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Ajab sa ishq

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Raveena

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कहते हैं भगवान् को जब किसी को किसी से मिलाना हो वो मिलाता जरूर है रिश्ते कैसे बनाने है यह हम खुद तय करते हैं और ऐसे ही मिलाया आरव और निधि को, दोनों पहली मुलाकात में एक दूसरे का दर्द खुद के अंदर महसूस करने लगे, । पर इनका रिश्ता होगा नहीं इतना आसान, बह...

Total Chapters (10)

Page 1 of 1

  • 1. Ajab sa ishq - Chapter 1

    Words: 1531

    Estimated Reading Time: 10 min

    एक लड़की जिसकी आंखों में बदले कि आग साफ झलक रही है पर इस वक्त उस लड़की की आंखों में हल्की नमी छाई हुई है ।   मुंबई रेलवे स्टेशन पर अपना पहला कदम रखती है । उसकी गोद में एक पांच साल का बच्चा है उस लड़की ने वाइट कुर्ति ब्लू जिंस कैरी किया हुआ है, माथे पर बलैक बिंदी, पिंक होठ ,काली बड़ी बड़ी आंखे ,कमर तक लहराते उसके खुले बाल इस सिंपल से लुक में भी वह गजब का कहर ढा रही थी । वो अपनी एक सरसरी नज़र से चारों और देखती है फिर आगे बढ़ जाती है।  ये है हमारी कहानी कि किरदार निधि जो हमेशा हंसते खेलते रहती थी चेहरे पर इतनी मासुमियत की उसको देखते ही सभी उससे प्यार करने से खुद को रोक ना पाये। पर आज अपने जान से प्यारे माँ बाप को छोड़कर और अपना शहर कोलकाता छोडकर मुंबई आयी है आगे का रास्ता उसके लिए आसान नहीं रहने वाला पर किसी को बर्बाद करने की उसकी चाहत आज उसे सब से दुर कर रही शिवाय अपने एक छोटे से बच्चे को छोड़कर अपने सारे रिश्ते पिछे मुंबई आयी है ।  कुछ देर में निधि रेलवे स्टेशन से बाहर आती है और उसकी बुक की हुई कैब बाहर उसका वेट कर रही थी निधि जाकर उसमें अपना समान रखती है और कैब में बैठ जाती है ।  वही दूसरी ओर  हर तरफ बस एक ही नाम का शोर हो रहा था ,"IDB IDB " 'India dancer boy ' इडिया का जाना माना डांस ग्रुप सब तरफ बस यही नारे लग रहे थे । आज मुबंई में इनका प्रोग्राम था जहाँ पर एक साथ लगभग एक लाख के करीब लोग आऐ थे और करोड़ों लोगों बैंठै लाइव इनकी performance का वेट कर रहे थे । स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था और बिच मे था एक मंच जहाँ performance होने वाली थी वही पर चार बड़ी बड़ी led लगी थी । जिसमें अभी अलग अलग प्रकार की लाइट शो हो रही थी । तभी चारों तरफ एक आवाज गुंजती है, " हैलो दोस्तों धन्यवाद आप सभी का आप सभी ने हमें इतना प्यार दिया इसके लिए हम तह दिल से आपका धन्यवाद करते हैं अब बारी है हमारी performance की तो क्या तैयार है आप सब।" तभी भिड़ में चारों और सभी की आवाज एक साथ गुंजती है, "Yes." एक बार फिर से आवाज आती है, "are you ready ?"  सभी एक साथ बोलते है, "yes." और इसी के साथ एक साॅन्ग प्ले होता है और उस बोर्ड के मैम्बर एक साथ सभी एक्शन से चलते हुए बाहर आते है। उनके आते ही चारों तरफ चिल्लाने की आवाज आने लगती है। यह पांच लोगों का बोर्ड था। रोहन , शौर्य, कार्तिक, नील और इन सब का हैड और हमारी कहानी का हिरो आरव‌ खन्ना सभी एक साथ चलकर बाहर आते है । आरव अपने एटिट्युड में दोनों हाथों को पेंट की जैब में डाले सबसे आगे आता है, तभी उसके पिछे से एक तरफ से नील और एक तरफ से रोहन बाहर आता है । रोहन एक हाथ हवा में लहराते हुए और एक हाथ जेब में डाले और फेस पर बड़ी सी समाइल होती है, और वही नील गर्दन टेडी किए और अपने दोनों हाथ हवा में लहराते हुए ,आरव की साइड से निकलते हैं ।  वही शौर्य और कार्तिक ऊपर से निचे उतरते है । एक एक हाथ से दोनों ने ड़डा पकडा हुआ था और एक हाथ हव में लहरा रहे थे , और उन तिनो के पिछे आकर अपनी पाॅजीशन लेते हैं । सभी के कपड़े एक जैसे बलैक पेंट बलैक जैकेट और वाइट टी  शर्ट जुते वाइट थे सभी लोगों जोर जोर से चिल्ला रहे थे  ।  A for aarav  K for Kartik N for Nile  R for Rohan  S for sorye और फिर शुरू होता इन सब का सुपरहिट डांस जिसे देख सभी खुद को चिल्लाने से नहीं रोक पा रहे थे यही तो खास बात थी हमारे डांसर की हिंदी और english mix साॅन्ग जिसे ये खुद बनाते थे और अभी साथ में गा भी रहे थे। इनका हर एक स्टेप साॅन्ग के साथ मेच कर रहे थे।  सभी तरफ से लोग इन पांचो का नाम दौहरा रहे थे ,और हुटिंग कर रहे थे। वही चारों मैम्बर के चेहरे पर बड़ी सी समाइल थी । और वही आरव के चेहरे पर बस हल्की सी समाइल शौ हो रही थी, बस लोगों को दिखाने के लिए वरना सभी जानते थे आरव खन्ना जितना चेहरे से और बाॅडी से डेसिंग और हाॅट नजर आता है । उसका गुस्सा भी उतना ही हाॅट है और जनाब का Etitude किसी से छुपाये नहीं छुपता देखने में इतना Hendsome कि दुनिया में  सबसे सुंदर लडकों में पहले नम्बर पर इन्ही का नाम आता है इसका नाम, नाम नहीं एक ब्रांड बन गया है इस बन्दे की पुरी दुनिया दिवानी है । सभी के डांस स्टेप चेहरे के experience सब एक जैसे थे अगर पलकें भी झपकाते तो सभी साथ में और इनका डांस खत्म होता है उनके साथ साथ सभी और तालियों की आवाज गुंज जाती है । और लड़कियों के चिल्लाने कि आवाज सबसे ज्यादा आ रही थी । सभी अपने फैन से कुछ देर बातें करते हैं और थोड़ी मस्ती करते हैं फिर बैंक स्टेज चले जाते हैं । "आज मुझे तो बहुत मजा आया शो में क्या नाचे थे यार हम सब। " शौर्य हंसते हुए कहता है, "वैसे एक बात तो हम सब में हमारे आरव का नाम ज्यादा लिया जा रहा था , यार कभी कभी तो मुझे इस बन्दे से जलन होती है ये इतना स्मार्ट कैसे हो सकता माना लुक बढिया है बंदे के देखने में अच्छा है सब कुछ बढिया है पर एक कमी है इनका चैहरा देखा तुमने नो समाईल बस अपने Etitude में रहते हैं  ,ये नहीं की थोड़ा हसंले मुस्कुरा ले और नहीं तो कम से अपनी टुथपेस्ट की एड कर दे पर नहीं एक सडी सी समाइल रखते हैं फेस पर।" रोहन शौर्य के सामने अपने बाॅस की तारिफ़ो के पुल बांधे जा रहा था और वही शौर्य बहुत देर से रोहन को इशारा करने में बिजी था । पर रोहन शौर्य की और ध्यान तब दे ना जब उसकी बक बक बंद हो रोहन एक नज़र शौर्य को देखता है। रोहन शौर्य को अजीब फेस बनाते देखता है," अब तुझे क्या हुआ तु क्यों अपने मुंह को दर्द दे रहा है और ये पिछे क्या इशारा कर रहा है ऐसा कौन आ गया पिछे ।"  कार्तिक जो अब तक रोहन की बातें चुपचाप सुन रहा था वो अपनी आवाज चेंज करके बिलकुल बच्चे जैसे धिरे से कहता है , "अरे पिछे तो देखो लगता है आज रोहन मल्होत्रा का आखिरी दिन है इस गोले में।" कार्तिक ने कहा तो धिरे से था पर रोहन उसकी बात सुन लेता है।  "क्या बकवास।" ये कहते हुए पिछे घुमता है तभी उसके आगे के शब्द उसके गले में रह जाते हैं।  तभी एक लाऊड आवाज उसके कानो में पड़ती है,"लगता है रोहन मल्होत्रा का काम इन दिनों कुछ कम हो गया है।" रोहन लाचारी में अपना सर हा में हिलाता और अपनी लडखडा़ती जुबान से बोला,"न नहीं। " आरव कहता है। वही शौर्य और कार्तिक मुंह दबाए हंस रहे थे। आरव अपने इमोशनलेस चेहरे से रोहन को देखते हुए कहता है "अरुण ध्यान से आगे के दस दिन तक रोहन मल्होत्रा के काम में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। और फेस पर समाइल तो बिलकुल नही आनी चाहिये वरना अंजाम भुगतने को तैयार रहना।"  अरुण रोहन का असिस्टेंट जल्दी से यस सर कहता है अरुण आरव असिस्टेंट था पर ऑडर सभी के मानता था रोहन लाचारी से अपने दोस्तों की तरफ देखता है,' जैसे कह रहा हो कुछ तो मदद कर दो यार। " वही कार्तिक और शौर्य लाचारी में अपना सर ना में हिला देते हैं जैसे कह रहे हो ,"अब तो यार हम कुछ भी नहीं कर सकते तुझे किसने कहा था शेर के मुंह में हाथ डालने को अब भुगत ।" आरव एक सरसरी नजर उन सब पर डालता है और वहाँ से चला जाता है । उसके जाते ही रोहन अपनी जगह बैठ जाता है और रोने की एकटींग करने लगता है। रोहन जोर जोर से अपना गला फाड़ने लगता है वही उसके पास खड़े कार्तिक , शौर्य , अरुण ,  नील सभी अपना सर पीट लेते हैं जैसे कह रहे हो इसका कुछ नहीं हो सकता । आरव वहाँ से सिधा बाहर आता है उसका चैहरा बिलकुल इमोशनलेंस था पर दिखने में फिर भी बहुत स्मार्ट लंग रहा था बाहर बहुत ज्यादा भीड़ थी और साथ में मिडिया वाले भी थे जो उससे कुछ सवाल करना चाहते थे । पर आरव के बाहर आते ही उसके बाॅडीगार्ड उसको चारों और से घेर लेते हैं और गाड़ी तक का रास्ता बनाते हुए आरव को गाड़ी तक ले जाते हैं और आरव गाड़ी में बैठ जाता है  । आरव के बैठते ही बाॅडीगार्ड गाडियों में बैठ जाते हैं । दो गाड़ी उसकी कार के आगे और दो पिछे थी आरव वहाँ से अपने विला चला जाता है । आखिर क्या राज है निधि का और किससे बदला लेने आयी है निधि अपने बच्चें के साथ  ? और कैसे होती है आरव और निधि की मुलाकात  ? जानने के बने रहे हमारे साथ " गठबंधन एक पहचान ' कहानी में

  • 2. Ajab sa ishq - Chapter 2

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

      अब आगे    निधि वहाँ से एक Apartment में आती जो उसने किराये पर लिया था घर छोटा था पर दो लोगों के लिए काफी था |  तभी डोर बैल बजती है निधि जाकर दरवाजा खोलती है तो उसके सामने एक लड़की खड़ी थी कंधे से थोडे़ निचे तक आते उसके बाल भुरी आंखे गोरा रंग पतले होठ देखने में बहुत सुंदर पर निधि से थोड़ी कम सुंदर |  वो लड़की दरवाजा खोलते ही निधि से लिपट जाती है निधि पहले हैरान रह जाती है अचानक उसके साथ ये क्या हुआ पर फिर होठों पर एक लम्बी समाइल लिए उस लड़की को रिटर्न गले लगाती है |  कैसी है मेरी जान इस एक सालों में मैंने तुझे बहुत मिस किया फाइनली तु वापस आ गयी वो लड़की निधि की गाल पर किस्स करते हुए कहती है |  हो गई तेरी नौटंकी पता है मुझे तुमने मुझे कितना मिस किया अगर मिस करती तो तुम मुझ से मिलने आ सकती थी निधि उस लड़की को खुद से दूर करते हुए कहती है | और लिविंग रुम के सोफे की और चली जाती है | वो लड़की जिसका नाम रिया खन्ना हैं रिया निधि की सबसे अच्छी दोस्त है दोनों ने दिल्ली से पढाई साथ की थी इसलिए दोनों एक दूसरे से बातें किऐ बगैर या कहो पुरे दिन में दोनों ने क्या किया ये जब तक आपस में डिस्कस नहीं करती तब तक खाना नहीं खाती |  रिया भी निधि के पिछे जाती अरे यार तुझे पता तो है मुझे भाई ने मुंबई बुला लिया था इसलिए में तुझसे मिलने नही आ सकी साॅरी यार पर मैंने तुझे सच में बहुत मिस किया सच्ची मे रिया रोने जैसी स्कल बनाते हुए कहती है |    ये कैसा तैरा भाई है जल्लाद कही का और तु उससे इतना डरती क्यो है वो तुझे खा थोड़ी जायेगा एक बार तु मुझे तेरे इस भाई का नाम मुझे बता दे फिर देखो तुम मे उसका मार मार के भरता ना बनाया तो मैरा नाम भी निधि रजावत नहीं निधि अपने हाथों को घुमाते हुए कहती है जैसे रिया का भाई उसके सामने ही हो |    ओ हिरोइन अपनी सोच पर लगाम लगा अगर भाई को पता चला ना उनके बारे में तु ऐसे बोल रही तो वो तुम्हारा भरता बना देगे रिया हंसते हुए कहती है  निधि रिया कि बात से चिड़ते हुए कहती है अच्छा बता तेरा भाई है कौन विश्व और अथर्व को तो मैं जानती हु इसका नाम क्या है |  वो मे तुम्हे नहीं बताउंगी सिधा कभी उनसे मिलवाउगी अच्छा बता शिव कहाँ है रिया इधर उधर देखते हुए कहती है |  तभी एक पांच साल का लड़का जिसका नाम शिव था वो निधि के पास आता है शिव को देखते ही रिया बिलकुल बच्ची बन जाती है और अपना हाथ हिलाते हुए कहती है हाय शिव कैसा है तु मुझे पहचाना में तुम्हारी रिया मौसी |  पर शिव बस रिया को घुरे जा रहा था शिव चुपचाप निधि की गोद में जाकर बैठ जाता है और उसके सिने में अपना चेहरा छुपा लेता है रिया मायुसी में निधि की और गर्दन हिलाती है तो रिया भी रिर्टन में उसकी और गर्दन हिला देती है और शिव को देखने लगती है |  दरसल शिव कुछ भी नहीं बोलता है एक साल पहले के एक हादसे ने शिव को हमेशा के लिए चुप कर दिया वो छोटा सा बच्चा रोता भी नहीं था चाहे उसके दिल में कितना बड़ा भी दर्द क्यों ना हो पर वो फिर भी नहीं रोता था और उसके ना रोने की वजह से वो बेहोश हो जाता था |  निधि अपनी आंखे बंद कर एक लम्बी सांस लेती है और रिया से कहती है अच्छा बता क्या पिना है चाय या काॅफी |  कुछ भी नहीं और तु यहाँ नहीं रहेगी मेरे घर में रहेगी आखिर मेरी बेस्ट फ्रेंड है तु तो मेरा घर भी तो तेरा घर हुआ ना रिया निधि के कंधे पर हाथ रखते हुए कहती है |  नहीं यार रिया..... तुझे हमारी दोस्ती की कसम तु मेरे साथ चल रही है बस फाइनल रिया निधि की बात बिच में काटते हुए कहती है |  ठीक है पर एक शर्त पर निधि शिव को गोद में से उठाकर सोफे पर बिठाते हुए कहती है |  कैसी शर्त |  यही कि मैं तुम्हारे घर पर रहुगी पर में अपना डा़स कंटिन्यु रखुगी मुझे IDB जैसी अपनी टीम बनानी है और तु इसमें मेरा साथ देगी बता कर सकती है क्या ?  इसमें क्या बड़ी बात है यार जरूर दुगी तेरा साथ हम गर्ल का भी डा़स ग्रुप होना चाहिए और में तो तेरे लिए बहुत खुश हु कि तुमने अपना सपना फिर से सच्च करने का सोचा है रिया निधि के गले में हाथ डालते हुए कहती है |  रिया को निधि से चिपकता देख शिव सोफे से खड़ा हो जाता है और एक हाथ से निधि के पैरों को पकड़ कर रिया को मारने लगता है शिव के ऐसे मारने से रिया पहले निचे देखती है और फिर गंदा सा मुंह बना कर सोफे पर बैठते हुए कहती है  ओ जलकुकड़े में तेरी म्मा को खाने वाली नहीं हु जो ऐसे मुझे मार रहा है शिव रिया को घुर कर देखने लगता है जिसे देख रिया और निधि दोनों को हंसी तो बहुत आ रही थी पर रिया अपनी हंसी कंट्रोल करके ईधर ऊधर देखने लगती है |  और दोनों वहाँ से खन्ना मेंशन के लिए निकल जाती है खन्ना मेंशन आप सभी को बता देती हु रिया आरव की बहन है उसके दो भाई और है विश्व और अर्थव आरव इन सबसे बड़ा है और आरव से छोटा है विश्व और रिया, रिया आरव के चाचा कि बेटी है आरव के चाचा के रिया इकलौती संतान हैं| वही आरव विश्व और अथर्व तिनो संगे भाई है | आरव ज्यादातर घर से बाहर ही रहता था और कोई नहीं जानता था कि आरव खन्ना परिवार का बड़ा बेटा है इसलिए आरव ने अपने बहन भाईयों को सख्त हिदायत दे रखी थी कि कोई भी उसका नाम नहीं लेगा इसिलिए तो निधि अब तक नहीं जानती है कि जो ग्रुप उसका आइडल बना हुआ है उसका हैड रिया का भाई ही है जिसे कुछ देर पहले वो बुरा भला कह रही थी |    आरव डा़सर सिंगर होने के साथ साथ एशिया का नम्बर वन बिजनेस मैन था जिसे बिजनेस कि दुनिया में सभी AK के नाम से जानते थे | पर आज तक किसी ने उसकी शक्ल नहीं देखी शिवाय उसके भरोसेमंद आदमियों के अलावा | आरव अपने विला कि और जा रहा था पर तभी बिच मे आरव कि माँ शारदा उसे फोन करके घर आने को कहती है और ये सब उन्होंने गुस्से में कहा था क्योंकि आरव को छ : महिने से ज्यादा टाइम हो गया था अपने घर गये हुए |    कुछ देर बाद खन्ना मेंशन में दो गाड़ियां साथ में आकर रुकती है एक गाड़ी से रिया निधि और शिव बाहर आते हैं और दुसरी से आरव जो अपने फोन पर बात करते हुए अंदर जा रहा था |    वही निधि शिव का हाथ पकड़े अपने सामने सुंदर से विला को देख रही थी चारों तरफ गार्डन और बिच मे बना था वाइट और ग्रे कलर का बहुत बड़ा विला था निधि उस बंगले की खुबसूरती में इतना खो गयी थी कि उसको पता भी नहीं चला कि शिव ने कब उसका हाथ छोड़ दिया था और धिरे धिरे उसके पिछे जा रहा था | तभी दो लोगों के जोर से टक्कराने की आवाज आती है  | आरव जो अपने फोन पर बात करते हुए अंदर जा रहा था उसकी टक्कर निधि से हो जाती है निधि और आरव दोनों एक जगह खड़े थे जहाँ निधि आरव को देख रही थी  | देख क्या गुस्से में घुर रही थी वही आरव जिसकी आंखे गुस्से में लाल हो गयी थी वो निचे गिरे अपने फोन को घुर रहा था | वही कुछ दुर खड़ी रिया डर के मारे अपना थुक निगल रही थी आरव निधि पर भड़कते हुए कहता है   कौन हो तुम देख कर नहीं चल सकती | निधि जो गुस्से में आरव को घुर रही थी वो आरव की आंखो से अपनी आंख मिलाते हुए कहती है.... ये बात तो मैं भी तुमसे कह सकती हु मिस्टर | निधि इतना ही बोलती है कि उसके सर में एक तेज दर्द महसूस होता है और ऐसा ही आरव के साथ होता है दोनों एक साथ अपना सर पकड़ लेते हैं और मौके का फायदा उठा कर रिया जल्दी से शिव को गोद में उठाती है | शिव रिया को घुर कर देख रहा होता है ओ चिल्लगोजे तुझे खा नहीं जाउगी तुम्हारी मम्मा को अंदर लेकर चलते हैं उनका सर दर्द जो कर रहा है आरव निधि को घुर कर देखता है और अपना सिर दबाते हुए अंदर चला जाता है | वही निधि भी अपने सिर को दबाते हुए पिछे देखती है तो रिया शिव को गोद में उठाए खडी़ थी  ये अंधा इंसान कौन था ? आते ही इससे टक्कर हो गयी और घुर तो ऐसे रहा था जैसे सारी गलती मेरी है उस महाशय कि तो जैसे कोई गलती ना हो | अरे अरे मेरी मैट्रो ट्रेन विराम लगा अपने शब्दों पर शायद तुमने उन्हें ध्यान से देखा नहीं लड़कियां तो उनसे देखने के लिए मरती है और तु तो खुशनसीब है तुम्हारी टक्कर इनसे हो गई रिया मुस्कुराते हुए कहती है | क्या वकवास कर रही इससे कौन टक्कराना........... आगे के शब्द उसके गले में ही रह जाते वो  कुछ याद करते हुए कहती है  .... ओ तेरी कही ये आरव  आरव तो नहीं था indian dancer boy का लिडर आरव बोल ना चुप क्यों है   निधि उछलते हुए कहती है तुझे क्या लगा उनकी शक्ल देखकर निधि अपना एक आइब्रो  उपर उठाते हुए कहती है | अरे वो मैंने गोर से उनकी शक्ल नहीं देखी ना में गुस्से में थी अचानक उनसे टक्कर हो गयी और फिर मेरा सर दर्द मैंने इन‌ सब उनके चेहरे पर ध्यान नही दिया आंखे आंखे देखी निधि मासूम सी शक्ल बनाते हुए कहती है | हाय मेरी क्युटी पाई कितनी स्वीट है यार तु ये वही है जिनकी तु सबसे बड़ी वाली फैन है रिया एक हाथ से निधि का गाल खिंचते हुए कहती है | शिव जो कब से उन दोनों को टुकुर टुकुर देखा जा रहा था वो जल्दी से रिया का हाथ निधि के चेहरे से हटाता है और घुर कर रिया को देखता है जैसे कह रहा हो अगर दुबारा हाथ लगाया तो जान ले लुगा तुम्हारी | रिया  सड़ी सी शक्ल बनाते हुए शिव को निधि के गोद में देते हुए कहती है जलकुकड़ा  फिर से जला अब से नहीं लगाउगी तुम्हारी मम्मा को हाथ और तेरे से तो बात भी नहीं करुगी  अब चलो दोनों अंदर रिया बिल्कुल बच्चों के जैसे गुस्सा करते हुए कहती है | निधि के चेहरे पर एक प्यारी सी समाईल आ जाती हैं और वो रिया के साथ अंदर चली जाती है | माँ  बड़ी माँ देखो तो मैं किसे लैकर आयी हु अपने साथ रिया खुशी से झुमते हुए कहती है तभी एक लड़का जो सोफे पर बैठा था जिसकी उम्र कुछ बाईस साल के आस पास थी वो कहता है कौनसा तू यमराज को लेकर आयी है अपने साथ अपनी दोस्त को लाने गयी थी वही आयी है तेरे साथ | माँ में कह रही हु एक दिन इसकी जान मेरे हाथों जानी हैं अगर अपने बेटे को बचाना है तो इसे कह दो मेरी बातों के बीच में ना आये रिया उस लड़के को घुरते हुए कहती है | कौन है वो लड़का जिसे रिया जान से मारने की धमकी दे रही है  ? और क्या होगा जब आरव और निधि का होगा दुबारा आमना सामना?               

  • 3. Ajab sa ishq - Chapter 3

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

    👋   अब आगे    अथर्व क्यों परेशान कर रहा है तु रिया को ..... में कहा परेशान कर रहा हूँ माँ ये बंदरिया है परेशान होने के लायक इसे देखते ही मेरी जुबान अपने आप चलने लगती है तो इसमें में क्या कर सकता हु अथर्व निलिमा जी ( आरव की माँ )  की बात बिच मे ही काटते हुए कहता है |     तेरी तो..... रिया इतना कहकर अथर्व पर टुट पड़ती है और अथर्व भागने लगता है और फिर हो जाती है दोनों में चुहे बिल्ली की लड़ाई शुरू वही निधि उन दोनों को देखते हुए मुस्कुरा रही थी और हमारा शिव उन दोनों को ऐसे देख इरिटेट हो गया था इसलिए वो घर देखने लगता है और वही हमारी दोनों माताएँ अपने सिर पर हाथ रखे उन दोनों को देख मुस्कुरा रही थी |     तभी एक रौबदार आवाज पुरे विला में गुंजती है ....... क्या हो रहा है यहाँ उस आवाज को सुनकर रिया और अर्थव जहाँ थे वही रुक जाते है उन दोनों की जान उनके गले तक आ गयी थी दोनों फनी पोजीशन में खड़े थे उनका हाल कुछ ऐसा था रिया अपने दोनों हाथों से अथर्व के बाल पकड़े झुकीं थी वही अथर्व ने रिया के पैरों को पकड़ रखा था | उन दोनों को ऐसे देख सभी को हंसने का मन तो कर रहा था पर हंस नहीं पा रहे थे |   क्योंकि उनके सामने हमारा डेविल आरव जो खड़ा था जो दोनों को घुर कर देख रहा था वही निधि लगातार एक टक आरव को देख रही थी आखिर देखे भी क्यों ना जिसे वो अपना आईडल मानती थी जिसके जैसा वो खुद बनना चाहती थी आखिर वो उसके सामने ही तो खड़ा था |‌ और वही हमारा शिव जोर से खिल खिलाकर हंसने लगता है सब हंसी की आवाज सुनकर उस तरफ देखते हैं जहाँ शिव रिया के फेस की और उंगली करके हंस रहा था |   उसकी हंसी देख रिया और निधि दोनों को जैसे चारसो चालिस बोल्ट का झटका लगा था निधि की आंखों में हल्की नमीं छा जाती है आखिर आज एक साल बाद उसने शिव को हंसते देखा था एक हादसे ने शिव से उसकी मुस्कान और उसकी आवाज दोनों छिन ली थी | निधि अपनी सोच में गुम थी कि तभी उसके कानों में शिव की आवाज सुनाई देती है वो कह रहा था |   अरे.. वा हैडसम अंकल आपकी तो एक आवाज में बंदरिया रिया मांसी की सीटी पिटि गुम हो गयी इतना कहकर वो फिर से हंसने लगता है | रिया उसे देख गंदी सी शक्ल बनाती है और खुद की और उंगली पांइट करके क्या में इस चिलगोजे को बंदरिया दिखती हु रिया ने ये बिलकुल धिरे से कहा था पर पास खड़े अथर्व ने सुन लिया  सही पहचाना है बच्चे ने मे कब से कह रहा हूँ कोई मेरी बात पर यकीन नहीं करता चलो किसी ने तो पहचाना  |     तुझे तो मैं बाद में देखुगी अभी भाई है इसलिए ये मत सोचिओ की तू मुझ से बच गया रिया शिव की और देखते हुए कहती है | तभी आरव जो कब से शिव को देखे जा रहा था वो जल्दी से शिव के पास जाता है और घुटनों के बल बैठ जाता है और प्यार से अपने दोनों हाथों से शिव का चेहरा पकड़ लेता है | सभी आरव का ऐसा रियेक्शन देख हैरान थे सभी आंखे फाड़े आरव और शिव को देख रहे थे  किसी को भी आरव से ऐसे रियेक्शन की उम्मीद नहीं थी क्योंकि आरव हमेशा सिरियस रहता था उसे अपने आस पास कौन है उससे कोई फर्क नहीं पड़ता था पर एक बच्चे को देख उसका ऐसा रियेक्शन सभी को हैरान कर रहा था | आरव की आंखों में नमी थी वो झट से शिव को गले लगा लेता है आखिर तु मुझे मिल गया शिव में कब से तुझे ढुढ़ रहा था इतने दिन कहा था और कौन लेकर गया तुम्हे आरव एक के बाद एक सवाल शिव से किए जा रहा था | आप शिव को जानते हो सर...... निधि आरव के सवाल सुन उससे कहती है तुम कौन हो और  मेरे शिव को कैसे जानती हो शिव तो कह रहा था उसका कोई नहीं है?      वही निधि के कानों में बस एक अवाज सुनाई दे रही थी मेरा शिव ये सुनकर निधि गुस्से से पागल हो रही थी वो अपने कदम उन दोनों के पास बढ़ाती है और शिव को एक झटके में अपने पिछे कर आरव को उंगली दिखाते हुए कहती है शिव मेरा है वो मेरा बच्चा है इसलिए उसे अपना कहना बंद करे मुझे बिलकुल नही पसंद की कोई मेरे बच्चे को अपना कहे |   वही रिया अथर्व निलिमा और कावेरी जी तो अपनी आंखे फाड़े रिया को देख रही थी आखिर निधि आरव से इस लहजे में बात करके क्यों मरना चाहती है लगता है तेरी दोस्त को जिंदगी रास नहीं आ रही तभी तो वो भाई को उंगली दिखा रही है अथर्व धिरे से रिया के कान में कहता है वही रिया तो जैसे निधि को गुस्से में देख एक जगह जम गई थी |     आरव एक नज़र निधी के चेहरे को घुर कर देखता है और फिर रिया की उंगली को जो अब तक उसकी और पांइट थी आरव निधि की उंगली पकड मरोड़ देता है और पुरे हाॅल में जोर से चिल्लाने की आवाज गुंज जाती है अब सब हैरानी से आरव को देख रहे थे वही निधि भी हैरान थी आरव क्यों चिखा उंगली तो उसकी टुटी है ना | निधि अपने हाथ को देखती है उसे दर्द नही हो रहा था निधि दुबारा उस उंगली को जोर से मरोड़ती है और आरव एक बार और चिखता है फिर गुस्से में निधि को घुरता है तुम कोई चुड़ैल या तांत्रिक तो नहीं हो यह तुम्हारी वजह से मुझे दर्द क्यों हो रहा है आरव गुस्से में एक एक शब्द चबाते हुए धिरे से कहता है जिसे निधि ही सुन पाती है     निधि जोर से कुछ बोलने को होती है तभी आरव उसे आंखे दिखाता है जिसे देख निधि समझ जाती है कि आरव नहीं चाहता ये बात किसी को पता चले निधि अपना मुंह बनाते हुए आगे कहती है हा तो आप मेरी अंगुली को तोड़ना चाहते थे तो मैं क्यों आपको बकसु मैंने भी आपकी अंगुली मरोड़ दी और फिर अंगुली दिखाते हुए आगे कहती है और हाँ मेरे बच्चे को अपना कहा तो तो में तुम्हारा सिर‌‌ फोड़ दुगी |     आरव को गुस्सा तो बहुत आता है पर उसकी अंगुली में दर्द हो रहा था इसलिए वो निधि को कुछ नहीं कहता क्या पता कब वो अपनी अंगुली मरोड़ दे | वही बाकी लोग तो मुहं खोले और आंखे फाड़े उन दोनों को देख रहे थे उन्हें ये तो नहीं दिखा की आखिर किसने क्या किया है क्योंकि वो लोग जहाँ पर थे वहाँ से उन्हें आरव कि पीठ दिखाई दे रही थी और निधि आरव के आगे थी जिस वजह से उन्हें दिखाई नहीं दे रही थी |     दीदी ये निधि क्यों आग में घी डालने का काम कर रही हैं क्यो इस सोये शेर को भड़का रही है कावेरी जी जो अब तक चुपचाप सब कुछ देख रही थी वो धिरे से निलिमा के कान के पास जाकर कहती है     अचानक कान के पास किसी के बोलने पर निलिमा जी कि चीख निकल जाती है और वो जल्दी से अपने सिने पर हाथ रख दो कदम पिछे हो जाती है और लंबी लंबी सांस लेने लगती है निलिमा जी के ऐसे चिखने से अब सब उन की और देखने लगते हैं |     सभी को अपनी और देखता देख निलिमा जी मुश्किल से हस्ते हुए....... वो छोटी ने पास आकर बोला तो मैं डर गयी और फिर खुद के मन में में किससे डर रही हु मेरे ही तो बच्चे हैं यहाँ | तभी कब से चुप बैठा शिव निधि से आगे आकर खड़ा हो जाता है और अपनी प्यारी सी आवाज में ओफ्फो हैड़सम अकंल  ये मेरी मम्मा  है आप इन्हें बच्चा चोर क्यों कह रहे हो |     अपने लिए मम्मा सुन कर निधि की आंखो मे आंसू आ जाते हैं और निधि वही बैठ जाती है और पिछे से शिव को हग कर लेती है और रोने लगती है     👋 रिर्डरस अगर आप सभी को स्टोरी पंसद आ रही है तो प्लीज  comment | like | | share and review  जरूर दे | आपको स्टोरी कैसी लग रही है प्लीज बताना जरूर |        

  • 4. Ajab sa ishq - Chapter 4

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    👋     अब आगे        आरव निधि को ऐसे रोता और शिव के उसे मम्मा कहने पर कंफ्यूज हो जाता है और वो मन में सोचता है शिव तो कह रहा था उसका कोई नहीं है फिर ये मम्मा कहा से आ गयी और ये रो क्यों रही है जैसे आज पहली बार इसने मुंह से अपने लिए मम्मा सुना हो? कहीं इसने शिव को धमका के तो नहीं रखा है पर ये यहाँ कर क्या रही है ?  तभी उन सबके कानों में रिया के चिखने की आवाज सुनाई देती है सब रिया की और देखते हैं जो अपना हाथ सहला रही थी और अथर्व को घुर कर देख रही थी |    अथर्व खुद को ऐसे घुरता पाकर जबरदस्ती हंसते हुए कहता है.... वो वो क्या है ना ये कुछ बोल नही रही थी तो मैंने सोचा देख लेता हूं कही सपने तो नहीं ले रही इसलिए बस मेने हल्का सा पिंच किया था पर ये चिखी बहुत जोर से |  आरव अब तक जो उनकी हरकत भुल गया था अब उसे वापस वो याद आ गयी और उसका गुस्सा वापस से बढ़ गया आरव गुस्से में एक एक शब्द पर जोर देते हुए कहता है    आरव - तुम दोनों कल से पुरे घर की सफाई करोगे और इसमें कोई तुम्हारी मदद नहीं करेगा |  ये सजा सुनकर रिया और अथर्व की शक्ल देखने लायक हो गयी रिया रोनी सी शक्ल बनाकर कहती है पर भाई इसमें मेरी कोई गलती..... आगे के शब्द रिया के गले में ही रह जाते हैं क्योंकि आरव उसे घुर कर देख रहा था |     आरव - अतु तु गार्डन की सफाई और करेगा क्योंकि सबसे ज्यादा तेरी शैतानीनिया बढ़ती जा रही है |  पर भाई मैंने कुछ नहीं किया इसने बात, ही ऐसी करी थी अथर्व सेड फेस बनाकर कहता है पर आरव उसे इग्नोर कर देता है और निधि से कहता है आज से तुम यही रहोगी इतना कहकर आरव अपने रुम की तरफ चला जाता है क्योंकि अब अगर वो और ज्यादा यहाँ रहा तो उसकी अंगुली में जो दर्द हो रहा था वो और बढ़ सकता था इसलिए आरव रुम में जाकर मेडिसिन लेता है और सोफे पर बैठ सोचने लगता आखिर निधि की अंगुली में होने वाला दर्द उसे क्यों महसूस हो रहा था    कुछ देर सोचने के बाद आरव किसी को मैसेज करता है |    वही निचे हाॅल में रिया खुशी से निधि के गले लगी थी......  रिया - वाव भाई मान गए तुम यही रहोगी मेरे साथ कितना मजा आयेगा हमें साथ में |  रिया को ऐसे इतना खुश होते देख सभी खुश थे वही शिव रिया को निधि से दूर करता है     शिव - गंदी मासी दुर हटो मेरी मम्मा से जब देखो तब चिपकते रहती हो |  ओए जलकुक्कडे तेरी मम्मा मेरी बेस्ट वाली फ्रेंड है और इसे तो मैं झप्पी और पप्पी दोनों दुगी इतना कहकर रिया निधि के गाल पर किस कर देती है यह देख तो शिव को बहुत गुस्सा आता है और वो रिया को मारने के लिए उसके पास आता है इतने में रिया सौ की स्पीड से वहाँ से भागती है और उसके पिछे पिछे ही शिव भागता है |  शिव को इतना खुश देख निधि बहुत खुश होती है और प्यार से उसे देखने लगती है तभी उसे अपने सिर पर किसी का हाथ महसूस होता है वो देखती है तो निलिमा जी प्यार से उसके सिर को सहला रही थी |    निलिमा - लगता है आप तो हमें भुल ही गयी ना कभी फोन करती है और ना ही मिलने आयी | निलिमा जी अपनी नाराजगी जताते हुए कहती है |  निधि - ओहो लगता है कोई हमसे नाराज है पर हम भी क्या करते हम इतना बिजि हो गये थे कि कभी वक्त ही नहीं मिला निधि निलिमा जी के गले से लिपटते हुए कहती है |  अच्छा अगर आपका मिलना हो गया है तो क्या हमारी बेटी हमसे भी मिलेगी कावेरी जी निलिमा जी और निधि को घुरते हुए कहती है |    जी जरूर हम जरूर मिलेगे आपसे इतना कहकर निधि कावेरी के  गले लग जाती हैं कैसी हो कावेरी जी निधि की पीठ सहलाते हुए पुछती है |  बहुत अच्छी हु आप सब से जो मिलना हो गया मेरा वैसे अकंल कहा है निधि उनसे अलग होते हुए पुछती है |    वो ऑफिस गये है शाम को आयेगें तब तक तुम चलो बैठो में चाय नाशता मंगवाती हु |  निधि भारद्वाज ऊपर आओ मुझे तुमसे कुछ बात करनी है एक गुस्से भरी आवाज सभी के कानो में पड़ती है निधि एक पल के लिए तो डर जाती है क्योंकि ये आवाज नार्मल नहीं गुस्से से भरी हुई थी आरव इस वक्त गुस्से में था वो एक नज़र निधि को देखता है और अपने कमरे में चला जाता है |    वही निधि डरते हुए सभी की और देखती है निलिमा जी उसे जाने का ईशारा करती है निधि ऊपर आरव के कमरे की और चली जाती है |  ये क्या है चाची माँ में तो अपनी दोस्त से अब तक मिला ही नहीं और भाई को क्या हो गया है वो इतने गुस्से में क्यों है | अर्थव कावेरी जी के पास आते हुए पुछता है |    कावेरी जी अथर्व के सर पर मारते हुए कहती है क्योंकि बुध्दू वो निधि से शिव के बारे में बात करना चाहता है इसलिए बुलाया है और वो गुस्से में हमेशा रहता है कभी नोर्मल देखा है उसे तुमनें |    अथर्व - वो तो नहीं देखा पर जो भी हो आपको नही लगता भाई आज कुछ ज्यादा ही अजीब बिहेव कर रहे हैं मतलब हम उनके साथ रहते नहीं है पर इतने दिन बाद वो कुछ बदले बदले से लग रहे हैं नहीं |    तु छोड़ ये सब और बाहर गार्डन में देख कर आ कही वो दोनों अपनी मस्ती में लड़ने ना लगे रिया बिलकुल बच्ची बन जाती है निलिमा जी किचन की और जाते हुए अथर्व से कहती है |    वही ऊपर आरव के रुम के बाहर निधि अपने दोनों हाथों को आपस में रगड़ रही थी उसे आरव से अब डर लग रहा था पता नहीं क्यों बुलाया है इसने मुझे टीवी पर तो कितना मासूम और प्यार दिखता है पर अब देखो ऐसा लगता है जैसे गुस्से की तोप है थोड़ी सी चिंगारी लगाओ और गुस्से का गोला फुटा हु निधि मन ही मन आरव को‌ कोस रही थी |  तभी उसे आरव की आवाज सुनाई देती है जो कह रहा था |  आरव _ अब बाहर ही खड़े रहना है या अंदर भी आओगी तुम? आरव जो अपने लेपटॉप पर घर की सिक्योरिटी चेक कर रहा था तभी उसे अपने रुम के बाहर निधि खड़े दिखाई देती है तो आरव खिड़की के पास आकर कहता है |  निधि आरव की आवाज सुनकर एक लंबी सांस लेती है और रुम के अंदर चली जाती है रुम में जाते ही निधि की आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है वो अपनी बड़ी बड़ी आंखों से रुम को देख रही थी आखिर देख भी क्यों ना रुम था ही इतना सुंदर रुम के बिचो बिच एक बड़ा सा किंग साइज बेड था और उसके ऊपर की दिवार पर आरव की एक बड़ी सी फोटो थी जिसमें वो मुस्कुरा रहा था |  रुम की एक पुरी दिवार गलास की बनी थी जिसपर बडे़ बडे़ कर्टन लगाए गए थे लैफ्ट साइड दिवार पर दो दरवाजे थे जो एक बाथरूम का था जिसके अंदर ही वाॅडरुम बना हुआ था और दुसरा दरवाजा बालकनी में खुलता था जहाँ से पुरे गार्डन का व्यु दिखाई दे रहा था कुल मिलाकर देखा जाये तो रूम बहुत सुंदर था |  और निधि तो रुम की खुबसुरती में ही खो गयी थी उसे पता ही नहीं चला आरव कब से उसे घुरे जा रहा था क्योंकि निधि ने उसे फुल इग्नोर जो मार दिया था ये देख आरव का गुस्सा बढ रहा था आरव अपने मन में कहता है  आरव _ ये लड़की खुद को समझती क्या है मैंने इसे यहाँ बात करने के लिए बुलाया है और ये रुम को देख कर तो मुझे ही भुल गयी |  अगर रुम देखना हो गया तो क्या हम बात कर सकते हैं आरव अपनी ठड़ी और किसी के दिल में अपना ड़र बैठाने वाली आवाज में कहता है |    निधि जब आरव की आवाज सुनती है तो एक पल के लिए डर जाती है और डरते हुए कहती है... जी सर कहिए आपने हमे क्यों बुलाया है |  आरव बिना समय गवाएं बस एक सवाल करता है |    आरव _ मुझे तुम्हारा दर्द क्यों महसूस होता है ?  निधि अब अपने डर को अपने अंदर दबा लेती है और बिना डरें कहती है _ ये तो मुझे भी समझ नही आ रहा ऐसा क्यों हो रहा है आज तक तो ऐसा नहीं हुआ पर अब कैसे क्यों हो रहा है मुझे नहीं पता सर | आरव कुछ सोचकर फिर निधि से कहता है अब से तुम्हें एक चोट नहीं लगनी चाहिए वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा आरव अपनी बात धमकी भरे लहजे में मगर शांत आवाज में कहता है जिसे सुन निधि कुछ बोल नही पाती और अपनी गर्दन हा में हिला देती है |  आरव निधि की हा सुन एक सरसरी नज़र उस पर डा़लता है और फिर पास रखें सोफे पर बैठ जाता है और बिना निधि को देखे टेबल पर रखी टैबलेट निधि की और करते हुए ऑडर देने के लहजे में कहता है |    आरव _ इस टैबलेट को खाओ |  निधि टैबलेट को देख गंदी शक्ल बनाकर कहती है मै क्यों खाऊ मुझे टैबलेट पंसद नहीं है और मुझे कुछ हुआ भी नहीं है आप मुझे टैबलेट क्यों खिला रहे हो?  क्योंकि तुम्हारा दर्द मेरे पास है इसलिए मुझे दर्द हो रहा है अब चुप चाप इसे खाना है या में जबरदस्ती तुम्हे खिलाऊ आरव अपनी गुस्से से लाल आंखों से निधि को घुरते हुए कहता है |  निधि गंदा सा फेस बनाती है और टैबल से टैबलेट और पानी का गलास उठा ले लेती है आरव एक टक निधि को देख रहा था |  निधि टैबलेट लेकर गलास को टैबल पर वापस रखती है और जाने लगती है तभी उसके कानो में आरव की आवाज सुनाई देती है जो कह रहा था |  आरव _ कल हास्पिटल चलना है जांच करवाने के लिए इसलिए सुबह जल्दी खड़ी हो जाना मुझे लेट होने वाले लोग पंसद नहीं है |  निधि आरव के साथ किसी भी बहस में नहीं पड़ना चाहती थी उसे आरव के ऑडर देने वाले लहजे से चिड़ मची हुई थी पर वो एक शब्द में जवाब देती ok और आरव के रुम से निकल जाती है |    👋 रिर्डरस अगर आप सभी को स्टोरी पंसद आ रही है तो प्लीज  comment | like | | share and review  जरूर दे | आपको स्टोरी कैसी लग रही है प्लीज बताना जरूर |

  • 5. Ajab sa ishq - Chapter 5

    Words: 0

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      👋 अब आगे      निधि के रुम से जाने के बाद आरव अपने लेपटॉप में मेल चेक करता है पर उसे जिस मेल का इंतजार था वो अभी तक उसे मिली नहीं थी आरव कुछ सोचकर एक नंबर डायल करता है, एक रिंग जाते ही सामने वाला कॉल उठा लेता है  यस बाॅस  आरव... मैंने तुम्हे एक मेल भेजी है इस लड़की की मुझे सारी इंर्फोमेशन कल तक मुझे मिल जानी चाहिए , आरव अपने बाॅसी अंदाज में कहता है |  सामने वाला कुछ कहता उससे पहले ही आरव ने काॅल कट दिया |    वही दूसरी और निधि गुस्से में उबल रही थी वो अपने रुम में आती है और गुस्से में जोर से अपना हाथ दिवार पर मारती है जब उसे दर्द नही होता तो वो दुबारा मारती है ऐसे ही करते करते ना जाने कितनी बार वो अपना हाथ दिवार पर मारती है अगली बार जब वो अपना हाथ दिवार पर मारने को होती है तब उसके रुम का डाॅर नाॅक होता है निधि दरवाजा खोलती तो उसकी आंखें दो लाल आंखों से टक्कराती है जिसे देख निधि डर जाती है ,  सामने आरव खड़ा था जो गुस्से में निधि को घुर रहा था , आरव गुस्से में एक एक शब्द पर जोर देते हुए धिमी आवाज में कहता है " क्या में जान सकता हु तुम क्या कर रही थी?  निधि आरव के आवाज में उसका गुस्सा अच्छे से महसूस कर लेती है वो हकलाते हुए कहती है " वो .... में.... में... तो कुछ नहीं कर रही थी हा कुछ भी तो नहीं कर रही थी आप क्यों पुछ रहे हैं सर!  आरव गुस्से में एक झटके में निधि के हाथ को पकड़ता है और उसके चेहरे के सामने करते हुए कहता है " तो तुम्हारा हाथ लाल क्यों है देखो मुझसे झूठ बोलने की कोशिश भी मत करो सच सच बताओ क्या कर रही थी |  निधि आरव के हाथ से अपना हाथ जल्दी से छुड़ाती है अब उसे समझ आ रहा था कि आरव इतने गुस्से में क्यों है अब सारा क्रिया क्रम तो उसका ही जो था अब वो दिवार पर हाथ ना मारती तो करवा को दर्द नही होता था और आरव को दर्द नही होता तो वो यहाँ आता ही नहीं, निधि ये सब सोच रही थी इन सब में वो ये भुल गयी कि आरव उसके जवाब का वेट कर रहा है |   जब वो देखता है कि निधि अपने ही ख्याओ में खोई हुई है तो करवा उसे अपने साथ रुम के अंदर ले जाता है और सोफे पर बैठा देता है और फर्स्ट बाॅक्स लाता है और और उसके हाथ पर ऐंटीसेपटीक क्रीम लगाने लगता है क्योंकि लगातार दिवार पर मारने से निधि के हाथ रेड हो गया था और उसे दर्द होता नहीं तो उसने इस पर ध्यान नही दिया, निधि एकटक बस आरव को देख रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ क्या हो रहा है, वही आरव बिलकुल आराम से दवाई लगा रहा था क्योंकि दर्द तो उसे ही हो रहा था |    आरव निधि के हाथ में दवा लगा कर अब उसकी और देखता है और कहता है... एक बात अब कान खोल कर सुन लो अब अगर तुम्हे चोट लगी तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा समझी |  आरव की फिर से वही ऑडर देने वाली आवाज सुन कर निधि का गुस्सा जो अब कुछ शांत हुआ था वो फिर से बड़ जाता है, क्योंकि निधि को यह बिलकुल नही पंसद था कि कोई उसे ऑडर दे, निधि गुस्से में सोफे से खड़ी होती है और आरव की और उंगली करके कहती है..    निधि _ लिखने मिस्टर अंकडु में कोई आपकी नौकर नहीं हु जब से आई हु तब से ऑडर दिए जा रहे हैं में आपकी कोई बात नहीं मानने वाली, समझे आप |  आरव निधि को कुछ पल धुरता है और फिर अपने बालों को पकड़ खिंच देता है जिससे निधि की आह... निकल जाती है ये देख आरव एक शैतानी समाइल के साथ निधि को देखता है और अपने बालों पर पकड़ और ज्यादा कस देता है जिससे निधि अपने दोनों हाथों से अपने सर को पकड़ लेती है, आरव खुश था क्योंकि उसका अंजाने में छोड़ा तिर काम जो कर गया था |    ये क्या कर रहे हैं आप छोडिए बालों को मुझे दर्द हो रहा है निधि लगभग रूआंसी आवाज में कहती है |   आरव एक डेविल समाइल के साथ निधि से कहता है तो बताओ मेरी बात मानोगी या नहीं जंगली बिल्ली?  हा हा मानूंगी ना पक्का अब आप बाल छोडो़ मुझसे दर्द बरदास्त नहीं होता है आरव ने निधि से अपना बदला लेने के लिए उसके बाल नहीं छोड़ता है और अपने बालों पर अपनी पकड़ और तेज कर देता है जिस कारण निधि को और ज्यादा दर्द होने लगता है , वो ज्यादा देर दर्द बरदास्त नहीं कर पायी जिस कारण वो बेहोश हो जाती है |  निधि निचे गिरने को होती है कि आरव उसे जल्दी से पकड़ लेता है अब आरव को अपने किए पर पछतावा होता है और वो निधि को गोद में उठाता है बेड पर लेटा देता है आरव निधि के चेहरे पर पानी गिराता है पर इससे निधि को कुछ फर्क नहीं पड़ता है आरव लगातार हडबडाहट में निधि को आवाज लगा रहा था पर निधि कोई जवाब नहीं देती जिस कारण आरव और ज्यादा परेशान हो जाता है और डाक्टर को काॅल करने के लिए अपना फोन निकालने लगता है पर उसके पास उसका फोन नहीं था |  ओह सिट फोन तो रुम में है और ये क्या लड़की है यार इससे इतु सा दर्द बरदास्त नहीं होता आरव अंगुली से शेप 🤏 बनाते हुए कहता है और अपने रुम की और अपना फोन लाने चला जाता है |  उसके जाते ही निधि एक आंख खोलकर देखती है कि आरव सच में चला गया है या अभी तक यही है , जब उसे यकीन हो जाता है आरव रुम में नहीं है तो वो जल्दी से खड़ी होती है और भागते हुए अपने रुम से निकल जाती है वो भागते हुए खुद से कहतीं है भाग निधि अगर उस जल्लाद को पता चला तुमनें बेहोश होने का नाटक किया है तो पक्का वो तुझे इतने दर्द देगा कि तु सच में बेहोश हो जायेगी, फिर रुक कर ऊपर देखकर क्या भगवान् जी ऐसा कौन करता है आपने क्यों हमारा दर्द बदला, बदला सो बदला पर पुरी दुनिया में यही इंसान मिला था आपको, में इसे कितना शरीफ समझतीं थी और इन्हें अपना आइडल मांनती थी पर नहीं ये इंसान वैसा बिलकुल नही जैसा दिखता है |  तभी उसे किसी के कदमों की आहट सुनाई देती है निधि समझ जाती है कि जल्लाद आ रहा है (मतलब आरव 😃) और निधि निचे चली जाती है और सिधा बाहर गार्डन में जाकर रुकती है |          👋 रिर्डरस अगर आप सभी को स्टोरी पंसद आ रही है तो प्लीज  comment | like | | share and review  जरूर दे | आपको स्टोरी कैसी लग रही है प्लीज बताना जरूर |  

  • 6. Ajab sa ishq - Chapter 6

    Words: 1464

    Estimated Reading Time: 9 min

     Hello👋रिर्डरस
    🥰😍😍
    अब आगे 
    निधि भागते हुए बाहर आती है वो देखती है कि शिव बेंच पर बैठा था और रिया और अथर्व दोनों उसके सामने निचे बैठें थें | निधि देखती है कि निर्मला जी और कावेरी जी उन दोनों को ऐसे बैठा देख हंस रही थी, वही शिव लगातार उन दोनों को घुर रहा था अब ऐसा क्या हुआ कि शिव जो है रिया और अथर्व को सजा दे रहा था , निधि उन के पास चली जाती है!!  क्या हुआ तुम दोनों को ऐसे क्यों बैठे हो? निधि रिया और अथर्व से सवाल करती है
    निधि का सवाल सुन कर अथर्व और रिया लाचारी में अपनी गर्दन हिला देते हैं जैसे कह रहे हो इस छोटे सरदार से पुछो यह हमें कब से घुर रहा है और बता भी नहीं रहा क्या हुआ है!! निधि का सवाल सुन कावेरी जी कहती है,  निधि बेटा वो हुआ यु की,......
    फ्लैशबैक......
    रिया और शिव जब बाहर गार्डन में आऐ थे तब दोनों पकड़म पकडाई खेल रहे थे शिव रिया के आगे था और रिया उसके पिछे शिव को इतना मस्ती करते हुए रिया ने पहली बार देखा था ,जब से वो शिव से मिली थी तब शिव चुपचाप रहता था ना तो बोलना ना खेलना बस एक जगह बैठे रहता या निधि से चिपका रहता उसको ऐसे देख रिया को बिलकुल अच्छा नहीं लगता था ,पर उसके साथ हुए हादसे से शिव ऐसा बन गया था पर अब जब वो उसके घर आया तो अचानक से बोलने लगा ऐसा क्यों हुआ ये रिया को नहीं पता था रिया अपने ख्यालों में इतनी गुम हो गई थी कि उसे पता ही नहीं चला कि वो शिव के पिछे दौडते दौडते कब रुक गयी |
    तभी उसे शिव के चिल्लाने कि आवाज सुनाई देती है क्योंकि शिव जो है दौडते दौडते राॅकी के एरिया में घुस गया था , राॅकी अपने एरिया में किसी बच्चे को आया देख उसके पिछे दौडता है अपने सामने खुद की हाइट जितने बडे़ कुत्ते को देख कर शिव चिल्लाते हुए वापस दौड़ा , उसके चिल्लाने कि आवाज सुनकर रिया जो अपने ही ख्यालों में गुम हो गई थी वो वापस अपने सेंस में आती है वही अथर्व निलिमा जी और कावेरी जी जो बाहर ही आ रही थी वो भी उस और जल्दी से आती है तो सामने का नजारा देख उनकी आंखें फटी की फटी रह जाती है |
    क्योंकि राॅकी ने शिवा कि टि_शर्ट को अपने मुंह में पकड़ रखा था और बार बार अपना मुंह हिला रहा था जैसे कह रहा हो मेरे साथ खेलो वही शिव आगे भागने की कोशिश कर रहा था पर जा नहीं पा रहा था |  यह देखा वो तिनो हंसने लगते हैं | उनकी हंसने की आवाज सुनकर शिव उनकी तरफ देखता और खुद पर ऐसे हंसते देख शिव को बहुत गुस्सा आता है शिव जोर से रिया को आवाज लगता है बंदरिया मासी इसको हटाओ मेरे पास से नहीं तो मैं आपको बहुत बुरी पनिशमेंट दे दुगा | अपने लिए बंदरिया मासी सुनकर रिया का गुस्सा और ज्यादा बढ़ जाता है वही अथर्व और जोर से हंस देता है उसकों खुद पर हंसता देख रिया उसकी और चली जाती है और सिधे जाकर अथर्व के बालों को पकड़ लेती है, तुम्हें मुझ पर बड़ी हंसी आ रही है अब मैं तुम्हें बताती हु और रिया अथर्व को मारने लगती है | वही अथर्व रिया से बचने की कोशिश करते हुए कहता है....... क्या छोटी माँ आप एक दो साल और वेट नहीं कर सकती थी मुझ से पहले आपने इस लडाकू विमान को क्यों जन्म दिया.. वेरी बेड छोटी माँ!!!
    अथर्व की ऐसी बात सुनकर कावेरी का तो सिर शर्म से झुक गया और निलिमा जी तो आंखें फाड़े अथर्व को देख रही थी मतलब उसका बेटा इतना बेसरम कैसे हो सकता है क्या इसको इतना भी पता नहीं है कि किसके सामने कैसी बात करनी चाहिए ये मेरा ही बेटा है ना, निलिमा जी को तो अब अपने बेटे पर ही शक हो रहा था फिर सब कुछ भुल कर निलिमा जी भी रिया का साथ देते हुए कहतीं है, रुकना मत रिया आज तो इस नालायक की अक्ल ठिकाने लगानी पड़ेगी बोलने से पहले सोचता भी नहीं है क्या बोल रहा है किससे बोल रहा मार इसे और मार, !!! रिया तो बहुत खुश होती है जैसे उसकी मन की मुराद पुरी हो गई हो, वही बेचारे अथर्व का हाल बुरा हो रखा था अथर्व रोने जैसी शक्ल बनाते हुए कहता है, माँ आप भी इसके साथ मिल गयी हो!!!
    तभी उन सब के कानों में राॅकी की आवाज गुंजती है   भौउ भौउ भौउ..... राॅकी की आवाज सुन सब उसकी और देखते हैं तो राॅकी सब की अपनी भुरी आंखों से घुर रहा था 
    अब इसे क्या हुआ है ये हमे ऐसे क्यों घुर रहा है अथर्व धिरे से कहता है वही निलिमा जी तो पिछे की और खिसक जाती है अब राॅकी के सामने रिया और अथर्व थे राॅकी एक बार फिर उन्हें घुरता है जैसे कह रहा हो में जो कहु वो करो  राॅकी का इशारा रिया और अथर्व समझ जाते हैं क्योंकि ये डाॅगी आरव का था !! आरव ने उसे बहुत अच्छी तरह से ट्रेंड किया था , राॅकी आरव के ऑडर मानता था घर के और सदस्य अगर उसे ऑडर देते तो वो उन्हें खुब भगाता था सभी उससे डरते थे इसलिए अथर्व और रिया भी उसके पिछे चले जाते हैं, राॅकी एक बेंच के पास चला जाता है जहाँ पर शिव बैठा था |
    शिव इस वक्त गुस्से में लग रहा था रिया को तो अब शिव से भी डर लग रहा था रिया डरते हुए अथर्व की शर्ट को पकड़ लेती है  , राॅकी बेंच के पास जाकर खड़ा हो जाता है और एक बार और जोर से भौकता है...... भौउ भौउ भौउरिया और अथर्व दोनों अब वही बैठ जाते हैं तब से लेकर अब तक पुरे दस मिनट हो गए थे कि राॅकी और शिव अब तक बस उन्हें घुरते जा रहे थे | 
    फ्लैशबैक एंड निधि सारी बात सुन रही थी वो शिव को कुछ कहने ही वाली थी कि अचानक उसकी नज़र शिव के बगल में खड़े बड़े से कुत्ते पर पड़ती है  उस कुत्ते को देखते ही निधि कांपने लगतीं है निधि थुक गटकते हुए मुश्किल से कहती है,   कु..... कुता  ,!!! अपने लिए कुता सुनकर राॅकी को गुस्सा आता है और वो निधि को देख भौक़ता है |
    वही दूसरी और आरव जब निधि के रुम में फोन लेकर आता है तो वो देखता है निधि वहाँ है ही नहीं ये देख आरव समझ जाता है कि निधि ने उसे बेवकूफ बना दिया है आरव को अब खुद पर गुस्सा आ रहा था वो उस लड़की की चालाकी कैसे नही समझ सका | आरव अपने माथे पर अपनी अंगुली टैप करने लगता क्योंकि अब उसे बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था  आरव एक एक शब्द चबाते हुए गुस्से में कहता है, अब तुम देखो में तुम्हें कैसे सबक सिखाता हु  |
    तभी उसके कानों में राॅकी के भौकने की आवाज सुनाई देती है राॅकी की आवाज सुनकर आरव समझ जाता है जरूर राॅकी किसी को पनीश करने वाला है पर किसे? और क्यों? यह जानने के लिए आरव भी बाहर गार्डन की और चला जाता है |
    वही निधि अपनी सीट से खड़ी हो जाती है उसके खड़े होते ही शिव को छोड़कर सभी अपना सर पकड़ लेते हैं वही राॅकी के फेस से लग रहा था कि वो हंस रहा है अब राॅकी धिरे धिरे निधि की और बढने लगता है निधि भी अपने कदम पिछे कर लेती है और राॅकी को अपनी और आता देख दौडने लगती है राॅकी भी निधि के पिछे फुल स्पीड में दौड़ता है!! निधि चिल्लाने लगतीं है,  आआआआआआआ मम्मी बचाओगे ये कुता मैरेज पिछे पड़ गया है, अपने लिए फिर से कुता सुन राॅकी फिर से भौकंता है और अपनी स्पीड बढ़ा देता है |
    राॅकी को तेजी भागता देख निधि भी तेज दौड़ती है और अपने मन में ही कहती है क्या निधि तुझे क्या पड़ी थी यहाँ आने कि अंदर जल्लाद है और बाहर ये कुता दोनों ही तुझे खाने को दौड़ते है फिर ऊपर देख भगवान् से शिकायत करते हुए ,  क्या भगवान जी अकेली में ही मिली थी आपको परेशान करने के लिए निधि खुद में इतना खोई हुई थी कि उसने सामने देखा ही नहीं और जोर से किसी से टक्करा जाती है, टक्कर होतें ही सामने वाला खुद को संभाल नहीं पाता और दोनों एक साथ जमीन पर गिरते हैं गिरते ही निधि की आंखें फैल जाती है और यही हाल निधि के निचे गिरे आदमी का था क्योंकि दोनों के होठ आपस में टक्करा गए थे |

    उम्मीद है आप सभी को स्टोरी अच्छी लग रही है अब आगे की स्टोरी चेंज होने वाली है तो आप लोग पिछे के चैप्टर पढ़ लेना तभी आप आगे की स्टोरी समझ पाओगे | 

  • 7. Ajab sa ishq - Chapter 7

    Words: 1099

    Estimated Reading Time: 7 min

    👋रिडरर्स आप सभी से request है कहानी पढने के बाद प्लीज review, comment, like & share जरूर कर दे |
    धन्यवाद🙏💕
     
    अब आगे _ 

    निधि के होठ उस आदमी के होठों पर थे निधि के पुरे शरीर में सिरहन दौड पड़ती है निधि हिल तक नहीं पा रही थी वही यही हाल उस आदमी का था ! वो आदमी और कोई नहीं आरव था आरव गार्डन में यह देखने आ रहा था कि राॅकी किसे पनीश कर रहा है | तभी अचानक उसकी टक्कर निधि से हो जाती है और दोनों कि एक्सीडेन्टली किस्स हो जाती है दोनों को समझ नहीं आ रहा था उनके साथ क्या हुआ है तभी उनके कानों में राॅकी के भौकने की आवाज सुनाई देती है | जिसे सुनकर दोनों अपने सेंस में वापस आतें है निधि हडबडाकर उठती है और दौडकर सभी के पास वापस चली जाती है | क्योंकि अभी उसकी ऐसी हालत नही थी कि वो आरव का सामना कर सके निधि का तो दिल सो कि स्पीड से धडक रहा था,! 
     
    निधि के जाने के बाद आरव भी अपनी जगह से खड़ा हो जाता है आरव अब भी वही देख रहा था जिस और निधि गयी थी उसकी आँखों में कोई इमोशन दिखाई नहीं दे रहे थे कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता था कि आरव क्या सोच रहा है पर इस वक्त उसके हाथों की मुठ्ठी कसी हुई थी | आरव अब सबकी और चला जाता है उसके साथ साथ राॅकी भी चला जाता है | 
     
    आरव सभी के पास आता है तो देखता है निधि लंबी लंबी सांसें लेकर खुद को शांत कर रही थी और निलिमा जी उसके लिए गिलास में पानी डाल रही थी वही कावेरी जी उसकी पीठ सहला रही थी | 
    शिव बेंच पर बैठा निधि को देख रहा था वही रिया और अथर्व उसके सामने बैठे उसे देख रहे थे | 
    तभी सभी को आरव की आवाज सुनाई देती है..... क्या हो रहा है यहाँ? 
    सभी की नजर उस और हो जाती पर निधि अपनी नजरें भी नहीं उठा रही थी वो वैसे ही बैठी रहती है | आरव कुछ देर उन्हें देखता है फिर शिव को देखता है उसे पता था! कोई उसे कुछ नहीं बताने वाला, पर‌ शिव उसे सब कुछ बता देगा | 
     
    शिव भी वहा से खड़ा होकर आरव के पास आ जाता है | शिव को आरव के पास जाते देख अथर्व और रिया कि तो सिटी पिटी गुल हो‌ गयी थी | शिव आरव का एक हाथ पकड़ता है और आरव को सारी बात बताता है, और रिया कि और उंगली करके कहता है_ इस बंदरिया रिया ने मुझे इग्नोर किया और गंदा अथर्व मेरे उपर हंसा आप इन्हें सजा दो | 
    शिव की ऐसी शिकायत अपने भाई के सामने सुनकर रिया और अथर्व तो जैसे सदमे में चले गए थे क्या उन्हें कुछ देर पहले जो सजा मिली वो कम थी जो अब ये शिव का बच्चा उन्हें और सजा दे रहा है, निलिमा जी आरव की और देखती है जो एक टक अभी भी निधि को देख रहा था और निधि उससे नजरें चुराते हुए इधर उधर देखे जा रही थी उसे बहुत ऑक्वर्ड फिल हो रहा था पर वो करें भी तो क्या यहाँ से भाग भी नही सकती थी | 
     
    तभी निलिमा जी आरव से कहती है इसे ऐसे क्यों घुर रहे हो इसने कुछ भी नहीं किया है सभी शैतानी तेरे भाई की है | अथर्व अपनी माँ को भी अपनी साइडर ना देख कहता है, माँ आप भी....... आगे के शब्द उसके गले में रह जाते हैं क्योंकि निलिमा जी और आरव उसे बहुत बुरी तरह से घुर कर देख रहे थे | 
     
    माँ इसने भी बहुत कुछ गलत किया है जिसकी सजा इसे भी मिलकर रहेगी तो आप इसकी साइड लेना बंद करो, ! 
    पर इसने क्या किया है बताऐगा तु मुझे निलिमा जी आगे कहती है | 
    वही निधि अपने लिए सजा का नाम सुनकर फट से अपनी नज़रें घुमा कर रिया को देखती है और इशारे में पुछती है मैंने क्या किया है? 
    रिया भी उसी तरह निधि को जवाब देते हुए राॅकी की और इशारा करती है | जिससे पहले रिया समझ नहीं पाती फिर उसे याद आता है कि जब उसने राॅकी की कुता कहा था तो वो कैसे उसके पिछे शिकारी कि तरह दौड़ पड़ा था | अब कुत्ते को तो कुता ही कहुगी ना इसलिए मुझे सजा मिल रही है फिर लाचारी में अपनी गर्दन ना में हिला कर अपनी मम्मी को आवाज़ लगाती है _ मम्मी मुझे नहीं रहना यहाँ आते ही ये खडूस और फिर ये कुता मेरे पिछे पड़ गया है में चली जाउंगी यहाँ से | 
    निधि अपनी सोच में गुम थी तभी उसके कानों में आरव की आवाज सुनाई देती है जो राॅकी से कह रहा था सुबह इन तीनों को बगंलो के चारों और दस चक्कर लगवाना तुम्हारा काम है 
     
    राॅकी भी जैसे आरव की बात अच्छे से समझ गया था! और उसने भी अपना पुछने हिला कर अपनी सहमति दे दी थी | वही अथर्व रिया और निधि तिनो की शक्ल रोने जैसी हो गई थी पर वो अपने बचाओं के लिए कुछ नहीं कह रहे थे क्योंकि उन्हें अच्छे से पता था कि उनके सामने जो जल्लाद है वो उन्हें कच्चा चबा जायेगा पर अपनी सजा वापस लेने के बारे में सोचेगा भी नहीं | 
    वही शिव अपनी मम्मा को सजा मिलते देख आरव से कहता है | " आप मेरी मम्मा को सजा क्यों दे रहे हैं उन्होंने कुछ नहीं किया है | 
     
    छोटे शैतान " तुम चुप रहो वरना कल तुम्हे भी पनिशमेंट करने को मिलेगी ! आरव शिव को घुरते हुए कहता है |
     आरव की बात सुनकर शिव उदास हो जाता है वो अपनी मम्मा से कहता है | " साॅरी मम्मा शिव आपकी पनिशमेंट को कम नहीं करा सका! 
    निधि अपने सामने शिव को ऐसे खड़ा देख मुस्कुरा देती है और उसके पास चली आती है और प्यार से अपने दोनों हाथों से शिव के चेहरे को पकड़ते हुए कहती है " कोई बात नहीं शिव आपको तो पता है आपकी मम्मा एक एथिलिट खिलाड़ी है तो दस राउंड तो यु पुरे कर देगी " निधि अपने हाथ से चुटकी बजाते हुए कहती है | 
    जिससे शिव के फेस पर एक प्यारी सी समाइल आ जाती है वही आरव निधि की बात सुनकर सोचता है " क्या? ये लड़की एक एथिलिट खिलाड़ी है तो ये सजा तो इसके लिए कम है अब इसे ऐसी कौनसी सज़ा दु? फिर कुछ सोच आरव के फेस पर एक शैतानी समाइल आ जाती है जो किसी को दिखाई नहीं देती | 
    ऐसे ही आज का दिन यु ही हस्ते मुस्कुराते पुरा हो गया था | 
     
     

  • 8. Ajab sa ishq - Chapter 8

    Words: 1318

    Estimated Reading Time: 8 min

     
     
     
    अगली सुबह _ 

    एक बडे़ से विला के एक रुम में एक लड़का डंबल उठाए लेटा लेटा एक्सरसाइज कर रहा था वो पुरी तरह से पसीने से भिगा हुआ था | उसे देखकर ऐसा लग रहा था वो एक्सरसाइज अपनी मन मर्जी से नहीं कर रहा हो | वो लड़का अपने मन ही मन खुद को गाली देते हुए कहता है " क्या जरुरत थी तुझे उस शैतान आदमी की बुराई करने की अब भुगत और एक ये (वो लड़का अपने पास में बैठे लड़के को घुरते हुए आगे कहता है ) उस शैतान का चम्मचा असिस्टेंट भले ही मेरा है पर ऑडर हमेशा आरव के ही मानेगा | 
     
    ये था रोहन जो आरव के द्वारा दी गई सजा को पूरा कर रहा था क्योंकि अब अगले दस दिनों तक रोहन के चेहरे पर समाइल नहीं दिखने वाली थी, वही रोहन अपने पास बैंठे अरुण को ना जाने क्या क्या कह रहा था | 
     
    वही सिंगापुर में एक बडे़ से बंगले में एक आदमी चेयर पर बैठा सिगरेट के लंबे लंबे कस ले रहा था उसकी आँखों में एक खामोशी पसरी थी ! जिससे वो आदमी और भी ज्यादा खतरनाक लग रहा था | उस आदमी के सामने एक तीन साल का बच्चा जिसके पास एक लड़का और एक लड़की थे लड़की ने उस बच्चे को गोद ले रखा था और वो बच्चा सामने देख रहा था वही पास में खड़ा लड़का उन दोनों को देख रहा था | 
     
    वो आदमी गन उठाता है और उस बच्चे के माथे पर पाॅइट करके चला देता है वो गोली उस बच्चे के माथे के बिचो बिच लगती है, तभी उस पुरे रुम में एक खतरनाक हंसी गुज जाती है वो हंसी इतनी खतरनाक थी अगर कोई इस वक्त उस रुम में होता तो डर के मारे मर जाता! तभी अचानक वो आदमी रुक जाता है और किसी को फोन करता है , सामने वाले के काॅल पिक करते ही वो आदमी दो शब्द कहता है " ढूंढो उसे "और काॅल कट कर देता है | 
     
    वही खन्ना हाउस का माहौल कुछ अलग ही था तिन लोग पुरे विला के चारों और चक्कर लगा रहे थे और उनके पिछे ही एक कुत्ता था | वो तिनो और कोई नहीं निधि, रिया और अथर्व थे और उनके पिछे राॅकी था | 
     
    यार में तो थक गया अब मुझसे और नहीं भागा जाता अभी तिन राउंड और लगाने बाकी है अथर्व अपने दौडने की स्पीड कम करते हुए कहता है | तभी पिछे से राॅकी के भौकने की आवाज आई जिसे सुन अथर्व की दौड़ अपने आप तेज हो गयी | जिसे देख निधि के फेस पर समाइल आ जाती है वही रिया का मुंह बन जाता है | 
    रिया अथर्व को देखते हुए कहती है _ " ओय चिलगोजे अगर आज के बाद तेरी वजह से मुझे सजा मिली तो समझ जाना अगली बार तेरा कत्ल पक्का होने वाला है |
    " ये सब मेरी वजह से नहीं तेरी वजह से होता है तु कुछ ज्यादा ही ओवररियेक्ट करती हो समझी! अथर्व ने झल्लाते हुए कहा | 
    जिसे सुन रिया गुस्से में रुकते हुए कहती है " में ओवररियेक्ट करती हु, मैं अगर तू मुझे उल्टा सीधा बोलना ही बंद कर दे तो मैं तेरे जैसे कनखजूरे से कभी बात ना करु समझा | 
     
    " तुने कनखजुरा किसे कहा? अथर्व भी अब भागते भागते रुक गया था | दोनों को फिर से लड़ता देख निधि ने अपने सर पर हाथ रख ऊपर देखते हुए भगवान् से शिकायत करते हुए कहा " क्या भगवान् जी इन महापागलो के पास क्यों भेजा आपने हमें, एक तो इनके पिछे उस जल्लाद का कुत्ता पड़ा है औरत ऊपर से ये दोनों झगड़ा कर रहे हैं ! 
     
    " अरे यार ये लड़ना बंद करो तुम दोनों अगर अपनी सजा नहीं बढाना चाहते हो तो दो चक्कर रहे हैं जल्दी से पुरा करो क्यों लड़ने में टाइम वेस्ट कर रहे हो, और वो राॅकी भी आ रहा है कही यही हमारा काम तमाम ना कर दे! निधि ने पिछे देखते हुए एक सांस में अपनी बात कहती है | 
    जिसे सुन दोनों ने अपना झगड़ा बंद किया और दौडने ही वाले थे कि तभी उन सब को राॅकी के भौकने की आवाज सुनाई देती है | 
    "भागो ! तिनो एक साथ चिल्लाते हुए भागने लगते हैं पर इस बार राॅकी ने अपनी स्पीड कम नहीं कि वो इतनी देर से इन तीनों पर दया दिखा रहा था | पर ये तीनो समझे तब ना! 
    अब तो उन तीनों की हालात खस्ता हो गई थी क्योंकि राॅकी ने उन्हें बहुत तेज़ भगाया था | जिस कारण तिनो थक कर वही गार्डन में लेट जाते हैं | निधि हांफते हुए कहती है " यार रिया मुझे नहीं रहना यहाँ एक दिन में मेरी यह हालत तो आने वाले दिनों में क्या होगा ? 
    निधि कि बात सुनकर रिया की सारी थकान दूर हो जाती है वो जल्दी से बैठ जाती है और निधि का हाथ पकड़ कर कहती है " कैसी बात कर रही है यार तु, ऐसे कैसे तू यहाँ से जायेगी, तु कही नही जा रही है समझी! 
    रिया कि धमकी भरी आवाज सुनकर निधि के फेस पर एक प्यारी सी समाइल आ जाती है " ओये मेरी प्यारी क्युटी पाई, में ऐसे कैसे तुम्हारे घर रह सकती हु मुझे जाना तो होगा ना और वैसे भी में तुमसे दूर नहीं जा रही हु यही पर तो हु! 
    निधि रिया के गालों को प्यार से सहलाते हुए कहती है! 
     
    " देख निधि अब मैं तेरी इन चिकनी चुपड़ी बातों में नहीं आने वाली हु, देख अगर तु इतनी सी सजा से डरकर जा रही है तो मत जा क्युकी भाई यहाँ कुछ समय के लिए ही आये है उन के जाने के बाद हम ढेर सारी मस्ती करेंगे तु मत जा ना ! निधि लगभग रोने जैसी शक्ल बना कर कहती है | 
     
    अब तक अथर्व जो उन दोनों दोस्तों की बात सुन रहा था उसने कहा " यार निधि मत जाओ ना कल ही तो तुम आयी थी ना यहाँ? 
    निधि अब  इस बारे में कुछ नहीं कहती है, क्योंकि उसे पता था रिया अब उसकी बात नहीं मानने वाली उसे इस बारे में बाद में समझाने का सोच निधि कहती है, ठीक है! अब चलो अंदर मुझे बाहर भी जाना है इंटरव्यू के लिए |
    उसके बाद तिनो उठ कर अंदर चले जाते हैं   !  वही आज सुबह सुबह पुरे देश में एक न्यूज़ वायरल हो रही थी  !  ये न्यूज़ IDB Group के बारे में थी, जो इस प्रकार थी _" IDB Group को मिला इंटरनेशनल डा़सर अवोर्ड, एक बार फिर इंडिया का नाम पुरे विश्व में गुंज उठा है , हमारे देश के जाने माने ग्रुप इडिंयन डांसर बाॅय ने इस बार भी ये अवोर्ड अपने नाम कर लिया है! तभी एक टीवी के जोर से टुटने की आवाज हाल में गुंज जाती है | जहाँ कुछ देर पहले हाॅल में न्युज चल रही थी वही अब वो टीवी टुटकर जमीन पर गिरा हुआ था |
    इस बार फिर से ये आरव मुझसे जीत गया, ऐसा कहते हुए एक लड़का बहुत गुस्से में लग रहा था ये था विप्लव राजवंश जो आरव का दुश्मन था | इसे वो हर चीज पानी थी जो आरव के पास थी | आरव हमेशा विप्लव से चार कदम आगे रहता था इसी के चलते विप्लव आरव का दुश्मन बन गया | विप्लव किसी को काॅल करता है और   ठंडी मगर डरावनी आवाज में कहता है......... "मुझे उस आरव की कमजोरी का पता लगाकर दो , कोई तो होगा उसके परिवार में, कुछ भी करो पर जल्द से जल्द मुझे आरव के परिवार के बारे में जानना है ! विप्लव की हड्डी जमा देने वाली ठंडी आवाज सुनकर ही सामने वाले की हालत खस्ता हो जाती है वो मुश्किल से कहता है....... ओ..... ओके बाॅस  !
     
     
     
    आखिर विप्लव का करने वाला आरव की फैमली के साथ ? और कौन है वो आदमी जिसका अगला निशाना है एक बच्चा , और क्यों नहीं रहना चाहती खन्ना हाऊस में निधि  ?

  • 9. Ajab sa ishq - Chapter 9

    Words: 1742

    Estimated Reading Time: 11 min

    सिटी हास्पिटल , मुंबई

    एक केबिन में आरव और निधि बैठे थे और उनके सामने डाॅक्टर बैठे उनकी रिपोर्ट चैक कर रहे थे इस वक्त डाॅक्टर बन्त्रा का चेहरा काफी सिरियस दिखाई दे रहा था | कुछ देर ध्यान से रिपोर्ट पढ़ने के बाद एक गहरी सांस लेकर डाॅक्टर बन्त्रा कहते हैं.... देखिए मिस्टर खुराना जैसा कि आपने हमे बताया है कि आपका दर्द  मिस निधि को महसूस होता है और इनका दर्द आपको..... डाॅक्टर आगे कुछ कहता उससे पहले ही आरव कहता है " ये सब हमे पता है आप इसका सोल्यूशन बताइए!
     
    निधि अब तक जो चुप बैठी थी आरव के ऐसे बिच में बोलने पर आरव को घुरते हुए कहती है " आप बिच मे ना बोलते तो सोल्यूशन अब तक, हमारे पास होता! तुम चुप रहो ,  और आप बोलिए आरव बिना निधि की और देखे कहता है! आरव का ऐसा जवाब सुनकर निधि का मुंह बन जाता है " हु... ये खडुस था खडुस ही रहेगा निधि अपने मुंह को टेढ़ा मेढा़ करते हुए खुद से कहती है |
    डाॅक्टर बन्त्रा अब आगे कहते हैं " अगर में आपको सही से बताऊ तो इसका कोई इलाज नहीं है... " क्या😧❓ निधि लगभग अपनी सिट से खड़े होते हुए कहती है वही एकपल के लिए तो डाॅक्टर भी निधि का ऐसा रियेक्शन देख घबरा गया था वही आरव निधि को घुर रहा था |
    निधि आगे कहती है " मुझे इस खडुस का कुछ नहीं चाहिए आप कुछ भी करो पर ये बिमारी दुर करो प्लीज डाॅक्टर निधि बेचारा सा मुंह बनाकर डाॅक्टर से कहती है | " तुमने खडुस किसे कहाँ  ! आरव जो अब तक निधि की बातें चुपचाप सुन रहा था खुद के लिए खडुस सुनकर आरव का पारा हाई हो जाता है | निधि एक नज़र आरव को देखती है जो अब भी उसे लगातार अपनी लाल आंखों से घुरे जा रहा था,  आरव की लाल आंखे देख निधि एकपल तो डर जाती है फिर कुछ याद कर बिना डरें उसकी और अपनी कूर्सी करके उसके ऊपर बैठती है और आरव की लाल आंखों में आंखे डालकर कहती है..... आपको कहा, क्योंकि आप खडुस हो!
    और में तुम्हें कौनसे एंगल से खडुस लगता हु  ? आरव एक एक शब्द गुस्से में चबाते हुए कहता है क्योंकि आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई थी आरव की आंखों में आंखें डालकर बात करने की! और ये लड़की उसकी आँखों में आंखें डालकर बात कर रही है | आरव का गुस्सा अब और ज्यादा बढने लगा था! केबिन का माहौल अचानक ठड़ा होने लगा था, आरव को देख डाॅक्टर बन्त्रा के भी डर से पसीने छुटने लगे थे डाॅक्टर बन्त्रा डरते हुए इस बात को यही खत्म करने के लहजे से निधि से कहते हैं |
    " वो मिस निधि पहले मेरी पुरी बात तो सुन ले उसके बाद आप कुछ कहे तो बेहतर होगा | डाॅक्टर बन्त्रा की बात सुनकर दोनों का ध्यान उस और चला जाता है |"जी डाॅक्टर कहिए ! निधि कहती है  "देखिए आप दोनों को कोई बिमारी नहीं है अगर ये कोई बिमारी होती तो शायद हम इसका इलाज कर सकते थे, मेडिकल सांइस में भी इसके बारे कुछ भी नही है!  इसके लिए मुझे आपके कुछ और टेस्ट करने होगें जिसके लिए  तो आप वो टेस्ट करा ले |
    निधि और आरव दोनों सोच में पड़ जाते हैं ये कोई बिमारी नहीं है फिर कैसे उन दोनों के दर्द आपस में बदल गया है दोनों कुछ देर सोचते हैं उसके बाद डाॅक्टर उनके कुछ टेस्ट और करता है और दोनों फिर दोनों को यह कहकर भैज देता है कि उनकी रिपोर्ट की जांच फाॅरेन के डाॅक्टर से करवाकर उनको बता देगा | दोनों वहाँ से बाहर आ जाते हैं निधि आरव के साथ कार में बैठने ही वाली थी कि आरव उसे रोक देता है और एक खतरनाक समाइल के साथ कहता है " क्या अब मैं तुम्हें खडुस नजर नहीं आ रहा हूँ  !
    निधि भी सपाट लहजे में कहती है... " अब आप खडुस हो तो इसमें मैं क्या कर सकती हु भले ही कोई और आपको कहता हो या ना हो पर में सबसे डिफरेंट हु , मेरा रुल है जो जैसा है उसे वही कहो!
    निधि अपनी धुन मे कह रही थी उसने एक बार भी आरव की तरफ देखा नहीं क्योंकि अगर देखती तो पक्का वो कुछ कह नही पाती क्योंकि आरव उसे बहुत बुरी तरह से घुर रहा था! वही आगे बैठा   ˈड्राइव़र अपने मन में ही कहता है " ये मैडम क्यों अपनी कबर अपने ही हाथों से खोद रही है क्या इसका जिने से मन भर गया है |
    तभी जोर से दरवाजा बंद करने की आवाज सुनाई देती है एकपल तो ˈड्राइव़र भी आवाज सुनकर कांप जाता है | वही निधि बाहर खड़ी अपनी बड़ी बड़ी आंखों से कार के दरवाजे को देखती है | 
    वही आरव ˈड्राइव़र को चलने को कहता है ˈड्राइव़र गाड़ी चला देता है और वही निधि गाड़ी को जाता देख उसके पिछे भागती है  पर गाड़ी को रुकता ना देख निधि एकदम गुस्से में पागल हो जाती है " इसकी तो मैं सच्ची कह रही हु अगर ये रिया का भाई ना होता तो मैं सच्ची इसका सर फोड़ देती! निधि झल्लाते हुए अपने बाल पकड़ कर कहती है |
    क्या करु इस जल्लाद से आज का बदला लेना तो पडेगा पर कैसे? तभी निधि के दिमाग की बती जल्लती है और निधि मुस्कुराने लगती है फिर बच्चों की तरह खुश होते हुए कहती है  अब देखो तुम मिस्टर अकडचंद तुम खुद वापस मुझे लेने आओगे | वही आरव आरव आराम से कार में बैठा अपना फोन चला रहा था तभी उसके बालो में जोर से दर्द हुआ  | अचानक ऐसे दर्द होने से आरव कि हल्की सी चीख निकल गयी, " आह, आरव कि चिख सुनकर ˈड्राइव़र पिछे देखता है तो आरव ने अपना सिर पकड़ रखा था |
    ˈड्राइव़र घबराते हुए कहता है " क्या हुआ सर आप ठीक तो है! पर आरव के बालो का दर्द बढ़ता ही जा रहा था क्योंकि निधि लगातार अपने बालो को जोर जोर से खिंचे जा रही थी वही आस पास खड़े लोग निधि को पागल समझ रहे |
    आरव समझ जाता है ये हरकत किसकी है आरव अपने मन में ही कहता है " इसकी तो आज में इस लड़की को छोड़ने से रहा इसे पता नहीं है ये किस डेवील से पंगा ले रही है | आरव अपनी सोच से बाहर आकर ˈड्राइव़र से कहता है  " वापस चलो ! 
    कुछ देर बाद निधि के सामने एक कार आती है जोर से ब्रेक लगने के कारण कार के टायर घिसने की आवाज आती है | जिससे निधि जल्दी से पिछे हो जाती है तभी कार का दरवाजा खुलता है और एक हाथ बाहर आता है और निधि को पकड़ अंदर खिंच लेता है | बैचारी निधि को पता ही नहीं चला अचानक उसके साथ ये सब क्या हो रहा है |
    इस वक्त निधि एक आदमी की गोद में बैठी थी और वो आदमी निधि को लगातार गुस्से में घुरे जा रहा था, निधि को डर से अपना गला सुकता महसूस होता है निधि कुछ देर कुछ नहीं बोलती और वो गाड़ी सड़कों पर अपनी रफ्तार मे दौड़ने लगती है | 
     
    वही दूसरी और आरव के विला में कार्तिक, रोहन ,शौर्य , अरुण, विकी, निल राहुल और मोहित बैठे थे | 
    तभी विकी कहता है, अब तो एक और अवार्ड हमें मिल गया क्या लगता है तुम सब को बाॅस का आगे का क्या प्लान हो सकता है! 
    निल _ उसका प्लान सिर्फ उसे ही पता होता है अगर हम उसके प्लान को जान जाते तो हम भी आरव खन्ना होते समझा | 
    निल की बात सुनकर विकी का मुंह बन जाता है तभी इतनी देर से चुप बैठा कार्तिक कहता है " यार ये क्या तुम लोग हमेशा सिरियस रहते हो घर पर हमेसे कोई बात नहीं करेगा काम के बारे में अरे चिल करो चिल | 
    रोहन लाचारी में अपनी गर्दन हिलाते हुए कहता " अगले दस दिन तक मेरा तो चिल हो गया है अब तुम लोगो का बाकी है | 
    रोहन की बात सुनकर सभी जोर जोर से हंसने लगते हैं क्योंकि रोहन बिलकुल एक छोटे बच्चे की तरह नाराज हुए बैठा था , रोहन उन सब को देख रोने जैसी शक्ल बना कर कहता है " हा तो अब तुम सब हंसो मेरे ऊपर , देखना कभी ना कभी तो तुम सब से भी गलती होगी ! फिर देखना ये रोहन मल्होत्रा क्या करता है तुम सब के साथ | 
    शौर्य _ अच्छा ठीक है में बात करता हु आरव से , अब ये रोना धोना बंद कर | 
    रोहन लगभग सोफे से कुदते हुए शौर्य की गोद में जाकर बैठ जाता है " तुम सच में आरव से बात करोगे ना! 
    शौर्य उसे अपनी गोद से उठाते हुए कहता है _ हाँ बाबा! करता हूँ बात अब ये चिपका चिपकी बंद कर तु , तु तो ऐसे चिपक रहा है जैसे में कोई लड़की हु ! 
    तभी उन सब में से राहुल चिल्लाते हुए खड़ा होता है " अरे बाप रे मे तो भुल ही गया, बाॅस ने मुझसे एक लड़की की डिटेल मांगी थी और मुझे ऑफिस जाना था ! 
    सभी एक साथ खड़े होते हैं " क्या ❓ लड़की की डिटेल वो भी आरव ने | 
    अरे ऐसे चिल्लाकर मेरे कान के पर्दे पाड़ने का इरादा है क्या ? धिरे बोल लो मुझे सुनाई देता है राहुल उन सब के चिल्लाने से अपने कान पर हाथ रख कर कहता है | 
    तभी रोहन राहुल के बिल्कुल सामने आकर कहता है _ " तुम्हारे तो पर्दे क्या पुरा कान ही फट जाना चाहिए था , आखिर तुमनें इतनी बड़ी बात हमसे छुपाई कैसे? 
    अचानक ऐसे रोहन के सामने आ जाने से राहुल पिछे सोफे पर गिर जाता है और कहता है " यार ये डराना बंद करो! में भुल गया था तुम सब को बताना अब बाकी कि डिटेल आकर बताता हूँ अभी मुझे ऑफिस जाना है अगर नही गया तो तुम सब जानते हो मेरा क्या होगा! 
    इतना कहकर राहुल मौका देख कर वहा से भाग जाता है | उस के जाते हुए देख सभी एक _ दुसरे का मुंह देखते हैं और अपने अपने काम पर चले जाते हैं! 
     
     
    आखिर कौन है वो लड़की की जिसका पता आरव लगा रहा है ? और कौन आदमी है निधि के साथ कार में और क्या आरव और निधि को निजात मिलेगी अपनी इस अजीब बिमारी से ? क्या सजा देगा आरव निधि को उसे द दर्द पहुंचाने का ? जानने के लिए आगे का चैप्टर जरूर पढ़े  ! 

  • 10. Ajab sa ishq - Chapter 10

    Words: 1409

    Estimated Reading Time: 9 min

    आपने पिछले एपिसोड में पढ़ा था कि निधि हास्पिटल के बाहर खडी़ , आरव को परेशान कर रही थी और एक गाड़ी उसके सामने आकर रुकती है, गाड़ी में बैठा शख्स उसे अंदर खिंच लेता है | 
     
    अब आगे _ 
    निधि इस वक्त कार में आरव की गोद में बैठी थी और आरव लगातार उसे अपनी गुस्से से लाल हुई आंखों से घुर रहा था | निधि डर से अपना थुक गटकते हुए बड़ी मुश्किल से कहती है " आप मुझे ऐसे अकेले छोड़ कर चले गए थे जिस कारण मुझे ऐसा करना पड़ा वरना मैं ऐसा नहीं करती सच्ची | 
    निधि ऐसा कहते वक्त लगातार अपनी पलकें झपका रही थी जिससे वो बहुत मासूम लग‌ रही थी, निधि का मासूम चेहरा देख एक पल को तो आरव का भी गुस्सा ठड़ा पड़ जाता है, फिर अचानक उसे याद आता है कि निधि ने उसके साथ क्या किया था, जिससे वापस उसका गुस्सा बढ़ जाता है | 
     
    आरव अपनी सिट के पास लगे एक बटन को दबाता है जिससे गाड़ी का पार्टीशन ऑन हो जाता है, और बिना किसी वाॅरनिग के आरव निधि के मुलायम होठों पर अपने सख्त होठ रख देता है और उसे फोर्सफुली किस्स करने लगता है | अचानक अपने होठों पर आरव के होठों को महसूस करके निधि की आंखे हैरानी से बड़ी हो जाती है और वो आरव से छुटने के लिए छटपटाने लगती है , पर आरव के सुडौल शरीर के आगे निधि कि कोशिश बेकार होती नजर आ रही थी आरव निधि को बडे़ ही रुडली तरीके से किस्स कर रहा था लगभग दस मिनट कोशिश करने पर जब निधि खुद को आरव से नहीं छुड़ा पाती तो वो खुद के शरीर को ढिला छोड़ देती है, इस वक्त उसकी आंखे बंद थी आरव लगभग पन्द्रहा मिनट तक निधि को किस्स करता रहा और फिर छोड़ दिया निधि आरव की गोद में लंबी लंबी सांसे ले रही थी | 
     
    आरव कुछ देर निधि के चेहरे को देखता है जो लगातार किस्स करने के कारण उसे सांस ना आने के कारण हुआ था | निधि अब भी गहरी और लंबी सांसे ले रही थी, आरव निधि के सुज्जे हुए होठों को अपने अंगुठे से सहलाते हुए कहता है _ I hope now you have understood what will be the consequences if you do this in future. 
    निधि बिलकुल चुपचाप बैठी थी उसने कुछ नहीं कहा उसको कुछ ना बोलता देख आरव ने फिर कहा " Understand ' 
    निधि इस बार अपनी नजरें आरव से हटाकर इधर उधर देखते हुए कहती है _ yes understand ! 
    आरव एक तिरछी समाइल के साथ निधि को छोड़ देता और निधि उसकी गोद से उठकर सिट पर बैठ जाती है और बाहर देखने लगती है तभी ˈड्राइव़र की आवाज दोनों को सुनाई देती है " सर ऑफिस आ गया है | 
     "ओके, तुम मैडम को घर पहुंचा देना ' इतना कहकर आरव अपने चेहरे पर मास्क लगाता है और आंखों पर बलैक कलर का गॉगल्स लगाता है , और बाहर निकल जाता है , आरव के बाहर निकलते ही दो बाॅडीगार्ड उसके आस पास खड़े हो जाते हैं और आरव अंदर चला जाता है | 
    वही ˈड्राइव़र भी निधि को लेकर घर की और चला जाता है, पर निधि आधे रास्ते में ही गाड़ी से उतर जाती है! 
    वही आरव के ऑफिस में, आरव आज कई दिनों बाद ऑफिस आया था, आरव को आया देख सभी स्टाप खड़ा हो जाता है और उसे ग्रिड करता है आरव सिधा अपनी लिफ्ट में चला जाता है, उसका फ्लोर बिल्डिंग में टाॅप पर था, आरव अपने केबिन में चला जाता है उस कैबिन के अचैट एक रुम था , आरव रूम में जाता है और फ्रेश होकर अपनी डेस्क पर बैठ कर फाइल पढ़ने लगता है जो वहाँ पर पहले से रखी थी | 
     
    वही नीचे ऑफिस में..... 
    सभी स्टाप में डर बैठा था क्योंकि आज आरव जो ऑफिस में आया हुआ था, आरव के खतरनाक औरे से सभी डरते थे | हालांकि आरव ने आज तक किसी एम्पलाॅय से बात नहीं कि थी , पर सब की रिपोर्ट आरव के पास जाती थी, और कोई भी गलती होने पर उन्हें सिधा फायर किया जाता था जिस कारण सभी एम्पलाॅय अपना 100% देने की कोशिश करते थे | 
    वही आरव अपने केबिन में बैठा निधि को की गई किस्स के बारे में सोच रहा था , पता नहीं क्यों पर आरव निधि को देख खुद को रोक नहीं पाया, और अब बार बार उसे निधि को किस्स करना ही याद आ रहा था , आरव अपने सारे ख्याल झटक कर दुबारा अपने काम पर लग जाता है तभी उसके केबिन का डाॅर नाॅक होता है, आरव अंदर आने की परमिशन दे देता है | 
     
    राहुल डरते डरते अंदर आता है क्योंकि वो पुरा दस मिनट लेट जो था | राहुल एक फाइल टैबल पर रखकर कहता है....... "सर वो ये आपने जो इन्फोर्मेशन निकालने को कहा था सब इसमें है, आरव एक नज़र फाइल को देखता है और फिर राहुल को देखने लगता है |
    खुद को ऐसे देखता पाकर राहुल की हालत खराब हो रही थी राहुल खुद से ही कहता है....... " ये आरव सर मुझे ऐसे क्यों घुर रहे हैं दस मिनट ही तो लेट हुआ हु | 
     
    "अगर मन में सोचना हो गया हो तो फाइल में जो इन्फोर्मेशन है वो बताने का कष्ट करोगे तुम...' | आरव राहुल को खुद की सोच में बिजी देख कहता है, " हा सर क्यों नहीं राहुल जल्दी से आरव की बात का जवाब देता है | 
     
    सर आपने जिस लड़की के बारे में कहा था, उसका नाम निधि रजावत है कुनाल रजावत की बेटी, आरव ये सुनकर बिच में ही कहता है " कुनाल रजावत ये नाम कुछ जाना पहचाना लग रहा है ' 
     
     "हाँ, वो इसलिए कि कुनाल सर आपके पापा के दोस्त है पहले इनका आना जाना आपके घर पर होता था , पर कुछ पन्द्रह साल पहले ये अपनी फैमली के साथ कोलकाता चले गए थे , राहुल आरव के बात का जवाब देते हुए कहता है | 
    पर क्यों? वो मुंबई छोड़कर वहाँ क्यों गए ? आरव एक सवाल और करता है  
    वो इसलिए कि वो एक पुलिस ऑफिसर थे और उनको वहाँ तबादला किया गया था | 
    "ओ तो ये बात है ' आगे बोलो ! आरव कहता है...... 
     
    राहुल _ निधि कि एक बहन और थी रिद्धि , वो मुंबई में रहती थी पर एक साल पहले उसका मर्डर हो गया था ? 
    What ? और ये किसने किया ? आरव अपनी जगह से खड़ा होते हुए कहता है ! 
    राहुल _ "ये हम पता नहीं लगा पाए सर.... पर निधि उन्ही की मौत का बदला लेने आयी है और उसके साथ जो बच्चा है वो बच्चा पहले उसकी बहन के साथ था , पर अजीब बात ये है कि वो बच्चा उन दोनों बहनों का नहीं है, और उस बच्चे पर बहुत बार जानलेवा हमला भी हो चुका है, पर अब तक उसे निधि मैम बचाते आयी है | 
    बस इतना ही पता चला था | 
     
    तुम उस बच्चे का पता लगाओ, उसके माँ पापा कौन है और हाँ कौन उसे मारना चाहता है, आरव केबिन की गलास से बनी विंडो से बाहर देखते हुए कहता है | 
    " मैंने पहले ही ये काम करने को कह दिया है पर एक बात समझ नहीं आ रही है कि इस बच्चे को मारना क्यों चाहते हैं ? 
     वो तो वक्त ही बता पायेगा राहुल, एक काम और करो निधि के लिए बाॅडीगार्ड हायर करो और घर की सिक्योरिटी बढ़ा दो क्योंकि निधि और शिव वही पर है | 
    पर निधि वहाँ क्या कर रही है ? राहुल आरव की बातों में इर्न्टेस्ट लेते हुए पुछता है | 
    आरव पिछे मुड़कर घुर कर राहुल को देखता है और कहता है " तुम्हे बड़ा इर्न्टेस्ट है निधि के बारे में जानने के लिए |  
    आरव की गुस्से भरी नजर देख राहुल जबरदस्ती हंस्ते हुए कहता है..... हे हे हहह " वो मैंने तो बस ऐसे ही पुछ लिया, ठीक है अब मैं चलता हूँ | इतना कहकर राहुल ऐसे गायब हुआ जैसे उसके पिछे भुत पड़ गया हो | 
     
    राहुल बाहर जाता है और लंबी लंबी सांसे लेते हुए कहता है.... "थैकगाॅड बच गया वरना ये आरव तो मुझे घुर घुर कर मार देता ।
     
    आखिर कौन है जिसने रिद्धि को मारा, और शिव कौन है किसका बेटा है और निधि कैसे जानती है ?
     
     
     
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