विधि सैन एक ऐसी लड़की थी जिसे हालातो ने इतना सताया था की वो जीना पूरी तरह भूल चुकी थी उसमे जीने की बिल्कुल ताकत नहि बची थी! ठिक उसी वक्त उसकी जिंदगी ने ऐसा रुख लिया की विधि की जिंदगी मै एक उम्मीद की किरन बन कर उसकी बेटी रूह आई! लेकिन अब भी विधि के लि... विधि सैन एक ऐसी लड़की थी जिसे हालातो ने इतना सताया था की वो जीना पूरी तरह भूल चुकी थी उसमे जीने की बिल्कुल ताकत नहि बची थी! ठिक उसी वक्त उसकी जिंदगी ने ऐसा रुख लिया की विधि की जिंदगी मै एक उम्मीद की किरन बन कर उसकी बेटी रूह आई! लेकिन अब भी विधि के लिए कुछ आसान नहि था क्योंकि वो प्रेगनेंट हुई तब सिर्फ 18 साल की थी और जब रूह इस दुनियां में आई महज 19 साल की? उसे अब इस जालिम दुनियां से खुद के साथ साथ अपनी बच्ची को भी बचाना था? क्योंकि विधि को नहि पता कोन है रूह का पापा? और अगर उस इन्सान ने रूह को विधी से अलग किया तो विधि पूरी तरह बिखर जाएगी! बस इसी कसमकस मै उसकी जिंदगी कटे जा रही थी? तभी उसकी लाइफ में एंट्री होती है " द अग्नीर बाजवा और द मिहिर बाजवा " की! जिनकी जिंदगी चलती है परफेक्शन से! उनकी नजर में परफेक्शन के बीना किया गया काम किसी काम का नहि होता ! आखिर कैसे हुई इनकी मुलाकात ? कैसे जुड़ी है मिहिर, अग्निर, विधि और रूह की जिंदगी?
विधि
Heroine
अग्निर बाजवा
Spy
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एक लड़की, काला सिंपल सूट-सलवार पहने, एक कमरे के बेड पर लेटी थी। उसे देखकर लग रहा था कि वह सुकून से सोई है। तभी बाहर गन शॉट की आवाज आई। वह लड़की हड़बड़ाकर उठ गई और जल्दी से बालकनी से पर्दा हटाकर बाहर का नजारा देखा।
रात का अंधेरा छाया हुआ था; इतना कि बता पाना मुश्किल था कि सामने कोई इंसान है या नहीं।
वह लड़की कुछ पल वहाँ से बाहर देखती रही। फिर मुड़कर वापस जाने लगी, लेकिन उसी पल उसे बाहर से किसी के कराहने की आवाज आई।
और उसके कदम उसी जगह जम गए। उसमें हिम्मत नहीं थी इतनी रात को बाहर अकेले जाने की, लेकिन अगर किसी को मदद की ज़रूरत है, तो वह कैसे पीछे हट सकती थी?
वह दबे पांव घर से बाहर निकली। क्योंकि इस घर में इंसान की खाल में हैवान रहते थे। अगर इस वक्त उसे कोई बाहर जाते देख लेता, तो शायद वह चलने लायक ना बचती।
उसने बहुत धीरे से घर का दरवाज़ा खोला और वहाँ आ गई जहाँ से उसे वह आवाज आ रही थी।
उसने जैसे ही वहाँ देखा, उसकी आँखों में खौफ दिखने लगा। वह चिल्लाने को हुई, कि तभी किसी ने पीछे से उसका मुँह दबा लिया।
और उस लड़की की चीख वहीं घुटकर रह गई।
सामने एक इंसान ज़ख्मी हालत में पड़ा था, और रह-रह कर उसके कराहने की आवाज आ रही थी।
उस लड़की ने तिरछी नज़रों से उस आदमी को देखना चाहा, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पा रही थी।
की तभी जो इंसान नीचे जमीन पर पड़ा था, उसने धीरे से कहा,
"क...कौन है बे! जिसे अपनी नींद और ज़िंदगी दोनों ही नहीं प्यारी!"
और अगले ही पल वह फिर से कराहने लगा था, क्योंकि उसका दर्द असहनीय था।
उस लड़की ने अपने पीछे खड़े लड़के को अपनी कोहनी से पीछे करना चाहा, लेकिन वह ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पा रही थी।
कुछ ही पल बीते थे, वहाँ फिर से गोली चलने की आवाज आई। और वह लड़का विधि को अपने साथ लेकर जल्दी से नीचे झुक गया और वहाँ झाड़ियों के आस-पास से बैठे-बैठे ही कुछ देखने लगा।
नीचे अचानक बैठने से उसकी पकड़ उस लड़की से ढीली हो गई।
और अगले ही पल उस लड़की ने पीछे मुड़कर उस आदमी की शकल देखनी चाही, तो सामने सिर्फ़ दो सिल्वर ब्लू आँखें दिखीं, क्योंकि उस लड़के ने अपना चेहरा मास्क से छुपा रखा था।
लेकिन उसकी आँखें देखकर लग रहा था कि वह बेहद नशे में है। इतनी नशीली आँखें शायद ही आज से पहले कभी उस लड़की ने देखी हों!
वह लड़का भी एकटक उस लड़की को देख रहा था, या यूँ कहें कि सिर्फ़ कोशिश कर रहा था, क्योंकि बाहर अंधेरा बहुत ज़्यादा था। ऊपर से बार-बार गोली की आवाज उन्हें चौंका रही थी।
उस लड़के ने दूसरे लड़के को देखते हुए कहा,
"I am going!! संभाल लेना!"
तो उस लड़के ने कराहते हुए कहा,
"भगवान ऐसा दोस्त दुश्मन को भी ना दे। जा, जा निकल यहाँ से। डॉक्टर के पास जा, क्योंकि मेरी तो सिर्फ़ जान लेना चाहते हैं, पर तुझे तो ड्रग्स देकर तेरी इज़्ज़त लूटने वाले थे।"
इतना बोलकर वह दर्द में भी हँसने लगा।
और वह लड़का अपनी सिल्वरी आँखें छोटी करके उसे घूरता है।
अगले ही पल गोली सीधा उस लड़की के लेफ्ट साइड आर्म पर लगी, लेकिन वह जैसे ही चिल्लाने को हुई, उस लड़के ने उसका मुँह अपने हाथों से ढक दिया।
और वह लड़की भीगी आँखों से उस लड़के को देखने लगी।
कुछ देर बाद सब शांत हो चुका था। और एक कार उस घर के मेन डोर पर आकर रुकी, और अगले ही पल वह लड़का उस लड़की को गोद में उठाए उस कार की तरफ चल देता है।
वह लड़का उस लड़की को देखता है, जिसकी आँखें बंद होने वाली थीं।
वहीं वह लड़की, अपने मन में अपनी मम्मी और पापा को याद करते हुए बोलती है,
"मम्मा... I am coming..."
"डैड, मैं भी आज मरने वाली हूँ। आपकी विधि अब सारी मुश्किलों से आजाद होने वाली है।"
"क्योंकि उसने तो अक्सर मूवीज़ में देखा था, विलेन को गोली लगने में देर हो जाती है, तो आज उसका भी आखिरी दिन है इस दुनियाँ में!"
वह लड़का विधि को कार की बैक सीट पर अपनी गोद में बैठा लेता है और अपनी सिल्वर आँखों से ड्राइवर को घूरता है, जिसके अगले ही पल ड्राइवर पार्टीशन ऑन कर देता है।
कुछ देर बाद एक और कार आती है, जिसमें दो लड़के आते हैं और उस घायल हुए लड़के को अपने साथ ले जाते हैं।
वहीं विधि, जिस कार में थी, उसका टेंपरेचर बढ़ता जा रहा था, क्योंकि उस लड़के से कंट्रोल नहीं हो रहा था अपना नशा। वह बार-बार सर झटकते हुए खुद को ठीक करने की कोशिश कर रहा था, और विधि उसे अद्धखुली आँखों से देख रही थी।
उस लड़के ने भारी आवाज़ में कहा,
"I need you. Can you help me please!"
विधि ने लड़खड़ाती आवाज़ में कहा,
"मैं... मैं... कैसे...?"
उस लड़के ने कहा,
"मुझे ड्रग्स दिए गए हैं... जिससे फ़िज़िकल डिज़ायर्स बढ़ जाते हैं..."
"So I need your body!"
विधि ने बंद होती आँखें खोलने की कोशिश करते हुए कहा,
"मु... मुझे दर्द हो रहा है, और वो सब करोगे तो... मैं... मैं झेल नहीं पाऊँगी, और शायद... ज... जल्दी मर जाऊँगी!"
उस लड़के ने फिर से भारी साँस विधि की गर्दन पर छोड़ते हुए कहा,
"No... I will be gentle!" जिससे विधि की बॉडी में सेंसेशन होने लगा।
और उसने आगे, विधि की बिना परमिशन लिए, अपने गर्म होठ विधि की गर्दन पर रख दिए।
कुछ ही पल बाद, गर्दन का सफ़र तय कर रहे होठ विधि के होठों तक पहुँच गए।
विधि की लाइफ में ये पहला अहसास था जब कोई उसे इस तरह छू रहा हो।
उसकी बॉडी में अजीब सी shivering हो रही थी।
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कुछ ही पलों बाद उस लड़के ने विधि की बॉडी पर हाथों से हरकत करनी शुरू की और उसे अनड्रेस करने लगा।
विधि अब लगभग बेहोश होने की कगार पर थी।
कुछ ही पलों में वह लड़का पूरी तरह विधि पर लीन हो चुका था।
और विधि किसी खरगोश की तरह उसके आगोश में छिप चुकी थी।
कुछ ही पलों में कार में एक जोरदार चीख गूंज गई!
और विधि बेहोश हो गई।
नेक्स्ट मॉर्निंग...
जब विधि की आँखें खुलीं तो सबसे पहले उसे एक सीलिंग दिखाई दी। उसने खुद की हालत देखी; वह इस वक्त अस्पताल के कपड़ों में थी। इसका मतलब यह अस्पताल के कमरे की सीलिंग थी।
विधि ने अपने आस-पास देखा और उठने की कोशिश की, लेकिन उसकी बॉडी में असहनीय दर्द हो रहा था जिससे वह अच्छे से खड़ा भी नहीं हो पा रही थी। उसकी आर्म पर भी पट्टी बंधी थी जो गोली लगने की वजह से थी।
तभी एक नर्स आई और विधि को बोलती है,
"अरे मैडम, आप लेटी रहिए।"
विधि ने वापस लेटकर कहा,
"हमें यहां कौन लेकर आया?"
तो उस नर्स ने कहा,
"कोई सर लेकर आए थे, लेकिन आपको एडमिट करवाते ही चले गए वो।"
यह सुनकर विधि ने बेचारी सी सर हिला दिया।
करीब एक हफ्ते बाद विधि की चोट बिल्कुल ठीक हो गई थी, लेकिन वह अब भी अस्पताल में थी। डॉक्टर्स ने किसी के ऑर्डर पर उसे वहाँ रोक रखा था। जब तक विधि एकदम पहले जैसी नहीं हो जाएगी, उसे अस्पताल से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा।
विधि को यह सब बहुत अजीब लग रहा था, लेकिन उसकी कोई सुन भी नहीं रहा था।
आज का दिन...
विधि वार्ड से बाहर निकलकर अस्पताल के गार्डन में टहल रही थी कि अचानक उसे चक्कर आने लगे!
और वह बेहोश होकर गार्डन में गिर गई।
आधे घंटे बाद विधि की आँखें खुलीं तो नर्स उसके सामने बैठी थी और स्माइल कर रही थी। विधि के हाथ में ड्रिप के ज़रिए ग्लूकोज़ चढ़ाया जा रहा था।
विधि ने कहा,
"अब हमें क्या हुआ? हम बिल्कुल ठीक थे ना!"
तो उस नर्स ने कहा,
"हाँ, आप बिल्कुल ठीक हो। एक गुड न्यूज़ है मैडम, आप प्रेग्नेंट हो!"
यह सुनकर तो विधि के हाथ-पैर ठंडे पड़ने लगे।
उसने घबराहट में कहा,
"प... प्रेग्नेंट... ए... ऐसा कैसे हो...?"
विधि बोल ही रही थी कि उसे सिल्वर ब्लू आइज़ अपने दिमाग में घूमती हुई नज़र आईं।
"वो... वो हमें छोड़कर चले गए... और अब यह बच्चा! हम घर भी नहीं जा पाएंगी। अब हम... अब हम क्या करेंगे...?"
विधि हड़बड़ाहट में खुद से बातें कर ही रही थी कि उस नर्स ने पूछा,
"क्या हुआ मैडम? आप घबरा क्यों रही हो? रुको, मैं डॉक्टर को बुलाती हूँ... और आपका ब्रेकफ़ास्ट भी ले आती हूँ। चेकअप के बाद आप कुछ खा भी लेना।"
इतना बोल वह नर्स वहाँ से चली जाती है।
और विधि घबराहट के मारे जल्दी से अपनी ड्रिप निकाल देती है और वहाँ रखे फ़ोन बूथ से किसी को कॉल करती है। सामने से किसी लड़के की आवाज़ आती है,
"हेलो? कौन?"
तो विधि जल्दी से बोलती है,
"हार्दिक, हम विधि बोल रहे हैं।"
हार्दिक ने जल्दी से कहा,
"विधि, तुम घबराई हुई क्यों हो?"
विधि ने कहा,
"आई नीड हेल्प, हार्दिक।"
हार्दिक ने कहा,
"तुम बस बोलो विधि, क्या तुम्हारी फैमिली ने फिर से घर से बाहर रहने के लिए छोड़ दिया तुम्हें?"
विधि ने घबराते हुए कहा,
"न... नहीं... हम अस्पताल में हैं!"
हार्दिक ने कहा,
"तुम ठीक तो हो ना? क्या हुआ है तुम्हें? और कौन से अस्पताल में हो?"
विधि ने जल्दी से वहाँ रखी एक स्लिप में अस्पताल का नाम देखते हुए कहा,
"हम लाइफ लाइन अस्पताल के दरवाज़े पर मिलते हैं। तुम्हें प्लीज़ जल्दी आना?"
इतना बोल विधि कॉल कट कर देती है।
कौन है हार्दिक? क्या विधि यहाँ से भागने में कामयाब हो जाएगी?
विधि बाथरूम में जाकर जल्दी से अपना वही सूट पहन लेती है जो उसने एक हफ्ते पहले पहना था। वह अब थोड़ा मैला हो चुका था और आर्म पर खून भी लगा था, लेकिन विधि ने बिना किसी परवाह के उसे जल्दी से पहन लिया और दुपट्टे से मुँह ढककर बाहर जाने लगी।
विधि जैसे-तैसे सब से छुपते-छुपाते उस वार्ड से निकल जाती है और जल्दी से मेन डोर की तरफ बढ़ जाती है।
गेट पर पहुँचकर वह हार्दिक का इंतज़ार करती है और कुछ ही पलों में वहाँ एक कार आकर रुकती है। विधि जल्दी से पैसेंजर सीट पर बैठ जाती है और लंबी-लंबी साँसें लेकर खुद को शांत करने लगती है।
हार्दिक ने एक पानी की बोतल विधि को देते हुए कहा,
"पानी पी लो।"
विधि ने बोतल ली और पानी पीकर हार्दिक की तरफ देखा जो उसे सवालिया नज़रों से देख रहा था।
विधि ने धीमी आवाज़ में कहा,
"चलो यहाँ से प्लीज़! मुझे... मुझे घुटन हो रही है।"
हार्दिक ने हाँ में सर हिलाते हुए कार स्टार्ट कर दी।
हार्दिक की नज़रें बार-बार विधि पर जा रही थीं; कभी उसकी फटी बाजू पर तो कभी फटे दुपट्टे पर। और विधि की आँखों में अब भी वे सिल्वर ब्लू आइज़ घूम रही थीं।
कुछ पलों बाद हार्दिक की कार एक छोटे से घर के सामने रुकती है। विधि और हार्दिक उतरकर घर के अंदर जाते हैं। उस घर को ट्रेडिशनल लुक दिया गया था जिससे वह बेहद प्यारा लग रहा था। दरवाज़े पर एक गमला, जिसमें पिंक फ्लावर लगे थे।
विधि और हार्दिक घर के अंदर जाते हैं तो किसी की आवाज़ आती है,
"भाई, आप हो क्या?"
तो हार्दिक कहता है,
"हाँ, देखो तुम्हारी फ्रेंड आई है।"
यह सुनकर एक लड़की किचन से बाहर आती है जिसके हाथ आटे में सने थे।
वह विधि को देखते ही जल्दी से उसके पास आते हुए उससे लिपट जाती है।
"विधि... मेरी जान! पता है तुझे कितना मिस कर रही थी! जब से स्कूल ख़त्म हुए तू तो ऐसे गायब हुई जैसे... गधे की सिर से सींग!"
यह सब उसने हार्दिक को देखकर कहा था।
तो हार्दिक ने मुँह बनाते हुए कहा,
"और तू चुहिया..."
विधि ने कहा,
"आप लड़ाई मत करिए प्लीज़... और नैना, तुम भी प्लीज़!"
नैना ने हार्दिक को घूरकर देखा फिर कहा,
"ठीक है, तू बोलती है तो नहीं करूँगी।"
अगले ही पल नैना की नज़र विधि के कंधे पर जाती है।
"ये क्या हुआ तुझे विधि? इतना खून क्यों लगा है यहाँ? और ये कपड़े फटे क्यों हैं?"
अब जाकर नैना ने विधि को पूरी तरह देखा था। उसने हैरान होते हुए कहा,
"ये... ये सब क्या है विधि? तू इतनी कमज़ोर क्यों नज़र आ रही है!"
विधि जल्दी से नैना को हग कर लेती है। नैना उसे पहले कसकर गले लगाती है फिर सोफ़े पर बैठाते हुए बोलती है,
"व्हाट हैपन?"
विधि रोते हुए उसे उस काली रात के बारे में बताती है और लास्ट में...
"हम प्रेग्नेंट हैं नैना! घर नहीं जा सकते। मामा-मामी जान ले लेंगे हमारी अगर उन्हें भनक भी लगी कि हम प्रेग्नेंट हैं!"
नैना के हाथों में भी पसीना आ गया था विधि की बात सुनकर। वहीँ हार्दिक तो सुन्न पड़ चुका था। कहाँ विधि उसका क्रश थी और अब वह प्रेग्नेंट हैं!
कुछ पल बाद नैना एक डिसीज़न लेती है जिसे सुनकर विधि अंदर तक कांप जाती है।
विधि रोते हुए कहती है,
"पर इसमें हमारे बच्चे की क्या गलती है नैना?"
नैना बोलती है,
"तू अस्पताल चल... जो होगा देखा जाएगा..."
To be continued.
कुछ पलों बाद, विधि दिल पर पत्थर रखकर डरी-सहमी एक हॉस्पिटल में बैठी थी और डॉक्टर के डिसीजन का इंतजार कर रही थी। उसका चेहरा आँसुओं से भीगा हुआ था।
डॉक्टर ने नैना को समझाते हुए कहा,
"इनकी प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशन्स हैं। अगर ये अबॉर्शन करवाती हैं तो शायद फिर कभी इनका यूटरस... "
ये सुनकर सब, हार्दिक और विधि घबरा गए। विधि भागते हुए उस केबिन से निकल गई और बाहर आकर रोते हुए लंबी-लंबी साँसें लेने लगी। नैना उसके कंधे पर हाथ रखती है। अगले ही पल विधि पीछे मुड़कर नैना को गले लगा लेती है।
पाँच साल बाद...
एक लड़की, जिसने पिस्ते ग्रीन रंग का सूट पहना था और ऊपर एक दुपट्टा अपने सर पर ओढ़ रखा था, कानों में चाँद बालियाँ पहनी थीं। नो मेकअप लुक, वह बेहद मासूम नज़र आ रही थी। गोरा रंग, काली आँखें, बड़ी-बड़ी पलकें, हार्ट शेप रेड लिप्स, गोल मासूम चेहरा, काले लंबे बाल जिन्हें पिन अप करके खुला छोड़ा हुआ था, हाथों में एक ब्रेसलेट जो बेहद क्यूट लग रहा था। वह इस वक्त एक क्लब के सामने खड़ी थी। उसकी आँखें रोने की वजह से सूजी हुई थीं। यह और कोई नहीं, विधि थी।
वह एक गहरी साँस लेकर उस क्लब में एंटर करती है। अपने सर के दुपट्टे को संभालते हुए वह इधर-उधर नज़रें दौड़ाकर देखती है। दरवाज़े पर खड़ा सिक्योरिटी गार्ड उसे अजीब नज़रों से देखकर बोलता है,
"अरे मैडम, रास्ता भटक गई क्या? इस लुक में आज तक इस क्लब में कोई नहीं आया!"
विधि ने अटकते हुए कहा,
"हमें मिहिर बाजवा सर से मिलना है। आप बता सकते हैं वो कहाँ मिलेंगे?"
उस सिक्योरिटी गार्ड ने हँसते हुए कहा,
"डायरेक्ट इस क्लब के ओनर से मिलना है? सर अंदर रम्मी खेल रहे हैं और उन्हें पसंद नहीं कि कोई उन्हें डिस्टर्ब करे। अगर आपके पास अपॉइंटमेंट है तभी आप मिल सकती हैं!"
विधि ने अपने हाथ मलते हुए एक बार फिर अपने दुपट्टे को सही किया और कहा,
"बहुत ज़रूरी है हमारा उनसे मिलना, प्लीज़!"
तभी सिक्योरिटी गार्ड का फ़ोन रिंग करता है। सामने वाले की बात सुनकर सिक्योरिटी गार्ड विधि को ऊपर से नीचे तक अजीब नज़रों से देखता है, फिर बोलता है,
"सेकंड फ़्लोर, रूम नंबर 202!"
विधि ने हाँ में सर हिलाते हुए आगे बढ़ जाती है और सीढ़ियों से होती हुई सेकंड फ़्लोर पर पहुँच जाती है। रूम नंबर 202 के सामने जाकर एक बार गहरी साँस लेती है और काँपते हाथों से रूम डोर खटखटाती है। लेकिन दरवाज़ा अपने आप खुल चुका था। उसने सामने जैसे ही देखा, उसकी आँखें सीधा दो सिल्वर ब्लू आँखों से टकरा गईं और विधि का दिल धड़क से रह गया। उसे अतीत के कुछ पल याद आ गए। अगले ही पल उसने खुद से कहा,
"ये सिर्फ़ एक कोइन्साइडेंस है, ये इंसान वो नहीं है।"
विधि डरते हुए धीरे-धीरे अपने कदम बढ़ा रही थी। उसके सामने मिहिर बाजवा बैठा था। मिहिर ने गर्दन टेढ़ी करते हुए अजीब नज़रों से विधि को ऊपर से नीचे तक देखा जिसके देखने भर से विधि शिवर कर रही थी। मिहिर ने जोर-जोर से हँसकर कहा,
"ओह माय गॉडनेस... इन द क्लब... दिस लुक... आर यू क्रेज़ी...?"
विधि ने अपनी नर्वसनेस को छुपाते हुए कहा,
"हम... हम ऐसे कपड़े पहनते हैं!"
मिहिर टेबल पर रखे पेपर वेट को हाथ में लेकर घुमाते हुए बोला,
"वेल... दैट्स नॉट मैटर! काम क्या है, बोलो!"
विधि ने नर्वसनेस में अपने होंठ चाटे, फिर धीरे से पलकें उठाकर मिहिर की आँखों में देखती हुई बोली,
"आप... आपके हॉस्पिटल में... मेरी बेटी एडमिट है। किसी ने बोला आपसे डायरेक्ट बात करूँगी तो आप उसका इलाज करने की परमिशन दे देंगे।"
ये बोलते वक्त विधि की आवाज़ टूटती हुई महसूस हो रही थी। मिहिर ने एक पल विधि को देखा।
"तुम शादीशुदा हो और एक बच्ची की माँ भी।"
विधि ने डरते हुए अपनी पलकें फड़फड़ाकर कहा,
"हम... हम शादीशुदा नहीं हैं! इससे ज़्यादा हम आपको कुछ नहीं बता सकते! आप प्लीज़ मेरी बेटी का ऑपरेशन स्टार्ट करवा दीजिए। अभी मेरे पास उतने पैसे नहीं हैं, जब होंगे मैं चुका दूँगी!"
मिहिर ने व्हिसल बजाते हुए कहा,
"...उम्म् उम्म्... मिहिर बाजवा फ्री में किसी के लिए कुछ भी नहीं करता। अगर तुम चाहती हो उसका इलाज स्टार्ट हो जाए तो तुम्हें मुझे सर्व करना पड़ेगा।"
ये सुनते ही विधि के कान सुन्न पड़ चुके थे। भला वह किस एंगल से कोई सर्व करने वाली लग रही थी! मिहिर ने उसकी आँखों को हैरानी से बड़ा होते देख कहा,
"अरे मोहतरमा, आप तो गलत समझ गईं। मेरा मतलब है मेरे घर में सर्वेंट बन सकती हो, ऑफिस में एम्प्लॉयर बन सकती हो, हॉस्पिटल में नर्स बन सकती हो या इस क्लब में वेटर... बस एक जॉब के ज़रिए मुझे सर्व करना है। वैसे तुम्हारी सोच कुछ ज़्यादा ही डर्टी है या फ़ैंटेसी ही कुछ ज़्यादा है...हम्म।"
विधि के माथे पर पसीना आ चुका था। उसने डरते हुए ना में गर्दन हिलाकर कहा,
"हम... हम कुछ नहीं सोच रहे थे। आपको इनमें से जो भी जॉब करवानी है बता दीजिए।"
मिहिर ने अजीब सी टोन में कहा,
"ओह्ह, यू आर लाइक अ लिटिल बेबी गर्ल। वेल... तुम्हें देखकर लगता है तुम क्लब और ऑफिस में सर्विस नहीं दे सकती... तो तुम मुझे घर में सर्विस दोगी।"
ये सुनकर विधि ने एक बार फिर डर से आँखें बड़ी कीं, मिहिर की सिल्वर ब्लू आँखों में देखा... जिस पर...
मिहिर ऊपर की तरफ चेहरा किए हँसते हुए बोला,
"ओह माय गॉश... यू आर सो क्यूट! आई मीन तुम मेरे घर सर्वेंट बनकर रहोगी।"
विधि ने हाँ में सर हिला दिया और बोली,
"आप पहले मेरी बेटी का इलाज शुरू करवा दीजिए।"
मिहिर ने किसी को फ़ोन से मैसेज किया और कहा,
"तो बेबी गर्ल, कब से शुरू कर रही हो सर्विस, आई मीन योर जॉब!"
विधि ने कहा,
"हम... हम कल ही आ जाएँगे। आप एड्रेस बता दीजिए।"
मिहिर ने शैतानी हँसी हँसते हुए कहा,
"ओके, बट आई वांट योर जॉब फ्रॉम टुडे।"
विधि ने हाँ में गर्दन हिलाकर ओके कहा। मिहिर ने जेब से कार की कीज़ निकाली और अपनी फ़िंगर में डालकर घुमाते हुए बोला,
"लेट्स गो, बेबी गर्ल।"
आखिर क्या हुआ है विधि की बेटी को? कौन है मिहिर?
क्रमशः
मिहिर की कार एक बड़े से मैंशन के सामने आकर रुकी। मैंशन पर लिखा था, "द बाजवा पैलेस"। विधी जैसे ही कार से उतरी, उसकी आँखें वहाँ की खूबसूरती देख चौंधिया गईं! वह वहाँ के खुशनुमा नज़ारे में खो सी गई थी।
मैंशन के मुख्य द्वार से एक इंटरलॉक वाली सड़क घर के अंदर जाती थी। सड़क के दोनों तरफ़ गार्डन थे जहाँ कुछ लोग काम कर रहे थे। कोई पौधों की कटिंग कर रहा था, तो कोई पानी दे रहा था, और कुछ सफ़ाई कर रहे थे।
दोनों तरफ़ ही वाटरफ़ॉल लगे थे! और उस गार्डन में इतने रंग के फूल थे, जितने रंगों के नाम भी विधी नहीं जानती थी!
यह महल जैसा घर ग्रे कलर का था, जिसमें कुछ-कुछ नक्काशी भी की गई थी। यह घर तीन मंजिला था। ऊपर की मंजिल दूर से ओपन दिख रही थी।
मिहिर ने विधी के आगे चुटकी बजाते हुए कहा,
"कहाँ खो गई बेबी गर्ल? अंदर चलें!"
मिहिर हाथों में चाबी घुमाते हुए और सीटी बजाते हुए जा रहा था। विधी धीमे कदमों से उसे फॉलो कर रही थी।
मिहिर ने अंदर जाते ही कहा,
"वेलकम इन दिस केज, बेबी गर्ल! अब तुम्हें यहीं रहकर काम करना है!"
विधी ने झट से कहा,
"मेरी बेटी का इलाज..."
मिहिर ने एक स्माइल के साथ कहा,
"ऑपरेशन शुरू हो चुका है! जल्दी ठीक हो जाएगी वह। उसके बाद मैं तुम्हें टोटल खर्चा बता दूँगा। फ़िलहाल तुम बस यह दिमाग लगाओ कि इस घर को कैसे संभालोगी और साथ में यहाँ रहने वाले लोगों को भी!" मिहिर के चेहरे पर एक रहस्यमय भाव था।
विधी ने गहरी साँस लेकर आस-पास नज़र घुमाई। यह घर किसी के सपनों के महल की तरह था। इतना खूबसूरत था कि खूबसूरत शब्द भी कम पड़ जाते! सब कुछ अपने आप में ही परफेक्ट था।
हॉल में कुछ एंटीक मूर्तियाँ रखी थीं जो बेहद खूबसूरत लग रही थीं। पेंटिंग्स का कलेक्शन भी बहुत खूबसूरत था।
मिहिर ने किसी को आवाज़ लगाते हुए कहा,
"अंबी!"
तो एक लड़की, जिसने जींस-टॉप पहना था, वह किचन से निकलकर मिहिर के सामने आई और ग्रीट करते हुए बोली,
"गुड आफ़्टरनून सर!"
मिहिर ने "गुड आफ़्टरनून" बोलते हुए कहा,
"यह आज ही नई ज्वाइन हुई है। इसे सारे काम समझा दो! अब से घर का किचन और सफ़ाई यह संभालेगी! और तुम इसकी हेल्प करोगी।"
अंबी ने हाँ में सर हिलाकर एक स्माइल के साथ विधी को देखा।
विधी ने मन ही मन कहा, "एक सर्वेंट का ड्रेसिंग सेंस भी उसके हिसाब से बहुत हाई क्लास है। अगर विधी इन सब से लोअर है, तो यहाँ के मालिक का स्टैंडर्ड तो उसके लिए किसी आसमान छूने जैसा है!"
विधी एक नर्वसनेस के साथ अंबी को देखती है जो उसे अजीब नज़रों से देख रही थी।
मिहिर ने विधी को देखकर कहा,
"आई हैव एन अर्जेंट वर्क, बेबी गर्ल। शाम को मिलते हैं डिनर पर।"
मिहिर आई विंक करते हुए वहाँ से चला गया। अंबी ने कहा,
"डिनर में तो अभी बहुत सारा टाइम है। चलो तुम सफ़ाई ही कर लो! मैं तो चली बाहर। एक्चुअली ना, मेरा घर पास ही है। तो जब सर नहीं होते, मैं काम चोरी कर लेती हूँ क्योंकि मेरी मम्मी अकेली रहती हैं। एंड अभी तो तुम भी हो यहाँ। झाड़ू-पोछा सब उस साइड रखा है। ओके!"
अंबी एक स्माइल के साथ वहाँ से चली गई। विधी अब भी कन्फ़्यूज़न में थी।
विधी ने अपने दुपट्टे को संभालते हुए, उसके पल्लू से अपना फ़ोन निकाला और नैना का नंबर डायल किया। सामने नैना की खुशी भरी आवाज़ आई,
"फ़ाइनली विधी! हमारी रूह का ऑपरेशन चालू हो चुका है!"
यह सुनकर विधी के चेहरे पर भी राहत आ गई और उसने कहा,
"मैं कल सुबह आऊँगी। तब तक रूह का ख्याल रखना!"
विधी की मायूसी भरी आवाज़ सुनकर नैना को बुरा लगा, लेकिन उसने हाँ बोलते हुए कॉल कट कर दिया।
विधी ने ज़्यादा कुछ न सोचते हुए झाड़ू उठाई और जहाँ-जहाँ उसे लगा गंदगी है, वह साफ़ करने लगी। लेकिन यह घर इतना साफ़ था कि विधी को लग रहा था वह झूठी मेहनत कर रही है।
तो विधी ने थक-हारकर झाड़ू छोड़ दी और खुद से ही कहा,
"इस चमचमाते फ़र्श को झाड़ू-पोछे की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है!"
विधी को घर बिल्कुल सुनसान लग रहा था, इसलिए उसने इसका एक टूर करने का फैसला किया। विधी ने नीचे का फ़्लोर देखकर सेकेंड फ़्लोर देखा। जिसे देखकर लग रहा था यहाँ ज़रूर गर्ल्स रहती होंगी। बिल्कुल किसी डिज़्नी वर्ल्ड की तरह सजा रखा था उस वाले फ़्लोर को।
विधी जो भी रूम खुला था, मन ही मन झाँककर देख रही थी! कोई रूम कम्पलीट पिंक, तो दूसरा कम्पलीट पर्पल...
विधी जैसे ही थर्ड फ़्लोर पर पहुँची, डर के मारे उसका गला सूखने लगा क्योंकि उसका थीम बहुत अजीब था। सब जगह लग रहा था किसी ने रंगों की बरसात कर दी हो, वह भी इतने अजीबोगरीब रंग। ब्लैक, ब्राउन और गोल्ड कलर तीनों का मिक्सचर लग रहा था।
लेकिन कुछ दूर जाने के बाद तो विधी की हालत और ज़्यादा खस्ता हो गई, क्योंकि आगे का पोर्शन पूरी तरह ब्लैक एंड ब्लड रेड था! जो बहुत ही क्रिपी वाइब दे रहा था।
विधी हिम्मत करके आगे बढ़ रही थी। उसने देखा एक रूम का दरवाज़ा हल्का सा ओपन है। विधी ने जैसे ही उस दरवाज़े को पुश किया, सामने का नज़ारा तो बाकी सब नज़ारों से भी डरावना था। सामने एक पेंटिंग थी, जिसे देखकर लग रहा था किसी के मर्डर मिस्ट्री की पेंटिंग हो! उस रूम में सिर्फ़ और सिर्फ़ पेंटिंग रखी थीं। विधी ने दो-तीन कदम ही बढ़ाए थे कि उसके कानों में किसी की गहरी आवाज़ आई,
"कौन है वहाँ!"
विधी ने गर्दन घुमाई तो एक बार फिर उसकी नज़रें सिल्वर ब्लू ओसियन आइज़ से टकरा गईं और विधी का कन्फ़्यूज़न के मारे सर चकराने लगा!
सामने एक बेहद हॉट पर्सनैलिटी का बंदा खड़ा था, जिसके मुँह में सिगरेट थी। उसने सिर्फ़ ब्राउन कलर का एक ट्राउज़र पहना था। अप्पर बॉडी बेयर्ड थी और कुछ-कुछ कलर बिखरे थे उसके सीने पर। मैसी हेयर, पसीने से भीगे हुए, कुछ उसके फोरहेड पर चिपके थे।
और वह अपनी गहरी निगाहों से विधी को इस कदर घूर रहा था जिससे विधी को अपने शरीर पर उसकी आँखों की छुअन तक महसूस हो रही थी!
उसने विधी से नज़रें हटाई और सिगरेट का एक कश भरते हुए कहा,
"रास्ता भटक गई हो क्या?"
विधी ने जैसे-तैसे पूरी हिम्मत जुटाई और कहा,
"वो मैं... मैं... मिहिर सर... के साथ आई थी!"
यह सुनकर उस लड़के ने उसे देखते हुए कहा,
"किसलिए लाया है वो तुम्हें यहाँ?"
विधी ने अपना स्लाइवा गटकते हुए कहा,
"स...स...सर्वेंट के काम के लिए!"
उसने अपनी गर्दन टेढ़ी करते हुए विधी को फिर से अजीब नज़रों से घूरा। तो विधी ने नज़रें नीची करते हुए अपने सर के दुपट्टे को सही किया जिससे उस शांति में उसका ब्रेसलेट शोर कर रहा था! और वह आदमी अब भी विधी को ऊपर से नीचे तक घूर रहा था। विधी की बॉडी शिवर कर रही थी। उसके पाँव जैसे जम गए थे वहाँ!
वह धीमे कदमों से उसकी तरफ़ बढ़ा तो विधी के दिल ने भी पूरी रफ़्तार पकड़ ली। उसने करीब आकर विधी की आँखों में देखते हुए कहा,
"लुक एट मी!"
विधी ने एक बार अपनी आँखें कसकर भींची और अगले ही पल हिम्मत जुटाकर उसकी आँखों में देखा।
"आर यू फेन्टहार्टेड?"
उसकी डोमिनेटिंग टोन सुनकर विधी सिहरते हुए दो कदम पीछे हट गई और अपने दुपट्टे को कसकर अपने हाथों में पकड़ लिया।
वह शैतानी हँसी हँसकर बोला,
"यू आर लाइक अ टिमिड बेबी..."
यह सुनकर विधी ने नज़रें फेरते हुए कहा,
"न...नो आई एम नॉट...मु...मुझे आपसे डर नहीं लग रहा!"
वह उसके दो कदम और नज़दीक आया और अचानक ही विधी के फोरहेड पर उभरी पसीने की बूंदों को अपनी उंगली से छिटकते हुए बोला,
"यू आर लाइंग, टिमिड बेबी!"
विधी ने अपनी आँखें बंद कर ली थीं। उसके होंठ अब काँप रहे थे।
"वेल...आई एम अग्निर बाजवा। डिड यू नो मी, टिमिड बेबी?"
यह सब अग्निर ने विधी के काँपते होंठों को एकटक देखते हुए कहा। विधी ने होंठ फड़फड़ाकर कुछ कहना चाहा, लेकिन उसके मुँह से एक भी शब्द बाहर नहीं आ रहा था कि अचानक ही अग्निर ने उसके होंठों को अपने हाथ में भरते हुए कहा,
"दे आर इनवाइटिंग मी टू किस यू!"
यह सुनकर विधी ने झट से आँखें खोलीं और हैरानी से उसकी सिल्वर ब्लू आइज़ में देखने लगी।
आखिर कौन है अग्निर?
To Be Continued
"Well.. I am अग्निर बाजवा.. did you know me, timid baby..?" ये सब अग्निर ने विधी के कांपते होठों को एकटक देखते हुए कहा।
विधी ने होठ फड़फड़ा कर कुछ कहना चाहा, लेकिन उसके मुँह से एक भी शब्द बाहर नहीं आ रहा था।
की अचानक ही अग्निर ने उसके होठों को अपने हाथ में भरते हुए कहा,
"They are inviting me to kiss you..!"
ये सुनकर, विधी ने झट से आँखें खोलीं और हैरानी से उसकी सिल्वर ब्लू आँखों में देखने लगी।
अग्निर ने तिरछी मुस्कराहट लिए कहा,
"Are you shocked, timid baby?"
विधी ने कुछ कहना चाहा, लेकिन उसके होठ तो अग्निर के हाथों में कैद थे!
की अचानक विधी को अपने पीछे टाइगर के गुर्राने की आवाज़ आई!
अग्निर ने भी उसके होठ छोड़कर टेढ़ी गर्दन किए पीछे देखा।
जहाँ एक बड़ा सा व्हाइट टाइगर था।
विधी चीखते हुए अग्निर के सीने से जा लगी! उसी के साथ अग्निर की आँखें कुछ पल के लिए बंद हो गईं और दिल और दिमाग़ उसकी लैवेंडर खुशबू में कहीं गुम सा हो गया।
विधी का सिर अग्निर के सीने पर था, जिससे उसे अग्निर की धड़कनें साफ़ सुनाई दे रही थीं।
अग्निर ने उस टाइगर को देखकर कहा,
"She is scared of you, स्नोई.. get out!"
स्नोई बेचारा सा मुँह बनाते हुए अपना सिर हिलाया और बालकनी की तरफ़ चला गया। वो ऐसे बिहेव कर रहा था जैसे उसे अग्निर की एक-एक बात समझ आ रही हो।
वो देखने में बेहद प्यारा था, लेकिन दहाड़ते वक़्त उतना ही खूंखार। उसकी भी आँखें अग्निर की तरफ़ ब्लूइश थीं।
विधी के डर के मारे पसीने छूट रहे थे!
उसने स्नोई के जाते ही अग्निर से खुद को दूर किया और अपने सर का दुपट्टा संभाला।
अग्निर ने कहा,
"तुम्हें यहाँ के रूल नहीं पता हैं, timid baby.. ये रेस्ट्रिक्टेड एरिया है! यहाँ मेरी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ अगर कोई आता है तो स्नोई उसे सीधा हेवन में ट्रांसफर कर देता है!"
विधी ने डरते हुए कहा,
"हम!!!! हम कभी नहीं आयेंगे यहाँ!!"
विधी ने इतना कहा और लगभग भागते हुए रूम से निकल गई। उसे देखकर लग रहा था किसी मैराथन में दौड़ रही हो और वो तब तक नहीं रुकी जब तक ग्राउंड फ्लोर पर नहीं पहुँच गई।
उसके जाने के बाद अग्निर को बहुत हँसी आ रही थी, उसका डरा हुआ चेहरा याद करके।
"उसने खुद से कहा,"
"इंटरेस्टिंग, timid baby..!"
फिर उसने खुद को एक नज़र देखा। उसके सीने पर रंग ज़रूर बिखरे थे, लेकिन अब उन्हें नई खुशबू मिल गई थी!
विधी की लैवेंडर खुशबू!!!
जो अग्निर को बहुत अच्छी लग रही थी। उसका मन नहीं कर रहा था बाथ लेने का! उसे वो खुशबू अपने आस-पास महसूस करके सुकून मिल रहा था। उसने आँखें बंद करके एक गहरी साँस भरी और अपने सीने को अपने हाथ से सहलाया।
वहीं विधी ने किचन के वॉश बेसिन में जाकर दो-तीन बार अपना चेहरा धोया। उसे अग्निर का स्पर्श याद करके ही goosebumps महसूस हो रहे थे! कन्फ़्यूज़न में उसका सिर चकरा रहा था। वो एक ही दिन में दो ऐसे इंसानों से मिल चुकी थी जो उसके अतीत को याद दिला रहे थे!
विधी फूट-फूट कर रोना चाहती थी, लेकिन ऐसा कर नहीं पा रही थी!
शाम को, अंबी वापस आ चुकी थी। उसने और विधी ने मिलकर करीब 9 लोगों का डिनर रेडी किया। विधी को पता नहीं था यहाँ कौन-कौन रहता है!
अंधेरा हो चुका था और बाजवा मैंशन के सामने दो कारें आकर रुकीं। पहली कार से एक लड़की बाहर आई जो नशे में झूल रही थी। उसने पिंक नी लेंथ समर ड्रेस पहनी थी, उसके बाल ओपन थे और कमर तक लहरा रहे थे। आँखें पूरी तरह नशीली थीं।
दूसरी कार से एक और लड़की बाहर आई जो भी बिल्कुल उसी की उम्र की लग रही थी! वो भी नशे में थी। उसने पर्पल कलर का टॉप और एक थाई लेंथ स्कर्ट पहना था। बाल कंधे तक आ रहे थे जो बेबी कटिंग में थे। बालों को ओपन करके क्लिप डाल रखी थी।
वो कार से निकलकर दूसरी लड़की के गले में बाहें डालते हुए बोली,
"समा, चल मैं तुझे ले चलती हूँ।"
"कुहू, तू खुद नशे में है, चल मैं तुझे ले चलती हूँ।"
दोनों ने एक-दूसरे को देखकर हँसते हुए कहा,
"हम दोनों ही एक-दूसरे को ले चलते हैं।"
दोनों ने हामी भरते हुए कहा, "हाँ, ये सही है।"
विधी जो अंबी के साथ टेबल पर डिनर अरेंज कर रही थी, दरवाज़े से ही उन दोनों की बातें सुन रही थी। वो दोनों टेबल तक पहुँचते-पहुँचते गिरने को हुईं, तो विधी ने आगे बढ़कर उन्हें संभाल लिया।
लेकिन अगले ही पल समा गुस्से से चीखते हुए बोली,
"How dare you touch Bajwa sisters?"
कुहू ने भी विधी को गुस्से में घूरकर देखा।
दोनों ने ही अगले ही पल कहा,
"Who are you? You are not अंबी!"
अब दोनों के चेहरों पर गुस्से की जगह कन्फ़्यूज़न आ गया था।
समा ने कहा,
"We are asking something..!?"
विधी उसके चीखने भर से डरकर पीछे हट गई, लेकिन तभी किसी ने उसकी बाहें थाम लीं। विधी ने मुड़कर देखा, एक बार फिर सिल्वर ब्लू आँखें देखकर उसका दिल जोरों से धड़क उठा। ये और कोई नहीं, बल्कि मिहीर था जो अभी-अभी आया था।
"Are you alright, baby girl?"
मिहीर की आवाज़ सुन विधी ने उसके हाथ अपनी बाहों से हटाते हुए कहा,
"हम.. हम ठीक हैं सर!"
मिहीर ने गुस्से से समा और कुहू को घूरा और कहा,
"You both don't have any manners... Now get lost from here..."
"अपने रूम में जाओ।"
एक और नई आवाज़ सुनकर विधी ने दरवाज़े की तरफ़ देखा, जहाँ एक 50 साल के आसपास का आदमी खड़ा था! उसकी बात सुनकर समा और कुहू विधी को घूरते हुए वहाँ से लिफ्ट की तरफ़ चली गईं।
विधी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। वो बस अचरज़ भरी निगाहों से सबको देख रही थी। वो आदमी हाथ धोकर खाने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठ गया और उसके साथ ही मिहीर भी!
विधी उन्हें सर्व करने लगी और अंबी डिनर लेकर समा और कुहू के रूम की तरफ़, टॉप फ्लोर पर चली गई। विधी को कुछ समझ नहीं आया, कैसी फैमिली है! कोई रूम में डिनर कर रहा है तो कोई डाइनिंग हॉल में!
मिहीर ने खाना टेस्ट करने के बाद विधी की तरफ़ चिकी स्माइल करते हुए कहा,
"Baby girl, dinner is so good."
विधी ने उस दूसरे शख्स की तरफ़ देखा तो उसने भी फीकी सी स्माइल के साथ कहा,
"खाना अच्छा बना लेती हो! नाम क्या है तुम्हारा?"
"विधी।" विधी की आवाज़ में ही मासूमियत भरी थी जो उस शख्स को विधी की तरफ़ देखने पर मजबूर कर रही थी। उसने विधी की तरफ़ देखकर एक बार फिर स्माइल पास करते हुए कहा,
"I am मिहिग्निर बाजवा।"
इस बार मिहिग्निर की स्माइल कुछ हद तक रियल लग रही थी।
कुछ पल बाद मिहीर डिनर फ़िनिश करते हुए वहाँ से उठ जाता है, फिर विधी के पास आकर उसके कान में बोलता है...
"क्या डिनर में मुझे ही खाना है जो ऐसे कातिल निगाहों से घूर रही हो? Well, I enjoy it, if you want. Good night."
इतना बोल वो विधी से थोड़ा दूर हुआ, फिर आई विंक करते हुए लिफ्ट की तरफ़ बढ़ गया।
विधी अपना स्लाइवा गटकते हुए एकटक जाते हुए मिहीर को देख रही थी, जिसकी बातें इतनी ज़्यादा इन्टिमेन्टिंग थीं, जो विधी को अंदर तक काँपने पर मजबूर कर रही थीं!
अंबी समा और कुहू को डिनर करवाकर अपने घर जा चुकी थी। वहीं विधी को ऐसे खड़ा देखकर मिहिग्निर ने कहा,
"तुम भी डिनर कर लो। इस फ्लोर में सर्वेंट रूम है, तुम यहीं सो जाना।"
विधी हाथ मलते हुए मिहिग्निर को देख रही थी, तो उसने पूछा,
"कुछ कहना है तुम्हें..!?"
तो विधी ने पहले अपना दुपट्टा सही किया, फिर अपने सूखे होठों पर जीभ फेरकर बोली,
"वो.. वो अग्निर सर..! क्या वो डिनर नहीं करेंगे? I mean हमें खाना वेस्ट नहीं करना चाहिए, बस इसलिए!"
मिहिग्निर ने कुछ सोचते हुए कहा,
"तुम मिली उससे..!"
विधी ने हड़बड़ाकर कहा,
"अ... आ... हाँ.. हम.. मिले थे उनसे। दोपहर में!"
मिहिग्निर ने सिर हिलाते हुए कहा,
"एक काम करो, उसे डिनर तुम ही दे आओ ऊपर। ओके!"
"Good night!"
विधी खुद के सर पर मारते हुए बोलती है,
"क्या ज़रूरत थी मुसीबत मोल लेने की! अब वो सफ़ेद टाइगर.. जान ले लेगा हमारी! और अगर उससे बची तो उसका मालिक..... Ummhhh...!!!"
क्या करें अब.. विधी ने झल्लाते हुए खुद से कहा।
कुछ पल बाद विधी खुद के डर को संभालती हुई एक प्लेट में डिनर लगाती है और सर का दुपट्टा सही करती हुई सीढ़ियों की तरफ़ बढ़ जाती है, क्योंकि लिफ्ट में जाने से उसे डर लग रहा था।
क्या होगा जब विधी मिलेगी अग्निर से! जानने के लिए पढ़ते रहिए "Marriage with Psycho"
विधी दो फ्लोर तो आराम से चढ़ गई सीढ़ियाँ, लेकिन जैसे ही तीसरे फ्लोर की सीढ़ियों पर पैर रखा, उसे अग्निर का वह ठंडा ओरा याद आया और उसके पैर काँपने लगे। वह अपने होठ चबाते हुए कदम आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही थी।
अचानक उसे स्नोई याद आया। अब तो उसका गला भी सूख गया था। वह वापस मुड़ते हुए बोली,
"नहीं-नहीं, मुझे नहीं जाना। उस पागल टाइगर ने काट लिया तो या उसके मालिक ने!"
विधी ने झुंझलाकर कहा,
"क्या मुसीबत है?"
विधी ने आँखें बंद करके गहरी साँस ली, सर का दुपट्टा सही किया और वापस मुड़कर सीढ़ियाँ चढ़ने लगी।
अग्निर सिगरेट का कस लगाते हुए उसकी पागल हरकतों को देख रहा था। वह इस वक्त भी शर्टलेस था और उसने ब्लैक टाउजर पहना था। बाल माथे पर बिखरे थे। आँखों में अलग सा सुरूर था जो विधी को देखते हुए बढ़ता ही जा रहा था।
विधी ने दो कदम रखने के बाद अपने हाथ में पकड़ी प्लेट पर पकड़ कसते हुए मन में सोचा,
"वो सफेद टाइगर अभी सो गया होगा ना! हाँ, अभी तक जागकर क्या करेगा!"
"तू भी ना, विधी, बहुत सोचती है! वो सो ही गया होगा!"
विधी खुद से बात करते करते लगभग आधी सीढ़ियाँ चढ़ चुकी थी, लेकिन तभी स्नोई ने जोर से दहाड़ लगाई और अगले ही पल विधी लड़खड़ाकर गिरने को हुई। लेकिन किसी ने उसकी प्लेट और उसे दोनों को बहुत अच्छे से संभाल लिया था।
विधी ने डर से आँखें मूँद ली थीं, लेकिन खुद को सही-सलामत पाकर अपनी आँखें धीरे से खोली तो सामने अग्निर था, जिसके मुँह में अब भी सिगरेट थी; एक हाथ में वह खाने की प्लेट और एक हाथ विधी की पतली सी कमर पर था। विधी का हाथ अग्निर के खुले सीने पर था। विधी की हार्टबीट बहुत तेज हो चुकी थी; उसके हाथ हल्के से काँप रहे थे।
अग्निर ने विधी की यह हालत देख उसे सही से खड़ा किया और प्लेट उसके हाथ में देते हुए वापस ऊपर की तरफ बढ़ गया।
विधी ने हिचकिचाहट के साथ कहा,
"सुनिए।"
अग्निर ने सिगरेट का एक और कस लगाया और मुड़कर पीछे देखा। विधी ने कहा,
"वो यह खाना आपके लिए है! आप ले जाइए। हमें उस टाइगर से डर लगता है।"
अग्निर सीढ़ियाँ चढ़ते हुए बोला,
"ओह, रियली टिमिड बेबी। अब यहाँ तक आ ही गई हो तो डरना जायज नहीं है तुम्हारा!"
"कम ऑन, फॉलो मी। स्नोई रूम में नहीं है!"
विधी ने दुपट्टा संभालते हुए आगे कदम बढ़ा दिए। उसकी बॉडी जो वाइब्रेशन मोड पर आ गई थी, उसे नॉर्मल करने की कोशिश करते हुए वह अग्निर के पीछे-पीछे जा रही थी।
अग्निर एक रूम में एंटर करता है और विधी उसके पीछे। विधी मुँह खोले पूरे रूम को देख रही थी। पूरा रूम ग्रे थीम में था जो बेहद एलिगेंट लग रहा था। बस इसमें रहने वाला शख्स ज़रूर उखड़े मिजाज का था, क्योंकि अग्निर का हुलिया कुछ इस क़दर था: बिखरे हुए बाल, हाथ में सिगरेट, ओनली इन टाउज़र, ऊपर बेयर बॉडी। उसे देखकर लग रहा था बंदे ने जिम में खूब पसीना बहाया होगा। ट्राइसेप्स, बाइसेप्स, एब्स बिल्कुल किसी माचो मैन की तरह फिट थे।
अग्निर ने सिगरेट ऐश ट्रे में बुझाते हुए कहा,
"टिमिड बेबी, तुम्हें और कोई जॉब नहीं मिली जो तुम मिहिर की सर्वेंट बन गई?"
विधी ने जैसे ही बोलने के लिए मुँह खोला, अग्निर ने वार्निंग भरे लहजे में कहा,
"झूठ बर्दाश्त नहीं होगा, टिमिड बेबी। इसलिए मुँह खोलने से पहले दस बार सोच लो! क्योंकि अगर मुझे पता चला तुमने मुझे झूठ बोला है तो फिर मैं तुम्हारी बर्दाश्त से बाहर हो जाऊँगा।"
अग्निर ने अजीब सी स्मर्क के साथ कहा, जिससे विधी ने एक बार सलाइवा गटक कर खाना वहीं टेबल पर रखकर खड़ी हो गई। उसकी हथेलियाँ आपस में उलझी थीं, शायद अपनी एंग्जाइटी छिपाने या कम करने की कोशिश कर रही थी वह। लेकिन सामने खड़े शैतान की नीली आँखें देखकर ही उसका बदन काँप रहा था, जितना तो शायद जनवरी के महीने में ठंड के कारण भी नहीं किया होगा कभी।
अग्निर वहीं टेबल के पास रखे काउच पर आराम से पैर पसार कर बैठते हुए बोला,
"यू आर सच अ टिमिड बेबी।"
"मैंने तुम्हें बिल्कुल करेक्ट नाम दिया है! तुम किसी बच्चे की तरह बहुत जल्दी डर जाती हो।"
"अब तुम्हारी जुबान को क्या हुआ?"
"आई एम वेटिंग फॉर योर डैम शेकिंग वॉइस।"
विधी ने अपने सूखे होठों पर एक बार जीभ फेरकर कहा,
"वो... वो मेरी रूह... आई एम... आई मीन... मेरी बेटी... मिहिर सर के हॉस्पिटल में एडमिट है... मेरे लिए उस हॉस्पिटल का खर्चा अफोर्डेबल नहीं है।"
"दैट्स व्हाई..."
अग्निर ने काउच पर लीन होते हुए उसे टोककर कहा,
"दैट्स व्हाई... यू आर हियर... बिकम्स अ सर्वेंट... और समथिंग एल्स?"
विधी ने इस बार थोड़ी हिम्मत करते हुए कहा,
"व्हाट डू यू मीन बाय समथिंग एल्स?"
अग्निर ने काउच की हेड रेस्ट पर सर टिकाकर हँसते हुए कहा,
"मीनिंग समझ गई हो तभी तो भड़क रही हो, टिमिड बेबी। वरना तो... योर वॉइस... लाइक शेकिंग शेकिंग..."
विधी ने हड़बड़ा-हट में अग्निर से अपनी नज़रें फेरकर फर्श पर अपनी नज़रें गड़ा दीं।
"वेल, इफ यू आर सेइंग यू आर नॉट अंडरस्टैंड... देन आई विल शो यू व्हाट मीन्स ऑफ माई सेंटेंस!"
इतना बोलते हुए अग्निर ने झट से विधी की कलाई थामते हुए उसे अपनी गोद में बैठा लिया, जिससे विधी ऐसे झटपटा रही थी जैसे उसने करंट की नंगी वायर को छू लिया हो।
"लीव मी, मिस्टर शेमलेस!" विधी ने दाँत भींचते हुए कहा।
लेकिन अगले ही पल हिलना तो दूर, उसकी साँसें तक थम चुकी थीं, क्योंकि अग्निर उसके बालों में अपना चेहरा छुपाए फ्लॉवरी स्मेल को स्निफ कर रहा था।
विधी ने वाइब्रेटिंग टोन में कहा,
"आप... आप क..."
"शशश..." अग्निर ने उसके कान के पास अपने होठ ले जाते हुए शरगोशी से कहा,
"यू स्मेल लाइक अ फ्रेश फ्लावर, टिमिड बेबी।"
विधी ने आँखें मूँदते हुए कहा,
"आप क्यों टीज़ कर रहे हैं? मुझे छोड़िए!"
विधी ने दांत भींचते हुए कहा, "Leave me, mister shameless!"
लेकिन अगले ही पल, हिलना तो दूर, उसकी साँसें तक थम चुकी थीं क्योंकि अग्निर उसके बालों में अपना चेहरा छुपाए, फूलों जैसी खुशबू सूंघ रहा था।
विधी ने काँपती आवाज़ में कहा,
"आप... आप क...!"
"Shhh..." अग्निर ने उसके कान के पास अपने होंठ ले जाते हुए फुसफुसाया, "You smell like a fresh flower, timid baby."
विधी ने आँखें मूँदते हुए कहा,
"आप क्यों tease कर रहे हैं? हमें छोड़िए!"
अग्निर ने कहा,
"मैं tease नहीं कर रहा, timid! तुम्हें अपने शब्दों का मतलब समझा रहा हूँ! क्या तुम मिहीर को खाने के साथ खुद को serve करती हो?"
विधी ने अग्निर के हाथ पर अपने नुकीले नाखून गाड़ते हुए कहा,
"You are such a shameless! आपकी सोच, भाषा... सब घटिया है! I said, leave me!"
विधी की हड़बड़ाहट में उसके सिर से दुपट्टा सरक कर गले में गिर चुका था।
अग्निर ने कहा,
"तुम्हारी बेटी बीमार है, तो उसका बाप क्या कर रहा है?"
विधी ने चीखते हुए कहा,
"I don't know... leave me!"
अग्निर ने उसे छोड़ दिया। अगले ही पल विधी हवा की रफ़्तार से उसकी गोद से उठ गई और जल्दी से अपना सिर दुपट्टे से ढँकते हुए, दुपट्टे को सही से लपेटा। फिर एक नज़र अग्निर को गुस्से में घूर कर, दरवाजे की तरफ़ बढ़ गई।
लेकिन जैसे ही उसने दरवाजा खोलना चाहा, दरवाजा खुला ही नहीं, क्योंकि वहाँ एक ऑटो लॉक लगा था! विधी ने घबराई नज़रों से वापस अग्निर को देखा, जो अब उस खाने की प्लेट को ऐसे घूर रहा था, जैसे उसके लिए कोई बहुत बड़ा टास्क हो।
विधी ने कहा,
"Please, इसे खोलिए। हमें यहाँ से जाना है।"
अग्निर ने मुड़कर विधी को ऐसे देखा, जैसे वह उसे भूल ही गया था।
"Oh, timid baby... तुम अंदर ही रह गई। Well, I want to know now... तुम्हारी बेटी का बाप कहाँ है?"
विधी ने मासूम आवाज़ में कहा,
"हमें सच में नहीं पता कहाँ है वो।"
अग्निर ने प्लेट में खाना सही से सजाते हुए, तिरछी मुस्कान लिए कहा,
"क्यों? तुम्हारा husband नहीं है वो?"
"हम... हम शादीशुदा नहीं हैं!" विधी ने अपना दुपट्टा हाथ में कसते हुए कहा।
अग्निर ने एक भौं उठाते हुए विधी को देखा और कहा,
"O... means you are brave, timid baby."
विधी अग्निर को अजीब नज़रों से देख रही थी। अग्निर ने लगभग प्लेट में रखी हर डिश को बिल्कुल परफेक्ट रखा था, जैसे उसे बिखरा हुआ बहुत बुरा लग रहा था। विधी हैरानी से एक बार पूरे कमरे को भी देखती है; सब कुछ कुछ ज़्यादा ही परफेक्ट नज़र आ रहा था।
विधी ने अग्निर को देख, कन्फ्यूज़ होते हुए कहा,
"Brave?"
अग्निर ने कहा,
"Sit here!"
विधी ने हकलाते हुए कहा,
"हमें नहीं जानना कुछ भी। इस दरवाज़े को खोलिए।"
अग्निर ने एक पैर पर दूसरा पैर चढ़ाते हुए कहा,
"Snowy को बुलाऊँ दरवाज़ा ओपन करने के लिए?"
Snowy का नाम सुनते ही विधी की साँसें गले में अटक गईं। वह तुरंत ही अग्निर के सामने आकर सोफ़े पर बैठ गई।
अग्निर ने कहा,
"Come on, feed me, timid baby?"
विधी ने आँखें बड़ी करते हुए कहा,
"What??"
अग्निर ने विधी की तरफ़ देखकर सामान्य लहजे में कहा,
"I don't like to repeat...!"
विधी ने कुछ पल घबराहट के मारे अपने हाथों को आपस में रगड़ा, फिर अपने हाथों से एक कोर बनाकर अग्निर को खाना खिलाने लगी। और वह भी किसी बच्चे की तरह खा रहा था!
कुछ ही देर में अग्निर ने कहा,
"It's your turn now. Feed yourself."
विधी ने आँखें छोटी करते हुए कहा,
"पर हम नीचे जाकर खा लेंगे।"
अग्निर ने अजीब सी नज़रों से विधी को घूरा, फिर कहा,
"What I said... timid baby... I don't like to repeat! Just do that!"
विधी ने अपने मन में कहा,
"आज तो कसम खा रखी है कि इन्होंने हमें अपना झूठा खाना खिलाकर रहेंगे।"
विधी ने मन मारते हुए खाना खा लिया। लेकिन जब नज़रें उठाईं, तो उसकी आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं, क्योंकि अग्निर ने खुद को ड्रेस अप किया था। उसे देखकर लग रहा था कि अब वह कहीं जाने वाला है।
विधी के मन में बहुत सारे सवाल उठ रहे थे, लेकिन उसने खुद को शांत करते हुए अपने मन में कहा,
"नहीं, हमें नहीं जानना इन्हें कहाँ जाना है।"
अग्निर ने अपने हाथ में एक मास्क उठाते हुए कहा,
"तुम यहीं रहना, timid baby। नीचे जाना अलाउड नहीं है without my permission. Good night."
अग्निर इतना बोलते ही वहाँ से जा चुका था, और यहाँ विधी की हालत यह सोचकर ख़राब हो रही थी कि वह इस शैतान के कमरे में कैसे रहेगी! ऊपर से Snowy का डर! उसने अग्निर के बाहर जाते ही दरवाज़ा खोलना चाहा, लेकिन वह खुला नहीं!
विधी की आँखों में आँसू आ गए, लेकिन उसने कुछ सोचते हुए अपने पल्लू में बँधा छोटा सा फ़ोन निकाला और नैना को कॉल लगा दिया। लेकिन सामने से नैना की नहीं, बल्कि किसी बच्ची की आवाज़ आई।
"Where are you, mimi?"
विधी के चेहरे पर दुनिया भर का सुकून छा गया। उसने कहा,
"रूह, बच्चा, मिमी को जॉब मिल गई है, तो अब हम वही काम करते हैं।"
उधर रूह अपने बेड पर बैठी थी। उसने आँखें छोटी करके पूछा,
"इतनी लेट नाइट ड्यूटी? आपका बॉस कौन है? उसे फोन दो, मैं अभी अकल ठिकाने लगाती हूँ।"
विधी ने मुस्कुराते हुए कहा,
"No, it's alright, rooh. Actually, हम किसी के घर में काम करते हैं, तो लेट हो गया।"
रूह ने कहा,
"किसके घर में, मिमी?"
विधी ने कहा,
"सुबह हम आपसे मिलने आएंगे, तब बता देंगे।"
रूह ने क्यूट बनते हुए कहा,
"बस नाम बता दो, मिमी। कहाँ हो आप? I mean, किसके घर?"
विधी ने रूह की जिद के आगे हार मानते हुए कहा,
"Bajwa Mansion, rooh."
"Ok, mimi, thank you 💜 And good night."
विधी ने कन्फ्यूज़ होकर फ़ोन को देखा, जो अब बीप-बीप की आवाज़ के साथ कट हो चुका था। विधी के चेहरे पर बहुत प्यारी मुस्कान थी। उसकी रूह ठीक हो गई! इससे ज़्यादा उसे क्या ही चाहिए था! अब वह बेसब्री से सुबह का इंतज़ार कर रही थी, कब सुबह हो और वह अपनी रूह से मिले।
विधी की आँखें स्नोई के दहाड़ने से खुलीं। विधि ने खुद को देखा; वह काउच पर सोई थी, लेकिन अब बिस्तर पर सो रही थी!
विधि ने आँखें इधर-उधर घुमाकर देखा तो बाथरूम से शॉवर की आवाज आ रही थी।
विधि को समझ आ गया—अग्निर बाथरूम में है, और उसके बिना कोई कमरे में प्रवेश तक नहीं कर सकता, उसे छू पाना तो बहुत बड़ी बात थी!
विधि ने अपने ख्यालों को झटकते हुए इधर-उधर देखा।
उसे काँच के दरवाज़े से बालकनी में बैठा स्नोई दिखा जो उसे एकटक घूर रहा था।
विधि ने लार निगलते हुए कहा,
"ये...ये हमें ऐसे क्यों देख रहा है? हमने कौन सी इसकी पूँछ में आग लगा दी?"
अग्निर बाथरूम से निकलता हुआ बोला,
"कुछ ऐसा ही किया है, टिमिड बेबी तुमने...वो बहुत पॉसेसिव है मुझसे लेकर। उसे पसंद नहीं है कोई मेरे आस-पास भटके, और तुम तो सीधा मेरे बिस्तर पर!"
विधि ने झट से अपना दुपट्टा सर पर अच्छे से ओढ़कर उठते हुए कहा,
"हम जान-बूझकर नहीं सोए। आप ने खुद ही हमें यहाँ कैद किया था, और खुद ही...बिस्तर पर सुलाया था।"
विधि ने आँखें उठाकर अग्निर को देखा। मिरर में उसकी सिल्वर ब्लू आँखें चमक रही थीं।
अग्निर ने इस वक्त सिर्फ़ ब्लैक ट्राउज़र पहना था, ऊपर बॉडी बेयर थी। और वह मिरर में देखते हुए अपने बालों को सेट करने की कोशिश कर रहा था। पानी की बूँदें उसके एट-पैक एब्स से होती हुई वी-शेप कमर पर गिर रही थीं; कुछ ज़्यादा ही कातिलाना लग रहा था!
विधि ने तुरंत अपनी नज़रें फेरकर कहा,
"हमें नीचे जाना है।"
अग्निर ने तिरछी मुस्कान लिए कहा,
"बट डोर इज़ ऑलरेडी ओपन, टिमिड बेबी।"
विधि ने हैरानी से अग्निर को देखा। कितना अजीब बंदा था यह!
विधि तुरंत कमरे से बाहर निकल गई। वह नीचे उतरते हुए सोच रही थी—अग्निर रात में फुल ड्रेस-अप था और अब ऊपर बेयर...मतलब यूनिवर्सल चीज़ों को उसे उल्टा करना कितना पसंद होगा! दिन भर कमरे में बंद और रात में बाहर जाना! दिन में आधा नंगा और रात में पूरी तरह कवर!
विधि नीचे जाकर देखती है; अंबी सबको कॉफी दे रही थी। कुहू और मिहिर जी सोफ़े पर बैठे थे। कुहू ने अपनी ट्विंकलिंग आँखों से विधि को ऊपर से नीचे तक देखा और फिर कंफ़्यूज़ होकर कहा,
"तुम वही हो ना जिसे मिहिर भाई लेकर आए हैं? लेकिन तुम ऊपर क्या कर रही थी?"
तभी सीढ़ियों से उतरते हुए अग्निर की आवाज आई, "ये मेरे रूम में थी।"
कुहू की कॉफी जो मुँह में थी, पूरी मग में वापस गिर गई। उसने कंफ़्यूज़ और डर से आँखें बड़ी-बड़ी करके अग्निर को देखा, जिसे किसी से कोई फ़र्क नहीं पड़ता; अभी भी वह उसी लुक में था। उसकी कमर में लेफ्ट साइड एक अनाकोंडा टैटू चमक रहा था, जो बेहद ख़तरनाक लग रहा था, जिस पर विधि की नज़र अब पड़ी थी।
वह अपना गला तर करते हुए अग्निर को देख रही थी। उसने अपने दुपट्टे को हाथों में कस के पकड़ रखा था। उसे पता क्यों पर अग्निर से कुछ ज़्यादा ही क्रिपी वाइब्स आ रही थीं।
अंबी डरते हुए किचन से एक कॉफी मग लेकर अग्निर की तरफ़ बढ़ रही थी। उसका डर विधि साफ़-साफ़ देख सकती थी; बाकियों को तो जैसे आदत थी। वो सब नॉर्मल होने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें मिहिर की कार रुकने की आवाज़ आई।
सब की आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं क्योंकि मिहिर को इतनी सुबह इतनी जल्दी उठने की आदत नहीं थी, और सब को अच्छे से याद है मिहिर रात को तो घर पर ही था।
कुहू ने हॉल में वॉल पर लगी घड़ी में टाइम देखा; सुबह के 6:30 बज रहे थे!
सबकी निगाहें दरवाज़े पर टिक गईं। अग्निर भी आराम से पसरते हुए सोफ़े पर बैठ गया, और विधि वहीं खड़ी थी, अपनी पलकें झुकाए...लेकिन तभी हॉल में ऐसी आवाज़ गूँजी, जिसे सुनकर विधी की आँखें खुद-ब-खुद ऊपर उठ गईं।
"मिमी...रूह इज़ हियर।"
विधी की आँखें यह आवाज़ सुनते ही भर आई थीं।
दरवाज़े पर मिहिर की उंगली पकड़े रूह खड़ी थी, जिसने स्काई ब्लू नी-लेंथ ड्रेस पहनी थी और व्हाइट स्नीकर्स पहने थे। उसके बाल कमर तक थे, हल्के कर्ल डाले हुए; उसने आधे बालों की पोनी बनाई थी, बाकी उसके बैक पर बिखरे थे। चेहरे पर क्यूट सी डिंपल वाली स्माइल...सिल्वर आँखें...बहुत खूबसूरत लग रही थी वो।
उसने मिहिर से उंगली छुड़वाई और भागते हुए आकर विधि के पैरों से लिपट गई।
विधि ने तुरंत नीचे बैठते हुए रूह का चेहरा अपने हाथों में भर लिया और उसके पूरे चेहरे को चूमने लगी।
"आर यू ऑलराइट, रूह?"
रूह ने कैल्म वे में कहा,
"येस, मिमी।"
"आप रो क्यों रही हो? आपके बॉस ने परेशान किया क्या? और रात को भी इतनी लेट ड्यूटी कहाँ है आपका बॉस...?"
विधि ने नज़रें घुमाकर सबको देखा। फिर विधि को देखकर कहा,
"बोलो ना, मिमी, कौन है?"
"कोई नहीं। आप यहाँ क्यों आ गई?"
अग्निर ने विधि की बात बीच में काटकर कहा,
"मैं हूँ इसका बॉस..."
अगले ही पल रूह ने अग्निर को गुस्से में घूरकर कहा,
"आपकी हिम्मत कैसे हुई, मिमी से लेट नाइट काम करवाने की? आपको पता नहीं है उनकी तबियत कितनी ख़राब रहती है? आप एम्प्लॉई का पूरा इंट्रो नहीं लेते, अच्छे से उनकी केयर नहीं करते!"
अग्निर ने गर्दन टेढ़ी करते हुए कॉफी का एक घूँट लेकर कहा,
"आपकी मिमी ने इंट्रो दिया ही नहीं। मैंने तो पूछा था उससे...है ना, टिमिड बेबी?"
अग्निर ने अजीब सी नज़रों से विधि को देखकर कहा। विधि की तो साँसें गले में अटक चुकी थीं। अग्निर सबके सामने उसे टिमिड बेबी बुला रहा था!
रूह ने गुस्से में अग्निर को अपनी उंगली से पॉइंट करते हुए कहा,
"जस्ट शट अप! आपकी हिम्मत कैसे हुई मिमी को डरपोक बोलने की! डू यू नो हर? वो कितनी ब्रेव है!"
विधि ने रूह के मुँह पर हाथ रखकर कहा,
"रूह, स्टॉप इट...आप क्या बोल रही हो?"
वहीं अब मिहिर और कुहू को रूह के लिए डर लग रहा था क्योंकि अग्निर के सामने बच्चा-बूढ़ा, जवान सब एक समान है; वो सबको पनिश करता है! अब रूह का क्या हाल करेगा वो!
वहीं अग्निर अब ऊपर चेहरा किए शैतानों की तरह जोर-जोर से हँस रहा था, और अगले ही पल वो सोफ़े से उठते हुए रूह के पास आकर बोला,
"लेट्स गो विद मी; आई वॉन्ट टू शो यू समथिंग।"
रूह ने एक पल के लिए भी अपनी नज़रें नीची नहीं की थीं।
विधि ने हकलाते हुए कहा,
"वो...वो बच्ची है सर।"
"आई डोंट वॉन्ट टू हियर योर शेकिंंग वॉइस, टिमिड बेबी। जस्ट कीप क्वाइट...एंड यू, लिटिल, लेट्स गो।"
रूह ने भी अग्निर के बढ़े हुए हाथ पर अपना हाथ रख दिया। क्या अग्निर सच में रूह को हर्ट करेगा?
रूह ने जैसे ही अपना हाथ अग्निर के हाथ में रखा, विधी ने डर के मारे उसका हाथ पीछे खींचते हुए कहा,
"नहीं रूह, तुम कहीं नहीं जाओगी! हमने इनकी वजह से लेट नाइट काम नहीं किया।"
रूह ने आँखें झपकते हुए विधि को देखा और फिर अपनी उंगली से इशारा करते हुए उसे झुकने के लिए कहा।
विधी जल्दी से घुटनों के बल आती हुई उसके पास बैठ गई।
रूह ने विधि का चेहरा अपने हाथों में भरा और उसके माथे पर किस करके कहा,
"डोंट वरी मिमी...आपकी रूह को कोई हर्ट नहीं कर सकता। आपको ट्रस्ट है ना मुझ पर?"
विधी ने रूह के हाथों को चूमते हुए कहा,
"हमें आप पर पूरा विश्वास है, पर आपके अलावा किसी पर नहीं है।"
ऐसा बोलते वक्त विधी की नज़रें अग्निर पर थीं, जो बेहद पागल नज़रों से उसे घूर रहा था।
रूह ने कहा,
"ओह मिमी...आप चिंता मत करो, मैं यूँ गई और यूँ आई।"
इतना बोलकर रूह अग्निर की तरफ़ बढ़ गई। अग्निर ने तुरंत ही झुकते हुए उसे अपनी गोद में उठा लिया, जिसे देखकर सब शॉक हो गए।
"अग्निर किसी बच्ची को गोद में ले रहा है..."
रूह ने भी अपनी बाहें अग्निर के गले में डाल दीं।
विधी बस अपने हाथों को मसलते हुए अग्निर को सीढ़ियों की तरफ़ जाते देख रही थी।
उसका मन कर रहा था वो भागकर जाए और रूह को अग्निर की गोद से उतार ले।
लेकिन उसके पाँव आगे बढ़ ही नहीं रहे थे।
अग्निर और रूह ऊपर जा चुके थे।
मिहीर सीटी बजाते हुए आए और अंबी को देखकर बोला,
"Give me a coffee cup...आई थिंक बेबी गर्ल अभी बहुत टेंशन में है इसलिए...तुम्हीं दे दो।"
अंबी तुरंत वहाँ से किचन की तरफ़ बढ़ गई।
मिहीर अग्निर जी शॉक थे। उनके दोनों बेटों को हुआ क्या है? उनका एक बेटा बच्ची की माँ और उस बच्ची को घर लेकर आया और दूसरा अब उन दोनों को इतना स्पेशल ट्रीट कर रहा है। वरना आज तक अंबी भी थर्ड फ्लोर पर डिनर करवाने नहीं गई और विधि तो पूरी एक रात बिताकर आई थी।
मिहीर ने अंबी के हाथ से कॉफी लेते हुए कहा,
"लेट्स गो बेबी गर्ल...तुम्हें रूह की कंडीशन बताता हूँ।"
इतना बोल मिहीर लिफ़्ट की तरफ़ बढ़ गया। विधी उसके पीछे गई, पर लिफ़्ट के पास जाकर बोली,
"मैं सीढ़ियों से आ जाती हूँ।"
पर मिहीर ने तुरंत उसका हाथ पकड़कर लिफ़्ट के अंदर खींच लिया।
विधी बस शॉक से चीखने ही वाली थी कि मिहीर ने उसका हाथ अपने मुँह से बंद करते हुए कहा,
"अगर चिल्लाई तो मैं ना तुम्हारे इन स्ट्रॉबेरी जैसे लिप्स पर किस कर लूँगा।"
विधी ने डर के मारे पलकें झपकाईं और मिहीर ने उसके चेहरे से हाथ हटा लिया।
विधी ने लंबी साँस लेकर खुद को शांत किया। उसे अब मिहीर की तरफ़ देखने में भी शर्म आ रही थी। उसे तुरंत ही अग्निर का ख्याल आया जो रात को कैसे उसे किस करने की बात बोल रहा था।
उसने अपने मन में कहा,
"पता नहीं भगवान ने कहाँ फँसा दिया इन दो बेशर्म शैतानों के पास...दोनों कितने बेशर्म और जिद्दी हैं...इन्हें किसी तकलीफ से कोई फर्क ही नहीं पड़ता...हमें लिफ़्ट से कितना ज़्यादा फोबिया है।"
विधी आँखें बंद किए बस अपने डर को काबू करने की कोशिश कर रही थी और मिहीर अब भी कॉफी की सिप लेते हुए विधि को घूर रहा था, जिससे विधी की बॉडी वाइब्रेट भी कर रही थी।
मिहीर ने टॉक्सिकली स्माइल करते हुए कहा,
"बेबी गर्ल, तुम्हारी बॉडी मेरी नज़रों से रिएक्ट कर रही है...कहीं तुम...कहीं तुम मुझ पर फ्लैट तो नहीं हो...यू नो आई एम द यंगेस्ट एंड हैंडसम बिज़नेस मैन इन दिस सिटी..."
विधी ने अपनी आँखें और भी कसकर बंद कर लीं और जाड़ा भींच लिया, क्योंकि वो मिहीर से बहस करने के मूड में तो बिलकुल नहीं थी।
जैसे ही थर्ड फ्लोर आया, विधी भागते हुए पहले जो रूम आया उसी रूम में गई और बाथरूम में जाकर उल्टी करने लगी।
मिहीर कन्फ्यूज़ होते हुए उसके पीछे आया। उसे उल्टी करते देख उसने अपना सर खुजा लिया और वहीं बाहर सोफ़े पर बैठ गया। उसकी कॉफ़ी भी ख़त्म हो चुकी थी।
विधी अपना दुपट्टा सही करती हुई बाथरूम से बाहर आई।
मिहीर ने कहा,
"बेबी गर्ल को वाकई में लिफ़्ट से प्रॉब्लम है।"
विधी ने घूरकर मिहीर को देखा, जिसके चेहरे पर रत्ती भर भी अफ़सोस नज़र नहीं आ रहा था।
मिहीर ने कहा,
"वेल, रूह के ट्रीटमेंट में पूरे 3 लाख रुपए लगे हैं और प्रिस्क्रिप्शन चालू है, मतलब अब मेडिसिन का खर्चा भी आएगा।"
विधी ने कुछ सोचते हुए कहा,
"हम पूरी कोशिश करेंगे...आपको डिसअपॉइंट नहीं होने देंगे।"
विधि की इस बात पर मिहीर कुछ पल किसी डेविल की तरह हँसा और फिर अचानक ही उठते हुए विधि के पास आया और उसका गला पकड़ते हुए बोला,
"मुझे डिसअपॉइंट ना करने के लिए कैसे सेटिसफाइड करोगी बेबी गर्ल...जैसे नाइट में अग्नि को किया था।"
विधी जो झटपटा रही थी खुद को छुड़वाने के लिए, मिहीर की बात सुनते ही उसके हाथ-पाँव रुक गए और वो हैरानी से मिहीर को देखने लगी।
मिहीर ने तिरछा मुस्कुराकर कहा,
"क्या हुआ? ये सोचकर शॉक हो रही हो मुझे कैसे पता चल गया? मिहीर के घर में रहकर तुम मुझसे कुछ नहीं छुपा सकती बेबी गर्ल।"
विधि ने पूरी ताक़त लगाकर मिहीर को धकेलते हुए कहा,
"बस कीजिए...कितनी गंदी जुबान है आपकी और उससे भी घटिया सोच..."
मिहीर दो कदम पीछे हट चुका था, क्योंकि विधि ने उसे धक्का दे दिया था। भई एक लड़की सब कुछ सह सकती है पर कैरेक्टर पर कोई सवाल उठे ये उसे कभी गवारा नहीं। ऐसा ही विधि के साथ हुआ। अपने दामन पर दाग लगते देख उसके अंदर ताक़त आ चुकी थी।
मिहीर ने स्मर्क करते हुए कहा,
"इम्प्रेसिव एक्शन बेबी गर्ल।"
विधी ने खुद के दुपट्टे को मुट्ठी में कसते हुए कहा,
"आप अपने भाई को समझाइए...हमसे दूर रहें क्योंकि आपके साथ बात करने पर उन्हें प्रॉब्लम और उनसे करने पर आपको प्रॉब्लम...तो एक्चुअल में मेन प्रॉब्लम आप में है, हम में नहीं।"
मिहीर ने शैतानों की तरह हँसते हुए कहा,
"वो हमारा आपस का मैटर है, हम संभाल लेंगे...तुम फ़िलहाल अपनी जॉब पर ध्यान दो और हाँ, तुम यहाँ सरवेंट हो, किसी की पर्सनल केयरटेकर नहीं...रिमेम्बर माई वर्ड्स बेबी गर्ल।"
मिहीर ने क्रीपी साउंड में कहा, जिसे सुनकर कुछ पल के लिए विधि के मन में डर ने घर कर लिया था। विधि को समझ आ रहा था मिहीर ऐसा क्यों बोल रहा है।
वहीं दूसरी तरफ़...
अग्निर रूह को अपने कमरे में लेकर आया। रूह अपनी टिमटिमाती आँखों से अग्निर के ब्लैक रूम को देख रही थी, जो उसे अट्रैक्टिव लग रहा था, जो एक्चुअल में डरावना था। जहाँ अग्निर के पेंटिंग का सामान रखा था।
रूह ने एक्साइटेड होकर पूछा,
"आपको पेंटिंग करना पसंद है?"
तो अग्निर ने कहा,
"हम्म, पसंद है।"
रूह ने कहा,
"सेम पिंच, मुझे भी बहुत पसंद है!"
तभी वहाँ स्नोई की दहाड़ गूँजी। रूह ने कन्फ़्यूज़ होकर आस-पास देखा तो अग्निर उसकी उंगली पकड़कर उसे स्नोई के पास बालकनी में लेकर गया और अगले ही पल उसे वहाँ छोड़ते हुए खुद रूम में वापस आ गया।
आखिर क्या होगा रूह के साथ? विधी कैसे संभालेगी अग्निर और मिहीर के पागलपन को?
अग्निर रूह को अपने कमरे में ले आया। रूह अपनी तीखी आँखों से अग्निर के काले कमरे को देख रही थी जो उसे आकर्षक लग रहा था, जो वास्तव में डरावना था। जहाँ अग्निर के पेंटिंग का सामान रखा था।
रूह ने उत्साह से पूछा,
"आपको पेंटिंग करना पसंद है?"
तो अग्निर ने कहा,
"हम्म, पसंद है।"
रूह ने कहा,
"सैम पिंच मुझे भी बहुत पसंद हैं!"
तभी वहाँ स्नोई की दहाड़ गूँजी। रूह ने भ्रमित होकर आस-पास देखा तो अग्निर उसकी उंगली पकड़कर उसे स्नोई के पास बालकनी में ले गया और अगले ही पल उसे वहाँ छोड़ते हुए खुद कमरे में वापस आ गया।
अग्निर ने सिगरेट जलाई और उसका कस लेते हुए रूह को देखने लगा जो अब उसे काँच के दरवाजे से घूर रही थी।
रूह ने स्नोई को देखकर कहा,
"क्या इसे दिखाने ले आए हैं मुझे यहाँ?"
रूह और स्नोई एक-दूसरे को घूर रहे थे और अग्निर उन दोनों को।
स्नोई अपनी गर्दन हिलाकर रूह से कुछ कहने की कोशिश कर रहा था।
रूह को काफी दिलचस्प लग रहा था स्नोई के रेशमी सफ़ेद बाल उसके सिर हिलाने के साथ हिल रहे थे जो देखने में काफी मुलायम लग रहे थे।
रूह का मन कर रहा था एक बार स्नोई को छूकर देखे।
लेकिन साथ में थोड़ा सा डर भी लग रहा था।
रूह ने खुद से कहा,
"ये इस घर में रहता है, मतलब ये इनका पालतू जानवर है, कोई जंगली जानवर नहीं, तो ये मुझे नहीं खाएगा।"
फिर रूह प्यारी सी मुद्रा बनाते हुए स्नोई से बोलती है,
"व्हाइट, तुम मुझे खाओगे नहीं ना? मैं तुम्हें टच कर लूँ।"
स्नोई ने ऐसे गर्दन हिलाई जैसे उसे सब समझ आया हो रूह क्या कहना चाहती है।
वही उसका रिएक्शन देख रूह के चेहरे पर मुस्कान आती है जो कमरे के अंदर बैठे अग्निर को चिढ़ा रही थी। रूह एक सफ़ेद बाघ को देखकर मुस्कुरा रही थी।
"सो स्ट्रेंज, टिमिड बेबीज़ बेबी...इज़ नॉट टिमिड।"
इतना बोल अग्निर खुद की तुकबंदी पर ही हँसने लगता है।
वही रूह निडर मुस्कान के साथ अब स्नोई को छू रही थी जो स्नोई को काफी पसंद आ रहा था। वह धीरे-धीरे रूह की तरफ बढ़ रहा था।
और रूह भी उसे देखकर और ज़्यादा उत्साहित हो रही थी। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि एक बाघ उसकी भाषा समझ रहा है।
रूह ने कहा,
"व्हाइट, मुझे ना तुमसे दोस्ती करनी है।"
स्नोई तुरंत ही बैठ गया और अपना एक पंजा उठाकर रूह के सामने किया जैसे उससे हाथ मिलाना चाह रहा हो।
रूह ने हँसते हुए उसके पंजे पर अपना हाथ रखा और उछलते हुए बोली,
"याहू! यू आर सो अंडरस्टैंडिंग व्हाइट।"
स्नोई ने अपनी जीभ निकालकर रूह का हाथ चाटना शुरू कर दिया जिससे रूह को गुदगुदी होने लगी।
रूह की हँसी अग्निर को कमरे के अंदर तक सुनाई दे रही थी जिसका साफ़ मतलब था रूह को स्नोई से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है।
तभी कमरे के अंदर विधि भागते हुए आती है। वह तीसरे फ्लोर के सारे कमरे चेक करते हुए यहाँ तक आई थी इसलिए हाँफ रही थी।
अग्निर को सिगरेट पीता देख विधि ने अपने जबड़े कस लिए, लेकिन उसकी नज़रों ने जब अग्निर की नज़रों का पीछा किया तो उसकी साँसें डर के मारे गले में अटक गई और तुरंत ही दौड़ते हुए बालकनी का काँच का दरवाजा खोलने लगी।
रूह जो अपनी नाक स्नोई की नाक से छूकर खड़ी थी, अचानक ही विधि ने उसे अपनी तरफ खींचते हुए गोद में लेकर सीने से लगा लिया और घबराई नज़रों से स्नोई की तरफ देखने लगी।
स्नोई ने गुस्से में जोर से दहाड़ा जैसे उसे विधि का रूह को उससे दूर करना बिल्कुल पसंद ना आया हो और विधि तो तुरंत ही भागते हुए अंदर आई और बालकनी का दरवाजा बंद कर दिया।
विधि ने अग्निर को देखकर कहा,
"नशेड़ी इंसान! आपको दिखाई नहीं हमारी बच्ची अकेली उस सफ़ेद बाघ के पास थी?"
अग्निर ने बेफ़िक्री से कहा,
"सो व्हाट? टिमिड बेबी?"
"शी इज़ नॉट स्केयर्ड लाइक यू।"
रूह ने विधि की गर्दन में छिपाया अपना छोटा सा सिर निकालकर विधि की तरफ देखकर कहा,
"मिमी, आई एम ऑलराइट। आप पैनिक क्यों कर रहे हो? कोई नहीं ले जा रहा मुझे आपसे दूर।"
रूह ने बेहद फ़िक्र के साथ कहा, क्योंकि अक्सर ही विधि इस बात पर पैनिक करती थी कि उसकी रूह को कोई उससे दूर ले जाएगा।
विधि ने रूह को डाँटकर कहा,
"शट योर माउथ, अदरवाइज़ आई स्लैप यू, रूह।"
"क्या ज़रूरत थी उस बाघ के पास जाने की!"
रूह ने कहा,
"बट वो बहुत क्यूट है, मिमी। वो मुझे नहीं हर्ट कर रहा! देखो कितने प्यार से देख रहा है मेरी तरफ। वो ना सैड हो गया है आपने मुझसे दूर कर दिया उसे!"
विधि ने डरते हुए स्नोई की तरफ देखा और जल्दी से अपनी नज़रें वापस हटा ली।
कुछ ही पल बीते थे मिहिर कमरे में एंटर हुआ और खा जाने वाली नज़रों से विधि को घूरने लगा। उसने मना किया था उसे अग्निर के कमरे में आने से।
अग्निर और मिहिर की नज़रें मिलीं, लेकिन अग्निर ने कोई रिएक्शन नहीं किया और सोफ़े पर लीन होते हुए सिगरेट का कस लिया और ऊपर की तरफ़ धुआँ उड़ाने लगा।
मिहिर ने विधि का हाथ पकड़ा और बाहर ले जाते हुए बोला,
"बेबी गर्ल, तुम कितनी बड़ी भुलक्कड़ हो! अभी कुछ पल पहले मैंने तुम्हें कुछ समझाया था और तुम ढीठ एक नंबर की इतनी जल्दी यहाँ वापस आ गई।"
अब तक मिहिर, रूह और विधि कमरे से निकल चुके थे।
मिहिर ने विधि का हाथ छोड़ा और रूह को अपनी गोद में लेकर लिफ़्ट की तरफ़ बढ़ गया जिसका साफ़ मतलब था विधि सीढ़ियों से आ सकती है।
रूह आँखें बड़ी-बड़ी किए मिहिर को देख रही थी।
मिहिर ने लिफ़्ट में एंटर करते ही कहा,
"क्या तुम्हें डर नहीं लगा व्हाइट टाइगर से?"
रूह ने मिहिर को घूरते हुए ना में सर हिला दिया। उसकी नज़र एक पल के लिए भी मिहिर के चेहरे पर से नहीं हट रही थी। वह बस काँचे जैसी आँखों से उसे घूर रही थी।
मिहिर ने उससे नज़रें फेरकर कहा,
"ऐसे मत घूरो। तुम ये बताओ शॉपिंग पर चलोगी मेरे साथ?"
तो रूह ने कहा,
"क्यों? मेरे कपड़े गंदे लग रहे हैं आपको?"
मिहिर ने कहा,
"मैंने ऐसा नहीं कहा।"
"लेकिन इन एक जोड़ी कपड़ों में तुम हर दिन तो नहीं निकल सकती ना? और साथ में तुम्हारी मिमी के लिए भी कपड़े खरीदने हैं। वो कल से एक ही सूट पहने घूम रही है।"
फिर मिहिर ने चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान लेकर विधि को याद करते हुए कहा,
"बेबी गर्ल मेरे चॉइस के कपड़े पहनेगी जो मैं उसके लिए अपने हाथों से खरीदकर लाऊँगा।"
रूह ने अजीब सा मुँह बनाकर कहा,
"इसमें इतना खुश होने वाली कौन सी बात है?"
मिहिर ने रूह के गाल को चूमते हुए कहा,
"तुम नहीं समझोगी, लिटिल डॉल।"
रूह ने अपने दोनों हाथों से मिहिर के चेहरे को अपनी तरफ़ घुमाकर कहा,
"रूह बहुत समझदार है, मिस्टर अंकल। डोंट अंडरएस्टिमेट मी!"
मिहिर ने हँसते हुए कहा,
"अच्छा।"
वही विधि दोनों भाइयों को जी भरकर गालियाँ देते हुए सीढ़ियों से उतर रही थी।
उसने अपना दुपट्टा सिर से सही करते हुए कहा,
"इनके बीच रही तो बहुत जल्दी पागल हो जाएँगे हम।"
विधि हॉल में पहुँचकर किचन की तरफ़ बढ़ ही रही थी कि उसे मेन गेट से कोई एंटर होता हुआ दिखाई दिया जिससे अगले ही पल उसकी आँखें डर और हैरानी से फैल गईं।
और वो तुरंत पलटकर खड़ी हो गई।
आखिर कौन आया है बाजवा मेंशन में?
क्या विधि बच पाएगी दोनों भाइयों के पॉसेसिव नेचर से?
जानने के लिए पढ़ते रहिए।
विधी हॉल में पहुँचकर किचन की तरफ बढ़ ही रही थी कि उसे मेन गेट से कोई एंटर होता हुआ दिखाई दिया जिससे अगले ही पल उसकी आँखें डर और हैरानी से फैल गईं।
विधी उस शख्स को देखकर तुरंत ही पीछे पलट गई।
ये कोई लड़का था जो हॉल में बैठे मोहिगनीर जी की तरफ बढ़ते हुए बोला,
"बिग बॉस.. आज मिहीर सर ऑफ़िस नहीं आए इसलिए मैं उन्हें यहीं ऑफ़िस अपडेट देने आ गया।"
तभी लिफ़्ट से निकल चुके मिहीर ने कहा,
"कोई ज़रूरत नहीं है मनार। आज मुझे शॉपिंग पर जाना है! आज ऑफ़िस का काम रुद्रम और रिहाय संभाल लेंगे। तुम बस उन्हें मीटिंग का शेड्यूल समझा देना।"
मनार ने हैरानी से मिहीर को देखा जो किसी बच्ची को गोद में उठाए हुए था। कितनी अजीब बात थी ना ये! जिसे स्ट्रेंजर्स के आस-पास भटकने तक से फ़ोबिया हो, वो इंसान इस वक़्त एक बच्ची को पैंपर कर रहा था।
मिहीर ने कहा,
"अब यहाँ खड़े-खड़े मुझे मत ताड़ो। I know I am handsome।"
विधी, उनकी बात सुन रही थी। आँखें भींचती हुई बोली,
"हे भगवान! कितने सेल्फ़-सेंटर्ड और सनकी इंसान हैं मिहीर सर!"
मनार, मिहीर की बात सुन सर झुकाकर बोला,
"I am... I am sorry sir।"
मनार जाने के लिए मुड़ गया, लेकिन उसकी नज़र विधी पर पड़ी। वो उसकी बैक देखकर सोच रहा था, ये कौन है और ये देखी हुई सी क्यों लग रही है। वो कुछ और सोचता, उससे पहले मिहीर गुर्राते हुए बोला,
"मनार, अगर अपनी आँखें सही-सलामत चाहते हो तो नज़रें झुकाकर रखा करो। किसी और की चीज़ों पर नज़रें गड़ाना इज़ नॉट फ़ेयर, और तब तो बिल्कुल नहीं जब उनका कनेक्शन मिहीर बाजवा से हो।"
मनार सर झुकाकर एक बार फिर सॉरी बोला और वहाँ से चला गया जिससे विधी की साँस में साँस आई।
"बेबी गर्ल, वहाँ क्यों खड़ी हो! जाओ गार्डन में कुछ काम करो क्योंकि ब्रेकफ़ास्ट बनाने का काम तो तुमने किया नहीं, वो ऑलरेडी अंबी कर चुकी है! बहुत कामचोर हो तुम!"
मोहिगनीर जी हैरानी से मिहीर को, तो कभी उसकी गोद में रूह को देख रहे थे। उन्हें लग रहा था वो पागल हो जाएँगे अपने दोनों बेटों के डबल-साइडेड बिहेवियर से!
विधी अपने दुपट्टे पर पकड़ कसते हुए बोली,
"हम लंच बना देंगे... और गार्डन की सफ़ाई भी कर देंगे।"
"इट्स गुड फ़ॉर यू, बेबी गर्ल।"
रूह ने मिहीर की दाढ़ी पकड़ खींचते हुए कहा,
"मेरी मिमी को डाँट लगाना बंद करिए, वरना मैं नहीं जाऊँगी शॉपिंग पर... मेरे छोटे से हाथ में बहुत ताकत है, एक मैं ही आप ढेर हो जाओगे... हैंडसम अंकल।"
मिहीर ने कहा,
"ओह, मैं तो भूल ही गया था बेबी गर्ल की बाहुबली लिटिल डॉल्ल भी है।"
रूह ने एक बार फिर उसकी दाढ़ी पकड़कर खींची तो मोहिगनीर जी और विधी के चेहरे पर स्माइल आ गई।
और मिहीर ने फिर से रूह को घूरा, लेकिन कुछ कहा नहीं।
रूह ने कहा,
"छोड़ो मुझे, मिमी के पास जाना है!"
"मिहीर: बिल्कुल नहीं... पहले शॉपिंग!"
"और मेडिकल से कुछ दवाई भी लानी है... अब एक शब्द और नहीं।"
रूह कुछ बोलने वाली थी, लेकिन विधी ने कहा,
"रूह, आप जाओ बेटा अंकल के साथ। हमारी चिंता मत करो... एंड आपको दवाई की सख्त ज़रूरत है।"
रूह ने बेचारा सा मुँह बनाकर विधी को देखा।
मिहीर उसके रिएक्शन को इग्नोर करता हुआ आगे बढ़ गया और बाहर जाकर अपनी कार में बैठते हुए बोला,
"जयवीर... गाड़ी को द बोल्ड फ़ैशन मॉल ले चलो।"
"येस सर..." मिहीर के ड्राइवर जयवीर ने गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा।
वहीं विधी अब गार्डन की तरफ आ गई जहाँ तीन आदमी पहले से काम कर रहे थे। उन तीनों की ही उम्र 50+ लग रही थी।
विधी ने कहा,
"आइए काका, हम कर देते हैं। आप थोड़ा रेस्ट कर लीजिए।"
विधी ने एक आदमी से कहा जो पौधों की कटिंग कर रहा था। विधी की बात सुनकर उसने कैंची विधी को दी और सर्वेंट क्वार्टर की तरफ चला गया जो वहाँ से थोड़ी दूरी पर ही बना था।
विधी ने बाकी दो आदमियों को भी कहा,
"आज मिहीर सर ने ये काम मुझे करने के लिए कहा है। आप जाइए।"
उन दोनों ने हँसते हुए कहा,
"बेटा, हम आपकी मदद कर देते हैं।"
विधी ने कहा,
"नहीं काका, मिहीर सर गुस्सा हो जाएँगे आपसे... आप जाओ। उन्होंने कहा है ये हमें अकेले ही करना है!"
उन दोनों आदमियों ने भी ज़्यादा ज़िद नहीं की और वहाँ से चले गए।
विधी ने पौधों की कटिंग करके वहाँ की सफ़ाई की और फिर उनको पानी देने लगी जिससे उसे बहुत अच्छा फ़ील हो रहा था। पानी उनकी जड़ों में पड़ते ही मिट्टी की खुशबू वहाँ फैल चुकी थी और विधी आँखें बंद करके एक गहरी साँस लेकर उस खुशबू को महसूस करती है।
(गीली मिट्टी की खुशबू से अच्छी कोई फ़्रेगरेंस नहीं होती... अकॉर्डिंग टू मी।)
विधी ने बाकी पौधों में भी पानी दिया।
अग्निर थर्ड फ़्लोर पर था। उस फ़्लोर में ओपन सिटिंग एरिया बनाया गया था। अग्निर वहीं से रेलिंग पकड़े विधी को देख रहा था।
वहीं विधी इससे बेख़बर अपनी धुन में काम कर रही थी। काम ख़त्म होने के बाद विधी ने अपना चेहरा अपने दुपट्टे से वाइप किया क्योंकि कुछ पानी की बुँदें गिर चुकी थीं उसके चेहरे पर।
उसके बाद वो अंदर आई और किचन की तरफ़ बढ़ गई। उसे लंच रेडी करना था क्योंकि उसे पता था रूह के आने की वजह से किसी ने भी ब्रेकफ़ास्ट नहीं किया था और मिहीर का टोन वो अच्छे से समझ गई थी। उसने देखा वहाँ अंबी भी नहीं है!
लेकिन विधी ने अपने ख़्याल झटकते हुए कुछ सब्ज़ियाँ ली और उन्हें चॉप करने लगी।
कुछ ही पल बीते थे कि विधी को अपनी गर्दन पर किसी की गरम साँसें महसूस हुईं।
अचानक ही विधी की पूरी बॉडी अकड़ गई।
"क...कौन है!"
अग्निर ने उसकी लैवेंडर फ़्रेगरेंस को स्निफ़ करते हुए कहा,
"इट्स मी, टिमिड बेबी।"
विधी ने डरते हुए कहा,
"अग्नि... अग्निर स...सर आप..."
अग्निर ने उसके कंधे पर सर रखा और उसके हाथ में पकड़े चाकू को अपने हाथ में लेते हुए गहरी आवाज़ में कहा,
"योर फ़्रेगरेंस... एंड डैम... शेकिंग वॉइस... मेकिंग मी क्रेज़ी, टिमिड बेबी!!!!"
विधी उसकी ऐसी आवाज़ सुन अपनी पूरी बॉडी में गोस बम्प्स फ़ील कर रही थी! उसने अपनी कोहनी से अग्निर को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा,
"! यू आर सच अ शेमलेस...!"
अग्निर कुछ ही पल बाद उससे दो कदम दूर होते हुए बोला,
"आई नो दिस... मनार से क्या कनेक्शन है तुम्हारा...? क्यों छुप रही थी...?"
ये सुनते ही मानो विधी के शरीर में कोई जान ही नहीं बची थी। उसे बहुत घबराहट महसूस हो रही थी। उसे समझ नहीं आया अग्निर को ये सब कैसे पता चला।
विधी ने अग्निर का सवाल सुनकर अपनी नज़रें फेर लीं और बोली,
"सर, आपको ज़रूर कुछ गलतफहमी हुई है। मैं ऐसा कुछ नहीं कर रही थी!"
अग्निर ने किचन स्लैब पर विधि के दोनों तरफ हाथ रखे, उस पर झुका, और उसकी डार्क ब्राउन आँखों में देखकर कहा,
"Are you sure! Timid! You are telling me the truth!"
विधी स्लैब और अग्निर के बीच फँस चुकी थी। उसने बमुश्किल अग्निर की सिल्वर ब्लू आँखों में देखने की कोशिश करते हुए कहा,
"हम सच बोल रहे हैं सर।"
अग्निर की आँखों में कोई फीलिंग्स नज़र नहीं आ रही थीं। वह अपनी आइब्रो सिकोड़ते हुए बोला,
"If this is not true... Ready for my punishment, timid baby."
पता नहीं क्यों, पर अग्निर की धमकी सुनकर विधी का रोम-रोम सिहर उठा।
अग्निर की नज़र उसकी चाँद बालियों से होते हुए उसके गले पर उठते रोएँ पर पड़ी। अग्निर तिरछी मुस्कान करते हुए बोला,
"You are scared!!!"
विधी ने अपने होठों को भींचा और फिर एक गहरी साँस लेकर बोली,
"हमें साँस लेने में प्रॉब्लम हो रही है। प्लीज़ हट जाइए यहाँ से।"
अग्निर विधी से बिल्कुल भी टच नहीं था, फिर भी विधि को उससे डर लग रहा था।
अग्निर मुस्कुराते हुए एक बार उसकी गर्दन पर अपनी नाक रगड़कर उसकी लैवेंडर खुशबू को अपने अंदर समेटने की कोशिश की और अगले ही पल उससे अलग हो गया।
तभी किचन में आँखें मलती हुई समा आई, जो शायद अभी-अभी उठी थी। उसने बिना सामने देखे ही कहा,
"Give me a lemon juice glass... quick."
अग्निर उसे आँखें छोटी करते हुए घूर रहा था। वहीं विधि को याद था समा रात को कैसे चिल्लाई थी उस पर, और शायद अब भी उसका रात का हैंगओवर अच्छे से उतरा नहीं था।
समा ने नज़रें उठाकर सामने देखा और अग्निर को देखते ही सकपकाकर अपना हाथ नीचे करते हुए कहा,
"भाई..! आ... आप!"
अग्निर ने आँखें छोटी करके कहा,
"क्यों नहीं होना चाहिए था मुझे?"
समा ने हकलाते हुए कहा,
"न... नहीं भाई। मेरा वो मतलब नहीं था!"
अग्निर ने टाउजर की जेब में हाथ डालकर कहा,
"बिना बॉडीगार्ड क्लब जाने की परमिशन किसने दी तुम्हें और कुहू को?"
समा ने अपने हाथ आपस में उलझाते हुए नीची नज़रें किए हुए कहा,
"सॉरी भाई... वो... एक... एक फ्रेंड का बर्थडे था... और वो बॉडीगार्ड्स का डिस्टर्बेंस नहीं चाहती थी, बस इसलिए...!"
"बस इसलिए तुम दोनों ने सोचा... अग्निर भाई को क्या ही पता चलेगा, एक रात की ही तो बात..."
समा ने कसकर अपनी आँखें बंद कर लीं।
अग्निर ने कहा,
"मिहीर को पता था? तुम दोनों अकेली गई थीं?"
समा की जुबान जैसे किसी ने सील दी थी।
अग्निर ने चिल्लाकर कहा,
"I ask you something... damn it... answer me!"
अग्निर की आवाज इतनी तेज़ थी कि समा के साथ-साथ विधि भी अपनी जगह से एक धक्के लगने जैसा फील करके उछल गई थी।
विधि की तो डर के मारे आँखों की पुतलियाँ तक हिल रही थीं। वहीं समा बस आँखें और मुट्ठी भींचे, किसी फ़रिश्ते का इंतज़ार कर रही थी; कोई आए और उसके शैतान भाई से बचा ले उसे।
अग्निर ने कुछ और कहना चाहा, तभी वहाँ समा का फ़रिशता यानी कि मिहिग्निर जी आ गए। उन्होंने समा को देखकर कहा,
"अभी तक फ़्रेश नहीं हुई? तुम जाओ बाथ ले लो।"
और समा तो जैसे इसी पल का इंतज़ार कर रही थी। तुरंत ही हाँ में सर हिलाया और भागते हुए किचन से निकल गई।
अग्निर भी मिहिग्निर जी को इग्नोर करते हुए किचन से चला गया। तब जाकर विधि की साँस में साँस आई, और वह तुरंत ही लंच बनाने में लग गई।
वहीं समा भागती हुई कुहू के कमरे में गई, जो डरकर एक कोने में दुबककर बैठी थी क्योंकि उसने अग्निर की डाँट हॉल से सुन ली थी। समा आते ही उस पर बरस पड़ी।
"कुहू की बच्ची! कांड हम दोनों करें और डाँट सिर्फ़ मैं खाऊँ? It's not fair... पर कोई बात नहीं, तुझे मिहिर भाई से डाँट खानी पड़ेगी, तू देखना कमिनी कहीं की..."
समा ने कुहू के सर पर कुशन फेंकते हुए कहा।
कुहू ने कुशन वापस फेंकते हुए कहा,
"क्या वेम्प भाई अपने रूम में गए?"
समा ने कहा,
"तुझे मेरी नहीं पड़ी ना..!"
"मुझे कितना डाँटा है भाई ने!" इतना बोलकर समा बच्चों की तरह हाथ-पैर पटकती हुई रोने लगी, और कुहू मुँह दबाकर हँसने लगी।
उधर दूसरी तरफ, मिहीर को रूह ने परेशान कर लिया था। कभी मिमी को यह पसंद, तो कभी मिमी को वह पसंद! उसकी खुद की ड्रेस जिस भी अजीब ही थी, लेकिन मिहीर उस पर अपनी मर्ज़ी भी थोप रहा था।
"ये व्हाइट कॉटन फ़्रॉक अच्छी लगेगी... Little doll तुम पर।"
रूह अब तक बुरी तरह चिढ़ चुकी थी। उसके बाल बिगड़ चुके थे। मिहीर ने सेल गर्ल से रूह की तरफ इशारा किया तो वह उसे वह फ़्रॉक पहनाकर ले आई, और उसे देखते ही मिहीर के चेहरे पर स्माइल आ गई। लेकिन रूह बहुत दुखी लग रही थी।
"हैंडसम अंकल, मेरे बाल बिगड़ गए। मैं गंदी दिख रही हूँ 😓😩😫"
रूह रोने लगी तो मिहीर ने कहा,
"एक कंघी देना प्लीज़..."
सेल गर्ल ने तुरंत मिहीर को एक कंघी लाकर दे दी, और मिहीर प्यार से रूह के बाल बनाने लगा, जिससे उसका चेहरा खिल उठा और वह हँसने लगी।
वहीं बाजवा मैंशन के थर्ड फ़्लोर पर अग्निर छत के फ़र्श पर लेटा था। वो गर्म फ़र्श उसकी खुली पीठ पर जलन कर रहा था, लेकिन फिर भी उसे अच्छा लग रहा था। उसने किसी को कॉल करके कहा,
"मनार की पूरी इनफ़ॉर्मेशन चाहिए मुझे।"
तो सामने से किसी की फ़्रस्ट्रेटिंग आवाज़ आई,
"तुझे बिज़नेस से मतलब नहीं है तो क्यों जानना है तुझे किसी एम्प्लॉयी के बारे में? और क्या मिहीर को पता है तू उसकी कंपनी के एम्प्लॉयी की पर्सनल लाइफ के बारे में जानना चाहता है?"
तो अग्निर ने कहा,
"Just do that what I said... I don't like to repeat."
अग्निर ने तुरंत कॉल कट कर दिया और अपने दोनों हाथ सर के नीचे देते हुए आसमान की तरफ़ देखने लगा।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए।
विधी ने लंच तैयार किया और उसे हॉल में डाइनिंग टेबल पर सजाने लगी। लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अंबी कहाँ चली गई! क्या उसने जॉब छोड़ दी है या कोई और कारण है?
वह अपनी सोच में गुम लगभग सारा लंच टेबल पर लगा चुकी थी। तभी उसे पीछे से रूह की आवाज आई।
"मिमी.. गुड आफ्टरनून!"
विधी ने पीछे मुड़कर देखा तो रूह मिहीर की गोद में थी। उसने बालों की दो पोनी बना रखी थीं।
मिहीर ने मुस्कुराते हुए कहा,
"बेबी गर्ल.. जाओ तुम भी बाथ ले लो। सुबह से ऐसे ही घूम रही हो। ये कुछ कपड़े हैं.. रूह को भी नहाना है!"
मिहीर ने एक नौकरानी की तरफ इशारा किया जो उसके पीछे-पीछे कुछ बैग लिए आ रही थी।
उस लड़की ने मुस्कुराकर कहा,
"चलिए, आपको रूम दिखा देती हूँ!"
विधी ने कहा,
"पर मिहिर सर, हम..!"
मिहीर ने विधी को आँखें दिखाकर कहा,
"भूलो मत बेबी गर्ल, तुम मेरी कर्ज़दार हो.. गो एंड टेक बाथ!"
विधी ने खिन्नता से मिहीर को घूरा और रूह को उसकी गोद से लेकर उस महिला स्टाफ के पीछे-पीछे चल दी।
वहीं मिहीर की कोमल नज़रें अब ठंडी हो गईं और वह तेज कदमों से लिफ्ट की तरफ गया और दूसरी मंज़िल पर समा के दरवाज़े पर दस्तक दी। लेकिन उसने दरवाज़ा नहीं खोला तो मिहीर ने कुहू के दरवाज़े पर दस्तक दी और कुहू ने दरवाज़ा खोलकर चिड़चिड़े स्वर में कहा,
"कौन है यार!"
लेकिन सामने मिहीर को देख उसकी चिड़चिड़ाहट गायब हो गई।
"म..मी..मिहीर भाई आप ।।"
मिहीर के माथे पर बल पड़ चुके थे। उसने अंदर आकर कमरे को एक नज़र देखा जो कुछ ज़्यादा ही अव्यवस्थित लग रहा था। जिसे देखकर कुहू अपना सिर खुजलाने लगी।
मिहीर ने उसे देखते हुए कहा,
"अग्निर से डाँट नहीं पड़ी अभी तक तुझे? रात को बिना सुरक्षा के जाना, ओवर ड्रिंकिंग क्या है ये सब! अगर आइंदा ऐसा हुआ तुम्हारे पैर काट दूँगा मैं.. समा थोड़ी झल्ली सी है पर तुम दोनों में से किसी एक में तो थोड़ी बहुत अक्ल होनी चाहिए ना।"
मिहीर का लहजा शांत था लेकिन साथ ही उतना ही डरावना। कुहू बस सर झुकाए खड़ी थी।
उसने उस वक्त एक पिंक क्रॉप टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने थे! और उसके कंधे तक आते बाल खुले थे। फोरहेड बालों से ढका हुआ था। कुल मिलाकर क्यूट लग रही थी।
मिहीर ने उस कमरे की यह हालत देखकर गहरी साँस ली फिर एक-एक कर फर्श पर बिखरा सामान उठाना शुरू किया।
जिसे देखकर कुहू भी उसकी मदद करने लगी। मिहीर सारा सामान एकदम सही से व्यवस्थित कर रहा था।
फिर उसने बिस्तर पर बेतरतीब ढंग से पड़े कमबल को समेटा और बेडशीट सही की।
फिर बिस्तर पर बैठकर कुहू को अपने पास बैठने का इशारा किया।
कुहू अपनी उंगलियाँ आपस में उलझाते हुए उसके पास बैठ गई। मिहीर ने उसके सर पर हाथ फेरकर कहा,
"पार्टियाँ सामान्य हैं.. लेकिन हमारा परिवार सामान्य नहीं! यह कितना खतरनाक हो सकता था, तुम इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकती। आइंदा ऐसी गलती गलती से भी नहीं होनी चाहिए।"
कुहू ने आज्ञाकारी बच्ची की तरह हाँ में सर हिला दिया।
मिहीर ने उसके बालों पर किस करते हुए कहा,
"अब फ्रेश होकर नीचे आ जाओ, लंच कर लो.. और समा को भी ले आना अगर माने तो.. हम्म।"
कुहू ने फिर से हाँ में सर हिला दिया और मिहीर वहाँ से उठकर बाहर आ गया।
अब तक विधी भी नहाकर तैयार हो चुकी थी।
उसने उस वक्त काली अनारकली ड्रेस पहनी थी, सर पर दुपट्टा, कानों में प्यारी सी चाँद बालियाँ, माथे पर छोटी सी काली बिंदी और बालों को खुला छोड़ा था।
वह बेहद प्यारी लग रही थी।
उसने रूह को एक नीली कॉटन फ्रॉक पहनाई थी और बालों को गुँथकर दो चोटियाँ बनाई थीं क्योंकि रूह के बाल बहुत जल्दी उलझ जाते हैं।
वहीं मिहीर अब विधी जिस कमरे में थी उस कमरे के दरवाज़े पर जाकर दस्तक देता है तो विधी दुपट्टा संभालते हुए दरवाज़ा खोलती है।
वहीं मिहीर अपने दिल पर हाथ रखते हुए बोलता है,
"बेबी गर्ल... यू लुक गॉर्जियस!"
तो पीछे से रूह की आवाज आई,
"मेरी मिमी है ही गॉर्जियस, सिर्फ़ आज नहीं लग रही.. हैंडसम अंकल।"
मिहीर ने गर्दन टेढ़ी करके रूह को देखा जो बिस्तर पर बैठी-बैठी अपने पैर हिला रही थी और मिहीर मुस्कुराते हुए विधी की साइड से निकलकर रूह के पास जाता है और घुटनों के बल बैठते हुए बोलता है,
"अच्छा..! और आप?"
तो रूह ने दोनों हाथ बाँधते हुए कहा,
"मैं तो क्यूट हूँ।"
विधी उनकी अजीब सी बातचीत सुनकर आँखें घुमाकर बोलती है,
"सर, लंच लग चुका है। आपके डैड वेट कर रहे होंगे आपका!"
मिहीर रूह के गाल पर किस करते हुए उसे गोद में उठा लेता है तो विधी आँखें छोटी करके बोलती है, "आप हमारी बेटी से कुछ ज़्यादा फ़ैमिलियर नहीं हो रहे हैं सर। हमें यह बिल्कुल पसंद नहीं है। हमने आज इसे आपके साथ जाने दिया क्योंकि मेडिसिन लाना था, पर हम इसका ख्याल अकेले रख सकते हैं। रूह बच्ची है, उसे आपसे अटैचमेंट हो सकता है जो हम बिल्कुल भी नहीं होने देना चाहती हैं। और वो अभी नासमझ भी है। हम उसे ऐसे किसी अजनबी की बाहों में तो नहीं सौंप सकते ना हम!"
मिहीर ने भौंहें सिकोड़ते हुए कहा,
"बोलने से पहले सोच समझकर मुँह खोला करो.. तुम मिहिर बजाज़ से बात कर रही हो।"
"और रही बात रूह की तो ये कम्फ़र्टेबल है मेरे साथ.. और ऑफ़कोर्स मेरे घर में रहती है तो फ़ैमिलियर भी होगी ही।"
रूह को ज़्यादा नहीं समझ आया तो उसने मिहीर की दाढ़ी खींचते हुए कहा,
"मिमी ने जो कहा है वो सही है और आपने जो कहा वो गलत है।"
मिहीर ने भौंहें उठाते हुए कहा,
"अच्छा बताओ जरा क्या सही कहा है आपकी मिमी ने?"
रूह ने पहले गन्दा सा फ़ेस बनाकर कुछ सोचा फिर कहा,
"उनके मुँह से निकला एक-एक शब्द सही है चाहे फिर वो कुछ भी हो।"
मिहीर ने कहा,
"आपकी मिमी बोल रही है रूह, मैं समझ नहीं रहा हूँ! क्या ये सही है?"
रूह ने विधी को देखा जो उसे घूर रही थी।
फिर रूह ने कहा,
"हाँ, मिमी ने बोला है तो सही ही बोला है।"
ये बोलते वक्त उसके चेहरे पर बिल्कुल भी उदासी नहीं थी जो मिहीर को हैरान कर रही थी।
कुहू ऊपर से नीचे विधि को देख रही थी और अपने मन में सोच रही थी।
""क्या इंडियन आउटफिट वेस्टर्न से ज़्यादा अच्छा लगता है या सिर्फ़ इस पर लग रहा है.. उसका मुँह बना हुआ था। ये देखकर कि विधि इतनी अच्छी क्यों दिख रही है।""
तभी उसके कानों में प्यारी सी आवाज़ आई...
"दीदी आप बहुत क्यूट लग रही हो इस हेयरकट में।"
ये और कोई नहीं, रूह थी। जिसे बेबी कट, हेयर का क्रेज़ पता नहीं कब से था। पर विधि ने ये बोलकर नहीं करवाया कि फोरहेड वाले बाल जल्दी लंबे हो जाएँगे और उसकी आँखें खराब हो जाएँगी। और हमारी रूह को अपनी सिल्वर आँखें बहुत प्यारी थीं।
कुहू ने रूह को चमकती आँखों से देखा और उसे एक हाई-फाई दिया और स्माइल करते हुए लंच करने लगी।
विधि बार-बार सीढ़ियों की ओर देख रही थी क्योंकि समा और अग्निर अभी तक नहीं आए थे।
मिहिर जी ने कहा,
"बेटा, समा को वहीं दे आओ लंच।"
विधि हाँ में सर हिलाती हुई चली गई। तो मिहिर ने गुस्से में कहा,
"वो यहाँ किसी की पर्सनल केयरटेकर नहीं है जो कभी किसी को डिनर करवाए और कभी किसी को लंच।"
सबको समझ आ रहा था मिहिर को चिढ़ मची हुई है; अग्निर से भी और समा से भी!
वहीं विधि ने मिहिर की बातों को सुन कर भी अनसुना किया और जल्दी से लंच एक प्लेट में लगाया और सेकेंड फ्लोर की तरफ़ बढ़ गई। उसने समा का दरवाज़ा खटखटाया तो समा ने कहा,
"Come in।"
विधि दुपट्टा संभालती हुई रूम में एंटर हुई और समा के रूम में रखी टेबल पर लंच रखते हुए बोली,
"मैडम, आपका लंच।"
समा ने जो नेल पॉलिश लगा रही थी, उसने आँखें उठाकर विधि को देखा। फिर कहा,
"You look beautiful! पर मेरे भाइयों को नहीं पटा पाओगी।"
विधि ने गुस्से से अपनी मुट्ठी बंद कर ली, जैसे खुद को कुछ बुरा करने से रोक रही हो। तो वहीं समा ने अपने नेल्स पर फूँक मारते हुए कहा,
"मिहिर भाई को लोगों की केयर करने की आदत है और अग्निर भाई को तो है ही फीलिंगलेस। उनका इलाज भी चल रहा है!"
"So your all try is waste, darling।"
विधि ने अपनी मुट्ठी खोली और समा की तरफ़ देखकर कहा,
"मैं समझ गईं मैडम। आप लंच कर लीजिए।"
और तेज़ी से वहाँ से चली गई।
पीछे से समा ने कहा,
"How dare she!! इसने समा बाजवा को इग्नोर किया। इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी, darling।"
वहीं विधि खुद को रोने से रोकने की कोशिश करती हुई लंबी-लंबी साँसें ले रही थी। उसने किचन में जाकर अग्निर के लिए भी लंच एक प्लेट में डाला और थर्ड फ्लोर की तरफ़ बढ़ गई।
विधि ने इधर-उधर अग्निर को देखा, ना वो पेंटिंग वाले रूम में था, ना अपने मास्टर बेडरूम में। ऊपर से विधि को स्नोई का डर भी सताए जा रहा था। तभी उसे एक हारमोनियम के बजने की आवाज़ सुनाई दी और विधि उस तरफ़ बढ़ गई। यह छत का ओपन एरिया था जो विधि ने जब इस घर को पहली बार देखा था तब सामने से दिख रहा था।
विधि ने सामने देखा तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। इतनी कड़कती धूप में अग्निर बिना शर्ट के फर्श पर लेटा था। उसके हाथ में छोटा सा हारमोनियम था जिसे वो आँखें बंद किए बजा रहा था।
विधि धीमे कदमों से उसकी ओर बढ़ी। अग्निर ने हारमोनियम बजाना बंद किया और एक लंबी साँस लेकर वो लैवेंडर फ्रेगरेंस अपने आस-पास महसूस करके बोला,
"टिमिड बेबी!"
विधि के पैर वहीं जम गए। अग्निर की आँखें अब भी बंद थीं, लेकिन उसे अहसास हो चुका था कि विधि वहाँ आई है।
अग्निर उठकर बैठ गया तो विधि की नज़र उसकी खुली पीठ पर गई जो बिल्कुल रेड हो चुकी थी। और विधि को अब फ़िक्र हो रही थी अग्निर की। वो कन्फ़्यूज़न में अपने होंठ चबा रही थी। तो अग्निर उठा और उसके होंठों पर उंगली रखकर बोला,
"Shhh, don't bite them।"
विधि ने दो कदम पीछे हटकर अग्निर को देखा जिसकी सिल्वर ब्लू आँखें बिल्कुल इमोशनलेस थीं। उसे समा की बातें याद आ रही थीं। उसने हकलाते हुए कहा,
"..आ..आपको जलन नहीं हो रही पीठ..पर.."
अग्निर ने आँखें बंद करते हुए कहा,
"ओह, टिमिड, यू एंड योर शेकिंग वॉइस..डिड यू नो व्हाट्स गोइंग ऑन माय बॉडी व्हेन आई हियर योर डैम शेकिंग वॉइस।"
अग्निर की हस्की डीप ब्रेथी वॉइस सुनकर विधि ने अपनी बॉडी में गुज़बंप्स फील करते हुए और भी ज़्यादा पीछे हटते हुए कहा,
"नहीं, हमें नहीं जानना। हम..हम बस लंच देने आए थे।"
"अब..अब जा रहे हैं। आप रहिए धूप में।"
अग्निर उसे देखकर स्माइल कर रहा था। वो ऑलरेडी अग्निर से कितनी दूरी पर थी, फिर भी वो और ज़्यादा डरते हुए पीछे हट रही थी। और अग्निर आँखों में नशा लिए उसे देख रहा था। अब विधि को समा की कही हर बात झूठी नज़र आ रही थी।
विधि ने गहरी साँस लेकर कहा,
"अब चलिए सर। रखिए इसे गोद में, पर बाहर चलिए।"
विधि अब इरिटेट हो चुकी थी अग्निर से, इसलिए उसे यही सही लगा। अग्निर भी एक जंग जीतने वाली मुस्कान लिए आगे बढ़ गया और रूह कन्फ़्यूज़ होकर विधि को देखने लगी। वो विधि के एक्सप्रेशन देखना चाहती थी। विधि को कैसा फील हो रहा है उसे अग्निर की गोद में देखकर। लेकिन विधि ने रूह पर ध्यान नहीं दिया और वो सब डाइनिंग हॉल में पहुँच गए जहाँ कुहू और मिहिर जी पहले से बैठे थे। अग्निर ने भी रूह को एक चेयर पर बिठाकर सबको ज्वाइन किया और विधि ने सबको सर्व किया।
विधी को ध्यान ही नहीं रहा, कब वह पीछे खिसकते हुए दीवार से जा लगी। अगले ही पल वह तेज कदमों से कॉरिडोर की तरफ बढ़ गई।
वहीं अग्निर एक इंच भी नहीं हिला था। उसने कहा, "तुम खुद जितनी स्पीड से मुझसे दूर गई हो, उसकी डबल स्पीड से वापस लौट कर आओगी, timid!"
वहीँ विधी ने जल्दी से अपने हाथ का खाना रूम में रखा और बड़बड़ाते हुए बोली,
"साइको इंसान! हम ही पागल हैं जो फिक्र कर रहे हैं! उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता!"
वहीं अग्निर ने हारमोनिका में एक धुन प्ले की जो थोड़ी देर पहले वाली से बिलकुल डिफरेंट थी।
विधी ने वह क्रिपी धुन सुनी तो जल्दी-जल्दी दुपट्टा संभालती हुई बाहर जाने लगी, लेकिन अचानक ही उसके सामने स्नोई आ गया और विधि चीख पड़ी,
"आह्ह्ह्ह्ह्ह!!!"
उसे समझ नहीं आया वह क्या करे। उसके दिमाग में सिर्फ अग्निर का ख्याल आया और वह भागते हुए वापस उस ओपन सीटिंग एरिया में आई और अग्निर के पीछे छिपते हुए बोली,
"प्लीज उसे रोक लीजिए, हमें डर लगता है उससे!!"
स्नोई अग्निर के पास आकर अपना सर हिलाने लगा तो अग्निर ने उसके बालों पर हाथ फेरते हुए कहा,
"गुड जॉब, माय बॉय!!! नाउ यू कैन गो, आई वांट प्राइवेसी।"
इस बात पर स्नोई थोड़ा सा गुस्साया, जैसे उसे पसंद नहीं आया अग्निर का उसे वहाँ से जाने के लिए कहना। लेकिन वह अच्छे बच्चे की तरह सर हिलाकर जाने लगा। जाकर विधी की साँस में साँस आई।
"थैंक गॉड वो चला गया! हमारी तो जान ही निकल गई थी।"
वह बोल रही थी कि अग्निर ने पलट कर उसे देखा और एक बार फिर उसकी साँसें गले में कहीं अटकने लगीं।
"एक गया तो क्या दूसरा हाजिर था?" अग्निर ने कहा,
"ये तो बहुत गलत बात है ना, timid baby.. तुम खाना लेकर आई और बिना मुझे खिलाए जा रही हो.. इट्स नॉट फेयर!!"
विधी की आँखों में डर के कारण नमी आ गई थी। वह खुद को संभालते हुए बोली,
"आप बच्चे नहीं हैं सर.. आपके हाथ दिए हैं भगवान ने दो.. जो सही-सलामत भी हैं। आप खुद खा सकते हैं। हमें बख्श दीजिए।"
विधी जाने को मुड़ी, लेकिन अग्निर ने कहा,
"रुको। एक कदम भी आगे नहीं बढ़ना चाहिए! वरना क्या होगा ये तुम सोच भी नहीं सकती!"
अग्निर की ऐसी दहाड़ती आवाज सुनकर विधी जहाँ थी वहीं खड़ी की खड़ी रह गई। उसके माथे पर पसीने की बूँदें उभर आईं। और अग्निर उसके करीब आकर उसके कान में बोला,
"जितनी दफ़ा मेरे लिए खाना लेकर आओगी, अपने हाथों से खिलाना पड़ेगा.. वरना थर्ड फ्लोर पर तुम्हारे कदम भी नहीं पड़ने चाहिए।"
अग्निर के होठ बोलते वक्त विधी के ईयर लोब को टच कर रहे थे, जिससे विधी की पकड़ उसके दुपट्टे पर कसती ही जा रही थी। उसके होठ फड़फड़ाने लगे थे।
तभी तेज हवा का झोंका आया और विधी का दुपट्टा उसके सर से उतर गया। जिसके साथ ही विधी की पीछे से गर्दन से लेकर थोड़ा नीचे का हिस्सा दिखने लगा क्योंकि अनारकली का बैक नेक थोड़ा डीप था। और वहाँ पर सिगरेट से जलने के धब्बे बने थे, जो लाइन से बने थे, जैसे किसी ने शिद्दत से, इत्मीनान से बैठकर नक्काशी की हो।
विधी ने हड़बड़ाकर जल्दी से दुपट्टा वापस ओढ़ना चाहा, लेकिन अग्निर ने उसे बीच में रोक लिया और जाड़ बांध कर बोला,
"व्हाट द हेल इज़ दिस?"
विधी ने जबरदस्ती अपना दुपट्टा छुड़वाया और अग्निर से दूर होते हुए बोली,
"न.. न.. नथिंग!"
और जल्दी से अपने सर को दुपट्टे से कवर कर लिया और बोली,
"चलिए लंच कर लीजिए। हम फिर कभी नहीं आएंगे यहाँ!"
खुद को इग्नोर होता देख अग्निर की मुट्ठी कस चुकी थी। लेकिन फिलहाल उसके दिल में जो तूफ़ान उन सिगरेट से जलने के निशानों को देखकर उठा था, उसके सामने उसका गुस्सा कम पड़ रहा था। उसे जानना था ये किसने किया, क्यों किया और विधी उन्हें छुपा क्यों रही है।
अग्निर धीमे कदमों से विधी का पीछा करता है और विधी जल्दी से टेबल के सामने रखे काउच पर बैठकर अग्निर को सामने बैठने का इशारा करती है।
विधी को अब तक इतना समझ आ चुका था कि अग्निर कितना ही क्रिपी और साइको हो, वह उसे फिजिकली टच या हैरस जैसी घिनौनी हरकत कभी नहीं करेगा। और उसका यही थॉट उसे अग्निर के आसपास थोड़ा ही सही पर कम्फ़र्टेबल फील करवा रहा था।
अग्निर ने एक नज़र घूर कर उसे देखा, फिर उसके सामने रखी चेयर पर बैठ गया। लेकिन उसके चेहरे पर साफ़-साफ़ चिढ़ नज़र आ रही थी, जैसे किसी बच्चे से उसका फेवरेट टॉय छीन लिया हो। और उसे देख-देखकर विधी को मन ही मन हँसी आ रही थी। उसने एक कर्व बनाकर अग्निर के मुँह की तरफ किया और अग्निर पता नहीं किस सोच में गुम एक-एक बाइट खा रहा था। उसकी नज़रें विधी पर नहीं थीं, लेकिन उसकी सोच पूरी की पूरी विधी में उलझी थी या सिर्फ़ उसके सिगरेट बर्न मार्क्स पर अटकी थी।
अग्निर ने लगभग लंच खत्म कर लिया था, तभी उनके रूम का डोर धम्म से खुला। उसकी इतनी तेज आवाज़ सुनकर एक बार तो विधी का दिल भी उछल पड़ा।
विधी और अग्निर ने आँखें उठाकर देखा तो सामने मिहिर खड़ा था, जिसकी आँखों में गुस्सा नज़र आ रहा था। उसे देखकर अग्निर अपनी नज़रें फेर लेता है और अपने होठों के आसपास लगा खाना टिश्यू उठाकर साफ़ करने लगा। वहीं विधी डर से अपने होठों पर अपनी नम जीभ फेरकर मिहिर की तरफ देख रही थी।
मिहिर ने जाड़ पिसकर कहा,
"बेबी गर्ल, एक बार का कहा.. तुम्हारी समझ में नहीं आता! मैंने कहा ना तुम यहाँ बेबीसीटर नहीं हो! ना ही केयरटेकर! तो अपने हाथों से खाना खिलाने की क्या ज़रूरत पड़ रही है तुम्हें!"
ये बोलते वक्त उसकी नज़रें अग्निर के चेहरे पर टिकी थीं, लेकिन अग्निर के चेहरे के एक्सप्रेशन बिलकुल चेंज नहीं हुए थे। वह बेफ़िक्री से पानी पी रहा था। फिर अचानक ही चेयर की हेड रेस्ट पर सर लगाकर हँसने लगा और कहा,
"क्या हुआ छोटे.. तुम्हारे नौकर तुम्हारे ऑर्डर्स फॉलो नहीं करते! ये तो बहुत गलत बात है ना। तुम्हें इसे जॉब से निकाल देना चाहिए मेरे हिसाब से!"
इतना बोलकर अग्निर ने एक नज़र मिहिर को देखा, जिसकी मुट्ठी कसी हुई थी। और विधी काँपती हुई दोनों भाइयों को देख रही थी। उसे अग्निर एक पल इनोसेंट लगता और दूसरे ही पल कोई डेविल। सेम मिहिर के केस में एक पल केयरिंग तो दूसरे ही पल पॉज़ेसिव।
उसका दिमाग बिल्कुल डैमेज हो गया था इन दोनों भाइयों की बकवास बातें सुन-सुनकर।
मिहिर ने स्मर्क करते हुए कहा,
"पाँच मिनट बाद में जन्म लेने से कोई ज़्यादा बड़ा नहीं बन जाता, तो मुझे छोटा बुलाना तो बंद कर दो तुम!"
अग्निर ने कहा,
"छोटा हमेशा छोटा ही होता है, चाहे पाँच मिनट हो या पाँच सेकेंड, कोई मैटर नहीं करता। और हाँ.. ले जाओ अपनी पर्सनल सर्वेंट को। आइन्दा ये यहाँ दिखनी भी नहीं चाहिए। और अगर आई तो मुझे खाना खिलाकर ही जाएगी। तो थोड़ा काबू में रखो इसे। ओके, बाय.. नाउ गेट लॉस्ट.. आई वांट सम प्राइवेसी एंड पीस।"
मिहिर ने गुस्से से विधी का हाथ पकड़ा और वहाँ से हवा की रफ़्तार से निकल गया।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए।
मिहीर ने विधि का हाथ कसकर पकड़ा हुआ था जिससे विधि की कलाई में दर्द होने लगा था। लेकिन मिहीर को जैसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। उसके चेहरे पर गुस्सा साफ़-साफ़ झलक रहा था। मिहीर तेजी से सीढ़ियों से होते हुए नीचे उतर रहा था। यह देखकर विधि के दिल को थोड़ी राहत मिली; कम से कम वह लिफ्ट से नहीं जा रहा था, वरना विधि की हालत खराब हो जाती। वहीं मिहिर, बिना किसी का ख्याल किए, विधि को खींचते हुए हॉल में लाया।
समा अपने कमरे की गैलरी में खड़ी होकर, तिरछी मुस्कुराहट लिए, विधि को देख रही थी।
"ओह, डार्लिंग। मुझे तो कुछ करना भी नहीं पड़ा, तुम तो खुद ही अपने लिए मुसीबत खड़ी करती रहती हो! वेल, अब तुम मेरे भाइयों पर डोरे डालना बंद कर दो, शायद!!"
"और अगर नहीं करोगी तो समा बाजवा नाम की बला तुम्हारा सर्वनाश कर देगी!"
समा विधि को देख मन ही मन बड़बड़ा रही थी कि अचानक पीछे से कुहू ने उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,
"चल, लाइब्रेरी चलते हैं यार। यहां बैठे-बैठे बोर हो रहे हैं। वहां से फिर तनिषा के साथ क्लब भी चलेंगे।"
समा ने एक नज़र विधि को और देखा, फिर रेडी होने अपने कमरे में चली गई।
वहीं दूसरी तरफ, मिहिर ने जैसे ही विधि की कलाई छोड़ी, विधि के दर्द से एक सिसकी निकली। उसकी मुलायम कलाई पर मिहिर की उंगलियां छप चुकी थीं। विधि आंखों में नमी लिए मिहिर को देख रही थी। मिहिर ने विधि की तरफ उंगली पॉइंट करते हुए कहा,
"तुम्हें एक बार कहा समझ क्यों नहीं आता! मुझे लगता है तुम मिहिर बाजवा को आंकने में गलती कर रही हो, बेबी गर्ल। वो भी बहुत बड़ी गलती!"
विधि ने अपनी आंखों के कोने साफ़ करते हुए कहा,
"पर हमने ऐसा कुछ नहीं किया सर। आपकी अपनी पर्सनल दुश्मनी है और आप जरिया हमें बना रहे हो उन पर गुस्सा निकालने का! हम इतने बेअक्ल नहीं मिहिर सर। आप तब ही आए जब हमें बहुत देर हो चुकी थी, तीसरे फ्लोर पर गए हुए। वरना आप पहले भी अपना यह सो-कॉल्ड एंगर निकाल सकते थे हम पर। पर हम अब और नहीं सह सकते आपका यह बेवजह का गुस्सा! हम जाना चाहते हैं यहां से!"
विधि बोली जा रही थी और मिहिर की नज़र उसकी कलाई पर थी, जहां किसी पुराने ज़ख्म का घाव था। शायद विधि ने पहले कभी सुसाइड अटेम्प्ट किया हो या किसी और ने उसकी कलाई पर यह घाव दिया हो। उसने आगे बढ़कर झट से विधि की कलाई पकड़ी और उसे गौर से देखने लगा। और विधि एकदम से सकपका गई और अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली,
"छोड़िए हमारा हाथ सर।"
लेकिन अब मिहीर के चेहरे पर हल्की शिकन दिख रही थी। उसने विधि का हाथ हल्के से पकड़ा और उसे हॉल के सोफे पर बैठा दिया और खुद घुटनों के बल बैठते हुए सर्वेंट को आवाज लगाकर बोला,
"फ़र्स्ट-एड बॉक्स देना!"
एक सर्वेंट मिहिर के हाथ में फ़र्स्ट-एड बॉक्स लाकर देता है और मिहिर उसमें से एक क्रीम निकालते हुए उसकी कलाई पर लगाता है, जहां उसकी उंगलियां छपी हुई थीं। मिहिर थोड़ा सॉफ्ट होते हुए बोलता है,
"क्यों गुस्सा दिलाती हो बेबी गर्ल? देखो, लग गई ना अब। जलन हो रहा होगा। तुम मेरी बातों को इग्नोर मत किया करो, आई हेइट दिस! बेबी गर्ल।"
वहीं विधि आंखें फाड़े मिहिर को देख रही थी। उसने धीरे से कहा,
"हमें लगता है आपको साइकियाट्रिस्ट की ज़रूरत है मिहिर सर। पर्सनैलिटी डिसऑर्डर हो गया है आपको। एक पल में आंधी और दूसरे पल में ठंडी हवा!"
मिहिर ने आंखें छोटी करके विधि को घूरा।
"तुम्हें नहीं लगता बेबी गर्ल, तुम्हारी जुबान कभी-कभी ज़्यादा चलती है!"
वे दोनों आपस में बातें कर ही रहे थे (सॉरी, बहस कर रहे थे!) उनके पास से समा और कुहू गुज़रती हैं। समा माथे में बल डालती हुई विधि को घूरती है। मिहिर ने आज तक फैमिली और फ्रेंड्स के अलावा किसी की इतनी केयर नहीं की थी और अब समा यह बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी कि उसका भाई किसी अजनबी की केयर कैसे कर सकता है, वह भी तब जब वह हर वक्त उससे लड़ता भी रहता है!
वहीं दूसरी तरफ, "बाजवा कॉरपोरेशन लिमिटेड" कंपनी की बिल्डिंग के लक्ज़री केबिन में इस वक्त दो स्मार्ट पर्सनैलिटी बैठी थीं: रुद्रम सेहगल और रिहाए वोहरा! अग्निर और मिहिर के यार, दोस्त, हमदर्द; जो शब्द कहे इनके लिए कम पड़ें। दिखने में दोनों ही काफ़ी हैंडसम हैं।
रुद्रम सेहगल, उम्र 25 साल, नीली आंखें, गोरा रंग, शार्प जॉ लाइन, 6 फुट हाइट और अच्छी खासी बॉडी। रुद्रम अपनी मम्मी-पापा के साथ रहता है और वह उनका इकलौता बेटा है।
रिहाए वोहरा, उम्र 26 साल, गहरी काली आंखें, कंधे तक आते सिल्की हेयर, 6 फुट एक इंच हाइट और सिक्स पैक एब्स वाली मस्कुलर बॉडी। गर्दन से लेकर कमर तक एक साइड टैटू ही टैटू बना रखे हैं जनाब ने और बिज़नेस मैन होने के साथ ही यह एक जाना-माना सिंगर भी है।
रुद्रम ने अपना लैपटॉप सामने रखकर कहा,
"तुझे क्या लगता है मिहिर जो कर रहा है वो सही है? मतलब अग्निर के लिए इतना बड़ा रिस्क ले रहा है और अगर जैसा हम सब को लगता है, अगर उसका पाँच परसेंट भी पॉसिबिलिटीज़ है तो अग्निर मर्डर कर देगा मिहिर का और हमारा। उसे अपनी चीज़ें सिर्फ़ अपनी चाहिए होती हैं। ऊपर से वो डॉक्टर इमांशी रोज़ उसकी कंडीशन ऐसे बताती है जैसे हमें वॉर्निंग दे रही हो!"
रिहाए ने हँसते हुए कहा,
"वॉर्निंग नहीं! यह बताती है हमारे मर्डर होने के चांसेज़ कितने बढ़ गए। अग्निर कितना और खूंखार हो गया!"
रुद्रम ने सर खुजाते हुए कहा,
"मेरे तो बाल भी सफ़ेद होने लगे हैं उस कमीने के बारे में सोच-सोच कर। और आज तो वो मनार की इन्फ़ॉर्मेशन निकलवा रहा है मुझसे। अब यह बात मिहिर को पता चली तो वो मुझे मार डालेगा और अगर अग्निर को डिटेल्स नहीं दी तो वो…!"
"पता नहीं कौन सी मनहूस घड़ी में हमने एक कॉलेज ज्वाइन किया था। कॉलेज ज्वाइन करने तक भी ठीक था, सेम सेक्शन, और फिर दोस्ती, मतलब… हद होती है। किस्मत पर पत्थर नहीं पड़े, सीधा पूरा पहाड़ ही पड़ गया है! जो अब ज़िंदगी भर रहने वाला है!"
वहीं दूसरी तरफ अग्निर का कमरा… अग्निर आँखें बंद किए बैठा था और विधि के सिगरेट बर्न मार्क्स को याद कर रहा था। तभी उसे अपने आस-पास हलचल महसूस हुई। उसने अचानक ही आँखें खोलकर देखा तो रूह खड़ी थी। उसने बत्तीसी दिखाकर कहा,
"वो व्हाइट कहाँ गया? आई वांट टू मीट हिम।"
अग्निर ने बालकनी की तरफ इशारा किया और रूह आँखों में चमक लिए उस तरफ चली गई और अग्निर अब गौर से उसे देखने लगा।
आखिर क्या चल रहा है अग्निर और मिहिर के दिमाग में? क्या दिक्कत है अग्निर को? मिहिर अग्निर की कौन सी चीज़ को लेकर खेल खेल रहा है? क्या करेगी समा विधि को नीचा दिखाने के लिए? रुद्रम किससे दगा करेगा, मिहिर या अग्निर?
सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए।
अग्निर का कमरा… अग्निर आँखें बंद किए बैठा था और विधि के सिगरेट बर्न मार्क्स को याद कर रहा था। तभी उसे अपने आस-पास हलचल महसूस हुई। उसने अचानक अपनी आँखें खोलकर देखा तो रूह खड़ी थी। उसने बत्तीसी दिखाकर कहा,
"वो व्हाइट कहाँ गया? I want to meet him."
अग्निर ने बालकनी की तरफ इशारा किया और रूह आँखों में चमक लिए उस तरफ चली गई। अग्निर गौर से उसे देखने लगा।
रूह ने जैसे ही ग्लास डोर स्लाइड किया, स्नोई भागते हुए आया और उछलकर रूह को हग कर लिया।
रूह ने भी आँखें मींचते हुए उसे कसकर हग कर लिया और हँसते हुए बोली,
"I miss you, व्हाइट। क्या तुमने लंच कर लिया?"
स्नोई ने हाँ में गर्दन हिलाई और जीभ निकालकर रूह का हाथ चाटने लगा।
रूह खिलखिलाकर हँसते हुए बोली,
"You are so much understanding, व्हाइट!"
स्नोई नीचे बैठ गया और रूह भी उसके पास टेक लेकर उसकी पीठ पर सिर टिकाकर लेट गई। अब उसकी आँखें सीलिंग की ओर थीं।
उसने थोड़ा सीरियस होते हुए कहा,
"व्हाइट, तुम्हें पता है मेरी मिमी को बहुत डर लगता है तुमसे और उन्हें यह भी लगता है तुम मुझे हर्ट कर दोगे…" फिर रूह ने एक प्यारी सी स्माइल के साथ कहा,
"But I think you never hurt me, व्हाइट। You always protect me…"
स्नोई ने अपना सिर पीछे करते हुए रूह के सिर से लगाते हुए हिलाया, जैसे कह रहा हो वो हमेशा उसे प्रोटेक्ट करेगा, चाहे कुछ भी हो जाए।
वहीं अब अग्निर कैनवास पर अपने हाथों से रंग बिखेर रहा था। उसके मैसी बाल बिखर चुके थे और वो शिद्दत से कुछ ड्रॉ कर रहा था।
इस वक्त वो बहुत हैंडसम लग रहा था।
वहीं हॉल में…
मिहीर अब विधि के बराबर सोफे पर बैठा था और उसके हाथों को अपने हाथों में लेकर, उसकी आँखों में देखते हुए बोल रहा था,
"You are doing the same shit again and again, बेबी गर्ल। Next time, I will definitely punish you! तुम अग्निर के पास नहीं जाओगी।"
विधि ने नीची गर्दन करते हुए हाँ में सिर हिला दिया।
मिहीर ने आँखें बंद करके गहरी साँस ली और कहा,
"मेरा सर दर्द करने लगा है तुमसे बहस करते-करते!"
विधि ने अपने हाथों से मिहीर के हाथों से अपना दुपट्टा सर से सही किया और उठते हुए बोली,
"हम अभी अदरक वाली चाय लेकर आते हैं आपके लिए। सर दर्द सही हो जाएगा आपका।"
मिहीर ने हेड रेस्ट से सिर टिकाते हुए हाँ में सिर हिला दिया।
और विधि वहाँ से किचन की तरफ चली गई।
रुद्रम मनार की ऑलमोस्ट सारी डिटेल्स रेडी कर चुका था। उसने उनकी एक फाइल रेडी की और रिहाय को देखकर कहा,
"मैं बाजवा मैंशन जा रहा हूँ सीधा। तुमसे तुम्हारे आज के कॉन्सर्ट में ही मिलता हूँ।"
रिहाय ने हाँ में गर्दन हिला दी और रुद्रम वहाँ से निकल पड़ा बाजवा मैंशन के लिए।
वहीं दूसरी तरफ, कुहू और समा लाइब्रेरी से फ़्री होकर अपनी फ़्रेंड तनिषा और जोया के साथ क्लब जाने के लिए निकल ही रही थीं कि तनिषा ने अपने फ़ोन में आई नोटिफ़िकेशन को देखकर अपने फ़ोन को चूमते हुए कहा,
😘💋 "I am in love with this notification! It's my favourite notification! 🥺❣️"
फिर उसने सबकी तरफ देखकर थोड़ा एक्साइटेड होकर कहा,
"यार, आज रिहाय वोहरा का कॉन्सर्ट है। मैं वो कैसे मिस कर सकती हूँ? I am sorry guys, लेकिन आज हम क्लब की बजाय यह कॉन्सर्ट अटेंड करेंगे। एंड अगर आगरा में रहकर रिहाय वोहरा का म्यूजिक नहीं सुना तो क्या ही सुना!!"
सब ने हाँ में मुँह हिलाया। समा और कुहू ने एक नज़र एक-दूसरे को देखा क्योंकि वो रिहाय वोहरा को पहले से अच्छे से जानती थीं।
विधि ने मिहीर को चाय पकड़ाई और फिर थोड़ी देर नैना से बात करने के लिए बैक यार्ड की तरफ चली गई।
नैना ने कॉल पिक करते ही विधि पर भड़कते हुए कहा,
"यह सब क्या है विधी? और रूह को तुम अपने साथ ले गईं। इतनी पराई हो गई मैं… मैं नाराज़ हूँ तुमसे। मैं बात नहीं करना चाहती।"
विधी ने हल्की मुस्कुराहट के साथ कहा,
"पहले अपनी जुबान को कण्ट्रोल में तो रखो, फिर नाराज़ होने का ड्रामा करना। और हमारी चिंता बिल्कुल मत करो; हम जहाँ भी हैं, सेफ़ हैं!"
नैना ने मायूस होते हुए कहा,
"तुमसे नाराज़ भी तो नहीं हो सकती ना मैं।"
विधी अभी बात कर ही रही थी कि अचानक उसे मेन गेट से कोई अंदर आते हुए दिखाई दिया और यह कोई और नहीं बल्कि मनार था।
विधी के हाथ-पैर एक बार फिर ठंडे पड़ने लगे और उसके होंठ और घुटने बुरी तरह काँपने लगे।
उसने खुद को थोड़ा संभालते हुए नैना से कहा,
"रूह बुला रही है हम। हम थोड़ी देर बाद करते हैं तुमसे बात।"
इतना बोलकर उसने जल्दी से कॉल कट कर दिया और खुद दुपट्टा अच्छे से ओढ़ते हुए मनार से छिपने लगी।
वहीं अग्निर अब रूम निकलकर ओपन एरिया में आ चुका था। हाथ में एक सिगरेट थी और वो कस लेते हुए विधि और मनार को देख रहा था।
उसकी पैनी नज़रें विधि के एक-एक एक्सप्रेशन को नोटिस कर रही थीं। उसे भी नहीं पता था वो यह क्यों कर रहा है, बस मिहीर जिसे उसने यहाँ लाया है, उसे प्रोटेक्ट करना और उसकी हर जानकारी रखना उसे ज़रूरी लग रहा था।
लेकिन उसे नहीं पता था उसका यह एक्सपेरिमेंट विधि पर करना विधि के लिए कितना खतरनाक था।
वो पूरी तरह से पसीने से भीग चुकी थी।
उसका गला सूख रहा था।
उसे पैनिक अटैक आ रहा था।
लेकिन वो किसी तरह मनार की नज़रों से खुद को दूर महसूस कर खुद को सेफ़ फील करवा रही थी।
लेकिन वो खुद को ज़्यादा देर ना संभाल पाई और उसकी आँखों के सामने अंधेरा छा गया।
उसने अपने आस-पास किसी चीज़ को पकड़ना चाहा, लेकिन अगले ही पल वो बेहोश हो गई। लेकिन वो नीचे नहीं गिरी थी। उससे पहले ही किसी ने उसे अपनी मज़बूत बाहों में थाम लिया था और यह कोई और नहीं बल्कि मिहीर था।
मिहीर ने उसके गाल थपथपा कर कहा,
"बेबी गर्ल, व्हाट हैपन्ड टू यू? गेट अप!"
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए।
मिहीर ने विधि के गाल थपथपाकर कहा,
"बेबी गर्ल, तुम्हें क्या हुआ? उठो…!"
लेकिन विधि की आँखें बंद हो चुकी थीं। मिहीर उसे बाहों में उठाकर अंदर आया और उसे एक कमरे में ले गया जो विधि के लिए तैयार किया गया था; जिसमें कुछ देर पहले विधि के सारे कपड़े और बाकी सामान रखा गया था।
मिहीर जल्दी से विधि को बिस्तर पर लिटा देता है और डॉक्टर को कॉल करता है।
वहीं, अब तक रूह भी स्नोई के साथ समय बिताकर नीचे आ चुकी थी। उसने अपनी मिमी को मिहिर की गोद में बेहोश देखकर डर से आँखें फैला लीं और उनमें आँसुओं की बूँदें आने लगीं।
वह भागती हुई आ रही थी और वह साथ-साथ बोल रही थी,
"मिमी को क्या हुआ हैंडसम अंकल?"
उसकी भारी और रोती हुई आवाज़ सुनकर मिहिर को बहुत बुरा लगा। रूह अब तक कमरे में आ चुकी थी और वह विधि के सीने पर अपना सिर रखकर रो रही थी।
मनार, जो अग्नि से मिलकर आया था, वह कमरे के दरवाजे पर खड़े होकर बोला,
"मिहीर सर, क्या आज आप रिहाय सर के कॉन्सर्ट में जाएँगे?"
मनार ने बोलते ही बिस्तर पर बेहोश लेटी विधि को देखा और अगले ही पल उसकी आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं और उसके होठों से हल्के से नाम निकला,
"विधि???"
वहीं अग्नि के कमरे में…
अग्नि इस वक्त जिम एरिया में था और ट्रेडमिल पर तेज़ी से दौड़ रहा था। उसने अपर बॉडी पर कुछ नहीं पहना था, बस टाउज़र पहन रखा था। उसकी पसीने से भीगी बॉडी बहुत आकर्षक लग रही थी और पसीने से भीगे बाल उसके फोरहेड पर झूल रहे थे, जो उसे और कातिल लुक दे रहे थे।
रुद्र उसका सामने एक फ़ाइल लिए खड़ा था, जो बेशुभक मनार के बायोडेटा की थी।
अग्नि ने कुछ पल बाद ट्रेडमिल से उतरकर साइड पर रखी बोतल से पानी पिया और फ़ाइल लेकर उसके पेज पलटने लगा। वहीं रुद्र का दिल धड़क रहा था। मिहिर के डर से पता नहीं वह क्या करेगा अब।
"रुद्रम के साथ,"
अग्नि ने रुद्रम को गहरी निगाहों से देखकर कहा,
"इसमें कोई गड़बड़ तो नहीं की ना? अपने बिज़नेस पार्टनर के डर से या उसका दिल रखने के लिए?"
रुद्रम ने गहरी साँस लेकर कहा,
"क्यों लगता है तुझे ऐसा? हम भी बिलकुल वैसे ही फ़्रेंड हैं जैसे मैं और मिहिर। पता नहीं तुम दोनों का यह साइको ब्रो लव किसी को समझ आएगा या नहीं, क्योंकि मुझे तो कभी नहीं आया। तुम उसके लिए अपनी जान तक दे सकते हो, किसी की भी जान ले सकते हो और सेम वह भी; और एक-दूसरे के सामने आते ही एक-दूसरे के जान के प्यासे दुश्मन बन जाते हो।"
अग्नि ने कहा,
"इसे समझने की ज़रूरत नहीं है और मैं उससे कोई प्यार नहीं करता। वह सबसे बड़ा काँटा है जो मुझे अपने रास्ते से हटाना है। वेल, पहले तुम जाओ यहाँ से और हाँ, उसे पता नहीं चलना चाहिए मैं किसी की इनफ़ॉर्मेशन निकलवा रहा हूँ।"
रुद्रम ने आँखें बंद करते हुए ना में सर हिलाकर कहा, "तुम कभी नहीं सुधर सकते!" इतना बोल वह वहाँ से चला गया और अग्नि भी उस फ़ाइल को साइड में रखकर एक तौलिये से अपना पसीना पोंछने लगा और अगले ही पल कमरे से निकलकर लिफ़्ट की ओर बढ़ गया।
वहीं दूसरी तरफ़ मिहिर ने मनार को गुस्से में घूरकर कहा,
"तुमसे मतलब मैं जाऊँगा या नहीं? तुम्हें अग्नि ने बुलाया था ना, उससे मिलो और चलते बनो यहाँ से!"
मनार ने गर्दन झुकाकर कहा,
"सॉरी सर!"
और तिरछी निगाहों से विधि को देखते हुए वहाँ से निकल गया।
वहीं उसके जाते ही मिहिर ने रूह को विधि से अलग करते हुए कहा,
"लिटिल डॉल, तुम्हारी मिमी बस बेहोश हुई है और कुछ नहीं!"
मिहीर ने झट से रूह को कसकर गले लगा लिया।
उसी पल एक डॉक्टर कमरे में एंटर हुई और विधि का चेकअप करने लगी। वहीं रूह मिहिर की बाहों में सुबकते हुए बस विधि को देखे जा रही थी। उसकी मायूस नज़रें उसके मासूम दिल का हाल बयाँ कर रही थीं।
डॉक्टर ने चेकअप करके विधि को एक इंजेक्शन लगा दिया और मिहिर को देखकर कहा,
"सर, बस शॉक और पैनिक अटैक की वजह से वे अनकॉन्शियस हुई हैं। जल्दी होश आ जाएगा इन्हें।"
इतना बोल डॉक्टर मिहिर की इजाज़त लेकर बाहर चली गई।
उसके जाते ही अग्नि कमरे में एंटर करता है और बिस्तर पर लेटी विधि को अपनी पागल नज़रों से घूरता है।
मिहिर जैसे ही अग्नि को देखता है, उसके जबड़े कस जाते हैं।
अग्नि आगे बढ़कर विधि के पास जाता है और उसके चेहरे पर आए बालों को हटाने लगता है। मिहिर रूह को बाहर मिहिर जी के पास छोड़ने जाता है।
अग्नि विधि पर झुकते हुए धीमे से बोलता है,
"टिमिड बेबी… यू आर सो मच इंटरेस्टिंग एंड आल्सो योर पास्ट… आई वांट टू नो योर एवरी सिंगल सीक्रेट…!"
इतना बोल अग्नि आँखें बंद करते हुए विधि की गर्दन को सूंघकर उसकी लैवेंडर फ़्रेगरेंस को अपने अंदर समेट रहा था।
इतने में किसी ने उसकी गर्दन पकड़कर ऊपर की तरफ़ खींचा और अग्नि की आँखों में गुस्सा उतर आया। उसने किसी पागल जानवर की तरह गर्रा करके पीछे मुड़कर देखा तो उसी एंगर के साथ मिहिर उसे खूनी नज़रों से देख रहा था।
अग्नि ने अगले ही पल मिहिर को मुक्का मारते हुए अपनी गर्दन से उसका हाथ झटक दिया। मिहिर ने गहरी-गहरी साँस लेते हुए अपने होठों के किनारे लगे खून को साफ़ करते हुए कहा,
"किसी लड़की की बिना परमिशन के उसके पास जाना इज़ अ क्राइम अग्नि बजवा।"
अग्नि ने शैतान की तरह हँसते हुए कहा,
"आई ऑब्जेक्शन माय लॉर्ड…!"
"तेरा यह कानून थोड़ा अजीब है। तू किसी के करीब उसकी मर्ज़ी के बिना जाए और किसी की मजबूरी का फ़ायदा उठाकर उससे हर काम करवा ले… यह क्राइम नहीं है…!"
मिहिर ने गुस्से में एक लात अग्नि के पेट पर मारकर कहा,
"जस्ट सेट अप। वह हमारी डील है और मैं कभी उसकी मर्ज़ी के बिना उसके करीब नहीं गया।"
अग्नि ने भी वापस मिहिर के पेट पर लात मार दी और मिहिर ने साइड पर पड़ी कुर्सी उठाकर अग्नि की बाजू पर मारी और कुर्सी के टुकड़े-टुकड़े हो गए।
अग्नि ने साइड में पड़ा लैंप उठाया और मिहिर की तरफ़ फेंका जो मिहिर के सीने पर जाकर लगा और चारों तरफ़ उसके टुकड़े बिखर गए।
उन दोनों ने फिर से एक-एक सामान उठा लिया एक-दूसरे को मारने के लिए। तभी उनके कानों में एक प्यारी सी, थोड़ी सहमी हुई आवाज़ आई,
"प्लीज़ रुक जाइए आप दोनों। हमें डर लग रहा है।"
यह और कोई नहीं, विधि थी जो दोनों को डरते हुए देख रही थी।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए।
मिहीर और अग्निर ने फिर से एक-एक सामान उठा लिया, एक-दूसरे को मारने के लिए। तभी उनके कानों में एक प्यारी सी, थोड़ी सहमी हुई आवाज आई।
"प्लीज रुक जाइए आप दोनों। हमें डर लग रहा है।"
यह और कोई नहीं, विधि थी जो दोनों को डरते हुए देख रही थी!
अग्निर और मिहीर ने पलट कर विधि को देखा। जिसका चेहरा कमजोरी के कारण सफ़ेद पड़ गया था। वही विधि उन दोनों की चोट को देख रही थी। अग्निर की अपर बॉडी पर कुछ नहीं था, इसलिए उसका खून से रंगा बाईसेप्स और सर की चोट से रिसता खून उसकी खुली चेस्ट पर साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा था। वही मिहिर के भी सीने पर चोट लगी थी, और लैंप के कुछ कांच के टुकड़े शर्ट के ऊपर से ही उसके सीने में धँसे हुए थे। और होठ के किनारे से खून बह रहा था। दोनों बुरी तरह हाफ़ रहे थे और घूरते हुए विधि को देख रहे थे।
अगले ही पल अग्निर एक नज़र उसे देखते हुए बाहर चला गया और मिहिर ने आँखें बंद करते हुए एक गहरी साँस ली। और विधि के पास जाकर उसके साइड में बैठते हुए बोला,
"Are you okay, baby girl? तुम बेहोश क्यों हो गई थी?"
मिहिर की बात सुनकर अचानक विधि को मन्नार याद आया और उसने अपने सूखे होठों पर जीभ फेरते हुए कहा,
"वो...वो चक्कर आ गए थे हमें!!"
विधि ने आँखें चुराते हुए कहा। फिर कुछ सोचकर,
"रूह कहाँ है? क्या वो रोई थी?"
मिहिर ने गहरी साँस भरते हुए कहा,
"वो मिस्टर बाजवा के पास है अब। रोई थी कुछ देर, अब चुप है।" और तुम इतना पैनिक क्यों करती रहती हो छोटी-छोटी बातों पर?
मिहिर ने आँखें छोटी करके थोड़ा गुस्से में कहा।
विधि ने कहा, "आपके डैड हैं, वो मिस्टर बाजवा क्यों बोल रहे हैं आप उन्हें?"
मिहीर ने सपाट लहजे में कहा, "मेरी मर्ज़ी।" तुम्हें इससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए।
तो विधि ने उसके सीने पर लगे कांच के टुकड़े को एकटक देखते हुए कहा,
"क्या हमें फ़र्स्ट-एड बॉक्स मिल सकता है!"
मिहीर ने खड़े होते हुए एक ड्रॉवर से बॉक्स निकालकर बेड पर रखा तो विधि उठने की कोशिश करने लगी। मिहीर ने उसे कंधे से पकड़ कर आराम से बैठा दिया।
विधि ने मिहिर को अपने पास बैठने के लिए इशारा किया। मिहिर उसे देखते हुए उसके पास जाकर बैठा तो विधि ने हाथ उठाते हुए उसकी शर्ट के बटन पर रख दिया।
यह देखकर मिहिर ने जल्दी से उसका हाथ हटाते हुए आँखें बड़ी करके कहा,
"मैं ऐसा-वैसा लड़का नहीं हूँ। तुम तो सरेआम मेरी इज़्ज़त पर हाथ डाल रही हो।"
विधि ने आँखें छोटी करके कहा,
"सर, आप खुली आँखों से सपने देखना बंद कीजिए। हम सिर्फ़ आपकी चोट पर दवाई लगाना चाहते हैं, इससे ज़्यादा कुछ नहीं।"
मिहिर ने दिल पर हाथ रखकर गहरी साँस लेकर कहा,
"Thank god...वरना मुझे लगा... the handsome मिहिर बाजवा का चार्म तुम पर भी काम कर गया।"
मिहिर ने शरारती मुस्कुराहट के साथ कहा तो विधि ने ना में गर्दन हिलाते हुए उसकी शर्ट के चार बटन ओपन किए और शर्ट को एक साइड से कंधे से सरकाते हुए उसके सीने पर चुभे कांच के टुकड़े को देखते हुए एक सिसक भरकर बोली,
"बहुत दर्द हो रहा है क्या?"
तो मिहिर ने मुस्कुराहट के साथ कहा,
"मुझे लग रहा है वो तुम्हें हो रहा है, मुझे नहीं। छोटी सी चोट है।"
विधि ने कहा,
"आपके भाई हैं वो, फिर ये सब क्या है! वो क्यों हमेशा जानवर जैसा बिहेव करते हैं सबके साथ?"
मिहिर ने आँखें छोटी करके कहा,
"तुम्हारे साथ कुछ किया क्या उसने ऐसा-वैसा?"
तो विधि ने ना में गर्दन हिलाकर कहा,
"नहीं...ऐसा तो नहीं किया...पर उनका बिहेव बहुत ज़्यादा रूड और एरोगेंट है। आपका भी है, लेकिन उनसे कम।"
मिहीर ने मिस्टीरियस तरीके से कहा,
"It's just for you, baby girl...because I need your help...otherwise...!!!"
इतना बोलते हुए उसके होठों के कोने मुड़ गए और एक शैतानी स्माइल आ गई उसके होठों पर। वही विधि ने हैरानी से उसकी तरफ़ देखा।
तो अचानक मिहिर ने कहा,
"Aahhh...आराम से क्या कर रही हो!!"
विधि ने कांच के टुकड़े निकाल दिए थे और अब उन्हें कॉटन से साफ़ कर रही थी। उसने खून अच्छे से साफ़ करने के बाद उस पर दवाई लगाई, फिर छोटे-छोटे बैंडेज।
मिहिर के चेहरे पर एक स्माइल आ गई।
मिहिर ने विधि की तरफ़ देखते हुए कहा,
"क्या तुम सबकी ऐसे ही केयर करती हो?"
तो विधि ने आँखें उठाते हुए कहा,
"क्यों? आपकी मम्मा ने आपकी केयर नहीं की कभी?"
तो अचानक मिहिर के चेहरे पर एक दर्द भरी स्माइल आ गई और उसने ना में गर्दन हिलाकर कहा,
"Never."
और फिर जल्दी से वहाँ से उठते हुए बाहर चला गया। और विधि बस उसे जाते हुए देखती रह गई।
अचानक विधि को रियलाइज़ हुआ, वो जब से बाजवा मैंशन आई है उसने मिहिर की मॉम को नहीं देखा है। फिर वो क्यों उसके सामने उसकी मॉम का ज़िक्र कर रही थी?
विधि ने नर्वस होते हुए ख़ुद से कहा,
"क्या हमने उन्हें हर्ट कर दिया?"
तभी दरवाज़े से रूह भागते हुए आई।
"मिमी! आप...आप ठीक हो गईं? रूह ने बहुत बार आपको उठाया, लेकिन आप उठी ही नहीं।"
विधि ने स्माइल करते हुए रूह को अपनी बाहों में लेकर उसके फोरहेड को चूमकर कहा,
"हम ठीक हैं अब।"
"मिमी, रूह बहुत डर गई थी। आप ऐसा मत किया करो।"
विधि ने उसके गाल पर किस करके कहा,
"ओके बच्चा!"
वही दूसरी तरफ़, एक बड़ा सा स्टेज, जिस पर एक लड़का हाथों में गिटार लिए चेयर पर बैठा था और उसके सामने एक माइक था। वो गिटार बजाते हुए एक गाना गा रहा था और उसकी नज़रें भीड़ में खड़ी एक लड़की पर ठहरी थीं।
"जो थी समा..."
तुम्हारे सारे मौसम, हाँ, हम बहार करते
तुम प्यार करने देते तो तुम्हें कितना प्यार करते
एक बार करने देते तो तुम्हें कितना प्यार करते
तुम्हें कितना प्यार करते, तुम्हें कितना प्यार करते
आँखों पर तुम्हारी अक्सर ग़ज़ल सुनाते
आँखों पर तुम्हारी अक्सर ग़ज़ल सुनाते
कितनी वफ़ा है इस दिल में, हर दिन तुम्हें दिखाते
हर दिन तुम्हें दिखाते!!
(Suggested by Priya Uddesiya 😊😘)
समा रिहाय से नज़रें चुराते हुए इधर-उधर देख रही थी। जिसे देखकर रिहाय आँखों ही आँखों में मुस्कुराते हुए गाना गाए जा रहा था। अब तक वहाँ रुद्रम और मिहिर भी पहुँच चुके थे जो सीटियाँ बजा रहे थे।
.....
आखिर क्या हुआ है समा और रिहाय के बीच?
"Guys...आपको विधि एंड मिहीर साथ में ज़्यादा अच्छे लगते हैं, अग्निर और विधि से।"
शाम का समय था। विधी रूह के साथ गार्डन एरिया में बैठी थी। वह खेल भले ही रूह के साथ रही थी, लेकिन उसके दिमाग में अब भी अग्निर और मिहिर की लड़ाई चल रही थी। उसे अग्निर की चोट याद आकर बुरा लग रहा था। उसने मिहिर की चोट पर मरहम लगा दिया था, लेकिन अग्निर के पास जाने से भी उसे डर लग रहा था।
उसका साइको बिहेवियर याद करके ही उसका दिल अंदर तक कांप रहा था।
इसलिए विधी ने अपने दिल में उठती हमदर्दी को वहीं दफना दिया और किचन में जाकर डिनर के लिए ग्रॉसरी चेक करने लगी।
वहीं रूह और मिहिग्निर जी गार्डन में बैठे थे और साथ में कुछ डिस्कस कर रहे थे।
"रूह बेटा, तुम्हारी मिमी और तुम अकेले रहते थे पहले या कोई और साथ में भी रहता था?"
मिहिग्निर जी के सवाल पर रूह ने कहा,
"वैसे तो हम अकेले ही रहते थे, पर कभी-कभार मिमी की फ्रेंड नैना दी और हार्दिक भैया भी हमसे मिलने आते थे।"
"आपको पता है, मुझे ना नैना दी बहुत सुंदर लगती हैं। उनकी उम्र मिमी से एक-दो साल ज्यादा ही है, लेकिन फिर भी मैं उन्हें दी ही बुलाती हूँ!"
रूह चहकते हुए मिहिग्निर जी को अपनी बातें बता रही थी और वह मुस्कुराकर उसकी क्यूटनेस देख रहे थे।
उसकी सिल्वरी पपी आँखें बहुत प्यारी लगती थीं जब भी वह खुलकर मुस्कुराती थी।
मिहिग्निर जी को यह नहीं समझ आ रहा था आखिर मिहिर का इन दोनों के साथ कनेक्शन क्या है।
वहीं दूसरी तरफ, कॉन्सर्ट खत्म हुआ तो सारे दोस्त एक कैफे में गए और एक बड़ी सी टेबल बुक की। मिहिर, रुद्रम और रिहाय तीनों साथ में बैठे थे। रुद्रम ने अपना गला ठीक करते हुए कहा,
"तूने जो काम करवाया था, मैंने कर दिया मिहिर।" इतना बोलकर उसने एक फाइल मिहिर की तरफ बढ़ा दी।
तो रिहाय ने रुद्रम के कान में कहा,
"क्या तुझे डेफिनेटली स्वर्ग जाना है? कभी इसे फाइल दे रहा है तो कभी अग्निर को... hmmmm"
मिहिर ने आँखें छोटी करते हुए कहा,
"क्या खिचड़ी पक रही है...?"
रुद्रम ने दाँत फाड़ते हुए कहा,
"नथिंग! कोई खिचड़ी नहीं पक रही, बस कोल्ड कॉफी पक रही है अंदर, आई मीन बन रही है हमारे लिए। मैंने ऑर्डर की है।"
मिहिर ने घूर कर उन्हें एक बार देखा और फिर फाइल ओपन करने लगा। उसने फाइल का पहला पेज पढ़ा तो उसकी आँखों में खुशी और एक्साइटमेंट के मिले-जुले भाव दिखने लगे और हल्की नमी भी, जिसे देखकर रुद्रम और रिहाय ने चौंकते हुए कहा,
"मिहिर, तू रो रहा है? सीरियसली...?"
मिहिर ने झट से आँखों के कोने साफ कर लिए और मुस्कुराते हुए कहा,
"नहीं तो!" फिर रुद्रम की तरफ देखकर बोला,
"थैंक यू सो मच..."
बस उसके मुँह से यही कुछ शब्द निकल पाए थे क्योंकि उसका गला भर आया था।
वहीं विधी किचन में खड़ी होकर कुछ सामान की लिस्ट बना रही थी। वह बार-बार दुपट्टा सर पर से संभालती हुई पेन से कुछ ना कुछ लिख रही थी और तभी उसे अपनी गर्दन पर किसी की गर्म साँसें महसूस हुईं और एकदम से उसकी रीढ़ की हड्डी तक अकड़ गई। वह फ्रीज होते हुए एक गहरी साँस भरकर मुड़ते हुए देखने की कोशिश करती है तो अग्निर बोलता है,
"टिमिड बेबी, अभी तक आदत नहीं हुई तुम्हें...?"
"योर फ्रेगरेंस इज़ लाइक अ ड्रग टू मी। आई एम गेटिंग एडिक्टेड टू दिस।" इतना बोल वो उसके दुपट्टे से झाँकते बालों को सूंघने लगता है।
उसे जैसे ही उसकी लैवेंडर फ्रेगरेंस अपने जहन के अंदर जाते हुए महसूस होती है, उसके चेहरे पर राहत दिखनी लगती है।
विधी मुश्किल से थोड़ा खिसकते हुए बोली,
"हम नहीं समझ पा रहे हैं आप क्यों हमारे साथ ऐसा बिहेवियर कर रहे हैं!"
इतना बोलकर जैसे ही उसने आँखें उठाकर देखीं, उसकी आँखें हैरानी से फैल गईं क्योंकि अग्निर अब भी शर्टलेस था और उसके वो जख्म साफ-साफ दिखाई दे रहे हैं जिन पर अब तक मरहम नहीं लगाई गई थी।
अग्निर की नज़र विधी के हाथ में रखी पेपर स्लिप पर जाती है तो वह उसके हाथ से वह पेपर स्लिप लेते हुए पढ़ने लगता है, जिस पर किचन का सामान लिखा था।
"ब्रोकली, मशरूम, सोयाबडी, पालक..."
"सब कुछ घास-फूस जैसा है। मुझे इनमें से एक भी नहीं पसंद!"
तो विधी अपने दुपट्टे को सर पर सरकाते हुए कहती है,
"किचन में इस सामान की जरूरत है। आप ला देंगे मार्केट से।"
अग्निर ने आईब्रो उठाते हुए विधी को देखा। वहीं विधी को लग रहा था अग्निर मार्केट जाएगा तो शर्ट पहनेगा और शायद इन जख्मों को छुपाने के लिए ही सही पर इन पर दवाई लगा लेगा।
लेकिन अग्निर ने एकदम से उसका हाथ पकड़कर किचन से बाहर ले जाते हुए कहा,
"लेट्स गो, टिमिड बेबी। मुझे ये सब खरीदना नहीं आता, तुम खरीद लेना, मैं पे कर दूँगा।"
और विधी किसी पतंग की तरह बस उसके पीछे-पीछे खींचती चली गई।
अग्निर मेन गेट से निकलकर पार्किंग की तरफ जाता है तो मिहिग्निर जी आँखें बड़ी करते हुए बोलते हैं,
"ये मेरा बेटा अग्निर ही है ना? ये सब क्या हो रहा है? ये इस समय और घर से बाहर इम्पॉसिबल..."
तो रूह, जो दोनों गालों पर हाथ रखे बैठी थी, वह बोली,
"पर ये तो हो रहा है ना ओल्ड मैन, मीन्स इट्स पॉसिबल!!"
रूह हद से ज्यादा क्यूट लग रही थी इस वक्त। मिहिग्निर जी ने एक नज़र रूह को देखा और फिर से सामने देखने लगे।
वहीं अग्निर विधी को फ्रंट सीट पर बैठाते हुए खुद ड्राइविंग सीट पर आ जाता है और कार स्टार्ट कर देता है। विधी को बहुत ज्यादा नर्वस फील हो रहा था। एक तो अग्निर की इंटेंस नज़रें, ऊपर से शर्टलेस बॉडी और बिखरे हुए बाल। वह कार चलाते वक्त भी बस विधी को घूर रहा था। फिर अचानक अग्निर विधी के हाथ पर हाथ रखते हुए बोला,
"टिमिड बेबी..."
तो विधी ने अपने हाथ में छूटते पसीने को दुपट्टे से पोंछते हुए आँखें उठाकर अग्निर की तरफ देखा, जो सिल्वर ब्लू, झील जैसी पागल आँखों से गर्दन टेढ़ी करते हुए उसे देख रहा था।
अग्निर ने स्मर्क करते हुए कहा,
"आर यू नर्वस और स्केयर्ड...?"
तो विधी ने ना में गर्दन हिलाई और थोड़ा झिझकते हुए कहा,
"क... क्या अ... उम... आप म्यूजिक ऑन कर सकते हैं... इफ...?"
अग्निर ने विधी के हाथ पर से हाथ हटाकर म्यूजिक प्लेयर पर एक ट्रैक ऑन किया। यह करते वक्त उसके होठों पर शरारती स्माइल थी क्योंकि उसे समझ आ रहा था विधी बहुत नर्वस है।
और जैसे ही सॉन्ग प्ले हुआ, विधी अपने होठों पर जीभ फेरती हुई जल्दी से खिड़की से बाहर देखने लगती है।
गाना था:
(ज़रा ज़रा बेहकता है, महकता है आज तो मेरा तन बदन।
मैं प्यासी हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में।
ज़रा ज़रा बेहकता है, महकता है।
है मेरी कसम तुझको सनम दूर कहीं ना जा।
ये दूरी कहती है पास मेरे आजा रे।
तड़पाए मुझे तेरी सभी बातें।
एक बार आ दे दीवाने झूठा ही सही प्यार तो कर।
मैं भूली नहीं हसीन मुलाकातें।
बेचैन करके मुझको मुझसे यूँ ना फेर नज़र।
रूठेगा ना मुझसे मेरे साथीयां ये वादा कर।
तेरे बिना मुश्किल है जीना मेरा मेरे दिल में।
ज़रा ज़रा बेहकता है, महकता है आज तो मेरा तन बदन...)
विधी हर एक गाने के बोल पर सिहरते हुए कार के डोर से चिपकती जा रही थी। अग्निर उसे घूर ही इस कदर रहा था। वह चाहकर भी अपनी गहराती साँसों की आवाज़ को रोक नहीं पा रही थी।
क्रमशः