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You are my first love and my last passion🔥

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Mickey The writer

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जुनून और मोहब्बत से भरी एक दास्तान एक तरफ जहां माफिया ब्रदर्स है जिन्हे अंडरवर्ल्ड की बादशाहत अपनी विरासत में मिली है माफिया ब्रदर्स सब गलतियां माफ कर सकते है मगर दो गलतियां कभी माफ नहीं करते हैं पहला धोखा और दूसरा अपने प्यार पर कोई भी आंच। वही दूसरी...

Total Chapters (10)

Page 1 of 1

  • 1. You are my first love and my last passion - Chapter 1

    Words: 1248

    Estimated Reading Time: 8 min

    (दोस्तो यह मेरी पहली कहानी अगर इसमें आपको अगर  कुछ भी गलत लगे तो माफ कर देना। यह कहानी काल्पनिक है और इसका किसी भी घटना के साथ कोई संबंध नहीं है।) राजस्थान में जयपुर सुबह के 8:00 राजस्थान सारांश विश्वविद्यालय (काल्पनिक नाम) एक लड़की भागते हुए आ रही थी उसके पीछे एक 22 साल का लड़का उसके पीछे पीछे भाग रहा था। लड़का; कहा भागे जा रही हो जानेमन तुम्हारे भागने का कोई मतलब नहीं है तुम मेरे हाथ से नहीं बचने वाली। वो लड़की भागे जा रही थी उसके हाथ पैर कांपने लग गए थे और वो लड़की लड़खड़ा कर जमीन पर गिर गई। उस लड़की को गिरता देख दूसरी लड़की चिल्लाई। दूसरी लड़की; ( चिल्ला कर) ईशानी। ईशानी; thank God अक्षरा तू आ गई। तुझे नहीं पता मै कितनी डर गई थी। अक्षरा; मगर बात किया है और किस्से डर गई थी। ईशानी पीछे मुड़ कर देखती ही है तो वहां पर वो लड़का  नहीं होता तो उसे लगता है की वो लड़का अक्षरा को देख कर भाग गया। ये देख कर वो खुद से कहती है अगर अक्षरा को कुछ बताया तो वो पूरा कॉलेज सर पर उठा लेगी ... दूसरी तरफ मुंबई एक लड़का अपने मैनेजर पर गुस्से में चिल्ला रहा था। लड़का;  मैने कहा था ना की उसके आस पास भी कोई आदमी भी नही बटकना चाहिए ।वो लड़का कैसे उसके पास चला गया। मैनेजर; सर , हमारे गार्ड्स वही थे मगर न जाने कैसे इतनी बड़ी गलती हो गई। लड़का; वो लड़का कहा है । मैनेजर ; सर , हमने उसे डार्क हेल में भेज दिया है। लड़का; अभी के अभी गाडियां निकालो और डार्क हेल चलो। मैनेजर; ok sir तभी उसका मैनेजर गाडियां निकलवाता है और जाकर पीछे का दरवाजा खोल देता है वो आदमी जाकर उसमे बैठ जाता है । और गाड़ियों का काफिला डार्क हेल की तरफ निकल जाता है। डार्क हेल पहुंचते ही एक गार्ड जल्दी से जाकर दरवाजा खोलता है तो वो गाडियां अंदर चली जाती है। डार्क हेल के अंदर पहुंचते ही  उस लड़के का मैनेजर बाहर निकल कर दरवाजा खोलता है और वो लड़का बाहर आ जाता है। डार्क हेल बहुत सुंदर था उसके गार्डन की  कियारी में लगे फूल उसे और सुंदर बना रहे थे गार्डन के बीचों बीच बना फाउंटेन उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहा था । लेकिन डार्क हेल बाहर से जितना ज्यादा सुंदर था अंदर से उतना ही भयानक था। अंदर जाने से ही लोगो के पसीने छूट जाए वो लड़का अंदर जाता है और जाकर एक राजा की तरह सोफे बार बैठ जाता है उस वक्त उसका औरा बहुत खतरनाक लग रहा था अगर कोई उसे ऐसे देख ले तो वैसे ही डर जाए । फिर एक गार्ड एक लड़के को लाकर उसके पैरो में पटक देता है जो करीबन  25 साल का होगाऔर जब वो लड़का अपना सर उठा कर देखता है तो डर से कांपने लगता। सोफे पर बैठा लड़का (जिसकी उम्र 25 साल और हाइट 6फीट 5इंच होगी सफेद रंग बाल माथे पर आते हुए काला लॉन्ग कॉट पहेने हुए आंखों में गुस्से का तेज देखने पर लगता है की आंखों से ही भस्म कर देगा कुल मिलाकर एक हैंडसम बंदा जो अभी गुस्से में बहुत खतरनाक लग रहा है) उसको देख गुस्से में पागल हो जाता है । सोफे पर बैठा लड़का; तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई उसके पास जाने की यह कह कर वह सामने पड़े लड़के का कॉलर पकड़ उठाता है और वो लड़का कोई और नही रवि ही होता है जो कॉलेज में ईशानी को छेड़ रहा था। जब ईशानी नीचे गिरी थी तब उसका ध्यान पीछे नहीं गया तभी कुछ गार्ड्स आकार उसे उठा कर ले गए थे । और ईशानी को लगा की वो अक्षरा को देख कर भाग गया । रवि; आप कोन हो please मुझे जाने दो मेने कुछ नही किया है। लड़का; इतनी आसानी से कैसे जाने दू तूने शिवांश सिंह ओबेरॉय को चैलेंज करा है और शिवांश सिंह ओबेरॉय कभी भी चैलेंजेस से पीछे नहीं हटता। यह कह कर वो उसके मुंह पर एक मुक्का मरता है जिससे रवि के मूंह से खून आने लगता है। और वो अभी इतने गुस्से में होता है की वो अपने गार्ड से गन लेकर सारी गोलियां उसके सीने में उतार देता है। और गुस्से में अपने मैनेजर से कहेता है :– आइंदा अगर कोई आदमी उसके आस पास भी नजर आया तो में उससे पहले में तुझे मार दूंगा।  कह कर वो वहां से चला जाता है  मैनेजर यह सुनकर डर जाता है क्योंकि शिवांश सिंह ओबेरॉय कभी भी हवा में बातें नही करता। मुंबई सुबह 6:30 बजे एक रूम जहां चारो ओर बहुत सारे gym के समान रखे हुए थे। वहां पर एक लड़का pull up कर रहा था। उसका पूरा शरीर पसीनो से भीगा हुआ होता है हाइट देखने में यही कोई 6 फीट 5 इंच होगी उसकी नीली आंखें उसके चेहरे की कशिश हाय। उसका गोरा रंग उसके सिल्की बाल जो अभी उसके माथे पर आ रहे थे। वो उसे और भी कातिल बना रहे थे उसने सिर्फ जॉगर पैंट पहनी हुई थी और ऊपर उसने कुछ नहीं पहेना हुआ था । वो लड़का pull up करने के बाद उस रूम से निकल कर हॉल से होता हुआ अपने बेड रूम में जा रहा था। तभी उसके पीछे से एक औरत जो तकरीबन 65 साल की होगी उसे आवाज देती है। औरत ; शिवांश । (शिवांश सीडियो से जा रहा था वो पीछे मुड़ कर देखता है) शिवांश ; दादी, किया हुआ कुछ काम था क्या आपको। दादी ; (झूठ मूट का गुस्सा दिखा के) अरे हां भाई हमारा पोता तो बहुत बड़ा बिजनेस मैन बन गया अब तो हम उससे तभी बात कर सकते है जब हमे कोई काम हो। ये बोल कर वो अपना मुंह फूला कर के दूसरी साइड मुंह कर के खड़ी हो जाती है। ( दरअसल दादी थोड़ी ड्रामे बाज है 🤭) शिवांश उनके पीछे से ही उनके गले लग जाता है शिवांश ; sorry , अब से पक्का ऐसे कभी नहीं बोलूंगा। दादी ; मैं इतनी आसानी से sorry accept नही करने वाली हूं। शिवांश ; और अब आप कैसे sorry accept करेंगी। दादी ; आपको हमारे साथ शॉपिंग पर चलना होगा बोलो मंजूर है। शिवांश ; ok, मेरी प्यारी दादी। शिवांश अपनी दादी से मिलकर अपने बेड रूम में चला जाता है। थोड़ी देर बाद वो फ्रेश होकर नीचे ब्रेकफास्ट करने आ जाता हैं। शिवांश ब्लू कलर के थ्री पीस सूट में कहर ढा रहा था। शिवांश जैसे ही नीचे आता है तो घर के सभी लोग नीचे सोफे पर ही बैठे होते उन सब को देख कर शिवांश सबको गुड मॉर्निंग बोलता है  शिवांश की मॉम ( अंजनी ओबेरॉय ) शिवांश को देख कर उसके पास जाती है और उसे कस के गले लगा लेती है शिवांश भी उन्हें गले लगा लेता हैं। शिवांश और शिवांश के मॉम, डैड ,दादू , दादी, चाचा , चाची और उनका बेटा युवराज ओबेरॉय सब ब्रेकफास्ट करने चले जाते है। ब्रेकफास्ट करने के बाद ही शिवांश अपनी कंपनी ओबेरॉय एंपायर के लिए निकल जाता है । शिवांश को वैसे तो अपने काम से बहुत लगाव था मगर उसके लिए उससे भी ज्यादा कीमती कोई ऐसा इंसान था जिसे वो कभी जिसे वो कभी भी खुद से दूर नही जाने देना चाहता था.... Countinue..... कौन है वो इंसान जो शिवांश के लिए उससे भी ज्यादा मायने रखता है? पार्ट कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताना और हमारी ऐसी ही स्टोरी को पढ़ने के लिए हमे फॉलो जरूर से कर लेना 🤗 मिलते हैं नेक्स्ट पार्ट में तब तक के लिए ... byyyyy

  • 2. You are my first love and my last passion - Chapter 2

    Words: 1170

    Estimated Reading Time: 8 min

    शिवांश और शिवांश के मॉम, डैड ,दादू , दादी, चाचा , चाची और उनका बेटा युवराज ओबेरॉय सब ब्रेकफास्ट करने चले जाते है। ब्रेकफास्ट करने के बाद ही शिवांश अपनी कंपनी ओबेरॉय एंपायर के लिए निकल जाता है । शिवांश को वैसे तो अपने काम से बहुत लगाव था मगर उसके लिए उससे भी ज्यादा कीमती कोई ऐसा इंसान था जिसे वो कभी जिसे वो कभी भी खुद से दूर नही जाने देना चाहता था.... शिवांश के ओबेरॉय एंपायर पहुंचते ही एक 35 साल का आदमी भागता हुआ उसके पास आता हे और उसे आज की सारे डिटेल देता है और सारी मीटिंग के बारे में बताता है। शिवांश वैसे तो अपने एम्प्लॉय से बहुत अच्छे से पेश आता है लेकिन उसे कामचोरी और काम में लापरवाही करने वाले लोग उसे बिल्कुल भी पसंद नही थे और जरा सी लापरवाही बरतने पर वो उन्हे काम से निकाल देता था। शिवांश उसे सारी मीटिंग को फिक्स करने को कह कर अपने केबिन में चला जाता है। केबिन में जाकर शिवांश अपने फोन में किसी की फोटो निकाल कर देखता है और उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ जाती है वो जब उस फोटो को देख रहा था तो उसके आंखों में एक अलग ही जुनून होता है और वो उसी जुनून में कहता है... शिवांश ;– तुम सिर्फ और सिर्फ मेरी हो मैं तुम्हे कभी किसी का नही होने दूंगा तुम पर सिर्फ और सिर्फ मेरा हक है बहुत जल्द हमारी फिर मुलाकात होगी.... बहुत जल्द। उसकी आंखों में एक अलग जुनून उस वक्त दिखाई दे रहा था। राजस्थान जयपुर सुबह 7:30 एक छोटे से घर में जहा पर मुश्किल से दो कमरे और किचन बना हुआ था। मगर फिर भी वो छोटा सा घर बहुत अच्छा लग रहा था उसने उस घर में देखने में साफ पता चल रहा था की उस घर हर चीज को बड़ी सावधानी से डिजाइन किया गया है। उस घर के किचन में एक औरत जो करीबन 45 साल की होगी ब्रेकफास्ट बना रहीं थी और साथ में किसी को आवाज भी दे रही थी। औरत ; इशानी , अक्षरा बेटा उठ जाओ तुम्हे कॉलेज भी तो जाना है.... मगर वो दोनो तो घोड़े बेचने के साथ गधे और ऊट भी बेच के सो रही थी उन्हे तो जैसे होश भी न हो कोई उन्हे इतनी देर से आवाज दे रहा है... औरत ; ये लड़कियां भी न जब तक कोई उन्हे खुद जाकर न उठाए तो ये उठती नही है। उनके कमरे बड़बड़ाती हुई जाति है और उन दोनो को सोता हुआ देख कर उनका तो सारा गुस्सा जैसे गायब ही हो गया हो क्योंकि वो दोनो को गले लगा कर सो रही थी और उनका कंबल जमीन पर पड़ा था और वो दोनो मदहोश होकर सो रही थी। औरत ; इशानी , अक्षरा उठ जाओ बेटा आज तुम्हे कॉलेज भी तो जाना वो उन्हे हिलाकर बोलती है। और जब दोनो तब भी नही उठती नही है तो वो औरत उन्हे उठाते हुए कहती है..... औरत ; अरे आज  तुम्हे कॉलेज जाना  है न रिजल्ट आज आने वाला है न । वो दोनो में से एक लड़की उठती है  (लड़की का रंग गोरा था हाइट 5 फीट 1 इंच हॉट गुलाबी आंखें काली बड़ी बड़ी नाक एक दम खड़ी कोई भी लड़का देखे तो देखता रह जाए उस वक्त उसके बाल को उसने पोनी बनाया हुआ था पिंक कलर की नाइट ड्रेस पहनी हुई थी उसके बाल उसके कंधे तक आ रहे थे।) दूसरी लड़की को उठाते हुए..... लड़की ; ईशानी उठ यार आज हमारा रिजल्ट आने वाले है यार अब तो उठ जा हम पहले ही लेट हो चुके है। ईशानी ये सुनते ही फॉरन उठ कर बैठ जाती है जैसे कोई बुरा सपना देखा हो मगर डरते हुए भी बहुत क्यूट लग रही थी (उसकी बड़ी बड़ी मंजरी ( भूरी) आंखें जो नींद और घबराहट से भरी पड़ी थी उसके बाल को उसने ढीले गुटी हुई चोटी बना कर आगे कर रखे उसके दूध जैसे गोरे चेहरे पर आती हुई उसकी जुल्फे उसे और ज्यादा आकर्षक बना रहे थे उसके चेहरे पर घबराहट के भाव साफ नजर आ रहे थे हाइट उसकी लगभग 5 फीट 7 इंच होगी उसने भी पिंक कलर का नाइट ड्रेस पहना हुआ था) ईशानी ; उस लड़की से कहती है यार अक्षरा पहले नही उठा सकती थी किया जो इतना लेट उठाया है। अक्षरा ; यार में तो खुद अभी उठी हू तुझे कैसे उठाती। तभी उनकी नजर पास में खड़ी औरत पर जाती है जो खा जाने वाली नजरो से उन्हे घूर रही थी। ईशानी ; किया हुआ मम्मा आप हमे ऐसे क्यों देख रही हैं। अक्षरा भी उसकी हां में हां मिलाते हुए उससे पूछती है अक्षरा ; किया हुआ निशा आंटी आप हमे ऐसे क्यू देख रहे हो। निशा जी ( ईशानी की मम्मी ) ; ( थोड़े गुस्से में ) तुम लोगो को में कब से जागा रही हूं मजाल है की दोनो में से एक भी उठ जाए। अब चुपचाप ( उंगली से उठने का इशारा करते हुए) उठो और जल्दी से ब्रेकफास्ट कर के निकलो जल्दी। वो दोनो जल्दी से खड़ी होकर फ्रेश होने चली जाती है वही उनके जाने के बाद निशा जी धीरे – धीरे मुंह दबाकर हंसने लगती है। और वहां से चली जाती है वो दोनो भी फ्रेश होकर नाश्ता करने लगती है उनके घर में डाइनिंग टेबल रखने की जगह नहीं होती हे इसलिए वो नीचे बैठ कर ही खाते थे। नाश्ता करने के बाद दोनो कॉलेज के लिए निकलने लगती है ईशानी तो बस अपनी मम्मी को देख कर ही परेशान हुए जा रही थी ( दरअसल बात यह  कि ईशानी और अक्षरा दोनो ही डिजाइनिंग की डिग्री ले रहे हैं और इसलिए उन्हें बताया गया था की उनके लास्ट ईयर top 5 student जो क्लास में टॉप करेंगे उन्हे ओबेरॉय एंपायर में जॉब मिलेंगी और ओबेरॉय एंपायर इंडिया की टॉप डिजाइनिन कंपनी थी जिसमे काम करना हर डिजाइनर का सपना होता था और उसकी सैलरी भी बहुत अच्छी मिलती थी) और ईशानी अपनी मां को खुशियां देना चाहती थी उसका भी सपना था की वो टॉप डिजाइनर कंपनी में काम करे इसलिए वो थोड़ी नर्वस भी हो रही थी फिर वो दोनो कॉलेज के लिए निकल जाती है । कॉलेज पहुंच कर दोनो अपना रिजल्ट चेक करने लगती है क्योंकि वो दोनो अपना रिजल्ट देख तो नहीं पा रही थी इसलिए वो दोनो एक दूसरे का रिजल्ट देखने का आइडिया बनाती है पहले अक्षरा ईशानी का रिजल्ट देखने जाती है रिजल्ट देख कर मुंह लटकाकर ईशानी के पास आ कर खड़ी हो जाती है।  ईशानी उसे देख कर घबराती हुई कहती हैं .... ईशानी ; किया हुआ अक्षु कितने नंबर आए हैं अक्षरा ; ( मुंह लटकर) ईशानी वो तू •••••• Continue ••••••• और कोन है उस फोटो में जिस के लिए शिवांश पागल है ... किया हो जायेगी ईशानी टॉप 5 में सेलेक्ट ? किया होगा जब शिवांश और ईशानी एक दूसरे से मिलेंगे? जानने के लिए पड़ते रहे तू पहला प्यार और आखिरी जुनून मेरा दोस्तो समीक्षा और रेटिंग देना बिल्कुल मत भूलना ok byy अब मिलते next part में

  • 3. You are my first love and my last passion🔥 - Chapter 3

    Words: 1023

    Estimated Reading Time: 7 min

    ईशानी और अक्षरा दोनो कॉलेज में पहुंच कर दोनो सीधे चेकर बोर्ड पर रिजल्ट देखने चली जाती है...

    दोनो ही रिजल्ट को लेकर घबराई हुई थी दोनो की ही हिम्मत नही हो रही थी अपना रिजल्ट देखने की तभी ईशानी कहती है.....

    ईशानी ; यार मेरी तो हिम्मत ही नहीं हो रही हैं एक काम करना अक्षू तू जाकर देखना मेरा रिजल्ट जा न यार।

    अक्षरा ; फिर तू मेरा देखना ok ।

    ईशानी ; ok  जा तू मेरा देख में तेरा देखती हु।

    दोनो भीड़ में बड़ी मुश्किल से जाकर एक दूसरे का रिजल्ट देखने लगती है। दोनो रिजल्ट देख कर एक दूसरे के पास आती है..

    अक्षरा; ( उदास सा मुंह बनाकर आती है) यार ईशानी तू न  अब कैसे बताऊं तुझे मै यार।

    ईशानी ; बता ना यार किया हुआ मुझे बहुत डर लग रहा है...

    अक्षरा ; ( मन में ही मुस्कुरा कर) मैं कैसे बताऊं।

    ईशानी ; ( घबराकर) जैसे बताती है वैसे बता ना यार।

    अक्षरा जोर जोर से पेट पकड़ कर हसने लगती है  ; यार पहले तू अपना चेहरा देख 12 बज गई तेरे मुंह पर हांहांहां.......

    ईशानी ; अक्षरा की बच्ची रुक अब तू तुझे तो मैं अब नही छोड़ूंगी।

    ईशानी उसे पकड़ने को भागने लगती है

    अक्षरा ; यार में तो मजाक कर रही थी। अब किया बच्ची की जान लेगी किया। अच्छा चल पहले मुझे मेरा रिजल्ट बता फिर मैं तेरा बताती हूं।

    ईशानी ; ( अक्षरा के गले लगते हुए) यार तू क्लास में 2nd आई है।

    अक्षरा तो ये सुन के ही हैरान हो जाती है और हैरानी से पूछती हैं
    अक्षरा ; लगता है यार मेरे कान में कोई प्रॉब्लम हो गई है तभी तो मुझे 2nd सुनाई दे रहा है।

    ईशानी ; अपने सिर पर हाथ रख कर 🤦 तेरा किया होगा रे अक्षू तू सच में 2nd आई है।

    ये सुनकर तो अक्षरा को तो जैसे सदमा ही लग जाता है ईशानी पहले तो उसे आवाज लगती है...

    ईशानी ; अक्षु  अक्षु....

    जब अक्षु उसकी आवाज नहीं सुनती है तो  उसे हिलाकर बोलती है

    ईशानी ; अक्षु कहा खो गई है बताना मेरा रिजल्ट देख मुझे बहुत डर लग रहा है..

    अक्षरा ; ( खुश होकर) तू तो यार 1st आई है यार।

    ईशानी तो ये सुन कर खुशी के मारे पागल ही हो जाती है इस बात से अनजान की कोई दो जोड़ी आंखे उसको देख रही है ।

    अक्षरा ; चल ना यार कैंटीन में चलते है।

    तभी कोई पीछे से आवाज देता अक्षरा और ईशानी पीछे मुड़ कर देखती हैं तो एक लड़का खड़ा होता है

    दूसरी तरफ

    एक लड़का गुस्से में अपने मैनेजर को डांट रहा था उसकी आंखे अभी लाल थी

    मैनेजर ; सर हमने कोशिश की थी लेकिन उसे समझाने की मगर वो माना ही नही।

    लड़का ; शिवांश सिंह ओबेरॉय को ना सुनने की आदत नही है उस वर्मा को मेरे पास लेकर आओ अगर वो खुद से आ जाए तो ठीक वरना घसीट के लाओ।

    मैनेजर ; ok सर।

    मैनेजर वहां से चला जाता है तभी शिवांश अपने फोन निकाल कर फोटो से ही बात करने लगता है

    शिवांश; वर्मा आज तेरी मौत तेरा बेसब्री के साथ इंतजार कर रही हैं ये कहते हुए उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है। बहुत शोक हे ना तुझे इलीगल काम करने के अब तुझे पता चलेगा की उसका अंजाम किया होता है। और फिर जोर जोर से हसने लगता हे हांहाहा..


    सारांश विश्विद्यालय

    जब वो दोनो पीछे मुड़ कर देखती है तो एक लड़का उनके पीछे ही खड़ा था अरे ईशानी और अक्षरा तुम्हारा रिजल्ट कैसा रहा ।
    तभी ईशानी बोलती है की वो 1st or अक्षरा 2nd आई है

    अक्षरा ; अरे राज तू बता तेरा रिजल्ट कैसा रहा

    राज  ; में 3rd हु और ये तो अच्छी बात हे ना की हम तीनो दोस्त एक ही कंपनी में काम करेंगे वैसे हमे निकलना कब है।

    ईशानी ; हमे कल ही हमारा इंटरव्यू है यह कहे कर उसके चेहरे पर घबराहट साफ नजर आती है

    अक्षरा ; यार कर लेंगे हम लोग हे ना राज ।

    राज भी उसकी हां में हां मिलाकर कहता है।

    राज ; ईशानी तू परेशान मत हो देखना सब ठीक होगा।

    ईशानी ; hmm ।

    ईशानी कुछ आगे बोलती उससे पहले ही एक लड़की भाग कर उनके पास आती हैं और एक ही सास में सारी बात कहने लगती है

    लड़की ; दोस्तो रवि की डेथ हो गई है उसका कार एक्सीडेंट हो गया है।

    अक्षरा और ईशानी एक साथ बोलती हे; क्या?

    यह कह कर वो एक दूसरे को देखने लगती हे राज उस लड़की की बात सुनकर वहां से चाला जाता है तभी अक्षरा बोलती है।

    अक्षरा ; यार ये हो क्या रहा जब भी कोई लड़का तेरे पास आता हे या तेरे से बात करने की कोशिश करता है या तो उसके हाथ पैर टूटे हुए होते हे या वो लड़के डरे हुए होते है तेरे से।

    ईशानी ; नही यार ये हमारा वहम है वरना राज भी तो हमारा दोस्त हे।
    अक्षरा ; नही यार कुछ तो अजीब है इन सब बातो में......यार ईशानी तुझे नही लगता कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है वरना....वो आगे कुछ बोल पाती उससे पहले ही ईशानी उसकी बात बीच में काटकर बोलती हे

    ईशानी ; ऐसा कुछ नही है जैसा तू सोच रही है। उसकी बात पर ज्यादा ध्यान न देकर अक्षरा फिर से बोलती है

    अक्षरा ; अगर ऐसा नहीं है तो पहले ये बता की जब भी कोई लड़का तेरे आस पास भी आने की कोशिश करता है या आता हे तो वो लड़के अगले दिन टूटे – फूटे क्यू होते है?

    ईशानी उसकी बाद को गोर से सोचते हुए कहती हे...

    ईशानी ; but यार राज भी तो हमारा दोस्त हे वो भी तो एक लड़का है तो वो क्यूं नही ..?

    Continue.....
    आखिर कोन है जिसकी वजह से कोई भी लड़के ईशानी के पास जाने से भी डरते हे?

    कोन हे वो जिसके लिए शिवांश करना चाहता है अपनी हर हद पार?

    Please दोस्तो मुझे समीक्षा में बताओ की कहानी आपको इंट्रेस्टिंग लग रही ही है या नही और अगर आपको कहानी पसंद आए तो प्लीज रेटिंग देना मत भूलना

    Ok byy

    अब मिलते है next part में

  • 4. You are my first love and my last passion🔥 - Chapter 4

    Words: 1183

    Estimated Reading Time: 8 min

    अक्षरा ; यार ईशानी तुझे नही लगता कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है वरना....वो आगे कुछ बोल पाती उससे पहले ही ईशानी उसकी बात बीच में काटकर बोलती हे...

    ईशानी ; ऐसा कुछ नही है जैसा तू सोच रही है। उसकी बात पर ज्यादा ध्यान न देकर अक्षरा फिर से बोलती है...
    अक्षरा ; अगर ऐसा नहीं है तो पहले ये बता की जब भी कोई लड़का तेरे आस पास भी आने की कोशिश करता है या आता हे तो वो लड़के अगले दिन टूटे – फूटे क्यू होते है?

    ईशानी उसकी बाद को गोर से सोचते हुए कहती हे...

    ईशानी ; but यार राज भी तो हमारा दोस्त हे वो भी तो एक लड़का है और एक मिनट पहेली बात तो यह की कोई ऐसा क्यों करेगा और दूसरी बात जब हमे इस बारे में पता ही नही है तो हम इस पर इतना क्यों सोच रहे है। चल अपन अपनी ice cream enjoy करते है।

    यह कहकर दोनो अपनी ice cream में बिजी हो जाती है।

    दूसरी तरफ
    ईशानी का घर

    ईशानी की मां ; मैं जानती हु ईशानी अभी तुम्हे बहुत कुछ झेलना पढ़ रहा है बस अब कुछ दिनों की बात हे कुछ दिनों बाद तुम उससे मिलेगी  ( चेहरे पर बहुत सारी खुशियां लाकर) जिसे तुम जानकर कर भी अनजान बनोगी जो सिर्फ और सिर्फ तुम्हारा होगा और तुम उसकी किस्मत ने तुम दोनो सिर्फ एक दूसरे के लिए बनाया है।

    मुझे बस तुझे और उसे एक साथ देखना चाहती हू बस यही मेरी आखिरी खुआईश है।

    दूसरी तरफ

    एक कमरा जहां जगह जगह ईशानी की फ़ोटो थी और उनके उपर लैंप जल रही थी और उसी कमरे में एक लड़का उन बड़े ही जुनून से देख रहा था उसकी आंखों में एक अलग ही जुनून और दीवाना पन था।

    लड़का ; कितने सालों से मुझे जिस दिन का इंतजार था वो दिन आखिर आ ही गया ईशानी वर्मा बस कुछ दिन और फिर तुम हमेशा हमेशा के लिए मेरी हो जाओगी ( ये बात उसने बड़े ही जुनून से कही थी उसकी आंखों में इस वक्त अलग ही जुनून दिख रहा था किसी को पाने का किसी को बेपनाह चाहने का )

    सारांश विश्वविद्यालय
    कॉलेज कैंटीन में

    अक्षरा ; यार एक बात बता की उस दिन एक्सेक्टली हुआ किया था ।

    ईशानी ; किस दिन अक्षू ( वो ये बात मजे से ice cream खाते हुए कहती हे) फिर थोड़ा सोच कर कही तू रवि की तो बात नही कर रही है न

    अक्षरा ; मैं उसी की ही बात कर रही हूं। अब जल्दी बता हुआ किया था जो उस रवि को मरना पड़ा और अभी ये बिल्कुल मत लेकर बैठ जाना की ऐसा नहीं वैसा नही है ( ये बात वो थोड़े गुस्से से कहती हे😡) क्योंकि मैं यह अब और नजर अंदाज नहीं कर सकती हूं मैं मॉम डैड की तरह तुझे और अंटी को नही को सकती यही सोचते हुए वो अपने वो अपने पास्ट को याद करने लगती हैं

    फ्लैशबैक

    एक आदमी ड्राइविंग सीट पर बैठा बड़ी सी मुस्कान लिए बस कार ड्राइविंग पर ध्यान दे रहा था उसके पास वाली सीट पर एक और आदमी बैठा था और उसके पीछे वाली सीट पर एक औरत और उसके पास एक 7–8 साल की प्यारी सी लड़की बैठी थी ।
    वो लड़की चहकती हुई कहती हे ; bd ( big dad) ईशानी क्या कर रही है अभी ? वो मुझे याद कर रही थी किया? आपने उसे बताया कि मैं आ रही हूं? और....उसने खुशी के मारे एक साथ कई सारे सवाल दाग दिए जैसे अगर उसने एक सांस में यह सब नही पूछे तो उसके आधे सवालों के जवाब तो उसे मिलेंगे ही नहीं।
    उसके पास बैठी औरत ने उसे टोकते हुए कहा बस मेरी मां थोड़ी सांस तो ले ले ...

    तभी ड्राइविंग करता हुआ वो आदमी बोला; मेने ईशानी को बता दिया था की मेरी प्यारी अक्षू आ रही हे और वो आप का इंतजार कर कर करके थक गई होगी और वो आप हर रोज बहुत ज्यादा याद करती है।

    हालांकि वो सिर्फ 2 दिन के लिए अपनी नानी के गई थी मगर अक्षरा कभी भी ईशानी के बिना नहीं रहती थी इस लिए उसे ये दो दिन भी सालो के बराबर लग रहे थे और ये बात वहां बैठा हर इंसान जनता था इसलिए किसी ने भी कुछ नहीं कहां बस मुस्कुरा कर उसके सवालों के जवाब दे रहे थे ।

    अब उनकी गाड़ी सड़क पर चल रही थी और सब एक दूसरे से बाते कर रहे थे उससे साफ जाहिर हो रहा था की वो लोग एक साथ कितने खुश थे लेकिन तभी सामने से एक ट्रैक आ गया जिससे उनकी कार टकरा कर दो तीन बार पलटी खा गई ।

    और इस बीच उस कार में बैठे अक्षरा के मम्मी पापा की वही वक्त पर ही डेथ हो गई और अक्षरा को ज्यादा चोट नहीं आई क्योंकि उसकी मॉम ने उसे खुद की बाहों में कस कर समेट रखा था इस लिए उसे ज्यादा चोट नहीं लगी लेकिन अक्षरा के bd यानी ईशानी के डैड की थोड़ी सांसे चल रही थी जिन्हें वक्त रहते पुलिस ने उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया था और अक्षरा का भी चेक– अप करवाया था लेकिन ईशानी के डैड की हालत सीरियस होने की वजह से उनकी हॉस्पिटल में ही डेथ हो गई....

    फ्लैशबैक एंड

    ये सोचते हुए अक्षरा की आंखे नम हो गई और उसे देख कर ईशानी की भी क्योंकि ईशानी समझ गई थी की अक्षरा किया सोच रही हे फिर वो बात पलट कर बोलती हैं

    ईशानी ; अच्छा बाबा बताती हु न की किया बात थी लेकिन इतनी आसानी से नही ( वो थोड़ी सीरियस होकर बोलती हे)

    जिसे देख कर अक्षरा को डर लगने लगता हे की किया होगा और इसे अब किया चाहिए।

    अक्षरा; ( घबरा कर बोलती है) मतलब ?

    ईशानी ( शैतानी स्माइल लेकर बोलती है) मतलब ये की वो थोड़ी देर रुक जाती है। जिसे देख अक्षरा की दिल की धड़कन बढ़ जाती है उसे समझ नही आता हे की ये उसके साथ किया हो रहा है उसकी इतनी प्यारी बहन को किया हो गया है फिर भी वो थोड़ा हिम्मत करके बोलती हैं

    अक्षरा ; आगे बोल ना अक्षू क्यों मुझे डरा रही हे।

    ईशानी ; की उसके बदले तू मुझे ( शरारती स्माइल ला कर बोलती हे)  गोलगप्पे खिलाएगी और ये कह कर जोर जोर से हंसने लगती हे इस बात से अनजान की कोई उसकी इस हंसी के पीछे दीवाना होता जा रहा हैं

    ये बात सुनकर तो पहले अक्षरा हां बोल देती है फिर उसे ध्यान आता हे की थोड़ी पहले अक्षरा ने कैसे उसे पागल बनाया था मगर जैसे ही वो ईशानी को देखती है ईशानी वहां से भाग जाती है ऐसे ही दोनो ही अपने में मग्न थी लेकिन वो दोनो ही इस बात से अनजान थी की कोई दो लोग इन की हर एक अदा पे कुर्बान होने को तैयार थे।


    Continue....

    कोन हे वो जो सिर्फ ईशानी के लिए बना है और किया रिएक्ट करेगी ईशानी जब उसे उसकी डेस्टिनी के बारे में पता चलेगा ?

    दोस्तो समीक्षा और रेटिंग देना बिल्कुल भी मत भूलिएगा
    Ok byyy
    मिलते है next part मे

  • 5. You are my first love and my last passion🔥 - Chapter 5

    Words: 1048

    Estimated Reading Time: 7 min

    अक्षरा ; आगे बोल ना अक्षू क्यों मुझे डरा रही हे।

    ईशानी ; की उसके बदले तू मुझे ( शरारती स्माइल ला कर बोलती हे)  गोलगप्पे खिलाएगी और ये कह कर जोर जोर से हंसने लगती हे इस बात से अनजान की कोई उसकी इस हंसी के पीछे दीवाना होता जा रहा हैं

    ये बात सुनकर तो पहले अक्षरा हां बोल देती है फिर उसे ध्यान आता हे की थोड़ी पहले अक्षरा ने कैसे उसे पागल बनाया था मगर जैसे ही वो ईशानी को देखती है ईशानी वहां से भाग जाती है ऐसे ही दोनो ही अपने में मग्न थी लेकिन वो दोनो ही इस बात से अनजान थी की कोई दो लोग इन की हर एक अदा पे कुर्बान होने को तैयार थे।

    फिर दोनो हार थक के बैठ जाती है तभी अक्षरा को याद आता हे की वो किया बात कर रहे थे वो फिर से ईशानी की ओर देखती है और अपनी अपनी आंखो को छोटी छोटी कर के उसे घूरने लगती हे जब ईशानी उसे देखती है तो कहती ....

    ईशानी ; किया ऐसे क्यू घूर रही (फिर उसके गुस्से को महसूस करके  थोड़ी नौटंकी करते हुए बोलती हे) तुझे पता है ना की जब भी तू मुझे ऐसे देखती हे ना तो मेरे दिल में कुछ कुछ होने लगता हैं।

    अक्षरा ; ( चिढ़ते हुए) फालतू की नौटंकी मत कर और बता की रवि ने किया किया था।

    अक्षरा की बात सुन ईशानी अक्षरा को बताने लगती हैं

    ईशानी ; परसो जब तू और मैं कॉलेज के गार्डन में बैठे हुए थे तो तुझे जब सर ने बुलाया था और मैं वही गार्डन में अकेली बैठी हुई थी क्योंकि उस टाइम सब की क्लास चल रही थी बस अपने ही प्रोफेसर नही आए थे तो .....

    फ्लैशबैक

    एक लड़की कॉलेज के गार्डन में अकेली बैठी हुई थी तभी उसे पीछे से किसी की आवाज आती है जब वो पीछे मुड़ कर देखती है तो वहां कोई लड़का खड़ा था...

    लड़का ; ( अपने मन में सोचते हुए) आज तुम मुझे अकेली मिली हो ईशानी इतनी आसानी से तुम्हे आज नही जाने दूंगा
    तभी ईशानी उसे आवाज लगती हैं....


    ईशानी ; किया हुआ रवि कहां खो गए कुछ काम था क्या..

    रवि ; कुछ नही में तो यह पूछ रहा हु की तुम यहां अकेली बैठी हो अक्षरा कहां है...

    ईशानी ; वो सर ने उसे बुलाया कुछ काम था सर को उससे इसलिए...

    रवि ; इसका मतलब तुम अकेली हो।

    ईशानी ; हां...
    यह कहते हुए वो ईशानी के करीब चला जाता हे और गंदी तरह से उसका हाथ छुने लगता हे ईशानी को उसका छूना गलत लगता हे तो वो उससे झटके से उससे हाथ छुड़ा लेती है और उससे दूर होकर कहती है...

    ईशानी ; ( थोड़े गुस्से और घबराहट में) ये किया कर रहे हो रवि ।

    रवि ; ( अपनी गंदी नजर उस पर डालकर )अरे तो जान इतनी बाला की खूबसूरत हो तो बस देख कर काम नही चल सकता ना
    ईशानी उसकी यह बात सुनकर थोड़ा घबरा जाती है और वहां से भाग जाती है उसको भागता देख वो भी उसके पीछे भागता हे तभी उसका पैर किसी चीज इलझ जाता हे और वो नीचे गिर जाती है तभी एक अक्षरा की आवाज आती है

    फ्लैशबैक एंड

    अक्षरा ईशानी की बात सुनकर कहती है...

    अक्षरा ; ( गुस्से में) फिर तो एक दम ठीक हुआ उसके साथ 😡 ।मगर ( चेहरे पर थोड़ी शरारत लाते हुए ) एक बात तो कहनी पड़ेगी ईशु जो कोई भी है ना तुझ से प्यार बहुत करता है अगर वो तेरे लिए किसी की जान ले भी सकता है तो दे भी सकता है। ( चिढ़ाते हुए) वैसे ईशु तुझे जब भी वो लड़का मिले तो उसे मना बिल्कुल भी मत करना।

    ईशानी उसकी इस बात से चिढ़ जाति हे और चिढ़ते हुए कहती हे ; ऐसा कुछ भी नही है समझी तू...

    अक्षरा ; (हस्ते हुए  ok) चलते है,....

    वो लोग प्रिंसिपल से कल के बारे में बात करके अपने घर चली जाती है घर जाकर वो सीधे फ्रेश होकर ट्यूशन पढ़ाने लगती हे ट्यूशन से जो भी पैसे आते थे वो उस में अपनी मम्मी की हेल्प करते हैं...

    दोनो सुबह जल्दी रेडी हो कर निकल जाते है।

    कॉलेज पहुंच कर वो दोनो लंबी लंबी सांस लेने लगती हुए क्योंकि वो दोनो बहुत बुरी तरह घबरा जाती है इंटरव्यू को लेकर वो दोनो ही बहुत सीरियस थी।

    तभी पीछे से उन्हे किसी लड़के की आवाज आती है...

    लड़का ; आर यू ok


    उस लड़के जब वो पीछे मुड़ कर देखती रह जाती है ( हाइट 6 फीट 4 इंच काले बाल जो की सलीके से जेल से सेट किए हुए थे ब्लू कलर का थ्री पीस सूट ब्लू आईज गोरा रंग  उसके पीछे उसके गार्ड चल रहे थे जिनके साथ वो एक दम एक प्रिंस लग रहा था )लेकिन तभी वहां पर एक आवाज  आती है तभी वो तीनो की निगाह  आवाज की तरफ जाति हे तो वहां के प्रिसिपल होते है..

    प्रिंसिपल; mr. युवराज सिंह ओबेरॉय आपका सारांश विश्विद्यालय में बहुत बहुत स्वागत है।

    युवराज ; thankyou so much .

    प्रिसिपल; आइए ना सर आपका ही कॉलेज है

    युवराज ; hmm चलिए वैसे स्टूडेंट तो रेडी है ना इंटरव्यू देने के लिए।

    वो दोनो बात करते हुए आगे निकल जाते है।

    और पीछे रह जाती है हमारी अक्षरा और ईशानी वो दोनो यह सोच कर ही हैरान हो जाती है की इतने बड़े इंडस्ट्रियल के मालिक में जरा भी घमंड नहीं है और वो इतना carefully भी है।

    तभी उन्हे साइड में खड़ी दो लड़कियों की आवाज आती ही
    पहेली लड़की ; हाय। कितना क्यूट हे ना दिल तो कर रहा है के इसे गले लगा लूं ।

    दूसरी लड़की उसकी हां में हां मिलाते हुए कहती हे ; हां यार कितना हैंडसम बंदा था यार मेरा तो मन कर रहा है की इस पीछे जाकर ही टाइट हग कर लू।

    ये सब सुनने के बाद तो जैसे अक्षरा का तो पारा ही हाई हो गया था उसे तो खुद को ही समझ नही आ रहा था की वो किया कर रही हे मगर उसे jelous फील हो रहा था ।

    वो उन लड़की के पास जाती है.....

    Continue....
    किया होगा अक्षरा और ईशानी का interview में किया वो दे पाएंगी परफेक्ट परफॉर्मेंस?

    Part अच्छे लगे तो समीक्षा देना बिल्कुल मत भूलना
    Ok byy

    मिलते अगले पार्ट में

  • 6. You are my first love and my last passion🔥 - Chapter 6

    Words: 1054

    Estimated Reading Time: 7 min

    तभी उन्हे साइड में खड़ी दो लड़कियों की आवाज आती ही
    पहेली लड़की ; हाय। कितना क्यूट हे ना दिल तो कर रहा है के इसे गले लगा लूं ।

    दूसरी लड़की उसकी हां में हां मिलाते हुए कहती हे ; हां यार कितना हैंडसम बंदा था यार मेरा तो मन कर रहा है की इस पीछे जाकर ही टाइट हग कर लू।

    ये सब सुनने के बाद तो जैसे अक्षरा का तो पारा ही हाई हो गया था उसे तो खुद को ही समझ नही आ रहा था की वो किया कर रही हे मगर उसे jelous फील हो रहा था ।

    वो उन लड़की के पास जाती है.....


    अक्षरा का उन लड़कियों की बातें सुनकर पारा हाई हो गया था उसे भी उस समय होश नही था की वो क्यू वो इतना jelous हो रही हे ।

    और वो सीधे उन लड़कियों के पास जा कर खड़ी हो गई...

    अक्षरा ; तुम्हे नही लगता की तुम कुछ ज्यादा बड़े सपने सजा रही हो वो किया हे ना की तुम मेरी क्लास मेट हो तो इस नाते मेरा फर्ज बनता है की में तुम्हे समझाऊं। ( चेहरे पर सीरियस एक्सप्रेशन लाते हुए) ज्यादा ऊंचे सपने देखोगी ना कही ऐसा ना हो की मुंह के बल गिरो।

    पहेली लड़की ; ( एटीट्यूड से) वो तो वक्त ही बताएगा अक्षरा वर्मा वर्मा पर थोड़ा जोर देते हुए।

    वो दोनो लड़की यह कह कर वहां से चली जाती हे और अक्षरा का गुस्सा तो ठंडा होने का ही नाम नही ले रहा था।

    वही कोई और अक्षरा का इस तरह से jelous होने से बहुत खुश था और वो कोई और नहीं बल्कि युवराज ही था जो कब से अक्षरा और उन लड़कियों की बात सुन रहा था ।

    युवराज ( मन में) ; आज भी तुम नही बदली माय बार्बी । मैं बहुत खुश हो की तुम्हारे दिल मेरे लिए आज भी एक बहुत अहम जगह हे भले ही तुम्हे उसका अंदाजा नहीं है मगर मैं हमेशा तुम्हारे दिल में रहूंगा ( गुस्से में ) और किसी की ही हिम्मत नही की हमारे बीच में आ जाए ।

    तभी युवराज का फोन रिंग होने लग जाता हे उस पर शिवांश नाम फ्लैश हो रहा था। युवराज नाम देखते ही तुरंत फोन उठा लेता हैं..

    कॉल पर

    युवराज ; और भाई केसे याद आ गई हमारी।

    शिवांश ; केसे याद आती तुझे भी पता है किया कर रही हे वो । और हां याद रखना उसे ज्यादा टेंशन मत देना तीनों को सीधे हायर कर लेना ok।

    युवराज ; ok boss । आप भाभी की ज्यादा फिक्र न करे मैं हु ना सब संभाल लूंगा ।

    कॉल एंड

    युवराज ; ये शिवांश भी ना कुछ सुने बिना ही कॉल कट कर देता है।
    (दरअसल शिवांश और युवराज दोनो चचेरे भाई हे और दोनो की उम्र भी सेम हे इसलिए दोनो बचपन से ही पक्के दोस्त हे ये दोनो हर सिचुएशन में एक दूसरे के साथ खड़े रहते है )

    युवराज शिवांश से बात करके सीधे इंटरव्यू लेने चला जाता हे वो सीधे एक रूम में जाकर बैठ जाता हे और उसके सेक्रेट्री से स्टूडेंट को बुलाने को कहता है।

    सबसे पहला no. ही ईशानी का होता है तो सेक्रेट्री ईशानी को आवाज देता है

    सेक्रेट्री ; ईशानी वर्मा।

    तभी गेट नॉक होता है बाहर ईशानी खड़ी होती हे जो बहुत घबराई हुई होती हे।

    ईशानी ; may I coming .

    युवराज ; yes.

    ईशानी अंदर आती है युवराज उसे एक चेयर की तरफ इशारा करके बोलता है ; please sit Ishani Varma.

    ईशानी; thankyou sir.

    युवराज ;( मन में) यार मेरी भाभी तो कितनी क्यूट हे और मेरा भाई कम दोस्त कितना खडूस हे वैसे खडूस तो हे मगर वो भी कम हैंडसम नही हे भाभी को तो उसे देखते ही हार्ट अटैक आ जायेगा।

    ईशानी युवराज के हर बार बदलते चेहरे के एक्सप्रेशन देख कर कन्फ्यूज हो जाती है की किया हो रहा उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था की हो किया रहा है। फिर ईशानी परेशान होकर उसे आवाज देती है ...
    ईशानी ; सर ,कहा खो गए आप।

    युवराज की तंद्रा ईशानी की आवाज से खुलती है।और वो हड़बड़ाहट में उसके मुंह से निकल जाता हे; जी बोलिए भाभी।
    ईशानी को युवराज के मुंह से खुद के लिए भाभी सुनना एक बहुत बड़ा झटका था। तभी युवराज को रिलाइस हुआ की उसने अभी अभी किया बोला ।

    युवराज ; ( मन में ) ए, गधे तू ने ये किया बोल दिया एक मिनट उससे भी ज्यादा important बात ये हे की मेने खुद को ही गधे का बच्चा बोल दिया आज तो अक्षरा को देख कर तो मेरे होश और हवास मेने दोनो ही खो दिए फिर जल्दी से बात को संभालने के लिए बोलता है,....

    युवराज ; वो किया हे ना की मेरी भाभी है जिनकी आवाज सेम तुम्हारे जैसी है इसलिए मेरे मुंह से भाभी निकल गया । I am sorry..
    ईशानी ; कोई बात नही it's ok.

    युवराज ; thankyou so much . वैसे तुम सेलेक्ट हो चुकी अब तुम जा सकती हो।

    ईशानी ; but sir interview तो हुआ ही नहीं।

    युवराज को तो कुछ समझ ही नही आ रहा था कि वो किया बोले तभी उसके दिमाग में एक खुराफात आती है वो नकली का गुस्सा कर के बोलता है; तुम मुझ से बेहतर जानती हो किया नही ना तो फिर मेने कहां ना की जाओ तुम सेलेक्ट हो चुकी हो तो जाओ ।
    ईशानी ; thankyou so much sir  मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है की मैं आप का शुक्रिया केसे अदा करू।यह कह कर वो वहां से चली जाती हैं

    फिर सेक्रेट्री दूसरी लड़की को आवाज लगाता है.......

    युवराज ईशानी को भिजाने के बाद next student को बुलाने के लिए बोलता है।

    सेकेट्री next student को आवाज लगाता है...

    सेकेट्री: अक्षरा वर्मा।

    जैसे ही युवराज अक्षरा का नाम सुनता है युवराज के तो मन में ही लड्डू फूलने लगते है वो जल्दी से अपने फोन का केमेरा on करता है अपने बाल सेट करता है और कपड़े ठीक करता है तभी गेट पर नॉक होता है वहां अक्षरा होती हैं...

    Continue.....

    क्यों युवराज और शिवांश अक्षरा और ईशानी के पीछे पड़े ही ?
    क्यों वो दोनो के आस पास भी किसी भी लड़के को नही जाने देते है

    आप लोगो को कहानी पसंद आए तो प्लीज प्लीज समीक्षा देना बिल्कुल भी मत भूलना ।
    Ok bye
    Milte he next part me

  • 7. You are my first love and my last passion🔥 - Chapter 7

    Words: 1160

    Estimated Reading Time: 7 min

    युवराज ईशानी को भिजाने के बाद next student को बुलाने के लिए बोलता है।

    सेकेट्री next student को आवाज लगाता है

    सेकेट्री: अक्षरा वर्मा।

    जैसे ही युवराज अक्षरा का नाम सुनता है युवराज के तो मन में ही लड्डू फूलने लगते है वो जल्दी से अपने फोन का केमेरा on करता है अपने बाल सेट करता है और कपड़े ठीक करता है तभी गेट पर नॉक होता है वहां अक्षरा होती हैं....

    अक्षरा : may I coming

    युवराज : yes।

    अक्षरा अंदर आती है और युवराज उसे बैठने के लिए बोलता है अक्षरा  युवराज के बोलने पर वहां बैठ जाती है।

    उसे वहां बैठे 10 मिनट हो गए थे मगर युवराज ने मजाल है की अक्षरा पर से एक बार भी उसने नजर हटाई हो जब बहुत देर तक युवराज ने कोई question नही पूछा तो हार थक ही हमारी अक्षरा ने ही उससे question पूछ लिया।

    अक्षरा : सर आपका नाम किया है। वैसे तो अक्षरा को युवराज का नाम पता था मगर वो बस उसका ध्यान भटकाना चाहती थी क्योंकि वो उसकी इस हरकत से तंग आ गई थी।

    युवराज जो कब से अक्षरा को देखे जा रहा था अक्षरा की आवाज से उसकी तंद्रा टूटती है

    युवराज : युवराज सिंह ओबेरॉय

    अक्षरा : oooo... Nice name.


    अक्षरा आगे पूछने लगती हैं वो ऐसे ही युवराज से बहुत सारे question पूछने लगती हैं और युवराज उसके हर एक question का answer बहुत ही आराम से मुस्कुरा कर दे रहा था। युवराज की ये हरकत देख कर तो उसके सेक्रेट्री के ही होश उड़े हुए थे उसे तो समझ ही नही आ रहा था की हो किया रहा है जहां युवराज बहुत कम बोलता है और तो और वो किसी के सवाल का जवाब देना मुनासिब नहीं समझता है आज वही युवराज इतना बोल रहा हे और हर एक सवाल का जवाब दे रहा है वो भी मुस्कुरा कर।मगर उसमे इतनी हिम्मत कहा जो युवराज के सामने जा कर उससे पूछ ले।

    ऐसे ही आधा घंटा निकल जाता हे और दोनो एक से दूसरे बाते करने में बिजी थे सेक्रेट्री अपनी सारी हिम्मत जुटा कर जल्दी से आ कर युवराज के कान में धीरे से सब एक ही सांस में बोल ढलता हे

    सेक्रेट्री : सर आधा घंटा हो गया है ऐसे तो बाकी स्टूडेंट रह जायेंगे।

    सेक्रेट्री की बात सुनकर युवराज को गुस्सा आने लगता हैं 😡
    सेक्रेट्री की बात सुनने के बाद युवराज अक्षरा को देखने लगता है जो बड़ी बड़ी पलके झपकाए उनकी बातें सुनने के लिए नाकाम कोशिश कर रही थी युवराज को उसकी ओर देखता पाकर वो सीधे होकर बैठ जाती है और अपनी प्यारी सी स्माइल दिखाती हे जिसे देखकर युवराज को याद आता हे की अक्षरा को शक नही होना चाहिए युवराज फिर अक्षरा को देखता हे और कहता है...

    युवराज :– अक्षरा आप सेलेक्ट हो चुकी है अब आप जा सकती हैं।
    अक्षरा :– but ,sir आपने तो मुझ से कोई सवाल ही नहीं किया।

    युवराज :– आप तो वैसे भी सेलेक्ट थी हमे तो बस आप का कॉन्फिडेंस चेक करना था अब आप जा सकती हैं।

    हमारी मासूम सी अक्षरा युवराज की बातों में आ जाती है और वहां से चली जाती है।

    युवराज के कहने पर सेक्रेट्री राज को बुलाता है।

    सेक्रेट्री :– mr. Raj Mehra.

    राज बिना नॉक किए ही अंदर आ जाता है और सीधे जाकर युवराज के गले लग जाता हे युवराज भी उसे गले लगा देता है वहां अगर कोई उन दोनो को देखता तो यही कहता की दोनो पिछले जन्म के बिछड़े हुए यार हैं 😜

    युवराज :– hmm अब बस बहुत हुआ तू तो मुझ से ऐसे चिपक रहा है जैसे कोई मैं तेरी गर्लफ्रेंड हूं।

    राज :– तू तो मेरे लिए उससे भी ज्यादा है।

    जब राज को लगता है की युवराज उसकी इस हरकत से चिढ़ रहा है तो वो उसके गाल पर किस कर देता हे 🤭
    युवराज का तो उसकी इस हरकत से पारा हाई हो जाता हे वो गुस्से में राज से कहता हैं।

    युवराज :– बस बहुत हो गया तेरा अब निकल यहां से वरना पता चले के तू अस्पताल में भर्ती हैं।

    युवराज बात सुनकर राज को अंदाजा हो जाता हे की उसके साथ अब किया होने वाला है इसलिए वो वहां से हस्ता हुआ निकल जाता है उसके जाने के बाद युवराज के चेहरे पर भी स्माइल आ जाती हैं।

    सेकेट्री युवराज के जाने के बाद दूसरे स्टूडेंट को बुलाता है तो वहां वही लड़की आती है जिससे थोड़ी देर पहले अक्षरा की लड़ाई हुई थी उस लड़की को देख कर युवराज को गुस्सा आ जाता हैं।

    दूसरी तरफ
    ओबेरॉय मैंशन

    दो फैमिली आपस में बात कर रही थी एक तरफ ओबरोइस बैठे थे और दूसरी तरफ सिघानिया फैमिली बैठी थी वहां किसी के रिश्ते की बात हो रही थी।

    शिवांश के दादा जी :– देखिए mr. Singhaniya हम ये रिश्ता नही कर सकते शिवांश किसी और लड़की से प्यार करता है ।

    Mr. Singhaniya:– देखिए mr. Oberoi आप एक बार शिवांश से बात तो करके देखिए किया पता वो मान जाए हो सकता वो उस लड़की प्यार नही करता हो अट्रैक्शन हो।
    तभी वहां एक आवाज आती है

    " अट्रैक्शन नही प्यार हे वो मेरा प्यार से भी बडकर जुनून हे वो आपने मेरे प्यार की इंसल्ट करके अच्छा नही किया mr. Singhaniya ( mr. Singhaniya पर थोड़ा जोर देकर)

    वहां मौजूद सब लोग जब उस तरफ देखते है तो वहां शिवांश खड़ा रहता है शिवांश उस वक्त किसी डेविल😈 से कम नहीं लग रहा था उसने ब्लैक कलर का थ्री पीस सूट पहना था उसके बाल जेल से सेट किए हुए थे और उसके चेहरे पर एक भयानक स्माइल थी और उसकी आंखे गुस्से से लाल हो गई थी उसकी उन आंखो में एक अलग ही जुनून था वो वहां से सीधा सोफे पर राजा की तरह जाकर बैठ हो जाता है mr. Singhaniya जो कब से क्या क्या बक – बक किए जा रहे थे अब उनके मुंह आवाज भी निकलना बंद हो गई थी ।

    शिवांश :– हां तो mr. Singhaniya क्या कह रहे थे आप।

    Mr. Singhaniya:– ( थोड़ी हिम्मत जुटा कर) कुछ भी तो नहीं कहां मैने।

    उनकी ऐसी हालत देखकर सारे ओबरोइज अपना अपना मुंह दबाकर हंसने लगते है 🤣।

    शिवांश :– किया mr. Singhaniya आप झूठ भी बोलने लग गए ।

    Mr. Singhaniya:– ऐसी कोई बात नही हे वैसे मुझे अभी चलना चाहिए मेरी एक बहुत इंपोर्टेंट मीटिंग तो अब हम चलते है।
    यह कह कर वो वहां खड़े हो जाते हे उनके साथ उनकी वाइफ आई थी वो भी खड़ी हो जाती हे ओबेरोइस भी उन्हे जाने देते है क्योंकि वो जानते थे की शिवांश अपने प्यार को लेकर कितना पैसेसिव है।

    शिवांश किसी से बात किए बिना ही आपने रूम में चला जाता है और बेड पर लेट कर अपनी पुरानी यादों में खो जाता है।


    Countinue....

    केसे स्टार्ट हुई शिवांश और ईशानी की लव स्टोरी ?

    जानने के लिए पढ़ते रहे तू पहला प्यार और आखिरी जुनून मेरा
    कहानी पसंद आए तो समीक्षा देना बिल्कुल मत भूलना।
    Okk by
    Milte he next part me

  • 8. You are my first love and my last passion🔥 - Chapter 8

    Words: 1107

    Estimated Reading Time: 7 min

    Mr singhaniya ऐसी हालत देखकर सारे ओबरोइज अपना अपना मुंह दबाकर हंसने लगते है 🤣।

    शिवांश :– किया mr. Singhaniya आप झूठ भी बोलने लग गए ।

    Mr. Singhaniya:– ऐसी कोई बात नही हे वैसे मुझे अभी चलना चाहिए मेरी एक बहुत इंपोर्टेंट मीटिंग तो अब हम चलते है।
    यह कह कर वो वहां खड़े हो जाते हे उनके साथ उनकी वाइफ आई थी वो भी खड़ी हो जाती हे ओबेरोइस भी उन्हे जाने देते है क्योंकि वो जानते थे की शिवांश अपने प्यार को लेकर कितना पैसेसिव है।

    शिवांश किसी से बात किए बिना ही आपने रूम में चला जाता है और बेड पर लेट कर अपनी पुरानी यादों में खो जाता है।


    दूसरी तरफ
    सारांश विश्वविद्यालय

    युवराज ने दोनो लड़कियों को एक साथ बुला लिया और उनका वायवा लेना स्टार्ट कर दिया था लेकिन दोनो में से एक भी लड़की उसके एक भी जवाब नही दे पाई और युवराज ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया था और उनके पीछे के दो स्टूडेंट को सेलेक्ट कर लिया था ।

    और उन दोनो लड़कियो के रिजेक्ट होने से किसी को बहुत ही ज्यादा खुशी थी और वो और कोई नही अक्षरा थी।

    अक्षरा उन लड़कियों के पास जाती हैं।

    अक्षरा:– ईशानी तुझे पता हे की किसी ने अपन को कहां था की कोन सेलेक्ट होगा ये तो वक्त ही बताएगा

    पहेली लड़की :– तुम्हे तो में बाद में देख लूंगी ।

    अक्षरा :– यार,( अपने सिर पर हाथ रख कर ना में सिर हिलाते हुए🤦) कैसी बात कर रही हे तू देख तुझे देखना है तो अभी देख बाद में यहां नही रहूंगी दिमाग तो लगा थोड़ा सा तो की में जॉब करने मुंबई जाऊंगी कैसी बात कर रही है।

    दूसरी लड़की उसकी बात से चिढ़कर बोलती हे :– तुम्हारी जुबान बहुत ज्यादा तेज चल रही हे आज कल।

    अक्षरा :– चल तो तुम्हारी भी रही हैं जुबान।

    अक्षरा की बात सुनकर पहली वाली लड़की गुस्से से पागल हो जाती हे और अक्षरा पर हाथ उठाने लगती है लेकिन उससे पहले उसका हाथ कोई पकड़ लेता है.......

    अक्षरा जब अपने साइड में देखती है तो वो ईशानी होती हे जिसने उस लड़की का हाथ पकड़ा हुआ था ।

    वही दूसरी तरफ खड़ा युवराज कब से उस लड़की की हरकतों को देख कर तंग आ गया था और अब तो हद ही हो गई थी उस लड़की की हिम्मत की युवराज की जान पर हाथ उठाए अब तो युवराज इस लड़की को नही छोड़ने वाला वो अपने सेक्रेट्री की तरफ देखता और कहता है :– ये लड़की कल मुझे हॉस्पिटल में भर्ती चाहिए समझ आ रहा हे ना की मैं तुमसे किया कह रहा हु।
    सेक्रेट्री:– जी सर।

    जब अक्षरा ईशानी को देखती हे तो उसकी आंखों में गुस्सा था वो बोलती हैं....

    ईशानी :– खबरदार अगर मेरी बहन को हाथ भी लगाया तो वरना तुम्हारे लिए अच्छा नही होगा यह कह कर वो उसका हाथ झड़क कर छोड़ देती है।

    ईशानी की बातें सुन अक्षरा की आंखों में नमी आ जाती हे🥺 ओर वो झट से ईशानी को गले लगा लेती हे 🥰 । ईशानी भी उसे गले लगा लेती हे ईशानी को जब महसूस होता हे की अक्षरा कुछ ज्यादा ही इमोशनल हो रही हे तो वो उसे खुद से दूर खड़ी करके उससे कहती है....

    ईशानी :– जान घर चले ।

    फिर वो दोनो वहां से चली जाती हैं।

    दूसरी तरफ
    ओबेरॉय मैंशन

    शिवांश बेड पर लेटे अपनी पुरानी यादों को याद कर रहा था कब कैसे वो लड़की उसके लिए इतनी इंपोर्टेंट हो गई

    फ्लैशबैक

    एक लड़की अपने घर के गार्डन में फूलो के साथ खेल रही थी जो करीबन 8 या 9 साल की होगी उसका दूध जैसा सफेद रंग जो हल्की धूप से भी हल्का लाल हो गया था उसके लाल गाल उसे और भी क्यूट बना रहे थे और समय के साथ उसके बदलते एक्सप्रेशन का तो हर कोई दीवाना हो जाए वो बच्ची सच में बहुत क्यूट थी 🥰😍। उसने पिंक कलर का शॉर्ट फ्रॉक पहना हुआ था जो उसके घुटनो तक आ रहा था तभी पीछे से उसे कोई आवाज देता है

    " ईशानी"

    वो आवाज इतनी मासूम और इतनी प्यारी थी की हर कोई उस आवाज की तरफ आकर्षक हो जाए।

    ईशानी जब पीछे मुड़ कर देखती है तो वहां 9 साल के लगभग कोई लड़का खड़ा था उसके होटों पर एक बड़ी वाली प्यारी सी मुस्कान थी😊। उसने थ्री पीस सूट पहना हुआ इस समय वो एक प्रिंस की तरह लग रहा था 🤴।

    ईशानी उसे देख कर चहकती हुई कहती हे :– शिवांश जल्दी आओ देखो ना हमारा उगाया हुआ पौधा कितना बड़ा लग रहा है।

    शिवांश :– हां ईशानी ये तो सच में बहुत बड़ा हो गया है।

    ईशानी :– तुम्हे पता हे शिवांश आज अक्षरा आ रही हे ये कहते हुए उसके चेहरे पर बहुत बड़ी स्माइल आ जाती हैं 😊।

    शिवांश :– सच में यह तो बहुत अच्छी बात हैं...

    ये बोलने के बाद शिवांश कुछ करने लगता हे ईशानी भी उसे देखती रहती है थोड़ी देर बाद शिवांश फ्लॉवर क्राउन👑 बनाता है और ईशानी को पहना देता है ईशानी 👑 पहनने के बाद सच में एक प्रिंसेज की तरह लगती हैं...

    फ्लैशबैक एंड

    तभी शिवांश के कमरे का डोर नोक होता हे और वो अपनी सोच से बाहर आता हैं..

    शिवांश :– अंदर आ जाइए।

    तभी उसके कमरे का दरवाजा खुलता है और शिवांश के मॉम डैड कमरे के अंदर आते है। शिवांश उन्हे देखकर अपने बेड से उठकर खड़ा हो जाता हे और सीधे जा कर अपने डैड के गले लग जाता हे उस वक्त शिवांश की आंखे नम थी जो वो अपने मॉम डैड को नही दिखाना चाहता था। शिवांश के डैड उसकी कमर प्यार से सहलाते हुए बोलते हैं।

    शिवांश के डैड :– मैं जानता हूं शिवांश की तुम्हे mr. Singhaniya की बातों का बहुत बुरा लगा मगर बच्चे हर कोई तो नही जानता ना की तू ईशानी को कितना चाहता हे और हम बहुत अच्छे से जानते है कि तुझे ईशानी कोई अट्रैक्शन  नही हे बल्कि तुम्हे उससे सच्चा वाला प्यार हैं।

    ये सुनकर शिवांश के दिल को सुकून मिलता है और वो अपने डैड से दूर होता है और वो तीनो सोफे पर एक साथ बैठते है शिवांश के मॉम डैड उसके बैठ जाते है और शिवांश उनके बीच में बैठ जाता हे ऐसे ही बातें चलती रहती है शिवांश ईशानी , युवराज अक्षरा के बचपन के किस्से सुनाती हे।और उसे सुन सुन कर शिवांश अब मुस्कुराने लगता हे.............

    कंटिन्यू......

    शिवांश ईशानी को केसे जनता हे? 
    ये जानने के लिए पढ़ते रहिए तू पहला प्यार और आखिरी जुनून मेरा
    दोस्तों आप लोग मुझे बिल्कुल भी नही बताते की कहानी कैसी लगी
    मुझे समीक्षा में आप लोग आपने सुझाव दे सकते है।
    Ok bye
    Milte he next part me

  • 9. You are my first love and my last passion🔥 - Chapter 9

    Words: 1078

    Estimated Reading Time: 7 min

    तभी उसके कमरे का दरवाजा खुलता है और शिवांश के मॉम डैड कमरे के अंदर आते है। शिवांश उन्हे देखकर अपने बेड से उठकर खड़ा हो जाता हे और सीधे जा कर अपने डैड के गले लग जाता हे उस वक्त शिवांश की आंखे नम थी जो वो अपने मॉम डैड को नही दिखाना चाहता था। शिवांश के डैड उसकी कमर प्यार से सहलाते हुए बोलते हैं।

    शिवांश के डैड :– मैं जानता हूं शिवांश की तुम्हे mr. Singhaniya की बातों का बहुत बुरा लगा मगर बच्चे हर कोई तो नही जानता ना की तू ईशानी को कितना चाहता हे और हम बहुत अच्छे से जानते है कि तुझे ईशानी कोई अट्रैक्शन  नही हे बल्कि तुम्हे उससे सच्चा वाला प्यार हैं।

    ये सुनकर शिवांश के दिल को सुकून मिलता है और वो अपने डैड से दूर होता है और वो तीनो सोफे पर एक साथ बैठते है शिवांश के मॉम डैड उसके बैठ जाते है और शिवांश उनके बीच में बैठ जाता हे ऐसे ही बातें चलती रहती है शिवांश ईशानी , युवराज अक्षरा के बचपन के किस्से सुनाती हे।और उसे सुन सुन कर शिवांश अब मुस्कुराने लगता हैं (जिसकी वजह से उसके गालों पर डिंपल गहरे होने लगे थे और उसे बहुत ही ज्यादा आकर्षक बना रही थी)।  जिसके चेहरा हमेशा एक्सप्रेशन लेस रहता हे  आज उस डेविल😈 के चेहरे पर भी एक मुस्कान हे उसको देख कर कोई भी कह सकता था की वो आज दिल से मुस्कुरा रहा है।

    दूसरी तरफ

    ईशानी और अक्षरा दोनो कैब का वेट रही थी मगर बहुत देर से उनकी कैब ही नही आई आज उन्हे 30 मिनट भी एक दिन के बराबर लग रहे थे क्योंकि वो दोनो आज बहुत खुश थी उन्हे जॉब जो मिल गई थी वो बस केसे भी करके निशा जी ( ईशानी की मम्मी) जी से मिलना चाहती थी और उनके अब बर्दास्त से बाहर था।

    ईशानी एक्साइटमेंट में:– यार अक्षरा अभी तक कैब नही आई है (अक्षरा के दोनो हाथो को अपने दोनो हाथो में लेकर खुश से उछलते हुए) अक्षरा मम्मी कितना खुश होगी ना जब उन्हे पता चलेगा कि हम दोनो का सिलेक्शन हो गया है।

    अक्षरा :– hmm। वो तो हे लेकिन अगर तू कल उन्हे बताने देती तो अभी में आराम से खड़ी रह पाती लेकिन अब मुझ से एक पल और बर्दास्त नही हो रहा है मुझे मम्मी को बताने हैं।

    ईशानी :– (एक दम शॉक होते हुए) किया कहा तूने अभी।

    अक्षरा :–  मतलब?

    ईशानी :– ( गुस्सा होने का नाटक करते हुए ) तूने मेरी ही मम्मी को मम्मी कहा है ना।

    अक्षरा :– तुझे बुरा लगा हो तो i am sorry ईशानी। ये कहते हुए उसका मुंह रोने जैसा हो जाता हे।

    ईशानी उसे गले लगाते हुए कहती हे :– मैं आज बहुत ज्यादा खुश हु अक्षु मैं तुझे बता नही सकती की मैं कितनी खुश हु।

    ( दरअसल अक्षरा को हमेशा निशा जी उसे मम्मी कहने को बोलती जिसमे ईशानी भी उसे कई बार फोर्स किया करती थी लेकिन उसका कोई मतलब नहीं होता था और वो निशा जी को आंटी ही कहा करती थी जिससे उन दोनो ने अब अक्षरा को ज्यादा तंग करना बंद कर दिया था मगर जब ईशानी ने आज अक्षरा के मुंह से निशा जी के लिए मम्मी सुना तो उसे एक शॉक सा लगा )

    तभी वहां पर ब्लैक कलर की मर्सिडीज कार आकर रुकती है पहले तो वो दोनो उस कार को देखती ही रह जाती हे लेकिन उस कार की आगे वाली पैसेंजर सीट से युवराज के सेकेट्री निकलता तो समझ जाती हे की ये कार युवराज की हे लेकिन जब वो उसे उनकी तरफ आते देखती है तो हैरान रह जाती हैं।

    ईशानी :– यार ये हमारे पास क्यों आ रहा है।

    अक्षरा :– पता नही । कई हमारी जॉब वापिस तो नही छीनना चाहते ये लोग।

    ईशानी :– यार तू ऐसा क्यों बोल रही है अब तो मुझे भी डर लगने लगा है।

    तब तक सेक्रेट्री वहा पहुंच जाता हे और अक्षरा की तरफ देख कर कहता हे:– mam सर ने आपको बुलाया हैं...

    अक्षरा ईशानी की तरफ देखती हे तो वो आंखों से जाने का इशारा करती।

    जब अक्षरा ही वहा से अकेले जाती हे तो सेक्रेट्री ईशानी के पास जा कर सर झुका कर कहता हे :– mam आपको भी बुलाया हे सर ने।

    ईशानी उसकी उसकी बात सुनकर उस के साथ युवराज की कार की तरफ चल देती है ।

    अक्षरा युवराज की कार के पास जाकर दरवाजे के कांच पर नोक करती है तो युवराज कांच को नीचे कर देता हे कांच के नीचे होते ही उसे अक्षरा का चेहरा नजर आता हे जिसे देख कर वो उसके मासूम चेहरे में ही को जाता हे। उसको होश तब आता है जब उसे अक्षरा की आवाज आती है..

    अक्षरा :– सर आप कहा खो गए ।

    युवराज :– ( घबराहट में ) नही कुछ नही तुम यहां कुछ काम था किया।

    अक्षरा :– मुझे काम ( फिर थोड़ा सोच कर) सर आपने ही तो मुझे बुलाया हे किया आप को मुझ से कोई काम है किया।

    युवराज ना में गर्दन हिला कर हां बोलता है

    तब तक वहां पर इशानी भी आ जाती हैं।

    ईशानी :– ( इशारे में) किया हुआ अक्षु किया बात हैं।

    तभी युवराज बोलता है :– दरअसल मैं यहां कब से बैठा आप दोनो को देख रहा हु आप दोनो किसी का वेट कर रही है क्या?

    ईशानी :– वो हम लोग कैब का वेट कर रहे थे मगर वो अभी तक आई नही बाकी कोई परेशानी नहीं है ।

    युवराज :– आप दोनो लेट हो जायेंगी चलिए मैं आपको छोड़ दूंगा।

    अक्षरा :– thankyou so much

    अक्षरा यह कह कर कार में बैठ जाती हे ईशानी बाहर ही खड़ी थी उसे तो ये हो समझ नही आ रहा था की जो लड़की किसी की भी गाड़ी में नही बैठती है चाहे वो किसी लड़की की ही क्यू ना हो वो आज ऐसे ही किसी की भी गाड़ी में बैठने के लिए केसे तैयार हो गई ईशानी अपनी सोच मे ही गुम थी उसकी तंद्रा युवराज की आवाज से टूटती हैं...

    युवी ( जब मैं युवी लिखूं तो आप लोग समझ जाना की युवराज हे)  :– क्या हुआ मिस ईशानी एनी प्रोब्लम ?

    ईशानी :– जी... को थोड़ा खींचते हुए ( फिर उसे समझ आता हे की युवराज का मतलब क्या था ) जी वो कोई प्रोब्लम नही हैं।


    Continue........
    दोस्तो अगर आप लोगो को कहानी पसंद आ रही  हे तो मुझे समीक्षा देना बिल्कुल भी नहीं भूलना
    मिलते हे next part me milte he
    Ok byyy

  • 10. You are my first love and my last passion🔥 - Chapter 10

    Words: 1054

    Estimated Reading Time: 7 min

    ईशानी बाहर ही खड़ी थी उसे तो ये हो समझ नही आ रहा था की जो लड़की किसी की भी गाड़ी में नही बैठती है चाहे वो किसी लड़की की ही क्यू ना हो वो आज ऐसे ही किसी की भी गाड़ी में बैठने के लिए केसे तैयार हो गई ईशानी अपनी सोच मे ही गुम थी उसकी तंद्रा युवराज की आवाज से टूटती हैं...

    युवी ( जब मैं युवी लिखूं तो आप लोग समझ जाना की युवराज हे)  :– क्या हुआ मिस ईशानी एनी प्रोब्लम ?

    ईशानी :– जी... को थोड़ा खींचते हुए ( फिर उसे समझ आता हे की युवराज का मतलब क्या था ) जी वो कोई प्रोब्लम नही हे।

    अक्षरा बात को बीच में ही काट कर बोलती हे :–  ( आंखों को छोटी कर के घूरते हुए) तो फिर बाहर क्यों खड़ी हे बैठ ना देख पहले ही कितनी देर हो गई है अब जल्दी बैठ हमे मम्मा को भी बताना हे यार।

    युवी , अक्षरा की बातो पर हल्का सा मुस्कुरा कर अक्षरा को देखता रहता है और मन में ही कहता हे :– my Barbie yor are only for mine

    अक्षरा , और ईशानी पूरे रास्ते एक दूसरे के कान में धीरे धीरे बोल रही थी जिससे युवराज को कुछ समझ ही नही आ रहा था की ये दोनो क्या बाते कर रही हैं।

    एक औरत एक कमरे इधर उधर चक्कर काट रही थी अपने में ही बड़बड़ाए जा रही थी " ये लडकिया भी न इन दोनों से तो मै तंग आ चुकी हूं कल इनका रिजल्ट आ गया और इन दोनो ने मुझे बताना भी मुनासिब नहीं समझा " हां मानती हु की मेने इन से नही पूछा तो बता भी तो सकती हे ना की रिजल्ट कैसा आया मगर नही इन्हे तो बताना ही नही हे इन्हे तो अपनी मर्जी करनी हे आने दो इन दोनों को अच्छे से सबक सिखाऊंगी इन्हे। इतना बोल कर वो औरत अपने बेड रूम में जाकर सिर पकड़ कर बैठ जाती है।

    वही दूसरी तरफ युवराज ईशानी और अक्षरा को उनके घर छोड़ देता हे वो दोनो कार से निकल जाती हैं ईशानी युवी को thankyou बोल कर सीधे घर में चली जाती हैं अक्षरा भी युवराज को thankyou बोल कर जाने वाली होती हे कि तभी युवी उसे आवाज देता हे अक्षरा पीछे मुड़ कर अपनी आईब्रो को ऊपर चढ़ा कर उसे देखती हे युवराज उसके इशारे को समझ उससे कहता है

    युवी :– अक्षरा तुम्हे मुझे thanks बोलने की कोई जरूरत नही हे ok

    अक्षरा :– ok । अब मैं जाऊं

    युवी :– हां जाओ।

    अक्षरा घर में चली जाती हैं और युवराज उसे तब तक देखता रहता हे जब तक अक्षरा उसकी आंख से ओझल नहीं हो जाती हे। अक्षरा के जाते ही युवी वहां से चला जाता हे।

    अक्षरा जब अंदर जाती हे तो देखती हे की ईशानी निशा जी के सामने सिर झुका के खड़ी हे और निशा जी उसे गुस्से से भरी निगाहों से घूर रही हे। ये देख कर वो समझ जाती हे की क्यू निशा जी इतना गुस्सा है अक्षरा अपने मन में सोचती हैं:– यार मम्मी तो बहुत गुस्से में लग रही हे आज तो पक्का गए और ये ईशानी की बच्ची ने अभी तक मम्मी को कुछ बताया क्यू नही लगता है मुझे ही बताना पड़ेगा।

    अक्षरा ;– मम्मी आप इतना अक्षरा इतना ही कह पाती हे की निशा जी उसकी बात बीच में ही काट कर कहती है
    निशा जी :– अक्षु अभी तूने क्या कहां फिर से कहना।

    अक्षरा को लगता हे की अभी उसने निशा जी को मम्मी कहा इसलिए वो उससे नाराज हो गई हे
    अक्षरा मन में :– अक्षु तूने ये क्या कर दिया पहले आंटी से तो पूछना चाहिए था ना की तू उन्हे आंटी बुला सकती हैं यां नही ।

    अक्षरा डरते हुए निशा जी से कहती हे :– आंटी वो में वो इतना ही कह पाती हे की निशा जी फिर से उसकी बात काट कर कहती हे

    निशा जी :– ये क्या लगा रखा है तुमने कभी मम्मी कभी आंटी एक मिनिट में अपना और एक मिनिट में बेगाना मुझे लग तुमने मुझे मम्मी कहा लेकिन शायद तुमने ईशु के साथ साथ मुंह से निकल गया होगा ये कहते हुए निशा जी की आंखे नम हो जाती है ।

    उनको ऐसा देख कर ईशानी बोलती हे :– मम्मी शायद अक्षु को कोई गलत फहमी हो गई इसलिए इसने आपको वापिस आंटी बोल दिया वरना कब से आपको मम्मी कह रही थी।

    निशा जी जब ये सुनती है तो वो झट से अक्षु को गले लगा लेती हे ये देख कर ईशानी बोलती हैं:– वाह क्या बात है जिसने मिलाया उसे ही भूल गए।

    ईशानी की बात सुनकर निशा जी नम आंखों से ईशानी को भी इशारा करते हैं करते हैं ईशानी भी उनके पास आ जाती हे और तीनो एक दूसरे को टाइटली हग करती है।

    ईशु और अक्षु दोनो मिलकर अपनी जॉब और रिजल्ट के बारे में बताते हे और साथ में यह भी बताते हे की वो तीनो अब मुंबई जा रहे है इसलिए अपना सामान पैक करलो।

    यह कह कर वो दोनो वहां से चली जाती है उनके जाने के बाद निशा जी अपने मन मे कहती हे :– वक्त आ गया है अब तुम दोनो को उन्हे को तुम्हारी खुशियां देने का अब वक्त आ गया है तुम्हे तुम्हारी जिंदगी से रूबरू करवाने का । मुझे माफ करना मेरी बच्चियों जो मैं तुम्हे तुम्हारे हिस्से की खुशियां नही दे पाई मगर मैं भी क्या करती अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो मेरा तो जीने का मकसद ही खतम हो जाता.....

    मुबई
    ओबेरॉय मैंशन

    नीचे हॉल में सभी घर वाले एक साथ बैठे हुए थे तभी शिवांश अपने रूम से निकल कर हॉल से होता हुआ बाहर जा रहा होता हे तभी शिवांश के डैड उसे आवाज लगाते हे

    शिवांश के डैड:– शिवांश

    शिवांश पीछे मुड़ कर देखता हे तो वहां पूरी फैमिली एक साथ बैठी हुई होती हे और सामने उनके पंडित जी बैठे हुए थे जिनके चेहरे पर शिवांश को देख कर एक मुस्कान आ गई  शिवांश उन्हे देखकर मुस्कुरा कर उनके पास जाता है और उनके पर छू कर उनका आशीर्वाद ले कर बोलता है....

    Countinue.......

    किस सच के बारे में सोच रही थी निशा जी?
    और किसे सोपने वाली निशा जी अक्षरा और ईशानी को?
    ये पार्ट आपको कैसा लगा मुझे समीक्षा में जरूर बताना
    Ok bye
    Milte he next part me