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तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत

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Rani jaiswal

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Description

मीरा की जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई और उसके जन्म का सच जो उससे कई सालों तक छुपा कर रखा गया,वही उसका प्यार मिहिर उससे दूर चला जाता है,कैसी होती है मीरा की जिंदगी ओर कब मिलती है वो अपने असली परिवार से पढ़िए मेरी कहानी " तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत"!

Total Chapters (19)

Page 1 of 1

  • 1. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 1

    Words: 548

    Estimated Reading Time: 4 min

    यह मेरी खुद की रचनाएँ है, कृपया कॉपी न करे।।








    मीरा अपने रूम मै खिड़की के पास खड़े होकर कुछ सोच रही होतीं हैं, मीरा एक 21 साल की लड़की हैं,
       जो कॉलेज के फाइनल ईयर मै हैं, जो बहुत ही खूबसूरत हैं, और अपने माँ बाप की एकलौती संतान हैं!
      गली मै आने जाने वालो का शोर मचा हुआ हैं, दुकानदार अपनी बिक्री मै लगे हैं, और ग्राहक अपनी खरीदारी मै!
    और मीरा अपनी ही धुन मै खोई हुई हैं, तभी बाहर गली से गाने की आवाज़ आती हैं, जिससे वो खयालो से बाहर आती हैं, और गाने को सुनने लगती है...


            दरमियाँ दरमियाँ दरमियाँ
    कुछ तो था तेरे मेरे दरमियाँ...

    गाना सुन कर उसे बीती कुछ बाते याद आ जाती हैं, उसके चेहरे पर एक दर्द झलकने लगता हैं, और आँखे नम हो जाती हैं..!
      
    "कुछ अहसास हमारे बीच भी थे ना, फिर क्यों तुमने वो सब किया, क्यों तुम छोड़ कर चले गए, क्यों तुमने एक बार भी नहीं सोचा, क्यों "  और रोने लगती हैं...

      एक गहरी उदासी मीरा के चेहरे पर छा जाती हैं,
       तभी उसे नीचे से उसकी माँ सरिता जी की आवाज़ आती हैं,

    मीरा ....
    सरिता :-बेटा नीचे आ जा खाना तैयार हैं !!
      मीरा :- हा माँ आई.. और अपने आँशु पोछ लेती हैं, और खुद से कहती हैं, मीरा  तुझे कमजोर नहीं पड़ना हैं, स्ट्रांग बनना हैं!
     




    और नीचे आ जाती हैं  जहा उसकी माँ खाना लगा रही होतीं हैं, और मीरा जाकर बैठ जाती हैं, थोड़ी ही देर मै
    मीरा के पापा  सैलेश जी भी आ जाते हैं






    सभी साथ बैठकर खाना खाने लगते हैं

    सैलेश :- बेटा पढ़ाई कैसी चल रही हैं ??
      मीरा :- हा पापा अच्छी चल रही हैं,
      सैलेश :- उसका कन्धा थपथपा कर कहते हैं : "बेटा मन लगाकर पढ़ाई करना, और बीती बातो को भूल  जाना  "!

    मीरा :- उनकी तरफ देख कर : पापा आपकी बेटी बहुत स्ट्रांग हैं, आप चिंता मत कीजिये, मै मन लगा कर
    पढ़ाई करुँगी


    और खाना खाने लगती हैं..खाना खा कर मीरा रूम मै आ जाती हैं, और अपने बेड पर जाकर बैठ जाती हैं, और सोचने लगती हैं..

    मीरा :- काश की वो सब ना हुआ होता, माँ पापा को भी मेरी फ़िक्र हो रही हैं, मै उन्हें ऐसे नहीं देख सकती
       मै उनकी अच्छी बेटी बनकर दिखाऊगी !!

       मीरा कबर्ड से अपनी डायरी निकल लेती हैं,
      जिसपर खूबसूरत अक्षर मै मीरा का नाम लिखा होता हैं.. जो उसके पापा ने बर्थडे पर गिफ्ट की थी, ज़ब वो 18 साल की हो गयी थी



      
    मीरा डायरी खोल कर बैठ जाती हैं, उसमे एक फोटो होतीं हैं,उसमे कुछ लोग होते हैं, मीरा उनको देख कर मुस्कुरा देती हैं..

    मीरा  उसके पन्ने पलटती हैं, और अपनी कलम से उसमे कुछ लिखने लगती हैं
     

                तेरी फोटो की धूप से अब मै,
    खुद को सेक रहा हु!!!
             लग रहा कितनी सदियों बाद
        तुझे फिर से देख रहा हु!!


    मीरा डायरी बंद करके सोने ही वाली होतीं हैं,की उसका मोबाइल वाइब्रेट होने लगता हैं, उसमे किसी लड़की का मैसेज होता हैं, जिसे पढ़कर  वो मुस्कुरा देती हैं, और कहती हैं..

       भगवान आपने भले ही कुछ अच्छा नहीं किया हो मेरी जिंदगी मै, पर इसको भेज कर आपने बहुत सही किया हैं.. और उसे मैसेज करने लगती हैं..

    थोड़ी देर बाद मीरा मोबाइल रखकर सो जा ती हैं




    soon...
      

  • 2. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 2

    Words: 696

    Estimated Reading Time: 5 min

    अगले दिन सुबह

      मीरा तैयार होकर नीचे आती हैं, उसने ब्लैक शर्ट और उसपर जैकेट पहन रखा हैं व जींस पहनी थी, ब्लैक कलर उसपर खूब जच  रहा था!
       मीरा :- माँ मै निकल रही हु, कॉलेज के लिए..
      और बाहर आ जाती हैं, पीछे से सरिता जी नास्ते के लिए आवाज़ लगाती रह जाती हैं..

    सरिता :- ये लड़की भी ना, थोड़ा भी अपना ध्यान नहीं रखती, बिना खाये ही चली गयी.. और वापस अपने काम मै लग जाती हैं


    सिया बाहर आकर अपनी बुलेट स्टार्ट करके निकल जाती हैं,  थोड़ी ही दूर पर  एक घर के पास रोक देती हैं,..




    और हॉर्न बजाती हैं, हॉर्न सुन  कर एक महिला बाहर आती हैं ,मीरा उनको नमस्ते करती हैं,
      मीरा :- आंटी सिया को बुला दीजिये, वरना ये मुझे लेट करा देगी!
      वो महिला सिया की माँ होतीं हैं, वो मुस्कुरा कर अंदर जाती हैं और आवाज़ देती हैं..
      सिया की माँ :- सिया बेटा जल्दी आ जा मीरा तेरा वेट कर रही हैं
        और तभी एक लड़की नीचे उतर कर आती हैं, ये सिया हैं, मीरा की बचपन की दोस्त हैं, सिया ने सिम्पल सूट पहन रखा हैं, जिसमे वो बहुत प्यारी लग रही हैं..
       वो आकर अपनी माँ के पैर छुती हैं, और गले लग कर कहती हैं
      सिया :- माँ मै निकलती हु.. बाय अपना ध्यान रखना!!
       और बाहर निकल जाती हैं, और सिया के पास जाकर उसके गले लगती हैं.
      सिया :- कैसी हैं, मेरी शेरनी , आज तो बहुत जच रही हैं,लडके तो घायल हो जायेगे और हसने लगती हैं
      मीरा :- मीरा गुस्से वाला मुँह बनाकर : चुप कर सिया की बच्ची कितनी देर लगाती हैं, चल बैठ जल्दी से अब
      सिया :- क्यूट फेस बनाकर : हा ना बैठ रही ना
    और बैठ जाती हैं


    दोनों निकल जाते हैं, और कॉलेज पहुंच जाते हैं, मीरा गाड़ी पार्क करके बाहर आती हैं, तो वहा कुछ लडके खड़े होते हैं, ये लडके आने जाने वाली लड़कियो को छेड़ते रहते हैं, उसमे से एक राकेश नाम का लड़का रहता हैं, जिसने मीरा से दोस्ती करने के लिए ना जाने कितने हटकन्णे अपना लिए पर मीरा किसी को भाव नहीं देती और ऐसे लडके को तो बिलकुल भी नहीं
       और लडके मीरा को देखकर हसने लगते हैं
       राकेश :- कहा चली मेरी रानी, मुझसे मिलती तो जाओ  और हसने लगता हैं
    मीरा :- इग्नोर करके आगे बढ़ती हैं..

    राकेश :- अरे नाराज़ हो गयी क्या, जरा सुन तो लो
       और मीरा का हाथ पकड़ लेता हैं..
       मीरा बिना देर के वैसे ही पीछे घूम जाती हैं, और राकेश का हाथ मोड़ देती हैं, उसका हाथ पीछे लगा कर जोर  से मोड़ती हैं, और गुस्से से कहती हैं

    मीरा :- "अगर कोई चुप हैं, ना तो उसको छेड़ते नहीं
        बच्चे वरना,,इंसान के अंदर का शेर जग जाता हैं"
       क्या बोल रहे थे मिलती जाऊ,  हा  और उसका हाथ और जोर से दबा देती हैं, बहुत शोक हैं ना तुम्हे मुझसे मिलने का, अब मिलो

    राकेश दर्द से कहारने लगता हैं, उसके दोस्त आगे बढ़ते हैं, वैसे ही मीरा उनसे कहती हैं.

    मीरा :- अगर तुम लोगो को भी हाथ पैर तुडवाने का शोक हैं, तो आओं

    सब वापस पीछे हट जाते हैं, मीरा राकेश का हाथ छोड़ कर जोर से जमीन पर फेक देती हैं,
      और बोलती हैं
    मीरा :- आखिरी चेतावनी समझ लो  इसे, अगली बार ऐसी हरकत की ना, तो खड़े होने लायक नहीं छोडूगी.
       समझे , या फिर से समझाउ..
     
    और वहा से निकल जाती हैं, क्लास के बाहर सिया खड़ी रहती हैं, वो मीरा से आकर पूछती हैं
    सिया :- मीरा कहा रह गयी थी, तू कितनी देर हो गयी तुझे
      मीरा :- अरे कुछ नहीं सिया, बस थोड़ा हाथ की सफाई करने लग गयी थी
      सिया :- उसका हाथ पकड़ कर : तू भी ना
      चल अब अंदर

    दोनों क्लास मै जाकर बैठ जाते हैं, और पढ़ाई करने लगते हैं,
       सिया मन ही मन सोचती हैं, ये मीरा जरूर कुछ ना कुछ करके आई हैं, पता करने पड़ेगा मुझे
        मीरा उसको इसे देखकर बोलती हैं

    मीरा :- ओय क्या सोच रही हैं, इस छोटे से दिमाग़ से
    और उसके सर पर एक चपत लगाती हैं
       सिया :- कुछ नहीं सोच रही  , और मुँह बना लेती है
     



    Soon..

  • 3. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 3

    Words: 875

    Estimated Reading Time: 6 min

    दोनों ब्रेक के बाद केंटीन चली जाती हैं, और वहा जाकर अपने लिए समोसे मँगा कर खाने लगती हैं, तभी वहा एक लड़की आती हैं, जिसका नाम नेहा होता हैं.और उनके पास बैठ कर मीरा से बोलती हैं
    नेहा :- यार तूने तो कमाल कर दिया, अच्छा सबक सिखाया उस कुत्ते को, और खुश होतीं हैं
       सिया आँखे बड़ी कर लेती हैं, और तिरछी नज़र से मीरा को देखती हैं, मीरा नज़रे नीचे कर लेती हैं
    सिया :- अब सीधे सीधे बता दे क्या करके आई हैं, तू
      मीरा :- मेने कुछ नहीं किया, देख वही मुझे छेड रहा था! और अपना क्यूट फेस बना लेती हैं
      नेहा :- अरे सिया तुझे नहीं मालूम, वो अपने कॉलेज का राकेश मवाली हैं, ना उसका हाथ मोड़ दिया आज मीरा ने, बहुत मजा आया मुझे तो, हर किसी छेड़ता रहता हैं, वो
       सिया :- मीरा की तरफ देख कर :- तूने मुझे ये सब क्यों नहीं बताया, यार तू ऐसा क्यों करती हैं, तुझे नहीं करना चाहिए था कुछ
      और टेंशन मै आ जाती है : तुझे पता हैं , ना वो कितना बड़ा गुंडा हैं, उसने कुछ और करने की कोशिश की तो
      मीरा :- अरे तू टेंशन मत ले  मै हु ना, मुझे स्ट्रांग लोगो की बाते सुनने के लिए नहीं बनाया,  ऐसे लोगो को तो अच्छा सबक मिलना चाहिए
       सिया :- चल छोड़,देख लेगे आगे, और तीनो बाते करने लगती हैं,
       खा कर  तीनो क्लास मै बैठ जाती हैं, और बाते करने लगती हैं, फिर वहा उनकी मैम आ जाती हैं, और उनको ट्रिप के बारे मै बताती हैं, और अपना नाम देने को कहती हैं, ट्रिप मसूरी जाने वाली होतीं हैं मीरा और सिया भी अपना नाम दे देते हैं,

    और फिर दोनों घर के लिए निकल जाते हैं, घर जाकर मीरा अपनी माँ को ट्रिप के बारे मै बताती हैं
       मीरा :- माँ मेने भी अपना नाम दे दिया हैं
    सरिता :- थोड़ा चिंतित होकर : पर बेटा एक बार अपने पापा से भी पूछ लेती ना
       अरे इसमें पूछने की क्या बात हैं, अगर हमारी बेटी जाना चाहती हैं, तो जाने देते हैं, ना सैलेश जी अंदर आते हुए कहते हैं, मीरा  दौड़ कर गले लग जाती हैं

    मीरा :- थैंक यू पापा, यू आर द बेस्ट,
    सैलेश :- बेटा तुम जहा भी जाना चाहती हो, जरूर जाओ, हम कभी नहीं रोकेगे, ये तुम्हारी जिंदगी हैं, हर किसी को अपनी जिंदगी मै फ्रीडम रहती हैं, तुम अच्छे से एन्जॉय करना  : और उसके सर पर हाथ रख देते हैं
      मीरा :- हा पापा 
      सरिता जी अभी भी थोड़ी टेंशन मै रहती हैं, पर वो कुछ नहीं कहती,
      सैलेश :- चलो सरु खाना तो लगाओ, बड़ी जोर की भूख लगी हैं, आज तो
       सरिता :- हा लगाती हु, आप दोनों मुँह हाथ धो लीजिये..
      और दोनों मुँह हाथ दोने चले जाते हैं, और सरिता जी खाना लगा देती हैं, सैलेश जी नीचे आकर बैठ जाते हैं, और सरिता जी को बोलते हैं
      सैलेश :- सरु मै जानता हु तुम्हे मीरा की फ़िक्र हैं,तुम फ़िक्र मत करो, मीरा अच्छे से ध्यान रख लेगी, अभी इस वक़्त उसे एक बदलाव की जरूरत हैं,.!
    सरिता :- हा सैलेश आप ठीक कह रहे हैं, हमारी बच्ची बहुत बहादुर हैं,!
      मीरा भी नीचे आ जाती हैं, और बैठ जाती हैं
    मीरा :- क्या बनाया हैं, माँ आपने आज?
      सरिता :- मेने आलू की सब्जी और पूरी बनाई हैं, तुझे पसंद हैं, ना ले.. और उसे परोसती हैं..
       मीरा खुश हो जाती हैं, और खाना खाने लगती हैं,
      खाना खा कर अपने रूम मै आ जाती हैं..

    और अपने मोबाइल मै सिया से बाते करने लगती हैं..!



    ###

    अमेरिका मै एक आलिशान बंगले मै एक लड़का
      अपने रूम मै एक बड़ी से तस्वीर के सामने खड़ा हुआ हैं, और उसकी नीली आँखे नम हैं, और उन नम आँखो से वो उस तस्वीर को निहार रहा हैं !
     
    वो लड़का कोई और नहीं, मिहिर राय हैं, एक बहुत बड़े बिज़नेस का मालिक, बहुत ही हैंडसम और डेसिंग
       हैं, जो अभी अमेरिका मै  रह रहा हैं
    मिहिर :- काश तुमने एक बार तो मेरी बात सुनी होतीं  मीरु, तो आज तुम मुझसे दूर ना होतीं, मेरे करीब, मेरे पास होतीं, तुम्हे पूरी दुनिया की नज़र से चुरा कर अपने पास रखता..!
      आज भी ये दिल तुम्हे एक बार देखने के लिए तड़प उठता हैं, और मिहिर की आँखे भर आती हैं,
      पर तुम फ़िक्र मत करो, इस बार जो मुलाक़ात होंगी, उसमे तुम्हे मेंरी बात भी सुननी होंगी, और मेरे पास हमेशा के लिए आना भी होगा,
      और उस तस्वीर से चिपक जाता हैं, और अपनी आँखे बंद करके महसूस करने लगता हैं, और जोर से चिल्लाता हैं..
        मीरा..........
       

    इंडिया
    मीरा एकदम से नींद से उठ जाती हैं, उसे सोये हुए 10 मिनट हुए थे, मीरा पसीना पसीना हो जाती  हैं,
        ऐसा क्यों लगा जैसे किसी ने मुझे पुकारा,
    अजीब सा लग रहा हैं,   हे भगवान, अब कुछ और तो नहीं होने वाला हैं,
       और उठकर बालकनी मै आकर टहलने लगती हैं
       मीरा को अब बिलकुल भी नींद नहीं आ रही होतीं हैं,
     
    मीरा अपने मोबाइल मै आये हुए मैसेज देखने लगती हैं, जिसमे से एक मैसेज कॉलेज से होता हैं
      जिसमे ट्रिप के बारे बताया हैं, ट्रिप 2 दिन मै जाने वाली हैं..

      मीरा रूम मै आ जाती हैं, और मोबाइल रख कर सोने की कोशिस करती हैं!!





    Continue..
      

  • 4. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 4

    Words: 856

    Estimated Reading Time: 6 min

    अगले दिन कॉलेज मै
     
    मीरा सिया, और नेहा तीनो ट्रिप प्लान कर रहे थे,
      तीनो बातो मै मग्न थे, तभी सिया का ध्यान, किसी जगह पर जाता हैं, उसके चेहरे के भाव बदल जाते हैं, आँखों मै गुस्सा उभर आता हैं, मीरा सिया को इसे देख कर, उसी दिशा मै देखती हैं, जहा सिया देख रही होतीं हैं, वहा एक लड़की कार से उतर कर आ रही होतीं हैं, जिसने शार्ट ड्रेस पहन रखी हैं, और वो ज्यादा तो नहीं पर खूबसूरत लग रही हैं, जो स्माइल करते हुए आगे बढ़ रही हैं,मीरा उसको देखकर अपनी मुट्ठी भींच लेती हैं, वो लड़की उन लोगो  पर एक नज़र डाल कर एक जहरिली  मुस्कान देती हुए उनके पास से निकल जाती हैं!
      सिया :- अब ये यहाँ क्या करने आई हैं??
    नेहा :- तुम दोनों क्यों उस पर ध्यान दे रहे हो, छोड़ो होगा उसे कुछ काम!
    मीरा :- अगर किसी और मकसद से आई होंगी ना, तो मोहिनी के लिए ये ठीक नहीं होगा इस बार  मीरा गुस्से भरे चेहरे से कहती हैं  !
       तीनो वहा से उठ कर अपनी क्लास मै आ जाती हैं


    प्रिंसिपल रूम मै
      मोहिनी :- थैंक यू सर जो आपने मेरी रिक्वेस्ट पर बात मानी और हमें साथ आने के लिए हा कह दिया
      सर :- अरे बेटा थैंक यू की क्या बात हैं, तुम हमारे कॉलेज के बच्चे हो, और तुम्हारे पापा मेरे दोस्त भी हैं, इतना तो मै कर ही सकता हु
       मोहिनी :- हां
              और वहा से चली जाती हैं,

    बाहर आकर खुद से कहती हैं, मीरा इस बार का सफर तुम्हारे लिए यक़ीनन यादगार ही होगा, और एक शातिर मुस्कुराहट उसके चेहरे पर छा जाती हैं  और अपनी कार मै बैठ कर निकल जाती हैं !

      क्लास मै सिया मीरा से कहती हैं,
    सिया :- ओय सुन ना आज हम थोड़ी शॉपिंग कर लेते हैं, ना और बहुत दिनों से हमने काका के यहाँ की
      पानीपुरी भी नहीं खाई , वो भी खा लेगे
    सिया अपनी ललचाई नज़रो से कहती हैं!
      मीरा :- नेहा देख देख पानीपुरी नाम लेके कैसे पानी ही आ गया इसके मुँह मै 😂
      और दोनों हसने लगते हैं, सिया मुँह बना लेती हैं, और उठकर दूसरी जगह जाकर बैठ जाती हैं..
       मीरा उठकर उसके पास जाकर उसे चिढ़ाती हैं
    मीरा :- अव्व्व क्या हुआ मेरे गोलगप्पे, गुस्से मै कैसे फुल गया हैं!और उसके गाल खींचने लगती हैं
      सिया :- उसके हाथ हटाकर : दूर रह बात मत कर तू मुझसे   😒
      मीरा :- अरे मेरी सियु, हम चलेंगे ना, जहा जहा बोलेगी वहा वहा चलेंगे, चल गुस्सा छोड़ अब वरना मै गुस्सा हो जाऊगी
       सिया :- तू क्यों गुस्सा होयेगी ?
    मीरा :-. तू मान नहीं रही इसलिये 😄
      सिया :- हा तो मुझे मना ना, वरना मै दूर चली जाऊगी
       मीरा ये वर्ड सुन कर रोने लगती हैं, सिया डर जाती हैं, और गले लग जाती हैं,
    मीरा :- तू भी छोड़ कर चली जाएगी मुझे 😔
    सिया :- नहीं नहीं मै नहीं जाऊगी, सॉरी मेने तो यूही बोल दिया था, मै तुझे छोड़ कर नहीं जाऊगी
      मीरा :- पक्का ना, अब ऐसी बात नहीं करना, 😔
      सिया मीरा को इसे देख समझ जाती हैं, मीरा को उसने दुखी कर दिया
      सिया :- हा पक्का
       नेहा :- उन दोनो के पास आकर  उन को बोलती हैं :
      हो गया राम भरत  मिलाप तुम दोनों का !!
    सिया और मीरा दोनों मुस्कुराते हुए बोलते हैं
      हां हा हा
     
    तीनो हस पड़ते हैं, और क्लास के बाद शॉपिंग के लिए निकल जाते हैं, जहा दोनों अपने लिए कुछ कपड़े और जरूरी सामान लेते हैं, और पानीपुरी खाने के लिए ठेले पास चले जाते हैं
      
    तीनो खुब सारी पानीपुरी खाते हैं,और फिर वहा से घर के लिए निकल जाते हैं, मीरा नेहा और सिया दोनों को ड्रॉप करके घर आ जाती हैं, और अपना सामान अपनी को दिखा कर रूम मै आ जाती हैं
     
    और अपनी डायरी निकल कर बैठ जाती हैं, कुछ सोचते हुए वो लिखती हैं
     



      मेरा यार मेरी दौलत, मेरा यार ही तबाही !
         मेरा प्यार दोनों के हक़ मै देता हैं गवाही !!



    प्यार की कितनी अजीब चीज हैं , कभी देता हैं तो इतनी ख़ुशी दे देता हैं, की यकीन ही नहीं होता किस्मत पर, और कभी वही प्यार, प्यार ही ना रहे तो जिंदगी जिंदगी नहीं लगती..


    बस इतना करना भगवान की उससे मुझे कभी मत मिलाना, मै उसे फिर से नहीं देखना चाहती, उसकी यादें बहुत हैं, मुझे तकलीफ देने के लिए, उसे मिलकर
    और तकलीफ नहीं चाहती !!

    मीरा इतना कह कर, अपनी डायरी बंद करके रख देती हैं..




    अमेरिका,
      मिहिर किसी से कॉल पर टिकिट बुक करने के लिए कहता हैं, उधर से कोई कुछ कहता हैं, तो मिहिर गुस्से से चिल्लाता हैं.
    मिहिर :- "मुझे कुछ नहीं सुनना, जितनी भी मीटिंग हैं, सब कैंसिल कर दो, और डैड से कह देना, मेरे लिए मीटिंग से ज्यादा जरुरी, इंडिया आना, तुम टिकिट बुक करो, वरना मै अपने पर्सनल प्लेन से आ जाउगा "
       उधर से हा जवाब आता हैं, मिहिर फ़ोन रख देता हैं,
    और खुद से कहता हैं
     
    मिहिर :-  मै आ रहा हु मीरु....




    मीरा डायरी रख कर नीचे आ जाती हैं, और अपने माँ और पापा के साथ खाना खाने लगती हैं



     
    Soon

  • 5. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 5

    Words: 918

    Estimated Reading Time: 6 min

    अगली सुबह ही  मिहिर इंडिया आ जाता हैं, और अपने घर के लिए निकल जाता हैं, मीरा और सिया भी कॉलेज चले जाते हैं, अगले दिन ही ट्रिप जाना होता हैं!


    मिहिर के घर
    मिहिर घर अपनी माँ से मिलता हैं, और गले लगता हैं, वही कुछ देर मै मिहिर के पापा राजेश जी आते हैं, जो बहुत गुस्से मै होते हैं!

    राजेश जी :- तुम जानते हो, तुमने कितना बड़ा नुकसान किया हैं!
    मिहिर :- जितना नुकसान मेरा हुआ हैं, उससे तो कम हैं, सर  मेरा यहाँ आना बहुत जरूरी था!

    राजेश जी :- किसके लिए आये हो यहाँ, उस 2 कोड़ी की लड़की के लिए तुम इतनी बड़ी डील छोड़ आये!
      तुम्हे वहा मेने इसलिए ही भेजा था, ताकि तुम उससे दूर रहो!
       मिहिर गुस्से मै :- बहुत हुआ सर, अगर अब कुछ और आपने उसके लिए कहा तो मै बर्दास्त नहीं करुँगा!
    आपने पहले भी बहुत कुछ किया हैं, और अब कुछ आपकी वजह से हुआ तो मै सारी कम्पनी बंद करा दूंगा, जिसका आपको इतना घमंड है!
     

    और गुस्से से वहा से अपने रूम मै आ जाता हैं, और अपने रूम मै आकर दिवार पर जोर से  मुक्का मारता हैं, जिससे उसके हाथ मै चोट लग जाती हैं !

      राजेश :- सुनैना समजाओ इस लडके को, प्यार मोह्हबत जो भी करना हैं, अपने लेवल की. लड़की से करे, उस बैंक के मैनेजर की लड़की से नहीं!
      और गुस्से से वहा से निकल जाते हैं!

    बाहर आकर वो किसी को कॉल करते हैं!
      राजेश :- हेलो, मोना बेटा, केसी हो तुम, सुनो बेटा मिहिर इंडिया आ गया हैं, तुम घर आ जाना
    मोहिनी :- जी अंकल मै जरूर आऊगी, आखिर पुरे 1 साल बाद अपने दोस्त से मिलूंगी मै!



    कॉलेज मै
    मीरा सिया क्लास मै बैठी होतीं हैं, और उनकी मैम आकर बताती हैं, की ट्रिप के लिए वो कल शाम को निकलने वाले हैं, ट्रिप ट्रेन से जाएगी, इसलिये सभी टाइम से आ जाना!!

    मीरा :- वाओ ट्रेन से तो मजा ही आ जायेगा, मुझे ट्रेन से सफर करना बहुत पसंद हैं  और खुश हो जाती हैं!

      सिया :- हा यॉर मजा तो आएगा ही!


    और तीनो वापस बाते करने लगती हैं, कॉलेज के बाद मीरा सिया को अपने ही घर ले जाती हैं, दोनों वही से ट्रिप के लिए जाने वाली होतीं हैं!


      दोनों अपना अपना सामान पैक कर लेती हैं, दोनों बहुत इक्साइटेड हैं,खाना खा कर दोनों रूम मै ही मस्ती करने लगती हैं, और बाते करते करते ही सो जाती हैं!!




    मिहिर किसी को कॉल करके बात कर रहा होता हैं,

    मिहिर :- कल कितने बजे ट्रेन निकलेगी?
      ##:- सर 4 बजे

    मिहिर :- ओके ठीक हैं, पर मेरे बारे मै किसी को पता नहीं चलना चाहिए की मै भी उस ट्रेन से आने वाला हु !


    और फ़ोन काट देता हैं , अपने मोबाइल मै मीरा की फोटो देखकर कहता हैं,

    मिहिर :- मिरू बस आज की रात, कल मै तुमसे फिर से मिलने वाला हु, और जो भी गलतफहमी हैं हमारे बिच वो सब ख़तम कर दूंगा मै !

    और फोटो को गले से लगा लेता हैं, उसकी आँखे नम हो चुकी थी,

    और मीरा को याद करते हुए मिहिर सो जाता हैं !!


    इधर मोहिनी कल के लिए कुछ अलग ही प्लान कर चुकी होतीं हैं!


    अगली सुबहः


    मोहिनी सुबहः ही मिहिर के घर  आ जाती हैं, और मिहिर से मिलने उसके कमरे मै चली जाती हैं, वहा मिहिर को दौड़ कर गले लगा लेती हैं, और नकली आँशु लेकर उससे कहती हैं!

    मोहिनी :- मिहिर मेने बहुत मिस किया तुम्हे, ना तुम कॉल उठाते थे मेरे, ना मिलने आये मुझसे,

    मिहिर :- उससे पीछे करके : मोना मै काम. मै बिजी था !

    मोहिनी :- हा तो अब हम घूमने जा रहे हैं, और तुम्हे भी मेरे साथ चलना होगा!
      मिहिर :-मोना मुझे जरूरी काम से बाहर जाना हैं!

    मोहिनी :- मुँह बनाकर : मुझे नहीं पता कुछ, तुम्हे चलना हैं, और तुम जानते हो, हम लोग कॉलेज के ट्रिप पर जा रहे हैं, ट्रेन से!

    मिहिर :- ये सुन  कर शोक हो जाता हैं, और सोचता हैं, मुझे भी तो वही जाना हैं, इसे नहीं तो वैसे ही सही !

    मिहिर :- हा तो फिर ठीक हैं चलते हैं!
      बताओ कब निकलना हैं!

    मोहिनी :- खुश होकर : आज शाम को  ही निकलना हैं!


    मन ही मन कहती हैं : आज मै उस लड़की को तुमसे हमेशा हमेशा के लिए दूर कर दूंगी, उसके बाद तुम सिर्फ मेरे बारे मै सोचोगे !

    और वहा से निकल जाती हैं, मिहिर अपना सामना पैक करता हैं!


    मीरा और सिया कॉलेज के लिए निकल जाते हैं, मिहिर मोहिनी को बोल देता हैं, जाने के लिए और कहता हैं, की मै दूसरे स्टेशन से आ जाउगा, मोहिनी भी स्टेशन के लिए निकल जाती हैं!


    ये सफर तीनो की जिंदगी मै बहुत कुछ बदलने वाला हैं,!

    मीरा सिया और बाकि स्टूडेंट कॉलेज से स्टेशन के लिए निकल जाते हैं, और वहा पर जैसे ही वो दोनों मोहिनी को देखते हैं, तो देखते ही समझ जाते हैं, की उस दिन ये इसी काम के लिए आई हैं, उसको वहा देख कर मीरा सिया दोनों को गुस्सा आ जाता हैं!

    मीरा:- कसम से यार मुझे पहले मालूम होता की ये भी आ रही हैं, मैं नहीं आ ती फिर ट्रिप पर!

    सिया :- गुस्से से :- ये अपने गंदे खेल खेलना कभी नहीं छोड़ेगी !

    और दोनों अंदर आकर बैठ जाती हैं, मोहिनी उन दोनो
    को एक डेविल स्माइल देकर अपनी जगह पर बैठ जाती हैं !


    मोहिनी :- हस्ते हुए कहती हैं : असली खेल तो अभी बाकि हैं  , मीरा.......




    Soon

      

  • 6. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 6

    Words: 881

    Estimated Reading Time: 6 min

    ट्रेन चालू हो जाती हैं, और निकल पड़ती हैं, अपनी मंज़िल पर, मीरा सिया और नेहा साथ मै बैठे हैं, और मोहिनी साइड वाले बर्थ पर थी!

       की तभी ट्रेन रुक जाती हैं, और उसमे कुछ नाकाशपोश गुंडे घुस आते हैं, सभी लोग घबरा जाते हैं, वो लोग सबको डराते हैं,  उनके पास गन होतीं हैं और वो पैसे मांगते हैं, सब लोग  अपना अपना सामान देने लगते हैं, सिया भी डर जाती हैं, और अपना सामान देने लगती हैं,वो लोग मीरा के पास आते हैं, मीरा उन्होंने देने से मना कर देती हैं, उसके गले मै एक चैन होतीं हैं, जो उसने आज ही पहनी थी, वो चैन नहीं देती, सिया देने के लिए बोलती हैं, मीरा साफ मुकर जाती हैं, और
      उनसे बचने के बारे मै सोचने लगती हैं !

    मीरा अपने बैग से एक पिन निकल कर उस गुंडे को चुबा देती हैं, वो आह करके चिलाने लगता हैं, उसकी गन भी गिर जाती हैं, अब मेरी  उसे धक्का देकर उसे मरने लगती हैं, और बोलती हैं!

    मीरा :- हा समझते क्या हो tum लोग अपने आप को, दुसरो की कमाई लूटने आ जाते हो, तुम्हे तो मै, और उस गुंडे की धुलाई करने लगती हैं, बाकि सब लड़किया भी अब ख़डी हो जाती हैं, और सभी गुंडे से लड़ने लगती हैं, की तभी एक उन्ही गुंडों मै से गन उठा कर मीरा पर पॉइंट कर देता हैं, और उसको बोलता हैं!


    गुंडा :- ऐ सब पीछे हटो वरना इसकी खोपड़ी उड़ा दूंगा मै!
    सिया :- घबरा कर रोने लगती हैं : मैरी मीरा को छोड़ दो, तुम्हे जो चाहिए ले लो उसे छोड़ दू प्लीज!😭

    सभी गुंडे अब खडे हो जाते हैं, और उसमे से एक बोलता हैं :

    ## :- भाई इसको ले चलते हैं, बहुत अकड़ हैं साली मै!
    सिया :- ऐ मेरी दोस्त को कही मत ले जाना, तुम्हे जो चाहिए ले लो तुम लोग, बस उसे छोड़ दो!

    गुंडा :- सही बोल रहा हैं, तू इसे ले ही चलते हैं, और मीरा को हाथ लगा कर बोलता हैं : लड़की बला की खूबसूरत हैं!

    इतने मै एक गुस्से भरी आवाज़ आती हैं :

    लड़की को छोड़....

    सभी नज़रे उधर चली जाती हैं, मीरा जैसे ही देखती हैं, वो  हैरान हो जाती हैं, वहा सामने मिहिर खड़ा हैं, जो बहुत ही गुस्से मै हैं!

    मिहिर आगे बढ़ता हैं, तो वो गुंडा कहता हैं,
    ##:- ऐ आगे मत बढ़ना वरना इसकी जान ले लूंगा मै!

    मिहिर :- आगे बढ़ कर : तेरी इतनी ओकात नहीं हैं, जो तू मेरी जान की जान ले ले!!

    मीरा सुन कर  अभी भी सॉक मै हैं की मिहिर यहाँ कैसे, इतनी देर से खड़ी मोहिनी भी अब आगे आ जाती हैं और मिहिर से कहती हैं!

    मोहिनी :- मिहिर पागल मत बनो, इस लड़की के लिए अपनी जान खतरे मै मतलब डालो इन्हे इसे ले जाना हैं, तो ले जाने दो! और पीछे मूड कर गुंडे को जाने का इशारा करती हैं, गुंडा अपना सर हा मै हिला देता हैं!

    और जाने लगता हैं, और वैसे ही मिहीर उसे जोरदार धक्का देता हैं वो गिर जाता हैं, और सभी सकते मै आते हैं, और मिहिर से लड़ने लगते हैं, मिहिर सब की धुलाई करता हैं, मीरा अभी भी चुपचाप देखे जा रही हैं!

    तभी एक गुंडा मिहीर की तरफ गन पॉइंट कर गोली चला देता हैं, और मीरा ये देख कर मिहिर को धक्का दे देती हैं, गोली मीरा को लग जाती हैं! सभी का ध्यान उधर चले जाता हैं, मोहिनी गुंडों को भागना मै इशारा करती हैं, सब भाग जाते हैं, मिहिर दौड़ कर मीरा को अपनी गोद मै ले लेता हैं, उसकी आंखो मै आँशु आ जाते हैं, सिया भी दौड़ कर मीरा के पास आ जाती हैं


    मिहिर :- मीरु तुम्हे कुछ नहीं होगा, डोंट वरी मै आ गया हु ना, मीरा बेहोश होने लगती हैं,: मीरु आँखे खोलो मुझे सुनो मीरु प्लीज...

    सिया :- मिहिर मीरा को उठाओ, हॉस्पिटल ले चलो!

    मिहिर मीरा को उठा कर ट्रेन से बाहर लाता हैं, मीरा खुन से लतपथ हो चुकी हैं, मिहिर उसे लेकर भागता हैं, और सिया गाड़ी रुकवाने की कोशिश करती हैं!

    इस वक़्त दोनों की हालत ख़राब हो चुकी होतीं हैं, तभी एक गाड़ी आकर रूकती हैं, मिहिर जल्दी से वहा जाता हैं, और हॉस्पिटल जाने का बोलता हैं!



    गाड़ी हॉस्पिटल के सामने जाकर रुक जाती हैं, मिहिर जल्दी से मीरा को लेकर अंदर आता हैं, और डॉक्टर उसे ऑपरेशन थेटर मै लाते हैं

    मिहिर अभी भी घबराया हुआ, अपने हाथो  को मोड़ रहा होता हैं, सिया भी रोते हुए वही बैठ जाती हैं,

    और कहती हैं, की

    सिया :-मे  अंकल आंटी को कॉल करके बुला लेती हु

    मिहिर सर हिला देता हैं, सिया सैलेश जी को कॉल लगा कर सब बता देती हैं,, सैलेश जी घबरा जाते हैं, और एड्रेस पूछ कर हॉस्पिटल के लिए निकल जाते हैं

     

    मीरा का ऑपरेशन अभि भी चल रहा होता हैं, डॉक्टर बाहर आकर खून का इंतज़ाम करने को बोलते हैं, और बोलते हैं, की हमे सिर्फ एक बोतल की जरूरत हैं, और जल्दी कीजिये वरना हम उन्हें बचा नहीं पाएंगे!

    मिहीर डर जाता हैं, और सिया  से ब्लड ग्रुप पूछता हैं, सिया बताती हैं 'B' नेगेटिव!


    मिहिर अपनी पहचान की सभी जगह कॉल करता हैं, पर कही अरेंज नहीं होता हैं!

    तभी मिहिर को कुछ याद आता हैं..

    सर का ब्लड ग्रुप भी यही हैं !!!




    Soon

  • 7. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 7

    Words: 779

    Estimated Reading Time: 5 min

    मिहिर वहा से जल्दी से निकल जाता हैं, सिया पीछे से आवाज़ लगाती हैं, पर मिहिर बिना सुने ही निकल जाता हैं!

    मिहिर जल्दी से अपने घर पर आता हैं, और जोर जोर से आवाज़ देता हैं!
    सर सर..... कहा हैं, आप !!

    मिहिर की आवाज़ सुन कर  सुनैना जी बाहर आती हैं, मिहिर को ऐसी हालत मै देख कर वो घबरा जाती हैं !

    सुनैना :- मिहिर बेटा क्या हुआ, तुम ऐसे घबराये हुए क्यों हो, क्या बात हो गयी!

    मिहिर :- माँ इस वक़्त मै आपको कुछ भी समझा नहीं सकता आप इतना बताओ सर कहा हैं ?

    सुनैना :- बेटा वोहह
    राजेश :- यहाँ हु मै, बोलो क्या बात हैं, सीढ़ी से उतरते हुए कहते हैं !

    मिहिर दौड़ कर जाता हैं, और लगभग हाथ जोड़ कर कहता हैं!
    मिहिर :- सर प्लीज मुझे आपकी हेल्प चाहिए, आप की मदद से मेरी मीरु की जान बच जाएगी, प्लीज मेरी मदद कर दीजिये!

    राजेश :- थोड़े अकड़ते हुए : भला मै उस लड़की की क्यों मदद करने लगा, इसमें मेरा क्या फायदा!

    मिहिर जोर से  चिल्लाते हुए : फायदा फायदा आपको हर वक़्त हर चीज मै यही क्यों चाहिए होता हैं, इंसानियत नाम की भी कोई चीज होतीं हैं,डेड ओह्ह्ह सॉरी सर

    राजेश :- आवाज़ नीचे करके बात करो मुझसे !

    मिहिर थोड़ा शांत होकर : देखिये अभी इस वक़्त मै आपसे कोई बहस नहीं करना चाहता, प्लीज मेरे साथ चलिए !

    राजेश :- थोड़ा सोचते हुए : पर मेरी एक शर्त हैं, अगर तुम वो मानो तो मै तुम्हारे साथ चलने ले लिए तैयार हु!

    मिहिर :- मुझे आपकी सारी शर्त मंजूर हैं, आप जैसा बोलेगे मै वो करने के लिए तैयार हु !


    राजेश :- ठीक हैं, ये मै आकर ही बताउगा तुम्हे, बताओ कहा चलना हैं!

    मिहिर जल्दी से :- चलिए !

    उधर हॉस्पिटल मै सैलेश जी भी आ जाते हैं, जो की बहुत ही घबराये हुए होते हैं, उन्होंने इस बारे मै मीरा की माँ को कुछ नहीं बताया था!

    सैलेश :- सिया बेटा, मीरा कहा हैं, वो केसी हैं, ये सब कैसे हो गया बेटा, बताओ मुझे कहा हैं, मेरी बच्ची ???

    सिया :- अंकल वो ट्रेन मै : और सारी बात बताती हैं!

    सारी बाते सुनकर सैलेश जी की आँखों मै गुस्सा उतर आता हैं !

    सैलेश :- उस लडके की वजह से आज फिर मेरी बच्ची की ये हालत हो गयी, कहा हैं वो,उसे आज मै नहीं छोड़ूगा !

    और तभी मिहिर अपने पापा को लेकर आ ता हैं, और जल्दी से डॉक्टर के पास जाता हैं, सैलेश जी उसे देखते ही, उसकी कॉलर पकड़ लेते हैं!

    सैलेश :- तुम्हारी हिम्मत केसी हुई यहाँ आने की, दूर रहो मेरी बेटी से, और चले जाओ यहाँ से!

    राजेश :- गुस्से से : खबरदार  जो मेरे बेटे को हाथ भी लगाया, तुम्हारी इतनी ओकात नहीं हैं, जो तुम उसका कोलर भी पकड़ो, छोड़ो उसे !

    मिहिर :- अंकल एक बार बस मीरु ठीक हो जाये मै, खुद यहाँ से चला जाउगा, प्लीज तब तक मुझे यहाँ रहने दीजिये, मिहिर की आँखों मै आँशु आ जाते हैं !

    ये सब देखकर  डॉक्टर कहते हैं, आप लोग पागल हो गए, क्या पेसेंट को अभी खून की सख्त जरूरत हैं, प्लीज आप लोग शांत रहे, और मिहिर की तरफ देखकर बोलते हैं, आपने खून का इंतज़ाम किया या नहीं, हमारे पास टाइम नहीं हैं! सैलेश जी मिहिर को छोड़ देते हैं!

    मिहिर :- हा डॉक्टर और राजेश जी की तरफ इशारा करते हुए कहता हैं : ये खून देंगे, आप इनका खून ले लीजिये!

      डॉक्टर उन्हें अपने साथ ले  जाते हैं, सैलेश जी कुर्सी पर धम्म होकर बैठ जाते हैं, और अपना चेहरा रोते हुए ढक  कर सिसकने लगते हैं, मिहिर उनके पास जाकर
    घुटनो के बल बैठ जाता हैं, और कहता हैं!

    मिहिर :- अंकल आप फ़िक्र मत कीजिये, हमारी मीरु को कुछ नहीं होगा, वो ठीक हो जाएगी , आप हिम्मत रखिये!

    सैलेश जी अपना चेहरा उठा कर मिहीर को देखते हैं, जिसकी आँखों मै आँशु, हैं फिर भी वो उन्हें हिम्मत दे रहा हैं, सैलेश जी उसे गले लगा लेते हैं!

    सैलेश :- मेरी बच्ची मेरी जिंदगी हैं बेटा ,अगर उसे कुछ हो गया तो हम जी नहीं पाएंगे , और वो रोने लगते हैं!

    मिहिर सैलेश जी की तकलीफ अच्छी तरह से समझ रहा होता हैं, आज वो खुद भी इसी तकलीफ से गुजर रहा हैं!

    थोड़ी देर मै राजेश जी खून देकर आ जाते हैं, और मिहीर से कहते हैं!


    राजेश :- मेरी मीटिंग हैं, मै थोड़ी देर मै आकर मिलता हु तुमसे, और हा अपना वादा याद रखना !

    और वहा से निकल जाते हैं, सिया उन दोनों की बात सुन लेती हैं, और सोचने लगती हैं, की आखिर वो किस वादे की बात कर रहे हैं !!!






    Soon

  • 8. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 8

    Words: 907

    Estimated Reading Time: 6 min

    थोड़ी ही देर मै डॉक्टर आकर बताते हैं, की ऑपरेशन सफल हुआ, और अब मीरा खतरे से बाहर हैं!

    मिहिर और सैलेश जी जाने के लिए उठ खड़े होते हैं, डॉक्टर उन्हें कहते हैं, की कोई एक ही जाकर मिल सकता हैं, मिहिर सैलेश जी को जाने के लिए इशारा करता हैं, और वही रुक जाता है, सैलेश जी मीरा को
    देखने चले जाते हैं!!

    मिहिर को एक कॉल आता हैं, और वो उठकर बाहर आ जाता हैं, सिया भी चुपके से उसके पीछे  चली जाती हैं!


    बाहर मिहिर के पापा खड़े होते हैं, सिया पीलर के पीछे छुप कर बाते सुनने की कोशिश करती हैं,

          राजेश जी :- मिहिर तुम्हे सब कुछ छोड़ कर वापस
    अमेरिका जाना होगा वो भी आज ही, मेने तुम्हारी टिकिट बुक कर दी हैं!

    मिहिर :- गुस्से से : आप केसी बात कर रहे हैं, सर मै मीरा को ऐसी हालत मै बिलकुल भी छोड़ कर नहीं जाऊगा!!

    राजेश :- थोड़ा तुनक कर : यही मेरी शर्त है, की तुम्हे उसे छोड़ कर जाना होगा, तुमने वादा किया था, और अपने वादे से पीछे नहीं हट सकते हो तुम, तुम्हे शाम को ही निकलना हैं!

    और इतना कह कर राजेश जी वहा से निकल जाते हैं, सिया ये सब सुन  कर शॉक हो जाती हैं, वो मिहिर को वही से देखती हैं!

    मिहिर गुठनों के बल बैठ जाता हैं, उसकी आँखों से आँशु बहने लगते हैं,उसे ऐसे देख कर सिया उसके पास आ जाती हैं !
    उसके कंधे पर हाथ रखकर बोलती हैं,

    सिया :- क्या तुम मीरा को फिर से छोड़ कर चले जाओगे ??

    मिहिर अपना सर ऊपर उठा कर देखता हैं, फिर कहता हैं...
    मिहिर :- सिया मै उसके लिए कुछ भी कर सकता हु

    "  मै उसे उसके ही लिए फिर से छोड़ सकता हु,
       अगर उसकी ख़ुशी के लिए मुझे उसे हजार बार छोड़ कर जाना हो ना तो भी मै एक बार भी नहीं सोचुगा "

    मै उसे बहुत प्यार करता हु सिया ,इतना की उसकी यादें मेरे जीने के लिए काफ़ी हैं!!

    तुम जानती हो पहले भी मै क्यों गया था,

    फ्लैशबैक


    उस दिन हमेशा की तरह मै मीरा को उसके घर छोड़ कर और अंकल आंटी से मिलकर वापस घर आया तो डैड घर पर बहुत गुस्से मै इधर से उधर घूम रहे थे !

    मिहिर :- डैड क्या हुआ आप इतने गुस्से मै क्यों हो ??

    राजेश :- गुस्से मै घूरते हुए : सच मै मिहिर तुम नहीं जानते, मै क्यों इतने गुस्से मै हु!

    मेरा बेटा, जो इतने दिनों से किसी मिडिल क्लास लड़की के साथ पुरे शहर मै घूम रहा है, और तुम बोल रहे हो क्या हुआ हैं !!

    मिहिर की आँखे चौड़ी हो जाती हैं : डैड वो मेरी दोस्त हैं !
    राजशे :- एक नज़र मिहिर पर डालते हुए : बेटा ये आजकल की दोस्ती मुझे सब समझ आती हैं, बस इतना समजो की आइंदा मुझे तुम उस लड़की के साथ दिखाई मतलब देना !!

    मिहिर :- डैड वो मेरी दोस्त हैं, और मै उसके साथ रहुगा !!

    इतना बोल कर मिहिर वहा से चला जाता हैं ! राजेश जी गुस्से मै सुनैना जी को देखकर कर चले जाते हैं!!

    फिर मुझे मीरा का text आया की उसे मुझसे कुछ कहना हैं, मै जानता था वो मुझे क्या कहना चाहती हैं,

       मै जानता था उसकी फिलिंग मेरे लिए क्या हैं, मुझे इस दिन का बहुत बेसब्री से इंतज़ार था, और वो दिन आ ही गया मै बहुत खुश था, और कल होने का वेट कर रहा था, मीरा ने मुझे जगह बता दी थी, की मुझे मिलने के लिए कहा आना हैं !

    मै यूही इंतज़ार करते हुए सो गया, अगले दिन मै तैयार हुआ मीरा से मिलने के लिए!

    उस दिन कुछ अलग ही बेताबी थी मुझे उससे मिलने की, हो भी क्यों ना ज़िस लड़की से मै इतना इतना प्यार करता हु, वो भी मुझे इतना ही प्यार करती हैं, ये जानने के लिए मै बहुत बेताब था , मै निकलने ही वाला था की डेड ने मुझे रोक लिया!!


    और मुझे मोहिनी के बर्थडे मै साथ जाने को कहा, मेने बहुत मना किया पर वो नहीं मैने, और मेरा मोबाइल भी मुझे नहीं मिल रहा था !!

    मै चाह  कर भी मीरा को नहीं बता पाया, मै जानता था वो मेरा वेट कर रही होंगी !!

    शाम को ज़ब पार्टी मै गए तो वहा मिरू भी आई थी, वो बहुत प्यारी लग रही थी , मै उसके पास जाता उसके पहले ही मोना मुझे अपने साथ ले गयी, पर मेने जाते जाते मीरा के चेहरे की उदासी देख ली थी, उसकी आँखे भी  मुझे सूजी हुई लग रही थी, ये सब देख कर मुझे बहुत बुरा लगा !!

    मोना मुझे एक पल के लिए भी नहीं छोड़ रही थी, मै चाह कर भी नहीं जा पर रहा था !!

    मोना के केक कट करने के बाद ही उसने मुझे प्रोपोज़ कर दिया, मै हैरान रह गया की ये सब क्या हो रहा हैं,

    मै कुछ जवाब देता उसके पहले ही डेड ने मुझे कान मै कहा !!

    " अगर तू चाहता हैं ना बेटा की तेरी दोस्त जिन्दा रहे तो हा कर दे, वरना मेरे आदमी उसे उड़ा देंगे  "

    ये सुन  कर मेरे होश उड़ गए, मेने नज़र घुमा कर देखा तो एक आदमी ने मीरा को गन पॉइंट कर रखा था!!
      
    ये देख कर मुझे मोना को हा बोलना पडा , और  मेरे ये बोलते ही मीरा की आँखों से आँशु बह गए, वो वहा से तुरंत चली गयी!!




    फ्लैशबैक एन्ड



    Soon

  • 9. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 9

    Words: 716

    Estimated Reading Time: 5 min

    मिहिर अभी भी आँखों मै आँसू लिए नीचे बैठा था

    मिहिर :- मेने बहुत कॉल किये, मिलने की कोशिश की
    पर वो मुझसे नहीं मिली !!
    मेने उसका दिल तोड़ा था, और यकीन मानो सिया मेने मोना से कोई रिश्ता नहीं रखा, ना उससे मेरा प्यार वाला कोई रिश्ता हैं !!
    मेने उसे साफ साफ इंकार कर दिया था, की मेने उसे हा मजबूरी मै कहा था !!

    सिया : एक गहरी सांस लेकर : - तुमने  सही कहा मिहिर उस दिन वो तुम्हे अपने दिल की बात कहने आई थी, बताने आई थी, की वो क्या फील करती हैं, उस दिन ज़ब तुम नहीं आये, उसने तुम्हारा शाम तक वेट किया, वो वही बैठी रही, उसे कॉल आया था की तुमने उसे मोना की पार्टी मै बुलाया हैं, तुम उसे वही मिलोगे!
    और ज़ब वो वहा आई, और ज़ब तुमने मोहिनी को हा कहा, उसका दिल टूट गया!!

    वो रोते हुए घर आई, उसको ऐसे देख कर अंकल आंटी घबरा गए थे, मीरा उनसे सब कुछ शेयर करती थी, वो जानते थे, की आज मीरा तुमसे मिलने गयी थी!

    मीरा ने खुद को कमरे मै बंद कर लिया था, अंकल आंटी ने बहुत कोसिस की पर उसने दरवाजा नहीं खोला, फिर अंकल ने मुझे बुलाया !!


    मेने मीरा को कसम देकर दरवाजा खुलवाया, रो रोकर उसकी चेहरा मुरझा गया था!!

    उसे ऐसे देखकर हमारा भी चेहरा उतर गया!
    फिर मीरा ने सारी बाते बताई, उसके बाद अंकल ने उससे कहा..

    " बेटा प्यार जबरदस्ती तो नहीं कराया जा सकता ना,
    क्या हुआ अगर मिहिर तुमसे प्यार नहीं करता, और किसी और से करता हैं , वो तुम्हारा हमेशा दोस्त रहेगा!"

    तुम्हे ऐसे नहीं करना चाहिए, उसे कितना बुरा लगा होगा की उसकी दोस्त उससे मिले बिना ही आ गयी !

    'बेटा एक बात याद रखना कभी भी किसी के बदले अपनी दोस्ती खत्म मत करना '


    मीरा ने उनकी बात मान ली और अगले दिन वो तुमसे
    मिलना चाहती थी!

    लेकिन ज़ब वो तुम्हारे घर गयी, तुम्हारे पापा और मोहिनी ने बहुत कुछ सुनाया और बताया की तुम हमेशा के लिए चले गए हो !!

    उसका दिल एक बार और टूट गया, ये सोच कर की उसने अपना दोस्त भी खो दिया !!



    मिहिर ये सब सुन  कर आश्चर्य से सिया की तरफ देखता हैं, और खड़े होकर सिया को कहता हैं!!

    मेने मीरा कोई कॉल नहीं किया, जबकि मेरे पास तो मोबाइल भी नहीं था अपना !!
    सिया :- फिर किसने किया ये ??
    मिहीर :- जरूर डेड ने !!

    मिहिर :- मै अपनी मीरु से बहुत प्यार करता हु सिया, और मुझे मेरे डेड ने यहाँ से दूर भेजा था, मै उसके बिना वहा पर सिर्फ एक जिन्दा लास था!!


    और फिर मुझे उससे दूर जाना होगा !!


    उसे कहना हो सके तो मुझे माफ कर दे

    सिया :- उदास होकर  : तुम उसे छोड़ कर मत जाओ मीहीर, वो टूट जाएगी !! मिहिर:  को रोकते हुए सिया कहती हैं


    मिहिर :- सिया मेने मीरा के लिए वादा किया था, मुझे जाना होगा , और भारी कदमो से वहा से निकल जाता हैं !!


    सिया वही खड़ी होकर सोचती हैं,:  भगवान ये दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं, इनके बिच जो भी गलतफहमी हैं, आप उन्हें दूर कर दो और मीरा को मिहिर से मिला दो !

    सिया अंदर आ जाती हैं, सैलेश जी बाहर बैठे होते हैं, सिया को देखकर वो उसे मीरा से मिलने के लिए कहते हैं !!



    सिया अंदर जाती हैं, मीरा उसे देख कर एक स्माइल देती हैं, और उसके नज़रे बाहर की तरफ होतीं हैं, सिया समझ जाती हैं, मीरा मिहिर को ढूंढ रही हैं !!



    वो उसके पास आकर बैठ जाती हैं, और मीरा से पूछती हैं, केसी हो मीरु अब ?

    मीरा :- ठीक हु सिया !

    मीरा का चेहरा उदास हो जाता हैं , और तभी डॉक्टर आकर उसे नींद का इंजेक्शन लगा कर चले जाते हैं,मीरा को नींद की जरूरत हैं!

    सिया बाहर आ जाती हैं  !!


    बाहर आकर वो सैलेश जी को सारी बाते बताती हैं, सब सुनकर वो भी आश्चर्यचकित हो जाते हैं, की मिहिर की कोई गलती नहीं रहती हैं !!


    सैलेश :अपराधबोध होकर  सिया बेटा मेने ना जाने उसे क्या क्या कह दिया !!

    सिया :- नहीं अंकल आपकी गलती नहीं हैं, आपको जो लगा आपने किया !!

    पर अब हमे  कुछ और करना होगा  !!!!


    Soon

  • 10. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 10

    Words: 1002

    Estimated Reading Time: 7 min

    सिया और सैलेश  जी हॉस्पिटल मै ही रुकते हैं!
      मीरा की नींद रात मै खुलती हैं, वो ये सोच कर उदास हो जाती हैं, की मिहिर उसे एक बार भी देखने नहीं आया !!
    क्या सच मै उसे मुझसे  कोई मतलब नहीं रहा क्या,ये सोच कर मीरा की आँखों से आँशु बह जाते हैं !

       मीरा मिहिर को याद करते करते ही सो जाती हैं, सुबहः  डॉक्टर सैलेश जी को बताते हैं, की 2,3 दिन मीरा को यही रहना होगा , सैलेश जी मीरा की माँ को कॉल करके बुला लेते हैं, और सारी बाते बता देते हैं!!
       वो भी सुबहः सबके लिए नाश्ता लेके आती हैं, और जल्दी से मीरा से मिलती हैं!



    ----------/--------


    अमेरिका...
      

    मिहिर अपने कमरे मै खिड़की के पास एक दम शांत बैठा हैं, उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं हैं, आँखे रो कर सुख चुकी हैं, मिहिर का मोबाइल पर कॉल आती हैं!!

      मिहिर फ़ोन उठाता हैं, और कहता हैं, वो केसी हैं, अब
      ठीक तो हैं, ना वो ??

      सिया :- गहरी सांस लेकर : हा मिहिर वो ठीक हैं, उसे 2,3 दिन यही रखेंगे, आंटी जी भी आ गयी हैं, उसे नाश्ता करा रहे हैं, तूम फ़िक्र मत करो ..
         थोड़ा रुक कर : तुम ठीक तो हो ना मिहिर??

    मिहिर :- बिना भाव के : मै उसके बिना केसा हो सकता हु सिया !!
       ज़ब जान ही पास ना हो तो कोई कैसे ठीक हो सकता हैं !!

    सिया :- उदास होकर : सब ठीक होगा मिहिर, मै रखती हु, मुझे भी घर के लिए निकलना हैं!! बाई
        
    सिया कॉल काट कर सोचती हैं, बहुत हुआ मिहिर, अब मै तुम्हे मीरा से और दूर नहीं रहने दूंगी !!
             और वहा से चली जाती हैं!



    दूसरी और राजेश जी और मोहिनी बाहर गार्डन मै बैठ कर चाय की चुस्कीया ले रहे हैं!!

    मोहिनी :- खुश होकर :- अंकल आपने तो कमाल कर दिया, मिहिर को देखकर बिलकुल नहीं लगता था, वो यहाँ से दूर जायेगा !! पर आपने तो पूरा खेल ही पलट दिया!

    राजेश :- मोना बेटा, अगर ट्रेन मै ही गुंडे उसे उठाकर ले जाते तो, ये शर्त वाली नौबत ही नहीं आती, पर उन लोगो की हिम्मत कैसे हुई मिहिर पर गन पॉइंट करने की !!
      मोहिनी :- अरे अंकल वो लोग डर गए थे, और उनके एक साथी ने ये सब किया, वरना वो तो सिर्फ लूट करके मीरा को लेकर जाने वाले थे!!

    राजेश :- खैर छोड़ो ये सब, तुम बताओ कब जा रही हो मिहिर के पास ??
        तुम्हे हमारे घर की बहु बनना हैं , बेटा और इसके लिए मै कुछ भी करने को तैयार हु !!
      मोहिनी :- हा अंकल जल्द ही जाऊगी, और इस बार मिहिर को अपने साथ,अपना बना कर ही लाऊंगी!!

      और दोनों हसने लगते हैं, सुनैना जी आते वक़्त सारी बाते सुन लेती हैं, उन्हें बहुत बुरा लगता हैं, की राजेश जी इस हद तक जा सकते हैं, वो मिहीर को कॉल करके सब बता देती हैं !!

       मिहिर :- माँ मै सब जानता हु, ये सब सर ने किया हैं,
       अब मेने सब कुछ मीरा पर छोड़ दिया हैं, मेरा प्यार सच्चा हैं माँ और अगर मेने सिदद्दत से प्यार किया हैं, तो चाहे कितनी भी मुश्किल हो, मुझे मेरा प्यार जरूर मिलेगा! अपना ख्याल रखना माँ !!

      सुनैना जी अपने बेटे के लिए चिंतित हो जाती हैं, वो जानती हैं मिहिर मीरा से कितना प्यार करता हैं!!


        2,3 दिन बाद मीरा घर आ जाती हैं, सिया उसे अभी भी कुछ नहीं बताती, वो मीरा के ठीक होने का इंतज़ार कर रही हैं, सिया मीरा के साथ ही पढ़ाई करती हैं, और जो चीज़े छूट गयी, उसके नोट्स बनवाती हैं!!


      एक शाम मीरा उदास बैठी रहती हैं, सिया वहा आती हैं, पर मीरा को इस बात का पता नहीं  चलता हैं!!

       सिया :- ओय मेरी शेरनी कहा खोई हैं ??
      मीरा :- उसे देखते हुए :- अरे तू कब आई, आ बैठ !

      सिया :- ज़ब तू कही खोई हुई थी!!
       मीरा :- उदास होते हुए :- मै कही नहीं खोई हु, मै
    सोच रही हु, उस दिन अचानक कैसे मिहिर आ गया था, और उसके बाद वो मुझे मिला तक नहीं!!

       क्या मेने अपना दोस्त भी खो दिया सिया??

    सिया :- नहीं मीरा ऐसा नहीं कुछ नहीं हैं, मुझे आज तुझे कुछ बताना हैं , सुनना चाहेगी!

    मीरा :- हा बता क्या हुआ, मीरा सिया के पास आकर बैठ जाती हैं !!

      सिया :- एक गहरी सांस लेकर : मीरा मिहिर भी तुझसे प्यार करता हैं!!
       मीरा :- आँखे बड़ी हो जाती हैं : ये तू क्या बोल रही हैं, मिहिर तो मोहिनी से ...


      " सिया उसकी बात बिच मै ही काटकर : नहीं मीरा, वो सिर्फ आँखों देखा एक धोका था!"


    मीरा :-बेचैन होकर : तू कहना क्या चाहती हैं, साफ
    साफ बोल ना!!

    सिया :- उस दिन दरअसल हुआ ये था......

        उसे सारी बाते बताती हैं , मीरा सच जानकर खुश हो जाती हैं, और ये जानकर उसकी आँखों मै गुस्सा भर जाता हैं, की राजेश जी ने ये सब किया हैं !!


          मीरा :- गुस्से से :- राजेश अंकल अपने आप को समझते क्या हैं, उन्होंने एक शर्त पर, मेरे मिहिर को मुझसे दूर कर दिया, उन्हें मै छोडूगी नहीं!!

      और गुस्से से वहा से निकल जाती हैं, सिया उसके पीछे पीछे जाती हैं!!
      
    मीरा गुस्से मै अपनी बुलेट निकल कर, गुस्से मै ड्राइव कर रही होतीं हैं, सिग्नल पर वो गाड़ी रोक देती हैं, उसका गुस्सा अभि भी शांत नहीं था,

    और होता भी कैसे जिसे वो दिलो जान से चाहती हैं, उसे उससे दूर करने की ऐसी साज़िस की गयी थी, तभी मीरा की नज़र एक गाड़ी मै जाती हैं, जहा मोहिनी एक लडके के साथ चिपक कर बैठी रहती हैं, और वो लड़का भी मोहिनी को छुए जा रहा था, मीरा और गुस्से मै आ जाती हैं, उसे वो दिन याद आ जाता हैं, ज़ब वो मिहीर के घर गयी थी, और कैसे मोहिनी ने उसकी बेज्जती की थी!!


    मीरा वहा से निकल कर एक घर के आगे गाड़ी रोक देती हैं, वहा लिखा होता हैं  "राय विला " मीरा अंदर जाती हैं....



      Soon

  • 11. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 11

    Words: 726

    Estimated Reading Time: 5 min

    मीरा अंदर आकर, आराम से पैर फैला कर सोफे पर बैठ जाती हैं, और राजेश जी के आने का इंतज़ार करती हैं!!
      राजेश जी तैयार होकर नीचे आते हैं, और मीरा को वहा ऐसे बैठे देखकर, उनकी आँखे चौड़ी हो जाती हैं!

       वो गुस्से से नीचे आते हैं, और मीरा को कहते हैं..
     
    " तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, यहाँ आने की, और ये कैसे बैठी हो तुम यहाँ, तुम्हे तमीज़ नहीं हैं, क्या  "

      मीरा :- खड़े होकर :- यही सवाल तो मुझे आप से करना हैं.. " आपकी हिम्मत कैसे हुई, मिहिर को मुझसे दूर करने की "  मीरा की आँखों मै गुस्सा भर जाता हैं!!

    राजेश जी :- मुस्कुराते हुए :- ओह्ह्ह तो तुम सब कुछ जान गयी हो, खैर अच्छा ही हैं, की तुम्हे सब कुछ पता चल गया, अब ये भी जान लो की, मेरे घर की बहु मोना बनेगी, जो एक अच्छे घर से बिलोंग करती हैं, और मेरे
    दोस्त की बेटी हैं !!

    और ये सब मेने तुम्हे अपने बेटे से दूर करने के लिए किया हैं !


    मीरा :- हस्ते हुए :- सच मै आपको लगता हैं, आपकी मोना, मिहिर के लिए एक अच्छी लड़की हैं!
     
       कोनसी गलतफहमी मै हैं आप, आपको क्या लगता हैं, मोहिनी को मिहिर पसंद हैं ??

    राजेश जी :- हा मोना मिहिर को पसंद करती हैं, और उसी से शादी करेगी, देखो लड़की मुझे तुमसे कोई दुश्मनी नहीं हैं, बस तुम मेरे बेटे की जिंदगी से दूर रहो, तुम्हारे लिए यही ठीक होगा!!


    मीरा :- अपने हाथ बांध कर : मिहिर से अब मुझे कोई दूर नहीं कर सकता, और रही बात आपकी सो कोल्ड मोना की तो, उसका सच आप जितनी  जल्दी जान ले
       वही बेहतर होगा आपके लिए, और हा अब अगर आपने मिहिर और मेरे बिच आने की कोशिस की, तो ठीक नहीं होगा अंकल जी!

       और उनके पैर छूने लगती हैं, राजेश जी पीछे हट जाते हैं : अरे इतनी भी क्या नाराज़गी ससुर जी ...

      राजेश जी गुस्से से आँखे दिखाने लगते हैं !!

       शोर सुन कर सुनैना जी बाहर आ जाती हैं, वो मीरा को देख कर चौक जाती हैं, पर उसकी बाते सुनकर मन ही मन खुश हो जाती हैं!!

      और कहती हैं, " अब मिला शेर का सवा शेर "

       मीरा इतना कह कर बाहर आ जाती हैं, वहा सिया पहले से ही खड़ी होतीं हैं, सिया मीरा के लिए परेशान होतीं हैं!

    सिया :- सुन तूने अंदर कुछ किया तो नहीं ना??

      मीरा :- हस्ते हुए :- केसी बात कर रही हैं, तू
       अरे वो मेरे ससुर जी हैं, उनके साथ कैसे मारपीट कर सकती हु, मै 😁!!

      सिया :- मुँह बना कर :- कोई भरोसा नहीं तेरा, तू बात बनाने के बजाय और बिगड़ दे!!
      मीरा :- अरे मेरी सियु तू टेंशन मत ले, ये दुल्हन थोड़ी टेड़ी खीर हैं, इतनी जल्दी ससुर जी को पचने वाली नहीं हैं!!

       और दोनों हसने लगती हैं, और वहा से निकल जाती हैं, दोनों घर आकर कमरे मै आकर बैठ जाती हैं, मीरा
    मिहिर से बात करना चाहती हैं, पर मिहिर ने अपना नंबर बदल लिया, उसका कॉल नहीं लगता, ना सिया लगा पाती हैं !

    मीरा :- लगता हैं, अब मुझे ही उसके पास ही जाना होगा!

    सिया : - 🙄तू अमेरिका जाएगी क्या !!

       मीरा :- उदास होकर : और कोई रास्ता नहीं हैं, वो अगर वादा करके गया हैं, तो किसी भी हालत मै नहीं आएगा, और ना ये बताएगा की, वो भी मुझसे प्यार करता हैं !!!

       सिया :- कुछ सोचते हुए : अगर उसके डेड ही उसे वापस आने को बोले तो !!

      मीरा :- पर वो ऐसा क्यों करेंगे भला??

      सिया :-  खुरापाती  स्माइल करते हुए : बस देखते जा बेटा, अब अंकल जी ही उसको वापस बुलाएंगे!

      मीरा :- तू क्या करने वाली हैं, मुझे बता ना!


      सिया :- सोचते हुए : अभी कुछ सोचा नहीं हैं, मुझे कुछ सोचने दे, की ये आईडिया काम भी करेगा या नहीं, इसके लिए हमे मिहिर की माँ को भी शामिल करना होगा !!

      मीरा :- क्या वो हमारी मदद करेगी, क्या वो सब कुछ जानती होंगी, और अगर उन्होंने भी मदद के लिए मना कर दिया तो..
      

    "  हा बिलकुल, मै तुम्हारी मदद जरूर करुँगी, बताओ क्या करना हैं, मुझे " !!

      दोनों आवाज़ सुन कर चौक जाते हैं, और पीछे मुड़ कर देखते हैं , सामने देख कर उन दोनों के मुँह से निकलता हैं !!!



    "  आप यहाँ  ".......



    Soon

  • 12. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 12

    Words: 762

    Estimated Reading Time: 5 min

    सामने मिहिर की माँ सुनैना जी होतीं हैं, उन्हें देख कर दोनों खामोश हो जाती हैं, और खड़ी होकर उनके पास जाती हैं, मीरा उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं, और कहती हैं ..

    सुनैना :- बेटा मुझे सब पता हैं, मिहिर के पापा ने क्या क्या किया हैं, उसके लिए तुमसे जितनी माफ़ी मांगी जाये, वो कम हैं  : और हाथ जोड़ लेती हैं !!

    मीरा :- उनके हाथ पकड़ कर :- नहीं आंटी आप केसी बात कर रही हैं, जो हुआ वो आपने तो नहीं किया ना, आप माफ़ी मत मागिए!!


    तभी सरिता जी आ जाती हैं, और मीरा से कहती हैं,

    बेटा ये तुझसे मिलने आई हैं, तेरा हाल चल जानने आये हैं, तुम इन्हे नाश्ता कराना, मै तुम्हारे पापा के साथ जा रही हु, कुछ काम हैं थोड़ा, और अपना ध्यान रखना
    ठीक हैं, बेटा !!

    मीरा :- हा ठीक हैं, माँ आप जाइये!
    सरिता :- सुनैना  माफ करना आज तुझसे बात नहीं कर पाउगी, फिर कभी हम जरूर मिलेंगे, अभी मै
    चलती हु !!
      सुनैना :- हा सरु तुम जाओ !!

       सरिता जी और सुनैना जी और सैलेश जी साथ मै ही थे कॉलेज मै इसलिये वो लोग एक दूसरे को जानते हैं,
      और मीरा उन्हें मौसी भी बोलती हैं, और कभी आंटी भी !!!


    सुनैना :- हा सिया बेटा अब बताओ हम कैसे मिहिर को यहां बुलाएंगे ??

          सिया :- अटकते हुए :- आंटी अगर हम आपकी झूटी बीमारी का बहाना बनाकर बुलाये तो !!
     
      सुनैना :- सोचते हुए :- बात तो सही हैं तुम्हारी बेटा,
    मिहिर मुझसे बहुत प्यार करता हैं, मेरे बारे मै सुन कर वो दौड़ा चला आएगा, पर क्या ये आईडिया काम करेगा ??

      सिया :- हा आंटी उसके आने के बाद मै आप दोनों को आगे का प्लान बताऊगी, अभी हमे उसे बुलाना हैं !!

    फिर सिया मीरा और सुनैना जी को सारी बाते समझा देती हैं, दोनों आईडिया सुन  कर खुश हो जाती हैं
      और मीरा सिया को बोलती हैं ..

      "वाह्ह्ह क्या आईडिया हैं, बहुत दिमाग़ हैं, छिपकली तेरे पास तो "
      और हसने लगती हैं, सिया मुँह बना कर बैठ जाती हैं,
       दोनों हसने लगते हैं, और उसे मना ते हैं!!


    सुनैना जी वहा से अपने घर आ जाती हैं, प्लान के हिसाब से उन्हें अपने आप को बीमार दिखाना होता हैं,
    इसलिये वो रूम मै जाकर सो जाती हैं, और शाम को खाना खाने भी नहीं आती हैं, राजेश जी को  अजीब लगता हैं, फिर वो रूम मै जाकर सुनैना जी से पूछते हैं!!


      रूम मै बिलकुल अंधेरा रहता हैं, राजेश जी जाकर लाइट ऑन करते हैं, और सुनैना जी के पास जाकर बैठ जाते हैं !!




    राजेश :- सुनैना क्या हुआ हैं तुम्हे, और तुम ऐसे अंधेरा करके इस वक़्त क्यों सो रही हो, तुम ठीक तो होना !


    सुनैना :- मुँह फेरकर :- आपको क्या मतलब हैं राजेश, अगर मै ठीक भी ना रहु तो भी आपको क्या फर्क पड़ता हैं !

    राजेश :- केसी बात कर रही हो तुम, एक तुम और मिहिर ही तो मेरे लिए जरूरी हो, मुझे भला क्यों फर्क नहीं पड़ेगा !!

    सुनैना :- राजेश की तरफ देखकर :- तभी आपने अपने बेटे को दूर करके रखा हुआ हैं, ये जानते हुए की
    वो आपसे कितनी नफ़रत करता हैं, आपने उस नफ़रत को ख़तम करने की भी कोसिस नहीं की !!


    राजेश :- जानता हु सुनैना, मेरा बेटा मुझसे नफ़रत करता हैं, यहां तक मुझे डेड भी नहीं बोलता, सर कहता हैं, मुझे कितनी तकलीफ होतीं हैं, ये मै ही जान सकता हु, और मेने जो भी किया उसकी भलाई के लिए ही किया हैं !!

    सुनैना :- गुस्से से :  भलाई, केसी भलाई राजेश, हमारा बेटा अपने प्यार से दूर रहकर घुट घुट कर जी रहा हैं, और आप
       भलाई की बात कर रहे हैं , कमाल हैं आपकी सोच या उह कहे आपकी आँखों पर पैसे की पट्टी बँधी हैं !


    राजेश :- चिल्लाते हुए :- सुनैना, मै जो कर रहा हु उसके भले के लिए कर रहा हु, अब तुम मानो या ना मानो  !!



    और वहा से बाहर आ जाते हैं, राजेश जी की आँखे नम हो चुकी हैं, और वो कहते हैं,

        " ये छोटे लोग प्यार के लायक नहीं होते सुनैना,
    प्यार के नाम पर इन्हे सिर्फ पैसा चाहिए होता हैं, "

       'मै पहले ही , उसे खो चूका हो, अब अपने बेटे को भी इसी तरह नहीं खो सकता, अगर इसके लिए मुझे उसकी नफ़रत भी झेलनी पड़ी तो, मै झेल लूंगा पर अतीत को फिर से दोहराने नहीं दूंगा  '


       और अपनी आँखे पोछ कर, वो स्टडी रूम मै चले जाते हैं, और वही बुक पढ़ते हुए सो जाते हैं !!!




    Soon....

  • 13. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 13

    Words: 747

    Estimated Reading Time: 5 min

    अगले दिन भी सुनैना जी बाहर नहीं आती हैं, राजेश जी परेशान हो जाते हैं, वो कमरे मै नाश्ता  भिजवाते हैं, पर वो वापस भेज देती है, राजेश जी भी बिना नाश्ता किये, ऑफिस चले जाते हैं!!



    अमेरिका..

      मिहिर भी तैयार होकर अपने ऑफिस पहुंच जाता हैं,
       वो ऑफिस मै इंटर करता हैं, तो ऑफिस के 2 लड़किया आपस मै बाते करती हैं..
     
      ##:- यॉर हमारे बॉस कितने हैंडसम हैं , हाय मेरा तो दिल ही आ गया !!

    दूसरी लड़की :- आँखे दिखा कर : चूप कर नौकरी से निकलवायेगे की क्या, तू जानती नहीं बॉस के गुस्से को,
      तू तो आज ही ज्वाइन हुई, इसलिये तुझे कुछ नहीं पता, तेरे चक्कर मै मेरी भी नौकरी चली जाएगी,थोड़े दिन देख ले फिर पता चल जायेगा  बॉस कैसे हैं !!


       मिहिर उस पहली लड़की की बात सुन कर रुक जाता हैं, और कहता हैं..

      मिहिर :- एक्सक्यूज़, miss यहां पर तुम्हे काम करने के लिए रखा, अपना स्वयंवर करवाने के लिए नहीं,
      अपने काम पर धयान दो..!!

      इतना कह कर मिहिर आगे बढ़ जाता हैं, लड़की अभी भी , वहा हैरान होकर खडी रहती है, फिर दूसरी लड़की आकर उसे ले जाती हैं!!


       ####




    यहां मीरा मिहिर को याद करते हुए अपनी डायरी मै कुछ लिखती हैं....




      "" तेरी याद मै, मेने बिताये हैं, ना जाने कितने दिन !
            अब चैन नहीं दिल को मेरे तेरे बिन "" !!


        मीरा मिहिर की तस्वीर देखकर मुस्कुरा देती हैं, और कहती हैं,.. अब तुम्हे मुझसे ज्यादा दूर नहीं रहना होगा,
    जल्दी से आ जाओ  ना, तुम्हारी मीरु तुम्हे कितना याद कर रही हैं...!!




    यहां राजेश जी, ऑफिस से घर कॉल करके सुनैना जी के बारे मै पता करते हैं, उन्हें पता चलता हैं, की सुनैना जी की तबियत और बिगड़ गयी हैं, वो फ़ौरन घर के लिए निकल जाते हैं, और जाते जाते अपने सेकेट्री को कह कर जाते हैं, की मिहिर को आने के लिए मेल करो
      बहुत जरूरी हैं...!!



       ####




    ऑफिस मै बैठे बैठे मिहिर, अपना काम कर रहा होता हैं, उसके डेस्क पर 2 तस्वीर होतीं हैं, जिसमे 1तस्वीर उसके माँ और पापा की होतीं हैं, और दूसरी मीरा की होतीं हैं , वो बारी बारी से दोनों तस्वीर उठा ता है, उसकी  आँखे नम हो जाती हैं!!


      तभी मिहिर का मेनेजर, वहा आता है, मिहिर अपनी आँखे पोछ लेता हैं, और कहता हैं, क्या हुआ रोहन,
      क्या काम था!!

    .   रोहन :- सर इंडिया से मेल आया हैं...

    मिहिर :- क्या ??

      रोहन :- सर आपकी माँ की तबियत ठीक नहीं हैं, वो आपसे मिलना चाह रही हैं!!

    मिहिर के हाथ पन्ने पलटते  हुए रुक जाते हैं, वो रोहन की तरफ देखता हैं, और एक लम्बी सांस लेकर कहता हैं, आगे बोलो..

      रोहन :- आपके डेड ने आपको जल्दी से जल्दी इंडिया बुलाया हैं !!


      मिहिर खड़े होते हुए :- टिकिट बुक करो हम शाम को ही निकल रहे हैं.. और वहा से निकल जाता हैं!!



    ####



      सुनैना जी अभि भी अपने कमरे मै होतीं हैं, हालांकि सिया ने उन्हें खिड़की से आकर जबरदस्ती थोड़ा सा नाश्ता करा दिया था, उन लोगो का प्लान बिलकुल सही जा रहा होता हैं, वो बस मिहिर के आने का इंतज़ार कर रहे हैं... सिया और मीरा घर पर बैठी बस सुनैना जी से कॉल का इंतज़ार कर रही होतीं हैं!!


      राजेश जी घर आकर  सीधे कमरे मै जाते हैं, और सुनैना जी को गले लगा लेते हैं..

    राजेश :- सुनैना केसी ज़िद लेकर बैठी हैं, आप
      आप जानती हैं, आपकी तबियत ख़राब हो रही हैं, चलिए हमारे साथ डॉक्टर के पास..

    सुनैना :- मुँह फेरकर :- मुझे कही नहीं जाना!!

    राजेश :- तुम्हे अपने बेटे की कसम सुनैना  !!


      सुनैना : राजेश जी की तरफ देखकर : चलिए!!


      दोनों वहा से क्लिनिक के लिए निकल जाते हैं, सुनैना जी सिया को msg करके बता देती हैं, सिया वहा पहले से पहुंच जाती हैं, और डॉक्टर को अच्छे से समझा देती हैं !!


         क्लिनिक पहुंच कर डॉक्टर सुनैना जी को चेक करता हैं और कहता हैं,
       डॉक्टर :- इनका बीपी बहुत लौ हैं, इन्हे ऐसे टेंशन मै नहीं रहना चाहिए, ये इनकी सेहत के लिए ठीक नहीं हैं, और ये कितनी कमजोर हो गयी हैं, राय साहब मैम का ख्याल रखिये, इन्हे स्ट्रेस मत दीजिये, ये दवाई मै देता हु, इन्हे खाना खिला कर दे दीजियेगा !!


    राजेश :- ठीक हैं डॉक्टर साहब !!


    दोनों वहा से घर के निकल जाते हैं, सुनैना जी पीछे मुड़कर, सिया को 👌 इशारा करती हैं, और मुस्कुराते हुए वहा से चली जाती हैं... सिया डॉक्टर के केबिन मै छुपी थी !!




    Soon....

  • 14. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 14

    Words: 766

    Estimated Reading Time: 5 min

    सुनैना जी घर आकर अपने कमरे मै चली जाती हैं,
       राजेश जी मिहिर को कॉल करते हैं, पर वो कॉल नहीं उठाता, बल्कि यहां से जाने के बाद उसने राजेश जी से एक बार भी बात नहीं की, थी, राजेश जी थक कर सोफे पर बैठ जाते हैं, और उन्हें वही बैठे बैठे आँख लग जाती हैं !!

    देर रात को सुनैना जी, पानी लेने के लिए नीचे आती हैं, तो वहा राजेश जी को ऐसे सोता देख उन्हें बुरा लगता हैं, वो वापस जाकर उनके लिए कंबल लेकर आती हैं, और उन्हें उढ़ा देती हैं !!

       और उनके पास बैठकर उन्हें कहती हैं !
    सुनैना :- राजेश आप क्यों नहीं समझ रहे, मीरा हमारे बेटे की जिन्दगी हैं, वो उसके बिना नहीं रह सकता, और मै अपने बेटे को इस हाल मै नहीं देख सकती, मुझे माफ कर देना राजेश, मुझे उसे बुलाने के लिए ये सब करना पडा!!

      और वहा से उठकर पानी लेकर अपने रूम मै वापस आ जाती हैं !!

    अगली सुबहः सुनैना जी लेट तक सोइ रहती हैं, राजेश जी रूम मै आकर तैयार होते हैं, और सुनैना को सोये हुए देख कर उनके पास जाकर सर पर हाथ फेरकर उनके माथे पर किश करते हैं, और वहा से ऑफिस के लिए निकल जाते हैं, उन्हें मेल आया था और उन्हें मिहिर के आने की खबर आ जाती हैं, अब वो निश्चित होकर ऑफिस चले जाते हैं !!



    ####


       मीरा सुबहः जल्दी तैयार होकर एयर पोर्ट के लिए निकल जाती हैं, उसकी आँखे मिहिर को तलाश कर रही होतीं हैं, वो मिहिर का बेसब्री से इंतज़ार कर रही होतीं हैं , तभी उसे दूर से मिहिर आते हुए दिखाई देता हैं, वो दौड़कर जाती हैं, और मिहिर को कस कर गले लगा लेती हैं, मिहिर ये सब अचानक देख कर, सॉक हो जाता हैं,..

    उसे उम्मीद नहीं थी की वो दोबारा मीरा से ऐसे मिलेगा, मीरा को अपने सीने से लगते देख उसे सुकून मिलता हैं, वो मीरा को गले लगाने के लिए हाथ बढ़ाता हैं, की उसे अपने डेड की बाते याद आ जाती हैं, वो अपने हाथ पीछे कर लेता हैं, उसके चेहरे पर दर्द उभर आता हैं, वो मीरा को पीछे करता हैं !!

      मीरा को उसे ऐसे देखकर हैरानी होतीं हैं !!

      मीरा :- नम आँखों से :- तुम जानते हो मेने तुम्हे कितना याद किया हैं !!
        अब मै तुम्हे अपने से दूर नहीं जाने दुंगी !!

    और मिहिर का हाथ पकड़ने लगती हैं, की तभी मिहिर कहता हैं !!

    मिहिर :- बिना भाव के :- मीरा मुझे घर के लिए निकलना हैं, माँ की तबियत खराब हैं !!

        और वहा से निकल जाता हैं, मीरा अभि भी वही खड़ी, रहती हैं!
      उसकी आँखे से आंसू बह जाते हैं,...

    मीरा :- जानती हु, तुम अपना वादा नहीं तोड़ोगे, और यही वादा तुम्हे, रोके हुए हैं, पर यक़ीन मानो एक दिन यही वादा टूटेगा भी, और तुम मेरे पास आओगे भी !!

    मीरा भी वहा से चली जाती हैं !!!

    #####


    घर आकर मिहिर सीधा अपनी माँ के कमरे मै जाता हैं, सुनैना जी बालकनी मै बैठी होतीं हैं, मिहिर पीछे से जाकर हग कर लेता हैं, उसकी आँखे के आंसू सुनैना जी के कांधे पर आते हैं ! वो समझ जाती हैं मिहिर आ गया, वो पलट कर मिहिर को गले लगा लेती हैं !!

       मिहिर :- रोते हुए :- कैसी हैं आप, अापने  तो डरा ही दिया था माँ, आप ठीक तो हो ना !!

      सुनैना :- हा बेटा तेरी माँ ठीक हैं, अब तू आ गया  हैं ना, अब मै पूरी तरह से ठीक हु,!!

       मिहिर :- डाटते हुए :- आप अपना ध्यान क्यों नहीं रखते हो, आपकी तबियत ख़राब हो गयी, इतनी लापरवाही क्यों करती हो आप, आपको पता हैं, ना मै आप से कितना प्यार करता हु !!

      सुनैना जी :- सर सहलाते हुए :- तू नहीं था ना ध्यान रखने को  !!

       चल फ्रेश हो जा, मै खाना लगवाती हु !
    मिहिर :- आप आराम करो मै बोल दूंगा !!

      और वहा से चला जाता हैं !!


    #####


    मीरा अपने  रूम की खिड़की के पास उदास बैठी रहती हैं, तभी उसका फ़ोन रिंग करता हैं, वो कॉल उठाती हैं !!

    सुनैना :- हेलो मीरा बेटा, मिहिर आ गया हैं !

    मीरा :- उदास होकर :- जानती हु आंटी , मै मिलने गयी थी ,,, और सारी बात बताती हैं !!

    सुनैना :- तुम फ़िक्र मत करो बेटा, सब ठीक होगा !!

       हम कल मिलते हैं !!

    मीरा :- ओहह ओके आंटी  !!

    मीरा कॉल कट करके मिहिर को याद करने लगती हैं,
      फिर वो सिया को मिलने के लिए घर बुला लेती हैं!!
    मीरा ने कुछ प्लान किया हैं !!





    Soon....

  • 15. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 15

    Words: 760

    Estimated Reading Time: 5 min

    अगले दिन मीरा, शर्ट और जीन्स पहन कर तैयार हो रही होती हैं, वो जल्दी से तैयार होकर नीचे आ जाती हैं, और अपनी माँ को आवाज़ लगाती हैं..

    मीरा :- माँ जल्दी करो ना, मुझे लेट हो रहा हैं..
    सरिता :- हा आ रही हु, आते हुए : तुझे क्या जरूरत हैं जॉब करने की, अभी तों तेरा कॉलेज भी बचा हैं , फिर ये जॉब क्यों बेटा !!

    मीरा :- नास्ता लेते हुए : माँ कॉलेज का तों लास्ट ईयर ही हैं ना, और वहा मै कोई वर्कर की तरह काम थोड़ी ना करुँगी, मै तों वहा इंटर्न की तरह काम करुँगी, और सिखूगी, ताकि कॉलेज के बाद मुझे आसानी हो !!

    माँ आप जानती हैं, वो यहां की सबसे बड़ी कंपनी मै से एक हैं, और वहा, जॉब मिलना बहुत बड़ी बात होती हैं,
    RR कंपनी,!!

    सरिता :- हा कर ले जॉब, और संभाल कर जाना !!

    मीरा नाश्ता करके जल्दी से निकल जाती हैं, उसने एक जॉब के लिए अप्लाय किया था और आज उसे वहा बुलाया था, मीरा अपनी बुलेट से जा रही होती हैं!!

    ####

    मिहिर अपने कमरे की खिड़की मै खड़े होकर बाहर देख रहा होता हैं, उसे मीरा का गले लगना याद आ रहा होता हैं,  वो मन ही मन सोचता हैं...

    मिहिर :- मुझे माफ कर दो मिरू मेने, तुमसे बेरुखी से बात की, पर मै मजबूर हु, अपने वादे के कारण, और मिहिर का चेहरा उदासी से भर जाता हैं, तभी सुनैना जी  वहा आती हैं, और मिहिर को आवाज़ देती है,..

    सुनैना :- मिहिर बेटा, क्या कर रहे हो वहा खड़े होकर, चलो आओं अपनी माँ के साथ बैठना...


       और उसे ले जाती हैं, दोनों हॉल मै जाकर बैठ जाते हैं, की राजेश जी मिहिर को ऑफिस जाने को कहते हैं..
    राजेश :- सुनो मिहिर, वहा कुछ इंटर्न  आ रहे हैं,  तुम्हे उनका इंटरव्यू लेना हैं, जल्दी चले जाओ..


    मिहिर :- सर मै अपनी मॉम के लिए यहां, आया हु  ना की किसी और वजह से..

       दोनों बहस, कर रहे होते हैं, सुनैना जी, दोनों को देख रही होती हैं, उनके फ़ोन पर मीरा का कॉल आ रहा होता हैं, वो वहा से उठकर, कॉल उठा ती हैं..



    मीरा :- हेलो आंटी, हम लोग शाम को मिलेंगे, आज मै RR कंपनी मै जा रही हु, जॉब के लिए  इंटर्न के तौर पर,  इसलिये मुझे देर होंगी.... ओके by मै रखती हु..!!



    सुनैना :- हेलो हेलो सुनो, तों ... उसके पहले ही कॉल कट हो जाता हैं, सुनैना जी के चहेरे पर मुस्कान आ जाती हैं.. और वो मिहिर के पास जाती हैं..


    सुनैना :- बेटा मै ठीक हु अब, तुम जाओ ऑफिस पर काम. देख लो..

    मिहिर :- पर माँ..

    सुनैना :- पर वर कुछ नहीं तुम जाओ, मै ठीक हु...


    मिहिर :- ओहहक माँ, मै चले जाता हु.. सिर्फ आप के कहने पर..

    और वहा से ऑफिस चले जाता हैं..

    सुनैना :- अब तों भगवान भी तुम्हे मिलाना चाहते हैं,
    हाथ जोड़कर, मदद करना भगवान मेरी....!!



    #####



    मीरा कंपनी वाली जगह आ जाती हैं, और अपनी बुलेट वही खड़ी करकर अंदर आ जाती हैं, वहा रिसेप्शन पर वह अपनी id दिखाती हैं, वहा उसे वो वेटिंग के लिए एक रूम मै भेज देते हैं, मीरा वहा चली जाती हैं, वो देखती हैं, वहा 3,4 लोग और बैठे होते हैं..
    वह भी वही बैठ जाती हैं..



    मिहिर ऑफिस मै इंटर करता हैं, उसे मैनेंज़र बताता हैं, की इंटर्न, वेटिंग रूम मै बैठे हैं, मिहिर एक एक को भेजनें के लिए कहता हैं...


    मैनेजर एक एक करके सभी को भेजता हैं, मिहिर को कोई भी बेहतरीन नहीं लगता, RR कंपनी  डाइमंड कंपनी हैं, जहा ज्वेलरी डिज़ाइन, और बनाई जाती हैं, इसलिये उसे बेस्ट इंटर्न चाहिए होता हैं,मिहिर नेस्ट को भेजनें को बोलता हैं..


    मेनेज़र मीरा को जाने को कहता हैं, मीरा केबिन मै जाकर नॉक करती हैं... May i come in सर....


    मिहिर जिसकी चेयर दिवार की तरह होती हैं, वह घूम कर कहता हैं...

    मिहीर :- यस प्लीज...

    ... मीरा मिहिर को देखकर चौक जाती हैं, साथ ही मिहिर भी... वहा दूसरे लोग भी होते हैं, मिहिर कुछ भी जाहिर नहीं होने देता हैं...



    मीरा :- मन ही मन : ये यहां कैसे..??


    मेनेज़र :- मीरा, ये हमारे बॉस के बेटे, और ये आपका इंटरव्यू लेगे..


    मीरा :-  RR  मतलब राजेश राय... हे भगवान बुरी फ़सी मै, मुझे तों पता ही नहीं था ये ससुर जी की कंपनी हैं., आंटी ने मुझे कुछ बताया भी नहीं,

    सर पर हाथ रखकर :मेने उन्हें बोलने ही कहा दिया..


    मिहिर :- देखते हुए :- प्लीज अंदर आइये..

    मीरा :- ह् ह् हां...

    मीरा अंदर जाकर मिहिर के सामने बैठ जाती हैं...!!!




    Soon....

  • 16. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 16

    Words: 742

    Estimated Reading Time: 5 min

    मीरा मिहिर के सामने बैठी रहती हैं..और उसे देखती रहती हैं, मिहिर उसे देख कर...!

    मिहिर उसे डिज़ाइन बनाने को कहता हैं, मीरा डिज़ाइन बनाने लगती हैं, थोड़ी ही देर मै वो डिज़ाइन तैयार कर देती हैं, और अपने डिज़ाइन आगे बढ़ा देती हैं, उसके डिज़ाइन सब से हट के होते हैं, सभी लोग तारीफ करते हैं, मीरा खुश होकर मिहिर की तरफ देखती हैं, मिहिर भी डिजाइन देख कर मुस्कुरा देता हैं, और मीरा से कहता हैं..

    मिहिर :- तुम्हारे डिज़ाइन सबसे अलग हैं, तुम  कल से ही यहां ज्वाइन हो सकती हो ...!!

    मीरा :- खुश होकर :- सच्ची..

        बाकि लोग भी उसकी तारीफ करते हैं, मीरा को बहुत अच्छा लगता हैं, और साथ ही मिहिर भी ये देख कर खुश होता हैं, वो मीरा को कल आने का कहता हैं, मीरा वहा से उठकर चली जाती हैं...


    बाहर निकलते निकलते वो मोहिनी से टकरा जाती हैं, मोहिनी बिना देखे ही गाली दे देती हैं..

    मीरा अपने हाथ बांध कर ख़डी होकर उसे देखती और कहती हैं..

    मीरा :- लोगो के रास्ते मै आने की आदत तुम्हारी हैं, संभल  जाओ वरना मुझे सुधारना अच्छे से आता हैं!!

    मोहिनी :- ओह्ह तुम मुझे सुधारोगी, ओकात देखी हैं अपनी... हुँहह मिडिल क्लास कही की

    मीरा :- मेरी ओकात तुमसे ऊपर हैं, क्युकी मै तुम्हारे जितनी गिरी हुई नहीं हु ना... और मुस्कुराने लगती हैं..

    मोहिनी :- गुस्से से :- तुम्हे तों मै देख लूँगी..
    मीरा :- आँखे दिखाकर :- आराम से देख लेना, फिलहाल मेरे पास टाइम नहीं   और हा जितना तुम्हे करना था तुम कर चुकि अब मेरी बारी...

    और इतना बोल कर मीरा वहा से चली जाती हैं..

    मोहिनी :- गुस्से से :- इस जाहिल लड़की की इतनी हिम्मत, इसके लिए कुछ और सोचना होगा मुझे और ये यहां क्या कर रही थी, अंकल से पूछना होगा, और रही बात कुछ करने की तों वो तों मै जरूर करुँगी.. Wait and watch... मिस्स्स  meera.....!!


    ####



    "ये क्या कह रही हो तुम वो लड़की वहा क्या कर रही होंगी, वहा तों इंटर्न, एक मिनट मै अभी पता करता हु
      मोना " , इतना कह कर राजेश कॉल कट करके, ऑफिस मै कॉल लगते हैं...!!


    मिहीर को कॉल बजता है, वो उठाता हैं..

    मिहीर :- बोलिए...!

    राजेश :- गुस्से से :- वो लड़की वहा क्या कर रही थी ??

    मिहीर :- उसे इंटर्न के लिए रख लिया हैं, कल से ज्वाइन करेगी!!!

    राजेश :- पर उसे रखने की क्या जरूरत थी !!

    मिहिर :- शांति से :- उसे कमेटी ने रखा हैं, उसके डिज़ाइन सबसे बेहतरीन थे , और कुछ जानना हैं, या मे रख दू कॉल!!!


    इतना कह कर मिहिर कॉल कट कर देता हैं, और वहा से जाते हुए मेनेज़र से मीरा का ज्वाइन लेटर बनाने को कहता हैं !!

      राजेश :- ये लड़का कभी नहीं समझेगा...

    #####


    मीरा अपने घर आकर सुनेना जी को कॉल करती हैं, वो पहली ही रिंग मै कॉल उठा लेती हैं, उनके कुछ बोलने के पहले ही मीरा बोलना चालू कर देती हैं..

    मीरा :- आंटी आपने बताया क्यों नहीं, वो ससुर जी का ऑफिस हैं, आपको पता हैं, मुझे वहा रख लिया हैं जॉब के लिए, और वहा मिहिर भी था, और मेरे डिज़ाइन सबको अच्छे लगे, औररर...!

    सुनैना :- अरे शांत शांत, मुझे तुमने कुछ बोलने ही नहीं दिया तों मै कहा से  बताती तुम्हे, और बधाई हो मेरी बच्ची....

    मीरा '-  थैंक्स यू आंटी, आज शाम को मिलते हैं, हम ओके बाई..!!

    मीरा कॉल रखकर लेट जाती हैं..


    मीरा :- खुद से :- अब तों हम एक ही ऑफिस मै रहेंगे, अब मै देखती हु मुझसे दूर कैसे रहते हो मिहिर, अब मै तुम्हे रोज देख पाउगी , और ख़ुशी से पिल्लो के साथ खेलने लगतीं हैं..!!


    #####



    मिहिर घर आकर, अपने कमरे मै चला जाता हैं, और  बाथरूम मै जाकर शावर चालू करके भीगने लगता हैं, आज ज़ब मीरा को उसने देखा तों एक पल के लिए उसका दिल किया की सब कुछ भुला कर बस उसे
    गले लगा ले...


    मिहिर :- अब से मेरी मीरु मेरी आँखों के सामने ही होंगी, मै तुम्हे रोज देख कर ही जी लूंगा...
    तुम्हारे  बिना रहा नहीं जाता, फिर भी रह लेता हु,
    जिया नहीं जाता फिर भी जी रहा हु...


    I love you meri मिरू.....


    नहा कर मिहिर नीचे अपनी माँ के पास आ जाता हैं, राजेश जी वहा आकर मिहिर से कहते हैं,

    राजेश :- मेने एक फैसला लिया हैं !!

    सुनैना :- क्या ??



    राजेश :-  शांति से :- मिहिर और मोहिनी की शादी !!!


    मिहिर, सुनैना :- क्या!!!!


    Soon

  • 17. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 17

    Words: 920

    Estimated Reading Time: 6 min

    "आप ऐसे ही मुझसे बिना पूछे, मेरी जिंदगी का इतना बढ़ा फैसला नहीं ले सकते, आपको कोई हक़ नहीं हैं ये तय करने का, की मुझे किससे शादी करनी हैं, किससे नहीं... एक आखिरी बार मेरी बात ध्यान से सुन लीजिये, मीरा के अलावा ना मै किसी ऒर से प्यार करता हु ऒर ना करुँगा ऒर शादी भी उसी से करुँगा"

    इतना कह मिहिर गुस्से मै वहा से निकल जाता हैं, गाड़ी मै बैठ कर वो तेज़ी से कही निकल जाता हैं, उसके इसे गुस्से मै जाने से सुनैना, राजेश जी से कहती हैं...!!


    सुनैना :- गुस्से से :- क्यों मेरे बेटे के पीछे पडे हैं आप, उसे क्यों चैन से नहीं रहने देते हो आप, मीरा से दूर कर दिया ना, अभी भी आपको शांति नहीं मिली जो इस डायन को मेरे बेटे के गले मै डालने मै लगे हुए हैं आप!!...

    राजेश :- सुनैना, मै जो कर रहा हु वो मिहिर के लिए कर रहा हु, इस मै उसका भला हैं, तुम जानती हु ना इन मिडिल क्लास लोगो की वजह से मै पहले ही अपनी बहन को खो चूका हु...!!!


    एक दर्द राजेश के चेहरे पर उभर आता हैं, ये सुनैना जी भी देख लेती हैं, वो बिना कुछ बोले वहा से जाने लगती हैं, जाते जाते वो कहती हैं....!



    मीरा मिहिर की जिंदगी हैं, हमारे बेटे से उसकी जिंदगी मत छिनिये....



    इतना कह कर वो वहा से चली जाती हैं, राजेश भी वही धम्म से सोफे पर बूत बनकर बैठे रहते हैं, उन्हें अब मिहिर की चिंता होने लगी थी!!!


    #####



    ""क्या हुआ आंटी आप परेशान लग रही हैं..
    मीरा सुनैना से पूछती हैं, सुनैना उसे सबकुछ बताती हैं,!""


    सिया :- यार ये अंकल को क्या जल्दी हैं इतनी जो अब मिहिर की शादी कराने पर तुले हैं !

    मीरा :- हम्म शादी तों होंगी पर मेरी ऒर मिहिर की...,
    आंटी मिहिर कहा गया होगा गुस्से मै, वो ठीक तों होगा ना...!!

    मीरा को अब मिहिर की फ़िक्र होने लगी थी, सुनेना भी अब सोच मै पड़ गयी की मिहिर घर से निकल कर गया तों गया कहा...!!


    वो तीनो वही बैठकर मिहिर को लगातार कॉल करते रहती हैं.. पर मिहिर का कॉल बंद आ रहा होता हैं, मीरा वहा से उठकर जाने लगती हैं...!

    सिया :- मीरा कहा जा रही हैं..??

    मीरा :- मिहिर को वापस लाने !!

    अरे सुन तों... तब तक मीरा जा चुकि होती हैं, मीरा घर से निकल कर आसपास की सभी जगह पर मिहीर को ढूंढ़ने लगती हैं !!!


    #####



    शहर से दूर, एक लकड़ी का घर बना होता हैं, जहा एक औरत, अपने पालतू जानवर को खाना खिला रही होती हैं, वो अपने इस छोटे से घर मै बहुत खुश दिखाई दे रही होती हैं, अपने डॉग को खाना खिला कर वो बाहर जाती हैं....


    ऒर आवाज़ लगाती हैं..

    मिहिर, शिवाय बेटा आ जाओ खाना लगा दू...


    मिहिर  अपने बचपन के दोस्त शिवाय के पास आया हुआ था, उसके साथ बैठा हुआ था, शहर से दूर शिवाय अपनी माँ के साथ यहां रहता हैं, मिहिर ऒर शिवाय की माँ  कविता जी के अलावा उसका इस दुनिया मै कोई नहीं हैं,  बचपन मै ही शिवाय के पापा की डेथ हो गयी थी तब से मिहिर ने ही शिवाय का ध्यान रखा हैं, उनकी दोस्ती स्कूल कॉलेज हर जगह मशहूर हैं,,!!

    शिवाय की मिहिर मै तों  उसकी जान ही बस्ती हैं, दोस्त ऒर भाई दोनों मिहिर हैं, उसके लिए, मिहीर ने शिवाय का हमेशा साथ दिया हैं.. ऒर आज ज़ब मिहिर परेशान हो उठा तों उसे सिर्फ शिवाय का ख्याल आया...

    ऒर वो अपनी गाड़ी लेकर यहां चला आया...


    आये ताईजी, ऒर मिहिर शिवाय की तरफ देखता हैं..


    मिहीर :- चल खाना खा लेते हैं...

    शिवाय :- हा भाई चल, वरना माँ यहां आ जाएगी, ओर उन्होंने तेरे चेहरे की उदासी देख लिए तों तुझसे सबकुछ पूछेगी !!


    मिहिर :- मै उन्हें कुछ नहीं बताना चाहता भाई, मै किसी को भी परेशान नहीं करना चाहता !!

    शिवाय :- हा भाई, आ जा चल खाना खाते हैं..

    दोनों उठकर अंदर आ जाते हैं, वहा सारी चीज़े लकड़ी की होती हैं, सभी समान एक दम करिने से सजाया हुआ था!!

    अंदर से कविता जी खाने के बाउल लेकर आती हैं, पर खाने की मैज़ पर रखती हैं...


    दोनों आकर खाने बैठ जाते हैं..
    मिहिर :- अरे वाह्ह्ह ताईजी आपने तों सारा खाना मेरी पसंद का बनाया हैं...!

    कविता :- नकली गुस्से से :- मेरा दूसरा बेटा, बड़े दिनों मै जो आता हैं, अब उसकी पसंद का खाना तों बनाना ही होगा ना मुझे...


    मिहिर :- मनाते हुए :- सॉरी ताईजी मै अब से रोज आया करुँगा, ऒर तों ऒर शिवाय को भी अपनी ही कंपनी मै अपने साथ ले जाउगा...


    शिवाय :- हम्म हम्म, यहां मै भी हु, आप दोनों मुझे भूल ही गए हो...!!


    मिहिर :- मजाक मै :- ताईजी आपको नहीं लगता कोई हमसे जल रहा हैं !!

    कविता ऒर मिहिर दोनों हसने लगते हैं, उनको इसे शिवाय कहता हैं...

    शिवाय :- मै अपने दोस्त जैसे भाई की ख़ुशी से कभी नहीं जलूगा...!!

    मिहिर :- बस बस अब सेंटी मत कर...


    कविता :- चलो दोनों बाते मत करो कर खाना खाओ, दोनों खाना खाने लगते हैं !!


    ######


    मीरा सड़क मै खोये खोये अपनी ही धुन मै जा रही होती हैं.. की एक गाड़ी से उसे टक्कर लग जाती हैं, मीरा वही बेहोश होकर गिर पडती हैं....


    एक लड़का ग़ाडी से उतर कर मीरा को उठाता हैं, वो
    देखता हैं, की मीरा बेहोश हो चुकि हैं, वो उसको उठा कर अपनी गाड़ी मै बैठा देता हैं...

    ऒर अपने ड्राइवर से कहता हैं...

    ##:- ड्राइवर ग़ाडी घर की तरफ ले लो....




    Soon.....

  • 18. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 18

    Words: 773

    Estimated Reading Time: 5 min

    वह आदमी मीरा को अपने घर ले जाता हैं, गाड़ी एक बड़े से बंगले पर आकर रूकती हैं, जहा बाहर सुंदर अक्षर मै लिखा होता हैं.. "सक्सेना होम "....!!


    वह आदमी गाड़ी से उतर कर मीरा को अपनी गोद मै उठा कर अंदर ले आता हैं, ऒर कमरे की ऒर बढ़ जाता हैं,...!!


    अंदर आकर मीरा को बिस्तर पर लेटा कर वो डॉक्टर को कॉल करके बुलाता हैं, ऒर नीचे जाकर एक आदमी से कहता हैं...!

    ##:- काका जल्दी से नाश्ता तैयार कीजिये, ऒर डॉक्टर जैसे ही आये उन्हें ऊपर भेज दीजियेगा!!

    काका :- ठीक हैं शक्ति बाबा, मे उन्हें अंदर भेज दूंगा, पर ये लड़की कौन हैं??

    शक्ति :- काका ये मेरी कार से टकरा गयी थी, इसलिये
    मै इसे घर ही ले आया, पाता नहीं कौन हैं, ज़ब होश मै आयेगी तब घर छुड़वा दूंगा!!

    इतना कह कर शक्ति फिर से अपने कमरे मै चला जाता हैं, वहा मै मीरा के बेड से दूर चेयर पर बैठ जाता हैं, ऒर मीरा को देखने लगता हैं !!!


    ####

    'हेलो सिया बेटा मीरा कहा हैं, क्या वो तुम्हारे साथ है, वो अभी तक घर नहीं आई बेटा !!'

    सिया :- हां अंकल वो मेरे साथ ही हैं , मै कल सुबहः उसको भेज दुंगी आप टेंशन मत लो...!

    सैलेश :- ठीक हैं बेटा !!

    इतना कह कर सिया कॉल रख देती हैं, उसे मीरा की फ़िक्र होने लगी थी, उसने मीरा के पापा से तों झूठ बोल दिया था पर मन ही मन उसे बहुत टेंशन हो रही  थी, न जाने मीरा कहा होंगी इस वक़्त, वो मिहिर को फिर से कॉल करने लगती हैं, पर कॉल नहीं लगता थक कर  वो msg छोड़ देती हैं... उसके बाद सुनैना जी को कॉल करके मीरा के नहीं आने के बारे मै बताती हैं !!


    #####

    खाना खा कर मिहिर वहा से अपने घर के लिए निकल जाता हैं, उसका मोबाइल चार्जिंग की वजह से बंद हो गया था घर आकर वो सीधा चार्ज पर लगा देता हैं, उसके घर आते ही, सुनैना जी उसके पास जाती हैं..!!

    सुनेना :-  गुस्से मै :- कहा था तू, तुझे पाता भी हैं, मुझे कितनी फ़िक्र हो रही थी, बता कर भी तों जा सकता था, पर नहीं तुझे क्या फर्क पड़ता हैं, तेरे पीछे किसी को कुछ भी हो जाये, तेरे पीछे पीछे मीरा भी तुझे ढूंढ़ने गयी हैं, और अब तक नहीं लोटी हैं, सिया का कॉल आया था उसने बताया मुझे!!


    मिहिर एक दम सॉक हो जाता हैं, की मीरा कहा होंगी इस वक़्त :- माँ मै ठीक था, और शिवाय के साथ था, पर मीरा कहा चली गयी, माँ मै  उसको देख कर आता हु, इतना कह कर मिहिर तेज़ी से बाहर निकल जाता हैं, सुनेना जी वही टेंशन मै बैठ जाती हैं!!


    #####
    डॉक्टर आकर मीरा को चेक करते हैं, और कहते हैं की भूखे रहने की वजह से ये बेहोश हैं, और मै इनकी चोट पर पट्टी कर देता हु, आप इन्हे खाना खिला दीजियेगा!!

    इतना कह कर डॉक्टर चले जाते हैं, शक्ति भी नीचे डॉक्टर को बाहर छोड़ने आ जाता हैं, फिर वो किचेन मै जाकर  मीरा के लिए खाना लेकर आता
    हैं...!!


    इधर मीरा को होश आने लगता हैं, वो अपने आप को अनजान जगह देख कर हैरान हो जाती हैं, वो याद करके की कोसिस करती हैं,  मै यहां कैसे आ गयी फिर उसे याद आता हैं की वो मिहिर को ढूढ़ने निकली थी.. वो सोच मै ही रहती हैं, की शक्ति वहा आ जाता हैं, उसे देख कर मीरा उठ ख़डी हो जाती हैं, और उसे कहती हैं !!

    मीरा :- देखो तुम जो कोई भी हो मेरे पास मत आना, वरना मै तुम्हारा हलवा बना दुंगी, वो भी बिना घी का,मुझसे दूर रहना, तुम मुझे यहां बेहोश करके लाये हो ना, मै सब जानती हु , तुम मेरा फायदा उठाना चाहते हो ना !!

    शक्ति को मन ही मन हसीं आ रही होती हैं, अपनी हसीं रोक कर वो खाना टेबल पर रखता हैं, और अपने दोनों हाथ फोल्ड करके कहता हैं..

    शक्ति :- देवी जी, मेरा हलवा बाद मै बनाना, पहले खाना खा लो, आप मेरी ग़ाडी, के आगे आ गयी थी, और बेहोश हो गयी थी, मै नहीं जानता था, आप कहा रहती हैं, इसलिये यहां ले आया, और आपके हाथ पर छोटी सी चोट भी आ गयी थी, आप खाना खा ले फिर मै आपको घर छुड़वा दूंगा!!

    और वहा से जाने लगता हैं, फिर पीछे मुड़ कर कहता हैं, और हा मै किसी का फायदा नहीं उठाता!!

    इतना कह कर शक्ति वहा से चला जाता हैं, मीरा को अपने ऊपर गुस्सा आने लगता हैं, की क्यों बिना कुछ सोचे समझे बोलने निकल पड़ती हैं, मीरा उठकर खाना खाने लगती हैं !!

    #####



    Soon....

  • 19. तेरे मेरे दरमिया मोहब्बत - Chapter 19

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min