं उसका रूम नंबर पता करने की कोशिश करूंगी।" लॉरेन ने जवाब दिया।
"कोशिश......!" जेनिथ ने 'कोशिश' शब्द पर जोर देते हुए कहा। "सिर्फ कोशिश? मैडम, कोशिश नहीं, कल तक पता करके देना है। तुम्हें तो मालूम है, जबसे उसने मेरी जान बचाई है, तब से आज तक मैं उसे हर जगह ढूंढ रही थी, और आज जब वह इस शिप पर दिखाई दिया है, तो तुम सिर्फ कोशिश की बात कर रही हो।"
"अच्छा बाबा!" लॉरेन ने जेनिथ के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा। "मुझे माफ कर दो। मैं अपने शब्दों को वापस लेती हूं। अब मैं कल तुम्हें हर हालत में तौफीक का रूम नंबर पता करके बता दूंगी। अब तो खुश......"
अब जेनिथ के चेहरे पर मुस्कुराहट थी।
"आज भी मुझे याद है वह दिन।" कहते-कहते मानो जेनिथ कल्पनाओं की दुनिया में चली गई। "वह शाम मेरे लिए बहुत अच्छी थी। मैं तुम्हारे घर से, तुम्हारा जन्मदिन मना कर, अपनी कार से लौट रही थी। शाम का समय था। कोहरे के कारण कुछ दूर आगे की कार भी नजर नहीं आ रही थी, फिर भी मेरी कार की स्पीड हाईवे पर होने की वजह से बहुत ज्यादा थी। यकायक मेरी कार का टायर 'फिस्स SSSSSS' की आवाज के साथ पंचर हो गया। किसी तरह मैंने स्पीड को कंट्रोल करके कार को एक साइड में लगाया और उतरकर धीरे से स्टेपनी निकाली। लेकिन मेरा वह समय ही खराब था। स्टेपनी भी कमबख्त पंचर निकली। गुस्से की अधिकता के कारण मैंने 'डैम इट' कहते हुए कार को एक ठोकर जड़ दी। अब मैं सड़क के एक किनारे खड़े होकर, किसी से लिफ्ट लेने का इंतजार कर रही थी। हालांकि मेरी कार रोड के काफी किनारे खड़ी हुई थी, फिर भी मैंने बैक लाइट व इंडिकेटर को जलता हुआ छोड़ दिया था। जिससे पीछे से आने वाली कारों को मेरी कार दिखाई दे जाए। अब मेरी नजर पीछे से आने वाली हर कार पर थी। मैंने अपना रूमाल निकालकर अपने हाथ में ले लिया था, जिसे हिला-हिला कर मैं पीछे से आ रही कारों को रुकने का इशारा कर रही थी। भगवान जाने, उस समय सभी को मैं नजर नहीं आ रही थी, या इतने खराब मौसम में कोई रुकना नहीं चाह रहा था। पीछे से आती सारी कारें सांय-सांय की आवाज करती हुई, मेरे बगल से निकल रही थीं। तभी दूर मुझे एक बड़ी सी लारी आती हुई दिखाई दी। लेकिन इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती, वह लारी एकाएक रोड पर लहराई और 'धड़ाऽऽम' की आवाज करते हुए, मेरी कार को ठोकर मारते हुए, मेरी तरफ झपटी। मैंने उससे बचने की बहुत कोशिश की। लेकिन बचते-बचते भी आखिरकार उससे टकरा ही गई। मेरी आंखों के सामने एकाएक अंधकार सा छा गया, और मेरी चेतना लुप्त हो गई। जब दोबारा से मेरी आंखें खुली, तो मैंने अपने आपको हॉस्पिटल के एक बेड पर पाया। मेरे सिर से पट्टी बंधी हुई थी। मेरा शरीर भी जगह-जगह से जख्मी था। तभी दरवाजा खोलकर एक नर्स अंदर आई। आते ही उसने मुझसे मेरा हाल-चाल पूछा और बताया, कि मुझे इस तरह से जख्मी हालत में वहां एक आदमी लेकर आया था। अगर वह समय पर मुझे वहां नहीं लाता, तो मेरा बचना नामुमकिन था। मेरे पूछने पर नर्स ने बताया कि वह आदमी अभी बाहर से मेरी दवा लेने गया है। अभी मैं नर्स से बातें कर ही रही थी, कि तभी दरवाजे से एक बलिष्ठ व शानदार चेहरा मेरे सामने आया। उसके चेहरे पर बहुत सख्त भाव थे। उसने मुझे अपना नाम मेजर तौफीक बताया। फिर उसने मुझसे मेरे घर का फोन नंबर मांगा। मैंने उसे अपने घर का फोन नंबर ना देकर, तुम्हारा फोन नंबर दे दिया। जब तुम आई तो उसने तुमसे मेरी देखभाल करने के लिए कहा, और मुझसे बिना अपना पता बताए, वह हॉस्पिटल से चला गया।"
"ओ ऽऽऽऽ मैडम! यह कहानी मैं पिछले साल से अब तक 50 बार सुन चुकी हूं।" लॉरेन ने थोड़ा खीझते हुए कहा। "अब तो इस कहानी के सारे अल्फाज भी मुझे याद हो चुके हैं। मैं उसका रूम नंबर पता करके तुम्हें दे दूंगी। अब तो सपनों की दुनिया से निकल कर बाहर आ जाओ।"
"क्या करूं? जब भी उसके बारे में सोचती हूं, तो मुझे जाने क्यों एक अजीब सा अहसास होता है।" जेनिथ ने बिल्कुल गंभीर होते हुए कहा। "ऐसा लगता है जैसे..."
"जैसे आस-पास कहीं घुंघरू बज रहे हों।" लॉरेन ने जेनिथ की बात बीच में ही काटते हुए, चुटकी लेते हुए कहा। "जैसे आस-पास कहीं हजारों फूल खिले हों, और उनकी खुशबू तुम्हारे मन-मयूर को आनंदित कर रही हो।..... यही ना।"
जेनिथ ने धीरे से शर्माते हुए अपना सिर ऊपर-नीचे हिलाया।
"अरे यार! तुझे वो हो गया है।" लॉरेन ने अपनी हथेली से जेनिथ का चेहरा ऊपर उठाते हुए, शायराना अंदाज में कहा। "जो जूलियट को रोमियो से हुआ था, जो....
इससे पहले कि लॉरेन कुछ और बोलती, एक मधुर स्वर लहरी कमरे में गूंज उठी। जो इस बात का संकेत थी कि दरवाजे पर कोई आया है।
"लो, कमबख्त अभी किसी को मरना था। अरे 2 मिनट रुक नहीं सकता था।" लॉरेन ने झुंझलाते हुए कहा।
लॉरेन जैसे ही दरवाजा खोलने के लिए सोफे से उठने लगी, जेनिथ ने उसे हाथ से बैठे रहने का इशारा किया, और स्वयं उठकर दरवाजे की तरफ बढ़ गई।
दरवाजा खोलने पर सामने उसे अपरिचित से दो चेहरे दिखाई दिए।
"किससे मिलना है आपको?" जेनिथ ने दोनों आगन्तुकों की तरफ देखते हुए पूछा।
"अरे पहले अंदर तो आने दो।" जैक ने जेनिथ को धीरे से धकेल कर अंदर आते हुए कहा। "फिर सब बता देंगे, हमें कौन सी जल्दी है।"
जैक के साथ झूमता हुआ जॉनी भी अंदर घुस आया।
दोनों के मुंह से शराब की तीखी गंध आ रही थी।
लॉरेन भी दो अजनबियों को जबरदस्ती अंदर घुसते देख, सोफे से उठकर खड़ी हो गई।
"क्या बदतमीजी है?" जेनिथ ने थोड़ा हिम्मत बांधते हुए जैक की तरफ देखकर पूछा। "क्या चाहते हो आप लोग?"
"हमें तो सिर्फ तुम्हारा रात भर का साथ चाहिए।" जॉनी ने गिरते-पड़ते आगे आते हुए कहा। "बोलो! रात भर का कितना पैसा लेती हो।"
"शट अप...!" जेनिथ ने गुस्से की अधिकता में, बिल्कुल चीखने वाले अंदाज में कहा।
उधर लॉरेन, दोनों का ध्यान जेनिथ की तरफ लगा देख धीरे-धीरे खिसक कर फोन तक जा पहुंची, और कैप्टन सुयश का बताया 555 नंबर डायल कर दिया।
"हेलो, सन राइजिंग सिक्योरिटी।" रिसीवर के दूसरी तरफ से एक महीन सी आवाज उभरी। "मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं?"
"हैलो! मैं रूम नंबर एस-25 से लॉरेन बोल रही हूं।" लॉरेन ने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा। "दो आदमी जबरदस्ती हमारे कमरे में घुस आए हैं। आप फौरन सिक्योरिटी को यहां भेज दीजिए।"
यह कहकर लॉरेन ने तुरंत रिसीवर क्रेडिल पर रख दिया।
थी। अब उसकी निगाह पुनः उन लोगों की तरफ थी। लेकिन अब वह थोड़ा निश्चिंत थी।
उधर अब जेनिथ उन दोनों से थोड़ा डरी-डरी सी दिख रही थी।
उसकी निगाह इस बार उन दोनों को छोड़कर लॉरेन के ऊपर पड़ी। लॉरेन ने उसे हाथ के इशारे से फोन करने के बारे में बता दिया।
तभी उसे दूसरी तरफ देखता पाकर जैक आगे बढ़ा और जेनिथ का हाथ पकड़ लिया।
"कम ऑन बेब! मुझसे डरो मत।" जॉनी ने भी आगे बढ़ते हुए कहा। "बस एक ही रात की तो बात है।"
जेनिथ ने झटके से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की। पर वह सफल नहीं हो पायी।
जेनिथ की इस हरकत पर जैक के मुंह से बेसाख्ता एक हंसी छूट गयी। और अब जेनिथ के हाथ पर उसकी पकड़ और सख्त हो गयी।
जॉनी अपनी जेब से एक छोटी सी व्हिस्की की बोतल निकालकर, नीट ही सारी की सारी पी गया। अब उसकी लाल-लाल आंखें, सिर्फ और सिर्फ जेनिथ पर केन्द्रित हो गयीं।
जेनिथ को ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे कोई नन्हीं हिरनी, दो शेरों के बीच फंस गयी हो। उसे बार-बार अपनी गलती का एहसास हो रहा था, कि क्यों उसने बिना पूछे किसी अजनबी के लिए दरवाजा खोल दिया।
लेकिन इससे पहले कि जैक व जॉनी, जेनिथ के साथ कोई गलत हरकत कर पाते, वातावरण में एक कड़कदार आवाज गूंज उठी "क्या हो रहा है ये?"
सभी की निगाहें दरवाजे की ओर घूम गईं। जहां कैप्टन सुयश, सिक्योरिटी इंचार्ज लारा और ब्रैंडन के साथ, सिक्योरिटी के कई आदमियों को लेकर खड़ा था। कैप्टन सुयश पर नजर पड़ते ही, जैक ने धीरे से जेनिथ का हाथ छोड़ दिया।
हाथ छूटते ही जेनिथ दो कदम पीछे हट गयी।
"भगवान्दा कैप्टन! आप बिल्कुल सही समय पर आए।" लॉरेन ने कैप्टन सुयश को देख, आगे बढ़ते हुए कहा। "यही हैं, वो दोनों बदमाश जो जबरदस्ती हमारे कमरे में घुसकर, हमसे बदतमीजी कर रहे थे।"
कैप्टन सुयश ने आगे बढ़कर जॉनी का कॉलर पकड़ लिया। "क्या नाम है तुम्हारा?"
"जॉनी!" जॉनी, जिसका कि अब सारा नशा उतर चुका था, घिघियाये स्वर में बोला।
"और तुम्हारा?" कैप्टन सुयश ने जॉनी की कॉलर पकड़े-पकड़े ही जैक से संबोधित होते हुए कहा।
"जैक!" अब जैक का सिर भी शर्म से झुक चुका था।
"तुम लोग यहां क्या करने आए थे?" इस बार ब्रैंडन ने आगे बढ़ते हुए जैक की कॉलर पकड़ ली।
... इस बार जैक के मुंह से कोई शब्द नहीं निकला।
"तड़ाक!" जेनिथ, जो अब इनका बदला हुआ रूप देख रही थी, गुस्से में आगे बढ़कर एक थप्पड़ जैक को रसीद कर दिया।
"अब क्या हुआ? आगे आओ! बस एक रात की ही तो बात है। क्यों? यही कह रहे थे ना तुम लोग।" जेनिथ ने गुस्से में कहा। "तो अब क्या हो गया? आगे बढ़ो।"
तभी कैप्टन सुयश का घन जैसा हाथ चला और जॉनी के चेहरे का पोस्टर बन गया।
वह किसी की बोरी की तरह वहीं ढेर हो गया।
कैप्टन सुयश, अब धीरे-धीरे हिंसक भाव से जैक की तरफ बढ़ा।
थी। "अब क्या ख्याल है तुम्हारा?" कैप्टन सुयश की आवाज में मौत की ठंडक थी।
"गलती हो गई सर! प्लीज एक बार माफ कर दीजिए।" जैक ने गिड़गिड़ाते हुए कहा।
"धड़ाऽऽऽक!" पुनः कैप्टन सुयश का हाथ हवा में चला। मगर इस बार निशाना जॉनी नहीं जैक था।
एक ही बार में जैक के होठों से खून की एक पतली लकीर निकल आई। लेकिन वह जॉनी की तरह नीचे नहीं गिर सका, क्योंकि उसका गला लंबे तगड़े ब्रैंडन के हाथों में था।
ब्रैंडन उसे किसी कैलेंडर की तरह दीवार से चिपकाये खड़ा था।
"यह इस शिप की और तुम लोगों की, पहली घटना समझकर मैं तुम्हें अभी सिर्फ वार्निंग देकर छोड़ रहा हूं। अगर फिर इस तरह की कोई भी गलती हुई, तो मैं तुम लोगों को पकड़कर, अगले स्टॉपेज पर इंटरपोल के हवाले कर दूंगा। अच्छी तरह से समझ गए या नहीं?" कैप्टन सुयश ने जैक और जॉनी, दोनों से ही मुखातिब होते हुए कहा।
जैक और जॉनी दोनों ने ही सहमति से सिर हिलाया।
"सो नाऊ गेट आउट!" कैप्टन सुयश ने बिल्कुल दहाड़ने वाले अंदाज में कहा।
हो। दोनों कैप्टन सुयश की आवाज सुनते ही ऐसे भागे, जैसे उनके पीछे भूत पड़े हो।
"मैं आप लोगों से बहुत-बहुत माफी चाहता हूं।" कैप्टन सुयश ने पीछे मुड़कर, अपने स्वर को अत्यंत नम्र बनाते हुए कहा। "वैसे मुझे पूरी उम्मीद है कि अब यहां ऐसी कोई भी घटना घटित नहीं होंगी। और अगर उन दोनों में से कोई भी आपसे फिर से बदतमीजी करे, तो आप बस एक बार मुझे बता दीजिएगा। मैं उन दोनों की वह हालत करूंगा, कि वह जिंदगी भर याद रखेंगे।"
जेनिथ व लॉरेन दोनों ने ही सहमति से सिर हिलाया।
"और हां! अब आप लोग बिना चेक किए हुए, किसी अंजान आदमी के लिए दरवाजा मत खोलिएगा।" ब्रैंडन ने लॉरेन को गहरी निगाहों से देखते हुए मुस्कुराकर कहा।
लेकिन इससे पहले कि कैप्टन सुयश या वहां पर खड़ा कोई अन्य व्यक्ति कुछ बोल पाता, एक सिक्योरिटी के आदमी ने आगे आकर कहा। "बीच में टोकने के लिए माफी चाहता हूं कैप्टेन। पर आपके लिए वायरलेस रूम में एक अर्जेंट मैसेज है।"
इतना सुनते ही कैप्टन सुयश, जेनिथ और लॉरेन को 'टेक केयर' बोल, तेजी से वायरलेस रूम की ओर बढ़ गया।
"अच्छा मैडम! अब हम भी चलते हैं। पर अब आप अपना दरवाजा ठीक से बंद कर लीजिए।" ब्रैंडन कह तो जेनिथ से रहा था, पर उसकी निगाहें अभी भी लॉरेन पर थीं...?
*****
अपराधी की सूचना...
कैप्टन सुयश को वायरलेस रूम में प्रवेश करते देख, ऑपरेटर ने ईयरपीस कान से हटाकर अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया।
"कैप्टन, आपके लिए न्यूयॉर्क बंदरगाह से कोई मैसेज है।" ऑपरेटर ने कैप्टन सुयश को देखते हुए कहा।
कैप्टन सुयश तुरंत ऑपरेटिंग कुर्सी पर बैठ गए और ऑपरेटर से ईयरपीस लेकर अपने कानों पर लगा ली।
"हैलो हैलो! सन राइजिंग कॉलिंग डेल्टा स्टार।" कैप्टन सुयश ने कहा।
"डेल्टा स्टार कॉलिंग सन राइजिंग।" इयरपीस से एक महीन सी आवाज सुनाई दी। "हम आपकी आवाज सुन रहे हैं। क्या आप कैप्टन सुयश बोल रहे हैं? ओवर"
"यस! मैं सन राइजिंग से कैप्टन सुयश बोल रहा हूँ। ओवर"
"कैप्टन, मैं न्यूयॉर्क के बंदरगाह से बोल रहा हूँ। अभी-अभी हमें इंटरपोल द्वारा विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है, कि आपके शिप पर कुछ खतरनाक अपराधी भी सफ़र कर रहे हैं। उनके पास खतरनाक हथियार भी हो सकते हैं। इसलिए इंटरपोल ने हमें तुरंत आपको यह मैसेज भेजने के लिए कहा है। ओवर"
"खतरनाक अपराधी!" कैप्टन सुयश आश्चर्य से भर उठे। "वो भी खतरनाक हथियार के साथ।"
कैप्टन सुयश ने एक सेकेंड रुककर फिर कहा, "हमें बताएँ कि वह संख्या में कितने हैं? या वे दिखने में कैसे हैं? या फिर कोई ऐसी पहचान, जो उन्हें पकड़वाने में मदद कर सके? ओवर"
"हमें अभी तक इस तरह की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है।" उधर से आवाज आई। "वे एक से लेकर दस तक की संख्या में भी हो सकते हैं। वे आदमी या औरत में भी हो सकते हैं। ओवर"
"तो फिर हम इतनी भीड़ में उन्हें पहचानेंगे कैसे?" कैप्टन सुयश ने व्यग्र स्वर में कहा। "ओवर"
"हमें तो जितना पता था, उतना हमने बता दिया। आगे जैसे ही हमें इंटरपोल से कोई अन्य मैसेज मिलेगा, हम आपको जरूर बताएँगे। आगे हम इतना ही कह सकते हैं, कि यदि उन्हें पहचान कर पकड़ने में कामयाब हो जाते हैं, तो फिर अगले स्टॉपेज पर उन्हें इंटरपोल के हवाले कर दीजिएगा।" कुछ क्षण रुककर उधर से पुनः आवाज आई। "आपको और कोई सवाल पूछना है? ओवर"
"नहीं, ओवर एण्ड आउट।" इतना कहकर कैप्टन सुयश ने संबंध विच्छेद कर दिया।
तभी पास में खड़े असिस्टेंट कैप्टन रोजर, जो ना जाने कब आकर पीछे खड़ा हो गया था, और इतनी देर से उनकी आधी-अधूरी बातें सुन रहा था, उसने पूछ लिया, "क्या बात है कैप्टन? आप कुछ परेशान से दिख रहे हैं। क्या बात हुई? सब ठीक तो है ना?"
कैप्टन सुयश ने रोजर की बात अनसुनी कर, वायरलेस रूम से बाहर निकलते हुए कहा, "सिक्योरिटी इंचार्ज लारा को लेकर तुरंत मेरे केबिन में आओ रोजर।"
"अच्छा! जब हम अच्छे दोस्त ही हैं, तो तुम्हारी परेशानी मेरी।" जेनिथ ने खुश होकर कहा। "अब तुम ये बताओ कि तुम्हें सस्पेंड क्यों कर दिया गया?"
जेनिथ एक क्षण के लिए रुकी। शायद वह अब तौफीक के बोलने का इंतजार कर रही थी।
कुछ देर तक तौफीक को न बोलते देख, वह फिर से बोल उठी, "ठीक है अगर तुम अपने मिशन के बारे में नहीं बताना चाहते, तो मत बताओ। पर दोस्त नाते से कम अपने सस्पेंड होने का कारण बता सकते हो। और वैसे तुमको पता ही है कि मेरे डैड भी फ्रांस की आर्मी में कर्नल की पोस्ट पर हैं। मैं उनसे कहकर तुम्हारा सस्पेंशन ऑर्डर कैंसिल कराने की कोशिश करूँगी।"
"अब कोई चाहकर भी इस मामले में कुछ नहीं कर सकता। क्योंकि मेरे ऊपर, देश के दुश्मनों के साथ मिलकर, गद्दारी करने का आरोप लगाया गया है। यह बात अलग है कि फ्रांस की सरकार, अभी इसे पूरी तरह सच नहीं मान रही है। लेकिन कब तक? सारे सबूत मेरे खिलाफ हैं। एक न एक दिन, सभी लोग इसे सच मान ही लेंगे। फिर मेरा क्या होगा?" तौफीक के शब्दों में रोष और निराशा साफ झलक रही थी।
"अच्छा छोड़ो इन बातों को।" जेनिथ ने तौफीक को दुखी होते देख, टॉपिक बदलते हुए कहा। "आओ डेक पर चलते हैं। बाहर मौसम बहुत अच्छा है।"
यह कहकर जेनिथ ने रेस्टोरेंट के बिल पर साइन किया और तौफीक के हाथों में हाथ डालकर, धीरे-धीरे चलते हुए, रेस्टोरेंट से बाहर निकल गई।
जेनिथ के हाथ तौफीक के हाथ में देखकर किसी के चेहरे पर कड़वी मुस्कराहट और फिर वह परछाई भी रेस्टोरेंट से बाहर निकल गई...?
मास्टर प्लान
इस समय असिस्टेंट कैप्टन रोजर और सिक्योरिटी इंचार्ज लारा, दोनों ही कैप्टन सुयश के सामने बैठे थे।
"मैं आप लोगों से वायरलेस पर हुई सारी बातें बता चुका हूँ।" सुयश ने चिंतित स्वर में रोजर और लारा की तरफ देखते हुए कहा, "अब आप ही बताइए, कि इतने बड़े शिप पर अपराधियों को कैसे ढूँढा जा सकता है?"
कुछ क्षणों के लिए तीनों के बीच सन्नाटा छा गया।
इस लंबे खिंच रहे सन्नाटे को तोड़ा रोजर की आवाज ने। "कैप्टन, सबसे पहले हमें अपराधी को पहचानने के लिए कोई प्लान बनाना होगा। क्योंकि ऐसे तो शिप में कुल 2700 यात्री सफर कर रहे हैं। अब इसमें से किसी विशेष व्यक्ति की पहचान कर पाना बिल्कुल असंभव है। और वह भी तब जबकि हमें उसके बारे में कुछ न पता हो।"
"यही तो मैं भी कहना चाहता हूँ।" सुयश ने चिंतित स्वर में उठकर चहल-कदमी करते हुए कहा, "पर, प्लान क्या बनाएँ?"
पुनः कमरे में एक तीव्र सन्नाटा व्याप्त हो गया। घड़ी की सुईयों की तरह टक-टक करता हुआ, सभी का दिमाग तेजी से चल रहा था।
पुनः रोजर की आवाज ने सन्नाटे को तोड़ा। "कैप्टन, सबसे पहले हमें यह पता लगाना होगा कि अपराधियों की संख्या कितनी है।"
"मैं कहती हूँ कि अपराधियों की संख्या पाँच है।" लारा ने रोजर को देखते हुए कहा, "लेकिन इससे क्या फ़र्क पड़ता है? सबसे बड़ी प्रॉब्लम तो अपराधी का पता लगाने की है, ना कि उनकी संख्या जानने की।"
"फ़र्क पड़ता है।" रोजर ने अपने शब्दों पर जोर देते हुए कहा, "क्योंकि, यदि अपराधी ज़्यादा संख्या में हैं, तो वे सारे एक जगह पर कमरे नहीं लिए होंगे। और ना ही वे ग्रुप में बैठते होंगे।"
"क्या कहना चाहते हैं आप?" सुयश ने रोजर की ओर देखते हुए कहा।
"कहने का मतलब यह है, कैप्टन, कि सबसे पहले इतने बड़े शिप में हमें ग्रुप बनाने होंगे। कि कौन-कौन सा व्यक्ति अपराधी हो सकता है? और कौन नहीं। ग्रुप से मेरा मतलब यह है कि यदि कोई आदमी अपने बच्चों के साथ सफर कर रहा है,
तो हमारी समझ से वह अपराधी नहीं हो सकता। इसलिए उसे हम अपने ग्रुप से बाहर कर देंगे और हम उसे नहीं चेक करेंगे।"
"वेरी गुड।" सुयश ने रोजर की तारीफ़ करते हुए कहा, "अच्छा, अब हमें उन आदमियों को अपने ग्रुप से बाहर करना है, जो ग्रुप बनाकर बैठते हैं, क्योंकि अपराधी कभी ग्रुप में नहीं बैठेगा।"
"बिल्कुल ठीक, कैप्टन।" रोजर खुशी से बोला, "यही तो मैं कहना चाह रहा था। अब हम बिल्कुल सही लाइन पर बढ़ रहे हैं।"
"जिनके साथ बूढ़ी महिलाएँ हैं, गौरतलब है सिर्फ़ बूढ़ी महिलाएँ।" लारा ने 'महिला' शब्द पर ज़्यादा जोर देते हुए कहा, "क्योंकि बूढ़ा आदमी तो अपराधी हो सकता है, पर बूढ़ी महिला नहीं। ऐसे लोगों को भी हमें अपने ग्रुप से बाहर कर देंगे।"
"अब हमें कोई ऐसी निशानी ढूँढनी है, जो साधारण आदमी में तो आसानी से ना मिलती हो, पर हर अपराधी में पाई जाती हो।" सुयश ने दिमाग पर जोर डालते हुए, रोजर और लारा की तरफ देखते हुए कहा।
एक बार फिर केबिन में सन्नाटा छा गया। सभी अपने-अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल कर रहे थे।
पुनः रोजर ने अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दिया। "सारे अपराधी हथियार चलाना जानते हैं, पर सारे यात्री हथियार नहीं चला सकते।"
"वाह!" सुयश की आँखों में यकायक जैसे हज़ार वाट का बल्ब जल गया।
लारा की आँखों में भी रोजर के लिए प्रशंसा के भाव थे।
"लेकिन सर," लारा के शब्दों में व्यग्रता झलक रही थी, "यह कैसे पता करेंगे कि कौन सा यात्री हथियार चला लेता है और कौन नहीं?"
"यह पता करना तो बहुत आसान है।" सुयश ने लारा को देखते हुए कहा, "हम शिप पर एक निशानेबाज़ी की प्रतियोगिता रखेंगे। सभी लोगों से यह कह दिया जाएगा कि यह मात्र मनोरंजन के लिए है। जिसको-जिसको निशानेबाज़ी का शौक है, वह हमारी इस प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। और मेरा यह दावा है कि जो भी अपराधी शिप में है, वह इस प्रतियोगिता में भाग अवश्य लेगा। लेकिन परेशानी यह है कि अगर वे पूछेंगे कि यह प्रतियोगिता किस उपलक्ष में की जा रही है, तो उन्हें हम क्या जवाब देंगे।"
"तो इसमें सोचने वाली क्या बात है?" लारा ने कहा, "आज 23 दिसंबर है। आज से ठीक दो दिन बाद क्रिसमस का त्यौहार है। सभी लोग उसकी पार्टी तो मनाएँगे ही, इसी में हम प्रतियोगिता भी करा देंगे।"
"तो बिल्कुल फ़ाइनल रहा।" सुयश ने 'धमाकेदार' स्टाइल में अपनी मुट्ठी को बंद कर, अंगूठा ऊपर करते हुए, जोरदार झटके से हाथ हिलाया, "कल मैं सभी लोगों को यह अनाउंस कर दूँगा। और हाँ, लारा, तुम अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को अलर्ट कर दो कि वे सभी यात्रियों पर कड़ी नज़र रखें।"
इतना कहकर सुयश ने अपनी इस छोटी सी मीटिंग का समापन किया।
रोजर और लारा भी चुपचाप कमरे से निकल गए।
विलीक्षन शैफ़ाली
आज सुबह से ही जहाज का डेक पूरी तरह भर गया था। मौसम आज भी साफ़ था। सूर्य की स्निग्ध सी किरणें समुद्र की लहरों से टकराकर एक अजीब सी चमक उत्पन्न कर रही थीं। सनराइज़िंग पूरे जोश से समुद्र का सीना चीरता हुआ अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा था। प्रोफ़ेसर अलबर्ट अपनी पत्नी मारिया के साथ एक एकांत जगह ढूँढकर आराम से बैठे थे।
"कितना अच्छा लग रहा है ना, मारिया?" अलबर्ट ने सुनहली धूप पर एक नज़र डालते हुए कहा, "शहर की चीख-पुकार से भरी ज़िंदगी से दूर, अकेले तन्हाई में बैठना। ना कोई काम करने की टेंशन, ना ही पैसे के पीछे भागने वाली ज़िंदगी। सभी कुछ सुकून से भरा हुआ।"
"सही कह रहे हैं आप।" मारिया ने भी अलबर्ट की हाँ में हाँ मिलाई, "आपका दिन-रात अपने शोध के पीछे इस तरह भागना। हमें तो बात करने का भी समय नहीं मिल पाता था। अब तो आज को देखकर बस दिल यही कहता है, कि यहीं कहीं आस-पास किसी सुनसान द्वीप पर चल कर रहा जाए। जहाँ पर हमारे और आपके सिवा और कोई इंसान ना हो।"
"सच! आज ज़िंदगी को देखकर यह लगता है कि मैंने अपने पूरे जीवन में आखिर क्या हासिल कर लिया?" अलबर्ट ने खड़े होते हुए, एक लम्बी साँस लेते हुए कहा, "जवानी से आज तक भागता रहा...... भागता रहा... सिर्फ़ भागता रहा। किस चीज़ के पीछे? क्या यही ज़िंदगी थी? पता नहीं? क्या पाया? मालूम नहीं।"
थोड़ी देर रुककर अलबर्ट ने मारिया को सूनी आँखों में झाँकते हुए, पुनः कहना शुरू किया, "आज हमारी शादी को लगभग 40 साल होने वाले हैं। लेकिन आज तक मैं तुम्हें कुछ नहीं दे पाया। यहाँ तक कि वक़्त भी नहीं।"
बोलते-बोलते अलबर्ट इतना भावुक हो गया, कि उसकी आँखों की दोनों कोरों में पानी आ गया। फिर वह धीरे से चलकर मारिया के पास आया और उसकी तरफ़ अपना दाहिना हाथ बढ़ा दिया। मारिया ने भी अपना दांया हाथ उठाकर अलबर्ट के हाथ पर रख दिया। अलबर्ट के थोड़ा सहारा देते ही, मारिया उठकर खड़ी हो गई। अलबर्ट ने उसका हाथ इस तरह से थाम लिया, मानो अब वह पूरी ज़िंदगी इसे ना छोड़ने वाला हो। धीरे-धीरे चलते हुए दोनों डेक की रेलिंग तक पहुँच गए। दोनों ही शांत भाव से इस तरह से सागर को निहार रहे थे, मानो वह इनकी ज़िंदगी का आखिरी पड़ाव हो।
"अब तुम बिल्कुल फ़िक्र ना करना, मारिया।" अलबर्ट ने खामोशी तोड़ते हुए कहा, "आज से मैं दिन-रात तुम्हारे साथ रहूँगा। तुम जो कहोगी, मैं वही करूँगा। अब तो मौत ही हम दोनों को जुदा कर पाएगी।"
"इन बातों और इन लहरों को देखकर तुम्हें कुछ याद नहीं आता, अलबर्ट?" मारिया ने अलबर्ट को बीते दिनों की याद दिलाते हुए कहा।
अलबर्ट ने सोचनीय मुद्रा में दिमाग पर ज़ोर डाला। पर उसे कुछ समझ नहीं आया कि मारिया किस बात को याद दिलाने की कोशिश कर रही है। अन्ततः उसने सिर हिलाकर पूछा, "क्या?"
"हम लोग लगभग 40 साल पहले एक ऐसे ही जहाज़ पर पहली बार मिले थे और उसके कुछ दिनों बाद, तुमने मुझसे यही शब्द बोले थे कि 'अब मौत ही हम दोनों को जुदा कर पाएगी' और उसके कुछ दिनों बाद हम लोगों ने शादी भी कर ली थी।"
"वह दिन तो कुछ और ही थे।" अलबर्ट भी शायद अतीत के कोने में चला गया, "तब तो मैं कॉलेज में दोस्तों के साथ शायरी भी लिखा करता था। और और तुम्हें वो शायरी याद है, जो मैंने तुम्हें पहली बार लिखकर सुनाई थी।"
एकदम से अलबर्ट बीते दिनों को याद कर खुशी से झूम उठा। उसे एकदम से लगने लगा, कि वह फिर से जवान हो गया। लेकिन इससे पहले कि वह किसी कॉलेज ब्वाय की तरह शायरों के अंदाज़ में शायरी कर पाता, माइकल को उधर आते देखकर, सामान्य हो गया। अलबर्ट की इस स्टाइल पर मारिया को इतनी तेज हँसी आई कि हँसते-हँसते उसका बुरा हाल हो गया।
"क्या बात है, अलबर्ट सरा? मैडम बहुत तेज हँस रही हैं? क्या हो गया?" माइकल ने आते ही पूछ लिया।
"कुछ नहीं, बेटे! कुछ पुरानी बातें याद आ गई थीं।" अलबर्ट ने जवाब दिया, "उन्हें छोड़ो, अपनी सुनाओ, आजकल क्या चल रहा है?"
"फ़िलहाल सिडनी वापस जा रहा हूँ, सर।" बोलते-बोलते रुककर माइकल ने हवा में हाथ मिलाया जो कि एक इशारा था, दूर खड़ी शैफ़ाली व मारथा को उधर बुलाने का।
"अच्छा, यही है तुम्हारा परिवार।" अलबर्ट ने मारथा व शैफ़ाली पर नज़र डालते हुए कहा, "और ये है तुम्हारी बच्ची शैफ़ाली। जिसके बारे में अक्सर तुम मिलने पर मुझे बताया करते थे।"
तब तक दोनों नज़दीक आ गए थे। मारथा ने सिर झुकाकर बारी-बारी से अलबर्ट व मारिया को अभिवादन किया। आते ही शैफ़ाली ने अंदाजे से अलबर्ट की ओर हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा, "हैलो ग्रैंड अंकल।"
"ग्रैंड अंकल......" अलबर्ट यह शब्द सुन आश्चर्य से भर उठा, "ये ग्रैंड अंकल क्या होता है, बेटे? ग्रैंड फ़ादर तो सुना है, पर यह ग्रैंड अंकल.....।"
"मैं तो आपको ग्रैंड अंकल ही बोलूँगी। क्योंकि डैड के जितने दोस्त आते हैं वह मेरे अंकल हुए। तो आप तो मेरे डैड के भी सर हो और ग्रैंड भी। इसलिए मैं आपको ग्रैंड अंकल ही बोलूँगी।" शैफ़ाली ने तर्क देते हुए कहा।
"अच्छा-अच्छा ठीक है। तुम मुझे ग्रैंड अंकल ही कहना।" अलबर्ट ने सिर हिलाते हुए कहा।
"तुमने जैसा इसके बारे में बताया था।" अलबर्ट ने माइकल से मुखातिब होकर कहा, "यह ठीक वैसी ही है।"
तभी शैफ़ाली ने दोनों को बीच में टोकते हुए कहा, "ग्रैंड अंकल, आपके बाएँ कंधे पर एक चींटी चल रही है, उसे हटा लीजिए।"
"व्हाट?" अलबर्ट ने आश्चर्य से पहले शैफ़ाली की तरफ़ देखा। फिर अपने बाएँ कंधे पर, जिस पर वास्तव में एक चींटी चल रही थी। उसने चींटी को कंधे से झाड़कर दोबारा शैफ़ाली की ओर देखा, "बेटे, तुम्हें तो दिखाई नहीं देता। फिर तुमने कैसे जाना कि मेरे बाएँ कंधे पर चींटी चल रही है?"
अलबर्ट ने विस्मय से शैफ़ाली की तरफ़ देखते हुए कहा।
"अरे ग्रैंड अंकल! आपने कभी चींटियों को एक कतार में चलते देखा है?" शैफ़ाली ने अलबर्ट से उल्टा सवाल कर दिया, "अगर हाँ! तो आप यह बताइए कि वह एक कतार में क्यों चलती हैं?"
"सभी चींटियाँ 'फेरोमोंस' नामक एक विशेष प्रकार की गंध छोड़ती हैं।" अलबर्ट ने अपने ज्ञान का पूरा परिचय देते हुए कहा, "जिससे उसके पीछे आने वाली चींटियाँ उस गंध का अनुसरण करती हुई चलती हैं।"
"बिल्कुल ठीक कहा आपने, ग्रैंड अंकल।" शैफ़ाली ने चुटकी बजाते हुए कहा, "तो जो चींटी आपके कंधे पर चल रही थी, वह भी गंध छोड़ती हुई चल रही थी। जिसे सूँघकर मैंने जान लिया, कि एक चींटी आपके कंधे पर है।"
"यह कैसे संभव है?" अलबर्ट बिल्कुल हैरान रह गया, "तुम्हें चींटी की गंध कैसे मिल गई। वह तो इतनी हल्की होती है, कि चींटी के अलावा, अन्य बड़े जानवर भी उसे सूँघ नहीं पाते।"
"आपको कैसे पता कि अन्य जानवर उसे सूँघ नहीं पाते?" शैफ़ाली ने एक प्रश्न का गोला और दागा, "यह भी तो हो सकता है कि उसे जानवर सूँघ लेता हो पर वह सुगंध उसके मतलब की नहीं रहती, इसलिए वह उस पर ध्यान ना देता हो।"
"हो सकता है।" अलबर्ट ने गड़बड़ाकर जवाब दिया, "पर तुम्हें कैसे उसकी गंध मिल गई?"
"ग्रैंड अंकल! क्योंकि मैं जन्म से ही अंधी हूँ। इसलिए मुझे हर चीज़ का अनुमान लगाना पड़ता है। जिसके कारण मेरी नाक व कान की इन्द्रियाँ बहुत तीव्र हो गई हैं। मैं जो चीजें सुन व सूँघ सकती हूँ, उसे सामान्य आदमी नहीं कर सकता।"
"बड़े आश्चर्य की बात है। मैंने सिर्फ़ इस बारे में सुना ही था।" अलबर्ट लगातार विस्मय से बोल रहा था, "देख पहली बार रहा हूँ। अच्छा ये बताओ कि तुम्हें यह कैसे पता चला? कि वह चींटी, मेरे बाएँ कंधे पर है।"
"सिम्पल सी बात है।" शैफ़ाली ने शांत स्वर में जवाब दिया, "आपने थोड़ी देर पहले मुझसे बात की। जिससे मैं आपकी आवाज़ सुनकर यह जान गई कि आपकी लम्बाई 5 फुट 9 इंच है। आपके मुँह से निकलती आवाज़ और चींटी के बीच की खुशबू के बीच की दूरी लगभग 6 इंच थी। और आपके बाएँ तरफ़ से आ रही थी। जिससे यह पता चला कि वह चींटी आपके बाएँ कंधे पर है।"
"लेकिन बेटा यह भी तो हो सकता था कि मेरे बगल में तुम जैसे खड़े हैं। वह चींटी उनके कंधे पर भी तो हो सकती थी।" अलबर्ट ने अब दिलचस्पी लेते हुए शैफ़ाली का पूरा इंटरव्यू लेना शुरू कर दिया।
"हो सकती थी। ज़रूर हो सकती थी। परन्तु आप इधर-उधर टहलकर बात कर रहे थे और जैसे-जैसे आप घूम रहे थे, वैसे-वैसे चींटी की गंध भी कम या उपादा हो रही थी। जबकि मेरे डैड एक ही स्थान पर खड़े होकर बात कर रहे हैं।"
अब अलबर्ट का सारा ध्यान इधर-उधर से हटकर, पूरा का पूरा शैफ़ाली की बातों में लग गया, मानो उसे अपने शोध का एक हथियार मिल गया हो।
"अच्छा, बेटे! यह बताओ कि मेरे पैंट की दाहिनी जेब में क्या है।" अलबर्ट ने पूरा परीक्षण लेते हुए कहा।
"आपकी दाहिनी जेब में एक लोहे की छोटी सी डिब्बी में सौंफ़ रखी है।" शैफ़ाली ने निश्चिंत होकर जवाब दिया।
अलबर्ट शैफ़ाली की बात को सुनकर भौचक्का सा खड़ा रह गया। क्योंकि उसकी पैंट की दाहिनी जेब में, वास्तव में लोहे की छोटी सी डिब्बी में सौंफ़ थी।
"बेटे, यह तुमने कैसे जाना?" अलबर्ट ने शैफ़ाली से सवाल किया।
"आपके चलने से बार-बार डिब्बी के अंदर रखी सौंफ़ डिब्बी की दीवार से टकराकर एक ध्वनि उत्पन्न कर रही थी। अगर डिब्बी प्लास्टिक की होती तो वह ध्वनि थोड़ी दूसरे तरीके से आती। इस तरह से बार-बार सौंफ़ का डिब्बी से टकराना, यह साबित करता है, कि उसमें जो भी चीज़ है, वह बहुत छोटे-छोटे कणों में है।"
"छोटे-छोटे कणों में तो कुछ भी हो सकता है?" अलबर्ट ने शैफ़ाली की बात को काटते हुए कहा, "फिर यह कैसे जाना कि उसमें सौंफ़ ही है।"
"आपके मुँह से आती सौंफ़ की खुशबू से, जो लगभग घंटे पहले आपने खाई थी।" शैफ़ाली ने कहा।
शैफ़ाली का हर जवाब अलबर्ट को आश्चर्य से भर रहा था। अब लगा जैसे अलबर्ट को कोई नया खेल मिल गया हो। उसने पास से जा रहे वेटर को रोककर उसकी फल वाली टोकरी से एक सेब व एक अमरूद निकाल लिया। फिर वेटर से चाकू लेकर सेब व अमरूद को शैफ़ाली के सामने रखा और फिर अमरूद के चार टुकड़े कर दिए।
"बेटो, यह बताओ कि तुम्हारे सामने अभी-अभी मैंने एक सेब को काटकर कुछ टुकड़ों में बाँट दिया है। क्या तुम बता सकती हो? कि मैंने सेब के कितने टुकड़े किए हैं?" अलबर्ट ने झूठ बोलते हुए शैफ़ाली से सवाल किया।
"आप झूठ बोल रहे हैं, ग्रैंड अंकल।" शैफ़ाली ने मुस्कुराकर कहा, "कि आपने सेब के टुकड़े किए हैं। आपने सेब के बगल में रखे अमरूद के चार टुकड़े किए हैं। सेब के नहीं। क्योंकि सेब के कटने से अलग तरह की ध्वनि होती है और अमरूद के कटने से अलग तरह की ध्वनि। और जो चीज़ ताज़ा कटती है, उसकी खुशबू ज़्यादा तेज होती है।"
उसके जवाबों को सुनकर अब मारिया भी उत्सुकता से उसकी तरफ़ देखने लगी। इस बार अलबर्ट ने शैफ़ाली के सामने जाकर, बिना हाथ उठाए पूछा, "ये कितनी उँगलियाँ हैं।"
"पहले उँगली तो उठा लीजिए, ग्रैंड अंकल, क्योंकि आपकी आवाज़ बिना किसी अवरोध के मुझ तक आ रही है।" शैफ़ाली ने चहककर जवाब दिया।
अलबर्ट ने वहीं पास में पड़ा एक पतला लोहे का पाइप उठाकर अपने व शैफ़ाली के चेहरे के बीच लाते हुए कहा, "अच्छा, अब ये बताओ। बताओ। ये कितनी उँगलियाँ हैं?"
"ये उँगली नहीं, लोहे का पाइप है।" शैफ़ाली ने जवाब दिया, "क्योंकि आपकी आवाज़ इससे टकराकर मेरे पास पहुँच रही है। और जब आपकी आवाज़ इससे टकराती है, तो इसमें बहुत हल्के से कंपन हो रहे हैं। वह कंपन झनझनाहट के रूप में मुझे सुनाई दे रहे हैं।"
अलबर्ट के पास हाल-फ़िलहाल अब कोई सवाल नहीं था। अतः वह चुप रहा। अलबर्ट अब विस्मय से एकटक, चुपचाप शैफ़ाली को इस तरह निहारने लगा मानो वह धरती का कोई प्राणी ना होकर, अंतरिक्ष से आया कोई जीव हो।
"लगता है ग्रैंड अंकल के पास सवाल ख़त्म हो गए।" शैफ़ाली ने अलबर्ट को ना बोलते देख पूछ लिया।
"अब मैं आपसे पूछती हूँ।" शैफ़ाली ने इस बार अलबर्ट की आँखों के सामने, अपने दाहिने हाथ का पंजा फैलाते हुए पूछा, "ये कितनी उँगलियाँ हैं?"
अलबर्ट ने अजीब सी नज़रों से पास खड़े माइकल, मारधा व मारिया को देखा। उसकी आँखों में प्रश्नवाचक निशान साफ़ झलक रहे थे।
"आपने बताया नहीं, ग्रैंड अंकल, ये कितनी उँगलियाँ हैं?" शैफ़ाली ने अलबर्ट को ना बोलते देख पुनः अपने हाथ का पंजा फैलाते हुए पूछ लिया।
"पाँच।" अलबर्ट ने अजीब से भाव से जवाब दिया।
"बिल्कुल गलत।" शैफ़ाली ने तेज आवाज़ में हँसकर कहा, "अरे ग्रैंड अंकल, उँगलियाँ तो चार ही हैं। एक तो अंगूठा है। और अंगूठे की गिनती उँगलियों में नहीं करते।"
अलबर्ट ने धीरे से जेब से रुमाल निकालकर अपने माथे पर आए पसीने की बूंद को पोछा और फिर माइकल की तरफ़ घूमता हुआ बोला, "बाप रे बाप! ये लड़की है या शैतान की नानी। मुझे ही फँसा दिया।"
अलबर्ट के इतना कहते ही शैफ़ाली को छोड़ बाकी सभी के मुँह से हँसी का एक ज़बरदस्त ठहाका फूट निकला।
निशानेबाजी ...
आज क्रिसमस का दिन था। सुबह से ही सारे लोग एक-दूसरे को बधाइयाँ दे रहे थे। पूरे शिप पर एक त्यौहार का सा माहौल था। सुयश ने विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया हुआ था। पूरे दिन भर लोगों ने इन विभिन्न प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। शिप के हॉल को दुल्हन की तरह सजाया गया था। धीरे-धीरे शाम हो गई थी। शिप के लगभग सभी व्यक्ति उस विशालकाय हॉल में एकत्रित थे।
हमेशा की तरह इस बार भी सुयश ने स्टेज पर चढ़कर सबसे पहले सभी को अभिवादन किया, और फिर एक गहरी निगाह उस विशालकाय भीड़ पर डाली। हॉल में इतने सारे लोगों के होने के बाद भी, इस समय बिल्कुल सन्नाटा था। सभी की निगाहें सिर्फ और सिर्फ सुयश पर थीं। सुयश ने सब पर एक नजर डालने के बाद धीरे से माइक संभाला।
"दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं, कि आज क्रिसमस का त्यौहार है।" सुयश की आवाज पूरे हॉल में गूंज रही थी। "यह त्यौहार पूरे विश्व भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसलिए हमने भी अपने शिप पर मौजूद सभी यात्रियों की सुविधा का विशेष ख्याल रखा। उनको ज़रूरत की लगभग हर चीज उपलब्ध कराई और इस त्यौहार को खुशी का नया रंग देने के लिए, मैंने शिप पर कुछ प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया। मुझे बड़ी खुशी हुई कि अधिक से अधिक लोगों ने इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया। अब मैं उन प्रतियोगियों के नाम बताऊँगा, जिन्होंने इन प्रतियोगिताओं में भाग लेकर सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है।"
सुयश ने कुछ क्षण रुककर रोजर के हाथ से कागज़ का एक पन्ना लिया और उसे खोलकर देखने के बाद फिर बोलना शुरू कर दिया। "सबसे पहले मैं अपनी सबसे शानदार प्रतियोगिता, निशानेबाजी में भाग लेने वाले उन सभी 28 प्रतियोगियों को धन्यवाद देना चाहूँगा, जिन्होंने इस प्रतियोगिता में खुले दिल से भाग लिया और अपनी निशानेबाजी का हुनर दिखाकर सभी का मनोरंजन किया। अब मैं इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय आए लोगों के नाम एनाउंस करूँगा, जिनके खूबसूरत और अचूक निशाने को देखकर आपने भी अपने दाँतों तले उंगली दबा ली।"
"तो निशानेबाजी का प्रथम पुरस्कार जाता है मिस्टर तौफीक के नाम पर, जिन्होंने अपने निशाने से पहले दिए गए सभी लक्ष्यों को भेदा, फिर एक ही गोली से एक कतार में रखी 6 जलती हुई मोमबत्तियों को बुझाया और उसके बाद अभेद्य समझे जाने वाले 6 सिक्कों को हवा में उछालकर जमीन पर गिरने से पहले ही निशाना बनाया।" सुयश लगातार बोल रहा था। "अतः मैं मिस्टर तौफीक से आग्रह करूँगा कि वह स्टेज पर आकर अपना मेडल प्राप्त करें।"
सुयश के इतना कहते ही, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इन तालियों में एक ताली की आवाज़ ऐसी थी, जिसमें खुशी की गूंज भी थी और प्यार का इज़हार भी। और वह ताली थी जेनिथ की, जो हॉल में एक स्थान पर लॉरेन के साथ बैठी थी। तौफीक इन दोनों से कुछ ही दूरी पर बैठा था। उसने अपना नाम एनाउंस होते देख एक नज़र जेनिथ पर डाली और फिर धीरे-धीरे चलता हुआ स्टेज पर जा पहुँचा। अब वह सुयश के सामने था।
सुयश ने एक बार बड़े ही गौर से तौफीक को ऊपर से नीचे तक देखा और फिर आगे बढ़कर तौफीक से हाथ मिलाते हुए, बगल में खड़े रोजर से मेडल लेकर तौफीक के सीने पर टाँक दिया। पूरा हॉल एक बार फिर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। तौफीक के सीने पर चमचमाता हुआ मेडल देख जेनिथ खुशी से फूली नहीं समा रही थी।
उधर, मेडल तौफीक के सीने पर टाँकने के बाद सुयश ने माइक के सामने जाकर तौफीक को माइक पर आने का इशारा किया। एक पल के लिए तौफीक ठिठका और फिर कुछ सोचकर धीरे से माइक के सामने जा पहुँचा। उसके माइक पर पहुँचते ही सुयश ने तौफीक को संबोधित करते हुए कहा- "अब मैं मिस्टर तौफीक से उनकी इस शानदार निशानेबाजी का राज पूछना चाहूँगा। मैं चाहूँगा कि वे सबके सामने अपने इस शानदार हुनर का कारण बताएँ।"
यह कहकर सुयश शांत होकर तौफीक के चेहरे को इस तरह देखने लगा जैसे कि उस पर लिखा हो कि वही अपराधी है। तौफीक ने एक नज़र पहले वहाँ बैठे सभी दर्शकों पर मारी, फिर जेनिथ पर और फिर बिल्कुल शांत भाव से बोलना शुरू किया। "दोस्तों, मेरा नाम तौफीक है। मैं वैसे तो मूलतः मिश्र का रहने वाला हूँ, पर फ्रांस में रहने के कारण मुझे वहाँ की नागरिकता प्राप्त है। मैं वहाँ की आर्मी फ़ोर्स में मेजर के पद पर कार्य करता हूँ। यही कारण है कि मेरा निशाना इतना अचूक है। वैसे तो मैं आमतौर पर इस तरह की किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं लेता, पर आज किसी के कहने पर मैंने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। इसलिए यह मेडल उसी के नाम पर।"
यह कहते समय तौफीक की नज़र जेनिथ पर जाकर टिक गई, जो अपलक उसी को देख रही थी। तत्क्षण उसकी नज़रें पुनः पूरे हॉल में सरसरी तौर पर घूमीं और फिर वह बोला- "बस दोस्तों, इससे ज़्यादा और कुछ नहीं कहना चाहूँगा।"
यह कहकर तौफीक स्टेज से उतरता हुआ धीरे-धीरे अपने स्थान की ओर बढ़ गया। सुयश ने तौफीक को जाते देख पुनः आकर माइक संभाल लिया।
"अब मैं निशानेबाजी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान पाने वाले उस प्रतियोगी को स्टेज पर बुलाना चाहूँगा, जिन्होंने बाकी सभी जगहों पर तौफीक को बराबरी की टक्कर दी, परन्तु अंतिम राउंड में हार गए। उनका नाम है मिस्टर लोधार।"
तालियों की गूंज के बीच लोथार स्टेज पर आया। सुयश ने लोथार को एक छोटी सी शील्ड प्रदान की और फिर उसे भी माइक पर बुलाया।
"दोस्तों, मेरा नाम लोथार है। मैं साउथ अफ़्रीका का रहने वाला हूँ। मुझे बचपन से ही निशानेबाजी का शौक था। इसलिए मैंने साउथ अफ़्रीका की जानी-मानी 'टारगेट शूटर्स' ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण लिया। जिसकी वजह से मैं आज यहाँ इस मुकाम तक पहुँचा हूँ।"
इतना कहकर लोथार ने अपने दाहिने हाथ से अपने होठों को चूमकर एक फ्लाइंग किस हवा में उछाला और एक हाथ हिलाते हुए विदाई की मुद्रा में स्टेज से उतर गया।
"अब मैं इस प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहे मिस्टर जैक को स्टेज पर बुलाना चाहूँगा।" सुयश ने पुनः माइक संभालते हुए कहा। "इन्होंने भी इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया।"
जैक, सुयश से नज़रें चुराता, सिर झुकाए स्टेज पर आया और इससे पहले कि सुयश उसे माइक पर बुला पाता, तेज़ी से अपनी शील्ड लेकर बिना कुछ बोले स्टेज से उतर गया। सुयश की तीखी निगाहें अंत तक जैक पर थीं। फिर वह अन्य प्रतियोगिताओं के विनर्स का नाम घोषित करने में लग गया।
इस प्रकार सनराइज़िंग की उस शाम का अंत सेलिब्रेट करते हुए शोर-शराबे के बीच बीता।
तलाशी का प्लान
"हम लोगों का प्लान व प्रतियोगिता का आयोजन तो शानदार रहा।" सुयश ने रोजर व लारा को बारी-बारी से देखते हुए कहा। "लेकिन असली चुनौती तो अब शुरू होगी। क्योंकि अब हमें इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले उन सभी 28 प्रतियोगियों के कमरे चेक करने होंगे। जिससे हमें अपराधियों का कुछ सुराग लग सके।"
"कैप्टन!" रोजर ने सुयश की बात पूरी होते ही पूछा। "वैसे आपने इन सभी 28 प्रतियोगियों को देखा। आपकी समझ से इनमें अपराधी कौन हो सकता है?"
रोजर की बात सुनते ही तुरंत सुयश की आंखों के सामने जैक का चेहरा घूम गया।
"वैसे तो अभी किसी के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।" सुयश ने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा। "लेकिन फिर भी मुझे सबसे ज्यादा शक जैक पर हो रहा है। क्योंकि कुछ तो उसकी हरकतें भी अपराधियों के जैसी हैं, और फिर तुम लोगों ने देखा, कि कैसे वह स्टेज पर आकर, बिना कुछ बोले ही चला गया। यहां तक कि उसने यह भी नहीं बताया, कि उसने इतनी अच्छी निशानेबाजी कहां से सीखी?"
"आप बिल्कुल सही कह रहे हैं, कैप्टन।" लारा ने भी कैप्टन सुयश की हा में हा मिलाते हुए कहा। "मुझे भी वह आदमी कुछ अजीब सा लगा।"
"अच्छा! अब यह सोचो।" रोजर ने लारा की तरफ देखते हुए कहा। "कि इन लोगों का कमरा, चेक कब और कैसे करना है? क्योंकि किसी-किसी के साथ तो दो या तीन लोग रहते हैं, और जरूरी नहीं कि सारे लोग एक साथ कमरे से बाहर जाएं। ये भी हो सकता है कि वह लोग जल्दी ही कमरे में वापस आ जाएं। जबकि हमें कमरे चेक करने के लिए समय चाहिए होगा।"
"रोजर बिल्कुल सही कह रहा है।" सुयश ने लारा की तरफ देखते हुए कहा। "हमें तलाशी चुपचाप ही लेनी होगी। यदि किसी को इस बारे में पता चल गया तो शिप की बदनामी तो होगी ही, बल्कि समय से पहले अपराधी भी सतर्क हो जाएगा।"
"तो फिर तलाशी के लिए हमें एक महोत्सव फिर से करना पड़ेगा।" लारा ने सुयश की ओर देखते हुए कहा। "और इस महोत्सव में यह कोशिश करनी होगी कि अधिक से अधिक यात्री, इसमें सम्मिलित हों।"
"उसकी जरूरत नहीं है। पाँच दिन के बाद नया साल आने वाला है। उसकी पार्टी में तो वैसे भी सारे आदमी हॉल में रहेंगे। यह हमारे लिए सबसे अच्छा मौका रहेगा। हम उसी समय उन सभी के कमरे चेक करेंगे।" सुयश ने पास रखे पेन को हाथ की उंगलियों में फंसा कर नचाते हुए कहा।
"ठीक है कैप्टन!" लारा ने जोश में आते हुए जवाब दिया। "मैं अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को एलर्ट करके, उस दिन के बारे में बता दूँगा, और यह 28 प्रतियोगियों की लिस्ट भी, उनके रुम नंबर सहित उनके हवाले कर दूँगा।"
"हाँ, लेकिन एक बात का ख्याल रहे, तलाशी लेते समय यात्रियों के सामानों के साथ, इस तरह की छेड़छाड़ न की जाए, कि उन्हें बाद में पता चल जाए कि उनके रुम की तलाशी ली गई है।" सुयश ने कहा।
"ठीक है सर, मैं ऐसा अपनी सिक्योरिटी के आदमियों को बता दूँगा।" इतना कहकर लारा ने सुयश की ओर जाने की आज्ञा लेने वाली दृष्टि से देखा।
सुयश ने यह देख लारा को जाने का इशारा कर दिया।
लारा के जाने के बाद सुयश, रोजर की तरफ घूमा। "रोजर वैसे तो हमारा प्लान बहुत अच्छा है, पर अगर हमें इसके द्वारा सफलता ना मिली तो?"
"इसके लिए हमें पहले से ही कुछ और प्लान भी करना पड़ेगा।" रोजर ने शांत स्वर में कहा। "लेकिन आप चिंता ना करें कैप्टेन, मैं कोई ना कोई प्लान और बना ही लूँगा।"
"ठीक है, फिर आगे की बातें हम बाद में ही करेंगे।" सुयश ने मीटिंग खत्म करने वाले अंदाज में कहा, और उठकर खड़ा हो गया।
रोजर भी उठ कर खड़ा हो गया और सुयश से विदा लेकर केबिन से बाहर निकल गया।
प्यार का इजहार
"क्या बात है तौफीक?" जेनिथ ने धीरे से अपना हाथ तौफीक के हाथ पर रखते हुए कहा। "तुम मुझसे इतना अलग-अलग सा रहने की कोशिश क्यों करते हो? ठीक तरह से बातें भी नहीं करते।"
तौफीक ने धीरे से अपना हाथ जेनिथ के हाथ के नीचे से निकालते हुए, कोल्ड ड्रिंक का गिलास उठाया और होठों से लगाकर धीरे-धीरे चुस्कियां लेने लगा।
थोड़ी देर तक तौफीक ने कोई जवाब नहीं दिया। जेनिथ फिर से पूछ बैठी, "तुमने मेरी बात का जवाब नहीं दिया तौफीक।"
"जिस आदमी की जिंदगी खुद एक सवाल बन गई हो, वह भला किसी की बात का क्या जवाब दे सकता है?" तौफीक ने बड़े उलझे हुए शब्दों में कहा।
"क्या मतलब?" जेनिथ ने तौफीक से पूछा।
"मतलब तुम समझने की कोशिश नहीं कर रही हो।" तौफीक ने सपाट स्वर में कहा। "जो तुम सोच रही हो, वह कभी संभव नहीं हो सकता।"
"मैं क्या सोच रही हूं?" एकाएक जेनिथ के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान उभरी।
"यही कि मैं तुमसे प्यार करूं, तुम्हारे साथ शादी कर लूं," तौफीक ने एकाएक थोड़ा सा उत्तेजित होकर कहा। "और तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी बिताऊं।"
"बैंक गॉड! कि तुम्हें यह एहसास है कि मैं तुम्हें प्यार करती हूं।" जेनिथ ने चेहरे पर क्रास बनाते हुए, खुशी भरे स्वर में कहा। "लेकिन इसमें आखिर बुराई क्या है? क्या तुम किसी और से प्यार करते हो? या मैं तुम्हें पसंद नहीं या फिर कोई और बात है?"
"बार-बार एक ही बात को मत दोहराओ जेनिथ।" तौफीक ने झुंझलाते हुए कहा। "मुझे एहसास है कि तुम क्या सोच और समझ रही हो। पर तुम इस बात को नहीं जानती कि मैं इस समय सस्पेंड चल रहा हूं और फिर मेरी जिंदगी का भी कोई भरोसा नहीं है। हर कदम पर हजारों दुश्मन घूम रहे हैं। क्या पता, कब किधर से एक गोली आए और…"
लेकिन इससे पहले कि तौफीक उसके आगे और कुछ बोल पाता, जेनिथ ने आगे बढ़कर अपना हाथ तौफीक के होठों पर रख दिया।
जेनिथ के चेहरे को देखकर ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे वह अभी रो देगी।
"बस, इसके आगे कुछ मत बोलना।" जेनिथ एकाएक भावुक हो गई। "तुम्हारे ऊपर आई हर गोली के आगे, मैं अपना शरीर कर दूंगी। पर तुम्हें आंच नहीं आने दूंगी।"
"मैं तुम्हारे भावनाओं की कद्र करता हूं।" तौफीक ने जेनिथ का कोमल हाथ अपने मुंह के ऊपर से हटाते हुए कहा। "पर मैं अपनी जिंदगी के साथ-साथ, तुम्हारी जिंदगी को भी खतरे में नहीं डाल सकता।"
"जब मैं खतरा उठाने को तैयार हूं, तो फिर तुम्हें क्या परेशानी है?" इस बार जेनिथ ने थोड़ा रोष में आते हुए कहा।
"परेशानी है क्योंकि…कहते-कहते चुप हो गया। क्योंकि…" तौफीक एकाएक कुछ…
"हां…हां बोलो बोलो तुम्हें क्या परेशानी है तौफीक?" जेनिथ ने शायद उसके आगे के शब्द समझ लिए और तौफीक की आंखों में अपने लिए प्यार की भाषा भी पढ़ ली। इसीलिए वह तौफीक को जोश दिलाते हुए बोली।
अचानक तौफीक के चेहरे के भाव परिवर्तित हुए और वह फिर उत्तेजित नजर आने लगा। "क्योंकि मेरे डिक्शनरी में प्यार नाम का, तब तक कोई शब्द नहीं आएगा, जब तक मेरा काम पूरा नहीं हो जाता।"
"तुम किस काम की बात कर रहे हो? मैं समझी नहीं।" जेनिथ ने उलझे स्वर में तौफीक से पूछा।
"तुम समझोगी भी नहीं। फिलहाल तो मैं इतना बता दूं कि मुझे एक बहुत जरूरी काम को सरअंजाम देना है। और इस काम के पहले मैं तुम्हारे बारे में सोच भी नहीं सकता।" तौफीक ने जवाब दिया।
"ठीक है! अगर तुम मुझे उस बात के बारे में नहीं बताना चाहते, तो मैं तुम्हें इसके लिए बाध्य नहीं करूंगी। मेरे जिंदा रहने के लिए इतना ही काफी है कि कभी न कभी तुम मेरे होकर ही रहोगे।" जेनिथ ने कहा।
"वैसे तब तक के लिए हम एक अच्छे दोस्त बने रह सकते हैं, या नहीं?" जेनिथ ने पुनः मुस्कुराते हुए तौफीक की आंखों में आंखें डालकर, अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाते हुए पूछा।
"बेशक!" तौफीक ने जेनिथ का हाथ थामते हुए कहा। "लेकिन कब तक?…पता नहीं…"
"अच्छा! अब जब हम अच्छे दोस्त बन ही गए हैं, तो तुम्हारी हर परेशानी मेरी।" जेनिथ ने खुश होकर कहा। "अब तुम ये बताओ कि तुम्हें सस्पेंड क्यों कर दिया गया?"
कहकर जेनिथ एक क्षण के लिए रुकी। शायद वह अब तौफीक के बोलने का इंतजार कर रही थी।
कुछ देर तक तौफीक को न बोलते देख, वह फिर से बोल उठी। "ठीक है अगर तुम अपने मिशन के बारे में नहीं बताना चाहते, तो मत बताओ। पर दोस्त होने के नाते, कम से कम अपने सस्पेंड होने का कारण तो बता सकते हो। और वैसे भी तुमको पता नहीं है कि मेरे डैड भी फ्रांस की आर्मी में कर्नल की पोस्ट पर हैं। मैं उनसे कह कर तुम्हारा सस्पेंशन ऑर्डर कैंसिल कराने की कोशिश करूंगी।"
"अब कोई चाह कर भी इस मामले में कुछ नहीं कर सकता। क्योंकि मेरे ऊपर, देश के दुश्मनों के साथ मिलकर, गद्दारी करने का आरोप लगाया गया है। यह बात अलग है कि फ्रांस की सरकार अभी तक इसे पूरी तरह सच नहीं मान रही है। लेकिन कब तक? सारे सबूत मेरे खिलाफ हैं। एक न एक दिन, सभी लोग इसे सच मान ही लेंगे। फिर मेरा क्या होगा?" तौफीक के शब्दों में रोष और निराशा साफ झलक रही थी।
"अच्छा छोड़ो इन बातों को।" जेनिथ ने तौफीक को दुखी होते देख, टॉपिक को चेंज करते हुए कहा। "आओ डेक पर चलते हैं। बाहर मौसम बहुत अच्छा है।"
यह कहकर जेनिथ ने रेस्टोरेंट के बिल पर साइन किया और तौफीक के हाथों में हाथ डालकर, धीरे-धीरे चलते हुए, रेस्टोरेंट के बाहर निकल गई।
जेनिथ का हाथ तौफीक के हाथ में देखकर, किसी के चेहरे पर एक कड़वी मुस्कुराहट आई और फिर वह परछाई भी रेस्टोरेंट के बाहर निकल गई...?
बली का बकरा
आज मौसम काफी खुशगवार था। परंतु ऐलेक्स के ऊपर मौसम का कोई प्रभाव नहीं दिख रहा था। वह बहुत परेशान था, क्योंकि आज तीसरा दिन था, जबसे उसकी क्रिस्टी से बात नहीं हुई थी। वह इन बीते तीन दिनों से क्रिस्टी के पीछे भाग-भाग कर परेशान हो गया था। पहली बात तो वह जल्दी अपने कमरे से निकलती नहीं थी, और अगर निकल भी गई, तो किसी न किसी के पास खड़े होकर बातें करने लगती। ऐलेक्स को वह अकेले कभी मिल ही नहीं रही थी।
आज ऐलेक्स सुबह से ही उसके कमरे के बाहर इधर-उधर टहल रहा था। उसने यह निश्चय कर लिया था कि आज वह क्रिस्टी से बात करके ही रहेगा, चाहे इसके लिए उसे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। उसे गैलरी में टहलते हुए काफी देर हो गई थी।
तभी 'खटाक्' की आवाज के साथ क्रिस्टी के कमरे का दरवाजा खुला और क्रिस्टी कमरे से निकल कर बाहर आई। उसने चाबी से कमरा लॉक किया और चाबी को अपनी चुस्त जींस की जेब में रख दिया। दरवाजा लॉक करने के बाद, उसने सरसरी तौर पर एक नजर गैलरी में डाली। उसकी नजर कुछ दूर खड़े ऐलेक्स पर पड़ी, जो कि लगातार उसे देख रहा था।
ऐलेक्स को देख क्रिस्टी ने अजीब सा मुंह बनाते हुए, कुछ बड़बड़ाया। पर ऐलेक्स को वह बातें, दूरी अधिक होने के कारण, सुनाई नहीं दीं। लेकिन इतना तो वह समझ चुका था कि क्रिस्टी ने उसके लिए कुछ विशेष 'इटैलियन मंत्र' पढ़ा था। तभी क्रिस्टी गैलरी के दूसरी ओर से डेक की ओर चल दी।
ऐलेक्स ने जब उसे दूसरी तरफ जाते देखा, तो वह तेज कदमों से उसके पीछे चल दिया। क्रिस्टी कई गलियों को पार करती हुई, सीढ़ियां चढ़कर डेक पर आ गई। ऐलेक्स अभी भी उसके पीछे था। क्रिस्टी ने धीरे से पीछे से आ रहे ऐलेक्स पर एक नजर डाली और फिर किसी की तलाश में, अपनी नजर इधर-उधर घुमाने लगी। ऐलेक्स अब उससे कुछ ही दूरी पर था।
तभी क्रिस्टी की नजर सामने खड़े तौफीक व लोथार पर पड़ी। जो कि आपस में बातें कर रहे थे। वह ऐलेक्स से पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से तेजी से उन दोनों की तरफ बढ़ गई।
"हैलो मिस्टर तौफीक, हैलो मिस्टर लोथारा," क्रिस्टी ने दोनों के पास पहुँचते हुए उन्हें संबोधित किया।
"हैलो!" दोनों ने समवेत स्वर में क्रिस्टी की ओर देखते हुए कहा।
"आप दोनों का निशाना तो गजब का है।" क्रिस्टी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा, "बाई द वे, मेरा नाम क्रिस्टीना जोन्स है।"
यह कहते हुए क्रिस्टी ने बारी-बारी दोनों से हाथ मिलाया।
"मैं तो आप लोगों के निशाने की फैन हो गई। क्या आप मुझको भी निशाना लगाना सिखा सकते हैं?"
यह कहकर क्रिस्टी, सिर्फ दिखावे के लिए, दोनों से बात करने में मशगूल हो गई। उधर ऐलेक्स, क्रिस्टी को तौफीक व लोथार की तरफ जाते देख एक जगह रुक गया। क्रिस्टी की पीठ ऐलेक्स की तरफ थी।
ऐलेक्स गुस्से के कारण मन ही मन में अपने आप पर बड़बड़ाने लगा। उसकी बड़बड़ाहट सुनकर पास से जाती हुई लॉरेन, उसके पास आ गई।
"आपने मुझसे कुछ कहा क्या? मिस्टर......!" इतना कहकर लॉरेन ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी।
"ऐलेक्स...... मुझे ऐलेक्स कहते हैं।" ऐलेक्स ने एकाएक घबरा कर कहा।
"ऐलेक्स! गुड नेम! आप शायद रूस से हैं।" लॉरेन ने ऐलेक्स में दिलचस्पी दिखाते हुए कहा।
"जी हां! मिस लॉरेन, आपने बिल्कुल सही कहा।" ऐलेक्स ने एक नजर लॉरेन पर डालते हुए कहा, "मैं रूस से ही हूं।"
"वाह! आप तो मेरा नाम भी जानते हैं।" लॉरेन ने ऐलेक्स की भूरी-भूरी आँखों में झाँकते हुए कहा।
"जी हां, आपको मैंने जेनिथ के साथ डांस करते हुए देखा था।" ऐलेक्स ने तुरंत क्रिस्टी व लॉरेन की मुलाक़ात का ज़िक्र गोल करते हुए कहा।
"वैसे आप काफी हैंडसम हैं।" लॉरेन ने ऐलेक्स की तारीफ करते हुए कहा।
"आपके कहने से क्या होता है?" ऐलेक्स ने उलझे हुए स्वर में कहा, "जिसको समझना चाहिए, वह तो नहीं समझती।"
"क्या मतलब?"
इस बार लॉरेन ने ऐलेक्स की नजरों का पीछा करते हुए, क्रिस्टी पर नजर डाली।
"ओऽऽऽऽऽ मैं समझ गई।" लॉरेन ने होंठों को गोल करते हुए, समझने वाले अंदाज में कहा, "वैसे, उसका नाम क्रिस्टी है। मेरी दोस्त है...... आप कहें तो मैं उससे आपकी दोस्ती करवा सकती हूँ।"
इस बार पहली बार ऐलेक्स ने गहरी निगाहों से लॉरेन को देखा और मुस्कुराते हुए कहा, "क्या आप सचमुच उससे मेरी दोस्ती करवा सकती हैं?"
"क्यों नहीं! यह तो मेरे बाएँ हाथ का खेल है। पर यह सब करने से मेरा क्या फायदा?....... मतलब कि यह सब करने से मुझे क्या मिलेगा?" लॉरेन ने कहा।
"आपको...?" ऐलेक्स ने लॉरेन को आश्चर्य से देखते हुए कहा, "आपको क्या चाहिए?"
"चलिए! मेरी छोड़िए।" लॉरेन ने एकाएक टॉपिक बदलते हुए कहा, "मैं आपकी दोस्ती तो क्रिस्टी से करवा सकती हूँ, पर वह अजनबियों से दोस्ती नहीं करती। इसलिए आपको थोड़ा सा नाटक करना पड़ेगा।"
"नाटक! कैसा नाटक?" ऐलेक्स ने ना समझने वाले भाव से कहा।
"कोई खास नहीं। बस आपको यह दिखाना होगा कि आप मेरे बहुत पुराने दोस्त हैं।" लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर देखते हुए कहा।
"ठीक है। अगर बात सिर्फ़ इतनी सी है, तो मुझे कोई ऐतराज नहीं है।" ऐलेक्स ने सहमति से सिर हिलाते हुए कहा।
"तो फिर ठीक है। मैं उसे अभी बुलाती हूँ।" यह कहकर लॉरेन ने पलट कर क्रिस्टी को आवाज लगाई, "क्रिस्टीऽऽऽऽ!"
क्रिस्टी जो कि तौफीक से बातें कर रही थी, अपना नाम किसी को पुकारते देख, उधर पलट गई। लॉरेन को देखकर क्रिस्टी ने वहीं से हाथ हिलाया। तभी लॉरेन ने इशारे से क्रिस्टी को वहाँ बुलाया। क्रिस्टी, तौफीक व लोथार से इजाजत लेकर लॉरेन की तरफ आ गई। तभी उसकी निगाह, लॉरेन के साथ खड़े ऐलेक्स पर पड़ी। ऐलेक्स को वहाँ देख वह आश्चर्य से भर उठी।
"हैलो! कैसी हो?" लॉरेन ने क्रिस्टी से हाथ मिलाते हुए कहा।
क्रिस्टी ने जैसे लॉरेन की बात सुनी ही ना हो। उसकी निगाहें अभी भी लगातार ऐलेक्स पर थीं।
"ओऽऽऽऽ सॉरी, सॉरी! मैं तुम दोनों को तो मिलवाना ही भूल गई।" लॉरेन ने ऐलेक्स की ओर इशारा करते हुए कहा, "ये हैं... मेरे पुराने बॉयफ्रेंड ऐलेक्स। जिनके बारे में मैं तुम्हें अक्सर बताया करती थी। जिनकी फोटो देखने के लिए तुम मुझसे जिद कर रही थी।"
क्रिस्टी ने आश्चर्य से ऐलेक्स को देखते हुए कहा, "ये हैं वोऽऽऽ!"
"जी हाँ, यही हैं वो।" लॉरेन के चेहरे पर एक खोखली मुस्कान उभरी, जिसे उसने तुरंत नियंत्रित किया।
ऐलेक्स भी लॉरेन की बात सुनकर आश्चर्य से भर उठा। क्योंकि लॉरेन ने उससे यह नहीं बोला था कि वह उसे बॉयफ्रेंड बनाकर, क्रिस्टी से मिलाने वाली है। पर अब कुछ नहीं हो सकता था। इसलिए ऐलेक्स ने भी क्रिस्टी की ओर अनमने भाव से हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा, "हाय.......
क्रिस्टी ने भी धीरे से हाथ बढ़ाकर ऐलेक्स से हाथ मिलाया। परंतु उसके चेहरे पर भी आश्चर्य व उलझन के भाव थे।
"क्या हुआ? तुम्हें इनसे मिलकर खुशी नहीं हुई क्या?" लॉरेन ने क्रिस्टी के उलझे हुए चेहरे को देखकर कहा, "वैसे तो तुम मुझसे बहुत पूछा करती थी।"
"नहीं-नहीं.... वो बात नहीं है।" एकाएक क्रिस्टी ने सामान्य होते हुए मुस्कुराते हुए जवाब दिया और फिर धीरे से ऐलेक्स के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया, जिसे कि वह अब भी कोई कीमती चीज समझकर पकड़े हुए था।
"अच्छा, अब तुम लोग बातें करो। मैं अभी आती हूँ।" यह कहकर लॉरेन ने धीरे से ऐलेक्स को आँख मारकर क्रिस्टी की तरफ इशारा किया और वहाँ से उस दिशा की ओर बढ़ गई, जिधर उसने अभी-अभी तौफीक व जेनिथ को जाते हुए देखा था।
"आपने पहले बताया नहीं कि आप ही लॉरेन के बॉयफ्रेंड हैं।" क्रिस्टी ने लॉरेन के जाते ही शंका भरे स्वर में ऐलेक्स से पूछा।
"मुझे भी कहाँ पता था?" ऐलेक्स ने क्रिस्टी के पूछते ही एकाएक बौखलाकर कहा।
"क्या मतलब?" क्रिस्टी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।
"म...म... मेरा मतलब है कि मुझे ही कहाँ पता था कि आप लॉरेन की बेस्ट फ्रेंड हैं।" ऐलेक्स ने पुनः घबराकर अपनी बात को सुधारते हुए कहा।
"शायद हमें कहीं बैठकर बातें करनी चाहिए।" क्रिस्टी ने इधर-उधर देखते हुए कहा।
"वो देखिए, उधर स्विमिंग पूल के पास की कुर्सियाँ खाली पड़ी हैं। चलिए उधर ही चलते हैं।" ऐलेक्स ने पास पड़ी कुर्सियों की ओर इशारा करते हुए कहा।
दोनों पूल के पास पहुँचकर खाली पड़ी दो कुर्सियों पर बैठ गए। क्रिस्टी की निगाहें अभी भी, किसी एक्सरे मशीन की तरह, ऐलेक्स के चेहरे का जायजा लेने में लगी थीं। ऐलेक्स बार-बार, इधर-उधर देखने का बहाना बनाकर, क्रिस्टी से नज़रें चुराने की कोशिश कर रहा था।
"क्या बात है मिस्टर ऐलेक्स?" क्रिस्टी ने ऐलेक्स के चेहरे पर नज़रें गड़ाए-गड़ाए ही पूछा, "आप कुछ परेशान दिख रहे हैं।"
"नहीं-नहीं ऐसी कोई बात नहीं है।" ऐलेक्स ने अपने माथे पर छलक आए पसीने को रुमाल से पोंछते हुए कहा, "वो मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है।"
"क्या हुआ आपकी तबीयत को? अभी कुछ देर पहले तो आप बिल्कुल सही थे।" क्रिस्टी ने पुनः ऐलेक्स को टटोलते हुए कहा, "अच्छा छोड़िए। आप यह बताइए कि आपकी लॉरेन से पहली मुलाक़ात कब और कहाँ हुई? आप उसे इतने पहले से जानते हैं, फिर भी आपने अभी तक उससे शादी क्यों नहीं की? पहले आप उससे शिप पर क्यों नहीं मिलना चाहते थे? आपके शिप पर कौन से दुश्मन हैं? जिनकी वजह से आप लॉरेन से पहले बात भी नहीं करना चाहते थे। और फिर एकाएक आज सामने आकर आप मुझसे भी मिल लिए। आप जब लॉरेन के बॉयफ्रेंड हैं, तो इतने दिनों से मेरे पीछे क्यों पड़े हैं? वगैरह-वगैरह......"
क्रिस्टी ने एक साथ ऐलेक्स पर प्रश्नों की बौछार कर दी। ऐलेक्स इतने प्रश्नों को सुनकर अब पूरी तरह नर्वस हो गया था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्रिस्टी के प्रश्नों का क्या उत्तर दे? अगर वह सच बोलता है, तो इस बार क्रिस्टी का रिएक्शन क्या होगा? और झूठ बोलने के लिए उसके पास जवाब ही नहीं हैं।
वह कुछ देर सोचता रहा। पर जब उसे कुछ समझ में नहीं आया, तो वह धीरे से खड़ा होता हुआ बोला, "माफ़ कीजिएगा मिस क्रिस्टी! अचानक मेरी तबीयत कुछ ज़्यादा गड़बड़ लग रही है। मैं आपके प्रश्नों का उत्तर, फिर कभी दूँगा। अभी तो मुझे चलकर पहले दवा लेनी होगी।"
यह कहकर ऐलेक्स वहाँ से चलने लगा।
"एक्सक्यूज मी मिस्टर ऐलेक्स!" क्रिस्टी ने ऐलेक्स को पीछे से टोकते हुए कहा, "अगर आपकी तबीयत ज़्यादा खराब हो, तो मैं आपको आपके कमरे तक छोड़ दूँ।"
"नहीं-नहीं। आप बिल्कुल परेशान मत होइए।" ऐलेक्स ने लगभग जान छुड़ाते हुए, भागने वाले अंदाज में कहा, "मैं धीरे-धीरे चला जाऊँगा।"
"वैसे आपका कमरे का नंबर क्या है?" क्रिस्टी ने पीछे से पुकारते हुए कहा, "मैं आपसे फोन करके, आपकी तबीयत पूछ लूँगी।"
"465" ऐलेक्स ने एक बार पीछे मुड़कर जवाब दिया, और फिर इससे पहले कि क्रिस्टी और कुछ कह पाती, वह तेज-तेज कदमों से चलता हुआ, उसकी आँखों से ओझल हो गया।
क्रिस्टी, ऐलेक्स को जाते हुए, अंत तक देखती रही, और फिर उसके होठों पर एक रहस्यमयी मुस्कान उभरी।
खतरनाक शर्त
जैक और जॉनी मुंह लटकाकर बियर बार में बैठे शराब पी रहे थे।
"जॉनी," जैक ने कहा।
"हाँ!" जॉनी ने जैक की आवाज सुनकर हुंकार भरी और व्हिस्की का गिलास होंठों से लगाकर पीने लगा।
"याद है," जैक ने काजू का एक टुकड़ा मुंह में डालते हुए निराशा भरे स्वर में कहा, "हम लोगों ने सोचा था कि जहाज पर खूब ऐश करेंगे। पर यहां तो कहानी ही उल्टी हो गई। उस कमीने कैप्टन ने तो, उस घटना के बाद से, हम पर नजर रखने के लिए सिक्योरिटी के आदमी भी लगा दिए हैं। अब तो हम लोग चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते।"
"क्यों.... नहीं कर सकते?" जॉनी ने लड़खड़ाती आवाज में कहा, "वो सा...ला... कैप्टन हमारा क्या बिगाड़ लेगा और ये सिक्योरिटी वाले.... इनकी तो........"
यह कहकर जॉनी खड़ा होने लगा, पर तुरंत जैक ने उसका हाथ पकड़कर उसे वापस कुर्सी पर बिठा दिया।
"पागल हो गए हो क्या?" जैक ने गुस्से में जॉनी को फटकारते हुए कहा, "अभी तक कम से कम अपने कमरों से निकलकर हम लोग घूम तो सकते हैं। पर तुम्हारी यह हरकत हम लोगों को इंटरपोल के हवाले करवा देगी।"
"पुलिस की भी…" जॉनी ने एक गंदी गाली मुंह से निकालते हुए जवाब दिया, "मैं किसी से भी नहीं… डरता। मैं जो… भी चाहूं… आज भी… उसको हासिल कर सकता हूं।"
"हासिल कर सकता हूं…" जैक ने जॉनी का मखौल उड़ाते हुए कहा, "हुंह… बड़ा आया हासिल करने वाला। वो दिन याद है, जब जेनिथ के कमरे में तुम कैप्टन के सामने हाथ जोड़े, गिड़गिड़ा कर माफी मांग रहे थे? उस दिन क्यों नहीं हासिल कर ली जेनिथ को? गए थे बड़े जोश के साथ, पर कैप्टन को देखकर सारी हवा क्यों निकल गई?"
जैक के व्यंग भरे शब्द सुनकर जॉनी का चेहरा नशे और गुस्से से लाल हो गया।
"अबे तू… क्या… समझता है, मैं उस दिन कैप्टन… से डर गया था।" जॉनी ने कहा, "मैं किसी के बाप से भी नहीं… डरता। और रही बात जेनिथ की… तो उसे… तो मैं किस… करके… दिखा… सकता हूं।"
"अबे बैठ जा-बैठ जा।" जैक ने जॉनी का मजाक उड़ाते हुए कहा, "ये तू नहीं तेरी शराब बोल रही है। जब उतर जाएगी, तो तू अपने आप लाइन पर आ जाएगा।"
"अब तू मुझे शराबी समझता है क्या?" जॉनी ने किसी तरह खड़े होते हुए कहा, "इतनी थोड़ी सी शराब… से मुझ पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। मैं आज भी… जो चाहूं, वो… कर सकता हूं।"
जॉनी ने जैक को पकड़कर झकझोरते हुए कहा, "समझा… गया… ना… मैं कुछ भी कर सकता हूं।"
जैक ने जॉनी को कुर्सी पर बिठाते हुए कहा, "अबे वीरान जंगल की गिरी हुई इमारत। पहले ढंग से खड़ा होना तो सीख ले, फिर कुछ करने की सोचना।"
"तू मुझ… से शर्त लगा ले।" जॉनी ने जैक की तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा, "मैं सबके… सामने… जेनिथ को… किस करके दिखा सकता हूं।"
"और अगर तू ऐसा न कर पाया तो…" जैक ने जॉनी का हाथ थामते हुए कहा।
"तो मैं तुम्हें दस हजार डॉलर दूंगा… नहीं तो तुम… मुझे दे देना।"
"मंजूर।"
दोनों ने हाथ मिलाकर एक शर्त की रूपरेखा तैयार कर ली। अगर उन्हें यह मालूम होता कि उनकी यह छोटी सी शर्त आगे जाकर कितना बड़ा हंगामा करेगी, तो शायद आज वह शर्त न लगाते।
हाथ मिलाने के बाद जॉनी धीरे से खड़ा होने लगा।
"अबे, शराब के गोदाम। कहां जा रहा है?" जैक ने कहा।
"सोचता हूं… एक पैग और… पी लूं… क्योंकि इतने में तो मेरा दिमाग ही नहीं चल रहा है।"
इतना कहकर जॉनी लड़खड़ाते कदमों से बार काउंटर की ओर बढ़ गया।
"लो, इतने से तो चला नहीं जा रहा है और अब एक पैग और लेंगे।" जैक ने जॉनी पर कमेंट किया।
जैक की निगाहें अब हॉल में इधर-उधर घूम रही थीं।
तब तक जॉनी एक पैग और लेकर लड़खड़ाते कदमों से अपनी टेबल पर पहुँच गया।
वह जैक को इधर-उधर देखते हुए देखकर बोला, "इधर-उधर क्या देख रहे हो?"
"बाकी के तीन आदमी ढूंढ रहा हूं।" जैक की निगाहें अभी भी आसपास घूम रही थीं।
"कौन से तीन आदमी?" जॉनी ने ना समझने वाले भाव से लड़खड़ाते हुए पूछा।
"अबे एक तो मैं हूं। पर बाकी के तीन और चाहिए ना, तुझे उठाकर ले चलने के लिए। क्योंकि एक और पैग पीने के बाद, तू कुर्सी पर तो बैठ नहीं पाएगा।"
"कुछ नहीं… होगा मुझे। अभी इसके बाद तो मैं… दो, तीन पैग… और पी सकता हूं।" जॉनी ने लगभग कुर्सी पर बिछते हुए कहा।
तभी हॉल में जेनिथ ने प्रवेश किया।
60/312
उसकी निगाह पहले हॉल में इधर-उधर घूमी, उसके बाद जैक और जॉनी पर पड़ी।
जेनिथ ने जैक और जॉनी को देखकर ऐसे मुंह बनाया, जैसे उसके मुंह में किसी ने कुनैन की गोली रख दी हो।
फिर वह एक खाली टेबल पर जाकर बैठ गई। उसकी निगाहें दरवाजे पर थीं।
थोड़ी देर बाद हॉल में तौफीक ने भी प्रवेश किया।
तौफीक सफेद शर्ट और ब्लैक ट्राउजर पहने था।
तौफीक ने भी इधर-उधर नजर दौड़ाई। उसकी निगाहें एक टेबल पर अकेले बैठी जेनिथ पर पड़ीं।
तौफीक ने हाथ के इशारे से जेनिथ को वहीं रुकने को कहा और फिर वह बार काउंटर की ओर बढ़ गया।
पर जैसे ही वह जॉनी की टेबल के पास से गुजरा, जॉनी ने हाथ बढ़ाकर तौफीक का हाथ पकड़ लिया और बोला, "ऐ वेटर मेरे लिए एक पैग और… लेकर आओ।"
तौफीक ने पहले एक नजर जॉनी पर डाली, फिर उसके उस हाथ पर, जो अब भी तौफीक का दाहिना हाथ पकड़े हुए था।
"सुनाई नहीं देता क्या? जो अभी तक यहीं पर खड़ा है?" जॉनी ने पुनः मिचमिचाती आँखों से तौफीक को देखने की असफल कोशिश करते हुए कहा।
इससे पहले कि और कोई कुछ समझ पाता, तौफीक का बांया हाथ बहुत तेजी से चला और 'धड़ाक' की आवाज के साथ, जॉनी के चेहरे का पोस्टर बन गया।
जॉनी कुर्सी समेत वहीं फर्श पर गिर पड़ा।
सभी कुछ इतनी तेजी से हुआ कि जैक को कुछ भी समझने का मौका नहीं मिला।
जॉनी के गिरने की आवाज सुनकर हर आदमी उधर देखने लगा।
जेनिथ भी यह देखकर दौड़कर तौफीक के पास आ गई।
उधर देख रहा हर आदमी वहां के हालात को समझने की कोशिश कर रहा था।
"ये आदमी तुम्हारे साथ है, मिस्टर जैक।" तौफीक ने इस बार सामने की कुर्सी पर बैठे जैक को संबोधित करते हुए कहा।
जैक ने सहमति से सिर हिलाया।
"ये जब होश में आ जाए, तो इसे समझा देना कि इतना ना पिए कि आदमी ना पहचान पाए।"
यह कहकर तौफीक, जेनिथ का हाथ पकड़कर वहां से दूर चला गया।
तौफीक के जाते ही जैक झटके के साथ अपनी कुर्सी से उठा और गिरे पड़े, बेहोश जॉनी को उठाने की कोशिश करने लगा।
"अब तो लगता है, सचमुच ही तीन आदमी की और व्यवस्था करनी पड़ेगी।" वह मन ही मन बुदबुदाया।
बदले की आग
इस समय जैक और जॉनी दोनों अपने कमरे में बैठे थे। जॉनी की नाक पर, तौफीक के मुक्के से लगे दो ‘बैंड-एड’ मल्टीप्लाई के निशान की तरह लगे हुए थे। तौफीक के मुक्के से जॉनी का गाल भी अंदर से कट गया था।
"अब आया समझ में?" जैक ने जॉनी को समझाते हुए कहा, "मैं तो पहले ही कह रहा था, कि कम पी। पर मेरी बात तब तुम्हारी समझ में नहीं आई थी। अब तो हो गई तसल्ली। पड़ गई दिल को ठंडक।"
जैक ने एक क्षण रुककर जॉनी के गुस्से भरे लाल चेहरे को देखा और फिर बोला, "और एक बात और ठीक से सुन ले। वो जो तौफीक है ना, वो जेनिथ का ब्वायफ्रेंड है। अब तक जेनिथ ने उसे पहली वाली घटना के बारे में भी बता दिया होगा। और तुमने उसका निशाना तो देखा ही है। अगर अंधेरे में भी गोली मारेगा तो सीधी तेरी खोपड़ी में ही लगेगी। इसलिए अब भूल जा जेनिथ को और चुपचाप मुझे दस हजार डॉलर दे दे। क्योंकि अगर तू शर्त पूरी करने में लगा तो मुझे पूरा विश्वास है, कि तू फिर कभी जमीन नहीं देख पाएगा। और मुझे तेरी लाश भी समुद्र के हवाले करनी पड़ेगी। फिर तेरे बाद तेरे सारे रुपए भी मेरे हो जाएंगे। इसलिए ये ले बोतल और पूरी पी कर चुपचाप सो जा। क्योंकि अब ये शर्त पूरी करना, तेरे बस के बाहर की बात हो गई है।"
यह कहकर जैक ने जॉनी की ओर बोतल बढ़ाई।
जॉनी कुछ देर तक शून्य में देखता रहा। फिर उसने बोतल उठाकर उसका ढक्कन खोला और मुंह से लगाकर गटागट, नीट ही सारी शराब अपने हलक में उतार ली।
"बस! खत्म हो गई तेरी बकवास। तू क्या समझता है कि जॉनी अब बेकार हो गया। उसमें आज भी वही... दिमाग और ताकत है... जो पहले थी। इसलिए पीछे नहीं हटूंगा। शर्त तो मैं पूरी... करके ही रहूंगा। और बहुत... अच्छा हुआ जो तूने मुझे यह... बता दिया कि जेनिथ, तौफीक की गर्लफ्रेंड है। अब... तो साले तौफीक से भी... तो... बदला लेना है।"
यह कहकर जॉनी खड़ा होने लगा, पर लहरा कर, वह ठिठक गया।
जैक ने यह देखकर तुरंत जॉनी को सहारा दिया।
"अबे क्यों अपनी जान का दुश्मन बना हुआ है।" जॉनी ने कहा, "कह रहा हूं ना, कि तुझसे नहीं होगा।"
"होगा। जरूर होगा।" यह कहकर जॉनी इस बार जोश के साथ खड़ा हो गया और फिर धीरे-धीरे कमरे के दरवाजे की ओर बढ़ा।
इस बार जैक ने भी उसे नहीं रोका।
जॉनी के कदमों में लड़खड़ाहट थी। लेकिन फिर भी वह दरवाजा खोलकर बाहर निकल गया।
उसके बाहर निकलते ही जैक के चेहरे पर एक मुस्कुराहट उभरी। "जा भाई जा। देखें तो आखिर कौन सी तरकीब लगा रहे हो तुम?"
जॉनी कमरे से लड़खड़ाता हुआ बाहर निकला। गैलरी में कुछ दूर तक, वह धीरे-धीरे लड़खड़ाता हुआ चला, पर गैलरी को पार करते ही, वह आश्चर्यजनक रूप से एकदम सही चलने लगा। अब ना तो उसके कदमों में लड़खड़ाहट थी और ना ही वह शराब पिए हुए दिखाई दे रहा था। अब उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट दिखाई दे रही थी।
"बेवकूफ है जैक। जो यह सोचता है कि जॉनी की ताकत और दिमाग खत्म हो गया है।" जॉनी मन ही मन बुदबुदाया।
गैलरी से निकलकर, धीरे-धीरे कदमों से चलते हुए, उसने डायनिंग हॉल में प्रवेश किया। अब उसकी तिरछी निगाह, अपने पीछे आ रहे, एक सिक्योरिटी के आदमी पर थी। उसने एक बार पूरे हॉल में नजर दौड़ाई और फिर धीरे से टॉयलेट की ओर बढ़ गया।
सिक्योरिटी मैन, जॉनी को टॉयलेट में घुसते देख, इत्मीनान से वहीं खड़ा हो गया। उसे पता था कि टॉयलेट में दूसरी तरफ से कोई दरवाजा नहीं है।
अंदर पहुंचकर जॉनी एक छोटे टॉयलेट में घुस गया। उसने सिक्योरिटी मैन को बाहर रुकते देख लिया था। अंदर पहुंचकर, जॉनी ने सिटकनी अंदर से बंद कर ली। अब उसने तेजी से अपनी टी-शर्ट और पैंट को उतारकर, उसे उल्टा कर के दोबारा पहन लिया। दूसरी तरफ से कपड़ों का कलर चेंज था। उसने पैंट व जींस में रखे पर्स व अन्य जरुरी सामान को, अब पैंट की आगे वाली जेब में डाल लिया। जिससे सामान की जरूरत पड़ने पर पैंट उतारने की नौबत ना आ जाए।
जॉनी ने अब अपने सूखे बालों को पानी से भिगोया और जेब से कंघी निकाल कर तुरंत अपना हेयर स्टाइल चेंज कर लिया। फिर अपने नाक पर लगे बैंड-एड को हटाकर, जेब से काला चश्मा निकालकर, अपनी आंखों पर चढ़ा लिया। अब उसका गेटअप पूरी तरह चेंज हो गया था। एक नजर में उसे कोई नहीं पहचान पाता।
अब जॉनी ने अपने आप को एक बार ध्यान से शीशे में देखा और पूर्ण रूप से संतुष्ट होते ही सिटकनी हटाकर दरवाजा खोल दिया। अब वह टॉयलेट से निकलकर, लापरवाह कदमों से, गाना गाते हुए सिक्योरिटी मैन के बगल से होता हुआ बाहर निकल गया।
बाहर निकल कर कुछ दूर चलने के बाद, जॉनी ने एक बार फिर सिक्योरिटी मैन पर नजर डाली। उसे अब भी अपने स्थान पर खड़ा देख, जॉनी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। अब वह धीरे-धीरे एक दिशा की ओर बढ़ गया।
कई गैलरियों को पार करता हुआ, जॉनी वहां से सीधा शिप के रिकॉर्ड रूम में पहुंच गया। ‘रिकॉर्ड रूम’ वह रूम होता है। जहां शिप में काम करने वाले छोटे-बड़े सभी लोगों का नाम व उनकी ड्यूटी का ब्यौरा रहता है।
जॉनी, रिकॉर्ड रूम के रिसेप्शन पर जाकर रुक गया।
"मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूं?" रिसेप्शन के पीछे से एक लड़की ने निकलकर, जॉनी को संबोधित किया।
"मिस!......" इतना कहकर जॉनी ने अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया।
"फ्रेजी! मुझे फ्रेजी कहते हैं।" फ्रेजी ने जॉनी का आशय समझ कर अपना नाम बताया।
"मिस फ्रेजी! मेरे एक दोस्त का भाई ‘सन राइजिंग’ में ही, आपके इलेक्ट्रिक विभाग में काम करता है। मेरे दोस्त ने मुझे उससे मिलने को कहा था। पर मेरे पास से उसका कार्ड खो गया है। अब मुझे उसका नाम भी याद नहीं आ रहा। तो क्या आप रजिस्टर से देखकर, मुझे उसका नाम और रुम नम्बर दे सकती हैं?"
"लेकिन मुझे क्या पता कि आपके दोस्त के भाई का क्या नाम है?" फ्रेजी ने उलझे स्वर में कहा।
"आप मुझे बस अपने इलेक्ट्रिक रुम वाले वर्कर्स का रजिस्टर दिखा दीजिए। मैं उस में लगी फोटो से उसे पहचान लूंगा। क्योंकि मेरे दोस्त ने मुझे उसकी एक फोटो दिखाई थी।" जॉनी ने निवेदन करने वाले अंदाज में कहा।
"लेकिन बाहरी आदमी को रिकॉर्ड रूम का रजिस्टर नहीं दिखाया जाता।" फ्रेजी ने जॉनी की ओर देखते हुए कहा।
"प्लीज मिस फ्रेजी!" जॉनी ने पुनः अनुनय करते हुए, अपना दाहिना हाथ आगे कर दिया, "बस 2 मिनट की ही तो बात है।"
फ्रेजी ने ना समझते हुए भी, अपना हाथ आगे बढ़ाकर जॉनी से मिला लिया। हाथ मिलाते ही उसे यह एहसास हुआ कि उसके और जॉनी के हाथ के बीच में कुछ है। और वह चीज जो भी थी, उसे वह क्या सारी दुनिया खूब समझती है। वह चीज एक 100 डॉलर का नोट था, जिसे फ्रेजी ने तुरंत अपने वस्त्रों में छिपा लिया।
अब उसका स्वर थोड़ा चेंज हो गया। उसने पीछे से इलेक्ट्रिक रूम वाला रजिस्टर उठाकर उसे रिसेप्शन पर रख दिया। लेकिन इससे पहले कि जॉनी उस रजिस्टर को अपनी तरफ घुमा पाता, किसी ने रिकॉर्ड रूम में प्रवेश किया।
उसे देखते ही फ्रेजी के चेहरे पर दहशत के भाव उभरे। आने वाला शख्स ब्रैंडन था। लारा का दाहिना हाथ, उसका असिस्टेंट और सिक्योरिटी का सबसे खतरनाक स्तंभ।
जॉनी ने आहट सुनते ही अपना हाथ रजिस्टर से तुरंत हटा लिया। फ्रेजी के चेहरे को देख वह समझ गया था कि आने वाला किसी ऑफिसर रैंक का है। चूंकि जॉनी की पीठ दरवाजे की तरफ थी। इसलिए ना तो वह आने वाले को देख पा रहा था और ना ही आने वाले ने उसका चेहरा देखा था।
फ्रेजी को तुरंत अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने अपने चेहरे के भावों को सामान्य किया।
"मिस फ्रेजी!" ब्रैंडन ने फ्रेजी को संबोधित करते हुए कहा, "क्या यहां पर लारा सर आए थे?"
फ्रेजी ने तुरंत नकारात्मक अंदाज में सिर हिलाया और जवाब दिया, "नहीं।"
"ठीक है। मैं चलता हूं पर जब वो आएं, तो उन्हें बता देना कि मैं उन्हें पूछ रहा था।" ब्रैंडन ने फ्रेजी से कहा।
यह सुनकर जॉनी और फ्रेजी दोनों ने ही राहत की सांस ली, कि अच्छा हुआ ब्रैंडन जल्दी में है, नहीं तो ना जाने कितने सवालों का जवाब देना पड़ता। पर वह मुसीबत ही क्या जो इतनी आसानी से टल जाए।
दरवाजे से निकलते-निकलते एकाएक ब्रैंडन ठिठका और मुड़कर जॉनी पर नजर डाली। अब वह दोबारा रिकॉर्ड रूम में आ गया। फ्रेजी के चेहरे के भाव तो सामान्य थे, पर उसका दिल अब जोरों से उछलने लगा था। उछलता भी क्यों ना? आखिर उसने जॉनी से 100 डॉलर लिए थे। अगर जॉनी से सवाल-जवाब होते, और वह उसका नाम ले लेता तो उसकी तो नौकरी चली जानी थी। क्योंकि बाकी सारे अपराध तो माफ हो सकते हैं, पर रिकॉर्ड रूम की सीक्रेसी लीक करना तो बहुत बड़ा अपराध है। जिसे कैप्टन कभी माफ नहीं करता।
उधर जॉनी भी ब्रैंडन की आवाज पहचान चुका था। उसकी आंखों के आगे तुरंत जेनिथ के कमरे वाला सीन आ गया। जैक की कॉलर पकड़े, उसे कैलेंडर के समान टांगे हुए जल्लाद ब्रैंडन नजर आने लगा।
"कौन है ये?" ब्रैंडन ने थोड़ा आगे बढ़ते हुए फ्रेजी से पूछा।
"य......... ये मेरा दोस्त है।" फ्रेजी ने एकाएक घबराए स्वर में कहा, "इसी शिप पर सफर कर रहा है। मुझसे मिलने आया है।"
"वो तो ठीक है पर" कहते हुए ब्रैंडन थोड़ा और आगे आ गया।
"पर क्या?" फ्रेजी के चेहरे पर अब आतंक के भाव साफ दिखाई देने लगे।
जॉनी के भी दिल की धड़कन अब बहुत तेज हो गई थी।
किसी भी पल कुछ भी हो सकता था...?
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"यार जॉनी! तुम आदमी बहुत बढ़िया हो। पर एक बात समझ में नहीं आई।" आर्थर ने जॉनी की ओर देखते हुए व्हिस्की का गिलास अपने होठों से लगाया और फिर बोला, "कि तुम मुझ जैसे छोटे से आदमी पर इतने मेहरबान क्यों हो? कोई ना कोई बात तो जरूर है?"
"तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो।" जॉनी ने आर्थर को देखते हुए कहा, "तुम्हें मेरा एक छोटा सा काम करना होगा। बदले में मैं तुम्हें 200 डॉलर दूंगा।"
"कोई गड़बड़ काम तो नहीं है?" आर्थर ने शंकित स्वर में कहा।
"पहले तुम काम तो सुन लो। अगर तुम्हें लगे कि काम गड़बड़ है, तो तुम उसे मत करना।" जॉनी ने आर्थर की शंका दूर करते हुए कहा।
"अच्छा बताओ क्या काम है?" आर्थर ने इधर-उधर देखते हुए धीमे स्वर में कहा।
"देखो! न्यू ईयर की रात तुम्हारी ड्यूटी जेनरेटर रूम में है।" जॉनी ने कहा।
"हाँ," आर्थर ने सहमति से सिर हिलाया।
"तुम्हें करना सिर्फ इतना है, कि 31 दिसंबर की रात 12 बजते ही जब 10 सेकेंड्स के लिए लाइट ऑफ की जाए तो तुम्हें कोई छोटी सी खराबी दिखाकर, उसे एक मिनट के लिए आने नहीं देना है।"
"इससे तुम्हारा क्या फायदा होगा?" आर्थर ने शंकित स्वर में जॉनी से पूछा।
"तुम यह क्यों जानना चाहते हो?" जॉनी ने मुस्कुराते हुए आर्थर से कहा।
"इसलिए कि कहीं तुम लाइट ऑफ का फायदा उठाकर, कोई बड़ी गड़बड़ तो नहीं करने वाले हो?"
"नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है। वैसे तो मैं तुम्हें यह बात नहीं बताना चाहता था। पर अब जब तुम इतना पूछ रहे हो, तो मैं बता देता हूँ। बात दरअसल यह है कि, मेरी अपने दोस्त से शर्त लगी है कि मैं एक लड़की को सबके सामने किस करके नहीं दिखा सकता। और मेरा यह कहना है, कि मैं ऐसा कर सकता हूँ। बस इसीलिए मैं तुमसे ऐसा करवाकर, उसे अंधेरे में सबके सामने किस करना चाहता हूँ। अगर तुम्हें ये गलत लग रहा है तो तुम यह काम रहने दो। मैं कोई दूसरा उपाय सोच लूँगा।" यह कहकर जॉनी धीरे से अपनी कुर्सी से उठने लगा।
आर्थर, जो अभी तक ध्यान से जॉनी की बात सुन रहा था, उसे उठते देख अचानक बोल पड़ा, "अरे यार, बैठो तो। मैंने अभी काम के लिए तुम्हें मना थोड़े ही किया है।"
आर्थर के ऐसा कहते ही, जॉनी के चेहरे पर बेसाख्ता ही एक मुस्कान उभरी, जिसे उसने तुरंत कंट्रोल किया।
अब जॉनी पुनः कुर्सी पर बैठ गया।
आर्थर ने फिर अपना गिलास भरा और उसे एक ही साँस में पी गया।
"अगर बात सिर्फ इतनी सी है, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं। पर इस काम के लिए 200 डॉलर कुछ कम लग रहे हैं।" आर्थर ने अब मक्कारी से अपने दाँत चमकाए।
"मैं तुम्हें 300 डॉलर देने के लिए तैयार हूँ। अब ठीक है।" जॉनी ने आर्थर की तरफ देखते हुए कहा।
"मैं इस काम के लिए 500 डॉलर लूँगा।" आर्थर ने मौके की नजाकत को देखते हुए अपने भाव बढ़ाए, "और वो भी अभी।"
500 डॉलर की बात सुन, पहले तो जॉनी को बहुत गुस्सा आया। क्योंकि इतने छोटे से काम के लिए 500 डॉलर बहुत अधिक थे। लेकिन फिर भी ना जाने क्या सोच, उसने जेब में हाथ डाला और 500 डॉलर के नोट निकालकर, धीरे से, इधर-उधर देखते हुए, आर्थर की ओर खिसका दिया।
आर्थर ने 'ही-ही' करके दाँत चमकाए और नोट को तुरंत झपट कर, इस तरह जेब में रख लिया, मानो जॉनी कहीं दोबारा उससे छीन ना ले।
नोट देने के बाद जॉनी ने एक बार पुनः गहरी नजरों से आर्थर को देखा और वहाँ से उठकर चल दिया।
आर्थर नोट पाते ही जॉनी को भूल, पुनः ड्रिंक बनाने में लग गया।
कुछ ही देर में जॉनी हॉल के बाहर निकल गया।
जॉनी के हॉल से बाहर निकलते ही, दूर खंभे के पीछे खड़ा ब्रैंडन, धीरे-धीरे चलता हुआ आर्थर के पास आ पहुँचा।
ब्रैंडन को पास आते देख आर्थर एकाएक सतर्क नजर आने लगा।
"क्या रहा?" ब्रैंडन धीरे से आर्थर के सामने वाली कुर्सी पर बैठते हुए बोला।
"बिल्कुल ठीक रहा सर।" आर्थर ने ब्रैंडन को सारी बात बताते हुए कहा, "उसे मैंने इस बात का एहसास नहीं होने दिया, कि मैंने उसकी सीक्रेसी लीक कर दी है। फाइनली मैंने उसकी बात मान ली है। पर अब यह बताइए कि मुझे आगे क्या करना है?"
"फिलहाल तो तुम उसके प्लान के हिसाब से ही चलो। बाकी आगे कुछ प्लान चेंज होता है, तो मैं तुम्हें बता दूँगा।" यह कहकर ब्रैंडन खड़ा होने लगा।
"इक्सक्यूज मी सर," ब्रैंडन को खड़ा होते देख आर्थर बोल उठा, "ये... 500 डॉलर के नोट, जो मैंने नाटक में जान डालने के लिए, जॉनी से लिया था। इसे आप रख लीजिए।"
ब्रैंडन ने एक नजर नोट पर डाली और मुस्कुराते हुए बोल उठा, "ये तुम अपने पास ही रख लो। समझो यह तुम्हारी उस शानदार एक्टिंग के लिए इनाम है।"
"थैंक यू सर," आर्थर ने आभार प्रकट करते हुए कहा।
कुछ ही देर में आर्थर व ब्रैंडन दोनों ही हॉल के बाहर थे।
उनके जाने के बाद, एक साया बगल वाली टेबल से उठ खड़ा हुआ। उसके चेहरे पर एक विजयी मुस्कान थी...?
सुयश के कमरे में सन्नाटा छाया हुआ था। सुयश के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही थीं। उसके सामने की कुर्सियों पर रोजर, लारा और ब्रैडन चुपचाप बैठे थे।
कुछ देर सोचने के बाद, सुयश धीरे से उठा और चहलकदमी करने लगा।
"हो तो तुम्हारा यह कहना है, ब्रैडन, कि जॉनी किसी लंबे चक्कर में है।" सुयश ने टहलते हुए कहा।
"हाँ सर, क्योंकि आपके बताने के अनुसार, हम लोगों ने जैक और जॉनी दोनों पर ही नज़र रखी थी। फिर एक दिन जॉनी हमारे सिक्योरिटी मैन को चकमा देकर रिकॉर्ड रूम पहुँचा और कुछ जानकारी ली। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि हमने उसकी सुरक्षा में एक नहीं, बल्कि कई आदमी लगाए थे। मुझे जैसे ही पता चला कि जॉनी ने भेष बदलकर सिक्योरिटी के आदमी को चकमा देने की कोशिश की है, मैं तुरंत उसके पीछे लग गया। बाद में रिकॉर्ड रूम में फ्रेजी से मुझे पता चला कि वह जेनरेटर रूम में काम करने वाले एक आदमी, आर्थर के बारे में पता कर रहा था। मैं तुरंत आर्थर से मिला और उससे जॉनी के बारे में बताकर, उसे उसकी योजना में शामिल कर लिया। अब जॉनी को यह नहीं पता कि हम लोग उसकी योजना के बारे में जान चुके हैं।" इतना कहकर ब्रैडन शांत हुआ और सुयश की ओर देखने लगा।
"तो तुम्हारा कहना है कि जॉनी, 'न्यू ईयर की रात लाइट ऑफ करवा कर, किसी लड़की को किस करना चाहता है।" सुयश ने ब्रैडन पर एक नज़र मारते हुए कहा।
"नहीं सर, यह मेरा कहना नहीं है। यह बात तो जॉनी ने आर्थर से कही थी। यह भी हो सकता है कि उसने आर्थर से झूठ कहा हो और वह किसी लंबे चक्कर में हो।" ब्रैडन ने सुयश की बात को सही करते हुए कहा।
"क्यों रोजर, तुम्हारा इस बारे में क्या कहना है?" इस बार सुयश ने रोजर को संबोधित किया।
"जहाँ तक मेरा ख्याल है सर, जॉनी किसी बड़े चक्कर में हो सकता है। क्योंकि पहली बात तो इतनी आसानी से जॉनी ने अपना उद्देश्य आर्थर को बताया। यह बात समझ में नहीं आती और दूसरी बात, सिर्फ एक लड़की को किस करने के लिए और शर्त पूरी करने के लिए इतना बड़ा ड्रामा करना, मेरी समझ से बाहर है।" रोजर ने कहा।
"मैं भी रोजर की बात से सहमत हूँ।" लारा ने अपने विचार व्यक्त किए।
"लेकिन सर, एक बात तो इससे स्पष्ट हो गई कि जॉनी चाहे जिस चक्कर में हो, पर वह अपराधी टाइप का ही आदमी है।" ब्रैडन पुनः बोला, "क्योंकि जितनी सफाई से उसने हमारे सिक्योरिटी के आदमी को चकमा देने की कोशिश की है, वह कोई बहुत चालाक अपराधी ही कर सकता है।"
"हाँ, यह बात तो तुमने ठीक कही।" सुयश ने ब्रैडन की बात सुनकर अपनी सहमति जताई।
सुयश पुनः चहलकदमी छोड़ अपनी कुर्सी पर बैठ गया। कुछ देर के लिए कमरे में फिर सन्नाटा छा गया।
सन्नाटा ज़्यादा लंबा होता देख, लारा बोली, "तो फिर कैप्टन, अब हमें आगे क्या कदम उठाना चाहिए? क्या हमें जॉनी को पकड़ लेना चाहिए? या फिर सावधानी से उस पर नज़र रखते हुए, उसके अगले कदम का इंतज़ार करना चाहिए?"
"अभी हमें यह नहीं पता है कि जॉनी वास्तव में क्या करना चाहता है। इसलिए हम अभी उसे कुछ नहीं कहेंगे। वैसे भी न्यू ईयर में बस अब एक ही दिन बचा है। तो फिर जॉनी पर कड़ी निगरानी रखो और उसके कोई गलत कदम उठाते ही, उसे पकड़ लो। और हाँ, उसका प्लान न्यू ईयर की रात मिनट के लिए लाइट ऑफ करवाना है। ठीक है, लाइट ऑफ होगी। लेकिन उसके प्लान के हिसाब से नहीं। क्योंकि उसका प्लान खतरनाक भी हो सकता है। इसलिए लाइट सिर्फ़ 30 सेकेंड्स के लिए ऑफ होगी। और चूँकि उसका प्लान मिनट का है, तो जाहिर सी बात है कि उसके आधे प्लान के बीच में ही लाइट आ जाएगी और हम उसे रंगे हाथों पकड़ लेंगे।...क्यों, यह प्लान कैसा रहेगा?" सुयश ने सभी को संबोधित करते हुए कहा।
"एक्सीलेंट!" रोजर के मुँह से निकला।
ब्रैडन और लारा ने भी सहमति से सिर हिलाया।
"तो फिर यह प्लान फाइनल है। लेकिन हाँ लारा, इस बात का ध्यान रहे कि न्यू ईयर की पार्टी में कोई गड़बड़ नहीं होनी चाहिए। और जैक पर भी नज़र रखना। वह भी कम दुष्ट नहीं है।" सुयश ने कहा।
"ओके सर। और हाँ सर, फ्रेजी का क्या करना है? क्योंकि उसने आपके नियमों के विरुद्ध, सन राइज़िंग की सीक्रेट जानकारी लीक की है।" ब्रैडन ने पूछा।
"फिलहाल उसे अभी वैसे ही काम करने दो। जॉनी को पकड़ने के बाद उसके बारे में सोचेंगे। वैसे भी अगर हम उसे पहले ही पकड़ कर उसके विरुद्ध कार्यवाही करेंगे, तो जॉनी पहले से ही सतर्क हो जाएगा।"
यह सुनकर ब्रैडन ने सहमति से सिर हिलाया।
इतना कहकर सुयश ने तीनों को जाने का इशारा किया। इशारा मिलते ही रोजर, लारा और ब्रैडन कमरे से बाहर निकल गए।
न्यू ईयर पार्टी
“दोस्तों! आज एक खुशियों भरी रात है।” सुयश ने माइक संभालकर कहा, “अब से ठीक चार घंटे बाद हमारे लिए एक नए वर्ष की शुरुआत होगी। हमारा सन राइजिंग भी एक नए वर्ष में कदम रख रहा है। आज हम धरती से हजारों किलोमीटर दूर, अनंत सागर में हैं। लेकिन मैंने अपने इस जहाज पर किसी चीज की कमी नहीं होने दी है। मैं यह चाहता हूँ कि आज की रात आप अपनी जिंदगी में एक नया अध्याय शुरू करें और आज की तारीख को अपने अनमोल जीवन का एक इतिहास बना दें। एक ऐसा इतिहास, जिसके पन्ने आप जब भी पलटें, तो आपको गर्व हो, आज के दिन पर और इस यादगार लम्हे पर। कल एक नई सुबह, एक नई सन राइजिंग हमारा इंतजार कर रही है। ‘सो लेट्स इंजॉय दिस नाइट’।"
इतना कहकर सुयश स्टेज से उतर गया। सभी इस रंगारंग कार्यक्रम का आनंद ले रहे थे।
तभी स्टेज पर प्रोफेसर अलबर्ट डिसूजा चढ़ गए। उनके साथ सुयश भी था।
स्टेज पर पहुँचकर, सुयश ने अलबर्ट को माइक की ओर आने का इशारा किया।
अलबर्ट ने धीरे से माइक संभाल लिया।
पुनः अब सभी का ध्यान स्टेज की ओर केंद्रित हो गया।
“दोस्तों! कृपया ध्यान दें।” अलबर्ट ने कहा, “मेरा नाम अलबर्ट डिसूजा है। मैं एक अमेरिकन वैज्ञानिक हूँ। मेरा सारा जीवन सिर्फ आविष्कार और खोज करने में ही चला गया। यहाँ तक कि मैं अपनी पत्नी मारिया को आज तक कोई यादगार खुशी नहीं दे सका।”
सभी व्यक्ति बहुत ध्यान से अलबर्ट की बात सुन रहे थे।
“मुझे इस बात का बहुत दुख है कि मैं उसके लिए आज तक कुछ नहीं कर सका। पर दोस्तों, आज की रात को मैं भी अपने जीवन में यादगार बनाना चाहता हूँ। दरअसल बात यह है कि आज हमारी चालीसवीं विवाह वर्षगाँठ है। और मैं चाहता हूँ कि इस खुशी के मौके पर, आप लोग भी हमारी खुशी में शामिल हों। इसलिए आज की रात सभी को मेरी ओर से शैम्पेन मुफ्त में बाँटा जाएगा। तो दोस्तों, मेरी इस यादगार वर्षगाँठ में सभी लोग मेरे साथ मिलकर खुशियाँ बाँटेंगे।” इतना कहकर अलबर्ट चुप हो गया।
तभी एक व्यक्ति ने हाथ में शैंपेन की बोतल लाकर अलबर्ट को दी।
अलबर्ट ने उसे तेजी से ऊपर-नीचे हिलाया और फिर एक झटके से उसका कार्क खोला और हवा में बोतल उठाकर कहा, “मेरी खूबसूरत और जीवन भर साथ देने वाली पत्नी मारिया के नाम।”
चारों ओर से तालियाँ बजने लगीं।
मारिया की आँखों में आँसू आ गए। लेकिन ये आँसू खुशी के थे।
अलबर्ट उसके बाद धीरे से स्टेज से उतरकर, मारिया के पास आकर खड़ा हो गया और मारिया का हाथ अपने हाथ में इस तरह ले लिया, मानो अब वह उसे पूरी जिंदगी ना छोड़ने वाला हो।
तभी धीरे-धीरे सभी लोग आकर उन्हें बधाई देने लगे।
इस भीड़ में माइकल, मारथा और शैफाली भी थे।
“इधर सभी लोग न्यू ईयर सेलिब्रेट कर रहे हैं, तो क्यों ना थोड़ी देर के लिए कहीं और चलें। आइए जहाज के कंट्रोल रूम में चलें। जरा यहाँ भी तो देखें, यहाँ का चालक दल न्यू ईयर के बारे में क्या सोच रहा है?”
“यार रोजर,” असलम ने, जो रोजर का हमउम्र होने के कारण उसे नाम से संबोधित करता था, रोजर से कहा, “आज न्यू ईयर की रात है। बारह बजे के बाद से न्यू ईयर शुरू हो जाएगा। बाहर हॉल में तो सभी सेलिब्रेट कर रहे हैं। पर हम क्या ऐसे सूखे-सूखे ही नया साल मनाएँगे?”
“क्या मतलब है तुम्हारा?” रोजर ने समझकर भी, ना समझने वाले भाव से कहा।
“अरे अगर आप आदेश दें, तो थोड़ा गला हम लोग भी तर कर लें।” असलम ने रोजर को मनाते हुए कहा।
“तुम्हारा मतलब है, कि ड्यूटी टाइम पर ड्रिंक।” रोजर ने धीरे से अपने कानों को हाथ लगाते हुए कहा, “नहीं बाबा नहीं। अगर कप्तान को यह पता चल गया कि हम लोगों ने ड्यूटी टाइम पर ड्रिंक किया था, तो वह हंगामा खड़ा कर देगा। और वैसे भी तुम्हें मालूम है कि वह नियम और कानून का कितना पक्का है। भाई मुझे तो यह रिस्क लेना मंजूर नहीं है।”
उनकी बातें सुन चालक दल के अन्य सदस्य भी उस ओर आ गए और उनकी बातें सुनने लगे।
“अरे यार! मैं थोड़े से की तो बात कर रहा हूँ। कौन सा हमें पूरी बोतल पीनी है। एक-दो पैग से कप्तान को क्या पता चलेगा?” असलम ने रोजर को उकसाते हुए कहा, “और वैसे भी कप्तान तो इस समय हॉल में है। उसकी निगाहें तो अपराधी को खोज रही हैं। वह भला इस समय यहाँ क्या करने आएगा?”
असलम के शब्द सुनकर रोजर सोच में पड़ गया।
असलम रोजर को सोचते देख, उसके मन की दशा भाँपकर, एक और कोशिश की।
“अब मान भी जाओ यार। वैसे अगर तुम कहो, तो थोड़ी देर के लिए कंट्रोल रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर देते हैं। अगर कोई आएगा भी, तो पहले दरवाजे पर नॉक करेगा। इतने में तो हम बोतलें छिपा लेंगे।” इतना कहकर असलम फिर चुप हो गया और रोजर का चेहरा देखने लगा।
तभी बाकी के चालक दल के लोग, जो अब तक उनकी बातें सुन रहे थे, वह भी रोजर को मनाने में लग गए।
“अब मान भी जाइए रोजर सर, असलम सर बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। एक-दो पैग में कोई नहीं जान पाएगा।”
“अच्छा ठीक है, अगर तुम सभी लोग इतना कह रहे हो, तो ठीक है पर कोई भी आदमी दो पैग से ज़्यादा नहीं पिएगा।” रोजर ने लगभग हथियार डालते हुए जवाब दिया।
“हुर्रेऽऽऽऽऽ!” सभी के मुँह से समवेत स्वर निकला।
“श्श्श्श्श्शा” पर तुरंत ही असलम ने मुँह पर हाथ रखकर सबको चुप रहने का इशारा किया।
फिर क्या था। आनन-फानन में ड्रिंक की व्यवस्था हुई, और कंट्रोल रूम के दरवाजे को अंदर से लॉक कर लिया गया।
“ये जाम वर्ष 2002 के नाम। चियर्स......।” रोजर ने असलम के जाम से जाम टकराया और जोर का जयकारा लगाते हुए चियर्स किया।
“चलिए यहाँ भी नए साल की पार्टी आखिरकार हो ही गई। आइए अब वापस हॉल में चलते हैं। देखें तो वहाँ की पार्टी किस तरह परवान चढ़ रही है।”
हॉल में बहुत ही धूमधाम से पार्टी का आयोजन चल रहा था। सभी लोग अपने-अपने दोस्तों के साथ सेलिब्रेट कर रहे थे।
वक्त भी सन राइजिंग की मानिंद मंद गति से चल रहा था।
इस समय रात के 11:30 बज रहे थे। दस मिनट बाद जेनिथ का डांस शुरू हो गया।
हॉल की लाइट अब धीमी कर दी गई थी।
जेनिथ अपनी सहेली लॉरेन के साथ स्टेज पर प्रकट हुई। स्वर लहरियाँ बज उठीं। धीमी गति से डांस शुरू हो गया।
इस समय हॉल के हर कोने में लाउडस्पीकर लगे होने के कारण पूरे हॉल में मध्यम संगीत गूंज रहा था।
सभी की आँखें, जैसे इस यादगार लम्हे को कैमरे की मानिंद शूट कर रही थीं।
सभी की निगाहें अपने-अपने लक्ष्य पर थीं।
जैसे डांस करती हुई, जेनिथ की निगाहें रह-रहकर तौफीक की ओर जा रही थीं। उसने सोच रखा था कि जैसे ही बारह बजे लाइट ऑफ होगी, उसे भागकर तौफीक के पास पहुँचना है। जेनिथ, तौफीक के साथ ही न्यू ईयर सेलिब्रेट करना चाहती थी।
तौफीक की भी निगाहें स्टेज पर ही थीं।
लॉरेन की निगाहें अपने बॉयफ्रेंड पर थीं।
सुयश पूरे हॉल में नजरें दौड़ाकर, अपराधी को ढूँढने की कोशिश कर रहा था।
ऐलेक्स की नजरें क्रिस्टी पर और क्रिस्टी की नजरें लॉरेन पर थीं।
लारा अपने सिक्योरिटी के इंतजाम को चेक करने में व्यस्त था।
ब्रैंडन की नजर सिर्फ़ और सिर्फ़ जॉनी पर थी।
अलबर्ट डिसूजा, मारिया के साथ व्यस्त थे। उनसे कुछ दूरी पर खड़े माइकल, मारथा व शैफाली भी अपने आप में व्यस्त थे।
उधर जॉनी ने जैक को पहले ही बता दिया था कि लाइट ऑफ होते ही वह जेनिथ की ओर जाएगा और उसे किस करके दिखाएगा। जॉनी का यह सोचना था कि एक मिनट के अंधेरे में वह जेनिथ को किस करके वापस आ जाएगा। इसलिए वह स्टेज के पास खड़ा था और उसकी निगाहें लगातार जेनिथ की ओर थीं।
जैक, जॉनी का यह कारनामा देखना चाहता था, इसलिए उसने अपनी जेब में अंधेरे में देख सकने वाला चश्मा डाल रखा था। उसकी निगाहें जॉनी पर थीं और एक हाथ उसकी जेब में था।
फ़िलहाल हर आदमी का लक्ष्य निश्चित था।
पार्टी जोरों से चल रही थी। घड़ी की सुइयाँ भी टिक-टिक करती हुई अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही थीं।
और आखिरकार वह समय भी आ गया जब घड़ी की तीनों सुइयाँ एकाकार होने के लिए मचल उठीं।
“15, 14, 13, 12, 11… उल्टी गिनती शुरू हो चुकी थी—5, 4, 3, 2, 1”
जैसे ही तीनों सुइयों ने एक-दूसरे को अपने आलिंगन में लिया, तुरंत पूरे हॉल की लाइट ऑफ हो गई।
हर तरफ़ शोर-शराबे का माहौल था।
जॉनी लाइट के ऑफ होते ही स्टेज की ओर भागा। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि जेनिथ लाइट के ऑफ होते ही तौफीक की तरफ़ जा चुकी है।
अंधेरा होते देख, जैक ने तुरंत आँखों पर चश्मा लगा लिया। चश्मा लगाते ही उसे जेनिथ स्टेज से गायब दिखी।
उधर जॉनी भागकर, लॉरेन को जेनिथ समझ, उसके पास पहुँच गया।
यह देखकर जैक के मुँह से एक ही शब्द निकला, “अब तू मरा जॉनी।”
इस भारी शोर-शराबे के बीच, एक शख्स ऐसा भी था, जिसे इस अंधेरे से कोई फर्क नहीं पड़ना था, और वह थी केवल शैफाली।
सुयश की निगाहें अपनी रेडियम युक्त घड़ी की सुइयों पर थीं। दस सेकेंड्स बाद उसके चेहरे पर बेचैनी साफ झलकने लगी। ना जाने क्यों उसे ऐसा लगने लगा कि तीस सेकेंड्स के लिए लाइट ऑफ की छूट देकर उसने गलती कर दी।
तभी पूरे हॉल में एक आग की आवाज गूँजी, “धांयऽऽऽऽऽऽ।” और इसी के साथ, एक चीख की आवाज सुनाई दी।
सुयश सहित सभी सिक्योरिटी के आदमी तुरंत हरकत में आ गए।
हर तरफ़ से अब तेज शोर सुनाई दे रहा था। एकाएक पूरे हॉल में सनसनी का माहौल हो गया।
“लाइट जलाओ! लाइट जलाओ!” कई जगह से आवाजें उभरीं।
तभी लाइट आ गई। सुयश भागकर स्टेज पर पहुँच गया।
वहाँ पहुँचकर वह हक्का-बक्का रह गया। क्योंकि स्टेज पर लॉरेन की लाश पड़ी थी।
उसके माथे के बीच में गोली लगी थी।
लाश का चेहरा गोली लगने के कारण विकृत हो गया था।
जॉनी, स्टेज पर, लॉरेन की लाश के बगल में खड़ा, थर-थर कांप रहा था। उसकी नजरें कभी लॉरेन की लाश पर, तो कभी उसे घूरते सुयश पर पड़ रही थीं।
सुयश ने अपनी सिक्योरिटी के द्वारा हॉल के सभी दरवाजे बंद करवा दिए।
अब हॉल में पिन ड्रॉप साइलेंट था।
उधर जेनिथ, जो अभी तक रास्ते में थी, भागकर तौफीक के पास पहुँच गई।
“सभी लोग कृपया ध्यान दें।” सुयश ने माइक संभालते हुए सभी को संबोधित करते हुए कहा, “देखिए जैसा कि आप सभी देख रहे हैं कि यहाँ पर एक हत्या हो गई है। इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि कृपया थोड़ा सा हमें सहयोग दें। जिसने भी हत्या की है, वह अभी यहीं पर होगा। इसलिए जो जहाँ पर है, कृपया वहीं पर खड़ा रहे।”
यह कहकर सुयश ने सभी सिक्योरिटी के आदमियों को अपने पास बुलाकर, सभी की तलाशी लेने की बात की।
सबसे पहले तलाशी जॉनी की ली जाती है। जॉनी का चेहरा डर के कारण बिल्कुल सफ़ेद पड़ चुका था। उसकी तलाशी में कोई हथियार बरामद नहीं हुआ।
“हाँ तो मिस्टर जॉनी,” सुयश ने जॉनी के सीने पर, अपने सीधे हाथ की तर्जनी उंगली से, चोट करते हुए कहा, “सबसे पहले आप यह बताइए कि आप स्टेज पर लाश के बगल में क्या कर रहे थे। और देखिए अगर मुझे लगा कि आप झूठ बोल रहे हैं, तो समझ लीजिए अब आपकी खैर नहीं।”
जॉनी समझ गया कि यदि उसने अब झूठ बोला, तो वह और भी फँस जाएगा। इसलिए उसने टेप रिकॉर्डर की तरह ऑन होकर सब कुछ सही-सही बता दिया……?
अंजानी आवाज़... जिसके बारे में सुयश को पहले से ही पता था। बस नहीं पता था, तो यह कि जॉनी किसे 'किस' करना चाहता था। लेकिन अब जेनिथ का नाम उसके सामने था।
"तो तुम्हारा यह कहना है, कि तुम एक छोटी सी शर्त पूरी करने के लिए, यहां आए थे।" सुयश ने जॉनी के चेहरे पर अपनी नजरें, एक्स-रे मशीन की तरह, गड़ाते हुए कहा।
जॉनी ने अपना सिर किसी हैंडपंप की तरीके से ऊपर-नीचे किया।
चूँकि जॉनी की तलाशी में उनके हाथ कुछ नहीं लगा, इसलिए सुयश ने फिलहाल जॉनी को छोड़ इधर-उधर नजरें दौड़ाना शुरू कर दिया। अब सुयश की निगाहें जेनिथ पर थीं।
"मिस जेनिथा," सुयश ने जेनिथ को देखते हुए कहा, "आपको तो इस समय स्टेज पर होना चाहिए था। आप वहां कैसे पहुँच गयीं?"
सुयश की आवाज सुन, जेनिथ धीरे-धीरे चलती हुई स्टेज तक आ गई। एक बार उसकी नजरें लॉरेन की लाश पर पड़ीं। लाश का चेहरा अब बड़ा डरावना लग रहा था। लॉरेन की लाश देखकर, जेनिथ की आँखें भर आर्चीं। जेनिथ ने भी सुयश को तौफीक के पास पहुँचने तक की स्टोरी बता दी।
तभी ब्रेडन की नज़र कालीन पर पड़े एक रिवाल्वर पर पड़ी।
"सर, वह देखिए। वहाँ एक रिवाल्वर पड़ी है।"
सुयश सहित सभी का ध्यान उस रिवाल्वर की ओर चला गया। सुयश धीरे-धीरे चलता हुआ, उस रिवाल्वर तक पहुँचा और फिर जेब से रूमाल निकालकर, उस रिवाल्वर को रुमाल से पकड़कर हाथ में उठा लिया।
"इस रिवाल्वर की नाल गरम है।" सुयश ने ऊँची आवाज में बोलते हुए कहा, "इसका मतलब मर्डर इसी से हुआ है। यानी कि हथियार तो मिल गया। अब हमें तलाशी लेने की कोई ज़रूरत नहीं है।"
"कैप्टेना," लारा ने आगे आते हुए कहा, "हमें इस रिवाल्वर से फिंगरप्रिंट उठा लेने चाहिए। उससे अपराधी का पता चल सकता है।"
"मुझे नहीं लगता कि फिंगरप्रिंट उठाने से कोई फायदा होगा।" सुयश ने रिवाल्वर को ध्यान से देखते हुए कहा।
"क्या मतलब?" लारा ने हैरानी से सुयश को देखकर बोला।
"मतलब यह, कि मर्डर प्री-प्लान है।" सुयश ने लारा की ओर देखते हुए कहा, "और वैसी स्थिति में जबकि यह रिवाल्वर यहाँ पड़ा हुआ मिला है, तो मेरा दावा है, कि इस पर किसी प्रकार का कोई फिंगरप्रिंट नहीं होगा। यह तो मैंने वैसे ही सावधानीवश इसे रुमाल से उठाया था।"
लारा ने समझने वाले भाव से सिर हिलाया।
"फिर भी हमें एक बार, इस रिवाल्वर से फिंगरप्रिंट उठाने की कोशिश करनी होगी। क्या पता कोई सुराग मिल ही जाए?" सुयश ने धीरे से खड़े होते हुए कहा।
सुयश ने अब रिवाल्वर को फिर एक बार ध्यान से देखा। रिवाल्वर पर अमेरिकन कंपनी कोल्ट का लोगो लगा था। सुयश ने एक झटके से उसे खोल दिया। वह एक सिक्स-राऊन्डर, लेटेस्ट रिवाल्वर थी, जिसमें 0.22 एम.एम. की गोलियाँ लगती थीं। रिवाल्वर के चेम्बर में 5 गोलियाँ अभी भी भरी थीं।
जब रिवाल्वर से और कोई भी क्लू नहीं मिला तो सुयश ने रुमाल सहित वह रिवाल्वर लारा की ओर बढ़ाते हुए कहा, "फिलहाल इसे लैब में भेज कर टेस्ट करवाइये। शायद कुछ हाथ लग ही जाए।"
"सर, एक तरीका और है।" लारा ने पुनः जोश में आकर सुयश से मुखातिब होकर कहा, "कातिल को पकड़ने का। क्यों ना हम सबका पैराफिन टेस्ट कर लें।"
सुयश ने ना समझने वाले भाव से लारा की ओर देखा।
"सर, पैराफिन टेस्ट यह जानने के लिए किया जाता है कि किसने फायर आर्म चलाया है। जब गोली चलती है, तो उससे छिटकने वाले बारूद के कण, गोली चलाने वाले के हाथ पर भी आ जाते हैं। जो कि खाल में इस कदर पैवस्त हो जाते हैं, कि एक बार तो हाथ धोने से भी साफ नहीं होते। ऐसे हाथ को लिक्विड पैराफिन में डुबाया जाता है। पैराफिन सूख जाने पर, हाथ पर एक झिल्ली जैसी पतली पर्त बना देता है। जिसे हाथ पर से उतार लिया जाता है। इस तरह से खाल में जमे बारूद के सूक्ष्म कण, खाल से निकलकर पैराफिन में आ जाते हैं। बाद में पैराफिन से बनी उस झिल्ली को लैबोरेटरी में चेक किया जाता है। अगर उसमें बारूद के कण मिलते हैं, तो इसका मतलब जिसके भी हाथ का एग्जामिन किया गया है, उसने कोई फायर आर्म चलाया था। और विशेष बात है कि पैराफिन हमारी लैब में आसानी से मिल जाएगा।"
इतना कहकर लारा, कुछ क्षणों के लिए रुक कर, सुयश का चेहरा देखने लगा। सुयश, जो इतनी देर से लारा की सारी बातें ध्यान से सुन रहा था, उसने एक लंबी साँस छोड़ी और फिर बोल उठा, "तुम्हारी बतायी यह पैराफिन टेस्ट वाली थ्योरी तो बहुत अच्छी है। लेकिन अगर किसी का पैराफिन टेस्ट पॉजिटिव रहा, तो यह कैसे पता चलेगा कि उसने फायर आर्म अभी हैंडल किया है या फिर चार-पाँच घंटे पहले? क्योंकि यहाँ तो अक्सर निशानेबाजी के लिए लोग फायर आर्म हैंडल करते रहते हैं। और तुम्हारा यह कहना है, कि एक बार साबुन से हाथ धोने पर भी यह बारूद के कण हाथ से नहीं जाते हैं। फिर इससे समय का ठीक-ठीक अंदाज़ा कैसे लगेगा कि यह रिवाल्वर कब चलाई गई थी?"
लारा के पास सुयश के इस सवाल का कोई जवाब नहीं था। अतः वह निरुत्तर हो चुप हो गया।
"और हाँ! एक चीज और है।" सुयश ने थोड़ा रुककर फिर बोलना शुरू किया, "जिसने भी रिवाल्वर का इस्तेमाल किया है, उसने गोली चलाकर रिवाल्वर को फेंक दिया है। जिसका सीधा सा मतलब निकलता है, कि रिवॉल्वर पर फिंगरप्रिंट नहीं होंगे और अगर रिवाल्वर पर फिंगरप्रिंट नहीं होंगे तो एक बात तो साफ़ है, कि रिवाल्वर चलाने वाले ने या तो रबड़ के दस्ताने पहने होंगे, या फिर रिवॉल्वर को रुमाल से पकड़ रखा होगा। और दोनों ही स्थितियों में पैराफिन रिपोर्ट में कुछ नहीं आने वाला। क्योंकि अगर हमारा सोचना सही है, तो बारूद के कण, रबड़ के दस्ताने पर या रुमाल पर गिरेंगे।"
लारा सहित स्टेज पर खड़े सभी लोग मंत्रमुग्ध से सुयश के तथ्यों को सुन रहे थे।
"लारा!" सुयश कुछ देर सोचते रहने के बाद, लारा से मुखातिब होकर धीमे से बोला, "सभी की तलाशी लो और अगर किसी के पास रबड़ के दस्ताने हों, तो वह अपने कब्ज़े में कर लो। और हाल में खड़े सभी लोगों के रुमाल पर उनका नाम लिखकर, उसे जमा करवा लो और उसके बाद सभी को जाने दो।"
सुयश ने बाद के सारे शब्द लारा से धीमे शब्दों में कहे, जिससे कि उसकी बातें सुनकर अपराधी पहले ही अपना रुमाल निकाल कर बाहर ना फेंक दे। लारा ने अपनी सिक्योरिटी के सारे लोगों को तलाशी में लगा दिया। बाहर निकलने वाले 2 दरवाज़े खोल दिए गए। लेडीज़ और जेंट्स सिक्योरिटी वाले, अलग-अलग अपने काम को अंजाम देने लगे। कुछ देर बाद हॉल बिल्कुल खाली हो गया। जैसा कि सुयश ने सोचा था, वैसा ही हुआ, किसी के भी पास से रबड़ के दस्ताने नहीं मिले।
अब पूरे हॉल में लारा, ब्रेडन और सुयश के सिवा कोई नहीं था, क्योंकि सिक्योरिटी के आदमियों को भी सुयश ने जाने के लिए कह दिया था।
"सरा," ब्रैडेन ने सुयश की तरफ़ देखते हुए कहा, "आपने रुमाल की भी तलाशी ली। यह भी तो हो सकता है, कि अपराधी ने तलाशी के पहले ही अपना रुमाल कहीं फेंक दिया हो।"
"होने को तो कुछ भी हो सकता है।" सुयश ने ब्रैडन की ओर देखते हुए कहा, "लेकिन अपराधी इतना बेवकूफ़ नहीं हो सकता कि इतनी भीड़ में अपना रुमाल निकाल कर फेंके। क्योंकि अगर ऐसा करते हुए किसी की भी नज़र उस पर पड़ जाती तो वह समय से पहले ही फँस जाता।"
ब्रैडन ने सुयश की बातें सुन, अपना सिर सहमति से हिलाया।
"सर, मुझे एक बात समझ में नहीं आई?" लारा ने उलझन भरे स्वर में कहा।
"क्या?" सुयश ने लारा से पूछा।
"जिसने भी गोली चलाई है, उसने अंधेरे में गोली चलाई है। तो इसका मतलब कि वह बहुत बड़ा निशानेबाज़ है। क्योंकि अंधेरे में किसी पर गोली चला कर, उसे मारना हर किसी के बस की बात नहीं। लेकिन समझ में मुझे यह नहीं आया, कि गोली तो लाइट ऑफ होने के लगभग 20 सेकंड के बाद चली है, तो फिर कातिल को इतना सटीक अंदाज़ा कैसे हो गया कि लॉरेन इस समय वहीं खड़ी है? क्योंकि लाइट ऑफ होने से पहले और लाइट ऑफ होने के बाद, लगभग हर आदमी की स्थिति में परिवर्तन हुआ था।"
"क्या मतलब?" सुयश ने प्रश्न भरी निगाहें लारा पर डालीं। "मैं कुछ समझा नहीं।"
"मतलब साफ़ है सर, या तो गोली किसी और के लिए चलाई गई थी और वह गलती से लॉरेन को लग गई या फिर कोई ऐसी चीज़ जिससे कि उसको लॉरेन की सही स्थिति का पता चल रहा था।" लारा ने सुयश को समझाते हुए कहा।
इस बार सुयश की आँखों में चमक सी आ गई। वह धीरे-धीरे चलता हुआ पुनः लॉरेन की लाश के पास पहुँचा और उसे गौर से देखने लगा। कुछ देर देखते रहने के बाद सुयश की निगाह, लॉरेन की लाश के गले में पड़े लॉकेट पर थी। कुछ देर तक वह ध्यान से लॉकेट को देखता रहा। फिर उसने धीरे से आगे बढ़कर लॉकेट को, लॉरेन के गले से निकाल लिया। अब वह लॉकेट को लेकर हॉल के एक कोने में पहुँचा और वहाँ पर लगे लाइट के बटनों को एक-एक करके ऑफ कर दिया। एक क्षण के लिए पुनः पूरे हॉल में अंधेरा हो गया। लेकिन उस अंधेरी जगह में भी, वह लॉकेट तेज़ी से चमक रहा था और अब उसके साथ चमकने लगी थीं, सुयश की आँखें भी। सुयश ने पुनः पूरे हॉल की लाइट को ऑन कर दिया और पलट कर वापस ब्रेडन और लारा के पास पहुँच गया।
"यह था तुम्हारे सवाल का जवाब।" सुयश ने लारा के सामने लॉकेट को लहराते हुए कहा, "इस लॉकेट में रेडियम लगा हुआ है, जिसकी वजह से कातिल ने अंधेरे में भी इतना सटीक निशाना लगा लिया। और इससे एक बात यह भी साफ़ हो गई, कि कातिल का निशाना कोई और नहीं लॉरेन ही थी।"
"लेकिन इससे एक बात और समझ में आयी सर।" ब्रैडेन ने लॉकेट को देखते हुए कहा, "कि कातिल लॉरेन से अच्छी तरह परिचित था और हो ना हो यह लॉकेट भी उसी ने लॉरेन को गिफ्ट किया होगा। क्योंकि लॉरेन किसी अंजान से लिया गया लॉकेट अपने गले में भला क्यों डालेगी?"
"अब इसके बारे में तो हमें जेनिथ ही बता सकती है।" सुयश ने कहा, "क्योंकि वह लॉरेन की रूम पार्टनर थी।"
सुयश यह कहकर पुनः ध्यान से उस लॉकेट को देखने लगा कि शायद उसे, उसमें कोई और क्लू मिल जाए। लेकिन रेडियम पॉलिश के अलावा उस लॉकेट में और कुछ भी ख़ास नहीं था। काफ़ी देर तक देखने के बाद, सुयश ने उसे अपनी जेब में डाल लिया।
"लारा, अब तुम जरा 3-4 आदमी बुलवा लो। जो इस लाश को कोल्ड स्टोर रूम में रख सकें। अगले स्टॉपेज पर सोचेंगे कि इसका क्या करना है?" सुयश ने कहा।
लारा ने तुरंत फ़ोन करके चार आदमी बुलवा लिए। वे सभी लॉरेन की लाश को, एक बड़ी सी पॉलीथिन में पैक करने लगे। लॉरेन की लाश को पैक हो जाने के बाद, सुयश ने लारा को लाश ले जाने का इशारा किया। हॉल से निकलते हुए लारा ने ब्रैंडन को भी साथ आने का इशारा किया।
सबके जाने के बाद सुयश ने भी पहले एक नज़र स्टेज की ओर दौड़ाई और फिर सिर को झटक कर थके कदमों से अपने केबिन की ओर चल दिया।
सुयश इस समय अपने केबिन में था। रात के लगभग 2:00 बज रहे थे। लेकिन सन राइज़िंग पर मर्डर हो जाने के कारण, किसी की भी आँख में नींद का नामोनिशान नहीं था। सुयश के सामने, वे सभी सिक्योरिटी के आदमी लाइन से खड़े थे, जिन्हें लारा ने, निशानेबाज़ी के सभी 28 प्रतियोगियों के रूम चेक करने के लिए भेजा था।
"क्या अब सभी लोग यहाँ पर आ चुके हैं?" सुयश ने लारा से पूछा, "या फिर अभी कोई आना बाकी है?"
"यस, सरा," लारा ने तसल्ली से सभी को देखते हुए जवाब दिया, "अब कोई भी आना बाकी नहीं है।"
"हाँ! तो अब आप लोग बताइए।" सुयश ने इस बार सभी को देखते हुए पूछा, "क्या किसी को तलाशी में कोई गड़बड़ चीज़ दिखाई दी? यह ध्यान रहे कि छोटी से छोटी चीज़ भी, अगर तुम्हें विचित्र लगी हो, तो उसके भी बारे में बता देना।"
"नहीं," सभी का समवेत स्वर गूँजा, "हमें तलाशी में कोई भी ऐसी चीज़ नहीं दिखी, जिससे हमें किसी पर शक हो।"
"1 मिनट, कैप्टन!" सिक्योरिटी के एक आदमी ने लाइन से बाहर निकलते हुए सुयश से कहा, "मुझे जैक का रूम चेक करने के लिए भेजा गया था। मैं उसका रूम चेक कर रहा था, लेकिन अभी मैं आधा रूम ही चेक कर पाया था कि तभी मुझे बगल वाले रूम से कुछ अजीब सी आवाज़ें सुनाई दीं। मुझे मालूम था कि इस समय सारे यात्री हॉल में हैं। इसलिए मैं उन अजीब सी आवाज़ों को सुनकर आश्चर्य में पड़ गया। मैंने कान लगाकर, दूसरे रूम से आती हुई आवाज़ों को सुनने की कोशिश की। पर मैं यह नहीं समझ पाया कि ये आवाज़ें कैसी हैं?"
"कैसी आवाज़ें थीं वह?" सुयश ने लगभग आतुर स्वर में पूछा।
"ठीक से तो नहीं कह सकता सर, पर वे आवाज़ें ऐसी लग रही थीं, जैसे कोई किसी चीज़ को खुरच रहा हो।" सिक्योरिटी मैन ने दिमाग़ पर ज़ोर डालते हुए कहा।
"तुरंत मेरे साथ चलो।" सुयश ने बाहर निकलते हुए कहा।
अब उसकी आँखों में ठीक वैसी ही चमक थी, जैसी एक इनामी अपराधी को पकड़ते समय इंस्पेक्टर के चेहरे पर होती है। लारा, ब्रैंडन सहित सभी लोग तेज़ी से सुयश के पीछे-पीछे बाहर निकल गए...?