कहानी है एक ऐसी लड़की चेरी की जो चाहती है उसे एक ऐसा लड़का मिले जो बेड बॉयफ्रेंड टाइप हो क्यूंकि वह बोल्ड मिजाज की है। तो कहानी की शुरुआत होती वंश से जो की एक बेहद फेमस सुपरस्टार है और चेरी उसकी सेक्रेटरी है तो वंश पसंद करता है लेकिन बंदे की फटती है क... कहानी है एक ऐसी लड़की चेरी की जो चाहती है उसे एक ऐसा लड़का मिले जो बेड बॉयफ्रेंड टाइप हो क्यूंकि वह बोल्ड मिजाज की है। तो कहानी की शुरुआत होती वंश से जो की एक बेहद फेमस सुपरस्टार है और चेरी उसकी सेक्रेटरी है तो वंश पसंद करता है लेकिन बंदे की फटती है क्यूंकि चेरी एकदम बोल्ड और डार्क वाइब वाली है जिसे बोल्ड रोमांस पसंद है ये खुलेआम मुंह पर सब बोल देती है...गजब की बला है ये जो वंश के गले लिपट गई और दोनों ने कॉन्ट्रैक्ट साइन किया की 6 महीने साथ गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड बनके रहेंगे अगर पसंद आया तो ठीक वरना अपने अपने रास्ते 🔥🔥 लेकिन क्या ये चंद महीने कैसे गुज़रेँगे और इन्ही सब प्यार मोहब्बत धोके में पलटी है कहानी..🔥🔥
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वंश तृप्ति को बाहों में जकड़े धीमे-धीमे गुनगुना रहा था।
“होंट रसीले तेरे… होंट रसीले…
दिल करता है तेरा ये रस पी लूँ…!!”
“हट बदमाश…!!” तृप्ति हँस पड़ी।
“अरे ज़रा ज़ोर से…”
कितनी…!? वंश शरारती अंदाज़ में आइब्रो उठा गया।
तृप्ति आँखें घुमाकर बोली, “इतनी कि मेरी सिसकियाँ नहीं, चीखें निकल जाएँ…!!”
तृप्ति ने वंश के शर्ट के बटन खोलने शुरू किए और उसका हाथ उठाकर अपने सीने पर रख लिया।
“कट… कट… आउटस्टैंडिंग…!!” डायरेक्टर सर सिटी बजाने लगे।
वहाँ मौजूद प्रोड्यूसर और कैमरामैन के भी मुँह में पानी भर आया था।
“थैंक्यू सर…!!” तृप्ति और वंश मुस्कुराकर सबकी तरफ़ देखने लगे।
“इसलिए थोड़ा हमारे वंश को रोमांस किंग बोला जाता है… हर लड़की के साथ ऐसे सेट हो जाता है जैसे हर सब्ज़ी में आलू…!!”
वंश सिगरेट होंठों में दबाकर मुस्कुरा पड़ा। “सर… हीरोइन, मतलब सेकंड लीड में जो लड़की साथ होगी, वह कहाँ है…!? अभी तक डिसाइड नहीं हुई है क्या…!?"
“तुम अगर बुरा ना मानो तो एक बात करनी थी…” डायरेक्टर अर्जुन एक तरफ़ देखने लगे।
वंश सांवले नज़रों से उनकी तरफ़ देखने लगा।
“चेरी… मतलब हमारी चित्रा… वह इस रोल में फिट बैठ रही है… मैंने कई बार कहा भी, पर उसने मना कर दिया… तुम्हारी तो असिस्टेंट है, तुम समझाओ ना…!!” अर्जुन सर की बात पर वंश ने ना में गर्दन हिलाई।
“सर, रहने दीजिये… हम सिर पटक के मर भी जाएँगे ना तो भी वह तैयार नहीं होगी… उसे मुझसे चिढ़ है…!!” वंश हँस पड़ा।
चेरी बालों को रफली जूड़ा बनाये प्रोड्यूसर से बातों में लगी थी। वह चौंककर पीछे मुड़ी तो तृप्ति उसकी तरफ़ देख इशारे में कुछ कह गई जिस पर चीकू फ्लाइंग किस कर गई।
गोरा, दूधिया रंग, आँखों में बड़े-बड़े पिंक फ्रेम वाला चश्मा और वाइट टी-शर्ट पर शॉर्ट ऑरेंज पैंट पहने हुए वह हमेशा की तरह लापरवाह लग रही थी।
“पतली होती जा रही हो, कुछ खाती-पीती नहीं हो क्या…!?" वंश उसके करीब आ खड़ा हुआ, लेकिन चेरी ने उसकी तरफ़ कोई ध्यान नहीं दिया।
“सुना है तुम लेस्बियन हो… लड़कों से नफ़रत करती हो… तुम्हें लड़कियाँ पसंद हैं क्या…!?" वंश कहाँ उसे इतनी आसानी से यूँ ही छोड़ने वाला था।
अभी कुछ ही दिन पहले अर्जुन सर ने चित्रा को वंश के लिए अपॉइंट किया था।
“तुम्हारी आँखें इस तरह सूजी क्यों हैं? रात भर सोई नहीं थी क्या…!?" जानबूझकर वंश उससे फालतू सवाल कर रहा था।
चेरी भी पीछे मुड़ी और बोली, “हाँ सर, एक्चुअली मेरा एक बॉयफ्रेंड है… मैं और वह लिव-इन में रहते हैं और क्या बताऊँ आपको, वह मुझे रात को सोने ही नहीं देता है…!!”
वंश की आँखें फटी की फटी रह गईं। वह तो चेरी को कोई शर्मीली लड़की समझ रहा था, लेकिन इस तरह का जवाब… उसे बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी।
चेरी कई बड़े-बड़े सुपरस्टार के साथ काम कर चुकी थी और ऐसे माहौल में रहने की आदत बन चुकी थी… ऐसे घटिया लोग और फालतू की फ्लर्ट…
“वैसे तुम बहुत ज़्यादा मुँहफट हो…!” वंश ने ये महज़ इसलिए कहा ताकि चेरी को गुस्सा आ जाए।
“तुम्हारी उम्र क्या है…!?" वंश को तो वह अपनी उम्र से ज़्यादा समझदार लगी।
“उम्र इतनी हो गई है कि आराम से बच्चे पैदा कर सकती हूँ…!!” चेरी स्क्रिप्ट वंश की तरफ़ बढ़ा गई।
वंश के होश उड़ गए क्योंकि आज पहली बार चेरी ने उससे खुलकर बात की थी।
“तुम्हें पसंद क्या है…!? मतलब तुम्हारी हॉबीज़ वगैरह…!!” वंश उसकी तरफ़ झुककर नरमी से देखने लगा।
“मुझे… अच्छा मुझे फिंगरिंग करना पसंद है…!!” चेरी अपनी हाथों की उंगलियों को गौर से देखने लगी।
“मुझे भी पसंद है… हाथों में रिंग पहनना बहुत पसंद…” वंश बोलते-बोलते चौंक गया क्योंकि चेरी बहुत ही सेक्सी अंदाज़ में उंगलियाँ लचका रही थी।
“आप जाकर पोगो देखिए… वैसे भी आप छोटे बच्चे हैं, जाए जाकर दूध पीजिये…!!” चेरी आँख मारकर वहाँ से चली गई।
वंश के गाल शर्म से धँस गए।
चेरी थकी हुई अपने फ्लैट में आई और कानों में हेडफ़ोन लगाए बोल रही थी, “हाँ, मैं घर पहुँच गई हूँ डैडी… बाद में बात करूँगी…!!”
“नहीं, अभी तक सिंगल हूँ… कोई लड़का फँसता ही नहीं है पता नहीं क्यों, सब मुझसे मिलने के बाद, मेरी बातें सुन दूर भाग जाते हैं… साले सबकी फटती है मुझसे… कोई ऐसा खतरनाक, गज़ब कमीना मिला ही नहीं जो मुझे संभाल सके… ओके ओके सॉरी, आइन्दा गाली नहीं दूँगी डैडी… बाय डैडी…!!”
कॉल कट कर चेरी ने ठंडी साँस ली।
“अब कहाँ से ढूँढूँ बॉयफ्रेंड… नकली बॉयफ्रेंड बनाना पड़ेगा… वरना डैडी किसी चुतिया को पकड़ मेरी शादी करवा देंगे…” चेरी सिर पकड़े बैठ गई।
चेरी को कोई अच्छा, शरीफ़ लड़का नहीं चाहिए था… उसे एक बेड बॉय चाहिए था जो बस उसे चाहे… जो डर्टी माइंड के साथ-साथ लॉयल हो… सिर्फ़ उसकी ज़रूरत का ख्याल रखे और उसे खतरनाक हद तक प्यार करे और उसे सेटिस्फ़ाइड कर सके… लेकिन आज तक उसे ऐसा कोई मिला ही नहीं…
उसकी पसंद की एक लम्बी लिस्ट थी जो कभी पूरी ही नहीं होती थी, इसलिए आज तक वह सिंगल बैठी हुई थी।
क्रमशः
वंश ने ज़ज़्बात से लबरेज़ आवाज़ में कहा, “मैं तुम्हें छूना चाहता हूँ… पाना चाहता हूँ… पूरी तरह हासिल करना चाहता हूँ… और अब ये दूरी बर्दाश्त नहीं होती… आओ मेरी बाँहों में समा जाओ…!!” वह ज़बरदस्ती अपनी गर्लफ्रेंड तृप्ति के होंठों को चूमने लगा।
चेरी की नज़र उन दोनों पर गड़ी हुई थी। सीन कट हुआ, और चेरी तृप्ति के पास खिसक आई।
“ये तो जबरदस्त सीन था…!!” बोली चेरी।
“हाँ, थैंक्स… लेकिन सच में वंश सर बहुत ज़्यादा जेंटल हैं। किस तो किया, लेकिन जल्दी ही पीछे हट गए। वरना तुझे क्या बताऊँ, मेरे साथ क्या-क्या हुआ है…!!” तृप्ति पुरानी बातें बताने लगी। वह एक एक्ट्रेस थी और फ़िल्म इंडस्ट्री में रहते हुए उसने काफ़ी कुछ अनुभव कर लिया था।
वंश फिर एक बार दोनों के करीब आ खड़ा हुआ।
“हेलो चेरी… कैसी हो…?”
“जी, बिलकुल ठीक नहीं हूँ… आप जाएँ और मेकअप आर्टिस्ट से हुलिया सही करवा लीजिये…!!” चेरी की बात सुनकर वंश का मुँह टेढ़ा हो गया।
“मेरे साथ कॉफ़ी पर चलोगी…?” वंश झिझकते हुए सवाल किया।
चेरी ने ना में गर्दन हिलाई। “नहीं, सॉरी… मैं नहीं जा सकती…!!”
“क्यों? मुझमें आखिर क्या बुराई है जो तुम मुझे यूँ इग्नोर करती हो…!!” वंश बोला। चेरी मुस्कुराती हुई हाथ झाड़ने लगी।
“क्योंकि मैं आप जैसे लोगों की नियत अच्छे से जानती हूँ…!!”
“अरे नहीं यार… नॉर्मली दोस्त की तरह कॉफ़ी पर इनवाइट कर रहा था। नहीं जाना है तो कोई बात नहीं…” वंश आगे बढ़ गया।
तृप्ति चेरी के कान में आहिस्ता से बोली, “एक्चुअली वंश सर की आज तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनी है। ये सिर्फ़ ऑन स्क्रीन ही रोमांस करते हैं। असल ज़िन्दगी में फट्टू हैं, प्यार-व्यापार से दूर भागते रहते हैं…”
चेरी ने हाँ में गर्दन हिलाई।
सुबह से प्रोडक्शन हाउस में काम करके वह थक गई थी।
“वंश सर… चलिए गा…” चेरी ने वंश के बाज़ू में उंगलियाँ फिराना शुरू कर दिया।
वंश के गाल लाल पड़ गए।
“कहाँ चलना है…?”
“साथ में बैठते हैं… दो जाम पीएँगे और थकान उतारेंगे…!!” चेरी ने बालों को कान के पीछे करके दिलकश आँखों से देखकर इशारा किया। वंश का दिल बुरी तरह तेज़ी से धड़कने लगा था।
वंश के साथ वह कॉर्नर में आ बैठी। कुछ ही देर में दोनों हाथों में शराब से छलकता ग्लास लिए बार में बैठे थे।
दो-तीन ग्लास गटकने के बाद वंश को चढ़ने लगा।
“बस हो गया… और नहीं पीना है…!!” वंश का सर भारी हो गया।
“ओके, चलिए फिर घर चलते हैं… मैं आपको ड्रॉप कर दूँगी…!!” चेरी ने बिल पेमेंट करके वंश को संभालकर बाहर ले आई।
कार में ड्राइविंग सीट पर बैठकर चेरी बोली, “आप जीपी रोड में रहते हैं ना…!!”
वंश ने हाँ में गर्दन हिलाई।
“तुम अपने घर ले चलो प्लीज़… तुम्हारे बॉयफ्रेंड से मिलना है…” वंश तकलीफ़ से बोला।
चेरी हँस पड़ी और कतई आँखों में खुमार लिए बोली, “मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है…!! आप घर चलिए, आपको चढ़ गई है…”
वंश नरमी से बोला, “मतलब मेरा चांस है…”
“आहा, नहीं, बिलकुल नहीं… मैं आप जैसे लड़कों को मुँह नहीं लगाती हूँ…!!” चेरी कार चलाने लगी।
वंश गुस्से में बोला, “क्या… क्या बुराई है मुझमें…? हाँ बोलो! मैं कोई ऐसा-वैसा लड़का नहीं हूँ… एक उभरता हुआ सुपरस्टार और तुम्हें पता है मैं एक शरीफ़, अच्छा लड़का हूँ। प्लस, मैं तुमसे शादी करने को तैयार हूँ…”
चेरी हँसे जा रही थी।
“आप मुझसे छोटे हैं… मैं 30 की हूँ और आप 28 के हैं…”
“ये भी कोई फ़र्क है… मैं तुम्हें खुश रखूँगा…” वंश कन्विन्स करने की कोशिश में लग गया।
“आप बिस्तर में कैसे हैं…?”
वंश समझा नहीं, लेकिन दूसरे ही पल चिढ़ के बोला, “तुम किस तरह के सवाल करती हो…!!”
“जो पूछ रही हूँ, वो जवाब दीजिये, तभी मैं आपको बॉयफ्रेंड बनाऊँगी…!! मुझे बस इज़्ज़त चाहिए और थोड़े बहुत बेसिक नीड्स… बाकी मैं चाहती हूँ कोई मुझे बहुत ही ज़्यादा बेरहमी और बेशर्मी से चाहे… मुझे पूरी तरह सेटिस्फ़ाइड कर सके… और मैं… मैं तो हाहाहाहा… मैं तो 24/7 हॉर्नी रहती हूँ…!!”
वंश खामोश हो गया।
“चलिए, आपका घर आ गया है। और हाँ, आज की सारी बातें भूल जाना… बाय, गुडनाइट सर…!!” चेरी ने गाड़ी एक अपार्टमेंट के आगे रोकी।
वंश गाड़ी से नीचे उतरकर बोलने लगा, “मैं तुम्हारी बहुत इज़्ज़त करता हूँ… बहुत पसंद हो…” वंश बोलते-बोलते वहीं बेहोश हो गया।
चेरी फ़्रस्ट्रेशन से बाहर आई और वंश को सहारा देकर अपार्टमेंट में ले गई।
जब अगली सुबह वंश की आँख खुली, तो उसे बहुत ज़्यादा सुकून का एहसास हुआ। अपना सिर किसी मुलायम, गद्देदार बिस्तर पर रखा हुआ महसूस हुआ। लेकिन जब पूरी तरह आँख खुली, तो वंश ने अधखुली चादर को देखा, जिससे लिपटा वह सो रहा था। चेरी उस पर झुकी हुई कुछ बोल रही थी।
वंश उठा और चेरी को देखने लगा जो टी-शर्ट और शॉर्ट ट्राउज़र पहने बोल रही थी, “अब कैसा फील कर रहे हैं…?”
“बहुत ही ज़्यादा अच्छा लग रहा है…!!” वंश की नज़र चेरी की गोरी-गोरी, दूधिया टाँगों पर जा अटकी।
“मेरी टाँगें खूबसूरत हैं ना…? ये आपके कंधे पर रखी हुई और ज़्यादा अच्छी लगेंगी…!!” चेरी जानबूझकर टाँगें फैलाकर बैठ गई।
वंश को शर्म सी आई और उसने मुँह फेर लिया। पहली बार था जो वह इतनी बोल्ड लड़की से मिला था।
“खैर, आप शर्माते रहिये… मैं चलती हूँ…!!” चेरी अपना पर्स उठाकर जाने लगी, कि वंश ने कहा,
“क्या तुम सच में मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी…?”
“हम्म… लेकिन मुझे 69 पोजीशन पसंद है…!!” चेरी आँखें घुमा गई।
“ये क्या होता है… मैं… मैं इतनी बार, मतलब 69 बार नहीं कर सकता हूँ…!!” वंश घबरा गया। तो चेरी ने दाँतों तले होंठ चबाकर दिलकश लहजे में बोला,
“आपको बहुत कुछ सीखना पड़ेगा। कोई नहीं, मैं हूँ ना… सब कुछ झँझोड़-निचोड़कर रख दूँगी…!!”
वंश मुँह पर हाथ रखकर चेरी की बातों को समझने की कोशिश करने लगा।
क्रमशः…
चेरी दांतों तले होंठ चबाकर दिलकश लहजे में बोली—
"आपको बहुत कुछ सीखना पड़ेगा। कोई नहीं, मैं हूँ ना। सब कुछ झंझोड़-निचोड़ कर रख दूंगी।"
वंश मुँह पर हाथ रख चेरी की बातों को समझने की कोशिश करने लगा।
"ठीक है। कल कॉन्ट्रैक्ट तैयार रखिएगा। मैं भी अपना कॉन्ट्रैक्ट तैयार रखूँगी।" चेरी की नज़र वंश के पैंट के खुले ज़िप पर जमी थी।
वंश आइब्रो उठाकर गंभीरता से सवाल किया—"कैसा कॉन्ट्रैक्ट…?"
चेरी गला खँखार कर बोली—"हम्मम्, अच्छा सवाल है। मेरी कुछ शर्तें हैं जिन्हें आपको हर हाल में माननी होंगी और बाकी कल आपको पता चल ही जाएगा। अच्छा हाँजी, एक और बात, अगर आपको भी कुछ शर्तें रखनी हैं तो बेझिझक रख सकते हैं।"
चेरी सारी बातें क्लियर करके चली गई।
वंश ने ठंडी साँस भरी और उठकर वार्डरोब खोला। तौलिया और कपड़े वगैरह निकालते हुए उसकी नज़र ढेरों तस्वीरों पर गई जो किसी और की नहीं, चेरी की थीं। वह ठहर सा गया और चेरी की तस्वीर को घूरने लगा।
"जितनी सीधी दिखती हो, उससे ज़्यादा तेज़-तर्रार है। एकदम कतई ज़हर।" वंश मुस्कुराहट लिए वार्डरोब बंद कर वाशरूम में शॉवर लेने चला गया।
चेरी कैब में बैठी सोचती ही रही—
"क्या वंश को डेट करना सही रहेगा…? कहीं मैं किसी मुसीबत में ना पड़ जाऊँ। वह जाने-माने स्टार है, कहीं कोई स्कैंडल ना बन जाए…? ओके, ओके चेरी, ज़्यादा मत सोच। सिर्फ़ छह महीने की बात है। तब तक के लिए बर्दाश्त कर ले, फिर ब्रेकअप कर लेना।" चेरी खुद को समझाती रही।
फिर उसने अपने लॉयर से कॉल कर कॉन्ट्रैक्ट बनवा लिया।
जब दूसरे दिन वह कॉन्ट्रैक्ट के पेपर लेकर वंश के यहाँ पहुँची तो वह भी सोफ़े पर बैठा गंभीरता से कुछ सोच रहा था।
"क्या सोचा है फिर…?" चेरी ने अपना कॉन्ट्रैक्ट पेपर वंश की तरफ़ बढ़ा दिया।
वंश ने भी अपना कॉन्ट्रैक्ट पेपर उसकी तरफ़ बढ़ा दिया।
चेरी भी सोफ़े पर बैठ पेपर पढ़ने लगी।
"मेरी रेस्पेक्ट करनी होगी।" वंश तेज़ आवाज़ में पढ़ने लगा।
"दूसरा, मेरे पर्सनल स्पेस में झाँक-ताँक करने की कोई ज़रूरत नहीं है।"
"तीसरा, जब मैं थककर घर आऊँगी तो खाना बना हुआ रहना चाहिए। मुझे समय पर कॉफ़ी चाहिए।"
"सोने से पहले कडल करना… और एक सेक्स सेशन करना। और अगर रात को आँख खुले तो रात भर…"
वंश रुक गया—"ये क्या बकवास लिखवा लिया है…?"
चेरी के माथे पर बल पड़ गए और वह चीखकर बोली—"इस बात का मतलब क्या है? आपने कॉन्ट्रैक्ट पेपर में क्या लिखवाया है कि मेरा टेस्ट करवाएँगे कि मैं वर्जिन हूँ कि नहीं…?"
वंश ने शांत लहजे में कहा—"क्यों? ऐसे ही। ये नॉर्मल बात है… और हम जिस प्रोफ़ेशन में हैं वहाँ तो ये नॉर्मल…"
चेरी बात काटकर बोली—"नॉर्मल बात? ये आपके लिए नॉर्मल बात है? एक लड़की से ये कहना कि तुम वर्जिन हो कि नहीं…!? मैंने आपसे तो ये नहीं पूछा कि आप कितनों के साथ सो चुके हैं। आप तो इतने बड़े सुपरस्टार हैं और नॉर्मली हर फ़िल्म में आप किसिंग सीन, इंटिमेट सीन करते हैं तो… आप हुए पाक-पवित्र और मैं हुई चरित्रहीन…?"
चेरी माथे पर उंगलियाँ फेरने लगी और बोली—"इसलिए मैं किसी रिलेशन में नहीं आना चाहती थी। हर कोई करैक्टर पर शक करता है… कि ये तो फ़िल्म इंडस्ट्री से है, ये तो करैक्टरलेस ही होगी। इसलिए आज मैं ऐसी मुँहफट और बदतमीज़ हो गई हूँ।" चेरी बोलती हुई पर्स उठाकर दरवाज़े की तरफ़ बढ़ने लगी, तभी वंश ने उसकी कलाई पकड़ ली।
"अच्छा यार, सॉरी… माफ़ कर दो। अब इतनी छोटी-छोटी बातों पर लड़ोगी…?" वंश उसके कमर में बाज़ू बाँध गया।
"अगर आज मैं वर्जिन ना होती ना तो आपके साथ यहाँ इस स्टुपिड से कॉन्ट्रैक्ट को पढ़ ना रही होती। ज़िस्म की भूख तो कोई भी मिटा सकता है, लेकिन प्यार की भूख और मार एक ही मिटा सकता है।" चेरी कड़वे लहजे में बोली।
"ओके, ओके। यकीन है यार तुम पे। चलो अब जल्दी से बाकी की शर्तें पढ़ लो और पेपर में साइन कर बन जाओ मेरी गर्लफ़्रेंड।" वंश एक्साइटेड था।
अपना गुस्सा कण्ट्रोल कर चेरी वापस बैठ गई और बाकी की चीज़ें पढ़ने लगी।
"मेरे साथ वीकेंड में पार्टी करनी होगी।"
चेरी पेन लेकर टिक कर गई—"ओके, मंज़ूर है।"
"बाद में साथ में कार्टून्स देखनी पड़ेगी।" वंश हँस पड़ा और चेरी की तरफ़ देखने लगा।
"तुम कार्टून्स देखती हो…?"
"हाँ, आपको कोई प्रॉब्लम है क्या…?" चेरी की एक खतरनाक मुस्कान ही वंश को खामोश करवा गई।
"प्रिंसेस ट्रीटमेंट… और उम्र में बड़ी हूँ तो आप कहकर बुलाना।"
"ओके, डन मैडम।" वंश पेन से टिक कर गया।
"मुझ पर कभी गलती से भी आवाज़ मत उठाना और रोब झाड़ने की तो कोशिश भी मत करना।"
"खाना बनाना… बर्तन मैं धो दूँगी और फिर तुम्हारी गोद में बैठ घंटों प्यार भरी बातें…"
"ये सब तुम सच में चाहती हो…?"
"हाँ… हाँ…!" चेरी हाँ में जोर-जोर से गर्दन हिलाने लगी।
"देखो बात ये है कि मैं बचपन से पाँच भाइयों के बीच पली-बढ़ी। कभी भी कोई लड़का मेरे आस-पास भटका भी नहीं। स्कूल और कॉलेज में कई लड़कों के हाथ-पैर मेरे भाइयों ने तोड़े क्योंकि उन्हें ये बर्दाश्त नहीं था कि उनकी बहन को कोई आँख उठाकर भी देखे। इसके अलावा मुझे बचपन से ही रोमांस करने का शौक था। मैं कोचिंग बंक कर रोमांटिक इंग्लिश मूवी देखने जाती थी। एक बार पापा ने पकड़ा तो कुटाई भी हुई थी। वह भी क्या दिन थे।" चेरी नज़रें छत पर जमाए बहुत ही धीमे अंदाज़ में मुस्कुरा रही थी।
वंश जोश में बोला—"वॉव! मतलब मैं तुम्हारी ज़िन्दगी में आने वाला पहला लड़का हूँ।"
चेरी ने हाँ में गर्दन हिला दी।
क्रमशः
वंश जोश में बोला, “वाह! मतलब मैं तुम्हारी ज़िन्दगी में आने वाला पहला लड़का हूँ!!
चेरी ने हाँ में गर्दन हिला दी।
चेरी सर्द लहजे में बोली, “लेकिन हाँ, एक बात याद रखना, मेरे साथ रहना है तो डोंट बी स्मार्ट। जो मैं बोलूँ, जैसा मैं बोलूँगी, वही करना होगा!! मुझे वफ़ादार कुत्ते पसंद हैं, ना कि भौंकने वाले!! इसलिए याद रखना, ये ट्रायल डेटिंग सिर्फ़ छह महीने के लिए है। अगर पसंद आये तो ठीक, वरना अपने-अपने रास्ते चल देंगे।!!”
वंश की आँखों में मोहब्बत उतर आई। “हम्म, डरो नहीं। एक बार ये ट्रायल शुरू हुआ तो तुम कहीं नहीं जाओगी। और मुझे उम्मीद है, छह महीने बाद तुम खुद अपने हाथों से इस कॉन्ट्रैक्ट पेपर के दो टुकड़े कर फाड़ कर फेंक दोगी। तुम्हें मुझसे पागलपन की हद तक मोहब्बत हो जाएगी। हम शादी कर लेंगे और हैप्पी लाइफ़ गुज़ारेंगे।!!”
चेरी मन में खुद से बोली, “हाँ हाँ, सपने में। मैं इतनी आसानी से प्यार में पड़ने वाली नहीं हूँ। सिर्फ़ छह महीने, फिर जब डैडी को विश्वास हो जाएगा कि मेरा बॉयफ्रेंड है, वह मेरा पीछा छोड़ देंगे।!!”
दोनों ने अपने-अपने मकसद को गाँठ बाँधकर पेपर में सिग्नेचर किया।
“हम अब आधिकारिक तौर पर गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड बन गए हैं।!!” वंश ने कहा। तो चेरी ने भी हाँ में गर्दन हिला दी।
“तब क्या मुझे आपके साथ आकर इस फ्लैट में रहना होगा।!!” चेरी ने एक नज़र पूरे फ्लैट पर दौड़ाई।
वंश मुस्कान लिए बोला, “बिलकुल नहीं। अब से हम अपने बंगले में रहेंगे। चाहत बंगला जानती हो ना।!!”
चेरी हाँ में गर्दन हिला गई। “हाँ, जानती हूँ।”
“गुड। तब वहीं हम दोनों शिफ्ट होंगे और छह महीने तक साथ रहेंगे।”
चेरी खामोश ही रही और गहरी सोच में पड़ गई।
थोड़ी देर बाद चेरी इज़ाजत लेकर चली गई।
चेरी के जाते ही वंश दिल पर हाथ रख, ज़ोर से ख़ुशी में चीख़ पड़ा। ख़ुशी तो इतनी थी कि दिल कर रहा था आसमान में उड़ने का। जिससे प्यार करता था, वह लड़की खुद चलकर उसके पास आई थी और अब गर्लफ्रेंड भी बन गई थी।
“शुक्रिया भगवान जी। मैं सचमुच चित्रा को बहुत ख़ुश रखूँगा, बस आप उसे मुझसे कभी जुदा मत करना।” वंश मन ही मन भगवान से प्रार्थना करने लगा।
चेरी घर आई और कपड़े उतारकर सिर्फ़ इनरवियर में ही सोफ़े पर बैठ गई। चेरी के दिमाग़ में सिर्फ़ वंश की गहरी मुस्कान समा गई थी।
“क्या सच में ये लड़का इतना शरीफ़ और भोला दिख रहा है जितना है? या फिर ये कोई सुपर कमीना है जो मेरे सामने नाटक कर रहा है।!! खैर, देख लूँगी। मुझसे बचकर जायेगा कहाँ।!?” चेरी आँखें बंद कर, अपने गर्दन पर उँगलियाँ फिराती हुई ठंडी साँस भर रही थी।
“सब्र…सब्र…बस कुछ ही दिन की बात है…मेरा ये खूबसूरत बदन सेराब हो जायेगा और कोई रात दिन इसे पानी देकर हरा-भरा रखेगा। ये सूखी-रूखी जवानी रंगीन हो जाएगी।!!” चेरी मन में सोच रही थी।
“वंश जैसा भी हो, लेकिन अच्छा है। बातें बड़ी प्यारी करता है और… अरे, मैं क्यों लगातार उसके बारे में सोच रही हूँ।!!” चेरी ने माथे को पकड़ लिया।
कुछ ही देर में वह सिगरेट होंठों में दबाए, सुकून से आँखें बंद किये बेड पर लेट गई।
दूसरे दिन जब वह शूटिंग वाले लोकेशन में पहुँची तो काफ़ी लड़कियाँ ऑडिशन देने आई थीं। चेरी सब पर एक नज़र डालकर अंदर प्रोड्यूसर वर्मा के पास चली गई।
“सर, आज बड़ी भीड़ है।!?”
वर्मा चेरी को देख बोला, “ओह्ह्ह चित्रा, आओ। तुम्हारा ही इंतज़ार था। देखो कितनी भीड़ लगी है ऑडिशन के लिए। ये सब बस वंश के साथ काम करने, उसकी एक झलक देखने के लिए आई हैं।!!”
चेरी ऊपरी होंठ दाँतों तले दबाकर हाँ में गर्दन हिला गई।
वर्मा ने चेरी के कंधे पर बाज़ू रखा और झुककर कानों में कुछ कहने लगे, जिसे सुन चेरी के चेहरे में भी हँसी आ गई। उसी वक़्त वंश बिना इज़ाजत कमरे में आ गया और चेरी और वर्मा सर को नज़दीक देख, सर्द निगाहें लिए बोला,
“लगता है मैं ग़लत वक़्त में आ गया।!”
वंश बोलकर चला गया।
“इसे क्या हुआ है।!?” वर्मा चेरी की तरफ़ देखने लगा जो ना में गर्दन हिला रही थी।
“एक्चुअली सर, ये मेरे बॉयफ्रेंड हैं।!!”
“ओह्ह्ह…पोज़ेसिव…समझ गया।!!” वर्मा जानबूझकर चेरी को छेड़ने लगा तो वह रूम से बाहर निकल आई।
वंश मेकअप वैन में बैठा, सिगरेट होंठों में दबाए पी रहा था।
“वंश सर…गुस्सा हो गए क्या।!?” चेरी सीने में हाथ बाँधकर वंश की तरफ़ इशारा करने लगी।
वंश तंज से मुस्कुराकर बोला, “अरे नहीं…मैं कहाँ गुस्सा हूँ। मेरी गर्लफ्रेंड किसी से इतना फ़्री होकर बात कर रही है, इससे मुझे क्या प्रॉब्लम होगी। मैं तो ओपनमाइंडेड हूँ।”
चेरी चिढ़ गई। “ज़्यादा जलने की ज़रूरत नहीं है। वर्मा सर मेरे अंकल हैं, समझे आप।!!”
वंश उठ खड़ा हुआ। “अंकल…वह प्रोड्यूसर वर्मा…क्या कहा अंकल।!!”
चेरी बोली, “हाँ जी, अंकल हैं, वह भी सगे वाले। बस मैंने आज तक बताया नहीं, वरना लोग साफ़ कहते कि अंकल की सिफ़ारिश की वजह से जॉब मिली है।”
“आज तो मेरा ऑफ़ है इसलिए मैं जल्दी सामान बंगले में शिफ़्ट करवाने जा रही हूँ। मेरे ज़्यादा सामान नहीं हैं वैसे…ठीक है फिर आप आराम से आना, तब तक के लिए मैं चलती हूँ।” चेरी बाय करने लगी।
“अच्छा, मुझे ये बताओ…तुम सबसे पहले घर जाकर क्या करना पसंद करती हो।!!” वंश चेरी को और ज़्यादा करीब से जानना चाहता था।
चेरी सोचने लगी, फिर लापरवाही से बोली, “मैं घर जाते ही सबसे पहले आज़ाद करती हूँ।!!”
वंश फिर कुछ नहीं समझा।
चेरी ने सीने पर हाथ रख कहा, “आज़ाद का मतलब…ब्रा की हुक खोलकर इन बड़े-बड़े पंछियों को आज़ाद करना जो दिन भर कैद में रहते हैं।!! आप सच में कुछ नहीं समझते या मेरे सामने ड्रामा करते हैं।!! आप भी घर जाकर अंडरवियर वगैरह चेंज नहीं करते या यूँ ही घूमते रहते हैं।!!”
वंश कुछ नहीं बोला। वंश की नज़र चेरी के सीने में ही गड़ी रह गई, वह पलकें झपकना ही भूल गया। ये कसा हुआ गज़ब ढाता बदन…अच्छे-अच्छों की नियत डगमगा सकता था।
“ऐसे अजीब तरह से घूर रहे हैं…जल्दी घर आना, आज आपको दूध पिलाऊँगी, तब जाकर आपको सब्र होगा।!!” चेरी फ्लाइंग किस करती हुई चली गई।
वंश उसके जाते ही वापिस से चेयर में गिर गया और आँखों में हाथ रख शर्मा गया।
वंश की नज़र चेरी के सीने में ही गड़ी रही। वह पलकें झपकना ही भूल गया। यह कसा हुआ, ग़ज़ब ढाता बदन... अच्छे-अच्छों की नियत डगमगा सकता था।
“ऐसे अजीब तरह से घूर रहे हैं... जल्दी घर आना। आज आपको दूध पिलाऊँगी, तब जाकर आपको सब्र होगा।” चेरी फ्लाइंग किस करती हुई चली गई।
वंश उसके जाते ही वापस चेयर में गिर गया और आँखों में हाथ रखकर शर्मा गया।
चेरी चाहत बंगले में अपना सारा सामान लेकर पहुँच गई थी। बंगले में मौजूद नौकरों ने चेरी का सारा सामान कमरे में पहुँचा दिया।
चेरी सबको शक की नज़र से देख रही थी और ढेर सारे सवालों की बौछार कर रही थी।
“इस बंगले में पहले कौन रहता था…?”
“मुझसे पहले यहाँ और कितनी लड़कियाँ रहने आ चुकी हैं…?”
“तुम्हारे वंश साहब की कितनी गर्लफ्रेंड्स रह चुकी हैं…?”
“मेरे बारे में क्या-क्या जानते हो…?”
नौकरों में ज़्यादातर सब अधेड़ उम्र के मर्द ही थे।
“मैडम जी, यह बंगला जिसमें आप खड़ी हैं, वह वंश बाबा की पुश्तैनी ज़मीन पर बना है और यहाँ छोटी मालकिन रहती थी। कभी-कभी बड़ी मालकिन भी आती थीं, लेकिन अब सब बाहर सेटल हो गए हैं तो बाबा भी शहर जाकर फ़्लैट में रहते हैं। कभी-कभी यहाँ रहने आते हैं। लेकिन कल ही उन्होंने कॉल पर कहा था कि वह और उनकी होने वाली पत्नी कुछ दिनों के लिए यहाँ रहने आयेंगे तो बस हम उनकी ख़िदमत के लिए तैयार हो गए।” एक नौकर, जो हेड था, वह चेरी को समझाने लगा।
चेरी अपने बालों की लट को उंगली में लपेट कर बोली, “अच्छा, यह बड़ी और छोटी मालकिन कौन हैं…?”
एक नौकर आगे आया और बोला, “वंश बाबा की मम्मी और बुआ।”
चेरी समझने वाले अंदाज़ में गर्दन हिला गई और सिगरेट पैंट की पॉकेट से निकालकर होंठों में दबा लिया। वहाँ खड़े सारे नौकर चौंक गए।
“किसी के पास लाइटर होगा…?” चेरी उन सब के चेहरे पर उड़ी हवाइयाँ देख समझ गई कि वे लोग क्या सोच रहे हैं।
“रहने दो।” चेरी ने सिगरेट नीचे ज़मीन पर फेंक दिया और फिर उंगली उठाकर बोली, “मैं सिगरेट नहीं पीती, बस कभी-कभार... खेर, हटाओ और तुम सब की आज से छुट्टी। अब अगर ज़रूरत पड़ेगी तो बुला लूँगी।”
सब नौकर हैरत से चेरी को देखते हुए वहाँ से चले गए। चेरी झुकी और वापस से सिगरेट उठाकर होंठों में दबा लिया। चेरी ने घूम-घूम कर पूरे बंगले का अच्छे से जायज़ा लिया। बंगला था बहुत बड़ा और शानदार... चीनी मिट्टी की मूर्तियाँ, काँच के बर्तन और लकड़ियों से बना मज़बूत फ़र्नीचर...
चेरी किसी गहरी सोच में डूबी हुई थी।
“यह वंश के मन में क्या सूझी जो वह शहर से इतने दूर मेरे साथ रहना चाहता है…? कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं…?” चेरी का दिमाग़ ज़रूरत से ज़्यादा सोच रहा था।
वैसे चेरी को हमेशा से ऐसे सुकून भरे माहौल भाते थे... शहर की आबादियों से दूर अपना छोटा सा घर हो... प्यार करने वाला साथी और दोनों मिलकर खूब मस्ती करें।
“आपको बंगला पसंद आया, मैडम…?” वंश पीछे खड़ा, दरवाज़े पर एक हाथ टिकाए, चेरी को मोहब्बत से देख रहा था।
चेरी को कुछ अजीब सा खटका लगा। वंश खड़ा, गंभीरता से उसे ही देख रहा था, लेकिन आँखें बहुत ज़्यादा गंभीर थीं।
“आपको यह चोट कैसे लगी…?” चेरी भी कोई डरपोक नहीं थी। वह चलती हुई वंश के करीब आई और अपनी उंगलियों से वंश के माथे के ज़ख्म को सहलाने लगी।
“यहाँ आस-पास जंगल ही जंगल है... बस आते हुए एक मज़बूत पेड़ से टकरा गया।”
चेरी भी गंभीर आवाज़ में बोली, “अगर किसी पेड़ से टकराते तो सिर्फ़ सर में ज़ख्म लगता, आपके चेहरे में तो ख़ून के छींटे भी हैं।”
“हम्म... असल बात यह है कि एक लड़की को बचाने चला गया था, रास्ते में कुछ गुंडे...”
चेरी हाथ उठाकर आगे बोलने से रोक गई, “बस, बस समझ गई... मुझसे झूठ बोलने की कोई ज़रूरत नहीं है। अगर आपकी जगह मैं होती तो उन गुंडों को मौत के घाट उतारकर ही आती।”
वंश मुस्कुराकर उसके कंधे पर सिर रख गया।
“सच में आप मैडम जी... बहुत कमाल हैं।”
चेरी वंश का हाथ पकड़े अपने ऊपर रूम में ले आई और सिर की मरहम-पट्टी कर दी। चेरी के चेहरे पर दुनियाँ-जहाँ का सुकून था और वह ठंडे-ठार लहजे में वंश का हाथ पकड़े बोली, “मुझे इस बात की खुशी है कि आप सिर्फ़ फिल्मों में नहीं, रियल लाइफ़ में भी हीरो हो। एक लड़की की इज़्ज़त बचाना, उसके लिए लड़ना बहुत ही अच्छी बात है।”
चेरी की बात सुन वंश की हरी आँखें शर्म से लाल पड़ गईं तो चेरी हँस पड़ी। सारा सीरियस माहौल एक पल में ख़त्म हो गया।
“इतनी शर्म आपको क्यों आती है…?” चेरी हँसती ही रही।
वंश का मुँह फूल गया।
चेरी हँसते हुए बोली, “अगर इतना शर्माएगा तो कैसे काम चलेगा? पता नहीं यह 6 महीने आपके साथ कैसे गुज़रेंगे।”
वंश नज़रें उठाकर चेरी को देखने लगा जो हँसते हुए हद से ज़्यादा प्यारी लग रही थी।
“क्या इज़ाज़त है कि आपको प्यार कर सकूँ…?”
“हाहाहाहा... हाहाहाहा...” चेरी वंश की बात सुन बेड पर गिर गई और पैर पकड़े हँसने लगी।
“हँस क्यों रही हो? तुमने ही तो कहा था मुझसे इज़्ज़त से बात करना। अब इज़्ज़त दे रहा हूँ तो तुम्हें हज़म नहीं हो रही है…?” वंश चिढ़ गया और बाजू रखकर उसके बगल में ही लेट गया।
“सो... सॉरी आप प्लीज़... नॉर्मल ही बात कीजिये।” चेरी अटक-अटक कर बोली क्योंकि ज़्यादा हँसने की वजह से साँसें फूलने लगी थीं।
“वैसे सच-सच बताना, तुम्हें मुझमें सबसे ज़्यादा क्या अच्छा लगता है…? तुमने जो मुझे बॉयफ्रेंड बनने के लिए कहा तो मुझमें तुम्हें क्या पसंद आया, बताओ मुझे…?” वंश की बात पर चेरी भी बाजू मोड़कर अपना सिर टिका गई और मुस्कान दबाती हुई बोली, “नहीं बताऊँगी... अगर बताया तो आप फिर मुझे बेइज़्ज़त कहेंगे।”
वंश ने हाँ में गर्दन हिलाई।
क्रमशः
“वैसे, सच-सच बताना, तुम्हें मुझमें सबसे ज़्यादा क्या अच्छा लगता है…?”
“तुमने जो मुझे बॉयफ्रेंड बनने के लिए कहा, तो मुझमें तुम्हें क्या पसंद आया, बताओ मुझे…!”
वंश की बात पर चेरी ने बाज़ू मोड़कर अपना सिर टिका लिया और मुस्कान दबाती हुई बोली, “नहीं बताऊँगी… अगर बताया तो आप फिर मुझे बेशर्म कहेंगे।”
वंश ने हाँ में गर्दन हिलाई।
“मुझे… जिस दिन आप शराब की वजह से बेहोश हो गए थे ना, तो मैं आपके फ़्लैट में आई थी…”
चेरी बोलती-बोलती होंठ दबा गई क्योंकि फिर उसे हँसी आने लगी थी।
“क्या बोल रही हो? कुछ समझ नहीं आ रहा है…!” वंश को कुछ भी समझ नहीं आया।
“आपके पैंट की ज़िप खुली थी और आपने अंडरवियर नहीं पहना था…!”
चेरी ने मुँह पर हाथ रख लिया। चेहरा लाल पड़ने लगा क्योंकि बात ही कुछ ऐसी थी।
“आपका… डंडा… खड़ा था…!”
“जब मैंने आपका इतना बड़ा और लंबा हथियार देखा तो सोचा आप मेरी गहराइयों में उतरकर मुझे सुकून दे सकेंगे…! तो बस सोचा आप जैसा अच्छा और हॉट बंदा मुझे नहीं मिलेगा, इसलिए कहा बॉयफ्रेंड बनने को… हीहीही…!”
वंश लाजवाब हो गया।
“छी…!” वंश ने तकिया उठाकर चेरी के मुँह में मार दिया।
“लड़की होकर बेशर्मी की बातें करती हो…!” वंश ने दो-तीन तकिए चेरी पर फेंक-फेंक कर मारे। चेरी हँसती ही रही।
“आप तो ऐसा बोल रहे हैं जैसे आप कच्ची-कमसिन कली हैं और मैं आपकी इज़्ज़त पर डाका डाल रही हूँ…!” चेरी उठी और घुटना मोड़कर वंश की तरफ़ झुकी। वह शर्म से चेरी की नशीली आँखों में देखने लगा। वंश की नज़रें फिर चेरी के होंठों पर जम गईं। होंठों पर डार्क रेड लिपस्टिक लगी हुई थी, लेकिन हलकी सियाही देखकर वह समझ गया कि ज़्यादा सिगरेट पीने की वजह से है।
“तुम बहुत ज़्यादा सिगरेट पीती हो ना…?”
“हाँ-हाँ, मैं एक चैन स्मोकर हूँ… अगर सिगरेट नहीं पीती हूँ तो सिर दर्द करता है, नशा खिंचता है… वही अजीब सा लगता है…!”
“हम्म्म… हम्म्म… मैं भी दिन में एक-दो सिगरेट पी ही लेता हूँ…!” वंश चेरी की कमर में बाज़ू डाल गया।
“मैं आपसे दो क़दम आगे हूँ, मतलब दिन में एक डिब्बा सिगरेट पीकर ख़त्म कर देती हूँ…!” चेरी ने अपने लंबे नाख़ूनों, जिनमें पिंक कलर का नेल पेंट लगा था, वंश के सामने कर दिए।
“कैसे हैं…?”
वंश ने नेल आर्ट देखकर बोला, “बहुत ख़ूबसूरत हैं… इतने लंबे नाख़ून…!”
चेरी दाँत निकाल गई।
“आप मुझसे कई गुना ज़्यादा अच्छे हैं…!”
“मेरी तो आदतें भी बिगड़ी हुई हैं, फिर क्यों मेरे साथ ज़बरदस्ती रिलेशन में आए? मैं तो पागल हूँ, आवारा हूँ, मिजाज़ में ख़राबी है… चिड़चिड़ी और मुँहफ़ट हूँ, फिर क्यों… क्यों…?” चेरी वंश के चेहरे को छूकर उदासी से हँस पड़ी।
“मैंने कहा ना, मेरे साथ कुछ दिन रहो, खुद समझ जाओगी…!” वंश चेरी को सीने से लगा गया।
चेरी कुछ समझ नहीं पाई, बस वंश के सीने से लगी उसकी बेरहम धड़कनों को सुनने लगी।
फिर चेरी लैपटॉप निकालकर बैठ गई और काम में बिज़ी हो गई।
वंश शावर ले आया और किचन में जाकर खाना बनाने लगा। जब खाना बन गया तो वंश कॉफ़ी तैयार कर चेरी के कमरे में आ गया।
“मैडम जी, कॉफ़ी…!”
“हाँ जी, शुक्रिया आपका…!” चेरी धीमे आवाज़ में बोली तो वंश उसके पास ही आकर बैठ गया।
“शर्ट पहन लीजिए… ठंड लग जाएगी…!” चेरी कॉफ़ी का कप हाथों में लिए वंश की तरफ़ देखने लगी, जिसके मज़बूत डोले-शोले, चौड़ा-चक्कला सीना सामने आँखों में खटक रहा था।
चेरी ने एक हाथ से खुद को थप्पड़ लगाया और नज़रें फेरकर मन में बोली, “फ़ोकस चित्रा… फ़ोकस कर काम में…!” “अब तो साथ में ही रहना है तो थोड़ा सब्र से रह… वरना ये तुझे ठरकी समझेगा… वैसे भी जब से हम मिले हैं तब से तू ओल जलूल ही बोल रही हूँ…!”
“मैं कुछ हेल्प करूँ…!” वंश लैपटॉप चेरी की गोद से लेते हुए बोला।
“अरे नहीं… आप रहने दीजिए, मैं कर लूँगी…!” चेरी ने ना में गर्दन हिलाई।
वंश ने लेकिन चेरी को लैपटॉप वापिस नहीं किया।
चेरी ने साइड ड्रॉअर खोलकर सिगरेट का पैकेट ढूँढ़ने लगी, लेकिन उसे नहीं मिला।
“आपने मेरी सिगरेट का पैकेट देखा है क्या…?” चेरी बेचैनी से सामान हटा-हटाकर ढूँढ़ रही थी।
वंश लापरवाही से बोला, “मैंने फेंक दी… अब से तुम सिगरेट नहीं पियोगी…!”
चेरी ने जैसे ही यह बात सुनी, वह वंश पर भूखी शेरनी की तरह झपट पड़ी। वंश ने लैपटॉप साइड रख दिया।
“क्या कहा आपने…!”
“आपकी इतनी हिम्मत कि…” चेरी गुस्से की वजह से बोल ही नहीं पाई।
“भूल गई तुम… मेरी भी शर्तें थीं कि तुम मेरी हर बात मानोगी…!” वंश चेरी के बालों को सहलाने लगा।
“मैंने भी बोला था, मुझ पर रोब मत झाड़ना और साथ ही मेरे पर्सनल स्पेस में आप टांग नहीं अड़ाएगा…!” चेरी का गुस्सा शांत ही नहीं हो रहा था। उसे हर हाल में अभी एक सिगरेट चाहिए थी, अगर सिगरेट ना मिलता तो वह वंश का खून ही कर देती।
“मैडम जी, अब आपकी सेहत का ख्याल रखने की ज़िम्मेदारी मेरी है…!” वंश बोलते-बोलते सख़्ती से उसके बालों को मुट्ठियों में जकड़ गया।
“अह्ह्ह… पागल… पागल हो गए हैं क्या? छोड़िए…!” चेरी दर्द से कराह उठी।
वंश की पकड़ बहुत मज़बूत थी। चेरी वंश का हाथ छुड़ाने की कोशिश भी नहीं कर पा रही थी।
“कहते हैं एक वक़्त में दो नशा नहीं किया जा सकता…” वंश ने दूसरे हाथ से चेरी का जबड़ा पकड़ा और अपने चेहरे के करीब कर गया। चेरी बस वंश को देखे जा रही थी।
वंश ने झटके से चेरी के होंठों को अपने होंठों की कैद में ले लिया। चेरी कुछ नहीं बोली, बस वंश के कंधे को जकड़े रही। वंश चेरी के होंठों को धीरे से चूमकर दूर हुआ।
“अब ठीक है…!”
चेरी ने हाँ में गर्दन हिला दी।
“अब जब सिगरेट पीने का दिल करे, मेरे पास आ जाना… सिगरेट से ज़्यादा नशा मेहबूब के होंठों में होता है…!”
चेरी कुछ नहीं बोली और कमरे से एक नज़र वंश पर डालती हुई बाहर निकल गई।
वंश वापिस से लैपटॉप लेकर काम करने में बिज़ी हो गया।
क्रमशः
वंश ने झटके से चेरी के होंठ अपने होंठों में कैद कर लिए।
चेरी कुछ नहीं बोली, बस वंश के कंधे को जकड़े रही।
वंश चेरी के होंठों को धीरे से चूमकर दूर हुआ।
“अब ठीक है…!!”
चेरी ने हाँ में गर्दन हिला दी।
“अब जब सिगरेट पीने का दिल करे, मेरे पास आ जाना… सिगरेट से ज़्यादा नशा महबूब के होंठों के स्पर्श में होता है…!!”
चेरी कुछ नहीं बोली और कमरे से एक नज़र वंश पर डालती हुई बाहर निकल गई।
वंश वापस से लैपटॉप लेकर काम करने में व्यस्त हो गया।
चेरी बाहर कमरे से निकली और अपने होंठों को उंगलियों से छूने लगी।
देर रात तक चेरी हॉलरूम में इधर-उधर घूमती ही रही।
पूरे पाँच घंटे से उसने एक भी सिगरेट नहीं पी थी, इसलिए अब उसे बहुत अजीब सी बेचैनी होने लगी थी। वह एक सोफ़े पर आराम से बैठी, लेकिन उसकी बेचैनी कम नहीं हुई थी। बस उसे सिगरेट पीनी ही थी।
“बस कहीं से एक सिगरेट मिल जाए…!!” चेरी मन में खुद से बोली।
ज़ोर से अपने हाथों को झटका और बालों को बेमतलब ही जूड़े में बाँधने लगी।
“सोना नहीं है क्या…?” वंश की आवाज़ पर चेरी उठी और आँख मसलती हुई बोली,
“मुश्किल है… बहुत मुश्किल है…!!”
वंश ठंडी साँस भरकर रह गया। “आजाओ… चलो आओ सोने चलो…!!”
चेरी सिर पकड़कर बोली, “मुझे… मुझे इन्सोम्निया है… तो आप जाकर सो जाएँ…!!”
वंश फ़िक्र से बोला, “क्या… मतलब तुम स्लीपिंग पिल्स खाकर सोती हो…!!”
चेरी ने हाँ में गर्दन हिला दी।
वंश सोचने लगा…
चेरी सिर पकड़े रही।
वंश चेरी के करीब आया और बोला, “ये सब कब से है…?”
चेरी याद करके बोली, “तकरीबन एक साल से है… जबसे मुंबई शिफ़्ट हुई हूँ, अकेले रहने लगी, फिर अकेलेपन में ही ये गलत आदतें लग गईं… और कुछ भाइयों की संगति का नतीजा है।”
वंश चेरी के बालों को गर्दन से एक तरफ़ करके बोला, “मैं ये आदतें सुधार सकता हूँ…!!” वंश बोलकर चेरी की गोरी, सुराहीदार गर्दन पर झुका और अपने जलते अंगारे होंठ रगड़ने लगा।
यह पहली बार था चेरी के लिए जब कोई यूँ करीब आया था। चेरी के बदन में कपकपी दौड़ गई।
चेरी को लेकिन सुकून मिला। वह भी हमेशा से चाहती थी कि कोई उसे ख़तरनाक हद तक जाकर प्यार करे।
वंश प्यार से गर्दन चूमने लगा तो चेरी उसके बालों को मुट्ठियों में जकड़कर अपने गर्दन से हटाती हुई बोली, “ये क्या कर रहे थे…!!?”
वंश डर गया और घबराते हुए बोला, “मैडम आपने ही तो कहा था आपको वफ़ादार कुत्ते पसंद हैं…”
चेरी वंश की घबराहट देख भरपूर अंदाज़ में मुस्कुराई और उसकी दाढ़ी को उंगलियों से खुजाती हुई बोली, “अब्बे तो अचानक से यूँ कूद नहीं जाते, पहले सिग्नल देते हैं और धीरे-धीरे शुरू करते हैं…”
वंश अपने गालों पर चेरी की उंगलियाँ महसूस कर सँहह उठा।
“ले… लेकिन मेरा ये फ़र्स्ट टाइम था… इसलिए गड़बड़ हो गई जी…!!”
चेरी ने हँसी दबा ली। चेरी ने यह नहीं बताया कि वह खुद अंदर से तड़पी और तरसी हुई है।
चेरी वंश के कानों में झुककर बोली, “पगले, ये मेरा भी पहली दफ़ा है… तुझे यकीन नहीं होगा क्योंकि मैं थोड़ी ठरकी हूँ, बाकी मैं खुद तुझे काटना चाहती हूँ…!!”
वंश का गला सूख गया।
“वैसे पता है… कुत्ते सिर्फ़ वफ़ादारी नहीं निभाते हैं, बल्कि चाटने में भी माहिर होते हैं…!!” चेरी की बात पर वंश की हालत ख़राब हो गई।
वंश ख़ामोश ही रहा।
चेरी ने वंश का चेहरा दोनों हाथों से पकड़ा और अपने सीने में रखकर दबा लिया।
“अब बाक़ी सब तेरे हवाले… जो करना है कर… बस थोड़ी सी सुकून दे ताकि ये बावला मन शांत हो जाए…!!”
वंश को पसीने छूट गए। वह धड़कते दिल को शांत करवाने लगा और खुद को बुरा-भला कहने लगा।
वंश ने कई फिल्मों में रोमांटिक सीन किए थे, लेकिन अब तक किस से आगे की बात नहीं बढ़ी थी। वह रोमांस में बातें करना जानता था, उसका हर रोमांस केयरिंग वाला होता था।
लेकिन चेरी के साथ तो बात ही अलग थी। अब रियल लाइफ़ में एक लड़की जो उसकी गर्लफ़्रेंड थी, वह उसे खुद से सामने से बोल रही थी कि प्यार करो और वह बेवकूफ़ की तरह रिएक्ट कर रहा था।
वंश ने खुद को झिड़का, “वंश… तू मर्द है, हिम्मत कर…!!”
वंश ने अपने बाज़ू चेरी की कमर में बाँधा और ठंडी साँस ली। वंश का सिर चेरी के सीने में रखा हुआ था।
“ओह्ह्ह… ये दुनिया में सबसे ज़्यादा मुलायम और नर्म चीज़ों में से एक है…”
चेरी वंश के बालों में उंगलियाँ चलाती जा रही थी।
“क्या हो गया… आप ठीक तो हैं…!!?” चेरी वापस से अपने पुराने लहजे में आ गई।
वंश झटके से दूर हुआ और लंबा-लंबा साँस लेने लगा।
“वंश जी… क्या हुआ…!? पानी लाऊँ आपके लिए…!?" चेरी वंश की पीठ रगड़ने लगी।
वंश ने चेरी की तरफ़ देखा जो बेहद प्यारी और दिलकशी लिए हुए थी, कातिल आँखें और गुलाबी गाल…
वंश ने बिना देर किए एक लंबी साँस अंदर खींची और चेरी को धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और अचानक ही उसके होंठों पर होंठ रखकर चूमने लगा। चेरी को तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।
चेरी ने उसे रोका नहीं, वह कुछ ज़्यादा ही जोश में आ गया था। बहुत ही आराम से, धीरे-धीरे वह चेरी के होंठों पर ज़ुबान फेरते हुए अपने होंठों से चूस रहा था।
फिर थोड़ी देर बाद वह होंठों पर हथेली जमाए चेरी को देख रहा था जो बेहद गुस्से में उसे घूर रही थी।
क्रमशः
चेरी ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की। वह कुछ ज़्यादा ही जोश में आ गया था। बहुत ही आराम से, धीरे-धीरे वह चेरी के होंठों पर ज़ुबान फेरते हुए, अपने होंठों से चूस रहा था।
थोड़ी देर बाद वह अपनी हथेली चेरी के होंठों पर रखे उसे देख रहा था। चेरी बेहद गुस्से में उसे घूर रही थी।
“बस हो गया! मेरा आपके साथ गुज़ारा नहीं होने वाला!!”
गुस्से से चेरी जाने लगी तो डर से वंश ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला,
“प्लीज मुझे मौका दो। ये मेरे लिए एक्सपीरियंस नया है। क्योंकि पहली बार मेरी गर्लफ्रेंड बनी है।”
चेरी ने खिसिया कर मन में कहा, “मैं ही पागल थी जो इसे मैच्योर लड़का समझ लिया।”
वंश गंभीरता से बोला, “तुमने ही तो कहा था ना कि तुम मुझे सब सिखा दोगी।”
चेरी वापस बैठ गई।
“कहाँ फँस गई मैं!?”
वंश धीमे लहजे में बोला, “मैं सच में थोड़ा घबरा गया था। चेरी, मैं डरता हूँ कहीं तुम्हारे जज़्बात को ठेस ना पहुँचे। मैं ऐसी कोई हरकत नहीं करना चाहता हूँ जिससे तुम्हें बुरा लगे। बाकी मैं सचमुच तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और पक्का प्रॉमिस करता हूँ, अब तुम जो बोलोगी वही करूँगा।”
चेरी चेहरे पर हाथ रखे वंश की तरफ देखने लगी।
“मुझे इज़्ज़त चाहिए। लेकिन… अगर आप मेरी इतनी इज़्ज़त नहीं… प्रिंसेस ट्रीटमेंट भी चाहिए, लेकिन बेड पर नहीं, रोमांस करते वक़्त नहीं। आपको चाहिए कि आप उस वक़्त डोमिनेंट हो जाएँ। मुझे कंट्रोल करें, बेरहम बन जाएँ।”
वंश ने हाँ में गर्दन ज़रूर हिलाई थी, लेकिन चेरी समझ गई कि बंदा बकलो ल है।
“आपको भी इंग्लिश मूवीज़ देखनी चाहिए।”
वंश खुशी से बोला, “मैंने कई अच्छी-अच्छी मूवीज़ देखी हैं, जिसे देखकर मैं इमोशनल हो जाता हूँ। सनम तेरी कसम, वीर ज़ारा, कभी खुशी…”
चेरी जल्दी से बोली, “बस बस, समझ गई! आप इस तरह क्यों हो गए हैं! वंश जी, अगर आपको अब रोमांटिक होना है तो इंग्लिश मूवीज़ देखिए, वो भी गंदी वाली!”
वंश का मुँह बन गया। लेकिन चेरी की एक खतरनाक नज़र ही काफ़ी थी।
“हाँ, देख लूँगा। लेकिन अब पक्का तुम्हें ना उम्मीद नहीं करूँगा, बल्कि खतरनाक रोमांटिक मूड में आ जाऊँगा।”
चेरी बस हाँ में गर्दन हिला गई और कमरे में सोने चली गई।
“ये अपने साथ-साथ मेरा भी वक़्त बर्बाद कर रहे हैं।”
चेरी के जाते ही वंश मुस्कुरा पड़ा।
सुबह हुई तो सबसे पहले चेरी उठी और ब्रश करते हुए बालकनी में जाकर खड़ी हो गई। सुबह का शानदार नज़ारा, ठंडी हवाएँ और चिड़ियों की चहचहाट भरी रसीली आवाज़ कानों में सुनने में भली लग रही थी। एक तरफ़ फैला पूरा जंगल था।
चेरी मुँह ब्रश कर वंश को उठाने आई।
“उठ जाएँ! आपको शूट पर भी जाना है!”
चेरी चीखने लगी क्योंकि वंश उठने का नाम ही नहीं ले रहा था।
“बस दो मिनट!”
चेरी काफ़ी देर से “दो मिनट-दो मिनट” सुन पक गई। उसने एक झटके से चादर खींची तो हैरान रह गई। वंश जल्दी से उठा और गोद में तकिया रख बोला,
“इस तरह नहीं उठाया जाता है। कुछ लड़कों वाली बातें भी होती हैं। समझा करो।”
चेरी हाथ उठाकर बोली, “ज़्यादा ओवररिएक्ट करने की ज़रूरत नहीं है। ये सब कॉमन प्रॉब्लम है। सुबह-सुबह नुनु-मुनु सब लड़कों के ही खड़े होते हैं! उठिए और दफ़ा हो जाएँ।”
वंश दाँत निकालकर बोला, “गर्लफ्रेंड अपने बॉयफ्रेंड को मॉर्निंग किस देकर उठाती है!”
चेरी गुस्से में बोली, “अगर आपकी वजह से मैं लेट हुई ना, फिर देखना आप!”
वंश गिरते-पड़ते वाशरूम की तरफ़ भागा। फिर वह वाशरूम से शॉवर लेकर रूम में आया तो चेरी की नज़रें उस पर ही टिक गईं। पानी की नन्ही बूँदें वंश के टाइट मस्कुलर बॉडी में शबनम की बूँदों की तरह चमक रही थीं। वह रोज़ जिम जाने वाला मज़बूत बंदा लगता था।
चेरी ने मन में खुद से कहा, “इतनी ज़बरदस्त बॉडी होने का क्या फ़ायदा जब ये खुद मुझसे इतना ज़्यादा शर्माता है।”
चेरी उठी और वंश को पीछे से जाकर बाँहों में जकड़ लिया। वंश कुछ नहीं बोला, बस चेरी का तपता बदन उसके होश उड़ा रहा था।
“आप ऐसे क्यों हैं!?”
“मतलब क्या? मैं क्या हूँ!?”
वंश पीछे नहीं मुड़ पाया क्योंकि चेरी ने सेक्सी अंदाज़ में उसके चौड़े सीने को हलके हाथों से मसलना शुरू कर दिया था।
“चेरी, सच में यार, तुम बहुत ज़्यादा रोमांटिक हो। अगर इस तरह ही करोगी तो रोज़ हम लेट हो जाएँगे।”
वंश उसके हाथों को पकड़कर अपने होंठों तक ले गया और प्यार से चूम गया।
“अच्छा, वादा किया है ना कि तुम्हें ढेर सारा प्यार करूँगा। फ़िलहाल मुझे तैयार होने दो।”
वंश आगे कुछ बोल ही नहीं पाया क्योंकि चेरी की आँखें उसके चेहरे पर ही जम गई थीं।
“अच्छा, बताओ क्या चाहती हो!”
चेरी वंश के करीब आई और शरारती मुस्कान के साथ वंश का तौलिया खींचकर नीचे फेंक दिया।
“मैं यही चाहती हूँ कि आप मुझसे शर्म करना छोड़ दीजिए।”
चेरी ने बालों को रफ़ली बाँधा।
वंश कुछ भी नहीं बोला, बल्कि चेरी की तरफ़ देखकर बोला, “बहुत बदमाश हो तुम!”
चेरी वंश के बदन से अपना बदन रगड़ती हुई बोली, “अभी आपने मेरी बदमाशी देखी कहाँ है! आप घबराएँ नहीं। आज आपको जन्नत की सैर कराऊँगी, बस आँखें बंद कर लीजिए।”
वंश ने सच में आँखें बंद कर लीं क्योंकि चेरी के जिस्म की गरमाहट अब उसके बदन में भी महसूस हो रही थी। चेरी झुककर बैठ गई और धीरे से वंश के पेट पर हाथ फेरती हुई नीचे आई।
वंश के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगीं।
“अह्ह्ह्ह…अह्ह्ह मैडम!”
चेरी अपने गरम हथेली का स्पर्श लिए बेरहमी से मसल रही थी। फिर वह उठ खड़ी हुई और वंश के गर्दन पर ज़ुबान चलाने लगी और दूसरी तरफ़ उसके हाथ भी अपने कामों में लगे थे। वंश थोड़ी ही देर में एक लंबी सिसकी लेकर झटके खाने लगा।
“अह्ह्हह्ह्ह्ह…अह्ह्ह मैडम जी…ये क्या किया…बहुत ज़्यादा ही मज़ा आया!”
वंश बुरी तरह चेरी के चेहरे को पकड़े चूमने लगा। चेरी ने कुछ नहीं कहा। वंश का चेहरा लाल पड़ गया था, वही चेरी की भी हालत थी। वंश को दुबारा शॉवर लेना पड़ा।
चेरी की आँखों में मिलन के दिए जल उठे थे। जिस तरह वंश उसे पकड़कर मोहब्बत से थामता था, उस वजह से चेरी भी बेकाबू हुए जा रही थी। दिल भी धड़कने लगा था।
क्रमशः
वंश का चेहरा लाल पड़ गया था; चेरी की भी हालत ऐसी ही थी।
वंश को दुबारा शॉवर लेना पड़ा।
चेरी की आँखों में मिलन की दीप जगी हुई थीं। जिस तरह वंश उसे प्यार से थामता था, उस वजह से चेरी भी बेकाबू होती जा रही थी। दिल धड़कने लगा था।
वंश सेट पर पहुँचा, उसके पीछे-पीछे चेरी भी पहुँची।
आज एक-दो सीन को दुबारा बदलकर शूट करना था, इसलिए वंश वापस से स्क्रिप्ट पढ़ने लगा।
चेरी बेकासूर यहाँ-वहाँ फिल्म सेट में घूम रही थी। आज तृप्ति के कई दोस्त आए थे।
सबको चेरी जानती थी।
अचानक चिराग सामने आ गया और आँखों से चश्मे उतारकर बोला,
"तुम्हें तो मैंने ब्लैकलिस्ट कर दिया था, फिर भी तुम अभी तक यहीं पड़ी हो।!!"
चेरी चिढ़े हुए अंदाज़ में बोली, "सब तुम्हारे तरह बेवकूफ़ नहीं हैं। टैलेंट की सबको क़द्र है।!!"
चिराग हँस पड़ा, "टैलेंट…हाहाहाहा…टैलेंट…तुम्हें आखिर क्या आता है।!!?"
चेरी आगे बढ़ने लगी, "तुमसे मुँह लगाना ही बेकार है।"
"ओहो…अंकल वर्मा की वजह से तुम्हें जॉब मिली होगी, है ना।!!"
चिराग की बात सुन चेरी गुस्से में मुट्ठियाँ भींच गई, "हाँ तो…तुम भी तो अपने पापा की वजह से सुपरस्टार बने हो।!!"
चिराग हँस पड़ा तो चेरी गुस्से में बोली, "हँसते हुए आज भी सूअर जैसे लगते हो।!!"
चिराग और ज़्यादा हँसने लगा ताकि चेरी को गुस्सा आए, और वैसा ही हुआ।
कुछ देर बाद वंश वहाँ पहुँचा तो चौंक गया। चिराग चेरी का हाथ पकड़े कुछ बोल रहा था और चेरी अपने पैर से उसके पैरों में ठोकर मार रही थी।
वंश चिराग को जानता था। चिराग ने कई हिट फ़िल्में दी थीं, पर वह ज़्यादातर विलन का ही रोल करता था।
वंश ने देखा ना ताओ, चिराग के करीब जाकर उसका हाथ झटक दिया और उसके सीने में एक ज़ोरदार मुक्का जड़ दिया। वह ज़मीन पर गिर गया।
फिर दूसरे ही पल चेरी ने गुस्से में वंश की तरफ़ देखा और एक मोटी-सी गाली दे डाली।
"चिराग, तुम ठीक तो हो।!!" चेरी दौड़कर चिराग के करीब गई और सहारा देकर उसे उठाया।
वंश को कुछ समझ नहीं आया।
चेरी की आँखों में खून उतर आया, "आपकी हिम्मत कैसे हुई मेरे भाई पर हाथ उठाने की।!?"
चिराग ने चेरी को पीछे से पकड़ लिया और कहा, "शांत…शांत…लगता है कोई गलतफ़हमी हुई है।!!"
वंश गड़बड़ा गया, "क्या……ये…ये तुम्हारा भाई है।!!?? मुझे लगा ये तुम्हें परेशान कर रहा है।!!"
चेरी झपटती हुई बोली, "पहले पूरी बात तो जान लेते…ऐसे ही किसी पर हाथ नहीं उठाते।!!"
चिराग बुरी तरह चेरी को संभालने की कोशिश में लगा था और वह अब भी हँसते जा रहा था।
"अरे शांत…छोटी सी चेरी…ग़लती हो गई बेचारे से…रहने दे।!!"
वंश सही में दोनों का तमाशा देख सोचने लगा, ये दोनों भाई-बहन हैं…सच में।!?
थोड़ी देर बाद जब गुस्सा थमा तो चेरी दोनों के सामने कमर पर हाथ रखे खड़ी थी।
"वैसे वंश, मेरे भाई…तुझे इतना बुरा क्यों लगा? अगर मैं अपनी बहन को छेड़ भी रहा था तो तुझे इतनी मिर्ची क्यों लग रही थी।!?" चिराग चेरी के गाल पकड़ने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह बार-बार उसका हाथ झटक देती थी।
वंश थोड़ा शर्मिंदा होकर बोला, "सॉरी…वह मैं और चेरी…!!"
चेरी वंश के बाजू को पकड़ती हुई बोली, "ये मेरा बॉयफ्रेंड है।!! तुझे कोई प्रॉब्लम है क्या।!?"
चिराग के चेहरे पर गंभीरता आ गई, लेकिन वह फिर हँस पड़ा और इस बार यह हँसी ख़तरनाक हँसी में तब्दील हो गई। वंश को तो चेरी का भाई भी पागल ही लगा।
"बॉयफ्रेंड…हाहाहाहा अच्छा मज़ाक है।!!"
"चार दिन की चाँदनी फिर काली रात है।!! भाई तुझे इसमें क्या दिखा जो ऐसी ख़तरनाक लड़की को गर्लफ्रेंड बना लिया? तू डरकर भागा नहीं।!?"
चेरी ने एक मुक्का चिराग के पेट में मारा तो वह हँसते हुए वहाँ से चला गया।
चेरी ने ठंडी साँस ली।
"ये चुगलखोर ज़रूर बड़े भाया और पापा को मेरी चुगली करेगा।!!"
"तुम्हारी फैमिली इंटरेस्टिंग लगती है।!!" वंश चेरी को देखने लगा जो परेशान सी दिखने लगी थी।
"हाँ जी, वैसे आपके भाई-बहन कितने हैं।!!?" चेरी ऐसा ही सवाल कर गई।
वंश याद करता हुआ बोला, "मैं अकेला हूँ…और हाँ हमारा बहुत बड़ा परिवार है…बुआ, चाचा, चाची, मामा, मामी, फूफा, ताई अम्मा…ताऊजी…पापा, मम्मी…भागना, भगनी…"
"बस बस समझ गई…" चेरी हाँ में गर्दन हिला गई।
"वैसे तुम्हारे बाकी भाई भी फिल्मों में हीरो का काम करते हैं क्या।!?" वंश के सवाल पर चेरी ज़बरदस्ती मुस्कुराई।
"मेरे घर में भाया…वह सब माफ़ी…माफ़ी दिलाते हैं…फ़ैसला कर सज़ा सुनाते हैं…ग़लत लोगों को चुन-चुनकर साफ़ करते हैं।!! आप ऐसा समझ लीजिए…मतलब कोर्ट में जज हैं।!!" चेरी ने बातों को बनाते-बिगाड़ते हुए मुश्किल से कहा।
वंश मुस्कुरा पड़ा।
"वाह! कितना अच्छा काम करते हैं।!!"
चेरी हलकी सी हँसी के साथ पसीना पोंछते हुए बोली, "हाँ, डैडी भी समाज सेवा करते हैं।!!"
वंश तारीफ़ों के पुल बाँधने लगा।
"अगर वंश को सच्चाई बता भी दी तो वह शायद ही यकीन करे…और ये डर जाएँगे कहीं डर से मुझसे दूर ना भाग जाए।!!" चेरी मन में सोचने लगी।
वंश ने कहा, "चलो लंच टाइम हो गया है…साथ में लंच करते हैं।!!"
"हाँ, और आप ज़्यादा खाना खा लीजिएगा।!!" चेरी कुछ सोचने लगी।
वंश फिर कन्फ़्यूज़ हो गया।
"आज रात को आपको कैलोरीज़ घटाना है।!!" चेरी की शरारती मुस्कान पर वंश का दिल डगमगा गया।
वंश ने मन को शांत करवाया और कहा, "हाँ मुझे भी तुम्हारे साथ वक़्त गुज़ारना है…वैसे भी रिलेशनशिप में टाइम देना बहुत ज़रूरी होता है।"
चेरी उबासी लेती हुई बोली, "सिर्फ़ रिलेशनशिप में टाइम देना काफ़ी नहीं होता है…टाइम टू टाइम लेना भी चाहिए।!!"
वंश चेरी की तरफ़ देखने लगा, उसका चेहरा हद से ज़्यादा लाल पड़ने लगा था।
"क्या हो गया…सही कह रही हूँ…!! फ़ालतू की ज्ञान की बातें पेलने से अच्छा है…बंदा टाइम देने की जगह बंदी का टाइम ले…!! तभी तो रिलेशन चलेगा।"
"क्या लेना चाहिए।!!" वंश को समझ आ गया था, लेकिन वह कन्फ़र्म करना चाहता था कि जो वह सोच रहा है वही चेरी ने बात कही है।
"बंदी हूँ ना मैं आपकी…बस आप टेंशन मत लीजिये…घर चलकर सब समझ जाएगा…आगे और पीछे से, सब जगह से आपकी ले लूँगी।!!" चेरी बोलकर होंठ दबाकर हँसी रोकने लगी।
वंश वहीं जम के रह गया। वंश की शर्म अपनी ही जगह थी, लेकिन अब चेरी से शर्म आ रही थी कि वह उसकी आँखों में कैसे देखेगा। घर चलकर…वह उसके साथ क्या करेगी।!?
क्रमशः…
वंश वही जम के रह गया। वंश की शर्म अपनी ही जगह थी, लेकिन अब चेरी से शर्म आ रही थी कि वह उसकी आँखों में कैसे देखेगा। घर चलकर… वह उसके साथ क्या करेगी?
वंश ने लम्बी सांस ली।
चेरी हमेशा पहले ही घर के लिए निकल जाती थी। यह बात तो वंश को भी समझ नहीं आती थी, लेकिन चेरी हमेशा एक घंटा पहले ही इजाज़त लेकर चली जाती थी और उसे कोई रोकता भी नहीं था। वह अपनी क्षमता से ज़्यादा ही काम कर जाती थी; वह इतने परफेक्शन से हर काम अंजाम देती थी कि किसी को कोई शिकायत होती ही नहीं थी।
वंश को उस पर शक था और जब से वह उसकी गर्लफ्रेंड बनी थी, तब से वह बस उसके साथ हर समय रहना चाहता था।
तभी उसका मोबाइल रिंग होने लगा, तो वंश ने कॉल पिक की।
"हेलो चेरी… घर पहुँच गई क्या!?"
चेरी की आवाज आई, "मैं इमर्जेन्सी रोड पर हूँ। मेरा एक छोटा सा एक्सीडेंट हो गया है, तो मैं हॉस्पिटल जा रही हूँ। तो आप घर चले जाना और खाना तैयार रखना।"
"क्या… कौन सा हॉस्पिटल… हेलो… हेलो…!!" वंश मोबाइल को गुस्से से घूर कर देखने लगा।
वंश गुस्से में बाहर पार्किंग एरिया में आया और मर्सिडीज़ में बैठकर वहाँ से निकल गया।
चेरी डॉक्टर के रूम में बैठी थी और नर्स उसके बाजू में इंजेक्शन लगा रही थी।
"फिर किससे मारपीट कर ली!?" भूरी आँखों वाला नौजवान मर्द सामने आकर खड़ा हो गया। वह कोई और नहीं, डॉक्टर चहल, बेहद आकर्षक अंदाज़ लिए खड़े थे।
"मेरा खून बह रहा है।" चेरी अपना कोट उतार गई।
चहल ने नर्स की तरफ इशारा किया, तो वह बाहर चली गई।
"ये किस तरह के कपड़े पहने हैं? गला कितना डीप है? दुपट्टा क्यों नहीं ओढ़ती!?"
चेरी का दिमाग़ तपने लगा था।
"डॉक्टर… प्लीज़ मेरी मरहम-पट्टी कीजिए, ना कि मुझे फ़ालतू की लेक्चर-बाज़ी चाहिए।" चेरी की बात पर चहल कॉटन में एंटीबायोटिक लगाकर उसकी कोहनी साफ़ करने लगा।
"अह्ह्ह्ह… आराम से… दर्द हो रहा है…"
चेरी की बात पर सख्त लहजे में चहल बोला, "तब ज़रूरत क्या थी किसी से मारपीट करने की!?"
चेरी दर्द सहते हुए बोली, "मैंने मारपीट नहीं की, बल्कि ये मेरे साथ हादसा हुआ है… समझे आप!?"
चहल के होंठों पर एक टेढ़ी मुस्कान तैर गई।
"अह्ह्ह्ह… प्लीज़ आराम से… पूरी कोहनी छिल गई है।" चेरी के मुँह से "अह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह…" जैसी आवाज़ें निकल रही थीं।
तभी वहाँ वंश भागते-दौड़ते पहुँच गया। चेरी को ढूँढ़ना बहुत ही आसान था। लेकिन जैसे ही वह कमरे के बाहर आकर खड़ा हुआ, वह अंदर से आती अजीब आवाज़ें सुन घबरा गया और बेधड़क अंदर चला आया।
डॉक्टर चहल अब उसकी मरहम-पट्टी कर दवाइयाँ लिख रहे थे। चेरी हाथों में कोट लिए बैठी सुकून का साँस ले रही थी।
"तुम ठीक हो!?"
"हाँ, मुझे क्या होना है? बस आते हुए एक्सीडेंट हो गया, तो हॉस्पिटल चली आई।" चहल की नज़र सामने खड़े लड़के पर जम गई।
"कौन हो तुम!?"
वंश चौंक गया। चेरी माथे में उंगलियाँ परेशानी में रगड़ने लगी।
"चलिए यहाँ से… ऑलरेडी बहुत लेट हो गए हैं।" चेरी वंश का बाजू पकड़ उठ खड़ी हुई।
वंश सॉरी वाले अंदाज़ में बोला, "सॉरी डॉक्टर… एक्चुअली मैं सुपरस्टार वंश कुमार हूँ।"
चहल ना में गर्दन हिला गया।
"मैं तो किसी सुपरस्टार वंश कुमार को नहीं जानता। मैंने ये पूछा है कि तुम इस लड़की के रिश्ते में क्या लगते हो!?" चहल की सख्त आवाज़ पर चेरी जबड़े भींच गई।
"डॉक्टर… माइंड योर ओन बिज़नेस।" चेरी वंश का हाथ पकड़ बाहर निकल आई।
वंश को कुछ भी समझ नहीं आया।
चेरी ने लम्बा साँस लिया और मुस्कुराई। "अब तो पक्का मेरी शामत आएगी।"
वंश चेरी की तरफ़ देखने लगा। "क्या वह तुम्हारा दोस्त था?"
चेरी ना में गर्दन हिला गई।
वंश मन में सोचने लगा, "हरकतें और बातें एक ही जैसी थीं, शक्ल भी कुछ-कुछ मिल रही थी।"
"मैं हद से ज़्यादा थक गई हूँ… प्लीज़ घर चलिए।" चेरी उसके बाजू में हाथ डालकर चलने लगी।
चाहत बंगला पहुँचते-पहुँचते काफ़ी रात हो गई, क्योंकि शहर की आबादियों से दूर जंगलों में एक बना बेहद खूबसूरत बंगला था।
चेरी बंगले में आई और पर्स, कोट, मोबाइल वगैरह सोफ़े पर पटककर खुद भी धड़ाम से बैठ गई।
वंश जल्दी से बोला, "बस दो मिनट… मैं कुछ हेल्दी एंड टेस्टी सा कुछ खाने को बनाकर लाता हूँ।"
चेरी ना में गर्दन हिला गई।
"नहीं, मैंने डिनर कर लिया है, तो रहने दीजिए।"
"तुमने शाम सात बजे से कुछ भी नहीं खाया है। तुम ये सिर्फ़ इसलिए कह रही हो ताकि मैं थक ना जाऊँ। बट डोंट वरी, मुझमें बहुत हिम्मत और सालाहियत है।" वंश बोलता हुआ किचन की ओर बढ़ गया।
चेरी कुछ भी नहीं बोली और मोबाइल उठाकर हाथों में ले लिया, जहाँ "बिग ब्रो" के नाम से कई मैसेजेस और मिसकॉल्स आए हुए थे।
चेरी ने कॉल बैक किया और इधर-उधर नज़र दौड़ाती हुई उठ खड़ी हुई।
"हेलो… जी जी, सॉरी, वह जेम्स के आदमी फिर से टकरा गए थे। नहीं-नहीं, मुझे कुछ भी नहीं हुआ है। मैं बिलकुल ठीक हूँ। हाँ जी… और नहीं, आप प्लीज़ परेशान ना हों। हाँ, एक बॉयफ्रेंड बना है। अरे यार, क्या प्रॉब्लम है? ज़रूर किसी ने आपको चुगली की है। डैडी और आपको बताने ही वाली थी। हाँ, है तो… बॉयफ्रेंड ही है, कोई शादी-वादी कर बच्चे थोड़ी कर लिए हैं। और हाँ, मैं सब संभाल लूँगी, तो आपको मेरी फ़िक्र करने की कोई ज़रूरत नहीं है।"
दूसरी तरफ़ ख़ामोशी पसर गई। चेरी समझ गई कि कॉल कट हो गया है।
चेरी लेकिन जैसे ही मुड़ी, पीछे वंश को खड़ा देख घबरा गई।
"अरे यार, ऐसे कौन डराता है।"
"तुम परेशान हो? भाई को पता चल गया क्या?"
चेरी हाँ में गर्दन हिला गई। "हाँ, जब सुन लिया है तो सुनो… वह लोग परेशान हैं।"
वंश बोला, "और ये जेम्स कौन है।"
चेरी लापरवाही से बोली, "नॉर्मली कज़न है… दूर का।"
वंश को तो चेरी की हर बात पर यकीन था। अगर वह दिन को रात कहती, तो वह रात कहता।
"अगर कोई परेशानी तो बताना मुझे।"
चेरी सख्त लहजे में बोली, "परेशानी… हैं बहुत है… मैं इस बात पर परेशान हूँ कि आप मुझसे दूर भागते हैं।"
वंश हीहीही करने लगा और बोला, "चलो, मैंने दो मिनट वाली इंस्टेंट नूडल्स बनाई है… खा लो।"
चेरी अंगड़ाई लेती हुई बोली, "आपको ना खा जाऊँ।"
वंश बस शर्मीली मुस्कान लिए चेरी को देखने लगा।
"ये क्या लड़कियों जैसे शर्माते रहते हैं? हर फ़िल्म में किसिंग सीन तो बड़े मज़े में करते हैं, बस मेरे सामने आपकी फ़ट जाती है।" चेरी की बात पर वंश का मासूम चेहरा मुरझा गया।
"वह तो झूठ-मुठ का होता है… मतलब नकली… सिर्फ़ किसिंग विश या ज़्यादा हुआ तो… ख़ैर, तुम नहीं समझ सकती… फ़िल्मों की बात अलग है, अब रियल लाइफ़ में गर्लफ्रेंड बनी है तो थोड़ा अजीब लग रहा है।"
चेरी ने कमरे में जाने से पहले कहा, "बर्तन धोकर कमरे में आना आप… आज बहुत थक गई हूँ, तो आप ज़रा मेरी बॉडी मसाज़ कर देना। जल्दी आना, इंतज़ार करूँगी।"
क्रमशः
चेरी ने कमरे में जाने से पहले कहा, "बर्तन धोकर कमरे में आना। आज बहुत थक गई हूँ, तो आप ज़रा मेरी बॉडी मसाज कर देना। जल्दी आना, इंतज़ार करूँगी।"
वंश जल्दी से बर्तन समेटकर किचन ले गया और धोकर रैक पर सेट कर रख दिए।
वंश जल्दी से सारे काम निपटाकर ऊपर कमरे में पहुँचा। डर तो बहुत लग रहा था, लेकिन चेरी से प्यार भी बहुत करता था।
वंश जैसे ही दरवाज़ा खोलकर अंदर आया, उसका मुँह खुला का खुला रह गया।
चेरी डार्क रेड कलर की नाईटी के सिर्फ़ लॉन्ग ओपन गाउन पहने हुए थी। अंदर उसने ब्रा और पैंटी पहन रखी थी। ऊपर से वह सेक्सी अंदाज़ में बिस्तर पर कोहनी टिकाए, उसकी तरफ़ ही देखकर मुस्कुरा रही थी।
वंश की आँखों में डॉट डॉट दिखने लगे।
"वंश...आ जाए जल्दी..."
वंश चलता हुआ बेड तक आया और नज़रें झुकाए बैठता हुआ बोला,
"तुमने ये क्या पहन रखा है? ढंग से कपड़े पहनो, वरना ठंड लग जाएगी।"
चेरी उठकर बैठती हुई, अंगड़ाई लेती हुई बोली, "इतनी गर्मी है, देखिए तो...आपके तो अभी से पसीने छूट रहे हैं।"
वंश हाँ में गर्दन हिला गया।
चेरी वंश के बाजू में उंगलियों से सरसराते हुए बोली, "ऐसे दूसरी तरफ़ मुँह किए क्यों बैठे हैं? देखिए ना, मुझे कितना दर्द हो रहा है।"
वंश ने उसकी तरफ़ देखा, लेकिन चेहरे के बजाय कहीं और नज़र गड़ गई। गोरा दूधिया रेड ब्रा में उसका सीना आकर्षक लग रहा था।
चेरी वंश की नज़रें अपने सीने पर महसूस कर बोली, "दिल में दर्द हो रहा है क्योंकि मेरा बॉयफ्रेंड एकदम अनाड़ी है। इतनी ज़्यादा शराफ़त भी ज़रूरी नहीं। मुझे गुड बॉय से ज़्यादा बेड बॉय पसंद है, तो आज की रात सारी शराफ़त और ये शर्म-हया भूल जाए।" चेरी बड़े ही सेंसुअल अंदाज़ में अपने बालों को बाँध गई। फिर वंश का मज़बूत हाथ उठाकर लबों से चूम गई।
वंश को घबराहट होने लगी थी।
"तो मेरे दिल में दर्द हो रहा है, ज़रा ज़ोर से दबा दीजिए कि दर्द में भी मज़ा आ जाए।" चेरी वंश का हाथ अपने सीने पर रख गई।
वंश ज़ोर-ज़ोर से ना में गर्दन हिलाने लगा।
"नहीं नहीं...वंश कण्ट्रोल...मैं ये कर सकता हूँ...मैं बॉयफ्रेंड हूँ चेरी का और चेरी जैसा चाहती है वैसा ही करूँगा...लेकिन मुझसे ये नहीं होगा।" वंश मन में बोलने लगा।
चेरी वंश के चेहरे को बड़े गौर से देख रही थी।
"लगता है शुरुआत मुझे ही करनी होगी।" चेरी ने दिलकशी से आह भरी और अपने दोनों हाथ वंश के चेहरे पर जमा लिए।
"आपमें कुछ बात तो है जो सिर्फ़ मुझे ही दिखती है। डर और घबराहट से एक बार निकल के देखिए, आपको जिस्म की गर्मी झुलसा देगी। जवानी की तड़प आप नहीं समझ सकते, जिसे आप पसंद करते हो वह ही पीछे हट जाए तो दिल कट के रह जाता है।"
वंश चेरी की खुमार से बोझल आँखों में देखने लगा।
"तुम बहुत ज़्यादा खूबसूरत हो।"
चेरी अपना चेहरा वंश के ज़्यादा करीब कर गई, इतना कि दोनों की गरम जलती साँसें एक-दूसरे के चेहरे पर महसूस होने लगीं। वंश से बर्दाश्त नहीं हुआ। वह जल्दबाजी में चेरी के होंठों को कैद में ले लिया। चेरी ने लेकिन वंश के होंठों में बेरहमी से दाँतों से काट लिया, तो वंश के लबों से हलकी सी सिसकी निकल गई। चेरी ने मौका पाया और जल्दी से अपनी ज़ुबान वंश की ज़ुबान के साथ मिला दी। वंश बेकाबू हो गया। चेरी फ्रेंच किस करने लगी। वंश और चेरी की ज़ुबान बुरी तरह आपस में टकरा रही थी, जिससे वंश के बदन में गर्मी बढ़ती जा रही थी।
वंश के हाथ भी अब चेरी के सीने को ज़ोर से मसलने लगे थे। वंश के लिए ये सब कुछ पहली बार था, तो वह हद से ज़्यादा ही बेकाबू हो गया। चेरी ने मुस्कुराते हुए वंश को खुद से दूर किया।
"क्यों...क्या हो गया?" वंश चेरी के कंधे पर दबाओ डालता हुआ उसे बेड पर लेटा गया।
"बस बस हो गया...आप हद से ज़्यादा ही खुमार में चले गए हैं।" चेरी वंश का हाथ अपने सीने से दूर कर गई। वंश का मुँह बन गया, तो चेरी उसे इशारा करती हुई अपने बाल आगे कर बोली,
"मेरी ब्रा की हुक खोल दीजिए, क्योंकि ये भी आपकी तरह अब पूरी तरह खुलकर बाहर आना चाहती है।"
वंश ने कपकपाते हाथों से एक ही झटके में हुक खोल दिया। चेरी ने ब्रा खोलकर नीचे फर्श पर फेंक दिया। फिर वह वापस से बेड पर लेट गई। वंश कुछ कहता इससे पहले ही चेरी ने उसका सर अपने सीने पर रख लिया।
चेरी ने आँखें बंद कर लीं। वंश को तो बिलकुल भी नींद नहीं आई और वह अब हिम्मत कर अपने हाथों से उसके सीने को टच करता रहा।
"ये कितने मुलायम और नर्म हैं।" वंश के मुँह में पानी भर आया, क्योंकि साइज़ में वे बहुत बड़े थे। इसलिए चेरी इतना टाइट ब्रा पहनती थी। चेरी तो सचमुच गहरी नींद में चली गई थी, लेकिन अब वंश के ऊपर शरारती आत्मा घुस आई थी।
दिल तो बहुत कुछ करने का कर रहा था, लेकिन चेरी की अगर नींद खुल जाती तो वह हशर-नशर बिगाड़ देती। वंश पूरी रात करवट बदलता रहा। जब सुबह हुई तो चेरी ने शॉवर लिया और टी-शर्ट प्लाज़ो पहन किचन में नाश्ता बनाने के लिए चली गई।
आज काफ़ी लेट से वंश की आँख खुली, लेकिन आज क्योंकि ऑफ डे था, इसलिए कोई चिंता नहीं थी।
वंश नीचे किचन में आया, जहाँ चेरी नाश्ता डाइनिंग टेबल में लगा रही थी।
"मुझे सच में लगने लगा है कि चेरी मेरी वाइफ़ है...बस किसी तरह चेरी से मेरी शादी हो जाए।" वंश मन ही मन बोलने लगा।
"ये क्या हालत बना रखी है? जाए जल्दी से फ्रेश होकर आये।" चेरी वंश को पिलर के पास खड़े देख सख्ती से बोली।
वंश कुछ नहीं बोला और चेरी पीछे घूमकर सिंक में पड़े बर्तन धोने लगी। वंश दबे क़दमों से उसके पीछे आ खड़ा हुआ और चेरी को बाहों में जकड़ लिया। वंश ने उसके सीने पर हाथ बाँध दिए थे।
चेरी कुछ समझ नहीं पाई।
चेरी ने वंश की तरफ़ सवालिया अंदाज़ में देखा, "क्या है?"
"प्लीज़।" वंश ने रिक्वेस्ट की तो चेरी ने ठंडी साँस ली। वंश में उसे अब एक छोटा बच्चा दिखने लगा था, जो पता नहीं कब क्या कर गुज़रता था।
To be continued...
वंश कुछ नहीं बोला और चेरी पीछे घूमकर सिंक में पड़े बर्तन धोने लगी।
वंश दबे कदमों से उसके पीछे आ खड़ा हुआ और चेरी को बाहों में जकड़ लिया। वंश ने उसके सीने पर हाथ बांध दिए थे।
चेरी कुछ समझ नहीं पाई।
चेरी ने वंश की तरफ सवालिया अंदाज़ में देखा।
"क्या है…!!"
"प्लीज…!!" वंश ने रिक्वेस्ट की तो चेरी ने ठंडी साँस ली। वंश में उसे अब एक छोटा बच्चा दिखने लगा था जो पता नहीं कब क्या कर गुज़रता था।
"लेकिन पहले फ्रेश तो हो जाए… नहा-धोकर मुँह ब्रश कर लीजिये…. चलिए जल्दी जाएँ फिर नाश्ता कर लेना।" चेरी वॉल क्लॉक में टाइम देखने लगी।
वंश झट से बोला, "तुम्हें इतनी जल्दी क्यों है…!?"
चेरी साफ़ लहजे में बोली, "मुझे किसी काम से बाहर जाना है…"
वंश भी बोला, "मुझे भी साथ जाना… प्लीज साथ ले चलो…!!"
चेरी ना में गर्दन हिला गई। "नहीं, आप घर पर रहकर आराम कीजिये…"
वंश की हाइट उससे लम्बी थी, लेकिन चेरी भी बस उसके कंधे तक ही आती थी। चेरी भी लम्बी थी, लेकिन वंश की हाइट वज़न के मुक़ाबले वह छोटी पड़ जाती थी। बाकी लड़कियों में वह आइडियल हाइट लिए घूमती थी।
"मैं भी साथ जाऊँगा बस…!!"
चेरी कुछ नहीं बोली, पर वंश समझ गया कि मैडम जी को गुस्सा आ रहा है, इसलिए जल्दी से वहाँ से खिसकने में ही भलाई है। वंश कमरे में चला गया, लेकिन जब वापिस आया तो चेरी ब्लैक पैंट और ग्रे टॉप पहने, बालों को पोनी में बांध रही थी।
"मैं रात को डिनर करके ही आऊँगी तो मेरा इंतज़ार मत कीजियेगा।" चेरी ब्लैक लॉन्ग कोट पहनते हुए वंश की तरफ देखने लगी जो अभी-अभी शॉवर लेकर आया था।
चेरी का उसी वक़्त मोबाइल रिंग हुआ तो वह मोबाइल कान में लगाती हुई बोली, "हाँजी, बस पाँच मिनट में निकल रही हूँ… नहीं-नहीं, उसकी कोई ज़रूरत नहीं है, मैं कैब कर आना पसंद…"
चेरी के अल्फ़ाज़ मुँह में ही रह गए जब वंश ने उसके हाथों से मोबाइल छीनकर कॉल कट कर दिया।
"मैंने कहा ना तुम कहीं नहीं जाओगी…!!" वंश गंभीरता से चेरी की तरफ़ हरी आँखों से देखने लगा।
"अह्ह्ह्हन्न, अच्छा समझ गई… लेकिन मेरा मोबाइल वापिस कर दीजिये…!!"
"देखिए वंश, मैंने आपसे कहा था ना कि मेरे पर्सनल स्पेस में टांग अड़ाने की कोशिश मत कीजियेगा… फिर क्यों ऐसा कर…"
वंश चेरी को आगे कुछ बोलने का मौका नहीं दिया और चेरी के जबड़े को हाथों से जकड़े बोला,
"पर्सनल स्पेस…. जानती हो किसे कहते हैं…!!?"
चेरी हड़बड़ी में ना में गर्दन हिला गई।
"तब फिर बार-बार एक ही बात का रट्टा मत लगाया करो… नाश्ता ठंडा हो गया है, जाओ जाके गर्म करो और हाँ, एक कप चाय भी बना देना, सुबह से सिर दर्द कर रहा है।" चेरी ने हाँ में गर्दन हिला दिया क्योंकि जबड़े उसके कसे हुए थे तो वह बोलती कैसे।
वंश उसके जबड़े छोड़कर प्यार से सिर पर पेट-पेट करने लगा।
"लेकिन मैं तो आपसे उम्र में बड़ी हूँ…!!"
"हाँ, तो कर रहा हूँ रेस्पेक्ट…!!"
चेरी के छोटे गुलाबी कानों में पहनी लम्बी इयरिंग को उंगलियों से छूकर वह मुस्कुराने लगा।
चेरी चिढ़ गई। "ये ज़बरदस्ती है… आप मेरे साथ इस तरह बिहेव नहीं कर सकते, समझे…!!"
"मैं अपनी मर्ज़ी की मालकिन हूँ…!!"
वंश कुछ नहीं बोला, फिर कुछ सोचकर मुस्कुराते हुए चेरी के माथे पर आते बालों को एक साइड कर गया।
"पर तुमने तो कहा था तुम्हें बेड बॉयज़ पसंद हैं… इसलिए सोचा वैसा ही बन जाऊँ…!!"
"अरे… वह बात अलग थी, वह तो मैंने इसलिए कहा था कि आप मुझसे शर्म करना छोड़ दीजिये…!!"
वंश उसके कंधे पर बाज़ू डालता हुआ बोला, "ऐसा नहीं होता मैडम…!!"
"सिर्फ़ प्यार करते समय बेड बॉय बन जाऊँ, बाकी हर वक़्त आपके सामने गुड बॉय बना रहूँ… मैं आपका बॉयफ्रेंड हूँ, कोई रोबोट थोड़ी हूँ…!!"
चेरी लाजवाब हो गई।
वंश चेरी को टाइटली हग करता हुआ बोला, "याररर, मैं जैसा हूँ वैसा ही रहने दो…!!"
"बस तुम मुझे यूँ छोड़कर मत जाओ, आज हमारा ऑफ़ डे है तो मैं तुम्हारे साथ वक़्त गुज़ारना चाहता हूँ…!!"
चेरी ने ठंडी साँस ली। चेरी को अहसास होने लगा था कि वह हर वक़्त अपनी मर्ज़ी नहीं चला सकती है, वंश की फीलिंग्स हर्ट होंगी।
"कहीं मैं कोई मुसीबत में ना फंस जाऊँ…!!" चेरी अपने बड़े भाई को याद करने लगी। आज उसे उनसे मिलने जाना था।
चेरी कोट उतारकर किचन में चली गई। वापिस से नाश्ता ओवन में डालकर गर्म किया और चाय बनाई।
डाइनिंग टेबल में नाश्ता लगाया और खुद भी वहीं बैठ गई।
"तुम इतनी परेशान क्यों हो… कोई बात है क्या…!?" वंश नाश्ता करते हुए उसकी तरफ़ ही देख रहा था।
"नहीं… मैं ठीक हूँ, बस सिगरेट नहीं पी रही हूँ इसलिए स्ट्रेस नहीं जा रहा है।" चेरी टेबल पर उंगलियों से खटखटाती जा रही थी।
वंश नाश्ता कर सारे बर्तन समेट किचन में ले गया और बर्तन धोकर वापिस आया।
"ओये, ऐसे क्यों बैठी हो…!!" वंश चेरी के पास जाकर खड़ा हो गया। चेरी कुछ भी नहीं बोली, बस सिर झुकाए बैठी रही।
"ऐसा क्यों लगता है तुम मुझसे बहुत कुछ छुपा रही हो…!!"
चेरी अब भी कुछ नहीं बोली तो वंश झुककर उसके गालों पर जलते होंठ रख गया।
चेरी ने आँखें बंद कर लीं। फिर वह उठी और टेबल पर चढ़कर बैठ गई। उंगलियों से वंश को करीब आने का इशारा किया तो वंश उसके करीब आया और उस पर झुक गया। चेरी ने बहुत ही प्यार से वंश के माथे पर होंठ रखे और कानों में बोली,
"सॉरी वंश जी… लेकिन मैं मजबूर हूँ… रात को आप मुझसे हिसाब बराबर कर लेना।" वंश कुछ समझ पाता इससे पहले ही चेरी अपना नाख़ून वंश के गर्दन पर चुभा गई और वंश चेरी के गर्दन पर सिर लुढ़का गया।
वंश को चेयर पर बिठाकर चेरी उसके चेहरे पर प्यार से हाथ फेरने लगी।
"मुझे जाना होगा, वरना आपकी जान भी मुश्किल में आ सकती है।"
चेरी मोबाइल और कोट हाथों में लिए वंश पर एक नज़र डाल बाहरी गेट की तरफ़ बढ़ गई।
क्रमशः
वंश को चेयर पर बिठाकर चेरी ने उसके चेहरे पर प्यार से हाथ फेरा।
“मुझे जाना होगा, वरना आपकी जान भी मुश्किल में आ सकती है।”
चेरी, मोबाइल और कोट हाथों में लिए, वंश पर एक नज़र डालकर बाहरी गेट की ओर बढ़ गई।
चेरी वंश की गाड़ी की चाबी उछालती हुई पोर्च में पहुँची और गाड़ी में बैठकर सीधा शहर के बड़े मशहूर कैसीनो में पहुँची।
गाड़ी पार्किंग एरिया में पार्क करके वह सर्द चेहरा लिए कैसीनो के अंदर आई। वहाँ का माहौल बहुत शांत था, लेकिन चेरी को घुटन का अहसास हुआ।
“मेम, वह फर्स्ट टेबल में चार्विक सर आपका इंतज़ार कर रहे हैं।” एक वेटर आकर अदब से बोला।
चेरी टेबल नंबर पाँच की ओर बढ़ गई जहाँ लगभग चालीस साल का एक आकर्षक नौजवान टेबल पर लैपटॉप चला रहा था।
“हेलो, कैसे हैं?” चेरी बैठते हुए खुशदिली से बोली।
चार्विक मुस्कुरा पड़ा। “ठीक। तुम बताओ। काफ़ी दिन हो गए, घर नहीं आई?”
चेरी ने हाँ में गर्दन हिलाई। “हाँ, घर नहीं आऊँगी और जहाँ पर भी हूँ, वहाँ खुश हूँ। फ़ालतू का घर आकर आप लोगों की ड्रामाबाज़ी नहीं देखनी।”
चार्विक हँस पड़ा। “अच्छा, सही कहा था चहल ने, तुम हद से ज़्यादा बदतमीज़ हो गई हो। ऐसा नहीं चलता है, घर वापिस आ जाओ। फिर जो करना है करती रहना, हमने तुम्हें कब रोका है?”
चेरी मुस्कान लिए बोली। “नो, नेवर, कभी भी नहीं। आपने और डैडी ने मुझ पर कितने पहरे लगा दिए थे, किसी दोस्त से नहीं मिल सकती, कहीं आ-जा नहीं सकती। यहाँ तक कि आप लोगों के डर से सब दोस्तों ने मुझसे बात करना बंद कर दिया। और ब्रो, मैं खुश हूँ, अपने पैरों में खड़ी हूँ, अच्छा कमाती हूँ, अच्छा खाती हूँ।”
चार्विक मुस्कुरा पड़ा। “दिख रहा है। बहुत बड़ी हो गई इसलिए बॉयफ्रेंड तक बना लिया है।”
चेरी नज़रें फेरकर माथे पर ऊँगली चलाने लगी। “तब चिराग ने फिर चुगली की।”
चार्विक बोला, “बड़ा है तुमसे, इज़्ज़त करो और हाँ, चहल से माफ़ी माँग लेना। बाकी कभी मिलवाओ अपने बॉयफ्रेंड वंश कुमार से, हम भी तो देखें कितने लायक है तुम्हारे।”
चेरी हँस पड़ी तो चार्विक भी हँस पड़ा।
“फिर से डरा-धमका कर भगा देंगे। ब्रो, प्लीज़, अच्छा लड़का है और मैं खुश हूँ उसके साथ।”
“अरे नहीं, बस मिलना चाहता हूँ कि वह लड़का कैसा है। आजकल के लड़के बेटा, तुम नहीं जानती हो। टाइमपास कर छोड़ देगा।” चार्विक गंभीर हो गया।
“हम्म्म, वह ऐसा नहीं है। हम शादी भी करेंगे।” चेरी यकीन दिलाने लगी।
चार्विक सिर्फ़ बोला, “बच्ची हो बेटा। हमने जो लड़का ढूँढा था तुम्हारे लिए वह भी बहुत लायक और ईमानदार था। खैर, अब जब तुम किसी को पसंद करती हो तो करता हूँ मैं कुछ। हम आयेंगे कभी तुम्हारी तरफ, फ़िलहाल तुम घर जाओ।”
चेरी गुस्से से बोली, “आपने सिर्फ़ ये बात करने के लिए मुझे यहाँ बुलाया था? आप ये बात कॉल पर भी तो कर सकते थे।”
चार्विक कुछ नहीं बोला और वहाँ से चला गया।
चेरी उठी और बाहर चली आई।
“खुद तो इन लोगों ने शादी आज तक की नहीं और मेरे पीछे हाथ धोकर पड़े हैं। शादी-शादी करते रहते हैं, अगर इतना ही शौक है तो खुद कर लें। लेकिन नहीं, बहन की शादी करवाकर ही दम लेंगे।”
चेरी पार्किंग एरिया में आई और गाड़ी में बैठते हुए सोचने लगी।
“सोच-सोच चेरी, जल्दी कुछ सोच। कुछ गड़बड़ ना हो जाए। मैं इन सब लफड़ों में वंश जी को नहीं घसीट सकती हूँ। कल को किसी ने उन्हें मार डाला तो… किसी मासूम की ज़िंदगी मेरी वजह से खतरे में पड़ जाएगी। नहीं-नहीं। अगर मैं वंश से शादी कर लूँ तो…”
चेरी फ़ुल स्पीड में गाड़ी लेकर आगे बढ़ने लगी। वह इतनी बेचैन हो गई थी कि फ़ुल स्पीड में गाड़ी सड़कों पर दौड़ाती रही।
जैसे-तैसे करके ख्यालों को झटका देकर शाम होते-होते वह चाहत बंगला पहुँच गई।
“उम्मीद करती हूँ मेरे क्लोरोफॉर्म का असर वंश पर से खत्म हो गया होगा। लेकिन यार, वह मुझसे नाराज़ बहुत होंगे।” चेरी पोर्च में उतरी और भागती हुई बंगले में गई।
“कितना परेशान हो गई हूँ यार। भया को संभालूँ या सयाँ को संभालूँ।” चेरी मन में सोचने लगी।
“वंश जी, मैं आ गई। कहाँ हैं आप? सॉरी जी, गलती हो गई।” चेरी सीढ़ियाँ चढ़ने लगी।
वंश की आवाज़ किचन से आई तो वह वापिस आधी सीढ़ियों से जल्दी-जल्दी भागते हुए नीचे आई और भागकर वंश के करीब गई, जिसका मुँह फ़ूला हुआ था।
“मेरे करीब मत आना, मैं तुमसे कोई बात नहीं करूँगा।” वंश ने उसे हाथ से दूर धकेल दिया।
“अच्छा बाबा, सॉरी ना।”
“नहीं चाहिए तुम्हारी सॉरी। तुम्हें पता है आज मैं बहुत ज़्यादा गुस्सा हूँ।” वंश को रोना आने लगा क्योंकि आज उसने पूरे दिन बहुत कुछ प्लान कर रखा था, लेकिन चेरी धोखा देकर भाग गई थी।
“अरे यार, माफ़ कर दीजिये। देखिए मैंने कभी किसी से माफ़ी नहीं माँगी, सिर्फ़ आपसे माँग रही हूँ क्योंकि आप मेरे स्पेशल वन हैं।” चेरी कोट उतारकर सोफ़े पर फेंक गई। जहाँ-जहाँ वंश जाता, पीछे-पीछे चेरी भी चली आती।
“वंश, माफ़ कर दीजिये, वरना मुझे भी गुस्सा करना आता है।” चेरी वार्निंग देने लगी। वंश ने नहीं सुनी और चेरी का हाथ पीछे झटक दिया।
चेरी वंश के करीब जाने लगी। चेरी की खतरनाक कथई आँखें गंभीरता से भर गईं। वंश पीछे हटने लगा। पीछे हटते-हटते वह दीवार से जा लगा। चेरी ने वंश का हाथ पकड़ा और दीवार से लगा दिया।
“गलती हुई, माफ़ी माँग रही हूँ, लेकिन आप हैं कि नखरा दिखाए जा रहे हैं।”
वंश कुछ नहीं बोला।
वंश फिर से जाने लगा तो चेरी मुस्कुराते हुए पीछे से बाँहों में जकड़ गई।
“है दीवाना बड़ा,
इसे बेकरारी ना दो,
होश में आये ना,
इसे वह ख़ुमारी ना दो।”
चेरी की हलकी महीन आवाज़ जब वंश के कानों में सुरूर का रस घोलने लगी…
“तुम बहुत अच्छा गाती हो।” वंश का गुस्सा झाग की तरह बैठ गया।
“अच्छा।” चेरी सिर्फ़ इतना ही बोली और अपना टॉप उतारने लगी तो वंश ने उसे रोक लिया।
“क…क्या कर रही हो?” वंश ने चेरी का हाथ पकड़ लिया।
“आपका गुस्सा दूर करने की कोशिश कर रही हूँ।” चेरी टेढ़ी मुस्कान लबों पर सजा गई।
“माफ़ कर दिया। चलो, आओ खाना खा लो। थक गई होगी।” वंश को तो चेरी की चिंता लगी हुई थी।
चेरी वंश के गले में बाँहें डालकर आँखों से ऊपर कमरे की तरफ इशारा करने लगी। “खाना-वाना बाद में खाएँगे, पहले बेडरूम चलिए। मुझे आपको खुश करना है क्योंकि मैं जानती हूँ आप मुझसे अब भी नाराज़ हैं।” वंश होंटों पर ज़ुबान फेर गया। मतलब इतनी अच्छी गर्लफ्रेंड, जो खुद आगे से माफ़ी माँग रही थी। वह सच में नसीब वाला था।
“साथ में आज ‘वह’ करते हैं।” चेरी की आँखों के इशारे बहुत ज़्यादा गुस्ताख़ थे। वंश की हरि आँखें बस चेरी पर ही टिकी थीं। थोड़ी देर बाद चेरी उसका हाथ पकड़ बेडरूम में ले आई और दरवाज़ा बंद कर दिया।
क्रमशः
चेरी की आँखों के इशारे बेहद गुस्ताख थे। वंश की दृष्टि चेरी पर ही टिकी थी। थोड़ी देर बाद चेरी ने उसका हाथ पकड़कर बेडरूम में ले जाकर दरवाजा बंद कर दिया।
वंश के पसीने छूटने लगे थे।
"चेरी, पहले कुछ खा लेते हैं, फिर..."
चेरी वंश के सीने पर हाथ रगड़ते हुए बोली, "एक लड़की को ना सुनना पसंद नहीं होता।"
वंश उसके हाथों के स्पर्श से बोखला गया और आँखें बंद कर बोला, "मुझे थोड़ी घबराहट हो रही है।"
चेरी हँस पड़ी। "कोई नहीं, थोड़ा सा सब्र कीजिये। अभी कुछ देर में आपकी घबराहट सुरूर में बदल जाएगी।"
चेरी ने प्यार से वंश को बाहों में भर लिया। वंश ने काँपते हाथों से, पर भरपूर तरीके से चेरी को बाहों में जकड़ लिया था।
"चेरी...सच में तुम बहुत प्यारी हो।" वंश समझ गया था कि लड़की थोड़ी अटपटी बातें ज़रूर करती है, लेकिन दिल की बहुत अच्छी है।
चेरी ने लंबी साँस ली और बेड पर जाकर बैठ गई।
"वंश, देखिए मेरी लाइफ में कुछ परेशानियाँ हैं और मुझे डर लगता है कहीं मेरी वजह से कोई किसी मुसीबत में ना पड़ जाए। बहुत दिनों से आपको ये बात बताना चाहती थी कि मेरी फैमिली बहुत ज़्यादा स्ट्रिक्ट है और इससे पहले भी मेरे कई दोस्त डर से मुझसे रिश्ता तोड़ गए। सिर्फ़ मेरे भाइयों की वजह से। इसलिए पता है आपको, मैं किसी रिलेशन में नहीं आती थी क्योंकि जानती थी भाई लोग डरा-धमका कर सबको भगा देते हैं।"
वंश हँस पड़ा।
"यार, बड़ी इंटरेस्टिंग फैमिली है तुम्हारी।"
चेरी को यकीन नहीं आया कि वंश हँस रहा है। इसमें हँसने वाली कौन सी बात थी? वह सीरियस थी।
वंश भी उसके साथ बेड पर आकर बैठ गया।
"तुम ज़्यादा सोच रही हो। यार, मैं हूँ ना। भाई लोग अपनी बहनों के लिए बहुत प्रोटेक्टिव होते हैं।"
चेरी समझ गई कि यह बंदा उसकी बातें हल्के में ले रहा है।
वंश बोला, "तुम्हारे पाँच भाई हैं ना?"
चेरी ने हाँ में गर्दन हिलाई।
वंश चेरी के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला, "बस इतना समझ लो, मैं डर या किसी धमकी से पीछे हटने वाला नहीं हूँ। तुम्हारे भाइयों को जैसा लड़का पसंद है, मैं खुद को उसी रूप में ढाल लूँगा।"
"जब आप किसी से डरते नहीं हैं तो मुझसे क्यों डरते हैं?" चेरी ने सर्द लहजे में कहा और वंश को बेड पर धक्का दे दिया और खुद भी उसके ऊपर झुक गई।
"डरता नहीं हूँ, बस थोड़ा घबरा जाता हूँ। तुम्हारी बातें ही ऐसी हैं कि बंदा शर्मा जाए।" वंश उसके बालों को साइड करके प्यार से कहने लगा।
चेरी कुछ नहीं बोली, बस वंश के गले में मुँह छिपाए रही। वंश उसके कमर को प्यार से सहलाता रहा। चेरी अपने होंठ उसके गर्दन पर जगह-जगह रख शिद्दत से चूमती, तो वंश के हाथों का स्पर्श भी उसके कमर पर बढ़ता ही जाता। आखिरकार वंश से बर्दाश्त नहीं हुआ और वह चेरी को अपने नीचे दबा गया। चेरी कुछ समझ पाती, कि वंश ने बेरहमी से अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए।
चेरी और वंश वाइल्ड होते जा रहे थे। चेरी जुनूनी अंदाज़ में वंश के होंठों को काटती, तो वंश भी बदला लेने के लिए उसके टॉप के अंदर हाथ डालकर उसके सीने को मसलता। धीरे-धीरे चेरी शांत पड़ने लगी क्योंकि वंश उसके होंठों को चुटकी से पकड़े मसल रहा था और उसके सीने में झुककर बेरहमी से काट रहा था।
चेरी बुरी तरह तड़पने लगी थी, लेकिन वंश उसे सिसकने का भी मौका नहीं दे रहा था।
आखिर में चेरी ने वंश को पकड़कर दूर किया और हल्का सा थप्पड़ भी लगाया।
"मुझे कपड़े तो उतारने का मौका दीजिये।" चेरी की बात पर वंश मुस्कुराया और जब चेरी टॉप उतारने लगी तो वंश ने उसके कानों में धीरे से कहा,
"प्लीज, उस दिन की तरह मुझे किस करो ना।"
"हट बदमाश।" चेरी ने अपने बालों को आगे किया तो वंश समझ गया कि वह क्या चाहती है। वंश ने ब्रा के हुक खोल दिए।
"यार, मुझे नहीं पता था इन्हें चूमने में इतना मज़ा आता है।" वंश के गाल शर्म से लाल पड़ गए।
चेरी की आवाज़ दिलकश हो गई थी और वह खुमारी से बोली, "दूध पीते वक़्त इस बात का ख्याल रखते हैं कि दांत नहीं लगने चाहिए।"
वंश की हरी आँखें खुमारी से भर गईं। चेरी ने वंश का चेहरा अपने सीने में दबा लिया। वंश उसके निप्पल को दाँतों से बेरहमी से काटता और कभी चूमने लग जाता। लेकिन जब उसका दिल भर गया तो वह मुँह लगाकर चूसने लगा। चेरी तो आँखें बंद किए, होंठ दाँतों तले दबाए लेटी रही।
"चलिए, हो गया बस बस।"
चेरी चादर से खुद को ढकने लगी तो वंश अपनी शर्ट उतारकर बोला, "नहीं, अभी नहीं प्लीज...मुझे थोड़ा और ज़्यादा प्यार करने दो।"
चेरी उठी और वंश के होंठों पर ज़ुबान फेरने लगी तो वंश ने भी अपनी ज़ुबान चेरी के मुँह में डाल दिया और दोनों एक-दूसरे की ज़ुबान को आपस में रगड़ने लगे। चेरी के हाथ फिसलते हुए वंश के पैंट तक पहुँच गए तो वह समझ गई, वंश बुरी तरह गरम हो गया है।
चेरी टॉप पहन रही थी तो वंश ने उसके गालों को चूमते हुए कहा, "सॉरी।"
चेरी बोली, "किस लिए?"
वंश शर्मिंदा हो गया। "मैं ज़्यादा ही जुनून में आ गया था। कहीं तुम्हें मेरी वजह से हर्ट तो नहीं हुआ। देखो, मैं जानता हूँ मैं थोड़ा अजीब हूँ, पर जब तुम करीब आती हो तो शर्म आती है, लेकिन आज मुझे बहुत अच्छा लगा, बल्कि सुकून सा मिला।"
चेरी ने वंश के होंठों में उंगली रख दी। "बेडरूम की बातें बस यही रहीं तो अच्छा है। बाकी आप खुद ही समझदार हैं और मैं समझती हूँ तो कोई नहीं...मैं हूँ ना आपके साथ। आप खुद ही धीरे-धीरे कम्फ़र्टेबल हो जाएँगे।"
वंश खुशी से उसके पेट में हाथ बाँध गया।
"ओये, सुनो ना...क्या शादी के बाद जब बच्चे हो जाते हैं, तब भी इस तरह प्यार किया जाता है या नहीं?"
चेरी ने ठंडी साँस ली। "ऐसी बातें सिर्फ़ आप ही कर सकते हैं। वंश, एक बात याद रखना, ज़रूरत हर उम्र के लोगों में होती है। क्योंकि शादी हो गई तो सेक्सुअल डिज़ायर मर जाते हैं, ऐसा नहीं है। हर उम्र में कभी ना कभी हमें अपने पार्टनर की ज़रूरत पड़ती है और वैसे भी शादी के बाद तो लाइसेंस ही मिल जाता है और कोई रोक-टोक भी नहीं है।"
"तब हमारे बच्चे..."
"अरे बच्चों को क्या पता है? और बच्चे होने के बाद तो और ज़्यादा प्यार बढ़ जाता है।"
चेरी की बातें सुन वंश हाँ में गर्दन हिला गया, जबकि चेरी समझ गई कि उसके पल्ले कुछ नहीं पड़ा है।
"चेरी...एक और बात...जब भी तुम्हारे साथ होता हूँ तो मेरी पैंट..."
चेरी हँसने लगी और वंश के करीब आकर बोली, "बड़े बुज़ुर्ग कह गए हैं कि जिस लड़की को देखकर आपका पैंट टाइट हो जाए, बस समझ जाए वही आपका सच्चा प्यार है।"
चेरी झुककर वंश के पैंट में सिग्नल चेक करने लगी जो अब भी खड़ा था।
"बैठ जाइए, मैं अभी इसका कुछ करती हूँ।" चेरी ने कहा तो वंश बैठ गया क्योंकि चेरी सच में उसे बहुत मज़ा देती थी और उसके साथ उसे बहुत अच्छा फील होता था। अब तो हद से ज़्यादा चेरी पर प्यार आने लगा था।
वंश बैठ गया।
"पैंट की ज़िप खोलिए।"
वंश थोड़ा असहज हो गया।
"अरे, फिर से शर्माने लगे।" चेरी की बात पर दिल कड़ा कर वंश ने पैंट की ज़िप खोल दी। चेरी झुककर बैठ गई।
कुछ ही देर में वंश की सिसकियाँ पूरे कमरे में गूंजने लगीं। वंश चेरी के बालों में प्यार से उंगलियाँ फेर रहा था क्योंकि यह लड़की उसे अपने बस में कर बेबस कर देती थी।
वंश के बदन में दो-तीन झटके लगे और वह बेड पर गिरकर लंबी-लंबी साँसें लेने लगा।
कुछ देर बाद चेरी वाशरूम गई और जब वापिस आई तो बोली, "हाँ, अब मुझे भूख लग रही है।"
वंश ने नज़रें शर्म से मिलाई नहीं और वह शावर लेकर आया।
क्रमशः
वंश ने शर्म से आँखें नहीं मिलाईं और उसने शावर लिया।
चेरी किचन में गई और खाना गर्म किया।
“ओह्ह्हजी, खाना खाने आ जाइए… फिर मुझे बर्तन भी धोने हैं…!!” चेरी ने आवाज़ लगाई। वंश हिम्मत करके नीचे आया।
“जिसने किये शर्म, उसके फूटे कर्म…!!” चेरी ने डाइनिंग टेबल पर खाना लगाते हुए वंश को मिसाल दी, लेकिन वह अब भी शर्मिंदा था।
वंश धीरे से बोला, “तुम्हें सच में बुरा तो नहीं लगा ना…!! वह जोश में मैं बहुत आगे निकल गया…!!”
चेरी वंश के करीब आई और बोली, “कॉमन… आपसे इस तरह की बातों की उम्मीद नहीं थी। मैं तो चाहती हूँ आप जोश में ही हद से ज़्यादा आगे निकल जाएँ, इसमें मेरा ही फायदा है…!!”
वंश का चेहरा लाल पड़ने लगा। चेरी ने बाँहें फैलाईं और वंश का चेहरा थाम लिया। बड़े ही प्यार से उसने वंश के माथे पर अपने होंठ रख दिए और चूमकर बोली, “अरे अरे, आप तो सचमुच बहुत ज़्यादा प्यारे हैं…!!”
वंश कुछ नहीं बोला, बस चेहरे पर सुरखियाँ लिए बैठा रहा।
चेरी ख़ुशी में बोली, “मैं सोचती हूँ… अब सच में सोच रही हूँ, अगर मेरे बच्चे हुए तो उनकी आँखें हरी होंगी और अगर मुझे बेटा हुआ तो उनके मज़बूत डोले-शोले होंगे…!!”
वंश ने ना में गर्दन हिलाई।
“लेकिन मुझे तो बेटी चाहिए…!!”
“हुनहहहहह… बेटी नहीं, एक्चुअली मुझे बेटा चाहिए, क्योंकि मेरी फैमिली में ज़्यादा तर लड़के ही हैं, तो मैं ज़्यादा लड़कों के फ़ितरत से वाक़िफ़ हूँ…!!” चेरी की बातों में दम था। बचपन और जवानी भाइयों के बीच गुज़री थी। हर बात भाइयों ने बताई थी, अच्छे-बुरे की समझ, हर चीज भाइयों ने सिखाई थी।
चेरी भी बैठ गई और खाना खाने लगी।
“आप अच्छा खाना बना लेते हैं… अच्छा कमाते हैं, फैमिली बैकग्राउंड भी काफ़ी अच्छा है, हैंडसम भी हैं, पॉपुलर भी हैं और… लेकिन फिर भी बहुत शर्मीले हैं…!!”
“चलो ना शादी कर लेते हैं…!!” चेरी की बात इग्नोर करते हुए वंश ने अपनी बात रखी।
“शादी की जगह सीधा बच्चे पैदा कर लेते हैं। वैसे भी मेरी उम्र हो गई है…!!” चेरी ने पानी का ग्लास उठाते हुए कहा।
वंश खांसने लगा।
“क्यों… शादी क्यों नहीं कर सकते…!!”
चेरी लापरवाही से बोली, “भाई लोग मुझे उठा लेंगे घर से…!!”
“तुम्हें घर से क्यों उठा लेंगे…!!” वंश को कुछ समझ नहीं आया।
चेरी हँस पड़ी, “मुझे नहीं, आपको उठा लेंगे…!!”
वंश का रंग लाल से पीला पड़ने लगा।
चेरी खाना खाकर बर्तन समेटती हुई स्पष्ट लहजे में बोली, “डर क्यों रहे हैं… मैं हूँ ना, बचा लूँगी…!!”
वंश गैलरी में आकर बैठ गया और गहरी सोच में पड़ गया।
चेरी बर्तन वगैरह धोकर आई तो वंश की गोद में कूदकर चढ़कर बैठ गई।
“चिंता क्यों कर रहे हैं… मैं हूँ ना आपके साथ… हम साथ में रहेंगे, प्यार-मोहब्बत करेंगे और क्या…!!”
वंश सीरियस टोन में आ गया।
“चित्रा, मज़ाक़ नहीं है… कल को तुम मुझसे अलग हो गई तो…!!”
चेरी हँस पड़ी, “तो क्या… आप दूसरी शादी कर लेना…!!”
वंश को चेरी की बात बिलकुल भी पसंद नहीं आई।
चेरी प्यार से वंश के गाल खींचकर कहने लगी, “मुझे बस ख़ुश रखिए, फिर मैं कभी आपको छोड़कर नहीं जाऊँगी… और मुझे भी आपकी ज़रूरत है…!!”
वंश ने गंभीरता से हाँ में गर्दन हिलाई।
“6 महीने तो साथ रहोगी ना…!!”
चेरी कुछ याद करती हुई बोली, “हाँ, चलिए देखते हैं… आप वैसे बहुत अच्छे हैं और मुझे पसंद भी हैं, तो हम साथ रहेंगे…”
वंश ने आँखें बंद कर सोफ़े पर गर्दन टिका दी।
चेरी ने अपने हाथों को देखा, फिर वंश को देखा… सही बात है, वंश के साथ रहते हुए उसके ख़्यालात बदलने लगे थे… ख़्वाहिशें जाग रही थीं अपना घर बसाने की… बस भाइयों से डर था, कहीं वे लोग नाराज़ ना हो जाएँ…
दिल को जो पसंद आये, बेटा वही तुम्हारे लिए अच्छा होता है… चेरी को डैडी की बात याद आई।
चेरी ने वंश के सीने में हाथ रखा, फिर वंश को एक नज़र देखा जो कच्ची-पक्की नींद में चला गया था।
“मैं भी ना क्या सोचने लगी हूँ…!!” चेरी मुस्कुराई और वंश की गर्दन पर अपनी पतली उंगलियाँ चलाती हुई, आँखों में नमी लिए करीब होने लगी।
चेरी को खुद ही नहीं पता चला कि कब उसने अपने होंठ वंश की गर्दन की शह-रग पर रख, शिद्दत से चूमने लगी। वंश की आँखें खुल गईं और वह चेरी के बालों पर होंठ रख गया।
“मैडम जी… क्या कर रही हैं आप…!!” वंश चेरी के बालों को मुट्ठियों में जकड़े, उसका चेहरा दूर कर शरारत पर उतर आया।
“अह्ह्ह्ह…!!” चेरी हँस पड़ी। फिर वंश ने झुककर उसके कमर में सिर रख, सुकून का साँस लिया और गहरी नींद में सो गया। चेरी मुस्कुराई और आँखें बंद कर गई।
“क्या सच में… मैं बदल रही हूँ… शायद ये बदलाव मेरे अंदर अच्छे के लिए हो…!!” चेरी भी आँखें बंद कर वहीं लेट गई।
सुबह हुई तो चेरी दौड़-भागकर तैयार होने लगी। वंश आराम से मिरर के सामने खड़ा तैयार हो रहा था, वह कुछ सोच-सोचकर मुस्कुरा रहा था।
चेरी ने नीले रंग का शर्ट और शॉर्ट पैंट पहना और कोट पहनकर निकल गई।
“इतनी गर्मी में कोट भला कौन पहनता है…!!” वंश ने सवाल किया तो चेरी चिढ़ गई।
“हम यहाँ पर आकर जंगलों में बसे हैं ना, यहाँ पर ठंडी हवाएँ चलती हैं… आपके जैसे मेरी स्टील बॉडी नहीं है…!!”
चेरी निकलती रही क्योंकि उसे हमेशा पहले पहुँचकर हर चीज रेडी रखना होता था। वंश का क्या, वह लेट भी पहुँचता तो कोई उसे कुछ नहीं कहता।
क्रमशः…
चेरी निकलते ही बन गई क्योंकि उसे हमेशा पहले पहुँचकर हर चीज़ रेडी रखना होता था। वंश का क्या, वह लेट भी पहुँचता तो कोई उसे कुछ नहीं कहता।
वंश जब सेट पर पहुँचा तो तृप्ति चेरी के साथ बातों में लगी थी। वंश ने कपड़े बदले और मेकअप आर्टिस्ट ने उसका मेकअप किया। फिर वह भी स्क्रिप्ट पढ़ने लगा। चेरी उसे लाइन बाय लाइन सब अच्छे से समझाने लगी।
थोड़ी ही देर में सब अपनी जगह सेट हो गए और "एक्शन" कहते ही वह लोग शुरू हो गए।
चेरी प्रोड्यूसर वर्मा के पास खड़ी उनके साथ आहिस्ता आवाज़ में शूटिंग से संबंधित बात कर रही थी।
तृप्ति तेज़ आवाज़ में कॉन्ट्रैक्ट फाड़ते हुए बोली, "आखिर तुम खुद को समझते क्या हो? मैं तुम्हारी कॉन्ट्रैक्ट वाइफ हूँ, ना कि कोई गुलाम। अब अगर तुम्हें मुझसे प्यार हो गया तो मैं कुछ नहीं कर सकती। मुझे तुमसे प्यार नहीं है!!"
वंश आँच देते लहजे में बोला, "झूठ बोलती हो तुम!! मैं जानता हूँ तुम भी मुझसे प्यार करती हो, बस शो नहीं करती।!" वंश तृप्ति को करीब खींचकर उसी सोफ़े पर धक्का दिया और खुद उसे बाहों में भरकर अपना चेहरा करीब करने लगा। तभी लाइट्स ऑफ हो गईं और "कट" बोलने पर दोनों अलग हुए।
वंश दूसरे सीन के डायलॉग पढ़ रहा था जब उसने चेरी को कॉल पर किसी से बात करते हुए देखा। वंश ने नज़रें फेर लीं क्योंकि अभी वह शूट पर था। फिर दो-तीन रीटेक के बाद एक अच्छा सीन दिया। तो चेरी फिर तृप्ति के पास आ गई और बातों में लग गई।
वंश भी उसके पास जाना चाहता था पर चेरी ने उस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया।
वंश ने आज रोमांटिक सीन दिया था, लेकिन उसे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। वह पता नहीं क्यों दिमाग़ में बार-बार चेरी के साथ ही रोमांस का सोच रहा था। उसे चेरी की ज़रूरत महसूस होने लगी थी जो दूर बिलकुल नहीं, नज़रों के सामने थी।
जब लंच टाइम हुआ तो चेरी भी टिफ़िन लिए मेकअप रूम में आई जहाँ वंश उसके ही इंतज़ार में बैठा था।
"मुझे नज़रअंदाज़ क्यों कर रही थी?"
वंश की बातों में नाराज़गी छुपी थी।
"तो क्या सबके सामने आपसे फ़ालतू बातें करती? ये ज़माना बहुत खराब है। देखा नहीं आपने, उस दिन आपने चिराग को सिर्फ़ धक्का दिया था। सोशल मीडिया में ये बात आग की तरह फैल गई कि सुपरस्टार वंश कुमार ने उठाया चिराग पर हाथ और पता नहीं क्या-क्या बकवास लिखी हुई थी!! इसलिए हमें अपने रिलेशनशिप को प्राइवेट रखना होगा।!"
वंश उठा और चेरी को प्यार से गले लगा लिया। चेरी की कातिल आँखें अनजान जज़्बात से बंद हो गईं और वह भी वंश के कंधे पर गर्दन टिकाकर मुस्कुराने लगी।
"तुम सच में बहुत समझदार हो!! सॉरी, मैं थोड़ा जज़्बाती हो रहा था।" वंश लज्जित होते हुए बोला।
चेरी सिर्फ़ वंश को ही देखती रही, फिर नज़रें फेर गईं।
"सुनो ना, मुझे थोड़ा करीब आना है।!"
चेरी ने ना में गर्दन हिलाई।
"क्यों? मैं तुम्हारा बॉयफ्रेंड हूँ ना और घर में तो..."
वंश की बचकानी बातें सुन चेरी जल्दी से बोली, "घर की बात अलग है और अभी हम वर्किंग प्लेस में हैं। वैसे भी जल्दी लंच कर लीजिए, आपको कुछ सीन रीटेक भी देने पड़ेंगे तो तैयार रहना।!"
चेरी बोलकर जाने ही लगी थी कि वंश ने उसे पीछे से टाइटली पकड़ लिया। दोनों की हाइट सेम ही थी, लेकिन चेरी उससे थोड़ी छोटी पड़ जाती थी।
"सिर्फ़ ऊपर-ऊपर से करूँगा, पक्का प्रॉमिस।!" वंश की मासूमियत पर चेरी को यकीन था, लेकिन खुद वह कंट्रोल खो देती थी।
वंश के हाथ तेज़ी से चेरी के सीने पर चलने लगे। चेरी के बदन में सिरहन दौड़ गई और बॉडी भी रिएक्ट करने लगी।
वंश चेरी को झटके से सामने कर उसकी आँखों में देखने लगा। फिर दोनों के होंठ खुले और आपस में एक-दूसरे के कैद हो गए। वंश आज हद से ज़्यादा जुनून में चेरी के बदन को मसल रहा था।
चेरी के चेहरे पर बेचैनी सी कैफ़ियत दिखने लगी। वंश ने चेरी को अपने साथ आर्मचेयर में बैठा लिया। चेरी वंश के कानों में होंठ रगड़ने लगी। वंश उसके टॉप में हाथ डाले बेरहमी से सीने को मसल रहा था।
चेरी अचानक ही सिसकते हुए बोली, "वंश, बहुत हो गया। बाकी घर जाकर ये सब करते हैं।!"
वंश उसके गर्दन पर होंठ रख बोला, "सच बताओ, तुम्हें बहुत मज़ा आ रहा है ना? मुझे यूँ तड़पता, बिखरता छोड़कर जाने में। घर कब जाएँगे ये किसने देखा, और बस मुझे बहुत प्यार करना है।!"
चेरी सोचने लगी।
"वंश, मैं गीली हो रही हूँ।!" चेरी ने आज पैंटी पहनी थी फिर भी वह हद से ज़्यादा बेकाबू हो रही थी।
वंश मुस्कराहट लिए उसके कानों में धीरे से बोला, "मैं भी...तुम्हें देख आज मेरा पानी टपक गया।!"
चेरी को फ़िलहाल तो ये बात पसंद नहीं आई क्योंकि यहाँ कोई प्राइवेसी नहीं थी।
वंश ने जल्दी से वैन को लॉक कर दिया।
चेरी ने ठंडी साँस ली और बोली, "सिर्फ़ ऊपर-ऊपर ही करेंगे या नीचे भी करेंगे? आपने मेरी हालत खराब कर दी है।!"
वंश उसके करीब गया और दोनों एक-दूसरे से चिपट गए। चेरी वंश के गर्दन पर होंठ रख चूमने लगी तो वंश बेताबी में उसके कमर के नीचे हाथ ले जाकर फेरने लगा, कभी हाथों से मसलता।
चेरी उसका हाथ पकड़ अपने सीने पर ले आई और बोली, "अभी कुछ नहीं...घर जाकर सब।!"
वंश मासूम शक्ल बना गया। लेकिन चेरी के चेहरे पर सर्दपन नहीं छटा तो वंश ने शरारती मुस्कान के साथ कहा, "आज रात तो पार्टी है, भूल गई क्या।!?"
"हाँ, तो फिर लोग पार्टी में बिज़ी होंगे। आप मेरे साथ बिज़ी हो जाना।!" चेरी आँख दबाकर वंश के पेट में उँगली से क्रॉस बना गई।
"पक्का ना...कहीं मुकर ना जाना।!"
चेरी ने ना में गर्दन हिलाई। "हाँ, याद रखूँगी।!" वंश ने खुश होकर चेरी के सीने में मुँह छुपा लिया।
"ये कितना मुलायम है।!"
चेरी चिढ़ गई। "चलिए, हो गया। खुद पर काबू रखिए। अगर रोज़ ऐसे ही बूब्स को दबाएगा तो मेरे ब्रा का साइज़ बढ़ जाएगा।!"
वंश को नहीं पता था।
"सच में ऐसा होता है क्या।!" चेरी ने हाँ में मुँडि हिलाई तो वंश अपना चेहरा सीने में रगड़ता हुआ बोला, "वाह! तब तो अच्छी बात है।!"
चेरी ने वंश के सिर पर चपत लगाई तो वंश हँस दिया।
क्रमशः
चेरी चिढ़ गई। "चलिए, हो गया। खुद पर काबू रखिए!!"
"अगर रोज़ ऐसे ही बूब्स को दबायेगा तो मेरे ब्रा का साइज़ बढ़ जायेगा!!"
वंश को नहीं पता था।
"सच में ऐसा होता है क्या?!"
चेरी ने हाँ में मुँडी हिलाई। तो वंश अपना चेहरा सीने में रगड़ता हुआ बोला, "वाह! तब तो अच्छी बात है!!"
चेरी ने वंश के सिर पर चपत लगाई। तो वंश हँस दिया।
फिर चेरी वैन से बाहर निकलकर सैंडविच खाने लगी।
तभी सामने से आती हुई दो हसीन, तोता-मैना जैसी जोड़ी दिखी जो वैन के करीब आ रहे थे। दोनों ही कम उम्र के लग रहे थे।
वेद और रिमझिम वैन के करीब गए जहाँ चेरी सर्द निगाहों से उनकी तरफ देख रही थी।
"इधर कहाँ? तुम बच्चों को यहाँ किसने आने दिया? चलो जाओ, दफ़ा हो जाओ!!" चेरी ने अपने चश्मे उतारकर दोनों की तरफ देखना शुरू कर दिया।
वंश तभी वैन से बाहर आया और चेरी की तरफ देखता हुआ बोला, "ये मेरे स्पेशल गेस्ट हैं। इन्हें अंदर आने दो!!"
चेरी ने एक सर्द निगाह वंश पर डाली और वहाँ से जाने लगी। तो वंश ने उसका हाथ पकड़ लिया।
"वेद, कैसा है भाई?!"
"बिलकुल सही। तू बता, इतना बड़ा स्टार बन गया है, भूल तो नहीं गया?!"
वंश और वेद कंधा जोड़कर दिल से मुस्कुरा रहे थे। वहीं चेरी रिमझिम को ऊपर से नीचे तक घूर रही थी।
"तू...?"
रिमझिम घबरा गई। वह उम्र में बड़ी थी और स्टाइल प्लस खूबसूरती में भी गजब लग रही थी।
रिमझिम सहम गई। "जी, आप मुझे बोल रही हैं?!"
चेरी उसके करीब आती हुई बोली, "तेरी उम्र क्या है!?"
रिमझिम गड़बड़ा गई। "25... इस साल बर्थडे आएगा तो 26 की हो जाऊँगी।"
फिर चेरी ने वेद की तरफ उँगली से इशारा कर पूछा, "और वह कौन है तेरा? बंदा है!?"
रिमझिम झट से बोली, "हस्बैंड!!"
चेरी को यह बात बिलकुल पसंद नहीं आई और वह बड़बड़ाने लगी, "आजकल के बच्चों को पता नहीं क्या हो गया है। शादी की चूल मची रहती है। ठीक से ज़मीन से उगे भी नहीं और शादी बियाह रचा रहे हैं!!"
"देख लड़की!!"
"रिमशा... मेरा नाम है और मैं सेकंड ईयर में हूँ!!" रिमझिम ने गलतफहमी दूर करने की कोशिश की।
चेरी को झटका लगा।
"अब्बे पागल-वागल है क्या? अभी तेरे पढ़ने-लिखने की उम्र थी तो तूने शादी कर ली। कुछ दिन बाद बच्चा पैदा कर लाला खिलाना!!"
"नहीं जी, ऐसा कुछ नहीं होगा। वह मेरे हस्बैंड प्रोफेसर हैं और..." रिमझिम शर्म से आगे कुछ बोल ही नहीं पाई।
चेरी को तो उल्टी आने लगी। मतलब यह बच्ची उसे सीखा रही है।
"देख बच्ची, अपने सांड जैसे हस्बैंड को समझा देना। प्यार-मोहब्बत ज़िंदगी भर लगेगा, पहले बेटा पढ़-लिख लो। और हाँ, अगर इतना ही उतावलापन है तो प्रोटेक्शन यूज़ करना!!"
रिमझिम तो कुछ बोल ही नहीं पाई। थोड़ी देर बाद वंश रिमझिम के करीब आया तो रिमझिम ने ऑटोग्राफ माँगा। वंश बहुत खुश हुआ।
"कोपचे में चल, तुझे कुछ समझाना है!!" चेरी रिमझिम का हाथ पकड़कर अपने संग ले गई।
चेरी एक बात तो समझ गई थी, वंश की तरह यह भी लोलो-बकलोल है।
एक घंटे बाद जब वेद और रिमझिम अलविदा लेकर जाने लगे तो चेरी टाइट लिप स्माइल कर गई। रिमझिम का चेहरा पूरा लाल पड़ गया था।
दोनों के जाने के बाद चेरी ने अंगड़ाई ली क्योंकि काम आज बहुत था।
वंश ने सारे रीटेक खुशी-खुशी दिए। फिर वह थकान उतारने के लिए वैन में वापिस आया जहाँ चेरी कोहनी टेके सो रही थी। हद से ज़्यादा थकन की वजह से वह नैप ले रही थी।
वंश ने अपना कोट उतारा और चेरी को अच्छे से ढक दिया।
"स्लीप वेल माय प्रिंसेस!!" वंश झुककर चेरी के माथे को चूम गया।
थोड़ी देर बाद वंश तैयार होकर निकला क्योंकि फिल्म से जुड़ी एक इवेंट थी जिसमें उसका जाना ज़रूरी था।
चेरी भी नींद पूरी कर उठी, अपना रफ-टफ हुलिया सही किया और बालों का रफ़ली जुड़ा बनाकर लिपस्टिक (न्यूड शेड) लगाया, फिर टचअप कर बाहर निकली। चेरी ने कोट पहना और भेजे गए लोकेशन में आधा घंटा लेट पहुँची क्योंकि अब उसका यहाँ कोई काम नहीं था, लेकिन वंश से वादा किया था कि वह हर हाल में आएगी तो उसे आना पड़ा।
पार्टी के अंदर गई तो कई बड़ी-बड़ी हस्तियाँ शराब के नशे में धुत दिखीं। फिल्म का बड़ा सा बैनर लगा हुआ था। यह अनाउंसमेंट था। फिल्म का ट्रेलर बड़े पर्दे पर सब डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, एक्टर्स और फिल्म मेकर सब संग बैठकर देखने वाले थे।
सब हॉल रूम में जमा हो गए। सबसे पीछे वाली सीट में चेरी बैठी मोबाइल चला रही थी। तभी उसके करीब वंश आकर बैठ गया।
"इतना लेट हो गया!?"
"हाँ, रास्ते में ट्रैफ़िक में फंस गई थी।" चेरी बिज़ी अंदाज़ में बोली तो वंश ने उसका मोबाइल साइड में रखकर ऑफ कर दिया।
"मैडम जी, ज़रा मुझे भी अटेंशन दीजिए।" वंश चेरी की तरफ झुकता हुआ बोला।
चेरी मुस्कुराई और बोली, "घर में इतने शर्मा-शर्मा और बाहर बनते हो बोल्ड हाईफाई!!"
वंश उसका हाथ पकड़कर प्यार से बोला, "हीहीही... तुम सच में कमाल की ह्यूमर रखती हो।"
चेरी बात को बदलते हुए बोली, "ये सब बातें छोड़िए और यह बताइए आपको कौन सा फ़्लेवर पसंद है? चॉकलेट या स्ट्रॉबेरी?"
वंश चौंक गया।
"यहाँ मिल्कशेक भी मिलता है क्या!?"
चेरी ने ठंडी साँस ली और सोचा, कैसा अजीब बॉयफ्रेंड है जो कुछ समझता ही नहीं है।
"इसलिए तो कहा था आप जाकर पोगो में छोटा भीम देखिए।" चेरी का मूड सत्यानाश हो गया।
वंश जोश में बोला, "लेकिन मैं तो डोरेमोन देखता हूँ। तुम्हारा फ़ेवरेट कार्टून कौन सा है!?"
चेरी कुछ नहीं बोली। फिर थोड़ी देर बाद बोली, "मैं कार्टून नहीं, एडल्ट एनीमे देखती हूँ जो आपके समझ से बाहर है।"
वंश को कुछ समझ नहीं आया। फिर ट्रेलर चलने लगा, लेकिन वंश के हाथ रेंगते हुए चेरी के जांघ तक पहुँच गए।
चेरी ने वंश का हाथ पकड़ा और दूर झटक दिया क्योंकि हॉल पूरा भरा हुआ था। लेकिन वंश के हाथ बाज़ नहीं आए और वह रेंगते ही रहे। आखिर में चेरी उठकर बहाने से वॉशरूम चली गई ताकि कुछ देर खुद को नॉर्मल कर सके। तभी पीछे से वंश वॉशरूम में आया और दरवाज़ा लॉक कर गया।
"तुम दूर क्यों भाग रही हो।" वंश को बहुत बुरा लगा।
"देखिए, थोड़ी देर सब्र कीजिए।" चेरी वंश के सीने में हाथ टिकाकर दूर करने की कोशिश करने लगी। लेकिन वंश से बर्दाश्त नहीं हो रहा था। चेरी ने उसकी आदत बिगाड़ दी थी इसलिए वह ज़िद्दी बच्चे की तरह अड़ गया था।
चेरी ने ना में गर्दन हिलाई। वंश ने चेरी को उठाकर वहीं लगे वॉशबेसिन के करीब बिठा दिया। चेरी को डर था कहीं कोई शक करता हुआ यहाँ तक न आ पहुँचे। चेरी इससे पहले चीखती, वंश ने उसके मुँह पर हाथ रख दिया। चेरी की दोनों टाँगें बुरी तरह वंश की पीठ पर बंधी थीं।
चेरी ने वंश का हाथ हटाया और अपने होठों से वंश के होठ चूम लिए। वंश के हाथ चेरी की कमर को गुदगुदा रहे थे। चेरी को मज़ा आ रहा था, लेकिन वंश का दूसरा हाथ उसके सीने पर था जिसकी वजह से वह बेताबी में वंश को चूम रही थी।
"मैंने आज आपके लिए पैंटी नहीं पहनी है।" चेरी ने वंश के कानों में आहिस्ता से कहा तो वंश थोड़ा असहज हो गया।
चेरी ने वंश का हाथ अपने पेट पर रखते हुए कहा, "यहाँ तक ले आए हैं तो मेरी उम्मीदों पर पानी मत फेरना।"
वंश ने थूक गटक लिया। वंश के हाथ पेट से सरकते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगे।
क्रमशः...
मैंने आज आपके लिए पैंटी नहीं पहनी है…!! चेरी ने वंश के कानों में आहिस्ता से कहा। वंश थोड़ा असहज हो गया।
चेरी ने वंश का हाथ अपने पेट पर रखते हुए कहा, “यहाँ तक ले आए हैं तो मेरी उम्मीदों पर पानी मत फेरना…”
वंश ने थूक गटक लिया। वंश के हाथ पेट से सरकते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगे।
तभी वाशरूम के गेट पर नॉक-नॉक हुई। दोनों रुक गए और चेरी ने वंश को जेंस बाथरूम में जाने का इशारा किया।
वंश चला गया। चेरी ने दरवाजा खोला तो उसके प्यारे प्रोड्यूसर अंकल थे।
“क्या कर रही हो… वहाँ शो शुरू होने वाला है…”
प्रोड्यूसर वर्मा की बात पर चेरी हाँ में गर्दन हिलाती हुई बोली, “बस अंकल… आ रही हूँ… पेट खराब हो गया था…”
“अगर तुम दो मिनट में नहीं आई ना तो डायरेक्ट सर का दिमाग़ खराब हो जाएगा…”
प्रोड्यूसर वर्मा बोलकर चले गए। चेरी ने लंबा साँस लिया, फिर अपने हुलिये को ठीक किया और बाहर निकल आई। वापिस अपनी सीट में आकर बैठ गई। थोड़ी देर बाद वंश भी उसके साथ आकर बैठ गया।
वंश का मूड खराब हो गया था। उसे ज़बरदस्ती सबसे हँस-हँसकर बात करनी पड़ रही थी। चेरी आराम से बैठी तमाशा देख रही थी। वह अच्छे से महसूस कर सकती थी कि वंश इस वक्त एक्साइटेड था, लेकिन अब वह चिड़चिड़ा सा लग रहा था। चेरी कुछ नहीं कर सकती थी।
फिर करीब बारह बजे वे लोग घर पहुँचे। पार्टी में बहुत थकान हो गई थी।
चाहत बंगला पहुँचे तो चेरी ने कार से उतरते हुए कहा, “आप नाराज़ हैं मुझसे…?”
“तुमसे नहीं यार… हालत से नाराज़ हूँ जो तुमसे दूर हर बार कर देती है…!!” वंश मुँह बना गया।
चेरी सीना ठोक कर जोशीले अंदाज़ में बोली, “कोई नहीं अब तो घर आ गए हैं ना, अब हम अधूरा रोमांस पूरा कर लेते हैं…!!”
चेरी और वंश पोर्च में उतरे और साथ में बंगले के अंदर पहुँचे।
वंश ना में गर्दन हिला गया। “मुझे ऐसा प्यार नहीं चाहिए जिसमें मेरा पार्टनर खुश ना हो… खुद को देखो, एक सुबह से कामों में लगी हुई हो और अब भी मैं तुम्हें आराम करने ना दूँ तो मेरा कैसा प्यार और मैं कैसा बॉयफ्रेंड… पता है चेरी, सिर्फ़ रोमांस, किस, हग या सेक्स को नहीं कहते… हमारा पार्टनर कम्फ़र्टेबल हो, ज़्यादा इम्पॉर्टेन्ट है। मेरे लिए ये मायने रखता है कि तुम मेरी गोद में सिर रख आराम करोगी तो मुझे सुकून हासिल हो जाएगा…!!”
चेरी का मुँह खुला का खुला रह गया। वंश की बातें बहुत ज़्यादा गहरी थीं।
चेरी वंश के करीब आई और वंश का गाल थपथपाकर बोली, “आपकी बातें हमेशा मेरा दिल जीत लेती हैं… मैं खुश हूँ कि इतने लोगों में से मैंने आपको चुना… आप इस काबिल हैं कि आपको टूटकर चाहा जाए…!!” चेरी अपने होंठ वंश के गालों में रख गई।
वह सच में इतनी थक गई थी कि जब तक वंश कॉफ़ी बनाने के लिए किचन गया, वह हाल रूम के सोफ़े में ही सो गई। वंश ने बेहद प्यार से चेरी को गोद में उठाया और कमरे में ले गया।
जब सुबह हुई तो चेरी की आँख सबसे पहले खुली और वह वंश के बालों में उंगलियाँ फिराने लगी। चेरी को अब वंश पर बहुत प्यार आने लगा था। चेरी को चाहिए था बेड बॉय, लेकिन दिल अब वंश के गुड हार्ट में आकर अटक गया था। चेरी को समझ नहीं आ रहा था कि वह इतना ज़्यादा वंश के करीब क्यों होती जा रही थी जबकि उसने सिर्फ़ सोचा था वह वंश को छह महीने तक साथ रखेगी, जब उसके डैडी को यकीन हो जाता तो दोनों अपने-अपने रास्ते चलते बनते, लेकिन वंश में कुछ ऐसा था जो चेरी को उसके करीब खींच रहा था।
“गुडमॉर्निंग… तुम उठ गई… अब कैसा फील कर रही हो…!!” वंश ने अपनी आँखें खोली और चेरी को गंभीरता से कुछ सोचते देख उठ बैठा।
“आप बहुत क्यूट हैं… सोते हुए बहुत प्यारे लग रहे थे…!!” चेरी के मुँह से इस तरह तारीफ़ सुन वंश शर्मा गया।
“अरे अरे… मैं तो कुछ ख़ास नहीं हूँ… तुम मुझसे ज़्यादा प्यारी हो…!!” वंश को कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या बोले।
चेरी वंश के करीब खिसक आई। “कल रात की कसर अब निकाल ली जाए… वैसे भी आप कल पार्टी में बड़े उतावले हो रहे थे…”
वंश सकपका गया। चेरी अपने एड़ियाँ वंश के पैरों पर रगड़ रही थी। वंश के बदन में करंट सा दौड़ गया।
“आप शर्माते हुए बहुत प्यारे लगते हैं…!!” चेरी का दिल बुरी तरह धड़क रहा था। वंश की हरी आँखें असमंजस लिए चेरी को देख रही थीं। चेरी अपने हाथों से वंश के सीने पर गुदगुदी कर रही थी।
चेरी ने लंबा साँस लिया और पीछे हट गई।
वंश को लगा वह नाराज़ है। “क्या हुआ… तुम दूर क्यों हो गई…!!” वंश घबरा गया क्योंकि चेरी का इस तरह दूर होना उसे पसंद नहीं आया।
“कुछ नहीं… रहने दीजिए… आप…”
चेरी आगे बोल ही नहीं पाई, वंश ने उसके होंठों पर होंठ रख दिए। चेरी कुछ भी नहीं बोली, बस वंश को हैरत से देखने लगी।
वंश ने चेरी के होंठों को आज़ाद किया और कहा, “मैं खुद तुम्हारे करीब आने के लिए तड़प रहा हूँ…!!”
चेरी मुस्कुराई और वापिस से वंश के होंठों पर होंठ रखकर चूमने लगी। चेरी बेरहमी से वंश के निचले होंठों को काटती, तो वंश को बहुत मज़ा आता। धीरे-धीरे दोनों बेड पर गिर गए। वंश अब उससे दूर नहीं होना चाहता था, इसलिए चेरी का टॉप उठाकर वह सीने को मसलने लगा। चेरी हल्की-हल्की सिसकियाँ लेने लगी। दोनों एक-दूसरे से बुरी तरह लिपटे हुए थे। चेरी वंश के गर्दन पर होंठ रख शिद्दत से चूम रही थी।
दोनों के सारे कपड़े उतर गए।
चेरी वंश के सीने से लगी लंबी-लंबी साँसें ले रही थी। दोनों सफ़ेद चादर में छिपे हुए थे।
“इतनी जल्दी थक गई क्या…!!?”
चेरी अजीब तरीके से हँस पड़ी। “मैं थकी नहीं हूँ, बस ज़्यादा ही जोश में आ गई हूँ… वह क्या कहते हैं, मेरी पूरी बॉडी अकड़ सी गई है…”
वंश प्यार से उसे बाहों में कस गया।
“जो करना है जल्दी कीजिए… मैं लेट हो रही हूँ…!!” चेरी साइड से मोबाइल उठाकर टाइम देखने लगी, फिर चादर से लिपटे उठी और बालों का जुड़ा किया।
“आज जाना ज़रूरी है क्या…!? वंश चेरी को ही देख रहा था।
चेरी हाँ में गर्दन हिला गई।
“रोज़ सिर्फ़ ऊपर-ऊपर ही प्यार करते रहेंगे…!!” वंश बुरा सा मुँह बना गया।
चेरी शॉवर लेने चली गई। जब शॉवर लेकर आई तो बाथरोब पहने वॉर्डरोब से कपड़े निकाल रही थी। वंश ने पीछे से पकड़ते हुए कहा, “आज तुम्हें घर में रोकने का इरादा है…!!”
चेरी घूम गई और बोली, “क्यों डर चला गया क्या…!?
वंश कुछ नहीं बोला, बस चेरी को घूरता रहा।
“हर बार मुझे उत्तेजित कर छोड़ देती हूँ…!!”
चेरी हँस पड़ी। वंश ने चेरी के दोनों हाथों को जकड़ा और वहीं वॉर्डरोब से लगा दिया।
“बदमाशी नहीं… मुझे लेट हो रहा है…!!” चेरी वंश को करीब देख डाँट लगा गई। वंश कुछ नहीं बोला, अपने हाथों की उंगलियों से चेरी के होंठ को छूने लगा तो चेरी ने मुँह खोल वंश की उंगलियाँ काट लीं।
वंश ने शरारती मुस्कान के साथ उंगलियाँ खींच लीं। चेरी कुछ समझती कि उससे पहले ही वंश ने उसके बाथरोब की डोरियाँ खींचकर खोल दीं। चेरी चीख पड़ी।
“अरे आप तो घबरा गई मैडम जी… आपके लिए आज मैं बेड बॉय बन जाता हूँ…!!” वंश झुककर उसके पेट को चूमने लगा। चेरी समझ गई ये बंदा क्या करना चाहता है। चेरी की खुद-ब-खुद ही सेटिस्फैक्शन की वजह से आँखें बंद हो गईं।
चेरी वंश को खींचकर ऊपर उठा गई। वंश और वह बुरी तरह एक-दूसरे को चूमने लगे। वंश के हाथों की उंगलियाँ उसके जांघ को सहला रही थीं, फिर चेरी बुरी तरह कराहने लगी। वंश ने उसे जकड़े रखा क्योंकि वह बेकाबू हो गई थी।
“अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…. एहहहहहह…. यस यस…..”
वंश उसके मुँह से सिसकियाँ सुन खुद भी बेकाबू हो गया था।
“तुम… तुम्हें कैसे… कैसे पता चला… मेरे वीक पॉइंट के बारे में…!!” चेरी वंश का चेहरा पकड़े पूछने लगी।
“वह तो ऐसी ही है…!!” वंश हँस पड़ा, फिर चेरी को गोद में उठाकर बेड पर ले गया। चेरी के टांगों के बीच वंश झुका हुआ था और चेरी बुरी तरह सिसकियाँ ले रही थी। बार-बार वह वंश का चेहरा अपने पेट में, कभी सीने में दबाती।
क्रमशः
“अह्ह्हह्ह्ह्ह….एहहहहहह….यस यस…..”
वंश ने उसके मुँह से निकलती हुई सिसकियाँ सुनीं और खुद भी बेकाबू हो गया।
“तुम…तुम्हें कैसे…कैसे पता चला…मेरे सॉफ्ट पॉइंट के बारे में…!!” चेरी ने वंश का चेहरा पकड़कर पूछा।
“वह तो ऐसी ही है…!!” वंश हँस पड़ा, फिर चेरी को गोद में उठाकर बेड पर ले गया। चेरी के टाँगों के बीच वंश झुका हुआ था और चेरी बुरी तरह सिसकियाँ ले रही थी। बार-बार वह वंश का चेहरा अपने पेट में, कभी सीने में दबाती।
फिर चेरी ने वंश को गुस्से में एक हलका सा थप्पड़ लगा दिया।
“ये तुम्हें हमेशा मेरे काम के वक़्त गर्मी चढ़ती है…बाकी वक़्त तो शर्मीले बने इतराते रहते हो…!!” चेरी ने चादर को सीने पर लपेट लिया और वंश पर चढ़ बैठी।
“हीहीही सॉरी….बस तुम जब नहाकर आती हो तो बहुत ज़्यादा प्यारी लगती हो…कण्ट्रोल नहीं होता है…!!” वंश में चेरी की कतथई आँखों में देखने की हिम्मत नहीं बची।
“बहुत ज़्यादा अंदर से तुम भरे पड़े हो, बस कभी-कभी तुम्हारा जोश उबाल खा जाता है। अब वर्मा अंकल से तुम ही कॉल करके बात करो…!!” चेरी ने अपना मोबाइल वंश को पकड़ाते हुए, मुस्कुराहट लिए खिड़की के बाहर देखने लगी जहाँ दिन चढ़ रहा था।
वंश ने कॉल किया और गंभीरता से कहा, “जी…जी अंकल…मेरा मतलब है प्रोडूसर साहब… चेरी का पैर फिसल गया था, नहीं नहीं वह अब बिलकुल ठीक है, पेन किलर खाकर आराम कर रही है… मैं समझ गया, जी बाय…!!”
चेरी वंश की तरफ देख रही थी।
“लो अब तुम्हें कोई २-३ दिन तक काम में जाने की कोई ज़रूरत नहीं है…!!”
चेरी ने सख्ती से कहा, “ये सब नहीं चलेगा… रोमांस और प्यार-मोहब्बत का एक टाइम होता है…और हाँ मुझे हर चीज वक़्त पर पसंद है, जैसे काम के वक़्त पर सिर्फ़ काम और घर में खाना-पीना, आराम… घर में जो करना है करिये लेकिन…”
वंश ने चेरी की चादर खींच ली।
“ये क्या बदतमीज़ी है…!!”
“तुम्हें एक बार अच्छी तरह निहारने तो दो…!!” वंश ललचाई आँखों से चेरी का गोरा दूधिया बदन देख रहा था।
चेरी को शर्म तो नहीं, लेकिन गुस्सा ज़रूर आया।
चेरी ने वंश के हाथों से चादर वापिस ली और खुद को अच्छे से ढँक लिया।
“ये सब मुझे नहीं पसंद है…!!” चेरी नाराज़ हो गई।
वंश के गाल वैसे भी लाल पड़ गए थे।
“तुम्हें तो बेड बॉयज़ पसंद थे इसलिए मैं उनके जैसे बन रहा हूँ…!!”
चेरी तंग आकर बोली, “आपसे बहस करना बेकार है… बेड बॉयज़ का मतलब ये नहीं होता कि वह अपनी गर्लफ्रेंड का डिज़रेस्पेक्ट करें…!!”
वंश ने चेरी के सीने में बाज़ू कसके बाँध लिया।
“मैं तुम्हारी सचमुच बहुत इज़्ज़त करता हूँ…अभी क्या २० साल बाद भी तुम मेरे लिए सबसे पहले आओगी…बिकॉज़ मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, हाँ ये बात ज़रूर है कि समझ नहीं पाता कि किस तरह अपना प्यार ज़ाहिर करूँ…”
चेरी का दिल धक से रह गया। चेरी को यकीन नहीं आया कि वंश इतने सिम्पली प्यार का इज़हार कर देगा।
चेरी ने ना में गर्दन हिलाया और कोल्ड एक्सप्रेशन चेहरे पर रखे बोली, “मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता…”
वंश ने चेरी को प्यार भरी नज़रों से देखा और उसकी गोद में लेट गया, “मुझे यकीन है तुम्हें भी एक दिन मुझसे प्यार हो जायेगा, ये ज़रूरत से बना रिश्ता पक्के मज़बूती से जुड़ जायेगा… ट्रायल ही सही पर तुम्हारे साथ ही मेरा सुकून है…”
चेरी ने बालों को समेटा और वंश के गाल को प्यार से सहलाते हुए बोली, “देखिए…फ़ालतू की मुझसे उम्मीदें मत लगाइए, क्या पता आगे चलकर हम साथ रहें या ना रहें…”
वंश उठकर बैठ गया, “आगे की छोड़ो, और हमें आज में जीना चाहिए… तुमने भी कहा था ना हम शादी कर लेंगे, फिर हमारे बच्चे होंगे… मुझे फ़र्क नहीं पड़ता फ़ैमिली कैसी भी हो, अगर प्यार सच्चा हो तो हर मुसीबत पार कर दिल मिल जाते हैं…”
चेरी वैसे तो इन फ़िज़ूल प्यार भरी बातों में यकीन नहीं करती थी, लेकिन वंश के मुँह से ये सब सुन अच्छा लगता है, ये सारी दुनियादारी की बातें सच्ची लगती थीं।
चेरी कुछ नहीं, वह कुछ समझना ही नहीं चाहती थी। दिल में अजीब सी कसक उठ रही थी। वह एक साथ इतने सारे जज़्बात का गला घोंट नहीं सकती थी।
चेरी ने आँखें बंद कर वंश के चेहरे पर उंगलियाँ फेरीं। उसकी आदतों में शामिल था, वह जब हद से ज़्यादा परेशान होती थी, वह अपनी उंगलियाँ किसी चीज पर फेरने लगती थी।
“वंश, क्या तुम मुझे किस कर सकते हो…!!” चेरी ने आँखें खोल आर्डर दिया तो वंश ने चेरी का माथा चूम लिया। चेरी हँस पड़ी।
“तुम हमेशा चोमू रह जाओगे…!!” चेरी बोली और अपने होंठों पर ज़ुबान फेरती हुई, वह वंश के होंठों तक आई, प्यार से चूमकर उसके चेहरे की नरमी को देखने लगी। दोनों के होंठ बस थोड़ी ही दूरी पर थे। चेरी फिर अपने नर्म होंठ वंश के होंठों से मिलाती और रुक सी जाती।
वंश कुछ समझ नहीं पा रहा था और इस तरह चेरी को इतने करीब देख वह बर्दाश्त खोने लगा था।
“तुम कन्फ़्यूज़ हो…!!”
चेरी ने ना में गर्दन हिला दिया। फिर वंश के कानों में कहा, “पता नहीं…क्या होगा क्या नहीं…चलो जो होगा देखा जायेगा, अभी तुमसे पूरा प्यार वसूलना है…जो तुम बड़ी-बड़ी बातें करते हो…!!”
वंश का मुँह बिगड़ गया।
“तुम्हें मेरे प्यार में शक है…!!?”
चेरी ने खुद पर उंगली रख इशारा किया। वह हमेशा मुँह से ज़्यादा गर्दन हिलाकर हाँ या ना में जवाब देती थी और उसके इशारे जानलेवा होते थे।
“मेक मी हार्ड….!!” चेरी ने बहुत ही दिलकश आवाज़ में मन्नत की तो वंश फिर से शर्म से गुलाबी पड़ गया।
चेरी उस पर चढ़ बैठी और अपने बाल पीछे झटकते हुए बोली, “आई वांनै फ़क यू वैरी बेडली…!!”
वंश कुछ समझ पाता इससे पहले ही चेरी ने उसके पैंट की ज़िप खोली और हाथों से बुरी तरह मसलने लगी।
वंश ने आज पूरी हिम्मत जुटाकर चेरी को खींचकर नीचे कर लिया और प्रोटेक्शन यूज़ कर चेरी के हाथ दोनों पकड़ सिरहाने लगा दिए। चेरी बस आँखें बंद किए लेटी रही।
“अब रोना मत…!!” वंश झटके के साथ चेरी में समा गया। चेरी की एक बार आँखें ज़रूर पूरी तरह खुली थीं, बट वह फिर दोबारा आँखें बंद किए पड़ी रही।
वंश के ज़ोरदार झटके से चेरी की सिसकियाँ निकलने लगीं और वह वंश को करीब खींचकर बुरी तरह किस करने लगी।
क्रमशः
वंश ने आज पूरी हिम्मत जुटाकर चेरी को खींच कर नीचे कर लिया और प्रोटेक्शन यूज़ कर चेरी के दोनों हाथ पकड़कर सिरहाने लगा दिए।
चेरी बस आँखें बंद किए लेटी रही।
“अब रोना मत…!!”
वंश झटके के साथ चेरी में समा गया। चेरी की एक बार आँखें ज़रूर पूरी तरह खुली थीं, पर वह फिर दोबारा आँखें बंद किए पड़ी रही।
वंश के ज़ोरदार झटके से चेरी की सिसकियाँ निकलने लगीं और वह वंश को करीब खींचकर बुरी तरह चूमने लगी।
चेरी और वंश एक-दूसरे की बाहों में जकड़े, होंठों को ज़ुबान से चाट रहे थे। वंश के तेज़ झटकों से चेरी की सिसकियाँ चीख में बदलती जा रही थीं।
जब चेरी से बर्दाश्त नहीं हुआ तो चेरी ने वंश के गले में बाँहें कस दीं।
चेरी का पसीना गर्दन से सीने तक बहने लगा था।
वंश ने चेरी के बालों को मुट्ठियों में जकड़ा और दूसरे हाथ से उसकी कमर को सहारा देकर ऊपर उठा लिया। तभी दोनों की मिली-जुली चीख कमरे में गुँजी और दोनों झटके खाकर एक-दूसरे पर गिर गए।
वंश बुरी तरह थक गया था। चेरी के सीने से लगा वह सो गया, लेकिन चेरी को नींद नहीं आई।
चेरी ने वंश को पोखना शुरू कर दिया। वंश नींद की गहरी वादियों में उतरता चला गया था।
“वंश प्लीज़…आई वांट मोर…. प्लीज़ एक और राउंड करो…!!”
वंश ने जबरदस्ती आँखें खोलीं और मुस्कुराया। “नहीं, तुम अब आराम करो…वरना तुम्हें हर्ट होगा…!!”
चेरी ज़िद्दी बच्ची की तरह बोली, “नहीं होगा हर्ट….तुम्हारी तलब बहुत शिद्दत से लग रही है, तुमसे दूर जाने का दिल नहीं करता, तुम प्लीज़ और ज़्यादा प्यार करो ना…!!”
वंश को यकीन नहीं आया, आखिर चेरी थकती क्यों नहीं…!?
वंश उठा और बोला, “तुम श्योर हो…!? ”
चेरी मुस्कान लिए बोली, “मैं डैम श्योर हूँ…!!”
वंश, लेकिन पता नहीं क्यों गुलाबी पड़ गया और बोला, “नहीं चेरी, ये सब ग़लत है… मुझसे ग़लती हुई है, जोश-जोश में हम बहुत आगे निकल आए हैं। अगर तुम प्रेग्नेंट हो गई तो…!? ”
चेरी वंश के गालों को खींचकर बोली, “तो क्या हो गया…अगर प्रेग्नेंट हो भी गई तो आप करेंगे ना मुझसे शादी….!! और प्रेग्नेंट नहीं होंगी क्योंकि हम तो प्रोटेक्शन इस्तेमाल करते हैं…!!”
वंश ने हाँ में गर्दन हिला दी।
चेरी मीनिंग टाइप मुस्कुराई, जैसे कुछ चाहती हो।
“मैं…!!”
चेरी ने वंश को कुछ बोलने का मौका ही नहीं दिया और अपने होंठ वंश के होंठों पर रख बोलती बंद करवा दी।
वंश कुछ समझता उससे पहले ही चेरी फिर उस पर चढ़ गई। वंश को पूरी रात नींद ही नहीं आई।
सुबह हुई तो चेरी उसके सीने से लगी हुई बेख़बर सो रही थी, वही हाल वंश का भी था। दोनों के मोबाइल साइलेंट किए हुए, साइड में पड़े थे।
कपड़े दोनों के कहीं इधर-उधर फेंके पड़े थे। तभी वंश को कुछ आवाज़ें आने लगीं।
वंश ने चेरी को आराम से तकिए पर सुलाते हुए चादर ओढ़ा दी।
वंश ने कपड़े पहने और बाहर निकला। वंश सीढ़ियाँ उतरते ही जैसे ही नीचे आया, उसके होश ही उड़ गए।
“हेलो भैया…!!” वंशिका हाथों में सूटकेस लिए मुस्कुरा रही थी। सिर्फ़ वंशिका नहीं, बल्कि उसका पूरा परिवार खड़ा था।
वंश की आँखों में खौफ़ उभर कर डूबा। “आप लोग इस तरह यहाँ…!? एक कॉल तो करते…!!”
नीलम जी तंज से बोलीं, “कल रात से ही बेटा जी आपको कॉल कर रहे हैं, पर आपने कॉल उठाया ही नहीं। फिर मुझे पता चला आप तो किसी लड़की के साथ चाहत बंगले में वक़्त गुज़ारने आए हैं…!!”
बुआ जी, फूफा जी और मासी माँ का भी मुँह फुला हुआ था। बाकी सारे छोटे भाई-बहन भी वंश के हालात का मज़ा ले रहे थे।
“ये क्या खुद का हाल बना रखा है…!!” जया जी बोलीं, जो वंश की मासी माँ थीं।
वंश गड़बड़ा गया और ऊपर सीढ़ियों पर नज़रें टिकाते हुए बोला, “कुछ नहीं, बस रात को ज़रूरी कामों की वजह से सो नहीं पाया…!!”
अनिल जी शक भरी नज़रों से देखते हुए बोले, “लेकिन तुम्हारी हालत तो कुछ और ही बता रही है…. और ये गले में लाल नाखूनों के निशान कैसे हैं…!? ”
वंश खामोश हो गया, समझ नहीं आ रहा था क्या बोले।
“मैं बताती हूँ….!!” ऊपर से किसी की आवाज़ आई तो सबकी नज़र सीढ़ियों से आती लड़की पर टिक गई।
सबके आँखें फटी की फटी रह गईं। यहाँ तक कि वंश को लगा वह भी सपना देख रहा है।
“नमस्ते….!!” चेरी नीले रंग की सिल्क साड़ी में सबके सामने खड़ी, हाथ जोड़कर मुस्कुरा रही थी।
“मैं नहा-धोकर सूर्य नमस्कार करती हूँ, इसलिए आने में देर हो गई…!!” चेरी झुककर नीलम जी के पैर छूकर आशीर्वाद लेने लगी।
“जीती रहो…!!” नीलम जी वंश को देखने लगीं।
वंश तो खुद ही झटके में था और अपनी आँखों से चेरी का बदला रूप और सौंदर्य देख अचंभित रह गया।
“जी माँ जी, आपसे मिलकर अच्छा लगा…आप सबके बारे में वंश ने बताया था मुझे…!!” चेरी बारी-बारी झुककर सबके पैर छू रही थी।
“ओहो भाई…कहीं आपने शादी तो नहीं कर ली… भाभी तो बहुत ज़्यादा सुंदर हैं…!!” वंश के छोटे भाई-बहन सवाल करने लगे।
“तुम्हारा नाम क्या है…!? ” अनिल जी कठोर आवाज़ में सवाल करने लगे।
“चित्रा…फूफा जी, आप आराम से बैठिए, थक गए होंगे ना… मैं आप सब के लिए गरमागरम नाश्ता बनाकर लाती हूँ, जब तक आप वंश जी से बातें कीजिए…!!” चेरी बोलती हुई वंश को आँखों का इशारा कर गई, लेकिन वंश कुछ समझ ही नहीं सका।
चेरी किचन की तरफ़ बढ़ गई।
“अब सच-सच बताओ…वह लड़की कौन है…!!” बुआ जी ने कड़े तेवरों से पूछा तो वंश बोला,
“वह चेरी…मतलब चित्रा…मेरी….!!” वंश आगे कुछ बोल ही नहीं सका क्योंकि जया जी हँस पड़ीं…और बाकी लोग भी हँस पड़े।
“बहुत सुंदर है…क्या रूप है, क्या गुण है…हम तो ख़्वाख़्वा तेरी चिंता कर रहे थे…!!” जया जी खुश थीं।
वंश भी ज़बरदस्ती मुस्कुरा पड़ा।
क्रमशः