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The Alien Humshakal

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Navia khan

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यह है ऐसी दो लड़कियों की कहानी, चेहरा एक और दो है कहानी, एक का नाम कबीरा तो दूसरी है वाणी, दोनों की किस्मत ने एक ऐसी चाल चली,  जहाँ किसी अनजान ग्रह पर  पहुंची कबीरा, वही पृथ्वी पर आई वाणी, दोनों के...

Total Chapters (23)

Page 1 of 2

  • 1. The Alien Humshakal - Chapter 1

    Words: 532

    Estimated Reading Time: 4 min

    1) ग्रह की अदला बदली!
    एक महल मे फाइट चल रही थी, हर तरफ खून ही खून था,  आस पास सिपाहियों के मृत शरीर पड़े हुए थे   वही कुछ दुरी पर    महल की बाउंड्री पर इस राज्य के राजा की भी सांसे चल रही थी, उनको देख कर ही यह अंदाजा लगाया जा सकता था की उनकी बची कुची सांसे भी उनका कभी भी साथ छोड़ सकती थी, यह   दृश्य बहुत ही ज्यादा डरावना लग रहा रहा था, इस दृश्य को देख ही एक साधरण से इंसान की रूह  कांप सकती थी, क्यों की यह नजारा ही दिल को देहला देने वाला था।

    वही दूसरी तरफ  एक 21 वर्ष आयु की लड़की   जिसने अभी राजकुमारियों वाले वस्त्र और आभूषण पहने हुए थे और   उसने अपने हाथ मे अपनी तलवार को बिलकुल इस तरिके से पकड़ा हुआ था ,  जैसे एक वीर योद्धा अपनी तलवार को पकड़ता है वह अभी झाँसी की रानी से कम नहीं लग रही थी, बस उसकी कमर पर बच्चे की जगह उसके तीर  और धनुष रखे हुए थे।   उस लड़की की आँखो मे आंसुओ के साथ साथ गुस्सा भी था और वह  लगातार   जंगल मे रथ जैसे वाहन को दौडाती हुई जा रही थी, उसका अपने पीछे मूड कर देखने का बहुत मन कर रहा था क्यों की उसके पीछे उसकी माँ जो की इस राज्य की रानी थी अपने कुछ वफादार सिपाहियों के साथ दूसरे राज्य के सिपाहियों से लड़ रही थी और उनको अपनी बेटी तक पहुंचने से रोक रही थी ताकि वह उसकी बेटी को पकड़ ना पाए,   और उसकी माँ ने उसको कसम दी थी की  चाहे पीछे कुछ भी हो जाये वह अपने पीछे मूड कर ना देखे, इसलिए चाह कर भी राजकुमारी वाणी अपने पीछे नहीं देख पा रही थी।

    रात भी   बहुत हो रही थी  तभी  राजकुमारी वाणी पीवत्र वृक्ष के पास जा कर रुक गई, और फिर उसने एक गहरी सांस ली, और अपनी आँखे बंद कर ली तभी उसकी आँखो से आंसुओ की कुछ बुंदे जमीन पर गिरी , उसको अपने पीछे से अभी भी लोगो के दर्द से चिल्लाने की दर्द से तड़पने की और तलवारो की आपस मे टक्कराने की आवाज़ आ रही थी  तभी राजकुमारी वाणी ने अपनी आँखे खोली , अब उसके चेहरे से यह साफ पता चल रहा था जैसे की उसने यह निश्चय कर लिया हो  की जिसके लिए वह इस जगह पर आई है अब उसको यह करना ही होगा,  और फिर राजकुमारी वाणी  बहुत तेज गति से उस पवित्र वृक्ष के खोखले खोल मे जा कर छुप गई,  तभी बहुत तेज से  बिजली चमकी और बदलो के गरजने की आवाजे होने लगी,   इन कुछ पलो मे ही बहुत तेज बारिश शुरू हो गई, तभी  मौसम मे कुछ रहस्यमयी बदलाव हुए और उसके कुछ पलो बाद ही ज़ब राजकुमारी वाणी को लड़ाई झगड़े और बदलो की आवाजे आनी बंद हो गई, तो तब वह उस पवित्र वृक्ष के खोल से बाहर निकल आई और ज़ब उसने बाहर आ कर वृक्ष से बाहर का दृश्य देखा तो यहाँ का तो पूरा नजारा ही बदला गया था   क्यों की राजकुमारी वाणी अपने ग्रह से सीधा ही पृथ्वी ग्रह पर आ गई थी  पृथ्वी ग्रह के वर्तमान समय सन 2025 मे ही आ गई थी।

       

  • 2. The Alien Humshakal - Chapter 2

    Words: 616

    Estimated Reading Time: 4 min

    पृथ्वी ग्रह को देख  कर राजकुमारी वाणी की आँखे हैरानी से खुली की खुली ही रह गई और फिर वह अपनी इस ही हैरानी के साथ चलती चलती,  जंगल के बाहर आ गई, जहाँ पर  एक सड़क  थी  इस तरह की काली पक्की सड़क को देख कर  राजकुमारी वाणी की आँखे और ज्यादा बड़ी हो गई , अभी राजकुमारी वाणी सड़क को देख कर हैरान ही हो रही थी की तभी राजकुमारी वाणी को  सामने से आती हुई एक काले रंग की कार दिखाई थी,  कार को अपनी तरफ इतनी तेज गति से आते हुए देख कर राजकुमारी वाणी की आँखे पहले से और भी ज्यादा बड़ी बड़ी हो गई, पर साथ ही उसको इतनी तेज गति से आती हुई कार को  देख कर डर भी लग रहा था , जो अपनी  दो बड़ी बड़ी आँखो से तेज रोशनी करते हुए राजकुमारी वाणी की तरफ ही दौड़ती हुई आगे बढ़ रही थी ,  राजकुमारी वाणी को यह कार अभी बिल्कुल एक दानव  जैसी ही दिखाई  दे रही थी  पर वह भी एक राजकुमारी थी ऐसे कैसे डर कर पीछे हट जाती और उस की नजरों के सामने अभी भी थोड़ी देर पहले वाला अपने महल का  भयानक दृश्य  किसी मूवी की तरह घूम रहा था । जिस वजह से उसको इस  काले  रंग की कार जो की उसकी नजरों मे एक दानव थी उस को देख कर   बहुत गुस्सा आ रहा था ।   जिस वजह से राजकुमारी वाणी ने अपने राज्य की भाषा मे कहा "  ओय दानव रुक तू मैं तुझे अभी    जान से मार कर तेरे इस  शरीर से तेरी प्यारी आत्मा को परमात्मा के पास पहुँचाती हूँ। "

    यह बोल कर राजकुमारी वाणी ने अपनी तलवार को  अपने हाथ मे मजबूती से पकड़ लिया और फिर वह एक तेज गति के साथ उस काली कार की तरफ दौड़ती हुई जाने लगी।

    वही उस कार के ड्राइव करने वाले ड्राइवर ने ज़ब एक लड़की को अपनी तरफ आते हुए देखा था तो तब पहले तो उसको लगा था की यह लड़की दूसरी साइड से दौड़ती हुई चली जाएगी, पर ज़ब उसने उस लड़की को अपनी कार के बिलकुल सामने आते हुए देखा तो तब उसने डर कर अपने बॉस से पूछा " सर सामने से एक लड़की अजीब से  पकड़े पहन कर हमारी कार के सामने ही आ रही है, क्या हमें कार रोक देनी चाहिए? "

    उस ड्राइवर के ये सवाल करने पर उस के बॉस ने भी अपना ध्यान अपने लेपटॉप से हटा कर, सामने से आती हुई उस लड़की को देखा और एक तेज आवाज़ मे अपने ड्राइवर से कहा " स्टॉप दा कार "
    पने बॉस का ऑडर सुन कर ड्राइवर ने झट से कार को ब्रेक मार दी।

    क्यों की अब तक राजकुमारी वाणी उनके सामने आ चुकी थी, और  अगर एक  पल  और कार नहीं रूकती तो राजकुमारी वाणी का एक्सीडेंट हो जाता।

    कार रुकते ही राजकुमारी वाणी ने अपनी तलवार से उस कार पर हमला कर दिया।
    उस कार के अंदर   एक लड़का बैठा हुआ था,  जो बड़ी हैरानी से राजकुमारी वाणी को देख कर रहा था। साथ ही राजकुमारी वाणी को ऐसे अपनी तलवार से कार के ऊपर हमला करता हुआ देख कर  उसको थोड़ी थोड़ी घबराहट भी हो रही थी।

    तभी उसके कानो मे अपने ड्राइवर की आवाज़ गई जो राजकुमारी वाणी को एक चुड़ैल समझ कर जोर जोर से अपनी दोनों आँखे बंद कर के हनुमान चालीसा पढ रहा था, उसने तो राजकुमारी वाणी को एक चुड़ैल ही समझ लिया था जो इस जंगल वाली सड़क पर काली अँधेरी रात मे उन पर हमला करने आ गई थी पर यह बात तो सच थी की राजकुमारी वाणी  चुड़ैल ना सही पर एक दूसरे ग्रह से पृथ्वी पर आई हुई  एलियन तो थी ही ।

  • 3. The Alien Humshakal - Chapter 3

    Words: 512

    Estimated Reading Time: 4 min

    उसके बॉस ने एक नजर अपने ड्राइवर को देखा और फिर वह अपना सर हिला कर  ये सोचते हुए कार का दरवाजा खोल कर बाहर निकल गया की इसका कुछ नहीं हो सकता,  वही ज़ब राजकुमारी वाणी ने इस  खतरनाक दानव के अंदर से एक सुन्दर से लडके को इस तरह से इस दानव के पेट को खोल कर बाहर आते हुए देखा, तो वह बहुत ज्यादा डर गई और साथ ही हैरान भी रह गई,  उसको  दानव के पेट के अंदर से एक लडके के बाहर आने पर इतनी ज्यादा हैरानी हो रही थी की वह जहाँ पर ख़डी हुई थी वही पर खडे खडे ही वह शौक की वजह से बेहोश हो गई।

    वही उस लडके ने ज़ब राजकुमारी वाणी को इस तरह से बेहोश होते हुए देखा तो तब वह दौड़ कर राजकुमारी वाणी के पास गया और उसने जा कर राजकुमारी वाणी को अपनी मजबूत बाहो मे पकड़ लिया।

    इसके कुछ घंटे पहले :

    एक लड़की ऑटो मे बैठ कर अपना फोन चलता हुए इंस्टाग्राम पर रील्स देख रही थी।  उस लड़की का पूरा ध्यान अपने फोन पर ही था और हैरानी की बात यह थी की इस लड़की का चेहरा बिलकुल राजकुमारी वाणी जैसा ही था।  कुछ दूर जाने पर उस ऑटो वाले ने   एक सुन शान जगह पर जा कर अपना ऑटो रोक दिया,    ज़ब उस लड़की को ऑटो रुकने का एहसास हुआ तो तब उसने ऑटो वाले भैया से अपना फ़ोन देखते हुए ही पूछा ,



    " क्या हुआ भैया आपने ऑटो क्यों रोक दिया , केहि ऑटो खराब तो नहीं हो गया और अगर हो गया है तो आप मुझे यही उतार दो, मैं यही से ही दूसरा ऑटो ले कर अपने घर चली जाऊगी। "

    उस लड़की की बात सुन कर उस ऑटो ड्राइवर ने उस लड़की से एक चालाकी भरी टोन मे कहा । " कुछ हुआ नहीं है मैडम अब होने वाला है। " ये बोल कर वह आदमी अपने होठो के ऊपर अपनी जीभ फेरते हुए उस लड़की को अपनी लस्ट भरी नजरों से देखने लगा।



    उस ऑटो ड्राइवर की ऐसी बात सुन कर ज़ब उस लड़की ने अपनी नजरें उठा कर ऊपर देखा तो तब हैरानी से उसकी नजरें बड़ी बड़ी हो गई।



    अब उसके चेहरे पर डर और घबराहट भरे मिले झूले भाव आ गए थे।

    और उस लड़की को इस तरिके से डरते हुए देख कर वह ऑटो ड्राइवर जोर जोर से तेज तेज आवाज़ मे हसने लग गया ।
    वही अब उस के पीछे उसके  बाकि के साथी दोस्त भी आ गए थे। जिनको उसने पहले ही  इस जगह पर आने का बोला था।

    वह लड़की उन लोगो को देख कर जल्दी से ऑटो से निकल कर बहार भाग गई और कबीरा को इस तरिके से भागते हुए देख कर वह ऑटो ड्राइवर और जोर जोर से हसने लग गया।  

    और इस ही तरिके से शैतानी हसीं हस्ते हुए उसने कबीरा को भगते हुए देख कर कहा " भाग ले लड़की आज भाग ले यहाँ दूर दूर तक कोई नहीं है । हा हा हा " 

     
    उसकी बात सुन कर बाकि के लड़के भी हसने लगे।

  • 4. The Alien Humshakal - Chapter 4

    Words: 634

    Estimated Reading Time: 4 min

    अब अंधेरी रात में कबीरा बेसुध सी दौडे जा रही थी, बारिश भी बहुत ही जोरो से हो रही थी, कबीरा बार-बार पीछे मुड़ मुड़ कर देख रही थी, उसके चेहरे पर घबराहट और डर साफ झलक रहा था।

    उसका दिल बहुत ही तेजी से धड़क रहा था, उसके कपड़े जगह-जगह से फटे हुए थे, और उसके शरीर पर खून भी नजर आ रहा था, जो बारिश की वजह से काफी हद तक बारिश के पानी में धूल सा गया था।

    कबीरा बस दौड़ती ही जा रही थी, शायद उसके पीछे वह गुंडे जैसे लोग अभी भी पड़े हुए थे, जो तभी एक गुंडे ने बहुत तेज आवाज मे कहा " देखो वो रही वो लड़की, आज वह हमारे हाथो से जिन्दा नहीं बचनी चाहिए,  पकड़ो उसे "

    जब कबीरा ने पीछे मुड़कर उन गुंडों को अपने करीब आते हुए देखा, और उनकी आवाजे सुनी तो उसने बिना सामने देखें, अपने शरीर की पूरी ताकत लगा कर दौड़ लगा दी, और  एक जंगल के अंदर चली गई, अंदर जा कर  उसको एक पेड़ थोड़ा सा टुटा हुआ दिखाई दिया  तो वह उस पेड़ के अंदर जा कर छुप गई क्योकि वो पड़े अंदर से खोकला था।

    तभी वहां पर तेज  आसमानी बिजली के गिरने की आवाज़ आई , बजली की आवाज़ से कबीरा बहुत ज्यादा डर गई।

    डरी सहमी सी कबीरा भगवान से उसको बचाने की दुआ करते हुए लगभग 1 घंटे तक उस पेड़ के अंदर छिपी रही, ज़ब कबीरा को एक घंटे तक उन गुंडों जैसे लड़को की कोई आवाज़ नहीं आई तो तब वह उस पेड़ की खोल मे से डरते डरते बाहर निकल गई, और जैसे ही उसने  बाहर का नजारा देखा उसकी आँखे हैरानी से बड़ी बड़ी हो गई, और खुली की खुली रह गई।

    क्यों की कबीरा  उस ग्रह पर चली गई थी  जिस ग्रह से राजकुमारी वाणी  पृथ्वी ग्रह पर आई थी।
     

       और कबीरा अभी बहुत सारे लोगो से घिरी हुई खड़ी हुई थी, उन लोगो ने अपने शरीर पर पुराने जमाने के कपड़े पहने हुए थे। और यह सुबह का समय था जिस से यह पता चल रहा था की कबीरा उस समय मे नहीं गई है जिस समय से राजकुमारी वाणी पृथ्वी ग्रह पर गई थी।

    और देखने से ही वो लोग बहुत पुराने जमाने के लग रहे थे , वहां की औरतों ने राजस्थानी कल्चर के अनुसार अपने हाथो अपना पुरा हाथ भर कर  चुडिया पहनी हुई थी।  

     और अभी जितनी हैरानी से कबीरा उन लोगो को देख रही थी उतनी ही हैरानी से वो लोग भी कबीरा को देख रहे थे। 

    यानी के कबीरा भी एक अलग जगह पर आ गई थी और यह ग्रह GTG ग्रह था । जहां पर अभी कबीरा आ गई थी । और अभी इतनी ज्यादा हैरान थी ।

    तभी वहां पर जो एक आदमी पुजारी जैसा लग रहा था उसने अपने लोगो से कहा " हमारी वृक्ष देव से प्राथना सफल  हुई, भगवान ने इस लड़की को इस धरती पर हमारी साहयता करने के लिए भेजा है ताकि हम इस से ज्ञान की प्राप्ति कर सके। " 



    पर कबीरा को उस बूढ़े व्यक्ति की एक भी बात समझ मे नहीं आ रही थी, वो बूढा व्यक्ति हिंदी भाषा तो नहीं बोल रहा था ये बात तो अब तक कबीरा को समझ मे आ गई थी। 

      जिस वजह से कबीरा ने अपने मन मे सोचते हुए कहा " ये लोग क्या बाते कर रहे है मुझे तो कुछ भी समझ मे नहीं  आ रहा है। पर इतना तो पक्का है की मैं किसी अनजान जगह पर या  मैं केहि पास्ट के किसी समय मे तो नहीं आ गई हु ।" 

     ये जानते ही की कबीरा जरूर पास्ट मे आ गई है कबीरा बहुत ज्यादा घबरा गई।

    आपको क्या लगता है  कबीरा के साथ इस अनजान ग्रह पर क्या होगा? कही कबीरा किसी मुसीबत मे तो नहीं पड जाएगी?

  • 5. The Alien Humshakal - Chapter 5

    Words: 596

    Estimated Reading Time: 4 min

    और उसने घबराते हुए अपने मन मे कहा " हे भगवान ये कैसे हो गया  मैं टाइम ट्रेवल कर के पास्ट मे कैसे आ सकती हु ये ये मेरे साथ क्या हो गया भगवान, मुझे टाइम ट्रेवल स्टोरीज मे इंटरस्ट जरूर था पर मैंने आप से ये थोड़े ही कहा था की मुझे भी आप टाइम ट्रेवल करवा कर पास्ट मे या फ्यूचर मे ले कर चले जाओ " 

      तभी उसने एक गहरी सास छोड़ते हुए अपने मन मे कहा " मैं उन गुंडों से तो बच गई पर मैं  अब एक दूसरी मुश्किल मे फ़स गई हु अब  बस भगवान ही बचाये मुझे इन लोगो से । " 

    तभी उसने अजीब सा मुँह बनाते हुए कहा, " एक तो मुझे इन लोगो की एक भी बात समझ मे ही नहीं आ रही है काश मेरे पास भी डोरेमोन की तरह ट्रांसलेसशन टूल होता तो मैं इन लोगो की बात समझ पाती। " इस के आगे कबीरा अपने मन मे कुछ भी बोल पाती उस से पहले ही 

    उस बूढ़े व्यक्ति की बात सुन कर वहां पर मौजूद सभी लोग जो खुश हो गए थे, उन मे से तभी एक औरत अचानक से कबीरा के पैरों मे झुक गई। कबीरा के पैर छूने के लिए जिस वजह से कबीरा उस औरत के एक दम अचानक से उसके पैर छूने की वजह से बहुत ज्यादा डर गई और   फुदक कर दो कदम पीछे हो गई।  

    पर फिर वो औरत कबीरा का आशीर्वाद ले कर वापस अपनी जगह पर जा कर ख़डी हो गई , तो तब कही जा कर कबीरा ने एक राहत की सास लेते हुए अपने मन मे कहा " अच्छा तो वो औरत मेरा आशीर्वाद लेना चाहती थी। " 

    पर ज़ब उसने अपने सामने देखा की उस बूढ़े व्यक्ति की बात सुन कर वहां पर मौजूद सभी लोग खुश हो गए तो उसको कुछ तो गड़बड़ लगी, तभी एक और आदमी वहां पर आया और कबीरा के पैरों मे गिर के कबीरा का आशीर्वाद लेने लगा,  फिर इस तरिके से  वहां पर मौजूद सभी लोग ख़ुशी से एक एक कर के कबीरा के पैरो मे पड़ कर कबीरा से आशीर्वाद लेने लगे। 

    और कबीरा बस हैरानी से वहा पर  किसी मूर्ति की तरह ख़डी हुई थी।   

    तभी  उस पुजारी ने वहां पर मौजूद लोगो से कहा "  वृक्ष देवी को महल के अंदर ले कर जाया जाये। 

    जिस वजह से  सात लड़कियां कबीरा के पास आ गई और उन लड़कियो ने कबीरा को चारो तरफ से  कवर कर लिया तभी उन मे से जो लड़कियां कबीरा के आगे ख़डी हुई थी वो चलने लगी पर कबीरा को तो उन लोगो के बात करने का एक शब्द भी समझ मे ही नहीं आ रहा था। 

    जिस वजह से कबीरा अभी भी उस जगह पर ही ख़डी हुई थी और अब उसको डर लगा रहा था क्यों की उन सात लड़कियो ने कबीरा को चारो तरफ से घेरा हुआ था। 

     तभी आगे चलने वाली लड़की को ये अहसास हो  गया की कबीरा उस के  साथ नहीं चल रही है जिस वजह से उस लड़की ने पीछे मूड कर मुस्कुरा कर कबीरा की तरह देखा। 

    उस लड़की की प्यारी सी मुस्कान को देख कर कबीरा ने अपने मन मे सोचते हुए कहा " इस लड़की की स्माइल को देख कर तो ऐसा लगा रहा है जैसे सब कुछ ठीक है यहाँ पर मेरी जान को किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है तो सब ठीक ही होगा इसलिए मुझे ऐसे डरना नहीं चाहिए । " 

    ये सोच कर कबीरा ने उन लड़कियो के साथ चलना शुरू कर दिया जिस वजह से वह लड़कियां खुश हो गई। 

     

  • 6. The Alien Humshakal - Chapter 6

    Words: 539

    Estimated Reading Time: 4 min

    उन लड़कियो के साथ चलते हुए कबीरा ने अपने मन मे खुद को  शांत करते हुए कहा, "   कुछ नहीं होगा कबीरा तुझे कुछ नहीं होगा, देख तो ये लोग तेरे पैर किस तरिके से छू रहे थे किसी देवी की तरह, इसलिए   देखा जाये ये लोग यहाँ पर तेरे साथ कुछ भी  नहीं करेंगे । बल्कि ये लोग तो तुझे देवी समझ रहे है तुझे तो ख़ुश होना चाहिए, तू एक साधरण सी इंसान हो कर भी यहाँ पर एक देवी बन गई, अब ये लोग किसी रानी की तरह तेरी बात मानेगे, और तुझे यहाँ  पर बहुत मजा आएगा, क्यों की तू यहाँ पर एक रानी वाली लाइफ जो जियेगी, अब ना कोई काम बस आराम ही आराम । "

    ये अपने मन मे सोचते हुए कबीरा के फेस पर एक बड़ी सी मुस्कान आ गई थी, और वह  यहाँ आ कर कितनी खुश है ये बात तो उसके फेस की ख़ुशी को देख कर ही साफ पता चल रही थी ।

    ये सोचते हुए कबीरा अब उनके साथ ख़ुशी ख़ुशी जा रही थी बिना ये सोचे की उसको तो यहाँ की भाषा समझ मे भी नहीं आती है, और बिना वह यहाँ  की भाषा जाने वह यहाँ के लोगो को ऑडर कैसे देगी तभी उसने देखा की  वह लड़कियां कबीरा को एक बहुत ही सुन्दर महल के पास ले कर आ गई थी और उस बड़े से महल को देख कर कबीरा की आँखे हैरानी से बड़ी बड़ी हो गई थी, साथ ही उस के फेस पर एक बड़ी सी स्माइल भी आ गई थी, उसको बहुत ख़ुशी हो रही थी जिस वजह से उसने अपने मन मे सोचते हुए कहा, " वॉव! कितना सुंदर पेलिस है और मैं यहाँ की पिरिंसिस, आई ऍम वैरी हैप्पी "   इस महल को देख कर कबीरा को  ये अहसास हो गया था की ये समाज या सभ्यता बहुत पुराने टाइम की है। वह बस यह ही सोच रही थी की वह पास्ट मे आ गई है, उसने यह बात तो दूर दूर तक भी नहीं सोची थी की वह पास्ट मे नहीं  बल्कि पृथ्वी से बहुत दूर किसी दूसरे ग्रह पर आ गई है।

    वह महल के अंदर ख़ुशी ख़ुशी जा रही थी बिना यह सोचे की महल के अंदर उसके साथ क्या क्या होने वाला है । और उसको कौन कौन सी मुसीबतो का सामना करना पड़ सकता है।

    दूसरी तरफ पृथ्वी ग्रह पर  राजकुमारी वाणी अभी भी  उस हैंडसम से लड़के की बाहों में ही बेहोशी से ही झूला झूलते हुए ख़डी थी।

    तभी उस लड़के ने अपने ड्राइवर को आवाज़ लगाते हुए कहा,"   राजीव जल्दी से डोर ओपन करो, देखो ये लड़की   बेहोश हो गई है। "

    अपने बॉस आयन ओबरोय की बात सुन कर राजीव जो पहले से ही ये सोच कर डरा हुआ था की जरूर एक भुतनी ने या चुड़ैल ने उनके ऊपर हमला कर दिया है, ज़ब उसने यह सुना की वह चुड़ैल बेहोश हो गई है तो तब तो वह पहले से और भी ज्यादा डर गया, डरते हुए उसने अपने मन में सोचते हुए कहा, " ये चुड़ैल बेहोश हो गई अब क्या ये हमारे साथ ही जाएगी, और अगर बॉस इसको अपने घर ले कर चले गए तो तब तो यह सीधा बॉस के घर ही चली जाएगी। "

  • 7. The Alien Humshakal - Chapter 7

    Words: 576

    Estimated Reading Time: 4 min

    यह सोच सोच कर वह और भी ज्यादा डर रहा था। और  उसने डरते डरते अपने बॉस यानी अयान ओबेरॉय के लिए और राजकुमारी वाणी  के लिए कार का डोर ओपन कर दिया, वह अभी भी जोर-जोर से हनुमान चालीसा ही पढ़ रहा था साथ ही उसके पैर जमीन पर खड़े हुए अभी भी डर से कांप रहे थे। जैसे-जैसे आयान ओबेरॉय राजकुमारी वाणी को कार की तरफ ले कर आ रहा था वैसे-वैसे राजीव मेहता पहले से भी तेज आवाज में  हनुमान चालीसा पढ़ रहा था। अयान को राजीव मेहता को इस तरीके से तेज आवाज में हनुमान चालीसा पढ़ते हुए देखने की वजह से बहुत ही ज्यादा इरीटेशन फील हो रही थी अपनी इसी इरीटेशन की वजह से आयान ओबेरॉय की आइज डार्क होती जा रही थी उसने इरिटेट होते हुए अपनी तीखी  नजरों से  राजीव मेहता को देखा , जब राजीव मेहता ने आयन ओबेरॉय की आंखों की तपिश अपने ऊपर महसूस की तो तब वह आयन से डर कर एक दम से चुप हो गया ।

    और अब बस मन ही मन में बहुत ध्यान से राजकुमारी वाणी को देखते हुए डोर के पास अपनी कापंती हुई टांगों के साथ खड़ा रहा, की कही एक दम अचानक से राजकुमारी वाणी उनके ऊपर हमला ना कर दे, पर अभी भी उसको देखने मात्र से ही यह साफ पता चल रहा था कि उसको बहुत ज्यादा डर लग रहा है।

    आयान ओबेरॉय ने राजकुमारी वाणी को संभाल कर  कार की बैक सीट  पर लेटा दिया और वह राजकुमारी वाणी के सिर को आराम से अपनी गोद में रखकर बैक सीट पर ही बैठ गया। तभी उसकी नजर कार के बाहर खड़े हुए राजीव मेहता पर गई जो की अभी भी अपनी उस पुरानी वाली जगह पर ही जमा हुआ खड़ा हुआ था, उसको देख कर ऐसा लग रहा था जैसे की उसके पैर डर की वजह से जमीन पर ही बर्फ की तरह जम गए हो और उसका उस कार के अंदर आने का बिल्कुल भी इरादा ना हो। जिस कार में राजकुमारी वाणी मौजूद है।

    राजीव मेहता को इस तरीके से देख कर एक बार दोबारा से आयान ओबेरॉय की आईज डार्क होने लगी थी अपने बॉस की ऐसी नजरों को देख कर ना चाहते हुए भी राजीव मेहता कार की ड्राइवर सीट पर बैठ गया।

    उसने फ्रंट मिरर से डरते डरते एक नजर राजकुमारी वाणी की तरफ देखा जो आराम से बेहोशी से उसके बॉस की गोद में अपना सिर रख कर लेटी हुई थी । राजकुमारी वाणी को देखते हुए उसने एक गहरी सांस ली , और तभी उसकी नजर अयान ओबेरॉय पर चली गई , आयान ओबेरॉय को खुद को इस तरीके से घूरते हुए देख कर राजीव मेहता ने जल्दी से कार को ड्राइव करना स्टार्ट कर दिया , तभी उसने डरते डरते अयान ओबेरॉय से पूछा"   सर कहां जाना है?" पर फिर उसने अपने सवाल को पहले से और बेहतर करते हुए कहा" मेरा मतलब सर की क्या इन  मैडम को हॉस्पिटल  ले कर जाना है ? "
    " नहीं, " आयान ओबेरॉय ने बस इतना ही कहा।
    आयन ओबेरॉय के  मुंह नहीं सुन कर राजीव मेहता ने डरते डरते एक नजर अयान की तरफ देखा क्योंकि उसको अयान के मुंह से नहीं शब्द सुन कर , उसको जितनी ज्यादा हैरानी हुई थी उससे कहीं ज्यादा उसको डर लग रहा था , और उसकी बची कुची हिम्मत अयान ओबेरॉय के आगे के शब्दों ने तोड़ दी। और अब उसके चेहरे पर  घबराहट भरे फेस एक्सप्रेशंस आ गए थे।

  • 8. The Alien Humshakal - Chapter 8

    Words: 601

    Estimated Reading Time: 4 min

    क्योंकि आयन ओबेरॉय ने कहा था " यह सिर्फ बेहोश हुई है तो हमें हॉस्पिटल जाने की कोई जरूरत नहीं है तुम अभी बस इतना करो कि इस कार को घर ले कर चलो तुम्हारे लिए इतना ही काफ़ी है । "

    आयान ओबेरॉय  के इन शब्दों को सुन कर राजीव मेहता जो कार ड्राइव कर रहा था उसने बड़ी मुश्किल से खुद को कार पर ब्रेक लगाने से रोका, नहीं तो अयान ओबेरॉय की इस बात को सुन कर तो आज राजीव मेहता से इस  कार का एक्सीडेंट ही हो जाता।

    क्योंकि राजीव मेहता को जिस बात का डर था कि यह चुड़ैल  बॉस के साथ उनके घर ही न चली जाए , उसका वह डर अब सच जो हो गया था।

    पर उसको अब अपने बॉस के आर्डर को फॉलो तो करना ही था जिस वजह से वह चुपचाप  रह  रह कर राजकुमारी वाणी को फ्रंट मिरर से देखते हुए कार को ड्राइव कर रहा था साथ ही वह अपने मन में  अभी भी हनुमान चालीसा पढ़ रहा था।

    1 घंटे बाद  आयान ओबेरॉय का घर आ गया और उसने राजकुमारी वाणी को अपनी गोद में उठाया और उसको अपने घर के अंदर ले कर जाने लगा। सारे सर्वेंट अपने बॉस को इस तरीके से एक लड़की को गोद में उठाए हुए घर के अंदर लाते हुए हैरानी से देख रहे थे क्योंकि उनके बॉस  आज से पहले कभी भी किसी भी लड़की को अपने घर नहीं ले कर आए थे। उनको इस बात का यकीन ही नहीं हो रहा था कि सच में उनके बॉस की गोद में अभी एक लड़की ही है। क्योंकि उन्होंने कभी भी अयान ओबेरॉय के इतना पास किसी भी लड़की को नहीं देखा था। 
    अयान ओबेरॉय ने घर के अंदर जा कर राजकुमारी वाणी को अपने सामने वाले रूम के अंदर लेटा दिया , और उसको अच्छे से ब्लैंकेट भी उढ़ा दिया।  फिर उसने राजकुमारी वाणी को एक नजर देखा, जो आराम से बेड पर अपने अजीब से कपड़ों में सो रही थी और देखने में बहुत ही ज्यादा क्यूट लग रही थी एक बार को आयन ओबेरॉय का दिल किया कि वह राजकुमारी वाणी को बस इसी तरीके से देखता रहे क्योंकि राजकुमारी वाणी बहुत ही ज्यादा क्यूट लग रही थी पर फिर उसने अपने मन में आए इन ख्यालों को अपना सिर जोर से हिला कर झटका  और फिर वह राजकुमारी वाणी के रूम से बाहर चला गया।
    अगली सुबह आयान ओबेरॉय की नींद तेज चिल्लाने की आवाज से खुली । और यह चिल्लाने की आवाज और किसी की नहीं बल्कि  राजकुमारी वाणी  की थी ।

    राजकुमारी वाणी की आवाज़ सुन कर आयन  जल्दी से दौड़ कर राजकुमारी वाणी के रूम मे गया, राजकुमारी वाणी जमीन पर गिरी हुई पड़ी थी  और टेबल लैंप की दिशा मे घबराहट भरे फेस एक्सप्रेशनस के साथ देख रही थी, उसके फेस पर अभी  डर साफ साफ नजर आ रहा था साथ ही उस की पूरी बॉडी पसीने से भीगी हुई थी।

    असल मे हुआ यह था की ज़ब राजकुमारी वाणी की नींद खुली, राजकुमारी वाणी अंगड़ाई लेती हुई  उठ कर बेड पर बैठ गई, वह आधी नींद मे अपनी थोड़ी थोड़ी आँखे खोल कर रूम को देखने लगी, रूम को थोड़ा सा देखते ही राजकुमारी वाणी की बची कुची नींद एक पल मे गायब हो गई, और अब वह अपनी आँखे बड़ी बड़ी कर के हैरानी भरे फेस एक्सप्रेशन के साथ पुरे रूम मे इधर उधर अपनी नहरे दौड़ा रही थी।
    इस कहानी मे कबीरा और वाणी का ये दूसरे ग्रह का सफर कैसा रहता है?  ये जानना मजेदार रहेगा।  

    अब आगे की कहानी अगले भाग मे जारी रहेगी,

    तब तक के लिए अलविदा। 
     

  • 9. The Alien Humshakal - Chapter 9

    Words: 557

    Estimated Reading Time: 4 min

    ,    खुद को एक अनजान से रूम मे पा कर राजकुमारी वाणी को कल रात की घटना याद आ गई  पवित्र वृक्ष से  इस दुनिया मे आना, दानव से मिलना और उसके पेट के अंदर से एक सुंदर से लडके का बाहर निकलना और उसका बेहोश होना ,  इस रूम का इंटीरियर बिलकुल अलग डिजाइन का था,  इस तरह का डिजाइन उसने आज से पहले कभी भी नहीं देखा था,  साथ ही इस रूम मे रखा हुआ सामन भी बहुत अलग था, और इस  तरह के  फनीचर को भी उसने आज से पहले नहीं देखा था  इसलिए राजकुमारी वाणी बहुत ध्यान से रूम मे मौजूद हर एक चीज को देख रही थी और इन सामन को देखते हुए उसकी  आँखो मे एक्ससाटमेंट साफ नजर आ रही थी उसकी आँखे अभी किसी तारे की तरह चमक रही थी तभी  राजकुमारी वाणी की नजर  टेबल लेम्प पर गई जो   बहुत अच्छी रौशनी कर रहा था, और देखने मे बहुत सुंदर भी लग रहा था, टेबल लेम्प को देख राजकुमारी वाणी को टेबल लेम्प को टच कर के देखने की बहुत ही ज्यादा उत्सुकता हुई , जिस वजह से वह जल्दी से टेबल लेम्प के पास गई   और उसने डरते डरते उस टेबल लेम्प को अपनी एक फिंगर से टच कर के देखा, क्यों की उसके ग्रह पर जो भी चीज रौशनी करती थी वह बर्फ की तरह ही ठंडी होती थी।

    पर ज़ब उसको टेबल लेम्प बिलकुल भी ठंडा नहीं लगा  तो  तब उसने हैरानी से अपनी आँखे बड़ी बड़ी कर के देखा, तब उसको यह जानने की उत्सुकता हो रही थी की ये जो भी रौशनी करने वाली चीज है वह काम कैसे करती है,  इस वजह से राजकुमारी वाणी ने अपनी इस ही उत्सुकता मे  टेबल लेम्प को जल्दी से अपने हाथ मे लिया, और वह उसको जल्दी जल्दी उलट पलट कर के ध्यान से देखने लगी, वह इतनी जल्दी जल्दी टेबल लेम्प को उलट पलट कर देख रही थी की  उसकी इस जल्दी के चककर मे टेबल लेम्प की एक बजली की वायर खींच कर निकल गई, और जैसे ही राजकुमारी वाणी ने अब लेम्प को थोड़ा सा हिलाया,  वह बिजली की वायर राजकुमारी वाणी के हाथ को टच हो गई, बिजली की वायर राजकुमारी वाणी के हाथ को टच होते ही   ये लगा राजकुमारी वाणी को बिजली का एक तेज झटका की, उस बिजली के झटके की वजह से राजकुमारी वाणी की पूरी बॉडी ही झन झन झनाट कर के हिलने लगी और फिर बिजली ने खुद ही राजकुमारी वाणी को दूर फेक कर मारा जिस से राजकुमारी वाणी टेबल लेम्प से दूर जा कर फ्लोर पर गिर पड़ी ।

    दर्द से राजकुमारी वाणी की मुँह से एक जोर की चिख निकली जिसको सुन कर ही आयन ओबरोय की नींद टूटी थी और वह राजकुमारी वाणी के रूम मे आया था। राजकुमारी वाणी के  रूम मे आयन  राजकुमारी वाणी की हेल्प करने आया था पर उसको यह कहा पता था की थोड़ी देर बाद उसकी हालत खुद राजकुमारी वाणी जैसी होने वाली थी।

    ज़ब आयन ने राजकुमारी वाणी को इस तरिके से फ्लोर पर गिरे हुए देखा तो तब वह दौड़ कर राजकुमारी वाणी के पास जाने लगा पर वह अभी तक राजकुमारी वाणी के पूरी तरह से नजदीक गया भी नहीं था की उस से पहले ही   राजकुमारी वाणी बजली की गति से ख़डी हुई और फुदक कर आयन ओबरोय के ऊपर चढ़ गई

  • 10. The Alien Humshakal - Chapter 10

    Words: 602

    Estimated Reading Time: 4 min

    राजकुमारी वाणी के इस अचानक से हुए एक्शन  के लिए आयन बिल्कुल भी तैयार नहीं था, उसको इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था की  राजकुमारी वाणी अचानक से उस पर इस तरिके  से बंदर की तरह उछल कर  छलाग लगाएगी और उसके ऊपर इस तरह से चड़ जाएगी, इस वजह से वह खुद को और राजकुमारी  वाणी को संभाल नहीं पाया और राजकुमारी वाणी के साथ जमीन पर एक जोर की आवाज़ के साथ गिर गया। अब हालात ये थे की जमीन पर गिरते ही   आयन के मुँह से एक दर्द भरी चीख निकल गई  " आह "  और अब वह दर्द से करहा रहा था।

    पर हमारी राजकुमारी वाणी को कहा आयन के इस तरिके से गिरने से कोई फर्क पड़ा था, उसने तो बहुत अच्छी तरिके से खुद को आयन के ऊपर एडजस्ट किया हुआ था, वह तो बिल्कुल इस तरिके से आयन के शरीर से चिपकी हुई थी जैसे बंदर का बच्चा  अपनी माँ यानि बंदरिया से चिपका रहता है चाहे फिर उसकी माँ एक छत पर से दूसरी छत पर ही छलाग क्यों ना लगाए।  उसको तो उल्टा आयन के मुँह से ये दर्द भरी आवाज़ सुन कर हैरानी हो रही थी   की बस जमीन पर गिरने से ही आयन  छोटे बच्चो की तरह दर्द से तङप क्यों रहा है  वह बस जमीन पर ही तो गिरा है   उसके ग्रह के छोटे बच्चे भी निचे जमीन पर गिरने से इस तरह से नहीं चिल्लाते जैसे यह चिल्ला रहा है। उसको आयन की दर्द भरी आवाज़ सुन कर बहुत अजीब अलग रहा था।  जिस वजह से उसने  आयन के सीने के ऊपर से अपना सिर थोड़ा ऊपर उठाया, और वह आयन का फेस देखने लगी,  जिसके फेस एक्सप्रेशन थोड़े दर्द भरे थे  आयन भी अपने दर्द भरे फेस एक्सप्रेशन के साथ राजकुमारी वाणी को ही देख रहा था, पर राजकुमारी वाणी को तो आयन को ऐसे बच्चो की तरह चिल्लाने पर बहुत हसीं आ रही थी  और इस वजह से वह अपनी हसीं कण्ट्रोल नहीं कर  पाई और जोर जोर से हसने लगी।

    राजकुमारी वाणी की हसीं को सुन कर  आयन चिढ़ते हुए राजकुमारी वाणी को देखने लगा, ज़ब राजकुमारी वाणी ने  आयन के ऐसे फेस एक्सप्रेशन देखे तो उसको पहले से और भी ज्यादा  हसीं आ गई ,   जिस वजह से राजकुमारी वाणी अब पूरी तरह से आयन के ऊपर से उठ कर एक पैर आयन के पेट के राइट साइड तो एक लेफ्ट साइड कर के आयन के ऊपर बैठ  गई। पर वह अभी भी आयन के ऊपर हस रही थी। तभी उसने आयन के दोनों गाल खींच कर  हस्ते हुए अपनी भाषा मे आयन से कहा, "  तकफु मेलु तबक सेघ लू फु जैलू। "  ( तुम तो छोटे बच्चे से भी ज्यादा नाजुक हो , )   हा हा हा।

    राजकुमारी वाणी की  अजीब सी  भाषा सुनकर आयान ओबेरॉय की आंखें हैरान से बड़ी बड़ी हो गई।

    दूसरी तरह  वाणी के मदर प्लेनिटGNG पर  कबीरा  ज़ब महल से अंदर गई तो वह महल की खूबसूरती मे ही खो सी गई,         वह लड़किया  कबीरा को एक रूम मे ले कर चली गई ,  
    वहां जाने के बाद कबीरा ने देख की दो लड़कियां वहां पर पहले से ही उसके लिए कपड़े ले कर ख़डी हुई है  तो कबीरा ने ये देख कर उन लड़कियो से अपने लिए कपड़े लिए  और  उन लड़कियो को  उसने इशारे से वहां से बाहर जाने के लिए कहा तो वह लड़कियां उस रूम से बाहर जा कर दरवाजे की जगह पर ख़डी हो गई। 

     उन लड़कियो के वहां से जाने के बाद कबीरा ने उन कपड़ो को देखा तो उन कपड़ो को देख कर कबीरा का मुँह बिकड़ गया ।

  • 11. The Alien Humshakal - Chapter 11

    Words: 828

    Estimated Reading Time: 5 min

    और उसने उस कपड़े को देख कर खुद से बात करते हुए कहा " अब मैं इस बिना सिले हुए कपड़े को पहनू तो पहनू कैसे पहनू, मैं तो इन लोगो की तरह इस कपड़े को पहन भी नहीं सकती क्यों की मुझे इस सब की आदत नहीं है "
    क्योकि ये एक बस साड़ी जैसा कपड़ा था बिना सिला हुआ अब कबीरा इस कपड़े को कैसे पहनगी कबीरा के सामने ये एक चुनौती थी। 


    ज़ब कबीरा ने उस साड़ी जैसे कपड़े को देखा तो उसका मुँह बन गया, कबीरा ने बहुत सोच कर अपना दिमाग़ लगाया और जैसे तैसे उस बिना सिले कपड़े की एक ड्रेस बना लि और उसको पहन लिया,  ज़ब कबीरा ने उन कपड़ो को पहन लिया तो  इसके कुछ टाइम बाद ही , वह चार लड़कियां कबीरा के पास आ गई। 

     ज़ब कबीरा को उनमें से एक लड़की ने इशारे से  अपने साथ आने के लिए कहा,  तो उस लड़की की इशारे की बात समझ कर  कबीरा ने अपने मन मे सोचते हुए कहा " ये लड़कियां अब मुझे कहाँ ले कर जा रही है? " और फिर उसने अपने मन मे आए इस सवाल का जवाब भी खुद ही देते हुए कहा "  इस बात का पता तो इन लड़कियो के साथ जा कर ही लगाया जा सकता है । " 
    खुद के मन मे यह बात बोलते हुए ही कबीरा उन लड़कियो के साथ उस रूम से बाहर चली गई, वह लड़कियां उसको अपने साथ एक तालाब के पास ले कर आ गई।  यह तालब भी महल मे ही बना हुआ था।
    उस  तालाब को देख कर कबीरा की आँखे हैरानी से बड़ी बड़ी हो गई और वह हैरानी भरी नजरों से उस तालाब को दुखने लगी, ज़ब उन लड़कियो ने कबीरा को उस तालाब को ऐसे हैरानी भरी नजरों से देखते हुए देखा,
    तो तब उन लड़कियो को कबीरा के मन मे उठ रहे सवाल,  उसकी नजरों से ही पता चल गए। 

    जिस वजह से उन लड़कियो मे से एक लड़की ने हाथ के इशारे से कबीरा को नाहने के लिए बोलते हुए कहा " वृक्षा देवी जी आप इस तालब मे जा कर स्नान कर लीजिये, तब तक हम सब यही पर आपके स्नान करने का इंतजार करती है ताकि यहाँ पर कोई भी ना  आ सके, हम सब इस बात का ध्यान रखेंगे की यहाँ पर कोई भी मर्द ना आए। " 

    उस लड़की की  एक भी बात  कबीरा को कुछ भी समझ मे नहीं आ रही थी पर फिर भी कबीरा उस लड़की के इशारो को समझ पा रही थी जिस वजह से  उस लड़की के बात का मतलब समझ कर  कबीरा ने हैरान होते हुए खुद से कहा,
    " अब ये लोग मुझे  बाथ लेने के लिए क्यों बोल रही है  वो भी इस लेक मे " पर फिर कबीरा ने अपने मन मे  आगे सोचते हुए कहा " शायद इनके यहाँ पर गेस्ट को खाना खिलाने से पहले बाथ लेने को ही बोलते होंगे। " 

    अपने मन मे ये सब सोच कर कबीरा तालब मे नाहने के लिए जाते हुए बोली, "   सबका अपना अपना कल्चर होता है मैं अब इस मे क्या ही कर सकती हु, मैं किसी के कल्चर को तो बदला नहीं सकती ना। "

     तभी उसके पेट से गुड़ गुड़ की आवाज़ आने लगती है जिस वजह से कबीरा अपने पेट पर हाथ रख कर बोली, "मुझे तो बहुत तेजी की भूख भी लगा रही है चलो मैं अब जल्दी जल्दी बाथ ले लेती हु क्यों की मुझे यहाँ बाथ लेने के बाद ही खाना खाने को मिलेगा। "
    खुद से यह बात बोलते हुए ही कबीरा तालब के पानी को अपने हाथो से उठा कर अपने ऊपर डालने लगती है  और फिर वह खुद से बात करते हुए कहती है, " हाँ सबसे पहले अपनी मुझे अपनी भूख मिठाने के बारे मे ही सोचना चाहिए क्यों की खाली पेट तो इंसान का माइंड भी काम करना बंद कर देता है फिर आगे का बाद मे देखूगी की मुझे क्या करना है और ये कौन सी जगह है। इन सब बातो के बारे मे " 
    अपने मन मे यह सब बाते सोचते हुए ही कबीरा उस तालब मे नाहने लगी और फिर नाह कर ज़ब पानी से बाहर निकली तो तब वहां पर मौजूद वह चार लड़कियां उसको एक कपड़े से साफ करने लगी, और फिर उन लड़कियों ने कबीरा के साथ ऐसा कुछ किया की कबीरा की आँखे हैरानी से बड़ी बड़ी हो गई, और वह अजीब सा मुँह बना कर उन सब लड़कियों को  हैरानी से देखने लगी।

    आप क्या लगता है अभी कबीरा इतनी ज्यादा हैरान क्यों हो गई? ऐसा क्या कर दिया उन लड़कियो ने कबीरा के साथ?

    आगे कबीरा के साथ इस सफर मे क्या होने वाला है क्या कबीरा किसी मुश्किल मे पड़ जाएगी और अपनी जिंदगी मे आने वाली मुसीबतो का कबीरा कैसे सामना करेगी?  दूसरी तरह  वाणी की अजीब सी भाषा सुन कर आयन ओबरोय कैसे रियेक्ट करेगा?
    आगे की कहानी अगले भाग मे जारी रहेगी, 
    तब तक के लिए अलविदा। 
    नव्या खान

  • 12. The Alien Humshakal - Chapter 12

    Words: 507

    Estimated Reading Time: 4 min

    और फिर उस पर साइड से एक पत्ती तोड़ कर कुछ करने लगी कुछ लाइने सी खींचने लगती है उसके हाथो पर से, 

    ज़ब  कबीरा ने उन लड़कियो को खुद को  पत्तीयो से गन्दा करते हुए देखा तो यह देख कर कबीरा को बहुत अजीब सा लगने लगा और तो उसने अपने मन मे सोचते हुए कहा  " कैसे लोग है ये,   ये गर्ल्स  मुझे ऐसे क्यों साफ कर रही है और फिर खुद ही इस  इन पत्तों से गन्दा कर रही है,  इन गर्ल्स ने ही ती पहले मुझे खुद ही नाहने के लिए बोला था और अब मुझे खुद ही साफ भी कर रही है और पत्तों से गंदा भी कर रही है मेरे तो कुछ भी समझ मे ही नहीं आ रहा है की यहाँ पर आखिर हो क्या रहा है। " 

    कबीरा को ये सब बहुत अजीब तो लगा रहा था पर वह उन लड़कियो से कुछ बोल भी तो नहीं सकती थी, क्यों की  उसको तो उन लोगो की लैंग्वेज भी  बोलनी नहीं आती थी फिर वह लड़कियां कबीरा को  वापस एक बार दोबारा से उस  महल के उस ही कमरे के अंदर ही ले कर चली गई थी जहाँ पर वह उसको पहले ले कर आई  थी और इस बार वह  कबीरा को उस जमाने की राजकुमारी जैसे कपड़े पहनने को दे देती है जिन कपड़ो को वहां पर उस जमाने मे राजकुमारिया ही पहना करती थी उनके अलावा और कोई नहीं जो पहले वाले कपड़ो से  ज्यादा अच्छे थे। 

    और फिर  वह लड़कियां उस रूम से बाहर चली जाती है ताकि कबीरा अपने कपड़े चेंज कर सके । 
    इस बार ज़ब कबीरा उन कपड़ो को पहने रही थी तो वह अपने दिमाग़ मे यहाँ पर अब तक जो कुछ भी उसके साथ हुआ था उसके बारे मे सोच रही थी, जिस वजह से वह अपने मन मे सोचते हुए ही खुद से बात करते हुए बोली ,
    " मैं पहले अचानक से इस जगह मे आ गई,  इस पास्ट की दुनिया मे और फिर यह सब लोग मेरे पैरो मे पड़ गए और फिर इन लोगो ने मुझे नाहने को बोला और मुझे अच्छे से नहला कर, अब मुझे  इस रूम मे एक बार दुबारा से ये जो कपड़े पहले से सुन्दर है उन कपड़ो को पहने को बोल दिया  । " 
    खुद से यह बात करते हुए यह बात बोलते ही अपने मन मे निया की आँखे अचानक से बड़ी बड़ी हो गई और वह डर से जोर से चिल्लाती है , " आआआह " और फिर आगे खुद से बात करते हुए कहती है, "  जैसा अब तक मेरे साथ इस पास्ट की दुनिया मे हुआ है। ये  सब तो पुराने जमाने मे उस लड़की के साथ किया जाता था जिसकी  भगवान को खुश करने के लिए उसकी बली दी जाती थी, यह लोग बिलकुल उस ही तरीके से मेरे से आशीर्वाद ले रहे थे और अब मुझे बाथ दिलवा कर तैयार कर रहे है। ताकि मेरी बली दे कर ये लोग अपने भगवान को खुश कर सके। "
    " "क्या ये लोग मेरी बली दे देगे? "

  • 13. The Alien Humshakal - Chapter 13

    Words: 594

    Estimated Reading Time: 4 min

    यह बात अपने मन मे बोलते हुए अभी कबीरा के चेहरे पर डर वाले भाव थे कबीरा के इन डर वाले फेस एक्सप्रेशन को देख कर ही यह पता चल रहा था की कबीरा अभी बहुत ज्यादा डरी हुई है खुद की बली की बात सुन कर, 
    दूसरी तरफ कबीरा के इतनी तेज आवाज़ मे चिल्लाने की वजह से जो लड़कियां कबीरा के रूम के बाहर कबीरा के कपड़े पहन कर तैयार होने का वेट कर थी उन्होंने कबीरा की इतनी तेज आवाज़ सुनी तो,  तब वह लड़कियां जो उस रूम के बाहर ख़डी हुई थी वह लड़कियां  भी हैरान हो गई और  अचानक से कबीरा की तेज आवाज़ सुन कर वह सब लड़कियां कबीरा के रूम के अंदर चली गई , यह सोच कर की केहि उनकी वृक्षा देवी जी को कुछ हो तो नहीं गया। 
     वही ज़ब कबीरा ने उन लड़कियो को अपने रूम के अंदर कपड़े चेंज करते हुए ही आते हुए ही देखा तो तब उसको उन लड़कियो से शर्म आ गई और उसने जल्दी से खुद को , उन  कपड़ो से ढक लिया जो कपडे उन लड़कियो ने कबीरा को पहनने के लिए दिए थे । 
    वही ज़ब उन लड़कियो ने कबीरा को खुद को इस तरिके से ढकते हुए देखा तो उनको यह सब  थोड़ा अजीब लगा की वृक्षा देवी उन लड़कियो से भी खुद को क्यों ढक रही है,  हाँ मना वह लड़कियां उन के कमरे मे अचानक से आ गई, पर वृक्षा देवी को अब उन से इतना भी नहीं शर्माना चाहिए क्यों की है तो वो भी लड़कियां ही और अगर एक लड़की को दूसरी लड़की ने कपड़े बदलते हुए देख भी लिया तो इसमें इतना ज्यादा शर्माने वाली कौन सी बात हो गई । " 
      चाहे उन लड़कियो के मन मे कबीरा को ले कर कितने भी सवाल क्यों ना आ रहे हो,  पर फिर भी उन लड़कियो ने कबीरा से कोई भी नहीं सवाल नहीं किया और बिना एक भी सवाल किये   , उन्होंने कबीरा के सामने  माफ़ी मांगते हुए अपना सीर झुका लिया और फिर अपना सिर ऐसे झुकाये हुए ही ऐसे अचानक से कबीरा के कमरे मे. आने के लिए माफ़ी मांगते हुए ही,  उस रूम से बाहर चली गई। 
    क्यों की वह तो बस रूम मे इस लिए आई थी क्यों की उनको अपनी वृक्षा देवी जी की फ़िक्र हो रही थी जो उनको वृक्ष भगवान ने दी थी पर ज़ब उन्होंने अपनी वृक्षा देवी को बिलकुल ठीक देखा तो तब उनको कबीरा के रूम से बाहर जाना ही ठीक लगा। 
    वही उन लड़कियो के रूम से बाहर जाने के बाद कबीरा ने एक राहत की सास लेते हुए खुद से कहा, " थैंक गॉड जो ये सब गर्ल्स यहाँ से चली गई। " 
    और फिर उसने आगे का प्लान बनाते हुए खुद से कहा, " अब मुझे कैसे भी कर के इस जगह से  भागना होगा, नहीं तो ये लोग अपने किसी भगवान को खुश करने के लिए मेरी बली दे देंगे । " 
    और फिर उसने अपना मुँह बनाते हुए कहा, " हे भगवान मैं अभी मरना नहीं चाहती। " 
     खुद से ये बोल कर कबीरा   उस पुरे रूम मे अपनी नजरें दोड़ाते हुए  वहां से भागने के लिए एक विंडो ढूढ़ने लगी, कबीरा ज़ब पुरे रूम मे विंडो खोज रही थी तो विंडो ढूढ़ते हुए  कबीरा ने खुद से बात करते हुए अपना गंदा सा मुँह बनाते हुए कहा , " कहा है विंडो यार? अब ये विंडो भी नहीं मिल रही "
    और फिर उसको वहां  उस रूम मे खोजने पर एक खिड़की दिखाई  दी, तो कबीरा उस खिड़की को देख कर खुश हो  गई ।

  • 14. The Alien Humshakal - Chapter 14

    Words: 549

    Estimated Reading Time: 4 min

    और विंडो मिलने की वजह से उसने खुश होते हुए ऊपर छत की तरफ देखते हुए कहा , " थैंक गॉड जो आपने यहाँ पर पहले से ही खिड़की बनवा कर रखी है मैं तो डर ही गई थी की अगर मुझे विंडो नहीं मिली तो मेरा क्या होगा । "
    यह बोल कर कबीरा एक बार आसमान की तरफ  देख कर अपने हाथ जोड़ती है भगवान को थैंक यु बोलने के लिए और फिर वह उस खिड़की से बाहर निकल गई,  पर इसलिए बड़े से अनजान महल से बाहर निकलना उसके लिए बहुत मुश्किल था।
    दूसरी तरफ पृथ्वी ग्रह पर
    आयन के घर पर राजकुमारी वाणी अभी भी आयन पर हस रही थी और आयन उसकी अजीब सी भाषा सुन कर हैरान रह गया था ।

    वाणी की बात सुन कर आयन ने हैरान होते हुए वाणी से कहा ," ये तुम किस लैंग्वेज में बात कर रही हो , ये भारत की कौन सी लैंग्वेज है ? क्या तुम साउथ इंडिया से आई हो ? क्या ये साउथ की ही कोई लैंग्वेज है ? "
    ये बोल कर आयन वाणी को बहुत ध्यान से देख रहा था की वाणी आयन को किस लैंग्वेज में जवाब देती है , या फिर उसको आयन की बात समझ में आ भी रही है या नही, क्योंकि उसको लग रहा था कि वाणी साउथ इंडियन है और साउथ से आई है इसलिए उसको वाणी की लैंग्वेज समझ नही आ रही, क्योंकि उसको नही पता था की वाणी जो भाषा बोल रही है वो इस देश या किसी दूसरे देश की ही नही बल्कि दुसरे ग्रह की है ।
    इतने में ही वाणी ने आयन की बात सुन कर उत्साहित होते हुए आयन से हिन्दी भाषा में ही कहा," तुम्हे हमारी कोड लैंग्वेज कैसे आती है ? बताओ " हैरानी कि बात यह थी की वाणी को आयन की बात बहुत अच्छे से समझ आ गई थी और वो इससे भाषा को बोल भी पा रही थी ।

    पर इससे से पहले आयन वाणी की बात समझ पाता की वाणी का कोड लैंग्वेज से क्या मतलब है उस से पहले ही राजकुमारी वाणी का मुंह हैरानी से खुल गया और उसने हैरान होते हुए आयन से कहा," अच्छा अब मैं समझी"

    उसको इतना हैरान होते हुए देख कर आयन ने भी वाणी से पूछ लिया " क्या समझी तुम ? मुझे भी बताओ?"
    आयन के सवाल को सुन कर राजकुमारी वाणी ने आयन के सीने पर अपने हाथ से मुक्का मारते हुए कहा," ये ही की तुम हमारे दुश्मन राज्य से हो , और हमारी कोड लैंग्वेज को तुमने भी जासूसी कर के सिख लिया। "
    वाणी के अंदर बहुत ताकत थी इस वजह से राजकुमारी वाणी का मुक्का आयन को बहुत तेज़ लगा और दर्द की वजह से आयन की एक जोरदार चीख निकल गई , आयन की चीख सुन कर वाणी ने अपने हाथ से एक और मुक्का आयन के पेट में मारते हुए कहा," तुम हमारी जासूसी करोगे और हमारी कोड लैंग्वेज भी सीखोगे, रुको तुम्हे तो मैं अभी बताती हूं बच्चू , मैं तुम्हे छोडूंगी नही कमजोर व्यक्ति घटिया आदमी। "
    राजकुमारी वाणी ने इतना बोलते ही आयन को मारना शुरू कर दिया, राजकुमारी वाणी का एक एक मुक्का आयन को किसी हथौड़े से कम नहीं लग रहा था , और वह दर्द से चीख रहा था ।

  • 15. The Alien Humshakal - Chapter 15

    Words: 583

    Estimated Reading Time: 4 min

    और बोल रहा था " पागल लड़की छोड़ो मुझे, आह आह छोड़ो , मुझे क्यों मार रही हो , तुम तो पागल हो , आह आह छोड़ो पागल। "

    वही आयन के मुंह से अपने लिए पागल शब्द सुन कर राजकुमारी वाणी को और ज्यादा गुस्सा आ गया और अब वह आयन के उपर से उठ गई और उसने आयन को मारने के लिए एक पोजिशन ले ली , और गुस्से से आयन से कहा," तुमने मुझे पागल बोला , तुम्हारी इतनी हिम्मत, मैं पागल नही हू समझे ।"
    अब तक आयन का दर्द भी कुछ कम हो गया था इस वजह से उसने उठ कर खडे होते हुए राजकुमारी वाणी से कहा," हा हिम्मत , आह और तुम ये क्या अनाप शनाप बोल रही हो , आह मुझे बिना किसी वजह इतना मारा, तुम पागल नही हो तो और क्या हो फिर ऐसी हरकते तो पागल ही करते है । "
    आयन की बात सुन कर अब राजकुमारी वाणी का गुस्सा आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था इस ही वजह से उसने गुस्से से चिल्लाते हुए तेज आवाज़ में आयन से कहा," मैं पागल हु तुम मुझे पागल बोल रहे हो , है ना ?"
    आयन ने भी गुस्से से मुंह बनाते हुए बोल दिया ," हा और नही तो क्या, तुम तो पूरी की पूरी पागल हो । कोई किसी को ऐसे मारता है क्या भला? "
    आयन की बात सुन कर राजकुमारी वाणी ने गुस्से से आयन से कहा," हा मारता है , मैं मारती हु , रुको तुम , तुम्हे अभी बताती है कीे मैं कितनी पागल हु तुम्हे तो मैं छोडूंगी नही । "
    यह बोल कर वाणी अपनी नजरे पूरे कमरे में इधर उधर दौड़ाती हुई कुछ ढूढने की कोशिश करने लगी , आयन वाणी की बात सुन कर अजीब सी नजरो के साथ वाणी को देख रहा था की अब यह लड़की क्या करने वाली है "
    इतने में ही वाणी की आखों में चमक आ गई और वह किसी तारे की तरह चमकने लगी , जब आयन ने राजकुमारी वाणी की किसी मोती की तरह चमकती हुई आखों को देखा तो तब उसने भी वाणी की आखों का पीछा किया तो तब उसने जो देखा उसको देख कर आयन की आंखे हैरानी से खुली की खुली ही रह गई और पहले से बड़ी बड़ी हो गई क्योंकि राजकुमारी वाणी की नजरे अभी अपनी तलवार पर टिकी हुई थी उस तलवार पर जिस से उसने कल रात आयन की कार पर हमला किया था ।
    आयन उस तलवार को देख कर डर गया और उसको कल रात का राजकुमारी वाणी का अपनी कार पर हमला करना याद आ गया , आयन डर गया और डर की वजह से उसने खुद से कहा," अब केही ये पागल लड़की तेरे ऊपर इस तलवार से हमला तो नही करने वाली है अभी ऐसी ही कर भी सकती है इसका कोई भरोसा भी तो नही है , तूझे याद नही इसने कल रात किस तरह से तेरी कार के उपर हमला किया था । " इतने में राजकुमारी वाणी ने जल्दी से कमरे में रखी अपनी तलवार अपने हाथ में उठा ली और वह तेज आवाज़ में चीखती हुई आयन की तरह दौड़ पड़ी।

    क्या राजकुमारी वाणी आयन पर तलवार से हमला कर देगी ? और उसको आयन की भाषा समझ में कैसे आ रही है? इस बड़े से महल से कबीरा क्या आसानी से निकल पाएगी या किसी बड़ी मुश्किल में फस जायेगी?
    आगे की कहानी अगले भाग में जारी रहेगी ,
    तब तक के लिए अलविदा।
    नव्या खान

  • 16. The Alien Humshakal - Chapter 16

    Words: 535

    Estimated Reading Time: 4 min

    जैसे ही आयन ओब्रॉय ने वाणी को अपने हाथ में तलवार ले कर उसकी तरफ भागते हुए देखा , उसके चेहरे पर घबराहट भरे फेस एक्सप्रेशन आ गए और डर की वजह से वह बहुत तेज़ स्पीड में वानी के रूम से बाहर भाग और भागते हुए आयन जोर जोर से बोल भी रहा था " यह लड़की पागल है हा पागल है , इसका दिमागी संतुलन ठीक नही है कोई जल्दी से मेंटल हॉस्पिटल में फोन करो , वो इसको जल्दी से यहां से ले कर जायेंगे , कोई मेंटल हॉस्पिटल फोन करो। " और रूम से बाहर जा कर उसने जल्दी से वानी के रूम के डोर को एक धड़ेम की आवाज़ के साथ बंद कर दिया और फिर बाहर से डोर को लॉक भी कर दिया । अभी उसकी धड़कन तेज थी और उसका दिल जोरो की आवाज़ के साथ धड़क रहा था अभी आयन डोर को लोक कर के राहत भरी गहरी गहरी सांसे ले ही रहा था कि आयन को राजकुमारी वानी के डोर से टकराने की तेज की आवाज़ आई," आह " आयन के समय पर डोर बंद करने की वजह से राजकुमारी वाणी दरवाजे से टकरा गई थी और उसके सिर चोट लग गई थी।
    वाणी के चीखने की और दर्द भरी आवाज़ सुन कर आयन को अब वाणी की फिक्र हो रही थी , आयन ने अपनें मन में वाणी की फिक्र करते हुए कहा," इस को क्या हुआ , क्या मुझे डोर ओपन कर के इस लड़की को देखना चाहिए की ये ठीक तो हैं केही इसको ज्यादा चोट तो नही लग गई । "
    खुद से बात करते हुए उसके मन ने उससे कहा," हा मुझे उसको देखना चाहिए । "

    अभी यह सब सोच कर आयन ओबरॉय वाणी के रूम का डोर ओपन करने ही वाला था की उस से पहले ही उसने सुना की वाणी जोर से तेज आवाज़ में बोल रही थी ," एक बार तुम दरवाजा तो खोलो , मैं तुम्हे फिर बताती हूं , वैसे भी में इस कमरे से बाहर किसी भी तरह से निकल ही जाऊंगी । तुम मुझे ज्यादा देर तक इस कमरे मे नही रख पाओगे, बस एक बार मैं इस कमरे से निकल जाऊं फिर तुम्हारी खेर नही। "
    राजकुमारी वाणी की ऐसी बाते सुन कर आयन ओबरॉय ने जो वाणी का डोर ओपन करने का फैसला किया और जो थोड़ी बहुत हिम्मत जुटाई थी वो हिम्मत अब वाणी की ऐसी बाते सुन कर जवाब दे गई थी और वह वाणी की ऐसी बाते सुन कर डर गया था ।

    उसने वाणी से कहा ," मुझे क्या पागल कुत्ते ने काटा है जो मैं इस डोर को खोल कर मैं खुद ही अपनी मौत को दावत दुगा, या फिर तुम्हारे रूम का डोर खोल कर ये बोलुगा, आ बैल मुझे मार , मुझे ऐसा करने का कोई शौक नही है । तुम अंदर ही ठीक हो । हा "
    आयन की बाते सुन कर राजकुमारी वाणी को बहुत गुस्सा आ गया और उसने गुस्से से आयन से कहा," देखो ये तुम अच्छा नही कर रहे हो , तुम मुझे इस तरह से इस कमरे मे कैद कर के नही कर रहे हों, राजकुमारी हु मै समझे और एक राजकुमारी को कैद नही कर सकते। "

  • 17. The Alien Humshakal - Chapter 17

    Words: 513

    Estimated Reading Time: 4 min

    वाणी की बात सुन कर आयन ने जवाब दिया" ओह राजकुमारी , कहां की राजकुमारी हो आप ?"
    खुद ही सवाल पूछ कर आयन ने खुद ही जवाब देते हुए कहा," क्या पागल हॉस्पिटल की राजकुमारी हो ? देखो तुम चाहे चाहे जहां की भी राजकुमारी हो , रानी हो या महारानी हो ,में यह डोर नही खोलूगा , समझी तुम । "

    यह बोल कर आयन ओबरॉय वहा से जाने लगा , तभी उसके कानो में वाणी की आवाज़ सुनाई दी ," तुम होगे पागल हॉस्पिटल के राजकुमार समझे तुम , खोलो मुझे , खोलो मुझे सुना तुमने। "

    पर आयन ने इस बार वाणी की बातो पर ध्यान नहीं दिया और वह कोरिडोर से अपने रूम की तरफ चला गया , राजकुमारी वाणी इस ही तरीके से चीखती चिल्लाती रह गई ।
    आयन ने अपने रूम में जा कर अपना फोन ढूढा और डॉक्टर के पास वाणी से रिलेटिड फोन करने लगा , अभी वो डॉक्टर से बात ही कर रहा था की थी उसके कानो में एक जोरदार धडेम की आवाज़ सुनाई दी , इस आवाज़ को सुन कर यह लग रहा था कि राजकुमारी वाणी ने अपने रूम का डोर तोड़ दिया था। और वह अब अपने रूम से बाहर आने के लिए आजाद थी ।
    एक बार फिर से आयन के चेहरे पर घबराहट भरे फेस एक्सप्रेशन आ गए थे उसने घबराहते हुए खुद से कहा," मैं खुद ही किस आफत को अपने घर में उठा लाया हूं। मैंने तो खुद अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली । "
    दूसरी तरफ राजकुमारी वाणी अपने हाथ में अपनी तलवार लिए रूम से बाहर निकल कर आयन को तलाश कर रही थी।
    पर जैसे जैसे वो इस घर में मौजूद सामनो को और इंटीरियर को देख रही थी उस की हैरानी बढ़ती जा रही थी, तभी राजकुमारी वाणी आयन को तलाश करते हुए घर के उस रूम में चली गई जहा पर आयन मौजूद था , आयन को देखते ही राजकुमारी वाणी की आखों में चमक आ गई और उसने खुश होते हुए आयन को देख कर अपनी भाषा में कहा," धम केजी बेसिन जड़ी बड़ी टकले गेंच गेच। " ( मैं तुझे छोडूंगी नही अब भाग तू भाग )

    आयन को राजकुमारी वानी की। बात समझ में नही आई पर उसको वाणी का उसको टकले बोलना समझ में आ गया और वाणी के मुंह से अपने लिए टकले वर्ड सुन कर आयन ओबरॉय की आखें हैरानी से बड़ी बड़ी हो गईऔर उसने खुद से सोचते हुए कहा," इसे मैं कहा से टकला या गंजा नजर आ रहा हु । " और उसने गुस्से से वानी को देखते हुए कहा," ए लड़की मैं तुम्हे कहा से टकला या गंजा नजर आ रहा हूं , क्या तुम अंधी हो ? जो तुम्हे मेरे इतने सुंदर काले बाल दिखाई नही दे रहे । "
    अभी आयन सब कुछ भूल कर की वह किस से बात कर रहा है अपने बालो की तारीफ ही कर रहा था की तभी उसका ध्यान वाणी की तरफ गया जो अपनी तलवार अपने हाथ में लेकर आयन के उपर हमला करने के लिए आ रही थी

  • 18. The Alien Humshakal - Chapter 18

    Words: 566

    Estimated Reading Time: 4 min

    वाणी को ऐसे देख कर आयन भी वाणी से डर कर भागने लगा और वाणी उसके पीछे पीछे तलवार ले कर भागने लगी ।
    दूसरी तरफ दुसरे ग्रह पर कबीरा बहुत ध्यान से खिड़की से बाहर निकल गई, और बहुत ध्यान से देखते हुए महल से बाहर जाने का रास्ता ढूढने लगी, जब भी उसको किसी के आस पास होने का एहसास होता या उसको किसी के कदमों की आवाज सुनाई देती वह जल्दी से किसी न किसी दीवार या सामान के पीछे या नीचे छिप जाती । इस ही तरह से छुपते छुपाते कबीरा उस महल से बाहर निकल गई
    कबीरा ने उस महल से बाहर जाते हुए एक बार पीछे मूड कर देखा और फिर एक गहरी सास ले कर  उस जंगल की तरफ जाने लगी, सब से छुपते हुए, और फिर कबीरा उस जंगल के अंदर चली जाती है सब लोग से छुपते हुये की केहि  जंगल मे भी वो लोग उसको ढूढ़ते हुए ना आ जाये। 
     काफ़ी देर तक चलने के बाद अब उसकी आँखे चलने की बिलकुल भी हिम्मत नहीं हो रही थी और उसको बहुत ज्यादा भूख भी लग रही थी और उसके पेट से खाना ना खाने की वजह से आवाजे भी आ रही थी। 
    वह बहुत देर से इस घने जंगल मे चलते हुए अपने लिए खाना ढूढ रही थी पर काफ़ी देर तक चलने पर भी उसको कुछ भी खाने को नहीं मिला था   तो अब तो उसकी हिम्मत भी जवाब दे रही थी। 
    जिस वजह से वह एक पेड़ के निचे घास के ऊपर बैठ गई और उस पेड़ के नीचे बैठ कर निया ने  रोते हुए कहा, " ऐ भगवान सारी प्रॉब्लमस आपने मेरी ही लाइफ मे लिखी है क्या?  पहले उस गंदे से आदमी ने मुझे जॉब के बदले वो सब करने को कहा, और फिर वे गुंडे मेरे पीछे पड़गे, इतने से ही आपका मन नहीं भरा तो फिर आप मुझे इस पास्ट की दुनिया मे ले कर आ गए जो देखने से ही 5,6 या 7 हजार साल पुरानी लगा रही है। " 
    ये सब बोलते हुए   अभी कबीरा की आँखो से आंसू पानी की तरह बह रहे थे तभी कबीरा ने रोते हुए आगे भगवान से बात करते हुए कहा, "  और इतने से भी आपका मन नहीं भरा तो इन लोगो से मेरी बली दिलवाने वाले थे आप, वो तो मैं बच कर भाग आई वहां से, मुझे बहुत तेज भूख लग रही है और अब मुझे इस जंगल मे कुछ खाने के लिए भी नहीं मिल रहा है और इस से ज्यादा क्या बुरा हो सकता है मेरी लाइफ मे। " 
    ये बोलते हुए कबीरा वही रोते रोते पेड़ के निचे जो घास थी उस पर ही लेट गई  और जैसे ही वो थकान की वजह से अपनी आँखे बंद करने वाली थी तभी उसको किसी जंगली जानवर की गुरराने की आवाज़ सुनाई दी। 
    उस आवाज़ को सुनते ही कबीरा बहुत ज्यादा डर गई और डरने की वजह से उसने अपनी आँखे खोल लि, और घबराहते हुए इधर उधर आस पास अपनी नजरें दौड़ाते हुए ये देखने की कोशिश करने लगी की   केहि वो जंगली जानवर यहाँ आस पास तो नहीं है जिसके गुरराने की यहाँ आवाज़ आ रही है।  
      तभी उसने जो देखा उसे देख कर कबीरा की आँखे डर की और हैरानी की वजह से बड़ी बड़ी हो गई क्योंकि उसकी कुछ दुरी पर एक शेर जैसा जानवर खड़ा हुआ था जो उसको ही देख रहा था। 

  • 19. The Alien Humshakal - Chapter 19

    Words: 570

    Estimated Reading Time: 4 min

    शेर जैसे जानवर को अपने पास देखने की डर की वजह से हालत खराब हो गई  और वह जल्दी से उठ कर पेड़ पर चढ़ने की  कोशिश करने लगी। 
    क्यों की उसने अपने बचपन मे सुना था की  अगर आप जंगल से जा रहे हो और वहां पर शेर आ जाये तो तब अपनी जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ जाना चाहिए।
     इस ही वजह कबीरा शेर को देख कर डरते डरते पेड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रही थी पर उसकी लाख कोशिश करने के बाद भी वह पेड़ पर नहीं चढ़ पा रही थी उसके पैर बार बार फिसल रहे थे क्यों की उसको तो पेड़ पर चढ़ना आता ही नहीं था  दूसरा वह बहुत ज्यादा डरी हुई थी इस वजह से भी उस वजह से उस की बॉडी और माइंड ठीक से काम नहीं कर रहे थे।  
    सच बात तो यह थी की कबीरा एक मुश्किल से निकल कर दूसरी बडी मुश्किल मे फ़स गई थी जिसमे अब उसकी जान कभी भी जा सकती थी।
    और दूसरी तरफ वही पर कुछ दुरी पर खड़ा हुआ वह शेर कबीरा के पेड़ के ऊपर चढ़ने की कोशिश देख कर गुस्से से जोरदार आवाज़ मे दहाड़ता है  जैसे कबीरा से गुस्से से कह रहा हो, "पेड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रही है तुझे तो मैं अभी देखता हु। "
    वही ज़ब कबीरा ने उस शेर की इतनी जोरदार गुस्से भरी दहाड़ने की आवाज़ सुनी तो तब उसकी सिट्टी पिट्टी गुल हो गई और वह और ज्यादा अपने हाथो से पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करते हुए भगवान को याद कर के उनकी उन से ही शिकायत करते हुए मुँह बनाते हुए कहने लगी, 
    " ये भगवान आपको मेरे से की खास दुश्मनी है क्या?, हाँ आज आप बता ही दो मुझे, हा ज़ब भी मैं कहती हु इस से ज्यादा बुरा मेरी लाइफ मे क्या हो सकता है तभी आप मेरी लाइफ और कोई प्रॉब्लम ला कर ये कहते हो, ये में गलतफहमी थी की इस से ज्यादा बुरा मेरे साथ और क्या हो सकता है। " 
    अभी कबीरा भगवान जी से शिकायत कर ही रही थी की तभी उसको एक बार दुबारा से शेर के दहाड़ने की आवाज़ सुनाई दी, और उस शेर की दहाड़ को अपने कानो से सुन कर निया को लगा की अब तो एक ही झटके मे उसका खेल खत्म, अब ये शेर उसको कच्चा खा जायेगा। 
    जिस वजह से वह बहुत ज्यादा डर गई और  उसको लग रहा था की वह अब किसी भी पल इस शेर की  एक छलाग के साथ ही इस जमीन पर मरी हुई पड़ी होंगी और ये शेर उसको टुकड़े टुकड़े कर के खा रहा होगा। 
     अभी कबीरा इतनी ज्यादा डरी हुई थी की ये डर उसकी आँखो और चेहरे से ही साफ झलक रहा था की कबीरा अभी बहुत ज्यादा डरी हुई है तभी उस शेर ने एक जोरदार दहाड़ के साथ कबीरा के ऊपर छलाग लगा दी। 
    और  तभी वहां पर उस जंगल मे किसी के दर्द मे चिल्लाने की आवाज़ गूंज गई। 

     आपको क्या लगता है क्या कबीरा मर जाएगी, क्या बस यही तक थी कबीरा की जिंदगी? या अभी और भी बहुत कुछ रोमांच बचा हुआ है कबीर की जिंदगी मे? क्यों की ये तो बस कहानी की शुरुआत है।  दूसरी तरफ पृथ्वी पर क्या वाणी आयन को मार देगी ?
    आगे की कहानी जानने के लिए बने रहिये हमारे साथ,
    मिलते है अगले भाग मे तब तक के लिए अलविदा। 
    नव्या खान 

  • 20. The Alien Humshakal - Chapter 20

    Words: 707

    Estimated Reading Time: 5 min

    अब आगे : 
      ये आवाज़ बहुत दर्द भरी थी जिसे सुन कर ही यह पता चल रहा था की  कोई बहुत ज्यादा दर्द मे है पर यह आवाज़ कबीरा की नहीं बल्कि उस शेर जैसे जानवर की थी जिसने अभी कुछ टाइम पहले ही कबीरा के ऊपर हमला किया था। 
     और जो शेर जैसा जानवर कबीरा को मार कर खाने वाला था  वो ही जानवर अब दर्द से तड़पते हुए निचे जमीन पर गिर पड़ा था क्यों की ज़ब उस शेर ने कबीरा के ऊपर हमला कर दिया था और कबीरा ने ये सोच कर डर से अपनी आँखे बंद कर लिए थी की वह अब कभी भी मर सकती है तो तब उस शेर के कबीरा के ऊपर हमला करने के लिए छलाग मरते हुए कुछ दुरी से उस शेर को एक तीर आ कर लगा था जिस से वह शेर दर्द से तड़पते हुए दूर जा कर गिर गया था उस तीर के लगने की वजह से घायल हो कर और उसके घाव से बहुत खून भी निकल रहा था। 
    वही  जो कबीरा अब अपनी आँखे बंद कर के शेर के हमला करने का ही वेट कर रही थी   ज़ब उस कबीरा ने खुद की बॉडी के ऊपर किसी भी तरह के दर्द का अहसास होते हुए नहीं महसूस किया और साथ ही ज़ब उसने उस शेर की दर्द मे चिल्लाने की आवाज़ सुनी तो तब उसने अपनी आँखे खोल ली।
    और वह अपनी आँखे बड़ी बड़ी कर के हैरानी से उस शेर को देखने लगी जो अब उस से कुछ दुरी पर घायल हो कर निचे जमीन पर पड़ा हुआ था। 
    कबीरा को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की जो शेर उसको बस एक ही पल मे चट करने वाला था वो ऐसे अचानक से घायल हो कर कैसे गिर गया। 
    जिस वजह से वह उस शेर को बस देखे जा रही थी डरी हुई सी अपनी आँखे बड़ी बड़ी कर के वो उस शेर के उस घाव को देख रही थी जहाँ से उस शेर को खून निकल रहा था  उस घाव पर एक तीर लगा हुआ था उस तीर को ज़ब ने देखा तो तब उसकी आँखे पहले से भी बड़ी बड़ी हो गई। 
    यह सोच कर की उसके आस पास  कोई इंसान है जो एक शिकारी है  उसके शिकारी होने से निया को कोई प्रॉब्लम नहीं थी क्यों की उसको पता था लोग पुराने समय मे शिकार किया करते थे पर उसको प्रॉब्लम इस बात से थी की यहाँ पर कोई इंसान है।  
      जिस वजह से यह सब सोच कर कबीरा ने अपने मन मे सोचते हुए कहा " हे भगवान  मैं एक बार को इस शेर से बच सकती थी पर ये इंसान तो मेरी बली दे कर मुझे मार डालेंगे क्यों की ये तो मुझे देखते ही पहले मेरे पैर पड़ जाते है और फिर मुझे मेरी बली देने के लिए तैयार करने लगते है। " 
    यह सोचते हुए ही कबीरा की हालत खराब हो रही थी  और वह बहुत ज्यादातर डर गई थी जिस वजह से कबीरा ने बिना कुछ सोचे समझे उस जंगल मे अपने शरीर की ताकत लगा कर दौड़ लगा दी, इतने वह इंसान उसके पास आ पता जिसने उसकी अभी तीर चला कर उसकी जान बचाई थी। 
     कबीरा अब एक बार भी पीछे मूड कर नहीं देख रही थी  की कोई इंसान उसके पीछे आ भी रहा है की नहीं, वह बस अब बिना अपने पीछे देखे बस आगे की तरफ दौड़ती ही जा रही थी। 
    वही कबीरा को जिस इंसान ने उस शेर से बचाया था वह एक लगभग 25 साल का  जवाब लड़का था जिसने रेशम कपड़े पहने थे और सोने के गहने भी। 
     वही ज़ब उस लडके ने कबीरा को इस तरह से जंगल मे भगते हुए देखा तो वह बहुत ज्यादा हैरान हो गया  और उसने अपने मन मे सोचते हुए कहा "(तू थे धन फ्धर रहा डेज हार्ट जठर हर्फ एड कुरु साध एमजी गज बढ़ रेड फैफ्ड इट कमर जे ने बेड भी खदाज । ) ये लड़की इस  तरह से क्यों भाग गई मुझे देख जैसे इसने कोई आदमी नहीं बल्कि कोई भुत देख लिया हो। "
      अभी वह ये सब सोच ही रहा था पर फिर उस लडके को कुछ याद आ गया जिस वजह से वह लड़का भी कबीरा का पीछा करने लगा।