यह कहानी है रोहन और सिया की । दुल्हन बनी सिया घुंघट ओढ़े अपनी बहन तन्वी की जगह पर शादी के मंडप पर बैठी हुई थीं। जिससे उसकी शादी हो रही थीं उस लड़के को यानी रोहन ने कभी सिया को देखा नहीं था। लेकिन मजबूरी में आज वो इस हाल में थी। जिससे उसकी शादी हो रह... यह कहानी है रोहन और सिया की । दुल्हन बनी सिया घुंघट ओढ़े अपनी बहन तन्वी की जगह पर शादी के मंडप पर बैठी हुई थीं। जिससे उसकी शादी हो रही थीं उस लड़के को यानी रोहन ने कभी सिया को देखा नहीं था। लेकिन मजबूरी में आज वो इस हाल में थी। जिससे उसकी शादी हो रही थीं वो रोहन उसकी बहन तन्वी का मंगेतर था जो तन्वी से बहुत प्यार करता था लेकिन उसे इस बात का कोई अंदाजा नही था उसकी शादी तन्वी से नहीं किसी अनजान लड़की से हो रही हैं ।अब क्या hoga इस शादी का अंजाम। जानने के लिए पढ़ते रहिए तेरे इश्क में 🤌❤️😍
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राधे राधे 💗
अपनी बहन तन्वी की जगह मंडप पर बैठी सिया आंखों से आंसू बह रहे थे लेकिन उसके सिर पर घुंघट की वजह से उसे कोई देख नहीं पा रहा था ।उसे घबराहट और बेचनी की वजह से उसके हाथ कांपने लगे थे और उसे डर भी लग रहा था वो बैठी बैठी अपने मन में यही सोच रही थी कि :नहीं में ऐसा नहीं कर सकती में उन्हें धोखा नहीं दे सकती जब उन्हें पता चलेगा कि जिस लड़की के साथ शादी करने के वो सपने देख रहे है में वो नहीं हु।
आज उस लड़की की जगह उसकी छोटी बहन मंडप में शादी का जोड़ा पहने बैठी है तो वो मेरे साथ क्या करेंगे वो यही सब अपने मन में सोच रही थी।
जिस लड़के के बारे में सिया सोच रही है वो है हमारे कहानी के हीरो रोहन कपूर
Rohan kapoor: Rk इंडस्ट्रीज india ki top 1 company उस कम्पनी के मालिक का सबसे बड़ा बेटा और साथ में कंपनी का ceo भी,रोहन कपूर की शादी बिजनेसमेन मनीष मेहरा की बड़ी बेटी तन्वी मेहरा के साथ तय हुई थी भले ही ये अरेंज मैरिज थी लेकिन रोहन पूरे दिल से तन्वी को चाहने लगा था।और इस शादी से भी बहुत खुश था ।
दूल्हे के कपड़े पहने मंडप पे बैठा रोहन आज बहुत handsome लग रहा था शादी आई हुई लड़कियां की नजर तो रोहन से हट ही नहीं रही थीं।और कई लड़कियां को रोहन पर अपना दिल हार चुकी थी।मगर रोहन तो अपने ख्यालों में खोया हुआ था।और साथ में बहुत खुश भी लग रहा था।इस बात से बेखबर उसके साथ उसके बाजू में बैठी लड़की उसकी मंगेतर नहीं उसकी छोटी बहन है ।क्या होगा जब रोहन को पता चलेगा उसकी शादी उसके प्यार से नहीं किसी और से हो रही है और उसके बाजू में बैठी लड़की कोई अनजान हैं।
सिया कोई अनजान नहीं थी वो मनीष मेहरा की छोटी बेटी थीं।वो 10 साल तब उसके दादू दादी की एक्सिडेंट में डेथ हो गई थी और सिया उनके बहुत करीब थी सिया को उनकी बहुत याद खिलती इस लिए वो तब से ही हॉस्टल से ही उसने अपनी पढ़ाई कंप्लेंट की है। जब तन्वी और रोहन का रिश्ता तय हुआ तब वो यहां नहीं थी इस लिए रोहन ने कभी सिया को देखा ही नहीं है।सिया रोहन के फैमिली वालों से एक दो बार ही मिली थी ।इस शादी से दोनों फैमिली वाले बहोत खुश थे और शादी कि तैयारियों में लगे हुए थे लेकिन तन्वी के मन में कुछ और ही चल रहा था।
शादी का दिन।
मनीष जी और कविता जी बहुत परेशान तन्वी के कमरे में बैठे थे।तन्वी वहां पर नहीं थी उसके शादी के जोड़े के पास एक चिठ्ठी पड़ी हुई थी और उसमें लिखा हुआ था
मम्मा और पापा में ये शादी नहीं करना चाहती थी।और मैने आप दोनों को पहले से बोला हुआ था मुझे इस शादी में इंटरेस्ट नहीं हैं लेकिन आप लोगों ने मेरी बात नहीं सुनी इस लिए अब मेरे पास अब और कोई रास्ता नहीं बचा था।इस लिए अब में यहां से जा रही हु में शादी नहीं करना चाहती अब और ड्रामा मुझसे नहीं होता ।अगर आप लोग पहले ही मेरी बात मान लेते तो ये सब आज नहीं होता और हो सके तो अपनी बेटी को माफ कर दीजिएगा ।
तन्वी की चिट्ठी पढ़ कर मनीष जी के पैरो से मानो जमीन खिसक गई हो और वो अपना सिर पकड़ कर बैठे हुए थे जब कविता जी ने बात सुनी वो भी बहुत परेशान थी हो भी न क्यों इतना बड़ा नाम और इज्जत थी समाज में लेकिन आज उनकी बड़ी बेटी की वजह से सब डूबने वाला था।मनीष जी समज नहीं आ रहा था वो अब क्या करे और सबको सच कैसे बताए उन्होंने पहले अविनाश जी और राधा जी को बताने का फैसला लिया।और उसने बात करना ठीक समझा।
अविनाश कपूर: रोहन के डैड
राधा कपूर: रोहन की मोम
मनीष जी ने हिम्मत करके अविनाश जी को कॉल लगाया और उन्हें कमरे में बुलाया।और जब अविनाश जी और राधा जी कमरे आए और उन्हें परेशान देख बोले क्या हुआ मनीष जी आज हमारे बच्चों की शादी और खुशी का दिन है और आप इस तरह कमरे में क्यों परेशान बैठे हुए है क्या कोई बात है
तभी राधा जी कविता जी से पूछती है हा कविता जी आप लोग इतनी परेशान क्यों है राधा जी उनके पास बैठती है उनका इतना पूछते ही कविता जी रोने लगती है। उन्हें रोता देख वो दोनों गभरा गए की जरूर कोई बड़ी बात है ।तभी मनीष जी अविनाश जी के सामने अपने दोनों हाथ जोड़ कर तन्वी की चिट्ठी के बारे सब बता देते है।
उनकी बात सुन अविनाश जी और राधा जी को झटका लगा ऐसे कैसे शादी छोड़ कर भाग गई क्या ये शादी उसकी मर्जी से नहीं हो रही थी और तन्वी तो हमारे रोहन के साथ कितनी खुश नजर आ रही थी ।फिर ऐसे शादी छोड़ कर भाग जाना ये सब क्या है मेहरा जी,राधा जी लगभग थोड़ा गुस्सा होते हुए बोली वो भी एक मां थी उन्हें रोहन की फिकर होने लगी थी और ये बात रोहन को पता चलेगी तो क्या होगा। अविनाश जी ने भी यही सवाल किया।
तभी मनीष जी ने कहा जब शादी तय हुए थी तब हमने उससे पूछा था पहले वो शादी करना नहीं चाहती थी और कह रही थी कि किसी और से प्यार करती है जब हमने उसके पूछा कौन है वो तो उसने हमें उसके बारे में नहीं बताया।लेकिन जब हमने उसे रोहन के बारे में पूछा तो उसने अपनी मर्जी से शादी के लिए है कहा था ।हमने कोई ज़ोर जबरदस्ती नहीं की थी फिर वो ऐसा कैसे कर सकती हैं।
"देखिए अब जो हो गया सो हो गया, लेकिन अब आगे क्या करना है उसके बारे में हमें सोचना होगा हम बारात इसे वापस लेके नहीं जा सकते हमारी बहुत बदनामी होगी और ये हमारी इज्जत का सवाल है । कुछ रास्ता तो हमे निकाल ना होगा ये शादी ऐसे अधूरी नहीं re सकती"
अविनाश जी के बात सुन सब लोग सोच में पड़ गए कि आगे अब क्या करना होगा और इस परेशानी का हल कैसे निकाले ।
आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं कल
ओके byy
आप लोगों स्टोरी पसन्द आए तो रिव्यू और कमेंट करना न भूले ठीक है
RADHE RADHE 🤌🫶
Ab तक आपने पढ़ा।
तन्वी शादी छोड़ कर भाग गई है और ये बात रोहन के मोम डैड को पता चली गई अब आगे जानते है ।
अब आगे
सब लोग इस उलझन में थे कि अब आगे क्या किया जाए बिना दुल्हन के तो बारात वापस नहीं जा सकती थीं।और तन्वी शादी छोड़कर भाग गई थीं।
तन्वी नहीं तो कोई और ही सही ,किसी दुसरी लड़की को हम तन्वी की जगह मंडप पे बैठना होगा जिससे शादी भी पूरी हो जाए और हमारे खानदान की बदनामी भी न हो" अविनाश जी अपना फैसला सुनाते हुए कहते हैं।
"अरे पर ऐसे कैसे हम किसी भी लड़की को हमारे खानदान की बहु बना सकते हैं ,और आखिर ये हमारे बेटे की जिंदगी का सवाल है हम ऐसे ही किसी और लड़की से उसकी शादी नहीं करा सकते और जब हमारे रोहन को पता चलेगा कि उसकी शादी तन्वी से नहीं कोई और लड़की से,,,"राधा जी रोहन के लिए अपनी फ्रीक जताती हुए कह रही थीं।
उसे अभी कोई नहीं बताएगा।
अविनाश जी की बात सुन सब उनकी तरफ देखने लगे,फिर वो एक गहरी सास लेकर अविनाश जी आगे कहना शुरू किया,
वो अभी प्यार में है तन्वी से मिला धोखा वो अभी बर्दाश्त नहीं कर पाएगा लेकिन हमें दिमाग से काम लेना पड़ेगा और हम उसकी शादी कोई ऐसी वैसी लड़की से नहीं कराएंगे हमें कोई अच्छी लड़की देखनी होगी जो हमारे परिवार और हमारे रोहन के लिए अच्छी हो और ऐसे लड़की हमें जल्द जल्द ही ढूंढनी होगी अविनाश जी अपनी बात पूरी करते हुए बोले।
और इतनी कम वक्त में हमें ऐसे लड़की कहां मिलेगी "ये भगवान ये कैसा धर्मसंकट है ?????।"राधा जी ने अपनी परेशानी जताई। एक तरह से उनकी बात सही ही नीचे शादी का मुहूर्त निकलता जा रहा था और रोहन अपनी दुल्हन का इंतजार करते हुए शादी की रस्म कर रहा था ऊपर से सारे मेहमान भी आ गए थे और ऐसे में लड़की जल्द ही ढूंढना थोड़ा और उसे शादी के लिए कन्वेंस करना मुश्किल था।
मनीष जी जो कबसे चुपचाप खड़े थे उन्हें अविनाश जी और राधा जी की बात सुन उन्हें अपनी छोटी बेटी सिया का ख्याल आया ।और वैसे भी सिया उन्हें 2,3 बार मिली भी थी इस लिए वो कपूर परिवार को जानती भी थी और अभी जिस हिसाब की परिस्थिति खड़ी हुए थी इस लिए उन्हें अपनी बेटी सिया का ख्याल आया ।ऐसा नहीं था कि वो बस अपनी इज्जत बचाने के लिए अपनी लाडली बेटी की बलि चढ़ा रहे थे पर उन्हें आज उनकी बड़ी बेटी जो किया उन्हें लिए बस अब सिया ही उन्हें पास थी।और मनीष जी जानते थे कपूर फैमिली बहुत अच्छी थी और वो लोग भी बहुत अच्छे थे और उनकी छोटी बेटी सिया का बहुत ख्याल रखेंगे और वहां पर उनकी बेटी बहुत खुश रहेगी।
थोडी देर सोचने के बाद मनीष जी ने अपनी बात अविनाश जी और राधा जी को बताई और उनके आगे अपना सुझाव रखा मनीष जी पूरी बात सुनने के बाद राधा कि और अविनाश जी सिया के बारे में सोचने लग गए।
वैसे तो वो लोग सिया को ज्यादा तो नहीं जानते थे पर उनकी मुलाकात सिया से 2,3 बार हुए थी उन्हें तब सिया का स्वाभाव और सिया बहुत अच्छी लगी थी और उन्हें सिया बहुत प्यारी लगी थीं।मनीष जी के मुंह सिया के लिए रिश्ते की बात सुन वो लॉग सोच में पड़ गए ।
उन्हें सोचता हुए देख मनीष जी कहते है देखिए MR. Kapoor में जानता हु मेरी बड़ी बेटी की वजह से आज सब ये हो रहा है लेकिन यकीन मानिए मेरी छोटी बेटी बहुत प्यारी है मुझे पता है मेरी एक बेटी ने आपको निराश किया है पर मेरी दुसरी बेटी आपको निराश नहीं करेगी मुझे अपनी बच्ची पर पूरा भरोसा है बाकी आप लोगों को जैसा ठीक लगे।
उनका इतना कहना भर था कि तभी कविता जी बोली ये आप क्या कह रहे है हमारी सिया अभी छोटी और मुझे नहीं लगता वो शादी के लिए मानेगी।तभी मनीष जी बोले मेरी बेटी मेरी बात कभी नई टालेगी मुझे पता हैं।
मनीष जी पूरी बात सुन अविनाश जी और राधा जी को उनकी बात पर पूरा भरोसा हो गया ।
"हमने सिया को देखा है और एक दो बार हमारी उससे मुलाकात हुई है उससे और बच्ची बहुत प्यारी है और सबका ख्याल रखती है हमारे रोहन के लिए इसे अच्छी लड़की हमें कही नहीं मिलेगी तुम क्या कहती हो राधा " अविनाश जी ने अपनी बात सबके सामने रखते हुए कहा
"सिया मुझे भी पसन्द है और बहुत अच्छी लड़की है लेकिन क्या वो शादी के लिए मानेगी।अगर वो मान भी गई तो क्या रोहन ...रोहन मानेगा और जब रोहन ये सब जानेगा तो क्या होगा आप उसका गुस्सा तो जानते है ना "राधा जी ने अपनी परेशानी जताते हुए कहा।
रोहन की आप फिर्फ ना करे,हम उसे समझाएंगे और वो हमारी बात कभी नहीं टालता पर इस वक्त हमारे पास कोई रास्ता नहीं है हमे सिया से बात करनी होगी अविनाश जी ने कहा
सिया उन्हें पसन्द है ये बात सुन मनीष जी बहुत खुश हुए पर कविता जी थोड़ी परेशान थी आखिर क्यों ना हो उनकी एक बेटी की सजा दूसरी को जो मिल रही थी तभी मनीष जी उन्हें समझाते है यही की उनके पास सिया के अलावा कोई रास्ता नहीं था आखिर में कविता जी मान गई बुझे मन से।
तभी सिया कमरे में अंदर आई और सबको अन्दर देख वही खड़ी रही।
क्या हुआ पापा आप सब लोग इतने परेशान क्यों है।नीचे सब लोग आपका इंतजार कर रहे है।रूम में तन्वी को न देख और सबको परेशान देख उसे अंदाजा हो गया था कुछ तो जरूर हुआ हैं।
तभी मनीष जी ने सिया को सारी बातें बताई कि तन्वी शादी छोड़ कर भाग गई।जब सिया ने ये बात सुनी तो वो भी परेशान हो गई और उसे कुछ समाज में नहीं आ रहा था इस वक्त वो क्या करे ।
तभी मनीष जी सिया के पास आए और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर उसे बोले " सिया बच्चा आज में तुम्हे एक विनती करना चाहता हूं।
तभी सिया बोली " पापा आप ये क्या कह रहे है आप मेरे पापा हो और आपके मुंह से मेरी लिए कभी विनती नहीं आनी चाहिए।आप बस मुझे हुकम कीजिए ।
"क्या तुम अपनी दीदी की जगह मंडप में बैठ कर ये शादी करोगी???" मनीष जी लगभग गिड़गिड़ाते हुए बोले
उनकी बात सुन सिया को बहुत बड़ा झटका लगा और वो 2 कदम पीछे चली गई और उनसे अपना हाथ छुड़ा लिया।उसका मन किया वो मना कर दे और यहां से चली जाए आखिर कैसे वो एक अजनबी से शादी के लिए हा कह दे लेकिन वो अपने पापा से बहुत प्यार करती थी इस लिए चुप रही ।उसे चुप रहता देख मनीष जी बोले "क्या हुआ बेटा" क्या तुम किसी और को पसंद करती हो अगर ha तो तुम हमे बता सकती हो और मना भी कर सख्ती हो कोई जोर जबरदस्ती नहीं है।
तभी सिया बोली नहीं पापा ऐसी बात नहीं है में किसको पसन्द नहीं करती लेकिन में....
राधा जी ने कहा " तुम्हारे मन है जो है वो तुम हे बेझिझक बता सकती हो यहां तुम्हारी मर्जी के बिना कुछ नहीं होगा ।
" में ये कह रही थी कि में इसे कैसे शादी के लिए हा कह दूं में तो लड़के को जानती तक नहीं और वो तो दी से प्यार करता है ना तो वो मुझसे शादी क्यों करेगा ?? " सिया ने अपनी बात कही।
" हम ये बात उसे शादी के बाद बताने वाले है ,क्योंकि इस वक्त ये सब बताना ठीक नहीं है और वो टूट जायेगा "अविनाश जी ने सिया की बात का जवाब दिया ।
"क्या ...इसका मतलब यहां जो हुआ उन्हें इस बात का कोई अंदाजा तक नहीं है, ये तो गलत बात है उनका दिल टूट जाएगा में उनके साथ ऐसा नहीं कर सकती " सिया ने रोहन के लिए फिक्र जताते हुए कहा।
क्या सिया शादी के लिए मानेगी????
आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं कल।
Oky byy ❤️ 🫶 ❤️
please read kar lena aur like aue comment karna na bhule🥺 🥺