Novel Cover Image

Shiddat _e_ishq

User Avatar

Minal rana

Comments

1

Views

166

Ratings

1

Read Now

Description

कहानी है तो ऐसे शख्स की जिनका स्वभाव पूर्ण तरहअलग और जहां मीनल चुलबुली सी अपने में ही मस्त रहने वाली हर बात पर खुशी ढूंढने वाली छोटी-छोटी चीजों में खुश होने वाली वहीं दूसरी तरफ है रघबीर जो हर बात पर टेढ़ा रहेंगे गुस्सा तो उनके नाक पर रहता है लेकिन वह...

Total Chapters (2)

Page 1 of 1

  • 1. Shiddat _e_ishq - Chapter 1

    Words: 606

    Estimated Reading Time: 4 min

    कहानी है राजस्थान के अजमेर की वहां पर सबसे अमीर सबसे नाम चिन सबसे फेमस फैमिली सबसे रुतबेमंद परिवार राणा परिवार राणा परिवार में मिस्टर अखिलेश राणा जो घर के सबसे बड़े और बुजुर्ग है उनकी पत्नी का देहांत हो गया है उनके दोनों बेटे अधिविर और अधिराज राणा जिनकी शादी हो चुकी है उसे परिवार में उनकी दोनों पत्नियों और उनके बच्चे अधिवर राणा जो बड़े बेटे हैं उनकि बेटी कालिंदी राणा और जो अधिराज राणा है उनके बेटे हैं रघबीर राणा

    वहीं दूसरी और

    राजस्थान के ही उदयपुर की अजमेर फैमिली सबसे रईस सबसे राधे बेईमान और सबसे रॉयल फैमिली उसे परिवार में है दिग्विजय अजमेर उनके बेटे शक्ति अजमेर उनकी पत्नी और शक्ति अजमेर के छोटे भाई विराज अजमेर और विराज अजमेर की पत्नी शक्ति अजमेर की इकलौती बेटी मीनल ajnera अजमेर परिवार की जान मीनल अजमेर पूरे अजमेर परिवार का इकलौती वारिस और एक ही बेटी और सबकी जान

    आई दोस्तों देखते हैं कि यह दोनों परिवारों को कैसे मिलन हुआ जहां रघबीर आग है तो मीनल पानी है देखते हैं उनकी टक्कर भर प्यार में क्या होता है कैसे इनका प्यार परवान चढ़ता है कैसे इनका शिद्दत भर प्यार इन्हें कहां तक पहुंचाता है जहां प्यार की गहराइयों को यह दोनों बताएंगे लिए दोस्तों चलते हैं कहानी म

    राणा पैलेस

    आरती की धुन के साथ यहां शुरू होती है सुबह तभी बड़े परिवार के सबसे बड़े अखिलेश राणा नीचे आते हैं और आरती करते हुए कहते हैं

    बहु रघुवीर कहां है कहां है हमारा बच्चा

    पापा जी आप तो जानते हैं ना आपके पोते को वह किसी की सुनता का है उसे तो हर काम में परफेक्ट होना है चला गया अपने कैंपस इतनी बड़ी बिजनेस का मालिक है इतना बड़ा बिजनेस टाइकून है लेकिन फिर भी इसे अपने प्रोफेसर का प्रोफेशन छोड़ना नहीं है

    ऊपर से बात करते हुए अधिवि राणा आ रहे थे

    हां तो कोई बात नहीं न चाचू मुझे गर्व अपने भाई पर कि वह बिजनेस टाइकून होने के साथ-साथ अपना एम अपना सपना तो पूरा कर रहा है जो उसे बना था

    यह कोई और नहीं कालिंदी राणा थी जो रघुवर की बड़ी बहन और हमेशा उसे सपोर्ट करती थी रघुवीर का परिवार भरा पूरा परिवार था हर कोई एक दूसरे से प्यार सम्मान से पेश आता था एक दूसरे का सपोर्ट करताथ

    वैसे क्या कहा है रघवीर ने क्या वह अपना यह प्रोफेसर का काम नहीं छोड़ेगा यह लड़का भी ना क्यों खुद को इतना सकता है यही समझ नहीं आता अधिवर जी ने हल्के नाराजगी के साथ ममता जी से कहा ममता जी रघबीर की मां से कहा

    आप बिना अधिराज कुछ सुनते ही नहीं है जाने दीजिए बच्चा है समझ जाएगा अगर उसका मन है तो उसे करने दीजिए ना उसका काम और वैसे भी आप सब अभी नाश्ता करिए पापा जी आप भी अभी आप अपनी टैबलेट ले लीजिए और आज कोई काम नहीं करेंगे अपन ऑफिस जाएंगेसमझे आप

    अरे बहु ऐसा मत कहो मैं घर बैठे बैठे क्या करूंगा तुम जानती हो ना मुझे काम करना पसंद है

    हां तो पापा जी आप मेरी मदद करेगा लेकिन ऑफिस नहीं जाएंगे आज आप समझे और वैसे भी आजकल हिंदी भी घर पर है तो आज घर पर काम करेंगे और घर पर एंजॉय करेंगे

    ठीक है ठीक है अब जब सास बहू और बेटी ने सब प्लान कर ही लिया तो हम कौन होते हम तो चले ऑफिस और हां अधिविर भाई साहब और भाभी जी चार-पांच दिनों बाद आने वाले हैं यह बाद में बताना भूल गया था तो यह सब याद रखना और अब मैं चलता हूं ऑफिस ठीक है इतना कहते हुए अधिराज राणा ऑफिस के लिए निकल पड़े

  • 2. Shiddat _e_ishq - Chapter 2

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min