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Dominating CEO Rebirth Of His Wife

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kumkum Anuragi

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अपनों की साजिशो का शिकार हुआ " अदृश्य चौहान " । जो " चौहान इंपायर" का इकलौता वारिस था । उसने अपने इश्क को खुद , अपने हाथो से दर्दनाक तरीके से मौत दिया । और जब वो उस वक्त जिस सच्चाई से रूबरू हुआ । तो उस सच्चाई ने उसे इस कदर तोड़ दिया , कि उसने खुद...

Total Chapters (18)

Page 1 of 1

  • 1. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 1

    Words: 1640

    Estimated Reading Time: 10 min

             "  ' धोखा ' दिया है तुमने मुझे । और आज इस धोखे का अंजाम तुम अपनी आंखों से देखोगी । " एक बेहद ही कर्कश और ठंडी आवाज वहा पर गूंज उठी ।      उस आवाज में बेहद नफरत और गुस्सा भरा हुआ था । वही उस आवाज को सुन कर और उनमें खुद के लिए इतनी नफरत महसूस करके ।     उस आदमी की बाहों की कैद में खड़ी लड़की जिसका पूरा चेहरा मुरझा गया था ।     आंखो में नमी ने अपनी जगह बनाई हुई थी । लफ्ज उसका साथ नहीं दे रहे थे। उसका दिल बुरी तरह से आज टूट गया था ।     अपनी ही मुहब्बत के मुंह से ऐसे कड़वाहट भरे शब्द को सुन कर उसका सीना छल्ली हुआ जा रहा था ।      उसने बड़ी मुस्कील से अपने कपकपाते हुए होठों के साथ कहा " दृ,, दृश हम ,, " उस लड़की ने कुछ कहना चाहा ।     लेकिन उस आदमी ने एक झटके से उस लड़की को खुद से दूर कर दिया । और अपनी नफरत भरी निगाहों से देखते हुए। बोला " don't यू डेयर । अगर एक शब्द अपने इस बेहूदा  मुंह से झूठे शब्द निकाले तो मुझसे बुरा कोई नही होगा । " उस आदमी ने कहा ।    और नफरत से उसे देखने लगा । उस लड़की के आंखो से ठहरे हुए आंसू अब बह निकले और वो सिसकी लेने लगी ।    उस आदमी ने , अपनी नजर उस पर गढ़ाते हुए , अपनी हाथ में पकड़ी गन उसकी तरफ प्वाइंट करते हुए ठंडेपन से कहा " मैने बहुत सहा है , और अब सहने की इंतिहा हो गई । लेकिन अब कुछ करने का वक्त है , अलविदा मिस .... ओह सॉरी फ्यूचर मिसेज इश्क अदृश चौहान । " इतना कह कर उस आदमी ने एक गोली उस लड़की के सीने पर चला दी ।    इसी के साथ वो लड़की अपने घुटनों पर आ गई । और वो उस की आंखों में चमक ने अपनी जगह बना ली । एक अजीब सी मुस्कुराहट उसके अन्दर दिखाई दी    उसने अपनी चमकते , और खुशी से भरे चेहरे के साथ , सामने खड़े मिस्टर अदृश्य चौहान , की तरफ देखा । और दर्द में भी मुस्कुराते हुए कहा " दृष I love यू , जीते जी आप के साथ रह ना सकी , तो क्या हुआ । आप के हाथो मौत तो नसीब हुई ना , यही मेरे लिए काफी है । रही बात मोहब्बत में दगा की , तो महादेव करे आप उसके साथ आबाद रहे । जिस के साथ ,  आपने संग जीने की और मरने की कसमें खाई है । अलविदा , माय लव , यू आर माय व्होल वर्ल्ड । " उस लड़की जिसका नाम इश्क था । उसने दर्द भरी आवाज में कहा । और उसने अपनी सांसे त्याग दी ।     उस जगह पर खून पूरा फैल चुका था । लड़की के चेहरे पर एक सिकन तक दिखाई नही दे रही थी । और उसका चेहरा बस खिला हुआ था ।    बस अपने मोहब्बत के हाथो अपनी जान जाने की खुशी दिखाई दे रही थी । वही अदृश्य अपनी जगह पर खड़ा पूरी तरीके से जम चुका था ।    तभी उसने कानों में एक आवाज आई और वो हैरानी से उस तरफ देखने लगा " मैडम , सर ये आप ने क्या किया । " एक लड़का जिसकी उम्र यही कोई अदृश्य के बराबर होगी ।    वो दौड़ते हुए आया । और उसने एक इंवलप अदृश्य की तरफ फेक दिया । और वो उस लड़की के सिर को गोद मे उठा कर सिसिसने लगा।     उसने दर्द भरी आवाज में कहा " आई एम सॉरी मैडम मैने आपके रखी का फर्ज अदा नहीं कर पाया । मैं एक अच्छा भाई साबित नही हो पाया । मैं आपको बचा नही पाया । " वही वो लड़का कोई और नही बल्कि अदृश्य का असिस्टेंट रजत था । जिसकी आंखों से आशु रुकने का नाम नही ले रहा था ।     अदृश्य तो उसके आगे के लफ्ज सुन कर ही उसके कदम लड़खड़ा चुके थे । उसकी आंखे कुछ वक्त पहले की इश्क को आंखो की सच्चाई नजर जो आ रही थी ।     उसने उस इंवलप को खोला । और कुछ फोटोज के साथ उसमे इश्क के बेगुनाही का सबूत था । जो ये बताने के लिए काफी था । की इश्क ने उसे धोखा नहीं दिया ।     बल्कि वो अपने के साजिशो का शिकार हुआ था । और उसके अपने ने ही उसकी खुशियों के आग लगाई थी । अब उसका घरौंदा पूरी तरीके से जल कर खाक हो चुका था ।    उस घरौंदे की चिड़िया को ही उसने अपने हाथों से मार जो डाला था । अदृश्य पूरी तरीके से गिल्ट से भर चुका था । उसकी आंखे बहने लगी । उसका चेहरा पछतावे से भरा चुका था ।    उसने अपने हाथों की मुट्ठी जमीन पर पूरी ताकत से मारी । और पल भर में उसका हाथ लहूलुहान हो गया ।     उसका चेहरा आज ताल्लुक से भर उठा था । हाथ का दर्द दिल के दर्द से ज्यादा पेचीदा हो चुका था । उसने आसमान की तरफ देखते हुए कहा " ए क्या हो गया मुझसे । क्या मैं इतना ज्यादा अहमक हो चला था । की मुझे इतनी सी बात समझ नहीं आई । मैं बस लोगो के हाथ की कठपुतली बन कर रह गया । और खुद अपनी इश्क का नामोनिशान अपने हाथो से मिटा दिया मैं आखिर इतना बेगैरत सख्स कब से हो गया आखिर मैंने इतनी बेहिस हरकत क्यू की ? क्यू उसे खुद से दूर किया ? क्यू उसके लाख समझने पर ना समझा क्यू,,,क्यू,,, क्यू आखिर मैं ही क्यू ऊऊऊऊऊऊ । " अदृश्य खुद से खुद की लड़ाई लड़ रहा था ।    जो उसने उस लिफाफे पर सबूत देखे थे । उनमें उन लोगो का काला चिट्ठा था । जिस पर उसने सबसे ज्यादा भरोसा किया था । और उन लोगो ने ही साजिश के तहत उसके ही हाथो से उसकी मुहब्बत को दूर कर दिया ।     अदृश्य की पकड़ अपने हाथो में मौजूद गन पर कस गई । और उसने दर्द से भर कर अपनी बुलंद आवाज में कहा " मैने जो इश्क के साथ किया उसकी सजा तो मुझे मिलनी ही चाहिए मैं आ रहा हु मेरी जान साथ जी ना सके तो क्या हुआ मैं तुम्हारे साथ मरने के बाद दूंगा i am sorry my mistaken बट i really लव यू। " अदृश्य ने कहा ।       और अपने हाथ मे पकड़ हुआ। । बंदूक से अपने सीने पर गोली मार लिया । उसकी जान अभी गई भी नही थी की एक जोर दार ब्लास्ट हुआ । और इसी के साथ इश्क अदृश्य और रजत उस ब्लास्ट में मारे जा चुकी थे ।   सुबह का वक्त सनसाइन क्लब ,, " नहींईईईईईईईई  " एक तेज आवाज के साथ । एक नींद से जागा ।     वही उस आदमी के चेहरे पर पसीने की बूंदे चमक रही थी । उसका चेहरा घबराया हुआ था । आंखे लाल थी ।     देखने से लग रहा था।  जैसे उसने कोई बुरा सपना देखा हो । वही इस वक्त उस आदमी जो जरा सा होश नही था की वो इस वक्त किन हालात में वहा पर मौजुद है ।     वही उस लड़के के बगल में इस वक्त कोई लड़की सो रही थी । उसकी इतनी तेज आवाज सुन कर वो लड़की भी झटके से उठी ।        और इसी के साथ उसके मुंह से भी दर्द भरी आवाज निकली " आअह्ह्ह" उस लड़की ने कस कर अपने पेट के निचले हिस्से को पकड़ लिया ।     और अपने दर्द से पीले पड़े चेहरे को खीच लिया । आंखे कस कर दर्द से बंद कर लिया ।    वही वो आदमी जिसने उस लडकी कि आवाज सुनी थी । उसने झटके से मुड़ कर उस लड़की की तरफ देखा ।    लंबे घुंघराले बाल जो उसके पूरे बॉडी पर फैले हुए थी। छोटी सी नाक जो लाल दिखाई दे रही थी । सुर्ख लाल होठ जो बिल्कुल चेरी की तरह दिखाई दे रहे थे।  जो इस वक्त सूजे हुए लग रहे थे ।     उसकी लंबी घनी पलके के बीच वो आंख जो बंद होने के बाउजुद उस बन्दे को अपंग तरफ़ अट्रैक्ट कर रहा था । वही उस लड़की का चेहरा लाल पड़ चुका था । उस आदमी के चेहरे पर हैरानी के भाव नजर आ रहे थे ।     उसने उस लड़की के चेहरे को देखा और उसकी नज़रे उसके बॉडी की नीचे तरफ बड़ने लगी । उसने देखा ब्लैंकेट नीचे गिरा हुआ था । और इस लड़की के उप्पर बॉडी विजिबल हो रही थी ।     उसके उप्पर बॉडी का एक हिस्सा ऐसा नहीं था।  जहां पर बाइट मार्क नजर ना आ रहा हो । देख कर ऐसा लग रहा था ।जैसे किसी जानवर ने नोच खाया हो ।    अचानक ही उस आदमी की नजरे साइड टेबल पर गई ।  जहा पर मिनी क्लैनाडर रखा हुआ था । और उस पर लिखी डेट को देख कर उस सख्स की आंखे अजीब सी हो गई ।    उसकी आंखे गहरी के साथ confusion नजर आने लगा । ऐसा लग रहा था । जैसे वो किसी गहरी सोच में खो गया हो । तभी उसके हल्की सी सिसकी की आवाज उसके कानो में गई ।     और अचानक से ही उसके दिमाग के सारे तार झनझना उठे । उसने अपनी आंखे बंद की और पल भर में उसका चेहरा ,  दिल , दिमाग सब दर्द से भरा उठा । लेकिन अचानक ही वो दर्द की घटा छटने लगी ।     और उसने अपनी फिंगर क्रॉस करते हुए कहा " अगर महादेव ने मुझे दोबारा अपने किए गए गलती का पश्चाताप करने के लिए मौका दिया है । तो मैं जरुर उसका पश्चाताप करूंगा और ये सुनिश्चित करूंगा की मेरी इश्क को सारी साजिशो से बचा सकू। उसे सारी बुरी निगाहों से बचा सकू और अपने साथ हुए गलत का बदला ले सकू । आज से मैं अदृश्य चौहान नही बल्कि इश्क अदृश्य चौहान हू । मेरी दुनिया इश्क से सुरु होकर इश्क पर खत्म होगी ।ये वादा है मेरा खुद से । "   

  • 2. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 2

    Words: 1731

    Estimated Reading Time: 11 min

    Chapter to  सनसाइन क्लब के बाहर ,            सनसाइन क्लब के सामने एक रेड कलर की फफारी आ कर रुकी । और उसमे से एक हाई हील के साथ एक खूबसूरत लंबे पैर नजर आए। ।     उसके के साथ ही वो लड़की बड़े ही atitude से बाहर आई । उसके चेहरे पर अजीब सी तीखी मुस्कान दिखाई दे रही थी ।     वो अपनी हाई हील्स की टकटक के साथ उस क्लब के अंदर की तरफ बड़ गई । इस वक्त सुबह का समय था। जिसकी वजह से वह पर ज्यादा लोग मौजूद नही थे ।      उस लड़की ने अपने बाल कंधे तक कर्ल किए हुए थे । उसकी आंखों में तीखे काजल और लाइनर लगे हुए थे। होठों पर लाल रंग की हॉट लिस्प्टिक लगाई थी । और लाल रंग की sort ड्रेस पहनी हुई थी ।      वो इस वक्त एक पटाखा कुड़ी नजर आ रही थी । लेकिन उसकी आंखों में एक चालाकी नजर आ रही थी । वो थोड़ा आगे बड़ी और सिक्युरिटी को वीआईपी पास दिखा कर अंदर बड़ गई ।      जैसे ही वो अंदर गई । वहा पर पहले से ही दो आदमी उस लड़की को नजर आए ।      दोनो के हाथो में कुछ मीडिया से रिलेटेड इक्विपमेंट नजर आ रहे थे । उस लड़की ने उनकी तरफ देख कर कहा " सब कुछ रेडी है । मैंने जैसा कहा था। सब बिल्कुल वैसा ही हैं ना। " उस लड़की ने कहा । उस लड़की की बात सुन कर वो दोनो जो उसके पीछे जा रहे थे । उन्होंने थम्स अप का इशारा करते हुए कहा " यस मिस जैसमीन दस मिनट के अंदर ही सारे लोग यहां पर मौजुद होंगे। " उस लड़की ने बताते हुए कहा।     वही उसकी बात सुन कर उस लड़की जिसका नाम जैसमीन था । उसके होठ पर शातिराना मुस्कान खेल गई । और वो चतुराई से हल्की हसी और खुद की तारीफ करते हुए कहा " ठीक कैसे ना होगा आखिर प्लानिंग प्लाइटिंग जो मेरी थी। एम ऑलवेज गुड फॉर दिस ड्रामा ।" उस लड़की ने कहा । और फ्लोर की तरफ बड़ने लगी ।    सेकंड फ्लोर, प्राइवेट रूम ,  " माय स्वीट मिस्टेकन क्या है ? " एक ठंडी मगर नर्म , लेकिन अपनेपन से भरी आवाज उस लड़की के कानों में सुनाई दी ।      वो लड़की कोई और नहीं बल्कि इश्क राजपूत थी ।      किसी आदमी की आवाज सुन कर उसने अपनी घनी पलको से घिरी आंखो को एक झटके से खोल दिया ।      और आवाज की दिशा की तरफ देखने लगी । जैसे ही उसने एक हद से ज्यादा ठंडे आदमी को देखा तो उसका मुंह खुला का खुला रह गया ।     उसकी आंखे उसकी हॉटनेश से चौंधिया चुकी थी । वो बस बदहवास सी उसको निहार रही थी । उसकी घनी पलको ने झपकाना ही छोड़ दिया था।        उसकी हिरनी सी नजरे बस उसके उभरे हुए मसल्स पर टिके हुए थे । वही अदृश्य ने जब देखा कि उसकी स्वीट मिस्टेकन उसे किन नजरो से देख रही है । तो उसके चेहरे पर एडोरेबल स्माइल आ गई ।        जो बेहद ही रेयर थी । आज तक किसी ने उसके होठों पर हल्की सी मुस्कुराहट नही देखी थी । और आज वो इस तरह से एडोरेब्ल स्माइल आ कर रहा था जो उसके हॉटनेश और हैंडसम नेश को बढ़ा रहा था।       अचानक से ही अदृश्य के को खयाल आया । उसका रिबर्थ हो चुका था । और वो पूरे सिक्स मंथ पीछे आ चूका था ।      जहां से उसकी शुरुवात हुई थी । और यही से उसने अपनी इश्क से नफरत की शुरुवात हुई थी । वो ये सब याद कर ही रहा था की अचानक से ही उसे फिर से आवाज आई और ये उसके लिए नॉर्मल था ।      लेकिन शायद उसकी स्वीट मिस्टेकन के लिए नही था । इश्क ने अपना छोटा सा नाक फुलाते हुए गुस्से से लाल हो कर कहा " यू मॉन्स्टर कोन हो तुम और ,,," उसका सवाल उसके मुंह में ही अटक गया ।      क्योंकि उसकी नजरे सामने मिरर पर खुद के अक्स पर जा कर जो टिक चुकी थी ।        उसका मुंह खुला का खुला रह गया । और चेहरा उसका जलने लगा । देख कर ऐसा लग रहा था । जैसे वो कश्मीरी सेब हो ।       वही अदृश्य के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था । उसने मुड़ के वॉल क्लॉक की तरफ देखा और उसकी भौंहे आपस मे सिकुड़ गई ।      और माथे पर बल पड़ गए । उसने एक झटके से इश्क को अपनी बाहों में खींचा और उसकी आंखो में एकटक देखते हुए कहा " माय स्वीट मिस्टेकन अभि इसी वक्त यहां से निकलना होगा । I नो की तुम्हारे दिमाग में बहुत से सवाल होंगे जिसका जवाब में तुम्हे दूंगा लेकिन अभी नहीं । " अदृश्य ने कहा ।      और एक झटके से इश्क को खुद से दूर करके बड़े आहिस्ते से उसके बेड पर बिठा कर वो खड़ा हो कर जल्दी से बेड के किनारे खड़ा हो जाता और बिखरे हुए कपड़े में खुद के कपड़े पहन कर साइड में पड़ा अपना वेस्ट इश्क को पहना कर वो उसे ब्लैंकेट में कवर कर देता है ।      ये सब अदृश्य ने इतनी जल्दी किया था कि इश्क को कुछ समझ ही नही आया की इस कुछ पलों में उसके साथ हुआ क्या ।      जल्दी से अदृश्य ने अपने अपनी चीजों को समेटा और अपने फोन में किसी को MSG टाइप करके वो किसी कांच की गुड़िया की तरह इश्क को अपनी बाहों में उठा लिया ।       इस वक्त इश्क पूरी कवर थी । उसका छोटा सा चेहरा अदृश्य के सीने में छुपा हुआ था ।   जिससे उसका चेहरा नजर नही आ रहा था । इश्क अपने चाबी गर्म गालों को जलते हुए महसूस कर रही थी ।      जिसका साफ मतलब था । की वो शर्मा रही थी । हालाकि उसे इस सिचुवेशन में डरना चाहिए था । उसे उस आदमी के खिलाफ जाना चाहिए था ।      लेकिन उसका दिल इन सब चीज के लिए बिल्कुल भी गवाही नही दे रहा था । उसकी आंखे बेहद शांत और गहरी नजर आ रही थी ।       तभी उस के दिमाग में एक खयाल आया । " वो उस कमरे में इस आदमी के साथ पहुंची कैसे ? " ये उसके लिए एक बड़ा सवाल था ।     जिसे उसने दिल ही दिल में किया । और लास्ट नाइट को याद करने लगी ।     फ्लैशबैक ,,  उसकी बहन जैसमीन ने उसे बुलाया था । अपने साथ क्लब चलने के लिए। और उसने कहा था । की उसकी फ्रैंड की बर्थडे पार्टी है । इसलिए वो यहां पर अपना मन मार कर आ गई थी ।          और यह से जल्दी से कैसे भी करके निकालना चाहती थी । वो सॉफ्ट ड्रिंक पीने के बाद अचानक ही उसका सिर घूमने लगा । तभी वो वॉशरूम ढूंढने के लिए गई थी ।      उसके बाद उसके साथ क्या हुआ उसे कुछ भी होश नही था । लेकिन उसको इतना समझ आ चुका था । की वो वर्जिन नही रही थी । क्योंकि अभी वो जिसकी गोद में मौजूद थी ।      उसने ही उसकी वार्जिंटी क्रैक की थी । सोचते सोचते इश्क के दिमाग में आया " अगर ये मॉन्स्टर चाहता तो छोड़ सकता था । और अपनी जिम्मेदारी लेने से मुकर सकता था । लेकिन इसने ऐसा कुछ नही किया ये मॉन्स्टर बिल्कुल अलग है बाकियों से । " दुसरी तरफ , प्राइवेट रूम , प्राइवेट रूम के सामने इस वक्त दो मीडिया रिपोर्ट्स के साथ इस वक्त जैसमीन खड़ी हुई थी ।    उसके होठों पर जानलेवा मुस्कुराहट थी । वही उसने मुड़ कर दोनो रिपोर्ट्स की तरफ देखा ।     और अपनी कर्कश सिड्यूजिंग वॉइस में बोली " क्या सब कुछ रेडी है । " जैसमीन ने कहा । उसकी बात सुन कर ।    उन दोनो रिपोटर्स ने थम्स अप का इशारा किया । और इसी के साथ ही उसने एक झटके से प्राइवेट रूम का डोर की से अनलॉक कर दिया ।      इसी के साथ ही वो तुरंत साइड हट गई । और इसी के साथ वो रिपोर्टर्स अंदर की तरफ़ बड़ते हुए बोले " देखिए राजपूत परिवार की छोटी बेटी के कारनामे " अपनी बात कह कर वो जैसे ही शांत हुआ । उसके चेहरे पर सिकन आ गई ।      वही न्यूज लाइव टेलीकास्ट हो रही थी । जिसकी वजह से उन्होंने तुरंत कैमरा बंद कर दिया ।      और उनके माथे पर पसीना नजर आने लगा । उनका चेहरा सफेद पड़ चुका था ।    उन्हें खामोश देख कर जैसमीन जल्दी से अन्दर आई । और अपनी एक्टिंग का कमाल दिखने को हुई की अचानक से ही कमरे को खाली देख कर उसका सिर घूम गया ।      और वो दो कदम लड़खड़ा गई । उसका चेहरा गुस्से से लाल पीला हो गया। उसने अपने दांत पीसते हुए अपनी आखें बंद कर ली ।      वही उस रिपोटर्स ने गुस्से का घुट पीते हुए कहा " व्हाट द हेल आर यू मिस राजपूत ये क्या बकवास है ? न्यूज कहा ? "     उसने गुस्से से पूछा । क्योंकि रूम पूरा खाली था । और वहा पर एक क्लीनिंग स्टाफ खड़ी हुई थी ।      उसके चेहरे पर अजीब एक्सप्रेशन थे । और वो अजीब नज़रों से उन तीनो को देख रही थी ।       उसने कुछ कहा नहीं था । बस खामोशी से उन तीनो के आगे किए जाने वाले प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही थीं ।     वही उसकी बदतमीजी से भरे शब्दों को सुन कर जैसमीन का खून खौल उठा और उसे अपनी एनस्ल्ट महसूस हुई ।         जो वो बर्दास्त नही कर पाई और चीखते हुए बोली " औकात में रह कर बात करो । दो कौड़ी के रिपोटर्स मुझसे बदतमीजी मंहगी पड़ेगी । " जैसमीन ने अकड़ में आ कर कहा ।        उसकी बात सुन कर उन दोनो ने दांत पीस लिए । क्योंकि इस वक्त जैसमीन अपने परिवार के पॉवर का अच्छे से फायदा उठा रही थी ।     लेकिन इस वक्त वो डरे नहीं और उनमें से एक ने स्मर्क करते करते हुए कहा " अगर हमसे सवाल उठा तो बच तुम भी नही पाओगी मिस राजपूत रूम no 0001 । " उस रिपोर्टर ने कहा ।      और वो वहा से निकल कर बाहर चला गया । वही उसके पीछे ही उसका साथी कैमरा मैन भी चला गया ।    वही जैसमीन गुस्से से कांपते हुए वहा से निकल गई । लेकिन रूम नंबर सुन कर उसका चेहरा अजीब सा हो गया था ।         माथे पर पसीना झलक आया था । होठ थरथरा रहे थे । ऐसा लग रहा था । उसका गहरा राज किसी के हाथो लग गया था । To be countinue

  • 3. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 3

    Words: 2149

    Estimated Reading Time: 13 min

    Redox बार, ( काल्पनिक नाम ) ,,,     रेडॉक्स बार बहुत ही ज्यादा बदनाम बार था । जहां पर इल्लीगल काम और मीटिंग्स होते रहते थे । यहां पर ज्यादातर अंडरवर्ल्ड के मीटिंग्स इसी बार पर होते थे ।  यहां पर ड्रग्स अफीम ना जाने क्या क्या स्मगल होते थे ।           इस वक्त सुबह के 8:00 बज रहे थे । और बार का माहौल शांत था । और बार पूरी तरीके से खाली था य। हां पर ज्यादातर रात के पहर इस तरह के इल्लीगल काम होते थे ।         वहीं बार काउंटर पर एक लड़की बैठी हुई थी  । उसका पूरा चेहरा लाल था । आंखें गहरी लाल हो चुकी थी । देख कर ऐसा लग रहा था । जैसे उसने बड़ी मुश्किल से अपनी आंखों से बह रहे ,  आंसू को कंट्रोल किया हुआ था ।         उसके हाथ में एक वाइन की बोतल थी  । और उसके आसपास बहुत सारे बोतल बिखरे हुए थे । साफ था बेवड़ी लड़की ने सारी बॉटल खत्म की थी । उसके बाल पूरी तरीके से बिखरे हुए थे और इस वक्त वह चुड़ैल से कम नहीं लग रही थी ।              उसने वह हाथ में पकड़ी वाइन की बोतल एक झटके से खत्म की । फिर जोर से जमीन पर पटकते हुए गुस्से से चिल्ला कर कहा " आह्ह्ह्ह आखिर ये रूम no 0001मेरा पीछा क्यू नहीं छोड़ता है ? " उसे लड़की की आवाज में बेइंतहा दर्द महसूस किया जा सकता था ।  दर्द के साथ-साथ उसकी बातों में नफरत भी महसूस की जा सकती थी ।           वही बार काउंटर की पीछे की तरफ खड़ा बार टेंडर कब से अपने सामने खड़ी लड़की का पागलपन देख रहा था ।  उसके चेहरे के हाव-भाव देखकर ऐसा लग रहा था ।           जैसे यह उसके लिए नॉर्मल हो । जो बिल्कुल सही भी था जैस्मिन इस बार की रेगुलर कस्टमर थी । और अक्सर उसका यहां आना जाना लगा रहता था । और ये पागलपन उसे देखने को मिलता था  ।             उसने गहरी सांस की और बड़बड़ आते हुए कहा " अब किसने इस बिना नकेल के सांडनी के नकेल से छेड़खानी कर दी है जो इस तरह से नागिन की तरह फुफकार रही है । " बारटेंडर ने मन ही मन कहा ।।           और उस पर से नजरे हटाकर बोतलों को सही करने लगा वही जैस्मिन ने गुस्से से एक बार और जोर से चिल्लाया और बोली " I will kill you I will kill you soon छोडूंगी नहीं मैं तुम्हें इसकी सजा  तुम्हें भुगतना  होगा तुमने आखिर किस ब्लैकमेल करने की कोशिश की है यह तुम्हें बस कुछ घंटे में पता चल जाएगा । " जैसमीन ने कहा । और अजीब तरह से मुस्कुराई ।     उसकी नशीली आंखे अजीब से राज बया कर रही थी । जो किसी के समझ नहीं आने वाली थी । राजपूत mention,     राजपूत मेंशन के सामने एक साथ बहुत सारी मर्सिडीज़ बेंज आकर रुकी ।            मेंशन के में डोर पर खड़ा गार्ड । जब उसने एक साथ इतने सारे मर्सिडीज़ को जब देखा तो उसके चेहरे की हवाईया उड़ गई । और उसने बिना ज्यादा सोचे समझे ।           जल्दी से मेंशन का डोर ओपन कर दिया । जैसे ही डोर ओपन हुआ सारी मर्सिडीज़ बेंज राजपूत मेंशन के अंदर बढ़ने लगे ।  सभी एक के पीछे एक कतार में लगी हुई थी ।          वहीं उन मर्सिडीज़ बेंज की आवाज इतनी तेज थी ।  कि राजपूत मेंशन के लिविंग हॉल में बैठे हुए , लोगों के कानों तक पहुंच गए और सभी के चेहरे की हवाइयां उड़ गई ।     सभी एक झटके से अपनी जगह पर खड़े हो गए और जल्दी-जल्दी बाहर की तरह बढ़ने लगे । उनके चेहरे पर हैरानी और डर के भाव थे । क्योंकि किसी को भी आडिया नहीं था कि इतने सारे कार्स में आया कौन था ?         वही अब तक बीच वाली मर्सिडीज़ बेंज जो ब्लैक कलर की थी उसको चारों तरफ से बॉडीगार्ड्स ने कवर कर लिया था  और इसी के साथ एक बॉडीगार्ड ने आगे जाकर मर्सिडीज़ का डोर ओपन किया और इसी के साथ अदृश्य अपने कोट को सही करते हुए बाहर निकाला।          दूसरी तरफ जाकर उसने एक झटके से इश्क को अपनी गोद में उठा लिया । उसने उसको पूरी तरीके से खुद में सिमटा रखा था । किसी को भी उसका चेहरा नजर नहीं आ रहा था । वही इश्क ने इस वक्त एक बॉटम पेंट और फुल स्लीव टी-शर्ट पहन रखे थे जिसमें वह बेहद ही क्यूट लग रहे थे ।            इश्क अपनी मासूमियत भरी बड़ी-बड़ी आंखों से एक तक अदृश्य को देख रही थी । उसके चेहरे पर अभी भी ना समझ के भाव थे । और वह सिर्फ अदृश्य को ही निहार रही थी ।           अदृश्य को उसे बिल्कुल भी समझाने का इरादा नहीं था जिसकी वजह से वह खामोश था । और वही उसका एरोगेंस और एटीट्यूड इस कदर इश्क के ऊपर छाया हुआ था कि वह चाह कर भी उस से सवाल नहीं कर पा रही थी ।           और ना ही वो सवाल करना चाहती थी । उसका मासूम आ दिल उसे ये करने की इजाजत नहीं दे रहा था ।               अदृश्य इश्क को अपनी बाहों में उठाकर अब तक राजपूत मेंशन के मेंन डोर पर पहुंच चुका था । उसने देखा कि मेंन डोर पर पूरा राजपूत परिवार खड़ा हुआ था ।          उन सभी को देखकर अदृश्य की आंखें छोटी हो गई और साथ ही गहरी भी क्योंकि उसे अपना पास्ट जो किसी रील की तरह उसके आंखों के सामने से गुजर चुका था । इन कुछ पलों में ।         उसने अपनी पकड़ इश्क पर कस दी । और खुद को और खुद के गुस्से को कंट्रोल करते हुए ही उसने बड़ी ही एरोगेंटली उनकी तरफ एक नजर देखकर कहा " राजपुत्स के यहां होने वाले दामाद का इस तरह स्वागत किया जाता है ? " अदृश्य ने टोंट मारा । वहीं राजपूत परिवार सदमे में जा चुका था ।           अदृश्य ने जो बम उनके ऊपर फोड़ा था । सभी उसके चपेट में जो आ चुके थे । आखिरकार " अदृश्य चौहान " को कौन नहीं जानता था । वो एक चलता फिरता ब्रांड हो था । और फिर अदृश्य की वह लाइन सुनकर तो ।            जिसमें उसने " दामाद " को कुछ ज्यादा ही खींचते हुए कहा था  । सभी लोग शौक ही हो गए । उनकी आंखें हैरानी से बड़ी-बड़ी हो गई । और उनके चेहरे पर 12 बज गए ।         वह कुछ रिएक्ट ही नहीं कर पा रहे थे । वहीं उन्हें इस तरह से देखकर अदृश्य की आंखें छोटी हो गई।  और उन्हें कुछ ना बोलता हुआ देखकर ,           अदृश्य ने अपनी गहरी मगर डोमिनेटिंग वॉइस में एक बार फिर से कहा " लगता है राजपूत परिवार अपना मैनर्स भूल चुका है । " 😂 अदृश्य ने यह बातें फनी वे में कहीं थी ।           जिसका साफ मतलब था कि वह राजपूत परिवार का मजाक उड़ा रहा था । वही उसकी गोद में बैठी इश्क टुकुर-टुकुर बस उसे निहार ही जा रही थी ।  उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था वह तो एक तक सिर्फ अदृश्य के फेशियल फीचर को ही निहारे जा रही थी ।।          अदृश्य ने देखा कि सब का दिमागी संतुलन अब हिल चुका है तो उसने उन लोगो को इग्नोर किया । क्योंकि इनके चक्कर में वो अपनी जान अपनी स्वीट मिस्टेकन को तो ऐसे तकलीफ में नहीं रख सकता था ।       जिसके वजह से अदृश्य ने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया और उन्हें वैसे ही हैरानी में छोड़कर वह राजपूत मेंशन के अन्दर बढ़ गया वह जाकर लिविंग हॉल की सिंगल सोफे पर बैठ गया और अपनी गोद में किसी राजकुमारी की तरह इश्क को भी कवर कर लिया ।।      वही रजत भी अब तक उन लोगों को किनारे करके आ चुका था और जाकर अदृश्य के पीछे खड़ा था । ।             रजत की नजर अदृश्य के सामने झुकी हुई थी।   जो की रिस्पेक्ट की वजह से झुकी हुई थी ।  वही सर्वेंट ने आकर पानी से भरा क्लास उनकी तरह बढ़ा दिया था  ।          वही दरवाजे पर खड़ी राजपूत फैमिली पूरी तरीके से इस वक्त अपनी होश में आ चुकी थी ।  और हैरानी से एक दूसरे का मुंह ताक रहे थे ।             इस वक्त सुबह के 8:00 बज रहे थे । और इतनी सुबह अपने घर में एशियास no 1 business टायकून को उन्होंने एक्सेप्ट नहीं किया था ।       जिसकी वजह से उन्हें कुछ भी डाइजेस्ट नहीं हो रहा था । लेकिन एक बात उनके दिलों - दिमाग में घर कर चुकी थी और  वो था वो शब्द " दामाद" जिसे अपनी बुलंद आवाज में अदृश्य ने जग था ।          उन लोगों ने एक दूसरे की तरफ देखा और आंखों ही आंखों में कुछ इशारा करने लगे । कुछ दो सेकंड बाद ही वह हड़बड़ाते हुए मेंशन के अंदर गए ।        और अपनी बत्तीसी चमकाते हुए कहा " आई एम सो सॉरी मिस्टर चौहान हम लोग इतने सरप्राइज हो गए , की कुछ रिएक्ट नहीं कर पाए । " मिस्टर अशोक राजपूत जबरदस्ती की मुस्कुराहट बरकरार करते हुए कहा ।         जो इश्क राजपूत के बड़े पापा थे । वहीं उनकी बात सुनकर अदृश्य के होठों पर चिढ़ाने वाली मुस्कुराहट आ गई थी । और उसमें अपनी डोमिनेटिंग मगर उपहास भरे शब्दों में कहा " जाहिर सी बात है , मिस्टर राजपूत इतनी चका चौंध देख कर तो आंखें चौंधिया ही जाते हैं । " अदृश्य ने उन्हें ताना मारते हुए कहा ।            अदृश्य की बातों में अपने लिए मजाक जो वो लोग समझ चुके थे । और वह लोग महसूस कर सकते थे । क्योंकि उसने डायरेक्टली उनकी नियत जो पकड़ ली थी ।       आखिर " अदृश्य चौहान" एक अच्छा फेस रीडर् था । उसे लोग के हाव भाव देख कर पता चल जाता था । की आखिर वो सोच क्या रहा था । उसे एक झटके से पता चल जाता था।  और अब तो उसका रिबर्थ हुआ था । जिसमें उसे इन लोगों की सच्चाई साफ मालूम थी ।       अपने खुद के मुंह पर बेइज्जती उनकी हो चुकी थी । और उन सभी ने शर्मिंदगी से अपना सिर झुका रखा था । सभी के हाथों की मुठिया कसी हुई थी । और अपना अपमान का घुट पी कर वो खड़े हुए थे । जो उनकी मजबूरी को दर्शा रहा था ।               लेकिन उनकी बिल्कुल भी औकात नहीं थी । उनके सामने कुछ भी बोलने की ।  अदृश्य ने आगे उन सभी की तरफ देखा । जो लाइन से सीधे खड़े हुए थे ।           उन्होंने उनकी तरफ देखा और अपनी गहरी आवाज में कहा " चलिए मैं जिस काम के लिए यहां आया हूं उसे काम को आप लोगों के रूबरू करवा देता हूं मुझे आपकी बेटी पसंद आ चुकी है और मैं इनसे शादी करना चाहता हूं और वह भी आज अभी इसी वक्त ।  आप सभी अच्छे से आशीर्वाद जरूर दें । " अदृश्य ने बिना कोई बात को लाख लपेट के  सीधे ही शब्दों में राजपूत परिवार के सामने अपनी बात  रख दिया ।        उसकी लास्ट लाइन में उसकी एक वार्निंग साफ झलक रही थी । वही राजपूत परिवार ने जैसे ही बेटी शब्द सुना । उनके आंखों के सामने जैसमीन का चेहरा घूम गया । और उनके होठों पर शातिर मुस्कान आ गया ।           आखिर अपनी इकलौती बेटी के लिए इतने बड़े अंपायर की  वारिस का रिश्ता सुन कर तो उन सभी की आंखें लालच से चमक उठी थी ।          वो अभी आसमान में उड़ रहे थे । क्योंकि अदृश्य ने बात ही ऐसी कही थी । उनके पैर जमीन पर ही नहीं टिक रहे थे ।               जिस्म वजह से मिस्टर अशोक राजपूत ने अपनी एक्साइटमेंट भरी आवाज में कहा " मिस्टर चौहान ये तो हमारे लिए खुशी की बात होगी । आखिर आपसे शादी करना एक सपने से कम नहीं है लेकिन आप उसे मेरी बेटी जैस,,, "  मिस्टर राजपूत की बारे अधूरी रह गई  ।         और पल भर में उनका चेहरा मुरझा गया । क्योंकि अदृश्य ने उनकी बात बीच में कट कर ऐसे शब्द जो बोले थे कि उनके कान से अनविजिबल धुआं निकले लगा था । वही अदृश्य अपनी धीमी मगर गुस्से से आग उगलती आवाज में बोला " जैस्मिन जैसी अय्याश लड़की से शादी करना खुद के पैरो में कुल्हाड़ी मारने जैसा है । और यहां पर मैं अपनी स्वीट मिस्टेकन का रिश्ता  लेने आया हु चाहे प्यार से या जबरदस्ती से । वो मेरी है अदृश्य चौहान की वो सिर्फ इश्क अदृश्य चौहान ही बन सकती है । " अदृश्य ने गुस्से से कहा । इस बीच उसने पूरा  हाथ अपनी इश्क के कानों को ढक रखा था ।           जैसे ही अदृश्य कि बाते सभी के कानों में गई । सभी ने अपनी मुठिया बंद कर ली । गुस्से से उनकी सांस फूलने लगी । वो आसमान से सीधे जमीन पर गिर चुके थे ।       उनका जबड़ा कस चुका था। अशोक राजपूत ने खुद को संभाला और बड़ी धीमी आवाज में कहा " Mr चौहान हमें माफ कर दीजिए हम आपकी यह मांग पूरी नहीं कर सकते क्योंकि.. " मिस्टर राजपूत ने अदृश्य के बातों को ना करते हुए कुछ कहने की कोशिश की   । " To be countinue

  • 4. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 4

    Words: 1260

    Estimated Reading Time: 8 min

        लेकिन वह अपनी बात पूरी नहीं कर पाए क्योंकि अदृश्य उसे अपने लाल आंखों से देख रहा था अदृश्य की आंखें खूनी लाल हो चुकी थी ऐसा लग रहा था जैसे वह मिस्टर राजपूत को जान से मार देना चाहते हो अदृश्य ने अपने दांत की कट आते हुए अपने हर एक शब्दों पर जोर देकर कहा " क्या तुम्हारी औकात है अदृश्य चौहान को ना कहने की। " अदृश्य ने गुस्से से कहा और उनकी तरफ देखने लगा कुछ दो पल की खामोशी के बाद उसने दोबारा कहना शुरू किया " मैं आपसे कोई इजाजत लेने नहीं आया हूं मैंने सिर्फ आपको यह बताया है कि मैं इश्क राजपूत से आज अभी इसी वक्त शादी कर रहा हूं वह भी जबरदस्ती नहीं उसकी मर्जी से । " अदृश्य ने कहा और इविल स्माइल कर दी वही उसकी बात सुनकर राजपूत परिवार सत्य में आ चुका था कोई भी अदृश्य चौहान के खिलाफ जा नहीं सकता था लेकिन फिर भी उन्होंने कोशिश करते हुए कहा " Mr Chauhan हम यह नहीं कह रहे कि आप शादी न कीजिए शादी के लिए राजपूत परिवार में हमारी पीटी जैस्मिन राजपूत मौजूद है इश्क आपके काबिल नहीं है वह .. " मिस्टर राजपूत अभी के ही रही थी कि साइड टेबल में पड़ा हुआ फ्लावर पॉट उठाकर एक जकी से ही अदृश्य ने को फ्लावर पार्ट उनकी तरफ फेंका ।     और वह फ्लावर पॉट जाकर सीधा मिस्टर अशोक राजपूत कि सर पर लगा और वह जगह खून से लाल हो गई।        उनकी एक जोरदार चीज निकल गई और उन्होंने एक झटके से अपने माथे पर हाथ रख लिया अदृश्य ने यह सब इतनी जल्दी किया था कि उनमें से किसी को कुछ समझ ही नहीं आया और ना ही मिस्टर अशोक राजपूत कुछ रिएक्ट कर पाए वही अदृश्य ने इश्क को अपनी बाहों में पूरी तरीके से छुपाया हुआ था साथ ही साथ उसने उसके कानों में अपने हाथों को भी रख दिया था ताकि वह उनकी बातों पर ज्यादा ध्यान ना देता है ।     अदृश्य ने आगे कुछ कहने की बिल्कुल भी सहमत नहीं उठाई और रजत की तरफ एक नजर देखा ।        राजा तो उसका इशारा समझ चुका था उसने अपना फोन निकाल कर एक मिस कॉल किया और इसी के साथ ही राजपूत में आंसर में चार बॉडीगार्ड एक पंडित को उठाकर ले आए पंडित के चेहरे पर घबराहट दिखाई दे रही थी और उसके चेहरे को देखकर ऐसा लग रहा था कि वह कभी भी रो देगा ।       अदृश्य ने अपनी बाहों में मौजूद इश्क की तरफ देखा और गहरी आवाज में कहा " स्वीट मिस्टेकन Do I need to ask you a question? " अदृश्य ने कहा और इश्क अपनी बड़ी-बड़ी आंखों को और ज्यादा बड़ा करते हुए अदृश्य की तरफ देखने लगी ।      अदृश्य ने उसकी गहरी बड़ी-बड़ी हिरनी सी आंखों में खोने से खुद को बड़ी मुश्किल से बचाया और उसके मासूम से छोटे चेहरे पर अपनी नजरे टिकेट हुए कहा " तुम्हें मैं चाहिए या तुम्हारा वह परिवार जो तुम्हें हर वक्त दर्द देता है । " अदृश्य ने बड़े ही डोमिनेटिंग व्यक्तित्व के साथ इश्क से सवाल पूछा कहीं इश्क का चेहरा अजीब सा हो गया उसके चेहरे पर कन्फ्यूजन नजर आने लगे उसे देखकर अदृश्य ने गहरी सांस ली और उसके चेहरे को अपने हाथों में भरकर उसके माथे पर प्यार से अपने लबों को टिककर गहरी सांस ली और अब मन था उसके माथे से जोड़ते हुए उसके होठों के खिलाफ बोला " my sweet mistaken क्या तुम मुझसे शादी करना चाहती हो या फिर अपने परिवार की गुलामी करना चाहती हो । " अदृश्य ने जैसे ही यह कहा इश्क की बड़ी-बड़ी कितनी सी आंखों में आंसू में भर आए और वह कब का पाते हुए होठों के साथ अदृश्य को देखने लगी उसकी पूरी बॉडी कांपने लगी उसे इस तरह से देखकर अदृश्य एक झटके से अपने सीने से लगा लिया उसे समझ आ चुका था कि इस वक्त इश्क के दिमाग में क्या चल रहा था पिछले जिंदगी की तरह अदृश्य एक बार फिर से अपनी जिंदगी में बिल्कुल भीगलती नहीं करना चाहता था जिसकी वजह से उसने सीधे ही रिश्ते की बात कर ली वरना तो पिछले जन्म में उसने जबर्दस्ती की इश्क से शादी की थी क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था कि इश्क नहीं उसे ड्रग्स दिए थे जिसकी वजह से उसने उसके साथ वन नाइट स्टैंड किया था लेकिन इस वक्त सिचुएशन रही थी लेकिन हालात बदल चुके थे और वह इस हालत को बच्चे बटर नहीं होने देना चाहता था जिसकी वजह से उसने उसके कान में बड़ी धीमी मगर प्यार भरी आवाज में कहा " डॉन'टी पैनिक स्वीटहार्ट मुझे पता है तुम क्या सोच रही लेकिन तुम मेरी स्वीट मिस्टेक न हो । और शाही तुम्हारी हां हो या ना हो तुम्हें पूरी जिंदगी मेरे साथ ही बितानी है चाहे इस वक्त में तुम्हारे साथ जबरदस्ती शादी कर लू । और अपनी बीवी बना लूं ताकि तुम ताउम्र मेरे मुहब्बत के साए में मुझे सुकून पहुंचती रहो हो अदृश्य ने अपनी धीमी मगर नर्मवास में कहा उसकी बात सुनकर उसके पीछे खड़े रजत का मूवी बन गया और उसने मन ही मन कहा " बॉस सकेत शादी के लिए प्रपोज कर रहे हैं या धमकी दे रहे हैं मुझे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा है आखिर इतना अजीब प्रपोज देता कौन है लेकिन जो भी हो एक बार मैडम मान जाए उसके बाद दिवाली कब बोनस तो बनता है । " रजत ने मन ही मन खुश होते हुए कहा उसके चेहरे पर 440 वोल्ट की चमक साफ दिखाई दे रही थी वही इस वक्त इश्क टुकुर टुकुर अपनी बड़ी-बड़ी गिनी सी आंखों से एक तक अदृश्य को देख रही थी उसने एक नजर अपनी जस्टिस सामने खड़े अपने पूरे परिवार की तरफ देखा और दूसरी नजर उसने अदृश्य की तरफ देखा अदृश्य को देखकर उसके होठों पर अनजाने से ही क्यूट से स्माइल लगे और उसने शर्मा कर पलके झुका कर उसके सीने पर अपना चेहरा छुपा लिया ।       इश्क ने अपनी तरफ से हरी झंडी दे दी थी और अब अदृश्य के एक्शन के परी थी वही पूरक राजपूत परिवार गुस्से से अपनी मुट्ठियों को बना एक तक इश्क को अपनी जान लेवा नजरों से देख रहा था ।      अदृश्य के एक इशारे पर ही रजत अपने साथ पंडित जी और वकील के साथ मौजूद था सबसे पहले उन्होंने मैरिज पेपर पर साइन किया और कुछ फोटो भी खिंचवाई ।      उसके तुरंत बाद ही अदृश्य इश्क को अपनी बाहों में उठाकर उसके कमरे की तरफ चला गया वहीं रजत के पीछे कुछ सर्वांस खड़े हुए थे जिनके हाथों में डिजाइनर लहंगे और कुर्ता पजामा मौजूद था भले ही अदृश्य की शादी जल्दबाजी में कर रहा था लेकिन उसने इस चीज का ध्यान रखो भी रखा था कि उसकी बीवी की कोई भी ख्वाहिश अधूरी ना रहे लगभग 1 घंटे बाद दोनों ही तैयार होकर बाहर आए अब तक शादी का मंडप भी सच चुका था यह सब अदृश्य के आदमियों ने इतनी जल्दी किया था कि किसी को कुछ समझ ही नहीं आया और वही पूरा राजपूत परिवार सत्य में आ चुका था उन्होंने क्या-क्या सपने अपनी बेटी जैस्मिन के लिए सजाए थे लेकिन यहां पर तो कुछ और ही हो रहा था देखते ही देखते इश्क और अदृश्य की शादी हो गई उन्होंने सभी की तरफ देखा और अदृश्य ने इविल स्माइल करते हुए उनके सामने जाकर खड़ा हो गया और अपनी गहरी डोमिनेटिंग वॉइस में कहा " सो मेरे सो कॉल्ड ससुराल वाले आज से मैं आप लोगों का दामाद और रात से इश्क राजभर नहीं बल्कि इश्क अदृश्य चौहान बन चुकी है । To be countinue

  • 5. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 5

    Words: 2728

    Estimated Reading Time: 17 min

    प्राइवेट मेंशन ,               एक बहुत ही खूबसूरत प्राइवेट  विला ।  जो सफेद रंग का था  दिखने में वह जितना बाहर से खूबसूरत था । उतना ही ज्यादा चमकीला और सभी को अपनी तरफ आकर्षित करने वाला दिखाई दे रहा था ।      ।     उसे देखकर किसी का भी दिल एक बार उसे अंदर से देखने का भी करता  । वही उस विला को चारों तरफ से बॉडीगार्ड्स ने कवर कर रखा था ।           बॉडीगार्ड्स का कड़ा पहरा देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता था । कि विला में कोई बहुत बड़ा आदमी रहता था । वही गेट के पास का माहौल गर्म नजर आ रहा था ।            इस पर वक्त दोपहर की दो बज रहे थे और वहां पर तीन-चार बॉडीगार्ड्स खड़े हुए थे । सभी का चेहरा सख्त और इमोशनलेस था । आंखे ख़तरनाक थी ।          सभी की आंखों में कठोरता भरी हुई थी । और उन चारों बॉडीगार्ड्स के बीच एक लड़की खड़ी हुई थी । उसका पेट हल्का सा निकला हुआ था ।         देखने से लग रहा था कि वो प्रेग्नेंट थी ।  ।  लेकिन उसके चेहरे पर शातिर पना साफ नजर आ रहा था । उसकी आंखों में चालाकी नजर आ रही थी ।    ।     उस लड़की को देखकर , उनमें से एक बॉडीगार्ड ने बड़ी सख्ती से कहा " देखिए मैडम हम आपकी बातें समझ रहे हैं लेकिन हम ऐसे ही बिना इजाजत के आपके अंदर जाने नहीं दे सकते । Pls आप यहां से चले जाइए" उस बॉडीगार्ड ने संयम रखते हुए कहा । लेकिन उसकी बातों में कठोरता साफ जाहिर हो रही थी ।    ।      वही जब उस लड़की ने देखा कि कोई भी उसकी बात सुनने को तैयार नहीं है । तो उसकी आंखें चालाकी से भर उठी और उसने अपने होठों को अजीब तरह से मोड लिया ।          और अपने चेहरे पर उदासी भरी एक्सप्रेशन लाकर कहा " एक बार मेरे अदृश्य को आ जाने दो । उसके बाद इस ना फरमानी का भी हिसाब होगा  । उसके फ्यूचर प्रेग्नेट बीवी और बच्चे को इस तरह से धूप में रखने की सजा भीं मुकम्मल भी होगी । " उस लड़की ने शातिरता से कहा ।        और उसके आंखों से पल भर में ही झर झर आंसू बहने लगे। सारे बॉडीगार्ड्स उसे अजीब नजरों से देखने लगे । साफ जाहिर था । लड़की का नाटक उनके ऊपर चला जो नहीं था । उन बॉडीगार्ड्स के नजरों में तरस अपने लिए वो लड़की महसूस कर सकती थी ।        उस लड़की की बात सुनकर बॉडीगार्ड के चेहरे पर कोई भी एक्सप्रेशन नहीं आय । और वह अभी भी अपनी जगह पर किसी पत्थर की तरह खड़े हुए थे ।              उनमें से एक बॉडीगार्ड ने फिर से कहा " आपको जो करना है जैसा करना है आप कीजिए । और रही बात बॉस की फ्यूचर वाइफ और सन की तो हमे इतना यकीन है कि वो आप जैसी को कभी मुंह नहीं लगाएंगे । हम आपकी हालत की वजह से रुके हुए है वरना अभी तक धक्के मार कर यहां से बेदखल कर चुके होते । इसलिए भगवान के लिए आप यहां से चले जाइए  । और रही बात हिसाब बराबर करने की तो वह तो वक्त ही बताएगा । " उस बॉडीगार्ड ने कहा ।          और सभी को अपने-अपने जगह जाने के लिए कह दिया सभी अपनी पोजीशन लेकर खड़े हो चुके थे । उनके लिए वो लड़की कोई मायने नहीं रखती थी । क्योंकि उन्हें अदृश्य पर पूरा भरोसा था ।        वही  उस लड़की ने उन बॉडीगार्ड्स की तरफ देखा और गुस्से से दांत पीस लिए । क्योंकि इनडायरेक्टली उन्होंने इज्जत देने के साथ उसकी इज्जत जो उतार दी थी । उसकी आंखों का वह आंसू भी उनका दिल नहीं पिघला पाया था  । उसने मन ही मन गुस्से का घुट पिया ।      और गुस्से से मन ही मन बढ़ बढ़ाते हुए बोली " अदृश्य चौहान तो है ही रूड गुस्सेल एरोगेंट घमंडी लोगों को अपने जूते की नोक पर रखने वाला उसका एटीट्यूड तो आसमान छूता है और उसके साथ उसके बॉडीगार्ड भी कम नहीं है मैं भी उनका दिल नहीं दिख पिघला पाई । आखिर क्या हो तुम " अदृश्य चौहान " तुम्हारा यहीं एटीट्यूड देख तो मेरा दिल बार-बार तुम पर फिसलता ही जा रहा है जब तक मैं तुम्हें अपना ना बना लूं तब तक सुकून की सास नहीं लूंगी यह मेरा वादा है तुमसे और अस्मिता सिंह बुंदेला कभी अपना किया वादा क्रैक नहीं करती है । । " अश्मित ने कहा ।              जी हां वह लड़की कोई और नहीं बल्कि अस्मिता सिंह बुंदेला थी  । बुंदेला खानदान की इकलौती बेटी  , जो  " अदृश्य चौहान " के पीछे पागल थी  । वह वहां क्यों आई थी और किस मकसद से आई थी ।  किसी को कुछ पता नहीं था और अब अदृश्य और इश्क की जिंदगी में अस्मिता सिंह बुंदेला क्या तूफान बन  कर आने वाली थी यह तो वक्त ही बता सकता था । दुसरी तरफ ,           अदृश्य ने जैसे ही यह कहा पूरा राजपूत परिवार गुस्से से दहल उठा  । लेकिन वह अपने गुस्से को उनके सामने जाहिर नहीं कर सकते थे ।           जिसकी वजह से खामोशी से खड़े थे । अदृश्य ने अब उनके ऊपर नजर उठाने की बिल्कुल भी जहमत नहीं उठाई । और वह वहां से इश्क को लेकर चला गया । लिविंग हॉल ,           इस वक्त राजपूत परिवार लिविंग हॉल के सोफे पर हताश से बैठे हुए थे    उनके चेहरे पर गुस्सा नाराजगी सब झलक रहा था  । जो कही ना कही अदृश्य के हाथ से निकल जाने की वजह से था ।          मिस्टर अशोक राजपूत ने गुस्से से अपनी पत्नी चंपा राजपूत की तरफ देखा और गुस्से से कहा " तुम्हारी वह सो कॉल्ड बेटी कहा है ? " उन्होंने गुस्से से सवाल किया उनका सवाल सुनकर चंपा राजपूत की नजरे शर्म से झुक गई ।        वहीं दूसरे सिंगल सोफे पर शीतला देवी राजपूत बैठी हुई थी ।  उन्होंने नजर का चश्मा लगाया हुआ था । उनके बाल सफेद हो चुके थे । उन्होंने सफेद और सिल्वर मिक्स कलर की साड़ी पहनी हुई थी ।  गले में मोतियों का माल था । ओवर ऑल लुक में चुड़ैल दादी की वाइब आ रही थी ।          और हाथ में की स्टिक पड़ी हुई थी । उन्होंने जैसी ही अपनी बहू चंपा को नजर झुकाते हुए देखा । उनका गुस्सा उन पर फूट पड़ा जो वह कब से दबाए हुए बैठी थी ।          उन्होंने गुस्से से चिल्लाते हुए कहा " मेरे बेटे ने तुमसे कुछ सवाल किया है उसका जवाब दो । तुम तो हो ही बेशर्म अब तुम्हारी बेटी भी एक नंबर की बेशरम निकाल ली है । एक काम उससे नहीं हुआ और उसे देखो जिसे हमने कभी भी घर से बाहर निकलने नहीं दिया ।  उसने कितना बड़ा हाथ मारा है और तुम्हारी बेटी तो जगह जगह  मुंह मारती है । उसने तो हमें कुछ दिलाया ही नहीं क्या इसीलिए हमने उसे इतना पढ़ाया लिखाया और इतनी छूट दी थी ।उसपर इतना पैसा खर्च किया । बस इसी दिन के लिए । " शीतला देवी ने तीखी शब्दों में कहा।        उनकी बातों को सुनकर चंपा की नजरे जमीन पर गढ़ी जा रही थी  । वो शर्म से पानी पानी हो रही थी ।  उसे अपनी जिंदगी में इस  जिल्लत की जैसे आदत हो चुकी थी ।  लेकिन आज बात अलग थी । लेकिन आज उनकी बेटी की कैरेक्टर पर सवाल उठाए जा सकता था ।            लेकिन इस वक्त वह इतनी मजबूर थी कि वह अपनी सास के खिलाफ एक शब्द नहीं बोल सकती थी ।           उसने खुद को संभाला और टूटी फूटी शब्दों में कहा " मा जी जैस्मिन ने तो पूरी प्लानिंग की थी । इस इश्क को बदनाम करने की और इसी के साथ इसके नाम के सारे प्रॉपर्टी आप के  नाम हो जाती  । लेकिन पता नहीं कैसे इश्क अदृश्य चौहान से टकरा गई ।  और अदृश्य चौहान का तो पता ही है नमूना आप में देख ही किया।  और  सुनने में आया था कि उसे लड़कों में इंटरेस्ट है लेकिन पता नहीं कैसे उसने इश्क से शादी कर ली   आपने देखा ना उसने कैसे जबरदस्ती की हम उसके खिलाफ नहीं जा सकते जिस का उसने फायदा उठाया है मुझे तो लगता है ,,," चंपा राजपूत ने अपनी बातें कही ।                 वह अपनी बात पूरे भी कर पाती की , श्री राजपूत ने उनकी बातें बीच में ही काट दी ।          और गुस्से से बोले " जो भी  हो अभी इसी वक्त जैस्मिन को कॉल करो और इसे यहां बुलाओ ।  उसे कहो इश्क से अपने संबंध सुधारे और किसी तरीके से अदृश्य चौहान के बंगलो में इश्क के साथ रहे ।  और उससे यह भी कहना धीरे-धीरे ही वो  इश्क को अपने काबू में करके अदृश्य की नजरों में उसे गिराय ताकि वो अदृश्य के करीब जा सके । " मिस्टर राजपूत ने कहा  ।         और वहां से चले गए वहीं आप चंपा राजपूत और उनकी सास शीतला देवी राजपूत बैठे हुए थे । कुछ देर बाद चंपा राजपूत भी वह से बाहर की तरफ निकल गई ।     इन कार,   अदृश्य एक बार फिर से इश्क को अपनी गोद में बिठा रखा था और वही  इश्क भी टुकुर-टुकुर उसके चेहरे को ही निहार रही थी अदृश्य काफी टाइम से नोटिस कर रहा था ।          उसने शरारती मुस्कान लिए इश्क की तरफ देखा और अपनी सेडक्टिव वॉइस में कहा " क्या तुम मेरे चार्म में से खुद को अट्रैक्ट होने से नहीं बचा पा रही हो  । जिसकी वजह से तुम मेरे हैंडसम से चेहरे से अपनी  नजरे नहीं हटा पा रही हो माय स्वीट मिस्टेकन। " अदृश्य ने कहा ।          और दृश्य की बात सुनकर इश्क के चेहरा सुर्ख लाल हो गया ।  उसे अपने गाल जलते हुए से महसूस हुए । उसकी आंखे शर्म से झुक गई ।       उसने एक झटके से अपना चेहरा उसके सीने में छुपा लिया और अपने लाल हुए चेहरे को उसके सीने से रब करने लगे । उसके दिल की धड़कनें अदृश्य की बातें सुनकर धड़कने लगी थी ।          वही अदृश्य ने जब इश्क का ऐसा रिएक्शन देखा तो उसका दिल जोर जोर से हंसने का होने लगा । उसकी बढ़ी हुई धड़कने उसे मधुर संगीत की तरह लग रही थी ।        लेकिन उसने किसी तरह खुद को संभाल कर और इश्क की तरफ देखकर कहा " देखो मुझे पता है तुम खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हो । लेकिन अगर इसी तरह तुम्हारी हरकतें रही तो मैं कार में ही हमारी सेकंड नाइट मानने में खुद को कंट्रोल नहीं कर पाऊंगा। " अदृश्य ने भी बेशर्म होकर कहा ।            अदृश्य की बात सुनकर एक बार फिर से इश्क शर्म से लालम लाल हो गई  । और इस पर उसने थोड़ी हिम्मत करके कहा " Semless monster क्या आपको थोड़ी सी भी शर्म नहीं आती जो आप इस तरह से बेशर्म होकर बोले ही जा रहे हैं । " इश्क ने शर्म भरी आवाज में कहा ।       Rebirth के बाद यह दूसरी बार था जब उसने इश्क की इतनी प्यारी और शर्म से डूबी हुई बातें सुनी थी । और उसने इतने हक से कहा था कि इस बार उसका दिल बेकाबू हो चुका था ।      उसकी इतनी मीठी बातों को सुनकर उसने सुकून से अपनी आंखें बंद कर ली । यह आवाज जो मरने से पहले वह सुनना चाहता था लेकिन अफसोस उसने खुद ही अपनी इश्क की जान अपने हाथों से ले ली थी ।                यह याद करके ही उसकी पकड़ इश्क के ऊपर कस गई और उसके चेहरे के भाव बिगड़ने लगे।  जिसे इश्क ने भी महसूस किया  । उसने अपनी बड़ी-बड़ी हिरनी सी आंखों को बड़ी-बड़ी करके अपनी नजर उठा कर अदृश्य की तरफ देखा जो वहीं पर उसे नज़रें फेर कर बैठा हुआ था ।          इश्क को अजीब लगा और उसने अदृश्य की तरफ देखा जिसकी पकड़ उसके ऊपर कश्ती जा रही थी उसे आप दर्द होने लगा ।          अपनी कमर पर जिसकी वजह से उसकी दर्द भरी सिसकी निकल गई "आह्ह्ह्ह" जैसे ही दृश्य के कानों में दर्द भरी सिके के उसने झटके से उसे उसे अपनी पकड़ ढीली कर ली और उसके चेहरे को अपने सीने से निकाल कर ।                  अपने दोनों हाथ में भरकर परेशानी भरी आवाज में कहा " what happened my sweet Mistaken" उसकी बातों में चिंता और इश्क के लिए फिकर साफ जाहिर हो रही थी इश्क ने भी यह महसूस किया ।               उसने उसके हाथों के ऊपर अपना हाथ रखा और उसकी आंखों में देखते हुए क्यूटली अपनी मीठी आवाज में कहा " I am fine monster hubby । " इश्क नहीं हिम्मत पटेरिया इश्क की बातें सुनकर अदृश्य के लिए जैसे वक्त थम सा गया था यह पहली बार था जब अदृश्य को इश्क ने इतना प्यारा नाम दिया था ।           देखते ही दिखती है उसकी आंखें पाणिनी होने लगी उनमें नामी छाने लगी यह एहसास उसके लिए कितने खास थे वह लफ्जों में बयां नहीं कर पा रहा था पिछले जन्म में उसने अपनी मोहब्बत को अपनी इश्क को अपने हाथों से मौत की सजा दी थी ।          और जब भगवान ने उसको दोबारा अपनी गलती सवारने का मौका दिया था तो वह इस कदर खूबसूरत हो चुका था कि उसके एहसास संभाले नहीं संभाल रहे थे ।             उसने एक झटके से इश्क को अपनी बाहों में भर लिया और कसकर उसके माथे पर चूमते हुए कहा " but you are my sweet mistake ।" अदृश्य ने कहा और एक बार फिर से उसके फड़फड़ाते हुए होठों पर अपने होंठ रखती है ।         लगातार उन पर दबाव बनाते हुए उसे किस करने लगा वह इतना ज्यादा पैसेनेट हो चुका था कि , उसके हाथ धीरे-धीरे यीशु की बैक साइड एरिया पर मूव हो रहे थे वही इश्क के हाथ भी अदृश्य की ब्रांड बैक पर मूव हो रहे थे वह उसके बैग को पूरी तरीके से कर करना चाहती थी लेकिन उसके छोटे-छोटे नसों का हाथ पूरी तरीके से कर नहीं कर पा रहे थे उसकी सांसे अब उखड़ने लगी थी उन्हें किस करते हुए लगभग 2 मिनट हो चुके थे और वह नाजुक सिकली 2 मिनट अभी अदृश्य के पैसे नेट किसको सह नहीं पा रही थी उसने अब अपने छोटे-छोटे हाथों से अच्छे के सीने पर अपने नाजुक से हाथों से मुक्के बरसाना शुरू कर दिया ।      जब अदृश्य ने यह महसूस किया की उसकी स्वीट मिस्टेकन अब सांस नहीं ले पा रही है तो एक झटके से अपने लबों को उसके लबों से दूर कर दिया और हसरत भरी नजरों से उसके मासूम से कश्मीरी सेब हुए चेहरे को देखने लगा ।        उसकी नजरों की ताबिश को महसूस करके इश्क के चेहरा और ज्यादा लाल होने लगा और उसने अपनी आंखें बंद कर ली उसने गहरी सांस खींची और प्रशांत से हो गई अचानक से उसके जहां में एक ख्याल आया और उसने झटके से अपनी मुंडी घुमा कर ,        सामने ड्राइविंग सीट की तरफ दिखाओ लेकिन वहां पर पहले से ही पार्टीशन ओं था इश्क का चेहरा पहले से ज्यादा लाल हो चुका था यह ख्याल ही की उन दोनों को किस करते हुए किसी ने देखा है उसके अंदर शर्म की लाली भरने के लिए काफी थी ।        इश्क के एक्सप्रेशन देखकर अदृश्य साफ समझ चुका था किसके छोटे से दिमाग  पर क्या चल रहा था जिसकी वजह से उसने  टीजिंग वॉइस में कहा " ज़्यादा नहीं सोचते माय स्वीट मिस्टेकन वरना घुटने में दर्द हो जाएगा । " अदृश्य ने कहा ।        उसकी बातों में मजाक साफ झलक रहा था । और साफ शब्दों में अपनी बीवी का मजाक उड़ा रहा था वही इश्क अपनी बड़ी-बड़ी मासूमियत से भरी आंखों से उलझन भरी नजरों से अदृश्य की तरफ देख रही थी जाहिर सी बात थी उसके चेहरे के एक्सप्रेशन को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था कि अभी-अभी अदृश्य ने जो कहा उसे बिल्कुल भी समझ नहीं आया था ।        अदृश्य देख सकता था उसने अभी-अभी अपनी पत्नी के मुंह पर उसकी बेइज्जती की थी उसका मजाक उड़ाया था लेकिन अफसोस उसकी मासूम सी बीवी को कुछ भी समझ नहीं आया था ।             और यह देखकर अदृश्य को उसे पर बड़ा प्यार आया और उसने एक छोटा सा क्रिसमस के माथे पर किया और उसे अपने सीने से लगाकर उसके कान में सेडक्टिव वॉइस में बोला " ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है मैं स्वीट मिस्टेकन को तुम्हारे काम की नहीं है तुम सिर्फ हमारे सेकंड नाइट के बारे में सोचो । " To be continued ✍🏻 ✍🏻 ✍🏻 कौन है वह लड़की और क्यों अदृश्य के पीछे पड़ी हुई है ? कौन से साजिश में फसाने वाली है अदृश्य और इश्क की जिंदगी जैस्मिन और राजपूत परिवार अब कौन सा नया जाल बुनने वाले है ?         

  • 6. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 6

    Words: 2070

    Estimated Reading Time: 13 min

    रेडॉक्स बार ,, प्राइवेट रूम,,      "  आह्ह्ह्ह तुम मुझे तकलीफ पहुंचा रहे हो बेबी " एक कदमी की सिड्यूसिन वॉइस उस कमरे में गूंज उठी ।     वही उस लड़की की बात सुन कर उस लड़की के होठों पर अपने दांत गड़ा रहा लड़का इविल स्माइल करने लगा ।       उस लड़की को ऊपर से लेकर नीचे तक स्निफ करते हुए उस लड़के उसके कान में सेडक्टिव वॉइस में सरगोसी से कहा " ये मीठा मीठा दर्द ही तुम्हे मेरा अहसास करवाएगा बेबी । " उस लड़के ने कहा ।     और अजीब तरह से हंसने लगा । इसकी आंखों की चमक किसी शैतान से कम नहीं लग रही थी ।     उसे देख कर ऐसा लग रहा था । की उसने शैतानी दिमाग में जरूर कोई खिचड़ी पक रही थी ।     उसने उस लड़की के होठों पर जोर से बाइट किया और किसी भूखे भेड़िए की तरह उसके बदन पर झपट पड़ा ।       उसने एक गहरी सांस खींची और अजीब तरह से उसके गले पर अपने होठ फिरते हुए कहा " यू आर सो डायलिसिस बेबी " लड़के ने कहा ।      और एक बार फिर से अपनी हरकते करते हुए वो उसके अंदर समा गया । और वो लड़की उसके कंपनी को इंजॉय करने लगी ।      दोनो इस वक्त यहां पर busy थे । वही इस बार के नीचे एक BMW आ कर रुकी । और उसके अंदर से मिसेज चंपा राजपूत निकली ।      उनके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे । बस उनकी आंखें किसी को तलाश रही थी ।     तभी उनकी तलाश खत्म हो गई । क्योंकि उन्हें वही बार टेंडर नजर आ या जो जैसमीन के ऊपर टिप्पणी कर रहा था ।    ।     उस बार टेंडर ने मिसेज राजपूत के तरफ अपनी कदम बड़ा दिया । और अपनी कठोर आवाज में बोली " कहो क्या हुआ इतना अर्जेंट में क्यू बुलाया? " मिसेज राजपूत ने सवाल किया ।      उनका सवाल सुन कर बार टेंडर ने एक नजर उन्हें देखा और अपनी रिस्पेक्ट फूली वॉइस में बोला " मैडम , जैस्मिन मैडम आ फिर से प्राइवेट रूम में है । " बार टेंडर  ने बड़े ही ऐतराम से बोला ।        उस बार टेंडर की बात सुनकर मिसेज राजपूत का चेहरा गुस्से से लाल हो चुका था  ।           उनका गुस्सा उनके चेहरे से दिखाई दे रहा था ।  जैसे ही उन्होंने सुना की जैस्मिन एक बार फिर से प्राइवेट रूम में मौजूद है ।            तो उन्हें यह समझते देर नहीं लगी । की अंदर चल रहा था । उन्होंने बार टेंडर की तरफ देखा ।         और अपने चेहरे पर दुगनी सख्ती ला कर  बोला " कितना वक्त गुजर चुका है । " श्रीमती राजपूत ने कहा ।         और बार टेंडर ने एक बार फिर से श्रीमती राजपूत के सवालों का जवाब देते हुए कहा " मैडम 4 घंटे बीत चुके हैं । पर सुबह से ही मौजूद थी और अब तो दोपहर के 3:00 बज रहे हैं । " छुपे हुए शब्दों में ही बार टेंडर ने सारे  हालातों को हाले बया जाहिर कर दिया ।      श्रीमती राजपूत ने जब सुना की काफी वक्त गुजर चुका है  । तो उनका गुस्सा और बढ़ गया  ।           वह बारटेंडर की तरह देखा और गहरी आवाज में बोली " मुझे अभी इसी वक्त रूम में ले चलो । " श्रीमती राजपूत ने कहा ।          और वह कहां से प्राइवेट रूम की तरह बढ़ गए । बार टेंडर उसके सामने - सामने चल रहा था ।           एक प्राइवेट रूम के सामने पहुंचकर बार टेंडर ने अंदर की तरफ इशारा किया । अब उसका काम खत्म हो चुका था ।        जिसकी वजह से उसने रूम के सामने मिसेज राजपूत को छोड़ा । और वह वहां से नीचे की तरह चला गया ।         जाते-जाते उसने मिसेस राजपूत को कुछ इशारा किया । मिसेज राजपूत ने भी उनका इशारा समझ लिया था ।  जिसकी वजह से उन्होंने बस सर हिला दिया ।         और वही मिसेज राजपूत एक झटके से कमरे का डोर ओपन कर दिया । और सामने का नजारा देखकर उनकी आंखें गहरी और गुस्से से लाल हो गई ।       दूसरी तरफ ,,, प्राइवेट मेंशन                 अदृश्य की मर्सिडीज-बेंज अदृश्य के प्राइवेट मेंशन में आकर रुक गया । गाड़ियां फाउंटेन और चारों तरफ फैले हुए गार्डन के बीच से होते हुए मेंशन के पोर्च पर जाकर रुक गया ।         अदृश्य ने एक नजर अपने मेंशन को देखा । जो पूरी तरीके से फूलों से सजा हुआ था । ऐसा लग रहा था ।          जैसे सच में शादी का माहौल हो । बंगलो को देखकर ,  अदृश्य सेटिस्फेक्शन से भर उठा        और उसने अपनी बाहों में मौजूद लड़की को देखा ।  जो नींद की आगोश में जा चुकी थी । जाहिर से बात थी रात का असर अभी तक दिख रहा था । और कुछ असर सफर का जो अपना रंग दिखा रहा था ।        अदृश्य ने इस वक्त इश्क को उठाना सही नहीं समझा । और उसे लेकर कार से बाहर निकल गया ।  वह बाहर आया और अंदर की तरफ बढ़ने लगा ।          जब वह डोर के पास पहुंचा तो एक कड़क आवाज उसके कानों में गई ।        जो कुछ इस तरह से साउंड कर रही थी " खबरदार जो एक कदम भी आगे बढ़ाया तो जहां हो वही खड़े रहो बरखुरदार । " एक रौबदार आवाज अदृश्य के प्राइवेट मेंशन में गूंज उठी ।          अदृश्य ने अपनी नजरों को उठाकर आवाज की दिशा में देखा । जहां पर एक 70 - 75 साल का बुजुर्ग आदमी । अपनी सटीक के साथ खड़ा हुआ था  ।          उन्होंने इस वक्त कैजुअल कपड़ा पहना हुआ था  । उनकी सफेद रंग की दाढ़ी सफेद बाल एक रौबदार पर्सनालिटी जाहिर कर रही थी ।      अदृश्य ने उनकी तरफ देखा ।  वह कोई और नहीं बल्कि अदृश्य के दादाजी "  दिग्विजय चौहान " थे ।         अपने दादाजी को अपने प्राइवेट मेंशन में देखकर अदृश्य का चेहरा अजीब सा हो गया ।         और उसकी आंखे  गहरी मगर छोटी हो गई । उसने कुछ भी नहीं कहा । और  चुपचाप खड़ा हो गया । उसकी खामोश नजरे बहुत कुछ कह रही थी ।              इश्क पूरी तरीके से हड़बड़ा चुकी थी । उसके चेहरे पर डर नजर आ रहा था । माथे पर पसीने की बुंदे चमक रही थीं ।          और उसके बड़ी-बड़ी हिरनी सी गहरी  आंखें सामने खड़ी बुजुर्ग आदमी पर टिक चुकी थी । वह बड़ी हैरानी से सामने खड़े आदमी को देख रहे थे ।       इसका एहसास भी अदृश्य को हो गया था और उसे यह बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था । कि उसके दादाजी ने उसकी स्वीट मिस्टेकन की नींद को जो खराब कर दिया था ।          नीद तो खराब कर ही दी थी । अब उसका बीवी कोडरा भी दिया । उसके माथे पर पसीना जो उसकी गवाही दे रहा था ।         वही दादा जी दिग्विजय चौहान ने भी अपनी आंखें छोटी कर रखी थी  । उनके चेहरे पर नाराजगी साफ जाहिर हो रहे थे । उन्होंने नाराजगी भरी नजरों से उसे देखा । नजरे मिलाते हुए आंखों ही आंखों में बोले " इसमें हमारी कोई गलती नहीं है तुम्हारी बीवी ही कुछ ज्यादा नाजुक है । " लेकिन उन्होंने वक्त की नजाकत को समझते हुए ।         लफ्जो से कुछ भी कहना सही नहीं समझा ।  और एक सर्वेंट की तरफ इशारा किया ।अब तक वह चलते हुए मेंन डोर के पास आ चुके थे ।       वही उनकी नजरों की बातें अदृश्य भी समझ चुका था । उसने भी उनकी आंखों में देख कर बाते करते हुए कहा " बस ये सब रिचुअल खत्म होने दिए दादू उसके बाद आपकी सख्ती बाहर निकलता हु । " अदृश्य ने कहा । और डैविल स्माइल कर दी ।      दादा जी भी उसकी वार्निंग साफ समझ चुके थे । लेकिन उन्होंने उस इग्नोर किया । और अपने टिपिकल इंडियन लेडी की भूमिका निभाने में कंस्ट्रेड करने लगे ।          इस वक्त उनके हाथों में  आरती की थाली थी  । और वह दृश्य की तरफ घूर कर देख रहे थे।  जैसे आंखों से कुछ कहने की कोशिश कर रहे थे । लेकिन अदृश्य तो फुल इग्नोर कर रहा था ।             दादा जी ने गुस्से से देखा और एक बार फिर से अपनी  रौबदार आवाज में बोले " बरखुरदार अब क्या बहुरानी को इसी तरह सारी जिंदगी गोद में उठाकर ही रखना है उसे अपने बगल में खड़ा करो मुझे आरती करनी है । " दादाजी ने टिपिकल इंडियन मॉम की तरह रिएक्ट करते हुए कहा ।         जब दृश्य ने देखा , कि उसके दादाजी बिल्कुल उसकी मॉम की तरह बिहेव कर रहे थे । तो उन्होंने गहरी सांस ली और अपने सर को झुकाए उसने इश्क की तरफ देखा ।          क्योंकि उसकी स्वीट मिस्टेकन टुकुर-टुकुर उसके दादाजी की तरफ देखते रही थी । उसने गहरी सांस ली , और अपने दादाजी की बात मानकर इश्क को अपने बगल में खड़ा कर दिया।         दादाजी ने उन दोनों का तिलक किया । और आरती की ओर कुछ ही पलो में एक और सर्वेंट ने लाकर चावल और अक्षत से भरा हुआ ।         कलश चौखट के बीच जो बीच रख दिया ।  और दादाजी ने अपनी सॉफ्ट वॉइस में इश्क की तरफ देखकर कहा " बहु रानी अब लोटे को दाहिने पैर से गिरा कर अंदर लिए और उसी के साथ ही इस आरती की थाली में अपना पैर रखकर इस घर में बरकत कीजिए आखिरकार इस घर की लक्ष्मी आई है । " दादा जी ने मुस्कुरा कर कहा ।             दादा जी की बात मानकर इश्क ने अदृश्य की तरफ देखा । उसने हल्के से अपनी पलकें झपका दी ।  इश्क ने अपनी चमकती हुई ।           आंखों से दादाजी की तरफ देखा और उसके होठों पर बड़ी से मुस्कुराहट आ गई।   जैसे ही दादा जी ने उसके होठों पर शरारती मुस्कुराहट देखी ।          उनके माथे से पसीना छलक आया । और उन्हें करामात की बु आने लगी । उन्होंने एक झटके से अपनी छड़ी संभाली और दरवाजे के पीछे जाकर खड़े हो गए ।        दादा जी के मूव्स काफी फास्ट थे।  वह पर खड़ा हर शख्स बस हैरानी से दादा जी की तरफ देख रहा था ।          अदृश्य जिसकी नजरे अपने दादाजी पर थी । वह अजीब नजरों से उनकी तरफ देख रहा था ।  कहीं कुछ सर्वेंट जो वहां पर खड़े हुए थे ।          वह भी अजीब नजरों से देख रहे थे । वही जब तक किसी को कुछ समझ आता कि आखिर दादा जी बीच में से क्यों हटे । तब तक कांड हो चुका था  ।      इश्क ने अपने लहंगे को अपने दोनों हाथों में उठाकर एक झटके से ही किसी फुटबॉल की तरह उसे लोटे पर कीक किया था वह जाकर सीधा सबसे पीछे खड़े एक मेल सर्वेंट पर पड़ा था ।    जो कब से अपनी गंदी नजरों से उसे घूर रहा था । जैसे ही ये हुआ । इश्क का मासूम चेहरा बच्चों की तरह खुशी से झूम उठा । उसका चेहरा खिल गया । क्योंकि उसने लंबी किक मारी थी ।      वही इश्क की नजरे उसके ऊपर नहीं गई । वो तो बस अपनी खुशी मना रही थी । बाकी सर्वेंट सख्ते में आ चुके थे । उनके चेहरे पर डर नजर आ रहा था ।      अब सब को समझ आ चुका था कि आखिर क्यू दादा जी वो वहां से हड़बड़ाते हुए हटे थे । वही डोर के पीछे छुपे दादी जी किसी मासूम बच्चे की तरह अपना सिर डोर से निकल कर मासूमियत से दोनों की तरफ देखते है ।।      और गजरी सांस लेते हुए बोले " बच गया  । वरना तो आज लक्ष्मी की आगमन में मेरे मरण दिन संभव था । " दादा जी ने कहा । और अब वो पूरे बाहर आय ।         कुछ देर बाद सारी रस्म हो चुकी थी । और अब मेंशन के बड़े से शिव पार्वती के मंदिर के सामने खड़े हुए थे । सभी के चेहरे पर हैरानी थी । वही इश्क और अदृश्य पूजा करके महादेव का आशीर्वाद ले रहे थे ।      दादा जी अपनी हैरानी और छुपा नहीं पाए और बंदूक की गोली की तरह दागते हुए कहा " क्या बात है ये चमत्कार कैसे हुआ क्या आज सूरज पश्चिम से निकला है जो मिस्टर अदृश्य चौहान मंदिर में भगवान की पूजा और आशीर्वाद ले रहे है आखिर ये कैसे संभव हो गया । " दादा जी ने टीजिंग वॉइस  कहा ।       दादा जी की बात सुन कर अदृश्य की आंखें छोटी हो गई।  उसकी आंखे गहरी हो गई । और उनमें नामी उतर आई ।      उसने अपनी हाथों की मुट्ठी बना ली।  क्योंकि उसकी आंखों के सामने वही दर्दनाक मंजर तैर गया था ।        उसने खुद को कंट्रोल किया । और गहरी आवाज में बोला " लंच का वक्त हो गया।  " To be continued ✍🏻 ✍🏻 ✍🏻

  • 7. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 7

    Words: 3751

    Estimated Reading Time: 23 min

    रेडॉक्स बार,,, प्राइवेट रूम,,,              Mrs Rajput राजपूत की नजर सबसे पहले रूम के चारों तरफ फैले हुए कपड़ों पर पड़ी जो अस्त व्यस्त पड़े हुए थे ।         कपड़ों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था । कि दोनों शख्स कितने ज्यादा डेसपरेट होकर एक दूसरे के करीब आना चाहते थे ।          उनकी नजरे कपड़ों से होकर बेड पर पड़ी और बेड की हालत देखकर और बेड पर सोई हुई लड़की को देखकर उनका गुस्सा फटने को तैयार हो गया ।          उन्होंने गुस्से से घूरते हुए अपनी जलती हुई निगाहों से बेड पर सोई हुई , जैस्मिन को देखा ।  जो कुंभकरण की नींद सोई हुई थी वह लंबे-लंबे कदमों के साथ जैस्मिन की तरह बढ़ गई ।      कहा वो उसके लिए महल का ख्वाब देख रही थी और कहा उनकी बेटी सब मिट्टी  में उनकी इज्जत नीलम कर रही थी ।      जब वह जैस्मिन के करीब पहुंची । तो उन्होंने देखा कि जैस्मिन की अप्पर बॉडी पूरी तरीके से नेकेड थी ।        उसकी अप्पर बॉडी पूरी तरीके से विजिबल हो रही थी । जिस बात का भी उसे होश नहीं था । देखने से साफ पता चल रहा था ।         कि वह बेहोश लेटी हुई थी । उसने एक जोरदार थप्पड़ जैस्मिन की राइट गालों पर मारा और उसके बालों को मजबूती से पकड़ते हुए उसे झकझोर दिया ।       श्रीमती राजपूत यह सब इतनी बेरहमी से कर रही थी ।  कि कोई भी उन्हें देखकर  नहीं कह सकता था । कि वह जैस्मिन की वह सगी मां थी ।      इस वक्त उनके अंदर सौतेली मां की छवि दिखाई दे रही थी ।        उन्होंने जैस्मिन के बालों को पकड़ कर जबरदस्ती से उसके चेहरे को खुद के चेहरे के  बिल्कुल सामने लाते हुए बोली " बेशर्म लड़की ।  मैंने कहा था तुझे सिर्फ एक काम कर दे , उसके बाद जितनी अय्याशी करनी है करती रहना । लेकिन तुझ से  तो तेरी बदन की आग ही बर्दाश्त नहीं होती है । तो कहा से तुझसे काम होगा । " श्रीमती राजपूत ने कहा ।        यह सब कहते हुए एक करारा थप्पड़ एक बार फिर से उन्होंने उसके लेफ्ट  गालों पर रस्सीद दिया ।      जैस्मिन जो अब तक बेहोश पड़ी हुई थी उसकी आंखें धीमे-धीरे खुलने लगी । उसे अपने बालों पर बेतहाशा दर्द महसूस हो रहा था ।               और उसे गालों में जलन हो रही थी जिसकी वजह से उसकी आंखें फड़फड़ाने लगी । वो पहले से ही दर्द में थी हार्ड इंटीमेसी की वजह से और अब ये दर्द उसके लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था।        और उसे अपनी आंखों को बा मुश्किल से खोलते हुए  ऊनिदी मगर थकान भरी आवाज में गुस्से से बिफरते हुए कहा " कौन है जो जैस्मिन राजपूत की नींद खराब करने की हिम्मत कर रहा है क्या उसे अपनी जान,, " जैस्मिन ने गुस्से से बिना अपनी आंखें ठीक से खोले हुए ही कहना शुरू कर दिया ।       जैसे ही मिसेज राजपूत ने जैस्मिन की नींद और थकान से भरी आवाज सुनी ।  उनका गुस्सा और ज्यादा बढ़ गया । और जैस्मिन के लफ्ज़ उन्हें दोगुना गुस्सा दिला गए ।          उन्होंने एक बार फिर से एक उसके राइट गोरे दांतों के निशान वाले गालों पर  थप्पड़ मार दिया ।  एक बार फिर से थप्पड़ पड़ने पर  जैस्मिन की पूरी तरीके से नींद से उठ गया था और वह अपनी आंखें बड़ी-बड़ी करके अपने सामने अपनी मां को देख ररही थी । जो आज जमकर उसे धोबी पछाड़ देने के फिराक में थी ।         उसने अपनी मां को देखा और गुस्से का घूंट पीते हुए बोली " मोम व्हाट द हेल आर यू आखिर आपकी प्रॉब्लम क्या है क्या मैं सुकून से अब सो भी नहीं सकती क्या मैं ?  " जैस्मिन ने मासूमियत से कहा  । उसकी बातों में चासनी भर भर कर बाहर आ रहे थे ।        जिसे देखकर मिसेज राजपूत का गुस्सा और बढ़ गया और उन्होंने उसके बालों पर अपनी पकड़ कसते हुए ,         उसकी आंखों में झांकते हुए कहा " तुम सुकून से सो सकती थी ।  लेकिन क्या सच में तुमसे सुकून से  सोना चाहती थी । तुम तो आए दिन मर्दों के साथ सुकून से सोना पसंद करती हो ।  मैंने क्या कहा था तुमसे मैंने सिर्फ एक काम कहा था सिर्फ एक काम इश्क राजपूत को बदनाम कर दो । उसकी इज्जत नीलम कर दो ताकि उसकी प्रॉपर्टी पर हमारा कब्जा हो । लेकिन यहां तो तुम अपनी इज्जत हर दूसरे तीसरे मर्द से उतरवा रही हो । और तुम्हारी इसी बेवकूफी में वो दो कौड़ी की लड़की मिसेज इश्क अदृश्य चौहान बन चुकी है । " श्रीमती राजपूत ने अपने दांत किटकिटाते हुए गुस्से से कहा ।        जैस्मिन जो अपनी मॉम को बोरियत से देख रही थी  । उस ने  जैसे अपनी मॉम की आखिरी लाइन सुनी ।        की अब इश्क राजपूत । राजपूत ना होकर इश्क  अदृश्य चौहान बन चुकी है । तो उसका सारा नशा , सारी थकान और नींद एक झटके में उड़ गई और उसने हैरानी से अपनी आंखें बड़ी-बड़ी करते हुए , अपनी मॉम की तरफ देखा ।           उसके चेहरे पर हैरानी गुस्सा और नफरत के भाव उभरे हुए थे ।         उसने अपनी मॉम की तरफ देखकर नफरत भरी आवाज में कहा " मॉम क्या आप सठिया गई है । कहां अदृश्य चौहान और कहां इश्क एक मामूली सी नौकरानी । क्या यह कोई मजाक है आज से पहले मैंने इतना गंदा जोक (joke) कहीं नहीं सुना । " Jasmine ने अपनी मां की बातों को ना कारते हुए कहा ।       उसे अपनी मां की बातों पर जरा सा भी विश्वास नहीं हो रहा था । उसे अपनी खुद की मां आज पागल लग रही थी । ऐसा लग रहा था उसे की उम्र की बढ़ती तासीर अब उनके दिमाग पर असर कर रही थी ।         जब श्रीमती राजपूत ने देखा कि यह पागल लड़की उसकी बबात का जरा सा भी विश्वास नहीं कर रही है । उल्टा उसे अजीब नजरों से देख रही है ।         तो उन्होंने अचानक ही उसके गालों पर एक बार फिर से थप्पड़ मार दिया । अब तक जैस्मिन को पूरे चार थप्पड़ पड़ चुके थे । और वह हैरानी से अपनी मॉम को गाल पर हाथ रखे देख रही थी ।          जैस्मिन ने अपनी गालों।पर जापान महसूस करते हुए खुद से ही कहा " ये मॉम क्या मुझे मंदिर का घंटा समझ रही है जो हर दो मिनट में बजाए जा रही है ? " उसने खुद से सवाल किया। लेकिन मुंह पर कहने की हिम्मत न हुई । अब वो माजिद और मार बिल्कुल भी नहीं खाना चाहती थी । इसलिए बस मायूसी से अपनी मॉम की तरफ देखने लगे ।          उसकी मॉम ने दांत पीसते हुए उसकी तरफ देखा और चिल्लाते हुए बोली " क्या अब तुम उसकी शादी का एल्बम देखकर ही  मानेगी की उसकी शादी मेरी आंखों के सामने तुम्हारे डैड और तुम्हारी दादी के सामने आज ही कुछ घंटे पहले ही हुई है ।  और अब वह हमारी नौकरानी इश्क राजपूत नहीं रही बल्कि इश्क अदृश्य चौहान बन चुकी है। । " Mrs राजपूत ने कहा । उनकी बातों में इश्क के लिए नफरत साफ झलक रही थी ।       वह गुस्से से कांप रही थी । उन्होंने एक बार फिर से जैस्मिन का कान खींच लिया और गुस्से से उसके पापा ने जो उससे कहा था वह सारी बातें बता दी ।    दुसरी तरफ ,, प्राइवेट मेंशन, अदृश्य का रूम,,,          इश्क बेड पर बैठी हुई थी । और कमरे के चारों तरफ अपनी हिरनी सी आंखों से देख रही थी । उसके चेहरे पर अजीब अजीब से एक्सप्रेशन आकर गुजर जा रहे थे । और वह इस वक्त बहुत ज्यादा क्यूट लग रहे थे ।          वही बाथरूम के डोर के पास अभी ही  बाहर आया हुआ । अदृश्य खड़ा हुआ था ।  और अपनी मासूम सी बीवी की हरकतों को देख रहा था ।         उसने गहरी सांस ली और ऊपर से नीचे तक अपनी बीवी को देखा । इस वक्त उसने अदृश्य के व्हाइट शर्ट को पहन रखा था । और उसने कमर तक ब्लैंकेट ले रखा था । वो उस वाइट शर्ट में किसी लिटिल रैबिट की तरह दिखाई दे रही थी ।               शर्ट की लेंथ बंदी होने के कारण वो लेफ्ट साइड से ऑफ शोल्डर हो गई थी । उसने गहरी सांस खींची और  उसे देखते हग उसकी तरह बढ़ गया ।      किसी की कदमों की आहट को पाकर इश्क ने अपनी नजरे उठाकर आवाज की दिशा में देखा । तो उसे अपनी तरफ आता हुआ अदृश्य उसे दिखाई दिया  । अदृश्य को अपनी तरफ आता हुआ देखकर इश्क की सांस गहरी होने लगी । उसके लब थरथराने लगे और उसके धड़कन बेकाबू होकर धड़कने लगे ।       इश्क के साथ यह पहली बार हो रहा था ।  जब कोई लड़का उसके इतने करीब आ रहा था । और यह लड़का कोई और नहीं अब उसका पति बन चुका था । पिछली रात जो भी हुआ था । उसका पता उसे नहीं था।  क्योंकि वो नशे में थी ।            लेकिन अब ये सब उसकी पलके शर्म से झुकाने के लिए काफी थी । इश्क ने उसके चेहरे को देखा गहरी काली आंखें शार्प नोज ,  शार्प जव लाइन , रुखे मगर गुलाबी होठ , माथे पर बिखरे हुए गीले बाल इस वक्त वह बेहद ही हसीन लग रहा था । इश्क की नजरे उसके ऊपर ठहर चुकी थी ।      अदृश्य अब तक उसके करीब आकर उसके बिल्कुल सामने बैठ चुका था और उसे एक तक देख रहा था । जब उसने देखा कि उसकी बीवी उसके ऊपर पूरी तरीके से खो चुकी है ।          तो उसने हल्के से अपने होठों को ऊपर की तरफ मोड़ लिया और अपनी गहरी आवाज में बोला " my sweet mistaken अभी बहुत वक्त है तुम्हें मुझ में खोने के लिए इस वक्त तुम्हें आराम करना चाहिए आज का दिन तुम्हारे लिए बहुत ज्यादा हेक्टिक था । " अदृश्य ने अपना कंसर्न दिखाते हुए कहा ।       अदृश्य की बातों में उसके लिए फिक्र पर प्यार महसूस की जा सकती थी । अदृश्य की बात सुनकर जैसे इश्क अपनी ख्वाबों की दुनिया से बाहर आई हो । उसकी बात सुनकर वह हड़बड़ा गई । और उसके चेहरे पर क्यूट से एक्सप्रेशन आकर गुजरने लगे ।       इश्क ने उसे अपनी नज़रें चुराते हुए अपनी पलके  शर्म से  झुका कर कहा " यह आपकी गलतफहमी है कि हम आप पर खोने लगे हम तो कुछ सोच रहे थे । " इश्क ने अपनी गलती ना मानते हुए कहा । जैसे ही इश्क ने यह शब्द कहे अदृश्य की नजरे उसके ऊपर टिक गई और वह गौर से इश्क को देखने लगा ।        उसे याद आया जब उसने पिछले बार उसे जबरदस्ती शादी की थी तब इश्क की मुझे एक शब्द नहीं निकलते थे   । इश्क के अंदर उसका डर इस कदर कायम हो चुका था ।         कि वह चाह कर भी उससे बात नहीं कर सकती थी । और इश्क आज कुछ अलग - अलग लग रही थी ।  उसने गहरी सांस ली और अपनी आंखें छोटी करते हुए सवाल किया " मेरे सामने रहते हुए तुम किसके बारे में सोच रही थी माय स्वीट मिस्टेकन । " अदृश्य ने जलन में भरकर सवाल किया ।       अदृश्य का सवाल सुनकर इश्क ने ना समझी में , उसकी तरफ देखा और उसके चेहरे के एक्सप्रेशन पर बिना ध्यान दिए ही बोली " हम सोच रहे थे कि आप इतने बड़े आदमी है ।  हमने काफी सुना है आपके बारे में  । और हमे समझ नहीं आ रहा है कि आपने हमसे शादी क्यों की क्या आप बाकी अमीर आदमियों की तरह हमें यूज करके छोड़ देना चाहते हैं । " इश्क ने सवाल किया यह सब कहते हुए ।         उसके चेहरे पर सीरियस एक्सप्रेशन थे और उसके चेहरे पर मायूसी छाई हुई थी।  एक तन्हाई उसके अन्दर अभी भी साफ नजर आ रही थी         जब अदृश्य ने उसकी बातें सुनी तो उसकी हाथों की मुट्ठीया कश गई। और उसका चेहरा गुस्से से तमतमा गया । लेकिन वह यह बात समझ गया । कि इस वक्त अगर इश्क की जगह कोई और भी होता तब भी उसके दिमाग में यह सवाल जरूर आते ।        उसने यह गहरी सांस खींची और उसके सवालों के जवाब देते हुए कहा " और तुम्हें यह क्यों लगता है कि मैं  तुम्हारा इस्तेमाल करके तुम्हें छोड़ दूंगा ? " अदृश्य ने इश्क के सवाल के बदले ही सवाल कर दिया।             मासूम सी  इश्क ने अपनी मासूमियत भरी आंखों से उसकी तरफ टुकुर-टुकुर निहारने लगी और गहरी सांस लेते हुए अपनी मायूसी भरी आवाज में बोली " वह चाची मां कहती है कि हम कुछ ज्यादा ही खूबसूरत है  । अगर हम बाहर निकले तो कोई अमीर जादा आ कर हमारा इस्तेमाल करके हमे छोड़ जाएगा । फिर हम किसी को मुंह दिखाने काबिल नहीं रहेंगे । " इश्क ने वह सारी बातें खुलकर अदृश्य के सामने रख दी जो उसकी चाची मां उसे कहती थी ।       उसे ये अदृश्य को बताते हुए बिल्कुल भी असहज महसूस नहीं हो रहा था । और वो किसी रट्टू तोते की तरह बोलते चली है । जैसे ही अदृश्य ने यह सुना की श्रीमती राजपूत उसकी बीवी को मैन्युप्लेट करती थी तो उसका गुस्सा बढ़ गया ।           उसने इश्क के दोनों हाथों को अपने हाथों में पकड़ लिया और उसकी आंखों में एक तक देखते हुए बोला " तुम्हें उनकी  बातों को बिल्कुल भी दिल पर लगाने की जरूरत नहीं है ।  वह सिर्फ तुमसे जलती है जिसकी वजह से उन्हें यह बात कही ।  और मैं तुम्हें कोई छोड़ने नहीं वाला समझी तुम । तुम  सिर्फ अदृश्य चौहान की हो और हमेशा रहोगी तुम चाहोगे भी तब भी मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा और यह मेरा यानी की अदृश्य चौहान का तुमसे वादा है । " अदृश्य ने कहा और उसके पेशानी ( माथे )  पर अपने होंठ टिका दिए ।        जब अदृश्य के लबों ने इश्क के माथे को छुआ  । तो उसकी आंखें सुकून से बंद हो गई उसके हाथ जो अदृश्य के हाथों पर थे वह मजबूत हो गए  ।और उसके होठों पर ना चाहते हुए भी मुस्कुराहट ने अपनी जगह बना ली तभी अचानक से ही पता नहीं इश्क के दिमाग में क्या आया ।          उसने एक झटके से अपनी आंखें खोली और मासूमियत से अपनी पलकों को बार-बार झपकाते हुए मासूमियत से बोली " मैंने लोगों से सुना है की आपको ज्यादा ही गुस्सा आता है । और आप एक बिगड़ैल, गुस्सैल , घमंडी रूड एरोगेंट अमीरजादे इंसान है और आप लोगों की जान भी ले लेते हैं तो क्या कभी आप को गुस्सा आया तो आप मुझे भी मा,," इश्क ने जितनी भी अदृश्य के बारे में बातें सुनी थी ।         जितनी बात भी उस ने सुनी थी । सारे के सारे ही उसके रूड एरोगेंट और घमंडी पर्सनालिटी को जस्टिफाई करते थे  । उसे तो यहां तक यह भी सुना था कि अदृश्य चौहान किसी को भी मारने से पहले एक पल को भी नहीं सोचता था। और यही बातें उसके दिमाग में घूमने लगी और अचानक से ही उसने यह बात छेड़ दी ।         वह अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाई थी कि अदृश्य ने उसके माथे से अपने होंठ हटाकर उसके लबों को अपने लबों से जोड़ दिया ।  एक बार उसने गलती की थी जिसकी सजा वह चाह कर भी खुद को नहीं दे पा रहा था ।       और भगवान ने जब उसे दोबारा मौका दिया था । अपनी गलती सुधारने के लिए तो एक बार फिर से उसकी बीवी उसे यही बात कह रही थी ।         वह उसके लबों को अपने लबों से जोड़कर पैशनेटली उसे किस कर रहा था । वह यह बर्दाश्त ही नहीं कर पा रहा था कि यह लड़की उसे डर जाएगी या अब इस जन्म में वह उसे चोट में पहुंचा सकता था ।  यह शब्द सुनना उसके लिए कितना दर्दनाक था यह सिर्फ वही बता सकता था ।           पिछले जन्म में इश्क उसे कितनी मोहब्बत करती थी।  यह बात उसे इश्क को अपनी हाथों से मारने ने के बाद पता चली थी । जब उसे सच्चाई पता चली । तो उसका दिल कितने टुकड़ों में बट गया  था ।  यह सिर्फ वही जानता था । वह दर्द उसे संभाले नहीं संभाल रहा था जिसकी वजह से उसने खुद को ही खत्म कर लिया था           और इस जन्म में वह खुद को या अपने इश्क को नुकसान पहुंचने नहीं दे सकता था । बल्कि अब नुकसान उन लोगों को होने वाला था।  जिसे उसके पीठ पर छुरा भोका था ।       आखिर इतना भरोसा करता था वह उन लोगों पर लेकिन क्या हुआ उन लोगों ने ही उसे इतना दर्द तकलीफ और इतना बड़ा धोखा दिया कि आखिर में वह टूट ही गया ।      जहां अदृश्य के दिमाग में पिछले जन्म की बातें किसी दिल की तरह घूम रही थी तो वही इश्क की आंखें बड़ी-बड़ी हो चुकी थी उसके चेहरे पर शौकीन एक्सप्रेशन थे उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अदृश्य को हो क्या गया और उसने अचानक से उसे किस क्यों कर ली ।        लेकिन कुछ ही पलों में उसका दिमाग हट गया और वह उसके पैशनेट किस को एंजॉय करने लगी उसने भी अपने लबों को फिराना शुरू कर दिया कुछ 5 मिनट बीते होंगे कि इश्क का चेहरा लाल होने लगा सांस ना ले पानी की वजह से , उसके छोटे-छोटे हाथ अब अदृश्य के सीने पर मोके बरसने लगे वह सांस नहीं ले पा रही थी ।        अदृश्य ने जब महसूस किया कि अब वह उसे और नहीं खेल पाएगी तो उसने एक झटके से उसके लबों को अपने लबों से दूर कर लिया और उसने एक झटके  से खुद के सीने से चिपका लिया । और  लगातार उसके बालों में अपनी उंगलियां चल रहा था और उसके गले में खुद के सिर को घुसा  हुए थे ।।         खुद को नार्मल करने की कोशिश कर रहा था उसका दूसरा हाथ इश्क के बैक पर मूव हो रहा था इसके गहरी गहरी सांस ले रहे थे जब उसकी सांसे हो गई ।         तो उसने उसके सीने से खुद के सर को निकाला और नाराजगी से अदृश्य की तरह देखते हुए बोली " क्या आप हमें मारना चाहते हैं जो इस तरह से हमें किस कर रहे थे अगर कुछ देर और हमें अपना छोड़ दे तो हम पक्का बेहोश हो जाते । " इश्क ने नाराजगी से मुंह फूलते हुए कहा ।          इश्क की बात सुनकर अदृश्य का दिल गहरे जख्म से भर गया एक बार फिर से इश्क का उससे दूर जाना उसे बेचैन कर गया उसने अपनी गहरी आंखों से इश्क की तरफ देखा ।        और अपनी आंखों को छोटी-छोटी करते हुए डेविल स्माइल करते हुए बोला " बेबी मैं तुम्हें एक बात आज पहली और आखरी बार क्लियर कर देता हूं आज के बाद से तुम्हारे मुंह से कभी भी मरने की बात मैं नहीं सुनूंगा पर आज तुमने दो बार खुद को मारने की बात कही है इसलिए पनिशमेंट तो बनती है । " अदृश्य ने कहा और उसके शर्ट के साइड की तरफ देखा ।        जो उसके शोल्डर से नीचे गिर चुका था उसका शोल्डर साफ नजर आ रहा था साथ ही साथ उसके क्लीवेज भी नजर आ रहे थे उसने चमकती हुई आंखों से उसके क्लीवेज की तरफ देखा और एक झटके से वहां पर अपने दांत गड़ा दिए ।      इसी के साथ इश्क के मुंह से चीख निकल गई "आह्ह्ह्ह lasty मॉन्सटर " दर्द की वजह से इश्क के मुंह से अचानक से ही निकल गया उसकी आंखें दर्द की वजह से बंद हो चुकी थी वही इससे अदृश्य को कोई फर्क नहीं पड़ा उसने जहां पर बैठ किया था उसे जगह को लिखे करते हुए उसके कान में अपनी सेडक्टिव वॉइस में कहा " इट इस योर पनिशमेंट माय  स्वीट मिस्टेकन " अदृश्य ने कहा और उसे अपनी बाहों में समेट लिया ।      दोनों ही अब लेट चुके थे और दोनों एक दूसरे की बाहों में सुकून मिलते ही नींद के आगोश में चले गए और सुबह जो कुछ भी हुआ था उन दोनों के लिए इतना आसान नहीं था और इश्क तो नाजुक से जान थी उसका थकना तो लाजिमी ही था ।     दूसरी तरफ दिग्विजय चौहान इस वक्त स्टडी रूम में बैठे हुए थे उनके सामने रजत खड़ा हुआ था जो बेचारगी भरी नजरों से उन्हें देख रहा था ।  दिग्विजय चौहान ने अपनी आंखें छोटी करके रजत को देखा और अपनी कड़क आवाज में कहा " आप हमें सच बताने का कष्ट करेंगे या फिर हम अपनी सुपर पावर्स का यूस करें । " दादाजी ने सख्ती  से कहा लेकिन उनकी बातें ड्रैमेटिक लग रहे थे ।       रजत ने बेचारगी भरी नजरों से दिग्विजय चौहान की तरफ देखा और मासूमियत भरी आवाज में बोला " बताना ही पड़ेगा । " उसने यह सब इतनी मासूमियत से कही थी कि दादाजी को तो उसे पर प्यार ही आ गया ।          लेकिन उन्होंने अपने प्यार को साइड में रखा और अपनी छड़ी को टेबल पर मारते हुए थोड़ी तेज आवाज में बोले " अगर आप चाहते हैं कि हम अपनी सुपर पावर्स का इस्तेमाल न करें तो आप हमें सच्चाई से रूबरू करा दे वरना आपको तो पता ही ना काफी वक्त हो चुका है हमारी छड़ी,,, " दादाजी ने अपनी बातें अधूरी छोड़ दी और अजीब से मुस्कुराहट रजत की तरफ देखने लगे ।      वही रजत ने दादाजी की तरह मुंह बनाते हुए देखा उसने अजीब तरह से दादाजी की तरफ देखा और मन ही मन खुद से ही कहा " बॉस के दादाजी पता नहीं खुद को क्या समझते हैं एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई बॉस तो बॉस बिग बॉस भी क्रूअल डेविल निकले बताओ छड़ी दिखा कर ब्लैकमेल कर रहे हैं अगर नहीं बताया तो पिटाई हो जाएगी और बता दिया तो वर्कलोड बढ़ जाएगा मार खाने से अच्छा है कि थोड़ा काम कर लिया जाए । "      रजत ने खुद से ही बातें करते हुए खुद के कामों को कैलकुलेट करते हुए कहा जब दादाजी ने उसे इस तरह से कोई हुए देखा तो उनकी आंखें छोटी हो गई वह कुछ बोलने की रजत ने जो जो हुआ और उसने जो जो जाना उसने सारी बातें बता दी सारी बात सुनने के बाद दादा जी ने रजत की तरफ देखा और गहरी सांस लेते हुए कहा " तो क्या तुमने बहु रानी के इनफार्मेशन नहीं निकली है । "              दादा जी ने सवाल किया । दादा जी की बात को सुनकर रजत  ने अपना सर ना में हिलाते हुए कहा " बिग बॉस , बॉस ने कहा था कि उसकी जरूरत नहीं है । " रजत ने कहा  ।              कुछ देर और बात करने के बाद दादा जी ने रजत को वहां से भेज दिया । और किसी को कॉल करके कुछ  कहा ।  उसके बाद वह वही स्टडी रूम के हेड चेयर से सर लगाकर बैठ गए और किसी गहरी सोच में खो गए। To be continued ✍🏻 ✍🏻 ✍🏻

  • 8. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 8

    Words: 3578

    Estimated Reading Time: 22 min

    अदृश्य का प्राइवेट मेंशन,,, रात का वक्त,,,            डाइनिंग टेबल पर दादाजी अदृश्य और इश्क बैठे हुए थे इश्क बड़े प्यार से अपनी टुकुर-टुकुर आंखों से अदृश्य की तरफ देख रही थी जो उसे बड़े प्यार से अपने हाथों से खाना खिला रहा था ।              दादाजी भी प्यार से अपने दोनों बच्चों को देख रहे थे वह भी धीरे-धीरे अपना खाना खत्म कर रहे थे । अदृश्य ने दादाजी की तरफ देखा जो लगभग अपना खाना खत्म ही कर चुके थे।।             उन्होंने जैसे ही अपना हाथ आगे बढ़ा कर गुलाब जामुन की कटोरी को उठाना चाहा । अदृश्य के एक  इशारे पर एक सर्वेंट ने जल्दी से आकर दादा जी के हाथ से वह कटोरी छीन ली ।। और सीर झुका कर खड़ा हो गया ।।             यह सब इतनी जल्दी हुआ कि दादा जी की आंखें बड़ी-बड़ी हो गई और उनका गुस्सा उनके चेहरे पर झलकने लगा । उनके चेहरे को देख कर लग रहा था । कि जैसे  किसी ने उनकी किडनी चुरा ली हो । ।        दादा जी ने गुस्से से उस सर्वेंट की तरफ देखा ।  जिन्होंने उनके हाथ लगभग आई हुई कटोरी छीन ली थी ।। वो उन्हें गुस्से से देखने लगे जैसी अभी ही उसे टकला कर देंगे ।         ओर उससे नजरे फेर कर ।।। अदृश्य की तरफ अपना रुख करते हुए कहा " यह क्या बेहुदी हरकत है , एक बूढ़े के हक का  खाना छीन कर तुम चैन से अपना खाना नहीं ना पचा पाओगे बरखुरदार ? " दादा जी ने गुस्से से दांत पीसते हुए कहा । ।        दादा जी की बात सुनकर ।।            अदृश्य ने अपनी आईब्रो उठाकर उनकी तरफ देखा और अपनी आंखें छोटी कर लिए ।         उसने दादाजी की तरफ इविल स्माइल करते हुए देखा और बोला "  मैं किसी बूढ़े व्यक्ति से उसका खाना नहीं छीन रहा हूं ।  बल्कि उस बूढ़े व्यक्ति की लंबी उम्र की दुआएं महादेव से मांग रहा हूं । और रही बात कटोरा छीनने की तो मैं आपको बता दूं , कि पिछले महीने आपका बीपी और शुगर दोनों हाई था इसलिए आपको इस पूरे महीने सिर्फ हेल्दी खाना ,  खाना होगा और मीठा तो आपको छूना ही नहीं है तो यह गुलाब जामुन आपकी लिए नहीं है। बल्कि मेरी और मेरी स्वीट सी वाइफ के लिए है । " अदृश्य ने दादाजी की तरफ देखते हुए कहा ।। दादा जी ने जैसे ही अदृश्य की बातें सुनी ।।            उन्हें यह समझते देर  नहीं लगी की अदृश्य उनसे उस बात का बदला ले रहा है जो कुछ वक्त पहले उन दोनों के बीच में हुआ था ।  उन्होंने अपनी आंखें छोटी कर ली।।                 और बेचारा सा मुंह बनाकर हार मानते हुए बोले " देखो बेटा तुम इस तरह से अपने दादा जी के ऊपर जुल्म नहीं कर सकते देखो मैं कितना क्यूट और प्यारा हूं तुम इस तरह से मेरी दूसरी मोहब्बत मेरी गुलाब जामुन मुझसे नहीं छीन सकते हो  । " दादा जी ने मासूम बनते हुए कहा ।।         इस वक्त वो छोटे बच्चे लग रहे थे । जो अपने पेरेंट्स   से टॉफी की जिद कर रहा था । उनकी आवाज पूरी तरीके से ड्रैमेटिक थी ।। जिस से वो सच में मासूम दिखाई लग रहे थे ।।।          अदृश्य अपने दादा जी को देख रहा था ।। बाहर के लोगों के लिए तो उसके दादा जी एक एरोगेंट व्यक्ति है जो किसी से भी सीधे मुंह बात तक नहीं करते और यहां पर उसके दादा जी एक स्वीट और फनी बच्चे के रूप में उसके साथ रहते थे ।।         इतने वक्त बाद अपने दादा जी का ऐसा  रूप देखकर अदृश्य के दिल को सुकून मिला उसे पिछले जन्म की बातें याद आ गई जब वह जबरदस्ती इश्क को शादी कर के लाया था ।  इस वक्त यहां का माहौल बहुत ही ज्यादा गर्म था ।।         उस वक्त भी दादा जी को पता चल चुका था ।  की अदृश्य ने इश्क से जबरदस्ती शादी की है । वह यहां उसे समझाने  आए थे  । । लेकिन उस वक्त अदृश्य इतना मगरूर में चूर हो चुका था  कि कुछ  समझने को तैयार ही नहीं था । इस बीच दादा जी और अदृश्य के बीच लड़ाई भी हो हुई थी ।।        दादा जी ने लाख कोशिश की अदृश्य को समझाने की  उसे कोई गलतफहमी भी हो सकती थी लेकिन उस वक्त उसके दिमाग में बिल्कुल भी किसी की सुनने की कोशिश नहीं की और बस अपनी मनमानी करता रहा ।।         लेकिन यहां का माहौल देखकर उसे दिल ही दिल खुशी हो रही थी ।। उसने अपने दादा जी की तरफ देखा जो पप्पी आई से । ।  उनकी तरफ ही देख रहे थे ।। उसने गहरी सांस  खींच ली थी वह अपने दादा जी का दिल नहीं तोड़ना चाहता था ।।           जिसकी वजह से उसने थोड़ा कठोर होते हुए कहा " चलिए ठीक है एक गुलाब जामुन आज खा  ही सकते हैं कआफ्टर ऑल आज आपके पोते की शादी जो हुई है । " अदृश्य ने मुस्कुराते हुए कहा ।।       वही अदृश्य की बात सुनकर दादा जी के चेहरे पर 440 वोल्ट की चमक आ गई ।। उनके चेहरे के एक्सप्रेशन ऐसे थे जैसे उन्हें जिंदगी मिल गई हो ।            और उन्होंने एक झटके से ही कटोरी उठाई । कटोरी में लगभग चार से पांच गुलाब जामुन थे । किसी को कुछ भी समझ आता उससे पहले ही दादा जी ने एक के बाद एक तीन गुलाब जामुन अपने मुंह में एक बार में ही गपाक से ठुस लिया । ।      उन्होंने यह सब इतनी जल्दी किया था कि किसी को कुछ समझ ही नहीं आया कुछ वक्त पहले जो अदृश्य की आंखें सॉफ्ट हो चुकी थी अब वह कठोर के साथ-साथ छोटी  भी हो चुकी थी ।। उसने शांति से कहा " दो महीने परमानेंट मीठा बंद । । " उसने कहा लेकिन दादा जी में इग्नोर किया । अभी वो अपनी।दूसरी मोहब्बत को इंजॉय करना जो चाहते थे । ।            उसने ना गवरी में अपना सिर हिलाया और शांति से अपनी बीवी के मुंह में एक गुलाब जामुन बढ़ा दिया क्योंकि उसका मानना था कि उसकी दादाजी के प्रतीक गुलाब जामुन की मोहब्बत को ज्यादा थी जो वह चाह कर भी छोड़ नहीं पाते थे ।।               वह भी अपना डिनर कंप्लीट कर ही रहे थे कि अचानक से कोई तेज आवाज के साथ मैंन डोर से भागता हुआ अंदर की तरफ आया आवाज इतनी तेज थी कि डाइनिंग हॉल पर बैठे हुए तीनों लोगों की नजरे उस तरफ चली गई ।।            उन्होंने देखा एक लड़की जिसकी हालत कुछ ठीक नहीं लग रही थी  उसके कपड़े  कीचड़ से सने हुए थे , हाथों में चोट के  निशान , होठों से बह रहा खून और बाल तो पूरी चुड़ैल की तरह फैले हुए थे ।  उस लड़की को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था ।।          कि वह यहां पर कितनी मुश्किल से आई हुई थी ।। वहीं उस लड़की को देखकर किसी को कुछ समझ नहीं आया ।। दादा जी अदृश्य अपनी जगह से खड़े हो चुके थे ।। वही अदृश्य ने अपनी बाहों में इश्क को भी उठाया हुआ था ।।         वह सभी अब चलते-चलते लिविंग हॉल में पहुंच चुके थे जहां पर वह लड़की गहरी गहरी सांस लेते हुए खड़ी हुई थी वही उसके पीछे-पीछे सारे बॉडीगार्ड्स अपने हाथ में बड़ी सी लिमिटेड एडिशन की राइफल लिए खड़े थे ।।            सभी बॉडीगार्ड्स ने उसे चारों तरफ से घेर लिया था । उस लड़की का चेहरा उस के  घुटनों में छुपा हुआ था और वह लड़की जमीन पर अधमरी सी हालत में बैठी हुई थी ।।        अदृश्य उस से  10 कम की दूरी पर खड़ा हुआ था  । वो इश्क को लेकर कोई रिस्क नहीं ले सकता था ।क्या पता वो पागल सी दिखने वाली लडकी जिसकी स्वीट मिस्टेकन पर हमला कर दे । उसने बॉडीगार्ड्स की तरह घूर कर देखा आखिर यह बॉडीगार्ड कर क्या रहे थे कोई भी  राह चलती लड़की उसके मेंशन के अंदर घुस चुकी थी ।।              और यह लोगों से पकड़ भी नहीं पाए उसका चेहरा गुस्सा से लाल होने लगा लेकिन वह इस वक्त गुस्सा नहीं कर सकता था उसकी बाहों में उसकी सुकून उसकी बीवी जो मौजूद थी ।     अदृश्य ने अपनी कड़कती हुई गुस्से से भरी आवाज में उस लड़की की तरफ देखकर गरजते हुए कहा " कौन हो तुम और तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई यहां आने की ? " अदृश्य कहना शुरू किया             अदृश्य की बातें हद से ज्यादा गुस्से में कहीं थी । इश्क जो उसकी गोदी में मौजूद थी उसकी पकड़ उसके ऊपर और भी मजबूत हो गई और उसने अपना सर उसके सीने में घुसा लिया ।। वो अचानक से तेज आवाज सुन कर चिंहुक जो गई थी । ।              वही जैसे ही उस लड़की ने अदृश्य की आवाज सुनी तो उसने धीरे-धीरे अपने झुके हुए चेहरे को उठाया , मिट्टी से सना हुआ चेहरा बड़ी-बड़ी आंखें घनी पलके होठ से रिश्ता खून चेहरे पर खरोचने के निशान लड़की को देखकर ऐसा लग रहा था ।।            जैसे किसी ने उस से ज्यत्ति करने की कोशिश की थी । लड़की के कपड़े भी फटे हुए थे पैरों से रिश्ता खून उसकी हालत बयां करने के लिए काफी था ।।            उस लड़की ने अदृश्य की तरफ इमोशन से भर कर देखा और अपनी भरी हुई आवाज में कहा " हमें इस कंडीशन खड़ा करके आप हमसे पूछ रहे हैं कि हम यहां क्या कर रहे हैं अदृश्य चौहान । " उस लड़की ने  नफरत भरी आवाज में कहा और उसकी आंखों से लबालब आंसू गिरने लगे ।       अदृश्य ने एक नजर उसे देखा और उसकी आवाज सुनकर उसकी आंखें गहरी हो गई । उसने कुछ भी नहीं कहा और शांति से उसे देखने लगा वही दादा जी ने जैसी ही अपने पोते के खिलाफ ऐसे शब्द सुने ।।            उनकी पकड़ अपनी छड़ी पर कस गई  । और उन्हें गुस्से से उसे लड़की की तरफ देखते हुए कहा " जबान संभाल के बात कर लड़की किसके बारे में क्या बोल रही है तुझे पता भी है ? " दादा जी ने गुस्से से उसे लड़की को जवाब दिया ।।      जैसा अदृश्य का ओहदा था । ऐसे बाते कॉमन थी । जब कोई लड़की या उसके दुश्मन उसे बर्बाद या उसके रेपुटेशन रुतबे को मिट्टी में मिलाने के लिए ऐसी शर्मनाक साजिश करे । । जिसके वजह से उनका शांत रहना जरूरी था । ताकि ये बात वो यही सुलटा ( मतलब कि निपटा सके ।) सके और बात मीडिया तक ना पहुंचे ।          वह अपने पोते को अच्छे से जानते थे कि वह कैसा है और इस लड़की की हिम्मत भी कैसे हुई उसके पोते पर इस तरह से इल्जाम लगाने की उन्हें पता था कि उनका पोता कितना गुस्सैल है लेकिन कभी भी वह ऐसी ओछी हरकत नहीं कर सकता था ।।          जिसकी वजह से उनका गुस्सा उनके कंट्रोल से बाहर जा रहा था ।। वही उस लड़की ने जैसे ही दादाजी की तरफ देखा उसका रोना और तेज हो गया और उसने अपने सीने पर फटे हुए दुपट्टे को फैलाकर आंचल बनाया ।।         और उस आंचल को अपने दोनों हाथ में लेकर आंखों में आंसू भरकर अपनी आंचल फैला कर दर्द भरी आवाज में कहा " मैंने सुना है दिग्विजय चौहान न्याय की मूर्ति है वह कभी भी न्याय करने में पक्षपात नहीं करते मुझे भी आज यही न्याय की उम्मीद आपसे है मैं आपसे आज अपने लिए न्याय मांगती हूं आपके पोते ने जो मेरे साथ किया उसका अंजाम मेरे पेट में पल रहा है मुझे इंसाफ चाहिए मुझे और मेरे बच्चे को इंसाफ चाहिए मुझे यकीन है आप इंसाफ जरूर करेंगे । " उसे लड़की ने रोते हुए कहा ।।          वही उसकी एक ही शब्द बार बार सुन सुन कर दादा जी का गुस्सा बढ़ गया इंसाफ चाहिए इंसाफ चाहिए किस बात की इंसाफ की गुजारिश कर रही थी ये लड़की ? क्या इस लड़की को वो बेवकूफ नजर आ रहे थे । जो ऐसे चिल्ला चिल्ला कर बोल रही थी इंसाफ चाहिए थी उन्हें अपने पोते पर पूरा यकीन था लेकिन वह यह बात भी नहीं झूटला सकते थे ।।             कि उसे लड़की की हालत क्या थी उन्होंने एक नजर अदृश्य की तरफ देखा और उनकी नज़र उनके ऊपर ठहर गए क्योंकि अदृश्य के चेहरे पर कोई भी इमोशन नजर नहीं आ रहे थे ।।                कि आखिर वह सोच क्या रहा था उन्होंने गहरी सांस ली और अपनी तेज और कड़क द्वारा आवाज में बोले " क्या सबूत है लड़की जो तुम बोल रही हो वह सच है ? हम ऐसे ही नहीं तो तुम पर विश्वास कर सकते हैं क्या तुम यह साबित कर सकती हो कि तुम्हारे साथ जो हुआ और तुम्हारे पेट में पल रहे बच्चे का बाप मेरा पोता अदृश्य चौहान है । " दादा जी ने कहा उनके हाथों की मुठिया कसी हुई थी ।। साथ ही उनकी बातों में एक तंज था । ।        उस लड़की ने जैसे ही यह सुना उसके होठों पर अजीब सी मुस्कुराहट आ गई  और उसने मजाक भरी नजरों से दिग्विजय चौहान की तरफ देखा उसने अपने हाथ से बनाया हुआ झोली एक झटके में नीचे फेंक दिया ।             और तालियां बजाते हुए बोली " मुझे आपसे यही उम्मीद थी मिस्टर दिग्विजय चौहान मुझे लगा ही था कि आखिर आप मेरा भरोसा क्यों करेंगे आखिर वह है तो आपका ही पोता आप अपने कुल का वंश बचाने के लिए मेरे और मेरे बच्चे की कुर्बानी देना चाहते हैं आपको सबूत चाहिए ना कि मेरे पेट में पल रहा बच्चा आपका कुल का है कि नहीं मैं दूंगी आपको सबूत मैं दूंगी। " उसे लड़की ने कहा और अपने पेंट की पॉकेट से कुछ निकलने लगी ।           निकलते हुए उसने एक नजर अदृश्य और दिग्विजय चौहान की तरफ देखा ।। और उसकी नजर इश्क पर जा कर ठहर गई ।              और उनकी तरफ अपने जेब से एक एनवेलप निकाल कर फेंकते हुए चिल्ला कर बोली " यह रहे वो सबूत जो मुझे बेगुनाह और आपके पोते को गुनाहगार सबूत करते है कि इन्होंने ही मेरा रेप किया  है m और मैं इस वक्त जिस हालत में खड़ी हूं यह सिर्फ आपके पोते की वजह से हुआ है वह नहीं चाहता था कि मैं इस वक्त यहां पहुंचूं जिसकी वजह से उसके आदमियों ने मुझे रोकने की कोशिश की और जब मैं नहीं मानी तो उन्होंने तो एक बार फिर से मेरे इज्जत पर दाग लगाने की भी कोशिश की लेकिन किसी तरह मैं वहां से बचकर भाग गई और देखिए इस वक्त में यहां खड़ी हूं और आपको सबूत दे रही हूं क्योंकि मैं चाहती हूं की कोई भी मेरे बच्चे को नाजायज ना कहे और उसे एक पिता का प्यार मिले । " उसे लड़की ने कहा ।।          और अपनी बात खत्म करते ही वह वहीं पर  घुटनों के बल बैठकर बिलख बिलख कर रोने लगी । उसकी रोने की आवाज पूरे मेंशन में घूम रही थी । वही अदृश्य ने एक शब्द भी नहीं कहा था वह आराम से इश्क को अपनी बाहों में लेकर खड़ा हुआ था । ।      उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसके दिमाग में कुछ चल रहा था उसने गहरी सांस ली  थी और शांति से खड़ा रहा ।     अचानक ही उसकी नजरें इश्क के ऊपर गए जो टुकुर-टुकुर उसे ही देख रहे थे उसने इश्क की आंखों में देखा जहां पर कोई भी इमोशनल नजर नहीं आ रहे थे ।।            उसकी आंखों की चमक आकर चले गई थी और वह बस खाली आंखों से उसे देख रहे थे अचानक से ही अदृश्य का दिमाग पुरानी यादों में खो गया जब इस वक्त सामने बैठी लड़की नाटक कर रही थी ।।           और अदृश्य ने उसकी बात मानकर उसे अपने पास रख लिया था और उससे शादी करने का वादा किया था और उस बच्चों को अपना नाम दिया था और यही से उसकी बर्बादी की सबसे बड़ी गलती की शुरुआत हुई थी  । ।      लड़की जो इस वक्त जमीन पर बैठी थी  मगरमच्छ के आंसू बहा रही थी वह लड़की कोई और नहीं बल्कि अस्मिता सिंह बुंदेला थी जिसे पिछले जन्म में मुख्य कारण बनी थी अदृश्य की बर्बादी का आखिर इसी लड़की के लिए तो उसने अपने इश्क को अपने हाथों से जान से मार दिया था वह इस तरह से इस लड़की को तो नहीं छोड़ने वाला था ना जाने किसके गंदे खून को वह उसके माथे मढ रही थी ।       उसे तो कुछ मालूम ही नहीं था वह अपनी खयालों से बाहर आया और इश्क की तरफ देखने लगा उसने उसके गालों पर अपने हाथ रखे ।। और उसकी आंखों में देखते हुए कहा " मेरा वादा याद रखना तुम्हारी जिंदगी में वह पहली और आखिरी मर्द सिर्फ मैं हूं और मेरी जिंदगी में पहली और आखिरी औरत सिर्फ तुम हो तुम्हारे सिवा आज तक ना तो किसी ने मेरे बदन को छुआ है और ना ही किसी ने मुझे महसूस किया है तुम्हारा हक मैं चाह कर भी किसी को दे नहीं सकता मेरे दिल और दिमाग में सिर्फ तुम्हारा है और हमेशा रहेगा समझी तुम।। " यह चंद शब्द जो दृश्य ने कहे थे ।          एक बार फिर से इश्क की आंखों में चमक को लौटाने के लिए काफी थे भले ही उनको मिले हुए कुछ घंटे ही हुए थे लेकिन इन कुछ घंटे में एक अजीब सा रिश्ता उन दोनों के बीच बन गया था यह मोहब्बत थी या कुछ और विश्वास का रिश्ता था ।।    या नफरत था कुछ कहा नहीं जा सकता था लेकिन जो भी था  वह अटूट बंधन होता था जिंदगी में वह शायद धीरे-धीरे बांधने लगा था एक अजीब सी कशिश उनके रिश्ते में थी कुछ न होकर भी बहुत खुश था जहां तक इश्क को मालूम था ।।            उनकी शादी जिन हालातो में हुई थी उसे शादी का कोई मतलब नहीं था लेकिन शादी तो हुई थी और शादी के को पूरे 1 दिन भी नहीं हुए थे और ऐसे में इस तरह का धमाका उसके लिए कोई छोटी बात नहीं उसे समझ नहीं आ रहा था ।।         कि वह क्या करे कैसे रिएक्ट करें लेकिन अदृश्य की बात सुनकर उसके बेचैनी से भरे दिल को सुकून मिल गया और वह बस उसकी आंखों में एक तक देखने लगी । कुछ बोलने से अच्छा उसने खामोश रहना जरूरी समझा क्योंकि सामने मौजूद आदमी उसकी आंखे बखूबी पड़ लेता था । उसे समझ आ चुका था कि आगे जो भी होगा जैसा भी होगा उसे सिर्फ अदृश्य का साथ देना था ।।           और उसके कहे मुताबिक चलना था उसकी जिंदगी में एक मुहाफिज बन कर आया था जो उसे हमेशा महफूज रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकता था वही दादा जी अपने हाथों में लिए उसे एनवेलप को देख रहे थे जिनमें कुछ ऐसी तस्वीर थी जो वह चाह कर भी देख नहीं पा रहे थे ।।            उन तस्वीरों में वह लड़की और  आदृश्य साफ नजर आ रहे थे और वह तस्वीर यह बयान कर रहे थे कि आखिर उन दोनों के बीच हुआ क्या है दादाजी ने अदृश्य को मायूस नजरों से देखा उन्हें बिल्कुल भी अदृश्य से इस बात की उम्मीद नहीं थी ।।            लेकिन इस वक्त वह कुछ कह नहीं सकते थे जिसके वजह से उन्होंने गहरी सांस ली और उसे लड़की की तरफ देखकर कहा " गैस्ट रूम में इस लड़की का रहने का इंतजाम करो कल सुबह फैमिली डॉक्टर को बुलाओ इसका अच्छे से चेकअप करवाओ अगर इस लड़की की बातें सच हुई कि यह सच में चौहान खानदान के वारिश को जन्म देने वाली है तो इसका अच्छे से ख्याल रखो बाकी की बातें सुबह करते है अभी के लिए  सभी अपने कमरे में जाओ । " दादा जी ने कहा ।।          और वह बिना किसी को देखे हुए कैमरे की तरह बढ़ गए अदृश्य ने भी इश्क को देखा और गोद में उठाएं वह उसे लेकर कमरे की तरह बढ़ गया उसने बिल्कुल भी सहमत नहीं उठाई की मुड़कर उसे लड़की को देख ले वही वह लड़की अब लिविंग हॉल में अकेले खड़ी हुई थी वहां पर मौजूद जितने भी लोग थे  । सभी अपने अपने काम के लिए चले गए थे उसे लड़के ने लिविंग हॉल को मुड़कर चारों तरफ देखा और जोर-जोर से किसी पागल की तरह हंसने लगी गोल-गोल घूम कर हंसने के बादवह सिंगल सोफे पर किसी रानी की तरह बैठ गई ।।           वो  सोफा किसी और का नहीं बल्कि अदृश्य चौहान का था जहां पर वह हमेशा किसी राजा की तरह बैठता था । वहां पर बैठने की हिम्मत दादा जी भी नहीं करते थे । जहां पर अस्मिता बैठी हुई थी अस्मिता ने उसे कुर्सी को अपने हाथों से छुआ और उसे महसूस करते हुए ।।         अपनी आंखें बंद कर ली  और गहराई में उतरकर उस खुशबू को इनहेल करने लगी जो सिंगल सोफे से आ रहा था वह खुशबू अदृश्य की परफ्यूम की थी जिसे वह महसूस कर रहे थे उसने गहरी सांस ली ।।            और उस खुशबू को अपने अंदर समाते हुए कहा " बस कुछ वक्त और उसके बाद उस लड़की की जगह मैं तुम्हारे बाहों में होंगी और वह लड़की नरक में होगी लेकिन एक बात मुझे समझ नहीं आई आखिर वह लड़की है कौन ? और मेरे अदृश्य की बाहों में क्या कर रहे हैं तुम जो कोई भी हो लड़की तुम्हें इसकी कीमत चुकानी होगी । अगर मैंने तुम्हें नरक के दर्शन ना करवाए तो मेरा नाम भी अस्मिता सिंह बुंदेला नहीं । " अस्मिता ने चालाकी से भर कर कहा ।।        और वह वहां से गेस्ट रूम की तरह बढ़ गई वह जाते-जाते हर एक चीज को बड़े ही गौर से देख रहे थे और वह सारी चीजों को छू छू कर देख रहे थे जैसे उसे कोई खजाना मिल गया है ।। To be continued ✍🏻✍🏻✍🏻 क्या रंग लायेगी अस्मिता के आ जाने से इश्क और अदृश्य की जिंदगी ? क्या जुदा हो जायेंगे इश्क और अदृश्य? क्या छोड़ देगी अदृश्य का साथ इश्क ?

  • 9. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 9

    Words: 3082

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    "Breaking न्यूज breaking न्यूज breaking "        ": मशहूर व्यापारी मिस्टर अदृश्य चौहान रेपिस्ट निकले " न्यूज आज की ताजा खबर आज की ताजा खबर।          "बिलेनियर अदृश्य चौहान के ऊपर लगा बलात्कार का इल्जाम । "        यह खबर पूरे जंगल में आग की तरह फैली हुई थी जगह-जगह पर अदृश्य की थू - थू हो रही थी । ।         इस खबर ने जैसे बिजनेस वर्ल्ड में तहलका मचा दिया था ।  ।  चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ इसी  न्यूज़ की होड़ लगी हुई थी ।       इस न्यूज़ का असर अदृश्य के बिजनेस पर भी बखूबी पड़ रहा था ।। देखते ही देखते यह न्यूज़ इंटरनेट पर वायरल हो चुकी थी ।।।  और जगह-जगह अदृश्य को ट्रोल किया जा रहा था ।।          उसके कैरेक्टर पर सवाल उठाए जा रहे थे ।। उस के सोशल मीडिया अकाउंट पर उसे भला बुरा कहा जा रहा था  ।। लेकिन इन सब के बीच अदृश्य का कोई भी रिटर्न रिप्लाई नहीं आया था ।।।          वही अदृश्य के कंपनी का शेयर जो कभी आसमान छू रहा था ।। अब वह धीरे-धीरे नीचे गिरता जा रहा था ।। जिस पर भी अदृश्य ने अभी तक कोई भी एक्शन नहीं लिया था । ।       दादाजी इस वक्त हम अपने कमरे में मौजूद थे उनके चेहरे पर कोई भी एक्सप्रेशन नहीं आ रहे थे उनके सामने उनके कमरे में लगी हुई बड़ी से एलईडी और थी जिस पर न्यूज़ एंकर न्यूज़ कर कर रहा था । ।       वह न जाने क्या-क्या अदृश्य के कैरेक्टर के बारे में बोल रहा था साथ ही साथ वह न्यूज़ एंकर वह सारे फोटोस भी भी एक-एक करके दिखा रहा था जो बीती रात दादा जी को अस्मिता ने दिखाए थे दादाजी सारी न्यूज़ खामोशी से देख रहे थे ।  ।       दादा जी को सारी बातें अच्छे से समझ आ चुकी थी उन्होंने गहरी नजरों से सारी न्यूज़ को दिखा और कंपनी के शेयर को चेक किया सारी चीज करने के बाद उन्होंने अपने सोफे के हेड आर्म से अपना सिर टीका लिया । ।       और वह  किसी गहरी सोच में खो गए उन्होंने खुद से ही बातें करते हुए कहा " हमें पहले ही समझ जाना चाहिए था वह लड़की जरूर किसी साजिश के तहत यहां पर आई है हमें उस लड़की को हल्के में नहीं लेना चाहिए था अब जब बुन्देलास ने आग लगाई है तो ज्वालामुखी तो फटेगा ही  बस हमें सही वक्त का इंतजार है । । " दादाजी ने खुद से ही बातें करते हुए कहा । ।      उन्होंने खामोशी से जो हो रहा था उन्हें होने दिया ।। उन्होंने कुछ भी करने की जहमत नहीं उठाई ।। उन्हें यकीन था उनका पोता सब कुछ अच्छे से संभाल लेगा ।। और उन्हें यह भी पता था ।। की अदृश्य के खामोशी की पीछे बड़ा और भयानक तूफान छुपा हुआ था। । अगली सुबह ,,, अदृश्य का रूम,,       जहां शहर में तहलका मचा हुआ था ।। उस न्यूज़ को देखकर ,, वही अदृश्य के कमरे में अदृश्य और इश्क दुनिया जहां की परेशानियों से दूर एक दूसरे की बाहों में सुकून से सोए हुए थे।  ।       उन दोनों के चेहरे पर सुकून पसरा हुआ था ।। सुबह के 9:00 बज चुके थे ।। लेकिन  दोनों की नींद पूरी ही नहीं हुई थी।  । इस वक्त दोनों ही गहरी नींद में सो रहे थे ।।  उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था ।।। जैसे उन्हें उठने का बिल्कुल भी मन ना हो । ।      सूरज आसमान छू रहा था और खिड़की के पर्दों से छन कर धूप कमरे में आ रही थी इश्क जो अदृश्य के सीने में अपना मुंह छुपा कर सो रहे थे । अचानक से ही उसके गालों पर धूप पड़ने लगे ।  और उसे धूप एहसास हुआ ।       जिसकी वजह से उसने अपना चेहरा मोड कर अदृश्य की सीने में दबा कर रब करने लगी ।। और इसी के साथ ही अदृश्य की आंखें खुलने लगी ।। उसकी सांसे तेज होने लगी और वह अपनी भरी हुई सांसों के साथ धीरे से अपनी आंखें खोलने लगा ।          इश्क के मासूम अनजाने से टच से ही वो बिल्कुल बेकाबू हो चुका था ।। उसकी पकड़ इश्क के कमर पर कस चुकी थी।।  उसने कसकर उसे अपनी बाहों में जकड़  लिया ।।।         और उसके गले में अपना मुंह छुपा कर गहरी गहरी सांस लेने लगा ।। इश्क जो सुकून से सोई हुई थी ।। जब अपने गले पर गर्म सांसे महसूस हुई ।।।          तो उसकी आंखें झटके से खुल गई और उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया ।। वह कैसे भूल सकती थी कि कल ही तो उसकी शादी हुई थी ।।          और आज वह अपने पति के बाहों में मौजूद थी । ।  उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया ।। उस ने  कस कर अदृश्य को पकड़ लिया और उसकी धड़कने बुलेट ट्रेन की स्पीड से धड़कने लगी ।।।           जो अदृश्य के दिल को सुकून पहुंच रही थी ।।। इस वक्त यह धड़कनों का शोर किसी मधुर संगीत की तरह अदृश्य के कानों में गूंज रहा था ।।।           उसके होठों पर प्यारी सी मुस्कुराहट आ चुकी थी ।। उसकी सांसे ही उसकी मोहब्बत को बेचैन कर रही थी जो उसके लिए सुकून की बात थी ।।।         उसने इश्क का चेहरा अपने गले से निकला और जुनूनियत भरी नजरों से इश्क के चेहरे को देखने लगा ।। जो उसके टच मात्र से कश्मीरी सेब बन चुका था । । ।           उसने इश्क के शर्म से लाल हो चुके चेहरे को देखते हुए अपनी गहरी आवाज में बोला " Can I kiss your red lips?" ( क्या मैं तुम्हारे लाल होठों को चूम सकता हु ? ) अदृश्य ने अपनी आंखों में अनगिनत एहसास लिए इश्क से सवाल किया ।।।            और बस यही इश्क का धड़कता हुआ दिल पल भर में ही रुकने को हो गया ।। उसे ऐसा लगा जैसे यह वक्त यही थम गया हो।  वह शख्स जिसके ऊपर उसने पूरी तरीके से अपना कब्जा जमाया हुआ था ।।।         वह पूरी तरीके से उसे पर लेटी हुई थी ।।। उसने उसके वर्चस्प पर अपना सिक्का जमाया हुआ था  । और वह शख्स उस से  किस ( kiss) के लिए परमिशन मांग रहा था ।।।            कल रात जो हुआ था  ।।। उसके जेहन में अभी तक ताजा थी । और जो इल्जाम उस लड़की ने उसके पति पर लगाए थे अब वह इल्जाम उसे बेबुनियाद लग रहा था ।।।          कहां उसने इतनी  बड़ी बात कह दी थी " कि अदृश्य चौहान ने उसका रेप किया था "  और कहां यह बंदा उसे एक किस (kiss) के लिए परमिशन मांग रहा था ।।।         जबकि अब वह उसकी अमानत बन चुकी थी ।। मर्दों की शब्दों में कहे तो जागीर बन चुकी थी ।।। उसके पैरों की जूती वह उसकी बीवी बन चुकी थी ।।  वो जब चाहे उसे अपने पैरों के नीचे कुचल सकता था । ।।।         उसे रौंद सकता था । अगर वह चाहता तो बिना उसकी मर्जी जाने उसे वह किस तो क्या उसके साथ फिजिकल भी हो सकता था ।।। लेकिन उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया  ।।           बल्कि वन नाइट स्टैंड करने के बाद उसका सौदा नहीं किया उसपे शक नहीं किया कि वो उसके दुश्मन की भेजी लड़की हो सकती थी । जो इसके खिलाफ साजिश करने आई हो । । ।          कुछ भी हो सकता था।  लेकिन उसने उस पर यक़ीन किया उससे शादी की उसके दुष्ट क्रूअल परिवार वालों से बचाया और उसे एक पीसफुल लाइफ देने के बारे में सोच रहा था । तो क्या वो उसके ऊपर ऐतबार भी नहीं रख सकती थी । । ।         नहीं वो उस पर पूरा विश्वाश रखती थी । क्योंकि अगर वो एक बुरा व्यक्ति रहता तो उसे उसी वक्त बेइज्जत करके निकल फेंकता जब वो बेलीबास  उसके सीने से लगी हुई उस सुबह मिले थे । ।।।            और फिर उसने तो कल रात उसके दर्द को ध्यान में रखते हुए ,, उसे छुआ तक नहीं था ।।  क्या यह वही शख्स था जिस पर रेप का इल्जाम लगा हुआ था । उस लड़की ने बेहद ही शर्मनाक हरकत की थी । कहा वो कुछ वक्त पहले  बेहद कंफ्यूज नजर आ रही थी ।।।            लेकिन अदृश्य कि वह बात जो कल रात उसने उससे कही थी ।।।  वह उस बात को वह झुठला नहीं सकती थी ।।  उसने अपनी कंफ्यूजन को दूर किया और अपने अभि नए नए बने एक दिन हुए पति की तरफ देखा और अपनी आंखें छोटी कर ली ।।।।         उसने अपने मुंह को गुब्बारे की तरह बनाया और अपने होठों का पाउट बनाते हुए नाराजगी भरे शब्दों में कहा " हम आपको कोई किस - विश नहीं देंगे । आप देख रहे हैं हमारे होठों की हालत यह सिर्फ आपकी बदौलत है । कितनी बुरी तरह से आपने इनको खाया है और यह कितने ज्यादा मोटे लग रहे हैं हम बिल्कुल भी आपको किश नहीं देंगे । । " इश्क ने मासूमियत से भर कर कहा ।।।             वही उसकी इस अदा पर अदृश्य मुस्कुराए बिना रह नहीं सका । वह मुस्कुरा कर अपनी प्यारी सी मासूमियत से भरी मोहब्बत को देखा ।।।          और उसके नाक पर पिंक करते हुए टीजिंग वॉइस में कहा " माय sweet mistaken मैं देख रहा हूं तुम्हारे अंदर कुछ ज्यादा ही गट्स नहीं आ गए हैं तुम मुझे मना करने की हिम्मत कर रही हो ? " अदृश्य ने अपनी आंखें छोटी करते हुए कहा ।            जैसे वो उसे डराना चाहता हो । अदृश्य की बात सुनकर इश्क ने डरने के बजाय अपनी आंखें छोटी करते हुए अदृश्य की तरफ देखा और उसके सीने पर आलती पलटी मार कर बैठते हुए ,            उसकी तरफ उंगली करते हुएअपनी बुलंद मगर मिश्री सी आवाज में बोली " देखिए हमारे नए-नए बने हुए पति आपको हमारे पति बने हुए सिर्फ एक दिन हुआ है और आप हमारे ऊपर इस तरह से हुकुम नहीं चला सकते हम आपकी पत्नी है इसलिए सिर्फ हम ही आपके ऊपर हुकुम चला सकते हैं समझे आप । । " इश्क ने उस पर हक जताते हुए कहा ।।।            वही अदृश्य के लिए यह सुकून से भरा लम्हा था ।  पिछले जन्म में इस वक्त उसने इश्क को एक थप्पड़ लगाकर जमीन पर धकेल दिया था । क्योंकि इश्क ने उस से सवाल किया था ।          कि वह नाश्ते में क्या खाएगा ।। इस वक्त का माहौल और उस वक्त का माहौल बिल्कुल अलग था  ।।। क्योंकि उस वक्त अदृश्य  ने तुरंत ही अस्मिता को पल भर में ही अपना लिया था।मम            और इश्क को यह कह कर दुत्कार दिया था कि वो एक लालची और अमीरी के पीछे भागने वाली महिला है । और ये सुन कर इश्क टूट चुकी थी लेकिन हिम्मत नहीं हारी थी इस ने  ।           उस एक पल में इश्क टूट चुके थे लेकिन एक आस उसके दिल में थी । की एक न एक दिन तू अदृश्य उसकी झोली में जरूर आएगा  । लेकिन यह पॉसिबल ही नहीं हुआ और इश्क अदृश्य की नजरों में गिरती हूं गिरती चली गई  ।।।        अंत काल में उसकी मौत हो गई । लेकिन वो तरसती हुई मोहब्बत उसके नाम नहीं हुई । वो अदृश्य चौहान उसके करीब कभी नहीं आया । लेकिन इस वक्त का माहौल बिल्कुल अलग था ।।।          वह पहली बार इश्क को इस तरह से खुद पर हुकुम चलाते हुए देख रहा था ।  जो उसके लिए सुकून से भरा था ।।          उसने इश्क को टीज करते हुए कहा " माय स्वीट मिस्टेकन और अगर मैंने तुम्हारी बात नहीं मानी तो ? " अदृश्य को अब उसे  परेशान करने में मजा आ रहा था ।।।           जैसे ही इश्क ने सुना की अदृश्य उस की बात नहीं मान रहा है ।। तो उसने अपनी कमर पर हाथ रख लिया । और दूसरे हाथ से उसके होठों के पास पकड़ कर ,,           उसके होठों का पाउट बनाते हुए कहा " तो हम आपको पनिश करेंगे । " इश्क ने हिम्मत करके कहा  । हालांकि अंदर ही अंदर वह बेहद डर रही थी । । यह सब कहते हुए लेकिन उसने उसे जाहिर नहीं होने दिया ।           इश्क को k ड्रामा इन एवरीथिंग जो भी ड्रामा हो उसे देखना बहुत पसंद था ।  राजपूत मेंशन में उसे कुछ भी देखने को नहीं मिलता था । जिसकी वजह से वह अपने पड़ोसी के घर जाकर कुछ न कुछ देखा ही करते थे । ।।।          उसने उसी  वक्त k ड्रामा  me देखा था जहां पर एक पत्नी अपने पति के ऊपर रौब झड़ रही थी । और उसे ऐसे ही धमका रही थी और अब इसका असर यह हो रहा था कि इश्क भी वही चीज अदृश्य के साथ कर रहे थे ।।।।          जैसे ही अदृश्य ने यह सुना कि इश्क उसे पनिश करने वाली है तो अंदर ही अंदर मुस्कुराया और अपने चेहरे पर सख्त भाव लाकर कहा " क्या तुम्हारी इतनी हिम्मत है कि तुम मुझे पनिशमेंट दे सकती हो । " अदृश्य ने सवाल किया ।।           कहीं ना कहीं उसकी बातों में एक चिढ़ाने वाला भाव था  । जो कुछ वक्त पहले उसके चेहरे पर जो  सख्त भाव थे अब उनकी जगह एक चिढ़ाने वाली मुस्कुराहट आ चुकी थी ।।।।         जिसे देखकर तो इश्क पूरी तरीके से गुस्सा हो गई थी ।  और उसका छोटा सा चेहरा गुस्से से लाल हो गया था । उसकी आंखें छोटी-छोटी हो गई थी । और उसका छोटा सा नाक फूल कर लाल और प्यारा हो गया था ।            इश्क जब भी गुस्सा करती थी । उसकी नाक फूल जाता था और लाल होने के कारण बहुत ही ज्यादा प्यारा लगता था ।  अदृश्य ने जब देखा कि उसकी प्यारी सी बीवी की तीखी नाक  और ज्यादा प्यारी हो गई है ।।।           तो उसका उसे किस करने का मन दोगुना करने लगा ।।। लेकिन इस वक्त उसने अपने इमोशंस को कंट्रोल किया ।।। और शांति से बैठ रहा ।।।  इश्क ने जब अदृश्य की बातें सुनी ।।।           तो उसका चेहरा जो पहले से गुस्से से  लाल हो चुका था । और उसे ऐसा लगा जैसे अदृश्य उसकी हिम्मत को ललकार रहा हो और उसने बिल्कुल वैसा ही किया उसने उसके पाउट बने होठों को घूर कर देखा ।।।          वही अदृश्य की नजरे उसके हर एक बनते बिगड़ते एक्सप्रेशन पर था जब उसने देखा  कि उसकी स्वीट मिस्टेकन की नजरे कहा है तो वो मन ही मन हंसा क्यों वो जो करने की कोशिश कर रहा था। उसमें वो सफल हो हो गया था ।           और एक झटके से ही उसे अपने दांतों के बीच ले लिया । अदृश्य को समझ पाता उससे पहले ही इश्क ने उसके होठों को बुरी तरीके से कुतरना शुरू कर दिया । एक हिसाब से कहे तो अदृश्य  कि यह दूसरी तीसरी या फिर काहे चौथी या पांचवी kiss थी ।।।           लेकिन अदृश्य के हिसाब से यह उसकी पहले किस थी ।  क्योंकि इश्क ने पहली बार उसे खुद से किस किया था ।  यह उसके लिए अनोखा था ।  जिसे वो लफ्जो में बया नहीं कर सकता था ।।।         जिसे वह मुस्कुराते हुए महसूस कर रहा था  ।5 मिनट बीत चुके थे और अभी तक इश्क ने  उसके होठों को आजाद नहीं किया था  । वह लगातार बुरी तरीके से उसके होठों को काटने में लगी हुई थी ।।।           लगभग 10 मिनट बाद जब वह सेटिस्फाई हो गई तो उसने के झटके से उसके होठों से दूर होने के लिए अपने होंठ हटाने की कोशिश की ।। वह हटा पाते उससे पहले ही अदृश्य ने उसके बालों के पीछे से पकड़ लिया । ।         और उसका चेहरा अपने चेहरे के ठीक सामने लाते हुए उसके होठों को अपने होठों से दबा लिया और बड़े प्यार से उसे चूमने लगा ।          जहां एक तरफ अदृश्य और इश्क अपने प्यार की समुद्र में खोने लगे थे  । वहीं अदृश्य के प्राइवेट मेंशन के चारों तरफ रिपोर्टर्स का जमवाड़ा लगा हुआ था ।।।          सभी को पता चल चुका था  । कि इस वक्त अदृश्य यही मौजूद था  । जिसकी वजह से सभी आक्रोश में आकर मेंशन के चारों तरफ फैले हुए थे  ।।       लोगों के बीच अदृश्य की पर्सनालिटी पूरी तरीके से खराब हो चुकी थी । लोग रोड पर उतर आई थी और " जस्टिक ऑफ अस्मिता" का नारा लगाए जा रही थी ।         और न्यूज़ एंकर न्यूज़ कवर करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वहां के सिक्योरिटी इतनी टाइट थी कि एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता था तो यहां पर रिपोर्टर्स कैसे अंदर जा पाते।            वह रिपोर्टर्स बस बाहर से ही न्यूज़ कवर करने की कोशिश कर रहे थे वहीं अब तक अदृश्य के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी निकल चुका था । जिसकी वजह से वह अभी तक पुलिस वाले वहां पर पहुंचने वाले थे लेकिन अभी तक अदृश्य का कुछ भी आता पता नहीं था ।    गेस्ट रूम ,,          अस्मिता गेस्ट रूम के आलीशान बेड पर सोई हुई थी ।।। और उसके हाथ में उसका फोन मौजूद था। ।।           उसने फोन में चल रहे न्यूज़ को देखा पर डेविल स्माइल करते हुए बोली " अब तुम चाह कर भी मुझ से अपना पीछा नहीं छुड़ा सकते माय लव अब तुम्हारी जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ अस्मिता सिंह बुंदेला का राज होगा और तुम्हारा यह पैसा और प्रॉपर्टी सिर्फ और सिर्फ मेरे नाम होगा । । " अस्मिता ने कहा और जोर-जोर से हंसने लगी । ।।       वह अभी  हंस ही  रही थी कि अचानक से ही उसका फोन रिंग करने लगा ।। फोन पर फ्लैश हो रहे नाम को देख कर हंस एक ही रिंग में उसने तुरंत ही फोन उठा लिया और बात करने लगी दूसरी तरफ मौजूद शख्स ने कहा On call " क्या बात है तुमने तो ताश के पत्ते खोले भी नहीं और जीत तुम्हारा नाम हों गई । " कॉल की दूसरी तरफ मौजूद शख्स ने कहा ।     उसकी बात सुनकर अस्मिता मुस्कुरा गई और उसने गहरी आवाज में कहा " अस्मिता सिंह बुंदेला ने हारना कभी सीखा ही नहीं और इस वक्त तो बात मेरी मोहब्बत की उसे कैसे छोड़ सकती हु मैं । "       अस्मिता ने पागलपन से भरी आवाज में कहा । अदृश्य के लिए जुनून पर दीवानगी उसको आवाज में वाकिफ हो रही थी ।   On call - क्या बात है जुनून और दीवानगी की बु आ रही है को बेहद ही बकवास लब रही है । मुझे सिर्फ हवस की बु ही खुशबूदार लगती है छमकछल्लो "        फोन के दूसरी तरफ मौजूद शख्स ने कहा । और उसकी बात सुन कर अस्मिता के होठों के कोने मूड गए । और उसकी आंखों में शैतानी चमक दिखाई देने लगी ।       उसके उस सख्स से बात आगे जारी रखते हुए कहा " तो ठीक है अब हवस का ही गंदा खेल होगा । देखती हु तुम्हारी हवस मुझ पर भारी पड़ती है या मेरी सनक तुम पर "       अस्मिता ने कहा और उसने झटके से कॉल कट कर दिया । और जोर जोर से हंसने लगी  । To be countinue

  • 10. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 10

    Words: 1355

    Estimated Reading Time: 9 min

    राजपूत मेंशन ,,            सभी लोग इस वक्त लिविंग हॉल में बैठे हुए थे । सभी के चेहरे के भाव गंभीर थे।  मिस्टर राजपूत ने टीवी ऑन की हुई थी ।        न्यूज लगा हुआ था । और सभी लोगों की नजरे भी उसमें ही टिकी हुई थी । क्योंकि अदृश्य चौहान हर जगह ट्रेंड कर रहा था ।       न्यूज को देखते मिस्टर राजपूत ने अपने दूसरे सोफे पर बैठी हुई जैस्मिन की तरफ देखा और अपनी कड़क आवाज में बोले " सामान पैक करो ये अच्छा मौका है अदृश्य चौहान की जिंदगी से इश्क को दफा करने का और तुम्हे इंट्री करने का ।।। " मिस्टर राजपूत ने सीरियस हो कर कहा । ।      मिस्टर राजपूत की बात सुन कर जैसमीन के होठों पर ख़तरनाक स्माइल आ गई और उसने अपनी आंखों में अजीब सी चमक भर कर कहा " यस डैड इस बात चिट भी हमारी होगी और पट भी । ।। " उसने कहा । और ऊपर अपने कमरे की तरफ बढ़ गई । । प्राइवेट मेंशन,, लिविंग हॉल,,,       लिविंग हॉल का माहौल बेहद गर्म और गंभीर था । सिंगल सोफे पर दादाजी किसी राजा की तरह बैठे हुए थे उनके चेहरे पर कोई भी इमोशन शो नहीं हो रहे थे वहीं उनके सामने वाले सोफे पर कमिश्नर साहब अपने दोस्त सब इंस्पेक्टर के साथ बैठे हुए थे उनके चेहरे पर गंभीर भाव दिखाई दे रहे थे उन्होंने दादाजी की तरफ देखा और रिस्पेक्टफुली वॉइस में बोले " सर जैसे कि आपको पता है कि उनके ऊपर किस तरह के गंभीर इल्जाम लगे हुए हैं ऐसे में हम उन्हें बिल्कुल भी झूठ नहीं दे सकते हमें ऊपर से आर्डर आया है कि हम अभी इसी वक्त उन्हें ,, । " कमिश्नर साहब ने दादाजी को बताते हुए कहा दादा जी की आंखें उनकी बात सुनकर छोटी हो गई और उन्होंने गहरी आवाज में कहा " क्या किसी की इतनी औकात है कि वह अदृश्य चौहान को छू भी सके ? " आज दादा जी के चेहरे पर गुस्सा नजर आ रहा था उनकी बातें एरोगेंट से भरी हुई लग रही थी उनके चेहरे पर घमंड साफ देखा जा सकता था कमिश्नर साहब ने जैसी उनकी इस तरह की बातें सुनी उनका चेहरा फैक्स से सफेद पड़ गया और उन्होंने अपनी नज़रें शर्मिंदगी से झुका ली क्योंकि एक वक्त था जब मिस्टर दिग्विजय चौहान ने उनकी एक केस से निकलने में हेल्प की थी और उन्हें कितना सहारा दिया था और आज ऐसे में उनके ही पोते को अरेस्ट करने की बातें हो रही थी यह उनके लिए शर्म की बात थी लेकिन इस वक्त शर्म और लिहाज को पूरी तरीके से दरकिनार कर चुके थे क्योंकि यहां पर विक्टिम को इंसाफ देनाला दिलाना ज्यादा इंपॉर्टेंट था उन्होंने गहरी सांस लेते हुए मिस्टर चौहान की तरफ देखा और गहरी आवाज में बोला" यहां पर औकात और हिम्मत की बात नहीं हो रही है सर यहां पर बात उसे लड़की की हो रही है जिसे वह जिला सही है जिसे नचा गया है उसे इंसाफ चाहिए और हम उसे इंसाफ जरुर दिलाएंगे और की गुनाहगार को सजा । " कमिश्नर साहब ने शांत होकर कहा कमिश्नर साहब की बात सुनकर दादाजी के चेहरे पर उन्होंने गंभीर चेहरे पर मुस्कराहट भरा कार रखते हुए कहा " क्या आप हमें यह बता सकते हैं कि विक्टिम इस वक्त कहां है ? " दादाजी ने सवाल किया उनकी बातों में एक अजीब गहरा भाव था जो वहां पर मौजूद किसी को कुछ समझ नहीं आया और कमिश्नर साहब ने अपने माथे पर आए हुए पसीने की बूंद को पोछते हुए कहा " वह तो अपने घर में है उसे मेंटल हालत बिल्कुल भी ठीक नहीं है और वह इस सदमे से उन्हें भी नहीं है साथ ही साथ वह लड़की प्रेग्नेंट हुई है और आप तो जानते हैं कि वह बुंदेला खानदान की सबसे बड़ी बेटी है जिसकी वजह से बुंदेला खानदान में मिस्टर चौहान के ऊपर फिर किया है और उन्होंने ही सारे सबूत हमारे हवाले के हैं जिनमें डीएनए टेस्ट के रिपोर्ट भी पॉजिटिव आए हैं जिसे सब मतलब है कि उसके पेट में पल रहा बच्चा मिस्टर ,,, "  कमिश्नर साहब अपनी बात कह रहे थे लेकिन अचानक से ही वह चुप हो गए क्योंकि उनके बातों को बीच में काटते हुए एक लड़की की कट मिश्री से भारी मगर बुलंद आवाज सभी के कानों में गूंज उठी " क्या आपके पास सबूत है कि उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब है और वह मेंटल ट्रॉमा से गुजर रही है उसे तो यह भी नहीं पता होगा कि आखिर उसका रेप किसने किया है और रही बार डीएनए टेस्ट की पॉजिटिव रिपोर्ट की तो हम अभी कर सकते हैं लेकिन उससे पहले आप कुछ देखना चाहेंगे कमिश्नर साहब । " एक बेहद ही आकर्षक आवाज उसे पूरे लिविंग हॉल में गूंज उठी और सभी नई समाज की दिशा में देखा जहां पर लाल रंग की बनारसी साड़ी पहने गले में अदृश्य के नाम का मंगलसूत्र माथे में लाल रंग की लंबी सिंदूर होठों पर हल्की न्यूड लिपस्टिक माथे में लाल रंग की बिंदी हाथों में भरी हुई चूड़ियां इश्क बेहद ही खूबसूरत दिखाई दे रही थी उसके चेहरे पर एक तेज नजर आ रहा था उसका एटीट्यूड नेक्स्ट लेवल था जैसे ही सभी न्यूज़ की आवाज सुनी उसकी तरफ देखने लगे दादाजी के होठों पर मुस्कुराहट आगे उन्होंने एक्सेप्ट नहीं किया था कि इस तरह से इश्क कमिश्नर साहब को कोई जवाब देगी वही कमिश्नर साहब से कंफ्यूजन भरी नजरों से देख रहे थे उनके चेहरे के भावों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह बिल्कुल भी इश्क को पहचान नहीं पा रहे हो और यह बिल्कुल सच भी था उन्होंने इश्क को अनजान भरी नजरों से देखा और कहा " क्या आपको मालूम नहीं इस तरह से बात बीच में कटी नहीं जाती और रही बात कुछ दिखाने की तो आप है कौन और,,," एक बार फिर से कमिश्नर साहब की बात बीच में ही कर चुकी थी पर उनके साथ बैठे सब इंस्पेक्टर तो अपनी जगह से खड़े हो चुके थे और अब तक कमिश्नर साहब भी खड़े हो चुके थे इस बार उनकी बातों को बीच में किसी और ने नहीं बल्कि अदृश्य चौहान ने काटा था उन्होंने कमिश्नर साहब की तरफ देखा और अपने एक शब्दों पर जोर देते हुए बोला " इश्क अदृश्य चौहान नाम है उसकी बीवी है मेरी अर्धांगिनी है मेरी । " अदृश्य ने बिना कोई शिक्षक के झिझक के सभी के सामने इश्क को अपनी बीवी का दर्जा दिया वहीं इसके की नजरे उसके चेहरे के ऊपर ठहर गई उसे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं था इन लोगों के सामने वह इस तरह से उसका साथ देगा उसने अपनी प्यार भरी नजरों से अदृश्य की तरफ देखा और उसका हाथ कसकर पढ़ते हुए सीडीओ से नीचे आकर कमिश्नर साहब के सामने खड़ी हो गए उसने गहरी आवाज में कहा " क्या आप बता सकते हैं आपके विक्टिम इस वक्त कौन से मेंटल असाइनमेंट में एडमिट है ? " इश्क में सवाल किया उसकी बातों में एक उपहार वहां पर मौजूद दादाजी और अदृश्य समझ सकते थे वही कमिश्नर साहब अपनी कन्फ्यूजन भरी नजरों से इश्क की तरफ देखते हुए अपने रिस्पेक्टफुली वॉइस में कहा " जी नहीं वह किसी मेंटल एसाइलम में एडमिट नहीं है बल्कि इसका ट्रीटमेंट उनके घर में ही हो रहा है । " कमिश्नर साहब ने भी रिस्पेक्टफुली इश्क के सवालों का जवाब देते हुए कहा इश्क ने जैसे ही सुना उसने अपनी गहरी आवाज में एक बार फिर से सवाल किया " क्या आप शोर है इस बात के लिए कमिश्नर साहब । " इश्क क्या बार-बार एक ही सवाल करना कमिश्नर साहब को उलझन में डाल रहा था उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे उनसे बहुत बड़ी गलती हो चुकी है कमिश्नर साहब ने ज्यादा ना सोते हुए बुंदेलस फैमिली की तरफ से जो भी इनफार्मेशन मिली थी अपना सिर हिला दिया और आगे अपने पास जारी रखते हुए कहा " जी मैडम हमें आज सुबह यह न्यूज़ मिली और ऊपर से हमारे ऊपर बहुत ज्यादा परेशान होने लगा जिसकी वजह से हम तुरंत यहां के लिए निकल गए लेकिन हमारी फीमेल टीम इस वक्त बुंदेला हाउस गई हुई है ताकि वह विक्टिम का बयान ले सके । " To be countinue

  • 11. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 11

    Words: 3881

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    एक बहुत बड़ी इमारत के टॉप फ्लोर पर एक आदमी खड़ा हुआ था उसने बिजनेस सूट पहना हुआ था और उसका चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था उसकी पेट पीछे की तरफ से और उसके कान के पास उसका फोन लगा हुआ था देखते से लग रहा था वह किस चीज से बात नहीं बल्कि किसी को डांट रहा था उसने अपनी गहरी मगर शातिराना अंदाज में कहा " इतनी आसानी से उसे पर किसी का भरोसा नहीं होगा इसलिए सारे सबूत मिटा दो ऐसे सबूत उनके सामने लाओ जो यह साबित कर सके कि वह गुनहगार है उसने उसका रेप किया है अगर थोड़ी सी भी चुप हुई तो जंगली मछलियों को खिलाने में जरा भी वक्त नहीं लगाऊंगा । " उसे आदमी ने नफरत से भर कर कहा उसे आदमी की बात सुनकर फोन की दूसरी तरफ सुन रहे आदमी हल्का सा कांप उठा और उसने अपनि डरी सहमी आवाज में कहा " जीजी बस हमने सारे सबूत पहले से ही इकट्ठा कर लिए हैं साथ ही साथ हमारे आदमी उसे लड़की पर नजर भी रख रहे हैं इस वक्त वह अपने मेंशन में ही मौजूद है हमने बुंदेला परिवार पर भी नजर रखा हुआ है उन्होंने भी अभी तक कोई भी मूवमेंट नहीं की है बस जैसा आपने कहा था उन्होंने सिर्फ वैसे ही किया । "दूसरी तरफ मौजूद आदमी ने कहा उसकी तरह बातों को सुनकर वह आदमी अजीब तरह से मुस्कुराया और फिर बोला " एक बार फिर से सारी छानबीन करो और सारे सपोर्ट अच्छे से चेक करके मिटा दो कोई उसे तक पहुंच नहीं पाए अगर यह प्लांट फ्लॉप हुआ तो आगे क्या होगा ,, " उसे आदमी ने अपनी बातें अधूरी छोड़ दी और चुपचाप कॉल कट कर दिया था वह बहुत अच्छे से जानता था कि यह आदमी कितना खतरनाक है और उसे जान से करने में बिल्कुल भी वक्त नहीं लगाएगा उसने अपने माथे में बह रहे पसीने को पूछा और अपने आदमियों की तरफ देखकर मुझे इंस्ट्रक्शन देने लगा ।     जहां एक तरफ एक बार फिर से साजिशों का जाल बुना जा रहा था तो वहीं दूसरी तरफ अदृश्य के प्राइवेट मिशन इश्क के सवाल ने सभी के दिल की धड़कन बढ़ा दी थी कमिश्नर साहब के चेहरे पर दुगुना पसीना बह रहा था उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह बोल तो क्या बोले उन्होंने इश्क की तरफ देखा और बस हल्के से सिर हिला दिया कमिश्नर साहब का जवाब सुनकर इश्क के होठों पर अजीब सी मुस्कुराहट आगे उसने अदृश्य की तरफ देखा और उसे आंखों से ही उसे कुछ इशारा किया अदृश्य उसका इशारा जैसे समझ चुका था उसने अपने मेंशन के बटर को देखा और अपने गहरी आवाज में कहा " गैस्ट्रो में जब बिन बुलाए मेहमान है उसे यहां आने को बोलो " adrishya मैं अपनी डोमिनेटिंग वॉइस में कहा उसका डोमिनेटिंग और चारों तरफ फैला हुआ था जिसकी वजह से सभी लोग खामोशी से खड़े हुए थे किसी में भी हिम्मत नहीं थी कि वह उनके अगेंस्ट जा सके हालांकि इस वक्त वह यहां उसे अरेस्ट करने आए थे उनके हाथों में अरेस्ट वारंट मौजूद थी लेकिन जाकर भी वह अदृश्य के करीब नहीं बढ़ पा रहे थे सभी लोग अदृश्य से 10 कम की दूरी पर खड़े हुए थे अदृश्य की बात सुनकर वह बटलर गेस्ट रूम की तरफ बढ़ गया और उसने जाकर दरवाजा खटकाया जैसे ही उसने दरवाजा खटखटाया दूसरी तरफ से फौरन ही दरवाजा खुल गया दरवाजा खुला और सामनेकल रात वाली लड़की को देखकर बटलर के चेहरे पर कोई भी एक्सप्रेशन नहीं है और उसने रिस्पेक्टफुली वॉइस में उससे कहा " मैडम आपको लिविंग रूम में अदृश्य बाबा बुला रहे हैं । " बटर की बात सुनकर उसके सामने खड़ी अस्मिता के चेहरे पर 440 वोल्ट की चमक आ गई उसकी आंखों में लालच आकर गुजर गया जो वहां पर खड़ा बतला वक्त होगी देख चुका था उसने अब वहां पर रखने की खड़े रहने की तकल्लुफ नहीं उठाई और बिना उसकी तरफ देखे हो वहां से चला गया वहीं अस्मिता अभी भी वहीं पर खड़ी हुई थी उसके फोटो की मुस्कुराहट जा ही नहीं रही थी उसका चेहरा ब्रश कर रहा था जिसका साफ मतलब था कि इस वक्त को कितना खुश थी वह जंगली से अंदर गए और अपने चेहरे पर गोल्ड मेकअप गोल्ड मेकअप जो उसमें पहले से ही किया हुआ था उसे पर और ज्यादा मेकअप ठोकने लगी उसने अपने होठों पर रेड वाइन लिपस्टिक को और डालकर करते हुए खुद से ही कहा " बस कुछ वक्त और अदृश्य तुम मेरा इतना खूबसूरत और चमक पता चमकता हुआ चेहरा देखकर खुद ही बेकाबू हो जाओगे और तुम्हें और मुझे एक होने से कोई नहीं रोक पायेगा आखिर मेरे मेरे बदन की खुशबू की ऐसी है कि कोई चाह कर भी मुझे आज दूर नहीं जा पाए गा ।। " अस्मिता सिंह बुंदेला ने कहा और अपने हाथों की मुट्ठी को खेल खोलकर एक पुड़िया निकले उसे पुड़िया में कुछ सफेद पाउडर जैसा था उसने उसे अपने पूरे कपड़े क्या कहे की पूरी बॉडी में ही छिड़क लिया । वह मुस्कुराते हुए बाहर गई और जैसे ही लिविंग हॉल पर पहुंची उसके चेहरे का रंग उड़ गया उसे देखा कमिश्नर साहब अभी भी ना समझी से अदृश्य और इश्क को देख रहे थे अदृश्य के बगल में इश्क बैठी हुई थी और अतीत दृश्य ने उसे साइड हग किया हुआ था । हाई हील्स की तब तक की आवाज सुनकर सभी की नजरें आवाज की दिशा में चली गई तो उन्हें नजर आया रेड कलर की शॉर्ट ड्रेस प्लस 5 इंच का हाई है चेहरे पर धोखा हुआ प्लास्टिक का मेकअप और भर भर कर लगाया हुआ फाउंडेशन पाउडर और लिपस्टिक बेहद ही वल्गर साउंड कर रहा था अदृश्य ने अभी तक उसकी तरफ अपनी नजर उठा कर देखा ही नहीं था वह अभी इश्क के हाथों को अपने हाथों में लेकर उसके हाथों से खेल रहा था वही अदृश्य की नजरे अस्मिता से बुंदेला पर ठहर चुकी थी । वही कमिश्नर साहब और उसके दोस्त सब इंस्पेक्टर भी हैरानी से अस्मिता सिंह बुंदेला को देख रहे थे जहां तक उन्हें इनफार्मेशन मिली थी कि वक्त को अपने घर में है और अपना मेंटल कॉमर्स से निकलने के लिए सेशन ले रहे थे ऐसे में वह लड़की इस वक्त यहां मौजूद थे उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था उनकी नजरे शर्म से झुक चुकी थी कुछ वक्त हो कितने कॉन्फिडेंट के साथ कह रहे थे कि इस वक्त वह अपने बुंदेला हाउस में मौजूद है लेकिन कहां यह लड़की इस वक्त उनके सामने इस कंडीशन में खड़ी हुई थी ऐसा लग रहा था जैसे को किसी क्लब की बार डांसर हो कमिश्नर साहब ने उसे दिखा और उनसे कुछ बोला नहीं गया तभी इश्क ने अपनी बुलंद आवाज में कहा " तो कमिश्नर साहब क्या बता सकते हैं कि जब यह लड़की अपने हाउस में आफ्टर मेंटल ट्रॉमा से निकलने के लिए ट्रीटमेंट ले रही थी और उसकी कंडीशन एसी है कि वह लोगों तक को पहचान नहीं पा रही है यह लड़की यहां क्या कर रही है ? " जिस सवाल का डर कमिश्नर साहब के चेहरे पर दिखाई दे रहा था वह सवाल इश्क ने पूछा दिए थे और अब सवाल का जवाब कमिश्नर साहब के पास बिल्कुल भी नहीं था उन्होंने शर्मिंदगी से अपना सर झुका लिया उनका करियर के 15 साल में आज पहली बार ऐसा हो रहा था जब उन्हें सर झुकाने की नौबत आए थे वह गुस्से और खुलने भारी तिरछी नजरों के साथ अस्मिता सिंह बुंदेला को देख रहे थे उन्होंने अपने फोन में कुछ टाइप किया और सब इंस्पेक्टर की तरफ देखा लगभग 5 मिनट के अंदर  ही वहां पर एक फीमेल सब इंस्पेक्टर आगे उन्होंने कमिश्नर साहब को ग्रेट किया और सब कमिश्नर साहब ने उन्हें आंखों के इशारों से ही अस्मिता बुंदेला की तरफ कुछ इशारा किया उसका इशारा समझकर वह फीमेल सब इंस्पेक्टर के चेहरे पर गहरी भाव आ गए और वह चलते हुए अस्मिता सिंह बुंदेला के बिल्कुल सामने जाकर खड़ी हो गई वह अभी तक लिविंग हॉल के डोर के पास खड़ी हुई थी उसके आगे जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी सब इंस्पेक्टर मालती ने अस्मिता से सवाल किया " मिस बुंदेला जहां तक आपकी फैमिली वालों ने हमें इनफॉरमेशन दी थी इस वक्त आप मेंटल ट्रॉमा से गुजर रही थी और अपना ट्रीटमेंट अपने घर पर ही ले रही थी तो क्या बता सकती हैं कि इस वक्त आप यहां इतने गुड लुकिंग अंदाज में यहां क्या कर रही है ? " सब इंस्पेक्टर मालती ने सवाल किया उनकी बातों में सवाल के साथ-साथ तन भी अस्मिता बखूबी समझ पा रही थी लेकिन जैसे उसने मेंटल ट्रॉमा और ट्रीटमेंट की बात सुनी उसके चेहरे के भाव बिल्कुल भी ऐसे हो गए जैसे वह किसी दैनिक स्थिति से गुजर रही थी और उसने अपने आप को उनके सामने कमजोर दिखाते हुए अपनी मरी हुई सी आवाज में कहा " inspector प्लीज मुझे बचा लीजिए यह दृश्य सुहानी मुझे किडनैप किया हैऔर इसी ने मुझे यहां पर कैद करके रखा है वह तो भगवान का शुक्र है कि मैं कैसे भी करके उसकी कैद से छूट गई और यहां से भागने की कोशिश कर रही थी कि अचानक से ही मेरी नज़रें कमिश्नर साहब की तरह पड़े और मैं बाहर न भाग कर उनसे मदद की उम्मीद लगाए इधर को आ गई लेकिन यहां तो कमिश्नर साहब है गुनहगार को अरेस्ट करने की जगह उनके दौलत के तले दब चुके हैं पढ़ना ही वह मेरी बात सुन रहे हैं और नहीं मेरी मदद कर रहे हैं । " अस्मिता ने इतनी शानदार एक्टिंग के साथ कही थी कि वहां पर खड़े हुए कमिश्नर साहब और दोष में इंस्पेक्टर का चेहरा हैरानी से खुला का खुला रह गया उनकी आंखें बड़ी-बड़ी हो गई और वह विश्वास नजरों के साथ अस्मिता को देखने लगे उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था की लड़की गिरगिट से भी ज्यादा जल्दी अपना रंग बदलती है वही उसकी बात सुनकर इश्क के होठों पर अजीब से मुस्कुराहट आ चुकी थी उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कोई लड़की इतना ज्यादा गिर भी सकती है जैसे ही उसे सब इंस्पेक्टर मालती ने अस्मिता से बुंदेला की बातें सुनिए उसके होठों पर भी मुस्कुराहट आ गई और उसने अजीब से मुस्कुराहट लिए कहा " मिस बुंदेला जहां तक मुझे पता है अदृश्य चौहान का यह प्राइवेट एरिया है ना की कोई कोठा जो वह यहां पर आपकी जैसी दो कौड़ी की लड़की को  लाकर रखेंगे ? " एक बार फिर से उसे सब इंस्पेक्टर मालती ने पीछे लफ्जों में साफ-साफ उसे वेश्या करार दे दिया था जिस तरह से इस वक्त उसने खुद को सजाया हुआ था चमकता हुआ था और उसके बदन से आ रहे हो अजीब सी मनमोहन खुशबू जो सब इंस्पेक्टर मालती के नाक में भी जा रही थी और वह खुद भी अजीब सब महसूस हो रहा था उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे वह इस लड़की की तरफ अट्रेक्ट हो रहे थे उसने तुरंत ही दो कदम की दूरी उससे बना लिए और अपनी गहरी नजरों से उसे देखते हुए शांत खड़े रहे वही जैसे ही अस्मिता ने सुना क्या इंस्पेक्टर उसे क्या कह रही है तू उसकी आंखें ज्वालामुखी की तरह धड़कने लगे और उसका गुस्सा जैसे फूट पड़ा वह जो दानी है दिखने की एक्टिंग कर रही थी अब सारा का सारा दर्द किनार कर दिया और गुस्से से चिल्ला कर बोली "to the you bloody beach तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरे कैरेक्टर पर सवाल उठाने की तुम्हारी औकात ही क्या है जो तुम मुझसे सवाल कर सको अरे तुम्हारी तू इतनी भी औकात नहीं है कि तुम मेरे सामने भी खड़ी हो सकती है जानती नहीं हो तुम बुंदेला खानदान की सबसे बड़ी बेटी हूं मैं और अब तो चौहान खानदान का वा ,,, " अस्मिता अपनी बात बेधड़क बोले जा रही थी उसकी बातों में बेइंतहा गुस्सा झलक रहा था इस वक्त उसने अपनी सारी लिमिट क्रॉस कर दी थी वह क्या बोल रही है किस बोल रही है उसे यह तक अंदाजा नहीं था वही जैसे ही उसने चौहान खानदान के बारिश का उसे करने के लिए अपना मुंह खोला उसके बातों को बीच में काटते हुए इश्क ने तुरंत ही उसका जवाब दिया " don't you dear miss अस्मिता सिंह बुंदेला तुम कितनी पानी में हो यह मुझे अच्छे से पता है तो आप अपनी ज्यादा बेज्जती ना करो और रहीम चौहान खानदान की बारिश की तो पता नहीं तुम किसका गन्दे खून को मेरे पति के मत्थे मढ़ रही हो । " इश्क ने कहा और इश्क की यह बातें सुनकर अस्मिता सिंह बुंदेला और भी ज्यादा एग्रेसिव हो गई वह पूरी तरीके से गुस्से में तिलमिला उठे और किसकी खुला सांड की तरह वह इश्क की तरफ दौडी उसने 5 इंच की हाई हील्स पहनी हुई थी और उसमें भी वह भी दौड़ रही थी इसका साफ मतलब था कि वह ऐसे हिल्स की आती थी जब सब इंस्पेक्टर मालती ने देखा कि वह किस तरह से बल बुद्धि की तरह सिंह करने के लिए इश्क की तरफ बढ़ रही है तो उसने झटके से उसे लड़की की बाजू को पकड़ा और अपनी तरफ मोड़कर एक करारा थप्पड़ उसके गालों पर रसीद दिया और अपनी कड़क आवाज में बोली " on duty सब इंस्पेक्टर और कमिश्नर साहब पर बुनियाद इल्जाम लगाने किस जुर्म में हम तुम्हें अरेस्ट करते हैं साथ ही साथ मेंटल ट्रॉमा और ट्रीटमेंट का बहाना करने किस जुर्म में हम तुम पर कार्यवाही करेंगे और रही बात तुम्हारे बच्चे का बाप कौन है तो जल्दी डीएनए टेस्ट में पता चल ही जाएगा लेकिन सबसे पहले मीडिया वालों को पता तो चले इसके लिए वह जस्टिस का नारा लगा रहे हैं वह सच में जस्टिस के काबिल है या फिर उसने जिस पर इल्जाम लगाया है वह असली विक्टिम है । " सब इंस्पेक्टर मालती ने उसकी तरफ देखते हुए कहा उसे लेकर पीछे के रास्ते से निकलने ही लगी थी कि एक बार उनके कानों में एक बार फिर से कड़क आवाज सुनाई दी " इंस्पेक्टर आप इस तरह से मेरी बेटी को यहां से लेकर नहीं जा सकते मेरी बेटी विक्टिम है इस आदमी ने उसका रेप किया है उसके पेट में इसका बच्चा पड़ रहा है और मैं अपनी बेटी को इंसाफ दिलाए बगैर जहां से नहीं जाऊंगा मुझे अभी इसी वक्त इंसाफ चाहिए या तो अभी इसी वक्त यह मेरी बेटी को अपना आएगा या फिर मैं डीएनए टेस्ट के रिपोर्ट मीडिया को दे  दूंगा । " एक गहरी गुस्से से भरी आवाज उसे शांत माहौल में उभरी उन्होंने देखा की दरवाजे की तरफ से मिस्टर बुंदेला बिजनेस सूट पहने हुए चलते हुए आ रहे थे उनके चेहरे पर गुस्सा तो और नफरत के भाव भरे हुए थे वही उनके पीछे सफेद सूट और कल कोर्ट में उनके वकील फाइलों का ढेर लिए आ रहा था कमिश्नर साहब ने उन्हें देखा और अपने गुस्से को दबाते हुए अपने दांत पीसकर बोले " Mr bundela झूठी इनफॉरमेशन और पुलिस वालों को घूमने गुमराह करने की जुर्म में आपके ऊपर हम कार्रवाई जरूर करेंगे आखिर आपकी हिम्मत भी कैसे हुई हमको अंधेरे में रखने की आपने यह तक ड्रामा किया कि आपकी बेटी मेंटल ड्रामा से गुजर रही है और उनका ट्रीटमेंट घर पर चल रहा है लेकिन यहां तो आपकी बेटी एक बिकाऊ औरत की तरह मिस्टर चौहान को रिछाने के लिए यह मौजूद है और वह भी अभी से नहीं बल्कि कल रात से ? " कमिश्नर साहब अपने ऊपर संयम नहीं रख पाए और उन्होंने गुस्से से कहा हालांकि इस वक्त वह मर्यादित थे लेकिन उनका गुस्सा इस वक्त उसे मर्यादा के बंधन को भी तोड़ चुका था और उन्होंने वह कह डाला जो उन्होंने अपनी आंखों से देखा था उन्हें हद से ज्यादा गुस्सा आ रहा था एक तो उन्होंने इसे गुमराह करने की कोशिश कीउसे पर से उनकी बेटी उनके ऊपर ही इल्जाम लगा रही थी कि वह उसे हिसाब दिलाने के पास आए पैसों में बिक चुके हैं और अब तो हद ही हो गई उसके बाप ने भी और कोई कसर छोड़ी रहे और वह भी आ गए यहां पर इल्जाम लगाने अब सारा माजरा धीरे-धीरे ही सही लेकिन समझ आ रहा था और उन्हें यह भी अच्छे से समझ आ चुका था कि इसमें इन दोनों बाप बेटी की मिली भगत शामिल थी जिससे यह पैसे और प्रॉपर्टी के लालच में मिस्टर चौहान को फसाने की कोशिश कर रहे थे और अभी तक उन्हें यह भी समझ आ चुका था कि वक्त का दृश्य चौहान खामोश था जिसके पीछे आने वाले तूफान का अगस्त था मिस्टर बुंदेला ने जैसे ही कमिश्नर साहब की बातें सुनी उनकी आंखें छोटी हो गई और उन्होंने अपने बातों को संभालते हुए कमिश्नर साहब को मैन्युप्लेट करते थे कहा " कमिश्नर साहब हम ने जो आपको इनफॉरमेशन दी है वह बिल्कुल सही है मेरी बेटी सच में मेंटल ट्रॉमा से गुजर रही है साथ ही साथ मैं कल रात से अपनी बेटी को ढूंढ रहा हूं उसके सच सोने और समझने की क्षमता पूरी तरीके से हो चुकी है जिसकी वजह से वह कहीं भी चली जाती है और कल ही हमने यह सारा इनफॉरमेशन आप तक पहुंचा है जिसकी हर वजह से हम इतने बिजी हो गए कि उसे पर ध्यान नहीं दे पाए जिसकी वजह से वह बाहर निकल गई और इसका नतीजा यह हुआ कि मिस्टर चौहान के आदमियों ने उन्हें पकड़ लिया और पकड़ने की साथ ही उन्होंने उसकी हालत इतनी गंभीर कर दी कि मेरी बेटी मरते मरते तक बच्ची और इस वक्त हो उसकी केयर में मौजूद है जो कि आप साफ देख सकते हैं।  " श्री बुंदेला कमिश्नर साहब को समझाते हुए कहा कमिश्नर साहब ने उनकी बात सुनकर अस्मिता की तरफ देखा जो अभी भी इंस्पेक्टर मालती के कैद में मौजूद और झटपट आ रही थी क्योंकि इंस्पेक्टर मालती ने उसके दोनों हाथों को पीछे की तरफ मोड़ दिया था पर कसकर उसे पकड़ा हुआ था जिसकी वजह से वह छह करके उसे अपने आप को छुड़ा नहीं पा रही थी । अभी तक खामोश और चांद खड़ा अपनी बीवी में मशरूम अदृश्य चौहान ने पहली बार ही सही लेकिन अपनी दूसरे उठाकर मिस्टर बुंदेला की तरफ देखा और उसकी आंखें चमकने लगी वह बहुत अच्छे से वाकिफ था कि इस वक्त यहां क्या हो रहा था और कैसे हो रहा था उन्होंने गहरी सांस ली और दरवाजे की तरफ देखा तभी वहां से भागते हुए रजत आया उसके हाथों में एनवेलप और कुछ फायदे मौजूद थे मिस्टर बुंदेला के चेहरे पर रजत को देखकर अजीब से एक्सप्रेशन आकर गुजर गए रजत की हालत कुछ ठीक नहीं लग रही थी उसके बाल बिखरे हुए थे धूल मिट्टी और खरोच के निशान उसके चेहरे पर दिखाई दे रहे थे कपड़े की हालत भी ठीक नहीं लगती थी ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी से कुश्ती लड़ कर आया था उसने सीधे जाकर अदृश्य के सामने अपना सर झुका लिया और उसे रिस्पेक्ट देते हुए अपना सिर झुका कर बोला " जैसा आपने कहा था हमने बिल्कुल वैसा ही किया है यह लीजिए सारे सबूत प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ 5 मिनट से स्टार्ट होने वाली है । " रजत ने अपने हालात की चिंता ना करते हुए भी अदृश्य को सारे इनफॉरमेशन लाकर दे और वही इश्क के हाथों को पकड़ कर अदृश्य बाहर की तरफ चलने लगा उसने दादाजी की तरफ देखा और अपनी गहरी आवाज में कहा " चलिए लिए विक्टिम को इंसाफ दिलाते हैं । " अदृश्य ने कहा और बाहर चला गया इश्क भी उसके साथ-साथ ही कम से कदम मिलाकर चल रही थी वही दूसरी तरफ दादाजी भी उसके पीछे-पीछे चल चुके थे इस तरह से अदृश्य की बातों में गंभीरता को महसूस करके पता नहीं क्यों अब अस्मिता और मिस्टर बुंदेला को अपना प्लान फ्लॉप होता हुआ नजर आ रहा था उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह इस वक्त करें तो क्या करें लेकिन उन्होंने गहरी सांस ली और उसके पीछे-पीछे चले गए वही सब इंस्पेक्टर मालती जिसने अभी भी अस्मिता को पकड़ रखा था उन्हें अपना शहर घूमता हुआ सा लग रहा था उन्हें अपने बदन में हद से ज्यादा गर्मी महसूस हो रही थी उन्हें यह सब क्यों हो रहा था समझ नहीं आ रहा था लेकिन वह इतना समझ चुकी थी कि इसके पीछे जरूर इस पागल लड़की का किया धरा था उन्होंने गहरी सांस ली और उसे लेकर बाहर की तरफ बढ़ने लगी । अब तक मीडिया वाले को अंदर आने दे दिया था सभी इस वक्त गार्डन एरिया में मौजूद थे वह गार्डन इतना ज्यादा खूबसूरत है कि मीडिया वालों की नजरें न्यूज़ कवर करने को छोड़ उसकी खूबसूरती में खो जाने का दिल कर रहा था सभी बस फूलों के मनमोहक खुशबू को अंदर अपने अंदर सामने की कोशिश कर रहे थे अदृश्य के बॉडीगार्ड चारों तरफ से तैनात थे वही अदृश्य और दादाजी इश्क के साथ फुल बॉडीगार्ड के प्रोटेक्शन में बाहर आए और जाकर वह वहां से स्टेज जहां पर 5 सीट्स लगी हुई थी वहां पर बैठ गए अदृश्य को देखकर सभी की नजरे एक बार फिर से उसके ऊपर ठहर चुकी थी और सभी मीडिया वालों ने उसे कर कर लिया था सभी की नजरे उसके ऊपर टैक्सी हुई थी और लगातार उस सवाल जवाब कर रहे थे जिसके मुंह में जो आ रहा था वह पूछे ही जा रहा था किसी को इस बात का नजारा अंदाजा नहीं था कि अब इस वक्त उनके ऊपर बम फटने वाला था वही मिस्टर बुंदेला के साथ अस्मिता भी डरते हुए आ रही थी उसके चेहरे पर घबराहट थे और उसके पिता ने उसके हाथों को कसकर पकड़ हुआ था उन्होंने नेता पीसते हुए अस्मिता की तरफ देखा और अपनी धीमी मगर गुस्से भरी आवाज में बोले " मैं तुमसे कहा था ना अपनी यह बेवकूफ कॉफी बिल्कुल भी नहीं करना लेकिन तुमने मेरी बात नहीं मानी क्या तुम हमारी कंपनी दोबारा चाहती हो मैं पहले भी कितने प्रॉब्लम में फंसा हुआ हूं तुम क्यों मेरी प्रॉब्लम और बढ़ा रही हो ? " मिस्टर बुंदेला नेता पीसकर सवाल करते थे अस्मिता की तरफ देखा यह उनकी पहली संतान थी लेकिन यह संतान उनका नाम रोशन करने की जगह डूबने पर तुली हुई थी उन्हें हद से ज्यादा इस पर गुस्सा आ रहा था लेकिन वह कुछ कह नहीं सकते थे उन्होंने शांत किया खुद को और जाकर नीचे लगी शीश पर बैठ गए उनके चेहरे पर कोई भी भाव नहीं थे वह एकता का दृश्य की तरफ देख रहे थे उन्हें देखकर तो मीडिया वाले और भी ज्यादा ओपन करने लगे लेकिन बॉडीगार्ड्स ने मीडिया वालों को एक लिमिटेड स्पेस दे रखा था जिसके बाहर वह आ नहीं सकते थे जिसकी वजह से वह शांति से कहीं पर खड़े होकर सवाल पर सवाल दाग देने लगे होस्ट ने माइक संभाला और सभी को शांत करा कर अपनी गहरी आवाज में बोला " attention everyone हमें पता है आप लोग इस वक्त किस पर्पस से आए हैं और आप किन बुनियाद पर इल्जाम पर इल्जाम लगाया जा रहे हैं आपके बेबुनियाद इल्जामों को ना करते हैं और आप लोगों का सामना करते हुए मिस्टर अदृश्य चौहान ने यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इतने शॉर्ट नोटिस परऑर्गेनाइज की है तो आशा करते हैं कि इस शॉर्ट नोटिस पर आप लोग अपना महत्वपूर्ण योगदान जरूर देखें और जो सच्चाई है उसे सबके सामने जरूर लेंगे साथ ही साथ गुनहगार को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने में भी अपना योगदान जरूर देंगे । " होस्ट ने कहा उसके होठों पर इवनिंग स्माइल आ गई । To be countinue

  • 12. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 12

    Words: 3165

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    अदृश्य का प्राइवेट मेंशन,, गार्डन एरिया ,,       पोस्ट अपनी बातें कहे जा रहा था पोस्ट की बातें सुनते हुए मीडिया वाले शांति से खड़े हुए थे उन्हें अब एक मसाला जो मिलने वाला था जिसकी वजह से सभी ने अपने कमरे को सेट कर लिया था और इसी के साथ एंकर ने माइक संभाल ली थी सभी की नजरे अब तक ताकि लगाए हुए अदृश्य के ऊपर जाकर टिक चुकी थी ।      वही अदृश्य बिना कोई इमोशन के देख रहा था उसने मीडिया वालों की तरफ देखा और हॉस्टल के हाथों से माइक लेकर कहना शुरू किया " बेकार की बातें करने से पहले मैं आप लोगों को किसी से मिलवाना चाहता हालांकि मेरा इस तरह से उसको आप लोगों के सामने इंट्रोड्यूस करना नहीं चाहता था उसके लिए एक बड़ी वेलकम पार्टी रखना चाहता था लेकिन कुछ ना समझो की वजह से इस तरह से मुझे अपने स्पेशल वन को आप सभी को लोग के सामने इस तरह से लाना पड़ रहा है सो मीत माय वाइफ मिसेज इश्क अदृश्य चौहान । । " अदृश्य ने अपने होठों पर बड़ी से मुस्कुराहट लाकर इश्क की आंखों में देखते हुएकहा ।      उसने उसका दूसरा हाथ पकड़ कर उसे उसकी सेठ से खड़ा कर दिया था वह कहते-रहते उसके ऊपर थोड़ा झुका और अपने नरम काले हो उसके माथे पर टिका दिए और यह मूमेंट उनके कमरे में कैप्चर हो गए अदृश्य के होठों को छुवन को पाकर अपने आप ही इश्क की आंखें बंद हो गई उसके चेहरे पर सुकून नजर आने लगा होठों पर वह छाई हुई मुस्कुराहट उसके अंदर की खुशी को बयां कर रही थी । ।       उसका चेहरा सुर्ख लाल हो चुका था जाहिर से बात थी इतने लोगों के सामने उसने एक्सेप्ट नहीं किया था कि अदृश्य उसका हाथ इस तरह से थमेगा उसे इस तरह से सभी लोगों के सामने इंट्रोड्यूस करवाएगा यह मूमेंट उसके लिए हद से ज्यादा स्पेशल और प्रेशियस बन चुका था रिपोर्टर्स तो एक के बाद एक उनकी लाइफ थी उनके चेहरे पर फ्लैश हो रही थी लेकिन दोनों को इस बात का जरा भी एहसास नहीं था दोनों ही एक दूसरे को महसूस करने में बिजी थे । ।      वही जब अस्मिता ने यह सब देखा तो उसका फोन कॉल उठा कहां वह इस वक्त विशेष चौहान बनने का सपना देख रही थी और कहां अदृश्य ने उसके सपने को चूर-चूर कर दिया था उसने सोचा था कि पेरिस कॉन्फ्रेंस में हो उसे अपनी शादी अपनी और उसकी शादी का अनाउंस करेगा लेकिन यहां तो मामला कुछ और ही नजर आ रहा था अदृश्य ने खुद को संभाला और इश्क के हाथों को टाइटली पढ़ते हुए एक बार फिर से रिपोर्टर्स की तरफ मुड़ गया ।      उसने रिपोर्टर्स की तरफ देखा और अपनी बुलंद आवाज में एरोगेंश भर कर बोला " जैसा कि मैं इस वक्त ट्रेंड कर रहा हूं कि मैं एक अबला नारी का रेप किया है और वह कोई और नहीं बल्कि बुंदेला खानदान की बड़ी बेटी अस्मिता से बुंदेला है जिस पर जिसने मुझ पर इल्जाम लगाए हैं कि मैं उनके साथ रात बिताई है उनके साथ मिस बिहेव किया है साथ ही साथ मेरा बच्चा उनके पेट में पल रहा है साथ ही साथ मिस्टर बुंदेला ने कमिश्नर साहब को यह भी कहा था कि बुंदेला मेंटल ट्रॉमा से गुजर रही है उन्हें यह तक होश नहीं है कि वह लोगों को पहचान सके उनके घर में ही ट्रीटमेंट चल रहा था लेकिन मिस बुंदेला को देखकर तो वह बिल्कुल सही लग रही है उन्हें देखकर बिल्कुल भी कहीं से ऐसा नहीं लग रहा है कि उन्हें हेयर्स किया गया हो या उनका रेप हुआ हो लोकेट हर वह किस तरह से बैठी हुई है कौन का रेप हुआ है वह मेंटल ट्रॉमा से गुजर रही है अगर वह मेंटल ड्रामा से गुजर रही है उन्हें लोगों की पहचान नहीं है तो क्या वह इस बात को क्लियर कर सकती है कि कल रात को विला में आकर मेरे तमाशा क्यों कर रही थी उसे वक्त उसने मुझे अच्छे से पहचान लिया था कि मैं ही वह व्यक्ति हूं जो जिसने उनका रेप किया है क्या मिस बुंदेला को पहले से ही पता था कि मैं उनका रेप करने वाला हूं जिसकी वजह से उन्होंने हिडन कैमरे के जरिए इतने अच्छे पिक्चर्स क्लिक किए थे जो बिल्कुल रियल लग रहे हैं तो क्या ऐसा हो सकता है कि वह खुद को बचा सकते थे लेकिन उन्होंने जानबूझकर खुद को नहीं बचाया हो और रही बात डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट की तो जहां तक मुझे याद है मैं कॉलेज के बाद से कभी भी मिस बुंदेला बात करने की दर की बात है मैं तो आज तक उससे मिला ही नहीं हूं भले हम दोनों कॉलेजमेट हो हमारी क्लास से हो लेकिन आज तक मुझे और इन्हें पर्सनालिटी मिलने का वक्त ही नहीं मिला अगर मैं सही नहीं हूं तो आप मित कॉलेज जाकर पता कर सकते हैं कि आखिर वहां पर मैं कॉलेज पढ़ने जाता था या फिर अय्याशी करने है कि उनके पेट में पल रहे बच्चे को लगभग 3 महीने हो चुके हैं तो क्या इन तीन महीना में मिस बुंदेला या उसके परिवार ने मुझ पर इंसान नहीं लगाया क्या उनका फर्ज नहीं बनता था कि अपनी बेटी को तुरंत ही इंसाफ दिलाया जाए चाहे गुनहगार मैं ही क्यों ना रहूं 3 महीने बाद इस तरह से मेरी इमेज को खराब करना क्या यह मुझे गुनहगार साबित करना चाहते हैं यह उनका कोई और मोटिव है । " अदृश्य ने कहा इस बीच रिपोर्टर्स लाइव टेलीकास्ट कर रहे थे और सोशल मीडिया टीवी पर सिर्फ और सिर्फ अदृश्य का प्रेस कॉन्फ्रेंस ही छाया हुआ था ।      वही जब अदृश्य ने अस्मिता और उसके परिवार वालों पर उंगली उठाई तो वह उसके बीच में कुछ कहना चाहते थे कि वह जो एग्जाम उन पर लगा रहा था वह बिन बिन याद था बेबुन याद था जबकि गलत उनके साथ हुआ था उनकी बेटी का रेप हुआ था और उन्हें इस तरह से करने के लिए छोड़ दिया था उन्हें भी चैट होने के लिए छोड़ दिया था और यह सब करने वाला कोई और नहीं बल्कि वह खुद अदृश्य चौहान था । ।।      लेकिन वह बिल्कुल भी यह सब नहीं कर सकते थे उनका मीडिया वालों के सामने एक स्टेटस था एक रुतबा था वह इस तरह से बीच में ही काटकर उनकी बातें अपने स्टेटस पर सवाल नहीं उठा सकते थे उनके पास खड़ा सपूत था और ऐसे सबूत थे जो साफ तौर से अदृश्य चौहान को गुनहगार साबित कर सकते थे ।।।       अदृश्य ने अपनी बात खत्म की और सभी की तरफ देखा सभी शांत थे उसकी गहरी मगर उन गहरी आवाज में छुपी हुई चेतावनी और गुस्सा वहां पर मौजूद हर एक शख्स समझ चुका था जिसकी वजह से किसी ने भी दोबारा सवाल करने की कोशिश नहीं की अदृश्य ने सभी को खामोश देखा और इविल स्माइल करते हुए सभी की तरफ देखा उसनेइश्क के हाथों में अपनी पकड़ और भी ज्यादा मजबूत कर दी ।।।           फिर  इश्क की सुंदर हिरनी सी आंखों में देखते हुए उसने एक बार फिर से कहना शुरू किया " so guys जहां तक मुझे मालूम है अब इंडिया की टेक्नोलॉजी की हद से ज्यादा एडवांस हो चुकी है और आप लोगों हेलो ग्राफ एडवांस डी तकनीक का कभी आइडिया होगा और रही बात में पिक की तो यह एडिटेड है जो मिस बुंदेला और उनके परिवार वालों ने पुलिस और आपको भेजें है वह एडिटेड है और मैं यह साबित कर सकता हूं । "अदृश्य ने कहा और इश्क को एक बार फिर से उसने बड़े ही प्यार से उसकी चेयर पर बिठा दिया ।।।         उसने होस्ट की तरफ देखा और आंखों से ही कुछ इशारा किया  । हॉस्टल्स का इशारा समझ कर अपने शहर को हिला दिया और पीछे लगी बड़ी सी एलईडी पर एक वीडियो चला दिया । वीडियो स्टार्ट हुई और सभी की नजरे स्टार्ट वीडियो पर चलने लगी वह एक कमरे का वीडियो था जहां पर दो लड़के और लड़कियां अपनी हवस मिटाने की कोशिश कर रहे थे शुरू शुरू में तो उनका चेहरा नजर नहीं आ रहा था लेकिन कुछ देर बाद उनका चेहरा नजर आने लगा लड़के का चेहरा थोड़ा धुंधला दिख रहा था लेकिन लड़की का चेहरा पूरी तरीके से क्लियर था वह कोई और नहीं बल्कि अस्मिता बुंदेला थी ।।।      अस्मिता ने जब उसे वीडियो को देखा तो खुद पर और कंट्रोल नहीं कर सकी और अपनी जगह से उठकर जोर से चिल्लाते हुए बोले " यह बकवास है यह सब झूठ है मैंने ऐसा कुछ नहीं किया मुझे फसाया जा रहा है मेरे साथ गलत हुआ है मैं विक्टिम हूं फिर भी आप लोग इस आदमी की बातों में आ रहे हैं यह आदमी आप लोगों को उलझा रहा है ताकि वह साफ तरीके से बच् सके उसे कोई सजा ना हो वह मुझे अपना नाम ना दे सके मेरे बच्चे को ना अपना सके जिसकी वजह से वह इतना घटिया खेल खेल रहा है यह सब बकवास है यह एडिटेड वीडियो है यह आदमी मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। " अस्मिता ने चिल्लाते हुए गुस्से से तिल मिलाकर कहा उसके गुस्से की कोई भी सीमा नहीं थी ।       जैसे ही उसने अपनी बात खत्म की दूसरी तरफ बहुत सारे रिपोर्टर्स मौजूद थे उनमें से एक नहीं उसकी बातों को बीच में काटकर अचानक से ही सवाल कर दिया " अगर यह एडिटेड वीडियो है भी मिस बुंदेला तो क्या आप इस बात को क्लियर कर सकती है कि जब आप मेंटल ट्रॉमा से गुजर रही थी तो इस वक्त आप मिस्टर आदित्य चौहान को कैसे पहचान सकते थे और रही बात आपके साथ जातीय हुई थी तो क्या सच में आपको पहले से पता था कि यह सब आपके साथ होने वाला है तो क्या आप उससे बच नहीं सकती थी हमें तो ऐसा लग रहा था है कि आप मिस्टर चौहान को फसाने की कोशिश कर रही है ताकि आप उनकी प्रॉपर्टी हड़प सके । । " बीच में से एक आवाज है जो किसी और कि नहीं पालकी यदि बल्कि एक रिपोर्टर की थी लेकिन वह रिपोर्टर कौन था किसी को मालूम नहीं था क्योंकि वह आवाज भी से आई थी इतने सारे वहां पर लोग मौजूद थे कि यह किसकी आवाज़ थी किसी को समझ नहीं आरही थी ।।।       वही मिस्टर बुंदेला ने अस्मिता को खींचकर शेयर पर बिठा दिया और घमंड से सभी की तरफ देखते हुए कहा "मैं बस अदृश्य चौहान की चालाकी पर हैरान हूं उसने कितनी सफाई से झूठ बोला है और मैं यह देखना चाहता हूं कि वह और कितना सच को छुपा सकता है अभी उसे जो दिखाना है जो दिखाना है कर ले लेकिन हमारे पास सबूत है मेरी बेटी की जिंदगी अच्छी चौहान के हाथों पर बात हुई है और उसे मेरी बेटी से शादी करना ही होगा और उसके पेट में पल रहे बच्चे को उसे अपनाना ही होगा " मिस्टर बुंदेला ने कहा उनकी बातों में कॉन्फिडेंस झलक रहा था उनकी बात सुनकर सभी रिपोर्टर्स का चेहरा अजीब सा हो गया क्योंकि उन्हें लग रहा था ।।      जैसे तड़पता भड़कता मसाला उनका इंतजार कर रहा था यहां पर जीते चाहे अदृश्य चौहान की हो या फिर अस्मिता सिंह बुंदेला की उन्हें सिर्फ अपनी खबरों से मतलब था जितनी ज्यादा टीआरपी उनके चैनल पर थी इस वक्त का टॉप पर पहुंचने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे जिसकी वजह से जिसे पढ़ना उन्हें भारी लग रहा था वह उसे तरफ लुढ़क जा रहे थे ।।।         मिस्टर बुंदेला ने अपनी बातें खत्म की और अस्मिता को लेकर जो वहां पर अपनी चेयर पर बैठ गए उनके चेहरे पर घमंड और कॉन्फिडेंस नजर आ रहा था जो यह जाहिर कर रहा था कि वह यह कैसे तो बिल्कुल भी नहीं हारेंगे और रही बात प्रेस फ्रांस प्रिंस की कॉन्फ्रेंस की तो यहां पर उनका पढ़ना ही भारी होगा ।       अभी तक वह वीडियो पूरी तरीके से खत्म नहीं हुई थी जैसे ही पहले वीडियो खत्म हुआ दूसरा शुरू हो गया उसे वीडियो में लड़की तो वही थी लेकिन लड़का कोई दूसरा था तीसरी वीडियो शुरू हुई उसमें भी से वैसी है ऐसे ही करते-करते लगभग 20 वीडियो वहां पर शो हुई और 20 वीडियो में लड़के अलग-अलग थे उनके चेहरे अलग-अलग थे लेकिन उनमें से कोई भी अदृश्य चौहान नहीं था सभी तो हैरानी से उसे वीडियो को देख रहे थे और लगातार अपने चैनल पर टेलीकास्ट कर रहे थे ।।।           वही गुस्से से लाल पीली हुई अस्मिता बैठी हुई थी उसकी इमेज के धज्जियां उड़ रही थी लेकिन इमेज की धज्जियां उड़ाने के बाद जो उसे मिलाने वाला था वह इससे कहीं ज्यादा इंपॉर्टेंट था जिसकी वजह से वह शांति से बैठी हुई थी उसे स्टेटस रूप और अदृश्य चौहान जितना हैंडसम लड़का प्लस उसकी सारी प्रॉपर्टी पैसा चाहिए था जो उसकी इज्जत के बदले कुछ भी नहीं था ।।।।।         सारी वीडियो खत्म हुई एक बार फिर से माइक संभाल लिया और उसने अपनी डोमिनेटिंग और एक बार कार सकते हैं पर कहना शुरू किया " जैसा कि आप लोग लोगों को मिस बुंदेला और मिस्टर बुंदेला ने पहले ही सारी चीजों की जानकारी दे दी है लेकिन यह वीडियो रीसेंट के है जैसा कि मैंने कहा कि जो फोटोस और वीडियो इस बुंदेला ने दिखाए हैं वह एडिटेड भी हो सकते हैं तो जाहिर से बात है जो वीडियो और एक मैंने आप लोगों को दिखाया है वह भी एडिटेड हो सकते हैं तो मैं चाहता हूं कि कमिश्नर साहब अपनी स्पेशल फोर्स के लोगों को यहां बुलाए साथ ही साथ उन लोगों को भी बुलाए जो डीएनए टेस्ट लगभग कुछ 1 घंटे में दे सकते हैं उसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा । " अदृश्य ने कहा और कमिश्नर साहब ने अपना से हिला दिया।।।।           देखते ही देखते वहां पर उनकी फॉरेंसिक टीम आ चुकी थी वही उसे फोटो को अब तक सभी लोगों ने चेक कर लिया था और साफ-साफ थी कि वह जो चेक कर रहे थे का एडवांस हैकिंग टीम एक्स्पर्ट थे जिसकी वजह से उन्हें अच्छे से पता था की वीडियो नकली है और वह फोटोस भी दोनों ही फोटोस और वीडियो नकली थी जो मिस बुंदेला की तरफ से आई हुई थी सब पता चल रहा था कि वह लोग को होलोग्राफी की तकनीक से उसे वीडियो को शूट किया गया था जहां पर होलोग्राफीपर उसे आदमी का चेहरा लगाया जाता है ।।।।          जिस पर वह वीडियो बनाने होती है फुल लड़का बोल सकता था और वह सारी चीज कर सकता था जो एक जिंदा इंसान कर सकता था एक तरह से कह तो वह जीता जागता इंसान की तरह ही दिखाई देता था फर्क सिर्फ इतना था कि उसमें जान नहीं थी । दूसरी तरफ उसे आदमी ने अदृश्य के दिखाए हुए वीडियो की तरफ देखा और उसे वीडियो को देखकर उसे पता चल गया के वीडियो बिल्कुल रियल है साथ ही साथ उसे यह भी मालूम हुआ के वीडियो लगभग 20 दिन पहले के हैं ।        उसे टेक्निकल एक्सपर्ट में यह बातें क्लियर कर दी और उसके बाद सुनकर सभी चौंक गए किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि वह पूरी वीडियो जिसमें बेस्ट लोगों के साथ कोई और नहीं बल्कि अस्मिता थी और वह कंटीन्यूअस 20 दिन अलग-अलग लड़कों के साथ पाई गई थी किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या समझे सभी लोग सदमे में जा चुके थे वही मिस्टर मंडेला का कर शर्म से झुक चुका था कुछ वक्त पहले जो उनके चेहरे पर कॉन्फिडेंस नजर आ रहा था अब उनके चेहरे पर कोई भी मोशन बाहर जाने का नाम ही नहीं ले रहे थे सर जिंदगी ने उनका सर झुका लिया था वही गुस्से में बैठी अस्मिता कुछ बोल भी नहीं जा रही थी ।         कहां स्मिता श्रीमती चौहान बनने के सपने देख रही थी और कहा वो एक badchalan औरत करार हो चुकी थी । उसके हाथ पैर ठंडे पड़ चुके थे उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह आखिर किस कहे क्या वह अपने बिहार में कुछ कह नहीं पा रही थी उसका चेहरा शर्म से झुक गया था यह उसका टॉप सीक्रेट था वही वह अपने बारे में कुछ सोच ही रही थी कि अचानक से ही उसके कानों में एक चुगती हुई सी आवाज के और वह आवाज किसी और कि नहीं बल्कि इसका अदृश्य चौहान की थी जिसे सुनकर वहां पर मौजूद सभी लोग शौक हो गए ।       " Good afternoon everyon जैसा कि आप लोगों को पता है अक्सर ही देखा जाता है कि दुनिया में लड़कियों का रेप होता है और लड़कियां दानिश स्थिति में पाई जाती है उनकी इज्जत पर दाग लगता है लेकिन यहां पर तो मामला ही उल्टा है चेयर पर बैठी उसे लड़की को आप लोग देख ही रहे हैं और अभी आपने वह वीडियो देखी है जिनमें यह औरत अपना असली चेहरा लिए उन मर्दों के साथ खेल रही थी जो मासूम थे यह औरत अक्सर हर रात एक नए लड़के का रेप करती है किसी के साथ मर्जी से तो किसी के साथ जबरदस्ती से यह औरत सिर्फ दिखाने में मासूम है इस औरतों ना जाने कितने हैं लड़कों की इज्जत पर दाग लगाया है उन्हें डिप्रेशन में छोड़ा है कई लोगों ने तो अभी तक सुसाइड भी कर लिया है और क्यों ने तो जहर भी खा लिया है सिर्फ और सिर्फ इस लड़की की फसल से अगर इस लड़की को कोई भी लड़का पसंद आ जाए तो वह लड़का उसे लड़की की जागीर बन जाती है क्या तो प्यार से क्या फिर जबरदस्ती से यह औरत उन लड़कों को अपनी बिस्तर पर ले ही आती है और अब उनकी नज़रें मेरे पति यानी अदृश्य चौहान पर पढ़ चुकी है जिसकी 85 की औरत जिसकी वजह से यह औरत उनके ऊपर इतना घिनौना इल्जाम लगा रही है । ताकि यह लड़की मेरे पति को मुझसे छीन सके इसका टारगेट मेरे पति ही नहीं बल्कि उनकी यह ढेर सारी प्रॉपर्टी और पैसा भी है जहां समाज में लड़कों को जानवर कहा जाता है जो लड़कियों को नोच कहते हैं लेकिन यहां पर तो एक लड़की ने ही लड़कों को नोच खाया है उन्हें है रस किया है कहीं तो अभी भी मेंटल ऐसा ही में मौजूद है और जो इसके चंगुल से वह मुश्किल बच चुके हैं उन्होंने आज तक किसके खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं की क्योंकि इस औरत के हाथ में उनकी एक कमजोर ना हमेशा सही रहती है जिसकी वजह से यह औरत उनसे मनचाहा काम करवाती है पर इसी के साथ मैं उनमें से कुछ लड़कों को यहां पर बुलाना चाहती हूं जिस जो इस औरत का शिकार हुए हैं । " इश्क ने कहा पर दृश्य की तरफ देखने लगी वही अदृश्य तो उसे पर लट्टू हुआ एक ट्रक उसे देख रहा था कहां वह इस मासूम समझता था पर कहां उसकी बीवी मासूम के साथ-साथ शेरनी भी निकाले उसकी आवाज किसी दहाड़ से काम नहीं थी उसकी बात सुनकर तो अस्मिता का गुस्सा आसमान छूने लगा उसे बिल्कुल भी यह  नहीं लगा था कि मासूम से दिखने वाली यह लड़की उसकी बीवी निकल जाएगी और तो और इस तरह से उसके ऊपर इल्जाम भी लगाएंगे । To be countinue

  • 13. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 13

    Words: 1138

    Estimated Reading Time: 7 min

          सभी लोगों के सामने जो सच्चाई आई थी सभी उसे सुनकर और चंबे में जा चुके थे किसी को यकीन नहीं हो रहा था इतनी मासूम शक्ल के पीछे इतना घिनौना चेहरा मौजूद होगा सभी हीन भावना से मिस्टर बुंदेला और उनकी बेटी की तरफ देख रहे थे लेकिन उनके चेहरे के भाव ऐसे थे जैसे उन्होंने कुछ किया ही ना हो और उनके ऊपर झूठा इंसान लग रहे हो सामने चल रहा है एक्सपर्ट को मीडिया वाले बिल्कुल भी नजर अंदाज नहीं कर सकते थे जिसके वजह से उन्हें एक के बाद एक सवाल मिस्टर बुंदेला और अस्मिता से पूछने लगे उन्होंने चारों तरफ से उन लोगों को घेर लिया था लेकिन मजाल है कि वह लोग कुछ बोलते अदृश्य ने उनकी तरफ देखा और अपनी माइक संभालते हुए बोला _ keep quite everyone और सबसे आखरी और बड़ा सबूत डीएनए टेस्ट हालांकि मिस बुंदेला को लगभग 2 महीने से ज्यादा प्रेगनेंसी का वक्त बीत चुका है जिसकी वजह से हम डीएनए टेस्ट बिना कोई परेशानी के कर सकते हैं । " अदृश्य ने कहा और लगभग 1 घंटे बाद डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आ गई डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट को देखकर सभी की हैरानी की कोई सीमा नहीं रही क्योंकि वह डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट अदृश्य से 99% मेल बिल्कुल भी नहीं खा रही 99% रंग डीएनए था अस्मिता से बुंदेला के पेट में पल रहे बच्चे का किसी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था किसी के ऊपर कैसे लगा सकता था अस्मिता ने जब देखा कि उसके सारे बकरे सारे ताश के पत्ते एक-एक करके बाहर आ चुके हैं अब उसे हारने से कोई नहीं बचा सकता तो वह गुस्से से पागल हो गई और जोर-जोर से चिल्लानेलगी " अदृश्य तुम मेरे साथ ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर सकते क्या तुम्हें पता नहीं है मेरे पेट में पढ़ रहे बच्चे का आप सिर्फ तुम हो मैंने सिर्फ,," अस्मिता बोल ही रही थी कि अचानक से ही एक तेज दरबार आवाज उसके कानों में गई और यह आवाज किसी और कि नहीं बल्कि इश्क अदृश्य चौहान की थी जो अपनी बोला था मगर गुस्से से भरी मीठी आवाज में अस्मित से कह रही थी " तुम जो कोई भी हो सपन संभाल कर बात करो तो पति है हमारे तुम्हारे नहीं अब अगर तुमने दोबारा मेरे पति के खिलाफ कुछ भी बोलने की कोशिश की या फिर किसी का बच्चा उनके सर करने की कोशिश की तो मुझसे बुरा कोई भी नहीं होगा ना विश्वास पर अरेस्ट है हम इस पर अभी इस वक्त कैस करते हैं इस थेरे न सिर्फ मेरे पति के ऊपर रेप का इल्जाम लगाया पालकी उनकी इज्जत को भी तरदार कर दिया उसने हमें गिराने की कोशिश की इसकी वजह से हमारे मान सम्मान को ठेस पहुंची इसलिए हम इन पर मानहानि का केस भी दर्ज करना चाहते हैं । " इसके साथ अपनी उम्र से भी ज्यादा मैच्योरिटी की बातें कर रही थी दादाजी और अदृश्य की नजरे दोस्त के ऊपर ठहर चुकी थी उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर यह लड़की इतनी ज्यादा शॉर्ट टाइम पर कैसे हो सकती थी लेकिन जैसे भी थी अदृश्य के दिल में धीरे-धीरे ही सही उसे अपनी फीलिंग बेल्ट होती हुई नजर आ रही थी वह तो पहले ही उसके दिल में उतर चुकी थी और उसकी फीलिंग इस कदर बेल्ट हो रही थी कि वह छह करके उसे इग्नोर नहीं कर पा रहा था अदृश्य ने सभी की तरफ देखा और वहां से इश्क को लेकर चला गया और छोड़ गया अस्मिता को गुस्से से तपने के लिए  ।    दूसरी तरफ,,       इस बिल्डिंग के ड्रॉप फ्लोर पर टॉप फ्लोर पर वह आदमी एलईडी के बड़े से स्क्रीन पर फ्लैश हो रही न्यूज़ को देख रहा था उसके चेहरे पर कोई भी इमोशन नजर नहीं आ रहे थे लेकिन जैसे-जैसे न्यूज़ आगे बढ़ता जा रहा था उसकी लाल आंखें गुस्से से धड़कते जा रही थी उसकी आंखों में बेइंतहा गुस्सा नजर आ रहा था और जब उसने देखा कि किस तरह से एक लड़की उसके प्यादे को युग पर लगा घोड़े की तरह काबू कर रही है तो उसका गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया उसने गौर से उसे लड़की की तरफ देखा उसे लड़की की आंखों में देखते हुए उसके होठों पर अजीब से मुस्कुराहट आ गई वह उसके खूबसूरत मासूम से चेहरे में खो गया और उसने अपनी गहरी आवाज में कहा " इस खूबसूरती पर राज तो सिर्फ मैं कर सकता हूं जल्द ही मुलाकात होगी माय फेयरी टेल । " उसे आदमी ने कहा और न्यूज़ को देखने लगा सारी न्यूज़ खत्म होने के बाद उसने दांत पीस लिए और गुस्से से चिल्लाते हुए कहा " आखिर तुम इस बार भेजी थी गए अदृश्य हमेशा तुम्हारे हाथों मुझे से कष्ट ही मिलती है लेकिन इस सेक्स के लेकिन इस हार के पीछे का आलम कुछ इस तरह हसीन होगा मैंने सोचा नहीं था रही बात इस दो कौड़ी की लड़की की वजह से फिर से तुम्हें छोडूंगा नहींइसकी वजह से मेरा सारा प्लान चौपट हुआ है और साथ ही साथ इसने मेरी परी तेल के ऊपर नजर डालने की कोशिश की I will punish you Asmita Singh bundela बस कुछ वक्त और उसके बाद हा हाहाहाहाहाहा । " उसे आदमी ने अपनी बातें कहीं और किसी राक्षस की तरह हंसने लगा उसे आदमी की बात सुनकर वहां पर मौजूद दिवाली भी खौफ खाने के लिए तैयार होती उसकी हंसी इतनी भयानक थी कि किसी का भी दिल दहला सकती थी ।     अदृश्य आयरिश इस वक्त अपने कमरे में मौजूद थे अदृश्य की बाहों में इश्क मौजूद थी उसका सिर झुका हुआ था और उसका चेहरा शर्म से गुलाबी हो रखा था अदृश्य ने जब उसे इस तरह से शरमाते देखा तो उसने उसे तेज करते हुए कहा " my sweet मिस्टेकन तो शेरनी से आप सीधे भीगी बिल्ली बन रही है । " अदृश्य रेखा अदृश्य की बात सुनकर इश्क ने अपनी नजरे उठाकर उसकी तरफ देखा और अपनी आंखें छोटी करने लगी उसने अपना मुंह फुला कर कहा " हम आपसे बिल्कुल नहीं डरते मॉन्स्टर हब्बी। " इश्क ने कहा इश्क की बात सुनकर अदृश्य की आंखें छोटी हो गई लेकिन उसने इग्नोर किया और अपनी गहरी आवाज में कहा " तुम्हें डरना भी कौन चाहता है मैं स्वीट मिस्टेक का मैं तो बस तुम्हें अपने नीचे रखकर महसूस करना चाहता हूं । " अदृश्य ने बेशर्म होकर कहा अदृश्य की बात सुनकर इश्क की आंखें बड़ी-बड़ी हो गई उसे सब समझ आ रहा था वह इतनी भी बेवकूफ नहीं थी और तो और उनके बीच तो और भी सारा कुछ हो ही चुका था ऐसे में वह कैसे ना समझते अदृश्य की डबल मीनिंग बातें उसने अपने छोटे हाथों का मुक्का बनाया और अपने लाल चेहरे को उसके सीने में धसते हुए उसके बैग पर अपने मुक्के चलते हुए बोली " such a you are same less person । " To be cotinue

  • 14. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 14

    Words: 1513

    Estimated Reading Time: 10 min

            अस्मिता और उसके डेट पर पुलिस वालों ने गिरफ्तार कर लिया था उनके ऊपर बहुत सारे चार्जेज लगे हुए थे ।  उन लोगों को फ्रेंड से पुलिस वाले सिक्योरिटी के साथ लेकर जा रहे थे आखिरकार उन्होंने पुलिस वालों को गुमराह करने की कोशिश जो की थी कमिश्नर साहब अपनी जेब से आगे की गाड़ी में जा रहे थे उनके साथ ही एक सब इंस्पेक्टर मौजूद थे दूसरी गाड़ी से इंस्पेक्टर मल्टी पर एक और सब इंस्पेक्टर जा रहे थे वह गाड़ी चल रहे थे कि अचानक से ही उनके गाड़ी के बीच एक बाइक सवार अचानक से जाकर रुक गया यह सब इतनी अचानक से हुआ कि सारे के सारे लोग अपनी जगह पर खड़े हो गए किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या अचानक से ही ऐसा क्या हो गया और यह कौन आदमी है जो इस तरह से बीच में आ गया सारे पुलिस वाले अलर्ट हो गए और सभी अपने गन पर पकड़ कसते हुए ।      गाड़ियों से बाहर आकर इस बीच अचानक से ही उसे बाइक सवारने एक सफेद कलर का सुतली बम जिसमें सफेद रंग का ध्रुव डूबा निकल रहा था उसे उनकी तरफ फेंक दिया और देखते ही देखते सारे लोग बेहोश होकर गिर गए सभी ने बचने की बहुत कोशिश की लेकिन वह सभी लोग खुद को बेहोश होने से रोक नहीं पाए और एक के बाद एक जमीन पर गिर गया किसी के साथ ही वह बाइक सवार और कुछ और आदमी जो उन्हें रास्तों पर छुपे हुए थे वह सामने आए और जल्दी से बेहोश पड़े अस्मिता और उसके पापा को उठाकर लेकर ।    दूसरी तरफ , अदृश्य के प्राइवेट मेंशन के सामने एक लड़की जिसने हॉट पैंट विद क्रॉप टॉप पहना हुआ था उसके हाथों में उसका लगेज था उसका चेहरा मेकअप से टूटा हुआ था आंखों में में काले रंग का सनग्लासेस मौजूद था उसकी आंखें उसे सनग्लासेस थे दब चुकी थी लेकिन उसका चेहरा मेकअप की वजह से ओवर दिख रहा था कपड़े उसने ना के बराबर पहने हुए थे जिसकी वजह से उसके बॉडी पूरी तरीके से विजिबल हो रहे थे बस कुछ हिस्सों को छोड़कर वही घाट वहां पर शांति से खड़े हुए थे उन्होंने उसे लड़की के ऊपर कोई भी ध्यान नहीं दिया जब उसे लड़की ने देखा कि कैसे यह लोगों से इग्नोर कर रहे हैं ।।।          तो उसने एटीट्यूड से अपना सनग्लासेस अपनी आंखों से हटाया और अपनी कड़क आवाज में कहा " दो कौड़ी के नौकर तुम्हारी औकात है क्या मेरे सामने खड़े होने की जो तुम मुझे एटीट्यूड दिखा रहे हो क्या तुम जानती नहीं हो मैं अदृश्य चौहान की इकलौती साली हूं । " उसे लड़की ने एटीट्यूड झड़ते हुए कहा उसकी बातों में घमंड भरा हुआ था जैसे ही बॉडीगार्ड ने सुना की लड़की उनकी लेडी बॉस की बहन है तो उसने आंखें छोटी करके ऊपर से लेकर नीचे तक उसे लड़की को दिखा जो कहीं से भी इश्क की बहन लग नहीं रही थी ।      सो गैस आप लोग समझ गए होंगे कि आखिर यह लड़की है कौन जी हां आप लोगों ने बिल्कुल सही समझा यह लड़की जैस्मिन थी जो यहां पर मिस्टर राजपूत के कहने पर आई थी हालांकि वह आना तो बहुत पहले चाहते थे लेकिन मीडिया वालों ने सुबह से यहां पूरे एरिया को अपने अंदर में लिया हुआ था जिसकी वजह से वह आ नहीं पाई लेकिन अब हाथ है मौके को गवाना नहीं चाहते थे जिसकी वजह से अब वह यहां पर मौजूद थे बॉडीगार्ड ने अपने रिस्पेक्टफुली वॉइस में कहा " सॉरी टू से मैडम आप जो कोई भी हो लेकिन हम आपके अंदर  जाने की इजाजत नहीं दे सकते । " फुल बॉडीगार्ड ने शादी किसे कहा उसका ना करना जैस्मिन के गुस्से को भड़का गया और उसने वहां पर क्लेश करना शुरू कर दिया चिल्लाने लगी उसकी आवाज इतनी तेज थी कि अंदर डाइनिंग टेबल पर लंच कर रहे सभी के कानों में पहुंच चुकी थी किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर यह किसकी आवाज़ है लेकिन वहां पर बैठे इश्क इस आवाज को बखूबी पहचानती थी उसने अदृश्य की तरह अपनी आंखें बड़ी-बड़ी करके देखा जैसे कह रही हो मैं इस लड़की को बिल्कुल भी नहीं बुलाया अदृश्य भी उसकी आंखों में चल रहे सवालों के जवाब आंखों ही आंखों में दे चुके था उसने गहरी सांस खींची और उठकर बाहर की तरफ बढ़ गया उसके पीछे-पीछे इश्क भी किसी छोटे से रैबिट की तरह भागने लगी दादाजी ने उन्हें अजीब नजरों से देखा और मूवी मुंह में बड़बड़ाया " जितने ड्रामा एकता कपूर के सीरियस में नहीं होता उतना ज्यादा ड्रामा तो मेरे पोते के लाइफ में होरहा है । " दादाजी ने कहा और बिना उनके ऊपर ध्यान दिए हैं अपना लंच करने लगा चुके थे कि अब एक और ड्रामा उनके बस की बात नहीं था अब तक का दृश्य और इश्क विला से बाहर निकल चुके थे वह इस वक्त में डोर के पोर्च पर खड़े हुए थे उन्होंने बॉडीगार्ड कोई इशारा किया और उसका इशारा मिलते ही बॉडीगार्ड ने जैस्मिन को अंदर आने दिया जैस्मिन भी बड़े एटीट्यूड से अंदर जाने लगी उसने अपने चेहरे पर आए हुए भावों को बिल्कुल ही छुपा लिया और अपने चेहरे को जितना सौम्या और सुंदरबनाया जा सकता था उतना बना लिया उसने अपने होठों पर इतनी रियलिस्टिक स्माइल चिपकाने की कोशिश की क्यों पूरी तरीके से प्लास्टिक की स्माइल लगने लगी उसने अपनी आंखों में चमक भरना चाहा लेकिन उसकी आंखों में चमक की जगह लालच साफ दिखाई दे रहा था वह अपने लगेज को घसीटते हुए उनकी तरफ बढ़ रही थी उसने देखा किसी खरगोश की तरह इश्क अदृश्य की बिल्कुल बगल में खड़ी हुई थी और इस वक्त वह दोनों ही मीट फॉर ईच अदर लग रहे थे उन दोनों को देखकर जैस्मिन का खून जन्म लेने का उसका गुस्सा जैसे आसमान छूने लगा लेकिन जैसे तैसे उसने मिस्टर राजपूत की कही गई बातों को याद किया और उसने लगे इसको थोड़ी देर बाद पर का और दौड़ते हुए इश्क के करीब चले गए उसे इस तरह से खुद के करीब आता देखकर इश्क की आखिर दर से फैल गई और उसकी पकड़ अचानक से ही अदृश्य के हाथों पर चली गई वहीं जैस्मिन किस खुले हुए सेंड की तरह उनके तरफ दौड़ते हुए आ रही थी जैसे अब वह इश्क को सिंह मर ही देगी वह जब तक इश्क के करीब पहुंच पाती तब तक अदृश्य ने इश्क को अपनी बाहों में ले लिया और एक झटके से उसे जगह से पलट गया जैस्मिन जो अपनी स्पीड में उनकी तरफ दौड़ते हुए आ रही थी वह केवल सीधे चौखट के दरवाजे पर टकरा गए और उसका शेर किसी आलू की तरह फूल गया यह सब इतनी जल्दी हुआ था कि जैस्मिन अपना स्पीड कम ही नहीं कर पाए और इस तरह से उसका स्वागत इश्क के ससुराल में पहली बार हुआ था वही उसे इस तरह से देखकर इश्क की हंसी छूट गई और इश्क की देखा देखी वहां पर मौजूद सभी बॉडीगार्ड्स जोर-जोर से हंसने लगे वही इस महल तो वही मुस्कान तो आती दृश्य के होठों पर भी आ चुकी थी क्योंकि उसने साफ देखा था कि वह लड़की उसकी पत्नी को हॉट करना चाहता था और उसे गले लगाने के बहाने उसे धक्का देकर खिलाना चाहता था लेकिन वह इतना बेवकूफ नहीं था कि इतनी आसानी से गिर सकता था अब वह उसकी प्रोटेक्शन में था और वह अपनी जान लगा देना चाहता था अपनी बीवी को प्रोटेक्ट करने के लिए उसने जैस्मिन की तरफ देखा और विचार की से उसे टोंट मारते हुए कहा " मैंने सोचा नहीं था गिरे हुए लोग और कितना गिरेंगे और गिरेंगे भी क्यों नहीं आखिर गिरना उनके मुकद्दर में जो लिख चुका है । " अदृश्य ने कहा और अपनी नज़रें अपनी स्वीट में स्टेशन के ऊपर टिका ले वही उसकी बात सुनकर जैस्मिन का झगड़ा कर गया उसने गुस्से से इन सारी चीजों का कसूरवार इश्क के खाते में डाल दिया और नफरत से इश्क की तरफ देखते हुए मन ही मन कहा " यह सब सिर्फ तुम्हारी वजह से हुआ है सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी वजह से जिल्लत का सामना मुझे करना पड़ रहा है लेकिन याद रखना वक्त बदलता देर नहीं लगती अभी जिस जगह में खड़ी हूं उसे जगह मैंने तुम्हें खड़ा नहीं किया तो मेरा नाम भी जैस्मिन राजपूत नहीं । " जैस्मिन ने अपनी गलतियों को नजर अंदाज करते हुए कहा आखिर वह एक रेड फ्लैग थी कैसे अपनी गलती मान सकती थी उसने सीधे-सीधे ही अपनी गलतियों का इंसान इश्क के ऊपर डाल दिया और वह मासूम सी रैबिट बस उसे देखते रह गई उसे तो अंदाजा भी नहीं था कि एक बार फिर से उसके खिलाफ साजिश रची जा रही थी लेकिन इसवक्त का माहौल अलग का सिचुएशन अलग थी पिछले साल दोनों ही लोग अनजान थे आने वाले खतरे से लेकिन इस वक्त उसके प्रोटेक्शन के लिए उसका पति अदृश्य चौहान मौजूद था कोई भी अब उसकी बीवी की तरफ आज उठाकर देख नहीं सकता था उसकी बीवी की तरफ उठने वाले सारे हाथ को वह काट सकता था उठने वाली आंखों को वह नच सकता था । To be continued

  • 15. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 15

    Words: 1022

    Estimated Reading Time: 7 min

    अदृश्य और इश्क इस वक्त अपने कमरे के बालकनी पर खड़े हुए थे रात का वक्त हो चुका था सभी ने मिलकर डिनर कंप्लीट कर लिया था और इस वक्त वह लोग वहां पर खड़े हुए थे उनके चेहरे पर कोई भी भाव नहीं थे इश्क दूर तक फैली हुई आसमान में चमक रहे तारे को देख रही थी उन तारों को देखते हुए उसने अपनी गहरी आवाज में कहा " आसमान में हजारों तारे चमक रहे हैं लेकिन उनके करीब कोई नहीं जा सकता उनके बीच एक सीमित दूरी बनी ही रहती है अगर कोई तारा टूट भी गया तो वह चाह कर भी अपने आप को जोर नहीं पता है ठीक वैसे ही मेरा दिल भी बुरी तरीके से टूट चुका है और यह मैं समझ नहीं पा रही हूं कि इसे मैं कैसे जोडू । " इश्क ने अपने दिल में चल रहे सवालों को एक-एक करके अदृश्य के सामने खोल दिया इस आस में कि उसे जवाब जरूर मिलेगा जैसे अदृश्य ने अपनी मोहब्बत के मुंह से ऐसी बातें सुनी उसे अपने दिल में चुभता हुआ सा महसूस हुआ ।     उसके होठों पर अजीब सी मायूसी आंखों में अजीब से एहसास चेहरा पल भर में ही मुस्कुरा गया तुझे अपना दिल भरी होता हुआ सा महसूस हुआ उसे समझ नहीं आया कि इन दो पलों में उसे ऐसा क्या हुआ कि वह ऐसा कुछ बोल रही थी बीते 48 घंटे में उसने कुछ भी नहीं कहा था नहीं उस शिकायत की थी और अब वह शिकायत कर भी रही थी तो कैसे उसका दिल छाले हुआ जा रहा था कि उसकी मोहब्बत इस तरह दर्द में है और वह पहचान ही नहीं पाया उसकी आंखों में गिल्टी भर गया और उसने शर्मिंदगी से सिर झुकाते हुए अपनी मायूसी भरी आवाज में कहा " my sweet mistaken what happened क्यों तुम्हें ऐसा लगता है कि तुम्हारा दिल टूट गया है और वह टूट नहीं सकता और मैं तुमसे वादा करूं कि मैं इस टूटे हुए दिल को इस कदर जोड़ दूंगा अपनी मोहब्बत से कि वह चाह कर भी टूट नहीं पाएगा तो तुम मेरी मोहब्बत को कबूल कर लोगी सच्चे दिल के साथ । " दृश्य ने भी इस रहस्य में लहजे में उसका जवाब दिया उसकी बातों में बीजू'एस की इश्क आराम से समझ सकते थे उसने आसमान की तरफ देखना बंद किया और उसकी आंखों में देखते हुए कहा " मैं उसे रात को अभी तक भोला नहीं हूं मुझे याद नहीं कि मैं वहां कैसे पहुंचे और क्यों उसे वक्त हम दोनों उसे कंडीशन में थे उसे वक्त मैं आपसे सवाल नहीं कर पाई क्योंकि सच्चाई से मैं रूबरू नहीं थी और नहीं उसे रात की सच्चाई अभी भी मुझे मालूम है लेकिन जिस तरह से आपने मुझ पर बिना इल्जाम लगाए अपनी गलती और मेरी गलती को स्वीकारा और मुझे अपना नाम दिया इससे मैं यह साफ कह सकती हूं कि आप पूरे व्यक्ति नहीं है आप में कुछ अच्छा या जरूर है और मैं यह भी जानती हूं कि आपने मेरे परिवार वालों का मुंह बंद कर दिया और मुझे जिल्लत भरी जिंदगी जीने से बचा लिया लेकिन मैंने अपनी जिंदगी में इतने दुख और दर्द जिले हैं कि मैं चाह कर भी आपके ऊपर भरोसा नहीं कर पा रही हूं हमारी शादी को 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि आपकी मंशु का एक बच्चे को पेट में लिए आ गई और उसने तो यह टकड़वा किया कि वह बच्चा आपका है लेकिन मैंने उसे पर भरोसा ना करके आप पर किया और मेरा यह भरोसा बिल्कुल ठीक निकला लेकिन उसे वक्त मुझ पर क्या बीती यह मैं आपके शब्दों में बयां नहीं कर सकती शादी को 24 घंटे नहीं हुए और उसकेबाद ही पति का ऐसा अफेयर किसी को भी तोड़ सकती थी मैं बार-बार ऐसा दर्द ऐसी तकलीफ नहीं सह सकती इसलिए मैं चाहती हूं कि आप मुझसे और मैं आपसे अल ,, " इश्क के मन में जो आ रहा था उसकी जुबान से वही निकल रहा था उसे यह बिल्कुल भी होश नहीं था उसके कहे गए शब्द किसी के दिल में आग लगाने के लिए काफी थे ।      इश्क बस अपने मन की बातें बोले जा रही थी वही अदृश्य ने जब सुना की कैसे उसे कुछ मिनट के गलतफहमियों ने उसके इश्क के मन में इतना ज्यादा डर और दर्द भर दिया है कि वह अब उससे अलग होने वाली है तो उसका गुस्सा जैसे ए गूगल ने लगा वह ज्वालामुखी बनकर उसे पैर फटने को तैयार हो गया वह उसकी मनु स्थिति समझ रहा था लेकिन उससे अलग होने वाली बात सुनकर वह अपने गुस्से को कंट्रोल नहीं कर सका और उसने एक झटके से इश्क के होठों को अपने होठों में कैप्चर कर लिया और लगातार उसके जूस से लिप्स को अपने हॉट हो से उसका रस निकालने लगा को लगातार उसके होठों को स्मूच कर रहा था लगातार उसके कमर पर अपने दबाव बना रहा था वह काफी रफ होकर उसके होठों पर टूट पड़ा था जैसे वह उसके होठों पर अपना गुस्सा निकल रहा था वही जैसे ही इश्क को अपने होठों पर दर्द महसूस हुआ उसकी आंखें बंद हो गई उसकी पकड़ भी अदृश्य के ऊपर कर चुकी थी उसका गुस्सा जैसे वह महसूस कर रहे थे अदृश्य लगातार उसके होठों पर बीते किए जा रहा था इश्क को दर्द से उसका चेहरा पीला पढ़ते जा रहा था लेकिन अदृश्य था जिसे कोई फर्क ही नहीं पादना रहा था अदृश्य लगातार उसके होठों पर अपना गुस्सा बरसा रहा था उसके जहां में पिछले जन्म की यादें किसी रियल की तरह जलने लगी चलने लगी जब उसने खुद ही अपने हाथों से अपनी मोहब्बत को मार दिया था वह भी क्यों सिर्फ कुछ गलतफहमियों के लिए अब दूसरा जनों से मिला था जिसमें वह कभी भी अपनी मोहब्बत को खुद से दूर जाता हुआ नहीं दे रहा देख सकता था ऐसे में इश्क का यह कहना कि वह उससे अलग हो जाए उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था उसे अपना दिल जलता हुआ महसूस हो रहा था ऐसा लग रहा था जैसे पल भर में ही हजार सूर्य उसके सीने में चुभा दी गई हो । To be continued ✍

  • 16. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 16

    Words: 2177

    Estimated Reading Time: 14 min

    अदृश्य का प्राइवेट मेंशन,,, दादाजी का कमरा,,,      दादाजी इस वक्त अपने कमरे के सिंगल सोफे पर किसी राजा की तरह बैठे हुए थे उनके हाथों में उनका फोन था उन्हें उनकी आंखें छोटी हुई थी उनके आंखों में अजीब से जज्बात नजर आ रहे थे तभी एक बार फिर से उनके हाथों में पड़ा हुआ फोन बज उठा और फोन पर फ्लैश हो रहे नाम को देखकर दादाजी की आईब्रो आपस में ही सिकोड़ ली ।।।            और उन्होंने जैसे तैसे करके उन्होंने कॉल अटेंड कर लिया और अपनी गहरी डोमिनेटिंग वॉइस में कहा " किस लिए कॉल किया है ? " दादाजी ने अजीब सी आवाज में सवाल किया दादाजी के पास उनका दूसरी तरफ फोन में मौजूद व्यक्ति ने अपने उसे भारी आवाज में कहा " यह आप हमसे कैसे बात कर रहे हैं दिग्विजय क्या आप हमें भूल चुके हैं ? " एक औरत की गुस्से भरी आवाज आई ।।।।             उसे औरत के गुस्से भरी आवाज सुनकर दादाजी ने अजीब सी मुस्कुराहट अपने होठों पर सजा ले और अपनी डोमिनेटिंग वॉइस में कहा " बट किस्मती से सुलोचना हम कभी भी ना तुम्हें भूल पाए और ना ही तुम्हारी इस चुड़ैल जैसी आवाज को ? " दादाजी दिग्विजय चौहान ने अपनी मजाक उड़ाने वाली आवाज में कहा ।      उनकी बात सुनकर दूसरी तरफ मौजूद औरत का पर चढ़ गया और उन्होंने गुस्से से अपने फोन को घर कर देखा और अपने दांत पीसते हुए अपने हर एक शब्दों पर जोर देते हुए बोली " लगता है आपको सही से ट्रीटमेंट नहीं मिल रही है जिसकी वजह से आप हमसे इस तरह से बात कर रहे हैं बोलिए मत हम आपकी धर्मपत्नी है । " वह औरत जिसका नाम सुलोचना था वह कोई और नहीं दादाजी की धर्मपत्नी सुलोचना दिग्विजय चौहान थे अपनी पत्नी की बात सुनकर दादाजी के होठों पर मुस्कुराहट आ गई ।             उन्होंने अपनी मुस्कुराहट को बरकरार रखते हुए दादी जी की गहरी सांसों को महसूस करते हुए अपनी आंखों को बंद करके बोले " यही तो बहुत बड़ी विडंबना है भाग्यवान हम आपको कहां भूल सकते हैं आखिर हम तेरे कीड़े मकोड़े और आप है जालिम छिपकली जो हमें का ही जाएगी जिसकी वजह से हमें बचकर ही रहना पड़ता है । " दादाजी ने इस बार ड्रैमेटिक वॉइस में कहा दादाजी की बात सुनकर दादा दादी मां आप खुद को मुस्कुराए बिना रोक न सकी उनके होठों पर जो कुछ वक्त पहले चीड़ और चेहरे पर गुस्सा नजर आ रहा था अब उसकी जगह मुस्कुराहट ने ले ली थी ।       उन्होंने मुस्कुराते हुए सारी बातों को डालकिनार करते हुए अपनी सीरियस और गंभीर वॉइस मेंदादरी से कहा " आप हमें सारी बातें कब बताने वाले थे क्या जब पूरे वर्ल्ड को पता चल जाता तब या फिर अभी भी कुछ बचा हुआ है जो हम नहीं जानते ? " इस बार दादी मां सुलोचना की आवाज में टोंट दादाजी अच्छे से समझ चुके थे ।      उन्होंने गहरी सांस खींची दादी मां का कॉल देख कर ही दादाजी समझ चुके थे कि उन्होंने न्यूज़ देख ली है जिसकी वजह से उन्होंने कॉल किया था उन्होंने गहरी सांस खींची और कहा " देखी मेरी रसमलाई इसमें मेरी कोई भी गलती नहीं है यह सब आपके पोते का किया धरा है आप उनसे निपट लीजिए लेकिन एक बात हम दावे के साथ कह सकते हैं आपके पोते में आपकी पोता पर हो एकदम चौचक ढूंढी है जो पूरी तरीके से अपने तो उन्हें देखा ही होगा " दादाजी ने बताते हुए कहा । ।।।       दादी मां ने उनकी बातें सुनी और उनकी बातों को दरकिनार करते हुए उन्होंने अपनी अलग ही महाभारत शुरू करते हुए कहा " दृश्य नहीं यह बिल्कुल भी ठीक नहीं किया हमने उनसे कहा था कि उनकी शादी हमारे फ्रेंड की पोती शनाया अग्रवाल से होगी लेकिन उन्होंने तो पता नहीं किसी लड़की से शादी कर ली उसका चेहरा भी कमरे में ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन डोंट वरी हम आकर उन्हें बाहर निकाल देंगे और अपनी मासूम और प्यारी शनाया अपनी पोती की जिंदगी में एंट्री देंगे ताकि वह मेरे पोते की जिंदगी को सुखमय बना सके । " दादी मां ने कहा और शांति से वहां पर पसार गए दोनों तरफ खामोशी खामोशी रह गई।।।          दादाजी ने कुछ नहीं कहा कुछ पल की खामोशी के बाद दादाजी ने कहना शुरू किया " पहले और आखिरी बात हमने दृश्य की आंखों में उसे लड़की के लिए गहरी मोहब्बत अच्छी है जो आपके या मेरे कहने से कभी खत्म नहीं होगी और नहीं वह आपका बात मानेगा मैं उसकी आंखों में एक बगावत अच्छी है एक अजीब सा एहसास देखा है जो कुछ भी कर गुजरने को तैयार है सिर्फ और सिर्फ उसे लड़की के लिए इसलिए मैं सिर्फ आपसे यह कहना चाहता हूं कि आप शनाया के चक्कर में अपने पोते से खुद का रिश्ता खराब मत कीजिएगा । " दादाजी ने कहा और दूसरी तरफ की बात सुनने बगैर ही उन्होंने कॉल कट कर दिया । ।      एक बार फिर से उनका कमरा गहरी अंधेरे में डूब चुका था गहरी खामोशी में उसे कमरे पर अपना कब्जा जमाया हुआ था उन्होंने झटके से अपने कमरे की टेबल लैंप ऑन किया और रोशनी में अपने कमरे के सामने वाले दीवाल पर लगे हुए अदृश्य का बड़ा सा पोस्ट पोस्ट देखने लगे जिनमें अदृश्य बड़ी श्याम से खड़ा हुआ था वह करीब 7 8 साल का रहा होगा उसके होठों पर हल्की सी मुस्कुराहट थी और वह सामने की तरह किसी बच्ची को देख रहा था उसे फोटो को देखते हुए ,           दादाजी ने दर्द भरी आवाज में कहा " हमने कभी नहीं सोचा था की आपको एक बार फिर से मुस्कुराते हुए देखेंगे आपके चेहरे पर वह खुशी देखेंगे जो हमने उसे वक्त देखा था उसे हादसे के बाद तो जैसे आपने मुस्कुरा नहीं छोड़ दिया था आपको लड़कियों के ऊपर बिल्कुल भी भरोसा नहीं था लेकिन हमने आपकी आंखों में इन 48 घंटे में इतने एहसास देख लिए हैं कि अब हमें यकीन हो चला है कि आपको संभालने वाला कोई अगर इस दुनिया में है वह सिर्फ और सिर्फ से अनजान है लेकिन हमें यकीन है कि आप उसे अनजाने एहसास को भी उनसे रूबरू जरूर करवा देंगे आपकी आंखों में दिखती वह चमक हम भूल नहीं सकते आपकी होठों की वह कीमती मुस्कुराहट जो सिर्फ उसके साथ होती है हम उसे कभी भी कम होने नहीं देंगे इस जन्म में कभी भी आपकी मोहब्बत को हम आपसे दूर होने नहीं देंगे उसकी वजह से ही सही लेकिन आपके होठों पर मुस्कुराहट बरकरार है और इस मुस्कुराहट को बरकरार रखने के लिए हम कोई भी कीमत चुका सकते हैं हम आज आपसे वादा करते हैं कि अब कभी भी आपकी जिंदगी से वह खुशियां जिसका नाम इश्क है कभी आपसे जुदा नहीं होगा और यह मेरा आपसे वादा है मेरे प्यारे पोते । " दादाजी ने अपनी आंखों में ना मिला कर अपनी गंभीर आवाज में कहा ।      उनकी बातों में दुनिया जहां की दुख और तकलीफ जाहिर हो रहे थे उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह गहरी दुख में गिरा हुआ हो ।             एक तरफ जहां दादा जी उन दोनों को कभी अलग ना होने देने की बातें कर रहे थे अदृश्य और इश्क के बीच का माहौल गर्म होता जा रहा था मामला काफी गंभीर हो चुका था अदृश्य ने अब तक उसके होठों को आजाद कर लिया था और उसे अपने सीने से लगाकर उसके बालों पर लगातार अपनी उंगलियां चल रहा था ताकि उसकी सांसे उसके कंट्रोल में आ जाए और खुद भी वह गहरी गहरी सांस लेते हुए खुद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था ।      थोड़ी देर बाद दोनों ही अब तक अपनी भारी हो चुकी सांसों को संभाल चुके थे और दृश्य ने इश्क की आंखों में देखते हुए अपनी गहरी आवाज में अपने हर एक शब्द को जोर देते हुए कहा " आज कहा तो कहा दोबारा जो आपके लबों पर ऐसे शब्द आणि नहीं चाहिए मैं स्वीट मिस्टेकन । " अदृश्य ने अपनी डोमिनेटिंग वॉइस में कहा उसकी आवाज में आज एक अलग ही धमकी इश्क महसूस कर सकती थी इन पूरे 48 घंटे में ऐसा पहली बार हुआ था कि अंतरिक्ष से ने उसे इस तरह से बातें की हो पता नहीं क्यों लेकिन अदृश्य की ऐसी तिथि बातें उसे बर्दाश्त नहीं हुआ और वह जोर-जोर से रोने लगी ।         इश्क की रोने की आवाज इतनी तेज थी जैसे किसी बच्चे से उसकी पसंद देता टॉय किसी ने छीन लिया हो उसे इस तरह से चिल्ला चिल्ला कर रोता हुआ देखकर अदृश्य अपनी जगह पर खड़ा का खड़ा रह गया उसकी आंखें बड़ी-बड़ी हो गई और उसके चेहरे पर है रानी की साफ नजर आने लगे वह अपनी आंखों को बड़ी-बड़ी के हैरानी से सिर्फ और सिर्फ इश्क के मासूम से चेहरे को देख रहा था ।                          इश्क का मासूमियत से भरा चेहरा पूरी तरीके से लाल हो चुका था वह शर्म से था गुस्सा से था या फिर रोने की वजह से अदृश्य को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था उसके होंठ बिल्कुल उसके किस करने की वजह से किसी चेरी की तरह लाल हो चुके थे । वही उसकी बड़ी-बड़ी खेलने से आंखों से बड़े-बड़े मोटे-मोटे आंसू एक के बाद एक गिर रहे थे उसकी आवाज इतनी तेज थी कि कमरे से बाहर जा रहे थे क्योंकि उसके कमरे का दरवाजा ओपन था वह ऐसे रो रही थी जैसे अदृश्य ने न जाने उसे पर कितना ज्यादा जुल्म ढा दिया हो?            दृश्य के चेहरे पर कन्फ्यूजन साफ नजर आ रहे थे उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि उसके साथ हुआ क्या वह इस शब्द अपनी जगह पर खड़ा हो चुका था वह ना तो अभी पलके झटका पा रहा था और ना ही इश्क को चुप करने की कोशिश कर पा रहा था वह पूरी तरीके से शौक हो चुका था उसने बिल्कुल भी यह एक्सेप्ट नहीं किया था कि उसे इस तरह चिल्लाने मात्र से है इश्क इस तरह से रोने लगी थी वही इश्क जो चिल्ला चिल्ला कर रोए जा रहे थे वह खुद भी कंफ्यूज थे उसके मन में हजारों सवाल चल रहे थे वह इस तरह से चिल्लाकर क्यों रो रहे थे उसके आंसू चाह कर भी आज उसके कंट्रोल में नहीं थे वह खुद के आंसुओं को रोकना चाहते थे लेकिन उसके आंसू रोकने का नाम ही नहीं ले रहे थे ।         उसके घर में उसे पर कितने ज्यादा जरूरी हो गए थे उसे पर तो कोड़े बरसाए गए थे फिर भी उसके मुंह से यू तक नहीं निकलती थी और आज देखो मात्रा चिल्लाने से ही उसके आंसू रोकने का नाम नहीं ले रहे थे कि सिर्फ 48 घंटे में अदृश्य का उसके लिए केयर ही था जिसकी वजह से वह अदृश्य की इतनी डोमिनेटिंग वॉइस सुनकर खुद को कंट्रोल नहीं कर पाए और उसका दिल जोर-जोर से रन करने लगा ।        वही दादाजी जो अपने कमरे में अंधेरे में बैठे हुए अपनी अतीत की कड़वी यादों को याद कर रहे थे । अब उन्हें अपने कमरे में घुटन हो रही थी जिसकी वजह से वह अपने कमरे से बाहर आकर लिविंग हॉल के चारों तरफ चक्कर लगा रहे थे अचानक से ही उन्हें अदृश्य के कमरे से रोने की आवाज है भले ही इश्क को इस घर में आए हुए 48 घंटे ही हुए थे लेकिन इन 48 घंटे में उसकी मीठी मिश्री से आवाज को दादाजी अच्छे से पहचान गए थे और उन्हें यह सब पता चल गया कि यह आवाज किसी और कि नहीं इश्क की है और इतनी तेज आवाज सुनकर जितने भी सर्विस वहां पर काम कर रहे थे सभी इकट्ठा हो गए सभी के चेहरे पर कन्फ्यूजन नजर आ रहे थे दादाजी भी कंफ्यूज थे उन्होंने बिना देरी किए कमरे की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए लगभग 5 मिनट के बाद ही लिफ्ट से वह अदृश्य के फ्लोर पर थे हालांकि वहां पर किसी का भी जाना माना था लेकिन इस वक्त इश्क की आवाज जो की रोने की थी वह और ज्यादा बढ़ती ही जा रही थी वह अदृश्य के कमरे के दरबार से के पास पहुंचे जो आधा खुला हुआ था उन्होंने देखा इश्क खड़े हुए रोए जा रहे थे उसके हाथ में एक पिलो था जो वह लगातार अदृश्य के सीने में मार रही थी वही अदृश्य किसी मूर्ति की तरफ अपनी जगह पर खड़ा हुआ था उसके चेहरे पर कोई भी एक्सप्रेशन नहीं थे बस हैरानी से उसकी आंखें बड़ी-बड़ी थी और मोह हल्का सा खुला हुआ था वह अभी भी अपने शौक से बाहर नहीं आया था दादाजी ने जब उसे इस कंडीशन में देखा तो अपनी रोकदार आवाज में कहा " यह क्या हो रहा है रात को आदमी सोते हैं क्या उल्लू की तरह रोते हैं ? " उन्होंने कड़क आवाज में कहा हालांकि उन्हें दृश्य की हालत देखकर हंसी आ रही थी उनके पीछे-पीछे है सारे सर्वेंट भी आ चुके थे ऑनलाइन लगाकर अंदर कमरे की तरफ झांकने की कोशिश कर रहे थे ।       पुराना सही लेकिन उन लोगों ने अंदर का थोड़ा सा नजर अपनी आंखों से देखा था और सभी के चेहरे पर है रानी नजर आ रहे थे किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ,,, To be continued ✍

  • 17. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 17

    Words: 1087

    Estimated Reading Time: 7 min

    अदृश्य का कमरा,,,

                    जैसे ही अदृश्य और इश्क के कानों में दादाजी की आवाज गई दोनों एक झटके से दरवाजे की तरफ मुड़ के इश्क करें अपने हाथों में पड़ा हुआ पी लो एक झटके से अदृश्य के हाथों में फेंक दिया और बिल्कुल मासूम से गुड़िया की तरह सर झुका कर खड़ी हो गई ।

           उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे किसी न्यूज़ पर लाखों जन्म कर दिए हो इस वक्त उसकी बड़ी-बड़ी हिरनी सी आंखें बार-बार झपके जा हो रही थी । उसने अपनी हाथों को बार-बार उलझन में उलझाया हुआ था और उसका चेहरा लाल हो चुका था जाहिर से बात थी उसे शर्म जो आ रही थी।

               दादाजी की बात सुनकर अदृश्य ने खुद को संभाला और अपने चेहरे पर बिना कोई एक्सप्रेशन लाए हुए उसे पेड़ों को बिना पेट की तरफ देखे हुए उसकी तरफ देखकर अपने इमोशनल लेस चेहरे के साथ कहा " nothing important दादू।  " दो शब्द ऑन में ही अदृश्य नहीं ने यह साबित कर दिया था कि यह मामला उन दोनों पति-पत्नी का था जिनमें किसी का बीच में आना वह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकता था ।


              दादाजी ने गहरी नजरों से उन दोनों की तरफ देखा और बिना कुछ के वह कमरे से बाहर की तरफ चले गए। उनके साथ सारे सर्वेंट भी बाहर की तरफ चले गए और कमरे में इश्क और अदृश्य के अलावा कोई भी मौजूद नहीं था इश्क को जब महसूस हुआ किस वक्त वह दोनों अकेले हैं तो उसने कछुए की चाल से कमरे के दरवाजे की तरफ गई और एक झटके से कमरे का दरवाजा बंद कर दिया दरवाजा बंद करते हैं ।

                उसने दरवाजे से लगकर अदृश्य की तरफ देखा और एक बार फिर से उसकी आंखें छोटी होगी और उसने अदृश्य पर ब्लेम करते हुए कहा " यह सारा कुछ आपकी वजह से हुआ है आपकी वजह से सब हमारे बारे में क्या सोच रहे होंगे उनको लग रहा होगा कि हम आप पर जुल्म करते हैं जबकि उसका उल्टा ही हो रहा है वह आप है जो हम पर जुल्म कर रहे हैं हम नहीं चाहते अब आगे हम दोनों के बीच कोई पास हो और ना ही मैं चाहती हूं कि मेरी जिंदगी मस्जिद इन दुख हर तकलीफ में भी दे इसलिए मैं चाहती हूं कि हम दोनों का डाई,,, " इश्क ने कहना चाहा ।

          उसकी बातों में एक अजीब सा खालीपन महसूस किया जा सकता था उसकी पलके झुकी हुई थी और आंखें लाल हो चुकी थी जिसका साफ मतलब था कि वह वह मुश्किल अपनी आंखों में आ रहे आंसुओं को रोकने की कोशिश कर रही थी वही जैसे ही अदृश्य ने उसकी बातें सुनी और लास्ट का शब्द सुनकर उसका छुपा हुआ गुस्सा जैसे एक बार फिर से उफान मारने को तैयार हो गया उसने एक झटके इश्क को अपनी बाहों में खींच लिया और उसके लबों से अपने लबों को छोड़कर उसे खामोश कर दिया ।

            इश्क के आगे के शब्द उसके गले में ही कहीं अटक कर रह गए और वह अपनी आंखों को बड़ी-बड़ी करते हुए अपनी लाल आंखों के साथ अदृश्य के लाल आंखों में देखने लगी उसने देखा अदृश्य की आंखें पूरी खून की तरह लाल हो चुकी थी माथे की नसेबिल्कुल दिखाई दे रही थी उसके चेहरे पर दिख रहा वह कालापन इश्क साफ महसूस कर सकती थी अब उसे खतरनाक वाली वाइफ आ रही थी ऐसा लग रहा था जैसे उसने खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली थी ।

             उसे अदृश्य के अंदर से बेहद ही खौफ आ रहा था उसके अंदर से उसे खतरनाक वाइफ आ रही थी उसे महसूस हो चुका था अब वह पूरी तरीके से खतरे के अंदर आ चुकी है और वह चाह कर भी इस खतरों से बच नहीं सकती तभी अचानक से उसे अपने होठों पर दर्द का एहसास हुआ और इस दर्द का एहसास उसकी आंखें बंद कर आ चुका था उसने दर्द को सहते हुए कसकर अपनी आंखें बंद कर ले और उसके हाथ जो कुछ वक्त पहले उसके कंट्रोल में थे अब उसके हाथ अदृश्य के हाथों में कैद थे अदृश्य ने अपने एक हाथ से उसके दोनों हाथों को पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ से उसके कमर को पड़कर खुद के करीब खींच रहा था फोन लगातार उसके होठों को किसी कड़ी की तरह ककड़ी की तरह चबाए जा रहा था ।

          उसकी आंखों और चेहरे पर दिख रहा गुस्सा इश्क के दिल को धड़कने के लिए काफी था उसे हद से ज्यादा डर लग रहा था उसे समझ नहीं आ रहा था आखिर उसने ऐसे शब्द क्यों कहे किसी के साथ उसे बेहद दर्द का एहसास भी हो रहा था होठों का दर्द तो अलग ही था लेकिन उसको अपनी कमर पर भी अदृश्य की मजबूत हाथों की पकड़ भी महसूस हो रही थी जिसकी वजह से उसका चेहरा दर्द में डूबता ही जा रहा था अदृश्य को अब अपने होठों पर खून का टेस्ट भी आ रहा था साथ ही साथ इश्क का झटपटना।

           पुस्तक महसूस कर सकता था जिसकी वजह से उसका गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था बार-बार उसके कानों में डाइवर्स शब्द किस रोलर कोस्टर की तरह गूंज रहे थे पाल-पाल उसका गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था को चाह कर भी खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था एक बार वह खुद की गलती से अपनी जिंदगी बर्बाद कर चुका था अब एक बार फिर से वह अपनी जिंदगी भर बात नहीं करना चाहता था अपने पिछले जन्म में किए गए गलती को दोहराना नहीं चाहता था और इस बार तो चाहे मर्जी से हो या जबरदस्ती से वह इश्क के साथ कभी नहीं छोड़ सकता था और यह लड़की बार-बार उससे दूर जाने की कोशिश कर रही थी अब उसे थोड़ा सा अपने ऊपर पछतावा हो रहा था उसे इश्क के साथ इतना नरम भी नहीं होना चाहिए था जिसकी वजह से इसको उसे इस तरह बातें कर रही थी और उससे दूर जाने को बार-बार कह रही थी पिछले जन्म में उसके सामने इश्क के मुंह से आवाज नहीं निकलती थी लेकिन अब अब तो इश्क उससे मुंह चोरी करने लगी थी और उससे भी उसका मन नहीं भरा तो फोन लगा तब उससे दूर जाने के बाद कर रही थी जो उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था उसने मन ही मैन खुद से कहा और खुद को तसल्ली देते हुए वह सोचने लगा आप चाहे कुछ भी हो जाए मैं बिल्कुल भेज के सामने नम नहीं पढ़ूंगा आखिर इसकी हिम्मत भी कैसे हो मुझसे दूर जाने को खाने की वैसे इसकी कीमत चुकानी होगी । "

    To be countinue


         

  • 18. Dominating CEO Rebirth Of His Wife - Chapter 18

    Words: 732

    Estimated Reading Time: 5 min

    अगली सुबह

    डाइनिंग टेबल पर दादा जी मौज़ूद थे, वहीं किचन में इश्क़ खड़ी नाश्ता बना रही थी। डाइनिंग टेबल पर अदृश्य बैठा था, नाश्ते का इंतज़ार करते हुए। उसकी उंगलियों में ब्लैक कॉफी का कप था, और वह उसे हल्के घूँट भरते हुए फोन पर कुछ स्क्रॉल कर रहा था। माहौल शांत था, लेकिन यह शांति ज़्यादा देर तक टिकने वाली नहीं थी।

    तभी दादा जी ने अदृश्य की तरफ़ गहरी नज़र डालते हुए कहा, "छिपकली को तुम्हारी शादी का पता लग चुका है, और वो कभी भी यहाँ पहुँच सकती है। जब वो यहाँ आएगी, तो तुम जानते हो कि उसकी अलग ही महाभारत शुरू होगी। इसीलिए हम तुमसे कह रहे हैं, बात को ज़रा सँभाल लेना... और बहू को छिपकली से दूर ही रखना। हमें उनके मिज़ाज कुछ ठीक नहीं लग रहे थे।"

    दादा जी की गंभीर आवाज़ में एक चेतावनी थी। अदृश्य ने उनके शब्दों पर ध्यान दिया और गहरी नज़रों से उन्हें देखा। वह समझ चुका था कि दादा जी किसकी बात कर रहे थे—वो उसकी दादी माँ की ही बात कर रहे थे। दादा जी अपनी पत्नी को प्यार से "छिपकली" कहकर बुलाते थे।

    अदृश्य ने कॉफी का आखिरी घूँट लिया, फिर अपने कप को टेबल पर रखते हुए गहरी आवाज़ में कहा, "आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है... वह मेरी अमानत है। मेरी ज़िम्मेदारी है, और उसे कोई छू भी नहीं सकता। रही बात दादी माँ की, तो हाँ, मैंने इश्क़ से जबरदस्ती शादी की थी... ना कि उसने मुझसे। यू डोंट वरी... मैं सब संभाल लूँगा।"

    यह कहकर अदृश्य चुपचाप बैठ गया, लेकिन उसकी आँखों में ठहराव से कहीं ज़्यादा कुछ था—एक हलचल, एक इरादा, जो यह साफ़ कर रहा था कि अब कुछ बड़ा होने वाला था।


    घर के सभी लोग अंदर थे, लेकिन इश्क़ अब बाहर आ चुकी थी। उसके साथ एक सेविका थी, जो धीरे-धीरे उसके पीछे चल रही थी। उसने बनारसी लाल रंग की साड़ी पहन रखी थी, जो उसके गोरे बदन पर और भी दमक रही थी। चेहरे पर हल्का मेकअप, होठों पर हल्की गुलाबी लिपस्टिक, और बाल खुले छोड़ रखे थे। लेकिन सबसे ख़ास था उसकी माँग में भरा सिंदूर और गले में पड़ा मंगलसूत्र—जो उसे एक अजीब-सी शोभा दे रहा था।

    धीमे कदमों से चलती हुई, उसने चुपचाप जाकर दादा जी के पैर छू लिए। एक पल को घर में सन्नाटा छा गया। दादा जी ने जल्दी से उसके कंधे पकड़कर उसे उठाया और हल्की मुस्कान के साथ बोले,

    "हमने तुमसे पहले भी कहा था और आज भी कह रहे हैं... बेटियाँ पैर नहीं छूतीं। यह दोबारा मत करना..."

    दादा जी की बात अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि तभी एक तेज़, धड़कती हुई आवाज़ घर के माहौल में गूँज उठी।

    "बेटी नहीं है यह इस घर की! यह चौहान खानदान की बिना ब्याही बहू है। बिना किसी रस्म-रिवाज के बहू! हमने तो शादी के बाद इसे आशीर्वाद तक नहीं दिया था, तो आखिर यह बहू कैसे हुई?"

    आवाज़ सुलोचना दिग्विजय चौहान की थी—दादा जी की पत्नी, और इस घर की बड़ी बुज़ुर्ग।

    उनकी मौजूदगी से घर का माहौल एकदम ठंडा हो गया। लंबे कद की एक उम्रदराज़ महिला भीतर आती दिखाई दी। उन्होंने अपने बालों का ऊँचा जूड़ा बना रखा था, जिसमें मोगरे के फूलों की महक बिखरी हुई थी। उन्होंने पीले और सफ़ेद रंग की सिल्क की साड़ी पहनी थी, जो उनकी शाही शख्सियत को और निखार रही थी। गले में भारी मंगलसूत्र, हाथों में ढेर सारी चूड़ियाँ, और सोलह श्रृंगार में लिपटी वह औरत जितनी ख़ूबसूरत थी, उतनी ही खतरनाक भी दिख रही थी।

    लेकिन सबसे ख़ास थी उनकी आँखें—जो गुस्से और नफ़रत से भरी हुई थीं।

    उनकी हील्स की ठक-ठक गूँजती हुई आगे बढ़ रही थी, और उनके पीछे एक और लड़की थी।

    वह लड़की सफ़ेद रंग का अनारकली सूट पहने हुए थी। चेहरे पर ज़रूरत से ज़्यादा मेकअप, होंठों पर गहरा लाल रंग, और बाल खुले हुए। उसके कदम धीमे थे, लेकिन उसकी आँखों में एक अलग ही चालाकी झलक रही थी। वह अपने चेहरे पर जितना भी दिखावे का मासूमियत का रंग चढ़ा लेती, उसकी आँखों की मक्कारी उसे धोखा देने नहीं देती।

    वह लड़की धीरे-धीरे सुलोचना के पीछे चल रही थी, लेकिन उसकी चाल ही बता रही थी कि वह यहाँ किसी मकसद से आई थी।

    माहौल में अब नफरत, तिरस्कार और एक नई परीक्षा की दस्तक गूँज रही थी।

    To be countinue.

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