यह कहानी है एक राजकुमार की जो एक परी को अपनी दुल्हन बनाने की तलाश में निकलता है , तो देखना यह है की क्या राजकुमार को परी मिल जायेगी और अगर मिल जायेगी तो तब उसके साथ क्या क्या होगा ? क्या परी भी उस से प्यार करेगी ? या फिर राजकुमार को उसको मनाने मे... यह कहानी है एक राजकुमार की जो एक परी को अपनी दुल्हन बनाने की तलाश में निकलता है , तो देखना यह है की क्या राजकुमार को परी मिल जायेगी और अगर मिल जायेगी तो तब उसके साथ क्या क्या होगा ? क्या परी भी उस से प्यार करेगी ? या फिर राजकुमार को उसको मनाने में पापड़ बेलने होगे?
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भाग एक: पृथ्वी ग्रह पर, गंगा नदी के तट पर स्थित सबसे विशाल और शक्तिशाली राज्य सूर्यव्रत राज्य था। यहाँ सूर्यवंशी वंश का शासन था और यहाँ के महाराज को सूर्य प्रतापी कहा जाता था। महाराज के सभी पुत्रों में से, सबसे योग्य और क्षमतावान पुत्र को ही सूर्य प्रतापी का खिताब दिया जाता था, और वही पुत्र आगे चलकर महाराज बनता था। इस समय सूर्यव्रत राज्य के महाराज के सात पुत्र थे। अपने सभी पुत्रों में, महाराज सूर्य प्रतापी को अगला सूर्य प्रतापी महाराज बनने की योग्यताएँ और क्षमताएँ अपने सबसे छोटे पुत्र, सूर्या सूर्यवंशी में दिखाई देती थीं। इस कारण, महाराज सूर्य प्रतापी बचपन से ही अपने सबसे छोटे पुत्र सूर्या को सबसे अधिक प्यार करते थे। सूर्या के सबसे छोटे होने के कारण, महाराज सूर्य प्रतापी का सबसे अधिक लगाव राजकुमार सूर्या के साथ ही था। इस कारण, महाराज सूर्य प्रतापी के बड़े छह पुत्र राजकुमार सूर्या से जलन और घृणा की भावना रखते थे। यही भावनाएँ उन छह पुत्रों की पत्नियों में भी राजकुमार सूर्या के प्रति थीं। आज राजमहल में खुशी भरा माहौल था। हर तरफ़ खुशियाँ छाई हुई थीं। राजमहल को बहुत ही सुंदर तरीके से फूलों से सजाया गया था। राजमहल के द्वार पर बहुत सी सेविकाएँ अपने हाथों में बड़ी-बड़ी गुलाब के फूलों से भरी हुई थालियाँ लेकर खड़ी हुई थीं, और सेवक अपने हाथों में इत्रदान लेकर खड़े हुए थे। राजमहल के बाहर सूर्यव्रत राज्य की प्रजा भी खड़ी हुई थी, क्योंकि आज उनके राज्य के सबसे छोटे राजकुमार, सूर्या सूर्यवंशी, अपने गुरुकुल से शिक्षा प्राप्त करके राजमहल लौट रहे थे। कुछ देर बाद, राजकुमार सूर्या सूर्यवंशी अपने शाही रथ पर राजमहल पहुँचा। राजकुमार सूर्या को देखते ही राजमहल में राजकुमार सूर्या का बहुत ही हर्ष के साथ स्वागत किया गया। राजकुमार सूर्या के भव्य स्वागत को देखकर महाराज सूर्य प्रतापी के बड़े छह पुत्र और उनकी पत्नियाँ राजकुमार सूर्या से अंदर ही अंदर जल रही थीं, पर महाराज सूर्य प्रतापी के वहाँ होते हुए वे कुछ कर नहीं सकती थीं। ऐसे ही राजमहल में एक सप्ताह बीत गया। राजकुमार सूर्या को इस बात का पता भी नहीं चला, क्योंकि वह बहुत समय बाद अपने राजमहल में शिक्षा प्राप्त करके लौटा था। युद्ध कला और तलवारबाजी की शिक्षा प्राप्त करने के लिए, कम उम्र में ही राजकुमार सूर्या राजमहल छोड़कर गुरुकुल चला गया था। इस कारण, इतने वर्षों बाद अपने राजमहल में वापस लौटकर राजकुमार सूर्या को बहुत अच्छा लग रहा था, और वह अपने पिताजी के साथ अच्छा समय व्यतीत कर रहा था। वहीं दूसरी ओर, राजकुमार सूर्या की सभी भाभियाँ एक ऐसे मौके की तलाश में थीं, जब वे राजकुमार सूर्या को दोबारा महल से बाहर निकाल सकें। एक सप्ताह बाद: एक सप्ताह बाद, जब महाराज सूर्य प्रतापी अपने राज्य के पड़ोसी राज्य अग्निव्रत राज्य में अपने मित्र अनल तप्त आगनेय से मिलने गए, दोपहर के खाने के समय महाराज सूर्य प्रतापी के बड़े पुत्रों की पत्नियों ने जानबूझकर राजकुमार सूर्या सूर्यवंशी के साथ झगड़ा करने का फैसला किया। कुछ देर बाद, राजकुमार सूर्या अपने बड़े छह भाइयों की पत्नियों के साथ मेज पर बैठकर खाना खा रहा था। तभी, राजकुमार सूर्या ने अपने बाजू में बैठी अपनी सबसे बड़ी भाभी से बहुत प्यार से कहा, "भाभी जी, मुझे पानी देना।" और बड़ी भाभी ने राजकुमार सूर्या के पानी माँगने पर ध्यान नहीं दिया। वह राजकुमार सूर्या को नज़रअंदाज़ करती हुई अपने खाने को खाती रही। इससे राजकुमार सूर्या ने मन में सोचा, "बड़ी भाभी मुझे पानी क्यों नहीं दे रही है?" पर फिर खुद ही राजकुमार सूर्या ने अपने सवाल का जवाब देते हुए मन में कहा, "शायद बड़ी भाभी ने मेरी आवाज नहीं सुनी होगी। मैं एक काम करता हूँ, छोटी भाभी से पानी माँगता हूँ।" यह सोचकर राजकुमार सूर्या ने अपने दूसरे हाथ की तरफ़ बैठी अपनी सबसे छोटी भाभी से पानी माँगते हुए कहा, "भाभी रुक्मणी, क्या आप मुझे पानी दे सकती हैं?" पर राजकुमार सूर्या की बात पर उसकी सबसे छोटी भाभी रुक्मणी ने भी ध्यान नहीं दिया और राजकुमार सूर्या को उसी तरीके से नज़रअंदाज़ कर दिया, जिस तरीके से बड़ी भाभी ने किया था। इसी तरह, अपनी सभी भाभियों को आजमाने के लिए राजकुमार सूर्या ने एक-एक करके अपनी सभी भाभियों से पानी माँगा, पर किसी भी भाभी ने राजकुमार सूर्या की बात पर ध्यान नहीं दिया। इससे अब राजकुमार सूर्या को बहुत गुस्सा आ गया था, और यह उसके चेहरे के गुस्से वाले भावों से साफ़ दिख रहा था। इसलिए, राजकुमार सूर्या ने गुस्से में अपनी सभी भाभियों से कहा, "आप सब मेरी बात पर ध्यान क्यों नहीं दे रही हैं?" राजकुमार सूर्या के यह सवाल करने पर, राजकुमार सूर्या की सबसे छोटी भाभी रुक्मणी ने जवाब देते हुए कहा, "इसलिए क्योंकि अगर तुम्हें कोई सामान चाहिए, तो तुम यहाँ खड़ी सेविकाओं से ले सकते हो, और अगर तुम्हें इनसे नहीं लेना है, तो तब तुम खुद ले लो।" सबसे छोटी भाभी रुक्मणी की बात पर हाँ में हाँ मिलाते हुए सबसे बड़ी भाभी मीनाक्षी ने कहा, "हाँ, क्योंकि अगर हम काम करेंगी, तो हमारी इतनी सुंदरता का क्या फायदा? और काम करने से हमारी सुंदरता कम हो जाएगी। वैसे भी, तुम्हें पानी देने का काम हमारा नहीं है, सेविकाओं का है।" अपनी दोनों बड़ी भाभियों की बातें सुनकर अब राजकुमार सूर्या को बहुत गुस्सा आ गया था, और गुस्से से उसकी आँखें अंगारे बरसा रही थीं। राजकुमार सूर्या ने अपनी आँखों से घूरते हुए अपनी भाभियों से गुस्से से कहा, "अच्छा, ऐसा है क्या? पर आप सब इतनी सुंदर भी नहीं हैं, जो आपको अपनी सुंदरता पर इतना घमंड है।" राजकुमार सूर्या की गुस्से से बोली गई इस बात को सुनकर सभी भाभियों को बहुत गुस्सा आ गया। इसलिए, तीसरी भाभी ने राजकुमार सूर्या से गुस्से से कहा, "हाँ हाँ, हम तुम्हें सुंदर नहीं लगते ना? हम भी देख लेंगे तुम कौन सी विवाह करके अपनी पत्नी बनाकर अपने लिए अप्सरा या परी ले कर आओगे।" तीसरे नंबर की भाभी की बात सुनकर बाकी की सभी भाभियों ने भी तीसरे नंबर की भाभी की बात में हाँ में हाँ मिलाते हुए अब राजकुमार सूर्या से गुस्से से कहा, "हाँ हाँ, हम भी देख लेंगे तुम कौन सी विवाह करके अपनी पत्नी बनाकर अपने लिए अप्सरा या परी ले कर आओगे।" अपनी भाभियों की इस बात को सुनकर अब राजकुमार सूर्या को बहुत गुस्सा आ गया। इसलिए, राजकुमार सूर्या ने गुस्से से अपनी सभी भाभियों से कहा, "मैं कसम खाता हूँ कि मैं अभी ही राजमहल छोड़कर जा रहा हूँ, अपने लिए अप्सरा से भी सुंदर पत्नी ढूँढने के लिए, और अब मैं अपनी पत्नी को साथ लेकर ही राजमहल वापस लौँटूँगा।" यह बोलकर राजकुमार सूर्या वहाँ से मुड़ा और दरवाजे की तरफ़ बहुत तेज गति से चलता हुआ जाने लगा। वहीं दूसरी ओर, राजकुमार सूर्या की कसम को सुनकर और राजकुमार सूर्या को वहाँ से जाते हुए देखकर राजकुमार सूर्या की सभी भाभियों ने पीछे से गुस्से से राजकुमार सूर्या से कहा, "हाँ हाँ, जाओ जाओ और अपनी परी सी सुंदर पत्नी को साथ लेकर ही वापस लौटना, वरना कभी राजमहल में वापस मत लौटना।" अपनी भाभियों की इस बात को सुनकर राजकुमार सूर्या ने कोई जवाब नहीं दिया, बल्कि उसके चलने की गति और भी तेज हो गई, और वह तेजी से चलता हुआ उस कक्ष से बाहर निकल गया। आपको क्या लगता है? क्या राजकुमार सूर्या को अप्सरा से सुंदर लड़की मिलेगी?
भाग 2:
राजकुमार सूर्या बहुत तेज गति के साथ जंगल मे दौड़ता हुआ जा रहा था, उस के दौड़ने की इतनी तेज गति को देख कर ही यह लग रहा था की वह अभी बहुत ज्यादा गुस्से मे है क्योंकी अभी उस के चेहरे के भाव को देख कर ही ये अंदाजा लगाया जा सकता था।
रह रह कर उसको अपने कानो मे जहर से भी ज्यादा जहरीले शब्द सुनाई दे रहे थे " हम भी देख लेगे की तुम कौन सा अपने लिए कौन सी अप्सरा या परी विवाह कर के ले कर आओगे। "
ये शब्द राजकुमार सूर्या को अभी ऐसे सुनाई दे रहे थे जैसे कोई अभी उसके कानो मे कोई गर्म गर्म पिघलता हुआ शीशा डाल रहा हो , जिस से उस को अपने कानो मे असहनीय दर्द हो रहा हो।
बिल्कुल वैसा ही दर्द अभी राजकुमार सूर्या को अपने कानो मे महसूस हो रहा था।
जिस वजह से राजकुमार सूर्या दौड़ता दौड़ता जंगल के काफ़ी ज्यादा अंदर तक कब पहुंच गया था उस को इस बात का पता ही नहीं चला ।
ज़ब राजकुमार सूर्या को यह अहसास हुआ की वह जंगल मे दौड़ता हुआ काफ़ी ज्यादा अंदर तक आ गया है तो तब उसने दौड़ना बंद कर दिया , और रुक कर वह गहरी गहरी सांसे लेने लगा।
ज़ब ही उसको बहुत सी लड़कियो के खिल खिला कर हँसने की आवाज़ सुनाई देने लगी।
जिस वजह से राजकुमार सूर्या बहुत ज्यादा हैरान हो गया और उसने अपने मन में सोचते हुए कहा," इस घने जंगल में लड़कियों की इस तरह से खिलखिला कर हंसने की आवाज कहां से आ रही है क्योंकि ये जंगल तो अपने आप में बहुत ज्यादा खतरनाक जंगल है। जिसमें बहुत ज्यादा जंगली जानवर है।"
अभी राजकुमार सूर्या वहां हैरानी से खड़ा हो कर ये सोच ही रहा था क्योंकि उसने इस बात की उम्मीद नहीं की थी कि इतने घने जंगल के अंदर लड़कियां भी हो सकती है इस वजह से उसने थोड़ा घबराते हुए अपने मन में सोचते हुए कहा " कहीं इस जंगल में चुड़ैल और डायन एक साथ मिल कर कोई दावत तो नहीं मना रही है और अगर गलती से भी उन्होंने मुझे देख लिया तो यह तो पक्का है कि उनकी दावत में मैं भी शामिल हो जाऊंगा पर उनके साथ खाने के लिए नहीं बल्कि उनका खाना बन कर। "
अपने मन में यह सोचते ही राजकुमार सूर्या डर गया क्योंकि अभी उसके चेहरे के डरे हुए भाव को देख कर ही यह साफ साफ पता चल रहा था ।
जब राजकुमार सूर्या अपने मन में यह सब सोच कर वहां से वापस मुड़ कर जाने वाला ही था तभी उसके दिमाग में एक ख्याल आया जिस वजह से उसने अपने मन में सोचते हुए कहा," मुझे एक बार यह देखना चाहिए कि क्या यहां पर सचमुच चुड़ैल और डायन ही है या सिर्फ ये साधारण लड़कियों की ही आवाज है। "
उसके मन मे यह ख्याल आते ही अब राजकुमार सूर्या ये जानने के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक हो गया था कि क्या सच में यहां पर चुड़ैल है या सिर्फ यह मामूली लड़कियों की ही आवाज है ।
इस वजह से राजकुमार सूर्या ने आवाज की दिशा में जाने का फैसला किया जहाँ से लड़कियों के खिलखिला कर हंसने की आवाज आ रही थी और फिर धीरे-धीरे कदमों से चलता हुआ राजकुमार सूर्या आवाज की दिशा में चल पड़ा।
आगे जा कर जो नजारा उसने देखा उस नजारे को देख कर राजकुमार सूर्या की आंखें हैरानी से फैल कर बड़ी-बड़ी हो गई थी और राजकुमार सूर्या वहां खड़ा-खड़ा सन रह गया था क्योंकि जो नजारा अभी राजकुमार सूर्या अपनी आंखों से देख रहा था इस नजारे की तो राजकुमार सूर्या ने कभी सपने में भी कल्पना नहीं की थी ।
क्योंकि अभी राजकुमार सूर्या की नजरों के सामने चुड़ैल डायन एक साथ मिल कर कोई दावत की महफ़िल नहीं कर रही थी बल्कि यहां तो एक तालाब में बहुत सी सुंदर परियां पानी से खेलती हुई नहा रही थी दूध सा सफेद उनका बदन बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रहा था ।
और उनकी मीठी सी खिल खिला कर हंसने की आवाज अभी राजकुमार सूर्या के कानों में शहद से भी ज्यादा मीठी सुनाई दे रही थी ।
यह नजारा किसी खूबसूरत सी पेंटिंग की तरह दिखाई पड़ रहा था जिस नजारे मे राजकुमार सूर्या अभी पूरी तरीके से मंत्र मुक्त हो चुका था।
जीस वजह से राजकुमार सूर्या ने अपने मन में सोचते हुए कहा," अरे! यह तो परिया है मैं तो कुछ और ही सोच रहा था। "
जब राजकुमार सूर्या परियों की खूबसूरती में खोया हुआ उनको मंत्र मुक्त हो कर देख ही रहा था तभी राजकुमार सूर्या की अंतरात्मा ने राजकुमार सूर्य को परियों की खूबसूरती के नशे में पुरी तरह से खोने से जागते हुए राजकुमार सूर्य से कहा ,
" तुझे इस तरह से इन परियों को नहाते हुए नहीं देखना चाहिए सूर्या क्योंकि यह बहुत गलत है और इस तरह से छुप कर इन सब परियों को नहाते हुए देखना एक राजकुमार को शोभा नहीं देता । "
जिस वजह से ये सब अपने मन में सोच कर राजकुमार सूर्य को अभी इस तरह से छुप कर परियो को नाहते हुए देखना सही नहीं लग रहा था, जिस वजह से राजकुमार सूर्या ने वहां से जाने का फैसला किया।
इस वजह से ज़ब राजकुमार सूर्या वहां से जाने के लिए मुंडा तभी उनमें से एक परी की नजर राजकुमार सूर्या पर चली गई।
और राजकुमार सूर्या को वहां पर देख कर उस परी ने शोर मचाते हुए बाकी के सभी परियों से कहा," देखो वहां पर एक इंसान हमें नहाते हुए देख रहा है ।"
उस परी के इस तरीके से जोर-जोर से चिल्लाते हुए यह बोलने पर बाकी की सब परियों का ध्यान भी अब राजकुमार सूर्या की तरफ चला गया जिस वजह उन सभी परियों को राजकुमार सूर्या की बेशर्मी पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया।
वह सभी परिया अपने चेहरे पर गुस्से वाले भाव ले कर तुरंत तालाब के पानी से बाहर निकल आई और झट से उड़ती हुई राजकुमार सूर्या के सामने जा कर खड़ी हो गई ।
राजकुमार सूर्या को वहां से भागने का बिल्कुल भी मौका नहीं मिला था क्योंकि परियों के उड़ने की गति बहुत तेज थी जिस वजह से राजकुमार सूर्या वहां से हिल कर भाग जा पाता उससे पहले ही अगले ही पल में उन सभी परियों ने राजकुमार सूर्य को चारों तरफ से घेर लिया था ।
जिस वजह से राजकुमार सूर्या अब बहुत ज्यादा डर गया था क्योंकि अभी उसके चेहरे पर घबराहट भरे भाव थे जिनको देख कर यह साफ पता चल रहा था कि राजकुमार सूर्या अभी बहुत ज्यादा डरा हुआ है।
तभी उन सभी परियों में से एक परी ने राजकुमार सूर्य की तरफ गुस्से से घूरते हुए गुस्से से कहा," तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुम हमे परियों को नहाते हुए देख रहे थे, बेशर्म इंसान मैं तुम्हें अभी जान से मार कर तुम्हें इसका सबक सिखाती हूं।"
आपको क्या लगता है क्या परिया राजकुमार सूर्या को जान से मार डालेंगी ?
और जैसे ही वह परी अपनी तलवार से राजकुमार सूर्या को मारने वाली थी तभी जोर से बोलते हुए राजकुमार सूर्या ने परियों से कहा"मुझे बहुत अच्छा गाना गाना आता है अगर आप मुझे नहीं मरती है तो मैं आप सब का गाना गाकर मनोरंजन करता रहूंगा"
राजकुमार सूर्या की यह बात सुनकर सारी परी या राजकुमार सूर्य को हैरानी से देखने लगी वही जो परी अभी राजकुमार सूर्य को मारने वाली थी उसने अपनी तलवार आसमान सूर्य को मारते-मारते उसकी गर्दन से कुछ दूरी पर ही रोक दी।
जब राजकुमार सूर्या ने यह महसूस किया की परियां उसको नहीं मार रही है और वह अभी भी जिंदा है तब उसने एक राहत के सांस लेते हुए परियों से कहा" मैं आपको देखा नहीं रहा था मैं तो बस यहां से जा रहा था और फिर ही आपको मेरी आवाज आ गई जिस वजह से आप लोगों ने मुझे देख लिया मैं सच बोल रहा हूं अगर आपको यकीन ना हो तो मैं अपनी मां की कसम खाकर कहता हूं कि मैं सच में यहां से जा रहा था "
जैसे ही राजकुमार सूर्या ने अपनी मां की कसम खाई तभी उनमें से जो एक परी सबसे भली भली परी थी और उसका नाम भी भोली परी था उसने मासूमियत से राजकुमार सूर्या से पूछा" क्या तुम्हारी मां भी है और वह क्या जिंदा है? " भोली परी के पास सुनकर राजकुमार सूर्या ने ना में उदास होते हुए अपना सिर हिलाते हुए कहा" नहीं मेरी मां अभी दुनिया में नहीं है वह बहुत पहले ही मुझे छोड़ कर जा चुकी है और भला मैं अपनी मरी हुई मां की झूठी कसम क्यों खाऊंगा? मैं सच में यहां से जा ही रहा था।"
जब भोली परी ने राजकुमार सूर्या की यह बात सुनी तो तब उसकी आंखों में आंसू आ गए और वह भी रोने लगी क्योंकि भोली परी की मां भी बचपन में ही मर गई थी जिस वजह से वह भी राजकुमार सूर्या की मां की करने की खबर सुनकर दुखी हो गई थी और उसको भी अपनी मां याद आ गई थी जिस वजह से उसने रोते हुए बाकी की परियों से कहा" जब यह इंसान बोल रहा है कि यह बस यहां से जा रहा था और उसने अपनी मां की कसम भी खाई है तुम मुझे लगता है कि यह सच बोल रहा है कोई भी अपनी मां की झूठी कसम नहीं खा सकता है।"
यह बोलते हुए भोली परी अपनी आंखों में आंसू लिए बहुत ही ज्यादा मासूमियत से बाकी की सभी परियों को देख रही थी और उनके जवाब का इंतजार कर रही थी कि वह आगे क्या कहने वाली थी।
भोली परी की बात सुनकर तूफानी पारी ने गुस्से से भोली परी से कहा" भोली तू बहुत ज्यादा भोली है , तू नहीं जानती यह इंसान बात-बात पर झूठ बोलते हैं और फिर हम सब बढ़िया जानते हैं तू बहुत भोली है इसलिए इस इंसान की बातों में आ रही है । "
तूफानी पारी की हां में हां मिलाते हुए बिजली परी ने कहा" हां हां तूफानी पारी बिल्कुल ठीक बोल रही है इन इंसानों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं किया जा सकता है यह विश्वास के पात्र नहीं है यह हमें कभी भी धोखा दे सकता है भोली तू इस इंसान पर जल्दी ही भरोसा कर रही है। "
तूफानी परी और बिजली परी की बात सुनकर भोली परी ने रोते हुए कहा" हां हां मैं समझ गई तुम लोग मुझे बेवकूफ समझती हो और यह समझती हो कि मैं बोल रही हूं तो मैं बेवकूफ भी हूं इस वजह से तुम दोनों यह कह रही हो पर मैं जानती हूं किया इंसान सच कह रहा है इसकी मां मरी हुई है और कोई भी अपनी मरी हुई मां की झुठी कसम नहीं खा सकता और मैं भी यह बात बहुत अच्छी तरीके से जानती हूं क्योंकि मैं भी अपनी मां को खो चुकी हूं और तुम लोग अभी मेरा दुख नहीं समझ सकते । "
यह बोलकर भोली-परी फूट-फूट कर रोने लगी । बाकी की सभी परियों को तो समझ में ही नहीं आ रहा था कि वह बोली पारी को कैसे चुप करें तभी उनमें से संगीत की परी ने बाकी की परियों से कहा" मुझे लगता है कि हमें इस लड़के को जान से नहीं मारना चाहिए और भली परी की बात मानकर हमें इसको जिंदा छोड़ देना चाहिए और फिर यह लड़का बोल रहा है कि इसको बहुत अच्छा गाना गाना भी आता है तो मेरे पास एक सुझाव है जिस वजह से भली परी भी इस बात से ऐतराज नहीं करेगी। "
जब बाकी की परियों ने संगीत की परी की बात सुनी तब उन्होंने अपनी आंखें बड़ी-बड़ी करके संगीत परी की तरफ देखा तभी उनमें से चंचल परी ने संगीत परी से पूछते हुए कहा" क्या उपाय है तुम्हारे पास संगीत परी हमें भी बताओ जरा?"
चंचल परी के सवाल करने पर संगीत परी ने अपना उपाय सभी परियों को बताते हुए कहा" हमें काम करते हैं हम इस लड़के को गाना गाने के लिए रख लेते हैं जब-जब हम धरती पर आया करेंगे तब तब हम इस लड़के का गाना सुना करेंगे और यह लड़का हमारा मनोरंजन करने के काम आएगा।"
संगीत परी की बात सुनकर भोली परी चुप हो गई और उम्मीद भरी नजरों से बाकी की परियों को देखने लगी कि वह सब भी बस अब संगीत परी की बात में हमें हां मिला दे और फिर इस लड़के को मारना नहीं पड़ेगा। "
तभी रोशनी परी ने बाकी की सब परियों से कहा" हां यह तो ठीक है कि यह लड़का हम सब लोगों का गाना गाकर मनोरंजन करेगा पर अगर यह यहां से भाग गया तो तब हम क्या करेंगे?"
रोशनी परी के इस सवाल पर बिजली परी ने झट से कहा" तो मैं एक काम करती हूं ना मैं इसको एक बिजली के पिंजरे में कैद कर देता हूं अगर यह उसे पिंजरे से भागने की कोशिश करेगा या उसे पिंजरेक को छूने की भी कोशिश करेगा तब तक इसको बिजली का एक तेज झटका लगेगा और यह यहां से भाग नहीं पाएगा बताओ कैसा है मेरा यह उपाय?"
बिजली परी के इस उपाय को सुनकर तूफानी परी ने हंसते हुए कहा" बिजली परी अगर तूफान आ गया तो तब तो वह उसे पिंजरे को उड़ा कर ले जाएगा और फिर यह आजाद हो जाएगा हमें कुछ ऐसा करना होगा ताकि यह किसी भी तरह से हमारे बिना आजाद ही ना हो पाए ऐसा करने के लिए हमें जादू का इस्तेमाल करना होगा। "
इतनी देर से होशियार परी जो खामोशी से खड़ी हुई सबकी बातें सुन रही थी उसने तूफानी पारी की बात में हमें हां मिलाते हुए कहा" तूफानी परी बिल्कुल ठीक कह रही है । मैं एक काम करती हूं मेरे पास एक उपाय है क्यों ना मैं इसको"
इसके आगे बोलने से पहले ही होशियार परी ने मुस्कुराते हुए कहा अच्छा मैं बोलकर नहीं मैं तुम्हें करके बताती हूं यह बोलते हुए होशियार परी ने अपने हाथों से एक जादू मंत्र पढ़ते हुए अपने हाथों से अपनी जादू की छड़ी मंगाई और बाकी सब परियों के देखते ही देखते अपनी होशियारी दिखाते हुए राजकुमार सूर्या को एक पत्थर की निर्जीव मूर्ति बना दिया।
क्या कभी राजकुमार सूर्या पत्थर की मूर्ति से वापस इंसान बन पाएगा? और इन परियों के चुंगल से आजाद हो पाएगा? आगे यह कहानी क्या मोड लगी जाने के लिए पढ़ते रहिए यह कहानी "राजकुमार सूर्या"
तब तक के लिए अलविदा मिलते हैं अगले भाग में बाय-बाय
नव्या खान
जब होशियार परी ने राजकुमार सूर्या को पत्थर की मूर्ति में बदल दिया तो, तब यह देख कर सारी की सारी परियां हैरानी से होशियार परी की तरफ देखने लगी ।उनको होशियार परी की सूझबूझ पर गर्व हो रहा था कि उनके बीच में ऐसी परी भी मौजूद थी जो इतनी ज्यादा होशियार थी कि अपनी होशियारी की वजह से बड़ी से बड़ी मुश्किलों को चुटकियों में हल कर सकती थी होशियार परी ने झट से ही उनकी इस परेशानी को भी चुटकियों में हल कर दिया अब राजकुमार सूर्या चाह कर भी वहां से भाग नहीं सकता था और ना ही कभी उनसे आजाद हो सकता था।
यह देख कर सारी परियां खुश हो गई।
उन्होंने होशियार परी की तरफ देख कर एक प्यारी सी मुस्कान दे कर होशियार परी का शुक्रिया अदा किया।
जिस वजह से भोली परी ने होशियार परी से कहा" यह अच्छा क्या आपने होशियार परी कि आपने इसको मूर्ति बना दिया , अब यह यहां से भाग नहीं पाएगा, मैं बहुत खुश हूं कि इस इंसान को मृत्यु दण्ड नहीं मिला है । अब से यह अपना गाना सुना कर हमारा मनोरंजन करेगा, पर मैं इस वजह से चिंतित हूं कि अगर कोई इंसान इस जंगल में आ गया और उसने इस इंसान की पत्थर की मूर्ति को देख लिया और तब हम क्या करेंगे अगर वह इस इंसान की पत्थर की मूर्ति को अपने साथ उठा कर ले गया तो ?"
भोली परी की यह बात सुनकर रोशनी परी ने कहा "इसका भी मेरे पास एक उपाय है मैं अभी वह उपाय करती हूं।"
सब परियों से यह बोलकर रोशनी परी ने अपने हाथों से अपनी छड़ी मंगाई और फिर उन्होंने कुछ मंत्र पढ़ते हुए राजकुमार सूर्या की मूर्ति पर अपना जादू चला दिया।
जब परियों ने रोशनी परी को राजकुमार सूर्य के ऊपर जादू चलाते हुए देखा तो तब उन्होंने यह देखा कि अब राजकुमार सूर्या की आंखों से एक सुनहरे रंग की रोशनी निकल रही थी जिसका मतलब यह था कि अब राजकुमार सूर्या की मूर्ति सिर्फ उन्हीं लोगों को दिखाई दे सकती थी जिनके पास भी जादुई शक्ति थी या जिनके पास कुछ चमत्कारी विशेष शक्तियां प्राप्त थी बाकी के साधारण इंसान को राजकुमार सूर्या की मूर्ति दिखाई नहीं दे सकती थी यह देखकर बाकी की सारी परिया खुश हो गई और फिर खुशी-खुशी सारी परियां आसमान में उड़ कर वहां से चली गई।
अगले दिन जब सब परियां वापस धरती पर नहाने के लिए उस तालाब के पास आई , तो तब नहाने के बाद बाकी की सब परिया होशियार परी से कहने लगी की राजकुमार सूर्या को दोबारा से इंसान बना दिया जाए। बाकी की सभी परियो की हाँ मे हां मिलाते हुए बिजली परी ने भी होशियार परी से कहा " होशियार परी आज इस इंसान का गाना सुन लेते हैं आप इस इंसान को वापस से इस पत्थर की मूर्ति से इंसान बना दीजिए, देखे तो हम भी जरा के इस इंसान को बहुत अच्छा गाना गाना आता भी है या नहीं, क्योंकि यह इंसान कह रहा था कि इसको बहुत अच्छा गाना गाना आता है यह सच कह भी रहा था या सिर्फ हमें बेवकूफ बना रहा था मृत्युदंड से बचने के लिए। "
बिजली परी की बात में हाँ मे हां मिलाते हुए तूफानी पारी ने भी होशियार परी से कहा" हां होशियार परी आप इसको वापस इंसान बना दीजिए । मैं भी देखना चाहती हूं कि इस इंसान ने कही सच में मृत्युदंड से बचने के लिए हमें झूठ तो नहीं बोला था और अगर इसने झूठ बोला होगा तो आज इसकी खैर नहीं फिर "
यह बात बोलते हुए तूफानी परी के चेहरे पर गुस्से भरे फेस एक्सप्रेशंस आ गए और वह जुनून भरी नजरों से राजकुमार सूर्या की मूर्ति की तरफ देखने लगी। जब होशियार परी ने बाकी की सारी परियां की बातें सुनी तो तब उन्होंने जादू के मंत्र पढ़कर अपनी छड़ी बुलाई और फिर कुछ मंत्र पढ़ कर राजकुमार सूर्या की तरफ अपनी छड़ी से इशारा कर दिया। जैसे ही होशियार परी ने राजकुमार सूर्या की तरफ अपनी जादुई छड़ी से इशारा किया दोबारा से धीरे-धीरे राजकुमार सूर्या की पत्थर की मूर्ति में जैसे जान आने लगी और देखते ही देखते राजकुमार सूर्या बाकी की सभी परियों के सामने एक जिंदा इंसान बन गया, उसकी सांसे वापस लोट आई ।
जब राजकुमार सूर्या वापस इंसान बन गया तो तब उसने देखा कि सारी परियां उसको घेर कर खड़ी हुई थी राजकुमार सूर्या को यह बात याद थी कि जब उसके पैर नीचे से पत्थर की मूर्ति में बदलने लगे थे और फिर धीरे-धीरे वह पूरी तरीके से पत्थर बन गया था पर पूरी तरीके से पत्थर की मूर्ति बनने के बाद उसके साथ क्या-क्या हुआ। उसको कुछ भी याद नहीं था। जिस वजह से वह हैरानी भरी नजरों से सारी परियों को देख रहा था।
राजकुमार सूर्या ने अपने मन में सोचते हुए कहा" यह सारी परियां मुझे इस तरीके से क्यों देख रही है, जैसे मुझे कच्चा ही खा जाएंगी, बेटा राजकुमार सूर्या कहां फंस गया तू, इन सारी परियों के बीच, तुझे भी क्या पड़ी थी यह जानने की इस जंगल में से कौन सी लड़कियां हंस खेल रही है अब फस गया ना बुरी तरीके से , हां माना कि तू अपने लिए एक परी जैसी सुंदर पत्नी ढूंढने के लिए महल से गुस्से से जंगल में आया था पर तुझे यह क्या पता था कि इस जंगल में तुझे परी जैसी सुंदर पत्नी नहीं बल्कि परी ही मिलेगी वह भी तेरी मृत्यु देवता के रूप में। "
अभी राजकुमार सूर्या अपने मन में यह सारी बातें सोच ही रहा था कि तभी संगीत परी ने राजकुमार सूर्या से कहा" चलो अब हमें अपना गाना सुनाओ, तुम कल कह रहे थे ना कि तुम्हें बहुत अच्छा गाना गाना आता है तो हम सब तो अब तुम्हारा गाना सुनना चाहती है, और अगर तुमने हमसे झूठ कहा होगा ना। " अभी संगीत परी ने इतना ही कहा था कि वह बिजली और तूफानी परी की तरफ देख कर एक कुटील मुस्कान से हंसने लगी। जैसे राजकुमार सूर्या से कह रही हो कि फिर तुम्हें तूफानी परी और बिजली परी किसी भी हालत में छोड़ने वाली नहीं है फिर तुम्हारे इस शरीर से तुम्हारी आत्मा बाहर निकाल कर परमात्मा के पास भेज दी जाएगी।
संगीत परी की बात सुन कर राजकुमार सूर्या ने एक घबराहट भरी मुस्कान दी , जैसे की वह संगीत परी की इस अधूरी बात को और उसकी इस कुटील मुस्कान को बहुत अच्छी तरीके से समझ गया है।
संगीत परी की बात सुन कर राजकुमार सूर्या ने गाना गाने के लिए अपना मुंह खोल और गाना गाना शुरू कर दिया जैसे ही सारी परियों ने राजकुमार सूर्या की आवाज सुनी उनकी आंखें हैरानी से बड़ी-बड़ी हो गई और उनका मुंह खुला का खुला रह गया।
क्या राजकुमार सूर्य को गाना गाना नहीं आता? जो सारी परियां हैरानी से राजकुमार सूर्या को देखने लगी, क्योंकि ऐसा बहुत कम होता है कि कोई राजकुमार गाना गाना सीखे, राजकुमार तो ज्यादातर रणभूमि में ही होते हैं जिस वजह से वह तलवारबाजी घुड़सवारी यह सब सीखते हैं और अगर ऐसा है तो क्या अब राजकुमार सूर्या को मृत्युदंड मिलने से कोई नहीं रोक सकता?
आगे की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी तब तक के लिए अलविदा।
बाय-बाय टेक केयर।
नव्या खान
राजकुमार सूर्या अभी बहुत अच्छी तरीके से जो गाना गा रहा था उसके शब्द कुछ इस प्रकार थे :
किस्मत के पन्नों पर हम हैं मोहरे ,
पर चाल चलता खुदा ,
चाहे भला हो चाहे बुरा हो ,
सब कुछ है करता खुदा,
अपने गानों के इन शब्दों के जरिए राजकुमार सूर्या सभी परियों को यह बता देना चाहता था कि उसने कुछ भी जानबूझकर नहीं किया था वह बस एक गलती से अभी इस मुसीबत में फंस गया था , जहां से उसका बचकर जाना बहुत मुश्किल था।
हंसना भी, रोना भी,
हाथों की लकीरों में है लिखा,
तब क्या-क्या खोना है,
सब कुछ पहले से ही तयसुदा ,
जीना क्या, मरना क्या,
सांसों पर भी नहीं है इक तीयार ,
दिल से खाता है,
तुझको पता है
देता है फिर क्यों सजा।
अपने गाने के इन शब्दों के जरिए राजकुमार सूर्या सभी परियों से यह बता रहा था कि उसको यह बात पहले से नहीं पता थी कि सब परियों उसको देख लेंगी और वह इतनी बड़ी मुसीबत में फंस जाएगा , अगर उसको यह बात पहले से ही पता होती तो तब वह यहां पर आता ही नहीं और यहां से बल्कि इस जंगल से बहुत दूर चला जाता । इस समय उसकी कोई गलती नहीं थी जिसकी उसको पत्थर की मूर्ति बना कर सजा मिल रही है।
दुनिया है चलती मर्जी से तेरी, तो क्यों मैं मुजरिम बता ।
यह लाइंस राजकुमार सूर्या ने आसमान की तरफ देखते हुए गई थी जैसे कि वह भगवान से यह बोल रहा था कि जब उसकी कोई गलती ही नहीं है तो तब उसकी सजा क्यों मिल रही है राजकुमार सूर्या की आवाज में एक ऐसा जादू था की सारी परियां उसके आवाज के जादू में खो गई थी और राजकुमार सूर्या के चारों तरफ घूम कर डांस कर रही थी।
दूसरी तरफ जहां पर सारी की सारी परियां राजकुमार सूर्या की आवाज के जादू में पूरी तरीके से खो गई थी और नाच रही थी वहीं पर ही एक परी खामोशी से पेड़ के नीचे बैठी हुई, राजकुमार सूर्य को गाते हुए सुन रही थी और राजकुमार सूर्य के द्वारा गाए गए गाने के शब्दों को अपनी रूह तक में महसूस कर रही थी यह परी और को ही नहीं बल्कि सभी परियों की राजकुमारी रूही परी थी और राजकुमार रूही का नाम भी उनकी इस (खासियत ) विशेषता पर ही रखा गया था कि वह हर चीज को अपनी रूह तक महसूस कर सकती थी।
वह अभी राजकुमार सूर्या के द्वारा गाय गए गाने के शब्दों को समझ पा रही थी कि राजकुमार सूर्या वह गाना बहुत दिल से गा रहा था और अपने आप बीती सभी परियों को बता रहा था पर बाकी की सभी परिवार राजकुमार सूर्या के द्वारा गाए गए गाने की गहराई तक नहीं जा रही थी वह बस राजकुमार सूर्या की मीठी आवाज में ही डूबकी लगा कर तैर रही थी। बस वहां पर एक राजकुमारी रूही परी ही थी जो राजकुमार सूर्या के गाने की समुद्र रूपी गहराई में अंदर तक जा पहुंची थी।
जैसे ही राजकुमार सूर्या ने अपना गाना गाना बंद किया तभी सब परियों अपनी होश में वापस आई और राजकुमार सूर्या की तरफ अपनी आंखों में चमक लिए देखने लगी । उन सबको राजकुमार सूर्या की आवाज बहुत ज्यादा अच्छी लगी थी जिस वजह से वह खुश होते हुए राजकुमार सूर्या को देख रही थी। संगीत परी ने राजकुमार सूर्या से कहा "
इंसान हम तुम्हारे गाने से बहुत खुश हुए, तुम्हारी आवाज में एक अलग ही जादू है , जो किसी को भी मंत्र मुक्त और मदहोश कर सकता है और अब हमें तुम्हें और बाकी की सभी परियों को बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि तुम अपने इस इम्तिहान में पास हो चुके हो । "
जैसे ही संगीत परी ने बाकी की सभी परियों से और राजकुमार सूर्या से यह कहा , सभी परियों के चेहरों पर और राजकुमार सूर्या के चेहरे पर एक मुस्कान खिल गई। राजकुमार सूर्या की मुस्कान बिल्कुल ऐसी थी जैसे की
राजकुमार सूर्या का चेहरा एक खूबसूरत सा फूल हो और वह पूरी तरीके से खिल कर , अपनी खुशबू से आसपास के पूरे वातावरण को भी अपनी खुशबू से महका रहा हो।
पर जैसे ही राजकुमार सूर्या के कानों में संगीत परी के आगे के शब्द सुनाई दिए, राजकुमार सूर्या के चेहरे की खुशी इस तरीके से गायब हो गई जैसे की किसी ने उस फूल को तोड़ दिया हो और उस फूल के टूटते ही एक पल में वह फूल किसी मुरझाए हुए फूलों की तरह मुरझा गया हो और एक पल में ही उस फूल के अंदर से आने वाली खुशबू पूरी तरीके से गायब हो गई हो।
संगीत परी ने अभी-अभी राजकुमार सूर्य से जो ज़हर से जहरीले शब्द कहे थे वह शब्द कुछ इस प्रकार थे"
" तुम अपने इम्तिहान में पास हो चुके हो और जिस वजह से तुम्हें अब मृत्यु दंड नहीं मिलेगा पर अब तुम हमेशा के लिए हम सब परियों के गुलाम बनकर रहोगे और तुम्हें अपनी पुरी उम्र हमारी गुलामी करनी पड़ेगी। "
राजकुमार सूर्या को यह शब्द ऐसे लग रहे थे जैसे कि किसी ने उसके कानों में पिघलता हुआ गरम-गरम शीशा डाल दिया हो और उसको इस वजह से अपने कानों में असहनीय दर्द महसूस हो रहा हो।
जिस वजह से राजकुमार चेहरे पर अब घबराहट साफ-साफ नजर आ रही थी और वह अपनी इन्हीं घबराहट भरी नजरों से संगीत परी के चेहरे की तरफ देखे जा रहा था।
पर वह अभी कुछ कर भी नहीं सकता था , क्योंकि वह अभी इन सारी परियों से घिरा हुआ था और उसको यह बात बहुत अच्छी तरीके से पता थी कि होशियार परी के एक मंत्र पढ़ते ही वह दोबारा से पत्थर की मूर्ति में बदल जाएगा और वह फिर कुछ भी कर भी नहीं पाएगा जिस वजह से उसने अभी खामोश रहना ही ठीक समझा और अपने मन ही मन में कुछ सोचने लगा।
वह अभी अपने मन में यह सोच रहा था कि उसको यहां से भागने का और इन सभी परियों की गिरफ्त से आजाद होने का इस तरह का कोई उपाय ढूंढना होगा कि जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे, मतलब कि वह इन सभी परियों की गिरफ्त से बड़े आसानी से आजाद भी हो जाए और वह सभी परियों उसको अपने जादू से चाह कर भी पत्थर की मूर्ति ना बन पाए।
आपको क्या लगता है क्या राजकुमार सूर्या को इस तरह का उपाय ढूंढ पाएगा जिससे वह बड़ी आसानी से इन सभी परियों की गिरफ्त से आजाद हो जाएं और वह सभी परियों उसको अपने जादू से चाह कर भी पत्थर की मूर्ति ना बन पाए ?
आगे की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी,
तब तक के लिए अलविदा,
बाय बाय, टेक केयर,
नव्या खान
happy end
अब हर रोज ऐसा ही चलने लगा, ज़ब भी वह परिया वहाँ आसमान से धरती पर नाहने के लिए आती, वह राजकुमार सूर्या को दुबारा पत्थर से इंसान बना देती और गाना सुन कर दुबारा पत्थर बना देते थे।
और एक रात ज़ब राजकुमार सूर्या को उन परियो ने
पत्थर से वापस इंसान बनाया तो तब राजकुमार सूर्या ने उन परियो से बचने के लिए एक चाल चली
तो तब उसने उन परियो से कहा " मैं आज गाना सुनाने के साथ साथ
आज आप सब परियो को डान्स कर के भी दिखाऊगा,
क्यों की आज पुरे चाँद की रात है इसलिए मेरा डान्स करने का भी मन कर रहा है। "
राजकुमार सूर्या की बात सुन कर सारी परिया खुश हो गई,
फिर राजकुमार सूर्या ने कहा, " मुझे आपकी तलवार चाहिए डान्स करने के लिए जिस से मैं अच्छे डान्स स्टेप्स कर पाउगा । "
कुछ हिचकिचाहते हुए परियो ने भी तलवार देने के लिए हाँ कर दी।
अब राजकुमार सूर्या गाना गाते हुए नचने के साथ साथ सभी परियो को तलवार बाजी के तरह तरह के करतब दिखाने लगा।
और देखते ही देखते वह यह सब करते करते उस परी के पास चला गया जो सबसे सुन्दर परी थी जो अभी पूरी तरह से उस की आवाज के जादू मे ही डूबी हुई थी और मदहोशी से अपनी सुध गूद खोय हुए बस राजकुमार सूर्या को ही देख रही थी जिस वजह से राजकुमार सूर्या ने
उस परी के पास जा कर अपनी तलवार से उस परी के पंखो पर वार कर दिया, जिस वजह से वह परी दर्द से तड़पने लगी, उसके मुंह से एक दर्द भरी चीख निकल गई " आह "
वही उस परी की साथी परिया राजकुमार के पीछे पड़ गई उनको राजकुमार सूर्या पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था क्योंकी जिस परी को राजकुमार सूर्या ने अपने कब्जे मे लिया था, वह परी कोई आम परी नहीं थी बल्कि परियो की राजकुमारी थी और इस ही वजह से सारी परिया राजकुमार सूर्या के पीछे हाथ धो कर के पड़ गई थी, बिजली परी ने गुस्से से राजकुमार सूर्य से कहा," तुम्हारी इतनी हिम्मत तुमने हमारी राजकुमारी परी को kaid में किया , मैं तुम्हें अब छोडूंगी नहीं । "
सारी परियां राजकुमार सूर्य के ऊपर हमला करने लगी पर
परियो की राजकुमारी एक तरह से राजकुमार के लिये ढाल का काम कर रही थी क्यों के राजकुमारी के साथ होने के चलते सीधे तोर पर परियो की रानी हमला नहीं कर सकती थी इस लिये राजकुमार उस परियो की राजकुमारी को अपने साथ रखे हुवे था उसे कही जाने नहीं दे रहा था।
क्यों के राजकुमारी की तलवार खुद मे एक शील्ड तैयार करती है जिसके चलते सभी परियो के वारो से राजकुमार सूर्या को बचा रही थी, परन्तु बाकी के परियो के तलवार से राजकुमारी की तलवार ज्यादा शक्तिशाली थी इस लिये उसका सामना परिया नहीं कर पा रही थी वैसे भी राजकुमार एक अच्छा तलवारबाज भी था तूफानी पारी ने चिल्लाते हुए राजकुमार सूर्य से कहा, " अभी तो हम सब परिया जा रही हैं पर हम सब जल्द ही लौटेंगी और यह बोलकर तूफानी परी वहाँ से चली गई जिस वजह से बाकि सब परिया हार मान कर वापस लोट गई।
वही अब उस परी के पँख कट चुके थे जिस वजह से वह अब उड़ कर वापस आसमान मे नहीं जा सकती थी और साथ ही उसने अब अपनी जादूयी शक्तिया भी खो दी थी, जिस वजह से अब राजकुमार सूर्या ने फोर्स फूली उस परी को अपने पास रख लिया जिस वजह से
पहले तो वह परी राजकुमार से नफ़रत करती थी
क्यों की उस वजह से वह वापस अपने घर नहीं जा सकती थी इस सबके बिच उस परी ने राजकुमार सूर्या से
उसकी तलवार चुराने की भी कोशिश की थी पर वह कभी कामयाब नहीं हो पायी थी पर बाद मे राजकुमार सूर्या ने ज़ब एक बार परी को दलदल मे डूब ने से बचाया था, एक बार अजगर से तो एक बार मगरमछ से भी बचाया था जिस वजह से वह परी राजकुमार सूर्या की अच्छाई देख कर उस को राजकुमार सूर्या से प्यार हो गया था ।
परी ने राजकुमार सूर्या से कहा, " मैं आप से प्यार करती हूँ " परी की बात सुन कर राजकुमार ने भी प्यार भरी नजरों से परी को देखते हुए कहा, " मुझे भी एक परी जैसी पत्नी ही चाहिए थी, मुझे ये कहा पता था की मुझे एक परी ही पत्नी के रूप मे मिलेगी। "
यह बोल कर राजकुमार सूर्या हसने लगा, उसकी बात सुन कर और उसको हस्ते हुए देख कर परी ने नाराजगी से राजकुमार सूर्या से कहा, " मतलब तुम मेरे से प्यार नहीं करते, बस इसलिए मुझे अपनी पत्नी बनाना चाहते हो क्यों की मैं एक परी हूँ। "
परी की बात सुन कर राजकुमार सूर्या ने परी से कहा, " बिल्कुल नहीं मेरी रानी परी मैं तो आप से प्यार करता हूँ आपके परी होने से नहीं, वरना परियो ने तो मुझे कैद कर लिया था, मुझे परी से प्यार होना, नामुमकिन था, मुझे तो आपकी मासूमियत भरी बातो, आपकी इन मासूम आँखो और आपकी ये मेरे से दूर जाने की शरारती हरकतों से प्यार हुआ है। "
राजकुमार सूर्या की बात सुन कर परी के चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान खिल गई और फिर उसने खुद ही आगे बढ़ कर राजकुमार सूर्या के होठो पर अपने होठ रख दिए । परी की इसलिए हरकत पर राजकुमार सूर्या के चेहरे पर एक मुस्कान खिल गई।
फिर राजकुमार और परी ने विवाह करने का फैसला कर लिया पर जिस दिन राजकुमार सूर्या और परी रूही का विवाह था उस दिन ही बाकि की सब परियो ने राजकुमार सूर्या पर हमला किया पर ज़ब उनको यह पता चला की आज राजकुमार सूर्या का विवाह परी रूही से है तो वह सब परिया ख़ुश हो गई , अब राजकुमार सूर्या की शादी मे सब परिया भी मौजूद थी क्यों की परियो को अब राजकुमार सूर्या से किसी भी तरह की परेशानी नहीं रही क्यों की राजकुमार सूर्या परी ruhi का पति था और उन सब का राजा था और राजकुमार सूर्या परी के साथ राजमहल वापस लोट आया, जिस वजह से राजकुमार की भाभियों के होश उड गए, क्यों की सब परिया परी रूही को खुद विदा करने महल तक आई थी।
दूसरी बात यह की अब राजकुमार का विवाह एक बला की खूबसूरत परी के साथ हो चूका था इसलिए वजह से उन सब के होश उड़े हुए थे इस के साथ ही अब राजकुमार सूर्या और परी रूही की राजमहल की जिंदगी शुरू हो गई , पर राजकुमार सूर्या की भाभियाँ उसकी परी पत्नी से जलती थी, पर वह इसके अलावा और कुछ कर भी नहीं सकती थी। क्यों की परी रूही की राजकुमार सूर्या से विवाह करते ही उसकी सारी शक्तिया जो उसके पास वापस आ गई थी। क्यों की ज़ब किसी परी की शादी होती थी तो उसकी शक्तिया पहले से ज्यादा बढ़ जाती थी इस वजह से उसके पास जो पहले शक्ति दी, जो उसने खो दी थी वह वापस आ गई थी और अब परी और राजकुमार सूर्या एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे।