आगोश माहवीर राजपूत पूरे 26 साल का हो चुका था मगर उसके अजीब से सपने ने पिछले 15 सालो से उसका पीछा नहीं छोड़ा था। एक लड़की जो हमेशा अपनी डरावनी चीखों से उसका नाम पुकारती ,"आगोश... आगोश मुझे बचा लो।" और यही अल्फ़ाज़ उसे रातों को सोने नही देते थे। और यही... आगोश माहवीर राजपूत पूरे 26 साल का हो चुका था मगर उसके अजीब से सपने ने पिछले 15 सालो से उसका पीछा नहीं छोड़ा था। एक लड़की जो हमेशा अपनी डरावनी चीखों से उसका नाम पुकारती ,"आगोश... आगोश मुझे बचा लो।" और यही अल्फ़ाज़ उसे रातों को सोने नही देते थे। और यही वजह थी कि उसने इस सपने की वजह से किसी लड़की को अपनी life में आज तक आने नही दिया था। उसे तलाश थी तो उसी शहद रंग आंखों वाली लड़की की जिसकी आंखों का खौफ उसे हर रोज़ नही सोने देता था, जिसकी दर्दनाक चींखें उसे रातों को बेचैन कर देती थी, जिसकी उसे हर रोज़ तलाश हुआ करती थी। क्या आगोश की तलाश जल्द ही खत्म हो जाएगी ? या जिसे वो सपने में देखता है वो महज़ एक ख़्वाब है न कि हकीकत ? या फिर इस सपने में ही छुपे हैं हजारों राज़? जानने के लिए पढ़िए,"Rebirth of Cursed Love"
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सफ़ेद साड़ी तन पर डाले वो खूबसूरत और मासूम सी दिखने वाली लड़की। जिसकी आंखों में इस वक्त खौंफ भरा हुआ था। और पूरा घर अंधेरे की तारिकी से नहाया हुआ था उसमें उसकी खौंफ से भरी शहद रंग आंखे। अभी वो अपना बचाव करती कि एक धारदार चाकू से वार कर के उसकी सांसें एक बार फिर से छीन ली गई। एक डरावनी और दरदभरी चीख आई,"आगोश... आगोश बचा लो मुझे।" "अहाना... मैं... मैं... तुम्हे कुछ नही होने दूंगा अहाना।" आगोश ने एक चींख के साथ अपनी आंख खोली थी। माथे पर कई पसीने की बूंद रवां हो रही थीं और सांसे बेहाल थी। उसने उठ कर नज़रे इधर उधर दौड़ाई, फिर जल्दी से side lamp on किया। और अपने माथे का पसीना साफ किया साथ ही एक आह भर कर कहा, "फिर से सपना था।" उसने सामने नज़र दौड़ा कर देखी तो घड़ी सुबह के 5 बजा रही थी। उठ खड़ा हुआ और बाथ लेने चला गया और घंटों उन्ही खौंफ से भरी आंखो के बारे में सोचता रहा। जब कुछ नही समझ आया तो सर पकड़ कर अजीज़ी से चिल्ला कर कहा, "आखिर कौन हो तुम जो मेरे दिल दिमाग पर इतनी बुरी तरह कब्ज़ा कर रखा है?" सिर्फ आंखे ही तो देखी थी उसने उसकी और सुराही सी सफेद दूध सी रंगत की गर्दन जिस पर काला तिल था । इसी गर्दन से अक्सर वो खून बहता देखता आया था और आज तक वो पिछले 15 साल से ये देखता आया था। आगोश माहवीर राजपूत और सोहा का बड़ा बेटा था जो पेशे से एक surgeon doctor था। काले बाल, लंबी नाक, गोरा रंग, चहरे पर फैली हल्की दाढ़ी और नीली आंखे। लंबा चौड़ा शरीर, उम्र 26 साल। हद से ज़्यादा घमंडी जो न जानें कितनी लड़कियों का दिल तोड़ चुका था। आगोश से छोटे उसके 20 साल के जुड़वा भाई बहन थे। बहन का नाम स्वरा और भाई का नाम सम्राट था स्वरा फिर भी तेज़ थी मगर सम्राट को दुनिया के छल कपट की इतनी समझ नही थी। जबकि आगोश लोगों के चेहरे पढ़ना बखूबी जानता था। वो दुनिया को बेवकूफ बना सकता था लेकिन दुनिया उसे कभी नही। ___ अभी वो bath लेकर बाहर आया ही था और अपने बालों को comb कर रहा था कि तब ही bed रखा उसका phone बज उठा। Phone screen पर सम्राट का नाम देख उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट फैल गई। अगले पल वो जल्दी से उसका phone उठा लेता है। "Hello भईया!... आज तो weekend है आज तो आप free हो या आज भी कोई important case है?" "अरे नही नही आज आगोश भईया बिल्कुल free हैं... अपने छोटू के लिए.. college के बाद तुम free रहना मैं हॉस्पिटल के कुछ काम निपटा कर आता हूं।" ये सुन सम्राट खुश हो गया। call cut करते ही सम्राट की निगाह सामने से आ रही अलीना पर पड़ती है, "शोल्डर तक आते बाल जिस की उसने bob cutting करवा रखी थी। सफेद गुलाबी रंगत, शहद रंग आंखें, उस पर बड़ी बड़ी पलकें... white shirt और blue कैप्री में सामने से chewing gum चबाते अपनी धुन में आ रही थी। दिखने में ऐसी लगती कि मानो इस दुनिया की है ही नही। वो तो किसी और ही परिस्तान से आई है। सम्राट जब जब इस बला को देखता तो अपना दिल थाम कर ही रह जाता । उसने अपनी हिम्मत जुटाई और सामने से आ रही अलीना के रास्ते में आकर खड़ा हो गया। अलीना ने इशारे से कहा, "हटो मेरे रास्ते से। " तो न चाहते हुए भी सम्राट मुस्कुराता हुआ उसके रास्ते से हट गया और आखिर हिम्मत करके अलीना को आवाज़ लगा ही दी। "Excuse me... अलीना... मेरा मतलब अलीना जी।" अलीना को सम्राट की बात सुनकर हल्की सी हंसी आई उसने अपनी दोस्त से इशारे से बात करी जैसे कहना चाह रही हो एक और दीवाना आ गया। अलीना पूरे युनिवर्सिटी में बहुत famous थी और हर दूसरा लड़का उसे पसन्द करता था जिस से वो मुस्कुरा कर 1 या 2 बात कर लेती तो उसके भाग ही खुल जाते। सम्राट युनिवर्सिटी में new था इसलिए वो ये देखती थी कि वो जब जब उसके आस पास से गुजरती तो सम्राट बहुत चाहने वाली निगाह से उसे देखता था। और इस बात का पता लगाना अलीना के लिए कोई बड़ी बात न थी। वो न सिर्फ सम्राट से उम्र में बड़ी थी बल्की तेज़ तर्रार भी थी। अलीना के दिमाग में कुछ खुराफाती चलता है, इसलिए वो सम्राट के आवाज़ लगाने पर पीछे मुड़ती है। "कोई काम था?" "ज... जी... जी... नही... हां.. मतलब... !" सम्राट को इतना घबराया देख अलीना एक दिलफरेब मुस्कान के साथ खिलखिलाई थी। उसकी मुस्कान इतनी प्यारी थी मानो सुर में ताल... ! इस वक्त अलीना और भी ज़्यादा दिलकश लग रही थी और सम्राट उसे अपने दिल में उतार रहा था। कोई कैसे न उस से मोहब्बत करता थी भी तो वो बला की खूबसूरत। कुछ देर तक ऐसे ही खिलखिलाने के बाद अलीना ने उस से कहा,"क्या मैं चुड़ैल हूं... मेरे नुकीले दांत और लंबे लंबे नाखून हैं... जो तुम्हे मुझ से डर लगता है?... या फिर मैं अपने साथ बम बारूद लेकर घूम रही हूं कि अगर तुम मेरे करीब आए तो मैं तुम्हे बम से उड़ा डालूंगी?" अबकी बार सम्राट हिम्मत कर के उसकी बात पर खुल कर हंसा था। उसकी सिर्फ हंसी ही प्यारी नही थी बल्की आवाज़ तो ऐसी थी कि वो पूरे दिन भी इस आवाज़ को सुन कर न थकता। सम्राट ने थोड़ा हिचकिचा कर उस से कहा, "क्या आप मेरी... मेरी दोस्त बनेंगी?" अलीना ने एक नज़र उसे घूर कर देखा तो वो थोड़ा घबरा गया। उसे घबराया देख अलीना एक बार फिर हंसने लगी,"तुम्हे पता है न कि मैं तुम्हारी सीनियर हूं... तुमसे age में 4 या 5 साल बड़ी तो होऊंगी ही।" सम्राट ने घबराते हुए तीर छोड़ा, "मगर आप लगती तो नही है।" "हां ये बात भी है... मैं तो 24 की हूं और तुम... ? तुम शायद 19 या 20 के... ? सही कहा न मैने?" सम्राट ने मुस्कराते हुए कहा,"हां मैं 20 साल का हूं... मगर मुझे फर्क नही पड़ता कि आप मुझसे कितनी बड़ी हैं।... so... are we friends?", सम्राट ने अपना हाथ बढ़ाते हुए उस से पूछा। अलीना को उसकी मासूमियत पर बड़ा प्यार आया इसलिए उसने उसका दिल रखने के लिए कह दिया, "हां क्यों नहीं... आज से हम दोस्त हैं।" बात बात में पता ही नही चला था और कब क्लासेस शुरु हो गई। दोनो बात करते – करते अपनी अपनी classes की तरफ चले गए। ____ आगोश का दोस्त जो की एक psychiatrist था वो दोनो एक ही हॉस्पिटल में काम करते थे मगर department दोनो के अलग अलग थे। वो अपने दोस्त प्रेम अहुजा के department की तरफ बढ़ा और गेट खोल अंदर दाखिल हो गया। इस वक्त प्रेम के पास कोई भी patient नही था , उसके माथे से पसीना आता देख उसने उस से पूछा,"क्या हुआ आगोश ? कुछ परेशान दिख रहा है?" "यार परेशान मैं आज से नही बल्कि पिछले 15 सालों से हूं... लेकिन mom dad के अलावा ये बात कोई तीसरा नही जानता.... तू मेरा यार है इसलिए तुझे बता रहा हूं।" "हां... हां बता.... मुझ से कुछ हो पाया तो मैं ज़रूर तेरी हेल्प करूंगा।" प्रेम ने उसकी कंडीशंस समझते हुए जवाब दिया तो आगोश ने उसे शुरु से लेकर आज तक की सारी बाते बता दीं। ये सब सुन प्रेम का मुंह खुला का खुला रह गया। आगोश उसकी हालत देख झल्ला कर कहता है,"है कोई solution तेरे पास ?" "Solution का तो नही पता यार but सपने क्यों आते हैं ये बता सकता हूं। May be जो भी लड़की है... क्या नाम बताया तूने उसका ? हा... अहाना...! तू life में कभी न कभी चलते फिरते उस से ज़रूर मिला होगा। जिसे हम याद तो नही करते मगर वो हमारे दिमाग में बैठ जाते हैं। और फिर दुनिया में जिस चीज़ का जिक्र है वो definitely मौजूद है। ये लड़की भी दुनिया के किसी न किसी कौने में छुपी होगी।" आगोश ने तप कर जवाब दिया ,"ये कोई भूत प्रेत या आत्मा है। जो तू कह रहा है जिस चीज़ का ज़िक्र है होगी?" "But सपने में तो आती है न... और हमारा सपना कोई नई तस्वीर नही दिखा सकता... हमारे सपने में सिर्फ वही लोग आते हैं जिनसे हम कभी न कभी मिले हों।" प्रेम ने उसे समझाने की कोशिश की। "You mean that... ये सिर्फ ख्वाब नही है... ये लड़की कहीं न कहीं है?" "Exactly... ये लड़की होगी कहीं न कहीं...social media का ज़माना है...you can search her easily...!" "But यार मैं सिर्फ उसका नाम जानता हूं... पूरा चेहरा कभी नही देखा.... बस उसकी खौंफ से भरी शहद रंग आंखे और सुराही सी गर्दन....।" "तब तो तूने ढूंढ लिया उसे... यार there are lots of girls who have hazel brown eyes...whom will you tell that she is your अहाना?" प्रेम की आखरी बात पर वो चिढ़ सा गया। उसने झल्ला कर उसे जवाब दिया,"वो मेरी नही है बस सपने में आती है।... क्या पता वो पहले से ही शादी शुदा हो?” "और क्या पता वो बच्ची हो।" इस बार प्रेम ने एक ज़ोरदार कहकहा लगाया था जिस से आगोश खासा चिढ़ा था। वो गुस्से में उठ कर जाने लगा तो प्रेम ने अपने कान पकड़े,“अच्छा...sorry...sorry भाई नही कर रहा तुझे irritate...! अच्छा एक बात बता तेरी अब तक शादी न करने की वजह कहीं ये सपने वाली अहाना तो नही है ?"
उसके सवाल पर वो चौंका था। उसने अपना सर पकड़ कर आजिज़ी से कहा , "नही पता मुझे यार... लेकिन ये लड़की मेरा सर दर्द बन चुकी है।" "वो तेरा सर दर्द नही है...actually तू उस से जल्दी ही मिलना चाहता है... मगर वो 15 साल से तुझे नही मिली तो तू बहुत बुरी तरह irritate हो चुका है...but जिस दिन तुझे ये लड़की मिल गई न...definitely तुझे सुकून मिल जाएगा।" "I don't know यार... ये लड़की किसी दिन मुझे पागल कर देगी.... अब बता इसे ढूंढूं कैसे?à" "First इस नाम की जितनी भी लड़की हैं उनको social media पर तलाश कर... हो न हो वो भी होगी। उसके बाद उनमें से जितनी भी शहद रंग आंखों वाली लड़की हो उसे क्लासीफाई कर ले....then गर्दन तो यार सबकी same ही लगती है... ये इतना आसान भी नही है यार।" प्रेम बोल ही रहा था कि आगोश ने चेयर घुमाते हुए कहा,"I think... हो सकता है... अहाना की गरदन पर एक black मोल है...।" "मतलब तू उस से मिलने के लिए इतना डेस्परेट है कि तुझे उसकी गर्दन का तिल तक याद है।” प्रेम ने एक ज़ोरदार कहकहा लगाया। जिस पर आगोश ने उसे खा जाने वाली नज़रों से देखा था। “अ.. आई मिन मेरा ये मतलब नहीं था।” उसकी सिट्टी पिट्टी गुम देख आगोश भी हंसे बिना न रह पाया। उसने चेयर से उठते हुए उसकी पीठ थपथपा कर कहा,"चल ठीक है तू भी free होकर आ जा साथ में करेंगे ये काम।" तब ही प्रेम को कुछ याद आया,"अरे यार...dad अमेरिका गए हैं और शाम में mom को और सलोनी को shopping पर लेकर जाना है...next month मेरी शादी भी है तो तू जानता है इन ladies की कितनी लंबी चौड़ी list होती है।" "अच्छा तो तू आज सलोनी भाभी को लेकर जा रहा है तो मम्मा का क्या काम ?" , आगोश ने उस से सवाल किया। "क्योंकी सलोनी से ज़्यादा तो मम्मा ही shopping करेंगी।" "चल ठीक है... मुझे सम्राट को लेने जाना है आज। मैं निकलता हूं।" ___ प्रेम अहुजा उसके डैड के दोस्त संस्कार अहुजा का इकलौता बेटा था और वो आगोश से 2 साल बड़ा यानी 27 साल का था। और प्रेम की पूरी family ही delhi में settled थी... जबकि आगोश की family राजस्थान में अपनी पुश्तैनी हवेली में रहती थी। क्योंकी उनके पूर्वज में अब कोई बाकी न था इसलिए ये पूरी हवेली उसकी mom सोहा के नाम हो गई थी और उसके बाद उनकी औलाद के नाम। वैसे तो माहवीर इस चीज़ के खिलाफ थे मगर सोहा की मोहब्बत उन्हे हमेशा इस तरह के फैसले लेने पर मजबूर कर देती। और इस तरह उनका राजपाट माहवीर के हाथ आ गया। आगोश की अकसर गांव में तबियत खराब रहती इसलिए सोहा ने उसे गांव से ज़्यादा तर दूर ही रखा था। बचपन में हॉस्टल में पला बढ़ा था और फिर जब होश संभाला तो खुद के विला में आकर रहने लगा। कभी कभी एहसास आंटी जो संस्कार की मम्मी थी, इंसिस्ट करती तो वो उनके घर dinner कर लेता था और कभी कभी प्रेम और आगोश मिलकर अपने विला पर पूरी रात पार्टी करते। ___ Classes खतम होने के बाद सम्राट मुस्कुराता हुआ सीधा अलीना के पास आ रहा था । उसे अलीना की तरफ आता देख उसकी दोस्त कृति ने उसे इशारे से कहा,"your another fan is coming...!" अलीना की एकदम निगाह सम्राट पर पड़ी जो मुस्कुराते हुए उसकी ओर बढ़ रहा था। उसे देख कर ही वो झुंझला सी गई ,"दोस्ती करके भी न आफत ही मोल ली है मैने।" सम्राट अब उसके करीब आ चुका था। "Hello... अलीना जी। कैसी रही classes?" उसकी आवाज़ पर अलीना ने थोड़ी अंजान बनने की कोशिश की,"ओह...hi... सम्राट! तुम अचानक…?" "हां... वो मैं भाई का wait कर रहा था तो आपको इधर खड़ा देखा तो आ गया...आप भी क्या किसी का wait कर रही हैं ?" , सम्राट ने उस से सवाल किया। "हां मेरे driver का.... पता नही अब तक आया नही।" अभी वो दोनो बात कर ही रहे थे कि उनके आगे black रंग की BMW कार आकर रुकी। सम्राट वो कार देखते ही खुश हो गया क्योंकी वो कार उसके बड़े भाई आगोश की थी। वो अलीना का हाथ पकड़े आगोश की तरफ लपका। उसकी इस हरकत पर अलीना का जी चाहा कि वो उसका हाथ झटक दे। इससे पहले कि वो सम्राट से अपना हाथ छुड़ा कर जाती आगोश को देखते ही उसकी आंखे फटी की फटी रह गई। वो पलकें झपकाना ही भूल चुकी थी। Black jeans और white shirt में आंखों पर black sun glasses लगाए वो बिलकुल उसके ख्वाब की ताबीर लग रहा था। आगोश उसे एक झलक में पसन्द आ गया था। अब वो जानें की बजाय मुसकुराती बिना पलकें झपकाए उसे ही देख रही थी। सम्राट आगोश के गले लग गया। उसके बाद उस से कहा,"भाई... ये मेरी best friend है... अलीना दयाल... और अलीना ये मेरे भइया हैं... इनका नाम आगोश माहवीर राजपूत है।" अलीना मुसकुराती हुई hello कहते आगोश के सामने अपना हाथ बढ़ाने लगी। अभी आगोश ने उसे देखा भी नही था उसने अपना हाथ सीने पर रख कर दूर से ही उसे hello किया। एकदम से उसके चेहरे की हंसी गायब हुई थी तो दूसरी तरफ अलीना को खुद की बेज़ती महसूस हुइ थी। उसने जल्दी से अपने हाथ पीछे कर लिए थे। जबकि आगोश उसकी शहद रंग आंखों को गौर से देख रहा था। अलीना भी उसे ही देख रही थी। बस फर्क इतना था अलीना दिलचस्पी से उसे देख रही थी और आगोश बहुत सीरियस लग रहा था। वो मन ही मन सोचता है,"कही यही तो अहाना नही…?" लेकिन उसकी आंखो में उसे वो चमक नज़र नही आई थी जो चमक सपने वाली अहाना की आंखो में थी। वैसे भी वो इतनी जल्दी फैसला नही कर सकता था आंखो से हट कर निगाह गर्दन पर गई थी मगर close neck shirt होने की वजह से उसे तिल नही दिख पाया था। शायद उसे अलीना पसन्द नही आई थी उसकी हरकत की वजह से। इसलिए वो उसे सपने वाली लड़की से बिल्कुल भी रिलेट नही कर पा रहा था। अलीना अब भी उसे ही देख रही थी और अब आगोश को उसकी तेज़ निगाह से घुटन सी महसूस होने लगी थी। उसने उसे बड़ी नागवारी से देखा था जो अलीना भी समझ चुकी थी। जिस से एक बार फिर उसे अपनी बेज़ती महसूस हुई थी। आगोश अब यहां बिल्कुल भी नही रुकना चाहता था इसलिए उसने सम्राट से कहा,,"सम्राट चले ?" "जी भाई चलते हैं।" कहते के साथ वो अलीना की तरफ मुड़ा,"अलीना जी आपका ड्राइवर अभी तक नही आया है...चलिए हम आपको छोड़ देते हैं।" अलीना का वैसे ही mood खराब हो चुका था इसलिए उसने होंठो पर फिंकी मुस्कान सजाए उस से कहा,"नही सम्राट... मैं अपने ड्राइवर के साथ चली जाऊंगी।" उसके मना करने पर भी सम्राट ने उस से दुबारा पूछा,"नही अलीना जी... मैं आपको अकेले नही छोड़ कर जा सकता और फिर युनिवर्सिटी भी खाली होती जा रही है।" उसके insist करने के बावजूद अलीना ने उसकी बात टाल दी। जबकि आगोश इस बहस को खतम करना चाहता था इसलिए बीच में बोल पड़ा,"I think सम्राट ठीक कह रहा है... आपको हमारे साथ चल लेना चाहिए।" पता नही क्यों वो जो सम्राट को इतनी देर से मना कर रही थी आगोश की बात पर मुसकुराती कार में आकर बैठ गई। ___ कुछ देर के सफ़र के बाद आगोश ने अलीना के घर के बाहर अपनी कार रोकी थी। ये मैंशन न तो ज़्यादा बड़ा था और न ही छोटा बस ठीक ठाक था। अलीना उन दोनो को thanks बोलती अंदर चली गई थी कि तब ही किसी का phone बज उठा। सम्राट ने back seat पर देखा तो वो समझ गया, "हो न हो ये अलीना का ही phone होगा... रुकिए भइया मैं अभी अलीना को ये phone देकर आता हूं।" सम्राट की बात पर आगोश ने स्टेयरिंग व्हील पर हाथ जमाए अपनी गर्दन हां में हिला दी। जब सम्राट कुछ देर तक नहीं आया तो आगोश अपनी कार से निकल कर बाहर आ गया। उसने इधर उधर नज़रे दौड़ाई और फिर अपनी जींस की जेब से सिगरेट और लाइटर निकाल कर वो सिगरेट सुलगाने लगा। वहीं उसी घर की बालकनी में एक लड़की, White colour की long frock में उसका चांदी सा जिस्म निखर निखर कर आ रहा था। ऊपर से उसके रूपांजल जैसे golden बाल... और शहद रंग आंखे... गर्दन पर खूबसूरत सा तिल... वो दिखने में किसी नाज़ुक गुड़िया सी थी। अपने कमरे की बालकनी पर खड़ी अपने इकलौते दोस्त मिठू के साथ खेल रही थी। "मिट्ठू... ये बड़ी गाड़ी किसकी खड़ी है?" “हो न हो तुम्हारी अलीना दीदी ही अपने किसी मोटे मुर्गे को लेकर आई होंगी.... ऊपर वाला माफ करे इतने कोई दोस्त होते हैं... अवारा है तुम्हारी बहन... आवारा...!" मिठू ने उसके कंधे पर बैठते हुए कहा। मिठ्ठू की बात सुन कर मीरा खिलखिला कर हंसी थी। सम्राट तो अंदर जा चुका था इधर आगोश की निगाह एकदम से किसी के ज़ोर ज़ोर से हंसने पर खुद बखूद ऊपर गई। ____ अलीना या मीरा ? आखिर दोनो में से असल अहाना कौन थी ? क्या आगोश की तलाश जल्द ही खतम होगी या ये सपने वाली अहाना इसे अभी और तड़पाने वाली थी ? जानने के लिए पढ़िए,"Rebirth of Cursed Love"
सफेद रंग की frock में golden चमकदार लंबे बाल... ऊपर से उसकी प्यारी सी खिलखिलाहट आगोश को मदहोश ही कर गई थी। मगर उसका चेहरा उसने अभी तक नही देखा था। "घर चलें भाई?" सम्राट की आवाज़ पर वो चौंका था और एक बार फिर उसने नज़रे ऊपर दौड़ाई तो वहां अब कोई भी नही था। एक झलक ही तो उसने अभी देखी थी और अब वो किसी परिंदे की तरह उड़ कर कहीं गायब हो गई थी। उसे लगा कि ये सिर्फ उसका वहम होगा। क्योंकि उसका दिल आजतक किसी लड़की के लिए धड़का ही नही था... अगर कब्ज़ा था तो सिर्फ अहाना का। ____ अलीना ने bath लेकर जल्दी से अपना laptop on किया और social media पर आगोश को ढूंढने लगी। उसने आगोश का नाम डाला ही था और ऊपर ही आगोश की profile show कर गई थी। उसने आगोश को friend request भेजी और साथ ही message भी drop कर दिया। वो आगोश के message के इंतज़ार में जब तक उसकी photos देखने लगी और फोटोज़ देखते कब उसकी आंख लग गई पता ही नही चला। रात हो चुकी थी मगर अब तक अलीना अपने कमरे में आराम कर रही थी, कि तब ही उसकी मां सरिता दयाल ने मीरा से कहा,"मीरा बेटा... जाओ दीदी को खाने के लिए बुला लाओ।" मीरा उनकी बात सुन घबरा सी गई,"मम्मा... ह... हम नही... दीदी सो रही होंगी तो वो गुस्सा करेंगी। अगर ह..हमने उनकी नींद में खलल डाली तो... आपको तो पता है वो कहीं पिछली बार की तरह फिर से न हमारे सर पर मारे।" Lमीरा ने बड़ी मासूमियत से अपनी पुरानी चोट पर हाथ फेरते हुए अपनी मम्मा से कहा। तब ही मिठू बीच में बोल पड़ा,"अरे मेरी मासूम मीरा... मिठू पहलवान के होते हुए तुम उस makeup की दुकान से क्यों डर रही हो?... मैं हूं न... तो डरने की क्या बात।" मिठू की बात पर सरिता और मीरा एक साथ खिलखिला कर हंसे थे। सरिता ने अपनी हंसी control करते हुए कहा,"लो मीरा... अब तो मिठू पहलवान भी है... अब जाकर दीदी को बुला कर लाओ।" उनकी बात पर खिलखिलाती हुई मीरा खुशी खुशी अलीना के कमरे की ओर बढ़ गई। मीरा अलीना की छोटी बहन थी जो अभी सिर्फ 12th class में ही थी। और अभी कुछ महीने पहले ही 18 साल की हुई थीं। पढ़ने लिखने में अव्वल और landscape painting में माहिर। उसे ज़्यादा लोगो से बात करने में हिचक होती थी इसलिए कोई भी उसका दोस्त नही था मगर उसका कहना था उसके पास बहुत सारे दोस्त हैं। उसकी dolls , मिठू तोता... खाना बनाने वाली बुआ... चौकीदार अंकल उसके डैडी और मम्मा... बस अलीना दीदी के गुस्से से उसे डर लगता था। वैसे तो वो एक नार्मल लड़की थी लेकीन उसके डरावने सपने ने उसे लोगों की नज़र में एबनॉर्मल बना दिया था लेकीन जो उस से हंस कर और प्यार से बात करता तो वो उनके सामने बिना डरे उनसे बात करती। दुनिया में अगर किसी चीज़ से डर लगता तो वो knife था इसलिए उसकी mom इस चीज़ का खयाल रखती कि उसके सामने वो knife का इस्तेमाल न करें। ___ मीरा... मिठू के साथ दबे कदम अलीना दीदी के कमरे आई तो उसने देखा कि उसकी अलीना दीदी bed पर औंधे मुंह सो रही थी और side में उनका laptop भी on पड़ा था। मीरा उसका laptop उठा कर बंद करने जा ही रही थी कि उसकी नज़र आगोश की तस्वीर पर गई। जिसे देखते ही उसे महसूस हुआ कि ये इंसान इसके बहुत करीब है। वो बड़ी गौर से उस शख़्स को देखने लगी, काले बाल... समुंदर सी गहरी नीली आंखे... हल्की हल्की दाढ़ी... चहरे पर फैली हल्की सी मुस्कान। वो laptop की screen पर हाथ लगा कर मुसकुराती हुई उसे देखने लगी। शायद ये शख़्स अलीना की तरह उसे भी बहुत हैंडसम लगा था। इसलिए तो वो अपनी नज़रे उस पर से नहीं हटा पाई थीं। अभी वो आगोश की तस्वीर देखने में मगन ही थी कि इतने में अलीना की आंख खुल गई। मीरा को आगोश की तस्वीर को इतनी दिलचस्पी से देखता पाकर वो एकदम से गुस्से से मीरा पर तेज़ आवाज़ में। दहाड़ी, "मीरा तुम्हे तमीज नही है कि किसी के कमरे में बिना permission के नही आते... और... और तुम मेरा पर्सनल laptop किस से पूछ कर छू रहीं थी?" इतने में मिठू मीरा की side लेते हुए अपने पर फैला कर बोला,"अलीना ज़ुबान संभाल कर बात कर... मीरा मां है मेरी... और मैं अपनी मां के खिलाफ कुछ नही सुनूंगा।" "ये... मिठू... ये मिट्ठू यहां क्या कर रहा है ? मीरा मैने कितनी दफा कहा है कि इस बदतमीज parrot को मत लेकर आया करो मेरे कमरे में... खुद तो एब्नॉर्मल हो ही इन्सान तो दोस्त बनते नही है तुम्हारे... तब ही तोते मैनो से और दोस्ती करती फिरती हो।",अलीना ने तुनक कर उसे झाड़ा था। जिस पर मीरा ने सहम कर अपनी नज़रे नीचे कर ली। मीरा को डरा हुआ देख कर मिठू ने गुस्से से अपने पंजों से उसके बाल नोच कर कहा,"बदतमीज औरत... तोता मैना किसे कहा... जानू है मेरा नाम। मीरा का जानू! मीरा का रखवाला हूं मैं...।" "आह... आह... मीरा... मीरा इस बदतमीज तोते को बाहर भेजो नही तो मैं इसका खून कर दूंगी।" “खून तो अब मैं तुम्हारा कर दूंगा।” मिठू भी ज़ोर से चिल्लाया। "मिठू बाहर चले जाओ।" इतने में मीरा मिठू पर चिल्लाई। "मगर मीरा... ये तुम्हारी ज़हरीली , नागिन बहन...!" "हमने कहा न मिठू जाओ... वर्ना हम तुमसे बात नही करेंगे।" मीरा उस पर बिगड़ी। “बच गई इस बार भी डायन!” बड़बड़ाता हुआ मिठू मीरा के कहने पर अपना मुंह लटकाए बालकनी से उड़कर दूर चला गया। मिठू के जाते ही अलीना ने तेज़ी से दौड़ कर बालकनी का दरवाज़ा बंद किया और अपनी तेज़ चलती सांसों को बहाल किया। और फिर से मीरा को सुनाना शुरु कर दिया था। वो जो बहुत strong बनी कबसे उसकी बाते सुने जा रही थी आखिर में आंसुओ की बाढ़ उसकी शहद रंग आंखों में आ गई। लेकिन अलीना अब भी चुप नही हुइ थी। उसने उसके बाल खींचते हुए सख्ती से कहा,"और खबरदार जो तुमने मेरे आगोश की तरफ दुबारा देखा... तुम्हारे होने वाले जीजू हैं वो...! ये बात अपने बद्दिमाग से दिमाग़ में डाल लो।" फिर उसके मुंह को दबोच कर धीरे से दांत पीसकर कहा,"और mom को जाकर मत सारी कहानी सुना देना। वरना पता है न मैं क्या हाल करूंगी तुम्हारा?" अलीना ऐसी ही थी तेज़ गुस्से वाली... उसके बाबा के लाड प्यार और उसकी खूबसूरती ने उसे बहुत घमंडी बना दिया था। घर के बाहर की दुनिया उसे ज़्यादा अच्छी लगती थी और अपने घर में उसका दम घुटता था। बड़े बड़े अमीर लोगो से दोस्ती करना रात में parties करना उसके लिए कोई बड़ी बात नही थी। दूसरी तरफ मीरा थी जिससे उसके सिर्फ बाबा ही नही बल्कि मम्मा भी बहुत प्यार करती थी। जहां मीरा होती तो अलीना के हिस्से का प्यार भी उसके माता पिता मीरा को दे देते। सिर्फ यही नही वो खूबसूरती में भी अलीना से कही ज़्यादा आगे थी। इसलिए बचपन से ही अलीना को मीरा पसन्द नही थी। और वो किसी न किसी बहाने उसे चोट भी पहुंचा दिया करती थी। अलीना की अय्याशियों ने उसे खुदगर्ज बना दिया था। और तो और वो जिस चीज़ की ज़िद पकड़ लेती तो वो हर हाल में पाकर रहती थी। जबकि मीरा को जो मिल जाता उसे वो अपना नसीब समझ कर खुशी खुशी कबूल करती थी। कई बार तो अपने हिस्से की चीजें भी वो अलीना को दे देती थी क्योंकि जितनी ज़्यादा नफरत अलीना मीरा से करती थी उस से कही ज़्यादा मुहब्बत मीरा अपनी बहन अलीना से करती थी। ___ घर पर पहुंचते ही दोनो भाइयों ने साथ में मिलकर cooking करी थी और आज तो शामू काका को भी छुट्टी मिल गई थी। जब भी सम्राट गांव से यहां आता था तब भी आगोश और वो दोनो भाई मिलकर cooking करते थे। अब तो वो दिल्ली में ही hostel में shift हो चुका था तो अब weekend पर दोनो भाई मिलकर अच्छा अच्छा पकाते खाते और घण्टों video games खेलते। आज भी उनका यही रूटीन था। "देखना भाई... आज तो मैं आपको हरा कर रहूंगा।" "हराएगा तो तू तब न जब तेरी गाड़ी आगे बढ़ेगी।" आगोश ने हंसते हुए उसकी गाड़ी को टक्कर दी थी। जिस पर सम्राट ने चिल्लाते हुए game छोड़ कर बच्चो की तरह मुंह बना कर कहर,"that's not फेयर भाई... मैं आपका छोटा भाई हूं... कुछ तो रहम किया करे अपने लाडले पर... आप...!" सम्राट ने तकिया उठा कर आगोश को मारना शुरु कर दिया था। दोनो भाई ने एक दूसरे के साथ pillow fight करना शुरु कर दिया। उन दोनो की हंसी की गूंज पूरे विला में खुशगवार माहौल पैदा कर रही थी। शामु काका जो नीचे dining table की सफाई कर रहें थे उनकी हंसी मज़ाक की आवाज़ सुन कर मुस्कराते दुआ करने लगे,"ऊपर वाला इन दोनो भाइयों में कभी बैर पैदा न करे।" पर ज़रूरी तो नहीं जो हम सोचे वही हो... कभी– कभी दुआएं भी रद्द कर दी जाती है इसलिए नहीं की हमारा रब राज़ी नही होता बल्कि इसलिए क्योंकि हमारे रब ने हमारे नसीब में बेहतर लेकर बेहतरीन देने की सोची होती है। अब आगोश से उसका क्या छिनेगा और क्या मिलेगा ये तो ऊपर वाला रब ही जानता था। ___ 11 बज रहे थे और अब सम्राट गहरी नींद में सो चुका था। आगोश ने उसे कंफर्ट ओढ़ाया और फिर अपने bed room में आ गया था। Bed room में आते ही उसे प्रेम की कही बात याद आई जो उसने उसे आज कही थी। "ओह...shit... मुझे तो उस सपने वाली लड़की को भी ढूंढना था...ये भी तो मेरे लिए एक मुसीबत ही है।" इतना बड़बड़ाते हुए उसने अपना laptop लेकर अपना social media account खोला। Account open करते ही उसके पास दे दना दन notifications आने लगी। “ये आज अचानक इतनी सारी नोटिफिकेशंस अचानक से?” उसने बड़बड़ाते हुए notification open ही की थी चौंक सा गया। _____ क्या सच में अलीना के लिए आगोश को अपना बनाना होगा आसान? क्या मीरा को भी एक ही नज़र में हो गई है आगोश से मोहब्बत? मीरा या अलीना? आखिर किसकी किस्मत में लिखा है आगोश का प्यार? जानने के लिए पढ़िए,"Rebirth of Cursed Love"