क्या हो अगर एक कॉन्ट्रोवर्सी से जुड़ा बहुत बड़ा नाम बदल कर रख दे एक लड़की की पूरी जिंदगी को, ऐसा ही हुआ कुछ हमारी मिहिका के साथ जो एक मशहूर रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन बिजनेसमैन आदित्य रॉय के साथ फंस गई एक बहुत ही बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी में, और फिर बाद मे... क्या हो अगर एक कॉन्ट्रोवर्सी से जुड़ा बहुत बड़ा नाम बदल कर रख दे एक लड़की की पूरी जिंदगी को, ऐसा ही हुआ कुछ हमारी मिहिका के साथ जो एक मशहूर रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन बिजनेसमैन आदित्य रॉय के साथ फंस गई एक बहुत ही बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी में, और फिर बाद में उसे पता चला ये सब कुछ किया है उसके किसी अपने ने, और अपनी जिंदगी को संभालते संभालते मिहिका ने खुद को सबसे दूर किया, और वो बेंगलुरु आकर शिफ्ट हुई लेकिन उसकी किस्मत ने उसे फिर से आदित्य के सामने लाकर खड़ा कर दिया और तब उसे पता चली आदित्य की सच्चाई और उसकी सच्चाई जानने के बाद जो हुआ उसके लिए आपको मेरी ये स्टोरी....
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एक बड़ा सा आलीशान कमरा था जहाँ एक किंग साइज़ बेड पर एक बेहद हैंडसम युवक, एक बेहद स्टाइलिश और खूबसूरत युवती के साथ बैठा था। तभी उस युवती ने सामने टेबल पर रखे वाइन के गिलास को उठाया और एक गिलास युवक की ओर बढ़ाते हुए कहा, "आदित्य, योर फेवरेट रेड वाइन। आई होप तुम्हें यह ब्रांड पसंद आएगा?"
आदित्य ने उसकी बात सुनते ही अपने हाथ में पड़े गिलास की वाइन का स्वाद चखा और गिलास टेबल पर रखते हुए कहा, "तृषा, यू नो, मैं अपने टेस्ट के साथ कोई खिलवाड़ नहीं करता और मुझे मेरी ही वाइन चाहिए। मुझे यह वाइन बिल्कुल भी पसंद नहीं आई है। I didn't like it at all.. it's disgusting!"
आदित्य की बात सुनते ही तृषा एक पल के लिए उसे घूरते हुए बोली, "आर यू सीरियस? तुम्हें पता है दिस इज़ वेरी एक्सपेंसिव और उसके बावजूद भी तुम्हें यह अच्छी नहीं लग रही! कभी-कभी तो मुझे ऐसा लगता है आदित्य, तुम नई चीज ट्राई ही नहीं करना चाहते!"
आदित्य ने तृषा की बात सुनते ही उसकी कमर में हाथ डालते हुए कहा, "यस, यू आर राइट बेबी। मैं नई चीज ट्राई नहीं करता क्योंकि मुझे अपनी पुरानी चीजों का ज़्यादा एडिक्शन है, जस्ट लाइक यू!"
इतना बोलकर उसने तृषा के होठों पर अपने होठ रखे और उसे गहरा किस करने लगा।
जब आदित्य ने तृषा को किस करना शुरू किया, तो तृषा के चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान आई और उसके हाथ आदित्य की शर्ट पर पहुँचे। वह धीरे-धीरे उसकी शर्ट के बटन खोलने लगी।
जैसे ही उसकी शर्ट के बटन खुले, आदित्य का सीना और उसके एप्स तृषा की नज़रों के सामने थे। तृषा किस करते-करते रुक गई और नीचे झुककर आदित्य के सीने पर किस करने लगी।
आदित्य ने तृषा को किस करते हुए देखा, वह एक पल के लिए रुका और मुस्कुराते हुए तृषा की ओर देखकर कहा, "इतने दिन हो गए हमें, बट आज भी तुम मेरे एप्स से उतनी ही ऑब्सेस्ड हो जितना पहले रहा करती थी, है ना?"
तृषा ने उसकी बात सुनकर मुस्कुराते हुए कहा, "हाँ, बिल्कुल ऑब्सेस्ड हूँ! और तुम ही बताओ, क्या मुझे तुमसे ऑब्सेस्ड नहीं होना चाहिए? तुम हो ही इतने अच्छे, ना चाहते हुए भी मुझे तुमसे ऑब्सेशन हो ही जाता है। वैसे आदी, तुम भी तो मुझसे ऑब्सेस्ड हो गए हो, है ना? अब हम दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते, राइट?"
आदित्य ने तृषा की बात सुनते ही उसके बालों को कसकर पकड़ते हुए कहा, "मैं और तुमसे ऑब्सेस्ड? हा हा हा... नो तृषा बेबी, हम बहुत पहले ही इस बात को क्लियर कर चुके हैं। We are just friends with benefits, okay? इससे ज़्यादा मुझे कोई उम्मीद मत रखना!"
आदित्य की बात सुनकर तृषा ने अपनी आँखें घुमाते हुए कहा, "Or whatever!"
इतना बोलकर वह उठी और सीधे आदित्य की गोद में आकर बैठ गई। उसने आदित्य के बालों में अपनी उंगलियाँ फँसाईं और उसकी गर्दन पर किस करने लगी।
आदित्य ने उसके कमर पर हाथ रखकर धीरे-धीरे हाथ रगड़ने लगा। तभी तृषा ने धीरे से आदित्य के दोनों कंधों पर हाथ रखा और उसकी शर्ट को उसकी बॉडी से पूरी तरह से हटा दिया।
जैसे ही आदित्य की शर्ट उसकी बॉडी से अलग हुई, उसके मज़बूत कंधों को देखकर तृषा ने अपने निचले होंठ को काटा और वह धीरे से आदित्य के ऊपर झुक गई।
जैसे ही आदित्य ने उसे इस तरह अपने ऊपर गिरते हुए देखा, उसने उसकी आँखों में आँखें डालकर देखते हुए कहा, "क्या करने का इरादा है आज तुम्हारा?"
तृषा ने उसकी बात सुनकर मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "वही जो तुम्हें लग रहा है!"
इतना बोलकर तृषा ने आदित्य को धीरे से धक्का दिया और आदित्य बेड पर गिर गया। तृषा धीरे-धीरे उसके ऊपर चढ़ते हुए उसके बिल्कुल नज़दीक आ गई।
वह आदित्य की गर्दन पर किस कर रही थी और आदित्य उसी ओर देखकर हल्का सा मुस्कुराया। किस करते-करते वह उसके सीने पर आई और उसने आदित्य के एप्स को अपने हाथों से छूना शुरू किया, धीरे-धीरे किस करते हुए वह उसके एप्स तक पहुँच गई।
उसका हाथ आदित्य की जींस पर गया और उसने आदित्य की जींस पर लगी बेल्ट खोलना शुरू किया। आदित्य बिल्कुल रिलैक्स होकर बैठा था और उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी। वह सिर्फ़ और सिर्फ़ तृषा के चेहरे की ओर देख रहा था। तृषा ने जैसे ही उसके बेल्ट के बकल को खोला,
आदित्य ने धीरे से अपनी गर्दन उठाई और तृषा की ओर देखकर मुस्कराया।
तृषा ने बेल्ट हटाकर जैसे ही उसकी जींस के बटन खोले, आदित्य ने तृषा का हाथ पकड़ लिया। आदित्य एक झटके में बेड से उठा और तृषा की पीठ के पीछे हाथ रखकर उसकी ड्रेस में लगे ज़िप को खोल दिया। तृषा आदित्य की इस हरकत से काफी ख़ुश हो गई।
उसने धीरे से आदित्य के कान के लोब को काटते हुए कहा, "इतना ज़ोर दिखाने की ज़रूरत नहीं है तुम्हें, मैं खुद अपनी ड्रेस को undress करने वाली थी।"
जैसे ही तृषा ने यह बात बोली, आदित्य मुस्कुराते हुए बोला, "I know, but मैं तुम्हें क्यों करने दूँ? मेरा जो काम है वह मैं कर लूँगा। तुम्हें इतनी ज़्यादा एक्साइटेड होने की ज़रूरत नहीं है, तुम बस जो कर रही हो उस पर फोकस करो।"
आदित्य की यह बात सुनते ही तृषा उसकी गर्दन पर किस करने लगी और आदित्य के दोनों हाथ तृषा की पीठ पर थे। उसने धीरे से उसकी ड्रेस को उसकी बॉडी से अलग किया और उसकी ड्रेस बेड के पास फेंक दी। उसके दोनों हाथ तृषा की कमर और पीठ को छू रहे थे।
उसने धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ाया और उसके अंडरगारमेंट्स के हुक खोलने लगा। उसने तृषा की पीठ पर अपना हाथ दबाया और एक झटके में तृषा को बेड पर गिरा दिया। खुद उसके ऊपर चढ़ते हुए वह उसे किस करने लगा।
वे दोनों एक-दूसरे के साथ काफी कम्फ़र्टेबल थे और उन दोनों का रिश्ता अब तक साफ़ समझ में आ गया था कि वे दोनों बस एक-दूसरे की शारीरिक ज़रूरतें पूरी करने के लिए यहाँ मौजूद हैं और इस बात से उन दोनों में से किसी को भी कोई परेशानी नहीं थी।
वे दोनों एक-दूसरे के साथ बेड पर बहुत कम्फ़र्टेबल हो चुके थे और तृषा के दोनों हाथ अब तक आदित्य की पीठ पर थे। वह अपने हाथ उसकी पीठ पर रखे हुए थी।
आदित्य ने तृषा को बिल्कुल अपने नज़दीक कर लिया था और वह उसकी गर्दन पर किस करते-करते उसके होठों पर किस करने लगा। तृषा आदित्य के किस को बहुत एन्जॉय कर रही थी।
अब वह खुद को और आदित्य से दूर नहीं रखना चाहती थी। वह धीरे से आदित्य के कान के पास जाकर बोली, "Come on आदी, और कितना तड़पाओगे मुझे तुम?"
आदित्य तृषा की बात सुनकर मुस्कुराते हुए बोला, "बस तुम्हारी इसी तड़प को देखने के लिए तो मैं कितना इंतज़ार करता हूँ।"
इतना बोलकर उसने तृषा के क्लीवेज पर किस करना शुरू किया और किस करते-करते वह तृषा की पीठ तक पहुँच गया। जैसे ही उसने तृषा के पेट को किस करना शुरू किया,
तृषा की दिल की धड़कनें तेज हो गईं और उसके दोनों हाथ, जो अभी तक आदित्य की पीठ पर थे, धीरे से उसके बालों के अंदर पहुँच गए। उसकी उंगलियाँ उसके बालों को बड़े प्यार से सहलाने लगीं।
तृषा आदित्य को अपने और नज़दीक खींच रही थी और आदित्य उसकी कमर को अपने हाथों से सहलाते हुए उसके पेट पर किस करता जा रहा था। जैसे ही उसने उसकी नाभि को किस किया,
तृषा बेड पर मचल उठी और उसने आदित्य के चेहरे को पकड़ते हुए उसे अपने करीब खींच लिया।
वह आहें भरते हुए बोली, "आदी, बस करो अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा।"
तृषा की यह बात सुनकर आदित्य उसके बिल्कुल नज़दीक आया और उसने अपने और तृषा के ऊपर ब्लैंकेट डाल दिया।
तृषा आदित्य की ओर देखकर हल्का सा मुस्कुराई और आदित्य ने उसके दोनों हाथों को कसकर अपने हाथों में पकड़ा। उसने तृषा की नाक पर अपनी नाक रगड़ते हुए कहा, "Are you sure baby? Can we start?"
तृषा ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं तो कब से वेट कर रही हूँ, बट तुम ही मुझे परेशान कर रहे हो।"
आदित्य उसकी यह बात सुनकर हल्का सा मुस्कुराया और धीरे से नीचे की ओर झुका। उसने तृषा के हाथों की उंगलियों को कसकर अपनी उंगलियों में पकड़ लिया और वे दोनों एक-दूसरे को किस करने लगे। धीरे-धीरे आदित्य पूरी तरह से तृषा की अंतरात्मा में समा गया।
वे दोनों काफी ख़ुश थे और उनके चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान थी। थोड़ी ही देर में पूरा कमरा उन दोनों की सिसकियों से भर गया।
तृषा ने आदित्य के चेहरे पर आ रहे पसीने को पोंछा। वे दोनों पसीने से तर-बतर थे। थोड़ी देर में आदित्य तृषा के सीने पर सिर रखकर चुपचाप लेट गया। उन दोनों के चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि वे दोनों पूरी तरह से संतुष्ट हो चुके हैं।
अध्याय 2: मैं तुम्हें और चाहती हूँ, हनी
आदित्य और तृषा एक-दूसरे की बाहों में थे कि आदित्य का फ़ोन बज गया। वह तुरंत बिस्तर से उठा और अपने कपड़े पहनने लगा।
तृषा बेसुध बिस्तर पर लेटी हुई थी। उसने आदित्य की तरफ़ देखा और ब्रश करने लगी, लेकिन आदित्य ने उसकी तरफ़ नहीं देखा। वह सीधे अपना मोबाइल फ़ोन लेकर बात करने लगा।
आदित्य को इस तरह फ़ोन पर बात करते देख तृषा को समझ आ गया कि वह कहीं जा रहा है। तृषा नहीं चाहती थी कि आदित्य उसे छोड़कर जाए। इसलिए वह बिस्तर से उठी और अपने बालों को ठीक करते हुए बोली, "कहीं जा रहे हो क्या, आदी..!”
आदित्य ने तृषा की बात सुनकर धीरे से सिर हिलाया और कहा, "एक इम्पॉर्टेंट मीटिंग आ गई है। ऑफिस जा रहा हूँ। तुम्हें अगर घर जाना हो तो चली जाना।”
तृषा ने आदित्य का हाथ पकड़ते हुए कहा, "शाम के पाँच बज रहे हैं। अब तुम ऑफिस क्यों जाओगे? जो भी मीटिंग है उसे कैंसिल कर दो और कल सुबह अटेंड कर लेना। अभी प्लीज़ मेरे साथ रहो, आई वांना बी विद यू..”
तृषा की बात सुनकर आदित्य ने उसके हाथ को पकड़ते हुए कहा, "तुम जानती हो ना, मैं इस मीटिंग को कैंसिल नहीं करना चाहता। मुझे मिस्टर राहुल से मिलना है। वह मेरे लिए एक नई सेक्रेटरी लेकर आए हैं और मुझे उसका इंटरव्यू लेना है। क्योंकि कल से हमारे इंदौर वाले होटल का काम शुरू हो रहा है और मैं चाहता हूँ कि आज ही मैं उस सेक्रेटरी का इंटरव्यू ले लूँ ताकि कल से हमारा काम शुरू हो सके।”
तृषा ने आदित्य की बात सुनी और उसकी गर्दन में अपने दोनों हाथ डालते हुए बोली, "ओह, प्लीज़! अगर तुम्हें सेक्रेटरी का इंटरव्यू लेना है तो तुम उसे यहीं घर पर बुला लेना सुबह और यहीं पर उसका इंटरव्यू ले लेना। उसके लिए तुम्हें ऑफिस जाने की क्या ज़रूरत है? और वैसे भी, अभी मेरा जरा भी मन नहीं भरा है। आई वांट यू मोर, हनी..!”
इतना बोलकर तृषा ने उसके दोनों गालों पर हाथ रखा और उसके होठों के क़रीब जाने लगी। जैसे ही आदित्य ने उसे इस तरह अपने होठों के पास आते देखा, उसने उसे रोकते हुए कहा, "आर यू श्योर?”
तृषा ने धीरे से सिर हिलाया और कहा, "येस, एब्सोल्यूटली! वैसे भी मेरा तुमसे कभी मन नहीं भरता।!”
इतना बोलकर उसने आदित्य की शर्ट उतार दी। आदित्य अपनी शर्ट के बटन लगा भी नहीं पाया था कि तृषा ने उसकी शर्ट फिर से उतार दी और उसे बिस्तर पर ढकेलकर उसकी पूरी बॉडी पर किस करने लगी।
आदित्य ने तृषा को अपनी बाहों में कसते हुए बिस्तर की ओर बढ़ाया। उसका चेहरा तृषा के इतने करीब था कि उसकी साँसों की गर्माहट तृषा को छू रही थी। उसने धीरे से कहा, "तुम्हारी आँखों में ये तड़प देखना मुझे बहुत पसंद है।”
तृषा ने उसकी बात का जवाब देने के बजाय हल्की मुस्कान के साथ उसकी आँखों में झाँका। वह जानती थी कि आदित्य का एटीट्यूड ही उसकी सबसे बड़ी कमज़ोरी था, और उसे आदित्य का इस तरह नज़दीक आना बेहद पसंद था।
आदित्य ने उसे बिस्तर पर गिराया और उसके ऊपर झुकते हुए कहा, "अब तुम्हारी ये शरारतें ज़्यादा नहीं चलेंगी। तुम जानती हो कि मैं क्या चाहता हूँ।”
तृषा ने उसके चेस्ट पर हल्के से हाथ रगड़ा और उसे थोड़ा पीछे करते हुए बोली, "और तुम भी मुझे बहुत अच्छी तरह से जानते हो, कि मैंने तुम्हें क्यों रोका है और मैं क्या चाहती हूँ?”
आदित्य के चेहरे पर वही शरारती मुस्कान आई। उसने उसके हाथ को अपने हाथ में लिया और कहा, "येस, ऑफ़ कोर्स बेबी, आई नो यू वेरी वेल, और मैं ये भी जानता हूँ तुम्हें क्या चाहिए।”
इतना बोलकर आदित्य ने उसे आँख मारी। उसने तृषा के चेहरे को अपने हाथों में लिया और उसके होठों को चूमने लगा। तृषा ने उसकी पकड़ से निकलने की कोशिश की, लेकिन आदित्य ने उसकी कमर को थाम लिया। तृषा उसकी आँखों में आँखें डालकर बोली, "आदी, अब तुम चाहो भी तो मुझसे दूर नहीं जा सकते। मैं तुम्हें कहीं जाने नहीं दूंगी।”
आदित्य ने उसकी बात सुनकर उसे और करीब खींच लिया। उसकी उंगलियाँ तृषा की पीठ पर हल्के से फिसलीं, और तृषा ने उसकी गर्दन के पास अपने होठ रख दिए।
उन दोनों के बीच वो पल किसी तूफ़ान से कम नहीं था। तृषा के हर स्पर्श में आदित्य को अपने लिए चाहत, आकर्षण और बेसुमार प्यार नज़र आ रहा था। तृषा ने धीरे से अपने हाथ की शरारत को बढ़ाया और वह आदित्य के हर एक बॉडी पार्ट को महसूस करने लगी।
और तभी आदित्य तृषा की तरफ़ देखकर मुस्कुराते हुए बोला, "मैं बिलकुल भी नहीं सोचा था कि तुम इतनी..." तृषा ने उसके होठों पर अपनी उंगली रखते हुए कहा, "तुमने मेरे बारे में कभी कुछ सोचा ही नहीं, तो फिर अब ये बात क्यों बोल रहे हो? खैर, छोड़ो ये सब। मैं फालतू की बातों में टाइम वेस्ट नहीं करना चाहती। आई वांट सेकंड राउंड, अब मुझसे और वेट नहीं हो रहा।”
इतना बोलकर वह आदित्य के बिलकुल नज़दीक आकर बैठ गई। आदित्य ने उसे बिस्तर की तरफ़ धकेला और वह उसके साथ पैशनेटली किस करने लगा। वह दोनों धीरे-धीरे एक-दूसरे में उलझते चले गए और काफी समय बीत गया। उन्हें कब नींद आ गई, उन्हें पता ही नहीं चला।
अगले दिन सुबह रॉय मेंशन के बाहर एक टैक्सी आकर रुकी। उसमें से एक सिम्पल जीन्स और टॉप पहने हुए एक लड़की बाहर निकली। उसका फिगर बहुत ही आकर्षक था और वह काफी खूबसूरत लग रही थी। उसकी हेज़ल ग्रीन आँखें और उसके काले सीधे बाल उसे और भी आकर्षक बना रहे थे।
वह जैसे ही विला के बाहर उतरी, उसने विला की तरफ़ देखते हुए कहा, "हे भगवान! यह राहुल सर ने मुझे कहाँ भेज दिया है? आई होप मुझे यह जॉब मिल जाए ताकि मुझे बार-बार इस तरह दर-दर की ठोकरें ना खानी पड़ें। और वैसे भी, अगर यह जॉब लग गई तो फिर मेरी आधी से ज़्यादा प्रॉब्लम सॉर्ट आउट हो जाएगी।”
इतना बोलकर वह लड़की सीधे विला के अंदर पहुँची और उसने तुरंत अपना मोबाइल फ़ोन निकालकर किसी को कॉल किया। जैसे ही कॉल पिक अप हुआ, उसने धीमी आवाज़ में कहा, "राहुल सर, मैं विला के बाहर खड़ी हूँ। क्या आप विला के अंदर हैं?”
फ़ोन की दूसरी तरफ़ से आवाज़ आई, "हाँ, मिहिका, तुम अंदर आ जाओ। मैं अंदर ही हूँ!”
इतना बोलकर उन्होंने कॉल काट दिया। मिहिका जैसे ही विला के अंदर आई, उसने देखा कि विला काफी आकर्षक था।
वहाँ का इंटीरियर बहुत ही क्लासिक लग रहा था। मिहिका ने अपना सर ऊपर उठाया और विला के हॉल में लगे झूमर को देखा।
मिहिका की आँखें हैरानी से चौड़ी हो गईं। तभी एक आवाज़ सुनाई दी, "मिहिका, तुम तो बिलकुल टाइम पर आई हो। चलो, अच्छी बात है। वैसे भी आदित्य सर को पंक्चुअल लोग बहुत पसंद हैं। और मुझे तुमसे कुछ और इम्पॉर्टेंट बात भी करनी थी। बैठो, मैं तुम्हें तुम्हारा काम समझा देता हूँ। और एक बार अगर आदित्य को तुम्हारा काम समझ में आ गया तो तुम फिर उनकी परमानेंट असिस्टेंट बन जाओगी। और तुम्हारी जब कन्फर्म हो जाएगी..."
जैसे ही मिहिका ने बात सुनी, उसने धीरे से सिर हिलाते हुए कहा, "येस सर, मैं बहुत उम्मीद के साथ यहाँ आई हूँ। आई होप सर को मेरा काम पसंद आ जाए।”
जैसे ही मिहिका ने बात कही, राहुल ने उसकी बात बीच में ही काटते हुए कहा, "सबसे पहली बात, आदित्य को तुम बॉस बुलाना है। उसे सर कहना बिलकुल भी पसंद नहीं है। तो कभी भी उसे गलती से भी सर मत कहना।”
क्रमशः
चैप्टर 3: फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स
राहुल ने उसकी बात बीच में ही काटते हुए कहा, "सबसे पहली बात, आदित्य को तुम बॉस बुलाना। उसे 'सर' कहना बिल्कुल पसंद नहीं है। तो कभी भी उसे गलती से भी 'सर' मत कहना।"
मिहिका ने तुरंत सिर हिलाया। राहुल ने उसे बैठने का इशारा करते हुए कहा, "बैठो, मैं तुम्हें बाकी बातें समझाता हूँ। आदित्य अपनी सारी चीजें सही जगह पर रखना पसंद करता है और वह कभी भी किसी भी काम में देर नहीं करता। 9:00 बजने में 5 मिनट बाकी हैं। एकदम 9:00 बजे वह अपने कमरे से बाहर आएगा। तब तक ये सारी डिटेल्स पढ़ लो। तुम्हें आदित्य के खाने-पीने से लेकर उसकी मीटिंग्स के शेड्यूल और उसके सभी कामों को मैनेज करना होगा।"
मिहिका ने ये बात सुनते ही सामने रखी फाइल उठाई और देखने लगी। उसने पहले पेज पर आदित्य की फोटो देखी। उसके बाद बाकी लोगों की फ़ोटोएँ थीं।
उसने तृषा की फ़ोटो देखी और हैरानी से उसे देखा। वहाँ पर 'फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स' लिखा हुआ था। यह शब्द देखकर मिहिका थोड़ी कन्फ़्यूज़ हुई और राहुल की तरफ देखते हुए बोली, "सर, ये आदित्य बॉस की गर्लफ्रेंड है?"
राहुल ने सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं, आदित्य की कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। वह उसकी बेड पार्टनर है, 'फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स' टाइप। उनकी मीटिंग का शेड्यूल भी तुम्हें ही बनाना होगा। आदित्य जहाँ भी जाते हैं, वह सब तुम्हें देखना है। कोई गलती मत करना, क्योंकि मैं जानता हूँ तुम्हारे लिए ये जॉब कितनी महत्वपूर्ण है।"
मिहिका ने गहरी साँस लेते हुए कहा, "ये सर, मैं कोशिश करूँगी। मुझे कोई गलती नहीं होनी चाहिए।"
वह राहुल की तरफ देख रही थी। राहुल ने मिहिका की तरफ देखते हुए कहा, "50,000 प्रति महीना। मुझे आशा है ये रकम तुम्हारे लिए कम नहीं होगी। और अगर आदित्य को तुम्हारा काम पसंद आया, तो वह तुम्हारी पेमेंट बढ़ा देंगे।"
50,000 मासिक वेतन सुनते ही मिहिका की आँखें हैरानी से चौड़ी हो गईं। उसने तुरंत सिर हिलाते हुए कहा, "मैं तैयार हूँ सर!"
वह राहुल की तरफ देख ही रही थी कि तभी बड़े से कमरे का दरवाज़ा खुला और आदित्य अपने कमरे से बाहर निकला। उसने जीन्स पहनी हुई थी और उसकी शर्ट के बटन खुले हुए थे। जैसे ही वह बाहर निकला,
घर का एक नौकर तुरंत उसके सामने ट्रे लेकर खड़ा हो गया, जिसमें उसकी ब्लैक कॉफ़ी रखी थी। उसने कॉफ़ी का मग उठाया और सीढ़ियों से उतरने लगा। वह मिहिका के करीब आ रहा था।
मिहिका हैरानी से उसके चेहरे की तरफ देखती जा रही थी। तभी आदित्य की नज़र मिहिका पर पड़ी और वह राहुल की तरफ देखने लगा।
राहुल ने तुरंत मिहिका का परिचय देते हुए कहा, "आदित्य, ये तुम्हारी नई असिस्टेंट और सेक्रेटरी है, मिहिका। मैंने उसे सारा काम समझा दिया है। वह सब कुछ संभाल सकती है। जैसे ही वह ऑफिस ज्वाइन करेगी, मैं उसे ऑफिस का सारा काम भी समझा दूँगा।"
यह सुनते ही आदित्य मिहिका के सामने आकर बैठा और बड़े अंदाज़ में एक पैर दूसरे पैर पर रखते हुए बोला, "व्हाट डू यू मीन, 'जब से ऑफिस ज्वाइन करेगी'? मैंने तुमसे पहले ही कहा था, ऑफिस का काम लेट नहीं होना चाहिए। हमारा इंदौर का कंस्ट्रक्शन शुरू होने वाला है और हमारे पास ज़्यादा वक़्त नहीं है। सो आज ही ऑफिस पहुँचो। मैं एक घंटे में ऑफिस ज्वाइन करूँगा और ऑफिस में ही मुझे मेरा ब्रेकफ़ास्ट चाहिए!"
मिहिका ने जल्दी से सिर हिलाते हुए कहा, "यस सर!"
जैसे ही मिहिका के मुँह से 'सर' निकला, आदित्य उसे घूरने लगा। मिहिका ने तुरंत माफ़ी माँगते हुए कहा, "आई एम सॉरी बॉस।"
उसने कुछ नहीं कहा और सीधे सोफ़े से उठकर खड़ा हो गया। वह सीढ़ियों से वापस अपने कमरे की ओर जाने लगा। तभी मिहिका ने उसे जाते हुए देखा। जैसे ही वह अपने कमरे के पास पहुँचा, अंदर से तृषा निकलकर आई और आदित्य की कमर पकड़ते हुए बोली, "कितनी देर से इंतज़ार कर रही हूँ मैं, चलो!"
मिहिका आदित्य और तृषा की तरफ हैरानी से देख रही थी। तृषा आदित्य की कमर में हाथ डालकर उसके इतने करीब खड़ी होकर उससे बात कर रही थी।
इसे देखकर मिहिका ने धीरे से सिर हिलाया और मन ही मन बोली, "मैं तो इन्हें जैसा समझ रही थी, ये तो उससे भी ज़्यादा घटिया इंसान निकला।"
फिर उसने अपने मन के इस विचार को त्यागते हुए कहा, "व्हाटएवर, मुझे क्या करना है? मुझे तो बस अपने काम और सैलरी से मतलब है। मुझे मेरे काम की सैलरी मिलती रहे, उसके बाद तो मैं वैसे भी ये जॉब छोड़कर कोई दूसरी जॉब कर लूँगी।"
यह सोचकर मिहिका ने उस विला से बाहर निकलना ही सही समझा और वह राहुल के साथ सीधे ऑफिस पहुँची।
वहाँ आदित्य का केबिन पूरी तरह से व्यवस्थित था। राहुल ने उसे समझाते हुए कहा, "आदित्य को अपनी किसी भी चीज़ में बदलाव करने की आदत नहीं है। तुम आज ही उसके पूरे केबिन को अच्छी तरह से देख लो। उसका सारा सामान आज जैसा है, वैसा ही हमेशा रहना चाहिए। और हाँ, कभी भी आदित्य से बहस मत करना। अगर वह गुस्से में है, तो जितना हो सके खुद शांत रहना और उसे भी शांत करने की कोशिश करना। क्योंकि अगर तुमने उससे बहस की, तो ये हम दोनों के साथ-साथ पूरे ऑफिस के लिए भी अच्छा नहीं होगा। आदित्य का बहुत तेज स्वभाव है।"
मिहिका ने धीमी आवाज़ में कहा, "कोई अच्छी क्वालिटी भी इसमें है या नहीं? प्लेबॉय, अहंकारी, अमीर बदमाश...सारी आदतें हैं।"
मिहिका को इस तरह धीमी आवाज़ में बोलते देखकर राहुल ने उसकी तरफ देखकर पूछा, "क्या हुआ? कुछ कहा क्या तुमने?"
मिहिका ने तुरंत इनकार करते हुए कहा, "नहीं, मैंने कुछ नहीं कहा।"
वह अपने हाथ में पकड़े हुए आईपैड को देखते हुए बोली, "वैसे राहुल सर, एक बात पूछूँ। ये आदित्य बॉस तृषा मैडम के साथ-साथ और भी किसी के साथ...?"
राहुल ने तृषा की बात बीच में ही काटते हुए कहा, "वो सब तुम्हें धीरे-धीरे पता चल जाएगा। और अभी अगर मैं तुम्हें ये सारी बातें बताने बैठा, तो बाकी के काम रह जाएँगे। अभी फ़िलहाल तुम इन सब चीज़ों पर ध्यान दो। और सबसे बड़ी बात, आज का दिन तुम्हें बहुत अच्छे से बिताना होगा। क्योंकि अगर आज कोई समस्या हुई, तो तुम्हारी जॉब पर बात आ जाएगी। तुम ऐसा समझ लो कि आज तुम्हारा ट्रायल डे है।"
मिहिका ने तुरंत सिर हिलाया और राहुल के साथ सारी चीज़ें समझने लगी।
वहीं आदित्य, नहाने के बाद सीधे विला से बाहर निकल रहा था। तभी तृषा ने उसके हाथ को पकड़ते हुए कहा, "आदि, मेरे साथ ब्रेकफ़ास्ट नहीं करोगे?"
आदित्य ने घड़ी की तरफ देखते हुए कहा, "नहीं, 15 मिनट में मुझे ऑफिस पहुँचना है। और अगर तुम्हारे साथ ब्रेकफ़ास्ट करने बैठा, तो It will be one or two hours और इतना वक़्त मेरे पास नहीं है।"
यह बोलकर वह सीधे विला से बाहर निकल गया। तृषा चुपचाप उसे जाते हुए देखती रह गई। एकदम 10 बजे आदित्य ऑफिस पहुँचा। जैसे ही वह अपने केबिन में गया, उसने देखा मिहिका ने उसके ब्रेकफ़ास्ट को बहुत अच्छी तरह से टेबल पर सजा रखा था और वह वहीं चुपचाप हाथ बाँधकर खड़ी हुई थी।
जैसे ही आदित्य अंदर आया, मिहिका तुरंत खड़ी हुई। उसने मिहिका की तरफ देखते हुए कहा, "Boss, everything is here. If you want something then..."
मिहिका बोल ही रही थी कि आदित्य ने हाथ ऊपर करके उसे बीच में ही रोकते हुए कहा, "नहीं, मुझे और कुछ नहीं चाहिए। जब तक मैं ब्रेकफ़ास्ट कर रहा हूँ, तुम्हारे पास 15 मिनट हैं, मीटिंग तैयार करवाओ। ब्रेकफ़ास्ट के तुरंत बाद मैं मीटिंग ज्वाइन करूँगा।"
मिहिका ने धीरे से सिर हिलाते हुए कहा, "ओके बॉस।" और वह सीधे उसके केबिन से बाहर निकल गई। आदित्य ने टेबल की तरफ देखा। सब कुछ काफी अच्छी तरह से व्यवस्थित था। एकदम 15 मिनट बाद आदित्य मीटिंग रूम में पहुँचा। मीटिंग रूम में सभी लोग मौजूद थे। मिहिका, जो कुछ फाइलें लेने के लिए बाहर गई थी, अभी तक वापस मीटिंग रूम में नहीं आ पाई थी। आदित्य ने जब मिहिका को वहाँ नहीं देखा, तो वहाँ मौजूद बाकी लोगों की तरफ देखते हुए कहा, "हम किसी का इंतज़ार नहीं करेंगे। मीटिंग शुरू करिए। क्योंकि मेरे पास बर्बाद करने के लिए वक़्त नहीं है!"
जैसे ही आदित्य ने ये बात कही, सब लोग मीटिंग शुरू करने लगे। मिहिका भागते हुए मीटिंग रूम में पहुँची। जैसे ही वह अंदर आई, आदित्य ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "वहीं चुपचाप खड़ी रहो। तुम्हें अंदर आने की ज़रूरत नहीं है।"
मिहिका ने उसकी बात सुनते ही वहीं दरवाज़े के पास चुपचाप रुक गई। उसकी साँसें अटक गईं। उसकी आँखों में एक अजीब सा डर नज़र आ रहा था। उसे ऐसा लग रहा था कि कहीं ऐसा न हो कि उसकी जॉब उसके हाथ से निकल जाए।
क्रमशः
चौथा अध्याय: निश्चित दंड
आदित्य ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "वहीं चुपचाप खड़ी रहो, तुम्हें अंदर आने की ज़रूरत नहीं है।"
मिहिका एक पल के लिए ठिठक गई। आदित्य अपनी जगह से उठकर खड़ा हुआ और उसने मिहिका के हाथ से उस फ़ाइल को लिया। वह चुपचाप अपनी कुर्सी पर आकर बैठ गया।
आदित्य की ओर देखकर मिहिका कुछ बोल नहीं पाई। आदित्य चुपचाप मीटिंग अटेंड करने लगा। जैसे ही मीटिंग खत्म हुई, आदित्य मिहिका की ओर देखकर बोला, "आज तुम्हारा पहला दिन था इसलिए मैंने तुम्हें कोई पनिशमेंट नहीं दी है। एडरवाइज, अगर आज के बाद दोबारा कभी तुम मीटिंग में इस तरह से लेट हुईं तो आई विल डेफिनेटली पनिश यू।"
आदित्य ने चुपचाप अपनी नज़रें नीचे झुका लीं। फिर उसने मिहिका की ओर देखते हुए कहा, "मुझे मेरी ब्लैक कॉफ़ी चाहिए, 10 मिनट में।"
इतना बोलकर वह सीधे मीटिंग रूम से उठकर अपने केबिन की ओर जाने लगा। मिहिका भागते-भागते सीधे कैंटीन की ओर गई और उसने जल्दी से ब्लैक कॉफ़ी ली। जैसे ही वह ब्लैक कॉफ़ी लेकर केबिन में पहुँची,
आदित्य ने मिहिका की ओर नज़रें उठाकर देखते हुए कहा, "30 सेकंड लेट हो तुम..!"
मिहिका ने गुस्से से अपने हाथ की मुट्ठी बांधते हुए कहा, "आई एम सॉरी बॉस!"
आदित्य ने उसकी आँखों में आँखें डालकर देखा और वह सीधे अपनी कॉफ़ी की ओर देखने लगा। मिहिका ने तुरंत कॉफ़ी उसके सामने रख दी। तभी आदित्य ने कॉफ़ी का एक घूंट लेते हुए कहा, "आज शाम को मेरी किस-किस से मीटिंग है?"
मिहिका ने तुरंत आईपैड खोला और उसने जल्दी-जल्दी आदित्य के सारे शेड्यूल को चेक करते हुए कहा, "वह एक्चुअली बॉस, आप को शाम को 7:00 बजे मिस्टर अग्निहोत्री से मिलना है, सिल्वर मून होटल में।"
आदित्य ने अपनी कॉफ़ी का दूसरा घूंट लेते हुए कहा, "उसके बाद..?"
मिहिका ने जल्दी-जल्दी आईपैड में अपनी उंगलियों को स्वाइप करते हुए कहा, "रात में 9:00 बजे आप का डिनर है मिस्टर पल्लवी मल्होत्रा के साथ, आपकी डील सेलिब्रेशन को लेकर।"
आदित्य ने धीरे से अपना सिर हिलाते हुए कहा, "ओके, फ़ाइन। पहले हम मिस्टर अग्निहोत्री से मिलेंगे और उसके बाद मिस्टर पल्लवी से। तुम्हें ड्राइव करनी आती है?"
जैसे ही मिहिका ने यह बात सुनी, वह एक पल के लिए बिल्कुल चुप हो गई। तभी आदित्य ने अपनी कुर्सी से उठकर खड़े होते हुए मिहिका के बिल्कुल करीब आकर कहा, "सबसे पहली बात, अगर मैं कोई सवाल पूछूँ तो मुझे तुरंत उसका जवाब चाहिए। तुम्हें ड्राइव करनी आती है या नहीं?"
मिहिका ने थोड़ा डरते हुए कहा, "वह बॉस, एक्चुअली हाँ, मुझे स्कूटी चलानी आती है, बट कार चलानी नहीं आती।"
जैसे ही मिहिका ने यह बात कही, आदित्य उसके करीब आया और उसने मिहिका के चेहरे के बिल्कुल नज़दीक जाकर उसकी आँखों में आँखें डालकर देखते हुए कहा, "रियली? तो फिर तुम्हें मिस्टर राहुल ने यहाँ जॉब पर क्यों रखा है अगर तुम्हें ड्राइव करना नहीं आता? तुम्हें क्या लगता है, मैं तुम्हें बिठाकर खुद ड्राइव करूँगा? आई एम योर बॉस, नॉट यू..!"
मिहिका ने दो कदम पीछे हटकर अपनी नज़र नीचे झुकाते हुए कहा, "आई एम सॉरी बॉस, मुझे नहीं पता था। बट अगर ऐसी बात है तो मैं बहुत जल्दी ड्राइविंग सीख लूँगी।"
आदित्य ने मिहिका को घूरते हुए देखकर कहा, "बहुत जल्दी सीख लोगी, वह तो बाद की बात है, बट व्हाट अबाउट टुडे?"
मिहिका ने धीरे से अपनी नज़र नीचे झुका ली और उसने धीमी आवाज़ में कहा, "आई कैन हैंडल बॉस।"
आदित्य ने उसके चेहरे की तरफ़ देखते हुए कहा, "ऑफ़कोर्स तुम्हें ही हैंडल करना है, बिकॉज़ यू आर माय सेक्रेटरी, और तुम कैसे हैंडल करती हो, आई रियली डोंट केयर!"
मिहिका आदित्य की यह बात सुनकर कुछ नहीं बोली। वह चुपचाप केबिन से बाहर जाने लगी। तभी आदित्य ने उसे रोकते हुए कहा, "क्या मैंने तुम्हें जाने के लिए बोला नहीं..!"
मिहिका ने जैसे ही उसकी यह बात सुनी, वह चलते-चलते रुक गई। आदित्य ने उसे घूरते हुए देखकर कहा, "जब तक मैं ना बोलूँ, तब तक तुम्हें यहाँ से जाने की इजाज़त नहीं है, अंडरस्टैंड..!"
मिहिका ने आदित्य की बात सुनकर धीरे से हाँ में अपना सिर हिला दिया और वह चुपचाप वहीं अपना हाथ बांधकर खड़ी हो गई। आदित्य ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "अब जाओ..!"
मिहिका ने जैसे ही उसके मुँह से यह बात सुनी, वह उसे बड़ी ही कन्फ्यूज़न के साथ देखने लगी। जैसे ही वह केबिन से बाहर निकली,
उसने ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "व्हाट अ खड़ूस! जब मुझे जाने के लिए बोलना था तो फिर रोका ही क्यों? सच में headache! मुझे इस जॉब के साथ-साथ जल्दी दूसरी जॉब भी ढूँढनी होगी, मुझे नहीं लगता मैं यहाँ पर ज़्यादा दिन काम कर सकती हूँ।"
मिहिका इतना बोलकर सीधे केबिन से बाहर निकली। जैसे ही वह अपनी डेस्क पर आकर बैठी, उसने राहुल को फ़ोन करते हुए कहा, "राहुल सर, मुझे ड्राइविंग नहीं आती है और आज शाम को आदित्य सर की दो मीटिंग्स हैं और मैं कैसे उन्हें ड्राइव करके ले जाऊँगी? आपने मुझे पहले क्यों नहीं बताया था? वरना मैं कार ड्राइविंग भी सीख कर आती।"
राहुल ने कहा, "ओके, डोंट बी पैनिक। तुम्हें परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। मैं तुम्हें आदित्य के ड्राइवर का नंबर सेंड कर रहा हूँ। तुम उसे कोऑर्डिनेट करके सब कुछ हैंडल कर लेना।"
मिहिका ने धीरे से हाँ में अपना सिर हिलाया और वह सारी चीज़ें हैंडल करने लगी। जैसे ही 7:00 बजे हुए, मिहिका तुरंत केबिन के पास आकर खड़ी हुई। उसने तुरंत केबिन का दरवाज़ा खोल दिया।
उसने देखा आदित्य दरवाज़े की तरफ़ ही आ रहा था। आदित्य ने मिहिका की इस बात को नोटिस किया, लेकिन वह कुछ बोला नहीं और वह चुपचाप उसके साथ वहाँ से बाहर निकल आई।
आदित्य ने पहले अपनी मीटिंग खत्म की। उसके बाद वह सीधे डिनर के लिए पहुँचा। वहाँ डिनर करने के बाद आदित्य ने काफ़ी ज़्यादा ड्रिंक कर ली। वह उन दोनों की सेलिब्रेशन पार्टी थी।
जिसमें ड्रिंक करना तो बनता था और आदित्य एक के बाद एक ड्रिंक करता चला गया। जब मिहिका वापस वहाँ पर आई तो उसने देखा आदित्य काफ़ी ज़्यादा ड्रंक हो चुका था। तभी मिहिका ने घड़ी की ओर देखते हुए कहा, "रात के 10:00 बजने वाले थे।"
उसने आदित्य के पास आकर धीमी आवाज़ में कहा, "बॉस, आई थिंक यू हैव टू लीव।"
जैसे ही मिहिका ने यह बात कही, सामने बैठी हुई मिसेज़ पल्लवी मल्होत्रा मिहिका की ओर देखते हुए बोली, "या, आई थिंक यू आर राइट। वी आर ऑलरेडी ड्रंक..!"
मिहिका ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "यस मैम, यू आर राइट। आई थिंक मुझे आपकी हेल्प करनी चाहिए, आपको कार तक पहुँचाने के लिए।"
मिसेज़ मल्होत्रा ने मिहिका की ओर देखकर कहा, "ओह, सो नाइस ऑफ़ यू। बट आई कैन हैंडल इट। मुझे आदत है और वैसे भी मेरे ड्राइवर और मैनेजर को मैंने मैसेज कर दिया है, वह लोग आते ही होंगे।"
इतना बोलकर उन्होंने अपना पर्स उठाया और वह जैसे ही दरवाज़े की ओर बढ़ीं, उनका मैनेजर और उनका ड्राइवर आ गया। वह चुपचाप अपनी कार में बैठीं और वहाँ से निकल गईं। आदित्य, जो बुरी तरह नशे की हालत में था, उसने अपने हाथों को ऊपर करते हुए कहा, "वन मोर ड्रिंक..!"
मिहिका ने ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "नो बॉस, इट्स इनफ..!"
मिहिका ये बात बोली ही थी कि तभी आदित्य ने उसे घूरते हुए देखकर कहा, "जस्ट शट अप! चुपचाप वहीं पर खड़ी रहो।"
और उसने वेटर की ओर देखकर ड्रिंक लाने के लिए कहा। वेटर ने जैसे ही उसे ड्रिंक दी, उसने तुरंत उस ड्रिंक को उठाया और पी लिया।
आदित्य को इतना ज़्यादा ड्रिंक देखकर मिहिका ने उसके हाथ से गिलास लेकर नीचे रखते हुए कहा, "बॉस, यू हैव अ बिज़ी शेड्यूल टुमॉरो। आई थिंक यू हैव टू गो नाउ..!"
इतना बोलकर उसने आदित्य का हाथ पकड़ा और वह उसे कुर्सी से उठाने लगी। लेकिन आदित्य बुरी तरह से ड्रंक था और वह अपने पैरों पर ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था।
मिहिका ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "ओह गॉड बॉस, कितने हैवी हैं! मैं इन्हें अकेले संभाल भी नहीं पाऊँगी।"
इतना बोलकर उसने तुरंत अपना फ़ोन उठाया और उसने तुरंत अपने ड्राइवर को कॉल किया। उसका ड्राइवर जैसे ही वहाँ पर आया, मिहिका ने उसकी हेल्प से आदित्य को पकड़ा और उसका एक हाथ अपने कंधे पर रखा। वह उसे लेकर सीधे वहाँ से बाहर निकली। जैसे ही वह कार में बैठी, उसने ड्राइवर की ओर देखते हुए कहा, "सीधे विला चलो।"
वह ड्राइवर जैसे ही विला के बाहर पहुँचा, मिहिका ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "प्लीज़ थोड़ी हेल्प करो मुझे, बॉस को विला के अंदर ले जाने के लिए..!"
उसने तुरंत मिहिका की बात मानी और वह आदित्य को लेकर सीधे विला के अंदर आया। जैसे ही उसने आदित्य को हाल में बिठाया, वह मिहिका की ओर देखते हुए बोला, "मैम, मेरा टाइम पहले ही ओवर हो चुका है और मेरी वाइफ़ मेरा वेट कर रही होगी।"
मिहिका ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "ठीक है, आप जाइए।"
और मिहिका वहीं चुपचाप आदित्य की ओर हैरानी से देखने लगी।
क्रमशः
पाँचवाँ अध्याय
मिहिका ने आदित्य की ओर देखा; वह बहुत अधिक नशे में था। उसे देखकर मिहिका ने सिर पकड़ते हुए कहा, "ओह गॉड! मैं क्या करूँ? क्या इन्हें यहीं छोड़कर घर चली जाऊँ या फिर इन्हें उनके कमरे में पहुँचा दूँ?"
मिहिका यह बात सोच ही रही थी कि उसने धीरे से आदित्य के पास आकर डरते-डरते पूछा, "बॉस, क्या...क्या मैं आपको आपके कमरे में पहुँचा दूँ?"
आदित्य ने मिहिका की बात का कोई जवाब नहीं दिया। तब मिहिका आदित्य के पास गई और उसका हाथ पकड़कर अपने कंधे पर रखते हुए बोली, "चलिए बॉस, मैं आपको आपके कमरे तक छोड़ देती हूँ।" लेकिन आदित्य ने उसका हाथ झटकते हुए कहा, "नहीं, तुम जाओ यहाँ से। मैं खुद चला जाऊँगा।"
मिहिका आदित्य की बात सुनकर वहाँ से जाने लगी। तभी आदित्य ने अपने जूते उतारे और जमीन पर पटक दिए। एक तेज आवाज़ हुई और वहाँ से जा रही मिहिका रुक गई। पीछे मुड़कर देखा तो आदित्य के एक पैर में जूता था और दूसरे में नहीं। वह लड़खड़ा कर उठने लगा। मिहिका ने जैसे ही उसकी ओर देखा, धीमी आवाज़ में बोली, "पता नहीं यह अपने कमरे में जा भी पाएँगे या नहीं।"
मिहिका के दिमाग में यह ख्याल आया ही था कि उसने धीरे से सिर हिलाते हुए कहा, "व्हाटएवर! मेरा काम खत्म हो गया है, अब वह जो चाहे वह करें, मुझे क्या?"
इतना बोलकर वह वापस जाने लगी। तभी, जैसे ही आदित्य गेट के पास पहुँचा, उसके गिरने की आवाज़ आई। मिहिका ने पीछे मुड़कर देखा तो आदित्य जमीन पर गिरा हुआ था। मिहिका भागकर उसके पास आई और बोली, "आदित्य बॉस! आप ठीक हैं?"
आदित्य ने मिहिका के चेहरे की ओर देखते हुए, बड़े प्यार से उसके चेहरे को छूते हुए कहा, "यस, ऑफ़ कोर्स आई एम फ़ाइन।"
इतना बोलते-बोलते आदित्य ने उसके कंधे पर अपना सिर रखा और आँखें बंद कर लीं।
आदित्य के पास से बहुत तेज शराब की बू आ रही थी क्योंकि उसने बहुत सारी ड्रिंक की हुई थी। मिहिका ने जैसे ही उसकी महक को महसूस किया,
उसने कसकर अपने हाथों की मुट्ठी बांध ली क्योंकि वह इस हालत में आदित्य को छोड़कर नहीं जा सकती थी। आदित्य न तो खड़ा हो पा रहा था और न ही चल पा रहा था। अगर वह उसे छोड़कर चली जाती तो यह ठीक नहीं होता। इसलिए उसने इंसानियत के नाते आदित्य को उठाया और उसे सोफ़े पर बिठाया। उसके दूसरे पैर से जूता उतारकर उसने उसके दोनों मोजे भी उतार दिए। फिर उसे खड़ा करते हुए बोली, "बॉस, आपको अपने कमरे में चलना होगा। आप इस तरह यहाँ हॉल में नहीं सो सकते।"
मिहिका यह बात बोल रही थी कि उसने आस-पास देखा। उस समय वहाँ कोई नौकर नहीं था। तब उसने आदित्य की ओर देखते हुए कहा, "बॉस, रात के समय आपके घर में कोई नौकर नहीं होते क्या?"
आदित्य ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। मिहिका ने आदित्य का हाथ अपने कंधे पर रखा; आदित्य बहुत भारी था।
मिहिका उसे संभाल नहीं पा रही थी, लेकिन जैसे-तैसे उसे सीढ़ियों तक ले गई और धीमी आवाज़ में कहा, "बॉस, प्लीज़, आपको अपने पैरों पर चलना होगा। मैं आपको उठा नहीं पाऊँगी।"
लेकिन वह उसकी बात सुनकर कैसे जवाब दे पाता, क्योंकि वह पहले ही बहुत नशे में था। मिहिका की बात सुनकर उसने धीरे से अपना पैर आगे बढ़ाया और सीढ़ियाँ चढ़ने लगा।
मिहिका उसे इस तरह सीढ़ियाँ चढ़ते देखकर खुश होकर बोली, "थैंक गॉड! उन्होंने अपने पैर आगे तो बढ़ाया!" मिहिका ने तुरंत उसे सीढ़ियाँ चढ़ाकर ऊपर ले गई और उसके कमरे में पहुँचा दिया। जैसे ही वह उसके कमरे में गई, उसने देखा कि उसका कमरा बहुत साफ़-सुथरा था।
उसने चुपचाप आदित्य को बिस्तर पर बैठाया और धीरे से उसके पैर बिस्तर पर रखते हुए कहा, "बॉस, आप प्लीज़ यहीं पर लेटिएगा। सुबह तक आपका हैंगओवर ख़त्म हो जाएगा।"
इतना बोलकर मिहिका वहाँ से जा ही रही थी कि आदित्य ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने करीब खींचते हुए कहा, "कहाँ जा रही हो तुम? प्लीज़ मत जाओ। यहीं मेरे पास रुको ना।"
मिहिका ने जैसे ही आदित्य की यह बात सुनी, वह हैरानी से उसकी ओर देखने लगी। तभी आदित्य ने मिहिका को बिल्कुल अपने नज़दीक खींच लिया और उसकी कमर में हाथ डालकर उसे गले लगाते हुए बोला, "यहीं मेरे पास सो जाओ। आई वांट यू।"
जैसे ही मिहिका ने उसकी यह बात सुनी, उसने धीमी आवाज़ में कहा, "बॉस, छोड़िए मुझे। बस मैं वह नहीं हूँ जो आप मुझे समझ रहे हैं!"
मिहिका यह बात बोल ही रही थी कि उसने धीरे से आदित्य का हाथ अपनी कमर से हटाया और उसके कान के पास आकर बोली, "बॉस, मैं अपने घर जा रही हूँ। आपको यहीं पर रुकना होगा। मैं यहाँ पर आपके साथ आपके कमरे में नहीं रुक सकती। आई एम सॉरी।"
इतना बोलकर मिहिका उठी और कमरे से बाहर जाने लगी। तभी आदित्य ने उसे रोकते हुए कहा, "रुको..."
वह बिस्तर से उठने लगा और लड़खड़ाते हुए मिहिका के करीब आ रहा था। जैसे ही मिहिका ने आदित्य को इस तरह लड़खड़ाते हुए अपने करीब आते देखा, वह जल्दी से आगे बढ़ी और उसे रोकते हुए बोली, "प्लीज़ बॉस, रुक जाइए!" और इससे पहले कि वह उल्टी करता, मिहिका ने उसे रोक लिया।
आदित्य लड़खड़ाकर वहीं जमीन पर गिरने लगा। मिहिका ने उसे जल्दी से वॉशरूम के अंदर ले जाने की कोशिश की। जैसे ही वह वॉशरूम पहुँचा, उसने उल्टियाँ करना शुरू कर दीं। मिहिका को यह सब बहुत परेशान कर रहा था। उसने अपना सिर पकड़ते हुए कहा, "ओह गॉड! अब क्या मुझे यह सब ही करना पड़ेगा?" इससे पहले कि वह कुछ बोल पाती, आदित्य बहुत उल्टियाँ कर रहा था और उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी।
मिहिका को कुछ समझ नहीं आया और उसने तुरंत अपना मोबाइल फोन निकाला और सीधे राहुल को कॉल किया। राहुल ने कॉल रिसीव करते हुए कहा, "हाँ मिहिका, क्या हुआ? इतनी रात में मुझे कॉल क्यों कर रही हो?"
उसने राहुल से बात करते हुए कहा, "राहुल सर, मैं यहाँ आदित्य बॉस के घर में थी। वह बहुत अधिक नशे में हो गए थे, तो मैं उन्हें उनके कमरे में छोड़ने आई थी। और अब यहाँ उल्टियाँ कर रहे हैं। मैं क्या करूँ? मैं यह सब नहीं कर सकती।" राहुल ने कहा, "आई एम सो सॉरी! मुझे नहीं पता था आदित्य बॉस इतनी ज्यादा ड्रिंक करते हैं!"
राहुल ने उसे समझाते हुए कहा, "तुम फिलहाल उसे सुलाकर वहाँ से वापस चली जाओ। और मैं इसके लिए तुमसे माफ़ी मांगता हूँ।"
मिहिका ने कहा, "नहीं सर, आपको माफ़ी मांगने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन मैं बस इतना कह रही थी कि बॉस को इस हालात में क्या मैं अकेले छोड़कर चली जाऊँ? कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी ना?"
मिहिका की यह बात सुनकर राहुल ने कहा, "नहीं, कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। तुम बस उसे सुला देना।"
मिहिका ने एक गहरी साँस ली। जब तक राहुल ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया था, आदित्य वॉशरूम में बैठकर उल्टियाँ कर रहा था। उसने पानी की ओर अपना हाथ बढ़ाया और मिहिका उसके पास आकर उसके कपड़ों की ओर देखने लगी।
उसके कपड़े बहुत गंदे हो गए थे। मिहिका ने खुद को संभाला और धीमी आवाज़ में बोली, "मुझे नहीं पता था कि इतनी सैलरी में मुझे यह सब भी करना पड़ेगा!"
मिहिका चिढ़चिड़ा रही थी। उसने चुपचाप आदित्य को उठाया और उसे बेडरूम में लाकर बिस्तर पर लिटाते हुए बोली, "सच में मुझे तो ऐसा लग रहा है मुझे इस जॉब को छोड़ना ही होगा।"
इतना बोलकर वह आदित्य की शर्ट की ओर देखने लगी। उसकी शर्ट पर पानी गिरा हुआ था; उसकी पूरी शर्ट भीग गई थी। मिहिका ने उसकी शर्ट के बटन खोलना शुरू किए। आदित्य की आँखें बंद थीं; वह आधी नींद में जा चुका था। उसने धीरे से उसकी शर्ट उतारकर साइड में रख दी और चुपचाप उसके सीने और पेट की ओर देखने लगी। वह बहुत आकर्षक लग रहा था, लेकिन मिहिका इस समय जल्दी से जल्दी वहाँ से बाहर जाना चाहती थी। जब मिहिका ने उसकी शर्ट उतारी तो उसने पास में रखे टिशू पेपर से उसके सीने और पेट को साफ़ करना शुरू कर दिया। जिस तरह से वह उसकी बॉडी की ओर देख रही थी, उससे साफ़ समझ में आ रहा था कि मिहिका उसकी बॉडी से आकर्षित हो रही है।
मिहिका ने उसके सीने से अपना हाथ हटाते हुए कहा, "ओह गॉड! ये मैं क्या सोच रही हूँ? बॉस है वह मेरे।"
उसने तुरंत वही ब्लैंकेट उठाकर उसकी बॉडी ढाँकते हुए कहा, "मुझे यहाँ से जल्दी-जल्दी निकलना होगा। वैसे भी काफी रात हो गई है और पता नहीं कोई ऑटो मिलेगा भी या नहीं।"
इतना बोलकर वह सीधे विला से बाहर निकली। जब मिहिका घर पहुँची तो रात बहुत हो चुकी थी। चारों ओर सन्नाटा था और मिहिका को कोई ऑटो नज़र नहीं आ रहा था। इतनी रात में मिहिका ने कैब करना ठीक नहीं समझा।
वह पैदल ही अपने घर की ओर जाने लगी। उसे अपने घर पहुँचते-पहुँचते बहुत देर हो गई थी। मिहिका थककर चूर हो चुकी थी। न उसने खाना खाया था और न ही अब वह खाना बनाने के मूड में थी क्योंकि उसने आज इतना सारा काम एक दिन में ही कर लिया था। उसने चुपचाप धीरे से अपने बिस्तर पर आकर लेटते हुए अपनी आँखें बंद कीं और थोड़ी ही देर में वह गहरी नींद में सो गई।
क्रमशः
अध्याय 6
उस अगली सुबह मिहिका की आँख नहीं खुल रही थी। उसने अपना अलार्म बंद किया तो उसकी नज़र घड़ी पर गई; 9:30 बज चुके थे। मिहिका हड़बड़ाकर उठी और सिर पकड़ते हुए बोली, "ओह गॉड! इतनी देर हो गई! अब तो बॉस पक्का मेरी जान ही ले लेंगे!"
मिहिका जल्दी से बिस्तर से उठी और बाथरूम की ओर भागी। उसने जल्दी-जल्दी कपड़े बदले और तैयार होकर सीधे ऑफिस के लिए निकल गई। जैसे ही वह ऑफिस पहुँची, आदित्य पहले से ही वहाँ मौजूद था। उसके सिर में ज़बरदस्त दर्द हो रहा था। रात के हैंगओवर के कारण वह सिर पकड़कर बैठा था।
मिहिका उसकी कॉफी लेकर भागती हुई उसके केबिन में पहुँची। जैसे ही उसने कॉफी टेबल पर रखी, आदित्य ने नज़र उठाकर मिहिका की ओर देखते हुए कहा, "10:30 बज रहे हैं! यह कोई ऑफिस आने का समय है? मैं यहाँ पर एक मिनट भी लेट आने को बर्दाश्त नहीं करता, और तुम पूरे आधे घंटे लेट हो।"
मिहिका ने धीरे से सर झुकाते हुए कहा, "आई एम सॉरी बॉस।"
मिहिका की यह बात सुनते ही आदित्य उसके करीब आया और चिल्लाते हुए बोला, "सॉरी माय फुट! तुम जैसी लड़की मुझे लगता ही नहीं है मेरी सेक्रेटरी बनने के काबिल। तुम्हें यहाँ मेरे साथ होना ही नहीं चाहिए था। मैं तुम्हें इस जॉब से निकाल दूँगा..."
मिहिका ने हैरानी से उसकी ओर देखते हुए कहा, "बट बॉस, आई एम सॉरी, वो एक्चुअली..."
मिहिका बोल ही रही थी कि आदित्य उसके करीब आया और उसके हाथ को पकड़ते हुए बोला, "आई हेट आर्गुमेंट्स, और इस टाइम मैं कोई आर्गुमेंट नहीं करना चाहता। ऑलरेडी मेरा सिर बहुत दर्द हो रहा है, इसलिए मेरी नज़रों के सामने से चली जाओ।"
मिहिका हैरानी से उसकी ओर देख रही थी। फिर मिहिका ने आदित्य का हाथ अपने हाथ से हटाते हुए कहा, "शायद सही कह रहे हैं आप। मैं यहाँ एक सेक्रेटरी की जॉब के लिए आई थी, आपको संभालने के लिए नहीं। मुझे लेट इसलिए हुआ क्योंकि कल रात मुझे देर से घर पहुँची थी, जस्ट बिकॉज़ ऑफ़ यू!"
जैसे ही मिहिका ने यह बात कही, आदित्य हैरानी से उसकी ओर देखने लगा।
मिहिका ने तेज आवाज़ में चिल्लाते हुए कहा, "आप ड्रंक थे। आपको आपके घर पहुँचाने के बाद मैं पैदल अपने घर गई, जस्ट बिकॉज़ वहाँ कोई ऑटो नहीं मिल रही थी। और रही बात लेट आने की, तो मैं सुबह उठने में भी इसीलिए लेट हुई, और यह सब कुछ आपकी वजह से हुआ, और उसके बावजूद भी आप मुझे डाँट रहे हैं।"
इतना बोलते-बोलते मिहिका रोने लगी। उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। उसने अपने आँसुओं को पोंछते हुए कहा, "और सच बताऊँ तो मैं सबसे पहले अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट को रखती हूँ। मेरी सेल्फ रिस्पेक्ट से ज़्यादा कुछ भी नहीं है, यह जॉब भी नहीं। मैं दो महीने और दर-दर की ठोकरें खा लूँगी, लेकिन मैं खुद को और अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट को सैक्रिफाइस नहीं करूँगी।"
इतना बोलकर वह वहाँ से जा ही रही थी कि आदित्य ने उसे रोकते हुए कहा, "तुम्हारे अंदर इतनी हिम्मत है कि तुम मुझसे इस तरह से बात कर रही हो और बिना अपनी बात का जवाब सुने यहाँ से जा रही हो? मैंने तुमसे कहा था जब तक मैं तुम्हें जाने को नहीं कहूँगा, तुम यहाँ से नहीं जा सकती, और मैंने अभी तक तुम्हें जाने के लिए नहीं कहा।"
मिहिका पीछे मुड़ी और आदित्य को घूरते हुए बोली, "लेकिन मैं जा रही हूँ, और अब मुझे आपकी कोई बात नहीं सुन..."
मिहिका अपनी बातें पूरी भी नहीं कर पाई थी कि उसका सिर तेज़ी से घूमा और वह चक्कर खाकर जमीन पर गिर गई। जैसे ही वह गिरी, आदित्य हैरानी से उसकी ओर देखने लगा, क्योंकि यह सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि वह कुछ समझ ही नहीं पाया। वह उसके करीब आया और उसके गाल को थपथपाते हुए बोला, "हे मिहिका, आर यू ऑलराइट?"
वह हैरानी से मिहिका की ओर देख रहा था क्योंकि मिहिका बेहोश हो गई थी। उसने तुरंत मिहिका को अपनी गोद में उठाकर वहाँ बने बड़े से काउच पर लिटा दिया और उसके गाल को टैप करना शुरू कर दिया, लेकिन मिहिका उठ नहीं रही थी। तभी आदित्य ने तुरंत राहुल को कॉल किया और उसे वहाँ आने के लिए कहा। जैसे ही आदित्य ने उसे बुलाया,
वह तुरंत उसके केबिन में आया और मिहिका को बेहोश देखकर हैरानी से आदित्य की ओर देखते हुए बोला, "क्या हुआ मिहिका को?"
जैसे ही आदित्य ने राहुल की आवाज़ सुनी, वह मिहिका के पास से हटते हुए बोला, "पता नहीं। मुझे नहीं पता था कि वह मेरी डाँट सुनकर इस तरह बेहोश हो जाएगी।"
राहुल ने तुरंत डॉक्टर को फ़ोन किया। जैसे ही डॉक्टर वहाँ पहुँचे, उन्होंने मिहिका का चेकअप करना शुरू कर दिया और उसे एक इंजेक्शन दिया जिससे मिहिका की धीरे-धीरे आँख खुली।
डॉक्टर ने उनकी ओर देखते हुए कहा, "यह अब बिल्कुल ठीक है।"
मिहिका उठकर बैठ रही थी कि राहुल ने डॉक्टर की ओर देखते हुए कहा, "डॉक्टर, क्या हुआ मिहिका को?"
डॉक्टर ने कहा, "कुछ नहीं, बस यह बहुत ज़्यादा वीक हो गई थी, इसीलिए इन्हें चक्कर आया और यह बेहोश हो गई। मिस मिहिका, आपने कब से खाना नहीं खाया है? आपका ग्लूकोज़ लेवल बिल्कुल लो है!"
मिहिका ने हैरानी से उसकी ओर देखते हुए कहा, "कल दोपहर से?"
डॉक्टर हैरान होते हुए बोला, "24 घंटे से ज़्यादा हो गए हैं और आपने कुछ भी नहीं खाया! आप इतनी रिस्पॉन्सिबल कैसे हो सकती हैं अपनी हेल्थ को लेकर!"
मिहिका ने डॉक्टर की ओर देखते हुए कहा, "आई एम सॉरी डॉक्टर, वो एक्चुअली में काम में इतनी ज़्यादा बिज़ी हो गई थी कि मुझे खाना खाने का टाइम ही नहीं मिला।"
आदित्य चुपचाप वहाँ खड़ा उनकी बातें सुन रहा था। तभी डॉक्टर ने मिहिका की ओर देखते हुए कहा, "आपको अपनी हेल्थ का ध्यान देना चाहिए। और वैसे भी, अगर आप इस तरह से खाने-पीने में लापरवाही करती रहेंगी तो आपका ग्लूकोज़ लेवल और भी ज़्यादा कम हो जाएगा, और फिर शायद आपको हॉस्पिटल में एडमिट भी होना पड़े।"
मिहिका ने यह बात सुनते ही तुरंत ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं डॉक्टर, मैं अब अपना ध्यान रखूँगी!"
इतना बोलकर मिहिका उठकर खड़ी हुई और आदित्य की ओर देखकर चुपचाप उसके केबिन से बाहर निकल गई। आदित्य ने राहुल की ओर देखते हुए कहा, "बुलाओ उसे मेरे केबिन में।"
राहुल ने आदित्य की यह बात सुनकर धीमी आवाज़ में उससे पूछा, "तुमने उससे कुछ कहा था क्या?"
आदित्य ने कहा, "हाँ, मैं उसे लेट आने की वजह से डाँट रहा था। मुझे नहीं पता था कि वह काम में इतनी ज़्यादा बिज़ी है कि उसने अपना ही ध्यान नहीं रखा।"
इतना बोलकर वह राहुल की ओर देखने लगा। तभी राहुल ने कहा, "काम की वजह से उसने अपना ध्यान नहीं रखा, लेकिन उसने तुम्हारा पूरा ध्यान रखा, तुम्हें पता भी है? वह रात में तुम्हारे घर पर तुम्हारे साथ थी और उसने मुझे कॉल किया था..."
राहुल ने उसे पूरी बात बताई। तभी आदित्य को याद आया कि जब वह सुबह उठा था तो उसकी बॉडी पर शर्ट नहीं थी, और उसकी बॉडी पर सिर्फ़ कंबल पड़ा हुआ था, और उसकी बॉडी बहुत अच्छी तरह से वाइप की हुई थी। वह समझ गया कि यह सब कुछ मिहिका ने ही किया होगा।
और अभी मिहिका ने जो बात बोली थी कि वह दर-दर की ठोकरें खा लेगी, लेकिन अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट के आगे वह खुद को सैक्रिफाइस नहीं करेगी, तो अब आदित्य को मिहिका में कुछ तो ऐसा नज़र आया था। उसने राहुल की ओर देखते हुए कहा, "बुलाओ उसे। मैंने उसे जॉब छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन अब तुम उसकी सैलरी डबल करो और उसे वापस काम पर भेजो।"
जैसे ही आदित्य ने यह बात कही, राहुल उसकी ओर देखते हुए बोला, "आर यू श्योर? ना उसकी सैलरी डबल कर दूँ?"
क्रमशः
क्या लगता है आप लोगों को? क्या मिहिका आदित्य के पास दोबारा काम करने के लिए राज़ी होगी? क्या वह डबल सैलरी की वजह से अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट को साइड रखकर वह दोबारा ऑफिस ज्वाइन कर लेगी?
Chapter 7
आदित्य ने धीरे से सिर हिलाया। राहुल तुरंत उसके केबिन से बाहर निकला। लेकिन तब तक मिहिका ऑफिस से बाहर निकल चुकी थी। राहुल ने उसे ऑफिस के गेट पर देखा और उसे वापस बुलाते हुए कहा, "मिहिका, एक मिनट, मेरी बात सुनो…!"
मिहिका अभी भी काफी कमज़ोर लग रही थी। उसने पीछे मुड़कर राहुल की तरफ देखा और कहा, "वेट अ मिनट…!"
राहुल ने मिहिका की तरफ देखकर उसका हाथ पकड़ा और कहा, "वापस चलो अंदर…!"
मिहिका ने ना में सिर हिलाते हुए कहा, "आई एम सॉरी सर, बट अब मैं अंदर नहीं जाऊँगी। मैंने जॉब छोड़ दी है। मैं कोई और जॉब ढूँढ लूँगी। आई एम सॉरी। मुझे लगा था शायद मैं जॉब कर लूँगी, बट मैं अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट से ऊपर किसी चीज़ को भी नहीं रखती।"
राहुल ने उसकी बात सुनकर उसे समझाते हुए कहा, "आई नो, मैं जानता हूँ तुम्हारी सेल्फ रिस्पेक्ट तुम्हारे लिए बहुत ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट है, लेकिन अभी तुम्हें पैसों की ज़रूरत है। इसलिए मैं तुम्हें तुम्हारी सैलरी एडवांस दिलवा रहा हूँ और तुम्हारी सैलरी 50000 से डायरेक्ट एक लाख हो गई है!"
यह बात सुनकर मिहिका हैरानी से राहुल की तरफ देखते हुए बोली, "आर यू श्योर राहुल सर? आप कोई मज़ाक तो नहीं कर रहे हैं ना!"
राहुल ने अपनी पलकें झपकाते हुए कहा, "हाँ, बिल्कुल! और तुम जितना आदित्य को बुरा इंसान समझ रही हो, वह इतना बुरा नहीं है। उसे हैंगओवर की वजह से काफी ज़्यादा सर दर्द था और वह अपने उसूलों को लेकर बहुत ही ज़्यादा स्ट्रिक्ट रहता है। तुम अभी उसे नहीं जानती हो, लेकिन धीरे-धीरे जान जाओगी। मैं तुम्हें यही सजेस्शन देना चाहूँगा कि तुम अभी जॉब मत छोड़ो। तुम्हारे लिए बहुत ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट है। एक बार सोचकर देखो, अगर तुमने इस जॉब को कंटिन्यू किया तो कुछ ही महीनों में तुम्हारी सारी प्रॉब्लम्स ख़त्म हो जाएँगी। एक लाख रुपये पर मंथ मिलना यह कोई छोटी रकम नहीं है। तुम छह महीने तक एक काम करो, उसके बाद तुम्हारी जितनी भी प्रॉब्लम है, वो सॉर्ट आउट हो जाएँगी। तो उसके बाद तुम कोई दूसरी जॉब कर लेना, सिम्पल…!"
मिहिका राहुल की बात बड़े ही ध्यान से सुन रही थी। राहुल ने कहा, "और कल रात तुमने आदित्य को उसके घर तक पहुँचाया, उसके लिए थैंक यू सो मच। मैं अभी तक आदित्य को यह बात पूरी तरह से नहीं बताई थी, लेकिन उसे बता दूँगा और वह तुम पर दोबारा कभी भी इस तरह से शाउट नहीं करेगा…!"
राहुल किसी तरह मिहिका को मानने में कामयाब रहा। मिहिका ने धीमी आवाज़ में खुद से कहा, "अभी मेरी मजबूरी है, तो आई थिंक मुझे जॉब के लिए हाँ कर देना चाहिए। और वैसे भी राहुल सर ठीक कह रहे हैं, छह महीने में अगर मुझे छह लाख रुपये मिल जाएँगे तो मेरी तो आधी से ज़्यादा प्रॉब्लम सॉर्ट हो जाएँगी।"
मिहिका ने राहुल की तरफ देखकर धीरे से सिर हिलाते हुए कहा, "ठीक है राहुल सर, मैं आपकी बात मानकर इस जॉब को करूँगी, लेकिन सिर्फ़ छह महीने के लिए। उसके बाद मैं यह जॉब छोड़ दूँगी।"
राहुल ने उसे थम्स अप दिखाते हुए कहा, "ग्रेट! तो फिर अंदर चलें।"
उसने धीरे से सिर हिलाया। राहुल उसके हाथ को पकड़कर उसे वापस अंदर ले आया। उसने मिहिका को उसकी डेस्क पर बैठाया और उसका लंच वहीं ब्रेकफास्ट पर ही करने के लिए कहा। थोड़ी देर में मिहिका लंच करके वापस अपने काम में लग गई। आदित्य अपने केबिन में बैठा हुआ था, वह बार-बार मिहिका के बारे में सोच रहा था। मिहिका ने जिस तरह से बिना डरे उसे सारी बातें बोली थीं, उसके दिमाग में मिहिका के एक-एक शब्द छप गए थे। वह अपने मन में बोला, "क्या सच में इस लड़की को मुझसे जरा भी डर नहीं लगा? यह मुझे इस तरह से कैसे बात कर सकती है? किसी ने भी आज तक मुझसे कभी ऐसे बात नहीं की है, लेकिन इस लड़की में कुछ तो अलग बात है।"
आदित्य उसके बारे में ही सोच रहा था। मिहिका के फ़ोन पर कुछ नोटिफिकेशंस आए। मिहिका ने तुरंत नोटिफिकेशंस देखकर अपने टैबलेट को उठाया और उस पर आदित्य के आज के शेड्यूल को देखने लगी। थोड़ी देर बाद वह उसके केबिन के पास जाकर एक गहरी साँस लेते हुए बोली, "देख मिहिका, तू बिल्कुल शांत रह और छह महीने की बात है, उसके बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा। बस इन छह महीनों तक अपने बॉस को टॉलरेट कर ले, उसके बाद ना तू कभी इनकी शक्ल देखेगी और ना यह कभी तेरी। बट छह महीने तक अगर तूने यहाँ काम कर लिया तो सब कुछ बिल्कुल ठीक हो जाएगा, इसलिए रिलैक्स होकर काम कर…!"
मिहिका यह सारी बातें खुद से बोल रही थी और खुद को शांत रखने की कोशिश कर रही थी। तभी उसने धीरे से केबिन के दरवाजे को खटखटाया। अंदर से आदित्य की आवाज़ आई, "कम इन…!"
मिहिका जैसे ही अंदर गई, उसने देखा आदित्य अपने सिस्टम पर कुछ काम कर रहा था। वह उसके पास आकर धीमी आवाज़ में बोली, "बाॅस, तृषा मैम का मैसेज आया है मेरे पास। शाम को आपका उनके साथ डिनर है।"
मिहिका यह बात बहुत ही प्रोफेशनली बोल रही थी और उसकी नज़रें अपने आईपैड पर थीं। वहीं आदित्य की नज़र सिर्फ़ और सिर्फ़ मिहिका के चेहरे पर टिकी हुई थी। उसने मिहिका की बात का कोई जवाब नहीं दिया, वह बस चुपचाप मिहिका के चेहरे को ही देख रहा था। तभी मिहिका अपनी नज़रें आईपैड से हटाकर उसकी तरफ़ देखीं। जैसे ही उन दोनों की नज़रें मिलीं, मिहिका का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। वह चुपचाप खड़ी थी, तभी आदित्य ने उससे पूछा, "और कोई मीटिंग है?"
मिहिका ने ना में सिर हिलाते हुए कहा, "आज की नहीं है। आज का शेड्यूल इतना ही है।"
आदित्य ने धीरे से सिर हिलाते हुए कहा, "ठीक है। और अगर तुम्हारे सारे काम ख़त्म हो गए हों तो तुम जल्दी घर जा सकती हो। मैं तृषा से मिलने खुद चला जाऊँगा!"
यह बात सुनकर मिहिका ने तुरंत ना में सिर हिलाते हुए कहा, "नो बाॅस, मुझे जल्दी नहीं जाना है। मैं अपना पूरा काम कंप्लीट करके अपने टाइम से जाऊँगी।"
इतना बोलकर मिहिका मुड़कर वहाँ से जाने लगी। तभी आदित्य ने उसे रोकते हुए कहा, "मैं तुम्हें तीसरी बार बता रहा हूँ, जब तक मैं तुम्हें जाने के लिए नहीं बोलूँगा, तुम यहाँ से नहीं जाओगी। तुम इतनी छोटी सी बात नहीं समझ रही हो क्या?"
मिहिका रुकी और उसने आदित्य की तरफ़ देखकर धीमी आवाज़ में कहा, "आई एम सॉरी बॉस!"
इतना बोलकर वह चुपचाप वहीं पर खड़ी हो गई। तभी आदित्य ने उसकी तरफ़ देखते हुए कहा, "कल के मेरे सारे शेड्यूल बताओ।"
मिहिका उसके कल के शेड्यूल बता रही थी और वह मिहिका के चेहरे की तरफ़ ही देख रहा था। वह चाहता था कि वह अपनी नज़र मिहिका के चेहरे से हटा ले, लेकिन वह चाहकर भी ऐसा नहीं कर पा रहा था।
तभी मिहिका ने उसकी तरफ़ देखा। जिस तरह से वह उसे घूर रहा था, मिहिका इतना तो जानती थी कि उसने इतनी सारी बातें उसे सुनाई हैं और इसी वजह से वह उसे इस तरह घूरते हुए देख रहा है।
मिहिका ने उसके सारे शेड्यूल बताने के बाद धीमी आवाज़ में कहा, "आई एम सॉरी, वो मैंने गुस्से में शायद कुछ ज़्यादा ही बोल दिया। मुझे आपकी रिस्पेक्ट करनी चाहिए थी और इतनी सारी बातें नहीं बोलनी चाहिए थीं।"
आदित्य ने उसकी बात दोहराने के लिए कहा और अनजान बनते हुए बोला, "क्या कहा तुमने? मैंने ठीक से नहीं सुना।"
मिहिका उसकी बात सुनकर एक गहरी साँस लेते हुए बोली, "आई एम सॉरी बॉस, मुझे गुस्से में आपसे इस तरह बात नहीं करनी चाहिए थी।"
आदित्य ने धीरे से सिर हिलाते हुए कहा, "हम्मम… अच्छा, आगे से ध्यान रखना।"
आदित्य इतना ही बोल पाया था कि तभी उसका फ़ोन बजने लगा। मिहिका अभी भी वहीं पर खड़ी हुई थी। आदित्य ने जैसे ही अपने फ़ोन की तरफ़ देखा, उसके फ़ोन में तृषा का नाम शो हो रहा था। वह अपना कॉल पिकअप करके फ़ोन को स्पीकर पर रखते हुए कहा, "हाँ तृषा, बोलो…!"
फ़ोन की दूसरी तरफ़ से तृषा की आवाज़ आई, "बेबी, हम रात को मिल रहे हैं ना? तुम्हें अपना प्रॉमिस याद है? डिनर के बाद हम…!"
मिहिका अभी भी चुपचाप वहीं पर खड़ी थी। जैसे ही उसने तृषा की आवाज़ सुनी, वह थोड़ा सा हड़बड़ा गई और आदित्य की तरफ़ हैरानी से देखते हुए अपने मन में बोली, "यहाँ अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बातें कर रहे हैं, वह भी स्पीकर पर, और मुझे जाने के लिए भी नहीं बोल रहा है। अभी अगर मैं खुद से चली गई तो फिर बेकार में इनकी बातें सुननी पड़ेंगी।"
मिहिका यह बात सोच ही रही थी कि तभी फ़ोन पर तृषा ने कहा, "भूलना मत, मैंने आज काफी कुछ सोच रखा है और हम वह सब करेंगे।"
मिहिका यह सारी बातें नहीं सुनना चाहती थी। उसने तुरंत अपना चेहरा दूसरी तरफ़ घुमा लिया। जैसे ही आदित्य ने तृषा की यह बातें सुनीं, उसने तुरंत फ़ोन का स्पीकर बंद करते हुए कहा, "ओके, फ़ाइन। मुझे याद है और मैं 9:00 बजे पहुँच जाऊँगा। एंड यू डोंट बी लेट।"
इतना बोलकर आदित्य ने कॉल कट कर दिया। जैसे ही उसने फ़ोन साइड में रखा, उसने देखा मिहिका उसकी तरफ़ पीठ करके खड़ी हुई थी। तभी उसने धीमी आवाज़ में कहा, "तुम जा सकती हो।"
यह बात सुनते ही मिहिका तुरंत उसके केबिन से बाहर चली गई। केबिन से बाहर निकलते ही उसने अपने सीने पर हाथ रखते हुए कहा, "ओह गॉड! यह लोग तो सच में…!"
मिहिका उन दोनों की बातें सुनकर काफी ज़्यादा एम्बेरस्ड फील कर रही थी। तभी उसने इस पूरे ख़्याल को अपने दिमाग से झटकते हुए कहा, "व्हाटएवर! मुझे क्या करना? और वैसे भी जैसे ही मेरा काम ख़त्म होगा, मैं तो घर चली जाऊँगी…"
इतना बोलकर वह चुपचाप डेस्क पर बैठ गई। जैसे ही उसका पूरा काम ख़त्म हुआ, वह अपना सारा सामान डेस्क से समेटने लगी। तभी आदित्य अपने केबिन से बाहर निकला। उसने देखा कि मिहिका अपना सामान समेट रही थी। वह पूरी तेज़ी से चलकर आ रहा था, लेकिन उसने अपनी चाल धीमी कर ली। तभी मिहिका की नज़र आदित्य पर गई। 8:30 बज रहे थे और आदित्य केबिन से बाहर निकल आया था।
मिहिका ने उसकी तरफ़ देखा, लेकिन अपनी नज़रें दूसरी तरफ़ घुमा ली। वह अपना बैग लेकर सीधे ऑफिस से बाहर निकलने लगी। आदित्य जैसे ही बाहर निकला, उसने देखा मिहिका टैक्सी का वेट कर रही थी। आदित्य तुरंत अपनी कार में आकर बैठा और उसने मिहिका के सामने अपनी कार रुकवाते हुए कहा, "ड्राइवर, कार रोको।"
ड्राइवर ने तुरंत मिहिका के सामने अपनी कार रोक दी। वह पीछे मुड़कर आदित्य की तरफ़ देखते हुए बोला, "क्या हुआ बाॅस?"
आदित्य ने अपने ड्राइवर की तरफ़ देखते हुए कहा, "इसे कार में बैठने के लिए कहो और पहले इसे इसके घर छोड़ो, उसके बाद हम होटल चलेंगे।"
आदित्य की बात सुनते ही उसके ड्राइवर ने कार से उतरते हुए कहा, "अरे मिहिका मैडम, आप यहाँ पर खड़ी टैक्सी का वेट क्यों कर रही हैं? चलिए मैं आपको छोड़ देता हूँ?"
अध्याय 8
मिहिका ने जैसे ही उसकी बात सुनी, उसने सिर हिलाते हुए कहा, "अरे नहीं, आप परेशान मत होइए, मैं चली जाऊँगी।"
ड्राइवर ने कहा, "मिहिका मैम, इसमें परेशान होने वाली क्या बात है? और वैसे भी, मैंने सुना कल आपको पैदल अपने घर जाना पड़ा। अगर मुझे जरा भी आईडिया होता, तो मैं वहाँ रुक जाता और आपको आपके घर छोड़कर फिर वापस जाता।"
मिहिका ने धीरे से सिर हिलाते हुए कहा, "इट्स ओके, कोई बात नहीं। और वैसे भी, मुझे आदत है। अब आप यहाँ खड़े होकर मुझसे बात करने में टाइम वेस्ट मत करिए, वरना अगर आप लेट हुए तो बॉस आपको गुस्सा करेंगे।"
मिहिका ड्राइवर से बात कर रही थी और आदित्य कार के अंदर बैठे उसकी तरफ देख रहा था। वह ड्राइवर से बहुत प्यार और बहुत ही विनम्रता से बात कर रही थी। उसके चेहरे पर जो मुस्कान थी, उसे देखकर आदित्य चुपचाप उसे देख रहा था। तभी मिहिका ने सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं, मैं चली जाऊँगी।"
इतना बोलकर वह वहाँ से चली गई। आदित्य का ड्राइवर कार में बैठते हुए बोला, "मिहिका मैम ने लिफ्ट लेने से मना कर दिया बॉस।"
आदित्य ने धीरे से सिर हिलाते हुए कहा, "ओके, फाइन। होटल चलो।"
वह अपनी सीट पर टेक लगाते हुए बोला, "इंटरेस्टिंग, वेरी इंटरेस्टिंग! मैं आज तक कभी ऐसी लड़की से पहले क्यों नहीं मिला? यह सच में अलग है या फिर सिर्फ मेरे सामने यह ऐसा ढोंग कर रही है?"
आदित्य के दिमाग में थोड़ा कन्फ्यूजन था, लेकिन फिलहाल उसने इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं सोचा और वह सीधे उस होटल पहुँचा जहाँ उसे तृषा से मिलना था।
तृषा पहले से ही होटल में सब कुछ तैयार करवा कर रखे हुए थी। जैसे ही आदित्य होटल के कमरे में पहुँचा, उसने देखा चारों तरफ मोमबत्तियाँ जल रही थीं और कमरे का माहौल बहुत ही इंटेंस हो चुका था। हर तरफ डिम लाइट में एक अलग ही खुशबू गूंज रही थी। तभी उसकी नज़र तृषा पर गई। तृषा ने ब्लैक कलर की नाइटी पहनी हुई थी जो उसके गोरे बदन पर बहुत खूब लग रही थी और उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रही थी। मोमबत्तियों की रोशनी में उसका चेहरा चमक रहा था। आदित्य कमरे के कोने में बैठा था, हाथ में वाइन का ग्लास और चेहरे पर वही अभिमानी मुस्कान।
तृषा धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए उसकी तरफ आई। उसकी आँखों में एक अलग ही आकर्षण था।
“आदित्य, तुम्हें पता है न, जब तुम मुस्कुराते हो, तो पूरा माहौल ही बदल जाता है।” तृषा ने प्यार भरी आवाज़ में कहा।
आदित्य ने हल्की सी हँसी दी और ग्लास टेबल पर रखते हुए बोला, “माहौल नहीं, तृषा... बस तुम्हारा वहम है। मैं ऐसा कुछ भी खास नहीं करता। तुम्हारा ही मुझे देखने का नजरिया कुछ अलग है।”
तृषा ने उसकी बात को अनसुना करते हुए उसके पास बैठते हुए कहा, “तुम्हारा यही अंदाज़ मुझे और तुम्हारी तरफ़ खींचता है, आदी। क्यों ना आज सारी बातें छोड़कर सिर्फ़ इस पल को जिया जाए? एक कपल की तरह..?”
आदित्य ने उसकी तरफ़ देखा, उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी। “तृषा, तुम शायद भूल रही हो कि हमारे बीच की डील क्या है। हम लवर्स नहीं हैं। सिर्फ़ फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स हैं इसलिए ज़्यादा इमोशनल होने की ज़रूरत नहीं है।”
तृषा ने उसकी बात पर हल्की सी नाराज़गी दिखाई, लेकिन वह फिर भी उसकी आँखों में देखती रही। “हाँ हाँ, मुझे पता है। तुम्हें याद दिलाने की ज़रूरत नहीं है। शायद तुम खुद से भागने की कोशिश कर रहे हो, आदी। लेकिन मैं जानती हूँ, कहीं ना कहीं तुम्हारे दिल में भी मेरे लिए कुछ तो है।”
आदित्य ने हँसते हुए कहा, “दिल? तृषा, तुम ये फिल्मी बातें मुझसे मत करो। मैं पहले ही कह चुका हूँ कि मेरे पास किसी के लिए भावनाएँ रखने का वक़्त नहीं है, और मेरे दिल में भी किसी के लिए कुछ नहीं है। और वैसे भी, तुम ही कहती हो कि मेरा अंदाज़ तुम्हें पसंद है। तो अब शिकायत क्यों? और तुम कब से इतनी साधारण बातें करने लगी।”
तृषा ने उसकी बात का जवाब न देते हुए धीरे से उसका हाथ पकड़ा। “आदी, पता नहीं क्यों, लेकिन मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए, तुम्हारा वक़्त नहीं। बस इस पल में तुम्हारे साथ होना ही काफी है मेरे लिए।”
आदित्य ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा, “तृषा, मैं तुम्हें बार-बार ये समझाना नहीं चाहता। प्यार, भावनाएँ ये सब तुम्हारे लिए हो सकते हैं, मेरे लिए नहीं। मुझे प्यार और रिश्ते में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं है और मैं तुम्हें यह बात कई बार बता चुका हूँ। और अगर तुम्हें ये सब चाहिए, तो तुम गलत जगह हो। तुम मुझे बदलने की कोशिश कर रही हो तो…”
तृषा ने गहरी साँस लेते हुए कहा, “शायद तुम सही कह रहे हो। मैं सोचने लगी थी कि शायद हमारे बीच एक रिश्ता बन गया है, लेकिन शायद मैं गलत थी। लेकिन तुम यह बात क्यों सोच रहे हो कि मैं तुम्हें बदलने की कोशिश कर रही हूँ? बस तुम्हारे साथ मैं अपनी पूरी ज़िन्दगी बिताने के बारे में सोच रही थी, लेकिन शायद मुझे ऐसा लगता है कि अभी इस बारे में बात ना करना ही सही होगा। अभी इन पलों को जीना चाहिए।”
आदित्य ने उसकी आँखों में देखा और मुस्कुराते हुए कहा, “तुम्हारी यही आदत मुझे परेशान करती है। तुम हर बार ये उम्मीद लेकर आती हो कि मैं बदल जाऊँगा। लेकिन तृषा, मैं वही हूँ जो शुरू में था। और ये सब बातें हमारा समझौता ख़राब कर सकती हैं।”
तृषा ने उसकी बात सुनते हुए कहा, “शायद मैं गलत थी, आदी। लेकिन इतना तो तय है कि तुम हमेशा मेरे दिल के करीब रहोगे, भले ही तुम्हें इसका एहसास हो या ना हो।”
आदित्य ने उसकी आँखों में देखा और फिर अचानक अपनी जगह से उठा। “तृषा, मैं यहाँ नाटक देखने नहीं आया। अगर तुम्हें पता है कि मैं ऐसा हूँ, तुम्हें इसे स्वीकार करना है तो करो, वरना मैं वापस घर चला…”
आदित्य इतना बोलकर बिस्तर से उठने लगा। तृषा ने गहरी साँस लेते हुए अपनी नज़रें झुका लीं, लेकिन उसके चेहरे पर एक हल्की मुस्कान थी।
आदित्य ने उसकी तरफ़ देखा, फिर उसकी कलाई पकड़कर अपने पास खींचा। “तुम्हारी यही बात मुझे तुम्हारे पास वापस खींच लाती है, तृषा। लेकिन याद रखना, मैं वही रहूँगा जो हूँ। और तुम... सिर्फ़ मेरी बिस्तर साथी थी और हमेशा बिस्तर साथी ही रहोगी। मुझसे ज़्यादा कुछ भी उम्मीद मत रखना।”
तृषा ने हल्की हँसी के साथ सिर झुका लिया, और दोनों ने इस बात पर सहमति जताई।
इसके बाद तृषा ने उसे बिस्तर की ओर खींचा और उसकी शर्ट पूरी तरह से उतार दी। आदित्य ने उसकी कमर पर हाथ रखते हुए उसे करीब कर लिया।
आदित्य ने तृषा के चेहरे की तरफ़ देखा। वह उसे किस करने के लिए उसके बिल्कुल नज़दीक आ रही थी और आदित्य ने भी उसे नहीं रोका। वे दोनों एक-दूसरे को जोश से किस करने लगे। तभी तृषा के होंठ आदित्य की गर्दन पर पहुँचे और उसने धीरे से आदित्य की गर्दन पर अपने दाँतों को गड़ाया। जैसे ही वह उसकी गर्दन को काटने लगी, आदित्य के हाथ तृषा की कमर पर कस गए।
उनकी साँसें अब तेज हो चुकी थीं। बारिश की बूँदें खिड़की पर गिर रही थीं, और कमरे का माहौल पूरी तरह से बदल गया था। दोनों के बीच की दूरियाँ ख़त्म हो चुकी थीं, और वो पल ऐसा था जैसे सब कुछ थम गया हो।
आदित्य और तृषा दोनों एक-दूसरे के बहुत नज़दीक आ चुके थे। उनके बीच हवा तक के गुज़रने का रास्ता नहीं बचा था। आदित्य ने तृषा के बदन की तरफ़ देखा। वह काँप रही थी। खिड़की से बारिश की बूँदें कमरे में आईं और ठंडी हवा जैसे ही उनके बदन पर लगी…
वे दोनों उसे ठंड महसूस कर रहे थे। आदित्य ने अपने और तृषा के ऊपर कम्बल डाला और उनकी बॉडी से निकलने वाली गर्मी उन्हें काफी राहत दे रही थी। तभी तृषा ने आदित्य को रोकते हुए कहा, “आई थिंक हमें विंडो क्लोज़ कर लेनी चाहिए!”
आदित्य ने धीरे से सिर हिलाया और वह बिस्तर से उठकर सीधे खिड़की के पास गया और उसने खिड़की बंद की। जैसे ही वह बिस्तर के पास आया…
तृषा उसकी तरफ़ देखकर मुस्कुरा रही थी और वह अपने निचले होंठ को चाट रही थी। आदित्य उसे इस तरह देखकर अब खुद को और काबू में नहीं रख सका।
उसने तुरंत अपने कपड़े उतारकर साइड में फेंक दिए और वह तृषा के बिल्कुल नज़दीक आ गया। तृषा ने उसकी पीठ पर अपने दोनों हाथ रखे और उसे कसकर अपनी बाहों में भर लिया। थोड़ी ही देर में पूरे कमरे में सिर्फ़ और सिर्फ़ उनकी आवाज़ गूंजने लगी।
आदित्य थोड़ी देर में थककर वहीं बिस्तर के किनारे लेट गया। तृषा के चेहरे पर जो मुस्कान थी, वह आदित्य की तरफ़ देखकर और भी बढ़ गई। उसने आदित्य के सीने पर अपना सिर रखा और वह उसके बिल्कुल नज़दीक आकर सो गई।
अगले दिन सुबह आदित्य वहीं से तैयार होकर सीधे ऑफिस के लिए निकल गया। जब आदित्य रास्ते में था, तो उसने मिहिका को देखा जो ऑफिस के बाहर खड़ी थी और उसके सामने एक लड़का खड़ा था जिसने मिहिका का हाथ कसकर पकड़ा हुआ था। मिहिका उसके हाथ से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी। जैसे ही आदित्य ने मिहिका और उस लड़के को देखा, उसने अपनी कार रोकते हुए कहा, "एक मिनट रुको!"
और आदित्य खिड़की नीचे करते हुए मिहिका और उस लड़के को घूरते हुए देखने लगा।
मिहिका उस लड़के के हाथ से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह लड़का उसके हाथ को इतनी कसकर पकड़े हुए था कि मिहिका का पूरा हाथ लाल हो गया था। तभी मिहिका ने उसके हाथ को झटक दिया और वह तुरंत सीधे ऑफिस के अंदर चली गई।
क्रमशः
क्या लगता है आप लोगों को? मिहिका जिस लड़के के साथ है, वह लड़का कौन होगा? और उसने मिहिका का हाथ इस तरह से क्यों पकड़ कर रखा है? और क्या आदित्य इस बारे में पता करेगा या इस बात को यूँ ही जाने देगा?
अध्याय 9
मिहिका को इस तरह हड़बड़ी में अंदर जाते देख आदित्य की भौंहें सिकुड़ गईं। वह सीधे ऑफिस की ओर गया। अपने केबिन में पहुँचकर उसने देखा कि मिहिका ने उसकी कॉफी टेबल पर रखी थी और वह चुपचाप हाथ बाँधे खड़ी थी। जैसे ही आदित्य अंदर आया,
मिहिका एकदम सीधी खड़ी हो गई।
उसने अपने हाथ में पकड़े टैबलेट को जल्दी से ऑन किया और आदित्य के शेड्यूल को देखने लगी। आदित्य चुपचाप अपनी चेयर पर बैठ गया।
उसने मिहिका की ओर देखते हुए कहा, "आज का शेड्यूल…!"
आदित्य अपनी बात पूरी भी न कर पाया था कि मिहिका ने तुरंत उसके आज के शेड्यूल के बारे में बताना शुरू कर दिया, "आपकी दो मीटिंग्स हैं और उसके बाद आपको मिस्टर अविनाश से मिलना है। मिस्टर अविनाश आपके रिश्तेदार हैं और उन्हें आपसे बिज़नेस को लेकर कुछ बात करनी है…!"
आदित्य उसकी सारी बातें चुपचाप सुन रहा था। वह अपने हाथ में पकड़े कॉफी के कप को देख रहा था। तभी उसकी नज़र मिहिका के हाथ पर गई जो पूरी तरह लाल था। उसने मिहिका के हाथ की ओर देखा, लेकिन कुछ नहीं पूछा। वह धीमी आवाज़ में बोला, "ठीक है, मैं मीटिंग तो अटेंड करूँगा, लेकिन अविनाश से आज नहीं मिलूँगा। उसे कॉल करके बता दो कि आज मैं बहुत ज़्यादा बिजी हूँ।"
मिहिका ने बात सुनते ही हैरानी से उसकी ओर देखते हुए कहा, "लेकिन बॉस, आपकी दो मीटिंग्स के बाद आप तीन या चार बजे तक फ़्री हो जाएँगे।"
आदित्य ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "मैं कह रहा हूँ ना कि मैं बिजी हूँ, तो इसका मतलब मैं बिजी हूँ।"
मिहिका ने धीरे से अपना सर नीचे झुकाते हुए कहा, "आई एम सॉरी। ठीक है, मैं उनसे बोल दूँगी।"
इतना बोलकर वह वहाँ से जाने लगी। तभी आदित्य ने उसे रोकते हुए कहा, "क्या मैंने तुम्हें जाने के लिए कहा?"
मिहिका ने तुरंत रुककर अपना हाथ पीटते हुए कहा, "नहीं, वो मैं जा नहीं रही थी, वो तो बस मैं…"
मिहिका बहाना बनाने की कोशिश कर ही रही थी कि आदित्य ने उसे अपने सामने वाली चेयर पर बैठने का इशारा करते हुए कहा, "बैठो…"
उसने उसकी ओर देखते हुए कहा, "यहाँ…?"
आदित्य ने हामी भरते हुए कहा, "हाँ, यहीं बैठो। और तुम्हारा जो भी काम है, तुम आज यहीं बैठकर करोगी, मेरी आँखों के सामने। बहुत जल्दी रहती है ना तुम्हें केबिन से बाहर जाने की, तो आज तुम्हारा सारा काम यहीं केबिन में मेरे सामने बैठकर होगा।"
मिहिका हैरानी से उसकी ओर देखते हुए बोली, "नो बॉस, आई एम सॉरी, वो मैं…"
आदित्य ने उसे चुप करते हुए कहा, "जस्ट शट अप एंड फ़ोकस ऑन योर वर्क…!"
मिहिका आदित्य की ओर देख रही थी। आदित्य चुपचाप अपनी कॉफी पीने लगा। मिहिका के पास और कोई विकल्प नहीं था, और वह आदित्य से बहस नहीं कर सकती थी।
चारा न देखकर वह चुपचाप उसके सामने वाली चेयर पर बैठकर अपना काम करने लगी। आदित्य उसके चेहरे की ओर देख रहा था। मिहिका अपने काम में इतनी बिजी हो गई कि उसे इस बात का ध्यान ही नहीं रहा कि वह उसके केबिन में उसके सामने बैठकर काम कर रही है। वह अपने बालों को समेटते हुए आराम से काम में लग गई। आदित्य उसे बस एकटक देख रहा था।
आदित्य को खुद यह बात समझ में नहीं आ रही थी कि वह ऐसा क्यों कर रहा है। तभी आदित्य ने अपनी कॉफी को साइड में रखा और उसने खुद से सवाल करते हुए कहा, "ये क्या कर रहा हूँ मैं? इस लड़की को यहाँ अपने केबिन में बैठकर काम करते हुए देखना… इट्स नॉट अ गुड थिंग, व्हाट अ स्टूपिडिटी एम आई डूइंग…!"
आदित्य सोच ही रहा था कि तभी उसने धीमी आवाज़ में कहा, "मुझे इसे वापस इसकी डेस्क पर भेज देना चाहिए।"
इतना बोलकर आदित्य बोलने ही जा रहा था कि मिहिका ने अपने बालों को अपने चेहरे पर से फ़्लिप किया। जैसे ही मिहिका का चेहरा उसकी नज़रों के सामने आया, आदित्य की जुबान पर जो शब्द थे, वे बिल्कुल गायब हो गए। वह उसे कुछ नहीं बोल पाया। थोड़ी ही देर में मिहिका के फ़ोन का अलार्म बजा।
मिहिका ने जल्दी से फ़ोन का अलार्म बंद किया। आदित्य हैरानी से उसकी ओर देखते हुए बोला, "यह किस चीज़ का अलार्म है?"
मिहिका ने धीमी आवाज़ में कहा, "वो बॉस, आपका लंच का टाइम हो गया है। मैं आपका लंच लगवाती हूँ।"
इतना बोलकर मिहिका उठी और सीधे केबिन से बाहर चली गई। आदित्य मिहिका की ओर हैरानी से देखते हुए धीमी आवाज़ में बोला, "इसने मेरे सारे काम को लेकर अलार्म लगा रखा है! स्ट्रेंज आई थिंग… ये अपना काम बखूबी निभाना चाहती है। खैर, कोई बात नहीं।"
इतना बोलकर वह वहीं चुपचाप बैठ गया। मिहिका उसका खाना टेबल पर रखने लगी। आदित्य जैसे ही खाना खाने के लिए बैठा,
मिहिका का फ़ोन बजने लगा। मिहिका ने जैसे ही अपने मोबाइल फ़ोन की ओर देखा, उसने तुरंत अपना कॉल कट कर दिया। उसे ऐसा करते देख आदित्य ने उसे एक बार घूरकर देखा और फिर चुपचाप अपना खाना खाने लगा।
तभी मिहिका का फ़ोन फिर से बजा। मिहिका ने तुरंत उसे फिर से कट कर दिया। आदित्य उसकी ओर देखते हुए बोला, "तुम्हारा फ़ोन ऐसे ही मुझे डिस्टर्ब करता रहेगा क्या? अगर किसी का अर्जेंट कॉल है तो तुम रिसीव कर सकती हो!"
मिहिका ने ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं बॉस, कोई अर्जेंट कॉल नहीं है। सॉरी फ़ॉर योर डिस्टर्बेंस…!"
इतना बोलकर मिहिका ने अपने मोबाइल फ़ोन को लॉक कर लिया। आदित्य ने उसे इस तरह फ़ोन लॉक करते हुए देखा, लेकिन वह कुछ बोला नहीं। मिहिका चुपचाप वहीं खड़ी थी। जैसे ही आदित्य ने अपना खाना खत्म किया,
उसने मिहिका की ओर देखते हुए कहा, "आई एम डन।"
मिहिका उसके सामने से खाना उठाने लगी। तभी आदित्य ने मिहिका से पूछा, "तुमने लंच किया?"
मिहिका ने अपनी घड़ी की ओर देखते हुए कहा, "नहीं, आपकी मीटिंग है, उसके बाद में लंच करूँगी।"
आदित्य ने उसकी ओर देखकर कहा, "नहीं, तुम्हारे पास आधा घंटा है, तुम लंच कर सकती हो। उसके बाद हम मीटिंग अटेंड करेंगे।"
इतना बोलकर आदित्य उठा और वह सीधे अपने ऑफिस की बालकनी में आकर खड़ा हो गया। मिहिका ने जल्दी से उसका लंच हटाया और वह अपना लंच करने के लिए चली गई।
तभी आदित्य के पास एक फ़ोन कॉल आया। वह आदित्य से बात करते हुए बोला, "हाँ बॉस, आपने जो कहा था वो काम हो गया है। मैंने आपके पास कुछ पिक्चर्स और डिटेल्स भेजी हैं, आप उन्हें देख लीजिए।"
आदित्य ने अपना मोबाइल फ़ोन निकाला और वह सारी डिटेल्स और पिक्चर्स को चेक करने लगा। जैसे ही उसने पूरी डिटेल पढ़ी, आदित्य की एक भौं उठ गई। वह बिल्कुल सीरियस होकर अपने फ़ोन की ओर देखने लगा।
क्रमशः
क्या लगता है आप लोगों को, आदित्य के फ़ोन में क्या डिटेल्स आई होंगी? क्या आदित्य ने मिहिका के साथ वाले लड़के की डिटेल्स निकलवाई हैं या फिर यह कोई और बात है?
कमेंट में बताइएगा…
चैप्टर 10
आदित्य ने अपना मोबाइल फोन निकाला और सारी डिटेल्स और पिक्चर्स चेक करने लगा। पूरी डिटेल पढ़ते ही उसकी एक भौं उठ गई और वह बिल्कुल गंभीर होकर फोन की तरफ देखने लगा।
फोटोस चेक करने के बाद उसने फोन साइड में रखा और सीधे मीटिंग रूम की ओर चल दिया।
वह मीटिंग रूम में पहुँचा तो देखा कि मिहिका ने पहले ही सब कुछ व्यवस्थित कर रखा था और वह आदित्य के आने का इंतज़ार कर रही थी।
आदित्य के पहुँचते ही मीटिंग शुरू हो गई। मिहिका ने आदित्य के सामने कुछ फाइलें रखीं और मीटिंग शुरू हो गई। आदित्य ने मिहिका को देखा।
वह काफी तनाव में लग रही थी, हालाँकि वह इसे छिपाने की पूरी कोशिश कर रही थी। आदित्य की नज़र बार-बार मिहिका पर जा रही थी। मीटिंग खत्म होते ही आदित्य मीटिंग रूम में ही रुक गया और मिहिका चुपचाप बाहर निकल गई।
वह अपने डेस्क पर रखे सामान को समेट रही थी कि तभी आदित्य ने मन ही मन कहा,
"क्या मुझे उस लड़के के बारे में उससे पूछना चाहिए?"
आदित्य थोड़ा कन्फ्यूज़ हो रहा था, लेकिन उसने धीमी आवाज़ में कहा,
"हाँ, मुझे उससे पूछना चाहिए। मैं देखूँगा कि वह मुझे इस बारे में क्या बताती है।"
यह कहकर आदित्य मीटिंग रूम से बाहर निकला। मिहिका के डेस्क के पास पहुँचकर उसने देखा कि वह वहाँ नहीं थी। उसने मिहिका की टेबल के पास जाकर मन ही मन कहा,
"यह कहाँ चली गई? कहीं मेरे केबिन में तो नहीं है?"
यह कहकर आदित्य अपने केबिन की ओर गया। मिहिका वहाँ भी नहीं थी। उसने अपनी चेयर पर बैठते हुए घड़ी देखी।
शाम के पाँच बज रहे थे। उसने तुरंत अपना मोबाइल फोन उठाया और कॉफ़ी ऑर्डर करने लगा। तभी ऑफिस की एक कर्मचारी उसके लिए कॉफ़ी लेकर केबिन में आई और आदित्य के सामने खड़ी हो गई।
आदित्य का चेहरा बदल गया। उसने उस लड़की को घूरते हुए कहा,
"कशिश, तुम यहाँ क्या कर रही हो?"
कशिश ने जवाब दिया,
"वह बाॅस, एक्चुअली मिहिका को कहीं अर्जेंट जाना पड़ गया इसलिए राहुल सर ने मुझे आपके पास भेजा है। आप बताइए, आपको और कुछ चाहिए तो मैं..."
वह बोल ही रही थी कि आदित्य ने उसे घूरते हुए कहा,
"अर्जेंट काम? किस अर्जेंट काम से गई है मिहिका!"
कशिश ने आदित्य की बात सुनकर हैरानी से उसकी ओर देखा और बोली,
"वह तो हमें नहीं पता बाॅस, लेकिन राहुल सर ने मुझे आपके पास आने को कहा था तो मैं आ गई।"
आदित्य उस पर चिल्लाने वाला था, लेकिन उसने अपना गुस्सा शांत किया और उसकी ओर देखते हुए कहा,
"ठीक है, तुम जाओ यहाँ से।"
उसने कॉफ़ी वहीं टेबल पर रख दी और कशिश तुरंत केबिन से बाहर निकल गई। केबिन से बाहर निकलते हुए उसने कहा,
"अभी इस मिहिका को आए हुए चार दिन भी नहीं हुए और इसने इतनी आसानी से बॉस के दिल में अपनी जगह बना ली! पहली बार बाॅस ने किसी एंप्लॉय के बारे में इस तरह बात की है।"
कशिश मन ही मन मिहिका से जल रही थी। उसने गहरी साँस ली और चुपचाप वहाँ से चली गई। आदित्य ने कॉफ़ी का कप उठाया। एक घूँट लेते ही उसे कॉफ़ी बिलकुल भी पसंद नहीं आई। उसने कॉफ़ी वहीं टेबल पर छोड़ दी और अपना मोबाइल फोन उठाकर राहुल को कॉल किया। राहुल ने तुरंत कॉल रिसीव करते हुए कहा,
"आदित्य, बोल, क्या हुआ?"
आदित्य ने बुरे लहजे में चिल्लाते हुए कहा,
"मेरे किसी भी एम्प्लॉयी को अगर छुट्टी चाहिए होगी तो वह मुझसे परमिशन मांगेगा। तुमने मिहिका को मुझसे परमिशन मांगने के लिए क्यों नहीं कहा?"
राहुल आदित्य की बात सुनकर एक पल के लिए चुप रहा और फिर धीमी आवाज़ में कहा,
"ठीक है, नेक्स्ट टाइम से मैं याद रखूँगा।"
आदित्य ने उसकी बात सुनी और जवाब दिए बिना तुरंत कॉल काटकर ऑफिस से बाहर निकल गया।
दूसरी तरफ,
मिहिका ऑटो में बैठी थी और फोन पर बात करते हुए बोली,
"हाँ, हेलो वैशाली, कहाँ हो यार तुम? मुझे तुमसे कुछ बात करनी है। प्लीज़ यार, मुझसे मिलो, तनिष्क के बारे में।"
फोन की दूसरी तरफ से आवाज़ आई,
"तनिष्क? क्या वह फिर से तुझे परेशान कर रहा है?"
मिहिका ने गहरी साँस लेते हुए कहा,
"मैं फोन पर तुझे कुछ नहीं बता पाऊँगी। मेरे घर के पास वाले कैफ़े में आकर मुझसे मिल।"
मिहिका ने कॉल काट दिया। घर पहुँचकर उसने कपड़े बदले और सीधे कैफ़े की ओर निकल गई।
वह कैफ़े उसके घर से ज़्यादा दूर नहीं था और वह थोड़ी ही देर में वहाँ पहुँच गई। वैशाली पहले से ही वहाँ बैठकर उसका इंतज़ार कर रही थी।
मिहिका वैशाली के पास जाकर बैठी। वैशाली ने मिहिका के चेहरे का तनाव देखकर समझ लिया कि कुछ तो बात है। उसने मिहिका का हाथ पकड़ते हुए कहा,
"क्या हुआ है? बताओ। तनिष्क ने फिर से तुम्हें ब्लैकमेल किया क्या?"
मिहिका ने हाँ में सिर हिलाते हुए कहा,
"हाँ, वह फिर से मुझसे पैसे मांग रहा है। मुझे समझ नहीं आ रहा वैशाली, मैं क्या करूँ? अभी मुझे अपनी नई जॉब ज्वाइन किए हुए चार दिन भी नहीं हुए हैं। अब मैं इतनी जल्दी उसे पैसे कैसे दूँगी? मेरा तो दिमाग खराब हो रहा है। कभी-कभी तो मेरा मन करता है कि मैं कहीं जाकर अपनी जान दे दूँ।"
मिहिका की बात सुनकर वैशाली ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा,
"देख, फ़ालतू की बकवास मत कर। मेरी बात ध्यान से सुन। उससे बात करो। उससे बोल दे कि अभी तेरे पास पैसे नहीं हैं, तू उसे पैसे नहीं दे सकती है।"
मिहिका ने वैशाली की बात सुनी और थोड़ी चिढ़ते हुए बोली,
"तुझे क्या लगता है? मैंने उससे ये सारी बातें नहीं कही होंगी? और पता है, आज सुबह वह मेरे ऑफिस आ गया था! यह तो कहो अच्छा हुआ कि किसी ने उसे देखा नहीं, वरना मुझे लोग हज़ार सवाल पूछते और मैं पता नहीं क्या जवाब देती।"
वैशाली ने मिहिका के तनाव को समझते हुए कहा,
"देख, अभी अगर तुझे थोड़े ज़्यादा पैसों की ज़रूरत है तो बताओ, मैं तुझे कुछ पैसे उधार दे सकती हूँ।"
मिहिका ने ना में सिर हिलाते हुए कहा,
"नहीं, कोई ज़रूरत नहीं है। और वैसे भी मैं तो बहुत जल्द शहर छोड़ने के बारे में भी सोच रही हूँ।"
वैशाली ने हैरानी से उसकी ओर देखा और बोली,
"लेकिन तू तो बोल रही थी कि तुझे इस ऑफिस में बहुत अच्छी सैलरी मिल रही है, तो फिर तू शहर क्यों छोड़ेगी?"
मिहिका ने उसकी ओर देखते हुए कहा,
"सैलरी तो अच्छी मिल रही है, बट मुझे नहीं लगता मैं यहाँ ज़्यादा दिनों तक काम कर पाऊँगी।"
मिहिका चुप हो गई।
तभी वैशाली ने पूछा,
"क्यों? तुझे अभी तक वहाँ का काम समझ नहीं आया है क्या?"
मिहिका ने कहा,
"नहीं, काम तो समझ में आ गया है, बट तनिष्क की वजह से मैं शहर छोड़ दूँगी। क्योंकि मैं उसे बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ। वह बहुत ही ज़्यादा टॉक्सिक हो चुका है और उसका बार-बार इस तरह से मेरा पीछा करना और मुझे ब्लैकमेल करके पैसे माँगना...वह तब तक नहीं छोड़ेगा, जब तक मैं यहाँ से बहुत दूर नहीं चली जाऊँगी। और मैं ऐसी जगह पर जाऊँगी जहाँ किसी को भी मेरे बारे में कुछ पता ना हो..."
मिहिका यह बातें बोलते-बोलते काफी इमोशनल हो गई। वैशाली ने उसकी ओर देखते हुए कहा,
"मुझे ऐसा लगता है कि तुझे तनिष्क के लिए पुलिस में कंप्लेंट करनी चाहिए। वह अगर तुझे इस तरह से परेशान करता रहेगा तो तेरा तो जीना हराम हो जाएगा।"
मिहिका ने एक पल के लिए सोचते हुए कहा,
"पहले तो मैंने भी यही सोचा था कि मैं उसे अच्छा सा सबक सिखाऊँगी और पुलिस में उसकी कंप्लेंट करूँगी, लेकिन मुझे ऐसा लगता है अगर मैं उसकी कंप्लेंट पुलिस में की तो वह और भी ज़्यादा चिढ़ जाएगा और फिर पता नहीं वह क्या करेगा, इसलिए मैं बात को ज़्यादा बढ़ाना नहीं चाहती।"
वैशाली मिहिका के साथ वहीं बैठी बातें कर रही थी। काफी देर बाद वैशाली ने उसे समझाते हुए कहा,
"देख, तेरा इतना परेशान होना बनता है, लेकिन मैं फिर भी तुझे एक बार सॉल्यूशन देना चाहूंगी कि तू अकेले मत रह। अगर तू इस तरह से अकेले अपने घर में रहेगी तो ठीक नहीं होगा। तो प्लीज़ मेरे साथ मेरे रूम में शिफ्ट हो जा। और वैसे भी माँ तुझे बहुत अच्छी तरह से जानती है, वह कुछ नहीं बोलेंगी।"
मिहिका ने ना में सिर हिलाते हुए कहा,
"अरे नहीं, मैं बेकार में तेरे घर में आकर तुम लोगों को भी प्रॉब्लम में नहीं डालना चाहती। मेरा अकेले रहना ही सही होगा। और वैसे भी काफी रात हो गई है, तू घर अकेले कैसे जाएगी?"
वैशाली ने ना में सिर हिलाते हुए कहा,
"तू परेशान मत हो। मैंने रोनित को बुलाया है, वह मुझे पिकअप करने आ रहा है।"
मिहिका ने जैसे ही उसकी बात सुनी, कहा,
"अच्छा, मेरे जीजू यहाँ आ रहे हैं क्या?"
वैशाली मुस्कुराते हुए बोली,
"हाँ, आ रहा है रोनित। और तो प्लीज़ उसे अभी से जीजू मत बोल, अभी हमारा शादी करने का कोई प्लान नहीं है।"
वैशाली की यह बात सुनकर मिहिका मुस्कुराने लगी। तभी वैशाली का फोन बजा और स्क्रीन पर रोनित का नाम फ्लैश हुआ। मिहिका उसे चिढ़ाते हुए बोली,
"ले, जीजू आ भी गए तुझे लेने।"
वैशाली ने कॉल पिकअप करते हुए कहा,
"शैतान का नाम लिया, शैतान हाजिर। वहीं बाहर रुको, मैं आ रही हूँ।"
मिहिका भी उठकर खड़ी हुई और वैशाली के साथ बाहर निकली। रोनित मिहिका को देखकर मुस्कुराते हुए बोला,
"क्या बात है साली साहिबा? अकेले-अकेले क्या बातें की आप दोनों ने?"
मिहिका मुस्कुराते हुए बोली,
"कुछ खास नहीं, बस यूँ ही टाइम पास कर रहे थे हम।"
वैशाली रोनित के साथ उसकी बाइक पर बैठते हुए बोली,
"चल मिहिका, मैं तुझसे बाद में मिलती हूँ।"
मिहिका ने हाँ में सिर हिलाया। वैशाली रोनित के साथ वहाँ से निकल गई और मिहिका वहाँ से चलते हुए सीधे अपने घर पहुँची। जैसे ही उसने अपने घर का दरवाज़ा खोलने के लिए हाथ आगे बढ़ाया...
उसका घर पहले से ही खुला हुआ था। मिहिका ने खुले हुए दरवाज़े की ओर देखते हुए कहा,
"फ़्लैट की चाबी तो मेरे पास है, तो फिर फ़्लैट खुला कैसे?"
मिहिका जल्दी से फ़्लैट के अंदर आई और उसने हाॅल में किसी को बैठे हुए देखा। मिहिका की आँखें हैरानी से चौड़ी हो गईं और उसने तेज आवाज़ में चिल्लाते हुए कहा,
"व्हाई आर यू हेयर..?"
क्रमशः
क्या लगता है आप लोगों को? मिहिका के घर में कौन आया है? क्या यह तनिष्क है या फिर आदित्य?
कमेंट में बताइएगा।
अध्याय 11
जैसे ही मिहिका अपने फ्लैट में पहुँची, उसने देखा कि हाॅल के सोफे पर तनिष्क एक पैर दूसरे पर चढ़ाकर आराम से बैठा था।
उसे इतना आराम से बैठे देखकर मिहिका गुस्से से चिल्लाई, "हाउ डेयर यू? तुम इस फ्लैट में कैसे आ गए? अभी निकलो यहाँ से!"
मिहिका गुस्से में गेट के पास ही खड़ी होकर बोल रही थी। तनिष्क ने उसकी ओर देखा और कहा, "ओह कम ऑन बेबी! तुम ऐसे रिएक्ट कर रही हो जैसे मैं तुम्हारा दुश्मन हूँ। और वैसे भी, मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ, यह बात तुम जानती हो। फिर भी मुझे इस तरह भगा रही हो।"
मिहिका ने तनिष्क को घूरते हुए कहा, "ओह प्लीज! मैं तुम्हारे ड्रामे देखने यहाँ नहीं बैठी हूँ। और रही बात तुमसे प्यार करने की, तो मैंने तुमसे कभी प्यार ही नहीं किया। मैं अपनी गलती समझ चुकी हूँ। इसलिए अब बेहतर होगा कि तुम यहाँ से चले जाओ, वरना मैं…!"
मिहिका बोल ही रही थी कि तनिष्क उठ खड़ा हुआ और उसके पास आते हुए बोला, "वरना वरना क्या करोगी बेबी? मत भूलो, हम पहले रिलेशनशिप में थे। अब तुम्हें मुझसे इतनी दिक्कत क्यों हो रही है?"
इतना बोलकर वह मिहिका के बहुत करीब आया, उसकी कमर पर हाथ रखा और उसे अपनी ओर खींचते हुए बोला, "और अगर तुम सुबह मुझे पैसे दे देतीं, तो मैं यहाँ आता ही ना!"
मिहिका ने उसका हाथ अपनी कमर से झटकते हुए कहा, "सबसे पहले, तुम मुझसे दूर रहो। और मेरे पास अभी पैसे नहीं हैं। मैं तुम्हें पैसे कहाँ से लाऊँगी? अभी मेरी जॉब लगी है। और सच बताऊँ, तुम्हें जो करना है कर लो, मैं बहुत तंग आ चुकी हूँ तुमसे। बात सिर्फ़ उन फोटोज़ की ही है ना? ठीक है, मैं उन्हें जहाँ चाहो अपलोड कर दो। आई रियली डोंट केयर!"
इतना बोलकर मिहिका उसे घूरने लगी। तभी वह आगे बढ़ा और मिहिका के गाल को कसकर पकड़ते हुए बोला, "तुम्हें क्या लग रहा है? मैं तुम्हारी उन फोटोज़ को अपने साथ अपलोड करूँगा? इतना भी पागल नहीं हूँ मैं... मैं तो सोच रहा था क्यों ना तुम्हारी इस कंट्रोवर्सी को और इंटरेस्टिंग बना दूँ और किसी ऐसे इंसान के साथ तुम्हारी उन फोटोज़ को मर्ज कर दूँ, जिससे पूरे शहर में तुम्हारे नाम का डंका पिट जाए।"
जैसे ही मिहिका ने यह बात सुनी, वह हैरानी से उसकी ओर देखने लगी। उसने उसका हाथ अपने गाल से हटाते हुए कहा, "जस्ट शट अप! तुम ऐसा कुछ नहीं करोगे!"
तनिष्क उसकी बात सुनकर शैतानियत से हँसते हुए बोला, "हाँ, करूँगा तो नहीं, क्योंकि अभी मुझे तुमसे पैसे चाहिए। और मैं जानता हूँ तुम मुझे पैसे दोगी। जाओ और अपनी सेविंग्स में से पैसे निकाल कर लाओ। मैं यहीं बैठा हूँ।"
मिहिका उसकी बात सुनकर तेज आवाज़ में चिल्लाई, "कोई सेविंग्स नहीं है मेरे पास!"
तनिष्क उसकी आँखों में आँखें डालकर बोला, "मैं तुम्हें बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ बेबी, और तुम्हारे पास पैसे हैं। अगर तुम्हारे हाथों को तकलीफ हो रही है लॉकर खोलने में, तो तुम मुझे पासवर्ड बताओ, मैं खुद खोलकर ले लूँगा।"
मिहिका ने गुस्से से मुट्ठी बांध ली और उसे घूरने लगी। फिर बोली, "नहीं है मेरे पास पैसे। तुम्हें जो करना है करो।"
इतना बोलकर मिहिका वहाँ से मुड़कर अपने कमरे की ओर जाने लगी। तभी तनिष्क ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा, "ओके फाइन, कोई बात नहीं। अगर तुम्हारे पास पैसे नहीं हैं, तो फिर मुझे अपना यह गोल्ड का पेंडेंट दे दो। वैसे भी, मुझे तुम्हारा यह पेंडेंट हमेशा से ही बहुत पसंद था।"
वह मिहिका के गले की ओर देखने लगा।
मिहिका की गर्दन में 'M' नाम का पेंडेंट था। वह पेंडेंट की ओर देखकर सिर हिलाते हुए बोली, "नहीं, मैं तुम्हें पेंडेंट नहीं दूँगी!"
वह अपने कमरे की ओर जा ही रही थी कि तनिष्क ने उसका हाथ पकड़ा, उसके हाथ को मोड़ते हुए बोला, "पेंडेंट तो तुम्हें देना पड़ेगा, क्योंकि मुझे पैसे चाहिए। और अब तुम पैसे नहीं दे रही हो, तो तुम्हारे इस गोल्ड पेंडेंट को बेचकर ही मैं अपना जुगाड़ करूँगा!"
इतना बोलकर उसने मिहिका की गर्दन पर हाथ रखा और पेंडेंट खींचने लगा। मिहिका की गर्दन में दर्द हुआ और वह तेज आवाज़ में चिल्लाई, "छोड़ो तनिष्क! क्या कर रहे हो? मुझे चोट लग जाएगी, छोड़ो इसे!"
लेकिन वह उसकी बात मानने को तैयार नहीं था। वह पेंडेंट खींचता रहा, जिससे मिहिका की गर्दन पर एक बड़ा सा खरोच आया और उसमें से खून निकलने लगा। उसने अपना हाथ गर्दन के पास रखकर पेंडेंट उतार लिया। मिहिका की गर्दन में तेज दर्द हो रहा था। जैसे ही मिहिका ने अपनी गर्दन को छुआ, उसके हाथों पर खून लग गया। वह तनिष्क को घूरने लगी। तनिष्क ने पेंडेंट देखते हुए कहा, "इससे मेरा काम चल जाएगा। अब मैं तुमसे बाद में मिलूँगा। बाय द वे, तुम चाहो तो मुझे हैप्पी जर्नी विश कर सकती हो।"
मिहिका उसकी बात सुन रही थी, लेकिन उसने जवाब नहीं दिया। वह चुपचाप चला गया। मिहिका घुटनों के बल बैठकर रोने लगी, क्योंकि उसकी गर्दन में बहुत दर्द हो रहा था।
थोड़ी देर बाद, वह अपने कमरे में जाकर चुपचाप लेट गई।
अगले दिन सुबह,
जब मिहिका ऑफिस पहुँची, आदित्य नहीं आया था। मिहिका उसकी कॉफी उसके केबिन में रखकर वापस अपने डेस्क पर आकर बैठ गई। जब आदित्य अपने केबिन में पहुँचा, काफी देर हो चुकी थी और उसकी कॉफी वहीं रखी थी। जैसे ही आदित्य अंदर आया,
मिहिका तुरंत उसके पीछे आई और आदित्य की ओर देखते हुए बोली, "बाॅस, आप लंच करेंगे क्या?"
आदित्य ने सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं, लंच करने हम बाहर जा रहे हैं। मेरी एक क्लाइंट के साथ मीटिंग है।"
मिहिका ने उसकी बात सुनते हुए अपने शेड्यूल में देखा और बोली, "लेकिन मेरे पास तो इसकी कोई जानकारी नहीं आई।"
आदित्य ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "अब बता दिया ना मैंने... नोट कर लो।"
मिहिका ने धीरे से सिर हिलाया और आदित्य के पास आकर उसकी टेबल पर रखी कॉफी उठाने लगी। जैसे ही उसने कॉफी उठाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया,
आदित्य की नज़र मिहिका के हाथ पर गई। उसका हाथ बिल्कुल सामान्य था, उस पर कोई लालिमा या चोट का निशान नहीं था।
आदित्य चुपचाप अपनी चेयर पर टेक लगाकर बैठा रहा। तभी उसकी नज़र मिहिका की गर्दन पर गई। उसकी गर्दन पर बैंडेज लगा हुआ था। आदित्य ने पूछा, "व्हाट हैपेंड? यह तुम्हें चोट कैसे लगी?"
क्रमशः
अध्याय 12
मिहिका ने जैसे ही आदित्य की बात सुनी, वह उसकी ओर हैरानी से देखने लगी।
मिहिका ने कॉफी उठाई और थोड़ी कन्फ्यूज्ड होते हुए बोली, "किस चोट की बात कर रहे हैं आप?"
आदित्य ने इशारे से उसकी गर्दन की ओर देखा। मिहिका ने अपनी गर्दन को छुआ। उसने उस बैंडेज पर जैसे ही हाथ रखा, उसे कल रात तनिष्क के साथ हुई झपट याद आ गई। उसने आदित्य की बात का कोई जवाब नहीं दिया और एक पल के लिए चुप हो गई।
उसे इस तरह सोच में डूबा देखकर आदित्य ने पूछा, "मैं कुछ पूछ रहा हूँ तुमसे?"
मिहिका ने धीरे से अपना सिर हिलाते हुए कहा, "कुछ नहीं बॉस, वह हल्की सी खरोच है। बाय द वे, आपको लंच के लिए कितने बजे निकलना है?"
आदित्य ने घड़ी की ओर देखते हुए कहा, "दो बजे।"
मिहिका ने हाँ में अपना सिर हिलाया और चुपचाप उसके सामने आकर खड़ी हो गई। आदित्य उसके चेहरे की ओर देख रहा था।
तभी मिहिका ने उससे पूछा, "बॉस, क्या मैं जाऊँ?"
आदित्य ने धीरे से हाँ में अपना सिर हिलाया और मिहिका चुपचाप वहाँ से चली गई।
मिहिका केबिन से बाहर निकल ही रही थी कि सामने के केबिन का दरवाजा खुला। एक लंबा-चौड़ा आदमी, जो अब आदित्य की उम्र का ही लग रहा था, अंदर आया। उसका रंग आदित्य से थोड़ा डल था और वह काफी ज़्यादा हेल्दी था। उसकी पर्सनैलिटी देखकर ही ऐसा लग रहा था कि वह भी कोई बड़ा बिज़नेसमैन है, लेकिन उसके चेहरे पर एटीट्यूड साफ़ नज़र आ रहा था। जैसे ही उसने केबिन खोला, उसके सामने मिहिका खड़ी थी। उसने मिहिका को सिर से लेकर पाँव तक देखा।
मिहिका उसे पहचान नहीं पाई थी। उसने आदमी की ओर देखते हुए कहा, "एक्सक्यूज़ मी सर, आप कौन?"
वह मिहिका की ओर देखते हुए बोला, "आदित्य अंदर है। मुझे उससे मिलना है।"
मिहिका ने कहा, "हाँ, लेकिन आपको अगर उनसे मिलना है तो आपको अपॉइंटमेंट लेना होगा। आपके पास कोई अपॉइंटमेंट नहीं है मेरे पास।"
इतना बोलकर मिहिका अपने हाथ में पकड़े हुए टैब की ओर देखने लगी। तभी उस आदमी ने अपने दोनों हाथ बाँधते हुए कहा, "अच्छा, तो तुम हो आदित्य की नई पर्सनल सेक्रेटरी।"
मिहिका ने उसकी बात सुनकर धीरे से हाँ में अपना सिर हिलाया और उसकी ओर देखते हुए बोली, "आप कौन..."
सामने खड़ा आदमी ने अपने हाथ को अपने बालों में डालकर, अपने बालों को फ्लिप करते हुए कहा, "अविनाश... अविनाश राय कपूर!"
जैसे ही मिहिका ने यह बात सुनी, वह उसकी ओर देखते हुए बोली, "ओह, आई एम सो सॉरी! मैं आपको पहचान नहीं पाई। लेकिन बॉस ने तो आपसे मीटिंग करने के लिए कल..."
वह बोल ही रही थी कि पीछे से आदित्य आ गया। उसने मिहिका को अविनाश से बात करते हुए देखा। अविनाश आदित्य को घूर रहा था। तभी आदित्य ने कहा, "मैंने तुमसे मना किया था न यहाँ आने के लिए, उसके बावजूद भी तुम..."
मिहिका ने जैसे ही आदित्य की आवाज सुनी, वह अविनाश के सामने से हट गई। अविनाश अंदर जाने लगा।
मिहिका को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे, क्योंकि उसे पता था कि अविनाश आदित्य का कज़िन है और वह उसे रोक भी नहीं सकती थी। वह चुपचाप वहीं खड़ी थी। तभी आदित्य ने अविनाश की ओर देखते हुए कहा, "मुझे तुमसे अभी कोई बात नहीं करनी है। अगर तुम्हें मुझसे बात करनी है तो कल मीटिंग में मुझसे बात करना। अभी फिलहाल मैं बहुत बिजी हूँ।"
इतना बोलकर वह जाने लगा। तभी अविनाश ने कहा, "आदित्य, तुम्हारा यह एटीट्यूड मुझे समझ में नहीं आता है। प्लीज, अब मैं यहाँ पर हूँ तो तुम मुझसे बात कर सकते हो। यह डील हम दोनों के लिए इम्पॉर्टेन्ट है। अगर तुम एक बार ठीक से बैठकर मेरी बातें सुन लोगे तो तुम छोटे नहीं हो जाओगे!"
आदित्य ने अविनाश की बात का जवाब देते हुए कहा, "मुझे पता है, और मैं अभी तुमसे बात करने के मूड में बिल्कुल भी नहीं हूँ। और वैसे भी, तुम बहुत अच्छी तरह से जानते हो, मुझे सारी चीज़ें मेरे टाइम पर ही पसंद हैं। और तुम्हारी तरह मैं किसी भी टाइम किसी से मीटिंग नहीं कर सकता। इसलिए अगर तुम्हें मुझसे बात करनी हो तो कल आ जाना, अदरवाइज तुम्हारी मर्ज़ी है।"
इतना बोलकर वह बाहर आया। मिहिका अपने डेस्क के पास ही खड़ी थी। वह मिहिका के पास आते हुए बोला, "तुम मेरी पर्सनल सेक्रेटरी हो और इस तरह से किसी को भी मेरे केबिन के अंदर नहीं आने दे सकती, फिर चाहे वह कोई भी हो।"
मिहिका हैरानी से आदित्य की ओर देख रही थी कि पीछे से अविनाश आया। मिहिका हैरानी से उसकी ओर देखते हुए बोली, "लेकिन बॉस, ये तो आपके कज़िन ब्रदर हैं..."
मिहिका बोल ही रही थी कि आदित्य ने उसे बीच में ही चुप करवाते हुए कहा, "मैं इस टाइम ऑफ़िस में हूँ और यहाँ पर मेरा सिर्फ़ एक ही रिलेशन होता है: एक बॉस और एक एम्प्लॉयी का। यहाँ पर मैं किसी से रिश्तेदारी नहीं निभाता और रिलेशन्स को दूर ही रखता हूँ। यह बात मैं तुम्हें फ़र्स्ट और लास्ट टाइम समझा रहा हूँ। आइन्दा मेरे केबिन में कोई भी मेरी इजाज़त के बिना नहीं आएगा।"
मिहिका ने तुरंत अपनी नज़र झुकाते हुए कहा, "ओके, सॉरी बॉस।"
मिहिका अपना सिर झुकाकर वहीं खड़ी रही।
तभी आदित्य ने स्ट्रिक्टली कहा, "टाइम वेस्ट करना बंद करो और चलो!"
मिहिका ने जल्दी से अपना पर्स उठाया और वह सीधे आदित्य के पीछे-पीछे चलकर ऑफ़िस से बाहर निकल आई।
जैसे ही मिहिका ऑफ़िस से बाहर निकली, वह ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठी। ड्राइवर ने कार चलना शुरू किया। आदित्य ने पहले ही उसे जहाँ जाना था, वह एड्रेस बता दिया था। थोड़ी ही देर में वे लोग एक सेवन स्टार होटल में पहुँचे। वहाँ जैसे ही उनकी कार रुकी, एक आदमी तुरंत उनकी कार के पास आया और उसने आदित्य के साइड का गेट खोलते हुए कहा, "वेलकम सर!"
आदित्य ने धीरे से अपना सिर हिलाया और वह अंदर जाने लगा। मिहिका उसके पीछे-पीछे चल रही थी। तभी उसे सेवन स्टार होटल के मैनेजर ने आदित्य के सामने नज़र झुकाते हुए कहा, "सर, मिस्टर सोहन मल्होत्रा आपके वीआईपी रूम में वेट कर रहे हैं।"
आदित्य ने हाँ में अपना सिर हिलाया और वह मिहिका की ओर देखने लगा। मिहिका ने उसकी ओर हैरानी से देखा।
आदित्य उससे कुछ नहीं बोला और वह सीधे लिफ्ट की ओर जाने लगा। मिहिका को भी उसके पीछे-पीछे ही जाना पड़ा।
जैसे ही मिहिका और आदित्य लिफ्ट के अंदर पहुँचे, लिफ्ट में और कोई नहीं था। वह मैनेजर भी उनके साथ लिफ्ट के अंदर आया और उसने जैसे ही लिफ्ट का बटन ऑन किया, वे लोग सीधे बिल्डिंग के फ़िफ़्थ फ़्लोर पर पहुँचे।
मिहिका आदित्य के साथ ही थी। जैसे ही वे लोग पाँचवें फ़्लोर पर पहुँचे, वहाँ का एक वीआईपी रूम, जो काफी ज़्यादा बड़ा था, उस होटल के मैनेजर ने उन्हें उस रूम के अंदर ले गया।
उस रूम की सारी चीज़ें दिखने में काफी ज़्यादा एक्सपेंसिव लग रही थीं। जैसे ही उसने उस कमरे के दरवाज़े को खोला, आदित्य उसके अंदर गया और मिहिका उसके पीछे-पीछे चल रही थी। जैसे ही वे लोग उस रूम के अंदर पहुँचे, वहाँ पर एक आदमी बैठा हुआ था।
उसने डार्क ग्रीन कलर का थ्री पीस सूट पहना हुआ था। वह दिखने में काफी ज़्यादा हैंडसम लग रहा था और उसकी उम्र तकरीबन 28 या 29 साल की होगी। दिखने में तो वह इतना ही लग रहा था, बाकी उसकी परफ़ेक्ट जॉ लाइन और उसके परफ़ेक्टली सेट हेयर्स को देखकर इतना समझ में आ रहा था कि वह भी कोई बड़ा बिज़नेसमैन ही है। उसने अपने कोट को वहीं सोफ़े के पीछे रखा हुआ था और वह व्हाइट कलर की शर्ट और डार्क ग्रीन कलर के वैस्ट में बैठा, फ़ोन पर किसी से बात कर रहा था।
जैसे ही आदित्य उसके सामने आकर खड़ा हुआ, उसने अपना फ़ोन साइड में रखते हुए कहा, "ओके, मेरी अभी मिस्टर आदित्य रॉय के साथ मीटिंग है। वे वहाँ पहुँच गए हैं, इसलिए मैं आपसे बाद में बात करता हूँ।"
इतना बोलकर उसने अपना फ़ोन साइड में रखा और वह आदित्य के सामने आकर खड़ा हुआ। उसने आदित्य से हाथ मिलाते हुए कहा, "वेलकम मिस्टर आदित्य! मैं आपके साथ अपनी इस मीटिंग को लेकर बहुत ज़्यादा एक्साइटेड था। कम सिट..."
आदित्य उसके सामने आकर बैठ गया। आदित्य ने अपने कोट के बटन खोले और वह बिल्कुल रिलैक्स होकर बैठ गया।
उसने उस आदमी की ओर देखते हुए कहा, "मिस्टर सोहन मल्होत्रा, एक्साइटेड तो मैं भी था, लेकिन मैंने बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि आप इस तरह अचानक से मुझसे मिलने का प्लान बना लेंगे। आखिर ऐसा कैसे हो गया? क्या देख लिया आपने मुझमें, जो इतनी जल्दी आप मेरे साथ ही डील करने और इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए मान गए।"
उस आदमी ने आदित्य की बात सुनकर मुस्कुराते हुए कहा, "बिल्कुल, सब कुछ बताता हूँ मैं आपको। बस पहले आप आराम से बैठिए और हमें अपनी खातिरदारी करने का मौका तो दीजिए।"
मिहिका वहीं आदित्य के बगल में ही खड़ी थी कि उस आदमी की नज़र मिहिका पर गई। वह मिहिका की ओर हैरानी से देखने लगा।
जिस तरह से वह मिहिका को घूर रहा था, मिहिका थोड़ी सी अनकम्फ़रटेबल हो गई। उसने मेकअप की ओर अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा, "हेलो मिस ब्यूटीफुल! आप इसी तरह से खड़ी रहेंगी क्या? प्लीज बैठ जाइए।"
आदित्य मिहिका की ओर देख रहा था। तभी मिहिका ने उससे हाथ मिलाते हुए कहा, "हेलो मिस्टर मल्होत्रा! मैं बॉस की नई सेक्रेटरी हूँ। एंड आई एम फ़ाइन सर।"
जैसे ही मिहिका ने यह बात कही, सोहन ने उसकी बात सुनकर मुस्कुराते हुए कहा, "क्या मैं आपका नाम जान सकता हूँ?"
मिहिका ने उसकी बात सुनकर धीमी आवाज़ में कहा, "आई एम मिहिका..."
सोहन ने मिहिका का हाथ पकड़कर हैंडशेक करते हुए बोला, "यू आर सो प्रिटी, मिस मिहिका! प्लीज बैठ जाइए..."
क्रमशः
Chapter 13
मिहिका आदित्य की ओर देख रही थी, उसकी अनुमति का इंतज़ार कर रही थी। तभी सोहन ने अदिति की ओर देखते हुए कहा, "मिस्टर रॉय, मुझे ऐसा लगता है आपकी सेक्रेटरी आपकी इजाज़त के बिना नहीं बैठेंगी। कृपया उन्हें बैठने के लिए कहिए। मुझे अच्छा नहीं लगेगा अगर दो जेंटलमैन के सामने एक खूबसूरत लेडी इस तरह खड़ी रहे।"
आदित्य ने मिहिका को बैठने का इशारा किया और वह चुपचाप आदित्य के बगल में बैठ गई।
मिस्टर सोहन मल्होत्रा सिंगल सोफ़े पर बैठे थे और आदित्य से बात करने में व्यस्त हो गए। मिहिका उनकी सारी बातें सुन रही थी।
थोड़ी देर बाद उनकी मीटिंग खत्म हुई। आदित्य ने उनकी ओर देखते हुए कहा, "मिस्टर मल्होत्रा, मुझे आपका आइडिया पसंद आया है, पर मैं अभी आपके साथ डील साइन नहीं करूँगा।"
जैसे ही मल्होत्रा ने यह बात सुनी, उन्होंने कहा, "अगर आपको आइडिया पसंद है तो फिर डील साइन करने में क्या समस्या है?"
आदित्य ने तुरंत जवाब दिया, "मैं अपनी किसी भी डील को जल्दबाजी में साइन नहीं करता। आपने मुझे अपने विचार बताए, वह बेहतरीन हैं, पर मैं अपना समय लेकर ही डील साइन करूँगा। आप चाहे तो मुझे थोड़ा जजमेंटल समझ सकते हैं, पर मुझे चीज़ें अपने तरीके से करना पसंद है और मैं अपनी किसी भी चीज़ में बदलाव नहीं करता, फिर चाहे वह समय हो या मेरे बिज़नेस करने का तरीका।"
आदित्य बात कर रहा था और मिहिका चुपचाप उनकी बातें सुन रही थी। तभी मिस्टर मल्होत्रा ने कहा, "ओके, फाइन। तो नेक्स्ट टाइम मैं कब आपसे मीटिंग करूँ, यह आप ही मुझे बता दीजिएगा। जब आपको लगे कि डील करने का सही समय है, तो बस मुझे कॉल कर दीजिएगा।"
आदित्य ने सिर हिलाया और मिस्टर मल्होत्रा उठकर खड़े होते हुए बोले, "तो फिर अब लंच कर लेते हैं हम!"
आदित्य ने उठकर अपनी कोट का बटन लगाते हुए कहा, "ज़रूर!"
इतना बोलकर वे लोग डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ गए। मिहिका अभी भी चुपचाप वहीं खड़ी थी। उसकी ओर देखकर मिस्टर मल्होत्रा ने कहा, "मिस मिहिका, कृपया हमारे साथ जुड़िए।"
मिहिका ने सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं, धन्यवाद सर, पर मुझे भूख नहीं है।"
इतना बोलकर वह चुपचाप वहीं हाथ बाँधकर खड़ी हो गई। आदित्य मिहिका की ओर देख रहा था, तभी मिस्टर मल्होत्रा उठकर खड़े हुए और उन्होंने मिहिका का हाथ पकड़ते हुए कहा, "ऐसे कैसे? अब आप यहाँ आई हैं तो लंच तो आपको करना ही पड़ेगा।"
इतना बोलकर उन्होंने कुर्सी को सलीके से पीछे खींचा और मिहिका को बैठने का इशारा किया।
मिहिका आदित्य की ओर देख रही थी। तभी आदित्य ने उसे बैठने के लिए कहा। जैसे ही मिहिका बैठी, मिस्टर मल्होत्रा मिहिका के बगल में बैठते हुए बोले, "आप जैसी खूबसूरत लड़की हमारे साथ लंच करे, यह तो हमारे लिए बड़ी ही खुशकिस्मती की बात होगी।"
मिहिका मल्होत्रा की बातों से बहुत असहज हो रही थी। जिस तरह से मिस्टर मल्होत्रा उसके बगल में आकर बैठ गए थे, उससे भी वह और असहज होने लगी। उसके चेहरे पर बदलते हुए भावों को आदित्य ने देखा और वह मल्होत्रा को घूरने लगा।
वह अपने हाथों से मिहिका की प्लेट में खाना परोस रहा था। यह देखकर आदित्य को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। मिहिका ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "थैंक यू सर, पर मैं खुद परोस सकती हूँ।"
मिहिका ने जैसे ही यह बात बोली, सोहन ने तुरंत अपना हाथ पीछे खींच लिया।
आदित्य चुपचाप लंच कर रहा था। थोड़ी देर में मिहिका ने जल्दी से अपना लंच खत्म किया और वह तुरंत उठकर खड़ी हो गई। आदित्य ने भी अपना लंच खत्म करते हुए कहा, "ओके, फाइन मिस्टर मल्होत्रा, मैं कल तक आपको अपना निर्णय बता दूँगा। आप चाहें तो किसी भी समय मेरे ऑफिस मिलने आ सकते हैं।"
मिहिका चुपचाप खड़ी नहीं थी। जैसे ही आदित्य उठकर खड़ा हुआ, मिस्टर मल्होत्रा ने आदित्य से हाथ मिलाते हुए कहा, "जी बिल्कुल, आप मुझे कल इस डील का अंतिम उत्तर बता दीजिएगा और उसके बाद मैं आपसे मिलने आपके ऑफिस आ जाऊँगा।"
इतना बोलकर उसने आदित्य की ओर देखकर मुस्कुराया और उसने मिहिका की ओर अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा, "मिस मिहिका, आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा। मैं आपसे दोबारा मिलने के लिए बहुत उत्सुक हूँ।"
मिहिका ने मन ही मन कहा, "मुझसे मिलने के लिए यह क्यों इतना उत्सुक हो रहा है?"
मिहिका यह सोच ही रही थी कि उसने धीरे से सिर हिलाया और आदित्य की ओर देखने लगी। आदित्य ने अपनी घड़ी की ओर देखते हुए कहा, "अगला कार्यक्रम क्या है मेरा?"
मिहिका ने धीमी आवाज में कहा, "बॉस, वो एक मीटिंग है।"
आदित्य ने मिस्टर मल्होत्रा की ओर देखा, जो मिहिका को सिर से लेकर पैर तक देख रहा था। तभी आदित्य ने कहा, "मिस्टर मल्होत्रा!"
जैसे ही आदित्य ने उनका नाम लिया, वे मिहिका से नज़र हटाकर आदित्य की ओर देखने लगे। आदित्य ने कहा, "अभी मैं चलता हूँ।"
इतना बोलकर आदित्य वहाँ से बाहर निकल गया और मिहिका भी उसके पीछे-पीछे वहाँ से जाने लगी। तभी मिहिका ने एक बार पीछे मुड़कर उसकी ओर देखा। वह मिहिका को अजीब नज़रों से देख रहा था। जैसे ही मिहिका ने अपनी ओर पड़ती हुई उसकी नज़रों को देखा, उसने तुरंत अपना चेहरा आदित्य की ओर घुमाया और वह जल्दी से उस वीआईपी रूम से बाहर निकल आई। जैसे ही वे दोनों लिफ्ट के अंदर पहुँचे,
मिहिका ने राहत की साँस ली। आदित्य ने उसे ऐसा करते देखकर उसकी ओर देखते हुए कहा, "क्या हुआ? क्या तुम ठीक हो?"
मिहिका ने सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ बॉस, मैं ठीक हूँ!"
इतना बोलकर वह चुपचाप खड़ी हो गई। थोड़ी देर में वे लोग अपनी दूसरी मीटिंग पर चले गए। आदित्य अपनी मीटिंग में व्यस्त हो गया और मिहिका वहीं उसके साथ बैठी थी। तभी मिहिका के आईपैड पर तृषा का मैसेज आया। उसने आदित्य के साथ मीटिंग फिक्स करने के लिए उससे कहा था। तृषा के इस मैसेज को देखकर मिहिका आदित्य के पास गई।
उसने धीमी आवाज में कहा, "बॉस, तृषा मैडम को आपसे मिलना है। किस समय का आपका शेड्यूल फिक्स करूँ?"
आदित्य ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "कल का!"
इतना बोलकर वह वापस अपने सामने बैठे उस आदमी से अपनी मीटिंग की बातें करने लगा।
मिहिका ने तुरंत तृषा को मैसेज किया। तृषा ने उसे रिप्लाई देते हुए कहा, "नहीं, मुझे उससे आज ही मिलना है। रहने दो, मैं खुद ही उससे बात कर लूँगी।"
इतना बोलकर तृषा ने तुरंत आदित्य का नंबर डायल किया। जैसे ही आदित्य ने उसका नंबर देखा, उसने तुरंत उसका कॉल काट दिया।
तृषा ने जैसे ही उसे अपना नंबर काटते हुए देखा, वह गुस्से से भर गई और उसने तुरंत मिहिका के नंबर पर कॉल किया।
मिहिका ने उसका नंबर रिसीव करते हुए कहा, "हैलो मैडम!"
मिहिका की आवाज सुनते ही तृषा गुस्से से चिल्लाते हुए बोली, "कहाँ है आदित्य? मेरी उससे बात करवाओ।"
मिहिका ने कहा, "आई एम सॉरी मैडम! बॉस अभी मीटिंग में व्यस्त हैं। जैसे ही मीटिंग खत्म होगी, मैं बॉस से बोल दूँगी, वह आपसे बात कर लेंगे।"
तृषा ने तेज आवाज में चिल्लाते हुए कहा, "कहाँ हो तुम लोग? बताओ मुझे, मैं अभी वहाँ आ रही हूँ।"
मिहिका ने धीमी आवाज में कहा, "पर मैडम..."
तृषा चिल्लाते हुए बोली, "tell me the bloody fcuking address..."
मिहिका सदमे में आ गई। तृषा ने दाँत पीसते हुए कहा, "एड्रेस बताओ मुझे, तुम्हें बाकी और कुछ बोलने की ज़रूरत नहीं है।"
इतना बोलकर तृषा ने अपना कॉल काट दिया। आदित्य, जो वहीं मीटिंग में बैठा हुआ था, मिहिका की ओर देखने लगा क्योंकि मिहिका के चेहरे पर टेंशन साफ दिख रही थी। जैसे ही आदित्य की मीटिंग खत्म हुई, वह मिहिका की ओर देखने लगा और उसने अपने लिए ड्रिंक ऑर्डर कर दी।
मिहिका वहीं चुपचाप खड़ी थी। तभी आदित्य ने उसे अपने पास बुलाते हुए कहा, "तृषा को बोल दिया ना कि वह मुझसे कल मिलेगी?"
मिहिका ने कहा, "नहीं बॉस, वह एक्चुअली तृषा मैम..."
मिहिका बोल ही रही थी कि आदित्य ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा, "मतलब तुमने अभी तक उसे नहीं बोला!"
मिहिका ने धीमी आवाज में कहा, "नहीं, मैंने उन्हें बोला था, पर उन्होंने मुझसे यहाँ का एड्रेस माँगा। वह अभी आपसे मिलना चाहती हैं।"
आदित्य ने मिहिका की ओर देखते हुए कहा, "तो क्या कहा तुमने? क्या उसे यहाँ का एड्रेस दे दिया?"
मिहिका इससे पहले कि कुछ बोल पाती, पीछे से एक नशा में धुत आदमी निकला और उसका कंधा मिहिका से टकरा गया।
मिहिका लड़खड़ा गई। आदित्य वहीं गुस्से से उसे घूर रहा था। इससे पहले कि आदित्य उस शराबी को कुछ बोल पाता, मिहिका सीधे उसके ऊपर जग गिरी। आदित्य ने तुरंत अपना हाथ मिहिका की कमर पर रखा और उसे संभालते हुए बोला, "क्या कर रही हो तुम? आराम से!"
मिहिका का संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया था। वह आदित्य के चेहरे के बिल्कुल पास आ गई और उसके बाल उन दोनों के चेहरे के बिल्कुल करीब आ गए थे, जिससे उन दोनों का चेहरा ढँक गया।
मिहिका ने आदित्य के सीने पर अपने दोनों हाथ रख लिए और आदित्य मिहिका की आँखों में आँखें डालकर देखने लगा। उन दोनों ने पहली बार एक-दूसरे को इतनी नज़दीकी से देखा। समय रुक गया। वे दोनों उसी तरह एक-दूसरे में खो गए।
तभी तृषा वहाँ आई और उसने आदित्य की ओर देखा। मिहिका आदित्य के ऊपर गिरी हुई थी, और उन दोनों के चेहरे बिल्कुल एक-दूसरे के सामने थे।
जिसे देखकर तृषा के पैरों तले जमीन खिसक गई। उस एंगल से देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे मानो आदित्य और मिहिका दोनों एक-दूसरे को किस कर रहे हों।
क्रमशः
अध्याय 14
जैसे ही तृषा ने उन दोनों को देखा, वह वहीं रुक गई। उसने गुस्से से मुट्ठी बांध ली और आगे जाकर मिहिका का हाथ पकड़, उसे कबीर से दूर करते हुए बोली, "यह क्या कर रहे हो तुम दोनों? सीरियसली, आदित्य..?"
मिहिका ने तृषा की बात सुनते ही झट से पीछे हटकर अपने बालों को संवारते हुए कहा, "आई एम सॉरी बॉस, वह एक्चुअली मेरा पैर स्लिप हो गया।"
आदित्य तृषा की ओर देखते हुए बोला, "तुम यहां क्या कर रही हो? मैंने तुमसे कहा था ना, मैं तुमसे कल मिलूँगा। उसके बावजूद भी तुम यहां आ गई।"
तृषा ने आदित्य का जवाब नहीं दिया। मिहिका के कंधे को धक्का देते हुए बोली, "तुम्हारा काम आदित्य का शेड्यूल फिक्स करना है, और तुम यहां उस पर डोरे डाल रही हो? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई आदित्य को किस करने की? उसे अपनी अदाओं में फँसाना चाहती हो?"
मिहिका ने सिर हिलाते हुए कहा, "नो, नो तृषा मैडम, कैसी बातें कर रही हैं आप? ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा आप सोच रही हैं। मैं...मैं तो बॉस को आपके बारे में ही बता रही थी, बट किसी ने मुझे पीछे धक्का दिया और मेरा पैर स्लिप हो गया और मैं..."
मिहिका बोल ही रही थी कि तृषा ने उसे धक्का देते हुए कहा, "पैर स्लिप हुआ और तुम आदित्य को किस करने लगी? ओह, जस्ट शट अप! बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ मैं तुम जैसी लड़कियों को, जो पैसे के लिए कुछ भी करती हैं।"
मिहिका ने अपनी एक भौंह चढ़ाते हुए कहा, "नो मैम, व्हाट आर यू टॉकिंग अबाउट? ऐसा कुछ भी नहीं है, आप गलत समझ रही हैं..!"
मिहिका बोल ही रही थी कि तृषा तेज आवाज में चिल्लाई, "सब जानती हूँ मैं तुम जैसी लड़कियों को…!"
मिहिका चिल्लाई, "व्हाट डू यू मीन मैम? मुझ जैसी लड़कियों से आपका क्या मतलब है? और प्लीज, मैं आपसे रिस्पेक्ट से बात कर रही हूँ तो आप भी मुझसे रिस्पेक्ट से बात करिए।"
तृषा ने मिहिका की आँखों में आँखें डालकर देखा, "अच्छा, वरना क्या करोगी तुम? तुम जानती हो मुझे कौन हूँ मैं?"
तृषा मिहिका के करीब जा ही रही थी कि आदित्य तेज आवाज में चिल्लाया, "इनफ, तृषा! यह क्या बेवकूफी वाली हरकतें हैं तुम्हारी? तुम्हारे मुँह में जो आ रहा है, तुम वह बोल रही हो! और वैसे भी, उसका पैर सच में स्लिप हुआ था और मैंने ही उसे पकड़ा था। अगर मैं उसे ना पकड़ता तो वह गिर जाती और उसे चोट लग जाती। और तुमने जो देखा, वह..."
तृषा ने आदित्य की ओर देखा, "वह तो मैंने देखा कि तुम लोग क्या कर रहे थे और क्या नहीं! इसीलिए तुमने इस लड़की को अपनी सेक्रेटरी रखा है ना, ताकि यह तुम्हारे शेड्यूल के साथ-साथ तुम्हारी फिजिकल नीड्स पर भी ध्यान दे पाए, राइट? और वैसे भी आदित्य, मैं तुम्हें बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ। तुम्हें तो बस अच्छी लड़की मिलने से मतलब है, है ना? क्योंकि मूड तो तुम्हारा कभी भी बन जाता है।"
आदित्य ने तृषा को घूरते हुए कहा, "तृषा, सबसे पहली बात तो तुम्हें इतना जलूस होने की ज़रूरत नहीं है। और अगर मैं उसे किस कर भी रहा था तो तुम्हें उससे क्या..."
आदित्य की बात सुनते ही तृषा बोली, "मतलब तुम उसे सच में किस कर रहे थे, है ना? आई न्यु इट...."
मिहिका ने आदित्य की बात सुनते ही तृषा की ओर देखते हुए कहा, "बॉस, आप ऐसा क्यों बोल रहे हैं? नो, नो, ऐसा कुछ भी नहीं है मैम..."
मिहिका बोल ही रही थी कि तृषा ने उसे घूरते हुए कहा, "यू जस्ट शट अप! मैं आदित्य से बात कर रही हूँ। हम दोनों के बीच तुम्हें बोलने की या कोई सफाई देने की ज़रूरत नहीं है, अंडरस्टैंड..."
मिहिका ने हैरानी से कहा, "बट मैम, मेरी सेल्फ रिस्पेक्ट की बात है और आप मुझे ही बोलने से मना कर रही हैं! मैं क्यों ना बोलूँ? हमारे बीच में ऐसा कुछ भी हुआ ही नहीं है तो आप इस तरह का ब्लेम मुझ पर कैसे लगा सकती हैं..!"
मिहिका चुप हो गई। उसकी आँखों में आँसू भर आए थे। वह नहीं चाहती थी कि उसकी वजह से आदित्य और तृषा के बीच कुछ भी हो। आदित्य मिहिका के आँसू देखकर तृषा को घूरने लगा।
उसने तृषा की ओर देखते हुए बोला, "मैंने पहले ही तुमसे अपनी सारी चीजें क्लियर कर चुका हूँ कि हमारे बीच सिर्फ फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स वाला ही रिलेशन होगा। इससे ज्यादा और कोई उम्मीद मत रखना। तुम तो अब यहां पर... तुम मुझ पर किस हक़ से हक़ जमाती रही हो? और क्या तुम्हें सच में ऐसा लगता है कि जिनके बीच फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स वाला रिलेशन हो, उन्हें इस तरह जलूस फील करना चाहिए, जैसे तुम अभी कर रही हो?"
आदित्य गुस्से से तृषा को घूर रहा था। मिहिका धीमी आवाज में बोली, "बॉस, आई थिंक मुझे यहां से चले जाना चाहिए..."
इतना बोलकर मिहिका अपना पर्स उठाकर जाने लगी। तृषा बोली, "हाँ, बिल्कुल, तुम्हें यहां से चल ही जाना चाहिए। और हो सके तो कल से जॉब पर भी मत आना। अब जाकर अपने लिए कोई दूसरी जॉब ढूंढो और अपने हुस्न के जाल में फँसाने के लिए कोई दूसरा अमीर आदमी ढूंढो।"
मिहिका के आँसू बहने लगे। उसने पर्स उठाया और मुड़ी।
तभी आदित्य आगे बढ़कर मिहिका का हाथ पकड़ते हुए बोला, "रुको मिहिका, तुम मेरी पर्सनल सेक्रेटरी हो और मैंने तुम्हें जाने के लिए नहीं कहा।"
मिहिका ने रुककर कहा, "लेकिन बॉस..."
तृषा ने मिहिका की बात काटते हुए कहा, "आदित्य, तुम मेरे सामने इस लड़की को रोक रहे हो? मैंने कहा, जाने दो उसे..!"
आदित्य ने तृषा की ओर नहीं देखा। वह मिहिका की आँखों में देख रहा था। मिहिका रो रही थी।
आदित्य ने उसका हाथ और कसकर पकड़ लिया। मिहिका को रोते देख उसे अच्छा नहीं लग रहा था।
उसने मिहिका की आँखों में देखते हुए तृषा से बेरूखी से कहा, "तृषा, अभी के अभी मिहिका को सॉरी बोलो..."
तृषा हैरानी से बोली, "क्या...क्या कहा तुमने?"
आदित्य ने दोहराया, "मैंने कहा, मिहिका को सॉरी बोलो, राइट नाउ..!"
तृषा ने मुट्ठी बांधते हुए कहा, "आर यू सीरियस, आदित्य? तुम्हें ऐसा लगता है मैं इसे सॉरी बोलूँगी? इसे..!"
आदित्य ने मिहिका के आँसुओं को देखते हुए कहा, "हाँ, बिल्कुल बोलोगी! क्योंकि तुमने जिस तरह की बातें उसे बोली हैं, तुम सॉरी बोलना डिजर्व करती हो। नाउ, विदाउट वेस्टिंग टाइम, से सॉरी टू हर..."
क्रमशः
अध्याय 15
तृषा ने ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं... मैं उसे कभी माफ़ी नहीं माँगूंगी... मैं मर जाऊँगी लेकिन उसे सॉरी नहीं बोलूंगी!"
आदित्य ने मिहिका की आँखों में आँखें डालकर देखते हुए कहा, "मिहिका, यहीं रुको। जब तक मैं तुम्हें जाने के लिए नहीं कहूँगा, तुम कहीं नहीं जाओगी।"
मिहिका ने आदित्य के हाथ से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा, "नहीं बॉस, आई थिंक तृषा मैम सही कह रही हैं। मुझे अपने लिए कोई दूसरी जॉब ढूँढ लेनी चाहिए। क्योंकि मैं इस तरह का दोष अपने ऊपर नहीं ले सकती। और मैंने आपसे पहले भी कहा था, मेरी सेल्फ रिस्पेक्ट मेरे लिए सबसे ज़्यादा इम्पॉर्टेन्ट है। प्लीज, मेरा हाथ छोड़िए और आप अपने लिए कोई दूसरी असिस्टेंट ढूँढ लीजिएगा।"
इतना बोलकर मिहिका ने आदित्य के हाथों से अपने हाथ को छुड़ाने की कोशिश की। आदित्य उसकी बात सुनकर उसकी आवाज़ में दिख रहे दर्द को महसूस कर रहा था। वहीं तृषा ने मिहिका की बात सुनकर हाँ में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ, बिल्कुल सही डिसीजन लिया है तुमने। छोड़ो आदि उसका हाथ और जाने दो उसे।"
इतना बोलकर तृषा ने आदित्य का हाथ मिहिका के हाथ से छुड़ाया और मिहिका वहाँ से रोते हुए बाहर निकल गई।
आदित्य ने उसे इस तरह जाते देखकर गुस्से से तृषा पर चिल्लाते हुए कहा, "अच्छी-भली लड़की को बेवजह रुला दिया तुमने!"
आदित्य की यह बात सुनकर तृषा उसके करीब आई और उसने उसके सीने पर अपना हाथ रखते हुए कहा, "मैं जानती हूँ आदि, वह लड़की तुम्हारे साथ क्या करना चाह रही थी और तुम बहुत इनोसेंट हो, तुम उसे नहीं जानते। इस तरह की लड़कियों को मैं बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ और वैसे भी, तुम्हें जो चाहिए वह मैं तुम्हें दूँगी। तुम प्लीज अपसेट मत हो।"
आदित्य ने तृषा का हाथ अपने सीने पर से हटाते हुए कहा, "आर यू क्रेजी? हटो मेरे सामने से..."
इतना बोलकर आदित्य मिहिका के पीछे जाने लगा। और तभी तृषा ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा, "आदि, आर यू सीरियस? तुम उसे लड़की के पीछे जा रहे हो? आखिर तुम्हें क्या हो गया है?"
आदित्य ने कहा, "वह मेरी असिस्टेंट है और वह मेरे साथ यहाँ आई थी।"
तृषा ने कहा, "असिस्टेंट थी, नहीं है। एंड सो व्हाट? उसने जॉब छोड़ दी है। और रही बात तुम्हारी असिस्टेंट की तो मैं तुम्हारे लिए असिस्टेंट अरेंज कर दूँगी।"
इतना बोलकर वह आदित्य के हाथ को कसकर पकड़ते हुए बोली, "अब तुम चलो मेरे साथ..."
आदित्य ने तृषा का हाथ अपने हाथ से छुड़ाया और वह सीधे बाहर की तरफ़ जाने लगा। लेकिन जैसे ही आदित्य बाहर पहुँचा, उसने देखा मिहिका ऑटो में बैठकर वहाँ से जा चुकी थी।
आदित्य उसे जाते हुए देखकर वहीं पर रुक गया। और तभी तृषा पीछे से आई और उसने आदित्य को कार में बैठने के लिए कहा। आदित्य मिहिका के बारे में ही सोच रहा था और जब तृषा ने उसे कार के अंदर बैठाया तो आदित्य बैठ तो गया, लेकिन उसके दिमाग में मिहिका की ही बातें और उसका रोता हुआ चेहरा ही दिखाई दे रहा था।
और उसने तृषा की तरफ़ देखते हुए कहा, "अगर तुम उसे एक सॉरी बोलती तो क्या तुम छोटी हो जाती?"
तृषा ने आदित्य की यह बात सुनकर हैरान होते हुए उसकी तरफ़ देखकर कहा, "लाइक सीरियसली आदि? तुम अभी भी उस लड़की के बारे में सोच रहे हो? फॉरगेट इट, she's doesn't matter to me और तुम भी उसके बारे में इतना ना सोचो तो ज़्यादा बेहतर होगा..."
आदित्य तृषा को घूरते हुए देखने लगा। जैसे ही कार रुकी और तृषा कार से बाहर निकली, उसने आदित्य का हाथ पकड़ते हुए कहा, "चले अंदर, मैंने तुम्हारे लिए कुछ प्लान किया है।"
आदित्य ने ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं, मैं घर जा रहा हूँ।"
इतना बोलकर उसने कार का दरवाज़ा बंद किया और ड्राइवर की तरफ़ देखते हुए कहा, "घर चलो!"
ड्राइवर ने तुरंत कार मोड़ी और वह सीधे घर की तरफ़ चला गया। और जैसे ही आदित्य घर पहुँचा,
उसने तुरंत अपना मोबाइल फ़ोन निकाला और वह मिहिका को कॉल करने लगा। लेकिन मिहिका उसका कॉल पिकअप नहीं कर रही थी और आदित्य जानता था कि मिहिका इस टाइम कॉल पिकअप करने की हालत में नहीं होगी, क्योंकि वो तृषा की बातों से काफी ज़्यादा हर्ट हुई थी।
वहीं दूसरी तरफ़,
मिहिका जब अपने घर पहुँची तो उसने सीधे राहुल को कॉल किया और जैसे ही राहुल ने उसका कॉल पिकअप किया,
मिहिका इस तरह रोते हुए बोली, "राहुल सर, मैं इस जॉब को क्विट कर रही हूँ। प्लीज, अगर मेरे लिए किसी दूसरी कंपनी में कोई जॉब हो तो मुझे बताइएगा।"
राहुल ने जैसे ही यह बात सुनी, वह हैरान होते हुए बोला, "लेकिन क्यों? ऐसा क्या हो गया? तुम तो काम भी अच्छा कर रही हो। मुझे आदित्य की तरफ़ से कोई शिकायत नहीं मिली। तो फिर इस तरह अचानक जॉब छोड़ना? व्हाट्स द मैटर? टेल मी मिहिका... आई कैन सॉल्व योर प्रॉब्लम!"
मिहिका ने राहुल की बात का कोई जवाब नहीं दिया और उसने कॉल कट कर दिया।
मिहिका के कानों में तृषा की बातें बार-बार गूंज रही थीं और वह अपना ध्यान भटकने की कोशिश कर रही थी। लेकिन उसके दिमाग से सारी बातें निकल ही नहीं रही थीं। वह इतनी ज़्यादा परेशान हो गई कि उसने अपने ड्रॉअर को खोला और उसमें से नींद की दवा निकाली और उसमें से दो टेबलेट खाकर वह चुपचाप अपने बेड पर आकर लेट गई और थोड़ी ही देर में जैसे ही दवा का असर हुआ उसे नींद आ गई।
अगले दिन सुबह,
मिहिका की आँख देर से खुली और उसने तुरंत अपना मोबाइल फ़ोन निकाला और उसने देखा उसमें राहुल की कई मिस कॉल लगी हुई थीं। और मिहिका ने उसे दोबारा कॉल भी नहीं किया।
वह फ्रेश हुई। उसका सिर काफी ज़्यादा भारी था। लेकिन वह जानती थी कि अगर वह आदित्य की सेक्रेटरी की जॉब क्विट कर चुकी है तो उसे अपने लिए कोई दूसरी जॉब ढूँढनी होगी। और मिहिका अपने घर से बाहर निकली। बाहर निकलते ही उसने एक जॉब की ऐड देखी और उसे ऐड को देखकर मिहिका ने अपने मन में कहा, "आई थिंक मुझे एक बार इस जगह पर भी जाकर देखना चाहिए। भले ही थोड़े कम पैसे मिलेंगे, बट कम से कम हाथ में पैसे तो होंगे ना!"
मिहिका उस ऐड के पास जाकर उसकी फ़ोटो क्लिक करने लगी। और वह जैसे ही उस एड्रेस को पढ़कर वहाँ का ऑटो करने जा ही रही थी कि तभी उसका मोबाइल फ़ोन बजा। जैसे ही मिहिका ने अपने मोबाइल फ़ोन की तरफ़ देखा, उसकी आँखें हैरानी से चौड़ी हो गईं और उसने हड़बड़ाते हुए जल्दी से कॉल को पिकअप किया। फ़ोन की दूसरी तरफ़ से किसी लड़की की आवाज़ आई और उसकी बातें सुनकर मिहिका काफी ज़्यादा परेशान हो गई।
उसकी आँखों के कोने से आँसू बहने लगे। और उसे इस तरह रोता देखकर उस ऑटो वाले ने मिहिका की तरफ़ देखते हुए कहा, "क्या हुआ मैडम? कहाँ जाना है आपको?"
मिहिका उससे कुछ बोल नहीं पा रही थी। और तभी फ़ोन के दूसरी तरफ़ से आवाज़ आई, "हेलो मिहिका, तुमने मेरी बात सुनी ना?"
मिहिका ने इस तरह रोते हुए कहा, "हाँ हाँ, मैंने सुना। मैं... मैं बस दस मिनट में पहुँचती हूँ!"
इतना बोलकर मिहिका ऑटो के अंदर बैठी और ऑटो वाले को इंस्ट्रक्शन देते हुए बोली, "प्लीज भैया, जल्दी हास्पिटल चलिए, जल्दी...!"
मिहिका ने जैसे ही यह बात बोली, ऑटो वाले ने तुरंत अपना ऑटो स्टार्ट किया और वह सीधे हास्पिटल की तरफ़ निकल गया।
क्रमशः
अध्याय 16
वहीं दूसरी तरफ, आदित्य अपने ऑफिस पहुँच गया था। जैसे ही वह पहुँचा, उसने देखा कि उसके टेबल पर उसकी कॉफी रखी हुई थी। आदित्य को लगा कि शायद मिहिका ने यह कॉफी रखी होगी। जैसे ही उसने कॉफी उठाई, उसे लगा कि वह गर्म है।
आदित्य के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आई। उसने तुरंत कॉफी उठाई और आराम से अपनी चेयर पर बैठकर कॉफी पीने लगा। तभी उसके केबिन का दरवाज़ा खुला और एक लड़का केबिन के अंदर आया। उसने आदित्य की तरफ देखते हुए कहा, "गुड मॉर्निंग बॉस…!"
आदित्य ने उसे घूरते हुए कहा, "तुम कौन हो? और यहाँ मेरे केबिन में क्या कर रहे हो?"
वह लड़का मुस्कुराते हुए बोला, "मैं आपका नया सेक्रेटरी हूँ, अहान। मैं आपके सारे काम करूँगा और आपको बिल्कुल भी निराश नहीं होने दूँगा। आपके आज के शेड्यूल ये हैं…"
अहान सामने खड़ा होकर टैबलेट में देखकर आदित्य का पूरा शेड्यूल बता रहा था। आदित्य ने उसे घूरते हुए कहा, "किसने हायर किया है तुम्हें?"
अहान भ्रमित होकर बोला, "तृषा मैडम ने…"
आदित्य ने जैसे ही तृषा का नाम सुना, उसने कसकर अपनी आँखें बंद कीं। उसने अहान की तरफ देखते हुए कहा, "मुझे तुम्हारी कॉफी बिल्कुल पसंद नहीं आई। यू आर फायर्ड…"
अहान हैरान होते हुए बोला, "लेकिन बॉस, अभी आपने मेरा काम देखा ही नहीं है। एक बार मेरा काम देख तो लीजिये। मैं जानता हूँ मैं आज ट्रायल पर हूँ।"
आदित्य ने उसे घूरते हुए कहा, "आई डोंट लाइक यू। गेट आउट…"
आदित्य की बात सुनकर अहान ने एक गहरी साँस ली। इससे पहले कि वह और कुछ बोल पाता, आदित्य ने अपना मोबाइल फोन उठाया और तृषा को कॉल किया।
"हाउ डेयर यू, तृषा! तुम्हें क्या लगता है? तुम इस तरह किसी लड़के को मेरा सेक्रेटरी बनाकर अपनी इनसिक्योरिटी दूर कर लोगी? मैं तुमसे पहले भी बोल चुका हूँ कि हम अपने रिश्ते में बिल्कुल क्लियर रहें तो ज़्यादा अच्छा होगा। अब आइंदा कभी मेरी पर्सनल स्पेस में आने की कोशिश मत करना।"
फोन की दूसरी तरफ से तृषा ने प्यार से कहा, "लेकिन आदि, मैं तो तुम्हारी सिर्फ़ मदद कर रही थी।"
आदित्य ने चलते हुए कहा, "वह तो मैंने देखा, तुमने मेरी कितनी मदद की है! और सच बताऊँ तो मुझे तुम्हारी किसी भी मदद की कोई ज़रूरत नहीं है।"
इतना बोलकर आदित्य ने कॉल काट दी। अहान अभी भी सामने खड़ा था। आदित्य ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "आरे यू डेफ़? तुम्हें सुनाई नहीं देता है क्या? मैंने कहा जाओ यहाँ से…!"
अहान ने उसकी बात सुनी और चुपचाप उसके केबिन से बाहर निकल गया।
वहीं दूसरी तरफ, मिहिका जैसे ही अस्पताल पहुँची, वह भागते हुए अंदर गई। सामने खड़ी एक नर्स ने मिहिका को पहचान लिया और एक पर्ची दिखाते हुए कहा, "प्लीज़ जल्दी से ये दवाइयाँ और इंजेक्शन लेकर आइए। पेशेंट की हालत बहुत ज़्यादा खराब हो गई है। अगर थोड़ी भी देर हुई तो हम उसे बचा नहीं पाएँगे।"
मिहिका यह सुनकर रोने लगी। नर्स वहाँ से भागते हुए सामने के वार्ड में चली गई। मिहिका ने उस मेडिसिन पेपर की तरफ देखते हुए कहा, "नहीं, मैं… मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगी, कुछ नहीं होगा तुम्हें…"
इतना बोलकर मिहिका भागते हुए सीधे केमिस्ट की दुकान पर गई। जैसे ही उसने दवाइयों के बिल को देखा, बिल 8000 का था। मिहिका ने अपना मोबाइल फोन निकाला और अपनी यूपीआई आईडी खोली। उसके बैंक अकाउंट में ज़्यादा पैसे नहीं थे, लेकिन फिर भी मिहिका ने जल्दी से बिल पे किया और सारी दवाइयाँ लेकर भागते हुए वापस उसी वार्ड के सामने आकर खड़ी हो गई। उसने नर्स को सारी दवाइयाँ दे दीं और अंदर की तरफ देखने लगी।
वहाँ हॉस्पिटल बेड पर एक 15-16 साल का लड़का लेटा हुआ था, जिसकी हालत काफी नाज़ुक लग रही थी। डॉक्टर और नर्स उसके आसपास थे। उसके मुँह पर ऑक्सीजन मास्क लगा हुआ था। जैसे ही नर्स सारी मेडिसिंस लेकर अंदर पहुँची, डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन देने लगे। जैसे ही डॉक्टर ने लड़के को इंजेक्शन दिया, उसकी हालत थोड़ी सुधरी और वह शांत होकर बेड पर बेहोश हो गया।
जैसे ही सारे डॉक्टर बाहर निकले, मिहिका ने एक डॉक्टर से कहा, "डॉक्टर, मेरा भाई कैसा है अब?"
डॉक्टर ने मिहिका से कहा, "मिस मिहिका, आप मुझसे आकर मेरे केबिन में मिलिए…"
मिहिका ने डॉक्टर की बात सुनी और सिर हिलाया। वह अंदर झाँककर देखने लगी। नर्स उसके भाई का ब्लड प्रेशर चेक कर रही थी और उसे इंजेक्शन देकर ऑक्सीजन मास्क ठीक कर रही थी। मिहिका डॉक्टर के केबिन में उनके साथ गई। जैसे ही वह डॉक्टर के सामने बैठ गयी, डॉक्टर ने मिहिका को समझाते हुए कहा, "मिस मिहिका, मैंने आपको पहले भी कहा था कि आपके भाई की प्रॉब्लम बिगड़ती ही जाएगी। आप जितनी जल्दी उसका ऑपरेशन करवा लेंगी, उतना ही बेहतर होगा। उसका दिल काफी कमज़ोर है और जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ेगी, उसकी हार्ट डिजीज और भी ज़्यादा बढ़ती जाएगी। अगर आप मेरी बात मानिएँ तो जल्द से जल्द पैसों का इंतज़ाम करिए और उसका ऑपरेशन करवा लीजिए। क्योंकि अगर आपके भाई का ऑपरेशन अभी नहीं हुआ, तो शायद हम बाद में उसे बचा नहीं पाएँगे। आज जिस तरह से उसकी हालत बिगड़ी है, अगर टाइम पर हम उसे इंजेक्शन ना देते तो शायद…"
डॉक्टर इतना बोलते-बोलते चुप हो गए। तभी मिहिका रोते हुए बोली, "नहीं डॉक्टर, प्लीज़ ऐसा मत बोलिए। मैं अपने भाई को कुछ नहीं होने देना चाहती। अब इस दुनिया में सिर्फ़ वही एक मेरा अपना है और मैं उसे कुछ नहीं होने दूँगी। अगर उसे कुछ हो गया तो मैं भी मर जाऊँगी।"
डॉक्टर ने कहा, "मिहिका, बी प्रैक्टिकल। मैं तुमसे घुमा-फिराकर बात नहीं करूँगा। मैं तुम्हें सब कुछ सच-सच बता देता हूँ। अगर इस एक हफ़्ते में तुमने ऑपरेशन नहीं करवाया तो शायद हम इससे कोई भी तुम्हारे भाई को नहीं बचा पाएगा।"
मिहिका ने यह बात सुनकर अपना सर पकड़ते हुए कहा, "सर, डेढ़-दो लाख मेरे लिए बहुत बड़ी रकम होती है। मैं इतनी बड़ी रकम कहाँ से लाऊँगी? मैं कोशिश कर रही हूँ, बट…"
मिहिका चुप हो गई। तभी डॉक्टर ने कहा, "तुम चाहो तो लोन ले सकती हो?"
डॉक्टर ने मिहिका को सुझाव देते हुए कहा, "मिहिका, सोचकर बोलो। मेरे पास लोन लेने के लिए भी कुछ नहीं है डॉक्टर, मैं करूँ तो करूँ क्या?"
मिहिका चुप हो गई। उसके चेहरे पर परेशानी साफ़ नज़र आ रही थी। तभी डॉक्टर उठकर खड़े होते हुए बोले, "मैंने तुम्हें जो बताना था, बता दिया। बाकी अब तुम्हारे ऊपर है!"
इतना बोलकर डॉक्टर केबिन से बाहर निकल गए।
डॉक्टर के जाते ही मिहिका ने अपना सिर पीटते हुए कहा, "एक अच्छी जॉब मिली थी और मैं सोच ही रही थी कि अब मेरी थोड़ी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी, लेकिन मैं फिर से वापस उसी जगह पर आकर खड़ी हो गई हूँ।"
वह काफी परेशान हो गई। वह धीरे से चेयर से उठी। उसके कदम डगमगा रहे थे। वह धीरे-धीरे अपने भाई के केबिन के अंदर गई और उसका हाथ पकड़ते हुए बोली, "मिहिर, प्लीज़ मेरा साथ मत छोड़ना। क्योंकि अगर तुम्हें कुछ हुआ तो मैं जीते जी मर जाऊँगी। मुझे कैसे भी करके डेढ़ लाख रुपये का इंतज़ाम तो करना ही होगा, लेकिन कैसे? क्या करूँ? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा।"
मिहिका यह बात सोच ही रही थी कि उसने अपने भाई के हाथ को पकड़ कर उसे चूमते हुए कहा, "तुम यहीं पर रेस्ट करो। मैं जाकर अपने लिए कोई जॉब ढूँढती हूँ।"
इतना बोलकर मिहिका उसके वार्ड से बाहर निकली और नर्स से कहा, "सिस्टर, प्लीज़ मेरे भाई का ध्यान रखिएगा। मैं शाम तक उससे मिलने फिर आऊँगी।"
नर्स ने धीरे से अपना सिर हिलाया। मिहिका हॉस्पिटल से बाहर निकली और जॉब ढूँढने के लिए सीधे उसी जगह पर पहुँची जहाँ पहले उसे जॉब नहीं मिली थी।
मिहिका वहाँ से निराश होकर वापस हॉस्पिटल लौट आई। वहीं दूसरी तरफ, आदित्य बार-बार मिहिका के बारे में सोच रहा था। उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था कि जिस तरह से मिहिका कल उसे वहाँ तृषा के साथ छोड़कर गई थी, और उसके बाद उसने ना उसका फोन उठाया और ना ही राहुल का।
इस बात से आदित्य को काफी प्रॉब्लम हो रही थी। वह ना चाहते हुए भी बार-बार मिहिका के बारे में ही सोच रहा था। ऐसे ही दो दिन बीत गए। आदित्य ने अपना हाथ पटकते हुए कहा, "टैट्स इनफ! अब मैं मिहिका के बारे में और नहीं सोचूँगा।"
इतना बोलकर आदित्य ने खुद को पूरी तरह से बिजी करने की कोशिश की, लेकिन वह जितनी बार यह बात बोल रहा था कि अब वो मिहिका के बारे में नहीं सोचेगा, बार-बार उसका ध्यान मिहिका की तरफ ही जा रहा था। यह तीसरा दिन था जब मिहिका ऑफिस नहीं आई थी। आदित्य ने राहुल को कॉल करते हुए कहा, "हेलो राहुल, तुमने मिहिका से बात की? वह वापस जॉब पर आ रही है या नहीं?"
राहुल ने जवाब दिया, "मैंने उसे वापस बुलाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह वापस आने को तैयार नहीं है। और शायद उसने कोई दूसरी जॉब भी ढूँढ ली है। वह इस टाइम शायद किसी बार में बारटेंडर के तौर पर काम कर रही है।"
जैसे ही आदित्य ने यह बात सुनी, वह हैरान होते हुए बोला, "इतनी समझदार और पढ़ी-लिखी लड़की बारटेंडर बनकर बार में काम क्यों कर रही है?"
राहुल ने कहा, "वह एक्चुअली… उसकी कुछ फैमिली प्रॉब्लम्स हैं, जिस वजह से उसे जॉब की ज़रूरत है। इसीलिए वह वहाँ काम कर रही है।"
आदित्य ने उसकी बात सुनते हुए कहा, "जिस जगह पर वह काम कर रही है, उस जगह के बारे में मुझे बताओ और मिहिका के घर का एड्रेस भी दो।"
राहुल थोड़ा शॉक्ड होते हुए बोला, "लेकिन तुम्हें उसके घर का एड्रेस और लोकेशन क्यों चाहिए?"
आदित्य ने चिड़चिड़े स्वर में कहा, "बस जितना मैं बोल रहा हूँ, उतना करो।"
क्रमशः
अध्याय 17
राहुल ने आदित्य की बात सुनी। उसने तुरंत मिहिका का पता और कार्यस्थल का पता आदित्य को दिया। मिहिका की अन्य जानकारी देते हुए उसने कहा, "बाॅस, इतनी ही इनफॉरमेशन है मेरे पास उसकी।"
राहुल ने कॉल काट दिया। आदित्य ने मिहिका के घर का पता देखते ही अपने केबिन से बाहर निकलकर तुरंत उसके घर पहुँचा।
वहाँ पहुँचकर उसने देखा कि मिहिका का फ्लैट बंद था और वह अभी तक नहीं लौटी थी।
आदित्य फ्लैट से बाहर निकला और अपनी कार में बैठकर गाड़ी मोड़ ही रहा था कि मिहिका ऑटो से उतरी और सीधे अपने फ्लैट की ओर जाने लगी। उसने जैसे ही अपना फ्लैट खोला,
आदित्य की नज़र मिहिका पर पड़ी। वह बहुत थकी और परेशान लग रही थी।
आदित्य ने मिहिका का चेहरा देखते ही पहले तो उसकी मुस्कान दिखी, फिर उसने अपनी कार से उतरते हुए कहा, "आई हैव टू टॉक टू हर..!”
यह कहकर वह सीधे उसके फ्लैट की ओर गया। अंदर जाकर उसने देखा कि मिहिका सोफे पर सिर पकड़े बैठी थी। आदित्य दरवाजे के पास ही खड़ा होकर सख्त आवाज़ में बोला, “इतनी अच्छी नौकरी छोड़कर एकदम से बारटेंडर का काम करना शायद तुम्हें पसंद नहीं आ रहा है, एम आई राइट?”
मिहिका ने आदित्य की आवाज़ सुनकर दरवाज़े की ओर देखा। वह उठकर घबराई हुई खड़ी हुई और आदित्य की ओर देखते हुए धीमी आवाज़ में बोली, "बाॅस आप यहां..?”
आदित्य धीरे-धीरे उसके पास आया। मिहिका उसकी ओर देखते हुए धीमी आवाज़ में बोली, "आप आप यहां क्या कर रहे हैं? आपको यहां नहीं होना चाहिए था!”
आदित्य ने जवाब दिया, "क्यों? क्यों नहीं होना चाहिए था मुझे यहां? बोलो।”
आदित्य मिहिका के करीब जाकर धीमी आवाज़ में बोला, "इतना अच्छा काम कर रही थी तुम, तो इतनी जल्दी क्या थी तुम्हें काम छोड़ने की।”
मिहिका ने आदित्य की ओर देखते हुए धीमी आवाज़ में कहा, “बाॅस आप बहुत अच्छी तरह जानते हैं मैंने वह जॉब क्यों छोड़ी है और अब ….
आदित्य मिहिका के करीब आया और उसकी आँखों में देखते हुए बोला, “तृषा की वजह से जब छोड़ी है ना तुमने..?”
मिहिका ने आदित्य की बात सुनते ही सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं बाॅस, तृषा मैम की वजह से नहीं। मैंने अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट की वजह से जॉब छोड़ी है और मैं अब वह जॉब करने दोबारा नहीं आऊंगी।”
आदित्य ने मिहिका की आँखों में आँखें डालकर देखते हुए कहा, “मैं तुम्हारी सैलरी डबल कर दूंगा..”
यह सुनकर मिहिका हैरानी से आदित्य को देखते हुए बोली, "क्यों? किस खुशी में आप मेरी सैलरी डबल कर रहे हैं? और वैसे भी, जॉब मैं छोड़ चुकी हूँ और आपको आपका दूसरा असिस्टेंट मिल चुका है।”
आदित्य ने सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं, असिस्टेंट तो नहीं मिला। वह तुम्हारी तरह काम ही नहीं कर पाया। तुम्हें वापस काम पर आना होगा।”
मिहिका ने आदित्य की ओर देखते हुए कहा, “नहीं मैं…
मिहिका बोल ही रही थी कि आदित्य ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा, "मैं तुम्हारी सैलरी डबल कर रहा हूँ और तुम कल से ऑफिस ज्वाइन करोगी, बस मैं कोई बहाना नहीं सुनने वाला!"
मिहिका हैरानी से उसकी ओर देख रही थी। इससे पहले कि वह कुछ और बोल पाती, उसका फ़ोन बजने लगा। आदित्य हैरानी से उसके फ़ोन की ओर देखने लगा। मिहिका ने जैसे ही कॉल रिसीव करने के लिए फ़ोन उठाया, आदित्य ने उसका फ़ोन उसके हाथ से लेते हुए कहा, "पहले तुम मुझे बताओ कल से ऑफिस ज्वाइन कर रही हो या नहीं?”
मिहिका ने आदित्य की ओर देखकर सिर हिलाते हुए कहा, “नहीं और आप मुझे मेरा फ़ोन दीजिये, इम्पॉर्टेंट कॉल है।”
आदित्य ने फ़ोन की ओर देखा और कॉल रिसीव करके फ़ोन को स्पीकर पर डाल दिया। मिहिका हैरानी से आदित्य को देख रही थी कि तभी फ़ोन के दूसरे तरफ़ से आवाज़ आई, “मिहिका, जल्दी हॉस्पिटल आओ, मिहिर की हालत बिगड़ रही है..!”
यह सुनकर आदित्य हैरानी से मिहिका की ओर देखते हुए बोला, "मिहिर.."
मिहिका ने आदित्य के हाथ से फ़ोन लेते हुए कहा, "क्या हुआ? क्या हुआ उसे? वह ठीक है ना?”
नर्स ने घबराते हुए कहा, "जल्दी यहाँ पहुँचिये, उसकी हालत बहुत ज़्यादा सीरियस हो गई है।”
यह सुनकर मिहिका की आँखों से आँसू बहने लगे। आदित्य ने देखा कि मिहिका का हाथ काँपने लगा था, उसका फ़ोन अभी भी उसके हाथ में था।
आदित्य ने तुरंत मिहिका का हाथ पकड़ा। मिहिका का आँसू आदित्य के हाथ पर गिरा। आदित्य ने जैसे ही उसके आँसू को अपने हाथ पर महसूस किया, उसकी दिल की धड़कनें तेज हो गईं।
मिहिका रोते हुए बोली, "मैं 10 मिनट में पहुँचती हूँ।”
यह कहकर मिहिका ने अपना पर्स उठाया और लड़खड़ाते हुए दरवाज़े की ओर जाने लगी। तभी आदित्य ने धीमी आवाज़ में कहा, “मिहिर? ये कौन है?”
आदित्य तुरंत मिहिका के पीछे भागा।
आदित्य को मिहिर के बारे में कुछ नहीं पता था। बाहर निकलकर उसने देखा कि मिहिका ऑटो के लिए इंतज़ार कर रही थी। आदित्य ने अपना मोबाइल फ़ोन निकाला और राहुल को कॉल करते हुए कहा, "राहुल, यह मिहिर कौन है?"
राहुल को पहले तो समझ नहीं आया, फिर उसने कहा, "अरे हाँ, मिहिर! मैं तुम्हें बताना भूल गया था। मिहिर मिहिका का छोटा भाई है।”
यह सुनकर आदित्य ने तुरंत कॉल काट दिया और अपनी कार के पास आया। उसने कार स्टार्ट की और मिहिका के सामने कार रोकते हुए दरवाज़ा खोलते हुए कहा, “get in the car!”
मिहिका आदित्य की ओर हैरानी से देख रही थी। उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। तभी आदित्य ने तेज आवाज़ में चिल्लाते हुए कहा, "तुम्हारे भाई को तुम्हारी ज़रूरत है! बैठो जल्दी, टाइम वेस्ट मत करो..”
आदित्य की आवाज़ में पहली बार मिहिका को अपने लिए हमदर्दी दिखी। उसने कार में बैठते हुए कहा, "प्लीज बाॅस, मुझे हॉस्पिटल तक लिफ्ट दे दीजिए।”
आदित्य ने कार का दरवाज़ा बंद करते हुए कहा, "हाँ, वही चल रहे हैं हम!"
यह कहकर उसने मिहिका की सीट बेल्ट लगाई और तुरंत गाड़ी चलाने लगा।
थोड़ी ही देर में वे हॉस्पिटल पहुँचे। कार हॉस्पिटल के बाहर रुकते ही,
मिहिका ने कार का दरवाज़ा खोला और भागते हुए सीधे अंदर गई।
मिहिका को इतना घबराया हुआ देखकर आदित्य को अच्छा नहीं लग रहा था। वह तुरंत उसके पीछे-पीछे अंदर आया। मिहिका मिहिर के वार्ड के बाहर रुक गई।
डॉक्टर हड़बड़ाते हुए मिहिर के वार्ड से बाहर निकल रहे थे। मिहिका ने डॉक्टर का हाथ पकड़ते हुए कहा, "डॉक्टर, मिहिर ठीक है ना?"
डॉक्टर ने मिहिका की ओर देखते हुए कहा, "मैंने तुम्हें पहले भी कहा था कि तुम जितनी जल्दी हो सके उसका ऑपरेशन करवा लो, अब देखो सिचुएशन कितनी ज़्यादा ख़राब हो गई है।"
क्रमशः
अध्याय 18
मिहिका ने डॉक्टर की बात सुनकर कहा, "प्लीज डॉक्टर, आप मेरे भाई का ऑपरेशन कर दीजिये। मैं कहीं से भी पैसों का इंतज़ाम कर लूँगी।"
डॉक्टर ने मिहिका की ओर देखते हुए कहा, "मिहिका, तुम्हें पहले पैसे जमा करने होंगे, उसके बाद ही ऑपरेशन हो पाएगा!"
मिहिका ने डॉक्टर की ओर देखते हुए कहा, "प्लीज डॉक्टर, ऐसा मत कीजिये। अगर मेरे भाई को कुछ हो गया तो..."
मिहिका इतना बोलते-बोलते रोने लगी और तभी डॉक्टर वहाँ से चले गए।
मिहिका को इस तरह रोते देखकर आदित्य का दिल बैठ गया। उसने मिहिका की ओर देखा; वह वहीं जमीन पर घुटनों के बल बैठी हुई थी और उसकी आँखों से आँसू बहते जा रहे थे।
आदित्य ने मिहिका का हाथ पकड़ा और उसे बेंच पर बिठाते हुए कहा, "व्हाई आर यू क्राइंग? कुछ नहीं हुआ है तुम्हारे भाई को, और उसे कुछ नहीं होगा। I promise।"
मिहिका आदित्य की यह बात सुनकर उसकी ओर हैरानी से देखने लगी। तभी आदित्य ने डॉक्टर की ओर देखते हुए कहा, "आपको ऑपरेशन के लिए कितने रुपये चाहिए? I will pay..."
मिहिका ने जैसे ही यह बात सुनी, वह हैरानी से आदित्य की ओर देखने लगी। आदित्य ने उसकी यह बात सुनकर कहा, "ओके, आप इधर आकर फॉर्मेलिटी पूरी कर दीजिये। हम ऑपरेशन की तैयारी करते हैं।"
आदित्य ने हाँ में अपना सिर हिलाया और वह तुरंत सारी फॉर्मेलिटी पूरी करने के लिए चला गया।
मिहिका हैरानी से आदित्य की ओर देख रही थी। आदित्य ने उसे वहीं पर चुपचाप बैठे रहने के लिए कहा, "और थोड़ी ही देर में उसके भाई का ऑपरेशन शुरू हो गया।"
आदित्य वहीं पर मिहिका के साथ ही अस्पताल में रुका हुआ था। मिहिका को समझ नहीं आ रहा था कि वह आदित्य का शुक्रिया किस तरह से अदा करे और वह वहीं पर रुकी रही। आदित्य उसके साथ वहीं पर बैठा हुआ था। जैसे ही ऑपरेशन पूरा हुआ और डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकले,
मिहिका ने डॉक्टर की ओर देखते हुए कहा, "डॉक्टर, मेरा भाई ठीक है ना? मैं उससे मिल सकती हूँ?"
डॉक्टर ने मिहिका को समझाते हुए कहा, "तुम्हारा भाई खतरे से बाहर है और इस समय वह बेहोश है। तुम अभी उससे नहीं मिल सकती हो। अगर तुम्हें उसे मिलना हो तो कल सुबह उससे मिलना।"
मिहिका ने जैसे ही यह बात सुनी, वह वार्ड में अंदर की ओर जाते हुए बोली, "कल सुबह, लेकिन..."
डॉक्टर ने धीरे से अपना सिर हिलाया और वह वहाँ से जाने लगे। तभी वार्ड में मिहिका अपने भाई की ओर देखने लगी और तभी नर्स वहाँ पर आई। उसने मिहिका की ओर देखते हुए कहा, "मिस मिहिका, काफी रात हो गई है। आई थिंक आपको वापस अपने घर जाना चाहिए।"
आदित्य वहीं पर खड़ा था। उसने जैसे ही नर्स की यह बात सुनी, वह मिहिका के बगल में आकर खड़ा हो गया। मिहिका ने मना करते हुए कहा, "नहीं सिस्टर, मैं कहीं नहीं जाऊँगी। अपने भाई को छोड़कर मैं यहीं पर रुकूँगी!"
आदित्य ने मिहिका का हाथ पकड़ते हुए कहा, "are you crazy? पागल हो गई हो क्या? सारी रात यहाँ पर रुकोगी तो और ज़्यादा थक जाओगी। चलो, मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ देता हूँ।"
आदित्य ने मिहिका का हाथ पकड़ा और उसे लेकर बाहर जाने लगा। तभी मिहिका ने कहा, "नहीं बॉस, मेरा भाई वहाँ है। उसको मेरी ज़रूरत है।"
आदित्य ने कहा, "वह अब खतरे से बाहर है और बाकी लोग हैं अस्पताल के उसे देखने के लिए। लुक एट योरसेल्फ! अपनी हालत देखो, तुम। तुम्हें आराम की ज़रूरत है।"
मिहिका ने आदित्य की यह बात सुनी। जब तक आदित्य उसे अस्पताल से बाहर लेकर आया था, उसने उसे कार में बिठाकर कार का दरवाज़ा बंद किया और खुद ड्राइविंग सीट पर आकर बैठ गया। उसने तुरंत कार मिहिका के घर की ओर मोड़ी और जैसे ही मिहिका के फ्लैट के पास पहुँचा,
उसने आदित्य की ओर देखते हुए कहा, "बॉस, मुझे समझ नहीं आ रहा मैं आपका शुक्रिया किस तरह से अदा करूँ। आपने मेरे भाई के ऑपरेशन के लिए ₹200000 दिए। मैं कैसे आपका यह एहसान चुकाऊँगी?"
मिहिका को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले और तभी आदित्य ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "oh hello मिस मिहिका! मैंने तुम पर कोई एहसान नहीं किया है, इसलिए तुम्हें थैंक यू और शुक्रिया बोलने की ज़रूरत नहीं है। और वैसे भी यह तुम्हारी सैलरी थी और मैंने बस तुम्हारी एडवांस सैलरी तुम्हें दी है, जिसके बदले में तुम्हें मेरे लिए काम करना है। that's it, that's not a big deal, it's so simple..!"
मिहिका ने जैसे ही यह बात सुनी, वह हैरानी से आदित्य की ओर देखते हुए बोली, "मतलब..."
आदित्य ने अपनी एक आईब्रो उठाते हुए कहा, "मतलब साफ़ है। तुम्हें ऑफिस ज्वाइन करना पड़ेगा, तुम्हें मेरी सारी बातें माननी पड़ेंगी।"
मिहिका आदित्य की यह बात सुनकर उसकी ओर हैरानी से देखने लगी और उसने धीमी आवाज़ में कहा, "सारी बातें माननी पड़ेंगी, मतलब?"
आदित्य मिहिका की बात सुनकर उसे घूरते हुए देखकर बोला, "जब तुम मेरे लिए काम करोगी तो क्या मेरी सारी बातें नहीं मानोगी?"
मिहिका ने कुछ नहीं कहा और धीरे से बस सिर हिलाते हुए अपनी नज़रें नीचे झुका ली, क्योंकि इस समय वह आदित्य से कोई भी बहस नहीं कर सकती थी, क्योंकि अभी-अभी आदित्य ने उसकी इतनी बड़ी समस्या का समाधान किया था।
मिहिका चुपचाप अपनी नज़रें झुकाए बैठी हुई थी कि तभी उसने धीमी आवाज़ में कहा, "बॉस, क्या मुझे कल से ही ऑफिस ज्वाइन करना पड़ेगा?"
आदित्य उसकी बात सुनकर पहले तो कुछ देर तक चुप रहा, लेकिन फिर उसने धीरे से ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा, "नहीं। अभी अगर तुम्हारे भाई की तबीयत ठीक नहीं है तो ठीक है, तुम दो-तीन दिनों की छुट्टी ले सकती हो और उसके बाद ऑफिस ज्वाइन कर लेना।"
मिहिका ने जैसे ही यह बात सुनी, वह उसकी ओर देखकर धीमी आवाज़ में बोली, "थैंक यू, थैंक यू सो मच बॉस..!"
मिहिका इतना बोलकर कार से बाहर उतरी और तभी आदित्य ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "wait a minute..."
मिहिका आदित्य की बात सुनकर रुक गई और आदित्य की आँखों में आँखें डालकर देखने लगी।
आदित्य ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा, "वो एक्चुअली मुझे तुमसे कुछ और भी कहना था। वो तृषा ने तुमसे जो कुछ भी कहा था, वह भूल जाना। और आज के बाद कोई भी तुमसे उस तरह की कोई बात नहीं करेगा। एंड आई प्रॉमिस, जब तक तुम मेरे साथ मेरी कंपनी में मेरे लिए जॉब कर रही हो, कभी भी बात तुम्हारी सेल्फ रिस्पेक्ट पर नहीं आएगी, ओके?"
आदित्य ने जैसे ही बात कही, मिहिका ने हाँ में अपना सिर हिलाया और वह कार से बाहर उतरी।
मिहिका काफी ज़्यादा रिलैक्स हो चुकी थी, लेकिन वह इतनी ज़्यादा थक गई थी कि उसका सिर घूम रहा था। आदित्य मिहिका की ओर देखने लगा और जैसे ही उसने अपनी कार मोड़ी, वह वहाँ से जाने ही वाला था कि तभी उसने देखा कि मिहिका अपने घर के गेट के पास ही बेहोश हो गई। उसे जमीन पर गिरता देखकर आदित्य तुरंत अपनी कार से बाहर निकला और भागते हुए मिहिका के पास आया।
उसने मिहिका के गाल को थपथपाते हुए कहा, "हेय हेय मिहिका! are you all right... मिहिका, आँखें खोलो..!"
मिहिका बेहोश थी और आदित्य ने तुरंत उसको अपनी गोद में उठाया और वह सीधे उसे उसके घर के अंदर ले गया।
क्रमशः
अध्याय १९
मिहिका बेहोश थी। आदित्य ने उसे तुरंत अपनी गोद में उठाया और सीधे उसके घर के अंदर ले गया।
उसने मिहिका को उसके कमरे में ले जाकर उसके बिस्तर पर लिटाया। मिहिका को उठाने के लिए जैसे ही उसने उसके गाल को थपथपाया, उसका हाथ मिहिका की गर्दन पर लगा। मिहिका की पूरी बॉडी किसी भट्टी की तरह जल रही थी।
आदित्य ने उसे इतना बुखार में तपते हुए देखा तो उठकर खड़ा हुआ। उसने मिहिका की तरफ देखकर धीमी आवाज में कहा, "ओह गॉड! इसको तो हाई फीवर है। और इतनी देर हो गई है, अब कोई डॉक्टर भी नहीं आएगा। इतनी रात में इतनी ठंड में से फिर से बाहर ले जाना क्या सही होगा?"
आदित्य यह बात सोच ही रहा था कि उसने मिहिका के बगल में बैठकर उसका हाथ पकड़ते हुए कहा, "मिहिका, क्या तुम मुझे सुन रही हो? आँखें खोलो?"
लेकिन मिहिका की आँख नहीं खुल रही थी। तब आदित्य ने जल्दी से वहाँ पानी का गिलास उठाया और उसमें से दो-तीन बूँद पानी उसके चेहरे पर डालीं। इससे मिहिका की आँखें हल्की-हल्की खुलीं और वह आदित्य के चेहरे की तरफ देखने लगी।
लेकिन मिहिका के मुँह से कुछ निकल नहीं रहा था, क्योंकि वह ठंड से काँप रही थी। तब आदित्य उसके चेहरे के बिल्कुल नजदीक गया और उसके दोनों गालों पर अपने हाथ रखकर, अपने हाथों की हथेलियों की गर्माहट से उसके चेहरे को हल्के-हल्के रगड़ते हुए बोला, "मेरी तरफ देखो, आँखें खोलो अपनी!"
मिहिका ने धीरे से अपनी आँखें खोलीं और उसके चेहरे के बिल्कुल सामने आदित्य का चेहरा था।
मिहिका एक पल के लिए वहीं थम सी गई। वह आदित्य की आँखों में आँखें डालकर देख रही थी। तब आदित्य ने मिहिका की तरफ देखते हुए कहा, "तुम्हें हाई फीवर है। यहाँ कहीं तुम्हारे पास फीवर की मेडिसिन्स है?"
मिहिका ने धीरे से ना में अपना सिर हिलाया। आदित्य उठकर खड़े होते हुए बोला, "ओके, फाइन। तुम्हारे कपड़े गंदे हो गए हैं। अपने कपड़े बदल लो। मैं एक मिनट में आता हूँ।"
इतना बोलकर आदित्य उसके कमरे से बाहर निकला। वह किचन में गया और एक बाउल में ठंडा पानी लेकर किचन टॉवल लिया। वह सीधे मिहिका के कमरे में आया और देखा कि मिहिका अभी भी वैसे ही बिस्तर पर लेटी हुई थी और काँप रही थी।
आदित्य उसके बगल में आकर बैठा और धीरे से ठंडे पानी में टॉवल भीगोकर मिहिका के चेहरे को पोछा। फिर उसके माथे पर पानी की पट्टी रखते हुए कहा, "तुम्हारे कपड़े कहाँ हैं?"
इतना बोलकर आदित्य उठा और मिहिका के कपबोर्ड के पास गया। जैसे ही उसने उसके कपबोर्ड को खोला,
उसने देखा कि वहाँ पर मिहिका के ज़्यादा कपड़े नहीं थे। तब उसने एक नाइट सूट वहाँ से उठाया और उसे मिहिका के पास लाकर रखते हुए बोला, "तुम अपने कपड़े बदल पाओगी?"
मिहिका कुछ नहीं बोल रही थी और उसकी आँखें लगभग बंद हो चुकी थीं।
आदित्य मिहिका की तरफ देखकर उसके कपड़ों की तरफ देखने लगा, जो काफी गंदे थे। आदित्य ने धीरे से मिहिका को बिस्तर से उठाया और उसके टॉप को उतारने लगा।
मिहिका पूरी तरह से आदित्य पर गिर चुकी थी और जैसे ही आदित्य ने उसका टॉप निकाला,
आदित्य के दोनों हाथ मिहिका की कमर पर पहुँचे। उसकी पतली सी कमर उस समय काफी गर्म थी। आदित्य ने तुरंत पानी में टॉवल भीगोकर उसकी बॉडी को पोंछा।
मिहिका अपने अंडरगारमेंट्स में थी। आदित्य उसे देखकर अपनी नज़रें दूसरी तरफ घुमा रहा था, क्योंकि वह मिहिका की नज़रों में नहीं गिरना चाहता था। जैसे ही उसने उसकी बॉडी को पोंछा,
उसने मिहिका को वापस बिस्तर पर लिटाया। उसकी नज़र मिहिका के क्लीवेज पर गई और आदित्य उसे देख रहा था। तभी उसने अपने हाथों की कसकर मुट्ठी बांधी और उसने खुद को समझाते हुए कहा, "कंट्रोल, कंट्रोल आदित्य..."
आदित्य ना चाहते हुए भी बार-बार मिहिका की बॉडी की तरफ देख रहा था। उसने धीरे से अपना हाथ मिहिका की कमर पर रखा। मिहिका ने अपनी आँखें खोलीं और वह आदित्य की तरफ देखने लगी। तभी मिहिका का पूरा बदन और भी ज़्यादा तेज़ी से काँपने लगा और आदित्य को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।
उसने तुरंत अपना कोट उतारकर साइड में रखा और अपनी शर्ट के बटन खोलने लगा।
आदित्य को ऐसा करते देखकर मिहिका की आँखें खुलीं। इससे पहले कि मिहिका कुछ बोल पाती, आदित्य मिहिका के ऊपर आकर लेटा और उसने मिहिका को पूरी तरह से अपनी बाहों में भर लिया। उसने अपनी और मिहिका के ऊपर ब्लैंकेट डाला। मिहिका की गर्म बॉडी जैसे ही आदित्य की बॉडी से टकराई,
मिहिका का काँप रहा बदन धीरे-धीरे शांत होने लगा। आदित्य के शरीर की गर्माहट मिहिका को महसूस हो रही थी और वह आदित्य की गर्माहट से काफी अच्छा महसूस कर रही थी। उसने भी आदित्य को बिल्कुल अपने नज़दीक खींचा और आदित्य की कमर को कसकर अपने हाथों में जकड़ लिया।
आदित्य और मिहिका के बीच हवा तक के गुज़रने की जगह नहीं बची थी। आदित्य ने मिहिका के चेहरे की तरफ देखा। उसके होंठ पूरी तरह से सूख गए थे। आदित्य ने धीरे से अपना हाथ मिहिका के गाल पर रखा। आदित्य जो अभी तक खुद को इतना कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था, वह खुद को और नहीं रोक पाया और उसने मिहिका के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और वह उसे बहुत ही सॉफ्टली किस करने लगा।
क्रमशः
20
आदित्य जिस तरह से मिहिका को किस कर रहा था, मिहिका जो अपने होश में नहीं थी, धीरे-धीरे अपने होश में आने लगी। उसने आदित्य को रोकने की कोशिश की, लेकिन आदित्य एक पल के लिए भी नहीं रुका।
वह पैशनेट होकर मिहिका को किस कर रहा था। मिहिका ने धीरे से उसे खुद से दूर करने की कोशिश की। तभी मिहिका की नज़र उसकी बॉडी पर पड़ी और मिहिका के हाथ रुक गए।
आदित्य ने उसके हाथों को पकड़ कर अपनी कमर पर रखा। उसके दोनों गालों पर अपनी हथेलियाँ रखकर, वह उसे और भी सॉफ्टली, बट डीपली किस करने लगा। उसके हाथ धीरे-धीरे मिहिका के सर को सहला रहे थे।
जिससे मिहिका की आँखें बंद हो गईं और मिहिका थोड़ी ही देर में गहरी नींद में सो गई।
आदित्य मिहिका के ऊपर ही लेटा हुआ था। जैसे ही मिहिका की बॉडी का टेंपरेचर नॉर्मल हुआ, आदित्य उठकर खड़ा होने लगा। लेकिन जैसे ही वह मिहिका की बॉडी से थोड़ा दूर हुआ, मिहिका ने उसे कसकर पकड़ लिया और वापस अपने करीब खींच लिया।
आदित्य ने जब मिहिका को ऐसा करते हुए देखा, तो उसने दोबारा उठने की कोशिश भी नहीं की और वह चुपचाप वहीं पर लेटा रहा।
मिहिका गहरी नींद में सो चुकी थी। आदित्य मिहिका के चेहरे की तरफ देखता जा रहा था; उसकी आँखों से नींद पूरी तरह से उड़ चुकी थी।
उसे इस बात का बिल्कुल भी आईडिया नहीं था कि वह मिहिका के लिए इतना ज्यादा स्पेशल फील क्यों कर रहा है। वह मिहिका को देखकर अपने मन में बोला, "यह क्या हो रहा है मुझे? मैं क्यों इसके करीब आने की कोशिश कर रहा हूँ? क्यों मैंने इसे इस तरह से किस किया? क्या मैं इसकी तरफ अट्रैक्ट हो रहा हूँ?"
आदित्य के दिमाग में मिहिका की काफी सारी बातें आ रही थीं और वह इन बातों के बीच ऑलमोस्ट उलझता जा रहा था।
उसने धीरे से मिहिका के हाथ को अपनी कमर पर से हटाया और वह वहाँ से उठकर सीधे वॉशरूम की तरफ गया। उसने अपने चेहरे को पानी से धोया और वह सामने शीशे में खुद को देखते हुए बोला, "यह क्या हो रहा है मुझे? मैं ऐसा इंसान नहीं हूँ। मैं उसको इस तरह से अपने करीब नहीं कर सकता। वह मेरी सेक्रेटरी है, इससे ज्यादा और कुछ भी नहीं।"
इतना बोलकर आदित्य ने अपने बालों में हाथ डालकर अपने बालों को फ्लिप किया और वह वॉशरूम से बाहर निकल आया।
मिहिका अभी भी गहरी नींद में सो रही थी। वह उसके पास आकर उसे ठीक से ब्लैंकेट ओढ़ाने लगा। जैसे ही उसकी नज़र मिहिका के चेहरे पर गई, वह उसके चेहरे के नज़दीक आने लगा और वह उसके होठों को एक बार फिर से चूमना चाहता था,
लेकिन इस बार आदित्य ने खुद को रोकते हुए कहा, "नहीं आदि, यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है।"
इतना बोलकर उसने खुद को कंट्रोल किया और वह चुपचाप उसके कमरे से बाहर निकल आया। बाहर आकर वह मिहिका के कमरे के बाहर आकर बैठा और उसने अपने सिर को पकड़ते हुए कहा, "यह क्या हो रहा है मेरे साथ? ऐसा नहीं होना चाहिए। दैट्स नॉट राइट..!" आदित्य खुद को समझाने लगा और यह सारी बातें उसके दिमाग में चलती जा रही थीं, जिससे उसका सर भारी होने लगा। आदित्य ने वहीं सोफे पर ही अपने सिर को टिकाया और वह सोफे पर ही आँखें बंद करके लेट गया। कब उसे नींद आ गई, उसे खुद ही पता नहीं चला।
अगले दिन सुबह आदित्य की आँख खुली। उसे ऐसा लगा कि शायद मिहिका के रूम में कुछ गिरा है। जब वह भागते हुए मिहिका के रूम में गया, तो उसने देखा कि मिहिका बेड से उठने की कोशिश कर रही थी और उसका ग्लास वहीं जमीन पर गिरा हुआ था।
जैसे ही आदित्य वहाँ पहुँचा, मिहिका ने उसकी ओर देखकर हैरान होते हुए कहा, "बाॅस! आप... आप यहाँ?"
मिहिका ने अपने अंडरगारमेंट्स के अलावा और कुछ नहीं पहना हुआ था। वह हड़बड़ा कर सामने काउच पर रखे हुए अपने कपड़ों की तरफ बढ़ी और उन्हें उठाने की कोशिश करने लगी।
जैसे ही वह आगे बढ़ी और वह उठकर खड़ी होने जा रही थी, तभी आदित्य ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "मिहिका, संभल कर! वहाँ काँच पड़ा है।"
मिहिका इससे पहले कि उसकी पूरी बात सुन पाती, उसने अपना पैर बेड के नीचे कर लिया और वह जमीन पर उठकर खड़ी होने वाली थी। आदित्य ने जल्दी से उसका हाथ पकड़ कर उसे अपने करीब खींचा और उसे डांटते हुए कहा, "पागल हो गई हो क्या? अभी अगर तुम्हें काँच लग जाता तो…"
मिहिका हैरानी से आदित्य की तरफ देख रही थी। तभी आदित्य ने उसकी कमर पर हाथ रखा। मिहिका, जो अपने अंडरगारमेंट्स में थी, वह शर्मा कर जल्दी से अपने बेड पर बैठ गई। उसने बेडशीट को उठाकर अपने सीने से लगाते हुए कहा, "बाॅस! आप... आप यहाँ क्या कर रहे हैं? आपके यहाँ पर नहीं होना चाहिए था.."
आदित्य ने मिहिका को इस तरह बेडशीट से खुद को छुपाते हुए देखा, तो उसने अपनी नज़रें दूसरी तरफ घुमाते हुए कहा, "जाओ जाकर कपड़े चेंज करो। उसके बाद मैं तुम्हें तुम्हारे सारे सवालों का जवाब देता हूँ।"
मिहिका ने जैसे ही यह बात सुनी, वह हैरानी से उसकी तरफ देखने लगी। आदित्य उसके रूम से बाहर निकल गया। मिहिका ने जल्दी से अपने कपड़े उठाए और वह वहाँ से सीधे वॉशरूम की तरफ भागी।
वॉशरूम में जाकर उसने अपनी बॉडी को टच किया। उसकी पूरी बॉडी बिल्कुल क्लीन थी। उसने वहाँ रखे हुए पानी और तौलिये को देखा।
जिससे मिहिका को समझ आ गया कि आदित्य ने रात में उसकी बॉडी को वाइप किया है। मिहिका इस बात को समझते ही अपना सिर पकड़ते हुए बोली, "आखिर बॉस ने यह सब कुछ क्यों किया?"
मिहिका यह बात सोच ही रही थी कि तभी उसने जल्दी से अपने कपड़े पहने और वह वॉशरूम से बाहर निकल ही रही थी कि तभी मिहिका के दिमाग में एक बात याद आई। उसने वहीं वॉशरूम में ही रुकते हुए कहा, "कहीं बॉस ने मिहिर के ऑपरेशन के लिए जो पैसे दिए हैं, उसकी वजह से तो वह यह सब नहीं कर रहे?"
मिहिका यह बात सोचकर अपने मन में अलग ही सिनेरियो बना रही थी। उसने अपने कपड़े पहने और वॉशरूम से निकलकर वह बाहर आई। आदित्य वहीं डाइनिंग टेबल पर बैठा हुआ था; उसके सामने ब्रेकफास्ट लगा हुआ था।
मिहिका उसे देखकर धीरे से उसके पास आकर खड़ी हुई। आदित्य ने उसकी तरफ देखते हुए कहा, "बैठो पहले। ब्रेकफास्ट करो। उसके बाद बात करना। और तुम अपना खाने-पीने का शेड्यूल ठीक क्यों नहीं करती हो? कल जिस तरह से तुम बेहोश हुई थीं, अगर मैं यहाँ पर ना होता तो क्या होता? हाउ इररिस्पांसिबल यू आर?
क्या तुम सच में इतनी लापरवाह हो? अगर तुम इतनी लापरवाह हो, तो ऑफिस का सारा वर्क कैसे शेड्यूल कर लेती हो? या फिर सिर्फ तुम अपनी ही हेल्थ के साथ खिलवाड़ करती हो?"
मिहिका आदित्य की बात का कोई जवाब नहीं दे रही थी। वह चुपचाप वहीं पर हाथ बाँधकर खड़ी थी। तभी आदित्य ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा, "बैठो और ब्रेकफास्ट करो। इतना टाइम नहीं है मेरे पास; मुझे ऑफिस भी जाना है।"
मिहिका आदित्य की यह बात सुनकर चुपचाप वहीं उसके बगल वाली चेयर पर बैठ गई और उसने चुपचाप अपना ब्रेकफास्ट करना शुरू कर दिया। आदित्य ने सब कुछ ऑर्डर किया था। मिहिका आदित्य से अपनी नज़र नहीं मिला रही थी। वह चुपचाप वहीं चेयर पर बैठ गई और आदित्य की नज़र मिहिका के चेहरे पर जमी हुई थी।
क्रमशः…