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Sakshi sheth

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no one no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no no...

Total Chapters (7)

Page 1 of 1

  • 1. Lafj -E-Qalb - Chapter 1

    Words: 2269

    Estimated Reading Time: 14 min

    Let's start  सभी गुनाहों और सबूतों को मद्दे नज़र रखते हुए IPC की धारा 302 के तहत हत्या का अपराध करने के लिए धुन महेता को 14 साल की कैद सुनाई जाती है । इतना बोल कर जज अपना ब्लैक कोट ठीक करते हुए वहा से चले गए ।  उसके बाद दो लेडी कॉन्स्टेबल ने धुन को ले जाकर पुलिस वान में बिठाया और वैन का दरवाजा बंद हो गया।  अहमदाबाद, गुजरात  साबरमती जेल  तभी आंख खुलते ही किसी की Aquamarine आंखे सामने खड़ी लड़की की चारकोल कथाई आंखो से जा टकराई। वो अभी नींद से जागी थी जिस वजह से उसकी आंखो में अभी भी नींद भरी हुई थी।  तभी उसके कान में सामने खड़ी लड़की की आवाज़ आई धुन उठ जा 6 : 10 हो रहे है । अगर वॉर्डन ने देख लिया तो बैंड बजा देगी। उसकी बात सुन धुन ने एक दो पल आंखे बंध की फिर अपनी जगह खड़ी हो गई।  उसके खड़े होते ही उसके लंबे और नेचुरली सीधे बाल उसकी पीठ पर फैल गए। उसने बालो का जुड़ा बनाया और नीचे जूक कर सोने के लिए बिछाए बिछोने को समेट कर अपनी जगह कोने में रख दिया। उसने अभी तक एक शब्द नही बोला था । वही उसके सामने खड़ी लड़की यानी की फेलिसिया उसे देख रही थी।  उन दोनो नो अभी जेल के कैदी के कपड़े पहने हुए थे। धुन ने सब समेट कर रखा और फिर वो दोनो दातून करने चले गए ।  सुबह के सब दैनिक काम खतम हो जाने के बाद कैदी को अलग अलग तरह के काम सौंपे जाते थे जिसमे आज धुन और फेलीसिया को गेहूं साफ करने का काम दिया गया था ।  धुन ने उठने के बाद से अभी तक एक भी शब्द नही बोला था। फेलीसिया धुन को देख कर कुछ बोलने वाली थी तभी धुन के बगल में बैठी औरत की बात सुन कर फेलीसिया ने इरिटेट हो कर आंखे मिंच दी।  SAN FRANCISCO , California  रात के 12 : 00 बजे यहां की सबसे ऊंची मानी जाने वाली इमारत में से एक बिल्डिंग थी वाधवा ग्रुप ऑफ आर्कटिक की। जो करीबन 45 फ्लोर पर बनी हुई थी । उसके 44 th फ्लोर पर CEO के केबिन में रोलिंग चेयर पर बैठा एक शक्श जो अभी अपने लैपटॉप में घुसा हुआ था।  वो अपने काम में इतना मशगूल हो गया था की उसका ध्यान ही नही गया उसके साइलेंट फोन पर जो अभी किसी का कॉल आने की वजह से वाइब्रेट हो रहा था।  फोन वाइब्रेट होते होते टेबल के कोने तक पहुंच गया जिससे वह रखा छोटा सा बॉक्स जिसमे शायद कुछ पुरानी और इंपोर्टेंट चीजे रखी हुई थी। वो नीचे गिर गया।  उसके नीचे गिरते ही उस शक्श का ध्यान वहा डायवर्ट हो गया । और उसकी नजर नीचे पड़े हुए एक फ़ोटो पर आके टिक गई। उसकी ब्रोंजी स्लेट आंखे एक तक उस फोटो पर ठहरी हुई थी।  उसने जूक कर के वो फोटो उठा ली और उसको देखते हुए बोला आज तक सोचा की शायद तुम भी बाकिओ तरह धोखे बाज हो । लेकीन कभी दिल नही माना । पहले लगा की तुम्हे जाना है तो जाओ में नहीं रोक रहा और यहीं सोच कर नही ढूंढा कभी। लेकिन अब नही । अब मुझे तुम चाहिए। और किसी भी कीमत पर चाहिए। ये बोलते हुए उसकी ब्रोंजी स्लेट आंखे उस फोटो में खड़ी लड़की की aquamarine आंखो को एक टक घूर रही थी।  उसने किसी को कॉल किया और कहा कम टू माय केबिन।  करीब 2 मिनिट बाद केबिन का दूर नॉक हुआ । कम इन ये सुनते ही रिदित को की उस इंसान का p.a था उसको देख कर बोला _ मुझे इसकी सारी इन्फॉर्मेशन चाहिए। 2 साल पहले से लेकर आज तक की सारी डिटेल्स मुझे चाहिए ।वो भी जल्द से जल्द। ये बोल उसने रिदीत की तरफ वो फोटो पास कर दी।  वो फोटो देखते ही रिदित ने उस इंसान देखा और उसकी तरफ़ देख कर बोला _ सर ये तो .. उसके आगे वो कुछ बोल पता उसके पहले ही उस शक्श ने उसको बीच में रोकते हुए कहा _ रिदित अगर अनर्व वाधवा कह रहा है तो कुछ तो सोचा होगा राइट ?  उसकी बात सुन रिदीत समझ गया की उसे कुछ भी बोलने की जरूरत नहीं है और वो OK SIR कह कर वहा से चला गया।  वही उसके जाते ही अनर्व ने अपनी आंखें बंद कर ली तभी उसके दिमाग़ में एक सीन घूम गया ।  फ्लैशबैक...  वो किसी लड़की के गोद में सर रखे लेता हुआ था और वो लड़की उसके बाल में हाथ घुमा रही थी। अचानक उसने हाथ रोक दिए और वो अनर्व से बोली _ तुम्हें पता है में तुम्हें कितने सारे निक नेम दे सकती हु? ये बोल वो वापस उसके बालो में हाथ घुमा ने लगी। उसकी बात सुन अनर्व ने बिना आंखे खोले ही कहा _ अच्छा और वो क्या होंगे ?  उसकी बात पर उस लड़की ने कहा _ जैसे की अनाहिरा, अरोहा या फिर अर्श ऐसे। पता है इसका एक अच्छा खासा सेंटेंस बन सकता है ।ये बोल वो मुस्कुरा दी ।  उसकी बात सुन हल्का सा हंसते हुए वो बोला_ ये कैसे नेम हुए moonlight? इन सबका क्या मतलब हुआ और कैसा सेंटेंस?  उसकी बात पर वो लड़की हल्का सा मुस्कुराई और धीरे धीरे हाथ घुमाते हुए बोली _ तुम मेरा वो अनाहिरा हो जिसके आने के बाद में अरोहा का मतलब समझी और अर्श पर पहुंच गई  । इसमें अनाहिरा का मतलब हुआ एंजेल/फरिश्ता, अरोहा का मतलब हुआ प्यार और अर्श का मतलब हुआ आसमान।  अब इस वाक्य का अर्थ हुआ कि तुम मेरे वो एंजेल/ वो फरिश्ते हो जिसके आने के बाद में प्यार का मतलब समझी और आसमान में पहुंच गई। उसकी बात सुन तुरंत अनर्व ने अपनी आंखें खोल कर उस लड़की को देखा । उसकी आंखे सीधे किसी की Aquamrine आंखो से टकरा गई जिसमे उस सिर्फ और सिर्फ प्यार और खुशी जलक रही थी।  फ्लैशबैक एंड..  अनर्व अपने आप से बोला _ अगर ये सच था तो क्यूं अपना आसमान छोड़ गई आखिर क्यों ? ये बोलते वक्त उसकी आंखो में एक गुस्सा झलक रहा था।  इधर इंडिया ( दुपहर के 12 : 30  बजे ) ( San Francisco से इंडिया 12.5 घंटे आगे है ) अहमदाबाद गुजरात  साबरमती जेल  धुन के बगल वाली औरत जो की दिखने में एक दम ही भद्दी सी थी वो धुन से बोली _ क्यूं रे छोरी। दो साल होने को आए तने यहां आए हुए । एक बार भी थारी आवाज सुनी कोणी। गूंगी बहरी तो तू होवे कोणी। ते फिर मारे वास्ते बोलने में तने थारे बाप ने मनो किए है के ?  उसकी आवाज़ इतनी कर्कश थी जिस वजह से फेलीसिया ने इरिटेट हो कर अपनी आंखें बंद कर ली थी। लेकिन धुन के चहरे पर कोई एक्सप्रेशन नही आए थे । ना उसने एक बार भी नजरे घुमाकर वहा देखा था। वो बस अपना काम कर रही थी। अपने आप को इग्नोर होता देख वो औरत लीला दांत पीसते हुए बोली _ साली कुट्टी कामिनी म्हारे को नजर अंदाज करेगी तू हां? ये बोल वो जैसे ही धुन के बाल पकड़ने वाली थी तभी वॉर्डन के साथ जेलर मैडम भी आ पहुंची और वो मैडम चिल्ला कर बोली_ क्यों री 396 ? आज तुझे कोई और नहीं मिला परेशान करने के लिए जो 409 को परेशान कर रही है काम कर ने दे उसे अपना। चल निकल यहां से।  उनकी बात सुन न चाहते हुए भी लीला को वहा से जाना पड़ा वो गुस्से से उठ कर वहा से जाने लगी ।  उसके जाते ही फेलीसिया ने धुन को देखा जो अभी भी बेअसर सी अपना काम कर रही थी। वो ऐसे बैठी थी मानो उसको यहां पर किसी से कोई फर्क ही नहीं पड़ता हो ।  फेलीसिया ने उसको धीरे से कहा _ धुन कब तक ऐसे जिंदा लाश बन कर जिंदगी जिएगी? कभी तो अपने आप को साबित कर अपने लिए आवाज उठा । उसकी बात सुन धुन ने अपनी पलके उठा कर उसको देखा और धीरे से बोली _ Cia जो शुद्ध होता है वो शांत होता है। उसकी बात सुन Cia धीरे से बोली _ लेकिन तेरी शांति , तेरी चुपी हर बार तुझे गलत साबित करती है। उसका क्या ? उसकी इस बात पर धुन ने बिना उसको देखे कहा _ अज्ञान की शक्ति क्रोध हैं और ज्ञान की शक्ति मौन है। में ज्ञानी ना सही लेकिन पागल भी नही हूं जो बोल कर अपनी ही बातों का मूल कम कर दू। और वैसे भी तुझे पता है गुजराती में कहावत है "   ન બોલવા માં નવ ગુણ उसका मतलब होता है नही बोलने में नौ गुण मतलब जितना काम बोला उतना ज्यादा अच्छा । Ok इतना बोल।वो वापिस अपने काम में ध्यान देने लगी ।  उसकी बात सुन फिर फेलीसिया ने भी कुछ नही बोला । फिर इसे ही सारा दिन निकल गया और दुपहर के 2 : 00 बजे से शाम के 6 बजे तब लिखने की परमिशन धुन को दी गईं थीं।  इस लिए धुन अभी लिखने बैठी थी जहां बैठ के उनको लिखना होता था ।  वो अभी अपने लिखने में उलझी हुई थीं। वैसे तो वो हर रोज एक कहानी बुनती थी लेकिन हर शुक्रवार का उसका नियम था अपनी दिल की बात लिखना तो आज वो लिख रही थीं।  मैने पढ़ा था कि अकॉर्डिंग टू हैंस क्रिश्चन एंडर्सन "जहां शब्द हार जाते है, वहां संगीत बोलता है। सच ही तो कहा था उन्हों ने । आज से दो साल पहले तक मेरे शब्द जहां खामोश हो जाते थे वहा मेरे पियानो के बोल कहानी बयां कर जाते थे। लोगों को लगता हैं की में बहुत शांत हुं लेकिन कोई नही जानता की " एक शोर है मुजमे, जो काफी खामोश है।" दिखने में यहां जेल में सब कैदी है लेकीन कोई मेरी नजरो से देखो जिसके .... लिए हर शख्स कैदी है ... कोई ख्वाबों का तो कोई ख्वाहिशों का । ख्वाबों को पूरा करने की खावाहिश रखने वाले को अब कोन समझाए की " अधूरी खावहिशो का कारवां है जिंदगी..., मुक्कमल जहां तो कहानीओ में होता है।" ये लिख वो खुद ही खुद मे हल्का सा मुस्कुरा दी। अब ये मुस्कुराहट के पीछे क्या छुपा था ये तो वो ही जानती थी। आगे लिखते हुए ... पता है कभी कभी इतना थक जाती हु की सोच को भी कह देती हु आने से पहले एक बार सोच तो लेती की तुझे सोचने वाले की सोच पर क्या असर होगा ? तब सोच मुझसे कहती है की _" स्वातमनि स्नेह्यत आदौ "।( Love your self first) इतना बोल वो भी मुस्कुरा कर चली जाती है । वो भी ये बात समझा गई की पहले अपने बारे में सोचो दूसरो के बारे में सोच सोच के दिमाग जिंदगी की बैंड मत बजाओ। इस बात पर कॉलेज के प्रोफ़ेसर मिश्रा सर की वो लाइन याद आ रही है जो वो अक्सर कहा करते थे की _ "हल्की सी जिंदगी भारी सा बोझ, पैदा हुए थे एक बार मर रहे है रोज "... ये लाइन उनकी फेवरेट थी । - जिंदगी हल्की है या नहीं ये तो पता नही लेकीन जो बोझ मुजे मिला है उसका वजन कई गुना टन से ज्यादा लगता है मुझे । बिना किसी गुनाह के जो सजा सुनाई दी गईं है शायद ही कभी किसी को एहसास हो इस बात का की गुनाह या गलती कभी मेरी थी ही नहीं। खैर छोड़े इन सब बातो को , बाते है बतंगड़ बनते देर नही लगती । क्योंकि पता नही कैसे पर हर बार में ही गलत हो गई , कुछ कहा तब भी .... और चुप रही तब भी ...। अजीब है ना:)। बहुत वक्त पहले कुछ लिखा था मेने आज फिर याद आ रहा है की " मुसाफ़िर कल भी था मुसाफ़िर आज भी हूँ, कल अपनों की तलाश में था आज अपनी तलाश मैं हूँ!" सच है ... सच में इतना कड़वा सच है की अब गले से नीचे उतरने का नाम ही नही ले रहा । पर अब क्या कर सकतें है हकीकत है ना बदल सकती है ना मिट सकती है उसे बस माना जा सकता है । इतना लिखने के बाद थोडी देर के लिए उसने अपनी कलम रोक दी । फिर अचानक से आंख खोली और लिखा की ._ एक सुनहरी हकीकत था वो , आज मेरा ख्वाब है वो .... पता नही ख्वाबों में कहा है वो , जहां भी है नायब है वो...। इतना लिख उसने अपनी आंखे बंध कर दी। वही san francisco california रात के 3 बजे थे ... अनर्व ने अपनी आंखे खोली । उसकी आंखे अभी हल्की लाल हो गई थी । नींद में उसने अपनी मूनलाइट को देखा था । जो की तो रही थी इसी वजह से उसकी आंखे खुल गई । थोड़ी देर बाद वो उठ के अपने पर्सनल जिम में चला गया । सुबह के 9 : 30 बजे SAN FRANCISCO, CALIFORNIA 3 बजे उठने के बाद वो सोया ही नही था जल्दी ऑफिस आ चुका था । वो अभी चेयर पर पूछे की तरफ सिर जुकाए आंख बंध कर के कुछ सोच रहा था तभी रिदित ने डोर नॉक किया । अनर्व ने बिना आंख खोले ही कहा _ come in रिदित तुरंत अंदर आया और उसने सीधे कुछ बोलना शुरू कर दिया जिसको सुनने के बाद अनर्व थोड़ी देर के लिए फ्रिज सा हो गया था । अहमदाबाद गुजरात,इंडिया रात के 10 बजे थे सभी कैदी को अपने सैल में बंध कर दिया गया था। मोस्ट ऑफ सभी कैदी थोड़ी देर में सो चुके थे लेकिन धुन हर रोज की तरह चांद को एक टक देख रही थी। चांद की रोशनी वहा पे पद रही जिसे देख उसके दिमाग में एक ही वाक्य बार बार गूंज रहा था ... You are Just like a moonlight.

  • 2. Lafj -E-Qalb - Chapter 2

    Words: 2816

    Estimated Reading Time: 17 min

    अब तक... सभी कैदी को अपने सैल में बंध कर दिया गया था। मोस्ट ऑफ सभी कैदी थोड़ी देर में सो चुके थे लेकिन धुन हर रोज की तरह चांद को एक टक देख रही थी। चांद की रोशनी वहा पे पड रही जिसे देख उसके दिमाग में एक ही वाक्य बार बार गूंज रहा था ... You are Just like a moonlight।. अब आगे... San Francisco, California रिदित की बात सुन अनर्व थोड़ी देर के लिए फ्रिज सा हो गया था । रिदित ने अभी सिर्फ ये बताया था की जिसके बारे उसे पता करने को कहा गया था वो अभी जैल में है। अनर्व की आंखे इस वक्त बिलकुल सर्द हो चुकी थी। उसने रिदित को आगे बोलने का इशारा किया इस पर रिदित ने बिना कुछ कहे उसके हाथ में पकड़ी फाइल अनर्व की तरफ़ पास कर दी । और खुद वहा पड़ी चेयर पर बैठ गया । और सामने पड़ा पानी का ग्लास उठा कर एक ही सांस में गटक गया। 20 मिनिट बाद अनर्व ने वो फाइल बंद कर के कसकर हाथ में पकड़ ली थी। उसकी आंखे इस वक्त बिलकुल सर्द थीं। उसने टेबल पर पड़ी अपनी moonlight की तस्वीर उठाई और एक टक उसको देखते हुए रिदित से बोला _ जेट रेडी करो। हम आज ही इंडिया जा रहे है । उसकी बात सुन रिदित ने खड़े हो कर कहा _ सब पहले ही कर दिया है सर। सब रेडी है । ये बोलते वक्त उसके चहरे पर कोई एक्सप्रेशन नही थे। वो गुस्से में था या फिर क्या था ये समझ पाना मुश्किल था । लेकिन अनर्व को पता था की वो ऐसा रिएक्ट क्यों कर रहा है इसलिए उसने कुछ बोला नहीं और वो अपनी जगह से खड़े हो के केबिन से बाहर निकल गया। रिदित भी निकल गया था। शाम के 6 बजे ... अनर्व अभी अपने जेट में था उसके हाथ में अभी एक किताब थी । उसने उसका फर्स्ट पेज उसकी और उसकी moonlight की फ़ोटो थी। उसमे अनर्व उसकी moonlight के गाल पर किस कर रहा था और उसकी moonlight खुल कर मुस्कुरा रही थी। ये देख उसके दिमाग वो वक्त आ गया जब ये फ़ोटो खींची गई थी । Flashback.... अनर्व के गोद में उसकी moonlight बैठी हुई थी । वो अनर्व की बियर्ड के साथ खेल रही थी । कभी उसमे हाथ घुमा रही थी तो कभी उसके एक दो बाल खींच रही थी। वही अनर्व उसकी सभी हरकते देख रहा था । इस वक्त उसके चहरे पर एक चमक थी । वो उसे देख रहा था तभी अचानक से उसकी moonlight ने कहा _ “ना चाँद की चाहत ना सितारों की फरमाइश ,.... हर जन्म में तू मिले मेरी बस यही ख्वाहिश।” ये बात बोल वो मुस्कुराते हुए अनर्व की आंखो में देखने लगी थी वही उसकी ये बात सुन अनर्व के चहरे पर हल्की मुस्कान आ गई थी। उसकी आंखो में सुकून सा छा गया था । तभी उसने उसके गाल पर किस कर दी उसकी इस हरकत pa rmoonlight ने मुस्कुराते हुए कहा एक और ये बोल उसने अपने फ़ोन में ये फोटो निकली थी । तब की ही थी वो फोटो । Flash back end... आज से शायद 3 साल पहले की थी ये फोटो । वो उसकी moonlight को करीब 4 5 साल से जानता था। ये सब सोचते हुए उसकी आंख एक्सप्रेशनलेस हो गई थी। उसने उस बुक के आगे के पेज पलटे और एक पेज पर आ के वो रुक गया ... जहां पर उसने कविता लिखी थी ... उसकी बनाई हुई नही थी कही से पढ़ी थी ... ये तब की कविता थी जब उसकी moonlight उससे पहली बार रूठ गई थी। तब उसको मनाने के लिए लिखी थी उसने ... ये सोचते हुए उसके चहरे पर दर्द भरी मुस्कान आ गई थी। Flash back.... अनर्व ने moonlight के गोद में सर रखा हुआ था और वो लेटा हुआ था । वो उसी बुक में से वो कविता पढ़ रहा था । (वो कविता थी की ....) Moonlight के चहरे की तरफ़ देख कर बोला _... मैं शहर का शोर शराबा, तू गांव जैसी शांत प्रिये ! मैं उलझा हुआ सा ख़्वाब कोई, तू सुलझी हुई सी बात प्रिये ! मैं दोपहर की चिकचिक, तू सुकून भरा रात प्रिये ! मैं दूरियों का पैमाना, तू हसीन मुलाक़ात प्रिये ! वो खड़ा हुआ और moonlight को खड़ा कर अपने पास खींच कर फिर बोला _ मैं इश्क़ सीखने का आदी, तू इश्क़ की पूरी जात प्रिये ! मैं बिखरा हुआ सा जवाब तेरा, तू सिमटा हुआ सवालात प्रिये ! मैं थोड़ा अलग इस दुनिया से, मगर मिलते हैं तुझसे ख़यालात प्रिये ! ये सुनते ही moonlight के फेस पर हल्की सी स्माइल आ गई थी लेकिन वो दिखाना नही चाहती थी इसलिए वो उससे मुंह फेर कर छूटने की कोशिश करने लगी तभी उस पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए अनर्व ने उसके कान में धीरे से कहा _ मैं जल्दबाज़ी की दुकान, तू सुकून भरा इत्मिनान प्रिये, मैं एक मुसाफिर बादल हूँ, तू ठहरा हुआ आसमान प्रिये, मैं पत्थर मिट्टी से बना घर, तू कोई महल आलीशान प्रिये, बस ये सुनते ही moonlight के गाल ब्लश करने लगे थे इसलिए उसने छुटने की कोशिश छोड़ दी और कसकर अपनी आंखे मींच दी । अनर्व ने उसको हल्का सा दूर किया और उसके चहरे को देखते हुए कहा _ मैं अंजान सा रास्ता कोई, तू जाना माना मुकाम प्रिये, मैं उलझन सारी सुलझा दूँ तेरी, तू किस बात से है परेशान प्रिये ? मैं रख रहा हूँ हथेली पर इश्क़ तेरी, कभी तो आँखे खोल और पहचान प्रिये ! बस ये सुनते ही moonlight ने अपनी आंखें खोली और अनर्व की आंखो में देखने लगी थी।तभी अनर्व ने उसके माथे पर हल्की सी किस कर ली । और Moonlight ने सुकून से अपनी आंखे बंद कर ली थी। वो उसके गले लग चुकी थी। उसकी आंखे बंद थी। अहमदाबाद गुजरात, इंडिया साबरमती जेल आंखे खुलते ही धुन की नजरे सूरज की किरणों पर पड़ी। सवेरा हो चुका था । 6 बज चुके थे। सारे कैदी धीरे अपने दैनिक काम कर ने की तरफ बढ़ रहे थे। धुन भी उन सब में से एक थी । फेलीसिया भी अपने काम में लग चुकी थी। 10 बजे तक सब कुछ हो चुका था । वो सभी अपने काम की तरफ बढ़ चुके थे। वैसे तो धुन हररोज ही खामोश रही थी जब से जेल में थी तब से। लेकीन आज फेलीसिया को आज धुन कही खोई हुई सी लग रही थी । उसे समझ नही आ रहा था कि वो उसे पूछे तो पूछे क्या ? क्योंकि उसे पता था ऐसे ही तो वो कुछ भी नही बताने वाली । वो कुछ सोच ही रही थी तभी धुन ने उसे देखा और धीरे से कहा _पता है Cia... ज्यादा अच्छा होना भी गुनाह है , पता ही नही चलता की लोग कद्र कर रहे हैं या इस्तेमाल... ये बोलते वक्त उसके आंख से एक आंसु बह कर गाल पर आ चुका था। फेलीसिया उसे बस एक टक देख रही थी। ये पहली बार था । 2 साल में पहली बार था की धुन की आंखो से आंसु बहा हो या फिर उसने किसी चीज की शिकायत की हो । उसने आज तक कुछ नहीं कहा था जो था जैसा था एक्सेप्ट कर लिया था लेकिन शायद अब नही रहा गया उससे। फेलीसिया ने उसे देखते हुए बोला _ तो क्यों सह रही हो सब कुछ? क्यों सबके लिए अपने आपको पीछे छोड़ दिया? क्यों बन रही थी इतना अच्छा ? उसके इस सवाल पर धुन ने उसकी तरफ़ देखा और धीरे से कहा _ क्योंकि पहले मुझे लगता था कि जब कहानी ही बन जाना है , तो क्यूं ना कहानी अच्छी हो! लेकीन मुझे क्या पता था अच्छाई का दिया बनते ही खुद घना अंधेरा बन जाऊंगी। नही पता था यार सच में नही पता था । ये बोलते ही उसकी आंख से एक और आंसु बह गया। और भी बहते लेकिन धुन ने उन्हें बहने नही दिया। वही उसकी बात सुन फेलीसिया ने कहा _ कही पढ़ा था कि...सहना चाहिए.. अच्छा है लेकिन मौके पर कहना भी चाहिए.. जरूरी है । हर बार चुप रहना हमेशा के लिऐ मौन रहने पर मजबूर करता है । पलट कर जवाब देना बेशक गलत बात हैं, लेकिन सुनते रहो तो लोग बोलने की हदें भूल जाते हैं। उसकी बात सुन धुन ने उसकी तरफ देखा लेकिन कुछ कहा नहीं । क्या कहती वो ? फेलीसिया ने जो भी कहा था सच ही तो था । वो हर बार चुप रही और नतीजा यही था की अब उसके कुछ भी बोलने पर जो हो चुका है वो नही बदला जा सकता। और जो हुआ है वो गलती नहीं चालाकी है किसी की । वो कुछ सोच रही थी । उसके दिमाग में अभी सिर्फ एक चहरा घुम रहा था । उसको याद करके उसे और रोने का मन कर रहा था। फेलीसिया को पता था की उसे अभी रोना आ रहा है लेकिन अभी वो उसे नही रोकने वाली । दो साल से सब उसके अंदर भरा पड़ा हुआ है । बाहर निकालना भी जरूरी है। आज शनिवार था तो आज धुन को नहीं लिखने को मिलने वाला था । पूरा दिन इस ही निकल गया लेकीन उसके बाद से धुन ने कुछ नही बोला था । रात के 10 बजे सभी कैदी को वापिस सैल में बंध कर दिया गया था । Note:- इंडिया कैलिफोर्निया से 12.5 घंटे आगे है तो यहां का आज का दिन खतम लेकिन अभी अनर्व वाला जो सीन चल रहा है वो अभी भी जेट का है जिसमे जहा एंडिंग हुई थी वही से स्टार्ट होगा । कन्फ्यूजन न हो इसलिए बता रही हूं। जेट में ... अनर्व की आंखे खुली रात के 3 बज गए थे। थोड़ी देर वैसे ही रहने के बाद वो खड़ा हो गया और जा के फ्रेश हो गया। उसने वहां जा के देखा जहा रिदित बैठा हुआ था। रिदित अभी भी जाग रहा था । वो एक टक अपने हाथ में पकड़े उस तस्वीर को देख रहा था जिसमें उसने किसी लड़की को अपनी पीठ पर बैठाया था और खुद घोड़ा बना हुआ था। अनर्व ये देख के बिना कुछ बोले वापिस अपने जगह आ गया। उसने अपना लैपटॉप खोला और उसमे कुछ काम करने लगा था । 2 दिन बाद ... अनर्व कल ही रात को इंडिया पहुंच चुका था और अभी वो उदयपुर, राजस्थान में था । वहा के सबसे बड़े होटल में वो रुका हुआ था। यहां आने की एक वजह थी जो बाद में पता चलेगी। आज मंडे था। अनर्व अभी अपने लैपटॉप पर कुछ कर रहा था तभी रिदित उसके कमरे में आते हुए बोला _ सर जो भी अपने करने को कहा था वो सबकुछ हो चुका है। और वो भी बस अभी आते ही होंगे। उसकी बात सुन अनर्व ने बस हां में सिर हिला दिया। रिदित भी वही बैठ कर अपना कुछ काम करने लगा था। थोड़ी देर बाद उनका गेट नॉक हुआ तो रिदित ने जा के दरवाज़ा खोला । सामने एक शक्श खड़ा था । वो अनर्व की आगे का लग रहा था। उसको देखते ही रिदित साइड हो गया और वो शख़्स अंदर आ गया । 1 घंटे बाद .... अभी वो तीनो उसी रूम में बैठे हुए थे। अनर्व के चहरे पर कोई खास एक्सप्रेशन नही थे वही रिदित ज्यादा कुछ बोल नहीं रहा था और को तीसरा शख्स था जो अभी आया था उसके चहरे पर गुस्सा झलक रहा था। उसने अपने हाथ में पकड़े फाइल को टेबल पर पटकते हुए गुस्से से कहा _ उसे एक बार भी अपने भाई का ख्याल नही आया क्या .? उसकी इस बात पर किसी ने रिएक्शन नहीं दिया । बस रिदित ने उसको पानी का ग्लास देते हुए कहा _ उसकी तरफ़ से कोई बात हमे नही पता । तो हम उसपे गुस्सा कर के कुछ नहीं कर सकते। अभी पहले उसे बाहर निकालना है। उस शख्स ने गहरी सांस ली फिर पानी पी कर खुद को शांत कर के बोला _ जो हो गया सो हो गया अब इसे सही में करूंगा। ये बोल वो जाने के लिए खड़ा हो गया और गेट को तरफ़ बढ़ गया । उसकी जाते देख पीछे से अनर्व बोला _ अधिकांश राठौड़। याद रखना एक हफ्ते के बाद उसकी पैरोल बैल है । उसके बाद वो कभी उस जगह पर पैर नही रखेगी। 22 दिन... 22 दिन है तुम्हारे पास । क्या करना कैसे करना वो तुम जानो। इतना बोल वो बालकनी में चला गया । और उसकी बात सुन अधिकांश धीरे से अपने आप से बोला _ 22 नही 7 दिन... उसके बाद सिवा उसका सामान लेने वो कभी वहा कदम नहीं रखेगी और ये मेरा वादा है। इतना बोल वो वहां से चला गया। वही रिदित ने उसकी बात सुनी थी लेकीन कहा कुछ भी नही। अहमदाबाद,गुजरात धुन अभी अपना काम कर रही थी तभी वॉर्डन ने उसे जेलर मैडम के केबिन में जाने को कहा । धुन बिना कुछ बोले चुपचाप जाने लगी वही वो वॉर्डन धुन को बुरी तरह घूर रही थी उसे धुन से अलग ही तरह की नफरत थी । इधर धुन केबिन में पहुंची। मैडम ने उसे बैठने को कहा। धुन बिना कुछ बोले बैठ गई। उसके बैठते ही मैडम ने कहा _ धुन अगले सोमवार को तुम पैरोल बैल पर 15 दिन के लिऐ इस जैल से बाहर जा सकती हो । उसकी बात पर धुन ने हां में सिर हिला दिया और वहा से जाने लगी तभी पीछे से मैडम बोली _ रुको... धुन ने पीछे मुड़कर देखा तो वो फिर से बोली _ 5 साल से हूं यहां कोन गुनहगार और कोन नही देखने पर से बता सकती हु। जानती हु तुमने नही किया था वो मर्डर फिर भी इन्कार ना करने की वजह? उसकी इस बात पर धुन धीरे से बोली _ क्योंकि मेरी फितरत में नहीं था तमाशा करना, इसलिए बहुत कुछ जानते हुए भी ख़ामोश रही! ये बोल वो वहां से चली गई। जैलर मैडम उसे जाते हुए देखती रही और एक गहरी सांस ली और अपने काम में वापिस लग गई । थोड़ी देर बाद फेलीसिया को उन्होंने बुलाया। फेलीसिया के आते ही उन्हों ने कहा _ अगले सोमवार को तुम्हारी रिहाई है। आशा करती हु तुम्हें यहा वापिस देखना न पड़े। उसकी बात पर ध्यान न देते हुए फेलीसिया वहा से चली गई। थोड़ी देर बाद... सभी कैदी खाना खा रहे थे । फेलीसिया और धुन दोनो एक साथ बैठे थे। धुन खा नही रही थी । वो बस उस खाने को देख रही थी। फेलीसिया ने धुन के हाथ पर हाथ रखते हुए कहा _ देख धुन थोड़े दिन की बात है उसके बाद तो तू पैरोल पर बाहर जाने ही वाली है ना । तो अभी खा ले ये... और देख 15 दिन में हम कुछ न कुछ कर लेंगे लेकीन तुझे वापिस यहां नही आने दूंगी। आई प्रोमिस। उसकी बात सुन धुन ने उसे देखा जिसकी आंख में एक उम्मीद थी लेकिन कही न कहीं ये डर था की उसे वापिस 15 दिन बाद यहां आना पड़ेगा । उस जगह जो कभी वो डिजर्व ही नही करती थी । उसने कुछ कहा नहीं । बस खाना खाने लगी थी । उसको खाता देख फेलीसिया ने एक गहरी सांस ली और वो भी खाना खाने लगी थी । ऐसे ही पूरा दिन निकल गया । अगले दिन सुबह अहमदाबाद गुजरात ना ज्यादा बड़ा ना ज्यादा छोटा ऐसे एक घर के बाहर नेम प्लेट लगी हुई थी। "महेता सदन " उस घर के लिविंग हाल में अभी एक अधेड़ उम्र का आदमी बैठा था जिसके चहरे का रंग उड़ा हुआ था। उसके हाथ में न्यूज पेपर था जिसकी हेडलाइन लिखी हुई थी अविराज मर्डर कैसे को फिर से ओपन किया गया है । और ये कैसे इंडिया के सबसे बड़े क्रिमिनल लॉयर अधिकांश राठौड़ के द्वारा री ओपन हुआ है। बस ये लाइन पढ़ते ही उस आदमी की हालत खराब हो गई थी। उन्होंने तुरंत किसी को कॉल लगा दिया। पुरी रिंग खतम हो गई लेकिन सामने से किसी ने कॉल नहीं उठाया। उन्होंने किसी और को कॉल किया लेकिन इस बार भी किसी ने कॉल नहीं उठाया। उस आदमी की हालात काफी खराब हो चुकी थी। वही उदयपुर राजस्थान अभी रिदित के चहरे पर तिरछी मुस्कान चिपकी हुई थी। उसकी नज़र अपने सामने लैपटॉप पर गड़ी हुई थी। जहा अभी वही सीन चल रहा था जहा वो आदमी परेशान हो रहा था । अनर्व वही सामने बैठा हुआ था और अभी उसके हाथ में सिगरेट थी । वो पी नही रहा था बस उसे देख रहा था । सिगरेट को देखते हुए उसे उसकी Moonlight याद आ रही थी को उसे हमेशा इस सिगरेट की वजह से डांट दिया करती थी। वो उस सिगरेट को देख रहा था तभी रिदित का फ़ोन बजा । उसने कॉल पिक किया और सामने वाली की बात सुन अनर्व से कुछ कहा जिसको सुन अनर्व के चहरे पर तिरछी स्माइल आ गई थी। वही अहमदाबाद गुजरात फेलीसिया अभी मैडम की केबिन में थी । और जो मैडम ने कहा था वो सुन के शॉक्ड थी।

  • 3. Lafj -E-Qalb - Chapter 3

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    अब तक... वही उदयपुर, राजस्थान। अभी रिदित के चेहरे पर तिरछी मुस्कान चिपकी हुई थी। उसकी नज़र अपने सामने लैपटॉप पर गड़ी हुई थी; जहाँ वही सीन चल रहा था जहाँ वो आदमी परेशान हो रहा था। अनर्व सामने बैठा था, हाथ में सिगरेट। वो पी नहीं रहा था, बस देख रहा था। सिगरेट को देखते हुए उसे उसकी मूनलाइट याद आ रही थी, जो उसे हमेशा इस सिगरेट की वजह से डाँटती थी। वो सिगरेट देख ही रहा था कि रिदित का फ़ोन बजा। उसने कॉल पिक किया और सामने वाली की बात सुन अनर्व से कुछ कहा; जिससे अनर्व के चेहरे पर तिरछी मुस्कान आ गई। वही अहमदाबाद, गुजरात। फेलीसिया मैडम की केबिन में थी और मैडम की बात सुनकर शॉक्ड हो गई थी। अब आगे... थोड़ी देर बाद फेलीसिया केबिन से बाहर निकली। वो अलग लग रही थी। नॉर्मली वो चोटी बनाती थी, लेकिन अब बीच से पार्टीशन करके लो जुड़ा बना रखा था। उसकी आँखें चारकोल कत्थई से हल्की डार्क हो गई थीं। वो अपनी साड़ी ठीक कर रही थी; उसके ब्लाउज के हुक में कुछ लगा था, लेकिन दिख नहीं रहा था। वो धुन के पास आ गई और दोनों काम करने लगे। थोड़ी देर बाद फेलीसिया ने कहा, "धुन।" धुन ने देखा, तो फेलीसिया ने कहा, "कुछ बोल ना, बहुत बोर हो रही हूँ।" धुन फेलीसिया को ऐसे देख रही थी मानो उसने क्या कह दिया हो। उसने इशारों से पूछा, "क्या बोलूँ?" फेलीसिया ने कहा, "कुछ भी, बस बोल। मुझे बोर हो रहा था।" ये कहकर उसने मुँह बनाया। धुन ने सिर हिलाया और काम में लग गई। फेलीसिया उसे देख रही थी। धुन ने देखा और धीरे से कहा, "एक कविता सुनाऊँ? चलेगा?" फेलीसिया ने हाँ में सिर हिलाया। धुन बोली, "ये हरिवंश राय बच्चन जी की कविता है। पहले बहुत पढ़ी थी..." “गिरना भी अच्छा है, औकात का पता चलता है… बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को… अपनों का पता चलता है! जिन्हें गुस्सा आता है, वो लोग सच्चे होते हैं, मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है… सीख रहा हूँ मैं भी, मनुष्यों को पढ़ने का हुनर, सुना है चेहरे पे… किताबों से ज़्यादा लिखा होता है…!” गिरना भी अच्छा है, औकात का पता चलता है… बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को… अपनों का पता चलता है।” - हरिवंश राय बच्चन। उसने पूरी कविता बोली। फेलीसिया के साथ-साथ और भी कोई सुन रहा था। फेलीसिया मुस्कुराकर बोली, "वाह! क्या बात है। बिलकुल तेरी उलूल-जुलूल जिंदगी के साथ मैच कर रही है।" धुन को हँसी आ गई। उस शख्स को ठंडक मिली। फेलीसिया ने भी उसे पहली बार मुस्कुराते देखा था। धुन मुस्कुराते ही अपना मुँह बंद कर वापिस काम में लग गई। लेकिन उसके दिमाग में एक ही शख्स था। उसके मुँह से "अर्व..." निकला, जो फेलीसिया ने भी सुना। फेलीसिया उसे देख रही थी। धुन कुछ नहीं बोली और काम में लग गई। उदयपुर, राजस्थान। अनर्व की आँखें सुकून से बंद हो गई थीं। 2 साल बाद उसने "अर्व..." सुना था। उसके कान तरस गए थे ये सुनने के लिए। हाँ, धुन उसकी मूनलाइट और अनर्व धुन का अर्व था। वो लेटा हुआ था कि उसका फ़ोन बजा। उसने कान पर लगाया तो सुना, "सिर उन्हें उस जगह पर रख दिया गया है। अब आगे क्या करना है?" अनर्व ने कहा, "वही रहने दो और उनकी आगाता-स्वागता करो।" उधर से "ओके सर" कहकर कॉल कट हो गया। अनर्व ने अधिकांश को कॉल किया। ऑन कॉल... अधिकांश: क्या हुआ? अनर्व: मिल गए तेरे बकरे। जब खेलने के लिए चाहिए तब ले जाना और वापिस दे भी देना। अधिकांश: अभी उनका कन्फ़ेशन रिकॉर्ड करके भेज। कैसे भेजना है वो तुझे पता ही है। बाकी काम मुझ पर छोड़ दे। अनर्व ने रिदित को कॉल किया, कुछ कहा और आँखें बंद कर लीं। उसके ज़हन में धुन थी। उनकी पहली मुलाकात, बातें, लड़ाई, सब कुछ। आज धुन को कैदी के कपड़ों में देखकर उसे लगा जैसे उसकी ज़िंदगी से रंग निकल गए हों। उसे धुन को व्हाइट रंग में देखना पसंद था, लेकिन आज उस व्हाइट साड़ी और मुरझाए चेहरे के साथ देखकर उसका दिल तड़प उठा। उसे धुन की पागलपंती देखने की आदत थी, जो वो सिर्फ़ अनर्व और उसके जानने वालों के सामने करती थी। बाकी के सामने वो मेच्योर रहती थी, लेकिन इतना शांत नहीं। उसने आँखें बंद रखीं। तभी उसे वो पल याद आया जब धुन ने व्हाइट प्रिंसेस गाउन पहना था, जो अनर्व ने गिफ़्ट किया था। फ़्लैशबैक... धुन ने हाफ़ स्लीव बलून और स्वीटहार्ट नेक वाला गाउन पहना था। चाँद-सितारों वाला नेकलेस और मैचिंग इयरिंग्स, हल्का मेकअप और बाल खुले। वो किसी परी जैसी लग रही थी। अनर्व ने साँस ली और धुन की तरफ़ बढ़ा। धुन की साँसें तेज हो गईं। अनर्व ने धुन को खींचकर उसके कान में कहा, "तैयार होकर आने को कहा था, तुम तो तबाही बनकर आ गई।" धुन मुस्कुराई, "अच्छी लग रही हूँ ना? मुझे तो पता ही था। ख़ामख़ा तुम क्या कहोगे ये सोचकर दिमाग़ ख़राब कर रही थी।" वो अपने दाँत दिखा रही थी। अनर्व को समझ नहीं आया वो क्या कहे। वो फ़्लर्ट कर रहा था और सोच रहा था कि वो शर्मा जाएगी, लेकिन धुन खुद की तारीफ़ कर रही थी। अनर्व ने सिर हिलाया। धुन घुटनों पर बैठी थी, जैसे प्रपोज़ कर रही हो, लेकिन हाथ में कोई फूल नहीं, बल्कि खुद बनाई हुई बुक थी। वो बुक अनर्व की तरफ़ बढ़ाते हुए बोली, "Will you be my writing partner?" अनर्व का दिल पिघल गया। उसने धुन को उठाया और गोद में लेकर आगे बढ़ने लगा। धुन ने उसके गले में बाहें डाल दीं। उसकी आँखों में उम्मीद, प्यार, खुशी, सुकून सब था। अनर्व उसे लेकर उनके लिए बुक की गई जगह पर गया और सोफ़े पर बैठ गया, धुन को गोद में बिठाकर। धुन उठने की कोशिश नहीं की। अनर्व ने छेड़ते हुए कहा, "तो तुम मेरे साथ लिखने की डील कर रही हो? मेरे कितने परसेंट होंगे?" धुन बोली, "ये कौन सा तरीका है बात समझने का?" वो खड़ी होने लगी तो अनर्व ने कहा, "और ये कैसा तरीका हुआ प्रपोज़ करने का?" धुन ब्लश करने लगी और नज़रें चुराने लगी। उसने हिम्मत करके प्रपोज़ किया था, लेकिन अब शर्म आ रही थी। "ये धुन मेहता का तरीका था। मुझे लिखना पसंद है, इसलिए मैं उसे कभी नहीं छोड़ने वाली। अब तुम भी मुझे पसंद हो तो..." अनर्व ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा। कुछ सेकंड बाद धुन ने भी किस किया। 5 मिनट बाद अनर्व ने धुन को छोड़ा, एक आँख विंक की। धुन बोली, "ये क्या था?" अनर्व मुस्कुराया, "प्रपोज़ल एक्सेप्ट करने का तरीका।" धुन बोली, "ऐसा कोई तरीका होता है क्या? मैंने तो नहीं पढ़ा कहीं..." अनर्व ने बुक ली और उसमें कुछ लिखकर बोला, "लो अब पढ़ लो। ये अनर्व वाधवा का तरीका है। जैसे तुम्हें मैं पसंद हूँ, वैसे मुझे तुम्हें किस करना पसंद है, सिंपल।" उसने आई विंक किया। बुक में लिखा था: अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख़ लोग हैं, नज़रों से चूम लिया करते हैं........!!! फ़्लैशबैक एंड... ये सब सोचते हुए उसके दिमाग़ में धुन घूम रही थी। रात का वक्त। अहमदाबाद, गुजरात। धुन चाँद को देख रही थी। आँसू उसके बालों में गुम हो गए। उसे सिर्फ़ अर्व याद आ रहा था। उसने पूछा था कि अगर उसे धुन को मूनलाइट के सिवा और कोई नाम देना होगा तो क्या? फ़्लैशबैक वो दोनों धुन के पेंटहाउस में थे। धुन अनर्व की गोद में सिर रखे क्यूब से खेल रही थी। उसने पूछा, "अर्व... अगर तुम्हें मुझे मूनलाइट के अलावा कोई नाम देना होगा तो तुम क्या दोगे?" अनर्व ने कहा, "तो मैं तुम्हें अलोरा कहता, मूनलाइट।" धुन ने पूछा, "और इसका मतलब क्या होता है?" अनर्व ने किस करते हुए कहा, "ड्रीमर।" धुन मुस्कुराई। वो सच में ड्रीमर थी। फ़्लैशबैक एंड... वो मुस्कुराई, "क्या हम कभी फिर मिल पाएँगे?" उसकी आँख लग गई। ऐसे ही दिन निकल गए। अनर्व, अधिकांश और रिदित धुन को बचाने में लगे थे। 2 दिन बाद शुक्रवार था। धुन लिख रही थी... इन 5 दिन में हद से ज़्यादा तुम्हें याद कर चुकी हूँ कि अब दिल करता है कि उड़कर तुम्हारे पास आ जाऊँ। एक बहुत ही ख़ूबसूरत बात है जिसे आप भूल जाना चाहते हो........की (2) अक्सर वही हर पल ज़िंदा होता है.. क्योंकि भुलाना भी हम उनको चाहते हैं जिनको याद किए बिना रहना.......... जैसे साँस लिए बग़ैर जीना,,,,,,,,,, यादों के सहारे या खुद उनके साथ, जिसकी यादों के साथ रहना अच्छा लगता है, ये दोनों चीज़ों में बहुत फ़र्क पड़ता है क्योंकि इंसान अकेले अपने आप में रह सकते हैं, यादों में नहीं। सच में अब इतना अकेला लगता है कि दिल ख़ुद को कोसता है कि क्यों इतने वक्त शांत रही। और दिमाग़ भी डाँटता है कि और करो अपने मन की और भुगतो। अर्व, तुम नहीं होने इसलिए ख़ुद को डाँटने का काम भी मैं ही कर रही हूँ। पता नहीं कभी हम मिल पाएँगे या नहीं, लेकिन मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूँगी। बिलकुल नहीं। तुमने पूछा था ना एक बार कि इश्क़ क्या है मेरे लिए? आज कहूँ? तो सुनो.... तुम्हारा न होते हुए भी सिर्फ़ तुम्हारा होना, इश्क़ है.. तुमसे दूर रहकर भी तुम्हारे ही क़रीब रहना, इश्क़ है... उम्मीदें टूट जाने पर भी सिर्फ़ तुमसे ही उम्मीद करना, इश्क़ है.... तुम पर मरते हुए भी तुम्हारे लिए ही जिए जाना, इश्क़ है। अब कभी मत पूछना, मैं नहीं बताऊँगी। वो लिखना बंद कर अपने शब्द पढ़ने लगी। सिर्फ़ अर्व याद आ रहा था। वहीं दूसरी तरफ मेहता सदन। उस इंसान की हालात ख़राब थीं। वो कॉल कर रहा था, लेकिन कॉल स्विच ऑफ़ बता रहा था। उसकी वाइफ़ उसे देख रही थी, लेकिन कुछ नहीं कर रही थी। 2 दिन बाद फेलीसिया की रिहाई और धुन के पैरोल bail का दिन था। वो दोनों जेल के बाहर खड़े थे। 2 साल बाद धुन और फेलीसिया बाहर की हवा खा रहे थे। धुन ने साँस ली और आँखें बंद कर लीं; अर्व का चेहरा घूम गया। उसने आँखें खोलीं। एक ब्लैक कार आई। फेलीसिया ने कहा, "चल, धुन।" धुन बैठ गई। फेलीसिया ने पहले ही बता दिया था कि कार आने वाली है। वो पीछे बैठ गए और धुन ने आँखें बंद कर लीं। उसे 3 साल पहले की आख़िरी मुलाक़ात याद आ गई। फ़्लैशबैक... धुन का पेंटहाउस। धुन की आँखों में आँसू थे। अनर्व ने आँसू साफ़ करते हुए कहा, "आई प्रॉमिस मूनलाइट... तुम जब यहाँ वापिस आओगी, मुझे अपने सामने पाओगी।" धुन उसके गले लग गई। फ़्लैशबैक एंड... उसने आँखें खोलीं। 6 घंटे बाद उदयपुर, राजस्थान। एक बड़ी बिल्डिंग के सामने कार रुकी। धुन और फेलीसिया ऊपर पेंटहाउस की तरफ़ गए। धुन ने दरवाज़ा खोला तो सामने का नज़ारा देख वो शॉक्ड हो गई।

  • 4. Lafj -E-Qalb - Chapter 4

    Words: 2052

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    अब तक... Flash back... Dhun ka penthouse अभी धुन की आंखो में आंसू थे । अनर्व ने उसके आंसू साफ करते हुए कहा _ I promise Moonlight... तुम जब यहां वापिस आओगी मुझे अपने सामने पाओगी। धुन ने कुछ नही कहा और आंखे बंद कर के उसके गले लग गई। Flash back end ये सोचते ही उसने तुरंत अपनी आंखें खोल दी। और बाहर देखने लगी। वो बहुत वक्त बाद ये सब देख रही थी। 6 घंटे बाद ... उदयपुर राजस्थान बड़ी सी बिल्डिंग के सामने धुन और फेलीसिया की कार रुकी। धुन और फेलीसिया दोनो जो नीचे उतरे और उपर पेंटहाउस की तरफ़ जाने लगे । जैसे ही धुन ने पैंटहाउस का दरवाजा खोला सामने का नजारा देखा वो शॉक्ड हो गई थी। अब आगे...... सामने देखते ही उसकी आंखो से आंसु बिना रुके बहने लगे । फिर से मिलने की जहां पे दे गये थे तुम कसम अनर्व खड़ा था । उसको देखते ही धुन से कंट्रोल ही नही हुआ और सीधे उसके गले से जा लगी। देख लो आ कर वहीं पे आज भी बैठे हुए हैं हम अनर्व ने उसको कसकर गले लगा लिया था। दोनों की एक दूसरे पर पकड़ काफी मजबूत थी। पूरे 3 साल बाद दोनो एक दूसरे के सामने थे। तुम्हारे थे तुम्हारे हैं तुम्हारे ही रहेंगे हम तुम्हारे थे तुम्हारे हैं तुम्हारे ही रहेंगे हम धुन अभी भी रो रही थी। शायद जो इन दो साल में जो खुदको कंट्रोल कर रखा था वो सारा कंट्रोल अब छूट चुका था । मुद्दतें भी चंद लम्हों जैसी लगती है सनम बात ही ऐसी तुम्हारी इश्क में कुछ है महज़ हमदम तुम्हारे थे तुम्हारे हैं तुम्हारे ही रहेंगे हम तुम्हारे थे तुम्हारे हैं तुम्हारे ही रहेंगे हम अनर्व ने उसे कुछ भी नही कहा था । वो बस उसकी पीठ पर हाथ फेर रहा था और उसे शांत कर रहा था । वादा था कब का अब जा के आये फिर भी गनीमत आई तो है वादा था कब का अब जा के आये फिर भी गनीमत आई तो है आइये शौक़ से आइये आइये आके इस बार ना जाये अनर्व ने धुन को हल्का सा दूर करने की कोशिश करी तो धुन ने उस पर अपनी पकड़ और भी कस ली । और ना में सिर हिला ने लगी। बिछड़ के भी हमसफ़र से वफ़ा जो कर पाए हैं इस आतिश के समंदर से वही तो गुजर पाए हैं नहीं मिली हीर तो क्या रहे उसी के वो फिर भी तब ही रांझे वही सच मायने में कहलाए हैं कहलाए हैं.. वही सच्ची मोहब्बत है कभी होती नहीं जो कम अनर्व ने फिर से उसे गले लगा लिया और अब उसने सिर्फ उसको गले लगाया हुआ था और वो बस धुन के आंसु और उसका रोना सुन रहा था । उसको गुस्सा आ रहा था क्योंकि उसकी Moonlight जिसको वो अपनी हथेली पर फूल की तरह रखता था आज कुछ चंद लोगों की वज़ह से ऐसी हालत हो गई थी। तुम्हारे थे तुम्हारे हैं तुम्हारे ही रहेंगे हम वादा था कब का अब जा के आये फिर भी गनीमत आई तो है वादा था कब का अब जा के आये फिर भी गनीमत आई तो है आइये शौक़ से आइये आइये आके इस बार ना जाये थोड़ी देर बाद धुन का रोना बंध हो चुका था और अब वो हिंचकी लेने लगी थी । अनर्व ने उसको अब हल्का सा दूर किया और अपने सामने उसका चहरा किया और उसके फॉरहेड पर किस कर ली । बस इसी चीज़ की जरूरत थी धुन को । इसी के साथ उसने अपनी आंखे सुकून से बंद कर ली थी। 2 3 सेकेंड बाद जब अनर्व ने कहा _ Moonlight... ये सुनने के बाद धुन ने अपनी आंखे खोली। और अनर्व के चहरे को देखने लगी । अब तक उसकी हिचकी भी बंध हो चुकी थी। वो बस अपने अर्व को देख रही थी। पूरे दो साल बाद । आखरी बात उन दोनो की 2 साल पहले हुई थी जब अनर्व USA से कैलिफोर्निया जाने वाला था । वो भी वीडियो कॉल पर बात हुई थी तब से लेकर आज वो एक दूसरे के आमने सामने थे। अभी तक धुन ने एक भी शब्द नही बोला था। अनर्व समझ रहा था की अभी वो कुछ बोलने की हालात में नही है। इसलिए उसने धुन का चहरा अपने हाथ में लेकर कहा _ पहले फ्रेश हो जाओ। Ok में यही हूं और अब कही नही जाने वाला ।ok उसकी बात सुन धुन ने सिर्फ हा हा में सिर हिला दिया। वो जाने लगी तभी पीछे मुड़ कर फेलीसिया को देखा जो अब तक एक चेयर पर बैठ गई थी और सभी चीजे इधर उधर देख रही थी। वही अनर्व बस धुन को देख रहा था। धुन ने कुछ पल फेलिसिया को देखा और फिर अपने कमरे में चली गई । करीब 3 मिनिट बाद वापस आई और अब उसके हाथ में 3 4 जोड़ी कपड़े थे जिसमे कुछ कैजुअल और कुछ नाईट सूट। उसने वो कपड़े ले जा कर फेलीसिया की तरफ़ किए। वही फेलीसिया जो अभी अपने हाथ में पकड़े बाउल को थोड़ी दूर रख कर उसे देख रही थी अचानक आंखो के सामने कुछ आ जाने पर बोली_ अब ये क्या गोबर आ गया... इसके आगे वो कुछ बोलती की धुन ने सारे कपड़े उसके सिर पर पटक दिया और उसे देखने लगी। फेलीसिया को अब जा के समझ आया की उसने धुन के कपड़ो को गोबर बोल दिया था जिस वजह से उसको उसी कपड़े की चपट पड़ी थी । उसने सिर उठाकर एक नजर धुन को देखा और फिर सारे कपड़े उठा लिया और खड़ी हो गईं। धुन ने उसे एक कमरे की तरफ़ इशारा किया तो फेलीसिया ने दांत दिखा दिए और वो वहा चली गई। उसके जाते ही धुन भी वापिस कमरे में जाने लगी तभी अनर्व ने उसे ब्राइडल स्टाइल में उठा लिया । धुन ने कुछ नही कहा बस अनर्व के गले में अपनी बाहें डाल दी। अनर्व ने धुन को वाशरूम में उतारा दिया और फोरहेड पर हल्की सी किस कर के बाहर चला गया। वही उसके जाते ही धुन की आंखो से एक बार फिर आंसु आ गए थे । उसने अब उन्हें नही रोका और जा के शॉवर के नीचे खड़ी हो गई। वो बस ऐसे ही शॉवर के नीचे खड़ी थी। 30 मिनिट बाद धुन अपना लाइट पर्पल कलर का बाथरोब पहन कर बाहर आई तो उसने देखा की अनर्व वहा नही था । उसने चारो तरफ़ नज़र घुमाई तो देखा की बेड पर अनर्व का ब्लेजर पड़ा था । उसने वो ब्लेजर उठा लिया और उसे गले से लगा लिया। उसमे अनर्व की खुशबू थी। वो उसको गले लगाए ही बेड पर सीधा लेट गई । करीब 5 मिनिट के अंदर ही उसकी आंख लग चुकी थी। थोड़ी देर बाद जब अनर्व कमरे में आया तो देखा की धुन उसके ब्लेज़र को पकड़े सो रही थी। अभी उसके चहरे पर एक सुकून था। अनर्व उसे ऐसे ही देखता रहा फिर उसने ध्यान दिया की धुन सिर्फ बाथरोब में थी और उसने कुछ भी नही पहना था । उसने गहरी सांस ली फिर उसके कपड़े ले आया और फिर धुन की पकड़ से अपना ब्लेजर छुड़ाया और धीरे से उसको कपड़े पहना दिए। धुन इतनी गहरी नींद में सो चुकी थी उसके आसपास क्या हो रहा है उस बात का उसे कोई अंदाजा नहीं था। शायद अब डर नहीं था किसी चीज का । धुन को कुछ पल देखते रहने के बाद अनर्व फ्रेश होने चला गया। थोड़ी देर बाद वो भी धुन के बगल में लेट गया और धुन को अपने पास खींच लिया। धुन ने नींद में भी उसको hug कर लिए और अनर्व ने उसके फोरहेड पर हल्की सी किस कर ली और उसको बाहों में भर कर वो भी सो गया। रात के करीब 9 बजे... पेंटहाउस की बेल बजी तो फेलीसिया जो की अभी अपना फ़ोन चला रही थी उसने जा के दरवाज़ा खोला । उसके सामने अधिकांश खड़ा था जिसको देखने के बाद फेलीसिया के तो मानो होश ही उड़ चुके थे। अधिकांश ने उसे देखा और कहा _ क्या कभी लड़का देखा नही ? अब हटो साइड में । ये बोल वो अंदर चला आया। वही फेलीसिया ने दरवाज़ा बंद करते हुए कहा_ let me correct you... इतना हॉट और हैंडसम लड़का नहीं देखा । उसकी ऐसी बात सुन अधिकांश ने उसे ऐसे देखा जैसे पता नही फेलीसिया ने कोई बड़ी डिस्गस्टिंग बात बोल दी हो। उसकी नज़र से फेलीसिया को कोई फर्क पड़ने वाला था ? बिलकुल नहीं। वो सीधे जा कर सोफे पर बैठ गई और सामने पड़े चिप्स उठा लिए और खाने लगी। उसने अधिकांश को ऐसे इग्नोर किया जैसे वो रास्ते में पड़ा कोई पत्थर हो। अधिकांश ने उसे देखा और सिर हिला दिया फिर इधर उधर नज़र घुमाते हुए पूछा _ धुन कहा है ? फेलीसिया ने चिप्स खाते हुए उन दोनो के बेडरूम की तरफ़ इशारा कर दिया। उसका इशारा समझ कर अधिकांश उसके बगल वाले सोफे पर बैठ गया। ऑफ़ कोर्स वो उन दोनो को डिस्टर्ब नहीं करने वाला था। उसने अब जा के फेलीसिया को गौर से देखा। चारकोल कत्थई आंखों, कत्थई बाल जो की कमर तक के थे। गोरा चहरा, गर्दन पर तिल , हार्ट शेप में बने इसके लिप्स और बड़ी आंखें जिस पे ना ज्यादा घनी न ज्यादा कम ऐसी पलके। उसको देखते ही पता नही क्यों लेकीन अधिकांश के मन में अपने बचपन की कुछ याद घूम गई। Flash back अधिकांश करीब 14 साल का था । वो अभी अपनी बचपन की दोस्त या कह सकते है बेस्ट फ्रेंड तुलसी चौहान से मिलने आया था । उन दोनो के बीच 4 साल का फर्क था। लेकीन दोनों की फैमिली परिवार जैसे रिश्ते रखती थी इसलिए बचपन से उसे जानता था और वो उसकी बेस्ट फ्रेंड थी। वो तुलसी को हर बार लस्सी लस्सी कह कर चिढ़ाया करता था। आज भी वो उससे मिलने जब उसके घर गया तो देखा तुलसी बैठी हुईं थी और उसके हाथ ने फोन था खिलोने वाला। वो उससे खेल रही थी और चिप्स खा रही थी। जब अधिकांश ने उससे पूछा की उसके मम्मा डैडी कहा है तो उसने एक कमरे की तरफ इशारा कर दिया था । बस वो इसके आगे कुछ सोचता की तभी उसको किसी की आवाज़ सुनाई दी जिसकी वजह से वो fleshback से वापस प्रेजेंट आ गया। सामने फेलीसिया खड़ी थी। जो उसे घूर कर देखते हुए बोली _ अभी तो बड़ा कह रहे थे लड़के देखे नही क्या .. अब क्या हुआ ?? मुझे घूर तो ऐसे रहे हो जैसे पता नही कब बस मुझे खाने के इंतजार में हो । ये बोल उसने अपनी आंखें छोटी कर ली । अब जाके अधिकांश को समझ आया की वो कब से फेलीसिया को घूरे जा रहा था। उसने धीरे से कहा _ I am sorry। मेरा ऐसा कोई इंटेस नही था । Ok ये बोल वो खड़ा हो गया और जाने लगा तभी पीछे से अनर्व आते हुए बोला _ आया है तो रुक जा कुछ बात करनी है। उसकी बात सुन अधिकांश ने हा में सिर हिला दिया और वापस जहा बैठा था वहा बैठ गया । वही फेलीसिया ने उसकी देखा तो वो अपना चिप्स उठाकर अपने कमरे में चली गई। उसको जाता देख अधिकांश ने एक गहरी सांस ली। अनर्व किचन में था । कॉफी बना रहा था । अधिकांश वहा आ गया और बोला _ केसी है वो ? उसके पूछते ही अनर्व ने कहा_ खुद जा के देखले। उसकी बात पर हां में सिर हिलाते हुए अधिकांश धुन के बेडरूम में चला गया। उसने गौर से धुन के सोते हुए चहरे को देखा। जो की बिलकुल मुर्झा गया था। उसके चहरे पर हमेशा रहने वाला नूर कही गुम सा हो गया था। उसने धुन के सिर पर हल्के से हाथ फेरा और उसको देखते हुए धीरे से कहा _ वादा है तुम्हारे भाई का तुमसे। जो भी तुम्हारी इस हालत के जिम्मेदार उन में से किसी को नहीं छोडूंगा। और ना ही अब तुम्हें वापिस जैल जाने दूंगा । ये बोल उसने एक बार फिर उसके सिर पर हाथ फेरा और बाहर चला गया। उसके बाद अनर्व और अधिकांश के बीच थोड़ी बहुत बात हुई । उसके बाद अधिकांश वहा से निकल गया। उसके जाने के बाद अनर्व ने अपना लैपटॉप उठाया और कॉफी पीते हुए उस पर कोई फुटेज देख रहा था । उसको देखते हुए उसके चहरे पर एक तिरछी स्माइल आ गई थी। आज के लिए इतना ही bye.

  • 5. Lafj -E-Qalb - Chapter 5

    Words: 2241

    Estimated Reading Time: 14 min

    अब तक... उसने धुन के सिर पर हल्के से हाथ फेरा और उसको देखते हुए धीरे से कहा _ वादा है तुम्हारे भाई का तुमसे। जो भी तुम्हारी इस हालत के जिम्मेदार उन में से किसी को नहीं छोडूंगा। और ना ही अब तुम्हें वापिस जैल जाने दूंगा । ये बोल उसने एक बार फिर उसके सिर पर हाथ फेरा और बाहर चला गया। उसके बाद अनर्व और अधिकांश के बीच थोड़ी बहुत बात हुई । उसके बाद अधिकांश वहा से निकल गया। उसके जाने के बाद अनर्व ने अपना लैपटॉप उठाया और कॉफी पीते हुए उस पर कोई फुटेज देख रहा था । उसको देखते हुए उसके चहरे पर एक तिरछी स्माइल आ गई थी। अब आगे... अगली सुबह धुन ने नींद में ही अपना मुंह इधर उधर कर रही थी। उसने हल्की सी आंख खोली और उसकी नजर सामने सो रहे अनर्व के चहरे पर थम गई। उसको देखते ही उसकी नींद पुरी तरह से उड़ चुकी थी। वो बस एक टक उसको देख रही थी। पूरे 3 साल .... 3 साल बाद ये सुबह आई थी जब वो अपने अर्व के साथ सोई थी। वो उसके चहरे के हर फीचर को देख रही थी। और ये उसकी पुरानी आदत थी। उसके लेफ्ट गाल पर एक तिल था जो की बियर्ड की वजह से छुप जाता था लेकिन धुन को पता था और वो उसे बहुत पसंद था । क्यों था ये तो उसे भी नही पता था बस पसंद था। उसको देखते हुए ही धुन के चहरे पर हल्की सी स्माइल आ गई थी। उसने धीरे से अपनी उंगली उसके गाल पर फेरी और फिर नाक पर टैप किया । उसने दो तीन बार टैप किया । ये करते वक्त उसका ध्यान सिर्फ अनर्व के नाक पर था । वो खुद इस बात से अनजान थी की अनर्व की आंखे खुली हुई थी और अभी वो धुन के चहरे पर आई हुई हल्की मुस्कान को देख रहा था । उसे पता था ये धुन की पुरानी आदत थी। वो उसे ऐसे ही परेशान करती थी जब वो सो रहा होता था तब । वो ये सोच ही रहा था तभी अचानक धुन का ध्यान उस पर गया और तुरंत ही उसकी स्माइल फीकी पड़ने लगी थी। तभी अनर्व ने धीरे से कहा _ don't you dare Moonlight.. अगर हल्की सी भी मुस्कान फीकी पड़ी तो मुझसे बुरा और कोई नही होगा । उसकी बात सुन धुन हल्का मुस्कुरा दी। उसे पता था अनर्व जो कहता था वो करता था । और वो तो वैसे भी उसकी बात कभी टालती नही भी था। उसकी मुस्कान पहले जेसी नही थी लेकिन वो मुस्कान भी अनर्व के लिए मायने रखती थी। उसने कुछ पल धुन को देखा फिर धीरे से उसके होठों पर किस कर ली। धुन ने अपनी आंख बंध कर ली थी । अब अनर्व धुन को देख रहा था। उसके चहरे पर एक सुकुन था । अनर्व ने उसके फोरहेड पर किस कर ली। धुन ने आंख खोली तभी अनर्व ने कहा_ फ्रेश नहीं होना ? उसकी इस बात पर धुन ने हा में सिर हिला दिया और वो फ्रेश होने चली गई। 1 घंटे बाद... अभी धुन बाल्कनी में रखें हुए कॉफी टेबल के पास बैठी हुई थी। उसने अभी डस्टी पिंक कैमी टॉप और ग्रे जॉगर्स पहने थे उसके साथ बालों का मेसी बन और स्पेक्टेकल्स पहने हुए थे। वो बस शांति से बैठी हुईं थी । उसने अपना दाहिना पैर ऊपर कर रखा था और वो उसको हग कर के बैठी हुई थीं। अनर्व जो कि अभी फ्रेश हो के आया उसने वहा जा कर देखा। उसको आज की धुन में ओर उसकी Moonlight में बहुत फर्क नज़र आ रहा था । कहां अल्हड़ और पागलपन करने वाली उसकी Moonlight और कहा यूं सब से दूर एक तरफ ही के रहने वाली धुन। उसने एक गहरी सांस ली और वो बाल्कनी की तरफ बढ़ गया। उसने पीछे से धुन के कान कहा _ it's your birthday moonlight. उसकी बात सुन धुन ने तुरंत अपना मुंह उसकी तरफ किया। अनर्व ने उसके फोरहैड पर किस करते हुए कहा _ happy नहीं है पता है मुझे । लेकिन बर्थडे तो है न । धुन ने सिर्फ हा में सिर हिला दिया और हल्का मुस्कुरा दी । अनर्व ने उसका हाथ पकड़ा और उसको खड़ा करते हुए कहा_ हर बार की तरह इस बार कुछ चाहिए नहीं ? इस सवाल पर धुन अनर्व की आंखो में देखने लगी। अनर्व को पता था कि वो क्या कहने वाली थी लेकिन वो उसे बोलने देना चाहता था। कल से धुन ने एक शब्द नहीं बोला था । वो उसकी आवाज़ सुनना चाहता था। इधर धुन उसकी आंख में अभी भी देख रही थी । तभी बाहर से अधिकांश की आवाज़ आने लगी जो अनर्व को बुला रहा था । हॉल में ... अधिकांश चिल्ला कर _ अनि यार कहा है तू ? जल्दी आ गुड न्यूज है . अनर्व ने उसकी बात को इग्नोर करते हुए धुन से कहा _ बोलो Moonlight... कुछ चाहिए नहीं तुम्हें? उसके सवाल पर धुन ने उसकी आंख में देखते हुए धीरे से कहा _ सिर्फ एक सवाल का जवाब अर्व ... क्या तुम्हें भी यहीं लगता है कि ये सब मैने किया ? उसके सवाल पर अनर्व ने उसकी आंखो में देखते हुए कहा _ पुरी दुनिया गलत हो सकती है लेकिन मेरी Moonlight नहीं। ये बोल उसने उसको गले लगा लिया। और ये सुनते ही धुन ने अपनी आंखें बंद कर ली थी। अनर्व की फीलिंग शब्दों बयां करना आसान नहीं था । कितने वक्त बाद आज वो उसके मुंह से अर्व सुन रहा था। उसके सवाल पर अनर्व का दिल कितना दुखा था ये बात सिर्फ अनर्व जानता था। ऐसा नहीं था कि वो धुन को समझा नहीं सकता था लेकिन अभी कंडीशन ऐसी नहीं थी कि वो धुन को कुछ भी समझाए। धुन की मेंटल हेल्थ अभी बहुत नाजुक थी। ( क्या हुआ था ये बाद में पता चलेगा।) तभी एक बार फिर अधिकांश ने उन्हें आवाज लगाई और इस बार वो दोनों बाहर चले गए। अहमदाबाद गुजरात महेता सदन वो आदमी अभी बहुत परेशान था। वो अभी किसी से कॉल पर चिल्ला रहा था _ तुम्हें समझ नहीं आ रहा। ढूंढो उन्हें किसी भी कीमत पर। कैसे भी कर के । अगर वो लोग नहीं मिले तो उनकी जान को खतरा हो सकता है ... समझ में भी आ रहा है तुम्हे ? वहीं पीछे उसकी वाइफ खड़ी थी। वो आज भी कुछ नही बोल रही थी सिर्फ और सिर्फ जो तमाशा हो रहा था वो उसे देख रही थी। उसकी आंखें अभी नम थी। होठ खामोश थे लेकिन दिल बहुत कुछ बोल रहा था जिस पर चुप्पी और खामोशी का पहरा लगा दिया था उसने । अब क्यों वो तो सिर्फ वही जानती थी। उदयपुर , राजस्थान धुन का पैंटहाउस वो दोनों हॉल में आगये थे। धुन पूरे 2 साल बाद अधिकांश से मिल रही थी। उसे नहीं पता था कि कल वो आया था। वो इन सभी बातों से बेखबर थी। ( फेलिसिया घर पर नहीं है।) धुन अधिकांश को देख रही थी। वही उसको देख कर अधिकांश तुरंत उसके पास आया और उसके चहरे को को अपने हाथ में लिए उसके फोरहेड पर किस कर के बोला_ It's your birthday choco ... हैप्पी नहीं है लेकिन आने वाले सभी दिन हैप्पी होंगे ये प्रॉमिस है तुम्हारे भाई का। धुन ने बस उसकी बात पर हल्की सी स्माइल पास कर दी । अधिकांश अब उसे दूर हो चुका था लेकिन वो अभी भी धुन को देख रहा था जो अब उससे नज़र छुपा रही थी और इधर उधर देख रही थी। अधिकांश ने वही से कहा_ बर्थडे है आज तुम्हारा ओर तुम यूं शांत हो ? कुछ डिमांड नहीं करनी तुम्हे? धुन ने बस न में सिर हिलाते हुए नीचे सिर झुका लिया। उसने अभी अनर्व का हाथ पकड़ रखा था जिस पर अभी उसने पकड़ और मजबूत कर ली । वहीं अनर्व धुन की हर हरकत को नोटिस कर रहा था। वही अधिकांश ने उसका चहरा अपनी तरफ किया और उसको देखते हुए कहा _ बोला क्या चाहिए? यूं नजरे चुराएगी तो भी समझ आ जाएगा मुझे.. समझी भाई हु तेरा। वही धुन उसकी इस बात पर कंट्रोल नहीं कर पाई और उसके आंख से एक आंसु बह गया । वही इस आंसू की वज़ह से अनर्व और अधिकांश दोनों के ही दिल पर खरोच आई थी। अनर्व ने ने उसके हाथ पर पकड़ और मजबूत कर ली थी। धुन ने अधिकांश के देखते हुए धीरे से कहा _ भाई मुझे वापिस उस जैल में नहीं जाना। दम घुटता है वहां मेरा। मुझे वहां नहीं जाना कभी वापिस.. और ... और सच में भाई मैने कुछ भी नहीं किया ... मैने.. मैने किसी का मर्डर नहीं किया। ये बोलते वक्त वो सच में इतना ज़्यादा रो पड़ी थी कि बस अब सब्र का बांध टूट गया है। कहते है न कि जब इंसान को रोने के लिए कंधा मिल जाता है तो फिर वो खुद को कंट्रोल नहीं कर पाता बस यहीं हो रहा था धुन के साथ.. यहां पर सब उसके अपने थे इसलिए वो यहां किसी के भी सामने रो सकती थी। और कोई उसे जज भी नहीं करने वाला था। उसको रोता देख अनर्व के उसे अपने पास खींच लिया और तुरंत उसको गले लगा लिया था। वही धुन उसके गले लगी ही रो रही थी और बहुत बुरी तरह रो रही थी। उसको रोता देख अधिकांश को गुस्सा भी आ रहा था और धुन के लिए बुरा भी लग रहा था। थोड़ी देर बाद धुन का रोना बंध हो चुका था। अभी वो वहीं सोफे पर बैठी हुईं थी और अनर्व उसके पास था उसने अभी भी उसका हाथ पकड़ रखा था। रो रो के धुन की आंख लाल हो चुकी थी। आंखो के नीचे भी रेडनेस हो गई थी। वो अभी बस सिर झुकाए जमीन को एक टक देख रही थी। तभी अधिकांश घुटनो के बल बैठा और उसका चहरा अपनी तरफ करते हुए कहा _ I promise choco... आज के बाद तुम्हें कभी उस जगह पर नहीं जाना पड़ेगा। कभी नहीं ok । धुन ने उसे देखा और बस हा में सिर हिला दिया। थोड़ी देर बाद... अब तक धुन बिल्कुल शांत हो चुकी थी। रोने की वज़ह से उसका सिर दर्द करने लगा था । और बहुत बुरी तरह दर्द कर रहा था । और अचानक ही उसकी धड़कन बढ़ गई थी। अनर्व ने जब ये देख तो उसको गले लगा लिया और उसकी पीठ पर धीरे धीरे हाथ फिराने लगा। कुछ ही मिनिट में धुन रिलैक्स हो गई थी। उसने धीरे से कहा _ में ठीक हु । उसकी बात सुन अनर्व ने उसका माथा चूमते हुए कहा _ तुम कमरे में जाओ में आता हु । धुन बिना कुछ बोले बस हा में सिर हिला कर चली गई। वही अधिकांश जो कब से ये सब देख रहा था वो भी परेशान हो चुका था । धुन की ऐसी हालत देख कर उसे कुछ तो गड़बड़ लग रही थी धुन की मेंटल हेल्थ को लेकर। लेकिन अभी उसने कुछ नहीं बोला। वही अनर्व ने अधिकांश को देखा और कहा _ मुझे जल्द से जल्द सारी अपडेट चाहिए । Got it. अधिकांश ने बस हां में सिर हिला दिया और वो वहां से जाने लगा तभी उसे याद आया कि वो जिस कम से आया था वो तो रह गया। उसने फिर पीछे मुड़ा और कहा _ वो वीडियो भेज दे मुझे... बाकी 3 दिन बाद की हियरिंग है पहली। ओके। अनर्व ने हां में सिर हिला दिया और वो किचन के चला गया नाश्ता लेने। अधिकांश भी वहां से चला गया। होटल सनलाइट.... फेलिसिया अभी उस होटल के एक कमरे में बैठी हुई थी तभी वहां का डोर नॉक हुआ उसने तुरंत जा के दरवाज़ा खोला। उसके दरवाज़ा खोलते ही सामने से अधेड़ उम्र का एक आदमी अंदर आ गया। फेलिसिया तुरंत उस आदमी के गले लग गई थी। उस आदमी ने उसको गले से लगा लिया था। फेलिसिया उससे दूर हुई और फिर बेड पर बैठते हुए बोली _ I Miss you so much dad . I miss you so much mr. वैदिक... वो और कुछ बोलती की तभी वैदिक ने उसे रोक दिया। वैदिक ने उसके सामने बैठते हुए कहा _ Cia प्रोमिस कर आज के बाद ऐसा कोई काम नहीं करेगी। प्रोमिस कर। फेलिसिया ने उनकी बात सुनी और कुछ पल बाद बोली_ ओके डैड नहीं करूंगी में कोई ऐसा काम। आप ये बताओ घर पर सब कैसे है ? वैदिक ने उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और हल्की मुस्कान लिए कहा _ मेरा प्यार बच्चा। और इस घर पर सब ठीक है। तू कब आएगी? फेलिसिया उसकी बात सुनी तो कड़वाहट से मुस्कुराते हुए कहा _ मेरा वहां न आना ही बेहतर है । में जहां हु वही खुश हु। आप टेंशन मत लो । Ok अब में जा रही हु। ये बोल वो चली गई लेकिन वैदिक अभी भी उसकी बात के बारे मे सोच रहे थे। थोड़ी देर बाद उन्होंने एक गहरी सांस ली और वो भी वहां से चले गए। 3 दिन बाद.... उदयपुर राजस्थान धुन का पैंटहाउस 5 दिन बीत चुके थे पैरोल बैल पर धुन को बाहर आए हुए। अभी अनर्व घर पर नहीं था । फेलिसिया भी अभी घर पर नहीं थी वो एक्सरसाइज करने के लिए बाहर गई हुई थी।इन 5 दिन में धुन काफी हद तक रिलेक्स हो चुकी थी। वो अभी अपने बेड पर सो रही थी। तभी कुछ आवाज आने की वजह से उसकी नींद खुल गई और सामने का नज़ारा देख वो शॉक्ड हो गई थी। आज के लिए इतना ही bye

  • 6. Lafj -E-Qalb - Chapter 6

    Words: 2315

    Estimated Reading Time: 14 min

    अब तक फेलिसिया उसकी बात सुनी तो कड़वाहट से मुस्कुराते हुए कहा _ मेरा वहां न आना ही बेहतर है । में जहां हु वही खुश हु। आप टेंशन मत लो । Ok अब में जा रही हु। ये बोल वो चली गई लेकिन वैदिक अभी भी उसकी बात के बारे मे सोच रहे थे। थोड़ी देर बाद उन्होंने एक गहरी सांस ली और वो भी वहां से चले गए। 3 दिन बाद.... उदयपुर राजस्थान धुन का पैंटहाउस 5 दिन बीत चुके थे पैरोल बैल पर धुन को बाहर आए हुए। अभी अनर्व घर पर नहीं था । फेलिसिया भी अभी घर पर नहीं थी वो एक्सरसाइज करने के लिए बाहर गई हुई थी।इन 5 दिन में धुन काफी हद तक रिलेक्स हो चुकी थी। वो अभी अपने बेड पर सो रही थी। तभी कुछ आवाज आने की वजह से उसकी नींद खुल गई और सामने का नज़ारा देख वो शॉक्ड हो गई थी। अब आगे अभी सुबह के 7 बजे थे उसके सामने क़रीब 56 साल की औरत और 58 साल का आदमी खड़ा था। देखने से वो दोनो काफ़ी अच्छे खानदान के लग रहे थे। उनको देखते ही धुन की नींद पुरी तरह गायब हो गई थी। वो तुरंत खड़ी हो गई। वो बस चुपचाप उनको देख रही थी। उसने अभी पिच कलर का नाइट ड्रेस पहना हुआ था। वो बस उनसे नजरे चुरा रही थी। तभी सामने खड़ी औरत यानी की नवप्रीत बोली _ नजरे चुराने की कोई खास वजह? उनकी बात सुन धुन ने उन्हें देखा लेकिन कुछ कहा नहीं। उसने बस सिर झुका लिया। तभी वो आदमी यानी कि अर्जन उसके पास आए और धुन के सिर पर प्यार से हाथ फेर कर बोले _ कैसी हो पुत्तर? उसके सवाल पर धुन उनको देखने लगी तो नवप्रीत उसके पास आ कर बोली _ तुम्हे क्या लगा? डांटने आए है ? उसके सवाल पर धुन धीरे से बोली _ आप लोगों को मुझ पर गुस्सा नहीं आ रहा? इस सवाल पर अर्जन हल्का मुस्कुरा कर बोले _ अगर मेरी बेटी ने ऐसा कोई काम किया होता तो गुस्सा आता न ... ये बोल उन्होंने धुन के सिर पर हाथ फेरा और फ्रेश होने का बोल बाहर चले गए क्योंकि उन्हें कॉल आ रहा था तो बात करने के लिए। उसके जाने के बाद नवप्रीत ने धुन को बेड पर बिठाया और उसके बगल में बैठ कर उसका हाथ अपने हाथ ले कर प्यार से पूछा _ कैसी हो? धुन ने हल्की स्माइल लिए कहा _ठीक हु अभी। नवप्रीत ने उसकी स्माइल देखी हो काफी फीकी थी । उसे बुरा लग रहा था धुन के लिए । लेकिन वो कुछ नहीं कर सकती थी अभी। उन्होंने ने धुन के हाथ को पकड़े हुए ही कहा _ जाओ पहले फ्रेश हो जाओ। Hmm. ये बोल उन्होंने धुन का माथा चूम लिया और धुन ने भी हल्की स्माइल पास कर दी थी। ये बोल वो वहां से बाहर चली गई और धुन एक गहरी सांस ले के फ्रेश होने चली गई। थोड़ी देर बाद... हॉल में .... नवप्रीत और अर्जन अभी वही बैठे हुए थे। अर्जन अभी अपने फ़ोन पर कुछ कर रहे थे वही नवप्रीत के हाथ में कोई फाइल थी। जिसको पढ़ते हुए अभी वो थोड़ी टेंशन में लग रही थी। तभी फेलिसिया अपनी एक्सरसाइज कर के वापिस आई । उसने अभी जॉगिंग के कपड़े पहन रखें थे। उसको देख कर अर्जन ने हल्की स्माइल कर दी थी और वापिस अपने फ़ोन में लग गए थे वही पता नहीं क्यों लेकिन नवप्रीत को लग रहा था कि उन्होंने ने फेलिसिया को कहीं देखा था। वो अब उस बार में सोच रही थी। फेलिसिया वहां से अपने कमरे में चली गई थी। दअरसल नवप्रीत और अर्जन कल ही शाम को आ गए थे । वो अनर्व मोम डैड थे। उनको जब धुन के बारे में पता चला तो वो तुरंत यहां आ गए थे। वो लोग रात को पहुंचे थे और धुन रात को जल्दी सो जाती थी। ये दवाई का असर था । धुन को अनर्व दवाई देता था लेकिन किस लिए ये धुन को नहीं पता था। लेकिन वो अनर्व से सवाल नहीं करती थी उसे पता था कि वो कुछ गलत नहीं करेगा । वो दोनो कल ही फेलिसिया से मिल चुके थे। धुन के बेडरूम में धुन अभी जस्ट नहा का कर बाहर आई थी।। उसने अभी स्काई ब्लू कलर की स्लीवलेस कुर्ती और व्हाइट प्लाजो पहना हुआ था । अभी वो अपने बाल को सूखा रही थी। उसने बाल को सुखाने के लिए जैसे ही हेयर ड्रायर हाथ में लिया तभी किसी ने उसके हाथ से हेयर ड्रायर ले लिया। उसने सिर उठा कर मिरर देखा तो पीछे अनर्व खड़ा था। धुन कन्फ्यूजन से उसे देखने लगी तो अनर्व ने उसे चेयर पर बिठा दिया और खुद उसके बाल सुखा लगा। वही धुन का ध्यान अभी अनर्व पर आ गया था। अनर्व ने अभी रनिंग वाले कपड़े पहने थे । टी शर्ट बॉडी से चिपका हुआ था ।। और बाल बिखरे हुए थे। अभी वो इतना चार्मिंग लग रहा था कि धुन की उस पर से नजर ही नहीं हट रही थी। तभी अनर्व ने उसको अपनी तरफ घुमाते हुए कहा _ I know की में बहुत हैंडसम हु। लेकिन अभी तुम अगर इस तरह से देखोगी तो बाद में आगे जो होगा उसकी जिम्मेदारी मेरी नहीं होगी। ये बोल उसने आई विंक कर दी । उसकी बात पर धुन मुस्कुरा दी। अनर्व भी उसकी मुस्कान देख मुस्कुरा दिया। और उसके माथे पर किस कर के फ्रेश होने चला गया। वही धुन ने एक बार खुद को देखा और वो भी बाहर चली गई।। उसने अभी कुछ भी नहीं किया था । कोई ज्वैलरी भी नहीं पहनी थी। हॉल में आ कर देखा तो नवप्रीत वही बैठी हुई थी और अभी भी वो उस फाइल को पढ़ रही थी । जब उसने देखा कि धुन आ रही है तो उन्होंने उस फाइल को साइड में रख दिया और धुन को अपने पास बैठा लिया। धुन भी वही बैठ गई। तभी फेलिसिया वहां कॉफी ले कर आ गई। और वो भी वही बैठ गई। धुन कॉफी पीते हुए दूर कही सोच में गुम थी।। ओर उसके ये बात नवप्रीत ने नोटिस कर ली थी। इस लिए उन्होंने ने धुन को आवाज देते हुए कहा _ धुन... ज़्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। तुमने कुछ नहीं किया ठीक है । और नाही अपने परिवार लिए के कुछ कुर्बान करना कोई गुनाह है। उसकी बात पर कड़वाहट भरी मुस्कान लिए धुन बोली _ बिजी ... गुनाह ही तो है। नवप्रीत ने कन्फ्यूजन से पूछा _ क्या गुनाह है बच्चा? उसके सवाल पर धुन उनके गोद में सिर रख लेटते हुए बोली _ कुछ नहीं बिजी बस ऐसे ही बोल दिया। नवप्रीत उसके सिर पर हाथ घुमाते हुए बोली _ कविता बोलनी है न तुम्हे इस गुनाह है शब्द पर ? बोल दो क्यों अपने अंदर रख रही हो । और वैसे भी कितना वक्त हो गया कोई कविता नहीं सुनी तुम्हारे मुंह से। सुना दो। उसकी बात पर धुन ने मुस्कान लिए कहा _ आपको याद है बिजी ? ये मुस्कान जेनुएन थी। उसके सवाल पर नवप्रीत ने उसका माथा चूमते हुए है में सिर हिलाते हुए कहा _ मां अपने बच्चे की कोई आदत नहीं भूलती। अब सुनाओ भी ... उसकी बात सुन धुन मुस्कुरा कर बोली _ रहने दो न वो सुना ने लायक नहीं है। ये बोल उसने आंखें बंध कर दी । तो नवप्रीत ने बल में चंपी करते हुए कहा _ बोल दे बेटा मन में रहेगा तो अंदर ही अंदर घुटती रहेगी। उसके इस बात पर धुन की आंखों कोने से एक आंसु बह गया जो कि नवप्रीत ने देख लिया था । वो वैसे ही आंख बंध रखें ही बोली _ ख्वाबों का रंगीन होना गुनाह है.. इंसान का जहीन होना गुनाह है.. कायरता समझते हैं लोग मधुरता को.. जुबान का शालीन होना गुनाह है.. खुद की ही लग जाती है नजर.. हसरतों का हसीन होना गुनाह है.. लोग इस्तेमाल करते हैं नमक की तरह.. आंसुओं का नमकीन होना गुनाह है.. दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में सैंकड़ों से.. इंसान का बेहतरीन होना गुनाह है..! आखरी लाइन बोलने के बाद उसके आंख से आंसु का एक कतरा बह गया था । उसकी ये कविता कहो या मन के बातें। जो भी थी लेकिन दर्द तो दोनों में था । ये कविता बाल्कनी से आते अर्जन और कमरे से आते अनर्व ने भी सुनी थी। ये सुनते वक्त अनर्व ने अपने हाथ की। मुट्ठी बना ली थी । वही फेलिसिया भी उसकी बात सुन गहरे सोच गुम हो गई थी। वहां शांति छा गई थी। नवप्रीत भी क्या बोलती? धुन ने कुछ बोलने के लिए शब्द ही नहीं छोड़े थे। तभी वहां की शांति तोड़ते हुए धुन ने खड़े हो कर कहा _ बिजी बहुत भूख लगी है कुछ खिला दो न । नवप्रीत ने भी उठते हुए कहा _ हा बिल्कुल। Cia तुम भी आ जाओ चलो। और अनि वो... इतना ही कहा था की तभी अनर्व वहां आ गया। नवप्रीत ने अर्जन को भी बुला लिया और फिर सब लोग नाश्ता करने बैठ गए। थोड़ी देर बाद... धुन अभी खाना खा ही रही थी तभी अनर्व ने उससे कहा _ Moonlight.. हम आज अहमदाबाद जा रहे है। कल हियरिंग है इसलिए ok। धुन ने ये बात सुन उसे देखा फिर है में सिर हिला दिया। और वापस खाना खाने पर ध्यान देने लगी । वही अहमदाबाद गुजरात महेता सदन अभी वो आदमी ऐसा लग रहा था मानो पता नहीं कितना बड़ा पहाड़ टूट पड़ा हो उस पर। उसके हाथ में अभी कोर्ट के ऑर्डर थे । उन्हें कल अपनी बेटी के साथ कोर्ट में जाना होगा । लेकिन उनकी बेटी कोई अता पता नहीं था। इसी बात से वो अभी चिंता में बैठे हुए थे। और इस बार भी हर बार की तरह उनकी वाइफ पीछे खड़ी थी और वो सब देख रही थी लेकिन कोई रिएक्शन नहीं दे रही थी। अगले दिन अभी धुन और अनर्व एक होटल में रुके हुए थे। वो दोनों रेडी थे कोर्ट जाने के लिए। अनर्व ने अभी मैरून शर्ट और बीज कलर की पेंट पहनी हुई थी। वो अभी कॉल पर बात कर रहा था अधिकांश से । सामने से अधिकांश _ अनि। सब सेट है अब। आज कोई चांस ही नहीं बनता नेक्स्ट हियरिंग का । हां सामने वाले वकील की तरफ से उन लोगों को ढूंढने लिए मोहलत मांगी जा सकती है । अगर ऐसा हुआ तो नेक्स्ट डेट आएगी । अनर्व कुछ सोचते हुए कहा _ नेक्स्ट हियरिंग आनी ही चाहिए। Ok ? अधिकांश बात सुन डाउट करते हुए पूछा _ अनि क्या चल रहा है तेरे दिमाग़ में ? ये सुन अनर्व तिरछा मुस्कुराते हुए बोला _ बहुत कुछ। तू अभी बस उतना कर जितना बोला है मैने। अधिकांश ने एक गहरी सांस ली और कहा _ ठीक है जैसा तू चाहता है वैसा ही होगा। अभी तुम दोनों टाइम से कोर्ट पहुंच जाना। Ok ये बोल उसने कॉल कट कर दिया। अनर्व कॉल पर बात कर के रूम में आया तो देखा कि धुन कुछ लिख रही थी। उसने अपनी पेन नीचे रखी तभी अनर्व ने वो कागज उठा लिया। उसमे लिखे हुए शब्द वो पढ़ने लगा । उसमे लिखा था कि... 'अकेलापन' इस संसार में सबसे बडा दंड है ! और 'एकांत' इस संसार में सबसे बड़ा वरदान ! यह दो समानार्थी दिखनेवाले शब्दों के अर्थ में आकाश-पाताल का अंतर है। अकेलेपन में छटपटाहट है तो एकांत मे विश्राम है। अकेलेपन में घबराहट है तो एकांत में शांति। जब तक हमारी दृष्टी बाहर की ओर है, तब तक हम अकेलापन अनुभव करते हैं और जैसे ही दृष्टी भीतर की ओर मुड़ी तो एकांत अनुभव होने लगता है। यह जीवन और कुछ नहीं वस्तुतः अकेलेपन से एकांत की ओर एक यात्रा ही है ! ऐसी यात्रा जिसमें पथ भी हम हैं, पथिक भी हम हैं और गंतव्य भी हम हैं ! आखिर में लिखा था कि _ अकेलेपन और एकांत के बीच का फर्क समझने मुझे दो साल लग गए। पता नहीं सब चीजे देर से ही क्यों समझ आती है मुझे? लेकिन फिर हरिभट्ट मिश्र की पढ़ी हुए किताब 'विद्यासागर ' का श्लोक याद आ गया। जिसमें वो कहते थे कि .... वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हो, नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, यदि धाराएं प्रतिकूल न हो । जिसका मतलब मुझे अब कही जा के समझ आया जिसमें वो कहना चाहते थे कि _ "जीवन का सही मार्ग क्या है, और उस पर चलने की कुशलता क्या है, जहां कोई कठिनाइयां या बाधाएं न हों?और जब जीवन की धाराएं अनुकूल हों, तो धैर्य और संयम की परीक्षा क्या है?" खैर अब बहुत हो गया। जो होना था हो चुका उसको हम बदल तो नहीं सकते लेकिन जो अनुभव किया है वो चीजे में शब्दों तो बया कर ही सकती हु। इतना लिखने बाद उसने एक स्माइल करती हुई इमोजी ड्रॉ कर दी थी। ये सब पढ़ने के बाद अनर्व ने धुन को देखा जो अभी उसे ही देख रही थी। अनर्व ने उसके माथे को चूम लिया और खड़े करते हुए कहा _ तुम्हारे हर आंसू का हिसाब होगा Moonlight और ये वादा है मेरा। उसकी बात सुन धुन मुस्कुरा दी। फिर वो खड़ी हो गई वो दोनो जाने लगे कि धुन वापिस कमरे आने लगी। अनर्व उसे देखते हुए पूछा _ क्या हुआ ? तो धुन ने दुपट्टा उठाते हुए कहा _ ये दुपट्टा... । ये बोल उसने वो दुपट्टा ओढ लिया। और अनर्व के सामने आ गई।। अनर्व ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा। अभी धुन ने कॉटन की बांधनी प्रिंट वाली नेवी ब्लू कुर्ती और उसके साथ व्हाइट प्लाजो पहना हुआ था। ओर बाल की सिंपल छोटी बना ली थी। अनर्व ने उसे देख रहा था । जिसका मतलब समझ कर धुन उसे देख कर बोली _ नहीं लेती तो लोगों को और एक मौका मिल जाएगा कैरेक्टर पर उंगली उठाने का । अब चले? उसका जवाब सुन अनर्व एक गहरी सांस ली और उसका हाथ पकड़ कोर्ट के लिए निकल गए। आज के लिए इतना ही ।

  • 7. Lafj -E-Qalb - Chapter 7

    Words: 2132

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब तक....। उसकी बात सुन धुन मुस्कुरा दी। फिर वो खड़ी हो गई वो दोनो जाने लगे कि धुन वापिस कमरे आने लगी। अनर्व उसे देखते हुए पूछा _ क्या हुआ ? तो धुन ने दुपट्टा उठाते हुए कहा _ ये दुपट्टा... । ये बोल उसने वो दुपट्टा ओढ लिया। और अनर्व के सामने आ गई।। अनर्व ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा। अभी धुन ने कॉटन की बांधनी प्रिंट वाली नेवी ब्लू कुर्ती और उसके साथ व्हाइट प्लाजो पहना हुआ था। ओर बाल की सिंपल छोटी बना ली थी। अनर्व ने उसे देख रहा था । जिसका मतलब समझ कर धुन उसे देख कर बोली _ नहीं लेती तो लोगों को और एक मौका मिल जाएगा कैरेक्टर पर उंगली उठाने का । अब चले? उसका जवाब सुन अनर्व एक गहरी सांस ली और उसका हाथ पकड़ कोर्ट के लिए निकल गए। अब आगे...। अभी वो दोनों कार में थे। अनर्व कार ड्राइव कर रहा था। अभी धुन बाहर की तरफ़ देख रही थी। एक वक्त था जब उसे अपना शहर हद से ज़्यादा पसंद था । और एक आज का वक्त है जहां उसे यह दो पल सांस लेने में घिन सी आती है। वो बस बाहर देख कर खुद को रिलेक्स कर रही थी। वही अनर्व के दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था। आज से क़रीब 4 साल पहले... फ्लैशबैक... अनर्व की कंपनी वाधवा ग्रुप पर किसी क्लाइंट ने ये इल्ज़ाम लगाया था कि उनकी कंपनी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोडक्ट सभी लोवर क्वालिटी के होते है। इस बात को लेकर आज उसे कोर्ट में जाना था । वैसे तो वो किसी और की भेज सकता था लेकिन इस केस पर अनर्व खुद जा के उस क्लाइंट को तगड़ा जवाब देना चाहता था। वो अभी रेडी हो रहा था। और धुन पीछे बेड पर बैठे बैठे डोसा खाते हुए उसे देख रही थी और बार बार टेढ़े मुंह बना रही थी। उस वक्त धुन अपने ग्रेजुएशन के लास्ट ईयर में थी। उसको यूं मुंह बनाते देख अनर्व ने पूछा _ क्या हुआ Moonlight? यूं मुंह क्यों बना रही हो ? डोसा अच्छा नहीं है ? उसके इस सवाल पर धुन मुंह बना कर उसे देखते हुए बोली _ इसे कुछ मत बोलो । बुरा ये डोसा नहीं तुम्हारा कोर्ट जाना बुरा है। ये बोल वापिस अपने खाने पर ध्यान देने लगी थी। वही अनर्व उसके सामने आ कर रुका । धुन ने सिर उठाकर उसे देखा तो पाया कि अनर्व अभी अपने दोनों हाथ पेंट के पॉकेट में डाले उसके सामने खड़ा था। धुन ने इशारे में पूछा _ क्या ? इस पर अनर्व कहा _ मुझे ये समझ नहीं आता की तुम्हे कोर्ट से इतनी चिढ़ क्यों है? उसकी बात पर धुन ने अपना डोसा साइड में रखा और बेड पर घुटनो के बल खड़े होते हुए बोली _ वो इसलिए क्योंकि.... मुझे नहीं पता बस मुझे इस कोर्ट कचहरी के मामले बिल्कुल नहीं पसंद। बस बात खत्म। अनर्व ने उसको अपने पास खींचते हुए कहा _ लेकिन... वो और कुछ बोलता उसके पहले ही धुन ने रोनी सी शक्ल बना ली । और वैसे ही बोली _ मतलब अब तुम उस कोर्ट की साइड ले रहे हो । तुम्हारी Moonlight की तो तुम्हे कुछ पड़ी ही नहीं है। में नहीं कर रही बात तुमसे तुम जाओ जा के वही रही आना मत मेरे पास। ये बोल वो उससे दूर होने लगी थी। तभी अनर्व उसे अपने पास खींचा और कान के पास ठहर कर बोला _ तुम्हारे सिवा किसी की नहीं पड़ी Moonlight... किसी और की तरफदारी करने का तो सवाल भी नहीं आता राइट? इस बात पर धुन ने अपने दांत दिखा दिए थे। और अनर्व फोरहेड पर किस करके कोर्ट के लिए चला गया था । फ्लैशबैक एंड.. ये सब सोचते हुए उसने धुन को देखा जो अभी भी खामोश सी बाहर देख रही थी। अनर्व ने उसका हाथ कसकर पकड़ लिया। तब जा के धुन ने उसकी तरफ देखा तो पाया की अनर्व उसे ही देख रहा था। अनर्व ने उसे देख कर कहा _ चाहे कुछ भी हो Moonlight में तुम्हें वापिस जैल नहीं जाने दूंगा। धुन ने मुस्कुरा कर कहा _ जानती हु अर्व। तुम नहीं थे तब डर था आज नहीं है। ये सुन अनर्व ने उसके हाथ पर किस कर ली थी। उसने कार पार्क की और धुन की तरफ़ देख कर कहा _ अपने आप को गिल्टी जोन में ले कर जाने की कोई कोशिश करना नहीं ठीक है। धुन ने हा में सिर हिला दिया। फिर वो दोनों बाहर आ गए थे। थोड़ी देर बाद... अभी धुन और अनर्व एक तरफ खड़े थे । धुन ने अनर्व का हाथ पकड़ रखा था।अनर्व अधिकांश से बात कर रहा था । उनके केस का नंबर नेक्स्ट था। तभी धुन ने अनर्व के हाथ पर अपनी पकड़ कस दी थी। जिसे महसूस कर अनर्व ने धुन पर ध्यान दिया तो पाया कि वो कोर्ट को देख रही थी। एक बार फिर धुन कोर्ट पर थी। एक वक्त था जब उसे कोर्ट के नाम से भी चिढ़ मचती थी और पिछले कुछ सालों में ना जाने कितनी बार उसे यहां पर आना पड़ा था। धुन का ध्यान अभी कोर्ट पर ही था तभी उसकी नज़र सामने से आती हुई एक औरत और उसके पास खड़े लड़के पर गई । जिसको देखते ही न चाहते हुए भी धुन की आंख से आंसु का एक कतरा बह कर अनर्व के हाथ पर गिरा। जब अनर्व ये देख तो उसका ध्यान भी सामने गया। जहां वो औरत खड़ी थी। उसको देखते ही धुन उस औरत के पास जाना चाहती थी लेकिन अनर्व उसे रोक दिया। धुन ने उसकी तरफ देखा लेकिन अनर्व ने उसका हाथ नहीं छोड़ा । अब तक वो औरत उसके पास आ चुकी थी। उसको देख अनर्व और अधिकांश दोनों की आंखें सर्द हो चुकी थी। उस औरत ने धुन के सिर पर प्यार से हाथ फेरा तो अनर्व ने उसे पीछे की तरफ़ खींच लिया। अब तक वो लड़का भी यहां आ चुका था । अनर्व के धुन को खींचते ही उस औरत ने अपना हाथ नीचे कर किया और अपने आंसू पोंछ लिए। तभी वो लड़का बोला _ मां आप रो मत । ये बोल उस ने धुन को देखा और कहा _ जानता हु दी आपको बहुत शिकायत होगी मां से। होनी भी चाहिए लेकिन इतना बता दू जिस वक्त आपके साथ वो सब हुआ उस वक्त मां कोर्ट गवाही देने आने वाली थी । लेकिन पापा ने मां को ऐसी दवाई दी थी जिससे न बोल नहीं पा रही थी। जिस वजह से मां दो दिन तक हॉस्पिटल में थी और उस दौरान आपको जैल हो गई। बस ये बात बतानी थी और हो सके तो मां से नफ़रत मत करना। ये बोल वो उस औरत को लेके वहां से जाने लगा क्योंकि वो अपने आंसू नहीं दिखाना चाहता था। ये सब सुनने के बाद धुन कुछ बोलना चाहती थी लेकिन क्या बोले वो उसे समझ नहीं आया इसलिए कुछ नहीं बोल पाई। उसके दिमाग़ में अभी बस यहीं चल रहा था कि उसकी मा अब कभी नहीं बोल सकती थी। वहीं अनर्व ने उसे अपनी तरफ घुमाया और कहा _ Look at me Moonlight... अभी कुछ नहीं सोचना है ठीक है। बाकी सारी चीजें बाद में देखेंगे। अभी सिर्फ तुम्हे अपने आज़ादी पर ध्यान देना है ओके। धुन ने उसकी बात सुन एक गहरी सांस ली और है में सिर हिला दिया.। और उसने एक बार फिर उस तरफ़ देखा जहां अभी वो लड़का और वो औरत खड़े थे । अब उनके साथ उनके वकील भी थे। ( धुन की मां यानी कि सरगम महेता और उसका भाई राग महेता। सरगम महेता संगीत की दुनिया का जाना माना नाम था जो कि अपनी आवाज़ से किसी के भी मन को शांति दे सकती थी। सरगम को संगीत और उससे रिलेटेड सभी चीजों से प्यार था जिस वजह से उसने अपने बच्चों के नाम भी ऐसे ही रखें थे। वहीं उसके पापा यानि कि विशेष महेता । उन्हें धुन से हमेशा से ही तकलीफ रही थी। क्या प्रॉब्लम थी ये बात धुन को नहीं पता थी लेकिन उन्हें धुन एक आंख नहीं भाती थी। उन्हें सिर्फ अपनी बड़ी बेटी रेवा से मतलब था । उसे राग से ज़्यादा प्रॉब्लम नहीं थी। लेकिन राग की और विशेष की कभी नहीं बनती थी। विशेष एक बड़ी सी कंपनी में अकाउंटेंट थे। ) थोड़ी देर बाद... अभी धुन और अनर्व अपनी जगह पर बैठे हुए थे। अनर्व ने अभी तक धुन का हाथ पकड़ रखा था। अधिकांश अभी अपने असिस्टेंट के साथ कुछ डिस्कस कर रहा था। वही धुन के दिमाग़ में वो दिन घूम रहा था.... Flashback... धुन को अभी मुजरिम की तरह कटघरे में खड़ा कर दिया गया था। उसकी कोई गलती नहीं थी ये बात वो कितनी ही बार बोल। चुकी थी लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी और उसे यहां लाया गया था । उसके सामने के कटघरे में उसके पापा यानी कि विशेष खड़ा था। जिसने अभी कोर्ट में ये गवाही दी थी की _ धुन की नजरे अपने जीजाजी यानी कि अविराज भानुशाली पर ख़राब थी । वो अपनी ही सगी बहन का घर तोड़ना चाहती थी । जब वो उसमें कामयाब नहीं हुई तो उसने अविराज का मर्डर कर दिया। धुन अभी बेसुध सी उस कटघरे में खड़ी थी। सामने वाले के वकील मिस्टर सॉलिसिटर बाटलीवाला ने उससे आखिर सवाल पूछा था _ क्या आप अपने बचाव कुछ कहना चाहती है ? इस सवाल पर धुन ने सिर्फ न में सिर हिला दिया । क्या कहती वो? सारे सबूत और सारे गवाह सब उसके खिलाफ थे। कोई भी चीज उसके तरफ़ थी ही नहीं । और बस इसी के साथ जज ने ये फैसला सुनाया था कि _सभी गुनाहों और सबूतों को मद्दे नज़र रखते हुए IPC की धारा 302 के तहत हत्या का अपराध करने के लिए धुन महेता को 14 साल की कैद सुनाई जाती है । इतना बोल कर जज ने अपनी कलम तोड़ दी और अपना ब्लैक कोट ठीक करते हुए वहा से चले गए ।  उसके बाद दो लेडी कॉन्स्टेबल ने धुन को ले जाकर पुलिस वान में बिठाया और वैन का दरवाजा बंद हो गया।  Fleshback end.... तभी धुन ने अपनी आंख खोल दी। उसे सांस लेने दिक्कत होने लगी थी। अनर्व ने जब ये महसूस किया तो तुरंत उसे पानी पिलाया और उसको शांत कराने लगा । करीब 5 मिनिट बाद धुन की सांसे नॉर्मल हुई थी। अनर्व ने उसे अपनी तरफ करते हुए कहा _ Moonlight में समझ रहा हु तुम्हारी कंडीशन लेकिन अभी तुम्हे खुद को शांत रखना होगा। अभी तुम्हे खुद को कंट्रोल करना ही होगा। ओके? धुन ने बस है में सिर हिला दिया और सामने देखने लगी। अब तक जज आ गए थे इसलिए सभी खड़े हो गए थे। थोड़ी देर बाद... जज ने सभी कागजात अच्छे से देख लिए फिर कहा _ कोर्ट की कारवाही शुरू की जाए ... उनके ये बोलते मिस्टर सॉलिसिटर बाटलीवाला खड़े हुए और बोले _ यौर होनर हमारे क्लाइंट अभी तक आए नहीं है । में कोर्ट से दरखास्त करता हु कि बस 10 मिनिट की मोहलत दी जाए।। हमारे क्लाइंट अभी आते ही होंगे। उनके इस बात का फायदा उठाते हुए अधिकांश ने अपनी जगह से खड़े होते हुए कहा _ ऑब्जेक्शन यौर होनर... इस तरह से ये लोग कोर्ट का मजाक बना रहे है। इस पर जज ने भी_ ऑब्जेक्शन स्टैंड कहा था । इस पर जब सॉलिसिटर बाटलीवाला ने जब कोर्ट से रिक्वेस्ट की तो जज ने उन्हें 10 मिनिट की मोहलत दे दी थी। इधर अनर्व ऐसे बैठा था मानो उसे ये सब चीज पहले से पता थी। और धुन वो ये सुन के अपने मन में कुछ सोच रही थी । या यूं कह सकते है कि वो अपने मन में कविता बोल रही थी। वो मन ही मन में सोच रही थी कि ... चेहरे की हसी दिखावट सी हो रही है असल ज़िन्दगी भी बनावत सी हो रही है अनबन बढ़ती जा रही रिश्तों में भी अब अपनों से भी बग़ावत सी हो रही है पहले ऐसा था नहीं जैसी हूँ आजकल मेरी कहानी कोई कहावत सी हो रही है दूरी बढ़ती जा रही मंज़िल से मेरी चलते चलते भी थकावट सी हो रही है शब्द कम पड़ रहे मेरी बातों में भी ख़ामोशी की जैसे मिलावट सी हो रही है और मशवरे की आदत न रही लोगो को अब गुज़ारिश भी शिकायत सी हो रही है - (laparvah) ये सोच वो खुद ही खुद मे मुस्कुरा दी। उसी वक्त गेट से विशेष और रेवा आते दिखाई दिए। रेवा की हालत कुछ खास अच्छी नहीं थी। और वो ठीक से चल भी नहीं प रही थी। उनके आते ही कैसे की कार्यवाही शुरू कर दी गई। वही रेवा की नफरत भरी नजरे अभी धुन पर थी। वही दो मिनिट बाद रेवा की आंखें शॉक्ड के मारे फटी रह गई थी और ऐसा ही कुछ हाल उस वक्त विशेष का1था। आज के लिए इतना ही bye