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Ruined by You

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Bibliophile Rhea

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Description

दुआ जो अपनी मां की नाजायज बेटी है, वही दृश्यम उसे उसकी जबरदस्ती शादी के दिन कोई किडनैप कर लेता है। लेकिन क्यों ? क्या वो उसे प्यार करता था, या वो सिर्फ एक जुनून थी? क्या ये केवल एक साधारण अपहरण था, या इसके पीछे कोई छुपा हुआ सच था—कुछ अधिक खतरनाक, अधि...

Characters

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Ivan Malhotra

Villain

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Dua Kapoor

Heroine

Total Chapters (7)

Page 1 of 1

  • 1. Ruined by You - Chapter 1 Dua got kidnapped

    Words: 1599

    Estimated Reading Time: 10 min

    बेंगलुरु.......

    पॉलिस स्टैशन के एक सेल मे एक करीब 27 28 साल लड़का बैठा था, उसका चेहरा नही दिख रहा था बस बैक दिखाई दे रहा था। एक कंस्टेबल सेल की ताला खोल कर अंदर गया।

    उस कॉन्स्टेबल के हाथों मे एक फोन था, वो फोन को उस लड़के के तरफ करते हुए बोला, ″ तेरे लिए फोन आया है, ले बात कर। ″

    वो लड़का फोन को कान मे लगा लर आगे की तरफ की बातों को सुना, उसने बस इतना कहा, ″ आपका काम हो जायेगा। ″ बोलकर फोन को वापस से कंस्टेबल को पकड़ा दिया।

    कुछ देर बाद पॉलिस स्टेशन से वहीं लड़का बाहार निकल कर आया, उसके साथ मे कुछ नही था, उसने बस एक ब्लू ज़ीन्स ओर वाइट शर्ट पेहन रखे थे, जिसका शुरु के 3 बटोन्स खुले थे जिस लिए उसके मशकुलर चेस्ट का कुछ हिस्सा शो हो रहा था।

    पॉलिस स्टेशन से बाहर आते ही दूसरा एक ओर कंस्टेबल सामने आकर उसे एल गाड़ी की चाबी थमा दी। चाबी लेने के बाद वो मुड़ कर एक नज़र पॉलिस स्टेशन को देख आगे बड़ गया, ओर सामने पार्क लिए हुए ब्लैक जीप पर चढ़ गया।

    रात का वक़्त.....

    बीच के सामने एक रेड कार पार्क की गई थी, कार के अंदर से कुछ आवाज आ रही थी। कार के अंदर ड्राइविंग सीट पर एक लड़का ओर पैसेंजर सीट पर एक लड़की थी।

    लड़का लड़की से कहा, ″ व्हाट हपेंड अवंतिका तुम मुझे यहा रात को यु इस तरह से क्यू बुलाई हो ? तुम्हे पता है ना दो दिन बाद मेरी शादी है, तुम्हारी बेहन से फिर यु मुझे यहा पे बुलाने का क्या मतलब ? ″

    ये सुनते ही अवंतिका की आखों में आंसू आ गए।

    अवंतिका नम आँखो से बोली, ″ व्हाट्स रॉंग विथ यू आकाश ? तुम क्यू करना चाहते हो ये शादी ? तुम तो मुझसे प्यार करते हो ना फिर, फिर क्यू कर रहे हो ये शादी ? देखो चलो अभी भी वक़्त है हम सब को जाकर बता देते है हम दोनो एक दूसरे से बहोत प्यार करते है फिर देखना सब तुम्हारी ओर मेरी शादी करवा देंगे हम हम बहोत खुस रहेंगे। ″

    आकाश गुस्से से बोला, ″ डोंट यू डेयर अवंतिका। मेरे इतने अच्छे गेम को तुम अपनी इस सो कॉल्ड बचकानी हरकतों से बिगड़ नहीं सकते। में तुम्हे ऐसा करने नही दूंगा। ″

    ″ हा ये सच है में तुमसे प्यार करता हु पर उसके साथ ये भी सच है में अपने आप से भी बहोत ज़्यादा प्यार करता हु। एंड लिसेन में अभी जो कर रहा हु वो तुम्हारे ओर हमारे हम दोनो के आने वाले अच्छे फ्यूचर के लिए कर रहा हु। सो डोंट ट्राई टू स्टॉप मी, अंडरस्टैंड ? ″

    अवंतिका रोते हुए बोली, ″ फ्यूचर कैसा फ्यूचर ? यहा तुम मुझे हमारे अच्छे फ्यूचर के दिलाशें दे रहे हो ओर उसी के साथ वहा तुम मेरे बेहन के साथ शादी रचा रहे हो ? ओर फिर भी तुम मुझे ये यकीन करने के लिए कहते हो that यू लव मी ? ″

    अवंतिका को यु रोते देख आकाश उसे हग कर लिया, ओर उसे चुप कराते हुए बोला, ″ शहह डार्लिंग रोना बंद करो। व्हाई आर यू क्राइंग डार्लिंग ? यू नो ना मैं तुम्हारी बेहन से क्यू शादी कर रहा हु ? बस एकबार मेरी उससे शादी हो जाने दो उसके प्रॉपर्टीज मेरे हो जाने दो फिर तो में उसे ऐसे भी डाइवोर्स डूंगा ओर वैसे भी। फिर तो तुम ही मेरी ज़िंदगी मे रहोगी ना ? हम अब रोना बंद करो डार्लिंग। ″ बोलते हुए वो अवंतिका के चेहरे से आंसू पोछ रहा था।

    अवंतिका अपनी रुंधी हुई आवाज मे बोली, ″ सच मे आकाश तुम ऐसा ही करोगे ना ? तुम उसे डाइवोर्स दे कर मेरे साथ शादी करोगे ना ? कहीं तुम आगे चल कर मुकड़ तो नहीं जाओगे ना, हम बोलो ? ″

    आकाश उसे समझाते हुए बोला, ″ नो डार्लिंग नेवर। यू ट्रस्ट मी ना ? ″ बोलकर वो अवंतिका को देखने लगा।

    अवंतिका अपनी सर हा मे हिलाते हुए बोली, ″ या आई ट्रस्ट यू आकाश। ″

    इसपर आकाश ने कहा, ″ देन जो हो रहा है होने दो पर चुपचाप देखती जाओ आगे क्या क्या होने वाला हो इस गेम मे। ″

    दो दिन बाद.....

    एक कमरे मे गोल्डन ओर क्रिम कलर के शादी के जोड़े मे एक लड़की मिरर के सामने बैठी हुई थी, उसके आस पास कुछ ओर लड़किया थी जप उसे तैयार कर रही थी। तभी कमरे के दरवाजा खुला, दरवाजे पर एक खूबसूरत लड़की खड़ी थी।

    वो लड़की अंदर आई ओर बाकी लड़किओं से बोली, ″ तुम सब बाहर जाओ में खुद अपनी बेहन को तैयार करूंगी। ″ बोलकर वो दुल्हन के पास चली गई।

    दूसरी लड़की दुल्हन के कंधो पर हाथ रख उसके नेक तक झूक कर बोली, ″ व्हाट हैपेंड दुआ क्या सोच रही है ? ″ बोलते हुए वो सामने मिरर को देख रही थी।

    दुआ अपनी सर ना मे हिलाइ, तो वो लड़की दुआ के गले मे निकलेस पहनाते हुए बोली, ″ सोच कर अपनी दिमाग़ मे बेकार की जोड़ देना बंद कर ओर जो हो रहा होने दे। उसे अपना नियती मान ले। ″

    इसपर दुआ बोली, ″ क्या वो अभी तक वापास नही आए दी ? ″ दूसरी लड़की ने ना मे सर हिला दिया तो दुआ की चेहरा मुरझा गया।

    दुआ को तैयार करने के बाद वो दूसरी लड़की कमरे से बाहर जाने लगी, दरवाजे के पास रुक कर टेड़ी नज़र से दुआ को देखते हुए वो लड़की अपने मन मे बोली, ″ कर ले जितनी दुआ कर सकती है दुआ। पर अफ़सोस आज कोई भी दुआ तेरी हेल्प नही कर सकती। ″

    ″ अबतक सब प्लान के मुताबिक होता आ रहा है ओर आगे भी होगा। बस एकबार तेरी सारी प्रॉपर्टीज हमारे हो जाय, फिर तेरी किस्सा हमेशा हमेशा के लिए खत्म ओर उसके बाद बहोत जल्द में तेरी जगह दुल्हन बनूँगी ओर हमेशा के लिए अपने आकाश की हो जाउंगी। ″ बोलते वक़्त उसकी आँखो मे दुआ के लिए बेहद नफरत थी।

    वहीं अपने खिलाफ हो रहे साजिशों से अंजन दुआ अपने ही सोच मे गुम थी, शायद उसे किसी की इंतज़ार थी किसी ऐसे की जो शायद उसे हर मुसीबत से बचाए उसकी हिफाज़त करे उसे वो सब दे सके जिसकी वो हक़दार है जो उसे अभी एक मिला नहीं।

    मंडप में :- पंडित जी दूल्हे ( आकाश ) के साथ शादी के रस्में कर रहे थे, वो बोले, ″ दुल्हन को लाइए, शुभ मुहूर्त बीता जा रहा है...। ″

    ये सुन पंडित जी के पास बैठे एक आदमी ने कहा, ″ नलिनी जाओ दुआ को ले कर आओ। ″ नलिनी ने हा मे सर हिला दिया।

    नलिनी जाती उससे पहले ही अवंतिका उसे रोकते हुए बोली, ″ रुकिए मॉम डैड आप मे से किसी को कहीं जाने की जरूरत नहीं है, मैं जाकर लेकर आती हूं अपनी बहन दुआ को। ″ बोलकर वो ऊपर बुआ को लेने चली गई।

    कुछ देर बाद अवंतिका हफ्ती हुई सीढ़ियों से उतार रही थी, उसे इस तरह भागते हुए आता देख तारुश उस के डैड उससे बोले, ″ क्या हुआ अवंतीका तुम इतनी भाग क्यों रही हो पर इतनी परेशान क्यू दिख रही हो ? और दुआ वो कहां है ? तुम तो दुआ को लेने गई थी ना, तुम्हारे साथ क्यू नही आई वो ? ″

    नलिनी भी अवंतिका को इस हालत मे देख उससे बोली, ″ हां अवंतिका का दुआ कहां है ? ″

    इसपर अवंतिका परेशान हो कर बोली, ″ मॉम डैड दुआ नहीं है.... ! ″

    ″ नहीं है मतलब वो अपने कमरे में नहीं होगी तो और कहां होगी ? ″ — तारुष शौकेड हो कर अपनी जगह से उठते हुए बोले।

    नलिनी कुछ सोच कर बोली, ″ देखो शायद वाशरूम मे होगी ″

    अवंतिका खुदको एक्सप्लेन करते हुए बोली, ″ मैंने हर जगह देख लिया दुआ कहीं नहीं है ″

    तारुष गुस्से से बौखलाते हुए बोले, ″ कहीं नहीं है मतलब, कहां गई होगी ढूंढो उसे। यहि कही इस हवेली के किसी कोने मे छुपी होगी। ″

    ″ डै डैड मुझ मुझे लगता है दुआ शायद भाग गई है अब इस हवेली मे ढूंढ़ने से वो मिलने वाली नही। ″ — अवंतिका डरते हुए बोली।

    तारुष ने कहा, ″ भाग गई पर कैसे भाग सकती है वो इतने टाइट सिक्यूरिटी के मौजद होते हुए ? ″

    सब सुनने के बाद अभी तक चुप रहा आकाश अब मंडप से उठ कर गुस्से से अपने माथे से सेहरा को उतार कर दूसरी तरफ फेकते हुए चिल्लाते हुए बोला, ″ दुआ ये तुमने ठीक नहीं किया। तुम पछतायोगी दुआ बहोत पछतायोगी। ″

    नलिनी बोलो, ″ अभी दुआ को पछताने के वक़्त नही है। अभी हमे उसे ढूंढ़ना होगा वरना उसके जगह हम पछताएंगे। ″

    तारुष भी नलिनी के बातों से सहमति जताते हुए कहा, ″ हा अभी हमें जोश से नही होश से काम लेना होगा। ओर चाहे कहीं से भी क्यू ना हो पर उस दुआ को ढूंढ कर लाना ही होगा। वरना हमारे सारे मेहनत सरे प्लान्स सब ख़तम हो जाएंगे। ″

    ″ हम आकाश मोम डैड सही बोल रहे है, हमें अभी दुआ को ढूंढ़ने निकलना चाहिए। तुम अपने आदमियों को बोल दो कही से भी हो किसी भी हालत मे क्यू ना हो पर दुआ को ढूंढ निकलने के लिए। ″ — अवंतिका आकाश को समझते हुए बोली।

    अवंतिका की बात सुनने के बाद आकाश बोला, ″ ढूंढ़ना तो उसे पड़ेगा ही चाहे किसी भी कीमत पर। ″

    क्या लगता है कहा गई दुआ ? क्या आकाश दुआ को ढूंढने में होगा कमियाब ? ये मेरी पहली कहानी है ओर हिंदी मेरी पहली भाषा नहीं है अगर कहीं कोई गलती हुई हो तो pls बता देना ओर pls pls मेरी साथ दो।

    okkkkkkkkk byeeeeeeeeeee

  • 2. Ruined by You - Chapter 2

    Words: 1868

    Estimated Reading Time: 12 min

    जंगल के सुनसान सड़क पर एक काली जीप बहोत तेजी रफ़्तार से हवा से बाते करते हुए जा रहा था। जीप के ड्राइविंग सीट पर एक लड़का था ओर पैसेंजर सीट पर शादी के जोड़े मे एक लड़की थी। धीरे धीरे कर दुआ की आँखे खुलने लगी ओर उसे कुछ याद आने लगा....

    कुछ समय पहले......

    अवंतिका के जाने के बाद दुआ बेमन सी अपने रूम मे अकेली बैठी थी, आज उसकी शादी थी लेकिन अपनी शादी को ले कर उसके चेहरे पर ना तो कोई खुशी दिखाई दे रहा था ओर ना ही कोई एक्साइटमेंट। उसकी मुरझाई हुई चेहरे ये अंदाजा तो साफ साफ लगाया जा सकता है की ये शादी उसकी मर्जी से नही हो रही है।

    दुआ जो अपने ही खयालों मे गुम थी अचानक से उसे कुछ आवाज आई, किसी चीज के टूटने की शोर। वो उठ कर अपने लहेंगे को संभालती हुई बालकनी की तरफ गई.....

    बालकनी मे सब नॉर्मल देख वो पीछे मुड़ वापस कमरे मे जाने को हुई की तभी कोई पीछे से आकर उसके नाक मे क्लोफोर्म मिलाया हुआ रुमाल सुंघा दिया ओर अगले ही पल दुआ बेहोश हो गई।

    प्रेजेंट टाइम......

    आँखे खोल दुआ खुदको बाहार पाती है, वो हवा मे अपनी हाथों को फेहला कर एक ताजी लम्बी सांस लेते हुए अपनी खे बंद कर नेचर को महसूस करने लगी।

    आँखे खोल दुआ अपनी नज़र साइड मे करती है तो ड्राइविंग सीट पर बैठा ड्राइव कर रहा शख्स को देख कर वो एकदम से शौकेड हो गई।

    दुआ शौकेड हो कर अपने मन मे बोली, ″ ये यहा ? ″ बोलकर वो एकटक उस लड़के को देखने लगी।

    6.3″ के हाईट, गेहुआ रंग, शार्प नोज, शार्प जो लाइन, पतले होंठ, ब्लू डेनिम जीन्स, ओलीव ग्रीन कलर के t-shirt, वाइट कलर के ब्लेज़ार पेहने एक हाथ से स्टेयरिंग घूमते हुए ड्राइव कर रहा लड़का बहोत होट लगा रहा था।

    ″ में कोई तुम्हारा पर्सनल प्रॉपर्टी नही हु जो तुम मुझे बिना अपने प्लाके झपकाये देखती रहोगी। ″ — उस लड़के की अचानक कहने से दुआ जो पुरी तरह अपने खायलों मे खो गई थी वो वापस अपने होश मे आई ओर थोड़ी एम्बरेस्ड फील की।

    अगले ही पल बिल्कुल नॉर्मल हो कर चेहकते हुए वो बोली, ″ हाई में दुआ, दुआ माथुर ओर तुम ? ″ बोलते हुए वो अपनी हाथ आगे कर दी।

    वो लड़का ड्राइविंग करते हुए बोला, ″ योर किडनैप्पर। ″

    दुआ अपनी मुह बिगड़ते हुए बोली, ″ किडनैप्पर भला ये भी कोई नाम हुआ किसी का ? ″ पर उस लड़के ने आगे कुछ ओर नही कहा।

    अपने सवाल का कोई जबाब ना पाकर दुआ खुद ही बोली, ″ नेवर माइंड। तुम्हे अपना नाम नही बताना है ये तुम्हारा चॉइस है। ″ बोलते हुए वो अपनी हाथ को वापस खींच लिया।

    कुछ ही सेकंड्स बाद दुआ चेहकते हुए बोली, ″ वेल मिस्टर हैंडसम किडनैप्पर हम जा कहा रहे है ? ″

    ″ जस्ट कीप योर माउथ शट। ″ — लड़के ने जबाब मे कहा। जिससे दुआ की मुह बिगड़ गया वो अपनी हाथ बांध मुह फुला लिया।

    कुछ देर बाद दुआ झल्लाते हुए बोली, ″ उफ़ ओह किडनैप्पर तुम भी ना कितना बोरिंग हो बोरिंग नही पुरी की पुरी बोरियत का दुकान हो तुम। सिर्फ बोरियत नही उसके साथ साथ फ्री का इंट्रोवर्ट पर्सन भी हो तुम। त...... ″

    ″ दृश्यम ″

    दुआ आगे बोल ही रही थी तब अचानक उस लड़के ने उसे टोकते हुए कहा।

    दुआ ना समझते हुए बोली, ″ हा ! कौनसा शम दृश्यम? ″

    कुछ देर बाद एक कोटेज़ के सामने आकर उनकी कार रुकी, दुआ अभी भी शौकेड थी, वो कार मे ही बैठे थी। वो अपने दिल की धड़कन को काबू कर जैसे अपने साइड मे देखती है तो उसे एक झटका मिलता है।

    दुआ खुदसे ही बोली,   ″ अरे ये किडनैपर कहा गायब हो गया अभी तो यहा मेरे पास था। मुझे किडनैप करके कही खुद ही किडनैप ना हो गया हो...। ″

    फिर खुद ही अपने सर पर टपली मार कर बोली,  ″ नहीं नहीं दुआ ये क्या बोल रही है, शुभ शुभ बोल। तू भी ना पता नहीं क्या क्या सोचती रहती है। ″
    बोलते बोलते उसके नज़र सामने गई तो उसकी आँखे फटी की फटी रही गयी।

    दुआ अपनी बड़ी बड़ी आँखो से चेहरे पर शोकिंग एक्सप्रेशन लिए कोटेज के सामने खड़ी हो कर बोली,   ″ जी जे एम ओ इन सी के बी इंशोर्ट  घुसे जंगल मे ओर निकले कोटेज के बहार ! ″
    बोलकर वो कोटेज के अंदर चली गयी।

    दुआ अंदर आ कर ही दृश्यम के बैक पर मार कर बोली,    ″ तुम तो बड़े गंदे हो मिस्टर हैंडसम किडनैपर ! मुझ एकेली सुंदर लड़की को यु बिच जंगल मे छोड़ कर खुद कोटेज मे आ गय !

    ये भी नहीं सोचा क्या होगा अगर मुझ मासूम को कोई जंगली जानवर आकर उठा कर ले जाता तो कोई आकर मुझे अपना लंच या डिनर बनवा लेता तो ! अरे ये भी छोड़ो अगर में फूल सी बच्ची रास्ता भटक जाति तो ? तो क्या होता कभी सोचा है तुमने ? ″ 
    बोलते हुए दृश्यम के कोलर को पकड़ कर अपनी एक्टिंग जारी रखी......

    दृश्यम ने बारी बारी से दुआ के हाथो को देखा।

    फिर अपनी आँखे एकदम से बंद कर, दुआ के नाजुक से हाथों को पकड़ उन्हे अपने कॉलर से अलग करते हुए बोला,    ″ पहली बात न तो तुम कोई फूल सी बच्ची हो और न ही यहा कोई जानवर है जिन्हे कोई शौक होगा तुम्हे अपना डिनर या लंच बनाने में।

    और दूसरी बात आगे से कभी मेरे कॉलर पर हाथ नहीं लगाना मुझे पसंद नहीं। आइंदा से याद रखना वरना इसका अंजाम बुरा बोहोत बुरा भी हो सकता है। ″
    बोलकर वो कॉटेज के बाहर चला गया, वहीं दुआ हैरान हो कर अपनी जगह पर खड़ी के खड़ी रह गई।

    जिप के स्टार्ट होने के आवाज से वो अपने होश में वापस लौटी और खुदसे बोली,  ″ साडू कहीं का हूं। ″ बोलकर वो अपनी मुंह बना लिया।

    दृश्यम को गए बोहोत समय हो गया था, वही दुआ अकेली कॉटेज में बोर हो रही थी, ऊपर से कॉटेज भी बाहर से बंद करके गया था दृश्यम। बोरियत दूर करने के लिए दुआ कॉटेज को एक्सप्लोर करने लगी, उसे ये कॉटेज बोहोत अछा लग रहा था।

    ये बोहोत बड़ा तो नहीं बस एक बेड रूम, किचन, छोटा सा लिविंग रूम और बाहर छोटा सा बालकनी बस इतना ही था पर अकेले इंसान के रहने के लिए ये काफी था।

    कॉटेज देखने के बाद दुआ वापस से लिविंग रूम के सोफे पे आकर बैठ गई, उसे देख कर लग रहा था वो बोहोत थक गई है।

    वो अपने चीन पे हाथ रख बोली,  ″ हूं दुआ ये किडनैपर अबतक वापस क्यों नहीं आ रहा है। मुझे भूख लगी है को भी बोहोत जोरों की। ये किडनैपर भी ना मतलब गजब है, जंगल के बीच में घर है, घर में किचन भी है पर खाने का कुछ भी नही। अब तू क्या करेगी ? और तेरे भूख का भी क्या होगा ? "

    फिर कुछ सोच कर आगे बोली,  ″ वैसे दुआ अगर किचन में सामान होता भी तो भी तू क्या ही कर लेती ? तुझे थोड़ी ना पता है कैसे खाना बनाते है हा हा...″
    बोलकर वो खुद ही हंसने लगी।

    कुछ देर में ही कॉटेज के बाहर गारी रुकने का आवाज हुआ और दृश्यम घर के अंदर आया। दुआ ने जैसे ही दरवाजे से दृश्यम को अंदर आते हुए देखा वो भागते हुए उसके पीछे आकर खड़ी हो गई।

    दुआ दृश्यम से बोली,   ″ तुम आ गए मिस्टर किडनैपर! तुम्हे पता है मैं यहां अकेली कॉटेज पर बोर हो रही थी। और पता है मुझे भूख भी कितने जोरों की आई है। पता है मेरे इस छोटू से पेटू में कितने बड़े बड़े चूहे भागम भागम कर ओलंपिक के रेस में हिस्सा लेने की तैयारिया कर रहे है !

    वैसे मैंने तो पूछा ही नहीं और तुमने तो बताया भी नहीं तुम कहा गए थे ? अब कुछ बोलो भी मिस्टर किडनैपर जबसे आए हो तबसे कुछ बोल ही नहीं रहे हो। ″
    बोलते हुए वो दृश्यम के पीछे जाने लगी और अपनी बात जारी रखी।

    दृश्यम रूम के अंदर जाकर दुआ के अंदर आने से पहले ही दरवाजा बंद कर दिया और वही दुआ दरवाजे पीछे मुंह बना कर खड़ी रह जाती है।

    कुछ देर बाद दृश्यम कमरे से बाहर आया, उसकी नजर हॉल में सोफे पे बैठी दुआ पर परी जो अपने गालों पर हाथ रख बैठी थी दृश्यम के बाहर आने का इंतजार कर रही थी।

    डोर ओपन होने के आवाज से उसने अपनी नजरे घुमाई, दृश्यम के बाहर आता देख वो वापस से अपनी नजरें घुमा ली।

    दृश्यम दुआ के आगे एक पैकेट बढ़ा कर बिना किसी भाव के बोला, ″ आज रात इससे काम चला लो। ″ बोलकर वो पैकेट को सामने टेबल पर रखा।

    दुआ उसी पोजिशन में बैठे हुए बोली,  ″ क्या है इसमें ? ″

    जबाब में दृश्यम बोला,  ″ खाना। ″
    बोलकर वो किचन के तरफ जाने लगा।

    इधर खाने की बात सुनते ही दुआ की चेहरे के एक्सप्रेशन एकदम से चेंज हो गए, वो एकदम से चहकने लगी और एक्साइटेड हो कर बोली,  ″ क्या सच में इसमें खाना है ? तुम मेरे लिए खाना लेने गए थे, मेरे लिए खाना ले कर आए हो, सच्ची में ? ″

    दृश्यम ने कोई जबाब नहीं दिया, वो सीधा किचन में चला गया और वहां से एक प्लेट लाकर दुआ के सामने रखा और खाना परोसने लगा। पर इससे पहले दृश्यम प्लेट में खाना परोस पाता दुआ बोहोत ही फुर्ती से पैकेट से खाना निकलने लगी और दृश्यम के हाथ से प्लेट ले कर खुद ही परोस कर खाने लगी।

    आखरी निवाला मुंह में डाल कर खाते हुए दुआ बोली,  ″ यम खाना इस जन्नत। पता है ना इस दुनिया में सब कुछ छोड़ सकती हु पर खाना नही, मेरे लिए तो सब कुछ है खाना।
    Umn बोहोत भूख लगी थी, अगर थोड़ी और देर करती तो पता नहीं क्या होता मेरा तो पेट ही फट कर बाहर आ जाता। वैसे तुमने खाना नहीं खाया, क्यों तुम्हे भूख नहीं लगी है क्या ? ″ बोलते हुए वो पानी पीने लगी।

    दृश्यम ने एक नजर सामने टेबल पर देखा जहा अब सिर्फ खाली प्लेट था, वो भी ऐसा जिसे देख कर पता भी नहीं चला रहा था की अभी अभी किसीने उसपे खाना खा रही थी।

    दृश्यम को वापस से चुप देख दुआ फिर से बोल परी,  ″ क्या हुआ अब कुछ बोलो भी किडनैपर। माना कि तुम किडनैपर हो पर हो तो तुम भी मेरे ही तरह इंसान। भूख तो तुम्हे भी लगी है खाना खा लो ना... ″  बोलते हुए उसकी नजर सामने खाली प्लेट और खाली डिब्बों में पड़ी।

    वो अपनी जवान काट कर खुद्से बोली,  ″ दुआ ये तूने क्या किया! ″

    फिर अपनी बत्तीसी दिखाते हुए आगे दृश्यम से बोली,   ″ वो वो क्या है ना मुझसे भूख बर्दास्त नही होता। मुझे खयाल ही नहीं आया और.... और  मुझे बोहोत जोरों की भूख लगी थी सच्ची में....। वरना.... वरना  मैं ऐसा नहीं करती प्लीज मुझे मुझे माफ कर दो सॉरी। ″ 

    पर दृश्यम बिना कुछ बोले टेबल से झूठे प्लेट और बाकी चीजों को उठा कर वहां से चला गया।

    क्या होगी इनकी कहानी, क्यों किया है दृश्यम ने दुआ को किडनैप ?
    pls अपना रेस्पॉन्स दीजिए मुझे, मुझे आप सबकी प्यार चाहिए।
    okkkkkkkkk byeeeeeeeeeee

  • 3. Ruined by You - Chapter 3

    Words: 1425

    Estimated Reading Time: 9 min

    सुबह का वक्त...

    दुआ अंगड़ाई लेते हुए अपनी आखें खोली तो खुदको अंजन रूम में देख कर घबरा गई फिर अगले ही पल अपने सर पर टपली मारते हुए खुद से बोली, " ऑफ ओह दुआ तू भी कितनी भुलक्कड़ है। भूल गई कल रात ही तो तेरी किडनैपिंग हुई थी और तुझे वो हैंडसम किडनैपर यहां इस कॉटेज में ले आया। आह क्या करेगी तू दुआ, तेरी तो कुछ नहीं होने वाला। "
    वो मैट्रेस से उठी, ओर उठ कर पूरे कमरे को अच्छे से देखने लगी।

    कमरा ज्यादा बड़ा नहीं था मगर था बहुत सुंदर, कमरे में ज्यादा फर्नीचर तो नहीं था पर जरूरत के चीजें वहां मौजूद थे।

    वहां पर कोई बेड नहीं था, उसके जगह पर एक मैट्रेस रखी हुई थी, जहां पर वो कल रात सोई थी। ओर वहीं उस रूम के एक तरफ एक कबाड था, जिसपे मिरर लगा हुआ था, वही रूम के एक तरफ खिड़की थी, ओर खिड़की से बाहर जंगल का बहुत अच्छा व्यू आ रहा था।

    खिड़की को देखते ही दुआ एकदम से खिड़की के पास गई और उसे खोल दिया, जिससे कमरे के अंदर सूरज की रौशनी भर गई।

    वहीं दुआ बाहर पैरों पर बैठे बर्डस को देखी और चहकते हुए उनसे बोली, " गुड मॉर्निंग बर्डस। "

    बोलकर वो उन्हें देखते हुए मुस्कुराने लगी, वहीं वो बर्डस भी उसे देख आवाज देने लगे, जैसे वो सब उसे रिस्पॉन्स कर रहे हो।

    दुआ बाहर इधर उधर अपने सर घुमाए सब कुछ ऑब्जर्व करते हुए बोली, " wow दुआ ये कितनी सुंदर जगह है। "

    वो अपनी आखें बंद कर गहरी सांस लेते हुए बोली, " आह कितनी फ्रेश हवा है यहां। "
    ओर वो वहां खड़ी नेचर को एंजॉय करने लगी।

    कुछ ही पल में रूम का दरवाजा खुला और दृश्यम कमर में अंदर आया, तो उसने दुआ को नेचर में खोया हुआ पाया। वो सीधा जाकर विंडो को बंद करने लगा।

    जैसे ही दुआ की आखों के सामने दृश्यम का हाथ, उसका ह्यूज बॉडी आया और उसने दृश्यम को विंडो बंद करते हुए देखी तो वो एकदम से उसे रोकते हुए बोली, " ये ये तुम क्या कर रहे हो ? बंद क्यों कर थे हो विंडो को ? मुझे नेचर के साथ थोड़ा टाइम स्पेंट करने तो दो। "

    मगर दृश्यम ने उसे कोई जवाब नहीं दिया उल्टा उसके सवालों को इग्नोर कर उसके पास से गुजर गया ओर रूम से निकल ने पहले वो बिना मुड़े ही दुआ से बोला, " अगर भूख लगी है तो खाना बाहर है, ठंडा हो जाएगा तो गरम करने का ठेका किसीने नहीं उठाया रखा है। "

    " ओर अगर किसी को नहाना है तो वॉशरूम किचेन के बगल में है, पानी भरा रखा हुआ है। जितना पानी है उससे ही काम चलाना है, अगर ज्यादा पानी की जरूरत हुई तो फिर नहाने की कोई जरूरत नहीं है। " इतना बोलकर वो वहां से चला गया।

    वहीं दुआ जो अभी भी अपनी जगह पर खड़ी उसके बातों को प्रॉसेस करने में लगी थी, वो अपनी मुंह बनाते हुए बोली, " माना कि ये हैंडसम है ऊपर से किडनैपर भी है तेरी पर ये बात तो वो थोड़ा प्यार से भी बोल सकता है। "

    " जैसे कि 'बाहर खाना रहे, चलो खा लो', या फिर 'तुम्हे नहाना है ना, वॉशरूम में पानी पहले से ही मौजूद है' पर नहीं ये अकडू को तो सीधा सीधा बात बोलने पर मुंह पर दर्द होता है। हुंह अकडू कहीं का, एक तो मैं नेचर को एंजॉय कर रही थी, वो भी करने नहीं दिया और ऊपर से अपनी बातें सुना कर चला गया। "

    फिर अपने हाथ बंधते हुए आखों में एक डिटरमिनेशन लिए बोली, " पर कोई नहीं तू है ना दुआ, इस अकडू इंटरोवर्ट इंसान को Pookie तू ही बना लेगी। पर उससे पहले एक सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट काम है, ओर वो है अपने पेट में चल रहे चूहों ओर उनके परिवारों का लड़ाई को शांत करना। "
    बोलते हुए वो कमरे से निकल गई।

    दुआ लीविंग एरिया पर देखी, दृश्यम वहां पर नहीं था, उसने अपनी पूरे नजर लीविंग एरिया में घुमाई और टेबल के पास चली गई जहां दो पैकेट पहले से रखा हुआ था। वो जमीन पर बैठते हुए एक्साइटेडली पैकेट्स को खोल कर उसके अंदर क्या है वो देखने लगी।

    तभी किचेन से दृश्यम वहां आया, उसके हाथ में दो चाय का कप था, उसने एक कप दुआ के सामने रखा और वहां से बिना कुछ बोले ही जाने लगा।

    तो दुआ उसे पीछे से आवाज दे कर उसे रोकी और उससे सवाल करी, " कहां जा रहे हो, तुम्हे नहीं खाना क्या ? देखो मुझे बहुत भूख लगी है इसलिए अब मुझसे ओर wait नहीं किया जाएगा। अगर तुम्हे कहीं जाना है तो बाद में चले जाना पहले खाना खा लो। मैं नहीं चाहती कल कि तरह कुछ हो की तुम फिर से भूखा रह जाओ। "
    बोलकर वो अपने चेहरे पर एक एहसान भरी एक्सप्रेशन लिए दूसरी तरफ देखने लगी।

    वहीं दृश्यम ने उसे कोई जवाब नहीं दिया और कहा चला गया, फिर कुछ पल हाथ में दो प्लेट और पानी की बॉटल लिए दुआ के ऑपोजिट साइट में जमीन में ही बैठ गया।

    दृश्यम जहां अपने चाय आधा ही पिया था वही दुआ डकार मारती हुई बोली, " aah चलो ज्यादा तो नहीं पर फिलहाल के लिए काफी है। "

    फिर अपने टम्मी को देखते हुए उस पर हाथ फेराते हुए बोली, " है ना काफी! "

    उसे देख कर दृश्यम ने एकपल के लिए अपने आखें बंद कर लिया ओर फिर अपने आखें खोला।

    खाना खा कर दुआ वहां से उठ गई ओर वहां से जाने लगी तो दृश्यम उसे टोकते हुए बिना किसी भाव के बोला, " ये झूठे प्लेट उठाने के लिए क्या तुम्हारे घर से नौकर आएंगे ? या तुम खुद ही उठायेगी ? "

    इसपर दुआ अपनी जबान कटते हुए दृश्यम को अपनी दांत दिखाते हुए बोली, " सॉरी वो कल रात तुमने उठाए थे न तो मुझे लगा... कोई नहीं मैं उठा लूंगी, डोंट वरी। इनफैक्ट मैं तो उठाने ही वाली थी वो तो मैं वेट कर रही थी कि कब तुम्हारे खाना खत्म हो। " बोलकर वो जबरदस्ती मुस्कुराने लगी।

    वहीं दृश्यम उसे कुछ रिप्लाई नहीं दिया उसने चुप चाप अपना खाना खत्म किया और दुआ की तरफ एक नजर तक न देख कर वहां से उठ कर वॉशरूम के तरफ चला गया।

    वहीं दृश्यम के हरकत पर दुआ अपनी मुंह बना ली, ओर फिर गुस्से से बोली, " अकडू... हु। " फिर अपने ओर दृश्यम के झूठे प्लेट्स को लिए वो किचेन में चली गई।

    किचेन से बाहर आकर दुआ एक नजर खुद पर डाली, वो अभी भी पिछले रात वाले ड्रेस में ही थी, वो अभी भी लहंगे और ब्लाउज पहने हुए थी, चुन्नी ओर ज्वैलरी उसने रात को ही उतार दी थी।

    उसने एक नजर खुद को देखते हुए अपनी मुंह बनाते हुए अफसोस करते हुए बोली, " चल दुआ अब इन्हें उतारने का वक्त आ गया है। कहां तेरी ख्वाब थी दुल्हन की तरह तैयार हुए फोटोज लेने की ओर फिर उन्हें अपलोड करने की पर देख, तू दुल्हन तो बनी पर कोई पिक्चर ही नहीं ले पाई। "

    तभी वॉशरूम से दृश्यम बाहर आया और दुआ की नजर जैसे ही उसपर परी तो वो एकदम से अपनी लहंगा उठाए उसके पास गई और उससे बोली, " वैसे मिस्टर हैंडसम किडनैपर मैं क्या सोच रही थी, मैं क्या पहनूं ? "

    इसपर दृश्यम ने उसे चेहरे पर एक 'what' वाला लुक दिया।

    तो दुआ उसे अपनी बात समझती हुई बोली, " समझे नहीं, रुको मैं समझती। मुझे अभी नहाना है पर मुझे समझ में ही नहीं आ रहा है मैं क्या पहनूं। "

    " वो मैं sure नहीं थी ना कि मैं किडनैप हो जाऊंगी, इसलिए मैने अपना कुछ समान पैक नहीं किया था ओर मुझे तो लगता है नहीं रन मेरे साथ मेरी कोई सामान भी किडनैप किए होंगे। "

    " मेरी मतलब जब मैने खुद ही अपना सामान पैक नहीं किया था, अपने सामान के बारे में नहीं सोचा तो फिर तुम कहां से सोचोगे और तुम्हे पता भी कैसे चलेगा कहां मेरी कपड़े होते है, कहां मेरे जरूरत के सामान होते है है। "

    वो कुछ पल रुका और फिर आगे कहा, "है ना, तो अब तुम ही बताओ मुझे अब नहाना भी है पर नहाने के बाद क्या पहनना है। अरे क्या हुआ कुछ बोलो भी कबसे पूछ रही हूं पर तुम हो कि कुछ बोलते ही नहीं हो। तुम्हे क्या बोलने से कोई प्रॉब्लम होती है। मेरे खयाल से तुम्हे न... "

    अगर अच्छी न लगे तो pls बता दो yr आगे क्या होगा जानने के लिए जुड़े रहिए मेरे साथ...
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  • 4. Ruined by You - Chapter 4

    Words: 2274

    Estimated Reading Time: 14 min

    Dua's POV ~

    मैं अकेले ही बोले जा रही थी ओर इधर इन्हें देखो ये मिस्टर हैंडसम किडनैपर मेरे सवाल का जबाव देना तो छोड़ो मुझे इग्नोर कर सीधा रूम में चला गया।

    ठीक है अब मैं भी नहीं कुछ बोलती।मैं एकदम लीविंग एरिया के काउच पर जाकर बैठ गई और एकदम से चुप हो गई।

    Huh इतना भी अकडू नहीं होना चाहिए किसी को। एक तो मैं फूल जैसी मासूम सी बच्ची, अपनी बिना मर्जी से हो रहे शादी के मंडप से किडनैप्ड हो गई ओर ऊपर से अपने साथ कुछ लाई भी नहीं ओर जब किडनैपर से पूछो तो वो भी मुझे जवाब नहीं देते है।

    Huh!

    भगवान जी ये कैसी अकडू किडनैपर भेज दिया अपने मेरे जीवन में ? अब आप ही बताओ मैं इस अकडू का क्या करूं ? ये तो किडनैपर्स के नाम को कलंकित कर रहा है, ओर नहीं तो क्या ?

    पता नहीं कहा से किडनैपिंग की कोर्स सिख था, कुछ नहीं सिखाया है, इन्हें तो अब सब मुझे ही सीखना पड़ रहा है। है एक तो ये छोटा सा नाजुक सा कंधा ओर उसके ऊपर से ये 100 केजी का लहंगा पहन कर मैं ये सब कैसे करूं ? "

    मैं अपने खयालों में ही थी, भगवान जी से हैंडसम किडनैपर कि शिकायत लगा ही रही थी कि तभी एकदम से मेरे मुंह के सामने अंधेरा आ गया ओर अगले ही पल मैने अपने चेहरे के सामने से कपड़ों को हटाया और सामने की तरफ देखने लगी।

    मेरे सामने मिस्टर हैंडसम किडनैपर खड़ा था, नहीं नहीं खड़ा नहीं एक्चुली उनका बैक मेरे सामने था क्यों कि वो तो ऑलरेडी ही पीछे मुड़ कर वापस रूम की तरफ जाने के लिए रेडी थे।

    ओर क्या ?

    मैं भी काउच से उठ गई ओर उनके पीछे जाने लगी।

    मैं उनके पीछे जाती हुई उनसे पूछी, " ये क्या था, आपको क्या टैक्स भरना पड़ता है बात करने के लिए ? अपने मुंह क्यों नहीं खोलते है आप ? अब बताए भी कबसे पूछ रही हु आप कुछ बोलते ही नहीं "

    मैं इनसे बात कर रही हूं मगर इन्हें देखो ये तो कबाड के डोर को बंध करने बिजी है।
    Huuh!

    वो वापस से रूम से बाहर निकलने लगे और ये देख कर एकबार फिर मैं भी उनके पीछे जाने लगी।

    फिर एकदम से मेरे दिमाग में कुछ हिट किया तो मैं एकदम से बोल परी, " हे भगवान कही आपको कोई न बोलने वाली बीमारी तो नहीं है न ? "

    " शॉट्स ओर टीशर्ट है जो करना है कर लेना। " उन्होंने बिना पीछे मुड़े ही अपने रूखे वॉयस में बोले और अपनी बात बोलकर वहां से चले भी गए।

    Author's Pov ~

    " Huh अकडू कहीं के, ये बात तो वो प्यार से जरा अच्छे से मुझे समझा कर भी तो बोल सकते थे। पर नहीं इन्हें तो अपना मुंह करेले जैसे बनाए रखने का बीमारी है। "
    दुआ दरवाजे के पास खड़ी हो कर दृश्यम को जाते हुए देख खुद में बड़बड़ाई।

    " उन्हें छोड़ दुआ ओर कपड़ों पर ध्यान दे, चल देख तो ले क्या दिया है पहनने में। है भगवान MBEH फुल फॉर्म मैं बहुत एक्साइटेड हूं। चल अब देर किस बात की जल्दी से देखती हूं। "

    उसकी सभी एक्साइटमेंट एक दम से vanish हो गई, जैसे ही उसने दृश्यम के दिए गए कपड़ों को देखी तो उसकी मुंह उतर गई।

    वो अपने सामने टीशर्ट और शॉर्ट्स को इधर उधर कर देखते हुए बोली, " ha मतलब ये मजाक नहीं कर रहे थे, सच में मुझे पहनने के लिए टीशर्ट और शॉर्ट्स दिए है। "

    फिर अपनी उतरी हुई मुंह से मिरर में खुदको देखते हुए खुदको तसल्ली देते हुए बोली, " कोई बात नहीं दुआ ये 100 केजी के लहंगे से तो ये बहुत अच्छा है चल अब नहा ले वरना पता चला सारा पानी हैंडसम किडनैपर के अकडूनेस को धोने के लिए चला गया ओर तू बिना नहाएं ई रह गई। "

    वो एकदम से बाथरूम की तरफ भागी और तेजी से दरवाजे बंद करी।

    ☃️

    " अरे वाह दुआ तू तो बड़ी क्यूट लग रही है "
    दुआ मिरर के सामने खड़ी थी, ओर वो अपने आप को निहारते हुए खुद से बोली, बोलते हुए उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान भी थी।

    वो मिरर में अपने आप को एग्जामिन करते हुए आगे बोली, " ये मिस्टर हैंडसम किडनैपर के टीशर्ट में तो दो दो दुआ आराम से घुस जाएगी, पर तेरे लिए ओवरसाइज टीशर्ट है हा हा। ओर ये उनके शॉर्ट्स भी तुझ पर बहुत जच भी रहा है, ही ही। " वो अपने में ही बीजी थी।

    Dua's POV ~

    मैं मिरर में खुदको बहुत ही खुशी के साथ निहार रही थी ही ही, अब मैं क्या करूं मैं हूं ही इतनी प्यारी ओर सुंदर भी हा हा।

    पर अचानक से ही मुझे अपने अंदर कुछ फील हुआ, मैने ध्यान दिया तो मेरे पेट से गुड़ गुड होने की आवाज आ रही थी। ओर अगले ही पल मेरी मुंह उतर गई।

    " भूख लगी है... "
    मुझे रोना आ रहा है अब, सच में बहुत जोड़ की भूख लगी है, पर यहां पर तो किसी को मेरी फिकर ही नहीं है।

    हे भगवान मुझे कुछ नहीं पता मुझे खाना दो, आपको तो पता है न दुआ दुनिया में सब कुछ, सारे काम कर सकती है पर दो काम नहीं कर सकती वो एक है भूखे रहना और दूजा चुप रहना।

    मुझसे नहीं सहता है भूख, पता नहीं ये हैंडसम किडनैपर कहा गए, अरे जहां जाए जाए पर मुझे भूखा क्यों छोड़ कर गए ?

    एक मिनिट दुआ कहीं वो सच में तुझे यहां इस अंजन जंगल में छोड़ कर तो नहीं चला गया ? चलो कोई ज्यादा बिग डील तो नहीं है, बस खाना अगर मिल जय तो मजा आ जाएगा।

    ही ही I know I know दुआ यू are just a chilll girll हे हे।

    Author's POV ~

    दुआ जल्दी से वॉशरूम से बाहर आई ओर आकर ही सबसे पहले जो करी वो है सामने से आ रहे दृश्यम से सीधी जा टकराई।

    वो अपनी सर पकड़े कहराते हुए बोली, " Haye मैं मर गई भगवान, मेरी सर फूट गई। क्या अब मैं मारने वाली हूं ? आ... मेरी सर घूम रहा है, आखों के सामने सब कुछ ब्लैक एंड वाइट टीवी स्क्रीन हो रही है, मैं शायद अब मरने लगी हूं... "

    उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे उसके सर फट गए हो और चोट से खून बह रहा हो।

    पर दृश्यम ने उसके चोट को देखने की जरा सा भी कोशिश नहीं किया उल्टा वो उसके पास से गुजर गया ओर बिना को रिएक्शन दिए वॉशरूम के अंदर चला गया। वहीं बाहर खड़ी दुआ हैरानी भरी से नजरों से वॉशरूम के बंद हुए दरवाजे को देखती रह गई।

    Dua's POV ~

    ह... !

    दुआ क्या अभी अभी ये हैंडसम किडनैपर ने तुझे इग्नोर किया ?
    उसने एक नजर भी मेरी चोट पर नहीं डाला।

    एक तो खुद इतना भरी भरकम बॉडी ले कर घूम रहा है, मेरी सर पर चोट भी का दिया पर मुड़ कर एक नजर तक नहीं डाला हुं.... हाय मेरी नाजुक सर अब भी मेरी दर्द कर रहा है।

    हां माना की सर से खून नहीं निकल रहा है पर चोट तो लगी है न ? ओर दर्द तो दर्द होता है ना ? इसी प्वाइंट से उन्हें मेरी चोट को देखना चाहिए था। उन को पूछना चाहिए था न मुझे दर्द हो था है कि नहीं ? कही चोट आया कि नहीं! क्या पता इंटर्नली चोट हो तो तब ? तब मैं क्या करूं ?

    पत्थर जैसा बॉडी और खुद भी पत्थर हूं !

    मैने अपने पैर पटक लिया ओर वहां से लिविंग रूम में चली गई।

    मैं लिविंग रूम में आ कर काउच में बैठने ही लगी थी कि तभी अचानक से हुए आवाज की वजह से मैं अपनी जगह चौक कर रुक गई ओर अपनी जगह ही खड़ी रह गई।

    मैने पीछे मुड़ कर आवाज के तरफ देखा तो सामने वॉशरूम से मिस्टर हैंडसम किडनैपर बाहर आ रहे थे, ओर वो बड़े बड़े कदमों से मेरे ही तरफ आगे आ रहे थे।

    मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है, अभी तो वॉशरूम में गए ओर निकल भी आए ?

    ओर वो भी ऐसे मेरे ही तरफ क्यों आ रहे है ?

    अरे हा कहीं उन्हें मेरी चोट की खाय तो नहीं आ गया ? है शायद उसी वजह से मेरे पास आ रहे है और अब शायद मेरी चोट के बारे में मुझसे पूछेंगे!

    उतने भी बुरे नहीं हो आप मिस्टर हैंडसम किडनैपर ! Hihi

    Main अपने खयालों में बिजी ही थी कि तभी एकदम से मिस्टर हैंडसम किडनैपर आकर मेरे ख्वाबों की दुनिया को तहस नहस कर दिया।
    ओर उन्होंने मेरे delulu वर्ल्ड के ख्वाब को अपने साइक्लोन जैसे जुबान से तहस नहस कर दिया।

    Author's Pov ~

    दृश्यम ने एकदम से दुआ के सामने आकर खड़े होते हुए उससे अपने clam मगर रूखे स्वर में पूछा, " वो क्या था ? "
    ओर वो वो दुआ के तरफ देखने लगा, Drishyam को अपने सवाल का जबाव चाहिए था ओर वो इस वक्त हर बार की तरह बहुत सीरियस ही लग रहा था।

    वहीं दुआ जिसकी भ्रम की दुनिया अभी अभी टूट कर तहस नहस हुई थी, उसे पहले तो दृश्यम के सवाल ही समझ में नहीं आई !

    दृश्यम दुआ को अपने सवालियत भरे नजरों से दुआ को देख रहा था तो वही दुआ उसे न समझने वाली एक्सप्रेशंस से दृश्यम को देखे जा रही थी।

    दृश्यम को जब अपने सवाल का जवाब नहीं मिला तो उसने एकदम से दुआ के कलाई को पकड़ा लिए और उसे खींचते हुए वॉशरूम के तरफ ले जाने लगा...

    वहीं दुआ जिसे कुछ समझ में तो नहीं आ रहा था, एकदम से दृश्यम को हुआ क्या ओर वो करना क्या चाहता है, उसके दिमाग में कुछ हिट किया ओर वो एकदम से उस पर चिल्लाने लगी...

    दुआ अपने पूरे दम से दृश्यम पर चिल्लाते हुए बोली, " देखो मिस्टर हैंडसम किडनैपर मुझे छोड़ दो, मैं बता रही हूं अगर तुम मुझे वॉशरूम में कोई छिपकली या कॉकरोच दिखा कर डरने के लिए ले जा रहे हो न तब मैं पहले ही बता दे रही हूं मैं डरती नहीं हूं उनसे।

    इनफैक्ट for your kind information मैं बचपन में से ही कॉकरोच को पकड़ कर उसे चुड़ैल मामी पर छोड़ देती थी तो ये इडिया मुझ पे काम ना करने वाला समझे! छोड़ो मुझे मैं... "
    दुआ अपने ही धुन में बोले जा रही थी, पर दृश्यम ने उसके एक बात को नहीं ध्यान दिया।

    दुआ ने बहुत कोशिश किया दृश्यम को ये यकीन दिलाने को की वो छिपकली ओर कॉकरोच से नहीं डरती पर लगता है दृश्यम यकीन दिलाने में वो असफल रही।

    वॉशरूम के अनादर लाकर दृश्यम ने एकदम से दुआ के कलाई को छोड़ा और कहा, " ये क्या है ?! "
    ओर उसने सामने की तरफ प्वाइंट किया।
    उसके प्वाइंट किए गए जगह पर दुआ ने जब देखा तो एकदम से उसके नजर चौक से बड़ी हो गई।

    Dua's POV ~

    " और क्या कपड़े है ! "

    " अंधा नहीं हूं, कपड़े है वो मुझे भी दिख रहा है। पर ये कपड़े है किस के ? "
    उन्होंने वहीं अपने रूखे स्वर में बोले।

    " अब आप तो ये पहनेंगे नहीं ओर मेरे खयाल से ये आपको साइज का भी नहीं तो ओर किस के मेरी ही है ना। सिंपल! Ha ha "
    मैं अपनी दांत दिखाते हुए मिस्टर हैंडसम किडनैपर को जवाब दिया।

    " वैसे बात सुने अगर आप चाहते है ऐसे लहंगे चोली पहना है आप को फिर मैं अपने दोस्त से बात करूंगी वो ये फैशन डिज़ाइन कोर्स कर रही है उससे सिलवा दूंगी आपके भी। आप टेंशन ना ले tch..."
    मैने उन्हें इशारों में आंख मारी।

    " नौकर आएंगे ? "
    उन्होंने एकदम से अपने आखें बंद करते हुए कहा।

    " Tch नहीं नहीं भला नौकर क्यों वो खुद अपने हाथ से आपके लिए लहंगे चोली सिलेगी न, मेरी दोस्त है मैं बोलूंगी न उसे वो खुद सब कुछ करेगी। "
    मैने उन्हें भरोसा दिया।

    यार ये क्या बात हुई मेरी दोस्त है वो, ओर भला मैं अपने हैंडसम किडनैपर के कपड़े किसी नौकर से बनवाऊंगी ?

    Tch tch नहीं नहीं भगवान ये हैंडसम किडनैपर भी ना, कुछ भी सोच लेते।

    " इन कपड़ों को धोने के लिए तुम्हारे घर से क्या नौकर आने वाले है ? "
    एकदम से उन्होंने बोला।

    " नहीं तो"

    " अपने उन्हें एड्रेस दे दिया है क्या ? "
    मुझे एकदम से क्यूरोसिटी हुई ओर मैने पूछ लिया।

    Author's POV ~

    " फिर ये अभी तक यहां क्यों परे है ? अभी तक धुएं क्यों नहीं है ? "
    दृश्यम ने अचानक से अपने कड़क आवाज में दुआ से पूछा।

    " Haan! इन्हें धोना भी था ? मेरी तो दिमाग से बिल्कुल निकल गई। "
    एकदम से उसे समझ में आया दृश्यम उससे किस बारे में बात कर रहा है।

    " अब क्या करेगी दुआ कुछ सोच दुआ कुछ सोच ! "
    दुआ खुद से मन में बड़बड़ाई।

    ओर फिर अचानक से उसके आखों के सामने कुछ आया और उसने अपना excuse बना लिया।

    " वो एक्चुली कपड़े धोने के लिए पानी... Um पानी नहीं बचे इसलिए मैं कपड़े नहीं धो पाई। तुमने जो पानी रखे थे बहुत ज्यादा तो नहीं थे मगर मैने जैसे तैसा उससे अपना काम निकली पर कपड़े धोने के लिए पानी चाह कर भी बचा ही नहीं पाई। "
    उसने मासूमियत भरे स्वर में बोली ओर धीरे से अपनी सर झुका लिया, जैसे वो बहुत ही मजबूर हो।

    "ड्रामेबाज लड़की"
    दृश्यम ने कहा ओर वहां से बाल्टी ले कर बाहर निकल गया।

    आगे क्या होगा ? क्या दुआ को सच में कपड़े धोना पड़ेगा ? 😂 क्या इसकी नौटंकी के चक्कर में दृश्यम इसे बाहर फेंक देगा ? जानने के लिए पढ़ते रहिए...
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  • 5. Ruined by You - Chapter 5

    Words: 2193

    Estimated Reading Time: 14 min

    दुआ किचेन में थी, उसने एक पिंक टैंक टॉप ओर वाइट हॉट पेंट पहनी थी, और उसने अपने बालों का मैसी बन बनाया हुआ था।

    उसने गाना चलाया रखा था, ओर गाने गुनगुनाते हुए वो वेजिटेबल्स कट कर रही थी। ओर चॉपिंग के बीच बीच में वो चॉकलेट में खा रही थी। उसके होंठों के आस पास चॉकलेट लगी हुई थी।

    तभी दृश्यम जो अभी अभी शॉवर ले कर निकला था, वो लिविंग एरिया से होते हुए रूम के तरफ जा ही रहा था कि तभी उसके नजर किचेन में काम करती हुई दुआ पर परी तो वो रूम में जाने की वजह किचेन के तरफ चला गया।

    दुआ जो चॉपिंग करती हुई गाने सुनने में इतनी बीजी थी उसने नोटिस नहीं किया कि दृश्यम भी वहां मौजूद है और वो उससे थोड़ी दूर खड़ा उसे ही निहार रहा है।

    वहीं दृश्यम जो दीवार के सपोर्ट में खड़ा दुआ को ही देखे जा रहा था, चॉपिंग करते हुए दुआ की कुछ बाल उसके सामने आ रहे थे जिससे वो अपने दूसरे हाथ से पीछे किया। जिससे उसके माथे पर थोड़ी सी चॉकलेट लग गई।

    पर दुआ की वो बाल बहुत ढीठ थे तभी तो वो दुआ के ठीक करने के बाद भी बारबार सामने आ रहा था ओर उसे परेशान करके रखा हुआ था, वो अब तंग आ चुकी थी, दुआ अपने मुंह से हवा निकलते हुए अपने लाटों को पीछे करती ओर फिर सामने आ जाती, दुआ को यू परेशान होता हुआ देख दृश्यम को बहुत मजा आ रहा था।

    वहीं दुआ अब चॉकलेट खाने लगी, चॉकलेट खाती हुई थोड़ी सी चॉकलेट उसके होंठ से होते हुए उसके चीन पर भी लग गई थी।

    चॉकलेट लगी हुई दुआ के होंठों को देख कर दृश्यम के दिमाग में उसे लेकर कुछ खयाल आने लगे तो वो सोच कर ही दृश्यम मुस्कुराने लगा और दुआ की तरफ अपने कदम बढ़ा दिया।

    वहीं दुआ जो अब काम करते हुए पसीने से लत पत हो गई थी, वो अपने कंधे से अपने चेहरे के पसीने को पोछने लगी।

    उसकी ऐसे करने से उसकी टैंक टॉप थोड़ी सी ऊपर उठ गई थी जिससे दृश्यम को उसके पेट की एक हल्की झलक देखने को मिला। जिसे देख कर दृश्यम ने अपने होंठों को लीक करने लगा।

    दृश्यम ने एकदम से जाकर दुआ के पीछे खड़ा हो गया, दुआ जो दृश्यम के वहां मौजूद होने के बात से बेखबर थी वो किसी वजह से पीछे घूमने लगी तो एकदम से दृश्यम को अपने सामने देख कर ठहक गई।

    इससे पहले दुआ कुछ समझ पाती या वो कुछ बोलती दृश्यम ने एकदम से दुआ को उसके हिप्स पर अपना हाथ रखा और बड़े ही फुर्ती के साथ उसे किचेन स्लैब पर बिठा दिया। वहीं दुआ जिसे कुछ रिएक्ट करने का मौका ही नहीं मिला उसने सपोर्ट के लिए दृश्यम के कंधों को पकड़ लिया।

    दुआ दृश्यम को कुछ कहने के लिए अपनी मुंह खोली ही थी कि दृश्यम ने एकदम से उसके होंठों पर अपना उंगली रख दिया और उसे चुप करा दिया।

    उसके होंठों से अपने उंगली को धीरे से हटाया और उसी हाथ को दुआ के माथे के पीछे ले गया ओर एकदम से दुआ के बाल को खोल दिया, पल भर में ही दुआ के बाल रेड वाइन कलर के लहरों की तरह हवा में तैरने लग गए। वहीं दुआ जिसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था वो अपनी हैरानी भरी नजरों से दृश्यम को ही देखने लगी।

    बाल खोलने की वजह से दुआ के चेहरे के सामने एकदम से कुछ बाल आ गया जो दुआ के सुंदर चेहरे को देखने से दृश्यम के आखों को रोक रहा था।

    उसने धीरे से दुआ के उन लाटों को उसके कान के पीच tuck किया तो उसकी नजर एकदम से दुआ के फोरहेड पर गया जहां पर अनजाने में दुआ से चॉकलेट लग गई थी।

    दुआ जो पहले ही से दृश्यम के मूव्स से हैरान थी, अगले ही पल उसको ओर हैरान करते हुए दृश्यम ने उसके माथे पर उसी चॉकलेट लगी जगह पर अपने उंगली से टच किया।

    दृश्यम ने अपने उंगली से चॉकलेट को पोंछ दिया और धीरे से अपने उसी उंगली को अपने होंठों के करीब ले कर आया और उसे लीक करने लगा।

    फिर उसकी नज़र दुआ के होंठों पर परी, जिसे देखते ही दृश्यम के होंठों पर एक टेढ़ी सी स्माइल आ गया, वही दुआ ने जैसे ही दृश्यम के स्माइल को देखा तो उसकी दिल में धक धक करने लगा।

    दृश्यम धीरे धीरे कर दुआ के ऊपर झुकने लगा, वही खुद के ऊपर दृश्यम को ऐसे झुकता हुआ देख दुआ अब धीरे-धीरे पीछे होने लगी, ये देख कर दृश्यम के चेहरे पर स्माइल ओर गहरा हो गया।

    उसने एक हाथ से दुआ के बालों को अपने मुट्ठी में लिया ओर अगले हाथ से दुआ के कमर को थामा और दूसरे ही पल दुआ को अपने तरफ खींच लिया, जिससे दुआ की होंठों से एक हल्की सी 'ahh' निकली।

    " मुझसे दूर जा रही थी ? पर रहना तो तुम्हे यही हमेशा मेरे बाहों के कैद में ही है! " उसने उसके आखों में झांकते हुए कहा।

    दृश्यम के बाल अभी भी भीगे जिससे पानी टपक रहे थे ओर वो जाकर सीधा दुआ के ऊपर पर रहे थे।

    वहीं दृश्यम ने जैसे ही दुआ के होंठों पर पानी की बंद को देखा तो दृश्यम ने अपनी थंब से दुआ के लिप्स पर रब करने लगा।

    दृश्यम के ऐसे करने से दुआ को अपने शरीर में कुछ अलग सी फील होने लगी जो उसने इससे पहले कभी फील नहीं की थी, दृश्यम के गरम सांस जो लगातार उसके शरीर को छू रहा था उससे उसे अपने पैरों के बीच कुछ होने का एहसास होने लगा।

    एकटक दुआ के होंठों को देखते हुए दृश्यम से अब खुद को ओर कंट्रोल किया नहीं गया ओर उसने एकदम से अपने होंठों को दुआ के होंठों पर रख दिया और उसे किस करने लगा।

    वहीं दूसरी तरफ दुआ को तो कुछ समझ में ही नहीं आया एकदम से उसके साथ ये क्या हो रहा है, पहले तो कुछ पल वो अपनी होश वापस लाने में ही गुमा दी ओर फिर जब उसे समझ में आया कि दृश्यम उसे किस कर रहा है तो उसे वापस से अपने पैरों के बीच कुछ अलग महसूस होने लगा।

    उसे अपने थाईज के बीच में कुछ भीगा भीगा जेली जेली सा महसूस होने लगा, ओर वो अपने थाईज को आपस में क्लोज करने लगी।

    वहीं दृश्यम जो दुआ के सर को अपने दोनों हाथों से पकड़े उसके होंठों को चूमने के जगह उन्हें खा रहा था, उसे जब दुआ की अपने थाईज को क्लास करती हुई फील हुआ तो उसने एकदम से उसे रोक लिया।

    दृश्यम उसके पैरों के बीच खड़ा हो गया ओर उसके पैरों को अपने कमर पर लॉक कर दिया, वहीं साथ में वो दुआ को किस करना भी जारी रखा।

    दृश्यम के टंग अब दुआ के मुंह के अंदर जाने के लिए बेताब हो रहा था, मगर दुआ इस बात से अनजान बस दृश्यम के होंठों को फील करने में लगी थी।

    तभी एकदम से दृश्यम से उसके बाल को जोर से खींचा जिससे दर्द के मारे दुआ की लिप्स अब हल्की पार्ट हो गई ओर इसी बात का मौका पा कर दृश्यम से अपने जीव को दुआ के मुंह के अंदर घुस दिया और उसके मुंह के हर कोने को फील करने लगा।

    दुआ दृश्यम को रोक नहीं उल्टा वो भी अब धीरे धीरे कर दृश्यम के एक्शन को ही कॉपी करने लगी ओर उसका पूरा साथ देने लगी, वो पूरी तारीखें से दृश्यम को कॉपरेटिव कर रही थी।

    दुआ दृश्यम को किस करने में इतनी खो गई थी कि उसने नोटिस ही नहीं किया अब दृश्यम के एक हाथ उसके पैरों के बीच पैंट के ऊपर आ गए थे।

    उसने धीरे धीरे से अब दुआ के प्राइवेट पार्ट को पैंट के ऊपर से ही छूने लगा, उसे हाथ लगाने लगा। दुआ को दृश्यम के touch अच्छा लग रहा था, वो दृश्यम को खुदके और करीब होना चाहती थी।

    वहीं दृश्यम, दुआ के मुंह को खाते हुए उसके प्राइवेट पार्ट को तब करते हुए अब उसके पैंट को unzip कर दिया ओर धीरे से अपने हाथ को दुआ के पैंट के अंदर घुसने लगा।

    दृश्यम अब दुआ के होंठों को छोड़ दिया था ओर अब वो दुआ के गले को devour कर रहा था, साथ ही दुआ के वेजाइना को पैंटी के ऊपर से ही रब कर रहा था।

    वहीं दुआ जो अब पूरी तारीखें से वेट हो चुकी थी, उसकी पैंटी पूरी भीग गई थी, उसे अब दृश्यम के टच का क्रेविंग ओर बढ़ गया ओर दृश्यम को रोकने की वजह वो खुद दृश्यम को अपने पास लाने लगा, वो खुद दृश्यम के करीब जाने लगी।

    वहीं दृश्यम की उंगली पैंटी के ऊपर से ही अब दुआ के वेजाइना में एंटर करने ही लगा था कि तभी एकदम से दुआ की आँखें खुल गई।

    दुआ एकदम से बेड पर बैठ गई, उसके चेहरे को देख कर बिल्कुल अलग सी एक्सप्रेशन थे। उसने जल्दी से अपने आस पास नजर घुमाई तो उसे यकीन आ गया वो अभी अभी सपने से जागी है।

    " ओह गॉड दुआ तू... तू अभी अभी एक लड़के को लेकर रोमैटिसाइस हो रही थी वो भी सपने में ओर तो ओर वो लड़का कोई ओर नहीं अपने अपने किडनैपर के साथ!!" उसने खुदसे कहा।

    फिर अगले ही पल उसे अपने पैरों के बीच में कुछ गिला गिला फील हुआ, वो अपने पैंटी को टच किया तो उसकी पैंटी पूरी भीग हुई थी।

    उसने शर्म की मारी लाल हो चुके चेहरे को अपने हाथों से छुपाने लगी।

    " तेरा क्या होगा दुआ "

    बोलते हुए उसने वापस से अपने चेहरे पर चद्दर ओढ़ लिया।

    Dua's POV

    सुबह ...... सपने को देख कर मेरी दिन की शुरुआत हो ही गई ओर अब मैं जा रही हूं फ्रेश होने में, ओर अभी इसलिए क्यों कि मुझे बहुत जोरो से भूख लगी है। और अगर मैं बिना नहाएं, खाने को हाथ लगाना तो क्या, अगर नजर भर देख भी लिया तो मेरी हैंडसम किडनैपर इंसान से गुस्से से पागल सांड बन जाएगा।

    ऐसा नहीं है कि मैं उससे डरती हूं, मैं डरती वर्ती नहीं हूं किसीसे!

    क्या मतलब मैं डरती हूं उससे ? मैं ओर डर मैं किसीसे नहीं डरती और रही बात हैंडसम किडनैपर कि तो उसे देख कर डर तो नहीं बल्कि कुछ ओर ही करने का मन करता है ही ही।

    चल दुआ बहुत करली तूने बकवास अब थोड़ी पानी से खेल लिया जाय...

    ला ला ला... ला

    कुछ देर बाद...

    Umn कुछ भी बोल के दुआ ये हैंडसम किडनैपर जितने अकडू है उनके कपड़े उतने ही कूल है ओर बहुत अच्छे भी है ही ही तुझपे बहुत अच्छे लगते है... हा हा

    आइडिया तु ना एक काम करना उनके तो इतने सारे कपड़े तू उनसे उनकी कुछ कपड़े मांग... नहीं नहीं वो जैसा अकडू है उससे मांगने से कुछ नहीं मिलन वाला।

    फिर... फिर क्या करूं..?!

    Um um सोच दुआ कुछ सोच...

    हां एक काम कर सकती हूं, वैसे ये तू ने पहले क्यों नहीं सोचा, चल कोई नहीं पहले नहीं सोची तो क्या हुआ अब तो सोच लिया है न वही काफी।

    ये सब अभी छोड़ दुआ, वैसे भी नहाना तो हो गई तेरी अब तो तेरी पेट पूजा का वक्त हो गया है। मुझे तो सोच कर ही ओर ज्यादा भूख लग रही है, पता नहीं आज क्या टेस्टी टेस्टी खाना मिलेगा खाने को।

    वैसे दुआ तू जो भी बोल part 2 handsome किडनैपर अकडू है तो क्या हुआ दुआ, खाना ये बड़ा ही कमाल का बनाता है।

    हा तुमने सही सुना... Um sorry पड़ा मेरा हैंडसम किडनैपर मेरे लिए खाना बनाता है, वो हुआ कुछ ये था कि पहले तो दो दिन वो बाहर से आते हुए खाना ले आता था पर तीसरे दिन पता नहीं क्या हुआ मुझे, मेरे पेट में बहुत दर्द करने लगा, मुझे रात को उल्टी भी हुई और फिर अगले दिन से वो ही मेरे लिए ओर खुद के लिए खाना बनाता है।

    ला ला ला...

    वैसे एक मसाले दार खबर बताऊं ?

    अच्छा चलो मैं बता ही देती हूं! 😤

    हैंडसम किडनैपर ने न मेरी उल्टी भी साफ की थी और तो ओर मेरा ध्यान भी रखा था। वैसे अकडू तो बहुत है मगर उसके साथ केयरिंग भी बहुत है।

    वेल he's सच आ पुकी 😾🎀

    वैसे मेरे मन में एक सवाल है, जो किडनैपर अपने एक hostage का इतना ख्याल रखता हो वो अपने गर्ल फ्रेंड का कितना ख्याल रखता होगा।

    वेट वेट क्या उनका कोई गर्ल फ्रेंड है ?

    नहीं नहीं दुआ शुभ शुभ बोल।

    उनका कैसे गर्ल फ्रेंड होगा ?

    इतना तो खडूस है वो तू है जो उन्हें झेलती है वरना दु जी कोई लड़की तो उन्हें भाव तक ना देती। हुंह

    पर अगर उनकी कोई गर्ल फ्रेंड हुई तो ? तब तेरी क्या होगा दुआ?

    'तेरी क्या होगा dua' मतलब क्या ? तू भी ना tch

    सुन तू न अभी हैंडसम किडनैपर को छोड़ और अपनी भूख पर गौर फरमा, वह सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट है समझी तू!

    हुंह!

    Food is Love, Love is food समझी होशियाररररर लड़कीईईईई ! 😾

    pls play the song "BOOND BOOND" by Ankit Tiwari, Movie Roy

    क्या होगा आगे क्या दुआ की सपने बहुत जल्दी ही सच होने वाले थे ? या आने वाली है उसकी लाइफ में कोई बड़ी सी तूफान ?
    okkkkkkkk byeeeeeeeeeee

  • 6. Ruined by You - Chapter 6

    Words: 2047

    Estimated Reading Time: 13 min

    ऋषिकेश, इंडिया।
    रात का वक्त।
    अफसाना इस वक्त एक घर के कमरे में बैठी हुई थी। वह घर ना तो ज्यादा छोटा था, ना ही बड़ा। वह संजना की दोस्त का घर था। वहां पर इस वक्त सिर्फ और सिर्फ अफसाना थी और उसके साथ एक औरत थी, जो कि संजना की दोस्त ही थी।

    अचानक से बेडरूम का दरवाजा खुला। अफसाना ने नजर उठाकर इस औरत को देखा। संजना की दोस्त, यानी शिवानी।
    अफसाना तुरंत खड़ी होकर बोली, "आंटी, आप यहां पर?"

    शिवानी हल्का सा मुस्कुरा कर बोली, "हां बेटा, वो खाना खाने के लिए। At least खाना तो खा लो। जब से यहां पर कमरे में बैठी हुई हो, संजना को पता चलेगा अगर मैं तुम्हारा ध्यान नहीं रख रही, तो बहुत गुस्सा करेगी।"

    अफसाना जबरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली, "लेकिन आंटी, मेरा मूड नहीं है, सच में आप..."

    शिवानी बीच में ही बोली, "आधी रात को भूख लग जाएगी। उससे अच्छा है कि अभी खा लो।"

    अफसाना गहरी सांस लेकर बोली, "अच्छा ठीक है, आप नीचे चलिए। मैं फ्रेश होकर आती हूं।"
    शिवानी ने हल्के से सर हिलाया और वह तुरंत वहां से चली गई।

    इधर अफसाना भी वॉशरूम चली गई थी। थोड़ी देर बाद अपना फेस वॉश करके वह खुद को मिरर में देखने लगी। चेहरे का रंग उड़ा हुआ था उसका। वह बस खुद को देख रही थी। पता नहीं कितनी देर तक वह यूं ही खुद को देखते रही, और फिर वह तुरंत वॉशरूम से बाहर आई।

    एक बार अपना फोन चेक किया उसने, पर उसका फोन इस वक्त स्विच ऑफ था।
    वह खुद से ही बोली, "मेरे गंदी आदत। जब भी जरूरत होती है ना, तभी फोन स्विच ऑफ हो जाता है। पता नहीं कैसी किस्मत है मेरी।"

    इतना बोलकर उसने सॉला दिया और वह सीधे बेडरूम से बाहर निकली।
    अफसाना धीमे कदमों से नीचे पहुंची क्योंकि उसके पैर में अभी भी बैंडेज लगा हुआ था। वह ढंग से चल नहीं पा रही थी।

    नीचे पहुंचकर उसने एकदम से नजर उठाकर देखा, और सामने देखते ही उसकी आंखें एकदम से फैल गईं।
    धृतांश इस वक्त आराम से सोफे पर बैठा हुआ था। उसके दोनों पैर कॉफी टेबल पर रखे हुए थे। एक हाथ में सिगरेट थी और इस वक्त आंखें बंद थीं।

    वहीं शिवानी एक तरफ खड़ी थी। दो आदमियों ने उसे पकड़ा हुआ था। बहुत बुरी तरीके से।
    शिवानी को देखकर लग रहा था कि वह कितनी ज्यादा डरी हुई थी।

    अफसाना ने वापस से धृतांश की तरफ देखा। वह धीरे से बोली, "धृतांश जी...?"
    ठीक उसी वक्त धृतांश ने अपनी आंखें खोलीं और उसकी आंखें सीधे अफसाना की आंखों से जा मिलीं।

    अफसाना के पूरे शरीर के रोंगटे खड़े हो चुके थे।
    धृतांश जिस तरीके से उसे देख रहा था, आज से पहले शायद ही उसने इस तरीके से उसे देखा था।

    उसके मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा था। वह बस अपनी जगह पर खड़ी थी और अब शिव कर रही थी।
    धृतांश ने अपने दोनों पैर कॉफी टेबल से नीचे किए और वह तुरंत खड़ा हो गया।

    उसने धीरे-धीरे अपने कदम अफसाना की तरफ बढ़ाने शुरू कर दिए।
    इधर अफसाना अपने कदम पीछे लेकर जा रही थी, कि तभी उसका पैर एकदम से लड़खड़ाया।

    इससे पहले कि वह पीछे की तरफ गिर पाती, धृतांश ने उसे कमर से पकड़ कर अपने पास खींच लिया।
    अफसाना तुरंत उसके सीने से टकरा गई।

    धृतांश सर झुका कर उसके कान के पास अपने होंठ लाकर बोला,
    "व्हाट हैपेंड गुलाबो? नहीं सोचा था तुमने कि तुम्हारे धृतांश जी यहां पर पहुंच जाएंगे तुम्हारे लिए?
    तुमने इतना अंडरएस्टिमेट कर दिया मुझे? बहुत गलत बात है।"

    अफसाना घबराते हुए बोली, "धृतांश जी, प्लीज आप एक बार पहले मेरी बात सुनो। आप..."

    तभी धृतांश उसके होठों पर उंगली रखकर बोला,
    "बिल्कुल नहीं गुलाबो। अब तुम्हारी बात यहां नहीं सुनी जाएगी। तुम्हारी बात वहां से नहीं जाएगी, जहां मेरा मन होगा। और वैसे सुनी जाएगी, जैसे मेरा मन होगा।"

    इतना बोलकर उसने अपने सिगरेट की तरफ देखा।
    अफसाना ने उसकी नजरों को फॉलो किया। उसके माथे पर ठंडी पसीने की बूंदें आने लगी थीं।

    धृतांश बेहद धीमी सी आवाज में बोला,
    "मन तो कर रहा है कि जला दूं तुम्हें।"

    अफसाना हैरानी से बोली, "क्या?"

    धृतांश उसके होठों के बेहद करीब आकर बोला, "वही जो तुमने सुना।"
    इतना बोलकर उसने तुरंत उसके होठों को कैप्चर कर लिया।

    अफसाना ने कसकर अपनी आंखें बंद कर ली थीं, कि तभी उसने अचानक से धृतांश से छूटने की कोशिश की।
    वह तड़प रही थी, चिल्लाने की कोशिश कर रही थी, पर धृतांश ने उसके होंठों को नहीं छोड़ा था। और दूसरे हाथ से उसने कसकर उसके बालों को अपनी मुट्ठी में भर रखा था।

    वहीं, जिस हाथ में उसने सिगरेट पकड़ी हुई थी, वह सिगरेट इस वक्त अफसाना के कंधे पर लगी हुई थी।
    इसी वजह से अफसाना इतना ज्यादा छटपटा रही थी।

    थोड़ी देर बाद धृतांश ने उसके होठों को छोड़ा।
    अफसाना का पूरा चेहरा आंसुओं से भीगा हुआ था।
    वह अपनी आंसू भरी आंखों से उसे देख रही थी।

    धृतांश ने वह सिगरेट वहीं कोने में फेंक दी और उसने सीधे शिवानी की तरफ देखा।
    वह कुछ पल रुक कर बोला,
    "एक ने भागने की कोशिश की, तो दूसरी ने रखने की।
    दोनों दोस्तों ने मिलकर मुझसे मेरी बीवी छीनने की कोशिश की... मेरी गुलाबो।"

    अफसाना के जुबान से अब एक शब्द भी बाहर नहीं आ रहा था।
    उसे इस वक्त बहुत ज्यादा डर लग रहा था।
    ऊपर से दर्द भी हो रहा था।
    वह अपने पैरों पर खड़ी थी, दोनों पैरों पर।
    उसके पैर में भी दर्द हो रहा था और उसके कंधे पर भी।

    धृतांश ने एकदम से अपनी बंदूक उठाकर शिवानी की तरफ शूट किया।
    अगले ही पल शिवानी नीचे गिर गई।
    गोली उसके पेट पर लगी थी।

    अफसाना ज़ोर से चिल्लाई।
    उसने शिवानी की तरफ जाने की कोशिश की,
    तभी धृतांश ने उसकी कलाई पकड़ कर उसे वापस अपने पास खींच लिया।

    वह उसे घूरते हुए बोला,
    "अगली बार अगर तुमने किसी के पास जाने की कोशिश की, तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा गुलाबो। Just keep quiet!"

    अफसाना उसे देखकर बोली,
    "क्या बोल रहे हो आप धृतांश जी? आपने क्या किया? आपने उन्हें गोली मारी है!
    उन्हें कुछ हो जाएगा! उनकी कोई गलती नहीं!
    अगर आपको कुछ करना है, तो मेरे साथ करो ना... आप... मैंने किया था... तब मैं गई थी... आप..."

    धृतांश बीच में ही बोला,
    "तो किसने बोला कि मैं तुम्हें छोड़ दूंगा?"

    यह सुनते ही अफसाना एकदम से फ्रीज हो गई।
    उसने नजर उठाकर धृतांश की आंखों में देखा।

    धृतांश बेहद गौर से उसका चेहरा देखकर बोला,
    "कौन बोल रहा है तुम्हें गुलाबो? किसने कहा तुमसे कि मैं तुम्हें छोड़ दूंगा?
    मैं किसी को नहीं छोड़ूंगा। किसी के बदले की सज़ा किसी को नहीं मिलेगी।
    लेकिन कोई बचेगा भी नहीं... and I mean it!"

    बोलकर उसने अफसाना की कलाई पर अपनी पकड़ मजबूत कर दी और उसे खींचते हुए वहां से बाहर लेकर जाने लगा।
    अफसाना चिल्ला रही थी।
    वह अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।
    लेकिन उसकी सारी कोशिशें बेकार थीं।

    गाड़ी के पास पहुंच गई, अफसाना ने एकदम से धृतांश को धक्का दिया, जिसके चक्कर में धृतांश की पकड़ उसके हाथ पर ढीली हो गई थी। अफसाना ने अपना हाथ छुड़ाया और वह तुरंत दूसरी तरफ भागने लगी। तभी एक गोली की आवाज आई। अफसाना जोर से चिल्लाते हुए नीचे गिर गई। उसने अपना पैर पकड़ लिया था। गोली नहीं लगी थी उसे। धृतांश ने जो गोली चलाई थी, वह बस उसके पैर के पास चलाई थी, उसके पैर पर नहीं।

    अफसाना के पैर में बहुत तेज दर्द हो रहा था, ऐसे गोली की आवाज सुनकर और वह झटका फील करती, उसका पैर मुड़ गया था और वहीं पर मुड़ा था, जिस पर ऑलरेडी बैंडेज लगा हुआ था। धृतांश उसके पास आया। वह वहीं उसके पास पंजों के बल बैठा। कुछ पल अफसाना के चेहरे को देखते रहने के बाद उसकी नजर उसके पैर पर गई। पूरा बैंडेज अब खून से भीग चुका था। पैर सूजने लगा था, मुड़ने की वजह से।

    धृतांश ने बेहद आराम से उसका पैर अपने हाथ में लिया, इस तरीके से मानो अफसाना कोई कांच की गुड़िया थी, जिसे वह संभाल कर रखना चाहता था। वह कुछ पल रुक कर बोला, "तुम्हें लेकर जा रहा हूं मैं, गुलाबो। और तुम मुझसे भागने की कोशिश कर रही हो? तुम्हें पता है मुझे कितना गुस्सा आता है जब तुम मुझसे दूर जाने की कोशिश करती हो? मेरा मन करता कि तुम्हें जान से मार दूं और फिर तुम्हें आराम से अपने पास रखूं। लेकिन नहीं, तुम्हारी जिंदगी मेरे लिए बहुत मैटर करती है। तुम्हारी प्यारी आंखें, तुम्हारी प्यारी-प्यारी बातें, तुम्हारा मुझे देखना, सब कुछ। तुम्हें समझ में क्यों नहीं आता? चोट लग गई तुम्हें, फिर से गिर गई। तुम फिर से उसी जगह पर चोट लग गई। बार-बार खुद को चोट पहुंचाने की आदत है क्या तुम्हें?"

    अफसाना धीरे से बोली, "मुझे मेरी वजह से चोट नहीं लगी है। आपकी वजह से लगी है। यह सब कुछ आपकी वजह से... मुझे चोट आपकी वजह से लगी। आप—"

    धृतांश बीच में ही बोला, "Are you blaming me, गुलाबो? तुम यह बोलना चाहती हो कि तुम्हारी चोट के जिम्मेदार मैं हूं?"

    अफसाना ने कसकर अपने हाथों की मुट्ठी बना ली थी। धृतांश कुछ पल उसकी आंखों में देखता रहा और फिर उसने सर झुकाकर उसके सूजे हुए एंकल पर अपने होंठ रख दिए। अफसाना अब और भी ज्यादा बुरी तरीके से रोने लगी थी। धृतांश कुछ पल अपने होंठ वैसे ही रखकर बैठा रहा और फिर एकदम से नजर उठाकर उसने अफसाना का वहीं पर टखना मोड़ा।

    अफसाना जोर से चिल्लाई। वह पूरी तरीके से जमीन पर लेट चुकी थी। वह पूरी की पूरी मिट्टी थी और वह मिट्टी पर लेटी हुई थी। वह इस वक्त बुरी तरीके से तड़प रही थी। धृतांश की नजर बस उसके ऊपर टिकी हुई थी। उसकी पकड़ उसके पैर पर इतनी मजबूत थी कि ऐसा लग रहा था कि वह बस उसका एंकल एक और ट्विस्ट करेगा और वह टूट जाएगा।

    अफसाना अभी भी दर्द में तड़प कर रो रही थी। वह अपना पैर हिला तक नहीं पा रही थी। धृतांश ने अचानक से उसके पैर को छोड़ा और वह उसके चेहरे के पास आया। अफसाना ने तुरंत उसके सीने पर हाथ रखकर उसे रोकने की कोशिश की। धृतांश ने सर झुकाकर उसके हाथ की तरफ देखा और फिर वापस उसका चेहरा देखकर बोला, "Wrong move।" बोलकर उसने तुरंत अफसाना की कलाई पकड़ कर उसे कसकर मोड़ा।

    अफसाना जोर से चिल्लाई। उसे ऐसा लगा कि उसकी कलाई टूट जाएगी, पर टूटी नहीं थी, पर बेतहाशा दर्द हो रहा था। अफसाना कुछ कहने की कोशिश कर रही थी, पर रोने की वजह से उसके मुंह से कुछ निकल भी नहीं रहा था। धृतांश की नज़र तब तक बस उसके चेहरे पर टिकी हुई थी। उसकी पकड़ धीरे-धीरे अफसाना की कलाई पर धीली हो गई। वह उसके गाल पर हाथ रख कर बोला, "गुलाबो, shhhh... stop crying।"

    लेकिन अफसाना का रोना तो बंद ही नहीं हो रहा था। वह पागलों की तरह बस रोए जा रही थी। वह कंट्रोल करने की कोशिश कर भी रही थी तो भी उसे कंट्रोल हो नहीं रहा था। इस वक्त उसे धृतांश से बहुत ज्यादा डर लग रहा था। वह उसे दूर जाना चाहती थी, पर वह अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रही थी।

    धृतांश तुरंत उसे अपनी गोद में लेकर खड़ा हुआ और वह सीधे गाड़ी की तरफ बढ़ गया। उसने अफसाना को गाड़ी में बैठाया और खुद उसके बगल में बैठ गया। कुछ पल में ड्राइवर ने गाड़ी स्टार्ट कर दी। अफसाना की नज़र एक बार अपने पैर की तरफ चली गई। ठीक उसी वक्त धृतांश ने उसका चेहरा अपनी तरफ किया। वह उसकी लाल आंखों में देखकर बोला, "यह मत सोचना गुलाबो कि तुम्हारे रोने की वजह से मेरा दिमाग चेंज हो जाएगा या जो मैंने सोचा है वह बदल जाएगा। कुछ नहीं बदल रहा। Believe me गुलाबो, कुछ नहीं बदल रहा। अभी बहुत कुछ बाकी है।"

    "यह 'बहुत कुछ बाकी है' वाली लाइन सुनते ही अफसाना का दिल मानो बाहर आने को तैयार था। वह बस धृतांश की आंखों में देख रही थी। आंखों में अभी भी आंसू थे, पर अब वह रोते-रोते भी थक चुकी थी।"

    धृतांश तिरछा मुस्कुरा कर बोला, "एक सरप्राइज वेट कर रहा है तुम्हारा गुलाबो। And believe me, उस सरप्राइज के बाद ना, तुम्हारी रातों की नींद उड़ने वाली है।" इतना बोलकर उसने झटके से अफसाना का चेहरा छोड़ दिया।

  • 7. Ruined by You - Chapter 7

    Words: 1589

    Estimated Reading Time: 10 min

    लखनऊ...

    अयांश ने वफ़ा को थप्पड़ मारा था। वफ़ा की गाल एक तरफ झुकी हुई थी। वो हैरानी से अपने उस गाल को छूती है, जहाँ अभी-  अभी अयांश ने थप्पड़ मारा था।

    वफ़ा, अपनी नज़रें उठाए अयांश को देखी और अगले ही पल उसने अयांश को थप्पड़ मारने के लिए अपनी हाथ उठा ली। इससे पहले उसकी हाथ अयांश के गालों को छू पाती, अयांश ने बीच में ही उसके हाथ पकड़ लिया था।

    इस वक्त वफ़ा को अयांश पर बहुत गुस्सा आ रहा था। उसने अयांश पर चिल्लाते हुए बोली,  " How dare you Mister Ayansh Thakur, तुमने मुझे थप्पड़ मारा, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने कि ! " बोलते हुए उसकी आँखें गुस्से से और नफरत से लाल हो गई।

    वहीं अयांश ने उसकी कलाई को मरोड़ते हुए उसकी आँखों में देखते हुए बोला,  " महबूबा बहुत नाज़ुक हो तुम, तुम्हारी ये हाथ मुझे थप्पड़ मारने के लिए नहीं, मुझसे प्यार करने के लिए बने है। " 

    और अगले ही पल, अयांश उसे खींचते हुए कार के पास ले गया। एक धक्का दे कर उसे कार के अंदर बैठाया और खुद ही उसके साथ बैठ गया। उसने तबतक वफ़ा की हाथ नहीं छोड़ा जबतक वो लोग हवेली नहीं पहुंच गए।

    इस बीच वफ़ा ने उसकी पकड़ से अपनी हाथ छुड़ाने की बहुत कौशिश करी, मगर वो सारे बेकार रहे। अयांश उसे खींचते हुए कमरे में ले आया।

    तभी वफ़ा अपनी सारी ताकत लगा कर अयांश के पकड़ से अपनी हाथ को खींची। 

    और वो अपनी हाथ अलग किए, उसकी आँखों में देखते हुए बोली,  " लीव माई हैंड। " बोलते हुए उसकी आँखों में अयांश के लिए कोई डर नहीं था।

    अयांश को उसकी हिम्मत देखकर हल्का मुस्कुराया और वफ़ा की हाथ पर अपनी पकड़ ओर कसते हुए बोला,  " हिम्मत तो मुझमें बहुत है महबूबा। अगर हिम्मत नहीं होता तो आज तुम मिसेज वफ़ा अयांश ठाकुर नहीं होती। ये बात तुम भी जानती हो। " बोलकर उसने एक झटके में वफ़ा को अपने करीब खींच लिया।

    वफ़ा एकदम से चिल्लाते हुए बोली,  " नहीं हूं मैं तुम्हारी पत्नी, नहीं मानती मैं इस शादी को, इस धोके को। समझे मिस्टर अयांश ठाकुर। " बोलकर वो अपनी हाथ अयांश के पकड़ से छुड़ाने की कोशिश करने लगी।

    अयांश, वफ़ा की हाथ को दबाते हुए बोला,  " चाहे धोके से ही क्यों न हो, पर तुम पत्नी तो सिर्फ मेरी हो। और मरते दम तक मेरी ही रहोगी। पल- पल तड़पोगी, पर तुम्हे आज़ादी कभी नहीं मिलेगी। " बोलते वक्त उसकी आँखों में कुछ था, जो वफ़ा समझ ना पाई।

    वफ़ा उसे देखकर मुस्कुराते हुए बोली,  " तुम्हे क्या लगता है, तुम मुझे अपने इन खोखले धमकियों से, बातों से डरा सकते हो ? नहीं। कभी नहीं। वफ़ा रायचंद तुमसे नहीं डरती। ज़रा भी नहीं डरती। " बोलते हुए उसकी आँखों में सच्चाई झलक रही थी।

    अयांश उसे देखकर एक टेड़ी मुस्कान लिए, उसके ऊपर थोड़ा झुकते हुए बोला,  " क्या कहां तुमने, तुम मुझसे डरती नहीं हो ? " 

    इसपर वफ़ा उसे पोक करते हुए बोली,  " सुनाई नहीं दिया, फिर से सुनना चाहते हो ? तो सुनो, मैं तुमसे नहीं डरती। वफ़ा रायचंद तुमसे नहीं डरती। " बोलते हुए वफ़ा की मुस्कान और गहरी हो गई।

    उसने अपनी बात खत्म ही करी थी, कि तभी अयांश ने उसके जबड़े को पकड़ लिया।

    अयांश गुस्से से उसकी आँखों में देखते हुए बोला,  " डरती नहीं हो तुम, है न ? "

    वफ़ा अपनी दबती आवाज़ में बोली,  " बारबार पूछने पर सच्चाई बदल नहीं जाती। वफ़ा रायचंद किसी से नहीं डरती। "

    उसकी जवाब को सुनकर अयांश के चेहरे के एक्सप्रेशंस बदल गए। पर उसने जल्दी से उसे एक टेड़ी मुस्कान से छुपा लिया।

    और अगले ही पल वो मुस्कुराते हुए बोला,   " अच्छी बात है, तुम्हें डरना नहीं चाहिए किसी से। डरने की ज़रूरत भी नहीं है तुम्हें। तुम अयांश ठाकुर की बीवी हो। लोगों को तुमसे डरना चाहिए। लेकिन मुझसे नहीं डरती, ये बुरी बात है! तुम्हें मुझसे डरना होगा। " बोलकर उसने वफ़ा की जबड़े को छोड़ा।

    फिर हल्का थपथपाते हुए बोला,  " डरना सीखों मुझसे। " 

    वफ़ा उसकी आँखों में देखते हुए बोली,   " अपनी दहशत बनाना चाहते मुझ पर ? " बोलते हुए उसकी आँखों में डर नहीं था।

    उसकी सवाल पर अयांश मुस्कुरा दिया और फिर उसके पास धीरे- धीरे चलते हुए बोला,   " महबूबा... महबूबा... महबूबा तुम सोचती बहुत हो। " बोलते हुए वो उसके चारों ओर घेरा बनाए घूम रहा था।

    वो एकदम से उसके पीछे रुका और वफ़ा के कानों के पास अपने होंठों को ले जाकर धीरे से कहा,   " और जो भी सोचती हो, वो गलत भी सोचती हो और सही भी सोचती हो। " बोलकर उसने अपने नज़रों को वफ़ा की तरफ किया।

    वहीं उसी पल वफ़ा भी अपनी नजरें उस तरफ घुमाई, जिससे उन दोनों की आँखें आपस में टकड़ा गई। 

    " अयांश ठाकुर, तुम एक गिरे हुए इंसान हो। "  वफ़ा ने धीरे से कहा।

    तभी अयांश जल्दी से कहा,  " और तुम उसी गिरे हुए इंसान के पत्नी हो। वेट...  तुम्हे तो पत्नी word पसंद नहीं। फिर ? " बोलकर उसने थोड़ा सोचने का नाटक किया।

    और एकदम से बोला,  " हां! तुम उसी गिरे हुए इंसान की पूरी घरवाली हो, धर्म पत्नी हो। "

    वफ़ा नफ़रत से बोली, " धर्म पत्नी माई फुट। " बोलकर वो गुस्से से दूसरी तरफ जाने लगी।

    उसने अपनी एक कदम बढ़ाई कि, अयांश ने एकदम से उसकी कलाई को पढ़के उसे अपने पास खींच लिया। और उसकी आखों में झांकते हुए बोला,   " वफ़ा अयांश ठाकुर हो तुम। ये हमेशा याद रखना महबूबा। दूसरी बार से तुम खुदको वफ़ा रायचंद कह रहे हो, ये नहीं सुनना मुझे। " बोलकर उसने एकदम से उसकी कलाई को छोड़ा।

    तभी वफ़ा गुस्से से बोली, " तुम कोई नहीं होते हो समझे। " फिर वो अयांश के आखों में देखते हुए, हर शब्दों को जोड़ देते हुए बोली,  " और मैं वफ़ा रायचंद थी, हूं और वफ़ा रायचंद ही रहूंगी। " 

    वफ़ा ने ये कहा ही था, कि अयांश ने उसे एकदम से बेड पर धकेल दिया। वफ़ा सीधा जाकर बेड पर गिरी, एक पल के लिए इसे समझ में नहीं आया, अचानक से उसके साथ हुआ क्या। वो हैरानी से सामने देखी, तो अयांश उसके बहुत करीब था। 

    वफ़ा एकदम से बेड से उठने लगी तो अयांश उसे एक ओर धक्का दिया। वफ़ा बेड पर पीठ के बल लेटी थी और अगले ही पल अयांश भी उसके पास आने लगा। उसे अपने करीब आता हुआ देख, वफ़ा के चेहरे पर डर नहीं, बल्कि नाराज़ी और नफ़रत की लकीरें थीं, जो साफ दिखाई दे रही थीं।

    जैसे-जैसे अयांश उसके पास आया, वफ़ा एकदम से खुदको पीछे खिसक ने लगी। मगर बेड की हेडबोर्ड तक पहुंचते ही वो रुक गई। अब उसके पीछे कोई रास्ता नहीं था।

    अयांश उसके एकदम करीब आ गया। वो उसके ऊपर झुका और अपनी हथेलियों से बेड के हेडरेस्ट की दोनों तरफ पर एलन हाथ रख लिया। और उसे अपने और बेड के बीच कैद कर लिया।

    उसकी आँखें वफ़ा की आँखों में झांक रही थीं। वफ़ा का चेहरा थोड़ा कांपा, लेकिन उसकी नज़रों में डर नहीं था, सिर्फ़ चुनौती थी।

    अयांश ने धीरे से अपना चेहरा वफ़ा के चेहरे के बहुत करीब लाया। उसकी सांसें अब वफ़ा के चेहरे से टकरा रही थीं। वफ़ा की सांसें भारी हो चली थीं, लेकिन वो नज़रें नहीं झुका रही थी।

    और फिर एकदम से अयांश ने अपने होंठों को वफ़ा के होंठों के पास ले गया।वो वफ़ा के होंठों को सीधे चूमने की बजाय, उनके किनारों पर बहुत धीरे से टिका दिए। वो उसे चूम नहीं रहा था, पर उसकी हदें तोड़ने की कोशिश ज़रूर कर रहा था।

    "महबूबा," वो फुसफुसा कर कहा, "इतना नफरत मत किया करो मुझसे... वरना मोहब्बत का अंदाज़ और भी बेरहम हो जाएगा।"

    वफ़ा ने अपने चेहरे को झटका देकर उसे पीछे धकेलना चाहा, और गुस्से में बोली, " तुम्हारी ये हरकतें तुमसे मोहब्बत तो क्या नफरत भी करने से इनकार कर रही है, अयांश ठाकुर।"

    उसकी बातों पर अयांश सिर्फ मुस्कुराया। और फिर उसकी आखों में देखते हुए अचानक से कहा,  " सुबह क्या कहा था तुमने महबूबा, की तुम मेरे भेजे गए साड़ी नहीं पहनोगी, यहां तक पानी भी नहीं पियोगी। है न, कुछ ऐसा ही कहा था न। चलो तुम्हे मैं अपने हाथों से खाना खिलाऊंगा। " बोलकर उसने जल्दी से नौकर को आवाज दिया और खाना लाने के लिए ऑर्डर दिया।

    अगले ही पल वहां खाना हाज़िर था। अयांश खाने का एक निवाला अपने हाथ में लिए वफ़ा से बोला,  " चलो मुंह खोलो। " पर वफ़ा ने अपनी मुंह दूसरी तरफ फेर लिया।

    ये देखकर अयांश मुस्कुरा दिया, और कहा,  " Tch tch महबूबा... महबूबा तुम सुनती नहीं हो मेरी। " बोलते वक्त वो बहुत नॉर्मल साउंड कर रहा था।

    पर अगले ही पल उसने एक हाथ से वफ़ा की जबड़े को पकड़ा, और दूसरे हाथ से उसके मुंह में जबरदस्ती खाना घुसाते हुए बोला,   " खाना, तो तुम्हें खाना ही पड़ेगा। चाहे उसके लिए मुझे जबरदस्ती ही क्यों न करना पड़े। " 

    " मुझे तोड़ना चाहते हो न अयांश ठाकुर। पर वफ़ा टूटेगी नहीं। हरगिज़ नहीं। " वफ़ा अयांश की आँखों में देखते हुए बोली।

    अयांश ने एकदम से उसकी बालों को पकड़े उससे बोला,  " तुझे तोडूंगा भी मैं, पर जोड़ूंगा कभी नहीं। तुझे मारूंगा नहीं, पर जिंदा छोडूंगा भी नहीं। " इतना बोलकर वो उसकी बालों को छोड़ दिया और कमरे से बाहर निकल गया।

    अयांश उसे किस कदर तोड़ेगा ? क्या वफ़ा खुदको टूटने से बचा पाएगी ? 

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