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The professor's little wife

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Simran Meshram

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Description

अयंश जो प्रोफेसर हैं यति उसकी स्टूडेंट है दोनों बंध गए मजबूरी में एक अनचाहे रिश्ते में।तो कैसा होगा इनका रिश्ता जानने के लिए पढ़ते रहे

Total Chapters (32)

Page 1 of 2

  • 1. The professors little wife - Chapter 1

    Words: 838

    Estimated Reading Time: 6 min

    एक कमरा था, जहाँ उस समय सन्नाटा छाया हुआ था। अचानक एक औरत की आवाज गूँजी, "यति करेगी ये शादी..." उस औरत की बात सुनकर, पास खड़े सभी लोग हैरानी से उसे देखने लगे। वहाँ खड़ी, क्रीम कलर का लहंगा पहने एक लड़की, यह सुनकर हैरानी से उस औरत को देखने लगी। वह बहुत डर गई थी; उसके होंठ काँपने लगे। दूल्हे के कपड़े पहने एक शख्स ने चौंकते हुए कहा, "आपको पता भी है आप क्या बोल रही हैं? वो ये शादी कैसे कर सकते हैं?" वह औरत दोबारा बोली, "और कोई रास्ता नहीं है हमारे पास।" वहीं उस शख्स के पास खड़ी एक और औरत ने कहा, "अयंश, विशाखा जी क्या गलत कह रही हैं?" "अब हमारे पास सचमुच कोई रास्ता नहीं है। आखिर दोनों परिवारों की इज़्ज़त का सवाल है। रीता ने शादी से भाग कर दोनों परिवारों की इज़्ज़त दांव पर लगा दी है।" "अब हमारे पास एक ही रास्ता है कि रीता की जगह यति तुमसे शादी करे। इसी में दोनों परिवारों की भलाई है। बाहर सब लोग बैठे हैं, सारे मेहमान आ चुके हैं।" विशाखा जी यति के पास आईं और बोलीं, "यति, बोलो क्या तुम शादी करोगी?" "मैंने आज तक तुमसे कभी कुछ नहीं माँगा। पहली बार तुमसे कुछ माँग रही हूँ। इस शादी के लिए हाँ बोल दो और बचा लो अपने चाचा की इज़्ज़त।" "हमने तुझे बचपन से ही पाल-पोसकर बड़ा किया है। तेरे माँ-बाप के जाने के बाद, उसी कर्ज़ को समझकर यह शादी कर लो और चुका दो अपना कर्ज़।" यति के चाचा वहीं पर खड़े थे, पर वह कुछ बोल नहीं पा रहे थे। उनकी निगाहें शर्म से झुकी हुई थीं। वहीं अयंश ने कहा, "प्लीज आप सब उसे मजबूर मत करो। क्यों उसे मजबूर कर रहे हो आप लोग?" "और यह भी कोई उम्र है उसकी शादी करने की? आप लोग जानते भी हैं आप लोग क्या बोल रहे हैं? उसकी और मेरी उम्र में पूरे 9 साल का फ़र्क है और वो बस अभी 19 साल की है।" "और तो और, मैं उसका प्रोफ़ेसर भी हूँ। मैं कैसे उससे शादी कर सकता हूँ?" यति वहाँ बिल्कुल नि:शब्द हो गई और किसी पुतले की तरह एक जगह खड़ी हो गई। उसकी आँखों में आँसू आ गए। उसके सामने उस वक्त उसकी चाची खड़ी थी, जिसने उसे बचपन से ही पाल-पोसकर बड़ा किया था, उसके माँ-बाप के जाने के बाद। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। उसके दिमाग में बचपन की यादें आने लगीं कि कैसे उसकी चाची ने बचपन में उसे संभाला और अब तक उसकी देखभाल की, उसे पढ़ाया-लिखाया। अचानक यति बोली, "मैं करूँगी यह शादी।" उसने काफी धीमी आवाज में कहा था, पर उसके शब्द कमरे में गूँज गए। अयंश थोड़ा गुस्से में, उसे समझाते हुए बोला, "तुम्हें पता भी है तुम क्या बोल रही हो? तुम इमोशनल होकर अपनी ज़िंदगी का इतना बड़ा फ़ैसला यूँ ही नहीं ले सकती, यति।" "जो होना है वह देखा जाएगा, पर प्लीज़ तुम ऐसे किसी ज़बरदस्ती में आकर इतना बड़ा फ़ैसला मत लो। अपनी ज़िंदगी दांव पर मत लगाओ।" यति ने अपना सर नीचे कर लिया था। उसकी आँखों से आँसुओं की बूँद नीचे गिर रही थी, और उसने एक बार फिर कहा, "मैंने फ़ैसला कर लिया है। मैं ये शादी करूँगी।" उसकी निगाहें जमीन की ओर थीं। अयंश को गुस्सा आ रहा था। उसने अपने हाथों में मुट्ठी बना ली। जैसे ही उसने कुछ बोलने के लिए अपना मुँह खोला, साइड में खड़ी उसकी दादी, सुचित्रा जी ने कहा, "तुम्हें हमारी कसम है, अयंश, तुम यह शादी करोगे।" "हम मजबूर हैं यह सब बोलने के लिए, क्योंकि अगर यह शादी आज रुक गई ना तो उंगलियाँ दोनों परिवारों पर उठेगी।" "विशाखा जी और संदीप जी के संस्कारों पर उंगलियाँ उठेगी। तुम पर उंगलियाँ उठेगी, और यति की तो कोई गलती नहीं है।" "आगे चलकर इस पर भी उंगलियाँ उठेगी, क्योंकि रीता ने जो गलती की है, वह हम तो भूल जाएँगे, पर यह समाज नहीं भूल पाएगा।" "वह रोज़ यति को ताने देंगे, इसके करैक्टर पर उंगलियाँ उठाएँगे। जो भी हो, यति यहीं पर पली-बढ़ी है, बचपन से।" "तो यह भी इसी घर का हिस्सा हुई, इसी घर की बेटी हुई। तो तुझे क्या लगता है इस पर नहीं उठेगी उंगलियाँ?" "अरे, दुनिया वाले इसका जीना हराम कर देंगे। वो चैन से रह नहीं पाएंगी। और तुम्हें भी बोलेंगे कि तुम में ही कोई कमी है, और मैं नहीं चाहती यह सब हो।" "इसलिए तुझे मेरी कसम है कि अब तू कुछ नहीं बोलेगा और यह शादी करेगा।" अयंश नि:शब्द हो गया, क्योंकि उसकी दादी माँ ने उसे अपनी कसम दे दी थी। अयंश कमरे से बाहर निकल गया और संदीप जी भी। विशाखा जी ने यति को एक दुल्हन की तरह तैयार किया, उसे सजाने लगीं। यति चुपचाप बैठी हुई थी। वह कुछ नहीं बोली। उसके तैयार होने के बाद विशाखा जी उसे अपने साथ लेकर नीचे आईं। यति को अपना लहंगा संभालने में बहुत मुश्किल हो रही थी। वह अपना लहंगा संभालते हुए बड़ी मुश्किल से अयंश के बगल में बैठी। उसका चेहरा घूँघट में था। To be continue.......

  • 2. The professors little wife - Chapter 2

    Words: 905

    Estimated Reading Time: 6 min

    अब तक...... अयांश और संदीप जी कमरे से बाहर निकल गए थे। विशाखा जी ने यति को एक दुल्हन की तरह तैयार किया और उसे नीचे लाईं। यति को अपना लहंगा संभालने में बहुत मुश्किल हो रही थी। वह बड़ी मुश्किल से अयांश के बगल में बैठी। अब आगे...... उसका चेहरा घुंघट से ढका हुआ था, पर घूंघट के नीचे से उसका चेहरा दिख रहा था। उसकी आँखें नम थीं, और उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। अयांश उसके बगल में बैठा हुआ था। उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बिलकुल शून्य थे। उसे यति पर बहुत गुस्सा आ रहा था, पर वह अपने आप को कंट्रोल करते हुए चुपचाप बैठा रहा। पंडित जी ने शादी के मंत्र शुरू किए। "ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि। ... ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ ... हे गौरी शंकरार्धांगि । ... ॐ कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीस्वरि । ... मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः। ... शांताकारम भुजङ्गशयनम पद्मनाभं सुरेशम। ... ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा" फिर उन दोनों को फेरों के लिए खड़े होने को कहा गया। यति मुश्किल से अपना लहंगा संभालते हुए खड़ी होने लगी। पर उसका पैर उसके लहंगे में फंस गया। वह गिरने ही वाली थी, पर अयांश ने उसका हाथ पकड़ लिया। इस वजह से वह नहीं गिरी। फिर दोनों ने फेरे लिए। सातों फेरे खत्म होने के बाद, पंडित जी ने उन्हें बैठने को कहा। पंडित जी ने कहा, "वधु के गले में मंगलसूत्र पहनाइए।" अयांश ने बिना किसी इमोशन के मंगलसूत्र को देखा और फिर यति के गले में पहना दिया। फिर पंडित जी ने कहा, "वधू की मांग में सिंदूर भरिए।" अयांश ने सिंदूर की डिब्बी से चुटकी भर सिंदूर लिया और घुंघट के अंदर अपना हाथ डालकर यति की मांग में सिंदूर भर दिया। यति ने अपनी आँखें बंद कर लीं। उसकी आँखों से आँसू आ गए। पंडित जी ने कहा, "शादी संपन्न हुई। आज से आप दोनों पति-पत्नी हुए।" पंडित जी के ये शब्द सुनते ही यति के मन में अजीब सा एहसास दौड़ पड़ा। अयांश का चेहरा अब भी शांत और भावहीन था। कुछ देर बाद...... विदाई का वक्त था। यति अपनी चाची के गले लगी हुई थी। विशाखा जी भी उसके गले लग गईं। "हमें माफ कर देना, यति। हमने तुम्हें इस जबरदस्ती के रिश्ते में बांध दिया, पर हमारे पास कोई और रास्ता नहीं था।" उन्होंने यति को गले लगाते हुए कहा। यति ने कुछ नहीं कहा। फिर सबका आशीर्वाद लेने के बाद, वह अयांश, राधिका जी और अयांश के घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद लेकर वहाँ से निकल गई। करीब दो घंटे बाद...... उनकी कार एक बड़े विला के सामने रुकी। अयांश कार से निकल गया। यति ने कार का दरवाजा खोला, पर उसका लहंगा इतना भारी था कि उसे बहुत दिक्कत हो रही थी। अयांश कार से निकलकर आगे जा चुका था, पर वह पलटा। उसने देखा यति कार से उतरने की कोशिश कर रही थी। ऊपर से बेचारी के चेहरे पर घूंघट भी था। अयांश ने एक गहरी साँस छोड़ी और कार की तरफ आया। उसने उसका हाथ पकड़कर उसे कार से बाहर निकाला। यति को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। वह अपना घूंघट संभालते हुए अयांश के पीछे-पीछे चलने लगी। वह दोनों दरवाजे पर आ चुके थे। राधिका जी और अयांश की दादी पहले ही दूसरी कार में आ चुकी थीं। राधिका जी ने कहा, "रुको।" यति, जो अपने कदम आगे बढ़ा ही रही थी, रुक गई। घुंघट के अंदर उसका चेहरा दिख रहा था। वह घबरा रही थी और नर्वसनेस में अपने होठों को काट रही थी। राधिका जी ने कहा, "गृह प्रवेश की रस्म करनी है।" उन्होंने आरती की थाली ली और दोनों की आरती उतारने लगीं। फिर उन्होंने दरवाजे पर एक बड़ा सा कलश रख दिया। "बेटा, इस कलश को अपने सीधे पैर से गिराओ और अंदर आओ।" यति ने हल्का घबराते हुए धीरे से अपना सीधा पैर आगे किया और कलश को हल्के से गिराया। राधिका जी ने कहा, "बेटा, अब उसे स्थान पर रखो और अपने पैरों के निशान छोड़ते हुए अंदर आओ।" यति ने वैसा ही किया। अयांश वहाँ से चला गया। अयांश की दादी ने कहा, "राधिका, नई बहू को अयांश के कमरे में छोड़कर आओ।" राधिका जी ने सिर हिलाया और यति का हाथ पकड़कर उसे अयांश के कमरे की तरफ ले जाने लगीं। यति बहुत ज्यादा डरने लगी। उसे घबराहट हो रही थी। होती भी क्यों ना? अचानक से उसकी शादी हो गई थी, वह भी अपने प्रोफेसर से, जिसे वह सिर्फ कॉलेज में जानती थी, जो उसे हर छोटी-छोटी बात पर पनिश करता था, क्लास से बाहर निकाल देता था। और अब उसी से उसकी शादी हो गई थी। और वह अचानक से उसके अनजान घर में आई थी, यह बहुत अजीब था। कुछ देर बाद, राधिका जी उसे एक कमरे के अंदर ले जाकर बिस्तर पर बिठाते हुए बोलीं, "बेटा, यहीं पर बैठो, अयांश कुछ देर में आ जाएगा।" उन्होंने उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा। और फिर उसके पास बैठकर बोलीं, "तुम्हें घबराने की जरूरत नहीं है। यह तुम्हारा ही घर है। तुम्हें किसी चीज की जरूरत है तो मुझे बता देना, ठीक है? मैं तुम्हारे लिए खाना भेजवाती हूँ। तुम्हें भूख लगी होगी ना?" फिर वह चली गईं। यति वैसे ही बैठी रही, चुपचाप। वह नर्वसनेस से अपनी चूड़ियों के साथ खेल रही थी। To be continue........ यति नए माहौल में खुद को कैसे संभालेगी? क्या यह जबरदस्ती का रिश्ता कभी प्यार में बदल पाएगा? कमेंट करो यार, बहुत मेहनत से लिखती हूँ मैं।

  • 3. The professors little wife - Chapter 3

    Words: 1163

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक...... कुछ देर बाद राधिका जी उसे एक कमरे में ले गईं और बिस्तर पर बैठाकर बोलीं, "बेटा, यहीं बैठो। अयंश कुछ देर में आ जाएगा।" उन्होंने उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा। फिर उनके पास बैठकर बोलीं, "तुम्हें घबराने की जरूरत नहीं है। यह तुम्हारा ही घर है। तुम्हें किसी चीज़ की ज़रूरत है तो मुझे बता देना, ठीक है? मैं तुम्हारे लिए खाना भिजवाती हूँ। तुम्हें भूख लगी होगी ना?" फिर वे चली गईं। यति वैसे ही बैठी रही, चुपचाप सी। वह घबराहट में अपनी चूड़ियों से खेल रही थी। अब आगे......... कुछ देर बाद एक नौकरानी आई और बोली, "मैडम, बड़ी मैम साहब ने आपका खाना भेजा है। आप खा लीजिए।" इतना कहकर उसने खाने की थाली किनारे रख दी और चली गई। यति ने अपना घूँघट हटा दिया। वह बेहद खूबसूरत लग रही थी। उसका चेहरा हल्का गुलाबी था, जो शायद रोने के कारण था। उसने एक नज़र खाने की थाली पर देखी और फिर चुपचाप बैठ गई। उसका सिर झुका हुआ था। यति अग्रवाल उर्फ यति अयंश दिवान। तभी दरवाज़े पर आहट हुई और अयंश अंदर आया। वह यति के सामने जाकर खड़ा हो गया और उसे थोड़ा डाँटते हुए बोला, "यति, जब मैं सबसे बात कर रहा था, तो क्या ज़रूरत थी तुम्हें बीच में बोलने की? कैसे भी करके हैंडल कर लेता मैं। तुमने क्यों हां बोली शादी के लिए? तुम्हें पता भी है तुमने क्या किया है? कितनी बड़ी गलती की है शादी करके! तुमने अपने भविष्य के बारे में भी नहीं सोचा। तुम अभी बहुत छोटी हो, तुम्हारी पढ़ाई भी बाकी है। पर नहीं, तुमने तो बस अपना ही दिमाग लगाना था, जो कि तुम्हारे पास है नहीं। अरे, थोड़ा तो दिमाग लगा लेती! इमोशनल होकर कर ली शादी, मान ली बात। अब तुम इतनी भी छोटी नहीं हो कि तुम्हें सही-गलत की समझ न हो। तुम्हें यह तो पता है ना क्या सही है क्या गलत? इतना भी दिमाग नहीं है?" वह हल्के गुस्से में था, इसलिए वह उसे डाँट रहा था। यति सिसकने लगी और अपना सिर झुकाकर दबी हुई आवाज़ में बोली, "सॉरी। पर क्या करती मैं? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। जानती हूँ आपके लिए भी यह सब आसान नहीं है। आपकी शादी दीदी से होने वाली थी और मुझसे हो गई। पर मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। और आपको तो पता ही है ना, मेरे मम्मी-पापा नहीं हैं। उनके जाने के बाद चाची और चाचू ने मुझे नहीं संभाला।" उसने उदास आवाज़ में कहा। "अगर बात उनकी इज़्ज़त की ना होती, उनके संस्कारों की ना होती, तो मैं हां नहीं बोलती।" वह सिसक रही थी। उसकी छोटी-सी नाक लाल हो चुकी थी। "पर प्लीज़, आप मुझे घर में रहने दीजिए क्योंकि अब मैं चाचू के घर भी नहीं जा सकती, क्योंकि मैंने सुना है शादी के बाद लड़कियों का घर उनके पति का घर ही होता है। पर आई प्रॉमिस, मैं आपको बिल्कुल परेशान नहीं करूँगी, बदमाशी भी नहीं करूँगी। आपकी सारी बात मानूँगी, सच्ची!" उसने मासूमियत से अपने हाथ को अपने गले पर रखते हुए कहा। वह इस वक्त किसी मासूम बच्चे की तरह बोल रही थी। वह बेहद खूबसूरत लग रही थी। अयंश ने उसे देखा और सोचा, क्या यह वही लड़की है जो कॉलेज में शैतानियाँ करती है और जिस बात के लिए वह मना करता है, वह वह काम कर लेती है? यह सब सोचते हुए उसने खुद को शांत करते हुए ठंडी आवाज़ में कहा, "रोना बंद करो। नहीं कर रहा तुम्हें घर से बाहर। तुम यहाँ रह सकती हो।" तभी अयंश की नज़र खाने की थाली की तरफ़ गई। उसने फिर यति को देखा और अपनी सख्त आवाज़ में कहा, "तुमने खाना क्यों नहीं खाया? थाली यहाँ रखी है, तो खाया क्यों नहीं तुमने?" तो यति ने अपना सिर झुकाकर मासूमियत से कहा, "भूख नहीं है।" अयंश ने उसे सख्त आवाज़ में कहा, "कोई नाटक नहीं चलेगा। चुपचाप खाना खाओ।" इतना बोलकर वह सोफ़े पर बैठ गया। यति अब भी चुपचाप बैठी हुई थी। अयंश ने उसे देखा और फिर अपनी आँखें छोटी कर ली और कहा, "यति, मुझे अपनी बातें दोहराना पसंद नहीं है, पता है ना तुम्हें?" तो यति ने धीरे से अपने हाथ थाली की तरफ़ बढ़ाए, उसे उठाया, और फिर थाली के ऊपर ढकी हुई दूसरी थाली को हटाकर किनारे रख दिया। फिर चम्मच उठाकर उसने चार-पाँच निवाले खाए। और फिर थाली को जैसे ही वह रखने वाली थी, अयंश ने उसे सख्त आवाज़ में कहा, "पूरा खाना खत्म करो।" उसकी सख्त आवाज़ सुनकर यति, जो कि थाली रखने वाली थी, उसने थाली को दोबारा अपनी तरफ़ कर लिया और फिर बड़ी मुश्किल से खाना खाने लगी। वहीँ अयंश सोफ़े पर बैठा हुआ था और अपना फ़ोन चला रहा था, बीच-बीच में यति को भी देख रहा था कि वह खाना खा रही है कि नहीं। यति सब्ज़ी में से टमाटर अलग कर रही थी, कभी कटी हुई मिर्च अलग कर रही थी, तो कभी धनिया। उसने पूरा खाना खत्म कर दिया था, पर साइड में टमाटर, कटी हुई मिर्च और धनिया रखा हुआ था। उसने थाली रख दी। अयंश ने ठंडी आवाज़ में कहा, "सारा खाना खत्म कर दिया?" तो यति ने हल्के से अपना सिर हिला दिया। अयंश का ध्यान थाली की तरफ़ गया। उसकी नज़रें काफी तेज थीं। उसने थाली देखी, अपनी आँखें छोटी कर लीं, पर कुछ नहीं बोला। कुछ देर शांत रहने के बाद अयंश ने फिर से सख्त आवाज़ में कहा, "अब जाकर अपने कपड़े चेंज करो और चुपचाप सो जाओ।" यति बड़ी मुश्किल से अपना भारी-सा लहँगा संभालते हुए उठी। और फिर धीमे कदमों से चलते हुए अपने सूटकेस के पास आई और उसमें से एक साड़ी निकाल ली। फिर वह अयंश की तरफ़ देखने लगी और फिर हिम्मत करके धीरे से बोली, "सर..." पर उसने इतने धीरे कहा कि उसे खुद की भी आवाज़ ढंग से नहीं सुनाई दी। उसने अपनी आँखें जोर से बंद कर लीं और फिर थोड़ा जोर से बोली, "स...सर..." अयंश जो अपने फ़ोन में बिज़ी था, यति की आवाज़ सुनकर अपना सिर उठाकर उसकी तरफ़ देखा। "क्या?" उसकी ठंडी, सख्त आवाज़ कमरे में गूँजी। यति ने घबराते हुए अपने दुपट्टे को मुट्ठी में कस लिया। वह कुछ पल चुप रही और फिर धीरे से बोली, "अ...व...सर...वो...मैं...मैं चेंज कहाँ करूँ?" अयंश ने गहरी नज़रों से उसे देखा। वह बिस्तर के पास खड़ी थी, उसके हाथ में हल्के गुलाबी रंग की साड़ी थी। उसकी उंगलियाँ साड़ी के किनारों को मोड़ रही थीं। उसके चेहरे पर झिझक और डर दोनों साफ़ झलक रहे थे। "चेंजिंग रूम वहाँ है।" उसने एक दरवाज़े की तरफ़ इशारा करते हुए कहा और फिर दोबारा अपने फ़ोन में लग गया। To be continue........... क्या होगा इस मजबूरी के रिश्ते का अंजाम? कहाँ गई रीता? और क्या है अयंश के दिल और दिमाग में? क्या वह इस रिश्ते को दिल से निभा पाएगा या बस यति को बच्ची समझता रहेगा? जानने के लिए पढ़ते रहें। आप लोगों को अगर मेरी स्टोरी अच्छी लगी हो तो प्लीज़ लाइक, कमेंट, शेयर ज़रूर करें।

  • 4. The professor's little wife - Chapter 4

    Words: 1226

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक.......

    अ..व...सर वो.  .मैं..मै चेंज कहा करूं ? अयंश ने गहरी नजरों से उसे दिखा वह बेड के पास खड़ी थी उसके हाथ में हल्की गुलाबी रंग की साड़ी थी।

    उसकी उंगलियां साड़ी के किनारो को मोड रही थी उसके चेहरे पर झिझक और डर दोनों साफ झलक रहे थे।

    चेंजिंग रूम वहां है उसने एक दरवाजे की तरफ इशारा करते हुए कहां और फिर दोबारा अपने फोन में लग गया।

    अब आगे.....
    यति ने जल्दी से अपना सर हिलाया और अपने भारी लहंगे को संभालते हुए चेंजिंग रूम की तरफ बढ़ गई जैसे ही वह अंदर आई उसने दरवाजा बंद किया और एक गहरी सांस ली।

    उसने खुद को शीशे में देखा वह लाल जोड़े में थी उसका चेहरा रोने की वजह से हल्का लाल था। उसने अपनी साड़ी को साइड में रखा।

    और फिर हल्के कापते हाथों से अपनी ज्वेलरी निकलने लगी और फिर साड़ी पहन ली जो कि उसे बिल्कुल नहीं आती थी।

    उसने साड़ी को देखा और बुदबुदाते हुए बोली:- भगवानी साड़ी क्यों इतनी उलझ रही है बंध क्यों नहीं रही मुझसे। उसने अपनी निकली होठों को बाहर निकाल लिया।

    उसने कोशिश करते हुए अपनी साड़ी को बांधने की कोशिश की पर बार-बार प्लेट्स बिगड़ रही थी। फिर वह बोले अब क्या करूं मेरा फोन भी बाहर हैं।

    फिर वह मासूमियत से बोली, काश मैंने साड़ी पहनना सीख ली होती। फिर वो खुद से बोली मुझे क्या पता था कि मेरी शादी से अचानक से हो जाएगी वो भी कड़वे करेले से उसने रोने जैसी शक्ल बना ली।

    काफी कोशिश करने के बाद उसने जैसे तैसे साड़ी लपेट ली वह भी ढंग से नहीं बांधी थी। वह बड़ी मुश्किल से चलते हुए आई ।

    वह चल भी नहीं पा रही थी। वह चलते हुए थोड़ा आगे आए उसकी पायल बहुत सोर कर रही थी। जिस वजह से अयंश का ध्यान उसकी तरफ गया।

    वही आती चल के आगे आ ही रही थी कि उसका पैर कारपेट में फस गया वह गिरने ही वाली थी कि अयंश जल्दी से उठकर उसके पास आया और उसने उसे पकड़ लिया।

    यति जमीन की तरफ झुकी हुई थी और अयंश का हाथ उसके पेट पर था। वही यति ने गिरने की दर से अपनी आंखें जोर से बंद कर ली थी उसकी सांसे तेज थी।

    अयंश ने जल्दी से सीधा खड़ा किया और उसके सामने आकर सख्त आवाज में उसे डांटे हुए बोला, जब साड़ी पहनी नहीं आती तो पहनी क्यों है।

    यति ने हल्के से अपने निचले होठों को दबाया और धीरे से फुसफुसाई, व..वो क्योंकि सूटकेस में बस साड़ियां है कोई और कपड़े नहीं है। इतना बोल उसने जल्दी से अपना सर झुका लिया।

    वही अयांश थोड़ा इधर-उधर देखते हुए हिचकीचाते हुए बोला। अ.. यति अभी के लिए कैसे भी संभाल लो कल मैं तुम्हारे लिए कुछ नॉर्मल कपड़े मंगवा लूंगा जैसे तुम पहनती हो इतना बोल सोफे की तरफ चला गया।

    वही यति अब भी भी चुपचाप वहीं खड़ी थी। अयंश जो की सोफे पर जाकर बैठा था उसने उसकी तरफ देखा और उसे खड़ा देखकर एक गहरी सांस छोड़ी और सख्त आवाज में बोला अब क्या पूरी रात वैसे ही खड़े रहना है तुम्हें।

    सो जाओ। सोफे पर लेट गया और बोला लाइट्स बंद कर देना। वहीं यति चुपचाप अब भी वही खड़ी थी वह थोड़ा हिचकीचाहते हुए बोली। स...सर।

    अयंश झुझला कर बोला:- अब क्या है। तो यति कुछ देर के लिए चुप हो गई और फिर बोली। म...मैं कहां सोऊं।

    अयंश ने झुंझलाते हुए कहा, उतना बड़ा बेड तुम्हें दिखाई नहीं दे रहा जाकर वहां पर चुपचाप सो जाओ ।

    यति ने छोटा सा मुंह बना लिया और फिर हल्के कदमों से चलते हुए बैठ के पास आई उसकी पायल बहुत शोर कर रही थी।

    उसने लाइट बंद की और बेड पर कंबल ओढ़ कर चुपचाप से लेट गई।

    पर उसे नींद नहीं आ रही थी वह बार-बार करवटें बदल रही थी। उसे नींद आती भी कैसे कुछ ही पलों में उसकी जिंदगी पूरी तरह पलट जो चुकी थी।

    वही अयंश जो की सोफे पर लेटा हुआ था और सोने की कोशिश कर रहा था उसकी पायल बजने से वह इरिटेट हो गया।

    क्योंकि यति बार-बार करवटें बदल रही थी जिस वजह से उसकी पायल भी बज रही थी‌। अयंश एक गहरी सांस छोड़ी और सख्त आवाज में कहा।

    सोना नहीं है क्या तुम्हें, यह सारी रात यूं ही करवटें बदलते हुए गुजारनी है ,प्लीज खुद भी सो जाओ और मुझे भी सोने दो क्योंकि तुम्हारी पायल कुछ ज्यादा ही बज रही है।

    उसकी आवाज सुन  यति बिल्कुल स्टैचू बन गई और बोली सॉरी सर इतना बोल चुपचाप से कंबल को अपने मुंह से और कर सो की कोशिश करने लगी।।

    कुछ देर बाद उसकी आंखें लग गई। पर अयंश अभी जगा हुआ था। अयंश उठा और बालकनी की तरफ आया और वहां की ठंडी हवा खाने लगा उसके हाथ और रेलिंग पर थे और उसकी आंखें बंद थी।

    फिर वह मुड़कर रूम के अंदर देखने लगा जिधर यति सोई हुई थी। फिर वह आसमान की तरफ देखते हुए खुद से ही बुदबुदाते हुए बोला।

    आखिर करना क्या चाहते हो भगवान ? यह कि वहां पर लाकर अपने खड़ा कर दिया है मुझे समझ नहीं आ रहा, मैं इस शादी को एक्सेप्ट भी कर लेता पर ।

    यति वह बहुत छोटी है वह तो अभी मेच्योर भी नहीं हुई है ढंग से बस इमोशनल होकर कुछ भी बोल देती हैं और मैं जानता हूं यह शादी उसकी मर्जी से भी नहीं हुई है उसने भी मजबूरी में की है और मैंने भी।

    उसने एक गहरी सांस छोड़ी और फिर कहां पर अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि अब क्या करना है इस मजबूरी के रिश्ते का दादी की कसम की वजह से ही मैं शादी की थी।

    और उनकी बात भी सही थी अग्रवाल परिवार में ही पाली बड़ी है वह उसके फ्यूचर पर बहुत असर पड़ता इस बात का कि उसे परिवार की एक बेटी भाग गई अपनी शादी से उसे पर भी बहुत गहरा असर पड़ता।

    पर आखिर क्यों किया रीता ने ऐसा अगर उसे शादी नहीं करनी थी तो उसने मुझे जाकर क्यों नहीं बताया मैं थोड़ी ना उससे जबरदस्ती करता ? उस लड़की की वजह से एक ऐसे रिश्ते में फंस चुका हूं जहां ना मैं निभा सकता हूं ना मैं उसे तोड़ सकता हूं।

    अगर मैंने यह शादी थोड़ी तो यति की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी पर मुझसे शादी करने के बाद भी तो उसकी जिंदगी बर्बाद ही है ना ‌।

    मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या करूं भगवान आपने क्यों उसे मासूम बच्ची को तू मेरी झोली में दे दिया अगर आपने यह सारी प्रॉब्लम्स खड़ी की है ना तो आप ही को ठीक करना होगा।

    वह आसमान की तरफ देखते हुए बोल रहा था काफी देर हो जाने के बाद फिर वह अंदर आया और सोफे पर लेट गया।

        To be continue.........

    आखिर क्या होगा इस मजबूरी के रिश्ते का अंजाम ? और आखिर क्यों रीता भाग गई अगर उसे शादी नहीं करनी थी तो उसने साफ़-साफ़ बोल क्यों नहीं किसी को ?

    और आगे क्या होगा अयंश का फैसला क्या वह इस रिश्ते को निभाएगा या फिर तोड़ देगा ? जानने के लिए पढ़ते रहे थे द प्रोफेसर्स लिटिल वाइफ ।

    प्लीज अगर आप लोगों को स्टोरी पसंद आती हैं तो आप लोग लाइक कमेंट शेयर जरूर करो और प्लीज कमेंट तो किया ही करो ताकि मुझे पता चले आप लोगों को पसंद आ रही है कि नहीं स्टोरी।

  • 5. The professor's little wife - Chapter 5

    Words: 1147

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक......

    अगर मैंने यह शादी थोड़ी तो यति की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी पर मुझसे शादी करने के बाद भी तो उसकी जिंदगी बर्बाद ही है ना ‌।

    मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या करूं भगवान आपने क्यों उसे मासूम बच्ची को तू मेरी झोली में दे दिया अगर आपने यह सारी प्रॉब्लम्स खड़ी की है ना तो आप ही को ठीक करना होगा।

    वह आसमान की तरफ देखते हुए बोल रहा था काफी देर हो जाने के बाद फिर वह अंदर आया और सोफे पर लेट गया।

    अब आगे......

    अगली सुबह अयंश 6:00 बजे उठ गया। उसने एक नजर बेड पर डाली जहां यति सोई हुई थी। वो उसे देख कर कमरे से बाहर चला गया जिम एरिया में

    7:00 बजे अयंश वापस आया और वाशरूम में चला गया कुछ वक्त बाद वह वापस आया वह रेडी हो चुका था उसने व्हाइट शर्ट ब्लैक पेंट पहनी थी और ऊपर से कोर्ट डाला हुआ था।

    वह बहुत ही ज्यादा हैंडसम दिख रहा था उसने एक बार अपनी घड़ी में टाइम देखा 7:50 होने को आए थे। वह बालकनी में चला गया ।

    और किसी को कॉल करने लगा कॉल लगता ही उसने कहा अभी आधे घंटे के अंदर मुझे 19 20 साल की लड़की के कपड़े चाहिए जो की पहनने में कंफर्टेबल हो । इतना बोल उसने कॉल कट की और फिर कमरे में आया

    उसने गहरी सांस छोड़ी और फिर बेड के पास आया।

    और सो रही यति को आवाज देते हुए कहा यति उठो । दो-तीन बार आवाज थी पर यति वह उठी नहीं। अयंश थोड़ा हिचकीचाहते हुए उसके थोड़ा करीब गया।

    और फिर उसकी कंबल को थोड़ा हटाते हुए कहा :- यति उठो। यति कसमसाते हुए नींद भरी आवाज में बोली चाची सोने दो ना।

    जिसे देख अयंश ने गहरी सांस छोड़ी और फिर एक सख्त और तेज आवाज में जोर से बोला, यति मैंने कहा उठो। जिसे यति हड़बड़ा कर उठ गई क्योंकि  अयंश ने कुछ ज्यादा ही जोर से कहा था।

    वह अभी नींद में थी। उसने अपनी आंखें मसलते हुए निंद में हि अपना सर उठा कर सामने देखा तो उसकी आंखें से निंद उड़ गई। वो अयंश को हि देखती रह गई।

    वही अयंश ने सख्त आवाज में कहा , अब पुरा दिन ऐसे ही बैठे रहना है क्या ।

    वही यति हड़बड़ा गई और बोली न.. नहीं वो बेड से नीचे अपना पैर नीचे रखा और उतर गई। वही अयंश ने सख्त होकर कहा:- जल्दी से तैयार हो जाओ और नीचे आओ नाश्ता करने।

    तो यति ने अपना सर झुका कर कहा, अ..व..वो सर मेरे कपड़े। अयंश ने उसे ठंडी आवाज में कहा:- अभी आ जाएंगे। उसने ऐसा कहा हि की एक मेड वहां आईं उसके हाथ में बैंग था।

    उसने कहा साहब ये लिजीए। अयंश ने बैंग लिया और वो मेड भी वहा से चली गई। अयंश ने यति को बैंग देते हुए ठंडी आवाज में कहा जल्दी आना।

    वो जाने के लिए मुड़ गया। तभी यति ने कहा, सर..सर । अयंश ने मुड़ कर उसे देखा तो। यति ने फिर अपना सर झुका लिया और धीरे से बोली, thank you सर... ।

    अयंश ने सर हिला दिया और फिर चला गया। यति कपड़े लेकर वॉशरूम में चली गई। कुछ देर बाद वो बाहर आई उसने बहुत ही प्यारा सा सूट पहना हुआ था।



    वह तैयार हो गई और और घबराते हुए थोड़ा डरते हुए वह धीरे-धीरे नीचे आई। और नीचे आते ही उसने सबसे पहले राधिका जी और दादी जी का आशीर्वाद लिया।

    सब ने उसे आशीर्वाद दिया और फिर कहां बैठो । यति बैठ गई घर के सभी लोगों ने उसे अपना लिया था, यति चुपचाप बस अपना नाश्ता खा रही थी,

    अयंश नाश्ता करते हुए बोला यति कल से तुम कॉलेज जाओगी, फिर वह घर के बाकी लोगों को देखते हुए बोला:- आई होप आप लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी।

    तो दादी ने कहा पर अयंश कल ही तुम्हारी शादी हुई है और अभी तो कोई रस में भी नहीं हुई है तुम दोनों की।

    अयंश ने सख्ती से कहा कोई जरूरत नहीं है किसी रचना कि मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है सब फालतू चीजों में

    इतना बोल वह उठकर चला गया। वही यति उसे चुपचाप देखती रही पर कुछ बोली नहीं उसने धीरे-धीरे अपना नाश्ता खत्म किया और फिर अपने कमरे की ओर आ गई।

    कुछ देर बाद अयंश भी कमरे में आया और बोला चलो मेरे साथ। यति उसे देखने लगी और फिर धीरे से बोली कहां। अयंश ने ठंडी आवाज में काम सवाल जवाब मत करो जितना बोला है उतना करो‌

    वही यति ने मुंह बना लिया और अपने मन में खडूस। वह उसके पीछे-पीछे जाने लगी। अयंश अपनी कार में बैठ गया यति भी उसके बगल में आकर बैठ गई।

    अयंश ने कार सुरू कि। करीब 1 घंटे बाद वह दोनों एक मॉल के बाहर खड़े थे। यति कंफ्यूज नजरों से लेंस को देखने लगी और फिर धीरे से बोली सर आप यहां क्यों लाये हो।

    अयंश ठंडी आवाज में कहा तुम्हारे लिए कपड़े लेने तुम्हें जो पसंद आए तुम वह ले लेना और हां कल से तुम कॉलेज जा रही हूं तो अपने लिए जो भी जरूरी सामान है वह सब ले लेना।

    यति उसे देखने लगी उसे थोड़ा अजीब लग रहा था क्योंकि 2 दिन पहले यह आदमी उसके लिए उसका कॉलेज प्रोफेसर था और आज उसका हस्बैंड।

    अयंश आगे आगे चलने लगा जब उसे महसूस हुआ कि यति नहीं आ रही तो वह पीछे मुड़ा और सख्त आवाज में बोला वहीं पर खड़े रहना है कि अब आओगी।

    यति हड़बड़ा गई और बोली जी..सर उसके पीछे-पीछे चलने लगी। वह दोनों मॉल के अंदर आ गए। अयंश ने कहा मैं यहीं पर बैठा हूं तुम्हें जो भी लेना है ले लो।

    इतना बोल वह सोफे पर बैठ गया और वहां पर काम करने वाले स्टाफ को कहां की वह यति वह कपड़े दिखा दे और खुद न्यूजपेपर पढ़ने लगा।

    1 घंटे बाद यति ने अपनी जरूरत का सामान और जैसे वह कपड़े पहनती थी वैसे उसने ले लिया। और फिर वह वापस आ गई और अपना सर झुका कर बोली सर हो गया।

    तो अयंश ने कहा हम्म और कुछ लेना है। यति ने तुरंत ना में सर हिला दिया।

    तो अयंश कैश काउंटर पर गया और फिर पेमेंट करने के बाद वह दोनों अपनी कार में वापस आ गये। यति ने अपना सर झुकाया हुआ था।

    अयंश अपनी कर शांति से चला रहा था दोनों में से कोई नहीं बोल रहा था वहां खामोशी थी। तभी यति ने हिम्मत करके कहा स..सर अ.. Thank you कपड़ों के लिए। उसने फिर अपना सर झुका लिया।

    अयंश ने उसे एक नजर देखा और कुछ नहीं कहा और अपनी कार चलने पर ध्यान देने लगा।

           To be continue.......

    क्या होगा इस अनचाही शादी का अंजाम ? घर वालों ने तो यति को अपना लिया पर क्या अयंश अपना पाएगा ?  और क्या होगा आगे क्या कोई और नया ड्रामा होने वाला है जानने के लिए पढ़ते रहे.....

  • 6. The professor's little wife - Chapter 6

    Words: 1251

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक.......

    तो अयंश कैश काउंटर पर गया और फिर पेमेंट करने के बाद वह दोनों अपनी कार में वापस आ गये। यति ने अपना सर झुकाया हुआ था।

    अयंश अपनी कर शांति से चला रहा था दोनों में से कोई नहीं बोल रहा था वहां खामोशी थी। तभी यति ने हिम्मत करके कहा स..सर अ.. Thank you कपड़ों के लिए। उसने फिर अपना सर झुका लिया।

    अयंश ने उसे एक नजर देखा और कुछ नहीं कहा और अपनी कार चलने पर ध्यान देने लगा।

    अब आगे..... कुछ देर बाद वह दोनों वापस विला आ गए।‌ और फिर अपने कमरे में आ गए यति ने जो अपने लिए कपड़े लिए थे उसने उन कपड़ों को अच्छे से रख दिया।

    अयंश इस वक्त वहां नहीं था। राधिका जी कमरे में और बोली बेटा मुझे तुमसे कुछ बात करनी है। यति ने बड़े ही प्यार से कहां हां बोलिए। राधिका जी ने यति का हाथ पकड़ा और उसे सोफे पर बैठा दिया और खुद भी बगल में बैठ गई। और बोली देखो बेटा हम जानते हैं यह शादी तुम्हारी मर्जी से नहीं हुई है और ना ही अयंश की ।

    पर जो होना था वह हो चुका है देखो हम कोई जबरदस्ती नहीं करेंगे तुम्हारे साथ हमें कोई दिक्कत नहीं है तुम कॉलेज जाओ पढ़ाई करो।

    पर आज के दिन बस तुम्हें एक छोटा सा काम करना होगा हमारा। यति उन्हें मासूमियत से देखने लगी और फिर बोली कौन सा काम।

    तो राधिका जी बोली जैसे कि तुमने आज सुबह नाश्ते पर सुना होगा कि अयंश ने क्या कहा कि उसे दिलचस्पी नहीं है कोई रस्मों में।

    पर शादी हुई है तो रश्में करनी पड़ेगी ना तुम समझ रही हो ना मेरी बातों को वह बेहद ही प्यार से बोलीं। तो यति ने हा में सर हिला दिया।

    तो राधिका जी ने हल्की की स्माइल की और उसके सर पर प्यार से हाथ फेर कर कहां हम जानते हैं तुम बहुत छोटी हो, और हमने तुम्हारे सर पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी डाल दी, आपकी शादी मजबूरी में कर दी। और हम यह रस्म इतनी जल्दी नहीं करते।

    पर आज ना अयंश की बुआ दादी आने वाली है। वह शादी में नहीं आ पाई तो वह मुंह दिखाई पर आएगी आज। वह बेहद ही सख्त मिजाज की है। उन्हें हर चीज बिल्कुल परफेक्ट चाहिए।

    और वह आ रही है इसलिए हमें अचानक से आज ही रखना पड़ा मुंह दिखाई कि रश्म और वह बड़ी है तो हमने कुछ बोल भी नहीं सकते ।

    तो बस यह बोलने आई थी । रही बात अयंश की तो हम बात कर लेंगे उससे । और एक बात अगर बुआ दादी कुछ बोल दे तो उनकी बातों का बिल्कुल बुरा मत मानना।

    क्योंकि उनकी आदत है सबको बोलने की उन्होंने हल्का हंसते हुए कहा। यति ने थोड़ा नर्वस होते हुए धीरे से कहा अ.. आन्टी क्या वो बहुत गुस्सा करती है। वो अपने हाथों की उंगलियों को आपस में उलझा रही थी।

    तो राधिका जी बोली, पहले तों आंटी मत बोलो तुम मुझे मां बोल सकती हों क्योंकि आप हमारी बेटी जैसी हो। यति उन्हें हि एक टक देखने लगी।

    वही राधिका जी अपनी बातें जारी रखते हुए बोली, और रही बात हुआ दादी की तो वह गुस्सा बहुत करती है पर वह बुरी नहीं है ।  तो यति ने बस सर हिला दिया।

    फिर राधिका जी वहां से चली गई। यति उन्हें देखतीं रहीं अचानक से ही उसकी आंखें नम हो गई वह दरवाजे की तरफ देखते हुए बोली पता नहीं क्यों आपको देखकर मम्मी की याद आ गई वह भी बिल्कुल आप जैसी की प्यारी।

    फिर उसने खुद को संभाल लिया और अपनी आंसू पूछ लिए। ऐसे ही शाम हो गई। अयंश अस घर आ चुका था जब उसने घर में इतनी तैयारी देखी तो उसने राधिका जी को पूछा मां यह सब क्या हो रहा है।।

    राधिका जी थोड़ा चुप हुई और फिर धीरे से बोली, देखो अयंश हम जानते हैं तुम्हें शादी की रस्मों में कोई दिलचस्पी नहीं है।

    पर अभी के लिए हमें मुंह दिखाई की रस्म करनी होगी। क्योंकि तेरी बुआ दादी आ रही है बस को पहुंचती ही होगी। अयंश कुछ बोलता उससे पहले ही उसे सामने से वहां पर एक बुजुर्गों महिला आई हुई दिखाई दी जिसकी चाल में एक अजीब सा रौब था।

    सर पर सफेद साड़ी का पल्लू गहरे में नक्शा और तेज नजरे। राधिका जी ने अयांश को सामने देखे पाया तो वह उसकी नजरों का पीछा करते हुए देखने लगी।

    उस औरत को देखते ही राधिका जी ने तुरंत अपने सर पर पल्लू लिया और उनके पास जाकर उनके पैर छूते हुए बोली ,प्रणाम हुआ बुआ दादी।

    बुआ दादी की निगाहें उन पर टिक गई वह अपनी कड़क लहजे में बोली खुश रहो। राधिका जी उठ गई और बोली बैठिए। बुआ दादी को देख अयंश कि उनके पास आया और उनका आशीर्वाद ले लिया।

    राधिका जी उनके चाय नाश्ते का इंतजाम करने चलें गई। वही अयंश अभी खड़ा था बुआ दादी ने उसे बैठने का इशारा किया। अयंश उनकी बहुत इज्जत करता था इसलिए वह बैठ गया।

    बुआ दादी ने कहा ,हम बहुत जरूरी काम में फंसे हुए थे इसलिए हम तेरी शादी में नहीं आ पाए। और हमें बताया तेरी दादी ने की कैसे तेरी शादी हुई।

    हमने तो अभी तक तेरी दुल्हन को देखा भी नहीं है हमें नहीं पता वह कैसी है पर तूने मुझसे शादी की है तो तुझे अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

    अयंश ने बस हां मे सर हिला दिया । कुछ देर बात करने के बाद बुआ दादी कमरे में चली गई क्योंकि मुंह दिखाई को भी टाइम था।

    अयांश अपने कमरे में आया जहां पर यति चुपचाप सी एक जगह पर बैठी हुई थी गुमसुम सी। उसने एक नजर देखा और फिर अपने कपड़े लेकर चेंजिंग रूम में चला गया।

    कुछ देर बाद वो तैयार हो कर चला गया। यति अब भी चुप थी। कुछ ही देर बाद वहां पर राधिका जी आई उनके हाथ में कुछ था और उसे ऐसा बैठा देख बोली क्या हुआ बेटा। तुम तैयार क्यों नहीं हुई।

    तो यति तुरंत खड़ी हूं और फिर अपना सर झुका कर अपने हाथों में अपनी उंगलियां उलझा कर बोली अ.व मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या पहनू।

    राधिका जी ने कहा अच्छा वह भी अच्छा बताओ तुम्हारे कपड़े कहां रखे हैं। यति ने कबर्ड के पास इशारा किया। तो राधिका जी कबर्ड के पास आई और वहां से बड़ी ही सुंदर सी लाल साड़ी लेकर आई और उसे देते हुए बोली इसे पहन लो और हां‌।

    ये लो ज्वेलरी इसे पहन लेना उन्होंने अपने हाथ में रखा हुआ बॉक्स उसे देते हुए कहां। यति ने हिचकीचाते हुए ले लिया।

    राधिका जी वहां से जाने लगी तभी यति ने हड़बड़ा कर उन्हें आवाज दि आंटी मतलब मां। राधिका जी मुझे देखने लगी और बोली  क्या हुआ।

    तो यति हिचकीचाहते हुए बोली, अ..वो.. मुझे साड़ी पहनना नहीं आता उसने अपना सर झुका लिया। राधिका जी बोली इतनी सी बात चलाओ मैं तुम्हें तैयार कर देता हूं।

    कुछ देर बाद यह थी तैयार हो गई थी वह बेहद ही खूबसूरत लग रही थी। राधिका जी ने प्यार से कहां बहुत प्यारी लग रही हो।

    यति ने कुछ नहीं कहा। फिर राधिका जी ने उसका पूरा फेस अच्छे से कर कर लिया और उसका हाथ पकड़ कर अपने साथ नीचे ले जाने लगी।

    To be continue.......

    क्या हुआ दादी को पसंद आएगी यति ? और क्या अयंश बस यति को अपनी जिम्मेदारी समझेगा ?

    आगे क्या होगा जानने के लिए पढ़ते रहें। और प्लीज आज 10 कमेंट कर ही देना ज्यादा नहीं प्लीज फिर कल आपको धमाकेदार चैप्टर मिलेगा

  • 7. The professor's little wife - Chapter 7

    Words: 903

    Estimated Reading Time: 6 min

    अब तक......

    तो यति हिचकीचाहते हुए बोली:- अ..वो.. मुझे साड़ी पहनना नहीं आती उसने अपना सर झुका लिया। राधिका जी बोली :- इतनी सी बात चलाओ मैं तुम्हें तैयार कर देता हूं।

    कुछ देर बाद यह थी तैयार हो गई थी वह बेहद ही खूबसूरत लग रही थी। राधिका जी ने प्यार से कहां:- बहुत प्यारी लग रही हो।

    यति ने कुछ नहीं कहा। फिर राधिका जी ने उसका पूरा फेस अच्छे से कर कर लिया और उसका हाथ पकड़ कर अपने साथ नीचे ले जाने लगी।

    अब आगे......

    उन्होंने उसे बैठा दिया सबके बीच। यति काफी घबराई हुई सिटी चुपचाप से बस बैठी हुई थी वह गहनों से लदी हुई थी।

    धीरे-धीरे करके वहां पर आसपास की कुछ औरतें आई उनमें से एक ने उसका घूंघट हटता कर चेहरा देखा और तारीफ करते हुए बोली:- अरे वह बहुत बहुत सुंदर है तुम्हारी राधिका।

    राधिका जी ने बस हल्का सा मुस्कुरा दिया। ऐसे ही करके सभी औरतों ने उसका चेहरा देखा और उसे कुछ तोहफे में दिये ‌। यति लेना नहीं चाहती थी और उनके बगल में राधिका की थी तो उन्होंने उसे हल्का से इशारा किया उसके कंधे पर हाथ रखकर तो उसने ले लिया।

    तभी बुआ दादी ने कहां:- अच्छा हम भी देख अपने अयंश की दुल्हन को की कितनी सुंदर है। उनकी आवाज सुन पता नहीं कि यति घबराने लगी।

    बुआ जी अपनी रोब भारी चल के साथ यति के पास आए और फिर उसका घूंघट हटाकर उसने उसका चेहरा देखा। यति की नजर झुकी हुई थी उसके होंठ कांप रहें थे।

    उसे देखकर बुआ जी के चेहरे पर पता नहीं क्यों पर स्माइल आ गई जो कि उन्होंने जल्दी छुपा ली और फिर अपने पास से एक बॉक्स लेकर उसमें से बहुत ही भारी सोने के कंगन निकले जो की दिखने में बेहद सुंदर थे।




    उन्होंने अपने हाथों से उसके हाथों में वह कंगन पहना दिए पर वह कंगन काफी बड़े हो रहे थे उसके हाथों में। यति ने कुछ नहीं कहा। फिर वह खड़ी हो गई। पर ना तो यति की तारीफ की ना उन्होंने कुछ कहा।

    फिर वह साइड में खड़ी हो गई। उनके चेहरे पर भाव बड़े ही सख्त थे। ऐसे ही करके सारी रस में खत्म हो गई और अयंश वहां पर था ही नहीं।

    या बोल सकते हैं जानबूझकर नहीं था। इसलिए उसके बारे में किसी ने पूछा भी नहीं। सारी रश्मि खत्म होने के बाद राधिका जी यति को लेकर उसके कमरे में आए और फिर उसे छोड़कर चली गई।

    वहीं यति काफी थक गई थी क्योंकि उसके गहने इतने भारी थे । इतनी जल्दी से अपने चेहरे से घूंघट हटाया। और ऐसा करते वक्त उसके हाथों से वह कंगन निकल गया और लुढ़कते हुए थोड़ा आगे चला गया।

    यति उसे कंगन को लुढ़कते हुए देख ही रही थी कि तभी उसे किसी के पैर नजर आये। जिसे देखकर उसने अपना छोटा सा चेहरा उठा कर सामने देखा।

    वही अयंश ने झुक कर उस कंगन को उठा लिया क्योंकि वह उसके पैर के पास ही था। वहीं यति भी अब तक खड़ी हो गई थी। अयंश ने उसे वह कंगन पकड़ा दिया।

    यति ने इतना छोटा सा सर झुका लिया और फिर अपना दूसरा कंगन भी निकाल कर अयंश के सामने कर दिया। अयंश ने उसे घूर कर देखा और कहां क्या करूं मैं इसका।

    तो वही आती है अपना सर उठा कर उसको देखा और मुंह बनाकर बोली:- मै आपको कंगन दे रही हूं तो रखने के लिए दे रही होगी ना ? पहनने के लिए तो नहीं दे रही होगी ।
    वो अयंश उसे और गुस्से से घूरने लगा और बोला:- तुम, फिर वह चुप हो गया।

    और बोला:- क्यों तुम नहीं रख सकती क्या। तो यति ने अपना सर झुका लिया और क्योंकि उसे एहसास हो गया थी कि उसने क्या बोला फिर वह धीरे से बोली:- सॉरी , म.. मैं नहीं रख सकती।

    अयंश ने कहा:- क्यों। तू यति ने अपना सर झुका कर जल्दी-जल्दी कहां:- वह मुझे आपकी बुआ दादी ने दिया है अगर मुझे गुम हो गए तो इसलिए आप अपने पास ही रखिए।

    तो अयंश ने अपनी आंखें गोल घुमाई और एक गहरी सांस ले कर बोला हां तो तुमसे मांगने वाली नहीं है दोबारा । इसे अपने पास ही रखो ऐसे भी तुम्हें मिला है।

    तो यति ने मासूमियत से ना मे सर हिला दिया और बोली:- नहीं मैं नहीं ले सकती है बहुत ज्यादा महंगा है और बड़ा भी यह तुम मेरे हाथ में भी नहीं आ रहा।

    वही अयंश चुप हो गया और वहां से अपने कबर्ड के पास आया और फिर वहां पर एक लॉकर खोलकर उसने वहां पर उसे रख दिया और कहां यहां पर रख रहा हूं मैं ले लेना जब भी तुम्हें पहनना हो।

    वो यति ने कुछ नहीं कहा और अपने मन में बोली:- कड़वा करेला। वह चुपचाप से मिरर के पास आकर और वह अपने गहने निकलने लगी। गहने काफी ज्यादा भारी थी जिस वजह से उसकी गर्दन लाल हो गई उसके हाथों की कलाइयां भी।

    अयंश भी चेंज करने चला गया था।  यदि जो कि अपने गहने निकल ही रही थी कि तभी रूम में नोक हुआ। यति ने दरवाजा खोला तो सामने एक मेड थी क्योंकि खाना लेकर आई थी।

    यति अपनी साड़ी संभाल कर उसे प्लेट ले लिया और फिर अंदर आ गई।

    To be continue......

    क्या बुआ दादी को पसंद आई यति ? और कैसा रहेगा यति अयंश का रिश्ता?  क्या अयंश अपना पाएगा इस रिश्ते को।
    जानने के लिए पढ़ते रहे।

  • 8. The professor's little wife - Chapter 8

    Words: 1319

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक......

    वो यति ने कुछ नहीं कहा और अपने मन में बोली:- कड़वा करेला। वह चुपचाप से मिरर के पास आकर और वह अपने गहने निकलने लगी। गहने काफी ज्यादा भारी थी जिस वजह से उसकी गर्दन लाल हो गई उसके हाथों की कलाइयां भी।

    अयंश भी चेंज करने चला गया था।  यदि जो कि अपने गहने निकल ही रही थी कि तभी रूम में नोक हुआ। यति ने दरवाजा खोला तो सामने एक मेड थी क्योंकि खाना लेकर आई थी।

    यति अपनी साड़ी संभाल कर उस प्लेट ले लिया और फिर अंदर आ गई।

    अब आगे....
    उसने प्लेट को टेबल पर रख दिया। और फिर चेंज करने चली गई। कुछ देर बाद वह कुर्ती पहन कर आई। अब तक अयंश भी वहां पर आ गया था।

    उसे देखकर यति ने हिम्मत करते हुए कहां:- स..सर । अयंश ने उसे देखा और कहा:- हम्म।  यति ने मुश्किल से कहा:-  टेबल पर आपका खाना रखा है खा लीजिए।

    अयंश ने फिर हम्म में जवाब दिया। वही यति अपने मन में बोली :-अभी मैं क्या बोला:- मैं तो सच में बीवी की तरह रिएक्ट कर रही हूं। उसे यह सोचकर खुद में ही हंसी आ गई।

    उसकी हंसी सुन आया अयंश से अजीब नजरों से उसे देखने लगा और कहां:- पागल हो गई हो क्या जो अकेले अकेले हंस रही हो।

    उसकी बात सुन यति ने उसकी तरफ देखा और जल्दी से अपना चेहरा ना में हिलाया और बोली:- अ..वो.. कुछ फनी याद आ गया था वह अपने सर को खुजलाते हुए बोली।

    अयंश ने अपना सर ना मे हिला दिया। और फिर कहां:- तुम्हें खाना नहीं खाना क्या।  तो यति ने कहा:- अ.. आप खा लिजिए पहले मैं आपके बाद खाऊंगी।

    तो अयंश ने कहा:- अभी खाओ। यति ने मना करते हुए कहा:- कैसे खा सकती हूं आपके साथ आप मेरे हस्बैंड है ना मैं आपके बाद खाऊंगी।

    वही अयंश उसे घूरने लगा और अपनी सख्त आवाज में कहा:- क्या तुमने कसम खा रखी है मेरी बात ना मानने कि, और क्या बकवास रखी है कि मैं तुम्हारा हस्बैंड हूं तुम मेरे बाद ही खाओगी किसने कहा।

    यति ने अपना सर झुका कर कहा:- अ..वो मैंने फोन देखा था। तो अयंश ने सख्त होकर कहा:- हां हां सब फालतू चीज देखनी है तुम्हें।

    वही यति ने मुंह बना लिया। तो अयंश ने एक बार फिर सख्त होकर कहा:-  हम जाकर चुपचाप अपने हाथ साफ करो और आकर खाना खाओ समझी।

    तो यति ने अपने हाथों को आपस में ऊलझा रही थी , उसका सर अभी झुका हुआ था उसने बस हां मैं सर हिलाया और वॉशरूम की तरफ चली गई।

    अयांश ने गहरी सांस छोड़ी और धीरे से बुदबुदाया बेवकूफ लड़की।  वॉशरूम में आए और अपने हाथ धोने लगी और बड़बड़ाते हुए कहा:- पता नहीं खुद को क्या समझते जब देखो तब बस डाटते रहते हैं।

    कड़वे करेले, हिटलर कहीं के हहू यति ने मुंह बना लिया इस वक्त बेहद ही प्यारी लग रही थी। उसने अपने हाथ साफ किया और फिर धीरे कदमों से चलते हुए आईं।

    और अयंश से थोड़ा दूर या यूं कहे सोफे के किनारे पर चिपक के बैठ गई। उसने धीरे से अपनी प्लेट हटाई। और फिर चम्मच लेकर खाना खाने लगी बड़े ही धीरे-धीरे। कल की तरह ही उसने फिर से टमाटर धनिया प्याज सब अलग कर दिए।

    उसे थोड़ा अजीब भी लग रहा था खाना खाने में क्योंकि उसके बगल में अयंश जो बैठा हुआ था वह भी खाना खा रहा था।

    वही अयंश जो अपना खाना खा रहा था उसकी नजर बार-बार यदि की प्लेट की तरफ जा रही थी। उसने अपने मन में कहा:- सारी प्रोटीन की चीज ये अलग करके रख रही है।

    इसे बस बाहर का अन - बन खाना खाने बोल दो, फिर वो शांत हो गया और अपना चुपचाप खाना खाने लगा। कुछ देर बाद दोनों नहीं खाना खत्म कर लिया था।

    वहां पर मेड आई और उसने झूठी प्लेट उठा लिए। यति ड्रेसिंग टेबल के पास कोई और उसने जितने भी गने निकले थे उसने अच्छे से बॉक्स में रख दिये।

    और फिर उन्हें पड़कर कमरे से बाहर चली। अयंश ने उसे एक नजर देखा और फिर अपनी कुछ फाइल्स देखने में लग गया। वही यति बहार आई और वह थोड़ा इधर-उधर देखने लगी ‌।

    तभी उसे वहां पर एक मेड दिखी जो की उम्र में काफी बड़ी थी, जिसे देख यति उसके पास आई और धीरे से बोली:- अ..आंटी अ..वो मां का कमरा कहां है।

    उस मैड ने यति को देखा और बोली:- आप किस के बारे में बोल रही हो बेटा। तो यति इतनी देर के लिए चुप हो गई और फिर फुसफुसाते हुए बोली वह अयंश सर का मां।

    उस मैड ने कहा:- अच्छा वो चलो मैं आपको दिखाती हूं। यति ने मासूमियत से सर हिला दिया। वो उस मैड के पीछे-पीछे जाने लगी।

    वो मैड कमरे के पास आकर रुकी और बोली:- यह रहा उनका कमरा। तो यति ने उसे थैंक यू कहां। वो मैड मुस्कुरा दी और वहां से चली गई।

    यति कमरे के बाहर रुकी और दरवाजे को नोक किया। तो उसे राधिका जी की आवाज चाहिए अंदर आ जाओ। यति हिचकीचाते हुए अन्दर आई।

    जिसे देख राधिका जी जो की बैठी हुई थी उठ गई और बोली:- अरे बेटा तुम क्या हुआ कोई काम था क्या। 

    तो यति ने अपने हाथों में रखे हुए बॉक्स उनके सामने करते हुए धीमें से बोली:- अ..वो.. ये देना था। जिसे देख राधिका जी बोली यह क्या है।

    तो यति ने सर झुका कर धीरे से कहां:- वो आपने मुझे शाम को खाने दिए थे ना वही । तो राधिका जी ने अपने हाथ बना दे और थोड़ी सख्त आवाज में बोली:- वह तो मुझे भी दिख रहा है कि यह गहने के बाक्स है।

    उनकी सुन थोड़ा घबरा गई, उसे लगाओ उसने कुछ गलत कर दिया ,उसे डरता देख राधिका जी तुरंत नॉर्मल होकर बोली:- अरे हम मजाक कर रहे थी इतना क्यों डर रही हो।

    फिर वह तुरंत बोली:- पर तुम यह बॉक्स हमें क्यों दे रही हो अपने सवाल की और फिर दोबारा बोली:- यह तो हमने तुम्हें दिया था ना पहनने के लिए।

    तो यति ने हा में सर हिला दिया और फिर धीरे से बोली:- वो पर अब इसका कोई काम नहीं है आप रख लीजिए वरना गुम हो जाएगा मुझसे।

    जिसे देख राधिका जी मुस्कुरा दी और बोली:- हमने यह तूने हमेशा के लिए दिया था हमारी तरफ से पहले तोहफा पर अगर तुम बोलती हो तो हम अपने पास रख देते हैं पर बाद मे ले लेना।

    यति ने बस हां मे सर हिला दिया। राधिका जी उसके हाथ की तरफ देखते हुए बोली:- बेटा तुम्हारे कंगन कहां गए जो बुआ दादी ने दिए थे।

    तो यति ने अपना सर झुका कर जवाब दिया अ.. वो मैंने सर को दे दिये क्योंकि वह बहुत ज्यादा ढीले हो रहे थे मुझे और मुझे लगा कई वह गुम ना जाए इसीलिए।

    तो राधिका जी ने बस बड़े ही प्यार से उसके सर पर हाथ रखा और बोली:& अच्छा ठीक है अब जाओ अपने कमरे में गुड नाइट।

    तो यति ने अपना सर हिलाया और फिर धीरे से बोली:- गुड नाइट मां। फिर वह राधिका जी के कमरे से निकाल कर अपने कमरे में आई।

    अब वहां पर कोई भी नहीं था। उसने रूम में थोड़ा इधर-उधर देखा उसे अयंश नहीं दिखाई दिया।

    To be continue.......

    आखिर होगा क्या इस रिश्ते का ?  आखिर चल क्या रहा है अयंश के दिमाग में और कहां गई रीत शादी से भाग कर क्या वह वापस आएगी ?

    डियर रीडर यार मैं बहुत ही मन से यह कहानी लिख रही हूं मुझे जितना हो रहा है मैं उतनी कोशिश कर रही हूं कि यह कहानी इतनी अच्छी हूं प्लीज आप लोग सपोर्ट करो और मैं आपको रोज बोलता हूं प्लीज कमेंट कर दिया करो यार प्लीज़ लाइक और कमेंट जरुर किया करो।

    मुझे सबके कमेंट पढ़ने बहुत अच्छा लगता है इसलिए प्लीज कमेंट करो नहीं ज्यादा तो 5 या 6 कमेंट तो हर एपिसोड पर कर ही दिया करो प्लीज 😫

  • 9. The professor's little wife - Chapter 9

    Words: 1071

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक.....

    तो यति ने अपना सर झुका कर जवाब दिया अ.. वो मैंने सर को दे दिये क्योंकि वह बहुत ज्यादा ढीले हो रहे थे मुझे और मुझे लगा कई वह गुम ना जाए इसीलिए।

    तो राधिका जी ने बस बड़े ही प्यार से उसके सर पर हाथ रखा और बोली:- अच्छा ठीक है अब जाओ अपने कमरे में गुड नाइट।

    तो यति ने अपना सर हिलाया और फिर धीरे से बोली:- गुड नाइट मां। फिर वह राधिका जी के कमरे से निकाल कर अपने कमरे में आई।

    अब वहां पर कोई भी नहीं था। उसने रूम में थोड़ा इधर-उधर देखा उसे अयंश नहीं दिखाई दिया।

    अब आगे.....

    वो बालकनी में जाकर चुपचाप खड़ी हो गई। वह आसमान को एक टक देखने लगी‌ और सोचने लगी कैसे उसकी जिंदगी अचानक से बदल गई थी।

    वह खुद से ही बुदबुदाते हुए बोली:- रीता दि कहा चले गए आप आपने जरा भी नहीं सोचा क्या चाचा चाची के बारे में। अगर आपको शादी नहीं करनी थी तो आप मना कर देती इस तरह से भागने की क्या जरूरत थी।


    आपकी वजह से मुझे शादी करनी पड़ी अपने ही प्रोफेसर से जिनको मैं बस दो महीने से जानती हूं।

    वह यही सब सोच रही थी कि तभी उसके कानों में एक सख्त आवाज आई, बाहर क्या कर रही हो अन्दर आओ। यति ने पलट कर देखा तो अयंश खड़ा था।

    तो यति ने उसे देखा और फिर सर झुका कर बोली:- अ..वो मैं ऐसे ही आ गई थी। आप क्या कर रहे हो यहां। तो अयंश ने कहा:- मैं तो हवा खाने आया था।

    यति ने मजाकिया लहजे में कहा:- क्या हवा क्यों आपका पेट नहीं भरा क्या खाना खाने से जो हवा खाने आ गए आप वो हंसने लगी।

    अयंश ने उसे घूर कर देखा और कहां:- बकवास बंद करो और जाकर सो जाओ। और हां कल से तुम्हें कॉलेज जाना है ऑलरेडी तुम्हारी एक हफ्ते की छुट्टी हो गई है कॉलेज की। तुम्हारी पढ़ाई का भी काफी नुकसान हुआ है।

    तो यति ने बस हि में सर हिला दिया। और जाने लगी। तभी अयंश ने कहा और सुनो कॉलेज में किसी को पता नहीं चलना चाहिए हमारी शादी के बारे में वरना तुम्हें बहुत दिक्कत होगी पढ़ाई में।

    तो कोशिश करना कि किसी को पता ना चले। तो यति उसे देखने लगी वह इस वक्त एक्सप्रेशन लेस था। कुछ देर चुप रहने के बाद यति ने कहा सर।

    अयंश उसकी तरफ देखने लगा और फिर बोला हम्म। यति मैं अपना सर झुका लिया और अपनी उंगली आपस में उलझते हुए बोली:- अ.. क्या मैं रूडी को बता सकती हूं वो मेरी बेस्ट फ्रेंड है मैं इतनी बड़ी बात नहीं छुपा सकती।

    अयंश ने एक गहरी सांस छोड़ी और फिर कहां:- ठीक है पर ध्यान रखना कि वह अपना मुंह ना खोलें। तो यति टपाक से बोली:- वह किसी को कुछ नहीं बताएगी उसके पास हमारा सीक्रेट सेफ है।

    अयंश ने कुछ नहीं कहा, यति भी सोने चली गई। अगली सुबह अयांश हमेशा की तरह 6:00 बजे उठ गया। फिर जी चला गया जिम से आने के बाद वह फ्रेश भी हो गया।

    पर मजाल है यति उठी हो। अयंश ने उसे सोते देख अपना सर ना मे हिला दिया और फिर कहां:- यति उठो वो जोर से बोला।

    यति पहली बार में नहीं उठी पर जब अयंश ने दुबारा कहा तो वो उठ गई वो नींद में ही थीं। अयंश ने कहा जाओ जल्दी से फ्रेश होकर आओ लेट हो रहा है।

    यति निंद भरी आंखों से उसे देखती है और फिर हम्म बोल कर उठ जातीं हैं । और फिर अपने कपड़े लेकर चली जाती है।

    20 मिनट बाद वह फ्रेश होकर आती है उसे कॉलेज जाना था इसलिए वह जैसे कपड़े शादी से पहले पहनती थी कॉलेज में वैसे ही कपड़े उसने अभी पहन रखे थे।

                     


    वो बेहद क्यूट और प्यारी लग रही थी। वह मिरर के सामने गई और अपने बाल ठीक करने लगी उसने अपने बालों में हल्का सा सिंदूर भी लगा लिया और फिर बालों में हेयर स्टाइल करके छुपा लिया।

    तभी अयंश वहां आया और बोला:- यति तुम तैयार हो गई। यति ने मासूमियत से उसकी तरफ देखा और फिर धीरे से बोली जी सर।

    फिर अयंश ने कहा:- चलो नीचे। इतना बोल कमरे से निकल गया यति उसके पीछे-पीछे आने लगी। अभी डायनिंग एरिया में अयंश की दादी और राधिका जी बस थी।

    उन दोनों को देखकर यकीन ने धीरे से दोनों को गुड मॉर्निंग विश किया। अयंश अपनी कुर्सी पर आकर बैठ गया।

    यति बैठने वाली थी कि उसके कानों में बुआ जी की सख्त  आवाज आई, यह कैसे अतरंगी कपड़े पहन रखे हैं बहूं। जिसे सुन यति बेचारी डर गई।

    बुआ दादी उसके पास आई और बोली:- यह क्या पहन रखा है साड़ी क्यों नहीं पहनी है। फिर उनका ध्यान गया वो जोर से बोली:- हे भगवान लड़की तूने ना मंगलसूत्र पहना है ना सिंदूर लगाया है उन्होंने अपना सर पकड़ कर कहा।

    यति ने अपना सर झुका लिया। अयंश कुछ बोलने हि वाला था कि राधिका जी ने कहा:- बुआ जी यति अपने कॉलेज जा रही है अब साड़ी पहन के तो नहीं जा सकती ना वह।

    आप तो जानते हैं उसकी शादी की हालत में हुई है हम उस पर जिम्मेदारियां तो नहीं थोप सकते ना। तो बुआ दादी जी अपना हाथ आगे कर दिया कि बस चुप हो जाओ और फिर वह बोली।

    शादी जी भी हालत में हो पर अब यह दीवान परिवार की बहू है इसे अपनी मर्यादा में रहना चाहिए अभी शादी को टाइम ही कितना हुआ 2 दिन बस हुए हैं शादी की कोई रस में अच्छे से नहीं हुई।

    यहां तक बहू ने पहली रसोई भी नहीं बनाई। और तो और अब शादी के 2 दिन बाद ही घर से बाहर जा रही है वह भी ऐसे कपड़ों में ना हाथों में चूड़ियां है ना मांग में सिंदूर ना गले में मंगलसूत्र।

    फिर वो यति को देखते हुए बोली:- तुम कहीं भूल तो नहीं गई ना बहूं कि तेरी शादी हो गई है । उनकी इतनी बातें सुनने के बाद यति की आंखें नाम हो गई उसका चेहरा झुका हुआ था ।

    वही अयंश ने अपने हाथों में मुठिया बना ली।

    To be continue.......
    क्या बुआ दादी परमिशन देगी यति को कॉलेज जाने की ? क्या अयंश देगा यति का साथ ? क्या यति कभी बन पाएगी बुआ दादी की फेवरेट बहू ?

    कमेंट में जरूर बताइएगा चैप्टर कैसा लगा, और बुआ दादी का फैसला क्या होगा यह बता सकते हो आप सोच कर

  • 10. The professor's little wife - Chapter 10

    Words: 1002

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक......

    शादी जीस भी हालत में हो पर अब यह दीवान परिवार की बहू है इसे अपनी मर्यादा में रहना चाहिए अभी शादी को टाइम ही कितना हुआ 2 दिन बस हुए हैं शादी की कोई रश्म भी अच्छे से नहीं हुई।

    यहां तक बहू ने पहली रसोई भी नहीं बनाई। और तो और अब शादी के 2 दिन बाद ही घर से बाहर जा रही है वह भी ऐसे कपड़ों में ना हाथों में चूड़ियां है ना मांग में सिंदूर ना गले में मंगलसूत्र।

    फिर वो यति को देखते हुए बोली:- तुम कहीं भूल तो नहीं गई ना बहूं कि तेरी शादी हो गई है । उनकी इतनी बातें सुनने के बाद यति की आंखें नाम हो गई उसका चेहरा झुका हुआ था ।

    वही अयंश ने अपने हाथों में मुठिया बना ली।

    अब आगे.....

    बुआ दादी ने कहा:- जाओ जाकर अभी कपड़े चेंज करो और तुम्हारी पहली रसोई की रश्म है उसे भी आकर जल्दी पूरी करो।

    वही यति ने अपना झुका हुआ सर हा में हिला दिया। वो वहां से जाने लगी। तभी वहां पर अयंश की सख्त आवाज गुजी कहीं नहीं जाएगी यति।

    वह नाश्ता करेंगी और बस कॉलेज जाएगी। उसकी बात सुन बुआ जी एक जगह खड़ी रह गई और अयंश की तरफ देखने लगी और फिर बोली:- अयंश तू हमारी बातों को मानने से इनकार कर रहा है

    तो अयंश ने कहा:- बुआ दादी अगर आपकी बात सही होती तो इसे मानने में मुझे कोई परेशानी नहीं होती पर इस वक्त आप गलत है।

    अगर उसकी शादी हुई है इसका मतलब यह नहीं कि वह जीना छोड़ दे अपनी पढ़ाई छोड़ दे अपनी जिंदगी अपने सलीके से जीना छोड़ दे।

    वह कॉलेज जाएगी उसे जो पहनना है वह पहनेगी मैं उसे मना नहीं करूंगा और ना ही यहां पर कोई और। क्योंकि मैं उस पर यह शादी थोपना नहीं चाहता।

    इस घर का हर एक सदस्य जानता है कि यह शादी बस एक मजबूरी है, क्योंकि सिचुएशन ऐसी थी कि हमें शादी करनी पड़ी।

    ना तो वह इस शादी को चाहती थी और ना मैं। और आप उसे पर जिम्मेदारियां क्यों थोप रहे हो ? उसकी क्या गलती है क्यों उस पर इतनी छोटी उम्र में यह सब थोपा जा रहा है ‌।

    गलती किसी और की और सजा कोई और भुकते ऐसा क्यों। ऑलरेडी उसके साथ हम काफी गलत कर चुके हैं उसे मजबूरी के रिश्ते में बांध चुके हैं जो नहीं चाहती थी।

    बुआ दादी आप सोच क्यों नहीं रही है यह सब ,आप उसकी उम्र देख रही है वह सही से 19 साल की भी नहीं है ....और उसकी शादी उससे 9 साल बड़े आदमी से हो गई है।

    ना तो वह मुझे अच्छे से जानती है ना इस परिवार को।‌ बच्ची है वह अभी और आप उसे उम्मीद ना ही करो तो बेहतर होगा।

    और रही बात मंगलसूत्र सिंदूर की तो उसे ही क्यों बोला जा रहा है इसलिए मेरी भी तो शादी हुई है ना तो उसे ही क्यों सबूत देना है कि उसकी शादी हुई है उसे ही क्यों मंगलसूत्र और सिंदूर लगाना है क्योंकि वह लड़की है।।

    राधिका जी और सुचित्रा जी भी हैरानी से अयंश को देख रहे थे।

    अयंश ने आगे कहा:- बुआ दादी जेनरेशन काफी आगे बढ़ चुकी है और आप अब भी पहले के जैसे बातें कर रहे हैं ।

    यति उसे अपनी आंसू भरी आंखों से देखने लगी। वही राधिका जी और सुचित्रा जी भी उसे हि देख रही थी

    और पहली रसोई की बात  है तो घर में इतनी नौकर हैं आप उनके हाथ का बना नशता कर लीजिए।  वही बुआ दादी उसे देखते ही रह गई।

    और फिर वह थोड़ी उदास आवाज में बोली:- अयंश तूने आज तक हमसे कभी इस तरह बात नहीं की माफ कर देना हमसे गलती हो गई नहीं बोलेंगे हम किसी को और चले जाएंगे यहां से।

    इतना बोल वहां से चली गई वही राधिका जी उनके पीछे जा ही रही थी की अयंश की दादी जी ने उसे रोक लिया।  वही यति को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा कि उसकी वजह से लड़ाई हो गई।

    वही अयंश टेबल से उठ गया और वहां से जाते हुए ऑर्डर देने वाले लहजे बोला:- यति जल्दी से नाश्ता करो और बाहर आओ देर हो रही है। इतना बोल वह बाहर निकल गया।

    वही यति उसे देखने लगी। तभी सुचित्रा जी अयंश की दादी ने कहा आओ बेटा नाश्ता कर लो। यति उनकी बात मानकर टेबल पर बैठ गए उसका बिल्कुल मन नहीं था खाने का।

    सुचित्रा बोली:- माफ करना बेटा सुबह-सुबह तुम्हें इतना सुनना पड़ा पर अब क्या करें वह बड़ी है पुराने ख्यालों की है बस इसीलिए।

    तो यति ने धीरे से कहा:- आप क्यों माफी मांग रही है प्लीज माफी मत मांगे आप बड़ी है मुझे और रही बात उनकी तुम मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगा उनकी बातों का। पर मेरी वजह से वो हर्ट हो गई। इतना बोल यति उदास हो गई।

    जिसे देख सुचित्रा जी ने उसके सर पर हाथ रख और कहां अरे बेटा ऐसा नहीं है तुम उदास क्यों हो रही हो तुम अपना नाश्ता करो जल्दी तुम्हें कॉलेज के लिए देर हो रही है ना।

    और रही बात हुआ दादी की तो आकर मना लेन तुम उन्हें उनकी पसंद का खाना बनाकर अब जल्दी-जल्दी नाश्ता करो और कॉलेज के लिए जो जब तुम आओगी हम तुम्हें उनकी पसंद बता देंगे ठीक है अब उदास मत हो।

    यति ने एक हल्की सी स्माइल दी और फिर वह दोनों नश्ता करने लगे। वही राधिका जी नाश्ते की प्लेट लेकर बुआ जी के कमरे की ओर चली गई।

    To be continue............

    क्या हुआ दादी को मना पाएगी यति ? क्या बुआ दादी चली जाएगी उदास होकर ? क्या अयंश से शादी को बस एक मजबूरी और जिम्मेदार समझ कर निभाता रहेगा ?



    आप लोग कमेंट में बताओ क्या अयंश ने सही किया यति के लिए स्टैंड लेकर । और प्लीज कमेंट में ज्यादा नहीं तो कम से कम तीन-चार लोग तो मुझे बताओ कमेंट करके क्या आपको दोनों की जोड़ी और यह स्टोरी पसंद आ रही है प्लीज एक रिक्वेस्ट कर रही हूं 🥺।

  • 11. The professor's little wife - Chapter 11

    Words: 945

    Estimated Reading Time: 6 min

    अब तक......

    जिसे देख सुचित्रा जी ने उसके सर पर हाथ रख और कहां अरे बेटा ऐसा नहीं है तुम उदास क्यों हो रही हो तुम अपना नाश्ता करो जल्दी तुम्हें कॉलेज के लिए देर हो रही है ना।

    और रही बात हुआ दादी की तो आकर मना लेन तुम उन्हें उनकी पसंद का खाना बनाकर अब जल्दी-जल्दी नाश्ता करो और कॉलेज के लिए जो जब तुम आओगी हम तुम्हें उनकी पसंद बता देंगे ठीक है अब उदास मत हो।

    यति ने एक हल्की सी स्माइल दी और फिर वह दोनों नश्ता करने लगे। वही राधिका जी नाश्ते की प्लेट लेकर बुआ जी के कमरे की ओर चली गई।

    अब आगे.......

    यति ने जल्दी जल्दी नाश्ता किया और फिर अपना बैग उठाकर जल्दी से बाहर की और भागी । अयंश जो की कार में बैठा हुआ था।

    उसने आर्डर देते हुए कहा जल्दी से आकर बैठो।  यति जल्दी से कर में बैठ गई वह बाहर की ओर देखने लगी। फिर वो धीरे से बोली सर ।

    अयंश ने अपना ध्यान सड़क की ओर लगाते हुए कहां, क्या हुआ।  यति ने कहा आपने मेरे लिए स्टैंड लिया उसके लिए थैंक यू बट प्लीज आप बुआ दादी को सॉरी बोल दीजिएगा वह आपसे बड़ी है आपने उन्होंने काफी बोल दिया।

    इतना बोल उसने अपना सर झुका लिया। वही अयंश ने उसे अपनी आंखें छोटी कर कर देखा और कहां मुझे बताने की जरूरत नहीं है।

    उसका ऐसा लहजा देख की यति ने मुंह बना लिया और फिर अपने मन में बोली कभी नहीं सुधर सकते हमेशा कड़वे करेले रहेंगे।

    कुछ ही देर बाद आया उसने कर कॉलेज के थोड़ी दूरी पर रोक दी और काम जल्दी उतरो। यति तुरंत उतर गई क्योंकि वह जानती थी अगर किसी ने उसे अयंश के साथ देख लिया तो बातें बनाएगा इसलिए वह जल्दी-जल्दी उसके कर से थोड़ा दूरी पर आई और फिर चलते हुए कॉलेज के अंदर चली गई।

    अभी लड़के लड़कियां कॉलेज में आ ही रहे थे। यति अपने में ही मगन थी वह चुपचाप से जा रही थी तभी अचानक से किसी ने उसकी आंखों पर हाथ रख दिया।

    यति थोड़ा ठिठक गई। उसने उसके हाथों को छू कर देखा तो उसके चेहरे पर स्माइल आ गई और बहुत बोली रूडी । वही उसे लड़की ने उसकी आंखों से हाथ हटाया।

    और बोली पहचान गई तू यार पता मैंने तुझे कितना मिस किया उसने उसे गले लगा कर कहा पता है पिछले डेढ़ हफ्ते से मुझे तेरे बिना यह कॉलेज काटने को दौड़ रहा था भाई।

    मैं तो पागल ही हो गई थी तेरे बिना तेरे बिना जीना दुश्वार हो गया था मेरी जान। यति हंसने लगी और बोली यार तू बहुत ड्रामा करती है मैं भी तुझे बहुत याद किया और सबसे ज्यादा तेरी यह नौटंकी।

    तो रूडी खुशी से बोली हां हां अब कोई ना तू तो आ गई है ना।  फिर अचानक से रूडी बोली अरे यति चल। क्लास में वरना प्रोफेसर अयंश हमेशा की तरह हमे फिर क्लास से निकाल देंगे।

    अयंश का जिक्र सुन यति चुप हो गए और फिर बोली ह..हां चल। दोनों अपनी क्लासरूम की तरफ आ गई उन्होंने अपनी बुक्स और कॉपी पेन निकाल ली।

    सारे स्टूडेंट क्लासरूम में आ गए थे। तभी वहां पर अयंश आया । जिसे देखकर यति और बाकी स्टूडेंट भी खड़े हो गया और उन्होंने कहा गुड आफ्टरनून सर।

    अयंश ने उन्हें बैठने का इशारा किया सभी स्टूडेंट बैठ गये।
    अयंश टाइम वेस्ट ना करते हुए ब्लैक बोर्ड पर कुछ लिखवाने लगा और समझने भी लगा।

    वही यति बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पा रही थी पढ़ाई पर क्योंकि अयांश उसके सामने था और उसे सब कुछ याद हो रहा था जो भी इन दो दिनों में हुआ उसकी शादी, रश्मि हंगामा और सुबह की लड़ाई सब कुछ वह बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पा रही थी कंसंट्रेट नहीं कर पा रही थी।

    वह अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी, तभी अचानक से उसके सर पर एक चौक आकर लगी। आउच... इतना बोल यति अपना सर सहलाने लगी। उसने सामने देखा तो अयंश उसे घूर रहा था।

    तो अपनी सख्त आवाज में बोला मिस अग्रवाल शायद आपका ध्यान क्लास में नहीं लग रहा है तो आप क्लास से बाहर जा सकती है।

    जिसे सुन यति तुरंत खड़ी हो गई और फिर धीरे से बोली सॉरी सर। उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा कि सबके सामने उसे यू डांट पड़ गई पर उसकी तो आदत ही थी वह हमेशा ऐसे ही डाट खाती थी।

    वह अपनी जगह चुपचाप से बैठ गई और ध्यान लगाने की पूरी कोशिश करते हुए ब्लैक बोर्ड की तरफ देखने लगी। पर लाख कोशिश करने के बाद बेचारी का ध्यान नहीं लग रहा था।

    रिसेस हो चुकी थी। रूडी बोले क्या हुआ है तुझे आज खोई खोई क्यों लग रही है। कुछ हुआ है क्या। तो यति ने बस मुस्कुरा दिया और बोली नहीं कुछ भी नहीं।

    तुझे तो पता ही है ना मेरा मैथ्स में बिल्कुल दिमाग नहीं लगता मुझे नींद आने लगती है बस इसीलिए नहीं दे पाए मैं ध्यान हमेशा की तरह।

    तो रूडी हंसने लगी और बोली अरे हां कैसे भूल सकती हूं मैं यह बात इस वजह से तू हर आए दिन डांट खाती है।

    यति ने भी मजाक में लेते हुए कहा हां हां । फिर यति ने कहा वर्मा मैम की क्लास है। रूडी भी अपनी जगह सही से बैठ गई। वर्मा मैम क्लास लेने लगी।

    इस क्लास में यति का दिमाग नहीं लग रहा था। पर फिर भी वो ध्यान देने की कोशिश कर रही थी ‌।

    To be continue.......

    क्या शादी के कारण यति ध्यान नहीं दे पाएगी अपनी पढ़ाई पर ? क्या वो बुआ दादी को मना पाएगी ?  और रूडी को पता चलेगा शादी का तो कैसे रिएक्ट करेंगी वो ?

  • 12. The professor's little wife - Chapter 12

    Words: 1168

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक......

    मुझे नींद आने लगती है बस इसीलिए नहीं दे पाए मैं ध्यान हमेशा की तरह।

    तो रूडी हंसने लगी और बोली अरे हां कैसे भूल सकती हूं मैं यह बात इस वजह से तू हर आए दिन डांट खाती है।

    यति ने भी मजाक में लेते हुए कहा हां हां । फिर यति ने कहा वर्मा मैम की क्लास है। रूडी भी अपनी जगह सही से बैठ गई। वर्मा मैम क्लास लेने लगी।

    इस क्लास में यति का दिमाग नहीं लग रहा था। पर फिर भी वो ध्यान देने की कोशिश कर रही थी ‌।

    अब आगे.…..

    ऐसे ही कॉलेज खत्म हो गया। यति ने रूडी को शादी के बारे में नहीं बताया उसका दिमाग पहले से ही इतना कुछ देर चुका था।

      और अगर इस बारे में रूडी को बताती तो वह पहले तो उसे बहुत सुनाती बस इसीलिए वह बात नहीं पाई। यति को खोया खोया देख रूडी बोली, अबे यार क्या हुआ है तुझे।

    सुबह से ही देख रही हूं तुझे बहुत अजीब बिहेव कर रही है तूने बोल दिया था। की मैथ्स समझ नहीं आती बस इसलिए पर मुझे लग रहा है कोई और बात है तुम मुझसे कुछ छुपा रही है क्या।

    तो यति ने हड़बड़ा कर कहा न... नहीं कुछ नहीं। दोनों बातें करते हो या रही थी , कॉलेज की छुट्टी हो गई थी। यति रूडी को समझने में लगी थी कि कुछ नहीं हुआ है।

    रूडी बोली कुछ तो हुआ है जरूर बहुत बड़ी बात है ओके बताना क्या बात है। वही अयंश भी घर जाने के लिए निकल गया।

    वो खुद से बुदबुदाते हुए बोला ये यति कहा क्या मुसीबत है अब इसको ढूंढना पड़ेगा पहले ।  कॉलेज आधा से ज्यादा खानी हो चुका था।

    इधर अयंश यति को ढूंढते हुए पार्किंग एरिया के तरफ आ गया।  क्योंकि सब लोग इधर से ही जाते थे। यति और रूडी अपने में ही बातें करते हुए चली जा रही थी वह लोग पार्किंग एरिया की तरफ आ गए थे

    अयंश का ध्यान पर गया वह खुद से ही बोला यहां मैं इस लड़की को कहा - कहां नहीं ढूंढ रहा था और ये आराम से बातें करके आ रही है वाह।

    वहीं यति जो झूठ बोल रही थी कि कुछ नहीं हुआ कुछ नहीं हुआ उसका ध्यान अयांश की तरफ गया जो कि अपनी कर के पास खड़ा था।

    उसने रूडी की तरफ देखते हैं कहां जा मैं घर चली जाऊंगी। तो रूडी ने कहा क्या घर चली जाएगी तू पागल हो गई है टाइम देख 5:30 बज गए घर जाते-जाते रात हो जाएगी समझी।

    चलना हम साथ में जाएंगे। तो यति बोली अरे मैंने बोला ना तू जा मैं आ जाऊंगी वह उसे थोड़ा सा आगे करते हुए बोली। वही अयंश कब गुस्सा आने लगा क्योंकि वह लोग इतने टाइम से वहांपर खड़े थे।

    अब अयंश की जिम्मेदारी थी यति वह उसे छोड़ तो नहीं सकता था इसलिए उसे इंतजार करना पड़ रहा था पर यहां पर तो अलग ही माहौल था वह मैडम तो आगे आ ही नहीं रही थी ।

    यह सब देखकर अयंश ने थोड़ी तेज आवाज में कहा मिस अग्रवाल घर जाना है कि नहीं। उसकी आवाज सुन रूडी भी अंश की तरफ देखने लगी जिसका ध्यान उसे पर नहीं था।

    वही यति जहां थी वहां ही रह गई। अयंश थोड़ा चल कर आ गया है और बोला मैं कब से देख रहा हूं। एक तो मैंने पूरा कॉलेज देख लिया पर तुम्हारा कोई पता नहीं।

    और जब यहां पर आई हो तो आगे आ ही नहीं रही यही के यही हूं चल क्या रहा है वो झुंझलाते हुए बोला।

    वो रूडी ने कहा प्रोफेसर आप यति से इस तरह क्यों बात कर रहे हैं, आप क्यों ढूंढ रहे थे उसे, क्या काम है आपको।

    उसका जवाब सुन अयंश ने सीधा जवाब दिया इसे घर लेकर जाना है । तो रूडी उसे सवाल भरी नजरों से देखते हुए बोली घर लेकर जाना है क्या मतलब है आपका और वह आपके साथ क्यों जाएगी।

    वही यति ने जोर से आंखे बंद कर ली।  वही अयांश ने यदि की तरफ देखते हुए ठंडी आवाज में कहां मिस अग्रवाल क्या तुमने अपनी इस फ्रेंड को कुछ बताया नहीं।

    तो रूडी ने यति की तरफ देखा और कहां क्या नहीं बताया तुने।  यति चुप रही वो कुछ नहीं बोली। वही अयंश ने यति को कहा मिस अग्रवाल चलो उसने उसका हाथ पकड़ लिया।

    और उसे खींचते हुए ले जाने लगा। वही रूडी बीच में आ गई और उसने अयंश से यति का हाथ छुड़ाया और गुस्से में बोली प्रोफेसर यह क्या बदतमीजी है।

    ऐसे कैसे किसी भी लड़की का हाथ पकड़ सकते हैं और वह क्यों जाएगी आपके साथ।

    अयंश को अब गुस्सा आने लगा उसने अपना जबड़ा काश और ठंडी आवाज में कहां, मिस रूडी आपके बीच में बोलने की कोई जरूरत नहीं है यह मेरा और यति का मामला है आप यहां पर दखल अंदाज़ी मत करो।

    तो‌ रूडी ने कहा क्यों ना बोलूं और क्यों ना दखलअंदाजी ना करूं मैं वह मेरी बेस्ट फ्रेंड है आप ऐसे कैसे उसे अपने साथ ले जा सकते हैं और वह क्यों ही जाएगी आपके साथ कौन लगते हैं आप उसके।

    तो अंश में बोला मैं कौन हूं यति का क्या लगता हूं वह बेहतर तरीके से जानती है, फिर भी अगर आपने सवाल पूछी लिया है तो मैं बता दूं कि यह मेरी वाइफ है ।

    यह बात सुनते ही रूडी की आंखें चौड़ी हो गई वह जोर से बोली क्या.......। वह दो कदम पीछे हो गई फिर उसने यति को दिखा। फिर वो धीरे से बोली यति ये प्रोफेसर क्या बोल रहे हैं यह कैसा मजाक है।

    यति ने अपना सर नीचे झुका लिया और अपने हाथों को आपस में उलझा लिया और फिर धीरे से सर हिला दिया।

    रूडी पूरी तरह से अपनी जगह पर जम गई, वो हैरत से बोली काम काम कैसे तूने मुझे क्यों नहीं बताया वह अपने ही अपने खोई हुई थी बोली जैसे कि उसे कोई सदमा लगा हो।

    यति बेचारी उसने बस अपना सर झुका कर रखा था वह क्या बोलते उसे तो खुद ही नहीं पता था इस शादी के बारे में अचानक से हो गई थी बेचारी की शादी।

    अयंश ने यति का हाथ दोबारा पड़ा और सख्त आवास में कहां मिस अग्रवाल पहले ही टाइम बहुत खराब कर चुके हैं हम बहुत ड्रामा हो चुका अब चलो घर।

    यति ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप खींचते हुए चली गई।  वही रूडी अपनी जगह जमी की जमी रह गई उसे यकीन नहीं हो रहा था।

    कि उसकी बेस्ट फ्रेंड उसकी शादी हो गई वह भी उसके प्रोफेसर से उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि यति ने उसे कोई बात छुपाई।

    To be continue.........

    अब आगे क्या होगा क्या यति रूडी को मना पाएगी ? और आगे कैसा रिएक्शन करने वाली है रूडी ?  और कैसे मनाएगी यति अपनी बुआ दादी और अपनी बेस्ट फ्रेंड को ?

    और एक सवाल आप लोगों को क्या लगता है रूडी सच में यदि की बेस्ट फ्रेंड है  ,  या बस ऐसे हि नाटक कर रही है कमेंट में प्लीज बताना।

  • 13. The professor's little wife - Chapter 13

    Words: 840

    Estimated Reading Time: 6 min

    अब तक......

    अयंश ने यति का हाथ दोबारा पड़ा और सख्त आवास में कहां मिस अग्रवाल पहले ही टाइम बहुत खराब कर चुके हैं हम बहुत ड्रामा हो चुका अब चलो घर।

    यति ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप खींचते हुए चली गई।  वही रूडी अपनी जगह जमी की जमी रह गई उसे यकीन नहीं हो रहा था।

    कि उसकी बेस्ट फ्रेंड उसकी शादी हो गई वह भी उसके प्रोफेसर से उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि यति ने उसे कोई बात छुपाई।

    अब आगे....

    वही इधर कार में। यति ने सिसकते हुए कहा सर आपने रूडी को क्यों बताया, तो अयंश रास्ते कि तरफ ध्यान देते हुए ठंडी आवाज में कहा।

    आज नहीं तो कल उसे पता चल नहीं था और अगर मैं नहीं बता तो वह तुम्हें मेरे साथ आने नहीं देती तुम मुझे बताना पड़ा।

    तो यति सिसकते हुए मासूमियत से बोली पर आपने उसे अचानक से बता दिया मुझे कितना बुरा लगा होगा वह क्या सोच रही होगी।

    वो खिड़की से बाहर देखते हुए सिसकने लगी। अयंश ने कार चलते हुए सख्त आवाज में कहां , यति बच्चों की तरह रोना बंद करो जब देखो तब बस आंसू बहती रहती हो।

    बता देना तुम उसे सब सच बता देना अपने हिसाब से जैसा तुम्हें लगता है , वह जरूर समझेगी। अब रोना बंद करो तुम। यति कुछ देर यूं ही सिसकते रही और फिर शांत हो गई।

    वह लोग अब घर आ चुके थे। वह लोग जैसे ही घर आए तो देखा सुचित्रा जी राधिका जी बैठी हुई थी वह लोग थोड़ी उदास लग रही थी।

    जिसे देख आया उसने कहा क्या हुआ आप लोग ऐसे क्यों बैठे हुए हैं। तो सुचित्रा की बोली अयंश शायद तेरी बातों का तेरी बुआ दादी कुछ ज्यादा ही बुरा लगा ।

    वह अपना सामान पैक कर रही है कल सुबह की फ्लाइट से जाने के लिए। वह आज ही जाना चाहती थी हमने जैसे तैसे उनको मनाया है।

    वही यति सारी बातें सुन रही थी उसे बिल्कुल नहीं पसंद था कि उसकी वजह से कोई इस तरह उदास है क्योंकि वह तो सॉफ्ट हर्ट एक लड़की थी।

    यति तुरंत अपने कमरे की तरफ चली गई बिना किसी को कुछ बोले। वह पहले से ही उदास थी बुआ दादी को उसके सर ने इतना बोल दिया। और फिर रूडी को भी शादी का सच इस तरह पता चला उसे भी बहुत बुरा लगा होगा।

    वह यह सब सोचते हुए वॉशरूम में गई और वह जल्दी-जल्दी फ्रेश हो गई उसने जल्दी से एक साड़ी निकली और फिर अपने फोन में यूट्यूब पर वीडियो देखते हुए 25 मिनट मेहनत करने के बाद साड़ी पहन हि ली।

    उसने मंगलसूत्र जो कि अपने हाथ में पहना हुआ था उसे निकाल और फिर गले में पहन लिया और फिर सिंदूर भी अच्छे से लगा लिया वह बहुत ही प्यारी लग रही थी।

                 


    वह जल्दी से तैयार होकर नीचे की तरफ आई वहां पर उसे राधिका जी उसे दिखी उसने राधिका जी का हाथ पकड़ा और उन्हें खींचकर साइड में ली गई और बोली मां मुझे आपकी हेल्प चाहिए।

    राधिका जी उसे देखते ही रह गई और बोली हां बोलो। यति ने उन्हें झुकने को कहा वह थोड़ा सा झुक गई और फिर यह थी उनके कानों में कुछ बोलने लगी।

    कुछ देर बाद वह किचन में चली गई राधिका जीके साथ। वही इधर अयांश कमरे में आया उसे यदि कहीं नहीं देखी वो फ्रेश होकर अपने काम में लग गया।

    वह कॉलेज की कुछ फाइल्स चेक कर रहा था। वही इधर किचन में यति खाना बना रही थी। खाना बनने के बाद यति ने खाने को ट्रे में रखा और फिर।

    थोड़ा सा नर्वस होते हुए दादी जी के कमरे की तरफ आई

    यति ने हल्के हाथों से दरवाज़े पर दस्तक दी और धीमे स्वर में कहा, बुआ दादी, "दादी जी?"उसने दो बार कहा

    अंदर से कोई जवाब नहीं आया, लेकिन उसने दरवाज़ा हल्का सा खोला और देखा कि बुआ-दादी अभी भी नाराज़ होकर बैठी थीं।

    यति ने थोड़ा सा नर्वस होते हुए अंदर कदम रखा। "और फिर थोड़ा हिचकीचाते हुए कहा, मैं जानती हूँ कि आपको मेरी कुछ बातें पसंद नहीं आईं, और शायद मेरी वजह से आपको तकलीफ़ हुई। लेकिन मैं नहीं चाहती कि आप यूँ नाराज़ होकर जाएँ।"

    बुआ-दादी ने उसकी तरफ देखा, लेकिन कुछ बोली नहीं।
    यति ने आगे बढ़कर उनके सामने खाना रखा। "मैंने आपके लिए बनाया है। पहली रसोई आपको मेरे हाथ का बना खाना था था सुबह तो नहीं बन पाई, ,

    लेकिन पहली बार आपके लिए कुछ बनाया है ,

    बुआ-दादी ने हल्का सा भौंहें चढ़ाईं। "क्या सोच रही हो, कि तुमने खाना बना दिया तो हम मान जाएँगे?"

    यति ने तुरंत सिर हिलाया, और मासूमियत से कहा,"नहीं, मैं बस अपनी तरफ से एक कोशिश कर रही हूँ। आप मुझसे नाराज़ रहें, लेकिन खाना मत छोड़िए।"प्लीज बुआ दादी खाना तो खा लिजिए उसने बेहद प्यार से कहा।


    To be continue.....

    क्या बुआ दादी मान जाएगी ? और क्या यति रूडी को मना पाएगी? कैसा होगा यति का ये चुनौती से भरा सफर?

    Aap sb please comment Karo aur like bhi follow bhi kar lena please

  • 14. The professor's little wife - Chapter 14

    Words: 1007

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक...

    बुआ-दादी ने हल्का सा भौंहें चढ़ाईं। "क्या सोच रही हो, कि तुमने खाना बना दिया तो हम मान जाएँगे?"

    यति ने तुरंत सिर हिलाया, और मासूमियत से कहा,"नहीं, मैं बस अपनी तरफ से एक कोशिश कर रही हूँ। आप मुझसे नाराज़ रहें, लेकिन खाना मत छोड़िए।"प्लीज बुआ दादी खाना तो खा लिजिए उसने बेहद प्यार से कहा।

    अब आगे.....

    तो बुआ दादी ने सख्त आवाज में कहा ठीक है रख दो हम खा लेंगे। तो यति ने मासूम से चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गई।

    उसने प्लेट को साइड में रख दिया और फिर बोली बुआ दादी जानती हूं अभी आप नाराज है पर आप बड़ी है और अब बेहतर समझता है छोटू की गलतियों को माफ करना तो प्लीज सर को माफ कर दीजिएगा नाराज होकर यहां से मत जाइएगा।

    इतना बोल वह कमरे से निकल गई। बाहर निकलते ही उसने अपने सीने पर हाथ रखा और लंबी-लंबी सांस लेने लगी। वही राधिका जी थोड़ी दूरी पर खड़ी थी।

    जिसे देख यति उनके पास आई। राधिका जी बोली क्या हुआ बेटा हुआ दादी मनी क्या। यति ने धीमी आवाज में कहां पता नहीं मां मैंने उन्हें बोला तो है कि वह माफ कर दे।

    राधिका जी ने प्यार से उसके सर पर हाथ पैर और काम कोई बात नहीं काम से कम तूने कोशिश तो की अब जाकर कंफर्टेबल फील हो रहा होगा।

    वैसे तो तूने आज खाना बना लिया है सबके लिए तो मैं तुम्हारा और अयंश का खाना कमरे में ही भेज दूं ठीक है। राधिका जी के इतने स्नेह से बात करने पर यति ने मासूमियत से अपना सर हिला दिया ।

    और फिर अपनी साड़ी को संभालते हुए बड़ी मुश्किल से चलते हुए कमरे में की और आई। वह अपनी साड़ी संभालते हैं कमरे के अंदर तक आए इसमें इधर-उधर देखा उसे कोई नजर नहीं आया। वह कबर्ड की तरफ गई और अपने कपड़े निकालने लगी।

    फिर उसने अपने कपड़े लिए और चेंज करने के लिए जा हि रहीं थीं कि वो अयंश से टकरा गई और टकराने की वजह से उसकी साड़ी भी उसके पैरों में अटक गई।

    और दोनों के दोनों जमीन पर जा गीरे अयंश नीचे था और यति उसके ऊपर। अयंश ने वैसे ही लेटे हुए झुंझलाते हुए कहा यति तुम देख कर नहीं चल सकती क्या।

    तो यति ने मासूमियत से कहा मेरी क्या ग़लती है सर आप हि आ रहें थे सामने से। अयंश ने कहा एक मिनट अयंश ने उसे देखा और कहां तुमने साड़ी क्यों पहनी हुई है तुमसे ये संभलती नहीं है ना।

    तो यति ने इधर उधर देखते हुए कहा हम्म मन किया इसलिए इतना बोल वो उठने लगी पर वो फिर लड़खड़ा कर मुंह के बल अयंश के ऊपर गिर गई ।

    आउच... मम्मी उसने सिसकते हुए कहा। अयंश ने उसे देखा और गहरी सांस छोड़कर कहां आह यति तुम ना सच में बच्ची हो। वह उसे अपने ऊपर से हटाते हुए बोला।

    वही यति ने उसकी तरफ देखा और मुंह बना कर बोली मैं बच्ची हूं समझें आप वो चिड़ गई। अयंश ने उसे साइड में किया और फिर खुद उठकर खड़ा हो गया और अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ाया उसका चेहरा इस वक्त एक्सप्रेशन लैस था।

    यति ने उसकी तरफ देखा और फिर अपना हाथ आगे बढ़ा दिया अयंश ने उसका हाथ थाम कर उसे खड़ा किया। यति भी खड़ी हो गई।

    यति अपनी साड़ी संभालते हुए वॉशरूम की तरफ चली गई , वही इधर कमरे में राधिका जी ने खाना भी भिजवा दिया था। यति कुछ देर बाद चेंज करके आई



                             ‌‌यति का नाइट ड्रेस।

    उसने जाकर अपना फोन पकड़ लिया और बेड पर बैठ गई। अयांश ने उसे देखा तो उसने अपनी आंखें छोटी कर दी और कहां, तुम्हें फोन चलाने के अलावा और कुछ आता भी है ।

    यहां पर खाना रखा हुआ है यह नहीं की जाकर चुपचाप खा लो फोन में लग गई तुम उसने डांट लगाते हुए कहा। तो यति ने मुंह बनाते हुए कहां।

    हां तो आपको कौन सा कुछ आता है डांटने के अलावा। अयंश उसे घूरने लगा। यति ने भी अपना फोन रख दिया और फिर चुपचाप खाना खाने आ गई।

    अयंश नहीं प्लेट लगाई थी दोनों की दोनों खाना खाने लगे। अयंश ने जैसे ही पहले बीते लिया वह कुछ पल के लिए रुक गया और फिर वह चुपचाप खाना खाने लगा।

    यदि खाना खाते हुए उसकी तरफ बार-बार देख रही थी वह अपने मन में बोली क्या इनको मेरा खाना पसंद आया होगा वैसे तो मैं इतना बुरा भी खाना नहीं बनाया।

    यह कुछ बोल क्यों नहीं रहे हैं। उसकी नज़रें खुद पर पाकर अयंश ने उसकी तरफ देखा। यति ने तुरंत अपनी नज़रें झुका ली और वो चुपचाप खाना खाने लगी। बीच-बीच में उसे देख रही थी।

    अयंश ने इरिटेट होकर कहा यदि अगर कुछ पूछना है बोलना है तो चुपचाप बोलो ऐसे घूरना बंद करो । यति थोड़ा हड़बड़ा गई और जल्दी से बोली न.. नहीं कुछ भी नहीं वह फिर से अपना खाना खाने लगी।

    अयंश ने कुछ नहीं बोला। ऐसे ही करके दोनों ने खाना खत्म किया। यदि प्लेट्स उठा कर जा ही रही थी कि अयंश ने ठंडी आवाज में कहा रहने दो मैं ले जाता हूं।

    तो यति ने कहा नहीं सर आप रहने दिजिए म..मै लूंगी। तो अयंश ने कहा घूरा और डांटते हुए कहा मैंने बोला ना मैं कर लूंगा जाकर तुम अपना चुपचाप पढ़ाई करो।

    इतना बोल कमरे से निकल गया। यति ने अपना छोटा सा मुंह बना लिया और बोली इनको तो बस जब देखो तब मुझ पर गुस्सा करना होता है आह।

    मैंने बोला ना मैं कर लूंगा जाकर तुम अपना चुपचाप पढ़ाई करो।  यति ने उसका डायलॉग कॉपी करते हुए मुंह बनाया।

    और फिर वह अपने कॉलेज की कुछ बुक्स और किताबें लेकर बेड पर बैठ गए पढ़ने के लिए उसने सारी बुक्स पूरे बेड पर फैला दी।
       

    To be continue..........

    क्या होगा आगे इस कहानी में बुआ दादी यति की इतनी प्यारी कोशिश से खुश होकर मान जाएगी या नहीं ? और क्या यति और अयंश का रिश्ता पनप पाएगा कैसा होगा दोनों का रिश्ता जानने के लिए पढ़ते रहें।

  • 15. The professor's little wife - Chapter 15

    Words: 1145

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक....

    तो यति ने कहा नहीं सर आप रहने दिजिए म..मै लूंगी। तो अयंश ने कहा घूरा और डांटते हुए कहा मैंने बोला ना मैं कर लूंगा जाकर तुम अपना चुपचाप पढ़ाई करो।

    इतना बोल कमरे से निकल गया। यति ने अपना छोटा सा मुंह बना लिया और बोली इनको तो बस जब देखो तब मुझ पर गुस्सा करना होता है आह।

    मैंने बोला ना मैं कर लूंगा जाकर तुम अपना चुपचाप पढ़ाई करो।  यति ने उसका डायलॉग कॉपी करते हुए मुंह बनाया।

    और फिर वह अपने कॉलेज की कुछ बुक्स और किताबें लेकर बेड पर बैठ गए पढ़ने के लिए उसने सारी बुक्स पूरे बेड पर फैला दी।

    अब आगे.....

    और बस किताबों को देखने लगी पढ़ाई तो वह कर नहीं रही थी वह बस पन्ने पलट रही थी और किताबों को देख रही थी उसने खुद से कहा आह यह मैथ्स कितना बेकार है।


    इधर अयंश प्लेट रखने किचन में आया ही था कि उसे राधिका जी किचन में दिख गई। अयंश ने प्लेट को चुपचाप सिक में रख दिया और फिर बोला मां आपने खाना खा लिया।

    राधिका जी ने हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा हां खा लिया। अयंश ने भी अपना सर हिला दिया वह वहां से जाने लगा पर वह फिर से पलटा और बोल मां वैसे आज का खाना किसने बनाया था।

    टेस्ट काफी अलग था मतलब की लग नहीं रहा था कि यहां पर किसी ने बनाया है आपने तो बनाया नहीं है और हमारे कुक के हाथों का तो बिल्कुल नहीं लगा।

    राधिका जी ने हल्का सा मुस्कुराते उसे देखा और कहां यति ने बनाया था तेरी बुआ दादी को मनाने के लिए फिर वह थोड़ा सा उदास मन से बोली पता नहीं वह मानेगी भी या नहीं ।

    फिर वह बोली अरे हां हमें याद आया आज यति ने पहली बार खाना बनाया है तू अपनी तरफ से कुछ दे देना उसे। अयंश ने इस पर कुछ नहीं कहा और फिर बोला मां मैं जाता हूं गुड नाइट।

    राधिका जी ने भी हल्का सा मुस्कुराते हुए उसे गुड नाईट कहा। अयंश अपने कमरे में आया और उसने दरवाजा लगाना उसने जैसे ही बैठ की तरफ देखा उसकी आंखें छोटी-छोटी हो गई।

    क्योंकि बेड पर पूरी तरीके से किताबें फैली हुई थी और यदि वहीं पर सो गई थी। जिसे देखकर अयंश ने गहरी सांस ली और फिर धीरे से उसके पास आया और बैठ के आसपास से किताबें उठाने लगा।

    तभी यति ने नींद में उसका हाथ पकड़ लिया। जैसे ही उसने उसका हाथ पकड़ अयंश की नजरे उसकी तरफ चली गई वह सोते हुए कितनी प्यारी लग रही थी किसी मासूम बच्चे की तरह।

    अयंश ने तुरंत अपनी नजर हटा ली और फिर धीरे से उसका हाथ अपने हाथ से हटाया और उसके हाथ के नीचे दबी हुई किताबों को आराम से निकाला।

    और फिर किताबों को अच्छे से टेबल पर रखती और कुछ किताबें जो कि यदि की कॉलेज की थी उसे उसके बैग में रख दिया और खुद से बुदबुदाते हुए कहा,सच में बच्ची है।

    फिर वह दोबारा बैठ के पास आया और उसने यति को सही किया क्योंकि वह अजीब तरीके से सोए थी उसने उसे ठीक से सुलाया।

    और फिर चादर को उसे ओढ़ दिया। वह वहां से जा ही रहा था कि दोबारा यति ने नींद में उसका हाथ पकड़ लिया। इस बार अयंश का दिल धक-धक करने लगा।

    उसने मुड़ कर देखा उसने चेन की सांस में और फिर धीरे से अपना हाथ यदि के हाथों से छुड़ाने लगा। तभी यति निंद में धीरे से सिसकते हुए बोली मम्मा please don't go।

    यह सुनते ही अयंश एक पल के लिए ठिठक गया। कुछ पल के लिए उसकी आंखें शांत हो गई उसने फिर बड़ी ही नरमी से अपना हाथ छुड़ाया और उसके सर पर हाथ फेरने लगा।

    और बेहद ही धीमी तरीके से बुदबुदाते हुए कहा समझ सकता हूं तुम्हें बहुत याद आती होगी अपने मम्मी पापा की। मेरे पास तो फिर भी मेरी मां है पापा नहीं है तो क्या हुआ।

    तुम्हारे पास तो दोनों ही नहीं है बहुत कमी खलती होगी तुम्हें उनकी , अयंश फिर धीरे से कहा बिन मां-बाप की बच्ची। फिर उसने आखिरी बार उसके सर पर हाथ फेरा।

    सोफे पर आकर लेट गया और कहां आई प्रॉमिस मैं तुम्हें हमेशा प्रोटेक्ट करूंगा और तुम्हें कभी महसूस ही नहीं होने दूंगा कि इस दुनिया में तुम्हारा कोई नहीं है।

    अयंश चाहिए सब क्यों कह रहा था उसे खुद को नहीं पता था शायद यति के मां-बाप नहीं है बिन मां बाप की बच्ची है बस इसीलिए उसके दिल में उसके लिए एक साफ्ट कॉर्नर था

    काफी देर बाद उसकी आंखें लग गई। अगली सुबह। अयंश रोज की तरह जिम चला गया। वही इधर यति की आंखें भी खुल गई। वह अंगड़ाई लेते हुए उठी।

    उसने अपने आसपास देखा उसे कोई नजर नहीं आया। वह तुरंत बेड से उठी उसने देखा बेड पर किताबें नहीं है वह बोली कल रात को तो मैं यहीं पर किताबें रखी थी कहां चली गई।

    फिर उसने इतना ध्यान नहीं दिया इस बात पर और फिर जल्दी से अपने कपड़े लेकर वॉशरूम में चली गई।  कुछ देर बाद वह तैयार होकर आई

                     


    वह आज जल्दी उठ गई थी। वही अयंश कमरे में आया उसने देखा यति उठ चुकी है वह तो हैरान था कि आज यति इतनी जल्दी उठ कैसे गई। पर उसने इन बातों पर ज्यादा ध्यान न देते हुए अपने कपड़े लिए और फिर वॉशरूम चला गया।

    वहीं यति अपने बैग में अपना समान देखने लगी। उसने अपना फोन दिखा वह थोड़ी उदास लग रहीथी वह खुद से बोली मैं रूडी को इतना कॉल किया वह कॉल ही नहीं उठा रही शायद हो कुछ ज्यादा ही गुस्सा है।

    फिर उसने गहरी सांस छोड़ी और फिर अपना सारा सामान अच्छे से रख दिया। अयंश भी तैयार होकर आ गया था। अयंश ने कहा चलो नीचे चलते हैं।

    यति ने एक अच्छे बच्चे की तरह सर हिलाया और फिर उसके पीछे-पीछे जाने लगी। वह दोनों डाइनिंग टेबल पर आए सारे लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे।

    वहां पर बुआ दादी भी बैठी हुई थी बिल्कुल शांत थी सभी लोग शांत थे यति ने उन्हें देखा तो वह कुछ नहीं बोली बेचारी सर झुका कर चुपचाप बैठ गई।

    वह डरते डरते नाश्ता खा रही थी, सारे के सारे लोग चुपचाप थे।

    वही इधर......

    एक लड़का एयरपोर्ट पर खड़ा था उसके चेहरे पर दिलकश मुस्कान थी। वह दिखने में भी काफी हैंडसम लग रहा था। उसनेअपनी हाथ में पहनी वॉच को देखा और कहां ।

    आज तो मैं जाकर सब कुछ सरप्राइस दे दूंगा सब शौक हो जाएंगे ना उसने चुलबुले पन से कहा।

    To be continue.....
    क्या यति मना पाएगी रूडी को ? क्या सच में बुआ दादी चली जाएगी आज ? कौन है वह लड़का ? क्या उसके आने से यदि और अयंश के रिश्ते पर कोई इफेक्ट पड़ेगा।


    प्लीज आप लोग लाइक कमेंट किया करो यार रोज बोलता हूं मैं और फॉलो करना बिल्कुल मत भूलना

  • 16. The professor's little wife - Chapter 16

    Words: 1236

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक.......

    वही इधर......

    एक लड़का एयरपोर्ट पर खड़ा था उसके चेहरे पर दिलकश मुस्कान थी। वह दिखने में भी काफी हैंडसम लग रहा था। उसनेअपनी हाथ में पहनी वॉच को देखा और कहां ।

    आज तो मैं जाकर सब कुछ सरप्राइस दे दूंगा सब शौक हो जाएंगे ना उसने चुलबुले पन से कहा।

    अब आगे.....

    वही इधर डाइनिंग टेबल पर चुपचाप से सब नाश्ता कर रहे थे। नाश्ता करने के बाद अयंश टेबल से उठ गया और यति भी वह लोग बाहर जा ही रहे थे कि तभी बुआ दादी ने सख्त आवाज में कहा रुको।

    यति ठिठक गई वो रूक गई अयंश भी रुक गया और सवालों से भरी नजरों से बुआ दादी की तरफ देखने लगा। यति भी थोड़ा घबराते हुए पलटी।

    बुआ दादी ने हमेशा की तरह कड़क आवाज में कहां अयंश की दुल्हन इधर आओ । यति ने घबराहट से अयंश को देखा और फिर धीरे कदमों से चलते हुए बुआ दादी के पास आई।

    अपना सर झुका कर चुपचाप से खड़ी हो गई। वही वहां पर मौजूद सभी लोग आपस में एक दूसरे को देख रहे थे। अयंश अब तक चुप था।

    बुआ दादी ने अपने गले का हर उतारा और यति का हाथ पकड़ कर उसके हाथों में रख दिया। वही यति उन्हें हैरत और सवाल यह तुम्हारी नजरों से अपना छोटा सा सर उठाकर उन्हें देखने लगी।

    मेरी बुआ दादी ने अपनी कड़क आवाज में कहा कल रात को पहली बार तुमने अपनी पहले रसोई बनाई थी यह उसी का तोहफा है।

    वही राधिका जी और अयंश उन्हें देखने लगें। बुआ दादी फिर से बोली, और एक बात हमें अच्छा लगा कि तुम हमें मनाने आई ।

    और हम अब नाराज भी नहीं है, उन्होंने हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा। जिसे देख सुचित्रा जी राधिका जी खुश हो गए। यति भी हैरान थीं।

    वही बुआ दादी अयंश के पास गई जो की दूरी पर खड़ा था। बुआ दादी अयांश के कंधे पर हाथ रख और थपथपाते हुए बहुत ही धीरे से बोला।

    बहुत किस्मत वाला है तू जो तुझे ऐसी बीवी मिली ,कल रात को ही मैं समझ गई थी कि यह कभी तुम्हारे परिवार को टूटने नहीं देगी। हमेशा परिवार को जोड़ कर रखेगी।

    अगर हम भी ऐसी लड़की ढूंढते तो हमें नहीं मिलती भगवान ने जोड़ी बनाई है तुम्हारी कभी दूर मत जाने देना इसे। वही बुआ दादी ने इतनी धीरे से बोली थी यह बात की किसी को सुनाई ही नहीं दी शिवाय अयंश के।

    बुआ दादी की बात सुन अयंश यदि की तरफ देखने लगा जो कि किसी प्यार से बच्चे की तरह अपना सर झुका कर चुपचाप खड़ी थी।

    बुआ दादी यति के पास वापस है और उसके सर पर हाथ रखकर बोले अब जाओ बेटा कॉलेज वक्त हो रहा है। बुआ दादी की यह बात सुन वहां पर खड़े लोगों को शौक सा लग गया।

    सुचित्रा की राधिका जी को देखने लगी और राधिका जी अपनी सासू मां सुचित्रा जी को। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था।

    फिर बुआ दादी अब हम भी निकालते हैं, हमें भी काम है गांव में इसीलिए हमें बनारस जाना होगा। वही राधिका जी ने उन्हें रोकते हुए कहा अरे बुआ दादी अभी 2 दिन भी तो नहीं हुए आप आई हो तो और आप जा रही हो।

    तो बुआ दादी जी हल्का सा मुस्कुराते हुए दिन जरूरी काम है इसलिए हम जा रहे हैं, और हम नाराज बिल्कुल भी नहीं है किसी से भी अब हम चलते हैं हमें दे रही हो रही है।

    उनकी बात सुन राधिका जी ने उनका आशीर्वाद दिया अयंश ने भी उनका आशीर्वाद लिया, और यति ने भी। सभी से विदा लेते हुए बुआ दादी जी वहां से चली गई।

    बुआ दादी के जाते ही आर्यंस ने ठंडी आवाज में कहा यति जाओ जल्दी से उसे नेकलेस को अपने कमरे में रख कर आओ बहुत वक्त हो रहा है मैं बाहर इंतजार कर रहा हूं।

    इतना बोल वहां से चला गया, वहीं यति भी जल्दी से भागते हुए अपने कमरे की ओर चली गई। वही सुचित्रा की बोली देखा राधिका बहू हमारी नई बहू ने आते ही कमाल कर दिया।

    क्या हम सब जानते हैं बुआ दादी जी अगर एक बार नाराज हो जाए तूने मान पाना कितना मुश्किल होता है पर पता नहीं क्या जादू कर दिया हमारी प्यारी सी छोटी सी यति ने।

    राधिका जी के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गई और बोली हां मां सही बोला आपने पर हमारी यदि इतनी प्यारी है कि वह किसी का भी दिल जीत ले।

    सुचित्रा जी बोली हम्म सही कहा, शायद भगवान कहीं फैसला था कि यह शादी हो जाए सब भगवान की मर्जी थी वरना उनकी मर्जी के बिना तो एक पत्ता भी नहीं हिलता।

    यति भी जल्दी से नीचे आ गई थी, वह जा ही रही थी कि वह पलटी और बोली, बाय दादी बाय मां। सुचित्रा जी और राधिका जी ने मुस्कुरा दिया और उसे बाय कहां।

    यति जल्दी से दौड़कर कार के पास आए और कार में बैठ गई, पर अब उसके चेहरे पर टेंशन आ गई थी वह अपने मन में बोली बुआ दादी को तो मैंने मना लिया भगवान जी अब कैसे भी करके मुझे हिम्मत दो कि मैं रूडी को फेस कर सकूं।

    वही अयंश जो की कर चला रहा था वह यति के फेस के हर एक्सप्रेशंस देख रहा था। वह कुछ नहीं बोला। दोनों की कर फिर से कॉलेज की थोड़ी दूरी पर रुकी और कल की तरह ही यति कार से निकाल कर जल्दी से कॉलेज के अंदर चली गई ताकि किसी को शक ना हो।

    वह कॉलेज के अंदर आई और अपनी क्लास की और बढ़ गई उसने देखा क्लास में कहीं भी रूडी नहीं है। वह उदास होकर अपनी जगह बैठ गए और अपने मन में बोली,

    क्या रूडी आज आएगी नहीं, तभी उसके बगल में एक लड़की आकर बैठ गई यकीन ने अपना छोटा सा सर उठा कर देखा तो उसके चेहरे पर मुस्कान आगे क्योंकि उसके बगल में रूडी बैठी हुई थी।

    रूडी बिल्कुल चुपचाप थी उसने अपना सामान बैक से निकलना शुरू किया, यति ने उससे बात करने की कोशिश की पर उसने कुछ बोला ही नहीं वह बिल्कुल चुपचाप सी अपनी जगह पर थी।

    वह कुछ बोलने वाली थी तभी अयंश क्लास में आ गया। जैसे ही वह क्लास में आया पूरी क्लास में अजीब सा सन्नाटा छा गया। सारे स्टूडेंट एक साथ खड़े हो गए और उन्होंने कहा गुड आफ्टरनून सर ।

    यति अपनी जगह पर बैठ गई पर वह बार-बार होने की तरफ ही देख रही थी वही रूडी उसकी तरफ अच्छी नहीं रही थी, यति थोड़ा उदास हो गई।

    वही अयंश ने अपनी बुक्स टेबल पर रखते हुए अपनी कड़क आवाज में कहां। गुड आफ्टरनून बैठ जाएये। उसने अपना चश्मा ठीक किया और ब्लैकबोर्ड पर लिखा

    "Quadratic equations"

    वो समझाने लगा। यति सुन तो रही थी पर उसका ध्यान कहीं और हि था। वो अपने में हि गुम थी। अयंश का ध्यान अचानक से ही उस पर गया, पर उसने फिर भी कुछ नहीं कहा, शायद वो समझ रहा था कि उसका ध्यान क्यों नहीं लग रहा।

    ऐसे ही उसकी क्लास खत्म हो गई। और फिर दुसरी मैम आ गई। दो घंटे बाद लंच टाइम हो गया था। रूडी बिना कुछ बोले बाहर निकल गई। यति भी तुरंत उसके पीछे पीछे जाने लगी।

    To be continue.....

    क्या होगा आगे? क्या रूडी मान जाएगी? और है कौन वो लड़का? क्या अयंश यति को देगा बीवी होने का दर्जा।

    आप लोग कमेंट किया करो यार प्लीज़ लाइक कमेंट शेयर करना ना भूलें।

  • 17. The professor's little wife - Chapter 17

    Words: 1135

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक.....

    "Quadratic equations"

    वो समझाने लगा। यति सुन तो रही थी पर उसका ध्यान कहीं और हि था। वो अपने में हि गुम थी। अयंश का ध्यान अचानक से ही उस पर गया, पर उसने फिर भी कुछ नहीं कहा, शायद वो समझ रहा था कि उसका ध्यान क्यों नहीं लग रहा।

    ऐसे ही उसकी क्लास खत्म हो गई। और फिर दुसरी मैम आ गई। दो घंटे बाद लंच टाइम हो गया था। रूडी बिना कुछ बोले बाहर निकल गई। यति भी तुरंत उसके पीछे पीछे जाने लगी।

    अब आगे....

    यति उसके पीछे-पीछे आते हुए बोली रूडी यार प्लीज बात तो सुनने मेरी एक बार ऐसे गुस्सा मत हो ना।

    वही रूडी गार्डन में आ गई और टेबल पर बैठते हुए बोली देख यति मुझे तुझसे कोई बात नहीं करनी जा यहां से। यति ने कहा प्लीज़ एक बार बात सुन ना।

    वही रूडी गुस्से में उसकी तरफ देखते हुए बोली क्या सुनू तूने मुझे बताना तक जरूरी नहीं समझा यार चल ठीक है माना मैंने होगी तेरी कोई मजबूरी।

    पर जब तू आई तो बाद में मुझे बता सकती थी ना । होता यति बहुत बुरा लगा मुझे जब मुझे यह बात तुझे नहीं बल्कि अयंश से पता चली‌।

    उसने धीरे से कहा वह थोड़ी इमोशनल हो गई वह बोली तू मेरी स्कूल फ्रेंड है , वहीं यदि उसके पास में आकर बैठ गई उसने तुरंत उसे गले लगा लिया और अपनी नम आवास में कहां माफ कर दे मुझे,

    मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं कैसे बताऊं तुझे। उसकी आवाज रोने जैसी हो गई जिसे सुन रूडी ने तुरंत उसे गले लगा लिया और रो क्यों रही है।

    उसने उसे शांत किया और खुद भी शांत हूं और बोलो अच्छा चल बता मुझे क्या हुआ कैसे हुआ यह सब। सर कि शादी तो तेरी कजन से होने वाली थी ना।

    तो फिर तुझसे कैसे ? यति ने उसे शुरू से लेकर सब कुछ बताना शुरू किया। सारी बात सुनने के बाद रूडी गुस्से में बोली अबे यार तेरी चाची की प्रॉब्लम क्या है ।

    मतलब गलती उनकी बेटी करें और सजा तू भूखते। और क्या बोला तूने क्या बोल रही थी वह कि उन्होंने तुझे पाला है प्यार दिया है कौन सा प्यार दिया भाई उसने तुझे हां।

    यति तुझे भी अच्छे से पता है कि तेरी चाची को कोई फर्क नहीं पड़ता समझी और नहीं तेरे चाचा को सब नाटक करते हैं दोनों‌।

    यति ने धीरे से कहा रूडी ऐसा नहीं है। तो रूडी गुस्से में बोली हां पता है मुझे कैसा है सब जानती हूं मैं। मुझे तो तेरी बहन पहले से ही पसंद थी अब तो मुझे उसका सर फोड़ देंने का मन कर रहा है।

    अगर शादी ही नहीं करनी थी उसे तो पहले बोलते ना यू टाइम पर भाग क्यों गई हो और फस गई तू। फिर उसने खुद को शांत किया और फिर उसके कंधे पर हाथ रखकर बोली।

    अच्छा यह सब छोड़ तू यह बात कर की फैमिली वाले कैसे मतलब उन्होंने तुझे एक्सेप्ट किया कि नहीं क्योंकि शादी दिन भी हालातो में हुई है वह बहुत ही अजीब है।

    एक तो सर तेरे प्रोफेसर हैं और हस्बैंड भी कितना अजीब है। यति ने बस हम्म कहा। यति ये बता सर ने तुझे अपनी वाइफ एक्सेप्ट किया है कि नहीं मतलब कि वह तुझे वाइफ मानते हैं कि नहीं।

    क्योंकि तूने जो भी बताया उसे हिसाब से तो सर यह शादी करना नहीं चाहते थे क्योंकि वह तुझे बच्ची समझते हैं। यति ने कहा नहीं पता मुंह कड़वे करेले तो बस मुझे डांटे रहते हैं हर बात पर।

    रूडी ने हंसते हुए बोली,तो कौन सी नई बात है उन्हें तो आदत है तुझ पर गुस्सा करने की जिस दिन से वह आए हैं इस कॉलेज में उसे दिन से उन्होंने तुझे हमेशा डाटा ही है।

    यति ने उसे देखा और बोली तुझे हंसी आ रही है । कहां मैंने सोचा था मुझे रोमांटिक सा प्रिंस चार्मिंग मिलेगा और कहां मुझे यह कड़वे करेले मिल गए एक तो मुझे उम्र में भी बड़े हैं।

    तो रूडी ने कहा अरे सर कितने हैंडसम है जानती नहीं है क्या कॉलेज की पूरी लड़कियां उनके पीछे पागल है यहां तक क्लास की टीचर्स भी।

    कितने हैंडसम दिखते है हाय उनकी आंखें। यति उसे घूरने लगी। रूडी हंसते हुए बोली अरे मेरी मां घूर मत मजाक कर रही हूं तू जेल्स मत हो।

    तो यति ने मुंह बना कर कहा कुछ भी मैं क्यों जेल्स होने लगी। रूडी ने कहा हम्म अच्छा एक बात पूछूं। यति ने कहा हां पूछ। रूडी शरारत से से बोली ये बता फर्स्ट नाईट में कुछ किया की नहीं।

    यति उसे देखने लगी उसे पहले तो कुछ भी समझ नहीं आया पर जैसे ही समझ आया वो इधर उधर देखते हुए बोली, बहुत बेकार है तू‌। ऐसे कौन बोलता है,कोई सुन लेता तो ,उसने उसे मारते हुए कहा।

    रूडी बोली अच्छा अच्छा ठीक है पर किस भी नहीं की । यति उसे मारने के लिए उठी। रूडी भागते हुए हसते हुए बोली मजाक कर रही थी।

    यति उसके पीछे-पीछे भागते हुए बोली हां बताती हूं तुझे मजाक । रूडी रूक गई और बोली हो गया। यति ने भी कहा हां हो गया।

    अरे लंच टाइम खत्म हो जाएगा हमने तो लंच भी नहीं किया चल जल्दी। यति ने भी हां में सर हिलाया।

    शाम को.....

    यति ने रूडी को बाय बोला और फिर कॉलेज से बाहर निकाल कर थोड़ी दूरी पर जहां अयंश की कार खड़ी थी वह जाकर वहां बैठ गई।

    अयंश ने बीना कुछ बोले कार शुरू कि। वही यति कार में बैठी खिड़की के बाहर देख रही थी। उसके दिमाग में रूडी की बातें चल रही थी।

    जानती हूं तेरे चाचा चाचा को कितने अच्छे हैं वह लोग। वही यति खिड़की के बाहर देखते हुए मन में बोली वह जैसे भी हो उन्होंने मुझे बचपन से संभाला है मम्मी पापा के जाने के बाद।

    उसने खुद का मन शांत किया तभी उसके दिमाग में रूडी की एक और बात गुंजी किस भी नहीं की। यति ने मन में खुद को डांटते हुए कहा, क्या सोच रही है यति कुछ भी मत सोच।

    वही अयंश शांति से कार चला रहा था। फिर बाद मेंशन के बाहर रूकी यदि तुरंत फटाफट कर से उतरकर अंदर भाग गई अयंश को थोड़ा अजीब लगा पर उसने फिर भी कुछ नहीं कहा।

    To be continue........

    यति को फर्क पड़ता है अयांश को अगर कोई देखें या उसके बारे में बात करें तो क्या उसे जलन महसूस होती है ?

    और क्या ने इस रिश्ते को एक्सेप्ट किया है कि नहीं क्या उसने उसे अपनी वाइफ के रूप में एक्सेप्ट किया है ?

    क्या यति के दिल में खिलाने लगा है प्यार का गुलाब वह भी उसकी कड़वे करेले के लिए कमेंट में जरूर बताना।

    और प्लीज अगर आप लोग रोज के पास या अच्छे कमेंट करेंगे लाइक करेंगे तो मैं रोज चैप्टर दूंगी।

  • 18. The professor's little wife - Chapter 18

    Words: 1378

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब तक......

    जानती हूं तेरे चाचा चाचा को कितने अच्छे हैं वह लोग। वही यति खिड़की के बाहर देखते हुए मन में बोली वह जैसे भी हो उन्होंने मुझे बचपन से संभाला है मम्मी पापा के जाने के बाद।

    उसने खुद का मन शांत किया तभी उसके दिमाग में रूडी की एक और बात गुंजी किस भी नहीं की। यति ने मन में खुद को डांटते हुए कहा, क्या सोच रही है यति कुछ भी मत सोच।

    वही अयंश शांति से कार चला रहा था। फिर कुछ देर बाद कार मेंशन के बाहर रूकी यति तुरंत फटाफट कर से उतरकर अंदर भाग गई अयंश को थोड़ा अजीब लगा पर उसने फिर भी कुछ नहीं कहा।

    अब आगे......

    यति अपने कमरे में आई  उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था। "रूडी भी ना, कैसी बातें करती है... और मैं भी पागल हूँ, सोच क्यों रही हूँ इन सब के बारे में?"

    वो अपने कमरे में गई और बैग रखकर वॉशरूम में चली गई। ठंडे पानी से चेहरा धोते हुए उसने खुद को आईने में देखा। उसकी आँखों में उलझन साफ झलक रही थी।

    "सर ने मुझे अपनी वाइफ एक्सेप्ट किया भी है या नहीं?" किस भी नहीं किया अभी तक रूडी के सवाल फिर से दिमाग में गूंजने लगे। उसने खुद को झटका और बड़बड़ाई, "यति, तू बस ओवरथिंक कर रही है।"

    तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई।

    "यति, बाहर आओ।" अयंश की आवाज़ हमेशा की तरह भारी थी। यति जल्दी से अपना चेहरा साफ करते हुए बोली जी सर ।

    उसने जल्दी से अपना चेहरा पूछा और बाहर आई। अयंश ने कहा,कुछ हुआ है क्या। यति ने मासूमियत से कहा क्या हुआ। अयंश ने एक गहरी सांस छोड़ी और कहा मैं तुमसे पूछ रहा हूं यति।

    तो यति ने मासूम बच्चे की तरह ना में सर हिलाया। अयंश ने कुछ नहीं कहा और वाशरूम में चला गया। यति ने खुद से बुदबुदाते हुए कहा ये ऐसे क्यों पुंछ रहें थे।

    फिर उसने अपने सर पर चपत लगाई और कहां पागल लड़की तूने ऐसा बिहेव किया कर से से भाग कर आ गई तूने तो यही लगेगा ना।

    यह रूडी भी ना मेरा दिमाग खराब कर देती है कुछ भी भर देती है यह मेरे दिमाग में मैं तो मासूम हूं। उसने मुंह बनाते हुए कहां।

    इतना बोल वो अपने कॉलेज की बुक्स निकलती है और चुप चाप टेबल पर बैठ जाती हैं और नोट्स कंप्लीट करने के लिए वह पेन उठाती और लिखने लगते हैं।

    पर उसके दिमाग में अब भी वह सब घूम रहा था यह तीनों अपने निचले होठों को काटा और कहां यति मत सोच क्या सोच रही है तू चीईई।

    तू और सर हम दोनों किस आहहह उसने अपने हाथों में अपना चेहरा छुपा लिया।  नहीं नहीं तू सच में पागल हो गई है। वो बुदबुदाते हुए बोली।

    उसने अपनी बुक्स को बंद कर दिया और टेबल पर पटक दिया और बोल मुझे नहीं पढ़ना ।

    अयंश वॉशरूम से बाहर आ गया था उसने देख लिया था की कैसे यदि अपनी बुक्स टेबल पर पटक रही है और बोल रही है कि मुझे नहीं पढ़ना।


    अयंश ने सख्त आवाज कहा यति किताबें की इज्जत करना सीखो इस तरफ नहीं पटकते । वहीं यति मासूम बच्चे की तरह इधर-उधर देखने लगी की आवाज आई किधर से।

    उसने अगल-बगल देखा उसे कोई नजर नहीं आया। फिर उसने अपना सर कुर्सी के ऊपर झुकते हुए पीछे की ओर देखा।

    उसने अपना कर घुमाया नहीं था बल्कि कुर्सी के पीछे झुकते हुए देखा था। जिस वजह से उसका बैलेंस बिगड़ गया और वो कुर्सी पलट ही गई थी।

    यति जोर से बोली मम्मी.... उसने डर कर अपनी आंखें बंद कर ली। वही अयंश ने देखा तो वह जल्दी से भाग कर आया और उसने कुर्सी को पकड़ लिया।

    यति को जब एहसास हुआ क्यों गिरी नहीं तो उसने धीरे से अपनी एक आंख हलकी सी खोली। और सामने देखा तो अयंश ने कुर्सी को पकड़ के रखा था।

    यति ने तुरंत अपनी दोनों आंखें खोली और अयांश ने उसकी कुर्सी को सही किया और डांटे हुए बोला यति क्या बचपना है गिर जाती ना अभी ।।

    ऐसी कौन करता है गिर जाती और लग जाती तो। यति का मुंह बन गया उसने कहा आप तो ऐसे डांट रहे जैसे कि मैं जानबूझकर गिरना चाहती थी इतना बोल कुर्सी से उठकर खड़ी हो गई।

    और अपनी बात पूरी करते हुए बोली आपको नहीं चाहेगा खुद को चोट लगना आप ही बताइए ना जानबूझकर थोड़ी ना किया मैंने वह तो मैं आपकी आवाज सुनी तो मैं बस देख रही थी आवाज किधर से आई उसने अपना सर झुका कर कहा।

    अयंश ने नाम है सर हिला दिया और कहां सच में बच्ची हो तुम।

    यति ने जब यह सुना तो तो उसने अपना छोटा सा सर उठा कर अयांश की तरफ देखा और अपने दोनों हाथ अपनी छोटी सी कमर पर रख कर बोली कहां क्या बोला आपने मैं आपको छोटी दिखती हू मैं।

    पूरे 18 साल की हूं मैं अभी 3 महीने बाद में पूरे 19 साल की हो जाऊंगी मैं कोई छोटा नहीं हूं उसने मुंह बना कर कहा।

    वही अयंश ने भौवो चढ़कर कहा अच्छा नाबालिग लड़की हो।  यति अपना छोटा सा मुंह खोल उसे देखने लगी और बोली क्या कहा आपने।

    नाबालिक हेलो मैं नाबालिक नहीं हूं मैं पूरे 18 साल की हूं कितने बार बताऊं मैं आपको मुझे सरकार की तरफ से बालिक होने का प्रूफ मिला है।

    उसने बड़े ही एटीट्यूड के साथ कहा। अयंश ने कहा ओ कौन सा प्रूफ है बताओ तो जरा। तो यति बोली यही कि मैं सरकार को वोट दे सकती हूं क्योंकि मैं बालिक हूं आपको इतना भी नहीं पता क्या।

    पता नहीं प्रोफेसर कैसे बन गये , खुद को ही नहीं पता कुछ तभी मैं सोचूं कि आप जब मुझे पढ़ते हो तो मेरे दिमाग में क्यों नहीं घुसता ।

    क्योंकि आपको तो खुद ही अच्छे से पढ़ना नहीं आता आप मुझे क्या पढ़ाएंगे वरना मैं तो बहुत टैलेंटेड हूं

    उसने अपने बालों को हवा में लहराते हुए कहा। वही अयंश उसके थोड़ा पास आया और अपने उसके माथे पर अपने हाथों से हल्का सा मारते हुए मजाक उड़ाते हुए कहां ,

    हां हां छोटी बच्ची पता है बहुत टैलेंटेड हो तुम अगर अभी मैथ का कोई फार्मूला पूछ लिया ना तो सारी हेकड़ी निकल जाएगी।


    यति ने अपनी आँखें बड़ी-बड़ी कर लीं और होंठों को गोल करते हुए बोली,
    "ओ हेलो! मैं मैथ्स में भी बहुत तेज़ हूं… आप पूछ के देखो तो सही!"

    अयंश ने भौंहें उठाकर उसके मजे लेते हुए कहा,
    "अच्छा? तो बताओ, अगर किसी ट्रेन की स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटा है और वो 2 घंटे में कितना डिस्टेंस कवर करेगी?"

    यति ने तुरंत जवाब दिया,
    "अरे वाह! इतना आसान सवाल? 120 किलोमीटर!"

    अयंश ने ताली बजाई,
    "वाह! वाह! आइंस्टीन की बहन! अब ज़रा बताओ... ट्रेन A और ट्रेन B एक ही टाइम पर दो अलग-अलग स्टेशनों से चलती हैं जो 300 किलोमीटर दूर हैं। ट्रेन A की स्पीड 50 km/h और ट्रेन B की स्पीड 70 km/h है। दोनों कब और कहां मिलेंगी?"

    यति कुछ देर तक आँखें झपकती रही... फिर बोली,
    "अ... वो... ट्रेन A और B क्यों मिल रही हैं पहले ये बताओ, उनके अपने रास्ते हैं, अपनी ज़िंदगियां हैं... उन्हें अपना-अपना सफर तय करने दो…!"

    अयंश ने जोर से ठहाका लगाया,
    "क्या लॉजिक है यति! वाह! ट्रेनों की इमोशनल लाइफ भी अब तुम समझाओगी?"

    यति ने मुंह फुलाते हुए कहा,
    "मैं सीरियस हूं! हर चीज़ में मैथ्स ठूंसे जा रहे हैं आप… वैसे भी मुझे मैथ्स से एलर्जी है!"

    अयंश हंसने लगा। वही यति उसकी हंसी देख उसके सुंदर से चेहरे पर मोहित हो गई ,

    और उसे देखने लगी एक टक देखने लगी और वह धीरे से हैरत से बोली सर आप हंसते भी हैं।

    वही अयंश उसकी बात सुन बिल्कुल सीरियस हो गया एक्सप्रेशन लेस सख्त प्रोफेसर बन गया और बात बदलते हुए कहां।

    अ.. वो.. कभी टाइम हो गया नीचे आओ खाना खाने उसने सख्त लहजे में कहा और नीचे चला गया।

    To be continue.......

    क्या यति को अट्रैक्शन हो रहा है अयंश से ? या फिर उसके अंदर फीलिंग से जाग रही है ?

    वैसे मैं चैप्टर को फनी बनाने के लिए मेहनत करी थी काफी अब मुझे नहीं पता कैसा लिखा है मैंने आप कमेंट में जरूर बताना और वैसे मुझे तो यति की बात सही लगी 😂


    प्लीज कमेंट कर देना आप लोग।

  • 19. The professor's little wife - Chapter 19

    Words: 790

    Estimated Reading Time: 5 min

    अब तक......

    अयंश हंसने लगा। वही यति उसकी हंसी देख उसके सुंदर से चेहरे पर मोहित हो गई ,

    और उसे देखने लगी एक टक देखने लगी और वह धीरे से हैरत से बोली सर आप हंसते भी हैं।

    वही अयंश उसकी बात सुन बिल्कुल सीरियस हो गया एक्सप्रेशन लेस सख्त प्रोफेसर बन गया और बात बदलते हुए कहां।

    अ.. वो.. कभी टाइम हो गया नीचे आओ खाना खाने उसने सख्त लहजे में कहा और नीचे चला गया।

    अब आगे....

    वही यति ने मुंह बनाते हुए कहां अभी तो इतना हंस रहे थे और अभी अचानक से वही सीरियस सख्त प्रोफेसर बन गए यह तो मेरे बिल्कुल समझ ही नहीं आते।

    इतना बोलिए टीवी नीचे की तरफ चली गई। सब लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे। सुचित्रा जी राधिका जी और अयंश और यति भी‌।

    सब लोग चुपचाप से अपना खाना खा रहे थे यति भी अपना सर झुका कर खाना खा रही थी और हमेशा की तरह टमाटर हरी मिर्च धनिया सब अलग-अलग कर रही थी।

    जिसे देखकर सुचित्रा जीने कहा बेटा यह क्या कर रही हो। यति ने अपना छोटा सा सर उठा कर उनकी तरफ देखा अभी चम्मच उसके मुंह में ही था।

    उसने अपनी पलके जब खाते हुए पूछने की कोशिश की की क्या हुआ। सुचित्रा जी ने कहा अरे यह जो तुम सब्जियों से टमाटर मिर्च लग कर रही हो यह क्या है।

    तो यति ने कहा, मुझे यह पसंद नहीं है। तो सुचित्रा जी बोली, पर बेटा सारा प्रोटीन तो इन्हीं सब्जियों में होता है तुम तो सब अलग-अलग करके खा रही हो।

    ऐसे ही खाओगी तो फिर प्रोटीन कैसे मिलेगा हम्म। वही अयंश ने बीच में ताने देते हुए कहा दादी आप फिक्र मत कीजिए सब्जियों के टमाटर मिर्च और धनिया नहीं खाती तो क्या हुआ,

    यह बर्गर पिज़्ज़ा के कच्चे टमाटर खातीं है ना इसे वहीं से प्रोटीन मिल जाएगा। अयंश की बात सुन यति का मुंह बन गया। राधिका जी ने हंसते हुए कहा सही हैं यही उम्र है खाली पीने की खाओ बेटा।


    वही यति ने राधिका जी की तरफ देखा और सोचते हुए कहां क्यों पिज़्ज़ा बर्गर खाने की भी कोई उम्र होती है क्या मां। वही राधिका जी बोली, अरे पागल लड़की तुम बिन छोटी सी बात को पकड़ लेतीहो।

    हमारा मतलब ये नहीं था हम तो बस ऐसे ही बोल रहे थे कि खाओ बेटा। यति ने कहा ओ ओ। फिर सब ने खाना खाया । और अपने - अपने कमरे में आ गये।

    यति भी कमरे में आई और बेड पर लेट कर फोन में इंस्टा चलने लगी। वही अयांश कमरे में आया और उसने जब देखा यति फोन चला रही है ।

    तो उसने कहा यति फोन रखो अपना और चुपचाप से पढ़ाई करो कुछ भी नहीं आ रहा तुम्हें तुम बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही हो पढ़ाई पर।

    तुम जानती हो ना कोई भी प्रोफेसर कभी भी किसी भी दिन सरप्राइज टेस्ट ले सकते हैं फिर तुम क्या करोगी। ऐसे भी एक हफ्ते तक तुम कॉलेज नहीं गई तो तुम्हारी पढ़ाई ऐसे ही वेस्ट गई है,

    तो यति ने कहा और आप भी तो नहीं गए थे कॉलेज मेरे साथ-साथ बाकी स्टूडेंट की पढ़ाई भी तो वेस्ट गई होगी। अयंश ने कहा यति मैं कॉलेज नहीं गया था पर मेरी क्लास कोई और प्रोफेसर ले रहा था तो उन बच्चों की पढ़ाई वेस्ट नहीं गई है।

    वही यति ने कहां आपका अच्छा है सर आप नहीं गए तो आपकी जगह किसी और ने पढ़ लिया, काश मेरे साथ भी ऐसा होता कि मैं नहीं जाती फिर भी मेरी बजाये कोई और पढ़ लेता और मैं पास हो जाती हाय मेरे बड़े-बड़े सपने उसने अपने गालों पर दोनों हाथ रखकर कहा।

    अयंश ने एक गहरी सांस छोड़ी और कहां ड्रामेबाज लड़की तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता  तुम ना सो जाओ ।

    यति का मुंह बन गया, वह अयंश इतना बोल वो सोफे पर लेट गया उसे परेशान हो रही थी। यति ने भी ये देख लिया पर पर वो कुछ नहीं बोली उसने लाइट बंद कि और लेट गई और मन में बोली, सर को कितनी दिक्कत हो रही है।

    उन्हें बोलू क्या बेड पर सोने, नहीं मैं नहीं बोलूंगी कितना अजीब है सर और मैं साथ में एक बेंड पर आह नहीं नहीं मत सोच यति।

    उसने अपनी आंखें बंद कर ली।  कुछ देर बाद उसने अपने सर से हल्का सा कंबल हटाया और सोफे की तरफ देखा। तो अयंश सोफे पर सुकुड़ कर सोया हुआ था। एक तो वो 6 फुट 2 इंच लम्बा। और सोफा छोटा सा।

    यति ने अपने मन में कहा वो कैसे हो रहें हैं वहां पर मेरा ध्यान कैसे नहीं गया इतने दिन सें। यति को थोड़ा बुरा लगा वहीं सोचते सोचते उसकी आंख लग गई।

    To be continue.......

    comment karo yaar 🙂 ab daily chapter aayega

  • 20. The professor's little wife - Chapter 20

    Words: 1134

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब तक.....

    उन्हें बोलू क्या बेड पर सोने, नहीं मैं नहीं बोलूंगी कितना अजीब है सर और मैं साथ में एक बेंड पर आह नहीं नहीं मत सोच यति।

    उसने अपनी आंखें बंद कर ली।  कुछ देर बाद उसने अपने सर से हल्का सा कंबल हटाया और सोफे की तरफ देखा। तो अयंश सोफे पर सुकुड़ कर सोया हुआ था। एक तो वो 6 फुट 2 इंच लम्बा। और सोफा छोटा सा।

    यति ने अपने मन में कहा वो कैसे हो रहें हैं वहां पर मेरा ध्यान कैसे नहीं गया इतने दिन सें। यति को थोड़ा बुरा लगा वहीं सोचते सोचते उसकी आंख लग गई।

    अब आगे....

    अगली सुबह...

    यति सो कर उठी उसे कमरे में कोई नजर नहीं आया यति अपने कपड़े लेकर वॉशरूम में चली गई और फिर कमरे से बाहर जाकर रेडी होने लगी और बोली आज तो मैं जल्दी उठ गई।

    अब मुझे कड़वे करेले से ताने नहीं सुनते होंगे कि मैं जल्दी उठती नहीं अब तो मैं रेडी भी हो गई हूं , यति नीचे आई राधिका जी सुचित्रा जी पहले ही नश्ता करने बैठ गए थे।

    यति उनके पास आई और मुस्कुराते हुए बोले गुड मॉर्निंग मां दादी। दोनों ने भी मुस्कुरा कर उसे गुड मॉर्निंग विश किया। यदि नाश्ता करने बैठ गए उसने इधर-उधर देखा और फिर धीरे से बोली मां सर कहा है वो नाश्ता नहीं करेंगे क्या।

    सुचित्रा जी बोली आएगा थोड़ी देर में तुम कैसे जल्दी उठ गई आज और तैयार भी हो गई कहीं जा रही हो क्या।

    तो यति उनकी तरफ देखते हुए बोले दादी आप भूल गई क्या मुझे कॉलेज जाना होता है तो बस इसीलिए जल्दी उठ गई और तैयार हो गई।

    तो सुचित्रा की बोली हां बेटा पर संडे को कौन कॉलेज जाता है।  यति उनकी तरफ देखने लगी और हैरत से बोली आज संडे है।

    उसकी बात सुन राधिका जो सुचित्रा ही दोनों एक साथ बोले हां बेटा आज संडे है। तभी अयंश वहां आया यति उसे देखने लगी और बोली सर आपने झूठ क्यों बोला।

    अयंश तो अभी-अभी आया था उसे कुछ पता नहीं था उसने  ठंडी आवाज में कहा,क्या झूठ बोला मैंने क्या बोल रही हो तुम।

    वही यकीन है बच्चे जैसा मुंह बना लिया और मासूमियत से बोल आपने रात को क्या कहा था कि मैं जल्दी सो जाऊं कल कॉलेज जाना है,

    यही सब सो कर मैं जल्दी उठ गए रेडी होकर यहां पर आ गई की कॉलेज जाना है मेरा तो मोये मोये हो गया। यति का प्यारा सा चेहरा देख उसकी आवाज सुन और उसकी बातें राधिका जी हंसने लगी।

    वही सुन सुचित्रा जी बोले अरे यह क्या बात हुई अयंश तुमने ऐसा क्यों कहा। वही अयंश अपना शांति से नाश्ता करते हुए बिल्कुल शांत आवाज में बोला, मुझे लगा इसे पता होगा मैंने तो ऐसे ही बोल दिया था।

    वहीं यति का मुंह बन गया। सुचित्रा की बोली ,अच्छा यह सब छोड़ो वैसे आज संडे है और यति की पग फेरे की रस्में भी नहीं हुई तो, क्यों ना अयंश तुम उसे पग फेरे के लिए लेकर जाओ और शाम तक आ जाना।

    अयंश कुछ बोल नहीं वाला था कि सुचित्रा की बोली, हमें पता है तुम मना ही करोगे पर हमारी बात सुन लो अगर तुम यति को नहीं लेकर गए तो हम अपनी दवाइयां नहीं खाएंगे।

    अयंश ने कहा दादी अब बात-बात पर यू धमकी देना क्यों शुरू कर देती है। सुचित्रा जी ने बोला हमें नहीं पता हमने जो बोला है वह करो।

    वही यति चुपचाप से कभी अयंश को तो कभी दादी जी को देख रही थी। सुचित्रा जी आगे बोली उसे बच्ची को भी तो अपने परिवार वालों की याद आ रही होगी ना तू लेकर जय तो जाएगा बस हमें आगे कुछ नहीं सुनना।

    अयंश ने कुछ नहीं कहा वो बस चुपचाप अपना नाश्ता करने लगा। और बाकी सब भी। यति का नाश्ता करके हो गया वह उठ गई।

    सुचित्रा जी ने कहा यति जाओ बेटा तुम रेडी हो जाओ फिर तुम्हें लेकर पग फेरे के लिए लेकर जाएगा। यति ने हा में सर हिला दिया और वो अपने कमरे में चली गई।

    कुछ देर बाद यति ने चेंज कर लिया। अयंश भी शांति से कमरे में आया और फिर रेडी होने लगा। इतनी देर बाद वह दोनों अग्रवाल विला की तरफ जाने लगें।

    यति जो कर में बैठी हुई थी उसने अयंश की तरफ देखा और  हिचकीचाते हुए बोली स..सर। अयंश जो कार चला रहा था वह उसे बिना देखे बोला हम्म ।

    यति ने अपने हाथों को आपस में उलझा लिया और पप्पी फेस बनाते हुए मासूमियत से कहां क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है ?

    अयंश जो की कर चलाने में मग्न था उसने घूर कर उसे देखा और सख्ती से बोला फालतू के सवाल जवाब मत करो। यति ने छोटा सा मुंह बना लिया और बोली बाताओ ना।

    क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है अगर नहीं है तो क्या आप किसी को पसंद करते हो । वैसे आपकी शक्ल देख कर तो नहीं लगता कि आपकी कोई गर्लफ्रेंड होगी बट फिर भी है क्या कोई।

    उसकी बात सुन अयंश उसे तीखी नजरों से देखने लगा और बोला ,तुम्हारे छोटे से दिमाग में इतनी बकवास बातें आती कहां से है।

    तो यति ने कहा देखिए सर आप मेरा ऐसे मजाक नहीं उड़ा सकते समझे आप मेरा दिमाग कोई छोटा सा नहीं है बहुत दिमाग है मेरे पास बहुत इंटीजीलेट हूं मैं।

    अयंश ने अपनी आंखें घुमाई और बोला, इंटीजीलेट
    नहीं इंटेलिजेंट होता है बेटू। यति ने जल्दी से कहा ,हां वही वहीं। फिर वो अचानक से बोली आपने अभी अभी क्या बोला।

    अयंश ने कार चलते हुए रास्ते की तरफ ध्यान देते हुए कहां क्या बोला मैंने उसने सवाल किया। यति ने कहा आपने अभी बोला ना था वो । अयंश ने कहा इंटेलिजेंट। यति ने मासूमियत से ना मे सर हिलाया और बोली उसके बाद आपने कुछ बोला था।

    अयंश ने कहा मुझे नहीं पता। यति ने कहा अरे आपने बोला था आपने मुझे बेटू बोला। अयंश ने कहा बोला होगा इतना बोल वो कार चलाने लगा।

    यति ने मुंह बनाकर कहां ,मानती हूं आपकी उम्र हो गई है आप बहुत बड़े हो मुझसे ,इसका मतलब यह नहीं है कि आप मुझे बेटू बोलोगे। वैसे तो आप लगते हो मेरे दादाजी की उम्र के बट फिर भी आप मुझे बेटू नहीं बोल सकते समझे आप।

    आप मुझे बिल्कुल नहीं बोलोगे मेरा नाम यति है यति अग्रवाल नहीं नहीं यति अयंश दिवान हां । अयंश ने अचानक से कार रोक दी। जिससे यति आगे की तरफ झुक गई ।

    सर ऐसे कौन करता है वो उसकी तरफ देखने लगी पर तुरंत चुप हो गई क्योंकि अयंश उसे गुस्से में घूरने लगा।

    To be continue.......

    आगे क्या होगा ? अयंश क्या करने वाला है अब ? यति कि मासूमियत अयंश का सख्ती पन क्या रंग लाएगा ?

    आपको स्टोरी पसंद आ रही हो तो प्लीज कमेंट जरुर करना पांच कमेंट तो चाहिए ही चाहिए 🥺🥺