क्या हो जब कोई इंसान प्यार या जज्बात को मानता ही ना हो .....! ऐसी ही कहानी है बिजनेस टायकून AS की । वही दूसरी तरफ है बड़बोली , मासूम, चुलबुली और भोली पनाह माथुर । पहली ही मुलाकात में कुछ ऐसा हुआ की बन गई पनाह AS के दिल का जुनून और सुकून। क्या होगा कभ... क्या हो जब कोई इंसान प्यार या जज्बात को मानता ही ना हो .....! ऐसी ही कहानी है बिजनेस टायकून AS की । वही दूसरी तरफ है बड़बोली , मासूम, चुलबुली और भोली पनाह माथुर । पहली ही मुलाकात में कुछ ऐसा हुआ की बन गई पनाह AS के दिल का जुनून और सुकून। क्या होगा कभी दोनो के बीच प्यार ? आखिर कोन है AS? क्यूं था वोह इतना बेरहम ? पनाह क्या प्यार कर पाएगी AS को ? कैसी रहेगी आंधी और तूफान की जुनून और सुकून की चाहत ? जानने के लिए पढ़े मेरी कहानी " Tu mera humdarad hai " सिर्फ Story mania पर ।
पनाह माथुर।
Healer
A.S
Warrior
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शहेर से थोड़ा दूर कुछ छोटे छोटे घर थे । वही पर एक घर था 1 bhk का जहां रात के 10 बज रहे थे मगर अभी भी लाइट जगमगा रही थी । एक 22 साल की खूबसूरत लड़की अपने मुंह के किनारे पेन को दबाए हुए कुछ सोच रही थी तो कभी लैपटॉप पर कुछ देखे जा रही थी । उसके खुले लहराते काले सिल्की बाल हवा में लहरा रहे थे, बालो की कुछ अलहद लट उसके गुलाबी गाल को चूमती थी तो वोह अपनी पतली उंगली से उसे पीछे कर रही थी ।
" अब सो जाओ पनाह, बाकी का काम कल कर लेना " एक लड़की ने कॉफी का कप पनाह के हाथ में थमाते हुए कहा ।
" यार विहिका, ये बॉस भी ना ना जाने क्या ही कल अनाउसमेंट करने वाले है....! में तो ये सोच सोच कर ही मरे जा रही हूं " पनाह ने अलसाते हुए कहा ।
" पनाह जो भी होगा वोह कल देखा जायेगा, अभी तो सो जाते है, क्योंकि कल भी यदि तेरे कारण लेट हुआ तो में बॉस से डांट नही खाने वाली " विहिका ने मुंह बनाते हुए कहा और अपने बिस्तर पर जाके लेट गई । पनाह भी अपनी कॉफी खत्म कर के अपने कमरे में जाकर लेट गई ।
दूसरी सुबह जब पनाह की आंख खुली तो उसने देखा विहिका गुस्से से अपनी कमर पर दोनो हाथ रखे खड़ी खड़ी उसे ही घूरे जा रही थी । पनाह समझ गई थी की आज भी उसके कारण दोनो को लेट हो गया है । वोह बिना कुछ बोले जल्दी से वाशरूम में घुंश गई और 10 मिनिट में रेड्डी हो गई ।
" देख विहू, मुझे पता है आज हम कुछ ज्यादा ही लेट हो गए है, मगर में हुं ना ....! तू फिकर मत कर में तुमको लेकर 10 मिनिट में ऑफिस पहुंचा दूंगी " पनाह ने विहिका के कुछ बोलने से पहले ही उसे कह दिया । विहिका ने पनाह को गुस्से से घूरा और फिर वोह उसके पीछे स्कूटी में बैठ गई ।
पनाह अपनी स्पीड में स्कूटी को प्लेन की तरह उड़ा रही थी और वही दूसरी तरफ कुछ व्हाइट रंग की रोल्स रॉयस गाड़ियां सामने से अपनी रफ्तार से आ रही थी ।
अचानक से ही धड़ाम की आवाज आई और सभी व्हाइट गाड़ी का काफिला भी रुक गया । लोगो की भीड़ जमा हो गई थी । अपनी स्कूटी को खड़ा करते हुए पनाह ने कार की तरफ देखा और फिर खुले शीशे के अंदर अपना छोटा सा शिर घुसाते हुए बोली,
" ये जिसमे बैठकर तुम कहीं जा रहे हो वोह है ना चार पहियों वाली कार है, दो पंख वाला उड़नखटोला नही है, दूसरा तुम क्या अपनी आंखों को घर पर ही छोड़कर निकलते हो ? जो तुमको इतनी खूबसूरत लड़की नहीं नजर आई ? " पनाह बस बोले जा रही थी ।
दूर खड़ी विहिका तो बस अपने शिर पर हाथ रखकर देख रही थी और ना में अपनी गर्दन हिलाते हुए बडबडा रही थी, " ये लड़की कभी नही सुधरेगी, एक दिन ये अपने बड़बोले पन में मुझे भी मुसीबत में दालकर रहेगी, क्या करू में इस पागल लड़की का.....! मातारानी मुझे इस पागल से बचाओ " वोह अभी ये सब सोच रही थी की तभी उसके कान में फिर से पनाह की आवाज आई,
" चुप भी करो तुम अब.... कितना बक बक कर रहे हो ? तुम ये बताओ ये जुबान कभी थकती नही क्या तुम्हारी ? कोई मुझसे इतना बुलवा ले, कसम से.... में तो थक ही जाऊं । अच्छा अब कुछ मत बोलो और लाओ 5000 रूपिये, मुझे मेरी परी को भी तो ठीक करवाना होगा " बोलते हुए उसने अपने सामने खड़े लड़के के हाथ को पकड़ लिया ।
ये देखकर वहां खड़े सभी के तो प्राण हलक में ही आ गए थे । उसके सामने खड़ा वोह इंसान कोई आम इंसान नही था । बिजनेस टायकून, बेरहम, क्रुएल, गुस्सैल AS खड़ा था । वोह लड़की अनजाने में ही शेर के मुंह में अपना पंजा दे रही थी । वोह इंसान कुछ भी कहता उसके पहले ही उसके हाथ में बंधी महंगी घड़ी पर नजर जाते ही पनाह की फिर से बोलने की आवाज आई,
" अरे.... 9 बज गए। ! आज फिर से बॉस की डांट खानी पड़ेगी, ये सब तुम्हारे कारण ही हुआ है, ना तुम अपनी खटारा कार लेकर आते ना मुझसे टकराते ना में गिरती, ना मेरी परी घायल होती, ना मुझे तुम्हारी इतनी बकबक सुननी पड़ती, हे भगवान..... बचा लेना मुझ मासूम को । बोलते हुई वोह जल्दी से विहिका के पास पहुंच गई और कैब बुक कर के उसमे ऑफिस के लिए निकल गई ।
माहोल में अचानक से एक गहरा सन्नाटा सा छा गया था । सभी लोग अपनी जान की खैरियत चाहते हुए वहां से इधर उधर हो गए थे, रास्ता एक दम साफ हो गया था ।
उस शख्स ने अपनी कड़क और रूड आवाज में कहा,
" ऑफिस चलो " बोलकर वोह कार में बैठ गया ।
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To be Continu.....