"कहते हैं, प्यार की कोई उम्र नहीं होती… लेकिन जब मोहब्बत उसी की बेटी से हो जाए, जिसने दिल तोड़ा था, तब क्या?" 41 साल का ayaan मल्होत्रा—एक ऐसा शख्स, जिसने अपनी Ex पर सब कुछ लुटाया, और बदले में सिर्फ़ धोखा पाया। 19 साल की रिया वर्मा... "कहते हैं, प्यार की कोई उम्र नहीं होती… लेकिन जब मोहब्बत उसी की बेटी से हो जाए, जिसने दिल तोड़ा था, तब क्या?" 41 साल का ayaan मल्होत्रा—एक ऐसा शख्स, जिसने अपनी Ex पर सब कुछ लुटाया, और बदले में सिर्फ़ धोखा पाया। 19 साल की रिया वर्मा—बिंदास, बेपरवाह… और उसकी Ex की बेटी। वो जिससे उसने कभी दिल लगाया, आज उसकी परछाईं बनकर लौट आई थी। वही आँखें, वही मासूमियत, वही कशिश… लेकिन इस बार, कहानी वैसी नहीं थी। ये इश्क़ था या पागलपन? तक़दीर का खेल था या दिल की नादानी? क्योंकि इस बार, मोहब्बत ने रिश्तों की हर हद पार कर दी थी!
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सुबह 8:00 बजे, पूरा जिम एरीना हल्की रोशनी में डूबा हुआ था। लाउड बेस म्यूज़िक दीवारों से टकराकर पूरे माहौल को और ज़्यादा इंटेंस बना रहा था। हर तरफ़ हैवी वर्कआउट मशीनें, डम्बल, केबल क्रॉसओवर और ट्रेडमिल्स की कतारें लगी थीं। शीशे की बड़ी दीवारें, जिनमें हर मूवमेंट रिफ्लेक्ट हो रहा था। हवा में सिर्फ़ लोहे और पसीने की महक थी।
यह कोई आम जिम नहीं था, बल्कि एक अल्ट्रा-मॉडर्न, प्राइवेट वर्कआउट स्पेस था। ब्लैक और ग्रे थीम की इंटीरियर डिजाइन, डार्क मेटेलिक वॉल्स और हर तरफ़ एलईडी स्ट्रिप लाइट्स थीं। स्पेशली डिजाइन किया गया स्ट्रेंथ ट्रेनिंग सेक्शन, जहाँ सिर्फ़ हैवी लिफ़्टिंग और एक्सट्रीम वर्कआउट्स होते थे।
शाइन करता ब्लैक मार्बल फ्लोर, जिस पर पसीने की बूंदें गिरकर चमक रही थीं। कोई डिस्ट्रैक्शन नहीं, कोई बाहरी आवाज़ नहीं... सिर्फ़ उसकी मेहनत, उसकी ताकत और उसकी धड़कनों की गूंज। जहाँ एक आदमी...
सिर्फ़ लोअर पहने हुए, वह फर्श पर पुश-अप कर रहा था। उसकी बॉडी पूरी तरह पसीने में नहाई हुई थी, और हर पुश-अप के साथ उसकी नसें और मसल्स उभर कर बाहर आ रही थीं, जैसे एक बीस्ट खुद को तपाकर और ज़्यादा घातक बना रहा हो।
चौड़ी छाती, उभरे हुए सिक्स-पैक एब्स और कटे-फटे बाइसेप्स-ट्राइसेप्स, हर मसल इतनी परफेक्टली शार्प थी कि जैसे स्टोन से तराशी गई हो। बैक मसल्स की डेफ़िनेशन, शोल्डर ब्लेड्स की स्ट्रक्चर, सब कुछ इन्सैनली डिफ़ाइंड था।
पसीने की बूंदें उसकी गर्दन से फिसलकर क्लेविकल की कट्स में ठहर रही थीं, फिर सिक्स-पैक एब्स से होते हुए नीचे गिर रही थीं। उसके बाल हल्के गीले, माथे पर चिपके हुए और आँखें—गहरी, ठहरी हुई, लेकिन उतनी ही खतरनाक।
हर पुश-अप के साथ उसके उभरे हुए ट्रैप्स और डेल्टोइड्स और भी ज़्यादा उभर रहे थे। हर पुश-अप के बाद उसकी साँसें भारी हो रही थीं, लेकिन हार मानना उसके डिक्शनरी में नहीं था। यह सिर्फ़ वर्कआउट नहीं था... यह एक जंग थी, खुद से, अपनी आग से।
वह आदमी अभी भी पुश-अप कर रहा था।
तभी...
एक हल्के कदमों की आहट हुई।
ब्लैक शॉर्ट्स, व्हाइट शर्ट और खुले बालों में 19 साल की एक लड़की दबे पाँव अंदर आई। उसकी चाल में शरारत थी और आँखों में चमक।
वह सीधे आगे बढ़ी... और बिना कोई वार्निंग दिए उस आदमी की पीठ पर बैठ गई!
पर उस आदमी की रफ़्तार ज़रा भी कम नहीं हुई!
पुश-अप चलते रहे... हर मूवमेंट और ज़्यादा इंटेंस होता गया... बैक मसल्स उभर आईं, ट्रैप्स और ज़्यादा टाइट हो गए और बाइसेप्स स्ट्रॉन्गर दिखने लगे।
पर जैसे ही उसने स्पीड बढ़ाई, लड़की का बैलेंस बिगड़ गया!
"अरे! गिर जाऊँगी!!" उसने घबराकर खुद को संभालने की कोशिश की।
पर गिरने से पहले ही...
उस आदमी का एक हाथ ऊपर उठा, और सटीक पकड़ के साथ उसने लड़की की कमर थाम ली। लेकिन कमाल की बात—वह अभी भी सिर्फ़ एक हाथ से पुश-अप करता रहा!
"संभल के, बच्चा..." उसने गहरी आवाज़ में कहा।
लड़की ने गाल फुला लिए, और उसकी आँखों में हल्की सी झुंझलाहट आ गई।
"कैसे पता चला कि यह मैं ही हूँ?"
अब पहली बार... उस आदमी ने हल्का सा सर उठाकर मिरर में उसे देखा।
गहरी आँखें, पसीने में भीगा चेहरा, परफेक्ट जॉलाइन... और हल्की सी ठंडी मुस्कान।
"बच्चा, तुम्हारी यही हरकतें तुम्हें दूर से पहचानवा देती हैं..." उसने हल्के से कहा, और फिर...
अचानक से उसने पुश-अप रोक दिए!
लड़की अपनी जगह नहीं संभाल पाई और सीधा नीचे फर्श पर गिर पड़ी!
"OUCH!!" उसने जोर से चिल्लाया और गुस्से से उसे देखा।
"आप ने मुझे गिरा दिया!!"
वह आदमी धीरे-धीरे खड़ा हुआ, अपने हाथों से पसीना पोंछते हुए बोला—
"बचाने की कोशिश की थी... लेकिन तुम्हारा गिरना तुम्हारी किस्मत थी।"
लड़की ने आँखें टेढ़ी कर दीं।
"हद है! आपके साथ मस्ती करना हमेशा मुझे ही भारी पड़ता है!"
वह आदमी हल्का सा मुस्कुराया, फिर उसकी तरफ़ झुककर फुसफुसाया—
"तो तुम्हें अब भी लगता है कि तुम्हें मुझसे जीतने का कोई चांस है?"
लड़की ने ठोड़ी उठाई, उसे घूरते हुए बोली—
"एक दिन तो जीत ही जाऊँगी!"
वह आदमी अपनी गहरी आँखों से उसे देखने लगा, और फिर हल्के से सिर हिलाते हुए सीधा खड़ा हो गया।
"चैलेंज कबूल है, बच्चा। पर याद रखना... मैं हारने वालों में से नहीं हूँ।"
लड़की मुस्कुराई, और जिम में एक नई जंग का आगाज़ हो गया!
जिम में हल्की-हल्की सनलाइट अंदर आ रही थी। हवादार स्पेस, मिरर वॉल्स और डार्क थीम लाइट्स जिम को और ज़्यादा एलीट और प्रीमियम लुक दे रहे थे।
आयान अब भी अपनी टी-शर्ट पहनने की जहमत नहीं उठा रहा था, बस टॉवल से चेहरे और गर्दन का पसीना पोंछता जा रहा था। दूसरी तरफ़ वह लड़की, जो अभी तक गुस्से में थी, उसे लगातार घूर रही थी।
पर तभी...
उसने जिम में रखे एक छोटे डम्बल को उठाया और उसे आयान की तरफ़ फेक थ्रो कर दिया!
"Hey, careful!" आयान हल्का सा पीछे हटा, लेकिन जब उसने देखा कि वह बस फेकिंग कर रही थी, तो उसने गहरी साँस ली और उसे एक साइड आई लुक दिया।
"बच्चा, तुम्हें डराने में कुछ ज़्यादा ही मज़ा आता है, है ना?"
"आपको डरता देख मज़ा जो आता है!" उसने हाथ झटकते हुए कहा।
"Oh really?" आयान ने एक शरारती मुस्कान दी और बिना कुछ कहे एकदम तेज़ी से उसके पीछे दौड़ पड़ा!
"अरे अरे! रुकिए! आयान चाचू प्लीज़!!"
वह लड़की हँसते हुए जिम के अंदर ही इधर-उधर भागने लगी। पर आयान उससे तेज़ था। एक झटके में उसने उसे पकड़ लिया और उसके शॉर्ट्स का एक सिरा पकड़ते हुए उसे अपनी ओर घुमा लिया।
"अब बचकर दिखा!" उसने उसकी नाक खींचते हुए कहा।
वह लड़की गुस्से से नाक सिकोड़ने लगी, तभी—
"आयान! आर्या!"
एक सख्त, लेकिन मज़ेदार आवाज़ गूंज उठी!
आयान और वह लड़की दोनों का दिमाग ठनका।
उन्होंने धीरे-धीरे अपने सिर घुमाए और देखा कि दरवाज़े पर आयान की माँ खड़ी थीं... जो कि आर्या की दादी भी थीं!
गहरे ब्लू कलर की साड़ी, माथे पर परफेक्ट बिंदी और आँखों में वही शार्प एटीट्यूड, जो हमेशा से था।
आयान ने झट से आर्या को छोड़ दिया, और आर्या ने जल्दी से अपने शॉर्ट्स ठीक किए।
"एक को कॉलेज जाना है, दूसरे को ऑफिस... लेकिन दोनों यहाँ जिम में WWE लड़ रहे हैं!" उन्होंने दोनों को गहरी नज़रों से देखा।
आर्या ने नाक चढ़ाई, और अपनी चाची को घूरते हुए बोली—
"आपकी माँ पहले से ऐसी थी, या अब ऐसी हो गईं?"
आयान ने हँसते हुए अपने बालों में हाथ फिराया, फिर बिलकुल उसी टोन में जवाब दिया—
"बच्चा, तेरी दादी हमेशा से ऐसी ही थीं, और लग रहा है... अब और भी अपग्रेड हो गई हैं!"
अब तो उनकी माँ आँखें टेढ़ी करके उन्हें देखने लगीं।
"हद है! ये दोनों बड़े हो गए, लेकिन अक्ल वही बचपन वाली! कोई काम-धंधा नहीं इनको! एक की शादी की उम्र हो रही है, दूसरे की शादी की उम्र बीत रही है!"
उन्होंने गुस्से में घूरा, और जोर से अपनी साड़ी ठीक करते हुए वहाँ से मुँह फुलाते हुए निकल गईं।
जैसे ही वह गईं, आर्या और आयान ने एक-दूसरे को देखा... और ठहाका मारकर हँस पड़े!
"चाचू, हम दोनों ने आज फिर बाजी मार ली!"
"बिलकुल बच्चा, मिशन सक्सेसफुल!"
और जिम में एक बार फिर हँसी की गूंज उठी...
ग़िर्म में मस्ती करने के बाद, आयान अपने कमरे की ओर बढ़ा। उसकी चाल हमेशा की तरह शांत परन्तु आत्मविश्वास से भरी थी। हल्की-हल्की धूप उसके पसीने से चमकती त्वचा पर पड़ रही थी, जिससे वह और अधिक आकर्षक लग रहा था।
जैसे ही उसने अपना कमरा खोला, उसे एक अलग ही आभास हुआ—यह कमरा किसी लग्ज़री सुइट से कम नहीं था। गहरे रंग की दीवारें, ग्रे और ब्लैक रंगों के आधुनिक इंटीरियर, एक ओर बड़ी फर्श से छत तक पहुँचती काँच की खिड़की, जिससे बाहर शहर का नज़ारा दिखाई दे रहा था।
कमरे के बीच में किंग साइज़ बेड, जिस पर काले रेशमी चादर और मिलते-जुलते तकिए थे। एक ओर लकड़ी के पैनल के साथ एलईडी स्ट्रिप्स लगी थीं, जो पूरे माहौल को और अधिक खूबसूरत बना रही थीं।
वॉक-इन क्लोजेट कमरे के दूसरी ओर था, जहाँ उसके कपड़ों का संग्रह—नामचीन ब्रांड के ब्लेज़र, प्रीमियम लेदर जैकेट, उच्च-गुणवत्ता वाले शर्ट, और महँगे जूते बिल्कुल व्यवस्थित तरीके से रखे हुए थे।
आयान ने अपनी कलाई घड़ी और स्मार्टवॉच निकालते हुए सीधे काँच से बने शावर एरिया की ओर बढ़ा। यह क्षेत्र किसी पाँच-सितारा स्पा से कम नहीं था।
काले संगमरमर की दीवारें, सुनहरे रंग का शावर सेटअप, और एक ओर इनबिल्ट म्यूजिक सिस्टम, जिससे धीमा संगीत बज रहा था।
जैसे ही उसने पानी का तापमान सेट किया, गर्म पानी की बूँदें उसकी मांसपेशियों पर गिरने लगीं, जिससे उसे पूरा शरीर अधिक शांत महसूस होने लगा।
उसने शावर जेल लिया और अपने मज़बूत कंधों से लेकर संपूर्ण छाती, सिक्स-पैक एब्स और टोंड पीठ तक, हर मांसपेशी पर धीरे-धीरे रगड़ा। पानी और शावर जेल का झाग उसकी त्वचा पर सरक रहा था, और आयान की आँखें बंद थीं—पूरी तरह शांत!
उसने अपने बालों में लग्ज़री शैम्पू लगाया, जिससे उसके स्वाभाविक रूप से लहराते बाल और अधिक मुलायम हो गए। कुछ मिनट बाद, उसने पूरे शरीर से झाग हटाते हुए ठंडे पानी से स्नान किया, जिससे उसका शरीर एकदम तरोताज़ा हो गया।
शावर से निकलकर उसने गहरे ग्रे रंग का सूती तौलिया उठाया और हल्के हाथों से अपने गीले बालों को सहलाते हुए आगे बढ़ा।
आयान के कपड़ों के पहनावे की अपनी ही अलग बात थी—उसका अंदाज़ न्यूनतम परन्तु प्रभावशाली था।
उसने सबसे पहले काले रंग के अंडरवियर पहने, फिर अपने अलमारी से एक स्लिम-फिट सफ़ेद शर्ट निकाली। उसकी शर्ट के ऊपर के दो बटन हमेशा खुले रहते थे, जिससे उसकी संपूर्ण कॉलरबोन और छाती की बनावट हल्की-सी झलकती थी।
शर्ट की बाँहें उसने बिल्कुल सही तरीके से मोड़ दीं, जिससे उसकी मजबूत बाजुएँ और कलाई की नसें और अधिक स्पष्ट दिखाई देने लगीं।
इसके साथ, उसने काले रंग की टेलर्ड-फिट ट्राउज़र पहनी, जो उसकी टोंड टाँगों और मज़बूत शरीर को और अधिक उभार रही थीं।
फिर उसने भूरे रंग की लेदर स्ट्रैप वाली घड़ी, एक पतली सी चाँदी की चेन, और काले रंग के लोफ़र्स पहने—साधारण परन्तु उत्तम!
अंतिम रूप? जानलेवा!
जैसे ही उसने आईने में खुद को देखा, उसकी हल्की-सी मुस्कान आई—क्योंकि वह जानता था, उसकी उपस्थिति ही लोगों के लिए एक बयान थी!
अब वह परफ़्यूम की बोतल उठाता है, और अपनी कॉलरबोन्स, कलाई और गर्दन पर हल्का सा स्प्रे करता है। उसकी खुशबू ही किसी को भी आकर्षित करने के लिए काफी थी—लकड़ी, मस्क और समृद्ध!
सब कुछ परिपूर्ण था!
अब आयान तैयार था—दिन पर विजय पाने के लिए तैयार!
आयान जैसे ही भोजन कक्ष में पहुँचा, उसकी नज़रों के सामने एक पूरी तरह से सजा हुआ नाश्ता टेबल था। चाँदी के बर्तन, ताज़े फल, टोस्ट, स्क्रैम्बल्ड अंडे, और गरम कॉफ़ी की खुशबू पूरे माहौल में फैली हुई थी।
लेकिन इससे पहले कि वह कुर्सी खींचकर बैठता, एक फुर्तीली आवाज़ उसके पास आई—
"चाचू, मैं जा रही हूँ! बहुत देर हो गई है!"
आर्या तेज़ी से टेबल से एक सेब उठाने लगी, लेकिन इससे पहले कि वह पूरी तरह मुड़ती, आयान ने उसका हाथ हल्के से पकड़ लिया।
"ऐसे नहीं, पहले नाश्ता करो, फिर जाना। मैं खुद तुम्हें छोड़ दूँगा," आयान ने अपनी हमेशा की शांत आवाज़ में कहा।
आर्या ने झुँझलाते हुए घड़ी की ओर देखा और फिर अपने चाचू की आँखों में—जहाँ आदेश नहीं, बल्कि एक देखभाल करने वाला भाव था।
"चाचू, प्लीज़! मुझे बहुत देर हो गई है!" वह मासूमियत से बोली।
आयान ने एक तरफ़ मुस्कराते हुए और पूरी तरह शांत अंदाज़ में जवाब दिया—
"देर होने से कॉलेज की इमारत नहीं उड़ जाएगी, प्रोफ़ेसर को तुम्हारा इंतज़ार करने दो... स्टार स्टूडेंट जो हो!"
आर्या ने नाक चढ़ाते हुए धीरे से कुर्सी पर बैठ गई, "आप ना, हमेशा अपनी बातें मनवा लेते हो!"
आयान ने मज़ाकिया अंदाज़ में कंधे उचका दिए, "Well, I’m the boss!"
दोनों हँस पड़े और फिर जल्दी से नाश्ता करने लगे।
कुछ मिनटों बाद, आयान ने अपनी कार की चाबी उठाई और आर्या को इशारा किया, "चलो, मिस ऑलवेज इन ए हरी!"
आर्या हँसते हुए बोली, "थैंक गॉड! वरना आज फिर मेरे प्रोफ़ेसर के व्याख्यान सुनने पड़ते!"
आयान ने गाड़ी स्टार्ट की, और दोनों कॉलेज की ओर निकल पड़े—सड़क पर संगीत बजता रहा।
कॉलेज के रास्ते में…
आयान की काली स्पोर्ट्स कार सड़कों पर बिल्कुल आसानी से दौड़ रही थी। कार के अंदर हल्का संगीत बज रहा था, और आर्या अपने फ़ोन पर कुछ देख रही थी।
तभी अचानक—
"टिंग!"
एक सूचना आई। फिर दूसरी… फिर तीसरी… और देखते ही देखते, लगातार चार-पाँच सूचनाएँ उसकी स्क्रीन पर दिखाई देने लगीं।
आर्या ने थोड़ी उदासीनता से फ़ोन उठाया, लेकिन अगले ही पल उसका फ़ोन बज उठा—कॉल आ रही थी।
उसने हल्की-सी मुस्कान के साथ फ़ोन उठाया और मज़ाकिया अंदाज़ में बोली, "ओ बाबा, आ रही हूँ! इतना परेशान क्यों हो रही है? बस जल्दी से पहुँच रही हूँ, तू इंतज़ार कर मेरा!"
आयान, जो गाड़ी चला रहा था, आर्या पर हल्की नज़र डालते हुए बोला, "इतना उत्साह? कौन है?"
आर्या ने एकदम खुशी से जवाब दिया, "रिया! मेरी सबसे अच्छी दोस्त!"
आयान ने थोड़ा सिर हिलाया, "पहली बार नाम सुना… इतनी ख़ास क्या है ये?"
आर्या की आँखों में चमक आ गई। वह जोश में बोलने लगी, "रिया? ओह, चाचू! आपको नहीं पता, वह कितनी अद्भुत है! She is the best! सबसे ज़्यादा देखभाल करने वाली, सबसे ज़्यादा प्यार करने वाली और सबसे ज़्यादा प्यारी! जब मैं दुखी होती हूँ ना, तो सबसे पहले उसे ही कॉल करती हूँ। और हाँ, उसकी हँसी इतनी प्यारी है कि सुनकर मेरा पूरा मूड बदल जाता है।"
आयान ने एक मुस्कान के साथ आर्या को देखा, "अच्छा… तो मतलब तुम उसके बिना नहीं रह सकती?"
आर्या ने सिर हिलाया, "बिल्कुल! वह सिर्फ़ मेरी सबसे अच्छी दोस्त नहीं, मेरी आत्मा की सहेली है! और हाँ, वह पढ़ाई में भी बहुत होशियार है! जब मैं किसी विषय में फँस जाती हूँ, तो रिया एक मिनट में समझा देती है। और सबसे बड़ी बात, वह हमेशा मेरे साथ खड़ी रहती है—चाहे कुछ भी हो जाए!"
आयान ने हल्का सा हँसते हुए कहा, "इतनी तारीफ़ें? लगता है, मुझे खुद मिलना पड़ेगा इस 'सबसे अच्छी दोस्त' से।"
आर्या उत्साह में बोली, "हाँ! बिल्कुल! आपको रिया से मिलना ही चाहिए! वह बहुत प्यारी है, और मुझे पूरा यकीन है, आपको भी वह बहुत पसंद आएगी!"
आयान हल्की मुस्कान के साथ एक्सीलेटर दबाता है, "देखते हैं…"
अब कार तेज़ी से कॉलेज की ओर बढ़ रही थी, और आर्या अपने फ़ोन पर रिया को संदेश भेज रही थी—
"बस पाँच मिनट में पहुँच रही हूँ, चिंता मत कर ज़्यादा नाटक मत कर!"
कॉलेज का मुख्य द्वार अब सामने आ चुका था…
कॉलेज के मेन गेट पर अयान की ब्लैक स्पोर्ट्स कार स्मूदली कॉलेज के गेट के सामने रुकी। आर्या ने तुरंत सीट बेल्ट खोली और एकदम जोश में बाहर निकलने को तैयार हुई। लेकिन जैसे ही उसने चारों तरफ नज़र घुमाई, उसका चेहरा हल्का सा गिर गया।
"अरे! रिया कहाँ गई?" उसने थोड़ा चिढ़ते हुए बड़बड़ाया और तुरंत अपने फ़ोन पर मैसेज चेक करने लगी।
अयान ने कार का इंजन बंद किया और एक एक्सप्रेशनलेस लुक के साथ आर्या की तरफ देखा। "इतनी एक्साइटमेंट से आई थी... और अब मुँह क्यों उतर गया?"
आर्या ने होंठ दबाए और स्क्रीन पर स्क्रॉल करते हुए कहा, "रिया यहीं तो होने वाली थी, लेकिन... ये तो अभी रिप्लाई ही नहीं कर रही!"
अयान ने हल्की स्मिरक के साथ हैंडब्रेक लगाया और बैकरेस्ट पर रिलैक्स होते हुए कहा, "तो अब?"
आर्या ने उसकी तरफ एक मासूमियत भरी नज़र डाली और धीरे से बोली, "चाचू... आप दो मिनट और रुक सकते हो न?"
अयान ने हल्की साँस ली और एक हाथ स्टीयरिंग पर रखकर दूसरे हाथ से घड़ी की तरफ देखा। फिर, अपनी क्लासिक कूल टोन में जवाब दिया, "दो मिनट?"
आर्या ने तुरंत पपी-आईज़ बनाकर उसे देखा। "प्लीज़! बस दो मिनट! रिया आ जाएगी!"
अयान ने उसकी मासूमियत पर एक हल्का सा स्मिरक दिया और बिना कुछ बोले बाहर निकल आया। उसने अपनी जेब से फ़ोन निकाला और कुछ चेक करने लगा, जबकि आर्या अब भी बेचैनी से इधर-उधर देख रही थी।
"रिया... कहाँ हो यार!" उसने खुद से बुदबुदाते हुए मैसेज टाइप किया।
तभी—
"ट्रिंग ट्रिंग!"
अयान का फ़ोन वाइब्रेट हुआ। उसने स्क्रीन देखी और एकदम प्रोफेशनल एक्सप्रेशन में कॉल उठाया।
"याह?"
दूसरी तरफ से किसी की आवाज आई, जिसे सुनते ही उसका चेहरा हल्का सीरियस हो गया।
"अलराइट. आई बी देअर इन 20 मिनट्स।" उसने शॉर्ट में कहा और फ़ोन काट दिया।
आर्या, जो अब तक उम्मीद से गेट की तरफ देख रही थी, अयान की तरफ मुड़ी। "क्या हुआ?"
अयान ने एक एक्सप्रेशनलेस लुक के साथ कहा, "ऑफिस जाना होगा।"
आर्या का चेहरा हल्का सा बुझ गया। "अरे नहीं! बस दो मिनट और रुक जाते न, प्लीज़!"
अयान ने हल्का सिर झटका। "सॉरी, आर्या. वर्क कॉल्स।"
"पर चाचू..."
अयान ने उसकी बात काटते हुए अपनी गाड़ी का दरवाजा खोला और एकदम स्मूद अंदाज में अंदर बैठते हुए कहा, "रिया से बाद में मिल लेना।"
आर्या ने नाक चढ़ाई और हाथ जोड़ते हुए कहा, "लेकिन आपने खुद कहा था कि आप मिलेंगे!"
अयान ने एक हल्की स्माइल दी। "और मिलूँगा भी, पर अभी नहीं।"
उसने कार स्टार्ट की और विंडो नीचे करते हुए बोला, "स्टे आउट ऑफ ट्रबल, मिस ऑलवेज़ इन ए हरी!"
आर्या ने उसे गुस्से से घूरा और हाथ हिलाते हुए कहा, "फाइन! लेकिन अगली बार रिया से ज़रूर मिलोगे!"
अयान ने हल्की मुस्कान दी। "देखेंगे..."
फिर, उसने एक्सीलेटर दबाया, और ब्लैक स्पोर्ट्स कार एक एलीगेंट स्पीड में कॉलेज के बाहर निकल गई।
कॉलेज के ग्राउंड एरिया में आर्या ने एक झटके में अपना फ़ोन बैग में डाला और तेज़ी से कॉलेज के गेट के अंदर बढ़ गई। उसके कदमों में एक अलग ही गुस्सा था। उसकी निगाहें लगातार इधर-उधर घूम रही थीं, जैसे बस रिया को खोज रही हों।
"कहाँ गई ये लड़की!" उसने खुद से बुदबुदाया और अपनी लंबी पोनीटेल को पीछे झटका।
कॉलेज का माहौल हमेशा की तरह चहल-पहल भरा था। हर तरफ़ ग्रुप्स में स्टूडेंट्स बातें कर रहे थे, कुछ कैफेटेरिया की तरफ़ जा रहे थे तो कुछ ग्राउंड एरिया में मस्ती कर रहे थे। लेकिन आर्या का दिमाग इस वक़्त सिर्फ़ एक चीज़ पर फोकस्ड था— रिया!
जैसे ही वह ग्राउंड एरिया की ओर बढ़ी, उसकी नज़र अचानक रिया पर पड़ी!
रिया वर्मा—कॉलेज की सबसे स्मार्ट और फ़्रेंडली लड़की, जो हर किसी की फ़ेवरेट थी। उसकी हाइट लगभग 5'6 थी, और उसके लंबे, वेवी ब्राउन बाल उसके कंधों पर खुले हुए थे। बड़ी-बड़ी गहरी ब्राउन आँखें, हमेशा चमक से भरी रहती थीं, और उसकी हल्की पिंकिश स्किन उसके चेहरे की मासूमियत को और बढ़ा देती थी। लेकिन उसकी मासूमियत के पीछे एक अलग ही शरारती एनर्जी थी।
आज उसने डार्क ब्लू हाई-वेस्ट जींस और वाइट क्रॉप टॉप पहना हुआ था, जिस पर छोटा सा 'सैसी बट क्लासी' लिखा था। उसने अपने बालों में एक क्यूट सा सिल्वर हेयर क्लिप लगाया था, और उसकी हल्की जूलरी—छोटे हूप इयररिंग्स और एक टाइट चेन ब्रासलेट—उसकी स्टाइलिश पर्सनालिटी को कंप्लीट कर रही थी।
वह इस वक़्त ग्राउंड में अपने कुछ फ़्रेंड्स के साथ मस्ती कर रही थी, हँस रही थी, मज़ाक कर रही थी, जैसे उसे कोई फ़िक्र ही ना हो!
आर्या, जो इतने देर से उसका वेट कर रही थी, उसे इस तरह आराम से हँसते-मुस्कुराते देख और ज़्यादा गुस्से में आ गई। उसने एक लंबी साँस ली और बिना कुछ सोचे सीधे रिया के पास पहुँच गई।
"रिया!" उसकी आवाज़ में साफ़ गुस्सा झलक रहा था।
रिया, जो अभी-अभी किसी मज़ाक पर ठहाके लगा रही थी, अचानक आर्या की गुस्से से भरी आवाज़ सुनकर पलटी।
"ओहो, मैडम आ गई!" उसने शरारती स्माइल के साथ कहा। "कितना टाइम लगा दिया अंदर आने में?"
लेकिन उसकी बात ख़त्म होने से पहले ही आर्या ने उसके हाथ पकड़कर उसे खींच लिया।
"तेरे दिमाग में क्या चल रहा है? मैं तुझे बाहर वेट कर रही थी, और तू यहाँ सबके साथ हँसी-ठिठोली कर रही है?"
रिया ने एक पल को उसे घूरा, फिर हँसकर बोली, "ओह, डोंट टेल मी कि तूने मेरी वजह से इतना गुस्सा किया!"
"रिया, मैं तुझे सीरियसली ढूंढ रही थी!" आर्या अब भी गुस्से में थी।
रिया ने अपनी आँखें घुमाईं और एक हाथ अपने कमर पर रखकर बोली, "डार्लिंग, तू जानती है न, मैं कितनी सोशल हूँ। ग्राउंड में आई तो बस थोड़ा नेटवर्किंग कर लिया!"
"नेटवर्किंग?" आर्या ने अपनी आँखें चौड़ी कीं। "तुझे कॉलेज का बिज़नेस समिट समझ रखा है क्या?"
रिया ने हँसते हुए अपना फ़ोन निकाला। "अच्छा बाबा, सॉरी! अब चलें?"
आर्या ने गहरी साँस ली, फिर सिर हिलाया। "हाँ, और इस बार मुझे अकेला छोड़ने की हिम्मत मत करना!"
रिया ने एक सॉफ्ट स्माइल दी और दोनों साथ में ग्राउंड से बाहर जाने लगीं, लेकिन रिया के चेहरे की शरारती चमक बता रही थी कि उसकी शैतानियाँ अभी ख़त्म नहीं हुई हैं... और आर्या को इस बात का अंदाजा तक नहीं था!
कॉलेज ग्राउंड में…
रिया अपनी हंसी रोकने की कोशिश कर रही थी, लेकिन आर्या का गुस्सा कम नहीं हो रहा था। उसने रिया का हाथ पकड़कर खींचा और गुस्से से बोली—
"तुझे पता भी है, मैं तुझे क्यों ढूँढ रही थी?"
रिया ने एक नकली मासूमियत से अपनी आँखें झपकाईं, "क्यों? कहीं कोई प्रोजेक्ट डिस्कस करना था?"
आर्या ने उसे घूरा, "ओह गॉड, रिया! मैं तुझे अपने चाचू से मिलवाना चाहती थी!"
रिया ने तुरंत एक एक्सप्रेशनलेस लुक दिया और अपनी भौंहें उचकाईं, "अयान चाचू से? पर क्यों?"
आर्या ने एक्साइटमेंट से कहा, "क्योंकि… तू मिलती न, तो तू भी उन पर फिदा हो जाती! मैं गारंटी देती हूँ!"
रिया ने एक सेकंड के लिए उसे देखा, फिर ठहाका लगाकर हँस पड़ी, "ओह प्लीज़! तुम्हारे चाचू? Seriously, Arya?"
आर्या ने आँखें चौड़ी कीं, "हाँ! तुझे अंदाज़ा भी नहीं है वो कितने हैंडसम और हॉट हैं! टॉल, परफेक्ट फिट बॉडी, हमेशा ब्लैक कैजुअल्स में और वो एटीट्यूड! हाई क्लास एलिगेंस! एक बार देख लेती न, तो तेरा दिल भी उनके नाम का जप करने लगता!"
रिया ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और फिर हाथ जोड़कर बोली, "हे भगवान, बचा लो! तुम्हारी बातें सुनकर लग रहा है जैसे मैं किसी सुपरमॉडल से मिलने वाली थी!"
फिर उसने आँखें घुमाईं और हल्की मुस्कान के साथ बोली, "वैसे आर्या, सच बताऊँ?"
आर्या ने फौरन पूछा, "क्या?"
रिया ने कंधे उचकाए, "तुम्हारे चाचू ‘मोस्ट बैचलर’ में नहीं, ‘बेचारे’ में आते हैं… उम्र उनकी हो चुकी है!"
आर्या की आँखें एकदम चौड़ी हो गईं, और उसने गुस्से से झटके में रिया का कंधा पकड़ा, "रिया! तू… तू मेरे चाचू को बेचारा कह रही है? Seriously?"
रिया ने मज़ाकिया अंदाज़ में सिर हिलाया, "हाँ तो? वो तुम्हारे चाचू हैं, कोई K-Drama के हीरो नहीं!"
आर्या ने एक लंबी साँस ली, जैसे खुद को काबू में रखने की कोशिश कर रही हो, फिर चिढ़ते हुए बोली, "देख, मैं तेरी ये बदतमीज़ी भूल जाऊँगी… पर जब कभी तेरा दिल किसी पे आएगा ना, तो मैं भी यही कहूँगी— 'बेचारा!'"
रिया ने एक शरारती स्माइल दी, "चलो, फिर देखते हैं कौन पहले ‘बेचारा’ बनता है!"
और दोनों हँसते-खिलखिलाते ग्राउंड से बाहर निकल गईं, लेकिन रिया के चेहरे पर एक शरारती चमक अब भी बनी हुई थी…
दूसरी तरफ़
अयान की कंपनी "R&R Enterprises" शहर के सबसे पॉश बिज़नेस डिस्ट्रिक्ट में स्थित है। कंपनी की ग्लास-फ्रंट बिल्डिंग दूर से ही अपने मॉडर्न और एलिगेंट डिजाइन के कारण अलग दिखाई देती है। 40 फ्लोर ऊँची इस स्काईस्क्रैपर का आर्किटेक्चर इतना शानदार है कि हर कोई इसे एक बार मुड़कर ज़रूर देखता है।
ऑफिस में…
अयान अपने केबिन में बैठा लैपटॉप पर काम कर रहा था। हमेशा की तरह, उसकी अपीयरेंस परफेक्ट थी—ब्लैक शर्ट की स्लीव्स हल्की फोल्डेड, रिस्ट पर ब्रांडेड वॉच, और चेहरे पर वही सिग्नेचर एक्सप्रेशनलेस लुक। उसकी आँखें स्क्रीन पर टिकी थीं, और उसकी उंगलियाँ कीबोर्ड पर स्मूदली चल रही थीं।
तभी दरवाज़े पर हल्की नॉक हुई।
"Come in."
अयान ने बिना नज़रें उठाए कहा, उसकी आवाज़ उतनी ही ठंडी और कंट्रोल्ड थी, जितनी हमेशा रहती थी।
अंदर आते ही, उसका असिस्टेंट नील थोड़ा नर्वस लग रहा था, लेकिन उसके साथ जो लड़की थी, वह पूरी तरह से कॉन्फिडेंट मूड में थी। लॉन्ग लेग्स, परफेक्ट कर्व्स, और एक शॉर्ट, स्किन-हगिंग ब्लैक ड्रेस, जिसने उसकी बॉडी को और एलिगेंट बना दिया था। उसका चेहरा भी उतना ही अट्रैक्टिव था, हाई-फीचर, रेड लिपस्टिक, और डीप आई-मेकअप, जो उसे और भी डिजायरबल बना रहे थे।
नील के चेहरे पर हल्की घबराहट थी, लेकिन वह लड़की पूरे एटीट्यूड में थी। उसने चलते हुए जानबूझकर एक सेंसुअस मूवमेंट दिया और अपने लम्बे बालों को फ्लिप किया।
अयान अब भी लैपटॉप पर बिज़ी था, लेकिन उसे इस लड़की की निगाहों का एहसास हो चुका था। वह एकदम ओपनली उसे डिजायरिंग लुक्स दे रही थी, जैसे उसकी आँखें उसके फेस से लेकर उसकी बॉडी तक का हर डिटेल ऑब्ज़र्व कर रही हों।
कुछ सेकंड्स तक केबिन में एक अजीब सा साइलेंस रहा, फिर—
"नील…"
अयान ने बिना नज़र उठाए अपने ठंडे लहजे में कहा।
"ज… जी सर?" नील एकदम अलर्ट हो गया।
"इस लड़की से कहो… अपनी आँखें मेरे ऊपर से हटा ले। वरना कभी किसी को देखने लायक नहीं बचेगी।"
अयान की आवाज़ एकदम डेडली थी, धीमी मगर इतनी इंटेंस कि केबिन का माहौल पूरी तरह बदल गया।
वो लड़की, जो अब तक अपने कर्व्स और अट्रैक्शन को अयान की तरफ़ मोड़ने में लगी थी, अचानक उसका चेहरा हल्का उतर गया। उसे अंदाज़ा नहीं था कि अयान इस तरह रिएक्ट करेगा।
नील ने तुरंत एक घबराई नज़र उस लड़की पर डाली और फिर अयान को देखा, "स… सर, वो तो बस…"
लेकिन अयान ने उसकी बात को पूरी तरह इग्नोर किया और अब पहली बार उसने लैपटॉप से नज़रें हटाकर सामने देखा।
उसके तेज़, शार्प फीचर्स और सख्त निगाहें अब पूरी तरह से उस लड़की पर थीं।
फिर उसने एक और ठंडे, मगर डेंजरस लहजे में कहा—
"अगर ये तुम्हारी बहन नहीं होती, तो अभी मैं इसे अच्छे से समझा देता कि मेरी कंपनी में किस तरह की घटिया हरकतों की कोई जगह नहीं है।"
नील को जैसे अपने पैरों के नीचे से ज़मीन खिसकती महसूस हुई। वह घबराकर बोला, "सॉरी सर! माफ़ कर दीजिए… यह गलती दोबारा नहीं होगी!"
अयान ने उसे एक इंटेंस लुक दिया, फिर बिना कुछ बोले दोबारा लैपटॉप स्क्रीन की तरफ़ देखना शुरू कर दिया, जैसे यह पूरा इंसिडेंट उसकी ज़िंदगी का कोई मायने ही नहीं रखता।
वो लड़की, जो अब तक कॉन्फिडेंट थी, अब एकदम अनकम्फ़र्टेबल महसूस करने लगी। उसने बिना कुछ कहे नज़रें झुका लीं और धीरे-धीरे केबिन से बाहर निकल गई।
नील ने एक आखिरी बार अयान को देखा और फिर सिर झुकाकर पीछे हट गया।
जैसे ही दरवाज़ा बंद हुआ, अयान ने हल्की स्मिरक के साथ अपने डेस्क पर उंगलियाँ टैप कीं और बड़बड़ाया—
"लोग अभी भी मुझे हल्के में लेने की गलती कर रहे हैं…"
रिया और आर्या ग्राउंड से बाहर निकल ही रही थीं कि अचानक रिया ने आर्या का हाथ पकड़कर रोक लिया—
"आर्या, आज रात मेरे घर आ रही है, याद है न?"
आर्या ने उलझे हुए एक्सप्रेशन के साथ उसे देखा, "आज रात? किसलिए?"
रिया ने गहरी साँस लेते हुए आँखें घुमाईं, "तू वाकई इतनी भोली है या बस एक्टिंग कर रही है? तुझे याद नहीं, आज मूवी नाइट और मेरी नई ड्रेसेस ट्राय करने का प्लान था?"
आर्या ने हल्की स्माइल के साथ सिर हिलाया, "हाँ हाँ, याद आया! वैसे भी देखना है कि तेरी ड्रेसेस सच में स्टाइलिश हैं या फिर तेरी बातों की तरह बोरिंग!"
कॉलेज ग्राउंड से बाहर निकलते ही रिया और आर्या को पीछे से एक ज़ोरदार आवाज़ सुनाई दी—
"अबे ओ लड़कियों! इतना तेज़ क्यों चल रही हो? मेरे जैसे हैंडसम लड़के का थोड़ा तो इंतज़ार कर लिया करो!"
दोनों ने पलटकर देखा—कबीर चौहान, अपनी कूल स्माइल और बिखरी-बिखरी हेयरस्टाइल में।
कबीर चौहान – छह फीट लंबा, एथलेटिक बॉडी, हल्के भूरे बाल जो हमेशा बिखरे रहते, लेकिन फिर भी परफेक्ट लगते। उसकी गहरी भूरी आँखें हमेशा मस्ती से भरी होतीं, जैसे हर वक्त कोई शरारत प्लान कर रहा हो। हल्की दाढ़ी, जो उसकी पर्सनालिटी को और ज्यादा आकर्षक बनाती। वह जितना हैंडसम था, उतना ही कैज़ुअल स्टाइल पसंद करता—फिटेड टी-शर्ट, डेनिम्स और स्नीकर्स। उसकी बॉडी लैंग्वेज हमेशा रिलैक्स और कॉन्फिडेंट होती, जैसे उसे दुनिया की कोई टेंशन ही न हो।
आर्या ने झट से हाथ जोड़ लिए, "हे भगवान! ये फिर आ गया!"
रिया ने सिर हिलाया, "कबीर, तुझे रोज़-रोज़ हमारी जान खाने में मज़ा आता है क्या?"
कबीर ने एक्टिंग करते हुए एक गहरी साँस ली, "बिलकुल! तुम्हारी बातें सुनना मेरे लिए किसी मोटिवेशनल स्पीच से कम नहीं!"
आर्या ने आँखें घुमाईं, "हाँ हाँ, और तेरा दिमाग़ उसी स्पीच से ब्लास्ट भी हो जाता है!"
कबीर ने हाथ पकड़कर दिल पर रखा, "ओह! कितना बेरहम सच बोल दिया तुमने!"
रिया ने तुरंत उसका कंधा थपथपाया, "सच तो सुनना पड़ेगा न, कबीर बाबू!"
कबीर मुस्कराया, "ठीक है, ठीक है! वैसे आज रात का क्या प्लान है?"
आर्या ने झट से कहा, "तेरा प्लान तो फिक्स है—घर जा, सो जा!"
रिया हंस पड़ी, "और हाँ, अगर सपने में हमारी याद आए तो थैंक्यू कहना!"
कबीर ने एक नकली आँसू पोछा, "क्या बात है! तुम्हारी ये दोस्ती… आँखें नम कर देती है!"
आर्या ने उसकी गर्दन पकड़कर हल्के से झटका दिया, "ड्रामा मत कर! तुझे मालूम है, तू हमारी ज़िंदगी का सबसे बड़ा सिरदर्द है!"
रिया ने सिर हिलाया, "बिलकुल! और ये सिरदर्द बिना ब्रेक के चलता है!"
कबीर ने गहरी साँस लेते हुए कहा, "हाँ हाँ, पता है मुझे! लेकिन मैं भी तो तुम्हारी ज़िंदगी की जान हूँ!"
आर्या और रिया ने एक-दूसरे की तरफ देखा और फिर एक साथ बोले—"जान तो छोड़ दे हमारी!"
कबीर हंस पड़ा, "सॉरी, वो नहीं हो सकता!"
रिया ने मुस्कराते हुए कहा, "ठीक है, चलो फिर… थोड़ा फुल-टॉर्चर टाइम हो जाए!"
और फिर शुरू हुआ कबीर की खिंचाई का सेशन!
आर्या ने उसे पीछे से पकड़ लिया, रिया ने उसकी शर्ट के कॉलर सीधे किए और दोनों ने मिलकर उसकी इतनी टांग खींची कि कबीर आखिर में हाथ जोड़कर बोला—
"बस! तुम दोनों से तो अच्छी मेरी मॉम है, कम से कम थोड़ा रहम तो करती हैं!"
रिया और आर्या ठहाका लगाकर हंस पड़े।
दोस्ती ऐसी ही थी—जहाँ प्यार भी था, तकरार भी और सबसे ज़रूरी, कभी न खत्म होने वाला मज़ाक!
शाम के समय रिया के घर में एक मिनी पार्टी जैसा माहौल था। रिया, आर्या और कबीर—तीनों अपने ही अंदाज़ में मस्ती कर रहे थे। रिया की माँ विदेश में रहती थीं। वह अपनी दादी के साथ रहती थी, पर इस वक़्त दादी भी माँ के पास गई हुई थीं। इस मौके का पूरा फायदा उठाते हुए रिया ने दोनों को बुला लिया था।
कबीर, जो हमेशा से ही माहौल को हल्का-फुल्का बनाए रखने में माहिर था, इस वक़्त भी कुछ ऐसा ही कर रहा था।
"रिया, तेरा घर एकदम हॉन्टेड हाउस जैसा लग रहा है!" कबीर ने चारों तरफ देखते हुए कहा।
"हॉरर मूवीज़ मत देखा कर, तेरा दिमाग़ खराब हो गया है!" आर्या ने उसे घूरते हुए कहा।
"अरे सच में! अगर अचानक कोई चोर आ जाए तो?" कबीर ने नाटकीय अंदाज़ में कहा।
"चोर नहीं आएगा, लेकिन तेरी चीखें ज़रूर आस-पड़ोस तक जाएंगी!" रिया हंस पड़ी।
उधर, अयान को जैसे ही पता चला कि आर्या रिया के घर पर है, वह बिना सोचे समझे उससे मिलने चला आया। रात का वक्त था, रिया का घर थोड़ा सुनसान इलाके में था, और घर की लाइट्स भी कुछ जगहों पर बंद थीं। अयान कार पार्क करके धीरे से अंदर आया, लेकिन वह जानता था कि इतनी रात गए अचानक पहुँचने पर आर्या उस पर भड़कने वाली है।
"अब इसको कैसे इम्प्रेस करूँ?" अयान खुद से बड़बड़ाया।
रात के लगभग दो बजे का वक्त था। पूरा घर गहरी ख़ामोशी में डूबा हुआ था। कबीर और आर्या अपने-अपने कमरे में सो चुके थे। हल्की-हल्की ठंडी हवा खिड़कियों से छनकर अंदर आ रही थी, और रिया अपने कमरे में करवटें बदल रही थी।
नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी। गला सूख रहा था, और प्यास इतनी तेज़ लग रही थी कि अब उसे उठना ही पड़ा।
उसने धीरे से रजाई हटाई और बिना कोई आवाज़ किए बिस्तर से नीचे उतरी। मोबाइल की लाइट ऑन करके देखना चाहा, लेकिन रोशनी आँखों में चुभ गई, इसलिए उसने स्क्रीन ऑफ कर दी और अंदाज़े से दरवाज़े तक पहुँच गई।
दरवाज़ा खोलते ही एक हल्की सी "क्रीईईक" जैसी आवाज़ निकली, जिससे उसके कदम ठिठक गए। दिल की धड़कन थोड़ी तेज़ हो गई, लेकिन उसने खुद को समझाया—
"रिया, प्लीज़! हॉरर मूवीज़ की वजह से बेवजह डर मत।"
वह धीरे-धीरे कदम रखते हुए हॉल की तरफ बढ़ी। चारों तरफ़ अंधेरा था, बस खिड़की से आती हल्की चांदनी सोफे और टेबल पर पड़ रही थी। हॉल के कोने में रखी घड़ी की टिक-टिक आवाज़ इस सन्नाटे में और भी ज़्यादा डरावनी लग रही थी।
रिया ने गहरी साँस ली और अपने कदम तेज़ किए। वह सीधे फ्रिज के पास पहुँची और हैंडल पकड़कर धीरे से दरवाज़ा खोला।
"ठंडा पानी मिलेगा तो शायद थोड़ी फ्रेशनेस फील हो," उसने सोचा।
फ्रिज खुलते ही ठंडी हवा चेहरे से टकराई। उसने जल्दी से एक पानी की बोतल निकाली और ग्लास में डालने लगी।
लेकिन तभी…
उसकी नज़र सामने के शीशे पर पड़ी।
एक परछाईं!
साफ-साफ दिख रहा था कि कोई खिड़की के पास से गुज़रा है!
रिया का हाथ कांप गया। पानी का ग्लास हाथ से छूटते-छूटते बचा। उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। उसने एक झटके में खुद को शीशे की तरफ घुमाया, लेकिन वहाँ कोई नहीं था।
"क्या मैंने कोई ग़लतफ़हमी पाल ली है?" उसने खुद को समझाने की कोशिश की, लेकिन दिल अब भी तेजी से धड़क रहा था।
उसने जल्दी से पानी पिया और ग्लास सिंक में रखने के लिए मुड़ी ही थी कि…
"धप्प!"
एक हल्की लेकिन साफ़ आवाज़ आई—
खिड़की के बाहर कोई था!
रिया के पैर जैसे ज़मीन से चिपक गए। उसका दिमाग़ कह रहा था कि भागो, लेकिन शरीर हिल भी नहीं रहा था। हल्के-हल्के पसीने की बूंदें उसके माथे पर आ गईं।
"रिया, हिम्मत रख!" उसने खुद से कहा और धीमे कदमों से खिड़की की तरफ बढ़ने लगी।
उसने जैसे ही खिड़की की तरफ देखा, उसे किसी की झलक दिखी—
और अगले ही पल…
किसी ने खिड़की पर दस्तक दी!
"ठक! ठक!"
रिया के मुँह से एक हल्की चीख निकलते-निकलते रुकी।
कोई खिड़की के पास से गुज़रा था। रिया तुरंत अलर्ट हो गई। उसने फुर्ती से पास रखी एक भारी शोपीस उठाई और धीरे से उस परछाईं के पास बढ़ी। उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था।
"चोर?" उसके दिमाग़ में एक ही शब्द आया और उसने बिना सोचे शोपीस से वार कर दिया।
"आआआआआह्ह्ह!!"
अचानक हॉल में एक तेज़ चीख गूंज उठी।
"चोर!!!" रिया की क्यूट लेकिन सुपर लाउड आवाज़ पूरे घर में गूंज गई।
वह हॉल में आई थी, और अयान के वार से उसका बैलेंस बिगड़ गया था। लेकिन जैसे ही उसने अयान को देखा, उसकी ड्रामा क्वीन साइड एक्टिव हो गई।
"चोर! चोर! अरे कोई पकड़ो!" रिया कूद-कूद कर चिल्लाने लगी।
अयान ने जल्दी से उसका मुँह दबाने की कोशिश की, लेकिन रिया का ड्रामा जारी था।
"बचाओ! कोई है? पुलिस को बुलाओ!"
"चुप!" अयान ने गुस्से में दाँत भींचते हुए कहा।
लेकिन रिया कहाँ रुकने वाली थी? वह तो अब और तेज़ चिल्लाने लगी थी।
अयान ने गहरी साँस ली और अगले ही पल…
रिया के होठों पर अपने होंठ रख दिए।
"चुप!" अयान ने गुस्से में दाँत भींचते हुए कहा।
लेकिन रिया कहाँ रुकने वाली थी? वह अब और तेज़ चिल्लाने लगी थी।
अयान ने गहरी साँस ली और अगले ही पल...
रिया के होठों पर अपने होंठ रख दिए।
रिया की आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं। उसकी सारी चीखें, सारी शरारतें एक पल में रुक गईं। कमरे में पसरी हल्की ठंडक के बावजूद, उसके गाल तपने लगे।
अयान के होंठ उसके होठों पर मज़बूती से टिके थे, लेकिन यह कोई ज़बरदस्ती नहीं थी। यह एक ऐसा पल था, जिसमें गुस्सा भी था, बेचैनी भी और... शायद कुछ और भी, जो रिया समझ नहीं पा रही थी।
अयान ने यह सब रिया को चुप करने के लिए किया था, लेकिन अचानक न जाने उसे क्या हुआ, उसका किस धीरे-धीरे अब और ज़्यादा वाइल्ड हो रहा था। उसे खुद भी नहीं पता था कि वह यह सब क्यों कर रहा था, वह खुद को रोक नहीं पा रहा था।
वह न जाने किस जाने-अनजाने एहसासों में बह गया था। वह उसके होठों पर हाथ रखकर लगातार किस कर रहा था।
रिया की साँसें तेज़ चलने लगीं, दिल की धड़कनें बेतहाशा बढ़ गईं। लेकिन सबसे ज़्यादा अजीब बात यह थी कि वह खुद को पीछे नहीं खींच पा रही थी।
धीरे-धीरे अयान, उसको किस करते हुए, अपने हाथ रिया की कमर पर ले गया।
अयान के एक हाथ ने उसकी कमर को पकड़ लिया, और दूसरा उसके चेहरे के पास आ गया। उसका स्पर्श हल्का था, लेकिन उसमें एक अजीब सी पकड़ थी, जिससे रिया को लग रहा था कि अगर उसने हिलने की कोशिश की तो वह उसे और कसकर पकड़ लेगा।
धीरे-धीरे, अयान ने अपनी पकड़ थोड़ी और मज़बूत की और किस को और डीपर कर दिया। उसकी उंगलियाँ रिया की कमर पर हल्के से दबाव बना रही थीं, जैसे वह उसे अपने और करीब खींचना चाहता हो।
रिया का दिमाग अभी भी शॉक में था। यह हो क्या रहा था? यह... यह अयान क्या कर रहा था? और सबसे बड़ी बात—वह खुद क्यों कुछ नहीं कर रही थी?
अयान की साँसें उसकी बॉडी से टकरा रही थीं। उसकी गर्माहट इतनी करीब थी कि रिया को लग रहा था, जैसे वह खुद को खो देगी। उसकी उंगलियाँ हल्के से काँपीं, लेकिन वह अब भी वहीं खड़ी थी... बिना किसी विरोध के।
अयान ने एक आखिरी बार उसके होठों को अपने में डुबोया, जैसे इस पल को पूरी तरह महसूस कर लेना चाहता हो। फिर, बहुत धीरे से उसने अपनी पकड़ ढीली की, होठों को हल्का सा छोड़ा और बस एक इंच की दूरी बनाकर रुका।
रिया के चेहरे पर अब भी उसकी साँसों की हल्की गर्माहट महसूस हो रही थी।
कुछ देर रिया यूँ ही शांत रही। फिर अचानक से उसने जल्दी से हॉल का लाइट ऑन कर दिया।
"क्लिक!"
जैसे ही उजाला फैला, उसकी नज़र सामने खड़े उस लड़के पर पड़ी...
उसे देखकर एक पल के लिए वह सच में सुन्न हो गई।
ऊँचा कद, चौड़ी छाती, हल्के से बिखरे बाल, और उन तीखी आँखों में एक अजीब सा ठहराव... लेकिन सबसे खतरनाक थीं उसकी वह आँखें, जिनमें अभी भी एक गहरा इंटेंस लुक था।
रिया को समझ नहीं आ रहा था कि वह पहले उसके होठों के स्पर्श को याद करे या उसके लुक्स को नोटिस करे!
लेकिन अगले ही सेकंड, जब दिमाग फिर से एक्टिव हुआ, तो उसका पहला रिएक्शन था—
"चोर!!!"
उसकी तेज़ आवाज़ पूरे हॉल में गूँज गई।
अयान, जो अब तक उसे शांत आँखों से देख रहा था, अचानक चौंका। उसकी भौंहें हल्की-सी सिकुड़ गईं।
"व्हॉट द—?" उसने फौरन रिया की तरफ़ देखा।
लेकिन रिया अब किसी और दुनिया में थी।
"तुम चोर हो! चोर कहीं के! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे किस करने की?!!!"
वह गुस्से में उबल रही थी, आँखें गुस्से से लाल हो गई थीं।
अयान कुछ सेकंड तक उसे देखता ही रहा। फिर उसने एक गहरी साँस ली और एक कदम आगे बढ़ाया।
"तुम्हें लगता है मैं चोर हूँ?" उसकी आवाज़ लो थी, लेकिन उसमें एक अजीब सा रौब था।
रिया ने तुरंत दो कदम पीछे लिए।
"दूर रहो! वरना... वरना मैं चिल्लाऊँगी!"
अयान की आँखों में हल्की-सी शरारत चमकी।
"ऑलरेडी चिल्ला चुकी हो..."
रिया का गुस्सा और बढ़ गया।
"तमीज़ नहीं है तुम्हें? किसी अजनबी को इस तरह टच करने का मतलब समझते हो?"
अयान के चेहरे पर हल्की-सी स्मिर्क आई।
"इंटरेस्टिंग... पहले मुझे चोर बुलाया, नेक्स्ट क्या बुलाने वाली हो?"
"नेक्स्ट मैं पुलिस बुलाने वाली हूँ!!!" रिया चिल्लाई।
लेकिन इससे पहले कि कोई और तमाशा होता, सीढ़ियों पर से एक आवाज़ आई।
"रिया?"
रिया ने फौरन पलटकर देखा।
आर्या और कबीर सीढ़ी पर खड़े थे, दोनों के चेहरों पर कन्फ्यूज़न साफ़ झलक रहा था।
जैसे ही रिया ने उन्हें देखा, वह झटपट उनके पास पहुँची, जैसे किसी सुरक्षित जगह भागी हो।
"चोर!" उसने गुस्से में कहा।
कबीर और आर्या ने एक-दूसरे को देखा, फिर अयान की तरफ़।
और तभी, आर्या के मुँह से अनायास निकला—
"चाचू?"
रिया का मुँह खुला का खुला रह गया।
"व्हॉट?"
उसने झटके से पलटकर अयान को देखा।
"ये... ये चोर तुम्हारे चाचू हैं?"
आर्या ने सिर हिलाया।
रिया का दिमाग एकदम ब्लैंक हो गया।
उसने एक बार फिर उस आदमी को देखा, जिसे वह अब तक चोर समझ रही थी... जो अब तक उसकी ज़िंदगी का सबसे अजीब अनुभव था...
और अब पता चला कि वह आर्या का चाचू थे??
"नहीं... यह नहीं हो सकता!"
लेकिन यह हो चुका था...
"पहली मुलाक़ात में ही बवाल!"
रिया का दिमाग अब भी इस सच्चाई को प्रोसेस करने में लगा था कि जिसे वह अभी-अभी "चोर" बुला रही थी, वह आर्या का चाचू निकला।
और ऊपर से यह कोई आम आदमी नहीं था... "अयान मल्होत्रा"—नाम ही काफी था।
लेकिन जब उसकी नज़र फिर से अयान पर गई, तो जाने-अनजाने उसके मुँह से एक शब्द निकल गया—
"इतना हॉट?!"
एकदम लाउड आवाज़ में।
कमरे में कुछ सेकंड के लिए सन्नाटा छा गया।
अयान की भौंहें हल्की-सी उचक गईं, कबीर और आर्या ने एक-दूसरे को देखा, और फिर... उनकी नज़रें रिया पर टिक गईं।
आर्या का मुँह खुला का खुला रह गया।
"वेट... व्हॉट?" कबीर ने अजीब-सा मुँह बनाया।
आर्या ने हँसी रोकते हुए कहा, "रिया, तुमने क्या कहा?"
अब तो रिया का चेहरा टमाटर हो चुका था। उसने झटपट अपनी बात को पलटने की कोशिश की—
"मेरा मतलब... इतना 'शॉर्ट'! हाँ... हाँ, इतना शॉर्ट टेम्पर्ड! मैंने हॉट नहीं कहा!"
अयान ने हल्का-सा सिर झुकाया, जैसे अपनी हँसी कंट्रोल कर रहा हो।
"रियली?" उसने आँखें सिकोड़ते हुए पूछा।
रिया ने ज़बरदस्ती हँसते हुए कहा, "ओबवियसली! आई मीन, इतना गुस्सैल आदमी मैंने नहीं देखा, बस यही कह रही थी!"
कबीर ने होंठ दबाकर कहा, "पर हमें तो कुछ और ही सुनाई दिया था..."
"तुम लोग बकवास मत करो!" रिया ने उसे घूरा।
अयान अब पूरी तरह उसकी हालत एन्जॉय कर रहा था। उसने बाँहें मोड़ी और हल्की मुस्कान के साथ कहा—
"तो... मैं गुस्सैल हूँ, लेकिन 'हॉट' नहीं?"
रिया को काटो तो खून नहीं।
"मैंने... मैंने ऐसा कब कहा?" वह हड़बड़ाई।
अयान ने हल्के से सिर झुकाया और उसकी आँखों में सीधा देखते हुए कहा—
"अभी... कुछ सेकंड पहले?"
रिया ने जल्दी से नज़रें घुमाईं और आर्या और कबीर की तरफ़ देखा, जो अब तक मज़ा ले रहे थे।
"तुम लोग चुप क्यों नहीं हो रहे?" उसने झल्लाकर कहा।
"क्योंकि तुम्हारी क्लास लग रही है और हम एन्जॉय कर रहे हैं!" कबीर हँस पड़ा।
"Ughhh!!!"
रिया ने सिर पकड़ लिया। यह पहली मुलाक़ात थी... और ऐसा ड्रामेटिक मोमेंट था कि अब वह इस इंसान से नज़र भी कैसे मिला सकती थी?
अयान ने एक लम्बी साँस लेते हुए मुस्कुराकर कहा—
"वैसे, कोई बात नहीं... पहली मुलाक़ात में जो दिल से निकलता है, वह सच होता है, मिस रिया!"
रिया ने तुरंत उसकी तरफ़ देखा—
"ओह प्लीज़! यह सब तुम्हारी गलतफ़हमी है!"
"Maybe..." अयान ने आँखें चमकाईं।
लेकिन अब रिया का पूरा ध्यान सिर्फ़ एक चीज़ पर था—
"हे भगवान! मुझे इससे बचाओ!!!"
रिया की हालत पहले से ही खराब थी, और ऊपर से अयान की शरारती मुस्कान उसे और परेशान कर रही थी। लेकिन अगले ही पल, जब उसने देखा कि अयान अब भी उसे मज़े लेने वाले अंदाज़ में घूर रहा है, तो उसका गुस्सा फिर से भड़क उठा।
"आर्या, ये सच में तुम्हारे चाचू हैं?" उसने अपना संशय दूर करते हुए पूछा।
आर्या ने सिर हिलाया, "हाँ, और वैसे ये इतने फनी नहीं होते, मुझे तो लग रहा है आज कोई स्पेशल डे है!"
अयान की हल्की मुस्कान बरकरार थी, लेकिन अब उसने अपनी गंभीरता वापस ओढ़ ली। उसने बाँहें मोड़ीं और एक नपे-तुले अंदाज़ में रिया की तरफ देखा, जैसे पूरी स्थिति को परख रहा हो।
"अब बस करो, बहुत हो गया ड्रामा।" उसकी आवाज़ अब गहरी और ठंडी थी, जिससे रिया को हल्का झटका लगा।
रिया ने भौंहें चढ़ाईं, "ओह, अब अचानक से सीरियस मोड ऑन?"
अयान ने बिना किसी भाव के कहा, "जो ज़रूरी था, वो हो गया। अब फालतू की बातें करने का कोई फायदा नहीं।"
रिया ने तंज कसते हुए कहा, "हाँ, बिल्कुल! ज़रूरी काम तो आपने कर ही लिया!"
अयान ने हल्का सा सिर टेढ़ा किया, "तुम्हें चुप करवाने के लिए किया था। और लगता है काम कर गया।"
रिया का चेहरा गुस्से से लाल पड़ गया। "तुम...!!!"
"Enough," अयान ने हल्की लेकिन सख्त आवाज़ में कहा। अब उसके चेहरे से सारी मज़ाकिया झलक गायब हो गई थी।
रिया को पहली बार अहसास हुआ कि यह इंसान सिर्फ़ मज़ाक नहीं कर रहा था। उसके अंदर एक अलग ही ठहराव था, एक अजीब सा रौब, जो किसी को भी चुप करा सकता था।
आर्या और कबीर भी अब शांत थे।
अयान ने सीधे रिया की आँखों में देखा और एक आखिरी बात कही—
"Better सोच समझकर बात किया करो। हर कोई तुम्हारी तरह बेफ़िज़ूल नहीं होता।"
रिया ने ठंडी साँस ली और चुपचाप उसकी आँखों में देखा।
यह इंसान… सच में अलग था।
रिया अभी भी अयान की आँखों में छिपी उस ठंडक को समझने की कोशिश कर रही थी, जब अचानक अयान ने नपे-तुले लहज़े में कहा,
"आर्या, चलो। बहुत हो गया यहाँ पर टाइम वेस्ट करना।"
आर्या ने तुरंत सिर उठाकर अपने चाचू को देखा, फिर उसकी ओर देखते हुए बोली, "अभी? लेकिन चाचू, हम तो बस—"
अयान ने कोई जवाब नहीं दिया, बस हल्के से सिर झटक दिया, जैसे उसके बहाने सुनने का उसे कोई इरादा नहीं था।
"अभी मतलब अभी, आर्या।"
उसके लहज़े में कुछ ऐसा था कि आर्या को आगे कुछ कहने की हिम्मत ही नहीं हुई। उसने अनमने ढंग से सिर हिलाया।
अयान का ध्यान अब कबीर पर गया, जो अभी भी थोड़ा असहज खड़ा था। उसने अपनी तेज निगाहें सीधे कबीर पर टिका दीं, जिससे कबीर हल्का-सा सिहर गया।
"ये कौन है?" अयान ने ठंडे लहज़े में पूछा।
रिया ने भौंहें चढ़ाकर जवाब दिया, "कबीर… हमारा बेस्ट फ्रेंड। कोई प्रॉब्लम?"
अयान ने एक पल कबीर को घूरा, फिर अपनी शर्ट की बाँहें ठीक करता हुआ हल्की आवाज़ में बोला, "बेस्ट फ्रेंड?"
कबीर ने हल्के से सिर हिलाया, "हाँ, हम तीनों बचपन से साथ हैं।"
अयान ने एक छोटी सी मुस्कान के साथ उसे ऊपर से नीचे तक देखा, फिर बिना कुछ कहे अपनी घड़ी पर नज़र डाली, जैसे कबीर के होने या न होने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन कबीर के अंदर एक अजीब-सा संकोच पैदा हो गया था।
अयान ने अब एक हल्की लेकिन सख्त आवाज़ में कहा, "आर्या, कार में बैठो।"
आर्या ने चुपचाप सिर झुका लिया और चलने लगी।
लेकिन तभी उसने रुककर कहा, "पर चाचू… रिया?"
अयान ने भौंहें चढ़ाकर उसकी ओर देखा, "क्या रिया?"
आर्या ने झिझकते हुए कहा, "मतलब… उसकी दादी यहाँ नहीं हैं। वो अकेली रहेगी। तो… क्या वो हमारे साथ चल सकती है?"
रिया ने तुरंत आर्या की ओर देखा, "अरे नहीं, मैं अकेली—"
"ठीक है," अयान ने अचानक कह दिया।
रिया की आँखें चौड़ी हो गईं, "क्या?"
अयान ने बिना उसकी तरफ देखे कहा, "ज़्यादा सवाल करने की ज़रूरत नहीं है। अगर आर्या चाहती है कि तुम हमारे साथ चलो, तो चलो। वरना यहीं रहो।"
रिया कुछ पल तक सोचती रही।
आर्या ने उत्साहित होकर उसका हाथ पकड़ लिया, "चल ना, प्लीज़! वैसे भी तुझे यहाँ अकेले क्या करना है?"
रिया ने गहरी साँस ली, फिर हल्का सिर हिलाया। "ठीक है। लेकिन एक मिनट… मैं कोई सामान तो लूँ?"
अयान ने अपनी जेब से कार की चाबी निकालते हुए कहा, "चार मिनट हैं तुम्हारे पास। ले लो जो लेना है।"
रिया ने एक नज़र उसके चेहरे पर डाली—एकदम शांत, लेकिन वही अजीब-सी ठंडक।
यह इंसान… सच में अजीब था। और शायद, थोड़ा खतरनाक भी।
रिया झल्लाती हुई अपने कमरे में पहुँची और जैसे ही दरवाज़ा बंद किया, एक गहरी साँस ली।
"ये इंसान वाकई में किसी पहेली से कम नहीं है! मतलब... एक मिनट मज़ाक कर रहा था और अगले ही पल ऐसा बर्ताव जैसे दुनिया के सबसे बड़े माफ़िया हों! ऊँह! क्या सोचते हैं अपने बारे में?"
वह बड़बड़ाती हुई अपनी अलमारी खोलने लगी, लेकिन उसका ध्यान अभी भी अयान पर ही था।
"और ये आर्या भी न! ‘चाचू, रिया को भी ले चलो, चाचू, रिया को अकेले अच्छा नहीं लगेगा!’ हाँ, हाँ! और चाचू साहब तो जैसे मुझ पर कोई एहसान कर रहे हों! ठंडी आवाज़ में बस ‘चलो’ बोल दिया! मुझे पूछा तक नहीं! ओहो, कितने रॉयल बनते हैं! काश, एक बार अपनी शक्ल देख लेते जब मैं उन्हें अपनी लिस्ट में सबसे रूड इंसान का अवार्ड देती!"
वह अभी भी अपने बैग में कपड़े डाल रही थी, लेकिन मन पूरा अयान की हरकतों पर अटका हुआ था।
"बिलकुल एटीट्यूड से भरे पड़े हैं! एक बार नॉर्मली बात नहीं कर सकते? और वो कबीर को कैसी नज़र से देख रहे थे? जैसे कोई इन्वेस्टिगेशन कर रहे हों! ‘ये कौन है?’ हद है! कोई होगा भी, तुझे क्या?"
वह एक झटके में पलटी और आईने में खुद को देखा। चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था।
वह गहरी साँस लेते हुए बालों में हाथ फेरने लगी।
"ओफ्फ! इस आदमी को कोई बताए कि ठंडा पानी पीने से गुस्सा कम होता है! लेकिन नहीं! जनाब को तो कड़क रहने का बहुत शौक है! ‘बस बंद करो ड्रामा बहुत हो गया, चलो कार में बैठो, जो ज़रूरी था वो हो गया।’ हाँ हाँ, तुम्हारी दुनिया में तो सिर्फ ज़रूरी बातें होती हैं न! बाकी सब बकवास!"
"सही कहा!" तभी रिया के कानों में आवाज़ पड़ी, जिसे सुनकर
उसकी पूरी बॉडी जम गई।
"What the…?"
वह झटके से पलटी और उसके रोएँ खड़े हो गए।
अयान वहीं खड़ा था, दरवाज़े से टेक लगाए, बाज़ू मोड़े हुए, चेहरे पर वही जानी-पहचानी ठंडक और होंठों पर एक हल्की-सी मगर खतरनाक मुस्कान।
रिया को अचानक समझ ही नहीं आया कि ज़मीन उसके पैरों के नीचे से कैसे खिसक गई।
"अ—आप यहाँ क्या कर रहे हो?"
अयान ने बहुत आराम से सिर झुकाया, जैसे सोच रहा हो, फिर ठंडे स्वर में बोला, "तुम्हारी इज़ाज़त का इंतज़ार कर रहा था कि कब मेरी बुराइयाँ पूरी हो जाएँ, फिर मैं आऊँ।"
अयान की बात सुनकर रिया का मुँह खुला का खुला रह गया।
"आप...आप कब से यहाँ खड़े हो?"
अयान ने आँखें हल्की सी छोटी कीं, "बस तब से जब तुमने मुझे 'रूड इंसान' का अवार्ड दिया था।"
"Oh God!"
रिया ने अपने माथे पर हाथ मारा, लेकिन अयान अब आगे बढ़ चुका था।
"वैसे... तुम्हारी लिस्ट काफ़ी दिलचस्प है। ‘इरिटेटिंग, रूड, एटीट्यूड वाला, इन्वेस्टिगेशन करने वाला’ – और क्या क्या जोड़ोगी?"
उसकी आवाज़ में एक अजीब-सा ठहराव था, जैसे वह उसका पूरा चेहरा पढ़ने की कोशिश कर रहा हो।
रिया को लग रहा था कि ज़मीन फट जाए और वह उसमें समा जाए। लेकिन वह रिया थी—इतनी आसानी से हार मानने वालों में से नहीं।
उसने फिर से अयान को देखते हुए बोला,
"त—तो क्या हुआ? आप वाकई बहुत एटीट्यूड वाले और रूड हो!" उसने हिम्मत जुटाकर कहा।
अयान हल्का-सा मुस्कुराया, लेकिन इस बार उसकी मुस्कान ज़्यादा गहरी थी।
"और तुम ज़्यादा बोलती हो।"
रिया ने गुस्से में भौंहें चढ़ाईं, "और आप ज़रूरत से ज़्यादा इंटेंस हो!"
अयान ने एक कदम और आगे बढ़ाया, अब वह रिया के बहुत करीब था। उसकी आवाज़ और गहरी हो गई।
"और तुम ज़रूरत से ज़्यादा चिढ़ने वाली।"
रिया को एक सेकंड लगा यह समझने में कि उनकी आँखें कितनी पास आ चुकी थीं। उसने झटके से कदम पीछे लिए, लेकिन अयान वहीं खड़ा रहा, हल्की मगर चुनौती भरी मुस्कान के साथ।
"पैकिंग हो गई?" उसने अचानक पूछा।
रिया का दिमाग अभी भी उनकी नज़दीकी में ही अटका था।
"क—क्या?"
अयान ने सिर हिलाया, "तुम्हें चार मिनट दिए थे। तीन मिनट हो चुके हैं। आखिरी मिनट में ड्रामा कम करो और चलो।"
रिया ने मुँह खोला, लेकिन कहने के लिए कुछ नहीं था। इस इंसान के आगे बहस करना बेकार था।
"Fine!" उसने गुस्से से कहा और अपना बैग उठाने लगी।
लेकिन अंदर ही अंदर, वह खुद को कोस रही थी—"क्यों कोस रही थी इसको इतनी ज़ोर से, रिया?! इस इंसान को इतनी आसानी से सुनाई दे जाता है!"
"क—क्या?"
अयान ने सिर हिलाया। "तुम्हें चार मिनट दिए थे। तीन मिनट हो चुके हैं। आखिरी मिनट में ड्रामा कम करो और चलो।"
रिया ने मुँह खोला, लेकिन कहने के लिए कुछ नहीं था। इस इंसान के आगे बहस करना बेकार था।
"Fine!" उसने गुस्से से कहा और अपना बैग उठाने लगी।
लेकिन अंदर ही अंदर, वह खुद को कोस रही थी। "क्यों कोस रही थी इसको इतनी ज़ोर से, रिया?! इस इंसान को इतनी आसानी से सुनाई दे जाता है!"
बड़बड़ाते हुए वह जल्दी-जल्दी अपना सामान ठूंस रही थी। गुस्से में जीप का ज़िप चढ़ाया और पीछे मुड़कर जाने लगी। लेकिन दरवाज़े पर अभी भी अयान खड़ा था, उसे घूरते हुए। रिया ने उसे देखते ही मन में कहा। "खड़ूस!"
बिना कुछ बोले वह सीधा बाहर निकल गई और पार्किंग एरिया की तरफ बढ़ी।
पार्किंग में आर्या उसका इंतज़ार कर रही थी। उसे देखते ही रिया ने झुंझलाते हुए मुँह बनाया और बोली—
"इस गाँधी की वजह से मुझे आज इस खड़ूस के साथ जाना पड़ रहा है!" फिर उसने आर्या की तरफ देखा और नखरे दिखाते हुए मन में कहा, "चाचू, प्लीज़! रिया को भी अपने साथ ले चलो ना! हहूँ!"
आर्या ने उसकी हालत देखकर सिर पकड़ लिया। "रिया, तेरा नाटक कभी खत्म होगा भी या नहीं?"
"नाटक?! ये नाटक नहीं, दर्द है, दर्द!" रिया ने गहरी सांस ली और ड्रामाटिक अंदाज़ में बोली, "तेरे खड़ूस चाचू के साथ पूरा रास्ता गुजारना किसी सजा से कम नहीं!"
अयान, जो अब तक शांत खड़ा था, एक नज़र रिया पर डालते हुए बोला, "अगर तुम्हारा यह नाटक खत्म हो गया हो तो चलो, मेरे पास बेकार की बातें सुनने का टाइम नहीं है।"
रिया ने गुस्से में पैर पटका। "हद है यार! दुनिया में लोग थोड़ा तो जेंटलमैन टाइप बिहेव करते हैं, लेकिन यह इंसान…! मुझे शक है कि इसके अंदर कोई इमोशंस हैं भी या नहीं!"
आर्या ने धीरे से फुसफुसाया, "अगर सुन लिया तो तेरी लास्ट जर्नी भी इसी गाड़ी में होगी!"
"हहूँ! डरती मैं किसी से नहीं!" रिया ने अकड़कर कहा और फिर धीरे से जोड़ दिया, "बस तेरे चाचू से थोड़ी बची रहूं तो बेहतर होगा!"
अयान ने गाड़ी की चाबी घुमाई और कहा, "बैठो। अभी के अभी!"
रिया ने मुँह बनाते हुए आर्या को घूरा और गाड़ी की तरफ बढ़ गई। उसने दरवाज़ा खोला और झटके से अगली सीट पर बैठ गई।
गाड़ी स्टार्ट होते ही उसने फिर बोलना शुरू कर दिया। "वैसे, मुझे पीछे बैठना चाहिए था, कम से कम तेरे खड़ूस चाचू का गुस्सैल चेहरा तो नहीं देखना पड़ता!"
अयान ने बिना उसकी तरफ देखे जवाब दिया, "तो उतरो। कोई जबरदस्ती नहीं है।"
रिया ने गहरी सांस ली और खुद को कोसते हुए खिड़की से बाहर देखने लगी। लेकिन मन ही मन सोच रही थी। "इस इंसान से बचने के लिए क्या कोई स्पेशल पूजा-पाठ होता है?"
गाड़ी के अंदर एक अजीब सी खामोशी थी। अयान का ध्यान पूरी तरह से सड़क पर था, और आर्या चुपचाप अपना फोन देख रही थी। लेकिन रिया को चुप रहना कब आता था? वह कुछ ही सेकंड में फिर बोल पड़ी—
"वैसे, आप हमेशा इतने खड़ूस रहते हो या सिर्फ मेरे लिए स्पेशल एटीट्यूड ऑन किया हुआ है?"
अयान ने बिना उसकी तरफ देखे ठंडे लहजे में कहा, "तुम्हें लगता है कि तुम इतनी खास हो?"
रिया ने मुँह बिचकाया। "हूँफ! तुम्हारी तरह खुद को 'Too Cool To Care' दिखाने का कोई शौक नहीं है मुझे!"
अयान ने एक नज़र उसे देखा और बिना कुछ कहे फिर से सामने देखने लगा।
रिया ने फिर से आर्या की तरफ देखा। "तेरे चाचू किसी इंसान से कम और किसी रोबोट से ज़्यादा लगते हैं! एकदम बिना इमोशंस वाला!"
इस बार अयान ने हल्का सा ब्रेक मारा, जिससे रिया हल्का सा आगे की तरफ झुकी। उसने झटके से उसकी तरफ देखा। "अरे! ध्यान से चला सकते हो या नहीं?"
अयान ने शांति से कहा, "तुम अगर चुप रह सकती हो, तो शायद!"
रिया ने गुस्से में हाथ बांध लिए और आर्या की तरफ देखा। "देख रही है न? तेरा चाचू मुझे जानबूझकर परेशान कर रहा है!"
आर्या ने हँसी रोकते हुए कंधे उचका दिए। "रिया, तुझे नहीं लगता कि तेरा ड्रामा खुद की क्रिएट की हुई प्रॉब्लम है?"
"हहूँ! मैं ड्रामा नहीं कर रही!" रिया ने पैर पटका और गुस्से से खिड़की से बाहर देखने लगी।
लेकिन उसकी किस्मत इतनी अच्छी कब थी?
अचानक गाड़ी के अंदर हल्की हलचल हुई, और अगले ही पल…
"धप्प!"
रिया के सिर पर हल्का सा झटका लगा, क्योंकि सड़क पर एक छोटा गड्ढा था और गाड़ी हल्की सी उछली।
उसने झटके से अयान की तरफ देखा। "आपने जानबूझकर किया ना?"
अयान ने बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा, "अगर जानबूझकर करता तो गड्ढा छोटा नहीं, बड़ा होता!"
रिया की आँखें और बड़ी हो गईं। "हद है! मतलब मेरे साथ टॉर्चर करने की प्लानिंग पहले से तैयार है?"
अयान ने कोई जवाब नहीं दिया, बस हल्के से गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी।
रिया ने झटके से पीछे देखा और आर्या को घूरा। "देख! यह आदमी मुझे पूरी सफर में चैन से नहीं बैठने देगा!"
आर्या ने मुस्कुराते हुए कहा, "सच कहूँ तो, मुझे तेरा यूँ परेशान होना काफी एंटरटेनिंग लग रहा है!"
रिया ने झटके से मुँह फेर लिया और बड़बड़ाने लगी। "भगवान, यह मेरी कौन सी गलती की सजा है?!"
रिया गुस्से में खिड़की से बाहर देखने लगी, लेकिन उसका ध्यान अभी भी अयान की हरकतों पर था। उसने गहरी सांस ली और खुद को शांत करने की कोशिश की। "रिया, तू खुद को कूल रख! इस खड़ूस के लेवल पर उतरना तेरे बस की बात नहीं!"
लेकिन इतनी आसानी से वह चुप कैसे रहती?
कुछ मिनटों तक वह चुप रही, लेकिन जब देखा कि अयान उसे पूरी तरह से इग्नोर कर रहा है, तो उसका खून और खौलने लगा। उसने धीरे से बड़बड़ाया, "रूड, अकड़ू, खड़ूस इंसान! लगता है, पिछले जन्म में किसी पत्थर से दोस्ती कर ली होगी इसने!"
अयान ने हल्के से सिर घुमाकर उसकी तरफ देखा। "कुछ कहा?"
रिया झट से मुस्कुराई। "मैं? कुछ भी तो नहीं!" फिर धीरे से जोर देते हुए बोली, "वैसे भी, मेरी बातें सुनने में इंटरेस्ट किसे होगा? कुछ लोग तो सिर्फ अपनी दुनिया में ही खोए रहते हैं!"
अयान ने बिना किसी एक्सप्रेशन के गाड़ी आगे बढ़ा दी।
लेकिन रिया कहाँ रुकने वाली थी? उसने थोड़ा आगे झुककर कहा, "वैसे, आपको कभी हंसी-वंसी आती भी है या बचपन में ही आपके चेहरे से सारे एक्सप्रेशन गायब कर दिए गए थे?"
इस बार अयान ने हल्की मुस्कान दी, लेकिन बिना उसकी तरफ देखे बोला, "मेरी हंसी की इतनी चिंता मत करो। तुम्हें देखकर मैं हंसने लगूं, ऐसा कुछ खास नहीं है।"
रिया की आँखें बड़ी हो गईं। "एक्सक्यूज़ मी? मतलब मैं इतनी बोरिंग हूँ?"
अयान ने हल्के से सिर झुकाया। "Exactly!"
"हहूँ! पता नहीं इस दुनिया में लोग आपको कैसे झेलते हैं!" रिया ने भुनभुनाते हुए कहा।
आर्या, जो अब तक चुपचाप यह तमाशा देख रही थी, आखिरकार हँस पड़ी। "रिया, मुझे लगता है तू और मेरे चाचू परमानेंट टॉम और जेरी बने रहोगे!"
"टॉम और जेरी?" रिया ने भौंहें चढ़ाईं।
"हाँ! तू जेरी जैसी छोटी और शरारती, और मेरे चाचू टॉम की तरह बड़े, अकड़ू और हमेशा तुझे पकड़ने के चक्कर में!"
अयान ने सिर झटका। "मुझे इस बेकार की एनालॉजी में मत घसीटो।"
रिया ने आँखें घुमाईं। "पता नहीं आप कौन से ग्रह से आए हो! लेकिन इस ग्रह पर इंसानों से थोड़ा ढंग से बात करना सिखाया जाता है!"
अयान ने हल्की मुस्कान दी और शांति से बोला, "अगर तुम्हें इतनी ही प्रॉब्लम है तो अगली बार पैदल चली जाना।"
रिया का मुँह खुला का खुला रह गया। उसने गहरी सांस ली और मन ही मन सोचा, "इस आदमी से तो भगवान भी नहीं जीत सकते!"
आर्या ने रिया को देखकर धीरे से फुसफुसाया, "अब तो तू इस सफर में पक्की फँस चुकी है!"
रिया ने निराश होकर सिर पकड़ लिया। "भगवान, यह कौन सा पाप कर दिया मैंने?!"
आर्या ने रिया को देखकर धीरे से फुसफुसाया, "अब तो तू इस सफ़र में पक्की फँस चुकी है!"
रिया ने निराश होकर सिर पकड़ लिया, "भगवान, ये कौन सा पाप कर दिया मैंने?!"
रिया ने खिड़की से बाहर देखने की कोशिश की, लेकिन उसकी नज़रें बार-बार अयान की तरफ़ जा रही थीं। उसका चेहरा वैसे ही अकड़ू था—बिल्कुल पत्थर की तरह!
"Seriously?" उसने मन में कहा। "इस आदमी की कोई फीलिंग्स नहीं हैं क्या?"
अचानक, उसने धीरे से आर्या की तरफ़ देखा और फुसफुसाई, "तेरे चाचू के एक्सप्रेशंस इतने लिमिटेड क्यों हैं? लगता है, ये स्माइल भी एमरजेंसी केसेज़ में ही करते होंगे!"
आर्या ने मुस्कुराकर कंधे उचका दिए, "अब तुझे उनसे इतनी उम्मीदें क्यों हैं?"
रिया ने हल्की सिहरन महसूस की। "नहीं-नहीं! मुझे कोई उम्मीद-वुमीद नहीं है! मैं तो बस ये देख रही हूँ कि कोई इंसान इतना खड़ूस कैसे हो सकता है!"
अचानक, गाड़ी एक हल्के ब्रेकर पर से गुज़री, और रिया हल्का सा उछल गई। उसने घूरकर अयान की तरफ़ देखा।
"आपने जानबूझकर किया, है ना?"
अयान ने बिना उसकी तरफ़ देखे ठंडे लहजे में कहा, "तुम्हें सच में लगता है कि मेरे पास इतना फ्री टाइम है?"
रिया ने आँखें घुमाईं और अपने बैग से ईयरफोन निकालने लगी। "अब इस अकड़ू इंसान से बात करने का कोई फायदा नहीं!"
लेकिन ईयरफोन निकालते ही वह ठिठक गई। "उफ्फ! फ़ोन कार में डाल दिया था!"
उसने धीरे से आर्या की तरफ़ देखा, "तेरे पास कुछ है एंटरटेनमेंट के लिए?"
आर्या ने सिर हिलाया, "नहीं!"
रिया ने लंबी साँस ली और खिड़की से बाहर देखने लगी। लेकिन उसकी किस्मत इतनी अच्छी कब थी?
अचानक, अयान ने रेडियो ऑन कर दिया। रिया की आँखें चमक उठीं—शायद कुछ अच्छा सुनने को मिलेगा! लेकिन अगले ही पल…
"भजन! Seriously?!"
उसने घूरकर अयान की तरफ़ देखा, "आपको भजन सुनने का इतना शौक है?"
अयान ने हल्का सा कंधे उचका दिया, "कम से कम तुम्हारी आवाज़ से बेहतर है।"
रिया का मुँह खुला का खुला रह गया। उसने गहरी साँस ली और खुद को शांत करते हुए धीरे से बड़बड़ाई, "खड़ूस इंसान!"
अचानक, आर्या ने हल्की हँसी दबाते हुए कहा, "रिया, मुझे लगता है कि ये सफ़र तुम्हारे लिए ज़्यादा मज़ेदार हो रहा है!"
रिया ने गुस्से में पैर पटका, "मज़ेदार नहीं, कष्टदायक! भगवान, ये सफ़र जल्दी ख़त्म करवा दो!"
अयान ने हल्का सा स्पीड बढ़ाया और कहा, "परेशान होने की ज़रूरत नहीं। तुम्हारा सफ़र जल्द ही ख़त्म हो जाएगा!"
रिया ने झट से उसकी तरफ़ देखा, "मतलब? क्या आप मुझे कहीं बीच रास्ते में उतारने का प्लान बना रहे हो?"
अयान ने हल्का सा मुस्कुराया, "अगर ऐसा कर सकता, तो अब तक कर चुका होता!"
रिया ने गहरी साँस ली, "उफ्फ! ये इंसान मुझे जीते जी मार देगा!"
आर्या ने फिर से हँसते हुए कहा, "रिया, मुझे लगता है कि तुम और मेरे चाचू का ये सफ़र हमेशा याद रहेगा!"
रिया ने घूरकर उसे देखा, "हाँ, बिल्कुल! ये सफ़र तो मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा 'Survival Test' बन चुका है!"
और अयान…? वह हल्की मुस्कान के साथ गाड़ी चलाता रहा, जैसे कुछ हुआ ही न हो!
गाड़ी एक लंबे ड्राइववे से होते हुए एक आलीशान मेंशन के गार्डन एरिया में आकर रुकी। जैसे ही कार रुकी, रिया ने खिड़की से बाहर झाँका, और उसका मुँह आश्चर्य से खुला रह गया।
"Oh my God! ये घर है या कोई फाइव-स्टार रिसॉर्ट?!"
उसके सामने एक भव्य हवेली खड़ी थी, जो दूर से ही अपनी शान और रॉयलिटी बिखेर रही थी। सफ़ेद और ग्रे थीम के मेल ने इसकी भव्यता को और बढ़ा दिया था। ऊँचे-ऊँचे पिलर्स, बड़ी-बड़ी कांच की खिड़कियाँ और चारों तरफ़ फैला ग्रीन लैंडस्केप इसे एक शाही महल का एहसास दिला रहे थे।
गार्डन इतना बड़ा था कि वहाँ से गुज़रते हुए रिया को लगा जैसे वह किसी राजा के महल में आ गई हो। करीने से कटे हुए हेजेज, बीच में एक खूबसूरत फाउंटेन, और साइड में एक भव्य स्विमिंग पूल—हर चीज़ परफेक्शन से भरी हुई थी।
रिया ने लगभग सपनों में खोते हुए कहा—
"Wow! इतना बड़ा घर! इसमें तो मैं खो जाऊँगी!"
लेकिन उसके ख़्वाबों का शीशा चकनाचूर करने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगा। अचानक, एक जानी-पहचानी ठंडी आवाज़ आई—
"अब गाड़ी से उतर सकती हो।"
रिया ने आँखें घुमाईं और लंबी साँस लेकर कहा—
"हाँ, हाँ, उतर ही रही हूँ, वैसे भी यहाँ बैठकर मैं आपका इंतज़ार करने नहीं आई थी।"
जैसे ही उसने कार का दरवाज़ा खोला और उतरने लगी, उसे अपने सामान का ध्यान आया। उसने पीछे मुड़कर देखा और कुछ नौकरों को खड़ा पाया। रिया ने एक हल्की-सी मुस्कान के साथ अपने क्लासी अंदाज़ में कहा—
"Hey, तुम लोग मेरे सामान को अंदर ले चलो, ठीक है?"
लेकिन उससे पहले कि कोई नौकर हिलता, वही सख़्त आवाज़ दोबारा आई—
"अपना सामान खुद उठाओ। मेरे घर के नौकर छोटे-मोटे काम नहीं करते।"
रिया का मुँह खुला का खुला रह गया। उसे लगा शायद उसने गलत सुना।
"Excuse me?! मतलब, मैं यहाँ मेहमान बनकर आई हूँ, या कोई मज़दूर?"
उसने झटके से अपनी आँखें अयान की तरफ़ घुमाईं, लेकिन वो पहले ही कार से उतरकर, एक हाथ अपनी पॉकेट में डाले, बेपरवाह अंदाज़ में खड़ा था। उसकी आँखों में वही ठंडापन था, और चेहरे पर एक हल्की-सी व्यंग्य भरी मुस्कान।
रिया ने उसे घूरकर देखा, फिर हाथ हिलाकर कहा—
"आप मज़ाक कर रहे हो, है ना?"
लेकिन अयान ने कोई जवाब नहीं दिया। वो बस हल्का-सा शोल्डर श्रग करता हुआ आर्या के साथ आगे बढ़ गया।
रिया का मुँह गुस्से से लाल हो गया। उसने गुस्से में नाक फुलाई और बड़बड़ाई—
"खड़ूस इंसान! एक सूटकेस भी नहीं उठाया जाता इससे! हद है!"
फिर उसने गाड़ी की तरफ़ मुड़कर अपना भारी-भरकम सूटकेस निकाला। लेकिन जैसे ही उसने उसे उठाने की कोशिश की, उसे महसूस हुआ कि ये जितना दिखता है, उससे कहीं ज़्यादा भारी है।
"Ughh… ये क्या चीज़ है! सूटकेस है या कोई वज़न उठाने की मशीन?!"
उसने अपनी पूरी ताक़त लगाकर सूटकेस घसीटा और भारी मन से हवेली की तरफ़ बढ़ी।
जैसे ही वो हवेली के दरवाज़े के करीब पहुँची, उसने देखा कि वहाँ नौकरों की एक लंबी कतार खड़ी थी। लेकिन किसी की भी नज़र उसके सामान पर नहीं थी!
रिया ने पहले एक नौकर को देखा, फिर दूसरे को, फिर तीसरे को… लेकिन सब अपनी-अपनी जगह पर ऐसे खड़े थे, जैसे उन्होंने उसे देखा ही न हो।
उसने गुस्से में दाँत पीसे और तिरछी नज़र अयान पर डाली, जो दरवाज़े के पास खड़ा उसे देख रहा था।
"Uff! क्या ही टाइम आ गया है! एक भी नौकर मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा! लगता है इस घर में नौकरों को भी बॉस की तरह अकड़ दिखाने की ट्रेनिंग दी जाती है!"
वहीं खड़ा अयान हल्की स्माइल छुपाते हुए अंदर बढ़ गया… जैसे उसे पता था कि रिया का गुस्सा अभी और बढ़ने वाला है!
तो ये था सिर्फ़ एक छोटा-सा ट्रेलर... असली खेल तो अभी शुरू हुआ है!
रिया गहरी साँस लेते हुए हवेली के अंदर कदम रखा, भारी सूटकेस को घसीटते हुए। उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था कि वह इस पूरे हालात से बिल्कुल भी खुश नहीं थी।
हॉल में कदम रखते ही उसकी नज़र सामने खड़ी दो महिलाओं पर पड़ी—एक उम्रदराज़, ग्रेसफुल लेडी सफेद और गोल्डन बॉर्डर वाली साड़ी पहने हुए थीं। उनके रॉयल ऑरा को देखते ही रिया समझ गई कि ये आर्या की दादी और अयान की माँ हैं।
दादी ने हल्की मुस्कान के साथ उसे देखा और फिर उसके हाथ में सूटकेस पर नज़र डालते हुए बोलीं, "बेटा, तुम अपना सामान खुद क्यों उठा रही हो?"
रिया ने पहले दादी की तरफ देखा, फिर स्लो मोशन में अपना सिर घुमाकर अयान की तरफ देखा, जो दरवाजे के पास खड़ा था, अपने फोन में बिजी… या शायद यूँ ही बिजी होने का नाटक कर रहा था। रिया के दिमाग में गुस्से का बैरोमीटर तेजी से ऊपर चढ़ने लगा।
उसने अपने दाँत भींचते हुए गहरी साँस ली और फिर अयान को घूरते हुए बोली, "किसी की 'दरियादिली' की वजह से, दादी।"
अयान ने बिना उसकी तरफ देखे कंधे उचकाए और नॉनचेलैंट अंदाज़ में जवाब दिया, "मेहमानों को अपना सामान खुद संभालना चाहिए। आखिर, कोई बच्चा तो नहीं हूँ न?"
रिया ने गुस्से में अपना बैग ज़मीन पर पटका और हाथ कमर पर रखकर उसे घूरने लगी, "ओह, वाकई? तो फिर आपके घर के नौकर सिर्फ शोपीस हैं? या फिर सिर्फ आपकी सेवा करने के लिए रखे गए हैं?"
दादी हल्की हँसी दबाते हुए बोलीं, "अयान, बेटा, मेहमानों से ऐसा बर्ताव किया जाता है क्या?"
अयान ने एक नकली मासूमियत के साथ जवाब दिया, "मैंने कुछ गलत किया क्या, माँ? मैंने तो बस इंडिपेंडेंस को प्रमोट किया है।"
रिया ने उसे घूरा, "ओह रियली? फिर तो तुम्हें बहुत प्राउड फील हो रहा होगा, मिस्टर अयान ‘खड़ूस’ मल्होत्रा!"
आर्या, जो अब तक मज़े ले रही थी, आखिरकार आगे आई और हँसते हुए बोली, "रिया, तू रिलैक्स कर। चल, मैं तेरा बैग ले चलती हूँ।"
लेकिन इससे पहले कि आर्या बैग पकड़ती, दादी ने एक नौकर को इशारा किया और वह तुरंत रिया का सामान लेकर अंदर चला गया।
दादी ने प्यार से रिया की तरफ देखा, "बेटा, ये हवेली तुम्हारा भी घर है। यहाँ तुम्हें कुछ भी खुद करने की ज़रूरत नहीं।"
रिया ने दादी की तरफ देखकर हल्की मुस्कान दी, "थैंक यू, दादी। काश, कुछ लोग भी आपकी तरह समझदार होते!"
अयान ने हल्की स्मिरक के साथ उसे देखा और फिर सीढ़ियों की तरफ बढ़ते हुए बेमन से कहा, "एन्जॉय योर स्टे, मिस रिया।"
रिया ने उसे जाते हुए देखा और मन ही मन बड़बड़ाया, "खड़ूस इंसान! इसका तो कुछ करना पड़ेगा!"
आर्या ने फुसफुसाते हुए पूछा, "रिया, तू सीरियसली अयान चाचू से इतनी चिढ़ती है, या फिर ये… कुछ और है?"
रिया ने उसे झट से घूरा, "तू चुप कर, आर्या!"
और यहीं से इस अजीब सफ़र की असली कहानी शुरू होती है…
रिया अपने कमरे में प्रवेश करते ही झुंझलाहट में बैग बेड पर फेंका। "ये अयान मल्होत्रा … इंसान है या मुसीबतों का पिटारा?" वह बड़बड़ाते हुए अपने जूते उतारे और बालों की क्लिप निकालकर बालों को झटके से खोला।
जैसे ही वह रिलैक्स होने के लिए बेड पर गिरने वाली थी, दरवाज़ा बिना किसी परमिशन के खुला और अयान अंदर चला आया।
"एक्सक्यूज़ मी?! आपको दरवाज़ा खटखटाने का कॉन्सेप्ट समझ में नहीं आता क्या?" रिया ने गुस्से से उसे घूरते हुए कहा।
अयान ने पूरे कंफर्ट के साथ कमरे में कदम रखा, जैसे ये उसका ही कमरा हो। उसने अपने शोल्डर पर से ब्लेज़र निकाला और वहीं सोफे पर डालते हुए बोला, "रिया, तुम्हारी वजह से मैं पूरी तरह से थक गया हूँ, तो अब तुम्हारा फ़र्ज़ बनता है कि मेरे लिए कॉफी बनाकर लाओ।"
रिया की आँखें चौड़ी हो गईं। "क्या?!"
अयान पूरी मासूमियत से उसे देखता रहा, जैसे उसने कुछ बहुत लॉजिकल बात कह दी हो।
रिया ने अपनी जगह पर खड़े-खड़े अपने कानों पर हाथ रखा और फिर खुद को ही चुटकी काटी। "Nope! ये सपना नहीं है। आप सच में यही बोल रहे हो?"
अयान बेपरवाही से मुस्कुराया। "हाँ, बिल्कुल। और अब तक कॉफी बनाने गई क्यों नहीं?"
रिया ने हथेलियाँ भींचीं और ठंडे स्वर में बोली, "देखो, मिस्टर अयान खड़ूस मल्होत्रा, मैं आपकी पर्सनल असिस्टेंट नहीं हूँ, जो आपके लिए कॉफी बनाऊँ।"
लेकिन अयान को कोई फ़र्क नहीं पड़ा। उसने जूते उतारे और बेड पर धड़ाम से लेट गया।
"अच्छा, ठीक है। तब तक मैं यहाँ रेस्ट कर लेता हूँ।"
रिया की आँखें झटके से फैल गईं। "Excuse me? ये मेरा रूम है!"
अयान ने कंफर्ट से आँखें बंद कर लीं। "पता है, लेकिन जब तक कॉफी नहीं मिलेगी, मैं हिलूँगा नहीं।"
रिया ने झटके से बेडशीट खींची, "उठो यहाँ से! जाओ अपने कमरे में!"
अयान ने एक आँख खोलकर उसे देखा और फिर वापस आँखें बंद कर लीं। "Nope! पहले कॉफी, फिर हिलूँगा।"
रिया ने गुस्से में पैर पटका, "आपका दिमाग खराब हो गया है!"
अयान ने हल्की स्मिरक के साथ जवाब दिया, "तुम्हारी वजह से। अब कॉफी बना दो।"
रिया ने अपने बालों को पीछे किया और गहरी साँस लेते हुए सोचा, "इस इंसान का तो कुछ करना पड़ेगा! लेकिन अभी, इसे भगाने के लिए कॉफी ही सही।"
रिया ने गुस्से में किचन की तरफ़ कदम बढ़ाए और अयान ने आराम से बेड पर लेटे-लेटे एक संतुष्ट मुस्कान दी। "Interesting, बहुत Interesting!"
और हाँ, बगल में मेरा रूम है, वहाँ पर कॉफ़ी ले आना।
रिया झुंझलाती हुई किचन में गई और तेजी से कॉफी बनाने लगी। "ये इंसान मेरी नाक में दम करके ही मानेगा! खुद हाथ-पैर नहीं हिला सकता क्या?" उसने बड़बड़ाते हुए कॉफी कप उठाया और कमरे की ओर बढ़ी।
लेकिन जैसे ही वह अयान के कमरे में पहुँची, दरवाजे पर खड़ी रह गई।
अंदर का नज़ारा देखकर उसके हाथ से ट्रे गिरते-गिरते बची।
अयान अभी-अभी बाथरूम से निकला था, सिर्फ़ ट्राउजर पहने हुए। उसके गीले बालों से पानी की बूँदें टपक रही थीं, जो उसके चौड़े कंधों और मस्क्युलर चेस्ट पर लुढ़क रही थीं। रौशनी की हल्की किरणें उसकी स्किन पर चमक रही थीं, जिससे वह और भी ज़्यादा डैजरसली अट्रैक्टिव लग रहा था।
रिया की आँखें पलकें झपकाना ही भूल गईं। उसका गला अचानक सूखने लगा, और हलक में कुछ अटक सा गया।
अयान ने बालों में हाथ फेरते हुए उसकी तरफ़ देखा और होंठों पर हल्की स्मिरक आई।
"ओह! तुम आ गई? मैं सोच रहा था कि कहीं कॉफ़ी के साथ भाग तो नहीं गई।"
रिया ने जबरदस्ती अपनी नज़रें हटाई और खुद को नॉर्मल दिखाने की कोशिश की, "म...मैं ऐसा कुछ नहीं है, और यह काफी ही बचा है क्या चोरी करने के लिए?"
अयान रिया के पास आया, उसके गीले बदन से आती ठंडक ने कमरे का टेम्परेचर और गिरा दिया। वह रिया के हाथ से कॉफ़ी कप लेते हुए हल्के से झुका, "तो इतना लेट क्यों किया? मुझे लगा कहीं भाग गई?"
रिया को समझ नहीं आया कि वह उसकी बात का जवाब दे या इस बात पर ध्यान दे कि उसकी नज़दीकी से उसका दिल दौड़ क्यों रहा है।
उसने झटके से पीछे हटते हुए कहा, "बस! कॉफ़ी दे दी, अब मैं जा रही हूँ!"
लेकिन अयान ने उसकी कलाई पकड़ ली। हल्का सा खींचा, जिससे रिया दो कदम आगे उसकी ओर बढ़ गई।
"इतनी जल्दी क्या है, रिया?" उसकी आवाज़ में एक अलग ही ठहराव था, जो रिया के दिल की धड़कनों को और तेज कर गया।
रिया को समझ नहीं आया कि उसे उसकी बात का जवाब देना चाहिए या इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उसकी नज़दीकी से उसका दिल क्यों दौड़ रहा था।
उसने झटके से पीछे हटते हुए कहा, "बस! कॉफी दे दी, अब मैं जा रही हूँ!"
लेकिन अयान ने उसकी कलाई पकड़ ली। हल्का सा खींचा, जिससे रिया दो कदम आगे उसकी ओर बढ़ गई।
"इतनी जल्दी क्या है, रिया?" उसकी आवाज़ में एक अलग ही ठहराव था, जो रिया के दिल की धड़कनों को और तेज कर गया।
रिया उसकी आँखों में देखने लगी। अयान की गहरी, शरारती नज़रों में कुछ ऐसा था जिसने उसे कुछ पलों के लिए बाँध सा लिया। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा, और उसे लगा जैसे कमरे की हवा भारी हो गई हो।
अयान ने हल्के से अपनी उंगलियाँ उसकी कलाई पर कसी, जिससे वह और भी ज्यादा घबरा गई। लेकिन तभी, अचानक ही, अयान ने उसकी कलाई छोड़ दी और अपने हाथ में पकड़ा हुआ कॉफी कप उसकी तरफ बढ़ा दिया।
"ये क्या दिया तुमने?" वह नाराज़गी से बोला, उसकी आवाज़ में हल्की सी झुंझलाहट थी। "कॉफी ठंडी हो चुकी है, दूसरी बना कर लाओ।"
रिया का चेहरा देखते ही देखते गुस्से से लाल पड़ गया। अभी कुछ सेकंड पहले जो शरारत उसकी आँखों में दिख रही थी, वह अब पूरी तरह से ग़ायब हो चुकी थी।
"आप... आप मज़ाक कर रहे हो, है ना?" रिया ने हैरानी से पूछा।
अयान ने एक भौं ऊपर उठाई और धीरे से मुस्कुराया, "क्या मैं मज़ाक करने जैसा लग रहा हूँ?"
रिया का मुंह खुला का खुला रह गया। "आप... आप सच में इतनी नौटंकी कर रहे हो सिर्फ एक कॉफी के लिए?"
रिया ने गुस्से से ट्रे टेबल पर रख दी और हाथ बाँधकर अयान को घूरने लगी। "मैं आपके लिए दूसरी कॉफी नहीं बनाने वाली, समझे? मुझे नींद आ रही है, और अब मैं सोने जा रही हूँ!" उसने ऐलान किया और दरवाजे की तरफ बढ़ी।
अयान ने एक लंबी साँस ली और अचानक बेपरवाही से कहा, "ओह, अच्छा... तो तुम सोने जा रही हो? ठीक है, मैं भी चलता हूँ तुम्हारे साथ सोने।"
रिया के कदम एकदम रुक गए। उसने झटके से पीछे मुड़कर देखा, उसकी आँखें चौड़ी हो गईं। "क्या??"
अयान सीरियस होकर उसकी तरफ बढ़ा। "तुम थक गई हो, और मैं भी तुम्हारी वजह से थक चुका हूँ, तो क्यों न साथ ही सो जाएँ?" उसने ऐसे कहा जैसे यह बिल्कुल सामान्य बात हो।
रिया का दिल एक पल के लिए तेजी से धड़कने लगा। "आप पागल हो गए हो क्या?"
अयान ने हल्की मुस्कान के साथ सिर झुका दिया, जैसे गहराई से सोच रहा हो। फिर उसने कंधे उचकाए, "अगर नहीं बनानी कॉफी तो ठीक है, लेकिन फिर मैं यहीं सोने वाला हूँ। और हाँ, मैं थोड़ा ज्यादा जगह घेरता हूँ, तो तुम्हें दिक्कत हो सकती है।"
रिया का मुँह खुला का खुला रह गया। "आप... आप ब्लैकमेल कर रहे हो?"
अयान ने शरारती अंदाज़ में सिर हिलाया, "तुम्हें जैसा समझना है, समझो।"
रिया ने उसे घूरा, फिर झुंझलाकर ट्रे उठाई और कमरे से बाहर निकल गई। "आप सच में दुनिया के सबसे जिद्दी इंसान हो!" उसने गुस्से में बड़बड़ाते हुए कहा।
अयान मुस्कुराया और बिस्तर पर आराम से बैठ गया, "जानता हूँ!" उसने खुद से कहा, उसकी आँखों में वही शरारत लौट आई थी।
रिया गुस्से में बड़बड़ाती हुई किचन में पहुँची। "ये आदमी सच में पागल है! खुद ही कहता है कॉफी बनाओ, और फिर कहता है ठंडी हो गई, अब पता नहीं क्या नखरे करेगा!" उसने झटपट कॉफी बनाई और फिर से ट्रे उठाकर अयान के कमरे की तरफ बढ़ी।
दरवाजे पर पहुँची तो एक गहरी साँस ली, खुद को शांत करने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही अंदर आई, उसका गुस्सा फिर भड़क गया। अयान आराम से बेड पर लेटा हुआ था, जैसे कोई राजा हो और वह उसकी नौकरानी! "लो तुम्हारी कॉफी, अब और कोई फरमाइश मत करना!" उसने लगभग ट्रे पटकते हुए कहा।
अयान ने बिना किसी जल्दी के कप उठाया, उसे देखते हुए और फिर कप नीचे रखते हुए उसकी तरफ देखा। "रिया..." उसने बड़े ही मासूम अंदाज़ में कहा।
"अब क्या??" रिया का गुस्सा सातवें आसमान पर था।
अयान ने हल्की मुस्कान दबाते हुए कहा, "मुझे विदाउट मिल्क वाली कॉफी पसंद है... तुमने इसमें दूध डाल दिया।"
रिया की आँखें एकदम बड़ी हो गईं। "क्या??? आपके ऊपर ऐसी बातें शोभा नहीं देती।"
अयान ने सिर हिलाया, "हाँ, मैं ब्लैक कॉफी पीता हूँ। अब तुम्हें फिर से बनानी पड़ेगी।"
रिया को लगा कि अगर अभी उसके हाथ में कुछ और होता, तो वह सीधे अयान पर फेंक देती। "आप मुझसे मज़ाक कर रहे हो, है ना?" उसने कन्फ्यूज़न से उसे देखा।
अयान ने सिर झुका लिया जैसे मासूम बन रहा हो, "बिलकुल नहीं। मुझे जो पसंद है, वही पिऊँगा ना?"
रिया ने गुस्से में पैर पटका, "मैं आपके लिए अब कुछ नहीं बनाने वाली, समझे? खुद बनाओ जाकर!"
अयान ने बेफिक्री से कंधे उचकाए, "ठीक है, तो मैं यही बैठा रहूँगा... और हाँ, अगर मुझे ठीक से कॉफी नहीं मिली तो मैं तुम्हारे कमरे में चला जाऊँगा, तुम्हारे बेड पर, और वहीं सो जाऊँगा।"
रिया का मुँह खुला का खुला रह गया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अयान की इस जिद का क्या करे। उसने गुस्से में ट्रे उठाई और वापस बाहर निकल गई, "मैं आपको कभी माफ नहीं करने वाली, मिस्टर खडूस, और आप समझते क्या है अपने आप को! मैं आपको छोडूंगी नहीं!"
अयान मुस्कुराया और खुद से कहा, "चलो, अब देखते हैं अगली कॉफी कितनी देर में आती है!"
रिया का मुँह खुला रह गया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह अयान की इस जिद का क्या करे। उसने गुस्से में ट्रे उठाई और वापस बाहर निकल गई। "मैं आपको कभी माफ नहीं करने वाली, मिस्टर खडूस, और आप समझते क्या हैं अपने आप को? मैं आपको नहीं छोड़ूंगी!"
अयान मुस्कुराया और खुद से कहा, "चलो, अब देखते हैं अगली कॉफी कितनी देर में आती है!"
रिया तेजी से किचन में घुसी, गुस्से में बड़बड़ाते हुए।
"ये आदमी पागल है! पहले कहता है कॉफी बना दो, फिर ठंडी हो गई, फिर दूध वाली नहीं चाहिए—अब पता नहीं और क्या ड्रामा करेगा!"
उसने तेजी से ब्लैक कॉफी बनाई, ट्रे उठाई और कमरे की तरफ बढ़ी। दरवाजे पर पहुँची ही थी कि अचानक अंदर से अयान की आवाज़ आई—
"अगर कॉफी सही नहीं बनी, तो तुम्हें पूरी रात जगाकर ठीक से बनवाऊँगा, रिया।"
उसकी ठंडी, लेकिन पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरी आवाज़ सुनते ही रिया के कदम ठिठक गए। वह हैरानी से दरवाजे को देखने लगी।
"ये आदमी खुद को समझता क्या है?"
गहरी सांस लेकर उसने दरवाजा खोला और ट्रे अयान के सामने रख दी।
"लो, आपकी ब्लैक कॉफी। अब और कोई फरमाइश हो तो अभी बता दो!" रिया ने चिढ़कर कहा।
अयान ने बिना किसी जल्दी के कप उठाया, उसे सूंघा, फिर एक घूँट लिया।
फिर एकदम से उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गई, लेकिन वह इतनी ठंडी थी कि रिया को और गुस्सा आने लगा।
"हम्म... अब सही बनी है। लेकिन एक समस्या अभी भी है।"
रिया ने भौंहें चढ़ाईं। "अब क्या?"
अयान ने कप टेबल पर रखा और रिया को घूरते हुए बेहद धीमे मगर ठहराव भरे लहजे में कहा, "तुम्हारा व्यवहार मेरे मानकों से ज्यादा ऊपर जा रहा है। नियंत्रण में रहना सीखो।"
रिया को लगा जैसे उसके कानों में बम फटा हो। "क्या?" उसने आँखें बड़ी करते हुए कहा।
अयान पीछे हटा, कुर्सी पर आराम से बैठते हुए उसने अपनी टाई हल्की सी ढीली की और रिया को नजरों से तौला।
"हाँ, तुम्हें ज्यादा बोलने की आदत हो गई है। मुझे लगता है तुम्हें कुछ दिन यहाँ और रहकर सीखना पड़ेगा कि मेरे साथ किस तरह बात करनी चाहिए।"
रिया का खून खौल गया। "ओह, तो अब आप मुझे शिष्टाचार सिखाएँगे?"
अयान ने सिर झुकाया, एक पल उसे गौर से देखा, फिर हल्का सा मुस्कुराया—ऐसी मुस्कान जिसने रिया के अंदर अजीब सी बेचैनी भर दी।
"नहीं," उसने धीरे से कहा, "मैं तुम्हें बस ये समझा रहा हूँ कि यहाँ मेरे नियम चलते हैं, और तुम्हें उन्हें मानना होगा। वरना..."
वह अपनी कुर्सी से उठा और बेहद धीमी चाल से रिया की ओर बढ़ा। रिया को उसके चलने का तरीका भी किसी शिकारी जैसा लग रहा था।
"वरना?" रिया ने अपनी आवाज़ सख्त रखने की कोशिश की, लेकिन हल्की कंपकंपी महसूस हुई।
अयान बेहद करीब आकर झुका, उसकी आँखें रिया की आँखों में थीं। "वरना, तुम्हारी रातें मेरी शरारतों में और दिन मेरी सज़ा में गुज़रेंगे।"
रिया को लगा जैसे उसके दिल की धड़कनें अचानक तेज़ हो गई हों।
"ये आदमी इतना आत्मविश्वासी कैसे हो सकता है? और ये अपने आपको समझता क्या है?"
लेकिन वह यह भी जानती थी कि उसकी बातों में एक अजीब सा असर था, जिसे चाहकर भी वह अनदेखा नहीं कर पा रही थी।
अयान ने एक पल के लिए उसे घूरा, फिर अपने इशारे से दरवाजा दिखाते हुए कहा, "अब जाओ। लेकिन याद रखना, अगली बार मेरे काम में देरी हुई, तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होगा।"
रिया के हाथ गुस्से से मुट्ठी में बंध गए।
"ये आदमी सच में पागल है! और मैं इससे हारने वाली नहीं!"
लेकिन फिलहाल, वह बिना कुछ कहे दरवाजा खोलकर बाहर चली गई, क्योंकि उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी कि अब और देर तक उसका सामना करे।
अंदर, अयान हल्की मुस्कान के साथ कॉफी का एक और घूँट लेते हुए खुद से बुदबुदाया—
"अब आएगा मज़ा, रिया। पता नहीं क्यों जब भी तुम्हें परेशान करता हूँ बहुत मज़ा आता है!"
"ये आदमी खुद को समझता क्या है?" उसने तकिये पर घूंसा मारा। "मेरे मानकों से ज्यादा व्यवहार? हाह! इसको तो हद से ज्यादा गलतफहमी हो गई है!"
वह उठकर कमरे में चहलकदमी करने लगी, लेकिन गुस्सा कम होने की बजाय और बढ़ता जा रहा था। "कोई मुझे बताएगा कि आखिर ये इंसान इतना चिड़चिड़ा क्यों है?"
ठक-ठक।
वह एकदम रुक गई। "अब कौन?"
दरवाज़ा खोलते ही सामने अयान खड़ा था। चेहरे पर वही लापरवाह हाव-भाव, आँखों में हल्की-सी शरारत और हाथ में फ़ोन घुमाते हुए।
रिया ने भौंहें चढ़ाईं। "अब क्या?"
अयान ने एक नज़र उसके चिड़चिड़े चेहरे पर डाली और एक किनारे को झुका कर मुस्कुराया।
"बस देखने आया था कि तुम्हारा गुस्सा अभी भी 98° पर है या थोड़ा ठंडा हुआ?"
रिया ने आँखें घुमाईं। "मुझे तुम्हारी कोई बात सुननी ही नहीं है, तो प्लीज़—"
"अरे, मैं भी कोई भाषण देने नहीं आया हूँ," अयान बड़े आराम से दरवाजे पर टिक कर बोला।
रिया ने गहरी सांस ली, खुद को शांत करने की कोशिश की, लेकिन अयान के चेहरे पर खिली हल्की, मगर जानलेवा मुस्कान उसे और चिढ़ा रही थी।
"मुझे आपकी कोई बात सुननी ही नहीं है, तो प्लीज़—" उसने तेज़ आवाज़ में कहा और दरवाजा बंद करने के लिए हाथ बढ़ाया।
लेकिन अयान ने फुर्ती से अपना हाथ दरवाजे पर टिकाया और एक कदम आगे बढ़ाया। रिया ने अनायास ही पीछे हटने की कोशिश की।
"अभी इतनी जल्दी बात खत्म नहीं हुई है, रिया।"
उसकी आवाज़ में एक अजीब-सी ठंडक थी, मगर साथ ही एक हल्की शरारत भी थी, जो रिया को असहज करने लगी। अयान का नज़दीक आना उसे अजीब-सा महसूस हो रहा था। वह एक और कदम पीछे हटी, फिर एक और... लेकिन अयान वैसे ही आगे बढ़ता रहा।
रिया को अब एहसास हुआ कि वह धीरे-धीरे बेड के पास पहुँच चुकी थी। उसकी साँसें तेज़ होने लगीं। "आप... आप क्या कर रहे हो?"
अयान ने बिना रुके एक और कदम बढ़ाया। उसकी आँखें गहरी, तेज और पूरी तरह से रिया पर टिकी हुई थीं।
"क्या कर रहा हूँ?" उसने बेहद धीमे मगर भारी आवाज़ में कहा। "बस तुम्हें तुम्हारी सीमाएँ याद दिला रहा हूँ।"
रिया पीछे की तरफ बढ़ने लगी, इतना पीछे आ गई कि वह बेड से टकराकर सीधे बेड पर गिर गई।
रिया की पीठ बेड से टकराई। वह अब और पीछे नहीं जा सकती थी, लेकिन अयान वहीं नहीं रुका। वह और झुका, उसके चेहरे के बेहद करीब, इतना कि रिया को उसकी साँसों की गर्माहट महसूस होने लगी।
रिया के दिल की धड़कनें अचानक तेज़ हो गईं। उसके हाथ स्वतः ही खुद को बचाने के लिए आगे उठे, लेकिन अयान ने बड़ी आसानी से उनके बीच की दूरी खत्म कर दी।
"प्लीज़... पीछे हटो," रिया की आवाज़ काँप गई थी, लेकिन वह नहीं चाहती थी कि अयान को इसका एहसास हो।
अयान की नज़रें उसकी आँखों में गहराई तक उतरने लगीं। उसने अपना एक हाथ रिया के बेड के किनारे टिका दिया, जिससे रिया और भी ज्यादा फँसी हुई महसूस करने लगी।
"डर रही हो?" उसकी आवाज़ बेहद धीमी थी, मगर उसमें एक अजीब-सा आकर्षण था।
रिया को कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसके मन में कई ख्याल उमड़ रहे थे, लेकिन जुबान से एक भी शब्द नहीं निकल पा रहा था।
फिर, अचानक अयान ने अपना दूसरा हाथ बढ़ाया और बेड के किनारे से अपना फ़ोन उठा लिया।
रिया ने झटके से पलकें झपकाईं।
"फ़ोन?" उसने खुद से ही सवाल किया।
अयान ने फ़ोन उठाया, स्क्रीन पर कुछ चेक किया, फिर बेहद शांत तरीके से वापस खड़ा हुआ।
"बस यही लेने आया था," उसने हल्के अंदाज़ में कहा, फिर उसकी तरफ एक नज़र डालते हुए आगे बढ़ गया।
रिया अब भी बेड पर लेटी थी, पूरी तरह से चौंक गई। उसकी साँसें अभी भी तेज़ थीं, और दिमाग में सिर्फ एक ही सवाल था।
सुबह की हल्की रोशनी कमरे में धीरे-धीरे फैल रही थी, लेकिन रिया की आँखों में नींद नहीं थी। रात की सारी बातें बार-बार उसके दिमाग में घूम रही थीं।
"ये इंसान आखिर चाहता क्या है?" उसने खुद से बुदबुदाया, फिर झुंझलाकर तकिए को जोर से मारा।
उसका दिल अब भी तेज़ धड़क रहा था। वह बार-बार रात के उस पल को याद कर रही थी जब अयान उसके इतना करीब आ गया था।
"प्लीज... पीछे हटिए।"
रिया को अपनी ही कांपती हुई आवाज़ याद आई, और अयान की आँखों में खेलती वह अजीब-सी चमक—जैसे उसे उसकी हालत देखकर मज़ा आ रहा हो।
"डर रही हैं?"
उसकी ठंडी, मगर शरारती आवाज़ फिर से उसके कानों में गूंज गई।
रिया ने तकिए से अपना चेहरा ढक लिया।
"मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता! बिल्कुल भी नहीं!" उसने खुद को समझाने की कोशिश की, लेकिन दिल ये मानने को तैयार ही नहीं था।
वह एक झटके से उठकर बैठ गई।
"मुझे आर्या से बात करनी चाहिए। उसे सब कुछ बता देना चाहिए!"
लेकिन अगले ही पल, वह ठिठक गई।
"अगर मैं आर्या को सब कुछ बता दूँगी, तो वह घबरा जाएगी... और फिर जाने क्या करेगी! पहले खुद ही सब समझना पड़ेगा।"
उसने धीरे से अपने बालों में उंगलियाँ फिराईं और एक लंबी साँस ली।
"हाँ, पहले देखती हूँ कि मिस्टर खडूस का अगला प्लान क्या होता है!"
तभी दरवाज़े पर एक हल्की-सी दस्तक हुई।
ठक-ठक।
रिया की साँसें थम गईं।
"कौन हो सकता है?"
उसने धीरे से दरवाज़ा खोला, और सामने वही खड़ा था—अयान।
वैसा ही कॉन्फिडेंट एक्सप्रेशन, आँखों में वही हल्की-सी शरारत, जैसे उसने सब पहले से ही प्लान कर रखा हो।
रिया ने झटके से अपनी घबराहट छिपाई और भौंहें चढ़ाईं।
"सुबह-सुबह क्या काम है?" उसने चिढ़कर कहा।
अयान ने हल्की-सी मुस्कान दी और बेहद ठहराव से जवाब दिया—
"आपकी गुड मॉर्निंग खराब करने आया हूँ।"
रिया का मुँह खुला का खुला रह गया।
"Excuse me?"
अयान ने अपना फोन घुमाया, फिर जेब में रखा और हल्के से दरवाज़े की चौखट पर टिक गया।
"कल रात बड़ी बहादुरी दिखा रही थीं, लेकिन अब देख रहा हूँ कि आप थोड़ी परेशान लग रही हैं। कुछ हुआ क्या?"
रिया को और गुस्सा आ गया।
"मुझे कुछ नहीं हुआ! और प्लीज़, आप मेरे कमरे के दरवाज़े पर ऐसे मत खड़े रहिए।"
अयान ने एक नकली हैरानी का एक्सप्रेशन बनाया।
"ओह, तो अब आपको मेरी मौजूदगी से दिक्कत होने लगी?"
रिया ने एक गहरी साँस ली।
"देखिए, मेरे पास आपके बेहूदा सवालों का कोई जवाब नहीं है। प्लीज़, मुझे थोड़ा स्पेस दें।"
लेकिन अयान को तो जैसे उसे परेशान करने में ही मजा आ रहा था। उसने हल्का-सा सिर झुकाया और बेहद धीमे स्वर में कहा—
"स्पेस? दिलचस्प है… लेकिन जब मैं आपको आपकी लिमिट्स याद दिला रहा था, तब तो कोई स्पेस नहीं मांग रही थीं?"
रिया की आँखें बड़ी हो गईं।
"आप—आप हद पार कर रहे हैं!"
अयान ने हल्का-सा मुस्कुराया और एक कदम पीछे हटा।
"Relax, बस याद दिला रहा था कि इस घर में मेरे रूल्स चलते हैं, और आपको उन्हीं के हिसाब से चलना होगा।"
फिर उसने बेहद लापरवाही से कहा—
"तो, ब्रेकफास्ट कब तक मिलेगा?"
रिया की मुट्ठियाँ भींच गईं।
"आपको भूख लगी है, तो खुद बना लीजिए!"
अयान ने हल्का सा सिर हिलाया, जैसे ये जवाब सुनने की उम्मीद थी।
"ठीक है, कोई बात नहीं... मुझे आपकी बनी कॉफी का इंतजार रहेगा।"
वह बिना और कुछ कहे चला गया, और रिया वहीं खड़ी रह गई, अपने ही गुस्से से जलती हुई।
"ये आदमी सच में असहनीय है!"
लेकिन कहीं ना कहीं, उसके शब्द उसके दिल की धड़कनों को फिर से तेज़ कर चुके थे...
रिया का मूड सुबह से ही खराब था। उसके कानों में अब भी अयान की आखिरी बात गूंज रही थी—
"मुझे आपकी बनी कॉफी का इंतजार रहेगा।"
"हद है! जैसे मैं कोई नौकरानी हूँ जो इनके हुक्म बजाने के लिए बैठी हूँ!"
उसने खुद को समझाने की कोशिश की कि इस आदमी को इग्नोर करना ही सबसे सही तरीका होगा। लेकिन फिर भी, दिल ही दिल में उसे एक खुराफाती आइडिया सूझा।
"कॉफी दूँगी, मगर अपनी शर्तों पर!"
रिया ने किचन में कदम रखा, जल्दी से कॉफी मेकर ऑन किया और जान-बूझकर उसमें ज़रूरत से ज़्यादा कॉफी पाउडर डाल दिया, जिससे कॉफी इतनी कड़वी हो जाए कि कोई दोबारा मांगने की हिम्मत न करे। उसने हल्की-सी मुस्कान दबाई और ट्रे में कप रखकर डायनिंग टेबल की ओर बढ़ गई।
डायनिंग एरिया में माहौल हमेशा की तरह सधा हुआ था। अयान की माँ, वसुंधरा जी, अपनी चाय पी रही थीं, और आर्या हल्के-हल्के टोस्ट खा रहे थे। अयान, हमेशा की तरह, न्यूज़पेपर लिए बैठे थे, लेकिन उनकी निगाहें फोन स्क्रीन पर भी चल रही थीं।
रिया ने ट्रे टेबल पर रखी और मुस्कुराकर कहा—
"लीजिए, आपके लिए स्पेशल कॉफी बनाई है।"
अयान ने हल्का-सा सिर उठाया, उसकी मुस्कान को गौर से देखा और फिर कप उठाया।
"Hmm… स्पेशल? दिलचस्प है। देखते हैं, कितनी खास है।"
वह धीरे से कप होंठों तक ले गए, और जैसे ही पहला घूंट लिया, उनके चेहरे का एक्सप्रेशन बदल गया। उनकी भौहें सिकुड़ गईं, और होंठों पर हल्की-सी खटास आ गई।
"ये... ये क्या है?" उन्होंने हल्के गुस्से से पूछा।
रिया ने मासूमियत से आँखें झपकाईं—
"अरे, आपको तो ब्लैक कॉफी पसंद थी ना? बस... थोड़ी स्ट्रॉन्ग बना दी!"
आर्या, जो अब तक चुपचाप खा रहे थे, हल्के से हँस पड़े।
"चाचू, मुझे लग रहा है कि रिया दीदी ने जानबूझकर आपको सबक सिखाने के लिए ये कड़वी कॉफी दी है!"
अयान ने ठंडी नज़रों से रिया को देखा।
"Very smart, Miss Riya. But remember, बदला लेने के खेल में मैं मास्टर हूँ।"
रिया ने कंधे उचका दिए।
"मैं तो बस आपकी पसंद का ध्यान रख रही थी, मिस्टर अयान।"
इससे पहले कि माहौल और अजीब होता, वसुंधरा जी ने हल्की-सी खांसी की और कहा—
"अयान, अगर कॉफी अच्छी नहीं लगी तो रहने दो, चाय बना दूँ?"
अयान ने एक गहरी साँस ली और कप वहीं रख दिया।
"नहीं, माँ। अब इस बदले का जवाब तो देना ही पड़ेगा।"
रिया ने आँखें घुमाईं और प्लेट उठाकर अपने लिए टोस्ट निकालने लगी।
तभी अयान ने धीरे से कहा—
"आज सुबह तुमने मुझसे कहा था कि मैं तुम्हारे कमरे के दरवाजे पर खड़ा ना रहूँ… और आज सुबह, तुमने खुद मेरे लिए कुछ बनाया। बड़ा कॉन्ट्राडिक्शन नहीं है?"
रिया ने उनकी तरफ देखा, उनकी आँखों में वही अजीब-सी चमक थी, जो उसे असहज कर देती थी।
"गलतफहमी में मत रहिए, मिस्टर अयान। मैंने ये आपके लिए नहीं, अपनी खुशी के लिए किया था।"
अयान ने हल्का-सा सिर झुकाया, जैसे इस बात को और दिलचस्प बना दिया हो।
"खुशी? यानि तुम मुझसे बदला लेने में खुशी महसूस करती हो?"
रिया ने बिना जवाब दिए प्लेट से एक टोस्ट उठाया और अपने मूड को शांत रखने की कोशिश की।
आर्या को दोनों की बातें बहुत दिलचस्प लग रही थीं।
"चाचू, अगर ये टॉम एंड जेरी शो सुबह-सुबह देखने को मिलता रहेगा, तो हमारा दिन बहुत अच्छा जाएगा!"
अयान ने हंसते हुए आर्या के सिर पर हल्की चपत मारी, और रिया ने झुंझलाकर टोस्ट काट लिया।
लेकिन वह इस बात से अनजान थी कि अयान ने बदले की एक और चाल सोच ली थी…
कैबिन के चक्कर
कॉलेज का दिन और नई मुसीबत
रिया का मूड सुबह से ही खराब था। उसे अब तक अयान से मिली हर एक चीज़ सिरदर्द के अलावा कुछ नहीं लगी थी—चाहे वो उसकी बातें हों या उसकी मौजूदगी। लेकिन आज का दिन और भी खराब होने वाला था, इसका उसे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था।
रिया और आर्या कॉलेज के लिए निकल चुके थे। गाड़ी में बैठे-बैठे ही आर्या ने रिया की ओर देखा और हल्का-सा मुस्कुराया।
"रिया, तुझे कॉलेज में कोई प्रॉब्लम तो नहीं होती?"
रिया ने गहरी सांस ली और सिर हिलाया।
"प्रॉब्लम? अभी तक तो नहीं। लेकिन पता नहीं क्यों, मुझे लग रहा है कि आज कुछ गड़बड़ होने वाली है।"
आर्या ने हँसते हुए गाड़ी का स्टीयरिंग घुमाया।
"ओह, छठी इंद्री! वैसे तू इतनी टेंशन क्यों ले रही है?"
रिया ने मुँह टेढ़ा किया।
"तू नहीं समझेगी, आर्या।"
कॉलेज के गेट पर गाड़ी रुकी। दोनों अंदर जाने ही वाले थे कि तभी रिया के फोन पर नोटिफिकेशन आया—
"रिया, अर्जेंट: प्रोजेक्ट फ़ाइल नीड्स सिग्नेचर ऑफ़ कंपनी CEO बिफोर सबमिशन।"
रिया के चेहरे का रंग उड़ गया।
"क्या हुआ?" आर्या ने पूछा।
रिया ने धीरे से स्क्रीन उसकी ओर बढ़ाई।
आर्या ने नोट पढ़ा और फिर रिया को देखा।
"तो? इसमें टेंशन वाली क्या बात है?"
रिया ने गहरी सांस ली और धीरे से कहा—
"सीईओ कोई और नहीं… मिस्टर खडूस अयान हैं!"
आर्या ने चौंककर उसकी ओर देखा और फिर हँस पड़ी।
"ओह! तो अब तुझे उनके ऑफिस जाना पड़ेगा?"
रिया ने सिर हिलाया और माथा पकड़ लिया।
"भगवान, ये मेरी ज़िंदगी में हर जगह क्यों घुस रहे हैं!"
फिर वह ऑफिस के लिए निकल पड़ी।
रिया जैसे-तैसे अपने प्रोजेक्ट फाइल के साथ अयान के ऑफिस पहुँची। रिसेप्शन पर खड़ी लड़की ने उसे अंदर जाने का इशारा किया।
"सर अपने केबिन में हैं, आप जा सकती हैं।"
रिया ने मन ही मन खुद को शांत किया और हल्के से दरवाज़ा खटखटाया।
कोई जवाब नहीं।
"सर?" उसने फिर से कहा।
कोई आवाज़ नहीं आई।
उसने दरवाज़ा खोला और अंदर झाँका।
खाली!
अयान का चेयर खाली था। कोई मौजूद नहीं था।
रिया ने गुस्से में अपनी फाइल को कसकर पकड़ा और मुट्ठी भींच ली।
"इस इंसान का टाइमटेबल नॉर्मल लोगों की तरह क्यों नहीं हो सकता!"
रिया अभी केबिन में नहीं थी। तभी एक लड़की आई, जिसे देखकर रिया ने अयान के बारे में पूछा। उसने बताया कि वह मीटिंग हॉल में है।
रिया गुस्से से बाहर निकली और सीधे मीटिंग हॉल की तरफ बढ़ी, जहाँ उसे बताया गया था कि अयान मीटिंग में हो सकते हैं।
वहाँ पहुँचकर उसने अंदर झाँका।
मीटिंग हॉल भी खाली था!
उसका दिमाग अब और गर्म हो गया और गुस्से में कांपने लगा। काँपते हुए बोली, "तुम्हें बाद में बताऊंगी।"
रिया ने अपनी हिम्मत नहीं छोड़ी और ऑफिस के दूसरे सेक्शन में गई।
"मुझे अयान सर से मिलना है।" उसने एक स्टाफ मेंबर से कहा।
"सर तो अभी पाँच मिनट पहले पार्किंग की तरफ गए थे।"
रिया के चेहरे का रंग उड़ गया।
"पार्किंग? वहाँ क्यों?"
वह बिना कुछ सोचे तेज़ी से पार्किंग की ओर भागी।
पार्किंग में सिर्फ गाड़ियाँ खड़ी थीं। अयान कहीं नहीं था।
अब रिया का दिमाग घूमने लगा।
"ये आदमी मुझे पागल कर देगा!"
वहाँ पर खड़े गेट कीपर से जब उसने पूछा तो उसने कहा कि अयान अभी-अभी अपने ऑफिस में गए हैं। रिया का मन कर रहा था कि अयान का गला ही दबा दे।
रिया भारी कदमों से वापस ऑफिस में आई और गुस्से में रिसेप्शन की लड़की से बोली—
"देखिए, मुझे अयान सर से मिलना ही है। प्लीज़ बताइए कि वो कहाँ हैं!"
लड़की ने झिझकते हुए कहा—
"अभी-अभी सर अपने केबिन में वापस गए हैं।"
रिया की आँखें चौड़ी हो गईं।
"क्या?"
मतलब कि यह इंसान पूरी बिल्डिंग घूम रहा था और साथ में रिया को भी घुमा रहा था। अब तो बस बहुत हो गया!
रिया बिना कुछ सोचे सीधा अयान के केबिन की ओर बढ़ी और इस बार दरवाज़ा बिना खटखटाए खोल दिया।
"मिस्टर अयान, आप मुझे इग्नोर—"
रिया की आवाज़ वहीं अटक गई।
अयान अपनी चेयर पर बैठे आराम से कॉफी पी रहे थे, जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
उसने सिर उठाया और हल्की-सी मुस्कान दी।
"अरे, मिस रिया। तुम इतनी हाँफ क्यों रही हो? क्या हुआ?"
रिया को उसकी शरारती मुस्कान देखकर समझ आ गया कि ये सब जानबूझकर किया गया था।
उसने गहरी सांस ली और कहा—
"आप अच्छी तरह जानते हैं कि क्या हुआ। मैंने पूरी ऑफिस में आपके पीछे चक्कर काटे!"
अयान ने हल्का-सा सिर झुकाया।
"ओह, सच में? पर तुमने तो मुझसे मिलने की रिक्वेस्ट भी नहीं भेजी। बिना अपॉइंटमेंट कोई ऐसे ही कैसे मिल सकता है?"
रिया ने झुंझलाकर फाइल उसकी टेबल पर पटकी।
"मुझे इस फाइल पर आपके साइन चाहिए!"
अयान ने उसकी ओर देखा, फिर बेहद आराम से फाइल उठाई और पन्ने पलटने लगे।
फिर उसने पेन उठाया… और साइन करने के बजाय उसे घूमाने लगा।
रिया ने भौंहें चढ़ाईं।
"अब क्या?"
अयान ने उसकी ओर देखा और बेहद धीमे स्वर में कहा—
"अगर मैं ना साइन करूँ, तो?"
रिया की आँखें चौड़ी हो गईं।
"आप ऐसा नहीं कर सकते!"
अयान ने हल्की-सी मुस्कान दी।
"मैं कुछ भी कर सकता हूँ। आखिर इस ऑफिस के रूल्स कौन बनाता है?"
रिया उसकी बात सुनकर बोली, "लेकिन यह ऑफिस की कोई फाइल नहीं है, ना ही कोई टेंडर। यह मेरे कॉलेज का प्रोजेक्ट है जो कि कॉलेज का मालिक ही साइन करेगा। इस पर ऐसा रूल है।" वह यह सब दांत पीसते हुए बोल रही थी।
रिया ने गुस्से में अपनी मुट्ठियाँ भींच लीं।
"प्लीज़, साइन कर दीजिए।"
अयान ने उसके चेहरे को गौर से देखा, फिर हल्के से मुस्कराया और फाइल पर साइन कर दिया।
रिया ने चैन की सांस ली और फाइल उठाई।
जैसे ही वह मुड़ी, अयान ने कहा—
"रिया।"
रिया ने पलटकर देखा।
अयान ने हल्के से कुर्सी पीछे खींची और कहा—
"ये जो तुम्हें मेरे ऑफिस में आने के लिए इतना भागना पड़ा… ये बस एक छोटा-सा ट्रेलर था। असली खेल अभी बाकी है।"
रिया की सोच और अयान की चाल
रिया ने बिना कुछ कहे फाइल उठाई और बाहर निकल गई। लेकिन उसका दिल अब भी तेज़ धड़क रहा था।
"ये आदमी… मुझे चैन से जीने नहीं देगा!"
वह तेज़ कदमों से ऑफिस से बाहर निकली, लेकिन उसे अब भी ऐसा लग रहा था जैसे अयान की नज़रों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा था।
(क्रमशः…)
रिया ने बिना कुछ कहे फाइल उठाई और बाहर निकल गई। लेकिन उसका दिल अब भी तेज़ धड़क रहा था।
"ये आदमी… मुझे चैन से जीने नहीं देगा!"
वो तेज़ कदमों से ऑफिस से बाहर निकली, लेकिन उसे अब भी ऐसा लग रहा था जैसे अयान की नज़रों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा था।
रिया ने गहरी सांस ली, फाइल को कसकर पकड़ा और ऑफिस से बाहर निकल गई। लेकिन उसके अंदर जैसे उफान मच गया था। अयान की शरारती मुस्कान और उसके शब्द अभी भी दिमाग में गूंज रहे थे—
"ये जो आपको मेरे ऑफिस में आने के लिए इतना भागना पड़ा… ये बस एक छोटा-सा ट्रेलर था। असली खेल अभी बाकी है।"
"ट्रेलर?! असली खेल?! इस आदमी को लगता क्या है?!" रिया के अंदर गुस्से की ज्वालामुखी फूटने ही वाली थी। उसने लंबी सांस ली और अपने आप से कहा—
"शांत रह, रिया… शांत रह… नहीं तो तू अभी इसी ऑफिस में कोई बड़ा कांड कर देगी!"
लेकिन गुस्सा क्या यूं ही शांत हो जाता है?
कॉरिडोर में चलते हुए उसके कदम अनजाने में रुक गए। उसका दिमाग अब भी अयान की बातों से जल रहा था।
"नहीं! ये ऐसे नहीं हो सकता! मैं इस मिस्टर खडूस को इतनी आसानी से नहीं छोड़ सकती!"
उसने अचानक मुड़कर अयान के केबिन की ओर देखा। दरवाज़ा हल्का-सा खुला था।
"बस बहुत हुआ!"
रिया के अंदर का ज्वालामुखी अब लावा उगलने को तैयार था। वो पूरी रफ्तार से पलटी और गुस्से से भरी हुई अयान के केबिन में घुस गई।
अयान अब भी अपनी कुर्सी पर बेहद आराम से बैठा था, एक हाथ में कॉफी मग और दूसरे हाथ में फोन।
जैसे ही उसने रिया को अंदर आते देखा, उसने हल्की-सी मुस्कान दी और बेहद ठंडे लहजे में कहा—
"अरे वाह, बटरफ्लाई वापस आ गईं? इतनी जल्दी मिस कर लिया मुझे?"
रिया के कदम तेज़ी से उसकी टेबल तक पहुंचे और उसने बिना कुछ बोले टेबल पर पड़े लैपटॉप की ओर हाथ बढ़ाया।
अयान की आँखें चौड़ी हो गईं।
"नो नो नो, बटरफ्लाई! यह करने की कोशिश मत करना!"
लेकिन रिया ने एक सेकंड भी नहीं सोचा। उसने झटके से उसका लैपटॉप उठाया और हवा में लहरा दिया।
"अयान सर, अगर आपने मुझे फिर से इस तरह परेशान करने की कोशिश की तो मैं…"
"रिया, रुक जाओ! अगर तुमने इसे फेंक दिया तो—"
"तो क्या? आप मुझे कॉलेज के अंदर भी चैन से जीने नहीं देंगे, हर जगह अपने बेवकूफी भरे गेम्स खेलेंगे, और जब मैं आपके ऑफिस आती हूँ, तो पूरे ऑफिस में मेरे पीछे चक्कर लगवाते हैं?! तो लीजिए… ये आपके गेम का जवाब!"
रिया ने पूरी ताकत से अयान का लैपटॉप उठाया और ज़मीन पर पटक दिया।
"धड़ाम!"
लैपटॉप के परखच्चे उड़ गए!
अयान की आँखें चौड़ी रह गईं। वो अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ।
"रिया, तुम पागल हो गई हो?!"
"हाँ, हो गई हूँ! आपकी वजह से! क्योंकि आप जैसे लोग बस दूसरों को परेशान करना जानते हैं!"
अयान ने गहरी सांस ली और सिर झटका।
"तुम्हें अंदाज़ा भी है कि तुमने क्या किया?"
"हाँ! और ये तो बस शुरुआत है!"
रिया ने एक सेकंड की भी देरी नहीं की और अयान की टेबल पर पड़ा पेन होल्डर उठाकर ज़मीन पर दे मारा।
"टन्न!"
पेन पूरे केबिन में बिखर गए।
अयान ने अपनी उंगलियाँ अपनी कनपटी पर रखीं और गहरी सांस ली।
"बटरफ्लाई, तुम जितनी खूबसूरत दिखती हो, उतनी ही खतरनाक भी हो!"
लेकिन रिया नहीं रुकी। उसने टेबल पर रखी फाइल्स को दोनों हाथों से उठाया और हवा में उछाल दिया।
"ये लीजिए आपकी फाइल्स! अब देखिए, इन्हें कैसे समेटते हैं!"
फाइल्स के पन्ने पूरे केबिन में उड़ने लगे।
अयान ने अपना सिर पकड़ लिया।
"रिया… बस करो!"
"अभी कहाँ! अभी तो असली खेल बाकी है!"
रिया ने टेबल पर रखा पानी का ग्लास उठाया और अयान की कुर्सी पर उंडेल दिया।
अयान ने फौरन पीछे हटते हुए घूरा।
"रिया, तुम्हें पता भी है कि ये क्या कर रही हो?!"
"बिलकुल पता है! आपने मुझे पूरी ऑफिस में नचाया, अब मैं आपकी ऑफिस की चीज़ों का नाच करवा रही हूँ!"
अयान ने गहरी सांस ली और बेहद धीमे स्वर में कहा—
"रिया… अगर तुम अब भी नहीं रुकीं, तो तुम्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा!"
रिया ने हथेली से टेबल पर ज़ोर से मारा और कहा—
"क्या करेंगे? मुझे भी किसी कॉर्नर में खड़ा कर देंगे? सज़ा देंगे? अच्छा मज़ाक था!"
अयान अब सच में गुस्से में आ चुका था। उसने एक लंबा कदम बढ़ाया और रिया के बेहद करीब आ गया।
अब दोनों के बीच बस कुछ ही इंच का फासला था। उसकी आँखें अब शरारती नहीं बल्कि गहरी और गंभीर थीं।
"रिया… तुमने मेरा लैपटॉप तोड़ा, मेरे केबिन में भूचाल मचाया, और अब मुझे चैलेंज कर रही हो?"
रिया ने ठंडी नज़रों से उसे देखा और धीरे से कहा—
"हाँ। और अगर आपको कोई दिक्कत हो तो…"
वो उसकी टेबल पर हाथ रखकर झुकी और बेहद धीमे स्वर में कहा—
"…मुझे रोक लीजिए!"
अयान के चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान आई।
"ओह, तुम चाहती हो कि मैं तुम्हें रोकूँ?"
रिया ने अपनी आँखें घुमाई और मुड़ने लगी।
लेकिन इससे पहले कि वो दरवाज़े तक पहुँचती, अयान ने उसकी कलाई पकड़ ली।
रिया ने झटके से पलटकर उसे घूरा।
"हाथ छोड़िए, अयान सर!"
"रिया… अब ये खेल तुम्हारी मर्ज़ी से खत्म नहीं होगा!"
अयान के चेहरे पर वो शरारती मुस्कान फिर लौट आई थी।
"तुमने केबिन में तबाही मचाई… अब तुम्हें इसकी सज़ा मिलेगी!"
रिया की आँखें चौड़ी हो गईं।
"क्या मतलब?"
अयान ने उसकी कलाई धीरे-धीरे छोड़ी और कहा—
"कल… कॉलेज में तैयार रहना। क्योंकि जो आज तुमने किया… उसका असली जवाब मैं वहीं दूँगा!"
रिया ने गुस्से से उसकी ओर देखा और पलटकर केबिन से बाहर निकल गई। लेकिन उसके दिल की धड़कन अब तेज़ हो चुकी थी।
"अब ये आदमी क्या करने वाला है?"
(क्रमशः…)
रिया ऑफिस से बाहर निकली, लेकिन उसका दिमाग अब भी अयान की बातों में उलझा हुआ था।
"कल कॉलेज में तैयार रहना?"
अयान ने जो कहा था, वह उसके दिमाग में घूम रहा था। वह आखिर करने क्या वाला है? क्या उसने बस उसे डराने के लिए यह सब कहा, या फिर सच में कोई प्लान बना रहा है?
रिया का दिल बेतरह धड़क रहा था, लेकिन ऊपर से वह सामान्य दिखने की कोशिश कर रही थी।
कॉलेज की गाड़ी अभी नहीं आई थी, तो उसने सोचा कि बाहर जाकर थोड़ी देर टहल लिया जाए।
जैसे ही वह बिल्डिंग के बाहर निकली, अचानक एक कार उसके ठीक सामने आकर रुकी।
"रिया! चल, घर चलते हैं!"
आर्या थी। उसकी बेस्ट फ्रेंड और... अयान की भतीजी।
रिया एक सेकंड के लिए चौंक गई, फिर धीरे-धीरे कार की तरफ बढ़ी।
"तू यहाँ क्या कर रही है?" रिया ने पूछा, कार का दरवाज़ा खोलते हुए।
"चाचू ने फोन करके बोला कि तुझे घर ले जाऊँ।" आर्या ने ड्राइविंग सीट से मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
रिया चौंकी। "क्या?"
"हाँ, और क्या! उन्होंने कहा कि तू देर तक बाहर नहीं घूम सकती।"
रिया को हल्का गुस्सा आ गया। "वो कौन होते हैं मुझे रोकने वाले?"
"अरे, तू मुझसे क्यों लड़ रही है? चल चुपचाप बैठ!"
रिया चुपचाप कार में बैठ गई। उसका दिमाग अब भी अयान पर ही अटका था।
"क्या हुआ, तू इतनी गुमसुम क्यों लग रही है?" आर्या ने कार स्टार्ट करते हुए पूछा।
रिया ने एक लंबी साँस ली और खिड़की से बाहर देखते हुए कहा, "कुछ नहीं... बस थोड़ा थक गई हूँ।"
"थक गई या फिर किसी की बातें दिमाग में घूम रही हैं?" आर्या ने शरारती लहजे में कहा।
रिया ने तुरंत उसकी तरफ देखा, "क्या मतलब?"
"मतलब यह कि मैं तुझे अच्छे से जानती हूँ! तेरा दिमाग किसी और चीज़ में उलझा हुआ है!"
रिया ने झुंझलाकर अपनी आँखें बंद कीं, "आर्या, प्लीज! मुझे अकेला छोड़ दे!"
"अरे बाबा ठीक है, ठीक है!" आर्या हँस पड़ी। "पर तू इतनी सीरियस क्यों लग रही है?"
रिया ने धीरे से कहा, "बस... एक इंसान की वजह से।"
आर्या के चेहरे पर तुरंत एक्साइटमेंट आ गई। "ओह्ह! तो बात चाचू तक पहुँच गई!"
रिया ने उसे घूरा, "तू चुप करेगी या नहीं?"
"नहीं!" आर्या मज़े से बोली। "अब तू मुझे सब कुछ बताएगी!"
रिया ने हार मानते हुए कहा, "उन्होंने आज ऑफिस में कहा कि... कल कॉलेज में तैयार रहना।"
"ओह्ह! तो तू इसलिए टेंशन में है!"
"हाँ!"
"पर रिया, कहीं ऐसा तो नहीं कि वह बस तुझे डराने के लिए बोल रहे थे?"
"मुझे भी यही लग रहा था, पर उनकी आँखों में जो देखा... वह मज़ाक नहीं लग रहा था।"
आर्या ने हल्का-सा सिर हिलाया और कार तेज़ कर दी।
आर्या बोली, "चाचू की ना आदत है लोगों को परेशान करना। तो टेंशन मत ले। वह तुझे बस ऐसे ही परेशान कर रहे हैं।"
घर पहुँचते ही रिया अपने कमरे में चली गई। दिमाग अब भी अयान की बातों में उलझा था।
"क्या वह बस धमका रहे थे, या फिर सच में कुछ करेंगे?"
रिया बालकनी में खड़ी थी, जब अचानक मेन गेट पर एक कार आकर रुकी।
उसने नीचे झाँककर देखा— अयान।
वह बिल्कुल नॉर्मल लग रहे थे।
"क्या? यह... ऐसे कैसे आ सकते हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं?"
अयान कार से उतरे, कोट उतारा और सीधे अंदर चले गए, जैसे कि उनका दिन एकदम आम था।
रिया का गुस्सा और बढ़ गया। "तो इन्होंने सिर्फ मुझे डराने के लिए कहा था?! इतनी टेंशन में डाल दिया और खुद आराम से घूम रहे हैं!"
रिया दौड़ते हुए सीढ़ियों से नीचे हॉल की तरफ गई।
नीचे से अयान की आवाज़ आई, "माँ, खाना लगवा दो, मैं बहुत थक गया हूँ!"
रिया की आँखें चौड़ी हो गईं। "थक गए हैं?!"
वह झटके से नीचे हॉल में पहुँची।
अयान ने रिया को देखा और हल्का-सा मुस्कुराए, "आओ, रिया, खाना खा लो!"
रिया अपनी आँखें बड़ी करके देख रही थी। "यह ऐसे क्यों बिहेव कर रहे हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं?"
उसने गहरी साँस ली और बैठ गई। लेकिन उसकी नज़रें लगातार अयान पर थीं।
अयान ने बिना किसी टेंशन के खाना परोसा और मस्ती में बातें करने लगे।
रिया अब और कंट्रोल नहीं कर पाई। उसने धीरे से फुसफुसाकर कहा, "आपने जो कहा था, वह सच था या बस मज़ाक?"
अयान ने शांति से उसे देखा और हल्के से मुस्कुराए।
"क्या कहा था मैंने?"
रिया का गुस्सा और बढ़ गया। "आप बहुत अच्छे से जानते हैं कि मैं किस बारे में बात कर रही हूँ!"
अयान ने चम्मच उठाई और शांति से बोले, "ओह! वह बात... हाँ, हाँ, याद आया! मैंने कहा था कि कल कॉलेज में तैयार रहना, है ना?"
रिया की आँखें उन पर टिकी थीं। "तो?"
अयान ने उसकी तरफ झुककर कहा—
"तो बस... तैयार रहना!"
रिया का दिल एक बार फिर तेज़ धड़कने लगा।
"यह सच में कुछ करने वाले हैं, या फिर बस खेल रहे हैं?"
अयान खाना खत्म करते ही बिना कुछ कहे अपने कमरे की तरफ बढ़ गया। उसके चेहरे पर वही शांति थी, वही रहस्यमयी मुस्कान, जिसने रिया को और उलझा दिया था।
"तो बस... तैयार रहना!"
उसकी आवाज़ अब भी रिया के कानों में गूंज रही थी।
रिया ने गहरी साँस ली और खुद को शांत करने की कोशिश की। वह जल्दी से अपने कमरे में गई और सीधे अपनी स्टडी टेबल की तरफ बढ़ी।
"मुझे टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है... सब कुछ चेक कर लेती हूँ, कहीं कुछ छूटा तो नहीं?"
उसने अपनी कॉलेज डॉक्यूमेंट फाइल निकाली, एक-एक चीज़ ध्यान से देखने लगी।
अटेंडेंस शीट— पूरी।
असाइनमेंट फाइल्स— सब कुछ कम्प्लीट।
नोटबुक— कोई कमी नहीं।
प्रोजेक्ट रिपोर्ट— सही-सलामत।
रिया ने हर चीज़ दोबारा चेक की। "Everything is perfect! किसी भी प्रोफेसर को मुझसे कोई शिकायत नहीं हो सकती।"
उसने एक पल के लिए रुककर गहरी साँस ली।
"अगर सब कुछ कंप्लीट है, तो कोई मुझे कैसे परेशान कर सकता है?"
लेकिन फिर भी... बेचैनी उसके अंदर घर कर रही थी। अयान का चेहरा, उसकी बातें, उसकी आँखों की वह गहरी नज़र...
"क्या वह बस मुझे डराने के लिए बोल रहे थे? या फिर उनके दिमाग में सच में कुछ है?"
रिया ने अपने माथे पर हाथ फेरा और अपने बेड पर बैठ गई।
रात के 1 बज रहे थे, लेकिन नींद उससे कोसों दूर थी। वह कोशिश कर रही थी कि कुछ और सोचे, लेकिन अयान की बातें जैसे उसके दिमाग में घर कर गई थीं।
"अगर वह सच में कुछ करने वाले हैं, तो मुझे भी तैयार रहना होगा।"
उसने धीरे से अपनी आँखें बंद कीं, लेकिन अगले ही पल एक ख्याल आया—
"कल कॉलेज में ऐसा क्या होने वाला है जो उन्होंने पहले से कह दिया?"
एक अनजानी बेचैनी उसके दिल में दस्तक देने लगी थी।
सुबह का उजाला कमरे की खिड़की से अंदर आ चुका था। हल्की ठंडी हवा पर्दों को हल्के-हल्के हिला रही थी। चिड़ियों की चहचहाहट पूरे घर में गूंज रही थी, पर रिया के लिए ये सब बस बैकग्राउंड साउंड सा था। उसकी आँखें उनींदी थीं, लेकिन दिमाग जाग चुका था।
उसने धीरे से करवट बदली और अपनी अलार्म क्लॉक देखी। सुबह के आठ बज चुके थे।
"उठना तो पड़ेगा..." वह खुद से बड़बड़ाई। लेकिन अगले ही पल अयान की बात याद आ गई—
"कल कॉलेज में तैयार रहना!"
रिया के पूरे शरीर में एक सिहरन दौड़ गई।
"अगर मैंने कॉलेज ही नहीं गई तो?"
उसके होंठों पर हल्की-सी मुस्कान आ गई।
"हाँ! यही सही रहेगा! अगर मैं नहीं जाऊंगी, तो मुझे पता ही नहीं चलेगा कि अयान ने क्या प्लान किया है।"
वह जल्दी से उठी, चेहरा धोया, और बालों को एक रफ बन में बाँध लिया। कमरे से बाहर निकली तो हॉल में आर्या पहले से ही तैयार बैठी थी, और उसके हाथ में एक बड़ा सैंडविच था।
"गुड मॉर्निंग, मैडम!" आर्या ने मुस्कुराकर कहा। "तू इतनी लेट क्यों उठी?"
रिया ने जानबूझकर थकी हुई आवाज़ में कहा, "आज ना सिर दर्द हो रहा है, कॉलेज नहीं जा पाऊंगी।"
आर्या का सैंडविच खाने वाला हाथ वहीं रुक गया।
"क्या???"
"हाँ यार, बहुत ज्यादा सिर दर्द है।" रिया ने आँखें मिचकाकर कहा।
वहीं अयान बिल्कुल सामान्य था; वह चुपचाप अपना नाश्ता कर रहा था। दादी ने उसकी बात सुनकर कहा, "बेटा, तुम ठीक हो ना? कहो, तुम्हें डॉक्टर को कॉल करती हूँ।"
रिया ने तुरंत, "नहीं नहीं दादी, इसकी कोई ज़रूरत नहीं है। मैं ठीक हूँ, बस आज रेस्ट कर लूंगी तो सही हो जाऊँगी," कहा।
"सच बोल रही है या फिर..." आर्या ने उसकी आँखों में गहराई से देखा, "कोई और बात है?"
"अबे! मैं सिर दर्द झूठ में थोड़ी बोलूँगी?" रिया ने एक्टिंग करते हुए अपने माथे पर हाथ रख लिया।
आर्या ने गहरी साँस ली, "ठीक है, मत चल, लेकिन मुझे अजीब लग रहा है।"
रिया ने सिर हिलाया, "मुझे भी..."
दोपहर का वक्त – हल्का-फुल्का मनोरंजन
आर्या के कॉलेज जाने के बाद रिया पूरे घर में बोर हो रही थी।
"अब क्या करूँ?"
उसने टीवी ऑन किया— कोई रोमांटिक ड्रामा चल रहा था। हीरो-हीरोइन बारिश में भीगकर एक-दूसरे को घूर रहे थे।
"हाय! लाइफ में रोमांस तो होना चाहिए!" रिया ने डायलॉग की नकल करते हुए कहा, "लेकिन मेरी लाइफ में रोमांस छोड़ो, यहाँ तो एक पागल इंसान मेरा जीना हराम कर रहा है!"
रिया ने तुरंत टीवी बंद किया।
फिर उसने अपना फोन उठाया और इंस्टाग्राम स्क्रॉल करने लगी। अचानक उसकी नज़र एक फनी वीडियो पर पड़ी—
एक लड़की गुस्से में अपने बॉयफ्रेंड से कह रही थी, "तुम मुझसे प्यार करते हो या नहीं?"
लड़का शरारती स्माइल के साथ बोला, "अभी बताता हूँ!"
और अगले ही पल वह लड़की को गोद में उठा लेता है।
रिया ने ठहाका लगाया, "काश! कोई मुझे भी ऐसे उठाता!" फिर अगले ही पल उसे अयान का चेहरा याद आ गया।
उसकी हँसी वहीं रुक गई।
"ना बाबा ना! ये सोच भी नहीं सकती!"
तभी किचन से एक आवाज़ आई।
"रिया! तू क्या खाना खाएगी?"
रिया ने लापरवाही से जवाब दिया, "मुझे कुछ भी बना दो!"
"कुछ भी?" आर्या की आवाज़ आई, "फिर बाद में मत कहना कि खाना पसंद नहीं आया!"
रिया हँसी और किचन की तरफ बढ़ गई।
", प्लीज़ कुछ अच्छा बना दो ना! वैसे भी आज मैं घर पर बोर हो रही हूँ!"
दादी ने पूछा, "तो कॉलेज क्यों नहीं गई?"
"सिर दर्द था।"
"सच में या बहाना?"
रिया ने आँखें घुमा लीं, "दादी! आपको भी शक हो रहा है?"
"बिलकुल! क्योंकि तुम्हारा चेहरा तो एकदम नॉर्मल लग रहा है।"
रिया ने तुरंत अपनी आँखें हल्की बंद कर लीं और आह भरते हुए कहा, "दादी, देखो, कितना दर्द हो रहा है! हाय, हाय!"
शाम का वक्त
शाम का वक्त हो गया था, लेकिन रिया अभी भी अपने कमरे में ही थी। पूरे दिन घर पर रहकर वह इतनी बोर हो चुकी थी कि अब उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था।
"क्यों नहीं गई मैं कॉलेज?" उसने खुद से बड़बड़ाते हुए तकिए पर सिर मारा।
तभी दरवाजे की घंटी बजी।
"लगता है सब लोग आ गए..." वह बेमन से उठी और बाहर निकली।
ड्राइंग रूम में आते ही उसने देखा, दादी आराम से सोफे पर बैठी थीं, और अयान फोन में बिजी था।
"अब कैसी तबीयत है बेटा?" दादी ने रिया को देखते ही पूछा।
रिया ने मासूम चेहरा बनाते हुए कहा, "अब ठीक लग रहा है, दादी!"
"अच्छा? लेकिन सुबह तो ऐसे ड्रामा कर रही थी जैसे ICU में भर्ती होनी पड़ी हो!" अयान ने फोन से नज़र हटाए बिना तंज कसा।
रिया ने उसे घूरा, "हाँ हाँ! आपको तो बस मुझे टॉर्चर करने का बहाना चाहिए!"
अयान ने बिना देखे ही कंधे उचका दिए, "टॉर्चर? मैं तो बस सच बोल रहा हूँ। वैसे तुम कॉलेज नहीं गईं, ये सुनकर कुछ लोग बहुत निराश होंगे!"
रिया ने भौंहें चढ़ाईं, "कौन लोग?"
अयान ने रहस्यमयी स्माइल दी, "समझदार को इशारा ही काफी होता है!"
रिया को समझ आ गया था कि वह अयान की बातों में न फंसे, इसलिए उसने बात पलट दी। "आर्या कहाँ है? वह अभी तक घर क्यों नहीं आई?"
"पता नहीं," अयान ने कंधे उचकाए और फिर से फोन में घुस गया।
रिया ने झट से फोन उठाया और आर्या को कॉल लगा दी।
आर्या – ऑन कॉल
"हैलो मैडम! बड़ी जल्दी याद आ गई मेरी?" आर्या की आवाज में हल्की मस्ती थी।
"हाँ! तू कहाँ है? अभी तक घर क्यों नहीं आई?"
"ओह! मैं तुझे कॉल करने ही वाली थी!"
"क्यों? सब ठीक तो है ना?"
"हाँ हाँ, पर तू यकीन नहीं करेगी! यहाँ पार्टी चल रही है!"
"पार्टी?" रिया ने चौंककर पूछा। "अचानक से?"
"हाँ! मुझे भी नहीं पता था, मैं तो क्लास के बाद निकल ही रही थी कि तभी पता चला कि पार्टी है! और तू सुन... तू भी आ जा!"
रिया ने भौंचक्के होकर कहा, "क्या? अभी?"
"हाँ! और सुन, जल्दी से अपना ब्लैक वाला ड्रेस पहन के आ, जो तूने पिछली बार खरीदा था!"
रिया ने झट से अपने वॉर्डरोब की तरफ देखा, जहाँ वह ड्रेस हैंगर पर टंगा था।
"पर... अयान तो घर आ चुका है, इसका मतलब पार्टी से उसका कोई लेना-देना नहीं है..."
"तू ज्यादा मत सोच, जल्दी से तैयार होके आ! मैं वेट कर रही हूँ!"
कॉल कट चुकी थी, लेकिन रिया अब भी सोच में डूबी हुई थी।
"जाना चाहिए या नहीं?"
फिर उसने अपने कमरे में रखे शीशे में खुद को देखा।
"अगर गई, तो बेस्ट दिखना चाहिए!"
उसने तुरंत ड्रेस निकाला— एक ब्लैक बॉडीकॉन ड्रेस, जिसमें साइड से हाई स्लिट था, और बैक डीप कट में था। उसे याद आया कि जब उसने इसे खरीदा था, तब आर्या ने ही कहा था, "तू इस ड्रेस में बवाल लगेगी!"
रिया ने हल्की मुस्कान के साथ ड्रेस पहना। ड्रेस पूरी तरह उसकी बॉडी को कॉम्प्लिमेंट कर रहा था। उसने बालों को हल्का कर्ल किया और सॉफ्ट वेवी लुक दिया। आँखों पर स्मोकी आई मेकअप, और होंठों पर डीप रेड लिपस्टिक।
अब बस फुटवियर बचा था। उसने अपने ब्लैक स्ट्रैपी हील्स निकाले और पहन लिए।
आखिर में खुद को शीशे में देख उसने एक फ्लाइंग किस खुद को दी।
"रिया, तू फुल ऑन फायर लग रही है!" उसने खुद से कहा और पर्स उठाकर बाहर निकली।
जैसे ही वह हॉल में आई, अयान ने उसे देखा और उसकी भौंहें हल्की ऊपर उठ गईं।
"ओह! तो तुम सिर दर्द में ऐसे तैयार होती हो?"
रिया ने एक नकली स्माइल दी, "क्या करूँ, दर्द में भी स्टाइल मारना आता है!"
अयान ने हल्का हँसते हुए कहा, "कहाँ जा रही हो?"
रिया उसकी बात सुनकर बोली,
"कहीं भी! और आपसे मतलब?"
अयान ने उसे सर से पैर तक देखा, फिर रहस्यमयी अंदाज़ में बोला, "कुछ नहीं... बस वैसे ही पूछा!"
रिया को उसका यह लुक हमेशा संदिग्ध लगता था। लेकिन उसने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और दरवाज़ा खोलकर बाहर निकल गई।
रिया के कदम कॉलेज के गेट पर रुक गए। चारों ओर संगीत की तेज धुन गूंज रही थी। पार्टी का पूरा माहौल तैयार था, और कैंपस रंग-बिरंगी लाइट्स से जगमगा रहा था। यह किसी आम कॉलेज पार्टी जैसा नहीं लग रहा था, बल्कि किसी उच्च-स्तरीय आयोजन जैसा था।
"यार! यह कोई छोटी-मोटी पार्टी नहीं लग रही।" रिया ने आर्या की ओर देखा।
"अबे! मुझे क्या पता? मैं भी बस यहाँ आई और यह माहौल देखा!" आर्या ने कंधे उचका दिए।
रिया का माथा चिकना हुआ, "किसने आयोजित की है?"
आर्या ने मासूमियत से उत्तर दिया, "बताना, मुझे खुद नहीं पता था!"
तभी अचानक चारों ओर की लाइट्स मंद हो गईं। संगीत बंद हो गया। और फिर, स्टेज पर एक दमदार आवाज़ गूंजी—
"लेडीज़ एंड जेंटलमेन!"
हर किसी की नज़र स्टेज पर चली गई। रिया की साँस अटक गई जब उसने देखा— स्टेज पर कोई और नहीं, बल्कि अयान खड़ा था! 41 साल का सबसे हैंडसम बैचलर! वह इंसान, जिसने आज तक किसी को अपने करीब नहीं आने दिया... जिसे अब तक हर लड़की ने दूर और अस्पृश्य माना था... और जो हमेशा ठंडे अंदाज में रहकर लोगों से दूरी बनाए रखता था... आज वह पार्टी होस्ट कर रहा था??
रिया के दिमाग में सवालों का सैलाब आ गया। अयान ने माइक उठाया और उसकी आँखें सीधे रिया से टकरा गईं।
"आज की रात सिर्फ एक इंसान के लिए ख़ास है!"
फिर उसने सीधा रिया की ओर इशारा किया—
"रिया!"
पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। रिया का चेहरा पीला पड़ गया।
"यह क्या हो रहा है?" उसने धीमे से खुद से बड़बड़ाया।
अयान धीरे-धीरे स्टेज से नीचे आया और उसके पास पहुँचा। उसकी आँखों में वही जानलेवा ठहराव था, जो किसी को भी डरा सकता था।
"रिया, क्या तुमने सोचा था कि तुम मुझसे बच जाओगी?"
"तुम... तुमने यह सब योजना बनाई?" रिया की आवाज़ कांप गई।
अयान के होंठों पर हल्की सी मुस्कान आई, लेकिन उसकी आँखें एकदम गहरी थीं।
"बिलकुल!"
रिया का गला सूख गया।
"पर क्यों??"
अयान ने कोई जवाब नहीं दिया। वह बस उसकी ओर बढ़ा, इतना करीब कि रिया को उसकी गर्म साँसें अपने चेहरे पर महसूस हुईं। उसके आसपास खड़े लोग फुसफुसाने लगे—
"अयान सर और किसी लड़की के इतने करीब?? नामुमकिन!"
"आज तो इतिहास बन गया!"
आर्या, जो अब तक दृश्य देख रही थी, पूरी तरह से सदमे में थी!
"रुक रुक रुक... यह मेरा वहम है या सच में मेरे चाचू मेरी बेस्ट फ्रेंड के इतने करीब खड़े हैं?" उसने झटके से अपनी आँखें मलीं, लेकिन जो हो रहा था, वह हकीकत थी!
"हे भगवान! यह क्या देख रही हूँ मैं? मेरा चाचू... और रिया??"
रिया ने घबराकर पीछे हटना चाहा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी— अयान ने सबके सामने रिया की कमर पकड़ी और एक झटके में उसे अपने करीब खींच लिया! पूरा हॉल एकदम सन्नाटा छा गया! आर्या की आँखें इतनी चौड़ी हो गईं कि ऐसा लगा अभी बाहर गिर जाएंगी।
"ना ना ना... यह गलत हो रहा है... प्लीज़ कोई इसे रोको!" उसने अपने सिर पर हाथ मारते हुए बड़बड़ाया।
और फिर... अयान ने सबके सामने झुककर रिया के माथे पर एक कोमल परन्तु अधिकारसूचक चुम्बन कर दिया!
"ओह माय गॉड!!"
पूरा कॉलेज सदमे में था! तालियों और सीटियों की आवाज़ें गूंज उठीं। रिया पूरी तरह जमी खड़ी थी।
"तुम... तुमने सबके सामने यह किया??" उसकी आवाज़ काँप रही थी।
अयान ने हल्की हँसी के साथ कहा, "तुम्हें बुरा लग रहा है?"
रिया की आँखों में आग जल उठी, "यह बहुत गलत था!"
अयान ने ठंडे अंदाज में कहा, "गलत? लेकिन यह पार्टी मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए रखी थी... तुम्हें ख़ास महसूस कराने के लिए।"
"ख़ास?? तुमने मेरी बेइज़्ज़ती कर दी!"
अयान ने सिर झुकाकर धीरे से फुसफुसाया, "बेइज़्ज़ती? या फिर कुछ और?"
"रुक ज़रा! स्टॉप!" सबसे तेज आवाज़ आर्या की आई। वह गुस्से में आग-बबूला होती हुई दोनों के बीच कूद पड़ी।
"रिया, तुझे कोई समस्या है?" उसने गुस्से से पूछा।
रिया का चेहरा शर्म और गुस्से से लाल था। "हाँ! समस्या है!"
आर्या ने तुरंत अयान की ओर देखा, "चाचू! आपको क्या हो गया है?? यह क्या था???"
अयान ने उसे एक ठंडा लेकिन जानलेवा लुक दिया, "आर्या... तुम्हें पार्टी एन्जॉय करनी चाहिए थी, न कि यह सवाल पूछने चाहिए।"
आर्या ने अपना सिर पकड़ लिया, "हे भगवान! मेरा चाचू रोमांटिक हो गया है! यह दुनिया ख़त्म होने वाली है!"
लेकिन फिर उसने रिया को देखा, जो पूरी तरह सदमे में थी।
"रिया... तू ठीक है?"
रिया ने आँखें घुमा लीं, "मुझे यहाँ से बाहर निकलना है!"
लेकिन अयान ने उसका हाथ पकड़ लिया, "अभी नहीं। पार्टी तो अभी शुरू हुई है!"
अब सवाल यह था— रिया इस सार्वजनिक अपमान का बदला कैसे लेगी? ...और आर्या इस भ्रम से कैसे बाहर निकलेगी कि उसकी बेस्ट फ्रेंड और उसके चाचू के बीच यह सब क्या चल रहा है??
जब सच कड़वा हो...
रिया का दिमाग घूम गया था। पूरे कॉलेज के सामने उसे ऐसे पकड़ना, माथे पर किस करना—यह सब उसके लिए किसी बुरे सपने जैसा था। वह जल्दी से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी, लेकिन अयान की पकड़ दृढ़ थी।
"अयान! मेरा हाथ छोड़ो!" रिया ने गुस्से से कहा।
अयान ने बिना हिले उसे सीधा आँखों में देखा। "इतनी जल्दी हार मान ली?"
रिया के दिमाग में गुस्से का लावा फूटने लगा। "हार? तुम यह सब सोच भी कैसे सकते हो?"
अयान हल्के से मुस्कुराया, "क्यों? अच्छा नहीं लगा?"
"शट अप!" रिया ने गुस्से से पैर पटका और झटके से हाथ छुड़ाया। "तुमने मेरी बेइज़्ज़ती कर दी! पूरे कॉलेज के सामने!"
अयान ने जेब में हाथ डालते हुए हल्की हँसी के साथ कहा, "बेइज़्ज़ती? या फिर सच्चाई?"
रिया पूरी तरह कांप रही थी—गुस्से से, शर्म से, और उस अजीब सी कश्मकश से, जो वह समझ नहीं पा रही थी।
"चाचू!!!" आर्या का सदमा अभी तक ख़त्म नहीं हुआ था। "आपको क्या हो गया है? मतलब, सच में??"
अयान ने एक नज़र आर्या की ओर देखा और मुस्कुरा दिया। "डोंट ओवररिएक्ट, आर्या।"
"ओवररिएक्ट? सीरियसली?" आर्या ने आँखें चौड़ी कर लीं। "आपने मेरे सामने मेरी बेस्ट फ्रेंड को पब्लिकली—"
वह खुद बोलते-बोलते शरमा गई। अयान अब बिल्कुल रिलैक्स था। उसने हल्के से सिर झुका के रिया से कहा, "तुम्हें तो पता था ना कि यह पार्टी मैंने तुम्हारे लिए रखी थी?"
"नहीं! मुझे नहीं पता था!" रिया लगभग चिल्लाई।
"अब पता चल गया।" अयान की आवाज़ एकदम शांत थी।
"और तुम्हें क्या लगा? मैं इस बवाल के बाद यहाँ रुकूँगी?" रिया अब उससे दूर हटने लगी।
अयान ने कोई जवाब नहीं दिया। बस एक हल्की सी मुस्कान दी।
"रिया, चल यहाँ से।" आर्या ने उसका हाथ पकड़कर खींचा। "हमें बात करने की ज़रूरत है!"
लेकिन जैसे ही दोनों मुड़ीं, माइक की आवाज़ फिर गूंजी—
"लेट्स डांस!"
और फिर संगीत बज उठा। अचानक कॉलेज के सारे कपल्स डांस फ्लोर पर आने लगे। माहौल फिर से हल्का हो गया। लेकिन रिया और आर्या के लिए... माहौल बिल्कुल विपरीत था।
"क्या यह सब प्रैंक था?" आर्या फुसफुसाई।
रिया का चेहरा कठोर हो गया, "अगर यह प्रैंक था तो बहुत ख़राब था!"
"रिया, तुमने कुछ नोटिस किया?"
"क्या?"
"सब लड़कियों की नज़रें अब भी अयान चाचू पर टिकी हैं... लेकिन पहली बार, वह सिर्फ तुम्हें देख रहे हैं।"
रिया का दिल एक सेकेंड के लिए रुक गया। उसने धीरे से पीछे मुड़कर देखा— और सच में, अयान अब भी सिर्फ उसे देख रहा था। रिया का पूरा बदन ठंडा पड़ गया।
"यह लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई..." उसने खुद से कहा।
"अगर अयान सोचे कि वह इस बवाल के बाद बच जाएगा, तो उसे नहीं पता कि वह किससे टकराया है!"
लेकिन वह यह नहीं जानती थी कि अयान की अगली चाल अभी बाकी थी...
"ये लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई..." उसने खुद से कहा।
"अगर अयान सोचे कि वो इस बवाल के बाद बच जाएगा, तो उसे नहीं पता कि वो किससे टकराया है!"
लेकिन वो ये नहीं जानती थी कि अयान की अगली चाल अभी बाकी थी।
रिया का पूरा दिमाग घूम रहा था। उसने खुद को इस हालत में लाने के लिए अयान को मन ही मन हजारों गालियाँ दे डालीं। "इतनी आसानी से तुम्हारी चाल में नहीं फँसने वाली, मिस्टर अयान! जो तुमने मेरे साथ किया है, उसका बदला तो मैं लूँगी… लेकिन पहले यहाँ से निकल जाऊँ!"
रिया ने इधर-उधर देखा। म्यूजिक अब फिर से तेज़ हो गया था, और डांस फ्लोर पर लोग झूम रहे थे। अयान भीड़ में सबसे अलग खड़ा था—सूट में, अपनी कलाई की घड़ी पर नज़र डालते हुए। लेकिन रिया जानती थी कि वो अभी भी उसे ही देख रहा था। उसकी निगाहों में वही अजीब सा अधिकार था, जिससे रिया को चिढ़ होती थी।
"स्टेयरिंग कॉन्टेस्ट जीतने का कोई अवॉर्ड नहीं मिलेगा, मिस्टर अयान!" रिया ने गुस्से में सोचा। उसने लंबी सांस ली और अपना अगला कदम प्लान किया।
"आर्या, मैं वॉशरूम जा रही हूँ!" रिया ने झटपट कहा।
आर्या ने उसे अजीब नज़रों से देखा। "अभी?? तू सीरियस है? तू अभी-अभी पूरे कॉलेज के सामने स्कैंडल का हिस्सा बनी है, और तुझे बाथरूम जाना है??"
रिया ने झटके से सिर हिलाया। "हाँ, बहुत अर्जेंट है!"
आर्या ने आँखें घुमा लीं। "जा, लेकिन जल्दी आना! मुझे अकेला मत छोड़!"
रिया ने सिर हिलाया और तेज़ी से वॉशरूम की तरफ बढ़ गई। उसने ध्यान नहीं दिया कि उसके जाते ही अयान ने हल्की मुस्कान के साथ सिर उठाया था।
रिया अंदर पहुँची और सबसे पहले दरवाज़ा लॉक किया। उसने गहरी साँस ली और आईने में खुद को देखा। उसका चेहरा अब भी गुस्से से लाल था।
"आई स्वेयर, अयान! तुम्हारी इस पब्लिकली बेइज्जती का बदला मैं बहुत ही जबरदस्त तरीके से लूँगी!"
लेकिन अभी के लिए, उसे यहाँ से निकलना था। उसने खिड़कियाँ देखनी शुरू कीं। एक छोटी सी खिड़की ऊपर दिखी। "बिंगो!"
खिड़की तक पहुँचने के लिए उसे वॉशबेसिन पर चढ़ना था। उसने पहले अपने स्टिलेटोज़ उतारकर कोने में रखे और फिर धीरे-धीरे चढ़ने लगी।
"बस थोड़ा और..."
वो किसी तरह खिड़की के पास पहुँची और उचककर ऊपर जाने लगी। उसने बाहर झाँका—नीचे घास थी। ज़्यादा ऊँचाई नहीं थी, कूद सकती थी!
"रिया, तुम एक जीनियस हो!"
लेकिन जैसे ही उसने खुद को और ऊपर खींचा…
"धड़ाम!!"
मिशन फेल! रिया फँस गई!
रिया की एक टांग बाहर थी और दूसरी अंदर! उसकी कमर खिड़की में अटक चुकी थी!
"हे भगवान! ये क्या हो गया?" उसने हाथ-पैर हिलाने की कोशिश की, लेकिन वो पूरी तरह से फँस गई थी!
"नहीं नहीं, ये मेरे साथ ही क्यों होता है?" रिया बुरी तरह छटपटा रही थी।
"कोई है?? हेल्प!!" लेकिन पार्टी का म्यूजिक इतना तेज़ था कि उसकी आवाज़ किसी तक पहुँची ही नहीं।
"अब मैं क्या करूँ?"
वो खुद को बाहर धकेलने की कोशिश कर ही रही थी कि तभी...
"इंट्रेस्टिंग।"
उसकी पूरी बॉडी फ्रीज़ हो गई।
ये आवाज़…
अयान!
रिया की साँस रुक गई। उसने धीरे से ऊपर देखा, और जो देखा, उसके होश उड़ गए।
अयान बाहर खिड़की के पास खड़ा था!
उसने अपनी बाँहें सीने पर मोड़ी हुई थीं, हल्की मुस्कान उसके चेहरे पर थी, और उसकी आँखों में वही जानलेवा ठहराव था।
"क्या कर रही हो, रिया?" उसकी आवाज़ बिल्कुल ठंडी थी, लेकिन उसमें एक मज़ाकिया लहजा था।
रिया ने घूरते हुए कहा, "आप यहाँ क्या कर रहे हो??"
अयान ने एक भौं ऊपर उठाई। "बिलकुल वही सवाल मैं तुमसे भी पूछ सकता हूँ।"
रिया ने तेज़ी से खुद को छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन वो और बुरी तरह फँस गई।
"प्लीज़ मेरी मदद करो!" रिया ने मजबूर होकर कहा।
अयान हल्का सा झुका, जैसे उसकी बात पर गौर कर रहा हो। "तो, तुम्हें मेरी ज़रूरत है?"
रिया ने गुस्से में मुँह घुमा लिया। "नहीं! मैं खुद कर लूँगी!"
"शायद? लेकिन तुमने अभी तक किया तो नहीं?"
रिया ने उसे घूरा। "अयान आप, ज़्यादा स्मार्ट मत बनो! प्लीज़ मुझे यहाँ से निकालो!"
अयान ने हल्की मुस्कान दी, फिर उसने अपने हाथ बढ़ाए और उसकी कमर को पकड़कर धीरे से खींचा।
रिया को अजीब सा महसूस हुआ। लेकिन वो कुछ कह पाती, इससे पहले...
"धड़ाम!"
अचानक उसका बैलेंस बिगड़ गया और वो सीधा नीचे गिर गई—अयान के ऊपर!
"उफ्फ!"
अयान ज़मीन पर गिरा और रिया उसके ऊपर थी।
दोनों की आँखें मिलीं। रिया के बाल अयान के चेहरे पर गिर गए थे।
रिया का दिल तेज़ी से धड़कने लगा।
रिया और अयान – खिड़की से गिरते… दिलों में उतरते
रिया की साँसें अब भी तेज़ थीं। वो झटपट उठने की कोशिश करने लगी, लेकिन अयान ने उसे जाने नहीं दिया। अगले ही पल, उसने एक झटके में उसे नीचे कर दिया, खुद उसके ऊपर आ गया।
"अयान!" रिया की आँखें चौड़ी हो गईं।
"शश्श... हिलोगी तो फिर गिर जाओगी," अयान ने उसके बालों को हल्के से पीछे करते हुए कहा, उसकी गहरी, ठहरी हुई आँखें अब रिया पर टिकी थीं।
रिया को लगा जैसे उसकी पूरी दुनिया रुक गई हो। उसकी साँसें अटक गई थीं, और जिस तरह से अयान का चेहरा उसके करीब था, उससे वो खुद को और ज़्यादा बेबस महसूस कर रही थी।
अयान की आँखों में एक अजीब सा इंटेंस लुक था, जैसे कुछ तय कर लिया हो।
फिर…
रिया कुछ समझ पाती, उससे पहले ही अयान ने धीरे से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
रिया का पूरा शरीर एक झटके में स्टिल हो गया। उसकी आँखें चौड़ी हो गईं, दिमाग सुन्न।
यह... यह क्या हो रहा था?
अयान उसके होठों को बहुत ही धीमी, लेकिन डोमिनेटिंग तरीके से चूम रहा था। शुरुआत में हल्का, जैसे उसे इस नए एहसास की आदत डाल रहा हो… और फिर… वो और गहरा हो गया।
रिया ने एक पल के लिए उसे खुद से दूर करने की कोशिश की। उसके हाथ अयान के सीने पर टिके थे, उसे पीछे धकेलने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन...
कुछ था जो उसे रोक रहा था।
शायद अयान की सॉफ्ट, लेकिन डिमांडिंग पकड़…
शायद उसकी वार्म ब्रेथ, जो उसके चेहरे से टकरा रही थी…
या शायद... वो तरीका, जिस तरह से अयान उसकी हर सांस को अपनी बना रहा था।
रिया का दिल बेतहाशा धड़क रहा था।
धीरे-धीरे, उसका विरोध कम होने लगा। उसकी उँगलियाँ, जो पहले उसे पीछे धकेल रही थीं, अब हल्के से उसकी शर्ट को पकड़ने लगीं।
अयान को महसूस हुआ।
उसकी पकड़ और मज़बूत हो गई, और उसने किस को और गहरा कर दिया। उसका एक हाथ रिया की कमर पर कस गया, उसे खुद के और करीब खींचते हुए।
रिया की साँसें अब तेज़ हो चुकी थीं। वो अब खुद को रोक नहीं पाई… उसकी आँखें धीरे-धीरे बंद हो गईं, और वो भी उस लम्हे में पूरी तरह खो गई।
अयान अब पूरी तरह से डोमिनेट कर रहा था। उसकी होंठों की हर हरकत में एक पज़ेसिव इंटेंसिटी थी, जैसे वो यह साबित करना चाहता हो कि रिया सिर्फ उसी की है।
रिया अब खुद को अयान के करीब महसूस कर रही थी, उसकी धड़कनों की गूँज अपने अंदर महसूस कर रही थी।
उसके हाथ अब अयान के बालों में चले गए थे, उसे और अपने करीब खींचते हुए।
किस अब और ज़्यादा डीपर और पैशनेट हो चुका था।
रिया को लग रहा था जैसे पूरा कमरा घूम रहा हो। वो भूल चुकी थी कि कुछ देर पहले वो इससे बचने की कोशिश कर रही थी।
अचानक, अयान ने हल्का सा ब्रेक लिया, लेकिन सिर्फ एक सेकंड के लिए। उसकी साँसें रिया की साँसों में मिली हुई थीं, और उसकी आँखें अब भी उसी की ओर टिकी थीं।
"अब भी भागने का मन है?" अयान की आवाज़ एक धीमे, डार्क लहजे में गूँजी।
रिया कुछ कह ही नहीं पाई। उसकी आँखें अब भी आधी बंद थीं, होंठ अब भी उसी एहसास में थे।
"क्योंकि अब… तुम्हें जाने देने का मन नहीं कर रहा," अयान ने फुसफुसाया, और फिर से झुककर उसके होठों को अपने होठों में कैद कर लिया… इस बार और ज़्यादा गहराई से।
रिया कुछ कह नहीं पाई। उसकी आँखें आधी बंद थीं, होंठ उसी एहसास में डूबे हुए थे।
"क्योंकि अब… तुम्हें जाने देने का मन नहीं कर रहा," अयान ने फुसफुसाया, और फिर झुककर उसके होठों को अपने होठों में कैद कर लिया… इस बार और ज्यादा गहराई से।
उनकी साँसें पहले ही एक-दूसरे में घुल चुकी थीं, धड़कनें बेकाबू हो रही थीं। गार्डन की ठंडी घास भी उनके जलते हुए जिस्मों को ठंडा नहीं कर पा रही थी।
रिया अब पूरी तरह से अयान की गिरफ्त में थी, नीचे घास पर दबी हुई, और अयान उसके ऊपर झुका हुआ, उसके होंठों पर अपनी भूख उतार रहा था। उसकी उँगलियाँ अयान के बालों में उलझी हुई थीं, और उसकी पकड़ मजबूत होती जा रही थी, जिससे अयान के चुम्बन और ज्यादा उग्र होते जा रहे थे।
अयान ने उसकी कमर को और कसकर पकड़ लिया, उसे अपनी तरफ खींचते हुए उसके जिस्म को पूरी तरह अपने नीचे दबा लिया। अब उनके बीच कोई दूरी नहीं बची थी, बस साँसें थीं जो एक-दूसरे में उतर रही थीं। रिया के होंठ हल्की-हल्की सिसकियाँ छोड़ने लगे थे, जो अयान को और पागल बना रही थीं।
उसने बिना कोई विराम लिए, रिया के होंठों को हल्का सा काटा, फिर उन्हें चूमते हुए उसकी गर्दन की ओर बढ़ गया। उसकी गरम साँसें रिया की त्वचा को छू रही थीं, और उसकी हल्की-सी सिसकी गार्डन में गूंज उठी। मगर यह सिसकी अयान के लिए किसी अलार्म की तरह काम कर गई। उसने बिना कोई मौका गँवाए, उसकी गर्दन पर अपने होंठ रख दिए, उसे अपनी पागलपंती में और ज्यादा डुबोते हुए।
रिया की उँगलियाँ अब उसकी शर्ट के कॉलर तक पहुँच चुकी थीं। उसने उसे कसकर पकड़ लिया, जैसे उसे अपने और करीब लाना चाहती हो। अयान उसकी हर हरकत को महसूस कर रहा था, और यह एहसास उसे और ज्यादा बेकाबू कर रहा था। उसने अपनी उँगलियों से रिया की जाँघों को हल्के से छुआ, जिससे वह और ज्यादा सिहर गई।
"अयान..." उसकी आवाज़ धीमी और कांपती हुई थी, जैसे अब उसके अंदर खुद को रोकने की कोई ताकत न बची हो।
अयान ने उसकी आँखों में झांकते हुए एक गहरी, दिलकश मुस्कान दी और उसके होंठों पर फिर से झुक गया, इस बार और ज्यादा पागलपन के साथ। उनकी गर्मी अब ठंडी हवा को भी झुलसा रही थी, और गार्डन का हर कोना उनकी बढ़ती दीवानगी का गवाह बन चुका था।
गीली घास पर रिया का नाज़ुक बदन उसकी मजबूत गिरफ्त में था। उसकी साँसें तेज़ हो चुकी थीं, होंठ अब भी अयान के होंठों में उलझे हुए थे, और उसकी उंगलियाँ अयान के घने बालों में समा चुकी थीं। वे दोनों इस कदर खो चुके थे कि दुनिया का कोई शोर अब उन्हें सुनाई नहीं दे रहा था।
लेकिन तभी—
"रिया! रिया! तू अंदर ही है ना?"
आर्या की तेज़ आवाज़ गार्डन में गूँज उठी। वह बाथरूम का दरवाज़ा पीट रही थी और उसकी आवाज़ पीछे गार्डन तक पहुँच रही थी।
रिया की आँखें झटके से खुलीं। दिल इतनी ज़ोर से धड़क रहा था कि जैसे अभी छलांग लगाकर बाहर आ जाएगा। एक सेकंड के लिए तो उसका दिमाग सुन्न पड़ गया।
"शिट!"
उसने तुरंत उसे धकेलने की कोशिश की, लेकिन अयान की पकड़ अब भी उतनी ही मजबूत थी। उसकी उंगलियाँ रिया की कमर पर कस चुकी थीं, जैसे उसे छोड़ने का कोई इरादा ही न हो।
"प्लीज़, हटिए! कोई देख लेगा!" रिया की आवाज़ अब भी फुसफुसाहट से भरी थी, लेकिन उसमें एक घबराहट भी थी।
अयान ने हल्की मुस्कान के साथ उसकी आँखों में झाँका और धीरे से कहा—
"तो?"
"तो?" रिया का दिल गले में अटक गया।
"देख लेंगे तो कह दूँगा... एक नादान लड़की इस हॉट और हैंडसम बुज़ुर्ग के इश्क में पड़ गई।" अयान ने अपनी भारी आवाज़ में कहा, उसके होंठों पर एक खतरनाक मुस्कान थी।
"!बुज़ुर्ग?" रिया को गुस्सा भी आया और शर्म भी।
वो फिर से खुद को छुड़ाने लगी, मगर उसकी मजबूत गिरफ्त के आगे उसकी नाज़ुक कलाइयाँ बेबस थीं।
"प्लीज़, कोई आ जाएगा तो?"
"तो आने दो।" अयान ने ठंडी आवाज़ में कहा, "दुनिया क्या सोचेगी, उससे मुझे फर्क नहीं पड़ता... लेकिन तुम्हें पड़ता है?"
रिया एक पल के लिए चुप रह गई। वो अब भी उसकी गिरफ्त में थी, उसकी आँखों में उलझी हुई थी।
"छोड़िए मुझे!" रिया ने इस बार गुस्से में कहा और पूरी ताकत लगाकर उसे धक्का दिया।
अयान बैलेंस खोकर पीछे घास पर गिर पड़ा।
उसने नीचे से रिया को देखा, उसकी आँखों में एक अजीब-सा सुकून था, जैसे उसकी जल्दबाज़ी को वो पहले से ही समझ रहा हो।
वो खुद को सामान्य दिखाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन दिल की धड़कनें बेकाबू थीं। उसकी साँसें अब भी तेज़ थीं, होंठ अब भी हल्के से सूजे हुए थे, और जिस स्पर्श से वो भागकर आई थी, उसकी गर्मी अब भी उसके बदन पर थी।
"रिया! रिया!"
आर्या की तेज़ आवाज़ सुनकर उसकी हालत और खराब हो गई। उसने अपने बाल ठीक किए, झट से अपनी ड्रेस एडजस्ट की और लंबी साँस लेकर खुद को सँभालने की कोशिश की।
"तू यहाँ से क्यों आ रही है?" आर्या ने शक भरी नजरों से उसे घूरा। "तू तो बाथरूम में थी ना?"
रिया का दिमाग एकदम से सुन्न पड़ गया।
"ह.. हाँ!" उसने जल्दी से कहा, लेकिन उसकी आवाज़ हल्की-सी काँप रही थी। "वो मैं... बाथरूम में ही थी..."
आर्या ने भौंहें चढ़ाईं। "तो फिर यहाँ से क्यों आ रही है? पीछे वाले रास्ते से?"
रिया ने झट से जवाब बदला, "अरे... मैं बाथरूम में थी... पर थोड़ी देर के लिए बाहर चली गई थी।"
"बाहर? क्यों?"
रिया ने जबरदस्ती हँसने की कोशिश की, "बस... यूँ ही... थोड़ी हवा लेने!"
"हवा लेने?" आर्या का शक और बढ़ गया। "रिया, तू ठीक तो है?"
"हाँ हाँ, बिल्कुल! तू भी ना, हद करती है!" रिया ने अपनी हड़बड़ाहट छुपाने के लिए जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा, "अरे पार्टी में इतने लोग हैं, थोड़ी भीड़ से दूर जाने का मन हुआ तो बाहर चली गई!"
आर्या के चेहरे पर अब भी संदेह साफ झलक रहा था। उसने ध्यान से रिया के चेहरे को देखा—थोड़ी लाली, होंठ हल्के सूजे हुए, साँसें अब भी हल्की तेज़...
"तू झूठ बोल रही है।"
"अबे!" रिया ने जबरदस्ती हँसते हुए कहा, "झूठ क्यों बोलूँगी? तू सोचती बहुत ज्यादा है।"
"अच्छा? तो फिर तेरी ये हालत क्यों लग रही है जैसे तू अभी-अभी किसी से...?"
"ओह गॉड! बकवास मत कर!" रिया ने उसकी बाजू पकड़कर उसे दूसरी तरफ खींचा, "पार्टी एन्जॉय कर, जासूसी मत कर!"
आर्या ने उसे घूरते हुए कहा, "रिया, सच-सच बता! कहीं तू—"
"शटअप!" रिया ने बात काट दी, उसकी साँसें तेज़ थीं। "जो हुआ, उसे भूल जा... और प्लीज़, इस बारे में फिर कभी बात मत करना!"