एक लड़की रैना की कहानी, जिसके पापा को उसी के एक्स बॉयफ्रेंड रितिक ने गबन के झूठे इल्जाम में फंसाकर जेल भेज दिया और बदले में चाहता है कि रैना उसकी रखैल बन कर रहे। तो क्या रैना को रितिक की नाजायज मांग के सामने घुटने टेकने पड़ेंगे? क्या कोई ऐसा होगा जो... एक लड़की रैना की कहानी, जिसके पापा को उसी के एक्स बॉयफ्रेंड रितिक ने गबन के झूठे इल्जाम में फंसाकर जेल भेज दिया और बदले में चाहता है कि रैना उसकी रखैल बन कर रहे। तो क्या रैना को रितिक की नाजायज मांग के सामने घुटने टेकने पड़ेंगे? क्या कोई ऐसा होगा जो उसे रितिक के चंगुल से बचा पाए? जानने के लिए पढ़ते रहिए Trapped in Billeniors love..
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Ep 1
Ek Bhool
दिल्ली की सर्दी और ऊपर से चलने वाली तेज हवाएं मौसम को और भी खुशनुमा बना रही थी। इसी खूबसूरत मौसम में एक बहुत ही धीमी रोशनी वाले कमरे में एक लड़की एक हैंडसम आदमी को बहुत ही पैशनेटली किस कर रही थी।
यह लडकी थी रैना शर्मा.. बीस बाइस साल की खूबसूरत रैना कल तक बहुत ही खुश थी। वजह थी कि आज रात वह अपने प्यार अपने ब्वॉयफ्रेंड रितिक सक्सेना को प्रपोज करने वाली थी। इससे पहले कि रैना उसे प्रपोज करती उसे एक बहुत बड़ी न्यूज सुनने मिली।
आज रात ही उसके एक्स ब्वॉयफ्रेंड रितिक इंगेजमेंट अनाउंस हुई थी.. वह भी किसी और लड़की के साथ..
इस बात से रैना काफी दुखी थी। इतनी ज्यादा कि उसने बार में जाकर कुछ ज्यादा ही ड्रिंक कर ली। उसे किसी चीज का होश नहीं था। शराब के नशे और अजनबी आदमी के अट्रैक्शन में वह ना जाने कब और कैसे होटल के इस रूम तक पहुंच गई?
रैना को इस बात का सबसे ज्यादा गुस्सा था कि रितिक ने उसके साथ के 4 साल के रिलेशन के बावजूद उसे बड़ी ही आसानी से किसी अमीर लड़की के लिए छोड़ दिया। बस इसी चीज का गुस्सा उतारने और रितिक से उसी की जबान में बदला लेने के लिए वह यह सब कर रही थी।
कमरे का माहौल काफी इंटेंस हो चुका था। उन दोनों की केमिस्ट्री एक पैशनेट किस से काफी ज्यादा आगे बढ़ चुकी थी।
आदमी रैना के टॉप के बटन खोल ही रहा था कि तभी रैना उस आदमी के कंधे पर झुक गई और अनजाने में बडबडाते हुए बोली, “रितिक !!”
रैना के मुंह से किसी और आदमी का नाम सुनते ही उस अनजान आदमी के हाथ वहीं कि वहीं रुक गए। अचानक से कमरे का माहौल टेंस्ड हो गया और अगले ही पल लाइट्स ऑन हो गई।
तेज रोशनी की वजह से रैना की आंखें खुल नहीं पा रही थी। थोड़ी देर बाद जब उसकी आंखें तेज रोशनी में देखने के काबिल हुई तो उसने धीरे से अपनी आंखें खोलकर अपने सामने खड़े अजनबी का चेहरा साफ साफ देखा तो रैना की आंखें खुली कि खुली रह गई।
अचानक रैना के मुंह से निकला, "वर्चस्व !!"
यह आदमी वर्चस्व खुराना था… देश का सबसे बड़ा डिमांडिंग और सबसे ज्यादा अमीर एडवोकेट, लीगल फील्ड में वह कुछ ज्यादा ही फेमस नाम था। अगर वर्चस्व खुराना कोई केस अपने हाथ में लेता था तो दूसरे वकील केस से अपना हाथ खींच लेते थे। कोई भी उसके ऑपोजिट केस लडने की हिम्मत नहीं करता था। इसी बात से उसकी अमीरी का अंदाजा लगाया जा सकता था कि उसके नाम पर अनगिनत प्रॉपर्टीज थी जिनकी जानकारी ठीक से वर्चस्व को भी नहीं थी। लेकिन सबसे इंपोर्टेंट बात यह थी कि वह रितिक का होने वाला साला था। वही रितिक जिसने अभी अभी रैना को डंप किया था।
रैना को तुरंत होश आया। उसने अपनी आंखें बंद करके गहरी सांसें ली और अपने आप को नार्मल करने की कोशिश करने लगी। रैना को एक बात सबसे ज्यादा परेशान कर रही थी कि वह अभी अभी जिस आदमी के साथ रात गुजारने वाली थी, उसी की बहन की वजह से उसे डंप किया गया था।
वर्चस्व भी रैना से दूर सरक गया और कमरे की दीवार पर एक पैर रखकर दीवार के सहारे जाकर खड़ा हो गया। उसने गहरी नजरों से रैना को देखा और फिर अपनी सिगरेट सुलगा ली।
एक लंबा कश लेने के बाद उसने फिर से रैना को देखा और बहुत ही मजाकिया अंदाज में कहा, “इंटरेस्टिंग मिस शर्मा!”
रैना ने नजरें उठाकर वर्चस्व की तरफ देखा और अपने कपड़े ठीक करने लगी।
वर्चस्व ने अपनी सिगरेट की राख झाड़ी और मुस्कुराते हुए पूछा, “सो मिस शर्मा, जब तुम मुझे किस कर रही थी.. तब तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा था? कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम रितिक को जलाने के लिए मेरे साथ रात गुजारने तैयार हो गई?”
जाहिर था कि वर्चस्व रैना को पहचान चुका था। रैना भी अब यह प्रिटेंड नहीं करना चाहती थी कि वह इस आदमी को नहीं जानती। करती भी कैसे.. वर्चस्व बहुत ही ज्यादा फेमस था। नशे में होने की वजह से वह पहले उसे पहचान नहीं पाई थी।
रैना यह भी अच्छे से जानती थी कि वह इतने बड़े आदमी को नाराज नहीं कर सकती थी इसीलिए उसने अपना सर नीचे झुका लिया और धीमी आवाज में कहा, “आई एम सॉरी मिस्टर खुराना, आई वाॅज ड्रंक्ड!”
वर्चस्व सब कुछ समझ रहा था लेकिन उसने बात को लंबा नहीं खींचा। अपनी सिगरेट खत्म करने के बाद उसने अपनी बॉडी को स्ट्रेच किया और अपना कोट रैना की तरफ फेंकते हुए कहा, “इसे पहन लो, मैं तुम्हें ड्रॉप कर देता हूं!”
रैना ने कोट ले लिया और अपना सर हल्का सा झुकाते हुए कहा, “थैंक यू मिस्टर खुराना!”
वर्चस्व और रैना दोनों जल्दी ही होटल से बाहर आ गए। होटल की पार्किंग में वर्चस्व की बेंटले कार खड़ी थी। वर्चस्व ने एक जेंटलमैन की तरह कार का दरवाजा खोला और रैना को कार में बिठाकर दरवाजा बंद कर दिया और कार स्टार्ट करके रैना के घर की तरफ निकल गया।
पूरी जर्नी में इन दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई। रैना जरूर बीच बीच में चोर नजरों से उसकी तरफ देख रही थी। रैना ने नोटिस किया कि वर्चस्व का चेहरा काफी शानदार था। शार्प जॉ लाइन.. बाज के जैसी तेज आंखें.. परफेक्ट शेप वाली आईब्रोज और गुलाबी होंठ..
रैना काफी बारीकी से उसे ऑब्जर्व कर रही थी। रैना को वर्चस्व की शर्ट का ब्रांड नेम तो पता नहीं चला था लेकिन यह बात तो पक्का थी कि उसकी शर्ट बहुत ही ज्यादा एक्सपेंसिव थी। रैना को भी इस बात का अंदाजा हो चुका था कि उसके बगल में बैठे आदमी के पीछे लड़कियों की लंबी लाइन लगी होगी।
वर्चस्व ने भी रैना को उसे चेक आउट करते देख लिया पर कुछ कहा नहीं..
कुछ देर की खामोशी के बाद वर्चस्व ने अपने डेस्टिनेशन के सामने कार रोक दी। उसने अपना सर घुमा कर देखा और कुछ पल के लिए रैना की पतली लंबी टांगों को घूरता रहा और आखिरकार उसने अपनी जेब से अपना विजिटिंग कार्ड निकाल कर रैना की तरफ बढ़ा दिया।
रैना अच्छे से जानती थी कि इसका क्या मतलब था? लेकिन वह सरप्राइज्ड थी कि वर्चस्व उसकी सच्चाई के बारे में सब कुछ जानते बूझते भी उसके साथ सोना चाहता था?
वर्चस्व काफी अट्रैक्टिव था इसीलिए अगर वर्चस्व आगे से किसी लड़की को अप्रोच करे तो कोई भी लड़की इनकार नहीं कर सकती थी लेकिन रैना कार्ड लेने में हिचकिचा रही थी। उसे लगा कि वर्चस्व जैसे बड़े आदमी से उलझना उसके लिए ठीक नहीं होगा।
रैना ने अपनी गर्दन नीचे झुकाते हुए धीमे से कहा, “मिस्टर खुराना, फ्यूचर में हम लोग ना ही मिलें तो ही बेहतर होगा!”
वर्चस्व ने बिना कोई एक्सप्रेशन दिए अपने कंधे उचका दिये। रैना काफी खूबसूरत थी लेकिन अगर उसे मिलने में इंटरेस्ट नहीं था तो वर्चस्व भी उसके साथ जबरदस्ती तो नहीं कर सकता था। इस तरह के रिश्ते, फ्लिंग्स सब म्युचुअल कंसर्न से ही तो बनते हैं।
वर्चस्व ने अपना विजिटिंग कार्ड वापस अपनी जेब में रख लिया और कहा, “ओल्ड फैशन्ड होना तुम्हें सूट करता है, मिस शर्मा।”
वर्चस्व का कमेंट सुनकर रैना थोड़ी शर्मिंदा हो गई लेकिन इससे पहले कि वह कुछ बोल पाती वर्चस्व ने कार से उतरकर फिर से उसके लिए दरवाजा खोल दिया। रैना काफी सरप्राइज्ड थी। उसे यह सब कुछ सपने जैसा लग रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसके और वर्चस्व के बीच आज रात होटल रूम में कुछ भी नहीं हुआ था। उसके बावजूद वर्चस्व उसके साथ इतना अच्छे से बर्ताव क्यों कर रहा था?
वर्चस्व कार का दरवाजा खोलकर खड़ा था। जल्दी ही रैना को होश आया और वह कार से बाहर निकल कर खड़ी हो गई। वर्चस्व ने बिना कुछ कहे कार का दरवाजा बंद किया और चुपचाप अपनी सीट पर बैठकर कार लेकर तुरंत वहां से निकल गया।
रैना कन्फ्यूजन से वर्चस्व और उसकी जाती हुई कार को देख रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि कोई आदमी इतनी जल्दी इतना अलग कैसे बिहेव कर सकता था। रैना इस बारे में सोच ही रही थी कि उसी वक्त एक ठंडी हवा का झोंका आया, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी तक सिहर गई।
तभी रैना को एहसास हुआ कि उसने वर्चस्व का कोट तो वापस किया ही नहीं.. वह इस बात को लेकर काफी कंफ्यूजन में थी कि उसे कोट वापस करने के लिए वर्चस्व से मिलने की कोशिश करनी चाहिए या नहीं?
इससे पहले कि रैना इस बारे में कुछ डिसाइड कर पाती रैना का फोन रिंग करने लगा। रैना ने तुरंत ही फोन देखा तो कॉलर आईडी पर उसकी सौतेली मां इला का नंबर फ्लैश हो रहा था। फोन आंसर करते ही उसे सामने से इला की चिंता भरी आवाज सुनाई दी।
“रैना! बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो गई है। जितना जल्दी हो सके घर वापस आ जाओ!”
Ep 2
Disgusting Demand
रैना ने जब अपना फोन देखा तो कॉलर आईडी पर उसकी सौतेली मां इला का नंबर फ्लैश हो रहा था। फोन आंसर करते ही उसे सामने से इला की चिंता भरी आवाज सुनाई दी।
“रैना! बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो गई है। जितना जल्दी हो सके घर वापस आ जाओ!”
इला की घबराई हुई आवाज सुनते ही रैना टेंशन में आ गई। उसने पूछा, “क्या हुआ मम्मी, सब ठीक तो है?”
लेकिन इला इतनी ज्यादा घबराई हुई थी कि वह कुछ भी क्लियर नहीं बता पा रही थी।
इला ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा, “रैना, प्लीज जल्दी घर वापस आ जाओ। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा।”
इतना कहते हुए इला रोने लगी।
रैना ने जल्दबाजी से कहा, “आप चिंता मत कीजिए, मैं बस अभी आ रही हूं।”
रैना ने जल्दी से कॉल डिस्कनेक्ट की और तेजी से अपने घर की तरफ चल दी।
☆☆☆☆☆☆
जैसे ही उसने घर के अंदर कदम रखा, रैना ने देखा कि इला हैरान परेशान और घबराई हुई सी सोफे पर बैठी हुई थी। उसकी आंखें रो-रो कर सूज चुकी थी।
रैना ने घबराकर चारों तरफ देखा और टेंशन से पूछा, “क्या हुआ मम्मी, आप रो क्यों रहीं है? सब ठीक तो है ना? पापा कहां है?”
इला भले ही रैना की सौतेली मां थी लेकिन उन दोनों के बीच का रिश्ता देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वह दोनों सगी मां बेटी नहीं थी।
रैना के मुंह से अपने पति का जिक्र सुनते ही इला की रुलाई फूट पड़ी। रैना ने इला को शांत करवाया और उसे एक गिलास पानी पीने के लिए दिया।
कुछ देर बाद जब इला नॉर्मल हुई तब उसने कहा, “रैना बेटा, रितिक बहुत ज्यादा दुष्ट आदमी है। उसे इस बात की भी कदर नहीं है कि तुमने उसकी परेशानी में हमेशा उसका साथ दिया। जब उसकी कंपनी डूबने के कगार पर आ गई थी तब भी तुम उसके साथ खड़ी थी।”
इला इतनी ज्यादा परेशान थी कि उसने न जाने कहां की बातें शुरू कर दी।
रैना ने इला की पीठ सहलाते हुए बडी ही शान्ति से पूछा, “मम्मी, यह वक्त इन सब बातों का नहीं है। आप पहले यह बताइए कि अचानक ऐसा क्या हुआ जो आप इतना परेशान हो गईं?”
रैना की बात सुनते ही इला की आंखों में फिर से आंसू आ गए।
इला ने कहा, “उस आदमी ने तुम्हें ही नहीं छोड़ा बल्कि तुम्हारे पापा को भी जेल पहुंचा दिया है!”
इला के मुंह से यह सुनते ही रैना झटके से उठकर खड़ी हो गई। उसने अविश्वास से इला की तरफ देखा तो इला ने आगे कहा, “मैं सच बोल रही हूं। उस एहसान फरामोश लड़के की वजह से तुम्हारे पापा इस वक्त जेल में है। उन पर गबन का झूठा इल्ज़ाम लगाया गया है।”
“क्या?”
रैना को एक पल के लिए अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। उसने सवालिया नजरों से इला की तरफ देखा तो इला ने हां में अपना सर हिला दिया।
रैना टेंशन में यहां से वहां घूमने लगी। उसे एकदम से समझ नहीं आया कि वह क्या करे?
कुछ देर बाद रैना ने धीमी आवाज में कहा, “मैं रितिक से बात करती हूं!”
भले ही रैना और रितिक के बीच का रिश्ता टूट चुका था लेकिन उनके बीच का रिलेशन काफी लंबे वक्त चला था। रैना को इस बात का पूरा विश्वास था कि रितिक इतना ज्यादा बेरहम नहीं हो सकता।
रैना ने तुरंत ही पर्स से अपना फोन निकाला और रितिक का नंबर डायल कर दिया। जल्दी ही कॉल कनेक्ट भी हो गई। रितिक के कॉल आंसर करते ही रैना ने रिक्वेस्ट की।
“रितिक तुम मेरा गुस्सा मेरे पापा पर तो मत उतारो। अगर तुम्हें मुझसे कोई प्रॉब्लम है तो हम लोग बैठ कर बात कर सकते हैं।”
रैना रिक्वेस्ट कर रही थी, तभी उसे सामने से रितिक के ठहाके सुनाई दिए। रैना को एक पल के लिए अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी ऐसी सिचुएशन पर रितिक उसका मजाक उड़ाएगा।
रितिक ने कहा, “देखो यार, जो भी कुछ हुआ है, उसके लिए किसी के सर पर तो ब्लेम रखना ही था तो मुझे लगा कि इस काम के लिए तुम्हारे पापा से बेहतर और कौन हो सकता है।”
रैना रितिक की बेशर्मी पर हैरान थी। वह रितिक से रिक्वेस्ट करना चाहती थी लेकिन रितिक की बातों ने रैना को रुकने पर मजबूर कर दिया। रैना को समझ नहीं आया कि वह आगे क्या करें?
कुछ देर की खामोशी के बाद सामने से रितिक की आवाज सुनाई दी, “वैसे अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारे पापा को बाहर निकलवा सकता हूं।”
यह सुनते ही रैना की आंखों में खुशी की चमक दिखाई दी। इससे पहले कि वह इस बात पर खुश होती, रितिक की अगली बात ने उसके दिमाग का फ्यूज उड़ा दिया।
“उसके लिए बस तुम्हें 5 साल तक मेरी मिस्ट्रेस बनकर रहना होगा। अगर तुम तैयार हो तो मैं तुम्हारे पापा को आज ही छुड़वा दूंगा।”
रितिक की बेशर्मी भरी बात सुनते ही रैना का मुंह खुला का खुला रह गया। उसे इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि वह जिस लड़के से इतना ज्यादा प्यार करती थी, जिसके लिए उसने किसी चीज की परवाह नहीं की थी.. वह इतना बेशर्म और गिरा हुआ हो सकता था। वह रैना को ही नहीं बल्कि उसके सपनों की उड़ान और उसकी आत्मा सब कुछ अपनी कैद में रखना चाहता था।
रैना गुस्से से कांप उठी और चिल्लाते हुए बोली, “रितिक, अब तुम अपनी लिमिट्स क्रॉस कर रहे हो!”
रितिक ने बड़े ही मजाकिया अंदाज में जवाब दिया, “लिमिट्स, सीरियसली.. डार्लिंग तुम हमेशा से जानती थी कि मैं किस तरह का इंसान हूं। उसके बावजूद तुम मुझसे यह सब कह रही हो!”
रैना ने गुस्से से अपने दांत पीसते हुए कहा, “सॉरी मिस्टर सक्सेना, मैं तुम्हारे इस प्रपोजल को रिजेक्ट करती हूं। मुझे किसी आदमी की दूसरी औरत बनने का कोई शौक नहीं है।”
रैना की बात सुनते ही रितिक सीरियस हो गया और उसने रैना का मजाक उड़ाते हुए कहा, “तब तो बेहतर होगा कि तुम अपने पापा के लिए कोई अच्छा सा वकील ढूंढ लो क्योंकि उनकी गबन की गई रकम इतनी बड़ी है कि कम से कम 10 साल तो उन्हें जेल की चक्की पीसनी ही पड़ेगी।”
रैना ने तुरंत जवाब दिया, “मैं अपने पापा के लिए कंट्री का बेस्ट लॉयर अप्वॉइंट करूंगी!”
यह सुनते ही रितिक का घमंड भरा ठहाका सुनाई दिया।
रितिक ने मॉकिंग टोन में कहा, “तुम्हारा मतलब वर्चस्व से है.. तुम शायद भूल गई कि मैं उसकी बहन से शादी करने वाला हूं। उसके बावजूद तुम्हें लगता है.. वह तुम्हारी मदद करेगा?”
रैना को इतना जोर से गुस्सा आया कि उसने अपनी मुट्ठियां कस ली। उसका मन तो रितिक का मुंह तोड देने का कर रहा था पर वह इस वक्त बेबस थी। रैना के पास रितिक की बात का कोई जवाब नहीं था।
तभी रितिक ने मुस्कुराते हुए कहा, “रैना बेबी, मैं उस दिन का इंतजार करूंगा, जब तुम अपने पापा की जान की भीख मांगते हुए मेरे कदमों में पड़ी होंगी!”
रैना ने अचानक से फोन रख दिया। वह इससे ज्यादा इस गिरे हुए आदमी की बकवास नहीं झेल सकती थी।
इला जो अब तक चुपचाप बैठी हुई रितिक और रैना की बातें सुन रही थी, उसने गुस्से से कहा, “यह दुष्ट आदमी, इसके नीचे गिरने की कोई लिमिट ही नहीं है।”
इला ने आगे बढ़कर रैना के कंधे पर हाथ रखा और उसे दिलासा देते हुए कहा, “रैना बेटा, तुम चिंता मत करो। मैं और तुम्हारे पापा उसे तुम्हारे साथ कुछ गलत नहीं करने देंगे।”
गुस्से और बेबसी की वजह से इला की आंखों से फिर से आंसू बहने लगे।
उसने धीमी आवाज में कहा, “लेकिन वह बिल्कुल ठीक बोल रहा है। वर्चस्व खुराना की बहन रितिक से शादी करने वाली है। ऐसे में वह हमारी मदद क्यों करेंगे?”
रैना भी थोड़ी मायूस होने लगी थी।
तभी इला ने आगे कहा, “कोई बात नहीं रैना.. इस प्रॉब्लम का भी कोई ना कोई सॉल्यूशन तो जरूर होगा।”
रैना ने अपना सर नीचे झुका लिया और थोड़ी देर बाद उसने धीमी आवाज में कहा, “मैं एक बार मिस्टर खुराना से मिल चुकी हूं। मुझे वह काफी सुलझे हुए इंसान लगे। मैं उनसे बात करने की कोशिश करूंगी।”
इला ने अविश्वास भरी नजरों से रैना की तरफ देखा। वह एक बहुत ही समझदार स्त्री थी। इला ने नोटिस किया कि रैना के अंदर से अल्कोहल की स्मेल आ रही थी। उसने एक जेंट्स कोट पहना हुआ था। जिसे देखकर इला को सिचुएशन का थोड़ा अंदाजा तो हो गया था कि क्या हुआ होगा पर उसने इस बारे में रैना से कुछ नहीं पूछा।
पर एक बात तो तय थी कि इस बार रैना के लिए वर्चस्व से दोबारा मिलन आसान नहीं होगा।
Ep 3
Dusra Vakil Dhundh Lo
अगले दिन सुबह-सुबह रैना तैयार होकर वर्चस्व की लॉ फॉर्म पहुंच गई। वहां उसने रिसेप्शनिस्ट से वर्चस्व से मिलने की रिक्वेस्ट की लेकिन रिसेप्शनिस्ट ने बड़ी ही पॉलाइटली इनकार कर दिया, “सॉरी मैम, लेकिन आप उनसे बिना अपॉइंटमेंट नहीं मिल सकती।”
रैना ने अपने होंठ सिकोड़ लिये। उसे अफसोस हो रहा था कि कल रात उसने वर्चस्व से उसका विजिटिंग कार्ड क्यों नहीं लिया।
एक गहरी सांस लेने के बाद रैना ने पूछा, “मुझे कब का अपॉइंटमेंट मिल सकता है?”
रिसेप्शनिस्ट ने कंप्यूटर में कुछ चेक किया और फिर रैना की तरफ देखते हुए जवाब दिया, “एट लिस्ट 2 वीक.. उससे पहले पॉसिबल नहीें होगा।”
यह सुनते ही रैना का दिल जोरो से धड़क उठा। और तभी लिफ्ट का दरवाजा खुला और उसके अंदर से एक आदमी और एक लेडी बाहर निकले। यह आदमी वर्चस्व ही था। उसने ब्लैक कलर का एक लिमिटेड एडिशन बिजनेस सूट पहना हुआ था और वह इस वक्त सोसाइटी के सबसे पावरफुल और रिच एलीट लोगों के ग्रुप में से एक लग रहा था। उसके साथ जो लेडी थी, रैना उसे नहीं जानती थी। उसकी उम्र लगभग 30 के आसपास होगी। वह काफी अट्रैक्टिव और सेक्सी दिख रही थी।
वर्चस्व की नजरें जैसे ही रैना से मिली, उसने बड़ी ही आसानी से रैना को इग्नोर कर दिया। ऐसा लगा जैसे हो रैना को जानता ही नहीं था और अपने क्लाइंट को गेट तक सी ऑफ करने के लिए चला गया।
लेडी ने वर्चस्व से हाथ मिलाया और बड़े ही एटीट्यूड से कहा, “थैंक यू मिस्टर खुराना! अगर आप नहीं होते तो मेरा हस्बैंड एलिमनी में मुझे एक पैसा नहीं देता। आप सोच भी नहीं सकते कि जब से उसकी जिंदगी में वह दूसरी औरत आई है, उसने मेरी जिंदगी में क्या कुछ नहीं किया। उस आदमी ने मुझे पैसे पैसे को मोहताज कर दिया पर थैंक्स टू यू अब सब कुछ ठीक है।”
वर्चस्व ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “हम आप जैसे लोगों की मदद करने के लिए ही तो यहां है!”
उस लेडी ने वर्चस्व को ऊपर से नीचे तक गौर से देखा और पूछा, “मिस्टर खुराना, वैसे आज रात आप क्या कर रहे हैं? क्या मेरे साथ ड्रिंक करना चाहेंगे?”
रैना की नजरें उस खूबसूरत लेडी पर टिकी हुई थी। उसे देखकर रैना सोच रही थी कि कोई भी नॉर्मल आदमी उसे इनकार नहीं कर सकता लेकिन वर्चस्व से भी कोई साधारण आदमी नहीं था।
उसने तुरंत ही अपनी रिस्ट वॉच पर एक नजर डाली और बड़ी ही पॉलीटली कहा, “आई एम एक्सट्रीमली वेरी सॉरी मैम, आज रात मेरा एक बहुत ही इंपॉर्टेंट अपॉइंटमेंट है।”
वह औरत भी कोई बेवकूफ नहीं थी। वह अच्छे से जानती थी कि वर्चस्व को उसके अंदर कोई इंटरेस्ट नहीं था लेकिन फिर भी वर्चस्व ने उसे यह बात इतनी प्यार से कही थी कि वह कुछ बोल ही नहीं पाई। उस औरत ने भी इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा। वह वर्चस्व को बाय बोलकर अपनी कार में बैठकर वहां से निकल गई।
जब वह लेडी चली गई तो वर्चस्व सीधे रिसेप्शन पर आया और उसने रैना से पूछा, “तो आखिर तुम्हारा मन बदल ही गया।”
यह सुनते ही रैना के चेहरे के एक्सप्रेशन एकदम से सख्त हो गए। उसने अजीब तरीके से एक पेपर बैग वर्चस्व को थमाते हुए कहा, “मैं बस तुम्हारा कोट रिटर्न करने आई थी।”
वर्चस्व ने अपना सर हिलाया और पेपर बैग लेते हुए कहा, “थैंक यू!”
और बिना रैना का जवाब सुन पलट कर सीधे लिफ्ट की तरफ चला गया। उसी वक्त रैना को अचानक से होश आया।
वह तेज कदमों से वर्चस्व के पास चली गई और बोली, “मिस्टर खुराना, वह मुझे आपसे कुछ..”
वर्चस्व के बटन दबाते ही लिफ्ट के दरवाजे खुल गए। वर्चस्व लिफ्ट के अंदर चला गया और रैना भी बिना हिचकिचाहट के वर्चस्व के पीछे-पीछे लिफ्ट में चली गई। वर्चस्व की आंखों में क्युरिऑसिटी दिखाई दी।
उसने अपनी आंखें छोटी करके रैना को देखा उसने अपनी शर्ट की क्रीज़ ठीक करते हुए बिना किसी एक्सप्रेशन के कहा, “मैं तुम्हारा केस नहीं ले सकता!”
रैना को उम्मीद नहीं थी कि उसे वर्चस्व से यह जवाब मिलेगा। ऐसा लग रहा था, जैसे वर्चस्व को उसके पापा के बारे में पहले से ही सब कुछ पता था।
रैना ने अपना सर नीचे झुकाया और धीमी आवाज में पूछा, “क्या रितिक ने मेरा केस लेने के लिए मना किया है?”
वर्चस्व ने तुरंत ही लिफ्ट की चमकती हुई दीवार में रैना के चेहरे की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए कहा, “नहीं मैं पर्सनल और प्रोफेशनल मैटर्स को मिक्स नहीं करता।”
रैना को तुरंत समझ में आ गया कि वर्चस्व कहना क्या चाहता था? वह रैना के पापा का केस नहीं ले सकता था लेकिन अगर रैना उसके साथ रात गुजारने के लिए तैयार थी तो उसे भी कोई प्रॉब्लम नहीं थी।
तभी वर्चस्व ने रैना के कान के पास आकर धीमे से कहा, “हां, लेकिन अगर तुम कहीं अकेले मिलने को तैयार हो तो..”
वर्चस्व ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी। रैना के कान शर्म से लाल हो गए। एक बार फिर वर्चस्व ने उसे कुछ करने के लिए मजबूर नहीं किया। वर्चस्व हैंडसम था लेकिन वह अपने सिद्धांतों पर कायम रहने वाला आदमी था। प्लेजर के लिए उसे हर किसी के साथ रात गुजारने में कोई इंटरेस्ट नहीं था।
जल्दी लिफ्ट 28th फ्लोर पर जाकर रुकी। वर्चस्व की सेक्रेटरी गेट पर ही उसका इंतजार कर रही थी। दरवाजा खोलते ही उसने वर्चस्व को रैना के साथ देखा तो वह हैरान रह गई पर उसने कुछ नहीं कहा। वह इस आदमी के साथ सालों से काम कर रही थी और जानती थी कि कब उसे अपना मुंह बंद रखना था और कब खोलना..
सेक्रेटरी ने बड़ी ही पॉलीटली कहा, “सर आपके क्लाइंट आ चुके हैं।”
वर्चस्व ने तुरंत ही पेपर बैग सेक्रेटरी की तरफ उछाल दिया और कहा, “इसे ड्राई क्लीनर के पास भिजवा दो!”
सेक्रेटरी ने अपना सर हिलाया और पेपर बैग लेकर तुरंत वहां से चली गई। वर्चस्व ने अपना सर नीचे झुकाया और अपने फोन के साथ खेलने लगा।
उसने फोन से अपनी नजरें हटाए बिना रैना से कहा, “अपने लिए कोई और वकील ढूंढ लो। तुम इस तरह अपनी बॉडी के बदले फेवर नहीं मांग सकती। यह सब तुम्हें सूट नहीं करता।”
रैना ने तुरंत झटके से अपना सर उठाकर वर्चस्व की तरफ देखा। इससे पहले कि लिफ्ट का दरवाजा फिर से बंद होता, वर्चस्व लिफ्ट के बाहर निकल गया।
रैना ने गुस्से से अपने दांत पीस लिए और कहा, “डबल स्टैंडर्ड आदमी!”
रैना मायूसी से अपने घर वापस लौट आई।
इला की चिंता बढ़ती जा रही थी। वह जानती थी कि रैना भी बहुत टेंशन में थी इसीलिए उसने इस बार रैना से कुछ नहीं पूछा पर रैना इस तरह हाथ पर हाथ रख कर तो बैठ नहीं सकती थी। तभी उसे अपनी एक कॉलेज फ्रेंड वेदिका की याद आई । रैना ने तुरंत ही वेदिका से मिलने का फैसला कर लिया।
वेदिका ने ग्रेजुएशन के तुरंत बाद चंडीगढ़ के एक अमीर बिजनेसमैन से शादी कर ली थी। उसके हस्बैंड के बहुत सारे कॉन्टेक्ट्स थे और जब रैना को लगा कि उसके पास कोई और रास्ता नहीं था तो उसने वेदिका से ही मदद मांगने का फैसला किया। कॉल पर डिसाइड हो गया कि वह लोग शाम को एक कॉफी शॉप में मिलने वाले थे।
रैना से इंतजार नहीं हो रहा था। वह वक्त से पहले ही कॉफी शॉप पहुंच गई। जब वेदिका वहां पहुंची तो उसने रैना को अपना इंतजार करते हुए देखा।
वेदिका ने हैरानी से मजाकिया लहजे में कहा, “क्या बात है यार आज तो तुम मेरा इंतजार कर रही हो? रितिक भाग गया क्या?”
रितिक का नाम आते ही रैना सीरियस हो गई। उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बदलते देखा वेदिका को लगा कि कुछ तो गलत था। वेदिका तुरंत ही सीरियस हो गई और उसने रैना से पूछा, “क्या हुआ रैना सब कुछ ठीक है ना? तुम इस तरह अचानक सीरियस कैसे हो गई?”
रैना ने एक नजर वेदिका की तरफ देखा। उसके होठों पर एक फीकी मुस्कान आ गई।
रैना ने कहा, “कुछ भी ठीक नहीं है। रितिक की वजह से मेरे पापा जेल में है।”
यह सुनते ही वेदिका को भी शॉक लगा। उसके बाद तो रैना ने वेदिका को रितिक और वर्चस्व के बारे में सब कुछ डिटेल में बता दिया। सब कुछ जानने के बाद वेदिका को रितिक पर बहुत गुस्सा आ रहा था। वह तो बिना रुके रितिक को गालियां देने लगी।
कुछ देर अपने मन की भड़ास निकालने के बाद जब वेदिका शांत हुई तो कुछ देर सोचने के बाद उसने अजीब सी नजरों से रैना को देखते हुए पूछा, “क्या तुम सच में वर्चस्व के साथ होटल रूम में थी और कुछ भी नहीं हुआ?”
वेदिका के सवाल पर रैना शर्मा गई। उसने अपनी नजरें नीचे झुका ली और अपने कॉफी के कप में चम्मच हिलाने लगी। रैना की बॉडी लैंग्वेज देखते ही वेदिका सब कुछ समझ गई।
उसने धीमी आवाज में रैना को चिढ़ाते हुए कहा, “रैना, यार तुम तो कमाल हो। तुम जानती हो पूरी कंट्री की बड़ी-बड़ी सोशलाइट्स, सेलिब्रिटीज, यहां तक कि स्टार किड्स तक वर्चस्व के साथ अकेले टाइम स्पेंड करने के लिए मरी जाती हैं और तुम हो कि तुमने उसे इतनी आसानी से छोड़ दिया। तुम जानती हो इतनी लडकियों के आसपास रहने के बावजूद आज तक उसके बारे में एक भी गॉसिप नहीं सुनाई दी है।”
रैना के होठों पर कड़वी मुस्कान आ गई और उसने तुरंत ही टॉपिक बदलते हुए कहा, “तुमसे हेल्प मांगने के अलावा मेरे पास अब कोई और ऑप्शन नहीं बचा है, वेदिका ।”
वर्चस्व एलीट सोसाइटी का बहुत ही पावरफुल और रेपुटटेड नाम था। वेदिका का रैना की हेल्प करना वर्चस्व को ऑफेंड कर सकता था लेकिन वेदिका रैना की बहुत ही लॉयल फ्रेंड थी। वह हर कीमत पर रैना की हेल्प करना चाहती थी। उसने तुरंत ही अपने कॉन्टेक्ट्स का इस्तेमाल किया और जल्दी ही उसे वर्चस्व का पूरा शेड्यूल पता लगा लिया।
वेदिका ने एक्साइटमेंट से कहा, “रैना, मेरी जान.. लो हो गया तुम्हारा काम.. शनिवार को दोपहर 3 बजे वर्चस्व कंट्री क्लब में किसी के साथ गोल्फ खेलने जाने वाला है। अब हम उस पर वही अटैक करेंगे।”
Ep 4
Best in Flirting
रैना पहले से डिसाइड किए हुए टाइम पर वेदिका और उसके हस्बैंड के साथ कंट्री क्लब में पहुंच गई। वहां पहुंचते ही उसकी हैरानी की सीमा नहीं रही। उन्होने देखा कि रितिक पहले से ही वहां मौजूद था।
वेदिका भी इस अचानक हुए इंसिडेंट से काफी हैरान थी। उसने अपने हस्बैंड की बांह पर जोर से चुटकी काटी और दांत पीसते हुए धीमी आवाज में कहा, “तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया कि यह रितिक भी यहां होगा? अब रैना वर्चस्व से बात कैसे करेगी? वह इस आदमी के सामने उससे हेल्प कैसे मांग सकती है?”
वेदिका का हस्बैंड खुद हैरान था। उसने माफी मांगते हुए कहा, “आई एम सॉरी रैना, आई स्वेयर.. मुझे नहीं पता था कि यह भी यहां होगा।”
रैना ने मायूसी से अपनी गर्दन झुकाते हुए कहा, “जो हो गया सो हो गया.. फिलहाल के लिए हम लोगों को यहां से चलना चाहिए।”
वेदिका और उसके हस्बैंड को भी रैना की बात बिल्कुल ठीक लगी लेकिन इससे पहले की रैना पलट कर वहां से जाती, वर्चस्व ने उन्हें देख लिया।
वर्चस्व ने इस वक्त व्हाइट कलर की गोल्फ यूनिफॉर्म पहनी हुई थी। वह काफी रिच, हैंडसम और एलिगेंट दिखाई दे रहा था। उसका औरा इतना शानदार था कि भीड़ में उसे आसानी से अलग पहचाना जा सकता था। लॉ फर्म की तरह यहां भी वर्चस्व ने ऐसा प्रिटेंड किया कि वह रैना को नहीं जानता था। उसने केवल वेदिका के हस्बैंड से हाय हेलो की वेदिका का हस्बैंड इस बात से बहुत ही ज्यादा खुश हो गया और फिर वर्चस्व ने रैना की तरफ देखा।
रैना इस वक्त काफी ब्यूटीफुल और सेक्सी लग रही थी। उसकी टाइट फिटिंग और रिवीलिंग ड्रेस से उसका फिगर काफी अच्छे से फ्लांट हो रहा था। टाइट फिटिंग वाइट टी-शर्ट में वह काफी एनर्जेटिक दिख रही थी जबकि उसके लाइट ब्राउन शॉर्ट्स रैना की टांगों को और भी खूबसूरत बना रहे थे। उसके लंबे लहराते काले बाल इस वक्त एक मैसी बन में बंधे हुए थे, जो उसके अट्रैक्शन को और भी ज्यादा बढ़ा रहे थे।
वर्चस्व ने रैना को गहरी नजरों से देखा और बड़े ही आराम से पूछा, “और आप?”
वर्चस्व यही दिखा रहा था कि वह रैना को नहीं जानता था। वेदिका का हस्बैंड भी काफी समझदार था। उसने भी इस बात पर कोई रिएक्शन नहीं दिया और फिर तुरंत ही रैना का इंट्रोडक्शन दिया।
“मिस्टर खुराना, यह मेरी वाइफ वेदिका की बेस्ट फ्रेंड रैना शर्मा है। यह पियानो टीचर है!”
वर्चस्व ने मुस्कुराते हुए किसी जेंटलमैन की तरह रैना की तरफ अपना हाथ आगे बढ़ा दिया, “नाइस टू मीट यू मिस शर्मा!”
आसपास मौजूद हाई सोसाइटी के सभी लोग बहुत ही क्यूरियोसिटी से यह सब देख रहे थे। जब उन्होंने देखा कि वर्चस्व के पास एक बहुत ही खूबसूरत लेडी खड़ी थी तो उन सभी के सीने में जलन की आग जल उठी।
तभी किसी ने धीमी आवाज में कहा, “मानना पड़ेगा.. मिस्टर खुराना की किस्मत बहुत ही शानदार है।”
रैना पहले कभी इस तरह की सिचुएशन में नहीं फंसी थी। उसे बिल्कुल भी आईडिया नहीं था कि इस तरह की सिचुएशन से कैसे डील की जा सकती थी? जब उसने देखा कि वहां मौजूद सभी लोग कितना खुलकर उसके बारे में बातें कर रहे थे तो वह हल्का सा शर्मा गई और उसने डरते हुए वर्चस्व की तरफ अपना हाथ आगे बढ़ा दिया।
वर्चस्व ने भी तुरंत आगे बढ़कर रैना का हाथ थाम लिया और जब उसने रैना का हाथ छोड़ा तो वर्चस्व के चेहरे पर एक बहुत ही अट्रैक्टिव स्माइल थी।
उसने कहा, “मिस शर्मा, क्या आप मेरे साथ गोल्फ का एक राउंड खेलना चाहेंगी?”
वर्चस्व ने रैना के जवाब का इंतजार भी नहीं किया और मुड़कर सीधे गोल्फ कोर्ट की तरफ चला गया। उसकी बॉडी लैंग्वेज बता रही थी कि वह रैना के लिए इंकार की कोई जगह नहीं छोड़ना चाहता था। रैना के पास भी अब इंकार की कोई वजह नहीं थी तो वह भी वर्चस्व के पीछे-पीछे चल दी।
रितिक जो इन लोगों के पीछे अपना गोल्फ स्टिक पकड़े हुए खड़ा था, उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे।
वर्चस्व आज काफी अच्छे मूड में लग रहा था इसलिए उसने कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई। रैना ने वर्चस्व को कई बार बताने की कोशिश की कि उसे गोल्फ खेलना नहीं आता लेकिन वर्चस्व उसे आसानी से जाने देने के लिए तैयार ही नहीं था।
वर्चस्व ने कहा, “अरे डॉन'ट वरी, मैं हूं ना.. मैं तुम्हें गोल्फ खेलना सिखा दूंगा।”
वर्चस्व की बात सुनते ही वहां मौजूद सभी लोगों को समझ में आ गया कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था? वह क्या चाहता था? यहां तक कि सीधी सादी रैना भी उसके इरादे अच्छे से समझ चुकी थी। वर्चस्व जानबूझकर उसके नजदीक आने की कोशिश कर रहा था। उसकी हरकतों का सीधा मतलब था कि उसे भी रितिक पसंद नहीं था और वह उसे टेस्ट करने की कोशिश कर रहा था।
वर्चस्व ने आगे बढ़कर रैना को सिखाया की गोल्फ स्टिक कैसे पकड़ी जा सकती थी। रैना भी उसके इस तरह से छूने से बिल्कुल नहीं शरमाई। इनफैक्ट उसे चीजें और भी ज्यादा क्लियर समझ में आने लगी थी पर वर्चस्व की नजदीकी रैना के ऊपर गहरा असर डाल रही थी। इतनी ज्यादा नजदीकी की वजह से रैना शर्म से लाल हो गई। उसका कंसंट्रेशन खराब हो गया।
तभी वर्चस्व ने धीरे से उसके कान में कहा, “फोकस मिस शर्मा, फोकस!”
रैना एकदम से ठिठक गई। वर्चस्व ने इस वक्त उसके दोनों हाथों को पकड़ा हुआ था, जिससे रैना ने अपनी गोल्फ स्टिक पकड़ी थी। और तभी वर्चस्व ने रैना के हाथों की पोजीशन ठीक की और फिर गोल्फ स्विंग के लिए बाॅल को डायरेक्ट हिट किया। जैसे ही बाॅल को मारा गया, बॉल दूर तक हवा में उछल गई।
आसपास खड़े लोग यह सीन देखकर एक्साइटमेंट से तालियां बजाने लगे। इस वक्त हर कोई वर्चस्व की जी हुजूरी करने में बिजी था। सभी लोग उसकी तारीफें कर रहे थे। वर्चस्व को इन सब चीजों की आदत थी लेकिन रैना के लिए यह पहला मौका था। इसलिए वह बुरी तरह से शरमाई हुई थी।
वर्चस्व तुरंत ही रैना के नजदीक आया और उसके कान में धीरे से बोला, “एक और बार ट्राई करें?”
वर्चस्व ने रैना को जवाब देने का मौका भी नहीं दिया और फिर से बाॅल को हिट कर दिया। वह गोल्फ खेलने में बहुत ज्यादा एक्सपर्ट था। दूसरे ट्राय में उसने तुरंत ही बॉल को होल में पहुंचा दिया। आसपास खड़े सभी लोग फिर से एक्साइटमेंट से तालियां बजाने लगे।
वर्चस्व ने फुल कॉन्फिडेंस से अपना हाथ हिला कर सभी को हेलो बोला। इस वक्त वह काफी एनर्जेटिक और हैंडसम दिख रहा था। उसे ऐसे देखकर रैना का दिल तेजी से धड़कने लगा। आज वह यहां वर्चस्व को सिड्यूस करने के लिए आई थी लेकिन पासा पलट चुका था। वह एक बात तो अच्छे से समझ गई थी कि अगर वर्चस्व किसी लेडी के साथ फ्लर्ट करना चाहे तो मैक्सिमम लेडीज उसके चार्म को रेसिस्ट नहीं कर सकती थी। बात सिर्फ इतनी थी कि यह हाई सोसाइटी का आदमी आसानी से अपना स्टैंडर्ड लो नहीं करता था वरना तो उसके आगे पीछे लड़कियों की कतारें लगी होती।
वर्चस्व ने रैना को पीछे से पकड़ा हुआ था और उसने कई सारे शॉट मारने में रैना की हेल्प भी की।
ब्रेक के दौरान रैना वर्चस्व के पास ही बैठी हुई थी। वर्चस्व ज्यादा बातें करने वाला आदमी नहीं था। अधिकतर वक्त जब वह इस तरह की जगह पर आता था तो लोगों के साथ साथ बिजनेस डिस्कशन करता था या फिर कभी कभी लीगल मैटर्स के बारे में भी बातें हो जाया करती थी लेकिन इस वक्त वर्चस्व रैना से बातें नहीं कर रहा था। रैना वर्चस्व का मूड़ ठीक होने का इंतजार कर रही थी ताकि वह उसे अपनी बात मानने के लिए राजी करवा सके।
इसी बेख्याली में उसे पता ही नहीं चला कि कब वह अपने होठों को चबाने लगी। रैना की इस हरकत पर वर्चस्व का ध्यान उसकी तरफ गया लेकिन वर्चस्व ने रिएक्ट नहीं किया। रैना ने तुरंत दिए एक जूस की बोतल और एक टॉवल वर्चस्व को दिया। वह इस वक्त एक बहुत ही क्लासी और टॉप लेवल की किसी सर्वेंट की तरह लग रही थी। वर्चस्व ने भी इस बात पर कोई आपत्ति नहीं जताई और टॉवल ले लिया।
इन दोनों को ऐसे देखकर वेदिका के मन में उम्मीद की यह किरण जाग उठी। उसने तुरंत ही रैना का हाथ पकड़ कर उसे बाथरूम की तरफ खींच लिया। अंदर जाने के बाद वेदिका ने दरवाजा बंद किया और एक्साइटमेंट से समझाने लगी।
“रैना, देखो मुझे उम्मीद नहीं थी कि यह वर्चस्व खुराना इतना बड़ा फ्लर्ट निकलेगा। आज से पहले तो अधिकतर पार्टी में मैंने उसे काफी सीरियस और स्ट्रेट फेस के साथ ही देखा है। पर आज तो ये..”
वेदिका नहीं चाहती थी कि रैना वर्चस्व के प्यार में पड़ जाए क्योंकि उसे एक बात तो कन्फर्म थी कि वर्चस्व उससे शादी करने वाला नहीं था। इसके अलावा इस वक्त उनकी सबसे बड़ी मुश्किल थी, रितिक.. जो उनके सामने ही था।
रैना ने धीरे से वेदिका को दिलासा देते हुए कहा, “वेदिका मैं इतनी भी भोली नहीं हूं, जितना तुम मुझे सोच रही हो। मैं बस उसे खुश करने की सोच रही थी ताकि उससे अपने लिए फेवर मांग पाऊं।”
यह सुनकर वेदिका ने राहत की सांस ली। बातें करने के बाद जैसे ही वह लोग बाथरूम से बाहर निकलने वाले थे, अचानक झटके से बाथरूम का दरवाजा खुला और रितिक धड़धड़ाती हुए दरवाजे से अंदर घुस आया। बाथरूम में मौजूद लड़कियां रितिक को वहां देखकर घबरा कर जोर-जोर से चिल्लाने लगी। रितिक ने तुरंत ही वेदिका को एक तरफ धकेल दिया और गुस्से से रैना को पकड़कर दीवार पर लगा दिया।
वेदिका ने रितिक के पंजों से रैना को छुड़ाने की कोशिश की और गुस्से से कांपते हुए बोली, “रितिक, यह तुम क्या कर रहे हो, छोड़ो इसे?”
लेकिन रितिक उनकी सोच से ज्यादा पावरफुल था। उसने पलक झपकते ही वेदिका को बाथरूम से बाहर धकेल दिया और बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।
Ep 5
Helping Hand
रितिक के दरवाजा बंद करने से रैना एकदम से पैनिक हो गई। उसने छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन रितिक उससे बहुत ही ज्यादा पावरफुल था। वेदिका बाहर से जोर जोर से दरवाजा पीट रही थी।
“रितिक, पागल आदमी.. यह क्या हरकत है? दरवाजा खोलो! अगर तुमने उसे कोई चोट पहुंचाने की हिम्मत की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा!”
रितिक को भी बाहर से वेदिका के चिल्लाने की आवाजें सुनाई दे रही थी लेकिन उसने इस बात की कोई परवाह नहीं की। अगर वह इतना बेरहम नहीं होता तो रैना के साथ यह सब कैसे कर सकता था? इतना ही नहीं यह उसी की क्रूरता थी कि आज रैना के पापा जेल में बंद थे।
रैना, जो एक छोटी सी लड़की जैसी थी, वह रितिक के सामने कैसे टिक सकती थी? चाहे वह कितनी भी कोशिश करें वह रितिक की ताकत के आधे हिस्से तक भी नहीं पहुंच सकती थी।
जब रैना अपने आप को छुड़वा नहीं पाई तो उसने नफरत और गुस्से भरी आंखों से रितिक को घूरते हुए देखा। उसने छूटने की कोशिश करना बंद कर दिया तो रितिक ने भी उसे छोड़ दिया।
रितिक ने ताना मारते हुए कहा, “तुम क्या समझी कि तुम वर्चस्व को फंसा कर उसे इस्तेमाल कर सकती हो? शायद तुम्हें गलतफहमी हो गई है कि तुम उसके लायक हो। जब सोसाइटी की बड़ी-बड़ी सोशलाइट्स तक उसे अपनी तरफ एक नजर देखने के लिए मजबूर नहीं कर पाई तो तुम जैसी लड़की क्या ही कर लेगी?”
रितिक की बातों से रैना का गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया पर रैना ने रितिक की बात का जवाब नहीं दिया।
तभी रितिक ने आगे कहा, “मैंने जब भी तुम्हें किस करने की कोशिश की तब तो तुम बड़ी सती सावित्री बनती थी। तुम्हे मेरा छूना तो बर्दाश्त होता नहीं था तो जब अगर कोई दूसरा आदमी तुम्हारे कपड़े उतारेगा तो तुम कैसे बर्दाश्त कर पाओगी?”
रैना ने गुस्से से अपने दांत पीस लिये। वह मन ही मन अपने सामने खड़े आदमी को भला बुरा बोलने लगी।
रैना ने अपनी आंखें नीचे कर ली और सख्त आवाज में कहा, “उससे तुम्हें कोई मतलब नहीं होना चाहिए। अब कोई मेरे कपड़े उतारे या मुझे किस करें उससे तुम्हें तो कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।”
रितिक ने अविश्वास से रैना को देखा और उसे ताना मारा, “इसका मतलब है कि तुम जानबूझकर मेरे सामने उस वर्चस्व से मिलने आई थी, ताकि मुझे जला सको? यही सोचा था ना कि मैं तुम दोनों को साथ देखकर गुस्से से आग बबूला हो जाऊंगा।
रितिक की हरकतों की वजह से रैना को उस घिन आने लगी थी।
रैना ने बेपरवाह और अपमान भरी नजरों से रितिक को घूरते हुए कहा, “रितिक, अगर तुमने मेरे पापा को फंसाया नहीं होता तो शायद आज यह सब नहीं हुआ होता। मुझे इस बात की भी परवाह नहीं होती कि तुम किस से शादी कर रहे हो? तो यह जो अपनी नौटंकी है वह, वहां दिखाओ जहां इस नौटंकी से तुम्हें कुछ मिल सकता हो।”
रैना के सख्त शब्द सुनकर रितिक की बोलती बंद हो गई। वह बस रैना की तरफ देखता रहा। रैना भी रितिक की आंखों में घूर कर देखती रही। वह नहीं चाहती थी कि रितिक उसे कमजोर समझे।
काफी देर बाद रितिक ने गुस्से से दांत पीसते हुए कहा, “रैना, तुम जितना चाहे उड़ लो लेकिन देखना एक न एक दिन तुम मेरे कदमों मे होंगी और खुद कहोगी कि मैं तुम्हें अपनी रखैल बना लूं। जस्ट वेट एंड वॉच!”
अपनी बात पूरी करने के बाद रितिक ने दरवाजा खोला और बाहर जाकर धड़ाम से बंद कर दिया। रितिक के बाहर जाते ही रैना की सारी हिम्मत टूट गई और वह लड़खड़ा गई। उसने तुरंत ही दीवार का सिरहाना लिया और अपना सर दीवार से टिका लिया। उसकी आंखों से आंसू बहने लगे थे।
रैना को विश्वास नहीं हो रहा था कि यह आदमी इतना ज्यादा क्रूर कैसे हो सकता था? पिछले 4 सालों में रैना ने उसके लिए क्या कुछ नहीं किया था लेकिन उसने रैना को क्या दिया? धोखा.. अब जाकर रैना को एहसास हुआ था कि रितिक शुरू से ही उसकी फीलिंग्स के साथ खेल रहा था। वह कभी भी उससे शादी नहीं करना चाहता था। वही इतनी बेवकूफ थी कि हमेशा रितिक के साथ अपनी शादी के सपने देख रही थी।
सारी बातें याद आते ही रैना फूट-फूट कर रोने लगी। तभी थोड़ी आवाज हुई। रैना अचानक से आवाज सुनकर रैना ने अपना सर ऊपर उठा कर देखा तो सामने वेदिका खड़ी थी। रैना जल्दी से खड़ी हुई उसने अपने आंसू पोंछे और दोबारा जब वेदिका की तरफ देखा तो उसके सामने का सीन देखकर वह वहीं के वहीं जम गई।
दरवाजे पर सिर्फ वेदिका ही नहीं उसका हस्बैंड और वर्चस्व भी खड़े थे।
वर्चस्व ने इस वक्त ग्रे कलर का सूट पहना हुआ था। वेदिका रैना को लेकर काफी टेंशन में थी इसीलिए उसने रितिक के बारे में कुछ भी नहीं कहा।
अचानक से वेदिका ने कुछ सोचा और कहा, “बारिश शुरू हो गई है, चलते हैं। गोल्फ किसी और दिन खेल लेंगे।”
वेदिका का हस्बैंड तुरंत ही उसका इशारा समझ गया और जल्दी से बोला, “हां तुम सही बोल रही हो। गोल्फ का क्या है.. वह तो किसी और दिन भी खेला जा सकता है। मिस्टर खुराना क्या आप रैना को ड्रॉप कर सकते हैं? एक्चुअली मुझे लगता है कि हम दोनों हसबेंड वाइफ के बीच खतरनाक जंग छिड़ने वाली है।”
वर्चस्व ने रैना की आंसू भरी आंखों की तरफ एक पल के लिए देखा और फिर अपना सर हिलाते हुए कहा, “क्यों नहीं!”
वेदिका ने राहत की सांस ली। उसे रैना के लिए बुरा महसूस हो रहा था। इस बेचारी लड़की पर अभी-अभी उस शैतान रितिक ने अटैक किया था और अभी उसके पास वर्चस्व के साथ जाने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं बचा था।
☆☆☆☆☆
बाहर बहुत तेज हवाएं चल रही थी। बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी। बिजली इतनी बुरी तरह से कड़क रही थी कि किसी का भी दिल कांप उठे।
पार्किंग एरिया खुले में था। वर्चस्व ने एक नजर रैना की तरफ देखा जो उसके पीछे आ रही थी। वह तेज कदमों से अपनी कार लेने के लिए चला गया।
थोड़ी ही देर बाद एक गोल्डन कलर की बेंटले कार धीरे-धीरे आकर रैना के सामने रुकी। रैना के पास छतरी नहीं थी और ना ही उसके अंदर इतनी हिम्मत थी कि वह वर्चस्व के छाता लेकर बाहर आने का इंतजार करें। रैना तेजी से दौड़ती हुई कार के पास पहुंची।
लगातार तेज बारिश की वजह से कार तक भाग कर पहुंचने के बावजूद भी वह पूरी तरह से भीग चुकी थी। कार में बैठने के बाद रैना ने तुरंत ही सीट बेल्ट लगा ली। उसके बालों से पानी टपक रहा था, जिसकी वजह से रैना थोड़ा अनकंफरटेबल फील कर रही थी। उसे डर था कि कही उसकी वजह से वर्चस्व नाराज ना हो जाए लेकिन वर्चस्व ने बस उसकी तरफ एक नजर देखा और बिना कुछ कहे कार स्टार्ट कर दी।
गोल्फ क्लब शहर के बाहर था। सिटी के अंदर आने में उन्हें काफी वक्त लगने वाला था। कार का एयर कंडीशन चालू था जिसकी वजह से रैना ठंड से कांपने लगी और उसके होंठ नीले पड़ गए।
तभी उनकी कार ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी। वर्चस्व ने एक नजर रैना की तरफ देखा और अपना कोट उसकी तरफ उछालते हुए कहा, “इसे पहन लो!”
रैना ने अपना सर हिला कर उसे थैंक यू बोला। जैसे ही रैना ने कोट पहना, उसे ठंड से राहत मिली लेकिन वर्चस्व ने अभी भी एसी बंद नहीं किया था। उसने रैना की तरफ ध्यान भी नहीं दिया। उसकी नज़रें ट्रैफिक से भरे रोड पर टिकी हुई थी। भारी बारिश की वजह से आज ट्रैफिक भी काफी ज्यादा था।
वर्चस्व ने अपनी सिगरेट जलाई और एक लंबा कश लेते हुए बड़े ही नॉर्मल ढंग से पूछा, "तुम रितिक के साथ कब से हो?”
इस सवाल पर रैना एकदम से चौंक गई लेकिन उसके पास जवाब न देने का कोई कारण नहीं था।
रैना ने धीमी आवाज में कहा, “4 साल से!”
वर्चस्व इस जवाब से थोड़ा हैरान था। उसकी नज़रें रैना के पैरों की तरफ गई। उसकी आंखों में रैना के लिए एक अजीब से हवस भरे एक्सप्रेशन्स थे।
वर्चस्व ने लापरवाही से पूछा, “और तुम उसके साथ सोई कितनी बार हो?”
Ep 6
वर्चस्व ने लापरवाही से पूछा, “और तुम उसके साथ सोई कितनी बार हो?”
वर्चस्व के ऐसा पर्सनल सवाल पूछने की वजह से रैना के गाल शर्म से लाल हो गए। सच बात तो यह थी कि उसके और रितिक के बीच कभी ऐसा कोई रिलेशन नहीं बना था। रैना हमेशा से अपनी लिमिट्स जानती थी।
एक पल के लिए तो रैना को समझ नहीं आया कि वह इस बात का जवाब कैसे दें? इसके बजाय उसने वर्चस्व की तरफ देखा और सीधे शब्दों में कहा, “मिस्टर खुराना, अगर आप चाहे तो हम साथ में नाइट स्पेंड कर सकते हैं पर उसके बदले आपको मेरे पापा को जेल से छुड़ाना होगा। मैं प्रॉमिस करती हूं उसके बाद मैं कभी आपकी और आपकी बहन की लाइफ में किसी तरह से भी इंटरफेयर नहीं करूंगी।”
अगले ही पल वर्चस्व ने जोर से ठहाका लगाया, “मिस शर्मा, आप पहले एक बात अच्छे से कन्फर्म कर लीजिए कि आप अपने पापा को बचाना चाहती हो या मेरे साथ सोना चाहती हो?”
शर्म से रैना के गाल और भी ज्यादा लाल हो गए पर उसे लगा कि वह वर्चस्व के इस बेशर्मी भरे सवाल का जवाब नहीं दे सकती थी। वर्चस्व ने भी इसके बाद कुछ नहीं पूछा। उसकी सिगरेट खत्म होते होते तक ट्रैफिक लाइट ग्रीन हो गई लेकिन वर्चस्व ने कार ड्राइव नहीं की बल्कि उसे साइड में लगा दिया।
रैना ने कंफ्यूजन से वर्चस्व की तरफ देखा। इससे पहले कि वह वर्चस्व से कुछ पूछ पाती, वर्चस्व ने रैना की सीट बेल्ट खोल दी और उसे सीट से उठाकर अपनी गोद में बैठा लिया। रैना वर्चस्व की इस हरकत से शॉक में थी। वर्चस्व ने अपना कोट उतार दिया। रैना के गीले कपड़े वर्चस्व के शरीर से चिपक गए। जल्दी ही रैना के बैठने की वजह से वर्चस्व के कपड़े भी गीले हो गए।
कार के बाहर हवाएं जोर जोर से चल रही थी। विंडशील्ड वाइपर्स कार पर गिरती हुई बारिश की बूंद को साफ कर रहे थे। फिर भी बारिश इतनी तेज थी कि बाहर से कार के अंदर का सब कुछ धुंधला धुंधला दिखाई दे रहा था।
वर्चस्व की इस अचानक हुई हरकत की वजह से रैना पहले ही अपने सेंसस में नहीं थी और अगले ही पल रैना ने अपने सर के पीछे उस आदमी का हाथ महसूस किया। वर्चस्व ने रैना के सर को अपनी तरफ धक्का दिया जिससे रैना के होंठ सीधे वर्चस्व के होठों से जाकर टकरा गए। वह उसे किस करने के लिए मजबूर कर रहा था। जब रैना ने किस नहीं किया तो वर्चस्व उसे किस करने लगा।
वर्चस्व एक बहुत ही अच्छा किसर था। थोड़ी ही देर बाद रैना ने छूटने की कोशिश करना बंद कर दिया और वर्चस्व के किस में खो गई। इतना ही नहीं वह वर्चस्व को खुद से किस कर रही थी। किस के बीच जब रैना की आंखें खुली तो उसने खिड़की में अपना रिफ्लेक्शन देखा जिससे वह चौंक गई। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि वह इतनी बोल्ड हो सकती थी। कार का माहौल बहुत ही ज्यादा हॉट हो चुका था लेकिन वर्चस्व को लगा कि कार में इससे आगे बढ़ना ठीक नहीं होगा।
वर्चस्व ने पूछा, “पास ही में एक बहुत ही शानदार गेस्ट हाउस है। मेरे साथ चलना चाहोगी?”
उसकी आवाज थोड़ी सी कर्कश हो गई। तभी रैना को एकदम से होश आया। रैना भी एक लड़की थी, उसे अच्छे से समझ में आ रहा था कि वर्चस्व सिर्फ उसके साथ सोना चाहता था।
उसने तुरंत ही अपनी बाँहें वर्चस्व के गले में लपेट दी और धीरे से रिक्वेस्ट की, “मिस्टर खुराना, मेरे पापा..”
वर्चस्व की आंखों में उसके लिए जो एक्सप्रेशन दिखाई दे रहे थे, वह अगले ही पल धीरे धीरे खत्म हो गए। उसने तुरंत ही एक सिगरेट उठाई और उसे जलाकर एक लंबा कश लिया। रैना बेचैनी से वर्चस्व के जवाब का इंतजार कर रही थी।
वर्चस्व ने कहा, “तुम बहुत बोरिंग हो!”
रैना, जो वर्चस्व के जवाब से कंफ्यूज थी उसने फिर से वर्चस्व को किस कर लिया। इस बार वर्चस्व ने रैना को किस नहीं किया बल्कि अपनी गहरी काली आंखों से उसे देखता रहा। अचानक से रैना को बहुत ज्यादा शर्मिंदगी महसूस हुई। उसने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं किया था लेकिन उसे यह तो समझ आ रहा था कि वर्चस्व को सेड्यूस करने की उसकी सारी कोशिशें बर्बाद हो चुकी थी।
वर्चस्व की सिगरेट खत्म भी नहीं हुई थी कि उसने सिगरेट बुझाई और रैना से कहा, “चलो मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं।”
रैना को साफ समझ में आ रहा था कि वर्चस्व उसमें इंटरेस्ट खो चुका था। वह खुद बहुत शर्मिंदा महसूस कर रही थी। रैना तुरंत अपनी सीट पर वापस चली गई। वह लोग इतना आगे बढ़ने के बाद रुक गए थे। इसी वजह से वर्चस्व काफी अनकंफरटेबल फील कर रहा था। उसकी नजरें बार बार रैना की लंबी पतली टांगों पर जा रही थी। अपनी सीट पर वापस आने के बाद रैना ने वर्चस्व का कोट दोबारा नहीं पहना बल्कि अपना सर घुमाया और खिड़की से बाहर देखने लगी। वह जानती थी कि भले ही रैना कितनी भी खूबसूरत क्यों ना हो, वह किसी भी तरीके से वर्चस्व को सेड्यूस क्यों न कर ले.. वर्चस्व अपने सिद्धांतों को इतनी आसानी से छोड़ने वाला नहीं था।
सीधे शब्दों में कहे तो फैक्ट यह था कि वह इतनी भी खूबसूरत नहीं थी कि वर्चस्व को उसके सिद्धांतों को तोड़ने पर मजबूर कर पाए।
हर 1 मिनट बीतने के साथ उसकी निराशा और भी ज्यादा बढ़ती जा रही थी। उसके बाद तो घर पहुंचने तक उन दोनों में से किसी ने एक शब्द भी नहीं कहा।
जब वर्चस्व ने रैना को उसके घर के सामने छोड़ा, तब तक बारिश रुक चुकी थी। इस बार वर्चस्व ने कार से उतरकर रैना के लिए दरवाजा भी नहीं खोला। इसके बजाय अपना सर हिलाकर रैना को उतर जाने के लिए इशारा किया लेकिन रैना ने भी हार नहीं मानी।
उसने कहा, “मिस्टर खुराना, क्या मुझे आपका नंबर मिल सकता है?”
वर्चस्व ने रैना की तरफ देखा भी नहीं और कहा, “सॉरी, लेकिन तुम वह मौका खो चुकी हो।”
वर्चस्व के जवाब से रैना सच में निराश हो चुकी थी। वह उतर कर जा ही रही थी कि वर्चस्व ने कहा, “Mr हयात शाह से जाकर बात करो। अगर वह तुम्हारे पापा का केस लेने के लिए तैयार है तो तुम्हारे पापा की सजा कम हो सकती है।”
शायद अभी अभी उनके बीच हुए पैशनेट किस की वजह से वर्चस्व ने उसे यह सलाह दी थी। उसने बोलते बोलते एक विजिटिंग कार्ड रैना की तरफ बढ़ा दिया, “यह रहा उनका नंबर!”
रैना ने आगे हाथ बढ़ाकर फोन नंबर ले लिया। वह कार्ड को देखती रही और चुपचाप कार में ही बैठी रही। ऐसा लग रहा था जैसे वह कार से निकलने नहीं चाहती थी।
अंत में वर्चस्व ने खुद उतर कर रैना की तरफ का दरवाजा खोला और कहा, “मिस शर्मा, अगर आप इस तरह से किसी से कोई काम करवाने के लिए अपने शरीर का इस्तेमाल करेंगी तो फ्यूचर में बहुत पछताएंगी।”
वर्चस्व की बात सुनकर रैना का दिल बैठ गया। वह जानती थी कि वह हमेशा उसकी कार में बैठी नहीं रह सकती थी इसलिए बेमन से वह कार से बाहर निकल गई। वर्चस्व ने कार का दरवाजा बंद किया और बिना रुके और बिना रैना की तरफ देखें तुरंत अपनी कार स्टार्ट करके निकल गया।
रैना फुटपाथ पर अकेली खड़ी थी। इस वक्त उसे सब कुछ बहुत खाली खाली लग रहा था। वह बहुत उदास हो गई। कुछ देर बाद जब रैना को ठंड का एहसास हुआ तो वह तुरंत अपने घर चली गई।
जैसे ही वह घर के अंदर एंटर हुई, इला ने देखा कि रैना लौट आई थी तो उसकी आंखों में उम्मीद की चमक दिखाई दी। पर रैना का पीला पड़ा चेहरा और उसे भीगा हुआ देखकर इला की आंखों में आंसू आ गए। रैना ने हार मानकर अपना सर इनकार में हिला दिया।
इला के चेहरे पर गहरी निराशा दिखाई दी। एक बार तो वह इस सबके लिए रैना को ही ब्लेम करना चाहती थी लेकिन अंत में उसने भी हार मान ली और धीमी आवाज में कहा, “तुम्हारे कपड़े भीग गए हैं। जाकर गर्म पानी से नहा लो वरना तुम्हें सर्दी लग जाएगी।”
रैना ने चुपचाप अपना सर हिला दिया और अपने कमरे में आ गई। कमरे में आने के बाद उसने नहा कर अपने कपड़े बदले और मायूसी से अपने बेड पर आकर लेट गई। बारिश में भीगने की वजह से उसे सर्दी लग गई और बुखार आ गया।
आधी रात वेदिका ने रैना को कॉल किया। वह जानना चाहती थी कि आज क्या कुछ हुआ था? रैना ने बीच बीच में खांसते हुए अजीब सी आवाज में उसे सारी बातें बता दी। जिसे सुनकर वेदिका हैरान रह गई।
उसने अविश्वास से पूछा, “क्या कहा? तुम दोनों के बीच कुछ नहीं हुआ? तुम लोगों ने किस किया और वह तुम्हें ऐसे ही छोड़ कर चला गया?”
रैना ने धीमी आवाज में कहा, “हां!”
वेदिका ने तुरंत ही पूछा, “रैना तुम्हें ऐसा तो नहीं लगता ना कि उसके साथ कोई प्रॉब्लम है? आई मीन तुम दोनों के इतना आगे बढ़ने के बाद भी उसने कुछ नहीं किया?”
रैना ने तुरंत ही अपना सर इनकार में हिलाते हुए कहा, “नहीं, मुझे तो वह नॉर्मल ही लगा!”
यह सुनकर वेदिका ने राहत की सांस ली और कहा, “ठीक है! अगर वह नॉर्मल और हेल्दी है तो कभी ना कभी तो तुम उसे सिड्यूस कर ही पाओगी।”
रैना के होठों पर कड़वाहट भरी मुस्कान आ गई और उसने धीमी आवाज में कहा, “पर मुझे ऐसा नहीं लगता!”
रैना अच्छे से जानती थी कि वर्चस्व इतनी आसानी से उसके सिडक्शन गेम में फंसने वाला नहीं था। वेदिका से कुछ देर और बात करने के बाद रैना ने उसे गुड नाईट कहा और सो गई।
अगले दिन जब उसकी आंख खुली तो दोपहर हो चुकी थी। पूरा घर शांत था। इला घर पर नहीं थी इसीलिए शायद उसने रैना को जगाया भी नहीं। रैना को बहुत ही बुरा लग रहा था कि वह चाह कर भी अपने पापा के लिए कुछ नहीं कर पा रही थी और ना ही इला के टेंशन को कम कर पा रही थी।
रात ही से रैना को काफी तेज बुखार था। वह बड़ी मुश्किल से उठी। उसने किचन में जाकर एक ब्रेड खाई और फिर टैक्सी लेकर हॉस्पिटल पहुंच गई लेकिन बदकिस्मती से हॉस्पिटल में भी बहुत ही ज्यादा भीड़ थी। लगभग एक डेढ़ घंटे वेट करने के बाद उसका नंबर आया और जब वह डॉक्टर के पास पहुंची तो डॉक्टर ने रैना को एग्जामिन करने के बाद नर्स को उसे ड्रिप चढ़ाने के लिए कहा।
पूरा वार्ड भरा हुआ था। एक भी बेड खाली नहीं था इसलिए नर्स ने कॉरिडोर में लगे सोफे पर ही रैना को ड्रिप लगा दी। इस वक्त तक दोपहर के तीन बज चुके थे। वह इतनी बुरी तरह से थक गई कि उसे पता ही नहीं चला कि कब वह कुर्सी के सिरहाना लगाकर सो गई।
किस्मत से इस वक्त वर्चस्व भी अपनी मम्मी को लेकर हॉस्पिटल आया हुआ था। डॉक्टर से मिलने के बाद जैसे ही वो लोग जाने वाले थे, उसे कॉरिडोर में एक जाना पहचाना चेहरा नजर आया। रैना कुर्सी पर टिक कर सो रही थी। उसके हाथ में आईवी ड्रिप की सुई लगी हुई थी। वह बहुत ही कमजोर और नाजुक दिख रही थी।
वर्चस्व को लगा कि वह उससे अपनी नजरें नहीं हटा पा रहा। अपने बेटे की नजरों का पीछा करते हुए वर्चस्व की मम्मी जयंती खुराना ने भी रैना को देखा और उसने हैरानी से पूछा, “वर्चस्व, क्या तुम इस लड़की को जानते हो?”
वर्चस्व को एक पल के लिए समझ नहीं आया कि वह कैसे बताएं कि वह इस लड़की को कैसे जानता था?
Ep 7
अपनी मां के सवाल पर वर्चस्व 1 मिनट के लिए चुप हो गया और फिर उसने बिना किसी एक्सप्रेशन के एक नजर रैना को देखा और कहा, "मैं उससे एक बार मिल चुका हूं।”
यह सुनते ही उसकी मां जयंती बहुत खुश हो गई। उसने कहा, "अरे वाह, यह तो बहुत अच्छी बात है। यह बहुत अच्छी लड़की है।”
वर्चस्व ने कन्फ्यूजन भरी नजरों से अपनी मम्मी की तरफ देखा तो जयंती ने मुस्कुराते हुए कहा, "देखो दुनिया कितनी छोटी है। मुझे उम्मीद नहीं थी कि यह मुझे यहां मिल जाएगी। पिछली बार मैं हॉस्पिटल में रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन में लगी थी तो मुझे यहां का प्रोसेस समझ में नहीं आया था। यह सब पहले से ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड हो गया है। तब इस लड़की ने मेरी हेल्प की थी।”
वर्चस्व ने हां में अपना सर हिला दिया और रैना की तरफ देखने लगा। तभी रैना को ऐसा लगा जैसे कोई उसे देख रहा था। उसने अपनी आंखें खोली और जैसे ही उसकी नज़रें सामने खड़े वर्चस्व पर पड़ी, वह झटके से उठकर खड़ी हो गई। रैना भूल चुकी थी कि उसे ड्रिप चढ़ रही थी। अचानक हिलने की वजह से उसका खून ड्रिप पाइप में वापस चला गया। दर्द का अहसास होते ही रैना ने तुरंत ही अपने हाथ की तरफ देखा और जल्दी से नीचे बैठ गई।
वर्चस्व ने रैना की तरफ घूर कर देखा। जयंती ने ऐसे देखकर वर्चस्व के हाथ पर जोर से थप्पड़ मार दिया। कुछ ही देर की बातचीत में जयंती को रैना बहुत ज्यादा पसंद आ गई थी।
उसने अपने बेटे की तरफ देखा और कहा, "देखो ना बेचारी लड़की यहां पर अकेली है। तुम इसके पास रुक क्यों नहीं जाते? उसे भी कंपनी मिल जाएगी। बिचारी इतनी बीमारी में न जाने यहां सब कुछ कैसे संभालेगी?”
वर्चस्व यह सब नहीं करना चाहता था। उसने सख्त नजरों से अपनी मम्मी की तरफ देखा तो जयंती ने भी पलट कर उसे घूरते हुए देखा और कहा, "क्या अब मेरे कुछ कहने पर भी तुम मुझे ऐसे लुक्स दोगे? एक बात कान खोल कर समझ लो। मैं तुम्हारी मां हूं। तुम्हारी यह नौटंकियां मेरे सामने नहीं चलेंगी।”
वर्चस्व के पास उसकी मम्मी की बात मानने के अलावा और कोई ऑप्शन ही नहीं था। रैना ने भी जयंती की यह बात सुनी। यह सुनकर वह इतनी ज्यादा हैरान रह गई कि उसे समझ में ही नहीं आया कि उसे इस बात के लिए इंकार कर देना चाहिए।
वर्चस्व ने गहरी सांस लेकर कहा, "ठीक है, चलो मैं आपको पार्किंग तक छोड़ आता हूं। पहले आप घर चली जाइए यहां मैं सब देख लूंगा ”।
वर्चस्व की बात सुनकर उसकी मम्मी बहुत खुश हो गई। वर्चस्व उनकी मम्मी को पार्किंग तक छोड़ने चला गया। जहां उनका ड्राइवर काफी देर से उन लोगों के वापस आने का इंतजार कर रहा था।
जयंती जल्दी से कार में बैठ गई और खिड़की से सिर निकाल कर वर्चस्व की तरफ देखते हुए बोली, “वर्चस्व बेटा, जल्दी ही तुम 30 के हो जाओगे। मुझे वह लड़की बहुत पसंद है। मैं चाहती हूं कि तुम जल्द से जल्द उससे शादी कर लो। तुम समझ रहे हो ना मैं क्या कहने की कोशिश कर रही हूं?”
यह सुनते ही वर्चस्व के होठों पर हल्की सी मुस्कान आ गई। उसने अपनी जेब में डालकर अपनी मम्मी की तरफ देखा।
अचानक वर्चस्व ने मन ही मन कहा, "मम्मी जिस लड़की को अपनी बहू बनाने की सोच रही हो, अगर पता चल जाए कि वह रितिक की एक्स गर्लफ्रेंड है तो क्या तब भी आप उसे अपनी बहू बनाने के लिए तैयार होगी?”
वर्चस्व जानता था कि यह बात उसकी मम्मी को बताने लायक नहीं थी इसीलिए उसने डिसाइड किया कि इस बारे में वह अपनी मम्मी को कुछ नहीं कहेगा और अपना सर हिला दिया। जयंती ने देखा कि उसका बेटा उसकी बात मानने के लिए तैयार नहीं था तो उसने भी एक गहरी आह भरी और कार की खिड़की बंद करके ड्राइवर से कहा, "चलो!”
वर्चस्व अपनी मम्मी की आवाज सुनकर समझ गया कि वह नाराज हो गई थी। जल्दी ही कार वहां से चली गई।
वर्चस्व से फिर से कॉरिडोर में वापस आ गया, जहां रैना हैरान परेशान सी बैठी हुई थी। उसे देखकर वर्चस्व भी इस बात से इनकार नहीं कर पाया कि रैना सच में बहुत खूबसूरत थी।
उसके लंबे लहराते हुए बाल, उसका फिगर, उसकी गहरी आंखें और खासकर रैना की लंबी टांगे.. वर्चस्व को रैना के लंबे पैर कुछ ज्यादा ही पसंद थे लेकिन उसने कभी रैना के साथ जिंदगी गुजारने के बारे में नहीं सोचा था। वह रैना को लेकर सीरियस नहीं था। इस वक्त वह रैना के साथ सिर्फ एक फ्लिंग करना चाहता था।
वर्चस्व रैना के पास आकर बैठ गया और सख्त आवाज में बोला, "इसे खत्म होने में कितना टाइम लगेगा?”
रैना को उम्मीद नहीं थी कि वर्चस्व सच में वापस आएगा इसीलिए जब उसने यह सवाल किया तो रैना ने उसे नाराज करने की हिम्मत नहीं की।
उसने धीरे से कहा, "बस कुछ ही बॉटल्स और बची है। ज्यादा टाइम नहीं लगना चाहिए।”
वर्चस्व ने कुछ नहीं कहा और अपना फोन निकाल कर कुछ काम करने लगा। इस वक्त पूरा कॉरिडोर एकदम से शांत हो गया। रैना के पास भी वर्चस्व से बात करने का कोई बहाना नहीं था इसीलिए उसने अपनी आंखें बंद कर ली और सोफे पर सिरहाना लगा लिया। जल्दी ही उसे नींद आ गई। बीच बीच में रैना की आंखें खुल रही थी। तभी उसे एहसास हुआ कि किसी ने उसे अपना कोट ओढाया हुआ था। और तभी रैना को वर्चस्व के नर्स से बात करने की आवाजें भी सुनाई दी।
रैना झटके से जाग गई। उसने देखा तो वह वर्चस्व के कंधे पर सर रखकर सो रही थी। रैना ने दोनों हाथों से वर्चस्व को कसकर गले लगाया हुआ था वर्चस्व की खुशबू उसकी सांसों में समा रही थी। रैना ने अपनी नज़रें उठा कर देखा तो वर्चस्व इस वक्त कॉल पर था। उसकी आवाज बहुत धीमी और शांत थी। वैसे तो यहां कॉल पर बात करना अलाउड नहीं था। लेकिन वर्चस्व इतना ज्यादा हैंडसम था कि वहां आसपास मौजूद हॉस्पिटल स्टाफ ने वर्चस्व को उसकी गलती के लिए भी माफ कर दिया।
वर्चस्व ने तुरंत ही अपना कॉल डिस्कनेक्ट किया तो उसने देखा रैना जाग रही थी। उसका पीला पड़ा हुआ चेहरा अब थोड़ा थोड़ा लाल होने लगा था, जिससे वह बहुत ही ज्यादा क्यूट दिख रही थी।
वर्चस्व ने बिना किसी एक्सप्रेशन के रैना की आंखों में देखते हुए पूछा, "तुमने कब तक मेरे कंधे पर ऐसे ही सोने की प्लानिंग कर रखी है?”
यह सुनते ही रैना बुरी तरह से हड़बड़ा गई और सीधे बैठ गई। वर्चस्व ने कॉल डिस्कनेक्ट किया और अपना फोन उठाते हुए रैना की तरफ देखकर कहा, "चलो मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं।”
रैना अब उसे और ज्यादा परेशान नहीं करना चाहती थी इसीलिए उसने इंकार कर दिया लेकिन वर्चस्व अपनी जिद पर अड़ा रहा। और रैना की बदकिस्मती देखो तो घर जाने के रास्ते में उसे एक और कॉल आया और कुछ देर तक फोन पर बात करने के बाद उसने रैना की तरफ देखा और कहा, "मुझे एक इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट लेने के लिए अपने घर में वापस जाना होगा। हम लोग पहले मेरे अपार्टमेंट जाएंगे और फिर मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ दूंगा।”
रैना इस बात पर पहले तो झिझक गई। उसे समझ नहीं आया कि वह क्या जवाब दे? वह अनजाने में अपने होंठ चबाने लगी।
रैना अच्छे से जानती थी कि किसी बैचलर के अपार्टमेंट में जाने का क्या मतलब हो सकता था?
लेकिन वह यह भी जानती थी कि बहुत सारी लेडिस वर्चस्व के साथ रिलेशन बनाने की कोशिश कर रही थी और बुरी तरह से नाकाम भी रही। इसका सीधा मतलब यही था कि वर्चस्व किसी भी लेडी के साथ बिना उसकी कंसेंट के कुछ नहीं करता था। इसका सीधा मतलब यही था कि उसे रैना के साथ कुछ भी करने के लिए किसी झूठ की जरूरत नहीं थी।
Ep 8
रैना अच्छे से जानती थी कि किसी बैचलर के अपार्टमेंट में जाने का क्या मतलब हो सकता था?
रैना ने वर्चस्व की बात पर कोई जवाब नहीं दिया बल्कि चुपचाप खिड़की से बाहर भागते हुए पेड़ पौधों को देखती रही। जल्दी ही वह लोग वर्चस्व के अपार्टमेंट पहुंच गए।
वर्चस्व का अपार्टमेंट शहर के बीचो-बीच मौजूद सिटी की सबसे पाॅश लॉकेलिटी में था। वह करीब 500 स्क्वायर मीटर एरिया में फैला हुआ था। उसका इंटीरियर काफी एलिगेंट था। जिससे वर्चस्व की अमीरी साफ झलक रही थी।
अंदर आने के बाद वर्चस्व ने कहा, "तुम यही लिविंग रूम में वेट करो, मैं अभी आया।”
वर्चस्व सीधे अपने स्टडी रूम में चला गया। वहां जाकर उसने जरूरी डॉक्यूमेंट प्रिंट किए और उसने अपने असिस्टेंट को कॉल करके सारी डिटेल्स भी बता दी। जैसे ही वह वापस जाने की तैयारी कर रहा था, वर्चस्व का फोन फिर से रिंग करने लगा लेकिन यह उसकी नॉर्मल रिंगटोन नहीं थी। एक स्पेशल रिंगटोन थी जो उसने किसी खास इंसान के लिए सेट की हुई थी। इस रिंगटोन के साथ ही वर्चस्व के चेहरे पर थोड़ा सा बदलाव आ गया। उसने अपना फोन निकाला और कॉलर आईडी चेक की तो यह वही इंसान था, जिसके बारे में अभी अभी वर्चस्व सोच रहा था।
आखिरकार उसने कॉल आंसर नहीं किया। सामने वाले इंसान ने भी दूसरी बार कॉल नहीं किया लेकिन इस अनजाने कॉल ने वर्चस्व का मूड इतना ज्यादा खराब कर दिया था कि उसने अपने स्टडी रूम में बने हुए छोटे से बार से एक वाइन की बोतल निकाली और पीने लगा।
दो पैग पीने के बाद वह अपनी फ्रेंच विंडो के पास खड़ा बाहर का सीन देख रहा था।
रैना काफी देर से लिविंग रूम में ही उसका इंतजार कर रही थी। थोड़ी ही देर पहले उसने स्टडी रूम के अंदर से प्रिंटर की आवाज सुनी थी लेकिन वर्चस्व के फोन की रिंगटोन बजने के बाद उसे कुछ नहीं सुनाई दिया इसीलिए उसने टेंशन से धीरे से दरवाजा खोला।
वर्चस्व उसकी तरफ पीठ करके खड़ा हुआ था। रैना को उसका चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन वह काफी अकेला लग रहा था। वर्चस्व को ऐसे देखकर रैना को अचानक से ऐसा लगा जैसे वह किसी को याद कर रहा था। रैना उसे परेशान नहीं करना चाहती थी इसीलिए दबे पांव वापस लौट ही रही थी कि तभी उसे पीछे से वर्चस्व की कर्कश आवाज सुनाई दी।
“रुको!!”
रैना वही कि वहीं रुक गई। अगले ही पल उसने महसूस किया कि एक जोड़ी मजबूत बाँहें उसे पीछे से गले लगा रही थी।
वर्चस्व ने धीरे से उसकी गर्दन पर किस किया और फिर उसके कान में धीरे से बोला, “तुम यहां इसीलिए आई हो ना क्योंकि तुम मुझे पसंद करती हो?”
रैना की सांसे अचानक से रुक गई। इस वक्त वह इनकार करने की हालत में नहीं थी क्योंकि जो हो रहा था, वही तो वह चाहती थी। रैना यह भी अच्छे से जानती थी कि वर्चस्व इस वक्त अपने आपे में नहीं था। वह इमोशनली काफी टूटा हुआ था। भले ही उन दोनों के बीच इस वक्त कुछ भी क्यों ना हो जाए.. वर्चस्व इस बात को एक्सेप्ट नहीं करने वाला।
रैना विरोध करना चाहती थी लेकिन चाह कर भी वह वर्चस्व को अपने से दूर नहीं कर पा रही थी। खिड़की के बाहर से पूरा शहर साफ दिखाई दे रहा था लेकिन इस वक्त रैना का ध्यान खिड़की के बाहर के खूबसूरत नज़ारों की तरफ बिल्कुल नहीं था।
वह इस वक्त फ्रेंच विंडो के ठीक सामने थी और वर्चस्व ने उसे खिड़की के आईने पर लगाया हुआ था। रैना के हाथ उसके सर के ऊपर बंधे हुए थे। वर्चस्व ने अपना सर नीचे किया और उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया, जिससे रैना के मुंह से एक सेडक्टिव सी कराह निकली।
वर्चस्व ने काफी ड्रिंक कर रखी थी। उसकी आंखों में नशे के डोरे दिखाई दे रहे थे लेकिन अचानक वह रुक गया। तभी रैना के गुलाबी होंठ हल्के से कांप उठे, “तुम अचानक रुक क्यों गए, वर्चस्व?”
अचानक से वर्चस्व के आंखों में दिखाई देने वाली रैना को पाने की चाहत गायब हो गई।
वह एक कदम पीछे हट गया और सख्त आवाज में बोला, “सॉरी मिस शर्मा, मैं नशे में था इसलिए मैं ठीक से समझ नहीं पाया।”
अगले ही पल रैना के चेहरे का रंग उड़ गया। वर्चस्व ने तुरंत ही रैना की शर्ट के बटन लगाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया तो रैना ने कांपती हुई आवाज में कहा, "थैंक यू.. मैं खुद कर सकती हूं!”
रैना ने कांपती हुई उंगलियों से अपनी शर्ट का बटन पकड़ा और उसे लगाने की कोशिश की लेकिन जितनी बार भी वह अपनी शर्ट का बटन लगाने की कोशिश कर रही थी, लगा ही नहीं पा रही थी। रैना काफी परेशान हो गई थी। आखिर में वर्चस्व ने आगे बढ़कर उसकी शर्ट के बटन बंद करने में रैना की हेल्प की और एक बार और उससे माफी मांगी।
रैना के चेहरे के एक्सप्रेशन बहुत ही अजीब थे। रैना को मनाने के लिए वर्चस्व ने तुरंत ही हयात को कॉल किया और रैना के पापा के बारे में उसे सब कुछ डिटेल में बता दिया।
हयात एक वकील होने के नाते वर्चस्व की बहुत इज्जत करता था इसीलिए वह तुरंत ही रैना की हेल्प करने के लिए मान गया और रैना के साथ मिलने का टाइम भी फिक्स कर लिया। थोड़ी देर और बात करने के बाद वर्चस्व ने हयात को बाय बोलकर कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया और अपनी डेस्क पर जाकर बैठ गया और उसने अपनी सिगरेट जला ली।
कुछ कश लेने के बाद उसने रैना की तरफ देखते हुए कहा, "तुम इस केस में तुम्हारी मदद करने के अलावा जो चाहे मुझसे मदद मांग सकती हो। मैं इनकार नहीं करूंगा।”
रैना जानती थी कि यह शायद उनकी आखिरी मुलाकात थी। वर्चस्व पहले उसके साथ रात गुजारना चाहता था लेकिन अब सब कुछ अलग था। रैना नहीं जानती थी कि अचानक उसे हुआ क्या था? लेकिन ऐसा लग रहा था कि वर्चस्व उन दोनों के बीच एक क्लियर लाइन खींचने का मन बना चुका था।
रैना भी बेवकूफ नहीं थी। वह इस तरह की चीजों के लिए कुछ ज्यादा ही सेंसिटिव थी।
रैना ने शांत होने का नाटक किया और अपना हाथ हिलाते हुए कहा, "इट्स ओके मिस्टर खुराना.. मैं ठीक हूं। आपने मिस्टर हयात से बात करने में मेरी मदद की उसके लिए थैंक यू।”
रैना को अंदर ही अंदर काफी दुख हो रहा था लेकिन वह अपनी कमजोरी वर्चस्व के सामने दिखाना नहीं चाहती थी। वर्चस्व से उसका कोई कनेक्शन नहीं था इसलिए उसके सामने इमोशनल होना बेकार था।
रैना ने एक गहरी सांस ली और कहा, "बाय मिस्टर खुराना, मैं चलती हूं! आप चिंता मत कीजिए। मैं ठीक हूं और टैक्सी लेकर वापस चली जाऊंगी।”
वर्चस्व ने भी कुछ नहीं कहा, वह बस बिना किसी हड़बड़ी के अपनी सिगरेट पीता रहा। रैना काफी उदास हो चुकी थी और चुपचाप उसका अपार्टमेंट छोड़कर चली गई।
वह यहां से सीधे अपने घर नहीं गई क्योंकि वह इला के चेहरे पर इतनी जल्दी निराशा नहीं देखना चाहती थी। रैना काफी देर तक ऐसे ही सड़क पर घूमती रही।
रात हो चुकी थी। रैना अकेली सड़क पर घूम रही थी। पास ही के मॉल में एक कार्निवल चल रहा था, जहां तरह-तरह के झूले मौजूद थे। कुछ बच्चे अपने पेरेंट्स के साथ एक्साइटमेंट में झूले पर बैठने का इंतजार कर रहे थे तो कुछ कपल्स हाथों में हाथ डाले हुए सेल्फी क्लिक कर रहे थे। वह चुपचाप वहीं खड़ी होकर यह रोमांटिक और प्यार भरा सीन देखने लगी।
रात में हवा चल रही थी जो बार बार आंसुओं से भीगे हुए उसके गालों से टकरा रही थी। उसी वक्त गोल्डन बेंटले रैना के पास से गुजरी।
वर्चस्व ने देखा कि वह कार्निवल के गेट पर अकेली चुपचाप खड़ी थी। उसे ऐसे देखकर अचानक से वर्चस्व के दिल में ख्याल आया, “कहीं यह मेरे ही बारे में तो नहीं सोच रही?”
वर्चस्व इस वक्त बहुत ही प्यार भरी नजरों से रैना को देख रहा था। अचानक से उसने अपना सर झटका और अपने आप को डांट दिया, “तुम इतना सेल्फ ऑबसेस्ड कैसे हो सकते हो? तुम्हें हमेशा ऐसा क्यों लगता है कि वह तुम्हारे ही बारे में सोच रही होगी?”
वह अच्छे से जानता था कि इस वक्त रैना किसके बारे में सोच रही थी? वर्चस्व ने गहरी सांस ली और एक्सीलेटर दबाकर अपनी गाड़ी को वहां से लेकर तेजी से चला गया।
☆☆☆☆☆☆☆
अगले ही दिन रैना दिल्ली के सबसे फेमस म्यूजिक स्टूडियो में पहुंच गई। रैना यहां जॉब करती थी। उसके स्टाफ के सभी लोगों को पता था कि उसकी फैमिली में कोई बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो गई थी इसीलिए सभी लोग उसे दिलासा देने के लिए उसके आसपास जमा थे।
रैना जबरदस्ती मुस्कुरा दी। वह नहीं चाहती थी कि लोग उसके बारे में टेंशन लें।
उसी दिन सुबह 10:00 बजे एक कुरियर वाला रैना को ढूंढते हुए आया और उसने एक कुरियर रैना को थमा दिया। रैना इस कुरियर की वजह से बहुत हैरान थी। उस पर किसी का नाम नहीं लिखा था।
Ep 9
सुबह 10:00 बजे एक कुरियर वाला रैना को ढूंढते हुए आया और उसने एक कुरियर रैना को थमा दिया। रैना इस कुरियर की वजह से बहुत हैरान थी। उस पर किसी का नाम नहीं लिखा था।
पैकेट खोला तो उसके अंदर एक बहुत ही खूबसूरत वेलवेट बॉक्स में एक डायमंड नेकलेस रखा हुआ था। डायमंड की चमक रैना की आंखों को चकाचौंध कर रही थी। कोई भी देखकर आसानी से बता सकता था कि वह बहुत महंगा होगा।
पर तभी रैना की नजर गिफ्ट रैपर के पीछे वाली तरफ पड़ी भेजने वाले का नाम लिखा था। यह कुरियर भेजने वाला वर्चस्व था।
रैना हैरानी भरी नजरों से उसे देख रही थी, तभी उसकी एक कुलीग तेजी से रैना के पास आई और हैरानी भरी नजरों से नेकलेस को देखते हुए धीमी आवाज में बोली, “रैना, मैं इस ब्रांड को अच्छे से जानती हूं। यह बहुत ही लग्जुरियस और एक्सपेसिव ब्रांड है। इसी नेकलेस की कीमत 10 लाख से ज्यादा की होगी।”
10 लाख का नाम सुनते ही रैना की आंखें बड़ी-बड़ी हो गई। वह इतना महंगा गिफ्ट कैसे एक्सेप्ट कर सकती थी? लेकिन बदकिस्मती से पैकेज पर कोई भी रिटर्न एड्रेस नहीं था।
रैना अच्छे से जानती थी कि वर्चस्व उसे दोबारा देखना नहीं चाहता पर वह भी इस नेकलेस को अपने पास नहीं रख सकती थी। रैना ने अपना मन बना लिया और ऑफिस से छूटने के बाद सीधे वर्चस्व की लॉ फर्म पहुंच गई।
☆☆☆☆☆☆☆
रैना ने वेलवेट बॉक्स को धीरे से रिसेप्शनिस्ट के सामने डेस्क पर रख दिया और कहा, "आप प्लीज इसे मिस्टर खुराना को दे देगीं।”
रिसेप्शनिस्ट को कुछ समझ में नहीं आया था लेकिन फिर भी उसने हां में अपना सर हिला दिया। जैसे ही रैना पलटकर वहां से जाने वाली थी, उसी वक्त लिफ्ट का दरवाजा खुला और वर्चस्व एक जवान और जानी पहचानी सी दिखने वाली लड़की के साथ बाहर निकला।
रैना को तुरंत ही एहसास हो गया कि उसने इस लड़की को पहले भी एक मैगजीन में देखा था।
यह सिया खुराना थी, खुराना परिवार की आंखों का तारा और वर्चस्व की इकलौती छोटी बहन.. लगभग 6 महीने पहले ही वह फॉरेन से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वापस आई थी और आने के बाद ही उसका और रितिक का अफेयर स्टार्ट हो गया।
इस वक्त सिया ने वर्चस्व की बांह पकड़ रखी थी और एक छोटे बिगड़ैल बच्चे की तरह मुंह बनाते हुए जिद कर रही थी, “वर्चस्व, मैं तुमसे कितनी बार रिक्वेस्ट कर चुकी हूं लेकिन तुम रितिक से मिलने के लिए तैयार ही नहीं हो। तुम मेरी बात सुन क्यों नहीं रहे?”
वर्चस्व ने लापरवाही से अपने कंधे उचका दिए। सिया ने गुस्सा होने का नाटक किया और वर्चस्व से बहस करने लगी लेकिन उन दोनों को लड़ते हुए देखने के बाद भी कोई भी समझदार इंसान यह बता सकता था कि दोनों भाई बहन के बीच के रिश्ते कितने अच्छे थे।
रैना चुपचाप उन्हें देख रही थी। वह जानती थी कि सिया की सगाई उसके एक्स बॉयफ्रेंड रितिक से हो चुकी थी। उसके बावजूद वह सिया से नफरत नहीं करती थी। उसे बस यह लगता था कि वह एक बहुत ही अजीब तरीके की सिचुएशन में फंस गई थी। यह बात भी क्लियर था कि वर्चस्व को अपनी बहन की बहुत ही ज्यादा परवाह थी। ऐसे में रैना यह उम्मीद कैसे कर सकती थी कि वर्चस्व उसके पापा के मामले में उसे हेल्प करेगा?
रैना ने अपना सर नीचे झुकाया और चुपचाप वहां से चली गई लेकिन वर्चस्व ने उसे जाते हुए देख लिया। वह तुरंत ही सिया को रुकने का कहकर रैना के आने की वजह जानने के लिए रिसेप्शनिस्ट के पास पहुंच गया।
रिसेप्शनिस्ट ने तुरंत ही वेलवेट बॉक्स निकाल कर उसे थमा दिया और कहा, "सर एक लेडी अभी-अभी आपके लिए यह बॉक्स छोड़कर गई है।”
वर्चस्व ने एक नजर जाती हुई रैना की तरफ देखा और अपना सर हिला कर बॉक्स ले लिया। वह वापस अपने ऑफिस में आ गया। उसने लापरवाही से नेकलेस के बॉक्स को ड्राॅवर में फेंक दिया।
उस दिन के बाद से वह रैना को भूल ही गया था लेकिन जब भी उसकी डिजायर्स जाग रही थी, तभी उसे रैना की याद आ रही थी। उसकी आंखों के सामने तुरंत रैना की पतली कमर, उसका खूबसूरत चेहरा, बड़ी-बड़ी आंखें और उसकी टांगे एक रील की तरह दौड़ गई।
अगले कुछ दिनों तक रैना बहुत ही ज्यादा बिजी थी। वह इसी बीच हयात से भी मिली। किस्मत से वह बहुत ही ज्यादा काबिल वकील था। कई बार हयात से मिलने के बाद रैना को इतना तो क्लियर हो गया था कि वह लोग इस मामले से कैसे डील करने वाले थे?
☆☆☆☆☆☆☆☆
हयात इस वक्त अपने बड़े से केबिन में बैठे हुए रैना की दी हुई इनफॉरमेशन और एविडेंस को ध्यान से देख रहे थे। उनके चेहरे पर एक बहुत ही शांत मुस्कान थी।
हयात ने कहा, "वर्चस्व ने मुझे आपकी हेल्प करने के लिए कहा है इसीलिए मैं आपको किसी भी धोखे में नहीं रखूंगा।”
इतना कहकर उसने एक नजर सामने रख डॉक्यूमेंट पर डाली और एक पेपर खोलकर रैना की तरफ देखते हुए कहा, "देखिए, सबसे बेस्ट कंडीशन में हम आपके पापा की सजा कम से कम करवाने की कोशिश करेंगे पर उन्हें कम से कम दो साल तो जेल में रहना ही होगा।”
रैना के चेहरे पर एक व्यंग्य भरी मुस्कान दिखाई दी। अभी भी वह इस फैसले को लेकर श्योर नहीं थी। इस फैसले की वजह से उसके मन में कुछ मिक्स्ड इमोशंस पैदा हो गए थे।
हयात अपनी कुर्सी पर सिरहाना लगा कर बैठ गया और उसने अपनी बांहें मोड़ते हुए रैना की तरफ देखा और पूछा, "क्या मैं पूछ सकता हूं कि मिस्टर खुराना ने आपका यह केस खुद क्यों नहीं लिया? अगर वह तुम्हारा केस संभाल रहे होते तो तुम्हारे पापा निर्दोष साबित हो सकते थे।”
रैना उसे यह नहीं बता सकती थी कि उसके और वर्चस्व के बीच हुआ क्या था? इसीलिए उसने बहाना बनाया, “वह आजकल बहुत ज्यादा बिजी हैं।”
हयात ने मुस्कुराते हुए अपना सर हिला कर कहा, "समझ सकता हूं!”
सारी डिस्कशन के बाद हयात खुद रैना को सी ऑफ करने दरवाजे तक गए। रैना उनकी बहुत एहसानमंद थी। वह यह जानती थी कि हयात भी उसकी मदद सिर्फ इसीलिए कर रहे थे क्योंकि वर्चस्व ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा था।
हयात के ऑफिस से निकलने के बाद उसने अपने लिए कैब बुक की और जब वह कैब का इंतजार कर ही रही थी, तभी किसी ने पीछे से उसे आवाज दी,
“रैना!”
रैना ने पीछे पलट कर देखा तो सामने से उसका एक जानकार बंदा तुषार तेजी से चलता हुआ उसकी तरफ आ रहा था।
तुषार रितिक का बहुत अच्छा फ्रेंड था। उसने बहुत छोटी उम्र में अपना बिजनेस स्टार्ट कर लिया था। जब रितिक और रैना एक साथ थे, तब रैना कई बार पार्टीज में तुषार से मिल चुकी थी।
तुषार तेजी से रैना के पास आया और उसने मुस्कुराते हुए पूछा, "अरे रैना तुम यहां क्या कर रही हो?”
रैना ने ईमानदारी से जवाब दिया, “मैं यहां मिस्टर हयात शाह से मिलने आई हूं।”
यह सुनते ही तुषार की मुस्कान और भी चमकीली हो गई, “तुम सच में मेरे पापा से मिलने आई थी?”
रैना ने हैरानी से तुषार की तरफ देखा। तुषार हयात शाह का बेटा था। तुषार एक लंबा चौड़ा हैंडसम बंदा था। वह कहीं से भी अपने पापा के जैसा नहीं दिखता था।
उसने रैना की तरफ देखा और आंख मारते हुए कहा, "कम ऑन रैना.. अब यह मत कहना कि मैं अपने पापा जैसा बिल्कुल नहीं दिखता।”
यह सुनकर रैना ने मुस्कुराते हुए अपना सर नीचे झुका दिया।
तभी तुषार ने कहा, "ठीक है तो हम डिनर के लिए चलते हैं। वहां बैठकर बाकी सब कुछ डिस्कस कर लेते हैं। अगर मेरे लायक कोई काम हुआ तो मैं तुम्हारी हेल्प जरूर करूंगा।”
पहले तो रैना तुषार का प्रपोजल सुनकर हिचकिचा गई लेकिन थोड़ी ही देर बाद वह तैयार भी हो गई।
तुषार ने कहा, "मैं बस अभी अपनी कार लेकर आया, तुम यही वेट करो।”
रैना ने हां में अपना सर हिला दिया। तुषार तेजी से वहां से चला गया और जल्दी ही एक रेड कलर की फेरारी उसके पास आकर रुकी।
तुषार ने कार की विंडो नीचे की और मुस्कुराते हुए कहा, "जानती हो मेरी कार की फ्रंट सीट पर बैठने वाली तुम पहली लड़की हो।”
यह सुनते ही रैना ने अपनी एक आईब्रो को ऊंचा उठाकर तुषार को देखा। तुषार जोर से हंस दिया। रैना को हमेशा लगता था कि तुषार कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड रहता था। इससे पहले वो लोग कुछ ही बार मिले थे, दोनों एक दूसरे को मुश्किल से ही जानते थे लेकिन तुषार उसके साथ बहुत फ्रेंडली था। रैना हयात के बेटे को नाराज नहीं करना चाहती थी इसीलिए ना चाहते हुए भी वह उसकी कार में जाकर बैठ गई।
कार में बैठने के बाद रैना ने अपनी सीट बेल्ट बांधने लगी।
तभी तुषार ने उससे पूछा, "तो क्या खाना पसंद करोगी?”
रैना ने बिना हिचकिचाहट के कहा, "चाइनीस!”
तुषार मुस्कुरा दिया और उसने तुरंत ही कार स्टार्ट की और वहां से निकल गए। पूरे सफर में रैना ने कुछ नहीं कहा। वह अपने पापा के केस को लेकर सोच में डूबी हुई थी। तुषार ने भी उसे परेशान नहीं किया। जब भी वह किसी सिग्नल पर रुक रहे थे तो वह बस चुपचाप रैना को देख रहा था।
तुषार को हमेशा से ही रैना पसंद थी उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर रितिक के दिमाग में ऐसा क्या चल रहा था जो उसने रैना जैसी खूबसूरत लड़की को छोड़ दिया? वह लड़की, जिसे बहुत सारे लड़के पसंद करते थे। अगर वह पिछले 4 सालों से रितिक के साथ रिलेशनशिप में नहीं होती तो न जाने अब तक कितने लड़के उसे अप्रोच कर चुके होते।
अब तुषार के दिमाग में भी यही चल रहा था कि वह रैना को अप्रोच कैसे करे? कैसे वह रैना को प्रपोज करे कि रैना इनकार ना कर पाए?
Ep 10
आधा घंटे बाद तुषार ने एक बहुत ही फेमस चाइनीस रेस्टोरेंट के सामने गाड़ी पार्क कर दी। यह रेस्टोरेंट दिल्ली के फेमस चाइनीस रेस्टोरेंट्स में से था इसीलिए वहां बहुत ज्यादा भीड़ थी।
तुषार ने विंडो वाली सीट रिजर्व की और जब वेटर ने उन्हें मेनू दिया तो रैना ने तुरंत ही मेनू कार्ड ले लिया और कहा, "यह मेरी ट्रीट है!”
यह सुनते ही तुषार एक्साइटमेंट से मुस्कुरा दिया और बोला, “मुझे उम्मीद नहीं थी कि तुम इतनी ज्यादा स्ट्रेट फॉरवर्ड और बोल्ड होंगी।”
रैना जानती थी कि वह मजाक कर रहा था इसीलिए उसने शांति से कहा, "मेरी टांग खींचने की जरूरत नहीं है। तुम जानते हो ना हम फ्रेंड्स के साथ डिनर पर जा सकते हैं। यह कोई बड़ी बात थोड़ी है।”
यह सुनते ही तुषार की मुस्कुराहट अचानक से गायब हो गई और उसने फिर से कोई मजाक नहीं किया। तुषार जानता था कि रैना यह सब इसीलिए कर रही थी ताकि उसकी किसी भी बात की वजह से उसके पापा को प्रॉब्लम ना हो। रीजन जो भी हो तुषार इसी बात से खुश था कि उसे रैना के बारे में और भी ज्यादा जानने के मौके मिलने वाले थे।
जब वह लोग बातचीत कर रहे थे, तभी एक आदमी और औरत रेस्टोरेंट में एंटर हुए। वह आदमी बहुत ज्यादा हैंडसम था और उसके साथ वाली औरत भी काफी खूबसूरत थी। वह दोनों एक परफेक्ट कपल की तरह नजर आ रहे थे। वह दोनों कोई और नहीं बल्कि रितिक और सिया ही थे।
उन्हें अंदर आते देख रैना ने तुरंत ही अपना चेहरा मेनू से ढंक लिया और अपनी खराब किस्मत को कोसने लगी। तुषार को उसकी इस घबराहट का पता ही नहीं था। उसने तुरंत ही अपना हाथ उठाकर रितिक को आवाज दी।
“रितिक यहां!”
रितिक ने तुषार को देखा तो वह उसे हेलो बोलने ही वाला था लेकिन तभी उसकी नजर तुषार के सामने बैठी हुई लड़की पर पड़ी। भले ही उसने अपना चेहरा ढंका हुआ था पर रितिक उसे पहचान गया। रितिक ने अपनी आईब्रो सिकोड़ ली और हैरानी से तुषार की तरफ देखा। वह जानना चाहता था कि रैना तुषार के साथ डिनर के लिए क्यों आई थी?
रितिक की निगाहों का पीछा करते हुए तुषार की नजरे भी रैना पर जाकर टिक गई।
तुषार ने कहा, "रैना मेरे पापा के पास एक केस के सिलसिले में आई थी। हम बस इसी बारे में बात कर रहे हैं।”
यह सुनकर रितिक के चेहरे पर उदासी छा गई। वह समझ गया कि तुषार भी रैना को पसंद करता था।
रितिक ने व्यंग्य से कहा, "तुषार तुम मुझे बेवकूफ बनाने की कोशिश मत करो। मैं अच्छे से जानता हूं कि तुम इतने भी अच्छे आदमी नहीं हो।”
उसने रैना की तरफ पलट कर देखा और सख्त आवाज में कहा, "तुम यहां क्या कर रही हो? जानती नहीं अनजान लोगों के साथ इस तरह बाहर नहीं जाना चाहिए।”
रितिक को रैना के साथ इस तरह बात करते देख सिया को अपने मन में थोड़ी बेचैनी महसूस हुई।
सिया ने पूछा, "रितिक तुम इसे जानते हो?”
सिया के सवाल करते ही माहौल टेंशन भरा हो गया। रैना सोच रही थी कि बस अभी जमीन फट जाए और वह उसमें समा जाए। रितिक कुछ उल्टा सीधा बोलने ही वाला था कि तभी तुषार जोर-जोर से हंसने लगा। सिया को अचानक से कुछ समझ में नहीं आया।
तभी तुषार ने उसे समझाया, “रैना, मेरी फ्रेंड है इसीलिए रितिक भी इसे जानता है। तुम चिंता मत करो, रितिक तुम्हारे लिए 100% लॉयल है।”
यह बोलते हुए तुषार ने रितिक की तरफ मजाकिया नजरों से देखा। रितिक का चेहरा उतर गया।
उसने सिया से कहा, "चलो चलते हैं!”
और सिया के साथ अपनी टेबल पर चला गया।
उनके जाने के बाद तुषार ने धीरे से फुसफुसाते हुए रैना से कहा, "मुझे तो लगा था कि दिल्ली बहुत बड़ी है लेकिन अब समझ में आया कि लोग क्यों कहते हैं दुनिया बहुत छोटी है। अगली बार हम ऐसी जगह जाएंगे जहां पर रितिक ना पहुंच पाए। इससे तुम्हें प्रॉब्लम नहीं होगी।”
रैना ने भी धीरे से जवाब दिया, “तुम्हें क्यों लगता है कि मैं उससे छुपने की कोशिश कर रही हूं? मैं गलत नहीं हूं तो मुझे उससे बचने की जरूरत भी नहीं है!”
यह सुनते ही तुषार का माथा ठनक गया।
खाना ऑर्डर करने के बाद तुषार अचानक से उठकर खड़ा हुआ और उसने कहा, "सॉरी, मैं बस अभी वॉशरूम से आया। मेरे आने से पहले अगर डिनर सर्व हो जाए तो प्लीज तुम खाना शुरू कर देना।”
रैना ने इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा और अपना सर हिला दिया। तुषार के बाथरूम में जाने के बाद रैना ने अपनी म्यूजिक क्लास के स्टूडेंट के पेरेंट्स से कॉल करके आगे का शेड्यूल कंफर्म किया।
10 मिनट बीत जाने के बाद भी जब तुषार वापस नहीं आया तो रैना बहुत हैरान हुई कि अचानक यह आदमी चला कहां गया?
तभी रेस्टोरेंट के वॉशरूम से एक लेडी के चीखने की जोरदार आवाज सुनाई पड़ी। अचानक से पूरे रेस्टोरेंट में अफरा तफरी मच गई।
वॉशरूम के बाहर तुषार और रितिक का झगड़ा हो गया था। कोई नहीं जानता था कि झगड़े की वजह क्या थी?
रैना भीड़ को चीरती हुई आगे बढ़ी तो उसने देखा की दीवारों और फर्श पर खून बिखरा हुआ था और रितिक गुस्से से तुषार को घूर रहा था।
1 घंटे बाद दो आदमी और दो औरतें पुलिस स्टेशन में बैठे हुए थे। झगड़ा शुरू होते ही किसी ने पुलिस को बुला लिया था इसीलिए तुषार और रितिक दोनों ही इस वक्त पुलिस कस्टडी में थे।
सिया ने तुरंत ही अपने भाई को फोन किया और रोते हुए कहा, "वर्चस्व, प्लीज तुम जल्दी से यहां आ जाओ। रितिक का किसी के साथ झगड़ा हो गया है। पुलिस हम लोगों को पकड़ कर पुलिस स्टेशन ले आई है। प्लीज जल्दी यहां आकर हमें छुडवाओ। जानते हो, रितिक, को बहुत ज्यादा चोट आई है।”
वर्चस्व का नाम सुनते ही रैना का दिमाग बिल्कुल ब्लैंक हो गया।
रैना ने बडबडाते हुए कहा, "वर्चस्व यहां आ रहा है।”
जल्दी ही सिया ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी। उसने दया भरी नजरों से रितिक की तरफ देखा और उसकी चोटों को देखने लगी।
सिया ने कहा, "तुम्हारे होंठ भी कट गए!”
और फिर तुरंत उसने पलट कर तुषार की तरफ देखा और उसे डांटा, “तुषार, तुम रितिक के साथ ऐसा कैसे कर सकते हो?”
तुषार की हालत भी ज्यादा अच्छी नहीं थी। उसके बाएं गाल पर बहुत बड़ा घाव था।
तुषार तेज आवाज में बोला, “पहले उसने मुझे मारा था। मैं तो बस उसे छेड़ रहा था कि वह तुम्हारी सारी बातें मानता है और पूरे टाइम तुम्हारे आगे पीछे घूमता है। लेकिन उसने तो सीधे उठाकर मुझे मुक्का मार दिया।”
यह सुनकर सिया मन ही मन खुश हो गई और झूठ मूठ गुस्सा करते हुए रितिक को डांटने लगी, “रितिक, तुषार तुम्हारा दोस्त है। तुम उसके साथ ऐसा कैसे कर सकते हो? तुम जानते हो ना कि वह रैना को अप्रोच करने की कोशिश कर रहा है और तुमने उसी के सामने इसे पीट दिया! इसकी तो उसके सामने कितनी बेइज्जती हो गई ना!”
रितिक ने कोई जवाब नहीं दिया। उसने एक सिगरेट निकाली और जलाकर तुषार को सख्त नजरों से घूरा और एक लंबा कश लिया। उसे लग रहा था कि उसका क**** दोस्त कुछ ज्यादा ही अच्छा झूठ बोलता था।
वो तुषार ही था जो सबसे पहले स्मोकिंग एरिया में उसके पास आया और उसने उल्टी सीधी बातें बोलकर रितिक को गुस्सा दिलाया था। इतना ही नहीं उसने कहा था।
“रितिक देखो अब तो तुम्हारा और रैना का ब्रेकअप हो चुका है तो अगर मैं उसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाने की कोशिश करूं तो तुम्हें तो प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए। अगर मैं उसे अप्रोच नहीं करूंगा तो कोई और करेगा और वैसे भी तुम सिया से सगाई कर चुके हो। ऐसे में तुम्हारी एक्स गर्लफ्रेंड किसके साथ रहती है किसके साथ नहीं उससे तुम्हें कोई प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए!”
रितिक ने मजाकिया नजरों से तुषार की तरफ देखा। उसे लग रहा था कि उसने तुषार को बहुत कम आंका था।
रैना इस वक्त एक ऐसे दोहराहे पर खड़ा महसूस कर रही थी कि वह किसी भी तरफ नहीं जा सकती थी। उसे तो यह चिंता थी कि अगर वर्चस्व सच में यहां आ गया तो वह उससे ज्यादा ही नाराज हो जाएगा। रैना उसके जैसे किसी आदमी को गुस्सा दिलाने का जोखिम नहीं उठा सकती थी। रैना की आंखें तेजी से यहां वहां घूम रही थी और वह यहां से भागने का मौका ढूंढने के लिए बेताब थी और तभी तुषार की आवाज ने उसे वापस से होश में ला दिया।
“रैना यहां से निकलने के बाद प्लीज तुम मुझे हॉस्पिटल ले चलना। मुझे अपने चेहरे के घाव का इलाज करवाना होगा, नहीं तो कल मैं ऑफिस कैसे जाऊंगा?”
Ep 11
रैना की आंखें तेजी से यहां वहां घूम रही थी और वह वर्चस्व के आने से पहले यहां से भागने का मौका ढूंढने के लिए बेताब थी और तभी तुषार की आवाज ने उसे वापस से होश में ला दिया।
“रैना यहां से निकलने के बाद प्लीज तुम मुझे हॉस्पिटल ले चलना। मुझे अपने चेहरे के घाव का इलाज करवाना होगा, नहीं तो कल से मैं ऑफिस कैसे जा पाऊंगा?”
इस वक्त रैना बहुत ही ज्यादा बेबस महसूस कर रही थी। उसने अपना माथा रगड़ा। तभी उसे कदमों की आहट सुनाई दी। रैना ने अनजाने में अपना सर उठाकर ऊपर देखा तो वर्चस्व उसके सामने खड़ा था।
वह हमेशा की तरह कस्टम मेड सूट पहने हुए बिल्कुल टिप टॉप रेडी था। जैसे ही वह वहां पहुंचा, उसने इन चारों लोगों को नजरअंदाज कर दिया और सीधे स्टेशन इंचार्ज के पास पहुंच गया।
वर्चस्व ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं यहां तुषार और रितिक को छुड़वाने के लिए आया हूं।”
पुलिस ऑफिसर उसे अच्छे से जानता था। वह तुरंत ही अपनी सीट से उठकर खड़ा हो गया और बड़ी ही नरमी से बोला, “मिस्टर खुराना, माफ कीजिएगा इतनी छोटी सी बात के लिए आपको यहां तक आना पड़ा पर इन दोनों के बीच किसी महिला को लेकर झगड़ा हो गया था।”
अभी वर्चस्व ने तीखी नजरों से रितिक और तुषार को देखा। यह दोनों लोग एक औरत के लिए एक दूसरे को पीट रहे थे। तभी उसकी नजर रैना पर पड़ी। जिसने एक सफेद कलर की सिल्क की शर्ट और एक नी लेंथ की प्रिंटेड स्कर्ट पहनी हुई थी। इस सिंपल सी ड्रेस मे भी वह बहुत ही क्यूट और अट्रैक्टिव दिख रही थी।
तभी सिया रितिक का बचाव करने के लिए उठकर खड़ी हो गई, “ऐसा नहीं है वर्चस्व! वह किसी लड़की को लेकर नहीं लड़ रहे थे। रितिक और तुषार की लड़ाई इसीलिए हुई क्योंकि तुषार उसे छेड़ रहा था।”
वर्चस्व ने तुरंत अपनी नजर रैना से हटाकर रितिक की तरफ घुमा दी और पूछा, "सच में यही बात है?”
सिया ने तुरंत ही अपने दोनों हाथ अपनी कमर पर रख लिए और कहा, “बिल्कुल, रितिक मुझसे प्यार करता है तो वह किसी और लड़की के लिए लड़ाई क्यों करेगा?”
वर्चस्व ने उसकी बात अनसुनी कर दी और जमानत की सारी फॉर्मेलिटी पूरी की और फिर रितिक को वहां से जाने दिया। रितिक तुरंत ही बाहर निकल गया। सिया भी तेजी से उसके पीछे दौड़ पड़ी।
दूसरी तरफ तुषार वहीं रुका रहा। उसने अजीब तरीके से हंसते हुए कहा, "थैंक यू वर्चस्व, इस हेल्प के लिए मैं तुम्हें ट्रीट जरूर दूंगा।”
इतना कहकर तुषार रैना को लेकर वहां से जाने वाला था लेकिन वर्चस्व ने उन्हें रोक लिया, “तुषार, तुम आगे बढ़ो मुझे मिस शर्मा से कुछ पर्सनल मैटर डिस्कस करना है।”
तुषार ने वर्चस्व की बात काटने की हिम्मत नहीं की। भले ही वह दोनों एक ही एज के थे लेकिन वर्चस्व ने अपने कैरियर को उस ऊंचाई पर पहुंचा दिया था, जहां वह तुषार से बहुत ही ज्यादा पावरफुल हो चुका था।
तुषार ने रैना को देखकर आंख मारते हुए कहा, "मैं तुम्हारा कार में वेट कर रहा हूं।”
रैना ने झूठमूठ मुस्कुराने की कोशिश की। वह मुस्कान भी तुषार के वहां से जाते ही गायब हो गई।
कमरे में मौजूद ऑफिसर्स समझदार थे। उन्होंने तुरंत ही माफी मांगते हुए कहा, "मिस्टर खुराना, अब आप इस लेडी से पर्सनल बात करना चाहते हैं तो हमें भी निकलना चाहिए।”
वह लोग तुरंत ही माफी मांग कर निकल गए। रैना हैरान परेशान सी पुलिस ऑफिसर को उनके ही पुलिस स्टेशन से बाहर जाते हुए देख रही थी। अब उस पुलिस स्टेशन में सिर्फ वह और वर्चस्व ही बचे थे।
वर्चस्व ने अपना सर नीचे झुकाया और अपनी उंगलियों के बीच सिगरेट को घुमाता रहा। इस वक्त उसकी पतली उंगलियां बहुत ही सफाई से घूम रही थी, जो उसके अट्रैक्शन को और भी ज्यादा बढ़ा रही थी।
थोड़ी देर बाद वर्चस्व ने अपनी नजरे उठाकर एक अजीब सी नजर रैना पर डाली और कहा, "मिस शर्मा, आप सच में बहुत खास है। अगर ऐसा नहीं होता तो दो इतने खास दोस्त कभी आपके लिए नहीं लड़ते!”
रैना को समझ में नहीं आया कि वह क्या कहे? उसका पहला इरादा अपना बचाव करने का था।
“आज जो कुछ भी हुआ वह..”
वर्चस्व के होठों पर एक मजाकिया मुस्कान आ गई और उसने कहा, "कहीं तुम यह तो नहीं कहना चाहती कि इसका तुमसे कोई लेना देना नहीं है। क्या तुम्हें सच में अंदाजा नहीं है कि उन दोनों के बीच लड़ाई क्यों हुई?”
अचानक रैना के चेहरे का रंग उड़ गया। जब वर्चस्व लॉजिकली रैना के साथ बात करने लगा तो उसके पास अपना बचाव करने का कोई रास्ता नहीं बचा। बचता भी कैसे.. आखिरकार वह देश का सबसे पावरफुल लॉयर जो था और वह... वह तो कुछ भी नहीं थी।
उसके मन में अचानक अजीब सी गांठ पड़ गई। उसने बड़ी ही मुश्किल से कहा, "मिस्टर खुराना, मैं कसम खा कर कहती हूं कि मेरा इन दोनों में से किसी से कोई लेना देना नहीं है। विश्वास कीजिए मैं किसी भी तरीके से आपकी बहन की आने वाली शादीशुदा जिंदगी में शामिल नहीं होने वाली।”
वर्चस्व अचानक से रैना की तरफ आगे बढ़ गया। रैना ने हिलने तक की हिम्मत नहीं की। उसने अपना सर उठाया और आंसू भरी नजर आंखों से वर्चस्व की तरफ देखा। वर्चस्व ने भी रैना की घबराई हुई नजरों में देखा और अपना हाथ बढ़ाकर धीरे से उसके नाजुक गाल को छू लिया। यह देखकर रैना को बहुत ही ज्यादा इंसल्टेड फील हुआ। उसने तुरंत ही अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया।
वर्चस्व ने धीरे से कहा, "तुम्हें गुस्सा आ रहा है ना? रितिक ने तुम्हें धोखा दिया और अपने लिए किसी और को ढूंढ लिया। उसके बावजूद तुम सिया के सामने यह नाटक कर रही हो कि तुम्हारा उससे कोई लेना-देना नहीं है। यह सब करने में तुम्हें दुख तो हो ही रहा होगा?”
रैना ने लगभग हकलाते हुए कहा, "नहीं, वह नहीं..”
वर्चस्व ने मुस्कुराते हुए कहा, "तुम्हारे मन में अभी भी उसके लिए फिलिंग्स है ना?”
रैना गुस्से से चिल्लाई, “नहीं..”
वर्चस्व ने अपना हाथ पीछे खींच लिया और मुस्कुराते हुए बोला, “मुझे तुम पर पूरा विश्वास है। मैं जानता हूं कि तुम अपना वादा जरुर निभाओगी।”
रैना ने गुस्से से अपने दांत पीस लिये। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वर्चस्व उसके साथ इस तरह का व्यवहार कैसे कर सकता था? आखिर उसने क्या सोचकर उसके साथ यह सब किया था? लेकिन रैना उस पर गुस्सा करने की हिम्मत नहीं कर पाई। उसने बस धीरे से बडबडाते हुए वर्चस्व को कुछ गालियां दे दी।
गालियां सुनने के बावजूद वर्चस्व बिल्कुल भी नाराज नहीं हुआ बल्कि चुपचाप उसकी आंखों में देखता रहा।
काफी देर तक शांत रहने के बाद वर्चस्व ने कहा, "तुमने कुछ भी गलत नहीं किया। तुम बस प्यार में कुछ ज्यादा ही अंधी हो गई थी जो तुमने उस पर बिना सोचे समझे विश्वास कर लिया।”
रैना एक पल के लिए हैरान रह गई और जब वह होश में आई तो वर्चस्व वहां से जा चुका था।
☆☆☆☆☆☆
वर्चस्व तेजी से आकर अपनी कार में बैठ गया जहां सिया और रितिक पहले से ही उसका इंतजार कर रहे थे। कार ड्राइव करते हुए बीच-बीच में वह रियर व्यू मिरर से सिया को रितिक की बांह पकड़े हुए उसके कंधे पर सर रखकर खुशी से मुस्कुराते हुए देख रहा था। यह सब देखकर वर्चस्व के होठों पर एक मजाकिया मुस्कान दिखाई दी।
वर्चस्व की कार उसी चाइनीस रेस्टोरेंट के सामने आकर रुक गई, जहां से यह सारा मैटर शुरू हुआ था। रितिक कार से बाहर निकला और उसने वर्चस्व को थैंक यू कहा। दोनों ही लोगों ने एक दूसरे को अजीब सा लुक दिया और वर्चस्व तुरंत ही अपनी कार स्टार्ट करके वहां से निकल गया।
चलती हुई कार में सिया फ्रंट सीट पर आकर बैठ गई। वर्चस्व ने तुरंत उसे डांटा, “तुम्हें समझ नहीं आ रहा कि चलती कार में इस तरह की हरकतें करना कितना डेंजरस हो सकता है?”
लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सिया पहले ही फ्रंट सीट पर बैठकर अपनी सीट बेल्ट बांध चुकी थी। उसने लापरवाही से अपनी आंखें घुमा दी और अपने भाई को सीरियसली नहीं लिया।
अचानक से उसकी आंखें शरारत से चमकने लगी। सिया ने तुरंत ही वर्चस्व की तरफ देखते हुए कहा, "रैना बहुत खूबसूरत है ना? लेकिन मुझे नहीं लगता कि वह तुषार के टाइप की है। उसका फिगर भी काफी शानदार है। तुम्हें क्या लगता है?”
Ep 12
सिया की आंखें शरारत से चमकने लगी। सिया ने तुरंत ही वर्चस्व की तरफ देखते हुए कहा, "रैना बहुत खूबसूरत है ना? लेकिन मुझे नहीं लगता कि वह तुषार के टाइप की है। उसका फिगर भी काफी शानदार है। तुम्हें क्या लगता है?”
अचानक से वर्चस्व की सांस फूल गई। उसने अपनी खिड़की का कांच नीचे कर दिया। अचानक उसे हल्की सी गर्मी महसूस हो रही थी। पर सिया इस सबसे बेखबर थी।
उसने कहा, "वह बहुत ही खूबसूरत है। मुझे तो शक है कि उसके और रितिक के बीच कुछ तो चल रहा है। वह तो किस्मत अच्छी है कि तुषार उसे अप्रोच कर रहा है इसीलिए मुझे इस बात की चिंता नहीं है वरना तो..”
वर्चस्व चुपचाप अपनी बहन की बात सुन रहा था। उसकी नज़रें अभी भी सड़क पर ही जमी हुई थी।
काफी देर शांत रहने के बाद उसने अपनी चुप्पी तोड़ी, “तो फिर तुम उससे शादी कब कर रही हो?”
यह सुनते ही सिया के गाल शर्म से लाल हो गए। उसने धीरे से कहा, "वह तो रितिक पर डिपेंड करता है। वह अभी अपने कैरियर में बिजी है तो मैं भी शादी के लिए उस पर प्रेशर नहीं डालना चाहती।”
सामने रेड लाइट थी तो वर्चस्व ने धीरे से ब्रेक लगाया और अपनी बहन की तरफ देखते हुए पूछा, "क्या वह सच में तुमसे प्यार करता है?”
सिया ने तुरंत जवाब दिया, “ऑफकोर्स! तुम्हें शक है?”
वर्चस्व ने उसे ज़ोर देकर पूछा, "तो फिर बताओ उसे तुम्हारे अंदर क्या पसंद है?”
सिया ने तुरंत ही अपनी उंगलियों पर गिनना शुरू कर दिया, “उसे मेरी खूबसूरती पसंद है। मेरी एजुकेशन, मेरा एक्सपीरियंस, मेरा फैमिली बैकग्राउंड.. उसे तो यह भी पसंद है कि मेरे पास इतने लविंग और केयरिंग पेरेंट्स और भाई है।”
यह सुनते ही वर्चस्व जोर से हंसने लगा।
☆☆☆☆☆☆☆
दूसरी तरफ वर्चस्व के जाने के बाद रैना तुषार की कार में आकर बैठ गई और फिर तुषार ने रैना को उसके साथ हॉस्पिटल चलने के लिए कहा। सच बात तो यह थी कि तुषार की चोट बहुत ज्यादा सीरियस नहीं थी लेकिन फिर भी तुषार ने राई का पहाड़ बना दिया और 2 घंटे से ज्यादा देर तक हॉस्पिटल में ही चिपका रहा
आखिरकार जब उसने रैना को घर छोड़ा तो रात के 9:00 बज चुके थे। रैना का मूड बहुत खराब था लेकिन फिर भी उसने तुषार से माफी मांगी, “सॉरी तुषार, मेरी वजह से तुम इतनी बड़ी मुसीबत में फंस गए।”
तुषार शायद धीरे से मुस्कुरा दिया। लेकिन उसके मन ही मन बहुत सारे मिक्सड इमोशंस पैदा हो रहे थे। उसने सोचा कि अब जब रैना और रितिक का ब्रेकअप हो चुका था तो उसके पास रैना को पाने का एक मौका हो सकता था लेकिन आज ही उसे एक और सच्चाई पता चली कि वर्चस्व भी रैना में इंटरेस्टेड था। हालांकि पुलिस स्टेशन में वर्चस्व बहुत सीरियस दिख रहा था और वह काफी प्रोफेशनल भी था लेकिन पुलिस स्टेशन में एंटर करते हुए जिस तरह से उसने रैना को देखा था, यह देखकर तुषार समझ गया था कि उसकी नजरें क्या कह रही थी?
लेकिन वर्चस्व की पावर और पोजीशन के कारण तुषार ने रैना के लिए उसके साथ कॉम्पिटिशन करने की हिम्मत नहीं की। कम से कम खुले तौर पर तो वह यह नहीं कर सकता था।
खुराना फैमिली की रेपुटेशन दिल्ली में काफी स्ट्रांग थी। अकेले वर्चस्व से डील करना ही आसान नहीं था। ऐसे में भले ही तुषार को रैना पसंद थी लेकिन उसके लिए वह अपनी पूरी फैमिली को प्रॉब्लम में नहीं डालना चाहता था। वह भी उसी लड़की को पसंद करता था जिसमें वर्चस्व को भी इंटरेस्ट था।
तुषार ने गहरी सांस लेकर रैना की तरफ देखा और मुस्कुरा कर मजाकिया लहजे में कहा, "रैना, अब तो हम दोनों ही सिंगल हैं।”
रैना तुषार को चोट नहीं पहुंचाना चाहती थी उसने तुरंत ही अपना सर हिलाया और अपना डिसीजन सुना दिया, “सॉरी तुषार, लेकिन जैसे ही मेरे पापा जेल से रिहा होंगे, मैं दिल्ली छोड़ दूंगी। और दूसरी बात कि मैं अभी किसी और के साथ रिलेशनशिप में जाने के मूड में नहीं हूं।”
तुषार ने कोई जवाब नहीं दिया और चुपचाप उसे देखता रहा। थोड़ी ही देर बाद वह अचानक जोर से हंसने लगा और बोला, “हे भगवान, तुम कितनी भोली हो! मैं मजाक कर रहा था और तुमने उसे सीरियसली ले लिया। तुम चिंता मत करो मेरे इस मजाक का तुम्हारे पापा के केस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मैं पूरी कोशिश करूंगा कि मेरे पापा जल्द से जल्द तुम्हारे पापा को छुड़ा दे।”
रैना के होठों पर हल्की सी मुस्कान आ गई। जैसे ही वह कार से उतर रही थी, तभी तुषार ने उसे आवाज दी।
“रैना!”
रैना ने तुरंत ही पलट कर पीछे देखा तुषार के चेहरे पर एक बेवकूपी भरी मुस्कान थी और वह हाथ हिला कर रैना को बाय कर रहा था। अचानक से रैना को अपने पेट में एक अजीब सी उथल-पुथल सी महसूस हुई। तभी तुषार कार स्टार्ट करके वहां से निकल गया।
वह तब तक वहीं खड़ी रही जब तक कार वहां से चली नहीं गई। जैसे ही तुषार की कार उसकी नजरों से ओझल हुई, वह तुरंत ही पोर्च की तरफ चल पड़ी। पोर्च की लाइट खराब थी। रैना ने सोचा कि उसे बल्ब बदलवाना होगा।
उसने तुरंत अपना फोन निकाला और उसे टोर्च की तरह इस्तेमाल करने लगी लेकिन अगले ही पल उसे ऐसा लगा जैसे किसी ने उसकी कमर को पकड़ लिया। इससे पहले कि वह कुछ कर पाती, एक बड़े से हाथ में उसका मुंह दबा दिया और उसे खींचते हुए सीढ़ियों के नीचे ले गया।
जैसे ही उसे मौका मिला रैना जोर से चिल्लाई, “छोड़ो मुझे..”
उस आदमी ने अपना हाथ हटाया और अपने होंठ जबरदस्ती रैना के होठों पर रख दिए। वह उसे बहुत बुरी तरह से किस कर रहा था। तभी रैना को एक जानी पहचानी सी fragrance महसूस हुई, जिससे रैना हैरान हो गई।
यह रितिक था!
रैना ने उसके होंठ को जोर से काट लिया। रितिक ने तुरंत ही रैना को छोड़ा तो रैना ने एक तेज थप्पड़ उसके चेहरे पर मार दिया। इस थप्पड़ को मारने में रैना ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। जैसे ही रितिक ने उसे छोड़ा, वह पीछे की दीवार से टिक गई और गहरी सांसें लने लगी।
रितिक भी बुरी तरह से हांफ रहा था। उसकी आंखें गुस्से से जल रही थी, “दो कौड़ी की गिरी हुई औरत, मैंने तुम्हें छोड़ दिया तो क्या तुम सबके बिस्तर गर्म करती घूमोगी?”
रैना की आंखें गुस्से और आंसुओं की वजह से लाल हो गई। उसने अपना सर उठाकर रितिक की तरफ देखा और अपमान से मुस्कुराते हुए कहा, "क्या हुआ? तुम्हें तकलीफ हो रही है कि मकिने तुम्हारा बिस्तर गर्म नहीं किया? ठीक है, मैं हूं गिरी हुई.. दो कौड़ी की औरत.. जो किसी का भी बिस्तर गर्म करने के लिए तैयार है पर तुम्हारा नहीं, समझे!”
रैना के इस जवाब में रितिक को और भी ज्यादा गुस्सा दिला दिया। रितिक ने तुरंत ही आगे बढ़कर रैना की गर्दन पकड़ ली। उसके माथे की नसें दिखाई देने लगी।
वह जोर से दहाड़ा, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यह सब बोलने की?”
रैना ने बड़ी ही शांति से धीमी आवाज में कहा, "क्या हुआ? वैसे भी यह सब कुछ तो मैं तुम्हारी ही वजह से कर रही हूं। तुमने ही मेरी फैमिली को इस मुसीबत में डाला है, उसी की वजह से मुझे लोगों के बिस्तर गर्म करने पड़ रहे हैं।”
यह सुनकर रितिक ने तुरंत ही उसे छोड़ दिया। उसने टेंशन से अपनी जेब से सिगरेट का बॉक्स निकाला लेकिन वह खाली था। उसने निराशा और गुस्से से सिगरेट का खाली बॉक्स जमीन की पर फेंक दिया और रैना की तरफ उंगली दिखाते हुए धमकी दी।
“जितनी जल्दी हो सके, दिल्ली छोड़ दो.. मैं तुम्हारे पापा को भी छुड़वा दूंगा और तुम्हारे लिए एक बंगला भी खरीद दूंगा।”
यह सुनते ही रैना ने गुस्से से अपनी मुट्ठियां भींच ली, “तुम बहुत घटिया आदमी हो, रितिक.. तुम यह सब कुछ सिर्फ मुझे अपनी रखैल बनाने के लिए कर रहे हो ना?”
रितिक ने अपने हाथ जेब में डाल दिए और बिना किसी एक्सप्रेशन के अपने कंधे उठाते हुए कहा, "तो क्या हुआ? मेरे पास तुमसे डील करने के बहुत सारे तरीके हैं इसीलिए बेहतर होगा कि जैसा मैं कह रहा हूं, तुम वैसा ही करो।”
Ep 13
रितिक ने अपने हाथ जेब में डाल दिए और बिना किसी एक्सप्रेशन के अपने कंधे उठाते हुए कहा, "मेरे पास तुमसे डील करने के और भी बहुत सारे तरीके हैं इसीलिए बेहतर होगा कि जैसा मैं कह रहा हूं, तुम वैसा ही करो।”
उसी वक्त झाड़ू पकड़े हुए एक इंसान वहां पहुंच गया। उसने तुरंत ही झाड़ू उठाई और रितिक को मारना शुरू कर दिया। रितिक जोर से चिल्लाया और लड़ने के लिए तैयार हो गया। उसने पीछे पलट कर देखा तो सामने इला थी। इला को देखते ही उसने मुंह बना लिया।
इला ने कांपती हुई अपनी उंगलियां उठाई और गुस्से से गालियां दी, “दुष्ट, क**** रितिक.. अगर तुमने फिर से मेरी बेटी को परेशान करने की कोशिश की तो मैं तुम्हारी जान ले लूंगी।”
यह सुनते ही रैना का दिल नरम पड़ गया।
इला ने कहा, "तुम चाहे कुछ भी कर लो.. चाहे हमारे साथ कुछ भी हो जाए, पर तुम रैना को छू भी नहीं पाओगे।”
यह सुनते ही रितिक के होठों पर शैतानी मुस्कुराहट आ गई। जाने से पहले उसने घूरते हुए रैना की तरफ देखा और अजीब तरीके से अपने होठों पर जीभ फिराई। इस बात से यह तो साबित हो गया था कि वह एक पत्थर दिल और क्रूर आदमी था।
अगले दो दोनों के अंदर ही शर्मा फैमिली की सारी प्रॉपर्टीज सील कर दी गई। जिनमें उनके दो घर और रैना के पापा के शेयर्स भी शामिल थे।
रितिक को पूरा यकीन था कि उसके ऐसा करने के बाद रैना जल्द ही अपने घुटनों के बल नाक रगड़ते हुए दया की भीख मांगने उसके पास वापस आएगी।
जब कोर्ट के ऑफिसर्स उनका घर सील करने के लिए गए तो इला बहुत गुस्सा हुई थी। गुस्से और घबराहट की वजह से उसे पैनिक अटैक आ गया और उसे हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ा। जब उसे होश आया तब भी वह गुस्से से उबल रही थी। इला जबरदस्ती हॉस्पिटल से निकल गई और रितिक की कंपनी में पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया लेकिन रितिक अब पहले जैसा नहीं रहा था। इला के उसकी कंपनी में जाकर हंगामा करने के बाद भी रितिक उससे मिलने नहीं आया।
इतना ही नहीं रिसेप्शनिस्ट ने इला को धमकी दी कि अगर इला ने हंगामा मचाना बंद नहीं किया तो वह लोग पुलिस को बुला लेंगे। इला बहुत निराश हो गई। तभी रैना जबरदस्ती उसे वापस हॉस्पिटल लेकर चली गई।
अपने हॉस्पिटल बेड पर लेटे हुए इला बहुत टेंशन में लग रही थी।
रैना ने उन्हें दिलासा देते हुए कहा, "आप चिंता क्यों कर रही हैं। हम हमारे रहने का अरेंजमेंट जल्द ही कहीं और कर लेंगे।”
इला ने एक गहरी आह भरी और कहा, "मुझे हमारे रहने की जगह की चिंता नहीं है। चिंता मुझे तुम्हारे पापा की है। मैं जानती हूं कि हयात साहब काफी काबिल वकील है पर उन्हें भी तो पैसे देने पड़ेंगे ना? वह पैसे हम कहां से लाएंगे?”
रैना ने उन्हें दिलासा देते हुए धीमी आवाज में कहा, "एक तो आप टेंशन बहुत करती हैं। मैने कहा, मैं हूं ना… मैं पैसों का कोई ना कोई अरेंजमेंट कर ही लूंगी।”
इला को इस वक्त अपनी सौतेली बेटी पर दया आ रही थी। कुछ देर सोचने के बाद इला ने अपने पास से एक एटीएम कार्ड निकाला और रैना को दे दिया। इस बैंक अकाउंट में 10 लाख रुपए से भी ज्यादा की रकम थी। रैना अच्छे से जानती थी कि इला ने यह पैसे उनके रिटायरमेंट के लिए जमा किए थे।
कार्ड देखते ही रैना मायूसी से कहा, "मैं यह पैसे कैसे ले सकती हूं? यह तो आपके रिटायरमेंट के लिए है।”
इला ने कहा, "बेटा पैसे तो फिर भी कमाए जा सकते हैं पर इस वक्त तुम्हारे पापा को इन पैसे की ज्यादा जरूरत है।”
इला की बात सुनकर रैना जोर जोर से रोने लगी और बोली, “मैं यह पैसे सिर्फ कुछ दिनों के लिए ले रही हूं। जल्द से जल्द मैं यह पैसे आपको वापस कर दूंगी।”
इससे पहले कि रैना और कुछ कहती, इला ने उसे बीच में ही टोक दिया, “तुम चिंता मत करो। दिल्ली से बाहर मेरा एक छोटा सा अपार्टमेंट है। माना वह थोड़ा पुराना और छोटा है लेकिन फिर भी मैं वहां जाकर रह सकती हूं। तुम बस अपने पापा के केस पर ध्यान दो। ठीक है ना?”
रैना का गला भर गया के मुंह से आवाज नहीं निकल पा रही थी। रैना ने हां में अपना सर हिला दिया।
अगले दिन जब इला को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिला तो रैना इला को अपने किराए के छोटे से अपार्टमेंट में ले गई।
यह दो बेडरूम का एक पुराना फ्लैट था। रैना के फ्लैट वाली बिल्डिंग और उस सोसाइटी की आसपास की सभी बिल्डिंग्स भी काफी पुरानी हो चुकी थी। घर का इंटीरियर भी काफी टूटा फूटा सा था। यह उनके पिछले वाले घर से बिल्कुल अलग था।
इला ने ध्यान से चारों तरफ देखा और फिर मायूसी से सोफे पर बैठ गई, जो पहले से ही टूटा हुआ था। रैना को अपनी सौतेली मां के लिए काफी बुरा लग रहा था इसीलिए उसने वेदिका से अपने लिए पार्ट टाइम जॉब ढूंढ ने के लिए कहा।
वेदिका ने विरोध करते हुए कहा, "तुम पहले ही अपने जॉब में ओवरटाइम कर रही हो। अगर तुम इसी तरह लगातार काम करती रही तो एक दिन मर जाओगी।”
पर रैना ने जिद करते हुए कहा, "मैं ठीक हूं। प्लीज तुम मेरा यह काम कर दो और अगर तुम यह नहीं कर सकती तो मैं खुद कुछ और ढूंढ लेती हूँ।”
वेदिका को लगा कि सच में रैना के पास इस वक्त पैसे की बहुत तंगी होगी वरना वह उससे इतनी रिक्वेस्ट नहीं करती। यही सोच कर वेदिका भी उसे पार्ट टाइम जॉब दिलाने के लिए तैयार हो गई। इतना ही नहीं वेदिका ने अपनी सारी सेविंग्स भी रैना को दे दी। रैना वेदिका की बहुत एहसानमंद थी।
जल्दी ही रैना को एक रेस्टोरेंट में पार्ट टाइम जॉब भी मिल गई। भले ही वह दिन भर की मेहनत से बहुत ज्यादा थक जाती थी लेकिन उसे इस बात की खुशी थी कि अब उसे पहले से ज्यादा पैसे मिल रहे थे। किस्मत से वह खूबसूरत थी और पियानो भी अच्छा बजाती थी इसीलिए मैनेजर भी तुरंत उसे जॉब पर रखने के लिए तैयार हो गया।
एक दिन रैना जब रेस्टोरेंट में पियानो बजा रही थी तो उसे वहां वर्चस्व दिखाई दिया। इस बार वह अकेला नहीं था। उसके साथ एक बहुत ही खूबसूरत औरत थी जो उसके साथ डिनर करने के लिए आई हुई थी। वह औरत पहनावे से कोई बिजनेस एसोसिएट लग रही थी लेकिन उन दोनों का व्यवहार काफी अलग था। ऐसा लग रहा था, जैसे वह दोनों काफी क्लोज थे।
रैना को इस बात से बिल्कुल भी हैरानी नहीं हुई क्योंकि वह जानती थी कि वर्चस्व जैसे शानदार आदमी के आसपास हमेशा अनगिनत लड़कियां मंडराती रहती थी। वह यह बात भी अच्छे से जानती थी कि उसके और वर्चस्व के बीच एक बड़ी गहरी खाई थी, जिसे पाटा नहीं जा सकता था इसीलिए रैना ने इस बार वर्चस्व से कोई बात नहीं की।
पर जब वह वॉशरूम जा रही थी, तब रैना का सामना वर्चस्व से हो गया। उसने अपना सर झुकाकर वर्चस्व को हेलो कहा। वर्चस्व इस वक्त वॉशरूम के बगल में बने स्मोकिंग एरिया में स्मोकिंग कर रहा था लेकिन जब उसने रैना को वहां देखा तो उसकी भौंहें तन गई।
उसने देखा कि इस लड़की का वजन काफी कम हो गया था। भले ही वह अभी भी बहुत सुंदर थी लेकिन कोई भी उसे देखकर बता सकता था कि वह बहुत ही थकी हुई और बीमार थी।
वर्चस्व जानता था कि रैना जिस म्यूजिक स्टूडियो में काम कर रही थी, वह बहुत ही हाई प्रोफाइल था। वहां के ट्यूटर्स को पार्ट टाइम जॉब करने की परमिशन नहीं थी। यह सब सोचते हुए उसने धीरे से सिगरेट के धुएं के छल्ले बनाना शुरू कर दिया। उसने रैना के हेलो बोलने का भी जवाब नहीं दिया।
उसने अपनी सिगरेट की राख झाड़ी और सीधे रैना की आंखों में देखते हुए पूछा, "मिस शर्मा, लगता है आपको पैसों की कुछ ज्यादा ही तंगी है।”
इस बात से रैना एकदम से जम गई। उसे उम्मीद नहीं थी कि वर्चस्व उससे डायरेक्ट यह बात करेगा।
थोड़ी देर हिचकिचाने के बाद रैना ने धीमी आवाज में कहा, "जी!”
वर्चस्व कोई बेवकूफ नहीं था। उसे तुरंत ही एहसास हो गया कि रैना की इस बदहाली के पीछे रितिक का हाथ था लेकिन उसने इस बारे में रैना से कुछ भी नहीं कहा। उसे एक बात तो एक्सेप्ट करनी ही पड़ी कि अगर रैना चाहे तो उसके लिए जल्दी पैसे कमाना कोई बड़ी बात नहीं थी। वह न केवल बहुत सुंदर थी, बल्कि नाजुक और अट्रैक्टिव भी थी। जब उसने रैना को किस किया था तो उसके होंठ बहुत ही ज्यादा सॉफ्ट और नशीले थे। कोई भी साधारण आदमी रैना के पास जाने से अपने आप को रोक नहीं सकता था।
वर्चस्व हैरान था कि इतना सब होने के बाद भी रैना ने पैसे कमाने का सबसे मुश्किल रास्ता चुना। खैर इस सब का वर्चस्व से कोई लेना देना नहीं था इसीलिए उसने बस अपना सर हिला दिया। रैना भी तुरंत समझ गई कि वर्चस्व चाहता था कि वह वहां से चली जाए।
रैना जल्दी ही वॉशरूम के अंदर चली गई। जब वह वहां से बाहर निकली तो उसने देखा कि वर्चस्व जा चुका था। उसके साथ डिनर कर रही औरत भी वहां से जा चुकी थी।
रैना ने मुंह बनाते हुए मन ही मन सोचा, “शायद आज की रात वर्चस्व और उस औरत के लिए काफी खूबसूरत होने वाली है।”
रेस्टोरेंट अपने ठीक टाइम रात 10:00 बजे क्लोज हो गया। रैना के भी घर जाने का टाइम हो गया था। जैसे ही वह रेस्टोरेंट से बाहर निकली तो उसने देखा कि बाहर बारिश हो रही थी। उसके पास छाता नहीं था और बस स्टॉप भी 200 मीटर दूर था। रैना के पास अपने बैग से सर ढंक कर भागते हुए जाने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं था।
रैना तेजी से भागते हुए बस स्टॉप पर पहुंची पर वहां पहुंचने तक वह पूरी तरह से भीग चुकी थी। आसपास देखने पर उसे कोई भी नजर नहीं आ रहा था। रैना को घबराहट होने लगी थी। उसने जल्दी से अपने बैग से फोन निकाला और कांपते हुए हाथों से टैक्सी बुक करने के लिए एप्लीकेशन खोली लेकिन बारिश की वजह से टैक्सी मिलना भी बहुत मुश्किल था।
इसी सब के चक्कर में रैना का ध्यान ही नहीं गया कि बस स्टॉप के ठीक सामने सड़क के किनारे पर एक कार खड़ी हुई थी। उसका ड्राइवर काफी देर से चुपचाप रैना पर नजर रखे हुए था।
Ep 14
बस स्टॉप के ठीक सामने सड़क के किनारे पर जो कार खड़ी थी, वह वर्चस्व की गोल्डन बेंटले थी। वर्चस्व ड्राइवर सीट पर बैठा हुआ चुपचाप रैना को देख रहा था। वर्चस्व ने उसे बारिश में भाग कर यहां आते हुए भी देखा था। रैना के कपडे भीगे हुए थे। इतनी दूर से भी वह साफ देख पा रहा था कि रैना ठंड से कांप रही थी। सिया उसके साथ वाली सीट पर बैठी हुई थी और करीब 1 घंटे से अपने फोन में कुछ स्क्रॉल कर रही थी।
लास्ट में उसने उबासी लेते हुए वर्चस्व से पूछा, "वर्चस्व तुमने कहा था ना कि हम लोग कुछ खाने के लिए चल रहे हैं। आधी रात होने आई है। तुम्हें 1 घंटे से कोई ढंग का रेस्टोरेंट नहीं मिल रहा?”
बातें करते करते सिया की नजर कार की खिड़की से सामने की तरफ गई। सामने बस स्टॉप पर उसने रैना को बेचैनी से इधर उधर देखते हुए देखा। वह ठंड से कांप रही थी।
उसने हैरानी से कहा, "अरे 1 मिनट रुको.. वह तो तुषार की गर्लफ्रेंड है ना?”
वर्चस्व ने झटके से सिया की तरफ देखा और कन्फ्यूजन पूछा, "तुषार की गर्लफ्रेंड?”
सिया ने सड़क के उस पार खड़ी अकेली लड़की की तरफ इशारा करते हुए कहा, "यह देखो ना.. वही है वह परफेक्ट फिगर वाली खूबसूरत लड़की.. हे भगवान, देखो ना वह कितनी भीगी हुई है। चलो उसे लिफ्ट देते हैं।”
वर्चस्व ने सीधे सीधे इनकार कर दिया, “वह तुषार की गर्लफ्रेंड है। हमारा उसे इस तरह लिफ्ट देना ठीक नहीं होगा।”
उसी वक्त सिया ने देखा कि एक टैक्सी रैना के सामने आकर रुकी। सिया के चेहरे पर निराशा दिखाई दी और उसने मुंह बनाते हुए कहा, "अरे यार देखो.. उसे टैक्सी भी मिल गई।”
वर्चस्व ने हैरानी से सामने की तरफ देखा तो सच में एक व्हाइट कलर की कैब ने उसके सामने से यू टर्न लिया और उसकी कार के पास से गुजर गई। सिया ने तुरंत ही अपना फोन निकाला और तुषार का नंबर डायल कर दिया।
कॉल कनेक्ट होते ही सिया ने उसे डांटते हुए कहा, "तुषार, जानते हो अभी मैंने किसे देखा? रैना को.. कैसे बॉयफ्रेंड हो तुम? तुम्हें पता भी है बाहर कितनी बारिश हो रही है और फिर भी तुम रैना को पिक करने के लिए नहीं आए। भीगने से वह बीमार पड़ गई तो?”
तभी सामने से तुषार की शर्मिंदगी भरी आवाज आई, “ओह, सॉरी यह तो सच में मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई।”
यह सुनते ही वर्चस्व ने धीमी आवाज में उसका मजाक उड़ाया, “यह तुषार सच में बहुत मोटी चमड़ी आदमी है।”
सिया ने तुषार से थोड़ी देर बात की और फिर कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। सिया ने वर्चस्व की बांह पकड़ी और किसी जिद्दी बिगड़ैल बच्चे की तरह मुंह बनाते हुए कहा, "वर्चस्व सुनो ना…”
वर्चस्व ने घूरते हुए सिया की तरफ देखा तो सिया ने बहुत ही क्यूट सा फेस बनाते हुए कहा, "तुम जानते हो ना कि यह यहां पार्ट टाइम जॉब कर रही है। उसके पास पैसे की सच में कमी है। तुम उससे मेरी बर्थडे पार्टी में पियानो बजाने के लिए इनवाइट कर लो। हम उसे 20-25 हजार रुपए दे देंगे। उसकी हेल्प हो जाएगी।”
वर्चस्व ने तुरंत ही कार स्टार्ट की और अपने कंधे उचकाते हुए कहा, "वह हां नहीं कहेगी।”
सिया को अपने भाई की बातों पर विश्वास नहीं हुआ। उसने मुंह बनाकर अपना सर दूसरी तरफ घुमा लिया। थोड़ी ही देर बाद उसे आगे जाना पहचाना सा रास्ता दिखाई दिया।
सिया ने कन्फ्यूजन से वर्चस्व की तरफ देखते हुए पूछा, "तुमने तो कहा था ना कि तुम मुझे कुछ स्नेक्स खिलाने के लिए लेकर जा रहे हो तो फिर हम घर वापस क्यों जा रहे हैं?”
एक हाथ से कार ड्राइव करते हुए वर्चस्व ने सिगरेट निकाली और दूसरे हाथ से उसे जला दिया। सिया अभी भी सवालिया नजरों से वर्चस्व को देख रही थी।
उसने एक नजर सिया की तरफ देखा और कहा, "तुम तो डाइटिंग कर रही थी ना.. तो फिर इतनी रात कुछ खाने से तुम्हारी डाइटिंग का क्या होगा?”
वर्चस्व की बात सुनकर सिया की बोलती बंद हो गई। उसका भाई बिल्कुल सही बोल रहा था। निराश होकर उसने अपना मोबाइल फोन निकाला और रितिक से बातें करने लगी ताकि उसका दिमाग बार बार खाने की तरफ ना जाए। वर्चस्व ने जब उसे रात में कुछ खाने के लिए बाहर चलने बोला था, तब से सिया के दिमाग में न जाने कौन कौन सी डिशेस नाच रही थी।
☆☆☆☆☆☆
अगले दिन वर्चस्व कुछ इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट्स लेने के लिए अपने पेरेंट्स के घर पहुंचा। जैसे ही वह अंदर जा रहा था, तभी उसे सिया के चीखने की आवाज सुनाई दी।
वर्चस्व ने कन्फ्यूजन से पलट कर देखा तो सिया जोर से चिल्लाई, “वर्चस्व, रैना ने मेरा प्रपोजल रिजेक्ट कर दिया। मुझे यकीन नहीं हो रहा कि उसने इतने सारे पैसे लेने से मना कर दिया।”
वर्चस्व को मीटिंग के लिए लेट हो रहा था इसीलिए वह ज्यादा देर रुक नहीं सकता था।
वर्चस्व ने अपने हाथ में पकड़े हुए डॉक्यूमेंट्स को सिया के सर पर मारते हुए उसे चिढ़ाकर कहा, "मुझे लगता है कि उस लड़की को मेरी प्यारी बहन की तरह मैटेरियलिस्टिक चीजों से मतलब नहीं है।”
सुनते ही सिया नाराज हो गई और मुंह बनाते हुए शिकायत करने लगी, “मम्मी.. मम्मी देखो ना… यह वर्चस्व मुझे फिर से परेशान कर रहा है।”
इतना कहकर वह झूठ-मूठ रोने लगी।
जयंती जो इस वक्त लिविंग रूम में ही बैठी आराम से चाय पी रही थी। उसने सिया की शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया और वर्चस्व की तरफ देखते हुए मुस्कुरा कर कहा, "मुझे हमेशा से रैना बहुत पसंद है लेकिन मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि वह तुषार की गर्लफ्रेंड बन जाएगी।”
यह सुनते ही वर्चस्व की मुस्कान फीकी पड़ गई। वह जानता था कि रैना और तुषार के बीच कोई रिलेशन नहीं था लेकिन उसका भी यह गलतफहमी दूर करने का मूड नहीं था।
उसने लापरवाही से कहा, "बात सिर्फ इतनी है कि तुषार उसे अप्रोच करने की कोशिश कर रहा है।”
जयंती ने बड़ी ही खूबसूरती से चाय का कप सामने रखी टेबल पर रखा और थोड़ी तेज आवाज में वर्चस्व को सुनाते हुए कहा, "रैना बहुत ही दयालु और शांत लड़की है। मुझे लगता है कि वह तुम्हारे लिए बिल्कुल परफेक्ट है। अगर तुम दोनों साथ आ जाओ तो तुम दोनों की जोड़ी एकदम राम सीता की जोड़ी लगेगी।”
वर्चस्व ने लापरवाही से अपने कंधे उचका दिये। वह जल्दी में था इसीलिए बाय बोलकर तेजी से वहां से निकल गया।
अपने भाई को जाते देखा सिया तुरंत ही अपनी मम्मी के पास आकर बैठ गई और सावधानी से बोली, “मम्मी ऐसा लग रहा है, जैसे वर्चस्व अपनी उस सम वन स्पेशल का वेट कर रहा है।”
यह सुनकर जयंती मुस्कुरा दी। उसने कहा, "वह सम वन स्पेशल तुम्हारे भाई के लिए परफेक्ट नहीं है। उन दोनों का साथ रहना उनकी किस्मत में नहीं है। इसके बजाय मुझे लगता है कि उसकी जोड़ी रैना के साथ ज्यादा अच्छी लगेगी।”
यह सुनकर सिया को बहुत हैरानी हुई। उसने बड़ी-बड़ी आंखों से अपनी मम्मी की तरफ देखा। और तभी उसने अपने दिमाग में एक प्लान बना लिया।
☆☆☆☆☆☆
जब ऑफिस छूटने का टाइम हुआ तब तक वर्चस्व के पास डिनर के बहुत सारे इनविटेशन आ चुके थे। उसने उन सभी को इनकार कर दिया और सीधे एक रेस्टोरेंट में चला गया। शाम 8:00 बजे ही पूरा रेस्टोरेंट खचाखच भरा हुआ था। सभी लोग डिनर कर रहे थे और रैना पियानो बजा रही थी।
आज उसने ग्रे कलर की ऑफ शोल्डर ड्रेस पहनी हुई थी। उसके लंबे बाल कमर पर लहरा रहे थे। रैना की उंगलियां पियानो कीबोर्ड पर नाचती हुई महसूस हो रही थी। एक शब्द में उसके पूरे रूप को कहें तो वह मनमोहक लग रही थी।
लगभग 10 मिनट तक खिड़की से उसे देखने के बाद आखिरकार वर्चस्व अपनी कार से बाहर निकला और रेस्टोरेंट का दरवाजा खोलकर अंदर चला गया। उसने खाने का आर्डर दिया और आराम से रैना को पियानो बजाते सुनता रहा।
डिनर सर्व होने का इंतजार करते वक्त उन्हें देखा कि रेस्टोरेंट में मौजूद सारे आदमी रैना के पीछे पड़े हुए महसूस हो रहे थे। एक आदमी होने के नाते उसे अच्छे से पता था कि इन सब के दिमाग में इस वक्त क्या चल रहा था? सभी ने बीच-बीच में रैना को अप्रोच करने की भी कोशिश की लेकिन रैना ने बड़े ही विनम्रता से सभी को इनकार कर दिया।
अपनी जॉब के बीच में रैना को कुछ देर का ब्रेक मिलता था, इस बीच रेस्टोरेंट के एक स्टाफ ने रैना को आकर एक विजिटिंग कार्ड दिया। कार्ड देखते ही रैना के चेहरे का रंग एकदम से उड़ गया।
Ep 15
जब रैना को थोड़ी देर का ब्रेक मिलता तभी रेस्टोरेंट के एक स्टाफ ने उसे एक विजिटिंग कार्ड दिया। उस पर लिखा था..
“एडवोकेट वर्चस्व खुराना.. वीएस लॉ फॉर्म!!”
कार्ड देखते ही रैना हैरान रह गई। उसने पीछे पलट कर देखा तो उसकी नजर वर्चस्व पर गई। वह सबसे कोने की सीट पर बैठा हुआ था और उसके हाथ में वाइन का गिलास था। सबसे अलग अलग बैठे रहने के बावजूद भी रेस्टोरेंट में मौजूद सारी लेडिज का ध्यान वर्चस्व पर ही टिका हुआ था।
रैना उससे कोई कांटेक्ट नहीं रखना चाहती थी पर वह उसे नाराज करना अफोर्ड भी नहीं कर सकती थी इसलिए आखिरकार उसने हिम्मत जुटाई और वर्चस्व की तरफ चल दी।
वर्चस्व के पास पहुंचने के बाद रैना ने अपना सर हल्का सा झुकाते हुए कहा, "गुड इवनिंग मिस्टर खुराना!”
वर्चस्व ने अपना सर हिलाया और उसे अपने सामने वाली सीट पर बैठने का इशारा किया। जैसे ही वह बैठी, वर्चस्व ने उसके हाथ पर सूई का एक निशान देखा। वर्चस्व ने तुरंत ही अंदाजा लगा लिया कि कल रात भीगने की वजह से उसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया होगा और वहीं उसे आईवी ड्रिप लगाई गई होगी।
वर्चस्व बहुत ही ज्यादा सीरियस दिख रहा था। अब वह पहले की तरह उतना कंफर्टेबल नहीं था, जब उसने वेटर से अपना कार्ड रैना को देने के लिए कहा था, तब था।
वर्चस्व ने गहरी सांस ली और रैना की आंखों में देखते हुए कहा, "मिस शर्मा, आप डिनर कर चुकी हैं? क्यों ना आप मेरे साथ डिनर करें!”
रैना ने धीरे से वर्चस्व का कार्ड टेबल पर रखा और बड़े ही सधे हुए शब्दों में कहा, "सॉरी मिस्टर खुराना, पर रेस्टोरेंट स्टाफ को वर्किंग आवर्स में गेस्ट्स के साथ मिलने जुलने की परमिशन नहीं है। आई होप आप मेरी सिचुएशन को समझेंगे!”
रैना के साफ साफ इनकार करने के बावजूद वर्चस्व परेशान नहीं हुआ।
उसने पूछा, "तो फिर यहां से छूटने के बाद का क्या? क्या तुम्हारे पास यहां से निकलने के बाद मेरे साथ ड्रिंक करने का टाइम होगा?”
वर्चस्व का मतलब बिल्कुल क्लियर था। इसका सीधा मतलब था कि अगर रैना उसके साथ डेट करने का फैसला कर ले तो उसकी पैसों की सारी प्रॉब्लम्स दूर हो जाएगी और उसे इतनी ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी।
वर्चस्व ने सोचा था कि रैना अपने 4 साल के रिलेशन से बाहर आ चुकी थी इसीलिए उसे वर्चस्व के साथ फिजिकल होने में कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। इसके अलावा पिछली बार वह खुद वर्चस्व को किस कर चुकी थी। रैना ने झिझकते हुए अपने होठों को दबा लिया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि अचानक ऐसा क्या हुआ जो वर्चस्व को उसमें इतना इंटरेस्ट पैदा हो गया? वह अपने हालात अच्छे से जानती थी इसीलिए उसने वर्चस्व को नाराज किए बिना उसे इनकार करने का मन बना लिया।
रैना ने मुस्कुराते हुए कहा, "मिस्टर खुराना, आपने मेरे पापा के मैटर में मेरी बहुत हेल्प की है। उसके लिए थैंक यू.. पर आप टेंशन मत लीजिए। मैं आपका यह एहसान चुकाने का भी जल्दी ही कोई ना कोई रास्ता ढूंढ लूंगी।”
यह सुनते ही वर्चस्व की आंखें हैरानी से बड़ी बड़ी हो गई। वह अच्छे से जानता था कि रैना का मतलब क्या था। सीधे शब्दों में कहे तो वह उसके साथ कोई रिलेशन नहीं रखना चाहती थी। यह बात भी क्लियर हो गई थी कि वह पैसों के लिए उसके साथ सोने तैयार नहीं थी। सच कहा जाए तो वर्चस्व भी रैना के साथ सोने के लिए बेचैन नहीं था पर जब उसने रैना को इतनी खूबसूरती से पियानो बजाते देखा तो वह बहुत हैरान हो गया।
वह इस फैक्ट को नजरअंदाज नहीं कर पाया कि रैना अगर इतनी खूबसूरती से पियानो बजा सकती थी तो अगर वह किसी को प्यार करे तो वह कितनी खूबसूरत होगी?
वर्चस्व ने बिना कुछ कहे अपना कार्ड उठाकर वापस से जेब में रख लिया। रैना ने जब यह देखा कि वर्चस्व चुपचाप उसकी बात मान चुका था तो उसने धीमी आवाज में कहा, "थैंक यू मिस्टर खुराना!”
उनके बीच का माहौल बहुत ही ज्यादा टेंशन भरा और अजीब हो चुका था। रैना को ऐसा लग रहा था, जैसे वह शर्मिंदगी से अपना सर नहीं उठा पा रही।
उसी वक्त तुषार एक टीनएजर लड़की के साथ रेस्टोरेंट में आया। वर्चस्व को देखते ही तुषार ने एक्साइटमेंट से उसे हेलो कहा, "हेलो मिस्टर खुराना!”
तुषार इतना ज्यादा एक्साइटेड लग रहा था, जैसे उन दोनों के बीच कोई ही कॉम्पिटिशन ना हो। वर्चस्व ने उसे भी अपनी टेबल पर बैठने का इशारा किया
तभी तुषार ने रैना को देखा और मुस्कुराते हुए अपने साथ आई हुई टीनएजर लड़की का इंट्रोडक्शन देते हुए कहा, "रैना यह मेरी छोटी बहन है, दीक्षा.. इसे पियानो सीखने में बहुत इंटरेस्ट है। मैं जानता हूं कि तुम्हारे पास टाइम नहीं है लेकिन फिर भी प्लीज तुम इसे पियानो बजाना सिखा दोगी?”
यह सुनते ही रैना शर्मा गई। वर्चस्व जानता था कि तुषार के दिमाग में इस वक्त क्या चल रहा था? लेकिन उसे इस बात की परवाह नहीं थी। उसने अपना वॉलेट निकाला और उसमें से नोटों का एक बंडल निकालकर टेबल पर रखते हुए कहा, "मिस शर्मा, आप बिजी हैं तो फिर मैं निकलता हूं।”
रैना ने अपना सर हिलाया का शिष्टाचार के नाते उसे रेस्टोरेंट के दरवाजे तक छोड़ने के लिए चली गई। जैसे ही वह बाहर निकले, वर्चस्व ने अपना सर हिला कर रैना को वापस जाने का इशारा किया और वहां से चला गया। वर्चस्व को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कुछ हुआ ही नहीं था।
रैना जब वापस रेस्टोरेंट के अंदर आई तो उसका ब्रेक खत्म हो चुका था। उसे वापस से स्टेज पर जाना था। तुषार काम के बीच उसे परेशान नहीं करना चाहता था इसीलिए वह शांति से रैना के फ्री होने का इंतजार करता रहा। रैना के फ्री होने के बाद वह लोग शांति से बात करने के लिए एक बाहर एक कंफर्टेबल जगह चले गए।
दीक्षा एक बहुत ही प्यारी लड़की थी और जब वह बहुत ही प्यार से रैना को उसे पियानो सिखाने की रिक्वेस्ट कर रही थी, तो वह और भी ज्यादा क्यूट लग रही थी। आखिरकार रैना को उसे पियानो बजाना सिखाने के लिए मानना ही पड़ा। तुषार ने इसके बदले जो उसे फीस ऑफर की थी, वह बहुत ही ज्यादा थी। इतना ही नहीं उसने दो महीने की ट्यूशन फीस रैना को एडवांस में ही दे दी।
रैना जानती थी कि तुषार यह सब करके उसकी हेल्प करने की कोशिश कर रहा था। अगर रैना की फैमिली इतनी ज्यादा प्रॉब्लम में नहीं होती तो वह तुषार का प्रपोजल कभी एक्सेप्ट नहीं करती लेकिन अभी जो उसकी कंडीशन थी, ऐसे में वह अपने स्वाभिमान को बीच में नहीं आने दे सकती थी।
सब कुछ खत्म करने के बाद रैना जब अपने अपार्टमेंट में पहुंची तो वहां पर कोई नहीं था। इला को घर में न पाकर रैना बहुत टेंशन में आ गई। उसने तुरंत ही इला को कॉल कर दिया। पर इला ने कॉल आंसर नहीं किया। वक्त बीतता जा रहा था पर इला की कोई खबर ही नहीं मिल रही थी। रैना का दिल बैठने लगा था। वह लगातार इला को कॉल किए जा रही थी।
Ep 16
रैना जब अपने अपार्टमेंट में पहुंची तो वहां पर कोई नहीं था। इला को घर में न पाकर रैना बहुत टेंशन में आ गई। उसने तुरंत ही इला को कॉल कर दिया। पर इला ने कॉल आंसर नहीं किया। वक्त बीतता जा रहा था पर इला की कोई खबर ही नहीं मिल रही थी। रैना का दिल बैठने लगा था। वह लगातार इला को कॉल किए जा रही थी।
थोड़ी देर बाद जब कॉल आंसर हुई तो रैना बहुत घबराई हुई थी। उसने जल्दबाजी और टेंशन से पूछा, "आप कहां है? सब ठीक तो है ना? आप कॉल क्यों नहीं उठा रही थीं?”
सामने से इला की आवाज सुनाई दी, “हां सब कुछ ठीक है। मुझे बस थोड़ा सा काम था, उसी को पूरा करने के लिए निकली हूं। जल्दी ही वापस आ जाऊंगी।”
करीब आधा घंटे बाद रैना को दरवाजा खुलने की आवाज आई। रैना अपने कमरे से उठकर बाहर आई तो उसने देखा कि इला वापस आ गई थी लेकिन उसका हाथ एकदम लाल दिख रहा था और सूजा हुआ भी था। यह देखकर रैना टेंशन में आ गई।
उसने आगे बढ़कर इला को पकड़ कर सोफे पर बैठा दिया और टेंशन में पूछा, "यह आपके हाथ को क्या हो गया है? कहीं चोट लगी क्या? कहीं इसी की वजह से तो आप मेरे फोन नहीं उठा रही थी?”
इला ने हंसकर बात टाल दी और कहा, "वह.. यह.. वह क्या है ना मैं बहुत बूढी हो गई हूं। किसी काम की नहीं रही। मैंने बस थोड़ा काम करने की कोशिश की लेकिन देखो मेरा हाथ जवाब दे गया।”
यह सुनकर रैना हैरान रह गई। उसने तुरंत ही इला के दोनों हाथ पकड़ कर उसकी हथेलियां देखी तो इला की नाजुक हथेलियों पर छाले पड़े हुए थे। वह छाले वाली हथेलियों को खाली आंखों से देखती रही। रैना के पास कुछ बोलने के लिए शब्द ही नहीं थे। थोड़ी ही देर बाद रैना की आंखों से आंसू बहने लगे। उसने जल्दी से अपने आंसुओं को पोंछ लिया। पर वह जितना आंसुओं को रोकने की कोशिश कर रही थी, उसके आंसू उतने ही ज्यादा बह रहे थे।
उसने लगभग रोते हुए इला की छालों वाली हथेलियों पर दवा लगाई और फिर अपने कमरे में जाकर पैसे ले आई और उन्हें इला के हाथ में रख दिया।
इला ने कन्फ्यूजन से रैना की तरफ देखा तो रैना ने कहा, "यह लीजिए पैसे.. और आगे से आपको काम करने की जरूरत नहीं है। मैं हूं ना, मैं सब संभाल लूंगी।”
इला ने रैना को समझाने की कोशिश की, “लेकिन बेटा, समझने की कोशिश करो। तुम अकेले यह सब कैसे संभालोगी?”
पर रैना ने तुरंत ही उसे रोक दिया, “नहीं मां, मैं संभाल लूंगी। आपकी बेटी है ना.. उसके होते आपको यह सब करने की कोई जरूरत नहीं है।”
यह सुनकर इला बहुत इमोशनल हो गई और रोने लगी। रैना ने भी इला को गले लगा लिया। पता ही नहीं चला कि कब रोते रोते रैना वहीं सो गई।
अगली सुबह जब वह सो कर उठी तो उसकी आंखों के नीचे बहुत ही गहरे काले घेरे दिखाई दे रहे थे। वह बुरी तरह से थकी हुई थी। मेकअप करने के बावजूद उसके चेहरे से थकान साफ दिखाई दे रही थी।
वह तो जल्दी से ऑफिस के लिए निकलने वाली थी पर इला ने उसे रोक लिया और जबरदस्ती नाश्ता करने के लिए बिठा दिया। रैना जल्दी-जल्दी नाश्ता करने लगी।
तभी इला ने कहा, "बेटा, आजकल तुम बहुत थकी थकी सी लग रही हो। एक जॉब छोड़ क्यों नहीं देती? मैं अपने उस पुराने छोटे घर को बेच दूंगी। उससे हमारे पास कुछ एक्स्ट्रा पैसे आ जाएंगे।”
रैना ने तुरंत ही सख्त शब्दों में इंकार कर दिया, “आपको उस घर को बेचने की जरूरत नहीं है। आप चिंता मत करो। मैं अच्छे से आपका ख्याल रख सकती हूं।”
इला ने गहरी सांस ली और अपना सर हिला दिया। नाश्ता करने के बाद रैना ने तुरंत अपना बैग उठाया और म्यूजिक स्टूडियो के लिए निकल गई।
☆☆☆☆☆☆☆
जैसे ही वह स्टूडियो में पहुंची, उसकी एक कॉलीग तुरंत ही रैना के पास आई और उसके कान में फुसफुसाते हुए बोली, “रैना, खुरानाज् की बेटी सिया खुराना, तुम्हारा वेट कर रही है। अगर तुम उससे मिलना नहीं चाहती तो बता दो। हम उन्हें बोल देंगे कि तुम छुट्टी पर हो।”
रैना एक पल के लिए चुप हो गई। इससे पहले कि वह कुछ डिसाइड कर पाती, उसने देखा कि सिया कॉरिडोर में बैठी उसका वेट कर रही थी। रैना सिया से नफरत तो नहीं करती थी लेकिन वह उससे कोई कनेक्शन भी नहीं रखना चाहती थी इसीलिए उसने अपनी कुलीग से कहा, “ठीक है, तुम उन्हें बोल दो कि मैं आज छुट्टी पर हूं।”
लेकिन रैना की बदकिस्मती कि उसके यह बोलने तक बहुत देर हो चुकी थी। सिया ने उसे देख लिया था। सिया जल्दी से रैना के पास आई। उसके होठों पर उदासी भरी मुस्कान थी।
सिया ने कहा, "रैना, मैं बस तुमसे यह जानना चाहती थी कि तुम मेरी बर्थडे पार्टी में परफॉर्म क्यों नहीं करना चाहती? क्या तुम्हें मैं पसंद नहीं हूं या तुम्हें मुझसे कोई प्रॉब्लम है?”
सिया ने जैसे ही यह सवाल किया, पूरे स्टूडियो में मानो मौत जैसा सन्नाटा छा गया। रैना के सभी कलीग्स जानते थे कि रैना रितिक के साथ रिलेशनशिप में थी और अब रितिक की मंगेतर रैना को पूछ रही थी कि वह उसे पसंद क्यों नहीं करती? यह सब देखना बहुत ही ज्यादा दिल दुखाने वाला था।
रैना के सभी कलीग्स दया और सहानुभूति भरी नजरों से उसे देख रहे थे। जिससे रैना को और भी ज्यादा शर्मिंदगी महसूस होने लगी।
उसने धीमी आवाज में सिया से कहा, "आई एम सॉरी मिस खुराना.. ऐसा बिल्कुल नहीं है। वह बस बात इतनी है कि आपके बर्थडे के दिन पहले ही मेरा एक इंपॉर्टेंट अपॉइंटमेंट फिक्स्ड है। अगर आप चाहे तो मैं अपकने किसी फ्रेंड को आपकी बर्थडे पार्टी में परफॉर्म करने के लिए रिक्वेस्ट कर सकती हूं।”
रैना के रिक्वेस्ट करने के बावजूद सिया के चेहरे पर जिद भरे एक्सप्रेशन थे। उसने तुरंत ही इनकार करते हुए कहा, "नहीं, मुझे मेरी बर्थडे पार्टी में तुम्हारी ही परफॉर्मेंस चाहिए थी। मैं जानती हूं कि ऐसा करना तुम्हारे लिए मुश्किल होगा लेकिन तुम प्लीज बात करो ना… शायद जिसके साथ तुम्हारी अपॉइंटमेंट है, वह तुम्हें मेरी पार्टी मैं परफॉर्म करने की परमिशन दे दे?”
रैना उसे इनकार करना चाहती थी लेकिन सिया उसके इनकार सुनने के मूड में ही नहीं थी। सिया म्यूजिक स्टूडियो से निकल कर पास के कैफे में चली गई और रैना के लंच ब्रेक होने का इंतजार करने लगी।
लंच ब्रेक में रैना जब कुछ खाने के लिए लेने बाहर निकली तो सिया ने तेजी से उसके पास जाकर उसे रोक लिया।
सिया ने एक्साइटमेंट से कहा, "रैना चलो ना साथ में कॉफी पीते हैं।”
रैना का स्वभाव काफी अच्छा था लेकिन वह सिया की पार्टी में परफॉर्म कैसे कर सकती थी? इसीलिए उसने बड़े ही नरमी से सिया को इनकार कर दिया और लंच के लिए एक छोटे से रेस्टोरेंट में चली गई।
सिया, जिसने इस वक्त डिजाइनर कपड़े पहने हुए थे, वह हाई हील्स में दौड़ती हुई सिया के पीछे पीछे रेस्टोरेंट की तरफ चली गई।
उसने रैना से बात करने की कोशिश की, “अच्छा ठीक है! तुम मेरी बर्थडे पार्टी में परफॉर्म नहीं कर सकती तो कोई बात नहीं.. पर तुम मुझे मेरा शादी का लहंगा सेलेक्ट करने में तो हेल्प कर ही सकती हो? तुषार बता रहा था कि तुम्हारा फैशन सेस बहुत कमाल का है। तुम प्लीज मुझे कुछ अच्छा सा सजेस्ट कर दो ना? रितिक भी जल्दी ही यहां आ रहा होगा। तुम हम दोनों के लिए कुछ अच्छा सा पसंद कर देना!”
रितिक का नाम सुनते ही रैना के चेहरे का सारा रंग उड़ गया। रितिक ने उसे धोखा दिया था और उसके पिता को जेल पहुंचा दिया था। यहां तक कि रितिक उसे अपनी दूसरी औरत बनकर रहने के लिए मजबूर कर रहा था ऐसे में वह सिया की मदद कैसे कर सकती थी?
और सिया, वह तो इतनी भोली थी या कह लें कि बेवकूफ थी कि उसे कुछ पता ही नहीं था।
रैना ने गहरी सांस ली और अपने आप को शांत करने की कोशिश की।
रैना ने सिया की तरफ देखते हुए सख्त शब्दों में कहा, "मिस खुराना प्लीज मुझे गलत मत समझिएगा लेकिन आप आगे से मेरे पास मत आइएगा। ना तो मेरी शादी हुई है, ना ही मुझे शादियों के बारे में ज्यादा कुछ पता है और ना ही हम दोस्त हैं तो मैं आपकी इस मामले में कोई मदद नहीं कर पाऊंगी।”
सिया जिससे बचपन से ही लाड प्यार से पाला गया था, उसे कभी किसी काम के लिए आज तक किसी ने इनकार नहीं किया था। ऐसे में रैना का इनकार करना उसे बहुत ऑकवर्ड फील करवा रहा था। इसीलिए वह रैना को परेशान कर रही थी। वह बस यह जानना चाहती थी कि वह खूबसूरत लड़की आखिर उसे पसंद क्यों नहीं करती?
रैना ने सिया को इग्नोर कर दिया और एक गली में चली गई लेकिन सिया फिर भी उसके पीछे पीछे पहुंच गई। सिया की इन हरकतों की वजह से रैना का सर दर्द करने लगा था। उसे एक बात तो समझ में आ गई थी कि सिया उसे अकेले छोड़ने वाले नहीं थी।
उसने अपनी मुट्ठियां कसकर बंद की और सिया को जबरदस्ती वहां से भगाने के इरादे से गुस्से से पीछे पलट कर देखा। लेकिन अगले ही पल उसकी आंखें हैरानी से बड़ी बड़ी हो गई।
रैना ने देखा कि एक मोटा तगड़ा गुंडे जैसा दिखने वाला आदमी, सिया के पीछे खड़ा था। उसने तुरंत ही सिया को धक्का देकर गिरा दिया।
उसने चिल्लाते हुए अपने साथी से कहा, "यह वही है.. वही है रितिक की मंगेतर.. अगर हम उसकी मंगेतर को उठा ले तो रितिक से छुड़वाने के लिए हमें पैसे जरुर देगा।”
तभी एक और गुंडा जोर से चिल्लाया, “अरे रुको, देखो उसके साथ एक और औरत है। उसे भी पकड़ लो.. भागने मत देना.. हो सकता है वह भी कीमती हो?”
उन आदमियों की बात सुनकर रैना और सिया दोनों ही घबरा गई। इससे पहले कि रैना चिल्ला पाती या अपनी मदद के लिए किसी को बुलाती पीछे से आकर किसी ने उसके सर पर एक बोरी डाल दी और उसे जबरदस्ती घसीट कर एक वैन के पीछे ले गए।
Ep 17
सामने खड़े आदमियों की बात सुनकर रैना और सिया दोनों ही घबरा गई। इससे पहले कि रैना चिल्ला पाती या अपनी मदद के लिए किसी को बुलाती पीछे से आकर किसी ने उसके सर पर एक बोरी डाल दी और उसे जबरदस्ती घसीट कर एक वैन के पीछे ले गए। और फिर किडनैपर में से किसी ने उसके सर के पीछे के हिस्से पर जोरदार हमला किया, जिससे रैना बेहोश हो गई।
☆☆☆☆☆
जब रैना को होश आया तो वह एक पुराने बंद पड़े गोदाम में थी। उसने हिलने की कोशिश की लेकिन वह हिल भी नहीं पा रही थी। इस वक्त वह एक टूटी सी कुर्सी पर बैठी हुई थी और उसके हाथ पर इसी कुर्सी पर बंधे हुए थे।
सिया को भी उसके पास ही बांध कर रखा गया था। वह बुरी तरह से रो रही थी और जोर जोर से किडनैपर्स को गालियां दे रही थी, “छोड़ो मुझे.. जाने दो.. तुम जानते नहीं हो मैं कौन हूं! अगर मेरे भाई को पता चला ना तो वह तुम्हारी बहुत बुरी हालत करेगा।”
तभी एक किडनैपर ने आकर उसे ज़ोर से थप्पड़ मारा, “चुप रहो, नहीं तो अभी मैं तुम्हारे कपड़े फाड़ डालूंगा और उसके बाद क्या होगा.. वह बताने की तो जरूरत नहीं है मुझे!”
इस खतरनाक धमकी को सुनकर सिया बुरी तरह से डर गई और रोने लगी। वह तो किस्मत अच्छी थी कि उस आदमी ने सिया को छूने की कोशिश नहीं की। वह अच्छे से जानता था कि खुराना फैमिली कितनी पावरफुल थी। खासकर वर्चस्व खुराना, जो देश का सबसे अच्छा और खतरनाक वकील था।
इसके बजाय उसने सिया को फोन थमाते हुए कहा, "रितिक को फोन करो और उससे 20 लाख तैयार करने के लिए कहो। और कहना कि वह पैसे लेकर अकेला आए वरना..”
सिया पहले से ही बुरी तरह से डरी हुई थी। उसने कांपते हुए हाथों से फोन ले लिया और रोते हुए रितिक को कॉल लगा दिया।
☆☆☆☆☆☆☆☆
इसी बीच खुराना पैलेस में बहुत ही टेंशन भरा माहौल था। सभी को पता चल चुका था कि सिया का किडनैप हो चुका था। जिससे जयंती बुरी तरह से डरी हुई थी। वह अपने पति कार्तिक के बगल में बैठी उसे गले लगा कर रो रही थी।
वर्चस्व, कार्तिक और रितिक सभी बहुत ही ज्यादा सीरियस थे और बेसब्री से किडनैपर के कॉल का इंतजार कर रहे थे। कार्तिक तो गुस्से के मारे उबल रहा था। वह जानता था कि गुंडे उसकी बेटी का किडनैप कर चुके थे और यह सब हुआ था रितिक की वजह से… वह रितिक से इस सब का जवाब चाहता था पर रितिक के पास कार्तिक के किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं था।
आखिर 2 घंटे बाद उन्हें किडनैपर्स की तरफ से एक कॉल आया। यह कॉल सिया के फोन से किया गया था। फोन पर सिया फूट फूट कर रो रही थी। उसने बड़ी मुश्किल से उन्हें किडनैपर्स की शर्त बताई।
रितिक ने उसे दिलासा दिया, "तुम टेंशन मत लो सिया, सब ठीक हो जाएगा। मैं अभी वहां पैसे लेकर पहुंच रहा हूं।"
रितिक की प्यार भरी आवाज सुनकर आखिरकार सिया शांत हो गई। वह जानती थीकि रितिक उससे बहुत प्यार करता था और हर कीमत पर उसे बचाने के लिए तैयार था।
जैसे ही कॉल कटने वाली थी, रितिक को बैकग्राउंड से एक लड़की की कांपती हुई आवाज सुनाई दी, “छूना मत मुझे.. दूर रहो। मैंने कहा दूर रहो मुझसे!”
रितिक का हाथ जो फोन पकड़े हुए था अचानक से कांप उठा। वह जानता था कि यह आवाज किसकी थी। यह रैना थी..
रितिक हैरान था कि रैना का किडनैप कब और कैसे हो गया?
अगले ही पल रितिक के दिमाग में ख्याल आया कि वह सभी दुष्ट गुंडे रैना के खूबसूरत शरीर को छू रहे होंगे। यह ख्याल आते ही रितिक की आंखों में कत्ल के इरादे दिखाई दिये।
अगले ही पल उसकी नज़रें वर्चस्व की गहरी नजरों से मिली। अचानक से रितिक की सारी हिम्मत जवाब दे गई। वर्चस्व एक बहुत ही समझदार और चालाक आदमी था।
रितिक ने मन ही मन सोचा, “अगर वर्चस्व को रैना के साथ के मेरे रिलेशन के बारे में पता चल गया तो मेरी सिया के नजदीक जाने की सारी कोशिशें बर्बाद हो जाएंगी।”
रितिक अच्छे से जानता था कि वर्चस्व खुद कितना ज्यादा बेरहम और पत्थर दिल आदमी था। इसीलिए रितिक ने ऐसा नाटक किया जैसे उसे पता ही नहीं था कि रैना भी वहीं थी।
उसने तुरंत ही किडनैपर से कहा, "मैं पैसे लेकर आ रहा हूं पर प्लीज मेरी सिया के साथ कुछ भी मत करना। मैं बस अभी आ रहा हूं।”
इतना कहकर रितिक ने तुरंत ही कॉल काट दिया। वह जल्दी से उठकर खड़ा हो गया और कार्तिक और जयंती की तरफ देखते हुए बोला, “अंकल जी, आंटी जी.. मुझे माफ कर दीजिए। यह सब मेरी वजह से हुआ है लेकिन आप चिंता मत करो। मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं सिया को सही सलामत वापस लेकर आऊंगा।”
कार्तिक ने एक नजर रितिक को घूरते हुए देखा और फिर हां में अपना सर हिला दिया। रितिक ने एक भी पल बर्बाद नहीं किया और फिरौती की सारी रकम लेकर तुरंत ही खुराना पैलेस से निकल गया।
उसके जाने के बाद हाॅल में कार्तिक, जयंती और वर्चस्व ही बचे थे। जयंती को इस बात की राहत थी कि रितिक उसकी बेटी को बचाने के लिए निकल गया था।
उसने अपने आंसू पोंछे और झिझकते हुए कहा, "वर्चस्व मुझे लगता है कि मैंने अभी फोन पर रैना की आवाज सुनी थी। क्या तुम्हें भी उसकी आवाज सुनाई दी?”
इससे पहले कि जयंती की बात पूरी होती उसने देखा वर्चस्व पहले से ही अपनी कार की चाबी हाथ में लिए हुए दरवाजे से बाहर जा रहा था।
जाते हुए उसने अपना सर घुमाकर पीछे देखा और कहा, "मैं पता लगाता हूं!”
इतना कहकर वह तेजी से बाहर निकल गया।
☆☆☆☆☆☆☆
दूसरी तरफ रितिक अकेला ही किडनैपर्स की बताई जगह पर जा रहा था। उस जगह पर पहुंचने के बाद रितिक जल्दी से कार से बाहर निकला और उसने बड़ी ही सावधानी से 20 लाख रुपए से भरा हुआ सूटकेस कार से निकाला और घबराते हुए गोदाम के अंदर चला गया।
उन किडनैपर में से एक के चेहरे पर एक बड़ा सा कट का निशान था। जिससे वह काफी डरावना दिख रहा था।
रितिक के अंदर जाते ही उसने घूर कर रितिक को देखा और पूछा, "पैसे ले आए?’
रितिक ने तुरंत ही हां में अपना सर हिलाया और सूटकेस आगे कर दिया। उसने तुरंत ही सूटकेस ले लिया और सूटकेस खोलकर उसमें रखे नोटों की गड्डियों को चेक किया। जब उसे कंफर्म हो गया कि सभी नोट असली थे तो उसकी आंखों में लालच की चमक दिखाई दी।
उसने मुस्कुराते हुए कहा, "रितिक साहब, आप तो वाकई बड़े दिलवाले हैं। अगर आपने यही समझदारी पहले दिखाई होती तो आपकी मंगेतर को यह सब कुछ झेलना नहीं पड़ता।”
इतना कहकर उस आदमी ने हंसते हुए अपने गुंडे साथी की तरफ देखा और कहा, "सिया मैडम को छोड़ दो।”
गुंडे के साथी ने तुरंत ही सिया को छोड़ दिया। जैसे ही सिया को खोला गया, वह तुरंत ही दौड़ते हुए रितिक की बाहों में चली गई और उसने रोते हुए कहा, "रितिक, तुमने इतनी देर क्यों लगा दी? आह, मेरा पैर.. मेरा पैर बहुत दुख रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे मेरा पैर टूट गया है।”
रितिक बिना कुछ कहे सिया का सर सहला रहा था।
तभी सिया ने रोते हुए आगे कहा, "तुम जानते हो इन्होंने कहा था कि अगर तुम वक्त पर पैसे लेकर नहीं आए तो वह मेरा रेप कर देंगे।”
सिया इस वक्त घबराहट और डर की वजह से लगभग पागल सी ही हो गई थी। रितिक ने उसे कसकर गले लगा लिया और उसे दिलासा देता रहा लेकिन इस बीच पूरे वक्त उसकी नज़रें रैना पर ही टिकी हुई थी। रैना छूटने की बहुत ही ज्यादा कोशिश कर रही थी लेकिन वह छूट नहीं पा रही थी। गुंडो ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया था ताकि उसकी आवाज ना निकले।
इस पूरे वक्त रैना अच्छे से जानती थी कि रितिक किस तरह का आदमी था। अपने फायदे के लिए वह रैना की भी बलि चढ़ा सकता था। रैना की आंखें रितिक से मिल गई। रितिक उसे छुटने की कोशिश करते हुए देख रहा था लेकिन उसने रैना को छुड़वाने की कोशिश नहीं की।
अगले ही पल एक गुंडे ने हंसते हुए चाकू के हैंडल से रैना की ठुड्डी को ऊपर उठाया और कहा, "रितिक साहब, यह लड़की बहुत खूबसूरत है। इसके भी कम से कम 2 लाख तो मिलने ही चाहिए। अब आप इतने अमीर है तो इतने पैसे आपके पास होंगे ही। आप मुझे पैसे दे दो और इसे ले जाओ। और अगर आपको यह लड़की नहीं चाहिए तो हम लोग इससे अपना दिल बहला लेंगे।”
हालांकि रितिक बड़ी आसानी से उन्हें दो लाख रुपए दे सकता था लेकिन उसने साफ इनकार कर दिया। वह जानता था कि वर्चस्व को पहले से ही उस पर शक था और अब वह रैना के बदले पैसे देकर सिया के मन में उन दोनों को लेकर शक पैदा नहीं होने देना चाहता था। अगर सिया को इस बारे में जरा भी भनक लग गई तो वह सगाई तोड़ देगी और उसकी सालों की मेहनत और कोशिश बर्बाद हो जाएगी। अगर पावर, पोजीशन और रैना के बीच में से किसी एक को चुनने की नौबत आ ही गई थी तो रितिक पावर और पोजीशन को चुनने वाला था।
Ep 18
रितिक ने रैना को छुड़वाने से इन्कार कर दिया था। जिसकी वजह से सभी गुंडे बहुत खुश हो गए।
रितिक ने रैना की नफरत भरी नजरों की तरफ देखने की हिम्मत नहीं की उसने बस पलट कर सकता आवाज में कहा, "मैं उसे नहीं जानता तो उसके लिए पैसे क्यों दूं।”
रैना को बहुत पहले से ही इस बात की उम्मीद थी लेकिन फिर भी रितिक के इनकार करने पर उसे बहुत निराशा महसूस हो रही थी। उसकी आंखों से आंसू निकल कर उसके गालों पर लुढ़क गए।
रितिक एक बहुत ही दुष्ट और कमीना आदमी था। रितिक ने भी उसे रोते हुए देख लिया पर ऐसा नाटक किया जैसे उसने कुछ देखा ही नहीं। रितिक ने तुरंत ही सिया को अपनी गोद में उठाया और उसे लेकर बाहर कार की तरफ चला गया।
अब तक सिया काफी संभल चुकी थी। उसने धीरे से रितिक की आस्तीन खींचते हुए पूछा, "यह तुम क्या कर रहे हो? हम उसे ऐसे ही वहां नहीं छोड़ सकते। अगर उन लोगों ने सच में उसके साथ कुछ उल्टा सीधा कर दिया तो?”
रितिक ने तुरंत ही उसके पैर पर जोर से चुटकी कट ली सिया का ध्यान अपनी बात से हट गया और वह दर्द से चिल्लाते हुए बोली, “मुझे बहुत दर्द हो रहा है रितिक.. प्लीज मुझे हॉस्पिटल ले चलो।”
रितिक तुरंत ही सिया को लेकर कार की तरफ चला गया। उसे कार में बिठाने के बाद उसने पैसेंजर सीट का दरवाजा बंद किया और एक आखिरी बार पलट कर गोदाम की तरफ देखा और अपना सर हिलाते हुए जल्दी से कार में बैठ गया। रितिक ने इंजन स्टार्ट किया और तेजी से वहां से निकल गया।
रितिक को डर था कि अगर कहीं उसने वहां कुछ और देर रुकने की हिम्मत की तो उसे अपने खुद के फैसले पर अफसोस होगा।
☆☆☆☆☆☆☆
उस खाली पड़े गोदाम के अंदर किडनैपर्स ने रैना की तरफ शैतानी नजरों से देखा उसका मजाक उड़ाते हुए कहा, "अरे यार तुम तो बहुत बेकार निकाली। तुम्हारे बदले तो कोई एक पैसा देने तैयार नहीं है। अब हम तुम्हें ऐसे तो नहीं छोड़ सकते। पैसा नहीं तो किसी और चीज से काम चला लेंगे।”
किडनैपर ने अश्लीलता से मुस्कुराते हुए अपने सारे साथियों को आगे बढ़ने का इशारा किया। सभी गुंडे भूखी नजरों से रैना को देख रहे थे। उनकी आंखों में हवस साफ दिखाई दे रही थी। उन्होंने आज से पहले कभी इतनी खूबसूरत औरत नहीं देखी थी। सच कहूं तो रैना उन्हें रितिक की मंगेतर से भी ज्यादा खूबसूरत लगी। वह लोग अपने आप को रैना से दूर रख ही नहीं पा रहे थे।
डर और घबराहट से रैना की आंखें बड़ी बड़ी हो गई। उसका दिमाग सोचने समझने की हालत में नहीं था। इस वक्त वह सिर्फ इतना जानती थी कि वह रितिक से नफरत करती थी। इतनी नफरत कि अगर उसे मौका मिलता तो वह उसके साथ न जाने क्या कर जाती?
रैना को यह उम्मीद थी कि रितिक कम से कम इस बार तो उस पर दया दिखाएगा लेकिन अब उसे एहसास हो चुका था कि वह सिर्फ एक बदमाश था। अब से वह उससे सिर्फ और सिर्फ नफरत ही करती थी।
आखिरकार उन लोगों ने रैना के हाथ पैर खोल दिए। जैसे ही उन गुंडो के हाथ रैना के कपड़ों तक पहुंचे, गोदाम के दूसरे हिस्से से एक तीखी आवाज उन्हें सुनाई दी।
“रूको!!”
वह सभी आवाज की डायरेक्शन में देखने लगे। वह जानना चाहते थे कि आखिर यह कौन हो सकता था? उन्होंने देखा कि वर्चस्व बड़े ही शांति से दीवार का सिरहाना लगाकर खड़ा हुआ था और आराम से अपने सिगरेट को अपनी उंगलियों में घुमा रहा था। उस टूटे फूटे गोदाम के अंदर खड़ा वर्चस्व, अपने महंगे सूट और एक्सपेंसिव लेदर शूज में बहुत ही ज्यादा शानदार दिख रहा था।
उसने मुस्कुराते हुए रैना की तरफ देखा और कहा, "मिस शर्मा, जब भी हम मिलते हैं तो तुम मुसीबत में ही क्यों होती हो?”
रैना यह जानी पहचानी आवाज सुनकर दंग रह गई। उसने धीरे से अपना सर घुमा कर देखा तो वर्चस्व उसी की तरफ चलते हुए आ रहा था और उसी टाइम गोदाम के बाहर से पुलिस सायरन की आवाज सुनाई दी। एक बार फिर से रैना की आंखों में आंसू आ गए लेकिन इस बार यह आंसू खुशी के थे।
इस पूरी अफरा तफरी के बीच रैना को ऐसा लगा जैसे उसका शरीर सुन्न पड़ गया था। वह हिल भी नहीं पा रही थी और तभी वर्चस्व ने उसे धीरे से अपनी बाहों में उठा लिया और गोदाम से बाहर लेकर निकल गया। अनजाने में रैना वर्चस्व के सीने से लग गई। रैना वर्चस्व की बाहों और उसकी खुशबू में खोई हुई थी। दोनों उस गोदाम से बाहर आ गए।
बाहर निकालने के बाद ही रैना को आराम मिला। उसने अपनी आंखें बंद कर ली और तभी रैना को ऐसा लगा जैसे उसे उल्टी आ रही थी।
रैना ने तुरंत उसकी शर्ट को कसकर पकड़ लिया और धीमी आवाज में कहा, "वर्चस्व!”
वर्चस्व ने घबराकर नीचे की तरफ देखा तो रैना का चेहरा पीला पड़ा हुआ था। वह उसके सीने से लगी हुई थी।
रैना ने धीमी आवाज में कहा, "उन्होंने मुझे बेहोश करने के लिए मेरे सर पर मारा था। मुझे लगता है मुझे गहरी चोट लगी है।”
वर्चस्व ने तुरंत ही उसे अपनी कार में बिठाया और तेजी से पास के हॉस्पिटल के लिए निकल गया। बैक सीट पर लेटे होने के बावजूद रैना को बहुत ज्यादा चक्कर आ रहे थे। उसे बहुत उल्टी भी आ रही थी। वर्चस्व एक हाथ से कार ड्राइव कर रहा था और दूसरे हाथ से किसी को कॉल कर रहा था।
सामने से कॉल आंसर होते ही वर्चस्व ने टेंशन से कहा, "हेलो मिस्टर कौशल, मैं वर्चस्व बोल रहा हूं। मेरी एक फ्रेंड को आपकी हेल्प की जरूरत है। उसे शायद सर में चोट लगी है। ठीक है, मैं बस 10 मिनट में वहां पहुंच रहा हूं।”
कॉल काटने के बाद वर्चस्व ने रियर व्यू मिरर से रैना को देखा और पूछा, "अब कैसा फील हो रहा है?”
रैना अपनी आंखें नहीं खोल पा रही थी उसके मुंह से बस एक शब्द निकला, “खतरनाक!”
रैना को इस तरह देखकर वर्चस्व को बहुत बुरा लग रहा था।
वर्चस्व ने धीमी लेकिन कर्कश आवाज में कहा, "तुम चिंता मत करो। हम जल्दी ही हॉस्पिटल पहुंच जाएंगे।”
रैना को बहुत ज्यादा चक्कर आ रहे थे। उसके बावजूद रैना को वर्चस्व की आवाज में छुपी हुई कोमलता अच्छे से समझ में आ रही थी। उसने उम्मीद नहीं की थी कि उसके जैसा आदमी इतना दयालु हो सकता था।
☆☆☆☆☆☆
जब वह हॉस्पिटल पहुंचे तो वर्चस्व ने कार का दरवाजा खोलकर रैना को गोद में उठा लिया और उसे वहां से सीधे इमरजेंसी रूम में लेकर चला गया। अंदर पहुंचते ही डॉक्टर ने तुरंत ही रैना को ट्रीट करना शुरू कर दिया। उन्होंने रैना के सर का एक्स रे किया। जल्दी ही एक्स-रे रिपोर्ट उनके हाथों में थी।
डॉक्टर कौशल काफी बारीकी से उस एक्स रे रिपोर्ट को पढ़ रहे थे। थोड़ी ही देर बाद उन्होंने मुस्कुराते हुए वर्चस्व को देखा और कहा, "यह सिर्फ एक मामूली सी चोट है। हमें दो दिन उन्हें अंडर ऑब्जर्वेशन रखना पड़ेगा। 2 दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज दे देंगे। पर तुम चिंता मत करो। इसके अलावा वह बिल्कुल ठीक है।”
वर्चस्व ने अपना सर हिलाते हुए कहा, "थैंक यू डॉक्टर!”
डॉक्टर कौशल ने एक नजर रैना की तरफ देखा उनके होठों पर एक चिढ़ाने वाली मुस्कान आ गई और उन्होंने पूछा, "क्या यह तुम्हारी गर्लफ्रेंड है?”
वर्चस्व ने बड़े ही शांत अंदाज में अपना सर इनकार में हिलाते हुए कहा, ‘नहीं, वह मेरी एक क्लाइंट है।”
डॉ कौशल ने हंसते हुए कहा, "ओह, समझ गया.. तो ठीक है तुम अपने क्लाइंट का एडमिशन फॉर्म भर दो। तब तक मैं नर्स से कह कर इन्हें आईवी ड्रिप लगवा देता हूं।”
वर्चस्व में हां में अपना सर हिला दिया। जल्दी ही रैना को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। हॉस्पिटल का सारा बिल वर्चस्व एडवांस में पे कर चुका था। रैना उसके लिए बहुत एहसानमंद थी। वह उसे उसके पैसे वापस देना चाहती थी लेकिन इस वक्त वह बहुत दर्द में थी इसलिए बस आराम कर रही थी।
जल्दी ही रैना को नींद आ गई और उसकी नींद तब खुली जब उसकी ड्रिप कंप्लीट हो चुकी थी और नर्स उसकी नीडल हाथ से बाहर निकाल रही थी। रैना अब पहले से काफी बेहतर महसूस कर रही थी उसने अपना सर घुमाया और खिड़की से बाहर देखा।
बाहर पहले से ही अंधेरा छाया हुआ था। उसने देखा एक दुबला पतला सा आदमी खिड़की के सामने खड़ा था और वह किसी से फोन पर बात कर रहा था। यह आदमी वर्चस्व था। रैना अपना सर घुमा कर चुपचाप उसे देख रही थी। वर्चस्व की फिजीक काफी अच्छी थी। इस फैक्ट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था कि वह काफी लंबा चौड़ा और हैंडसम था। रैना पहले भी कई बार वर्चस्व से मिल चुकी थी लेकिन वह इस बात से इनकार नहीं कर सकती थी कि अगर वर्चस्व का सारा पैसा भी उससे छीन लिया जाए, वह गरीब और साधारण आदमी बन जाए फिर भी उसके पीछे चाहने वाली औरतों की लंबी लाइन लगी होगी।।
फोन कॉल काटने के बाद वर्चस्व ने पीछे मुड़कर देखा तो उसकी नज़रें रैना की चमकदार आंखों से जा टकराई। वह बहुत शांत थी। उसका चेहरा पीला पड़ा हुआ था।
वर्चस्व ने खांसते हुए हल्के से पूछा, "तुमने कब तक मुझे ऐसे ही घूरने का प्लान कर रखा है?”
यह सुनते ही रैना शर्मा गई और उसने जल्दी ही टॉपिक बदल दिया, “वह मुझे प्यास लगी थी!”
रैना ने सोचा था कि वर्चस्व किसी नर्स को बुलाएगा लेकिन उसे हैरानी तब हुई जब उसने देखा कि वर्चस्व खुद उसके लिए बॉटल से पानी भर रहा था। वर्चस्व गिलास लेकर रैना के पास आया और उसके बगल में बैठ गया और फिर रैना को बैठने में मदद करने लगा। उसने न सिर्फ रैना को बैठने में हेल्प की, बल्कि सहारा देने के लिए उसे अपने ऊपर भी झुका लिया।
यह देखकर रैना ने अपनी भौंहें सिकोड़ ली और विरोध करते हुए कहा, "मिस्टर खुराना, थैंक यू.. पर मैं खुद बैठ सकती हूं।”
वह बिना कुछ कहे रैना को देखता रहा उसकी गहरी काली आंखों में कोई एक्सप्रेशंस नहीं थे। फिर भी रैना को लगा कि उसकी आंखें बहुत कुछ कह रही थी। रैना ने बहस करने की हिम्मत नहीं की। वह बस हल्के से वर्चस्व के कंधे पर झुक गई और उसने पानी का एक घूंट लिया। तभी रैना को महसूस हुआ कि अचानक वर्चस्व ने उसे और भी कसकर पकड़ लिया था। रैना यह अंदाजा नहीं लगा पा रही थी कि यह सच था या फिर उसका वहम…
Ep 19
रैना को महसूस हुआ कि अचानक वर्चस्व ने उसे और भी कसकर पकड़ लिया था। रैना यह अंदाजा नहीं लगा पा रही थी कि यह सच था या फिर उसका वहम…
तभी अचानक उसके वार्ड का दरवाजा खुला। डॉक्टर कौशल अनजाने में उनके रोमांटिक सीन में आ गया था।
उसने तुरंत ही मुस्कुराते हुए रैना की तरफ देखा और पूछा, "हेलो यंग लेडी, अब तुम्हें कैसा लग रहा है?”
रैना बहुत बुरी तरह से शर्मा गई पर दूसरी तरफ वर्चस्व को इस बात से कोई फर्क ही नहीं पड़ा। उसने तब तक रैना को पकड़े रखा, जब तक रैना ने गिलास का पूरा पानी खत्म नहीं कर दिया और फिर उसने कौशल की तरफ देखते हुए कहा, "मिस शर्मा, मेरी बहन की वजह से मुसीबत में फंसी थी। ऐसे में उनकी देखभाल करना मेरी जिम्मेदारी है।”
डॉ कौशल बड़े ही आराम से मुस्कुरा दिया और बोला, “मैं समझ सकता हूं!”
कौशल ने रैना को अच्छे से एग्जामिन किया और यह कंफर्म किया कि वह ठीक थी और फिर उसने मुस्कुरा कर मजाक करते हुए कहा, "अब वर्चस्व ने आपकी देखभाल करने का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया है, तो आप जल्दी ही ठीक हो जाएंगी।”
रैना के गाल शर्म से और भी ज्यादा लाल हो गए।
तभी कौशल ने हंसते हुए कहा, "तो फिर मैं आप लोगों को थोड़ी और प्राइवेसी दे देता हूं।”
अपनी बात कह कर वह तेजी से वहां से चला गया।
तभी रैना को एहसास हुआ कि काफी देर हो गई थी, इला उसके लिए परेशान होगी तो रैना ने इला को कॉल करने के लिए अपना फोन ढूंढा। उसका फोन उसके सिरहाने पर ही रखा था।
रैना के फोन उठाते ही वर्चस्व ने बड़े ही आराम से कहा, "मैं तुम्हारे ऑफिस में और घर पर इन्फॉर्म कर चुका हूं कि तुम कुछ दिनों के लिए बाहर रहने वाली हो।”
रैना यह सुनकर हैरान रह गई। उसका बढ़ा हुआ हाथ हवा में ही रुक गया। वर्चस्व ने रैना की नाराजगी को नोटिस नहीं किया और ना ही उसे इसकी परवाह थी।
उसने आगे कहा, "मेरी असिस्टेंट अभी तुम्हारे लिए खाना लेकर आ रही होगी।”
रैना ने अपनी मुट्ठी भींच ली और दांत पीस लिये। रैना इससे ज्यादा और बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसने तेज आवाज में कहा, "तुम्हें डर लग रहा होगा ना कि मैं तुम्हारी बहन के रिश्ते को बर्बाद कर दूंगी और इसीलिए तुम मुझ पर कड़ी नजर रख रहे हो।”
वर्चस्व जो अपनी असिस्टेंट को मैसेज भेजने में बिजी था, उसने जब रैना की बात सुनी तो उसे हंसी आ गई।
वर्चस्व ने पलट कर रैना की तरफ देखते हुए कहा, "तो तुम क्या करने की सोच रही हो? कहीं तुम रितिक के साथ सोने तो नहीं वाली ना? या तुम मेरी बहन को बताने वाली हो कि तुम रितिक की एक्स गर्लफ्रेंड हो। मुझे लगा था कि रितिक पहले ही सब कुछ डिसाइड कर चुका है और तुम्हारे साथ अपने सारे रिश्ते खत्म कर चुका है तो फिर तुम उसके रिलेशन को लेकर इतना टेंशन में क्यों हो? कहीं ऐसा तो नहीं कि अब तक तुम उसे मूव ऑन नहीं कर पाई?”
वर्चस्व का खूबसूरत और हैंडसम चेहरा अभी भी शांत था लेकिन उसके शब्द बहुत तीखे थे। रैना के मन में उसकी अच्छाई को लेकर जो भी इमेज बनी थी, वह तुरंत ही गायब हो गई। वह अब और इस आदमी से बात नहीं करना चाहती थी इसलिए उसने करवट बदली और वर्चस्व की तरफ पीठ करके सो गई।
वर्चस्व एक आईब्रो उठाकर बड़ा ही इंटरेस्ट लेकर उसकी तरफ देख रहा था। वह इस वक्त गुस्से में लग रही थी। रैना इस वक्त गुस्से में ही नहीं थी बल्कि वर्चस्व पर गुस्सा थी।
लगभग आधा घंटे बाद वर्चस्व की सेक्रेटरी उसका बताया हुआ खाना लेकर हॉस्पिटल पहुंच गई। जब उसकी सेक्रेटरी ने रैना को देखा तो वह देखते ही एक पल के लिए रुक गई। तभी उसे याद आया कि रैना को वह पहले भी लॉ फर्म में देख चुकी थी। उसने शुरू में तो सोचा था कि रैना और लड़कियों की तरह ही एक लड़की थी, जो वर्चस्व को अप्रोच करने की कोशिश कर रही थी लेकिन बाद में उसे एहसास हुआ कि वर्चस्व को भी उसकी परवाह थी। तभी तो उसने रैना के लिए अपने कॉन्टेक्ट्स का इस्तेमाल किया और खुद उसकी देखभाल कर रहा था।
सेक्रेटरी के फेस पर क्यूरियोसिटी दिखाई दे रही थी पर रैना का मूड इतना खराब था कि उसने इस पर ध्यान नहीं दिया। जब खाने की खुशबू उसके नाक तक पहुंची तो रैना का पेट गुडगुड करने लगा।
रैना ने सब कुछ इग्नोर किया और सेक्रेटरी को थैंक यू कहा और एक्साइटमेंट से टिफिन खोलकर देखा। टिफिन के अंदर टोमेटो सूप था जो रिकवरी वाले पेशेंट्स के लिए बिल्कुल परफेक्ट था। उसकी खुशबू इतनी टेस्टी लग रही थी कि रैना रुक नहीं पा रही थी। रैना इस वक्त बहुत अच्छा फील कर रही थी। उसे लगा कि वर्चस्व जितना दिखता था, उससे ज्यादा चीजों के बारे में केयरफुल रहता था।
इमोशनल होकर उसने वर्चस्व की तरफ देखा और कहा, "थैंक यू मिस्टर खुराना, आज आपने मेरे लिए जो भी कुछ किया है, उसके लिए मैं सच में आपकी एहसानमंद हूं।”
यह खाना सिर्फ और सिर्फ रैना के लिए ही था। वर्चस्व अपनी टांगों को क्रॉस करके रैना के सामने बैठा हुआ था और अपने फोन में अपना काम खत्म करने में लगा हुआ था।
उसने रैना की तरफ देखा भी नहीं और कहा, "यू आर वेलकम मिस शर्मा! वैसे भी आपको तो यही लगता है कि मैं यह सब कुछ अपने किसी हिडन एजेंडा की वजह से कर रहा हूं!”
रैना जो इस वक्त सूप पीने के लिए चम्मच अपने मुंह तक ले जा रही थी, वह वहीं की वहीं रुक गई।
उसने अपना सर नीचे झुकाया और धीरे से कहा, "माफ कीजिएगा। यह मेरी ही गलती है। मुझे बोलने से पहले सोचना चाहिए था।”
वर्चस्व ने अपने फोन से नजर हटाई और रैना की तरफ देखा। रैना भी उसकी तरफ देख रही थी। एक पल के लिए दोनों की नजरें टकराई पर दोनों में से किसी ने भी एक शब्द नहीं कहा। रैना अच्छे से जानती थी कि वर्चस्व को सिर्फ उसकी बॉडी और उसकी खूबसूरती पसंद थी। वह जब भी रैना को देखता था तो उसकी आंखों में रैना को अपने लिए चाहत दिखाई देती थी।
थोड़ी देर बाद वर्चस्व ने अपना फोन रख दिया और पूछा, "सच में?”
वर्चस्व का औरा इतना स्ट्रांग था कि रैना को उसकी तरफ से अपनी नजर हटानी पड़ी।
रैना ने एक चम्मच सूप पीया और फिर धीरे से कहा, "हां!”
ऐसा लगा जैसे वर्चस्व को उसका जवाब पसंद आया था। वह तुरंत उठकर खड़ा हो गया और अपनी सेक्रेटरी के साथ कमरे से निकल गया। अब इस वार्ड में केवल रैना ही बची थी। कमरे में अजीब तरीके का सन्नाटा छाया हुआ था।
सूप खत्म करने के बाद वह बिस्तर पर लेट गई। अभी भी उसके सर में दर्द हो रहा था इसीलिए उसने अपनी आंखें बंद कर ली और सोने की कोशिश करने लगी।
जब उसने दोबारा आंखें खोली तो रात के 11 बज चुके थे। वर्चस्व ने रैना के लिए एक वीआईपी रूम बुक किया था। इसीलिए यहां बहुत शांति थी। बाहर से पत्तों की सरसराहट, कीड़े मकोड़े और पक्षियों की आवाजें सुनाई दे रही थी। रैना खिड़की के पास गई और खिड़की खोलकर ताजी हवा का मजा लेने लगी।
हॉस्पिटल की उस खिड़की के नीचे एक बड़ा सा गार्डन था। गर्मियों का मौसम था इसीलिए पौधों से टकराकर चलने वाली हवा बहुत ही शांत और ठंडी थी। अचानक से रैना का मन किया कि वह भी नीचे जाकर गार्डन में टहले। रैना जल्दी ही नीचे आ गई।
जैसे ही उसने नरम मुलायम घास पर अपना पैर रखा और ताजे फूलों की खुशबू से महसूस हुई, रैना को ऐसे लगा जैसे उसका बेचैन मन अचानक से शांत होने लगा था। रात काफी शांत थी। आसमान में चांद चमक रहा था। वह जब चांदनी में रिलैक्स करने की कोशिश कर रही थी अचानक से उसे धीमी सी आवाज सुनाई पड़ी।
“प्लीज मुझे एक और बार किस करो ना!”
Ep 20
यह आवाज सिया की थी। आवाज सुनते ही रैना अपनी जगह पर जम गई।
सिया? क्या वह भी इस वक्त हॉस्पिटल में थी?
रैना ने तुरंत ही पलट कर आवाज की तरफ देखा। रितिक और सिया इस वक्त गार्डन के एक कोने में लगी हुई बेंच पर बैठे हुए थे और चांदनी रात में एक दूसरे को बहुत ही पैशनेटली किस कर रहे थे। रैना अच्छे से जानती थी कि रितिक को गुस्सा बहुत जल्दी आ जाता था लेकिन इस वक्त वह काफी शांत था और धीरज से सिया के गालों को सहला रहा था।
रितिक ने कहा, "अब बस.. यह आखिरी किस था। अब तुम सोने जाने वाली हो।”
सिया ने तुरंत ही अपनी बांहें रितिक के गले में डाल दी और सिडक्टिव नजरों से उसे देखते हुए बोली, “रितिक तुम इससे ज्यादा मेरे नजदीक कब आओगे? कब हम एक होंगे? अब तो हमारी सगाई भी हो चुकी है, अब किस बात का वेट कर रहे हो?”
इससे पहले कि रितिक उसे कुछ जवाब दे पाता, उसकी नजर गार्डन के दूसरी तरफ खड़ी रैना पर गई। रितिक ने अचानक से सिया को अपनी तरफ खींचा और उसका सर अपने सीने से लगा लिया। वह नहीं चाहता था कि सिया रैना को यहां देखें। रितिक की नजरे पूरे वक्त रैना पर ही टिकी हुई थी। उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी एक्स गर्लफ्रेंड बच जाएगी। उसने अपने और सिया के फ्यूचर के लिए उसकी बलि चढ़ाने का फैसला कर लिया था लेकिन न जाने कैसे रैना उन किडनैपर्स के अड्डे से सुरक्षित बच निकली।
सिया इस बात से पूरी तरह से अनजान थी कि रितिक के दिमाग में इस वक्त क्या चल रहा था। वह तो यह सोचकर खुश थी कि शायद रितिक भी उसके साथ अपने रिश्ते में आगे बढ़ना चाहता था। इसलिए उसने उसे खींचकर गले लगा लिया।
सिया ने धीरे से रितिक के सीने को छुआ और धीमी आवाज में कहा, “ओह मतलब तुम भी इसी का इंतजार कर रहे थे।”
रितिक ने बहुत ही धीमी आवाज में कुछ कहा। वह बस रैना का रिएक्शन देखना चाहता था लेकिन रैना ने उसकी सोच के हिसाब से रिएक्शन नहीं दिया। उसने अपनी आंखें घुमाई और मुड़कर वापस जाने के लिए तैयार हो गई। रितिक इस बात से बहुत नाराज लग रहा था। पुरानी वाली रैना उससे इतना ज्यादा प्यार करती थी कि अगर रितिक अगर थोड़ा भी परेशान होता था तो उसे खुश करने के लिए न जाने क्या कुछ नहीं कर जाती थी लेकिन अब भले ही वह दूसरी औरत की बाहों में था, पर उसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा था।
रितिक ने गुस्से से अपने दांत पीस लिये। वह इस बात को मानना ही नहीं चाहता था कि रैना को सच में उसकी परवाह नहीं थी।
रितिक ने धीमी लेकिन तीखी आवाज में पूछा, "तुम श्योर हो ना कि हम यह सब कर सकते हैं?”
यह कहते हुए रितिक ने तुरंत ही सिया का चेहरा ऊपर उठा लिया। अगले ही पल दोनों की नजरे मिली और रितिक ने अपना सर नीचे करके अचानक उसे किस कर लिया। वह पागलों की तरह सिया को किस किये जा रहा था। सिया को ऐसा लग रहा था जैसे वह उसके अंदर से सारी सांस, ऑक्सीजन खींच रहा हो।
सिया ने धीरे से उसके कंधे पर मुक्का मारते हुए शिकायत की, “रितिक, यह तुम्हें क्या हो गया है? पता भी है, तुम क्या कर रहे हो?”
रितिक ने धीरे से अपना हाथ उसके चेहरे से हटाया। रितिक की आंखों में एक गहरी चाहत नजर आ रही थी। उसने तुरंत ही सिया को अपनी गोद में उठा लिया और उसके वीआईपी वार्ड की तरफ लेकर चल दिया।
सिया जो उसके सीने से लगी हुई थी, उसने धीरे से शरमाते हुए पूछा, "क्या सच में हम लोग एक होने वाले हैं? पक्का तुम मेरे साथ…?”
इतना कहते हुए सिया ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी। तभी रितिक ने अपना सर हिला दिया पर उसका ध्यान कहीं और ही था। यहां आते वक्त उसे उम्मीद थी कि रास्ते में उसे रैना जरूर दिखाई देगी लेकिन जब उसने देखा कि वहां रैना नहीं थी तो वह निराश हो गया।
वीआईपी वार्ड में आने के बाद सिया और उसके बीच पहली बार फिजिकल रिलेशंस बने थे। पहले तो सिया बहुत शर्मा रही थी लेकिन धीरे धीरे बोल्ड हो गई। रितिक को यह सब काफी अच्छा लग रहा था पर साथ ही उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि इस सब के बावजूद कुछ कमी थी।
जब उनका लव मेकिंग कंप्लीट हुआ, तब तक आधी रात बीत चुकी थी।
रितिक बालकनी में रखी लकड़ी की कुर्सी पर जाकर बैठ गया। उसने अपनी जेब से सिगरेट केस निकाल कर सामने रखी छोटी टेबल पर रख दिया और अपने आप को शांत करने के लिए स्मोकिंग करने लगा। 5- 6 सिगरेट पीने के बावजूद वह अपने आप को शांत नहीं कर पा रहा था। उसके पास सब कुछ तो था, जो उसे चाहिए था। एक खूबसूरत मंगेतर, सारे ऐशोआराम, वह हर चीज जो सिया उसके लिए ला सकती थी। इतना सब होने के बाद भी उसे खालीपन महसूस हो रहा था। वह गार्डन में खड़ी रैना के चेहरे को भूल नहीं पा रहा था। जिसके चेहरे पर उसके लिए सिर्फ मजाक उड़ाने वाले एक्सप्रेशंस थे।
अचानक उसे महसूस हुआ कि एक जोड़ी पतली बांहें उसे पीछे से गले लगा रही थी।
सिया ने रितिक के पीठ पर हल्का सा किस कर लिया और पूछा, "क्या सोच रहे हो बेबी?”
रितिक ने तुरंत ही अपने हाथ में पकड़ी हुई सिगरेट बुझाई और उसे अपनी बाहों में खींच लिया और धीरे से सिया के कान में कहा, "जिसकी इतनी खूबसूरत मंगेतर हो, वह कुछ और कैसे सोच सकता है।”
सिया के गाल शर्म से तुरंत ही लाल हो गए। उसने रितिक का हाथ पकड़ा और हल्के से उसे किस करते हुए कहा, "रितिक, तुम हमेशा मुझसे ऐसे ही प्यार करते रहोगे ना? और हां, अगर तुमने कभी भी मुझे गुस्सा दिलाया तो देख लेना!”
सिया इस वक्त बड़े ही प्यार से उसे देख रही थी। रितिक ने गहरी सांस ली और हां में अपना सर हिला दिया।
सच बात तो यह थी कि रितिक को पावर और पोजीशन के अलावा किसी और चीज से प्यार नहीं था। उसने ना कभी रैना से प्यार किया था और ना ही सिया से.. उसने हमेशा से अपने लिए वही चुना जो उसके लिए फायदेमंद था।
बातें करते हुए अचानक सिया ने अपना सर उठाकर रितिक की आंखों में देखा और कहा, "ओह, याद आया.. अभी गार्डन में मैंने रैना को देखा। तुम्हें बुरा लग रहा होगा ना कि तुम उसे बचा नहीं पाए? पर तुम कोई गिल्ट मत रखो। मेरे भाई ने उसे बचा लिया है और अब वह खुद उसका ध्यान रख रहा है।”
रितिक के होठों पर एक अजीब सी मुस्कुराहट आ गई लेकिन जब उसे रैना के लिए वर्चस्व का एब्नार्मल रवैया याद आया तो उसका दिल बैठ गया।
☆☆☆☆☆☆☆
अगली सुबह रैना काफी जल्दी उठ गई थी। जब वह उठी तो उसने देखा कि उसके तकिए के पास बहुत ही खूबसूरत वेलवेट का छोटा बॉक्स रखा हुआ था। रैना इसे देखकर बहुत कंफ्यूज हो गई। उसने बॉक्स उठाया और उसे खोला तो उसके अंदर चमचमाती हुई डायमंड की रिंग रखी हुई थी, जो कि एक बहुत बड़े ब्रांड का लिमिटेड एडिशन पीस थी। उसके अंदर जो डायमंड लगा हुआ था, उससे बड़ा डायमंड रैना ने आज तक नहीं देखा था।
रैना को तुरंत ही पता चल गया कि यह रिंग किसने भेजी होगी? यह जानकर उसे बहुत तेज गुस्सा आ रहा था।