साजिश! एक साज़िश ऐसी जिसके शिकंजे में आकर इप्सा रायचंद जिसने अपने ही प्रोफेसर ईश्विक सरकार के साथ रात गुजार दी। जिसकी पहचान सिर्फ प्रोफेसर तक सीमित नहीं थी। क्या होगा उनका मिलना? या फिर उलझ जाएंगे साज़िश के छलावे में? जानने के लिए पढ़ते रही मेरी ये... साजिश! एक साज़िश ऐसी जिसके शिकंजे में आकर इप्सा रायचंद जिसने अपने ही प्रोफेसर ईश्विक सरकार के साथ रात गुजार दी। जिसकी पहचान सिर्फ प्रोफेसर तक सीमित नहीं थी। क्या होगा उनका मिलना? या फिर उलझ जाएंगे साज़िश के छलावे में? जानने के लिए पढ़ते रही मेरी ये कहानी "THE FORBIDDEN SYLLABUS"
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अब आगे, कोलकाता यूनिवर्सिटी जो ना सिर्फ कोलकाता की बल्कि पूरे इंडिया की सबसे High प्रोफाइल college's मे से एक था। जिन्हें कोलकाता की सब से रईस फैमिली सरकार फैमिली रन करती थी। आज यूनिवर्सिटी का माहौल थोड़ा बदला हुआ था। फर्स्ट इयर के स्टूडेंट की आज क्लास होने वाली थी। कई सारे नए स्टूडेंट्स आए हुए थे। स्कॉलरशिप बेज पर भी कुछ स्टूडेंट को लिया हुआ था। यूनिवर्सिटी के एंट्रेस गेट के बाहर पांच सात लड़के लड़कियों का ग्रुप बैठा हुआ था। एक लड़का जिसका बाइक पर बैठा हुआ अपने सामने खड़ी लड़की को ऊपर से नीचे तक अजीब नजरो से घूर रहा था। वो उस लड़की को देखते हुए बोला _ सो यू are new student right? वो लड़की धीरे से बोली _ येस। वो लड़का अपनी आईब्रो उचकते हुए बोला _ येस व्हाट? कॉल्ड मी सर। आकाश सर। गॉट इट। We all are your senior so you have to respect us.. got it? वो लड़की एक नजर उन सब पर डालती है ओर बिना किसी बहस से बोली _ ok। I mean ok sir.. आकाश कुछ पल बाद बोला _ व्हाट्स योर नेम? वो लड़की धीरे से बोली _ इप्सा । एक लड़की पीछे से अपनी सेंडल को टक टक करते हुए उसके पास आई ओर इप्सा के इर्द गिर्द घूमते हुए बोली _ सो यू स्कॉलरशिप स्टूडेट। तुम्हे आज एक टास्क दिया जाएगा। जिसे अगर तुमने पूरा करना पड़ेगा। Otherwise you will suspend। इप्सा के चेहरे पर हल्का डर लग रहा था। उस लड़की के चेहरा पर तिरछी मुस्कान थी। आकाश उस लड़की के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला _ सो मिस इप्सा लिप्सा। जस्ट गो एंड जो सब से पहला लड़का यहां पर आएगा उसे तुम्हे किस करनी है। इप्सा उसकी बात पर बोली _ नहीं में किसी को किस नहीं करूंगी। तो वो लड़की बोली _ ओह बेबी । यू डोंट हैव एनी ऑप्शन । करना तो पड़ेगा। इप्सा एक बार फिर से बोली _ नहीं आप कुछ ओर करवा दीजिए ये नहीं। आकाश बीच में बोला _ नो नो। करना तो पड़ेगा । Otherwise तुम्हारा रिजेक्शन लेटर तुम्हारे हाथ में होगा। I'm right नित्या? नित्या आकाश की बाहों में हाथ डाल कर बोली_ yess। अब तुम किस करोगी या फिर डैड से कह कर तुम्हारा सस्पेन लेटर बनाया जाए? इप्सा ने कस कर अपने हाथ की मुठ्ठी बना दी। उसे आज अपनी मजबूरियों पर तरस आ रहा था। इप्सा को कुछ ना कहता देख नित्या ने कहा _ ok so just wait your suspense le.. अभी वो इतना ही बोली थी कि इप्सा ने कहा _ में करुगी। आप जिसे कहेंगे उसे करूंगी। Plz don't suspend me। नित्या के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई। उसने कहा_ ok so अब इस गेट से जो भी पहला लड़का आएगा तुम्हे उसे किस करना है। इप्सा ने मन मार कर हा में सर हिला दिया। कुछ पल में सब लोग एक जगह पर जाकर बैठ गए। अब वहा पर सिर्फ इप्सा ही थी। एक महंगी कार यूनिवर्सिटी के बाहर आकर खड़ी हुई। उसमें से एक वेल बिल्ट मस्कुलर बॉडी वाला इंसान बाहर निकला। जिसने इस वक्त ब्लैक शर्ट और पेंट पहना हुआ था। हाथों में एंटीक वॉच। पेरो में शूज। ओर एक हाथ में कुछ बुक्स थी। इप्सा अपनी हथेली पर आए हुए पसीने को पोछ रही थी। वही नित्या और आकाश ने उस लड़के को नहीं देखा जो अभी कार से निकला था। वे लोग जिस और थे वहां से सिर्फ उस लड़के की पीठ दिख रही थी। नित्या पीछे से इप्सा को किस करने का इशारा कर रही थी। यूनिवर्सिटी में कुछ ही लोग थे। बाकी सब की क्लास चल रही थी। लेकिन कुछ सरफिरे स्टूडेंट क्लास को अटेंड नहीं कर रहे थे। बस वे लोग ही थे। इप्सा ने गहरी सांस ली ओर खुद से बोली _ इप्सा अगर जिंदगी में कुछ कर दिखाना है तो आज ये करे ले। वो आगे की ओर चली गई। कुछ पल में वो उस लड़के के सामने खड़ी थी। इप्सा ने ना आव देखा ना ताव देखा उस लड़के के गाल पर किस कर दिया। वही नित्या और आकाश के साथ बाकी सब भी बाहर आकर चिल्लाने लगे। _ सो योर टास्क इस ओवर मिस इप्सा। लेकिन ये बोलने में उन्हों ने काफी देर कर दी थी। उस लड़के के चेहरे को देख नित्या ओर आकाश के चेहरे पर हल्का डर था। आगे कल, कौन है ये इंसान जिसे इप्सा न किस की? क्या नई मुसीबत आनेवाली है इप्सा की जिंदगी में?
अब आगे, यूनिवर्सिटी का माहौल गर्म हो चुका था। नित्या अभी इप्सा को नीचा दिखाने के चक्कर में जोर से चिल्लाई थी। उसका चिल्लाना अपने समाने खड़े इंसान को देख उसकी आंखे फटी की फटी रह गई। वही आकाश बेशर्मी से मुस्कुराते हुए बोला _ मुझे भी कर लो किस। अब तुम एक को किस कर सकती हो तो सब को करने में क्या जाता है। इतना कह कर वो इप्सा के पास जाने को हुआ। वही इप्सा जो आकाश की बेशर्मी सुन वहा से जा ही रही थी एक तेज बैंग की आवाज से उसका चेहरा एक तरह झुक गया। वही समाने खड़ी नित्या के चेहरे पर एविल स्माइल थी उसने आकाश को अपनी ओर खींच रखा था। आकाश की नजर एक दम से नित्या की ओर चली गई और धीरे से बोला_ मुझे क्यों खींचा? नित्या धीरे से बोली _ अगर खींचती नहीं तो वो थप्पड़ उस लड़की को जगह तुम्हे लग जाता। आकाश को अचानक से याद आया कि एक जोर की आवाज आई थी। ये याद कर उसने सामने देखा। इस वक्त सन्नाटा पसरा हुआ था। अगर किसी चीज की आवाज थी तो वो इप्सा के सिसकने की आवाज थी। इप्सा को बड़ी जोर से वो थप्पड़ लगा था। उसके चेहरे को उसके बालो ने कवर कर रखा था। वही उसके एकदम सामने एक लड़का खड़ा था। उसने ही इप्सा को थप्पड़ मारा था या गलती से इप्सा उसके थप्पड़ का शिकार बन गई थी। उसने आगे बढ़कर इप्सा को देखना चाहा लेकिन इप्सा एक पल भी वहा पर ना रुकी और सीधी पवैलियन की ओर भाग गई। उस लड़के ने अपने हाथों की मुठिया कस दी। नित्या अपनी आवाज थोड़ी नम करके बोली _ सर , आप ने बिलकुल सही किया। इसके जैसी down मार्केट गर्ल्स को थप्पड़ ही मारना चाहिए। उसकी आवाज सुन वो लड़का यानी वो सर, प्रोफेसर था उसने अपनी गर्दन नित्या की ओर घुमाई उसकी आंखे अब तक लाल हो चुकी थी। उस लड़के ने एक नजर नित्या ओर आकाश पर डाली और अपनी एरोगेंट आवाज में बोला _ यू बोथ आर सस्पैंड। इतना कहते ही वो बिना एक पल गवाए वहा से सीधा अपने केबिन की ओर चला गया। नित्या ओर आकाश अभी तक शॉक्ड थे। आकाश गुस्से से बोला _ व्हाट द हेल इस दिस? प्रोफेसर सरकार हमे सस्पेंड नहीं कर सकते। हम तो हर किसी को टार्गेट करते तो .. नित्या अपने दांत पीसते हुए बोली _ इस लड़की ने आते ही मुझे सस्पेंड करवा दिया। इसे तो में छोडूंगी नहीं। वही आकाश जो गुस्से में उस ओर दिख रहा था जा से प्रोफेसर गए थे। वो कुछ सोचते हुए बोल _ तुम इतनी खुश क्यों हो रही थी जब प्रोफेसर ने इप्सा को थप्पड़ मारा। ये सुन नित्या गुस्से से बोली _ इसकी ओर इसके बाप को वजह से मेरी मां को मेरे डैड से अलग होना पड़ा था। लेकिन आखिर में प्यार ही जीतता है ना तो देखो आज मेरी मोम ओर डैड साथ में खुश है। ये कहते वक्त उसकी आंखे ओर जबान साथ नहीं दे रही थी। एक केबिन के अन्दर, एक इंसान लगातार अपने हाथ को घूरे जा रहा था। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था। उस केबिन का मुआयना किया जाए तो वहां पर एक टेबल के ऊपर कुछ बुक्स थी। कुछ फाइल्स और कुछ पेपर्स रखे हुए थे। जिसे देख साफ पता चलता था कि वो एक प्रोफेसर का केबिन था। वो केबिन काफी luxurious था। एक साइड पर नेम प्लेट रखी हुई थी। जिसमें बोल्ड और इटैलिक अक्षरों में प्रोफेसर इश्विक़ सरकार लिखा हुआ था। सरकार फैमिली का बड़ा बेटा। इश्विक़ सरकार। जिसका ना तो सिर्फ मिजाज गर्म था। बल्कि पूरा का पूरा बन्दा ही गर्म था। एक स्ट्रॉन्ग पर्सनेलिटी का ऑनर था। लेकिन आज उसकी आंखे लाल थीं। उसकी तरबियत में नहीं था एक लड़की पर हाथ उठाना लेकिन उसने गलती से ही सही हाथ उठा दिया था। एक बार फिर एक बैंग की आवाज आई। ओर अगले की पल खूबसूरती से सजा हुआ कांच का टेबल जमींदोस्त हो चुका था। _ _ आगे कल,
अब आगे, कोलकाता यूनिवर्सिटी में , फर्स्ट एयर के स्टूडेंट्स की क्लासेज स्टार्ट हो चुकी थी। उनका ये पहला लेक्चर था। इप्सा आखिरी बेंच पर बैठी हुई थी। उसका दिमाग ब्लैंक था। उसके दिमाग में अभी भी वही सीन घूम रहा था। उसे इस बात से तसल्ली थी कि जब प्रोफेसर ने इसे थप्पड़ मारा तब उसके आसपास सिर्फ़ कुछ ही लोग थे। वे लोग शायद सीनियर ही थे। इप्सा इन्हीं सब में सोच में थी। उसकी आंखे बिल्कुल लाल ही चुकी थी। उसके खुले बाल होने को वजह से उसका आधा चेहरा ढ़का हुआ था। आज फर्स्ट डे था तो सारे प्रोफेसर ने सिर्फ इंट्रोडक्शन लिया था और खुद का दिया था। बाकी कुछ हल्के फुल्के सिलेबस बारे में बात कर के लेक्चर ओवर कर दिया था। एक आखिरी लेक्चर बचा हुआ था। जहा एक तरह सारे स्टूडेंट्स अपनी आनेवाली कॉलेज लाइफ को ओर भी खूबसूरत बनने के लिए नए फ्रेंड्स बना रह थे । वहा दूसरी तरफ इप्सा अपने अतीत की गहरी सोच में डूबी हुई थी। खैर, कुछ ही पल में लास्ट लेक्चर स्टार्ट हो गया था। अचानक से उस क्लास का माहौल शांत सा हो गया। प्रोफेसर के आने के बाद ग्रिट करके सब बैठ गए। प्रोफेसर ने अपने एरोगेंट टोन में कहा _ सो आप सब का इंट्रो तो हो ही गया होगा। तो हम आगे की बात करते है। सो I'm your प्रोफेसर इश्विक़ सरकार। एंड... इतना कह कर वो रुक गया। उसकी नजर सीधी विंडो साइड पर बैठी हुई लड़की की ओर चली गई। इप्सा की नजरे उसके ऊपर ही थी। इश्विक ने जैसे ही इप्सा को।देखा उसका चेहरा जम गया। लेकिन अभी वो उसे कुछ कहता या करता उसकी चिल जैसी नजरे। इप्सा के गाल पे चली गई। जहा पर उसने कस कर थप्पड़ लगाया था। । इश्विक अच्छी खासी personality or well muscular body का owner था। जाहिर सी बात थी उसका थप्पड़ इप्सा सहन नहीं कर सकती थी। इश्विक ने कस कर अपने हाथों की मुठिया बना दी। फिर कुछ सोचते हुए बोला _ सो let's start introductions, उसके बाद एक के बाद एक स्टूडेंट्स ने उठ कर अपना इंट्रो दिया। इप्सा सीट से उठते हुए धीमी मगर मीठी सी आवाज में बोली _ I'm इप्सा रायचंद। इतना कह कर वो खड़ी रह गई। इसके आगे उसने कुछ भी नहीं कहा। इश्विक के चेहरे पर कोई भाव नहीं था। वो बिना किसी भाव से बोला _ सीट down । And after class meet me in my cabin उसकी इतनी ठंडी आवाज सुन इप्सा ने अपनी नजरे उठ कर इश्विक को देखा। एक पल को उनका आई contact हो गया। इप्सा ने कुछ ही पल में अपनी नजरे फेर दी। __ एक घंटे बाद, इप्सा एक प्यून की हेल्प से ईश्विक के cabin में आई थी। उसने एक गहरी सांस ली ओर डोर knock किया। इश्विक की ठंडी आवाज आई_ कम इन । इप्सा केबिन में आकर एक साइड खड़ी हो गईं इस वक्त केबिन बिल्कुल साफ था। सुबह जो उसने तोड़फोड़ की थी उसका कोई नामोनिशान नहीं था। ईश्विक़ अपनी चेयर पर सर टीकाएं बैठा हुआ था। उसकी घूरती हुई नजरे इप्सा के ऊपर थी। ईश्विक़ उसे ऊपर से नीचे तक घूरते हुए ने कहा _ तुम्हे पता ही होगा कि आज तुमने कौनसी हरकत है। ?. उसकी बात सुन इप्सा ने थोड़ी हिम्मत करके कहा _ सॉरी सर, बट उस टाइम मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था। ईश्विक़ ने तेज आवाज में कहा _ अगर वो तुम्हे कल को कुछ ओर करने को कहेंगे तो क्या करोगी? Hmmm? Answer me roll no.40... इप्सा ने धीरे से कहा _ I'm sorry, मेरा intension किसी को किस करना नहीं था। लेकिन .. इधर ईश्विक़ की भौहें तन गई और बोला_ किसी को? मतलब क्या? इप्सा धीरे से बोली _ सर में आपसे माफी मांगती हु। आगे से कभी ऐसा भी नहीं होगा। आपके साथ मैने ये बेहूदा हरकत की थी। उसके लिए il से माफी मांगती हु अगर फिर भी आप माफ नहीं कर रहे हो तो दूसरा गाल अभी भी वैसा ही। उस पर थप्पड़ मार लेना। ये कहती हुए उसकी आवाज बेहद भारी हो चुकी थी। इधर ऐसे लग रहा था मानो वो कॉलेज की रैगिंग नहीं बल्कि किसी ने अपनी पर्सनल दुश्मनी निकाली हो। वही इश्विक इप्सा के गाल को ध्यान से देख रहा था। इस वक्त उसकी उंगलियां छप चुकी थी। लेकिन इतना वो समझ गया कि इप्सा ने उस इंसान का चेहरा नहीं देखा था जिसे उसने किस थी। वो अपनी चेयर से उठ कर इप्सा के पास गया । ओर उसके चेहरे पर झुकते हुए बोला _ माफ कर दु hmmm? मुझे इस तरह से किसी भी लड़की ने छुआ नहीं था। रोल नंबर 40। लेकिन तुमने एक ही दिन में ना सिर्फ मुझे छुआ बल्कि मेरे जिस्म पर अपने होठों की छाप छोड़ दी l बोलो इसकी क्या सजा दी जाए? इधर इप्सा की हालत खराब हो रही थी। एक तो इश्विक़ बहुत करीब था। ऊपर से उसकी गर्म सांस इप्सा के चेहरे पर महसूस हो रही थी। इप्सा अपनी भीगी हुई पलके उठा कर इश्विक़ को देखने लगी। ओर बिना कुछ कहे उसने अपना गाल आगे कर दिया। उसकी इस हरकत पर इश्विक़ के चेहरे पर ठंडापन छा गया। वही एक कतरा आंसू इप्सा की आंख से होते हुए उसके गालों पर लौट आए। इश्विक़ थोड़ा पीछे हटा ओर इप्सा की ओर पीठ करते हुए कहा _ ये जो गलती आपने की है ना रोल नंबर 40। वो दोबारा नहीं होनी चाहिए। समझ गई? इप्सा ने धीरे से कहा _ येस सर। इश्विक़ उसकी तरफ बिना देखे बोला _ now you can go.. इप्सा एक पल को वहा ना रुकी और सीधी कॉलेज से बाहर निकल गई। इश्विक़ अभी भी वही खडा था। अचानक से उसका फोन रिंग हुआ। कॉल पर किसी ने कुछ कहा जिसे सुन इश्विक़ के चेहरे पर गम्भीर भाव आ गए। ओर वो वहा से निकल गया। ___
अब आगे, कोलकाता इंडिया, रात का वक्त एक बड़ी इसी बिल्डिंग के अंदर, ये एक ऑफिस का नजारा था। जो किसी मल्टी National कंपनी का था। इस वक्त रात के नो बज रहे थे। जिस वजह से काफी कम स्टाफ वह पर मौजूद था। एक रूम का माहौल हल्का गर्म था। कई सारे डिपार्टमेंट्स के मैनेजर वहा पर मौजूद थे। उन सब की उंगलियों अपने लैपटॉप screen पर नाच रही थी । वही सामने हेड चेयर पर एक लड़का बैठा हुआ था। जिसके चेहरे के भाव बिल्कुल ही सीधे थे। वो लगातार अपने लैपटॉप को घूरे जा रहा था। तकरीबन आधे घंटे बाद एक मेल आया। जिसे देख एक पैतालीस साल की उम्र का इंसान उस मेल को लेकर उस लड़के पास आया। वो बेहद ही नर्म आवाज में बोले _ सरकार ये मेल आया है। आप चेक कर लीजिए। वो लड़का बिना किसी भाव के उस मेल को पढ़ रहा था। वो कुछ पल बाद बोला _ ऑलराइट, जिसने भी अकाउंट में गड़बड़ की थी उसकी सजा उसे कल मिल जाएगी। सो यू ऑल हैव लीव। उसकी बात सुन सब वहा से जाने लगे। वही वो लड़का फिर से बोला _ मिस्टर रायचंद। आप रुकिए? उसकी बात सुन मिस्टर रायचंद रुक गए। कुछ पल बाद उस ऑफिस रूम में सिर्फ दो ही इंसान थे। मिस्टर रायचंद बोले _ सरकार क्या बात है? वो लडक जिसे मिस्टर रायचंद ने सरकार कह कर पुकारा था वो बोला_ आपको इतनी रात को रुकने की इजाजत नहीं है। आप अपने टाइम पर घर जा सकते है। तो आज क्या वजह रही है यहां पर रात के दस बजे तक रुकने की? मिस्टर रायचंद हल्का मुस्कुराते हुए बोले_ सरकार आपके काम को हम दिल से करते है। तो आज जब इतने सारे करोड़ की गड़बड़ हुई थी तो में कैसे घर जा सकता था। सरकार ने एक नजर मिस्टर रायचंद को देखा ओर फिर कहा _ आगे से आपको रुकने की जरूरत नहीं है। मुझे पता है आपकी एक बेटी है जो आपके बगैर खाना नहीं खाती है। वैसे उसका एडमिशन हो गया? मिस्टर रायचंद के चेहरे पर एक गुरूर था वो बोले _ जी सरकार उसने टॉप किया था। जिस वजह से उसे कोलकाता की सब से बड़ी कॉलेज में एडमिशन मिल गया है। मतलब जहा आप पढ़ते हो। उसकी बात सुन सरकार जरा आगे आया अब उसका चेहरा पूरी तरह से दिख रहा था। उसकी वो स्टील ब्ल्यू आंखे किसी डायमंड की तरह चमक रही थी। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था। ओर ये था। इश्विक़ सरकार। वो मिस्टर रायचंद को देख बोला _ अच्छी बात है। खैर आपको अपनी बेटी को अब ओर इंतेज़ार नहीं करवाना चाहिए। उसकी बात सुन मिस्टर रायचंद उसे ग्रीट करके वहा से चले गए। इधर इश्विक अपने केबिन के विंडो के पास आया। जहा से पूरा कोलकाता नजर आता था। उसने जैसे ही आंख बंद करके गहरी सांस ली उसके सामने इप्सा का रोता हुआ चेहरा आ गया। अगले ही पल उसने जट से अपनी आंखे खोल दी। उसकी मुठिया कसी हुई थी। एक मीडियम साइज घर , जहां एक लड़की दरवाजे पर खड़ी होकर बार बार main gate की ओर देख रही थी। उसका चेहरा बता रहा था कि वो कितनी tensed थी। उसके बाल पूरे खुले हुए थे। एक लौंग टीशर्ट और लोअर में खड़ी थी। कुछ पल बाद एक कार की ब्रेक लगने की आवाज आई। जिसे सुन उस लड़की के चेहरे पर लंबी मुस्कान आ गई। वो भागते हुए बाहर गई और सीधी उस किसी के गले से लग गई। वो थोड़ी भरी हुई आवाज में बोली _ मिस्टर रायचंद आप कहा रह गए थे? आपको पता है ना में आपके बगैर रह नहीं पाती। फिर भी आप आज लेट आए। उसकी बात सुन मिस्टर रायचंद बोले _ आज बहुत गड़बड़ हो गई थी इसलिए टाइम लग गया। आगे से कभी ऐसा नहीं होगा। वो लड़की मिस्टर रायचंद से अलग होकर अपनी आंसू भरी आंखों से देखते हुए बोली _ पक्का? मिस्टर रायचंद हल्का मुस्कुराते हुए उसके आंसू पोंछ कर बोले _ येस। कार्तिक रायचंद अपनी बेटी यानि इप्सा कार्तिक रायचंद को ये पक्का वाला वादा करते है कि वो आज से कभी लेट नहीं होंगे। इप्सा ने उनके शर्ट की स्लीव्स पर अपना नाक पौंछ दिया। ओर उनकी बात सुनते ही इप्सा के चेहरे पर लंबी मुस्कान आ गई। वो उनका हाथ पकड़ कर घर के अन्दर ले जाते हुए बोली _ डैड , जल्दी फ्रेश हो जाए मैने खाना बनाया है। फिर साथ में कार्तिक उसकी बात बीच में कटते हुए बोले _ क्या मतलब तुमने खाना बनाया है. ?में आकर बना देता ना। इप्सा अपनी आंखे रोल करते हुए बोली _ डैड इट्स ऑलमोस्ट इलेवन । Ok। अगर आप अभी खाना बनाना स्टार्ट करते तो हम बारह बजे खाना खा पाते। मिस्टर रायचंद हल्का मुस्कुरा दिए। फिर दो नो डिनर करने लगे। वह मिस्टर रायचंद कुछ सोचते हुए बोले_ वैसे इप्सा आज तुम्हारा कॉलेज का पहला दिन था कैसा रहा? इप्सा की पकड़ अपनी स्पून पर कस गई। उसका इश्विक को किस करना याद आ गया। लेकिन कुछ ओर भी था जो उसे अन्दर ही अन्दर खाए जा रहा था। उसने फिर जबरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली _ये यस डैड सब सही था। I mean बहुत अच्छा था। मिस्टर रायचंद ध्यान से इप्सा का चेहरा देख रहे थे। वो बोले _ ओके। तुम्हे पसंद आया तो ठीक है। कोई बात नहीं है। ये कह कर वो चुप हो गए। अगला दिन, इप्सा कॉलेज में थी। वही कार्तिक ऑफिस चले गए थे। इप्सा अपनी सीट पर अकेली बैठी हुई थी। उसका पूरा ध्यान अपनी बुक्स में था। कोई आकर उसके साइड में बैठ गया। ओर धीरे से बोला _हेलो, इप्सा ने एक नजर अपनी साइड में तिरछी नजर से देखा ओर अगले की पल उसके चेहरे पर लंबी मुस्कान आ गई। वो उसके गले से लगते हुए बोली _ वीर। वीर ने भी उसकी एक्साइटमेंट समझते हुए उसे गले से लगा दिया। इप्सा कुछ पल बाद वीर से अलग होते हुए बोली _ तुम थे कहा? यू know व्हाट मैने तुम्हे बहुत मिस किया। वीर उसके बालो को ठीक करते हुए बोला _ तुझे बताया था ना ट्रिप पे जा रहा हु बस वही टाइम लग गया। वैसे ये बताओ कॉलेज कैसा लग? उसकी बात सुनकर इप्सा ने कुछ नहीं कहा। वीर कुछ पल।रुककर बोला _ कुछ हुआ है क्या? इप्सा कुछ पल बाद बोली _ नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। वैसे ये बता तेरा क्लास कौनसा है?. वीर कुछ पल उसक चेहरा देखता रहा फिर बोला _ सेकंड फ्लोर पर हैं। ओके अब में चलता हु। कैंटीन में मिलेंगे। इप्सा ने हा में सर हिलाया ओर वीर उसके बाल को बिगड़ते हुए वहा से चला गया। इसी तरह से एक के बाद एक लेक्चर्स स्टार्ट हो गए। अभी तक ईश्विक का कोई लेक्चर नहीं आया था। जिससे इप्सा थोड़ी ठीक थी। ब्रेक के पहले इश्विक का लेक्चर आया। इप्सा ने उसे देख खास कोई रिक्शन नहीं दिया। उसे लगता था गलती उसकी थी। लेकिन हकीकत कुछ ओर ही थी। खैर, ईश्विक ने लेक्चर लेना स्टार्ट कर दिया। वही इप्सा इधर उधर के खयालात साइड में कर के पढ़ाई पर ध्यान देने लगी। इश्विक का ध्यान उसके ऊपर जा रहा था। इसी तरह लेक्चर ओवर हो गया। वही इश्विक जो staffroom की ओर जा था उसे किसी स्टूडेंट ने रोक दिया। वही इप्सा क्लास के बाहर वीर का वेट कर रही थी। ईश्विक़ कुछ पल बाद वापस जाने लगा। लेकिन अपने समाने का नजारा देख उसकी आंखे लाल हो गई। __
अब आगे, कोलकाता यूनिवर्सिटी में , ईश्विक ने अपने सामने का नजारा देख अपनी मुठिया कस दी। वो बिना किसी भाव से उन दोनों को देखने लगा। सामने वीर आया हुआ था। जो इस वक्त इप्सा के कंधे पर हाथ रखे हुए खड़ा था। इप्सा उसकी बात पर मुस्कुरा रही थी। उसके चेहरे पर हल्की थकान लग रही थी। इप्सा मुस्कुराते हुए बोली _ वीर मेरा ना कोई दोस्त ही नहीं बना। एक तुम ही हो बचपन से लेकर अब तक। वीर उसकी बात पर बोला _ करेक्शन मिस इप्सा रायचंद। तुम दोस्त बनाती ही नहीं हो। बाकी देखो तुमसे दोस्ती करने दुनिया तैयार बैठी है। इप्सा धीरे से बोली _ पूरी दुनिया किसे चाहिए? मुझे नहीं चाहिए। में अब अपनी इस छोटी सी दुनिया में खुश हु। डैड है। तुम जैसा दोस्त है। फिर क्या चाहिए। वीर कुछ पल बाद रुक बोला _ तुम्हे फीवर है। मुझे अभी रियलाइज हुआ। तुम्हारा हाथ गरम है एक मिनिट। इतना कहकर उसने इप्सा के फोरहेड पर टच किया। वो उसे देख गुस्से। से बोला _ तुम्हे फीवर है और तुमने मुझे बताया नहीं l ऊपर से तुम कॉलेज भी आई हुई हो। इप्सा कुछ पल बाद बोली _ थोड़ा ही है। ज्यादा टेंशन लेने की कोई बात नहीं है। वीर कुछ पल इप्सा का चेहरा देखता रहा फिर बोला _ ऑलराइट समझ गया में । चलो अब कैंटीन में चलते है। तुम ना अपनी तकलीफ क्यों किसी को नहीं बताती। मुझे सुबह लगा था। तुम्हे फीवर हो सकता हैं लेकिन तुम्हारा खिला हुआ चेहरा देख I thought it's just .. इप्सा बीच में बोली _ अब चलो कैंटीन में। बाद में लैक्चर देना। अभी मेरा कोई मूड नहीं है। वीर उसे बुरी तरह से घूरने लगा। फिर उसे लेकर कैंटीन में चला गया। वही इस्विक गुस्से से दो नो को देख रह था। उसे खुद समझ नहीं आ रहा था। आखिर उसे गुस्सा। किस बात का आ रहा था। वो बिना किसी भाव से सीधा अपने केबिन में चला गया। केबिन दरवाजा एक बैंग के साथ बंद करते ही उसने अपने फोन को दीवाल पर दे मारा। ओर अपना चेहरा ऊपर की ओर करते हुए गहरी गहरी सांस लेने लगा। उसने frustration में अपनी आंखे बन्द कर ली। उसकी आंखों के सामने इप्सा का चेहरा आ गया। उसकी भीगी हुई पलके। इप्सा के गाल का निशान जो उसकी उंगलियों से छाप गया था। उसने एक झटके से आंखे खोली और एक ड्रॉवर से सिगरेट का पैकेट निकाल कर उसकी लंबी लंबी कसे लेने लगा। कई सारी सिगरेट के जले हुए बड्स नीचे पड़े हुए थे। वो एक लम्बा कस भरते हुए अपनी गहरी आवाज में बोला_ तुम मेरे दिमाग को मेरे दिल को काबू में नहीं कर सकती। यू are nothing for me। Roll no.40 । Nothing means nothing.. लेकिन ये कहते वक्त उसकी आंखे बगावत पर उतर आई थी। लफ्ज जरूर निकले थे लेकिन आंखे उसकी सहमति नहीं दे रही थी। खैर , इसी तरह ब्रेक ओवर हो गया। लास्ट लेक्चर बाकी था जो कि ईश्विक का था। कुछ देर में क्लास स्टार्ट हो चुका था। इप्सा सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दे रही थी। उसका सारा फोकस सिर्फ ब्लैक बोर्ड पर था। ओर इसके अलाव उसने एक बार भी इश्विक को नहीं देखा। ये बात उसके एगो को हर्ट कर गई। उसका दिल चाह रहा था वो उसे एक बार देख ले। Or उसका दिमाग़ कह रहा था। उसके देखने ना देखने से तुम्हे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। ईश्विक एक बेहतरीन प्रोफेसर था। उसका खुद भी बिजनेस था। जिसे वो रन करता था। ओर teachering करना उसकी हॉबी थी। इस लिए उसने खुद का ही कॉलेज ज्वाइन किया था। इप्सा को अब कुछ ठीक नहीं लग रहा था। उसका हाथ बार बार अपनी बॉडी को कवर कर रहा था। उसे ठंड लग रही थी। Ac on होने की वजह से उसे ठंड लग रही थी। ऊपर से उसे हल्का जो फीवर था वो अब बढ़ गया था। ईश्विक उसकी हर एक हरकत नोटिस कर रह था। वो अपने मन में सोचते हुए बोला _ रोल नो फोर्टी को ठंड लग रही है। उसका चेहरा इतना डल क्यों लग रह है। उसे फीवर है क्या? वो यही सब सोच रहा था। उसने कुछ नोट्स को कॉपी करने के लिए स्टूडेंट्स को बोला था। सब वही काम कर रह थे। इश्विक पोडियम से नीचे उतर कर। इप्सा की ओर जाने लगा। इप्सा आज भी आखिरी बेंच पर बैठी हुई थी। वो धीरे से उसके पास आकर खड़ा हो गया और उसकी कॉपी में देखने लगा। इप्सा के हाथ शिवर रहे थे। वो हल्के से उसकी ओर झुककर बोला _ are you ok रोल नंबर 40? उसकी इतने पास से ओर गहरी आवाज सुन इप्सा ने सर उठ कर उसे देखा। वो धीरे से बोली _ I'm all ok प्रोफेसर। इतना कहकर वो वापस से कुछ लिखने का ट्राय करने लगी। इश्विक कुछ पल उसे देखता रहा फिर सीधा खड़ा होकर वापस पोडियम की ओर जाते हुए बोला _ क्लास इस ओवर। आज की क्लास की pdf आपको मिल जाएगी। इतना कहकर वो बिना किसी भाव से इप्सा की ओर देखते हुए बोला_ एंड यू मिस रोल नंबर 40। मेरे केबिन आकार नोट्स कलेक्ट कर लीजिए। इप्सा कुछ पल उसे देखती रह गई। फिर बोली _ o ok प्रोफेसर। इश्विक एक नजर उसे देख सीधा क्लास के बाहर चला गया। लेकिन इप्सा को असमंजस में छोड़ गया था। उसे पता नहीं क्यों लेकिन सब के सामने सिर्फ उसके साथ ही बात करना। केबिन में बुलाना ये सब ठीक नहीं लग रहा था। वो धीरे से अपना सारा सामान समेट के बाहर जाने लगी। कुछ पल में वो ईश्विक़ के केबिन के बाहर खड़ी थी। इस बार उसे ज्यादा परेशानी नहीं हुई थी। वो धीरे से नॉक करके बोली _ में आई कमिंग सर? इश्विक बिना उसके ऊपर ध्यान दिए बोला _ कम। उसके बाद इप्सा कुछ ही पल में उसके केबिन में थी। इप्सा की आंखे लाल हो चुकी थी। वो बेहद हिम्मत कर खड़ी थी। ईश्विक उसे गौर से देखते हुए बोला _ are you ok रोल नंबर 40? तुम्हारी तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही। इप्सा कुछ पल बाद बोली _ येस प्रोफेसर I am all ok। Notes के लिए आपने कहा था? ईश्विक कुछ पल उसे गौर से देखता रहा फिर बोला_ alright अगर आप ठीक है तो ये नोट्स लीजिए और इसे डिस्ट्रीब्यूट कर दीजिए। इप्सा कुछ पल इश्विक को देखती रही फिर उसके डेस्क की ओर अपने कदम बढ़ाने लगी। दूसरी ओर, वीर इप्सा को ढूंढ रहा था। उसकी लास्ट क्लास नहीं थी वो बस इप्सा के लिए रुक हुआ था। लेकिन अभी तक वो आई नहीं थी। वो एक लड़की के पास गया और बोला_ हेलो, एक्चुली मेरी दोस्त तुम्हारे क्लास में है। इप्सा। वो अभी तक आई नहीं है। देखा क्या उसे? वो लड़की अपने चश्मे को ठीक करते हुए बोली_ हा वो। प्रोफेसर इश्विक के पास गई है। उन्हों ने इप्सा को बुलाया था। कुछ नोट्स के बारे में डिस्कस कर के लिए। वीर ने कुछ पल बाद कहा _ ओह थैंक यूं। इतना कहकर वो चल गया। वो लड़की वीर को जाता हुआ देख हल्का मुस्कुरा दी। वही, इप्सा ने नोट्स ले लिए थे। वो रूम से बाहर जा रही थी। इश्विक उसे बिना किसी भाव से देख रहा था। उसका दिल कर रहा था जाकर एक बार उसका हाल ए दिल पूछे लेकिन दिमाग ने ना पूछने को मजबूर कर रखा था। बाहर आते ही इप्सा की आंखो के सामने अंधेरा छा गया। वीर जो अभी अभी उस ओर आया था। वो चिल्लाते हुए बोला _ इप्सी। उसकी चीख सुन इश्विक जो खुद को कंट्रोल कर ने में लगा हुआ था वो हड़बड़ाते हुए दौड़ता हुआ बाहर आया। इप्सा को नीचे गिरा हुआ देख उसकी आंखे सर्द हो गई। वो भागते हुए उसके पास गया और knee down करके बैठते हुए उसका सर अपनी गोद में लिया। ओर बिना किसी भाव के उसे थपथपाते हुए बोला_ रोल नंबर 40। आंखे खोलो। ओपन योर आईज। वो लगातार इप्सा के गाल को सहला रहा था। तभी वहा पर वीर आया। उसे इश्विक को इस तरह से देख थोड़ा अजीब लगा न। फिलहाल के लिए उसने इन सब चीजों सोचना जरूरी ना समझा। वीर भी नीचे बैठते हुए इश्विक की गोद से इप्सा को लेते हुए बोला _ सर ये बेहोश हो गई है इसे क्लीनिक ले जाना होगा। सुबह से फीवर था। ये लड़की खुद का ध्यान ही नहीं रखती। इतना कह कर वो इप्सा को अपनी गोद में उठाने को हुआ कि ईश्विक ने तुरत ही इप्सा के ऊपर अपनी पकड़ कसते हुए कहा _ यू गो एंड इन्फॉर्म द डॉक्टर टू कम मैं केबिन। में इसे लेकर जाता हु। इतना कह कर वो बिना वीर कि ओर देखे अपने केबिन में चल दिया। इप्सा के दो नो हाथ जमीन की ओर जुल रहे थे। उसके बाल फैले हुए थे। कुछ पल बाद वो अपने केबिन में रखे हुए सोफे पर इप्सा को लिटाए हुए था। लेकिन उसका सर अभी भी अपनी गोद में रखा हुआ था। इस वक्त ईश्विक के दिल की धड़कन बुरी तरह से शोर कर रही थी। कुछ मिनिट्स बाद वीर डॉक्टर को लेकर आया। वीर खुद एक साइड पर खड़ा था। उसे आज ईश्विक में कुछ ओर ही नजर आ रहा था। वो अच्छे से जनता था कि ईश्विक सरकार क्या चीज है। इप्सा का सर अपनी गोद में रखे हुए वो बैठा था जिसे देख वो गौर से ईश्विक के एक्सप्रेशन नोट कर रहा था। डॉक्टर ईश्विक को देख बोले_ सरकार,इन्हे 104फीवर है। ओर चिक्स पर सूजन भी है। शायद इसी वजह से उन्हें फीवर आया है। कल से। I mean कल से शायद हल्का फीवर था। लेकिन ज्यादा ध्यान ना देने की वजह से फीवर बढ़ गया। में इंजेक्शन लगा देता हु। दो घंटे में इन्हें होश आ जाएगा। डॉक्टर इप्सा को इंजेक्शन लगा कर चले गए। वीर कुछ पल बाद बोला_ सर में इप्सी को घर ले जाता हु। इसे आराम की जरूरत है। इश्विक कुछ पल बाद बोला_ होश में आने के बाद में खुद छोड़ आऊंगा। यू में गो। वीर फिर कुछ पल बाद बोला_ लेकिन सर अगर वो घर नहीं जाएगी तो आराम कैसे करेगी। ओर फिर उसके डैड भी परेशान होंगे। में ले जाता हु इप्सी। इधर इश्विक का दिमाग खराब हो गया था। वीर का बार बार इप्सा को इप्सी इप्सी करना। वो frustrate होकर बोला_ ये मेरे समाने बेहोश हुई थी। तो इसके होश में आने तक की शादी जिम्मेदारी मेरी है। सो यू हैव टू लीव। उसकी आवाज इतनी ठंडी थी कि वीर एक नजर इप्सा को देखा बाहर चला गया। वही बाहर कुछ दूरी पर कोई था जिसकी आंखे गुस्से में उबल रही थी। इधर उसके जाने के बाद ईश्विक खुद से बोला_ व्हाट थे हेल ही saying दैट इप्सी। उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था वीर का इप्सी कहना। उसकी नजरे इप्सा के गाल पर चली गई। जिसे देख उसकी आंखे सर्द हो गई। वो एक बाद नी down कर उसके पास बैठा। ओर उसके गाल को सहलाने लगा। ना जाने उसके दिमाग में क्या आया उसने झुककर इप्सा के गाल पर अपने ठंडे होठ रख दिए। करीब एक मिनिट तक वो इप्सा के गाल पर अपने होठ टिकाए रखा। एकदम से वो उससे अलग होते हुए बोला_ व्हाट इस दिस। ये में क्या कर रहा हु। में इसे कैसे किस कर सकता हु? फिर कुछ पल रुककर बोला _ क्यों नहीं कर सकता आखिर इसने भी तो मुझे किस किया था। सो में ने भी किस कर ली। हिसाब बराबर। वो एकटक इप्सा के चेहरे को देखने लगा। एक बार फिर उसके दिल ने ना जाने कौनसी ख्वाइश की उसने सीधे इप्सा के सर पर किस कर ली। इस खूबसूरत एहसास जिसका इप्सा को भी एहसास हुआ वो हल्का कसमसा गई। इधर ईश्विक़ का दिमाग एक बार फिर दिल के आगे हार गया। ___
रात का वक्त, कोलकाता इंडिया, कार्तिक आज जल्दी घर आ गए थे। उन्हों ने जैसे इप्सा को प्रोमिस किया था कि वे जल्दी ही आयेंगे। तो आज वो ऑफिस से जल्दी आए थे। रात के आठ बज चुके थे। लेकिन इप्सा का कोई पता नहीं था। अभी उन्हें टेंशन हो रही थी। इप्सा का कॉल भी लग नहीं रहा था। कार्तिक कुछ सोचते हुए बाहर निकल गए। उन्हों ने कार को कीज ली ओर सीधी कार यूनिवर्सिटी की ओर मोड दी। इस वक्त उन्हें इप्सा अपने पास चाहिए थी। किसी भी क़ीमत पर। वो जानते थे। वो एक बाप थे उनके दिमाग में बहुत से खयाल चल रहे थे। वे ना चाहते हुए भी उन विचारों पर रोक नहीं लगा सकते थे। यूनिवर्सिटी में इश्विक अभी भी उसी पोजिशन में बैठा हुआ था। वो ना जाने कब से एक टक इप्सा का चेहरे देख रहा था। उसकी उंगलियां इप्सा के बालो को सहला रही थी। इश्विक उसके चेहरे की ओर देखते हुए खुद से बोला _ ये कैसी हरकते करवा रही हो तुम? ना चाहते हुए भी तुम्हारी तरफ लगाव हो रहा। फिर उसकी उंगलियों को अपने हाथ लिए उसके नेल्स को touch कर के बोला_ i hate attachment.. इंसान अपनी आदत लगवाकर चला जाता है। ओर मुझे इस तरह की आदत नहीं चाहिए। मुझे तुमसे दूर जाना होंगा । रोल नंबर 40। वो कुछ पल तक उसके चेहरे को देखता रहा । की तभी उसका फोन रिंग हुआ। ईश्विक़ का कॉल उठाने का कोई इरादा नहीं था। वो फोन कट करने वाला था कि उसकी नजर कॉलर आईडी पर चली गई। कुछ सोचते हुए उसने कॉल उठा दिया। __ दूसरी ओर , एक बड़े से मेंशन के अन्दर , कुछ लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे। एक आदमी करीब पैंतालिस साल की उम्र का होगा वो एक खाली चेयर को देखते हुए बोला_ नित्या कहा है? आई नहीं क्या अभी तक? उसकी बात सुन करीब बयालीस साल की औरत जिसके चेहरे पर मेक अप लिपटा हुआ था वो बोली_ शायद स्टडी कर रही होगी। अपने फ्रेंड्स के साथ। वो आदमी कुछ पल बाद बोला_ लेकिन सोनाली ऐसे तो मेरी बेटी की तबीयत खराब हो जाएगी। सोनाली उसकी वाइफ थी वो बोली _अश्विन नहीं होगी। वो खुद का ख्याल रख सकती है। आश्विन हलका मुस्कुराते हुए बोला_ ऑफकोर्स नहीं होगी। आखिर वो आश्विन बजाज की बेटी है। तो ... की पीछे से किसी की आवाज आई_ तो किसी में इतनी हिम्मत नहीं है कि मुझे नित्या बजाज के सामने खड़ा रहे। आश्विन उसे खुद की ओर आने का इशारा करते हुए बोले_ सो कहा थी तुम? नित्या धीरे से बोली _ आप मुझ पर शक कर रहे हो डैड? आश्विन एक दम से बोला_ नहीं । में क्यों करूंगा। तुम पर शक। तुम मेरी प्राउड daughter हो। नित्या के चेहरे पर तिरछी मुस्कान आ गई। सोनाली उन दो नो को देख मुस्कुरा रही थी। वही एक साइड पर बैठा एक लड़का सिर्फ अपने खाने पर फोकस्ड था। उसे देख लगता था उसे इन सब चीजों में कोई इंटरेस्ट नहीं था। नित्या अपनी सीट पर बैठ चुकी थी l वो थोड़ा धीरे चल रही थी। लेकिन उसे किसी ने नोट नहीं किया। नित्या कुछ सोचते हुए बोली _ मोम डैड अपने सरकार फैमिली से बात की? I mean मेरे or इश्विक के रिलेशन के बारे में। यू know में उन्हें कॉलेज में प्रोफेसर पुकारती हु। मुझे ना बहुत अजीब लगता है। I mean अपने होने वाले पति को कोई प्रोफेसर कहता है भला। ये कहते हुए नित्या की नजर दूसरी हेड चेयर पर बैठे लड़के की ओर चली गई। लेकिन उस लड़के को देख लग रहा था मानो वो उनकी बात सुन भी न रहा हो। आश्विन एक नजर सोनाली को देख बोले _ में बात कर लूंगा। तब तक तुम्हार ये साल खत्म हो जाए। उसके बाद शादी। अभी कोई कुछ बोलता उसके पहले ही वो लड़का खड़ा हुआ ओर सीधे लहजे में बोला_ पहले चाल चलन पर ध्यान दे। इतना कह कर वो बिना किसी पर ध्यान दिए चला गया। नित्या उसके कहने का मतलब अच्छे से समझ रही थी। __ यूनिवर्सिटी में, एक इंसान कार के पास इधर उधर चक्कर लगा रहा था। उसकी नजरे समाने से हट नहीं रही थी। की अचानक उसे किसी के आने की आहट सुनाई दी। समाने से इश्विक इप्सा को अपनी गोद में उठाए हुए लेकर आ रहा था। उसकी गोद में इप्सा बिल्कुल छोटी बच्ची को तरह लग रही थी। इप्सा को देख कार्तिक की आंखों में अनकहे जज्बात आ गए। इश्विक सीधा कार्तिक के सामने आकार रुका। ईश्विक़ के भाव बिल्कुल सीधे थे। उसके चेहरे पर कोई इमोशन नजर नहीं आ रहा था। कार्तिक इप्सा को देख जल्दी से बोले_ सरकार, मेरी बेटी को क्या हुआ? ये ऐसे बेहोश क्यों हो गई? ईश्विक़ एक नजर इप्सा को देख बोला_ she have fever mister रायचंद। कार्तिक तुरंत इप्सा को गोद में लेते हुए बोले_ इप्सा बेटे आंखे खोलो। देखो आज डैड जल्द घर आ गए। ईश्विक जो अपने हाथ को देख रहा था । अभी कुछ देर पहले इप्सा उसकी गोद में थी। ओर अब उसके हाथ खाली थे। उसके दिल में कुछ महसूस हो रहा था। वही कार्तिक कुछ सोचते हुए बोले _ थैंक यूं सरकार, आपने मेरी बेटी का ध्यान रखा। कम उम्र है लेकिन समझदार थोड़ी ज्यादा ही है। अगर कभी गलती कर दे तो माफ कर देना। नादान नहीं है मेरी बेटी। वो एक ऐसे माहौल में पली बढ़ी है जहां छोटे बच्चों का बचपन नहीं होता। ईश्विक बिना किसी भाव से उनकी बात सुन रहा था। वो कुछ पल रुककर बोला_ आप को सफाई देने की जरूरत नहीं है। मिस्टर रायचंद, इंसान पहचानने की खूबी बखूबी ही मुझमें। कार्तिक ने ईश्विक़ को देखा फिर अपनी कार की ओर चला गया। लेकिन अब प्रॉबलम ये थी कार्तिक कार के दरवाजा कैसे खोले। अभी वो सोच ही रहे थे कि ईश्विक ने जल्दी से इप्सा को अपनी गोद में लेते हुए कहा_ आप डोर ओपन करिए मिस्टर रायचंद। कार्तिक ने हल्का मुस्कुराते हुए अपनी जेब से चाबी निकाली और बैक सीट के डोर ओपन कर दिया। वही ईश्विक ने इप्सा को पीछे की सीट पर लिटाया और फिर उसके सर पर एक गहरा चुम्बन दे दिया। ना जाने कितने की जज्बात होंगे उस किस में। ईश्विक ने एक गहरी नजर इप्सा पर डाली और बाहर निकल गया। बाहर आते ही उसके एक्सप्रेशन बदल गए।