Novel Cover Image

Silent Romance

User Avatar

Miss Vish

Comments

4

Views

7522

Ratings

27

Read Now

Description

यह कहानी है सियारा और अग्नि की, जहाँ एक अँधेरी रात ने सियारा के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। उस रात के बाद, सियारा को कुछ भी याद नहीं है। याद के तौर पर, वह रात सियारा को बस कुछ निशान दे गई थी। लेकिन वह निशान मिटने से पहले ही, सियारा के जीवन में अग्...

Total Chapters (28)

Page 1 of 2

  • 1. Silent Romance - Chapter 1

    Words: 1990

    Estimated Reading Time: 12 min

    एक लड़की सड़क पर खुद को बचाती हुई अपना बैग सर पर रख कर भाग रही थी। बहुत तेज बारिश हो रही थी। आस - पास सड़क पर कोई नहीं था। आसमान में बिजली बहुत जोरों से कड़क रही थी। उस लड़की का नाम सियारा है। सियारा के आस - पास घाना जंगल था। भीगी सड़के और उस पर संभल कर भागती हुई खूबसूरत सियारा। जिसकी भूरि आँखें, गोरा रंग, परफेक्ट शरीर और उसपर उसका छोटा कद । वो बहुत प्यारी थी। अपने बैग को सर पर रखे वो दौड़ती हुई अपनी किस्मत को कोस रही थी। "ओह गॉड!! आज ही ऐसा होना था!! टैक्सी खरब हो गई!! टैक्सी ड्राइवर भी मेरी किस्मत की तरह निकला.. धोखेबाज़!!। ..." इतना कहते हुए वो मुंह बना लेती हैं। सियारा को आज घर जाने में देर हो गई थी। आज पेट शॉप में कुछ ज्यादा ही समय लग गया था सियारा को। ... और उसकी फूटी किस्मत... अपने रूम पर आते वक़्त रास्ते में उसकी टैक्सी भी खराब हो गई। सियारा... अपनी किस्मत को कोसते हुए मन ही मन चिल्ला रही थी। ... असल में बात ये है ना की सियारा का घर सिटी से बाहर के आउट साइड में था। और पैसों की तंगी के कारण वो पीजी या हॉस्टल में भी नहीं रह सकती थी। ... और जहाँ वो जा रही थी वो भी उसका घर नहीं था। उसकी दोस्त ध्वनी ने उसे दिलाया था। उसके बजट के हिसाब से यही सही था। सियारा अब जैसे - जैसे कदम बढ़ा रही थी। वैसे - वैसे उसे ये एहसास हो रहा था, जैसे कोई था। ... जो उसका पीछा कर रहा था। सियारा ये फील करते ही अपने पैरो की स्पीड और बढ़ा लेती है। सियारा को जब एहसास हुआ की उसके पास की ही झाड़ी में कुछ हलचल हो रही है, तो डर के मारे उसके पैर वही ठिठक गए। सियारा कोई डरपोक लड़की नहीं थी। ... लेकिन ये समय ही ऐसा था, कि अच्छे - से - अच्छा पहलवान डर कर भाग जाए। ... वो तो फिर भी ठहरी हमारी नन्ही सी जान। एक तो इतनी डरवानी रात उपर से ये बारिश और ये सुनसान सड़के। "भगवान जी! मेरी लाइफ में सच में ट्रेजेडी की कमी नहीं छोड़ी आपने!! " सियारा डरते हुए बड़बड़ाने लगी। ... सियारा बहुत ज्यादा डरी हुई थी और उसने डरते हुए कहा_ "क... क कौन है वहाँ??।" सियारा की आवाज़ से सरासरहाट थोड़ा रुक... गई। सियारा ने राहत की सांस ली उसने खुद से ही कहा_ "जरूर कोई छोटा जानवर होगा!! ..." वो रेलक्स हो कर जैसे ही जाने को मुड़ी उसे फिर से कुछ महसूस हुआ । वो अंदर तक हिल गई। ... इतनी खतरनाक रात और अब  आवाजें। ना चाहते हुए भी उसके पैर जमीन में जम से गए थे। वो चाह कर भी आगे नहीं बढ़ पा रही थी। एक दम से सियारा को एहसास हुआ की कोई है। ... जो उसके पीछे खडा है। सियारा ने कस कर अपनी आँखें बंद कर ली और हिम्मत कर के धीरे - धीरे पीछे मुड़ने लगी। ... जब वो पल्टी तो हैरानी से अपने सामने देखने लगी। उसके सामने एक घायल पड़ा छोटा स डॉग था। जिसके फिचर्स बिल्कुल डॉगस वाले नहीं थे। लेकिन उसके साइज के वजह से डॉग ना कहना ठीक नहीं होगा। ... वो जमीन पर पड़ा हुआ था। सियारा को उसकी हालत देख कर उसपर दया आ गई। क्युकी वो पेट शॉप में काम करती थी। इसलिए जानवरो को ले कर वो बहुत नरम थी। ... उस जानवर की आँखें ग्रे कलर की थी और वो एक टक सियारा को देख रहा था। सियारा ने खुद को संभाला और उसकी और बढ़ी। सियारा झुक कर उसके सर पर हाथ फेरती है और बहुत प्यार से कहने लगी। "तुम चिंता मत करो मैं बचाऊँगी तुम्हें!!" । ये सुनते ही उस जानवर ने अपनी आँखे बंद कर ली। जैसे उसे सब समझ आ रहा हो। ... सियारा ने उसे उठाया और अपने घर की तरफ तेजी से भागी। जल्दी ही वो रूम पर पहुँच गई। अंदर जाते ही उसने उस जानवर को जमीन पर बिछे हुए सॉफ्ट से फर वाले मेट पर रखा। वो जल्दी से भागती हुई। मेडिकल बॉक्स ले कर आई और उसके पास बैठ कर आराम से उसे दवाई लगाने लगी। सियारा को जानवरो का ख्याल रखना अच्छी तरीके से आता था। ... वो दवा लगा लेने के बाद उसके सर पर हाथ फेरती हुई बोली_  " तुम अब आराम करो!!।" इतना बोल वो खुद उठी... उसके कपड़े पूरी तरफ भीग गए थे। उसे बस जल्दी से कपड़े बदलने थे। सियारा ने ना आव देखा - ना ताव, वही अपने कपड़े एक - एक कर के उतारने लगी। पहले उसने टॉप साइड में फेका। ... फिर शॉर्टस जो उसने पहना था। उसके बाद अंडर वायर भी फेक दिया। वहा लेटा वो जानवर बस अपनी मदहोश नज़रों से सियारा को देख रहा था। ... उसकी ग्रे और गहरी आँखें सियारा को ही स्कैन कर रही थी। सियारा ने जल्दी से कपड़े बदले और जा कर बिस्तर में लेट गई। बारिश के वजह से उसे ठंड बहुत लग रही थी। उसे फीवर जैसा महसूस हो रहा था। ... बाहर अभी जोरों की बारिश हो रही थी। और ये घर वैसा भी नहीं था जो ठंड को अंदर आने से रोक सके। सियारा को जल्दी ही नींद आ गई। सियारा के सोते ही वो जानवर उठा। ... उसने एक नज़र पूरे कमरे पर डाली। ये एक छोटा सा कमरा था। जहाँ एक बेड और छोटी सी अलमारी थी। वो अचानक ही बड़ा होने लगा। ... बड़ा होते - होते वो एक डॉग से भी ज्यादा बड़ा हो चुका था। उसने सियारा की तरफ देखा... जो सोई हुई थी। ... सियारा को देखते ही उसकी आँखों में चमक आ गई। तभी उसमें से एक तरफ की ब्लू रोशनी निकलने लगी और वो इंसान बन गया। एक इंसान जो बेहद हैंडसम था। ... उसकी ग्रे आँखों में अभी सियारा का अक्ष देखा जा सकता था। उसका गोरा और हैंडसम चेहरा इस वक़्त थोड़ा बेचैन था। उसकी हाइट लगभग 6 फीट थी। .... उसने एक शर्ट पहना हुआ था। जो की ब्लैक कॉलर की थी। साथ ही एक जींस। उसकी मस्कुलर बॉडी बहुत ज्यादा अट्रेक्टिव लग रही थी। वो सियारा के पास गया। ... और उसे देखते हुए अपनी शर्ट की बटन खोलने लगा। सियारा ठंड से कांप रही थी। असल में उसे बहुत तेज फीवर था। वो लड़का सियारा के उपर आया। .... और उसके कानों के पास जा कर मदहोश और धीमी आवाज़ में बोला_ " I need you!!। उसकी गर्म सांसें इस वक्त सियारा के कानों से टकरा रही थी।.. सियारा जो इस वक़्त बुखार में तप रही थी। वो ये शब्द सुन पा रही थी। लेकिन उसकी आंखे नहीं खुल रही थी।  वो चाह कर भी अपनी आंखें नहीं खोल पा रही थी।  उसे ऐसा फील हो रहा था जैसे किसी ने उसके पलको पर लॉक लगा दिया हो। उसे फील हो रहा था जैसे कोई उसके उपर है। ... लेकिन वो साफ देख नहीं पा रही थी। वो लड़का झुका और सियारा के करीब आया। उसकी ग्रे आंखें उसके सुर्ख गुलाबी होंठो पर थी। वो खुद को रोक नहीं पा रहा था इसलिए वो धीरे - धीरे नीचे झुका। वो कहते है ना लस्ट इंसान को बेकाबू कर देता है । ... यही हुआ था उस लड़के के साथ, सियारा को नेकेड देख कर वो अब खुद को और नहीं रोक सकता था। अगर किसी बंजारे को एक महल मिले तो क्या वो रुकेगा?? । कुछ ऐसा ही था यहाँ। वो धीरे से अपने होठो को सियारा के होठो पर टिका लेता है।... सियारा कुछ नहीं कर पाई। सियारा को चूमते ही उसे ऐसा लगा। जैसे किसी ने उसे मीठा और स्वादिष्ट घोल पिला दिया हो। वैसे भी वो था तो एक जानवर ही ना। क्या जानवर अपने शिकार को छोड़ सकता था?। और वो भी तब जब उसके मुँह पहली बार इतना स्वीट शिकार लगा था। वो लड़का अब थोड़ा wild हो गया। उसने उस सिंपल सी किस को एक पैशनेट किस में बदल दिया। वो बेसब्री से सियारा के निचले होठो को शक कर रहा था। सियारा बेहोश हो कर भी सब कुछ फील कर पा रही थी। एक हाथ जो पहले उसे अपने कंधे पर फील हो रहे थे। वो अब धीरे - धीरे उसके नाइट ड्रेस के अंदर जाते हुए उसे फील हो रहे थे। इस हालत में भी उसके रोंगटे खड़े हो गए। उन हाथों ने अचानक ही एक झटके में सियारा का टॉप फाड़ दिया। अब सियारा का गोरा बदन उस लड़के की आँखों के सामने था। ... वो लड़का अपना सर उठा कर एक सरसरी निगाह सियारा के पूरे शरीर पर डालता है। सियारा की बॉडी का हर एक हिस्सा उस लड़के को लू भावना लग रहा था । वो जितना उसे निहार रहा था। उतना ही उसके आँखों की चमक बढ़ती जा रही थी। ... कोई फर्क नहीं पड़ता... की वो लड़की कौन थी। क्या थी और कैसी थी। लेकिन अब वो इस हसीन पल को अपनी इन आँखों में बसा लेना चाहता था।... उस लड़के को अपने अंदर एक आग जलती सी महसूस हो रही थी। जब वो उसकी बॉडी को निहार रहा था। ... अब बस वो इस लड़की को खुद में समा लेना चाहता था। वो एक लम्बी सांस लेता हुआ खुद को थोड़ा काबू करता है। वो जानता था की वो बेकाबू नहीं हो सकता था। उसका पैशनेट होना, शायद ये लड़की बर्दाश्त भी ना कर पाए।... वो झुका और सियारा के गर्दन पर चूमने लगा। सियारा की साँसे बहुत तेज चल रही थी।... उसके एक हाथ सियारा के कमर पर थे। जो उसकी कमर को सहला रहे थे और दूसरे उसके सर पर। वो फिर से उसके होठो की तरफ गया और उसे चूमने लगा। ये पहले से भी ज्यादा पैशनेट और डीप किस कर रहा था। अपनी फीलिंग की गहराइयो में जा कर। ... वो खुद को बिल्कुल नहीं रोक पा रहा था। आज तक उस लड़के ने किसी लड़की को छुआ तक नही था। ... लेकिन आज इस लड़की ने उसके 26 साल की तपस्या भंग कर दी थी। सियारा का शरीर देख कर उस लड़के को खुद की रोक पाना मुश्किल था। सियारा होश में वैसे ही नहीं थी और फिर अब जो भी हो रहा था। उसे सब सपना लग रहा था। ... वो लड़का सियारा के होठो को छोड़ कर उसके गर्दन की तरफ बढ़ा। वो वहा भी शक और किस करने के साथ बाइट भी करने लगा। ... सियारा के मुँह से अब सिसकियां निकल रही थी। सियारा की सिसकियां सुन कर वो लड़का और भी ज्यादा एक्साइटेड हो गया। उसके होठो की रफ़्तर और तेज हो गई। ... वो वाइल्डली उसे किस कर रहा था। बहुत पेशंस था उसके हर एक किस में। जिससे सियारा का पुरा बदन सिहर उठा था। बाहर बारिश और तेज हो गई थी। ... इस ही बारिश के बीच अंदर दो लोगों की गहरी सांसो की आवाज़ आ रही थी। .. बीच - बीच सियारा की चीखों की आवाज़ कमरे के बाहर आ रही थी ।,,, कुछ समय बाद आस - पास का कुछ दिखाई नही दे रहा था। रूम के अंदर वो सियारा पूरी तरफ से पसीने से भीगी हुई थी। वो लड़का भी सियारा के बगल में लेता हुआ था। ... उन दोनों के ऊपर ब्लैंकेट था। उसकी नज़र सियारा के पिलो के नीचे रखे फोन पर गई। ... उसने फोन लिया। सियारा के फोन में कोई लॉक नहीं था। उसके लिए ये आसान था। ... उसने किसी को कॉल लगाया। दूसरी तरफ से कॉल उठाते ही एक लड़के की आवाज़ आई_ "हैलो!!। ... उस लड़के ने कहा_ " मुझे लेने आ जाओ!!। उस लड़के की आवाज़ सुन कर दूसरी तरफ से आवाज़ आई_ " भाई!! आप ठीक तो हो?? इस लड़के ने कुछ बताना जरूरी नहीं समझा और कहा_ "मैं तुम्हें अपनी करंट लॉकेशन सेंड कर रहा हूँ, इस ही नंबर से!!। ... ये कह कर उसने फोन कट कर दिया और कुछ देर फोन में कुछ करने के बाद फोन को साइड रख दिया। उसने फिर से सियारा को देखा। ...

  • 2. Silent Romance - Chapter 2

    Words: 1329

    Estimated Reading Time: 8 min

    अगली सुबह, जब सियारा की नींद खुली तो उसे ऐसा महसूस हो रहा था। जैसे.. जैसे किसी ने उसे पहाड़ से नीचे धक्का दे दिया हो या फिर  किसी ने पूरी रात उससे पत्थर तुड़वाया हो। ... उसकी पूरी बॉडी पेन कर रही थी। " आह... ओह गॉड! What's wrong with me?? Why I feel so tired?? जैसे रात बाहर किसी ने मुझे यूज किया हो!!" सियारा ने उठते ही कहा। ... और बैठने की कोशिश करने लगी। हालाँकि की उसके शरीर में बहुत दर्द था। लेकिन उसे लगा जैसे शायद ये फीवर के कारण है। इसलिए वो ज्यादा ना सोचते हुए... खड़ी हुई। ... सियारा को बहुत हल्का - हल्का महसूस हो रहा था। वो जब बाथरूम में गई और खुद को आईने में देखा, तो खुद की हालत पर उसे इतनी हैरानी हुई, कि उसके मुँह से जोर दार चीख निकल गई...। ... असल में बात ये थी की सियारा पूरी नेकेड थी। नेकेड तक तो ठीक था, लेकिन यहाँ उसके पूरे शरीर पर अजीब - अजीब से माक्स बने हुए थे... जो की अब नीले पड़ चुके थे। उसे अपनी हालत पर बहुत हैरानी हो रही थी। वो निशान ऐसे लग रहे थे जैसे किसी जानवर ने काटा हो । ... वो खुद नहीं जानती थी कि उसके साथ अब ये कौन सा डिजास्टर हो रहा है। सियारा ने अपने दिमाग पर जोर डालते हुए कहा_ "नहीं... नहीं ये सब जरूर कोई सपना है!!। ... उसने अपना हाथ उठाया और एक जोर दार तमाचा अपने गालो पर रसीद दिया। ... वो दर्द से चिल्लाई... "एक मिनट - एक मिनट उसे दर्द हुआ... है ना! वो दर्द महसूस कर पा रही थी?? वो उठी नहीं!! ओह सीट! सियारा ये सब सोचते हुए उस ही हालत में जमीन पर बैठ गई। ... वो इतनी शॉक थी की उसे अपनी हालत का भी इस वक़्त अंदाज़ा नहीं था। यहाँ  "PRO - XL " university में एक लड़की अपने फोन में बार - बार टाइम देख रही थी। ये ध्वनि थी सियारा की बेस्ट फ्रेंड कम बहन ज्यादा। ... ध्वनि बहुत शांत लड़की है लेकिन ये दुसरो के लिए है। अपने दोस्तो के लिए तो ये बोलने कि मशीन है। ... लेक्चर देना ध्वनि का पसंदिता काम है। एक बात और हमारी ध्वनि UP से है तो इनकी भाषा में आपको भोजपुरी की मात्रा ज्यादा मिलेगी। Full देसी swag के साथ। ध्वनि को इस वक़्त सियारा पर बहुत गुस्सा आ रहा था। "हम का करे इस लड़की का?? हमेशा लेट हो जाती है!! " ध्वनि ने कहा। .... उसकी नज़र दूर से दौड़ती हुई आ रही सियारा पर पड़ी। पहले वो उसे देख कर राहत की सांस लेती है। लेकिन फिर उसे देख कर अपनी आँखें छोटी कर लेती है । ... सामने से सियारा मोटे - मोटे कपड़े पहन कर उसकी तरफ ही आ रही थी। उसने फुल स्लीव की टॉप पहनी थी। और तो और ऊपर से फूल नेक जैकेट भी पहनी थी। ... जो उसके गर्दन को कवर किए हुआ था। कुल मिला कर वो गर्मी में भी चलती फिरती कपड़ो की दुकान लग रही थी। वहाँ से आते जाते लोग सियारा को अजीब नज़रों से घूर रहे थे। सियारा ने दूर से ध्वनि को देख कर अपना हाथ हिलाया। ... ध्वनि मुँह बनाते हुए_ "ओह भाई!! ये क्या हो रहा है?? सिया कहे?? कपड़ो की फैक्ट्री बने घूम रही है!!। ये बोलते हुए ध्वनि की नज़र अब आस - पास के लोगो पर पड़ी। उसने खुद से कहा_ "बेटा ध्वनि!! भागों! हमको अपना झाड़ नहीं करवाना है!! निकल लो इज़्जत प्यारी है तो!!। ... ध्वनि इधर - उधर देख कर ऐसे दिखाने लगी। जैसे उसने तो सियारा को देखा ही नहीं, वो चुप - चाप अंदर की तरफ खिसकने लगी। सियारा ने जब ध्वनि को ऐसे जाता हुआ देखा। ... तो जोर से चिल्लाई_  " ओह बक - बक की मशीन, कहाँ निकल ली??।" ध्वनि के कदम वही रुक गए। वो अपना सर पिटते हुए खुद से ही बोली_ " ध्वनि अब कुछ नाही होगा तुमरा!! बाइठो यहाँ!! करवाओ लिटि चोखा अपने इज्जत का!!" । वो धीरे - से पीछे मुड़ी। ...सियारा उसके पास आई और हाथ बंध कर खड़ी हो गई। "हान जी, मैडम जी!! कहाँ भाग रही थी आप?? " सियारा ने कहा। ध्वनि ने साफ - साफ झूठ बोलते हुए कहा_  " हम और भाग रहे थे!! हीही.. सठिया गई हो!!। ... उसने सियारा को उपर से नीचे देखा और फिर उसे बोली " वैसे लग तो यही रहा है! की तुम सठिया गई हो!! मोहतरमा कहे कपड़ों की फेक्ट्री बने घूम रही हो!!। ..". वो बिना सियारा को बोलने देने का मौका दिए ही बोली_  " सच - सच बताओ!! क्या कांड की हो??बेटा हमसे छुपाने की कोशिश भी ना करना!!। ... सियारा ने उसे घूरा... उसने जवाब दिया " यार... मुझे फीवर था काल रात!! अभी ठंड लग रही है इसलिए ऐसे आई हूँ!! CID की तरफ सवाल जवाब बंद करो!! और क्लास के लिए चलो। तुम्हें डांट सुनना है क्या??।"... सियारा की बात सुन कर ध्वनि ने सर पिटते हुए कहा_ " हाय भगवान!! जल्दी चलो!! तुम भी ना इतना देर लगा दी!!।" ध्वनि अंदर की तरफ भागी। सियारा ने लाचारी से सर हिलाया। वो भी अंदर गई। ... सियारा के पास कुछ सोचने का टाइम नहीं था उसके एग्जाम करीब थे और वो लिव भी नहीं ले सकती थी!!। वो काल रात के बारे में सोचते हुए अंदर जा रही थी। ... वो लोग कॉलेज केंपस से होते हुए कॉर्रीडोर में आए। सियारा और ध्वनि क्लास में जा कर सब से लास्ट वाली बेच पर जा कर बैठ गए। ... सियारा ने बेंच पर अपना सर टिका लिया और कल रात के बारे में सब याद करने की कोशिश करने लगी। ... वो अपनी आँखें बंद कर के मन ही मन खुद से बोली_  " न जाने कल क्या हुआ?? कौन आया? कैसे आया?? और वो जानवर!! वो कैसे बाहर गया?? भगवान जी मेरी लाइफ कोन सी ट्रेजडी वाले कलम से लिखी है आपने!! जो कभी सुलझती ही नहीं!! ... ध्वनि ने सियारा को इतना चूप - चूप देखा तो पूछा_ "ज्यादा तबियत खराब है क्या?? तु घर पर आराम कहे नहीं कर लेती?? तुमको पता है ना!! हमको तुम्हरा चुप रहना पसंद नहीं!!" । सियारा ने अपनी आँखें खोली। … और वो मुस्कुरा कर बोली_ "अरे मैं ठीक हूँ!! तु टेंशन ना ले!!। ध्वनि ने उसे देखा। उसे कुछ ठीक नहीं लग रहा था। लेकिन वो भी जानती थी कि अगर कोई बात होगी तो सियारा खुद बता देगी। वो उसे फोर्स नहीं करना चाहती थी। ... एक लड़का वहाँ आकर जबर्दस्ती बैठते हुए सियारा को धक्का दे कर सरकने पर मजबूर कर देता है। सियारा किसी के अचानक ऐसा करने से बिल्कुल नहीं चौकी। ... ध्वनि ने उस लड़के को देखा। वो खुद में ही बड़बड़ाते हुए बोली " लो... आ गया काडु!!। वो लड़का सियारा को गुस्से से अपनी तरफ देखता देख। ...शरारती मुस्कान के साथ बोला_ " तुम मुझे ऐसे देख रही हो!! लग रहा है की तुम्हें भी मुझ से प्यार हो गया!!। सियारा ने उसे तीखी नज़रों से घूरा और आँखें छोटी करती हुई बोली_ "ओह रियली!! मुझे लगा था प्यार इंसानो से किया जाता है!! ना की गधो से!! युवी!! निकलो यहाँ से!!। ... हम्म तो ये है युवी... सियारा के पक्के वाले आशिक। इन महाश्य को सियारा की रैगिंग करने का शौक था। लेकिन जब इन्होंने सियारा की हिम्मत देखी तो खुद के दिल की रैगिंग करवा बैठे। लव एट फास्ट साइट बोलना गलत होगा। ... युवी जी को सियारा से सेकंड टाइम में प्यार हुआ। ये कहना गलत नहीं होगा। इनका दिल तो पागल था ही । लेकिन सियारा से मिलने के बाद दीवाना भी हो गया। सियारा की बात पर युवी गुस्सा होने के वजह मुस्कुराया। ... वो अपने दिल पर हाथ रखता हुआ बड़े ही शायराना अंदाज में बोला_  "अब क्या करे स्वीटहार्ट! आपके प्यार में हम गधे तो क्या हॉर्स बनने के लिए भी तैयार है!!" ये कह कर उसने एक आँख मारी। सियारा बुरी तरह चिढ़ गई। उसने अब युवी को इग्नोर करना ही सही समझा।

  • 3. Silent Romance - Chapter 3

    Words: 1392

    Estimated Reading Time: 9 min

    वही एक वीरान सी हवेली थी। जो बहुत अलिशान और बड़ी थी। लेकिन देखने में उतनी ही डारवानी भी थी। ... वो वाइट रंग की थी। जिसे पुराने जमाने की तरह बनवाया गया था। जो बिल्कुल किसी राज महल की तरह दिखने में सुंदर था। जितनी बाहर से वो अलिशान उससे कई ज्यादा अंदर से। ... एक बड़ा सा हॉल जहाँ ब्लैक कलर के फर्नीचर थे। हॉल के बीचो - बीच लेदर से बना हुआ एक सोफ़ा... उसके अगल - बगल और दो सोफे। बीच में एक कांच की कॉफी टेबल साइड में एक टेबल जिस पर लेम्प थी। ... लेफ्ट साइड में फ्लावर बास था, जिसमें कोई फ्लावर नहीं था। हॉल से ही लगा हुआ डाइनिंग रूम और डाइनिंग रूम से लगा हुआ किचन। हॉल के बीच से एक सीढ़ी जा रही थी। .. जो आगे जा कर तीन राह बना रही थी। लेफ्ट - राइट उपर और बीच वाला बाहर के दरवाजे पर ले जाती। ... नीचे भी कुछ कमरे थे। कुल मिला कर वो घर बहुत बड़ा था। उपर मास्टर बेड रूम में। रूम का दरवाजा बंद था खिड़कियों से छन कर धूप अंदर आ रही थी। ... कमरे का इंटीरियर पुरा ब्लैक था। बेड सीट से ले कर परदे तक। यहाँ तक वहाँ के बेड और वॉर्डरोब का कलर भी ब्लैक था। फिल्हाल कमरे की लाइट्स ऑफ थी लेकिन दिन होने के कारण कमरे में अंधेरा नहीं था । ... अग्नि सोफे पर बैठा हुआ था उसने अपना सर सोफे पर ही टिकाया हुआ था। उसके सामने वाले सोफे पर ही उसका छोटा भाई मोहित बैठा हुआ था। ... वो भी अग्नि की तरह ही था बेहद हैंडसम ।... मोहित ने अग्नि को देखा जो काल रात से ही अजीब बिहेव कर रहा है। मोहित ने मुँह बना लिया एक तो वो तब से अग्नि से पूछ रहा है की क्या बात है? लेकिन अग्नि है की बताने को तैयार नहीं है। ... "भाई क्या आप कुछ बोलेंगे?? क्यों इतना सस्पेंस रखा हुआ है?? " मोहित ने बेचारगी से कहा। अग्नि ने बिना सर उसकी तरफ किए ही पूछा_ "तुमने मेरा काम किया की नहीं??। ... मोहित जानता था की अग्नि किस काम की बात कर रहा था। लेकिन फिर भी वो सोचने की एक्टिंग करते हुए बोला_ "ओह... वो काम!! हाँ - हाँ हो गया!! आपको email भी कर दिया था मैने!!।... अग्नि ये सुनते ही तुरंत अपनी गर्दन उठा लेता है। उसने सामने टेबल पर रखा अपना लेपटॉप उठाया। ओपन करते ही उसने जा कर सबसे पहले email check किया। सच में मोहित ने उसका दिया हुआ काम कर दिया था। ... अग्नि ने मोहित की तरफ देखा और एक लुक दिया। जैसे वो उसके काम से इंप्रेस हो गया हो। मोहित अपना सीना चौड़ा कर के बैठ गया। ... और एक स्मार्ट सी स्माइल अग्नि को पास की। उसने मोहित को देख कर सर हिलाया। वो जानता था उसका भाई जल्दी सर पर चढ़ जाता है। जैसे ही अग्नि ने ईमेल पर क्लिक किया वैसे ही सियारा की एक क्यूट सी पिक सामने आई मोहित तो पहले से ही सब देख चुका था। ... वो बस अब अपने भाई के एक्सप्रेशन को पढ़ने की कोशिश कर रहा था। सियारा उस पिक में बहुत क्यूट लग रही थी। वो सामने देख कर पाउट बनाए... अपने दोनों हाथो को V के आकर में किए पोज दे रही थी। अग्नि के चेहरे पर उसे देख कर स्माइल आ गई।... उसने आज आते ही मोहित से कह दिया था कि सियारा की details के लिए उसके लिए कलेक्ट करके दे। ओर मोहित अपने भाई की बात कैसे टाल सकता था? उसने भी काम जल्दी ही खत्म कर दिया। ... अग्नि सियारा की details पढ़ने लगा। नाम सियारा कपूर, उम्र 22 साल। और कुछ और डिटेल के साथ वहाँ कॉलेज का नाम भी लिखा हुआ था। "PRO XL"। इस कॉलेज का नाम पढ़ते ही अग्नि की आँखों में चमक आ गई। ... उसने मोहित से पूछा_ "PRO XL, ये तो वही है ना जहाँ से तुमने अपनी स्टडी पूरी की है!! और तुम अभी वहाँ पैसे देते हो??।" मोहित ने मासूमियत से सर हिलाया और कहा_ " हाँ... भाई देता हू!! क्या हुआ??। ... अग्नि एक दम से खडा हुआ और बोला " अच्छा तो चलो आज तुम्हारे कॉलेज की सेर हो जाए!!। मोहित ये सुन कर अपनी आँखें हैरानी से बड़ी - बड़ी कर लेता है। वो भी उठा और अग्नि के माथे को छूता हुआ बोला_ "भाई आप ठीक तो है?? आपको कब से सैर करने का भूत सवार हो गया?? आप भूल रहे है!! क्या?? आप अग्नि सक्सेना है द अग्नि सक्सेना!! आपको घूमना कहाँ पसंद है??। ..." मोहित ये कह कर बैठने को हुआ तो अग्नि ने उसे घूरते हुए कहा_ " हाँ... तुम सही कह रहे हो!! मैं अग्नि हूँ!! तुम जानते हो ना मैं क्या - क्या कर सकता हूँ??। ... मोहित बैठते - बैठते हवा में ही रुक गया। वो बिफरते हुए बोला_ " यार ठीक है!! हर चीज़े सीरियस लेनी जरूरी नहीं होता है!! चलो चलते है!!। वो दोनों वहाँ से निकल गए। यहाँ कॉलेज में लंच टाइम हो गया था। सियारा और ध्वनि क्लास खत्म होते ही राहत की सांस लेते हुए क्लास रूम से बाहर निकले। ... ध्वनि ने अपना हाथ फैलाते हुए कहा_ " Finally उस बकवास क्लास से हम आजाद हो गए!!। ... पीछे से युवी सियारा को निहारते हुए बोला_ " कमबख्त ये दिल आपके प्यार की क्लास में कैद होने को कबसे तड़प रहा है!! लेकिन आप है की!! मानती ही नहीं यार!!। ... सियारा पूरी क्लास में युवी कि बकवास बातें - सुन - सुन कर सुन - सुन कर पक चुकी थी। वो मुड़ी और चिढ़ते हुए अपने हाथ जोड़ कर युवी को दिखाया। ... "प्लीज - प्लीज अपने अंदर के रोमियो को सुलाओ और जा कर किसी और को पकाओ!! " सियारा ने कहा। और ध्वनि का हाथ पकड़ कर जाने लगी। ... कुछ दूर जाते ही उसके कानों में युवी की आवाज़ पड़ी_ " सोच लो बेबी!! आज तो हाँ... करवा कर रहूँगा!! चाहे मुझे इसके लिए पुरा प्रेम पुराण ही क्यों ना पढना पड़?!! इसके बाद तुम मुझे रोमियो कहो!! या फिर मजनू!!। ... उसने अपने सीने पर हाथ रखा और आगे बोला_ "बंधे को सब मंजूर है!! आशिक है हम आपके!! प्यार किया है कोई चोरी नहीं, जो डरेंगे!!। ... ध्वनि ने सर पिटते हुए कहा_ "उफ्फ... इसके डायलॉग!! और ये खुद नमुना हैं एक!! हमको तो समझ नहीं आता कॉलेज की लडकिया इस पर मारती काहे है!! हमको तो इसे देख कर मारने का मन करता है! कितना चिपकू है!!। ... ध्वनि की बात पर सियारा मुस्कुराई... वो चलना जारी रखते हुए बोली_  " Go to hell!! जो करना है करो i even don't care!! । सियारा को जाता देख युवी मुस्कुराया...उसने कहा_ " उफ्फ... ये लड़की!! मिस swag on गेट रेडी फॉर एक्शन!!। ... ये कह कर वो वहाँ से चला गया। यहाँ ध्वनि के साथ सियारा कॉलेज केंपस से होते हुए कैंटिन की तरफ जा रही थी। ध्वनि ने सियारा से कहा_ " सिया... तु पागल है?? या तु सच में उस सडू को पसंद करती है??। ... सियारा ने हँसते हुए कहा_ " किसने कहा मैं पागल हूँ!! और मैं क्यों भला अपनी अच्छी खासी जिंदगी खराब करू उसे पसंद कर के??। ध्वनि ने मुँह बना लिया_ " तब फिर तु काहे उसकी बकवास बातें सुनती है!! हमको भी रोक लेती है! हम होते तो लगा देते एक कंटाप पे!! सारी आशिकी धरी - की - धरी रह जाती!!। ... सियारा ने उसके बाजू में अपना हाथ लपेट लिया_ " अरे मेरा बेबी!! शांत हो जा! तू जानती है ना वो इस कॉलेज के सबसे बड़े ट्रस्टी का बेटा है!! मैं उसके साथ पंगा नहीं लेना चाहती यार!! रस्टिकेट करवा दिया तो!! वैसे ही कम प्रॉब्लम नहीं है! जो एक और बुलाउ!" सियारा ने ध्वनि को समझाया। ... ध्वनि ने मुँह बना लिया, उसने कहा " ट्रस्टी का बेटा हो या CM का साला! हमारी बुलबुल को छेड़ेगा!! और हम उसे छोड़ देंगे!! हमारे गॉव में होता ना तो गाय के तबेले में बांध कर छोड़ देते!! और रोज़ कोड़े बरसाते!! चिरकुट कही का!!। ... ध्वनि इस वक़्त किसी ओवर पजेसिव बॉय फ्रेंड की तरह लग रही थी। जो जल भून रही थी। और उसे ऐसा करता देख सियारा को बहुत हँसी आ रही थी। वो हँसते हुए कैंटिन में इंटर हुए। वो जानती थी की उसकी दोस्त उसे ले कर कितना ओवर प्रोटेक्टिव है। …

  • 4. Silent Romance - Chapter 4

    Words: 1413

    Estimated Reading Time: 9 min

    वो लोग कैंटिन में जा कर बैठे। सियारा ने एक चॉकलेट सेक ओर सैंडविच ऑर्डर किया। ... ध्वनि ने भी वही मंगाया। दोनों बैठ कर वेट करने लगीं। जल्दी ही उनका ऑर्डर भी आ गया, तो उन्होंने जल्दी - जल्दी अपना लंच खत्म किया और कुछ देर वही बैठ कर बाते करने लगे। ... यहाँ मेन एंट्रेंस पर कॉलेज प्रिंसिपल कुछ ट्रस्टी के साथ खडा था। असल में उसे अभी खबर मिली थी कि अग्नि सक्सेना अपने छोटे भाई मोहित सक्सेना के साथ कॉलेज आ रहे है। वो ये तो नहीं जानते थे कि वो दोनों क्यों आ रहे है। लेकिन वो उनके स्वागत में कमी नहीं छोड़ सकते थे। आखिर अग्नि सक्सेना बहुत बड़ा नाम था। ... वो उन्हे नाराज करने की हिम्मत नही रखते थे। अग्नि इस कॉलेज को चुटकियों में ख़रीद सकता था। ... सभी के माथे से पसीना गिर रहा था इस वक़्त। वो सभी थोड़े डरे हुए थे। जल्द ही एक ब्लैक कार... आ कर मेन एंट्रेंस पर रुकी। मोहित और अग्नि गाड़ी से बाहर आए। ... दोनों जा कर प्रिंसिपल के सामने खड़े हो गए। प्रिंसिपल ने कहा_ "आप दोनों का स्वागत है! प्लीज अंदर आइये ना!! दोनों मुस्कुराए और अंदर चल दिए। ... उनके पीछे - पीछे सब चल रहे थे। जब स्टूडेंट्स की नज़र उन दोनों पर पड़ती, तो बस ठहर ही जाती। ... वो हटने का नाम ही नहीं लेती। मोहित को तो बहुत सी लड़कियाँ जानती थी। आखिर वो कॉलेज का चार्म रह चुका था। लेकिन अग्नि कभी ज्यादा खुल कर बाहर नहीं आया था। ... उसकी हैंडसमनेस और पार्सनेल्टी देख कर तो लड़कियाँ आंहे भर रही थी। ... प्रिंसिपल अग्नि से बात करते हुए चल रहा था। यहाँ दूसरी तरफ इन सब से अंजान सियारा और ध्वनि बैठे ही थे। की उन्हें... कैटिन की दरवाजे पर से आवाज़ आई_ " हाय स्वीटहार्ट!! आई एम बैक!! डिड यूं मिस मी??। ... ध्वनि और सियारा ने उस तरफ देखा। फिर एक दूसरे की तरफ देखा। उन दोनों ने अपना सर हिलाया। सच में ये लड़का बहुत ठीठ है। मानने को ही तैयार नहीं । ... सियारा ने कहा_ "ओह प्लीज!!। इतना बोल दोनों ने अपना सर फेर लिया। ... ध्वनि बड़बड़ाने लगी_ "हाय लाल चोटी वाले बाबा!! इस बच्चे को खुश फेंकने में इतनी काहे होती है?? ये क्या खुद को फेकने की मशीन समझता है?? जो जब देखो तब फेकता है! सुबह मैं फेकता है, शाम में फेकता है!! सायद ये फेकते - फेकते ही सोता है और जरूर फेकते - फेकते ही पैदा हुआ है!! । ... सियारा ध्वनि के फेकते - फेकते को सुन कर अपना सर घूमाने से रोक ना पाई। ... उसने कहा_ " अरे दादी माँ चुप हो जाओ!!। ध्वनि चुप हो गई। सियारा ने उसका हाथ पकडा और बोली_ " चल चलते है!!। ... ध्वनि ने सर हिलाया और किसी आज्ञाकारी बच्चे की तरह सियारा के साथ चल दी। ... सियारा जब कैंटिन से बाहर आई। युवी भी उसके पीछे भागा और उसके सामने आ कर तुरंत एक घुटनों पर बैठ गया। ... आस - पास सभी सियारा को और उसे देखने लगे। सियारा को ना चाहते हुए भी रुकना पड़ा। ... युवी ने एक रेड रोज आगे बढ़ाया और ... बोला_  "सिया!! आई एम डेम सीरियस!! प्लीज मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ!!। सियारा ने उसे देखा... और अपना मुँह फेर लिया। ... युवी ने मुँह बनाते हुए, धमकाने वाले अंदाज में कहा_ " मैं तुम्हें दो ऑपशन देता हूँ!!। सियारा ने कुछ कहने के जगह सवाल भरी नज़रों से युवी की तरफ देखा। ... युवी ने शरारती मुस्कान के साथ कहा_ " पहला... मुझसे प्यार कर लो!! और दूसरा मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ!! बहुत इजी है!!। सियारा ने उसे घूरा। ...अब युवी था तो कॉलेज में फ़ेमस । आस - पास के लड़के उसके स्पोर्ट में जोर - जोर से चिल्लाने लगे_ " SAY YES! - SAY HIM YES! - COME ON SAY IT !" सियारा सबकी बात सुन कर बुरी तरह चिढ़ गई। ... उसने कहा_ " No! NOW STAY WAY FROM ME!!. तुम पूरे पागल हो।" ये कह कर वो जाने लगी। युवी हाथो में गुलाब को देखते हुए मुस्कुराया और थोड़ा ऊंची आवाज़ में बोला_  "फूल हैं गुलाब का प्यार, हैं हमारा और इनकार है आपका!! SO NOW GET READY FOR पगलपंती!!। ..." "Get ready for पागलपंती" ये कह कर उसने सिटी बजाई। सिटी बजाते ही कॉलेज के कुछ लड़के कैंटिन में जा कर SOUND BOX में फूल वोल्युम के साथ गाना चलाते है। ... देखा तुमको जबसे, बस देखा तुमको यारा... तुमसे कोई अच्छा है, ना तुमसे कोई प्यारा... यूँ नज़रें ना फेरो तुम, मेरे हो मेरे तुम।" युवी सियारा के पीछे डांस कर रहा था। ... सियारा जब पीछे मुड़ी अपना मुंह खोले बस उसे ही देखती रह गई। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ये लड़का इतना डेरिंग है। कॉलेज कैंटिन के बाहर यूँ इतनी तेज वोल्युम पर डांस करने की हिम्मत रखता है। ... युवी को देख कर जैसे बाकी के लोग भी हाफ माइंड हो गए थे। वो भी युवी का साथ दे रहे थे। ध्वनि तो अपना मुँह बंद ही नहीं कर पा रही थी। ... युवी सियारा के पास आया और अपने कंधो से उसके कंधो पर मारता हुआ आगे का गाना गुनगुनाने लगा । ... कह दो ना, कह दो ना...यू आर माय सोनिया... देखा तुमको जबसे, बस देखा तुमको यारा... तुमसे कोई अच्छा है ना, तुमसे कोई प्यारा... यूँ नज़रें ना फेरो तुम, मेरे हो मेरे तुम... कह दिया, कह दिया...यू आर माय सोनिया। ... वो सियारा का हाथ पकड़ कर गोल - गोल घुमाने लगा।। सियारा को चक्कर आ रहा था। उसके छोड़ते ही उसने अपना सर पकड़ लिया। ... इस ही बीच एक स्टुडेंट भागता हुआ प्रिंसिपल को ढूढने गया। जब उसे प्रिंसिपल दिखे, तो उसने ज्यादा नहीं सोचा और उनके पास जा कर कहा_ "सर, वो युवी वहाँ कैंटिन के सामने!! सियारा को प्रोपोज कर रहा है!! उसने ना कहा तो वो अब नाचने लगा सर!!। ..." आस - पास खड़े सब ही लोग ये सुन कर गुस्से से भर गए। अग्नि भी वही खडा था। ... उसने सियारा का नाम सुना तो उसकी आँखों में चमक आ गई। प्रिंसिपल सर ने कहा_ "मिस्टर सक्सेना क्या आप प्लीज वेट करेंगे??। ... अग्नि ने प्रिंसिपल से कहा_ "कोई बात नहीं!! मैं भी आपके साथ चलता हूँ!!। प्रिसिपल अब मना तो कर नहीं सकता था। जब अग्नि ने खुद आगे बढ़ कर ये कहा था। ... उसने बस अपना सर हिलाया  और सभी वहाँ से कैंटिन की और बढ़ गए। यहाँ युवी ने अब सियारा का हाथ पकड़ लिया तो। और अब जबरदस्ती उसके साथ डांस कर रहा था। ... ध्वनि तो मुँह खोले। कभी सियारा को देखती। तो कभी युवी को। अचानक ही सबके कानों में प्रिंसिपल की गुस्से भरी आवाज़ पड़ी_ "क्या चल रहा है यहाँ??। ... सब के सब अपनी जगह जम से गए। अंदर किसी ने जा कर मुजिक बंद किया। सियारा ने युवी को घूरा। ... और अपना पैर घुमा कर जोर से युवी के पैर पर दे मारा। युवी जो उसके आँखों में खोया हुआ था। उसने झट से सियारा को छोड़ दिया। सियारा ने प्रिंसिपल की और देखा। .... वो अपना सर एक बार हिलाया और जा कर ध्वनि के बगल में खड़ी हो गई। युवी जैसे ही अपने होश में आया। उसने अपने आस - पास देखा। आस - पास का मोहोल बहुत जादा टैंस हो रहा था। ... जब उसकी नज़र प्रिंसिपल पर पड़ी... तो वो थोड़ा चौक गया। वो भी चुप - चाप जा कर सियारा के बगल में खडा हो गया। प्रिंसिपल सहित सभी ट्रास्टिस उन दोनों को घूर रहे थे। ... अग्नि की आँखों मे इस वक़्त खुद एक अग्नि जल रही थी। वो गुस्से में युवी को देख रहा था। उसकी आँखों के सामने वो सीन आ रहा था। जब युवी ने सियारा की कमर पकड़ी हुई थी। उसके आँखों में जानलेवा गुस्सा था। ... जैसे वो अभी के अभी युवी को अपनी आँखों से ही घूर - घूर कर मार डालेगा । मोहित ने शरारती मुस्कान के साथ अपने भाई को देखा। वो मन ही मन ठहाके मार - मार कर हँस रहा था। उसके भाई जो किसी पर ध्यान नहीं देते, वो भाई आज जल रहे है। ये तो उसके लिए आज की लेटेस्ट न्यूज़ थी। अगर ये बात किसी को पता चली तो, क्या कोई यकीन कर पाएगा। उसने अग्नि पर से अपनी नज़रे हटाई और गौर से सियारा को देखने लगा। "ओह तो ये है मेरी होने वाली भाभी!! बड़ी प्यारी है " मोहित ने मन ही मन अपने भाई के चॉइस की तारीफ की। …

  • 5. Silent Romance - Chapter 5

    Words: 1323

    Estimated Reading Time: 8 min

    अग्नि अपनी जलती आँखों से युवी को घूर रहा था। प्रिंसिपल ने युवी को घूरा और घूरते हुए बोले_  " Mr. राठौड़!! आपको इतना ही स्ट्रीट डांसर बनने का शौक है तो आप कॉलेज में क्या कर रहे है??" युवी झेंपते हुए अपना सर खुजलाने लगा।... सियारा ने तिरछी नज़रों से युवी को घूरा। ध्वनि जो तब से चुप थी, वो धीरे बोली_  " सही कह रहे है सर!!।... युवी ने प्रिंसिपल को इग्नोर किया और ध्वनि को घूरा। उसने अपनी बोल्डनेस दिखाई... और सबके सामने ही ध्वनि से कहा_ "इजात करो!! होने वाला जीजा हूँ तुम्हारा!!। ... उसने सियारा को देखा और एक आँख मारी। सियारा बुरी तरह चिढ़ गई और यहाँ ध्वनि अब गुस्से में पगला चुकी थी। उसे इतना गुस्सा आ रहा था, कि वो अभी युवी का मुँह तोड़ सकती थी, बिना किसी की प्रवाह किए। उसने गुस्से में अपने होठ दबाए और सियारा की बाजू पकड़ कर युवी से दूर अपने पीछे करती हुई बोली_ "तुम... कद्दू से शक्ल के!! तुम बनोगे हमारे जीजा!! तुमको हमारी सिया का स्टैंडर्ड इतना नीचा लगता है!!" ये सुन कर कॉलेज की सारी लड़कियाँ ध्वनि को घूरने लगी। ध्वनि को कोई फर्क नहीं पड़ता था ।... अब ध्वनि तो हमारी ध्वनि थी। उसने बहुतो को पिटा भी था। जो सियारा के पीछे आया करते थे।... लेकिन सियारा की वजह से वो युवी को कुछ नहीं बोल रही थी। सियारा ने पीछे से ध्वनि का हाथ पकड़ लिया। उसे पता था ध्वनि कभी भी गुस्से में पागल हो सकती है।... युवी ने अपना दंत दिखाते हुए, ध्वनि को जवाब दिया_  "जीजा तो मैं ही बनूँगा तुम्हारा!! मेरी देसी साली!!। सियारा ने अपना सर पीट लिया। ये लड़का इतना बेवकूफ क्यों है।... क्या वो जानता नहीं कि वो सोई हुई शैतान को जगा रहा है। ध्वनि ने अपना दंत पिसते हुए कहा_ "साली किसको बोला बे!! युवी ने उसकी तरफ अपनी उंगली पॉइंट की और कहा_ "तुमको बे!!। बस युवी का इतना कहना ही था की।... ध्वनि गुस्से में चिल्लाई_  "सिया हमारा हाथ छोड़ो!! बहुत हुआ इस चिरकुट का! छोड़ेंगे नहीं हम इसको!! छोड़ो हमको!। ध्वनि की इतनी तेज आवाज़ सुन कर सब चौक गए।... वो हैरानी से ध्वनि को देख रहे थे। युवी दो कदम पीछे हो गया और अपने कानों को कवर करता हुआ बोला_ "व्हाट चिरकुट!! तुम चुड़ैल की तरह चिल्ला क्यों रही हो??।   चुड़ैल शब्द सुन कर सियारा का मुंह खुल गया। उसने ध्वनि को देखा।... जिसकी आँखें गुस्से से लाल थी और वो युवी को भस्म कर देने वाली नज़रों से घूर रही थी। ध्वनि ने सियारा को एक लुक दिया। सियारा ने अपना सलाइवा अंदर लिया।।.,. ध्वनि का लुक ऐसा था। जैसे वो उसे वार्निंग दे रही हो ( आज हम इसको पिटेंगे वरना तुम पर गुस्सा निकालेंगे!! हिम्मत है तो रोको!) सियारा ने तुरंत ध्वनि का हाथ छोड़ दिया और दो कदम पीछे हट गई । ... सियारा के हटते ही ध्वनि मुस्कुराई... उसने अपनी चप्पल निकाली... और युवी ये देख कर अपनी आँखें बड़ी - बड़ी कर के बोला_ "No - no -no ध्वनि। ... ध्वनि ने कहा_  "तुम राक्षस!! अत्याचारी!! दुराचारि!! अभिमानी!! कंस के भाई! हमको चुड़ैल बोले ना तुम!! अब ये चुड़ैल तुम्हे लटका लटका कर मार कर दिखाएगी!!।..". ये कह कर वो युवी की तरफ बढ़ी। युवी यहाँ से भाग गया। वो सब के पीछे - बचने के लिए चुप रहा था। सियारा उसकी हालत देख कर हँस रही थी।... सच में उसने उसे वार्निंग दी थी, लेकिन वही नहीं माना तो इसमें उसकी कोई गलती नहीं है। यहाँ मोहित का अच्छा वाला इंटरटेंमेंट हो रहा था। वो उन दोनों को टॉम एंड जैरी की तरफ लड़ता देख, पेट पकड़ कर हँस रहा था। ... अग्नि अभी गुस्से में सियारा को देख रहा था। उसने उसे देखते हुए अपने मन में कहा_ "मैंने तुम्हें कहा था ना!! की किसी को भी खुद को छूने मत देना!! लेकिन फिर भी तुम नहीं मानी। प्रिंसिपल उन दोनों की हरकत देख कर पूरी तरह शर्मिंदा महसूस कर रहे थे। अग्नि के सामने।... उन्होंने ऊची आवाज़ में चिल्लाते हुए कहा_ " इनॉफ इज इनॉफ!! सब शांत हो जाओ!! प्रिंसिपल की इतनी गुस्से भरी आवाज़ सुन कर ध्वनि अपनी जगह पर ही रुक गई। और युवी सियारा के पीछे आ कर छुप गया। ध्वनि ने मुँह बनाते हुए अपनी स्लीपर नीचे जमीन पर रखा और पहन लिया। ... वो भी आ कर सियारा के पास खड़ी हो गई और एक सरसरी निगाह युवी पर डाली। युवी बिल्कुल मासूम बच्चे की तरह खडा हो गया। जैसे उसने कुछ किया ही ना हो।... सियारा ने युवी को आँख दिखाई तो, वो उससे भी थोड़ा दूर हुआ। प्रिंसिपल ने कहा_  "आप लोगो ने कॉलेज को समझ क्या रखा है!! ये कॉलेज है कोई चिड़िया घर नहीं। जो चूहे और बिल्ली की तरह लड रहे हो!।" तीनो ने एक साथ कहा_  "सॉरी सर!!।... प्रिंसिपल ने युवी की तरफ देखा और कहा_ "मिस्टर राठौड़! ये लास्ट है जो मैं आपको माफ कर रहा हूँ!!। उसने उन तीनो पर एक सरसरी निगाह डाली और कहा_ "तुम तीनो जा कर ग्राउंड के पूरे 10 चक्कर लगाओगे!!। पनिशमेंट सुनकर सियारा के चेहरे पर 12 बज गया। ... उन तीनो ने बेचारगी से एक दूसरे की तरफ देखा और साथ में बोले_ "जी सर!!। ध्वनि सच में युवी का मडर कर देना चाहती थी । अनायास ही सियारा की नज़र अग्नि और मोहित पर पड़ी। ... मोहित को देख कर वो थोड़ी हैरान हुई। उसने मोहित की फोटो बेस्ट स्टुडेंट की केटगिरि में देखी थी। जो नंबर वन पर था। उन दोनों ने भी सियारा की नज़रों की पीछा किया और मोहित और अग्नि को देखा।... मोहित को देखते ही युवी ने खुशी से कहा_ "अरे मोहित भइया आप??। मोहित ने उसे देख कर हल्की सी स्माइल पास की। ध्वनि ने मोहित से एक्साइटेड हो कर पूछा_ "आप वही मोहित सक्सेना है ना!! जो हमेशा बेस्ट स्टुडेंट की ट्रोफि जीतते थे??। ... मोहित ने एक मन मोहक मुस्कान के साथ जवाब दिया_ "जी हाँ!! आपने बिल्कुल सही पहचाना!! ध्वनि ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और बोली_ "हेल्लो सर! हम ध्वनि - ध्वनि सिंह!!। ध्वनि की पर्शनेल्टी से मोहित बहुत इंप्रेस हुआ था।... उसने अपना हाथ आगे बढ़ा कर उससे मिलाते हुए कहा_ "हेय!! Nice to meet you!! युवी ने सवालिया नज़रों से अग्नि की तरफ देखा। उसने मोहित से पूछा_ "ये कौन है, पहले कभी देखा नहीं??। अग्नि को कम ही लोगो ने देखा था। ... मोहित ने जवाब दिया_  "ये मेरे भाई है अग्नि - अग्नि सक्सेना!! नाम तो सुना ही होगा!!। युवी ये सुन कर बिल्कुल हैरान हो गया और मुँह खोले अग्नि को देखता हुआ बोला_ "ऑफ कोरस!! इन्हें कौन नहीं जानता!! सियारा भी अग्नि को ही देख रही थी और अग्नि सियारा को एक पल को दोनों की नज़रें मिली । ... सियारा अग्नि की आँखें देख कर हैरान थी। अग्नि की आँखें नजाने क्यों उसे उस जानवर की तरफ लग रही थी। जिसे वो घर ले गई थी और अब वो अचानक गायब हो गया था।... सियारा फिर से काल रात के बारे में सोचने लगी। प्रिंसिपल ने कहा_  "चलिए ऑफिस में बैठ कर बात करते है!!। सियारा ने अग्नि की नज़रों से नज़र हटाई और उसने ध्वनि से कहा_  "ध्वनि चलो!! । ध्वनि ने सर हिलाया और सियारा के साथ चल दी। युवी भी उनके पीछे - पीछे भागते हुए बोला_ "Girls, प्लीज वेट फॉर मी!!। ... अग्नि अपने आँखों में गुस्सा लिए उन तीनों को देख रहा था। फिर उन्हें देखते हुए प्रिंसिपल के साथ चल दिया। वो यहाँ सियारा को देखने आया था। ... सच ये है की उसने कल ही सियारा को देखा था, लेकिन कल की रात को याद कर - कर के वो सियारा को एक दिन में ही मिस करने लगा था। सियारा और अग्नि अब एक हो चुके थे। अग्नि कोई नॉर्मल ह्यूमन नहीं था।... उसके पास बहुत सी पॉवर्स थी। जिस वजह से वो अलग - अलग प्रकार के जानवरो में बदलने की ताक़त रखता था। अग्नि एक आग था। जो किसी के भी बस से बाहर था। खुद अपनी फैमिली के भी।

  • 6. Silent Romance - Chapter 6

    Words: 1094

    Estimated Reading Time: 7 min

    कॉलेज ग्राउंड में, इस वक्त सियारा, युवी और ध्वनि ग्राउंड के 9 चक्कर लगा चुके थे।.. उन तीनों की साँसे फूल रही थी और वो बुरी तरह हाफ रहे थे। ध्वनि ने अपने घुटने पर हाथ रखा और हाफते हुए बोली " अबे हमसे नहीं होगा अब!! हम नहीं खेल रहे!! तुम दोनों ही करो अब आगे!!। उसका चेहरा देख कर ऐसा लग रहा था। जैसे वो अभी रो देगी। ... सियारा... और युवी ध्वनि की आवाज़ सुन कर रुक गए। उन दोनों ने भी अपने घुटने पकड़ लिए। ... युवी ने ध्वनि को टोंड मारते हुए कहा " चप्पल ले कर जब दौड़ रही थी मेरे पीछे तब याद नहीं आया?? गुंडि कही की!!। ध्वनि और सियारा जान लेवा तरीके से युवी को घूरने लगे। ... सियारा ने उस पर बरसते हुए कहा " सारे फसाद की जड़ ही तुम हो!! स्टुपिड! आए थे बडे रोमियो बनने!!। युवी ने ड्रोमेटिक अंदाज में कहा_ " वो मैं अभी भी हूँ!! आशिक!!।... ध्वनि का चेहरा काला पड़ गया ये सुन कर। सियारा भी उसे खा जाने वाली नज़रों से घूरने लगी। ... इससे पहले वो कुछ कहते सियारा का फोन बजने लगा। जब उसने देखा तो एक दम से चौक गई। लेकिन दूसरे ही पल उसके चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई। ... उसने उन दोनों से कहा "तुम दोनो यहां रुको मैं अभी आती हूँ!!। ये कह कर वो एक साइड ग्राउंड में चली गई। सियारा ने कॉल रिसीव किया... तो दूसरी तरफ से एक आदमी की आवाज़ आई " हेल्लो सिया??।... सिया ने नम आवाज़ में कहा " जी भाई!! कैसे है आप??। ये सियारा का बड़ा भाई था। शिवम... शिवम और उसकी वाइफ शिवानी के अलावा, अपनी फैमिली कहने को सियारा के पास कोई नहीं था।... लेकिन शिवानी सियारा को खास पसंद नहीं करती थी। हाल ही में शिवानी ने सियारा पर हाथ उठा दिया था। सियारा के लिए ही शिवम ने उसे घर से दूर रखा हुआ था। जबकि उसका घर भी सनसीटी में ही था। ... दूसरी तरफ से शिवम ने कहा " सिया! आज तुम्हारी भाभी ने!! तुम्हारे लिए एक ब्लाइंड डेट फिक्स की है!! लड़का बहुत अच्छा है!! और ठीक ठाक कमाता है!! तुम्हारी भाभी का भाई लगता है रिश्ते में!! ... सियारा ये सुन कर थोड़ा उदास हो गई।... एक तो उसके भाई ने इतने महिने बाद कॉल किया और वो भी किस लिए एक लड़के से मिलने के लिए। क्या अब सियारा उन्हें बोझ लग रही थी। वो बस कॉलेज की ही तो फीस देते थे। ... बाकी अपना खर्चा तू सियारा ख़ुद उठाती है। वो नहीं चाहती थी। की उसे पैसों के लिए बार - बार किसी के सामने हाथ फैलाना पड़े। सियारा ने हिचकिचाते हुए कहा " लेकिन भाई!!। ... सियारा के भाई ने उसे टोकते हुए कहा " लेकिन वेकिन कुछ नहीं सिया!! तुम आज शाम उस लड़के से मिलने जा रही हो!! इन फेक्ट लेट नहीं होना, तुम अभी निकल जाओ!! लोकेशन भी सेंड कर दी है!! इससे पहले सियारा कुछ कहती। .. शिवम ने वहाँ से कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। सियारा बस उदास सी फोन को ही देखती रहे गई। शाम के 4 बज चुके थे। सियारा और ध्वनि कॉलेज के गेट से पैदल ही चल रहे थे। सियारा ने कुछ दिन के लिए पेट शॉप से छुट्टी ले ली थी। ... इसलिए वो बेफिक्र थी। लेकिन अभी उसके सर पर एक और टेंशन मंडरा रही थी। जिसका नाम था ब्लाइंड डेट।... सियारा को इतना चुप - चुप देख कर ध्वनि समझ गई थी। कुछ तो गड़बड़ है। वो कबसे वेट कर रही थी की सियारा खुद आगे बढ़ कर अपनी प्रॉब्लम ध्वनि से बताए। ... लेकिन सियारा... यहाँ सियारा तो अपने ख्यालो से बाहर आने का नाम नहीं ले रही थी। ध्वनि ने उसकी चुपी से परेशान हो कर, आखिरकार पूछ ही लिया " सिया!! बता भी दे क्या बात है?? कहे इतनी परेशान है तू??। ... सियारा ने अब कोई भी बात ध्वनि से छुपाने की कोशिश नहीं की और बोली " ध्वनि यार! भाई का कॉल आया था उन्होंने कहा की भाभी ने मेरे लिए लड़का देखा है!! और मुझे आज उससे मिलने जाना है!!। ध्वनि ने अपनी आँखें दो पल को बड़ी की। लेकिन फिर नॉर्मल होती हुई बोली " अगर ये तेरी भोजी के जगह कोई और होता तो हम जरूर हैरान होते!! लेकिन अफसोस!! तुमरी भोजी ना एक नंभर की वो है!!। ... सियारा ने अपनी आँखें बड़ी कर ली और बोली " वो क्या??। ध्वनि ने दया भाव से सियारा को देखा।... और उसके छोटे से चेहरे को अपने हाथो से दबाती हुई पाउट बना कर बोली " हाय भोलेनाथ!! हमको काहे लगता है! आपने धरती पर अवतार ले लिया है!!।... सियारा अभी उसे सवाल भरी नज़रो से देख रही थी । उसने बिना हाथ हटाए कहा " वो एक नंबर की पिशाच है!! हमारी बुलबुल की शादी करवाने पर लगी रहती है!!।... सियारा ये सुन कर उदास हो गई। सियारा का लटका हुआ मुँह देख कर ध्वनि ने बड़े ही कंफिडेंस के साथ कहा " तुम फिकर नॉट रहो जानेमान!! हमारे पास एक आईडिया है!! तुम बस इतना बताओ जाना कहाँ है!!अभी चलो हमारे साथ!! । ... सियारा को ध्वनि के दिमाग पर पुरा भरोसा था। उसने बिना कुछ सवाल किए सर हिलाया और दोनों आगे बढ़ गए। वो कुछ दूर गए ही थे की एक काले रंग की गाड़ी आकर उनके बगल में रुकी। सियारा और ध्वनि ने ध्यान नहीं दिया। ... दोनों ही आगे बढ़ गए। पीछे से गाड़ी बार - बार हॉर्न बजा रही थी। उनके कानों में एक आवाज़ पड़ी " अरे ध्वनि जी!! आप??। ध्वनि अपना नाम सुन कर पीछे मुड़ी तो मोहित कार की विंडो से बाहर झांक रहा था।... और उसे देख कर मुस्कुरा रहा था। ध्वनि मोहित की कार देख कर मुस्कुराई। उसने वही से कहा " हाँ... हम कही जा रहे थे!!। मोहित ने कहा " ओह हम आपको ड्रॉप कर देते है आइये ना!!। ध्वनि ये सुन कर खुश हो गई।... और इससे पहले सियारा कुछ कहती... वो तुरंत बोली " जी ठीक है!!। सियारा ने तिर्छी नजरे उसपर डाली!! सियारा का हाथ पकड़ कर वो उसे अपने साथ कार के पास ले गई... और दोनों साथ में बैक सीट पर बैठ गई। ... मोहित ड्राइविंग सीट पर था और अग्नि उसके बगल में वो कुछ कह नहीं रहा था बस बैठा हुआ था।.. . मोहित ने पूछा " वैसे आप दोनों जा कहाँ रही है?। इस बार जवाब सियारा ने दिया " क्या आप हमें?? Suger cube cafe छोड़ सकते है??। सियारा की प्यारी सी आवाज़ सुन कर मोहित के चेहरे और बड़ी सी स्माइल आगयी " जी जरूर!!। ...

  • 7. Silent Romance - Chapter 7

    Words: 845

    Estimated Reading Time: 6 min

    मोहित ने गाड़ी स्टार्ट की और वो लोग चल दिए कैफे की ओर। इस बीच सियारा बहुत परेशान लग रही थी। वो कभी फोन की तरफ देखती, तो कभी बाहर की तरफ । ... उसे बहुत बेचैनी हो रही थी। ध्वनि सियारा की बेचैनी समझ पा रही थी। उसने अपना हाथ उसके हाथ पर रखा और बोली_ " अरे तुम शांत रहो!! हम बोले है ना!! तुम टेंशन काहे लेती हो??। जब हम साथ हैं तो कोई दिक्कत नही होगी।।.. सियारा ने ध्वनि की तरफ देखा तो ध्वनि ने पलके झपका कर सियारा को विश्वास दिलाया। ... मोहित उन दोनों की बात सुन कर पूछता है " क्या हुआ?? कोई प्रॉब्लम है?? हम आपकी हेल्प कर सकते है!!। ... सियारा ने जैसे ही नहीं बोलने के लिए मुँह खोला, वैसे ही ध्वनि के दिमाग में एक आईडिया आया। .... उसने सियारा को इग्नोर करते हुए मोहित से कहा " हाँ... प्रॉब्लम तो बहुत बड़ी है!! क्या आप हमारी हेल्प करेंगे??।" अग्नि जिसकी नजरे तो बाहर थी लेकिन कान अंदर की ही बातें सुन रहे थे। उसने एक नज़र रियर व्यू मिरर में देखा। ... जिसमे सियारा का चेहरा नज़र आ रहा था। यहाँ सियारा ध्वनि को बुरी तरह घूर रही थी। ध्वनि सियारा के घूरने को बिल्कुल इग्नोर करती हुई मोहित को देख रही थी। ... मोहित ने कहा_  " हाँ... हाँ बिल्कुल! क्यों नहीं!! बात क्या है??। ध्वनि ने बताना शुरू किया " असल मैं क्या है ना!! सिया के भाई ने इसके लिए डेट फिक्स की है!! लेकिन सियारा शादी नहीं करना चाहती!!। ये सुनते ही गुस्से से अग्नि ने अपनी मुठ्ठी भींच ली। उसकी आँखें जो अब शांत थी, अचानक उसमें जलन के भाव आने लगे। ... वो मिरर के जरिए सियारा को घूरने लगा। सुबह मे, जब से वो आज सियारा से मिला था, ये दूसरी बार था। जब सियारा को वो दूसरे लड़के के पास छोड़ रहा था। क्या भगवान अग्नि के पैसेन्स का टेस्ट ले रहे थे। लेकिन ये चीज तो अग्नि में थी ही नहीं। ... मोहित ने तिर्चि नज़रों से अपने भाई को देखा। वो मन ही मन सोच रहा था की आज उसके भाई बहुत कंट्रोल कर रहे है खुद को। अगर उसने अभी कुछ नहीं किया तो कहीं ऐसा ना हो की वही घर जा कर उनके गुस्से का शिकार बन जाए। ... मोहित ने ना में अपना सर हिलाया। उसके चेहरे पर डर साफ दिखाई दे रहा था। मोहित ने जबर्दस्ती अपने चेहरे पर एक मुस्कुराहट लाई और बोल_ " आप बस बताइये हमें करना क्या है??। मोहित के जवाब से ध्वनि को थोड़ी शांति मिली। ... सियारा भी ध्वनि की तरफ देखने लगी। ये लड़की आगे क्या करने वाली है?। क्या चल क्या रहा था ध्वनि के दिमाग में!!?। यही सोचते हुए सियारा ने पूछ ही लिया " तु कुछ उल्टा सीधा मत सोच लेना!!। ध्वनि ने एक गहरी सांस ली। ... उसने अजीब नज़रों से सियारा को घूरा। वो सोच रही थी की कोई इतना सत्य वादी कैसे हो सकता है।... ध्वनि ने कहा " क्या आप सिया के बॉयफ्रेंड होने की एक्टिंग करेंगे?? हम इसके अलावा कुछ नहीं कर सकते!! हम सोचे थे की उसको डरा धमका कर भागा देंगे!! लेकिन अब लगता है अगर ऐसा नहीं हुआ तो हमारी सिया तो बालिकावधू बन जाएगी!!। उसने सियारा की तरफ देखा।... सियारा की ठुड्डी पकड़ कर थोड़ा इमोशन आवाज़ में बोली " हमारी बच्ची!! अभी बच्ची है ये!! कैसे करवा सकते है इसकी इतनी सी उम्र में शादी!!। सियारा ने ध्वनि को एक लुक दिया। ... उसे समझ नहीं आ रहा था की वो हसे ध्वनि की बातों पर या रोए उसके आईडिया पर। ऐसी दोस्त हो तो दुश्मन की क्या जरूरत। मोहित को ध्वनि की बातो पर हँसी आ गई। ... वो अपनी हँसी को कंट्रोल करने लगा। वो जानता था की अग्नि उसके बगल में ही बैठा है। अग्नि ने जब मोहित को इतना मुस्कुराता हुआ देखा। ... तो उसे एक लुक दिया। और भौंह उठा कर उसे ऐसा लुक देने लगा जैसे बोल रहा हो " भाभी है वो तेरी!! तु बनेगा उसका बॉयफ्रेंड!! हिम्मत है तो हाँ बोल कर दिखा। फिर बताता हु तुझे!!। ... मोहित ने तुरंत ना में सर हिलाया और अपने एक्सप्रेशन बिल्कुल सीरियस कर लिए। सियारा ने फुसफुसाते हुए ध्वनि से कहा " तुझे कोई और आईडिया नहीं मिला!! इतना बकवास आईडिया दिमाग के कौन से कोने से निकाला हैं तुने??। ... ध्वनि ने उसे एक नज़र घूरा और बोली " चुप कर!! तु अभी बालक है!! तोहे समझ ना आएगा!!। सियारा ने मुँह बना लिया। उन दोनों के कानों में मोहित की आवाज़ पड़ी " मैं आपकी मदद जरूर करता लेकिन मुझे तो एक्टिंग की ABC भी नहीं पता!! लेकिन हाँ... मेरे भाई को जरूर पता है!! ये तो सब चीजों में माहिर है!! भाई करेंगे आपकी मदद!!। ... ये कह कर मोहित ने अग्नि की तरफ देखा। उन दोनों लड़कियों ने भी अग्नि को देखा। अग्नि को देख कर लग नहीं रहा था की वो उनकी मदद करेगा। ... लेकिन दोनों ही अग्नि को आशा भरी नज़रों से देख रही थी। अग्नि ने मोहित की तरफ देख कर एक कंफ्यूजिन्ग लुक दिया।

  • 8. Silent Romance - Chapter 8

    Words: 861

    Estimated Reading Time: 6 min

    मोहित ने कहा " ओह कम ऑन भाई!! एक्टिंग ही तो करनी है!!। अग्नि ने बस हाँ में सर हिला दिया। ... तो ध्वनि और मोहित दोनों खुश हो गए। लेकिन सियारा अभी अग्नि को ही देख रही थी। उसका औरा सियारा को जाना पहचाना लग रहा था। खास कर अग्नि की वो ग्रे आँखें। ... जो किसी को भी गहराई तक उसमें खोने पर मजबूर कर सकती थी। अग्नि सियारा की तरफ देख तो नहीं रहा था लेकिन फिर भी वो महसूस कर पा रहा था की सियारा उस ही देख रही थी। ... उसके चेहरे पर हल्की सी स्माइल आगई। वो विंडो से बाहर देखने लगा। पूरे रास्ते ध्वनि उनको समझाती रही की उन्हें करना क्या है। जब कुछ समय बाद उनकी कार कैफे के बाहर रुकी। ... ध्वनि ने सियारा को थंप्स अप दिखा कर कहा " ऑल द बेस्ट!!। सियारा ने लाचार की तरह गर्दन हिलाया और ऐसी शक्ल बनाया की किसी को भी उस पर दया आ जाए। .... वो रो देने वाली थी। वो गाड़ी से बाहर निकल गई। और निकलते ही एक नज़र कैफे पर डाला... बाहर से कैफे देखने में बहुत सुंदर था। वो ज्यादा बड़ा नहीं था। लेकिन फिर भी बहुत सुंदर था। वहाँ बहुत नैचुरल वाइबस आ रही थी। .... वो किसी पुराने जामने के टी हाउस की तरह था। पुराना पर सुंदर और सरल। बाहर ज्यादातर पुरानी लकडियो का इस्तेमाल किया गया था। नीचे ही इंट्रांस् के साइड में एक वुडन बोर्ड लगा हुआ था जिसपर बड़े - बड़े शब्दो में लिखा था " CAFE CNL FEELING OF TEST " सियारा ने उस cafe को देखकर एक गहरी सांस ली। ... वो अंदर की तरफ बढ़ गई। अंदर जा कर उसने आस - पास नज़र दौडाई। उसकी नज़र दूर गार्डन एरिया में बैठे लड़के पर पड़ी, जो उसे ही देख कर अपने हाथो को हवा में हिला रहा था। एक पल को उस लड़के को देख कर वो हैरान रहे गई । ... सियारा उस लड़के को जानती थी। वो काई बार उससे मिल चुकी थी। उसके भइया ने उसे बताया नहीं की वो रेयांश मालिक से उसकी शादी की बात कर रहे है। ... सियारा अपने चेहरे पर झूठी स्माइल लिए गार्डन एरिया में गई। इस कैफे में दो पार्टीशन था। एक साइड के गार्डन में जहाँ बहुत से पौधे और फूल लगे हुए थे। साथ ही बड़े से अंब्रेला के नीचे चेयर और टेबल लगाया हुआ था। सियारा उसकी तरफ बढ़ गई। .... रेयांश भी उसे देख कर खडा हो गया। सियारा उसके सामने वाली जगह पर खड़ी हुई और बोली " अरे रेयांश आप?? भाई ने बताया ही नहीं की!! वो आप थे!!। रेयांश ने मुस्कराते हुए कहा " कोई बात नहीं!! वैसे बैठकर बात करे! । ... सियारा ने सर हिलाया और चेयर पर बैठ गई। रेयांश भी दिखने में हैंडसम था। अच्छा खासा कमा लेता था। साथ ही फैमिली बैक ग्राउंड भी बहुत अच्छा था। असल में रेयांश शिवानी के बड़े पापा का लड़का था। ... शिवानी के बड़े पापा का अपना एक मॉल था। और रेयांश पेशे से एक डॉक्टर था। जिसने MS की डिग्री ली थी और अब एक हॉस्पिटल में काम करता था। ... सियारा को रेयांश बिल्कुल नहीं पसंद था। अच्छा कमाने की वजह से रेयांश में घमंड बहुत था। हालाँकि आज तक रेयांश ने सियारा से मिस बिहेव नहीं किया था लेकिन। ... सियारा ने देखा था। कैसे रेयांश ने एक बुजुर्ग को हॉस्पिटल से निकाल दिया था, just because उनके पास पैसे नहीं थे। सियारा तब उस ही हॉस्पिटल में गई थी किसी काम से। लेकिन तब से वो रेयांश को बिल्कुल पसन्द नहीं करती थी। ... सियारा को अपने ही ख्यालो में खोया देख रेयांश ने पूछा " क्या हुआ?? कहाँ खो गई??। यहाँ गाड़ी में ध्वनि और मोहित ने अग्नि को देखा। मोहित ने कहा " भाई अब आपकी बारी जाने की!!। अग्नि ने सर हिलाया और नजर निकाल गया। ... ध्वनि ने चिंता में मोहित से पूछा " क्या लगता है?? कर लेंगे अग्नि सर??। मोहित को अपने भाई पर पुरा भरोसा था। उसने कहा " हाँ... बिल्कुल!! मुझे भाई पर पुरा यकीन है!!। यहाँ अग्नि कैफे के सामने आ कर खडा हुआ । ... उसने अपने शर्ट की स्लीब्स थोड़ी मोडी। अग्नि के बाल इस वक़्त थोड़े मेसी लाग रहे थे लेकिन इस लुक में वो और भी जादा हॉट लग रहा था। आस - पास से गुजर रही लड़किया उसे देख कर आहे भर रही थी और बडबडा रही थी। " यार कितना हॉट है ये!! उफ्फ... काश - काश ये मेरा बॉयफ्रेंड होता कसम से आँखों में बसा लेती!!।" अग्नि सबको इग्नोर करता हुआ अपनी आँखें एक बार बंद करता है। उसने अपने आँखें अचानक खोली। ... और सियारा की आवाज़ सुनने की कोशिश करने लगा। अग्नि इस वक़्त अपनी सुपर हियरिंग पावर यूज कर रहा था। उसके कानों में सियारा की आवाज़ पड़ी। उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गई। वो मुस्कान इतनी कातिलाना थी की बड़े बर्फ के पहाड़ को भी पिघला दे। जब भी वो मुस्कुराता... उसके गालों पर डिंपल पड़ जाते। जो उसे और भी ज्यादा अट्रेक्टिव बना रहा था। उसने अपने कदम अंदर की और बढ़ाया। ... Please follow my channel, Like, comment, share Krna na bhule☺️☺️

  • 9. Silent Romance - Chapter 9

    Words: 1208

    Estimated Reading Time: 8 min

    अंदर सियारा ने नॉर्मलि रेयांश को जवाब दिया " नहीं - नहीं कुछ नहीं!!!। ... रेयांश ने कहा " ओके - ओके, मैं कुछ ऑर्डर कर के आता हूँ!!" । सियारा ने जवाब में सर हिला दिया रेयांश वहाँ से उठ कर काउंटर की तरफ बढ़ गया। ... यहाँ अग्नि जैसे ही अंदर इंटर हुआ सारी लड़किया आँखें और मुँह दोनों खोले उसे घूर रही थी। अग्नि के होठो पर एक कतीलाना मुस्कान थी।... वो गार्डन एरिया में जा कर सियारा की टेबल के जस्ट सामने वाली टेबल पर बैठ गया। ... सियारा ने जब अपने सामने अग्नि को देखा तो एक राहत की सांस ली। और यहाँ अग्नि के लिए तो जैसे कैफे पुरा खाली था। जैसे उसके और सियारा के अलावा यहाँ कोई ना हो। अग्नि के कानों में इस वक़्त मिठी सी धुन बज रही थी।... उसे अपने भाई की बात याद आगई। जब अग्नि ने लास्ट टाइम अपने छोटे भाई मोहित से पूछा था कि प्यार होता क्या है। और इंसान को प्यार कर के मिलता क्या है। ... इंसान क्यों करता है प्यार। तब मोहित ने उसे जवाब दिया था " भाई!! प्यार एक ऐसा मर्ज है जिसका इलाज डॉक्टर के पास भी नहीं! जहाँ इसमें दर्द होता है वही एक सुकून भी होता है!! पता है भाई जब आपको प्यार होगा ना तो ऐसा लगेगा जैसे आपके और उस व्यक्ति के अलावा इस दुनिया में कोई है ही नहीं!! आपको सारी भीड़ में वो व्यक्ति अकेला नज़र आएगा!! और आपको लगेगा!! हाँ... यही वो है जिसके लिए मुझे बनाया गया है!! उसे देखते ही आपके दिल में गाना बजने लगेगा!!।... मोहित की बात याद कर के अग्नि थोड़ा कंफ्यूज फील कर रहा था। अब तक वो सियारा के पीछे इसलिए पड़ा था क्युकी सियारा वो पहली लड़की थी। ... जिसे अग्नि ने छुआ था। सब से बड़ा कारण था की जब पहली बार वो सियारा से मिला था। तब वो खुद को बदलने से रोक नहीं पा रहा था। एक खुशबु थी। ... जो उसे सियारा की तरफ खिच रही थी। अग्नि के पास ये शक्तियाँ बचपन से थी। लेकिन कभी - कभी वो बेकाबू हो जाया करता। और खुद से कंट्रोल खो बैठता। ... अक्सर अग्नि बेकाबू हो कर खून खराबे पर उतर जाता था। ऐसा ही कल हुआ था।... कल अग्नि भेडिया बन गया था। और जंगल में चला गया था। जंगल में वो जानवरो को मार कर उनका खून पी रहा था। वो खुद को बेकाबू ना होता देख और खून की प्यास*सी शांत ना काबू कर पाने की वजह से पागलो की तरह तलास कर रहा था तब उसे सियारा दिखी थी। ... लेकिन उसके पास जाते ही वो एकदम से शांत हो गया। और उसकी खून की प्यास सियारा को देख कर उसे पा लेने की चाह बन गई। ... अग्नि उसके फीलिंग के साथ मैच कर रहे थे। हुआ जो तू भी मेरा, मेरा .. .तेरा जो इकरार हुआ... तो क्यूं ना मैं भी ... केह दूं, केह दूं... हुआ मुझे भी प्यार हुआ। ... ये गाना वही कैफे में चल रहा था। अग्नि होश में आया। सब पहले जैसे हो गया था। लेकिन गाना अभी चल रहा था। और अग्नि को सियारा अब और भी जादा क्यूट लग रही थी। ... उसकी क्यूट और इनोसेंट आँखें उसे ही एक टक देखे जा रही थी । जो अग्नि के लिए कुछ नया था। कुछ खास। ... और कुछ अलग। अब ये मोहब्बत है जनाब। आपने सुना होगा। मोहब्बत बड़ी बेशर्म और बतमीज चीज होती है। ... जो बिना नॉक किए किसी की भी जिंदगी में दस्तक दे जाती है। सायद आज हमारे हीरो के साथ भी ऐसा ही हो रहा था। अग्नि के कानों में गाने के बोल के अलावा कोई बोल नहीं जा रहे थे। ... तेरा होने लगा हू... खोने लगा हू... जब से मिला हू... तेरा होने लगा हू... खोने लगा हूँ... जब से मिला हू ... " Shining in the shade ... in sun like... A pearl upon the ocean... Come and feel me... Girl feel me..." अग्नि का ये ख्याल तब टूटा जब उसने रेयांश को अपने और सियारा के बीच में बैठता हुआ देखा। बेचारा अग्नि तड़प कर रह गया। क्युकी वो अभी जा नहीं सकता था उनके पास।... उसने अपनी मुठी कस कर बंद कर ली और उन दोनों को घूरने लगा। अब तक उसके चेहरे की मुस्कान भी गायब हो गई थी। सियारा का ध्यान रेयांश के आने से एक दम से अग्नि पर से हट गया था। ... उसने एक फीकी मुस्कान के साथ रेयांश की तरफ देखा। रेयांश ने काफी मग सियारा की तरफ किया। रेयांश मुस्कुरा कर कहता है " सॉर्री फॉर लेट!!।... सियारा ने कहा " No - no it's ok!. रेयांश ने सियारा से बात आगे बढ़ाने के इरादे से कहा " वैसे!! शिवानी ने तो पूरी बात पक्की कर ली थी!! लेकिन फिर भी मुझे लगा तुमसे बात करना ठीक होगा!!।... रेयांश की बात सुन कर सियारा का चेहरा काला पड़ गया। उसमे मन ही मन सोचा " भाभी ने ऐसा क्यों किया!! मुझ से पूछा भी नहीं!!। उसने अपनी नज़र वापस रेयांश पर टिकाइ जो अब तक कॉफी मग पर थी।... "रेयांश देखो मेरी बातों का बुरा मत मानना पर क्या तुम!! शादी के लिए मना कर सकते हो??। ..." वो ये कह कर उसे आशभरी नज़रों से देखने लगी। रेयांश सियारा की रिकवेस्ट सुन कर थोड़ा चौका लेकिन फिर उसने सियारा से पूछा " और मैं ऐसा क्यों करू?? क्या कोई प्रॉब्लम है??।... सियारा हिचकिचाइ " असल मै मेरा बॉयफ्रेंड है!! और मैं उससे बहुत प्यार करती हूँ!! सच बताऊ तो मैं उसके सिवा किसी से प्यार भी नहीं कर सकती!!।... सियारा की बात सुन कर जहाँ रेयांश की मुठी गुस्से में कस गई थी। वही कुछ दूरी पर बैठा अग्नि जो अपनी पावर्स का यूज कर के सब सुन रहा था। उसके चेहरे पर एक स्माइल आगई थी।... आखिर अभी तो सियारा का बॉयफ्रेंड वही था ना। चाहें फेक ही सही। और ये सुन कर की वो अपने बॉयफ्रेंड को ले कर अपना प्यार कंफेस कर रही है। उसे शांति मिली। ... रेयांश ने अग्नि से कहा " मुझे पता है तुम झूठ बोल रही हो!! तुम ये शादी नहीं करना चाहती ना!! इसलिए कह रही हो ना ये सब??। सियारा ने जल्दी से ना में सर हिलाया और एक्सप्लेन करने की कोशिश करने लगी " नहीं मैं बिल्कुल सच कह रही हूँ!!। ... अग्नि को लगा अब उसके एंट्री का टाइम आगया है। वो उठा। और उन दोनों के तरह बढ़ने लगा। रेयांश ने इस बार थोड़े गुस्से से कहा " देखो सियारा मैं नहीं जानता!! अब ये शादी हो कर रहेगी!!। इस बार रेयांश की टोन बोसि थी। ... सियारा को भी गुस्सा आगया। अक्सर वो शांत ही रहा करती थी लेकिन सियारा का गुस्सा बहुत खतरनाक था। गुस्से में वो ध्वनि से भी ज्यादा खतरनाक हो जाती थी।... सियारा के कानों में एक आवाज़ पड़ी और उसका सारा गुस्सा जैसे उड़ान छु हो गया " BABY WHAT ARE YOU DOING HERE??. क्या तुमने नहीं कहा था की तुम मेरे साथ टाइम स्पेंड करने वाली हो??।... सियारा और रेयांश दोनों ने ही उस तरफ देखा। एक बेहद हैंडसम लड़का अपने चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल लिए सियारा को ही देख रहा था। उसकी आँखों में सियारा को देखते हुए एक ठहराव नज़र आ रहा था। …

  • 10. Silent Romance - Chapter 10

    Words: 1769

    Estimated Reading Time: 11 min

    अग्नि को अपने सामने खडा देख सियारा सच में थोड़ी नर्वस हो गई। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। उसके मुँह से अपने लिए बेबी शब्द सुन कि वो भी इतने प्यार से, वो हैरान हो गई थी। अक्सर युवी और ध्वनि भी उसे बेबी बुलाया करते थे। लेकिन आज पहली बार उसे इतना अलग महसूस हो रहा था। उसे अग्नि की आवाज़ बहुत ज्यादा लुभावनी लग रही थी। जो उसे अपनी तरफ अट्रेक्ट कर रही थी। ... सियारा थोड़ा - थोड़ा ब्लश करने लगी थी। अग्नि चल कर सियारा के पास आया। सियारा उसे आता देख खड़ी हो गई और बोलने की कोशिश करने लगी_ "व... वो मैं - मैं यहाँ!!। ... लेकिन सियारा के कुछ भी कहने से पहले अग्नि ने सियारा को गाले से लगा लिया। यहाँ ये सब होता देख रेयांश भी खडा हो गया वो गुस्से में उन दोनों को देख रहा था। ... उसने अपनी मुठी कस ली थी। अग्नि ने सियारा को कमर से पकड़ते हुए कहा " इटस ओके!! बेबी, Don't be so nervous!! I'm here alright??. सियारा ने अपना थूक निगला और बस हाँ में सर हिला दिया। सियारा को अग्नि से इसकी उमीद नहीं थी। ... उसे तो लग रहा था। सब उसे ही करना पड़ेगा!! अग्नि गाड़ी में इतना शांत था की उसे लगा ही नहीं था। वो कुछ भी संभाल पाएगा और अब यहाँ इस वक़्त अग्नि का ये रूप देख कर तो सियारा भी हैरान थी। वो किसी केरिंग और लविंग बॉयफ्रेंड की तरह था। ... अग्नि की आँखों में इस वक़्त एक चमक थी। पलके झुका कर वो इस चमक को छुपाने की कोशिश कर रहा था।... सियारा की खुशबु उसे थोड़ा मदहोश कर रही थी। हर इंसान की एक सेमल होती है। जो उसके Presence को दिखाती है। अग्नि में इसे फील करने की क्षमता थी। ... वो इंसान के खुशबू से बता सकता था की वो कैसा Presence रखता है। जैसे सियारा की Presence उसे कमुख और अपना - अपना फील करवाती थी। उसकी बॉडी भी अब सायद सियारा की जगह किसी को accept ना करे। ... सियारा के करीब जाते ही अग्नि का दिमाग बस जो सोच पाता था। वो ये था की उसे बस ये लड़की चाहिए। सियारा ने अग्नि से कहा " वो मैं रेयांश को यही समझा रही थी की मेरा बॉयफ्रेंड है!! और मैं शादी नहीं कर सकती!!। ... अग्नि सियारा से थोड़ा अलग हुआ । वो अभी ज्यादा दूर नहीं हुआ था। उसका एक हाथ अभी सियारा को साइड से हग किए हुआ था। उसने एक नज़र रेयांश को देखा। ... जो उसे घूर रहा था। अग्नि के चेहरे पर एक तिरछी व्यंग से भरी स्माइल आगई। उसने सियारा से पूछा " इस नामुने से शादी करवाना चाहते है!! क्या अंधे है तुमहारे घर वाले!!। ये कहते हुए वो रेयांश को जैसे सकेन कर रहा हो। .... अग्नि की बात सुन कर सियारा स्पिचलेस थी। सच में अग्नि बहुत ज्यादा डेयरिंग था। रेयांश ने अग्नि से कहा " तुम... तुम ऐसा कैसे कह सकते हो?? तुम खुद को समझते क्या हो??। ... अग्नि ने रेयांश को फूल इग्नोर मारते हुए नजरे घुमाई। और अपनी ग्रे आइस से सियारा की तरफ देखा। अग्नि की आँखें ऐसी थी जैसे किसी को भी हेपनोटाइज कर सकती हो।.... उसके आँखों में एक चमक थी। उसने धीरे से पर अट्रैक्टिव वे में सियारा का नाम लिया " सिया...!! । उसकी आवाज़ इतनी प्यारी और मनमोहक थी की सियारा के रोंगटे खड़े हो गए ।... पहली बार अग्नि ने सियारा का नाम लिया था वो भी निकनेम। सियारा तुरंत अग्नि की तरफ देखा। उसने जैसे ही उसकी आँखों में देखा। उसे ऐसा लगने लगा जैसे वो उसकी आँखों में खोने लगी हो। अग्नि ने सियारा के आँखों में झकते हुए कहा " क्या ये तुम्हें मुझ से ज्यादा हैंडसम लगा??।.... सियारा तो जैसे हेपनोटाइज हो गई हो। उसने उसकी आँखों में ही देखते हुए कहा " नहीं!! ये तुम्हारे सामने कुछ भी नहीं??। रेयांश का चेहरा काला पड़ गया ये सुन कर। ... अग्नि ने फिर से पूछा " will you marry him?? and you will leave me??. सियारा ने तुरंत जवाब दिया " नहीं, मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूंगी!! मैं इससे शादी भी कभी नहीं करूँगी!! मैं सिर्फ तुमसे प्यार करती हूँ!! इस डफर से नहीं!!। ... अग्नि सियारा के जवाब से सेटिसफाई था। उसने अपना सर हिलाया । असल में अग्नि ने सच में सियारा को हेपनोटाइज किया था। रेयांश जैसे अब गुस्से से फटने को था। उसने अपना एक हाथ टेबल पर मारा और कहा " इनॉफ इज इनॉफ!!।... रेयांश के ऐसा करने से सियारा जैसे नींद से जागी। उसने अग्नि को देखा। जो उसे देख कर मुस्कुरा रहा था। फिर रेयांश की तरफ देखा जो उसे गुस्से से घूर रहा था। उसे कुछ समझ नहीं आया की अभी यहाँ क्या हुआ । ... अग्नि ने रेयांश की तरफ देखना भी जरूरी नहीं समझा और सियारा से कहा " I think we should leave now!! वैसे भी अब हमारा यहाँ कोई काम नहीं!!। उसने सियारा का हाथ पकडा और वहाँ से चला गया। ... जाते - जाते भी उसने एक बार भी रेयांश की और देखना जरूरी नहीं समझा। यहाँ रेयांश गुस्से से मरा जा रहा था। उसने बड़बड़ा कर कहा " छुड़ऊँगा नहीं!!।... बाहर गाड़ी में ध्वनि हाथ जोड़ कर बैठी हुई थी । उसे डर लग रहा था। लेकिन ध्वनि से बिल्कुल उलट मोहित बिल्कुल शांत था। उसे पुरा यकीन था अपने भाई पर।... ध्वनि की नज़र जब एंट्रेंस से बाहर आते। अग्नि और सियारा पर गई तो वो शांति से बैठ गई। उसकी नज़र सियारा और अग्नि के हाथो पर गई। दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकडा हुआ। ध्वनि समझ गई की काम हो गया।... .जिस वजह से उसके चेहरे से टेंशन बिल्कुल गायब हो गई। उसने एक राहत की सांस ली। तो वहीं वो दोनों आ कर जैसे ही कार में बैठे। ध्वनि ने सियारा से पूछा_ "सिया काम हो गया ना!!" ? सियारा मुस्कुराई और हाँ में अपना सर हिलाया। ध्वनि को अब जा कर चैन आया। मोहित ने अपने भाई को देखा और कहा " मुझे पता ही था?? भाई सब संभाल लेंगे!!। अग्नि ने सबको इग्नोर कर दिया। वो खिड़की से बाहर देखने लगा।... इन सब में ओलरेडि... 7 बज चुके थे। सियारा बहुत थका हुआ महसूस कर रही थी। उसे बस अब कैसे भी कर के घर जाना था। सियारा ने मोहित से कहा " Thank you so much!! हमारी मदद करने के लिए!!। ... ध्वनि ने भी सियारा का साथ दिया " हाँ... अगर आज आप ना होते तो मेरी सिया का बालविवाह हो जाता!!। ... सियारा ने ये सुन कर ध्वनि को घूरा। उसने उसके सर पर मारते हुए कहा " चुप कर!!। ध्वनि ने अपना सर पकड़ लिया और मासूम सा चेहरा बना लिया । ... यहाँ मोहित उनकी नोक झोंक देख कर हँसता हुआ बोला " अरे मैने कुछ नहीं किया!! ये सब तो भाई का किया धरा है!!। ध्वनि सियारा उसकी बात कर उसे अजीब नज़रों से देखने लगे। अग्नि के चेहरे और मुस्कुराहट आ गई।... उसने अपना सर हिलाया। उसका भाई सच में पागल था।। मोहित ने अपने शब्दो को सही करते हुए कहा " मतलब भाई ने कि है आपकी मदद तो!!। ... ध्वनि ने भी सहमति में सर हिलाया तो सियारा ने अग्नि की तरफ देखा। उसने कहा " थैंक यूं!! सच में आपने बहुत मदद की!!। अग्नि ने मिरर में सियारा की तरफ देखा।... उसने हाँ में सर हिला दिया। गाड़ी में बिल्कुल शांति थी कुछ पल के लिए। लेकिन फिर ध्वनि को कुछ याद आया। ... उसने अपने सर पर मारते हुए कहा " ओह नौ!! हम भूल कैसे गए!! हमको तो साइबर कैफे जाना था!! चाचा जी बुलाए थे!! आप हमको यही उतार दीजिए!! हम चले जाएंगे पास में ही है!!। सियारा ने ध्वनि को घूरा। ... मोहित ने कहा " Are you sure!! हम छोड़ देते है!!। ध्वनि ने ना में सर हिलाया और कहा " आप बस साइड में रोक दो!! उसने सियारा की तरफ देखा " तुम सीधा घर जाना!! पढाई में अपना सर मत खापना!! और हाँ!! दवाई खा कर सो जाना!! खाली पेट दवाई मत खाना!! एक और जरूरी बात किसी अंजान के लिए दरवाजा मत खोलना!!। ... मोहित को हँसी आ रही थी ध्वनि की बात सुन कर, उसने गाड़ी साइड में लगा दी। ध्वनि इस वक़्त किसी माँ की तरह सियारा को समझा रही थी। ... सियारा ने रोनी सी शकल बना ली " बस भी करो!! बच्ची नहीं हूँ मैं!!। ध्वनि ने कहा " शक्ल बनाने से कुछ ना होगा!! तु बच्ची ही है!! । सियारा ने उसकी बातें पूरी इग्नोर कर दी। ... जैसे ही ध्वनि गाड़ी से उतरी सियारा भी उसके पीछे उतरने लगी। ध्वनि ने उसे घूरा और बोली " तुम अंदर ही रहो!! उसने मोहित की तरफ देखा और बोली " आप प्लीज इसे इसके घर ड्रॉप कर देंगे!! आप आहसान रहेगा!!। ... मोहित ने मुस्कुराते हुए कहा " इसमें आहसान की क्या बात है !! मैं सेफ ली इन्हें घर छोड़ दूंगा, आप जाइये!!। ... ध्वनि मुस्कुराई और सियारा से कहा " सिया अगर तुम जल्दी समझदार हो जाओ ना तो हमको ऐसे!! तुम्हारी चिंता करने की जरूरत नहीं रहेगी!!। ... सियारा ने मुँह बना लिया " अब मैंने क्या किया??। ध्वनि ने एक लम्बी सांस ली और जाती हुई बोली " सीधा घर पहुँचो!!। वो वहाँ से गई तो सियारा ने डोर वापस लॉक कर लिया। ... मोहित ने हँसते हुए कहा " आपकी फ्रेंड!! आपका बहुत ध्यान रखती है!! सियारा के चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आगई " हाँ... ये शुरू से ऐसी है!!। मोहित ने गाड़ी स्टार्ट की और सियारा से पूछ कर गाड़ी उसके घर की और ले ली। ... इस बीच अग्नि ऐसे प्रेटेड कर रहा था जैसे वो कार में है ही नहीं। रास्ते भर मोहित और सियारा बात करते रहे। और अग्नि विंडो से बाहर देखता हुआ गहरी सोच में घूम था।... जैसे ही सियारा को घर के बाहर छोड़ कर वो लोग कुछ दूर बढे... अग्नि ने मोहित से कहा " गाड़ी रोको!!। मोहित ने तुरंत गाड़ी रोक दी और अपने भाई की तरफ देखने लगा। ... अग्नि ने दरवाजा खोला... और बोला " यहाँ से अकेले घर जाओ!! और हाँ... डेड को पता नहीं चलना चाहिए की मैं आज भी बाहर हूँ!!। मोहित के चेहरे पर एक शरारती स्माइल आगई। ... उसने उची आवाज़ में कहा " यश बॉस!! वैसे भाई आई नौ की आप भाभी के पास जा रहे हो!!। ... मोहित के मुँह से भाभी शब्द सुन कर अग्नि दो पल को रुका। उसने मोहित को गौर से देखा। ... और मुस्कुराते हुए सर हिला दिया। उसका भाई बहुत स्मार्ट था। वो गाड़ी से निकल गया। मोहित वही स्माइल लिए वहाँ से निकल गया। ...

  • 11. Silent Romance - Chapter 11

    Words: 1014

    Estimated Reading Time: 7 min

    यहां सियारा को कुछ दूर चल कर जाना था। वो थोड़ा सुनसान सा इलाका था। वो जब चल कर अपने घर के सामने पहुंची तब उसके चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई। .... वहाँ कल वाला ही डॉगी बैठा हुआ था। वो उसके दरवाजे के बाहर था। वो देखने में खतरनाक था लेकिन सियारा को वो बहुत क्यूट लगता था। वो आम डॉग्स से बड़ा भी था । ... सियारा भागती हुई उस डॉग के पास गई। उसने जा कर कस कर उसे हग कर लिया। ... वो कल ऐसे गायब हो गया था, इसलिए सियारा डर गई थी। उसे लगा किसी ने उसके साथ गलत किया और इस डॉग को भी मार दिया। ... सियारा उस डॉगी को पकड़ कर कहने लगी " तुम कहाँ थे?? पता है मुझे बहुत डर लग रहा था। ... उस डॉगी ने अपनी बड़ी और ग्रे आँखों से सियारा को देखा। सियारा उसे अंदर ले गई उसने उसे उस ही मेट पर बैठा दिया। जिस पर कल बैठाया था। सियारा भागती हुई वही पास में रखे छोटे से फ्रिज के पास गई। ... उसका घर बहुत छोटा था। इस हिसाब से वहाँ दो रूम थे। एक तो सियारा का बेड रूम था और दूसरा ड्राइंग रूम!! उसमें ज्यादा खास चीज़े नहीं थी, सिवाए सियारा के समानो के। ... सियारा ने जब फ्रीज खोला तो थोड़ी उदास हो गई। वहाँ सिर्फ थोड़ा सा मिल्क रखा हुआ था। ... अगर सियारा अकेली होती, तो वो पी कर सो जाती। लेकिन सियारा उस डॉग को भूखा नहीं रखना चाहती थी। उसने उस दूध को एक बाउल में निकाला। ... सियारा इस बात से अंजान की वो डॉग दरवाजे पर खडा सियारा को कब से नोटिस कर रहा है। ... जो अपने काम में लगी हुई थी। सियारा बाउल ले कर उसके पास गई और उसके सामने रखती हुई मुस्कुरा कर बोली " लो!! तुम ये पियो में बाथरूम से आती हूँ!!। ... ये कह कर वो बाथरूम में चली गई। कुछ समय बाद सियारा टॉवल लपेटे बाहर आई। क्युकी घर में कोई नहीं था तो इसलिए वो बिल्कुल बेफिक्र थी। ... सियारा गाना गूंगानाते हुए रूम में आई। उसने देखा उस जानवर ने अभी तक उस दूध की तरफ देखा भी नहीं। वो तो बस सियारा को ही देखे जा रहा था। ... सियारा ने आपने बालों में हाथ फेरते हुए कहा " अरे?? क्या हुआ?? तुम्हें ये पसंद नहीं??। ... सियारा ने ये कहा और कबॉड खोल कर उसमें से कपड़े निकालने लगी। लेकिन कपड़े निकालने के चक्कर में सियारा अपने टॉवल को नहीं संभाल पाई। ... और टॉवल सीधा नीचे गिर गया। सियारा बिल्कुल नहीं हड़बड़ाइ... उसने आराम से टॉवल और कपड़े लिए और बाथरूम में चली गई। इस बार जब वो बाहर आई तब उसने देखा की वो जानवर वहाँ नहीं है। वो थोड़ी हैरान हुई। ... लेकिन फिर इसकी नज़र खुली हुई खिड़की पर गई। वो समझ गई की वो बाहर चला गया। ... सियारा बहुत थक गई थी। उसने ज्यादा ना सोचते हुए सोना सही समझा। वो जैसे ही बिस्तर पर लेटी, गहरी नींद में चली गई। सियारा के सोने के कुछ देर बाद अग्नि दूसरे रूम से बेड रूम में आया। दोनों रूम में दरवाजा नहीं था। ... तो शोर का तो सवाल ही नहीं था। उसने सियारा को अपनी चमकती आँखों से देखा। ... सियारा आराम से सो रही थी। अग्नि सियारा के बेड के पास गया। उसने सियारा की फेयर बॉडी को निहारा। ... सच में वही जानता था। की इस लड़की के पास हो कर भी दूर होना कितना मुश्किल था। वो कैसे खुद को कंट्रोल किया करता था? ... और कैसे खुद के अंदर के जानवर को काबू में रखता था?। सियारा को देखते ही अग्नि के दिल और दिमाग में सिर्फ सियारा को ले कर डिजायर ही रहते थे। ... जो कंट्रोल कर पाना उसके लिए मुश्किल था। कल भी वो काफी काबू में था। ... ये कहना सायद बेशर्मी होगी की अगर अग्नि खुद को कंट्रोल ना करे तो, वो सायद सियारा को छोड़े ही ना। ... लेकिन वो सियारा की किसी भी तरीका की तकलीफ और दर्द नहीं देना चाहता था। असल में अब अग्नि सियारा को खुद से दूर जाने भी नहीं देना चाहता था। ... उसे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था। और कही ना कहीं वो अब सियारा को ले कर थोड़ा सेल्फिश हो रहा था। उस सियारा के छोटे से बेड पर ही लेट गया। ... उसने कुछ नहीं किया बस सियारा को पीछे से हग कर लिया। उसने उसके कान के पास जा कर बहुत ही सडेक्टिव वॉइस में कहा " FROM NOW YOU ALWAYS HAVE TO REMEMBER THIS! !! NO ONE ELSE CAN TOUCH YOU EXCEPT ME!! ... वो रुका उसे वो पल याद आ गया। जब सियारा युवी के साथ डांस कर रही थी। ... उसकी आँखों में गुस्सा साफ - साफ दिखाई दे रहा था। यहाँ सियारा के साथ फिर से कल की तरह ही हो रहा था । ... वो किसी की साँसे अपने कानों के पास अभी महसूस कर रही थी। उसे ये भी फील हो रहा था की एक गर्म बाहें उसे आगोश में लिए हुए है। ... लेकिन वो खुद कि आँखें भी नहीं खोल पा रही थी, ना ही हिल पा रही थी। अग्नि ने अचानक ही सियारा के कानों को हल्का सा बाईट कर लिया। ... उसकी साँसे अभी सियारा के कानों से टकरा कर उसके अंदर सनसनी पैदा कर रही थी। क्या ये एक सपना था?। सियारा सोच रही थी। इस बात से अंजान की ये सच है कोई सपना नहीं। अग्नि ने लम्बी - लम्बी साँसे लेनी स्टार्ट कर दी । .. उसने सियारा के कान में ही कहा_ " दूर रहो!! सब से!! सिर्फ मेरे पास रहो!! तुम्हारे उपर सिर्फ मेरा हक़ है!! मैं ही हूँ!! जो तुम्हें छु सकता हूँ!! मैं सबको खत्म कर दूंगा!! अगर ऐसा हुआ तो!!। ... अग्नि ने सियारा को और कस कर पकड़ लिया और अपनी आँखें बंद कर ली। उसके दोनों हाथ सियारा के पेट पर थे और सियारा की पीठ बिल्कुल उसके सीने से चिपकी हुई थी। वो बहुत करीब थे। ... Comment's, like and share krna na bhule🥰🥰🥰

  • 12. Silent Romance - Chapter 12

    Words: 1378

    Estimated Reading Time: 9 min

    अग्नि बस उसका साथ चाहता था। आज वो यहां उसके साथ के लिए ही आया था। सुबह का वक्त, जब सियारा की आंख खुली तो उसने खुद को बेड पर अकेला पाया। सियारा अंगड़ाई लेते हुए उठ कर बैठ गई। फिर उसने अपने आस पास देखा, लेकिन उसे अपने अलावा कोई नहीं दिखा। वो खोई हुई सी खुद में बड़बड़ाई_ “क्या वो सब सपना था जो मैं महसूस कर रही थीं?” ये सब सोचते हुए वो जैसे ही कॉलेज जानें के लिए रेडी होने को उठी, वैसे बेड के साइड में पड़ा मोबाइल रिंग करने लगा। पहले तो वो सोच में पड़ गई कि इतनी सुबह सुबह किसका कॉल आ गया। लेकिन जब उसने फोन बिस्तर से उठाकर देखा तो चौक गई। ये शिवम का कॉल था। जो उसे सुबह-सुबह कॉल कर रहा था। वो जानती थी कि शायद कॉल के बाद वो खुश नहीं रहेगी। कोई तो ऐसी बात उससे बोली जायगी जो उसके लिए बिल्कुल अच्छी नहीं होगी। इसलिए उसने डरते हुए कॉल उठाया तो दुसरी तरफ से शिवम की गंभीर आवाज सुनकर वो थोड़ा शांत हो गई। शिवम ने कहा_ “सियारा तुम जल्द से जल्द घर आओ!! मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए!!” सियारा ने एक शब्द में जवाब दिया_ “ओके!!” उसके बाद उसने बात करने को कुछ नहीं था। हालांकि वो उसके भाई थे लेकिन उनका रिश्ता पहले जैसा नहीं था। सब बदल गया था। इसलिए सियारा को कभी भी अपने भाई से कोई शिकायत नहीं थी। वो जानती थी कि उसके भाई ने उसके लिए जितना किया है वो बहुत है। अब उसे उनसे कुछ नहीं चाहिए। उनके मम्मा पापा के जाने के बाद उसका भाई ही था, जिसने उसका ख्याल रखा और एक बच्चें की तरह पाला। सियारा अपने सोच को साइड रखती है। वो जल्दी से तैयार होकर अपने पुराने घर के लिए निकल गई। वहीं अग्नि इस वक्त अपने कमरे के बिस्तर पर लेटा हुआ था। वो कल पूरी रात नहीं सोया था। सियारा के पास होने के वजह से उसकी पूरी रात उसे निहारने में ही निकल जाती है। वो सियारा के हर एक मूवमेंट को नोटिस करता रहा और इस बारे में सोच कर अभी उसकी आंखों में नींद का नामोनिशान भी नहीं था। उसकी आंखों के सामने सियारा का वो क्यूट सा चेहरा घूम रहा था। वो छत को एक टक देखता हुआ खुद से ही बोला_ “ये क्या हुआ है मुझे?? जब भी सोने की कोशिश करता हूं! उसका ही चेहरा सामने आ जाता है। उसे अपने पास देखना चाहता हूं। लेकिन जब वो पास होती है तो ख़ुद को रोक नहीं पता उसे छूने से! ये कैसी बेचैनी है मेरे अंदर।” अचानक अग्नि के कानों में मोहित की आवाज सुनाई दी_ “अरे मेरे भाई! इसे प्यार कहते हैं और वो भी छोटा-मोटा नहीं, आपको बहुत बड़ा वाला लवेरिया हुआ है।” मोहित की आवाज सुन कर अग्नि तुरंत उठकर बैठकर गया। उसने देखा कि मोहित दरवाज़े के टिक कर उसे देख रहा है। उसे देखकर अग्नि ने कहा_ “तुम यहां कब से खड़े हो?” फिर मोहित अग्नि को देखकर हंसते हुए रूम के अंदर आया और उसके के बिस्तर पर लेटते हुए कहा_ “जब आप इनडायरेक्ट अपने प्यार का बखान कर रहे थे।” अग्नि ने फिर उसे कुछ नहीं कहा, तो मोहित ने कुछ सोचते हुए कहा_ “वैसे भाई! एक तरीका है अपने प्यार को टेस्ट करने का।” उसकी बात सुनकर अग्नि ने उसे ऐसे देखा जैसे वो पागल हो। अग्नी की उन नज़रों को देख मोहित ने ये बात अपनी इगो पर ले ली। वो तुरंत बैठते हुए अपने भाई की तरफ देखकर बोला_ “मेरे ख्याल पर शक मत करो! यूं ही नहीं मैं कन्याओं में मशहूर हूं! बालिकाएं तो मेरे ऊपर मरती है!” अग्नि ने ठंडा स्वर में कहा_ “वो तुझ पर नहीं, तेरे पैसे पर मरती हैं बेवकूफ!!” ये सुनकर मोहित का चेहरा देखकर ऐसे लग रहा था कि जैसे वो अभी रो देगा। फिर मोहित ने अपने भाई से कहा_ “भाई अगर आपको पता करना है कि आपको प्यार हुआ है या अट्रैक्शन तो, बहुत सिंपल है। जब वो लड़की मुसीबत में होगी और आपको एक नजर भर देखे और आप बिना बात बिना किसी मतलब उसकी मदद करने जाओगे। मुसीबत कैसे भी हो। इसे हम आसान भाषा में प्यार कहते हैं। प्यार में जलन की भावना भी शामिल है। प्यार समय या वक्त नहीं बल्कि दिल देखता है।” अपने भाई की बड़ी-बड़ी बातें सुनकर अग्नि ने कहा_ “बोल तो ऐसे रहा है जैसे तुझे दस बार प्यार हुआ है और वहुत एक्सपीरियंस हैं।” मोहित ये सुनकर उठा और बोला_ “मिस्टर सक्सेना आप भूल रहे हैं कि आई एम  पब्लिक फिगर! लड़कियां पागल है मेरे ऊपर!” अग्नि ने मोहित को घूरा और बोला_ “Mister Public figure! Now you should get lost from my room!!” मोहित ने ये सुन मुंह बना लिया और खुद मे बोला_ “सच में घर की मुर्गी दाल बराबर ही होती है।” फिर वो वहां से अपनी इज्जत समेट कर निकाल लेता है। अग्नि में कुछ सोचा फिर मुस्कुराकर बड़बडाता हुआ बोला_ “ummm; it's time to entertainment!!” यहां सियारा एक घर के बाहर खड़ी थी और हिचकिचाते हुए अन्दर की तरफ बढ़ रही थी। वो मन ही मन कह रही थी _ “भगवान जी! लास्ट टाइम..  लास्ट टाइम.. बचा लो शादी से!! I know ये मेरा हमेशा ही लास्ट टाइम होता है। लेकिन ये सच में लास्ट टाइम ही है मेरा।” ये कहते हुए वो अपने हाथों को जोड़ लेती है। सियारा ने एक गहरी सांस ली और सामने देखा। जहां दरवाजा खुला हुआ था। सियारा जब अन्दर गई तो देखा की शिवानी, शिवम और रेयांश तीनों ही हॉल में बैठे हुए थे। तीनों के चहरे पर मुसकुराहट थी। वो तीनों हँस हंस कर बाते कर रहे थे। सियारा को इसकी उम्मीद नहीं थी। उसे तो लगा था उसके आते ही उसकी भाभी उसपर टूट पड़ेगी कि उसकी हिम्मत कैसे हुई। कि उसने उनके हीरे जैसे भाई को reject किया एंड बला बला….! लेकिन यहां तो अलग ही सीन चल रहा था। सियारा ने कंफ्यूज एक्सप्रेशन के साथ उन तीनों को देखा। उसकी भवें सिकुड़ गई। सियारा के मुंह से धीरे से निकला_ “भैया!!” शिवम ने जब सियारा की आवाज़ सुनी तो सियारा की तरफ देखा। सियारा को देखते ही शिवम और शिवानी की स्माइल और ब्राइट हो गई। शिवानी ने कहा_ “सियारा, मेरी बहन आओ ना! वहां क्यों खड़ी हो! मेरे पास आकर बैठो!” सियार अपनी भाभी के मुंह से अचानक चासनी सी घुली बातें सुनकर मुंह खुले उन्हें देखने लगी। उसका मुंह इतना खुला था कि एक गुलाब जामुन आराम से डाला जा सकता है। कोई नही बोल सकता कि ये उसकी वही जहर उगलने वाली भाभी ही है। क्या शिवानी पर किसी ने काला जादू किया था। वो इसी सोच में ही डूबी हुई थी कि उसके कानों में एक जानी पहचानी सी आवाज पड़ी। “ओह माई गॉड! तूने ऐसा क्या कर दिया? कि मुझे तेरी भाभी तुझसे इतनी खुश लग रही है।” ये आवाज सुनकर सियारा ने पीछे की ओर देखा,  उसने देखा तो एक हॉट सी लड़की क्रॉप टॉप विथ शॉर्ट्स पहने खड़ी थी। उस लड़की ने मेकअप में नाम पर सिर्फ लिपिस्टिक ही लगाई थी। कंधे तक बाल और गेहूंआ रंग। उसके चेहरे पर एक कातिलाना मुस्कान थी। उसे देखकर सियार के फेस पर बड़ी से स्माइल आ गई। उसने धीरे से कहा_ “लवी!!” ये लवी है सियारा की काज़न सिस्टर, कहने को काज़न सिस्टर है। लेकिन उनका प्यार बहुत ही गहरा है। दोनो सेम कॉलेज में पढ़ते है और दोनों की एज भी सेम हैं। अंतर बस इतना है कि लवी सियारा से ज्यादा से ज्यादा 7 दिन बड़ी है। लवी इस शहर के गई हुई थी। उसके पापा यानी सियारा के मामा के साथ। सियारा इस बात से बिल्कुल आंजन थी कि आज लवी वापस आने वाली थी। लवी उसके पास आई और उसे हग करते हुए बोली_ “Baby! I missing you so much!! इसलिए मैं तेरे पास वापस आ गई।” ये सुनकर सियारा ने मुस्कुरा दिया। लवी ने उसे खुद से अलग किया और शिवानी की तरफ देखते हुए बोली_ “क्या बात है भाभी? आप बहुत खुश लग रही हैं।” शिवानी ने मुस्कुराते हुए कहा_ “अरे बात ही कुछ ऐसी है। सियारा ने हां जो कर दी है रेयांश से शादी के लिए।” ये सुनकर लवी ने घूर कर सियारा को देखा, जो आंखे फाड़े शिवानी को ही देखे जा रही थी। Please like, comment and share krna na bhule 😊😊

  • 13. Silent Romance - Chapter 13

    Words: 1525

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे:- सियारा ने जब लवी को देखा, तो एक मासूम सब लुक दिया। जैसे कह रही हो_ “तुम्हें ये लगता है!”   लवी ने उसके एक्सप्रेशन देखे तो वो बिल्कुल चिल हो गई और उसने शिवानी को देखा और अपने हाथ बांधकर खड़ी हो गई। फिर सियारा ने रेयांश को देखा। जो खड़ा होकर उसे ही देखकर मुस्कुरा रहा था। सियारा तो मन ही मन उसे गालियां देने लगी। वो जानती थी कि रेयांश ऐसा जानबूझकर कर रहा है। क्योंकि वो जानता था कि सियारा कुछ नहीं बोल पाएगी। लेकिन अफसोस आज सियारा ने उसकी सोच को गलत साबित कर दिया। उसने शिवानी से कहा_ “भाभी! मैं ये शादी नहीं करूंगी। मैंने पहले भी रेयांश कहा था। लेकिन शायद वो समझ नहीं पाया।” उसने ये कह कर रियांश को एक लुक दिया। ये सुनकर रेयांश की मुस्कुराहट एक पल में गायब हो गई। शिवानी और शिवम भी सियारा को घूरने लगे। शिवानी ने कहा_ “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? मेरे भाई को रिजेक्ट करने की।” लेवी ने शिवानी को सियारा के सामने खड़े होते हुए देखा तो वो सियारा के सामने आकर बोली_ “अब अगर आप दोनों ने सिया को फोर्स किया तो, मैं आप लोगों को पुलिस स्टेशन ले जाने में हिचकी चाहूंगी नहीं।” ये सुनकर शिवानी और शिवम की तो बोलती बंद हो गई है। इससे पहले वो कुछ और कहते उससे पहले ही लेवी ने सियारा का हाथ पकड़ा और बोली_ “मेरे होते हुए, मेरी छोटी बहन को कोई परेशान नहीं कर सकता।” उसने एक नजर उन तीनों को घूरा और सियारा को अपने साथ लेकर वहां से बाहर निकल गई। वो दोनों बाहर आए और लवी की स्कूटी के तरफ़ बढ़ गई। फिर सियारा लवी के पीछे बैठते हुए कहा_ “कहां जाने का प्लान है?” लवी ने स्कूटी स्टार्ट की और आगे बढ़ा दिया। फिर बोली_ “रूम पर जाकर सोना है, ताकि आज रात को जग सुकू।” फिर सियार ने पूछा_ “क्या करना है रात को?” लवी ने मुंह बनाते हुए कहा_ “कुछ नहीं, तुम रात में ही देख लेना।” सियारा ने कुछ नहीं कहा और थोड़ी देर में वो दोनों लवी के अपार्टमेंट पहुंचे और दोनों ही डिनर करके अपने रूम में सो गए। रात के 3:00 बजे लवी के अपार्टमेंट पर इस वक्त चार लोग थे। युवी, ध्वनि, सियारा और लवी वो चारों इस वक्त हाल में बैठे हुए थे और हाल में लाइट डीम थी। सोफे के बीचों बीच काफी टेबल पर कुछ चीज रखी हुई थी। जैसे कुछ खाली पेपर, रेड पेन, कैंडल्स और सियारा ने उन चीजों पर नजर गड़ाई हुई थी। ध्वनि ने कहा_ “अरे हम कैंडल लाइट डिनर तो बहुत बार सुने हैं, लेकिन कैंडल लाइट पढ़ाई पहली बार देख रहे हैं।” लवी ने उन तीनों को देखा और कहा_ “यहां कोई पढ़ाई नहीं होगी, बात ये है कि एक गेम मुझे खेलना है। ब्लॉक बनाने के लिए, लेकिन वो गेम हमारा है तो मैं पहले इस गेम को यहां ट्राई करूंगी।” ध्वनि ने कहा_ “कैसा गेम?” लवी ने एक डेविल स्माइल लिए बड़े ही डरावनी तरीके से कहा_ “Paper Ghost! इसमें करना ये है कि आपको मेन डोर के पास जाना है। पर ध्यान रखना है कि पूरे घर की लाइट बंद हो और हमें कैंडल जलानी है और 12 बार नॉक करना है। कहते कि आप तब घर का डोर नॉक नहीं करते बल्कि हेवन कर डोर नॉक कर रहे होंगे और डोर के दूसरी तरफ डेविल होगा। तब आपको दरवाजा नहीं खोलना है और कोई भी सवाल रेड पेन से लिखकर दरवाजे के नीचे से बाहर की ओर खिसका देना है। इससे होगा ये कि अगर सच में डेविल डोर के बाहर हुआ, तो वो रिप्लाई देगा और अगर नहीं हुआ तो नो रिप्लाई।” इस अनोखे गेम के बारे में सुनकर वो तीनों लवी को अजीब नजरों से घूरने लगे। यूवी ने रोनी सी शक्ल बनाई और कहा_ “मैं नहीं खेलता कोई गेम। मैं तो एक हैंडसम सा बंदा हूं इतना कि वो डेविल भी मुझसे जलस हो जाए। कहीं मेरे फेस पर स्केचेस कर दिया तो।” फिर सियारा को देखा और आगे बोला_ “तब तो बेबी मुझे कभी हां नहीं बोलेगी।” ये सुनकर सियारा ने युवी को एक वियर्ड सा लुक दिया। फिर ध्वनि ने कहा_ “अरे चलो भी शुरू करो!” लेवी ने सर हिलाया और वो चारों सामान उठाकर दरवाजे के पास पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ जब आज अग्नि को सियार नहीं मिली, तो उसने मोहित से पता करने के लिए कहा और अब इस वक्त दोनों भाई लवी के अपार्टमेंट के बाहर खड़े थे। मोहित ने अपार्टमेंट को देखते हुए कहा_ “भाई, क्या आप एक दिन भी उन्हें नहीं देखेंगे तो क्या आपका वेट लॉस हो जाएगा? आप इतनी रात को भाभी को क्यों परेशान कर रहे हो?” अग्नि ने मोहित को घूरा लेकिन, मोहित तो मोहित था। उसने चिढ़ कर कहा_ “भाई मेरे पास आप जैसे सुपर पावर तो नहीं है, नहीं मैं कोई सुपरमैन हूं। मुझे इंसानों की तरह सोने की याद जरूरत पड़ती है। फिर क्यों आप मुझे इस तरह उठा कर ले आया?” अग्नि ने अब इरिटेट होते हुए कहा_ “चुप कर जा तू!” जब उन दोनों ने दरवाजे के बाहर देखा, तो वो थोड़े कंफ्यूज हो गए। वहां एक पेपर था जिस पर रेड पेन से कुछ लिखा हुआ था। मोहित ने चुप चाप वो पेपर उठाया और उसने पढ़ा, तो उसकी हंसी छूट गई। उस पेपर पर लिखा था_ “Devil are you there?” मोहित ने अपनी आवाज दबाते हुए बोला_ “भाई, शायद ये लोग डेविल बुलाओ गेम खेल रहे हैं। ये लोग भी न बच्चों वाले काम कर रहे हैं।” जब अग्नि ने उस पेपर को देखा, तो उसके दिमाग में खुराफात आई। उसने मोहित से कहा_ “हां लिखो और भेज दो।” ये सुनकर मोहित को तो जोर-जोर से चिल्ला चिल्ला कर माइक लगाकर हंसने का मन कर रहा था। ये उसके भाई नर्सरी क्लास के बच्चों वाले गेम खेलने को बोल रहे हैं। उसने जैसा-जैसा अग्नि ने कहा वैसा वैसा किया। लेकिन आज उनकी किस्मत अच्छी थी, कि मोहित के पास पेन था। लेकिन मुसीबत ये थी कि वो पेन ब्लैक कलर का था। मोहित ने पूछा_ “भाई, ये पेन तो ब्लैक है।” अग्नि ने उस पेन को देखा फिर मोहित को देखकर तिरछा मुस्कुराया। इधर अंदर तीनों दरवाजे के पास बैठे हुए थे। यूवी वहां डरा हुआ बैठा था। वो बस प्रे कर रहा था कि कोई रिप्लाई ना मिला आए। सियारा बिल्कुल शांत बैठी हुई थी। उसे इन सब बातों पर विश्वास नहीं था। अचानक ही तीनों के कान में लवी के कांपती हुई आवाज पड़ी_ “अ.. अरे ये.. ये तो वापस आ गया।” तीनों ने उसकी तरफ देखा, फिर उन्होने उस तरफ देखा जहां लेवी ने उंगली नीचे पड़े उस कागज पर की, जो अभी उसी रास्ते से वापस आया था। जिस रास्ते उन्होंने बाहर भेजा था। ध्वनि और युवी का रिएक्शन भी लवी की तरह था। उनकी भी सिटी पिट्टी गुल हो गई थी। सियार ने उनको देखा और बोली_ “come on Gays! ये सिर्फ एक पेपर है। खुद डेविल यहां नहीं प्रकट हो गया तुम्हारे सामने।” तीनों का चेहरा सियारा की बात सुनकर और भी भयंकर रूप से फिका पड़ गया। युवी ने कहा_ “तुमसे प्यार करता हूं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं की प्यार की मैं शहीद हो जाओ। तुम मारती मुझे फिर भी चलता, लेकिन डेविल ना कभी नहीं।” सियारा ने पेपर उठाया और कहा_ “मुंह बंद रखो!” फिर उसने देखा कि उसमें लाल रंग से कुछ लिखा था। उसने मुंह बनाते हुए कहा_ “डेविल, क्या कलर लेकर घूमता है?” लवी ध्वनि ने ये सुना तो सियारा का हाथ पकड़ा। उसने अपनी एक उंगली से उसे जगह को छुआ, तो हल्का सा कलर उसके हाथ में आ गया और उसने सूंघा तो चौंकती हुई बोली_ “अरे, ये तो खून है।” सियारा और लवी ये सुनकर हैरान थे। युवी ने रोनी सी शक्ल बना कर कहा_ “क्या आज हम मरने वाले हैं?” सियारा ने उसे इग्नोर किया और ध्वनि को घूरते हुए पूछा_ “तुझे कैसे पता कि ये खून ही है। कुछ और हुआ तो?” ध्वनि ने कहा_ “अरे हमने अपने गांव मे बहुत मार काट के मामले देखे हैं। हमारे भैया खुद ही एक डाकू हुआ करते थे। हम रहे हैं खून खराबे के बीच।” ये सब वो कह रही थी लेकिन उसके चेहरे पर डर भी दिखाई दे रहा था। उसे भूत से डर लगता था। सियारा ने कहा_ “बताओ तो इसमें लिखा क्या है?” ध्वनि ने उसे देखा और अपना थूक निगलते हुए बोली_ “इसमें लिखा है कि Yes!!” इधर दूसरी तरफ, मोहित अपने उंगलियो को मुंह में डाल कर अग्नि को घूर रहा था। उसने अपनी उंगली मुंह से बाहर निकाली और बोला_ “क्या आप अपनी लव स्टोरी मेरे खून से लिखवाओगे? क्या भाई कैसा कटा है आपने जो खून नहीं रुक रहा!!” उसने अपने हाथ को दबाते हुए आगे कहा_ “वो हजारों लड़कियां आपको गाली देंगी, जो मेरे पीछे पागल है।” अग्नि ने एक इरिटेटिंग लुक उसे देते हुए कहा_ “ठीक है! ठीक है! कल से मेरी स्पोर्ट्स कार तुम्हारी हुई!” ये सुनते ही मोहित की आंखों में चमक आ गई। उसने अपना हाथ अग्नि के सामने करते हुए कहा_ “आज से मेरे शरीर का एक-एक खतरा आपका। आप मेरे मालिक और मैं आपका गुलाम।” अग्नि ने अपना सर हिला दिया और मन में कहा_ “कितना बड़ा नौटंकी है मेरा भाई!”

  • 14. Silent Romance - Chapter 14

    Words: 1314

    Estimated Reading Time: 8 min

    अग्नि ने नीचे देखने के लिए मोहित को इशारा किया। मोहित ने जब नीचे देखा तो वहां एक और पेपर था। मोहित ने पेपर उठाया और उस पढ़ते हुए बोला_ “क्या आप वापस जा सकते हैं?” मोहित ने पेपर को घूरते हुए कहा_ “अगर डेविल सच में यहां होता, तो पक्का इनका मर्डर करके जाता वापस!” अंदर तीनों डरे हुए बैठे थे। सियारा ने उन तीनों को देखते हुए कहा_ “काश! वो भूत तुम लोगों को उठा ले जाए।” ध्वनि ने कहा_ “हमारे पास तो हनुमान जी का लॉकेट है।  हम डरते थोड़ी है, भूत के बाप को देख लेंगे। लेकिन वो का है ना डेविल अंग्रेजी है। कहीं वो हनुमान जी से ना डरा, तो?” सियार ने ध्वनि को घूरा। ये लड़की डेविल की बात कर रही है या दारू की जो अंग्रेज़ी बोल रही है। लवी ने सियारा से कहा_ “लो आ गया रिप्लाई! तुम ही पढ़ो अब इसे।” सियारा ने पेपर उठाकर पढ़ा_ “मैं यहां अपनी प्रेमिका को लेने आया हूं!” सियारा ने अजीब सा मुंह बनाकर कहा_ “बड़ा ही रंगीला मिजाज़ का है ये डेविल! प्रेमिका??” लवि ने कहा_ “अरे भाई! यहां कौन सी प्रेमिका हैं, काहे की प्रेमिका।” युवी ने डरते हुए तीनों से कहा_ “सुनो! मैं किसी की प्रेमिका नहीं हूं। माना कि मैं बहुत ही हैंडसम हूं! वर्ल्ड वाइड भी कह सकते हो। लेकिन सच में मैं बस एक आशिक हूं, किसी की प्रेमिका नहीं।” तीनों लड़कियां उसे ऐसे घूरने लगी। जैसे उन्होंने कोई जोकर देख लिया हो। वो भी useless। सियारा ने कहा_ “तुम एक नंबर के पागल हो! प्रेमिका फीमेल होती है और तुम मेल हो, बेवकूफ कहीं के।” वो सोच रही थी कि कोई अपनी तारीफ करना युवी से सीखे। इस बार सियारा ने लिखकर भेजा और तीनों फिर से बैठ गए। कुछ समय में उनका पेपर वापस आ गया। जिसे पढ़कर तीनों सियारा को घूरने लगे। युवी ने दर्द भरी आवाज़ में कहा_ “बेबी! ये तुमने क्या किया, मरे हुए इंसान के साथ? मैं मर गया था क्या??” सियारा ने उसे घूरा और बोली_ “just shut up you stupid!!” युवी ने अपना मुंह बंद कर लिया। सियारा ने उसके हाथ से पेपर लिया और देखा। सियारा ने पूछा था कि वो कौन है? क्या वो उसे जानते हैं?? इस question के answer में जवाब आया। “सियारा… मैंने उसके साथ एक रात बिताई है और वो अब मेरी सोलमेट बन चुकी है। मुझे वो चाहिए।” रात बिताने की बात सुनकर सियारा का माथा ठनका। उसे वो रात याद आ गई। उसने सब कुछ इग्नोर किया और जल्दी से उठकर दरवाजा खोला। उसने जल्दी आसपास देखा, लेकिन बाहर कोई नहीं था। लवि का घर एक सुनसान जगह पर था। पूरे अपार्टमेंट में सिर्फ लवि रहा करती थी। उसे आसपास कोई नजर नहीं आया। वो किसी को न देख कर और हैरान थी।। लवि ने सियारा का हाथ पकड़ कर उसे अंदर खींचा और दरवाजा बंद करके बोली_ “तू पागल है क्या? ऐसे दरवाजा नहीं खोलना था।” सियारा के चहरे पर टेंशन दिखाई दे रही थी। लवी ने सियारा की आंखों में गौर से देखते हुए पूछा_ “क्या ये सच है?” सियारा ने एक लंबी सांस ली और युवी की तरफ देखा। ये देख कर युवी ने कहा_ “तुम तीनों बातें करो! मैं अंदर सोने जा रहा हूं!” लवि ने सर हिलाया। बाहर मोहित और अग्नि दरवाजे के पीछे छुप गए थे। मोहित ने डोर को देखते हुए बोला_ “भाई! आप रुको मैं वापस घर जाता हूं।” अग्नि ने उसे घूरा और कहा_ “तुम भी रुकोगे।” पहले तो मोहित ने अजीब सा मुंह बना लिया। लेकिन फिर अचानक की उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट आ गई। उसने अग्नि से कहा_ “भाई! मैं क्या कह रहा था? लगे हाथ मेरी भी सेटिंग करवा दो ना ध्वनि से।” मोहित भी पहली बार में ही ध्वनि से इंप्रेस हो गया था। उसका देसी स्टाइल मोहित को बहुत पसंद आया था। अग्नि में उसे घूरा और कहा_ “बेशर्म!!” मोहित में पाउट बनाकर कहा_ “वाह भाई! वह आप करो तो रासलीला। हम करें तो कैरेक्टर ढीला। देख लिया आपका प्यार!” अग्नि ने मोहित को बिल्कुल egnore कर दिया। अचानक ही मोहित के पॉकेट में रखा उसका फोन बजा। उसने मोबाइल निकाल कर देखा, तो उसके पापा राज सक्सेना का मैसेज था। उस मैसेज को देखते ही मोहित ने कहा_ “भाई! पापा आपसे मिलना चाहते हैं। आपको अभी के अभी बुलाया है पुरानी हवेली पर..।” अग्नि मोहित को देखा। उसने सर हिलाया क्युकी वो मना भी नहीं कर सकता था। ये उसके पापा की बात थी। वो दोनों वहां से चले गए। यहां अंदर ध्वनि और लवि अपना मुंह खोले सियारा को घूर रही थी। ध्वनि ने सियारा से कहा_ “तुम पगला गई हो क्या? ऐसे कैसे कोई कुछ करके चला गया और तुमको पता भी नहीं चला!!” सियार की आंखें नम हो गई। उसने कहा_ “यार! मैं नहीं जानती सच में!” लवी ने परेशान होते हुए कहा_ “तू अब बता रही है हमें ये बात।” ध्वनि ने कहा_ “क्या सच में उस दिन जो हुआ, वो एक शैतान ने किया था?” तभी सियारा ने कहा_ “क्या सच में ये सब होता है? अगर हां, तो अब मेरा क्या होगा?” लवि ने गहरी सांस ली और बोली_ “कल इस प्रॉब्लम का हल निकालेंगे। अब बहुत रात हो गई है चलो सोते हैं।” ध्वनि और सियारा ने भी अपना सर हिलाया। फिर तीनों सोने चले गए। वहीं उस सिटी के बाहर जंगल के पास एक हवेली थी। वो हवेली बहुत पुरानी थी। अंदर एक रूम में अंधेरा था। मिस्टर राज सक्सेना उस कमरे में एक औरत की बड़ी सी फोटो के सामने खड़े थे। उसे देखते हुए उनकी आंखों में उदासी थी। राज जी ने उस फोटो को देखते हुए कहा_ “आपका बड़ा बेटा आपसे बिल्कुल अलग है। जहां आप शांत और सरल थी। वहीं अग्नि बिल्कुल अलग है। वो आग है।” वो फिर थोड़ा रुके और अपनी बातों को जारी रखते हुए आगे  कहा_ “तनु! कभी-कभी समझ नहीं आता, हम इस लड़के को कैसे संभाले? इसकी शक्तियां इस पर हावी हो जाती हैं। काश! की आप हमारे साथ होती।” ये कहते हुए उनकी आवाज लड़खड़ा गई। राज अपनी वाइफ तनुश्री सक्सेना की फोटो से बात ही कर रहे थे। कि उनको कदमों की आवाज सुनाई थी। उन्होंने अपनी आंखें बंद की और ऐसे ही खड़े रहे। तभी दरवाजा खुला और मोहित के साथ अग्नि रूम में आया। दोनों ही आकर बिल्कुल सीधे अपना हाथ बांधे खड़े हो गए। राज जी ने कहा_ “अग्नि! मैंने तुमसे क्या कहा था कि रात के समय बाहर मत जाना। फिर तुम क्यों गए?” मोहित ने अग्नि की तरफ से सफाई देते हुए कहा_ “डैड! भाई तो बस..!” राज जी ने मोहित को बीच में रोकते हुए गुस्से से कहा_ “तुम चुप रहो।” वो मुड़े। उनके चेहरे पर कोल्डनेस साफ साफ़ दिखाई दे रही थी। उन्होंने दोनों को घूरा और कहा_ “तुम दोनों को एक बात समझ नहीं आती और क्या लगता है तुम्हें कि मुझे कुछ पता नहीं चलेगा। बाप हूं मैं तुम्हारा समझे।” अग्नि ने राज जी के से साफ लफ्जों में कहा_ “मैं बाहर जाऊंगा। आप मुझ पर इस तरीके से बंदिशे नहीं लगा सकते।” राज जी ने कहा_ “मैं कुछ भी कर सकता हूं!” अग्नि ने गुस्से से कहा_ “ठीक है! तो फिर मैं भी अपनी करूंगा, किसी की नहीं सुनूंगा।” इतना बोल वो रूम से बाहर निकल गया। राज जी चिल्लाते हुए बोले_ “रुको अग्नि! तुमने क्या मेरे खिलाफ जाने की कसम खाई है?” मोहित ने जब अग्नि को गुस्से में जाते देखा, तो उसके पीछे भागता हुआ, राज जी से बोला_ “डैड, मैं भाई को समझा दूंगा।” राज जी वही रखी चेयर पर बैठ गए। अग्नि का गुस्सा उनके लिए संभालना मुश्किल था। अग्नि बहुत ज्यादा शॉर्ट टैंपर्ड था। उन्होंने अपना सर पकड़ लिया। यहां मोहित जब अग्नि के पीछे भागा, तो अचानक ही अग्नि वहां से गायब हो गया। लवी के फ्लैट पर सियारा दूसरे रूम में सो रही थी। लवी के घर में चार रूम थे। चारो अलग-अलग रूम में थे। सियारा इस वक्त गहरी नींद में थी।

  • 15. Silent Romance - Chapter 15

    Words: 969

    Estimated Reading Time: 6 min

    कमरे में सन्नाटा फैला था। वहीं बिस्तर पर सियारा पिल्लो को गले लगाए सो रही थी। तभी अचानक ही खिड़की से एक तेज हवा का झोंका अंदर आया। जिससे उधर के कार्टन भी उड़ने लगे। उसे हवा के रुकते ही अग्नि सियारा के बगल में खड़ा दिखाई दिया। वो उसके सिरहाने पर ही था। उसने पहले एक नजर कमरे में डाली। वो थोड़ा गुस्से में था। जब उसकी नजर बेड पर आराम से सो रही सियारा पर गई, तो उसकी नजर वही ठहर गई। अचानक ही सियारा को देखते ही उसका बेचैन दिल शांत होने लगा।। सियारा बड़ी ही लापरवाही से सो रही थी। वो हमेशा दुनिया जहां को भूल जाया करती थी। सियारा को  इस तरह सोते हुए देख, न जाने क्यों पर अग्नि को थोड़ा सुकून मिला। वो सियारा के पास ही बैठकर उसे एक टक निहारने लगा। कमरे में चारों तरफ अंधेरा था, लेकिन अग्नि की आंखें अंधेरे में भी साफ वो हर एक चीज़ देख सकता था। सियारा को साफ-साफ़ देख सकता था। तभी अचानक ही उसकी नजर पिलो पर पड़ी। जिसे सियारा अराम में खुद से चिपकाए हुआ था। उसने कुछ सोचते हुए उस पिलो को घूरने लगा। उसकी जो आंखें अभी कुछ देर पहले शांत दिखाई दे रही थी, अब उनमें नाराजगी साफ दिखाई दे रही थी। वो सोच रहा था कि क्या ये तकिया उससे ज्यादा कंफर्टेबल है। सियार ने कभी उसे तो ऐसे हग नहीं किया जैसे कि अभी वो उस ताकिये को गले लगाया सो रही थी। अग्नि के लिए अब ये तकिया दुश्मन से कम नहीं था। वो उठा और दूसरी तरफ जाकर सियारा के हाथों से तकिया एक पल में खींचकर साइड कर दिया। सियारा ने नींद में हीं चिढ़ते हुए कहा_ “क्या है ध्वनि?” उसने अचानक ही अग्नि का हाथ पकड़ा और अपने पास खींच लिया। अग्नि भी बड़ी आसानी से उसकी बाहों में चले गया। जैसे वो तो यही चाहता था। सियारा ने अपनी आंखें नहीं खोली। वो अभी भी नींद में थी। उसने अग्नि को कस कर हग कर लिया और अपना हाथ उठाकर उसके सर पर सहलाया और बोली__ “बेबी! सो जाओ!” वो ये देख कर सोच रहा था कि क्या इस लड़की के पास में एक मैजिक था। जो उसके पास आते ही अग्नि को सुकून मिल जाता था। ये सोचते हुए अग्नि ने धीरे से अपना सर झुकाया और सियारा के माथे पर सॉफ्टली किस करते हुए धीमी मगर, प्यारी सी आवाज में कहा_ “सो जाओ यू स्टूपिड!” पर उसकी आवाज में हल्की सी हंसी थी। वाकई में अग्नि की बातों ने सियारा सच में बहुत गहरी नींद में चली गई और अपना सर उसके कानों के पास लाया। फिर उसने सियारा के कान में कहा_ “पता है तुम्हें?? तुम बहुत प्यारी हो! मैं जब भी तुम्हें देखता हूं तो बहुत खुश हो जाता हूं।” सियारा ने अग्नि को और कसकर हग कर लिया और नींद में बड़बड़ा कर बोली_ “हां..! मुझे भी वनीला फ्लेवर केक बहुत पसंद है।” अग्नि कुछ बोलता और सियारा जो सपने में थी वो कुछ और बोल रही थी। जिसे सुनकर अग्नि ने लाचारी से मुस्कुरा कर अपना सर हिलाया और कहा_ “हां, अब से मुझे भी वनीला केक ही पसंद है, क्योंकि तुम हो मेरी वनीला केक।।” ये कह कर उसने सियारा के कानों पर बाइट कर लिया। जिससे सियारा दर्द से चिल्लाई और बोली_ “तुम, बिना पूछ के बंदर दूर रहो मुझसे!! मैं तुम्हें अपना केक नही दूंगी!” ये कह कर उसने बच्चों की तरह पाउट बना रही थी। अग्नि ने सोती हुई सियारा को घूरा और खुद से ही बोला_ “क्या अभी इसने मुझे बंदर कहा। थैंक गॉड! कि अभी  मोहित यहां नहीं था वरना ये बात का न्यूज़ पेपर में छपी हुई होती। कि राज सक्सेना के बड़े बेटे अग्नि सक्सेना को एक लड़की ने बंदर कहा। वो भी ऐसा वैसा बंदर नही बिना पूछ का बंदर।” अग्नि ने अपनी आंखें बंद की और सियारा के सर पर अपनी चिन टिका लिया और उसने अपने मन ही मन कहा_ “ठीक है! ठीक है! अगर तुम मेरी बंदरिया बनोगी तो मैं कुछ भी बन जाऊंगा।” ये कहते वक्त उसके चेहरे पर एक स्माइल थी। अगली सुबह, सियारा की जब नींद खुली। तब उसने एक लंबी उबासी ली और अंगड़ाई लेती हुई उठी। लेकिन जब वो उठी और अपने सामने लगे मिरर में देखा तो, उसकी चीख पूरे घर में गुंज उठी। ध्वनि जो अभी भी सो रही थी, वो चीख सुनकर बिस्तर से उछल कर उठी और दरवाजे की तरफ भागती हुई बोली_ “ओह, माताजी! अब क्या हुआ?” जब वो रूम से बाहर निकली तब उसकी नजर दूसरे कमरे से भाग कर आती हुई लवि पर पड़ी। लव की हालत तो ऐसी थी जैसे चिड़िया के घोसले में सो कर आई हो। उसके बाल तो पूरे की घोसले की तरह लग रहे थे। जब उसकी नजर लवि से हटी तब युवी पर पड़ी, जो अपने सर पर तकिया रखे बाहर अभी भी अपनी आंख बंद किए हुए आ रहा था। वो बोल रहा था_ “ohh, sit! डेम… दुश्मनों ने हम पर हमला कर दिया। अब कोई नहीं बचेगा। भागो! बचाओ! भागो!” ये सुनकर ध्वनि ने अपना सर पकड़ा और सियारा के रूम की तरफ जाते हुए बोली_ “मन करता है चिड़ियाघर खोल कर बैठ जाऊं।! सही कमाएंगे!!” जब वो तीनों सियारा के कमरे में दाखिल हुए, तब उन्होंने देखा सियार बिस्तर पर अपना हाथ सीने पर रखे अपनी सांस थामे सामने देख रही थी। ये देखकर ध्वनि ने पूछा_ “ऐसा भी क्या देख लिया सिया?? जो तुम अलार्म की तरह बज रही हो??” सियारा ने हैरानी से अपनी उंगली सामने दिखाते हुए कहा_ “वहां देखो!!” क्या देखा सियारा ने? अब क्या होगा जब सियारा को पता चलेगा अग्नि का सच? क्या एक रात की कहानी बन जाएगी लाइफटाइम स्टोरी? अग्नि का ये साइलेंट रोमांस कहां तक देगा साथ? जानने के लिए पढ़े नेक्स्ट चैप्टर और हां कमेंट में जरूर बताइएगा की चैप्टर कैसा लगा?

  • 16. Silent Romance - Chapter 16

    Words: 1077

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे: जब उसने वहां देखा तो, उन दोनों के मुंह से एक साथ निकला_ “क्या??” सामने ड्रेसिंग टेबल पर लिखा हुआ था। “बेबी! आई एम योर सोलमेट!!” बस इतना ही लिखा हुआ था लेकिन इतना ही सियारा को डराने के लिए काफी था। तभी ध्वनि ने कहा_ “क्या सच में तुम ??” उसने सियार को देखा। सियारा को भी अब डर लग रहा था। लवी ने सीरियस होते हुए कहा_ “हमें सब ये सब ऐसे ही नहीं छोड़ना चाहिए। सिया, तुम आज मेरे साथ चलोगी।” युवी सियारा और ध्वनि ने एक साथ पूछा_ “कहा??” लवी ने कहा_ “वो तुम्हें बाद में पता चल जाएगा।” फिर उसने युवी को देखा और कहा_ “तुम जाओ जा कर अपने बाप की…” युवी अपने बाप का नाम सुनते ही लवी को घूरने लगा। लवी ने मुंह बनाया और कहा_ “हां, हां, तुम्हें जो भी करना है करो। आज हम दोपहर तक कॉलेज जाएंगे। बाकी की क्लास में अटेंडेंस लगवा दो हमारी, बस।” यूवी ने एक गहरी सांस ली और अपना सर हिलाया। उसने तकिया हाल के सोफे पर फेंका और वहां से चला गया। वो वैसे ही फ्लैट से बाहर निकल गया। क्योंकि अभी उसे अपने घर भी जाना था, अपनी मां की हाजिरी देने। लवी ने सियारा और ध्वनि से कहा_ “चलो गर्ल्स! रेडी हो जाओ। हमें जल्दी ही निकलना है।” ध्वनि में अपना सर हिलाया और सियारा के रूम के ही बाथरूम में घुस कर चिल्लाई_ “लवी, जरा ड्रेस दे दो अपनी, नही तो हम पहनेंगे क्या?” लवली ने कहा_ “ठीक है, मैं अभी लाती हूं।” फिर उसने सियारा को देखा, जो अभी भी सदमे में थी। उसे ऐसे देख कर लवी ने उसके कन्धे पर हाथ रख कर कहा_ “ज्यादा मत सोचो। तैयार हो जाओ।” सियारा लवी के हिलाने से वो अपने होश में आई और लवी को देखकर सर हिलाया और बिस्तर से उठी तैयार होने के लिए। कुछ देर बाद, वो तीनों हाल में खड़ी थी। लवी ने शॉट्स के साथ क्रॉप टॉप पहना था। सियारा और ध्वनि बिल्कुल सिंपल थे। ध्वनि ने एक जींस और कुर्ती पहनी थी। सियारा ने एक ब्लैक टॉप एंड जींस पहनी थी। ध्वनि ने बालों की पोनी बनाई हुई थी और सियारा के ओपन हेयर थे तो वहीं लवी ने एक हाई बन बनाया हुआ था। वो तीनों बिल्कुल रेडी थी। लवी ने दोनो को देख कर कहा_ “lets go!! Girls!!” वो दोनों लड़कियां अपने सवाल मन में दबाए उसके साथ बाहर आ गई। लवी जाकर अपनी स्कूटी के सामने खड़ी हुई और बोली_ “चलो चले!!” ये कहकर जैसे ही वो बैठी। ध्वनि और सियारा ने एक दूसरे को सवाल भरी नजरों से देखा। फिर ध्वनि ने पूछा_ “क्या हम इस खटारा पर जाएंगे? वो भी हम तीन??” लवी ने अपना सर हिलाया और कहा_ “yes, Babs!! जहां हम जा रहे हैं वहां ऑटो या रिक्शा नही मिलेगा। तो अपनी शिकायत पर लगाम लगाओ और चुप चाप बैठो।” सियारा ने मुंह बना लिया। फिर उसने ध्वनि को इशारा किया बैठने का। ध्वनि के बैठने के बाद सियारा भी पीछे बैठ गई। ध्वनि ने लवी को पकड़ते हुए कहा_ “इससे अच्छा तो हमारे गांव में भैंस होती है।” सियारा की ये सुनकर हंसी छूट गई। उसने कंधे पर मारा और कहा_ “अच्छा अब चलो भी!!” लवी ने स्कूटी स्टार्ट की और जल्दी अपनी मंजिल की ओर बढ़ गई। यहां मोहित आराम से कार ड्राइव करता हुआ अपने दोस्त से मिलने जा रहा था। उसने आज पूरा चिल आउट करने का सोचा था। जब मोहित ने अपनी कार रेड लाइट पर रोकी तो उसकी नजर एक जगह पर जाकर थम गई। वो नजारा देखकर वो सोच में पड़ गया। अचानक कुछ सोचते हुए उसने अपना फोन उठाया और सीधा अग्नि को कॉल लगा दिया। अग्नि के कॉल उठाते ही मोहित ने कहा_ “अरे भाई! आपकी मॉल, I mean, मेरी भाभी न जाने कहां शहर के बाहर की ओर जा रही हैं। अपनी कुछ दोस्तो के साथ स्कूटी में जा रही है।” अग्नि में दूसरी तरफ से कहा_ “तुम उनका पीछा करो और अपना जीपीएस ऑन करो, मैं अभी आता हूं वहां।” मोहित ने कहा_ “ओके भाई!” फिर मोहित ने फोन में ट्रैकिंग सिस्टम, जिसे अग्नि ने हीं डलवाया था, क्योंकि वो हमेशा कभी भी मुसीबत में पड़ जाया करता था। लेकिन जब से उसे इस बारे में पता चला, वो अपना जीपीएससी बंद रखता था।  उसके भाई उसे क्या अभी बच्चा समझते हैं। मोहित ने अग्नि ने जैसा-जैसा कहा उसने वैसा वैसा ही किया और उन तीनों का पीछा करने लगा। कुछ देर में वो तीनों एक सुनसान एरिया की तरफ जा रहे थे। ये एरिया सिटी का सबसे डरावना इलाका था। यहा जंगल भी थे। वो भी बंबू के जंगल। मोहित ने कार ड्राइव करते हुए कहा_ “ये लड़कियां क्या पागल है या इनको पता नहीं कि ये कहां जा रही हैं।” वो उनसे कुछ दूरी पर था, ताकि उन्हें शक ना हो। ध्वनि और सियारा आसपास के एरिया को देखकर सोच रहे थे कि क्या लवी उनकी बलि देने यहां लाई है? सियारा ने लवी से कहा_ “मानती हूं कि मैं उस इंसान से पीछा छुड़वाना चाहती हूं, लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि तुम हमारी बलि चढ़ा दो।” ध्वनि ने भी उसके हां मे हां मिलाते हुए कहा_ “हां और पीछे तो इसको छुड़वाना है ना तो हमको काहे बीच में लाया जा रहा है। हमारे अम्मा बाबूजी गांव में अगर ये सुनेंगे कि उनकी बिटिया बलि चढ़ गई तो…!” उसने रोने से शक्ल बना ली थी ये कहते हुए। लवी दोनों की बात से इरिटेड होते हुए बोली_ “चुप कर जाओ तुम दोनो, ना टेंशन ना लो। मैं ब्लॉगर हूं। तो मैं बहुत बार यहां आई हूं।” सियार ने ये सुनकर हैरानी से आंखें बड़ी करते हुए कहा_ “हैन… और तू अब तक जिंदा कैसे हैं? मरी क्यों नहीं?” ध्वनि ने मजाक उड़ाते हुए कहा_ “शक्ल देखकर कौन ही मारेगा? कहीं वहीं ना हार्ट अटैक से मर जाए?” लवि ने गुस्से में स्पीड बढ़ाते हुए कहा_ “तुम क्या चाहती हो? यहीं छोड़ दूं मैं तुम दोनों को।” ये सुनकर वो दोनों चुपचाप बैठ गए। लवी भी ड्राइव कर ही रही थी कि अचानक उसकी स्कूटी रुक गई। लवी ने जल्दी से जमीन पर पैर लगाया और धक्का लगने से सियारा और ध्वनि भी आगे को हो गई। उनकी धड़कनें तेज चल रही थी। ध्वनि ने अपने दिल पर हाथ रखते हुए कहा_ “क्या हुआ अब??” लवली ने परेशान होते हुए कहा_ “पता नहीं यार, ये अचानक से क्यों बंद पड़ गई? उतरो जरा देखती हूं मैं।” Please review, comment and share jarur kare Please follow me🥰🥰🥰

  • 17. Silent Romance - Chapter 17

    Words: 2037

    Estimated Reading Time: 13 min

    सियारा और ध्वनी मुंह बनाते हुए उतर गई। वो दोनों ही अपने हाथों को मोड़कर साइड में खड़ी हो गई और चुपचाप लवी को देखने लगे। लेवी ने बहुत ट्राई किया, लेकिन उसकी स्कूटी दोबारा चालू नहीं हुई। ये देखकर सियारा ने कहा_ “तुझे लगता है कि तेरी ये चमचम इस जन्म में स्टार्ट होगी?” यहां उनसे कुछ ही दूर पर मोहित कार में बैठा उनको ही देख रहा था। वो एक बड़ा मोड था, इसीलिए वो तीनों उसे नहीं देख पा रही थी। वैसे भी उनका ध्यान अभी कहीं और था। यहां मोहित ने कार में ही हंसते हुए कहा_ “यार! इनकी तो किस्मत ही खराब है। जब देखो ये लोग problem में ही फस जाती हैं।” अचानक ही पैसेंजर साइड की विंडो पर नॉक हुआ। मोहित ने जब उस तरफ देखा और बोला_ “अरे भाई! आप आ गए।” ये कहते हुए उसने डोरा अनलॉक किया और अग्नि जाकर कार में बैठ गया और सामने देखते हुए कहा_ “चलो, आगे बढ़ो!” मोहित ने मुंह बनाते हुए कहा_ “लेकिन भाई, क्या भाभी की मदद नहीं करेंगे आप।” अग्नि ने कहा_ “चलो! मोहित आगे बढ़ो।” उसकी आवाज में एक गुस्सा था। मोहित ने बिना आगे कोई सवाल किए गाड़ी आगे बढ़ा दी। वो नहीं चाहता था की अग्नि उस पर अपना गुस्सा निकाले। यहां सियारा, लवी और ध्वनि ने डिसाइड किया था कि अब वो लिफ्ट लेंगे। वो लिफ्ट के लिए अपने आसपास देखने लगे। तभी ध्वनी ने कहा_ “तुमको लगता है कि यहां कोई आता होगा?” सियारा ने ना मे सर हिला दिया। तभी दोनों के कानों में लवी की आवाज पड़ी। “अरे दिख गया!” ध्वनि और सियारा ने लवी की बात सुनकर उस डायरेक्शन में देखा। जिस तरफ लवी देख रही थी। वहां देखते ही उनकी आंखों में चमक आ गई। एक गाड़ी उनकी तरफ ही आ रही थी। सियारा ने आगे बढ़कर अपना हाथ हिलाना शुरू कर दिया। ये देखकर सियारा के साथ-साथ लवी और ध्वनि ने भी अपना हाथ हिलाना शुरू कर दिया। वो गाड़ी सीधा उनके सामने जाकर रुक गई। सियारा आगे बढ़ी। जैसे ही उसने पैसेंजर सीट की विंडो पर नॉक करते हुए कहा_ *हेलो!” पैसेंजर सीट की विंडो जैसे ही नीचे हुई और उसके सामने जो चेहरा था। वो उस चेहरे को देखते ही रह गई। दो पल को तो वो कुछ नहीं कह पाई, लेकिन फिर बोली_ “आप दोनों यहां?” ध्वनि ने ये बात सुनकर सियारा के पास गई और बोली_ “कौन दोनों?” लेकिन जब उसकी नजर अंदर बैठे व्यक्ति पर पड़ी। तब वो भी चौंक गई फिर उसने मोहित को देखते हुए कहा_ “आप दोनों!” मोहित ने खुद को हंसने पर मजबूर किया और कहा_ “हां, वो हम यहां से गुजर रहे थे। ये शॉर्टकट है ना, लेकिन आपको देखकर रुक गए।” मोहित ने जवाब दिया। तभी लवी आगे आई और बोली_ “क्या आप लोग एक दूसरे को जानते हो?” ये सुनकर मोहित ने हां में सर हिला दिया। तभी लवी ने मुस्कुराते हुए कहा_ “तब तो कोई बात नहीं, आप हमें लिफ्ट दे देंगे।” मोहित ने मुस्कुरा कर कहा_ “जी बिल्कुल, बैठिए!” सियारा ने अग्नि को देखकर हिचकीचाते हुए कहा_ “sorry! पर हम आपको परेशान कर रहे हैं।” ये सुनकर अग्नि ने बस अपना सर हिला दिया। तो वहीं तीनों लड़कियां अंदर बैठी और मोहित ने कार स्टार्ट करते हुए कहा_ “कहां जाना है आप लोगों को?” ये सुनकर लवी ने बड़े आराम से जवाब दिया_ “अरे, बस यही कुछ दूरी पर बाबा तंत्र सागर की गुफा है, वहां पर।” बाबा का नाम सुनकर मोहित कुछ अजीब फील करने लगा। लेकिन उसे हंसी भी आ रही थी। यहां सियारा और ध्वनि लवि को घूरने लगे। बाबा… अब ये तंत्र मंत्र से शैतान भगाएगी। ध्वनि ने उसके पास आकर सर झुका कर धीमी आवाज में कहा_ “तुम क्या सठिया गई हो? इसके बाबू का पीछा छुड़वाने के लिए तुम बाबा के पास लिए जा रही हो।” सियारा ने लवी को घूरा और उसके ही टोन में बोली_ “बाबू होंगे तुम्हारे। बेवकूफ कहीं की। हमारा कोई बाबू नहीं है।” लवी ने बीच में घुसते हुए कहा_ “चुप हो जाओ दोनों।” ये सुन कर दोनों चुपचाप मुंह फुला कर बैठ गई। उनकी आवाज बहुत धीमी थी, लेकिन अग्नि और मोहित उनकी बातें साफ़ सुन पा रहे थे। बेचारा मोहित वही जानता था कि वो कैसे अपनी हंसी रोक कर बैठा था। अग्नि अभी भी चुपचाप बैठा था। हालांकि वो सब सुन सकता था, लेकिन वो कुछ रिएक्ट नहीं कर रहा था। लवी ने मोहित को रास्ता बताया। वो लोग जब वहां पहुंचे और बाहर निकलने को हुए, तब मोहित ने कहा_ “मैं भी चलूं आप लोगों के साथ! वैसे भी आपके आसपास कहीं कोई विह्कल नहीं मिलेगा। हम आपको छोड़ भी देंगे। हमें भी कॉलेज ही जाना था।” लवी की आंखों में ये सुनकर चमक आ गई। उसने जल्दी से कहा_ “हां, बिल्कुल अगर आपको कोई प्रॉब्लम ना हो, तो।” तभी मोहित ने कहा_ “अरे कोई प्रॉब्लम नहीं!” फिर उसने अग्नि को देख कर कहा_ “भाई आप भी चलेंगे!” अग्नि ने रियर व्यू मिरर से एक नजर सियारा पर डाली। फिर उसने कुछ सोचते हुए कहा_ “नहीं, मैं बाहर हूं।” ये सुन मोहित ने अपना सर हिलाया और गाड़ी से निकल गए। उन्होंने अपने आसपास मौजूद एक झोपड़ी को देखा और अपने कदम अंदर की तरफ बढ़ा दिए। यहां अग्नि भी उनके जाते ही वहां से गायब हो गया। जैसे ही चारों ने उस झोपड़ी में अपने कदम रखे। वो अचानक से डर गए। ध्वनि डर के मारे लवी से चिपक गई और मोहित सियारा से। सच में यहां उसे यहां आकर ये देखने की उम्मीद नहीं थी। आसपास बिल्कुल अंधेरा था। वहां सिर्फ एक मोमबत्ती जल रही थी और उनके अंदर आते ही एक काले लिबाज पहना इंसान जिसे अपना चेहरा पूरा सफेद किया हुआ था और लंबे बाल और दाढ़ी रखी थी। वो हाथों में कैंडल लिए ना जाने कहां से बीच में टपक पड़ा। उसे देख कर मोहित ने सियारा के पीछे छुपते हुए कहा_ “भ… भ… भाई ये क्या है? ये बाबा है या भूत?” मोहित की आदत थी जब भी वो डरता या मुश्किल में होता था, तो अपने भाई को ही याद करता था। उसे इस तरह डरते देख सियारा ने कहा_ “तुम मेरा हाथ पकड़ लो! कुछ नहीं होगा!” सियार की बात सुनकर मोहित ने तुरन्त उसका हाथ पकड़ लिया। मोहित तो इमोशनल हो रहा था, कि उसकी भाभी कितनी केयरिंग है। ये सोचता हुआ वो अपने सामने खड़े उस इंसान कम भूत को देखता है। ध्वनि ने लवी से बच्चों की तरह चिपकते हुए कहा_ “ससुर का नाती!! ये भूत भागता है या लोगों को भूत बनाता है?” उस आदमी ने अजीब टेढ़े-मेढ़े मुंह बनाते हुए कहा_ “कौन हो तुम लोग??” लवी ने कहा_ “हम बाबा तंत्र सागर से मिलने आए हैं!” उस आदमी ने ऐसे सर हिलाया जैसे वो समझ गया हो। उसने मुड़ते हुए कहा_ “चलो मेरे साथ!! मैं उनका सेवक हूं!!” मोहित ने ये सुना तो हैरानी से कहा_ “जब चेला इतना चांडाल की तरह है, तो गुरु तो पूरा देवता होगा।” इस बीच उसने डर के मारे सियारा की बाजू पकड़ी हुई थी। तभी अचानक ही मोहित के चेहरे पर एक जोरदार तमाचा हवा में ही लगा। मोहित चौक कर और दर्द में चिल्लाया_ “हे भगवान!!” यहां सब चौंक गए, क्योंकि उस थप्पड़ की गूंज उसे जगह गूंज रही थी। सब ने मोहित की ओर देखा। मोहित ने अपने साइड के गाल को पकड़ा हुआ था। उसके गाल पर बहुत दर्द हो रहा था। ये देखकर ध्वनि ने कहा_ “सिया!! तू सठिया गई है क्या? सीधा तमाचा मार दिया उसको, बताओ ऐसा कौन करता है?” सियारा खुद हैरानी में मोहित को देख रही थी। उसने कहा_ “अरे मैंने नहीं मारा!!” मोहित के कान में धीरे से एक आवाज़ आई_ “दूर रह उससे! भाभी है वो तेरी!!” मोहित ने हैरानी से अपने आसपास देखा। ये तो उसके भाई की आवाज थी, लेकिन वो तो आसपास थे नहीं। उसने रोनी सी शक्ल बनाई और मन ही मन कहा_ “वाह! वाह! भाई आपकी लीला अपरम्पार है! भाभी है तो क्या छू भी नहीं सकता क्या मैं? मार दिया मुझको!” वो मन ही मन चिल्ला चिल्ला कर रो रहा था। लेकिन उसने कुछ भी चेहरे पर नहीं आने दिया। आगे चल रहे आदमी ने कहा_ “ये सब उस पूरी शक्ति ने किया है।” ये सुनकर चारों उसकी तरफ देखने लगे। मोहित उसे ऐसे घूर रहा था जैसे वो किसी कार्टून को देख रहा हो। ये आदमी उसके भाई को बुरी शक्ति बोल रहा था। हालांकि अग्नि के पास शक्तियां थीं, लेकिन उसकी शक्ति कोई भी भाप नहीं सकता था। अग्नि को ये शक्तियां उसकी मां से विरासत हुई मिली थी, लेकिन वो उनसे कई ज्यादा ताकत रखता था और उसकी कोई बुरी शक्ति नहीं थी। मोहित को तो अब उस बाबा पर भी गुस्सा आ रहा था। सियारा ने कहा_ “क्या आप हमें बाबा के पास ले जाएंगे??” वो आदमी सर हिलता है और आगे चलने लगता है। इस बार सियारा ने मोहित को आगे कर दिया था। वो आदमी उन्हें एक कमरे में ले गया। जहां एक हवन कुंड चल रहा था। उसके पास एक आदमी सर झुकाए बैठा था। उसकी लंबी-लंबी जताई थी। उस आदमी ने अचानक ही झटके से अपना सर ऊपर उठाया। उसकी शक्ल देखते ही ध्वनि और मोहित की चीख निकल गई। ध्वनि ने बड़बड़ा कर कहा_ “साला… इसका चेला कम था, जो ये हमको हार्ट अटैक से मारने के लिए अपनी शक्ल दिखाने आ गया।” मोहित ने कहा_ “इससे रावण कहना रावण की भी बेज्जती होगी।” वो दोनों इस बात से अनजान थे कि डर के मारे दोनों ने एक दूसरे को पकड़ा हुआ था। ध्वनि मोहित के सीने से लगी हुई थी। तभी उनके कान में लवी की आवाज पड़ी_ “आप दोनों बाहर जाकर चिपक लेना!!” ये सुन दोनों एकदम से शॉक हो गए और दोनों ने हैरानी से एक दूसरे की तरफ देखा। उनको जब realise हुआ कि वो कितने क्लोज है। तो दोनों हड़बड़ा कर अलग हो गए। सियारा और लवी उन्हें अजीब नजरों से घूर रहे थे। ये सुन  दोनों बुरी तरह झेप गए थे। उनके कानों में एक कड़क आवाज पड़ी_ “क्या हुआ है?? क्यों आए हो यहां??” सियारा ने उस तरफ देखा तो वो आदमी उन्हे हीं देख रहा था। तभी लवी भी ने पूछा_ “क्या बात तंत्र सागर है??” उस आदमी ने जवाब दिया_ “हां, मैं ही तंत्र सागर हूं।” ध्वनि ने मन ही मन उसे देखते हुए कहा_ “बोल तो ऐसे रहा है जैसे मोहिनी का पति हो!” फिर उसने ऊपर देखते हुए मन ही मन कहा_ “भोलेनाथ!! अब हमको लगता है पढ़ाई छोड़कर हमको भी बाबा बन जाना चाहिए!” लवी ने कहा_ “बाबा जी! हमको आपकी मदद चाहिए!” उस बाबा ने उन्हें अपने सामने इशारा करते हुए कहा_ “बैठो!! और बताओ कैसी मदद चाहिए!” वो चारों सामने बैठ गए और लवी ने बाबा को सारी बातें बता दी। उस बाबा ने सियारा को गौर से देखा और कहा_ “मैं देख सकता हूं इस बच्ची के सर पर स्वयं शैतान मंडरा आ रहा है। हमें जल्दी कुछ करना होगा, वरना वो इसे अपनी दुनियां में ले जाएगा।।” मोहित ने उस बाबा को अजीब ढंग से देखा और मन में कहा_ “अगर ये देख सकता है तो पूछा क्यों? बडा ही सिद्ध पुरुष है, और मेरे भाई भले ही abnormal है लेकिन वो इसी प्लेनेट से बिलॉन्ग करते हैं।” लवी ने कहा_ “इसका कोई उपाय होगा?” उस बाबा ने कहा_ “हां.. बिल्कुल दुनिया में ऐसा कुछ नहीं है जिसका उपाय न हो!!” सियारा ने उस बाबा को घूरा और उसे इन सब पर बिल्कुल यकीन नहीं था। कोई कुछ भी कहेगा और वो मान लेगी, ना ऐसी तो नहीं थी हमारी सियारा। उसने पूछा_ “अच्छा! क्या उपाय है?” उस बाबा ने जवाब दिया_ “शैतान को भगाने के लिए हमें छिपकली की बलि देनी होगी।” चारों के मुंह से हैरानी में एक ही शब्द निकला_ “व्हाट?” वो चारों बाबा को ऐसे देख रहे थे, जैसे वो लोग दुनिया का आठवां अजूबा देख रहे हैं। बाबा को ऐसे देख रहे थे जैसे वो कोई एलियन हो। बली शब्द सुन मोहित मुंह खोले उसे देख रहा था और ध्वनि तो इमेजिनेशन में घुस गई थी कि छिपकली की बली कैसे दी जाएगी? लवी तो  डर गई थी, और उसके रोवटे खड़े होने लगे थे। मोहित ने उस बाबा को देखा, वो सोच रहा था कि कहीं ये खुद तो एलियन तो नहीं, अगर ये बात नहीं है तो फिर पक्का ये साइको होगा।

  • 18. Silent Romance - Chapter 18

    Words: 1199

    Estimated Reading Time: 8 min

    सियारा बहुत हैरान थी इस बाबा की pcychoness देखकर। उसने आज तक ऐसा इंसान नहीं देखा, जो छिपकली की बलि देने को कहे। सियारा ने थोडा हिचकिचाते हुए कहा_ “व.. व… वो कैसे होगा? छिपकली की बलि कैसे दी जाती है?” सियारा की बात सुनकर बाबा ने कहा_ “वैसे ही जैसे बकरी को हलाल किया जाता है।” उसकी टोन बहुत मिस्टीरियस लग रही थी। ये सब बोलते समय उसके चेहरे पर एक अलग ही भाव थे। जैसे एक मर्डरर के मर्डर करने से पहले होते हैं और कसाई के किसी को हलाल करने से पहले..! लवी ने बीच में कहा_ “ठीक है! ठीक है! आपको जो करना है कीजिए, लेकिन मेरी बहन का पीछा उस शैतान से छुड़वाइये।” उस बाबा ने तिरछी मुस्कान के साथ कहा_ “हा… समझो सब छूट जाएगा अब!” वो ये कहते हुए सियारा को अजीब नजरों से घूरे जा रहा था। सियारा को उसकी नजर कुछ खास पसंद नहीं आ रही थी। वो कहते हैं ना औरतों में एक सेंस ऑफ़ राडार होता है। वो अपने ऊपर पड़ने वाली किसी भी बुरी नजर को भाप लेती है और सियार तो इस चीज को लेकर कुछ ज्यादा ही सेंसिटिव थी। वो आदमी को देखकर बता सकती थी कि किसकी कैसी नज़र है? इस बाबा की नजर खुद पर देखकर उसे बहुत अनकंफरटेबल फील हो रहा था, जो किसी ने नोटिस नहीं किया वहां, मगर उसके पास बैठे मोहित ने नोटिस कर लिया। उसने देखा कि सियारा कैसे इनकमफर्टेबल हो रही है? मोहित को पता था कि सियारा उसकी भाभी है, तो ये उसका फर्ज था कि वो सियारा को अनकंफरटेबल ना फील होने दे और उसकी सेफ्टी का भी ध्यान रखें। मोहित धीरे से सियारा के पास झुका और दबी हुई आवाज में कहा_ “आप टेंशन मत लो, मैं हूं ना आपके साथ! अगर अनकंफरटेबल फील हो रहा हो तो प्लीज मुझे बता देना।” जब सियारा ने मोहित की आवाज सुनी तो, उसने उसकी तरफ देखा। वो हल्के से मुस्कुराई। उसे सच में मोहित बहुत स्वीट लगा। उसे मोहित से मिले ज्यादा टाइम नहीं हुआ था और मुश्किल से वो दो-तीन बार ही मिले थे, लेकिन मोहित उसके बारे में इतना सोच रहा था। ये सच में उसके लिए बहुत बड़ी बात थी। वैसे भी मोहित और अग्नि ने उसकी कितनी बार हेल्प की थी? अगर सियारा उन्हें 10 बार भी थैंक यू बोले, तो वो भी कम था। सियारा मुस्कुराती हुई अपना सीरियल हिलाया और बोली_ “थैंक यू सो मच! आपने मेरी इतनी मदद की।” मोहित का तो मन हो रहा था कि वो बोल दें, ये तो उसका फर्ज़ है क्योंकी सियारा तो उसकी भाभी है ना और वो खुशी-खुशी सियारा के लिए कुछ भी कर सकता था। लेकिन उसे पता था अगर वो सियारा को ये बात बताता है, तो उसके भाई उसे छोड़ेंगे नहीं, इसीलिए उसे चुप रहना ही सही लगा। मोहित ने कुछ ना कहते हुए भी बस अपना सर हिला दिया। कुछ समय बाद, मोहित लवी और ध्वनि साइड में खड़े थे। वही सियारा हवन कुंड के पास बैठी हुई थी। उसके इर्द गिर्द एक लाल रंग का घेरा बना हुआ था और वो बाबा सियारा के सामने बैठा हुआ था। वो अभी भी सियारा को अजीब ढंग से देख रहा था। सियारा अब बहुत ज्यादा अनकंफरटेबल फील करने लगी थी। वो कभी अपने अगल-बगल देखती, तो कभी अपने दोस्तों को या फिर उस घेरे को, जिसमें वो बैठी थी। उसे ये सब बड़ा अजीब लग रहा था। ये सब किसी डरावनी हॉरर मूवी की सीन जैसा था। बस यहां शैतान के आने की कमी रह गई थी। जो शायद पूरी होने वाली थी, या नहीं… वो खुद नहीं जानती थी। उस बाबा ने हाथ उठाकर के दो बार ताली बजाई। उसके ताली बजाते ही उसे कमरे का दरवाजा खुला, और कुछ उसकी तरह ही कपड़े पहने लोग अंदर आए। उनके हाथ में थाली थी, जो कपड़े से थकी हुई थी। वो लोग आकर बाबा के आसपास खड़े हो गए। उन्होंने वो थाली उसके सामने रखी। उस बाबा ने अपना एक हाथ उठाया और उन्हें जाने का इशारा किया। वो उसका इशारा समझते ही वहां से चले गए। अब कमरे में सिर्फ पांच लोग थे, ऐसा उनको लगता था लेकिन वो इस बात से अनजान थे कि उनके अलावा भी वहां एक शख्स मौजूद था। जिसे वो महसूस भी नहीं कर पा रहे थे, जो कब से उन्हें देख रहा था, लेकिन अपने होने का एहसास नहीं करवा रहा था। उस बाबा ने उस थाली को देखा और उसके ऊपर से उस लाल कपड़े को हटा दिया। जैसे ही वो लाल कपड़ा हटा, वहां मौजूद चार नॉर्मल इंसान जो अकेले नॉर्मल थे, या यूं कह लो की ये बाबा ही अबनॉर्मल था। वो चारों आंखें फाड़े मुंह खोले उस थाली को देख रहे थे। उन्होंने उम्मीद नहीं की थी कि उस थाली में वो होगा। उस थाली में एक छोटी सी छिपकली थी। वो बेचारी तो हैरानी से उस थाली को देख रहे थे। वो बता भी नहीं सकते थे कि वो छिपकली मरी है या जिंदा है। ध्वनि आंखें फाड़े उस थाली को देखते हुए मन ही मन कह रही थी_ “जल्लाद कहीं का!! क्या ये सच में एक छिपकली की बली चढ़ाएगा?? ये सच में पागल खाने से भागा हुआ कैदी तो नहीं है? हमको तो डाउट हो रहा है इस पर?” यहां लवी की तो इज्जत की दही हो रही थी क्योंकि वही थी, जो उन्हें इस बाबा के पास लेकर आई थी और अब ये तंत्र सागर बाबा उसकी गजब बेज्जती करवा रहा था। अगर उसे पता होता ये बाबा साइको है तो by God वो कभी सियारा और ध्वनि को यहां नहीं लाती। अब उसके पास कोई ऑप्शन नहीं था, क्योंकि अब वो लोग यहां आ चुके थे, तो अब उन लोगों के पास इस साइको बाबा के ऊपर विश्वास करने के अलावा कोई चारा भी तो नहीं था। उस बाबा ने छिपकली की थाली को साइड में रखा और अपने सामने जल रही हवन कुंड की अग्नि में घी डालता हुआ मंत्र पढ़ने लगा। वो चारों बड़े ही ध्यान से उस मंत्र को सुन रहे थे। ध्वनि को ये मंत्र कुछ जाने पहचाने लग रहे थे। ये मंत्र किसी सॉन्ग की तरह साउंड कर रहे थे। आज तक कोई भी ऐसा सॉन्ग नहीं था जो ध्वनि ने नहीं सुना हो। भोजपुरी से लेकर के हरियाणवी तक, पंजाब से लेकर मद्रासी तक। ध्वनि ने सारे सॉन्ग सुने थे और ये बाबा तो भोजपुरी सॉन्ग गा रहा था। जो ध्वनि को हल्का-हल्का समझ भी आ रहा था, लेकिन वो गा कम और बडबडा ज्यादा रहा था। तो समझ नहीं पा रही थी लेकिन सॉन्ग का ट्यून ही समझ गई थी वो अच्छे से। ध्वनि को न जाने क्या हुआ, वो भी उसके साथ गाना स्टार्ट कर कर देती है। लेकिन वो धीरे-धीरे गा रही थी जो सिर्फ मोहित और लवि सुन पा रहे थे। “ छलकता हमरो जवनिया ए राजा… जईसे की बाल्टी के पनिया हो कुछ का ली.. हो रानी हम हो ओवरलोड बानी हो अवध ली.. रानी हम हो ओवरलोड बनी हो अवध ल्ली।” ध्वनि का ये सॉन्ग सुन के तो लवी और मोहित हैरानी से ध्वनि को देख रहे थे। वो दोनों सोच रहे थे कि इस बाबा का किया उल्टा तो नहीं हो गया और ध्वनि के अंदर चुड़ैल आ गई हो।

  • 19. Silent Romance - Chapter 19

    Words: 1550

    Estimated Reading Time: 10 min

    लवि ने ध्वनि के कंधे पर मारते हुए कहा_ “सठिया गई हो क्या? तुम्हें सिर्फ गाने की पड़ी है।” ध्वनि ने मुंह बनाते हुए कहा_ “अरे हम तो सिर्फ इस बाबा का ही मंत्र पढ़ रहे थे। हमने सोचा अगर सच में भूत और प्रेत होगा तो भाग जाएगा।” मोहित ने ध्वनि की ओर देखा और हंसते हुए कहा_ “मतलब क्या है? क्या कोई मंत्र है?” ध्वनि ने अपना सर हिलाया और कहा_ “हां, आप खुद ही ध्यान से सुनो उस बाबा के मंत्र को, हम तो फिर भी अच्छा गा रहे थे।”   मोहित और लवी ने जब ध्वनि के बात सुनी तब उन्होंने भी ध्यान से उसके मंत्र को सुनना शुरू कर दिया और जैसे की ध्वनि ने कहा था, वो सही थी। वो मंत्र नहीं बल्कि गाना था। लवी ने कहा_ “अरे तो क्या हुआ? ये उसका अपना तरीका होगा।” लवी की इस बात पर मोहित और ध्वनि ने उसे अजीब नजरों से देखा। ये कौन सा तरीका हुआ? भूत भगाने का क्या किसी आइटम सॉन्ग की जरूरत होती है? वो दोनों अभी यही सोच रहे थे। तभी सियारा को बहुत अजीब फील हुआ। उसे ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसके पास बैठा है और उसे देख रहा हो। उसे अपने कानों के पास किसी की लंबी सांसे महसूस हो रही थी। जैसे की कोई उसके करीब आ रहा है और करीब आते ही जा रहा है। उसे अपने आसपास कोई दिखाई नहीं दे रहा था। जिससे उसे अब घबराहट भी हो रही थी। उससे जो भी एहसास था वो सियारा के करीब और करीब आता जा रहा था। सियारा ने अपनी आंखें कसकर बंद कर ली और मन ही मन खुद से कहा_ “इट्स ओके सियारा!! कुछ नहीं है सब तेरे दिमाग का वहम है! रिलैक्स!!” ये सब सोचते हो उसे पसीना भी आ रहा था और ठंड भी लग रही थी। वो अपनी फीलिंग शब्दो में डिस्क्राइब नहीं कर सकती थी। उसे फील हो रहा था। जैसे धीरे-धीरे कोई उसके हाथों को सहला रहा है। सियारा ये साफ-साफ महसूस कर पा रही थी। अब उसे अपने पीछे किसी के होने का एहसास हो रहा था। सियारा को अपने कानों के पास गर्म सांसे महसूस होने लगी थी। वो कांप गई। ऐसा उसके साथ पहली बार हो रहा था। जब वो होश में थी। अब उसकी सांसे तेज हो चुकी थी। उसे ऐसा फील हुआ जैसे पीछे से किसी ने से उसे हग किया और अब उसे हग़ किए हुए हैं। किसी के टच को अपनी बॉडी पर फील कर पा रही थी। उसे अपने कानों के पास आवाज सुनाई दी_ “तुम सिर्फ मेरी हो! मेरी वेनिला केक! मैं किसी और को तुम्हें खाने क्या देखने भी नहीं दूंगा और अगर ऐसा हुआ तो मैं उसे खत्म कर दूंगा। चाहे वो जो भी हो! तुम मुझे अब शैतान समझो या फरिश्ता! जो भी हूं तुम्हारा हूं!!” सियारा के चेहरे के एक्सप्रेशन पल पल बदल रहे थे। उसे अपने कानों के पास मीठा सा दर्द हुआ। जैसे किसी ने बाइट किया हो। ये होते ही उसने झट से अपनी आंखें खोली और हड़बड़ा कर अपने आसपास दिखने लगी। उसके पास कोई नहीं था। सियारा सोच में पड़ गई। क्या ये सब सपना था? ये सोचते हुए उसने अपने दोस्तों की तरफ देखा। जो उस बाबा को ही देख रहे थे। उसने उन्हें देखते हुए मन ही मन कहा_ “इसका कोई फायदा होगा?” सियारा ने उस बाबा की ओर देखा, जो न जाने कौन से मंत्र पढ़ रहा था। उसने खुद से एक सवाल किया_ “क्या इससे कुछ होगा? क्यों वो ये सब करवा रही हैं?” जैसे ही बाबा बलि देने के लिए छिपकली की थाली उठाता है। सियारा की आवाज उनके कानों में पड़ती है_ “रुक जाओ! मुझे नहीं करवाना ये सब। रोक दो अभी के अभी ये सब!” सियारा की बात सुनकर उनके हाथ वही रुक गए। मोहित, ध्वनि और लवी जिन्होंने ये नजारा देखने के डर से अपनी आंखें बंद कर ली थी। उन्होंने भी अपनी आंखें खोल दी। लवी ने सियारा से पूछा_ “क्या हुआ?” सियारा ने उसकी तरफ देखा और कहा_ “मुझे कुछ नहीं करवाना। हम चलते हैं।” ये कहते हुए वो उठी। ध्वनि ने ये सुना तो राहत की सांस ली। वैसे भी उसे ये सब बहुत अजीब लग रहा था। उसे तो ये जगह, ये बाबा सब कुछ अजीब लग रहा था। उसे ये लोग पागल लग रहे थे। लवी ने भी ना नहीं कहा। उसने सर हिलाया और उठते हुए बोली_ “अच्छा ठीक है अगर तुम कहती हो, तो हम चलते हैं।” फिर उसने बाबा की तरफ देखकर कहा_ “बाबा जी हमें ये सब नहीं करवाना।” बाबा उसकी बात सुनकर हंसता हुआ बोला_ “अरे कोई बात नहीं!!” लवि ने अपना सर हिला कर कहा_ “आपका शुक्रिया!!” ये कहकर वो जैसे ही जाने को हुइ, दरवाजा खुला और दो आदमी अंदर आए। उन्होंने दरवाजा लॉक कर दिया। ये सब देखकर लवी बहुत हैरान थी। उसे ऐसे किसी चीज की उम्मीद नहीं थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि यहां हो क्या रहा है? लेकिन वही सियारा, मोहित और ध्वनि समझ गए थे कि यहां कुछ गड़बड़ है। उन तीनों की आंखें छोटी हो गईं। वो तीनों उन आदमियों को देखे जा रहे थे। उन चारों ने बाबा की तरफ देखा। वो बाबा उन्हें ही देखकर शैतानी ढंग से मुस्कुरा रहा था। ध्वनि ने घुरते हुए कहा_ “साला ड्रैकुला का भाई! हमको लगा ही था कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है। लेकिन यहां तो पूरा ब्लेंडर ही निकला।” मोहित ने उन्हें घूरते हुए पूछा_ “क्या चाहते हो तुम? क्यों रोका हुआ है हमारा रास्ता?” उस बाबा ने थोड़े अजीब ढंग से हंसते हुए कहा_ “ज्यादा कुछ नहीं बस मुझे लोगों को तकलीफ में देखना अच्छा लगता है, तो सोचता हूं इस बात का आनंद ले लूं। देखो, मैंने तुम्हें नहीं बुलाया। तुम खुद चलकर मेरे पास आए हो तो, इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। जो मेरे पास आता है, उसके साथ ऐसा ही होता है और आज तक कोई जिंदा तो लौट कर नहीं गया, तो तुम कैसे जा सकते हो?” ये कहकर वो ठहाका मारके हंसने लगा। इस वक्त सच में वो पिशाच या वैंपायर से कम नहीं लग रहा था। सियारा ने उसे गुस्से भरी नजरों से देखा। सच में उसे यकीन नहीं हो रहा था कि इस दुनिया में इस लेवल का भी साइको इंसान एग्जास्ट करता है। सियारा को अभी भी इस इंसान पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था। उसने अपनी पूरी लाइफ में इतना बड़ा पागल नहीं देखा था। जो कि पागलों के लेवल का पागल था। किसे पसंद होगा छिपकली की बली चढ़ाना और कौन ही खुश होगा, दूसरों को दुखी देखकर और दर्द में देखकर। उसने स्वार्थी इंसान बहुत देखे थे। उदाहरण के लिए उसके घर में दो इंसान ऐसे थे और वो दोनों कोई और नहीं बल्कि बदकिस्मती से उसके भाई और भाभी थे। वो उनके साथ कुछ नहीं कर सकती थी, क्योंकि उसकी मजबूरी थी उन्हें झेलना, लेकिन इसका ये मतलब नहीं था कि कोई कुछ भी करें और वो चुपचाप होते देख ले। सियार को बहुत ही कम गुस्सा आता था। वो जल्दी कभी गुस्सा नहीं करती थी, क्योंकि उसका गुस्सा बहुत ज्यादा खतरनाक था। जो उसके करीब था, जैसे कि उसके फ्रेंड और फैमिली, वो कभी उसे गुस्सा दिलाने की तो कोशिश नहीं करते थे। सियारा को उसका ये गुस्सा उसकी मां से विरासत में मिला था। वो भी ऐसे ही थी। पानी की तरह शांत, लेकिन वक्त आने पर वो तूफान से भी ज्यादा खतरनाक हो जाया करती थी। जब तक उसकी मां थी, उन्होंने सियारा को बहुत अच्छे से पाला था और उसे कभी डरना नहीं सिखाया था। सियारा ने उस बाबा को बुरी तरह घूरा और पूछा_ “तुम्हें सच में लगता है, तुम कुछ लोग हम लोगों को छू भी पाओगे?” उस बाबा ने घमंड में कहा_ “बिल्कुल मुझे लगता है और ऐसा ही होगा। आज तक कोई जिंदा नहीं बचा तो, तुम कैसे बच जाओगे?” ध्वनि ने उसे घुरा और कहा_ “अरे तुम खुद को समझते क्या हो? हमने तुम्हारे जैसे बहुत देखे हैं। देखे तो छोड़ो हम तो बहुत बहुतों को सीधा भी किए हैं और जैसन ब्लेंडर तुम कर रहे हो ना बबुआ वैसन बचपन में करके छोड़ दिया है।” ध्वनि ने अपनी कुर्ती की बाजू ऊपर करते हुए कहा, हालांकि उसकी कुर्ती स्लीवलेस थी और यहां मोहित ध्वनि की इतनी कड़क भाषा सुनकर कंफ्यूजन में उसे देखने लगा। उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि ध्वनि क्या बोल गई, लेकिन उसका स्वैग देखकर उसका गुस्सा पल भर के लिए गायब हो गया। इस लड़की का देसी स्वैग पता नहीं क्यों पर हमेशा मोहित को अट्रैक्ट करता था। बाबा को अब उन लोगों पर गुस्सा आने लगा था। उसने अपने आदमियों को इशारा किया और उसका इशारा पाते ही उसके आदमी उन लोगों की तरफ बढ़ने लगे। सियारा को भी बहुत गुस्सा आ चुका था। उसने गुस्से में आदमी को देखा, जो उसकी तरफ से बढ़ रहा था। जैसे ही वो सियारा को पकड़ने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाता है। सियारा ने अपना पैर उठाया और एक जोरदार किक उस आदमी के टांगों के बीच दे मारा। वो आदमी दर्द में इतना ज़ोर चिल्लाया। की उसकी आवाज़ झोपड़ी के बाहर तक जा रही थी। उसने दर्द के मारे अपना पेट पकड़ लिया और इस मौके का फायदा उठाते हुए सियार ने उसकी गिरेबान पकड़ी और बस थप्पड़ों की बारिश करने लगी। Please like comment and review jarur de

  • 20. Silent Romance - Chapter 20

    Words: 996

    Estimated Reading Time: 6 min

    सियारा गुस्से में पागल हो चुकी थी। वो बेतहाशा उसे पीटे जा रही थी। ध्वनि भी रुकी नहीं, उसने भी एक को पकड़ा और उसे पीटना स्टार्ट कर दिया। दोनों बेरहमी से उन दोनों को पीट रही थी। दोनों कभी आंखों पर मुक्का मारती तो कभी गाल पर, कभी पेट पर तो कभी सीने पर। उनका एक्शन देखकर तो मोहित हैरानी से जम गया था। वो सिर्फ एक टक उन्हें देखे जा रहा था। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ये दोनों इतनी मासूम दिखने वाली लड़कियां ये सब भी कर सकती हैं और इन दोनों का गुस्सा इतना खतरनाक होगा, कि ये दोनों इंसानों को इतनी बुरे तरीके पीट देंगी। इधर लवी उनके गुस्से से अनजान नहीं थी, इसलिए उसे कुछ ज्यादा हैरानी नहीं हुई। वो खड़ी होकर उन्हें पिटते देख रही थी। वो कर भी क्या सकती थी? अपनी दोनों बहनों को इतने गुस्से में देखकर, उनका गुस्सा बहुत खतरनाक था वो जानती थी ये बात। यहां उस बाबा ने जब अपने आदमियों को पीटते हुए देखा तो वो भी थोड़ा डर गया। वो इस सोच में पड़ गया कि वो भागे तो भागे कहां से? मोहित तो हैरानी से लड़कियों को देखते हुए मन ही मन खुद से कहा_ “ये दोनों लड़कियां है या शैतान की देवी.. पीट तो ऐसे रही है जैसे कपड़े धो रही हो।” अचानक ही उन सभी के कानों में सायरन बजाने की आवाज आने लगी। अब उन दोनों की भी हालत बहुत खराब हो चुकी थी। ध्वनि ने उस आदमी को जमीन पर धक्का दिया और कहा_ “बेटा! तुम भी याद करोगे कि तुम्हारा पाला किससे पड़ा था? शुक्र मनाओ, तुम हमारे गांव में नहीं हो वरना हम तुमको गोली से उड़ा रहे थे कसम से!! स्पेशली वहां दफ़नाते जहां लोग हल्का होने जाते है! ताकि तुम्हारी आत्मा को तृप्त हो जाए!!” सियारा ने भी आदमी का छोड़ दिया क्योंकि वो आदमी ऑलरेडी अधमरा सा हो चुका था। उसने उस आदमी को छोड़ा और अब उस बाबा की तरफ देखा जो पहले बड़ी-बड़ी बातें किया जा रहा था और अब चुपचाप खड़ा था। हालांकि अभी वो ज्यादा डरा हुआ नहीं था। ध्वनि ने भी उस आदमी की ओर देखा और कहा_ “अबे सूखे हुए पीपल के पेड़ के सुखी जड़ के अंदर रहने वाले कीड़े के अंदर की बैक्टीरिया!! अब क्यों डर गया तू??”   मोहित ने जब ध्वनि के शब्द सुने उसका सर घूमने लगा। ये लड़की क्या बोल गई उसे खुद समझ ही नहीं आया। उसे तो ताज्जुब हो रहा था। वो ध्वनि को देखकर मन ही मन सोच रहा था_ “क्या इस लड़की के पास शब्दों की डिक्शनरी है? पता नहीं कहां-कहां से शब्द उठा कर ले आती है ये? जो मैंने ना आज तक सुने हैं और ना देखें!” सच में दोनों लड़कियां बहुत इंटरेस्टिंग थी। मोहित जब भी इन दोनों से मिलता कुछ ना कुछ नया सीख जाता और आज तो उसे कुछ करने की जरूरत ही नहीं पड़ी, सब इन दोनों ने अकेले ही कर लिया। तभी उस कमरे का दरवाजा एक झटके में खुला और वार्ड बॉय अंदर आए और उन्होंने इस बाबा को देखा और कहा_ “चल बहुत हो गई तेरी बाबागिरी, अब वापस चल!!” लवि ने जब ये सुना तो वो और भी ज्यादा हैरान हो गई। उसने उन आदमियों से पूछा_ “चल मतलब कहां से चल??” उन आदमियों ने अब जाकर उन चारों को देखा और कहा_ “अरे मैडम लगता है आप लोग भी इनके झांसे में आ गए? ये पागल खाने से भागा है और इतना ही नहीं इसने मर्डर भी किया था। ये जेल का कैदी है।” जब उन चारों ने ये सुना तो उन्हें कोई ज्यादा हैरानी नहीं हुई। उन्हें लग ही रहा था कि ये साइको है लेकिन उन्हें पता नहीं था कि यह सच में साइको है। उन्होंने उनको पकड़ और वहां से ले गए। चारों ने एक दूसरे को देखा। ध्वनि ने कहा_ “हमें लगा ही था साले ये पागल है और निकला भी पिशाच की औलाद साला!!” मोहित ने लाचारी से ध्वनि को देखा, सच में वो इस लड़की को बहुत पसंद करता था, लेकिन अब जब उसने ध्वनि की अबयूजिंग स्किल देखी तो उसे लग रहा था कि जैसे उसके दिल की बात उसके दिल में ही रह जाएगी। उसे गाली नहीं सुननी थी ध्वनि के साथ फ्लर्ट करके। मोहित ने दर्द से आहे भरी वो खुद की भी हालत इन आदमियों जैसी होते नहीं देख सकता था। उसने मन ही मन कहा_ “हाय रब्बा! मेरा दुख कम क्यों नहीं होता कभी?” लवी ने कहा_ “सॉरी यार! मुझे नहीं पता था कि ये आदमी ऐसा निकलेगा। मुझे तो किसी ने बताया था इसीलिए मैं तुम्हें लेकर यहां पर आई थी।” सियारा ने लवी से कहा_ “कोई बात नहीं, मैं जानती हूं तुम जो भी कर रही हो मेरे बारे में सोच कर कर रही थी!” लवी ने मासूमियत से अपना सर हिलाया। ध्वनि ने दरवाजे की तरफ देखते हुए सोच कर कहा_ “ओह भाई साहब!! ये दरवाजा तो बंद था ना तो खुल कैसे गया?” सियारा ने ध्वनि को घूरा और कहा_ “अपनी बकवास बंद करो और कॉलेज के लिए लेट हो रहा है जल्दी चलो!!” सियारा ने अब मोहित की ओर देखा जो तब से शांत था। वो खोया खोया लग रहा था। उसने मोहित से थोड़ा शर्मिंदा महसूस करते हुए कहा_ “सॉरी मोहित जी हमें माफ कर दीजिए! हमारी वजह से आपको भी इतनी परेशानी हुई!” मोहित सियारा की बात सुनकर अपने ख्यालों से बाहर आया और ना में सर हिला कर उसने कहा_ “नहीं, नहीं तकलीफ तो आप लोगों को भी हुई है ना! इसमें आप लोगों की कोई गलती नहीं है! प्लीज सॉरी मत कहिए मुझे!” ध्वनि ने हां में सर हिलाया और कहा_ “हां बिल्कुल सही कह रहे हैं आप! आपको तो कुछ हुआ भी नहीं, हम दोनों ने उसे पिटा है।” फिर उसने लवी और मोहित को घूरा और आगे बोली_ “आप दोनों तो जनता की तरह खड़े होकर मनोरंजन कर रहे थे! क्यों?” ये सुनकर वो दोनों लोग  झेप गए। वो लोग बाहर की ओर आए और अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ गए।