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Obessive love " एक जिद एक जुनून "

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Navjot Kaur

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जिद्दी युवराज सिंघानिया जो ख्वाहिश को देखते ही बेहद महोब्बत कर बैठा ,जो एक ही पल मे उसे चाहने लगा और इतना चाहने लगा कि उसके लिए पागल हो गया ,दीवाना हो गया पर वही ख्वाहिश को उसका ये प्यार झूठा लगता था ,दिखावा लगता था ,वो सिर्फ उसे बर्बाद करना चाहती थी...

Total Chapters (75)

Page 1 of 4

  • 1. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 1

    Words: 2239

    Estimated Reading Time: 14 min

    एक बडा आलिशान सा कमरा ,जिसमे बीचो बीच रखा हुआ एक किंग साईज का बैड और जिस पर किसी राजा की तरह बैठा हुआ " युवराज सिंहानिया " जिसकी आँखो मे इस वक्त एक अलग ही जिद थी ,एक अलग ही जुनून था ! किसी को पाने की जिद ,किसी को अपना बनाने का जुनून ! और वो कोई नही वो थी उसकी एक तरफा महोब्बत " ख्वाहिश " थी ! जिसको पाने की ख्वाहिश उसके दिल मे हर घडी हर लम्हा बढ़ती जा रही थी ,जिसके लिए वो हर गुजरते वक्त के साथ पागल होता जा रहा था ,दीवाना होता जा रहा था ! इस वक्त भी वो अपने कमरे मे बैठा सामने दीवार पर लगी ख्वाहिश की बडी सी तस्वीर को अपनी जुनूनी आँखो से देख रहा था ! जहां युवराज ख्वाहिश के लिए पागल होता जा रहा था वही ख्वाहिश के लिए वो कुछ मायने नही रखता था ,वो उसके लिए किसी सिरफिरे आशिक से ज्यादा और कुछ भी नही था ! वो तो उसके बारे मे सोचना तो दूर ,उसकी तरफ देखती तक नही थी ,चिढ़ होती थी उसे युवराज को देखते ही ! जहां युवराज इस शहर के विधायक का इकलौता भतीजा था वही ख्वाहिश एक मिडिल क्लास फैमिली से थी ! जहां युवराज के लिए ख्वाहिश उसकी पूरी दुनिया बन चुकी थी वही ख्वाहिश के लिए उसकी पूरी दुनिया उसका परिवार ही था ! अपने छोटे छोटे सपनो को लेकर वो इस शहर मे पढ़ने आई थी ,और पढाई मे होशियार होने से शहर के बेस्ट कॉलेज मे एडमिशन मिला था उसको़ ...पर उसकी जिंदगी तब तक ही अच्छी थी जब तक वो इस कॉलेज मे नही आई थी या हम कह सकते है कि उसकी जिंदगी मे युवराज नही आया था ! ख्वाहिश के अलावा युवराज की जिंदगी मे बस उसके चाचा ही थे जिन्होने बडे प्यार ,दुलार से उसे बडा किया था ! छोटा सा था युवराज जब उसके माता पिता की एक हादसे मे मौत हो गई थी ,तब से उसके चाचा ने ही उसे मा बाप का प्यार दिया , यहां तक की शादी भी नही की उसने और युवराज भी अपने चाचा को बहुत प्यार करता था ,उनका आदर करता था ! किसी की न सुनने वाला युवराज केवल अपने चाचा की बात सुनता था ,सिर्फ सुनता ही नही था मानता भी था ! और उसके चाचा भी कुछ कम नही थे ,युवराज जिस चीज पर हाथ रख देता था वो युवराज के कदमो मे लाकर रख देते थे ...बस इसी वजह से वो इतना जिद्दी हो गया था कि बस ! खैर वो अभी भी अपने कमरे मे बैठा दीवानो की तरह ख्वाहिश की तस्वीर को देख रहा था ! तभी उसके चाचा " सोमनाथ सिंहानिया " अपने राजनैतिक दौरे से वापस आते है ! जैसे ही वो अंदर आते है तो पूरे घर मे इतनी शांति पाकर वो तुरंत युवराज को आवाज लगाते है ...पर युवराज तक उसकी आवाज नही पहुंचती ! तभी एक नौकर उसके लिए पानी लेकर आता है और उसे बताता है कि युवराज साहब तो सुबह से अपने कमरे से बाहर नही निकले ,और ना उन्होने सुबह से कुछ खाया है ! ये सुनते ही सोमनाथ पूरा गुस्से से भर जाता है और पानी का गिलास दूर फेंकते हुए - क्या ? इतनी बडी बात हो गई और तुम सबने मुझे फोन करके बताना भी जरूरी नही समझा ,,ये कहता हुआ वो जल्दी जल्दी ऊपर युवराज के पास जाता है ! उसके कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था ...सोमनाथ दूसरी चाबी से दरवाजा खोलता है और अंदर जाता है ! युवराज को सही सलामत देखते ही उसकी जान मे जान आती है ,वो युवराज के पास जाता है और उसका चेहरा अपने हाथो मे भरते हुए - युवराज मेरे बच्चे क्या हुआ तुझे ? ये क्या हालत बना रखी है तूने और तूने सुबह से कुछ खाया पिया नहीं है क्यों ? आखिर किस चीज की कमी है तुझे ? ऐसी कौन सी तेरी बात है जो मैंने  नहीं मानी ? ऐसी कौन सी डिमांड है तेरी जो मैंने पूरी नहीं की ? तू युवराज सिंघानिया है ,सोमनाथ सिंघानिया का भतीजा ! जिस चीज पर तू उंगली भी रख दे ना तो वो चीज तेरी होगी चाहे फिर मुझे उसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े !  तू बस हुकुम कर बेटा ...सोमनाथ बेहद घमंड के साथ बोलता है लेकिन वो एक चीज नोटिस करता है कि युवराज बस एक टक एक ही जगह पर देख रहा है , यहां तक कि वो पलके भी नहीं झपका रहा ! वो उसके दोनों कंधे पकड़ते हुए -  युवराज बेटा !! लेकिन युवराज बिना अपनी पलके झपकाए अपनी उंगली सामने दीवार की तरफ कर देता है ! सोमनाथ झट से पीछे मुड़कर देखता है तो सामने दीवार पर लगी बड़ी सी , एक लड़की की तस्वीर को देखकर वो हैरान रह जाता है ! वो तस्वीर इतनी बड़ी थी की पूरी दीवार को कवर कर रही थी ,और सुंदरता इतनी कि पूछो मत .. ये देखते ही सोमनाथ को हंसी आ जाती है और वो एकदम से - एक मामूली सी लड़की ,,, अभी व़ो ये शब्द बोला ही था कि तभी युवराज एकदम से - मामूली नहीं है वो ,, मामूली नहीं है मेरे दिल की रानी है वो ,आपके भतीजे की पसंद है वो , युवराज सिंघानिया की मोहब्बत है वो , उसकी जिद है वो, उसका जुनून है वो ,,वो मामूली हो ही नहीं सकती चाचा जी ,,,और मुझे ये चाहिए ,हर हाल में चाहिए ! उसका ये रूप देखकर , उसका व्यवहार देखकर उसका उस लड़की के लिए पागलपन देखकर सोमनाथ भी हैरान रह जाता है ! अगले ही पल वो अपने होठों पर मुस्कान सजाते हुए - आज तक ऐसा हुआ है कि मेरे शेर ने मुझसे कोई चीज मांगी हो और मैंने उसे ना लाकर दी हो ! फिर वो तुरंत अपने ड्राइवर को आवाज लगाते हुए - राकेश जीप निकालो हम अभी अपने भतीजे का रिश्ता पक्का करने जा रहे हैं ! ये सुनते ही युवराज के होठों पर बड़ी सी मुस्कान तैर जाती है और वो एकदम से अपने चाचा से लिपट जाता है !  बस फिर क्या था कुछ ही मिनट में सोने के जेवरात लेकर हीरे के जेवरात लेकर महंगे महंगे कपड़े लेकर और भी न जाने कितने तोहफे लेकर सोमनाथ ख्वाहिश के घर पहुंच जाता है ! ख्वाहिश अपने माता-पिता की इकलौती औलाद थी और वो भी लाडली थी ! अपने पिता की तो वो इतनी लाडली थी कि उसकी शहर में पढ़ने की इच्छा का मान रखने के लिए वो अपने गांव की जमीन जायदाद को बेचकर शहर आ गए थे और यहां उन्होंने एक छोटा सा घर लिया था और वो एक मामूली सी नौकरी कर रहे थे ! लेकिन उसके बावजूद भी वो तीनों बेहद खुश थे ! लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनकी खुशियों को बहुत जल्दी ग्रहण लगने वाला है ! रात गहरा गई थी ! जहां वो तीनों खाना खाकर सोने की तैयारी में थे ,, तभी उनके दरवाजे पर दस्तक होती है ! ख्वाहिश के पापा रविंद्र जी घड़ी में टाइम देखते हुए - इस वक्त कौन होगा ? ख्वाहिश और उसकी मां ममता को भी थोड़ी टेंशन हो जाती है ! रविंद्र जी दरवाजा खोलते हैं ,,तभी अपनी पूरी पलटन के साथ सोमनाथ एकदम से उनके घर में घुस जाता है ! ये सब देखकर वो तीनों ही हैरान रह जाते हैं और हैरानी से एक दूसरे की तरफ देखते हैं ! अरे अरे एक मिनट भाई साहब  ,कौन है आप लोग और कहां चले आ रहे हैं ? रविंद्र उनसे सवाल करता है ! सोमनाथ आराम से सोफे पर बैठता है और अपने नौकरों को वो सारा सामान वहां पर रखने का इशारा करते हुए - लीजिए रविंद्र जी लीजिए ,, ये सारे तोहफे आपके लिए !  सोमनाथ ने मात्र कुछ ही मिनटो में ख्वाहिश की पूरी कुंडली निकलवाली थी ! रविंद्र एकदम से - पर आप लोग हैं कौन और ये तोहफे ?? शांति रखिए रविंद्र जी शांति रखिए  ,फिर वो एक नज़र उनके छोटे से घर को देखते हुए - आप लोगों के तो भाग खुल गए हैं जो मेरे भतीजे की नजर आपकी इस लड़की पर पड़ गई ,और शुक्र कीजिए मेरे भतीजे का कि वो इसके साथ शादी करना चाहता है और ये सब तोहफे आपकी बेटी का रिश्ता हमारे भतीजे युवराज के साथ पक्का करने की खुशी में है ! युवराज का नाम सुनते ही ख्वाहिश सारी बात समझ जाती है और एकदम से गुस्से और नफरत से भर जाती है ! ममता और रविंदर असमंजस एक दूसरे की तरफ देखते हैं ! ये सब क्या है ख्वाहिश बेटा ?? सोमनाथ ममता की तरफ देखकर - एक कप चाय भी नहीं पिलाएंगी आप हमें बहन जी ? ममता बिना कुछ बोले किचन में चली जाती है ! सोमनाथ बेहद घमंड के साथ - अरे आप इतने हैरान मत होइए ,ये सब तोहफे  आप ही के लिए है और यही नहीं कल तक आपको एक आलीशान बंगला नौकर चाकर आलीशान गाड़ियां जिस चीज पर उंगली रखोगे वो सब मिल जाएगा ,, बस बदले में अपनी इस लड़की को मेरे साथ रवाना कर दो वहां मेरा बेटा तड़प रहा है इसके लिए ! फिर वो अपने नौकर से - भई मिठाई लाओ  रिश्ता पक्का होने जा रहा है ! मात्र एक मिनट में वहां पर रखी छोटी सी टेबल मिठाइयों के डिब्बे से भर दी जाती है ! सोमनाथ रविंद्र की तरफ देखते हुए - भई अपनी बेटी के बदले इतना सामान तो बहुत होगा आप लोगों के लिए ? ये सुनने की देर थी की ख्वाहिश पूरी गुस्से से भर जाती है और वो एकदम से - बस बहुत बकवास कर चुके हैं आप ! हम लोग कुछ बोल नहीं रहे हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि हम लोग कुछ बोल नहीं सकते ! समझते क्या है आप खुद को ?? आज समझ में आ रहा है कि युवराज इतना बदतमीज और इतना घमंडी क्यों है क्योंकि उसकी परवरिश ही ऐसी है ! जब उसके बड़े ही इतने बदतमीज है तो वो तो होगा ही ना ! ये सुनने की देर थी कि सोमनाथ के सारे आदमी एकदम से बंदूके निकाल लेते हैं ! तभी ममता चाय लेकर बाहर आ जाती है ,सोमनाथ अपने सभी आदमियों को बंदूके अंदर रखने के लिए बोलता है और फिर वो सोफे पर से उठता है और ख्वाहिश के पास जाता है ! ममता भी हाथ में चाय का कप लेकर वहीं खड़ी थी ! सोमनाथ वो चाय का कप उठाता है और घूंट घूंट करके पीने लगता है और साथ के साथ वो गुस्से से - ख्वाहिश को घूर रहा था ! जानती है लड़की तेरी इतनी बकवास मैंने क्यों सुनी ? सिर्फ अपने भतीजे के लिए ,उसकी खुशी के लिए और मेरी एक गंदी आदत है कि जो मेरे भतीजे को पसंद आ जाता है वो मैं उसे दिलवा कर ही रहता हूं फिर चाहे उसके लिए मुझे किसी भी हद तक क्यों न जाना पड़े !  तेरी और तेरे परिवार की भलाई इसी में की चुपचाप मेरे साथ चल ,,फिर वो एक बर्फी का पीस उठाकर जबरदस्ती ख्वाहिश के होठो से लगाते हुए - खुशी खुशी इस रिश्ते को स्वीकार कर ,वही तेरे लिए अच्छा होगा ! ख्वाहिश एकदम से उसका हाथ झटक देती है जिससे वो बर्फी का पीस दूर जाकर गिरता है और सोमनाथ के हाथ में पकड़ी चाय सारी उसी के ऊपर गिर जाती है ! इससे पहले कि मैं पुलिस बुला लूं यहां से दफा हो जाइए ! बेहद गुस्से से बोलती है ख्वाहिश ! सोमनाथ का इतना अपमान आज से पहले कभी नहीं हुआ था वो अपमान के घुट पीकर रह जाता है ! गुस्से से उसके हाथों की मुट्ठी कस जाती है और वो बिना कुछ बोले उनके घर से बाहर निकल जाता है ! पीछे से ख्वाहिश - एक मिनट इतना कहकर वो सारा सामान बाहर फैंक देती हैं जो जो सोमनाथ लेकर आया था और फिर उसके बाद उसके मुंह पर ही दरवाजा बंद कर देती है !  सोमनाथ इतना अपमानित महसूस कर रहा था , इतना गुस्से से भर गया था कि वो अपनी गाड़ी में भी नहीं बैठता बल्कि गुस्से से भरा हुआ वो पैदल हीं सड़क पर चलने लगता है और पैदल चलता चलता ही अपने बंगले पर पहुंचता है ! उधर युवराज बडी बेस्बरी से उसके वापस आने का इंतजार कर रहा था ! जैसे ही सोमनाथ अंदर आता है तभी वो चहकते हुए उसकी तरफ देखता है लेकिन अगले ही पल उसकी नजरे सोमनाथ के सफेद कपड़ो पर जाती है जिस पर चाय का दाग लगा हुआ था तो उसके चेहरे के भाव पूरी तरह बदल जाते हैं ! उसके चाचा जो हमेशा सफेद कपड़े पहनते थे और उन पर एक दाग बर्दाश्त नहीं था उसे और आज उसके कपड़ों की ऐसी हालत ...उसे समझते देर नहीं लगती कि वहां पर क्या हुआ होगा !  गुस्से से उसके हाथों की मुट्ठी कस जाती है और आंखों में अंगारे उतर आते हैं ! एक एक कदम चलता हुआ वो सोमनाथ के पास जाकर - मुझे सिर्फ इतना बताइए कि उन तीनो मे से आपके साथ ये हरकत किसने की ?? सोमनाथ एक नजर उसकी तरफ देखता है और फिर - ख्वाहिश ..... तो क्या होगा अब ? क्या करेगा युवराज ? और कैसे हुई युवराज और ख्वाहिश की पहली मुलाकात ? कैसे हुआ युवराज को उससे प्यार ...? ये सब आपको आगे की कहानी मे पता चलेगा ! अगर पसंद आए तो कमैंट जरूर करना ! तो अब शुरू हो जाइए ...कमेैंट और फोलो ..😊😊इतना तो आप मेरे लिए कर ही सकते है ...😇

  • 2. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 2

    Words: 1502

    Estimated Reading Time: 10 min

    गातांक से आगे... युवराज बडी बेस्बरी से उसके वापस आने का इंतजार कर रहा था ! जैसे ही सोमनाथ अंदर आता है तभी वो चहकते हुए उसकी तरफ देखता है लेकिन अगले ही पल उसकी नजरे सोमनाथ के सफेद कपड़ो पर जाती है जिस पर चाय का दाग लगा हुआ था तो उसके चेहरे के भाव पूरी तरह बदल जाते हैं ! उसके चाचा जो हमेशा सफेद कपड़े पहनते थे और उन पर एक दाग बर्दाश्त नहीं था उसे और आज उसके कपड़ों की ऐसी हालत ...उसे समझते देर नहीं लगती कि वहां पर क्या हुआ होगा !  गुस्से से उसके हाथों की मुट्ठी कस जाती है और आंखों में अंगारे उतर आते हैं ! एक एक कदम चलता हुआ वो सोमनाथ के पास जाकर - मुझे सिर्फ इतना बताइए कि उन तीनो मे से आपके साथ ये हरकत किसने की ?? सोमनाथ एक नजर उसकी तरफ देखता है और फिर - ख्वाहिश ..... ख्वाहिश का नाम सुनते ही युवराज और भी ज्यादा गुस्से से भर जाता है ! उसके हाथों की मुट्ठी और भी ज्यादा कस जाती है और वो मन में - सब कुछ करना था ख्वाहिश पर मेरे भगवान सम्मान चाचा का अपमान नहीं करना था तुम्हें ! मेरा अपमान तो तुम हमेशा ही करती आई हो और ये बात मैं बहुत आराम से बर्दाश्त करता आया हूं और आगे भी कर लेता लेकिन आज जो तुमने हरकत की है ना उसकी सजा तुम्हें मिलेगी , जरूर मिलेगी ..! वो मन ही मन ये सब  बोल रहा था तभी सोमनाथ उसके कंधे पर हाथ रखते हुए - कोई बात नहीं ,बच्ची है वो ! नादान है वो ,पर तू भूल जा सब कुछ ,तेरी खुशी से बढ़कर मेरे लिए और कुछ नही है और तू कहेगा तो मैं वापस उनके घर चला जाऊंगा ! उस लड़की के सामने हाथ जोड़कर .....युवराज एकदम से - नहीं चाचा जी नहीं , आपकी इज्जत से ज्यादा वो लड़की मेरे लिए मायने नहीं रखती ! आपका अपमान करने की उसने जोगलती की है ना उसकी सजा तो उसे मिलेगी , जरूर मिलेगी ! ये कहकर वो गुस्से से भरा हुआ घर से बाहर निकल जाता है ! सोमनाथ उसे आवाज लग्ता रह जाता है लेकिन युवराज नहीं रुकता ! उसके जाते ही सोमनाथ के होठों पर एक रहस्यमई मुस्कान तैर जाती हैं और वो अपने कमरे में आराम करने के लिए चला जाता है जैसे उसे कोई मतलब ही ना हो कि अब युवराज क्या करेगा ,जबकि वो उसे अच्छी तरह जानता था कि वो कितना खतरनाक है ! युवराज बाहर आता है और उन आदमियों से एक-एक बात पता करता है कि वहां पर क्या हुआ था ? वो लोग सब कुछ उसे बता देते हैं कि कैसे ख्वाहिश ने उसके चाचा का अपमान किया ,उनके ऊपर चाय गिराई ,वो इतने प्यार से उसे बर्फी खिला रहे थे तो उसको दूर गिरा दिया , जो वो उसके लिए तोहफे लेकर गए थे वो भी बाहर फैंक दिए और  मालिक के मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया और तो और पुलिस तक को बुलाने की धमकी दी ! जैसे जैसे युवराज को सारी बात पता चलती जा रही थी वैसे वैसे वो और भी ज्यादा खतरनाक होता जा रहा था ! वो तुरंत एक सिगरेट जला कर अपने होठों पर रखता है लेकिन अगले ही पल वो सिगरेट को वापस जमीन पर फेंकता है और एकदम से अपने आदमियों से - चलो !  इतना कहकर वो जीप मे बैठ जाता है और खुद जीप चलाने लगता है ,उसका चेहरा देखकर साफ पता चल रहा था कि  इस वक्त वो कितने गुस्से में है और वो इस वक्त कितना खतरनाक लग रहा था ये तो उसके साथ बैठे आदमी ही जानते थे ! दूसरी तरफ ...ख्वाहिश अपना सर पकड़कर अपने पापा के पास बैठी थी और युवराज के बारे में बता रही थी कि वो उसके कॉलेज में है और हर रोज उसे तंग करता है ! ये सब सुनकर ममता - इतनी बड़ी बात हो गई और तूने हमें बताया भी नहीं ! ख्वाहिश - पर मां मुझे क्या पता था कि  बात यहां तक पहुंच जाएगी ! ऐसे तो हर रोज कितने सिरफिरे लोग मिलते हैं अब सबको तो याद नहीं रखते ना ! उसके पापा एकदम से - लेकिन वो कोई आम इंसान नहीं है , विधायक सोमनाथ का भतीजा है और इन लोगो की पावर ...वो अभी बोल ही रहा था कि तभी उनके घर का दरवाजा टूटता है ! उसकी आवाज से वो तीनों ही हैरान रह जाते हैं और घबरा भी जाते हैं ! दरवाजा टूटने के साथ ही युवराज के आदमी हाथ में हथियार लेकर उनके घर में घुस जाते हैं ! ये सब देखकर ममता एकदम से चिल्ला पड़ती है ! वो आदमी ममता और रविंद्र को कसकर पकड़ लेते हैं ! अपने मम्मी पापा की ये हालात देखकर ख्वाहिश को बहुत बुरा लगता है ,वो भी घबरा जाती हैं ! वो हड़बडा कर उठती है और जैसे ही पीछे पलटती है तो अपने पीछे युवराज को देखकर एक पल के लिए तो वो भी डर जाती है क्योंकि वो इस वक्त इतना खतरनाक लग रहा था कि उसका डरना लाजमी था ! युवराज की आँखो से अंगारे बरस रहे थे और वो अपनी जलती निगाहो से ख्वाहिश को घूर रहा था ! उसका हाथ ख्वाहिश के गले पर पहुंचता है जिसे वो जोर से दबाते हुए पीछे दीवार से लगा देता है ! उसने इतनी जोर से उसका गला पकड़ा था कि ख्वाहिश को सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही थी ,यहां तक की उसकी आंखों से आंसू बहने लगे थे और उसका गोरा चेहरा लाल हो गया था ! वो उसका हाथ हटाने के लिए छटपटा रही थी लेकिन युवराज की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वो चाहकर भी उस पकड़ से आजाद नहीं हो पा रही थी ! ये सब देखकर रविंदर और ममता बहुत डर जाते हैं और वो युवराज से मिन्नत करने लगते है कि उनकी बेटी को छोड़ दे ! लेकिन युवराज पर इस वक्त किसी चीज का कोई असर नहीं हो रहा था ! वो अभी भी कसकर उसका गला दबा रहा था और साथ के साथ - मैं तुमसे प्यार करता हूं तो तुम कुछ भी करोगी ?  मेरे भगवान जैसे चाचा का अपमान करोगी ? देवता जैसे इंसान का अपमान किया तुमने ,जानती हो उसकी सजा क्या हो सकती है ? नहीं जानती ,,लेकिन बहुत जल्द जान जाओगी ! ये कहता हुआ वो एकदम से उसे छोड़ देता है जिससे ख्वाहिश सम्भंल नहीं पाती और वहीं जमीन पर गिर जाती है ! वो अपने सीने पर हाथ रखकर लम्बी लम्बी सांस लेने लगती हैं ! उसकी हालत इतनी खराब थी कि अगर युवराज थोडी देर उसे नहीं छोड़ता तो शायद वो जिंदा भी नहीं बचती ! उसके मम्मी पापा की तो रो रो कर हालत खराब हो गई थी  और वो अभी भी उसके सामने मिन्नत कर रहे थे ! युवराज एकदम से अपने आदमी की तरफ देखकर - लेकर जाओ इन दोनों को यहां से ,मुझे यहां बिल्कुल शांति चाहिए ! उसके आदमी दोनों को पकड़कर अंदर कमरे में ले जाते हैं ! ख्वाहिश एकदम से खड़े होते हुए - कहां लेकर जा रहे हो उन्हें ...इससे पहले कि वो अपनी बात पूरी करती युवराज उसे बाजू से पकड़कर पीछे दीवार से लगा देता है और एकदम से उसके होंठो पर उंगली रखते हुए - शशशश.... तुम्हे जितना बोलना था तुम बोल चुकी हो ,अब सिर्फ मैं बोलूंगा और तुम सुनोगी ! ये कहता हुआ वो अपना चेहरा उसके चेहरे के और करीब ले जाता है ! इतना की उसकी गर्म सांसे ख्वाहिश को अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी !  युवराज की करीब उससे सहन नहीं हो रही थी ! युवराज एकदम से उसका मुंह पकड़ ऊपर करते हुए - क्या परेशानी है तुम्हें ? आखिर कमी क्या है मुझमें ? कमी क्या है मेरी मोहब्बत में ? तुम्हें दीवानों की तरह चाहता हूं , तो तुम्हें पसंद नहीं आ रहा ? क्यों मुझे वो बनने के लिए मजबूर कर रही हो जो मैं तुम्हारे लिए बनना नहीं चाहता ! क्या गलती थी चाचा जी की ? वो आराम से यहां रिश्ता पक्का करने आए थे ना तो खुशी खुशी स्वीकार नहीं कर सकती थी ? पर तुम्हे तो नखरे करने हैं ,बहुत नखरे करने हैं तुम्हें ! वो प्यार से तुम्हें मीठा खिला रहे थे ना ? तो क्यों नहीं खाया ? युवराज किसी जनुनी की तरह ,किसी सनकी की तरह लगातार बोलता ही जा रहा था , यहां तक कि वो ख्वाहिश को बोलने का मौका तक नहीं दे रहा था ,बोलना तो छोडो वो तो उसे सांस भी लेने नहीं दे रहा था ! इतने आराम से वो तुम्हें मिठाई खिला रहे थे तुम्हारा मुंह मीठा करवा रहे थे तो तुम्हें रास  नहीं आया  ? तुमने उनके साथ बदतमीजी की ,उनका अपमान किया उनके लाए हुए तोहफे बाहर फैंके , उनके मुंह पर दरवाजा बंद किया ? अब मैं तुम्हें बताता हूं कि मुंह मीठा कैसे करते हैं ...गुस्से से बोलता है युवराज और एकदम से अपने होंठ उसके होठों पर रख देता है ... जारी है...🙏🙏 कमैंट प्लीज 😊😊

  • 3. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 3

    Words: 1592

    Estimated Reading Time: 10 min

    गातांक से आगे.... क्या गलती थी चाचा जी की ? वो आराम से यहां रिश्ता पक्का करने आए थे ना तो खुशी खुशी स्वीकार नहीं कर सकती थी ? पर तुम्हे तो नखरे करने हैं ,बहुत नखरे करने हैं तुम्हें ! वो प्यार से तुम्हें मीठा खिला रहे थे ना ? तो क्यों नहीं खाया ? युवराज किसी जनुनी की तरह ,किसी सनकी की तरह लगातार बोलता ही जा रहा था , यहां तक कि वो ख्वाहिश को बोलने का मौका तक नहीं दे रहा था ,बोलना तो छोडो वो तो उसे सांस भी लेने नहीं दे रहा था ! इतने आराम से वो तुम्हें मिठाई खिला रहे थे तुम्हारा मुंह मीठा करवा रहे थे तो तुम्हें रास  नहीं आया  ? तुमने उनके साथ बदतमीजी की ,उनका अपमान किया उनके लाए हुए तोहफे बाहर फैंके , उनके मुंह पर दरवाजा बंद किया ? अब मैं तुम्हें बताता हूं कि मुंह मीठा कैसे करते हैं ...गुस्से से बोलता है युवराज और एकदम से अपने होंठ उसके होठों पर रख देता है ... ख्वाहिश की आँखे हैरानी से बडी हो जाती है ! ये दूसरी या तीसरी बार था जब वो उसके इस तरह से करीब आया था ! वो अपनी पूरी ताकत लगाकर उसे खुद से दूर करने की कोशिश कर रही थी पर सब बेकार ...जितना वो उसे खुद से दूर कर रही थी युवराज उतना ही उसके करीब जा रहा था और वाईल्ड़ तरीके से उसे किस कर रहा था ! ख्वाहिश को बेहद तकलीफ हो रही थी ,यहां तक की उसकी आँखो मे आसू भी आ गए थे पर फिर भी युवराज उसे छोड़ नही रहा था !और वो तब तक उसे नही छोड़ता जब तक उसके होंठो से खून नही बह जाता ! वो एकदम से उसे छोड़ता है और उसी के दुप्पटे से अपने होंठो को साफ करता है ! ख्वाहिश अपनी जलती निगाहो से उसकी तरफ देखती है और एक चांटा मारने लगती है उसे पर युवराज बीच मे ही उसकी कलाई पकड़ लेता है और एकदम से - अपने नाजुक से हाथ को इतनी तकलीफ मत दो जान ..इससे मुझे कुछ नही होने वाला ,कोई फर्क नही पड़ने वाला मुझे ....ये कहता कहता वो उसके हाथ को चूम लेता है ! ख्वाहिश झट से अपना हाथ पीछे खींच लेती है ! युवराज टेढा मुस्कुराते हुए उसके करीब जाता है और उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए - अपने होने वाले पति पर हाथ उठाओगी जान ...वो उसके कुछ ज्यादा ही करीब जाते हुए बोलता है ! ख्वाहिश उसे खुद से दूर धकेलते हुए - पति और तुम ? तुम जैसे घटिया इंसान की मैं शक्ल भी ना देखू ,शादी तो बहुत दूर की बात है ! ऐसा सपने मे भी मत सोचना ...बहुत ज्यादा गुस्से से बोलती है ख्वाहिश ..लेकिन युवराज जो पहले ही गुस्से से भरा बैठा था ख्वाहिश की ऐसी बातें सुनकर उसे और भी ज्यादा गुस्सा आ जाता है ! वो उसे कंधे से पकड़ कर पीछे दीवार से लगा देता है और  उसके बेहद करीब जाते हुए - युवराज सिंघानिया सपने वही देखता है जिसे वो पूरा कर सके ! तुम्हें मेरी गलतियां नजर आती है मेरी बदतमीजी नजर आती है लेकिन मेरी मोहब्बत नजर नहीं आती ? मेरा इश्क नजर नहीं आता  ?मेरा जुनून नजर नहीं आता ? प्यार करता हूं तुमसे इतनी सी बात तुम्हे समझ नहीं आती !  ख्वाइश उसकी आंखों में आँखे डालते हुए - और मैं तुमसे प्यार नहीं करती तुम्हें इतनी सी बात समझ में नहीं आती ? मैं मर जाऊंगी लेकिन तुम्हारी कभी नहीं होऊंगी ! युवराज एकदम से उसका चेहरा पकड़ कर ऊपर करते हुए - तुम्हें मरने की भी इजाजत नहीं है जान ...तुम सिर्फ मेरी हो मेरी और तुम्हारी सांसों पर भी मेरा हक है ! मौत भी तुम्हें छूने से पहले मुझसे टकराएगी ! तुम्हें छूकर गुजरने वाली हवा को भी कैद कर लू मैं और तुम मरने की बात करती हो नही जान नही ! वो किसी जूनुनी की तरह बोल रहा था ,ख्वाहिश उसकी आंखों में देख रही थी जहां उसे एक अलग ही आग नजर आ रही थी ,एक जुनून नजर आ रहा था ! पर उसे नफरत थी इन सब चीजों से ,वो बेहद नफरत से अपना चेहरा फेर लेती है ! युवराज उसकी तरफ देखते हुए अपने आदमियों को आवाज लगाता है ! वापस रखो सारा सामान , उसके ये कहने की देर थी कि उसके आदमी घर के अंदर आते हैं जिनके हाथ में शगुन का बहुत सारा सामान था इतना सामान की कुछ ही देर में ख्वाहिश का वो छोटा सा घर सामान से भर जाता है ! तब तक उसके दूसरे आदमी उसके माता-पिता को भी बाहर ले आते हैं ! युवराज उनकी तरफ देखकर - शगुन का सामान है ये , उम्मीद है कि पहले वाली गलती दोबारा नहीं होगी ! फिर वो ख्वाहिश का हाथ पकड़ कर अपने करीब करते हुए - आज से ये मेरी है ,सिर्फ मेरी ...ये कहता हुआ वे अपनी जेब में से एक हीरे के अंगूठी निकालता है और जबरदस्ती ख्वाहिश की उंगली में पहनाते हुए - लो सगाई भी हो गई जान और फिर दूसरी अंगूठी ख्वाहिश के हाथ में रखता है और जबरदस्ती उससे अपनी उंगली में पहनाते हुए - सगाई पूरी हुई तालियां ...उसके आदमी झट से तालियां बजाने लगते हैं ! ये सब देखकर ममता का और रविंदर का तो रो रो कर बुरा हाल हो गया था कि उनकी फूल सी बेटी के साथ ये सब क्या हो रहा है ! अगले ही पल युवराज ख्वाहिश की तरफ देखता है और अपने होठों पर एक डैविल स्माइल सजाते हुए - उम्मीद है की ये अंगूठी तुम्हारी उंगली से उतरेगी नहीं  और अगर उतरी तो उसका अंजाम तुम सोच भी नहीं सकती ! फिलहाल तो जा रहा हूं लेकिन कल पक्का बारात लेकर आऊंगा और तुम्हें हमेशा के लिए अपने साथ ले जाऊंगा ! ये कहता हुआ वो प्यार से उसका गाल थपथपाता है लेकिन ख्वाहिश उसका हाथ झटक देती है ! उसकी एक एक अदा युवराज के दिल पर लग रही थी लेकिन वो तो इस अदा से भी प्यार कर बैठा था ! उसके बाद वो अपने आदमियों के साथ वहां से चला जाता है ! कुछ देर के लिए वहां पर बिल्कुल खामोशी छा जाती है ख्वाहिश कभी अपने घर में रखें उस सामान को देख रही थी तो कभी अपने हाथ में पहनी अगूंठी को जो युवराज ने उसे जबर्दस्ती पहनाई थी ! उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और ऊपर से कल वो बारात लेकर आएगा , जबरदस्ती उससे शादी करेगा नहीं ये तो वो बिल्कुल नहीं चाहती थी ! वो अपना चेहरा अपने दोनों हाथों में भरकर रोने लगती है और रोते हुए - मुझे उस इंसान के साथ नहीं रहना पापा , कुछ भी कीजिए मुझे बचा लीजिए ! मैं उससे शादी नही करूंगी !  ममता जल्दी से जाकर उसे संभालती है रविंद्र जो खुद सदमे में चला गया था वो जल्दी से खुद पर काबू पाता है और फिर ख्वाहिश के पास जाकर उसका हौसला बढ़ाते हुए - तू फिक्र मत कर  बेटा अभी मैं जिंदा हूं ,उस युवराज  के साथ कभी तेरी शादी नहीं होने दूंगा ! ममता एकदम से - पर इतनी जल्दी आप करेंगे क्या और वो कितने खतरनाक लोग हैं देखा नहीं आपने ? रंविद्र उसे शांत करते हुए - शांत हो जाओ ममता ,मैं अभी कुछ करता हू ! ये कहता हुआ वो जल्दी से किसी को फोन करता है ! कुछ ही देर मे उसका दोस्त सोहन ,उसकी पत्नी शोभना और उनका बेटा शिवम वहां पर आते है ! रंविद्र और सोहन दोनो बहुत अच्छे दोस्त थे ,दोनो परिवारो मे भी बहुत प्यार था ! और शिवम और ख्वाहिश भी बहुत अच्छे दोस्त थे ! पहले सोहन भी गांव मे रहता था ,वो भी कुछ साल पहले शहर मे रहने आया था ! वो भागे भागे वहां पर आते है और घर मे इतना सारा सामान देखकर और ख्वाहिश की हालत देखकर हैरान रह जाते है ! ममता रोते रोते उनको सारी बात बताती है और ये भी कि युवराज कल जबरदस्ती ख्वाहिश से शादी करने वाला है ! शिवम ख्वाहिश के पास जाकर - तू इतनी परेशानी मे थी और तूने मुझे बताया भी नही ! रंविद्र सोहन के पास जाकर उसके सामने हाथ जोड़ते हुए - मेरी बच्ची को बचा ले दोस्त ,इससे पहले कि वो युवराज ख्वाहिश से शादी करे ,क्या तू शिवम के साथ...? सोहन बीच मे ही उसके दोनो हाथ पकड़ते हुए - तुझे हाथ जोड़ने की जरूरत नही है दोस्त और ये तो हमारी भी दिल से इच्छा है ...कल सुबह ही हम मंदिर मे दोनो की शादी करवा देंगे फिर वो शिवम की तरफ देखकर - तू तैयार है ना बेटा ? शिवम ख्वाहिश की तरफ देखते हुए - जी पापा ,मैं अपनी दोस्त के लिए कुछ भी कर सकता हू ! बस फिर क्या था आनन फानन मे वो लोग शादी की तैयारी करने लगते है और सुबह होने का इंतजार करने लगते है कि कब सुबह हो और दोनो की शादी हो ! उधर युवराज घर पहुंच गया था और वो अपने बिस्तर पर लेटा अपनी ऊंगली मे पहनी हुई अंगूठी को देख रहा था ,वो आँखे बंद करता है तो ख्वाहिश का चेहरा नजर आने लगता है ...फिर वो उसी के ख्यालो मे कब सो जाता है उसे पता ही नही चलता ! उसकी आँख खुलती है अपने फोन की रिंग से ! वो नींद मे फोन उठाकर अपने कान पर लगाता है ! सामने से - भाई ,वो भाभी मंदिर मे शादी कर रही है ....ये सुनते ही युवराज एकदम से आँखे खोलता है और उसकी आँखो मे खून उतर आता है .... जारी है...🙏🙏

  • 4. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 4

    Words: 1598

    Estimated Reading Time: 10 min

    गातांक से आगे... आनन फानन मे वो लोग शादी की तैयारी करने लगते है और सुबह होने का इंतजार करने लगते है कि कब सुबह हो और दोनो की शादी हो ! उधर युवराज घर पहुंच गया था और वो अपने बिस्तर पर लेटा अपनी ऊंगली मे पहनी हुई अंगूठी को देख रहा था ,वो आँखे बंद करता है तो ख्वाहिश का चेहरा नजर आने लगता है ...फिर वो उसी के ख्यालो मे कब सो जाता है उसे पता ही नही चलता ! उसकी आँख खुलती है अपने फोन की रिंग से ! वो नींद मे फोन उठाकर अपने कान पर लगाता है ! सामने से - भाई ,वो भाभी मंदिर मे शादी कर रही है ....ये सुनते ही युवराज एकदम से आँखे खोलता है और उसकी आँखो मे खून उतर आता है .... वो झट से उठकर बैठते हुए - ये तुमने ठीक नही किया जान ,मतलब मैं एक साथ कितनी गलतिया माफ करू तुम्हारी ? मुझे छोड़कर किसी और के बारे मे सोचा भी कैसे तुमने ? मैं तुम पर गुस्सा करना नही चाहता पर तुम ना कोई ना कोई ऐसी हरकत कर देती हो जिससे मुझे तुम पर गुस्सा करना पडे , और आज जो तुमने किया ना अब इसका अंजाम तो तुम भुगतोगी ...वो ख्वाहिश की तस्वीर को देखते हुए ये सब बोल रहा था और साथ के साथ रेडी हो रहा था ! गुस्सा तो उसके सर पर इस कदर सवांर था कि आज उसे कोई होश नही था ..! कुछ ही देर मे किसी हीरो की तरह तैयार होकर नीचे आ रहा था और साथ के साथ अपनी गन लोड कर रहा था ! सोमनाथ जो हॉल मे रखे झूले पर बैठा चाय की चुस्किया ले रहा था वो उसे देखते हुए - कहां जाने की तैयारी हो रही है मेरे शेर ? युवराज उसके पास आता है और उसके पैर छूकर आशिर्वाद लेते हुए - आपकी बहू लेने जा रहा हू ...आप बस उसके स्वागत की तैयारी कीजिए ...इतना कहकर वो बिना उसकी बात सुने वहां से चला जाता है ! सोमनाथ हैरानी से - बहू लाने मतलब ? आखिर ये करने क्या जा रहा है ? वो खुद से ही बोल रहा था पर फिर वो अपने आदमियो को आवाज लगाते हुए - पूरे घर को दुल्हन की तरह सजा दो ...जो युवराज चाहता है वो सब कर दो ,उसकी खुशी मे कोई कमी नही आनी चाहिए ....! जी मालिक ,जैसा आप कहे ..बस फिर क्या था सब जन लग जाते है पूरे घर की सजावट करने ! दूसरी तरफ ....ख्वाहिश के परिवार वाले और शिवम के परिवार वाले मंदिर पहुंच गए थे ! वो लोग युवराज के डर से शहर से दूर एक छोटे से मंदिर मे दोनो की शादी करवा रहे थे जहां कोई जल्दी से आता नही था ! उनको लगा कि युवराज को इस बारे मे कुछ पता नही चलेगा पर ये उनकी गलतफहमी थी क्योकि युवराज तो किसी साय की तरह ख्वाहिश के साथ चल रहा था ,हर पल हर घडी उसकी नजर ख्वाहिश पर रहती थी ! खैर शादी की लगभग सारी तैयारी हो गई थी ! मंदिर इतना बडा नही था कि उसके अंदर शादी हो सके इसलिए मंदिर के सामने ही छोटा सा मंडप लगाया था जहां दुल्हा बना शिवम और दुल्हन बनी ख्वाहिश दोनो बैठे हुए थे और पंडित जी शादी के मंत्र पढ़ रहे थे ! सब लोग अंदर ही अंदर घबराए हुए थे ! खासकर ख्वाहिश क्योकि वो किसी भी कीमत पर युवराज से शादी करना नही चाहती थी और अब उसे ऐसा लग रहा था कि युवराज से उसका पीछा हमेशा हमेशा के लिए छूट गया पर उसे इस बात का एहसास नही था कि युवराज किसी तूफान की तरह तेजी से उसकी तरफ बढ़ रहा है ! ख्वाहिश को मन ही मन बहुत घबराहट हो रही थी , बहुत डर लग रहा था उसको जोकि शिवम भी समझ पा रहा था ! वो झट से अपना हाथ उसके हाथ पर रखते हुए - तुम फ़िक्र मत करो कुछ नहीं होगा ,मैं हूं तुम्हारे साथ हम सब है तुम्हारे साथ ,एक बार शादी हो जाए वो युवराज कुछ नही कर पाएगा .... अभी तो बोल नहीं रहा था कि तभी एक गोली चलने की आवाज आती है और उसी के साथ शिवम के चिल्लाने की आवाज वहां के शांत माहौल में गूंज जाती है !  सब लोग घबरा जाते हैं ...खास करके ख्वाहिश ! शिवम ने जिस हाथ से उसके हाथ को छुआ उसके उसी हाथ से खून बह रहा था , ख्वाहिश समझ जाती है कि युवराज वहां पहुंच चुका है और ऐसा ही होता है ...युवराज जिसने  शिवम को ख्वाहिश के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए देख लिया था उसने तभी उसके हाथ पर गोली चला दी ...शिवम का हाथ पूरा खून से भर गया था और वो दर्द से छटपटा रहा था ! तभी युवराज जोर से अपनी जीप के ब्रेक मारता है, इतनी जोर से कुछ देर के लिए तो वहां पर इतनी धूल हो जाती है कि किसी को कुछ दिखाई ही नहीं देता ! उसके आदमी जल्दी से जाकर ख्वाहिश के मां-बाप को और शिवम के मां-बाप को पकड़ लेते हैं और युवराज कहर बनकर टूट पड़ता है शिवम पर , वो बहुत पूरी तरह उसे मारते हुए - मेरी जान को छुआ भी कैसे तूने ? उसे छूने की हिम्मत भी कैसे की तूने और उसके साथ शादी करने के बारे में सोचा भी कैसे तूने ? वो मेरी है सिर्फ मेरी,, उसे छूने का उसे देखने का उससे शादी करने का हक सिर्फ मेरा है सिर्फ मेरा ...वो बेहद जुनूनियत के साथ ये सब बोल रहा था और लगातार उसे मार रहा था ! उसका ये रूर देखकर तो ख्वाहिश और भी ज्यादा डर जाती है लेकिन शिवम की हालत उससे देखी नहीं जा रही थी , ये जो कुछ भी हो रहा था उसी की वजह से हो रहा था ! वो एकदम से युवराज के पास जाती है और उसको रोकते हुए - प्लीज उसे मत मारो , उसे छोड़ दो ,प्लीज युवराज ,लेकिन युवराज के सर पर तो खून सवांर था ! ख्वाहिश आगे बोलते हुए - युवराज प्लीज शिवम ...वो अभी इतना ही बोली थी कि तभी युवराज अपनी जलती निगाहो से उसकी तरफ देखता है और फिर एकदम से उसका गला दबाकर उसे पीछे की तरफ ले जाते हुए - मेरे अलावा किसी और का नाम भी तुम्हारे होंठो पर नही आना चाहिए ...कहा था ना तुमसे मैंने कि तुम किसी और के बारे में सोच भी नहीं सकती , समझाया था ना मैंने कि मेरे बिना तुम्हारे जहन में कोई और नहीं आना चाहिए ,तुम्हारे दिल में कोई और नहीं आना चाहिए फिर भी तुमने मुझे छोड़कर इसे चुना ?? ये नही करना था जान ,ये नही करना था ...ये कहता हुआ वो एकगम से उसका गला छोड़ता है और उसके हाथ में जो उसने अंगूठी पहनाई थी उस उंगली को पकड़कर ऊपर करते हुए - मैंने पहनाई थी ना तुम्हें ये अंगूठी ,सगाई हुई है मेरे साथ तुम्हारी और शादी तुम किसी और के साथ करोगी ? और तुम्हे लगा कि मैं ऐसा होने दूंगा ...? वो बहुत गुस्से से उसकी तरफ कदम बढ़ाते हुए बोल रहा था और ख्वाहिश डर के मारे पीछे हो रही थी ! पीछे होते हुए वो पेड से टकरा जाती है ! उधर उसके मां-बाप रो रोककर युवराज से मिन्नत कर रहे थे कि उसकी बेटी को कुछ ना करें ,उसे छोड़ दे ! युवराज एक दम से ख्वाहिश के करीब जाता है और उसे घूरते हुए - तो तुम इस लंगूर से शादी करोगी ? इतनी हिम्मत है तुम मे ? पीछे से रविद्रं - इसमें उसकी कोई गलती नहीं है ये सब मैंने किया है, वो एकदम से बोलता है ,क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरी बेटी की शादी तुम्हारे जैसे दरिंदे के साथ हो ! इसलिए मैं उसकी शादी करवा रहा था अपनी मर्जी से इस लड़के के साथ क्योंकि ये हर तरीके से ख्वाहिश के लायक है ! ये सुनने की देर थी कि युवराज का खून और भी ज्यादा खौल उठता है ! वो गुस्से से दांत भीचते हुए ख्वाहिश की तरफ देखकर - अगर ये तुम्हारे प्यारे पापा नही होते तो मैं इन्हे अच्छे से बता देता कि मेरी जान को मुझसे दूर करने का अंजाम क्या होता है ! फिर वो गुस्से से रविंदर की तरफ देखते हुए - ससुर जी दूल्हा पहुंचा नहीं और आपने शादी करवानी शुरू कर दी ? ये आपने बिल्कुल ठीक नहीं किया बिल्कुल भी ... इसका अंजाम जानते हैं आप लोग ? कितनी बार मैंने आपको कहा है, कितनी बार मैंने ख्वाहिश को समझाया है कि उसकी शादी होगी तो सिर्फ मुझसे होगी सिर्फ मुझसे ...फिर भी ये बे फालतू का ड्रामा क्यों कर रहे हैं आप सब ? कुछ हासिल नहीं होने वाला इससे ...ख्वाहिश कल भी मेरी थी आज भी मेरी है और हमेशा मेरी ही रहेगी ,, ये कहता हुआ वो बहुत जोर से शादी के मंडप में लात मारता है और फिर पंडित की तरफ देखते हुए - क्या रे पंडित ,,,दस मिनट में ये सारी नौटंकी यहां से समेट और नए सिरे से शुरुआत कर ,शादी तो आज ख्वाहिश की होगी लेकिन मेरे साथ होगी ...ये कहता हुआ वो उसे अपने और भी करीब कर लेता है ! और बेहद प्यार और दीवानगी से उसे देखने लगता है पर जितना वो प्यार कर रहा था ख्वाहिश को उससे उतनी ही नफरत हो रही थी ...! अगले ही पल ख्वाहिशों से दूर धक्का देते हुए - मैं तुमसे शादी नहीं करूंगी ,कभी नहीं करूंगी ,किसी कीमत पर नहीं करूंगी .... जारी है...🙏🙏 कमैंट प्लीज 😊😊 जिन्होने अभी तक मुझे फोलो नही किया वो जल्दी से फोलो कर ले !

  • 5. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 5

    Words: 2106

    Estimated Reading Time: 13 min

    गातांक से आगे.... ख्वाहिश कल भी मेरी थी आज भी मेरी है और हमेशा मेरी ही रहेगी ,, ये कहता हुआ वो बहुत जोर से शादी के मंडप में लात मारता है और फिर पंडित की तरफ देखते हुए - क्या रे पंडित ,,,दस मिनट में ये सारी नौटंकी यहां से समेट और नए सिरे से शुरुआत कर ,शादी तो आज ख्वाहिश की होगी लेकिन मेरे साथ होगी ...ये कहता हुआ वो उसे अपने और भी करीब कर लेता है ! और बेहद प्यार और दीवानगी से उसे देखने लगता है पर जितना वो प्यार कर रहा था ख्वाहिश को उससे उतनी ही नफरत हो रही थी ...! अगले ही पल ख्वाहिशों से दूर धक्का देते हुए - मैं तुमसे शादी नहीं करूंगी ,कभी नहीं करूंगी ,किसी कीमत पर नहीं करूंगी .... बेहद बहुत गुस्से से बोलती है ख्वाहिश वो भी युवराज की आँखो मे आँखे डालते हुए ! ये सुनने की देर थी कि युवराज पूरा गुस्से से भर जाता है ! ख्वाहिश जब भी उससे दूर जाने की बात करती थी तब तब युवराज को कुछ हो जाता था ,उसकी सनक जाग जाती थी जिस पर वो काबू नही रख पाता ! अगले ही पल वो गुस्से से भरा हुआ ख्वाहिश के पास जाता है लेकिन तभी ख्वाहिश उसे घूरते हुए उसके पास से गुजर जाती है और वो शिवम के पास जाती है जो जमीन पर पडा दर्द से तड़प रहा था ! जिसको युवराज ने मार मार कर अधमरा कर दिया था ! वो जल्दी से शिवम के पास जाती है और उसे देखने लगती है ,उसकी केयर लगती है ...उसकी हालत देखकर वो रो रही थी और साथ साथ उसकी फिक्र कर रही थी ! शिवम तुम ठीक हो ? मेरी वजह से तुम्हारी ये हालत ...ये कहते कहते वो उसका सर अपनी गोद मे रख लेती है और अपने दुप्पटे को उसके हाथ पर बांधने लगती है ताकि उसके हाथ से बहता खून रुक जाए ! इस बात से अँजान कि उसकी ये हरकते ,उसका यूं शिवम के करीब जाना ,उसकी केयर करना ,उसको छूना ,उसके लिए रोना ...ये सब युवराज से सहन नही हो रहा है ! एक आग जल रही थी उसके सीने मे ये सब देखकर ...! जिस ख्वाहिश के होंठो पर सिर्फ उसका नाम होना चाहिए ,जिस ख्वाहिश की आँखो मे वो अपने लिए प्यार देखना चाहता है उस ख्वाहिश के होंठो पर किसी और का नाम कैसे बर्दाश्त कर सकता था वो ? उस ख्वाहिश की आँखो मे किसी और के लिए हम दर्दी कैसे सहन कर सकता था वो ! नही कर सकता था वो ,नही देख सकता था वो ख्वाहिश को किसी और की फिक्र करते हुए देखकर ,नही देख पा रहा था वो उसको शिवम के साथ ...अब तो उसका पारा चढ़ने लगा था ! वो जितना उसके पास जाने की कोशिश करता ,जितना उससे प्यार जताने की कोशिश करता बदले मे उसे ख्वाहिश से उतनी ही नफरत और बेरुखी मिलती ! पर अब उसका शिवम की केयर करना उसे बिल्कुल पसंद नही आ रहा था ! उसे बहुत गुस्सा आ रहा था ,यहां तक की गुस्से की वजह से उसके हाथो की मुट्ठिया कस जाती है ! सांझ अभी भी शिवम की केयर कर रही थी इस बात से अंजान कि उसका शिवम के पास जाना युवराज के मन मे गलतफहमी पैदा कर रहा है ! वो वही सोच रहा है जो हर कोई सोचता अगर कोेई और उसकी जगह होता तो वो भी यही सोचता कि ख्वाहिश शिवम को पसंद करती है जबकि ऐसा कुछ था ही नही ,वो दोनो तो बस अच्छे दोस्त थे पर युवराज को कौन समझाए ! उसने जो एक बार सोच लिया तो सोच लिया ,उसके जहन मे एक बार गलतफहमी आ गई तो मतलब आ गई ! गुस्से से भरा हुआ वो ख्वाहिश के पास जाता है और उसे बाजू से पकड़कर खडा करते हुए - किसी और की तरफ देखने की भी इजाजत नही है तुम्हे जान ..और तुम इसके करीब जा रही हो ? इसे छू रही हो ? इसकी तकलीफ तुम्हे दिखाई दे रही है पर मेरी तकलीफ का क्या जो यहां हो रही है ? वो बहुत जोर से अपने दिल पर हाथ मारते हुए बोलता हेै ! इस वक्त वो एक पागल सनकी लग रहा था और उसका ये रूप देखकर ख्वाहिश को उससे बहुत डर लग रहा था ! डर के मारे वो उससे दूर होने की कोशिश कर रही थी पर युवराज उसे छोड़ ही नही रहा था ! बल्कि अब तो उसकी सनक उसका जुनून उस पर सवांर हो गया ...वो ख्वाहिश को कसकर पकड़ता है और अपने और करीब करते हुए - मैं आखिरी बार पूछ रहा हू ...खुशी खुशी मुझसे शादी करोगी या नही ?? ख्वाहिश एकदम से - कितनी बार कहू नही करूंगी नही करूंगी ,किसी कीमत पर तुमसे शादी नही करूंगी ! इतना कहकर वो फिर से शिवम की मदद करने लगती है ,उसके हाथ पर अपना दुप्पटा बांधने लगती है ! ये देखकर युवराज का खुद पर से कंट्रोल हटता जा रहा था ! वो गुस्से से एक एक कदम चलता हुआ ख्वाहिश के पास जाता है और फिर एकदम से उसकी बाजू पकड़ कर लगभग उसे खींचते हुए अपनी तरफ कर लेता है ..जिससे वो शिवम के हाथ पर अपना दुपट्टा नहीं बांध पाती ! ख्वाहिश उससे दूर होने की बहुत कोशिश कर रही थी लेकिन युवराज की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वो चाहकर भी उससे अलग नहीं हो पा रही थी ! उल्टा युवराज कसकर और उसे खींचते हुए मंडप तक ले जाता है और फिर पंडित की तरफ बंदूक तानते हुए - क्या रे पंडित ... तुझे अलग से कहना पड़ेगा क्या ? चल फेरो के मंत्र शुरू कर सीधा ! उसके ये कहते ही ख्वाहिश के पैरो तले जमीन खिसक जाती है और वो एकदम से उसे दूर धकेलते हुए - एक बात तुम्हें समझ में नहीं आती कि मैं तुमसे शादी नहीं करना चाहती !  शक्ल तक नहीं देखना चाहती मैं तुम्हारी शादी तो बहुत दूर की बात है ! नफरत करती हू मैं तुमसे इतनी नफरत कि तुम सोच भी नही सकते ! बस ये सुनने की देर थी की युवराज एकदम से उसके पास जाता है और उसका गला दबाते हुए - मैं तुमसे इतनी मोहब्बत करता हूं इतनी मोहब्बत करता हूं कि तुम सोच भी नहीं सकती ,कोई हद नहीं है मेरी मोहब्बत की ,मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम मुझसे नफरत करती हो या मोहब्बत करती हो ! मैं तुमसे प्यार करता हूं बात खत्म , तुम मुझे पसंद हो बात खत्म ...तुम मुझे हर हाल में चाहिए बस बात खत्म ...शादी तो तुम्हें मुझसे हर हाल में करनी होगी ये कहता हुआ वो  शिवम के ऊपर एक गोली चल देता है ! इसी के साथ शिवम के मां-बाप की ,ख्वाहिश के मां-बाप की और यहां तक की ख्वाहिश की भी एक चीख वहां पर गूंज जाती है ..! सब लोग घबरा जाते हैं ! ख्वाहिश आसू भरी नज़रो से शिवम की तरफ देखती है जोकि ठीक था जिंदा था ! युवराज अपनी एक उंगली से उसका चेहरा अपनी तरफ करते हुए - अभी जिंदा है वो ,अभी तो मैंने उस पर निशाना साधा भी नहीं ! लेकिन इस बार मेरा निशाना चुकेगा नहीं ! यहां तुमने शादी के लिए मना किया और  वहां इस लड़के की जिंदगी खत्म ये कहता हुआ वो शिवम पर दोबारा से निशान लगाने लगता है पर तभी ख्वाहिश एकदम से - नहीं ...प्लीज नहीं ,,उसे कुछ मत करना ,उसे कुछ मत करना ! प्लीज इन सबको कुछ मत करना .. ये कहती हुई वो बेबसी से अपना चेहरा अपने दोनों हाथों में भरकर रोने लगती है ! लेकिन उसके ऐसा करने से युवराज ...उसे जो गलतफहमी हो गई थी वो इस हद तक बढ़ गई थी कि वो ये सोचने लगा कि जो लड़की अपने मां-बाप के लिए नहीं बदली ,खुद के लिए नहीं बदली लेकिन वो शिवम के लिए कैसे बदल गई ? शिवम के होने या ना होने से इतना फर्क क्यों पड़ रहा है ? शिवम की मौत की धमकी से ये शादी करने के लिए कैसे राजी हो गई ? वो मन ही मन ये सब सोच रहा था ! लेकिन अब प्यार से ज्यादा मोहब्बत से कहीं ज्यादा ये उसकी जिद थी और उसका जुनून था कि उसे ख्वाहिश को हर हाल में अपना बनना ही था ! इस वक्त तो उसे ख्वाहिश के आंसुओं से भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा था ! वो वापस उसकी कलाई पकड़ता है और फिर से उसे खींचकर मंडप की तरफ ले जाता है और एकदम से वहां रखा सिंदूर उसकी मांग में भर देता है और मंगलसूत्र उसके गले में पहना देता है और फिर पंडित की तरफ देखकर - मंत्र शुरू कर जल्दी ! ये कहता हुआ वो ख्वाहिश को जबरदस्ती खींचते हुए उसके साथ फेरे लेने लगता है !उन सब की आंखों के सामने ये सब हो रहा था लेकिन कोई कुछ नहीं कर सकता था ! युवराज के सर पर जो इस वक्त जुनून सवांर था वो जुनून उससे कुछ भी करवा सकता था ,जो की ख्वाहिश को भी समझ में आ गया था और इसीलिए वो ना चाहते हुए भी उसके साथ फेरे ले रही थी ,उसके साथ शादी कर रही थी ! युवराज ने इतनी जोर से उसकी कलाई पकड़ रखी थी कि उसकी उंगलियां उसकी गोरी कलाई पर छप गई थी और उसे बेहद तकलीफ हो रही थी लेकिन जो तकलीफ युवराज उसके दिल पर दे रहा था उस तकलीफ के सामने ये कुछ भी नहीं थी ! आज पहली बार अपने स्वाभिमान के सामने हार गई थी की ख्वाहिश ! वो भी शिवम की जिंदगी के लिए और किसकी वजह से सिर्फ युवराज की वजह से और अब तो उसकी नफ़रत युवराज के लिए और भी ज्यादा बढ़ गई थी ! कुछ ही देर में फेरे पूरे हो जाते हैं और ख्वाहिश हमेशा हमेशा के लिए युवराज की हो जाती है !  युवराज ख्वाहिश की तरफ देखता है और फिर अपने दिलकश अंदाज में - शादी की बहुत-बहुत बधाई हो बीवी ! उसके मुंह से बीवी शब्द सुनकर ख्वाहिश नफरत से अपना चेहरा फेर लेती है ! तभी युवराज अपने आदमियों को - चलो सबसे पहले तो इन बारातियों को यहां से दफा करो ,मुझे मेरी बीवी के अलावा यहां पर कोई दूसरा इंसान नहीं चाहिए ! फिर वो अपनी जेब से एक नोटों के गड्डी निकाल कर अपने आदमियों की तरफ उछालते हुए - ये लो , तुम लोग भी पार्टी करो आखिर तुम्हारे भाई की शादी हुई है आज ..! ये सुनते ही उसके आदमी तो खुश हो जाते हैं और झट से वो शिवम को और उसकी फैमिली को ख्वाहिश की फैमिली को वहां से ले जाते हैं ! ख्वाहिश ये सब सह नहीं पा रही थी ,उसे बहुत बुरा लग रहा था अपने लिए भी अपने परिवार के लिए भी ! वो क्या सोचकर शहर आई थी और उसके साथ क्या हो गया ! तभी वो युवराज की तरफ देखते हुए मन में - नहीं युवराज नही ,मैं तुमसे हार नहीं सकती , तुम मुझसे जीत नहीं सकते ! तुम मुझे हासिल नहीं कर सकते फिर उसके लिए चाहे मुझे अपनी जान ही क्यों ना देनी पड़े !  वो मन ही मन बोल रही थी ! तभी वो युवराज के ऊपर गरजते हुए - शादी तो तुमने जबरदस्ती मुझसे कर ली युवराज पर तुम कभी मुझे हासिल नही कर पाओगे ! ये कहकर वो सामने की तरफ दौड़ पड़ती है और नीचे खाई मे कूदने लगती है पर जैसे ही वो वहां से कूदने लगती है तभी युवराज उसकी बाजू पकड़ कर अपनी तरफ खींच लेता है जिससे दोनो ही सम्भंल नही पाते और गिर जाते है ! युवराज नीचे और ख्वाहिश उसके ऊपर ! युवराज ने कसकर उसको अपनी बांहो मे भर रखा था ! इतना कसकर कि अगर उसने छोडा तो वो उससे दूर ना हो जाए ,बहुत घबरा गया था वो ! हा वो बात अलग थी उसकी आँखो से इस वक्त अंगारे बरस रहे थे ! वो जलती निहागो से उसकी तरफ देखता है और अपने हाथ से उसका चेहरा ऊपर करते हुए - इतनी बडी गलती ? मुझसे दूर जाने की गलती ? मुझसे दूर जाना चाहती हो तुम मुझसे ? बिना ये सोचे कि तुम्हारे बिना मेरा क्या होगा...? मुझे छोड़ कर जा रही थी तुम ?  पर नही अब तुम कभी मुझसे दूर नही जा पाओगी ,, कभी नही ,मैं जाने नही दूंगा ! अब तुम्हारी मर्जी हो या ना हो पर रहना तुम्हे मेरे साथ ही है ...वो भी जैसे मैं चाहू वैसे ....ये कहता हुआ वो मजबूती से उसका हाथ पकड़ता है और उसे खीचते हुए अपनी गाडी की तरफ ले जाता है .... जारी है..🙏🙏 अगर आपको ये कहानी पसंद आ रही है तो प्लीज कमैंट मे बताए ! 😊😊

  • 6. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 6

    Words: 1371

    Estimated Reading Time: 9 min

    गातांक से आगे...
    युवराज जलती निहागो से उसकी तरफ देखता है और अपने हाथ से उसका चेहरा ऊपर करते हुए - इतनी बडी गलती ? मुझसे दूर जाने की गलती ? मुझसे दूर जाना चाहती हो तुम मुझसे ? बिना ये सोचे कि तुम्हारे बिना मेरा क्या होगा...? मुझे छोड़ कर जा रही थी तुम ?  पर नही अब तुम कभी मुझसे दूर नही जा पाओगी ,, कभी नही ,मैं जाने नही दूंगा ! अब तुम्हारी मर्जी हो या ना हो पर रहना तुम्हे मेरे साथ ही है ...वो भी जैसे मैं चाहू वैसे ....ये कहता हुआ वो मजबूती से उसका हाथ पकड़ता है और उसे खीचते हुए अपनी गाडी की तरफ ले जाता है !

    ख्वाहिश किसी जिंदा लाश की तरह उसके साथ चल रही थी ! ऐसा लग रहा था जैसे उसमे जान ही ना बची हो !उसकी आँखो से अभी भी आसू बह रहे थे ! युवराज एक नजर उसकी तरफ देखता है ...उसकी आँखो से बहते आसुओ को देखकर युवराज के दिल मे एक टीस सी उठती है पर अगले ही पल उसे ख्वाहिश का शिवम की केयर करना याद आ जाता है ,उसकी फिक्र करना याद आ जाता है ,यहां तक की ये शादी भी तो उसने शिवम की जान बचाने के लिए की थी ये याद आ जाता है और फिर ख्वाहिश का खुद को खत्म करने की कोशिश याद आ जाता है ! ये सब याद आते ही उसका गुस्सा ,उसकी जिद ,उसका जुनून ,उसकी सनक सब एक साथ उस पर हावी हो जाता है ! वो और भी मजबूती से ख्वाहिश का हाथ पकड़ता है और अगले ही पल उसे अपनी गाडी मे पटक देता है और खुद उसके बेहद करीब हो जाता है ! इतना करीब की उसकी गर्म सांसे ख्वाहिश को अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी ! वो एक नजर युवराज की आंखो मे देखती है जहां उसे एक आग नजर आ रही थी ,एक जुनून नज़र आ रहा था ! उसे पाने का जुनून ,उसे हासिल करने का जुनून ,उसके लिए कुछ भी कर गुजर जाने का जुनून ...ख्वाहिश को उससे बहुत डर लग रहा था ! इतना कि वो पूरी कांप रही थी !

    वही युवराज उसे देखकर अपने होश खोता जा रहा था ! वो अपनी जुनून भरी नज़रो से उसे देख रहा था ! उसका प्यार उसकी महोब्बत ,उसकी चाहत ,उसकी जिद ,उसका जुनून यहां तक की उसकी जिंदगी ..उसकी बांहो मे थी ,उसके करीब थी जिसे वो कब से अपना बनाना चाहता था और आज उसने उसे अपना बना लिया था ! चाहे जोर जबरदस्ती से सही पर आज ख्वाहिश उसकी थी पर क्या मन से ? नही ...बस ख्वाहिश का तन उसके कब्जे मे था लेकिन दिल नही ! भले ही युवराज ने उसके तन को बांध लिया हो पर दिल को नही बांध पाया था वो ! फिलहाल तो वो उसे देखकर अपने होश खो रहा था ,वो आहिस्ता आहिस्ता उसके और करीब जा रहा था और ये देखकर ख्वाहिश और भी ज्यादा घबरा रही थी ! युवराज ने कस कर उसे अपनी बांहो मे भर रखा था और वो एकदम से उसके होंठो पर झुकने लगता है ...ये देखकर ख्वाहिश की आँखो से आसू बह जाते है और वो अपना फेरता हुए - नो ,,,प्लीज नो !

    एक बार फिर ख्वाहिश के आसू उसे बेचैन कर जाते है ! एक बार फिर उसके दिल मे टीस उठती है और वो वही रूक जाता है ! हा वो बात अलग थी कि ख्वाहिश की बेरुखी अंदर तक तोड़ गई थी उसे ...वो तुरंत उससे अलग होता है और ड्राईविंग सीट पर जाकर बैठ जाता है ! वही ख्वाहिश अपनी घबराहट पर काबू पाने की कोशिश कर रही थी ! पर खुद पर काबू पाती है ,अपने कपडे सही करती है और बिल्कुल सीट से चिपक कर बैठ जाती है ..ऐसा लग रहा था जैसे वो सांस भी नही ले रही हो ! उसे ऐसे देखकर एक बार फिर युवराज का पारा चढ़ने लगा था ! वो ही जानता था कि उसने कैसे खुद पर काबू पाया था ! वो कुछ नही बोलता ,,गुस्से से भरा हुआ वो गाडी स्टार्ट करता है और फिर घर के लिए निकल जाता है !

    युवराज की एक कमजोरी थी कि वो अपनी भावनाओ पर काबू नही पा सकता था ! अगर किसी बात पर गुस्सा है तो जरूर गुस्सा जाहिर कर देगा ,किसी बात पर खुश है तो तुरंत खुशी जाहिर कर देगा और ऐसा ही वो प्यार महोब्बत के मामले मे था ...अपनी भावनाओ पर ना तो वो काबू कर पाया और ना ख्वाहिश को अच्छे से एहसास करवा पाया ! वो ख्वाहिश के लिए जो करने जाता उसका उल्टा ही हो जाता ...और हालात ऐसे हो जाते कि ख्वाहिश उससे और भी चिढ़ जाती ! बचपन से अकेला और किसी राजकुमार की तरह पला बढा युवराज ,जिसे किसी चीज के लिए तरसना नही पडा ,किसी चीज के लिए समझौता नही करना पडा ...वो बडे होते होते जिद्दी और गुस्सैल कब बन गया उसे भी पता नही चला ! और यही एक कारण था कि ना तो वो ख्वाहिश को अपने प्यार का एहसास करवा पाया और ना ख्वाहिश उसे समझ पाई ! हमेशा की तरह जैसे युवराज हर चीज हासिल करता आया था इस बार भी उसने वैसे ही ख्वाहिश को हासिल कर लिया बिना इस बात का अंजाम जाने ,बिना ये सोचे कि उसका ये कदम ख्वाहिश को उससे दूर कर देगा ,वो उससे और ज्यादा नफरत करेगी और ऐसा ही हुआ !

    युवराज खामोशी से गाडी चला रहा था और खुद मे सिमटी ख्वाहिश बिल्कुल सीट से चिपक कर बैठी थी ! गाडी मे बस उसकी सिसकिया सुनाई दे रही थी जो युवराज के गुस्से को बढा रही थी उसकी बेचैनी को बढा रही थी !

    खैर कुछ ही देर वो उसे लेकर घर पहुंच जाता है ! जब तक वो घर पहुंचा था तब तक तो सोमनाथ ने पूरी हवेली को दुल्हन सा सजा दिया था ! यहां तक कि घर मे हलवाई बिठा दिए थे जो तरह तरह की मिठाई बना रहे थे ,,दूसरी तरफ शानदार खाना बन रहा था ...! सबसे बडी बात सोमनाथ हर काम अपनी देख रेख मे करवा रहा था ! युवराज गाडी से बाहर आता है और ये सब देखकर उसका सारा गुस्सा गायब हो जाता है और एक मुस्कान उसके होंठो पर बिखर जाती है ! ख्वाहिश अभी भी गाडी मे बैठी थी और वहां के माहौल को देख रही थी और ये सब देखकर उसे युवराज से और उसके चाचा से और भी नफरत हो रही थी !

    तभी युवराज गाडी का दरवाजा खोलता है और उसके सामने अपना हाथ करते हुए - बाहर आओ ! इस बार वो बहुत आराम से बोलता है पर ख्वाहिश ना तो उसका हाथ थामती है और ना उसकी तरफ देखती है ! युवराज एकदम से उसका हाथ पकड़कर उसे गाडी से बाहर खींच लेता है जिससे वो सम्भंल नही पाती और सीधा उसके सीने से जा लगती है ! उसके इस तरह करीब आने से युवराज मुस्कुरा उठता है जैसे उसे कोई खजाना मिल गया हो ...वो एकदम से उसे अपनी बांहो मे भर लेता है ! ख्वाहिश को जैसे ही उसके करीब होने का एहसास होता है वो तुरंत उसे खुद से दूर धकेल देती है ...इस चीज के लिए युवराज तैयार नही था वो सम्भंल नही पाता और पीछे रखे किसी सामान से टकरा जाता है और उसके हाथ पर खरोंच भी आ जाती है !

    ये देखकर सोमनाथ का एक खास आदमी जो कि सालो से उसके लिए काम कर रहा था और उसका वफादार भी था ...वो एकदम से ख्वाहिश के पास जाता है और लगभग उसे धक्का देते हुए - ऐ लड़की अंधी है क्या ? ये क्या किया तूने ...उसने इतनी जोर से ख्वाहिश को धक्का दिया था कि वो उसका सर जाकर गाडी के बोनट पर लगा था ! बस इतना काफी था युवराज की सनक जगाने को ,,उसका जुनून जगाने को ...वो तुरंत उठता है और एक जोरदार थप्पड़ उस आदमी के गाल पर मारते हुए - इसे छूने की हिम्मत भी कैसे की तूने ? इसे चोट पहुचाने के बारे मे सोचा भी कैसे तूने ...वो जोर से उसका गला दबाते हुए बोलता है और सोमनाथ को हैरान कर देता है और उसके साथ साथ ख्वाहिश को भी ....

    जारी है..🙏🙏
    कमैंट किए बिना चले मत जाना

  • 7. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 7

    Words: 1275

    Estimated Reading Time: 8 min

    गातांक से आगे...
    सोमनाथ का एक खास आदमी जो कि सालो से उसके लिए काम कर रहा था और उसका वफादार भी था ...वो एकदम से ख्वाहिश के पास जाता है और लगभग उसे धक्का देते हुए - ऐ लड़की अंधी है क्या ? ये क्या किया तूने ...उसने इतनी जोर से ख्वाहिश को धक्का दिया था कि वो उसका सर जाकर गाडी के बोनट पर लगा था ! बस इतना काफी था युवराज की सनक जगाने को ,,उसका जुनून जगाने को ...वो तुरंत उठता है और एक जोरदार थप्पड़ उस आदमी के गाल पर मारते हुए - इसे छूने की हिम्मत भी कैसे की तूने ? इसे चोट पहुचाने के बारे मे सोचा भी कैसे तूने ...वो जोर से उसका गला दबाते हुए बोलता है और सोमनाथ को हैरान कर देता है और उसके साथ साथ ख्वाहिश को भी ....!

    वो हैरान थी कि कोई इतना पागल कैसे हो सकता है पर वो ये नही जानती थी कि युवराज बस उसके लिए पागल है ,,वो पहली और आखिरी लड़की है जिसके लिए वो इस हद तक दीवाना है ,जिसके लिए वो किसी भी हद तक जा सकता है ,,उसके लिए वो मर भी सकता है और मार भी सकता है ! लेकिन युवराज को इस बात का एहसास नही था कि ख्वाहिश के लिए उसकी ये दीवानगी ,उसकी ये सनक उसका ये पागलपन ,,ख्वाहिश के दिल मे डर पैदा कर रहा है ,गुस्सा पैदा कर रहा है नफरत पैदा कर रहा है ! पता नही युवराज इस बात को कभी समझ पाएगा भी या नही ..और क्या कभी ख्वाहिश उसको समझ पाएगी ? पता नही ...आने वाले वक्त ने अपने अंदर क्या छिपा रखा रखा है ये किसी को नही पता ! ( मुझे पता है पर मैं बताऊंगी नही 😉😂)

    फिलहाल तो युवराज ने सोमनाथ के खास आदमी पर हाथ उठाकर सबको हैरान कर दिया था ! युवराज के हाथ अभी भी उस आदमी जिसका नाम ( संजय ) था उसके गले पर कसे हुए थे ,वो जोर से उसका गला दबा रहा था ! सोमनाथ जल्दी से उसके पास आकर संजय को युवराज की पकड़ से आजाद करवाता है ! युवराज ,छोडो उसे ,,छोडो उसे ,मार डालोगे क्या उसे ...युवराज ! मैने कहा छोडो उसे ...वो लगभग उसे पीछे खीचते हुए बोलता है और इसी के साथ युवराज के हाथ उसके गले से हट जाते है ! सोमनाथ उस पर चिल्लाते हुए - तू पागल हो गया है युवी ...सोमनाथ प्यार से उसे युवी कहता था ! पर युवराज को कोई होश नही था ! वो एकदम से ख्वाहिश के पास जाता है और एकदम से उसका चेहरा अपने हाथो मे भरते हुए - तुम ठीक हो ? तुम्हे कुछ हुआ तो नही ...वो उसकी फिक्र करते हुए बोल रहा था और इस वक्त वो अलग ही युवराज लग रहा था !

    ख्वाहिश के लिए तो वो एक पहेली बनता जा रहा था ! वो अभी भी हैरानी से उसे देख रही थी ,वही युवराज का ध्यान उसके माथे पर जाता है जो धक्का लगने की वजह से गाडी पर जा लगा था और उसके माथे पर चोंट लग गई थी ! बस यही बर्दाश्त नही था उसे ...! अरे ख्वाहिश को छूने वाली हवा भी नागवार थी उसे और यहां तो संजय ने उसे छूने की गलती कर थी ,उसे चोंट पहुंचाने की गलती कर दी ! उसकी चोंट देखते ही उसकी आँखो से अंगारे बरसने लगते है और वो अपनी जलती निगाहो से संजय की तरफ देखता है और फिर कहर बनकर टूट पड़ता है उस पर ...! एक बार फिर वो संजय को पकड़ लेता है और उसे मारने लगता है !

    उसका गुस्सा देखकर ख्वाहिश और भी ज्यादा घबरा जाती है ! वही सोमनाथ वो फिर से अपने आदमियो के साथ युवराज को काबू करने की कोशिश करता है पर युवराज कहां किसी के काबू आ रहा था ! वो तो उल्टा संजय पर हावी होता जा रहा था , वो साथ साथ उसे मार रहा था और साथ साथ - तेरी इतनी हिम्मत जो तू मेरी ख्वाहिश को छूए ,उसे चोंट पहुंचाए तुझे तो आज मैं छोडूंगा नही ...बहुत ज्यादा गुस्से से बोल रहा था युवराज ! वही पीछे खडे घर के नौकर दबी दबी आवाज मे - ये युवराज सर तो पूरे पागल हो गए है , तभी दूसरा नौकर - अरे ये तो इनका रोज का है ,ये गुस्सैल और जिद्दी है ये तो पता था पर इतने बडे वाले है ये नही पता था ! और वैसे भी ये लडाई झगडा ये सब तो इस घर में आम बात है , ये सब तो यहां हर रोज होता है ! उन सब की घुटी घुटी सी आवाजे ख्वाहिश के कानो तक भी पहुंच रही थी जो उसे और भी डरा रही थी !

    ख्वाहिश ने तो कभी ऐसा माहौल नही देखा था ! सबसे पहले तो वो युवराज का ये रूप ही नही सह पा रही थी ऊपर से अब उसे ये पता चला कि ये लडाई झगडा तो इस घर मे आम बात है ! ये सब सोचकर ही वो घबरा जाती है ! वो मन मे - हे भगवान ये कहां फंस गई हू मैं ...इन जाहिलो के साथ कैसे रहूंगी मैं ? वो युवराज को देखते हुए मन ही मन ये सब बोल रही थी !

    उधर सोमनाथ बडी मुश्किल से युवराज पर काबू पाता है ! वो उसे खीचकर संजय से दूर करते हुए - पागल हो गया है तू ,क्या मार डालेगा क्या उसे ? शांत हो जा अब ! युवराज संजय को छोड़ देता है और एकदम से उस पर गरजते हुए - पागल तो ये हो गया है चाचा जी ...जो इसने मेरी पत्नी को छूने की गलती की ,उसे चोंट पहुचाने की गलती की ...मैं जान ले लूंगा इसकी ! हाथ कैसे लगाया इसने मेरी ख्वाहिश को ...कैसे भूल गया ये कि ये ख्वाहिश युवराज सिंघानिया है युवराज सिंघानिया की पत्नी ! इस पूरे साम्राज्य की मालकिन है ये ..और इस आदमी ने इसे छूने की हिम्मत की ...और तो और इसे धक्का मारा ...मेरी जान को धक्का मारा ! और आप कह रहे है कि मैं शांत हो जाऊ,,, कैसे शांत हो जाऊ चाचा जी ...,मेरे ही सामने मेरी पत्नी के साथ ये सलूक ...एक बात कान खोलकर सुन लो सब लोग ये कोई मामूली लड़की नही है ...युवराज सिंघानिया की जिंदगी है ,,इसकी शान मे कोई गुस्ताखी बर्दाश्त नही करूंगा मैं ...युवराज ख्वाहिश को अपने करीब करते हुए बोलता है ! और ये कहते हुए उसकी आँखो मे एक जुनून उतर आता है !

    एक बार फिर वो ख्वाहिश को हैरान कर देता है ! सोमनाथ एक नजर अपने खास आदमी संजय की तरफ देखता है जो किसी अपराधी की तरह खडा था ,,इस वक्त तो वो अपमान  के घूंट पीकर रह गया था ! वो सोमनाथ की तरफ देखते हुए - पर मालिक ,,मेरा ऐसा कोई इरादा नही था वो तो मालकिन ने युवराज बाबा को धक्का मारा तो ....इससे पहले की वो अपनी बात पूरी करता युवराज एकदम से उस पर गरजते हुए - ये लड़की चाहे मेरी जान भी ले ले तब भी किसी को कोई फर्क नही पड़ना चाहिए ,,, वैसे तो मुझे कोई छू भी नही सकता चोंट पहुंचाना तो दूर की बात ...पर मेरी जान को सारे अधिकार है ...यहां तक की मेरी जान लेने का भी अधिकार है इसको ...इसके हाथो से मौत भी नसीब होना मेरे लिए जन्नत मिलने के सम्मान है ...वो ख्वाहिश की तरफ देखते हुए किसी पागल प्रेमी की तरह बोल रहा था और ख्वाहिश को और भी हैरान करता जा रहा था ...

    जारी है ...🙏🙏
    ये कहानी आपको कैसी लगी कमैंट मे जरूर बताए ...प्लीज स्पोर्ट कीजीए! आपके एक छोटे से कमैंट से आगे लिखने की बहुत प्रैरणा मिलती है 😊😊🙂

  • 8. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 8

    Words: 1089

    Estimated Reading Time: 7 min

    गातांक से आगे...
    युवराज एकदम से उस पर गरजते हुए - ये लड़की चाहे मेरी जान भी ले ले तब भी किसी को कोई फर्क नही पड़ना चाहिए ,,, वैसे तो मुझे कोई छू भी नही सकता चोंट पहुंचाना तो दूर की बात ...पर मेरी जान को सारे अधिकार है ...यहां तक की मेरी जान लेने का भी अधिकार है इसको ...इसके हाथो से मौत भी नसीब होना मेरे लिए जन्नत मिलने के सम्मान है ...वो ख्वाहिश की तरफ देखते हुए किसी पागल प्रेमी की तरह बोल रहा था और ख्वाहिश को और भी हैरान करता जा रहा था ...!

    वो हैरान थी कि कोई इतना पागल भी हो सकता है जो उसके हाथो से मरना भी पसंद करे ,,जो उसके हाथो से मिली मौत को जन्नत का नाम दे रहा हो ! उसके साथ साथ सोमनाथ भी युवराज का ख्वाहिश के लिए पागल पन देखकर हैरान था ! कुछ सोचते हुए वो उसके पास जाता है और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए - बस युवी ,शांत हो जा ,आज इतनी खुशी का दिन है गुस्सा नही करते ! फिर वो संजय की तरफ देखकर - और तुम आज जो गलती तुमने की है वो फिर नही होनी चाहिए ...माफी मांगो हमारी बहूरानी से ! सोमनाथ एक दम से आदेश देता है जिसके आगे संजय कुछ बोल नही पाता और अगले ही पल ख्वाहिश के पास जाकर अपनी गरदन झुकाते हुए - मुझसे गलती हो गई मालकिन ,मुझे माफ कर दीजिए !

    आइंदा से आपकी शान में कभी गुस्ताखी नहीं होगी ! वो अपनी गर्दन और नजरे दोनों झुकाते हुए बोल रहा था !ख्वाहिश को तो बहुत ज्यादा हैरानी हो रही थी ,उसे बहुत ज्यादा अजीब लग रहा था कि उसे दुगुनी उम्र का आदमी उससे माफी मांग रहा है ! उसे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले ...वो तो अभी तक इस बात को हजम ही नहीं कर पा रही थी ये किस तरीके के लोग हैं !

    युवराज मजबूती से ख्वाहिश का हाथ पकड़ता है और अपनी जलती निगाहों से सब की तरफ देखता है और एकदम से सब पर गरजते हुए - कान खोलकर सुन लो सब लोग ,हम सबको पहली और आखरी चेतावनी दे रहे हैं ! ये ख्वाहिश सिंघानिया है युवराज सिंघानिया की धर्मपत्नी ,उसकी जान उसकी जिंदगी ,उसका सब कुछ और आप सब की मालकिन ,,इनकी शान में अगर जरा सी भी गुस्ताखी हुई तो तुम सब मेरा वो रूप देखेगो जो आज तक कभी किसी ने नहीं देखा होगा , इनकी शान में गुस्ताखी समझो मेरी शान में गुस्ताखी ,, जो कि मुझे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है ! एकदम से बोलता है युवराज और सब की सिटी पिटी गुम कर देता है ! सारे नौकर एक साथ अपनी गरदन झुकाते हुए - जी मालिक ! युवराज एक नजर सब पर डालते हुए - अपनी नज़रें और हैसियत काबू में रखकर इस घर में जैसे आज तक काम करते आए हो वैसे ही करते रहना ,यही तुम सब के लिए अच्छा होगा ! चलो सबके सब अपने काम पर लगो !

    उसका ये हुकुम पाते ही सब लोग जल्दी से वहां से चले जाते हैं और अपना अपना काम करने लगते हैं ! सोमनाथ संजय को वहां से जाने का इशारा करता है और फिर युवराज के पास जाकर उसका कंधा थपथपाते हुए - अब बस भी कर मेरे शेर ,,आज कितनी खुशी का दिन है ,अपना मूड सही कर ! ये देख मैंने बहु के स्वागत के लिए कितनी तैयारी की है और ये तो सिर्फ हमारी बहू के स्वागत के लिए है ! अभी तो पूरे शहर को दावत देनी बाकी है और सोमनाथ   सिंघानिया ऐसी शानदार दावत देगा कि पूरे शहर की आंखें हैरानी से खुली रह जाएगी ! वैसे भी हमारी बहू चांद का टुकड़ा है उसे देखकर तो वैसे ही पूरे शहर की आंखें चुधिंया जाएगी !

    जैसे-जैसे सोमनाथ बोल रहा था वैसे-वैसे युवराज को ख्वाहिश पर बेहद घमंड हो रहा था , उसकी खूबसूरती पर घमंड हो रहा था और अपनी पसंद पर घमंड हो रहा था !  तभी सोमनाथ को कोई आवाज लगा लेता है और वो दूसरी तरफ चला जाता है ! युवराज हल्का सा ख्वाहिश के करीब जाता है ! बस इतना काफी था ख्वाहिश को डराने के लिए ,,वो तुरंत अपने कदम पीछे ले लेती है जो कि युवराज को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होता ! लेकिन किसी तरह वो खुद पर काबू पा लेता है और फिर उसके करीब जाकर बेहद आराम से बेहद प्यार से - मेरे करीब आने से इतना घबरा क्यों जाती हो जान ? एक मैं हूं जो हर वक्त तुम्हारे करीब आना चाहता हूं और एक तुम हो जो हर वक्त मुझसे दूर भागना चाहती हो ! खैर जाने दो ,,अब तो तुम चाह कर भी मुझसे दूर नहीं जा सकती ये कहते हुए वो उसके और करीब हो जाता है और मजबूती से उसका हाथ पकड़ लेता है और फिर उसे सामने देखने का इशारा करते हुए -  ये देखो जान ,,,चाचा जी ने तुम्हारे स्वागत के लिए कितनी तैयारी की है ,कितना इंतजाम किया है !  देखो वो कितना खुश है तुम्हारे आने से ,हमारी शादी से ! यहां तक कि वो अपना अपमान भी भूल गए जो तुमने किया था ! देखा है कहीं तुमने ऐसा देवता इंसान ??

    चलो उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद ले लो और उनसे माफी भी मांग लो ! ये कहता हुआ वो उसे अपने साथ ले जाने लगता है लेकिन ख्वाहिश अपने कदम आगे नहीं बढ़ाती ...! जब वो उसके साथ नही चलती तो युवराज पीछे मुड़कर देखता है ! ख्वाहिश किसी पत्थर की तरह वही खडी थी ! युवराज उसकी तरफ देखते हुए - बीवी ...कुछ कह रहा हू मैं ...! चलो और चाचा जी से माफी मांग लो ...! ख्वाहिश उसका हाथ झटकते हुए - मैं उनसे माफी नही मांगूगी ,कोई गलती नही की है मैने जो मैं उनसे माफी मांगू ...वो उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलती है ! उसका इतना कहना ही काफी था युवराज का गुस्सा जगाने के लिए ....! वो फिर से उसके करीब जाता है ,इतना कि उसकी गरम सांसे ख्वाहिश को अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी ! वो गुस्से से उसे घूरते हुए - मुझे ना सुनने की आदत नही है बीवी ...ये बात नही जानती तुम ...?? ये कहता हुआ वो उसके दोनो कंधे मजबूती से पकड़ लेता है !

    ख्वाहिश उसके हाथ झटकते हुए - ना सुनने की आदत नही है तो आदत डाल लो मिस्टर सिंघानिया .. क्योकि मेरी तरफ से तुम्हे हर बार ना ही सुनने को मिलेगा ....

    जारी है....
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  • 9. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 9

    Words: 1149

    Estimated Reading Time: 7 min

    गातांक से आगे ..
    युवराज उसकी तरफ देखते हुए - बीवी ...कुछ कह रहा हू मैं ...! चलो और चाचा जी से माफी मांग लो ...! ख्वाहिश उसका हाथ झटकते हुए - मैं उनसे माफी नही मांगूगी ,कोई गलती नही की है मैने जो मैं उनसे माफी मांगू ...वो उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलती है ! उसका इतना कहना ही काफी था युवराज का गुस्सा जगाने के लिए ....! वो फिर से उसके करीब जाता है ,इतना कि उसकी गरम सांसे ख्वाहिश को अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी ! वो गुस्से से उसे घूरते हुए - मुझे ना सुनने की आदत नही है बीवी ...ये बात नही जानती तुम ...?? ये कहता हुआ वो उसके दोनो कंधे मजबूती से पकड़ लेता है ! ख्वाहिश उसके हाथ झटकते हुए - ना सुनने की आदत नही है तो आदत डाल लो मिस्टर सिंघानिया .. क्योकि मेरी तरफ से तुम्हे हर बार ना ही सुनने को मिलेगा ....

    वो बेहद गुस्से से उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलती है ! बस इतना काफी था युवराज की सनक को जगाने के लिए ,वो पूरा गुस्से से भर जाता है ! अगले ही पल वो बेहद गुस्से से उसकी बाजू पकड़कर उसे अपने करीब करता है और गुस्से से दांत भीचकर - तुम्हारी इतनी हिम्मत की तुम मुझे ना बोलो ,,,ऐसा क्यू करती हो तुम जान , मैं तुमसे इतना प्यार करता हू ,मैं तुम पर बिल्कुल गुस्सा करना नही चाहता लेकिन तुम हर बार ,हर बार मुझे मजबूर करती हो गुस्सा करने के लिए ...इससे पहले कि मेरा खुद पर से कंट्रौल हट जाए और तुम मेरा वो रूप देखो जो मेैं तुम्हे दिखाना नही चाहता !

    ख्वाहिश एकदम से - तुम्हारा और तुम्हारे चाचा का घिनौना रूप मैं पहले ही देख चुकी हू ,देख चुकी हू कि कितने घटिया और गिरे हुए इंसान हो तुम दोनो ! और ऐसे घटिया इंसान से माफी मांगे मेरी जूती ! सोमनाथ जो दूर खडा सब देख रहा था ,सब सुन रहा था ,,,वो एकदम से - रहने दे युवराज बेटा ,, मान सम्मान दिल से होता है ,जबरदस्ती नही ! ये बच्ची अभी गुस्से मे है ,नादान है !जाने दे ,तुम दोनो बस खुश रहो ,मुझे और कुछ नही चाहिए ! ये सुनते ही युवराज ख्वाहिश की तरफ देखकर - देखा चाचा जी को कितनी परवाह है तुम्हारी ,वो अभी भी तुम्हारा पक्ष ले रहे है और एक तुम हो कि ...फिर वो एक गहरी सांस लेकर - देखो ख्वाहिश आखिरी बार तुमसे कह रहा हू ,इससे पहले कि मैं सच मे अपना आपा खो दू ,, उससे पहले चलो और चाचा जी से माफी मांग लो ! लगभग उसे खींचते हुए बोलता है युवराज और इसी खीचा तानी मे ख्वाहिश की कलाई मे पहनी चुडिया चटक जाती है और उसकी कलाई मे धंस जाती है और तो और उसका पैर भी मुड जाता है और उसके  पैर मे मोच आ जाती है और वो दर्द से चिल्ला पड़ती है - आहहह...!

    युवराज एक दम से पीछे मुड़कर देखता है ! ख्वाहिश के चेहरे उभरा दर्द उससे छिप नही पाता ,,उसकी कलाई से बहता खून पैर मे हो रहा असहनीय दर्द ,,ये देखकर युवराज एकदम से घबरा जाता है ! एक ही पल मे उसका गुस्सा ठंडा हो गया था ,उसके चेहरे के भाव बदल गए थे ! ख्वाहिश को चोट लगी और उसकी वजह से लगी ...ये देखकर तो वो अलग ही युवराज बन गया था ! वो एकदम से उसके पास जाता है और तुरंत उसे अपनी गोद मे उठा लेता है ! ख्वाहिश को इस वक्त इतना दर्द हो रहा था कि उसे इस बात का एहसास ही नही था कि युवराज क्या कर रहा है क्या नही !

    दूर खडा सोमनाथ सब देख रहा था और कुछ गहरा सोच रहा था ! युवराज उसको वैसे ही बांहो मे उठाए घर के अंदर जाने लगता है पर तभी सोमनाथ उसे टोकते हुए - बेटा अभी ग्रह प्रवेश की रस्म....वो अभी बोल ही रहा था कि तभी युवराज एकदम से - नही चाचा जी ...अभी कोई रस्म वस्म नही ,मेरी ख्वाहिश को चोट लगी है उसे बहुत दर्द हो रहा है ! ये सब रस्मे वस्मे बाद मे ...ये कहता हुआ वो जल्दी से उसे अंदर ले जाता है ! सोमनाथ वही खडा उसे जाते हुए देखता रह जाता है क्योकि आज पहली बार युवराज ने उसकी बात काटी थी !

    युवराज उसे लेकर ऊपर अपने कमरे मे जा रहा था और साथ साथ उसकी तरफ देखकर - बहुत दर्द हो रहा है जान ? प्लीज तुम रो मत ,मैं नही देख सकता तुम्हे रोते हुए ,प्लीज तुम ऐसे रो़ रही हो पर मुझे कुछ हो रहा है तुम्हे ऐसे देखकर ...प्लीज रोना बंद करो बीवी ,,युवराज किसी पागल प्रेमी की तरह बोल रहा था ! उसका बस नही चल रहा था वरना पता नही वो क्या कर देता उसके लिए ! ख्वाहिश एकटक उसे ही देख रही थी ! मन मे - कमाल है ,,आसू देने वाला ही रोने के लिए मना कर रहा है ! ये सोचते हुए उसकी आँखो से आसू भी बह जाते है ! अब ये आसू दर्द की वजह से थे या युवराज की वजह से ,,ये कहना मुश्किल है !

    खैर युवराज अब ऊपर अपने कमरे तक पहुंच गया था ! वो ख्वाहिश को अपनी बाहों में उठाए ही अपने कमरे में लेकर आता है और फिर बेहद आराम से उसे बिस्तर पर बैठा देता है ! ख्वाहिश को बहुत डर लग रहा था ! युवराज कमरे का दरवाजा लॉक कर देता है और फिर अपनी शर्ट के बटन खोलता हुआ एक एक कदम ख्वाहिश की तरफ बढा़ने लगता है ! ये सब देखकर ख्वाहिश बहुत ज्यादा डर जाती है ,,वो तुरंत उससे पीछे होने लगती है ! युवराज एकदम से उसके पास जाता है और उसके ऊपर झुकते हुए हल्का सा उसके करीब हो जाता है पर ख्वाहिश उससे और भी ज्यादा पीछे हो जाती है ,,,डर के मारे वो खुद मे सिमटने लगती है ! उसे इस वक्त युवराज से इतना डर लग रहा था कि एक शब्द नहीं निकल रहा था उसके मुंह से ... उसकी आंखों से लगातार आसू बह रहे थे और उसका पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था ! यहां तक की  उसके होंठ कांप रहे थे ! युवराज उसकी एक-एक हरकत देख रहा था ..! ख्वाहिश का उससे इस तरह दूर जाना ,,ये देखकर उसके दिल मे एक टीस सी उठती है पर अगले ही पल वो उसके और पास जाता है और एकदम से उसका दुप्पटा खींचकर उसके बदन से अलग कर देता है ...

    ये देखकर ख्वाहिश और भी ज्यादा डर जाती है और वो एकदम से अपना चेहरा अपने दोनो हाथो मे भरकर रोने लगती है और वो रोते हुए - नो प्लीज नो ...! युवराज उसके और करीब जाता है और उसके हाथ उसके चेहरे से हटाते हुए - मैने कहा था ना कि मुझे ना सुनने की आदत नही है ...

    जारी है...
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  • 10. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 10

    Words: 1320

    Estimated Reading Time: 8 min

    गातांक से आगे...
    ख्वाहिश की आंखों से लगातार आसू बह रहे थे और उसका पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था ! यहां तक की  उसके होंठ कांप रहे थे ! युवराज उसकी एक-एक हरकत देख रहा था ..! ख्वाहिश का उससे इस तरह दूर जाना ,,ये देखकर उसके दिल मे एक टीस सी उठती है पर अगले ही पल वो उसके और पास जाता है और एकदम से उसका दुप्पटा खींचकर उसके बदन से अलग कर देता है ये देखकर ख्वाहिश और भी ज्यादा डर जाती है और वो एकदम से अपना चेहरा अपने दोनो हाथो मे भरकर रोने लगती है और वो रोते हुए - नो प्लीज नो ...! युवराज उसके और करीब जाता है और उसके हाथ उसके चेहरे से हटाते हुए - मैने कहा था ना कि मुझे ना सुनने की आदत नही है ...ये कहता हुआ वो एक झटके से उसके ब्लाऊज की डोरी खींच देता है !

    ख्वाहिश के हाथो की मुट्ठिया कस जाती है और वो कसकर अपनी आँखे बंद कर लेती है ! दो पल के लिए उस कमरे मे बिल्कुल खामोशी छा जाती है ! इस बीच ख्वाहिश एक बार भी अपनी आँखे नही खोलती और ना ही उसकी हिम्मत हो रही थी आँखे खोलने की ! हा पर युवराज के करीब होने का एहसास उसे अभी भी हो रहा था ! उसकी करीबी से वो बहुत घबरा रही थी इतना की उसकी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी और पूरा बदन पसीने से भीग गया था ! युवराज हल्का सा उसके और करीब जाता है और अपना एक हाथ उसके कंधे पर रखकर उसके ब्लाऊज को कंधे से नीचे सरका देता है ...ख्वाहिश पूरी कांप उठती है और उसकी बंद आँखो से भी आसू बह जाते है !

    पर अगले ही पल युवराज के होठों का स्पर्श उसे अपने माथे पर महसूस होता है जो की बेहद प्यार था बेहद सुकून भरा था ! वो सुकून भरा एहसास उसको अंदर तक छूकर जाता है और वो एकदम से अपनी आंखें खोलकर युवराज की तरफ देखती है ! युवराज के होठों पर इस वक्त मुस्कान बिखरी हुई थी ,,वो उसकी हलात अच्छे तरीके से समझ रहा था और वो ये भी समझ रहा था कि इस वक्त वो क्या सोच रही थी ! युवराज एकदम से  उसका चेहरा अपने हाथों में भरता है और बेहद प्यार से - तुम जान हो मेरी जिंदगी हो मेरी ! तुम्हे क्या लगा कि मैं तुम्हारे साथ ,,नही बीवी ,,अगर तुम्हें हासिल ही करना होता तो कब का कर लेता लेकिन  ये युवराज सिंघानिया की फितरत में नहीं है ! तुम पहली और आखिरी लड़की हो जो इस दिल में समाई हो ,जो युवराज सिंघानिया के दिल में उतरी हो ,जिसे युवराज सिंघानिया ने बेहद प्यार किया है बेहद मोहब्बत की है ! तुम मेरी जिंदगी हो मेरी जान हो मेरा जुनून भी हो मेरी जिद भी हो !

    तुम्हें तकलीफ देने के बारे में तो मैं सोच भी नहीं सकता और तुमने ये कैसे सोच लिया कि मैं तुम्हारे साथ जबरदस्ती करूंगा ? नहीं मेरा तुम्हे अपना बनाने का तरीका बेशक गलत हो सकता है क्योंकि मैं तुमसे प्यार ही इतना करता हूं कि नहीं रह सकता मैं तुम्हारे बिना और किसी और के साथ तो मैं तुम्हें बिल्कुल भी नहीं देख सकता ! मैं डर गया था जब तुम किसी और के साथ शादी कर रही थी ये देखकर ,, उस वक्त मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा सब कुछ मुझसे दूर जा रहा हो ! तुम्हें अपना बनाने का जो तरीका मुझे समझ में आया व़ो मैंने अपनाया लेकिन मेरा प्यार गलत नहीं है मेरी मोहब्बत गलत नहीं है और वादा करता हूं जब तक तुम्हारी मर्जी नही होगी तब तक मैं अपने पति होने का हक तुम पर कभी नहीं जताऊंगा लेकिन हां प्यार जताने से तुम मुझे रोक नहीं सकती !

    जैसे-जैसे वो बोल रहा था वैसे वैसे ख्वाहिश को हैरान कर रहा था ! सच में उसने यही सोचा था कि युवराज उसके साथ जबरदस्ती करेगा जिस तरीके से जबरदस्ती उसने शादी की है वैसे ही अब वो जबरदस्ती उसका अस्तित्व रौंदेगा ,, लेकिन नहीं ये तो युवराज का एक अलग ही रूप था ! ख्वाहिश अभी भी अपनी बड़ी-बड़ी आंखों को और बड़ा करके उसकी तरफ देख रही थी ! तभी युवराज उससे अलग होता है और अलमारी में से मेडिकल किट लेकर आता है और फिर उसके बेहद करीब बैठ जाता है और एकदम से उसका हाथ पकड़ लेता है ! ख्वाइश को पता नही क्या होता है ,शायद डर की वजह से वो एकदम से उसका हाथ झटक देती है लेकिन युवराज फिर से उसका हाथ पकड़ते हुए - खा नहीं रहा हूं तुम्हें ,, तुम्हारी चोट पर दवाई लगा रहा हूं !

    ये कहता हुआ युवराज उसकी तरफ अपना हाथ बढाता है ,,एक बार फिर ख्वाहिश की आँखे बंद हो जाती है ! तभी उसे युवराज का बेहद प्यार भरा स्पर्श अपने बदन पर महसूस होता है,,वो अपनी आंखें खोलती है और देखती हैं कि युवराज बेहद आराम से उसके पूरे बदन पर लगे जख्मों पर दवाई लगा रहा है ,, उसका पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ उसके जख्मो  पर दवाई लगाने पर था ,वो तो ख्वाहिश की तरफ देख भी नहीं रहा था ! इस वक्त वो कितना केयरिंग लग रहा था ये तो बस ख्वाहिश ही जानती थी ,,वो एक टक उसका चेहरा देख रही थी ! ये पहली बार था जब वो उसे ऐसे देख रही थी !

    युवराज आहिस्ता से उसकी चूडियो को पीछे करता है और उसकी कलाई पर दवाई लगाता है ,, तभी ख्वाहिश को जलन का एहसास होता है और उसकी एक सिसकी निकल जाती है ,, युवराज एकदम से अपने होठों को गोल करके उसके जख्मो पर फूंक मारने लगता है और साथ के साथ -  तुमसे किसने कहा था इतना रायता फैलाने के लिए ? सीधे तरीके से मुझसे शादी नहीं कर सकती थी अब देखो कितनी चोट लग गई मेरी जान को ,,बहुत दर्द हो रहा होगा ना तुम्हे ? सॉरी बीवी ....वो साथ के साथ बोल रहा था और साथ के साथ उसके जख्मो पर दवाई लगा रहा था !

    पर सच में ख्वाहिश को  तकलीफ तो बहुत हो रही थी लेकिन इन जख्मों की नही ,इन जख्मो से ज्यादा उसके जो दिल पर जख्म लगे थे उसकी तकलीफ उससे ज्यादा हो रही थी , उसकी आंखों से एकदम से आंसू बह जाते हैं ! युवराज  झट से उसके करीब जाता हैं ,अपने हाथ से उसके साफ करते हुए - मैं जानता हूं  कि मैने बहुत तकलीफ दी है तुम्हें कुछ जानबूझकर कुछ अनजाने में लेकिन मैं क्या करता मैं तुम्हें खुद से दूर जाते हुए देख ही नहीं पा रहा था ,नहीं रह सकता मैं तुम्हारे बिना बीवी ,, कभी नहीं रह सकता और रहना भी नहीं चाहता ! पहली बार मैंने किसी से प्यार किया है ख्वाहिश ,पहली बार किसी से मोहब्बत की है और अगर वही मोहब्बत मुझे नहीं मिलती तो मैं तो मर जाता जान ,, लेकिन अपनी उसी महोब्बत को मैंने इतनी तकलीफ दे दी वो भी अपने इन्ही हाथों से ? ऐसा कैसे कर सकता हूं मैं ?

    मैं तुम्हें तकलीफ नहीं देना चाहता था ,मैं तो तुमसे प्यार करता हूं ना ,अब मैं तुम्हें कभी कोई तकलीफ नहीं दूंगा ,वो  किसी छोटे मासूम बच्चे की तरह बोल रहा था और ऐसा लग रहा था जैसे ख्वाहिश को तकलीफ देकर उसको उससे भी कहीं ज्यादा तकलीफ हो रही है ! ये युवराज का एक अलग ही रूप था जो ख्वाहिश देख पा रही थी और वो समझ नहीं पा रही थी कि वो कैसे रिएक्ट करे ?  एक तरफ वो उसे तंग करता है उसे टॉर्चर करता है उसे परेशान करता है लेकिन अगले ही पल उसकी केयर भी करता है , प्यार भी जताता है उसकी तकलीफ को खुद महसूस भी करता है ! वो एक टक हैरानी से उसे देखे जा रही थी जैसे समझने की कोशिश कर रही हो कि आखिर है क्या ये युवराज सिंघानियां ???

    जारी है.....
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  • 11. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 11

    Words: 1427

    Estimated Reading Time: 9 min

    गातांक से आगे..
    मैं तुम्हें तकलीफ नहीं देना चाहता था ,मैं तो तुमसे प्यार करता हूं ना ,अब मैं तुम्हें कभी कोई तकलीफ नहीं दूंगा ,वो  किसी छोटे मासूम बच्चे की तरह बोल रहा था और ऐसा लग रहा था जैसे ख्वाहिश को तकलीफ देकर उसको उससे भी कहीं ज्यादा तकलीफ हो रही है ! ये युवराज का एक अलग ही रूप था जो ख्वाहिश देख पा रही थी और वो समझ नहीं पा रही थी कि वो कैसे रिएक्ट करे ?  एक तरफ वो उसे तंग करता है उसे टॉर्चर करता है उसे परेशान करता है लेकिन अगले ही पल उसकी केयर भी करता है , प्यार भी जताता है उसकी तकलीफ को खुद महसूस भी करता है ! वो एक टक हैरानी से उसे देखे जा रही थी जैसे समझने की कोशिश कर रही हो कि आखिर है क्या ये युवराज सिंघानियां ???

    वो जितना उसे समझने की कोशिश कर रही थी उतना उलझती जा रही थी ! वहीं युवराज अपने प्यार को अपनी महोब्बत को अपने इतने करीब देखकर पागल हुआ जा रहा था ! वो अभी भी बहुत ध्यान से उसके जख्मो पर दवाई लगा रहा था ,,उसकी ठंडी ठंडी ऊगलिया ख्वाहिश के बदन पर फिसल रही थी और उसके पूरे बदन मे एक अलग सी झनझनाहट महसूस कर रही थी ...उसका दुप्पटा एक तरफ पडा था ,ब्लाऊज दोनो कंधो से सरका हुआ था उसके बाल खुलकर उसके चेहरे पर आ गए थे जो उसकी खूबसूरती मे चार चांद लगा रहे थे ...! इस वक्त वो बेहद हसीन लग रही थी ,,इतनी हसीन की उसे देखकर युवराज को कुछ कुछ होने लगा था ...वो ही जानता था उसने कैसे खुद पर काबू पाया हुआ था पर क्या सच मे वो ज्यादा देर तक खुद पर काबू रख पाएगा ? या फिर उसकी हर पंसदीदा चीज को हासिल करने की जिद या आदत उस पर हावी हो जाएगी ? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा ...

    फिलहाल के  लिए तो वो खो गया था उसकी खूबसूरती मे ,,वही ख्वाहिश की धड़कने अभी भी बढी हुई थी ! युवराज के हाथ अभी भी उसके बदन पर फिसल रहे थे ..वो एकदम से उससे अलग होने की कोशिश करती है पर तभी युवराज कसकर उसका हाथ पकड़ते हुए - तुम्हे मुझसे दूर जाने की इजाज़त नही है बीवी ...पूरे हक और जुनून के साथ बोलता है युवराज और एक बार फिर ख्वाहिश की धड़कने बढा देता है ! इससे पहले की वो कुछ बोलती तभी उसका ध्यान सामने दीवार पर लगी अपनी बडी सी तस्वीर पर जाता है जो इतनी बडी थी कि पूरी दीवार को कवर कर रही थी ! पहले तो उसे यकीन ही नही होता ...पर अगले ही पल उसकी आँखे हैरानी से फैल जाती है ...वो हैरानी से युवराज की तरफ देखती हेै फिर वापस अपनी तस्वीर की तरफ जैसे यकीन करना चाहती हो कि कोई सच मे इतना  दीवाना हो सकता है क्या ?

    वो एक टक उस तस्वीर को देखे जा रही थी ! युवराज उसकी नज़रो का पीछा करता है और ख्वाहिश को हैरान परेशान देखकर उसके होंठो पर हल्की सी स्माईल आ जाती है ! ख्वाहिश तो इस कदर उस तस्वीर मे खोई थी कि उसे पता ही नही चला कि युवराज कब उसके पीछे चला गया और उसके खुले बालो को एक तरफ करने लगा ....वो होश मे तब आती है जब युवराज की सर्द आवाज़ उसके कानो से टकराती है ! युवराज उसके करीब जाता है और अपनी चिन उसके कंधे पर टिकाते हुए - खूबसूरत है ना ?? ये कहता हुआ वो अपने होठ उसके कान पर रख चूम लेता है ..इतना काफी था ख्वाहिश को होश मे लाने के लिए ....वो हड़बडा जाती है और अपनी तेज चलती सांसो पर काबू पाते हुए युवराज से अलग होने की कोशिश करती है पर तभी युवराज की मजबूत बांहे उसे अपनी कमर के आस पास लिपटती हुई महसूस होती है ...उसकी तो जैसे सांसे थम जाती है ! डर और घबराहट से उसका दिल बेतहाशा धड़कने लगता है ! उसमे इतनी हिम्मत भी नही थी जो वो युवराज की तरफ देख सके....

    जबकि युवराज अपनी बांहे उसकी कमर पर कसता है और सामने लगी तस्वीर को देखते हुए - मेरी पसंद है तो खूबसूरत तो होगी ही ..एक बार फिर वो अपने होठ उसके कान से छुआते हुए बोलता है ! एक बार फिर ख्वाहिश सिहर उठती है ...अगले ही पल युवराज अपने एक हाथ से उसके बालो को एक तरफ करने लगता है ..ऐसा करते हुए उसकी उंगलिया ख्वाहिश की पीठ को छू रही थी जो उसे एक अलग एहसास करवा रही थी ! वही धीरे धीरे युवराज का कंट्रौल खुद पर से हटता जा रहा था ,ख्वाहिश की करीबी से पागल हो रहा था वो ...उसके सारे बालो को एक तरफ करने के बाद वो अपने हाथ को नीचे की तरफ ले जाता है और एकदम से उसके ब्लाऊज की हुक खोल देता है और अगले ही पल अपने होंठ उसकी पीठ पर रख कर देता है ....!

    ख्वाहिश के हाथो की मुट्ठिया चद्दर पर कस जाती है और उसकी आँखे खुद ब खुद बंद हो जाती है ! युवराज के प्यार करने का तरीका इतना जुनूनी था कि ख्वाहिश उसमे डूबती जा रही थी ,वो चाहकर भी उसे रोक नही पा रही थी ! युवराज के होंठ उसकी पीठ को तराशने लगते है ...लेकिन इससे पहले कि वो पूरी तरह बहकता तभी उनके दरवाजे पर दस्तक होती है जिससे ख्वाहिश एकदम से होश मे आती है और युवराज को इस तरह अपने करीब देखकर वो डर जाती है ,,युवराज अभी तक होश मे नही आया था ...ख्वाहिश एक झटके से उसे खुद से दूर करती है और पास रखा अपना दुप्पटा उठाकर जल्दी से खुद को कवर कर लेती है और युवराज से दूर होकर बैठ जाती है ! ये देखकर युवराज की आँखे सिकुड जाती है ,,उसके माथे पर सिलवटे आ जाती है और उसके चेहरे के भाव एकदम से बदल जाते है !

    वही ख्वाहिश इतनी डरी हुई थी कि डर के मारे उसका पूरा बदन कांप रहा था और नजरे उठाकर युवराज की तरफ देखने की उसकी हिम्मत नही थी ! वही युवराज उसे घूर रहा था ...वो एकदम से उसके करीब जाते हुए - तुम्हे समझाया था कि मुझसे दूर जाने की इजाजत नही है तुम्हे ....वो अपना चेहरे उसके चेहरे के बिल्कुल करीब करते हुए बोलता है ! ख्वाहिश की सांसे ऊपर नीचे होने लगती है ! इससे पहले की वो कुछ बोलती तभी दरवाजे पर फिर से दस्तक होती है ! इस बार तो युवराज को गुस्सा आ जाता है ,,यहां तक की गुस्से से उसके हाथ की मुट्ठिया कस जाती है !वो गुस्से से उठता है और दरवाजा खोलता है ! सामने ही एक नौकर खडा था ...साहब वो बडे मालिक आपको और मालकिन को नीचे बुला रहे है ...ताकि जशन शुरू कर सके !

    युवराज जो गुस्से से भरा बैठा था वो उस नौकर पर गरजते हुए - ये मेरा और मेरी बीवी के आराम करने का समय है ,, जाओ यहां से ,,जब हम आएगे तो जशन भी शुरू हो जाएगा ,अब दफा हो जाओ यहां से और अब दोबारा ऊपर मत आना ...इतना  कहकर वो उसके मुंह पर दरवाजा बंद कर देता है ! उसकी बाते सुनकर ख्वाहिश के तो हाथ पैर ठंडे पड़ जाते है ..अगले ही पल युवराज दरवाजा लॉक करता है और अपनी गहरी निगाहो से ख्वाहिश की तरफ देखता है ...ख्वाहिश जो उसे ही देख रही थी वो तुरंत अपनी नजरे झुका लेती है !

    युवराज उसकी तरफ देखते हुए एक एक कदम बढा रहा था और साथ के साथ अपनी शर्ट उतार रहा था ! ख्वाहिश की नजरे उस पर ना होकर भी उसी पर थी ! वो मन मे - ये ,ये ऐसे कपडे क्यू उतार रहा है ? और मेरी तरफ क्यू आ रहा है ? वो मन ही मन खुद से सवाल कर रही थी इतने मे युवराज अपनी शर्ट एक तरफ फेंक देता है और ख्वाहिश के करीब जा उस पर झुकते हुए - बीवी ...बहुत दिनो से सोया नही हू ढंग से ,,पर अब सोना चाहता हू वो भी सुकून से और मेरा सुकून तुम्हारी पनाह मे है ...ये कहता हुआ वो आहिस्ता से उसका दुप्पटा उसके बदन से अलग कर देता है और एकदम से उसे अपनी बांहो मे भरकर बिस्तर पर गिर जाता है ....ख्वाहिश अपने कांपते होठो से - ये तुम...युवराज बीच मे ही अपनी उंगली उसके होठे पर रखते हुए - शशशशश....कुछ नही करूगा आई प्रोमिस ,,बस तुम्हे महसूस करना चाहता हू ....ये कहता हुआ वो कसकर उसे अपनी बांहो मे भरता है और अपनी आँखे बंद कर लेता है .....

    जारी है....
    Copyright " Navjot kaur "

  • 12. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 12

    Words: 1625

    Estimated Reading Time: 10 min

    गातांक से आगे....
    युवराज अपनी शर्ट एक तरफ फेंक देता है और ख्वाहिश के करीब जा उस पर झुकते हुए - बीवी ...बहुत दिनो से सोया नही हू ढंग से ,,पर अब सोना चाहता हू वो भी सुकून से और मेरा सुकून तुम्हारी पनाह मे है ...ये कहता हुआ वो आहिस्ता से उसका दुप्पटा उसके बदन से अलग कर देता है और एकदम से उसे अपनी बांहो मे भरकर बिस्तर पर गिर जाता है ....ख्वाहिश अपने कांपते होठो से - ये तुम...युवराज बीच मे ही अपनी उंगली उसके होठे पर रखते हुए - शशशशश....कुछ नही करूगा आई प्रोमिस ,,बस तुम्हे महसूस करना चाहता हू ....ये कहता हुआ वो कसकर उसे अपनी बांहो मे भरता है और अपनी आँखे बंद कर लेता है ...

    ख्वाहिश हैरानी से उसे देखती रह जाती है ! युवराज ने उसे इस कदर अपने अंदर समा रखा था जैसे उसने उसे छोडा तो वो उससे दूर ना हो जाए ! और वही युवराज की करीबी से उसे तो सांस भी नही आ रही थी ,उसका दिल और भी तेजी से धड़क रहा था ! वही युवराज तो उसके पहलू मे जाते ही सुकून की नींद सो गया था ,क्योकि अब उसे तसल्ली हो गई थी कि ख्वाहिश अब उसकी है सिर्फ उसकी ! ख्वाहिश अभी भी नम आँखो से उसे देख रही थी ...उसे वो दिन याद आता है जब वो बहुत सारे सपने लेकर इस शहर मे आई थी ! उसे वो दिन याद आता है जब ना चाहते हुए भी युवराज उसकी जिंदगी मे शामिल हुआ था !

    फ्लैश बैक ....
    ख्वाहिश के कॉलेज का पहला दिन था और वो बडी खुशी और उमंग के साथ कॉलेज जा रही थी ,,इस बात से अंजान की उसकी जिंदगी मे एक बहुत बडा तूफान आने वाला है ,जो वही उसका इंतजार कर रहा है ! युवराज जो विधायक का भतीजा होने का रौब पूरे कॉलेज पर झाड़ता था ,यहां तक की वो टीचरो को भी नही छोड़ता था ,,इस वक्त भी वो अपने आवारा दोस्तो और कुछ चमचो के साथ मिलकर नए आने वाले स्टूडैंट की रैगिंग कर रहा था ,उन्हे तंग कर रहा था ,उनका मजाक बना रहा था और किसी मे हिम्मत नही थी उसे रोकने की ...क्योकि वो कितना बतमीज था ये सब जानते थे ! युवराज जो विधायक का भतीजा था और उस कॉलेज का ट्रस्टी भी सोमनाथ ही था ...तो अपनी पावर का गलत इस्तेमाल भी करता था युवराज ...! स्टूडैंट को तंग करना ,उनकी टांग खीचना ,आवारागर्दी करना बस यही उसका लाईफ स्टाईल था पर वो कभी किसी लड़की का फायदा नही उठाता था ,कुछ लड़किया थी जो खुद ही उसे लाईन देती थी पर युवराज उन पर कोई ध्यान नही देता था ! लेकिन फिर भी लोगो ने उसकी इमेज ऐसी बना दी थी कि इसका तो आए दिन नई लड़की के साथ चक्कर रहता है ,ये लडकियो को खिलौना समझता है ...और भी पता नही क्या क्या लोग उसके बार मे बोलते थे पर युवराज को कोई फर्क नही पड़ता था ..!!

    इस वक्त भी वो कॉलेज के गॉर्डन मे बैठा था और नए आने वाले बच्चो की रैगिंग कर रहा था ! उसके चम्मचे नए स्टूडैंट को पकड़ पकड़ कर उसके पास लेकर जा रहे थे ! वो किसी राजा की तरह बैंच पर बैठा हुआ था ,अपनी सफेद कलर की कमीज की बाजू को ऊपर की तरफ फोल्ड किया हुआ शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले हुए हैं और अंदर से झांकती उसकी मोटे सोने की चेन ,दोनों हाथों की उंगलियों में पहनी सोने की अंगूठियां ,बालों में जेल लगाकर अजीब सा हेयर स्टाइल बनाया हुआ ,एक कान में पहनी छोटी सी सोने की बाली ,एक हाथ में सिगरेट और एक हाथ में बीयर की कैन कुल मिलाकर वो एक नंबर का आवारा और बदतमीज लग रहा था ! उसके आसपास उसके कुछ चम्मचे और उसके दोस्त खड़े थे जो हर चीज में उसका साथ दे रहे थे चाहे फिर वो किसी को तंग करना हो किसी का मजाक बनाना हो किसी को बेइज्जत करना हो ! और वो ये सब तो करेंगे ही ,, क्योंकि युवराज के पैसों पर ऐश जो करते थे वो हर रोज !

    ठीक उसी वक्त हमारी ख्वाहिश आती हैं , उसका ऑटो कॉलेज के गेट के सामने रुकता है और वो ऑटो वाले को पैसे देकर बाहर निकलती है और अपनी चमक भरी आंखों से उस कॉलेज को देखती हैं जहां पढ़ने का उसका सपना था जो आज पूरा होने जा रहा था ! कॉलेज के अंदर कदम रखने से पहले वो वही झुक कर कॉलेज की धरती को छूकर प्रणाम करती है और फिर खुशी-खुशी कॉलेज के अंदर चली जाती है ! हल्के गुलाबी कलर का सूट, हवा से लहराता उसका दुपट्टा ,खुले बाल आंखों में हल्का सा काजल और होठों पर लिप ग्लॉस और हमेशा की तरह उसके चेहरे पर जो स्माइल रहती थी जो उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देती थी और अपनी इसी स्माइल को बरकरार रखते हुए वो अंदर जा रही थी ! ठीक उसी वक्त युवराज के चाचा का फोन आता है और वो बात करने के लिए दूसरी तरफ चला जाता है जिस वजह से उसकी नजर ख्वाहिश पर नहीं पड़ती लेकिन उसके चमचों की नजर ख्वाहिश पर जरूर पड़ गई थी !

    एक चीज और थी जो युवराज को पता नहीं थी ! वो ये थी कि उसके चमचे युवराज का नाम लेकर लड़कियों के साथ बहुत बदतमीजी करते थे , उनको बहुत तंग करते थे और इसी वजह से सबको लगता था कि युवराज भी ये सब करता है ! युवराज के चमचे ख्वाहिश को देखते हुए - वाह यार क्या सॉलिड आइटम है,, क्या माल है ! इससे तो जान पहचान करना बनता है ,, तभी उनमें से दूसरा - पागल हो गया है क्या ?  युवराज भाई यहीं बैठे हैं उनको पता चला ना कि हमने किसी लड़की को तंग किया है तो ,,, वो पहले वाला - अरे कुछ नहीं होगा युवराज भाई अभी फोन पर बिजी है ,, तब तक तो मैं इस हुस्न परी को करीब से देख भी लूंगा और हो सकता है कि गले लगने का मौका भी मिल जाए ,,दांत निपोरते हुए वो बोलता है और फिर ख्वाहिश की तरफ बढ़ जाता है और अगले ही पल वो ख्वाहिश के ठीक सामने खड़ा था उसका रास्ता रोककर !

    ख्वाहिश उसकी तरफ देखकर - ये क्या बदतमीजी है हटो मेरे रास्ते से ,, वो लड़का बहुत गंदे तरीके से - रास्ते से भी हट जाएंगे मोहतरमा लेकिन पहले थोड़ा अपना परिचय तो दो ,,अपने बारे में कुछ बताओ ,, हमारे साथ थोड़ी जान पहचान बढ़ाओ ,तभी तो तुम्हें अंदर जाने देंगे ना .... ख्वाहिशों उसे घूरते हुए - क्यों कॉलेज क्या तुम्हारे बाप का है ? आज से पहले कभी उस लड़के के साथ किसी ने ऐसे बात नहीं की थी क्योंकि सब जानते थे उसको कि ये युवराज के साथ रहता है ,,उससे पंगा मतलब युवराज से पंगा ! लेकिन ख्वाहिश नई थी उसे नहीं पता था कि जाने अनजाने में उसने कितनी बड़ी मुसीबत मोल ले ली है ! ये सुनने की देर थी कि वो लड़का पूरा गुस्से से भर जाता है !

    साली बाप पर जाती है ये कहते हुए वो जैसे ही उसकी कलाई पकड़ता है तभी चटाक करके एक चांटा उसके गाल पर पड़ता है जो की ख्वाहिश ने मारा था ! ख्वाहिश ने इतनी जोर से मारा था कि उस चांटे कि गूंज दूर तक सुनाई दी थी और आसपास से जितने भी स्टूडेंट गुजर रहे थे वो सब वहीं रुक गए थे और सब की आंखें हैंरानी से फैल गई थी यहां तक की युवराज के जो चमचे दूसरी जगह बैठे थे और उसको देख रहे थे वो भी एकदम से सख्ते में आ गए थे ! पहली बार ऐसा हुआ था कि युवराज के किसी आदमी पर किसी लड़की ने हाथ उठाया हो ,, जो लोग युवराज को और उसके चमचों को जानते थे वो आपस में - ये लड़की तो गई अब ! इसे नहीं पता कि इसने क्या किया है ! युवराज के आदमी को थप्पड़ मार दिया ,,अब वो क्या करेगा ? वो छोड़ेगा नहीं इस लड़की को ,,,ऐसी न जाने कितनी बातें थी जो युवराज के कानों तक भी पहुंच चुकी थी !

    वो फोन  कट करता है और फिर पीछे मुड़कर देखता है और नजरे जाती है सीधी ख्वाहिश पर जो अभी भी अपनी काजल भरी आंखों से उस लड़के को घूर रही थी ! न जाने क्या जादू था उन नजरों में जो सीधा युवराज के दिल पर लगी थी !

    तेरी इतनी हिम्मत जो तूने मुझे थप्पड़ मारा ? पहले तो सोचा था कि तुझे थोड़ा कम तंग करूंगा जरा सा परेशान करूंगा लेकिन नहीं ,,अब तो तूं यही सबके सामने मुझे किस करेगी वरना तेरा जीना हराम कर दूंगा ! उसकी ही बातें सुनकर जितनी ख्वाहिश गुस्से से भर गई थी उससे कहीं ज्यादा युवराज गुस्से से सब भर गया था ,उसे पता ही नहीं था कि एक ही पल में उसे क्या हो गया ,एक ही पल में वो ख्वाहिश को इस कदर चाहने लगा कि किसी और के मुंह से निकली हुई ये बातें भी उससे बर्दाश्त नहीं हो रही ,यहां तक की गुस्से से उसके हाथ की मुट्ठी कस जाती है और गुस्सा से भरा हुआ वो अपने आदमी के पास जाने लगता है !

    ख्वाहिश भी गुस्से से - बकवास बंद करो अपनी ,, मैंने कहा मेरे सामने से हटो ,अभी तो एक ही थप्पड़ मारा है वरना दूसरा भी मार दूंगी ,, वो लड़का हल्का सा हंसते हुए - लगता है तुझे अपनी जान प्यारी नहीं है या फिर तू मुझे जानती नहीं है ,, युवराज सिंघानिया का आदमी हूं मैं ...वो अभी इतना ही बोला था कि तभी युवराज पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखता है और एक जोरदार पंच उसके मुंह पर मारता है ....

    जारी है...
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  • 13. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 13

    Words: 1720

    Estimated Reading Time: 11 min

    गातांक से आगे....
    युवराज को पता ही नहीं था कि एक ही पल में उसे क्या हो गया ,एक ही पल में वो ख्वाहिश को इस कदर चाहने लगा कि किसी और के मुंह से निकली हुई ये बातें भी उससे बर्दाश्त नहीं हो रही ,यहां तक की गुस्से से उसके हाथ की मुट्ठी कस जाती है और गुस्सा से भरा हुआ वो अपने आदमी के पास जाने लगता है ! ख्वाहिश भी गुस्से से - बकवास बंद करो अपनी ,, मैंने कहा मेरे सामने से हटो ,अभी तो एक ही थप्पड़ मारा है वरना दूसरा भी मार दूंगी ,, वो लड़का हल्का सा हंसते हुए - लगता है तुझे अपनी जान प्यारी नहीं है या फिर तू मुझे जानती नहीं है ,, युवराज सिंघानिया का आदमी हूं मैं ...वो अभी इतना ही बोला था कि तभी युवराज पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखता है और एक जोरदार पंच उसके मुंह पर मारता है ....

    वो लड़का जिसका नाम पंकज था वो युवराज के एक पंच से ही हिल गया था ! यहां तक की उसके नाक से खून बहने लगा था ,,ये सब देखकर एक पल के लिए तो ख्वाहिश डर गई थी ,उसने आज से पहले कभी खून खराबा नही देखा था ...तभी वहां मौजूद लड़के और लडकियो की दबी दबी आवाजे उसके कान से टकराती है - अरे युवराज आ गया ,पर ये अपने ही आदमी को क्यू मार रहा है ? अरे बाबा ये नाटक कर रहा है इस लड़की को इंम्प्रैस करने के लिए ,ये खुद कितना बतमीज और घटिया है क्या हम नही जानते ...ये सब बाते ख्वाहिश भी सुन रही थी और युवराज भी !

    हमेशा की तरह युवराज को तो इन सब बातो से कोई फर्क नही पड़ रहा था पर ख्वाहिश की नजर मे युवराज की छवि गलत बन गई थी ,,फर्स्ट इम्रैशन लास्ट इम्रैशन वाली बात हो गई थी ! युवराज को अपने सामने देखते ही पकंज की हालत खराब हो गई थी ! इससे पहले कि वो कुछ बोलता उससे पहले ही युवराज एक जोरदार थप्पड़ मारता है उसके मुंह पर और उसका गिरेबान पकड़ते हुए - ये थप्पड़ मैने तुझे इसलिए मारा है क्योकि किसी लड़की को तंग करने की गलती की है वो भी मेरे मना करने के बावजूद ,,पकंज हकलाते हुए - तो फिर भाई ये पंच क्यू मारा मुझे ...? ये सुनते ही युवराज एक नजर ख्वाहिश को देखता है जो घूर कर उसे देख रही थी ,युवराज ख्वाहिश की तरफ देखते हुए - लड़की को तंग किया तो किया पर इस लड़की को किया ,इसके लिए पडा है ये पंच ,,बेटा इसे नही तंग करना था वो ख्वाहिश की तरफ स्माईल पास करते हुए बोलता है पर बदले मे ख्वाहिश बेहद गुस्से - ओह स्टोपिड ,,बंद करो अपनी ये बकवास और अपना ये नाटक ,,मैं तुम जैसे लड़को को बहुत अच्छी तरह जानती हू ,घटिया और आवारा ...अब हटो मेरे रास्ते से !

    जैसे जैसे वो बोल रही थी वैसे वैसे सब हैरानी से एक दूसरे को देख रहे थे ,सबको ख्वाहिश की फिक्र भी हो रही थी कि अब  पता नही युवराज उसके साथ क्या करेगा ! वही युवराज को तो उसके मुंह से निकलती गालिया भी मीट्ठे बोल लग रहे थे ,उसे ख्वाहिश की बाते नही सुनाई दे रही थी उसे तो बस उसके हिलते हुए होंठ और हवा से लहराते उसके बाल नजर आ रहे थे ,जो बार बार उसके चेहरे पर आकर उसे तंग कर रहे थे जिन्हे वो बार बार कान के पीछे कर रही थी !!

    खैर पकंज तो जल्दी से खुद को छुडवा कर वहां से भाग जाता है ! ख्वाहिश गुस्से से युवराज को घूरती हुई आगे बढ़ने लगती है पर युवराज एक दम से उसके सामने आ जाता है ! तुम्हे अलग से समझाना पडेगा ,,हटो मेरे रास्ते से ये कहती हुई वो उसके पास से गुजर जाती है और युवराज तब तक उसे देखता रहता है जब तक वो उसकी आँखो से ओझल नई हो गई ! युवराज के होंठो पर फैली मुस्कान और भी गहरी हो जाती है वो मन मे - यही है वो जिसकी मुझे तलाश थी ! तभी उसके चमचे उसके पास आ जाते है और उससे डरते हुए - भाई ये ...युवराज जो अब तक ख्वाहिश मे ही डूबा हुआ था वो एक दम से - भाभी है तुम्हारी ...ध्यान रहे इसके मान सम्मान मे कमी नही आनी चाहिए ! इतना कहकर वो ख्वाहिश के पीछे चला जाता है !

    उधर ख्वाहिश गुस्से से भरी हुई अपनी क्लास की तरफ जा रही थी ! तभी एक लड़की उसके साथ कदम से कदम मिलाते हुए - न्यू एडमिशन ? ख्वाहिश उसकी तरफ देखती है और फिर हा मे अपनी गरदन हिला देती है ! वो लड़की जिसका नाम कोमल था वो एकदम से - ओह तभी तुमने सीधा युवराज सिंघानिया से पंगा ले लिया ? आज तक किसी ने उससे इस तरीके से बात नही की होगी ! हिम्मत वाली हो तुम !! ख्वाहिश असमंजस से - कौन युवराज सिंघानिया ...?? वो उससे सवाल करती है ! कोमल हसते हुए - अरे वही जिसे अभी अभी तुम तेवर दिखा कर आई हो , जिसके आदमी के गाल पर तुमने चांटा लगाया था ,वही है युवराज सिंघानिया ,,विधायक का भतीजा है और इस कॉलेज का ट्रस्टी भी ...और एक नम्बर का बतमीज भी ,,और तुमने सीधा उससे पंगा कर लिया ...बच कर रहना तुम जरा उससे ,,कही वो रातो रात तुम्हे गायब कर दे ! इतना कहकर वो अपनी क्लास मे चली जाती है पर जाते जाते ख्वाहिश को उलझन मे डाल जाती है !

    वो वैसे ही उलझन से भरी हुई अपनी क्लास मे चली जाती है ! और अपनी सीट पर जाकर बैठ जाती है ! थोडी देर पहले जो हुआ वो उसे ही सोच रही थी तभी आसपास मौजूद लड़के लड़कियों की आवाज उसके कानों से टकराती है ! अरे ये तो वही लड़की है ना जो अभी-अभी नीचे युवराज के साथ हंगामा करके आई है ,,भई बंदी में दम तो है युवराज के आदमी को चांटा जड़ दिया ,,अरे काहे का दम ,, ये जानती नहीं होगी कि वो युवराज सिंघानिया है ..इसे नहीं पता होगा कि वो कितना खतरनाक है ,अब वो इसका क्या हाल करेगा  ,अरे वो विधायक का भतीजा है, उनके दम पर ये कॉलेज चलता है ,,उससे पंगा मतलब करियर खत्म जिंदगी खत्म ...जैसे-जैसे वो सब बोल बोल रहे थे वैसे-वैसे ख्वाहिश को डर लगने लगा था कि कहीं अनजाने में उसने कोई मुसीबत तो मोल नहीं ले ली !

    लेकिन उसे नहीं पता था कि युवराज नाम की मुसीबत तो धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ रही थी ! युवराज उसे ढूंढता ढूंढता उसकी क्लास तक पहुंच गया था और अब बाहर खड़ा होकर उसे ही देख रहा था ! ख्वाहिश अपने विचारों में इतनी ऊलझी हुई थी कि कब युवराज एक-एक कदम चलता हुआ उसके नजदीक आया और कब उसकी सीट पर आकर बैठ गया ख्वाहिश को पता ही नहीं चला ! युवराज को देखकर सबकी बोलती बंद हो गई थी पूरी क्लास में एकदम सन्नाटा छा गया था और ये सन्नाटा ख्वाहिश के कानों में चुभ रहा था ! वो तुरंत अपने विचारों से बाहर आती है और जैसे ही वो इधर-उधर देखने लगती है तभी उसे अपने बराबर में बैठा युवराज नजर आता है जो की बेहद जुनून बड़ी नजरों से उसे ही देख रहा था ! उसे अपने इतने करीब देखकर एक पल के लिए तो ख्वाहिश डर जाती है ,,यहां तक की ऊपर वाली सांस ऊपर और नीचे वाली नीचे और वो तुरंत अपनी सीट से खड़ी हो जाती है और वहां से जाने लगती है लेकिन हड़बडाहट मे उसका दुपट्टा कहीं फस जाता है जिससे वो आगे अपने कदम बढा ही नहीं पाती लेकिन उसे ऐसा लगता है कि युवराज ने उसका दुपट्टा पकड़ लिया है ! वो इतना डर जाती है इतना कि उसका हल्क तक सूख जाता है ! अब घबराहट कह लो या उसका डर कह लो या इतनी देर से जो उसके दिमाग में चल रहा था वो सब कह लो ये सब चीजे उस पर एक साथ हावी हो जाती है और वो झट से पीछे मुड़कर देखती है और बिना ये देखें कि उसका  दुपट्टा युवराज ने नहीं पकडा है ये देखे बिना वो एकदम से एक चांटा मार देती है उसके गाल पर और गुस्से से - हाउ डेयर यू ??

    मेरा दुपट्टा पकड़ने की हिम्मत भी कैसे की तुमने ? सुनो मिस्टर तुम जो भी हो विधायक के भतीजे कॉलेज के ट्रस्टी मुझे इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता तुम कितने भी पावरफुल क्यों ना हो लेकिन अपनी पावर का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकते ,,ऐसे किसी लड़की का दुपट्टा ...वो अभी बोल ही रही थी की तभी युवराज अपनी गुस्से से लाल हुई आंखों से उसकी तरफ देखता है और अपने दोनों हाथ हवा में उठा देता है ,,जिससे ख्वाहिश को समझ में आ जाता है कि उसने उसका दुपट्टा नहीं पकडा ,,वो तो वही सीट के पास कहीं उलझा हुआ है .... मर गई ख्वाहिश धीरे से बड़बड़ाती है !

    इस वक्त उसे युवराज से इतना डर लग रहा था कि उसके माथे पर पसीने की बूंदे उभर आई थी ! उसकी इस हरकत पर आसपास खड़े सब लोग हैरान रह गए थे ! युवराज को थप्पड़ मारा युवराज सिंघानिया को थप्पड़ मारा ? ये बहुत बड़ी न्यूज़ थी ...युवराज जो अब गुस्से से उसे घूर रहा था वो एकदम से खड़ा होता है और चुटकी बजाते हुए - सब लोग अभी के अभी क्लास से बाहर जाओ ...ये कहता हुआ वो ख्वाहिश की तरफ अपना एक कदम बढ़ाता है और ख्वाहिश उससे डर कर दस कदम पीछे ले लेती है !  सब लोग तमाशबिन बने अभी भी वही खड़े उन दोनों को ही देख रहे थे !

    तभी युवराज एकदम से सब पर गरजते हुए - सुना नहीं तुम सब ने मैंने कहा क्लास से बाहर जाओ ! उसके कहने की देर थी कि आनन फानन में सभी लोग क्लास से बाहर निकल जाते हैं ,, वहां पर रह जाती है सिर्फ अकेली ख्वाहिश ! युवराज अभी भी अपना एक-एक कदम उसकी तरफ बढा रहा था और ख्वाहिश डर के मारे उससे पीछे जा रही थी ! पीछे जाते-जाते वो दरवाजे तक पहुंच गई थी ,,लेकिन इससे पहले कि वो क्लास से बाहर जा पाती तभी युवराज लपक कर उसे पकड़ लेता है और अपनी दोनों बांहे उसकी पीठ पर कस उसे अपने बेहद करीब कर लेता है ...

    जारी है....
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  • 14. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 14

    Words: 1995

    Estimated Reading Time: 12 min

    गातांक से आगे...
    युवराज एकदम से सब पर गरजते हुए - सुना नहीं तुम सब ने मैंने कहा क्लास से बाहर जाओ ! उसके कहने की देर थी कि आनन फानन में सभी लोग क्लास से बाहर निकल जाते हैं ,, वहां पर रह जाती है सिर्फ अकेली ख्वाहिश ! युवराज अभी भी अपना एक-एक कदम उसकी तरफ बढा रहा था और ख्वाहिश डर के मारे उससे पीछे जा रही थी ! पीछे जाते-जाते वो दरवाजे तक पहुंच गई थी ,,लेकिन इससे पहले कि वो क्लास से बाहर जा पाती तभी युवराज लपक कर उसे पकड़ लेता है और अपनी दोनों बांहे उसकी पीठ पर कस उसे अपने बेहद करीब कर लेता है ...

    उसकी हरकत पर ख्वाहिश हैरान रह जाती है और वो अपनी अपनी बडी बडी आँखो को और बडा करके उसकी तरफ देखती है और गुस्से से - ये क्या बतमीजी है ? छोडिए मुझे ...वो कसमसाते हुए बोलती है पर युवराज उसे नही छोड़ता ,,उल्टा वो उसे अपने और करीब कर लेता है और वैसे ही उसे कस कर पकड़े हुए क्लासरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर देता है ! ये देखकर तो ख्वाहिश की हालत खराब हो जाती है ,वो और भी घबरा जाती है कि युवराज ने दरवाजा क्यू बंद किया ,क्या करने वाला है वो उसके साथ ....

    उसका ध्यान युवराज के गाल पर जाता है जहां अभी भी उसकी ऊंगलियो के निशान साफ चमक रहे थे ! वो एकदम से - देखिए मेरा ऐसा कोई इरादा नही था ,वो तो मुझे लगा कि मेरा दुप्पटा ...इससे पहले कि वो अपनी बात पूरी करती युवराज अपनी सर्द आवाज मे - तो तुम्हे लगा कि मैने तुम्हारा दुप्पटा पकड़ा है ? और तुमने मुझे चांटा मार दिया ,बिना ये देखे कि तुम्हारा ये दुप्पटा कहां फंसा था कहां नही ...? वो अपनी एक आईब्रो उचकाते हुए बोलता है ! ये सुनते ही ख्वाहिश की धड़कने बढ़ जाती है और वो तुरंत अपनी नजरे झुका लेती है ..इस वक्त वो इतनी प्यारी लग रही थी इतनी प्यारी लग रही थी कि युवराज को तो एक बार फिर उससे प्यार हो गया था !

    युवराज आगे बोलना जारी रखते हुए - जानती हो आज पहली बार किसी ने मुझ पर हाथ उठाया है ! एक एक शब्द पर जोऱ देते हुए बोलता है युवराज और ख्वाहिश को पीछे दीवार से लगा देता है ! अब तो ख्वाहिश को उससे और भी ज्यादा डर लगने लगा था , उसको बहुत घबराहट हो रही थी ,जो उसके चेहरे पर साफ नज़र आ रही थी ! युवराज आहिस्ता से उसके और पास जाता है ,इतना की उसकी गर्म सांसे ख्वाहिश को अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी ! उसके माथे पर पसीने की बूंदे उभर आती है ! वो अपनी गरदन झुका लेती है ! अगले ही पल युवराज अपने हाथ से उसकी चेहरा ऊपर करता है और अपनी सर्द आवाज मे - तुम पहली हो जिसने मुझ पर हाथ उठाया है और आखिरी भी ...मां कसम किसी और ने ये गुस्ताखी की होती ना तो उसे जिंदा गाड देते हम पर तुमसे तो ऊंची आवाज मे बात भी नही कर सकते ! एक बार नही सौ बार भी तुम मुझ पर हाथ उठा सकती हो ,,तुम्हे तो सब माफ है !

    सुनो ,,पक्के वाला प्यार हो गया है तुमसे ...वो अपने होंठ उसके कान पर रखते हुए बोलता है ! ख्वाहिश की सांसे भारी हो जाती है और वो और भी ज्यादा घबरा जाती है ,वो तुरंत उससे दूर होने की कोशिश करती है पर नही हो पाती ! युवरादज की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वो चाह कर भी उससे दूर नही हो पाती ! युवराज अपनी बांहो का घेरा उसके आस पास बनाते हुए - सब कुछ करना जान पर कभी मुझसे दूर होने की या मुझसे दूर जाने की गलती कभी मत करना ...! जब तक युवराज उसके साथ अंदर कमरे मे था तब तक तो पूरे कॉलेज मे ये बात फैल गई थी कि युवराज किसी लड़की के साथ कमरे मे अकेला है ! और जितने मुंह उतनी बाते भी बन चुकी थी ! कॉलेज के पहले ही दिन ख्वाहिश पूरे कॉलेज मे चर्चा का पात्र बन चुकी थी !

    उधर युवराज का ये कहना कि वो उससे दूर जाने की गलती ना करे ,,ये सुनकर एक पल के लिए तो अंदर तक सहम गई थी ख्वाहिश पर दूसरे ही पल वो अपनी सारी हिम्मत बटोर कर युवराज की आँखो मे आँखे डालते हुए - दूर हटो मुझसे ,मैने कहा दूर हटे मुझसे ..ये कहते हुए वो उसे खुद से दूर धकेल देती है ! और वो युवराज को अपनी ऊंगली दिखाते हुए - मैं भी तुमसे पहली और आखिरी बार कह रही हू मिस्टर जो भी तुम्हारा नाम है ....कि मुझसे दूर रहना जितना हो सके उतना दूर ,मुझे औरो की तरह मत समझना जो तुमसे या तुम्हारी पॉवर से डर जाऊंगी ,नही डरने वाली नही हू मैं तुमसे ! जैसे जैसे वो बोल रही थी वैसे वैसे युवराज का गुस्सा बढ़ रहा था ! पहली बार कोई उससे इस तरीके से बात कर रहा था ! ख्वाहिश उसे घूरते हुए ही दरवाजा खोलती है और कमरे से बाहर निकल जाती है !

    जैसे ही वो बाहर जाती है तो वहां खडे सब लोग उसे ही देखने लगते है और सबके होंठो पर एक ही बात ,,यही है वो जो युवराज के साथ कमरे मे थी ! वो जहां जहां जा रही बस उसे यही सब सुनाई दे रहा था ! ना चाहते हुए भी उसके नाम के साथ युवराज का नाम जुड़ गया था ! ख्वाहिश का पहला ही दिन खराब हो गया था ,और उसका मूड भी ,,वो वापस अपने घर चली जाती है ! लेकिन उसको ये था कि ये कुछ दिनो की बात होगी ...बाद मे सब ठीक हो जाएगा पर नही ,,,वो बाद कभी आई ही नही उल्टा चीजे और भी उलझती चली गई !

    युवराज का प्यार उसकी दीवानगी ,ख्वाहिश के लिए उसका पागलपन दिन ब दिन बढ़ता ही गया और ख्वाहिश के दिल मे उसके लिए उतनी ही नफरत बढ़ती गई !

    युवराज ख्वाहिश से प्यार को बेहद करता था पर उसे प्यार जताना नही आता था ! अपनी भावनाओ को व्यक्त करना नही आता था ! ऊपर से उसकी छवि जो ख्वाहिश की नजरो मे गलत बन गई थी वो अब जल्दी से तो सही हो नही सकती थी ! युवराज ख्वाहिश के लिए अपनी तरफ से जो भी करता वो ख्वाहिश को गलत ही लगता ! दिन बीत रहे थे और युवराज का एक तरफा प्यार और ख्वाहिश की एक तरफा नफरत दोनो ही हद से ज्यादा बढ़ते जा रहे थे ! हमेशा सिंपल सी जिंदगी जीने वाली ख्वाहिश कि जिंदगी मे हर रोज इतने उतार चढा़व हो रहे थे जो उसने कभी सोचे भी नही होंगे ! कॉलेज मे ऐसा कोई नही था जो ख्वाहिश को नही जानता था !

    युवराज की वजह से पूरी तरह हाई लाईट हो चुकी थी वो !
    वो कॉलेज की कैंटीन से कुछ लेती है तो कैंटीन वाला उससे पैसे नहीं लेता ,,,उसकी गलती होने के बाद भी टीचर उसको डांटना से डरते थे ,कभी अपनी क्लास में  न बैठने वाला युवराज हमेशा ख्वाहिश की क्लास में ही बैठा रहता ! उसकी वजह से टीचर अच्छे से पढ़ा नहीं पाते ,,ख्वाहिश के साथ-साथ सभी बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही थी जो वो अच्छी तरह समझ रही थी ! बाकि सब की पढ़ाई खराब ना हो इसलिए वो खुद ही उठकर क्लास से बाहर चली जाती और जहां वो जाती युवराज वही उसके पीछे-पीछे चला जाता ! बेशक वो उससे दूर रहता लेकिन युवराज के आसपास होने का एहसास ख्वाहिश को हमेशा अपने पास महसूस होता !

    सिर्फ कॉलेज ही नहीं कॉलेज के बाहर अगर वो ऑटो में बैठकर अपने घर जा रही हो  चाहे फिर वो कोई भी ऑटो वाला क्यों ना हो लेकिन युवराज हमेशा उसका पीछा करता और ऑटो वाला कभी ख्वाहिश से पैसे नहीं लेता ,,वो किसी दुकान से कोई सामान खरीद रही हो तो वो दुकानदार भी कभी उससे पैसे नहीं लेता और ऊपर से वो जहां भी जाती तो उसे यही सुनने को मिलता की यही है वो युवराज सिंघानिया की खास ,,,तंग आ गई थी वो इन सब से ! लेकिन उसे लग रहा था कि उस दिन उसने उसे थप्पड़ मार दिया था इसलिए वो उसे तंग कर रहा है और अगर वो कुछ रिएक्ट करती है तो फिर बात और बिगड़ जाएगी ,,बस ये सोचकर उसने युवराज को और उसकी हरकतो इग्नोर  करना ही सही समझा लेकिन युवराज की सनक ,उसका पागलपन उसका प्यार उसकी मोहब्बत सब कुछ दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा था और फिर कॉलेज में नए स्टूडेंट की वेलकम पार्टी का वक्त आ जाता है !

    जिसकी तैयारी लगभग पूरा कॉलेज ही पूरे जोरो शोरो से कर रहा था ! कौन किसके साथ जाएगा ये पार्टनर भी बन चुके थे ! और जैसा कि सब जानते थे की ख्वाहिश अगर किसी के साथ जाएगी तो वो युवराज ही होगा ! लेकिन ऐसा सिर्फ सब मानते थे ख्वाहिश नहीं ...उसने सोच लिया था कि या तो वो पार्टी में जाएगी ही नही और अगर जाएगी तो अकेली जाएगी लेकिन युवराज के साथ नहीं जाएगी !

    खैर सुबह का वक्त था ख्वाहिश अभी कॉलेज के गेट के पास ही पहुंची थी कि तभी वहां पर उसे शिवम मिल जाता है ! अपने पुराने दोस्त को देखकर ख्वाहिश बहुत खुश होती है और वो दोनों बाते करने लगते हैं ,,इस बात से अनजान की युवराज उन्हे देख रहा है !

    युवराज का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था ! ख्वाहिश का यूं  शिवम के साथ हंस हंस कर बात करना उसे अच्छा नहीं लग रहा था ! बस उसकी सनक उसके सर पर सवांर हो जाती है ! वो एकटक ख्वाहिश को देख रहा था शिवम की तरफ तो उसने देखा भी नहीं ! वो इतने गुस्सा से भर जाता है इतने गुस्सा से भर जाता है कि जिस पर वो काबू नहीं रख पाता ,,और उसी गुस्से से भरा हुआ वो ख्वाहिश की तरफ अपने कदम बढ़ा देता है तब तक शिवम वहां से जा चुका था ! अगले ही पल वो ख्वाहिश के पास जाता है और उसे बाजू से पकड़कर अपनी तरफ घूमाते हुए - किससे हंस हंस कर बात कर रही थी तुम ? मुझे देखकर तो कभी नहीं मुस्कुराती तुम ? वो गुस्से से बोलता है !  युवराज का ये जबरदस्ती का प्यार उसका ये जबरदस्ती हक जताना ये सब ख्वाहिश से सहन नहीं हो रहा था उसके बर्दाश्त करने की हद खत्म होती जा रही थी ! वो एकदम से युवराज का हाथ झटकती है और बेहद गुस्से से - अपनी हद में रहो मिस्टर सिंघानिया मेरे मामले में और मेरी जिंदगी में दखलअंदाजी करने वाले तुम कोई नहीं हो ,,होते कौन हो तुम मुझसे इस तरीके के सवाल करने वाले ? उसकी ये बेरुखी उसका ये रूखापन युवराज की सनक को और भी हवा दे देता है और वो एकदम से उसके होठों पर हाथ रखते हुए - मैं तुम्हारा कौन हूं ये पूछने की गलती दोबारा मत करना जान ,, अब मैं ही तुम्हारा सब कुछ हूं !

    गुस्सा करना है लड़ाई करनी है झगड़ा करना है हंसना है मुस्कुराना है प्यार करना है मोहब्बत करनी है शादी करनी है तो सब तुम्हें मेरे साथ ही करनी है किसी और की तरफ देखने की भी तुम्हें इजाजत नहीं है ! एक एक शब्द पर जोऱ देते हुए बोलता है युवराज लेकिन आज तो ख्वाहिश भी पीछे नहीं हटती ! वो एकदम से उसका हाथ अपने होंठो से हटाते हुए -  क्या कहा तुमने प्यार वो भी तुमसे ? मोहब्बत वो भी तुमसे और शादी वो भी तुमसे ?? ऐसा सोच भी कैसे सकते हो तुम ... खुद को देखा है कभी तुमने ? ये टपोरियो की तरह कपड़े पहनना ,, हर वक्त अपनी अमीरी का ब्खान करना हर वक्त ये सोने के जेवरात पहनना ,,गुंडो की तरह कान में बाली पहनना ,,और अपना ये हेयर स्टाइल देखा है कभी ? शादी तो बहुत दूर की बात है मैं तुम्हारी शक्ल भी ना देखू ....

    जारी है....
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  • 15. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 15

    Words: 1709

    Estimated Reading Time: 11 min

    गातांक से आगे...
    गुस्सा करना है लड़ाई करनी है झगड़ा करना है हंसना है मुस्कुराना है प्यार करना है मोहब्बत करनी है शादी करनी है तो सब तुम्हें मेरे साथ ही करनी है किसी और की तरफ देखने की भी तुम्हें इजाजत नहीं है ! एक एक शब्द पर जोऱ देते हुए बोलता है युवराज लेकिन आज तो ख्वाहिश भी पीछे नहीं हटती ! वो एकदम से उसका हाथ अपने होंठो से हटाते हुए -  क्या कहा तुमने प्यार वो भी तुमसे ? मोहब्बत वो भी तुमसे और शादी वो भी तुमसे ?? ऐसा सोच भी कैसे सकते हो तुम ... खुद को देखा है कभी तुमने ? ये टपोरियो की तरह कपड़े पहनना ,, हर वक्त अपनी अमीरी का ब्खान करना हर वक्त ये सोने के जेवरात पहनना ,,गुंडो की तरह कान में बाली पहनना ,,और अपना ये हेयर स्टाइल देखा है कभी ? शादी तो बहुत दूर की बात है मैं तुम्हारी शक्ल भी ना देखू ....बेहद गुस्से से बोलती है ख्वाहिश और फिर उसे घूरते हुए अंदर चली जाती है !

    युवराज तब तक उसे देखता रहता है जब तक वो उसकी आँखो से ओझल नही हो जाती ! ख्वाहिश की बाते अभी भी उसके जहन मे घूम रही थी और उसके कान मे शोर कर रही थी ! कुछ तो हो गया था युवराज को उसकी बाते सुनकर , वो तुरंत अपनी गाडी मे बैठता है और कहीं चला जाता है ! उधर ख्वाहिश भी गुस्से से भरी हुई अपनी क्लास मे चली जाती है ! क्लास मे सब पार्टी की ,और कौन किसके साथ जाएगा ये बाते चल रही थी ! ख्वाहिश अपनी सीट पर बैठ जाती है ,तभी एक लड़की उसके पास आकर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए - तुम पार्टी मे किसके साथ जाओगी ख्वाहिश ? इससे पहले कि ख्वाहिश उसके सवाल का जवाब़ देती तभी दूसरी लड़की - ये कैसा बेतूका सवाल है सीमा ,ख्वाहिश के साथ कोई जाएगा तो वो सिर्फ युवराज ही होगा ना ! उसके होते हुए ख्वाहिश भला किसी और के साथ कैसे जा सकती है !

    युवराज के जिक्र से ख्वाहिश एक बार फिर चिढ़ जाती है वो कुछ नही बोलती और वहां से निकलकर कैंटिन मे चली जाती है ! उसका सर दर्द करने लगा था ! वो अपने लिए एक चाय ऑडर करती है और साथ मे कुछ खाने को भी ! कैंटिन वाला बाकि सब का ऑडर छोड़ कर पहले उसका ऑडर देता है ! कितने पैसे हुए ? ख्वाहिश उससे पूछती है !

    कैंटिन वाला दांत निपोरते हुए - अरे अरे भाभी जी ,कैसी बात कर रही है आप ...अब भला आपसे पैसे लेकर मुझे मरना है क्या ? ये सुनने की देर थी कि ख्वाहिश को और भी गुस्सा आ जाता है और वो एकदम से कुछ पैसे कैंटिन वाले के मुंह पर मारते हुए - खबरदार जो मुझे भाभी कहां तो ! इतना कहकर वो वहां से चली जाती है और कोने वाले टेबल पर बैठकर चाय पीने लगती है ! उसके मन मे उथल पुथल शुरू हो गई थी ! वो मन मे - इस युवराज ने तो नाक मे दम कर दिया है ! वो ये सब सोच ही रही थी तभी उसका ध्यान जाता है कि हमेशा उसके आस पास रहने वाला युवराज आज कहीं नजर नही आ रहा ! ये देखकर वो मन मे - अरे हा ,आज तो ये घटिया युवराज कहीं नजर नही आ रहा ,चलो अच्छा है जान छूटी ...! युवराज ने उसका पीछा छोड़ दिया है ये सोचकर वो खुशी खुशी चाय पीने लगती है !

    पर उसे नही पता था कि ये तूफान से पहले की शांति है ! उस दिन युवराज कॉलेज नही आता ! ख्वाहिश के लिए तो ये दिन किसी आजादी से कम नही था ! जब से वो कॉलेज आई थी तब से लेकर ये उसका पहला दिन था जो उसने खुशी खुशी बिताया हो ! अब तो वो भी कल होने वाली पार्टी के लिए एक्साईटिड थी ! हा बस एक बात थी कि युवराज के डर से कोई लड़का उसके साथ पार्टी मे जाने के लिए रैडी नही था पर ख्वाहिश ने भी सोच लिया था कि कल पार्टी मे वो अकेली ही जाएगी पर जाएगी जरूर !

    ऐसे ही वक्त गुजरता है और कॉलेज टाईम खत्म हो जाता है ख्वाहिश भी अब अपने घर के लिए निकल जाती है ! पार्टी मे ब्लैक पहनने की थीम थी तो ख्वाहिश तो घर जाते ही लग गई थी ये देखने कि वो ब्लैक मे क्या पहनेगी क्या नही ...

    इसी तैयारी मे दिन कब बीत जाता है पता ही नही चलता !

    अगले दिन ....
    आज तो कॉलेज का माहौल देखते ही बनता था ! पूरे कॉलेज को शानदार तरीके से सजाया गया था !पार्टी की तैयारिया भी बहुत अच्छे से हो गई थी ! बस अब सबका आना बाकि था और तय समय के अनुसार सबने पहुंचना शुरू भी कर दिया था ! पार्टी कॉलेज के शानदार हॉल में होने वाली थी जहां डांस का मौज मस्ती का खाने पीने का यहां तक की ड्रिंक का भी पूरा इंतजाम किया हुआ था ! धीरे-धीरे सब लोगों ने आना शुरू कर दिया था अपने अपने पार्टनर के साथ और सब लोगों ने एंजॉय करना भी शुरू कर दिया था ! हां बस एक चीज थी की ना तो अभी तक ख्वाहिश आई थी और ना ही युवराज और सबको लग रहा था कि वो दोनों साथ में ही आएंगे ! लेकिन तभी ख्वाहिश अकेली अपनी शानदार एंट्री करती है और सबको आश्चर्य चकित कर देती है ! आश्चर्यचकित इसलिए क्योंकि एक तो वो अकेली थी युवराज उसके आसपास नही था और दूसरा वो इतनी खूबसूरत लग रही थी इतनी खूबसूरत लग रही थी कि वहां पर मौजूद हर किसी की सांसे उसे देखकर थम गई थी ! लड़के तो लड़के लड़कियां भी उस पर से अपनी नजरे नहीं हटा पा रही थी !

    ब्लैक कलर की डिजाइनर साड़ी जिसका बैकलेस ब्लाउज था जिसमें ख्वाहिश की बैक साफ नजर आ रही थी ! चेहरे पर अट्रैक्टिव मेकअप ,काजल से सनी बड़ी बड़ी आंखें ,होठों पर रेड लिपस्टिक ,बालों को एक साइड करके ढलका सा जुड़ा बनाया हुआ और उन में लगे गुलाब जो उसकी खूबसूरती में चार-चांद लगा रहे थे ! एक हाथ में ब्लैक कलर की चूड़ियां और एक हाथ में घड़ी और उसी हाथ में पकडा हुआ उसका ब्लैक कलर का क्लच ,,कानों में ब्लैक कलर के बड़े-बड़े इयररिंग्स ,, जो इतने बड़े थे कि उसकी गर्दन को छू रहे थे और उस पर बहुत प्यारे लग रहे थे और सबसे अलग जो उसके चेहरे पर एक तेज था एक कॉन्फिडेंस था वो तो अलग ही उसकी खूबसूरती को बढा़  रहा था ! हमेशा सिंपल रहने वाली ख्वाहिश आज हल्के -फुल्के मेकअप में भी कहर ढा रही थी और सबसे बड़ी खुशी की बात ये थी कि युवराज उसके आसपास कहीं भी नहीं था ,, पर क्या सच में ऐसा था ? क्या सच में ऐसा हो सकता है कि युवराज ख्वाहिश के आसपास ना हो ?

    खैर ख्वाहिश मुस्कुराते हुए अंदर आती है और अपनी सहेलियों के पास चली जाती है ! जहां एक के बाद एक सब उसकी तारीफ करने लगते हैं ! ख्वाहिश भी सबसे हंसकर मुस्कुरा कर बात कर रही थी ! तभी वहां पर डांस का माहौल शुरू हो जाता है और सब लोग अपने-अपने पार्टनर के साथ डांस करने लगते हैं ! एक लड़का जो कब से ख्वाहिश को देख रहा था और साथ के साथ ये भी देख रहा था कि युवराज वहां पर नहीं है बस इसी बात का फायदा उठाते हुए वो ख्वाहिश के पास जाता है और अपना हाथ उसके आगे करते हुए - मेरे साथ डांस करोगी ?

    ख्वाहिश एक नजर उसकी तरफ देखती है और फिर पूरे एटीट्यूट के साथ - क्यों तुमने तो मेरे साथ पार्टी में आने से मना कर दिया था और अब अचानक से डांस ? वो लड़का अपने एक हाथ से अपना कान पकड़ते हुए - सॉरी यार वो मैं युवराज से डर गया था ! ख्वाहिश एक दम से - प्लीज आज के दिन उसका नाम लेकर मेरा मूड मत खराब करो , तुम लोग उससे इतना डरते क्यों हो ? तुम सब उससे डरते हो तभी वो तुम्हें डराता है ,,एनीवे मैं नाराज नहीं हूं ये कहते हुए  वो अपना हाथ उसके हाथ में दे देती है और उसके साथ डांस फ्लोर पर चली जाती है ...बिना ये सोचे समझे कि इसका अंजाम कितना खतरनाक हो सकता है ! अभी उन दोनों ने डांस शुरू किया ही था की तभी वहां पर लाइट चली जाती है ! म्यूजिक बंद हो जाता है ,सारी लाइट ऑफ हो जाती है सब लोग जहां थे वहीं रुक जाते हैं और सबके  होठों पर एक ही सवाल की ये लाइट कैसे चली गई ?

    जो लड़का ख्वाहिश के साथ डांस करने गया था वो उसकी फिक्र करते हुए - तुम ठीक हो ना ? देखो मुझे कुछ नजर नहीं आ रहा बट तुम ठीक हो ना ? इससे पहले की ख्वाहिश कुछ बोलती तभी किसी की मजबूत बांह उसे अपनी कमर के आसपास लिपटी हुई महसूस होती है  ,,जो किसी और की नहीं युवराज की ही थी और शायद ख्वाहिश भी समझ गई थी ! जैसे ही वो कुछ बोलने वाली होती है तभी युवराज एकदम से अपना हाथ उसके होठों पर रखता है और उसे लेकर अंधेरे में कहां गायब हो जाता है ये किसी को पता ही नहीं चलता ! ख्वाहिश के वहां से गायब होते ही तुरंत लाइट आ जाती है ! सब लोग फिर से इंजॉय करने लगते हैं और वो लड़का हैरान रह जाता है कि अंधेरे में ख्वाहिश कहां गायब हो गई ! उधर युवराज जिसका गुस्से से दिमाग खराब हो चुका था ,,,उसकी आंखों के सामने अभी भी वहीं पल घूम रहा था जब ख्वाहिश ने अपना हाथ उस लड़के के हाथ में दिया था वो भी मुस्कुराते हुए ! बस यही सहन नही था उसे ...उसकी आंखों में इस वक्त एक जुनून उतर आया था एक आग उतर आई थी ! वो ख्वाहिश को खींचते हुए लेकर जा रहा था ! ख्वाहिश उससे दूर होने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही थी लेकिन सब बेकार ...अगले ही पल युवराज उसे लेकर कॉलेज के बाहर निकल जाता है और अपनी गाडी के पास ले जाकर ,गाडी की पिछली सीट पर पटक देता है .....

    जारी है....
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  • 16. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 16

    Words: 1402

    Estimated Reading Time: 9 min

    गातांक से आगे...
    युवराज जिसका गुस्से से दिमाग खराब हो चुका था ,,,उसकी आंखों के सामने अभी भी वहीं पल घूम रहा था जब ख्वाहिश ने अपना हाथ उस लड़के के हाथ में दिया था वो भी मुस्कुराते हुए ! बस यही सहन नही था उसे ...उसकी आंखों में इस वक्त एक जुनून उतर आया था एक आग उतर आई थी ! वो ख्वाहिश को खींचते हुए लेकर जा रहा था ! ख्वाहिश उससे दूर होने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही थी लेकिन सब बेकार ...अगले ही पल युवराज उसे लेकर कॉलेज के बाहर निकल जाता है और अपनी गाडी के पास ले जाकर ,गाडी की पिछली सीट पर पटक देता है ...!

    ख्वाहिश गुस्से से उसकी तरफ देखती है पर जैसे ही उसकी नजरे युवराज पर जाती है तो वो उसे देखकर हैरान रह जाती है ! ब्लैक कलर का टक्सिडो सूट जो उस पर बहुत जच रहा था ,चेहरे पर बियर्ड जो उसे लुक को और भी अच्छा बना रही थी ,सलीके से सेट किए बाल ,कान मे कोई बाली नही ,गले मे कोई चैन नही ,हाथ की ऊंगलियो मे कोेई अंगूठी नही ! उसने बिल्कुल वैसा ही लुक ले रखा था जैसा ख्वाहिश चाहती थी और वो इतना हैंडसम लग रहा था कि एक पल के लिए तो ख्वाहिश भी उससे नजरे हटाना भूल गई थी ,वो देखती ही रह गई थी उसको ...और साथ के साथ वो ये देखकर हैरान थी कि उसके सिर्फ एक बार कहने पर युवराज ने खुद को पूरा बदल लिया !

    पर उसे नही पता था कि ये तो कुछ भी नही ,युवराज उसके लिए कुछ भी कर सकता है कुछ भी ,,उसकी चाहत का अंदाजा नही था ख्वाहिश को ...और ना ही उसके जुनून का ! ख्वाहिश अभी भी उसे देख रही थी ,युवराज एक दम से उसके करीब जाता है ,,इतना करीब थी कि उसकी गरम सांसे ख्वाहिश को अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी ! युवराज उसके करीब जाता है और अपनी सर्द आवाज मे - हैंडसम लग रहा हू ना जान ? बिल्कुल वैसा ही जैसा तुम चाहती थी ? ये सुनते ही ख्वाहिश तुरंत होश मे आती है और अपना चेहरा फेर लेती है ! पर युवराज फिर से उसका चेहरा अपनी तरफ करते हुए - बोला ना जान ....!!

    ख्वाहिश गुस्से से - बंद करो अपनी बकवास और दूर हटो मुझसे ...ये कहते हुए वो उसे खुद से दूर करने लगती है पर तभी युवराज उसके दोनो हाथ अपने हाथो मे पकड़ लेता हेै और थोडे से - क्यू मुझसे दूर भागती रहती हो तुम ? क्यू मुझसे बेरूखी से बात करती हो तुम ?? क्यू तुम्हे मेरी आँखो मे प्यार नज़र नही आता ? मैं सच मे तुमसे बहुत प्यार ...इससे पहले कि वो अपनी बात पूरी करता ख्वाहिश और भी ज्यादा बेरूखी से - प्यार प्यार प्यार ...तंग आ गई हू मैं तुम्हारे इस जबरदस्ती के प्यार से और वैसे भी मैे प्यार नही करती तुमसे ,इतनी सी बात तुम्हे समझ मे नही आती क्या ? और सच कहू तो ये प्यार नही तुम्हारी जिद है ...,,अब शराफत से मुझसे दूर हो जाओ वरना ....वो उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलती है !

    वरना क्या ? युवराज भी उसकी आँखो मे आँखे डालते हुए बोलता है ! ख्वाहिश उसे घूरते हुए - वरना मैं तुम्हारे खिलाफ पुलिस मे शिकायत करूंगी ! ये कहती हुई वो अपनी पूरी ताकत लगाकर युवराज को खुद से अलग करती है और फिर झट से उसकी गाडी मे से निकलकर वहां से जाने लगती है ! युवराज उसे जाते हुए देख रहा था ! उसका ध्यान उसके बेैकलेस ब्लाऊज पर जाता है जहां से उसकी पीठ साफ दिख रही थी और उसके बालो मे लगे गुलाब वो तो उसकी आँखो मे चुभ रहे थे ,,यही नही उसके वो कानो के झुमके जो उसकी गरदन को छू रहे थे वो तो उससे बर्दाश्त नही हो रहे थे ! ख्वाहिश के कदम एक बार फिर कॉलेज के अंदर की तरफ जा रहे थे ! तभी युवराज उसके पीछे जाता है और उसकी बाजू पकड़कर वही एक कमरे मे ले जाता है और उसका चेहरा दीवार से लगा देता है जिससे उसकी पीठ युवराज की तरफ हो जाती है ! इन सब के लिए ख्वाहिश तैयार नही थी ,एक पल के लिए तो वो डर जाती है ...पर अगले ही पल वो खुद पर काबू पाते हुए - ये क्या कर ,वो अभी बोल ही रही थी कि तभी युवराज की ठंडी ठंडी ऊंगलिया उसे अपनी पीठ पर घूमती हुई महसूस होती है !!

    उसके पूरे बदन मे एक सिहरन सी दौड़ जाती है और दिल तेजी से धड़क उठता है इतना कि जैसे अभी उछल कर बाहर आ जाएगा ! युवराज अभी भी उसके हद से ज्यादा करीब था और अब तो उसकी ऊँगलियो के साथ साथ उसके होठो का स्पर्श भी ख्वाहिश को अपनी पीठ पर महसूस हो रहा था ! उसकी आँखे हैरानी से बडी हो जाती है ...वो तुरंत उससे दूर होने की कोशिश करते हुए - छोडो मुझे ...लीव मी ...पर युवराज को कोई होश नही था वो तो लगभग उसकी खूबसूरती मे खो गया था ! ख्वाहिश जितना उससे दूर होने की कोशिश कर रही थी युवराज उतना ही उसके करीब आ रहा था ! उसके हाथ और उसको होंठ अभी भी उसकी पीठ को छू रहे थे ! किसने कहा था तुम्हे इतना खूबसूरत बनकर सबके सामने आने के लिए ??

    वो वैसे ही उसकी पीठ को चूमते हुए बोलता है ! उसकी इन हरकतो की वजह से ख्वाहिश की हालत खराब हो रही थी ! वो कुछ बोलती या करती उससे पहले ही युवराज उसे एकदम से अपनी तरफ घूमाता है जिससे उसकी पीठ दीवार से लग जाती है और उसका चेहरा युवराज की तरफ हो जाता है ,,,ख्वाहिश एकदम से उसकी तरफ देखती है ...युवराज बेहद जुनून भरी नजरो से उसे देख रहा था ! ख्वाहिश की हालत खराब हो रही थी ,उसका दिल अभी भी तेजी से धड़क रहा था ! युवराज जो बेहद जुनून भरी नजरो से उसकी तरफ देख रहा था वो हल्का सा उसके करीब जाता है और फिर अपनी सर्द आवाज मे - किसने कहा था तुमसे इतना खूबसूरत बनकर सबके सामने आने के लिए ? क्या तुम भूल गई हो कि तुम्हे देखने का ,तुम्हारी खूबसूरती देखने  का हक सिर्फ मुझे है सिर्फ मुझे ...किसी ऐरे गेरे को नही !वो किसी सनकी की तरह बोल रहा था और ख्वाहिश को हैरान कर रहा था ! वो हैरानी से उसकी तरफ देख रही थी !

    युवराज आगे बोलते हुए - चलो खूबसूरत बनकर आई तो आई लेकिन ये कपडे ...ऐसे कपडे पहनकर तुम सिर्फ मेरे सामने आ सकती हो किसी और के सामने नही ...ये कहते हुए वो एक दम से उसके बाल खोल देता है और उसकी पीठ को कवर कर देता है ! तभी उसका ध्यान उन गुलाब के फूलो पर जाता है और अगले ही पल वो एक एक करके उन फूलो को उसके बालो से निकालते हुए - इन फूलो को भी ये इजा़जत नही जो तुम्हारे करीब रह सके ...और तुम्हारे ये झुमके इन्हे भी इस चीज की इजाज़त नही जो तुम्हे छू सके ,,ये कहता हुआ वो एक एक करके उसके झुमके भी निकाल देता है !

    वो ये सब इतने इतमिनान से कर रहा था जैसे उसे किसी बात का डर ही ना हो ! और ख्वाहिश बस हैरानी से उसे देखती जा रही थी ! जैसे यकीन करना चाहती हो कि कोई इतना पागल भी हो सकता है ?? युवराज एक नजर उसे सर से लेकर पैरो तक देखता है और उसकी नजरे अटक जाती है साडी मे से झांकती उसकी कोरी कमर पर ...जिसे देखकर एक बार फिर उसकी सनक जाग जाती है ! और वो एकदम से - इसे तुम खुद ठीक करोगी या मैं अपने हाथो से करू ?? पूरे हक के साथ बोलता है युवराज ...उसकी बात सुनकर ख्वाहिश जल्दी से अपनी साडी सही कर लेती हेै !

    ये देखकर युवराज के होठो पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है ! और वो मुस्कुराते हुए - अब तुम पार्टी मे जा सकती हो ..ये कहता हुआ वो उससे पीछे हो जाता है ! ख्वाहिश जल्दी से वहां से जाने लगती पर तभी युवराज पीछे से - याद रखना किसी और के करीब जाने की इजाज़त नही है तुम्हे ,,और गलती से किसी के साथ डांस करने की गलती मत करना ,,वरना तुम्हे तो मैं कुछ नही कहूंगा पर तुम्हे छूने वाले का खून कर दूंगा ....

    जारी है...
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  • 17. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 17

    Words: 1808

    Estimated Reading Time: 11 min

    गातांक से आगे....
    युवराज एक नजर उसे सर से लेकर पैरो तक देखता है और उसकी नजरे अटक जाती है साडी मे से झांकती उसकी कोरी कमर पर ...जिसे देखकर एक बार फिर उसकी सनक जाग जाती है ! और वो एकदम से - इसे तुम खुद ठीक करोगी या मैं अपने हाथो से करू ?? पूरे हक के साथ बोलता है युवराज ...उसकी बात सुनकर ख्वाहिश जल्दी से अपनी साडी सही कर लेती हेै ! ये देखकर युवराज के होठो पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है ! और वो मुस्कुराते हुए - अब तुम पार्टी मे जा सकती हो ..ये कहता हुआ वो उससे पीछे हो जाता है ! ख्वाहिश जल्दी से वहां से जाने लगती पर तभी युवराज पीछे से - याद रखना किसी और के करीब जाने की इजाज़त नही है तुम्हे ,,और गलती से किसी के साथ डांस करने की गलती मत करना ,,वरना तुम्हे तो मैं कुछ नही कहूंगा पर तुम्हे छूने वाले का खून कर दूंगा ....

    किसी सनकी की तरह बोलता है युवराज और एक बार फिर ख्वाहिश को हैरान कर देता है ! ख्वाहिश के कदम वही ठिठक जाते है और वो पीछे मुडकर उसकी तरफ देखती है ,,युवराज अभी भी अपनी जुनून भरी आँखो से उसे देख रहा था ! पता नहीं क्यों आज ख्वाहिश उस पर से अपनी नज़रें नहीं हटा पा रही थी ! युवराज उसे देखते हुए अपनी सर्द आवाज में - यकीन करो मेरे जैसा चाहने वाला मेरे जैसा दीवाना तुम्हें पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलेगा ! मेरी चाहत की कोई हद नहीं है जान ,,, इतना चाहता हूं तुम्हे इतना चाहता हूं कि तुम अंदाजा भी नहीं लगा सकती ! वो बेपरवाह सा बस बोलता ही जा रहा था बोलता ही जा रहा था और ख्वाहिश उसे एक टक देखती जा रही थी देखती जा रही थी ! पर तभी वो एकदम से - लेकिन मुझे तुम्हारी ये चाहत कैद लगती है ,घुटन लगती है .. दम घुटता है मेरा तुम्हारे आसपास होने से !

    ये सुनने की देर थी कि वो उसके पास जाता है और बेहद प्यार से उसका चेहरा अपने हाथों में भरते हुए - मुझे अपनी भावनाएं व्यक्त करना नहीं आता ख्वाहिश ,मुझे लड़कियों से बात करना भी नहीं आता ,मुझे बस इतना पता है कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो ,,मैं तुम्हें बहुत चाहता हूं और तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूं ,किसी भी हद तक जा सकता हू ,, मैं मैं बिल्कुल वैसा बन जाऊंगा ,,खुद को पूरी तरह बदल दूंगा ,, जो तुम कहोगी ये युवराज सिंघानिया वही करेगा ,, लेकिन ऐसा मत कहो कि तुम्हे मेरा प्यार कैद लगता है ,, तुम बेरूखी जताती हो ना तो दिल में कुछ चुभता है ,,एक जकड़न सी होती है सीने मे ...कुछ भी करना पर कभी भी मुझसे दूर जाने की बात मत करना ख्वाहिश ,, मुझे नहीं पता कि सही क्या है गलत क्या है ...!

    सही गलत अच्छा बुरा मुझे कुछ नहीं पता मुझे सिर्फ इतना पता है कि तुम मेरी हो और ता उम्र मेरी ही रहोगी ! ये कहता हुआ वो एकदम से उसे अपने सीने से लगा लेता है ,,इस चीज के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी ख्वाहिश ...वो सुन्न रह जाती है उसकी हरकत पर और उसकी करीबी से जो उसकी हालत खराब हो रही थी वो तो बस वही जानती थी !युवराज ने कसकर उसे अपनी बाहों में भर रखा था जबकि उसके हाथ नीचे हवा में लटके हुए थे !

    उसकी सांसे जरूरत से ज्यादा तेज चल रही थी ,,वो एकदम से युवराज से अलग होती है पर कुछ बोलती नहीं है ! उसकी आंखों में युवराज को अभी भी अपने लिए बेरुखी की नजर आ रही थी जो प्यार वो उसकी आँखो मे  अपने लिए तलाश रहा था वो तो उसे दूर दूर तक कहीं नज़र नहीं आ रहा था ! एक बार फिर उसके दिल के हजारो टुकडे हो जाते हैं पर वो पीछे हटने वालों में से नहीं था ! ख्वाहिश  वहां से जाने के लिए अपने कदम बढ़ा देती है !  युवराज एक बार फिर - ध्यान रहे कि किसी और के करीब जाने की इजाजत नहीं है तुम्हें और भूल कर भी किसी के साथ डांस करने की गलती,गलती से भी कर मत लेना ,, वरना आज एक खून तो मेरे हाथों से पक्का हो ही जाएगा !ये कहते कहते उसके चेहरे के भाव एकदम से बदल जाते हैं उसकी आंखों में फिर से जुनून उतर आता है !

    ख्वाहिश हैरान थी कि कुछ देर पहले जो युवराज था वो तो ये युवराज है ही नही ,,ये तो कोई और ही है ,,,!  युवराज उसके लिए हर गुजरते लम्हे के साथ एक पहेली बनता जा रहा था ,और वो इस पहेली को सुलझा नहीं पा रही थी या सुलझाना चाहती ही नहीं थी ! वो कुछ नहीं बोलती और चुपचाप उस कमरे से बाहर निकल जाती है ! युवराज की बातें अभी भी उसके कानों में शोर कर रही थी और उसके चेहरे पर एक अनजाना डर साफ नजर आ रहा था लेकिन जैसे-जैसे वो अपने कदम आगे बढा रही थी वैसे-वैसे वो डर उसके चेहरे से गायब होता जा रहा था और उसकी जगह एक तेज एक विश्वास एक रहस्य मई मुस्कान उसके होठों पर धीरे-धीरे अपनी जगह बना रही थी ! कुछ देर में उसकी रहस्यमई मुस्कान और बड़ी हो जाती है और ये रहस्यमई मुस्कान इस वक्त भी उसके होठों पर फैली हुई थी ! वो अतीत से वर्तमान में लौट आई थी !  युवराज ने अभी भी उसको कसकर अपनी बाहों में जकड़ रखा था और वो उसके बेहद करीब होकर गहरी नींद में सोया हुआ था !

    कुछ देर पहले जो ख्वाहिश अपनी आंसू भरी नजरों से उसे देख रही थी वही अब ख्वाहिश की आंखों से आसू गायब हो चुके थे और एक विजयमई मुस्कान उसके होठों पर अपनी जगह बना चुकी थी ! वो अपने बराबर में लेटे हुए युवराज की तरफ देखती है और उसके चेहरे पर उंगली घूमाते हुए - युवराज सिंघानिया ,,जिससे पूरी दुनिया डरती है लेकिन  वो डरता है मेरे गुस्से से ,मेरी नाराजगी से ,मेरे दूर जाने से ! यकीन नहीं आता ये युवराज सिंघानिया जिससे मिलने के लिए बड़े-बड़े लोग तरसते हैं पर वो किसी पागल कुत्ते की तरह मेरे पीछे-पीछे घूमता है सिर्फ मेरी एक मुस्कान के लिए ,मेरी जरा सी मोहब्बत के लिए ,,, मेरे प्यार के लिए ! लेकिन अफसोस मिस्टर सिंघानिया तुम्हें मेरी तरफ से कभी प्यार मोहब्बत ये सब नहीं मिलेगा तुम्हे मिलेगा तो सिर्फ दुख तकलीफ और दर्द !  सिर्फ तुम्हें ही नहीं तुम्हारे महान और पूजनीय चाचा जी को भी यही सब मिलेगा ! तुम्हें क्या लगता है कि तुम मुझे जबरदस्ती शादी करके यहां पर लेकर आए हो ??  ना मिस्टर सिंघानिया ना ,,मैं अपनी मर्जी से इस घर में आई हूं ,,सब कुछ मेरी मर्जी और मेरे प्लान के हिसाब से हुआ है !

    शादी भले ही जबरदस्ती की हो तुमने लेकिन शादी करने के लिए तुम्हे उकसाया मैने ही था ! अपने आप को बहुत पावरफुल समझते हो ना तुम चाचा भतीजा ??पर एक मामूली लड़की के इरादो को समझ नही पाए ,, और ये तो कुछ भी नहीं ,,इसके आगे तुम दोनो सोच भी नही सकते कि मैं तुम दोनों के साथ क्या-क्या करने वाली हूं ! इस वक्त वो भी किसी सनकी की तरह बोल रही थी और युवराज के चेहरे पर उंगली फेरते हुए ये सब बोल रही थी और हर बात से बेखबर युवराज उसके पहलू में आराम से सो रहा था ! ख्वाहिश एक नजर उसकी तरफ देखती है और फिर आहिस्ता से उसकी बाजू को अपने ऊपर से हटा देती है और वहां से उठ जाती है ! वो उठती है और सीधा बाहर बालकनी में चली जाती है जहां से उसे नीचे का नजारा साफ नजर आ रहा था !

    सोमनाथ जो जशन की तैयारी कर रहा था ख्वाहिश की नजरे उसी पर टिकी हुई थी ,, वो उसे बेहद गुस्से से देखते हुए मन में - अपने गुनाहों को छुपाने की हम कितनी भी कोशिश कर ले सोमनाथ लेकिन वो कभी ना कभी सामने जरूर आते हैं और ऐसा ही कुछ वक्त तक तेरा शुरू होने वाला है ! मैं इस घर में सिर्फ तुझे बर्बाद करने आई हूं सिर्फ और सिर्फ तुझे ! पर तेरे साथ साथ तेरा प्यारा भतीजा भी बर्बाद हो जाएगा !  तुझे तो शायद याद भी नहीं होगा कि बरसों पहले तूने किसी की जिंदगी बर्बाद की थी ! किसी के साथ झूठे प्यार का नाटक किया था उसके प्यार का फायदा उठाया था ,यही नहीं जब तक तेरा जी नहीं भरा तब तक तूने प्यार के नाम पर उसके बदन को नौंचा था पर जैसे ही तुझे पता चला कि वो मां बनने वाली है तो तूने उसे अपनी जिंदगी से निकाल दिया बिल्कुल उसी तरह जैसे हम दूध में से मक्खी को बाहर करते हैं ! किस लिए क्योंकि तुझे दुनिया के सामने अपनी इमेज क्लियर रखनी थी ताकि तू एक अच्छा नेता साबित हो सके !

    लेकिन अब नही ,,पूरी दुनिया के सामने तेरा असली चेहरा मैं लाऊंगी ! ना जाने कितनी लड़कियों की जिंदगी खराब की है तूने और उन्ही मे से एक मेरी बुआ थी जिसको तूने जिंदा लाश बना कर छोड़ दिया ,,जो आज भी जिंदा तो है लेकिन जिंदगी जीना ही भूल चुकी है ! तेरी वजह से क्या-क्या नहीं सहा उन्होंने ,,उनके अपने ही घर वालों ने उन्हें घर से निकाल दिया ,,दर दर की ठोकरे खाई ,पता नही कितने बुरे दिन देखे होंगे और तू यहां पर चैन की जिंदगी जी रहा है ? बहुत चैन से रह चुका है तू पर अब और नही ...मुझे पता है तेरी कमजोरी तेरा भतीजा है ,,जान बसती है तेरी इसमे और अब तेरी इसी कमजोरी का फायदा उठाऊंगी मैं....! मैं भी इसके साथ वही करूंगी जो तूने मेरी बुआ के साथ किया था ! प्यार का खेल रचाकर ,झूठे सपने दिखाकर , इसे पूरी तरह अपने प्यार मे फंसाकर ...छोड़ जाऊंगी एक दिन और उसके बाद इसकी हालत देखकर तुझे पता चलेगा कि तड़पना किसे कहते है , जीते जी मरना किसे कहते है ! यहां तेरा भतीजा मेरे लिए तड़पेगा और तू उसके लिए ....बेहद गुस्से से वो मन ही मन ये सब बोल रही थी पर तभी उसे युवराज के अपने बेहद करीब होने का एहसास होता है ...उसकी मजबूत बांहे उसे अपनी कमर के आस पास लिपटते हुए महसूस होती है !

    युवराज पीछे से उसे बाहो मे भरता है और अपना चेहरा उसके कंधे पर टिकाते हुए - यहां क्या कर रही हो बीवी ...? कुछ चाहिए क्या ?? वो बेहद प्यार से बोलता है ! ये सुनने की देर थी कि ख्वाहिश अपनी आँखो मे आसू भरते हुए उसकी तरफ देखती है और फिर एकदम से उससे दूर होकर अंदर चली जाती हेै ...वो बात अलग थी कि अंदर जाते हुए उसके चेहरे के भाव बदल जाते है और उसके होंठो पर जहरीली मुस्कान तैर जाती है ....

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  • 18. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 18

    Words: 2289

    Estimated Reading Time: 14 min

    गातांक से आगे...
    युवराज पीछे से उसे बाहो मे भरता है और अपना चेहरा उसके कंधे पर टिकाते हुए - यहां क्या कर रही हो बीवी ...? कुछ चाहिए क्या ?? वो बेहद प्यार से बोलता है ! ये सुनने की देर थी कि ख्वाहिश अपनी आँखो मे आसू भरते हुए उसकी तरफ देखती है और फिर एकदम से उससे दूर होकर अंदर चली जाती हेै ...वो बात अलग थी कि अंदर जाते हुए उसके चेहरे के भाव बदल जाते है और उसके होंठो पर जहरीली मुस्कान तैर जाती है ....!! वो अंदर जाते हुए मन मे - अब आएगा ये मेरे पीछे पीछे !

    और ऐसा ही होता है ! उसको रोते हुए देखकर बेचैन हो गया था युवराज ,,वो तुरंत उसके पीछे जाता है और बेचैनी से - क्या हुआ तुम रो क्यू रही हो ख्वाहिश ? क्या हुआ तुम्हे ? वो उसके करीब नही नही बेहद करीब जाते हुए बोलता है ! ख्वाहिश जिसकी नजरे झुकी हुई थी वो एक नजर उठाकर उसकी तरफ देखती है ! युवराज के चेहरे पर उसके लिए बेचैनी और फिक्र साफ नजर आ रहे और यही देखना चाहती थी ख्वाहिश ! वो देखना चाहती थी कि युवराज उसके लिए किस हद तक पागल हो चुका है ,उसके लिए किस हद तक जा सकता है ! अपने लिए उसके चेहरे पर इतनी फिक्र देखकर इतनी बैचेनी देखकर वो मन ही मन मुस्कुरा उठती है लेकिन अपने चेहरे से पता नहीं चलने देती ! अगले ही पल वो अपनी नज़रें झुकाती है और एकदम से अपना चेहरा अपने दोनों हाथों में भरकर बेतहाशा रोने लगती है ! युवराज जो पहले ही उसके लिए मरा जा रहा था उसे इस तरह रोते हुए देखकर वो अंदर तक टूट जाता है ! वो एकदम से उसके पास जाता है और उसके हाथ उसके चेहरे से हटाता है और अपने हाथों से उसके आसू साफ करते हुए - प्लीज ख्वाहिश ऐसे रो कर मुझे सजा मत दो !

    मुझसे लडो ,झगड़ा करो ,गुस्सा करना है तो गुस्सा करो मुझे गालियां भी देनी है तो वो भी दे दो , मुझ पर हाथ भी उठाना है तो हाथ भी उठा लो लेकिन प्लीज ऐसे रो मत ! नहीं देख सकता तुम्हें रोते हुए बिल्कुल नहीं देख सकता ! तुम्हारे आसू  मेरा कलेजा चीर रहे है !  युवराज बहुत ज्यादा बेचैनी से बोल रहा था ! ऐसा लग रहा था जैसे ख्वाहिश को रोते हुए देखकर वो खुद भी रो देगा ! ख्वाहिश एकदम से उसके हाथ अपने चेहरे से झटकती है और रोते हुए - जिसकी एक ही पल में दुनिया बदल गई हो , जिसकी एक ही पल में जिंदगी तबाह हो गई हो वो भला रोएगा नहीं तो और क्या करेगा ?  जिस इंसान को मैं एक पल भी देखना नहीं चाहती थी ,जिस इंसान को मैं अपने आसपास जरा भी बर्दाश्त नहीं कर पाती थी अब उस इंसान को मुझे जिंदगी भर देखना पड़ेगा ! उस इंसान के साथ एक ही घर में एक ही छत के नीचे रहना पड़ेगा ! अपने सपने अपनी खुशियां अपने अरमान सबका गला घोटना पड़ेगा और तो और मुझे हर पल अपने स्वाभिमान के साथ समझौता करना पड़ेगा ,,मैं रोऊ ना तो और क्या करूं युवराज ? ये कहते हुए फिर से अपना चेहरा अपने हाथों में छिपा लेती है और जानबूझकर उसके सीने से लग जाती है !

    आज दो बातें हुई थी युवराज के साथ ,, एक तो आज पहली बार ख्वाहिश ने इस तरीके से उसका नाम लिया था और दूसरा वो आज पहली बार उसके इस तरह करीब गई थी वो भी खुद आगे बढ़कर ! युवराज इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं था ,वो एकदम से सुन्न रह जाता है उसकी हरकत पर ! वो लड़की जो जाने अनजाने में उसकी जिंदगी बन चुकी है उसका सब कुछ बन चुकी है जिसके बिना वो एक लम्हा भी गुजार नहीं सकता जिसके प्यार के लिए वो तड़प रहा है वो लड़की आज उसके सीने से लगी हुई है पर वो उसे अपनी बाहों में नहीं भर सकता क्योंकि उसे लगा की ख्वाहिश रोते हुए कमजोर पड़ गई है इसलिए उसे इस वक्त किसी का सहारा चाहिए ! उसका प्यार सच्चा था इसलिए उसे ख्वाहिश की भावनाओं की कदर थी इसलिए वो उसकी हालत समझ रहा था लेकिन उसे नहीं पता था कि प्यार के बदले उसे छला जा रहा है ! उसके सच्चे प्यार का फायदा उठाया जा रहा है ! जहां वो पूरी तरह डूब चुका था इस लम्हे मे ,जहां वो सिर्फ इस पल को जीना चाहता था कि उसका प्यार उसकी बाहों में है उसके करीब है ,, वही उसके सीने से लगी ख्वाहिश मन ही मन टेढा मुस्कुराते हुए - मैं अच्छी तरह जानती हूं युवराज सिंघानिया कि मैं तुम्हारी बहुत बड़ी कमजोरी हूं और मेरे आंसू तो उससे भी कहीं ज्यादा !

    पर मैं कितनी भी कमजोर क्यों ना हो जाऊं लेकिन कभी इतनी कमजोर नहीं हो सकती कि मुझे रोने के लिए तुम्हारे सहारे की जरूरत पड़े ! तुम्हारे कब कितना और कैसे करीब जाना है ये मैं बहुत अच्छे तरीके से जानती हूं ! और ये भी मेरे बदले का एक हिस्सा है ! वो बदला जो न जाने में कब से लेने के लिए तड़प रही हूं मैं ! वैसे मेरी तुमसे कोई दुश्मनी नहीं है ना ही मुझे तुमसे कभी कोई बदला लेना था ! लेकिन लड़कियों को खिलौना समझने के लिए लड़कियों के साथ गलत हरकत करने के लिए उनकी जिंदगी बर्बाद करने के लिए तुम तो अपने चाचा से भी चार कदम आगे निकले ! तुम दोनों चाचा भतीजा एक जैसे ही हो ! मासूम लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फसाते हो और जब तुम्हारा मन भर जाता है तो उन्हें छोड़ देते हो ! और मैं ये भी जानती हो युवराज की तुम मुझसे कोई प्यार व्यार नहीं करते ! तुम्हारा ये प्यार तुम्हारा ये जुनून तुम्हारी ये जिद़ सिर्फ तब तक है जब तक तुम मुझे हासिल नहीं कर लेते ,जब तक बिस्तर पर तुम मेरे साथ अपनी हवस नहीं मिटा लेते ! उसके बाद कौन ख्वाहिश और कैसा प्यार ! यही सब तो किया था तुम्हारे चाचा ने मेरी बुआ के साथ लेकिन अब हर एक बात का हिसाब होगा ! अब तुम दोनो को पता चलेगा कि जब कोई प्यार करता है दीवानों की तरह चाहता है और फिर वही इंसान हमें छोड़ कर चला जाए तो क्या गुजरती है दिल पर ! भले ही आज तुम्हारा प्यार झूठा है दिखावा है नाटक है लेकिन मैं तुम्हें इस कदर मजबूर कर दूंगी मुझसे प्यार करने के लिए कि तुम्हें हर जगह सिर्फ ख्वाहिश ही ख्वाहिश नजर आएगी ! तुम्हारे होठों पर सिर्फ एक ही नाम होगा ख्वाहिश का ! तुम सिर्फ मुझे ही पुकारोगे लेकिन उस वक्त मैं नहीं आऊंगी ! तब तुम्हारे घटिया चाचा को एहसास होगा कि किसी को चाह कर छोड़ देना मौत देने से भी बड़ा गुनाह है !

    युवराज के सीने से लगी है ख्वाहिश बेहद गुस्से में मन ही मन ये सब बोल रही थी लेकिन उसे ये नहीं पता था कि सोमनाथ और युवराज मे तो जमीन आसमान का अंतर है ! युवराज ने कभी किसी लड़की के साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया कभी किसी लड़की को धोखा नहीं दिया ! उसने जिससे प्यार किया है वो ख्वाहिश है , उसने जिससे शादी की है वो भी ख्वाहिश है ! भले ही उसका शादी करने का तरीका गलत था लेकिन वो प्यार उससे सच्चा करता है ! कॉलेज के पहले दिन हुई युवराज के प्रति ख्वाहिश की गलतफहमी उसे किस हद तक लेकर जाएगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा और तब क्या होगा जब युवराज को पता चलेगा की ख्वाहिश उसके सच्चे प्यार का नाजायज़ फायदा उठा रही थी ,उसे छल रही थी ! क्या वो इस बात को बर्दाश्त कर पाएगा ? क्या वो ख्वाहिश की इस गलती को माफ कर पाएगा ? पता नही ये कहना तो बहुत ही मुश्किल है ! फिलहाल तो वो अपनी इस खूबसूरत सी दुनिया में ख्वाहिश के साथ बहुत खुश था ! पर अब उसे अपनी खुशी से ज्यादा ख्वाहिश की खुशी की चिंता थी !

    जहां ख्वाहिश अभी भी उसके सीने से लगी नकली आंसू बहा रही थी वही युवराज मन ही मन खुद से - ये क्या कर दिया तूने युवराज ? अपनी खुशी के लिए अपने प्यार की आंखों में आंसू भर दिए ? इसलिए तो तूने ख्वाहिश शादी नहीं की थी ,इसलिए तो तूने इसे अपना नहीं बनाया था कि तुझसे शादी करने के बाद ये दिन रात रोती रहे दिन रात तकलीफ में रहे ! ये तो तूने बहुत बड़ी गलती कर दी ! अगर तू इससे प्यार करता है अगर तू इसके साथ खुश है तो तुझे इसकी खुशियों का भी तो ख्याल रखना होगा ना ? ये अभी तुझ पर विश्वास नहीं करती लेकिन तुझे तो इसे विश्वास दिलाना होगा ना की तू सच में इसे कितना चाहता है ! नही नही मैं ख्वाहिश को ऐसे रोते हुए नहीं देख सकता , पूरी जिंदगी यू तड़पते हुए नहीं देख सकता ! मैं इसे हर खुशी दूंगा ...ये सोचते सोचते कब उसकी बांहे ख्वाहिश की कमर के आसपास लिपट जाती है उसे पता ही नहीं चलता !

    वही ख्वाहिश जो पूरी तरह अपनी सोच में डूबी हुई थी युवराज की मजबूत बांहो का एहसास अपनी कमर पर होते ही वो ऊपर से लेकर नीचे तक सिहर उठती है ! लेकिन इससे पहले कि वो कुछ करती या कुछ कहती है तभी युवराज के होठों का स्पर्श उसे अपने माथे पर महसूस होता है और उसकी आंखें खुद ब खुद बंद हो जाती है ! युवराज उससे हल्का सा अलग होता है और उसका चेहरा अपने हाथों में भरता है और बेहद प्यार से - नहीं बीवी नही ,ऐसा तुमने कैसे सोच लिया कि तुम्हारे सपने पूरे नहीं होंगे या तुम्हें इस घर में खुशियां नहीं मिलेंगी या तुम्हारे अरमान अब पूरे नहीं होंगे ! और तुम्हें अपने स्वाभिमान के साथ समझौता करना पड़ेगा वो भी मेरे होते हुए ये तो कभी नहीं हो सकता !  मैं जानता हूं कि इस वक्त तुम मुझे गलत समझ रही हो पर यकीन करो मेरा ,,,तुमसे शादी करने का तरीका जरूर गलत था ,तुम्हे अपना बनाने का तरीका जरूर गलत था लेकिन मेरा प्यार गलत नहीं है ! मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं इतना कि तुम सोच भी नहीं सकती और तुम्हारी खुशी के लिए तो मैं जमीन आसमान एक कर दूं !

    तुम्हे कभी कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा ख्वाहिश ! तुम जैसे रहना चाहती हो इस घर में वैसे ही रहोगी जो करना चाहती हो वही करोगी ! कॉलेज जाना है आगे पढ़ाई करनी है , सब इच्छा तुम्हारी पूरी होगी मैं तुम्हें कभी नहीं रोकूंगा ! लेकिन रहना तुम्हें मेरे साथ ही होगा वो भी हर पल हर लम्हा ,,क्योंकि मैं तुमसे दूर नहीं रह सकता ,, दूर रहना तो छोडो तुम्हारे बिना मैं रहने की सोच भी नहीं सकता ! जैसे-जैसे वो बोल रहा था वैसे-वैसे ख्वाहिश के होठों पर विजयमई मुस्कान तैर रही थी ! जो वो देखना चाहती थी वो उसे नजर आ रहा था ! युवराज का खुद के लिए पागलपन दीवानापन सब कुछ ! बस उसे कुछ नजर नहीं आ रहा था तो वो थी उसकी सच्ची मोहब्बत! वो एकदम से अपना हाथ युवराज के सामने करते हुए - वादा ? वादा करते हो तुम ?

    युवराज भी अपना हाथ उसके हाथ पर रखते हुए - वादा करता हूं जान जो कहा है वो करके भी दिखाऊंगा ! बस बदले में तुम्हें भी एक वादा करना होगा ! ये सुनते ही ख्वाहिश हैरानी से उसकी तरफ देखती है कि पता नहीं वो बदले में क्या मांगने वाला है ! लेकिन उसकी सोच के विपरीत युवराज एकदम से - वादा करो कि आइंदा तुम कभी नहीं रोओगी ,, तुम्हारी आंखों में कभी आंसू नहीं आएंगे तुम हमेशा खुश रहोगी ! उसकी बात सुनकर ख्वाहिश एकदम से खामोश हो जाती है और अपनी गरदन झुका लेती है ! उससे कुछ कहते ही नहीं बन रहा था ! युवराज अपने एक हाथ से  उसका चेहरा ऊपर करते हुए - इतना तो तुम कर सकती हो ना मेरे लिए ? ज्यादा तो नहीं मांग रहा हूं ना ? देखो मैं तुम्हें खुश देखना चाहता हूं मैंने तुमसे शादी इसलिए नहीं की कि मैं तुम्हें दिन-रात ऐसे तकलीफ में देखूं या रोते हुए देखूं और तुम्हारी खुशी के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं कुछ भी मतलब कुछ भी ! क्योकि मैं तुमसे बेइंतहा मोहब्बत करता हूं बेइंतहा ...ये कहता हुआ वो एक बार फिर उसे अपने सीने से लगा लेता है और कसकर अपनी बाहों में भर लेता है !

    ख्वाहिश जिसके होठों पर पूरी तरीके से विजयमई मुस्कान फैली हुई थी वओ भी अपनी बांहे युवराज की पीठ पर कस देती है पर प्यार से नहीं बेइंतहा नफरत से ! वो मन मे -  ये जिस्म के भूखे सच्ची मोहब्बत को क्या जाने ,,वैसे मानना  पडेगा ,,मुझे बिस्तर तक लेकर जाने के लिए कितने नाटक कर रहे हो तुम युवराज सिंघानिया ,अच्छे होना का कितना दिखावा कर रहे हो ! पर अब  तुम्हें बर्बाद करने के लिए अगर मुझे तुम्हारे साथ बिस्तर पर भी जाना पड़े तो वो भी मंजूर है मुझे लेकिन तुम दोनों चाचा भतीजा को बर्बाद करके ही यहां से जाऊंगी ये मेरा वादा है खुद से भी और तुमसे भी ! मन ही मन ये कहते हुए वो और भी कसकर युवराज को पकड़ लेती है ! युवराज भी उसे कसकर पकड़ते हुए मन में - एक दिन तुम्हें भी मेरी सच्ची मोहब्बत पर यकीन हो जाएगा ,क्योकि मैं तुम्हें इतना प्यार दूंगा इतना प्यार दूंगा कि तुम मजबूर हो जाओगी मुझे प्यार करने के लिए ये मेरा वादा है खुद से भी और तुमसे भी !

    एक वादा ख्वाहिश ने कर लिया था और एक वादा युवराज ने ...अब देखते है कि किसका वादा पहले पूरा होता है ...

    जारी है...
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  • 19. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 19

    Words: 1499

    Estimated Reading Time: 9 min

    गातांक से आगे...
    ये जिस्म के भूखे सच्ची मोहब्बत को क्या जाने ,,वैसे मानना  पडेगा ,,मुझे बिस्तर तक लेकर जाने के लिए कितने नाटक कर रहे हो तुम युवराज सिंघानिया ,अच्छे होना का कितना दिखावा कर रहे हो ! पर अब  तुम्हें बर्बाद करने के लिए अगर मुझे तुम्हारे साथ बिस्तर पर भी जाना पड़े तो वो भी मंजूर है मुझे लेकिन तुम दोनों चाचा भतीजा को बर्बाद करके ही यहां से जाऊंगी ये मेरा वादा है खुद से भी और तुमसे भी ! मन ही मन ये कहते हुए वो और भी कसकर युवराज को पकड़ लेती है ! युवराज भी उसे कसकर पकड़ते हुए मन में - एक दिन तुम्हें भी मेरी सच्ची मोहब्बत पर यकीन हो जाएगा ,क्योकि मैं तुम्हें इतना प्यार दूंगा इतना प्यार दूंगा कि तुम मजबूर हो जाओगी मुझे प्यार करने के लिए ये मेरा वादा है खुद से भी और तुमसे भी !

    दोनो ही एक दूसरे के गले लगे हुए एक दूसरे के बारे मे सोच रहे थे और खुद से ही वादा कर रहे थे ! तभी ख्वाहिश खुद पर काबू पाती है और वो युवराज से अलग होती है ! हालांकि युवराज के लिए ये मुश्किल था पर वो ऐसा कोई भी काम करना नही चाहता था जिससे ख्वाहिश को तकलीफ हो ! वो भी बडी मुश्किल से अपनी भावनाओ पर काबू पाता है ! दो पल के लिए दो पल के लिए वहां पर बिल्कुल खामोशी चल जाती है ! ख्वाहिश को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या बोले क्या बात करें ? लेकिन युवराज के साथ ऐसा नहीं था ,,,वो तो ढेर सारी बातें कर सकता था ख्वाहिश से वो भी बिना रुके वो भी घंटो तक ! पर इस वक्त वो उसको समय देना चाहता था !  उसके लिए थोड़ा इंतजार करना चाहता था हालांकि ये उसके लिए काफी मुश्किल था लेकिन फिलहाल उसने इस बात से तसल्ली कर ली थी कि उसका प्यार उसके सामने है उसके पास है !

    वही ख्वाहिश अपने हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा कर इधर-उधर देख रही थी ! युवराज समझ जाता है कि ख्वाहिश को समझ में नहीं आ रहा कि वो क्या बोले ? क्या कहें ! क्या हुआ जान ? कुछ कहना है ,,,वो हल्का सा उसके करीब जाते हुए बोलता है ! ख्वाहिश अपने कदम पीछे लेते हुए ना मे अपनी गरदन हिला देती है ! सुबह से वो उस शादी वाले लहंगे में थी और अब उसे थोड़ा अनकंफरटेबल भी फील हो रहा था ! वो थोड़ा जी झिझकते हुए - वो मुझे चेंज करना है और मेरे कपड़े ...!! इतना कहकर वो अपनी गरदन झुका लेती है ! उसने इतनी मासूमियत इतनी अदा से ये बात कही थी ना कि युवराज तो कायल हो गया था उसका , उसकी सादगी का  उसकी मासूमियत का ! उसकी बात सुनकर युवराज के होंठो पर हल्की सी स्माइल आ जाती है ! वो़ फिर से उसके करीब जाता है और बेहद अपनेपन से उसका हाथ पकड़ते हुए - मेरे साथ आओ तुम्हें कुछ दिखाता हूं !

    ये कहता हुआ वो उसे वॉशरूम के साथ अटैच चेंजिंग रूम में ले जाता है ! ख्वाहिश को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर ये करने क्या वाला है ,,वो बस कदम से कदम मिलाकर उसके साथ चली जा रही थी ! अगले ही पल युवराज उसो चेंजिंग रूम में ले जाता है ! ख्वाहिश जैसे ही अंदर जाती हैं तो उसकी नजरे हैरानी से बड़ी हो जाती है !  क्योंकि वो बड़ा सा चेंजिंग रूम ख्वाहिश की पसंद की चीजों से इस कदर भरा हुआ था की चीजे ज्यादा लग रही थी और जगह कम !  उसकी पसंद के कपड़े ,सूट साड़ियां गेहने , उसकी किताबें यहां तक की उसका वो हैंडबैग जो वो कॉलेज लेकर जाती थी ! हर व़ो छोटी से छोटी चीज जो ख्वाहिश से जुड़ी हुई थी , उसकी खुशी से जुडी हुई थी वो सब चीजे वहां पर मौजूद थी ! यहां तक की उसके पेरेंट्स की एक तस्वीर भी ! ये सब देखकर ख्वाहिश की आंखों में चमक आ जाती है और वो किसी छोटे बच्चे की तरह एक-एक चीज को छूकर देखने लगती है ! इस वक्त वो सब कुछ भूल चुकी थी ! युवराज से बदला लेना और उसका मकसद ,,,,कुछ नहीं था उसके दिमाग मे !

    खुशी से चहकतो हुए वो एक-एक चीज को छूकर देख रही थी ! तभी उसका ध्यान अपने उन टॉयज पर जाता है जो उसके बचपन के टॉयज थे और जिन्हे उसने अब तक संभाल कर रखा हुआ था ! ये सब सामान उसके घर में था उसके कमरे में था ! उसका वो टेडी बियर , छोटी सी डॉल उसका पुराना किचन सेट ..! युवराज ने हर एक चीज को इतनी सहजता से वहां पर सजाया था कि पूछो मत ! जहां वो खुशी से चहकते हुए अपने सामान को देख रही थी , अपने बचपन को देख रही थी वहीं युवराज बेहद प्यार से उसको देख रहा था ! उसके होठों पर फैली मुस्कान को देख रहा था ! उसके चेहरे पर आई खुशी को देख रहा था और वो यही खुशी हमेशा उसके चेहरे पर लाना चाहता था !

    ख्वाइश उन चीजो को देखने में इतनी ज्यादा मशरूफ हो गई थी कि उसे वहां खड़े युवराज का भी ध्यान नहीं रहा ! वही युवराज के लिए एक बार फिर खुद पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था ! उसके कदम फिर से ख्वाहिश के पास जाने के लिए बेताब हो रहे थे ,,वो उसे छूने के लिए बेताब हो रहा था ! उससे बातें करने के लिए बेताब हो रहा था ! वो जितनी मर्जी कोशिश कर ले खुद पर काबू रखने की लेकिन नहीं रख सकता था ,,क्योकि उसका प्यार उसकी मोहब्बत उसके सामने हो और वो खुद पर काबू पा ले ऐसा नहीं था युवराज ! ख्वाहिश की नजर अब अपने माता-पिता की तस्वीर पर जाकर टिक गई थी ! उन्हें देखकर उसकी आंखों में हल्की सी नमी तैर जाती है ! इस वक्त उसका चेहरा दूसरी तरफ था और पीठ युवराज की तरफ जिस वजह से युवराज उसकी आंखों में आए आंसू नहीं देख पाता ! युवराज के कदम कब ख्वाहिश की तरफ बढ जाते हैं उसे पता ही नहीं चलता ! अगले ही पल वो उसके बेहद करीब था ! वो अपने होंठ उसके कान के पास ले जाकर फुसफुसाते  हुए - पसंद आया मेरी जान ??

    अपनी सर्दभरी आवाज से बोलता है युवराज और एक बार फिर ख्वाहिश के तन बदन में आग लगा देता है ! पहले तो वो उसकी करीबी से सिहर उठती है कि वो उसके इतना करीब है ऊपर से बोलते वक्त युवराज के होंठ उसके कान को छू रहे थे जिससे उसे एक अलग ही एहसास हो रहा था ! एक पल के लिए तो उसने कसकर अपनी आंखें बंद कर ली और अपने हाथों की मुट्ठी भीच ली ! उसकी ये हरकत युवराज की नजरों से छुपी नहीं थी ! अब ख्वाहिश उसके करीब हो युवराज मदहोश ना हो तो ऐसा भी नहीं हो सकता !

    वो उसके और करीब जाता है इतना कि उसकी गर्म सांसे ख्वाहिश को अपनी गर्दन पर महसूस होने लगती है ! युवराज के दोनों हाथ उसकी बाजू पर फिसलते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगते हैं और वो उसके हाथों की कसी हुई मुठिया खोलकर उन्हें अपने हाथों में जकड़ लेता है ! ख्वाइश और भी कसकर अपनी आंखें बंद कर लेती है ! जैसे अपने सोचते समझने की शक्ति खो दी हो उसने ! और ये तो होना ही था ! युवराज के प्यार करने का तरीका इतना प्यारा था कि वो चाहकर भी उसे रोक नहीं पा रही थी ! युवराज उसके दोनों हाथों को अपने हाथों में कसकर पकड़ लेता है और अपना चेहरा उसके कंधे पर टिकाते हुए - बोलो ना बीवी पसंद आया ? एक बार फिर युवराज की प्यार भरी सर्द आवाज उसके कानों से टकराती है ! वो धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलती है और अपना चेहरा हल्का सा टेढ़ा करके युवराज की तरफ देखती है और फिर अपनी नजरे झुकाते हुए - लेकिन आपको कैसे पता चला कि ये सब .....इससे पहले कि वो अपनी बात पूरी करती युवराज उसे दोनों कंधों से पकड़ कर अपनी तरफ घूमाता है और बेहद प्यार से उसका चेहरा अपने हाथों में भरते हुए - मुझे सिर्फ इतना पता है कि ये सब चीजे तुमसे जुडी हुई हैं  ,तुम इसे जुड़ी हुई हो ,,, ये सब तुम्हारी जिंदगी का हिस्सा है ! और सबसे बडी बात इन चीजो को देखकर तुम्हारे चेहरे पर खुशी आई है और मैं वो हर चीज लाकर तुम्हारे कदमों में रख सकता हूं जिसमें तुम्हारी खुशी हो ,,जिससे तुम्हारी खुशी जुड़ी हो ! बस तुम्हारे एक बार कहने की देर है !

    युवराज सिंघानिया तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता है कुछ भी मतलब कुछ भी ! वो उसकी आंखों में आंखें डालते हुए बोल रहा था ! ख्वाहिश उसका दीवानापन देख रही थी उसका पागलपन देख रही थी ! वो भी उसकी आंखों में आंखें डालते हुए - किसी का खून भी ????

    जारी है....
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  • 20. Obessive love " एक जिद एक जुनून " - Chapter 20

    Words: 1378

    Estimated Reading Time: 9 min

    गातांक से आगे....
    मैं वो हर चीज लाकर तुम्हारे कदमों में रख सकता हूं जिसमें तुम्हारी खुशी हो ,,जिससे तुम्हारी खुशी जुड़ी हो ! बस तुम्हारे एक बार कहने की देर है ! युवराज सिंघानिया तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता है कुछ भी मतलब कुछ भी ! वो उसकी आंखों में आंखें डालते हुए बोल रहा था ! ख्वाहिश उसका दीवानापन देख रही थी उसका पागलपन देख रही थी ! वो भी उसकी आंखों में आंखें डालते हुए - किसी का खून भी ????

    ये सुनते ही युवराज के चेहरे का रंग उड जाता है ! यहां तक की उसके चेहरे के भाव भी बदल जाते है ! वो हैरानी से ख्वाहिश को देख रहा है जैसे यकीन करना चाहता हो कि जो उसने सुना वो सही था ? क्योकि ख्वाहिश जैसी सादगीपूर्ण लड़की खूने खराबे की बात कर सकती है ये तो उसने कभी नही सोचा था ! वो अभी भी हैरानी से उसे ही देख रहा था ! ख्वाहिश भी बेखौफ होकर उसकी आँखो मे देख रही थी ! वो एकदम से - क्या हुआ युवराज ? आपके पास मेरे सवाल का जवाब नही है क्या ? लगता है नही है ,तभी तो आप खामोश है ! वैसे भी किसी के लिए किसी की जान लेना आसान नही होता ! और ये सब तो बस कहने की बाते होती है कि मैं तुम्हारे लिए ये कर दूंगा ,वो कर दूंगा ,पर असल मे कोई कुछ नही करता ...जानबूझ कर उसे उकसाते हुए बोलती है ख्वाहिश और फिर उसके पास से गुजरने लगती है !

    पर तभी युवराज उसकी बाजू पकड़ता है और उसे अपनी तरफ खींचता है और पीछे दीवार से लगाते हुए उसके बेहद करीब हो जाता है ! उसका चेहरा ख्वाहिश के चेहरे के बेहद करीब था ! इतना कि किसी भी पल युवराज के होंठ ख्वाहिश के होंठो को छू सकते थे ! पर शायद ख्वाहिश पहले ही इस चीज के लिए खुद को तैयार कर चुकी थी ! वो जानती थी कि सनकी और गुस्सैल युवराज ऐसा ही कुछ करेगा ! उसने पूरी तरह से खुद को सम्भाला हुआ था पर उसकी बाते सुनकर युवराज के दिल मे आग लगी पडी थी ! वो एक झटके से उसका चेहरा ऊपर करता है बेहद जुनून के साथ - आज तो ये बात कह दी बीवी,पर दोबारा मत कहना ...अभी तुम मेरी चाहत को जानती नही हो ! इसकी कोई हद नही है ,,ये बेहद है ! तुम नही जानती कि तुम मेरे लिए क्या हो ,, कितनी खास हो ...अरे युवराज सिंघानिया तो जिंदा ही तुम्हारी वजह से है ,,अगर तुम मुझे न मिलती तो कबका मर जाता है ! तुम हो तो मैं हू ...जान वरना कुछ भी नही !

    और एक बात ,मैं तुमसे इतनी महोब्बत करता हू कि " तुम्हारे लिए अपनी जान दे भी सकता हू और किसी की जान ले भी सकता हू " बस तुम एक बार कहकर तो देखो ! किसी सनकी की तरह बोल रहा था युवराज ,और बोलते वक्त वो ख्वाहिश के इतने करीब था कि उसके होंठ ख्वाहिश के होंठो को हल्का हल्का छू रहे थे ,उसे बेचैन कर रहे थे ! उसे एक अलग ही एहसास करवा रहे थे ! उसकी हालत खराब हो रही थी ! वही युवराज का दीवानापन बढ़ता ही जा रहा था ,इस वक्त उसे कोई होश नही था ! अगर उसे कोई होश मे ला सकता था ,उसे कोई शांत कर सकता था तो वो ख्वाहिश थी ! वो तुरंत खुद पर काबू पाती है और युवराज की तरफ देखते हुए - रलैक्स ,मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी ,मैं तो बस मजाक कर रही थी !ये कहते हुए वो उसे खुद से अलग करती है और वहां से जाने लगती है पर युवराज वापस उसकी कलाई पकड़कर फिर से उसे दीवार से लगा देता है ! और एक बार फिर उसके करीब हो जाता है !

    इस खीचा तानी मे ख्वाहिश का दुप्पटा सरक कर नीचे गिर जाता है ! पर इससे पहले की ख्वाहिश कुछ कर पाती उससे पहले ही युवराज उसके दोनो हाथो को अपने हाथो जकड़कर ऊपर की तरफ करके दीवार से लगा देता है और अपना चेहरा उसके चेहरे के और भी करीब ले जाते हुए - पर मैं मजाक नही कर रहा बीवी ,,,मैं सच कह रहा हू ! मैं सच मे तुम्हारे लिए अपनी जान दे भी सकता हू और किसी की जान ले भी सकता हू ! चाहो तो आजमा कर देख लेना ...ये कहते कहते उसकी आँखो मे जुनून उतर आता है एक आग उतर आती है ! ख्वाहिश एकटक उसे ही देख रही थी ,उसके जुनून को देख रही थी ,वो जुनून जो उसे महसूस हो रहा था ! यही जुनून ,यही आग तो वो देखना चाहती थी !

    युवराज भी उसे देख रहा था ! पर तभी उसकी नजर ख्वाहिश के नाजुक के होंठो पर जाती है ! गुलाब की पत्तियो के समान लाल सुर्ख होंठ जो युवराज को पागल कर रहे थे !वो वैसे ही उसके हद से ज्यादा करीब था और अब ख्वाहिश के होंठो को देखकर उसे कुछ होने लगा था ,एक बार फिर उसका खुद पर से काबू हटता जा रहा था ! उसने अभी भी उसके दोनो हाथो को अपने हाथ मे जकड़ रखा था ,और धीरे धीरे वो उसके होंठो पर झुकने लगता है ...ये देखकर ख्वाहिश की आँखे हैरानी से बडी हो जाती है और उसका दिल धक धक करने लगता है !

    युवराज आहिस्ता से उसके और करीब जाता है ! जैसे ही वो  अपने होठ उसके होंठो पर रखने वाला होता है तभी ख्वाहिश एक दम से अपना चेहरा फेर लेती है ,,उसके इस तरह चेहरा फेरने से युवराज की नजर उसकी लम्बी सुराहीदार गरदन पर टिक जाती है ! मोतियो के समान चमकदार उसकी सुराहीदार गरदन जो युवराज को उसकी तरफ खींच रही थी ! वो अपना एक हाथ उसकी बाजू फेरते हुए नीचे लेकर आता है और फिर अपनी ऊंगलियो से उसकी गरदन को छूने लगता है ,,,वो भी बेहद प्यार से ...ख्वाहिश की मदहोशी से हल्की सी आहहह निकल जाती है और वो कसकर अपनी आँखे बंद कर लेती है !

    युवराज की ऊंगलिया अभी भी उसकी गरदन पर घूम रही थी ,,तभी उसे उसकी गरदन पर खरोंच दिखाई देती है जो शायद पहले लगी होगी ,,जहां से खून बहकर अब सूख चुका था ! युवराज अपने हाथ का ऊंगूठा उसकी खरोच पर रख कर हल्का सा रब करता है ! जिससे ख्वाहिश को जलन का एहसास होता है और उसकी उसकी एक दर्दभरी आहह निकल जाती है ! उसके चेहरे पर आए दर्द के भाव युवराज साफ देख पा रहा था ! इस बीच ख्वाहिश एक बार भी अपनी आँखे नही खोलती ! वो बात अलग थी कि उसके जहन मे बस युवराज की बाते घूम रही थी ! " मैं तुम्हारे लिए अपनी जान दे भी सकता हू और किसी की जान ले भी सकता हू ,,चाहो तो आजमा कर देख लेना " ! वही युवराज जो पूरी तरह अपने होश गवां चुका था वो एकदम से अपने होंठ उसकी गरदन पर लगी खरोंच पर रख देता है और बेतहाशा चूमने लगता है ! इस वक्त वो पूरी तरह ख्वाहिश मे डूब चुका था ! उसका कसाव उसके बदन पर कसता ही जा रहा था और उसके होंठ बेहद प्यार से उसकी गरदन को तराश रहे थे पर ख्वाहिश अपने पूरे होश मे थी ...और मजे की बात ये थी कि वो युवराज को अपने करीब आने से रोक भी नही रही थी ! उल्टा उसके होंठो पर डैविल स्माइल फैली हुई थी और वो अपना एक हाथ युवराज के बालो मे कसकर उसे और बढावा देते हुए मन मे - मैं तुम्हे आजमाऊंगी युवराज ,,,जरूर आजमाऊंगी आखिर ये करने ही तो मैं यहां पर आई हू ...अब सोमनाथ का अंत होने से कोई नही रोक सकता ,,तुम भी नही  ,,वो युवराज को और भी कसकर पकड़ते हुए बेहद गुस्से से मन ही मन ये सब बोल रही थी ...वही हर चीज से बेखबर युवराज उसे अपने प्यार का सबूत देने मे लगा हुआ था ...उसके होठ अभी भी उसकी गरदन पर घूम रहे थे और वो पूरी तरह बहक चुका था !

    अगले ही पल वो एक झटके से उसके ब्लाऊज की हुक खोल देता है और बिना देर किए उसके ब्लाऊज को उसके बदन से अलग कर देता है ....

    जारी है....
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