she's mine !mine!mine to say I own every inch of her body "my butterfly"doesn't matter how far you fly my hands always around you your wings never meant to be freedom run if you want,the hunt excites me you know where you belong to me
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"" ये कहानी उनके लिए जो प्यार में आजाद नहीं कैद होना चाहते हैं जो चाहते हैं कि कोई उन्हें इस हद तक चाहे कि उन्हें भागने का ख्याल भी जुर्म लगे,
""अगर तुम उन लोगों मे से हो जो प्यार में पोजिसिव डिजायर को जीना चाहते हो जो चासत में पागलपन की हद तक जाना चाहते हैं तो ये कहानी आपके लिए है
, लेकिन याद रखना हर कैद पिजरा नहीं होती कभी कभी ये बंद दरवाजा भी वो जाल होता है जिससे निकलना नामुमकिन होता है
just read the story, dark romance, obsessive love,18+, erotica, if you want soft romance then this is not for you
** एक घने जंगल में एक लडकी भागती हुई आसान नहीं था घुटनों तक बढी घास में भागना, उसके कपड़े फटे-पुराने थे जिनमें कयी जगह से छेद हो रखे होते हैं धडकनो की बैचेन गूंज , जगह जगह पर कटने के निशान, पर उससे भी ज्यादा डर हावी था हर शाखा से टकराते हुए हर पेड पे टकराते हुए वो कैसे न कैसे यहां से निकलना चाहती थी उसका गला सूख रहा था उसे एक अजीब सा एहसास था वो अकेली नहीं हैं उसने पीछे मुडकर देखा बस अंधेरा घना अंधेरा वो अंधेरा घना कोहरा डर को और भी बढा रहा होता है लेकिन क्या ये अंधेरा सच में खाली था उसकी हर एक हरकत कोई देख रहा था
"कोई है" उसकी आवाज कांपी , ज़बाब में एक हवा की सनसनाहट और जंगली जानवरों की आवाज आ रही होती हैं या शायद एक हल्की सी हंसी ,
वो फिर भागी, अचानक एक तेज रोशनी जमकी रुहानी का हाथ आखो पर चला गया सामने पेड पर टंगी एक स्क्रीन,
स्क्रीन पर वही थी भागती हुई, अभी अभी की तस्वीरें हर एगल से कैद फोटो,
डर रही हो " उसके शरीर में बर्फ सी जम गयी उसके पैर जम गये वहीं पर,
"तुम सोच रही हो मैं कहा हू," उसकी सांसें तेज हो चुकी होती है डर उसकी रीढ की हड्डी तक समा गया, वो धीरे धीरे गदन घुमाकर इधर उधर देखने लगी,
तभी एक आवाज " क्या मुझे ढूंढ रही हो अपनी आंखें देखो,"
ये सुनकर वो लडकी का हाथ खुद व खुद पलकों पर चला गया " उसकी रुह काप उठीं उसकी आंखों में हल्की जलन होने लगी थी उसकी आंखों में कुछ था उसकी सांसें तेज हो खयी जान हलक में अटक गयी उसे समझते देर न लगी
,कि तभी वो शिकारी आवाज सुनाई नहीं दी महसूस भी हुई जैसे वो कानों के पास हो वो अपनी गहरी आवाज़ में,"तुम जहां भी जाओगी मुझसे नहीं भाग सकती रुहानी "
वो लड़की,"ये ..ये सच नहीं हो सकता"उसकी धड़कन रुक गयी व होंठ सूख गए,
तभी एक हसीं गूंजती है और वो आवाज़,""भाग सकती हो छुप नहीं क्योंकि जब तक तुम देख सकती हो तब तक मैं तुम्हें"
" ये जंगल तुम्हें आजादी का एहसास देता है है ना? लेकिन सच्चाई तो ये है रुहानी कि ये सिर्फ और सिर्फ एक पिजरा है फर्क बष इतना है कि यहां सलाखें दिखती नहीं तुम भाग तो रही हो मगर इस पिंजरे से निकलने का कोई रास्ता नहीं क्योंकि दरवाजा मैंने नहीं खुद तुम्हारी किस्मत ने बंद किया है"