ये कहानी है मशहूर बिजनेस टायकून कृतिका रॉय कपूर और superstar रुद्राक्ष अग्निहोत्री की। जहां कृतिका एक बिजनेस माइंडेड और जिद्दी लड़की है।जिसे सिर्फ अपने बिजनेस और अपने डैड से प्यार था और वो जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती थी। कृतिका अपने डैड का बदल... ये कहानी है मशहूर बिजनेस टायकून कृतिका रॉय कपूर और superstar रुद्राक्ष अग्निहोत्री की। जहां कृतिका एक बिजनेस माइंडेड और जिद्दी लड़की है।जिसे सिर्फ अपने बिजनेस और अपने डैड से प्यार था और वो जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती थी। कृतिका अपने डैड का बदला लेने के लिए रुद्राक्ष से जबरदस्ती शादी कर लेती है...! तो कैसा रहेगा ये सफर जहां शादी जैसा अटूट रिश्ता प्यार से नहीं बल्कि बदले से जुड़ा हो....! क्या कृतिका कभी रुद्राक्ष से प्यार कर पाएगी या फिर रह जायेगी ये शादी सिर्फ बदले की शादी...! जानने के लिए पढ़िए "Marriage for Revenge"
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एक बड़े से मंदिर में घंटियों की आवाजें गूंज रही थीं। पंडित जी मंत्र उच्चारण कर रहे थे। दूल्हा पंडित जी के सामने बैठा था। हर तरफ से पहरेदार बंदूकें ताने हुए थे। दूल्हा पहरेदारों को घूरते हुए बोला, "आखिर तुम लोग चाहते क्या हो मुझसे? और मुझे यहां क्यों लेकर आए? अब कुछ बोलोगे या यूँ ही देखते रहोगे? और पंडित जी, आप किस खुशी में मंत्र उच्चारण कर रहे हैं? कोई मुझे बताएगा यहां चल क्या रहा है?" सब लोग दूल्हे के सवालों को अनसुना कर रहे थे, मानो वे बहरे हों। दूल्हा गुस्से में खड़ा होकर बोला, "ठीक है, अगर तुम सब को नहीं बताना है तो मत बताओ। मैं यहां से जा रहा हूँ!" दूल्हा जैसे ही जाने के लिए पलटा, वहाँ एक आवाज गूँजी, "सोचना भी मत, रुद्राक्ष अग्निहोत्री!" रुद्राक्ष जल्दी से पलटा। मंदिर की सीढ़ियों से एक खूबसूरत लड़की, सफेद लहंगा पहने, आ रही थी। उसकी आँखें गुस्से में आग उगल रही थीं। रुद्राक्ष चौंककर बोला, "कृतिका! तुम मुझे यहां क्यों लेकर आई हो? और ये पहरेदार मुझे जाने क्यों नहीं दे रहे हैं?" कृतिका एक चालाक मुस्कान से रुद्राक्ष को घूरते हुए बोली, "क्योंकि आज, और इसी वक्त, हमारी शादी होगी, रुद्राक्ष अग्निहोत्री!" रुद्राक्ष अग्निहोत्री चौंककर बोला, "What? Are you out of your mind? हम... हमारी शादी कैसे हो सकती है? तुम तो नफरत करती हो ना मुझसे तो!" कृतिका रुद्राक्ष को घूरते हुए बोली, "बिल्कुल सही कहा। नफरत करती हूँ मैं तुमसे, और इसलिए ही शादी कर रही हूँ। Marriage for Revenge!" रुद्राक्ष कृतिका की बात सुनकर बोला, "मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाला हूँ। और शादी तो बिल्कुल नहीं करूँगा! मैं जा रहा हूँ!" रुद्राक्ष जैसे ही दो कदम आगे बढ़ाया, सारे पहरेदार उसके सिर पर बंदूकें तान दीं। कृतिका रुद्राक्ष को घूरते हुए बोली, "ये तुम्हारी मूवी का कोई सीन नहीं चल रहा है कि ये बंदूकें और उसमें मौजूद गोलियाँ नकली हों। मेरे एक इशारे में मेरे पहरेदार तुम्हें गोलियों से छलनी कर देंगे। और फिर तुम्हारी फैमिली का क्या होगा? Hmmm, I think तुम्हारी मॉम ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाएंगी और फिर... चक चुक चक!" कृतिका जानबूझकर अपनी बात अधूरी छोड़ गई। रुद्राक्ष कृतिका को गुस्से में घूरते हुए बोला, "बस अपना बदला लेने के लिए ये सब कर रही हो?" कृतिका रुद्राक्ष को देखकर एक चालाक मुस्कान के साथ बोली, "Correct. You are absolutely correct, Mister रुद्राक्ष अग्निहोत्री! ये शादी मैं सिर्फ और सिर्फ अपना बदला पूरा करने के लिए कर रही हूँ! तुम चाहो या ना चाहो, तुम्हें मुझसे शादी करनी ही पड़ेगी!" रुद्राक्ष कृतिका को कुछ कह पाता, उससे पहले कृतिका समय दिखाते हुए बोली, "It's time for marriage!" कृतिका रुद्राक्ष का हाथ पकड़कर उसे मंडप ले गई। एक पहरेदार वरमाला लेकर आया। कृतिका ने वरमाला ले ली। रुद्राक्ष वरमाला नहीं उठाता था। कृतिका रुद्राक्ष को घूरते हुए बोली, "अब लड़कियों की तरह शर्माओ मत। देखो, मैं कितनी excited हूँ हमारी शादी के लिए। जल्दी करो, lawyer आते ही होंगे!" रुद्राक्ष वरमाला उठा ली। पंडित जी के कहे अनुसार दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। पंडित जी दोनों को फेरों के लिए खड़ा होने के लिए कहा। कृतिका खड़ी हो गई, लेकिन रुद्राक्ष एकटक हवन कुंड को ही देख रहा था। कृतिका रुद्राक्ष की तरफ हाथ बढ़ाते हुए बोली, "ओहो, रुद्राक्ष! तुम तो ऐसे shocked हो रहे हो, मानो मैं तुम्हें विदा करके अपने घर ले जाऊँगी। अरे, तुम अपने घर में ही रहोगे। अब चलो, जल्दी उठो!" रुद्राक्ष कृतिका का हाथ पकड़कर खड़ा हो गया। पंडित जी जब दोनों को फेरे लेने के लिए कहते हैं, तो रुद्राक्ष आगे बढ़ने लगा। कृतिका उसे रोकते हुए बोली, "अरे अरे, रुको रुको! तुम अपनी मूवी में जो सीन करते हो, वो करो ना। मुझे अपनी गोद में उठाकर...वो क्या है ना...मीडिया में हमारी शादी की फ़ुटेज भी तो जाएगी ना। चलो अब जल्दी करो, मैं किसी का इंतज़ार नहीं करती, पता है ना तुम्हें?" रुद्राक्ष कृतिका को अपनी बाहों में उठा लिया। कृतिका रुद्राक्ष के गले में अपनी बाहें डाल दीं। रुद्राक्ष ने फेरे पूरे किए। पंडित जी के कहे अनुसार उसने कृतिका की मांग में सिंदूर दान किया और मंगलसूत्र पहनाया। पंडित जी दोनों को आशीर्वाद देते हुए बोले, "राम जी तुम दोनों की जोड़ी हमेशा बनाए रखें। हमेशा खुश रहो!" कृतिका रुद्राक्ष के चेहरे को अपनी तरफ करते हुए बोली, "ओहो, ऐसी गंदी सी शक्ल क्यों बनाई है? देखो, कृतिका रॉय कपूर तुम्हारी बीवी बनी है। Smile तो करो!" रुद्राक्ष बस कृतिका की आँखों में देखने लगा। मंदिर के बाहर एक कार आकर रुकी। एक लड़का दौड़ते हुए मंदिर के अंदर आया। कृतिका के मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र देखकर, हैरानी और खुशी के मिले-जुले भाव लिए, बोला, "Boss, आपने शादी कर ली? I mean..." कृतिका उस लड़के को घूरते हुए बोली, "तुम क्यों आए? मिस्टर रहेजा कहाँ हैं?" वो लड़का जल्दी से बोला, "Boss, वो पापा की तबीयत ठीक नहीं थी, तो उन्होंने मुझे ये फाइल देकर भेज दिया।" कृतिका लगभग फाइल छीनते हुए ले ली और अमय को देखकर बोली, "अब क्या मुझे पेन भी मांगना पड़ेगा?" अमय जल्दी से पेन देते हुए बोला, "Sorry Boss!" कृतिका मैरिज सर्टिफिकेट पर पलक झपकते ही साइन कर दिया और फिर रुद्राक्ष की तरफ फाइल बढ़ाते हुए बोली, "साइन करो!" रुद्राक्ष कृतिका से पेन लेकर साइन कर दिया। कृतिका अपना फोन अमय को देते हुए बोली, "Photo click करो हमारी!" अमय फोन ले लिया और फोटो क्लिक करने लगा। कृतिका रुद्राक्ष को घूरते हुए बोली, "My dear husband, smile करने में tax देना पड़े तो मुझे बता देना, मैं pay कर दूँगी। फिलहाल, तुम smile करो, नहीं तो मैं क्या कर जाऊँगी, मुझे खुद नहीं पता... Hmm, smile!" रुद्राक्ष एक सुपरस्टार था, इसलिए उसके लिए झूठी मुस्कान करना कोई बड़ी बात नहीं थी। रुद्राक्ष मुस्कुराया। कृतिका उसकी बाँह पकड़ ली और मुस्कुराते हुए फोन की तरफ देखने लगी। फोटो खींचते ही दोनों एक-दूसरे से अलग हो गए। कृतिका अमय से अपना फोन ले लिया और उसे देखकर बोली, "ये फाइल लेकर मिस्टर रहेजा को दे देना और उन्हें डिजिटल फाइल भेजने को कहना।" कृतिका रुद्राक्ष का हाथ पकड़कर जल्दी से कार की तरफ बढ़ गई। रुद्राक्ष अपने हाथ को देखता है और फिर वह भी कृतिका का हाथ पकड़ लेता है और बेरुखी से पूछता है, "अब हम कहाँ जा रहे हैं?" कृतिका पलटकर रुद्राक्ष को देखती है और एक चालाक मुस्कान के साथ कहती है, "शादी हुई नहीं और typical husband की तरह सवाल भी करने लगे? Not bad! लेकिन अफ़सोस, my dear husband, मुझे तुम्हारे सवालों के जवाब देने में कोई दिलचस्पी नहीं है!" कृतिका का फोन बजने लगा। वह जल्दी से कॉल रिसीव करते हुए बोली, "Okay, हम आ रहे हैं। Hmmm, ध्यान रहे, कोई जाने न पाए वहाँ से!" रुद्राक्ष कृतिका को देख रहा था। कृतिका रुद्राक्ष को घूरते हुए बोली, "What? ऐसे क्यों देख रहे हो?" रुद्राक्ष कृतिका को देखकर बोला, "क्यों नहीं देख सकता क्या? वैसे भी, तुमने जबरदस्ती शादी तो कर ही ली है, तो हक बनता है मेरा!" कृतिका रुद्राक्ष को देखकर एक चालाक मुस्कान के साथ बोली, "Hmmm...My dear husband, ये शादी मैंने अपना बदला पूरा करने के लिए किया है। तो अपनी ये पत्नीवर्ता पति बनने का दिखावा करने की कोशिश भी मत करना। वो क्या है ना कि शादी तो हो ही चुकी है। अब मुझे तुम्हारी ज़रूरत नहीं है। तो मैं चाहूँ तो तुम्हें कभी भी जान से मार सकती हूँ! Hmmm, तो अपने ये मूवी के डायलॉग मेरे सामने तो बिल्कुल मत बोलना!" कृतिका का फोन फिर से बजने लगा। वह कार में बैठते हुए बोली, "जल्दी बैठो। शादी जिसलिए की है, वो काम तो कर लूँ!" रुद्राक्ष कृतिका के चेहरे को देखता है। वह अभी बहुत खतरनाक दिख रही थी, साथ ही उसके चेहरे पर एक चालाक मुस्कान भी थी। रुद्राक्ष कृतिका को ऐसे देखकर ना चाहते हुए भी पूछ ही लेता है, "अब क्या करने वाली हो तुम?" कृतिका रुद्राक्ष को घूरते हुए बोली, "तुम्हें मेरी एक बार की बात समझ नहीं आती है क्या?" कृतिका अगले ही पल मुस्कुराते हुए बोली, "चलो, अब जब तुम मेरे husband बन ही गए हो, तो मैं बता ही देती हूँ। मैं ना अभी तुम्हारे dad को एक बड़ा सा surprise देने वाली हूँ। चलो दिखाती हूँ उनका हैरान सा चेहरा!" रुद्राक्ष कृतिका की बात सुनकर जल्दी से अपनी पॉकेट में अपना फोन ढूंढने लगा। कृतिका रुद्राक्ष को देखकर बोली, "ओहो, मैं तुम्हें पागल लगती हूँ क्या, जो तुम्हारा फोन तुम्हारे पास रहने दूँगी? तुम भी रुद्राक्ष, बिल्कुल भी common sense नहीं है। खैर, कोई बात नहीं, मेरे साथ रहते-रहते situation से deal करना सीख लोगे!" रुद्राक्ष ना चाहते हुए भी कार में बैठ गया। ड्राइवर कार आगे बढ़ा दिया। उनकी कार सड़कों में तेज़ी से चल रही थी। कृतिका बिल्कुल शांत होकर अपने फोन में कुछ देख रही थी। रुद्राक्ष बेचैन था और वह आस-पास देख रहा था। कार एक बड़े से 7 स्टार होटल के entrance पर आकर रुकी। रात के अंधेरे में होटल जगमगा रहा था। उस चमकते होटल को देखकर कृतिका कार से बाहर आई। रुद्राक्ष भी बाहर आ गया। कृतिका होटल के अंदर जाने लगी। रुद्राक्ष वहीं खड़ा हो गया। कृतिका बिना पलटे ही बोली, "अब क्या तुम्हें हर बात कहनी पड़ेगी? अंदर चलो मेरे साथ!" रुद्राक्ष कार के मिरर में खुद को देखता है। उसने normal सी white shirt और black पैंट पहनी हुई थी। बाल उसके बिखरे हुए थे और उसका हैंडसम सा चेहरा आज मुरझाया हुआ था। रुद्राक्ष अपने बाल सही करता है और चेहरे पर एक fake smile लिए आगे बढ़ जाता है। कृतिका रुद्राक्ष को देखकर ना में सिर हिलाते हुए आगे बढ़ जाती है और lobby से होते हुए दोनों rooftop में पहुँचते हैं। Rooftop का माहौल कुछ ऐसा था कि वहाँ सभी लोग अपने हाथ में वाइन का ग्लास पकड़े खड़े थे। स्टेज में एक अधेड़ उम्र का आदमी खड़ा था और वह mic लेकर कहता है, "Attention please, everyone!" सबकी नज़रें उस आदमी पर चली गईं। रुद्राक्ष आगे बढ़ते हुए बोला, "Dad!" लेकिन रुद्राक्ष अभी rooftop के entrance पर ही खड़ा था, तो उसकी आवाज वहाँ तक नहीं पहुँचती थी। कृतिका जल्दी से रुद्राक्ष का हाथ पकड़ते हुए बोली, "My dear husband, ऐसे थोड़ी ही surprise देते हैं। तुम रुको, मैं बताती हूँ।" सामने स्टेज पर खड़े राघव अग्निहोत्री जी बोले, "जैसा कि आप जानते हैं कि आज हम यहाँ मेरे नए project की launch event party के लिए इकट्ठा हुए हैं। और मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि इस project में invest कर रहे हैं मेरे खास दोस्त गिरिश अग्रवाल!" सब तालियाँ बजाते हैं। राघव जी एक खूबसूरत सी लड़की की तरफ इशारा करते हुए बोले, "और इसी खास मौके पर मैं आप सभी को बताना चाहता हूँ हमारे खानदान की होने वाली बड़ी बहुरानी का नाम है..." "...कृतिका रॉय कपूर..." कृतिका अपने एक हाथ में mic लिए और दूसरे हाथ से रुद्राक्ष का हाथ थामे आगे बढ़ जाती है। सब हैरानी से कृतिका को देख रहे थे। राघव जी कृतिका के हाथ को देख रहे थे, जिससे उसने रुद्राक्ष का हाथ पकड़ रखा था। कृतिका राघव जी के सामने जाकर खड़ी हो जाती है और मुस्कुराते हुए कहती है, "ससुर जी, आप कुछ कह रहे थे? कोई बात नहीं, मैं ही बता देती हूँ!" कृतिका सबकी ओर देखते हुए कहती है, "Hello everyone! आज मैंने और रुद्राक्ष ने शादी कर ली है और यही बात मेरे प्यारे ससुर जी आप सबको बताना चाहते थे। Congratulation नहीं देंगे आप लोग?" सब लोग कृतिका को congratulation देते हैं। राघव जी गुस्से में डाँट-पीटते हुए कहते हैं, "तुम यहाँ क्या कर रही हो? और ये क्या drama है?" कृतिका राघव जी को देखकर एक चालाक मुस्कान के साथ कहती है, "Aaa'haan... कोई drama नहीं है। Look, सिंदूर, मंगलसूत्र सब असली है। यकीन नहीं होता तो अपने बेटे से पूछ लीजिए!" कृतिका innocent सी शक्ल बनाकर रुद्राक्ष को देखती है। रुद्राक्ष कहता है, "She is right, Dad. We got married!" राघव जी गुस्से में कुछ कहते, उससे पहले गिरिश जी वहाँ आ जाते हैं और गुस्से में कहते हैं, "ये सब क्या है, राघव? तुम्हारे बेटे ने शादी कर ली है और तुम्हें ही ये बात पता नहीं थी!" राघव जी गिरिश को देखकर कहते हैं, "गिरिश, मेरी बात..." गिरिश राघव जी को घूरते हुए कहते हैं, "इस बेइज़्ज़ती का बदला तो मैं लेकर रहूँगा। और इस project पर अब मैं invest नहीं करने वाला। तुम्हारी बहु तो है ही top की business tycoon, करवा लेना invest!" गिरिश जी जैसे पलटते हैं, तो देखते हैं कि उनकी बेटी रोते हुए वहाँ से जा रही है। गिरिश जी, "नव्या! नव्या!" चिल्लाते हुए अपनी बेटी के पीछे जाते हैं। राघव जी गुस्से में कृतिका को घूर रहे थे। कृतिका मुस्कुराते हुए कहती है, "ओहो, ससुर जी! अपनी नई-नवेली बहुरानी को ऐसे कोई घूरता है भला! चलिए smile कीजिए!" राघव जी गुस्से में रुद्राक्ष को घूरते हुए कहते हैं, "तुम्हें पूरी दुनिया में एक यही लड़की मिली थी शादी करने के लिए?" रुद्राक्ष शादी के बारे में सोचकर चुप हो जाता है। कृतिका जल्दी से कहती है, "मिस्टर राघव अग्निहोत्री, आपके चेहरे पर यही गुस्सा देखने के लिए तो मैंने ये सब किया है!" कृतिका राघव जी को एक चालाक मुस्कान के साथ देखते हुए कहती है, "मैंने तो अभी तक game शुरू भी नहीं किया और आप इतना घबरा गए, मिस्टर राघव अग्निहोत्री! Just imagine, खेल शुरू होने के बाद आपके साथ क्या-क्या होगा!" कृतिका राघव जी को देखकर एक thriller whistle sound निकालते हुए रुद्राक्ष को देखकर कहती है, "अरे, अब क्या यहीं खड़े रहना है? मेरे ससुराल चलो। पहले दिन के लिए काफ़ी drama हो गया। चलें, my dear husband!" कृतिका रुद्राक्ष का हाथ पकड़कर आगे बढ़ जाती है। रुद्राक्ष कृतिका को देखने लगता है। राघव जी गुस्से में mic को screen पर दे मारते हैं और अपना दाँत पीसते हुए कहते हैं, "नहीं! इस खेल में अग्निहोत्री जीतते आए हैं और आगे भी जीतेंगे। मैं kapoor's को कभी नहीं जीतने दूँगा!!!"
कृतिका और रुद्राक्ष होटल से बाहर आए। राघव जी के गार्ड रुद्राक्ष के लिए कार का गेट खोलने लगे। रुद्राक्ष बोला, "मैं कृतिका की कार में आ जाऊँगा। तुम सब कार लेकर आ जाना।" रुद्राक्ष कृतिका की कार की ओर गया। कृतिका रुद्राक्ष को घूरते हुए बोली, "तुम मेरी कार के पास क्या कर रहे हो?" रुद्राक्ष मासूमियत वाली शक्ल बनाते हुए बोला, "हम साथ जाएँगे ना घर?" कृतिका रुद्राक्ष को घूरते हुए बोली, "You know what, हम साथ नहीं थे और ना ही कभी हो सकते हैं। भले ही हमारी मंज़िल एक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम... हमराही बन जाएँ!" कृतिका अपनी कार का गेट खोलते हुए बोली, "मिस्टर रुद्राक्ष अग्निहोत्री, तुम्हारे डैड को बहुत शौक है ना खेल खेलने का? तो समझ लो कि हमारी शादी भी एक खेल का हिस्सा है।" कृतिका अपनी कार में बैठकर चली गई। रुद्राक्ष ऊपर खुले आसमान की तरफ देखते हुए बोला, "लॉर्ड राम... मुझे अग्निहोत्री खानदान का ही वारिस बनाना था आपको... कितनी नफ़रत करती है ये मुझसे! But thanks, now she is my wife!" रुद्राक्ष मुस्कुराते हुए आसमान की तरफ देख रहा था कि तभी गार्ड आते हुए बोला, "सर, मैम तो चली गईं। अब कार ले आऊँ?" गार्ड मुँह दबाकर हँस रहा था। रुद्राक्ष उसे घूरते हुए बोला, "तुम्हें बड़ी हँसी आ रही है?" गार्ड हँसते हुए बोला, "वो क्या है ना सर, बीवियों के आगे किसी की नहीं चलती, चाहे वो सुपरस्टार रुद्राक्ष अग्निहोत्री हो या मुझ जैसा मामूली सा गार्ड!" रुद्राक्ष बोला, "हम्म, लेकिन फ़िलहाल जल्दी से घर चलो!" रुद्राक्ष अपनी कार में बैठ गया और उसकी कार तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ गई। उसकी कार एक बड़े से मेंशन के बाहर रुकी। रुद्राक्ष ने देखा कि कृतिका किसी से कॉल पर बात करते हुए घर की तरफ़ बढ़ रही थी। रुद्राक्ष भी कृतिका के पीछे गया। कृतिका अपना लहँगा संभालते हुए सीढ़ियों में चढ़ रही थी। तभी गलती से रुद्राक्ष का पैर कृतिका की चुनरी में चला गया। कृतिका संभल नहीं पाई, उसका पैर स्लिप किया और वह गिरने लगी। रुद्राक्ष जल्दी से उसे पीछे से थाम लिया। कृतिका का चेहरा रुद्राक्ष के कंधे से टकराया और रुद्राक्ष उसे पीछे से पकड़कर खड़ा था। रुद्राक्ष कृतिका को इतने करीब से देखकर उसकी आँखों में ही खो सा गया था। कृतिका भी रुद्राक्ष की गहरी आँखों में खो सी गई थी। तभी वहाँ किसी की आहट हुई और कृतिका एक झटके में रुद्राक्ष को धक्का देकर खुद ठीक से खड़ी होते हुए बोली, "लिमिट में रहो अपनी!" रुद्राक्ष कुछ कहता उससे पहले ही वहाँ एक कड़क आवाज़ गूँजी, "वेलकम बहुरानी!" कृतिका ने देखा, एक अधेड़ उम्र का आदमी, सफ़ेद कुर्ता-पजामा पहने, बड़ी सी मुस्कान लिए कृतिका को ही देखे जा रहा था। गुरूर उसकी आँखों में साफ़ झलक रहा था। कृतिका ने उन्हें देखकर कहा, "यह वेलकम आपको बहुत भारी पड़ने वाली है, मेरे ज़बरदस्ती के ससुर जी!" राघव जी मुस्कुराते हुए बोले, "चलो, ज़बरदस्ती का ही सही, तुमने ससुर तो माना मुझे!" कृतिका उन्हें घूरते हुए बोली, "लगता है आपको सदमा लग गया है। मैं आपके घर की बहू जो बन गई हूँ!" राघव जी हँसते हुए बोले, "अरे नहीं, राघव अग्निहोत्री को कोई सदमा नहीं लगा है। मैं बस यह सोच रहा हूँ कि इस बार कार्तिक ने बहुत कच्ची चाल नहीं चली... I mean, अपनी बेटी को मोहरा बना दिया।" कृतिका राघव जी को देखकर कनिंङ्ग स्माइल के साथ बोली, "मेरे प्यारे ससुर जी, इस खेल का मोहरा कौन है, यह तो आपको बहुत जल्द पता चल जाएगा। फ़िलहाल, आपके बदले तेवर से मुझे लग रहा है कि आपने खेल शुरू होने से पहले ही हार मान ली है।" राघव जी हँसते हुए बोले, "राघव अग्निहोत्री ना कभी हारा है और ना ही कभी हारेगा।" कृतिका मुस्कुराते हुए बोली, "फिर तो बहुत मज़ा आएगा इस खेल में, क्योंकि हारी तो आज तक मैं भी नहीं हूँ।" कृतिका आगे बढ़ी और घर के अंदर चौखट पर क़दम रखने ही वाली थी कि पीछे से राघव जी कड़क आवाज़ में बोले, "रुको बहुरानी!" कृतिका के क़दम रुक गए। राघव जी कृतिका के सामने दरवाज़े पर खड़े हो गए और कृतिका को देखकर मुस्कुराते हुए बोले, "शादी कर ली, लेकिन रस्म-रीति-रिवाजों के बारे में कुछ जानकारी नहीं है तुम्हें। कोई बात नहीं है, यह शादी तो तुमने अपनी मर्ज़ी से की है, तो गृह प्रवेश होना बनता है और भी बहुत सारी चीज़ें होनी बाकी हैं बहुरानी!" कृतिका चुपचाप जाकर घर की चौखट के पास खड़ी हो गई। राघव जी रुद्राक्ष को घूरते हुए बोले, "तुम्हें अलग से कहना पड़ेगा!" रुद्राक्ष भी कृतिका के बगल में खड़ा हो गया। राघव जी अंदर की तरफ़ आवाज़ देते हुए बोले, "अक्षता, हमारी बहुरानी आई है। आरती की थाल तो लाओ!" अंदर से एक खूबसूरत सी औरत, बनारसी साड़ी पहने, अपने हाथों में आरती की थाल लेकर आई और कृतिका को देखकर चौंक गई। अक्षता जी हैरानी से रुद्राक्ष को देखकर बोलीं, "रुद्र!" राघव जी अक्षता जी को देखकर बोले, "अब जल्दी से आरती उतारो। हमारी बहुरानी को वक़्त बर्बाद करना बिलकुल पसंद नहीं है!" अक्षता जी आरती उतारी और कृतिका के सामने कलश रखते हुए बोलीं, "कृति बेटा, इस कलश को गिराकर घर के अंदर आ जाओ!" कृतिका उस कलश को घूरती है और डेविल स्माइल के साथ कलश को इतनी जोर से किक मारती है कि वह कलश सीधे दीवार में लगी राघव जी की बड़ी सी तस्वीर पर जाकर लगती है। तस्वीर का शीशा टूटकर जमीन पर गिर जाता है और तस्वीर हिलने लगती है। रुद्राक्ष और अक्षता जी हैरानी से कृतिका को देखने लगे। राघव जी अभी भी कृतिका को देखकर मुस्कुरा रहे थे। कृतिका स्मर्क करते हुए बोली, "मेरी प्यारी सासू माँ, सिर्फ़ कलश को नहीं गिराऊँगी, अब तो इस घर की नींव को भी हिलाऊँगी। So be prepared!" कृतिका राघव जी को घूरते हुए बोली, "ससुर जी, आज सिर्फ़ तस्वीर हिलाई है और शीशा तोड़ा है। एक दिन आएगा जब आपका गुरूर भी इसी तरह तोड़ूँगी।" कृतिका की बात सुनकर राघव जी मुस्कुराते हुए बोले, "बिलकुल अपने बाप की तरह गुस्सा है तुम्हारा!" कृतिका स्माइल करते हुए बोली, "हाँ, गुस्सा भी उन्हीं का तरह है और मक़सद भी। सालों पहले जो आपने बोया है ना, उसे काटने के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि कृतिका रॉय कपूर किसी को माफ़ नहीं करने वाली है!" राघव जी कृतिका को देखकर बोले, "बहुरानी, कृतिका रॉय कपूर नहीं, कृतिका रुद्राक्ष अग्निहोत्री बन गई हो अब! खुद ही तो यह रिश्ता जोड़ा है तुमने, इतनी जल्दी भूल गई!" कृतिका राघव जी की बात सुनकर एक तंज वाली हँसी हँसते हुए बोली, "भले ही यह रिश्ता मैंने जोड़ा है, लेकिन मेरे नाम के आगे कपूर सरनेम था, है और हमेशा रहेगा। तो आइन्दा यह बात मत भूलिएगा कि मैं कृतिका रॉय कपूर हूँ। अपना बदला भी लूँगी और अपने डैड का भी!" कृतिका रुद्राक्ष को घूरते हुए बेरुखी से बोली, "रूम कहाँ है तुम्हारा, my dear husband!" रुद्राक्ष सामने सीढ़ियों की तरफ़ इशारा करते हुए बोला, "लेफ्ट कॉर्नर, लास्ट!" कृतिका राघव जी को घूरते हुए तेज़ी से सीढ़ियों के ऊपर चढ़ गई और देखते ही देखते वह सबकी आँखों से ओझल हो गई। अक्षता जी बोलीं, "कोई मुझे बताएगा कि यह सब क्या चल रहा है? और रुद्र, तूने कृति से शादी कर ली, लेकिन क्यों?" रुद्राक्ष राघव जी को देखकर बोला, "यह बात तो आपको डैड बताएँगे मॉम। आखिर उन्होंने ऐसा क्या किया है कि कृतिका ने मुझसे ज़बरदस्ती शादी कर ली!" रुद्राक्ष भी अपने डैड को घूरते हुए चला गया। राघव जी अक्षता जी को देखकर बोले, "आपको मुझ पर विश्वास है, अक्षता!" अक्षता जी बोलीं, "आप पर भरोसा नहीं होता तो सालों पहले वो सब नहीं होता और अभी यह दुश्मनी भी नहीं होती कपूर खानदान और अग्निहोत्री खानदान के बीच!" राघव जी अक्षता जी को अपनी एक बांह में घेरे में लेते हुए बोले, "बस मुझ पर भरोसा रखिए, जो होगा अच्छा होगा! और आपके राम जी सब सही करने वाले हैं। वैसे अयांश कब तक आने वाला है? उसने तो कहा था कि वह जल्दी ही आ जाएगा!" अक्षता जी बोलीं, "आपको तो पता है ना कि हमारा अयान कैसा है! वह अभी ज़रूर अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने में लगा होगा!" राघव जी बोले, "मेरी भी नज़रें हैं उस पर। आज मैं उससे ज़रूर बात करूँगा।" अक्षता जी बोलीं, "बच्चा है, रहने दीजिए ना। वैसे भी आप उसे कुछ कहेंगे तो वह कौन सा आपकी बात मान लेगा?" राघव जी स्माइल करते हुए बोले, "अच्छा, यह सब रहने दीजिए। और आप अपनी बहुरानी के लिए हेयर स्टाइलिस्ट और मेकअप आर्टिस्ट को बुलाइए। तब तक मैं इवेंट ऑर्गेनाइज़र्स से बात करता हूँ। आज शाम ही रिसेप्शन पार्टी होने वाली है!" रुद्राक्ष का कमरा रुद्राक्ष अपने रूम में घुसा तो देखा कि कृतिका रूम में नहीं है। रुद्राक्ष जल्दी से अपना कपबोर्ड खोला और लगेज निकालकर अपना सामान पैक करने लगा। इतने में कृतिका वॉशरूम से बाहर आई और रुद्राक्ष को नज़रअंदाज़ करके किसी को कॉल की और बोली, "शाम के कॉन्फ्रेंस के लिए सारी प्रिपरेशन स्टार्ट हो गई। मुझे हर चीज़ परफ़ेक्ट चाहिए। हम्म, मैंने जो कहा था काम हुआ? डिटेल्स मिली उसकी? Okay, मैं चेक करती हूँ!" कृतिका पीछे मुड़ी तो देखा कि रुद्राक्ष ठीक उसके सामने खड़ा था। कृतिका अपनी आईब्रो रेज़ करते हुए बोली, "व्हाट!" रुद्राक्ष सामने की तरफ़ इशारा करते हुए बोला, "वो मेरी वॉच!" कृतिका पीछे देखी कि बेड के साइड टेबल पर रुद्राक्ष की वॉच रखी हुई थी। साथ ही स्कूल यूनिफ़ॉर्म में कृतिका और रुद्राक्ष खड़े थे और स्माइल करते हुए दोनों ही बहुत प्यारे लग रहे थे। तस्वीर को देखकर कृतिका फ़ोटो फ़्रेम उठा ली और रुद्राक्ष को घूरते हुए बोली, "यह क्या है?" रुद्राक्ष फ़ोटो फ़्रेम को देखकर कसकर अपनी आँखें भींच लिया और कृतिका को देखकर बोला, "सॉरी कृति, वो मैं..." कृतिका फ़ोटो फ़्रेम को जमीन पर पटक दिया और फ़ोटो निकालकर रुद्राक्ष की आँखों के सामने उस फ़ोटो को फाड़ दिया। कृतिका उस फ़ोटो को हवा में उछालते हुए बोली, "तुमने जो किया है ना रुद्र, उसके लिए मैं तुम्हें कभी माफ़ नहीं करूँगी!" रुद्राक्ष की आँखों में नमी उतर आई और वह अपना सिर झुकाते हुए बोला, "सॉरी कृति, प्लीज़ फ़ॉरगिव मी। मुझे नहीं पता था कि मेरा मज़ाक ऐसा मोड़ ले लेगा। I am sorry, please forgive me!" कृतिका अपना मुँह फेर ली और धीरे से बोली, "एक्टिंग बंद करो रुद्र, क्योंकि तुम्हारी एक्टिंग से मैं नहीं पिघलने वाली।" रुद्राक्ष अपने घुटनों के बल बैठ गया और कृतिका के दोनों हाथ पकड़ते हुए बोला, "प्लीज़ कृति, एक मौका दे दो। I promise, मैं सब ठीक कर दूँगा!" कृतिका रुद्राक्ष का हाथ झटकते हुए बोली, "क्या ठीक करोगे? हाँ, बताओ क्या ठीक करोगे? उस वक़्त को वापस ला सकते हो?" रुद्राक्ष जल्दी से खड़ा होते हुए बोला, "जो कहोगी वह करने के लिए तैयार हूँ, लेकिन प्लीज़ मुझसे ऐसे मुँह मत फेरों! मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि मुझे माफ़ कर दो। मुझे पता है कि मैंने गलती की है! लेकिन मेरी गलती इतनी बड़ी भी नहीं थी कि तुम ऐसे मुँह फेर लो मुझसे!" कृतिका रुद्राक्ष को देखकर एक तंज वाली हँसी हँसते हुए बोली, "रियली? तुम्हें क्या लगता है कि तुम ऐसे अपनी मूवी के कुछ इमोशनल डायलॉग्स मेरे सामने बोलोगे और मैं पिघल जाऊँगी? तो I am sorry, लेकिन इस जन्म में तो मैं तुम्हें माफ़ करने से रही! क्योंकि तुम्हारी शक्ल देखकर मुझे गुस्सा आता है, नफ़रत होती है तुमसे!" रुद्राक्ष अपने आँसू पोछता है और अपना लगेज उठाकर कृतिका को पीछे पलटकर देखते हुए बोला, "तुम जब तक यहाँ हो, मेरे रूम में रह सकती हो। मैं गेस्ट रूम में जा रहा हूँ। तुम्हें मेरी शक्ल नहीं देखनी पड़ेगी!" कृतिका रुद्राक्ष की तरफ़ पलटती भी नहीं है और बैल्कोनी की तरफ़ चली जाती है। रुद्राक्ष अपने रूम से बाहर चला गया और गेस्ट रूम में जाकर अपना लगेज खोला। उसमें से एक एल्बम निकाला जिसमें उसके और कृतिका के बचपन की ढेर सारी तस्वीरें थीं। रुद्राक्ष उन सारी तस्वीरों को देखते हुए बोला, "काश वो पल वापस लौट आता तो मैं वो गलती कभी नहीं करता...??"
रुद्राक्ष सारी फ़ोटोएँ देखते हुए कहा, “ना जाने कब तुम मुझे माफ़ करोगी, लेकिन मैं वादा करता हूँ कृति, तुम्हें दुबारा कभी हर्ट नहीं करूँगा! और तुम्हारी इस लड़ाई में मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ। मुझे पता है तुम इतनी स्ट्राँग हो कि तुम्हें किसी के साथ की ज़रूरत नहीं है, लेकिन मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा!” रुद्राक्ष उस एल्बम में से एक फ़ोटो निकाला जिसमें कृतिका को रुद्राक्ष ने अपनी गोद में उठाया हुआ था और कृतिका हैरानी से रुद्राक्ष को देख रही थी। रुद्राक्ष उस फ़ोटो को देखते हुए कहा, “कितने खुश थे ना हम, लेकिन मेरी एक गलती की वजह से सब ख़त्म हो गया!” रुद्राक्ष की आँखों के सामने एक दर्दनाक मंज़र आ गया। एक लड़का रोड में खड़ा था और कृतिका दौड़ते हुए आ रही थी। तभी एक कार आई और उस लड़के को टक्कर मार दी। कृतिका जोर से चिल्लाई, “आरव्vvvvv!” आरव ख़ून से लथपथ ज़मीन पर पड़ा हुआ था। रुद्राक्ष एक झटके में अपनी आँखें खोली और उसकी आँखों से आँसू झलक गए। रुद्राक्ष एक फ़ोटो देखा जिसमें आरव, रुद्राक्ष और कृतिका तीनों साथ थे। रुद्राक्ष किसी तरह खुद को संभाला। रुद्राक्ष उस एल्बम को वहाँ के कपबोर्ड में रख दिया और फिर बेड पर लेट गया। ऐसे ही सुबह हो गई और रुद्राक्ष के रूम के दरवाज़े पर जोरों से कोई नॉक करने लगा। रुद्राक्ष अपनी आँखें मसलते हुए दरवाज़ा खोला। दरवाज़ा खुलते ही दो लोग रुद्राक्ष पर कूद गए। रुद्राक्ष जोर से चिल्लाते हुए कहा, “नो वे! तुम दोनों!” वो दोनों बिना रुद्राक्ष की बातें सुने ही अपने सवालों की झड़ी लगा दी। “तूने शादी कर ली, वो भी कृतिका रॉय कपूर से! भाई, आप ऐसा कैसे कर सकते हो? आपने मुझे अपनी शादी में नहीं बुलाया, यहाँ तक कि बताया भी नहीं!” रुद्राक्ष दोनों को घूरते हुए कहा, “मेरे ऊपर से हटोगे तब ना बताऊँगा!” रुद्राक्ष की बात सुनकर एक लड़का रुद्राक्ष की पीठ पर से उतर गया और सामने वाला लड़का रुद्राक्ष का कंधा छोड़कर सामने बेड पर बैठते हुए कहा, “अब बोल!” रुद्राक्ष दोनों को घूरते हुए कहा, “तन्मय, अयांश, तुम दोनों शूज़ पहनकर मेरे रूम में क्यों आए हो?” तन्मय चिढ़ते हुए कहा, “एक तो तेरी ये साफ़-सफ़ाई ना…” दोनों ने अपने शूज़ रूम के बाहर खोले और रुद्राक्ष को देखकर कहा, “ख़ुश!” रुद्राक्ष कहा, “हाथ कौन धोएगा?” दोनों वॉशरूम से हाथ धोकर आए तो रुद्राक्ष कहा, “मैंने कृतिका से शादी ज़रूर की है, लेकिन मुझे खुद इस शादी के बारे में मंडप में पता चला कि मेरी शादी कृतिका से हो रही है। कृतिका ने अपना मक़सद पूरा करने के लिए मुझसे ज़बरदस्ती शादी की है!” तन्मय और अयांश चौंकते हुए बोले, “व्हाट? मतलब कृतिका/सीनियर ने तुझसे/आपसे ज़बरदस्ती शादी की है!” अयांश रुद्राक्ष के बगल में बैठते हुए कहा, “लेकिन भाई वो ऐसा कैसे कर सकती हैं आपके साथ?” रुद्राक्ष कहा, “मुझे नहीं पता और ना ही मैं जानना चाहता हूँ। मैं बस चाहता हूँ कि ये जो कुछ भी हुआ है वो जल्दी ख़त्म हो जाए। मैं कृतिका को हर्ट नहीं करना चाहता हूँ। मुझे नहीं पता है कि उसने ये शादी क्यों की है, लेकिन वो जब कहेगी तब मैं ये रिश्ता तोड़ने के लिए तैयार हूँ!” अयांश जल्दी से कहा, “लेकिन भाई आप तो उनसे प्यार करते हो ना, तो फिर आप शादी क्यों तोड़ना चाहते हो?” रुद्राक्ष स्माइल करते हुए कहा, “प्यार किसी को पा लेना नहीं होता अयांश, किसी के हो जाना होता है।” रुद्राक्ष एक गहरी साँस लेते हुए कहा, “और वैसे भी कृतिका मुझसे नफ़रत करती है। वो तो मेरी शक्ल भी नहीं देखना चाहती, तो फिर क्या फ़ायदा ऐसे रिश्ते में? ज़बरदस्ती बन्द कर… जहाँ एकतरफ़ा प्यार हो… और मंज़िल मिलने की कोई उम्मीद ना हो!” तन्मय रुद्राक्ष के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, “तू क्यों ऐसी बात कर रहा है? आज से पहले तो कभी तूने ऐसी मायूसी वाली बातें नहीं की, तो फिर आज?” रुद्राक्ष तन्मय को देखकर एक दर्दभरी मुस्कान मुस्कुराया और कहा, “क्योंकि आज मैंने उसकी आँखों में अपने लिए नफ़रत देखा। वो नफ़रत जो शायद कभी ख़त्म नहीं होगी!” अयांश कहा, “प्लीज़ भाई ऐसी बातें मत करो। सीनियर कृतिका आपकी फ़ीलिंग्स एक ना एक दिन ज़रूर समझेंगी!” तन्मय कहा, “सीनियर कृतिका!” तन्मय अयांश को देखकर कहा, “अयांश, हम स्कूल में नहीं हैं जो तू कृतिका को सीनियर कृतिका कह रहा है। अब वो तेरी ऑफ़िशियली भाभी बन चुकी है, तो अब तू उसे भाभी बुला सकता है। वैसे भी वो माइंड नहीं करेगी!” रुद्राक्ष बस स्माइल करता रहा। तभी उसके कानों में आवाज़ पड़ी, “कृतिका! कृतिका! कहाँ हो? बाहर आओ!” रुद्राक्ष बेड पर से उठते हुए कहा, “कार्तिक अंकल!” रुद्राक्ष दौड़ते हुए रूम से बाहर चला गया तो तन्मय और अयांश भी रुद्राक्ष के पीछे गए। कार्तिक जी गुस्से में कृतिका को आवाज़ दे रहे थे। तभी राघव जी वहाँ आए और कार्तिक जी को देखकर कहा, “अरे कार्तिक! मुबारक हो! अब हमारी दुश्मनी और भी पक्की हो गई! समधी जो बन गए हैं हम!” कार्तिक जी राघव जी को घूरते हुए कहा, “तुम्हें मैं बाद में देखता हूँ। कृतिका! कहाँ हो? बाहर आओ!” कृतिका रूम से बाहर आई और सीढ़ियों से नीचे चली गई। कार्तिक जी कुछ कहते उससे पहले ही रितिका जी बोलीं, “तुमने हमें बताए बगैर रुद्राक्ष से शादी कर ली! आखिर तुम खुद को समझती क्या हो?” कृतिका रितिका जी को देखकर बोली, “जब बचपन से लेकर बड़े होने तक सारी चीज़ें आप दोनों ने मेरी पसंद की दिलाई हैं, तो शादी मैंने अपनी मर्ज़ी से कर ली तो आप लोग ऐसे रिएक्ट क्यों कर रहे हैं?” रितिका जी गुस्से में आगे बढ़कर कृतिका को थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाईं तो रुद्राक्ष जल्दी से कृतिका के सामने आ गया। रितिका जी का थप्पड़ रुद्राक्ष के गालों पर पड़ा और रुद्राक्ष का चेहरा एक तरफ़ झुक गया। सब हैरानी से देखने लगे। तो रुद्राक्ष शांति से बोला, “रितिका आंटी, प्लीज़ आप कृतिका पर गुस्सा मत होइए। उसने ये शादी बस…” कृतिका रुद्राक्ष की बात काटते हुए जल्दी से बोली, “रुद्राक्ष, अब छुपाने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि मैं डरती नहीं हूँ किसी से!” कृतिका रुद्राक्ष का हाथ पकड़ते हुए बोली, “मैंने ये शादी इसलिए की है क्योंकि मैं रुद्राक्ष से प्यार करती हूँ!” रुद्राक्ष हैरानी से कृतिका को देखने लगा और अयांश चिल्लाते हुए बोला, “सच? भाभी आप भाई से प्यार करती हो?” अयांश कृतिका को गले लगाते हुए बोला, “आई एम सो हैप्पी फ़ॉर बोथ ऑफ़ यू!” कृतिका बस स्माइल करती रही तो तन्मय अयांश का कॉलर पकड़कर अपनी ओर खींचते हुए धीरे से बोला, “माहौल तो देख लिया कर अपनी हरकतें शुरू करने से पहले!” अयांश मासूम सी शक्ल बनाकर बोला, “सॉरी, मैं एक्साइटमेंट कंट्रोल नहीं कर पाया। भाभी भाई से प्यार करती हैं, मतलब अब भाई की लाइफ़ भी खुशियों से भर जाएगी।” तन्मय अयांश को घूरते हुए बोला, “तू बेवकूफ़ है! सामने देख… कृतिका का हाथ!” अयांश जब कृतिका के हाथ को देखा तो कृतिका रुद्राक्ष के हाथ में अपने नाख़ून गड़ाते हुए ख़रोच रही थी, मानों किसी बात का बदला निकाल रही हो। अयांश बोला, “ये क्या कर रही हैं भाभी?” तन्मय बोला, “बहुत जल्द पता चल जाएगा। फ़िलहाल सामने देखते हैं।” कार्तिक जी आगे बढ़कर प्यार से कृतिका का चेहरा थामते हुए बोले, “एन्जेल, अपने डैड को नहीं बताओगी? क्यों कि ये शादी… जानती हो ना कि अग्निहोत्री ख़ानदान के लोग कैसे हैं! फिर भी… किसी ने तुम्हें फ़ोर्स किया है? बोलो ना! मैं हूँ तुम्हारे साथ! बोलो!” कृतिका अपने डैड का हाथ पकड़ते हुए बोली, “आपको लगता है कि आपकी बेटी को कोई फ़ोर्स कर सकता है? डैड, मैंने ये शादी अपनी मर्ज़ी से की है। किसी ने मुझे फ़ोर्स नहीं किया है। रुद्राक्ष सच में मुझसे प्यार करता है!” कार्तिक जी कृतिका को देखकर बोले, “और तुम? क्या तुम भी रुद्राक्ष से प्यार करती हो?” कृतिका स्माइल करते हुए रुद्राक्ष को देखती है और बोली, “अब कोई आपसे इतना प्यार करे तो बदले में तो उससे प्यार हो ही जाता है ना डैड!” रुद्राक्ष बस एकटक कृतिका के चेहरे को ही देख रहा था। कार्तिक जी प्यार से पूछते हैं, “एन्जेल, मुझे बताओ किसी ने फ़ोर्स किया है तुम्हें?” (रुद्राक्ष कृतिका को देखकर अपने मन में कहता है, “आपकी बेटी ने ज़बरदस्ती शादी की है मुझसे। इसे कौन फ़ोर्स करेगा?”) कृतिका कार्तिक जी को देखकर बोली, “डैड, प्लीज़ आप मेरी बात मान क्यों नहीं लेते हैं? किसी ने फ़ोर्स नहीं किया मुझे!” कार्तिक जी बोले, “ठीक है, मान लिया। क्या तुम खुश हो इस रिश्ते से?” कृतिका रुद्राक्ष को एक नज़र देखकर स्माइल करते हुए बोली, “हाँ, मैं बहुत खुश हूँ।” कार्तिक जी प्यार से कृतिका का माथा चूमते हुए बोले, “हमेशा खुश रहो।” कार्तिक जी कृतिका को गले से लगा लेते हैं। तभी उनकी नज़र रुद्राक्ष पर पड़ती है और वो रुद्राक्ष को देखकर कहते हैं, “कॉन्ग्रैचुलेशन रुद्राक्ष! विशिंग यू अ लाइफ़टाइम फ़िल्ड विद लव एंड हैप्पीनेस!” रुद्राक्ष स्माइल करते हुए “थैंक्स” कहा। तो उसकी नज़र कृतिका पर पड़ी जो उसे गुस्से से घूर रही थी। रुद्राक्ष अपने बाएँ हाथ को देखा जहाँ उसे हल्के से ख़ून दिखाई देते हैं जो कृतिका की वजह से ही आए थे, क्योंकि कृतिका ने रुद्राक्ष के हाथ पर अपने नाख़ून गड़ाए थे। कार्तिक जी कृतिका से अलग होते हैं और मुस्कुराते हुए कहते हैं, “मेरे लिए सबसे ज़रूरी है तुम्हारी खुशी एन्जेल। अगर तुम रुद्राक्ष के साथ खुश हो तो… मैं तुम्हें खुश देखकर खुश हूँ।” राघव जी आगे आते हुए कहते हैं, “हाँ तो अब जान गए कि कृतिका ने ये शादी अपनी मर्ज़ी से की है। अब खुश?” कार्तिक जी ज़बरदस्ती मुस्कुराते हुए कहते हैं, “तुम्हारे घर में अपनी बेटी को देखकर खुशी तो नहीं, फ़िक्र हो रही है।” कार्तिक जी कृतिका को देखकर कहते हैं, “एन्जेल, अपना ख़्याल रखना। मैं चलता हूँ।” कृतिका बस मुस्कुरा देती है तो कार्तिक जी चले जाते हैं। घर से बाहर निकलते ही रितिका जी कार्तिक जी का हाथ पकड़ते हुए बोलीं, “ये क्या था अंदर? आपने उसे माफ़ कर दिया और दुआएँ भी दीं! इतनी बड़ी गलती करने के बावजूद और मेरे बेटे को एक छोटी सी गलती के लिए घर से बाहर कर दिया… वाह कार्तिक रॉय कपूर! वाह! मान गए आपको!” कार्तिक जी रितिका जी को घूरते हुए बोले, “अपने बेटे से मेरी कृतिका को कंपेयर करने की ज़रूरत नहीं है। तुम्हारे बेटे ने जो किया है उसकी माफ़ी नहीं है। समझी!” रितिका जी कार्तिक जी को गुस्से से घूरते हुए बोलीं, “क्यों करते हैं आप उससे इतना प्यार? वो तो आपकी सगी बेटी!” कार्तिक जी गुस्से में बोले, “ख़बरदार! जो एक शब्द कहा कृतिका के ख़िलाफ़! वो मेरी बेटी थी, है और हमेशा रहेगी!” कार्तिक जी अपनी कार की तरफ़ बढ़ जाते हैं तो रितिका जी नफ़रत से घर की तरफ़ देखते हुए बोलीं, “तुम्हें तो मैं छोड़ूँगी नहीं कृतिका! मेरे ऋतिक का हक़ मैं उसे दिलाकर रहूँगी, चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी क्यों ना पड़ना पड़े!” रितिका जी गुस्से में कार की तरफ़ चली जाती हैं। अग्निहोत्री मेंशन सब लोग हॉल में ही थे, सिर्फ़ राघव जी और कृतिका वहाँ नहीं थे। तन्मय रुद्राक्ष का चेहरा देखकर बोला, “वैसे तेरी सास ने अच्छा तोहफ़ा दिया है… गाल में अपने हाथ का छाप देकर गई है।” रुद्राक्ष तन्मय को घूरता है तो अयांश बोला, “लेकिन फिर भी मुझे ये बात समझ नहीं आई। भाभी के डैड तो बहुत कूल थे, लेकिन उनकी मॉम को किस बात का गुस्सा आया था कि उन्होंने हाथ तक उठा लिया? लग तो ऐसा रहा था कि वो किसी और बात का बदला निकाल रही हों।” अक्षता जी अयांश के सिर पर चपत लगाते हुए बोलीं, “तेरा दिमाग बस इन्हीं चीज़ों में चलता है ना? ये नहीं कि बुआ आने वाली हैं तो कार लेकर खुद चला जाए उन्हें पिक करने।” अयांश सोफ़े पर पसरते हुए बोला, “मॉम, प्लीज़! घर में इतने सारे ड्राइवर हैं, उनमें से किसी को भेज दो।” रुद्राक्ष उठते हुए बोला, “कोई बात नहीं मॉम, मैं उन्हें लेने चला जाता हूँ।” अक्षता जी कुछ कहतीं उससे पहले ही वहाँ एक प्यारी सी आवाज़ गूँजी, “डोंट वरी भाई, हम आ गए।” सबकी नज़र सामने घर के दरवाज़े पर गई। एक २१ साल की लड़की व्हाइट कलर के टी-शर्ट और जीन्स पहने दौड़ते हुए आई और रुद्राक्ष के गले लगते हुए बोली, “भाई, आपकी मूवी तो कमाल की थी!” रुद्राक्ष स्माइल करते हुए बोला, “थैंक्स क्राप्सी।” क्राप्सी चहकते हुए बोली, “आपको पता है मेरी सारी फ़्रेंड्स आपसे मिलना चाहती हैं।” अयांश चहकते हुए बोला, “हाँ तो ले आती ना।” सब अयांश को घूरते हैं तो क्राप्सी बोली, “मैं पागल थोड़ी हूँ जो उन्हें ले आती। बस ऑटोग्राफ़ दे देना भाई आप।” रुद्राक्ष स्माइल करते हुए बोला, “ओके। अब यहीं खड़ी रहोगी या फिर बैठोगी भी।” “बस अपनी बहन की परवाह कर तू!” सामने दरवाज़े से एक औरत कुर्ती पलाज़ो पहने, साइड में दुपट्टा लिए, अपने गॉगल्स को सिर पर चढ़ाए चली आ रही थीं। रुद्राक्ष जल्दी से बोला, “नहीं बुआ, ऐसी कोई बात नहीं है। मैं आपको लेने ही आ रहा था।” बुआ जी बोलीं, “रहने दे। शादी हो गई तो अब तू कहाँ हमारी परवाह करेगा? तू तो अपनी बीवी के इशारों में चलेगा अब तो।” रुद्राक्ष बोला, “अब ऐसी भी बात नहीं है। आप आइए।” अक्षता जी मुस्कुराते हुए बोलीं, “रेणु, कैसा सफ़र था आने में? कोई प्रॉब्लम तो नहीं हुई?” रेणु जी बोलीं, “भाभी, अब आने में कोई प्रॉब्लम हो भी गई तो कौन सा आप उसे ठीक कर दोगी? छोड़ो उस बात को और हमारी बहू से तो मिलवाइए।” अक्षता जी कुछ कहतीं उससे पहले ही एक कुरियर बॉय दरवाज़े को नॉक करते हुए बोला, “कृतिका रॉय कपूर का पार्सल आया है।” रेणु जी चौंकते हुए बोलीं, “ये कृतिका का पार्सल हमारे घर पर क्यों आया है?” रेणु जी अभी पूछ ही रही थीं कि उनकी नज़र सीढ़ियों से उतरती कृतिका पर पड़ी और वो एक झटके में सोफ़े पर से उठ जाती हैं और अपनी आँखें मसलते हुए बोलीं, “ये यहाँ क्या कर रही है?” कृतिका उनकी बात सुनकर बोली, “आई थिंक मिसेज़ सिन्हा, लड़कियाँ शादी के बाद अपने ससुराल में ही रहती हैं।” क्राप्सी रुद्राक्ष को देखकर बोली, “आपने इनसे शादी की है।” रुद्राक्ष हाँ में सिर हिलाता है तो क्राप्सी रुद्राक्ष को हग करते हुए बोली, “मैं आपके लिए बहुत खुश हूँ।” कृतिका अपना पार्सल लेती है और उसे लेकर रूम की तरफ़ जाने लगती है तो रेणु जी बोलीं, “लड़कियाँ शादी के बाद अपनी बुआ सास के पैर भी छूती हैं।” कृतिका पीछे पलटती है और एक कनिंंग स्माइल के साथ बुआ जी को देखती हैं तो रुद्राक्ष को पिछली रात का इंसिडेंट याद आ जाता है कैसे कृतिका ने कलश को किक मारा था। ये सोचकर रुद्राक्ष अपने मन में कहता है, “पता नहीं अब क्या करेगी ये?”
कृतिका, एक चालाक मुस्कान के साथ, बोली, "जरूर... क्यों नहीं? मैं अभी आपके पैर छूती हूँ।" कृतिका के चेहरे पर शैतानी मुस्कान देखकर रुद्राक्ष को डर लगने लगा कि वह बुआ जी के साथ कुछ कर ना दे। रुद्राक्ष जल्दी से बुआ जी को देखकर बोला, "बुआ, आप थक गई होंगी ना? चलिए, मैं आपको रूम तक छोड़ आता हूँ। आपका लगेज ले जाता हूँ। चलिए!" रुद्राक्ष जल्दी से रेणु जी को लेकर चला गया। कृतिका भी उन्हें घूरते हुए अपने रूम में चली गई। ऐसे ही वक्त बीतता गया और सुबह से शाम हो गई। पूरा अग्निहोत्री मेंशन लाइट्स की रोशनी में जगमगाने लगा। रिपोर्टर्स के साथ-साथ बिज़नेस इंडस्ट्री और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के जाने-माने बिज़नेसमैन, एक्टर, एक्ट्रेस, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर्स भी अग्निहोत्री मेंशन में पहुँच गए। रुद्राक्ष अपने रूम में रेडी हो रहा था कि तन्मय वहाँ आ गया और रुद्राक्ष को ऊपर से नीचे तक देखते हुए बोला, "अरे वाह, मेरे हीरो! आज तो तू बिलकुल वैसा लग रहा है जैसा तू स्क्रीन में नज़र आता है।" रुद्राक्ष परफ्यूम की बोतल टेबल पर रखते हुए बोला, "क्योंकि स्क्रीन पर भी मैं ही होता हूँ और यहाँ पर भी मैं ही हूँ।" अयांश पीछे से आते हुए बोला, "बिलकुल गलत। आप इतने अच्छे आज इसलिए लग रहे हो क्योंकि आज आप अपनी लव ऑफ़ लाइफ के लिए रेडी हुए हो।" रुद्राक्ष के चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान तैर गई, जिसे छुपाते हुए वह बोला, "हो गया तुम दोनों का? कुछ काम नहीं है क्या तुम दोनों के पास? जाकर काम करो।" क्राप्सी अपनी हील्स लाते हुए बोली, "भाई, देखो ना, मैं अपनी हील्स पहन ही नहीं पा रही हूँ।" क्राप्सी की नज़र रुद्राक्ष पर गई तो वह चहकते हुए बोली, "वाह, भाई! आज तो ना जाने कितनी ही लड़कियों के दिल जलने वाले हैं जब उन्हें आपकी शादी के बारे में पता चलेगा तब।" रुद्राक्ष ना में सिर हिलाते हुए बोला, "तुम तीनों के पास रहने से अच्छा है कि मैं बाहर ही चला जाऊँ।" तन्मय बोला, "हाँ हाँ, अब तू हमारे साथ क्यों रहेगा? अब तो तेरी शादी हो गई है। अब तो उसके साथ रहेगा। जा, जा!" रुद्राक्ष उन तीनों को इग्नोर करके बाहर आया और सीढ़ियों से होते हुए नीचे हॉल में चला गया। एक लड़की, रेड कलर का गाउन पहने, हैवी मेकअप के साथ, अपने हाई हील्स को संभालते हुए आती है और रुद्राक्ष के ऊपर ही गिर जाती है। रुद्राक्ष उसे संभालते हुए बोला, "श्रृष्टि, संभाल के।" श्रृष्टि मुस्कुराते हुए बोली, "हाँ, तुम हो ना संभालने के लिए।" रुद्राक्ष इस बात पर कुछ रिएक्ट नहीं करता है तो श्रृष्टि कहती है, "तुम बताओ रुद्र, ये पार्टी किस खुशी में? तुमने तो कॉल भी नहीं किया। अंकल ने इनवाइट किया।" रुद्राक्ष बोला, "वो दरअसल..." "बहुत जल्द पता चल जायेगा, मिस भारद्वाज।" श्रृष्टि सामने देखकर मुस्कुराते हुए बोली, "राघव अंकल, हेलो! कैसे हैं आप?" राघव जी ज़बरदस्ती मुस्कुराते हुए बोले, "आज तो मैं बहुत खुश हूँ। उसकी वजह भी तुम्हें जल्दी ही पता चल जायेगी।" राघव जी रुद्राक्ष को देखकर बोले, "जाओ, उसे लेकर आओ।" रुद्राक्ष जैसे ही पीछे मुड़ता है, उसकी नज़र सीढ़ियों से उतरती हुई कृतिका पर पड़ती है जो किसी से कॉल पर बात करते हुए नीचे उतर रही थी। कृतिका ने ब्लैक कलर का गाउन पहना हुआ था, जिसमें डायमंड का वर्क किया हुआ था जिससे वह शाइन कर रहा था। साथ ही कृतिका ने अपने गले में छोटा सा नेकपीस पहन रखा था, साथ ही इयरिंग पहने, अपने बालों का खूबसूरत सा हेयरस्टाइल बनाए हुए, वह नीचे आ रही थी। रुद्राक्ष कृतिका को देखते हुए सीढ़ियों के पास चला जाता है और अपना हाथ आगे बढ़ा देता है। कृतिका अपना कॉल डिस्कनेक्ट करती है और सामने देखती है तो एक पल के लिए उसकी नज़र रुद्राक्ष पर थम सी जाती है। रुद्राक्ष ने व्हाइट कलर की शर्ट, ब्लैक कलर का कोट, ब्लैक पैंट पहना हुआ था। साथ ही अपने बालों को सलीके से सेट किया हुआ था। चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान थी। साथ ही आज उसकी हेज़ल आँखें कुछ ज़्यादा ही गहरी नज़र आ रही थीं। कृतिका भी बिना किसी नखरा दिखाए रुद्राक्ष के हाथ में अपना हाथ रख देती है। रुद्राक्ष स्माइल करते हुए कृतिका को लेकर वहाँ बने स्टेज में चला जाता है। कृतिका और रुद्राक्ष को साथ देखकर श्रृष्टि जल भुन जाती है और गुस्से में कृतिका को घूरते हुए कहती है, "ये... ये रुद्र के साथ क्या कर रही है? ये तो रुद्र से नफ़रत करती थी ना!" राघव जी हँसते हुए कहते हैं, "नफ़रत भुलाई भी तो जा सकती है ना, मिस भारद्वाज।" श्रृष्टि गुस्से में राघव जी को घूरती है और बार एरिया की तरफ़ जाकर ड्रिंक करने लगती है। श्रृष्टि गुस्से में ड्रिंक करते हुए कहती है, "नहीं, ऐसा नहीं हो सकता है। कृतिका की नफ़रत कम नहीं हो सकती है। रुद्र सिर्फ़ मेरा है। मैंने रुद्र को पाने के लिए क्या कुछ नहीं किया।" श्रृष्टि गुस्से में वाइन का ग्लास पीते हुए कहती है, "नहीं, कृतिका इतनी आसानी से मैं रुद्र को जाने नहीं देने वाली।" श्रृष्टि गुस्से से लाल आँखों से कृतिका और रुद्राक्ष को ही घूर रही थी। सारे रिपोर्टर्स कृतिका और रुद्राक्ष की तस्वीरें खींचने लगते हैं। उनके मन में हज़ार सवाल थे जो वे कृतिका को देखकर पूछते हैं, "मैम, आप और रुद्राक्ष सर, आप दोनों को एक साथ देखकर पूरी मीडिया के लोगों में बहुत सारी अफ़वाहें फैल रही हैं। लेकिन मैं बस ये पूछना चाहता हूँ कि क्या आप दोनों किसी नए प्रोजेक्ट पर साथ काम करने वाले हैं या बात कुछ और है?" कृतिका रुद्राक्ष को देखकर स्माइल करते हुए कहती है, "वेल, मैं बात को बिना घुमाए कहना चाहती हूँ कि मैंने रुद्राक्ष के साथ शादी कर ली है, और इसी बात को शेयर करने के लिए हम लोगों ने आप सभी को यहाँ बुलाया है।" सब हैरानी से कृतिका और रुद्राक्ष को देखने लगते हैं। हॉल में मौजूद सभी लोगों के बीच एक पल के लिए सन्नाटा छा जाता है और अगले ही पल सब लोग खुसुर-फुसुर करना शुरू कर देते हैं। तभी एक लड़की खड़ी होते हुए पूछती है, "मिस... ओप्स, सॉरी, मिसेज़ कृतिका, मिस्टर रुद्राक्ष, कांग्रेचुलेशन्स ऑन योर सरप्राइज़ वेडिंग! कैन यू टेल अस हाउ दिस व्हर्लविंड लव स्टोरी बिगैन?" कृतिका स्माइल करते हुए कहती है, "रुद्राक्ष, आप बताइए इन्हें ये सब कैसे शुरू हुआ।" रुद्राक्ष स्माइल करते हुए कहता है, "एक्चुअली, कृतिका और मैं सेम स्कूल, सेम क्लास में थे, एंड वी आर बेस्ट फ्रेंड्स, सो..." एक रिपोर्टर मुस्कुराते हुए कहती है, "सो बेसिकली दिस इज़ अ स्कूल लव स्टोरी, लाइक बचपन का प्यार।" रुद्राक्ष स्माइल करते हुए कहता है, "या।" यहाँ सारे रिपोर्टर्स सवाल-जवाब कर रहे थे और एक रिपोर्टर कोने में खड़ा होकर किसी से बात कर रहा था। तभी पीछे से तन्मय गुज़रता है और उसकी कान में आवाज़ जाती है, "येस बॉस, आपने जैसा कहा है वैसा ही होगा। काम पूरा होते ही आपको तो पता चल ही जाएगा। मीडिया लाइव जो है!" तन्मय उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहता है, "तुम किस काम की बात कर रहे हो?" वो जर्नलिस्ट हड़बड़ाते हुए कहता है, "वो... वो न्यूज़ कवर करने का काम। ये इतनी बड़ी न्यूज़ है इसलिए..." तन्मय को उस पर शक होता है, लेकिन वह बात को आगे ना बढ़ाते हुए कहता है, "तो जाकर न्यूज़ करो। यहाँ खड़े होकर क्या कर रहे हो?" वो लड़का जल्दी से बाकी के रिपोर्टर्स की भीड़ में शामिल हो जाता है। तन्मय को ना जाने क्यों उस लड़के पर शक हो रहा था। तभी अयांश आता है और उसे अपने साथ ले जाता है। सवालों का सिलसिला यूँ ही आगे बढ़ता है। जर्नलिस्ट सवाल करती है, "मिसेज़ कृतिका, आप एक सुपरस्टार से शादी के साथ अपने सक्सेसफुल बिज़नेस एम्पायर को कैसे संतुलित करने की योजना बना रही हैं?" कृतिका इस सवाल का जवाब कॉन्फिडेंटली देती है, "इट्स ऑल अबाउट बैलेंस एंड सपोर्ट ईच अदर। और मुझे पूरी उम्मीद है कि रुद्र मुझे हर कदम पर सपोर्ट करेंगे हैं ना, रुद्र?" कृतिका रुद्राक्ष को देखती है तो रुद्राक्ष कृतिका की शहद जैसी खूबसूरत आँखों में देखते हुए कहता है, "हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा, तुम्हारा साया बनकर।" (ज़ाहिर सी बात है, रुद्र ये कृतिका को तो कह नहीं सकता था, इसलिए वो अपने मन में कह रहा था।) क्राप्सी दूर खड़ी होकर कहती है, "आव, हाउ रोमांटिक!" अयांश कहता है, "इसमें रोमांटिक क्या है?" क्राप्सी अयांश को घूरते हुए कहती है, "आप नहीं समझोगे। दुनिया का सबसे रोमांटिक सीन वो होता है जब आप अपने लव्ड वन्स की आँखों में देखो और खो जाओ। जस्ट भाई एंड भाभी!" एक रिपोर्टर खड़ी होकर सवाल करती है, "मिस्टर रुद्राक्ष, हाउ डू यू सी योर करियर इवॉल्विंग नाउ दैट यू आर अ मैरिड मैन?" रुद्राक्ष इस सवाल को सुनकर मुस्कुरा देता है तो उसके फेस पर डिम्पल पड़ते हैं जो सच में बहुत क्यूट थे। रुद्राक्ष स्माइल करते हुए कहता है, "आई एम होपिंग इट ब्रिंग्स इवन मोर लक एंड सक्सेस।" रेणु जी अक्षता जी को देखकर कहती हैं, "आखिर रुद्र ने कृतिका से शादी क्यों की? उस हादसे के बाद तो इनकी लड़ाई हो गई थी ना!" अक्षता जी कहते हैं, "ये तो मुझे भी नहीं पता है कि आखिर रुद्र ने कृति से शादी क्यों की। सुबह कृतिका ने जैसे कहा कि वो रुद्र से प्यार करती है, मुझे लगता है कि शायद वो सच में रुद्र से प्यार करती हो।" रेणु जी कहती हैं, "देखकर लगता तो नहीं है कि कृतिका हमारे रुद्र से प्यार करती है।" अक्षता जी कहती है, "अब रहने भी दो। राम जी इन दोनों की जोड़ी हमेशा सलामत रखे, मेरी तो बस यही कामना है।" रेणु जी बस "हम्म" कहती हैं और कृतिका और रुद्र को देखने लगती हैं। एक जर्नलिस्ट खड़ी होकर कहती है, "अगर आप दोनों सेम स्कूल में थे और आप दोनों एक-दूसरे से इतना ही प्यार करते थे तो मिस्टर रुद्राक्ष, आपकी किसी भी मूवी लॉन्च पार्टी एंड सक्सेस पार्टी में मिस कृतिका नज़र क्यों नहीं आईं? साथ ही मिस कृतिका की इतनी सारी बिज़नेस पार्टियाँ होती हैं, वहाँ भी आप नज़र क्यों नहीं आए?" रुद्राक्ष स्माइल करते हुए कहता है, "क्योंकि हम दोनों एक-दूसरे की प्रोफेशनल लाइफ में इंटरफ़ेयर नहीं करते हैं। एक-दूसरे के काम की इज़्ज़त करते हैं।" कृतिका रुद्राक्ष को देखने लगती है तो एक रिपोर्टर सवाल करता है, "मिस्टर रुद्राक्ष, विल योर फैंस गेट टू सी अ डिफ़रेंट साइड ऑफ़ यू नाउ दैट यू आर मैरिड?" और खासकर आपकी गर्ल फैन, उनके बारे में क्या कहना है आपका? रुद्राक्ष इस बात पर मुस्कुराते हुए कहता है, "आई एम स्टिल द सेम गाय, जस्ट विद अ न्यू टाइटल... हज़बैंड।" एंड बाय द वे, मैं अपनी सारी फैंस, स्पेशली फ़ीमेल फैन बेस से कहना चाहता हूँ कि मैं पहले जैसे अपनी एक्टिंग से आप सभी लोगों का दिल जीतता आया हूँ, आगे भी मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि आप सभी को अपनी एक्टिंग से खुश कर सकूँ। मीडिया ऐसे ही ढेर सारे सवाल करती है और उनके सारे सवालों का जवाब कृतिका और रुद्राक्ष मिलकर दे रहे थे। तन्मय की नज़र उसी जर्नलिस्ट पर जाती है जो किचन की तरफ़ जा रहा था तो तन्मय भी उसके पीछे जाता है। जर्नलिस्ट अपने बैग में से एक गन निकालता है और उसमें गोली भरने लगता है। तभी तन्मय पीछे से उसके सिर पर मारता है, फुर्ती से उसके हाथ से गन छीन लेता है। तन्मय उसे घूरते हुए कहता है, "किसने भेजा है तुम्हें और किसे मारने आए थे? बोलो!" तन्मय उससे सवाल कर रहा था और वो जर्नलिस्ट हँसते हुए कहता है, "मैं तो बस उसका एक मोहरा हूँ। असली खेल तो पार्टी में शुरू भी हो चुकी है और कृतिका रॉय कपूर की कहानी भी खत्म हो चुकी होगी।" तन्मय दौड़ते हुए किचन से बाहर आता है तो उसकी नज़र मीडिया में से एक लड़की पर पड़ती है जो खड़ी होती है और अपने माइक में से चाकू निकालकर कृतिका की तरफ़ फेंक देती है। ये सब इतना जल्दी में हुआ कि तन्मय जोर से चिल्लाता है, "कृतिकाआआ..."
तन्मय दौड़ता हुआ किचन से बाहर आया। उसकी नज़र मीडिया में से एक लड़की पर पड़ी जो खड़ी थी और अपने माइक से चाकू निकालकर कृतिका की तरफ फेंका। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि तन्मय जोर से चिल्लाया, "कृतिका!!!" सब कृतिका की तरफ भागे। कृतिका हैरानी से अपने सामने खड़े रुद्राक्ष को देख रही थी जो अभी भी मुस्कुराते हुए उसे ही देख रहा था। अगले ही पल रुद्राक्ष कृतिका के ऊपर गिर गया। रुद्राक्ष की पीठ पर वह खंजर धंसा हुआ था। जिसकी वजह से रुद्राक्ष की पीठ से खून बह रहा था। राघव जी चिल्लाते हुए बोले, "गार्ड! उस लड़की को पकड़ो और कार निकालो!" कृतिका रुद्राक्ष को संभाल नहीं पाई और वह जमीन पर गिर गई। वह जल्दी से रुद्राक्ष के चेहरे को थपथपाते हुए बोली, "रुद्र! रुद्र! रुद्र!" तन्मय भागकर आया और चिल्लाते हुए बोला, "अयांश! जल्दी आ!" क्राप्सी रोते हुए बोली, "भाई! ये क्या हो गया? आपको उठो ना!" कृतिका तन्मय को घूरते हुए बोली, "खड़े-खड़े देख क्या रहे हो? उठाओ रुद्र को!" इतने में सीढ़ियों से अयांश आया। वह सामने का नज़ारा देखकर भागता हुआ आया और हड़बड़ाते हुए बोला, "ये क्या हो गया भाई को?" कृतिका अयांश को घूरते हुए बोली, "सारे सवाल अभी ही करने हैं तुम्हें? जल्दी से उठाओ रुद्र को, हॉस्पिटल ले जाना है।" तन्मय, अयांश और गार्ड रुद्राक्ष को जल्दी से उठाते हैं। लेकिन रुद्र ने कृतिका का हाथ पकड़ रखा था। इसलिए कृतिका भी रुद्राक्ष के साथ खींचती हुई चली जा रही थी। अक्षता जी हैरानी से रुद्र को देख रही थीं। राघव जी उन्हें देखकर बोले, "अक्षता, संभालिए अपने आप को। रुद्र को कुछ नहीं होगा।" अक्षता जी चिल्लाते हुए रोने लगीं और राघव जी को देखकर बोलीं, "मेरे बेटे की ज़िंदगी में इतनी तकलीफें क्यों हैं? उसे कुछ नहीं होना चाहिए। राघव, आप किसी भी तरह से मेरे रुद्र को बचा लीजिए!" अक्षता जी रोते हुए गिरने लगीं। राघव जी जल्दी से उन्हें संभाल लिया और रेणु जी को देखकर बोले, "संभालो इसे, मैं हॉस्पिटल जा रहा हूँ।" रेणु जी अक्षता जी को संभालने लगीं और राघव जी तेज़ी से घर से बाहर निकल गए। हॉस्पिटल हॉस्पिटल के बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ था। सब लोग सवाल पर सवाल कर रहे थे। कृतिका को उन सब पर इतना गुस्सा आ रहा था कि वह चिल्लाते हुए बोली, "यहाँ रुद्र की हालत इतनी क्रिटिकल है और तुम सब को अपने सवालों की पड़ी! हटो सामने से, वरना तुम्हारी यह सब की आखिरी रिपोर्टिंग होगी!" कृतिका इतने गुस्से में थी कि सब लोग साइड हो गए। कृतिका, तन्मय और अयांश अंदर चले गए। रुद्र की पीठ से इतना खून बह रहा था कि तन्मय और अयांश दोनों के कंधे खून से लथपथ हो गए थे। डॉक्टर को तन्मय ने पहले ही इन्फॉर्म कर दिया था। इसलिए वे लोग जल्दी से हरकत में आए और रुद्र को ओटी में ले गए। लेकिन थोड़ी ही देर में वे लोग बाहर आए और बोले, "ब्लड बहुत लॉस हो गया और ब्लड बैंक से ब्लड आने में टाइम लगेगा। आप सब में से किसी का ब्लड ग्रुप ओ है?" सबकी नज़रें कृतिका पर अटक गईं। कृतिका बिना एक भी पल गँवाए बोली, "मेरा है!" डॉक्टर कृतिका को अपने साथ चलने के लिए बोले। कृतिका रुद्राक्ष के बगल वाली बेड पर लेट गई। उसकी नज़र रुद्राक्ष पर पड़ी। जो चेहरा अभी थोड़ी देर पहले तक चमक रहा था, उस चेहरे पर अभी दर्द और मायूसी साफ़ झलक रही थी। कृतिका के हाथ में ड्रिप लगाई गई। कृतिका एकटक रुद्राक्ष को ही देख रही थी। बाहर राघव जी बेहाल हालत में हॉस्पिटल पहुँचे और तन्मय को देखकर बोले, "रुद्र कैसा है? कहाँ है वो? मुझे उससे मिलना है। डॉक्टर ने क्या कहा?" तन्मय राघव जी को शांत करते हुए बोला, "अंकल, रुद्र ठीक है। आप प्लीज़ संभालिए अपने आप को, रुद्र को कुछ नहीं होगा।" राघव जी कुछ कहते उससे पहले ही ओटी का दरवाज़ा खुला और एक नर्स बाहर आई। राघव जी को कृतिका दिखाई दी। राघव जी जल्दी से बोले, "ये कृतिका, अंदर क्या कर रही है? इसे बाहर निकालो! इसी की वजह से मेरे रुद्र की ऐसी हालत हुई है!" तन्मय जल्दी से राघव जी को पकड़ते हुए बोला, "अंकल, प्लीज़ संभालिए अपने आप को। कृतिका ब्लड डोनेट कर रही है रुद्र को।" अयांश तो कुछ बोल ही नहीं रहा था। वह बस दीवार से टिककर एकटक ओटी के दरवाज़े को घूर रहा था। थोड़ी देर में कृतिका को नॉर्मल वार्ड में रेस्ट करने के लिए कहा गया। कृतिका रूम में चली गई। तभी कार्तिक जी दौड़ते हुए आए और कृतिका के बारे में पूछकर उसके पास चले गए। कार्तिक जी कृतिका को अपने सीने से लगाकर बोले, "तुम ठीक तो हो ना, एंजेल!" कृतिका मुस्कुराते हुए बोली, "डैड, मैं बिल्कुल ठीक हूँ।" कार्तिक जी प्यार से कृतिका का माथा चूमते हुए बोले, "भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि तुम ठीक हो, तुम्हें कुछ नहीं हुआ!" "हाँ, लेकिन मेरे बेटे को तो हो गया ना!" कृतिका और कार्तिक जी की नज़र सामने दरवाज़े पर पड़ी जहाँ राघव जी गुस्से में खड़े थे। राघव जी अंदर आते हुए बोले, "इस लड़की की वजह से मेरा बेटा अभी ज़िंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है!" कार्तिक जी बोले, "हाँ, तो हमला भी तो तुम ही ने करवाया था मेरी बेटी पर। तो खेल उल्टा पड़ गया।" राघव जी गुस्से में दाँत पीसते हुए बोले, "मैं पागल नहीं हूँ जो अपने ही घर में मीडिया के सामने अपनी घर की बहू पर हमला करवाऊँगा!" कृतिका मुस्कराते हुए बोली, "यही तो बात है ससुर जी की। आप पर कोई शक भी नहीं करेगा। इसलिए तो आपने मुझ पर हमला करवाया। लेकिन अफ़सोस, आपका अपना बेटा ही उस हमले का शिकार हो गया।" राघव जी अब चिल्लाते हुए बोले, "अगर तुम्हें मारना होता तो कब का मार चुका होता। इतने सालों तक वेट नहीं करता, समझी? तुम दोनों को मानना है तो मानो, नहीं मानना है तो मत मानो, लेकिन मैंने यह हमला नहीं करवाया है।" राघव जी चले गए। कार्तिक जी बोले, "जितना मैं राघव को जानता हूँ, मुझे नहीं लगता कि यह झूठ बोल रहा होगा।" कृतिका कार्तिक जी को देखकर बोली, "डैड, इन अग्निहोत्रियों पर मुझे रत्ती भर भी विश्वास नहीं है। और इस हमले के पीछे जो भी हो, उसे मैं ढूँढ निकालूँगी।" कार्तिक जी प्यार से कृतिका के बालों में हाथ फेरते हैं। तभी नर्स कृतिका के लिए डिनर लेकर आई क्योंकि इतना सारा ब्लड डोनेट करने के बाद कृतिका को भूख बहुत लग रही थी। कार्तिक जी अपने हाथों से कृतिका को डिनर करवाने लगे। ओटी के बाहर अभी भी अयांश वैसे ही खड़ा था। तन्मय उसके कंधे पर हाथ रखता है और पूछता है, "तू ठीक तो है?" अयांश की आँखों से आँसू छलक गए और वह बोला, "हमेशा भाई के साथ ही ये सब क्यों होता है? पहले वो हादसा, फिर उसने वो सब किया और अब..." अयांश का गला रूँध गया। तन्मय अयांश को सांत्वना देते हुए बोला, "ये सारी चीज़ें रुद्राक्ष के साथ ही इसलिए होती हैं क्योंकि वह हर सिचुएशन को अच्छे से संभाल लेता है।" अयांश तन्मय को देखने लगा। तन्मय आगे बोला, "भगवान उसे ही प्रॉब्लम्स देते हैं जो उस प्रॉब्लम को सॉल्व कर सके।" अयांश तन्मय को देखकर बोला, "भाई, ठीक तो हो जाएँगे ना?" तन्मय हाँ में सिर हिलाते हुए बोला, "रुद्र को कुछ नहीं होगा।" अयांश तन्मय को हग कर लेता है। तभी वहाँ एक लड़की दौड़ती हुई आती है और तन्मय को देखकर कहती है, "रुद्र कैसा है अब?" तन्मय उस लड़की को देखकर बोला, "ओटी में है। डॉक्टर्स ने कुछ बताया नहीं है अभी तक... श्रृष्टि!" श्रृष्टि वहीं बैठ जाती है और रुद्र के ठीक होने के लिए प्रे करने लगती है। लगभग दो घंटे बीतते हैं और रुद्र को नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट किया जाता है। सब लोग उससे मिलने जाते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि पेशेंट को अभी होश नहीं आया है। तो बेहतर होगा कि आप लोग उन्हें डिस्टर्ब ना करें। देर रात रुद्र को होश आता है। कार्तिक जी और कृतिका भी उससे मिलने आते हैं। राघव जी रुद्र से बात ही कर रहे थे कि श्रृष्टि पीछे से आती है और रुद्र को कसकर गले लगाते हुए कहती है, "रुद्र, तुम ठीक तो हो ना? पता है मैं कितना डर गई थी!" अयांश उसे घूरते हुए बोला, "इसलिए आप इतनी देर से आईं क्योंकि डर गईं थीं?" कृतिका अयांश की बात सुनकर मुस्कुराती है। श्रृष्टि रुद्र से अलग होते हुए कहती है, "वो मीडिया वाले मुझे अंदर नहीं आने दे रहे थे।" रुद्र की नज़र कृतिका पर जाती है जो उसे ही देख रही थी। लेकिन जैसे ही उन दोनों की नज़रें मिलती हैं, कृतिका उसे घूरने लगती है। रेणु जी, अक्षता जी और क्राप्सी भी अब तक आ चुके थे। सब लोग रुद्राक्ष से बात कर रहे थे। कार्तिक जी भी रुद्राक्ष की खैर-खबर लेकर चले जाते हैं। कृतिका रूम में लगे सोफे पर बैठी हुई थी और अपने फोन पर स्क्रॉल कर रही थी। रुद्र सबसे बातें कर रहा था, लेकिन उसकी नज़रें कृतिका पर ही अटकी हुई थीं। रेणु जी, अक्षता जी, क्राप्सी थोड़ी देर बाद घर चले जाते हैं क्योंकि रुद्र नहीं चाहता था कि उसकी वजह से बाकियों को तकलीफ पहुँचे। तन्मय कृतिका से पूछता है, "तुम्हें किसी पर शक तो नहीं है ना? क्योंकि मुझे इन्वेस्टिगेट करना है तो..." कृतिका तन्मय को देखकर कहती है, "मुझे पुलिस की हेल्प की ज़रूरत नहीं है। मैं खुद उस हमलावर को पकड़ सकती हूँ।" कृतिका यह सब राघव जी को देखकर कह रही थी। तन्मय अपना फोन लेकर बाहर चला जाता है। राघव जी को किसी का कॉल आता है और वे भी बाहर चले जाते हैं। अयांश रुद्राक्ष के लिए सूप लेकर आता है। श्रृष्टि उससे सूप लेते हुए कहती है, "मैं रुद्र को सूप पिला दूँगी।" रुद्राक्ष मना करते हुए कहता है, "इसकी कोई ज़रूरत नहीं है, श्रृष्टि। रात बहुत हो गई है, तुम्हें घर जाना चाहिए।" श्रृष्टि मना करते हुए कहती है, "नहीं, मैं आज रात यहीं रुक जाती हूँ, तुम्हारे पास!" अयांश जल्दी से कहता है, "आपके पास कोई काम नहीं है?" रुद्राक्ष अयांश को देखकर कहता है, "अयान, ये क्या तरीका है बात करने का!" अयांश रुद्राक्ष के पास बैठकर कहता है, "भाई, मैं तो बस इसलिए पूछ रहा था क्योंकि उन्हें काम होगा तो ये लेट हो जाएँगी ना, तो इन्हें घर चले जाना चाहिए।" श्रृष्टि जल्दी से कहती है, "वो मीडिया वालों की वजह से मैंने ड्राइवर को घर भेज दिया। अब मेरे पास कार नहीं है तो मैं घर कैसे जाऊँगी?" अयांश जल्दी से कहता है, "कोई बात नहीं, तन्मय भाई हैं ना, वो आपको छोड़ देंगे।" तन्मय भी कहता है, "हाँ, श्रृष्टि, चलो मैं तुम्हें ड्रॉप कर देता हूँ। वैसे भी मैं पुलिस स्टेशन ही जा रहा हूँ, रास्ते में ही तुम्हारा घर पड़ेगा, कोई प्रॉब्लम भी नहीं होगी।" श्रृष्टि का मुँह बन जाता है और वह ज़बरदस्ती मुस्कुराते हुए रुद्राक्ष को गले लगाती है और बाय बोलकर तन्मय के साथ चली जाती है। अयांश उसे जाते हुए देखकर बड़बड़ाता है, "छिपकली कहीं की! छिपकली भी दीवार से इतना नहीं चिपकता जितना ये भाई चिपकती है, हुंह!" रुद्राक्ष अपना हाथ आगे बढ़ाता है तो उसकी दर्द भरी आह निकल जाती है। अयांश जल्दी से पूछता है, "भाई, आप ठीक तो हो? मैं डॉक्टर को बुलाकर लाता हूँ।" कृतिका रुद्राक्ष के पास आती है तो देखती है कि हाथ को मूव करने की वजह से उसकी पीठ से खून आ रहा है। कृतिका रुद्राक्ष को घूरते हुए कहती है, "क्या ज़रूरत थी हीरो बनकर सामने आने की? वहाँ कोई मूवी का सीन नहीं चल रहा था कि आगे आकर खड़े हो गए।" रुद्राक्ष मुस्कुराते हुए कहता है, "तुम्हें तो खुश होना चाहिए कि मुझे चोट पहुँची है। यही तो चाहती हो ना तुम!" कृतिका मुस्कुराते हुए कहती है, "माय डियर हसबैंड, मैं तुम्हें चोट पहुँचाना चाहती हूँ, दर्द में देखना चाहती हूँ। लेकिन इसका मतलब यह हरगिज़ नहीं है कि तुम मेरे मामलों में टांग अड़ाओ या आज की तरह खुद अड़ जाओ, समझे?" रुद्राक्ष कृतिका को देखकर कहता है, "मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा, अपनी आखिरी साँस तक। क्योंकि अगर तुम्हें कुछ हो जाता तो मैं जी नहीं पाता।" कृतिका रुद्राक्ष को देखने लगती है। उसे रुद्राक्ष की आँखों में एक अलग सा खुमार नज़र आता है। कृतिका रुद्राक्ष से अपनी नज़रें हटाते हुए कहती है, "अच्छा, अगर इतनी ही परवाह है मेरी और फ़िक्र करते हो तो अग्निहोत्री ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ में तुम्हारे जितने भी शेयर्स हैं, वो मेरे नाम पर क्यों नहीं कर देते हो? सालों से इतनी मेहनत कर रही हूँ।" रुद्राक्ष कुछ नहीं कहता है। कृतिका कहती है, "बस हो गई तुम्हारी परवाह और फ़िक्र ख़त्म!" रुद्राक्ष कृतिका को देखकर कहता है, "अगर शेयर्स के पेपर्स हैं तो लाओ, मैं साइन कर देता हूँ।" कृतिका हैरानी से उसे देखने लगती है। रुद्राक्ष कहता है, "तुम्हारे लिए तो जान भी दे सकता हूँ, ये शेयर्स क्या चीज़ हैं!"
कृतिका रुद्राक्ष को देखने लगती है,
दोनों अभी एक दूसरे को देख ही रहे थे कि एक लड़का धड़ाम की आवाज से डोर खोलते हुए अंदर आता है,
और हांफते हुए कहता है,"सर आप ठीक तो हो.? और ये हमला किसने किया..? आप कल से मेरा कॉल क्यों नहीं पिक कर रहे थे..? मैं कुछ दिनों के लिए आपसे दूर क्या हुआ..? आपने शादी कर ली..? मैं कौन सा पूरी बारात का खाना अकेले खा जाता जो मुझे शादी में आपने नहीं बुलाया..!
रुद्राक्ष उस लड़के को सामने सोफे की तरफ इशारा करते हुए कहता है, "सक्षम,आराम से पहले सांस ले लो, उसके बाद सवालों के तीर मेरे ऊपर चलाना,"
सक्षम सोफे पर बैठकर गहरी गहरी सांस लेता है और फिर एक ग्लास पानी एक ही सांस में पीने के बाद,
जैसे ही वो सवाल करने लगता है उसकी नजर कृतिका पर जाती है जो रुद्राक्ष के बेड के बगल में खड़ी थी,
सक्षम बड़ी सी स्माइल के साथ बोला,"हेलो भाभी, मेरा नाम सक्षम मल्होत्रा है, वो रुद्राक्ष सर का मैनेजर मैं ही हूं, आपसे मिलकर खुशी हुई,"
"लेकिन मुझे नहीं हुई," कृतिका ने बिना किसी भाव के कहा,
सक्षम रुद्राक्ष के पास जाकर धीरे से बोलता है," और कोई नहीं मिली थी, जितना सुना था उससे ज्यादा खडूस है,"
रुद्राख सक्षम को घूरते हुए,"तमीज से,मेरी है,"
सक्षम जल्दी से कहता है,"ओह sorry, आपकी तो बीवी है ना, किसी ओर से चुगली करनी पड़ेगी,"
रुद्राक्ष ना में सिर हिला देता है इतने में अयांश डॉक्टर को लेकर आ जाता है, राघव जी भी रुद्राक्ष के पास ही बैठ जाते हैं,
डॉक्टर रुद्राक्ष की बैंडेज चेंज करते हुए कहते हैं," इसको मूव मत करिएगा, और पीठ के बल मत सोइएगा कुछ दिन,"
"Hmm," रुद्राक्ष बोला,
रुद्राक्ष सबको देखकर कहता है,"आप सब घर चले जाइए, मैं ठीक हूं और किसी चीज की जरूरत हुई तो डॉक्टर तो है हीं,"
"नहीं मैं नहीं जा रहा कहीं, मैं तुम्हें साथ घर वापस लेकर जाऊंगा," राघव जी ने कहा,
अयांश भी जिद करते हुए बोला," मैं भी नहीं जा रहा कहीं, अभी घर जाऊंगा तो मां हजार सवाल करेगी आपके बारे में, मैं आपको छोड़कर नहीं जाऊंगा,"
"हां सर मैं भी नहीं जा रहा कहीं, आपके साथ यहीं रहूंगा," सक्षम बोला,
कृतिका उन तीनों की बातों को सुनकर सबको घूरते हुए कहती है," हां तो एक काम कीजिए आप लोग, यहां के पेशेंट को उनके घर भेजकर, आप लोग एक एक रूम बुक करके रह लो यहां, क्योंकि ये हॉस्पिटल थोड़ी ही है होटल है ना जो जितने मर्जी उतने लोग साथ रह सकते हैं,"
राघव जी कृतिका को देखते हुए बोले," माना कि होटल नहीं है लेकिन मैं बेटे को यहां ऐसे अकेले नहीं छोड़ सकता,"
"हां तो घर पर साथ रहकर क्या ही कर लिया था आपने, अगर मुझे सिक्योरिटी का इंतेज़ाम करने देते तो ये सब नहीं होता, लेकिन आपने मेरे सारे गार्ड्स को हटा दिया, जिस वजह से ये हुआ," कृतिका थोड़े गुस्से में बोली,
राघव जी शर्मिंदगी से बोले,"हां मानता हूं मेरी गलती है,मुझे तुम्हारे गार्ड्स को उनका काम करने देना चाहिए था, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि तुम मुझे मेरे बेटे से दूर कर दोगी,"
कृतिका कुछ कहती उससे पहले ही रुद्राक्ष बोला, " डैड ठीक हूं मैं, और वैसे भी मॉम घर पर परेशान हो रही होंगी, आप जाइए उनका ख्याल रखिए नहीं तो फिर से उनकी तबियत खराब हो जाएगी,"
"..लेकिन..."
"Please डैड, मेरी बात मान लीजिए," रुद्राक्ष ने प्यार से कहा,
रुद्राक्ष के समझाने पर राघव जी बोले," ठीक है अपना ख्याल रखना, और कुछ भी हो तो तुरंत कॉल करना, नहीं तो बाहर गार्ड्स को आवाज लगाना, मैं जल्दी से आ जाऊंगा,"
रुद्राक्ष अच्छे बच्चों की तरह हां में सिर हिला देता है तो राघव जी अयांश और सक्षम को भी अपने साथ ले जाते हैं,
रुद्राख कृतिका को देखने लगता है तो कृतिका अपनी आई ब्रो रेज करते हुए कहती है, " वाट, ऐसे क्या देख रहे हो...?"
रुद्राक्ष ने सवाल किया," तुम नहीं जाओगे.?"
कृतिका ने जवाब के बदले सवाल किया,"चाहते हो चली जाऊं, ताकि तुम्हारी सृष्टि भारद्वाज आ सके,"
रुद्राक्ष कृतिका के सवाल पर जल्दी से जवाब देते हुए," नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है, वो तो रात बहुत हो गई है अब बाहर मीडिया भी नहीं होगी, तुम आसानी से घर जा सकती हो, इसलिए पूछ रहा था और हां सृष्टि मेरी नहीं है और ना कभी हो सकती है,"
रुद्राक्ष के जवाब पर कृतिका सोफे पर बैठते हुए कहती है,"मैं नहीं चाहती कि शादी के अगले दिन ही ऐसी किसी वीडियो या न्यूज में, मेरी फोटो आए कि हसबैंड हॉस्पिटल में पड़ा है और मैं उसके साथ भी नहीं हूं,"
"मतलब नहीं जाओगी," रुद्राक्ष थोड़े एक्साइटमेंट में सवाल करता है,
कृतिका उसे घूरती है तो रुद्राक्ष अपना चेहरा दूसरी तरफ करते हुए मुस्कुराने लगता है,
थोड़ी देर में नर्स दवाई लेकर आती है और रुद्राक्ष दवाई लेकर सोने की कोशिश करने लगता है लेकिन वो पीठ के बल सो नहीं सकता था और ज्यादा मूवमेंट करके वो पेट के बल भी नहीं सो सकता था तो बेचारा अभी कोशिश कर रहा था कि किसी तरह वो पेट के बल हो जाए, लेकिन गिरने की वजह से उसके पैर में भी चोट आई थी इसलिए वो हिल नहीं पा रहा था,
अचानक एक कोमल हाथ का स्पर्श महसूस होते हुए रुद्राक्ष हल्का पीछे देखता है, कृतिका उसकी हेल्प करने के लिए उसका पिलो सही कर रही थी, जिसकी वजह से कृतिका का हाथ रूद्राक्ष के गले में था,
रुद्राक्ष कृतिका को देखने लगता है तो कृतिका उसे बिना किसी भाव के कहती है, "देखते रहोगे या फिर मुड़ोगे भी,"
रुद्राक्ष मुड़ता है और पेट के बल लेट जाता है थोड़ी ही देर में रुद्राक्ष दवाइयों के असर में सो जाता है,
कृतिका की आंखों से आंसू की कुछ बूंद टपक जाती हैं और वो रुद्राक्ष के पीठ में जख्म को देखते हुए कहती है,"क्यों हमेशा मेरी मुसीबतों के सामने खड़े हो जाते हो,खुद सारी तकलीफें ले लेते हो मेरी, अगर इतना ही प्यार करते हो तो मुझे इतना बड़ा धोखा क्यों दिया रुद्र.? क्यों दिया मुझे धोखा.? मेरा सब कुछ छीन लिया तुमने..?"
कृतिका के सामने दो परछाई नजर आती है इन सफेद कपड़ा पहने कहती है," हो सकता हो जैसा तुम समझ रही हो, वो हो ही ना, उस हादसे में रुद्राक्ष का हाथ ही ना हो.? कोई और हो जिसने आरव पर हमला किया हो.? और रुद्राक्ष की आड़ में छिपा हो..?"
कृतिका अपनी परछाई की बात सुनकर सोच में पड़ जाती है, लेकिन तभी दूसरी परछाई जिसने काले कपड़े पहने थे वो कहती है," ऐसा नहीं हो सकता अगर, रुद्राक्ष बेकसूर है तो वो आरव के कमरे में जाते हुए कैसे नजर आया.? आंखों देखी सच्चाई झूठ नहीं हो सकती..? कृतिका रुद्र को कभी माफ मत करना इसी ने तुम्हारी जिंदगी को बर्बाद किया है..? यही है वो वजह जिसकी वजह से आज तुम अकेली हो,"
कृतिका उन दोनों की बात सुनकर रुद्राक्ष को देखने लगती है, जो अभी सुकून की नींद सो रहा था,
क्या है सच्चाई...? और किस हादसे की बात हो रही...? आरव कौन है...? और क्या किया है रुद्राक्ष ने जानने के लिए जुड़े रहिए और थोड़ा सा सपोर्ट भी करो आप लोग मुझे, follow करो, share करो और कमेंट करो ताकि मोटिवेशन मिले daily chapter upload करने का,
बाय जल्दी मिलते हैं मेरे प्यारे प्यारे रीडर्स....😊...!
अगली सुबह
रुद्राक्ष की नींद खुलती है तो उसकी नजरें सीधे कृतिका के चेहरे पर जाती है,
कृतिका चेयर पर बैठी बेड पर अपना सिर रखकर सुकून से सो रही थी,
रुद्राक्ष के चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ जाती है और वो कृतिका को कुछ पल देखने के बाद उसके चेहरे पर आए बालों की लटों को हटाने के लिए अपना हाथ बढ़ाने लगता है,
"कोशिश भी मत करना," कृतिका ने हमेशा वाले टोन में ही कहा,
रुद्राक्ष अपना हाथ खींच लेता है और सवाल करता है, "यहां क्यों बैठी थी, सोफे पर रेस्ट कर लेती,"
"तुम्हारे फालतू के सवालों का जवाब दूं इतने इंपॉर्टेंट नहीं हो तुम मेरे लिए," कृतिका अपने फोन के मैसेजेस चेक करते हुए कहती है,
रुद्राक्ष कुछ कहता उससे पहले ही वहां राघव जी आ जाते हैं जिनके साथ ही सक्षम भी था,
राघव जी रुद्राक्ष को देखकर कहते हैं," अब कैसा फील हो रहा है, दर्द तो नहीं हो रहा ना रुद्र,"
"उसका तो नहीं पता लेकिन बार बार एक ही सवाल सुन सुनकर मेरा सिर जरूरी दर्द हो रहा है," कृतिका राघव जी को देखकर बेपरवाही से कहती है,
राघव जी कृतिका को कुछ कहते उससे पहले ही रुद्र माहौल को ठंडा करते हुए कहता है," मैं बिल्कुल ठीक हूं डैड,मॉम कैसी हैं..? उनकी तबियत तो ठीक है ना...?"
राघव जी रुद्राक्ष के पास बैठते हुए,"वो ठीक है,तुम रेडी हो जाओ फिर घर चलते हैं, मैं डॉक्टर से बात करके आता हूं,"
रुद्र बस मुस्कुरा देता है तो सक्षम एक बड़ा सा लगेज आगे करते हुए कहता है,"इसमें आपका सारा सामान है,मैं हेल्प करता हूं आपकी,"
रुद्राक्ष कृतिका को देखकर कहता है,"कृति पहले तुम रेडी हो जाओ, मैंने तुम्हारे कपड़े भी मंगवा दिए हैं,"
"नो थैंक्स,मेरे कपड़े आते ही होंगे," कृतिका किसी को कॉल करते हुए बोली,
सामने से अमय एक बड़ा सा बैग लेकर आता है और कृतिका की तरफ बढ़ाते हुए कहता है,"वो आशु ने ही देर की थी मैं टाइम से निकल गया था,सारी बॉस"
"Next time लेट से आए तो ना तो तुम्हारे नाम के आगे लेट लग जाएगा," कृतिका आंखें रोल करते हुए बोली,
कृतिका के जाते ही सक्षम बोला," तुम इन्हें संभालते कैसे हो..? बात कम धमकी ज्यादा देती हैं,"
अमय बोला," यार क्या ही बताऊं, अपने पापा के चक्कर में फंस गया हूं मैं, एक नंबर की खडूस है, जब देखो जान से मारने की धमकी देती रहती है,"
"वो तो सिर्फ धमकी देती है, अगर एक और शब्द मेरी बीवी के लिए उल्टा सीधा निकाला ना अपने मुंह से तो मैं सच में मार डालूंगा," रुद्र अमय को घूरते हुए बोला,
"अरे सर मैंने आपको देखा नहीं, अब कैसे हैं आप...?" अमय बोला,
"ठीक हूं," रुद्र बोला,
सक्षम आस पास देखते हुए कहता है," मैं बैग लाना तो भूल ही गया, जिसमें सनग्लासेज रखे थे, मैं लेकर आता हूं,"
अमय भी सक्षम के पीछे पीछे जाते हुए, "अरे मैं भी आता हूं साथ में,"
रुद्राक्ष किसी तरह उठकर बैठ जाता है, और अपने बैग की तरफ चला जाता है, वो अपने कपड़े निकाल ही रहा था कि कृतिका रेडी होकर आ जाती है,
रुद्राक्ष एक नजर कृतिका को एक नजर देखकर अपने कपड़े उठाने के लिए झुकता है तो दर्द से कराह उठता है,
कृतिका आगे बढ़कर उसकी हेल्प करते हुए कहती है," दिमाग ठिकाने पर है या हिला हुआ है, जब डॉक्टर ने मना किया है तो अपने ये फिल्मों वाली एक्टिंग क्यों कर रहे हो,दर्द हो रहा है ना,"
रुद्र कृतिका का हाथ पकड़कर कहता है,"क्यों मेरे दर्द से फर्क पड़ता है क्या.?"
कृतिका एक पल के लिए ठहर सी जाती है तभी उसकी नजर सामने से आती सृष्टि पर पड़ती है और वो रुद्राक्ष के गले में अपनी बाहों को डालकर उसके करीब आते हुए कहती है,"तुम्हें क्या लगता है रुद्राक्ष अग्निहोत्री, तुम अपनी फिल्मों की तरह ऐसे मेरा हाथ पकड़कर, मुझसे कुछ सवाल करोगे तो हमारे बीच की जो कड़वाहट है, मेरे दिल में जो तुम्हारे लिए नफरत है, वो खत्म हो जाएगी,"
रुद्राक्ष बस कृतिका के करीब आने से अपने दिल की बढ़ी धड़कनों को संभाल रहा था, और कृतिका सृष्टि को देखकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी,
सृष्टि तो दोनों को इतना करीब देखकर कुछ और ही सोच रही थी, सृष्टि की आंखों से आंसू आ जाते हैं और वो दौड़ते हुए वहां से चली जाती है,
रुद्र कृतिका को देखकर कहता है,"सच में कभी खत्म नहीं होगी क्या...? एक मौका तो दो मुझे वो सिचुएशन एक्सप्लेन करने का...!"
कृतिका रुद्राक्ष से दूर होते हुए कहती है," मुझे पता है तुम क्या करोगे..? हमेशा की तरह अपने इमोशनल डायलॉग्स बोलोगे,"
रुद्राक्ष कुछ कहता उससे पहले ही सक्षम आ जाता है और उसे देखकर दोनों ही चुप हो जाते हैं, सक्षम रुद्र की हेल्प करता है और रेडी होने के बाद सब हॉस्पिटल से बाहर निकल जाते हैं,
बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ था, उन सबसे बचते हुए सब घर पहुंचते हैं,
रुद्र को सही सलामत देखकर अक्षता जी भगवान का ढेर सारा धन्यवाद करते हुए उसी के पास बैठ जाती हैं, पूरी फैमिली रुद्र के कमरे में बैठी हुई थी,
कृतिका अपने रूम में किसी को कॉल करते हुए कहती है, "और कितनी देर लगेगी शोभित,"
सामने से शोभित बोला," आ गई, बॉस, आप फार्म हाउस पहुंच जाइए मैं उसे लेकर वहीं पहुंचता हूं,"
कृतिका अपनी कार की चाबी लेकर निकल जाती है, आधे घंटे में वो अपने फार्म हाउस पहुंचती है जहां कुछ गार्ड्स तैनात थे,
कृतिका हॉल में पहुंचती है जहां एक लड़की चेयर से बंधी हुई थी और उसके सामने ही दो लेडी बाउंसर खड़ी थी,
कृतिका शोभित को कुछ इशारा करती है तो शोभित उस लड़की के मुंह से टैप हटा देता है वो लड़की चिल्लाते हुए कहती है," छोड़ो मुझे,"
"पहले ये बताओ किसके कहने पर कल पार्टी में तुमने हमला किया था," कृतिका ने सवाल किया,
वो लड़की ना में गर्दन हिलाते हुए कहती है, "नहीं बताऊंगी, चाहे कुछ भी कर लो नहीं बताऊंगी,"
कृतिका लेडी बाउंसर को इशारा करती है तो लेडी बाउंसर एक जोरदार थप्पड़ उस लड़की को मारते हुए कहती है,"चुपचाप उसका नाम बता दे नहीं तो कुछ बोलने लायक नहीं छोड़ेंगे हम,"
वो लड़की फिर भी ना में अपनी गर्दन हिलाती है तो कृतिका शोभित से गण लेते हुए कहती है,"लास्ट तुम पूछ रही हूं, उसका नाम बता दो, नहीं तो मारकर दफना दूंगी किसी को कानों कान खबर भी नहीं होगी,"
वो लड़की गण देखकर डरते हुए कहती है," वो, वो बहुत पावरफुल है, आप सब उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते,"
"तुम बस नाम बताओ, हम क्या कर सकते हैं और क्या नहीं, ये हम डिसाइड कर लेंगे," कृतिका बोली,
वो लड़की बोली, "उसका नाम सागरिका मित्तल है,"
नाम सुनते ही शोभित की आँखें हैरानी से फैल जाती हैं और कृतिका गुस्से से अपने दांत पिस लेती है,
कौन है सागरिका मित्तल...? और क्यों किया उसने ये सब...? जानने के लिए जुड़े रहिए...!
आर्यन जी मैं कोशिश करूंगी डेली अपलोड करने की और कृतिका का कैरेक्टर मैने बिल्कुल वैसे ही डेवलप करा है जैसे आप बोल रहे हो, अभी तो ये बस शुरुआत है आगे आगे देखिए होता है क्या....!
कृतिका गुस्से में एक जोरदार लात चेयर पर मारते हुए कहती है," ये सागरिका मित्तल चाहती क्या है मुझसे...?"
शोभित कृतिका को इतने गुस्से में देखकर कहता है," अब क्या करें...? वो कोई आम इंसान भी नहीं है कि उसे हम आसानी से सबक सिखा सके, उत्कर्ष मित्तल की बीवी है,"
कृतिका कुछ सोचते हुए," चाहे कोई भी हो, कृतिका रॉय कपूर किसी से नहीं डरती, सागरिका मित्तल की हिम्मत कैसे हुई मेरे रुद्र को चोट पहुंचाने की इसकी कीमत तो उसे चुकानी ही पड़ेगी,"
शोभित और कृतिका बात ही कर रहे थे कि वो लड़की अपने हाथ पैर खोलकर बाहर की तरफ भागने लगती है,
गार्ड्स उसे पकड़ पाते उससे पहले ही हवा में कहीं दूर से एक बुलेट आती है और उस लड़की माथे पर लग जाती है, और उस लड़की की जान निकल जाती है,
शोभित दौड़कर जाकर चेक करता है तो वो लड़की मर चुकी थी,
शोभित फ्रस्ट्रेशन में कहता है," एक ही तो clue मिला था उसे भी मार दिया,"
कृतिका के चेहरे पर अभी कोई भाव नहीं थे, वो आगे बढ़कर बोली," इसे ठिकाने लगाओ और सागरिका मित्तल के इंडिया में किस किस से कॉन्टैक्ट्स हैं पता करो,"
शोभित गार्ड्स को इशारा करता है तो गार्ड्स उस लड़की की लाश को वहां से ले जाते हैं,
कृतिका को अमय का कॉल आता है तो वो वहां से निकल जाती है,
KRK Group.In
कृतिका अपने केबिन में बैठी थी और सामने ही अमय उसे एक फाइल देते हुए कहता है," आपने जैसा कहा था पापा ने रेडी कर दिया, रुद्र सर के इन पेपर्स पर साइन करते ही, उनके 45% शेयर्स आपके नाम पर हो जायेंगे,"
कृतिका उस फाइल को लेते हुए," कुछ पता चला, राघव अग्निहोत्री और पापा के फर्स्ट डील के बारे में, क्या उसमें ओबेरॉय अंकल भी थे या सिर्फ ये दोनों,"
अमय ना में गर्दन हिलाते हुए," सॉरी बॉस, लेकिन अग्निहोत्री ग्रुप ऑफ कंपनीज का डेटा एक्सेस करना बहुत मुश्किल है, बिना id के हम एक्सेस नहीं कर सकते,"
"Hmm," कृतिका ने बस इतना ही कहा,
शाम के वक्त कृतिका घर आते ही सीधे रुद्र के रूम में जाती है, वहां सृष्टि को देखकर तो उसकी आंखों में गुस्से की आग दहक चुकी थी,
सृष्टि रुद्र के शर्ट को पहने हुए उसकी खुशबू को महसूस कर रही थी,
कृतिका ने फाइल बेड पर पटकते हुए गुस्से में," ये क्या बदतमीजी है, तुम यहां क्या कर रही हो...?"
सृष्टि एक पल को डर जाती है लेकिन कृतिका को देखकर वो बेपरवाही के साथ कहती है," तुम्हें नहीं पता मैं क्या कर रही हूं..? रुद्र सिर्फ और सिर्फ मेरा है जिसे तुमने मुझसे छीन लिया और तो और तुम्हारी वजह से रुद्र को हमेशा दर्द ही मिला है,"
"रुद्र की फिक्र करने वाली तुम होती कौन हो..? रुद्र मेरा हसबैंड उसे क्या और किस चीज से दर्द होता है उसका ख्याल रखने के लिए मैं हूं, समझी इनको यहां से," कृतिका ने दांत पिसते हुए कहा,
सृष्टि ने चीखते हुए कहा,"नहीं जाऊंगी, ये मेरे रुद्र का कमरा है, और मैं रुद्र से बहुत प्यार करती हूं, अगर तुम नहीं होती तो रुद्र आज मेरा hus...."
चटाक.... थप्पड़ के आवाज से हर तरफ सन्नाटा पसर गया था, कृतिका गुस्से में सृष्टि को घूरते हुए," मैंने आज तक अपनी कोई बेजान चीज को किसी के साथ शेयर नहीं किया और तुम यहां मेरे जीते जागते पति पर हक जताने आ गई हो,"
सृष्टि गुस्से से तिलमिलाते हुए," तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझपर हाथ उठाने की, i will kill you..."
सृष्टि गुस्से में कृतिका को मारने के लिए आगे बढ़ती है तो कृतिका उसका हाथ मरोड़ते हुए," मेरे गुस्से को झेल नहीं पाओगी, इसलिए शराफत से यहां से चली जाओ नहीं तो धक्के मारकर भी इस घर से निकाल सकती हूं,"
सृष्टि को कृतिका धक्का देती है तो वो जमीन पर आधी गिरते हुए बिल्कुल पागलों की तरह चीखते हुए, " रुद्र सिर्फ मेरा है, मैं उससे हमेशा से प्यार करती हूं, मैं तुम दोनों को कभी एक नहीं होने दूंगी कभी नहीं,"
अब कृतिका से उसकी ये बकवास सुनी नहीं जा रही थी, इसलिए वो सृष्टि की बाजू पकड़कर गुस्से में सीढ़ियों से नीचे लाते हुए हॉल में ले आई थी,
घर के बाकी सब भी अब तक वहां आ चुके थे, कृतिका को इतने गुस्से में देखकर अक्षिता कहती है," क्या हुआ कृति..? तुम इतने गुस्से में क्यों हो...?"
"ये कब गुस्से ने नहीं होती है भाभी," रुद्र की हुआ ने कहा,
कृतिका बिना किसी के सवालों का जवाब दिए ही श्रृष्टि को घर से निकाल रही थी इतने में रुद्र जो शायद दवाइयों के असर से सो रहा था वो अपने भाई अयान के साथ वहां आता है,
रुद्र को देखकर सृष्टि दौड़कर जाकर रुद्र के गले पड़ते हुए,मतलब गले लगते हुए रोने लगती है,
किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था, सृष्टि को रोते हुए देखकर रुद्र उससे सवाल करता है," हुआ क्या है..? और तुम रो क्यों रही हो...?"
सृष्टि रोने की वजह से हिचकियां ले रही थी और उससे ठीक से बोला नहीं जा रहा था,
कृतिका एक झटके में सृष्टि को रुद्र से अलग करते हुए कहती है," आइंदा से मुझे तुम रुद्र के करीब नजर आ गई तो मैं भूल जाऊंगी कि तुम मेरे पापा की दोस्त की बेटी हो,"
कृतिका श्रृष्टि को धक्का देती है तो रुद्र उसका हाथ पकड़ते हुए कहता है," कृति ये क्या कर रही हो...?"
कृतिका गुस्से में रुद्राक्ष का हाथ झटकते हुए," बताती हूं नहीं दिखा ही देती हूं क्या कर रही हूं,"
कृतिका श्रृष्टि को धक्के मारकर घर से निकाल देती है और सामने एक गार्ड पर गरजते हुए, " इसे इसके घर छोड़ आना,"
कृतिका खींच कर रुद्र के शर्ट को उससे छीन लेती है और दरवाजा बंद कर देती है,
कृतिका उस शर्ट को जमीन में पटकते हुए इधर उधर कुछ ढूंढती है तो अयान जल्दी से लाइटर देते हुए कहता है," भाभी ये चाहिए,"
कृतिका लाइटर से शर्ट को जला देती है तो शर्ट धुं धुं करके जलने लगती है,
घर के सभी लोग हैरानी से बस कृतिका को ही देख रहे थे,
रुद्र तब से जो कृतिका की हरकतों को बर्दाश्त कर रहा था वो कृतिका का हाथ पकड़कर अपने पास लाते हुए," ये क्या कर रही हो...? और भूलो मत ये घर है कोई जंग का मैदान नहीं जो तुम तब से सृष्टि से लड़ाई किए जा रही हो,"
कृतिका रुद्राक्ष का कॉलर पकड़कर गुस्से में कहती है,"और तुम मत भूलो hushand हो तुम मेरे, अगर आइंदा से वो सृष्टि भारद्वाज तुम्हारे करीब या तुमसे जुड़ी किसी भी चीज के करीब आई तो अपने गुस्से की आग में इस शर्ट की तरह हर चीज़ जलाकर राख कर दूंगी, समझे,"
कृतिका रुद्राक्ष को वहीं छोड़कर अपने रूम की तरफ चली जाती है,
रेणु सोफे में बैठते हुए कहती है," औरों की बहुएं घर में शांति और सुकून लेकर आती हैं,नदी की शीतल धारा होती हैं और हमारे घर की बहु ज्वालामुखी है ज्वालामुखी न जाने कब किस पर फट जाए,"
रुद्र कृतिका के पीछे जाता है,
क्रापसी अक्षता के कंधे पर हाथ रखते हुए कहती है," मामी बाकी सारी बातें तो हमे पता है, भाभी का गुस्सा भी सबको पता है लेकिन सोचने वाली बात ये है कि अयान भाई के पास लाइटर कहां से आया...?"
अयान जो तब से ही मुस्करा रहा था उसकी मुस्कान एक पल में गायब हो जाती है,
अक्षता और रेणु एक साथ पूछती हैं," तेरे पास लाइटर कहां से आया...? और तुझे लाइटर की क्या जरूरत पड़ गई...?"
अयान गुस्से में क्रापसी को घूरता है और जल्दी से कहता है," मेरे दोस्त की है, वो बेचारा UPSC की तैयारी कर रहा है ना तो उसके एरिया में लाइट जब चली जाती है तो वो लाइटर जला कर पढ़ाई करता है,"
क्रापसी मुंह दबा कर हंस रही थी और अयान की हालत खराब हो रही थी,
अक्षिता सामने पिलो को अयान की तरफ फेंकते हुए कहती है," आने दे तेरे पापा को, आज तो तू गया...!"
कृतिका का रूम
कृतिका गुस्से में थी और उसका गुस्सा अभी तक शांत नहीं हुआ था,
रुद्र कृतिका के सामने आकर खड़ा हो जाता है, तो कृतिका उसे घूरते हुए कहती है," हटो यहां से मुझे बात नहीं करनी तुमसे,"
रुद्र कृतिका का हाथ पकड़ते हुए कहता है," रिलैक्स कुछ नहीं पूछ रहा हूं तुमसे, इतना गुस्सा मत करो,"
कृतिका रुद्राक्ष को देखती है तो वो थोड़ा करीब आकर रुद्राक्ष के सीने से लग जाती है,
रुद्राक्ष को तो यकीन नहीं हो रहा था कि कृतिका ने सामने से उसे गले लगाया है, रुद्राक्ष के कानों में आवाज गूंजती है," hold me,"
कृतिका रुद्राक्ष को अपने सीने से लगा लेता है, ना जाने कितने सालों बाद रुद्राक्ष को सुकून मिला था, कृतिका रुद्राक्ष को कसकर पकड़े हुए थी,
ना जाने अब क्या होगा...? उत्कर्ष मित्तल और सागरिका मित्तल की क्या दुश्मनी है कृतिका से,
कृतिका और रुद्राक्ष दोनों अभी भी एक दूसरे की बाहों में सुकून महसूस किए हुए खड़े थे,
तभी कमरे के दरवाज़े पर दस्तक होती है।
अयांश: "भाई! मेडिसिन का टाइम हो गया है।"
रुद्राक्ष: "हां, मैं आ रहा हूं।"
रुद्राक्ष कृतिका को देखते हुए,"आता हूं,"
कृतिका बस हां में सिर हिला देती है तो रुद्राक्ष अयान के साथ अपने रूम में चला जाता है,
रुद्राक्ष बिस्तर के पास से एक फ़ाइल उठाता है। ये वही फाइल थी जिसमें कंपनी के शेयर ट्रांसफर होने वाले थे। रुद्राक्ष बिना कुछ बोले साइन कर देता है।
फिर वो कृतिका के पास बालकनी में जाता है और फाइल उसके हाथ में दे देता है।
रुद्राक्ष: "लो... साइन कर दीजिये।"
कृतिका (थोड़ा रूड लहज़े में): "मुझ पर कोई एहसान नहीं किया तुमने। ये सब मेरा ही था, जो तुम्हारे पापा ने मेरे पापा से धोखा करके ले लिया था।"
रुद्राक्ष कुछ नहीं बोलता. सिर्फ उसकी तरफ देखता है, फिर वहां से चला जाता है।
अगली सुबह
राघव अपने बेटे रूद्राक्ष को अस्पताल लेकर गया था। कुछ मेडिकल जांच होनी थी और फिजिशियन से कंसल्ट भी करना था क्योंकि रुद्राक्ष की फिल्म की शूटिंग शुरू होने वाली थी,
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अग्निहोत्री ग्रुप ऑफ इंडिया
बोर्ड मीटिंग रूम
कृतिका 40% शेयरों के आधार पर बोर्ड मीटिंग बुलाती है। प्रोजेक्ट "सिंक" करने का साहसिक निर्णय लेकर वह आत्मविश्वास भरी मुस्कान के साथ मीटिंग हॉल में प्रवेश करती है।
इन्वेस्टर 1सवाल करते हैं: “मिस कपूर, क्या आपको यकीन है कि इस कदम से हमें लाभ होगा?"
कृतिका (मुस्कराते हुए):“लाभ सिर्फ़ होगा नहीं… दोगुना होगा। सीधे 10 मिलियन का मुनाफ़ा है।”
तभी मीटिंग रूम का दरवाज़ा ज़ोर से खुलता है…
राघव अग्निहोत्री (गुस्से में प्रवेश करते हुए): “ये सब क्या चल रहा है—?”
फिर उसकी नज़र इन्वेस्टर्स पर पड़ती है। वह गुस्सा छुपाते हुए मजबूरी में मुस्कराता है।
कृतिका (व्यंग्य करते हुए): “लीजिए, ससुर जी भी आ गए! मुझे नहीं लगता कि आपको इस निर्णय से कोई परेशानी होगी… आखिरकार, 10 मिलियन का मुनाफ़ा जो हो रहा है।”
इन्वेस्टर्स के सामने राघव सिर्फ़ हल्की सी मुस्कान देता है।
राघव (नकली मुस्कान के साथ):“माफ कीजिएगा, कृतिका बेटा… कुछ बात करनी थी तुमसे…”
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( राघव का केबिन)
राघव (गुस्से में):“किससे पूछ कर ये बोर्ड मीटिंग रखी? और तुम्हें किसने अधिकार दिया कि तुम मेरी कंपनी में आकर मुझे बिना बताए प्रोजेक्ट्स डुबो दो?”
कृतिका फाइल सामने रखती है, उसका चेहरा शांत लेकिन सख्त था,
कृतिका:“ये अधिकार मुझे दिए हैं… आपके प्यारे बेटे ने। इन्हीं के हस्ताक्षर से 40% शेयर मेरे नाम हो चुके हैं।”
राघव थोड़ा चौंकता है। फिर उसका चेहरा कठोर हो जाता है।
राघव (गुस्साकरते हुए): “आह… रूद्राक्ष… मैं कपूर परिवार पर कभी भरोसा नहीं कर सकता। तुम लोग तो धोखा देने में माहिर हो।”
कृतिका धीरे से एक दस्तावेज़ उठाती है। उस पर हस्ताक्षर करती है और उसकी प्रति राघव के सामने रख देती है।*
कृतिका: “लीजिए, इंदौर वाले माइन की रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर रही हूं, इसके बाद मैं और पापा दोनों ही इंदौर वाले माइन को लीस पर नहीं ले पाएंगे,मैं आपकी हेल्प कर रही हूं बदले में आप मेरी तीनों प्रोजेक्ट को पास करने में हेल्प कीजिए,"
राघव उस कागज़ को देखता है। उसके चेहरे पर एक अजीब सी शांति आ जाती है।
राघव (सोचते हुए):“ठीक है… सौदा मंज़ूर है।”
कृतिका के चेहरे पर एक टेढ़ी मुस्कान उभरती है।
कृतिका (धीरे से): “मुझे पता था… पैसा और ताकत… दोनों मिलकर हर राघव अग्निहोत्री को झुका सकते हैं।”
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– कॉन्फ्रेंस रूम –
बोर्ड के सभी सदस्य राघव और कृतिका के सौदे से सहमत हो जाते हैं। कानूनी दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर होते हैं। कृतिका के तीन प्रोजेक्ट प्रस्ताव बोर्ड के सामने पास हो जाते हैं।
इन्वेस्टर कहते हैं :“बहुत खूब, मिस कृतिका… ये तो ज़बरदस्त व्यापारिक चाल थी!”
कृतिका (आत्मविश्वास के साथ मुस्कराते हुए) “खेल तो अब शुरू हुआ है…”
कृतिका मुस्कुराते हुए मन में, "राघव अग्निहोत्री जिस दर्द से मेरे और आरव की फैमिली गुजरी है अब उस दर्द से गुजरने का वक्त आपका है, किसी को माफ नहीं करूंगी मैं,""
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इंदौर एयरपोर्ट
एक प्राइवेट जेट उतरती है जिसमें से एक शक्स अपनी private jet से उतरता है
उम्र लगभग 28 साल गोरा रंग, सुन्दर फिचर्स, गहरी काले आंखे , चेहरे पर एक शांत भाव , पतले होंठ, 6 फिट 3 इंच हाईट मस्कुलर बॉडी, काले घने जेल से सेट किए बाल ब्लू सूट पहने हुए बहुत ही चार्मिंग लग रहा था।
तभी उसके पास कोई आता है और कहता है और मुस्कुराते हुए कहता है,"वेलकम बैक टू इंडिया ऋत्विक सर,"
जी हां ये और कोइ नहीं कहानी के ऋत्विक रॉय कपूर हैं।
जो अभी अभी London से इंडिया आएं हैं क्योंकि आज बहुत खास दिन है ।
ऋत्विक उसे बस एक टेढ़ी नजर से देखता है और अपनी कोल्ड वॉइस में कहता है," असद,हम लोग इंडिया पहुंच गए हैं अगर तुम्हारी नींद पूरी हो गई हो तो बाहर आओ,"
असद खान ( आद्विक का असिस्टेंट ) उम्र 25 साल, हाइट 5 फीट 10 इंच, गोरा रंग, भूरी आंखे , चेहरे पर बड़ी सी स्माइल white colour का shirt black pant उपर से ब्लैक टैक्सिडो पहने overall असद भी हैंडसम था लेकिन हमारे ऋत्विक से कम था ।
असद जल्दी से जेट से बाहर आता है और कहता है," सॉरी सर,"
ऋत्विक असद को देखकर कहता है,"अब खड़े खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हो जल्दी चलो वैसे भी तुम्हारी वजह से बहुत लेट हो चुके हैं,"
असद जल्दी से ऋत्विक के पीछे जाता है ।
ऋत्विक के आस पास बहुत से बॉडी गार्ड चल रहे थे ।
ऋत्विक और असद जैसे ही बाहर जाते हैं, सामने से 5 लोग आते हुए कहते हैं," हम आप का वेट इंतेज़ार रहे थे, मिनिस्टर साहब ने आपको डिनर पर बुलाया है, बाकी की बातें वहीं पर कर लीजिएगा,"
असद ऋत्विक को देखता है जो उसे गुस्से से घूर रहा था, असद अपना सलाइवा गटकते हुए," आप चलिए हम आते हैं,"
ऋत्विक असद को खा जाने वाली निगाहों से घूरते हुए," मैंने कहा था ना, इन मंत्रियों को बस पैसों से मतलब होता है अगर तुम्हारी वजह से इस डील में कोई ढील हुई तो कब्रिस्तान में अपना कब्र रिजर्व कर लेना, क्योंकि मैं तुम्हें अपने हाथों से दफनाऊंगा,"
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मुंबई
अग्निहोत्री मेंशन
रात का वक्त था, कृतिका, रुद्राक्ष, अक्षिता और रेणु डिनर कर रहे थे,
राघव गुस्से में घर के अंदर आते हुए डायनिंग टेबल पर कुछ पेपर्स पटकते हुए," तुमने मुझे डबल क्रॉस किया, तुमने कहा था कि तुम उस माइन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखोगे, और माइनिंग मिनिस्टर से बात करके माइन लीस पर ले लिया,"
कृतिका एक टेढ़ी मुस्कान के साथ राघव अग्निहोत्री को देखती है और अपना खाना खाने लगती है,
राघव अब गुस्से में कृतिका की तरफ बढ़ते हैं तो रुद्राक्ष उठकर कृतिका के सामने खड़ा होते हुए," हुआ क्या है डैड,"
राघव गुस्से में चिल्लाते हुए," तुम तो कुछ ना ही बोलो तो बेहतर होगा, अपने शेयर्स अपनी बीवी के नाम पर करने से पहले एक बार भी मुझे बताना जरूरी नहीं समझा, और ये तुम्हारी बीवी चुप क्यों है पूछो इससे क्या किया है इसने....?"
रेणु सवाल करते हुए," रुद्र तूने किसी को बताना भी जरूरी नहीं समझा कि तू अपने शेयर्स अपनी बीवी के नाम पर कर रहा है,"
अक्षिता रुद्र की साइड लेते हुए," हां तो क्या हो गया, बीवी है उसकी अब दोनों को जो कुछ करना है साथ ही तो करना है,"
कृतिका अपना हाथ साफ करते हुए," खाने के बीच में बातें नहीं करनी चाहिए ये मैनर्स शायद अग्निहोत्रीयों को किसी ने सिखाया नहीं, खैर आप लोगों से उम्मीद भी क्या की जा सकती है,"
राघव गुस्से में," अगर हमारे मैनर्स के बारे में बात करना हो गया हो तो बताना जरूरी समझेंगी बहुरानी की ये जो खेल खेला है उससे तुमने कपूर खानदान के कौन से मैनर्स दिखाएं हैं,"
कृतिका शांति से," पहली बात ससुर जी की अगर आपने पेपर्स को ढंग से पढ़ा होता तो आप यह सवाल मुझसे करते ही नहीं,"
राघव सवाल करते हुए," क्या मतलब माइन तुम्हारे नाम पर हो गई है और उल्टा मुझे ही सुना रही हो,"
कृतिका पेपर्स उठाते हुए रुद्राक्ष को दिखाते हुए,"जरा ये पढ़कर सुनाओगे my dear husband क्योंकि ससुर जी की आँखें उम्र की वजह से ठुक से काम नहीं कर रही है,"
राघव गुस्से में कृतिका को घूरते हैं तो रुद्राक्ष पेपर्स पड़ता है, "ऋत्विक रॉय कपूर,"
ये नाम सुनकर कुछ पल के लिए सन्नाटा छा जाता है और कृतिका कुटिलता से मुस्कुराते हुए," मैंने ये कहा था कि मेरी और डैड की कंपनी उस माइन के लिए फाइल नहीं करेंगे ये नहीं कहा था कि भाई भी उस माइन को हासिल नहीं करेंगे,"
राघव कृतिका को देखकर, " मुझे डबल क्रॉस किया है तुमने, सही नहीं किया ये तुमने,"
"अरे बचपन से आपके किस्से ही तो सुनते आई हूं, आपने भी तो यही किया था ना सालों पहले, अब मैंने भी वही किया तो आपको गुस्सा क्यों आ रहा है, और वैसे भी 10 मिलियन का प्रॉफिट कराया है आपका बैठे बिठाए और क्या चाहिए आपको,"
राघव के पास बोलने के लिए अब कुछ भी नहीं था, कृतिका एक ग्लास पानी राघव की तरफ बढ़ाते हुए," इस उम्र में खुद को ज्यादा के मत थकाइए, वो क्या है ना सेहत के लिए हानिकारक होगा, मेरे प्यारे ससुर जी,"
कृतिका जाने के लिए मुड़ती है तो राघव उसे रोकते हुए," रुको,"
कृतिका पलटकर राघव को देखती है तो राघव फ्रिज से काजू कतली लाकर कृतिका की तरफ बढ़ाते हुए कहते हैं," पहली जीत मुबारक हो, वो क्या है ना कि अग्निहोत्री मेंशन में जीत मिठाई खिलाकर और मुबारकबाद देकर सेलिब्रेट करते हैं, और अब तुम भी तो अग्निहोत्री फैमिली का हिस्सा हो,"
रेणु जल्दी से कृतिका की तरफ बढ़ते हुए," हां अब इतनी चालाक बहु,"
कृतिका रेणु को घूरती है तो रेणु अपनी बात संभालते हुए ,"मेरे कहने का मतलब है इतनी चतुर बहु मिली है तो जीत तो सेलिब्रेट करेंगे ही भाई,"
कुछ ही पलों में राघव ने बात ही पलट दी थी इसलिए कृतिका काजू कतली को राघव की तरफ बढ़ाते हुए," खुश हो लीजिए हो सकता है आखिरी खुशी हो आपकी,"
कृतिका वहां से अपने रूम की तरफ चली जाती है तो रुद्राक्ष बोला," मुझे कल इंदौर जाना है, कुछ जगह देखनी है और वहां फोटो शूट भी होगा,"
राघव सवाल करते हैं," डॉक्टर ने क्या कहा..?"
रुद्राक्ष ने जवाब दिया,"सब ठीक है बस कुछ मेडिसिन दी हैं, ठीक हो जाएगा मैं काम कर सकता हूं,"
"ठीक है, जाओ रेस्ट करो," राघव ने कहा और रूद्राक्ष अपने रूम की तरफ चला गया,
रेणु का कॉल बजने लगता है,वो कॉल पिक करते हुए," कहां हो तुम दोनों कब आओगे, और अयान कहां है...? ठीक है जल्दी आओ,"
राघव ने पूछा," क्या हुआ दोनों कब तक आयेंगे,"
रेणु बोली," आ रहे हैं, अयान के किसी दोस्त की पार्टी है तो बस इसीलिए लेट हो रहा है,"
रेणु भी वहां से चली, अब अक्षिता और राघव ही वहां पर रह गए थे, अक्षिता की आंखों में आंसू थे, और राघव उनका हाथ पकड़कर सामने वाली चेयर में बैठे हुए थे,
अक्षिता सुबकते हुए," "हमारे प्यार करने की सजा हमारे बच्चों को मिलेगी ये मैंने कभी नहीं सोचा था,"
राघव अक्षिता के आंसू साफ करते हुए," मैं सब ठीक कर दूंगा, हमने प्यार किया है कोई गुनाह नहीं किया और जिसे जो सोचना है सोचे मेरे बारे में, मुझे फर्क नहीं पड़ता मेरी मोहब्बत मेरे साथ है मेरे पास मेरे लिए इतना ही काफी है,"
अक्षिता रोते हुए," मेरी वजह से आपके दोस्त, आपकी फैमिली सब दूर हो गए आपसे, कार्तिक भैया, अरमान भैया सबसे दुश्मनी हो गई,"
राघव कुछ सोचते हुए," ऐसे तो मैं भी बोल सकता हूं कि मेरी वजह से तुम्हारी फैमिली ने तुमसे मुंह मोड़ लिया, कार्तिक जिसकी कलाई तुम्हारी राखी से हमेशा भरी हुई रहती थी उसने 25 सालों से राखी नहीं बंधवाई, वो मिलता है तो मुंह मोड़ लेता है,"
अक्षिता सुबकते हुए," कब होगा सब सही, कृतिका ना जाने कब तक उस दर्द को लेकर बैठी रहेगी, आरव पता नहीं वो कैसा होगा और मेरा बच्चा रुद्र एक गलती की सजा क्या जिंदगी भर भुगतेगा,"
राघव अक्षिता को हग करते हुए," सब ठीक हो जाएगा, एक दिन सब ठीक हो जाएगा भरोसा रखो, वक्त सब सही कर देगा,"
अगली सुबह
कृतिका रेडी होकर घर से निकल रही थी तभी रुद्र भी अपना लगेज लेकर बाहर आता है, दोनों अभी पार्किंग के पास ही खड़े थे तो रुद्राक्ष को कॉल आता है,
"सर एयरपोर्ट में मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है, ना जाने किसने ये बात लीक कर दी कि आज आप और मैडम इंदौर जा रहे हो,"
रुद्र हल्के गुस्से में," तुम्हे कहा था ना ये बात लीक नहीं होनी चाहिए, अब संभालो वहां,"
कृतिका कार में बैठने लगती है तो रूद्राक्ष जल्दी से उसकी तरफ आते हुए," कृति, वो एयरपोर्ट में मीडिया पहुंच गई है, साथ चलें,"
कृतिका हां में सिर हिला देती है तो रुद्र कार में बैठ जाता है,
दोनों एयरपोर्ट में उतरते हैं तो हर तरफ कैमरा और माइक लिए मीडिया वाले खड़े थे,
"शादी के बाद आप दोनों पहली बार साथ में एयरपोर्ट आ रहे हैं, क्या आप दोनों हनीमून पर जा रहे हैं,"
कृतिका हल्के गुस्से में,"इन लोगों को तमीज नहीं है, प्राइवेसी नाम की भी कोई चीज होती है, कुछ भी बकवास कर रहे हैं,"
रुद्र कृतिका का हाथ पकड़कर वहां से आगे बढ़ जाता है दोनों गार्ड्स की मदद से किसी तरह एयरपोर्ट के अंदर चले जाते हैं,
इंदौर
Moonlight Haven
ऋत्विक गुस्से में असद को घूरते हुए बोला," ये इतना शोर क्यों हो रहा है, मैने कहा था ना पूरा फ्लोर बुक करना है, तो फिर तुमने क्यों नहीं किया,"
असद शर्मिंदगी से," सॉरी लेकिन इमरजेंसी में दो लोगों के रूम बुकिंग कैंसिल नहीं हुए, इसमें मेरी क्या गलती है,"
ऋत्विक टॉवेल को असद की तरफ फेंकते हुए," तुम्हारी क्या गलती है, एक तो तुमने मेरे विला में हर तरफ पानी भरवा दिया, उस पर से सवाल कर रहे हो कि तुम्हारी क्या गलती है, स्विमिंग पूल में लेक का पानी भरवा दिया, पूरे इंटीरियर का कचड़ा कर दिया,रात भर सोया नहीं मैं और यहां पर भी सुकून नहीं है, अब बोलोगे कौन हैं वो दो महान लोग जिनकी बुकिंग कैंसिल नहीं हुई मैं डबल पैसे देने के लिए तैयार हूं,"
असद हल्के एटिट्यूड में," उन दोनों के पास भी बहुत पैसे हैं, बुकिंग कैंसिल नहीं होगी,"
अब तो ऋत्विक के एगो पर बात आ गई थी,इसलिए वो थोड़े गुस्से में," कौन है वो लोग,नाम बताओ मुझे,"
असद सपाट लहजे में," कृतिका रॉय कपूर और रूद्राक्ष अग्निहोत्री,"
ऋत्विक कुछ पल के लिए शांत हो जाता है और उसके जहन में पुरानी यादें घूमने लगती हैं," निकल जाओ मेरे घर से,आज जो तुमने किया है उसकी माफी तुम्हें कभी नहीं मिलेगी ऋत्विक, अरे मुझे तो शर्म आ रही है ये कहते हुए कि तुम मेरा खून हो,"
"तुम्हारे जैसा बेटा होने से अच्छा होता की मैं बेऔलाद ही रहता, आज से तुम मर गए हो मेरे लिए, ऋत्विक अपनी शक्ल मत दिखाना मुझे,निकल जाओ मेरे घर से,"
आखिर क्या किया था ऋत्विक ने की कार्तिक ने ऋत्विक को घर से निकाल दिया था...? इन सब में कृतिका की क्या गलती थी जानने के लिए जुड़े रहिए...?
My dear reader's ek din me teen chapter jyada ho jaayenge lekin daily chapters daalne ki koshish jarur karungi.
रुद्र और कृतिक इंदौर एयरपोर्ट में पहुंचते हैं तो वहां भी फैंस और मीडिया को देखकर कृतिका को गुस्सा आ गया था,
कृतिका ने हल्के गुस्से में रुद्राक्ष को घूरते हुए कहा,"अगली बार मेरे साथ कहीं गए ना देख लेना, तुम्हें इन्हीं फैंस और मीडिया के आगे धक्का दे दूंगी,"
रुद्राक्ष भीड़ को देखकर बोला," कृति वो बस फैंस है, हर कोई अपने आइडल को देखना चाहता है, उनके लिए बहुत बड़ी बात है,"
कृतिका ताना देते हुए बोली," कोई बड़ी बात नहीं है, काम वाक तो है नहीं इन लोगों को फालतू के टाइम वेस्ट कर रहे हैं यहां अपना भी और हमारा भी, इंसान ही हो तुम कोई भगवान तो हो नहीं जिसके लिए ये लोग मरे जा रहे हैं,"
कृतिका की बात सुनकर पीछे गार्ड बोला," ये लोग रुद्राक्ष सर को भगवान से कम भी नहीं समझते,"
कृतिका ने गार्ड को घूरते हुए कहा," आइंदा से मेरे और रुद्र की बातों के बीच में इंटरफेयर किया ना तो फायर करवा दूंगी तुम्हें, अपने काम से काम रखो,"
गार्ड रुद्राक्ष को बेबसी से देखता है तो रुद्र इशारे में," मेरी बीवी मुझे नहीं बोलने देती है तो तुम क्यों अपनी जुबान चला रहे हो,"
देखते ही देखते भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ गई थी, दोनों बीचों बीच बिल्कुल फंस गए थे, कृतिका को अब सफोकेशन जैसा फील होने लगा था,
रुद्राक्ष कृतिका को पीछे से हग करते हुए उसे अपनी बाहों में भरते हुए बोला,"कृति रिलैक्स मैं जल्दी से निकालता हूं तुम्हें,"
कृतिका को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और वो अटकते हुए बोली," रुद्र सांस नहीं आ रही,"
रूद्राक्ष की जान गले में अटक गई थी और वो कृतिका को ऐसी हालत में देखकर गुस्से में लगभग चिल्लाते हुए बोला," प्लीज़ आप लोग थोड़ा स्पेस देंगे, मैं वादा करता हूं, इंदौर से जाने से पहले मैं फैन मीटअप रखूंगा,लेकिन अगर मेरी बीवी को कुछ हुआ ना देख लेना आप सब में से एक एक इंसान के लिए अच्छा नहीं होगा,"
मीडिया जो कैमरा और माइक को लगभग रुद्राक्ष के चेहरे के पास किए हुए थी,माइक में रुद्राक्ष की गुस्से भरी आवाज को सुनकर पीछे हट जाती है,
गार्ड जल्दी से रुद्राक्ष के लिए जगह बनाते हैं और रुद्राक्ष कृतिका को गोद में उठाकर पार्किंग की तरफ दौड़ता है,
रुद्राक्ष कृतिका को कार में बिठाकर जल्दी से कृतिका के बैग से एक मेडिसिन निकालता है और कृतिका को देते हुए पानी की बॉटल भी पास करता है,
कृतिका मेडिसिन खाने के बाद सीट में अपना सिर टिकाते हुए सांस लेने लगती है,रुद्राक्ष ने कृतिका का हाथ पकड़कर फिक्र करते हुए कहा," अब ठीक हो.? हॉस्पिटक चले क्या...?"
कृतिका ने ना में सिर हिलाते हुए कहा," नहीं ठीक हूं मैं,होटल चलो,"
रुद्राक्ष ने ड्राइवर को इशारा किया तो उनकी कार होटल के लिए निकल गई,
Moonlight Haven
पूरे फ्लोर में रुद्राक्ष के आने के लिए फ्लावर से डेकोरेट किया गया था, और होटल का मैनेजर और उसके साथ होटल के सारे स्टाफ रुद्राक्ष के स्वागत के लिए दरवाजे पर ही खड़े थे,
असद ऋत्विक के लिए लंच लाकर रखता है तो ऋत्विक उसे मजाकिया अंदाज में कहता है," कहीं तुमने इस होटल में पार्ट टाइम जॉब तो नहीं शुरू कर दिया है,"
असद मुंह बनाते हुए बोला," क्या सर आप भी, यहां के सारे स्टाफ सुपरस्टार रुद्राक्ष अग्निहोत्री और उनकी बिलव्ड वाइफ कृतिका रॉय कपूर के स्वागत के लिए कतार में खड़े हुए हैं, लंच के लिए ऑर्डर किया तो कहा कि खुद आकर के के जाना पड़ेगा,"
ऋत्विक हल्के गुस्से में बोला," ऐसे कैसे खुद आकर के ले जाना पड़ेगा,कोई रूम सर्विस नाम की चीज है कि नहीं इस होटल में, इनकी तो मैं इस होटल के ऑनर से कंप्लेन करूंगा,चलो मेरे साथ"
ऋत्विक असद के साथ गुस्से में अपने रूम से निकलता है तो सामने ही उसे नजर आता है सारे स्टाफ रुद्राक्ष और कृतिका का स्वागत कर रहे थे, ढेर सारे बुके रुद्राक्ष के गार्ड पकड़े हुए उनके पीछे ही खड़े थे,रुद्राक्ष ने कृतिका का हाथ अच्छे से थामा हुआ था, और मैनेजर रुद्राक्ष से हंसते हुए बातें कर रहा था,
कृतिका की नजर ऋत्विक पर जाती है तो उसके चेहरे पर मुस्कान तैर जाती है और वो ऋत्विक की तरफ दो कदम बढ़ाती है कि ऋत्विक उसे इग्नोर करके आगे बढ़ जाता है,
कृतिका पलटकर ऋत्विक को देखने लगती है,लेकिन ऋत्विक तेजी से वहां से लिफ्ट में चला जाता है,
कृतिका अपने रूम की तरफ बढ़ती है तो उसके रूम में सिर्फ डेकोरेशन के बॉक्स और कचरा पड़ा हुआ था, कृतिका मैनेजर को घूरते हुए," जब मैंने दो रूम बुक किया था तो इस रूम का ये हाल क्यों है...?"
मैनेजर रुद्राक्ष को देखकर बोला," मुझे लगा गलती से आप लोगों ने दो रूम बुक किए हैं, आप दोनों हसबैंड वाइफ हो इसलिए,"
"इसलिए क्या...?" कृतिका गुस्से में मैनेजर को कुछ बोलने ही वाली थी कि रुद्राक्ष उसे अपनी तरफ करते हुए बोला," आप जाइए हम आपस में देख लेंगे,"
मैनेजर मुस्कुराते हुए वहां से चला गया,
रुद्राक्ष कृतिका को देखकर बोला,"कृति,क्या कर रही हो,उन्हें थोड़ी ही पता है कि हमारे बीच क्या है,चलो रूम में एडजस्ट कर लेंगे,वैसे भी मुझे शूटिंग के लिए निकलना ही,तुम अकेले ही रहेगी इस रूम में,"
कृतिका रूम में चली जाती है तो सामने का नजारा देखकर वो गुस्से में रुद्राक्ष को घूरते हुए,"ये सब क्या है...? हम यहां हनीमून मनाने नहीं आए हैं, और ये ड्रेस.. यक..! तुमने करवाया है ना ये सब,"
रुद्राक्ष जल्दी से बोला," आई स्वेर मुझे नहीं पता था कि ये लोग ऐसा कुछ कर देंगे, मैंने कुछ नहीं करवाया है,"
कृतिका उस रेड कलर की शॉर्ट ड्रेस को रुद्राक्ष के मुंह पर फेंकते हुए बोली," रुद्राक्ष अग्निहोत्री ये चीप हरकते देखकर ना तुम्हारी फिल्म की हीरोइनों को पसंद आता होगा, मेरे सामने ये सब किया ना तो जान ले लूंगी,"
कृतिका वाशरूम की तरफ बढ़ती है तो जमीन में पड़े ढेर सारे बलूंस में उसका पैर उलझता है और कृतिका को बचाने के लिए रुद्राक्ष कृतिका के साथ ही बलूंस पर गिरता है और बस सारे बलूंस एक साथ जोरों की आवाज के साथ फट जाते हैं,
ऋत्विक जो पहले से ही शोर की वजह से परेशान था वो गुस्से में उनके रूम का दरवाजा खोलता है तो सामने रुद्राक्ष कृतिका को कमर से पकड़े जमीन पर गिरा हुआ था और कृतिका के बालों से रुद्राक्ष और कृतिका का चेहरा ढका हुआ था और दोनों बहुत करीब थे इस वक्त....
ऋत्विक गुस्से में वहां से निकल जाता है लेकिन असद मुंह में हाथ रखकर सामने का नजारा देखता रह जाता है,
कृतिका अपना बाल रुद्राक्ष के शर्ट के बटन से छुड़ा कर असद को घूरते हुए बोली," मैनर्स नाम की चीज नहीं है किसी का भी रूम ऐसे बिना परमिशन के खोलता है कोई,"
रुद्राक्ष कृतिका के पीछे से बोला," हो कौन तुम...? और हमारे रूम के डोर को क्यों खोला तुमने...?"
असद जल्दी से माफी मांगते हुए बोला," सॉरी सर मैं आपको जानता हूं लेकिन मैंने नहीं खोला रूम का डोर वो मैं हमेशा गलत टाइम पर गलत जगह फंस जाता हूं, सॉरी मैडम, सॉरी सर,"
कृतिका असद की तरफ बढ़ती है तो असद जल्दी से सॉरी बोलकर दरवाजा बंद कर देता है,
कृतिका ना में सिर हिलाते हुए,"सारे नमूने इसी होटल में है,"
कृतिका पलटती है तो उसकी नजर मिरर जाती है रुद्राक्ष के शर्ट में ब्लड के निशान नजर आ रहे थे,कृतिका रुद्राक्ष को देखकर बोली,"क्या जरूरत थी हीरो बनने की,फिर से ब्लड आने लगा ना, शर्ट उतारो,"
रुद्राक्ष कृतिका को देखकर थोड़ा हड़बड़ाते हुए बोला,"शर्ट उतारूं,"
कृतिका मेडिसिन रुद्राक्ष के बैग से निकालते हुए बोली," अपनी उस सृष्टि भारद्वाज को तो बिना शर्ट के भी गले से लगा लिया था और अपनी बीवी के सामने शर्ट उतारने शर्म आ रही है,"
रुद्राक्ष अपने शर्ट के बटन खोलते हुए कृतिका की तरफ बढ़ते हुए बोला,"इस पूरी दुनिया रुद्राक्ष अग्निहोत्री की अपनी कोई है तो वो सिर्फ और सिर्फ मेरी बीवी कृतिका रॉय कपूर है, और मैंने उसे हग नहीं किया था उसने खुद मुझे हग किया था,"
कृतिका रुद्राक्ष को ताना देते हुए बोली," हां तुम तो कहीं के संत हो ना,तुम कहां कुछ करते हो सारी लड़कियां ही पागल होती हैं जो तुम्हारे पास आने के लिए मरी जा रही होती हैं, तुमने थोड़ी ही कुछ किया था ईशा ही थी जिसने अपना दुपट्टा तुम्हे पकड़ा दिया था,"
रुद्राक्ष कृतिका के करीब आते हुए बोला," तुम्हें सच में लगता है कि मैं किसी और लड़की के साथ ऐसा कुछ करूंगा,जिससे प्यार करता हूं उसके साथ मैंने कभी भी लिमिट क्रॉस नहीं की तो उस लड़की के साथ कुछ करूंगा जिसे मैं जानता तक नहीं हूं,"
कृतिका रुद्राक्ष के पास आते हुए बोली," अगर तुमने कुछ नहीं किया था ईशा का दुपट्टा तुम्हारे पास क्या कर रहा था..?"
रुद्राक्ष ने कृतिका की आंखों ने देखकर सवाल किया," मेरे कैरेक्टर पर शक कर रही हो...? ये जानते हुए भी कि मैं सपने में भी ऐसा कुछ करने की सोच नहीं सकता,बाकी बातें छोड़ो आरव का एक्सीडेंट मेरी वजह से हुआ लेकिन मेरे कैरेक्टर को नहीं जानती बचपन से साथ है ना हम,कभी भी किसी लड़की के साथ देखा है मुझे....! बोलो जवाब दो मेरे सवालों का....?"
कृतिका रुद्राक्ष को हल्का सा धक्का देते हुए बोली," मुझे वो सब नहीं पता,लेकिन आज सिर्फ तुम्हारी वजह से भाई ने मुझे अनदेखा किया और मुंह फेर कर चले गए,कौन जिम्मेदार है भाई का हम सबको छोड़कर चले जाने की वजह सिर्फ और सिर्फ तुम हो रुद्राक्ष अग्निहोत्री...!"
रुद्राक्ष की आंखों में आंसुओं ने जगह बना ली थी और वो ना में सिर हिलाते हुए वॉशरूम की तरफ बढ़ने लगा,
कृतिका ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा," ब्लड आ रहा है, बैंडेज लगवा लो,"
रुद्राक्ष दर्द भरी मुस्कान के साथ बोला," जब तुम्हें मुझपर किसी बात का भरोसा ही नहीं है तो मैं दर्द में रहूं जिऊं मरूं क्या फर्क पड़ता है, नफरत करती हो ना मुझसे, तो बस मुझे दर्द में देखकर सुकून पा लो तुम,"
कृतिका रुद्राक्ष के हाथ में मेडिसिन रखते हुए बोली," जो करना है करो,मुझे फर्क नहीं पड़ता,"
कृतिका वाशरूम के चली जाती है तो रुद्राक्ष गुस्से में मेडिसिन फेंक देता है,
असद भागकर ऋत्विक के पास जाता है जो अपने रूम में सिगरेट के कश ले रहा था,असद की नजर जमीन पर जाती हैं जहां ढेर सारे सिगरेट बड्स गिरे हुए थे,
असद ऋत्विक से नाराज़गी जताते हुए बोला," सर आपने मुझे शेरनी के मांद में अकेला छोड़ दिया था वो मुझे जान से मार देती,"
ऋत्विक असद को देखकर हल्की हंसी के साथ बोला,"रंग बदलने के लिए गिरगिट तो ऐसे ही बदनाम है इंसान को देखो उससे पहले रंग बदलते हैं, अपनी सगी बहन से भी ज्यादा प्यार किया था उससे और उसने क्या किया मुझे ही मेरे घर से निकलवा दिया उस रुद्राक्ष के साथ मिलकर,"
असद सवाल करते हुए,"लेकिन हुआ क्या था सर..? क्या कृतिका मैडम आपकी सगी बहन नहीं है...?"
ऋत्विक ना में सिर हिलाते हुए," नहीं है वो मेरी सगी बहन, खून के रिश्ते से बढ़कर माना था मैंने उसे, लेकिन उसने शायद मुझे कभी अपना भाई ही नहीं माना था इसलिए उस रुद्राक्ष अग्निहोत्री के साथ मिलकर मुझसे मेरा सब कुछ छीन लिया कृतिका ने,मेरी मां, मेरे पापा और मेरा प्यार एक ही दिन में सब कुछ बर्बाद कर दिया....! कृतिका रॉय कपूर ने...!
कौन हुआ ईशा...? और ऐसा क्या किया है रुद्राक्ष ने जिससे कृतिका उससे नफरत करने लगी है और ऋत्विक से उसका सब कुछ छीन गया है...!
ऋत्विक ना में सिर हिलाते हुए," नहीं है वो मेरी सगी बहन, खून के रिश्ते से बढ़कर माना था मैंने उसे, लेकिन उसने शायद मुझे कभी अपना भाई ही नहीं माना था इसलिए उस रुद्राक्ष अग्निहोत्री के साथ मिलकर मुझसे मेरा सब कुछ छीन लिया कृतिका ने,मेरी मां, मेरे पापा और मेरा प्यार एक ही दिन में सब कुछ बर्बाद कर दिया....! कृतिका रॉय कपूर ने...!
असद सवाल करता है," क्या हुआ था सर बताइएना...?"
ऋत्विक सिगरेट की बड को जूते से कुचलते हुए जवाब देता है," कुछ ज्यादा ही इंटरेस्ट नहीं आ रहा है तुम्हें मेरी जिंदगी में,अपने काम से काम रखो और हां विला साफ करो मेरा मुझे नहीं रहना है यहां पर,"
असद ऋत्विक को कोसते हुए वहां से चला जाता है,
रात का वक्त
कृतिका और रुद्राक्ष दोनों डिनर करके अपना अपना काम कर रहे थे,
कृतिका लैपटॉप बंद करने बेड पर बैठते हुए कहती है," लाइट्स ऑफ करो,"
रुद्राक्ष एक नजर उसे देखकर लाइट्स ऑफ कर देता है तभी उसके फोन में मैसेज आता है," सर शूटिंग थोड़ी सी डिले हो गई है आप थोड़ी देर बाद आ जाना,"
रुद्राक्ष सोफे पर पेट के बल लेटते हुए कृतिका को निहारते हुए नींद की आगोश में चला जाता है,
आधी रात
कृतिका को कुछ आवाज़ें सुनाई देती हैं जिससे उसकी नींद खुल जाती है और उसकी नजर सीधे मिरर के सामने रेडी हो रहे रुद्राक्ष पर जाती है,
रुद्राक्ष अपना स्किन केयर कर रहा था और वो परफ्यूम लगाकर जैसे ही मिरर में देखता है उसकी नजरें कृतिका की नजरों से टकराती हैं,
कृतिका रुद्राक्ष को देखकर पूछती है," इतनी रात गए सजने का क्या मतलब है...?"
रुद्राक्ष बिना किसी भाव के जवाब देता है," शूटिंग के लिए जा रहा हूं,ऐसे ही तो जा नहीं सकता,"
कृतिका रुद्राक्ष को घूरती है तो रुद्राक्ष उसे बिना कुछ कहे अपना बैग उठाता है और डोर की तरफ बढ़ते हुए एक पल को रुककर कहता है," ये प्रोजेक्ट मेरे लिए बहुत इंपॉर्टेंट है, क्या मुझे गुड लुक विश कर सकती हो,"
कृतिका कुछ पल सोचने के बाद उठकर रुद्राक्ष को हग कर लेती है,रुद्राक्ष कृतिका को हग करते हुए थैंक्स कहता है,
जिस पर कृतिका कहती है," अगर इस मूवी में काम करते हुए किसी भी तरह के स्कैंडल में तुम्हारा नाम आया तो उस लड़की का और तुम्हारा दोनों का नाम फिल्म इंडस्ट्री से गायब कर दूंगी,"
रुद्राक्ष कृतिका को देखकर हल्की मुस्कान के साथ उसका हाथ अपने सीने में दिल वाली जगह रखते हुए बोला," ये आज भी तुम्हारे नाम से धड़कता है, तो तुम्हें फिक्र करने की जरूरत नहीं है,"
कृतिका रुद्राक्ष से अपना हाथ खींचते हुए कहती है," तुम ज्यादा.....
कृतिका अपनी बात पूरी करती उससे पहले डोर में नॉक करते हुए एक लड़की की आवाज आती है," सर आपके मैनेजर आपको नीचे बुला रहे हैं,"
रुद्राक्ष कृतिका को देखते हुए बाहर चला जाता है,
कृतिका रुद्राक्ष को जाते हुए हल्के गुस्से में,"ये खुद को समझता क्या है...? फिल्मों के डायलॉग बोल रहा था,इसे तो मैं छोडूंगी नहीं,"
कृतिका रुद्राक्ष को इग्नोर करके बेड पर बैठती है लेकिन अब उसे नींद नहीं आ रही थी इसलिए वो अपना लैपटॉप निकालकर काम करने लगती है तभी उसको किसी का कॉल आता है और वो ओबेरॉय अंकल का नाम देखकर कॉल रिसीव करते हुए कहती है," हां अंकल सब ठीक तो है ना आपने इतनी रात गए कॉल किया,"
सामने से सौरव ओबेरॉय कहते हैं," वो आरव को होश आ गया है और वो तुमसे मिलना चाहता है तुम हॉस्पिटल आ सकती हो...?"
कृतिका जल्दी से कहती है," हां मैं आती हूं,"
कृतिका जल्दी से रेडी होती है और हॉस्पिटल के लिए निकलती है,
हॉस्पिटल के विआईपी वार्ड में पहुंचकर कृतिका आरव के रूम में पहुंचती है जहां आरव के पापा सौरव ओबेरॉय और कुछ डॉक्टर्स मौजूद थे,
आरव कृतिका को देखकर हल्की मुस्कान के साथ बोला," कृति मुझे तुमसे जरूरी बात करनी है,"
कृतिका सबको देखकर कहती है,"आप लोग जा सकते हैं,मुझे आरव से अकेले में बात करनी है,"
सबके जाने के बाद कृतिका आरव के पास बैठते हुए, कहती है," तुम ठीक तो हो ना...?"
आरव अपना ऑक्सीजन मास्क हटाते हुए बोला,"मैं ठीक हूं लेकिन मुझे तुम्हे बहुत जरूरी बात बतानी है,"
कृतिका आरव को देखकर बोली," हां बोलो मैं सुन रही हूं,"
आरव जल्दी से कहता है,"वो हमारी सगाई के दिन रुद्र रूम में...."
आरव अपनी पूरी बात कहता उससे पहले ही उसकी सांसे अटकने लगती हैं,उसकी आँखें लाल होने लगती है आरव रुद्र रुद्र बोल रहा था लेकिन उसकी सांसे अटकने लगती हैं जिससे कृतिका जल्दी से डॉक्टर को बुलाती है और डॉक्टर सबको बाहर जाने के बाद आरव को इंजेक्शन देते हैं जिससे आरव बेहोश हो जाता है,
डॉक्टर बाहर आते हैं जिस पर सौरव सवाल करते हैं," मेरा बेटा कैसा है डॉक्टर वो ठीक तो है ना,"
डॉक्टर हल्के गुस्से में कहते हैं," देखिए मैंने आपको पहले भी कहा है कि जिस कंडीशन में आरव कोमा से बाहर आया था उस कंडीशन में उसे कुछ भी याद दिलाने की कोशिश मत कीजियेगा, लेकिन आप लोग मेरी किसी बात को सुनते कहां हैं,ये आखरी बार है अगर आइंदा ऐसा हुआ तो शायद हम आरव को बचा ना सके,"
सौरव वहीं चेयर पर बैठकर रोने लगते हैं जिस पर कृतिका उनके पास बैठते हुए,"अंकल संभालिए अपने आप को,"
सौरव रोते हुए," कैसे संभालूं खुद को मेरा जवान बेटा, कोमा में है,उसकी मां अपने बेटे के ग़म में डूबी हुई है और ये सब करने वाला और कोई नहीं मेरी बहन का बेटा है,मुझे नहीं पता था राघव अपनी दुश्मनी मेरे बेटे के साथ निभाएगा,"
सौरव रो रहे थे और कृतिका उन्हें दिलासा दे रही थी,
कृतिका सौरव को उनके घर ड्रॉप करके करीब 10 बजे होटल पहुंचती है जहां रुद्र आराम से बैठा रहा था शायद वो थोड़ी देर पहले ही आया था,
कृतिका रुद्राक्ष को आराम करते हुए देखकर गुस्से में कहती है," कैसे इंसान हो तुम...? जो कुछ भी हुआ था उसमें आरव की तो कोई गलती नहीं थी ना भाई था वो तुम्हारा जो आज जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है,"
रुद्राक्ष कृतिका को देखकर शांति से कहता है," मैंने पहले भी कहा है, वो एक्सिडेंट मैने जान बूझकर नहीं किया, कार की ब्रेक फैल हो गई थी और मैंने कार को कंट्रोल करने की पूरी कोशिश की थी लेकिन आरव अचानक से सामने आ गया था तो उसका एक्सिडेंट हो गया था, मैंने जान बूझकर उसे चोट नहीं पहुंचाई,"
कृतिका रुद्राक्ष को घूरते हुए बोली," मैं होटल में हुए हमले की बात कर रही हूं कार एक्सीडेंट की नहीं,"
रुद्राक्ष कृतिका की बात सुनकर कन्फ्यूज़ होते हुए," होटल में हमला किस पर हुआ था,"
कृतिका रुद्राक्ष को देखकर तंज भरी मुस्कान के साथ "कितनी अच्छी एक्टिंग करते हो ना, कोई कह ही नहीं सकता कि तुम reel लाइफ से ज्यादा अच्छी एक्टिंग real लाइफ में करते हो,आरव को मौत के मुंह में धकेलकर ये कह रहे हो कि किस पर हमला हुआ,"
रुद्राक्ष कृतिका को देखकर बोला,"इनफ इज़ इनफ कृति, जो मैंने नहीं किया उसका इल्ज़ाम तुम मुझपर नहीं लगा सकती हो,"
कृतिका अपना फोन निकालते हुए कहती है,"आज तक मुझे डाउट था कि हो सकता है कि तुम बेकसूर हो लेकिन आज ये बात भी क्लियर हो गई,"
रुद्राक्ष कृतिका के फोन में देखकर चौंकते हुए कहता है,"ये झूठ है मैं आरव के रूम में नहीं गया ये सब झूठ है,"
कृतिका के फोन में उसके और आरव के दिन का सीसीटीवी फुटेज चल रहा था जिसमें रुद्र जिस कमरे में आरव था उस रूम में जाते हुए नजर आ रहा था और थोड़ी देर बाद ही आरव को जख्मी हालत में उस रूम से बाहर लेकर आया जाता है,
कृतिका रुद्राक्ष को देखकर बोली,"सारी दुनिया झूठी है बस एक तुम सच्चे हो, है ना"
रुद्राक्ष ना में सिर हिलाते हुए बोला," मैं ऐसा नहीं बोल रहा लेकिन कृति मैं इतना भी बेवकूफ नहीं हूं कि मैं इतना बड़ा काम सीसीटीवी फुटेज में अपना चेहरा दिखाते हुए करूंगा, ये जरूर कोई साजिश है,तुम खुद ही सोचो ना"
"क्या सोचूं हां, उसके चलने का तरीका, उसका फेशियल स्ट्रक्चर सब मैच कर रहा है, और तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं ये वीडियो मैंने चेक करवाई है झूठी नहीं है वीडियो," कृतिका ने दांत पीसते हुए कहा....
रुद्राक्ष कृतिका का हाथ पकड़ते हुए कहता है,"मेरा यकीन करो नहीं किया मैंने ऐसा,मुझे तो पता भी नहीं था कि तुम्हारी और आरव की सगाई होने वाली थी, मैं तो उस टाइम पर फिल्म की शूटिंग के लिए जर्मनी गया हुआ था,तुम्हें यकीन नहीं है तो तुम पता करवा लो,"
कृतिका रुद्राक्ष का हाथ झटकते हुए,"वो तो मैं करूंगी ही, रुद्राक्ष अग्निहोत्री लेकिन याद रखना माफी नहीं मिलेगी तुम्हें,"
कृतिका जाने के लिए दो कदम आगे बढ़ती है तो रुद्राक्ष उसका हाथ थामते हुए," कृति, कई बार हमें दूसरों की बातें इतनी सच्ची लगती हैं कि अपनों पर भरोसा नहीं होता लेकिन याद रखना सच्चाई को चाहे कितना भी छुपाया जाए वो एक न एक दिन बाहर आता ही है, बस मैं ये नहीं चाहता कि सच्चाई जानने के बाद तुम्हें पछतावा हो,"
कृतिका जाने के लिए दो कदम बढ़ती है, लेकिन तभी रुद्राक्ष धीमे से कहता है —
"मैंने तुम्हें कभी खोने की सोची भी नहीं थी, और तुमने मुझे कभी पाया ही नहीं…"
कृतिका रुकती है। उसकी आंखों में नमी झलकती है, लेकिन वो पीठ नहीं घुमाती।
रुद्राक्ष: “तुम्हें यकीन है ना उस फुटेज पर? क्या कभी मुझ पर इतना यकीन किया था, जितना उस स्क्रीन पर चलती तस्वीर पर कर लिया?”
कृतिका उसकी आवाज में कुछ ऐसा महसूस करती है जो उसे अंदर तक झकझोर देता है। लेकिन फिर भी वो खुद को सख्त बनाकर कहती है,
"जब तुम्हारा अक्स ही किसी और गुनाह का आइना बन जाए तो उसपर कैसे यकीन करूं?"
रुद्राक्ष: (बहुत शांत स्वर में) “मैं अपनी सफाई नहीं दे रहा कृति... मैं बस तुम्हें इतना बता रहा हूं कि जब तुम्हें सच पता चले, तो खुद को मत कोसना कि तुमने अपने उस इंसान पर शक किया... जो आज भी सिर्फ तुमसे मोहब्बत करता है।”
कृतिका एक गहरी सांस लेती है, और बिना कुछ बोले बाहर निकल जाती है।