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My protective husband's

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🍁...𝒕𝒉𝒆 𝒔𝒘𝒆𝒆𝒕 𝒈𝒊𝒓𝒍...🍁

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Description

यह कहानी है आराध्या की जोकि एक मासूम लड़की है मगर दो डेविल ब्रेदर उसे देखते ही उसके प्यार में पढ़ जाते है मगर क्या आराध्या उन्हें अपना पाएगी ?? क्या दोनों डेविल ब्रदर्स उसे प्यार दे पाएंगे जाने के लिए कहानी के साथ बने रहिए...!!

Total Chapters (13)

Page 1 of 1

  • 1. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 1

    Words: 1017

    Estimated Reading Time: 7 min

    मेरी पहली कहानी मैं आप सबका स्वागत है..!
    चलिए इस कहानी के किरदारों से मिलते है।

       आराध्य ( हमारी हीरोइन ) 17 साल की एक नाजुक सी लड़की है..जल्दी ही ये 18 साल की होने वाली है,इसलिए इनकी चाची इनकी शादी एक अमीर बूढ़े इंसान करके इन्हें इनके घर से बाहर फेकना चाहती है।

        हीरोइन से तो मिल लिया चलिए आपको हम अपने हीरो से मिलवाते है...!

                            कबीर आहूजा..
        27 साल के है  और KR industries के चेयरमैन है  इन्हे अपने भाई से बड़ा प्यार ये अपने जुड़वा भाई यानी ऋषि आहूजा से काफी करीब है, ये तो अपने KR नाम सुनके पता कर लिया होगा की ये कितने जायदा दोनो करीब है।

                           ऋषि आहूजा
                 27 साल के है अपने लाइफ सबसे जायदा important शख्स इनका बड़ा भाई जोकि इनसे 5 मिनट बड़ा है ये और कबीर की पसंद एक जैसी है मगर कुछ अलग है तो वो बस इनका थोड़ा अंदाज और थोड़ा नेचर..जहा कबीर हर वक्त गुस्से मैं होते है और लड़कियों से दूर रहते है वही ऋषि को लड़कियों के साथ मजे करना इनकी हॉबी है।


    मगर अब तक इनके लाइफ मैं आराध्य ने एंट्री नही मारी है इसलिए अभी ये कुछ भी कर सकते है एक बार आराध्य इनकी लाइफ मैं आ जाए तो तब दोनो ही जोरु का गुलाम बन के रहेंगे...

    -----

    हेलो फ्रेंड्स आप लोगों को कैसी लग रही है हमारी कहानी के कैरेक्टर क्या आप लोग इस स्टोरी के लिए एक्साइटिड है।

    चलिए नोवेल का फर्स्ट चैप्टर से शुरू करते है....

    -------

    दिल्ली के एक क्लब मैं..

    एक अंधेरे कमरे मैं बस एक लड़की की चीखने की आवाज आ रही थी....आह...प्लीज छोड़ो मुझे प्लीज मुझे जाने दो......

    इतना बोलते हुए वो लड़की सामने खड़े कुछ लडको को अपने आप से दूर करने की कोशिश कर रही थी।

    वही सामने खड़े ४ ५ लड़के उसे बस अपनी हवस बाहर नजरो से देख रहे थे।

    वो लड़की एक private room थी इसलिए उसकी आवाज भी बाहर नहीं जा पा रही थी।

    वही बाहर भी काफी सौर था इसलिए कोई भी उस लड़की की आवाज को सुन नही पा रहा था।

    वही वो लड़की इस जमीन पर गिरी हुई थी और काफी दर्द मैं लग रही थी। उसका पूरा चहेरा लाल हो गया था।

    उसकी आंखे पूरी रोने के कारण सूझ चुकी थी। वो इस वक्त थोड़ी अजीब महसूस कर रही थी मगर तब भी उन लोगो से खुद को छोड़ देने की विनती कर रही थी।


    वो लड़की उनसे रिक्वेस्ट करते हुए बोली, भैया प्लीज़... प्लीज...मुझे जाने... दीजिए...!

    उसकी बात सुनकर सामने खड़े लडको मैं से एक लड़का उस लड़की जोकि सिर्फ अभी 17 साल के करीब होगी, उसको देख उसके उपर हस्ते हुए बोलता है।

    डार्लिंग,,, तुम हमे भैया नही...बल्कि सईया बोलो क्युकी आज रात के लिए तुम सिर्फ हमारी हो...इतना बोलते हुए वो लड़का आगे बड़े कर उस लड़की का हाथ पकड़ा लेता है।

    जिसे वो लड़की उसके हाथ से हाथ छुड़ाने की कोशिश करती है।

    मगर वो ऐसा कर नही पति है।

    वो उन लोगो से खुद को छुड़ा कर भागना चाहती थी, वो इन सब देख कर समझने की कोशिश कर रही थी की आखिर क्यों ये लोग उसे ऐसे और घूरे जा रहे थे और क्यू  उसकी बहन दिव्या ने उसे यह लाया था।

    उस लड़की ने इस वक्त ब्लैक कलर की वन पीस ड्रेस पहनी हुई थी।

    जोकि उस दिव्या ने उसे जबरदस्ती पहेन्या था इस वक्त वो लड़की के बड़े और सिल्की बाल खुल गए थे।

    जिसे उसका चहरा अपने बालो से थोड़ा ढक गया था।

    तभी एक लड़का आगे बड़ के बोलता है आराध्या यार अब पर इंतजार नहीं होता है इसलिए प्लीज अपना नाटक बंद करो...और हम लोगो ने जिस चीज के लिए पैसे दिए है।

    वो हमें करने दो..!

    उसकी बात सुनकर आराध्या और जायदा परेशान हो जाती है और रोते हुए बोलती है।

    आप किस पैसे की बात कर रहे हो..और मुझसे क्या चाहिए आपको करन भैया..!

    उसकी बात सुनकर करन अपना हाथ आगे बड़ा कर आराध्या के बालो को पकड़ कर उसके चहेरे के नजदीक लाकर कहता है।

    आराध्या मैने तुमसे कितनी बार कहा है मैं तुम्हारा भाई नही हूं..बल्कि तुम्हारी दी का ब्वॉयफ्रेंड हूं तो इसका मतलब ये हुआ की मैं तुम्हारा भी ब्वॉयफ्रेंड हूं इस नाते मुझे अब खुद को तुम छूने दो...

    इतना बोलते हुए वो आराध्या के ऊपर झुकने लगता है की तभी कोई रूम का गेट एक लात मारके खोलता है जिसे सबका ही ध्यान उस तरफ आ जाता है।

    सामने एक बहुत हैंडसम सा आदमी जोकि की देखने मैं काफी जायदा रहीश घर का लग रहा था वो ब्लैक कलर की बसिनेस सूट पहेने अंदर आता है उसके हाथ मैं इस वक्त गन थी जिसे देख कर वो लड़के जो कुछ बोलने वाले थे।

    वो भी चुप हो गए थे, वही उस लड़के के पीछे कुछ बॉडीगार्ड खड़े थे।


    वही वो आदमी बिना किसी बात फिकर किए सामने खिड़की के बाहर एक आदमी जोकि ऐसे खुद को बचते हुए भाग रहा था।

    उसे सूट कर देता है, जिसे वो आदमी जोकि की नीचे खिड़की से जंप नीचे करने वाला था वो वही गिर जाता है क्युकी की बुलेट उसके सर मै लगा था।

    जिसे देख कर वो लडको के साथ साथ आराध्या भी दर जाती है और खुद को चिकने से रोक नही पाती है।

    वही उसके इस तरह चिलाने पर सामने खड़े आदमी की नजर उसपर जाती है।

    तो वो आदमी को देख कर एक लड़का उस देख हैरान होते हुए बोलता हैं, कबीर आहूजा ये यह क्या कर रहे है?

    कबीर का नाम सुनके सभी लड़के आंखे फाड़े उसे देखने लगते है।

    वही कबीर की नजर जैसी ही आराध्या पर जाती है तो वो उसे देखता ही रहे जाता है क्युकी आराध्या थोड़े डर और थोड़ी मासूमियत से उसे देख रही थी वो अपने आंखो को खोलने की कोशिश कर रही थी....

    जिसे कबीर समझ जाता है की उसके साथ क्या हो रहा है वो देखता है की कुछ लड़के आराध्या के पास खड़े थे।
    कबीर को पूरा माजरा समझ आ जाता है।

    अब कबीर क्या करेगा ये जाने के लिए आपको कल का वेट करना होगा तब तक के लिए बाय बाय..स्टोरी पर कमेंट और मुझे फॉलो करना मत भूलिएगा..!

  • 2. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 2

    Words: 783

    Estimated Reading Time: 5 min

    आराध्या को ऐसे देख कबीर आगे बढ़ उसके पास आता है और उन लडको की तरफ देखते हुए बोलता है क्या कर रहे हो तुम लोग ?

    उसकी बात सुनकर वो सभी घबरा से जाते है और एक लड़का बोलता है सर आप हमे गलत समझ रहे है ये लड़की इस क्लब मैं काम करती है और इसका काम ही यही है कि हम लोडको को खुश करें, मगर ये आज काफी नौटंकी कर रही है।

    लड़के की बात को सुनकर कबीर का चहेरा सक्त हो जाता है और फिर कुछ सोचने के बाद वो आराध्य को अपनी गोद मै उठा कर बोलता है कोई नही..!

    मैं इसे लेकर जा रहा हु, ये बोलते हुए कबीर अपने गोद आराध्या को लेकर चला गया वही आराध्या बस रोए जा रही थी।

    वो सिसक रही थी जिसे सुनकर कबीर बोलता है सच बताओ क्या तुम सच मैं एक sl** काम करती हो।

    उसके बाद को सुनकर आराध्या ना समझी मैं बोलता है कि क्या होता है उसके बाद को सुनकर कबीर उसकी तरफ देखने लगता है वह उसके चेहरे को देखते हैं जो कि उसे मासूमियत से देख रही थी उसकी आंखों में आंसू थे और वह इस वक्त इतनी मासूम लग रही थी कोई भी उसे देखकर एक बार के लिए देखते ही रह जाता वहीं आराध्या का पूरा चेहरा लाल हो गया था रोने के कारण उसकी नाक बिल्कुल लाल हो गई थी वह सब काफी क्यूट लग रही थी।

    साथी जो उसने ब्लैक ड्रेस पहना था उसके रंग और भी ज्यादा निखर के आ रहा था वह किसी बार्बी डॉल टाइप दिखती थी उसका चेहरा किसी अप्सरा से काम नहीं था उसे पर उसकी मासूमियत और उसकी क्यूटनेस बाप रे कबीर उसके उसपर मार मिटना चाहता था उसे पहले ही नजर में आराध्य को देखकर सारा माजरा समझ में आ गया था।

    कबीर आराध्य को लेकर अपने प्राइवेट रूम में चला जाता है जहां पर इस वक्त ऋषि भी मौजूद था।

    ऋषि अपने भाई के गोद में किसी लड़की को देखकर हैरान हो जाता है क्योंकि यह पहली बार था कि उसका भाई किसी लड़की की करिए क्या वह भी इतने उसे गोद में उठाकर लवी अपने पास रहा है।

    यह देखकर ऋषि तुरंत खड़ा हो जाता है और वह बोलता है भाई यह कौन है उसके बाद को सुनकर आराध्या भी उसे देखने लगती है आराध्य को देखकर ऋषि देखा ही रह जाता है।

    वही आराध्या उसे डरी सहमी नजरो से देख रही थी, वह कबीर को कस के पकड़ लेती है जिससे कभी समझ जाता है क्या आराध्या डर रही है तो बोलता है तो मैं लेने की जरूरत नहीं है मेरा भाई है कुछ नहीं करेगा..!

    उसकी बात सुनकर आराध्या अपना सर हा मैं हिला देती है तो कबीर बोलता है ऋषि से..!

    यह जो कोई भी है अब सिर्फ हमारी है उसके बाद सुनकर ऋषि बोल रहा है क्या कहना चाहते हो भाई ,
    उसके बाद को सुनकर कबीर बोलता है जैसा हमने डिसाइड किया था कि हम दोनों एक ही लड़की से शादी करेंगे तो मेरा यह फैसला है कि मैं इसे से शादी करना चाहता हूं।

    कबीर की बात सुनकर ऋषि बोलता है भाई मगर यह है कौन वही उसके बाद को सुनकर कबीर उसे इग्नोर करते हुए जाकर आराध्य को सोफे पर सुला देता है।

    वही अपने भाई को खुद को इग्नोर करता देखकर ऋषि बोलते हैं भाई आप बता रहे हो कि नहीं  , उसके बाद को सुनकर कबीर उसे सारी बातें बता देता है जिसे सुने के बाद ऋषि गुस्से मैं बोलता है मैं उन्हें छोडूगा..!

    उसकी बात को सुनकर कबीर बोलता है वो तो मैं भी करने वाला हूं मगर मुझे पहले प्रिंसेस के बारे मैं जाना पड़ेगा..इतनी बोलते हुए कबीर की नजर आराध्या पर जाती है।

    और वो हैरान हो जाता है क्युकी सामने आराध्या बहुत बेचैन नजर आ रही थी।

    वो काफी जायदा अजीब बिहेव कर रही थी, वह अपने होश में नहीं लग रही थी।

    वही ऋषि जैसे ही आराध्या को देखता है तो वो वो कबीर से बोलता है।

    भाई इसे किसी ने ड्रग्स दिया है उसकी बात सुनकर कबीर परेशान होते हुए बोलता है।

    अब क्या करे उसकी बात सुनकर ऋषि बोलता है भाई आप फिकर मत करो मैं अभी प्रिंसेस के लिए डॉक्टर को कॉल करता हूं।

    तब तक आप इसे गोद मै उठाओ हम ही हॉस्पिटल लेकर चलते है।

    उसकी बात सुनकर कबीर तुरंत ही आराध्या को अपनी गोद मै उठा लेता है और वो आराध्या की हालत देख कर काफी परेशान हो रहा था।

    कबीर और ऋषि दोनो ही आराध्य को लेकर क्लब से बाहर चले जाते है और जल्दी अपने कार मैं बैठ कर हॉस्पिटल के लिए निकल जाते है।

    आगे क्या होने वाला है जाने के लिए स्टोरी के साथ बने रहे..!

  • 3. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 3

    Words: 769

    Estimated Reading Time: 5 min

    ऋषि और कबीर की गाड़ी इस वक्त रोड पर बहुत स्पीड से चल रही थी।

    ऋषि जितना हो सके उतना जल्दी करने की कोशिश कर रहा था ताकि वह जल्दी से आराध्या को अस्पताल लेकर पहुंच सके, मुगल हॉस्पिटल यहां से बहुत ही दूर था क्योंकि एक क्लब एक सुनसान जगह पर था यह शहर से बाहर के साइड पड़ता था जहां पर लोग सिर्फ मौज मस्ती करने आते थे।

    वहीं अब आराध्या की हालत बिगड़ने लगी थी वह आप अपनी ड्रेस को खोलने की कोशिश करने लगी थी वही कबीर जो उसका हाथ पकड़ कर बैठा हुआ था वह बोलता है जान ऐसा मत करो नहीं तो मैं अपना कंट्रोल खो दूंगा

    वही आराध्या कबीर की गरम सांसों को अपने गले पर महसूस करके उसके तरफ देखने लगती है वह इस वक्त कबीर के गोद में बैठी हुई थी वही कभी उसे अपने इतने करीब देखकर उसकी दिल की धड़कनें बढ़ गई थी।

    वह बस आराध्य को देखे जा रहा था, वही ऋषि जो कर ड्राइव कर रहा था वह कबीर के ऐसी हालत देखकर समझ जाता है कि आज उसके भाई काम से चला गया क्योंकि उसे पहली नजर वाला प्यार हो गया था।

    उसे पहले ही नजर में आ रहे थे ऐसा प्यार हो गया था वह उसके मासूमियत पर अपना दिल हर बैठा था उसके लिए यह सब बेवकूफी से कोई काम नहीं थी मगर उसे भी आराध्य को देखकर कुछ अलग से ही फीलिंग अब आने लगी थी।

    वह आराध्य को तरफ देखा है तो वह कबीर के चेहरे पर अपना हाथ रखी थी क्योंकि कबीर का चेहरा बहुत ही ज्यादा ठंडा था वहीं आराध्या ड्रग्स के नशे में थी इसलिए उसे बहुत ज्यादा गर्मी लग रही थी उसे अपने अंदर बहुत जलन महसूस हो रही थी।

    वह कबीर के चेहरे को अपने हाथों से छूटे हुए अपना हाथ हटा देती और अपने चेहरे को कबीर के चेहरे पर रखते हुए बोलती है तुम कितने ठंडा हो प्लीज मेरी मदद करो मुझे अंदर बहुत जलन हो रही है।

    मुझे बहुत गर्मी लग रही है उसकी यह बात सुनकर कभी समझ जाता है वही आराध्या के आंखों से आंसू गिरने लगते हैं उसकी आंखें एकदम सजी हुई थी और रोने के कारण उसके नाक लाल हो गया था उसका चेहरा ड्रग्स के नशे के कारण हल्का लाल पड़ गया था वह दूध जैसे गोरी थी वही उसके पूरी बॉडी बहुत ही हल्की थी शायद वह ज्यादा खाना वगैरा नहीं खाती थी वह बहुत कमजोर थी।


    वही कबीर को आराध्या का वेट अपने ऊपर समझ ही नहीं आ रहा था वह ऐसा लग रहा था कि उसने कुछ हल्की सी टेडी बेयर को अपने गोद में पड़ा हुआ है।

    वही आराध्या परेशान होने लगी थी वह कबीर की तरफ देखकर बोलती है मेरी मदद करो नहीं तो मेरी जान चली जाएगी मुझे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

    आराध्य को खुद नहीं पता था वह क्या बक रही थी नशे के हालात उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था और वैसे भी वह बच्चों कैसे बिहेव करती थी उसे कुछ इस बारे में पता नहीं था मगर वह चाहती थी कि कभी उसे छुए ताकि उसे उसके शरीर के ठंडक मिल सके..!

    वही कबीर को आराध्या की हालत समझ में नहीं आ रही थी वह क्या करें तभी उसे कर के पास एक बोतल है जरा जिसमें पानी था वह उसे खुलता है और सारा पानी आ रहा था के ऊपर डाल देता है।

    कबीर ने बिना किसी पर वाक्य आ रहे थे कि चेहरे पर पूरा पानी डाल दिया था ताकि उसे ठंडक महसूस हो..!

    मगर ऐसा करने से कभी भी हालत खराब हो गई थी वह आराध्य ऐसे देखे बस अपने थूक घटक के जा रहा था।

    और वह लोग अभी भी हॉस्पिटल नहीं पहुंचे थे तब ऋषि कहता है भाई कंट्रोल मत करो उसे लड़की के हालात बहुत कमजोर लग रही है मुझे लग रहा है इसको ज्यादा डोज ड्रग्स दिए गए हैं इसीलिए इतने देर से इसका नशा उतर ही नहीं रहा है।

    उसकी उसके बाद सुनकर कबीर बोलता है मगर यह गलत है मैं ऐसा नहीं कर सकता इसके परमिशन के बिना मैं ऐसा कैसे कर सकता हूं।

    उसकी यह बात सुनकर ऋषि बोलता है भाई पता नहीं इसे कौन सा ड्रेस दिया गया हमें कुछ नहीं मालूम है इसकी हालत देखकर लग रहा है अगर इसे ज्यादा देर तक कैसे रखा गया तो यह मर जाएगी और मुझे तो इस बात का डर है कि अगर हमने जल्दी से इसका नशा नहीं उतर आया और उससे जो चाहिए वो नही दिया तो यह खुद अपनी जान दे देगी..!

    आगे स्टोरी मैं क्या हुआ जाने के स्टोरी के साथ बने रहे..!

  • 4. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 4

    Words: 694

    Estimated Reading Time: 5 min

    अब आगे..!

    उसके बाद सुनकर कबीर के चेहरे पर बहुत ज्यादा गुस्सा नजर आने लगता है वह अपने मन में बोलता है जिसके भी पीछे इसका हाथ है ना वैसे जिंदा जला दूंगा उसे ऐसी मौत मारूंगा ना कि वह साथ पूछते तक सोचेगा कि किस पर उसने अपना हाथ डाला है।

    कबीर ऋषि की तरफ देखकर बोलता है कही सुनसान जगह रास्ता पर गाड़ी रोक दो..!

    उसके बाद सुनकर ऋषि अपना सर हमें दिला देता है और वह ऐसा ही करता है जैसा कबीर ने कहा था।

    वही कबीर आराध्या के चेहरे को अपने हाथों में लेकर बोलता है मुझे माफ कर देना मैं जो करना चाह रहा हूं वह तुम्हारे लिए ही है इसलिए मेरी सिचुएशन समझना, मुझे गलत इंसान मत समझना इतना कहते हुए कबीर अपने लिप्स अराध्य के लिप्स पर रख देता है और उसे किस करने लगता है।

    वही आराध्या उसका साथ देने की कोशिश कर रही थी मगर कुछ नहीं कर पा रही थी वही कबीर उसे डीपली किस करते हुए उसकी ड्रेस की जिप खोल देता है और उसके ड्रेस को उसकी बॉडी से अलग कर देता है।

    और उसके गले से लेकर कंधे तक किस करतें हुए स्मूच करने कहता है वो आराध्या के नेक कंधे पर हल्का सा बाइट भी कर रहा था जिसे आराध्या गोरी त्वचा पर कबीर के दिए हुए निशान बन रहे थे।

    वो उसकी बॉडी पर अपने निशान दे रहा था जोकि इस बात का सबूत था की अब से आराध्या बस उसकी है।

    वही ऋषि अपने भाई को ऐसे देख मुस्कुरा देता है और वो कार से बाहर निकल जाता है क्युकी अगर वो यह रहता तो शायद वो भी अपना कंट्रोल खो देता जोकि आराध्या के किया ठीक नही था।

    वो कमज़ोर थी इसलिए दोनो को हैंडल करना उसके बस मै नही था।

    वही कबीर आराध्या को किस करते हुए अपने कपड़ो को अपने बॉडी से रिमूव कर रहा था।

    वो आराध्या के नेक से कंधे से उसके चेस्ट तक आज्ञा था और वो आराध्या की b** को निकल कर फेक देता है और उसे अपने गोद मै से उठा कर गाड़ी के सीट पर लेता खुद उसके उपर आ जाता है।

    और उसे के चेस्ट पर अपनी प्यार की निशानी छोड़ने लगता है वही आराध्या कबीर के टच को महसूस करके बस सिसकियां ले रही थी जोकि कबीर को पागल करने के लिए काफी थी।

    वही कबीर आराध्या के बचे हुए कपड़ो को उसे अलग करने के बाद अपने कमर मै उसके दोनो पैरो को लपेट लेता है और खुद उसके पैरो के बीच मै रहे कर आराध्या की पूरी बॉडी पर एक नजर डालता है और वो अपना पूरा आपा खो कर आराध्या के सेंसटिव पार्ट पर अपने हाथ फेरता है जिसे आराध्या को अजीब सी फीलिंग आती है।

    वो उस फीलिंग महसूस करके अपने आंखो को धीरे से खोल कर कबीर के तरफ देखती है।

    तो कबीर उसकी नजरे खुद पर महसूस करके उसकी नजरो से अपने नजरे मिलते हुए उसकी तरफ झुक कर उसके माथे पर किस करके उसके गले मै अपना चहेरे डालते हुए उसके कान मै धीरे से बोलता है ।

    प्रिंसेस क्या मुझे इसकी इज्जत है ? उसकी सांसे आराध्या के गले पर जा रही थी।

    जिसे आराध्या के पूरे रोनते खड़े हो गए थे वो अपने हाथो को कबीर गले मै डाल देती है और कस के पकड़ अपनी आंखे बंद कर लेती है जिसे कबीर उसका जवाब को समझ कर अपने आपको उसके अंदर समा लेता है और प्यार करने लगता है ।

    वही गाड़ी के बाहर ऋषि अपने जूनियर को पकड़ कर एक पेड़ से साठ कर खड़ा था वो खुद को गाड़ी के तरफ देखने से रोक रहा था।

    वो अपने मन मै बोलता है जल्दी करो भाई...मुझे बाहर खड़ा करके अपने कारनामे से पूरी गाड़ी को डिस्को वाली कार बना रखा है जिसके करण मेरा जूनियर ये देख प्रिंसेस को पाना चाह रहा है।

    मै कब से इसे शांत करने की कोशिश कर रहा हूं मगर ये है की माने को तैयार ही नही है।

    इतना कहते हुए ऋषि अपने जूनियर को जोर जोर से अपने हाथ को रख मस्त****"" करने लगता है।

    आगे इस कहानी मै क्या हुआ जाने के लिए स्टोर के साथ बने रहे

  • 5. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 5

    Words: 1447

    Estimated Reading Time: 9 min

    थोड़ी देर बाद कबीर आराध्या से दूर होता है और उसे देखता है तो वो काफी थकी हुई लग रही थी।

    और वह आंखें बंद किए पसीने से तार बटर लंबी-लंबी सांस ले रही थी।

    वही कबीर उसको ऐसे देख अपने पैंट के पॉकेट से अपना रुमाल निकलता है और आराध्या को अपने गोद में बिठाकर उसके चेहरे पर आए सारे पसीने को पूछने लगता है वह राधा के चेहरे को प्यार से निहार रहा था।

    तभी कोई उसके कर के खिड़की पर कोई नौक करता है, जिससे कभी आराध्य को अपने गोद में लेकर अपने शर्ट को उसे पहनने लगते हैं और पहले लेने के बाद वह कर की खिड़की खोलते हैं तो वहां पर उसे ऋषि दिखाई देता है जो कि उसको देखकर बोलता है भाई आपका हो गया , तो क्या मैं अब कर के अंदर आ जाऊं हमें हॉस्पिटल भी निकालना है।


    उसके बाद सुनकर कबीर अपना सर हमें दिला देता और उसे अंदर आने को बोलता है ऋषि भी जल्दी से कर के अंदर आता है और अपनी ड्राइविंग सीट पर बैठकर एक नजर पीछे मुड़कर देखा है जहां पर कबीर अपने गोद में आराध्य को सुलाई हुए था।

    उसको ऐसे देखकर वह मुस्कुरा देता है मगर फिर कभी उसे जल्दी चलने को कहता है तो वह जल्दी से अपनी गाड़ी चालू करता है और वह लोग वहां से सीधे अस्पताल से निकल जाते हैं।


    वहीं दूसरी तरफ क्लब के अंदर आराध्य को अपने साथ उठा ले गया था तब से कारण बहुत परेशान था वह दिव्या को ढूंढते हुए एक रूम में पहुंचता है जहां पर दिव्या और उसकी फ्रेंड शराब पी रही थी और काफी ज्यादा मस्ती करते हुए डांस कर रही थी उसको ऐसे देखकर करें जल्दी से दिव्या के पास रखो उसका हाथ पकड़ता है और उसे अपनी तरफ खींच कर बोलता है।

    दिव्या गड़बड़ हो गई है उसकी बात सुनकर दिव्या हैरानी से बोलता है क्या हुआ वह अभी भी थोड़े नशे में थी मगर वह सारी बातों को समझ पा रही थी।

    कारण उसकी तरफ देखकर बोलता है कोई कभी रावुजा नाम का आदमी आराध्य को अपने साथ उठाकर लेकर गया है।

    करण ने इतना बोलते हुए दिव्या का हाथ पकड़ के रूम से बाहर निकल आता है उसकी यह बात सुनकर दिव्या हैरान होकर बोलती है कभी आहूजा यह तो इंडिया का क्या पूरे एशिया का टॉप बिजनेसमैन में आता है और इसका और आराध्या के क्या लेना देना है।

    तुम समझ रहे हो ना क्या मैं बोल रही हूं आराध्या अगर चली गई तो आप इस होटल का पेमेंट कैसे होगा, उसके बाद शंकर कारण बोलता है मुझे कुछ नहीं पता वह उसको लेकर चला गया अब मुसीबत हमारे सर पर पड़ चुकी है मेरे सारे दोस्त अपने पैसे वापस मांग रहे हैं।

    उसकी यह बात सुनकर दिव्या बोलती है मैं कहां से पैसे लॉ उनसे मैं ₹200000 लिए थे और मैं ₹200000 नहीं रखी सारे के सारे पैसे खर्च हो चुके हैं मैंने इसलिए आराध्या कोई आ रहा था ताकि तुम लोग उसके साथ में से कर सको..!

    उसके बाद पर तभी कोई और बोलता है तो अब तुम हमें मेरे पैसे वापस करुंगी उसके लिए बात सुनकर दिव्या पीछे मुड़कर देखते हैं तो जहां पर वह सारे लड़के खड़े थे जो आराध्या के साथ गलत करना चाहते थे।

    वह सारे सात आठ लोग थे जो कोई दिव्या को देखे जा रहे थे।

    दिव्या भी खूबसूरती में काम नहीं थी मगर आराध्या के आगे इसकी कोई औकात नहीं थी।

    दिव्या उनकी बात सुनकर वह बोलती है मैं कैसे पैसे दूं मैंने तो सारे पैसे खर्च कर दिए हैं उसके लिए बात सुनकर एक लड़का आगे बढ़ता है और करंट की तरफ देखकर बोलता है जो काम आराध्या हमारे लिए करने वाली थी अब यह लड़की करेगी..!

    उसकी आवाज सुनकर दिव्या के पसीने छूट जाते हैं क्योंकि उसने यह नहीं सोचा था कि ऐसा भी हो सकता है।

    वह कारण की तरफ देखकर बोलती है यह लोग क्या बकवास करें कारण कुछ करो, मैं ऐसे काम नहीं करती हूं तुम्हें पता है ना तुम उनसे कुछ बोलो, उसके बाद सुनकर कारण कुछ नहीं बोलता है क्योंकि अरे दोस्त बहुत ज्यादा अमीर फैमिली से आते थे जिसके कारण वह लोग उसे भी अपने साथ पार्टी में लेकर जाते थे जहां पर मौज मस्ती कर लेता था।

    इसलिए वह उनके खिलाफ नहीं जाना चाहता था इसलिए वह दिव्या का हाथ पकड़ कर उसकी तरफ देखते हुए बोलता है अब जब तुमने उनसे पैसे लिए हैं तो तुम्हें चुकाना पड़ेंगे इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता हूं।

    करण की बात सुनकर दिव्या हैरानी हो गई वह बोलती है कारण तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो ?

    उसकी बात सुनकर करण बोलता है जैसे तुमने आराध्या के साथ यह करने का सोचा वैसे मैं तुम्हारे साथ यह करने का सोच सकता हूं ।

    इतना बोलते हुए करें दिव्या का हाथ पकड़ लेता है उसके बाकी दोस्त उसके बाद संख्या का हाथ पकड़ लेते हैं और उसे उठाकर अपने साथ अपने कमरे मैं ले जाते है।

    वही दिव्या बस चिल्लाते ही रह जाती है वह जोर-जोर से चिल्लाते हुए बोलती है कोई मुझे बचाओ कोई मुझे बचाओ मगर कोई भी उसकी बात नहीं सुन पाता है।

    और जो सुनता है वह उसकी मदद नहीं करता है, दिव्या बस रोई जा रही थी शादी से ही कर्म कहते हैं जब हम किसी और के साथ गलत करने का सोचेंगे तो हमारे साथ भी गलत होगा यह बात हमें याद रखनी चाहिए और यहां तो दिव्या ने जो किया था वह गुण है तो उसकी भी सजा उसके साथ गुना होकर पूरा किया गया था।

    उसे रूम से दिव्या के रोने चिल्लाने माफी मांगने और काफी ज्यादा डरावनी आवाज से आ रही थी मगर बेचारी दिव्या उन लोगों से बच नहीं पाई और वह लोग उसे नोच खाए थे जिसमें उसका बॉयफ्रेंड यानी कारण भी साथ मैं था।

    करीबन चार-पांच घंटे बाद, दिव्या को उन लोगों ने छोड़ा और वो लोग बात करने लगे की अगर आज दिव्य के जगह वो पहले वाली लड़की होती तो उनके पैसे पूरे वसूल हो जाते मगर दिव्य उन दो लाख रुपए के काबिल नही है इसलिए उन्होंने दिव्या के तरफ देख उसे करीब एक महीने के हर संडे को उनके फार्म आने को बोला था।

    दिव्या उनके बात सुनकर और भी ज्यादा दुखी हो गई थी वह अपने मन ही मन आराध्य को पूछ रही थी वह बोल रही थी आराध्या तू एक बार वापस आ जाओ मैं तेरा वह #करुंगी कि तू कभी सोच भी नहीं पाएगी तूने तेरी वजह से आज मैं इस हालत में हूं इससे भी ज्यादा घटिया हालत में तेरी करुंगी लग गई इतना बोलते हुए दिव्या अपने आंसू पूछने लगती है वह इस वक्त जमीन पर एक लाश की तरह पड़ी हुई थी।

    और सीलिंग को देखते हुए यह सब अपने मन में सोचा जा रही थी वही वह लोग जा चुके थे बस कारण वहा पर था।

    वह जमीन से अपनी शर्ट को उठाकर पहनते हुए बोलते हैं अब कितना नौटंकी करना है दिव्या जल्दी उठो चलो चलते हैं मैं तुम्हें घर ड्रॉप कर देता हूं।

    इतना बोलते हुए करें जैसे ही दिव्या को हाथ लगाने जाता था तो अपना हाथ आगे बढ़कर उसके हाथ को झटक देती है और बोलती है तुम मुझसे दूर रहो तुम कैसे इंसान जो जो अपने ही gf को किसी और को दे दिया तुम मर्द भी हो ?

    उसके बाद सुनकर कारण हंसने लगता है और बोलता है यह बात बोल भी कौन है जो कि अपने बर्थडे पार्टी को एंजॉय करने के लिए अपनी ही छोटी बहन को हमारे साथ यह सब करने के लिए भेज दिया था और मैं यह पूछना चाहता हूं जब तुम्हारे साथ यह सब कुछ हुआ था तुम हमें दोस्त दे रही हो क्या तुमने सोचा कि क्या तुम एक औरत भी हो या इंसान भी हो।


    उसकी बात सुनकर दिव्या चढ़ जाती है और बोलती है तुम्हें इसमें पढ़ने की सालक नहीं है वह मेरी छोटी बहन नहीं है वह लड़की सिर्फ मेरे घर की एक नौकरानी है।

    उसकी यह बात सुनकर करण बोलता है बोलो मत जिस घर में तुम रह रही हो वह घर भी उसका है और जो पैसे पर तुम्हारे मां बाप ऐश कर रहे है वो भी उस लड़की के मां बाप की जयदत है।

    उसकी बात को सुनकर दिव्या चुप हो जाती है और वो गुस्से मै बस घूरते ही रहती है।

    मगर कारण को इस बात से कोई फरक नही पड़ता है और वो दिव्या का हाथ पकड़ कर उसे जल्दी से उतने में मदद्त करता है और उसे कपड़े पाहेने को बोलता है।

    वही दिव्या चुप चाप न चाहते हुए अपने कपड़े पहिने के बाद उसके चली जाती है।

    आगे इस कहानी मैं क्या हुआ जाने के लिए आगे स्टोरी के  बने रहे..!

  • 6. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 6

    Words: 1558

    Estimated Reading Time: 10 min

    वही दूसरी तरफ अस्पताल के अंदर कबीर और ऋषि दोनो वार्ड के बाहर खड़े थे और अंदर आराध्या का चेकअप हो रहा था उसे डॉक्टर की टीम चेक कर रही थी।

    थोड़ी देर बाद डॉक्टर बाहर आते हैं और कबीर और ऋषि की तरफ देखकर उन्हें अपने केबिन में चलने को कहते हैं केबिन में आने के बाद वह बोलते हैं देखिए मिस्टर कवि और ऋषि वह लड़की की हालत अब ठीक है।

    डॉक्टर बोलते हैं मिस्टर कबीर आप जिस लड़की को अपने साथ लेकर आए हैं उसकी हालत अभी थोड़ी ठीक है मगर कब तक ठीक रहेगी उसका हम कुछ नहीं बता सकते डॉक्टर के पास सुनकर वह दोनों हैरान हो जाते हैं ऋषि डॉक्टर की तरफ देखकर बोलता है आप कहना क्या चाहते हैं.. डॉक्टर ऋषि की बात सुनकर बोलते हैं।

    उसे लड़की पर शायद काफी ज्यादा जुल्म किए गए हैं उसे काफी टॉर्चर किया गया है उसके बॉडी पर बहुत सारे निशान है जो की कटे होने के जेल होने के यहां तक की नीले और लाल जैसे कई निशान है जो कि उसके बॉडी को बहुत ही बदशूर्ता और भयानक बना रहे हैं डॉक्टर के बात सुनकर कबीर बोलता है।

    वह मैं जानता हूं मैं भी वह निशान देखे मगर फिकर मत कीजिए वह निशान देने वालों को तो मैं जिंदा नहीं छोडूंगा आप बस उन निशानों वह आपको उसे लड़की के बॉडी से कैसे हटाना है वह आप सोचिए डॉक्टर कबीर की बात सुनकर बोलते हैं वह निशान काफी पुराने हैं घाव भरने में और उसे निशान को हटाने में काफी वक्त लगेगा इसलिए आप फिकर मत कीजिए मैं कुछ दवाइयां लिख देता हूं मगर अभी कुछ देर बाद,

    जो ब्लड रिपोर्ट आने वाली है उसके बारे में बताऊंगी इतना बोलते हुए डॉक्टर के चेहरे पर बहुत अजीब से भाव थे जिसे देखकर कबीर बोलता है आप कहना क्या चाहते हैं डॉक्टर?

    उसके बाद को सुनकर डॉक्टर बोलता है मुझे लग रहा है उसे लड़की के साथ कुछ तो है वैसे जो ड्रग्स दिया गया है वह भी काफी हाय दोस्त था अभी वह फिर से जाने वाली थी मगर मैंने उससे ज्यादा ही नींद की गोलियां दिया सोने के लिए तभी वह सोई हुई है नहीं तो शायद उसे फिर से वही सब होना चालू हुआ था एंटीडोट तो मैं लगा दिया है फिक्र करने की जरूरत नहीं है मगर एक बार ब्लड रिपोर्ट आ जाएगा तो हमें सब कुछ क्लियर हो जाएगा कि जो मैं सोच रहा हूं क्या वही उसके साथ हो रहा है।

    उसकी आवाज सुनकर ऋषि बोलता है आप कहना क्या चाहते हैं तो वह बोलते हैं थोड़ा इंतजार कीजिए आप लोगों को भी सारा मात्रा समझ में आ जाएगा तब तक आप उसे लड़की के परिवार के बारे में कुछ पता करवाइए या उसके बारे में और कुछ पता करवाइए फिर मैं आपको बताता हूं।

    इतना बोलते हुए डॉक्टर उनके सामने से उठकर वहां से चले जाते हैं डॉक्टर इतना कुछ ऐसे इसलिए बोल पाए क्योंकि कभी और ऋषि के दादाजी के दोस्त के बेटे यह थे।

    उन लोगों ने उनको इसलिए कांटेक्ट किया क्योंकि अगर वह अपने हॉस्पिटल में जाते हैं तो शायद यह बात
    दादा जी तक पहुंच सकती थी इसलिए हम लोगों ने यह रास्ता चुना था।

    वही डॉक्टर के जाने के बाद ऋषि और कबीर एक दूसरे को देखते हैं और वह तुरंत बोलते हैं जिसने भी ऐसा किया है ना उसको तो मैं जिंदा गढ़ दूंगा और अगर इसमें उसे लड़की के घर वालों का भी हाथ हुआ ना तो फिर नहीं छोडूंगा, कबीर के बात सुनकर ऋषि बोलता है आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं है भैया मैंने अपने आदमी से कैसे उसे लड़की के बारे में सब कुछ पता करने को बोला है थोड़ी देर में हमारे पास उसकी इन्फॉर्मेशन मिल जाएगी, उसके बाद सुनकर कबीर अपना सर हमें दिला देता है और वह दोनों उसे केबिन से बाहर आकर आराध्या के कैमरे के पास आ जाते हैं और उसके केबिन के अंदर जाकर आराध्या के पास बैठ जाते हैं।

    कबीर आराध्या के चेहरे को देख रहा था जो की सोते वक्त काफी ज्यादा क्यूट और मासूम सा लग रहा था वही ऋषि का भी यही हाल था वह आराध्य को देखकर अपने मन में बोलता है तुम जो भी हो मैं नहीं जानता मगर अब से तुम हमारी हो और हमारी दुनिया में तुमने जैसे अपने मर्जी से कम रखी थी पैसे अपने मर्जी से जा नहीं पाओगे चाहे तुम्हें हमारे साथ रहना हो या ना रहना हो अब तुम्हें पूरी जिंदगी हमारी बनाकर गुजरना होगा...प्रिंसेस इतना बोलते हुए ऋषि के चेहरे पर एक अलग से ही मुस्कान आ जाती है।

    वही उसके मुस्कान को देखकर यह समझना मुश्किल था कि कि वह आराध्य को अपना जुनून बनाने वाला है या जिद मगर उससे भी बड़ा सवाल था क्या आराध्या इन दोनों के साथ रहना चाहेगी और क्या है आराध्या की असालिया कौन है आराध्य ,

    यह आपको अभी पता चलेगा करीब आने 1 घंटे के बाद डॉक्टर अपने हाथ में रिपोर्ट लिए कबीर और ऋषि को बुला अपने कैबिनेट में बुलाते हैं।

    कबीर और ऋषि चुपचाप वहां चले जाते हैं डॉक्टर उन दोनों को देखकर बोलते हैं जैसा कि मैंने सोचा था वही हुआ है इसके साथ इतना बोलते हैं वह रिपोर्ट कबीर और ऋषि के तरफ बढ़ा देते हैं।

    वह उसे बोलते हैं मैंने पहले ही सोचा दिया था कि उसे लड़की को कम मात्रा में शहर दिया जा रहा था और वैसा ही हो रहा है मगर शायद तीन-चार दिनों से उसने उसे शहर को नहीं खाया है ना ही पिया है इसका मतलब है कि वह चार-पान दिनों से भूखी है उसके खाने में शायद धोखे से जहर मिला कर दिया जा रहा था।

    उनकी बातों को सुनने के बाद कबीर और ऋषि दोनों हैरान हो जाते और वह भी रिपोर्ट पढ़ने लगते हैं और वह डॉक्टर की तरफ देखकर बोलते हैं अब अब क्या होगा ,

    उसकी बात को सुनकर डॉक्टर बोलते हैं फिक्र करने की जरूरत नहीं है मैंने उसे लड़की के ब्लड लिया था और उसके अंदर कि जो शहर है वह किस तरह का है वह पता करने के लिए भेजा है वह पता चलता है हम उसको एंटीडोट देते रहेंगे मगर वह झील नहीं पाएगी मुझे तो लग रहा है इसलिए हमें भी काम में कम मात्रा में उसे वह एंटीडोट देना पड़ेगा.!

    ऋषि अपना हाथ उसे टेबल पर मरते हुए बोलता है इतने कमीनी लोग कौन है जो उसे मारना चाहते हैं वह तो मासूम सी बच्ची जैसी है।

    ऋषि की बात सुनकर कबीर बोलता है ऋषि भूल गए हो यह दुनिया बहुत ज्यादा खतरनाक है यहां पर लोग पैसों के लिए कुछ भी कर सकता है इतना बोलते हुए कभी रुक जाता है और वह ऋषि की तरफ देखते हैं तो ऋषि भी समझ जाता है और वह तुरंत अपना फोन निकाल कर अपने आदमी को कॉल करता है और बोलता है तुमने अभी तक इनफॉरमेशन मेरे तक क्यों नहीं पहुंचा है क्या तुम्हें अपनी जान प्यारी नहीं है।


    वही उसकी बात सुनकर वह आदमी बोलता है सर आप गुस्सा मत होइए मैं अभी इनफॉरमेशन आपको भेजने वाला था उसकी बात सुनकर ऋषि बोलना तो जल्दी से भेजे नहीं तो मैं वहां जाकर अगर इनफॉरमेशन लेने लगाना तो तुम मरे हुए वहां पर पड़े रहोगे..!

    उसके बाद को सुनकर उसे आदमी के पसीना छूट गए थे।

    वही कभी डॉक्टर की तरफ देखकर बोलता है और कोई उसे ड्रग्स के वजह से दिक्कत तो नहीं होगी ना तो डॉक्टर बोलते हैं वह कुछ दिन तक चल नहीं पाएगी उसके बॉडी थोड़ी पैरालाइज हो जाएगी ड्रग्स का साइड इफेक्ट यही है।

    कबीर उनकी बात सुनकर बोलता है और कुछ वह ठीक तो हो जाएगी ना ?

    डॉक्टर बोलता है आप फिकर मत करो कभी वह ठीक हो जाएगी इसको हम ठीक करके ही रहेंगे वह लड़की बहुत मासूम लग रही है और कोर्ट में लिखा है शायद उसे बचपन से यानी 14 या 15 साल के बीच से उसे यह जहर देना स्टार्ट किया गया है।

    और तुम एक बात बताओ क्या तुम्हें उसे लड़की के अंदर कुछ अजीब सी बात महसूस होगा जैसे कि वह कुछ अजीब बिहेव कर रही हो।

    डॉक्टर की बात सुनकर उसे आराध्या की कुछ एक अजीब सी बात की बातें याद आने लगती है जैसे कि वह कुछ बच्चों जैसा एकदम बात कर रही थी यह याद आते हैं वह बोलता है वह बच्चों जैसे हरकतें करें रही थी।

    डॉक्टर उसकी बात सुनकर समझ जाते हैं और वह बोलते हैं उस जहर का साइड इफेक्ट है ये कबीर .... वह लड़की को ठीक करना पड़ेगा अच्छा हुआ तुम लोगों को वह मिल गई है नहीं तो अगर वह कुछ और दिन ऐसे ही जहर और यह सब झेलती रहती तो वह कब का मर गई होती


    उनकी बात को सुनकर कबीर के मुठिया कस जाती है और वह मन ही मन सोचा लगता है जिनका भी इसमें हाथ होगा वह उसको नहीं छोड़ेगा।

    तभी ऋषि अपने फोन में कुछ देखते हुए बोलता है

    भाई यह तो कहते हुए ऋषि का फोन उसके हाथ से छूट कर गिरने ही वाला था तभी कबीर उसे फोन को पकड़ लेता है और अपनी तरफ करके उसकी स्क्रीन ओपन करता है तो सामने रिपोर्ट में जो लिखा हुआ था वह पढ़ने के बाद वह भी हैरान हो जाता है और वह बोलता है।

    यह कैसे हो सकता है।

    आखिर में क्या हुआ है किस बात से हो गया हैरान कबीर जानने के लिए स्टोरी के साथ बने रहिए..!

  • 7. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 7

    Words: 714

    Estimated Reading Time: 5 min

    ऋषि के हाथ से फोन लेकर जैसे कबीर उसके अंदर भी रिपोर्ट पड़ता है तो वह हैरान हो जाता है क्योंकि अंदर आरोही के पेरेंट्स का नाम में जो उसकी मदर का नाम लिखा हुआ था।

    वह ना वह कैसे भूल सकता है उसकी मॉम कितने ही दिनों से इस लोगों को ढूंढने की कोशिश कर रही थी।

    आरोही की मम्मी का नाम था अंजलि देशमुख और उसके पापा का नाम था अमर देशमुख यह दोनों नहीं लव मैरिज की थी और अंजलि देशमुख उसकी मम्मी की स्कूल टाइम की दोस्त है जिसके कारण उन्हें वह आज भी याद करती है।

    अंजलि और अमर जी ने दोनों ने ही लव मैरिज कि थी वह भी अपने पूरे फैमिली के खिलाफ जाकर जिसके कारण उनकी फैमिली से कोई भी रिश्ते नाते नहीं रखे थे अंजलि जी के अपने फैमिली छोड़ने के बाद वह अपने हसबैंड के साथ मुंबई आ गई थी।


    वही यह बात इसकी मॉम को नहीं पता थी और वह अपने फैमिली मतलब कि अपने बच्चों और अपने हस्बैंड के लाइफ में बिजी थी जिसके कारण उनकी फ्रेंड के लाइफ में क्या चल रहा है उन्होंने पता ही नहीं किया, वहीं अंजलि जी और अमर की शादी के बाद खुश थे उन्होंने अपने लाइफ में बहुत कुछ कर चीज किया वह दोनों ही बहुत टैलेंटेड थे।


    जिसके कारण उन्होंने देशमुख इंडस्ट्रीज को बनाया था जो की एक फैशनेबल ब्रांड था जहां पर एक अच्छे और बढ़िया क्वालिटी के कपड़े बनाए जाते थे।

    उनकी लाइफ में सब सही चल रहा था उनके बेच आरोपी का जब जन्म हुआ तब उनकी फैमिली में और भी ज्यादा खुशी आ गई मगर सब जानते हैं खुशियां ज्यादा देर टिकती नही है यही हाल हुआ उनके साथ, उनके बिजनेस जो गो होने लगा तब बहुत सारे उनके दुश्मन  बनने लग गए तो उन लोगों को समझ ही आना बंद हो गया कि कौन उनका दुश्मन है और कौन उनका अपना यही चीज में उनके एक दुश्मन ने उनका कर एक्सीडेंट कराया जिसके कारण अंजलि और अमर जी दोनों ही कर एक्सीडेंट में मारे गए... उनके मरने के बाद उनके बिजनेस और उनकी उनके प्रॉपर्टी सारे आरोही के नाम हो गई थी।

    उसे टाइम कोई भी आरोही के जिम्मेदारी लेने के लिए नहीं था और आरोही सिर्फ और सिर्फ 4 साल की थी तो वह कहां से ही यह सब हैंडल कर सकती थी।

    मगर अमर का एक भाई था जोकि थोड़ा लालची किस्म का इंसान था उसे जब यह बात पता चली तो उसने आरोही की जिम्मेदारी ले ली और अपनी बीवी के साथ और अपने पूरे परिवार के साथ वही आरोही के घर में रहने आ गया उसने आरोही की जिम्मेदारी ले ली थी मगर निभाया नहीं उसने आरोही के पापा के पूरा बिजनेस खुद के हाथो मै ले लिया और वही उसकी वाइफ ने पूरे घर में अपना कब्जा कर लिया उसने आरोही को एक नौकरानी की तरह पालन चालू किया,


    उन लोगों ने तो आरोही को घर से बाहर फेंकने के बारे में भी सोच लिया था मगर जब उन्होंने पता चला कि अमर और अंजलि ने एक वसीयत भी बनाई हुई है तब उन्हें पता चला कि आरोही को यह सारे प्रॉपर्टी जब वह 19 से या 20 साल की हो जाएगी और समझदार हो जाएगी तब यह सारे प्रॉपर्टीज के नाम होगी,, यह बात जानकर उन लोगों को काफी ज्यादा गुस्सा आता है मगर वह कुछ कर नहीं सकते थे।

    और इस वसीयत में यह भी लिखा हुआ था कि अगर आरोही को इस बीच कुछ भी होता है तो सारी के सारे प्रॉपर्टी ट्रस्ट को चली जाएगी और यह सारे पैसे दान कर दिया जाएंगे,, इस बात के कारण ज्यादातर आरोपी को वह लोग ऐसे रखते थे कि अगर उसे घाव भी पहुंचा है तो यह बाहर वालों को पता ना चले यह सारी बातें बोल घर में ही करते थे उन्होंने घर में बाहर के आदमी को नहीं रखा था।

    यह सारी बातें कभी जब उसे रिपोर्ट में पड़ता है तो वह काफी ज्यादा गुस्से में आ जाता है और वह फिर उसके बाद उसे नाम को पड़ता है जो कि आरोही के मुंह मौले बड़े पापा थे।

    अरविंद देशमुख
    कामिनी देशमुख
    और दिया देशमुख..

    यह तीनों ही आरोही के ऐसे होने का जिम्मेदार थे कबीर इन सब रिपोर्ट को पढ़ने के बाद काफी ज्यादा भयानक गुस्से में आ गया था।

  • 8. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 8

    Words: 1309

    Estimated Reading Time: 8 min

    डॉक्टर से बोलता है जब तक हम लोग नहीं आ जाते तब तक आप आरोही का ख्याल रखेगा उसे कुछ नहीं होना चाहिए वह हमारे लिए काफी इंपोर्टेंट है।

    डॉक्टर उसकी बात सुनकर अपना सर हां मै हिला देते हैं।

    वही कबीर ऋषि के तरफ देखकर कुछ इशारा करता है तो उसकी यह बात समझकर वह भी उसके साथ चल जाता है दोनों ही डॉक्टर के केबिन से बाहर आने के बाद कबीर ऋषि की तरफ देखकर बोलता है।

    यह लड़की कोई और नहीं बल्कि मॉम की बेस्ट फ्रेंड की बेटी है तो ऋषि बोल रहा है हां मैंने नाम पढ़ कर ही समझ गया था उसके बाद उसके कबीर बोलता है मगर उसके जो बड़े पापा है उसके साथ बहुत बुरा किया है इसलिए जल्दी से देशमुख इंडस्ट्रीज के सारे शेष खरीद लो और उन्हें देशमुख इंडस्ट्रीज में हमारी एक फैशन इंडस्ट्रीज के साथ जोड़कर कंपनी को और बड़ा करने की तैयारी करो जल्दी ही जो हमारे प्रिंस से जो छिन गया है उसे वापस उसे दुगना करके हमें हमारी प्रिंसेस को देना होगा वह जब तक ठीक होगी तब तक हम लोगों को उसकी कंपनी को संभालना होगा और जो चीज उसकी है उसे वह दिलाना होगा और जिसने यह किया है और उसे सजा देना होगा,

    ऋषि कबीर के पास सुनकर बोलता है आपने बिल्कुल सही बोल रहे हो भाई हमें हमारी प्रिंसेस को वह सब वापस करना पड़ेगा जो कुछ उससे छिन गया है और उसके दोषियों को हम जिंदा नहीं छोड़ेंगे बल्कि उनको तड़प तड़प के मारेंगे,

    कबीर ऋषि की बात सुनकर उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान हो जाती है।

    और वह बोलता है तो जल्दी काम मै लगाओ अपने आदमियों को और मैं तब तक के लिए मॉम के पास जा रहा हूं मुझे उनसे कुछ बात करनी है।

    कबीर के बात सुनकर ऋषि उससे पूछता है मगर भाई आप जा कहां रहे हो?

    इतना तो बता दो तो उसकी बात सुनकर कबीर बोलता है मुझे मॉम से बात करनी पड़ेगी क्योंकि हमें शादी भी तो करनी है हमारी प्रिंसेस से उसके बाद सुनकर ऋषि मुस्कुरा देता है और वह बोलता है लगता है भाई आपको इंतजार नहीं हो रहा है मगर सच कहूं तो मुझे भी इंतजार नहीं हो रहा है हमारी प्रिंसेस को हमारी बनाने का... उसके बाद सुनकर कबीर में मुस्कुरा देता है और वह वहां से सीधा बाहर चला जाता है।

    वहीं ऋषि अपना फोन निकाल कर जो कभी ने बोला था वही काम पर लग जाता है अब तक सुबह हो चुकी थी।

    सुबह के 10: 00 बजे रहे थे।

    कबीर अपनी कर को ड्राइव करते हुए सीधे आहूजा मेंशन आया था जो कि उसके दादाजी का मेंशन था जहां पर उसकी सारी फैमिली साथ मै रहा करती है।

    कबीर बहुत फास्ट ड्राइविंग कर रहा था जिसे देखकर गेट पर खड़े बॉडीगार्ड भी जल्दी से गेट खोल लेते हैं और कबीर की गाड़ी आहूजा मेंशन के अंदर आ जाती है।

    वही गार्डन में बैठे उसके दादाजी क्योंकि चाय के चुस्कियां ले रहे थे।

    उसको ऐसे देखकर अपना चाय का कप टेबल पर रखते हुए अपने बाजू में बैठे अपने बेटे से पूछते हैं आज तुम्हारे बेटे को क्या हुआ है इतना पागल हो कर क्यों ड्राइविंग कर रहा है।

    दादाजी के बात को सुनकर उनका बेटा यानी कबीर के डेड बोलते हैं मुझे नहीं पता पापा.. तभी कार को पैक करने के लिए बॉडीगार्ड को चाबी देते हुए कबीर जल्दी से चलते हुए अपने दादाजी और अपनी मां के पास आता है।


    और अपने चेहरे पर एक मुस्कान लिए बोलता है मोम हमें वह मिल गई है।

    उसकी मॉम जो कि अभी चाय पी रही थी वह तुरंत अपना कब टेबल पर रखकर खड़ी हो जाती है और वह हैरानी से पूछता है क्या सच में वह मिल गई कहां पर है वह ?

    तो कभी अपना सर नीचे झुकते हुए बोलता है मां मूंग की डेथ बहुत पहले ही हो चुके हैं बट उनकी एक बेटी है जिसकी हालत बहुत खराब है।

    उसकी है बात सुनकर उसकी मॉम जो के दिखने में सिर्फ 35 या 30 की लग रही थी उनके असली एज नहीं पता चल रही थी वह काफी खूबसूरत थी वह अपने बेटे कबीर के तरफ देख कर बोलते हैं कहां पर है वह ?

    तो कबीर बोलते हैं वह अस्पताल में एडमिट है मगर फिकर मत कीजिए वह ठीक है मगर एक बात पता चली है उसको 4 सालों से जहर दिया जा रहा है वह भी कम मात्रा मै उसकी मॉम जो मलिश्का आहूजा जो की एक लॉयर है उनके सामने जो बड़े-बड़े लॉयर भी घुटने टेक देते थे वह गुस्से मै बोलती है किसने किया उसके साथ ऐसा ?

    उनके बात को सुनकर कबीर बोलता है उसके बड़े पापा ने जो कि शायद उनके दर के रिश्तेदार है इतना कबीर को रिपोर्ट निकाल कर अपनी मॉम की तरफ बढ़ा देता है।

    वही मलिश्का जी कबीर का फोन लेकर सारे इनफॉरमेशन पढ़ाने लगते हैं और सारे इनफॉरमेशन को पढ़ने के बाद बोलते हैं उसके ऊपर ऐसे ऐसे कैसे ठोकूंगी ना कि पूरे जिंदगी हो जेल में बैठकर चकिया पिसगा उनके बाद को सुनकर कबीर बोलता है मगर मैं तो इससे भी बुरा कुछ करना चाहता हूं कबीर की बात सुनकर उसकी मॉम हैरानी से देखने लगती है वही हाल दादा जी और कबीर के डैड का भी था।

    मलिश्का जी हैरानी से पूछता है क्या तुम उसे लड़की में इंटरेस्टेड हो ?

    उनके बात को सुनकर कबीर बिना कोई बात को घुमाए या फिर आए बोलता है मैं उससे शादी करना चाहता हूं मतलब कि हम उससे शादी करना चाहते हैं।


    कबीर के मॉम हैरानी से कबीर की तरफ देखते हुए बोलती है तुम कहना क्या चाहते हो हम यानी कौन मैं और ऋषि दोनों इस लड़की से शादी करना चाहता है।

    उसकी यह बात सुनकर कबीर के डेट जो कि अभी चाय की चुस्की ही मिली हुए थे वह सारा का सारा चाय बाहर थूक देते हैं और वह खसते हुए बोलते हैं यह क्या बकवास कर रहे हो?

    उनके बात को सुनकर कबीर बोलता है आप लोग इतने सालों समझ सके अब शादी कर लो शादी कर लो और हमने यही जवाब दिया था साथ में ही शादी करेंगे और एक ही लड़की से शादी करेंगे मेरा और ऋषि का दोनों का ही आपको मालूम था।

    कभी रिश्ते आगे कुछ बोल पाता तो मनीष का जिससे बोल रही है मगर इसमें उसे लड़की की भी मंजूरी होनी चाहिए अगर वह लड़की यानी इतना कहते हुए आराध्य इस बात से सहमत होगी की उसे कोई दिक्कत नहीं है तुम दोनों के साथ रहने में तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।

    कबीर उनकी बात सुनकर अपना सर हां मै हिला देता है और वो वहा से अपने फोन को लेकर जाने लगता है तो उसके दादाजी बोलते हैं अब कहां जा रहे हो ?

    तो वह बोलता है हॉस्पिटल जा रहा हूं ऋषि वहीं पर है और मुझे जल्दी से हॉस्पिटल भी जाना है मैं नहीं चाहता कि मेरी प्रिंसेस मुझे वहां न देखकर परेशान हो..!


    माही दादाजी अपने पोते की बात सुनकर अपने मन में बोलते हैं यह पत्थर दिल वाला मेरा पोता आज एक लड़की के लिए इतना जायदा केयर और अपना प्यार दिख रहा है।

    दादाजी उसकी तरफ देखकर बोलते हैं हम भी चलते हैं हम भी देखना चाहते हैं वह कैसी है दादा जी के बात को सुनने के बाद कबीर अपना सर हां मै हिला देता है।

    वही मलिश्का जी और उनके पति जिनका नाम रणविजय आहूजा जो कि कबीर और ऋषि के पिता है और साथ ही दो और बच्चों के पिता है वह भी जल्दी से खड़े हो जाते हैं।

    क्योंकि उनको डर था कहीं उनका बेटा और उनकी बीवी दोनों उनको छोड़कर हॉस्पिटल ना चला जाए इसलिए वह भी जल्दी से खड़े हो जाते हैं और वह भी उन लोगों के साथ निकल पड़ते हैं।

    आगे आपको क्या लगता है इस कहानी में क्या होने वाला है जानने के लिए स्टोरी के साथ...बने रहे..!

  • 9. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 9

    Words: 1508

    Estimated Reading Time: 10 min

    कबीर उन लोगों के साथ फिर से हॉस्पिटल के लिए निकल जाता है उसकी मां उसको फ्रेश होने का भी बोल दिया मगर वह नहीं सुनता है।

    जिसके कारण वह कुछ नहीं कर सकती और वह सब कबीर के साथ अस्पताल के लिए निकल जाते हैं।


    वहीं दूसरी तरफ

    देशमुख निवास के अंदर का माहौल काफी जायदा खराब था अरविंद देशमुख इस वक्त घर में चिल्ला रहे थे और वह अपनी बीवी को डांटे हुए बार-बार आराध्या के बारे में पूछ रहे थे।

    कामिनी देशमुख आराध्या के बारे में कुछ भी नहीं जानती थी वह कहां गई उनको नहीं पता था मुझे नहीं पता है वह कहां गई अगर वह घर से भाग गई है तो मैं इसमें क्या करूं मैं उसकी नौकरानी थोड़ी ना हूं जो उसके हार बात पर नजर रखूं।

    उनके बाद को सुनकर अरविंद भड़क जाते हैं और बोलते हैं तुम्हारा दिमाग खराब है अगर वह लड़की यहां से भाग गई तो तुम्हें पता है ना क्या होगा उसकी सारी प्रॉपर्टी हमारे हाथ से निकल जाएगी हमें कैसे भी करके जब तक वह 19 साल की नहीं हो सकती तुझसे पाल पोस के अपने पास रखना होगा ताकि उसके हाथ से हम प्रॉपर्टी के पेपर साइन करवा सके और सारे के सारे प्रॉपर्टी अपने नाम कर सके,,,

    उनके बात को सुनकर कामिनी बोलती है मगर मैं क्या करूं मैं कुछ नहीं किया मुझे नहीं पता वह लड़की कहां है मैंने तो रात का सारा काम करने को उसको बोला था और जाकर सो जाने को बोला था और वह लड़के हर बार की तरह वही जाकर सो गई थी।

    मैं लास्ट टाइम उसे वही देखा था मगर फिर उसके बाद कहां गए मुझे नहीं पता है इतना बोलते हुए उनकी नजर दरवाजे के पास जाती है जहां पर दिव्या थी दिव्या धीरे-धीरे चलते हुए घर के अंदर आ रही थी उसको ऐसे देखकर तुरंत कामिनी जी उनके पास जाती है और बोलती है।

    दिव्या बच्चा क्या हो गया तेरे को तो ठीक तो है ना तो ऐसे क्यों चल के आ रही है।

    दिव्या उनकी बात को सुनकर अपने पापा की तरफ देखती है जो कि गुस्से में देख रहे थे जिसे देखकर वह बोलती है मैं कल आपको पार्टी के लिए गई थी।

    अरविंद उसके बाद सुनकर वह बोलते हैं दिव्या तुम्हारे साथ वह लड़की भी गई थी क्या ?

    दिव्या उनकी बात को सुनकर चुप हो जाती है और अपने मन में सोचते अगर इनको पता चल गया कि उसके कारण वह लड़की भाग गई है तो जरूर उसकी सजा मिलेगी इसलिए वह बोलती है नहीं पापा मुझे क्या पता वह लड़की के बारे में वह तो घर में ही पढ़ी जाती है मैं तो रात को पार्टी करने गई थी और रास्ते में हमारी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया था।

    इसी वजह से मैं ऐसे चलते हुए आ रही हूं उसके बाद सुनकर कामिनी अरविंद की तरफ देखकर बोलती है पहले यह सब बात खत्म कीजिए हमें अपनी बेटी पर ध्यान दीजिए ना कैसे चल के आ रही है मुझे लगता है हमें डॉक्टर के पास जाना चाहिए इसके पर मुझे सही नहीं लग रहे हैं मुझे लग रहा है कुछ ज्यादा तो नहीं लग गया इसे छोट उनकी बात को सुनकर दिव्या घबरा जाती है और वह बोलती है नहीं मां मैं बिल्कुल ठीक हूं बस थोड़ी सही लगी है आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है आप तब तक उसे लड़की को धुंधिया अगर अगर वह भाग गई तो बहुत सारा दिक्कत हो जाएगी उनकी यह बात सुनकर अरविंद जी भी बोलते हैं हां मैं अपने आदमी को कॉल करता हूं उसे लड़की के बारे में पता करने को बोलता हूं।

    तो कामिनी जी बोल दिया मुझे लगता है ना यह लड़की किसी के साथ भाग गई है।

    उनकी बात सुनकर अरविंद जी चिल्लाते हुए बोलते हैं क्या बकवास कर रही हो वो कोई लड़के को जानती भी नही थी।

    और ना ही वह बाहर जाती थी किसके साथ भागेगी फोन उसे भगा के लेकर जाएगा उसके जैसी पागल को.!

    कामिनी जी उनकी बात सुनकर बोलती है हो सकता है शायद कोई तो होगा कोई इसका आशिक जोर से उठाकर लेकर आओ वैसे भी बहुत सुंदर है वह दिखने में ही हीरोइन लगती है किसी का क उसके ऊपर दिल आ गया होगा हमें क्या पता

    तो अरविंद जी बोलते हैं अगर तुम्हें नहीं पता होगा तो किसको पता होगा तुम्हें उसकी जिम्मेदारी मैं दी थी ना कि तुम उसको संभाल के घर में रखोगी और तुम वही नहीं कर पाई हो अगर तुम्हारे वजह से अगर वह भागी हुई है ना तो मैं बता रहा हूं कमीनी मैं तुम्हें डिवोर्स दे दूंगा उनकी बात सुनकर कामिनी रोते हुए बोलती है अब यह कैसी बातें कर रहे हो..!

    इतना बोलकर वह रोने लगती है और रोते हुए आराध्य को खूब कोसने लगती है।

    वही तभी अरविंद जी का फोन बसता है वह फोन उठा कर देखते हैं तो उनके कंपनी यानी कि आराध्या के पापा की कंपनी से फोन आ रहा था वह कॉल उठाते तो उधर से आवाज आता है।

    सर एक बहुत बड़ी दिक्कत हो गई है हमारे कंपनी के शेयर्स गिरते जा रहे हैं और जो भी हमारे प्रोजेक्ट्स हमने काम कर रहे थे उन्हें वापस मांगे जा रहे हैं और कंपनसेशन में मांगा जा रहा है।

    अरविंद उनकी बात को सुनकर चिल्लाते हुए बोलते हैं क्या बकवास कर रहे हो ऐसा कैसे हो सकता है प्रोडक्ट में कोई गड़बड़ी गई है क्या ?

    तो वह आदमी बोलते हैं सर नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है अचानक ही ऐसा होना स्टार्ट हुआ है क्या आपने किसी बड़े आदमी से पंगा ले लिया है जो ऐसा हो रहा है।

    उसे आदमी की बात सुनकर वह बोलता है कौन से बड़े आदमी से में पंगा लूंगा इतनी मेरी हिम्मत नहीं है के और जो भी हो रहा है पता लगाओ मैं अभी कंपनी आ रहा हूं।

    उनकी परेशान नवाज को सुनकर कामिनी उनकी तरफ देखकर बोलती है क्या हुआ तो वह गुस्से में कामिनी का हाथ झटकते हुए बोलते हैं दूर रहो तुम मुझे तुम्हारे कारण नहीं हो रहा है वह लड़की भाग गई अब कंपनी में लॉस होना स्टार्ट हो गया है सारे के सारे कंपनी के प्रोजेक्ट जो जो हमें मिले थे सब वापस लिए जा रहे हैं हमारे शेयर्स इतने गिरे जा रहे हैं ऐसा रहा तो हम लोग जल्दी ही सड़क पर आ जाएंगे।

    उनके बात को सुनकर दिव्या हैरान हो जाती है और वह अपने मन में सोचती है यह जरूर कबीर आहूजा का काम है मगर उसे लड़की के अंदर इतनी हिम्मत कैसे हुई जो कभी रहो जा जैसे बड़े आदमी पर अपना जादू चला दिया,

    वह मन ही मन आराध्य को गालियां दे रही थी।

    वहीं अरविंद जी अब तक घर से जा चुके थे वही कामिनी सोफा पर बैठकर आराध्य को गालियां दे रही थी तभी उनकी नजर दिव्या में पड़ती है जो की काफी परेशान थी जिसे देखकर वह अपने शक बड़ी नजरों से बोलता है कहीं तुम्हारा तो हाथ नहीं है ना दिव्या जो तुम इतनी ज्यादा घबराई हुई हो कहीं तुमने ही तो आराध्य को घर से नहीं भगाया,

    दिव्या उनकी बात सुनकर परेशान हो जाती है और बोलती है ऐसा कोई बात नही है मां मगर मुझसे गलती हो गई है कामिनी जी तुरंत ही उसके बाद को सुनकर खड़ी हो जाती है।

    और उसके पास आकर पूछते कैसे गलती हो गई है।

    तो दिव्या उनको सारी बातें बता देती है सारी बातों को सुनकर कामिनी के गुस्से में दिव्या के चेहरे पर एक थप्पड़ मारते हुए बोलती है तुम्हारा दिमाग खराब था जो उसे लड़की को अपने साथ लेकर गई थी वहां पर और तुम्हें  पैसों की जरूरत तो मुझसे बोलती मैं पैसे लेलेटी थी।

    तो उसकी बात सुनकर दिव्या बोलती है मुझे नहीं पता था मोम पैसे में मुझे इतनी नहीं करीबन दो से ढाई लाख रुपए चाहिए थे और मैंने पहले ही आपसे ₹100000 ले लिया था जिसके कारण मैंने सोचा की मै आराध्या को ही यूज कर लेती हूं।

    दिव्या की बात सुनकर कामिनी बोलती है वह लड़की कोई आम लड़की नहीं है इस पूरे जायदा की मालकिन है वह और यह सारे जायदाद को पाने के लिए हम लोग उसको इतने दिनों से छीन रहे हैं और उसे पागल करके रखा है हम लोगों ने मगर आज तेरी करती के कारण वह भाग गई है और वह लड़का कौन लेकर गया उसको अब तू कुछ भी करके उसका पता लगा क्योंकि अगर वह चली गई ना और किसी ऐसे के हाथ लग गई क्योंकि हमारे जैसा ही उसकी प्रॉपर्टी में इंटरेस्टेड हुआ तो बहुत ज्यादा दिक्कत हो जाएगी।

    हो सकता है कि हम लोगों को कल के दिन रोड पर अपनी जिंदगी बितानी पड़े..!

    कामिनी की बात सुनकर दिव्या परेशान हो जाति है।

    और वो मन ही मन आराध्या से और भी जलन उसे होने लगती है।

    और वो उसे बस कोसने के अलावा कुछ नही कर पा रही थी।

    वही कामिनी अपनी मन मै आराध्या को कैसे वापस लाए ये सोच रही थी और अपनी बेटी को अरविंद के गुस्से से कैसे बचे ये सोच रही थी।

    आगे इस कहानी मै क्या हुआ जाने के लिए स्टोरी मै बने रहे..!

  • 10. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 10

    Words: 1004

    Estimated Reading Time: 7 min

    कबीर अपनी फैमिली को लेकर जब हॉस्पिटल पहुंचता है तो वहां पर रिसीव से दिखाई देता है जो कि वोट के बारे में खड़ा था जिसे देखकर कबीर उसके पास आता और उससे पूछता है आराध्य कैसी है।

    कबीर के भाव सुनकर ऋषि उसे बताता है कि अभी तक उसे होश नहीं आया है क्योंकि डॉक्टर ने उसे अभी भी स्लीपिंग पिल्स दे रहे हैं ताकि वह होश मै न आए..!

    उनके बात सुन रही उनकी पूरी फैमिली है बात सुनती है तो वह कभी यह से पूछता है मगर इतना उसको क्यों स्लीपिंग दे रहे... और आखिर उसे हुआ क्या है कबीर की मां बोलती है अपनी मॉम की बात सुनकर कबीर और ऋषि एक दूसरे को देखते हैं और फिर उन्हें कल रात का सारे इंसिडेंट उन्हे बता देते हैं जिसे सुनने के बाद वह भी गुस्से में आ जाती है साथ ही यही हाल दादा जी और साथी रणविजय जी का भी था वह भी आराध्या के साथ जो गलत हुआ उसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे।

    कबीर अपनी मॉम को और डैड को आराध्य को देखने के लिए वोट के अंदर भेज देता है और खुद ऋषि के साथ डॉक्टर के वोट के अंदर चला जाता है।

    डॉक्टर जो कि किसी पेस्टिएंट की फाइल पढ़ रहे थे वह ऋषि और कबीर को देखकर उससे पूछ लेते हैं क्या हुआ मिस्टर कबीर ?

    डॉक्टर के पास सुनकर कबीर उनसे बोलना है आप लोग क्यों उसे इतना ज्यादा स्लीपिंग पिल्स दे रहे हैं आराध्य को तो उनकी बात सुनकर डॉक्टर बोलते हैं उसे यह देना जरूरी है क्योंकि अगर वह होश में आई तो उसे ही तकलीफ होगी अभी भी शायद उसके बॉडी से वह ड्रग्स का असर कम नहीं हुआ है और हम लोग उसे अगर होश में जाएंगे तो उसी के लिए मुसीबत बढ़ सकती है और वैसे भी drug का साइड इफेक्ट भी हो चुका होगा और और ऐसे में अगर वह होश में आई तो उसे तकलीफ होगी इसलिए हम लोग चार-पांच दिनों तक उसे ऐसे रखने वाले हैं।

    और उसको ग्लूकोस देते रहेंगे जिससे कि वह we वीक ना हो.. कभी डॉक्टर की बात सुनकर अपना सर हां मिला देता है और वह भी सोचता है कि डॉक्टर यह सही कर रहे हैं अगर आराध्य को होश आ गया और वह इतने सारे लोगों और अनजान लोगों को अपने पास देखेगी तो शायद वह डर जाएगी और वैसे भी कबीर को यह नहीं पता था कि आराध्या को वो याद था कि नहीं ?

    कबीर थोड़ी देर बाद डॉक्टर से और कुछ बात करता है और इशू भी उनसे कुछ सवाल करता है कुछ सवाल और जवाब करने के बाद वह दोनों ही डॉक्टर के वार्ड से बाहर निकल आते हैं।

    कबीर आराध्या के वोट के तरफ जाते हुए ऋषि से पूछता है वैसे मैंने जो तुम्हें काम दिया था तुमने पूरा किया कि नहीं

    ऋषि कबीर की बात सुनकर बोलता है ब्रो आपने जो जो कहा था मैंने सब कर दिया है अब बस जल्दी ही वह कंपनी हमारी हो जायेगी..!

    कबीर उसके बाद सुनकर मुस्कुरा देता है और उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है अपने मन में सोचता है अरविंद देशमुख तुमने जो किया है उसकी गुना की सजा तो तुम्हें बहुत जरूर मिलेगी वह भी बहुत दर्द है ना मौत मरोगे तुम और तुम्हारी पूरी फैमिली तुमने मेरी आराध्या तुमने मेरी प्रिंसेस को पागल करके रखा था ना अब देखो जो मैं करूंगा उससे तुम इतनी ज्यादा पागल हो जाओगे कि तुम खुद ही सड़क पर आकर पागलों की तरह नाश्ते हुए सबसे भीख मांगोगे..!

    तुम बस मेरा इंतजार करो इतना कहते हुए कबीर कभी के चेहरे पर जो मुस्कान थी जिसे देखकर ऋषि भी उसकी बातों को समझ चुका था वह भी यह बात को सोचकर काफी ज्यादा एक्साइटेड हो रहा था कि फिर से वह लोग मिलकर किसी को तबाह करने वाले थे और यह तो बात उनकी प्रिंसेस की थी।

    इसका मतलब साफ था इस बार यह दोनों जो सजा देने वाले हैं वह काफी ज्यादा खतरनाक होने वाला था।

    अरविंद देशमुख और उसके पूरे फैमिली के लिए बस इतना ही सोच रहा था जीतने मजे करना है कर लो अब जो होगा तुम्हारे सारे मजे एक-एक करके खत्म होने वाले है।

    वह दोनों ही आराध्या के वोट के अंदर जाते हैं तो देखते हैं की मालिका जी आराध्या के पास बैठी हुई थी और साथ ही उसकी माता शैल रही थी वह उसे ही देखे जा रही थी वही लैंग्वेज है जी और कबीर के दादाजी यानी रघुवीर जी दोनों ही अराध्य के पास बैठी  एक अपनी बीवी और दूसरी अपनी बहु को देखते हुए अराध्या को देख रहे थे।

    कबीर और ऋषि दोनों ही अपनी मॉम के पास आ जाते हैं जिसे देखकर वह बोलते हैं इसके साथ जिसने भी गलत किया है उसे तुम दोनों जिंदा नहीं छोड़ोगे बल्कि ऐसे तुम दोनों मौत मरोगे इन लोगों को की रूह भी कॉप जाए..!

    कबीर और ऋषि अपनी मॉम की बात सुनकर वह बोलते हैं आप फिकर मत कीजिए मॉम हमारी प्रिंसेस को जिसने हर्ट किया है उसकी सजा बहुत जल्द मिलने वाली है उन लोगों को उन लोगों को ऐसी मौत नहीं ऐसी जिंदगी दूंगा ना कि वह खुद मरने की भीख मांगेंगे बट मार नहीं पाएंगे.. दोनों ने एक साथ यह बात बोली थी जिसे सुनकर मलाइका की भी एक बार के लिए डर गई थी क्योंकि वह जानते थे उनके दोनों बेटे बहुत ही ज्यादा खतरनाक है जहां कबीर एक बिजनेसमैन है उसके पास जितना बिजनेस का नॉलेज है वहीं दूसरी तरफ ऋषि ऋषि एक हैकर के साथ-साथ एक गैंगस्टर भी है।

    दोनों काफी ज्यादा टैलेंटेड है बट काफी ज्यादा खतरनाक और खूंखार भी थे।

    जिसके कारण पूरे एशिया में इन दोनों से ही लोग दूर रहना लोग ज्यादा पसंद करते थे।

    आज तक जिन-जिन लोगों ने उनसे पंगा लिया था वह दूसरी बार कभी नजर नहीं आए थे इसीलिए इनका खोफ लोगो मै कुछ ऐसा है की इन दोनों का नाम सुनकर ही सब लोग दर जाते थे।

    आगे इस कहानी मैं क्या हुआ जाने के लिए स्टोरी के साथ बने रहे..!

  • 11. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 11

    Words: 833

    Estimated Reading Time: 5 min

    अरविंद जी अपने बिजनेस को लेकर परेशान हो गए थे क्योंकि उनके दिन पर दिन उनके शेयर्स काफी गिर रहे थे इस तरह तीन-चार दिन बीत चुके थे।

    अस्पताल के अंदर ऋषि कबीर और मलिश्का जी दादाजी और रणविजय टीवी आराध्या के होश आने का इंतजार कर रहे थे और आखिरकार आराध्य को होश आ चुका था वह सामने देखती है तो उसे अनजान लोग नजर आते हैं।

    जिसे देखकर वह हैरान हो जाती है और कंफ्यूजन में देखने लगती है उसके ऐसी हरकत देखकर कबीर और ऋषि समझ जाते हैं कि वह क्या सोच रही है कभी धीरे से आराध्या के पास जाकर उससे उठने में मदद करता है और उसे अपने गोद में बैठा देता है वह अपने घर वालों के सामने जब ऐसा करता है तो सारे घर वाले हैरान हो जाते हैं मगर ऋषि बिल्कुल नॉर्मल था।

    उसको देखकर लग रहा था जैसे कि उसने पहले ही पता था कि कबीर ऐसा जरूर करेगा, लिसन नॉर्मल उन दोनों को देखे जा रहा था वही उसके कबीर के फैमिली पूरी उसे हैरानी से देख रही थी तभी उनके कानों में आराध्या की आवाज सुनाई देती है।

    जो की बोल रही थी आप लोग कौन है अंकल और आंटी?

    उसके मुंह से अपने लिए अंकल सुनकर ऋषि और कबीर भी हैरान हो जाते हैं मगर उसकी मीठी से आवाज को सुनकर मदहोश भी हो जाते हैं।

    आराध्या के बाद को सुनकर मालशिका जी आगे बढ़ाकर उसके चेहरे को अपने हाथ में लेकर बोलती है कैसी हो बेटा तुम ?

    आराध्य उनकी बात सुनकर बोल दिया मैं बिल्कुल ठीक हूं आंटी हो तो मासूमियत और क्यूटनेस के साथ यह बात बोलती है कि मलिश्का जी क्या वहां खड़े सभी लोग उसके मासूमियत देखकर मुस्कुरा देते हैं।

    मलिश्का जी आराध्या के सर पर अपने हाथ को फिरते हुए बोलते हैं तुम्हें कहीं दर्द तो नहीं हो रहा है ना?

    आराध्य उनकी बात सुनकर बोलते हैं नहीं आंटी मुझे कहीं दर्द नहीं हो रहा है..!

    इस बार भी वह मासूमियत के साथ बोलता है तो कभी उसके चेहरे को अपने तरफ करते हुए बोलता है प्रिंस सच मैं तुम्हें कहीं दर्द नहीं हो रहा है अगर हो रहा है तो मुझे बता दो मैं अभी डॉक्टर को बुलाकर आता हूं..!

    आराध्या कबीर की बात को सुनकर उसे करके पकड़ लेती और बोलती है नहीं नहीं डॉक्टर नहीं डॉक्टर अंकल नहीं वह मुझे सी लगाएंगे मुझे सुई से डर लगती है।

    इतना बोलते हुए वह कबीर को और भी ज्यादा कसके पकड़ लेती है।

    वही कबीर उसके कमर में अपने एक हाथ को डालते हुए दूसरा हाथ से उसके सर को सहलेते हुए वो बोलता है प्रिंसेस तुम्हे डरने की जरूरत नहीं है।

    मै डॉक्टर को आपको इंजेक्शन लगाने नहीं दूंगा आराध्या उसकी बात को सुनकर तब जाकर थोड़ा शांत होती है और उससे अलग होकर मासूमियत उसकी तरफ देखते हुए बोलती है सच में ना ?

    उसकी बात सुनकर कबीर बोलता है हां सच में..प्रिंसेस मै आपको प्रोटेक्ट करूग और आपको कुछ नहीं होने दूंगा इतना बोलते हुए कबीर आराध्या को गले लगा लेता है।

    अब वही ऋषि भी अब आराध्या के पास आकर उससे बोलता है तुम्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है जब तक हम तुम्हारे साथ हैं तुम्हें कुछ नहीं होने देंगे इतना बोलते हुए ऋषि आराध्य को तरफ देखा है तो वहां पर आराध्या भी उसकी तरफ देख रही थी।

    वह दोनों की बातों को सुनकर आराध्या खुश हो जाती है और ताली बजाते हुए बोलती है आप दोनों गॉड के भेजे हुए मेरे प्रोटेक्टर होना न मैने भगवान जी से बहुत-बहुत बहुत ज्यादा यह विश्व मांगी थी कि कोई मेरी लाइफ में मुझे प्रोटेक्ट करने के लिए है और आप लोग आ गए इतना बोलते हुए आराध्या उन दोनों को ही गले लगा लेती हैं।

    वही मलिश्का जी रणविजय जी और रघुवीर जी उन तीनों को देख रहे थे।

    और अपने मन में सोच रहे थे कि आराध्या कितने मासूम है और उसे दुनियादारी की समझ भी नहीं है और उसकी ऐसी हालत को देखकर उन तीनों को ही लगता है कि अगर आराध्या उनके बेटों के लाइफ में आ गई तो उनके बेटे पहले जैसे हो सकते हैं और उनके अंदर भी थोड़ा प्यार और थोड़ी सी इंसानियत भी जाग सकती है।

    मलिश्का जी जहां अपने बेटों के लिए खुश थी वही रघुवीर जी के मन में एक सवाल था कि क्या आराध्या उनके वंश को आगे बढ़ा पाएगी..?

    और कही उनके पर पोते उसके जैसे हुए तो फिर क्या होगा.?

    वह अपने मन में यही सब सोच जा रहे थे और रणविजय जी अपने बेटों के लिए खुश थे और सबसे ज्यादा वह खुद खुश है क्योंकि उनको जैसे बेटी चाहिए थी उनको वह बेटी मिल चुकी थी आराध्या जितनी मासूम और क्यूट सी थी वैसे उनके बेटी बिल्कुल भी नहीं थी।

    आगे स्टोरी में हम उनके बेटे से मिलेंगे तब तक के लिए बाय-बाय कल के एपिसोड में मिलेंगे.. कब तक आप लोग मेरी स्टोरी पर रेटिंग को कमेंट करना ना भूले जल्दी-जल्दी कमेंट करना ताकि मुझे पढ़-पढ़ के और भी लिखने का मन करे।।

  • 12. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 12

    Words: 1032

    Estimated Reading Time: 7 min

    ऋषि और कबीर जब आराध्या से बात कर रहे थे वही उनके घर वाले उनको ही देख रहे थे।

    जिसे देख कर दादाजी मलिश्का जी की तरफ देखते हैं तो उनके नज़रों खुद पर महसूस करके रघुवीर जी की तरफ देखते हैं तो वह उन्हें बाहर की तरफ इशारा करते हैं जिसे समझ के वह बाहर आ जाती है।

    रघुवीर जी मनीष जी के पास आकर बोलते हैं मैं जानता हूं कि हमारे पोते उसे लड़की को पसंद करते हैं और मैं भी यह भी जानता हूं कि वह लड़की आपके दोस्त की बेटी है मगर मुझे उसके इस घर की बहू बनने से प्रॉब्लम है अगर वह हमारे घर के बहू बने तो पता चला कि वह हमारे घर के वंश को आंखें नहीं पढ़ पाएगी और तो क्या गारंटी है कि वह बच्चा उसकी तरह पागल नहीं होगा?

    उनकी आवाज सुनकर मालिशिका जी हैरान हो जाती है और उनकी तरफ देखने लगती है क्योंकि उन्हें रघुवीर जी से उन्हें ऐसी कोई उम्मीद नहीं थी।

    वह भी कुछ बोल पाती उससे पहले ही पीछे से ऋषि की आवाज दादाजी और मलिश्का जी के कानों में पढ़ती है जो की बोल रहा था।

    दादा जी आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं है आपके पास बिल्कुल ठीक है और वह जल्दी ही ठीक हो जाएगी और यह सब जो उसके साथ हो रहा है उसका कारण उसके बड़े पापा और उसके रिश्तेदारों की है जिसके कारण वह यह सब झेल रही है और रही बात हो पागल है वह पागल नहीं है वह हमारी होने वाली बीवी है तो कृपा ऐसे मत बोलिए मैं आपसे इतनी उम्मीद करता हूं दादाजी ऋषि की बात को सुनकर बोलते हैं अगर वह ऐसी नहीं है तो वह ऐसे कैसे हो गई है तो वह बोलता है।

    आपको कबीर भाई ने बताया था ना कि आरोही हो उसके घर वाले जो प्वाइजन दे रहे थे वह प्वाइजन के कारण है आरोही के ब्रेन में साइड इफेक्ट हुआ है जो कि कुछ सालों में ठीक हो जाएगा और उसकी यह बात सुनकर लगे हुए रिसीव बोलते हैं मगर कितने साल लगेंगे और कितने साल तक हम अपने पोते या पोती का वैट करेगे..?

    ऋषि उनके बात को सुनकर उनके तरफ देखा है और मलिश्का जी की तरफ देखा है तो मैं इसका जी भी रघुवीर जी के बातों को सुनकर परेशान हो जाते हैं तभी वहां पर जो डॉक्टर आराध्य के डॉक्टर थे।

    उनके कानों में भी दादाजी की यह बात पड़ी थी और वह उनकी तरफ देखकर बोलते हैं ज्यादा साल नहीं लगेंगे सिर्फ और सिर्फ डेढ़ साल लगेगा और ढेर सारे उसे लड़की के लिए भी काफी होंगे वह भी काफी छोटी है और जो आप मांग रहे हैं वह कोई ऐसी वैसी चीज नहीं है।

    आपके फोर्स करने के कारण यह भी हो सकता है कि आप अपनी इज्जत अपने बच्चो के नजरों में गिर रहे हो..!

    डॉक्टर के बात सुनकर दादाजी चुप हो जाते हैं वह उसे डॉक्टर को देखने लगते हैं और अब जाकर उन्हें एहसास होता है कि वह क्या बक रहे थे। अब उन्हें एहसास होता है की वो क्या कर रहे थे वह कोई बुरे इंसान नहीं थे।

    उन्हें अब गिल्ट होने लगता है जिसे देखकर ऋषि बोलता है दादा जी आपको बिल्कुल भी फिक्र करने की जरूरत नहीं है आराध्य बिल्कुल ठीक है और हम उसकी इलाज कर रहे हैं और वह बहुत जल्द ठीक हो जाएगी मगर उससे पहले हम उससे शादी कर लेंगे क्योंकि भाई चाहते हैं क्यों उनकी प्रिंस यानी हमारी प्रिंसेस जल्द से जल्द हमारी हो सके..!

    ऋषि की बात सुनकर माल्शिका जी बोलती है क्या तुम भी आराध्य को पसंद करते हो?

    उसकी उनके बात को सुनकर ऋषि बोलता है आप जानते हो हमेशा से भाई की जो पसंद रही है वही मेरी पसंद रही है और आराध्या को तो मैं पहली बार देख कर उसे पर लड्डू हो गया था।

    और मैं अब डिसाइड कर लिया अब मैं पूरी लाइफ आराध्या के साथ बिताना चाहता हूं और मुझे जो चाहिए था और जिस लड़की के मैं तलाश में था वह लड़की मुझे मिल चुके हैं अब वही मेरी और भाई की प्रिंस यानी हमारी प्रिंसेस से हमारी वाइफ बनेगी..!

    उसके अलावा कोई नहीं... दादाजी मलिश्का जी और डॉक्टर तीनों ही उसकी बात को सुनने के बाद मुस्कुरा देते हैं।

    वही डॉक्टर आराध्या के लिए खुश हो रहे थे वह अपने मन में ही बोलते हैं अच्छा हुआ है कि आराध्या को सही टाइम पर सही लोग मिल गए थे नहीं तो उसके साथ क्या होता वह तो उन लोगों को भी नहीं पता था।

    ऋषि की बात को सुनने के बाद दादा जी बोलते हैं मुझे माफ कर देना ऋषि मै बस तुम लोगों के लिए परेशान था तुम पिछले 5 सालों से हर एक रिश्ते को ठुकरा रहे हो... और तुम दोनों की ही अब उम्र हो गई है शादी की इसलिए मैं परेशान था और जब मैं आराध्या को देखा तो मैं खुश था मगर जब मुझे पता चला कि उसकी हालत ऐसी है तो मुझे डर लगने लगा... मैं पता नहीं यह सब कहां से सोचने लग गया इतना वह बोलते हैं कि तभी कमरे का दरवाजा खोल रणविजय जी बाहर आते हैं और उनकी तरफ देखकर बोलते हैं मैं तो पहले ही बोला था वह वाला सीरियल देखना आप बंद कर दीजिए आप भी ना उसे सीरियल को देख देख कर उसमें की जो सास अपनी बहू को परेशान करने के मोका ढूंढती है ना वैसे टाइप के विलेन आप बन लग गए है।

    रणविजय जी के बाद सुनकर दादा जी उसके तरफ देखते हैं और वह बोलते हैं चुप हो जा नहीं यह छड़ी देख रहा है ना इतना कहते हुए राघवेंद्र जी बोलते हैं चुप होजा नही तो ये छड़ी देख रहा है न उसे तेरी हड़िया तोड़ दलूगा..!

    उनकी बात को सुनकर रणविजय जी चुप हो जाते हैं वहीं उन लोगों की बातों को सुनकर सभी लोग हंस पढ़ते हैं।

    और फिर वार्ड के अंदर आ जाते हैं वह लोग अभी अंदर ही आ रहे थे कि तभी उन्हें आराध्या का एक सवाल सुनाई देता है।

    जोकि बोल रही थी हब्बी मुझे नीचे कुछ चुभ रह है..!

    आगे इस कहानी में क्या हुआ जानने के लिए स्टोरी के साथ बने रहे...तब तक के लिए बाय बाय

  • 13. Devil husband ki innocent wifey - Chapter 13

    Words: 1177

    Estimated Reading Time: 8 min

    जब ऋषि के साथ कबीर के घर वाले और साथ ही डाक्टर भी आराध्या की बात सुनते है तो वो हैरान हो जाते है वही कबीर का भी हाल कुछ ऐसा ही था वो बस मौसम सी आराध्या को देख रहा जोकि इस वक्त उसके गोद मै बैठी हुई थी।

    जिसके कारण वो उसके जूनियर को महसूस कर पा रही थी।

    वो आर्धया के सवाल को सुनकर शर्मा गया था तब उसकी नजर किसी को अपने उपर महसूस होती है तब उसका ध्यान अपने दादा जी और डॉक्टर और उसके पूरे परिवार पर जाति है।

    जोकि उसको ही देख रहे थे ये देख कबीर का चहेरा ऐसा हो गया था की मानो काटो तो खून नहीं उसकी ऐसी हालत देख आराध्या जोकि अपने सवाल के जवाब का इंतजार कर रही थी वो बोलती है

    हब्बी बोलो ना..इतना बोलकर वो कबीर के तरफ देखती है जोकि अपनी फैमिली को देख कर एक स्टैच्यू की तरह बन गया था जिसे देख आराध्या अपना सर उसके सामने लेकर आती है और उसे बोलती है।

    हब्बी क्या आप स्टेच्यू स्टेच्यू खेल रहे हो ?

    उसकी ये बात सुनकर भी कबीर उसको कोई जवाब नही देता है जिसे आराध्या का मुंह बना जाता है और वो उदास होने लगती है।

    तभी डॉक्टर जोकि अपना डॉक्टर वाला कोट नही पहेने हुए थे क्युकी ऋषि उन्हें बताया था की आराध्या को उनसे दर लगता है इसलिए बो एक नॉर्मल बनकर व्वाहा आए हुए थे।

    वो जल्दी आराध्या के सामने आते है और बोलते है मिस आराध्या आपके हब्बी इस वक्त गेम खेल रहे है तब तक आप यह सोफे पर आइए मै आपको कुछ देखता हूं..!

    उसकी बात सुनकर आराध्या अपना सर हिला देती है और वो कबीर के गोदी से उतर जाति है और एकदम आराम से चल कर डॉक्टर के पास चली जाती है उसको ऐसे देख मिस्टर राहुल  जोकि ardhya का इलाज कर रहे थे उनका नाम था Rahul maheswari जोकि एक काबिल ब्रेन स्पेक्लिस्ट डॉक्टर है।

    वह आराध्य को इसलिए चला रहे थे क्योंकि वह पता करना चाहते थे कि आराध्या ठीक से चल पा रही है कि नहीं... आराध्या की उनके पास चले जाने के बाद कबीर भी उस तरफ देखता है जहा पर आराध्या डॉक्टर यानी राहुल के पास चली गई थी।

    राहुल आराध्या से बात करने लगता है और उससे कई सारे सवाल पूछता है जिससे उसे पता चलता है कि आराध्या का माइंडसेट कैसा है वहीं ऋषि भी उनके पास ही आ गया था।

    वह भी आराध्य की बात को सुनकर समझ जाता है की याद आता है किसी 7 साल की बच्ची की तरह बात कर रही थी।

    तभी राहुल जी उससे पूछते हैं वैसे आराध्या आपके घर में कौन-कौन है आपकी मम्मी पापा का नाम क्या है?

    उनकी यह बात सुनकर आराध्या एकदम शांत हो जाती है और वह शांति से बैठ जाती है और उसके आंखों से आंसू गिरने लगते हैं वही उसके ऐसे रोते देखकर तुरंत ही ऋषि अपना हाथ आगे बढ़कर उसको आंसुओं को साफ करते हुए बोलता है क्या हो गया प्रिंसेस आप रो क्यों रहे हो ?

    आराध्या उसकी बात सुनकर बोलती है मेरे मम्मी पापा इतना  बोलते हुए वह सिसकती है और फिर बोलती है मेरे मम्मी पापा भगवान जी के पास चले गए है।

    वह मुझे अकेला छोड़कर चले गए इतना बोलते हुए वह रोने लगती है वही कबीर जो अभी तक काफी हम कंफर्टेबल महसूस कर रहा था वह भी आराध्या का रोना सुनकर उसे तरफ आ जाता है और उसकी यह बात को तुरंत उसके पास आ जाता है और वो उसको अपने गोद मै उठा कर बैठा लेता है।

    और आराध्या के आंसू को साफ करते हुए बोलता है यह कौन बकवास कर रहा है अगर तुम्हारे मम्मी पापा चले गए तो कोई बात नहीं मैं और देखो यह इतना बोलते हुए ऋषि की तरफ इशारा करके बोलता है मैं और यह हम दोनों ही तुम्हारे साथ रहेंगे तुम्हारे साथ खेलेंगे को देंगे और तुम्हें जो चाहिए बोल कर देंगे तुम्हें सबसे बचा कर रखेंगे इसलिए तो हमें तुम्हारे मम्मी पापा ने भेजा है यहां पर और तुम यहा पर और तुम हो कि रो रही हो उसके बाद सुनकर आराध्या मुस्कुरा देती और वह बोलती है तुम्हें मम्मी पापा ने भेजा है।

    कबीर उसके बात को सुनकर अपना सर हां मै हिला देता है तो आराध्या उसे मासूमियत से पूछती है तुम मेरे मम्मी पापा से एक सवाल पूछोगे क्या ?

    मुझे तो कबीर और ऋषि दोनों एक दूसरे को देखने के बाद बोलते हैं हां क्या सवाल पूछना है बताओ प्रिंसेस तो आराध्या बोलती है।

    वो लोग मुझे छोड़ कर क्यू चले गए..? क्या मै अच्छी बच्ची नही हूं..? इसलिए क्या वो मुझे छोड़ के चले गए है उसके बाद को सुनकर वहां पर सभी लोगों की आंखें नम हो जाती है और वह आराध्या की तरफ देखने लगते हैं उन्हें आराध्या का पेन दिख रहा था।

    वही मलिश्का जी उसके बाद को सुनकर आगे बढ़ती है और वह आराध्या के चेहरे को अपने हाथ में लेकर बोलती है ऐसी कोई बात नहीं है बेटा तुम्हें रोने की कोई जरूरत नहीं है देखो मैं आ चुकी हूं मैं तुम्हारी मां हूं आपसे मैं ही तुम्हारी मॉम और आपसे तुम मेरे साथ हमेशा रहोगी अब तुम्हारे मॉम है ना तो तुम्हें कोई भी परेशान नहीं करेगा इसलिए डरने की जरूरत नहीं है बेटा... इतना बोलते हुए हो आराध्य के आंसू को साफ करने लगती है।

    वहीं आ रहा था मासूमियत उनकी तरफ देखकर बोलती है क्या आप मेरी मां है तो मालिशिक जी अपना सर हां में हिला देती है।

    तो आराध्या तुरत ही उनके गले लग जाति है और बोलती है प्लीज मम्मा मुझे छोड़ के मत जाना वो लोग बहुत गंदे है वो मुझे परेशान करते है ओर बहुत मरते है और वो वो...इतना बोलते हुए आराध्या दर से कपने लगती है और रोते रोते ही बेहोश जाति है।

    उसको ऐसे देख कबीर और ऋषि दोनो ही पैनिक हो जाते है और राहुल के तरफ देखते है तो राहुल तुरंत ही आराध्य को चेक करने लगता है वही कबीर आराध्य को गोद में उठाकर उसके बेड पर लेट देता है और राहुल से चेक करते हुए बोलता है शायद ऐसी कोई बात याद करेंगे जिसके कारण मुझे बहुत डर लग रहा है और इस तरह के पैनिक अटैक आ रहे हैं।

    उनकी बात को सुनकर ऋषि और कबीर यह सोचने लगते हैं कि आखिर कौन सी बात है जिससे उनकी प्रिंसेस इतना जायदा दर हो घबरा गई की जिसे कारण उसे पैनिक अटैक भी आ रहा था।

    वही malishka जी शायद आराध्या के बाद को समझ चुकी थी और वह बिल्कुल चुप थी जिसे देखकर रणविजय जी बोलते हैं क्या वह मालिशिका तो उनके आंखो से आसू गिर जाता है जिसे रणविजय तुरत ही उनके पास आ जाते है


    तो वो बोलती है शायद इस बच्ची के साथ किसी ने बहुत गलत तक करने की कोशिश की है।

    उनकी बात सुनकर सभी लोग हैरान हो जाते है और अपनी दया भारी नजरो से आराध्या के तरफ देखने लगते है।

    आगे इस कहानी में क्या हुआ जाने के लिए स्टोरी के साथ बने रहे और अपनी कमेंट कर रेटिंग देना mt भूले..