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विनम्रq

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Aman Aj

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आआ

Total Chapters (276)

Page 1 of 14

  • 1. विनम्रq - Chapter 1

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र मेरा और रीना के साथ मिलकर 7 साल वाले ड्रैगन का सामना कर रहा था। एक बार के लिए ड्रैगन एंटी मैजिक बैरियर का निर्माण कर देता है जिसे मेरा अपने जादू का इस्तेमाल नहीं कर सकती थी। मगर फिर मेरा ने कहा वह कुछ ऐसे जादू को जानती है जिसके लिए उसे मंत्र नहीं पढ़ते पढ़ेंगे। ऐसा करने पर वह अंतिम मैजिक बैरियर में भी अपने जादू का इस्तेमाल कर सकती है।

    तीनों ड्रैगन के साथ खतरनाक लड़ाई करते हैं और विनम्र के साथ मिलकर उसकी कई बार सर काट देता है। मगर हर बार सर काटने पर दोबारा हो जाता था जिस वजह से विनम्र को उसे हराने में मुश्किल हो रही थी। वह मेरा से इस बारे में मदद लेता है तुम्हारा रहती है उसे इसके लिए ड्रैगन के ऊपर ही एंटी बेरीयर मैजिक का इस्तेमाल करना पड़ेगा। अगर वह ऐसा करती है तो यह ड्रैगन खुद को रीजेनरेट नहीं कर पाएगा और उसे हराने में आसानी होगी।

    अब कहानी में आगे

  • 2. विनम्रq - Chapter 2

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र मेरा और एरीना के साथ मिलकर उसे शहर के लिए निकल पड़ता है जो कि इस दुनिया में सबसे आखिर में मौजूद था। इस शहर में वो इंसान रहता था जिसे विनम्र को लड़ाई करनी थी और उसके पास मौजूद तीसरे सुदर्शन चक्र को हासिल करना था। ये काम मुश्किल था मगर मेरा के साथ होने की वजह से ये काम उसके लिए कुछ हद तक ज्यादा मुश्किल साबित नहीं होने वाला था।

    मेरा के साथ मिलकर विनम्र सुरंग को पार करता है तो वहां पर उसका सामना कुछ बच्चों से हो जाता है। बच्चों से लड़ाई करने के बाद सभी आगे बढ़ते हैं तो उनके सामने साथ सर वाला एक ड्रैगन आ जाता है। अब तक की कहानी में सिर्फ इतना ही अब आगे

    तीनों ही अलग-अलग होकर साथ साल वाले ड्रैगन से लड़ने के लिए तैयारथे। जवाब में 7 कर वाले ड्रैगन नहीं अपने चेहरे के आगे अलग-अलग चक्कर बना लिए थे जिससे वो अलग-अलग तरह के हमले करने वाला था।

    मायरा यहां पर अपने जादू का इस्तेमाल नहीं कर सकती थी क्योंकि ड्रैगन ने पूरी जगह को एंटी मैजिक बैरियर से भर दिया था।

    तभी मायरा बोली,"शायद एक तरीका है जिससे मैं एंटी मैजिक बैरियर में भी अपने जादू का इस्तेमाल कर सकती हूं, हां मेरे जादू के चक्कर इतने ताकतवर नहीं होंगे मगर फिर भी ये इस लड़ सकते हैं। एंटी मैजिक बैरियर में भी हम अपने जादू का इस्तेमाल कर सकते हैं मगर सारे के सारे जादू बिना मित्रों को पड़े हुए होने चाहिए। चक्कर को बनाने के लिए मुझे मंत्र पढ़ते पढ़ते हैं मगर इसके बावजूद मुझे कुछ ऐसे चक्र के बारे में भी पता है जिसके लिए मुझे मंत्र नहीं पढ़ते पढ़ेंगे। मैं उन सभी का इस्तेमाल एंटी बैरियर मैजिक में भी कर सकती हूं।"

    विनम्र ने मायरा से कहा ,"तो तुम्हें इंतजार किसका है? तुम अपने उन चक्र का इस्तेमाल करो तब तक मैं एरीना के साथ मिलकर अपनी तरफ से इसे रोकने की पूरी कोशिश करता हूं। अगर हमसे मिलकर काम करेंगे तो हम इसे हर देंगे।"

    उसने ये जो भी चक्कर बनाए थे ये सभी को दिखाई दे रहे थे।

    विनम्र ने अपने सामनेमौजूद चक्कर की तरफ देखते हुए मेरा सेकहा ,"मुझे ऐसे लग रहा है जैसे ये मेरे ऊपर बिजली का हमला करने वाला है, इसके चक्कर से ऐसे ही लग रहा है जैसे ये बिजली का हमला करने के लिए बने हैं। यार अब मैं बिजली की शक्ति का इस्तेमाल कर सकता हूं इसका मतलब ये थोड़ी ना है दुश्मन मेरे सामने बिजली के हमले लेकर हीआए।"

    मेरा से पहले जवाब देती उससे पहले ही मेरा के सामने वाले सर से पत्थरों के बड़े-बड़े टुकड़े उसके ऊपर गिरने लगे। मेरा ने दोनों हाथों को जोड़कर अपने पैरों के नीचे एक चक्कर बनाया और फिर दोनों हाथों को फैला दिया।

    ऐसे उसके ठीक सामने गुलाबी रंग के एक दीवार बन गईइनके से पत्थर के टुकड़े टकराकर टुकड़ों में बदलकर के नीचे गिरने लगे।

    एरीना के ऊपर होने वाला हमला मेरा और विनम्र दोनों से ही खतरनाकथा। एरीना के ऊपर काले रंग की ऊर्जा गिरने लग गई थी जो किसी बड़े पानी के बहन की तरह गिर रही थी। उसका सामना करने के लिए एरीना ने अपने सुदर्शन चक्र को आगे कर दिया था। उसे कुछ और तो समझ में आया नहीं था बस यही समझ में आया था तो उसने यही करडाला।

    सुदर्शन चक्र ने एरीना के सामने आज की एक दीवार बना ली जिससे वो काले रंग की ऊर्जा लगातार टकराती जा रही थी। सुदर्शन चक्र द्वारा बनाई गई है आज की दीवार काफी मजबूत थी और वो ड्रैगन के होने वाले इस काली ऊर्जा को रोक पाने में सफल भी साबित हो रही थी।

    यहां विनम्र मेरा और एरीना के साथ ड्रैगन से लड़ रहा था वही बाहर अफरा तफरी मची हुई थी।

    राजा के बेटों ने खुद को दरवाजे से निकलकर आजाद कर लिया था और आप वो अपने पिता के पास पहुंच गए थे। उसके पिता जिनकी हाइट उनके बच्चों से भी दोगुना बड़ी थी वो एक बड़े सी आसन पर बैठे थे। उनके आसपास खाने के लिए ढेर सारा सामान रखा हुआ था।

    उनके शरीर के बनावट देखकर ही इस बात का राजा लगाया जा सकता था उन्हें खाने से कितना लगावथा। उनके पूरे शरीर का मांस नीचे लमकने को हो रखा था और पेट की तोंद इतनी बड़ी बाहर निकली हुई थी जैसे इस वक्त उनके पेट में ही चार-पांच भैंसें आराम कर रही हो। अगर इसकी तुलना किसी आम इंसान से की जाए तो इसकी हाईट 3 मंजिला बिल्डिंग के बराबर होगी और इतना ही मोटा इसका शरीर होगा। शायद इससे भी ज्यादा होगा।

    उसके सबसे छोटे बेटे ने जो दरवाजे के नीचे आकर गिर गया था और इसके ऊपर मेरा ने बिजली का हमला किया था वो रोते हुए बोला ,"पिताश्री वो लोग बहुत खतरनाकथे, आपको पता है उनमें से एक लड़की जानी पहचानी लग रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे मैंने उसे महल में कहीं देखा है, उसने मुझ पर बिजली का हमला किया था वो भी बिना किसी तलवार के।"

    उसके ये कहते ही लड़की ने बोला ,"और तो और उसने हमें धमकी भी देखी थी कि हम इन सब के बारे में आपको नाम बताएं वरना हमें कड़ी सजा मिलेगी, मगर आप बताओ पिता श्री क्या हमेशा कर सकते हैं? कोई आपके महल में आकर आपके बच्चों को इस तरह से तंग करें क्या आप ये देख लेंगे? पिताश्री मैं चाहती हूं आप उन तीनों को ही कड़ी से कड़ी सजा दें? सदा चाहे कैसे भी हो मगर हमें उनकी हड्डियां तोड़ने का मौका जरूर मिलना चाहिए।"

    उसका पिता किसी मॉन्स्टर की बड़ी सी टांग को खा रहा था। उसने उसे टांगों को अपने पास रखा और फिर बच्चों की तरफ देखते हुएकहा ,"लगता है तुम लोगों का दिमाग घूम गया है, कोई भला बिना तलवार के यहां पर बिजली का हमला कैसे कर सकता है? ऐसा तो मैं भी नहीं कर सकता हूं फिर उसे लड़की के पास है ये करने की काबिलियत कहां से आ जाएगी? जरूर तुम लोगों ने कोई सपना देखा होगा जो जाकर खेलो बच्चों। इस तरह बिना मतलब के मेरा खाना खराब करने मेरे पास मत आया करो।"

    दरअसल यहां पर जेसीबी शक्ति का हमला किया जाता था उसके लिए किसी न किसी तलवार का इस्तेमाल किया जाता था जिसे पास के शहरों से खरीद कर लाया जाता था। इन तलवारों के बिना किसी भी तरह का हमला करना पॉसिबल नहीं है चाहे वो बिजली का हमला हो और चाहे वो आज का हमलाहो। इसलिए वो अपने बच्चों पर यकीन नहीं कर रहा था कि कोई बिना तलवार के भी बिजली का हमला कर सकता है।

    वो खाना खा रहा था इतने में कुछ सैनिक भी उसके पास आगए।

    पहले सैनिक ने घबराते हुए कहा ,"महाराज हम पर हमला हुआ है, तीन लोग हमारे महल में आज घुसे हैं और वो लगातार आपके खुफिया हाल की तरफ जा रहे हैं। हमने उन्हें रोकने की काफी कोशिश की थी मगर पता नहीं वो कैसे बिना तलवार के शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं और हमारे सैनिकों को मात्र दे रहे हैं।"

    अब राजा बच्चों के साथ-साथ सैनिकों को भी हैरानी भरी नजरों से देखने लगा था। इससे पहले वो कुछ का पता या फिर कुछ सोच पता कुछ सैनिक हो रहा है और उनमें से एक सैनिक ने कहा ,"महाराज अनर्थ हो गया है, कुछ लोग आपकी खुफिया हाल तक पहुंच गए हैं और उसके दरवाजे को खोलकर उसके अंदर भी चले गए हैं। वो जगह जहां पर जाना सख्त मना था वहां पर उन लोगों ने जबरदस्ती घुसने की कोशिश की है।"

    अब राजा के गुस्से का कोई ठिकाना नहीं रहा था। वो अपनी जगह से खड़ा हुआ और गुस्से भरे लफ्जों में बोला ,"आखिर कौन आ गया है इस शहर में जिसकी हिम्मत मेरे महल तक आने की हो गई और फिर मेरे महल की खुफिया जगह पर जाने कीभी, जल्दी से जल्दी सभी सैनिकों को इकट्ठा करो और उन्हें बोलो दरवाजे को खोलकर अंदरजाए, वो लोग कोई भी हो वो बचना नहीं चाहिए, उन लोगों को ऐसी सजा मिलेगी कि ये पूरा शहर अपने आगे आने वाली साथ पुस्तकों तक इस सजा को याद रखेगा।"

    सारे सैनिक एक के बाद एक जानलगे। पूरे महल में फैली हुई सपना चौधरी की वजह से महल के मंत्री भी जल्दी राजा के पास आने लगे थे।

    मंत्री बोल्वा भी राजा के पास आ गया। उसने राजा से कहा ,"राजा साम्बासुर, मुझे नहीं लगता आपको घबराने की जरूरत है। उसे खुफिया हाल में जो भी दरवाजा मौजूद है उसकी रखवाली 7 साल वाला ड्रैगन करता है, उसे हराना किसी के भी बस की बात नहीं है, इसकी इजाजत के बिना कोई भी उसे दरवाजे से दूसरी तरफ नहीं जा सकता है। वो ड्रैगन बस आपको ही इजाजत देता है और किसी को भी नहीं।"

    मंत्री वोल्वा ने ये बात कहे तो दी थी मगर इससे राजा साम्बासुर के चेहरे पर कोई खास एक्सप्रेशन नहीं आया। उसने कुछ देर तक कोई जवाब नहीं दिया फिर अपनी उंगलियों को मरोड़ते हुए जवाब देते हुए बोले ,"मुझे इस बात की फिक्र नहीं है अंदर क्या होगा क्या नहीं, मैं बस इस बारे में सोच रहा हूं आखिर इस दुनिया में कौन है जो बिना तलवार के भी बिजली का हमला कर सकता है? हमारे सैनिक बार-बार आकर ये बात कह रहे थे कि उनका सामना ऐसे लोगों से हुआ है जो बिना तलवार की बिजली का हमला कर सकते हैं? क्या तुम्हें ये बात नामुमकिन नहीं लगती? अगर कोई एक्शन नहीं कहता तब मैं इस बात को नहीं मानता मगर ये बात मेरे बच्चों ने भी कही है और कुछ और सैनिकोंने भी।"

    मंत्री वोल्वा को भी हैरानी हो रही थी क्योंकि ये उसके लिए भी नामुमकिन वाली बात थी। यहां पर कोई भी बिना तलवार के या फिर बिना किसी चीज के इस तरह की शक्ति का हमला नहीं कर सकता।

    उन्होंने भी अपने चेहरे पर हैरानी वाले एक्सप्रेशन बनाए और राजा संभालपुर को जवाब देते हुए कहा ,"क्या सच में ऐसा हुआ है राजा संभल सुर? अगर ऐसा है तब तो ये जरूर हैरान होने वाली बात है। वो लोग जो भी है उन्हें कड़ी सजा देने से पहले हमें ये पता करना होगा वो लोग हैकौन? क्योंकि इसके बाद ही हमें बाकी सवालों के जवाब मिलेंगे जैसे उनके बिना तलवार के बिजली की शक्ति का इस्तेमाल करना।"

    दरवाजे के अंदर मेरा और एरीना ड्रैगन से लड़ाई करने में लगे हुए थे वहीं दरवाजे के बाहर सैनिकों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। ये सारे के सारे सैनिक मजबूत सैनिक थे और इंसानों की हाइट से दो गुना ज्यादा हाइट वाले सैनिकथे। सभी ने अपनी अपनी दल को जोड़कर एक दीवार का निर्माण कर दिया ताकि जैसे ही दरवाजा खुला और अंदर से कोई भी आए उसे बचाने का मौका ना मिलसके।

    अंदर विनम्र ने सुदर्शन चक्र का फेंक कर इस्तेमाल किया। उसने ड्रैगन के साथ में सर को निशाना बनाया था। जैसे ही सुदर्शन चक्र साथ में कर के पास पहुंचा ड्रैगन ने ब्लैक होल का निर्माण किया मगर से सुदर्शन चक्र उसके बगल से निकल गया।

    सुदर्शन चक्र के साथ में सर से टकराया और उसे काट कर नीचे गिरा दिया।

    विनम्र के चेहरे पर खुशी थी ,"ये ड्रैगन कितना भी ताकतवर क्यों ना हो मगर सुदर्शन चक्र के हमले को रोकना इसके बस की भी बात नहीं है, चलो तब तो इसे हराना आसान हो जाएगा।"

    विनम्रम ये कहकर ही जाता था कि जो साथ में कर ड्रैगन से काटकर अलग हुआ था वहां पर एक और सर गगया।

    विनम्र के चेहरे पर जहां खुशी थी वहीं अब उसके चेहरे पर परेशानी दिखाई देने लग गई थी। विनम्र ने परेशान चेहरे के साथकहा ,"यार अब ये क्या है? क्या ये खुद को रीजेनरेट कर सकता है? अगर ऐसा है तब तो इसे हराना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि हम चाहे इसके सर को कितने भी कपार काट दें ये फिर से उग आएगा?"

    मायरा भी अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करके ड्रैगन का सामना करने की कोशिश कर रही थी। उसके सामने तीन सर थे। तीनों सर ने मिलकर एक बड़ा चक्कर बनाया।‌ उसे चक्कर के बनते ही उसके आगे एक और चक्कर बना और फिर एक और चक्कर। एक के बाद एक कुल तीन चक्कर बन गए थे और फिर तीनों से ही एक के बाद एक काले रंग की ऊर्जा निकली थी और वो मेरा के ऊपर गिरने लग गई थी।

    मायरा ने इसका सामना करने के लिए खुद को गुलाबी रंग की सुरक्षा कवच में कैद कर लिया था। इस सुरक्षा कवच को बनाने के लिए उसने 15 चक्र बनाए थे ताकि वो सभी की पावर का उसे करके इस बड़े हमले को रोक सके।

    दोनों ओर से होने वाले हमले इतने ताकतवर थे कि कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा तो उनकी तरफ क्या हो रहा है। विनम्र और एरीना ने मायरा की लड़ाई को देखने की कोशिश की तो उन्हें बस काले रंग की रोशनी और गुलाबी रंग की रोशनी ही दिखाई दी।

    विनम्र ने एरीना को इशारा किया और फिर दोनों ने एक साथ सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करके ड्रैगन के पहले और आखिरी सर को काट दिया। इससे पहले उसके वो दोनों कर दोबारा उठाते विनम्र दें दूसरे और आखिरी से दूसरे सर को भी काट दिया। दोनों ने चार चारों को एक साथ ही काट दिया था।

    वो अगले सर को निशाना बनाने वाले थे मगर तभी पहले वाले चारों कर वापस अपनी जगह पर दोबारा उग गए। की नंबर और एरीना ने मिलकर फिर से उन सर को काट दिया मगर फिर से वही हुआ जो पहले हुआ था। सर अपनी जगह पर दोबारा उग आएथे।

    विनम्र एरीना के पास आया और पास आकरबोला ,"ये ड्रैगन काफी ताकतवर है क्योंकि हर बार अपने सर के काटने के बाद ये एक नया सर पैदा कर लेता है, इस कंडीशन में हम इसे कैसे हराएंगे?"

    एरीना ने मायरा की तरफ देखा जो अभी-अभी ड्रैगन के बड़े हमले का सामना करने में कामयाब हो गई थी। मायरा एरीना के पास आई।

    एरीना ने मायरा से पूछा ,"क्या तुम्हारे पास इसका कोई सॉल्यूशन है? हम इसके सर को जितनी भी बार काटने की कोशिश करते हैं ये दोबारा फिर से उग जाता है। बिना इसके सर को उगने से रोक हम इस हार नहीं सकते हैं।"

    मायरा सोचने लगी। कुछ देर तक सोने के बाद उसने कहा ,"इसका बस एक ही तरीका है और वो एंटी मैजिक बैरियर, अगर मैं इस जादू का इस्तेमाल कर लूं तो फिर ये ड्रैगन अपने खुद के शरीर में अपने जादू का इस्तेमाल नहीं करपाएगा, लेकिन मैं इस जादू को बड़ी मुश्किल से 2 मिनट तक की संभाल सकती हूं। क्या तुम लोग इतने में ही इसके सारे के सारे सर को काट दोगे? क्योंकि अगर मैं एक बार इस जादू को शुरू कर दिया तो मैं ड्रैगन पर दूसरा हमला नहीं कर पाऊंगी क्योंकि मुझे अपना सारा ध्यान इस पर फोकस करना होगा।"

    विनम्र और एरीना दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर हां में सिर हिला दिया।

    विनम्र बोला ,"हम इसमें अपनी पूरी कोशिश करेंगे, तुम एक बार के लिए इसको रीजेनरेट होने से रोको फिर हमारे पास जो 2 मिनट होंगे वो इसके सर काटने के लिए काफी है।"

  • 3. विनम्रq - Chapter 3

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र, एरीना और मायरा के साथ इस दुनिया के उसे आखरी शहर की तरफ निकल पड़ता है। जहां पर वो राजा रहता है। जिसका नाम नहीं लिया जा सकता। मंत्री वोल्वा से बात करके वो खुफिया रास्ते के बारे में पता लगा लेता है। रात होते ही वो मायरा और एरीना के साथ उसी खुफिया रास्ते में आता है और फिर सुरंग के जरिए दरवाजे तक पहुंचता है।
    दरवाजे के दूसरी और कुछ बच्चे होते हैं जो वही बच्चे थे जिसे विनम्र आते वक्त मिला था। वो सब आपस में मरने मराने की बात कर रहे थे तो विनम्र ने बाकी लोगों के साथ मिलकर यहीं पर कुछ देर रुकने का फैसला किया।
    वो इस इंतजार में था जब बच्चे यहां से चले जाएंगे तब आगे बढ़कर दरवाजे को खोलेगा और महल में आगे बढ़ेगा। मगर तभी एक बच्चे को अंदर की बातें सुनाई दे पड़ती है और वो दरवाजे के पास आकर उन तीनों को बाहर आने के लिए कहता है।
    अब कहानी में आगे
    बाहर से शैतान लड़के ने अपनी भारी भरकम आवाज में कहा ,"तुम लोग जो भी हो, मैं तुम्हें थोड़ी ही देर का वक्त दूंगा, दरवाजा खोलकर अपने आप यहां पर आ जाओ, वरना मैं अपनी एक लात से ही इस दरवाजे को तोड़ दूंगा। अगर मैंने इस दरवाजे को तोड़कर तुम लोगों को ढूंढ लिया तो तुम लोग सोच भी नहीं सकते, मैं तुम्हारा क्या हाल करूंगा। मैं तुम लोगों के सबसे पहले बाल उखाड़ दूंगा, इसके बाद तुम्हारे हाथ और फिर तुम्हारे पैर। फिर जोर से मुक्का मार कर तुम्हारे सीने की हड्डियों को तोड़ दूंगा।"
    एरीना डर के मारे विनम्र को देखने लगी थी क्योंकि ये काफी खतरनाक धमकी थी। विनम्र ने सभी को पीछे होने के लिए कहा मगर मायरा पीछे नहीं हुई थी। वो दरवाजे के पास ही खड़ी बाहर से होने वाली बातों को सुन रही थी।
    लड़के के बाद लड़की दरवाजे के पास आई और उसने धमकी देते हुए कहा ,"मेरे भाई ने जो भी कहा है उन बातों को नजर अंदाज मत करना, वो बिल्कुल सही कह रहा है। ‌ अगर तुम लोग बाहर नहीं आए तो तुम लोगों का यही हाल होगा। ‌ मगर अब अगर तुम लोगों ने और ज्यादा देरी की तो फिर तुम लोगों को मेरा गुस्सा भी झेलना पड़ेगा। मैं छोटे-छोटे खंजर को तुम लोगों के शरीर में इतनी बार डालूंगी कि तुम लोगों को पता तक नहीं चलेगा, तुम्हारे कौन से रोम से खून बह रहा है।"
    मायरा ने अपने चेहरे पर गुस्सा दिखाया ,"ये बदतमीज बच्चें ना, मुझे ऐसे बदतमीज बच्चे बिल्कुल भी पसंद नहीं है। इसीलिए तो मैं कभी अपने भाई को पसंद नहीं करती हूं, मेरे भाई बहन भी इसी तरह बदतमीज है। मगर वो इतना बदतमीज नहीं है कि किसी के हाथ पैरों को तोड़ने की बात करें या फिर किसी के शरीर में खंजर डालने की बात करें।"
    एरीना ने अपनी आंखें बंद की और अपनी चक्रा शक्ति से अपने पैरों के नीचे एक चक्र बना लिया। इस चक्कर को सिर्फ वही देख सकती थी। फिर उसने दोनों हाथों को सामने की तरफ किया जिससे उसके चक्र से तेज रोशनी निकाली और वो दरवाजे पर किसी बड़े गोले की तरह गिरी।
    जैसे ही ये हुआ दरवाजा टूटकर सामने की तरफ गिर गया। मायरा काफी ज्यादा गुस्से में थी और उसने इस बात की भी परवाह नहीं की थी कि अगर दरवाजा टूटेगा तो होने वाले शोर से कितने सैनिक यहां पर आ जाएंगे।
    दरवाजे की टूटने की वजह से उसके सामने खड़े दोनों ही भारी भरकम शरीर वाले बच्चे उस दरवाजे के पीछे गिर गए। दोनों के ऊपर ही दरवाजा का एक एक हिस्सा आकर गिर गया जिससे वो तड़पने लगे।
    लड़के ने दर्द से करहाते हुए कहा ,"तुम्हारी इतनी हिम्मत? अगर पिता श्री को इस बारे में पता चला तो वो तुम्हारी हालत हमसे भी ज्यादा खराब करेंगे।"
    मायरा आगे आई और उसने उस लड़की की तरफ देखा। जिसने अभी-अभी ये बात की थी। देखते ही देखे उस लड़के के नीचे एक काले रंग का सर्किल बन गया और अगले ही बिजली की तरंगे उसके ऊपर गिरने लगी।
    मायरा लड़की की तरफ हुई तो उसके चेहरे पर डर दिखाई दिया। लड़की देख चुकी थी अभी-अभी उसके भाई की क्या हालत हुई थी। उसके भाई के ऊपर अचानक से बिजली की तरंगे गिर गई थी जो पता नहीं कहां से आई थी, कहां से नहीं थी। ‌
    लड़की ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा ,"प्लीज मुझे कुछ मत कहना, मैं तुम्हारे बारे में किसी को नहीं बताऊंगी और ये दरवाजा भी अपने आप ठीक कर दूंगी। मेरे भाई ने तुम लोगों को जो भी कहा है मैं उसके लिए भी माफी मांगती हूं। "
    यहां पर कुल चार लोग थे जिनमें दो लड़कियां थी और दो लड़के थे। बाकी के दो लड़के दूर खड़े थे और मायरा को ये सब करते हुए देख रहे थे।
    मायरा ने उनकी तरफ देखा तो दोनों ही बच्चों ने अपने हाथ जोड़ दिए और पेरों के बल आकर नीचे बैठ गए। उन दोनों ने एक साथ कहा ,"हमें माफ कर देना। इसमें हमारा कोई कुसूर नहीं है, मेरे इन भाई बहनों को ही ये करने की पड़ी रहती है, ‌जबकि हम दोनों तो बहुत शरीफ हैं और हम दोनों कभी किसी को नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं। तुम लोगों को उनके साथ जो करना है कर लो, मगर प्लीज हमें छोड़ दो।”
    मायरा ने अपने चेहरे को तिरछा किया और फिर उन दोनों ही बच्चों को छोड़ते हुए कहा ,"तुम लोग मुझे अच्छे बच्चे लगते हो इसलिए मैं तुम दोनों को छोड़ रही हूं, मगर ध्यान रखना मेरी एक शर्त है, तुम में से कोई भी शोर नहीं मचाएगा और महल के सैनिकों को नहीं बताएगा हम यहां पर हैं। वो लोग थोड़ी ही देर में यहां पर आ जाएंगे तो तुम लोगों को बस यही कहना है कि तुम सब आपस में शरारत कर रहे थे तो ये दरवाजा टूटकर तुम लोगों के ऊपर गिर गया। याद रखना अगर किसी ने भी इसके अलावा कुछ और बोलने की कोशिश की तो उस पर बिजली का झटका गिरेगा। मैं जाने से पहले तुम सब पर ये जादू करके जाऊंगी। जिससे तुम सिर्फ वही बोलोगे जो मैंने तुमसे कहा है और कुछ और बोलोगे तो तुम लोगों को इसकी सजा भुगतनी पड़ेगी।"
    उन दोनों ही लड़कों के साथ बाकी दोनों ने भी इसके लिए हां में सिर हिला दिया।
    मायरा ने विनम्र और एरीना को आगे आने के लिए कहा जो अभी भी सुरंग में थे और मायरा को ये सब करते हुए देख रहे थे।
    एरीना विनम्र से बोली ,"तुम ये लड़की कहां से ढूंढ कर लाए हो? ये तो काफी खतरनाक लगती है। इसने तो इन बच्चों की बोलती एक बार में ही बंद कर दी, वो भी हम दोनों के बिना अपने सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल किए। वरना मैं तो एक बार सोच रही थी, मुझे इन पर सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करना पड़ेगा। तभी इन बच्चों की अक्ल ठिकाने आएगी।"
    विनम्र ने खुद पर प्राउड फील करते हुए कहा ,"मैंने तुम्हें पहले ही कहा था ये लड़की अलग है। इसके पास जो पावर है वो हम लोगों के पास नहीं है। अभी तो ये अपनी पावर का काफी नॉर्मल यूज कर रही है। सोचो जब ये एडवांस लेवल में अपनी पावर का यूज करेगी तब क्या होगा। ये उस आदमी से भी हमारी लड़ने में काफी मदद करेगी जिसका हमें सामना करना है।"
    मायरा विनम्र और एरीना दोनों को बुला चुकी थी। मगर दोनों अपनी ही बातों में खोए हुए थे इसलिए वो अब तक बाहर नहीं आए थे।
    मायरा ने उन दोनों की तरफ देखा और जोर से बोली ,"अब क्या तुम लोग यहां पर सैनिकों के आने का इंतजार कर रहे हो? अगर सैनिक यहां पर आ गए तो देख लेना मैं तो बोल दूंगी मैं मंत्री वोल्वा की बेटी हूं। मगर तुम लोगों को उनके हाथों में दे दूंगी। वो भी तुम लोगों पर राजद्रोह का मामला लगाकर। अगर तुम लोग नहीं चाहते हो, तुम्हारे साथ कुछ भी बुरा हो तो चुपचाप जल्दी आओ। हमें उस डाइमेंशन चक्र की तरफ भी जाना है।"
    विनम्र और एरीना दौड़कर बाहर आए और फिर मायरा के पीछे-पीछे जाने लगे। सामने की तरफ जाते हुए मायरा के जो भी सैनिक सामने आ रहा था वो उसकी तरफ हाथ करके उस पर बिजली की तरंगों को गिरा रही थी। अपनी चक्रा शक्ति की वजह से महल का कोई भी सैनिक हो उसके सामने टिक पाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था।
    तकरीबन चार गलियारों को पार करने के बाद और छह बार मुड़ने के बाद वो लोग एक बड़े हॉल के सामने पहुंच गए थे। ये बड़ा हॉल तीन मंजिला बिल्डिंग के बराबर की ऊंचाई का होगा। इस बड़े हॉल के सामने की तरफ एक दीवार बनी हुई थी। दीवार के बीचो-बीच एक दरवाजा था जो सोने का बना हुआ था और जो काफी बड़ा था।
    मायरा ने दरवाजे की तरफ देखते हुए कहा ,"इस भारी भरकम दरवाजे के दूसरी ओर ही उस डाइमेंशन सर्कल को संभाल कर रखा गया है। मैं इस दरवाजे को खोलने की कोशिश करती हूं। तुम लोग नजर रखो। यहां पर कोई आ तो नहीं रहा है। अब तक सिपाहियों को पता चल गया होगा हम यहां पर घुसपैठ करने के लिए आए हैं, इसलिए जब तक मैं दरवाजे को खोल नहीं लेती तब तक तुम लोग किसी भी सिपाही को यहां पर मत आने देना।"
    यहां पर दो दरवाजे थे।। जिसके जरिए हॉल में आया जा सकता था। विनम्र और एरीना दोनों ने अपने-अपने सुदर्शन चक्र निकाल लिए और वो एक-एक दरवाजे के पास खड़े होकर नजर रखने लगे।
    मायरा पीछे हटकर अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखकर एक और चक्र को बनाने लगी। इस बार उसने अलग तरह का चक्कर बनाया था। ये चक्कर पहले उसके पैरों के नीचे बना था फिर तकरीबन एक फीट ऊपर और इसके बाद उसके सर के ऊपर। फिर वो उसके सर से भी एक फीट ऊपर बना और इस तरह से पांच चक्र की एक श्रृंखला बन गई है।
    एरीना खड़ी हुई और फिर दोनों हाथों को सामने की तरफ कर दिया। पांच चक्र की श्रृंखला दरवाजे से टकराई और दरवाजे को इतना जोरदार धक्का लगा कि वो धीरे-धीरे खुलने लगा।
    वही विनम्र की तरफ से एक दर्जन सैनिकों ने आगे आने की कोशिश की। विनम्र ने सुदर्शन चक्र को सामने की तरफ किया और बिजली के लकीरों को खींचते हुए उन्हें उन सैनिकों के ऊपर गिरा दिया। बिजली के झटके से सारे ही सैनिकों एक-एक करके तड़पने लगे और फिर बेहोश होकर नीचे गिर गए।
    एरीना की तरफ से कवच वाले सैनिकों ने आने की कोशिश की जिनकी संख्या तीन थी। एरीना ने अपने सुदर्शन चक्र का फेक का इस्तेमाल किया जिससे वो आज बोलता हुआ गया और उनको नहीं सैनिकों को जलाकर वापस आ गया।
    मायरा ने दरवाजा खोलने के बाद पीछे दोनों की तरफ देखा और उन्हें आगे आने के लिए कहा ,"जल्दी करो मैंने दरवाजा खोल लिया है, अब आ जाओ क्योंकि हम यहां पर और नहीं रुक सकते हैं।"
    विनम्र और एरीना दोनों दौड़कर मायरा के पास आ गए और फिर तीनों इस बड़े से दरवाजे को पार करके दूसरी ओर पहुंचे। दरवाजे को पार करने से पहले दूसरी ओर धुंध के अलावा और कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।
    मगर जब वो दरवाजे की दूसरी ओर पहुंचे तो ये ढूंढ धीरे-धीरे हटने लगी। जब ढूंढ पूरी तरह से साफ हो गई तो उन्हें अपने ठीक सामने एक बड़ा मॉन्स्टर दिखाई दिया।
    एक काले रंग का मॉन्स्टर इसके कुल सात पैर थे। वो किसी बड़े ड्रैगन की तरह लग रहा था मगर ये एक ड्रैगन नहीं था बल्कि एक मॉन्स्टर था। वो उस चक्र के ऊपर बैठा था जिसके जरिए आखरी शहर में जाया जा सकता था।
    वो दरवाजा जिसे खोलकर सब यहां पर आए थे। वो उनके अंदर आते ही बंद होने लगा। मायरा ने पीछे दरवाजे की तरफ जाने की कोशिश की तो एक पारदर्शी कवच इस पूरे हॉल में चारों तरफ बन गया।
    मायरा के अलावा ये चक्र बाकी सब लोगों को भी दिखाई दे रहा था।
    मायरा ने अपने चेहरे पर परेशानी दिखाते हुए कहा ,"ओह नहीं, ये तो एंटी मैजिक कवचहै, इस कवच के अंदर मैं अपने माया का इस्तेमाल नहीं कर सकती हूं।‌ अगर कोई यहां पर माया का इस्तेमाल कर सकता है तो वो सिर्फ ये मॉन्स्टर है..." ये कहकर उसने मॉन्स्टर की तरफ देखा जो अपने सातों सिर की 14 आंखों से उन तीनों की तरफ बड़ी-बड़ी आंखों से देख रहा था।
    विनम्र और एरीना भी इस कवच को देख सकते थे जो की एक गुलाबी रंग का कवच था और उन सभी को इस कवच के अंदर बंद किए हुए था।
    विनम्र ने अपने सुदर्शन चक्र को कसकर पकड़ और मायरा को बोला ,"तब तुम्हें पीछे हट जाना चाहिए, अब ये लड़ाई मुझे और एरीना को लड़ने दो, तुम हमें यहां तक लेकर आ गई हो इतना ही काफी है। एक बार हम इस मॉन्स्टर को खत्म कर दें फिर तुम हमें आगे का रास्ता दिखा देना।"
    मायरा उन दोनों को छोड़कर पीछे नहीं हटने वाली थी इसलिए उसने इसके लिए मना करते हुए कहा ,"बिल्कुल भी नहीं, मैं भी तुम लोगों के साथ यहां पर रहकर लडूंगी, अगर मैं अपने जादू का इस्तेमाल नहीं कर सकती तो क्या हुआ मुझे तलवार चलानी तो आती ही है।"
    मायरा की कमर पर एक तलवार भी टंगी हुई थी। उसने वो तलवार बाहर निकाल ली और फिर उस मॉन्स्टर की तरफ देखने लगी।
    मायरा ने अपनी तलवार के बारे में बताते हुए कहा ,"ये एक ड्रैगन किलर्स स्वार्ड है, तुम लोग जानते ही होंगे इस शहर में अलग-अलग सैनिक बाहर से लाए गए कुछ हथियारों का इस्तेमाल करते हैं जो काफी ताकतवर होते हैं, ये तलवार भी उनमें से एक है और इसे मेरे पिताश्री ने यहां दूर के शहर में रहने वाले एक व्यापारी से खरीदीbथी। इस तलवार के जरिए हम किसी भी ऐसे मॉन्स्टर को खत्म कर सकते हैं जो उड़ने की पावर रखनाहो। हमारे सामने इस वक्त जो मॉन्स्टर है ये भी उड़ सकता है क्योंकि इसके पंख है।"
    विनम्र और एरीना ने अब तक उसके सर के अलावा कुछ और देखा ही नहीं था। मायरा के ये कहने पर उन्होंने उसकी बाकी की बॉडी पर ध्यान दिया तो देखा एक भारी भरकम पीठ लिए इस 7 सिर वाले मॉन्स्टर के पीछे बड़े-बड़े पंख लगे हुए थे।
    एरीना ने कंफर्म करते हुए मायरा से पूछा ,"तुम एक बार और सोच लो। तुम ये कर सकती हो ना? हमारे पास सुदर्शन चक्र की ताकत है तो इससे मुकाबला करने के लिए एक मजबूत हथियार रहेगी, क्या ऐसे मैं तुम्हारी तलवार यहां पर काम आएगी?
    मायरा ने अपने चेहरे पर कॉन्फिडेंस दिखाया और एरीना को आसपास करते हुए कहा ,"तुम फिकर मत करो, अगर मैंने ये कहा है मैं कर सकती हूं तो इसका मतलब है मैं कर सकती हूं। चलो अब हम तीनों मिलकर इस मॉन्स्टर का सामना करते हैं। इसको दिखा देते हैं एकता की शक्ति क्या होती है।"
    मायरा ने अपनी तलवार बाहर निकाला जिसका ब्लेड सूरज की रोशनी की तरह चमक रहा था। विनम्र ने अपने सुदर्शन चक्र को अपने हाथ में पकड़ लिया। जिससे बिजली की तरंग के निकलने लगी। एरीना ने भी अपने सुदर्शन चक्र को पकड़ा जो आग से जल पड़ा।।
    तीनों के तीनों अपने सामने मौजूद मॉन्स्टर से लड़ने के लिए तैयार थे। उस मॉन्स्टर के सातों सिर ने एक दूसरे के पीछे होते हुए तीनों की तरफ देखा और फिर अपनी आंखों को बंद करके खोल दिया। उसके ऐसा करते ही उसके सातों सिर के आगे एक-एक चक्र बन गया था। जिससे अलग-अलग तरह का हमला होने वाला था।

  • 4. विनम्रq - Chapter 4

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    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र, मायरा और एरीना के साथ मिलकर जाने की पूरी तैयारी कर लेता है। जो भी तैयारी हुई थी उसमें यही डिसाइड होता है कि रात होते ही विनम्र मायरा और एरीना के साथ मिलकर उस चक्रा शक्ति की खोज करेंगे। जिसके जरिए डाइमेंशन ट्रैवलिंग की जा सकती है, फिर उस शहर में पहुंच जाएंगे जो यहां पर आखिर में मौजूद है। रात को खाना खाने के बाद विनम्र एरीना के साथ उसके कमरे में आता है। वहां विनम्र और एरीना दोनों एक दूसरे के करीब आते हैं और एक दूसरे को किस करने लगते हैं।
    अब कहानी में आगे
    दोनों का किसिंग सीन काफी इंटेंस हो जाता है। विनम्र एरीना की कमर में हाथ डालता है और उसे उठाकर तालाब के किनारे पर बिठा लेता है। एरीना अब नीचे झुक कर विनम्र को किस कर रही थी। वो दोनों एक दूसरे को काफी इंटसेली किस कर रहे थे तभी दोनों को किसी के कदमों की आवाज सुनाई देती हैं, जो उनके कमरे की ओर ही आ रहा था। एक बार के लिए तो दोनों नहीं रुके मगर इसके बाद विनम्र ने एरीना को खुद से अलग कर दिया।
    जैसे ही विनम्र ने एरीना को अलग किया कमरे में मायरा आ गई। उसने अंदर आते ही दोनों को अजीब हालात में देखा। विनम्र तलाब के अंदर था और एरीना बाहर नीचे लेटी हुई थी। विनम्र के धक्का देने की वजह से वो नीचे गिर गई थी।
    मायरा ने दोनों की तरफ बारी-बारी देखा और वो फिर बोली ,"क्या मैं गलत वक्त पर यहां आई हूं, अगर तुम लोग अपने किसी काम में व्यस्त हो तो मैं थोड़ी देर बाद में आ जाती हूं।"
    विनम्र ने खुद को कंट्रोल किया और मायरा को जाने से रोक लिया ,"नहीं नहीं, ऐसा कुछ भी नहीं है, तुम कुछ भी गलत मत समझो, हम तो बस जाने से पहले नहा रहे थे। अगर हमारे शरीर से बदबू आएगी तो वहां पर काफी अजीब लगेगा।"
    विनम्र को पता था उसका ये बहाना काफी बेकार था। मगर एक बार के लिए उसके दिमाग में बस यही बात आई। एरीना विनम्र को घूर कर देखने लगी।
    वो उठकर बैठी और अपने मन में बोली ,"क्या तुम्हें कोई और बहाना नहीं मिला था? बदबू ना आए ये कैसा बहान हुआ? और फॉर योर कांइड इनफॉरमेशन मेरी बॉडी से कभी भी किसी तरह की बदबू नहीं आती है। इस लड़की को भी अभी यहां पर आना था, अगर ये 10 मिनट बाद आ जाती तो इसका क्या बिगड़ जाता। बड़ी मुश्किल से तो विनम्र मेरे प्यार की जाल में पड़ा था और इसने आकर पूरा खेल बिगाड़ दिया। अब इस लड़के के सिर पर फिर से वही बुखार चढ़ जाएगा कि ये किसी और लड़की को पसंद नहीं कर सकता है, बलहा बलहा बलहा। खैर छोड़ो एरीना, जब तुम्हारी किस्मत ही बुरी है, तब तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता। "
    वही विनम्र ने एरीना की तरफ देखकर अपने मन में कहा ,"आखरी ये लड़की मुझसे चाहती क्या है? क्या ये मेरे प्यार में पड़ गई है जो मेरे साथ इस तरह का व्यवहार कर रही है। अगर ऐसा है तब तो ये गलत ही है, क्योंकि मैं नहीं चाहता कोई भी मेरे प्यार में पड़े। मैं पहले से ही काफी सारी लड़कियों के बीच में फंसा हुआ हूं। ऐसे में एक और लड़की को झेल पाने की हिम्मत मेरे अंदर नहीं है। इतनी सारी लड़कियों के प्यार को हैंडल करना, किसी भी लड़के के लिए आसान नहीं होता है। जो भी है, मुझे जल्दी से जल्दी सुदर्शन चक्र के तीसरे टुकड़े को हासिल करके अपने अलग रास्ते को पकड़ना होगा। वरना ये तो मेरे प्यार में पड़ ही गई है। कहीं ऐसा ना हो, मैं अगर इसके साथ कुछ दिन और रहा, तो मैं भी इसके प्यार में पड़ जाऊं।"
    मायरा भी उन दोनों को देखकर अपने मन में कुछ ना कुछ सोच रही थी। उसने अपने मन में सोचते हुए कहा ,"ये दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं, फिर इसमें छुपाने वाली कौन सी बात है। हमारे यहां तो इस तरह की बात कोई भी नहीं छुपाता है। वैसे देखा जाए तो, मुझे ये लड़की कुछ खास नहीं लगी है, जबकि लड़का तो दिखने में काफी अच्छा है। क्या इस लड़के को भी अपने लिए यही लड़की मिली थी, ये अगर चाहता तो इसे किसी भी दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की मिल सकती थी। इसने जिस लड़की को पसंद किया है, वो तो किसी भी एंगल से खूबसूरत नहीं है। ऐसे लगती है, जैसे किसी गली की कोई डाकू या फिर लुटेरी है। जिसका काम बस लोगों को लूटना है। आह, मैं इन दोनों के बारे में इतना क्यों सोच रही हूं। मुझे बस अपने काम से मतलब रखना है और जल्दी से जल्दी इस लड़के के काम को पूरा करके इसकी दुनिया में जाना है।"
    तकरीबन 1 घंटे बाद तीनों ही अलग-अलग महल की तरफ जा रहे थे। तीनों ने तीन ऐसे जानवरों का इस्तेमाल किया था जो हवा में उड़ सकते थे और बिना पंखों का शोर मचाए आगे जा सकते थे। ये जानवर छोटे थे, इसलिए एक जानवर दो इंसानों का भार नहीं उठा सकता था। इस वजह से तीनों ही तीन अलग-अलग जानवरों के ऊपर बैठे थे।
    एरीना को इनके ऊपर बैठने में काफी डर लगा था, मगर जैसे तैसे करके उसने खुद को एडजस्ट कर लिया था। एक बार विनम्र को भी इसके ऊपर बैठने में दिक्कत हुई थी। मगर फिर वो भी एडजस्ट हो गया था।
    20 मिनट के बाद दोनों महल के बाहरी दीवार के पास आकर उतर गए। विनम्र ने ब्लैक कलर की आउटफिट पहन रखी थी। जिससे वो अंधेरे में भी दिखाई नहीं दे सकता था। एरीना ने एक सोल्जर के कपड़े पहन रखे थे जो ब्लैक कलर के तो नहीं थे मगर कॉफी कलर के होने की वजह से वो भी अंधेरे में ठीक से दिखाई नहीं दे रही थी। मायरा तो अपने उन्हीं कपड़ों में थी जिनमें उसने बस 10% कपड़ों को पहनकर अपने शरीर को ना मात्र के रूप में ढक रखा था।
    एरीना ने जब उसे दोबारा इन कपड़ो में देखा था तब उसने एक बार फिर गुस्सा किया था। एरीना ने मायरा को कहा भी था पूरे कपड़े पहनना और जब उसने दोबारा ये बात कही थी तब मायरा ने बोल दिया था ,"मुझे गर्मी बहुत लगती है, मैं क्या करूं।"
    इसके बाद एरीना उससे कुछ नहीं कह सकी और फिर जैसा भी था। वैसे ही सब आगे बढ़कर यहां तक पहुंचे गए।
    विनम्र ने दीवार के ऊपर से सैनिकों की पोजीशन देखी। वो लोग उस जानवर की मूर्ति के सामने ही थे। जिसके नीचे वो खुफिया रास्ता बना हुआ था जो महल तक जाता था।
    विनम्र ने कहा ,"मुझे सामने तकरीबन दो दर्जन सैनिक दिखाई दे रहे हैं। ये सारे सैनिक इस खुफिया रास्ते की रखवाली कर रहे हैं। इसके अलावा मुझे दूर-दूर तक कोई दूसरा सैनिक नहीं दिखाई दे रहा है। अगर हमें आगे जाना है तो इन 24 सैनिकों को रास्ते से हटाना होगा। वरना हमारा आगे जाना पॉसिबल नहीं है।"
    मायरा ने ऊपर की तरफ देखा और सभी सैनिकों की पोजीशन को देखने के बाद उसने अपनी आंखें बंद करली। वो अपने मन में कुछ बोली जिसके बोलने के ठीक बाद जितने भी सैनिक पहरा दे रहे थे उनके आसपास काले रंग का एक घेरा बन गया। फिर उसी से एनर्जी निकली जिसने सैनिकों को अपनी गिरफ्त में ले लिया और सारे के सारे सैनिक बेहोश होकर गिर गए।
    एरीना और विनम्र उन दोनों को ये देखकर हैरानी हुई। मायरा ने दोनों की तरफ देखा और खुद की तारीफ करते हुए बोली ,"मैंने कहा था ना मैं चक्रा शक्ति का इस्तेमाल कर सकती हूं। यही तो इस शक्ति के मजे हैं। अब आगे आगे देखना, मैं तुम्हारे किस तरह से काम आती हूं। अच्छा हुआ तुम लोग मुझे अपने साथ ले आए, वरना तुम लोग तो जिंदगी भर सुदर्शन चक्र के तीसरे टुकड़े को हासिल नहीं कर पाते।"
    मायरा ये कहकर दीवार से कुदी और जानवर की मूर्ति की तरफ तेजी से आगे बढ़ने लगी। विनम्र भी दीवार कूद कर जाने लगा तो एरीना ने उसे पकड़कर पीछे खींच लिया।
    एरीना ने विनम्र से कहा ,"मुझे इस पागल लड़की पर बहुत गुस्सा आ रहा है, इसे कहो अगर हमारे साथ काम करना है तो अपनी तारीफ करना बंद करें। वरना मैं इसके मुंह पर एक मुक्का मार कर इसे बेहोश कर दूंगी।"
    विनम्र ने एरीना को घुरते हुए कहा ,"तुम्हारे दौरे फिर से शुरू हो गए हैं क्या? तुम खुद को शांत रखने की कोशिश नहीं कर सकती हो, कितने ही देर की बात है। थोड़ी देर में हम वहां पर पहुंच जाएंगे। इसके बाद मैं तुम दोनों को ही खुद से दूर कर दूंगा। फिर आपस में मिलकर करते रहना जो तुम लोगों का मन करें।"
    विनम्र ये कहकर दीवार से कुदा और वो भी तेजी से मूर्ति की तरफ जाने लगा। उसके जाने के बाद एरीना के चेहरे के भाव बिल्कुल बदल चुके थे।
    एरीना ने दुखी चेहरा बनाते हुए कहा ,"क्या कहा इस लड़के ने? ये मुझे भी खुद से दूर कर देगा? आखिर इसकी हिम्मत कैसे हुई ये कहने की? क्या ये चाहता है उस लड़की के साथ-साथ मैं इसका मुंह भी तोड़ दूं? लग तो ऐसा ही रहा है। इसे यही चाहिए।"
    फिर एरीना भी दीवार से कुदी और तेजी से दोनों के पीछे जाने लगी। थोड़ी देर बाद तीनों मूर्ति के नीचे बनी सुरंग से महल की तरफ जा रहे थे। पूरी सुरंग पर जलने के लिए मसालों को लगाया गया था। ‌ इसलिए यहां पर रोशनी की अच्छी खासी व्यवस्था थी। ये एक सीधी सुरंग थी। मगर इसके बावजूद यहां आने वाले मोड़ों की वजह से ये भूल भुलैया वाली बनी हुई थी। बस इस सुरंग का एक फायदा था यहां पर बस एक ही रास्ते पर चलना पड़ता था बार-बार अलग-अलग रास्तों को नहीं बदलना पड़ रहा था।
    तकरीबन 45 मिनट तक की सुरंग में चलने के बाद तीनों ही एक भारी भरकम दरवाजे के पास पहुंच गए। विनम्र ने अपना एक डिवाइस निकाला और उसे दीवार पर लगाकर दूसरी तरफ से आने वाली आवाजों को सुनने की कोशिश की।
    विनम्र को जो भी आवाज सुनाई दे रही थी उससे ऐसा लग रहा था जैसे दूसरी और वो कुछ बच्चों को खेलते हुए महसूस कर रहा हो। उसने अपने दिमाग पर जोर डाला तो उसे याद है ये तो वही बच्चे थे जिससे उसकी मुलाकात आते ही हुई थी।
    एक लड़का अपनी साथी लड़की से कह रहा था ,"तुम्हें पता है मैंने आज एक इंसान की टांग को तोड़ दिया था, उसने हमारे महल में आने की कोशिश की थी और पिताजी घर पर नहीं थे। मैंने मौके का फायदा उठाया और उसकी टांग पड़कर खिंच डाली, जिससे वो निकलकर बाहर आ गई। मुझे बहुत मजा आया था हा हाहै।"
    उसकी ये बात सुनकर लड़की ने जवाब दिया ,"क्या सच में तुमने ऐसा किया था? मुझे भी ऐसा करना है... मुझे भी ऐसा करना है... बताओ मैं भी ऐसा कैसे कर सकती हूं? मैंने तो 3 महीने पहले एक कैदी के दो हाथों को उखाड़ था जिसके बाद मुझे कुछ भी करने को नहीं मिला। मैं तो पिता श्री को बोलता हूं अगर मैं इंसानों के साथ ये सब नहीं कर सकती हूं तो मुझे जंगल में भेज दे। वहां पर काफी सारे मॉन्स्टर होते हैं तो मैं उनकी टांगे पकड़ पकड़ कर उखाड़ दूंगी। मुझे दर्द देने में बहुत मजा आता है।"
    उनकी बातें सुनकर ही विनम्र के चेहरा पसीने से भर गया था। विनम्र ने अपने डिवाइस को उठाया और मायरा को बोला ,"इस राजा के बच्चे कितने बेरहम है? ये तो लोगों को मरने मारने की बातें ऐसे कर रहे हैं जैसे वो बस उनके लिए कोई खिलौना है? किसी राजा के बच्चे ऐसे कैसे हो सकते हैं? क्या राजा इन्हें कुछ कहता नहीं है या फिर समझने की कोशिश नहीं करता है?"
    मायरा ने अपने चेहरे पर हल्की स्माइल लाकर कहा ,"यार इन बच्चों का तो तुम कुछ भी मत पूछो, इन बच्चों से तो पूरा शहर परेशान है। रही बात राजा की तो तुमने सुना ही होगा राजा तो खुद बच्चों से गए गुजरे हैं। सच्चाई ये है यहां इस राज्य में किसी का भी कुछ नहीं हो सकता है। अगर इस राजा की जगह है कोई और राजा बन जाए तब भले इस शहर का कुछ फायदा हो जाए वरना इस शहर को तो अंधेरे के घर में जाने से कोई नहीं रोक सकता है। चलो छोड़ो हम भी किसके बारे में बात कर रहे हैं, जब तक ये बच्चे चले नहीं जाते तब तक हमें यहां पर इंतजार करना होगा।"
    विनम्र और एरीना दोनों एक दूसरे के पास बैठे थे जबकि मायरा उन दोनों के सामने ही बैठी रही ।
    एरीना ने मायरा से पूछा ,"ये राजा कितने वक्त से इस शहर पर राजकर रहा है? क्या अभी तक किसी और राजा ने इस शहर का राजा बनने का फैसला नहीं किया?"
    मायरा ने अपनी उंगलियों से गिरने की कोशिश की और फिर बोली ,"इसे तकरीबन 600 साल तो हो ही गए होंगे, हां बहुत सारे लोगों ने राजा बनने की कोशिश की थी। जिनमें इसके भाई शामिल थे। मगर इसने सबको मार दिया। लड़ाई के मामले में ये भी किसी से कम नहीं है। तुम लोग भी खुद को खुशकिस्मत समझना कि किसी तरह से इसके सामने ना आ जाओ, और इसके बेटों के सामने भी नहीं, ये खुद भी खतरनाक है और इसके बेटे भी बहुत खतरनाक है। सबके साथ मिलकर ये तुम लोगों की ऐसी हालत कर देगा जिसके बारे में तुम लोग सोच भी नहीं सकते हो।"
    एरीना को राजा के ये गुणगान सुनकर इतनी हैरानी हुई कि उसका मन उसे गालियां देने का कर रहा था। फिर ये राजा गलियों के अलावा और कुछ डिजर्व भी नहीं करता था। एरीना बोली ,"इसकी उम्र 600 साल है तो क्या यहां पर सभी ज्यादा उम्र के लोग होते हैं, तुम्हारी उम्र कितनी है?"
    मायरा ने दोबारा मुस्कुराते हुए जवाब दिया ,"हां यहां पर सब की उम्र इतनी ही होती है। मेरी उम्र कम से कम 135 साल होगी। हम लोगों की उम्र तो इस राजा से भी ज्यादा की है, मतलब ये राजा की और राक्षस है इसलिए इसकी उम्र मुझसे काम ही होगी जबकि मैं इंसान और राक्षस से मिलन से बनी हूं तो मेरी उम्र तकरीबन 1400 साल के आसपास रहेगी। जबकि इस राजा की उम्र तकरीबन 1200 साल ही रहेगी। यहां पर इंसानों की उम्र और भी ज्यादा होती है। राक्षस कम से कम 500 साल से ज्यादा होती है
    "
    एरीना को यकीन नहीं हो रहा था ऐसा भी कुछ होता होगा। ,"मतलब यहां पर मैं जितने भी इंसानों से मिली हूं उनकी उम्र काफी ज्यादा है, यार देखने से तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा था, सच में इस दुनिया के नियम इतनी आसानी से समझ में आने वाले नहीं है।"
    मायरा बोली ,"तो क्या तुम्हारी यहां इंसानों की उम्र इतनी ज्यादा नहीं होती है?"
    एरीना ने जवाब दिया ,"नहीं बिल्कुल भी नहीं, हमारे यहां इंसान ज्यादा से ज्यादा 70-80 साल ही जी सकते हैं इससे ज्यादा नहीं।"
    वो दोनों बात कर रहे थे तभी दरवाजे को किसी ने जोर से खटखटाया। इससे पहले दोनों ही कुछ समझ पाते में दरवाजे की दूसरी ओर से बच्चों की आवाज आई जो की काफी शैतानीपन से भरी हुई थी ,"इस दरवाजे की दूसरी ओर कौन है हमें भी तो जरा बताओ, कई दिनों से हमें खेलने के लिए मौका नहीं मिला है। लगता है ये मौका आज मिल जाएगा।"

  • 5. विनम्रq - Chapter 5

    Words: 0

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    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र मायरा की मदद लेने के लिए मान जाता है। वो एरीना को भी इस बारे में बता देता है। एक बार के लिए एरीना इस बारे में मानती नहीं है और दोनों के बीच में झगड़ा हो जाता है।
    मगर फिर दोनों को ही अपनी-अपनी गलती का एहसास होता है और दोनों एक दूसरे से बात करके अपने बीच में जो भी मिस अंडरस्टैंडिंग हुई होती है उसे सुलझा लेते हैं।
    फिर दोनों फिर से बात करते हैं और आगे की प्लानिंग के बारे में डिसाइड करते हैं। मायरा कहती है रात को हमला करना ज्यादा बेटर रहेगा। क्योंकि उस शहर तक जाने के लिए जिस शक्ति की जरूरत पड़ेगी। वो यहां के राजा के महल में है और वहां रात को जाना ही सेफ रहेगा।
    पूरी बात डिसाइड हो जाने के बाद वहां इस बात का फैसला हो जाता है सब मिलकर रात को उस चक्रा शक्ति के लिए निकलेंगे और फिर डाइमेंशन ट्रैवलिंग करके यहां मौजूद आखिरी शहर में पहुंचेंगे।
    अब कहानी में आगे
    सब रात होने का इंतजार कर रहे थे। मंत्री वोल्वा शाम होते होते महल वापस आ गए और उन्होंने एरीना और विनम्र से आकर मुलाकात की। विनम्र अपने कमरे में आराम कर रहा था।
    मंत्री वोल्वा ने आते ही विनम्र को देखा और फिर अपने दोनों हाथ फैलाते हुए कहा ,"क्या बात है, तुम यहां पर हो? मैं तुम्हें पूरे महल में ढूंढ रहा हूं। मुझे बताओ तुम्हारा आज का दिन कैसे गया? क्या तुम्हें हमारा महल अच्छा लगा या फिर तुम्हें हमारे महल में कोई कमी लगती है। तुम तो वहां पर अच्छे खासे एक बड़े महल में रहते होंगे। मैंने सुना है वहां पर तो सैनिकों के पास भी अपना खुद का महल होता है, फिर तुम तो एक अहम सदस्य ठहरे। क्या तुम मुझे अपने महल के बारे में बताओगे? तुम्हारे महल में कुल कितनी अप्सराय रहती है। मुझे इसके बारे में भी जानना है?"
    विनम्र कुछ जरूरी नोट्स बना रहा था। मगर मंत्री वॉल्व के आने की वजह से उसने अपने नोट्स बनाने की सिलसिले को बंद कर दिया। वो सही से बैठा और फिर खड़े होकर पहले मंत्री वॉल्व की रिस्पेक्ट की क्योंकि वो यहां पर एक बड़े ओहदे के ऊपर थे।
    फिर विनम्र ने उसे बैठने के लिए जगह दी और खुद भी उसके सामने बैठते हुए जवाब देते हुए कहा ,"ये बात तो आपने बिल्कुल सही कही है, हमारे यहां के महल काफी आलीशान है। आप इस बारे में भी बिल्कुल सही है, वहां पर सैनिकों के पास भी अपना खुद का महल होता है। हमारे यहां पाए जाने वाले महलों की सबसे खास बात ये है कि हम ऐसी मशीनों का इस्तेमाल करते हैं, जो महलों के कमरों को ठंडा रख सकती है। हम लोगों उसे रेफ्रिजरेटर के नाम से पुकारते हैं। इसके अलावा कमरों को गर्म रखने के लिए भी एक अलग तरह की मशीन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसको हम लोग हीटर कह कर बुलाते हैं। ये सब आपके यहां नहीं है, बस हमारे पास ही ये सुविधा उपलब्ध है।"
    विनम्र अपनी दुनिया की कुछ चीजों को मिलाकर ये बताने की कोशिश कर रहा था कि महल काफी खास है। क्योंकि वह खुद नहीं जानता था, वहां पर किस तरह के महल है तो उसे कुछ तो बताना ही था।
    मंत्री वोल्वा की आंखें हैरत के मारे बड़ी हो गई ,"क्या कहा वहां पर ऐसे महल पाए जाते हैं, जिनमें कमरों को ठंडा रखने और गर्म रखने के लिए अलग-अलग मशीन लगी हुई है। तब तो तुम वहां पर काफी ऐसा आराम से रहते होंगे, वहां पर जो बाकी लोग हैं वो भी काफी ऐशो आराम से रहते होंगे।"
    विनम्र ने हां में सिर हिलाकर जवाब दिया ,"इस बात में कोई भी शक नहीं है। तुमने अप्सराओं के बारे में भी पूछा था ना, तो हमारे महल में हर एक सैनिक के पास पांच-पांच अप्सराय होती है। जो लोग बड़े ओहदे पर होते हैं, उनके पास ज्यादा अप्सराय होती है। मुझे तो 25 अप्सराएं मिली हुई है, जिनमें से एक को मैं अपने साथ भी लेकर आया था। मगर उसका मन नहीं लगा तो मुझे उसे वापस भेजना पड़ा।"
    मंत्री वोल्वा के मुंह से लार टपकने लगी थी। वो तो अप्सरा का नाम सुनते ही लार टपकाने लग जाता था। अप्सरा का मतलब है वहां की सबसे खूबसूरत लड़कियां।
    मंत्री वोल्वो विनम्र के करीब आया और उसके करीब आकर उसके दोनों हाथों को पकड़कर बोला ,"देखो भाई तुम्हें जो भी चाहिए हो, मैं तुम्हें वो दे दूंगा, अगर तुम मुझसे मेरा ये महल भी मांगोगे तो मैं ये महल भी तुम्हें दे दूंगा। क्या तुम मुझे वहां का मंत्री बना सकते हो? मुझे पता है तुम्हें मंत्री बनाने का काम दिया गया है, तो तुम वहां जाकर मेरा नाम क्यों नहीं ले लेते? बताओ क्या तुम ऐसा कर सकते हो?"
    विनम्र ना में सिर हिलाया ,"मैंने तुमसे पहले ही कहा था, मैं इस बारे में सोचूंगा। अभी के लिए मैंने कोई फैसला नहीं किया है। तुम्हें कम से कम मुझे एक हफ्ता तो देना ही होगा। एक हफ्ते के बाद मैं इस बात का फैसला कर पाऊंगा।"
    विनम्र अभी के लिए किसी तरह से मंत्री वोल्वो से छुटकारा पाना चाहता था। मंत्री वोल्वा ने मायुस चेहरा बनाया और फिर खड़े होकर वहां से जाने लगे।
    विनम्र को ख्याल आया मंत्री बोल्वा आज महल में गए थे तो वो उनसे आज महल की स्थिति के बारे में जानकारी ले सकता हैं। वो जान सकता है राजा क्या कर रहा है और महल में किस तरह की पहरेदारी है। हालांकि मायरा को इस बारे में पता होगा मगर फिर भी अगर उसके पास भी जानकारी आ जाती है तो इसमें कोई नुकसान नहीं था।
    विनम्र ने मंत्री वोल्वा को जाने से रोका ,"अच्छा सुनिए मंत्री वोल्वा, मुझे आप ये बताइए ना आपका रहना सहना यहां पर कैसा है? आप तो राजा के महल में रहते हो, आपकी भी जिंदगी में ऐशो आराम होगा। आपको तो वहां किसी बात का डर भी नहीं है, क्योंकि राजा के महल की सिक्योरिटी काफी टाइट है। राजा के महल में ऐसा कोई भी रास्ता नहीं है, जिसके जरिए कोई उनके महल में जा सके। वो भी बिना दूसरों की नजर में आए।"
    मंत्री वोल्वा के चेहरे पर मायूसी थी तो वो इसी मायुसी के साथ दोबारा विनम्र के पास बैठ गए। मंत्री वोल्वा ने कहा ,"अब मैं तुम्हें यहां के बारे में क्या बताऊं? बस तुम ये सोच लो जिंदगी है जो किसी तरह से कट रही है। राजा हमारी बिल्कुल भी इज्जत नहीं करते हैं। उन्हें बस एक ही चीज की पड़ी रहती है और वो ढेर सारा खाना, इसलिए जो भी इज्जत होती है वो यहां के रसोइयों की ही होती है। फिर कोई दुश्मन भी हम पर हमला करता नहीं है, किसी राज्य से या फिर किसी दूसरे शहर से हमें कोई संबंध बनाना नहीं है, शहर में क्या हो रहा है क्या नहीं इस बात से राजा को कोई मतलब नहीं है, तो बाकी मंत्रियों का काम रह क्या गया। मैं यहां का सुरक्षा मंत्री हूं और सुरक्षा मंत्री के नाते मुझे याद भी नहीं है कब पिछली बार मैंने अपने काम पर ध्यान दिया था।"
    मंत्री वोल्वो की बातें साफ बता रही थी। यहां का राजा एक नंबर का आलसी राजा है। उसे बस खाने के अलावा और किसी चीज की परवाह नहीं है। भले ही उसका महल ही क्यों ना कोई लूट कर ले जाए।
    विनम्र ने दोबारा अपनी बात को हाईलाइट करते हुए कहा ,"अच्छा आप सुरक्षा मंत्री है, तब आपने तो महल की सुरक्षा को काफी कड़ा बनाकर रखा होगा... आपको पता है हमारे यहां हमारे राजा के महल की सुरक्षा भी बहुत कड़ी है... अगर चोरी चुपके किसी को महल में प्रवेश करना हो तो सिर्फ दो ही रास्ते हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है। आपके यहां कितने ऐसे रास्ते हैं जो अपने बनाए हैं?"
    मंत्री वोल्वा को इस बात पर बिल्कुल भी शक नहीं हुआ कि विनम्र महल की जानकारी इकट्ठा कर रहा है क्योंकि वो यहां के रहन-सहन की मायूसी में ही खोए हुए थे। उन्होंने अपनी मायूसी के साथ जवाब दिया ,"हमारे यहां तो बस एक ही रास्ता है, उस रास्ते का इस्तेमाल कभी कबार राजा करते हैं ताकि वो यहां की वेश्याओं से मिलने जा सके। वो नहीं चाहते महारानी को या फिर उनके बच्चों को इस बारे में पता चले। वो रास्ता महल के दक्षिण की तरफ है। एक बहुत बड़ी जानवर की मूर्ति लगी हुई है जिसमें उड़ने वाला हाथी है। वहीं पर वो रास्ता बनाया गया है। उस मूर्ति के नीचे रास्ता है।"
    मंत्री ने सब कुछ बता दिया था। रास्ता तो बताया ही बताया साथ में ये भी बता दिया वो कहां पर है और उसे कैसे पहचाना जा सकता है। इस बात की वजह से ही विनम्र की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था।
    विनम्र खड़ा हुआ और थोड़ा सा एटीट्यूड दिखाते हुए बोला ,"ठीक है, अब आप जाकर आराम कर सकते हैं, मैं आपके बारे में जल्द ही सोच कर बताऊंगा। पहले मैंने आपको हफ्ते भर का कहा था, मगर अब ऐसे लग रहा है जैसे मैं तीन-चार दिनों में ही निर्णय ले लूंगा। फिक्र मत कीजिए, अब आप बस आराम कीजिए।"
    मंत्री वोल्वा के चेहरे पर दोबारा खुशी आ गई ,"क्या सच में तुम तीन चार दिनों में ही फैसला ले लोगो? यार तब तो तुम बहुत कमाल के हो। भगवान तुम जैसे लोग दुनिया में हर एक जगह में दे। और भगवान करे ऐसे अच्छे-अच्छे लोग बस मुझसे ही आकर मिलते रहे ना कि किसी और से। चलो मैं तुम्हारे लिए पहले खाने का इंतजाम करता हूं फिर देखता हूं मुझे क्या करना है।"
    मंत्री वोल्वा ये बोलकर जल्दी से निकल गए। तकरीबन आधे घंटे बाद विनम्र और एरीना दोनों को खाने का न्यौता आ गया था।
    वो दोनों एक बड़े से डाइनिंग टेबल के ऊपर बैठे थे। जहां पर महल के बाकी सदस्य भी मौजूद थे। इनमें महल की महारानी जो कि मंत्री वोल्वा की पत्नी थी, उसकी दो बेटियां और एक बेटा भी था। सबसे बड़ी बेटी मायरा थी। जिसे विनम्र और एरीना दोनों ही पहले से जानते थे। इसके बाद उसकी एक छोटी बेटी थी और फिर सबसे छोटा बेटा जो तकरीबन 10 साल के आसपास होगा। छोटी बेटी का नाम सुकेरा बताया गया था जबकि बेटे का नाम आकरा था। नाम काफी अजीबोगरीब थे और सारे के सारे नाम रा पर खत्म हो रहे थे जिसके पीछे का क्या कारण है विनम्र खुद नहीं जानता था। एरीना को भी इस बारे में कुछ पता नहीं था।
    मंत्री वोल्वो की पत्नी एक इंसान थी यही वजह थी उसके बच्चे आधे राक्षस और आधे इंसान थे। मायरा की तरह उसकी छोटी बेटी भी काफी खूबसूरत थी जो तकरीबन 18 साल की उम्र की होगी।
    विनम्र ने खाने को टेस्ट किया तो फिर से उसकी आंखें हैरत के मारे बड़ी हो गई। ये तो वैसा ही स्वाद था जैसा उन्होंने रेस्टोरेंट पर महसूस किया था।
    एरीना ने भी खाने को टेस्ट किया तो उसकी आंखें भी हैरत के मारे बड़ी हो गई क्योंकि वो भी इस स्वाद को पहचानती थी।
    एरीना ने मंत्री वोल्वा से कहा ,"क्या आप हमारे लिए खाना बाहर से मंगवा कर लाए हैं? इसका टेस्ट तो काफी जाना पहचाना लग रहा है? जाना पहचाना क्या लग रहा है, ये तो उस रेस्टोरेंट का टेस्ट है, जहां हमने कल खाना खाया था।"
    मंत्री वोल्वा ने ना में सिर हिलाते हुए कहा ,"बिल्कुल भी नहीं, ये हमारे इसी महल का खाना है। तुम लोगों को खाने का टेस्ट जाना पहचाना इसलिए लग रहा है, क्योंकि सभी जगह पर एक ही मसाले का इस्तेमाल किया जाता है। खाने का टेस्ट चाहे कैसा भी हो, अगर इस मसाले का इस्तेमाल कर लिया जाए तो वो हमेशा लाजवाब ही लगता है। ये मसाला यहां पर एक खास प्रकार के मॉन्स्टर को मारने के बाद में बनाया जाता है। मेरा कहने का मतलब उसे मॉन्सटर की हड्डियों को पीसकर मसाले को बनाया जाता है। उसकी जादुई शक्तियों की वजह से अगर इस मसाले का इस्तेमाल किसी भी खाने पर किया जाए तो वो टेस्टी हो जाता है।"
    अब जाकर विनम्र और एरीना दोनों को समझ में आया था यहां का खाना इतना टेस्टी क्यों होता है। चाहे वो किसी को भी टेस्ट क्यों नाकर ले। टेस्टी भी इतना होता है कि खाने से मन ही नहीं भरता।
    विनम्र और एरीना दोनों दोबारा खाना खाने लगे। तकरीबन 1 घंटे बाद सब दोबारा अपने अपने कमरों में आ गए थे। एरीना और विनम्र एक साथ अपने कमरे में आए थे और ये एरीना का कमरा था।
    एरीना ने अपने पेट पर हाथ फेरते हुए कहा ,"यार बाकी कुछ भी कहो, मगर यहां पर खाना खाकर मजा ही आ जाता है। कसम से मैंने इतना टेस्टी खाना कभी अपनी जिंदगी में नहीं खाया जितना मैं यहां पर खा चुकी हूं।"
    विनम्र भी अपने पेट पर हाथ फेर रहा था और उसके भी एक्सप्रेशन कुछ इस प्रकार के ही थे। विनम्र बोला ,"तुम बिल्कुल सही कह रही हो, यहां का खाना सच में बहुत लाजवाब है।"
    एरीना यहां पर बने तालाब के पास घूम रही थी तभी उसका पैर फिसल गया और वो पानी में गिर गई। विनम्र ने ये देखा तो वो जोर-जोर से हंसने लगा।
    एरीना विनम्र को गुस्से भरी नजरों से देखने लगी। उसने अपना हाथ विनम्र की तरफ बढ़ाया ताकि वो उसकी मदद करने के लिए उसके पास आ सके। विनम्र उसके पास आया तो एरीना ने उसका हाथ पकड़ कर उसे भी पानी में गिरा दिया।
    तालाब का ये पानी गर्म था। विनम्र ने खुद को संभालने के बाद एरीना को गुस्से भरे लहजे में कहा ,"ये तुमने क्या किया? तुम खुद अपनी गलती की वजह से पानी में गिरी थी तो मुझे इसमें गिराने की क्या जरूरत थी?"
    एरीना ने विनम्र को उसी की टोन में जवाब देते हुए कहा ,"अगर मैं पानी में गिर गई थी तो तुम्हें हंसने की क्या जरूरत थी, तुम मुझ पर हंस रहे थे इसलिए तुम्हें देखकर मुझे गुस्सा आ गया था और मैंने तुम्हें पानी में गिरा दिया। अब तुम भी इस पानी के मजे लो।"
    एरीना विनम्र के ऊपर पानी के छींटे मारने लगी। जवाब में विनम्र भी उसके ऊपर पानी के छिटें मारने लगा। दोनों एक दूसरे पर पानी के छिटें मार रहे थे।
    फिर विनम्र ने उसे रुकने के लिए कहा ,"चलो बहुत हुआ बचपना यार अब बस भी करो, मायरा किसी भी वक्त यहां पर आती होगी फिर हमें उसकी मदद लेकर राजा के महल में जाना है।"
    विनम्र यहां से बाहर जाने लगा तो एरीना ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया ,"तुम्हें उस मायरा की कुछ ज्यादा ही नहीं पड़ी है, सच-सच बताना तुम्हें वो पसंद आ गई है ना। पसंद तो आएगी ही वो मुझसे ज्यादा खूबसूरत जो है, साथ ही वो काफी बोल्ड भी है और अपनी सारी बॉडी बिना मतलब के दिखाती रहती है। तुम लड़कों को और चाहिए भी क्या होता है। लड़कियों की बॉडी ही तो ताड़नी होती है और वो ताड़ने के लिए मायरा तुम्हें अच्छा खासा मौका देती है।"
    विनम्र एरीना को घूर-घूर कर देखने लगा ,"क्या फालतू में कुछ भी बकवास करती जा रही हो, मैंने तो इस बारे में अभी तक ध्यान ही नहीं दिया है। मुझसे ज्यादा तुम्हें उसकी पड़ी है।”
    विनम्र ये कह कर फिर से जाने की कोशिश करने लगा। तभी एरीना ने उसे खींचकर अपनी तरफ कर लिया। इससे पहले विनम्र कोई एक्शन कर पाता एरीना ने उसके होठों पर अपने होठ रख दिए और वो उसे किस करने लगी।

  • 6. विनम्रq - Chapter 6

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    पिछले भाग में आपने देखा की विनम्र मायरा से उसकी मदद लेने के लिए मान जाता है। मायरा से मदद लेने से पहले उसे काफी कुछ सोचना पड़ता है और हर एक पहलू पर विचार भी करना पड़ता है। इस दुनिया में कुछ लोग चक्रा शक्ति का इस्तेमाल करते हैं जो की काफी मजबूत और एक पावरफुल शक्ती है। विनम्र को जिससे सामना करना था, वो इस चक्रा शक्ति का इस्तेमाल कर सकता है। मायरा भी इस चक्रा शक्ति का इस्तेमाल कर सकती है। मायरा का कहना था ये एबिलिटी काफी कम लोगों के पास है। हो सकता है इस दुनिया में और लोगों के पास भी इस शक्ति को इस्तेमाल करने का हुनर हो। मगर विनम्र के सामने तो बस एक मायरा ही थी।
    विनम्र के पास अब इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं होता है तो वो मान जाता है। वो मायरा की मदद के लिए हां कह देता है। बदले में उसे मायरा को 3 दिन के लिए अपनी दुनिया में लेकर जाना था। वो नहीं जानता था कि सौदे के क्या नुकसान है और क्या फायदे हैं। मगर फिलहाल के लिए तो इसके नुकसान कम और फायदे ज्यादा ही दिखाई दे रहे थे।
    अब कहानी में आगे
    मायरा से बात करने के बाद विनम्र उसे कमरे में अकेले ही छोड़ आया था और अब एरीना से मुलाकात करने जा रहा था। इस वक्त दोपहर होने को थी। ‌एरीना सो कर उठ गई होगी और विनम्र उसे वो सारी बात बताना चाहता था जो उसने मायरा के साथ की थी।
    विनम्र कमरे में पहुंचा। एरीना अभी भी सो रही थी। विनम्र ने अपने चेहरे पर गुस्सा दिखाया और बोला ,"इस लड़की को किसी चीज की फिक्र है भी या फिर नहीं, हम एक अलग दुनिया में है और बाहर काफी कुछ हो रहा है, इन सबके बीच ये है कि घोड़े बेचकर सो रही है। सच में ये पूरी तरह से बेपरवाह है।"
    विनम्र ने देखा एरीना ने अपने सुदर्शन चक्र के टुकड़े को भी टेबल के ऊपर ऐसे रख रखा था, जैसे वो कोई साधारण चीज हो
    ये देखकर विनम्र बोला ,"इसे तो अपनी चीजों की परवाह भी नहीं है, देखो तो जरा इसने सुदर्शन चक्र को कैसे टेबल के ऊपर रख रखा है, अगर कोई इसे यहां से उठाकर ले जाए तब क्या होगा? फिर ये मेरे पास मदद के लिए आएगी।"
    विनम्र उसके पास गया और जो भी चादर उसने ले रखी थी उसे उठाकर फेंक दिया। एरीना गुस्से से उठी और विनम्र की तरफ देखते हुए बोली ,"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी नींद खराब करने की, तुम्हें पता है ना जो भी मेरी नींद खराब करता है मैं उसे बहुत शख्स सजा देती हूं, अब तुम्हें मेरा गुस्सा झेलना होगा और देखना होगा एरीना क्या कर सकती है।"
    एरीना ने टेबल से सुदर्शन चक्र उठाने की कोशिश की तो वो वहां पर नहीं था। विनम्र ने उसके सुदर्शन चक्र को उसे दिखाते हुए कहा ,"कुछ करने से पहले कम से कम अपनी चीजों को संभाल कर रखना तो सीखो, तुम्हें जितना सोना था सो लिया है। चलो अब काम की बात करते हैं। बाहर अश्वत्थामा बहुत बड़े खतरे में फंसे हुऐं है। इसलिए हम यहां पर ज्यादा देर तक नहीं रुक सकते हैं। मैंने सारी प्लानिंग कर ली है। अब हम यहां से तीसरे टुकड़े को लेकर अपनी दुनिया में जाएंगे।"
    एरीना बेड पर पलाथी मारकर बैठ गई। उसने विनम्र से पूछा ,"क्या तुम्हें तीसरा टुकड़े के बारे में पता चल गया है?"
    विनम्र ने हां में सिर हिलाया ,"हां मुझे उसके बारे में पता चल गया है, वो यहां के उस राजा के पास है जिसका हम नाम नहीं ले सकते, उसी आखरी शहर में। ‌हमें वहां पर जाना होगा उससे लड़ाई करनी होगी और फिर उससे सुदर्शन चक्र छिनना होगा।"
    एरीना ने हैरानी से विनम्र की तरफ देखते हुए उससे पूछा ,"और तुम्हें क्या लगता है ये सब आसान रहेगा? लोग उसका नाम लेने से ही डरते हैं, फिर हम उससे लड़ने के बारे में कैसे सोच सकते हैं? हम ये भी नहीं जानते वो कितना ताकतवर है और किस तरह की शक्तियों का इस्तेमाल करता है? उसके लड़ने का टैलेंट क्या है और वो क्या कुछ कर सकता है?"
    विनम्र ने अपने चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट दी ,"खुशकिस्मती से मैं उसके बारे में काफी कुछ जान गया हूं, वो चक्रा शक्ति का इस्तेमाल करता है जो यहां की सबसे ताकतवर शक्तियों में से एक है। इसका सामना करने के लिए हमारे पास एक और साथी है, जिसका नाम मायरा है। वो मंत्री बोल्वा की बेटी है। इस लड़ाई में हमारी मदद करेगी।"
    एरीना ने अपनी आंखों को बड़ा किया ,"और वो किस खुशी में हमारी मदद करेगी? कहीं तुमने उसे अपनी गर्लफ्रेंड तो नहीं बना लिया है? कहीं वो तुम्हारी लिस्ट कि वो पांचवी लड़की तो नहीं, जिसे तुम प्यार करते हो? देखो अगर ऐसा हुआ तो मैं सबसे पहले उसकी जान लूंगी फिर तुम्हारी। भाड़ में जाए सुदर्शन चक्र का तीसरा टुकड़ा और भाड़ में गया इस दुनिया का वो आदमी जिसका नाम नहीं लिया जा सकता। अगर मुझे उसका नाम पता होता तो मैं इसी वक्त उसका नाम ले लेती।"
    एरीना का चेहरा बता रहा था इस वक्त वो कितनी गुस्से में है। विनम्र को लेकर उसे भी लगाव हो गया था इसलिए वो किसी और लड़की के बारे में विनम्र के मुंह से नहीं सुन सकती थी।
    विनम्र ने गहरी सांस ली और फिर उसे छोड़ते हुए कहा ,"लड़कियां कितना ज्यादा सोच लेती हैं, खैर ऐसा कुछ भी नहीं है। उसने हमारे साथ एक सौदा किया है। वो हमारी मदद करेगी बदले में हमें उसे तीन दिन हमारी दुनिया में लेकर जाना होगा। एक्चुअली वो थोड़ी सी जिज्ञासु किस्म की लड़की है। जैसे हमारे यहां के साइंटिस्ट होते हैं वैसे ही।"
    अब एरीना को और भी ज्यादा गुस्सा आ गया था। वो अपने बेड से खड़ी हुई और दोनों तकीयों को उठाकर विनम्र के ऊपर फेंकते हुए बोली ,"क्या कहा? तुमने उसके साथ एक सौदा कर लिया है, वो भी उसे हमारी दुनिया में लेकर आने का, तुमने ये सोचा भी कैसे। ‌मुझसे एक बार भी पूछा क्यों नहीं। तुम्हें पता है ना ये कितना खतरनाक हो सकता है, हम इस दुनिया के नियम के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं। ‌अगर उसके हमारी दुनिया में आने से हमारी दुनिया खत्म हो गई तब क्या होगा। अगर उसने हमारी दुनिया की जानकारी इकट्ठा करके फिर यहां के सारे लोगों को इकट्ठा करके, हम पर हमला कर दिया तब क्या होगा? अगर उसने हमारी दुनिया पर कब्जा कर लिया तब क्या होगा?"
    विनम्र अपनी जगह से खड़ा हुआ और बोला ,"ऐसा कुछ भी नहीं होगा, इस दुनिया से हमारी दुनिया में जाने का एक ही रास्ता है और वो सुदर्शन चक्र, जो हमारे पास रहेगा। एक बार हम उसे हमारी दुनिया में ले आएंगे और फिर जब तीन दिन पूरी हो जाएंगे तब उसे यहां पर वापस छोड़ देंगे। इसके बाद जब उसके पास आने का कोई रास्ता ही नहीं होगा तो वो हमारी दुनिया के लिए खतरा कैसे बनेगी। फिलहाल के लिए यहां पर हमारा उससे मदद लेना जरूरी है, हम दोनों मिलकर उस आदमी को नहीं हरा सकते हैं, ऐसे में अगर वो हमारे साथ आ जाएगी तो उसे हराना आसान हो जाएगा। अब इस बारे में ज्यादा मत सोचो और चुपचाप आगे की तैयारी करो?"
    विनम्र ने एरीना को आगे की तैयारी करने के लिए कहा था। इस वक्त एरीना का चेहरा देखकर लग नहीं रहा था वो इस बारे में अभी भी कुछ सोचने वाली है।
    एरीना ने गहरी सांस ली और उसे छोड़ने के बाद वो खुद को शांत करते हुए बोली ,"कुछ भी करने से पहले मुझे उस लड़की से मिलना है, मुझे उस लड़की की इरादे जानने हैं। ये खतरनाक हो सकता है, मैं हर एक चीज का फैसला सोच समझकर करूंगी"
    विनम्र ने अपने दोनों हाथ अपनी कमर पर रखें और तेज आवाज में एरीना को बोला ,"हां, जैसे अब तक तुम सब कुछ सोच समझ कर करती आई हो, तुम्हें पता है ना, तुमने अपने पास्ट में क्या कुछ किया है, अगर इतना दिमाग वहां पर लगाती तो आज हालात ऐसे नहीं होते। आज मेरी एजेंसी के ज्यादा लोग मरे हुए नहीं होते, तुम्हें भी खुद पर पछतावा नहीं होता, मगर नहीं, वहां तुमने अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया था। वहां तो तुम अपनी भावनाओं में बह गई थी। इसलिए यहां पर जो भी करना है वो मुझे करना है और जो भी फैसला लूंगा वो मैं लूंगा। तुम भी मेरे साथ यहां पर आई थी, इसलिए मैं तुमसे पूछने आ गया। मगर लग रहा है, मैंने ही आकर गलती की है। ‌तुमसे पूछने का कोई मतलब नहीं बनता।"
    ये कहकर विनम्र पलटा और यहां से चला गया। विनम्र ने पहली बार गुस्सा दिखाया था। जिसके पीछे का कारण था एरीना बस टाइम वेस्ट कर रही है। उसे लड़की से मिलने और उससे बात करने से कोई फायदा नहीं होने वाला था। इसके बजाय अगर वो सीधे सुदर्शन चक्र को हासिल करने के बारे में सोचती तो ज्यादा फायदा होता। वहीं विनम्र हीं जानता था बाहर अश्वत्थामा किस हालत में है और उसके पास बस अब एक दिन का ही वक्त था। इस 1 दिन के वक्त के बाद सुदर्शन चक्र फिर से वापस जाने के लिए तैयार हो जाएगा। और अगर यहां पर वो मौका चूके तो मतलब है अश्वत्थामा के पास पहुंचने में देरी होना। अगर वो देरी से पहुंचेगा तो अनर्थ भी हो सकता है
    एरीना उसके जाने के बाद अपनी ही जगह पर बैठी हुई थी। उसकी आंखों में हल्के से आंसू आ गए थे।
    उसने अपने आंसू को साफ करते हुए कहा ,"तुमने जो भी कहा है, बिल्कुल सही कहा है विनम्र, मगर मैं करती तो करती ही क्या? अपनी मां के लिए मेरे पास बस यही सब करने का एक रास्ता था। खैर मुझे नहीं लगता तुम मुझे कभी समझ पाओगे, ठीक वैसे, जैसे किसी ने मेरे बारे में अब तक नहीं समझा था।"
    उसने चादर ली और दोबारा सोने के लिए लेट गई। वहीं विनम्र बाहर गलियारे में चल रहा था। तभी उसके पास वो सिपाही आ गए जो उसका ओवरकोट लेने के लिए गए थे। दो सिपाही विनम्र के आगे आए और घुटनों के बल झुकते हुए उस ओवरकोट को विनम्र के सामने कर दिया।
    वो बोले ,"जैसा आपने कहा था वैसा ही हुआ है, हम आपके इस वस्त्र को ले आए हैं, आपके लिए ये वस्त्र हाजिर है।"
    विनम्र ने अपने ओवरकोट को लिया और फिर उन दोनों ही सिपाहियों को जाने के लिए कह दिया। उनके जाने के बाद वो अपने कमरे में चला गया। उसने अपना ओवरकोट खोला और जो भी जरूरी गैजेट्स थे, उन्हें निकाल कर सामने रखा।
    विनम्र ने उनकी तरफ देखते हुए कहा ,"मैं अपना ओवरकोट पहन कर उसका सामना करने नहीं जा सकता हूं, वैसे उसे पता तो चल ही जाएगा, मैं दूसरी दुनिया से आया हूं, तो क्या मुझे अपने ओवरकोट के साथ जाना चाहिए? उसके सामने तो जा सकता हूं, मगर यहां फिर भी मैं अपनी इस ओवरकोट को नहीं पहन सकता हूं। मैंने देखा है, यहां पर इन लोगों के पहनावे में ओवरकोट नहीं आता है। मैं उस शहर मैं यहां से इसके बिना जाऊंगा और वहां जाकर इसे पहन लूंगा। मेरे पास इतने सारे गैजेट्स है कि मैं बिना ओवरकोट लिए इन्हें अपने साथ लेकर भी नहीं जा सकता। लड़ाई में कब किस चीज की जरूरत पड़ जाए, कोई पता नहीं।"
    विनम्र ने अपने गैजेट्स उठाए और उन्हें वापस ओवरकोट में डाल दिया। वो उन्हें ओवरकोट में डाल ही रहा था, तभी एरीना आई और उसने पीछे से आकर विनम्र को हग कर लिया।
    वो विनम्र से बोली ,"मुझे माफ कर देना, शायद मैंने कुछ ज्यादा ही गुस्सा दिखा दिया था। मुझे अपने शब्दों पर कंट्रोल करना चाहिए था। मैं भूल गई थी, तुमने इस काम को काफी अच्छे से किया है, इस वजह से तुम जो भी फैसला करोगे, वो बिल्कुल सही करोगे। मुझे तुम्हारे फैसले पर उंगली नहीं उठानी चाहिए थी। प्लीज मुझे माफ कर देना।"
    विनम्र एरीना की तरफ पलटा और उसे सामने से हग कर लिया ,"मुझे भी इस बारे में माफ कर देना, आते वक्त मैंने तुम्हें जो भी कहा वो मुझे नहीं कहना चाहिए था। मुझे सच में बहुत गुस्सा आ गया था। इस वक्त मुझे अश्वत्थामा की और मेरी दुनिया की फिक्र है, इसलिए मैं टाइम वेस्ट करने के बारे में सोच नहीं सकता हूं। अब जब हमारे पास सब कुछ है, हमें सुदर्शन चक्र के तीसरे टुकड़े के बारे में पता है, उससे लड़ाई करने के लिए हमारे पास एक साथी भी है तो फिर हमें ये बेमतलब की देरी करने ही क्यों। तुम्हें पता है ना ऐसे मौके पर एक-एक मिनट काफी कीमती बन जाता है। बस इसलिए जल्दी से सुदर्शन चक्र को हासिल करना था और यहां से वापस जाना था।"
    एरीना ने गहरी सांस ली ,"मैं सब समझ गई हूं, जैसा तुम कहोगे वैसा ही होगा। बताओ हमें कब चलना है?"
    विनम्र ने अपने ओवरकोट की तरफ देखा और फिर आंखों में कॉन्फिडेंस दिखाते हुए कहा ,"बस अभी इसी वक्त।"
    अगले ही पल वो एरीना के साथ मायरा के कमरे में थे। एरीना मायरा को गुस्से भरी नजरों से देख रही थी क्योंकि लंबे कान होने के बावजूद है वो उसे काफी खूबसूरत है दिख रही थी। फिर उसने जो कपड़े पहने थे वो भी काफी अट्रेक्टिव थे। मायरा ने जो कपड़े पहने थे उसमें उसकी बॉडी का 90% से ज्यादा का भाग दिखाई दे रहा था। सिर्फ 10 परसेंट जरूरी हिस्सों को ही उसने ढक रखा था। उसे जेलेसी हो रही थी।
    विनम्र ने मायरा से पूछा ,"तो बताओ तुम्हें क्या लगता है? हमारे लिए उस पर हमला करने का कौन सा वक्त परफेक्ट वक्त रहेगा।"
    मायरा ने कुछ देर तक सोचा और फिर सोचने के बाद जवाब देते हुए बोली ,"अगर मैं सही तरीके से सोचूं तो रात का वक्त ही हमारे लिए परफेक्ट रहेगा। वहां तक जाने के लिए हमें डाइमेंशन ट्रैवलिंग का इस्तेमाल करना होगा, मैं चक्रा की शक्ति का इस्तेमाल करके डाइमेंशन ट्रैवलिंग कर सकती हूं, मगर उससे इतनी दूर को नहीं जाया जा सकता। इसके बजाए राजा के महल में ट्रैवलिंग के लिए एक चक्र बना हुआ है, वो काफी ताकतवर है और हमें वहां तक लेकर जा सकता है। इस वक्त तो राजा चौकन्ने होंगे, फिर दिन का वक्त है तो जाना भी आसान नहीं होगा। इसलिए हमें रात होने का इंतजार करना होगा। जैसे ही रात होगी हम वहां पर जाएंगे और उस डाइमेंशन ट्रैवलिंग चक्र का इस्तेमाल करेंगे और सीधे उस शहर में पहुंच जाएंगे जो यहां का आखरी शहर है।"
    विनम्र को इस पर कोई एतराज नहीं था। ,"ठीक है, तब मैं रात तक अपनी बाकी की तैयारी को भी पूरा कर लेता हूं, हमें बड़ी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है तो पूरी तरह से तैयार होकर जाना ज्यादा जरूरी है।"
    मायरा ने भी कन्फर्मेशन दी ,"ठीक है मैं भी कुछ और चक्र के बारे में सीख लेती हूं। मुझे नहीं पता वो कितना ताकतवर है। मगर मैंने सुना है उसे हजारों की संख्या में अलग-अलग चक्रों के बारे में पता है, मेरे चक्र उसके मुकाबले में काफी कम है, मगर फिर भी मैं कुछ ऐसे चक्र के बारे में जानती हूं जो लड़ाई के मामले में हमारे लिए काफी कारगर साबित हो सकते हैं। अब लड़ने का फैसला कर ही लिया है तो जो होगा देखा जाएगा।"
    दोनों ने ये कहकर एरीना की तरफ देखा क्योंकि उसने अभी तक कुछ भी नहीं बोला था। एरीना ने धीमी आवाज में मायरा को बोला ,"क्या तुम इस लड़ाई में कुछ और कपड़े पहन सकती हो?”

  • 7. विनम्रq - Chapter 7

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    पिछले भाग में आपने देखा वो लड़की अपना नाम मायरा बताती है। उसे तीनों दुनियाओं के बारे में जानने में काफी दिलचस्पी थी। वो तीनों दुनिया के बारे में जानने की कोशिश भी करती है और इस दौरान उसे काफी कुछ पता चलता है। उसकी ये दिलचस्प उसे बचपन से ही होती है। विनम्र के आ जाने के बाद और उसे इस बात का पता लगने के बाद वो दूसरी दुनिया से है तो वो काफी एक्टिव हो गई थी। वो विनम्र को एक पुस्तकालय में ले कर गई और वहां पर फिर दोनों ने तीनों दुनियाओं के बारे में कुछ निष्कर्ष निकाले।
    इन सभी निष्कर्ष से वो इस परिणाम पर निकले की
    - भगवान ने तीन लाॅक बनाए थे और शुरुआत में वो तीनों ही एक ही जगह पर थे। धरती लाॅक पताल लाॅक और फिर स्वर्ग।
    - राक्षसों ने लगातार दोनों लाॅक पर हमला करना शुरू कर दिया, इस वजह से भगवान ने सभी को अलग-अलग कर दिया।
    -बस कुछ लोगों के पास ही एक लाॅक से दूसरे लोग में जाने की ताकत थी, जैसे कि नारद मुनि और भगवान विष्णु जो कि तीनों लाॅकों के स्वामी थे।
    - भगवान विष्णु के पास ये ताकत थी तो ये ताकत फिर सुदर्शन चक्र में भी आ गई। इस वजह से सुदर्शन चक्र के इस्तेमाल से एक जगह से दूसरी जगह पर जाया जा सकता है। खासकर जब एक लाॅक से दूसरे लाॅक में जाना हो।
    अब कहानी में आगे
    मायरा विनम्र की मदद करने के लिए मान गई थी। इसके लिए उसने शर्त रखी थी और वो थी विनम्र उसे अपनी दुनिया में लेकर जाएगा।
    विनम्र ने तुरंत मना करते हुए कहा ,"इसके बारे में सोचना भी मत। तुम्हें पता है ये कितना रिस्की हो सकता है? मैंने भी इस बारे में कभी नहीं सोचा, मेरी मजबूरी थी जो मैं यहां पर आ गया। वरना मैं यहां पर कभी नहीं आता। और फिर यहां पर आने से पहले मैंने सोचा भी नहीं था। मैं अलग दुनिया में पहुंच जाऊंगा, मुझे तो लगा था मैं किसी पुराने शहर में पहुंचूंगा जो किसी खंडहर की तरह दिखाई देता होगा, या फिर किसी महल में जो किसी खंडहर से काम नहीं होगा। अगर मुझे पता होता मैं यहां पर आने वाला हूं तो मैं यहां पर आने से पहले 100 बार सोचता।"
    विनम्र को हैरानी हो रही थी कि आखिर किसी लड़की की इस तरह की इच्छा कैसे हो सकती है। वो भी कभी दूसरी दुनिया में जाने के बारे में ना सोचे भले ही उसे घूमने के लिए ही क्यों न जाना हो। मायरा उसके सामने बिल्कुल अलग बिहेव कर रही थी।
    मायरा ने जवाब देते हुए कहा ,"देखो तुम्हें जितनी बार सोचना है तुम सोचते रहना, मगर मुझे तुम्हारे साथ तुम्हारी दुनिया में जाना है तो जाना है, वरना मैं अपने पिता को तुम्हारे इस मंसूबे के बारे में बता दूंगी और यहां के राजा को भी। फिर तुम खुद सोच सकते हो तुम्हारा क्या हाल होगा, हां जानती हूं तुम्हारे पास सुदर्शन चक्र है, मगर तुम बता ही चुके हो उसके पास अपनी पूरी ताकत नहीं है, ऐसे में तुम एक बड़ी सेना का सामना कभी नहीं कर पाओगे। तुम्हारी मुसीबत बढ़ाने के लिए मैं उस राजा के नाम को भी ले लूंगी। जिसके नाम को लिया नहीं जा सकता है, उसके पास भी सुदर्शन चक्र है। तुम इतने सारे लोगों का सामना कभी नहीं कर पाओगे।"
    मायरा तो धमकी देने पर आ गई थी। जिसकी उम्मीद विनम्र ने नहीं की थी। वो यहां पर इस मामले को शांति से निपटना चाहता था। मगर लग नहीं रहा वो ऐसा कर पाएगा। मायरा काफी होशिया थी और अपनी बात रखने के मामले में भी परफेक्ट थी। उसे ये भी पता था विनम्र की कमजोरी क्या है और उसकी ताकत क्या है।
    विनम्र कुछ बोल पाता उससे पहले ही मायरा ने कहा ,"वहीं अगर तुम मुझे अपनी दुनिया में लेकर जाने के लिए मान जाते हो तो मैं तुम्हारी मदद करूंगी, तुम्हें पता है वो राजा चक्रा शक्ति का इस्तेमाल करता है, तुम तो जानते भी नहीं हो कि ये चक्रा शक्ति होती क्या है? बताओ क्या तुम इस बारे में जानते हो?"
    मायरा ने सीधे-सीधे विनम्र से सवाल किया। विनम्र ने भी इसका नाम पहले भी सुना था। तब जब इस बारे में बात हो रही थी कि कैसे उस जगह से यहां पर आया जा सकता है। इसके लिए भी चक्रा शक्ति का इस्तेमाल होता था।
    विनम्र ने मायरा को जवाब दिया ,"नहीं मैं इस बारे में नहीं जानता हूं, अगर तुम बताना चाहती हो तो तुम मुझे इस बारे में बता सकती हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं होगा मैं तुम्हें अपने साथ लेकर जाने के लिए मान जाऊंगा।"
    मायरा ने अपने चेहरे के भावों को बिल्कुल भी नहीं बदला। उसके चेहरे पर जैसा एटीट्यूड और जैसा तेज पहले था वैसा ही उसने अभी रखा।
    मायरा ने विनम्र से कहा ,"इतनी सी जानकारी के लिए मैं तुमसे कभी सौदा नहीं करने वाली हूं, चक्रा शक्ति के बारे में बताना एक छोटी सी बात है, अगर मैं इसके बारे में तुम्हें बात भी दूंगी तो तुम भी कुछ खास नहीं कर पाओगे। मदद तो तुम्हें मेरी लेने ही पड़ेगी।"
    मायरा का कॉन्फिडेंस बता रहा था विनम्र उसकी मदद लिए बिना उसे नहीं हरा सकता जिसका नाम नहीं लिया जा सकता।
    मायरा चक्रा के बारे में बताते हुए बोली ,"चक्रा की शक्ति एक ऐसी शक्ति है जिसमें सामने वाला अलग-अलग तरह के चक्र बना सकता है, ये सारे के सारे चक्कर जादुई चक्र होते हैं और हर एक चक्कर के इस्तेमाल से कुछ ना कुछ होता है, इसमें ओरा का इस्तेमाल किया जाता है। मुझे पता है तुम्हें इसके बारे में नहीं पता होगा कि औरा क्या होता है, औरा वातावरण में पाई जाने वाली ऊर्जा है, इस दुनिया में जितनी भी चीज मौजूद है सबका अपना एक औरा होता है, मैं तुम्हें पहले ही बता चुकी हूं तुम्हारे अंदर भी एक औरा है और यहां पर बाकी लोगों में भी, चक्रा औरा की शक्तियों का इस्तेमाल करते हैं, ये आसपास के वातावरण से ऊर्जा को खींचकर सामने वाले पर हमला करते हैं। ये हमले इतने ताकतवर होते हैं कि तुम कल्पना भी नहीं कर सकते। एक हमले से तुम्हारा क्या हाल हो जाएगा?"
    विनम्र को कुछ समझ तो नहीं आया था, मायरा क्या कहने की कोशिश कर रही है। मगर इसके बावजूद उसने चीजों को थोड़ा बहुत समझाने की कोशिश की। एक तरह से उसके कहने का मतलब यही था पूरे वातावरण में अलग-अलग तरह की ऊर्जा भरी पड़ी है और चक्रा शक्ति का इस्तेमाल करके इस ऊर्जा को इस्तेमाल किया जा सकता है। वो राजा जिसका नाम नहीं लिया जा सकता वो इस ऊर्जा का इस्तेमाल हमले के लिए करता है। जिससे उसका दुश्मन हार जाता है।
    विनम्र ने मायरा से पूछा ,"जब ये औरा की शक्ति और चक्र की शक्ति इतनी पावरफुल है तब तुम मेरी मदद कैसे कर सकती हो, ऐसा क्या है जो मैं तुम्हारी मदद के लिए मान जाऊंगा?"
    मायरा ने दोनों हाथों से अपनी तरफ इशारा किया। फिर उसने अपने बालों में अपने हाथों को डाला और दोनो हाथों से बालों को समेटते हुए बोली ,"क्योंकि मुझे भी चक्रा की शक्ति का इस्तेमाल करना आता है, इस पूरे शहर में एक मैं ही हूं जो चक्रा की शक्ति का इस्तेमाल कर सकती हूं। सिर्फ इतना ही नहीं मुझे 445 अलग-अलग चक्र के बारे में पता है। जिसका इस्तेमाल कर में अलग-अलग हमले कर सकती हूं। अब तुम्हें पता चल ही गया होगा, मैं तुम्हारे लिए कीमती क्यों हूं।"
    विनम्र को कुछ समझ नहीं आ रहा था। वो क्या जवाब दे क्या जवाब ना दे। अगर उसे सुदर्शन चक्र के तीसरे टुकड़े को लेना है तो उसे राजा से लड़ना ही होगा। जिसका नाम नहीं लिया जा सकता। फिर अगर वो चक् की शक्ति का इस्तेमाल करता है तो सिर्फ सुदर्शन चक्र के इस्तेमाल से कुछ नहीं होने वाला है। उसका मुकाबला करने के लिए किसी ऐसे शख्स का होना जरूरी है जो उसकी साइड से चक्रा की शक्ति का इस्तेमाल कर सके। मायरा ऐसे में उसके लिए एक परफेक्ट साथी के तौर पर यहां पर उपलब्ध थी। मगर इसके लिए उसकी डिमांड को मानना ये थोड़ा मुश्किल काम था।
    विनम्र बोला ,"मैं अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कह सकता हूं, मुझे थोड़ा सा वक्त चाहिए। इसके बाद में फैसला करूंगा मुझे क्या करना है क्या नहीं। अगर मुझे कोई और तरीका नहीं मिला तो मैं तुम्हारी मदद ले सकता हूं और जब तुम्हारी मदद लूंगा तब इस बात को मान लूंगा, कि मुझे तुम्हें अपने साथ लेकर जाना है। पर ध्यान रखना तुम सिर्फ तीन दिन के लिए जा सकती हो, इसके बाद तुम्हें वापस आना होगा।"
    मायरा ने अपने दांत दिखाएं। उसके लिए दूसरी दुनिया में जाना ही अपने आप में एक अचीवमेंट से काम नहीं था। ऐसे मैं वो 3 दिन के लिए जाती है तो ये भी उसके लिए बड़ा सौदा नहीं था।
    उसने तुरंत बात को मानते हुए कहा ,"मुझे सौदा मंजूर है चलो अब वापस महल चलते हैं।"
    उसने विनम्र का हाथ पकड़ा और अपनी आंखें बंद करली। जैसे ही उसने अपनी आंखें बंद कि वो दोनों ही यहां से गायब हो गए और दोबारा महल में वहां पर आ गए जहां से वो लोग गए थे।
    विनम्र ने मायरा से पूछा ,"तुम्हारे पास ये गायब होने वाली पावर कहां से आई है?"
    मायरा ने कमरे में मौजूद फलों की टोकरी की तरफ रुख किया और उसमें से एक सेब को उठाकर खाते हुए बोली ,"पुस्तकालय से आते वक्त मैंने क्या बताया था, मैं चक्रा की शक्ति का इस्तेमाल कर सकती हूं। गायब होकर एक जगह से दूसरी जगह पर जाने के लिए भी मैं इसका इस्तेमाल करती हूं।"
    विनम्र ने हैरानी से उसकी तरफ देखा तो उसने किसी भी तरह के चक्र को नहीं देखा था। उसने यही देखा था मायरा बस अपनी आंखें बंद करती थी और फिर एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंच जाती थी।
    विनम्र ने यही बात उससे कहीं ,"मगर मैंने कोई भी चक्र नहीं देखा..."
    मायरा ने आधे सेब को पूरा खा लिया और फिर उसे चबाते हुए बोली ,"क्योंकि तुम एक आम इंसान हो तो तुम चक्र को देख भी नहीं सकते हो, इसे देखने के लिए तुम्हारे पास जादूई शक्तियों का होना जरूरी है, अच्छा मैं तुम्हें एक या दो मिनट के लिए चक्कर दिखा सकती हूं।"
    मायरा ने अपने हाथ को विनम्र की तरफ किया। एक बार के लिए तो कुछ नहीं हुआ मगर फिर विनम्र को अपने चारों तरफ गुलाबी रंग की रोशनी दिखाई देने लगी। वो हर एक चीज के इर्द-गिर्द गुलाबी रंग की रोशनी को देख सकता था जो किसी कवच की तरह चीजों के इर्द-गिर्द लिपटी हुई थी।
    विनम्र ने हैरान होते हुए कहा ,"मुझे सारी चीजों के आसपास ये गुलाबी रंग की रोशनी क्यों दिखाई दे रही है? ये सब क्या है और क्यों हो रहा है?"
    मायरा खड़ी हुई और उसके पास आकर बोली ,"अरे पागल इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है, तुम इस वक्त जो देख रहे हो ये वही ओरा है। जिसकी मैं बात करती हूं। तुम्हें ये सब बस एक या दो मिनट के लिए ही दिखाई देगा जबकि मैं तुम्हें हमेशा ऐसे ही देखती रहती हूं। ऐसा एक भी मोमेंट नहीं होता जब ये चीज मुझे ना दिखाई दे। इसलिए तो मैंने तुम्हें देखते ही कह दिया था। तुम इस दुनिया के नहीं हो बल्कि किसी दूसरी दुनिया से आए हो। क्योंकि तुम्हारा औरा गुलाबी रंग का नहीं है। ये पीले रंग का है।"
    मायरा विनम्र के पीछे आई और फिर अपने हाथों में उसे लेते हुए उसके दोनों हाथों को पकड़ कर ऊपर किया। विनम्र ने अपने हाथों की तरफ देखा तो उसे अपने हाथ पीले रंग से चमकते हुए दिखाई दिए।
    मायरा ने उसे उसके पीले रंग से चमकते हुए हाथ दिखाते हुए कहा ,"देखा, तुम्हारे हाथ पीले रंग से चमक रहे हैं जबकि यहां पर जितनी भी चीज हैं वो सब गुलाबी रंग से, अब पता चला तुम कैसे अलग हो?"
    विनम्र ने हां में सिर हिलाया ,"हां, कुछ हद तक तो मैं समझ गया हूं। अच्छा मुझे अब चक्र दिखाओ जिसे देखनेxa के लिए तुमने मुझ पर ये जादू किया है।"
    मायरा उससे दूर हुई और फिर उसे नीचे की तरफ देखने का इशारा किया। विनम्र ने नीचे की तरफ देखा तो उसके पैरों के नीचे एक सर्कल बना हुआ था। जिसमें अलग तरह का ही डिजाइन किसी लाइनों से बने हुए स्ट्रक्चर की तरह दिखाई दे रहा था। जैसे वो कंप्यूटर के किसी मदरबोर्ड को देख रहा हो।
    मायरा बोली ,"जब भी हम किसी चक्रा शक्ति का इस्तेमाल करते हैं, तब जिसके ऊपर भी हम इसका इस्तेमाल करते हैं उसके पैरों के नीचे इस तरह का चक्र बन जाता है, फिर ये आसपास की ऊर्जा को खींचता है और जिस भी चीज के इस्तेमाल के लिए चक्र बनता है उसका औरा उसे पूरा करता है। जैसे अभी मैंने जो चक्कर तुम्हारे पैरों के नीचे बनाया है वो तुम्हें उस शक्ति को देने के लिए बनाया है जिससे तुम आसपास के औरा को देख सको। अगर आप औरा को देख सकते हो तो आप इन चक्रों को भी देख सकते हो।"
    विनम्र ने काफी देर तक चक्र की तरफ देखा और फिर मायरा को। वो बोला ,"ओह, तो इसलिए तुमने कहा एक तुम ही हो जो यहां पर चक्र शक्ति का इस्तेमाल कर सकती हो, क्योंकि तुम औरा देख सकती हो। लेकिन वो इंसान भी चक्रा शक्ति का इस्तेमाल करता है जिसका नाम नहीं लिया जा सकता। इसका मतलब वो भी औरा को देख सकता है।"
    मायरा ने जवाब देने में बिल्कुल भी देरी नहीं की ,"हां बिल्कुल देख सकता है, इसलिए उसे भी फौरन पता चल जाएगा कि तुम दूसरी दुनिया से आए हो, अच्छा मैं तुम्हें एक चक्र और दिखाती हूं जिससे मैं बिजली का हमला कर सकती हूं। मगर मैं इसका इस्तेमाल तुम्हारे ऊपर नहीं करूंगी बल्कि खाली जगह पर करती हूं।"
    उसने एक खाली जगह पर एक और चक्र का निर्माण किया। जैसे ही ये चक्र बना उस चक्र से बिजली की तरंगे निकाली और वो उस चक्र के बने हुए आकार में ही ऊपर की तरफ छत से भिड़ने लगी।
    मायरा ने कहा ,"ये मैंने कम शक्ति का चक्र बनाया है, अगर मैं इसे किसी बड़े हमले के लिए बनाती तो फिर बड़ी बिजली का हमला होगा। तुम्हें मेरी बातों से इस बात का भी अंदाजा लग गया होगा। तुम्हारा मुकाबला जिससे होगा वो कितना ताकतवर है। ऐसे में अगर मैं तुम्हारे साथ नहीं हुई तो तुम उससे लड़ने के बारे में सोच भी नहीं सकते हो।"
    विनम्र को मायरा ने जो भी कहा था वो पूरी तरह से सच था। मायरा के चक्र से इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता था कि वो आदमी कितना ताकतवर होगा। वो ताकतवर होगा तभी तो उसका डर हर किसी को है। वो भी इतना डर है कि लोग उसका नाम लेने से भी घबराते हैं। विनम्र को महसूस हो गया था अब वो मायरा की मदद के बिना उसे हराने के बारे में सोच भी नहीं सकता। वो कोई भी आईडिया क्यों ना लगा ले उसे मायरा की मदद तो लेनी ही पड़ेगी।
    विनम्र ने अपनी आंखें बंद की और फिर गहरी सांस लेने के बाद उसे खोलकर मायरा को कहा ,"ठीक है, ठीक है मैंने इस बात का फैसला कर दिया है। तुम मेरी मदद कर सकती हो और इसके बदले में मैं तुम्हें 3 दिन के लिए मेरी दुनिया में लेकर जाऊंगा।"
    दोनों के बीच डिल फाइनल हुई।

  • 8. विनम्रq - Chapter 8

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    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र एरीना के साथ मंत्री के महल में आ जाता है और फिर कुछ दिनों तक वहीं पर रहने की बात मंत्री के द्वारा की जाती है। एरीना आते ही सोने के लिए चली जाती है जबकि विनम्र यहां पर इधर-उधर घूमने लग जाता है। एक सिपाही को कहकर उसने अपना ओवरकोट भी मंगवा लिया था। मगर जब तक ओवरकोट नहीं आ जाता तब तक वो घूम कर ही टाइम पास कर रहा था। इसी दौरान उसकी टक्कर एक लड़की से होती है जो मंत्री की बेटी थी और वो पहचान जाती है विनम्र दूसरी दुनिया से आया है। वो विनम्र से इसके बारे में पूछता है तो विनम्र उसे कुछ नहीं बताता और वो लड़की विनम्र को पीटने लग जाती है। विनम्र उसे बिजली का झटका देता है और फिर जब वो बेहोश हो जाती है तो उसे कमरे में ले जाता है। वहां पर लड़की उठने के बाद फिर से विनम्र को मारती है और तब विनम्रों ने उसे नहीं मारने के लिए कहता है। अब कहानी में आगे

    विनम्र और वो लड़की दोनों ने आधे घंटे तक एक दूसरे की तरफ नहीं देखा। दोनों ही चुपचाप बैठे थे और मन ही मन कुछ ना कुछ सोच रहे थे। आधा घंटा बीत जाने के बाद विनम्र ने लड़की से बात करने का फैसला किया।
    उसने लड़की से पूछा ,"अगर तुम बुरा ना मानो तो क्या मैं तुम्हारा नाम जान सकता हूं?"
    लड़की ने विनम्र की तरफ देखा और फौरन जवाब देते हुए कहा ,"नहीं तुम बिल्कुल भी नहीं जान सकते हो क्योंकि इससे मैं बुरा मान जाऊंगी। अगर तुम्हें मेरे बारे में कुछ भी जानना है तो तुम्हें पहले ये बताना होगा तुम दूसरी दुनिया से यहां पर कैसे आए? जब तक तुम मुझे मेरे सवालों के जवाब नहीं दे देते, तब तक मैं तुम्हें कुछ भी नहीं बताने वाली हूं। कुछ भी मतलब कुछ भी नहीं।"
    विनम्र ने गहरी सांस लेकर छोड़ दी। उसने अपने मन में कहा ,"क्या इसे दूसरी दुनिया के बारे में बताना ठीक रहेगा? शायद मुझे इसे बता ही देना चाहिए क्योंकि मुझे ऐसे लग रहा है जैसे ये लड़की अलग-अलग दुनिया के बारे में काफी कुछ जानती है। इससे मुझे भी ये जानने में हेल्प मिलेगी कि ये दुनिया अपना अलग अस्तित्व कैसे बना कर रख रही है और फिर इसका हमारी दुनिया के साथ क्या संबंध है? इसमें मेरा ही फायदा छुपा हुआ है।"
    विनम्र ने गहरी सांस ली और फिर लड़की को बताने का फैसला किया। वो बताते हुए बोला ,"अच्छा तो तुम्हें दूसरी दुनिया के बारे में जानना है, ठीक है मैं तुम्हें बता देता हूं। मैं यहां अपनी एक साथी के साथ आया हूं। जिसका नाम एरिना है। उसके पास एक ताकतवर हथियार का दूसरा टुकड़ा है जो डाइमेंशन ट्रैवलिंग कर सकता है। वही हमें यहां पर लेकर आया। मैं नहीं जानता ये दोनों दुनिया किस तरह से काम करती है और यहां पर आना-जाना किस प्रकार से होता है, मगर हमें यहां पर बस वही टुकड़ा लेकर आया है। इस ताकतवर हथियार को हम सुदर्शन चक्र कहते हैं।"
    जैसे ही ये नाम लड़की ने सुन उसकी आंखें बड़ी हो गई। वो जवाब देते हुए बोली ,"भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र? क्या तुम उसकी बात कर रहे हो?"
    विनम्र को लगा था इस लड़की को से सुदर्शन चक्र के बारे में कुछ भी पता नहीं होगा क्योंकि वो इस दुनिया की है जबकि वो दूसरी दुनिया से आया है। मगर लड़की को इस बारे में सब पता था।
    विनम्र में हां में सिर हिलाया ,"हां भगवान विष्णु का ही सुदर्शन चक्र, क्या तुम इसके बारे में जानती हो?"
    वो लड़की कुछ देर तक सोचने लगी फिर उसने जवाब देते हुए कहा ,"कौन होगा जो इसके बारे में नहीं जानता होगा। इसके बारे में हर कोई जानता है। मगर अब तो ये पूरी तरह से विलुप्त हो चुका है। जहां तक मैंने इसकी बातें सुनी है मुझे यही पता है। ये कई टुकड़ों में बंट चुका है और इसका एक टुकड़ा हमारे यहां उस शहर के राजा के पास है जिसका नाम नहीं लिया जा सकता।"
    लड़की की बातों से विनम्र को उस बात की जानकारी हुई कि सुदर्शन चक्र का वो तीसरा टुकड़ा तो यहां के उसे राजा के पास है। जिसके बारे में अभी तक सभी बात करते आ रहे थे। विनम्र कुछ कहता उससे पहले ही लड़की अपनी जगह से उठी और वो बात करते हुए बोली
    "अच्छा, तो इसका मतलब ये है कि किताबों में जो भी लिखा गया था। वो पूरी तरह से सच है। दरअसल मैंने पुस्तकालय में कुछ किताबों को पढ़ा था, तब जब मुझे शिक्षा के लिए यहां से दूर भेजा गया था। उनमें लिखा गया था इस पूरी जगह को भगवान ने तीन हिस्सों में बांटा है, स्वर्ग लाॅक पाताल लाॅक और धरती लाॅक, तुम मेरे ख्याल से हम धरती से आए हो और ये जगह इस पताल लाॅक है। पताल लाॅक, जिसे की राक्षसों की नगरी कहा जाता है
    यानी कि एरीना इस मामले में बिल्कुल सही थी। विनम्र को भी अब समझ में आ गया था। ये दुनिया किस तरह से कम कर रही है। पूरी धरती के तीन अलग-अलग हिस्से हैं। जिनमें से एक पताल भी है और दूसरा स्वर्ग। अब जाकर वो समझ सकता था कि वो एक अलग दुनिया में कैसे पहुंचा है। हालांकि इसे अलग दुनिया कहना गलत होगा ये बस धरती के नीचे का ही एक इलाका है जिसे हम अंडरग्राउंड के नाम से भी पुकार सकते है।
    विनम्र ने इस बारे में ज्यादा बात करना सही नहीं समझा क्योंकि वो इसके बारे में जितना सोचता था उसका दिमाग उतना ही घूमता था।
    उल्टा वो सुदर्शन चक्र पर आ गया ,"तुम मुझे सुदर्शन चक्र के उस तीसरे टुकड़े के बारे में बताओ, दरअसल हम दोनों यहां पर उसी के लिए आए हैं। बाहर हमारी धरती पर एक बहुत बड़ा खतरा आ गया है। जिसमें कुछ अनजान क्रिचर ने हम पर हमला कर दिया है, वो क्रिचर ताकतवर है उन्हें हराना हमारे लिए काफी मुश्किल है। उन्हें हराने के लिए हमें सुदर्शन चक्र की ताकत की जरूरत है। हमारे पास इस वक्त दो टुकड़े हैं मगर उन दोनों टुकड़ों में इतनी ताकत नहीं है कि वो उसे क्रिचर का सामनाकर सके। ऐसे में अगर हमे एक टुकड़ा और मिल जाता है तो हम उनकी क्रिचर का सामना कर सकते हैं।"
    विनम्र ने उसे सब कुछ बता दिया था। मगर लड़की के चेहरे को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसने विनम्र की एक भी बात नहीं सुनी हो। वो तो अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी।
    उसने विनम्र की तरफ देखा और खुद से बोली ,"तुम्हें पता है ये बात में यहां के लोगों को भी समझने की कोशिश करती थी। मगर वो मेरी बात को नहीं मानते थे। उनका कहना था अगर इस तरह की कोई जगह है तो वो हमें दिखाई क्यों नहीं दे रही है। हम ऊपर की तरफ देखते हैं तो हमें बस आसमान दिखाई देता है ना की कोई जमीन। अगर ये जगह पाताल में है तो ऊपर आसमान में आसमान की जगह जमीन दिखाई देनी चाहिए थी और फिर उसके ऊपर दूसरे लोग मिलनी चाहिए थे। मुझे लगता है भगवान ने तीनों जगह के लिए तीन अलग-अलग आसमान बनाए हैं। और उन्होने ही तीन अलग जगहों के लिए तीन अलग-अलग जमीन बनाई है।"
    विनम्र ने अपने कंधे उचकाते हुऐ कहा ,"मैं इस बारे में कुछ भी नहीं कह सकता हूं। मुझे फिलहाल इन सबसे ज्यादा जरूरी सुदर्शन चक्र का तीसरा टुकड़ा लग रहा है। जिस पर तुम बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही हो।"
    लड़की ने फिर से उसकी बात को टाल दिया ,"यार तुम्हारे लिए इतनी रोचक जानकारी से ज्यादा जरूरी है कि सुदर्शन चक्र का तीसरा टुकड़ा कैसे हो सकता है, वो राजा ही मुझे अपने आप में बेकार लगता है, क्योंकि उसका नाम नहीं लिया जा सकता। अब जिसका नाम ही नहीं लिया जा सकता उस राजा के बारे में क्या बात करे?"
    वो लड़की अपनी जगह से खड़ी हुई और विनम्र के पास आकर बोली ,"अच्छा मेरे साथ तुम पुस्तकालय चलो क्योंकि मुझे अभी के अभी कुछ किताबों को पढ़ाना है और देखना है ये तीनों दुनिया किस तरह से काम करती है। मुझे इस बारे में जानना है और मैं बचपन से ही इस बारे में जानने की कोशिश कर रही हूं। मुझे मना मत करना।"
    वो लड़की तो अपने ही बातों में पूरी तरह से पागल हो गई थी। विनम्र क्या बोल रहा है और वो क्या चाहता है इस पर लड़की बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही थी। उसके दिमाग पर इस बात का बुखार चढ़ गया था कि ये तीनों दुनिया किस तरह से काम करती है। उसे बस अब यही जानना था इन तीनों अलग-अलग दुनिया का वजूद कैसे है और क्यों है।
    विनम्र मना करता उससे पहले ही लड़की ने उसका हाथ पकड़ा और पलक झपकते हुए अपनी जगह से गायब हो गई। विनम्र भी उसके साथ गायब हो गया। अगले ही पल दोनों प्रकट हुए तो वो एक पुरानी लाइब्रेरी में प्रकट हुए थे। एक विशाल भवन में बने इस लाइब्रेरी में हजारों की संख्या में किताबें थी। किताबों को जिन अलमारी में रखा गया था वो अलमारी भी बड़े-बड़े पेड़ों की जितनी ही बड़ी थी। बाहर जंगल में जितने बड़े पेड़ थे उतने बड़े पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल करके ही यहां पर अलमारी को बनाया गया था।
    उस लड़की ने विनम्र को छोड़ दिया और खुद लाइब्रेरी की किताबों को देखने लगी।
    किताबों को देखते हुए उसने कहा ,"मुझे यहां पर कुछ किताबों को देखना है जिसमें तीन अलग-अलग दुनिया का जिक्र किया गया था। कहते हैं एक वक्त हुआ करता था जब इन तीनों ही दुनिया में आना जाना आसान था। मगर फिर धीरे-धीरे राक्षसों ने कोहराम मचाना शुरू कर दिया जिसके बाद भगवान ने तीनों ही दुनिया को अलग करने का फैसला किया।"
    वो कुछ किताबों के पास गई और उन्हें निकाल कर पढ़ने लगी। जबकि विनम्र यही पर इधर-उधर देखने लगा। कुछ देर तक इधर-उधर देखने के बाद में वो लड़की के पास आया और बोला ,"मैं नहीं जानता तुम क्या चाहती हो, मगर प्लीज तुम यहां पर जो भी जानने के लिए आई हो तुम्हें जब पता चल जाए तो मुझे वापस महल छोड़ देना।"
    लड़की ने फिर से उसे नजर अंदाज किया ,"हां ठीक है मैं छोड़ दूंगी मगर उससे पहले मुझे तीनों ही दुनिया के बारे में जानना है। तुम भी इन किताबों को लो और मुझे पढ़ कर बताना जो भी लिखा है वो सच है या फिर नहीं।"
    उसने कुछ किताबों को उठाकर विनम्र को पकड़ा दिया। विनम्र ने किताबों को लिया और जबरदस्ती उन्हें पढ़ने की कोशिश करने लगा।
    तकरीबन 2 घंटे तक किताबों को पढ़ने के बाद दोनों एक दूसरे की तरफ देखने लगे।
    उस लड़की ने विनम्र की तरफ देखते हुए कहा ,"मेरा नाम मायरा है, कहीं ना कहानी किताबों में जो लिखा गया था वही सच है। शुरुआत में ये तीनों ही दुनिया एक हुआ करती थी और कोई भी किसी अलग दुनिया में जा सकता था। इंसान पाताल लाॅक में भी आ सकते थे और स्वर्ग में भी जा सकते थे। राक्षस भी इंसानों की दुनिया में जा सकते थे और स्वर्ग में भी जा सकते थे। मगर फिर राक्षस गलत काम करने लगे और वो इंसानों को मारने लगे। इंसानों के साथ-साथ उनकी इच्छा स्वर्ग पर हमला करके उसे जीतने की भी हो गई थी । फिर भगवान शिव ने एक तीनों ही दुनिया को अलग करने का फैसला किया। उन्होंने तीनों दुनिया को अलग कर दिया। तीनों दुनिया को अलग हो जाने के बाद उन्होंने कुछ रास्ते बनाए जिनके जरिए एक दुनिया से दूसरी दुनिया में जाया जा सकता था। इस रास्ते की जानकारी नारद मुनी के पास थी।"
    विनम्र ने सुदर्शन चक्र के बारे में बताते हुए कहा ,"जबकि सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु का हथियार है, इन्हें तीनों लोगों का स्वामी भी कहा जाता है। इस वजह से सुदर्शन चक्र जहां चाहे वहां जा सकता है। यही वजह है हम इसके जरिए एक दुनिया से दूसरी दुनिया में आ जा सकते हैं।"
    विनम्र ने सुदर्शन चक्र को निकाला और फिर उसकी तरफ देखते हुए कहा ,"इसका मतलब क्या हम इसके जरिए स्वर्ग में भी जा सकते हैं? मेरा मतलब इस टुकड़े के जरिए नहीं बल्कि मेरे साथी के पास जो टुकड़ा है उसके जरिए। मगर मुझे नहीं पता ये किस तरह से काम करता है। ये यहां पर हमें अपने आप ही लेकर आया था।"
    उस लड़की ने सुदर्शन चक्र को पकड़ा और उसे देखने लगी ,"ये तो दिखने में बहुत खूबसूरत है, मैंने भगवान विष्णु के हथियार के अभी तक बस चित्र ही देखे थे। आज पहली बार इन्हें हकीकत में देख रही हूं। मगर ये तुम्हारे पास कैसे है। मैंने तो जहां तक इसके बारे में सुना है यही पता है भगवान के अलावा कोई और इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है।"
    विनम्र ने मायरा से सुदर्शन चक्र के उस टुकड़े को वापस ले लिया ,"तुम्हें तो जैसे इस बारे में कुछ पता ही नहीं है, तुम्हारे यहां जो राजा मौजूद है जिसका नाम नहीं लिया जा सकता उसके पास भी तो एक टुकड़ा है। वो उसका इस्तेमाल कैसे करता है? वैसे ही मैं इसका इस्तेमाल करता हूं।"
    मायरा ने गहरी सांस लेकर कहा ,"क्योंकि वो बहुत शक्तिशाली है। वो सुदर्शन चक्र के उस टुकड़े का इस्तेमाल अपने हाथों से ही कर सकता है।"
    विनम्र को ये सुनकर हैरानी हुई। सुदर्शन चक्र की ताकत इतनी ज्यादा होती है कि भगवान विष्णु के अलावा कोई भी इसे अपने हाथ से पकड़ नहीं सकता है। विनम्र भी सुदर्शन चक्र को तब हाथ नहीं लगा सकता था जब ये दंड के साथ ना जुड़ा हुआ हो। एक बार ये दंड से अलग हो गया तब किसी का भी इसे पकड़ पाना नामुमकिन है। दंड की वजह से ही इसकी ऊर्जा नियंत्रित रहती थी और विनम्र या फिर कोई और इसे छू सकता था। फिर ऐसे में वो राक्षस इसका इस्तेमाल हाथों से कैसे कर सकता है।
    विनम्र ने मायरा को कहा ,"ये तो नामुमकिन है, इसमें जो ताकत है इसके बाद इसका हाथों से इस्तेमाल करना काफी मुश्किल काम है।"
    मायरा किताबों को उठाकर वापस रखने लगी ,"मैं जानती हूं ये मुश्किल काम है, मैने भगवान विष्णु के हथियार के बारे में काफी पढा है, राक्षसों की लड़ाई में जब भी भगवान विष्णु सामने आ जाते थे और वो अपने शस्त्र का इस्तेमाल करते थे तब कोई भी इसका सामना नहीं कर पता था। मगर वो राक्षस बहुत ताकतवर है। इस वजह से ही तो वो यहां का राजा बना हुआ है। इसलिए वो ऐसा कर सकता है। अगर किसी के पास इतनी ताकत हो जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते। तब वो सुदर्शन चक्र को जरूर पड़ सकता है।"
    विनम्र को मायरा की बातों पर यकीन नहीं हो रहा था। मगर वो इसी दुनिया से है और इस दुनिया के बारे में काफी कुछ जानती है तो उसकी बातों को झुठलाया भी नहीं जा सकता था।
    मायरा ने किताबों को रखने के बाद विनम्र से कहा ,"अच्छा चलो काम की बात करते हैं, तुमने मुझे बता दिया है तुम यहां पर क्यों आए हो? तुम्हें सुदर्शन चक्र के तीसरे टुकड़े की जरूरत है। तुमने कारण भी बता दिया है। मैं तुम्हारी इस मामले में मदद करूंगी। मैंने बता दिया है वो तीसरा टुकड़ा किसके पास है। वो उस राजा के पास है जिसका नाम नहीं लिया जा सकता, हम उससे वो टुकड़ा ले लेंगे।"
    विनम्र के चेहरे पर चमक आ गई क्योंकि पहली बार उसे कोई मिला था जो उसकी मदद करने के लिएखुद से तैयार हो गया।
    मगर तभी मायरा ने कहा ,"लेकिन मेरी एक शर्त है। इसके बदले में तुम्हें मुझे अपनी दुनिया में लेकर जाना होगा।"

  • 9. विनम्रq - Chapter 9

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    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र और एरीना दोनों को मंत्री वोल्वा लेने के लिए आते हैं। मगर विनम्र अपने दिमाग का इस्तेमाल करता है और कह देता है उसे तो दुनिया के आखिर में मौजूद शहर के राजा ने भेजा है। जिसका टारगेट यहां से एक अच्छे मंत्री को चुनकर लेकर जाना है ताकि उसे मंत्री परिषद का एक मंत्री बनाया जा सके। ऐसा कहने पर मंत्री की लार टपकने लग जाती है और वो विनम्र और एरीना दोनों की आओ भगत करने लगता है।
    अब कहानी में आगे
    एरीना को एक आलीशान कमरा दे दिया गया था। ये कमरा महल में मौजूद किसी रानी के कमरे से कम नहीं था। नॉर्मल कमरों की तुलना में ये कैमरा 10 गुना ज्यादा बड़ा था। ‌ कमरे के बीचो-बीच एक बेड बना हुआ था जिस पर एक ही बार मे कम से कम 50 लोग सो सकते थे।
    बेड के सामने तकरीबन 2 मीटर की दूरी के बाद स्विमिंग पूल की तरह दिखाई देने वाला एक तालाब बना हुआ था। जिसमें गर्म पानी था।
    बेड के दाएं और बैठने के लिए जगह थी। जिसके लिए नीचे मखमली दरी को बिछाया गया था। बाई तरफ एक बड़ा सा आईना था जो की एक गोल आईना था और किसी छोटे कमरे की तरह था। इस कमरे के बीच में बैठने पर चारों तरफ से ही खुद को देखा जा सकता था।
    एरीना कमरे में आई और पूरे कमरे को देखने के बाद में कैमरे के तारीफ करते हुए कहा ,"यार ये तो बहुत मस्त कमरा है, ऐसे लग रहा है जैसे मैं किसी राज्य की राजकुमारी बन गई हूं और मुझे इस तरह का एक आलीशान कमरा दिया गया है।"
    कमरे की सुंदरता के अलावा यहां पर जो नकाशी की गई थी वो भी काफी शानदार थी। कमरे की दीवारों पर सोने की परत चढ़ी हुई थी और उन पर भी अलग-अलग चित्र और डिजाइन बनाए गए थे। ‌कमरे में हवा की अच्छी-खासी व्यवस्था थी और काफी सुगंधित फूलों का भी इस्तेमाल किया गया था जिससे अच्छी खुशबू आ रही थी।
    विनम्र भी उसके साथ ही खड़ा था। एरीना की तारीफ करते हुए विनम्र ने कहा ,"चलो तुम्हारी तो निकल पड़ी है, अब जब तक हमें सुदर्शन चक्र नहीं मिल जाता तब तक हम यहीं पर रहेंगे। तुम यहां पर सो जाओ मैं बाहर जाकर अपना ओवरकोट मंगवाता हूं और फिर देखता हूं सुदर्शन चक्र का वो तीसरा टुकड़ा कहां पर मौजूद है।"
    विनम्र जाने लगा तो एरीना ने विनम्र का हाथ पकड़ा और उसे अपनी तरफ घूमते हुए कहा ,"मुझे पहले तुम ये बताओ तुम्हें डर नहीं लगा। जब तुमने इस आइडिया का इस्तेमाल किया? अगर तुम पकड़े जाते फिर क्या होता?"
    विनम्र ने अपने बालों में हाथ फेरते हुए कहा ,"मुझे डर तो लगा था मगर फिर मेरे पास कोई रास्ता नहीं था। इसके बाद मैंने सोचा अगर कंडीशन खराब हो जाती है तो ज्यादा से ज्यादा क्या होगा हमें लड़ाई ही तो करनी पड़ेगी। अब हमारे पास सुदर्शन चक्र है तो कौन होगा जो हमें हरा सकता है। ‌ लड़ाई करनी पड़ेगी तो कर लेंगे और देख लेंगे जो होगा।"
    एरीना मुस्कुराई और फिर कहा ,"मतलब तुमने फिर से किस्मत के सहारे अपना फैसला लिया। कभी-कभी मुझे लगता है तुम एजेंट भी किस्मत के सहारे बने हो। जिस तरह से तुम्हारे सारे फैसले किस्मत के सहारे होते हैं। उस हिसाब से तो यही लगता है।"
    विनम्र ने कोई जवाब नहीं दिया और एरीना को यहां पर उसके कमरे में छोड़कर चला गया। यहां पर पहनने के लिए काफी सारे कपड़े भी थे तो एरीना ने उसमें से एक ड्रेस पहन ली और फिर सोने के लिए चली गई।
    विनम्र ने मंत्री के एक सिपाही से मुलाकात की और फिर उसे बताई गई जगह पर ओवरकोट लेने के लिए भेज दिया। मंत्री यहां पर राजा के कामों को करने के लिए चला गया था। मगर दोनों के लिए उसने अपने सिपाहियों को यहीं पर छोड़ दिया था।
    सिपाही के जाने के बाद विनम्र महल में चहल कदमी कर रहा था और देख रहा था ये महल कैसा है और यहां पर क्या-क्या मौजूद है। अगर चीज खराब हो जाती है और उसे भागना पड़ता है तो ये सब उसके काफी कम आने वाला था।
    विनम्र चहल कदमी कर ही रहा था तभी एक लड़की ने उसका रास्ता रोक लिया। वो लड़की उसी की हाइट की थी मगर वो एक राक्षसनी थी। दिखने में तो वह इंसानों की तरह ही दिखाई दे रही थी और उसका रंग भी गोरा था। मगर उसके कान लंबे-लंबे थे और सर पर सिंह जैसी रचना बनी हुई थी। उसका फिजिकल स्ट्रक्चर भी इंसानों की तरह ही था।
    वह विनम्र को अजीब नजरों से देख रही थी। उसने तीखी आवाज में विनम्र से पूछा ,"तुम कौन हो और यहां हमारे महल में क्या कर रहे हो? अगर पिताश्री को इस बारे में पता चला तो वो तुम्हें जिंदा दीवारों में चुनवा देंगे?"
    विनम्र ने उसे ऊपर से लेकर नीचे तक देखा और फिर अपने चेहरे पर हैरानी दिखाते हुए पूछा ,"क्या तुम मंत्री वोल्वा की बेटी हो?"
    उसने हां में सिर हिलाया और फिर अपनी तीखी आवाज में ही बोली ,"हां मगर तुम्हें इससे क्या करना है, मैंने तुमसे जो पूछा है तुम मुझे उसका जवाब दो। तुम यहां पर क्या कर रहे हो और हमारे महल में इस तरह से कैसे घूम रहे हो? क्या तुम मरना चाहते हो?"
    उस लड़की के बोलने के अंदाज से साफ पता चल रहा था। वो जिस मंत्री के पास आया था वो भी कम खतरनाक नहीं था।
    विनम्र ने ना मैं सिर हिलाते हुए कहा ,"नहीं मैं यहां पर मरने के लिए नहीं आया हूं, मुझे तुम्हारे पिता श्री यहां पर लेकर आए हैं। उन्होंने कहा है मैं यहां पर कुछ दिन तक रह सकता हूं, तब तक जब तक मेरा काम पूरा नहीं हो जाता। ‌ हमें इसके लिए पूरी तरह से इजाजत मिली है तो हमें उनसे कोई खतरा नहीं है।"
    लड़की विनम्र को घूर-घूर कर देखने लगी। वो उसके पास आई और विनम्र को अजीब तरीके से सुंघने लगी। विनम्र को भी समझ में नहीं आ रहा था। वो लड़की क्या कर रही है।
    कुछ देर तक सुंघने के बाद में पीछे हटी और बोली ,"तुम तो इस दुनिया के नहीं हो? फिर पिताजी तुम्हें यहां पर क्यों लेकर आए हैं? आखिर वह करना क्या चाहते हैं और तुम लोग अगर इस दुनिया से नहीं हो तो कहां से आए हो?,"
    विनम्र ने अपने मन में कहा ,"इस लड़की को कैसे पता चला मैं इस दुनिया से नहीं हूं? क्या इसके पास किसी तरह की जादुई शक्तियां है। जिसे इसे पता चला सकता है कौन सा किस दुनिया से है? अगर ऐसा है तब तो ये बहुत खतरनाक है। अगर ये बात इसने उस मंत्री को बता दी तो कयामत आ जाएगी। पता नहीं वो मेरा क्या हाल करेगा।"
    ये सोचने के बाद विनम्र ने उस लड़की को खुद से दूर किया और फिर उससे पूछा ,"तुम ये क्या पागलों वाली बात कर रही हो? मैं इसी दुनिया से हूं और उस शहर से आया हूं जिसके राजा का नाम नहीं लिया जा सकता। तुम कह भी कैसे सकती हो मैं इस दुनिया से नहीं हूं? और तुम पागल हो क्या जो किसी और दुनिया की बात कर रही हो? यहां पर सिर्फ एक ही दुनिया है और वो हमारी ये दुनिया तो तुम दूसरी दुनिया की बात कर भी कैसे सकती हो?"
    विनम्र ने इस बात का लॉजिक लगाया जिस तरह से इंसान कभी इस बात को नहीं मानते कि किसी और दुनिया का भी वजूद है। उसी तरह से ये लोग भी नहीं मानते होंगे किसी और दुनिया का वजूद होगा।
    उस लड़की ने अपनी कमर पर अपने दोनों हाथों को रखा और वह बोली ,"पागल मैं नहीं हूं पागल तुम हो। मेरे पास एक खास शक्ति है जिससे मैं किसी भी शख्स के शरीर से निकलने वाले औरा को पहचान सकती हूं। इस दुनिया में जितने भी लोग मौजूद हैं उनके शरीर से जो ओर निकलता है वो गुलाबी रंग का होता है जबकि तुम्हारे शरीर से निकलने वाला औरा पीले रंग का है। पीले रंग का औरा इस पूरी दुनिया में किसी भी शख्स के शरीर से नहीं निकलेगा, इसलिए तुम इस दुनिया के नहीं हो क्योंकि अगर तुम इस दुनिया के होते तो तुम्हारे शरीर से भी गुलाबी रंग का ही औरा निकालना चाहिए था।"
    विनम्र ने उसके बगल से निकलते हुए कहा ,"लगता है तुमने दिन में ही पी रखी है, क्या फालतू में औरा गोरा कर रही हो, मैं इस औरा गोरा के बारे में कुछ नहीं जानता हूं। तुम्हें जो भी कहना है जाकर अपने पिता श्री से कहती रहना। मेरा दिमाग यहां पर खराब मत करो।"
    विनम्र जब काफी दूर चला गया तब लड़की ने पीछे पलट कर जोर से चिल्लाते हुए कहा ,"तुम कहीं नहीं जा सकते हो, तुम यहीं रुको क्योंकि तुम एक ऐसा सबूत हो जिससे मैं सबको बता सकती हूं। दूसरी दुनिया का भी वजूद है। तुम्हें पता है मैं 12 साल की उम्र से इस बात को सभी को बताने में लगी हुई हूं हमारी दुनिया के अलावा एक और दुनिया भी है। कोई मेरी बात पर यकीन ही नहीं करता। मैं अलग-अलग दुनिया की औरे को महसूस कर सकती हूं। हमारी इस पूरी दुनिया का औरा गुलाबी रंग का है जबकि मुझे पीले रंग का औरा और सफेद रंग का औरा भी महसूस होता है। इसका मतलब दो और दुनिया भी है जिनमें एक दुनिया में पीले रंग का औरा निकलता है और एक दुनिया में सफेद रंग का औरा निकलता हैं।"
    विनम्र अपनी जगह पर रुका और अपने मन में सोते हुए बोला ,"शायद ये है इंसानों की दुनिया की और देवताओं की दुनिया की बात कर रही होगी। इस लड़की में तो सच में कमाल का टैलेंट। है, इसने कहा है इसकी बात पर कोई यकीन नहीं करता, तो मैं बिल्कुल सही हूं। यहां पर इस बात को कोई भी नहीं मानता दूसरी दुनिया भी है। ‌ चलो अब कम से कम मुझे डरने की जरूरत तो नहीं है। अगर ये लड़की किसी को बताने की भी कोशिश करेगी तो कोई इसकी बात पर यकीन नहीं करेगा।"
    विनम्र ने उस लड़की का कोई जवाब नहीं दिया और वो यहां से जाने लगा। लड़की तेजी से दौड़ते हुए उसके पीछे आई और उसने विनम्र को कमर से पकड़ कर सामने की तरफ धक्का दे मारा। विनम्र नीचे गिर गया।
    जैसे ही विनम्र नीचे गिरा लड़की उसके ऊपर आ गई और उसे गर्दन से पढ़ते हुए कहा ,"तुम मेरे सवालों से बच नहीं सकते हो, समझे बेवकूफ लड़के, मुझे बताओ दूसरी दुनिया कहां पर है और तुम उस दुनिया से यहां पर कैसे आए हो? मेरी पावर मुझे कभी धोखा नहीं देती है। इसने मुझे आज तक धोखा नहीं दिया है तो ये आगे भी मुझे धोखा नहीं दे सकती है।"
    उस लड़की ने जोर से विनम्र के मुंह पर मुक्का मारा। ये मुक्का इतना जोरदार था कि विनम्र के सिर के चारों ओर तारे घूमने लगे। विनम्र को होश तक नहीं रहा था। इससे पहले वो कुछ और बोलता या फिर सोच पता लड़की ने एक और मुक्का जोर से उसके मुंह पर मार दिया।
    वो लड़की दोबारा उसे उसके गिरेबान से पड़कर ऊपर उठाते हुए बोली ,"मुझे बताओ दूसरी दुनिया से यहां पर कैसे आया जाता है और अगर हमें वहां पर जाना हो तो हम कैसे जाएंगे? तुम्हें मुझे बताना ही होगा? मैं पिछले 10 सालों से इस चीज में लगी हुई हूं। मेरा पूरा दिमाग घूम गया, ये सोच सोच कर आखिर ये पीले रंग का औरा आ कहां से रहा है, फिर मुझे दूसरी दुनिया का पता चला और अब जब इसका सबूत मेरे सामने है तो मैं चुप नहीं रह सकती हूं। तुम्हें मुझे बताना ही होगा। वरना मैं तुम्हारी जान ले लूंगी।"
    उस लड़की ने दोबारा विनम्र को मुक्का मारा। इस बार विनम्र ने उसे रोकने की कोशिश की तो लड़की ने अपने हाथ से उसके हाथ को साइड में कर दिया। लड़की की फिजिकल पावर विनम्र से काफी ज्यादा थी। ये उसके मुक्के से ही साफ पता चल रहा था।
    विनम्र ने अपनी कमर पर मौजूद सुदर्शन चक्र को कसकर पकड़ा जिससे उसके शरीर पर बिजली की तरंगे आ गई और अगले ही पल लड़की को बिजली का झटका लगा। वो लड़की उछलते हुए पीछे गिर गई।
    बिजली का ये झटका जोरदार था। इतना जोरदार की अब सारे तारे लड़की के सीरप के इर्द-गेट घूम रहे थे।
    विनम्र लड़खड़ाते हुए उठा और लड़की की तरफ हाथ करते हुए बोला ,"मुझे माफ कर देना, तुम्हें कुछ हुआ तो नहीं, तुम ठीक तो हो ना..."
    विनम्र उस लड़की के पास पहुंचा तो देखा वो पूरी तरह से अपने होश खो चुकी थी। बिजली का झटका था ही इतना जोरदार।
    उस लड़की ने कहरते हुए धीमे शब्दों में कहा ,"मैं तुम्हारी जान ले लूंगी...." इसके बाद वो बेहोश हो गई।
    विनम्र को समझ नहीं आ रहा था। वो अब क्या करें ,"यार ये मैं किस नई मुसीबत में फंस गया हूं।"
    विनम्र ने उसे लड़की को उठाया और फिर उसे पास के कमरे में ही ले गया। उसने लड़की को बेड पर लेटा दिया और फिर उसके होश में आने का इंतजार करने लगा। इस दौरान वो लगातार कमरे में चहल कदमी कर रहा था।
    विनम्र ने चहल कदमी करते हुए खुद से कहा ,"अगर इस लड़की को पता है मैं दूसरी दुनिया से हूं तो क्या ये चीज मेरे लिए खतरनाक साबित हो सकती है? लेकिन क्या मैं इसका किसी और तरीके से इस्तेमाल भी कर सकता हूं? नहीं ये मेरे क्या काम आएगी। मैं इसके बारे में कुछ ज्यादा ही सोच रहा हूं।"
    विनम्र ने लड़की के चेहरे की तरफ देखा। वो कुछ देर तक उसके चेहरे की तरफ देखा ही रहा। उसके चेहरे की तरफ देखते हुए विनम्र ने खुद से कहा ,"ये दिखने में तो इंसानों की तरह ही लग रही है, ब्यूटीफुल भी है मानना पड़ेगा। वरना मैंने सोचा नहीं था किसी राक्षस के बच्चे ऐसे भी हो सकते हैं, शुरुआत में जब हम यहां पर आए थे तब जो बच्चे मिले थे वो तो बहुत बदतमीज थे। उन्हें देखकर तो पीटने का मन कर रहा था जबकि इस पर तो किसी का भी दिल आ जाए। ये इतनी खूबसूरत कैसे है क्या इसकी मॉम इंसान थी? इंसान ही होगी वरना ये होना पॉसिबल नहीं है।"
    विनम्र उसके पास आकर बैठ गया। वो उसके चेहरे की तरफ देख रहा था और अभी भी उसके होश में आने का इंतजार कर रहा था।
    लड़की की आंखें खुली और जैसे ही उसकी आंखें खुली और उसने तुरंत पलक झपकते ही एक जोरदार मुक्का दोबारा से विनम्र की मुंह पर दे मारा।
    विनम्र उछलते हुए पीछे गिर गया। तारे फिर से उसके मुंह के चारों ओर घूमने लगे थे। लड़की का मुक्का काफी जोरदार होता था।
    विनम्र ने गुस्से से कहा ,"क्या तुम्हें मुक्का मारने के अलावा कोई और काम नहीं आता है..."
    लड़की सामने से चिल्लाते हुए बोली ,"मैं तुम्हें जान से मार दूंगी, तुमने मुझ पर बिजली का हमला कैसे किया, तुम्हें पता भी है बिजली के हमले से मुझे कितना दर्द होता है।"
    विनम्र अपना मुंह संभालते हुए खड़ा हुआ ,"ओह, ऐसा है क्या तब तो मुझे माफ कर देना, मगर मेरा ऐसा कोई मोटिव नहीं था। अपनी जान बचाने के लिए मुझे कुछ तो करना ही था। मैं बिजली का हमला कर सकता था तो फिर मैं बिजली का हमला ही किया।"
    उस लड़की ने गुस्से से अपना मुंह फेर लिया और दूसरी तरफ देखते हुए बोली ,"ठीक है मगर आज के बाद ऐसा कभी मत करना।"

  • 10. विनम्रq - Chapter 10

    Words: 0

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    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र और एरीना दोनों मॉन्स्टर को मारने के बाद वापस आते हैं, तो होटल का मालिक उन्हें सोने के लिए जगह देता है। साथ ही होटल के मालिक को दोनों का यहां पर होना संदिग्ध लगता है इसलिए राजा के मंत्री को इस बात की कब्र देने के लिए भेज देता है। एरीना और विनम्र जब होटल में आते हैं तो उन्हें ये कैमरा कुछ खास नहीं लगता तो विनम्र एरीना को बाहर सोने के लिए ले जाता है। वहां पर बाहर दोनों घास के बैलगाड़ी पर सो जाते हैं। जहां एरीना विनम्र के कंधे पर सर रख कर सोती है। दूसरी तरफ एक लड़के को होटल के मालिक ने मंत्री को सूचना देने के लिए भेजा होता है। वो मंत्री तक पहुंच जाता है और उसे इस बात की सूचना दे देता है कि शहर में दो अनजान लोग आए हैं जो उस शहर से हैं जिसका नाम नहीं लिया जा सकता।
    अब कहानी में आगे
    सूरज की किरणों के साथ ही विनम्र की आंखें खुल गई। उसकी आंख खुली तो उसने देखा एरीना उसे पूरी तरह से हग करके सोई हुई थी। एरीना के पैर उसके पैरों के ऊपर थे और उसका हाथ उसके थाई पर था। उसका सिर उसकी बिल्कुल गर्दन के पास था, जहां एरीना के बाल उसकी थोड़ी से टच हो रहे थे।
    विनम्र ने एरीना के हाथ को उठाया और उसे दूर करने की कोशिश की मगर एरीना नींद भरी सी आवाज में बोली ,"क्या कर रहे हो मुझे सोने दो ना, कितनी अच्छी नींद आ रही है यार..." उसने विनम्र को और जोर से हग कर लिया।
    विनम्र छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोला ,"ये तुम क्या कर रही हो, सूरज निकल गया है और हमें यहां से जाना होगा। वरना हम खतरे में पड़ जाएंगे। किसी ने हमें यहां पर देख लिया तब प्रॉब्लम हो जाएगी। कल की तरह अगर वो राक्षस वाले बच्चे आ गए तब तो कहना ही क्या, चलो उठो।"
    विनम्र ने दोबारा से उसे खुद से अलग करने की कोशिश की मगर एरीना फिर से जबरदस्ती उसे गले लगाकर उसे कसकर पकड़ लिया ,"मेरा उठने का मन नहीं कर रहा है, जिसको आना है आ जाए जिसको जो करना है कर ले। मुझे सोना है तो सोना है।"
    विनम्र ने अपनी कोशिश छोड़ दी ,"अब इस लड़की का पता नहीं क्या होगा.... ठीक है अगर तुम्हें सोना है तो मैं इंतजार करने के अलावा और कर भी क्या सकता हूं।"
    विनम्र ने गहरी सांस ली और उसके उठने के इंतजार करने लगा। विनम्र की आंखें खुली थी और वो आसमान की तरफ देख रहा था। ‌ आसमान में उसे अलग-अलग पक्षी दिखाई दे रहे थे। इन पक्षियों का साइज कल रात वाले मॉन्स्टर से भी काफी बड़ा दिखाई दे रहा था।
    विनम्र ने पक्षियों को देखते हुए कहा ,"ऐसा लगता है जैसे मैं डायनासोर के जमाने में आ गया हूं, यहां पर ऐसे पक्षी भी है जिनका साइज काफी बड़ा है। कल रात वाला मॉन्स्टर तो बहुत खतरनाक था। उसके पास ब्लैक होल का हमला करने वाली पावर भी थी। क्या इसका मतलब यहां पर जितना भी मॉन्स्टर है सबके पास कोई ना कोई हमला करने की पावर होगी? क्या इस वक्त जो पक्षी आसमान में उड़ रहे हैं। उनके पास भी कोई ना कोई पावर होगी? ये दुनिया सच में बहुत अलग है, पता नहीं क्यों हमारी दुनिया को इस बारे में पता नहीं है। फिर ये दुनिया अलग है भी तो किस नियम से अलग है और हमारी दुनिया से कैसे अलग होती है?"
    इस दुनिया को लेकर काफी सारे सवाल थे जो विनम्र के मन में घूम रहे थे। मगर यहां पर उसे जवाब देने वाला कोई नहीं था। इसका जवाब बस अश्वत्थामा के पास ही था और वो वापस जाने के बाद उनसे इन सवालों के जवाब जरूर मांगेगा।
    विनम्र की आंखें आसमान की तरफ ठहरी हुई थी तभी उसने देखा कुछ पक्षी उनकी और आ रहे हैं। इनका आकार ज्यादा बड़ा नहीं था। मगर उनकी संख्या काफी ज्यादा थी। तकरीबन एक दर्जन के करीब पक्षी होंगे जो उसकी तरफ आ रहे थे।
    विनम्र ने एरीना के कंधे को पड़कर उसे जागते हुए कहा ,"सुनो लगता है हम पर एक नई मुसीबत आने वाली है। चलो आंखें खोलो। कुछ पक्षी हमारी तरफ आ रहे हैं। कहीं वो हमें अपना शिकार तो नहीं समझ रहे? जल्दी उठो वरना हम इन पक्षियों के पेट का निवाला बन जाएंगे।"
    एरीना ने अंगड़ाई लेते हुए अपनी आंखें खोली तो उसे भी पक्षी दिखाई दिया जो तेजी से उनकी और आ रहे थे। एरीना एकदम से उठ खड़ी हुई। जैसे उस पर नींद से उठने के बाद उसका कोई असर ना हो। विनम्र धीरे-धीरे उठा और दोनों ने अपनी तरफ आते हुए पक्षियों को देखा।
    दोनों ने अपने-अपने सुदर्शन चक्र निकाल लिए और वो लड़ाई के लिए तैयार हो गए। पक्षी थोड़ा सा और पास आए तो उन्होंने देखा इन पक्षियों के ऊपर राक्षस भी बैठे हुए हैं। ‌ ये पक्षी किसी खूंखार चमकदार की तरह लग रहे थे जबकि उनके ऊपर जो राक्षस बैठे थे उनकी हाइट इंसानों से तो दो गुना ज्यादा बड़ी थी।
    वो उनके सामने आकर एक के बाद एक उतरने लगे। विनम्र और एरीना दोनों ने अपने-अपने सुदर्शन चक्र को छुपा लिया। इस मामले में दोनों किसी तरह की लापरवाही नहीं बर्तने वाले थे।
    जो पक्षी सबसे पहले आकर उतरा था। उस पर वही मंत्री बैठा था जिसे रात को लड़के ने जाकर इन्फॉर्म किया था कि शहर में दो अनजान लोग घूम रहे हैं।
    उसके पीछे उसके दो सिपाही थे। एक सिपाही ने दूसरे सिपाही से कहा ,"तो यही है वो दो लोग जो उस शहर से आए हैं। जिसके राजा का नाम नहीं लिया जा सकता, देखने से तो काफी कमजोर लग रहे हैं फिर इन्होंने अकेले ही एक बड़े मॉन्सटर का शिकार कैसे कर लिया?"
    दूसरे सिपाही ने जवाब देते हुए कहा ,"वहां से आए हैं तो जरूर कुछ पावर्स लेकर आए होंगे, उन्हीं पावर की मदद से इन्होंने शिकार किया होगा। बस अब ये देखना है इनका मकसद क्या है और ये हमारे इस शहर से चाहते क्या हैं?"
    पहले सिपाही ने कुछ देर तक कुछ नहीं कहा। फिर वो बोला ,"तुम्हें क्या लगता है मंत्री इस बारे में हमारे राजा को बताएंगे? क्योंकि अगर वो उस शहर से आए हैं तो हो सकता है हमारे राजा के लिए कोई बुरी कब्र हो, ये हमारे राजा को मारने के लिए भी यहां आ सकते हैं। मंत्री वोल्वा मुझे नहीं लगता इसकी जानकारी अवधासुर को देंगे जो हमारे राजा हैं।"
    मंत्री का एक नाम वोल्वा भी था और ज्यादातर लोग उसे इसी नाम से जानते थे। खासकर उसके सिपाही और महल के लोग जिनके बीच में वो रहता था।
    विनम्र और एरीना दोनों ही बारी-बारी नीचे उतरे और वो मंत्री वोल्वा के सामने आकर खड़े हों गए।
    मंत्री वोल्वा भी नीचे उतरा और वो उन दोनों के सामने आकर उन दोनों को बारी-बारी देखने लगा। काफी देर तक वो दोनों को यूं ही बारी-बारी देखता रहा फिर उसने विनम्र की तरफ देखते हुए उससे सवाल किया ,"मुझे बताओ तुम्हारे यहां आने का इरादा क्या है? क्या चाहते हो तुम हमारे इस शहर से? क्या तुम्हें वहां के राजा ने भेजा है? जो भी है। सच-सच बता देना वरना तुम लोग सोच भी नहीं सकते मैं तुम लोगों के साथ क्या करूंगा? राजा अवधासुर जितनी सख्त सजा तुम्हें देंगे। मैं उससे भी दोगुनी सख्त सजा तुम लोगों को दूंगा।"
    विनम्र और एरीना दोनों एक दूसरे की तरफ देखने लगे। विनम्र ने धीरे से एरीना को फुसफुसाती हुई आवाज में कहा ,"आखिर अब हो क्या रहा है? क्या तुम्हें कुछ समझ में आ रहा है?"
    एरीना ने ना में से हिलाते हुए बोला ,"नहीं मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है, बस इतना समझ में आ रहा है जो भी हो रहा है। वो अच्छा नहीं हो रहा है।"
    उस मंत्री ने विनम्र को गिरेबान से पकड़ा और उसे हवा में ऊपर उठा लिया ,"तुम इस बारे में बताते हो या फिर नहीं? बताओ तुम्हें उस राजा ने क्यों यहां पर भेजा है। जिसका हम नाम नहीं ले सकते।"
    एरीना ने कमर के पीछे अपने सुदर्शन चक्र को पकड़ लिया था और अब वो बस ये देख रही थी मंत्री विनम्र को नुकसान पहुंचाने की कोशिश तो नहीं कर रहा। अगर उसने विनम्र को थोड़ा सा भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो वो सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करने से पहले एक बार भी नहीं सोचेगी।
    वही विनम्र अपने दिमाग के घोड़े दौड़ा रहा था। ‌ विनम्र ने हल्की सांस लेते हुए कहा ,"क्योंकि हमारे राजा को एक मंत्री चाहिए, एक विश्वसनीय मंत्री जिसे वो अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर सके। ‌ हम दोनों को उन्होंने यही देखने के लिए यहां पर भेजा है, वो चाहते हैं हम दोनों लोगों के बीच में जाए और देखें शहर का कौन सा मंत्री है जो यहां पर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। जो सबसे अच्छा है और जो सबसे काबिल है। ‌ हमें उस काबिल वाले मंत्री का नाम जाकर हमारे राजा को देना है और फिर वो उसे अपने मंत्रिमंडल का हिस्सा बना लेंगे।"
    विनम्र को नहीं पता था उसने जो भी जाल फेंका है वो काम करेगा या फिर नहीं। मगर इस वक्त उसके पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था। एरीना हैरानी भरी आंखों के साथ विनम्र को देखने लगी कि उसने ये क्या प्लान कर लिया।
    पीछे के सिपाहियों में बातें होने लगी। ‌ एक सिपाही ने दूसरे सिपाही से कहा ,"क्या कहा हमारे शहर से एक मंत्री को वहां के मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया जाएगा? क्या बात है यार...। ये तो कितनी अच्छी बात है। ऐसा कभी भी नहीं हुआ है। ‌ किसी को पता भी नहीं वो राजा अपने मंत्रिमंडल को कैसे चुनता है, शायद वो इसी तरह से अपने मंत्रिमंडल को चुनते होंगे। इसलिए उनके मंत्री परिषद में एक से बढ़कर एक मंत्री हैं। अगर वो इस बार भी एक मंत्री को चुनने जा रहे हैं तो इसमें हमारे मंत्री वोल्वा का नाम ही आना चाहिए। उनसे बेहतर मंत्री हमारे शहर में कोई भी दूसरा नहीं है।"
    साथ के सिपाही ने जवाब देते हुए कहा ,"हमारे मंत्री की तो किस्मत ही बदल जाएगी। सुना है वो जगह स्वर्ग से कम नहीं है, वो राजा परियों को भी अपना गुलाम बनकर रखता है। अगर हमारे मंत्री वहां पर जाएंगे तो उन्हें परियों के बीच रहने का मौका मिलेगा।"
    लोगों में इस तरह से अलग-अलग बातें होने लगी थी और जो भी सिपाही यहां पर मौजूद थे वो सभी इसी बात के बारे में सोच रहे थे कि मंत्री वोल्वा को उस नए मंत्री के रूप में शहर में जाना चाहिए।
    वही मंत्री वोल्वा विनम्र की तरफ देख रहा था। ‌ उसके गाल लाल हो गए थे। उसने विनम्र को नीचे किया और फिर उसके कपड़े सही करते हुए बोला ,"क्या कहा एक नए मंत्री की तलाश है। ‌ अरे तुमने ये पहले क्यों नहीं बताया? और इस तरह से छुप छुपकर क्यों मंत्री को ढूंढा जा रहा है। अगर आकर बता देते तो हम कौन सा अपने बारे में झूठ बोलते। तुम लोग भी.."
    उस मंत्री के बात करने का अंदाज बदल गया था। जिस अंदाज में उसने आकर बात की थी। अब उसका अंदाज पूरी तरह से उसके उलट हो गया था।
    एरीना विनम्र की मन ही मन तारीफ कर रही थी। विनम्र ने उसे मंत्री को कहा ,"तुमने क्या हमारे राजा को ऐसा वैसा समझ है, तुम्हें पता है ना वो इस पूरी दुनिया के मालिक है और इस पूरी दुनिया का मालिक कोई ऐसे ही नहीं बन जाता। वो इसी तरह से काम करते हैं। उन्होंने हमें अलग-अलग शहरों में भेजा है और हर शहर में इसी तरह से हमें लोगों के बीच रहने के लिए कहा है। ‌हमने इससे पहले आसपास के शहर घूम लिए हैं। मगर वहां पर हमें कोई भी काबिल मंत्री नहीं मिला है। अब हम यहां पर आए हैं इस उम्मीद में कि यहां पर तो जरूर कोई ना कोई काबिल मंत्री हमें मिल ही जाएगा। मगर लग रहा है हम इस बारे में गलत थे। यहां आकर भी हमें कोई फायदा नहीं हुआ है।"
    मंत्री ने विनम्र को पड़कर अपने साथ लिया और फिर एरीना को भी पकड़ कर अपने साथ लेकर जाने लगा। वो उन दोनों को अपने बगल में ऐसे उठाकर चल रहा था जैसे कोई छोटे-छोटे बच्चों को बगल में उठाकर चलता है ,"अरे तुम लोग इतना जल्दी फैसला क्यों कर रहे हो, आओ ना मैं तुम लोगों की थोड़ी सेवा पानी करता हूं। इसके बाद तुम लोग आराम से बैठकर फैसला करना। इंसान को कभी भी अपने फैसलों में इतनी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।"
    वो उन दोनों को लेकर चमगादड़ जैसे जानवर के ऊपर बैठ गया। देखते ही देखते वो दोनों को लेकर हवा में उड़ने लगा। विनम्र और एरीना दोनों के बाल तेज हवा में उड़ रहे थे और कपड़े भी। मंत्री ने दोनों को कसकर पकड़ रखा था। यहां से पूरे शहर का नजारा दिखाई दे रहा था।
    ये शहर उनकी सोच से भी काफी बड़ा था। महल के आगे शहर का इतना हिस्सा नहीं था। मगर महल के पीछे शहर काफी दूर तक फैला हुआ था। इतनी ऊंचाई पर उन्हें आसपास के इलाके के बारे में भी पता चल रहा था।
    जैसे महल के पीछे पहाड़ियां थी और इसके बाद में जंगली इलाका शुरू हो रहा था। पूरे शहर के चारों तरफ जंगल ही जंगल थे और ये जंगल वहां तक थे जहां तक उनकी नजर जा रही थी।
    मंत्री दोनों को एक ऐसी जगह पर लेकर जा रहा था जो महल से काफी दूर थी। यहां पर भी काफी बड़ी-बड़ी इमारतें बनी हुई थी जो किसी महल से काम नहीं दिखाई दे रही थी। मगर ये शहर भी उस महल से कम ही था जो राजा के लिए बनाया गया था। ‌साफ पता चल रहा था ये मंत्रियों के लिए बनाए गए महल थे।
    चमगादड़ जैसा पक्षी इन सभी महलों में से एक महल के सामने उतरा। मंत्री कूदा और नीचे उतरने के बाद में उसने विनम्र और एरीना दोनों को नीचे उतार दिया।
    उसने विनम्र को कहा ,"अब आप लोग अगले कुछ दिनों तक यहां पर ही रहोगे, यहां पर आपको खाने के लिए खाना मिलेगा और वो हर एक चीज मिलेगी जो आपको चाहिए। ‌ आपकी सेवा में मैं खुद यहां पर हाजिर रहूंगा। देखना जब आप मेरे साथ रहेंगे तो आपको पता चलेगा मैं कितना अच्छा मंत्री हूं। फिर वापस जाकर आप अपने राजा के सामने बस मेरा ही नाम लेंगे।"
    विनम्र ने अपने सीने को फैलाया और अपने चेहरे पर एटीट्यूड दिखाते हुए कहा ,"अच्छा अच्छा, ठीक है हम भी देख लेते हैं तुम हमारी क्या सेवा करते हो। मगर अगर तुम्हारी सेवा में थोड़ी सी भी कमी हुई तो देख लेना फिर हम तुम्हारा नाम अलग तरीके से लेंगे। इसके बाद तुम्हारा वहां मंत्री बना तो दूर की बात तुम यहां पर भी मंत्री नहीं बन सकोगे। तुम्हें पता है ना जब हमारे राजा को गुस्सा आता है तब क्या होता है"
    मंत्री वोल्वा के चेहरे पर हल्का सा डर दिखाई देने लगा। विनम्र ने महसूस किया कि उसके दिल की धड़कन काफी तेज हो गई थी क्योंकि बड़ा शरीर होने की वजह से वो उसके सीने पर मौजूद दिल को धड़कते हुए देख सकता था।
    उसने धीमी मगर थमती हुई आवाज में कहा ,"नहीं मेरे साथ ऐसा बिल्कुल मत करना। अगर मैं तुम लोगों को खुश नहीं कर पाया तो कम से कम वहां जाकर मेरी शिकायत मत करना। ‌ मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा। बताइए सबसे पहले आप क्या करना चाहेंगे?"
    एरीना की नींद पूरी नहीं हुई थी इसलिए उसने अगडा़ई लेते हुए कहा ,"मैं सबसे पहले सोना चाहूंगी। क्या तुम मेरे लिए किसी सोने की जगह का बंदोबस्त कर सकते हो, जहां पर मुझे कोई डिस्टर्ब ना करें?"

  • 11. विनम्रq - Chapter 11

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    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र और एरीना दोनों ही जंगल में एक मॉन्स्टर का सामना करते हैं और फिर काफी मुश्किलों का सामना करने के बाद उसे हरा देते हैं। उसे हराने के बाद वो दोनों ही वापसी का सफर तय करते हैं। वो दोनों ही जब गाड़ी में होते हैं तो उनकी गाइड से कुछ बात होती है जो उन्हें बताता है, यहां पर चक्रा नाम की एक शक्ति है। जिसके जरिए वो लोग डाइमेंशन ट्रैवलिंग कर सकते हैं और एक जगह से दूसरी जगह पर काफी तेजी से जा सकते हैं। इस वक्त एक ऐसी ही शक्ति का इस्तेमाल महल में किया गया है जिसके इस्तेमाल से उस शहर में पहुंचा जा सकता है जो दुनिया के आखिर में मौजूद है।
    वहां पर वो व्यक्ति है, जिसका नाम नहीं लिया जा सकता और वो सबसे ताकतवर है। अब कहानी में आगे
    दोनों ही शहर वापस आ गए थे। इस वक्त रात के तकरीबन 3:00 बज रहे होंगे। रेस्टोरेंट वापस आते ही सभी का धूम धड़ाके के साथ स्वागत किया गया। सभी को खाने के लिए दोबारा से नई डिशेस परोसी गई क्योंकि आज तीन मॉन्स्टर का शिकार किया गया था।
    रेस्टोरेंट का मालिक इस वजह से खुश था। वो किसी बुजुर्ग की तरह दिखाई देने वाला शख्स था। उसके पास उसके मैनेजर और केयरटेकर मौजूद थे।
    बड़ी-बड़ी मूंछों वाले रेस्टोरेंट के मालिक ने अपने मैनेजर से कहा ,"आज तो कमाल ही हो गया भाई, पहली बार ज्यादा लोग भी नहीं मारे गए और ढेर सारा मांस भी आ गया। इस बार सिर्फ दो लोगों की ही जान गई जबकि इससे पहले जब भी हम भेजते थे तो आधे से ज्यादा लोगों की लाशें ही वापस आती थी। कुछ की तो वहां भी वापस नहीं आते थे क्योंकि उन्हें मॉन्स्टर के द्वारा खा लिया जाता था।"
    उसके पास खड़े मैनेजर ने जवाब देते हुए कहा ,"बिल्कुल सही कह रहे हो आप बाॅस, मुझे पूरी बात का तो पता नहीं है। मगर जो भी आदमी लड़ाई के लिए गए थे। उनका कहना था एक लड़के ने और एक लड़की ने खास तरह की हथियार का इस्तेमाल किया था। उस हथियार में इतनी ताकत थी कि वो ब्लैक होल जैसी पावर के आगे भी घूम कर मॉन्स्टर को खत्म करने में सक्सेस फुल रही।"
    रेस्टोरेंट का मालिक अजीब नजरों से अपने मैनेजर को देखने लगा ,"हमारे हथियारों के अलावा भी कोई बड़ी शक्ति हो सकती है क्या? तुम्हें पता भी है जो हथियार हमने सबको लेकर दिए हैं। उनमें पूरे 3 महीने की कमाई लगी है। फिर तुम ये बात कैसे कह सकते हो उन हथियारों से भी ताकतवर हथियार मौजूद है? मैंने ये हथियार पास के शहर से खरीदे थे और यहां के राजा के सैनिकों के पास भी ऐसे हथियार नहीं है? फिर उनके पास इतने ताकतवर हथियार कहां से आ गए?"
    मैनेजर अपनी जगह से विनम्र और एरीना की तरफ देखने लगा जो दूर मौजूद खाने का लुत्फ उठा रहे थे। विनम्र और एरीना दोनों के चेहरे देखकर साफ पता चल रहा था कि उन्हें खाना कुछ ज्यादा ही पसंद आ रहा था। एरीना तो काफी तेजी के साथ खाना खा रही थी।
    मैनेजर ने मायूस स्वर में कहा ,"मैं नहीं जानता बाॅस, गाइड ने बताया ये लोग इस शहर के नहीं है, ये लोग उस शहर से आए हैं जो हमारी इस दुनिया के आखिर में मौजूद है। उस राजा के शहर से जिसका नाम नहीं लिया जा सकता। अब अगर वो लोग वहां से आए हैं तो मामूली नहीं हो सकते हैं। हमें ये देखना होगा ये यहां पर आए क्यों है? क्योंकि अभी तक वहां से कोई भी नहीं आया है? गाइड ने कहा तो है इन लोगों ने सीक्रेट मेंबरशिप ले रखी होगी। जिसमें वो राजा के लिए काम करते है। मगर उस शहर से आने वाले लोग ऐसा कभी नहीं करेंगे।"
    रेस्टोरेंट का मालिक भी अब विनम्र और एरीना दोनों को संदेह की नजरों से देखने लगा था। कहीं ना कहीं विनम्र और एरीना दोनों का उस शहर से आना जो दुनिया के आखिर में मौजूद था। उन्हें रहस्यमई बना दिया था।
    रेस्टोरेंट के मालिक ने गहरी सांस ली ,"ठीक है मैं राजा के कुछ मंत्रियों से बात करता हूं और इन दोनों के बारे में पता लगाने की कोशिश करता हूं। तुम जो भी कह रहे हो अगर वो सब सही हुआ तो मुझे यहां पर दाल में कुछ काला लग रहा है। कोई भी उस शहर से नहीं आता है और आने के बाद इस तरह से मॉन्स्टर का शिकार तो बिल्कुल भी नहीं करता है।"
    ये कहकर रेस्टोरेंट के मालिक ने अपने एक केयर टेकर को बुलाया जो दुबला पतले लड़के जैसा दिखाई दे रहा था। वो ना तो इंसानों में आता था और ना ही राक्षसों में बल्कि वो एक तरह का मॉन्स्टर ही था। एक ऐसा मॉन्स्टर जिसके कान लंबे-लंबे थे और हाइट इंसानों की तुलना आधी ही थी। एक तरह से कहां जाए तो वो दोनों की प्रजाति में से था।
    रेस्टोरेंट के मालिक ने उसके कंधे पर हाथ रखा और फिर अपने सर को उसके कान के पास करके बोला ,"जाओ और जाकर मंत्री बोल्वा से बात करो, उन्हें कहना शहर में दो अनजान लोग घूम रहे हैं। जिनका कहना है वो आखरी शहर से आए हैं। मुझे संदेह है ये इस शहर को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं इसलिए इन्हें जितनी जल्दी गिरफ्तार कर लिया जाए उतना ही बेहतर है।"
    उस लड़के ने हां में सिर हिलाया और फिर वो यहां से चला गया। रेस्टोरेंट का मालिक भी अपना काम करने लग गया। जबकि मैनेजर ने अपने पास के दूसरे आदमी से कहा ,"मुझे ऐसा क्यों लग रहा है हमारे मालिक ने कुछ ज्यादा ही जल्दबाजी कर दी है, राजा को उनके बारे में बताना ठीक नहीं है, हमारे राजा तो पूरी तरह से बेवकूफ है। अगर ये लोग बेकसूर हुए तब भी वो इन दोनों को अपने बच्चों के आगे खाने के लिए फेंक देंगे।"
    साथ के आदमी ने दोनों को मायुसी भरी नजरों से देखा,"मुझे दोनों के लिए दुख हो रहा है, सुबह तक इन्हें राजा के सैनिकों के द्वारा पकड़ लिया जाएगा और फिर शाम तक मार दिया जाएगा। इसे सफाई भी नहीं मांगी जाएगी और ये भी नहीं पूछा जाएगा ये यहां पर क्यों है। हमारे राजा का दिमाग ऐसा ही है।"
    विनम्र और एरीना दोनों इस बात से बेकब्र अपने खाने में डूबे हुए थे। विनम्र ने एक मास के टुकड़े को उठाते हुए उसे एरीना को दिखाया और बोला ,"मुझे ऐसे लग रहा है जैसे ये किसी मॉन्स्टर के जबड़े का एक भरी भरकम दांत है, यार क्या ये लोग दांतों को भी निकाल कर अलग नहीं रखते होंगे? मगर यार ये कितना टेस्टी है।"
    दोनों खाने को लेकर इतने पागल हो गए थे जैसे उन पर किसी ने जादू कर दिया हो। खाने के अंदर जिन भी मसाले का इस्तेमाल किया जा रहा था उससे खाना इतना लाजवाब बन गया था कि खाने वाला इससे अपने मन को हटा ही नहीं पा रहा था। यहां पर जो बाकी लोग मौजूद थे वो भी खाने को इसी तरह से खाते जा रहे थे।
    एरीना ने खाना खाते हुए धीरे से विनम्र को कहा ,"मुझे बताओ अब हमें आगे क्या करना है? हम यहां पर सुदर्शन चक्र को लेने आए थे। मगर उसे ढूंढेंगे कैसे? यहां पर बस एक शहर नहीं है बल्कि उनकी पूरी की पूरी दुनिया है और इतनी बड़ी दुनिया में सुदर्शन चक्र कहां पर होगा हम इसका पता कैसे लगाएंगे?"
    विनम्र इस बारे में सोचने लगा। कुछ देर तक सोचने के बाद उसने कहा ,"इसमें पहले के सुदर्शन चक्र ही हमारी मदद करेंगे, यहां तक लाने का काम तुम्हारे सुदर्शन चक्र ने किया है तो हो सकता है आगे भी वही हमें रास्ता दिखाएं। कहीं ना कहीं उसमें एक ऐसी शक्ति है जिसके जरिए वो ऐसी चीजों को पहचान सकता है जो देवताओं से जुड़ी हो। पहले उसने देवभूमि को पहचान और फिर अब इस जगह को तो वो आगे सुदर्शन चक्र की जगह को भी पहचान सकता है।"
    एरीना विनम्र को अजीम नजरों से देखने लगी ,"हम इस तरह से अनजाने में कुछ भी नहीं कर सकते हैं, हम यहां पर किस्मत के सहारे नहीं आए हैं तो तुम्हें कोई और प्लेन बनाना होगा।"
    विनम्र ने गुस्से से अपने हाथों को फ्लेट हुए कहा ,"देखो मैं कुछ नहीं जानता हूं सुदर्शन चक्र को कैसे ढूंढा जाए? मैं जब पहले सुदर्शन चक्र की तलाश की थी। तब ऐसे ही अंदाजा से एक के बाद एक दरवाजे को पार करता जा रहा था। दरवाजों को पार करते हुए मैं सुदर्शन चक्र तक पहुंच गया था जबकि दूसरा सुदर्शन चक्र तुम्हारे पास था। मैं अब तक तो ऐसे ठीक से ढूंढने की कोशिश भी नहीं की और ये हर बार मुझे अपने आप ही मिला है"।
    विनम्र ने गुस्सा दिखाया था। इस वजह से एरीना ने भी उसे गुस्से से जवाब देते हुए कहा ,"तुम खुद को एक सीक्रेट एजेंट कहते हो, ये भी कहते हो तुम्हें दिमाग का अच्छा खासा इस्तेमाल करना आता है, तो इस बार भी अपने दिमाग का अच्छा खासा इस्तेमाल करो ना और निकालो कोई तरीका जिससे हम सुदर्शन चक्र को ढूंढ सके?"
    विनम्र ने अपनी आंखें बंद कर दी और वो सोचने लगा कैसे वो सुदर्शन चक्र को यहां पर ढूंढ सकता है। वो अपने मन में सोचने लगा। सुदर्शन चक्र के बारे में वो क्या कुछ जानता है।
    अपने मन में उसे संयोगिता और अश्वत्थामा दोनों की बातें एक साथ याद आई जिसमें वो दोनों कह रहे थे ,"सुदर्शन चक्र से हमेशा ऊर्जा निकलती रहती है। जिसका पता लगाकर ये देखा जा सकता है वो कहां पर है और कहां पर नहीं? इससे निकलने वाली ऊर्जा इतनी अधिक होती है कि अगर इसे किसी तरह के खास बॉक्स में बंद ना किया जाए तो कोई भी इसका पता लगा सकता है, बस उसके पास ऊर्जा को मापने के लिए एक यंत्र का होना जरूरी है
    विनम्र ने अपनी आंखें खोली और फिर एरीना को कहा ,"शायद मेरे पास एक तरीका है । जिससे हम सुदर्शन चक्र का पता लगा सकते हैं? इसके लिए मुझे मेरी ओवरकोट तक पहुंचना होगा। सुदर्शन चक्र से हमेशा हाई लेवल की एनर्जी निकलती रहती है। जिसे हम ट्रेप करके इसका पता लगा सकते हैं। मेरे ओवर कोर्ट में एक जानता है जो हाई लेवल के एनर्जी को ट्रेप कर सकता है। इस पूरी दुनिया में सुदर्शन चक्र कहीं भी हो अगर उसे खोल कर रखा गया है और कोई और जगह इसका इस्तेमाल कर रहा है तो हम इसका पता लगा लेंगे।"
    एरीना ने विनम्र को तारीफ बड़ी नजरों से देखा ,"ये हुई ना काम की बात। अब जाकर लग रहा है तुमने एजेंट वाली बात की है। वरना जब तुम कह रहे थे सुदर्शन जाकर खुद पता लगा लेगा, तब मुझे लगा तुम एक बेवकूफ इंसान से ज्यादा और कुछ नहीं हो।"
    विनम्र एरीना को घूर कर देखने लगा ,"मेरी इतनी तारीफ काफी है। चलो अब खाना फिनिश करें और इसके बाद सोने चले मुझे बहुत ज्यादा नींद आ रही है।"
    दोनों ही जल्दी-जल्दी से खाना खाने लगे और जब उनका खाना खत्म हो गया। तब वो एक कमरे में चले गए जो यहां के मालिक ने ही उन्हें दिया था। मालिक उनके काम से काफी खुश था तो उसने जो भी लोग शिकार के लिए गए थे सबको एक हफ्ते तक रहने के लिए अलग-अलग कमरे दे दिए थे। हालांकि इसके पीछे भी उसका फायदा ही छुपा हुआ था क्योंकि वो चाहता था अगले एक हफ्ते तक वो इन लोगों को शिकार के लिए भेजता रहे।
    विनम्र और एरीना दोनों को एक ही कमरा मिला था। दोनों उस कमरे में आ गए और कमरे को देखा। ये कैमरा किसी हॉस्टल के कमरे की तरह लग रहा था। एक छोटा सा कमरा जिसमें दो बेड मौजूद थे। एक बेड एक दीवार की तरफ था और एक बेड दूसरी दीवार की तरफ।
    पानी पीने के लिए यहां पर एक बड़ा सा बर्तन रखा हुआ था। विनम्र सबसे पहले उसे बर्तन के पास ही गया और उसे खोलकर उसके अंदर मौजूद पानी देखा।
    पानी को देखकर उसने गंदा सा चेहरा बनाया और एरीना को बोला ,"पता नहीं ये पानी कितने दिनों से इसके अंदर ऐसे ही पड़ा है, इसे पीने के बारे में सोचना भी मत।"
    एरीना ने कमरे की हालत देखते हुए कहा ,"तुम पानी पीने का छोड़ो मैं तो इस कमरे में सोने के बारे में भी सोच नहीं रही हूं, यार ये कितना गंदा कमरा है और यहां से कितनी गंदी बदबू आ रही है। मुझे इस तरह के कमरे में नींद नहीं आएगी। अगर उसेक हमें कमरा ही देना था तो वो हमे एक अच्छा कमरा भी दे सकता था। इस तरह का कमरा देने की क्या जरूरत थी। इससे अच्छा हम सड़क पर ही सो लेते। वो भी इससे अच्छी होती है।"
    विनम्र ने गहरी सांस ली और फिर एरीना का हाथ पकड़ कर बाहर आ गया ,"तुमने अच्छा आईडिया दिया है। चलो सोने के लिए एक बेहतर जगह पर चलते हैं।"
    एरीना नहीं जानती थी विनम्र उसे कहां पर लेकर जा रहा है। जल्द ही वो लोग शहर से बाहर आ गए थे।
    विनम्र उस जगह पर आ गया जहां पर वो तब आए थे जब वो इस शहर में प्रकट हुए थे और आसमान से आकर गिरे थे। ‌ यहां पर कुछ बैल गाड़ियां थी। जिसके ऊपर घास पूछ रखा हुआ था।
    विनम्र एक बैलगाड़ी के ऊपर चढ़ा और फिर अलीना का हाथ पकड़ कर उसे भी ऊपर ले लिया। दोनों ही बैलगाड़ी के ऊपर घास फूस के ढेर पर लेट गए।
    दोनों को ही आसमान में तारे दिखाई दे रहे थे। विनम्र ने एरीना से पूछा ,"क्या अब तुम्हें अच्छा लग रहा है? यहां पर खुली हवा भी है और उस कमरे की तरह बदबू भी नहीं आ रही है।"
    एरीना ने अपनी आंखों को बंद किया और इस हवा को महसूस किया ,"हां यहां पर तो ठीक लग रहा है। वहां पर तो मुझे ऐसे लग रहा था। जैसे मैं मर जाऊंगी जबकि यहां पर फील हो रहा है जैसे मुझे एक नई जिंदगी मिल गई है।"
    विनम्र ने भी अपनी आंखें बंद की और सोने की कोशिश करने लगा ,"चलो तो फिर अब सो जाओ। हमारे पास सूरज निकलने तक का वक्त है क्योंकि इसके बाद गर्मी की वजह से नींद नहीं आएगी।"
    एरीना फिर विनम्र के करीब हुई और अपना सर उसके कंधे पर रख दिया,"ठीक है मगर मुझे बिना तकिये के नींद नहीं आएगी तो अपना सर यहां पर रखने दो।"
    विनम्र ने कुछ नहीं कहा। जिस हाथ पर उसने रखा था उसने उस हाथ को लेकर एरीना को कवर कर लिया। दोनों ही अब आंखें बंद करके सोने के लिए चले गए थे।
    वही रेस्टोरेंट के मालिक ने जिस लड़के को राजा के मंत्री से बात करने के लिए भेजा था। वो रात के 3:00 बजे उस मंत्री के कमरे की दीवार को ऐसे पार करके वहां पर आया जैसे दीवारें उसे रोक नहीं सकती हो।
    जिस मंत्री के पास आया था वो दो लड़कियों को लेकर सोया हुआ था। मंत्री भी एक राक्षस था। इस वजह से उसका शरीर काफी बड़ा था और उसका पेट भी निकला हुआ था। मैं कुंभकरण की तरह खर्राटे लेते हुए सो रहा था। ‌ जबकि उसके पास जो लड़कियां थी वो उसके लिए बच्चों की तरह लग रही थी। ‌
    वो लड़का जोर से बोला ,"इस समय आने के लिए माफी चाहता हूं। मगर ये एक आपातकालीन स्थिति है, हमारे शहर में दो अनजान आ गए हैं जो उस शहर से हैं जिसके राजा का नाम नहीं लिया जा सकता"
    जैसे ही उसने कहा, मंत्री की आंख खुल गई।

  • 12. विनम्रq - Chapter 12

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    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र और एरीना दोनों मिलकर स्पैरो को खत्म कर देते हैं और अब उस गाड़ी का आने का इंतजार कर रहे हैं जो उन्हें यहां पर लेकर आई थी। इस दौरान दोनों आपस में कुछ बातें करते हैं। जहां विनम्र बताता है उसे चार लड़कियों से प्यार है। फिर एरीना अपने बारे में बताना शुरू करती है और कहती है, वो अब उसे मजबूरी के बारे में बताएगी जिसके कारण उसने एजेंसी के सभी लोगों को मारा। अब कहानी में आगे
    एरीना और विनम्र दोनों एक दूसरे की तरफ देख रहे थे। विनम्र बेसब्री से एरीना के जवाब का इंतजार कर रहा था। जिसमें वो बताने वाली थी उसने एजेंसी के लोगों को क्यों मारा।
    एरीना अपनी जगह से खड़ी हुई और उठकर बैठ गई। उसने गहरी सांस ली और फिर विनम्र को कहा ,"इसके पीछे का कारण है मेरी मॉम, मैं एक सीक्रेट ग्रुप के लिए काम करती हूं, उसके कई सारे नाम है। शायद तुम्हारी एजेंसी उसे अलग नाम से जानती होगी। मगर मैं उसे डेथ ग्रुप के नाम से जानती हूं। मेरे फादर ने इस एजेंसी से ढेर सारा पैसा लेकर उसे अपने रिसर्च पर खत्म किया था। मेरे पिता के जितने भी खर्च थे वो सारे के सारे डेथ ग्रुप के द्वारा ही उठाए जाते थे। बदले में मेरे डैड को इन्हें सुदर्शन चक्र ढूंढ कर देना था।"
    एरीना की आंखों से आंसू आने लग गए थे। उसने अपने आंसुओं को साफ किया ,"मगर मेरे डैड की डेथ हो गई और फिर वो सारा कर्जा मेरे सर पर आ गया। जब मुझे सुदर्शन चक्र मिला तब मैं चाहती तो सुदर्शन चक्र देखकर इस सारे कर्ज से छुटकारा पा सकती थी। मगर पता नहीं मेरे दिमाग में ऐसा क्या आया मैंने इन्हें कभी सुदर्शन चक्र के बारे में नहीं बताया। ‌ फिर मैं 18 साल की हो गई और इन्हें पता चल गया मेरे पास अभी भी सुदर्शन चक्कर है। ये लोग मेरे घर पर आ गए और मुझे उसे देने के लिए कहा। मगर मैं देने से मना कर दिया।"
    एरीना ने ऊपर की तरफ देखा ,"मेरी उनके लोगों से लड़ाई हुई और मैंने, जो भी लोग आए थे उन सबको मार दिया। चार-पांच महीने तो अच्छे से निकल गए। मगर इसके बाद जब मैं किसी काम से बाहर गई थी तब इन्होंने मेरे मॉम को किडनैप कर लिया। उन्हें पता था, अगर मुझे पता चला मेरी मॉम कहां पर है। तब मैं उन्हें छोडूंगी नहीं इसलिए उन्होंने मेरी मॉम को एक ऐसी जगह पर छुपा दिया। जिसे मैं कभी नहीं ढूंढ सकती। अब मैं उनके हाथों की गुलाम बन चुकी थी। वो चाहते तो मुझसे सुदर्शन चक्र ले सकते थे मगर क्योंकि मैं सुदर्शन चक्र की मालकिन बन गई थी तो वो उनके हाथों से इस्तेमाल नहीं हो सकता था। यहां तक अगर मुझे मार भी देते हैं तब भी वो इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते थे। ‌ सुदर्शन चक्र की एक खासियत थी। ये जिसे अपना मालिक चुन लेता है फिर जब तक उसकी नेचुरल डेथ नहीं होती तब तक ये किसी और का नहीं होता। अगर किसी को पहले ही मार दिया जाए तब ये सुदर्शन चक्र उस जगह पर चला जाएगा जहां से ये आया था। यानी कि द्वारिका शहर में।"
    एरीना रुकी और फिर वह बोली ,"द्वारिका शहर के बारे में वो लोग कभी नहीं पता लगा सकते थे और ना ही उनके लिए उसे ढूंढना आसान था, फिर मेरे पिता ने जो रिसर्च की थी उन्हें भी समझ पाना आसान नहीं था। इसलिए उन्होंने इसकी वजह मुझे ही जिंदा रखना ठीक समझा और जो काम उन्हें करने थे वो लोग मुझसे करवाने लगे। उन्होंने मुझे एक बंटी हंटर बनाकर छोड़ दिया। दुनिया में अलग-अलग ग्रुप किसी न किसी ताकतवर शख्सियत को मारने का कॉन्ट्रैक्ट बंटी हंटर को देते रहते थे। ‌ मेरा डेथ ग्रुप वो कांटेक्ट मेरे लिए लेकर आता था और फिर मुझे उस काम को करने के लिए कहता था। इस तरह तुम्हारी एजेंसी के लोगों को भी खत्म करने का कॉन्ट्रैक्ट डेथ ग्रुप को दिया गया था और उस डेथ ग्रुप ने ये काम मुझे दे दिया।"
    विनम्र ने एरीना से पूछा ,"और वो लोग कौन थे जिन्होंने तुम्हारे इस डेथ ग्रुप को हमारी एजेंसी को खत्म करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया?"
    एरीना ने ना में सिर हिलाते हुए कहा ,"मैं इस बारे में नहीं जानती हूं, इसकी जानकारी हमारे डेथ ग्रुप के लोगों को ही होती है तो वही तुम्हें इस बारे में बता सकते हैं। मैं बस इतना ही बता सकती हूं कि मैं क्यों तुम लोगों की जान ले रही थी। बस यही एक वजह थी वरना मैं कभी किसी की जान नहीं लेना चाहती थी। यहां तक की सुदर्शन चक्र जैसी ताकत के अपने हाथ में आने के बाद मैं इस बारे में सोच भी नहीं सकती थी। 18 साल की उम्र तक मैंने किसी की जान नहीं ली। अब जब मेरी मां उनके हाथों में चली गई तब मुझे मजबूरन लोगों की जान लेनी पड़ी।"
    एरीना की आंखों में जो आंसू थे। वो तेजी से बाहर निकलने लगे थे क्योंकि वो रोने लगी थी। विनम्र खड़ा हुआ और उसने एरीना को गले से लगा लिया।
    विनम्र ने कहा ,"मैं समझ सकता हूं तुम पर इस वक्त क्या बीत रही है। हां मैं जानता हूं तुमने काफी सारे गलत काम किए हैं, मगर फिकर मत करो। मैं एजेंसी से इस बारे में बात करूंगा और हम तुम्हारी मॉम को ढूंढने की भी कोशिश करेंगे। अगर तुम्हारी सारी बातें सही हुई तो मैं तुम्हारी सजा कम करवाने के लिए मेरी एजेंसी से बात कर सकता हूं।"
    एरीना ने अपने आंसू साफ किया ,"मुझे नहीं लगता मैंने जो भी किया है उसके लिए मुझे कभी माफी मिल सकती है। इसलिए तुम ये सब बातें छोड़ दो। मैं खुद चाहती हूं मुझे इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा मिले। ‌ अगर तुम्हारी एजेंसी मुझे सजा ए मौत भी देती है तो मुझे उससे भी कोई आपत्ति नहीं है। मैंने जो भी किया है उसकी सजा बस यही है। अगर मेरी मॉम की जिंदगी भी खतरे में थी तो भी मुझे एक जान बचाने के लिए सैकड़ो लोगों को मारना नहीं चाहिए था।"
    विनम्र इस पर कोई भी कमेंट नहीं करना चाहता था। उसने कुछ नहीं किया बस एरीना की पीठ पर हाथ फेरता रहा और उसे सहारा देता रहा।
    तकरीबन 20 मिनट और इंतजार करने के बाद में वो गाड़ी आ गई जो उन्हें यहां पर लेकर आई थी।
    चारों रक्षा भी हवा में ऊपर उतारते हुए दिखाई दिए और वो सब के सब एक के बाद एक घोसले में कूड़े। वह चारों राक्षस और गाड़ी में जो ड्राइव कर रहा था यानी कि जो गाइड की भूमिका में यहां पर आया था। वो भी सबको हैरानी से देख रहा था।
    वो गाड़ी से नीचे उतरा और सबके चेहरों की तरफ देखते हुए उनसे पूछा ,"आखिर तुम सब लोग जिंदा कैसे बच गए? अब तक जो भी मॉन्सटर को खत्म करने की कोशिश करते थे। उनमें से कुछ तो मारे जाते थे मगर तुम तो सब के सब जिंदा बच गए?"
    एक आदमी ने गुस्से से कहा ,"हमारी किस्मत थी जो हम जिंदा बच गए। वरना तुमने तो हमें मारने का इरादा बना लिया था। बताओ क्या तुम यहां पर हमें बाली का बकरा बनाने के लिए ही लेकर आए थे ना?"
    उसने हैरानी से उस आदमी की तरफ देखा जिसने ये बात कही थी। और फिर अजीब चेहरा बनाते हुए बोला ,"मैं ऐसा भला क्यों करूंगा? अगर मुझे तुम लोगों को बलि का बकरा ही बनाना होता तो तुम लोगों के हाथों में इतने ताकतवर हथियार नहीं देता। तुम लोग जानते भी हो ये कितने महंगे हथियार हैं? इस तरह के हथियार तो यहां पर शहर की सुरक्षा करने वाले सैनिकों के पास भी नहीं है। तुम लोगों को यहां पर छोड़कर मैं दूसरी जगह पर मॉन्स्टर का शिकार करने गया था। अब किसी एक मॉन्स्टर के शिकार के लिए तो हम जंगल में आए नहीं है।"
    फिर उसने अपनी जेब से एक बॉक्स निकला जो काफी छोटा सा बॉक्स था। उसने वो बॉक्स सभी को दिखाते हुए कहा ,"अभी-अभी मैं कुल दो शिकार करके लेकर आया हूं। तुम लोगों के लिए मैंने सोचा था जब तक मैं इन शिकारों को कर नहीं लेता तब तक वो स्पैरो यहां पर आने वाला नहीं है। इसलिए जब तक वो आ नहीं जाता तब तक मैं कुछ शिकार कर लेता हूं। इसलिए तुम लोगों को यहां पर छोड़कर गया था।"
    साथ के एक आदमी ने छोटे से डब्बे की तरफ देखा तो वो हंसते हुए बोला ,"क्या तुमने हमें बेवकूफ समझा है? इस छोटे से बक्से में तुम इतने बड़े मॉन्सटर को कैसे कैद कर सकते हो और तुम तो कह भी रहे हो तुमने इसमें दो को कैद किया है? पहले इस बक्से को देखो और फिर मॉन्स्टर के साइज को देखो? तुमने किसी मॉन्स्टर का शिकार किया हैं या फिर तुम मक्खियों को मार कर आए हो?"
    उस आदमी ने डाबी को उस आदमी की गर्दन की तरफ कर दिया जो इंसानी हाइट के बराबर की ही थी। जैसे ही उसने डब्बी को उस तरफ किया उसकी गर्दन डब्बी की तरफ खिंची जाने लगी और फिर देखते ही देखते छोटे आकार की होकर डब्बे में कैद हो गई।
    उसे कैद करने के बाद में उसने सभी लोगों की तरफ देखते हुए कहा ,"ये जादूई डब्बी है। जो किसी भी चीज को छोटा करके उसे कैद कर सकती है। मूर्खों तुम्हें ये बात कभी समझ में नहीं आएगी। चलो अब जिंदा बच गए हो तो चले यहां से। पता नहीं तुम लोग का खाली दिमाग क्या-क्या सोचता रहता है
    "
    सभी लोगों को गलतफहमी हो गई थी कि उन्हें यहां पर मरने के लिए लाया गया था जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था। किसी ने इसपे ज्यादा बात नहीं की और फिर सब एक-एक करके गाड़ी में बैठ गए।
    गाड़ी दोबारा शहर की तरफ जाने लगी थी। गाइड ने पीछे की तरफ देखते हुए सभी लोगों से पूछा ,"अच्छा ये तो बताओ तुम लोगों ने उस मॉन्सटर को मारा कैसे? मैंने दूर से देखा था वो तो ब्लैक होल की ताकत का इस्तेमाल कर रहा था। मैंने पहली बार किसी मॉन्स्टर को इस तरह की ताकत का इस्तेमाल करते हुए देखा था। हम जिस मनुष्य को मार कर आए हैं। उसमें से एक तो खुद को दोबारा जिंदा कर सकता था जबकि एक गायब करने की ताकत रखता था। गायब करने वाले को तो हमने आसानी से खत्म कर दिया था। मगर जो खुद को दोबारा जिंदा कर लेता था उसे मारने में हमारे पसीने छूट गए थे। ‌ इसी वजह से तुम लोगों पर खतरे मे देखने के बावजूद भी मैं नहीं आ पाया। "

    विनम्र और एरीना दोनों ही जानते थे उन्होंने उसे कैसे मारा। मगर वो बता नहीं सकते थे। एक आदमी ने बताते हुए कहा ,"ये बात तो तुम इस लड़की से पूछो..." वो एरीना की तरफ इशारा कर रहा था ,"इस लड़की ने पता नहीं कौन से हथियार इस्तेमाल किया, ‌ हमारे पास वैसे हथियार थे भी नहीं। वो हथियार ब्लैक होल के सामने ऐसे मुड़ गए जैसे उन्हें पता हो उन्हें क्या करना है और फिर उस मॉन्सटर की गर्दन को काट दिया। ये खतरनाक दृश्य था। ऐसे लग रहा था जैसे सूरज की रोशनी हमारे सामने आ गई हो और आसमान से बिजली हमारे ऊपर गिरने लगी हो।"
    वो गाइड एरीना की तरफ देखने लगा। उसने अपनी आंखों को ऊपर उठाते हुए एरीना से पूछा ,"हां तो बताइए मोहतरमा आपने कौन से ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया था जो उस मॉन्स्टर को मार दिया? क्या तुमने हमारे हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया था?"
    विनम्र ने आंखों ही आंखों में इशारा किया कि इन्हें सुदर्शन चक्र के बारे में नहीं बताना है। एरीना बोली ,"नहीं मैंने उन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया था जो मेरे पास थे, बस मैंने उन्हें एक साथ इस्तेमाल किया था। मैं यहां आग की तलवार को और बिजली की तलवार को एक साथ हवा में फेंक कर मारा। ‌ वह दोनों ही हथियार हवा के रफ्तार की वजह से अपनी दिशा को बदलने में कामयाब रहे और फिर ब्लैक होल के खिंचाव के कारण खींचे चले गए तो उस मॉन्सटर की गर्दन रास्ते में आ गई। हम लोग खुशकिस्मती से जीते हैं। वरना शायद हम कभी नहीं जीत पाते "
    सभी आदमी को हैरानी हुई कि क्या ऐसा ही हुआ था। ‌ हालांकि वह देख नहीं पाए थे। असल में क्या हो रहा है क्योंकि रोशनी काफी ज्यादा थी और फिर तूफान और ब्लैक होल की ऊर्जा भी थी। बस उन्हें इतना ही देखा था दो चमकती चीजों ने उस मॉन्स्टर की गर्दन को काट दिया था। अब अगर एरीना कह रही है, ये तलवार का कमाल था तो वह लोग भी सोचने लगे शायद इसके पीछे तलवार ही होगी।
    गाइड ने अजीब नजरों से देखते हुए एरीना को पूछा ,"क्या तुम लोग बिल्कुल सही कह रहे हो?"
    एरीना ने हां में सिर हिलाया ,"और नहीं तो क्या, अब भला यहां पर हमारे झूठ बोलने की क्या वजह हो सकती है? फिर हम झूठ बोलेंगे ही क्यों। हमारी तो जान बची है तो हमें खुश होना चाहिए।"
    उसे गार्ड ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया और फिर धीमे लहजे में पूछा ,"मैंने तुम दोनों को इस शहर में पहले नहीं देखा तो तुम लोग नए आए हो तो क्या बता सकते हो तुम लोग कौन से शहर से हो?"
    क्योंकि अब विनम्र और एरीना दोनों को ही पता चल गया था यहां पर आसपास कौन से शहर है तो एरीना ने तुरंत जवाब देते हुए कहा ,"मैं उस शहर से आई हूं जो सबसे आखिर में मौजूद है, उस राजा के शहर से जिसका हम नाम नहीं ले सकते हैं। ‌ क्योंकि अगर हमने नाम लिया तो समझ लो...."
    इससे पहले एरीना कुछ बोलती गाइड ने तुरंत सामने की तरफ देखते हुए कहा ,"बस बस बताने की कोई जरूरत नहीं है। मैं सब जानता हूं फिर क्या होगा। समझ में नहीं आता इतनी दूर से तुम लोग यहां पर क्या करने आए हो? तो तुम लोग यहां पर आए किस पर हो वहां से यहां तक पहुंचने में ही 50 साल का वक्त लग जाता है। जरूर तुम लोगों ने चक्रा शक्ति का इस्तेमाल किया होगा। मगर तुम दोनों के चेहरे देखकर लग नहीं रहा तुम दोनों ही इसका इस्तेमाल कर सकते हो। वही एकमात्र ऐसी शक्ति है जिसे हम एक जगह से दूसरी जगह पर पलक झपकते ही जा सकते हैं।"
    विनम्र और एरीना दोबारा दोनों एक दूसरे की तरफ देखने लगे थे। अभी विनम्र नहीं अनजान बनते हुए पूछा ,"अब यह चक्रा शक्ति क्या होती है? "
    वह गाइड उनकी तरफ पलटा ,"भोले बनने की कोशिश मत करो, तुम लोगों को मुझे पहले ही बता देना चाहिए था। तुम लोग राजा के खास हो, हमारे राजा के महल में वो जगह बनी पड़ी है जहां से चक्र शक्ति का इस्तेमाल करके यहां के आखरी शहर में जाया जा सकता है। सच-सच बताना कहीं तुम लोग राजा के गुप्त संगठन के मेंबर तो नहीं हो? उस मेंबर के लोग कभी-कभी हमारे साथ आ जाते हैं ताकि वह देख सके आसपास के मॉन्स्टर कितने खतरनाक है? तुम लोग वही से होंगे वरना उस मॉन्सटर को खत्म करना कोई आसान काम नहीं था। अब झूठ बोलने की कोई जरूरत नहीं है। मैं ऐसे बहुत से मेंबर से मिल चुका हूं और मेरी सबसे अच्छी बनती है।"
    अभी विनम्र और एरीना दोनों को ही समझ में नहीं आ रहा था। यहां पर किस तरह की बात हो रही है। दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया बल्कि वह गाइड भी अब अकेले खुद में बोलता जा रहा था।
    उसे गाइड ने कहा ,"मगर तुम लोग तो यहां के आखरी शहर से आई हो तो सीक्रेट संगठन के मेंबर नहीं हो सकते हो, अच्छा अच्छा फिर तुम लोगों को जरूर वहां के राजा ने हमारे राजा की खिदमत के लिए भेजा होगा। जिन्होंने तुम दोनों को ही सीक्रेट संगठन का मेंबर बना दिया। सीक्रेट संगठन के मेंबर खास लोग ही बनते हैं। चलो अच्छा ही है तुम दोनों की तरक्की हो गई और तुम दोनों एक अच्छी जगह पर भी आ गए। वरना वहां पर तो कोई भरोसा नहीं वह राजा कब लोगों को मार दे। ‌ हमारे दादा तो फिर भी मरने पहले से पहले सोचते हैं। मगर मैं तो सोचता भी नहीं।"
    विनम्र और एरीना दोनों ने इस पर हां में सिर हिला दिया। शायद वह यहां के भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में बात कर रहा था और यह बता रहा था कि यहां पर एक जगह से दूसरी जगह पर जाने के लिए किसी शक्ति का इस्तेमाल किया जाता है। जिसे वह लोग चक्र शक्ति कहते थे। फिर यहां पर एक सीक्रेट संगठन भी है। जिसके लोग कभी-कभी छुपकर मॉन्स्टर को देखने के लिए आ जाते हैं। विनम्र ने गहरी सांस ली और फिर अपनी आंखें बंद करके बस शहर वापस जाने का इंतजार करने लगा।

  • 13. विनम्रq - Chapter 13

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    विनम्र और एरीना दोनों की स्पैरो से खतरनाक लड़ाई होती है। स्पैरो एक बड़े ब्लैक होल जैसी दिखने वाली शक्ति का इस्तेमाल करता है। मगर दोनों उस हमले से बच जाते हैं। फिर विनम्र एरीना को दोनों सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करने के लिए कहता है और खुद ध्यान भटकने का काम करेगा। ये बोलकर वो स्पैरो को खत्म करने की प्लानिंग बनाता है।
    विनम्र स्पैरो का ध्यान भटकता है जबकि एरीना पीछे से दोनों सुदर्शन चक्र का एक साथ हमला कर देती है। दोनों सुदर्शन चक्र के इस्तेमाल की वजह से वो स्पैरो खत्म हो जाता है और सब लोग बच जाते हैं। अब कहानी में आगे
    सारे ही लोग पूछते हैं कि उनकी जिंदगी बच गई है। जो आदमी सबसे पहले स्पैरो के सामने मौत के खतरे में पड़ा था वो विनम्र को देवता की तरह देख रहा था।
    वो खड़ा हुआ और गिरते-पड़ते जाकर विनम्र के पैरों में गिर गया। उसने विनम्र के दोनों पैरों को पकड़ लिया और वो बोला ,"मालिक आपने मेरी जान बचाई। इसके लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, मैं आपका ये एहसान जिंदगी भर नहीं भुनलूंगा। आप नहीं जानते आपने मेरे लिए क्या किया है। आपने मेरे लिए मेरी दुनिया बदल दी है। आपने मुझे एक नई जिंदगी दी है। मेरे परिवार को एक नई जिंदगी दी है।"
    विनम्र ने उसे दोनों कंधों से पकड़ा और ऊपर उठाते हुए कहा ,"अरे ये क्या कर रहे हो तुम? जान बचाना मेरा काम है और अगर तुम्हारी जगह कोई और होता तो मैं उसकी भी जान बचाता। मैंने आज तक हमेशा यही काम किया है। जब भी मुझे कोई जरूरत महसूस हुई है, मैंने आगे जाकर लोगों की जान बचाई है।"
    वो आदमी विनम्र के गले लग गया ,"मैं नहीं जानता आपने पहले क्या किया है क्या नहीं किया है, मुझे बस ये पता है आपने आज मेरी जान बचाई है। मैं इसके लिए हमेशा आपका एहसानमंद रहूंगा और मेरा परिवार भी हमेशा आपका एहसानमंद रहेगा।"
    जिंदगी बचने की खुशी में वो आदमी इतना खुश था कि हर किसी को यही कहता जा रहा था। वो उसका एहसानमंद रहेगा। विनम्र ने उसकी पीठ थपथपाई और फिर उसे खुद से अलग किया।
    सब लोग खुश थे। हालांकि इस बात की भी हैरानी हो रही थी कि उस स्पैरो को हराने के लिए लड़की ने किस शक्ति का इस्तेमाल किया था। कुछ आदमी इस बारे में ही आपस में बातकर रहे थे।
    एक आदमी ने अपने पास खड़े दूसरे आदमी को कहा ,"क्या तुम्हें मालूम है। हमला करने के लिए इन्होंने कौन सी चीज का इस्तेमाल किया था? ऐसी चीज हमारे पास नहीं थी और ना ही हमें दी गई थी? वो बहुत शक्तिशाली थी। हमने इतनी शक्तिशाली चीज कभी नहीं देखी?"
    दूसरे आदमी ने अपने चेहरे पर हैरानी दिखाते हुए कहा ,"कह तो तुम सही रहे हो, वो सच में बहुत शक्तिशाली थी और मैंने भी इतनी शक्तिशाली चीज कभी अपनी जिंदगी में नहीं देखी। ऐसे लग रहा था जैसे सीधे सूरज ही जमीन पर आ गया हो और आसमान बिजली से चमक उतरी हो। इतनी सारी आग और इतनी सारी बिजली मैंने नहीं देखी।"
    पहले वाले आदमी ने अपने चेहरे की हैरानी को कायम रखते हुए कहा ,"क्या इन लोगों ने ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल किया? जहां तक मुझे पता है इतनी ताकत उसी में होती है? मगर आजकल के वक्त में कोई भी ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल नहीं कर पता है क्योंकि ये पूरी तरह से विलुप्त हो गया है।"
    दूसरे आदमी ने अपने दिमाग के घोड़े दौड़ते हुए कहा ,"मुझे लग रहा है इन्होंने नारायण तारा का इस्तेमाल किया था, उसकी ताकत ही इतनी होती है। मेरे पूर्वजों ने मुझे इसके बारे में बताया था। उन्होंने कहा था जब नारायण अस्त्र का इस्तेमाल होता है तब सूरज जितनी आग आ जाती है और पूरे आसमान जितनी बिजली चमकने लगती है। यहां पर भी कुछ इस तरह का ही हुआ था।"
    वही एरीना विनम्र के पास आई और उसे उसका सुदर्शन चक्र वापस दे दिया ,"इसे इस्तेमाल करते वक्त मैं सोच रही थी मैं कैसे इसका इस्तेमाल करूं? एक बार के लिए मैंने सोचा था मैं अपने सुदर्शन चक्र को फेंक कर इस्तेमाल करती हूं जबकि तुम्हारे सुदर्शन चक्र से बिजली का हमला करूंगी। मगर फिर मैंने दोनों का ही फैंककर इस्तेमाल कर लिया।"
    विनम्र ने उसके कंधे पर हाथ रखा और थपथपाते हुए कहा ,"तुमने जो किया बिल्कुल सही किया, तुम कैसे भी इसका इस्तेमाल करती कोई ना कोई हल तो निकल ही जाता। तुमने देखा ना सुदर्शन चक्र ने किस तरह से अपनी डायरेक्शन को बदला? मेरे दिमाग से ये बात निकल गई थी कि सुदर्शन चक्र अपने हिसाब से भी कई बार फैसला ले लेता है। हालांकि इसने एक दो बार ही ऐसा किया था। इसकी ये ताकत भी इसे खास बनाती है और जरूरत पड़ने पर हमें दुश्मन को हराने में मदद मिलती है।"
    एरीना विनम्र के गले लग गई ,"मुझे लग रहा था मैं आज मर जाऊंगी। मगर थैंक्स तुमने मेरी जान बचाई।"
    विनम्र ने उसे से खुद से अलग किया ,"ये सब मुझे तुम्हारे मुंह से अच्छा नहीं लगता है, ये थैंक्स वेंक्स मुझे मत कहा करो। ऐसे लगता है जैसे तुम मेरे साथ मजाक कर रही हो या मुझे छेड़ने की कोशिश कर रही हो।"
    एरीना ने अपने चेहरे पर शैतानी मुस्कान दिखाइए ,"मैं तुम्हें छेड़ने की कोशिश तो करती हूं मगर तुम कभी छिड़ते ही नहीं हो। पता नहीं कब वो दिन आएगा जब मैं तुम्हें इंप्रेस कर पाऊंगी। अच्छा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है जिसकी वजह से तुम इंप्रेस नहीं हो रहे हो?"
    विनम्र ने तुरंत जवाब दिया ,"मुझे गर्लफ्रेंड के नाम से ही चीड़ है। मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और ना ही आने वाले वक्त में होगी। मगर हां काफी सारी लड़कियां हैं जो मुझे पसंद है। मैं उन्हें दिल से पसंद करता हूं।"
    एरीना विनम्र को घूरकर देखने लगी ,"ये किस तरह की पसंद हुई? हमेशा एक लड़की को दिल से पसंद किया जाता है। लड़कियों को कौन करता है? और कितनी सारी लड़कियां हैं जिसे तुम दिल से पसंद करते हो?"
    विनम्र ने अपनी उंगली को आगे किया और गिनते हुए बोला ,"अब तक चार लड़कियां हैं। जिन चार लड़कियों ने मेरे दिल को टच किया है। तो मैं इन चारों को ही पसंद करता हूं। अगर कोई मुझसे पूछे तुम इसमें से किससे ज्यादा प्यार करते हो और किससे कम करते हो तो मैं कभी फैसला ही नहीं ले पाऊंगा। मैं चारों से ही बराबर प्यार करता हूं।"
    एरीना अभी भी उसे घूर-घूर कर देख रही थी ,"क्या तुम मेरे साथ मजाक कर रहे हो? ऐसा कभी नहीं होता है? प्यार हमेशा किसी एक से किया जाता है ना कि इस तरह चार-पांच लोगों से?"
    विनम्र ने अपने कंधे उचकाए ,"वो सब मैं नहीं जानता। मैंने तो जो था वो बता दिया। मुझे चारों से ही प्यार है और चारों से ही बराबर प्यार है। तुम लोगों को जो सोचना है सोचते रहे। रही बात प्यार बस एक से ही होता है तो ये बस लोगों का बहाना है। किताबों की बातें जो कुछ पागल राइटर्स ने लिख दी होगी। अपनी पूरी जिंदगी में एक अकेला इंसान ही 50 लोगों से प्यार कर लेता है। बस उसे मौका मिलना चाहिए। और अगर किसी ने अभी तक इतने लोगों से प्यार नहीं किया है तो इसके पीछे यही है कि उसे कभी मौका ही नहीं मिला।"
    विनर घोंसले के किनारे की तरफ जाने लगा। एरीना भी उसके पीछे-पीछे जाने लगी। एरीना ने विनम्र के पास आकर कहा ,"तुम्हारे ये लक्षण बता रहे हैं तुम किसी प्लेबॉय की तरह हो। क्या ये सच है कि तुम एक प्लेबॉय हो?"
    विनम्रने तुरंत उसकी तरफ देखते हुए ना में सिर हिलाया ,"बिल्कुल भी सच नहीं है। एक प्लेबॉय के लिए फीलिंग मैटर नहीं करती है जबकि मेरे लिए फीलिंग मैटर करती है। मेरा इन चारों लड़कियों के लिए जो भी अट्रेप्शन है वो फीलिंग की वजह से है। अब इन सब बातों को छोड़ो क्योंकि ये तुम्हारी समझ में आने वाली बातें नहीं है। ये सोचो आगे क्या करना है।"
    एरीना ने सामने की तरफ देखा ,"हमें उन लोगों के आने का इंतजार करना है। अब तक तो उन्हें आ जाना चाहिए था। क्या वो पागल अब सुबह होने का इंतजार कर रहे हैं?"
    विनम्र वहीं पर बैठ गया और बाकी लोग भी एक-एक करके उनके आसपास बैठ गए। सबके सब गाड़ी के आने का इंतजार कर रहे थे।
    पास बैठे आदमी ने विनम्र से पूछा ,"अगर आप लोगों को बुरा ना लगे तो क्या मैं जान सकता हूं आप लोग कौन से शहर से हो? इतना तो साफ है आप लोग मुसाफिर हो। मगर कौन से शहर से हो, ये देखकर पता नहीं लग रहा? और ना ही आप लोगों ने इस बात का जिक्र किया है।"
    विनम्र को समझ में नहीं आ रहा था वो इस बात का क्या जवाब दे। उसने हल्की गहरी सांस ली और फिर जवाब देते हुए कहा ,"अब मैं आप लोगों को क्या बताऊं मैं कौन से शहर से हूं, बस ये समझ लो जिस भी शहर से हूं। वो यहां पर आसपास मौजूद नहीं है। मैं काफी दूर से आया हूं। इतनी दूर से कि तुम लोग इसके बारे में सोच भी नहीं सकते हो।"
    सभी आदमी एक दूसरे की तरफ देखने लगे। फिर एक आदमी ने जिज्ञासा से बस पूछते हुए कहा ,"कहीं आप उत्तर से तो नहीं आए हो, उत्तर में एक शहर मौजूद है जो यहां पर सबसे दूर मौजूद शहरों में से एक है। कुछ लोगों का तो यही भी कहना है वहां पर जाकर दुनिया खत्म हो जाती है। उस शहर में सबसे ताकतवर राक्षस रहते हैं और हमारी इस पूरी जगह के मालिक भी वहीं पर रहते हैं।"
    एरीना ने हैरानी से पूछा ,"पूरी जगह के मालिक मतलब?"
    उसे आदमी ने गहरी सांस ली और फिर बताया ,"पता नहीं तुम लोग कौन से शहर से हो जो इस बारे में भी नहीं जानते हो। ये पूरी जगह कई सारे शहरों से मिलकर बनी है। सारे शहर आपस में मिलकर राज्य का निर्माण करते हैं और राज्य आपस में मिलकर देश का। सभी शहरों के अलग-अलग राजा है और फिर जो राज्य बनते हैं, उनके अलग-अलग राजा और आखरी में जो देश बनता है उसका भी एक अलग राजा। फिर सभी देशों के भी ऊपर कोई है जो पूरे साम्राज्य का राजा है। इस पूरी दुनिया का राजा। वो जो इस देश के राजा हैं और वो जिस राज्य के जिस शहर में रहते है, वो उत्तर की तरफ मौजूद है और इस दुनिया के आखिर में है।"
    विनम्र काफी सस्पाइसियस नजरों से उस आदमी की तरफ देखने लगा ,"तो मतलब इस पूरी दुनिया का किंग? उसका नाम क्या है?"
    वो आदमी घबराया हुआ दिखाई देने लगा। उसने घबराई हुई आवाज में कहा ,"माफ करना लेकिन हम उसका नाम नहीं ले सकते हैं। जो भी उसका नाम लेता है। वो उसके सामने प्रकट हो जाता है। अगर नाम लेने वाले को कोई काम नहीं हुआ या फिर जिसने भी उसे बुलाया है वो उसे पसंद नहीं आया तो वो उसे मार देता है। इसलिए हम में से कोई भी उसका नाम नहीं ले सकता है।"
    विनम्र और एरीना दोनों को इस शहर के बारे में ज्यादा कुछ खास पता नहीं था। मगर अब उन्हें इस शहर के बारे में ही नहीं पता चला बल्कि इस दुनिया के बारे में भी पता चल गया था।
    विनम्र में एरीना से धीमी आवाज में कहा ,"मतलब हम हमारी दुनिया में नहीं है बल्कि सच में एक अलग दुनिया में आ गए हैं। ये पूरी अलग दुनिया हैं जोकि राक्षसों की एक अलग दुनिया है, मगर समझ में नहीं आ रहा ये किस तरह से हो सकता है? मैं मानता हूं चीज अलग है लेकिन इनमें कोई ना कोई संबंध तो जरूर होगा? आखिर एक पूरी की पूरी दुनिया हमारी दुनिया से कैसे अलग हो सकती है?"
    एरीना भी इस बारे में सोच रही थी। उसने कुछ देर तक सोचना जारी रखा फिर वो बोली ,"क्या तुमने किताबों में पढ़ा है रक्षा पाताल में रहते थे? जरूर पड़ा होगा। मुझे लग रहा है हम है तो हमारी ही दुनिया में। मगर ये जो जगह है, ये वो जगह नहीं है जहां पर हम रहते हैं। ये शायद पाताल होगा। हम लोग असल में पाताल के अंदर मौजूद किसी दुनिया में है। हालांकि मैं नहीं जानती ये सच है या फिर नहीं, मैं बस इमेजिनेशन कर सकती हूं।। बाकी शायद पूरी बात अश्वत्थामा को पता होगी। उन्हें सब कुछ पता है तो इस बारे में भी पता होगा कि ये शहर कहां पर है।"
    विनम्र ने हां में सिर हिलाया ,"तुम सही कह रही हो। जब हम वापस जाएंगे तब अश्वत्थामा से इस बारे में पूछेंगे। उन्हें इस बारे में जरूर पता होगा। बाकी यहां आने से पहले उन्हें इस बारे में हमें बताना चाहिए था? मगर उन्होंने नहीं बताया। "
    एरीना इंतजार करते हुए बोली ,"हो सकता है उनके लिए ये नॉर्मल बात होगी। जब हम वहां पर पहुंचे थे तो उन्हें लगा होगा हमें इस तरह की अलग-अलग दुनिया के बारे में पता है। इसलिए उन्होने बताना सही नहीं समझा होगा। अब क्या पता वो देवभूमि भी हमारी दुनिया से अलग हो। मतलब वो हिस्सा तो हमारी ही दुनिया का है मगर किसी और जगह पर वो देवभूमि मौजूद हो। जैसे कि स्वर्ग? तुम्हें पता है ना स्वर्ग धरती पाताल इस तरह से तीन अलग-अलग दुनिया है। ‌अगर ये पाताल है तो वो स्वर्ग होना चाहिए और हमारी धरती तो फिर यहां पर है ही।"
    विनम्र लेट गया ,"इन सभी सवालों के जवाब तो बाहर जाकर ही मिलेंगे। क्या पता जब हमें इन सवालों के जवाब मिल जाए, तब ये चीज भी मेरी समझ में आ जाए कि वो क्रिचर कहां से आ रहे हैं? क्योंकि अगर इस तरह से अलग-अलग दुनिया का वजूद है तो फिर किसी ऐसी दुनिया का भी वजूद होगा जहां से वो सारे क्रिचर आ रहे हैं और इसके पीछे कोई कारण भी होगा। मैंने कभी नहीं सोचा था सुदर्शन चक्र का मेरा ये सफर इतना आगे तक चला जाएगा।"
    एरीना भी उसके बगल में लेट गई थी। दोनों एक दूसरे की तरफ पलट कर देखने लगे। विनम्र ने एरीना की तरफ देखते हुए कहा ,"मैंने तो कभी सुदर्शन चक्र के पहले हिस्से को ढूंढने के बारे में भी नहीं सोचा था, मगर फिर मुझे इसका पहला हिस्सा मिला और इसके बाद मैंने इसके दूसरे हिस्से की तलाश शुरूकर दी। मैंने ये भी नहीं सोचा था कि मैं इसका दूसरा हिस्सा ढूंढ लूंगा। बस तुमने हमारे एजेंसी के ढेर सारे लोगों को मार दिया था तो इस वजह से दूसरे हिस्से की तलाश भी शुरू हो गई। और अब मैं इसके तीसरे हिस्से को ढूंढने के करीब हूं। ये सफर मेरे लिए सच में काफी इंटरेस्टिंग रहा है। मैं इसे हमेशा याद रखूंगा। काफी लंबे वक्त तक मैं इसे याद रखूंगा।"
    एरीना ने विनम्र के हाथ को पकड़ा और फिर उसे अपने गाल पर रखते हुए बोली ,"मुझे आज पहली बार अफंसोस हो रहा है। मैंने अपनी जिंदगी में इतने बुरे काम क्यों किया? तुम्हें पता है मैंने तुम्हें एक बार कहा था। मैंने तुम्हारे एजेंसी के सभी लोगों को खुशी से नहीं मारा है। बल्कि इसके पीछे मेरी एक मजबूरी थी। तुमने मुझसे पूछा भी था क्या मजबूरी है मगर मैं तुम्हें इस बारे में नहीं बताया। अब सोच रही हूं तुम्हें इस बारे में बता देना चाहिए।"
    विनम्र अब एरीना को गंभीर नजरों से देखने लगा। हां उसने इस बारे में पूछा था और एरीना ने उसे इस बारे में नहीं बताया था। वो इस बारे में जानना भी चाहता था। विनम्र ने धीमे शब्दों में पूछा ,"बताओ आखिर तुम्हारी क्या मजबूरी थी? क्या मजबूरी थी जो तुमने मेरे इतने सारे लोगों की जान ले ली?”

  • 14. विनम्रq - Chapter 14

    Words: 0

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    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र और एरीना दोनों एक ऐसे खतरे में फंस जाते हैं, जहां उन्हें एक मॉन्स्टर का शिकार करना था। पहले उन्हें लगता है वो मॉन्स्टर का शिकार करने ही जा रहे हैं। मगर बाद में उन्हें एहसास होता है उन्हें तो बलि का बकरा बनाने के लिए भेजा जा रहा है। यानी कि अगर एक बार वो चले गए तब वो मरने के बाद ही वापस आएंगे। या फिर उनके मरने के बाद भी वापस आने की संभावना नहीं थी।
    सब वहां पर होते हैं तभी वो मॉन्स्टर आ जाता है। जिसके आते ही तूफान जैसा माहौल बन जाता है। सब लोग उससे डरने लग जाते हैं। अब कहानी में आगे :–
    विनम्र और बाकी सब लोग अंधेरे में मौजूद थे। सब लोग डर के मारे रोने वाली हालत में थे।
    विनम्र ने उन सब की तरफ देखा और बोला ,"तुम सब के सब लोग शांत रहो, बिल्कुल भी आवाज मत करो, वरना सबके सब खतरे में पड़ जाओगे।"
    विनम्र ने ये बात कही तो लोगों ने खुद को शांत करने की कोशिश की। जो स्पैरो उड़ते हुए उनकी और आ रहा था वो अब तेजी से आने लगा। जैसे उसे पता लग गया हो उसके घोसले में कोई है।
    अंडा जगह के बीचो-बीच पड़ा था और कोई भी उसके पास नहीं था। विनम्र ने देखा स्पैरो के उसके पास आने की रफ्तार काफी ज्यादा है।
    विनम्र ने एरीना को कहा ,"वो काफी तेजी से हमारे पास आ रहा है। इसका मतलब उसे हमारे बारे में पता चल गया है। सब लड़ाई के लिए तैयार हो जाओ।"
    विनम्र ने अपने पास जो तलवार थी उसे बिजली से चमका लिया जबकि एरीना की तलवार भी आग से जलने लगी। बाकी सब लोग भी तैयार होने लगे। मगर कुछ लोग डर के मारे तैयार नहीं हो रहे थे।
    उड़ते हुए उस स्पैरो ने घोंसले के पास आते ही दो आदमी पर झपटा मारा और उसे अपने चोंच से पकड़कर हवा में उछाल दिया। वो दोनो हवा में इतना ऊपर चले गए थे कि अगर वहां से सीधे जमीन पर गिरे तो उनका मरना तय था।
    मगर इससे पहले वो जमीन पर गिरते स्पैरो ऊपर की तरफ उड़ा और दोनों को अपने मुंह के अंदर लेकर उन्हें जिंदा ही निकल गया।
    विनम्र और एरीना दोनों को ये देखकर एक झटका सा लगा। ये स्पैरो काफी ताकतवर था। वो फिर से आने लगा।
    विनम्र ने अपने पास जो तलवार थी उसको स्पैरो की तरफ कर दिया। तलवार की बिजली सीधे निकाली और उस स्पैरो के ऊपर गिर गई। मगर स्पैरो ने अपनी दिशा को बदल लिया। जिससे बिजली उसके बगल से निकलते हुए आसमान में चली गई।
    विनम्र के पास जो तलवार थी वो सुदर्शन चक्र की तरह ही बिजली का हमला कर रही थी। मगर वो इतना मजबूत नहीं थी। एक तरह से ये कहा जा सकता है तलवार से जो बिजली निकल रही थी वो सुदर्शन चक्र से 10 गुना कमजोर थी।
    एरीना ने आग वाली तलवार को स्पैरो की तरफ किया। उसकी तलवार से आग के कुछ गोले निकले। वो सभी स्पैरो को टारगेट करने लगे। मगर स्पैरो ने अपनी दिशा को बदल लिया। वो लगातार गोलों से बचने लगा।
    विनम्र ने एरीना को कहा ,"ये हमारे हमले से बचने की कोशिश कर रहा है। इसका मतलब इस पर हमलो का असर जरूर होगा। कहीं ना कहीं हम गलत थे, हमें यहां पर मरने के लिए नहीं लाया गया है, बल्कि मारने के लिए लाया गया है, पहले भी लोगों को ऐसे ही लाया गया होगा, मगर वो मर जाते होंगे, क्योंकि वो डर के मारे इन पर कोई हमला ही नहीं करते होंगे।"
    एरीना ने अपने आसपास मौजूद लोगों की तरफ देखा ,"हां इस वक्त भी हम दोनों ही हमला कर रहे हैं। चलो अभी स्पैरो को मजा सीखते हैं।"
    एरीना बोलकर घोसले से बाहर की तरफ जाने लगी और जैसे ही उसके किनारे के पास आई उसने तलवार को स्पैरो की तरफ कर दिया जो उनसे दूर उड़ रहा था। विनम्र भी घोसले में दूसरी तरफ चला गया और वहां से अपनी तलवार को स्पैरो की तरफ किया।
    एरीना आग के गोले उसके ऊपर फेंकने लगी तो विनम्र बिजली की तरंगों को स्पैरो के ऊपर गिराने लगा। बाकी के लोगों में भी ये देखकर हौसला आ गया। वो भी घोंसले के किनारो पर आए और वहां से स्पेरौ के ऊपर हमला करने लगे।
    स्पैरो एक पूरा चक्कर निकालने के बाद इन हमलों के सामने हो गया। हमले के सामने होते हुए उसने अपना मुंह खोल दिया। सारे हमले उसके ऊपर जा रहे थे मगर अभी तक कोई भी हमला उससे टकराया नहीं था। उसके मुंह के खुलते ही उसके आगे ब्लैक होल की तरह दिखने वाला एक घेरा बनने लगा। देखते ही देखते ये घेरा उसके साथ ही आगे आने लगा और जो भी हमले उसके ऊपर गिर रहे थे वो घेरा खींचकर अपने अंदर समाने लगा।
    शायद ये उस मॉन्स्टर की ताकत थी। विनम्र बोला ,"ये जो भी है खतरनाक है, इसके पास खुद की पावर भी है। मुझे नहीं पता था यहां पर मॉन्स्टर के पास खुद की पावर भी होती है?"
    एरीना जो लगातार आग के गोलों को गिराने की कोशिश कर रही थी। उसने चिल्लाते हुए और जोर से तेज आवाज में कहा ,"इस दुनिया की चीजें तो मेरे समझ में ही नहीं आ रही है। एक बार यहां से निकल जाए, इसके बाद हम डायरेक्ट सुदर्शन चक्र के तीसरे टुकड़े को ढूंढेंगे और यहां से निकल जाएंगे। बस इसके बाद हम ना तो यहां का कोई काम करेंगे और ना ही यहां पर किसी और खतरे में फंसेंगे।"
    सभी लोग जो भी हमला कर रहे थे। वो उस मॉन्स्टर के बनाए गए ब्लैक होल की वजह से उसके अंदर जाते-जा रहे थे। किसी भी हमले का कोई असर नहीं हो रहा था।
    विनम्र ने तलवार की बिजली को गायब किया और सुदर्शन चक्र निकाल लिया। वो सुदर्शन चक्र का हमला करने वाला था मगर उसे ये नहीं पता था कि क्या सुदर्शन चक्र उस ब्लैक होल को तोड़ पाएगा या फिर कहीं वो भी उसमें तो नहीं समा जाएगा।
    जैसे ही ये बात विनम्र के दिमाग में आई उसने सुदर्शन चक्र को वापस अपनी कमर पर टांग लिया। वो इस तरह का रिस्क नहीं लेने वाला था। वो मॉनस्टर धीरे-धीरे पास आने लगा।
    एरीना ने भी आग के हमले करने बंद कर दिए और दौड़ते हुए विनम्र के पास आ गई।
    उसने विनम्र को कहा ,"अब हम क्या करें? इस खतरे का सामना कैसे करें? बताओ हम यहां पर क्या कर सकते हैं? अगर हमने अब इसका सामना नहीं किया तो ये हमें भी इस ब्लैक होल के अंदर खींच लेगा।"
    अचानक एक कमजोर आदमी हवा में ऊपर की तरफ उड़ा और वो उस ब्लैक होल की तरफ खिंचा जाने लगा। पास के आदमी ये सुनकर चिल्लाने लगे।
    "बचाओ, बचाओ बचाओ कोई तो इसे बचाओ, "
    उस आदमी ने घोंसले के किनारे को पकड़ लिया था ताकि वो ब्लैक होल के अंदर ना जा पाए।
    उसने दूसरे आदमियों की तरफ देखते हुए कहा ,"मेरी जान बचा लो, मेरे घर में मेरे परिवार का मेरे अलावा और कोई भी नहीं है। अगर मैं मर गया तो उन्हें कौन संभालेगा। मेरे घर पर तो मेरे बच्चे भी बहुत छोटे-छोटे हैं। हम लोग बहुत गरीब घर से हैं प्लीज मेरी जान बचालो।"
    दूसरे आदमी ने उस आदमी से कहा ,"जब तुम्हारी हालत इतनी ही खराब थी तो तुमने यहां आने के बारे में सोचा ही क्यों। पता नहीं यहां पर किसी को भी इतनी अकल क्यों नहीं है। हर कोई अपनी हालत खराब होने की बावजूद यहां पर आ गया है जबकि सबको पता है यहां पर आने के बाद मरने के अलावा और कुछ भी नहीं होगा।"
    जो भी आदमी इस वक्त मरने वाला था वो दूसरे आदमी को नसीहत दे रहे थे।
    विनम्र फौरन उसकी तरफ दौड़ा और अपने कमर पर लगी रस्सी को उसकी तरफ फेंक दिया। वो आते वक्त अपना ओवरकोट अपने साथ नहीं लेकर आया था इसलिए उसके पास ज्यादा चीजें नहीं थी। वो अपने साथ एक रस्सी सुदर्शन चक्र और एक दो डिवाइस लेकर ही आया था। रस्सी उस आदमी के हाथ में अटक गई। रस्सी के दूसरे हिस्सों को विनम्र ने घोंसले के मजबूत तने से बांध दिया।
    फिर उसने देखा उसके पास कौन-कौन से डिवाइस है। वो कुछ छोटे बम को लेकर आया था जो एक बड़ा धमाका कर सकते हैं।
    विनम्र ने उनमें से एक को पकड़ा और उसे दूसरी तरफ दूर फेंक दिया। एक तेज धमाका हुआ। जिससे स्पैरो का ध्यान उस तरफ चला गया। जो भी ब्लैक होल उसने बनाया था। वो गायब हो गया।
    घोसले को पकड़ने वाला आदमी नीचे की तरफ गिर गया। मगर रस्सी के बंधे होने की वजह से वो नीचे नहीं गिरा बल्कि हवा में ही लड़खड़ाने लगा।
    एरीना ने मौका संभालते ही स्पैरो के ऊपर दोबारा से आग के गोलों के हमले बरसाना शुरू कर दिए। वही स्पैरो घोसले के चारों तरफ घुमा और फिर घोसले की ओर आते हुए उसके ऊपर आकर बैठ गया।
    वो उसके किनारे पर आकर बैठा था जबकि बाकी के सब दूसरे किनारे पर चले गए थे। काले पंखों वाला ये स्पैरो अपनी लाल आंखों के साथ सभी को घूर-घूर कर देख रहा था।
    उसने अपनी चोंच ऊपर की और तेज दहाड़ लगाने लगा। एरीना ने उसके ऊपर आग का गोला फेंकने की कोशिश की मगर उस आग के गोले के जितना ही एक ब्लैक होल का घेरा बना और वो आग का गोला उसके अंदर जाते हुए गायब हो गया।
    आदमी ने विनम्र को कहा ,"मुझे लगता है इसके पास जो पावर है वो इसमें ब्लैक होल जैसे वाले घेरे बन सकता है। ये तो एक खतरनाक पावर है और हम इसे इस पावर के साथ नहीं हरा सकते हैं।"
    विनम्र अपने दिमाग के घोड़े दौड़ा रहा था ,"इसे हारने के लिए हमें इसके ध्यान को बांटना होगा फिर मौके का फायदा उठाकर इस पर हमला करना होगा। एरीना मैं इसके ध्यान को बांटने का काम करता हूं। तुम इस पर हमला करना। हमला बड़ा होना चाहिए इसलिए तुम्हें सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करना होगा।" विनम्र ने अपना सुदर्शन चक्र निकाला और उसे भी एरीना की तरफ फेंक दिया।
    अपने सुदर्शन चक्र को भी एरीना को पकड़ा कर विनम्र ने कहा ,"तुम्हें दोनों ही सुदर्शन चक्र का एक साथ इस्तेमाल करना होगा, अगर तुम दोनों ही सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करोगी तब दोनों मिलकर इस पर एक बड़ा हमला करेंगे और ये बच नहीं पाएगा।"
    एरीना ने हां में सिर हिलाया और दोनों ही सुदर्शन चक्र को अपने हाथ में पकड़ कर हमला करने की तैयारी करने लगी।
    वही विनम्र अंडे की तरफ दौड़ने लगा। उसे अंडे की तरफ दौड़ता देख स्पैरो की आंखें गुस्से से और भी लाल हो गई। ‌ उसने अपनी चोंच को विनम्र की तरफ किया और ढेर सारी हवा को अपने मुंह से निकाल कर फेंकने लगा।
    ये हवा इतनी तेज थी दौड़ते हुए विनम्र के कदम अपनी जगह पर रुक गए थे और वो पीछे की तरफ होने लगा था।
    स्पैरो की ताकत काफी ज्यादा थी। विनम्र ने अपने कमर से दूसरी रस्सी को निकाला और उसे सामने की तरफ फेंक कर घोंसले के तने में अटका दिया। फिर वो हवा के दबाव के खिलाफ उस रस्सी को पड़कर आगे की तरफ बढ़ने लगा।
    स्पैरो ने अपने मुंह को बंद करके दोबारा से खोला और जोरदार हवा का प्रहार किया। विनम्र हवा में ही उड़ने लगा। मगर राशि की वजह से वो दूर नहीं गया और वहीं पर हवा में लटक कर जैसे पानी में तैरते हैं वैसे तैरने लगा।
    एरीना जानती थी उसके पास यही एक मौका है। हमला करने के लिए इससे बढ़िया ऑप्शन उसे नहीं मिलेगा। वो उस स्पैरो के दाएं तरफ जाने लगी। जहां पर ना तो हवा का बहाव था और नहीं स्पैरो का ध्यान उसकी तरफ था।
    वहां जाकर उसने स्पैरो की तरफ देखा और फिर अपने हाथों में मौजूद दोनों सुदर्शन चक्र को उसकी तरफ किया ,"मैं इन दोनों का इस्तेमाल कैसे करूं? क्या मैं दोनों का इस्तेमाल फेंक कर करूं या फिर विनम्र के सुदर्शन चक्र से बिजली का हमला करूं और अपने वाले सुदर्शन चक्र को फेक का इस्तेमाल करूं? आ... इस मौके पर भी मैं भी किस तरह की डाउट में फंस गई हूं। मुझे दोनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए जो होगा देखा जाएगा।"
    ये कहकर एरीना ने दोनों को ही सामने की तरफ फेंक कर इस्तेमाल किया। सुदर्शन चक्र तेजी से स्पैरो की तरफ जाने लगे। एरीना का सुदर्शन चक्र आग से जल उठा जबकि विनम्र के सुदर्शन चक्र के चारों तरफ बिजली की तरंगें पैदा हो गई।
    स्पैरो ने पलट कर अपनी और आते हुए सुदर्शन चक्र को देखा तो उसने मुंह खोलकर ब्लैक होल को उन दोनों ही सुदर्शन चक्र के सामने बना लिया। ये एक काफी बड़ा ब्लैक होल था। अब तक उसने इतना बड़ा ब्लैक होल नहीं बनाया था।
    सुदर्शन चक्र भी तेजी से ब्लैक होल की तरफ जाते जा रहे थे। विनम्र जो हवा में तैर रहा था वो नीचे गिर गया था। उसे समझ में नहीं आ रहा था, अब आगे क्या होगा। क्या सुदर्शन चक्र ब्लैक होल के अंदर जाकर खत्म हो जाएंगे।
    जो लोग यहां पर थे वो भी हैरानी से देख रहे थे कि आखिर ये किस तरह का हमला है। किन्हीं दो ताकतवर हथियारों का इस्तेमाल किया गया है जो वो अपने साथ नहीं लेकर आए थे और ना ही किसी के पास इस तरह का हथियार था।
    उसमे पैदा होने वाली आग गर्मी बहुत ज्यादा थी और जो बिजली पैदा हो रही थी उसकी भी तरंगे खतरनाक थी। ‌ जो भी लोग यहां पर थे उन्होंने ना तो इस तरह की आग देखी थी और ना ही इस तरह की बिजली की तरंगों को।
    ब्लैक होल सुदर्शन चक्र के सामने बना हुआ था। मगर जैसे ही सुदर्शन चक्र उसके पास पहुंचे उन्होंने अपनी दिशा को बदला और ब्लैक होल के चारों तरफ से घूम कर उसे स्पैरो की तरफ चले गए।
    विनम्र को याद आया ये सुदर्शन चक्र तो अपना रास्ता भी बदल सकते हैं और इन्होंने जरूरत पड़ने पर अपना रास्ता कई बार बदला है। ‌
    स्पैरो को कुछ समझ में नहीं आया ये क्या हो रहा है। इससे पहले वो कुछ और कर पता दोनों ही सुदर्शन चक्र अपनी अपनी दिशा से उसकी गर्दन से टकराया और उसके गर्दन को उसके धड़ से अलगकर दिया।
    स्पैरो की गर्दन घोसले पर गिर गई जबकि उसका बाकी का शरीर पीछे नीचे गिर गया।
    दोनों ही सुदर्शन चक्र वापस अपने-अपने दंड में आकर फिट हो गए।
    जो भी ब्लैक होल का घेरा बना हुआ था। वो धीरे-धीरे कम होने लगा। हवाओं का बहाव भी कम हो गया था। 2 मिनट के अंदर अंदर ही सब कुछ नॉर्मल हो गया।
    सभी लोग हैरानी से एक दूसरे के चेहरे की तरफ देखने लगे। किसी को भी यकीन नहीं हो रहा था। इस लड़ाई में वो लोग जीत गए थे।
    कुछ देर तक किसी ने भी कोई रिएक्ट नहीं किया। इसके बाद सब खुशी से कूदने लगे।
    सब आदमी कहने लगे हम जीत गए हम जीत गए।
    जो आदमी नीचे रस्सी से लड़का हुआ था। उसे खींचकर ऊपर ले लिया गया। उस आदमी के खुशी का कोई ठिकाना नहीं था।
    जिन भी आदमियों ने उसे ऊपर लिया था। उसने उनको गले लगाते हुए कहा ,"मुझे बचाने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। मैं तुम सब लोगों कर ये एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगा। तुम लोगों ने सिर्फ मुझे नहीं बचाया है बल्कि मेरे परिवार को भी बचाया है। अगर तुम लोग मुझे नहीं बताते तो मेरा परिवार भूखा ही मर जाता। हमारे शहर की हालत बहुत खराब है। इतनी खराब की वहां पर कई बार तो खाने के लिए खाना भी नहीं मिलता। बहुत-बहुत धन्यवाद।"

    फिर उसने विनम्र की तरफ देखा जिसने उसकी जान बचाई थी। विनम्र उसके लिए किसी देवता से कम नहीं था।

  • 15. विनम्रq - Chapter 15

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    पिछले भाग में आपने देखा विनम्र और एरीना दोनों एक ऐसी जगह पर फंस जाते हैं जहां पर कोई मॉन्स्टर उन पर हमला करने वाला था।
    विनम्र और एरीना दोनों ही सावधान थे और अपने आसपास नजर बनाए रखे हुए थे। विनम्र की नजर ऊपर की तरफ भी थी क्योंकि अगर ये घोंसला है तो उसके आने के ज्यादातर चांस तो ऊपर से ही थे।
    सभी लोगों ने अपने अपने हाथों में तलवारों को पकड़ रखा था। कुछ की तलवार आग से चमक रही थी तो कुछ की तलवार बिजली से चमक रही थी। कुछ की तलवारों से अजीब जी पीले रंग की रोशनी निकल रही थी जो आग तो नहीं थी मगर रोशनी जरूर थी।
    विनम्र पूरी तरह से सावधान था और बस किसी भी होने वाली हलचल के लिए पूरी तरह से तैयार था।
    जिन्हें विनम्र की बातों से हौसला मिला था वो अभी भी ठीक से कुछ सोच नहीं पा रहे थे।
    एक आदमी ने डरे हुए अंदाज में अपने पास के आदमी को कहा ,"तुम्हें क्या लगता है हम ये कर लेंगे? यार मुझे तो अभी भी डर लग रहा है? अगर हम आज मर गए तो फिर हमारा क्या होगा? मैं तो सोच भी नहीं सकता मेरे घरवाले मेरे बिना कैसे रहेंगे।"
    उसकी ये बात सुनकर साथ के आदमी ने जवाब दिया ,"ये तो तुम्हें यहां पर आने से पहले सोचना चाहिए था ना। अब यहां पर आने के बाद तुम क्या अपना दिमाग लगा रहेहो? क्या तुमने पहले अपने घर वालों की फिक्र नहीं थी?"
    वो आदमी डरे हुए अंदाज में बोला ,"किसने कहा मुझे फिक्र नहीं थी? मुझे फिक्र थी पर फिर भी मैं शायद पागल था जो यहां पर चला आया। मैं बस इस शहर में घूमने के लिए आया था वो भी अपने शहर से दूर। रास्ते में आते वक्त मेरे कुछ सोने के सिक्के चोरी हो गए तो मेरे पास सब कुछ खत्म हो गया। अब यहां पर आया तो मुझे भूख लगी हुई थी और खाने के लिए मुझे खाना चाहिए था। अब खाना तो मैंने खा लिया मगर देने के लिए पैसे नहीं थे। तो मजबूरन मुझे इसी शिकार के लिए मानना पड़ा।"
    उसकी बातों में अफंसोस और पछतावा दोनों ही था। दूसरे आदमी ने उसके कंधे पर हाथ रखा और बोला ,"तुम्हारे साथ जो भी हुआ मुझे उसके लिए अफंसोस है, तुम्हारे साथ बहुत बुरा हुआ। तुम्हारे पैसे रास्ते में चोरी नहीं होने चाहिए थे। मगर अब हो गए है तो क्या कर सकते हैं?"
    विनम्र ने उन दोनों आदमी की तरफ देखा और मुंह से उन्हें चुप रहने के लिए कहा। वो दोनों ही आदमी चुप कर गए।
    विनम्र ने अपने तलवार की चमक को गायब कर दिया और फिर बाकी के लोगों को भी अपने-अपने हथियार नीचे करने के लिए कहा। अब यहां पर वापस अंधेरा हो गया था और बस चांद की रोशनी ही थी जिसमें कुछ हद तक चीज दिखाई दे रही थी।
    विनम्र ने सभी लोगों को पीछे हटने के लिए कहा ताकि इस घोंसले के बीच की जगह को पूरी तरह से खाली कर दिया।
    एरीना और विनम्र दोनों एक दूसरे के पास पास थे। एरीना ने विनम्र से पूछा ,"आखिर तुम करना क्या चाहते हो? मुझे भी बताओ तुम्हारा दिमाग में क्या चल रहा है?"
    विनम्र ने धीमी आवाज में उसे कहा ,"मेरे दिमाग में कुछ भी नहीं चल रहा है मैं बस खाली जगह छोड़ रहा हूं ताकि हमें लड़ने के लिए सही पोजीशन मिल सके।"
    विनम्र ये कह कर ही हटा था तभी उसे एक जोरदार आवाज सुनाई दी। ये आवाज इतनी खतरनाक थी ऐसे लग रहा था जैसे बड़े बादल आकर गरजने लग गए हो।
    देखते ही देखते आसपास के पेड़ पौधों के पत्ते भी हिलने लग गए। विनम्र ने ऊपर की तरफ देखा तो एक बहुत बड़ा स्पैरो उड़ते हुए आ रहा था।
    वो इतना बड़ा था कि उसके पंख फड़फड़ाने से ही इतनी तेज हवा क्रिएट हो रही थी कि वो किसी तूफान की तरह लग रही थी। उसकी हवा की वजह से ही पेड़ पौधों के पत्ते हिल रहे थे।
    जो आदमी पहले से डरे हुए थे और जिन्हें विनम्र ने हौसला देने का काम किया था अब उनका हौसला पूरी तरह से गायब हो गया था और वो फिर से डरने लगे थे।
    एक आदमी नेकहा ,"यार ये क्या है हमारे सामने? ये मॉन्स्टर नहीं है बल्कि मॉन्स्टर का भी बाप लग रहा है? यार क्या हमें इससे लड़ने के लिए भेजा गया है? इससे तो कोई भी नहीं लड़ सकता है। हम भी नहीं। फिर इन्होंने क्या सोच कर इससे हमें लड़ने के लिए भेजा है?"
    दूसरे आदमी नेकहा ,"मुझे लग रहा है हमें बस यहां पर मरने के लिए ही भेजा गया है। अगर मारने वाली बात होती तो हमें किसी छोटे मोनेस्टर से लड़ने के लिए भेजते मगर ये तो सबसे बड़ा मॉन्स्टर है। कम से कम इतना बड़ा तो जरूर है कि हम इसे लड़ नहीं पाएंगे।"
    विनम्र ने एरीना को कहा ,"मगर वो हम लोगों की जान लेकर आखिर करना क्या चाहते हैं? उन्हें क्या मिलेगा इससे?"
    एरीना ने धीमी आवाज मेंकहा ,"ये तो मुझे भी समझ में नहीं आ रहा, देखना जब मैं यहां से वापस जिंदा चली जाऊंगी तब सबसे पहले उसे वेटर की गर्दन को पड़कर उससे पूछूंगी वो करना क्या चाहता था? अगर उसने जवाब दिया तो ठीक है वरना मैं उसे जान से मार दूंगी।"
    विनम्र ने अपने चेहरे पर गुस्सा दिखाते हुए कहा ,"मन तो मेरा भी कर रहा है उसे जान से मारने का। कोई बात नहीं जब यहां से वापस जिंदा चले जाएंगे सभी सवालों के जवाब ले लेंगे। अभी के लिए हमें ये देखना है हम इस खतरे का सामना कैसे करें?"
    वो उनके पास आता जा रहा था और जैसे-जैसे वो पास आ रहा था हवा की रफ्तार भी तेज होती जा रही थी। उसके और पास होने पर वो किसी बड़े जहाज की तरह दिखाई देने लगा। यहां पर पाए जाने वाले जहाजों की तुलना में भी दो गुना या फिर तीन गुना बड़े जहाज की तरह।
    विनम्र एरीना और जो भी बाकी लोग यहां पर मौजूद थे सबके कपड़े हवा में उड़ने लगे। जो लोग ज्यादा कमजोर थे वो तो खुद भी पीछे की तरफ उड़ते हुए गिरने लगे। घोसले की टहनियों के ऊपर उनका खड़े रहना आसान नहीं हो रहा था। विनम्र को भी खड़े रहने में काफी दिक्कत हो रही थी और एरीना भी बड़ी मुश्किल से खुद को संभाल पा रही थी।
    ये सच में एक बड़ी प्रॉब्लम थी जो अब उनके सामने आ गई थी।

  • 16. विनम्रq - Chapter 16

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    पिछले भाग में आपने देखा कि विनम्र और एरीना एक रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं। खाना खत्म होने के बाद जब भुगतान करने की बारी आती है, तो वे मोलभाव नहीं कर पाते। रेस्टोरेंट का मालिक उन्हें सुझाव देता है कि अगर वे खाने का बिल देना चाहते हैं तो उन्हें जंगल में जाकर राक्षस का शिकार करना होगा।
    चूंकि उनके पास इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था, इसलिए दोनों शिकार के लिए तैयार हो जाते हैं। बाहर निकलते समय विनम्र ने देखा कि जो भी लोग शिकार के लिए जा रहे थे, वे सभी बेहद कमजोर और दुबले-पतले थे। विनम्र को ये देखकर शक हुआ कि ऐसे लोगों से किसी राक्षस का शिकार कर पाना लगभग असंभव है। उसने एरीना को बताया कि ये लोग शिकार करने नहीं जा रहे हैं, बल्कि इनका इस्तेमाल चारे की तरह होने वाला है।
    शुरुआत में एरीना को इस बात पर यकीन नहीं होता, मगर जब विनम्र ने उसे तर्क देकर समझाया कि शिकार के लिए जा रहे लोग बेहद कमजोर हैं, तो एरीना उसकी बात मान लेती है। वे पिछे चार बड़े राक्षस भी देखती हैं, जो असली शिकारी थे।
    ये सब बातें करने के बाद विनम्र और एरीना उड़ने वाली गाड़ी में बैठ जाते हैं, जो उन्हें जंगल ले जाने वाली थी।
    अब आगे की कहानी
    विनम्र और एरीना गाड़ी में एक तरफ बैठे थे। पहले वे यात्रियों की तरह दिख रहे थे, मगर अब उन्हें देखकर लग रहा था जैसे वे शहर के गरीब वर्ग के लोग हों। बाकी लोगों के साथ बैठने के कारण वे भी ऐसे दिखने लगे थे।
    सभी यात्री चुपचाप थे। कोई किसी से बात नहीं कर रहा था और ना ही एक-दूसरे की तरफ देख रहा था। चार बड़े राक्षस गाड़ी के पीछे दौड़ते हुए आ रहे थे। उनका शरीर इतना विशाल था कि वे गाड़ी में बैठ भी नहीं सकते थे। उनकी दौड़ने की गति और गाड़ी की गति लगभग बराबर थी। गाड़ी काफी तेज चल रही थी, लेकिन राक्षसों की रफ्तार भी कुछ कम नहीं थी।
    विनम्र और एरीना अपने आस-पास के माहौल को देख रहे थे। ये जंगल पहले दिखाई नहीं दिया था, जब वे यहां पहली बार आए थे। तब छोटे-छोटे घास के टीले उनका रास्ता रोक रहे थे।
    विनम्र ने जंगल के ऊंचे पेड़ों की तरफ देखा और एरीना से कहा, "यहां के पेड़ हमारे यहां पाए जाने वाले पेड़ों से कितने लंबे हैं, कम से कम पांच गुना तो होंगे ही, क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता?"
    सच में, वे पेड़ इतनी ऊंचाई वाले थे कि आमतौर पर देखे जाने वाले पेड़ों से पांच गुना ज्यादा बड़े लग रहे थे। आम पेड़ों की ऊंचाई लगभग दो मंजिला घर जितनी होती है, या ज्यादा से ज्यादा तीन मंजिला घर के बराबर, लेकिन यहां के पेड़ लगभग पांच से दस मंजिला इमारत की ऊंचाई के बराबर थे।
    गाड़ी उनके बीच में उड़ रही थी, फिर भी पेड़ों की ऊंचाई इतनी थी कि वे आसमान तक पहुंचते हुए दिखाई दे रहे थे।
    एरीना ने पेड़ों की ओर देखते हुए कहा, "हां, इनकी ऊंचाई सच में काफी ज्यादा है। लेकिन क्या तुम पहचान पा रहे हो कि ये किस प्रकार के पेड़ हैं? क्योंकि मुझे तो समझ नहीं आ रहा है।"
    विनम्र ने ध्यान से देखने की कोशिश की, मगर वो भी पेड़ पहचान नहीं सका। तभी पास खड़ा एक आदमी उनकी बातें सुन रहा था, शायद उसे कुछ समझ में आ रहा था। वो शख्स बोला, "लगता है तुम लोग दूर के शहर से आए हो, अगर पास के शहर से होते तो तुम्हें पता होता कि ये 'सितम' के पेड़ हैं। इनका इस्तेमाल जड़ी-बूटियां बनाने के लिए होता है। इनके पत्तों का रस अगर जख्मों पर लगाया जाए, तो वो जख्म तुरंत ठीक हो जाते हैं। ये पेड़ केवल इसी जंगल में मिलते हैं और दुसरी जगहों पर नहीं। इनकी कीमत बहुत ज्यादा है। बावजूद इसके, कोई इनका पत्ते तोड़ने की हिम्मत नहीं करता, क्योंकि सब शौरन शहर के राजा से डरते हैं।"
    राजा का नाम सुनकर एरीना ने पेड़ की बात छोड़कर सीधा पूछा, "क्या तुम्हारा राजा इतना ताकतवर है कि लोग उससे इतना डरते हैं, कि जंगल में मौजूद इन पेड़ों के पत्ते भी नहीं तोड़ते?"
    उसने सिर हिलाते हुए जवाब दिया, "हाँ, राजा उतना ही ताकतवर है। हमारे शहर में चोरी जैसी घटनाएँ नहीं होतीं, और न ही कोई ऐसा काम करता है, जैसे पैसे चुकाए बिना कुछ लिया जाए। अगर कोई अपने पैसे नहीं दे पाता, तो उसे कुछ और काम करने को कह दिया जाता है, और वो भी बिना किसी विरोध के मान जाता है। जानते हो ऐसा क्यों होता है?"
    विनम्र और एरीना ने ना में सिर हिलाया, और वो आदमी मुस्कुराने लगा। "क्योंकि हमारे शहर में ऐसे अपराध करने वालों को कड़ी सजा मिलती है। राजा उन्हें सबके सामने जिंदा खा जाता है। और ये काम वो एक बार में नहीं करता, बल्कि पेड़ों से पत्तियाँ तोड़ने की तरह धीरे-धीरे टुकड़े करके करता है। पहले उनके बाल उखाड़ता है, फिर उनके पैर और हाथ। इसके बाद शरीर के दूसरे हिस्सों को धीरे-धीरे तोड़ता है। इंसान की जान न जाए, इसलिए बीच-बीच में उसे जड़ी-बूटियाँ भी खिलाई जाती हैं। ये सजा उन्हें इतनी तकलीफ देती है कि दर्द असहनीय होता है।"
    एरीना इस बात को सुनकर दहशत में आ गई। विनम्र पहले तो शांत था, लेकिन इस कहानी ने उसे भी हिलाकर रख दिया। उसने सवाल किया, "जब राजा इतना खतरनाक है, तो लोग उससे डरते क्यों नहीं? और अगर डरते हैं, तो शहर में सब कुछ इतनी शांति से कैसे चलता है?"
    वो आदमी फिर बोला, "दरअसल, यहाँ रहने वाले लोगों के पास कोई और विकल्प नहीं है। शहर के बाहर खतरनाक प्राणी हैं, जो इंसानों को जिंदा नहीं छोड़ते। इसलिए यहाँ के लोग मजबूरी में इस राजा के नियम मानते हैं। राजा ने किसी पर कोई खास बंदिश नहीं लगाई है, बस हर किसी को उसके बनाए नियम मानने होते हैं। और जो इन्हें नहीं मानता, उसे कड़ी सजा मिलती है।"
    विनम्र ने गहरी साँस ली, "मतलब, यहाँ रहना है तो राजा के नियम मानने ही पड़ेंगे।"
    सभी लोग उसकी बात से सहमत नजर आए। तभी गाड़ी में बैठा ड्राइवर जो गाइड की भूमिका में था, सबको चेतावनी देते हुए बोला, "सभी तैयार हो जाओ, हम मॉन्स्टर के पास पहुँचने वाले हैं। हम उसके घोंसले पर रुकेंगे और उसके आने का इंतजार करेंगे। अपने हथियार संभाल लो और देखो कि वो सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं।"
    मॉन्स्टर से लड़ने के लिए सबको अलग-अलग तरह के हथियार दिए गए थे। किसी के पास ऐसी बंदूक थी, जिससे आग निकलती थी, तो किसी के पास ऐसी मशीन, जो बिजली का वार करती थी।
    विनम्र के पास एक तलवार थी, जिसे जोर से पकड़ने पर वो बिजली की तलवार बन जाती थी। एरीना के पास भी एक तलवार थी, जो मजबूती से पकड़ने पर आग की तलवार में बदल जाती थी।
    विनम्र ने अपनी तलवार कसकर पकड़ ली और दो बार घुमाकर देखा। फिर उसने एरीना से भी उसकी तलवार पकड़ने को कहा। सभी अब गाड़ी के रुकने का इंतजार कर रहे थे।
    एरीना ने गाड़ी में बैठे बाकी लोगों से पूछा, "क्या तुम लोगों ने पहले कभी मॉन्स्टर का शिकार किया है, या ये तुम्हारी पहली बार है?"सबने एक-दूसरे के चेहरे की तरफ देखा और फिर जवाब देते हुए बोले, "नहीं, हम में से किसी ने भी पहले मॉन्स्टर का शिकार नहीं किया है।"
    यानी कि इस मामले में विनम्र अपनी जगह पर सही था। उसने एरीना को पहले ही कह दिया था कि इन लोगों को नहीं पता कि मॉन्स्टर को कैसे मारा जाता है। एरीना ने कुछ भी नहीं कहा और बस अपने चेहरे पर एक मुस्कुराहट दे दी। फिर उसने विनम्र की तरफ गंभीर नजरों से देखा।
    विनम्र ने हां में सिर हिला दिया। गाड़ी रुक गई और उसका दरवाजा खुल गया। उनके ठीक सामने किसी चिडीयों के घोंसले जैसा कुछ दिखाई देने लगा। इस घोंसले के अंदर एक अंडा भी था। ये घोंसला इतना बड़ा था कि विनम्र, एरीना और वहां बाकी मौजूद लोगों के लिए ये चार कमरों के मैदान जितना बड़ा था।
    सभी ने उसके अंदर एक-एक करके कदम रखा। रात के अंधेरे में कुछ भी साफ नजर नहीं आ रहा था। विनम्र ने बिजली वाली तलवार का इस्तेमाल किया और उसकी बिजली को जलाया तो देखा कि ये पूरा घोंसला लकड़ी के बड़े-बड़े तनों से बना हुआ था।
    एरीना ने घोंसले के बड़े आकार को देखते हुए कहा, "क्या हम लोग यहां पर किसी चिड़िया का शिकार करने आए हैं? शायद ये राक्षसी चिड़िया होगी?"
    विनम्र ने घोंसले के किनारे पर जाकर बाहर देखा, लेकिन उन्हें वो राक्षस नहीं दिखाई दिए जो उनके पीछे आ रहे थे। विनम्र दूसरी तरफ आया तो गाड़ी भी अब वहां से चली गई थी।
    विनम्र ने एरीना से कहा, "क्या तुमने देखा कि गाड़ी कहां गई? मुझे गाड़ी दिखाई नहीं दे रही है और ना ही वे राक्षस जो गाड़ी के पीछे-पीछे आ रहे थे। सब के सब चले गए हैं, हमें यहां अकेला छोड़कर।"
    एरीना ने भी दोनों तरफ जाकर बारी-बारी देखा। उसे भी न तो राक्षस दिखाई दिए और न ही गाड़ी। बाकी लोग भी इधर-उधर देखने लगे।
    एक आदमी ने घबराई हुई आवाज में कहा, "वो लोग हमें इस तरह अकेला छोड़कर कैसे जा सकते हैं? ये गलत है। अगर शहर के राजा को इस बारे में पता चला, तो वो उन सभी को जिंदा खा जाएगा।"
    दूसरे आदमी ने डरते हुए कहा, "तुम लोगों को पता है कि जो भी मॉन्स्टर का शिकार करने आया है, वो कभी जिंदा वापस नहीं गया। जितने भी लोगों ने मॉन्स्टर का शिकार करने की कोशिश की, वे सभी इसमें मारे गए। अगर कोई बचता भी है, तो या तो वो राक्षस बच जाता है या फिर वो आदमी जो शिकार के लिए लोगों को लेकर आता है। थोड़े बहुत लोग ही बचते हैं, और वे भी तब बचते हैं जब करीब 50 लोग होते हैं।"
    पहले आदमी ने दूसरे आदमी की तरफ गुस्से भरी नजरों से देखा और बोला, "क्या बकवास कर रहे हो? अगर ऐसा था, तो तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया? मैं उस रेस्टोरेंट में खाना खाने ही नहीं आता। मैं भूखा रह लेता, लेकिन इस तरह का खतरा कभी नहीं उठाता। मैं इस शहर में नया हूं, लेकिन तुम तो यहां के ही हो।"
    वो आदमी रोने लगा और बोला, "मुझे माफ कर दो, पर मुझे इतनी ज्यादा भूख लगी थी कि मैंने इस बारे में बिल्कुल नहीं सोचा। मैंने सोचा कि शिकार करने जाएंगे, तो हम काफी सारे लोग होंगे। अगर कुछ मर भी जाएंगे, तो क्या होगा। मगर मैंने नहीं सोचा था कि हम इतने कम लोग होंगे। जब भी इतने कम लोग जाते हैं, तो वे कभी वापस नहीं आते।"
    अब सभी लोग डर गए और बुरी तरह से रोने लगे। हर कोई कहने लगा, "हमें मरना नहीं है, हमें मरना नहीं है।"
    विनम्र और एरीना को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। दोनों को अब ये साफ हो गया था कि वे एक बड़े खतरे में फंस गए हैं और उससे बचने के लिए उन्हें मॉन्स्टर को खत्म करना ही होगा।
    विनम्र ने घोंसले के किनारे पर जाकर नीचे देखने की कोशिश की, ताकि वे वहां से नीचे उतर सकें। मगर ये घोंसला पेड़ की चोटी पर बना हुआ था, जिससे नीचे उतरना आसान नहीं था।
    विनम्र और एरीना तो किसी तरह नीचे उतर सकते थे, लेकिन बाकी लोगों के लिए ये बिल्कुल आसान नहीं था।
    विनम्र पीछे मुड़ा और सभी आदमियों की तरफ देखा। सभी के चेहरे डर से पीले पड़ गए थे।
    विनम्र ने उनके डरे हुए चेहरों को देखकर जोर से कहा, "सुनो, अब डरने का वक्त नहीं है, क्योंकि डरने से कुछ भी नहीं होगा। हम सबके पास हथियार हैं, तो जो भी मुसीबत हमारे सामने आएगी, हम उसका सामना करेंगे। क्या हुआ अगर वे लोग हमें यहां ऐसे ही छोड़ गए हैं, बिना किसी मदद के? इसका मतलब ये नहीं है कि हम शिकार नहीं कर सकते। उन्होंने जाने से पहले हमें ताकतवर हथियार दिए हैं, जिनसे हम मॉन्स्टर का सामना कर सकते हैं।"
    एरीना ने विनम्र का समर्थन किया और जोर से बोली, "डरना कायरों का काम होता है, हम जैसे बहादुर लोगों का नहीं। चाहे कैसी भी समस्या हो, हमें उसका सामना करना होगा। अपने हथियार कसकर पकड़ लो, क्योंकि अब हमें मॉन्स्टर का सामना करना है। वो चाहे जितना भी ताकतवर हो, हम उसे हरा देंगे।"
    एरीना के बोलने के बाद विनम्र ने सबके हौसले को बढ़ाते हुए कहा, "अगर हम सब मिलकर काम करेंगे, तो मॉन्स्टर को आसानी से हरा देंगे। हम ये कर सकते हैं और उसे हराकर यहां से बाहर निकल सकते हैं।"
    दोनों की बातों से सबका हौसला बढ़ गया। सभी ने रोना बंद कर दिया और आत्मविश्वास के साथ विनम्र और एरीना की तरफ देखने लगे। सभी ने अपने-अपने हथियार कसकर पकड़ लिए और ये दिखाया कि वे लड़ने के लिए तैयार हैं। लेकिन क्या वे सच में लड़ पाएंगे? क्योंकि किसी को ये नहीं पता था कि उनके सामने आने वाली समस्या कितनी बड़ी है।

  • 17. विनम्रq - Chapter 17

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    पिछले भाग में आपने देखा कि विनम्र और एरीना दोनों एक ऐसी जगह पर फंस जाते हैं, जो राक्षसों का शहर होता है। वे दोनों यहां सुदर्शन चक्र के तीसरे हिस्से को ढूंढने आते हैं। शुरुआत में उन्हें इस शहर के बारे में कुछ जानकारी नहीं होती, मगर बाद में वे कुछ चीज़ें जान जाते हैं। जैसे कि यहां लेनदेन के लिए वस्तुओं का इस्तेमाल होता है। यहां के राक्षस लगभग इंसानों की ऊंचाई के बराबर हैं, थोड़ी बहुत ऊंचाई में भिन्नता है। खास राक्षस, जो यहां के महत्वपूर्ण लोग माने जाते हैं, उनकी ऊंचाई काफी ज्यादा है। जब विनम्र और एरीना यहां आए थे, तब उन्होंने उन राक्षसों से मुलाकात की थी जिनके ऊंचाई उनसे तीन गुना अधिक थी।
    दोनों ने कपड़े बदलकर शहर में घूमने का फैसला किया और इस समय वे एक रेस्टोरेंट में थे। उनके सामने एक मेनू रखा था। जिसे वे बड़े ध्यान से देख रहे थे। विनम्र ने मेनू उठाया और उसमें लिखी चीज़ों को पढ़ने लगा। सौभाग्य से मेनू अवध भाषा में था, जो हिंदी जैसी ही थी, और विनम्र उसे आसानी से पढ़ सकता था।
    विनम्र ने मेनू के कुछ आइटम पढ़ते हुए एरीना से पूछा, "तुम क्या खाना चाहोगी? यहां के सारे व्यंजन राक्षसी करी, राक्षसी मांस, उन्नत ज्वाला राक्षसी मांस जैसे हैं।"
    एरीना को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या ऑर्डर करे। वो मांस नहीं खाती थी, लेकिन उसको कोई परहेज नहीं था। उसने कुछ सोचा और विनम्र से कहा, "क्यों न हम उन्नत ज्वाला राक्षसी मांस ट्राई करें? तुम्हें क्या लगता है, हमें ये खाना चाहिए या नहीं?"
    विनम्र ने गहरी सांस ली और दोबारा मेनू पर नजर डालते हुए बोला, "बाकी नाम तो मेरी समझ में नहीं आ रहे, और यहां मीठे व्यंजन मिलना संभव नहीं लग रहा। केवल नॉनवेज ही है, तो चलो इसे ही ऑर्डर कर लेते हैं।"
    विनम्र ने पास खड़े वेटर को बुलाया और राक्षसी उन्नत ज्वाला मांस ऑर्डर किया। वेटर ने सिर हिलाकर कहा, "आपने सही चुनाव किया है, इसके लिए आपको आधे घंटे इंतजार करना होगा, मैं अभी लाता हूं।"
    वेटर के जाते ही विनम्र और एरीना आसपास हो रही बातचीत सुनने लगे। काफी बातों को सुनने के बाद विनम्र ने यहां के बारे में कुछ अहम बातें जानी।
    विनम्र ने एरीना से कहा, "यहां चार और शहरों का जिक्र हो रहा है—किमीचगामा, दोरना, थोर्न, और प्यापाली। इन शहरों तक पहुंचने के लिए खतरनाक जंगलों से होकर गुजरना पड़ता है, जहां खतरनाक जीव होते हैं। यहां के राक्षस भी उनसे नहीं लड़ पाते, इसलिए लोग दिन में ही सफर करते हैं। रात में सिर्फ ताकतवर लोग ही यात्रा करने का साहस करते हैं।"
    एरीना ने कहा, "तो इसका मतलब यहां का वातावरण कुछ ऐसा है कि लोग खतरनाक जीवों और आन्या खतरों से घिरे हुए हैं या हम ये मान सकते हैं कि पुराने जमाने के शक्तिशाली राक्षस अब नहीं बचे, जो देवताओं से भी टक्कर ले सकते थे?"
    विनम्र ने सहमति में सिर हिलाते हुए कहा, "हां, ये लोग राक्षस तो हैं, लेकिन इनमें वो शक्ति नहीं है जो पहले होती थी। समय के साथ हजारों सालों में बदलाव आ चुका है। इनके पास ताकत तो है, मगर वो पुरानी ताकत नहीं बची। यही कारण है कि ये लोग जंगलों में जाने से कतराते हैं।"
    एरीना भी बातचीत को समझने की कोशिश कर रही थी, मगर जो बातें हो रही थीं, वे अवध में थीं, जो उसे ज्यादा समझ नहीं आ रही थी। उसने आखिर में विनम्र से पूछा, "ये लोग क्या कह रहे हैं? तुम्हें कुछ समझ में आया?"विनम्र ने हां में सिर हिलाते हुए कहा, "हां, मुझे तो सब कुछ समझ में आ रहा है। मॉन्स्टर्स को खत्म करने के लिए ये लोग शहर के ताकतवर लोगों को कॉन्ट्रेक्ट देते हैं। जो भी आसपास के किसी क्रिचर को मार गिराता है, उसे इनाम के तौर पर ये लोग कुछ सामान देते हैं, जिसका इस्तेमाल आगे लेनदेन के लिए किया जा सकता है। तुम कह सकती हो कि उन क्रिचर्स को मारकर उसका सौदा भी किया जा सकता है। ये नियम यहां के राजा ने बनाए हैं ताकि जितने क्रिचर हो सके, उन्हें कम किया जा सके।"
    एरीना ने समझते हुए कहा, "यानी कि कुल मिलाकर ये किसी तरह का बाउंटी हंटिंग जैसा काम है। हां, मैं इस काम के बारे में जानती हूं, क्योंकि मैंने भी काफी बाउंटी हंटिंग की है। इस काम में जितनी कमाई होती है, उतनी शायद ही किसी और काम में होती है। इन लोगों ने भी इससे पैसा बनाने का तरीका बना लिया होगा। कुल मिलाकर, चाहे दुनिया कितनी भी बदल जाए, जो बेसिक रूल्स हैं, उनमें कभी बदलाव नहीं होता। ये जानकर मुझे अच्छा लगा।"
    दोनों बात कर ही रहे थे, इतने में उनका ऑर्डर किया हुआ खाना उनके टेबल पर आ गया। खाने को देखकर दोनों के चेहरे पर एक अजीब सा भाव आ गया, जैसे किसी केकड़े की टांगें काटकर उन्हें पका कर परोसा गया हो।
    दोनों मीट खाते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा मीट पहले कभी नहीं देखा था।
    एरीना ने डरते हुए एक पीस काटा और अपनी प्लेट में रखकर टेस्ट किया। उसका फ्लेवर लाजवाब था।
    एरीना तारीफ करते हुए बोली, "यार, ये तो कमाल का है! मैंने अपनी जिंदगी में इतना अच्छा स्वाद पहले कभी नहीं चखा।"
    विनम्र ने भी धीरे-धीरे उसे टेस्ट किया और उसे भी काफी पसंद आया। तारीफ करते हुए विनम्र ने कहा, "हां, ये सच में गजब का है! इसमें मसाले और मीट का इतना जबरदस्त संतुलन है कि शब्द कम पड़ रहे हैं।"
    उनके पास खड़ा वेटर खाने के बारे में बताते हुए बोला, "आप जो मीट खा रहे हैं, वो जंगल में पाए जाने वाले एक खतरनाक मॉन्स्टर का है। इसे मारने में 40 आदमी लगे थे। इसमें इतना मीट है कि तकरीबन 1000 लोगों का पेट भरा जा सकता है। लेकिन हम इसके पूरे हिस्से का इस्तेमाल नहीं कर सकते, इसलिए कुछ हिस्से यहां उपयोग होते हैं और बाकी राजा को भेज दिए जाते हैं। हमारे रेस्टोरेंट में लगभग 200 लोग रोज आते हैं, और रोज ताजा मीट आता है। राजा अकेले ही 5000 लोगों के बराबर मीट खा लेते हैं, वो भी अपने परिवार के साथ।"
    एरीना और विनम्र को यकीन ही नहीं हो रहा था कि वो किसी मॉन्स्टर की बॉडी खा रहे थे और उसका स्वाद भी लाजवाब था। दोनों टेस्ट में इतने खो गए थे कि उन्होंने ये भी ध्यान नहीं दिया कि यहां का राजा अकेले ही 5000 लोगों के बराबर मीट खाता है। उनके परिवार की खुराक से उनकी भूख का अंदाजा लगाया जा सकता था।
    खाना खत्म करने में विनम्र और एरीना को लगभग एक घंटे से ज्यादा समय लग गया। दोनों इस अनुभव से बेहद खुश थे।
    एरीना ने कहा, "ये खाना देखने में अच्छा नहीं लग रहा था, मगर इसके मसालों में कोई अनोखा जादू है। ये मसाले खाने को इतना लजीज बना देते हैं कि पेट भर जाने के बाद भी मन नहीं भरता।"
    विनम्र ने बड़ी डकार लेते हुए बिल लाने के लिए कहा। वेटर पांच मिनट बाद बिल लेकर आया, जिसमें कीमत की जगह ये लिखा हुआ था कि इन्होंने कितना खाना खाया। विनम्र ने बिल देखने के बाद वेटर से पूछा, "हमें ये बिल भरने के लिए क्या कुछ देना होगा?"
    वेटर ने सिर झुकाकर धीमे स्वर में कहा, "आप हमें सोने के सिक्के, चांदी के सिक्के या फिर 1500 चांदी के सिक्के दे सकते हैं। जो भी आपको ठीक लगे।"
    विनम्र सीटी बजाते हुए बोला, "यहां चीजों की कीमत में काफी फर्क है, चांदी से सिल्वर और सोना सबसे महंगा है। लेकिन हमारे पास सोने या किसी और चीज के सिक्के नहीं हैं," वो एरीना को बता रहा था।
    एरीना ने वेटर की ओर देखते हुए कहा, "मैंने बाहर देखा था कि यहां चीजों के बदले कीमत अदा की जाती है।" ये कहते हुए उसने अपने जेब से खंजर निकाला और उसे आगे रख दिया। "क्या हम इसे देकर खाने का बिल चुका सकते हैं?"
    वेटर ने सिर हिलाते हुए कहा, "आप सही हैं, यहां लेनदेन वस्तुओं से भी हो सकता है, लेकिन हर दुकान पर नहीं। हम सिक्कों का इस्तेमाल करते हैं। कुछ दुकानदार जो गरीब हैं, वे आन्या चीजों को भी ले लेते हैं।"
    विनम्र ने समझने की कोशिश की, लेकिन वो और एरीना केवल ये देख पाए थे कि यहां लेनदेन कैसे होता है, और उसकी गहराई में नहीं गए थे।
    दोनों की हालत देखकर वेटर को समझ में आ गया कि उनके पास सिक्के नहीं हैं। उसने प्यार से कहा, "अगर आपके पास सिक्के नहीं हैं तो आप एक काम कर सकते हैं। हम हर रात जंगल में एक ग्रुप भेजते हैं जो शिकार करके वापस आता है। उनमें वही लोग होते हैं जो मुफ्त में खाना खाते हैं। आज हमारे ग्रुप में आदमी कम हैं, अगर आप दोनों शामिल हो जाएं तो कुल 12 आदमी हो जाएंगे। आपको एक ऐसा मॉन्स्टर मारकर लाना होगा जो 500 लोगों का पेट भर सके। हम एक आदमी को भेजेंगे जो आपको बताएगा कि कैसे करना है।"
    अब वे एक नई मुसीबत में फंस चुके थे। खाना खाने के चक्कर में उन्हें एक और काम मिला जिसे वे दोनों नहीं करना चाहते थे।
    एरीना ने विनम्र से कहा, "मुझे ये काम नहीं करना है। तुम जाओ और मॉन्स्टर का शिकार कर लाओ।"
    विनम्र ने गुस्से में कहा, "जब तुम आई थीं तब बड़ी-बड़ी बातें कर रही थीं। अब चुपचाप साथ चलो। हम दोनों मिलकर उसे जल्दी खत्म कर देंगे।"
    एरीना ने फिर से मना करने की कोशिश की, लेकिन विनम्र के गुस्से को देखकर वो मान गई।
    तकरीबन 15 मिनट बाद वे दोनों रेस्टोरेंट के पीछे खड़े थे, जहां उनके साथ 10 लोग और थे। एक व्यक्ति, जो शायद लीडर था, उनकी अगुवाई कर रहा था। एक पुरानी ट्रक जैसी गाड़ी जो हवा में उड़ सकती थी, उनके सामने खड़ी थी।
    विनम्र ने गाड़ी की ओर इशारा करते हुए एरीना से कहा, "क्या तुम देख रही हो? ये लोग हवा में उड़ने वाली गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं। टेक्निकी रूप से ये हमसे आगे हैं।"
    एरीना ने भी गाड़ी की ओर देखते हुए कहा, "मुझे ये गाड़ी किसी पुराने जमाने की ट्रक जैसी लग रही है, जो हवा में उड़ सकती है।"
    लीडर ने सभी की ओर देखा और कहा, "हम एक खतरनाक मॉन्स्टर को मारने जा रहे हैं, गलती की तो जान गंवाओगे फिलहाल हम ऐसी जगह जा रहे हैं जहां कमजोर मॉन्स्टर हैं। आप सभी ग्रुप में रहेंगे, कोई भी अकेला नहीं जाएगा।"
    सभी ने हामी भरी। विनम्र ने चारों ओर देखा, वहां के लोग बहुत कमजोर दिख रहे थे। उसने एरीना से कहा, "क्या तुम्हें लगता है ये लोग शिकार कर सकते हैं?"
    एरीना ने भी लोगों की ओर देखते हुए कहा, "क्या ये सब मरने के लिए जा रहे हैं?"
    विनम्र ने गुस्से में कहा, "मुझे भी ऐसा ही लग रहा है। शायद वे लोग जो बिल नहीं चुकाते, उन्हें शिकार के बहाने भेज दिया जाता है।"
    विनम्र ने चार बड़े मॉन्स्टर्स को देखा जो उनके साथ जाने वाले थे। उसने एरीना से कहा, "मॉन्स्टर का शिकार असल में वे करेंगे, हम तो बली का बकरा हैं।"
    एरीना ने अपनी कमर से सुदर्शन चक्र निकाला और बोली, "फिक्र मत करो, हम बली का बकरा नहीं बनेंगे।"

  • 18. विनम्रq - Chapter 18

    Words: 0

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    पिछले भाग में आपने देखा कि विनम्र ने एरीना के साथ दरवाजे के अंदर प्रवेश किया, जो उसके सामने बना हुआ था। दरवाजा एरीना के अनुसार तब बनता था जब उसकी उम्र 18 साल से कम थी। 18 साल की उम्र के बाद नया दरवाजा बनने लगा था, जो गोल होता था जबकि पहले का दरवाजा वर्गाकार था।

    जब दोनों दरवाजे से बाहर आए, तो उन्होंने खुद को कुछ बच्चों से घिरा हुआ पाया, जो राक्षसों के बच्चे थे।

    अब कहानी में आगे:

    विनम्र और एरीना के इर्द-गिर्द खड़े बच्चों के बड़े-बड़े कान थे, जैसे उनके सिंह निकल आए हों। उनके पेट मोटे और काले रंग के थे, जो सांवले शरीर वाले राक्षसों जैसा लग रहा था।

    एक राक्षस ने अपने हाथ को आगे बढ़ाया और विनम्र को पकड़ लिया जैसे वो किसी खिलौने की तरह हो। जब उसने विनम्र को ऊपर उठाया, तो ये पता चला कि उसका आकार विनम्र से चार गुना बड़ा था।

    विनम्र और एरीना की आंखें पूरी तरह से खुली भी नहीं थीं कि उन्होंने देखा कि ये बच्चे वैसे नहीं थे जैसे उन्हें लगे थे। ये पहले छोटे और नाजुक लगे थे, हालांकि वे बच्चे थे लेकिन उनकी हाइट विनम्र और एरीना से लगभग बड़ी थी।

    एक बच्चे ने विनम्र को उठाते हुए कहा, "ये किस तरह का खिलौना है? इसे कौन लेकर आया है? लगता है पिताश्री ये मेरे लिए लेकर आए होंगे?"

    बच्चों में एक लड़की ने एरीना को उठाया और उसे विनम्र की तरह झुलाते हुए कहा, "मगर पिताजी इस तरह के अजीब खिलौने क्यों लेकर आएंगे? ये कितने कमजोर और छोटे हैं।"

    उसने एरीना को सामने की ओर जोर से फेंका। हवा में उड़ती हुई एरीना चिल्लाई और गुस्से के ढेर पर जाकर गिर गई।

    विनम्र ने एरीना की ओर देखते हुए पूछा, "तुम ठीक तो हो ना? ये बच्चे कितने अजीब हैं! मैंने अपनी लाइफ में इतने बड़े बच्चे नहीं देखे। हमारे यहां तो बड़े भी इतने बड़े नहीं होते जितने ये बच्चे हैं।"

    एरीना ने अपनी जगह से उठकर चारों ओर देखा। वे किसी खेत जैसी जगह में थे। दूर एक शहर दिखाई दे रहा था। ये शहर मजबूत दीवारों से बंद था, और ऐसा लगता था कि ये शहर इन बच्चों के बड़ों का शहर है। बच्चे शायद बाहर खेलने के लिए आए होंगे।

    जिस लड़के ने विनम्र को उठाया था, उसने विनम्र को दूर फेंक दिया और बाकी बच्चों के साथ कहीं और खेलने के लिए चला गया। विनम्र भी गुस्से के ढेर पर जाकर गिरा था।

    एरीना और विनम्र एक दूसरे के पास थे।

    विनम्र ने एरीना से कहा, "आखिर ये कौन सी जगह पर आ गए हैं हम?"

    एरीना ने जवाब दिया, "शायद ये वही शहर है जिसका जिक्र अश्वत्थामा ने किया था। शोरन, जो कि राक्षसों का शहर है। वैसे मुझे लगा था कि हमें इस वक्त राक्षस नहीं मिलेगी, लेकिन इसे देखकर लग रहा है कि हम शहर में तो आए हैं, मगर ये शहर हमारी दुनिया में नहीं है।"

    विनम्र ने अपने स्थान से खड़े होकर सामने मौजूद शहर को देखा, जो मजबूत दीवारों की दूसरी ओर बंद था।

    विनम्र ने अनुमान लगाते हुए कहा, "तुम बिल्कुल सही कह रही हो। हमारी दुनिया में इस तरह का शहर नहीं है क्योंकि अगर होता तो सभी लोगों को इसके बारे में पता चल जाता। लेकिन हम किसी अलग दुनिया में भी नहीं आए हैं। जिस तरह से देवभूमि का वजूद है और वो पूरी दुनिया से छिपी हुई है, शायद इसी तरह से ये शहर भी अस्तित्व में है और बाकी लोगों से छिपा हुआ है।"

    एरीना ने अपने कपड़ों पर लगे घास और फूस को झाड़ते हुए कहा, "अगर ऐसा है, तो फिर उन्होंने ऐसा क्या किया है जो इनका वजूद है लेकिन हमें इसके बारे में पता नहीं है? हम अब तक सुदर्शन चक्र को देख चुके हैं, उन सात लोगों को देख चुके हैं जो कभी मर नहीं सकते और अब हमारे सामने एक शहर है जो राक्षसों का शहर है।"

    विनम्र ने मोन्स्टर के बारे में सोचा और कहा, "मेरे ख्याल से इन क्रिएचर्स का भी ऐसा ही मजबूत वजूद होगा। उनकी भी एक अलग दुनिया होगी जो हमारी दुनिया में है, लेकिन छिपी हुई। वहां उनका कोई ग्रुप या गृह होगा जो देवताओं से जुड़ी चीजों को खत्म करने की जिम्मेदारी उठाकर काम कर रहा होगा। खैर, अगर हम यहां पर आए हैं तो यहां पर सुदर्शन चक्र का तीसरा टुकड़ा मौजूद है। हमें उसे लेना है और फिर यहां से निकलना है।"एरीना ने बच्चों की तरफ देखा जो काफी दूर जाकर खेल रहे थे। उनके खेलने का तरीका इतना खतरनाक था कि एरीना देखकर डर गई। वे बड़े-बड़े पत्थरों के टुकड़ों को छोटे पत्थरों की तरह उठाकर एक दूसरे पर फेंक रहे थे।

    एरीना ने कहा, "क्या तुम्हें लगता है कि हमारे लिए ये आसान होगा? हम राक्षसों के शहर में हैं। अगर बच्चे इतने बड़े हैं, तो उनके बड़े कितने बड़े होंगे? उनके सामने हम कुछ भी नहीं हैं। अगर किसी ने हमें दंड भी दिया, तो हमारी हड्डियां सही से नहीं टूटेंगी, बल्कि हम सीधे ऊपर पहुंच जाएंगे।"

    विनम्र ने गहरी सांस लेते हुए कहा, "मेरा एजेंट होना कब काम आएगा? चलो, हम चुपचाप शहर में घुसते हैं। लेकिन हम अभी नहीं कर सकते, हमें रात होने का इंतजार करना होगा।"

    ये कहकर विनम्र और एरीना घास में छुप गए। रात होते ही विनम्र चुपके से बाहर निकला और धीरे-धीरे दबे कदमों से शहर की तरफ बढ़ने लगा।

    दीवार के पास आते ही उसने चुपके से रस्सी ऊपर फेंकी। रस्सी दीवार के किसी हिस्से में अटक गई, फिर विनम्र उसके सहारे ऊपर चढ़ने लगा।

    विनम्र ने ऊपर आकर एरीना को भी बुलाया, "ध्यान से आना, ये रस्सी हाथों में चुभ सकती है।"

    एरीना के ऊपर आते ही विनम्र ने उसका हाथ पकड़ा और उसे दीवार पर चढ़ाया।

    ये दीवार किसी बड़े किले की दीवार जैसी लग रही थी। इसकी चौड़ाई लगभग 200 मीटर के करीब थी। विनम्र और एरीना दोनों दीवार के दूसरे हिस्से में गए और वहां से शहर की ओर देखने लगे।

    ये शहर वैसा नहीं था जैसा उन्होंने सोचा था। उन्होंने अंदाजा लगाया था कि अगर यहां के बच्चे बड़े हैं, तो शहर के बाकी लोग भी बड़े होंगे और घर और महल भी बड़े होंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था। ये शहर सामान्य शहरों की तरह था और घर भी सामान्य ऊंचाई के थे।

    विनम्र ने चलते-फिरते लोगों को देखा जिनकी ऊंचाई भी सामान्य इंसानों के बराबर थी। वे दिखने में भी इंसानों की तरह ही लग रहे थे।

    विनम्र ने कहा, "ये बात मेरे समझ में नहीं आ रही है। बाहर जब हमने उन बच्चों को देखा था, तो वे काफी बड़े लग रहे थे और राक्षसों के बच्चे थे, लेकिन अब यहां हमें इंसान ही दिख रहे हैं। उनकी ऊंचाई भी सामान्य है।"

    एरीना भी सड़क पर चल रहे लोगों की ओर देख रही थी। विनम्र ने अपनी ओवरकोट से दूरबीन निकाली और फिर से देखना शुरू किया। सामने एक बड़ा महल दिखाई दे रहा था। वो उसके आसपास के इलाके को देखने की कोशिश कर रहा था। बड़े हाइट वाले लोग वहां पर दिख रहे थे। दूसरे शब्दों में, राक्षस वहां मौजूद थे।

    एरीना ने लोगों की भीड़ के बीच देखा और उसे कुछ लोग दिखाई दिए जिनकी ऊंचाई सामान्य इंसानों से दोगुनी बड़ी थी।

    एरीना ने कहा, "मुझे लग रहा है कि चीजें वैसी नहीं हैं जैसी हम सोच रहे हैं। यहां पर राक्षस और इंसान दोनों मिलकर एक साथ रह रहे हैं। राक्षसों की ऊंचाई अलग-अलग है। कुछ की ज्यादा, कुछ की कम। ठीक वैसे ही जैसे इंसानों की होती है। बाहर हमने जिन राक्षसों के बच्चों को देखा, वे विशेष क्षमताओं वाले बच्चे होंगे।"

    विनम्र ने दूरबीन हटाते हुए कहा, "वे सभी बच्चे मुझे महल में दिखाई दे रहे हैं। अगर वे विशेष क्षमताओं वाले बच्चे हैं, तो मुझे लगता है कि वे यहां के राजा के बच्चे होंगे। राजा में कुछ विशेष तो होना ही चाहिए।"

    एरीना ने हां में सिर हिलाया, "तो मतलब अब हम शहर में सुरक्षित जा सकते हैं। बस हमें अपने कपड़े बदलने की जरूरत है। इन कपड़ों में अगर हम गए, तो पकड़े जाएंगे। हमें सामान्य कपड़े पहनने चाहिए, जैसे ये लोग पहनते हैं।"विनम्र ने दूरबीन से गलियों में देखा और पाया कि यहां काफी सारी दुकानें भी थीं। ये शहर यहां के शहरों की तुलना में बहुत आधुनिक लग रहा था, क्योंकि यहां पर खाने के लिए रेस्टोरेंट और हर तरह की चीजें उपलब्ध थीं।

    विनम्र ने एरीना से कहा, "तुम यहीं रुको, मैं अभी तुम्हारे लिए कपड़े लाता हूं और खुद के लिए भी कुछ कपड़े लेकर आता हूं।"

    ये कहकर विनम्र ने छलांग लगाई और अंधेरे में गायब होते हुए एक दुकान में चला गया। थोड़ी देर बाद वो वापस आया और उसके पास कपड़ों के दो जोड़े थे।

    उसने एक जोड़ा एरीना की तरफ फेंक दिया और एक खुद पहन लिया। एरीना जब कपड़े बदल रही थी, विनम्र ने उसकी ओर पलटकर देखा।

    एरीना का फिगर काफी आकर्षक था। कपड़े पहनते हुए एरीना पलटी तो उसने देखा कि विनम्र उसे देख रहा है।

    वो शरारती लहजे में बोली, "क्यों? मैं तुम्हें अच्छी लग रही हूं क्या? मगर कल तुमने कहा था कि तुम्हें मुझमें कोई रुचि नहीं है, फिर अब क्यों देख रहे हो?"

    विनम्र ने उसे पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए कहा, "मैं बस ये देख रहा हूं कि तुम कितनी धीमी गति से कपड़े बदल रही हो।"

    एरीना गुस्से से ताव में आ गई। उसने तेज आवाज में विनम्र से कहा, "उस तरफ देखो, मुझे शर्म आ रही है।"

    विनम्र पलट गया और दूसरी तरफ देखने लगा। दूसरी तरफ देखते हुए विनम्र ने कहा, "शर्म? और वो भी तुम्हें? तुम्हारे रवैये को देखकर ऐसा लगता है कि उस दिन दुनिया का अंत होगा जब तुम्हें शर्म आएगी।"

    दोनों ने अपने कपड़े बदल दिए थे। विनम्र ने अपनी ओवरकोट को एक सुरक्षित जगह पर छुपाया और फिर एरीना के साथ नीचे आया।

    दोनों अब शहर की गलियों में सामान्य लोगों की तरह घूम रहे थे। विनम्र यहां की चहल-पहल और लोगों के व्यवहार को नोट कर रहा था। उसने देखा कि लेन देन के मुकाबले यहां पर पुराने तरीकों का उपयोग किया जा रहा है। एक चीज देने के बाद दूसरी चीज ली जाती है, और चीज की कीमत लेने वाला ही तय करता है। जो भी चीज चाहिए, आदमी को मिले या नहीं, यही तरीका अपनाया जाता है।

    विनम्र ने सोचा कि इससे पहले एरीना ने कहा, "तुमने देखा, यहां सामान देकर लेन-देन किया जा रहा है। बोलचाल में हिंदी का उपयोग हो रहा है, लेकिन पुराने जमाने की हिंदी।"

    एरीना हिंदी जानती थी। विनम्र भी इन सब को नोट कर रहा था।

    वे दोनों आगे बढ़े और एक ऐसी जगह पर पहुंचे जहां खाने के लिए एक रेस्टोरेंट जैसी दुकान बनी हुई थी। एरीना ने दुकान को देखते ही कहा, "चलो, चलकर देखते हैं कि यहां खाने में क्या मिलता है। मुझे यहां का खाना ट्राई करना है।"

    एरीना विनम्र को अपने साथ रेस्टोरेंट के अंदर ले गई। विनम्र ने देखा कि ये रेस्टोरेंट लगभग धरती पर पाए जाने वाले दूसरे रेस्टोरेंट की तरह था। खाने के लिए यहां टेबल थे और एक मेनू रखा हुआ था।

    विनम्र ने मन में सोचा, "मैं नहीं जानता कि पुराने जमाने में राक्षस कैसे रहते थे, लेकिन क्या वे इतने एडवांस थे? इस पूरी जगह को देखकर ऐसा नहीं लगता कि मैं किसी पुराने जमाने के शहर में हूं। शायद यहां पर भी रेवुलेशन आया होगा। जिस तरह से अश्वत्थामा ने अपनी जगह में रेवुलेशन लाकर उसे आधुनिक बना दिया था, इस तरह से इन्होंने भी इसे आधुनिक किया होगा। मगर हां, इन्होंने बस थोड़ी बहुत चीजें ही अपनाई हैं, पूरी तरह से नहीं। जैसे कि लेन-देन के तरीके में ये अभी भी पुराने तरीके का उपयोग कर रहे हैं।"

    वो एक कुर्सी पर बैठ गया और एरीना उसके सामने आकर बैठ गई।

    विनम्र ने अपनी सोच को कायम रखते हुए कहा, "इन्हें बाहरी दुनिया के बारे में पता तो जरूर होगा, तभी यहां रेवुलेशन आया है। ये बहुत दिलचस्प है। वक्त के साथ चीजें कितनी बदल जाती हैं। खैर, मुझे ये समझ में नहीं आ रहा कि दुनिया की नजरों से बचकर ये लोग कैसे रह रहे हैं। मुझे अश्वत्थामा के मामले में भी समझ में नहीं आ रहा कि वो पूरी दुनिया की नजरों से बचकर कैसे रह रहा है। ये शहर दुनिया के नक्शे में कहां है, मैंने इसकी लाॅकेशन देख ली थी, लेकिन अश्वत्थामा का शहर देवभूमि कहां है? मुझे इसे दुनिया के नक्शे में ढूंढना होगा, तो मुझे कहां जाना होगा?"

    जब वे दोनों वहां बैठे थे, तभी एक वेटर आया, जो एक राक्षस था लेकिन कम ऊंचाई वाला। उसकी ऊंचाई लगभग इंसानों की समान थी।

    उसके चेहरे पर बड़ी-बड़ी विशेषताएं थीं और सिर पर उसने एक हेलमेट लगा रखा था जिस पर सिंह बने हुए थे। मगर उसका व्यवहार और उसके खड़े होने का तरीका इतना शालीन था कि ऐसा लगता था जैसे उसके अंदर कोई इंसान छुपा हुआ हो।

    उसने अपने हाथ में किसी फाइव स्टार होटल के वेटर की तरह एक मेनू पकड़ा हुआ था और अपने दूसरे हाथ को शालीनता से रखा हुआ था।

    उसने बड़े ही विनम्र अंदाज में दोनों से पूछा, "आपका शहर स्वागत करता है। पास के शहरों से यहां काफी मुसाफिर आते हैं। मुझे भी आप वहीं से लग रहे हैं। बताइए, मैं आपके लिए क्या लाऊं?"

    एरीना और विनम्र एक-दूसरे की ओर देखने लगे। विनम्र ने मन में सोचा, "पास के शहर से लोग आते रहते हैं? इसका मतलब यहां आसपास और भी शहर हैं? या फिर ये इंसानी शहरों की बात कर रहा है? नहीं, ये इंसानी शहरों की बात नहीं कर रहा है। फिर इसका क्या मतलब है? क्या हम सच में एक अलग दुनिया में पहुंच गए हैं जो इन राक्षसों की दुनिया है? ओह, मेरा दिमाग में घूम रहा है। पहले लेवल 8 की क्रिएचर, फिर पूरा शहर, और अब आसपास के शहर।"

    विनम्र और एरीना दोनों के दिमाग में यही सवाल घूम रहा था।

  • 19. विनम्रq - Chapter 19

    Words: 0

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    पिछले भाग में आपने देखा कि विनम्र और एरीना ने निर्णय लिया था कि वे सुदर्शन चक्र के तीसरे टुकड़े को ढूंढने के लिए निकलेंगे। इसके लिए उन्हें 24 घंटे का इंतजार करना था, ताकि एरीना डाइमेंशन ट्रैवलिंग कर सके।
    अब कहानी आगे बढ़ती है:
    विनम्र और एरीना बाहर घूम रहे थे। कल रात बहुत बारिश हुई थी, लेकिन आज मौसम साफ था।
    अश्वत्थामा अपने साथियों के साथ क्रिएचर पर नजर रखने के लिए निकल चुके थे। विनम्र और एरीना सुबह लेट उठे थे, इसलिए वे बाकी सदस्यों को नहीं देख पाए।
    ये पूरा इलाका खाली-खाली सा लग रहा था। बिल्डिंगों और उन में रहने वाले पांच सदस्यों के अलावा यहां कोई और इंसान नहीं था।
    इस समय, दोनों बिल्डिंग के बाहर थे और मॉर्निंग वॉकर की तरह धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहे थे।
    एरीना ने चलते हुए विनम्र से कहा, "मुझे समझ में नहीं आ रहा कि सेकंडों सालों तक जिंदा रहने के बाद कोई बोर नहीं होता? ये सभी 5 लोग सैकड़ों सालों से जिंदा हैं, तो क्या वे इस खाली जगह में बोर नहीं हुए होंगे?"
    विनम्र ने अपने कंधे उचकाए, "नहीं, मुझे नहीं पता। वैसे ऐसा होना तो नहीं चाहिए कि कोई सैकड़ों साल जिंदा रहने के बाद बोर हो, लेकिन ये लोग हमेशा किसी न किसी काम में लगे रहते हैं, इसलिए मुझे नहीं लगता कि ये बोर हुए होंगे।"
    एरीना ने धीमी आवाज में कहा, "मैंने इस जगह पर घूमने की कोशिश की थी। अश्वत्थामा के अलावा, मैंने बाली से मुलाकात की और देखा कि वहां कई धनुष रखे हुए थे। तुम्हें क्या लगता है, यहां रहने वाले पांच सदस्यों में कौन-कौन शामिल होगा?"
    विनम्र ने सोचा। इस पर उसने अब तक ध्यान नहीं दिया था कि उन पांच लोगों में से कौन हो सकता है। उसने एक नाम बाली लिया, मतलब उनमें से एक बाली है। फिर बाकी तीन जिंदा लोगों में कौन होंगे और बाहरी दुनिया में दो लोग कौन होंगे, ये सोचने लगा।
    विनम्र ने कहा, "मुझे इसके बारे में पूछना चाहिए था, लेकिन मैं पूछना भूल गया। जहां तक मुझे भारतीय इतिहास से पता है, इनमें राक्षसों के महागुरु शुक्राचार्य भी शामिल हो सकते हैं। हमारे सबसे ताकतवर देवता हनुमान जी भी कभी नहीं मारे जा सकते।"
    विनम्र ने कहा, "क्या इसका मतलब हनुमान जी भी इन सात लोगों के ग्रुप में से एक होंगे? नहीं, अगर ऐसा होता तो क्रिएचर को हराना उनके लिए मुश्किल नहीं होता। हनुमान जी बहुत ताकतवर हैं, उनके सामने कोई भी क्रिएचर टिक नहीं सकता।"
    एरीना ने विनम्र को गुस्से भरी नज़रों से देखा, "शायद तुमने हनुमान जी के बारे में सही से नहीं पढ़ा है, वरना तुम ऐसा कभी नहीं बोलती। उनकी ताकत अनलिमिटेड है। जहां तक सुदर्शन चक्र की कमजोर होने की बात है, अश्वत्थामा ने हमें इसका कारण बताया था। सुदर्शन चक्र की ताकत उसे चलाने वाले पर भी निर्भर करती है। जितना ताकतवर ये भगवान के चलाने पर होता है, उतनी ताकत किसी और के चलाने पर कभी नहीं हो सकती। भगवान के बिना, सुदर्शन चक्र अपने पूर्ण रूप में कभी नहीं आ सकता।"
    ये लॉजिक सही भी है। अगर भगवान श्री कृष्ण के ना इस्तेमाल करने के बाद भी अगर ये इतनी ताकतवर है, तो इसका गलत इस्तेमाल भी हो सकता है।
    एरीना ने कहा, "फिर तो मैं कुछ नहीं कर सकती। क्योंकि हमारे चलाने के बावजूद भी ये इतनी ताकतवर है कि सामान्य चीजें इसके सामने नहीं टिक सकतीं।"
    सुदर्शन चक्र की ताकत भगवान श्री कृष्ण के बिना भी मौजूद है, यहां तक कि इसके टुकड़ों में भी। विनम्र कल्पना कर सकता था कि जब ये पूरी तरह से एक हो जाएगा, तो इसकी ताकत और भी बढ़ जाएगी। लेवल 8 का क्रिएचर इसे रोकने में कामयाब हो रहा था, लेकिन उसके पास इसका कोई तोड़ नहीं था।
    यहां कोई भी सुदर्शन चक्र को कम नहीं समझ रहा था। बस ये सोचने का प्रयास किया जा रहा था कि आखिर इसकी ताकत में इतना अंतर क्यों है।
    बातें करते-करते, दोनों काफी दूर आ गए। यहां पर एक रास्ता ऊपर की तरफ जाता था, जो उन्हें वहीं ले जाएगा जहां वे पहले दिन रुके थे।
    विनम्र ने गहरी सांस ली और अपने डिवाइस को निकाल कर आन्या और शंभू से बात करने की कोशिश की, लेकिन नेटवर्क काम नहीं कर रहा था। उन दोनों में से कोई भी संपर्क नहीं कर पा रहा था।
    विनम्र ने ऊपर की तरफ देखा, "लगता है ये पूरा इलाका किसी तरह के कवच में है, इसलिए यहां से बाहर हम बात नहीं कर सकते। बाहर से भी कोई बात नहीं कर सकता।"
    एरीना ने मणि की ओर देखा, "क्या ये सब इस मणि की वजह से हो रहा है? हो सकता है ये हमारे सिग्नल को प्रभावित कर रही हो।"
    विनम्र ने सिर झुकाया, "हां, हो सकता है। अगर अश्वत्थामा वापस लौटते हैं, तो मैं उनसे इस बारे में बात करूंगा। मुझे लगता है, वापस जाने में वक्त लगेगा, इसलिए आन्या और शंभू को मुझे इस बारे में बताना होगा।"एरीना को इन दोनों के बारे में जानकारी नहीं थी, "ये दोनों कौन हैं?"
    विनम्र ने गहरी सांस लेते हुए कहा, "ये दोनों मेरे दोस्त हैं। मेरे साथ काम करते हैं।"
    काफी देर तक रुकने के बाद, वे वापस चले गए। 24 घंटे जैसे ही समाप्त हुए, एरीना यहां से दूर चली गई। उसने जगह की लाॅकेशन देख ली थी, इसलिए वो वहां जाने के लिए तैयार थी।
    विनम्र और एरीना दोनों पहाड़ी के ऊपर वाले हिस्से पर थे। बारिश, जो पहले रुक गई थी, अब दोबारा शुरू हो गई थी। ये रात का समय था और रात की बारिश काफी भयंकर थी। तेज हवाओं के साथ, ये बारिश एक तूफान का रूप ले रही थी।
    एरीना ने विनम्र की ओर देखते हुए कहा, "मेरा मन कर रहा है कि मैं ऑस्ट्रेलिया चली जाऊं। इस मुश्किल को ये लोग खुद ही निपट लेंगे। लेकिन तुमने मेरी जान बचाई है, इसी एहसान के कारण मैं तुम्हारे साथ तीसरे टुकड़े को खोजने जा रही हूं।"
    विनम्र ने खुलकर कहा, "अगर तुम नहीं जाना चाहती हो तो तुम मना भी कर सकती हो। कहीं ऐसा तो नहीं है कि तुम्हें वो टुकड़ा चाहिए इसलिए तुम मेरे साथ चल रही हो?"
    एरीना ने जवाब देने में एक पल भी देरी नहीं की, "मेरे पास पहले से ही एक टुकड़ा है। उसकी ताकत मेरे लिए काफी है, फिर मैं एक और टुकड़ा हासिल करके क्या करूंगी? वो टुकड़ा तुम्हें मुबारक हो।"
    विनम्र ने कहा, "मुझे भी नहीं चाहिए, मैं तो अपने पास मौजूद टुकड़े को भी अश्वत्थामा को देने के बारे में सोच रहा हूं। लेकिन इस समय, हमें उस टुकड़े को खोजने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है, इसलिए मैं उसे ढूंढने जा रहा हूं।"
    एरीना ने अपने दोनों हाथों को कसकर बंद कर लिया और फिर अपनी कमर पर लटक रहे सुदर्शन चक्र को निकालकर सामने की ओर किया।
    डाइमेंशन ट्रैवलिंग करने से पहले, एरीना ने विनम्र से पूछा, "क्या तुम तैयार हो? तुम्हें डर तो नहीं लग रहा? डाइमेंशन ट्रैवलिंग काफी खतरनाक होती है और इसके दौरान हमें चक्कर भी आ सकते हैं, उल्टियां भी हो सकती हैं और बुखार भी चढ़ सकता है।"
    विनम्र ने उसे आंखें दिखाते हुए कहा, "तुम शायद भूल रही हो कि हम दोनों पहले भी डाइमेंशन ट्रैवलिंग कर चुके हैं। ऐसा कुछ भी नहीं होता।"
    एरीना हंसने लगी, "मैं तो तुम्हें डराने की कोशिश कर रही थी, लेकिन शायद मैं भूल गई थी कि तुम एक एजेंट हो। तुम्हें यहां के क्रिएचर भी नहीं डरा सके, तो मैं तुम्हें क्यों डराऊं? यार, तुम इतने बहादुर क्यों हो? उन क्रिएचर्स को देखकर तो मैं भी डर गई थी, फिर तुम्हें डर क्यों नहीं लगता?"
    विनम्र ने जवाब देते हुए कहा, "तुम ये सब बोलना बंद करो और जो काम करने के लिए कहा है, वो क्यों नहीं कर रही? चलो, डाइमेंशन ट्रैवलिंग शुरू करते हैं ताकि हम यहां से निकल सकें।"
    एरीना ने अपनी आंखें बंद करके जगह को याद किया और फिर सामने एक पीले रंग का घेरा बना दिया। इस पीले रंग के घेरे के अंदर काले रंग की रोशनी चमक रही थी।
    एरीना ने घेरे की ओर देखते हुए कहा, "ये घेरा बन गया है, क्या अब तुम जाने के लिए तैयार हो?"
    विनम्र ने तेजी से सामने की ओर बढ़ते हुए कहा, "मैं कब से तैयार हूं। अब तुम भी आ जाओ।" विनम्र ने घेर के अंदर प्रवेश किया और एरीना भी उसके पीछे-पीछे चली गई।
    ये एक अंधेरी और भयानक जगह थी। जिस तरह के खराब मौसम में एरीना और विनम्र खड़े थे, वही मौसम यहां भी था। तेज तूफान और तेज बारिश हो रही थी।
    आसपास कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था क्योंकि अंधेरा बहुत ज्यादा था। अचानक बिजली चमकी और विनम्र ने देखा कि वे किसी कब्रिस्तान जैसी जगह में खड़े थे। उनके चारों ओर कब्रें फैली हुई थीं, जो बहुत ही डरावना दृश्य था।
    एरीना ने विनम्र से कहा, "ये जगह तो बहुत डरावनी है। क्या हम सही जगह पर आए हैं या नहीं? क्योंकि अगर हम सही जगह पर आए हैं, तो हमें किसी शहर में जाना था, ना कि किसी कब्रिस्तान में।"
    विनम्र ने अपने आसपास की जगह को देखते हुए कहा, "कहना मुश्किल है, लेकिन अगर हम यहां आए हैं तो इसके पीछे कोई न कोई कारण होगा। क्या ये जगह तुमने अपने मन में इमेजिन की थी या फिर अपने आप ही यहां आ गए हैं?"
    एरीना ने जवाब देते हुए कहा, "मैं आजकल कुछ ठीक से इमेजिन नहीं कर पा रही हूं। पिछली बार तुम्हारी वजह से हम देवलाॅक में चले गए थे और आज मैंने इस जगह को इमेजिन नहीं किया था। मैंने एक शहरी इलाके को इमेजिन किया था।"विनम्र थोड़ा आगे बढ़ा और वहां जाकर उसने कहा, "सुदर्शन चक्र हमें हमेशा खुद से जुड़ी हुई चीजों के पास लेकर जाता है। जैसे पहले जब वो हमें देवलाॅक के पास ले गया, तब उसका संबंध अश्वत्थामा और बाकी के लोगों से था। फिर देव लोग एक दैविक भूमि थे। अब ये हमें यहां पर ले आया है, तो इसका संबंध इसके तीसरे टुकड़े से ही होगा।"
    विनम्र की बात में कहीं न कहीं सच्चाई थी। हालांकि, उसने चीजों के बारे में सही से इमेजिनेशन नहीं की थी। सुदर्शन चक्र उन्हें ऐसी जगह पर ले जा रहा था जो देवताओं से जुड़ी हुई थी, खासकर महाभारत के समय के देवताओं और वहां के लोगों से।
    बिजली की चमक दोबारा हुई और विनम्र ने फिर से आसपास देखा। इस बार, वहां मौजूद कब्रों के अलावा, उसने एक दरवाजा देखा जो उनके सामने ही था।
    ये दरवाजा थोड़ा अजीब दिख रहा था। कब्रिस्तान के बीचो-बीच मौजूद ये दरवाजा न तो किसी कमरे की ओर जाता था और न ही किसी दूसरी जगह की ओर। ये एक ऐसा दरवाजा था जिसका यहां पर कोई काम नहीं था।
    विनम्र इससे पहले दरवाजे के बारे में कुछ कहता, एरीना ने कहा, "ये दरवाजा तो एक डाइमेंशन ट्रैवलिंग करने वाला दरवाजा है। सुदर्शन चक्र से पहले ऐसे ही दरवाजे बनते थे, मगर बाद में इस तरह के दरवाजे बनना बंद हो गए।"
    ये भी एक हैरान करने वाली बात थी कि सुदर्शन चक्र से दो अलग-अलग तरह के दरवाजे कैसे बन सकते हैं।
    विनम्र इस बारे में सोचने की कोशिश करना चाहता था, लेकिन मौजूदा माहौल ऐसा था कि वो इस पर ध्यान नहीं दे पा रहा था।
    विनम्र धीरे-धीरे दरवाजे की ओर बढ़ने लगा। एरीना भी उसके पीछे धीमे कदमों से चलने लगी।
    विनम्र ने दरवाजे की ओर चलते हुए एरीना से कहा, "क्या तुम्हें पूरा यकीन है कि ये वही दरवाजा है जो पहले सुदर्शन चक्र बनाता था? लेकिन अगर ऐसा है, तो फिर इसमें दो-दो बार दरवाजे क्यों बनाए हैं? क्या इसका मतलब है कि हम उस जगह पर नहीं पहुंचे हैं जहां हमें पहुंचना चाहिए था? शायद अभी भी हमारे सफर बाकी हैं।"
    एरीना ने इसके लिए साफ मना कर दिया, "मैं इस बारे में कुछ भी नहीं जानती। पहले, जब मेरी उम्र कम थी, तब मैं सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल करती थी, तो ऐसे दरवाजे बनते थे। फिर, जब मेरी उम्र 18 साल से ज्यादा हो गई, तब उसने गोल दरवाजे बनाना शुरू कर दिए।"
    विनम्र को समझ आ गया कि सुदर्शन चक्र ने दरवाजे के आकार को क्यों बदला। शायद इसका कारण एरीना की उम्र थी। उसकी कम उम्र में उसकी ताकत कम थी, इसलिए सुदर्शन चक्र ने कम पावरफुल दरवाजे बनाए। जबकि उसकी उम्र बढ़ने के साथ, उसकी ताकत बढ़ गई, तो सुदर्शन चक्र ने बड़े और ज्यादा पावरफुल दरवाजे बनाना शुरू कर दिया। यहां पर ये नियम लागू हो रहा था कि जिसमें धारक मजबूत होगा, सुदर्शन चक्र का प्रभाव भी उतना ही ताकतवर होगा।
    विनम्र अब उस दरवाजे के पास पहुंच चुका था। उसने दरवाजे के अंदर से अजीब सी आवाज सुनी, जो किसी दिल की धड़कन जैसी लग रही थी।
    अब तक विनम्र ने दो बार डाइमेंशन ट्रैवलिंग की थी, लेकिन दोनों ही बार उसने इस प्रकार की आवाज नहीं सुनी थी।
    विनम्र ने अपने हाथ को दरवाजे के पास किया और वो एक झटके में गायब हो गया।
    एरीना ये देखकर डर गई। उसने पीछे से कहा, "विनम्र, विनम्र, क्या तुम ठीक हो? क्या तुम ठीक हो?"
    लेकिन उसे सामने से कोई भी जवाब नहीं मिला। एरीना ने गहरी सांस ली और फिर उसने भी अपना हाथ दरवाजे की तरफ बढ़ा दिया, जिससे वो भी अगले ही पल गायब हो गई।
    दोनों अपने आसपास चमत्कारी रोशनी से चमकते हुए दीवार से बने कुएं में गिर रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे ये कुआं अनंत तक जा रहा हो। दोनों बुरी तरह से चिल्ला रहे थे।
    ये सिलसिला काफी देर तक चलता रहा, और फिर अचानक सब कुछ बदल गया। वे दोनों किसी घास के मैदान पर पड़े हुए दिखाई दिए। उनके ठीक सामने नीला रंग का आसमान था। अभी थोड़ी देर पहले वे बारिश और भयंकर तूफान के माहौल में थे और रात का समय था, लेकिन अब सब कुछ बदल चुका था। वे दोनों नीले आसमान को देख रहे थे, तभी कुछ बच्चों के चेहरे उनके सामने आ गए, जो गोल घेरा बनाकर एक-एक करके उनके सामने खड़े हो रहे थे।
    ये सभी बच्चे उन दोनों को देख रहे थे। वहीं, विनम्र और एरीना भी उन बच्चों को देख रहे थे।
    ये बच्चे राक्षसों के बच्चे थे।

  • 20. विनम्रq - Chapter 20

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    पिछले भाग में आपने देखा कि विनम्र और एरीना को आखिरकार सुदर्शन चक्र को ढूंढने के लिए कुछ लोगों से लड़ना पड़ा। अब वे तीसरे शख्स की तलाश में शौरन शहर की ओर निकलने वाले थे, जो कभी राक्षसों का एक प्रमुख शहर हुआ करता था।
    अब कहानी में आगे:
    संयोगिता और स्टीफन को शौरन पहुँचने में तकरीबन दो दिन लग गए। इसका कारण यह था कि उन्हें सही फ्लाइट नहीं मिली। फ्लाइट शेड्यूल पूरी तरह बिगड़ गया था, जिसके कारण वे समय पर रोबर्ट जूनियर के पास नहीं पहुंच सके।
    वनीला ने संयोगिता के आते ही पूछा, "मुझे बताओ, मौत की देवी ने क्या कहा? क्या उन्होंने बताया कि इसे कैसे ठीक किया जा सकता है?"
    संयोगिता ने सिलसिलेवार पूरी बात वनीला को बताई। उसने कहा, "हां, मौत की देवी ने सब कुछ बताया। उन्होंने कहा कि इन पर कवच का एक श्राप लगा हुआ है, और इसी श्राप की वजह से इनकी हालत खराब हो रही है। अगर हमें बॉस को ठीक करना है, तो हमें उनके खून को जूलियस सीज़र की कब्र तक लेकर जाना होगा।"
    वनीला चौंक गई, "जूलियस सीज़र की कब्र? लेकिन कोई नहीं जानता कि वह कब्र कहां है! यह तो क्लियोपेट्रा की कब्र की तरह एक बड़ा रहस्य है।"
    संयोगिता ने मन ही मन सोचा कि उसकी बहन को इस बारे में कुछ पता नहीं होगा, लेकिन वह गलत थी। उसकी बहन ने तुरंत बता दिया कि जूलियस सीज़र की कब्र का कोई ठिकाना नहीं है। इसका मतलब यह था कि उसे अपनी बहन को विनम्र की मदद लेने की योजना के बारे में बताना पड़ेगा।
    संयोगिता ने एक पल के लिए यह बात छिपाने का विचार किया और बोली, "मुझे पता है कि जूलियस सीज़र की कब्र का कोई ठिकाना नहीं है, लेकिन अगर हमें क्लियोपेट्रा की कब्र का पता चल जाए, तो हम शायद सीज़र की कब्र भी ढूंढ सकते हैं। हमें बस कहीं से शुरुआत करनी होगी।"
    वनीला ने पूछा, "तो तुम कहां से शुरुआत करोगी? क्या तुमने कुछ सोचा है?" उसकी आंखों में अचानक आंसू आ गए, "हमारे बॉस की हालत इतनी खराब हो रही है कि वो एक महीने से ज्यादा नहीं बच पाएंगे। हमें इस कब्र को एक महीने के भीतर ही ढूंढना होगा।"
    स्टीफन विनम्र की मदद लेने के पक्ष में नहीं था, इसलिए उसने सुझाव दिया, "आप दोनों चिंता मत करो, मैं दुनिया के सबसे बड़े शोधकर्ताओं को इस काम में लगा दूंगा। जो भी जूलियस सीज़र की कब्र ढूंढेगा, उसे मैं मुंह मांगा इनाम दूंगा।"
    संयोगिता ने उसकी बात को तुरंत काटते हुए कहा, "यह सिर्फ समय की बर्बादी होगी। जिन शोधकर्ताओं को तुम यह काम देना चाहते हो, उन्होंने पहले ही क्लियोपेट्रा की कब्र को ढूंढने की कोशिश की होगी, लेकिन वे नाकाम रहे हैं। जब उन्हें क्लियोपेट्रा की कब्र नहीं मिली, तो जूलियस सीज़र की कब्र कैसे मिलेगी?"
    स्टीफन को लगा था कि यह बात कहकर, वह संयोगिता को विनम्र की मदद न लेने के लिए मना लेगा, लेकिन संयोगिता ने उसकी बात को तुरंत ठुकरा दिया। अब स्टीफन का मन था कि वह वनीला को बता दे कि संयोगिता विनम्र की मदद लेने का सोच रही है, लेकिन मजबूरन वह कुछ नहीं कह सका।
    वनीला ने रोबर्ट जूनियर के पास जाकर उनके हाथों को पकड़ा। उनका शरीर ठंडा पड़ चुका था, शायद श्राप की वजह से। उनके चेहरे पर अजीब से निशान उभर रहे थे, जैसे उनकी हड्डियों में खून जम रहा हो और नसें फूल रही हों।
    वनीला ने रोते हुए कहा, "मुझे माफ कर दीजिए, बॉस। मैंने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन हम इतने बेबस हो जाएंगे कि आपको बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाएंगे। काश, मैं आपकी जान बचाने के लिए कुछ कर पाती।"
    संयोगिता अपनी बहन की हालत देख नहीं पा रही थी। वह जानती थी कि अब वनीला के पास कोई उम्मीद नहीं बची थी। स्टीफन ने संयोगिता का हाथ पकड़कर उसे दूर ले जाकर कहा, "देखो, मुझे तुम्हारी बहन से नफरत है, लेकिन मैं उसे इस तरह टूटते हुए नहीं देख सकता। क्या तुम्हें उसे नहीं बताना चाहिए कि हमारे पास एक तरीका है?"
    संयोगिता भी यही सोच रही थी। स्टीफन का साथ पाकर उसे अब विश्वास हो गया था कि वे दोनों मिलकर वनीला को मनाने में सफल हो सकते हैं। संयोगिता वनीला के पास गई और उसके कंधे पर हाथ रखकर बोली, "इस तरह रोने से कुछ नहीं होगा।"
    वनीला ने गले लगते हुए कहा, "प्लीज़, मुझे मत रोको। मैं जानती हूं तुम मुझे सांत्वना देने आई हो, लेकिन मुझे अपनी भावनाएं काबू में नहीं आ रही हैं।"
    संयोगिता ने वनीला की पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा, "डरने की जरूरत नहीं है। मैंने एक रास्ता निकाला है जिससे हमारे बॉस की जान बचाई जा सकती है।"
    वनीला ने तुरंत संयोगिता से पूछा, "क्या रास्ता निकाला है तुमने?"
    संयोगिता ने कहा, "हमारे दुश्मन चीज़ें ढूंढने में माहिर हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि हमें विनम्र से मदद लेनी चाहिए। वह जूलियस सीज़र की कब्र ढूंढ सकता है।"
    वनीला का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। उसने चिल्लाते हुए कहा, "तुमने विनम्र से मदद लेने के बारे में सोचा भी कैसे?"
    स्टीफन ने समझाने की कोशिश की, "संयोगिता सही कह रही है। विनम्र ने क्लियोपेट्रा की कब्र ढूंढी थी, जो नामुमकिन था। हमें इस पर विचार करना चाहिए।"
    वनीला ने अपनी आंखें बंद कर लीं और कहा, "इससे अच्छा तो तुम आज मौत की देवी से ही पूछ लेतीं कि जूलियस सीज़र की कब्र कहां है। वो मौत की देवी है, उसे तो ज़रूर पता होगा कि किसी शख्स की कब्र आख़िर कहां है। लेकिन हम विनम्र से इस तरह मदद नहीं मांग सकते।"
    संयोगिता ने पहले ही मौत की देवी से सवाल पूछा था, और जवाब में उसने कहा था कि उसे भी नहीं पता कि जूलियस सीज़र की कब्र कहां है।
    संयोगिता बोली, "तुम्हें क्या लगता है कि हमने मौत की देवी से नहीं पूछा होगा? हमने पूछा था, लेकिन उसने बताया कि सीज़र की मौत रहस्यमयी थी। इसलिए, उसे उसकी आत्मा कभी मिली ही नहीं और इस वजह से वो नहीं जानती कि उसकी कब्र कहां है।"
    यह सब थोड़ा अजीब था, ऐसा कुछ जो नहीं होना चाहिए था। आखिर, जूलियस सीज़र की मौत में ऐसा क्या खास था कि उसकी आत्मा मरने के बाद मौत की देवी तक नहीं पहुंची? चाहे आत्मा अच्छी हो या बुरी, मरने के बाद उसे एक बार मौत की देवी के पास जाना ही पड़ता था। और ऐसा भी नहीं था कि मौत की देवी रोमन साम्राज्य के किसी अन्य शख्स की आत्मा को पहचान नहीं पाती।
    वनीला ने हैरान होकर कहा, "आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? जूलियस सीज़र में ऐसा क्या खास था कि मरने के बाद उसकी आत्मा मौत की देवी तक नहीं पहुंची?"
    स्टीफन ने वनीला के कंधे पर हाथ रखकर कहा, "हम इस बारे में नहीं जानते, और मुझे नहीं लगता कि हमें जानने की ज़रूरत है। अभी हमारे लिए ज़रूरी सिर्फ एक चीज़ है, और वो है हमारे बॉस की जान बचाना। मुझे बताओ, तुमने क्या फैसला किया है? अगर तुम विनम्र से मदद नहीं लेना चाहतीं, तो फिर तुम करना क्या चाहती हो?"
    वनीला ने अपने बालों को पकड़ा और गुस्से में अपने बाल नोचने लगी। कुछ देर बाद वो उठी और बोली, "ठीक है, हम विनम्र से मदद लेंगे, लेकिन उसे ऐसा ना लगे कि हम कमजोर हैं। तुम्हें पता है ना कि विनम्र के साथ उसके साथी भी होते हैं? हम उनमें से किसी एक को किडनैप करेंगे और फिर विनम्र से कहेंगे कि अगर उसने हमारी मदद नहीं की, तो हम उसके साथी को मार देंगे।"
    स्टीफन और संयोगिता ने एक-दूसरे की तरफ देखा। उन्होंने तो ऐसा कभी सोचा भी नहीं था। संयोगिता विनम्र से सीधे मदद मांगने के पक्ष में थी, लेकिन वनीला का तरीका ज़बरदस्ती का था। संयोगिता को यह आइडिया बिल्कुल पसंद नहीं आया, क्योंकि इससे विनम्र उनका दुश्मन बन सकता था। मगर स्टीफन इस आइडिया का समर्थन कर रहा था, क्योंकि वो भी विनम्र से सीधे मदद मांगने के खिलाफ था।
    स्टीफन उत्साहित होकर बोला, "बिल्कुल सही कहा तुमने! हम विनम्र से मजबूरन मदद लेंगे। उसे हमारी मदद करनी ही होगी। मैं अभी अपने साथियों को इन्फॉर्म करता हूं और उन्हें विनम्र के दोनों साथियों को ढूंढने के लिए कहता हूं। हम उन्हें किडनैप करेंगे और फिर विनम्र को मजबूर करेंगे कि वो हमारा काम करे।"
    संयोगिता खुश नहीं थी, लेकिन उसने कुछ कहा भी नहीं। एक तरफ जहां यह तय हो रहा था कि रोबर्ट जूनियर को बचाने के लिए क्या किया जाएगा, वहीं दूसरी तरफ मौत की देवी अपने कामों में व्यस्त थी।

    ये एक ऐसी जगह थी जो पूरी तरह से बर्फीली थी। चांदनी रात में तेज तूफान चल रहा था और हल्की बर्फबारी यहां पर हो रही थी। बर्फ की बारीक बंदे चमकते हुए सितारों की तरह लगातार नीचे गिर रही थी।
    मौत की देवी अपने डरावने खौफनाक चेहरे के साथ बर्फ की सतह पर धीमे-धीमे कदमों से सामने की तरफ चलती जा रही थी। चांदनी रात में जैसे-जैसे वो अपने कदम को आगे बढ़ा रही थी, उनके पीछे अंधेरा आता जा रहा था।
    ऐसे लग रहा था जैसे वो अपने साथ अंधेरे साया को लेकर चल रही थी और जैसे-जैसे वो आगे जा रही थी, अंधेरा साया पीछे से हर एक जगह को अपने गिरफ्त में लेते हुए जा रहा था।
    ये और भी भयानक था और ये और भी डरावना था। मौत की देवी सामने जहां पर जा रही थी, वहां पर एक पानी का तालाब दिखाई दे रहा था।
    इस पानी के तालाब का पानी सफेद रंग की रोशनी से चमक रहा था। उस सफेद रंग की रोशनी से जो क्लियोपैट्रा के महल के नीचे बने उसके मंदिर में देखने को मिली थी।
    इस रोशनी का कोई ना कोई रहस्य जरूर था। वो तलाब के पास पहुंची तो रोशनी से चमकता तालास दिखा जहां पर काफी सारे चक्र के निशान बने हुए थे।
    इनमें से कुछ चक्र के निशान थे जो जाने पहचाने लग रहे थे क्योंकि ये वही निशान थे जो मौत की देवी के मंदिर में कुछ दीवारों पर बने हुए थे।
    इन्हें देखकर मौत की देवी के चेहरे पर एक स्माइल आ गई थी। हालांकि ये स्माइल डरावनी लग रही थी।
    मौत की देवी कदमों के बल बैठी और चक्र की तरफ देखते हुए कहा, "सुदर्शन चक्र का सामना करने के लिए मुझे जिस ताकत की जरूरत है मुझे वो मिल गई है। आज मेरा वो काम पूरा हुआ जिसे करने के लिए मैंने इतनी मेहनत की। अब वो लड़का अगर अपने सुदर्शन चक्र के साथ मेरे सामने आ भी जाता है तब भी मुझे उससे डरने की जरूरत नहीं है। अब वो लड़का मेरा गुलाम बनेगा और उसकी आत्मा मेरी होगी।"