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Devil husband ki innocent wifey

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🍁...𝒕𝒉𝒆 𝒔𝒘𝒆𝒆𝒕 𝒈𝒊𝒓𝒍...🍁

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ये कहानी है अनिरुद्ध ओर नैना की जिन्हें करनी पड़ती है मजबूरी में शादी , ओर शादी के बाद इनकी पूरी जिंदगी बदल जाती है अगर आपको कहानी में आगे क्या हुआ जाना है तो नोवेल को अभी रीड कीजिए...!! ये कहानी जिसका नाम है डेविल हसबैंड की इनोसेंट वाइफी..!

Total Chapters (80)

Page 1 of 4

  • 1. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 1

    Words: 816

    Estimated Reading Time: 5 min

    एक कमरे में एक लड़की रो रही थी। उसका चेहरा आँसुओं से भीगा हुआ था, और उसकी आँखों में खौफ साफ झलक रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी भयानक संकट से गुज़र रही हो।

    "मॉम, मैं उस बूढ़े से शादी नहीं करना चाहती!"

    इतना कहते ही वह पीछे खड़ी एक औरत के गले लग गई, जिसकी उम्र लगभग 45 साल थी। उसकी आवाज़ में बेबसी थी, और उसके आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।

    "मॉम, कुछ कीजिए! मुझे उससे शादी नहीं करनी है।"

    महिला, जो उसकी माँ थी, उसे दिलासा देते हुए बोली, "नित्या, चिंता मत करो। लेकिन तुम जानती हो ना, अगर यह शादी नहीं हुई तो हमारी कंपनी बर्बाद हो जाएगी। फिर हम यह ऐशो-आराम की ज़िंदगी नहीं जी पाएंगे।"

    "मॉम, हम कुछ और भी कर सकते हैं..." नित्या ने विरोध किया।

    मेघा ने उसकी बात काटते हुए कहा, "हम और भी रास्ते ढूँढ सकते हैं, मगर अभी नहीं! इस वक्त तुम्हें इस शादी के लिए हाँ करनी होगी।"

    वे दोनों अभी बात ही कर रहे थे कि तभी अचानक कमरे का दरवाजा खुला। एक अधेड़ उम्र का आदमी अंदर आया, जिसकी उम्र करीब 50 साल रही होगी।

    "फिर शुरू हो गई तुम दोनों की बातें?" उसकी भारी आवाज़ गूँजी। "कान खोलकर सुन लो, यह शादी बहुत ज़रूरी है। मुझे इसमें कोई गड़बड़ नहीं चाहिए!"

    उसने गुस्से से नित्या की ओर देखा। "तुम्हें यह शादी करनी होगी! हमारी कंपनी के लिए यह बहुत ज़रूरी है, और मैं उम्मीद करता हूँ कि तुम मेरी नाक मत कटवाओगी!"

    नित्या गुस्से से उठ खड़ी हुई। "आप मेरी ज़िंदगी बर्बाद क्यों कर रहे हैं? मैं उससे शादी नहीं करना चाहती! अगर शादी करनी ही है, तो अपनी छोटी बेटी की करवा दीजिए!"

    अमित मित्तल, जो उसके पिता थे, भड़क उठे। "तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है? वह तुमसे छोटी है, सिर्फ 19 साल की! अभी पढ़ाई कर रही है। और तुम? तुम 23 की हो चुकी हो और अब भी शादी नहीं करना चाहती?"

    "यह सब सोचने की ज़रूरत नहीं है। मैं जानता हूँ, वह मेरी बेटी है! मगर तुम कुछ नहीं हो! तुमसे कोई मतलब नहीं है!"

    उनकी बातों के बीच एक लड़की कमरे में दाखिल हुई। उसकी उम्र करीब 17-18 साल रही होगी। उसने मासूमियत से अमित जी से पूछा, "डैड, यहाँ क्या हो रहा है? मॉम और नित्या क्यों रो रही हैं?"

    अमित जी, जो अभी तक गुस्से में थे, उसे देखकर थोड़ा शांत हुए। "कुछ नहीं बेटा, बस बड़ों की बातें चल रही हैं। तुम्हारे एग्जाम आने वाले हैं, उन पर ध्यान दो।"

    "डैड, मैंने सारी तैयारी कर ली है। आपको टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है," लड़की बोली।

    अमित जी ने उसके सिर पर हाथ फेरकर उसे प्यार से देखा। मगर मेघा का चेहरा गुस्से से तमतमा गया।

    "अमित, तुम्हें इस लड़की से इतना लगाव क्यों है? इसकी माँ मर चुकी है, अब इसे फेंक क्यों नहीं देते? इसे अभी तक सिर पर बैठा रखा है! अरे, इसी की शादी कर दो ना! मेरी बेटी की ज़िंदगी क्यों बर्बाद कर रहे हो?"

    अमित जी गुस्से से बोले, "तुम भूल रही हो कि नैना भी मेरी बेटी है! मैं जानता हूँ कि तुम इसे एक्सेप्ट नहीं कर सकती, मगर इसका मतलब यह नहीं कि मैं इसकी ज़िंदगी बर्बाद कर दूँ!"

    मेघा गुस्से से तिलमिला उठी। "तो फिर मेरी बेटी की ज़िंदगी क्यों बर्बाद कर रहे हो? उसकी क्या गलती है?"

    अमित जी की आँखों में गुस्से की लपटें थीं। "गलती? तुम भूल रही हो कि तुम्हारी बेटी ने क्या किया है? वह वीडियो भूल गई जो इंटरनेट पर वायरल हुआ है?"

    मेघा चुप हो गई। उसे अच्छी तरह याद था कि उसकी बेटी नित्या ने क्या किया था।

    "तो फिर हम इसका एक आसान हल निकालते हैं," मेघा ने कहा। "हम इसकी शादी इसके बॉयफ्रेंड से कर देते हैं, बात ही खत्म!"

    "यह नहीं होगा!" अमित मित्तल गुस्से से बोले। "मैं कह चुका हूँ, इसकी शादी मिस्टर महेश्वरी से होगी। और यह मेरा आखिरी फैसला है!"

    इतना कहकर वह वहाँ से चले गए।

    नैना खामोशी से खड़ी यह पूरा तमाशा देख रही थी। उसके चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान थी। वह इस ड्रामे को देखकर मन ही मन बहुत खुश थी। आखिरकार, उसका बदला लेने का सिलसिला शुरू हो चुका था!

    जिस वीडियो की बात हो रही थी, वह कोई और नहीं, बल्कि नित्या और उसके बॉयफ्रेंड का वीडियो था, जिसमें वे एक होटल के कमरे में एक-दूसरे को किस कर रहे थे। और इस वीडियो को इंटरनेट पर वायरल करने वाली कोई और नहीं, बल्कि खुद नैना थी।

    बचपन से ही नैना को इस परिवार ने बहुत सताया था। जब उसकी माँ का देहांत हुआ था, तब वह केवल 4 साल की थी। उसके पिता ने उसे अपने पास रख लिया, लेकिन सौतेली माँ और बहन ने उसे हमेशा परेशान किया।

    अब वह सब कुछ बदलने वाली थी। वह अपने हर आँसू का, हर जख्म का बदला लेने वाली थी! और उसने इसकी शुरुआत कर भी दी थी।

  • 2. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 2

    Words: 840

    Estimated Reading Time: 6 min

    जहाँ मित्तल हाउस में यह सब ड्रामा चल रहा था, वहीं अगास्ति हाउस में भी एक ड्रामा चल रहा था। सोफे पर बैठे नरेंद्र अगास्ति बहुत गुस्से में थे और सामने बैठे अनिरुद्ध पर चिल्ला रहे थे। "तुमने किससे पूछकर यह डिसाइड किया कि तुम शादी करोगे या नहीं? यह मेरा निर्णय है कि तुम मित्तल खानदान की बेटी से शादी करोगे।" "और तुम्हें मेरी बात माननी होगी! अगर तुम नहीं मानोगे, तो जान लेना मैं क्या कर सकता हूँ!" वे इतने तेज बोल रहे थे कि उन्हें खांसी आने लगी। बाजू में बैठे उनके बेटे अरविंद अगास्ति ने कहा, "डैड, आप शांत हो जाइए। अनिरुद्ध मेरी बात मान जाएगा, थोड़ा धैर्य रखिए।" यह बात सुनकर नरेंद्र जी, अरविंद जी को अपने से दूर करते हुए बोले, "इस सारी नौटंकी की जड़ तुम ही हो! तुम्हें क्या जरूरत थी ऐसी डील करने की? अब कोई नहीं मानेगा और हमारी इज्जत भी जाएगी, साथ ही बहुत बड़ा नुकसान भी होगा।" (वे यह सब अनिरुद्ध को देखते हुए कहते हैं।) उनकी बात सुनकर अनिरुद्ध बोला, "हाँ डैड, आपको ऐसी डील करने की जरूरत ही क्या थी? अभी तो मेरी शादी की उम्र भी नहीं हुई है। अभी तो मुझे अपनी लाइफ एंजॉय करनी है।" उनकी बहस के बीच अचानक एक महिला की कड़क आवाज गूंजती है। तीनों लोग तुरंत चुप हो गए। क्योंकि उनके सामने किसी की बोलने की हिम्मत नहीं थी। यह इस घर की मालकिन थीं— मिसेज नीलिमा अगास्ति। वे अरविंद जी की पत्नी और अनिरुद्ध की माँ थीं। सोफे के पास आकर उन्होंने सख्त लहजे में पूछा, "यहाँ क्या हो रहा है?" उनकी आवाज सुनकर अरविंद जी मन ही मन सोचने लगे— आज तो मेरी बीवी कुछ ज्यादा ही डरावनी लग रही है! हे भगवान, आज मुझे बचा लेना! फिर वे खड़े होकर नीलिमा जी के पास गए और प्यार से कहा, "कुछ नहीं, डार्लिंग—" नीलिमा जी ने उन्हें घूरकर देखा, और वे तुरंत चुप हो गए। नरेंद्र जी बोले, "बेटा, तुम ही अनिरुद्ध को समझाओ कि वह शादी के लिए मान जाए। नहीं तो कंपनी को नुकसान होगा और हमारी इज्जत भी दांव पर लग जाएगी। हमारे शेयर्स गिर रहे हैं!" "अब तुम ही कुछ कर सकती हो। एक बार शादी हो जाने दो, अगर लड़की अच्छी नहीं रही तो 6 महीने बाद डिवोर्स हो जाएगा। बात खत्म।" नरेंद्र जी की यह बात सुनकर नीलिमा ने अपना सिर हल्का सा हिला दिया। इससे पहले कि वे कुछ कहतीं, अनिरुद्ध बोल पड़ा— "मॉम..." (वह यह सब सॉफ्ट वॉइस में बोलता है।) और साथ ही वह अपने puppy eyes से नीलिमा जी को देखने लगा। यह देखकर नीलिमा जी कोमल स्वर में बोलीं, "अनिरुद्ध बेटा, एक बार मेरी बात मान ले, यह शादी कर ले।" वे उसे एक छोटे बच्चे की तरह फुसला रही थीं। यह सुनकर अनिरुद्ध उदास चेहरा बनाते हुए बोला, "अच्छा ठीक है, आप कह रही हैं तो मैं शादी कर लेता हूँ। मगर हाँ, अगर वह लड़की अच्छी नहीं निकली तो मैं उसे डाइवोर्स दे दूँगा।" उसकी यह बात सुनकर नीलिमा जी सिर हिला दिया। जैसे ही अनिरुद्ध ने हाँ कहा, अरविंद जी खुशी से बोले, "फाइनली अनिरुद्ध तैयार हो गया!" उन्होंने खुशी में नीलिमा जी को पीछे से गले लगा लिया, लेकिन नीलिमा जी ने तुरंत उन्हें धक्का देते हुए कहा, "यह सारा रायता तुम्हारा फैलाया हुआ है, और इस वजह से मेरा बेटा इसमें फँस रहा है! आज से तुम एक महीने के लिए रूम में नहीं आओगे!" उनकी बात सुनकर बेचारे अरविंद जी उदास हो गए। लेकिन नीलिमा जी उनकी तरफ ध्यान नहीं देतीं। नरेंद्र जी मन ही मन अपनी बहू की तारीफ कर रहे थे— आखिर उनकी बहू सबसे अलग थी। कितनी खतरनाक थी कि किसी से भी अपनी बात मनवा लेती थी! अनिरुद्ध, अपनी माँ की खुशी के लिए यह शादी करने के लिए तैयार तो हो गया था, मगर वह वहाँ से उठकर मैंशन से बाहर चला गया। नीलिमा जी उसकी तरफ उदासी से देख रही थीं। यह देखकर अरविंद जी ने उनके कंधे पर हाथ रखकर कहा, "फिक्र मत करो, उसकी शादी एक अच्छी लड़की से हो रही है। वह अनिरुद्ध का ख्याल रखेगी।" उनकी बात सुनकर नीलिमा जी गुस्से में बोलीं, "तुम बस भगवान से प्रार्थना करो कि लड़की अच्छी निकले, नहीं तो आगे जो भी होगा, तुम्हें झेलना पड़ेगा। और तुम जानते हो, मैं कितनी बुरी हो सकती हूँ!" वे गुस्से में आँखें दिखाते हुए वहाँ से चली गईं। उनकी बात सुनकर अरविंद जी मन ही मन भगवान से प्रार्थना करने लगे कि उनकी बहू अच्छी निकले, नहीं तो उनकी बीवी उन्हें छोड़ने वाली नहीं थीं। और वे भी वहाँ से ऑफिस के लिए निकल गए। नरेंद्र जी चाय की चुस्कियों में व्यस्त हो गए। --- ~ छोटा सा इंट्रो ~ अनिरुद्ध अगास्ति (हमारे हीरो) 😉💗 नीलिमा अगास्ति (हीरो की माँ) अरविंद अगास्ति (हीरो के पापा) नरेंद्र अगास्ति (हीरो के दादा जी) और.... जिनसे हम कल मिले थे.... नैना मित्तल (हमारी हीरोइन) 😉💗 नित्या मित्तल (हीरोइन की बड़ी और सख्त स्वभाव वाली बहन) अमित मित्तल (हीरोइन के पापा) मेघा मित्तल (हीरोइन की सख्त स्वभाव वाली माँ) बाय बाय..... आज का एपिसोड कैसा लगा? कमेंट करके जरूर बताइएगा!

  • 3. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 3

    Words: 990

    Estimated Reading Time: 6 min

    जहाँ नित्या और अनिरुद्ध की शादी की तैयारियाँ चल रही थीं, वहीं नित्या अपने घरवालों से छुपकर अपने बॉयफ्रेंड से मिलने रेस्टोरेंट पहुँची थी। उसने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था। तभी सामने से एक लड़का आया, जो देखने में ठीक-ठाक था। वह नित्या को पहचान गया और उसके पास आकर बाजू वाली सीट पर बैठ गया। वह चिंतित स्वर में बोला, "नित्या, तुम यह क्या कर रही हो? पागल हो गई हो क्या? तुम किसी और से शादी कैसे कर सकती हो? तुम तो मुझसे शादी करना चाहती थी!" यह कहकर वह उसका हाथ पकड़ लिया। नित्या मन ही मन सोची, 'इस लंगूर से शादी कौन करेगा? मैं तो इसका बस इस्तेमाल कर रही हूँ ताकि शादी से भाग सकूँ। यह अभी भी मेरे काम आ सकता है।' यह सोचकर उसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ गई। वहीं, सामने बैठा लड़का भी अपने मन में सोच रहा था, 'इसके सामने एक्टिंग करने में ही फायदा है, तभी यह मेरी मुलाकात नैना से करवा सकती है। इस लड़की से कौन शादी करना चाहेगा? शादी तो मैं नैना से ही करूँगा। वह हुस्न की मल्लिका है, और इस मेकअप की दुकान से शादी करके मेरा घर कैसे चलेगा?' यह सोचते हुए उसने अजीब सा मुँह बनाया। नित्या उसकी बातों का नाटक करते हुए बोली, "बेबी, मैं क्या करूँ? मेरे पापा जबरदस्ती मेरी शादी किसी बूढ़े आदमी से करवा रहे हैं। प्लीज, कुछ करो!" लड़का उसके सामने आत्मविश्वास से बोला, "मैं कुछ करता हूँ, तुम घबराओ मत। मैं हूँ ना।" यह सुनकर नित्या सिर हिला दिया और वह लड़का उसे गले से लगा लिया। नित्या मन ही मन खुश हो रही थी, 'अगर मैं शादी से भाग गई, तो डैड नैना की शादी उस बूढ़े आदमी से कर देंगे। फिर जब माहौल शांत होगा, तो मैं वापस आ जाऊँगी और इस शादी से बच जाऊँगी।' यह सोचकर वह प्रसन्न हो रही थी। --- दूसरी तरफ, नैना अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी, जब अचानक उसे लगातार छींकें आने लगीं। वह अपने आप से बोली, "लगता है, कोई मेरी बुराई कर रहा है! खैर, मुझे कल संभलकर रहना होगा। जिस तरह के लोगों से मैंने पंगा लिया है, वे कुछ ना कुछ गड़बड़ी करने की कोशिश करेंगे।" यह सोचकर उसने पढ़ाई जारी रखी। --- अगली सुबह, सभी लोग अपने प्राइवेट जेट से मालदीव्स के लिए निकल गए थे। शादी को गोपनीय रखने के लिए, उन्होंने यह समारोह चर्च में करने का निर्णय लिया था। अनिरुद्ध अपने कमरे में बैठा अपने वेडिंग आउटफिट को देख रहा था। उसके सामने एक ब्लैक थ्री-पीस सूट रखा था, जिस पर डायमंड का ब्रोच लगा हुआ था। बाहर, चर्च की सजावट पूरी हो चुकी थी। व्हाइट और ऑर्किड फ्लॉवर्स से सजे चर्च का माहौल बेहद खूबसूरत लग रहा था। अनिरुद्ध अभी भी अपने सूट को निहार रहा था, जब दरवाजे की हल्की दस्तक सुनाई दी। उसने पलटकर देखा तो उसके पापा, अरविंद जी खड़े थे। "सॉरी बेटा, मेरे कारण तुम्हें यह सब झेलना पड़ रहा है।" अरविंद जी ने सिर झुकाते हुए कहा। अनिरुद्ध हल्की मुस्कान के साथ बोला, "पापा, आपके लिए इतना तो कर ही सकता हूँ। आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। मुझे पता है कि आप भी यह सब नहीं चाहते थे।" यह कहकर उसने अपने पापा को गले से लगा लिया। अरविंद जी ने उसे प्यार से कसकर गले लगा लिया और फिर बोले, "अब तुम्हें यही रहना है या जाकर तैयार भी होना है?" यह सुनकर अनिरुद्ध बाथरूम में चला गया और कुछ ही देर में सूट पहनकर बाहर आया। "कैसा लग रहा हूँ मैं?" उसने शाहरुख खान स्टाइल में पोज़ देते हुए पूछा। अरविंद जी मुस्कुराए और बोले, "बिल्कुल हीरो जैसे।" उन्होंने प्यार से उसका चेहरा थामा और उसके माथे पर किस कर लिया। अनिरुद्ध झुंझलाकर बोला, "डैड! मैंने कितनी बार कहा है, यह पप्पी-शप्पी मत दिया करो। यह सब मम्मी के साथ किया करो!" अरविंद जी बेशर्मी से मुस्कुराते हुए बोले, "तेरी माँ तो मुझे पास भी नहीं आने देती! जब भी पास जाता हूँ, तो कमरे से बाहर निकाल देती है। इसीलिए आज तक तेरा कोई छोटा भाई या बहन नहीं आया!" यह सुनकर अनिरुद्ध ठहाके मारकर हँस पड़ा और अरविंद जी भी हँसने लगे। --- तभी अचानक दरवाज़ा ज़ोर से खुला और दो लोग अंदर घुसे। "सरप्राइज़! हम आ गए!" वे दोनों चिल्लाए। अनिरुद्ध ने घूरकर उन्हें देखा और गुस्से में अपना जूता निकालकर एक के सिर पर दे मारा। "Ouch...!" पहला लड़का चिल्लाया। दूसरा लड़का उसकी हालत देखकर हँसने लगा, लेकिन तभी दूसरा जूता उसकी नाक पर आकर लगा। "Ahhh!" वह दर्द से कराह उठा। अनिरुद्ध ने गुस्से में कहा, "तुम दोनों यहाँ क्या कर रहे हो? किसने इनविटेशन दिया? जब मैं इतने दिनों से परेशान था, तब तुम नहीं आए और अब मेरी तबाही देखने चले आए हो? जाओ यहाँ से!" दोनों ने तुरंत अपने कान पकड़कर माफ़ी माँगते हुए कहा, "सॉरी यार, सॉरी! एक ज़रूरी बिज़नेस डील के लिए गए थे। तू जानता है, हमारी कंपनी के लिए वह डील कितनी ज़रूरी थी!" वे दोनों कान पकड़कर उठक-बैठक करने लगे। अनिरुद्ध ने चिढ़ाते हुए कहा, "ठीक है, माफ़ किया। लेकिन अब यह उठक-बैठक बंद करो, नहीं तो पैंट फट जाएगी और इज़्ज़त का कचरा हो जाएगा। कोई बाहर से आ गया तो और मज़ाक बनेगा।" यह सुनकर विशाल और राघव घबरा गए और अपनी पैंट चेक करने लगे। उनकी इस हरकत पर अरविंद जी और अनिरुद्ध ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे। --- उधर, मेघा जी नित्या को बताने आई थीं कि उसकी शादी किसी बूढ़े आदमी से नहीं बल्कि अनिरुद्ध अगस्त्य से हो रही है। लेकिन जब उन्होंने कमरे में देखा, तो नित्या वहाँ नहीं थी। उनका दिल घबरा गया। "कहीं इस पगली ने कोई गलत फैसला तो नहीं ले लिया? इतना अच्छा मौका मिला है अनिरुद्ध अगस्त्य से शादी करने का और यह उसे बर्बाद कर देगी?" यह सोचते हुए उनका सिर दर्द करने लगा। तभी अमित जी भी आ गए और नित्या को न पाकर वे भी परेशान हो गए। दोनों ने नित्या को ढूँढना शुरू कर दिया। --- To be continued...

  • 4. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 4

    Words: 1064

    Estimated Reading Time: 7 min

    सबको पता चल गया था कि नित्या भाग गई थी। मिस्टर अमित सोफे पर बैठे, अपना सिर पकड़कर परेशान थे और नित्या को कोस रहे थे। तभी वहाँ अरविंद जी आ गए और उन्हें इस हालत में देखकर बोले,

    "क्या हुआ?"

    उनकी आवाज़ सुनकर अमित जी थोड़े डरते हुए बोले,
    "मुझे माफ कर दीजिएगा..." उन्होंने हाथ जोड़ते हुए कहा, "नित्या शादी से भाग गई है।"

    अरविंद जी ने उनकी बात सुनी और शांत स्वर में बोले,
    "किसने कहा कि मैं अपने बेटे की शादी नित्या से करवाना चाहता था?"

    अमित जी यह सुनकर हैरान रह गए। उन्होंने आश्चर्य से पूछा,
    "आपका क्या मतलब है? मैं समझा नहीं।"

    अरविंद जी ने सीधे कहा,
    "मैंने आपकी बेटी नैना के लिए अपने बेटे का हाथ माँगा था।"

    यह सुनकर अमित जी पूरी तरह चौंक गए। उन्हें बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि अरविंद जी नैना के लिए रिश्ता लाएँगे।

    कुछ देर बाद, अमित जी अपनी सोच से बाहर निकले और बोले,
    "लेकिन नैना सिर्फ 19 साल की है। मैं इतनी जल्दी उसकी शादी नहीं करना चाहता।"

    अरविंद जी ठंडे स्वर में बोले,
    "मैं अपने बेटे की शादी आपकी बेटी नित्या से नहीं कर सकता, क्योंकि उसकी हरकतें पूरे शहर में मशहूर हैं। और मुझे अपनी फैमिली की इज़्ज़त दाँव पर लगाने का कोई शौक नहीं।"

    अमित जी उनकी बात सुनकर सिर झुका लेते हैं। उन्हें पता था कि अरविंद जी सच कह रहे थे। उनके मन में बस एक ही बात चल रही थी—"सॉरी नैना, अगर मुझे इस कंपनी को बचाने के लिए तुम्हारी कुर्बानी देनी पड़ी, तो मुझे ऐसा ही करना होगा।"


    नैना का बलिदान

    अरविंद जी से कुछ और देर बातचीत करने के बाद, अमित जी नैना के कमरे में गए। वहाँ नैना फोन चला रही थी। अपने पापा को अचानक कमरे में देखकर उसने पूछा,
    "क्या हुआ, डैड?"

    अमित जी उसकी तरफ बढ़े और हाथ जोड़ते हुए बोले,
    "बेटा, मैंने आज तक तुमसे कुछ नहीं माँगा, लेकिन आज मैं तुमसे कुछ माँग रहा हूँ। क्या तुम मुझे वह दे सकती हो?"

    उनकी बात सुनकर नैना को जो शक था, वह अब यकीन में बदल गया। उसने सीधा पूछा,
    "आप चाहते हैं कि मैं नित्या की जगह शादी कर लूँ?"

    अमित जी उसकी बात सुनकर चुप हो गए। नैना हल्की मुस्कान के साथ बोली,
    "यही चाहते हैं ना?"

    फिर उसने ठंडी आवाज़ में कहा,
    "ठीक है, मैं शादी के लिए तैयार हूँ।"

    यह सुनकर अमित जी उसे खुशी से गले लगा लेते हैं। उन्होंने कहा,
    "तुम नहीं जानती बेटा, तुम मेरे लिए क्या कर रही हो।"

    लेकिन नैना के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। वह अपने बदले की योजना बना रही थी।

    अमित जी उसे तैयार होने के लिए कहते हैं और उसके लिए ब्यूटीशियन भेज देते हैं।


    बदले की आग

    नैना तैयार होने लगी, लेकिन उसके दिमाग में सिर्फ बदले की लपटें जल रही थीं। उसने खुद से कहा,
    "नित्या, जो तुमने किया है, उसके लिए मैं तुम्हें कभी माफ़ नहीं करूँगी। तुम्हारे लौटने के बाद जो तुम्हारे साथ होगा, तुम सोच भी नहीं सकती। और तुम्हारी माँ... उनसे भी एक-एक हिसाब होगा। मेरी माँ को रुलाने का, उनकी मौत का बदला मैं ज़रूर लूँगी!"

    उसकी आँखों में जुनून था, और आँसू खुद-ब-खुद बहने लगे।

    उसे अपनी माँ की बहुत याद आ रही थी। आज भी उसे वह दिन याद था जब वह छोटी थी और उसने नित्या और उसकी माँ की बातें सुनी थीं, जिसमें नित्या की माँ खुद कह रही थी कि उसकी माँ की जान मेघा जी ने ली थी।


    चर्च में शादी का माहौल

    वहीं दूसरी तरफ, चर्च में अनिरुद्ध खड़ा अपनी होने वाली दुल्हन का इंतज़ार कर रहा था। अभी तक दुल्हन नहीं आई थी, और यह सोचकर वह अंदर ही अंदर खुश हो रहा था कि शायद वह भाग गई है।

    लेकिन तभी चर्च के दरवाज़े से अमित जी नैना का हाथ पकड़कर अंदर आते हैं।

    एक सुंदर सा म्यूजिक प्ले हो रहा था।

    अनिरुद्ध ने नैना को देखा और एक पल के लिए वह देखता ही रह गया। उसके दोस्त विशाल और राघव उसे छेड़ने लगे,
    "भाभी तो बड़ी सुंदर हैं!"

    इतना कहकर वे हँसने लगे।

    अनिरुद्ध ने गुस्से में उन्हें धक्का दे दिया, जिससे वे स्टेज से नीचे गिर गए।


    नैना की पहली प्रतिक्रिया

    नैना स्टेज के पास पहुँची, लेकिन शादी में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह बस यह सोच रही थी कि ये 6 महीने वह कैसे गुज़ारेगी।

    तभी उसकी नज़र अनिरुद्ध पर गई।
    "यह बुड्ढे का बेटा तो नहीं है जिससे मेरी शादी हो रही है?" उसने मन में सोचा।

    लेकिन जब अमित जी ने उसका हाथ अनिरुद्ध के हाथ में दिया, तो नैना को झटका लगा। उसने अनिरुद्ध को ऊपर से नीचे तक देखा और मन में बोली,
    "ओह, यह तो बड़ा हॉट बंदा है! अब तो मेरे 6 महीने आराम से कटेंगे।"

    वह नित्या पर दया करने लगी,
    "हद है! इतना अच्छा मौका उसने हाथ से जाने दिया।"


    शादी के रस्में और पहला किस

    शादी की रस्में शुरू हो गईं।

    प्राइड ने अनिरुद्ध से पूछा,
    "क्या आप मिस नैना मित्तल से शादी करना चाहते हैं?"

    अनिरुद्ध ने जवाब दिया,
    "Yes, I do."

    फिर प्राइड ने नैना से पूछा,
    "क्या आप मिस्टर अनिरुद्ध अगस्ती से शादी करना चाहती हैं?"

    नैना हल्की मुस्कान के साथ बोली,
    "Yes, I do."

    पूरी चर्च तालियों से गूंज उठी।

    फिर प्राइड ने कहा,
    "अब आप दोनों पति-पत्नी हैं। आप किस कर सकते हैं।"

    यह सुनकर अनिरुद्ध अचानक नीलिमा जी की ओर देखने लगा, जबकि विशाल और राघव ठहाके मारने लगे।

    सब लोग चिल्लाने लगे,
    "Kiss her... Kiss her..."

    अनिरुद्ध को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। लेकिन इससे पहले कि वह कुछ कर पाता, नैना ने खुद उसका टाई पकड़कर उसे अपनी ओर खींच लिया।

    और फिर...

    उसने अनिरुद्ध को अचानक किस कर लिया!

    यह देखकर पूरा हॉल सन्न रह गया।

    यहाँ तक कि अमित जी भी अपनी बेटी की इस बोल्डनेस से हैरान थे।

    नीलिमा जी नैना से काफी इम्प्रेस हो गईं।
    "हिम्मत चाहिए होती है इस तरह सबके सामने अपने पति को किस करने की!"

    वहीं, विशाल और राघव ने एक-दूसरे को देखा और बोले,
    "अनिरुद्ध तो बड़ा लकी निकला!"

    पीछे से अरविंद जी बोले,
    "हाँ, आखिर वो मेरा बेटा है!"


    उधर मेघा जी और नित्या...

    इधर, मेघा जी बार-बार नित्या को कॉल कर रही थी, लेकिन नित्या उसका फोन नहीं उठा रही थी।

    अब मेघा जी को गुस्सा आने लगा था।
    "इस बेवकूफ लड़की ने मेरे साथ ग़द्दारी की है!"

  • 5. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 5

    Words: 780

    Estimated Reading Time: 5 min

    अब तक... अनिरुद्ध अपने चारों ओर हो रही बातचीत को सुनकर उलझन में था। वह कुछ समझ पाता, इससे पहले ही नैना ने उसकी टाई पकड़कर उसे अपनी ओर खींच लिया। वे एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए। इससे पहले कि अनिरुद्ध कुछ प्रतिक्रिया दे पाता, नैना ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। नैना की इस अप्रत्याशित हरकत से सभी लोग चौंक गए। यहाँ तक कि उसके पिता भी उसकी इस बोल्डनेस पर आश्चर्यचकित थे। नीलिमा जी भी नैना से काफी प्रभावित हुईं। सार्वजनिक रूप से ऐसा कदम उठाने के लिए हिम्मत चाहिए होती है। वहीं, राघव और विशाल एक-दूसरे को देखकर मुस्कराए। "अनिरुद्ध तो वाकई बहुत लकी है, उसकी पत्नी तो बेहद बोल्ड निकली।" उनकी बातें सुनकर पीछे खड़े अरविंद जी गर्व से बोले, "आखिरकार, वो मेरा बेटा है।" अरविंद जी की यह बात सुनकर विशाल (जो उनके बिजनेस पार्टनर का बेटा था) और राघव (अनिरुद्ध का असिस्टेंट) तुरंत चुप हो गए। उधर, मेघा जी लगातार नित्या को कॉल कर रही थीं, पर वह फोन नहीं उठा रही थी। इससे मेघा जी को गुस्सा आ रहा था और उन्हें उसकी गैर-जिम्मेदाराना हरकत पर खीझ हो रही थी। --- अब आगे... शादी के बाद, अनिरुद्ध और नैना सभी मेहमानों से मिल रहे थे, मगर दोनों का मन इस बोरिंग फंक्शन से जल्दी निकल जाने का था। कुछ देर बाद, उन्हें जाने की अनुमति मिल गई। अनिरुद्ध अपनी कार से नैना को मालदीव में स्थित अपने नए मेंशन की ओर ले जाने लगा, जिसे उसने हाल ही में खरीदा था। कार के भीतर गहरी चुप्पी छाई हुई थी। अनिरुद्ध अपनी सीट पर बैठा फोन पर कुछ मेल चेक कर रहा था, जबकि नैना खिड़की से बाहर नज़ारे देख रही थी। कुछ देर बाद, उसने सिर खिड़की से टिका दिया और उसी ओर देखने लगी। अनिरुद्ध तिरछी नजरों से उसे देख रहा था, उसकी हर एक हरकत को नोटिस कर रहा था। कुछ समय बाद, वे दोनों मेंशन पहुँच गए। जैसे ही कार रुकी, नैना तुरंत बाहर निकली और बिना अनिरुद्ध की ओर देखे मेंशन के अंदर भाग गई। अनिरुद्ध कुछ पलों तक उसी स्थान पर खड़ा रहा जहाँ से नैना भागी थी, फिर हल्की मुस्कान के साथ अंदर दाखिल हुआ। मेंशन के अंदर प्रवेश करते ही नैना ने देखा कि दरवाजे के पास दो मेड्स खड़ी थीं, जो उसे देखते ही सिर झुका कर सम्मान देने लगीं। नैना यह देख आश्चर्यचकित रह गई और विनम्र स्वर में बोली, "आप लोगों को यह करने की जरूरत नहीं है।" उसका व्यवहार देखकर मेड्स प्रभावित हुईं और उनके मन में उसके लिए और अधिक सम्मान बढ़ गया। कुछ देर रुकने के बाद नैना ने हिचकिचाते हुए पूछा, "क्या आप मुझे मेरा कमरा दिखा सकती हैं? ताकि मैं जाकर आराम कर सकूँ..." मेड्स कुछ कहने ही वाली थीं कि तभी नैना के पीछे से अनिरुद्ध की आवाज़ आई— "बताने की जरूरत नहीं है, मैं खुद अपनी वाइफ को उसके कमरे तक लेकर जाऊँगा... आखिरकार, आज हमारी फर्स्ट नाइट है...!" इतना कहते ही अनिरुद्ध ने नैना को गोद में उठा लिया और सीधे अपने रूम की ओर बढ़ गया। नैना अचानक हुई इस हरकत से घबरा गई और डर भरी नजरों से उसे देखने लगी। अनिरुद्ध उसे इस तरह देखकर मुस्कराने लगा, लेकिन तभी नैना के चेहरे पर भी हल्की मुस्कान आ गई। शायद उसके मन में कुछ चल रहा था। अनिरुद्ध नैना की मुस्कान देखकर थोड़ा चौंका, मगर बिना कुछ कहे उसे कमरे में ले गया और धीरे से बेड पर लिटा दिया। फिर वह दरवाजे की ओर बढ़ा। नैना ने सोचा कि शायद वह कमरे से बाहर जा रहा है, लेकिन अगले ही पल, उसके कानों में दरवाजा बंद होने की आवाज़ आई। उसने जैसे ही नजर उठाई, उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो गईं। अनिरुद्ध वहीं खड़ा था। उसने अपना कोट उतारकर सोफे पर फेंक दिया था और अब वह अपनी शर्ट की स्लीव्स के बटन खोल रहा था। सफेद शर्ट उसके शरीर से चिपकी हुई थी, जिससे उसकी मस्क्युलर बॉडी स्पष्ट दिख रही थी। नैना अनिरुद्ध की बॉडी को बिना पलक झपकाए देखने लगी। अनिरुद्ध उसकी इस नजरबाजी को भांप गया और हल्की मुस्कान के साथ मन ही मन बोला, "आखिरकार, मेरी मेहनत बेकार नहीं गई..." वह धीरे-धीरे नैना की ओर बढ़ने लगा। वह बस कुछ ही कदम दूर था कि अचानक नैना बोल पड़ी— "मैं बहुत थक गई हूँ... मुझे वॉशरूम जाकर फ्रेश होना है..." इतना कहकर वह तेजी से उठी और वॉशरूम में भाग गई। अनिरुद्ध वहीं खड़ा, आँखें झपकते हुए, उसकी इस हरकत पर हैरान रह गया। --- आगे क्या होगा, जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी...! अगर आपको यह अध्याय पसंद आया हो, तो अपने रिव्यू और कमेंट्स जरूर शेयर करें। आपकी प्रतिक्रियाएं मेरे लिए बहुत मायने रखती हैं। आपकी प्यारी छोटी राइटर - भूमि

  • 6. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 6

    Words: 807

    Estimated Reading Time: 5 min

    नैना जब बाथरूम से बाहर आई, उसने देखा कि अनिरुद्ध सो चुका था। यह देखकर उसका मुँह बन गया, और उसकी नज़र अनिरुद्ध पर ठहर गई। वह ध्यान से उसकी मस्कुलर बॉडी को स्कैन करने लगी। अनिरुद्ध बेड पर पेट के बल लेटा हुआ था। उसने ब्लैक कलर का लोअर पहना हुआ था और ऊपर कुछ नहीं पहना था; उसकी चौड़ी पीठ और मज़बूत कंधे साफ़ नज़र आ रहे थे। नैना अनायास ही उसकी फ़िट बॉडी की ओर आकर्षित हो गई, लेकिन खुद को संभालते हुए वह सीधे अपने डेस्क की ओर बढ़ गई जहाँ उसके बॉडी केयर प्रोडक्ट्स, मेकअप आइटम्स और कंघी रखी हुई थीं। नैना ने बॉडी लोशन उठाया और उसे अपने हाथों पर लगाने लगी। इस वक्त उसने सिर्फ़ बाथरोब पहन रखा था, जिसमें वह बेहद आकर्षक लग रही थी। उधर, अनिरुद्ध सोने की एक्टिंग कर रहा था, लेकिन असल में वह पूरी तरह जाग रहा था। वह बस देखना चाहता था कि नैना क्या करने वाली है। नैना को लगा कि अनिरुद्ध गहरी नींद में है, इसलिए उसने बेझिझक अपना बाथरोब उतारकर चेयर पर रख दिया और अपनी बॉडी पर लोशन लगाने लगी। उसे इस बात की जरा भी भनक नहीं थी कि अनिरुद्ध उसे गौर से देख रहा है। अनिरुद्ध हैरान था! उसे नहीं लगा था कि नैना इतनी पतली-दुबली होगी। वह बिना पलकें झपकाए नैना को निहारता रहा, उसकी हर हरकत को ध्यान से देखता रहा। नैना जहाँ-जहाँ हाथ फेर रही थी, अनिरुद्ध की नज़रें भी वहीं-वहीं घूम रही थीं। लेकिन तभी, नैना ने दोबारा अपना बाथरोब पहन लिया। यह देखकर अनिरुद्ध का मुँह बन गया। "क्यों मुझे इतना बुरा लग रहा है उसके वापस बाथरोब पहनने से? और क्यों मैं उसमें इतना इंटरेस्ट लेने लगा हूँ?" अनिरुद्ध खुद से सवाल करने लगा। उसके पास इन सवालों के कोई जवाब नहीं थे, लेकिन एक बात वह अच्छी तरह समझ चुका था— नैना उसे अब बेहद आकर्षित करने लगी थी। उसकी मासूमियत, गुस्सा, डर और कभी-कभी बोल्ड अंदाज़, सब कुछ उसे प्रभावित कर रहे थे। शायद इसी कारण वह अब नैना को अपनी ज़िन्दगी से दूर जाने नहीं देने वाला था। नैना ने एक नज़र अनिरुद्ध पर डाली और फिर बालकनी में चली गई। वह वहाँ खड़े होकर अपनी ज़िन्दगी के बारे में सोचने लगी। जैसे ही नैना बाहर गई, अनिरुद्ध तुरंत उठकर बैठ गया। उसने नीचे देखा और हल्की झुंझलाहट से अपने लोअर की स्थिति पर गौर किया। उसका शरीर उसकी भावनाओं को बखूबी दर्शा रहा था। बिना देर किए, वह बाथरूम में चला गया। कुछ देर बाद जब वह बाहर आया, तो देखा कि नैना अब तक वापस नहीं आई थी। उसे नैना की चिंता होने लगी, लेकिन फिर खुद को समझाकर वह सीधा अपने मिनी बार की ओर बढ़ गया। अनिरुद्ध ने एक व्हाइट अल्कोहल की बोतल उठाई और अपने लिए एक ग्लास में ड्रिंक सर्व की। वह धीरे-धीरे घूंट भरते हुए नैना के बारे में सोचने लगा। तभी उसकी नज़र घड़ी पर पड़ी— रात के 12 बज चुके थे। उसे महसूस हुआ कि नैना पिछले एक घंटे से बालकनी में थी। अब वह सच में परेशान होने लगा। अपनी ड्रिंक टेबल पर रखते हुए, अनिरुद्ध तेज़ी से बालकनी की ओर बढ़ा। वह अभी दरवाज़े के पास ही पहुँचा था कि अचानक बालकनी का दरवाज़ा खुला और नैना बाहर आई। नैना ने अनिरुद्ध को सामने देखकर चौंक कर कहा, "आप अभी तक जाग रहे हैं या अभी सो कर उठे हैं?" नैना को अपनी गलती का एहसास हो चुका था। उसे याद आया कि थोड़ी देर पहले उसने अपना बाथरोब उतारा था। यह सोचकर उसके गाल शर्म से लाल हो गए और उसने सवालिया नज़रों से अनिरुद्ध को देखा। अनिरुद्ध को भी वह दृश्य याद आ गया और उसके होठों पर हल्की सी शरारती मुस्कान आ गई। वह बोला, "मैं तो कब का जागा हुआ था... बस किसी को गलतफहमी हो गई थी कि मैं सो रहा हूँ।" इतना कहकर वह फिर से नॉटी स्माइल लिए नैना को देखने लगा। नैना के कान लाल हो गए। वह घबराहट महसूस करने लगी और अचानक उसे प्यास लग गई। वह तेज़ी से बेड के पास गई और पानी ढूँढने लगी, लेकिन वहाँ उसे पानी नहीं मिला। थोड़ी इरिटेट होकर वह आसपास देखने लगी, तभी उसकी नज़र टेबल पर रखे अनिरुद्ध के ड्रिंक ग्लास पर गई, जिसमें अभी भी थोड़ी ड्रिंक बची थी। अनिरुद्ध कुछ कह पाता, उससे पहले ही नैना ने ग्लास उठा लिया और पूरी ड्रिंक गटक गई। अनिरुद्ध उसे रोकना चाहता था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। "पागल हो गई हो? यह अल्कोहल है, पानी नहीं!" वह झटके से बोला। नैना हैरानी से उसे देखने लगी, उसकी आँखें बड़ी हो गईं। अनिरुद्ध ने सिर हिला दिया, जैसे कह रहा हो कि अब पछताने से कुछ नहीं होगा। नैना ने मासूमियत से अपना छोटा सा मुँह बनाया और शर्मिंदगी से अनिरुद्ध को देखने लगी। --- प्रिय पाठकों, कैसा लगा आज का एपिसोड? कमेंट करके ज़रूर बताइएगा! बाय-बाय!

  • 7. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 7

    Words: 658

    Estimated Reading Time: 4 min

    अनुराग नैना को देख रहा था, जो ड्रिंक पी रही थी। वह आमतौर पर इतनी जल्दी नहीं पीती थी, लेकिन आज उसे बहुत जल्दी नशा चढ़ गया था। इसके बावजूद, वह रुकने का नाम नहीं ले रही थी। आखिरकार, उसने पूरी बोतल खाली कर दी और टेबल पर रखते हुए मासूमियत से बोली, "यह इतना कड़वा क्यों है? मगर टेस्ट बहुत अच्छा है... कड़वा है, पर मीठा भी।" नैना की मासूमियत देखकर अनुराग का सब्र टूट गया। उसने खुद को बहुत मुश्किल से रोका था, लेकिन अब वह खुद पर काबू नहीं रख सका। उसने नैना को बेड पर धक्का दिया और उसके ऊपर झुक गया। अनुराग ने नैना को बेहद जुनून से चूमा। नैना को कोई होश नहीं था। कुछ देर बाद, उसने नैना के माथे पर एक नरम किस किया और धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे में समा गए। कमरे में बिखरे कपड़े इस बात की गवाही दे रहे थे कि अब वे दोनों एक हो चुके थे। मनाली में एक दूसरी दुनिया मनाली में उस वक्त बर्फबारी हो रही थी, जिससे वहाँ भीषण ठंड पड़ रही थी। एक होटल के कमरे में हीटर जल रहा था, और ज़मीन पर कपड़े बिखरे हुए थे। बिस्तर पर नित्या लेटी थी और उसके ऊपर रोहन, जो उसका बॉयफ्रेंड था। नित्या उस वक्त बेहद खुश थी। उसे लग रहा था कि नैना की शादी अब तक किसी बूढ़े आदमी से हो चुकी होगी। यह सोचकर उसे और भी संतोष हो रहा था। दरअसल, नित्या शुरू से ही नैना से नफरत करती थी। नैना पढ़ाई में उससे बेहतर थी और बिज़नेस की गहरी समझ रखती थी। नित्या के पिता हमेशा उसे नैना से तुलना कर ताने मारते थे। बचपन से ही इस तुलना ने नित्या के मन में जलन और नफरत भर दी थी। उसकी माँ भी नैना को नापसंद करती थी और उसे नीचा दिखाने के लिए नित्या को भड़काती थी। आज नित्या को लग रहा था कि उसने नैना की ज़िंदगी बर्बाद कर दी है। लेकिन उसे यह एहसास नहीं था कि उसकी चाल खुद नैना के लिए फायदेमंद साबित होने वाली थी। मित्तल मेंशन में तूफ़ान वहीं, मित्तल मेंशन में हालात कुछ अलग थे। मिस्टर मित्तल गुस्से से आग-बबूला थे। उनका क्रोध इस हद तक था कि वे अपने घर की कीमती चीज़ें तोड़ते जा रहे थे। मेघा भी यह देखकर हैरान थी। उन्हें अपनी बेटी नित्या पर शर्म आ रही थी। अमित मित्तल ने एक बड़ा फैसला ले लिया था—जैसे ही नित्या वापस आएगी, वे उसकी जल्द से जल्द शादी कराकर उसे इस घर से हमेशा के लिए निकाल देंगे। उन्हें अब समझ आ चुका था कि उन्होंने अपने बिज़नेस में इतना ध्यान दिया कि अपनी बेटियों पर ध्यान ही नहीं दिया। नैना अपनी समझदारी से अकेले बड़ी हो गई थी, लेकिन नित्या को सही मार्गदर्शन नहीं मिला। उसने गलत संगत अपना ली और अपनी ज़िंदगी खुद ही बर्बाद कर दी। अब मिस्टर मित्तल को लग रहा था कि उनकी ही गलती के कारण नित्या इस हालत में पहुँची है। वे गुस्से में लाखों की कीमत वाले सामान एक-एक कर तोड़ते जा रहे थे। मेघा दूर खड़ी थी, क्योंकि उसे डर था कि कहीं गुस्से में अमित मित्तल उस पर भी कुछ फेंक न दें। मेघा के दिमाग में उस वक्त अलग ही खिचड़ी पक रही थी। वह अपनी बेटी नित्या पर बेहद नाराज़ थी। उसे लग रहा था कि उसकी मूर्खता की वजह से एक अमीर दामाद हाथ से निकल गया। लेकिन वह जानती थी कि अमित मित्तल कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। उसे डर था कि वे अपनी सारी संपत्ति नैना के नाम कर सकते हैं और नित्या को बेदखल कर सकते हैं। इसलिए, मेघा ने एक खतरनाक योजना बना ली थी। वह किसी भी हालत में नैना को इस घर से निकालना चाहती थी। वह उसे खुश नहीं देख सकती थी। उसकी नफरत इस कदर बढ़ चुकी थी कि अब वह नैना की ज़िंदगी तबाह करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती थी। (आज का एपिसोड कैसा लगा? कमेंट करके ज़रूर बताइए!)

  • 8. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 8

    Words: 1014

    Estimated Reading Time: 7 min

    एक क्लब के अंदर, एक प्राइवेट रूम में, एक लड़की नशे में धुत बैठी थी। उसे देखकर लग रहा था कि उसने काफी ड्रिंक कर ली थी। यह देखकर वेटर के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आईं। उसने मन ही मन सोचा, "अगर बॉस को पता चला कि मैंने किसी लड़की को इतनी ड्रिंक दे दी है, तो वे मुझे मार डालेंगे। ये लड़की आज मुझे मरवाकर ही मानेगी।" उसके माथे पर पसीना छलक आया था। उसे डर था कि कहीं बॉस को पता न चल जाए कि उसने उनके सख्त नियमों का उल्लंघन किया है। क्लब शहर का जाना-माना प्रतिष्ठान था, जहाँ अमीर माँ-बाप के बिगड़े हुए बच्चे पार्टी करने आते थे। वहीं, वह लड़की, जो देखने में करीब 21 साल की लग रही थी, नशे में किसी का नाम बड़बड़ाते हुए गालियाँ दे रही थी। "साला क***, मुझे छोड़ेगा? अपनी शक्ल देखी है? मुझे धोखा देगा? मोनिका रॉय को कोई धोखा दे सकता है? उसकी हिम्मत कैसे हुई? उस का*** की हिम्मत कैसे हुई? स*** मुझे धोखा देगा? मोनिका रॉय, जो खुद में ही एक ब्रांड है, उसे कोई धोखा दे, ये कभी हो नहीं सकता! तुमने मुझे छोड़कर बहुत बड़ी गलती की है, वंश! आई विल किल यू...!" वह बड़बड़ाते हुए गुस्से में बीयर की बोतल तोड़ दी और लड़खड़ाते हुए वेटर को वंश समझकर उसकी ओर बढ़ने लगी। वेटर यह देख डर से कांपने लगा और धीरे-धीरे पीछे हटने लगा। इसी दौरान, वह किसी से टकरा गया और चौंककर देखा कि सामने क्लब का मालिक, मिस्टर विशाल ओबेरॉय, खड़ा था। विशाल, जो अनिरुद्ध का अच्छा दोस्त था, पहले तो मैनेजर को डांटने वाला था, लेकिन तभी उसकी नजर मोनिका पर पड़ी। वह हैरानी से वेटर की तरफ देखता हुआ बोला, "यह लड़की कौन है? और इसने इतनी ड्रिंक क्यों कर रखी है?" मैनेजर, विशाल की गुस्से से भरी आँखों को देख, डर के मारे सर झुकाकर बोला, "सॉरी सर, मुझे माफ कर दीजिए। मैडम जिद कर रही थीं, इसलिए मुझे इन्हें ज्यादा ड्रिंक देनी पड़ी..." विशाल गुस्से से कहा, "मैंने कितनी बार कहा है कि यहाँ लड़कों और लड़कियों को ज्यादा ड्रिंक मत दिया करो! देखो, अब तमाशा हो गया है। अब यह कौन है? इसके दोस्तों को फोन करो और बोलो कि इसे यहाँ से ले जाएँ।" विशाल यह कहकर जाने वाला था कि तभी उसने देखा कि दो लोग मोनिका की ओर बढ़ रहे थे। यह देखकर वह रुक गया। मोनिका ने जब उनमें से एक को देखा, तो गुस्से से चिल्लाई, "तुम यहाँ क्या कर रहे हो? हो, आर यू फॉलोइंग मी?" वह लड़का ठंडी साँस भरते हुए बोला, "मोनिका, अपनी हालत देखो! तुमने क्या बना लिया है खुद को? मैं जानता हूँ कि तुम मुझसे बहुत प्यार करती थी, लेकिन सच कहूँ, मैं तुम जैसी बोरिंग लड़कियों से परेशान हो गया था। इसलिए मैंने तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड, ऋचा, के साथ यह सब किया।" यह सुनते ही विशाल सब कुछ समझ गया और मन में बुदबुदाया, "अच्छा, तो ये प्यार का मामला है।" मोनिका, वंश की बात सुनकर और ज्यादा गुस्से में आ गई और तेज आवाज में बोली, "तुम्हें क्या लगता है, मैं तुम्हारे बिना मर जाऊँगी? ये तो मेरी बेवकूफी थी कि मैंने तुम पर यकीन किया। लेकिन अब तुम्हें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, मिलो मेरे नए बॉयफ्रेंड से!" इतना कहकर मोनिका लड़खड़ाते हुए विशाल की ओर बढ़ी और उसका हाथ पकड़ लिया। वंश और ऋचा यह देखकर हँसने लगे। वंश व्यंग्यात्मक स्वर में बोला, "अब झूठ मत बोलो, मोनिका। तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड नहीं हो सकता। तुमने मुझसे सच्चे दिल से प्यार किया था।" विशाल, जो अब तक चुप था, मन ही मन सोचने लगा, "ये लड़की पागल हो गई है क्या? मैं इसका बॉयफ्रेंड कब बना? कोई मुझे भी बताए!" इतना ही नहीं, गुस्से से बौखलाई मोनिका ने विशाल की ओर बढ़कर उसे अचानक किस कर लिया। विशाल एकदम सदमे में चला गया। उसे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मोनिका ऐसा कुछ कर सकती है। वंश और ऋचा यह सब देखकर हैरान थे। वंश के चेहरे पर गुस्से के भाव आ गए, जबकि ऋचा अपने मन में मोनिका को कोस रही थी। --- सुबह का समय --- खिड़की से आती सूरज की किरणें नैना के चेहरे पर पड़ती हैं, जिससे उसकी नींद खुल गई। उसे सिर में तेज दर्द महसूस हुआ। वह सिर पकड़कर उठी और जैसे ही खुद को देखा, हैरान रह गई। वह बिस्तर पर बिना कपड़ों के सोई हुई थी। घबराकर उसने जल्दी से ब्लैंकेट खींचकर खुद को ढक लिया। उसकी नजर पूरे कमरे में दौड़ी और उसे अपनी बाथरोब ज़मीन पर पड़ी दिखाई दी। धीरे-धीरे बीती रात की घटनाएँ उसके दिमाग में आने लगीं और उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया। "हे भगवान! ये मैंने क्या कर दिया?" वह अपने सिर पर हाथ मारते हुए बुदबुदाई। वह परेशान थी कि अब आगे क्या होगा, लेकिन फिर खुद को शांत किया। उसे आज किसी जरूरी काम के लिए घर जाना था, इसलिए वह जल्दी से तैयार होने के लिए बाथरूम में चली गई। फ्रेश होने के बाद उसने अनिरुद्ध की अलमारी से एक शर्ट निकाली और पहनकर नीचे की ओर बढ़ी। सीढ़ियों से नीचे उतरते ही उसने देखा कि घर में कोई नहीं था। कल जो लोग यहाँ थे, वे भी नज़र नहीं आ रहे थे। पूरे विला में सन्नाटा था। "क्या अनिरुद्ध मुझे अकेला छोड़कर चला गया?" यह सोचकर उसके मन में एक अजीब सा दर्द उठा। लेकिन तभी उसकी नज़र किचन पर पड़ी, जहाँ अनिरुद्ध लोअर और एप्रन पहने कुछ बना रहा था। उसकी मस्कुलर बॉडी पर एप्रन बहुत अच्छा लग रहा था। नैना उसे देख मन ही मन सोचने लगी, "ये आदमी क्या पागल हो गया है? कोई इस तरह घर में खाना बनाता है क्या? अगर किसी लड़की ने इसे देख लिया तो उस पर फिदा हो जाएगी!" फिर अचानक, नैना को हल्की जलन महसूस हुई। उसने मन ही मन खुद से कहा, "ये सिर्फ मेरा है! ये हॉट बंदा सिर्फ मेरा है और मैं इसे किसी और का नहीं होने दूँगी!" फिर अचानक उसे एहसास हुआ कि वह क्या सोच रही है। खुद को झटका देकर, उसने अपने सिर पर हल्की चपत लगाई और किचन की ओर बढ़ गई।

  • 9. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 9

    Words: 978

    Estimated Reading Time: 6 min

    वही नैना अनिरुद्ध को देखती रही, जबकि अनिरुद्ध किसी की नज़र महसूस कर उसकी ओर मुड़ा। जैसे ही वह मुड़ा, उसकी नज़र नैना पर पड़ी। वह बिना पलक झपकाए उसे देखता रहा, जबकि नैना उसकी नज़रों की तीव्रता से असहज होने लगी। उसने एक हाथ से अपने बालों को हल्का-सा सहलाया। यह देख अनिरुद्ध के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गई। अनिरुद्ध ने फिर से नैना को ऊपर से नीचे तक देखा। नैना उसकी शर्ट में बहुत आकर्षक लग रही थी, और अनिरुद्ध खुद पर काबू पाने की कोशिश कर रहा था। ध्यान भटकाने के लिए, उसने नैना के लिए प्लेट में नाश्ता रखा और उसे डाइनिंग टेबल पर ले गया। अनिरुद्ध ने डाइनिंग टेबल पर नाश्ता रखते हुए कहा, "आओ, नाश्ता करो।" उसकी बात सुनकर नैना टेबल के पास आकर एक कुर्सी खींचकर बैठी और अनिरुद्ध के हाथ का बना नाश्ता खाने लगी। नाश्ता उसे बहुत स्वादिष्ट लगा, इसलिए वह जल्दी-जल्दी खाने लगी। अनिरुद्ध उसकी खाने की रफ़्तार देखकर हैरान हुआ, लेकिन उसे यह प्यारा भी लगा। नैना इस वक्त किसी छोटे बच्चे की तरह खाना खा रही थी, दोनों हाथों का इस्तेमाल करते हुए। जल्दी-जल्दी खाने के कारण उसके चेहरे पर थोड़ा सा खाना भी लग गया था। अनिरुद्ध उसे देखकर मन ही मन हँस रहा था और सोच रहा था, 'सच में, यह लड़की बहुत ही ज्यादा प्यारी है। अब इसे कभी खुद से दूर नहीं जाने दूँगा...' वहीं, नैना नाश्ता खत्म करने के बाद एक हल्की डकार ली। अनिरुद्ध को उसकी यह हरकत भी प्यारी लगी। अगर नैना की जगह कोई और ऐसा करता तो शायद वह उसे तुरंत घर से बाहर निकाल देता। अनिरुद्ध ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "चाय लोगी?" नैना ने उसकी ओर देखकर जवाब दिया, "अरे! सॉरी, मैंने आपके लिए पूछा ही नहीं... मेरे लिए इतना काफी है। अब मैं नहाने जा रही हूँ, बाय।" इतना कहकर वह जल्दी से अपने कमरे में चली गई। अनिरुद्ध वहीं खड़ा मुस्कुराता रहा। फिर उसने नैना की प्लेट उठाकर किचन में जाकर बर्तन धोने लगा। --- कुछ देर बाद... जब अनिरुद्ध अपने कमरे में आया, तब तक वह तैयार हो चुका था। वह जानता था कि नैना अभी अपने कमरे में तैयार हो रही होगी, इसलिए उसने पहले ही दूसरे कमरे में जाकर तैयार हो लिया था। इस वक्त उसने नीले रंग का बिजनेस सूट पहना हुआ था, जिसमें वह बेहद हैंडसम लग रहा था। उसके हाथ में एक पैकेट था, जिसे उसने सोफे पर रख दिया। तभी बाथरूम का दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई, और अनिरुद्ध ने उस दिशा में देखा। नैना सफ़ेद रंग का बाथरोब पहने खड़ी थी। वह इस वक्त किसी खिले हुए फूल की तरह लग रही थी। शावर लेने के कारण उसकी त्वचा हल्की गुलाबी हो गई थी। बाथरोब घुटनों से थोड़ा ऊपर था, जिससे उसकी खूबसूरत टांगें दिख रही थीं। अनिरुद्ध की नज़र अचानक उस पानी की बूंद पर पड़ी, जो नैना के बालों से बहकर धीरे-धीरे उसकी गर्दन से होती हुई उसके कॉलरबोन पर जा रही थी। यह देखकर उसका गला सूखने लगा। वहीं, नैना भी कमरे में अनिरुद्ध को देखकर हैरान रह गई। उसकी नज़रों की गर्माहट को महसूस कर, अनिरुद्ध ने खुद को सामान्य करने के लिए हल्की खांसी की और कहा, "एक्चुअली, मैं तुम्हारे लिए कपड़े लाया हूँ।" वह सोफे की ओर इशारा किया, जहाँ उसने बैग रखा था। अनिरुद्ध ने बैग उठाकर नैना की ओर बढ़ाते हुए कहा, "इसमें तुम्हारे लिए सारे कपड़े हैं। तैयार होकर आओ, मैं नीचे इंतज़ार कर रहा हूँ... और हाँ, जल्दी आना, क्योंकि अगर तुमने देर की, तो मैं अकेला भी जा सकता हूँ, तुम्हें यहाँ छोड़कर!" इतना कहकर अनिरुद्ध कमरे से बाहर चला गया। वहीं, नैना उसकी आखिरी लाइन को दोहराते हुए खुद से बोली, "जल्दी से नीचे आ जाना, नहीं तो मैं चला भी जा सकता हूँ, तुम्हें अकेले छोड़कर!" वह उसकी नकल करते हुए बाथरूम में कपड़े बदलने चली गई। --- कुछ देर बाद... जब नैना बाथरूम से बाहर आई, उसने सफ़ेद रंग की फ्रॉक पहनी हुई थी, जो उसके घुटनों तक आ रही थी। फ्रॉक एकदम परफ़ेक्ट साइज़ की थी और उस पर बेहद खूबसूरत डिज़ाइन बने हुए थे। उसने पैरों में सफ़ेद रंग की हील सैंडल पहनी थी, और उसके खुले बाल उसकी मासूमियत को और बढ़ा रहे थे। यह देखकर नैना आश्चर्यचकित थी, क्योंकि कपड़े उसकी फिटिंग के हिसाब से परफ़ेक्ट थे। लेकिन वह ज़्यादा नहीं सोचती और नीचे की ओर चली गई। जब वह नीचे आई, तो अनिरुद्ध सोफे पर बैठा दिखाई दिया, जो अपने फ़ोन में कुछ कर रहा था। नैना की आहट सुनकर अनिरुद्ध ने सिर उठाया और उसे देखता रह गया। वह बिना मेकअप के भी बहुत खूबसूरत लग रही थी। अनिरुद्ध बस उसे एकटक देखता रहा। मन ही मन वह बोला, 'नैना, तुम वाकई बहुत खूबसूरत हो...' लेकिन वह खुद को संभालते हुए पूछा, "हाँ, बोलो?" नैना हल्का मुस्कुराते हुए बोली, "वैसे, मुझे आज माँ-बाप से मिलने जाना है, मुझे कुछ ज़रूरी बातें करनी हैं।" अनिरुद्ध ने उसकी बात सुनकर कहा, "ठीक है, मैं तुम्हें वहाँ छोड़ दूँगा, लेकिन शाम तक घर आ जाना।" नैना सिर झुकाकर धीरे से बोली, "एक्चुअली, आज मैं नहीं आ पाऊँगी। मैं आज अपने माँ-बाप के साथ ही रहना चाहती हूँ... क्या मैं एक दिन उनके साथ नहीं रह सकती?" अनिरुद्ध ने उसकी बात सुनकर उसे घूरने लगा, मगर फिर कुछ सोचकर कहा, "ठीक है, लेकिन इसके लिए तुम्हें मुझे कुछ देना पड़ेगा।" नैना हैरानी से पूछा, "क्या?" अनिरुद्ध उसके करीब आया और हल्की मुस्कान के साथ कहा, "तुम्हें इसके बदले मुझे एक किस देनी होगी..." नैना उसकी बात सुनकर गुस्से में उसे घूरने लगी। अनिरुद्ध मज़ाकिया लहजे में कहा, "अगर तुम्हें अपने माँ-बाप के साथ रहना है, तो तुम्हें यह करना होगा।" नैना अनमने ढंग से उसके करीब आई और हल्के से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। लेकिन जैसे ही वह पीछे हटने लगी, अनिरुद्ध ने उसे पकड़कर एक गहरा किस किया। इसके बाद, वह नैना को कार तक ले गया, और नैना बस उसे घूरती रही।

  • 10. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 10

    Words: 1092

    Estimated Reading Time: 7 min

    अनिरुद्ध नैना को लेकर मुंबई वापस आया और थोड़ी देर बाद नैना को मित्तल मेंशन ले गया। मेंशन के बाहर कार रुकते ही नैना कार से उतरने लगी। उसे देखकर अनिरुद्ध ने नैना को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया। नैना हैरानी से अनिरुद्ध को देखने लगी। वहीं, अनिरुद्ध खुद भी अपने इस हरकत से काफी हैरान था, मगर फिर भी खुद को कंट्रोल करते हुए नैना से बोला, "तुम जल्दी घर आ जाना..." इसके आगे अनिरुद्ध कुछ नहीं बोल पाया, क्योंकि उसे खुद समझ नहीं आ रहा था कि नैना से आगे क्या कहे। अनिरुद्ध ने नैना के माथे पर किस किया और फिर उसे जाने दिया। नैना के जाने के बाद अनिरुद्ध खुद से पूछने लगा, "यह मुझे क्या हो रहा है?" मैं क्यों नैना की तरफ आकर्षित हो रहा हूँ? यह सब सोचते हुए अनिरुद्ध वहाँ से चला गया। दूसरी ओर: एक घर में किसी लड़की के चिल्लाने की आवाज आ रही थी। वह अपने सामने खड़े लगभग 55 वर्षीय व्यक्ति पर चिल्ला रही थी, "डैड, मैं कह रही हूँ, मुझे आपकी कंपनी में कोई इंटरेस्ट नहीं है! मुझे कुछ नहीं करना है, इसलिए आप मुझे फोर्स मत कीजिए।" सामने खड़े व्यक्ति, जो उसके पिता थे, बोले, "कब तक तुम अपनी जिम्मेदारियों से भागोगी? एक न एक दिन तुम्हें इस कंपनी को संभालना ही होगा क्योंकि तुम इसकी मालकिन बनने जा रही हो। इसलिए मैं कह रहा हूँ कि मेरे साथ ऑफिस जॉइन कर लो ताकि तुम वहाँ का काम सीख सको!" उनकी यह बात सुनकर मोनिका गुस्से से बोली, "डैड, क्यों आप नहीं समझ रहे? मुझे इसमें बिल्कुल भी इंटरेस्ट नहीं है!" उसकी बात सुनकर उसके पिता अनिल जी बोले, "मोनिका, अब तुम बड़ी हो गई हो। कब तक इन कामों से पीछा छुड़ाओगी? एक दिन तुम्हें यह कंपनी संभालनी ही होगी, इसलिए मैं कह रहा हूँ, चलो मेरे साथ!" उनकी यह बात सुनकर मोनिका परेशान हो गई। वह एक आखिरी बार कोशिश करना चाहती थी, मगर उसके पहले ही उसके दादा बोल पड़े, "अब मैं कुछ नहीं सुनूँगा!" उन्होंने यह बात बहुत रूडली कही थी, जिसके कारण मोनिका चुप हो गई और न चाहते हुए भी उनके साथ जाने के लिए मान गई। वह अपने कमरे से बैग लेने चली गई। मिस्टर अनिल अपनी पत्नी की फोटो, जो दीवार पर टंगी थी, की ओर देखकर बोले, "सोनाली, मैं जानता हूँ कि मैंने अपनी बेटी को बहुत बिगाड़ दिया है, उसे जिद्दी बना दिया है। मगर मैं तुम्हें वादा करता हूँ कि मैं जल्द से जल्द उसे एक अच्छी और समझदार लड़की बनाऊँगा।" यह कहते हुए वे फोटो को छूने लगे। जब मोनिका काफी छोटी थी, तभी उसकी माँ की मृत्यु हो गई थी। तब से अनिल जी ने ही उसे पाला-पोसा था। अनिल जी की लाड़-प्यार के कारण मोनिका जिद्दी बन गई थी और अपनी मनमानी करती थी। इसी मनमानी के कारण वंश ने उसे धोखा दिया था। आगे के अध्याय में आप जानेंगे कि आगे क्या होता है। मित्तल मेंशन में: मेघा मित्तल सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी। वह किसी रानी की तरह बैठी थी। एक नौकरानी उसके पैरों की मालिश कर रही थी और दूसरी उसके पैरों में नेल पॉलिश लगा रही थी। मेघा उन्हें बार-बार आदेश भी दे रही थी कि वे सही से काम करें। तभी उसके कानों में किसी के ताली बजाने की आवाज आई। यह आवाज मेंशन के दरवाजे के पास से आ रही थी। जैसे ही मेघा ने वहाँ देखा, वह हैरान हो गई, मगर फिर गुस्से में अपने दाँत भींचते हुए बोली, "तुम यहाँ क्या कर रही हो?" नैना, जो दरवाजे से टेक लगाए खड़ी थी, बड़े अंदाज़ से बोली, "देख रही हूँ, मेरे जाने के बाद आप महारानी की तरह ज़िंदगी जी रही हैं!" नैना की यह बात सुनकर मेघा गुस्से में अपनी मुट्ठी कस लेती है और जैसे ही कुछ बोलने वाली होती है, तभी पीछे से किसी की आवाज आती है, "नैना!" नैना उस तरफ देखती है और कहती है, "डैड!" मेघा, अमित जी को देखकर और ज़्यादा गुस्से में आ गई थी, मगर फिर भी अच्छी बनने का नाटक करते हुए बोली, "नैना, तुम बाहर क्यों खड़ी हो बेटा? अंदर आ जाओ!" उनकी बात सुनकर नैना मुस्कुराते हुए अंदर आ जाती है। वहीं, मेघा मन ही मन उसे कोस रही थी, (सोचती है) "यह लड़की कभी मुझे चैन से जीने नहीं देगी! जब भी मैं अपनी ज़िंदगी शांति से जीना चाहती हूँ, यह मेरा जीना हराम कर देती है। सच में इसे बहुत बुरी तरह से मार देना चाहिए...!" नैना के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी, जो मेघा साफ देख सकती थी। यह देखकर उसका गुस्सा और बढ़ गया। अमित जी अपनी बेटी को देखकर खुश थे। वह नैना को गले लगा लेते हैं। यह देखकर मेघा मन ही मन गालियाँ दे रही थी। अमित जी मुस्कुराकर कहते हैं, "सर्वेंट से कहो, आज मेरी बेटी घर आई है, तो हम सब साथ में नाश्ता करेंगे!" मेघा को न चाहते हुए भी मुस्कान के साथ सर्वेंट से नाश्ता अरेंज करने के लिए कहना पड़ा। नाश्ते के बाद: अमित जी और नैना लिविंग रूम में बैठे बातें कर रहे थे। तभी नैना कुछ सोचकर अपने डैड की ओर देखती है और गंभीर लहजे में कहती है, "डैड, मुझे आपसे एक ज़रूरी बात करनी है।" अमित जी थोड़ा कन्फ्यूज दिखे। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि नैना उनसे कुछ मांगेगी। मगर आज, अगर वह कुछ मांग रही थी, तो वह देने को तैयार थे। वहीं, मेघा भी सोच रही थी, "आखिर यह मांगना क्या चाहती है?" वह अपने नाखून चबाने लगी। नैना ने अपनी बात जारी रखी, "डैड, मैं चाहती हूँ कि मैं अपनी कंपनी को टेकओवर कर लूँ...!" नैना की बात सुनते ही सभी शॉक में आ गए। अमित जी बहुत खुश हुए और कुछ कहने ही वाले थे कि तभी मेघा की चिल्लाने की आवाज आई, "यह क्या बकवास है?" नैना और अमित दोनों उसकी तरफ देखने लगे, जिससे वह थोड़ा घबरा गई। नैना जानबूझकर बोली, "मॉम, क्या हुआ? मेरा यह डिसीजन पसंद नहीं आया?" मेघा, अमित जी के गुस्से से डरती थी, इसलिए उसने तुरंत मुस्कुराकर कहा, "अरे, यह कितना अच्छा फैसला है! मैं तो यही कह रही थी...!" अमित जी ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया और नैना के हाथ पकड़कर बोले, "यह बहुत अच्छा निर्णय है! मैं आज ही कंपनी में तुम्हारे लिए केबिन रेडी करवा देता हूँ!" नैना उनके गले लग गई, जबकि मेघा गुस्से से उबल रही थी। "मैं ऐसा नहीं होने दूँगी! अपनी बेटी का हक कभी नहीं दूँगी!" फिर वह अमित जी को देखकर सोचने लगी, "यह बूढ़ा कभी नहीं सुधर सकता! इसकी मौत तो मेरे ही हाथों लिखी है!" उसकी आँखों में नफरत थी।

  • 11. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 11

    Words: 585

    Estimated Reading Time: 4 min

    --- अभी तक हमने देखा था कि नैना अपनी खुद की कंपनी को टेकओवर करने वाली थी। यह सुनकर अमित जी खुश थे, वहीं मेघा जी काफ़ी ज्यादा गुस्से में थीं। वो अपने मन में बोलती थी, "जैसे मेरे साथ हुआ था, वैसे मैं अपनी बेटी के साथ नहीं होने दूँगी। मुझे जल्द से जल्द नित्य को वापस लाना होगा, नहीं तो यह नैना इस कंपनी को, जो इसकी माँ की थी, अपने पास रख लेगी। जिसके लिए मैंने इतना कुछ किया, वह सब बर्बाद हो जाएगा!" हाँ, आपने सही पढ़ा था कि नैना की माँ की मौत ऐसे ही नहीं हुई थी, बल्कि इसमें मेघा का हाथ था। उन्होंने और अमित जी ने मिलकर नैना की माँ अवनी की कंपनी अपने नाम करने के लिए एक साज़िश रची थी। अमित जी ने अवनी के साथ प्यार का नाटक किया था, जिसमें अवनी उनके प्यार में पड़कर अपना सब कुछ लुटा बैठी थी। मगर जाने से पहले, उसने सारी प्रॉपर्टी अपनी बेटी के नाम कर दी थी। इसी कारण, आज तक अमित जी नैना को अपने पास रखे हुए थे। वो बस अपना फायदा देख रहे थे। नैना कुछ देर वहाँ रुकने के बाद चली गई। उसके जाने के बाद, अमित की तरफ़ देखकर मेघा कहती है, "यह तुमने क्या किया? तुम भूल रहे हो कि हमारी भी एक बेटी है! भले ही उसने कुछ गलत काम किया हो, मगर तुम उसका हक़ अपनी गलती यानी नैना को नहीं दे सकते!" मेघा की बात सुनकर अमित जी बोलते हैं, "तुम क्यों फ़िक्र कर रही हो? बहुत जल्दी हम इंडिया के टॉप बिज़नेस मैन बनेंगे। नैना हमारी मदद करेगी, फिर उसके बाद मैं उसे जेल भिजवा दूँगा। मेरे किए गए गुनाहों की सज़ा वह वहाँ अगस्ती फैमिली में भुगतेगी, और हम उसके पैसों पर ऐश करेंगे..." अमित की यह बात सुनकर मेघा के चेहरे पर भी एक शैतानी मुस्कान आ जाती है। वह अपने मन में सोचती है, "तैयार हो जाओ, नैना! बहुत जल्द तुम्हारे साथ वो होगा, जो तुम सपने में भी नहीं सोच सकती!" वहीं, नैना जो कि कैब में बैठी एक रेस्टोरेंट जा रही थी, अपने मन में सोचती है, "इतना भी क्या जल्दी है, मिस्टर अमित मित्तल? तुम्हें अपने गुनाहों की सज़ा बहुत जल्द मिलेगी, और वह सज़ा मैं खुद दूँगी। तुमने क्या मुझे पहले जैसा समझा है?" असल में, नैना को यह सब पहले से ही पता था। यह सब उसका प्लान था। (आप लोग सोच रहे होंगे कि नैना को यह बात कैसे पता चली?) तो मैं बताती हूँ... जिस दिन नित्या और उसकी माँ घर में रो-रो कर हंगामा कर रही थीं, उसी दिन नैना का पुनर्जन्म हुआ था। जब वह सुबह अपने बेडरूम में सोकर उठी थी, तभी से वह पूरी तरह बदल चुकी थी। और नैना बदले भी क्यों न? उसे अपने पिछले जन्म की सारी गलतियाँ याद थीं। उसे याद था कि कैसे इन लोगों ने अगस्ती फैमिली के साथ धोखा करके उनकी सारी प्रॉपर्टी हड़प ली थी। इसके बाद, उस फैमिली ने नैना से इतनी नफरत करनी शुरू कर दी थी कि अनिरुद्ध तो उसकी मौत की दुआ माँगता था। कुछ समय बाद, उन लोगों ने नैना को जेल भिजवा दिया था, जहाँ उसने अपने बच्चे को जन्म दिया था। मगर नित्य और मेघा ने मिलकर उसके बच्चे को तक मार दिया था। और कुछ दिनों बाद, नैना की जेल में आग लगा दी गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। अब नैना बदला लेने के लिए वापस आई थी। वह अब मासूम नैना नहीं, बल्कि एक खतरनाक नैना बनकर लौटी थी। बाय-बाय! ---

  • 12. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 12

    Words: 672

    Estimated Reading Time: 5 min

    --- आज कई दिनों बाद नैना अपने दोनों दोस्तों से मिलने वाली थी। उसके दोनों दोस्त उसकी बेस्ट फ्रेंड थीं। वे लोग उसकी सीक्रेट आइडेंटिटी के बारे में जानती थीं, मगर पहले नैना अपने माँ और परिवार पर बहुत ज़्यादा भरोसा करती थी। इसी बात का लोगों ने फ़ायदा उठाकर उसे मार दिया था। मगर इस बार, वह अपना बदला लेने आई थी। जब वह रेस्टोरेंट के अंदर गई, तो एक टेबल पर उसके दोनों दोस्त बैठी हुई नज़र आईं। एक तरफ़ मोनिका बैठी थी और दूसरी तरफ़ मनीषा। अब जानते हैं कि मनीषा कौन है—मनीषा एक मिडिल-क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करती है और अपने घर की बड़ी बेटी होने के कारण अपने पूरे परिवार का आर्थिक रूप से सहयोग करती है। वह अपने माँ-बाप की लाडली है। जैसे ही मोनिका और मनीषा नैना को आते हुए देखती हैं, वे पहले एक-दूसरे की ओर देखती हैं, फिर नैना से पूछती हैं, "आज हमें क्यों याद किया तुमने?" "तुम लोग अभी भी मुझसे गुस्सा हो? मैं कह रही हूँ ना, मैं अब तुम्हारी बातों को समझ चुकी हूँ। मुझे अब एहसास हो गया है कि जो तुम कह रही थीं, वह सच था। अब मैं अपने उन अपनों से बदला लेना चाहती हूँ!" नैना ने कहा। उसकी यह बात सुनकर मोनिका और मनीषा दोनों ही हैरान रह गईं। वे इसलिए चौंक गई थीं क्योंकि वे पहले से ही नैना के परिवार के बारे में जानती थीं और उसे समझाने की कोशिश भी की थी कि उसके अपने ही उसके लिए सही नहीं हैं। मगर तब नैना ने उनकी बातों पर यकीन नहीं किया था। आखिरी मुलाक़ात में उन तीनों के बीच बहस हो गई थी, जिसके कारण नैना गुस्से में वहाँ से चली गई थी और फिर कभी उन्हें कॉल भी नहीं किया। मगर आज अचानक उसने उन दोनों को याद किया, जिससे वे और भी ज़्यादा हैरान थीं। जब मोनिका और मनीषा ने नैना से मिलने का कारण पूछा, तो उसने उन्हें रेस्टोरेंट बुला लिया था, जहाँ वह सारी बातें स्पष्ट करने वाली थी। "क्या तू सच में जान गई है कि वे लोग तेरे लिए अच्छे नहीं हैं? मैं तो पहले ही कहती थी कि तेरी सौतेली माँ और तेरे डैड दोनों मिले हुए हैं!" मनीषा बोली। "वे तुझे अपने फ़ायदे के लिए ही यूज़ कर रहे हैं! तभी तो तेरी शादी एक बूढ़े से करा दी!" "मेरा हसबैंड बूढ़ा नहीं है!" नैना ने कहा। "क्यों? वो बूढ़ा क्या बिस्तर पर कुछ ज़्यादा अच्छा था क्या?" मोनिका चौंकते हुए बोली। "ये सब छोड़ो, इसके बारे में मैं तुम्हें बाद में बताऊँगी!" नैना ने गहरी साँस लेते हुए कहा। "पहले सुनो, मैंने तुम दोनों को क्यों बुलाया है। मुझे अपनी कंपनी के बारे में हर एक जानकारी चाहिए! मैं अपनी कंपनी को टेकओवर कर रही हूँ!" यह सुनकर मोनिका और मनीषा और भी ज़्यादा हैरान हो गईं। "मगर तुम्हारे डैड तुम्हें ऐसा करने क्यों दे रहे हैं?" वे दोनों एक साथ बोलीं। "शायद वे मुझे यूज़ करके मेरी कंपनी को और ज़्यादा प्रॉफ़िटेबल बनवाना चाहते हैं, ताकि मैं उनके लिए ज़्यादा से ज़्यादा पैसा कमा सकूँ। बाद में, जब मेरा इस्तेमाल पूरा हो जाएगा, तो वे मुझे ख़त्म करने की कोशिश करेंगे! मगर मैं ऐसा होने नहीं दूँगी!" नैना ने शांत स्वर में कहा। "उन्होंने जैसे मेरा इस्तेमाल किया है, वैसे ही मैं उनका इस्तेमाल करके अपनी कंपनी वापस ले लूँगी। और फिर, उन लोगों को ऐसी हालत में पहुँचा दूँगी कि ना वे मर सकेंगे, ना जी सकेंगे!" उसकी आवाज़ में एक अजीब-सा गुस्सा था। "हम दोनों तेरा पूरा साथ देंगे! तेरा बदला, हमारा बदला है!" मोनिका और मनीषा एक-दूसरे की ओर देखकर बोलीं। "इसीलिए तो मैंने तुम दोनों को फ़ोन किया था। मुझे तुम्हारी मदद की ज़रूरत है!" नैना मुस्कुराती हुई बोली। "क्या करना है?" मोनिका ने पूछा। "हमारे सारे आदमियों को ख़बर कर दो कि मुझे मेरी माँ के बारे में हर एक जानकारी चाहिए! मुझे नहीं पता क्यों, लेकिन ऐसा लग रहा है कि मैं मिस्टर अमित मित्तल की बेटी नहीं हूँ!" नैना ने गहरी साँस लेते हुए कहा। --- आज का एपिसोड कैसा लगा? कमेंट करके बताना...!

  • 13. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 13

    Words: 519

    Estimated Reading Time: 4 min

    उसकी यह बात सुनकर मोनिका और मनीषा दोनों ही हैरान हो गईं। आज नैना ने पता नहीं कितने झटके दे दिए थे! बेचारे समझ ही नहीं पा रहे थे कि कैसे रिएक्ट करें। तभी मोनिका बोली, "यार नैना, तू झटके पर झटका देना बंद कर! एक बार में सारी बातें बता, नहीं तो हम दोनों में से किसी को हार्ट अटैक आ गया, तो उसकी जिम्मेदारी तेरी होगी!" इस पर मनीषा बोली, "हां नैना, तू हमें एक बार में सारी बात बता दे! नहीं तो हम में से कोई जवानी में ही मर जाएगा।" उसकी यह बात सुनकर मोनिका और नैना दोनों हंस पड़ीं। मगर फिर मोनिका ने बात को सीरियसली लेते हुए कहा, "ठीक है, मैं अपने आदमियों को कॉल करके तेरी मां के बारे में जानकारी इकट्ठा करने को कह दूंगी। और हां, अभी के लिए इतनी बातें काफी हैं। हम लोग इतने दिनों बाद मिले हैं, तो शॉपिंग तो बनती ही है!" नैना ने कहा, "मगर मुझे बहुत देर हो रही है। मुझे घर जाना पड़ेगा... शायद वो मेरा इंतजार कर रहा होगा।" इस पर मोनिका और मनीषा ने चिढ़ाते हुए कहा, "अरे वाह! अभी शादी को दो दिन भी नहीं हुए और तू पहले से ही पत्नी धर्म निभाने लगी?" नैना झेंपते हुए बोली, "ऐसी कोई बात नहीं है। बस मुझे लगता है कि मुझे घर जल्दी जाना चाहिए, बस और कुछ नहीं।" मगर मोनिका और मनीषा उसकी एक भी बात नहीं मानीं और उसे जबरदस्ती अपने साथ शॉपिंग पर ले गईं। वहां वे काफी देर तक शॉपिंग करती रहीं और देखते ही देखते पूरी शाम बीत गई। इसे देख नैना ने कहा, "अब सच में मुझे घर जाना चाहिए।" मगर वे दोनों उसकी बात को फिर भी नहीं मानीं और उसे अपने साथ मनीषा के घर ले गईं, जहां वे सब अपने कपड़े बदलकर क्लब जाने के लिए तैयार हो गईं। दूसरी तरफ, अनिरुद्ध का भी यही हाल था। उसका किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था। बार-बार उसे नैना की याद आ रही थी। वह नैना के साथ बिताए हुए हर पल को याद करता रहा। वह किसी भी मीटिंग में ध्यान नहीं दे पा रहा था, जिसे देखकर सभी लोग हैरान थे। मगर कोई कुछ नहीं कह रहा था, क्योंकि वे जानते थे कि अनिरुद्ध अभी अच्छे मूड में नहीं है। अगर उसे डिस्टर्ब किया गया, तो वह अपना डेविल रूप दिखाने में देर नहीं लगाता। थोड़ी देर बाद, मीटिंग खत्म होने पर, जब अनिरुद्ध अपने केबिन में पहुंचा, तो उसका असिस्टेंट एक फाइल लेकर आया और बोला, "सर, यह रही नैना मैम की पूरी जानकारी की फाइल।" अनिरुद्ध ने उसके हाथ से फाइल ली और उसे जाने का इशारा किया। हां, वह नैना के बारे में सारी जानकारी इकट्ठा करवा रहा था। वह अपनी चेयर पर बैठकर फाइल पढ़ने ही वाला था कि तभी उसके केबिन का दरवाजा बिना नॉक किए खुला और दो लोग अंदर आ गए। वे उसके दोस्त सक्षम और राघव थे। उन्हें देखकर अनिरुद्ध ने पूछा, "तुम दोनों यहां क्या कर रहे हो?" इस पर सक्षम और राघव मुस्कुराते हुए बोले, "यह सवाल हमें तुझसे पूछना चाहिए! तू हमें अपनी शादी की पार्टी नहीं देगा?"

  • 14. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 14

    Words: 702

    Estimated Reading Time: 5 min

    उसकी यह बात सुनकर अनिरुद्ध ने कहा, "पार्टी किस चीज़ की? मैं कोई पार्टी-वार्टी नहीं देने वाला!"

    यह सुनकर सक्षम और राघव एक-दूसरे को देखते हैं और फिर अनिरुद्ध के पास जाकर बोले, "कैसे नहीं देगा तू पार्टी? हमें तो पार्टी चाहिए! चुपचाप चल हमारे साथ क्लब में!"

    अनिरुद्ध कुछ बोल ही नहीं पाया क्योंकि वे दोनों उसे जबरदस्ती अपने साथ क्लब ले गए।

    दूसरी ओर, नैना अपने दोस्तों के साथ पहले ही क्लब पहुँच चुकी थी। वे लोग एक टेबल पर बैठकर ड्रिंक्स का आनंद ले रहे थे। वे आज पूरी तरह पार्टी मूड में थे, इसलिए उन्होंने काफी ज्यादा व्हिस्की मँगवा ली थी, जो टेबल पर रखी हुई थी।

    सामने टेबल पर बैठे कुछ लड़के उन्हें नोटिस कर रहे थे। वे लगातार नैना और उसकी सहेलियों को घूर रहे थे।

    इसी बीच, मनीषा और मोनिका नैना को डांस फ्लोर पर ले आईं, और तीनों मस्ती में डांस करने लगीं। यह देखकर वे लड़के भी उनके करीब आने लगे और जानबूझकर उनके पास आकर डांस करने की कोशिश करने लगे।

    जैसे ही एक लड़का मोनिका को छूने की कोशिश करता है और दूसरा लड़का मनीषा को, उससे पहले ही दोनों ने एक-दूसरे को देखकर एक झटके में उन लड़कों को उठाकर पटक दिया।

    क्लब में म्यूजिक रुक गया, और सभी लोग हैरानी से नैना, मनीषा और मोनिका को देखने लगे।

    क्लब में मौजूद लोग मन ही मन सोच रहे थे— "ये दोनों लड़कियाँ दिखने में इतनी नाजुक हैं, मगर एक हट्टे-कट्टे आदमी को उठाकर पटक दिया!"

    तभी उन लड़कों में से एक, जो उनका लीडर लग रहा था, मनीषा और मोनिका की तरफ उंगली दिखाते हुए गुस्से में बोला, "लड़की, तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे दोस्तों को उठाकर पटकने की? अभी तुझे बताता हूँ!"

    इतना कहकर वह दोनों पर हमला करने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन उससे पहले ही नैना उसके सामने आकर उसका हाथ पकड़ लिया और सख्त लहजे में बोली, "तमीज़ से पेश आओ, नहीं तो हमें भी बदतमीज़ी करने में देर नहीं लगेगी!"

    इतना कहते ही नैना ने उसका हाथ मोड़कर उसकी पीठ के पीछे कर दिया, जिससे वह दर्द से चिल्लाने लगा।

    वहीं दूसरी ओर, क्लब के वीआईपी सेक्शन में बैठे कुछ खास मेहमान इस नज़ारे को देख रहे थे, और उनमें से एक अनिरुद्ध भी था।

    जब उसने नैना को किसी और लड़के का हाथ पकड़ते देखा, तो उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया।

    इसी बीच सक्षम और राघव नैना की तारीफ करते हुए बोले, "यार, तेरी बंदी में दम तो है! इसने सबके सामने इन लड़कों की बैंड बजा दी!"

    राघव ने भी सहमति जताते हुए कहा, "हाँ, भाभी तो बहुत कमाल की चीज़ है!"

    अनिरुद्ध ने उनकी बातों को नज़रअंदाज़ किया और सीधा नीचे चला गया।

    वहीं, नैना अब तक उस लड़के को पूरी तरह गिरा चुकी थी और गुस्से में बोली, "पहली बात, तुम लोग खुद हमारे साथ बदतमीज़ी करने आए और फिर हमसे उम्मीद करते हो कि हम कुछ ना करें? हम सब देख रहे थे कि तुम लोग क्या कर रहे थे। तुम्हारी गंदी नज़रों से हमें सब समझ आ रहा था।"

    "तुम जैसे छिछोरों के बारे में हमें अच्छी तरह पता है। अगर दोबारा किसी लड़की को छेड़ने या बदतमीज़ी करने की कोशिश की तो याद रखना कि मैंने तुम्हें कैसे सबक सिखाया!"

    इतना कहते हुए नैना ने उसके बाल पकड़कर उसका सिर ऊपर किया और फिर झटके से छोड़ दिया।

    तभी अनिरुद्ध वहाँ आ चुका था। उसने नैना के हाथों से उस लड़के के बाल छुड़ाते हुए कहा, "इसे छोड़ो, अब मैं देखता हूँ इसे।"

    इतना कहकर उसने नैना को लड़के से दूर किया और उसे खतरनाक नज़रों से घूरने लगा।

    वह लड़का, जो पहले ही दर्द में था और नैना से डर रहा था, अब अनिरुद्ध की आँखों को देखकर और भी ज़्यादा डर गया।

    वह मन ही मन सोचने लगा—"आज मेरा दिन ही खराब है! पहले इन लड़कियों से पिट गया, और अब बिज़नेस किंग अनिरुद्ध अगस्त से पाला पड़ गया, जिसे अच्छे-अच्छे माफिया भी डरते हैं!"

    वहीं, नैना अनिरुद्ध को देखकर पूरी तरह से चौंक गई। वह हैरानी से अनिरुद्ध को घूर रही थी।

    अनिरुद्ध ने अपने बॉडीगार्ड्स को इशारा किया, और उन्होंने उन लड़कों को पकड़कर क्लब से बाहर निकाल दिया।

  • 15. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 15

    Words: 542

    Estimated Reading Time: 4 min

    वहीं अब तक नैना और उसके दोस्त हैरानी से अनिरुद्ध को देख रहे थे।

    नैना मन ही मन सोच रही थी कि अनिरुद्ध यहाँ क्या कर रहा है, जबकि उसके दोस्त सोच रहे थे कि यह आदमी कौन है?

    नैना अपनी जगह खड़ी थी, तभी अनिरुद्ध आया और उसका हाथ पकड़कर उसे वहाँ से ले जाने लगा।

    यह देख मनीषा और मोनिका तुरंत आगे बढ़ीं और अनिरुद्ध के सामने आकर खड़ी हो गईं, उसका रास्ता रोकते हुए।

    "तुम हो कौन? और हमारी दोस्त को यहाँ से लेकर कहाँ जा रहे हो?" गुस्से से मोनिका ने कहा।

    मनीषा ने भी उसकी बात का समर्थन किया।

    "Excuse me, यह मेरी पत्नी है, तो मैं इसे ले जा सकता हूँ, है ना?" अनिरुद्ध ने पूरी गंभीरता से जवाब दिया।

    अनिरुद्ध की बात सुनकर दोनों हैरानी से एक-दूसरे को देखने लगीं और फिर नैना की तरफ देखा, जो सिर झुकाए खड़ी थी।

    मोनिका और मनीषा के दिमाग में एक ही सवाल घूम रहा था—"नैना ने हमें बताया ही नहीं कि उसका पति कोई बूढ़ा नहीं, बल्कि मिस्टर अनिरुद्ध अगस्ती है, जो पूरे मुंबई पर राज करता है!"

    वहीं, अनिरुद्ध नैना का हाथ पकड़कर उसे वहाँ से ले गया।


    सक्षम आगे बढ़ा और मोनिका को अपनी गोद में उठाकर उसे वहाँ से ले गया।

    वहीं, मनीषा अभी भी वहीं खड़ी थी। उसे देखकर राघव उसका हाथ पकड़ लिया और कहा, "चलो, मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ देता हूँ। इतनी रात को तुम्हारा इस तरह घर जाना सुरक्षित नहीं है।"

    बेचारी मनीषा पहले ही नशे में थी क्योंकि उत्साह में उसने 2-3 व्हिस्की के पैग लगा लिए थे।

    जैसे ही वह राघव की तरफ बढ़ी, उसका पैर लड़खड़ा गया और वह गिरने लगी।

    यह देखकर राघव तुरंत उसे पकड़ लिया।

    मनीषा बड़ी मुश्किल से अपनी आँखें खोली और राघव की तरफ देखा।

    राघव उसे गिरते हुए देखकर अपनी गोद में उठा लिया और वहाँ से ले गया।


    वहीं, सक्षम मोनिका को घूर रहा था, जो उसकी गोद में बैठी हुई थी।

    "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई सबके सामने मुझे ऐसे उठाकर लाने की?" गुस्से से मोनिका ने सक्षम के कॉलर को पकड़ते हुए कहा।

    "अच्छा? चलो, फिर से उठाकर दिखाता हूँ!" सक्षम मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

    यह सुनकर मोनिका चिढ़ गई और उसके कॉलर को छोड़कर गुस्से में उसके गले को दबाते हुए बोली, "तुम्हें तो मैं छोड़ूँगी नहीं!"

    "मैंने कब कहा कि तुम मुझे छोड़ दो? मैं तो चाहता ही हूँ कि तुम मुझे पकड़े रहो!" सक्षम हंसते हुए कहा।

    यह सुनकर मोनिका और ज्यादा चिढ़ गई और उसकी गोद से हटकर अलग बैठ गई।

  • 16. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 16

    Words: 531

    Estimated Reading Time: 4 min

    मोनिका के चुपचाप बैठ जाने के बाद, सक्षम ने अपनी कार स्टार्ट की और मोनिका के घर की ओर चल पड़ा।

    वहीं, अनिरुद्ध और नैना की कार में पूरी तरह सन्नाटा छाया हुआ था। कोई भी कुछ नहीं बोल रहा था। अनिरुद्ध शांति से कार चला रहा था।

    नैना को अनिरुद्ध की खामोशी अच्छी नहीं लग रही थी।

    इसलिए, उसने पहले बात शुरू करते हुए कहा, "अनिरुद्ध, तुम वहाँ क्या कर रहे थे?"

    उसके सवाल पर अनिरुद्ध ने शांति से जवाब दिया, "क्या यह सवाल सिर्फ तुम ही पूछ सकती हो? मैं भी तो यह सवाल पूछ सकता हूँ।"

    इस पर नैना ने कहा, "असल में, मैं वहाँ नहीं जाना चाहती थी, मगर मेरी फ्रेंड्स जबरदस्ती ले गई थीं।"

    अनिरुद्ध ने गंभीरता से कहा, "मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम वहाँ गईं या नहीं, लेकिन तुमने मेरे अलावा किसी और मर्द को हाथ लगाया, इसकी सजा तुम्हें जरूर मिलेगी!"

    अनिरुद्ध की बात सुनकर नैना हैरानी से उसकी तरफ देखने लगी।

    अनिरुद्ध ने फिर कहा, "ज्यादा हैरान होने की जरूरत नहीं है। यह बात अपने दिमाग में अच्छी तरह बिठा लो कि मेरे अलावा तुम्हें कोई और छू नहीं सकता! मुझे बिल्कुल पसंद नहीं कि कोई और मेरी चीजों या मेरे लोगों को देखे या छुए…!"

    इतना कहते हुए अनिरुद्ध ने अचानक कार के ब्रेक जोर से लगाए, जिससे नैना खुद को संभाल नहीं पाई और आगे डैशबोर्ड से टकराने ही वाली थी कि तभी अनिरुद्ध ने अपना हाथ आगे कर उसके सिर को टकराने से बचा लिया।

    नैना को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला, इसलिए वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाई।

    लेकिन जब उसे समझ में आया, तो उसने धीरे से अपना सिर ऊपर उठाया।

    अनिरुद्ध कार से बाहर निकला, नैना के साइड जाकर उसका दरवाजा खोला और उसका हाथ पकड़कर उसे विला के अंदर ले गया। जी हाँ, अनिरुद्ध नैना को लेकर अपने मुंबई वाले विला में वापस आ चुका था।


    दूसरी तरफ:

    राघव की कार में मनीषा बैठी लगातार रो रही थी, जिसे राघव शांत करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन फिर भी मनीषा शांत नहीं हो रही थी।

    असल में, राघव ने बस उसका घर का पता ही पूछा था, और तभी से मनीषा रोए जा रही थी।

    राघव परेशान हो रहा था कि आखिर उसने ऐसा क्या कह दिया, जिससे मनीषा इतनी रो रही है?

    आखिरकार, हार मानकर राघव ने पूछ ही लिया, "मनीषा, तुम रो क्यों रही हो?"

    मनीषा ने सिसकते हुए जवाब दिया, "अगर मैं ऐसे घर गई, तो मेरी मम्मी मुझे बहुत मारेगी!"

    यह सुनकर राघव को मनीषा की मासूमियत पर हंसी भी आई और उसे उस पर प्यार भी आ गया।

    वह मन ही मन बुदबुदाया, "अनिरुद्ध, तूने मुझे कहाँ फंसा दिया है?"

    इतना सोचते हुए उसने जल्दी से अपनी कार घर की ओर मोड़ ली, क्योंकि मनीषा को इस हालत में वह उसके घर नहीं छोड़ सकता था। इसलिए, वह उसे अपने घर लेकर चला गया।

    मनीषा सिसकते-सिसकते कब सो गई, यह बात खुद राघव को भी पता नहीं चली।

  • 17. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 17

    Words: 516

    Estimated Reading Time: 4 min

    अनिरुद्ध नैना को लेकर सीधे अपने घर आया था और उसे सीधे अपने बेसमेंट में ले गया। नैना बस अपने घर को देख रही थी, जो अब उसका ही था।

    वह पूरे विला को देख रही थी, और जब उसका ध्यान बेसमेंट की ओर गया, तो वह हैरान रह गई। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अनिरुद्ध उसे वहाँ क्यों ले जा रहा है।

    अनिरुद्ध उसे एक बेसमेंट के कमरे में ले गया, जो किसी क्लब जैसा दिखता था और वहाँ एक बार भी था।

    अनिरुद्ध ने नैना को वहाँ रखे सोफे पर धकेल दिया और उसकी ओर देखने लगा। नैना भी उसे घूरने लगी।

    तभी अनिरुद्ध बोला, "तुम्हें बहुत नाचने का मन कर रहा था ना क्लब में? तो चलो, अब यहाँ डांस करते हैं!"

    इतना कहते ही वह नैना के पास गया, उसकी जैकेट पकड़कर खींची और उतार दी। अब नैना सिर्फ एक वन-पीस ड्रेस में थी, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थी।

    उसने ब्लैक कलर का वन-पीस पहना हुआ था, जो पीछे से पूरी तरह बैकलेस था। उसकी खूबसूरत पीठ नज़र आ रही थी।

    इसे देखकर अनिरुद्ध बोला, "आज तुम्हारी इच्छा ज़रूर पूरी होगी!"

    फिर उसने अपना कोट निकालकर सामने सोफे पर रखा और वहीं बैठते हुए कहा, "अब बताओ, तुम मुझे खुश करोगी? और तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई क्लब जाने की, वह भी मेरी परमिशन के बिना?"

    अनिरुद्ध की बात सुनकर नैना गुस्से में आ गई और जवाब दिया, "तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या? अब क्या मुझे तुमसे पूछकर हर जगह जाना होगा?"

    उसकी यह बात सुनकर अनिरुद्ध के हाथ की मुट्ठियाँ कस गईं।

    वह नैना की ओर देखकर गंभीर स्वर में बोला, "मैंने यह नहीं कहा कि तुम्हें हर जगह जाने से पहले मुझसे परमिशन लेनी होगी, मगर कम से कम एक बार मुझे बता तो सकती थी ताकि मुझे पता रहे कि तुम कहाँ हो।"

    अनिरुद्ध की बात सुनकर नैना शांत हो गई।

    उसे चुप देखकर अनिरुद्ध फिर बोला, "लेकिन तुमने गलती की है, और गलती की सज़ा भी मिलेगी। इसलिए, तुम्हारी सज़ा यह है कि अगले एक हफ़्ते तक तुम कहीं नहीं जाओगी। इस एक हफ़्ते में पूरे घर की सफ़ाई, खाना बनाना और रात में मेरे लिए शो करना तुम्हारी ज़िम्मेदारी होगी।"

    अनिरुद्ध की बात सुनकर नैना उसे इस तरह घूरने लगी जैसे वह किसी पागल को देख रही हो।

    वहीं, अनिरुद्ध के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी, क्योंकि उसे पता था कि इस एक हफ़्ते में नैना की बुरी तरह बैंड बजने वाली है।

  • 18. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 18

    Words: 894

    Estimated Reading Time: 6 min

    नैना अनिरुद्ध से बोलता है कि तुम ऐसा कैसे कर सकते हो तुम जानते हो ना मुझे ऑफिस में जाना है उसकी यह बात सुनकर वह बोलता है मैं कुछ नहीं हूं तुम अब से पर सिर्फ मेरी हो तो तुम्हें मेरी परमिशन या यह लेने की जरूरत नहीं है बस मुझे बता देना चाहिए था और अगर अब तुमने मेरे यह सजा नहीं पूरी की तो तुम्हें और डबल कर दूंगा और मैं पूरे 1 साल के लिए तुम ऐसे घर में बैठ कर रखूंगा और तुम्हें घर का सारा काम साथ जो मैं बोला हूं वह भी करना ही पड़ेगा उसकी यह बात सुनकर नैना चुप हो जाती है क्योंकि वह अनिरुद्ध को गुस्सा दिलाना नहीं चाहती थी।

    इसलिए वह चुपचाप मान जाती है वहीं अनिरुद्ध उसको देखकर बोलता है वैसे बीवी अब सलूजा कल से शुरू हो जाएगी मगर आज रात थोड़ा रोमांस कर लेते हैं इतना बोलते हो अनुरोध उसके पास आता है और नैना को अपने कंधे में उठाकर सीधे उसे क्लब जैसे कमरे से बाहर निकलता है और सीधा अपने कमरे के तरफ चला जाता है।

    नैना को अपने कमरे में लाकर उसे बेड पर धक्का दे देता है नाना उसकी हरकत पर उसको देखने लगती है तो अनिरुद्ध उसके ऊपर आ जाता है और थोड़ी देर में दोनों के ही कपड़े जमीन पर बिखेरे  हुए थे।

    और अनुरोध नैना के ऊपर था।

    अगली सुबह...

    अनुरोध जब उठना है तो वह नैना को अपने बाहो मै पता है और उसे देखकर बोलता है नाना बेबी तुमने जो गलती की है ना वह दोबारा ना करो इसलिए मैंने तुम्हें सजा दिए है ताकि तुम फ्यूचर में ऐसी गलती ना करो और मुझे तुम्हारी हर एक खबर तुम्हारे मुंह से ही सुननी है कि तुम कहां पर हो और किधर हो मेरे पास बहुत से लोग है तुम पर नजर रखने के लिए बट मैं चाहता हूं कि तुम मुझे हर बार बात कर जाओ ताकि मुझे तुम्हारा इंतजार है तुम्हारी फिक्र ना रहे मगर मेरे आदमी तुम्हारे साथ हमेशा रहेंगे तुम्हें प्रोटेक्ट करने के लिए यह तुम्हारे लिए बहुत जरूरी है क्योंकि मैं जानता हूं की तुम्हारे घर वाले ही तुम्हारे दुश्मन है।

    इतना बोलते हुए अनुरोध नैना के माथे पर हल्का सा किस कर देता है और फिर उससे अलग होकर उसे अच्छे से ब्लैंकेट उड़ा देता है और सीधे बाथरूम के अंदर चला जाता है।

    जब वह फ्रेश होकर आता है तब उसकी नजर बेड पर जाती है जहां पर नैना उठ चुकी थी जिसे देख अनुरोध बोलता है चलो बीवी अगर तुम उठ चुकी हो तो जल्दी से फ्रेश हो जाओ और मेरे लिए नाश्ता बना दो क्योंकि तुम्हारे हस्बैंड को ऑफिस भी आज जल्दी जाना है।

    मेरे कुछ इंपॉर्टेंट क्लाइंट्स मेरा वेट कर रहे हैं।

    उसके बाद सुनकर नैना क्योंकि अभी अपने कमर दर्द से परेशान थी उसकी तरफ देख घूरने लगती है।

    उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि वह अभी अनुरोध का खून कर देगी मगर फिर भी वह अपने आप को शांत रख कर चुपचाप बेड से उतरती और बाथरूम के अंदर चली जाती है वहीं उसने इस वक्त अनुरोध की शर्ट पहन रखी थी।

    वही अनिरुद्ध उसको देखते ही रह जाता है और कुछ नहीं बोलता है।

    जल्दी-जल्दी बाहर फ्रेश होकर आती है और क्लोजर ग्रुप में जाकर एक हल्की सी मैक्सी वाली ड्रेस पहनकर बाहर आती है उसने अपने बालों का जुड़ा बना रखा था उसने मेकअप नहीं किया हुआ था उसके पैरों में वाइट कलर की स्लीपर थी जो उसने पहना हुआ था वह तुरंत ही नीचे चल जाती है जहां पर लिविंग हॉल में अनिरुद्ध बैठकर अपने लैपटॉप में कुछ काम कर रहा था।

    वही नैना चुपचाप किचन में जाती है और फटाफट अनिरुद्ध के लिए चाय बनती है क्योंकि उसे सिर्फ चाय बनाना नहीं आता था और सैंडविच जॉकी थोड़ा सा जल भी गया था।

    नैना उसे नाश्ते को उठती है और सीधे प्लेट में सर्व करने के बाद सीधे डाइनिंग टेबल पर जाकर रख देती है।

    वह अनिरुद्ध के पास जाती है और उसे बताती है कि उसने नाश्ता बना लिया है वही अनुरोध भी उसके साथ जल्दी से डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ जाता है और जब वह सैंडविच को देखता हैं तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है।

    क्योंकि उससे पहले से ही बताता है नैना को खाना बनाना नहीं आता था इसलिए वह कुछ नहीं बोलता है और चुपचाप उसे सैंडविच को खा लेता है और चाय भी पी लेता है जो कि वह जल्दी पीता नही था।

    थोड़ी देर में वह नाश्ता करने के बाद नैना को हग कर लेता है वही नैना भी उसे वैसे ही हग करने देती है।

    वही अनुरोध उसके कान में बोलता है जल्दी-जल्दी सारा काम करके थोड़ा सा rest कर लेना क्युकी रात को तुम्हे उसकी जरूरत पड़ने वाली है।

    उसकी यह बात सुनकर नैना उसे धक्का दे देती है भाई अनुरोध उसको देखकर हंस देता है और जल्दी से उसके एक गालों पर किस करके भाग जाता है।

    वही नैना उसकी हरकत पर अपने चेहरे पर हाथ रख लेती है जिस पर अनिरुद्ध ने किस किया था और वो ब्लश करने लगती है और वह फिर पूरे घर को देखते हैं जो की काफी ज्यादा बड़ा और गंदा लग रहा था जिसे देखकर उसका बुरा मुंह बन जाता है मगर फिर वो अपने पूरे घर को चमकाने मै बीसी हो जाति है।

    बाय बाय आज का एपिसोड कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताइएगा...!

  • 19. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 19

    Words: 992

    Estimated Reading Time: 6 min

    नैना पूरी दिन पूरे घर को साफ करते रहती है और वह बहुत बुरी तरह जाती है।

    वह अपने मन ही मन अमित को बहुत सारे गालियां देती है और काम करती है रात को जब अनुरोध आता है तो वह भी उसकी ऐसी हालत देखकर उससे ज्यादा परेशान नहीं करता है नाना ने पहले खाना बना दिया था इसलिए वह चुपचाप खाने को खाकर उसको अपनी गोद में लेकर ही रूम की तरफ जा रहा था जिसे देखकर नैना को लगता है की वह आज रात को बज जाएगी मगर अनिरुद्ध उसके बातों को गलत साबित कर देता है और उसको रुम में ले जाता है और बेड पर लेट जाता है और उसके ऊपर आ जाता है।

    वह नैना को धीरे-धीरे किस करता है और उसके ऊपर आ जाता है थोड़े दिन में दोनों के कपड़े जमीन पर थे और अनिरुद्ध नैना के अंदर ही था नैना को थोड़ी देर परेशान करने के बाद अनुरोध उसको उठना है और सीधे बाथरूम में ले जाता है नैना बुरी तरह थक गई थी इसलिए वह सो चुकी थी मगर अनुरोध उसकी ऐसी हालत देखकर थोड़ा परेशान हो जाता है और उसे गर्म पानी में शावर दिलाने के बाद खुद जाकर रूम की सफाई करता है।

    वह बेडशीट को चेंज करने के बाद नैना के पास आता है और नैना को अपने गोद में उठाकर उसे बेड पर सुला देता है और अच्छे से ब्लैंकेट से उसे धक देता है उसकी धाक देने के बाद अनिरुद्ध अपना लैपटॉप में उठता है और रूम के अंदर ही सोफे पर जाकर बैठ जाता है और अपने लैपटॉप में कुछ काम करने लगता है इसी तरह सुबह हो जाती है मुड़ गया था उसकी नजर जब नैना पर पड़ती है।

    तो वह सो रही थी अनुरोध से बिना उसे परेशान किया खुद जाकर शॉवर लेने चला जाता है मगर जब वह बाहर आता है तो देखते हैं कि नैना जाग चुकी थी और वह अपने कमर को पकड़ कर बैठी थी उसे ऐसे देख अनिरुद्ध को थोड़ा अजीब लगता है क्योंकि कल रात को उसने नैना को ज्यादा परेशान नहीं किया था।

    वह उसके पास जाता है उससे पहले नैना बेड से नीचे उतर के धीरे-धीरे चलते हुए बाथरूम की तरफ जा रही थी।

    अनिरुद्ध उसके पास आता है और उसको जाते हुए पीछे मुड़कर देखता है तो उसके कपड़ों पर ब्लड स्टेंड नजर आता है जिसे देखकर वो समझ जाता है की बात क्या है?

    अनिरुद्ध अपने मन में सोचता है कि उसने अच्छा हुआ उसने अपने घर की फीमेल स्टाफ से कहकर लड़कियों के जितने भी जरूरत के समान होते हैं यहां पर रखे हुए थे अपने रूम में रखे हुए थे जिसके वजह से नैना को कोई दिक्कत नहीं होने वाली थी।

    वही अनुरोध जल्दी से अपने क्लोजअप रूम के अंदर जाता है और जल्दी से कपड़े पहन कर बाहर आता है वह सबसे पहले रूम को पूरी एक नजर देखने के बाद अपना फोन निकलता है और किसी को कॉल करके बोलता है सारे सर्विस को घर के अंदर भेज दो और उनसे कह दो कि घर का सारा काम ठीक से पहले जैसा संभालने लगे... उधर उसकी बात सुनकर वह आदमी बोलता है ओके सर...!

    थोड़ी देर में सारे सर्वेंट अनिरुद्ध के विला के अंदर आ जाते हैं और अपना अपना काम करने लगते हैं वही अनुरोध सबसे पहले किचन में जाकर अपने लिए और नैना के लिए एक हल्दी सा ब्रेकफास्ट बनाते हैं।

    वह अपने और नैना के लिए एक कड़क चाय बनाता है और साथी प्याज के पराठे बनता है जो की इत्तेफाक से दोनों को ही बहुत पसंद था।

    वही जब नैना बाथरूम से बाहर निकलती है तो उसे अपना पूरा रूम साफ सुथरा नजर आता है वह देखती है कि एक फीमेल सर्वेंट उसके पेट के पास रखे राम को साफ कर रही थी उसको देखकर वह गुड मॉर्निंग विश करती है तो नैना भी मुस्कुरा कर उसे ग्रेट करती है।

    नैना को थोड़ी हैरानी होती है और वह अपने रूम से बाहर निकाल कर आती है तो कुछ स्टाफ उसे पूरे सेकंड फ्लोर के कॉरिडोर को साफ कर रहे थे।

    नैना जल्दी से सीडियो के पास जाती हो नीचे जाते हुए देखते हैं तो किचन में अनुरोध कुछ बना रहा था और उसके बाद प्लेट में सर्व करने के बाद वो डायनिंग एरिया में आकर डाइनिंग टेबल पर सारे खाने को रख रहा था।

    नैना को देखकर वह मुस्कुरा देता है और उसके पास आकर उसके हाथ को पकड़ लेता है और उसे अपने साथ लेकर डाइनिंग टेबल के पास लाकर एक चेयर को आगे खास खाता है और उसे पर नैना को बैठने के बाद खुद भी उसके बाजू में बैठ जाता है।

    वह नैना को परेशान नहीं बल्कि उसकी केयर कर रहा था उसके लिए चाय को एक कप में निकाल कर उसके तरफ बढ़ा देता है और दूसरा कप में अपने लिए चाय निकाल कर अपने तरफ कर लेता है फिर वह प्याज के पराठे को नैना के प्लेट में रख देता है।

    नैना उसकी तरफ देखती है तो अनुरोध उससे बोलता है तुम्हारी पनिशमेंट खत्म हुई एक दिन में ही तुम्हारा यह हाल हो गया आप तुम्हें यह सब काम करने की कोई जरूरत नहीं है और आगे से इस तरह की गलती दोबारा मत करना नहीं तो पनिशमेंट इस बार की तरह माफ नहीं होगी ओके... इतना बोलते हुए वह नैना के बालों में प्यार से अपना हाथ फिर आता है और फिर उसके बाद उसे अपने नाश्ता करने को कहता है।

    वही नैना भी अपने चाय पीते हुए अपने लिए जो अनुरोध ने प्यास के पराठे बनाए थे उसे खा रही थी और उसे उसका टेस्ट काफी अच्छा लगता है वह कहते हुए मुस्कुराते हुए अनिरुद्ध की तरफ देखती है जो की उसकी मुस्कुराहट को देखकर उसे ही मुस्कुराते हुए देख रहा था।

    जिससे नैना शर्मा जाती है और अपने चाय और पराठे खाने लगती है।

    वही नैना की इस हरकत पर बस हंस पड़ता है।

    आगे इस कहानी में क्या हुआ जानने के लिए कहानी के साथ बने रहे....!

  • 20. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 20

    Words: 2016

    Estimated Reading Time: 13 min

    अगले दिन नैना अनिरुद्ध को लेकर मित्तल कॉरपोरेशन आई थी। उसने उसे वहाँ छोड़कर चला गया था। वहीं, आज मित्तल कॉरपोरेशन को अपने सामने देखकर नैना मन ही मन बोलती है, "अमित मित्तल, अपनी उल्टी गिनती गिनना शुरू कर दो! क्योंकि आज से मेरा बदला लेना शुरू होगा। आज से मैं तुम लोगों से और तुम्हारी फैमिली से, हर एक हिसाब का बदला लूंगी जो तुम लोगों ने मेरे और मेरी माँ के साथ किया है। तुम लोगों के जुल्म और उनके हर आँसू के बदले में लेना, आज से शुरू करूंगी। और करीब एक महीने में, एक कॉरपोरेशन भी मेरा होगा और यहाँ पर राजवीर मेरा चलेगा। अपनी उल्टी गिनती गिनना शुरू कर दो, अमित मित्तल!"

    इतना बोलते हुए नैना सीधे मित्तल कॉरपोरेशन के अंदर चली जाती है। वहाँ सभी लोग उसे पहले से ही जानते थे। अमित ने पहले भी उसे यहाँ बुलाया था, इसीलिए सभी उसे जानते थे; अमित मित्तल की दूसरी सौतेली बेटी के रूप में।

    सभी लोग उसे देखकर उसे गुड मॉर्निंग विश कर रहे थे। नैना मुस्कुराते हुए ऊपर जा रही थी। उसके एटीट्यूड में, उसके चलने के तरीके में, उसका कॉन्फिडेंस साफ झलक रहा था। जिसे देखकर हर कोई महसूस कर सकता था कि वह कितनी बदल गई है। जो नैना इतनी नॉर्मल और किड लेडी जैसी थी, आज वह पूरे एटीट्यूड के साथ चलते हुए लिफ्ट की तरफ जाती है और अंदर जाकर सबसे ऊपर वाले फ्लोर का बटन दबाती है। वह सीधे अमित जी के केबिन में जाती है जहाँ वह पहले से ही थे।

    वह देखकर बोलते हैं, "अच्छा हुआ तुम आ गईं, बेटा। मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा था। मैंने तुम्हारे लिए केबिन रेडी करवा दिया है। वह थर्ड फ्लोर पर है। तुम आराम से जाकर अपने काम को संभाल सकती हो।"

    उनकी बात सुनकर वह अपना सर हिला देती है और बोलती है, "ठीक है। मैं अभी जाकर ज्वाइन कर लेती हूँ। मुझे अपना आशीर्वाद दीजिए।" इतना बोलते हुए, उनके पैर छूती है। वह भी मुस्कुरा देते हैं। वहीं, उनके बाजू में खड़ा एक आदमी, जो 30 या 31 साल का होगा, राधा भाई नैना को चुपके से देखता है। वह अपना सर हाँ में हिला देता है।

    वहीँ, अमित जी से मिलने के बाद वह बाहर चली जाती है। वहीँ, वह आदमी जो अमित जी के बाजू में खड़ा था (उनका असिस्टेंट), नैना के बाहर जाने के बाद बोलता है, "सर, मैं आपके लिए कॉफी लेकर आता हूँ।"

    "हाँ, तुम मेरे लिए कॉफी ले आओ। साथ ही, नैना के केबिन पर नज़र भी डाल देना कि वह वहाँ पर शिफ्ट अच्छे से हुई है या नहीं।"

    उनकी बात सुनकर लक्ष्य (उनका असिस्टेंट) अपना सर हिला देता है और वहाँ से चला जाता है। वह बाहर आता है तो नैना उसे वहीं पर बाहर मिल जाती है।

    वे दोनों साथ में ही लिफ्ट में जाते हैं। लक्ष्य उसकी तरफ देखकर बोलता है, "नैना, तुमने दो दिन पहले ही मुझे कॉल किया था और आज कंपनी में हो, सच में! मुझे लगा नहीं था कि तुम इतनी ज़्यादा डेंजरस हो। हमेशा से मैं तुम्हें बच्ची समझता आया था।"

    नैना लक्ष्य की बात सुनकर बोलती है, "यह सारी बातें ख़त्म करो। हम लोग थर्ड फ्लोर पर पहुँचने वाले हैं। तुमने जो काम कहा था वह किया? जैसा कहा था मैं वही कर रहा हूँ। मैं उन दवाइयों को अमित की कॉफी में मिला रहा हूँ, पर तुमने बताया नहीं वो दवाइयाँ कैसी हैं। मैं पिछले दो दिनों से वो कॉफी में मिला रहा हूँ।"

    नैना बोलती है, "वह जो भी है, तुम्हें जल्दी पता चल जाएगा। पर इस वक़्त तुम्हें मेरे लिए लॉयल रहना होगा। तुम्हें पता है ना, अगर तुमने मेरे ख़िलाफ़ जाने की हिम्मत की तो मैं तुम्हारा वो हाल करूँगी जो तुम सोच भी नहीं सकते।"

    लक्ष्य उसकी बात सुनकर बोलता है, "तो मुझे फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं है। तुम्हारी ही माँ ने मुझे अडॉप्ट किया था और उसे संभाला था। उनका एहसान मैंने जिंदगी भर नहीं चुकाया। आज भी मैं चुपके-चुपके इस कंपनी में इसलिए हूँ ताकि उनकी मौत का राज़ पता कर सकूँ; क्या वह अभी भी ज़िंदा है, यह बात जान सकूँ। तुम्हारे पापा का असिस्टेंट बनने के लिए मैं बस इसलिए यहाँ भर्ती हुआ था ताकि मैं पता लगा सकूँ तुम्हारी माँ की मौत में किसका हाथ है।"

    नैना बोलती है, "लक्ष्य, मैं जानती हूँ तुम भी मेरी माँ के उतने ही करीब थे जितनी मैं थी। इसलिए मेरी मदद करो। मैं अमित मित्तल की पूरी फैमिली को ख़त्म कर दूँगी और अपनी माँ के साथ किए हुए हर जुल्म का बदला लूँगी।"

    लक्ष्य नैना की बात सुनकर अपना हाथ आगे बढ़ाकर नैना के सर पर रखता है और कहता है, "तुम फ़िक्र मत करो, मैं तुम्हारे साथ हूँ। वैसे अब तुम बताओ वो दवाइयाँ कैसी हैं?"

    नैना के चेहरे पर एक ख़तरनाक सी मुस्कान आ जाती है और वह बोलती है, "तुम फ़िक्र मत करो, वो दवाइयाँ जो भी हैं, तुम्हें जल्दी पता चल जाएँगी। लक्ष्य, तब तक वो काम करते रहो और हाँ, नित्या वापस आ रही है। मैंने पता लगवाया है। वह वापस लौट रही है। इसलिए सबसे पहले एक काम करो, मैं कल एक फ़ाइल लेकर आऊँगी, उस पर अमित के सिग्नेचर चाहिए।"

    लक्ष्य बोलता है, "ठीक है, तुम वो फ़ाइल ले आना। मैं किसी तरीके से तुम्हारे डैड के साइन ले लूँगा।"

    उसकी बात सुनकर नैना गुस्से में बोलती है, "उन्हें बार-बार तुम मेरे डैड मत बोलना! वो मेरे पापा नहीं हैं!"

    लक्ष्य यह बात सुनकर हैरान हो जाता है। वह कहता है, "यह क्या बकवास कर रही हो? तुम्हारी माँ के साथ उन्होंने शादी की है।"

    नैना बोलती है, "वो मेरे पापा नहीं हैं! वो मेरे बायोलॉजिकल डैड नहीं हैं। मेरे पापा कोई और हैं और मुझे पता लगाना पड़ेगा कि वो कौन है। इसीलिए तो मैं यह सब खेल खेल रही हूँ। अगर वो मेरे असली डैड होते ना, तो भी मैं उन्हें ज़िंदा छोड़ देती। पर जब वो मेरे पापा ही नहीं हैं, ना उनसे मेरा कोई रिश्ता है, तो मैं क्यों उन्हें ज़िंदा छोड़ूँ और उन पर रहम करूँ? जैसे उन्होंने मेरी ज़िंदगी बर्बाद की है, वैसे ही मैं उनकी पूरी ज़िंदगी बर्बाद कर दूँगी।"

    लक्ष्य उसकी बात में जो जुनून और नफ़रत थी, देख पा रहा था। इसलिए वह बोलता है, "ओके, मैं समझ गया। अब मैं जाता हूँ, नहीं तो उसे मुझ पर शक हो जाएगा।" इतना बोलकर वह वहाँ से चला जाता है।

    वहीँ, उसके जाने के बाद नैना अपने केबिन की तरफ़ चली जाती है जहाँ पहले से ही एक लड़की खड़ी थी। उस लड़की को देखकर ही नैना को याद आता है कि उसके पहले के समय में, जब वह पहले ज़िंदा थी, तब यह लड़की उसे काफ़ी परेशान किया करती थी। उसे उस वक़्त याद आता है जब वह यहाँ इंटर्नशिप कर रही थी और काम सीख रही थी; उस वक़्त नित्या यहाँ की हेड थी और वह उसे कितना परेशान किया करती थी और उसके डिज़ाइन्स भी चुरा लिया करती थी। यह सब याद करते ही, उस लड़की को देखकर नैना को याद आता है और उसे याद आता है कि यह लड़की भी उसका साथ दिया करती थी, क्योंकि नित्या ने ही उसे यह जॉब दिलवाई थी और वह उसकी फ्रेंड थी। इसीलिए, नैना उसको देखकर, उसके चेहरे पर अपने आप ही एक डरावनी सी मुस्कान आ जाती है, जिसे देखकर वह लड़की भी एक पल के लिए डर जाती है।

    वह लड़की, जिसका नाम काजल था, नैना की तरफ़ देखकर बोलती है, "आपका यहाँ पर स्वागत है। आपका केबिन इस तरफ़ है। मैं आपकी असिस्टेंट हूँ।"

    उसकी बात सुनकर नैना कुछ नहीं बोलती और सीधे अपने केबिन के अंदर चली जाती है। वहीँ, वह लड़की उसके पीछे-पीछे आ जाती है। जिसे देखकर नैना बोलती है, "तुम जाकर अपना काम करो। जब मुझे तुमसे कुछ काम होगा तो मैं बुला लूँगी।" इतना बोलकर उसे वहाँ से भेज देती है। और उसके जाने के बाद, पहले वहाँ पर रखी सारी फ़ाइल्स और टेबल के पास-आसपास चेक करती है। उसे जैसा लगा था, वैसे ही हुआ था। उसके टेबल के नीचे एक छोटा सा माइक्रोफ़ोन लगा हुआ था, जिससे सारी बातें इस माइक्रोफ़ोन के द्वारा अमित जी के पास जा सकती थीं। इसीलिए वह इस माइक को वैसे ही रख देती है और वह बिना किसी छेड़छाड़ के, अपने केबिन से बाहर निकलती है और वहाँ बैठे सारे लोगों को देखती है। उसमें से एक लड़की पर उसकी नज़र जाती है, जो पहले, जब नैना ज़िंदा थी, उस वक़्त उसकी एक बार मदद किया करती थी। नैना उसे अपने केबिन में बुलाती है और बोलती है, "तुम्हें काम दिया गया होगा किसी मीटिंग के प्रोजेक्ट के लिए, तुमने तैयार कर दिया?"

    उसकी बात सुनकर वह लड़की बोलती है, "हाँ, मैंने सारे काम तैयार कर दिए हैं। आप एक बार देख सकती हैं।"

    नैना उससे फ़ाइल लेती है। सारा काम बहुत अच्छे से किया गया था। जिसे देखकर नैना के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। और वह फ़ाइल के अंदर ही एक स्टिकी नोट लगाती है और उसमें कुछ लिखती है। और वह लड़की की तरफ़ बढ़ते हुए बोलती है, "इसमें यहाँ पर देखो, कुछ गड़बड़ी है।"

    उसके बाद सुनकर वह लड़की तुरंत वह फ़ाइल खोलकर देखती है। तो वहाँ पर स्टिकी नोट पर लिखा हुआ था, "आज से तुम मेरी असिस्टेंट हो और तुम्हें मैं जो भी बोलूँगी, तुम्हें करना पड़ेगा। इस बात को किसी को बताना मत, यह सीक्रेट ही रहने दो। आज से तुम मेरी असिस्टेंट हुईं। तुम्हारी सैलरी भी बढ़ गई है, इसलिए तुम्हें किसी चीज़ की फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं है। मगर हाँ, मेरे ख़िलाफ़ जाने की हिम्मत मत करना, नहीं तो यह तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा।"

    इस बात को पढ़कर वह लड़की हैरानी से नैना की तरफ़ देखती है। तो नैना अपना सर हिला देती है। वह लड़की भी थोड़ी समझदार थी, इसलिए वह समझ जाती है कि नैना यह बात ज़्यादा जोर से नहीं बोलना चाहती है। इसलिए वह भी कुछ नहीं बोलती और "ओके" बोलकर वहाँ से चली जाती है।

    वहीँ, काजल अपने हाथ में कॉफ़ी का कप लिए अंदर आती है और वह बोलती है, "मैं आपकी कॉफ़ी..."

    उसकी बात सुनकर नैना बोलती है, "तुम इसे ले जाकर खुद पी लो, मुझे नहीं चाहिए। जब मुझे चाहिए होगा तो मैं बता दूँगी।"

    उसकी बात सुनकर काजल एकदम चुप हो जाती है और जो उसके चेहरे पर मुस्कान थी, वह भी चली जाती है। वहीँ, वह लड़की जो अभी भी खड़ी थी (जिसका नाम अंशिका था), काजल की हालत को देखकर अपने मन ही मन हँस रही थी, क्योंकि काजल उसे काफ़ी ज़्यादा परेशान किया करती थी। इसलिए उसे यह देखकर काफ़ी मज़ा आया कि नैना ने उसकी कैसे बेइज़्ज़ती की। वह फिर नैना की तरफ़ देखकर बोलती है, "मैं... मैं जाती हूँ।"

    नैना बोलती है, "हाँ, तुम जाओ। जल्दी से दूसरी फ़ाइल जो तुम्हारे पास है, कंप्लीट कर दो।"

    उसकी बात सुनकर अंशिका अपना सर हिला देती है और वहाँ से चली जाती है। वहीँ, उसके जाने के बाद काजल की तरफ़ देखकर नैना बोलती है, "तुम ये सारे फ़ाइल सॉल्व करो और इसको कंप्लीट करो। और ये फ़ाइल्स आज तुम्हारे घर जाने से पहले कंप्लीट हो जानी चाहिए और मेरी टेबल पर होनी चाहिए।" वह फ़ाइलें, जो 10-15 साल पुरानी थीं, वह सारे काम नैना काजल को थमा देती है। काजल वह फ़ाइलें लेकर वहाँ से चली जाती है। उसका मन रोने का कर रहा था। वहीँ, उसके जाने के बाद नैना अपना खुद का कुछ काम करने लगती है।