प्यार? विश्वास? एक ऐसी चीज है, जिससे कोई तोड़ दे तो इंसान अंदर से टूट जाता है?। वही यह कहानी है एक लड़की आरवी की!! जिसे उसके खुद के परिवार ने फायदा उठाया। जिससे वह प्यार करती थी उसने उसकी बहन के साथ मिलकर उसे धोखा दिया। उसके घरवालो ने उसकी आवाज उसका... प्यार? विश्वास? एक ऐसी चीज है, जिससे कोई तोड़ दे तो इंसान अंदर से टूट जाता है?। वही यह कहानी है एक लड़की आरवी की!! जिसे उसके खुद के परिवार ने फायदा उठाया। जिससे वह प्यार करती थी उसने उसकी बहन के साथ मिलकर उसे धोखा दिया। उसके घरवालो ने उसकी आवाज उसका सब कुछ छीन लिया। लेकिन जिंदगी ने फिर उसे एक दूसरा मौका दिया और इस जिंदगी ने वह सब कुछ वापस पाने का वादा किया जो उन लोगो ने उससे चीन लिया था!!! लेकिन किसने सोचा था दूसरे जन्म में वह अग्निव मित्तल से मिलेगी? कैसे होगी उनकी पहली मुलकात? क्या दोनों के बीच बना पाएगा प्यार का रिश्ता? क्या आरवी अपना बदल ले पाएगी?..
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आह!!! आरवी ने अपने सिर पर हाथ रखा, और धीरे- धीरे अपनी आंखें खोली । उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे वह नरक में हो ।" आरवी ने हल्का सा अपना सिर दवाकर कार की खुली हुई खिड़की के बाहर देख, तो उसकी आंखों से धीरे-धीरे सब पीछे छूटता जा रहा था । रोड पर पढ़ रही स्ट्रीट लैंप की रोशनी बिल्कुल सितारों की तरह लग रही थी । जो हर तरफ फैली हुई थी ।" सब कुछ इतना रियल क्यों था, यह सोचकर वह अचानक पैसेंजर सीट पर उठकर बैठ गई ।" आरवी ने अपना सिर को नीचे किया और अपने हाथ पैर को छू-छू कर देखने लगी, "क्या मैं जिंदा हूं? मैं तो मर चुकी थी ।" अचानक, उसके बगल से एक आवाज सुनाई दी, "आरवी, तुम... तुम उठ गई? ।" आवाज सुनकर आरवी ने अपना सिर घुमाया और ड्राइविंग सीट पर बैठे हुए एक लड़की जिसका नाम वैशाली था, उसे देखा ।" वैशाली उसकी सौतेली बहन थीं । उसके महान पिता, मिस्टर अनिल शर्मा ने वैशाली की मॉम पर रखैल होने का आरोप हटने के लिए उसके और उसके भाई का सरनेम उसकी मरी हुई मॉम से बदल दिया ।" लोग सिर्फ यह जानते हैं कि अनिल शर्मा की एक प्यारी बेटी है, वैशाली शर्म, लेकिन यह कोई नहीं जानता कि उनका एक बेटा और एक और बेटी और भी थे । वही वैशाली एक पॉपुलर सिंगर थी । जिनकी खूबसूरत आवाज़ के लिए लोग हमेशा उनकी तारीफ करते थे, और उसकी आवाज के दीवाने थे ।" लेकिन सच, यह कोई नहीं जानता कि आरवी ही वह इंसान थी जिसने सभी गाने गाए थे ।" तभी आरवी को याद आया है, जो भी उसने सहा था, जिस सोचकर उसकी आंखें धीरे -धीरे ठंडी हो गई ।" "वैशाली" जैसे ही आरवी ने ये शब्द कहा, उसका दिल कांप उठा ।" उसकी आवाज, उसकी आवाज... उसकी आवाज सच में ठीक हो गई थी! ।" विशाली ने घबराहट में पूछा, "क- क्या हुआ? ।" आरवी ने इधर उधर देखा, सब कुछ उसे जाना पहचाना लग रहा था, फिर उसने ड्राइविंग सीट पर बैठी हुई वैशाली को देखा, जो उसे ही देख रही थी ।" एट लास्ट आरवी को एहसास हुआ कि वह मरी नहीं थी ।" उसे तो उसकी सौतेली बहन ने जलाकर मर दिया था । तो अचानक वह यहां कैसे । इतना सोचकर आरवी ने अपने आस पास देख, फिर उसकी नजर सामने कार में रखे हुए कैलेंडर पर पड़ी ।" जिसमें डेट 12 मार्च दिख रही थी । यह देखकर आरवी हैरान हों गई । क्या वह फिर से अपनी जिंदगी में पीछे आ गई थी ।" ।" आरवी इससे आगे कुछ सोच पाती ।" तभी उसके पास में बैठी हुई वैशाली की फिर आवाज आई, "बोलोगी कुछ. . . क्या हुआ ।" अपने ख्यालों से बाहर आकर आरवी ने अपने पास में घबराई हुई लड़की को देखा, यह देखकर आरवी के चेहरे पर एक ठंडी स्माइल आ गई ।" आरवी ने सोचा, यह वाली दिन था । जिस दिन वह बेहोश हो गई थी और वैशाली ने हॉस्पिटल ले जाकर उसकी आवाज पूरी तरह से बर्बाद कर दी थी ।" इतना सोचकर वह गुस्से से भर गई, और वह वैशाली को देखकर गुस्से से बोली, "क्या तुम मुझे हॉस्पिटल ले जा रही हो? ।" "हां... "वैशाली ने हैरान होते हुए पूछा, "एच- तुम्हें कैसे पता चला? ।" "हेह... "आरवी के फेस की एक्सप्रेशन धीरे- धीरे और ज्यादा ठंडे होते जा रहे थे ।" और उसने अपनी कोल्ड वॉइस में कहा, "तुम मेरी आवाज को पूरी तरह से बर्बाद करना चाहती हो न? ताकि मैं कभी किसी को यह न बता सकूं कि वह गाने जिनका तुम्हें आजतक प्राइस मिलते आ रहा है वह सभी मैंने गए थे ।" यह उनकर वैशाली की पकड़ स्टीयरिंग व्हील पर मजबूत हो गई और उसकी हथेलियों से ठंडा पसीना रिसने लगा, उसके हाथ भी काँप रहे थे । अपनी सच्चाई को ऐसे आरवी के सामने आता देख वह पसीने से लटपट हो चुकी थी ।" हालाँकि, उसकी पीछे की स्ट्रांग और शातिर लड़की ने कभी भी आरवी के सामने अपनी कमजोरी दिखनी की जहमत नहीं उठाई ।" आरवी के बारे में कोई भी कभी अच्छा नहीं सोचते था ।" "तो क्या हुआ अगर मैं ऐसा कर रही हूँ?, "वैशाली तुरंत चिल्लाई ।" वह चाहती थी कि अकीरा पूरी तरह से बर्बाद हो जाए ।" वैशाली ने गुस्से से आरवी से कहा, "आज रात आखिर बार होगा जब में स्टेज पर गान गाउंगी । उसके बाद डैड ने पहले से ही मेरे लिए एक नई मूवी में फीमेल लीड के रोल के लिए डायरेक्टरों से बात की है । अब में, सिंगिंग इंडस्ट्री को छोड़कर entertainment इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत करूंगी ।" और तुम देखना मैं एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कितनी टॉप तक जाएंगी ।" इसलिए वह आरवी की आवाज को बर्बाद कर देना चाहती थी । तो वह कभी जिंदगी में आगे चलकर भी उसके रास्ते का कांटा न बन सके ।" वही आरवी को पता था कि वह क्या सोच रही थी और उसने व्यंग्य से मुस्कुराते हुए कहा, "तो क्या तुम्हें लगता है कि जब तक मैं गा यह बोल नहीं सकती, तुम्हारी असलियत के बारे में किसी को पता नहीं चलेगा? ।" यह सुनकर वैशाली की आंखें dark हो गई । लेकिन फिर कुछ सोचकर उसने अपने चेहरे के एक्सप्रेशन नॉर्मल करके, आरवी को प्यार से समझते हुए बोली, "आरवी, "हां, तुम्हे यह ऑपरेशन तो करना ही होगा! इसके बाद, भले ही तुम गा नहीं पाओगी, फिर भी तुम सॉन्ग लिख तो सकती है ना । ऐसे देख जाए तो तुमने कुछ भी नहीं खोया है ।" कुछ नहीं खोया? उसे पूरे दस साल तक जेल जैसी कैद में रखा गया था, क्या उसकी जिंदगी के दस साल बर्बाद नहीं हुए ।" क्यों उसकी सभी अचीवमेंट उसकी बजाए, वैशाली को दे दी जाती है? ऐसा क्यों था कि जब उसने खुद सॉन्ग लिखा और गाए, तो उसकी सारी मेहनत का नाम वैशाली को दे दिया गया ।" आरवी को उन अंधेरे दिनों के बारे में याद आई, और उसने सोचा कि आखिरकार कैसे वैशाली ने उसे उसके कमरे में जलकर मर दिया था । यह सोचकर उसकी रीढ़ की हड्डी से ठंडा पसीना बहने लगा, और उसका पूरा शरीर पूरी तरह से ठंडा हो गया ।" अगर वह दोबारा ऐसी मौत नहीं चाहती है तो उसे अपने हक के लिए लड़ना होगा, और वह हर चीज का बदला लेना होगा जो उसके घर वाले ने उसके ऊपर जुल्म किया था ।" ********* अब आगे क्या होगा? क्या rebirth होने के बाद क्या आरवी ले पाएगी अपना बदला? क्या वैशाली सच में हॉस्पिटल ले जाकर आरवी की आवाज उस से छीन लेगी? ।" Thank you ☺️
अब आगे, मुंबई, वैशाली, कार रोको! ।" जब आरवी को उसकी सारी सच्चाई पता चल चुकी थी । तो ऐसी टाइम पर वह कैसे कार रोक सकती थी ।" वैशाली ने कुतुलता से मुस्कुराते हुए कहा, "यह सिर्फ बस एक आवाज ही तो है? इसमें कौन सी बड़ी बात है? । जब मैं फेमस हो जाऊंगा, तो तुम्हारे साथ किसी भी तरह का मिसबिहेव नहीं करूंगी । आखिर तुम मेरे लिए इतना सब जो कर रही हो । अब बस शांति से बैठी रहो, हम जल्द ही हॉस्पिटल पहुंच जाएंगे! ।" यह सुनकर आरवी और ज्यादा गुस्से से भर गई, और जोर से चिल्लाई, "चुपचाप कार रोक दो!! नहीं तो मुझे अच्छे से पता है कैसे कार रुकवानी है ।" वैशाली ने अपने दांत पीस लिए और आरवी की बात ना मन कर, उसने गुस्से से कार की स्पीड और ज्यादा तेज कर दी । ऐसा लग रहा था कि कार सड़क पर उड़ने वाली हो । स्पीड इतनी तेज थी कि कार के बाहर की चीजें अच्छे से दिखाई भी नहीं दे रही थी ।" यह देखकर आरवी जल्दी से कार का दरवाजा खोलने लगी । भले ही वह कार से बाहर कूद कर मर जाए, लेकिन यह वैशाली के साथ हॉस्पिटल जाने से तो अच्छा होगा ।" "पा" आवाज के साथ, वैशाली ने कार के दरवाज़ में लॉक लगा दिया ।" तभी वैशाली की आवाज आरवी के कानों में सुनाई दी । जो मुस्कराते हुए बोल रही थी, "तुम्हारे लिए अपनी एनर्जी बर्बाद करना एकदम बेकार है । डैड पहले से ही हम दोनों का हॉस्पिटल में इंतजार कर रहे हैं । इसलिए बेहतर होगा कि तुम अच्छे बच्चे की तरह मेरा साथ दो, ताकि जो फ्यूचर में तुम्हारी बची कुची जिंदगी है वह भी अच्छे से गुजार सकें ।" वैशाली की बात सुनकर आरवी का पूरा शरीर कांपने लगा ।" आरवी ने वैशाली की तरफ घूम कर गुस्से ने अपना हाथ उठाया वैशाली को गाल पर थप्पड़ मारते हुए बोली, "वैशाली तुम कितनी घटिया हो ना? इतना घिनौना काम करने के बाद भी तुम्हें किस बात का गर्व है? ।" आरवी के ऐसे थप्पड़ मारने से, वैशाली का दिमाग 1 मिनट के लिए पूरा ब्लैक हो चुका था । क्योंकि आज तक किसी ने उसके ऊपर एक उंगली तक नहीं उठाई थी । और यहां आरवी ने सीधा उसे थप्पड़ मर दिया? ।" जब वैशाली यह सब सोच ही रही थी, तभी मौके का फायदा उठाकर आरवी ने कार का लॉक अनलॉक किया ।" जिसकी आवाज सुनकर वैशाली अपने ख्यालों से बाहर आई ।" वहीं आरवी ने जल्दी से कार का दरवाजा खोलो और जैसे ही बाहर कूदने वाली थी । वैशाली ने पीछे से आरवी के बाल पकड़ लिए ।" और गुस्से से अपने दांत पीते हुए बोले, "कु**** । तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे थप्पड़ मारने की? । आज, मैं तुम्हें सच में मार डालूँगी! ।" वैशाली ने ऐसे उसके बाल खींचने से आरवी के सिर में तेज दर्द उठा, और उसकी आँखें दर्द से लाल हो गई थीं । आरवी ने भी गुस्से से वैशाली का हाथ पकड़ और अपने लंबे नाखून उसकी बाजू में चुभने लगी ।" वैशाली दर्द से चिल्लाई, लेकिन तब भी उसने अपनी पकड़ आरवी के बालों से ढीली नहीं की ।" उसी समय, वैशाली का फोन बजा ।* वैशाली ने दर्द से सामने रखे हुए फोन की स्क्रीन पर देखा, जिसपर उसकी पापा अनिल शर्मा का कॉल आ रहा था । " वैशाली ने तुरंत एक सेकंड के लिए कार का हैंडल छोड़ा, और आरवी के बालों को और जोर से पकड़ती हुई, उसने दूसरे हाथ से कॉल उठ कर स्पीकर पर डाल दिया ।" वैशाली दर्द से चिल्लाते हुए अपने डैड से बोली, "अरे डैड, यह कु*** जाग गई है । और वह कार में मुझसे लड़ रही है, यहां पर आप जल्दी आओ और मेरी मदद करो! ।" इससे पहले कि वह अपनी बात पूरी कर पाती, आरवी ने जैसे तैसे करके वैशाली की पकड़ से अपने बालों को छुड़वाया, और जल्दी से दरवाज़ा खोलकर कार से बाहर कूद गई ।" वहीं वैशाली की कार इंबैलेंस होकर सड़क के किनारे एक पेड़ से टकरा गई । जोर के "धमाके" के साथ कार रुक गई, और वैशाली का सिर स्टीयरिंग व्हील से टकरा गया । आरवी जमीन पर लुढ़कते हुए एकदम से रोड के बीच में आ गई थी । तभी एक कार दूर तेजी से आरवी की तरफ आ रही थी ।" यह देखकर आरवी जोर से चिल्लाई और उसने अपनी आंखों पर हाथ रख लिया, लेकिन जब उसे दर्द का एहसास नहीं हुआ तो उसने सामने देखा, जहां पर वह कार उसके बिल्कुल पास आकर रुक चुकी थी ।" यह देखकर आरवी ने एक गहरी सांस ली और अपने आप को शांत करने की कोशिश करने लगी ।" कार के अंदर, बैठे हुए ड्राइवर ने पीछे बैठे सीट पर डरते डरते अपने बॉस से कहा, "ब. . . बॉस!! एसी.. एक्सीडेंट । क्या मैं बाहर जाकर देखूं? ।" वह आदमी जो पीछे वाली सेट पर बैठा था । उसने अपनी आंखें खोली और गुस्से से ड्राइवर से बोला, "आलोक, मुझे लगता है तुम कार चलाना भूल चुके हो? तुम्हें ट्रेनिंग की जरूरत है? ।" यह सुनकर आलोक ने अपना सिर ना में हिलाया, और हकलाते हुए बोला, "नहीं बॉस!! मैंने यह सब जानबूझकर नहीं किया!! वह लड़की ही एकदम से कार के सामने आ गई । लेकिन एंड टाइम पर मैंने कार के ब्रेक लगा दिए, जिससे एक्सीडेन होने से बच गया ।" वही पीछे बैठा हुआ आदमी गुस्से में था । और यह सब नजर अंदाज कर देना चाहता था ।" लेकिन जैसे ही उसकी नजर सामने mirror से उस लड़की पर पड़ी, जिसका आधा चेहरा बालों से ढका हुआ था और उसने अपने गले में एक shining वाला ब्लू कलर का डायमंड ब्लू स्टोन जो चैन में था । वह पहना हुआ देखा तो उसे आदमी की आंखों से सिकुड़ गईं, और अचानक उस आदमी ने अपना मन बदल लिए, और वह अपनी डोमिनेटिंग आवाज में अपने ड्राइवर से बोला, "जाओ, और उस लड़की को कार के अंदर ले आओ ।" अपने बॉस की बात सुनकर आलोक हैरान हो गया । लेकिन फिर अपनी बॉस का ऑर्डर मानकर वह कार से बाहर निकला और उसने आरवी को देखा ।" जो कार के सामने जमीन पर बैठी हुई, अपना चेहरा दूसरी तरफ करके वैशाली की कार को घूर रही थी ।" यह देखकर ड्राइव ने अपना गला साफ किया, और आरवी की तरफ हाथ बढ़ते हुए बोला, "मिस!! हमारे बॉस चाहते हैं कि आप कार में बैठें, ताकि हम आपकी चोटों का इलाज करने के लिए आपको हॉस्पिटल ले जा सकें ।" आरवी ने अपना सिर उठकर ड्राइव की तरफ देखा, जिसने अपना हाथ उसकी तरह बड़ा रखा था ।" आरवी को सच में चोट लग गई थी । उसके हाथ- पैर बहुत दर्द कर रहे थे । इसलिए उसने ड्राइव की मदद लेते हुए, उसका हाथ पकड़ कर खड़ी हुई, और मुश्किल से कदम दर कदम बढ़ते हुए कार में पीछे की सीट पर जाकर बैठ गई ।" आरवी ने अपना सिर घूमकर अपने पास में बैठे हुए आदमी को देखा ।" कार की माध्यम से रोशनी में, वह उस आदमी का चेहरा देख सकती थी.. ।" उस आदमी का चेहरा देखकर वह वहीं पर ठिठक गई, जैसे उस पर बिजली गिर गई हो ।" ××××××××××××××××× अब आगे क्या होगें? आखिर आरवी ने ऐसा किसी देख लिया था? क्या कार में बैठे हुए आदमी को वह पहले से जानती है? वही क्या करेगी अब वैशाली? क्या आरवी बच पाएगी? ।" Thank you ☺️
अब आगे, मुंबई, क्या... यह.... अग्निव मित्तल नहीं है? ।" आरवी ने अपने पिछले जन्म में इस आदमी को कभी नहीं देखा था । हालाँकि, वह उसे इसलिए जानती थी क्योंकि वह मित्तल कोऑपरेशन का प्रेसिडेंट था । जो हमेशा न्यूजपेपर और टीवी पर पहले नंबर पर पॉपुलर रहता है ।" अग्निव जो बिल्कुल अपने नाम की तरह ही था । जो अपने चेहरे से ही पूरी मुंबई को आग की तरफ जल दे । एकदम कोल्ड एंड एरोगेंट सीईओ था । जिसके पीछे न जाने कितनी लड़कियां पागल थी ।" कार में अंधेरा होने की वजह से, अग्निव का आधा चेहरा अंधेरे से ढका हुआ था, लेकिन आरवी ने तब भी उसे पहचान लिया था । अब आरवी के मन में यही सवाल चल रहा था, "अग्निव मित्तल यहां पर क्या कर रहा है? । क्या ऐसा हो सकता है कि वह पिछले जन्म में भी इसी कार में हो और उसके पास से गुजरा हो? ।" अग्निव ने अपने पास बैठी हुई आरवी को घूर कर देखा, उसके ऐसे देखने से आरवी घबरा गई । आरवी कार में जरूर बैठी थी । लेकिन अभी तक उसने कार का दरवाजा बंद नहीं किया था । वह अग्निव को देखकर इतनी शॉक्ड हो गई थी कि दरवाजा बंदकर ही भूल गई ।" तभी उसे ड्राइवर आलोक जो ड्राइविंग सीट पर बैठा था उसने थोड़ी अपनी नरम आवाज में कहा, "मिस!! Please कार का डोर क्लोज कर दीजिए । आरवी ने अपना सिर हिलाया, और जैसे ही कार का डोर क्लास करने वाली थी । उसने देखा, वैशाली अपनी कार से बाहर निकल रही है ।" और आरवी को किसी और की कार में बैठा देख, वह जल्दी से उसकी तरफ भागी, यह देखकर आरवी की आंखे दर्द से भर गई । अब उसके अंदर और रुकने की हिम्मत नहीं थी । वह अपने शरीर के दर्द को सहन करती हुई, उसने कार का दरवाजा जोर से बंद कर लिया ।" ऐसे एकदम कार का दरवाजा बंद करने से, आरवी को धक्का लगा और वह पीछे अग्निव की बाहों में गिर गई ।" वहीं वैशाली जल्दी से भाग कर कार के पास आई, वह आरवी को पकड़ना चाहती थी । आरवी के साइड कार की विंडो खुली होने की वजह से, वैशाली ने कार में बैठे हुए अग्निव को देखा तो उसकी आँखें चमक उठीं और यहाँ तक कि उसकी साँसें भी तेज़ हो गईं थी ।" वह अग्निव मित्तल है!!! ।" जिसके मुंह से बोला गया, एक शब्द भी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बबल ला देता है ।" यह देखकर वैशाली से तुरंत अपने गंदे बालों को ठीक किया । और वह अग्निव की तरफ देखकर मीठी मुस्कुराते हुए बोली, "मिस्टर अग्निव मित्तल, हेलो । मैं वैशाली शर्म हूं । वैशाली को यह डर था कि वह उसे पहचान नहीं पाएगा, इसलिए उसने स्पेशली याद दिलाते हुए बोली, "मैं वहीं हूं, जिसने ""तेरा मुझे से है पहले का नाता कोई"" गाया था । वहीं आरवी जो अग्निव की बाहों में थी, वैशाली की बात सुनकर, उसने नफरत से अपने दाँत पीस लिए, और गुस्से से अपने मन में बोली, "कितना बेशर्म है यह लड़की ।" लेकिन मुझे भी इसे सबक सिखाना होगा । इतना सोचकर उसके दिमाग में एक आइडिया आया ।" आरवी ने जल्दी से अपने दोनों हाथों से अग्निव की कमर पकड़ी, और अपना सिर अग्निव की चेस्ट में छुपा लिया । जैसे उसने अपनी जिंदगी की आखिरी उम्मीद को पकड़ रखा हो, आरवी की उंगलियां बिल्कुल सफेद हो चुकी थी ।" वही यह बात अग्निव भी महसूस का सकता था, कि उसकी बाहों में जो लड़की थी, बाहर खड़ी लड़की वैशाली के शब्दों सुनने के बाद उसका शरीर कांप रहा था । और उसके बाहों में पड़ी हुई लड़की ने उसकी कमर पर अपनी पकड़ और ज्यादा मजबूत कर दी ।" अग्निव ने बिना किसी एक्सप्रेशन के अपनी आंखों को नीचा करके उसने अपनी बाहों में लेते हुए लड़की को देखा, और फिर अपना चेहरा वैशाली की तरफ करके गुस्से से बोला, "Who the hell are you? ।" अग्निव की शब्दों में तीखेपन और गुस्सा महसूस करके, वैशाली डर कर हल्का सा पीछे हट गई ।" लेकिन जब उसने आरवी को अग्नि की बाहों में देखा, तो उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया ।" अग्निव के सामने वह चाह कर भी गुस्सा नहीं कर सकती थी इसलिए उसने एक्टिंग करते हुए अपनी प्यारी सी आवाज में बोली, "मिस्टर मित्तल, यह मेरी मेकअप आर्टिस्ट है । हमारी अभी अभी कार का एक्सीडेंट होने की वजह से, मेरी मेकअप आर्टिस्ट को चोट आई है, इसलिए मुझे उसे हॉस्पिटल लेकर जाना है ।" जब आरवी ने वैशाली की बातों सुनी तो उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ । वह उसके चोटों का इलाज करने नहीं!! बल्कि उसकी आवाज बंद करने के लिए हॉस्पिटल ले जाना चाहती है ।" आरवी ने अपना सिर अग्निव की चेस्ट से निकला, और अपनी फटी आँखों से वैशाली की ओर देखा । और हल्के गुस्से से अग्निव पर चिल्लाई, "मिस्टर मित्तल, आपकी कार ने मुझे टक्कर मारी है । किस कारण मुझे इतनी चोट लग गई । क्या आपको इसकी ज़िम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए? आप खुद ही सोचिए अगर कल को यह बात लीक हो गई तो लोगों की नजरों में आपकी क्या इज्जत रह जाएगी? । वहीं यह सुनकर तो वैशाली भी हैरान रह गई । उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि आरवी द ग्रेट मिस्टर अग्निव मित्तल से ऐसी बातें कहन की हिम्मत भी कर सकती है । लेकिन एक किस्म से यह सुनकर वह खुश भी हो गई ।" आज तक अग्निव मित्तल से ऐसे बात करने की हिम्मत कैसी ने नहीं की थीं । अब तो पक्का मिस्टर मित्तल आरवी को अपनी कार से बाहर निकल कर फेक देगे, "यह सब सोचती हुए वैशाली बहुत खुश नजर आ रही थी ।" और इंतजार कर रही थी कि कब अग्निव आरवी को कार से बाहर धक्का देकर निकलेंगे । वह आरवी को बेइज्जत होते हुए देखना चाहती थी । लेकिन तभी उसे अग्निव की आवाज सुनाई दी जो डेविल स्माइल करते हुए, आरवी से बोल रहा था, ""I'll definitely take the responsibility for what I've done ।" इतना बोलकर उसने अपनी आँखें उठाईं और वैशाली की तरफ देखा । वैशाली की तरफ देखते हुए उसकी आंखें और ज्यादा ठंडी हो चुकी थी ।" अग्निव rudely बोला, "तुमने अभी सुना न, मुझे इस एक्सीडेंट की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी ।" अग्निव की बातें सुनकर, ड्राइवर आलोक ने तुरंत वैशाली को भगाना शुरू कर दिया । उसने वैशाली को एकदम से एक तरफ धकेल दिया और पिछली सीट की विंडो क्लोज कर दी । आलोक एटीट्यूड दिखते हुए वैशाली से बोला, "I am sorry!! Miss!! पता नहीं कैसे मेरे हाथों ने एकदम से आपको धक्का दे दिया । शायद आप मेरे हाथों को पसंद नहीं आई, इसलिए अब आप साइड हो जाइए, नहीं तो जल्दी ही आप बॉस की कार को भी पसंद नहीं आएगी!! ।" यह सुनकर वैशाली ने गुस्से से अपने दांत पीस लिए ।" वैशाली कूड़े के टुकड़े की तरह एक तरफ पड़ी थी । और उसने देखा कि अग्निव आरवी को लेकर कार में बैठा हुआ वहां से निकल गया । रात की ठंडी हवा में सुनसान सड़क पर वैशाली गुस्से से खड़ी हुई, और जमीन पर अपने पैर पटकती हुई बोली, "आरवी, तुम कु***! क्या तुम सचमुच सोचते हो कि तुम आज बच गई तो जिंदगी भर मुझसे बच सकती हो? तुम लौट कर तो घर पर ही आओगी वापस!! फिर देखना मैं तुम्हारा क्या हाल करती हूं ।" ××××××××××××× अब आगे क्या होगा? क्या आरवी बच पाएगी वैशाली से? क्या अग्निव मदद करेगा आरवी की? जब उस बात का वैशाली के पिता मिस्टर शर्मा को पता चलेगा तो वह क्या करेंगे? ।" Thank you ☺️