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Shaitani Dulhan

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Rani jaiswal

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लाल जोड़े में वो शैतानी दुल्हन अपने दूल्हे के इंतजार में कई सालों से वहा उसके लिए बैठी है,अपने दूल्हे की खोज में निकली वो दुल्हन कई लोगों की कातिल बन चुकी है,उसका खूनी खेल कब तक रहेगा जारी..?आखिर क्या कहानी है उसकी शैतानी दुल्हन बनने की..??जानने के...

Total Chapters (1)

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  • 1. Shaitani Dulhan - Chapter 1

    Words: 788

    Estimated Reading Time: 5 min

    यार ये कैसी जगह ले आया तू हमे , यहां तो कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा ..! यहां तो मार्केट भी नहीं दिख रहा है। अमन कहते हुए युग को देखता है,जो उसे ही घूर रहा होता है,उसके साथ खड़ी दिव्या और मिनल  हँस पड़ती है। दिव्या :- अमन तुझे तो पहले ही कहा था हम लोग युग के गांव जा रहे है,उसके दादा जी से मिलने के लिए, यहां हम कोई वेकेशन पर नहीं आए है। अमन मुंह बना कर कहता है:- हा मुझे मालूम है,लेकिन में तो बस यूहीं पूछ रहा था। सभी लोग युग के गांव पहुंच जाते है,उन्हें लेने उसके दादा जी ने गाड़ी भेज दी थी,चारों गाड़ी से उतर जाते है,युग के घर के बाहर ही उसका परिवार खड़ा था ,उसके पापा मम्मी,चाचा चाची उनकी बेटी,उसके ताऊ और उसकी दादी। सभी लोग उसे देख कर खुश होते है,युग की मम्मी सभी की आरती उतार कर उन्हें अंदर आने को कहती है,चारों युग का घर देख रहे हॉट है,गांव में सभी से बड़ा घर उसी का था,बाहर आंगन और उससे होते हुए वो लोग अन्दर आते है। अंदर ही उसके दादा जी सोफे पर बैठे हुए थे,उनकी तबियत ठीक नहीं लग रही थी,युग अपने दादा जी के पैर छूता है,उसको देख कर चारों भी छूते है ,युग की मां बोल पड़ती है.." बिटिया पैर नहीं छूती हमारे यहां.."! दिव्या और मिनल सकपका जाती है,ओर हल्के से मुस्कुरा देती है। युग की दादी उन लोगों को कहती है.." तुम लोग आराम कर लो,थोड़ी देर में खाना बन कर तैयार हो जाएगा। ए रिंकी इनको कमरा दिखा दे। युग की दादी उसके चाचा की लड़की को कहती है,तीनो उसके साथ चले जाते है,युग वही रुकता है,वो लोग भी समझ जाते है,कि फैमिली वाले बात करना चाहते होगे। युग :- दादा जी आपकी तबीयत खराब हों रही है,तो आप शहर क्यों नहीं आए..?? आप कल ही मेरे साथ शहर चलोगे ,ओर वहा आपका अच्छे से इलाज होगा। युग के दादा जी मुस्कुरा कर कहते हैं: - में ठीक हु बेटा ,तुझे देख लिया तबियत ठीक हो गई है। लेकिन तू अपने दोस्तो को क्यों ले आया यहां..? खास करके लड़के को..! तू तो जानता है ना इस गांव में क्या होता आ रहा है..! युग :- दादा जी में नहीं जानता यहां ये क्यों होता आ रहा है,..?ओर आप लोगो ने क्यों मुझे अपने से दूर रखा है,उन लोगों जिद की थी आने की इसलिए मुझे लाना पड़ा,आप फिक्र मत कीजिए कुछ नहीं होगा। युग मन ही मन खुद से कहता है..": - इस बार में सच का पता करके रहूंगा,,चाहे वो मुझे छुप कर ही क्यों ना करना पड़े। थोड़ी देर अपने परिवार के पास बैठ कर युग भी अपने कमरे में चले जाता है,युग अपने बिस्तर पर लेट जाता हैं। उसके 10 साल होने पर ही उसके घर वाले ने उसे शहर उसकी बुआ के पास भेज दिया था उसके बाद हॉस्टल तो कभी pg इसी तरह वो बाहर ही रहा ,बस त्यौहार पर उसे बुलाया जाता,अक्सर उसे बाद यही सुनने को मिलता की इस गांव पर शैतानी साया है,इसलिए गांव के अक्सर जवान लड़के या तो नौकरी करने बाहर चले जाते या फिर उनकी शादी कर दी जाती। यही सोचते सोचते हुए युग को नींद लग जाती है। चारों तरफ अंधेरा ही था,इस वक्त वो उस जगह पर बीचों बीच खड़ा था ,इस जगह को हमेशा अपने सपनों में देखता आया है , वह जिंदगी में कभी उसे जगह पर नहीं गया ,उसने यह जगह हमेशा अपने सपनों में ही देखी हैं। उसे मालूम था, अब आगे क्या होने वाला है, वही पायल की आवाज आएगी और वह उसे आवाज को ढूंढते हुए पूरे घर में दौड़ेगा लेकिन कहीं उसे कुछ नहीं मिलेगा, ओर फिर वो उसे आती हुई दिखाई देगी। लेकिन कुछ देर हो जाने पर भी उसे वो नहीं दिखाई देती है,युग को थोड़ी हैरानी होती है,वो उस तरफ अपने कदम बढ़ा रहा होता है तभी उसे कानो में आवाज सुनाई देती है। " भैया उठो,बाहर खाने के लिए बुला रहे है।" युग की नींद खुल जाती है उसके चाचा की लड़की रिंकी उसे उठा रही होती है।,युग आंख मलते हुए उठ जाता है वो चिढ़ते हुए रिंकी को देखता है,वो चुपचाप भाग जाती है। कुछ देर में बस वो दिखने ही वाली थी और इसने उठा दिया युग खुद से कहता हैं,मन मार कर वो उठ जाता है और मुंह हाथ धो कर बाहर आ जाता है। सभी लोग खाने की टेबल पर बैठे हुए थे , दिव्या और मीनल युग की मां और चाची से बातें कर रही होती है तो वही अमन उसके दादाजी से बातें कर रहा था। युग भी आकर बैठ जाता है,उसकी पसंद की सारी चीजे वहा मौजूद थी,उसके सभी दोस्त चाव से खा रहे होते है,उन्हें देख कर वो मुस्कुरा देता हैं। soon ...